पड़ोसी की बेटी की चूत चोदी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मूसा है. दोस्तों में आज पहली बार अपनी पहली कहानी लिख रहा हूँ और मुझे पूरी उम्मीद है कि यह आप सभी को जरुर पसंद आएगी. दोस्तों यह कहानी आज से एक साल पुरानी है. उस वक़्त में 19 साल का था और मेरे लंड साईज़ 7 इंच है. जिसे मैंने चोदा वो लड़की 18 साल की थी और उसके बूब्स का साईज़ करीब 24-26-28 था. उसकी कमर बिल्कुल पतली एकदम सेक्सी थी और उन दिनों में हमने अपना घर बदल लिया था और हमारे नये घर के पड़ोस में एक फैमली रहती थी, जिनमें मम्मी, पापा, और उनकी दो बेटियाँ रहती थी और उनकी बड़ी लड़की का नाम कुसुम था.
दोस्तों जैसा उसका नाम वैसी वो खुद भी थी. वो दिखने में बहुत सुंदर, उसकी पतली कमर, बड़ी बड़ी आंखे, लंबे काले बाल, एकदम गोरा गदराया हुआ बदन, खिले गुलाब की तरह नाजुक गुलाबी होंठ, वो मुझे अक्सर घूरती रहती थी और में भी उससे कभी कभी बात कर लिया करता था. वैसे वो दिखने में बहुत सेक्सी लगी थी. उसका गदराया हुआ बदन हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करने वाला था और वो हमेशा बिल्कुल फिट कपड़े पहना करती थी जिसकी वजह से उसका जिस्म और भी मस्त लगता था. में भी उसे कोई मौका देखकर उसकी नजरों से छुपकर घूरता रहता था और अब समय धीरे धीरे गुजरता गया और मेरी उससे बातचीत भी अब कुछ ज्यादा होने लगी थी. हम दोनों बहुत देर तक हंसी मजाक किया करते और इधर उधर की बातें करते.
दोस्तों यह बात उस दिन की है जब मेरी और उसकी फैमिली दोनों को मुझे और कुसुम को अकेला छोड़कर दो दिन के लिए बाहर एक शादी में जाना पड़ा, क्योंकि उस समय हमारे कॉलेज में पेपर चल रहे थे, तो हम दोनों अब अपने अपने घर पर पढ़ाई करने के लिए रुक गए थे और उसी शाम को 6 बजे दोनों घर के सभी लोग शादी में चले गए और अब हम दोनों अपने अपने घर पर अपने आने वाले पेपर के लिए पढ़ाई कर रहे थे. तभी कुछ देर बार उसे एक सवाल में कुछ समस्या हुई तो उसने मेरे पास आकर मुझसे मदद माँगी.
फिर मैंने उसे अपने ही घर में बुला लिया और उसे सवाल समझाने लगा, तभी अचानक से उसका दुपट्टा कंधे से थोड़ा सरकते हुए नीचे गिर गया और अब मेरी नज़र उसके बूब्स पर गई, वो उसके बड़े गले के सूट से आधे आधे बाहर आ रहे थे और बहुत सुंदर दिख रहे थे. में उसकी छाती को अब बहुत देर तक लगातार घूरता रहा, लेकिन तभी उसने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया और में इन सब से बिल्कुल अंजान बनकर इधर उधर देखने लगा. दोस्तों हमें पढ़ाई करते हुए करीब रात के 9 बज गए थे और अब हमें नींद आने लगी. फिर कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि में अब सोने जा रही हूँ और वो अपने घर पर जा ही रही थी कि अचानक पूरे इलाके की लाईट चली गयी और बाहर अंदर एकदम अंधेरा हो गया तो वो एकदम से डरकर मुझसे चिपक गई और में उसकी पीठ पर हाथ सहलाने लगा.
