40 साल की नौकरानी को चोदा

हैल्लो दोस्तों,  मुझे शादीशुदा समझदार औरते बहुत पसंद है, खास करके उनकी उम्र 35-40 साल के आसपास होनी चाहिए. दोस्तों मेरी जिस घटना को में आज आप सभी को बताने जा रहा हूँ वो करीब एक साल पहले हुई थी जब में अपने कॉलेज की क्लास में जाया करता था, लेकिन वो हमारे कॉलेज से थोड़ा दूरी पर थी और वो क्लास बहुत ही छोटी सी थी. उसमे करीब अलग अलग शिफ्ट में 100 बच्चे ही आते थे और वहां पर एक नौकरानी झाड़ू मारने के लिए आया करती थी, लेकिन वो दिखने में इतनी अच्छी नहीं थी, लेकिन उसकी नज़र बहुत कातिल थी और उसका नाम चंद्रिका था. वो थोड़ी सी मोटी थी, बड़ी गांड और एक हाथ में भी ना आए इस आकार के बूब्स और वो जब झाड़ू मारती थी तो उसकी छाती बहुत आराम से दिख जाती थी और जब में उसके सामने देखता था तो वो मुझे कुछ अजीब तरीके से देखती थी. उसके चेहरे पर साफ लिखा था कि उसे कुछ चाहिए जो उसे मज़े दे सके?
तो एक दिन मुझे एक ऑनलाइन टेस्ट देना था और में सबसे पहले पहुंच गया, लेकिन हमारी क्लास के सर को उसी दिन कहीं किसी जरूरी काम से अचानक बाहर जाना था और मेरी उनसे बहुत अच्छी बनती थी. उन्होंने मुझे क्लास की चाबी दे दी क्योंकि उस दिन सिर्फ मुझे ही वहां पर सबसे पहले पहुंचना था और अपनी तैयारी करनी थी और फिर उन्होंने मुझसे बोला कि तुम टेस्ट देने के बाद लॉक कर देना और चाबी पास वाले ऑफिस में दे देना. में तो कंप्यूटर चालू करके सब कुछ देखने लगा और तभी चंद्रिका आई और हाथ में अपना झाड़ू लिए उसने मुझसे पूछा कि क्यों आज साहब नहीं आए? मैंने बोला कि हाँ आज वो किसी काम से बाहर गये हुए है इसलिए वो आज नहीं आ सकते.
फिर उसने अपना काम मतलब कि झाड़ू मारना शुरू कर दिया, लेकिन अब मेरा ध्यान कंप्यूटर पर लगता ही नहीं था. में बीच बीच में उसकी तरफ देखने लगता था और अब सबसे मज़े की बात यह थी कि वो भी मुझे झाड़ू मारते मारते स्माईल देती जा रही थी. फिर कुछ देर बाद जब वो झाड़ू मारकर जा रही थी तो मैंने थोड़ी बहुत हिम्मत करके उससे पूछा कि आपका नाम क्या है?
उसने मुस्कुराकर बोला कि मेरा नाम चंद्रिका है और अब उसकी आवाज़ सुनकर मेरे पूरे बदन में कुछ हो रहा था तो मैंने थोड़ी और हिम्मत करके उससे कहा कि हाँ में कब से आपका ही इंतज़ार कर रहा था? मेरे मुहं से यह बात सुनते ही उसके चेहरे पर एक अजीब सी स्माईल आ गई और वो थोड़ा थोड़ा शरमाने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि अगर आपको देर ना हो रही हो तो क्या आप मुझसे थोड़ी देर बात कर सकती है? तो वो बोली कि हाँ क्यों नहीं और अब वो मेरे पास में पड़ी हुई एक बेंच पर बैठ गयी और फिर मेरे कुछ बोलने का बहुत बेसब्री से इंतज़ार करने लगी.
फिर मैंने उसके बारे में सब जानकारी पूछना शुरू की और तब मुझे पता चला कि उसके पति की पिछले कुछ सालों पहले म्रत्यु हो चुकी है और वो अब अपने इकलोते बेटे के साथ रहती है और उसका बेटा करीब अब मेरी उम्र का है. दोस्तों वो जब बोलती थी तो मेरे बदन में एक आग सी लग जाती थी. मेरा मन करता था कि में इसे अभी पकड़कर चोद डालूं, लेकिन मैंने अपने आप पर बहुत काबू रखा. फिर मैंने एकदम सही मौका देखकर उसकी तरफ एक और तीर मारा और मैंने उससे पूछा कि क्यों आपको आपके पति की कभी कमी महसूस नहीं होती?
उसने झट से कहा कि हाँ होती तो है, लेकिन अब में क्या कर सकती हूँ? तो मैंने जल्दी से उसकी बात खत्म होते ही बोला कि में हूँ ना, में आपकी मदद करूँगा. तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर वो मुझे बहुत ही अजीब तरीके से देखने लगी और बहुत देर तक इधर उधर की बातें करने के बाद वो बोली कि ठीक है अब में घर जाती हूँ और बाकी की बातें हम लोग कल करेंगे, लेकिन दोस्तों अब मेरा लंड मानने को तैयार ही नहीं था. उसे तो बस अब चंद्रिका की चूत का रस चूसना था और अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उससे बोला दिया कि प्लीज थोड़ा और रुक जाओ ना, आपसे बात करके मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.
फिर उसने कहा कि वैसे भी हमने इतनी देर इतनी सारी बातें तो कर ली और अब क्या करें? मैंने बोला कि हाँ फिर भी मेरा मन नहीं मान रहा, आओ हम अंदर वाली क्लास में चलते है और फिर में उसे अंदर वाली क्लास में लेकर चला गया और फिर मैंने क्लास का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया. मुझे वैसे तो बहुत डर लग रहा था कि कहीं मेरे सर आ गये तो मेरी तो आज शामत ही आ जाएगी, लेकिन मेरा चंद्रिका को छोड़ने का बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा था और जैसा कि मैंने सबसे पहले आप सभी को बताया है कि मुझे आंटी बहुत पसंद है और उनको देखकर मुझे कुछ कुछ होने लगता है.
खेर फिर हम दोनों अंदर वाली क्लास में गये में तो उसे अचानक से पकड़कर अब जबरदस्ती चूमने लगा और उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन उसने मेरा कोई भी किसी भी तरह का विरोध नहीं किया और अब वो धीरे धीरे गरम हो रही थी. मैंने उसके होंठ पर अपने होंठ रखे और चूमने लगा चूसने लगा. दोस्तों में आप सभी को अपने शब्दों में नहीं बता सकता कि चंद्रिका के क्या रसीले होंठ थे, बहुत मजेदार, यम्मी. फिर में उसे बेंच के ऊपर बैठाकर उसके ब्लाउज पर हाथ घुमाने लगा और उसके बूब्स को दबाने मसलने लगा. तो वो बस अब अपना मुहं खोलकर आहें भर रही थी और अब यह सब देखकर तो कोई भी लंड खड़ा होकर नाचने लगे.
फिर धीरे धीरे मैंने उसके ब्लाउज के एक एक बटन को खोलना शुरू किया तो मैंने देखा कि उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी और मेरे सामने अब दो बड़े बड़े बूब्स लटक रहे थे. वाह दोस्तों क्या मस्त नज़ारा था वो में आप सभी को नहीं बता सकता में तो उसके बूब्स को मुहं में लेकर एक छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा. फिर मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोलकर उसे भी उतार दिया तो मैंने देखा कि उसने अंदर पेंटी भी नहीं पहनी हुई थी और में तो उसकी चूत देखकर अब बिल्कुल हैरान रह गया, क्योंकि मैंने देखा कि उसकी चूत एकदम साफ चिकनी थी जिसे देखकर लग रहा था कि वो अपनी चूत के बालों को लगातर साफ करती है और में तो उसकी चूत को अब बिल्कुल पागल की तरह चूमने, चाटने लगा और जोश में आकर वो ज़ोर ज़ोर से आहे भर रही थी और सिसकियाँ ले रही थी उह्ह्ह्हह्ह आईईईईईईइ हाँ और ज़ोर से उह्ह्हह्ह्ह्ह माँ हाँ और चूसो.
फिर में उसे घुमाकर उसकी बड़ी सी गांड को देखने लगा और अब उसके दो बड़े बड़े कूल्हे ठीक मेरी आँखो के सामने थे. में तो ज़ोर ज़ोर से उसके कूल्हों को दबाने लग गया. फिर उसे नीचे लेटाकर जब में पहली बार अपना लंड उसकी प्यासी चूत में डाल रहा था तो मैंने उससे पूछा कि क्यों यह सब ऐसे क्या सुरक्षित होगा? मेरा मतलब कि ऐसे ही बिना कंडोम के कैसे कर सकते है? तो उसने कहा कि तुम बिल्कुल सही कह रहे हो और फिर में उठकर भागकर नीचे दवाई की दुकान से एक चोकलेट फ्लेवर वाला कंडोम ले आया और मैंने उसे कंडोम दिया और कहा कि इसे मेरे लंड पर लगा दो, लेकिन वो तो मेरे लंड पर कंडोम लगाने से पहले ही मेरे लंड को पागलों की तरह चूसने लगी और फिर कुछ देर चूसने के बाद उसके लंड को छोड़ा और उस पर कंडोम लगाया. मैंने उसे ज़मीन पर लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को अपने कंधो पर रख दिए. उसकी चूत अब इतनी गीली हो चुकी थी कि बड़ी ही आसानी से मेरा लंड उसकी चूत में पूरा का पूरा अंदर चला गया. अब वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और बोल रही थी कि में दस साल से राह देख रही थी कि कोई आए और मेरी चूत को फाड़ दे हाँ उह्ह्हह्ह और ज़ोर से चोदो मुझे, आज तुम अह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी चूत को अपनी आईईईई समझकर चोदो, यह मेरी चूत आज से बस तुम्हारी है उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह माँ हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे उईईईईइ माँ में बहुत सालों से में प्यासी हूँ.
दोस्तों में बता नहीं सकता कि मुझे उस चुदाई में कितना मज़ा आया. फिर हमने करीब एक घंटे तक लगातार जमकर सेक्स किया और इस बीच मैंने उसकी गांड में भी लंड डाला और उसको अपनी भरपूर चुदाई के मज़े लिये और उसकी प्यास को बुझा दिया और अपने लंड से उसको पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया. उसकी चूत को चोदकर अपने लंड का उसे पूरा पूरा मज़ा दिया. उस चुदाई के बाद हमारी कभी भी मुलाकात नहीं हो पाई, लेकिन आज भी में उसके नंगे गदराए हुए बदन को याद करता हूँ तो मेरा लंड तनकर खड़ा हो जाता है.
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दोस्त की बीवी को रंडी बनाकर चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शिवम् है और में जालंधर से हूँ. आज में आपको एक रियल स्टोरी बता रहा हूँ. मेरा एक दोस्त है और उसकी बीवी जो कि वो जालंधर की ही रहने वाली है. में अक्सर अपने दोस्त के घर जाया करता था और उसकी बीवी बड़ी ही सुंदर है. उसके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं है, लेकिन फिर भी ठीक ही है और उसकी स्माईल बड़ी ही स्वीट है.
उनका एक बेटा है जो कि अभी 6-7 साल का ही है. मेरे दोस्त के बहुत ज़िद करने पर में उनके बेटे को कोंचिग पढ़ाने को तैयार हो गया. अब में दोपहर को उसके घर पर उसे पढ़ाने जाया करता था और उस समय मेरा दोस्त अपने काम पर होता था और भाभी जिनका नाम सुमन है, एक दिन में दोपहर को जब उसके घर पहुंचा तो घर पर कोई नहीं था, सिर्फ़ अकेली सुमन थी. आज उनका बेटा अपनी मौसी के घर पर गया हुआ था.
मैंने बेल बजाई तो दरवाज़ा खुला तो दरवाजे पर सुमन थी. उसने एक स्वीट सी मुस्कान दी और अंदर आने को कहा. में अंदर चल गया और उस समय उसने नाईटी पहन रखी थी और उसके बाल खुले थे. फिर उसने मुझे बैठने को कहा और वो अंदर चली गई, काफ़ी देर होने के बाद भी जब वो नहीं आई तो में अंदर गया और इधर उधर देखा तो वो बाथरूम में थी और बाथरूम का दरवाज़ा लॉक नहीं था.
मैंने धीरे से अंदर देखा तो वो एकदम नंगी थी और नहा रही थी. उसके मुँह पर साबुन था तो इस कारण वो मुझको शायद देख नहीं सकी. फिर में वापस आया और मैंने डोर लॉक कर दिया और वापस बाथरूम की तरफ गया. अब मेरा लंड खड़ा हो गया था और अब में वहीं पर खड़ा रहा और उसको देखता रहा. फिर मैंने अपने मोबाईल कैमरे से उसकी क्लिप भी बना ली थी और वो बहुत ही सेक्सी थी और बार-बार अपने बूब्स को दबा रही थी और अपनी चूत को रगड़ रही थी. में समझ गया कि उसको मेरा दोस्त पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं कर पाता है और जब वो नहाकर निकल रही थी तो में वापस आकर उसी जगह बैठ गया.
फिर कुछ देर के बाद वो मेरे लिए चाय बना कर लाई और मेरे पास बैठ गई. मेरा लंड अभी भी टाईट था. फिर मैंने डरते-डरते उससे कहा कि भाभी में आपसे कुछ पूछ सकता हूँ तो वो मुस्कुरा कर बोली कि पूछो. फिर मैंने कहा कि पूछना तो नहीं चाहिए है लेकिन पर्सनल है, लेकिन पूछ रहा हूँ, क्या विक्की और आप की शादीशुदा लाईफ सुखी है?
वो बोली हाँ हम खुश है. फिर मैंने कहा कि नहीं आपकी सेक्स लाईफ तो.. उसने मेरी तरफ देखा और कुछ देर खामोश रही और फिर बोली कि तुम्हारे दोस्त मुझको संतुष्ट नहीं कर पाते है. अब मेरी भी हिम्मत बढ़ी और मैंने पूछा कि आप तो इतनी खूबसूरत हो, सेक्सी हो, आप पर तो कोई भी फिदा हो जायेगा, आप कोई दूसरा रास्ता क्यों नहीं अपना लेती हो? तो वो बोली कैसा रास्ता?
फिर मैंने कहा कि किसी दूसरे से संपर्क करो तो वो बोली कि क्या तुम मुझको संतुष्ट करोंगे? यह सुनते ही मेरी तो जैसे खुशी का ठीकाना ही नहीं रहा. में तुरंत उठा और सुमन को अपनी बाहों में भर लिया और उसके लिप पर एक किस किया और हम दोनों करीब 5 मिनट तक एक दूसरे को किस करते रहे और वो मुझसे बोली कि पहले दरवाज़ा तो बंद कर दो. फिर में बोला कि वो तो मैंने पहले ही बंद कर दिया है.
उसके बाद हम बेडरूम में गये और उसने बिना देर लगाए मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को अपने होठों में लेकर दबाया और चूसने लगी. अब में भी अपने होश खोता जा रहा था. फिर मैंने भी उसका गाउन खोल दिया. उसने अंदर कुछ भी नहीं पहन रखा था, अब वो बिल्कुल नंगी थी. अब हम दोनों बेड पर लेट गये और वो मेरे ऊपर चढ़ गयी और बोली कि कब से मेरे मन में एक प्लान था कि में तुमसे चुदवाऊँ और आज मेरी इच्छा पूरी हो गई है. फिर में भी बोला कि भाभी में भी आपको चोदना चाहता था, यह सुनकर वो बोली कि मेरे राजा देर किस बात की है और आज में तुम्हारे पास हूँ जिस तरह से चाहो मुझको चोदो, यह चूत बड़ी प्यासी है.
फिर मैंने उसके टाईट बूब्स को धीरे-धीरे दबाना चालू किया और अब वो धीरे-धीरे गर्म हो रही थी. फिर उसने पीछे हटकर मेरे लंड को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगी. अब में भी उसकी चूत लेने के लिए तड़प रहा था. करीब 15 मिनट के इस खेल के बाद मैंने उसे लेटा दिया और उसके बूब्स दबाने लगा. फिर वो बोली कि मेरे राजा अब देर मत करो, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है.
फिर में उठा और अपना 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड उसकी चूत के ऊपर रखा, लेकिन उसकी चूत काफ़ी टाईट और सूखी थी. फिर मैंने चूत को हाथ से धीरे-धीरे रगड़ा और करीब 3 मिनट के बाद उसकी चूत गीली हो गई. फिर मैंने अपने लंड को हल्का सा धक्का दिया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में था. फिर वो बोली कि जल्दी से पूरा अंदर करो तो मैंने एक जोर का धक्का दिया तो वो चिला उठी, मार डाला ज़ालिम तूने, शायद उसके पति का इतना लंबा और मोटा नहीं था.
फिर कुछ देर के बाद मेरे झटको का वो भी साथ दे रही थी और कह रही थी कि आज मेरी जमकर चूत मारो. मैंने कितनी बार सोचकर तुम्हारे दोस्त से चुदवाया है आज तुम मुझको रियल में चोद दो, मेरी जान. अब में भी जोर-जोर से झटके मार रहा था और करीब 25 मिनट के इस खेल में वो 3 बार झड़ चुकी थी. अब में भी झड़ने वाला था.
फिर मैंने कहा कि सुमन में झड़ने वाला हूँ तो उसने कहा कि मेरे अंदर ही निकाल दो तो मैंने कहा कि अगर कुछ हो गया तो उसने कहा कि कुछ नहीं होगा, में गोली खा लूँगी, लेकिन तुम अन्दर ही झड़ना. फिर में जोर-जोर से अपना लंड अंदर बाहर करने लगा और कुछ ही देर के बाद में उसके अंदर ही झड़ गया और अब हम बिल्कुल शांत थे, ये किसी तूफान के बाद की शांति थी. अब हम कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहे और फिर में उठा और उसको एक लिप किस किया.
अब 5 बज चुके थे तो वो बोली कि अब तुमको चलना चाहिए, लेकिन हाँ एक बात ध्यान रहे यह बात बस मेरे और तुम्हारे बीच ही रहे. तुम्हारे दोस्त को कुछ पता नहीं चलना चाहिए. फिर मैंने उससे वादा किया और हम दोनों एक दूसरे से लिपट गये. फिर में उठा और अपने कपड़े पहने. फिर वो भी बाथरूम में गई और उसके बाथरूम से निकलने के बाद में वहाँ से चला आया, लेकिन अब जब भी हमको मौका मिलता है तो वो मुझको फोन करके बुला लेती है और हम भरपूर सेक्स का मज़ा लेते है.
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चाची को चोदकर पानी पिलाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा लंड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. में आज आप सभी को अपनी एक मजेदार सेक्सी कहानी सुनाने जा रहा हूँ यह मेरे और मेरी चाची के बीच की सेक्स की कहानी है. में दिल्ली में रहकर अपनी पढ़ाई करता हूँ और में वहां पर अपने परिवार वालों के साथ रहता हूँ. में एक बार अपनी चाची के साथ जो कि राँची में रहती है उनके साथ बस में पटना जा रहा था. में और वो बस में एक स्लीपर ही में थे और उस समय ठंड के दिन थे इसलिए खिड़कियाँ भी बंद थी और वो रात का सफ़र था और ठंड अधिक होने के कारण में तो अपने पैरों को मोड़कर लेटा हुआ था और जैसा आप सभी लोगों को पता है कि बिहार झारखंड के रोड के बारे में वहां की सभी बसे रोड बहुत ज्यादा खराब होने की वजह से बहुत हिलती है.
फिर उस क्रम में मेरा हाथ एक बार उनके बूब्स के पास चला गया, लेकिन वो मुझसे कुछ भी नहीं बोली और मुझे भी उनके बूब्स को दबाकर बहुत मज़ा आ रहा था और थोड़ी देर के बाद जब बस बिना उछलकूद किए चल रही थी, तब में धीरे से उनके बूब्स से सट गया और अपने हाथ उनपर लगाए. पहले एक ही हाथ लगाया, लेकिन जब मुझसे सहा नहीं गया तो दूसरा हाथ भी लगा दिया और फिर उसी समय बस ने एक ज़ोर का झटका खाया और मैंने उनके बूब्स को ज़ोर से दबा दिया. तो उन्होंने एकदम झटके से मेरा हाथ हटा दिया और उन्हे लग रहा था कि में गहरी नींद में सोया हुआ था, लेकिन यह मेरा प्लान था में सोने का सिर्फ नाटक कर रहा था.
फिर उस समय मैंने अपनी चादर को धीरे से अपने दोनों पैरों में बिल्कुल लपेट लिया और अपने हाथ पैर को जोड़कर सो गया. उन्हे लगा कि मुझे ठंड लग रही है और इसलिए उन्होंने मुझे अपनी चादर में घुसा लिया. फिर क्या था? सोने पर सुहागा और फिर जैसे ही वो गहरी नींद में सो गई तो में उनके पैर को अपने पैरों से मसाज देने लगा और अब मेरे हाथ उनकी मस्त जगह पर लग गया, मतलब कि चाची की चूत पर. फिर में उनसे धीरे धीरे सट गया वो अपनी गांड मेरे लंड की तरफ करके सो गई, मेरा लंड थोड़ा तो चूत का प्यासा था वो तुरंत उठकर खड़ा हो गया और अब में उसे धीरे धीरे उनकी गांड पर रगड़ने लगा.
तभी मुझे थोरी देर में अहसास हुआ कि वो जागी हुई है और मेरे सब काम को एंजाय कर रही है. फिर मैंने उनके बूब्स को अब ज़ोर से दबा दिया तो उन्होंने मेरे हाथों को दूर हटाकर चादर से बाहर निकाल दिया, लेकिन में अब उसे नहीं छोड़ना चाहता था, लेकिन मैंने भी वो चादर फेंक दी और फिर से जैसे ही बस आगे की तरफ हिली तो मैंने उनके बूब्स पर एक बार फिर से हमला बोल दिया और इस बार मैंने सोच रखा था कि मुझे उनके निप्पल को सहलाना है और फिर मैंने ऐसा ही किया. मेरे ऐसा करने से वो पूरी तरह तड़पती रही और नींद में ही उन्होंने अपने पैर को फैला दिया. मुझे अब इससे अच्छा मौका कब मिलता?