तभी कुसुम ने बहुत डरते हुए मुझसे कहा कि मुझे अंधेरे से बहुत डर लगता है. क्या में आज रात तुम्हारे घर पर ही सो सकती हूँ? तो मैंने भी झट से हाँ कर दिया, क्योंकि में भी तो यही सब चाहता था. मैंने उससे कहा कि तुम जब तक चाहो यहाँ पर सो सकती हो वैसे भी में अकेला सोता हूँ, लेकिन अब हम दोनों एक साथ सो जाएगें तुम बिल्कुल भी मत डरो तुम्हारे पास में हूँ ना और अब हम दोनों ज़मीन पर बिस्तर बिछाकर लेट गए और में उसकी चुदाई के सपने देखने लगा. मुझे नींद नहीं आ रही थी और फिर थोड़ी देर के बाद मैंने मौका देखकर उसके पेट पर अपना एक हाथ रख दिया, लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा
मैंने सोचा कि शायद या तो कुसुम सो गई है या फिर वो भी वही सब मुझसे चाहती है जिसकी में उससे उम्मीद रखता हूँ क्योंकि उसकी दोनों आखें बंद थी और वो एकदम सीधी लेटी हुई थी और यह बात सोचकर में अब थोड़ी और हिम्मत करके आगे बढ़ने लगा और मैंने अपने हाथ को अब उसके पेट पर घुमाना शुरू कर दिया, लेकिन तभी उसने मुझसे कहा कि यह तुम क्या कर रहे हो? दोस्तों में एकदम से डर गया और मैंने थोड़ी हिम्मत करके कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और में उसे अब पकड़कर ज़ोर से किस करने लगा.
फिर उसने मुझसे कहा कि यह सब बहुत ग़लत है, प्लीज अब इसे बंद करो, मैंने उससे कहा कि इसमें कुछ ग़लत नहीं है क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करती? तो उसने कुछ देर रुककर कहा कि हाँ में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और फिर उसके मुहं से बस इतना सुनते ही में उसके ऊपर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा. में उसके होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. फिर कुछ देर बाद वो भी जोश में आकर बिल्कुल गरम हो गई और अब मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. किस करते हुए मैंने अपना दूसरा हाथ भी उसके बूब्स पर रख दिया और ज़ोर से दबाने लगा. वो अजीब सी आवाजें निकालने लगी सईईईईई ऊईईईईईईइ अहह्ह्ह्हह्हह और अब वो मोन करने लगी.
फिर मैंने जल्दी से उसका सूट उतार दिया और उसकी ब्रा को भी उतार दिया और उसके बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा. वाह दोस्तों मुझे उसके बूब्स को मुहं में लेने पर बहुत अच्छा अहसास हुआ क्योंकि उसके बूब्स बहुत बड़े, गोल, एकदम मुलायम रुई की तरह थे और अब उसके बूब्स का वो हल्के भूरे रंग का निप्पल मेरे मुहं में आ गया था. वाह! क्या मस्त स्वाद था उसके बूब्स का? फिर में करीब एक घंटे तक उसके बूब्स को चूसता रहा और उसकी गर्दन, गले, गाल पर किस करता रहा.
वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी फिर में उसके बूब्स को छोड़कर धीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ा और उसकी सलवार और पेंटी को उतारकर फेंक दिया और हम 69 पोज़िशन में आ गए और फिर मैंने उससे अपना लंड चूसने को कहा और में खुद उसकी चूत को चाटने लगा. दोस्तों उसकी चूत एकदम चिकनी थी और उस पर एक भी बाल नहीं था. में उसकी चूत को करीब तीस मिनट तक लगातार चूसता, चाटता रहा और वो भी पागलों की तरह मेरा लंड चूसती रही. उसको ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर में उठा और उसे सीधा लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को फैलाकर मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया और अब में उसके ऊपर चढ़ गया और मैंने अपना लंड उसकी कुँवारी चूत पर रखकर एक ज़ोर का धक्का मारा और उसके मुहं से बहुत ज़ोर से चीखने की आवाज़ निकली आआहह आईईईई और वो एकदम से छटपटाने लगी.