अब वो धीरे धीरे जोश में आ रही थी और अब उनकी चूत भी गीली हो रही थी. फिर मैंने इस बात का फ़ायदा उठाया और मैंने पहले तो अपने पैर की उंगलियों को चूत के बीच सलवार के ऊपर से ही डाला और फिर पानी पीने के बहाने से उठा और उसकी सलवार के नाड़े को थोड़ा ढीला कर दिया और अब दोनों कामुक जिस्म उस एक छोटी सी चादर के अंदर हो गये और मेरा लंड भी अब अंडरवियर के अंदर नहीं रहने वाला था इसलिए मैंने उसे अब बिल्कुल आज़ाद कर दिया और सीधा उनके जिस्म पर सटाकर हिलाने लगा और में थोड़ी ही देर में झड़ गया. मैंने अपना सारा माल उसके स्वेटर और शमीज के ऊपर निकाल दिया.
फिर में उसे ज़ोर से अपनी बाहों में लेकर नीचे से पूरा नंगी हालत में ही सो गया, लेकिन जब में सुबह जब उठा तो मैंने देखा कि में पेंट पहने हुए था और सब कुछ साफ है और हम जब पटना उतरे तो वहां से सीधे एक ऑटो पकड़कर अपने घर पर पहुंचे मतलब कि चाची के मायके और उस समय उनके पापा की तबीयत बहुत खराब थी इसलिए हम वहां पर गये थे, लेकीन उस समय घर पर कोई नहीं था सिवाए एक नौकर के. घर पहुंचने के बाद में बाहर जाकर एक रेज़र लाया, क्योंकि मेरे लंड पर एक बहुत बड़ा जंगल उग गया था और में उसे लेकर बाथरूम में नहाने चला गया.
वहां पर में और चाची एक ही रूम में ठहरे हुए थे, लेकिन अब मुझे ऐसा लग रहा था कि कोई मुझे बाथरूम में बाहर दरवाजे से देख रहा है और कुछ देर के बाद मुझे ऐसा लगा कि वो शायद चाची ही है, लेकिन फिर भी मैंने अपने लंड की सफाई को लगातार जारी रखा और लंड की पूरी तरह से साफ सफाई होने के बाद मैंने सरसों का तेल लगाकर अपने लंड की मालिश कि और उसे 8 इंच लंबा और 2.5 इंच के आकार में ले आया और तनकर खड़ा कर दिया.
यह सब कुछ मेरी चाची छुपकर देख रही थी और मेरे लंड का साईज़ देखकर मानो वो अब मेरे साथ सेक्स करने के लिए तड़प गई और अब वो खुद ही अपनी चूत में उंगली करने लगी और धीरे धीरे मोनिंग करने लगी. इसका आभास मुझे तब हुआ जब मैंने पानी को बंद कर दिया और उस आवाज़ को ध्यान से सुनने लगा. धीरे धीरे वो आवाज़ और भी बड़ गयी और अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था.
तभी अचानक से मैंने बाथरूम का दरवाजा एक ही झटके से पूरा खोला दिया. उस समय में पूरा नंगा था और फिर में बाहर खड़ी हुई चाची को देखकर एकदम हैरान रह गया, क्योंकि वो अपने एक हाथ से अपने बूब्स को दबा रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चूत में उंगली कर रही थी. मुझे देखकर वो कहने लगी कि बस अब मुझे और मत तड़पाओ अंदर तो बहुत तेज़ी दिखा रहा है फिर यहाँ पर इतना चुप क्यों हो? अब मेरी चूत की प्यास बुझा दो ना. आपके लंड को देखकर में बस में ही आपसे चुदवाने के सपने देखने लगी थी.
फिर उनके मुहं से यह बात सुनकर में कूदकर बेड पर आ गया और उसकी चूत को चाटने लगा और दोस्तों में उसकी चूत का स्वाद आज भी नहीं भूल सकता हूँ. वो फिर मेरे लिए कुछ तेल जैसा लेकर आई जो कि शायद अंकल काम में लिया करते थे, जिससे में बहुत देर तक नहीं झड़ने वाला था. उन्होंने उसे मेरे लंड पर लगाकर मालिश की और अब में उनकी चूत को चाटने लगा. फिर क्या था? वो थोड़ी ही देर में झड़ गई तो मैंने उनसे पूछा कि क्यों औरत तो इतनी जल्दी नहीं झड़ती है? तब उन्होंने कहा कि अगर आपके जैसा कोई चूत चाटने वाला मिले तो हम क्या कर सकती है.
फिर मैंने उनकी चूत पर लंड को रखकर एक ही धक्के में पूरा का पूरा लंड डालकर उन्हे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और वो मोन करने लगी और मुझसे कहने लगी कि हाँ और ज़ोर से, में आज तुम्हारे लंड आह्ह्हह्ह को अपने अंदर लेकर बहुत खुश हूँ. हाँ आईईईईईइ और ज़ोर से चोदो मुझे उह्ह्हह्ह माँ हाँ और थोड़ा और अंदर डालो. फिर में भी बहुत जोश में आकर जोरदार धक्के दे देकर उनकी चूत की चुदाई किए जा रहा था और फिर करीब आघे घंटे की जबरदस्त चुदाई के बाद अब में झड़ने वाला था.
फिर मैंने उनसे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ अपना वीर्य कहाँ पर निकालूं? तो उन्होंने झट से कहा कि में तुम्हारा वीर्य एक बार चखना चाहती हूँ और फिर मैंने लंड को चूत से बाहर निकालकर उनके मुहं में डाल दिया और अब वो मेरे लंड को लोलीपॉप की तरह चूसने लगी. उसने मेरे लंड को बहुत देर तक मज़े लेकर चूसा और जब में झड़ा तो वो मेरा सारा वीर्य भी पी गयी और बोली कि आख़िरकार आपने आज मेरी प्यास बुजा दी. में कितने दिनों से इस दिन के लिए तरस रही थी. तुमने मुझे आज चोदकर मुझे बहुत मज़ा दिया और मुझे खुश कर दिया. में तुम्हारी चुदाई से बहुत खुश हूँ. आज से तुम मुझे कभी भी चोद सकते हो क्योंकि आज में तुम्हारी हूँ. दोस्तों यह थी मेरी चाची की एक सच्ची चुदाई की कहानी इसके बाद मैंने उनको जब तक में उनके घर पर रहा बहुत बार चोदा और उनको अपनी चुदाई से संतुष्ट किया और उसके बाद मैंने उनको कई बार अपने घर पर भी चोदा और बहुत मज़े किए.
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बीवी का ग्रुप सेक्स उसके बर्थ-डे पर

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम साहिल है, में आप लोगों को मेरी पत्नी का पहले ग्रुप सेक्स की कहानी बताने जा रहा हूँ. मेरी उम्र 28 साल और मेरी पत्नी टीना की उम्र 22 साल है. उसका फिगर 36-34-38 है और हाईट 5 फुट, रंग गोरा, और दिखने में बहुत सुंदर है. हमारी शादी को बस 2 साल हुए है.
यह बात तब की है जब हम दोनों रोजाना सेक्स करते थे. एक दिन हमने नेट पर वाईफ स्वैपिंग की बात पढ़ी और हमें भी इच्छा होने लगी कि ऐसा ही कुछ हम भी करे. फिर हम रोजाना सेक्सी मूवी और कहानियां पढ़ने लगे. तभी हमें एक और चीज़ पता चली पत्नी ग्रुप सेक्स करने की. मेरे दिल में भी ये ख्याल आया तो मैंने टीना से कहा कि हम ग्रुप सेक्स करे तो पहले तो वो नहीं मानी.
फिर मैंने उसे ग्रुप सेक्स की बहुत सारी मूवी दिखाई. ऐसे ही करते-करते नेट पर मेरा एक दोस्त बना, उसका नाम विश था. फिर मैंने उससे ये बात की तो उसने मुझसे कहा कि वो सब तैयारी कर देगा. ऐसे ही उसने फिर बताया कि टीना को चोदने के लिए 5 लड़के तैयार है. फिर मैंने ये बात टीना को बताई तो उससे कहा कि अगर तुम्हें पसंद ना आए तो कह दो हम नहीं करेंगे. फिर बहुत सोचने के बाद उसने हाँ कह दिया.
फिर हमने टीना के बर्थ-डे की तारीख फिक्स की और फिर उन्होंने हमें एक फार्म हाउस पर बुलाया. जब हम वहां पहुंचे तो हमने देखा कि वहाँ पहले से 5 लोग हमारा इंतजार कर रहे थे. उसमें मेरा नेट फ्रेंड उम्र 30 साल था, दूसरा उसी का एक फ्रेंड था उम्र 35 साल, तीसरा उसका बिजनस पार्ट्नर था उम्र 45 साल और 2 नाइजेरियन बंदे और थे, वो दोनों थोड़े जवान थे और उनकी उम्र 30-35 साल थी. फिर सबने अपना परिचय दिया, उसके बाद खाना और हल्की सी ड्रिंक की, क्योंकि कोई नहीं चाहता था कि वो हार्ड ड्रिंक करके आउट ऑफ कंट्रोल हो जाये.
फिर सबने हल्का सा ड्रिंक किया और उसके बाद वो जो मेरा दोस्त था, उसने टीना को अपनी तरफ खींचकर उसको स्मूच करना शुरू किया. उसके बाद सभी टीना को बीच में लेकर चूमने लगे, वो बहुत ही सेक्सी नज़ारा था. में अपना ग्लास हाथ में लेकर वो नज़ारा देख रहा था. फिर वहाँ पर एक केक मंगवाया और फिर वो सब लोग नंगे हो गये. में कुछ समझ ही नहीं पाया था कि ये कर क्या रहे है? उसी वक़्त टीना की नज़र उन 2 नाइजेरियन पर पड़ी उसे विश्वास ही नहीं हुआ और में भी बस देखता ही रह गया. उसमें से एक का लंड 8 इंच और दूसरे का लंड 9 इंच का था. फिर उन्होंने टीना को केक काटने को कहा, क्योंकि उस दिन उसका बर्थ डे था.
फिर केक काटने के बाद सबने अपने अपने लंड पर क्रीम लगाई और टीना के मुँह में उसे भर दिया. सबसे पहले उस बूढ़े ने ही उसका मुँह चोदना शुरू किया और फिर तो एक साथ 2-2 या 3-3 लंड उसके मुँह में घुस रहे थे. उन दोनों जवानों ने भी एक साथ मुँह में लंड घुसा दिया था, हांलाकि उन दोनों के सिर्फ़ लंड के सुपाड़े ही मुँह में घुस रहे थे. फिर उतने से ही टीना का मुँह फूल गया था.
फिर उन दोनों में से एक ने दूसरे को आँख मारी तो वो हट गया और दूसरे बंदे ने टीना के बाल पकड़कर अपना पूरा लंड उसके गले तक आगे धकेल दिया. अब वो छटपटाने लगी, लेकिन वो बस उसके मुँह को चोदे जा रहा था. फिर दूसरे ने भी उसकी जगह लेकर उसका मुँह चोदा और फिर टीना को सबने उठाया और उसे पूरी नंगी कर दिया और उसकी चूत पर क्रीम लगाई और सब बारी-बारी उसकी चूत से केक खाने लगे. उसके बाद सब लोग वॉश रूम गये, वहाँ टीना को सबने नीचे बैठाया और सब उसके आजू बाजू खड़े हो गये और सबने उसके ऊपर पेशाब की धांर लगा दी, में ये सब देखता ही रह गया.
अब सब उस पर जी जान से पेशाब कर रहे थे. जो मेरा फ्रेंड का दोस्त था, उसने मुँह खोलने को कहा और मुँह में ही पेशाब करना शुरू कर दिया. फिर उसे देखकर बाकी लोगों ने भी मुँह को टारगेट बना दिया. जब सब के लंड हल्के हो गये, तब उस बूढ़े ने टीना के पैर गले तक लेकर उसे कंधे पर बैठाया और पेशाब करने को कहा. तो टीना ने भी उसके मुँह में पेशाब कर दिया.
में मेरी बीवी का रंडीपन अपनी आँखो से देखकर दंग रह गया. बाकी सब ने फिर एक बार उसके मुँह में लंड डाल दिए. फिर सब लोग वही शॉवर करके फ्रेश हुए और सब टीना को उठाकर बड़े साईज़ के बेड पर ले गये. फिर शुरू हुआ चुदाई का असली मज़ा. फिर करीब 4 घंटे की जबरदस्त चुदाई के बाद सब थक चुके थे और फिर चुदाई करके सब सो गये. दूसरे दिन सुबह हम अपने घर आ गये थे. घर आकर मेरी बीवी ने मुझसे कहा कि जानू बहुत मजा आया. अब तो हम दोनों ग्रुप सेक्स करते है और मजे लेते है.
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देवर और उसके दोस्त के साथ हनीमून

हैल्लो दोस्तों, में आप सभी लोगों की प्यारी रंडी मानसी आपके सामने हाज़िर हूँ अपनी एक नई चुदाई की कहानी लेकर और में आशा करती हूँ कि आप लोगों को जरुर पसंद आएगी और हाँ मुठ मारना ना भूलना. अब में ज्यादा समय ख़राब ना करते हुए अपनी दास्तान बता रही हूँ.
दोस्तों यह हसीन घटना मेरे साथ पिछले 15 दिन पहले घटित हुई और जिसमें मैंने अपने एक मुहं बोले देवर के साथ अपनी दूसरी सुहागरात मनाई. पहले तो में अपने पति सुनील के साथ गई और यह दूसरा टाईम है, लेकिन इस बार मैंने अपनी चुदाई के बहुत मज़े किए जो में अब आप सभी को बताने जा रही हूँ. दोस्तों सुनील और गीता हम तीनों साथ में रहते है और हमारे घर के पास एक परिवार रहता है जो कि गुजरात का रहने वाला है. उनके घर में एक बुजुर्ग कपल और उनके 30 साल का बेटा दीपक रहते है.
दीपक एक इंजिनियर है जो नौकरी करता है और वो दिखने में बहुत अच्छा है और अभी तक कुंवारा है. दोस्तों हम दोनों परिवार अब आपस में पूरी तरह से घुलमिल गये है. दीपक मेरे और गीता के साथ पूरी तरह खुलकर बात करता है और वैसे मेरे साथ वो थोड़ा ज्यादा खुला हुआ है. एक दिन में नहाकर बाथरूम से आई थी तो मुझे दीपक ने देख लिया और बातों ही बातों में उसने मुझे कह दिया कि भाभी आज आप बहुत सुंदर दिख रहे हो? तो में बोली कि अच्छा ऐसा क्या है मुझमे? और क्या में सच में सुंदर हूँ? तो वो बोला कि हाँ भाभी अगर आपने शादी नहीं की होती तो में आपसे ज़रूर शादी कर लेता.
दोस्तों वैसे में भी दीपक को बहुत पसंद करती थी, लेकिन में यह भी देखना चाहती थी कि वो मुझे कितना पसंद करता है और ऐसे ही थोड़ी थोड़ी हंसी मजाक की बातें करते करते अब हम दोनों बहुत नज़दीक आ गए. दोस्तों आप लोग तो जानते हो कि में तो हमेशा लंड की प्यासी हूँ और जब भी मुझे लंड मिलता है तो में उस पर लपक जाती हूँ. फिर एक दिन शाम को में अकेली मार्केट गई हुई थी और मेरे वापस आने के टाईम पर बहुत बारिश शुरू हो गई. फिर मैंने सुनील को फोन किया तो सुनील बोला कि यार अभी में ऑफिस में हूँ और वहां पर आते हुए लेट हो जाऊंगा तो तुम घर पर किसी ऑटो में आ जाओ.
में वहाँ से ऑटो पकड़ने जा रही थी कि तभी वहाँ से दीपक अपनी बाईक से ऑफिस से वापस आ रहा था और जब उसने मुझे देखा तो वो बोला कि भाभी आप यहाँ पर क्या कर रहे हो? तो में बोली कि में मार्केट आई थी और अब घर पर वापस जा रही हूँ. मेरी यह बात सुनकर दीपक मुझसे बोला कि आ जाइये, हम बाईक से घर चलते है. फिर मैंने कहा कि यार लेकिन बारिश हो रही है ना कैसे जाएँगे. फिर दीपक ने बोला कि अरे यार आप आइए ना बारिश में गीले होकर जाने में जो मज़ा है वो ऑटो में कहाँ? तो में उनके साथ बाईक पर बैठ गई और फिर हम चले और जैसे जैसे बारिश की बूंदे मेरे ऊपर गिर रही थी, मेरे शरीर में उतनी ही आग लग रही थी, क्योंकि में एक हेंडसम कुंवारे लड़के की बाईक के पीछे बैठी हुई थी और रास्ते में जब भी वो ब्रेक मारता था तो में उसके ऊपर झुक जाती.
वो बोला कि भाभी आप थोड़ा और पास आकर मुझे पकड़ लो नहीं तो नीचे गिर जाओगे. फिर मैंने पास आकर उसके एक कंधे को पकड़ लिया, लेकिन में ठंड के कारण मेरे बूब्स को उसकी पीठ पर रगड़ रही थी तो वो एकदम से गरम हो गया और अब हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे, लेकिन फिर भी चल रहे थे. तभी अचानक उसने एक ब्रेक मारा और फिर मेरा हाथ फिसलकर उसके लंड पर छू गया. फिर मैंने महसूस किया कि उसका लंड पूरा तनकर खड़ा हुआ है और क्यों ना हो? जिसकी बाईक पर पीछे एक लड़की बैठी हो और जो रिश्ते में उसकी भाभी हो तो यह तो आम बात है. दोस्तों उसका लंड करीब 8 इंच का होगा.
जैसे ही उसके लंड को मैंने महसूस किया तो मेरी भी चूत गीली हो गई और मैंने उसके ऊपर डोरे डालने शुरू कर दिए और फिर में उससे और भी चिपककर बैठ गई और में बीच बीच में उसकी जाँघो को छू रही थी और फिर ऐसे ही हम घर पर पहुंच गये. फिर वो अपने घर पर चला गया और में अपने घर पर आकर अपने गीले कपड़े बदलने लगी और मैंने एक मेक्सी पहन ली, लेकिन मैंने नीचे ब्रा और पेंटी नहीं पहनी और में आंटी के पास चली गई तो आंटी ने मुझे पीने के लिए चाय दी और वो मुझसे बोली कि तू बैठ में जाकर दीपक को भी चाय देकर आती हूँ.
मैंने कहा कि आंटी आप क्यों जाएगी मुझे दे दीजिए में जाकर उसे देकर अभी आती हूँ और वैसे भी मुझे दीपक से कुछ सी.डी. लेनी है और फिर में एक बहाना बनाकर दीपक के रूम में चली गई. फिर में जब दरवाजा खोलकर अंदर गई तो उस समय दीपक बाथरूम में था और वहाँ से आहहाहहहह भाभी आअसस्स्स ऐसी अजीब अजीब आवाज़ आ रही थी. फिर मैंने पास में जाकर जैसे ही दीपक को बुलाया तो वो घबराकर बाथरूम से टावल में ही बाहर आ गया और अब भी उसका लंड तना हुआ था जो कि साफ साफ दिखाई दे रहा था.
फिर मैंने पूछा कि तुम मुझे बाथरूम से क्यों आवाज़ दे रहे थे और ज़ोर ज़ोर से भाभी भाभी चिल्ला रहे थे? तो वो बोला कि आपने आज मेरे शरीर में जो आग लगाई है, इसलिए मेरे साथ ऐसा हुआ. फिर में बोली कि क्यों आग ठंडी हुई क्या? वो बोला कि कहाँ हुई बीच में तो आप आ गई हो. फिर में बोली कि तुम जो सोचकर कर रहे थे चाहो तो वो हक़ीकत में कर लो. फिर वो किसी भूखे शेर की तरह मेरे ऊपर कूद पड़ा, क्योंकि में भी तो बहुत गरम थी और सुनील के आने तक इंतजार नहीं कर सकती थी और अपनी चूत में उंगली कर सकती थी, लेकिन जो मज़ा लंड में है, वो उंगली में कहाँ? फिर वो मुझे अपनी बाहों में पकड़कर पागलों की तरह किस करने लगा और में भी भूखी शेरनी की तरह उसका साथ देने लगी.
वो मेरी मेक्सी के अंदर हाथ डालकर मेरे बूब्स को दबाने लगा तो मैंने उसके टावल को खींचकर उसको नंगा कर दिया और उसके लंड को मुठ्ठी में लेकर ज़ोर से हिलाने लगी और फिर उसने मेरी मेक्सी को पूरा उतार दिया और मुझे बाहों में उठाकर बेड पर लेटा दिया और मेरी चूत में अपनी जीभ को डालकर चाटने लगा, जिसकी वजह से मेरी तो चूत से जैसे नदी बहने लगी और फिर हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गये और में उसके लंड को चूसने लगी और उस समय में पूरी तरह से आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी और बोलने लगी कि हाँ दीपक चोदो मुझे और ज़ोर से, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है प्लीज और चोदो ना आह्ह्ह्हहहह.
फिर वो मुझे कुतिया की तरह बैठाकर मेरी गांड को चाटने लगा और मेरी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा, आहहह हाँ और अंदर अब डालो ना अपना लंड. वो पूरे जोश में आकर गालियाँ देने लगा, साली रंडी कुतिया चुदने के लिए इतनी उतावली क्यों हो रही है? तो में भी अब पूरे जोश में आ गई और बोलने लगी कि मादरचोद में मर रही हूँ, तू मुझे रंडी की तरह चोद और फिर वो बोलने लगा कि आज से तू मेरी रखेल बनेगी और मुझे अभी से हर रोज़ तेरी चूत चोदनी होगी.