उसने मुझे पीछे घकेलने की बहुत कोशिश की, लेकिन मेरी मजबूत पकड़ की वजह से वो कुछ देर बाद नाकाम होकर शांत हो गई और मैंने भी थोड़ी देर रुककर उसका दर्द कम होने का इंतजार किया और कुछ देर बाद जैसे ही मैंने दूसरा ज़ोर का धक्का मारा और उसकी चूत की सील टूट गयी और उसकी चूत से खून बाहर निकलने लगा और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चीखने, चिल्लाने लगी प्लीज मुझे छोड़ दो आईईईईईइ अपना लंड बाहर निकालो अह्ह्ह्हह्ह प्लीज बाहर करो इसे उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह माँ प्लीज मुझे बहुत दर्द हो रहा है, में मर जाउंगी और वो मेरी पीठ पर नाख़ून गढाने लगी, जिससे में और भी जोश में आ गया और मैंने बिना रुके अपने 7 इंच के लंड को उसकी चूत में लगातार धक्के देकर डालने लगा और ताबड़तोड़ धक्के देकर चुदाई करने लगा और उसके बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. वो बस आवाज़ें निकाल रही थी आअहह आईईईईई मर गई उह्ह्ह माँ प्लीज अब तो छोड़ दो मुझे, थोड़ा धीरे करो मेरी, चूत फट जाएगी, लेकिन कुछ देर बाद उसका दर्द और सिसकियाँ अब मज़े में बदल गई.
अब तक जो लड़की मुझसे छोड़ देने की बात कह रही थी, अब वही लड़की मुझसे अपनी जमकर चुदाई करने का आग्रह कर रही थी. वो कह रही थी कि हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे. में आज अभी से सिर्फ तुम्हारी हूँ चोदो मुझे और दम लगाकर चोदो. फाड़ दो मेरी चूत को, भोसड़ा बना दो आज इसका, चोदो मुझे और ज़ोर से चोदो और करीब 15 मिनट बाद अचानक उसका शरीर एकदम से अकड़ने लगा और वो चिल्लाने लगी हाँ और ज़ोर से और ज़ोर से और अंदर डाल दो पूरा का पूरा मेरी चूत के अंदर घुसा दो, लेकिन फिर वो बिल्कुल ढीली पड़ गई तो में समझ गया कि वो अब झड़ चुकी है. उसके पांच मिनट बाद वो एक बार फिर से जोश में आ गई और मैंने भी अपने धक्के तेज़ कर दिए.
फिर करीब तीस मिनट बाद मैंने अपना सारा वीर्य उसकी गरम जोश से भरी हुई चूत में तेज धक्कों के साथ भर दिया और वो भी एक बार फिर से झड़ गई और में थककर उसके ऊपर गिर गया और उसके बूब्स को चूसने लगा. में दस मिनट तक ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा और फिर लाईट आ गई.
दोस्तों मैंने उस रात उसे दो बार चोदा और एक बार उसकी गांड भी मारी और उसके मुहं को अपने वीर्य का स्वाद भी कई बार चखाया और सुबह हम दोनों ने उठकर नहाने के बाद नाश्ता किया और फिर हमने दूसरे दिन और रात करीब आठ बार चुदाई के मज़े लिए. वो पूरे जोश से अपनी चुदाई में मेरा साथ दे रही थी और मैंने इन दो दिनों में उसकी कुंवारी चूत को चोद चोद कर भोसड़ा बना दिया था और फिर उसके बाद तीसरे दिन हमारी फैमिली वापस आ गई, लेकिन उसके बाद हमें जब भी मौका मिलता तो में उसकी जमकर चुदाई कर देता. मैंने उसको एक बार हमारी छत पर भी ले जाकर चोदा और बहुत मज़े किए.
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छोटे भाई से बूब्स दबवाने का मजा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीरा है और यह मेरी पहली सेक्स घटना है और जिसमें मुझे मेरे छोटे भाई ने चोदा. अब में आप सभी को अपनी उस घटना का अनुभव पूरी तरह विस्तार से सुनाने जा रही हूँ और में उम्मीद करती हूँ कि आप सभी को इसे पढ़ने में बहुत मज़ा आएगा और अब में अपना परिचय करवा देती हूँ. में समीरा और मेरी उम्र 22 साल है, में दिखने में बहुत सुंदर, गोरी मेरा गदराया हुआ बदन, बड़ी बड़ी आंखे, गोल चेहरा, पतली कमर, बड़े ही सुडोल बड़े बड़े आकार के बूब्स, मस्त सेक्सी गांड को देखकर हर किसी का लंड पानी छोड़ने पर मजबूर हो जाता है, मेरी लम्बाई 5.7 इंच है.
दोस्तों यह घटना एक साल पुरानी है, जब मेरी उम्र 21 साल और मेरे भाई की उम्र 18 साल थी और उस दिन मेरे मम्मी और पापा किसी काम से कुछ दिनों के लिए आउट ऑफ स्टेशन गये हुए थे तो उस दिन में और मेरा छोटा भाई रूम में बैठे हुए थे और उस समय वो फोन पर गेम खेल रहा था और में बेड पर बैठी हुई थी और मैंने उस समय गहरे गले की नाईटी पहनी हुई थी और जिसमें से मेरे बूब्स बड़े आकार के होने की वजह से बहुत ही सुंदर और आधे से ज्यादा नंगे दिख रहे थे तो वो अब मेरी तरफ चोरी चोरी देख रहा था और मुझे बहुत अजीब सा लगा, लेकिन थोड़ा थोड़ा अच्छा भी लग रहा था और वैसे में घर पर ज्यादातर नाईटी ही पहना करती थी और बाहर जाते समय बिल्कुल टाईट जींस और टी-शर्ट पहना करती थी, जिसकी वजह से बाहर का हर एक लड़का मुझे देखकर लाईन मारता था.
फिर थोड़ी ही देर के बाद मैंने उससे कहा कि टीनू प्लीज मेरे पैर दबा दे बहुत दुख रहे है, उसने एकदम से बोला कि हाँ अभी दबा देता हूँ दीदी और अब उसकी आखें जैसे बिल्कुल चमक सी उठी हो. मैंने एक कंबल ले रखा था और अब वो मेरे पैर दबाने लगा और में बेड पर लेट गई. दोस्तों उसका व्यहवार पिछले कुछ दिनों से मेरे लिए एकदम बदल सा गया था, क्योंकि मैंने बहुत बार गौर किया कि वो मुझे किसी ना किसी बहाने से छूने की कोशिश किया करता था और मेरी छाती को घूर घूरकर देखता रहता तो कभी मेरे कूल्हों को पकड़कर छूने लगता और मुझे भी उसका यह सब करना बहुत अच्छा लगता था.
मैंने उससे कहा कि टीनू प्लीज थोड़ा और अंदर से दबा दे और अब वो बोला कि ठीक है दीदी तो वो कंबल के अंदर हाथ डालकर मेरे पैर दबाने लगा. मुझे धीरे धीरे थोड़ा आराम आने लगा और नींद भी और थोड़ी देर के बाद मुझे महसूस हुआ कि टीनू मेरे पैर दबा रहा है और जब मेरी आँख खुली तो मैंने उससे कहा कि पैर दबा. वो बोला कि ठीक है दीदी, लेकिन अब मुझे फिर से नींद नहीं आ रही थी, वो बार बार मेरी जांघ की तरफ आ रहा था और मेरी आंखे बंद थी.
फिर वो थोड़ी देर के बाद घुटनों के ऊपर से मेरी जांघे दबाने लगा, लेकिन मैंने उससे कुछ नहीं बोला, लेकिन मेरी पेंटी को उस बात का इंतजार हो रहा था. फिर मैंने कंट्रोल किया कि यह मेरा छोटा भाई है. फिर एकदम से उसने अपना हाथ मेरी पेंटी पर रख दिया और वो धीरे धीरे आगे बढ़ने लगा. तभी में एकदम झट से उठ गई और उससे बोली कि तू यह क्या कर रहा है टीनू?