में बोली कि हाँ मेरे मालिक में तेरी रखेल हूँ, तेरी नौकरानी हूँ, तेरी कुतिया हूँ, तू जो बोलेगा में वो सब करूँगी, लेकिन प्लीज चोद अभी मुझे. फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसाया और चोदने लगा, लेकिन तीन मिनट भी नहीं हुए थे कि उसका माल निकल गया और मेरा अब तक एक बार भी नहीं निकला था. में गुस्से से बोलने लगी कि साले हिजड़े दो मिनट में तू ठंडा पड़ गया, साले चूतिए मेरा तो एक बार भी नहीं निकला. फिर वो बोला कि मैंने जानबूझकर निकाला है ताकि तुझे और तरसाऊँ? फिर में बोली कि चोद ना मुझे प्लीज में मर रही हूँ, तड़प रही हूँ. फिर वो बोला कि तू अब मेरी रांड बनेगी तब में तुझे चोदूंगा. फिर मैंने कहा कि तू जो कहेगा में वो सब करूँगी, लेकिन प्लीज चोद मुझे.
फिर वो मेरे बालों को पकड़कर बाथरूम में ले गया और मेरे मुहं मे मूतने लगा और बोला कि एक भी बूँद नीचे नहीं गिरनी चाहिए नहीं तो नहीं चोदूंगा. फिर में मज़बूरन उसके मूत को पीने लगी और वो मूतने के बाद उसके लंड को चूस चूसकर खड़ा करने लगी. जैसे ही उसका लंड खड़ा हो गया तो मैंने उसको धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और उसके लंड के ऊपर बैठकर चुदने लगी. 5 मिनट चुदने के बाद मेरा माल निकल गया. फिर उसने मुझे उल्टा किया और मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया और चोदने लगा और करीब 15 मिनट चोदने के बाद उसने अपना सारा वीर्य मेरे मुहं में डाल दिया और में भी उसे चाटने लगी, क्योंकि मुझे रस को खाने की बहुत भूख थी और चुदाई होने के बाद मैंने उससे कहा कि जब तक हम यहाँ पर है, में तुम्हारी रखेल बनकर रहूंगी और फिर में वहाँ से रूम में आ गई.
फिर उस दिन के बाद जब भी हम लोगों को टाईम मिलता तो हम लोग चुदाई करने में लग जाते थे और अब में उसकी असल में रखेल बन गई थी, लेकिन हम लोग अब तक कभी भी बेख़बर होकर सेक्स नहीं कर पाए थे और अब हम लोग सही मौका ढूंड रहे थे. फिर एक दिन भगवान ने हम लोगों की बात सुन ली और एक ऐसा मौका हमको मिल गया, जिसमें हम लोगों ने एक सप्ताह तक जिंदगी के मज़े लूटे. फिर एक दिन शाम में गीता को उसकी सहेली का फोन आया, जो कि शादी करने वाली थी और वो भी देहरादून में. उसकी शादी तीन जुलाई को थी तो उसने गीता को शादी में आने के लिए दबाव दिया और फिर गीता बोली कि ठीक है, में आ जाउंगी.
फिर फोन काटने के बाद में गीता से बोली कि क्या में भी तुम्हारे साथ आ जाऊँ? तो गीता बोली कि अरे इसमें पूछने की क्या बात है, आप आओगी तो बहुत मज़ा आएगा. फिर हम लोगों ने एक सप्ताह का प्लान बनाया, लेकिन सुनील को तो टाईम नहीं था, तो उसने हम दोनों को जाने के लिए कह दिया और हमारे लिए उसने ट्रेन की दो टिकट बनवाई. फिर जब अगले दिन सुबह दीपक के साथ मेरी मुलाकात हुई तो मैंने दीपक को सारी बात बताई तो वो बोला कि ठीक है, में भी ऑफिस से एक सप्ताह की छुट्टियाँ ले लेता हूँ और देहरादून चला जाता हूँ और फिर तुम वहाँ पर मुझे मिलना. फिर हम अपना अगला प्लान बनाएँगे.
फिर में बोली कि ठीक है और फिर 30 जून को हम दोनों देहरादून के लिए निकल गये. फिर रास्ते में मैंने गीता को सारी बात बताई तो वो भी बोलने लगी कि में भी आप लोगों के साथ शामिल हो जाउंगी. फिर में बोली कि ठीक है तुम 4 तारीख को शादी ख़त्म होने के बाद हमारे पास आ जाना, लेकिन जब भी सुनील तुझे या मुझे फोन करेगा तो तुम बोलना कि में शादी में ही हूँ और में भी वहीं बोलूँगी और जब तक हम दोनों एक साथ नहीं होते. फिर वो बोली कि ठीक है. हम देहरादून पहुंचे, लेकिन हमसे पहले दीपक वहाँ पर फ्लाईट से पहुंच गया और वहाँ पर पहुंचकर मुझे फोन किया कि में तुम्हारा स्टेशन पर इंतजार कर रहा हूँ.
मैंने कहा कि पहले हम गीता की सहेली के घर पर जाने के बाद हम लोग आ जाएँगे. फिर वो बोला कि ठीक है और में फूड प्लाज़ा में तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ और जैसे हम देहरादून पहुंचे तो गीता की सहेली उसको लेने के लिए वहाँ आई और फिर गीता उसकी सहेली के साथ उसके घर पर चली गई और में वहाँ से फूड प्लाज़ा चली गई, जहाँ पर दीपक मेरा इंतजार कर रहा था और वहाँ से हम दोनों होटल में चले गये, जो कि दीपक ने पहले बुक किया हुआ था. वहाँ पर हम दोनों अकेले थे और हमे कोई डर नहीं था और अब जो मन चाहे कर सकते थे.
मैंने जो सोचा था वो सब भी, लेकिन वहाँ पर कुछ और ही निकला. वहाँ पर दीपक का एक दोस्त एक रूम लेकर रुका हुआ था और जो दीपक के साथ आया था, लेकिन मुझे पता नहीं था. रात को दीपक ने मुझे बोला कि यार कुछ ड्रिंक्स वगेरा हो ज़ाये. फिर मैंने कहा कि ठीक है वैसे भी बहुत दिन से मैंने पी नहीं थी तो में बोली कि मंगवा लो.
उसने एक बोतल और स्नेक्स मंगवा लिए. जब मैंने वो बोतल देखी तो में बोली कि क्या यार हम यहाँ पर मज़े करने आए है या दारू पीकर सोने? तो वो बोला कि तुम चिंता मत करो रानी देखती जाओ में आज तुम्हे कैसे मज़ा देता हूँ और फिर वो फोन पर बात करने लगा. करीब 15 मिनट के बाद एक लंबा आदमी आया, वो दिखने में दीपक से भी ज्यादा अच्छा था. जैसे ही मैंने उसको देखा तो मैंने पूछा कि दीपक यह कौन है? तो दीपक ने कहा कि यह मेरा दोस्त निहाल है.
फिर मैंने बोला कि तो यह यहाँ पर क्या कर रहा है? तो दीपक ने बोला कि हम दोनों मिलकर यहाँ पर आए थे, लेकिन तुम चिंता मत करो तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ मज़े करोगी, में कुछ देर चुप रही. फिर दीपक ने हम दोनों का परिचय करवाया और निहाल ने जैसे ही मुझे देखा तो वो बोला कि यार मानसी तुम क्या मस्त माल हो? और दीपक ने मुझे तुम्हारे बारे में जितना बताया था तुम उससे कई गुना ज्यादा सेक्सी हो. फिर में बोली कि धन्यवाद और फिर हम लोग दारू पीने लगे. पीने के साथ साथ दीपक मेरे बूब्स को दबाने लगा और फिर निहाल से बोला कि यार निहाल दारू के साथ और कुछ ना हो तो दारू का मज़ा नहीं आता.
फिर निहाल बोला कि यार मानसी एक काम करो ना तुम डांस करो हम देखते है. में भी पूरी तरह से नशे में थी और मैंने कहा कि अरे यार मुझे डांस नहीं आता तो निहाल बोला कि नहीं आता तो थोड़ा मुज़रा कर दो. में भी एकदम मदमस्त थी तो मैंने मुज़रा करना शुरू कर दिया. फिर निहाल बोला कि यार मुज़रे के कपड़े पहन लो ना, तो मैंने बोला कि वो में अभी कहाँ से लाऊँ? तो दीपक आया और उसने मेरे नाईट गाऊन को उतार दिया. तो में अब सिर्फ़ गुलाबी ब्रा और गुलाबी कलर की पेंटी में थी.
फिर जैसे ही निहाल ने मेरा यह रूप देखा तो वो जल्दी से अपनी ड्रेस उतारने लगा और अब सिर्फ़ अंडरवियर में बैठा हुआ था. मैंने दीपक से बोला कि जब हम दोनों नंगे हो गए है फिर तुम क्यों दूल्हे की तरह बैठे हुए हो तुम भी नंगे हो जाओ? तो वो बोला कि तुम मुझे नंगा कर दो और मैंने तुरंत जाकर दीपक को भी अंडरवियर में कर दिया. अब वो दोनों सिर्फ़ अपनी अपनी अंडरवियर में बैठे हुए थे और फिर मैंने मुजरा करना शुरू कर दिया और दोनों को दारू पिलाती रही और वो मुझे एक एक घूँट अपनी दारू से पिलाने लगे और फिर जैसे ही दारू खत्म हुई तो निहाल ने अपना आख़िरी ग्लास मेरे शरीर पर डाल दिया और फिर मेरा जिस्म चाटने लगा.
दीपक ने मेरे पास आकर मेरे पैरों को फैलाकर मेरी चूत को चाटने लगा और चूत में जीभ डालकर चुदाई करने लगा. फिर मैंने निहाल के लंड को अंडरवियर से बाहर निकाला और चूसने लगी. फिर हम तीनो नंगे हो गए और में निहाल और दीपक के लंड को बारी बारी से चूसने लगी और दीपक मेरी चूत चाटने लगा और निहाल मेरे बूब्स को चूसने लगा. मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मानो में तो जैसे जन्नत में थी और में उस समय इतनी गरम हो गई थी कि वो दोनों मदारचोद मुझे सिर्फ़ तरसा रहे थे. फिर में बोली कि यारो अब मुझे चोदो प्लीज, मुझसे और सहन नहीं होता और फिर निहाल ने मुझे कुतिया की तरह बैठा दिया और वो मेरी गांड को चाटने लगा.
अब वो दोनों मेरी चूत और गांड को चाटने लगे. तो में झड़ गई और मेरी चूत का रस दीपक के मुहं में चला गया और वो दोनों उसे चाटने लगे और मेरे शरीर पर दोनों मूतने लगे. फिर हम तीनों बाथटब में नहाए और बेड के ऊपर आ गये और बेड पर आने के बाद दीपक नीचे लेट गया और मेरी चूत को उसके लंड के ऊपर सेट कर दिया और नीचे से चोदने लगा और में निहाल के लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी तो निहाल मेरे मुहं को ही चोदने लगा. फिर निहाल नीचे आ गया और दीपक मेरे मुहं को चोदने लगा. करीब 40 मिनट के बाद दोनों का वीर्य निकलने वाला था तो वो दोनों मेरे मुहं के पास खड़े हो गए और में उन दोनों का लंड चूसने लगी.
फिर दोनों का रस मेरी मुहं पर ही गिरा और गिरकर मेरी गर्दन से होते हुए बूब्स पर आने लगा तो दीपक उस रस को मेरे बूब्स पर मालिश करने लगा और जो मेरे मुहं के अंदर था उसे तो में चाट गई. उस रात हमने बहुत बार चुदाई की और सुबह तक मेरी चूत पूरी तरह से सूजी हुई थी तो दीपक ने मेरे लिए दर्द की गोली लाकर दी जिसे खाकर मुझे थोड़ी राहत मिली. फिर रात में हम तीनों फिर से लग गए और उन दोनों ने बारी बारी से मेरी चूत और गांड का भरता बना दिया और ऐसे ही हमारे दो दिन गुजर गए और उधर गीता की फ्रेंड की भी शादी ख़त्म हो गई थी तो गीता ने मुझे फोन किया.
गीता : हैल्लो, भाभी.
में : हाँ गीता बोलो?
गीता : अभी आप कहाँ पर हो?
में : अरे में तो देहरादून में ही हूँ.
गीता : और क्या हो रहा है, पूरे मज़ा ले रहे है दीपक भैया से.
में : हाँ यार मेरी चूत और गांड तो फट गयी है वैसे तुम्हारी शादी ख़त्म हो गई तो तुम कब आ रही हो?
गीता : में आज शाम को आ रही हूँ.
में : तो ठीक है हम लोग होटल में है रूम नंबर 603 तुम वहीं पर आ जाना, ठीक है?
गीता : हाँ ठीक है बाय.
तो मैंने दीपक को कहा कि गीता आज शाम को होटल में आ रही है तो दीपक ने बोला कि यार फिर तो आज रात मज़ा आ जाएगा. में बोली कि हाँ दो लंड और दो चूत बराबर हो ज़ाएगी और शाम को गीता होटल में पहुंच गई और वो बोली कि भाभी आपने तो दो दिन से भरपूर मज़ा लिया, लेकिन अब मेरी बारी है. तो मैंने कहा कि मेरी रानी तुम चिंता मत करो, हम दोनों की आग बुझाने के लिए यहाँ दो लंड है और कल तक में दो लंड को संभाल रही थी. आज तू एक ले लेना, क्यों ठीक है? तो गीता बोली कि यहाँ पर और कौन है? तो में बोली कि दीपक का दोस्त निहाल भी उसके साथ हमे चोदने के लिए आया है सालो को फ्री की चूत जो मिली है. फिर गीता बोली कि कहाँ है? तो में बोली कि कहीं बाहर घूमने गया होगा और अभी आता ही होगा और करीब 30 मिनट के बाद दीपक और निहाल रूम में आ गये और हमे देखकर बहुत खुश होकर बोले कि आज तो मज़े ही मज़े है साली दो रंडियां मिली है रात गुज़ारने को.
फिर मैंने कहा कि हाँ साले मदारचोद हम दोनों तुम दोनों को आज निचोड़ देंगे. देखेंगे कितनी मर्दानगी है तुम दोनों में? तो दीपक बोला कि थोड़ा इंतजार कर रंडी, हम अभी दिखा देंगे तुमको और फिर में बोली कि हाँ देखते है. फिर रात होते ही दीपक ने वाइन ऑर्डर किया और साथ में खाना भी और वेटर को 500 रूपये दिए और बोला कि बाहर बोर्ड लगा दो कि कोई हमें परेशान ना करे तो वेटर खुश होकर हाँ सर बोलकर चला गया और फिर हम लोगों की ड्रिंक शुरू हो गई. निहाल बोला चलो एक गेम खेलते है, लेकिन गेम का नियम है कि जो बाज़ी जीतेगा वो जो बोलेगा बाकी तीनों को करना पड़ेगा. सब लोग राज़ी हो गए और हम चारों बेड के ऊपर बैठ गये और निहाल अपने मोबाइल से छोटे छोटे ऑडियो म्यूज़िक प्ले करने लगा और हम लोग एक छोटे तकिया को लेकर गेम खेलना शुरू किया. गाना ख़त्म होने के टाइम जिसके हाथ में वो तकिया रहेगा वो जीत जाएगा और हम साथ में दारू भी पी रहे थे.
फिर सबसे पहले राउंड में गीता जीत गई तो वो बोली कि भाभी आप एक हाथ से दीपक भैया को नंगा करो तो रूल के हिसाब से मैंने दीपक को नंगा कर दिया और दूसरे राउंड में निहाल जीत गया. फिर वो गीता से बोला कि तुम मानसी को नंगा करो और फिर गीता ने मेरी मेक्सी और ब्रा और पेंटी को उतारकर मुझे नंगा कर दिया और अब गीता जीत गई तो गीता बोली कि निहाल भैया आप दीपक भैया के लंड को पकड़कर चूमो तो पहले निहाल ने मना किया और जब हम लोगों ने दबाव दिया कि नियम से पूरा काम करो. तो निहाल ने दीपक के लंड को पकड़कर चूम दिया. अब में अगले राउंड में जीत गई तो मैंने निहाल से कहा कि निहाल तुम गीता को नंगा करके उसकी गांड चाटो.
फिर निहाल ने वैसा ही किया और ऐसे खेलते खेलते हमारी दारू भी खत्म हो गई और फिर बेड पर हम दोनों नंगे लेट गए और वो दोनों हमको उल्टा करके चोदने लगे. कभी मुझे दीपक तो कभी निहाल और कभी गीता को दीपक तो कभी निहाल और फिर उन्होंने चूत चुदाई के बाद हम दोनों की गांड भी मारी. उन दोनों ने रात भर हमारी चुदाई की और उसके बाद हम चारो नंगे ही एक दूसरे के ऊपर सो गये. फिर दूसरे दिन हम लोगों ने सुबह चाय पी और घर आने का प्लान बनाया.
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माँ की गांड पर लंड रगड़ा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम संजय है और में 22 साल का हूँ और इलाहाबाद में रहता हूँ, मेरे साथ मेरे घर में मेरे पापा और मम्मी रहते है. मेरे पापा की उम्र 47 साल है और मम्मी की उम्र 45 साल है. अब में आपको माँ के बारे में थोड़ा विस्तार में बता दूँ. उनका नाम रेणु है, हाईट 6 फुट, बदन गदराया और भरा हुआ, चूची 42 साईज़ की और पेंटी 120 सेमी की पहनती है, रंग सांवला है इसलिए वो सेक्सी औरत नज़र आती है. जबसे मैंने होश सम्भाला है तब से में उसे चुदवाते हुए ही देखता आया हूँ, उसे चुदवाने का बड़ा शौक था.
जब वो और भी जवान थी और में बच्चा था, उस टाईम उसने 5-6 मर्दो को पटा रखा था. जब भी पापा शहर से बाहर जाते थे, तो वो उन मर्दो को बारी-बारी से घर बुलाकर अपनी चूत और गांड की खुजली शांत करवाती थी. यह सिलसिला सुबह 11 बजे से शुरू होता था और रात भर चलता था. कई बार तो वो पूरी रात 2 मर्दो के साथ बिताया करती थी. खैर उस टाईम पर में बच्चा था इसलिए कुछ समझ नहीं पाता था, लेकिन जैसे-जैसे में बड़ा होता गया तो मर्दो का आना कम होता गया और फिर धीरे धीरे पूरा ही आना बंद हो गया, शायद डर से वो सुधर गयी. खैर बड़ा होने के बाद मुझे वो पुरानी बातें तो याद थी, लेकिन में उसके बारे में सोचता नहीं था, मेरे और माँ के बीच नॉर्मल माँ-बेटे का रिश्ता था, लेकिन साल भर पहले सब कुछ बदल गया.
एक रात की बात है, पापा, माँ और में खाना खाकर सोने के लिए अपने-अपने रूम में आ गये, रूम में आने के 30 मिनट के बाद मेरा मोबाईल बजा तो मैंने कॉल रिसीव किया तो वो पापा के ऑफिस के स्टाफ का फोन था. उन्होंने कहा कि उन्हें मेरे पापा से ज़रूरी बातें करनी है, लेकिन पापा कॉल रिसीव नहीं कर रहे है, उन्होंने कहा कि में पापा से जाकर बोल दूँ कि वो उनसे बात कर ले. फिर में यह बात बताने पापा-माँ के रूम की तरफ गया, रूम में लाईट जल रही थी, मैंने नॉक किया, कई आवाज़ लगाई, लेकिन कोई रेस्पॉन्स नहीं मिला.
फिर मुझे बड़ा अजीब लगा कि जब यह लोग जाग रहे है तो रेस्पॉन्स क्यों नहीं दे रहे है? उस रूम में एक खिड़की थी, जो खुली हुई थी, लेकिन अंदर से पर्दे लगे हुए थे. फिर मैंने बिना कुछ सोचे समझे हाथ बढ़ा कर पर्दे को थोड़ा साईड में किया, अब अंदर का जो नज़ारा था, वो में देखता रह गया. सबसे पहले तो मुझे दुनिया की सबसे बड़ी गांड नज़र आई. असल में उस टाईम वो दोनों बिल्कुल नंगे थे. वो अपने पति की टाँगो के बीच घुटनो के बल बैठकर लंड चूस रही थी. इस वजह से उसकी गांड खिड़की की तरफ थी.
में इंटरनेट पर बहुत सारी लड़कियों की गांड देख चुका था, लेकिन इतनी बड़ी और फैली हुई गांड पहली बार देख रहा था. फिर लंड चूसते-चूसते उसने अपनी चिकनी और चौड़ी जाँघ को फैला दिया, इससे मुझे उसकी हसीन और रसीली चूत भी दिखने लगी. उसकी चूत काली, बड़ी और फुली हुई थी, उसके चारों तरफ बहुत सारे बाल थे. काफ़ी देर तक लंड चूसने के बाद वो घोड़ी बन गयी और फिर मेरे बाप ने उसकी गांड में लंड पेल दिया और उसकी गांड मारने लगा. खैर में भी अपने रूम में आ गया, लेकिन मेरी आँखो के सामने, वो ही सीन आ रहा था, जब सुबह मेरी नींद खुली तो मुझे वो सपना याद आया जो मैंने रात में देखा था.
मैंने यही सपना देखा था कि में अपनी माँ की गांड मार रहा हूँ और वो भी बड़े प्यार से मुझसे गांड मरवा रही है. फिर कुछ देर के बाद वो चाय लेकर मेरे रूम में आई, तो उसे देखते ही मुझे उसका नंगा बदन याद आने लगा, वो उस वक़्त नाइटी पहने थी और शायद रात की चुदाई के बाद उसने ब्रा नहीं पहनी थी, इसलिए उसकी पहाड़ जैसी चूची का कुछ भाग नाइटी से बाहर दिख रहा था.
फिर उसने चाय टेबल पर रखी और अपनी बड़ी-बड़ी गांड हिलाते हुए वापस चली गयी. यह सब देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया, फिर में तुरंत बाथरूम में गया और पहली बार अपनी माँ के नाम पर मुठ मारी. मुझे पहले कभी मुठ मारने में इतना मज़ा नहीं आया था जितना उस दिन आया. पहली बार मेरे लंड से इतना ज़्यादा माल निकला था, फिर क्या था? मेरी माँ मुझे सेक्सी माल नज़र आने लगी और में हर रोज़ उसके नाम की मुठ मारने लगा. इससे ज़्यादा मैंने कभी नहीं सोचा था.
में जानता था कि भले वो बहुत सारे लंड खा चुकी है, लेकिन वो अपने बेटे का लंड कभी नहीं लेगी, इसलिए मैंने कभी कोशिश भी नहीं की, लेकिन मेरी सोच ग़लत थी. में यह नहीं जानता था कि आज भी वो इतनी गर्म औरत है कि मिलने पर तो वो अपने बेटे का लंड भी ले सकती है. फिर 5-6 महीने तक मुठ मारने के बाद, आख़िर में वो दिन आ ही गया जब मेरी गर्म माँ मुझसे चुद गयी.
एक बार की बात है. मेरे घर में कुछ मेहमान आए हुए थे और रात को मेरा रूम उन लोगों को दे दिया गया था इसलिए माँ और मुझे एक ही रूम में सोना था. फिर रात में खाने के बाद में रूम में आया और मेरे आने के कुछ देर बाद, वो भी सोने के लिए आ गई. फिर सोने से पहले वो नाइटी लेकर बाथरूम में गयी और फिर नाइटी पहनकर बाहर आई और मेरे बगल में सो गयी, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी. पिछले 5-6 महीने से जिस औरत के बारे में सोचकर में हर रोज़ मुठ मारता था, वो मेरे बगल में सोई थी. फिर करीब 1 घंटे तक में चुपचाप बेड पर पड़ा रहा, फिर मेरी नज़र माँ की तरफ गयी. रूम में नाईट बल्ब जल रहा था और वो गहरी नींद मे सो रही थी और सांस के साथ उसकी पहाड़ जैसी चूचीयाँ ऊपर नीचे हो रही थी.
अब यह सीन देखकर मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने धीरे से उसकी चूची के ऊपर अपना हाथ रख दिया और हल्के हाथ से दबाने लगा, उसकी चूची गजब की बड़ी थी. फिर कुछ देर तक इसी तरह से दबाता रहा, फिर अचानक से माँ हिली तो में डर गया और हाथ हटाकर सोने का नाटक करने लगा. फिर वो दूसरी तरफ करवट लेकर सो गयी, अब उसकी गांड मेरी तरफ थी में कुछ देर तक चुपचाप पड़ा रहा. फिर मुझे लगा कि वो गहरी नींद में सो रही है, तो फिर में धीरे-धीरे उसकी नाइटी को ऊपर करने लगा और कमर तक ले आया, वो पेंटी नहीं पहने थी इसलिए उसकी बड़ी सी गांड मेरे सामने आ गई.
फिर मैंने अपने शॉर्ट्स को नीचे किया और अपना लंड बाहर निकाला जो कि पूरी तरह से खड़ा था. फिर में लंड को उसकी बड़ी सी गांड के बीच में लगाकर रगड़ने लगा. फिर कुछ देर तक ऐसा करने के बाद वो हुआ जो मैंने सोचा भी नहीं था, वो बोली-शशश, आह्ह्ह्ह, सिर्फ़ रगड़ता रहेगा या डालेगा भी. में यह सुनकर हैरान हो गया, इससे पहले कि में कुछ करता या बोलता, वो सीधी हुई और मुझे अपनी बाहों में खींचकर मेरे होठों को चूसने लगी. करीब 2 मिनट तक होंठ चूसने के बाद वो मुझसे अलग हुई और बोली की लाईट जला दे, फिर मैंने ऐसा ही किया जब में लाईट जलाकर वापस आया, तो वो हँसते हुए बोली.
माँ – तू तो बड़ा बदमाश हो गया है.
में – बदमाश नहीं हुआ, लेकिन जवान हो गया हूँ.
माँ – जवान होने पर क्या कोई लड़का अपनी माँ की गांड पर लंड रगड़ता है?
में – नहीं.
माँ – फिर तूने ऐसा क्यों किया?
में – क्योंकि, दूसरे लड़को में और मुझमें फ़र्क है.
माँ – क्या फ़र्क है?
में – सबके पास तुम्हारी जैसी सेक्सी माँ नहीं होती है.
माँ – हट बदमाश, अपनी माँ को सेक्सी बोलता है.
में – तुम बहुत सेक्सी हो माँ, इसलिए अपने आप पर काबू नहीं रख सका, फिर माँ मुझे बाहों में लेती हुई बोली.
माँ – में तुझे बहुत सेक्सी लगती हूँ.
में – हाँ.
माँ – तुझे मुझमें क्या अच्छा लगता है?
में – तुम तो ऊपर से ले कर नीचे तक अच्छी हो, लेकिन मुझे तुम्हारी बड़ी सी चूची और तुम्हारी बड़ी गांड बहुत ज़्यादा पसंद है.
माँ – मेरा दूध पियेगा.
में – हाँ, इतना कहकर माँ ने अपनी नाइटी को उतार दिया. अब वो पूरी तरह से नंगी थी.
माँ – आ जा मेरा राजा बेटा, दूध पी ले, अब में उसकी एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा और एक को दबाने लगा, उसके मुँह से मादक सिसकियाँ निकलने लगी थी. फिर काफ़ी देर तक में उसकी चूची को चूसता रहा और दबाता रहा, फिर वो बोली.
माँ – सिर्फ़ मेरा ही चूसता रहेगा या मुझे भी कुछ चूसने के लिए देगा, में समझ गया कि, वो मेरा लंड चूसना चाहती है. फिर में बेड पर लेट गया और वो मेरी टाँगो के बीच में आ गई और बड़े प्यार से पहले मेरा लंड सहलाने लगी, फिर मुँह में लेकर मेरा लंड चूसने लगी में तो जन्नत में सैर कर रहा था. फिर कुछ देर के बाद मुझे लगा कि में झड़ने वाला हूँ तो मैंने बोला कि..
में – माँ में झड़ने वाला हूँ.
माँ – मेरे मुँह में ही झड़ जा मुझे इसका स्वाद बहुत पसंद है.
फिर में उसके मुँह में ही झड़ गया और वो मेरा सारा पानी पी गयी. फिर वो उठकर बाथरूम गयी और अपना चेहरा धोकर आई और मुझे बाहों में लेकर बोली.
माँ – कैसा लग रहा है?
में – बहुत अच्छा माँ.
माँ – लेकिन, मेरा तो कुछ हुआ ही नहीं, मुझे भी तो थोड़ी शांति दे, बड़ी गर्मी छा हुई है.
फिर में उसे बाहों में लेकर उसके रसीले होंठ चूसने लगा और उसकी चूची दबाने लगा. फिर धीरे-धीरे नीचे की तरफ़ बढ़ने लगा, फिर उसके पूरे बदन को चूमते चाटते हुए में उसकी चूत तक पहुँचा. फिर पहले उसकी चूत में उंगली डालकर चोदने लगा, फिर उसके बाद उसकी चूत को जीभ से चूसने लगा, फिर काफ़ी देर तक ऐसा करने के बाद वो बोली.
माँ – अब रहा नहीं जाता, चोद डाल मुझे.
में – माँ में तेरी गांड का दिवाना हूँ, में सबसे पहले तेरी गांड मारना चाहता हूँ.
माँ – मार लेना में हर रोज़ तुझसे गांड मरवाऊंगी, लेकिन अभी तू मेरी चूत चोद, इसमें गजब की खुजली मची है.
फिर मैंने माँ की बात मानते हुए उसकी चूत पर अपना लंड लगाया और एक ज़ोर का धक्का मारा. मेरी रांड माँ इतने लंड ले चुकी थी कि एक बार में ही मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया.
माँ – आह्ह्ह्ह मेरे राजा, चोद डाल मुझे, ज़ोर से चोद, मेरी बहुत प्यासी चूत है, आह्ह्ह्ह मेरे मादरचोद बेटे, चोद दे अपनी माँ की चूत को, उसकी बातें सुनकर मुझे जोश आ गया और मैंने अपनी रफ़्तार बड़ा दी और उसे तेज़ी से चोदने लगा.
माँ – बहुत मज़ा आ रहा है, गजब का लंड है तेरा, मुझे पता होता कि तेरा लंड इतना मजबूत है तो में अब तक बहुत बार तुझसे चुदवा लेती, ज़ोर से चोद मादरचोद, फाड़ दे अपनी रंडी माँ की चूत को.
वो इसी तरह जोश में आकर बोले जा रही थी और में उसे चोदे जा रहा था, फिर 15 मिनट के बाद, वो बोली.
माँ – अबे मादरचोद तू इंसान है या सांड, इतनी देर से चोदे जा रहा है में 3 बार झड़ चुकी हूँ, लेकिन तू एक बार भी नहीं झड़ा, साले रंडी की औलाद जल्दी से झाड़ दे मेरी चूत में, बहुत दर्द हो रहा है.
में – साली कुत्तिया तू माल ही ऐसी है कि तुझे पूरी रात कोई भी चोद सकता है और जब चूत में इतनी खुजली है तो धंधा क्यों नहीं कर लेती? अच्छे पैसे कमा लेगी साली.
माँ – मुझे धंधे पर बैठा देगा, तो खुद क्या करेगा? मुठ मार कर गुजारा करेगा क्या?
में – सबसे पहले तो में तुझे चोदूंगा, फिर कोई और इतनी देर में मुझे लगा कि में अब झड़ने वाला हूँ, तो में माँ से बोला कि झड़ने वाला हूँ, बोल मेरी कुत्तिया, रंडी, चुदक्कड माँ, में कहाँ डालूं?
माँ – झड़ जा मादरचोद मेरी चूत में, कोई प्रोब्लम नहीं है, तेरे पैदा होने के बाद ही मैंने अपनी चूत का ऑपरेशन करवा लिया था. फिर कुछ देर में में झड़ गया. फिर कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे, फिर रात में मैंने अपनी माँ की गांड भी मारी.
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प्यासी औरत की कहानी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम धीरज है और में एक इंश्योरेंस कंपनी में जॉब करता हूँ. मुझे इंश्योरेंस के काम से मुंबई में एक बड़े ऑफिस में जाना पड़ा, जहाँ बहुत सारी खूबसूरत लड़कियां और औरतें जॉब कर रही थी‌‍. मुझे वहीं एक रूम लेना ज़रूरी था, तो मैंने मेरे एक दोंस्त से बात कि तो उसने एक जगह बताई में वहाँ गया और वहाँ की मालकिन से बात कि तो उसने 2100 रुपये के किराए पर उसके फ्लेट का एक रूम मुझे किराए पर दिया. मकान मालकिन एकदम मस्त 30 साल की माल थी. वो एकदम सेक्सी दिख रही थी, उसका फिगर 36-28-38 था और उसकी हाईट 5 फुट 1 इंच थी. रंग गोरा था और वो दिखने में हिन्दी फिल्म की हिरोईन जैसी औरत थी. मैंने उससे खाने के बारे में पूछा तो उसने मुझे बताया कि वो खुद रात के खाने का इंतज़ाम कर सकती है.
फिर भी मैंने उसे देखकर रूम बुक कर लिया और में वहाँ जल्दी से शिफ्ट हो गया. फिर बातचीत के दौरान मुझे समझ आया कि वो वहाँ अकेली ही रहती है और उसका कोई बच्चा नहीं है. उसका पति जो कि एक कंपनी में जॉब कर रहा था वो उसे 12 साल पहले तलाक़ दे चुका है और वो एक महिला गृह उधोग में काम कर रही है. अब मेरा रोज का काम ठीक चल रहा था, में मेरे रूम में बहुत टाईप की ड्रिंक्स का पूरा मज़ा लेता था और पॉर्न मूवी भी देखता था. फिर मेरे पास के ऑफिस में चंदा नाम की एक आईटम औरत काम करती थी. मेरा सम्पर्क हमेशा उससे होता रहता था और रात को में उसके नाम से मुठ मारा करता था.
एक दिन में काम से 4 दिनों के लिए दिल्ली चला गया. उन दिनों मेरी मकान मालकिन पूनम ने मेरा रूम सॉफ करते वक़्त वो सभी ब्लू फिल्म की सीडी देख ली और वो उनको देखकर गर्म हो गई थी. जब में वापस लौटा तो मैंने उसके व्यवहार में चेंज देखा. वो अब मेरे रात के खाने का पूरा ख्याल रख रही थी. फिर एक हफ्ते के बाद उसने मुझे डोर के होल में से मुठ मारते देख लिया और दूसरे दिन मुझसे बहुत फ्रेंकली होकर बातें करने लगी. फिर उसने मुझे सीधे से उसके शरीर की प्यास की प्रोब्लम बताई.
वो जहाँ काम करती थी वहाँ उसे सभी औरतें ताई बुलाती थी और उनका बूढा बॉस सभी खूबसूरत औरतों को अपने कैबिन में बुलाकर उनकी जवानी का मज़ा लेता था. एक दिन पूनम मेरे रूम में आई और पूनम ने कहा में एक औरत हूँ और मेरी ज़िंदगी सूनी है. मेरा पति तो मेरे साथ नहीं है, में कब तक अकेली रात गुजारुँगी, मुझे एक साथी चाहिए जिससे में अपनी हर बात कह संकू, मेरे भी कुछ अरमान है. में जाने कितने दिनों से तड़प रही हूँ, प्लीज़ आज की रात मुझे अपना बना लो, इतना कहकर वो मुझसे लिपट गयी.
फिर हम किस करने लगे और मैंने पूनम का कुर्ता उतारा, ओह्ह्ह माई गॉड क्या बूब्स थे? में पहली बार उसके बूब्स देख रहा था. उसने रेड कलर की ब्रा पहन रखी थी और फिर मैंने बूब्स को दबाना शुरू किया और किस किया और फिर उसकी ब्रा उतारी और बूब्स को चूसने लगा. इतने में पूनम ने मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरे लंड को मुँह में डालकर चूसने देने लगी. मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उसको पूरा नंगा किया और उसकी पेंटी भी उतार दी. पूनम की चूत एकदम क्लीन शेव थी. फिर मैंने उसकी चूत चाटना शुरू किया और फिंगरिंग भी की तो थोड़े समय बाद पूनम ने झड़ना शुरू कर दिया और पूनम बोली कि धीरज आई लव यू. आज से तुम मेरे मर्द हो और जब तुम चाहों मुझे आकर चोद सकते हो.
फिर मैंने पूनम को बेड पर लेटा दिया और उसके शरीर को ऊपर से नीचे तक चाटने लगा. उसकी चूत के छेद में उंगली डालकर उसे चोदता रहा. पूनम बोली अब और मत तड़पाओ मुझे, अब मुझे चोद दो में बहुत प्यासी हूँ. फिर में अपना लंड पूनम की चूत में डालने लगा और पहले ही झटके में लंड अंदर नहीं गया. अब पूनम मौन करने लगी, अहह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्ह धीरज देखो बेचारी मेरी चूत कैसे तुम्हारे लंड के लिए तड़प रही है? आओ ना उसकी प्यास बुझाओ मेरे राजा, अब नहीं सहा जा रहा. आओ ना चोदो मुझे और मैंने तुरंत उसके होठों पर मेरे होंठ रख दिए. फिर पूनम ने मेरे लंड को पकड़ा और चूत पर रखा और कहा हाँ अब डालो अंदर जल्दी से मुझसे रहा नहीं जा रहा है.
फिर मैंने भी कुछ नहीं सोचा और ज़ोर का झटका मारा और आधा लंड उसकी चूत को चीरते हुए घुसेड दिया, फिर में उसे धीरे-धीरे चोदता रहा. फिर पूनम बोली कि धीरज धीरे करो, तो मैंने एक और झटका मारा तो पूनम ज़ोर से चिल्ला उठी अहह धीरज दर्द हो रहा है.
फिर मैंने उसे धीरे-धीरे चोदना शुरू किया और पूनम और ज़्यादा मौन कर रही थी. ओह्ह्ह में मर गई और फिर पूनम बोली कि बहनचोद धीरे चोद ना, में कहीं भागी जा रही हूँ क्या? में और जोश में आ गया और बोला कि पूनम अब तो तू मेरी रंडी है मेरी 24 घंटे की रखेल है, मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है. फिर में ज़ोर-ज़ोर से उसकी चूत में धक्के लगाता रहा, अब पूनम भी बड़बड़ा रही थी. आआहह धीरे मेरी चूत फट जायेगी, आआअहह आअहह और चोदो मेरी चूत को, इसको भोसड़ा बना दो और चोदो मुझे अपनी बीवी बना लो आअहह ऊऊहह माँ ज़ोर से चोदो मुझे, हाइईइ क्या लंड है तुम्हारा? धीरज रूको मत, पेलते जाओ अपना लंड मेरी चूत के अंदर, बहुत मज़ा आ रहा है, मत रूको मेरे राजा, हाइईईई आहहहहहह आआहह. अब में उसे एक स्पीड में चोदने लगा तो वो बोली कि अब और इंतज़ार मत करवा मेरे राजा, चोद दे मुझे, चोद दे इस पूनम रानी को, मेरी चूत कब से लंड की प्यासी है, इसकी तड़प मिटा दे और अब और देर ना कर.
अब पूनम दर्द और मस्ती में गांड उछाल उछालकर चुदवाने लगी थी. पूरा डाल दे और चोद दे अपनी रंडी को आज, मेरी और अपनी प्यास बुझा दे आआ अयाया ह्ह्ह्हम्म्म्म. फिर मैंने उसका दर्द जानते हुए अपनी स्पीड कम कर दी, तो वो बोल पड़ी नहीं मेरे राजा तू रुक मत, दर्द में ही तो मज़ा है. ये मेरी चुदक्कड़ चूत बहुत दिनों से चुदी नहीं है इसलिए फड़फडा रही है. तू चोदना चालू रख और पानी मेरी चूत में ही डाल दे और मेरी आग शांत कर दे हाईईईईईई मर जाऊं में तेरे लंड पर. मुझे आज तक जिंदगी में ऐसा मज़ा कभी नहीं आया था. हाईईइ तेरे लंड ने मुझे मस्त कर दिया है, क्या फौलादी लंड है? आआहहह हाइईईई, में आज से सिर्फ़ और सिर्फ़ तेरी पूनम रानी हूँ. में आज से तेरे लंड की गुलाम हूँ आआहह और ज़ोर से आअहहू. फिर 20 मिनिट के बाद मुझे लगा कि मेरा पानी अब छूटने वाला है. तभी पूनम का शरीर अकड़ गया और वो झड़ गयी. फिर में धक्का लगता रहा और फिर मेरा भी छूटने वाला था तो मैंने पूनम की चूत में ही अपना माल निकाल दिया.
फिर मैंने कहा कि पूनम आज से में जैसे चाहूँ तुझे चोदूंगा. फिर पूनम जोश में आकर मेरे सीने से लिपट गई तो मैंने कहा हाँ पूनम रानी मुझे ऐसे चोदने दे. में तुझे इतना प्यार दूँगा कि तेरे पति ने भी तुझे ना दिया होगा, में तुझे आज से जमकर चोदा करूँगा और बोला कि पूनम रानी आज तो तेरा भोसड़ा बनाकर रख दूँगा और करीब 20 मिनट के बाद मैंने उसकी चूत में उंगली डाली और उसे अपनी उंगली का जादू दिखा दिया और उसका सारा रस निकाल दिया और फिर पूनम भी झड़ गयी और फिर में बेड पर आराम से लेट गया, तो पूनम ने कहा कि ऐसी चुदाई मेरी आज तक नहीं हुई. मुझे आज के जितना मज़ा कभी नहीं आया, लव यू धीरज. मैंने भी कहा कि मुझे भी बड़ा मज़ा आया मेरी पूनम रानी, लव यू टू पूनम.
फिर थोड़ी देर के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा तो मैंने पूछा तुमने गांड मरवाई है. तो पूनम बोली हाँ चाचा अक्सर गांड चोदते है. ये वही चाचा है जो फैक्ट्री के ऑफिस में औरतों को हमेशा चोदा करते है. तो में बोला तब तो मजा आ जायेगा, में भी तेरी गांड मारूँगा. फिर पूनम ने कहा कि अभी तो मेरी चूत की बारी है उसे और एक बार शांत करो, तो मैंने कहा रानी तेरी चूत इतना मज़ा देती है तो तेरी गांड में लंड घुसेड़कर क्यों ना तेरी इतने दिनों की भूख को को मिटा दिया जाये? इस पर पूनम ने मुस्कुराकर कहा कि मेरे बलम में तो तुम्हारी ही हूँ, जब जी चाहे जैसे चाहे चोद दो मुझे और वो डॉगी स्टाईल में बेड पर झुककर बैठ गई. फिर मैंने उसकी गांड के छेद पर अपना लंड रखकर एक धक्का लगाया. पूनम की गांड काफ़ी टाईट थी. फिर मैंने लंड उसकी चूत में डालकर गीला कर लिया और फिर से उसकी गांड में डालने लगा.
फिर लंड करीब 2 इंच अन्दर गया ही था तो पूनम बोली कि बहुत दर्द हो रहा है, तुम्हारा बहुत बड़ा लंड है. मेरी गांड में धीरे धीरे डालना और वो ज़ोर से चिल्लाने लगी उई माआआअ मेरी तो गांड फटटटट गइईईईईईईईईईईईईईई अहह आज तक कभीईईईईईईईईईईईई मेरे पतिईईईईईईईई ने भी मेरीइईईईईईई गांड नहीं मारी थीईईईईई अह्ह्ह्हहहह आअहह ज़ोर ज़ोर से और ज़ोर से मेरी जान, आआहह मिटा दे मेरी प्यास, तू मुझे अपनी जान बना ले, मुझे ऐसे रोज चोदा कर, अब तक कहाँ था तू मेरे राजा, मेरी प्यास तो आज तूने बुझाई है. फिर में उसकी गांड में लंड पेलता रहा और फिर करीब 15 मिनट के बाद में में उसकी गांड में ही झड़ गया. उस रात मैंने पूनम को 4 बार चोदा और हम सो गये.
दूसरे दिन रविवार था इसलिए वो भी सुबह देर तक मेरे साथ ही सोई रही और फिर रविवार के दिन हमने बहुत मजा किया. फिर बातोँ-बातों में मुझे पता चला कि पूनम मेरे एक पहचान के आदमी की पहली बीवी है और उन दोनों का तलाक़ हो चुका है, उसे प्रेग्नेन्सी की प्रोब्लम थी इसलिए पूनम ने उसे बिना बतायें झगड़ा करके उससे तलाक़ लिया था. इसका मतलब में सुरक्षित था और में उसके साथ और भी ज़्यादा संबंध बना सकता था. मैंने पूनम को नहीं बताया कि में उसके पति को जानता हूँ.
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