वो मुझसे बोला कि दीदी सॉरी वो सब ग़लती से हो गया. में तो सिर्फ़ आपको सुलाने की कोशिश कर रहा था. फिर में बिल्कुल शांत, चुपचाप होकर लेट गई और अब वो फिर से मेरे पैर दबाने लगा, लेकिन थोड़ी ही देर के बाद फिर उसने मेरी पेंटी पर हाथ रख दिया, लेकिन इस बार मैंने उससे कुछ नहीं बोला. फिर मैंने सोचा कि शायद इस बार भी वो मुझे सुलाने के लिए यह सब कर रहा है. वैसे दोस्तों में सच सच बताऊँ तो मुझे उसके हाथ का स्पर्श अपने जिस्म पर बहुत अच्छा लग रहा था और मेरे अंदर एक अजीब अहसास आने लगा था.
फिर वो अपना हाथ धीरे धीरे मेरी पेंटी पर रगड़ने लगा और में ऐसा व्यहवार कर रही थी कि जैसे में अब गहरी नींद में सो रही हूँ. तभी अचानक से उसने अपना एक हाथ मेरी पेंटी के अंदर डाल दिया और अपना दूसरा हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया, जिसकी वजह से मेरी हालत बहुत खराब हो रही थी और अब में उसे रोकना चाहती थी, लेकिन पता नहीं क्यों रोक नहीं पा रही थी. वो मेरा छोटा भाई था और उसका स्पर्श मुझे बहुत मज़ा भी दे रहा था.
फिर में कुछ देर बाद थोड़ी हिम्मत करके एकदम से उठी और फिर उस पर ज़ोर से चिल्लाई कि टीनू क्या तुझे बिल्कुल भी शर्म नहीं आती, में तेरी बहन हूँ? लेकिन इसके चेहरे पर तो एक शरारती स्माईल थी और अब वो मुझसे कहने लगा कि दीदी तुम बहुत सुंदर हो. फिर मुझे बहुत गुस्सा आया और फिर वो मुझसे बोला कि दीदी तुम्हारा जिस्म बहुत सुंदर है और तुम्हारे बूब्स, चूत तो मुझे बहुत ही अच्छे लगते है. फिर मैंने गुस्से में उसे एक ज़ोर का थप्पड़ लगा दिया, लेकिन उसने अब मुझे कसकर पकड़ लिया. में उसके ऊपर चिल्लाई और अब वो मुझसे बोला कि चुप कर रंडी साली कुतिया बाहर के लोगो से मरवा सकती है तो फिर तुझे मेरे से क्या दिक्कत है?
फिर उसने भी मुझे एक थप्पड़ मारा और मुझे बेड पर पटक दिया और बोला कि आज तो तू मुझसे चुदेगी समीरा. फिर में ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और उससे बोली कि प्लीज टीनू में तेरी बहन हूँ, प्लीज मुझे छोड़ दे और फिर वो बोला कि हाँ तो में भी बहनचोद हूँ और अब वो मेरे ऊपर लेट गया और मुझे किस करने लगा. फिर मैंने उसे अपने ऊपर से हटाने की बहुत नाकाम कोशिश की, लेकिन उसमें बहुत दम था. वो मुझसे बोला कि साली रांड रोना बंद कर और मेरे साथ साथ अपनी चुदाई का पूरा पूरा मज़ा ले. फिर उसने अपना लंड पेंट से बाहर निकाला और मेरे सर के बालों को ज़ोर से पकड़कर मेरे मुहं में डाल दिया तो एकदम में कांप उठी और वो ज़ोर जोर से हंसने लगा.
फिर करीब दस मिनट में उसने मेरे मुहं में अपने लंड को आगे पीछे ज़ोर ज़ोर से धक्के देने के बाद अपना गरम गरम वीर्य डाल दिया और अब मुझे भी उसका ऐसा करना थोड़ा थोड़ा अच्छा लग रहा था. फिर उसने मुझे किस करना शुरू किया और अब मैंने भी उसका पूरा पूरा साथ दिया. अब वो मेरे बूब्स को पागलों की तरह चूसने और दबाने लगा.
फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज आईईईइ थोड़ा आराम से टीनू उह्ह्ह्ह प्लीज में तेरी बहन हूँ थोड़ा प्यार से कर. वो बोला कि चुपकर कुतिया भोसड़ी की और मेरे बूब्स बिल्कुल लाल हो गए और मेरी सिसकियों की आवाज़ अब धीरे धीरे तेज होती जा रही थी. फिर में उससे बोली कि प्लीज मेरे आह्ह्हह्ह्ह्ह भाई आराम से यह तेरी ऊईईईईईई बहन मर जाएगी, प्यार से कर मेरी जान.
फिर वो बोला कि हाँ हरामजादी में आज तुझे मार ही डालूँगा और तभी में बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी, जब उसने मेरे बूब्स पर बहुत ज़ोर से काटा उफफफफफफफफफफ्फ़ टीनू मरररर गई आऐईईईई माँ बचाओ मुझे, प्लीज अब छोड़ दे मुझे, लेकिन उसने अब मुझे एक थप्पड़ मारा और बोला कि बिल्कुल चुप हो जा रंडी और अब वो मेरी चूत को चाटने लगा ऊऊईईइ माँ वाह दोस्तों मुझे ऐसा अहसास हुआ जैसे कि में आज जन्नत में थी, जब वो मेरी चूत को चाट रहा था और अपनी गरम गरम जीभ से मुझे चोद रहा था और में थोड़ी ही देर में झड़ गई.
तभी उसने बस एक मिनट लगाया और मेरी बैचेन चूत में एक ही बार में अपना पूरा का पूरा लंड अंदर घुसा दिया और अब ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, में बोल रही थी कि टीनू हरामी हाँ आज और ज़ोर से चोद अपनी उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बहन को साले और चोद हाँ और ज़ोर से धक्का अह्ह्ह्ह्ह दे देकर चोद मुझे आज. तभी उसकी चुदाई करने की स्पीड और भी तेज हो गई और हमने करीब आधे घंटे तक लगातार चुदाई की और फिर वो झड़ गया, लेकिन दोस्तों उसके बाद उस दिन हमने तीन बार और चुदाई की और उसके बाद मेरा सारा शरीर दर्द कर रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरा रेप हुआ हो, लेकिन मुझे उस चुदाई मे बहुत मजा आया और उसने मेरी चूत को बहुत देर तक जमकर चोदा.
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रंडी माँ और बहन का बिजनेस

हैल्लो दोस्तों, में जब 6 साल का था तो मेरे पापा की मौत हो गई थी और तब मेरी माँ 27 साल की ही थी और मेरी एक बहन है जो 8 साल की थी और में 8वीं क्लास में आ गया था और मेरी बहन 10वीं क्लास में थी. मेरे घर के हालात अच्छे नहीं थे. मेरी माँ के पास कोई जॉब भी नहीं थी और पापा की पेंशन इतनी कम थी कि हम दोनों के खर्चे भी पूरे नहीं होते थे और अब तो पढाई का खर्चा भी बहुत ज्यादा हो गया था. मेरी बहन को 12वीं की परीक्षा के बाद उसको पढाई के लिए एक अच्छी कोचिंग की ज़रूरत थी, लेकिन उसके लिए घर में इतने पैसे नहीं थे कि उसका एड्मिशन करवा सक़ते.
मेरे पापा का एक दोस्त है जिनका मेरे पापा के साथ बहुत अच्छा रीलेशन था और पैसो के मामले में भी उनका साथ अच्छा था. यह सोचकर मेरी माँ उनसे 1 लाख रुपये उधार लेने गई. अंकल ने हाँ कर दी, लेकिन वो माँ को बोला कि इसके बदले आप मुझको क्या दोगे? तो माँ ने बोला आप मेरा घर गिरवी रख लो. लेकिन वो बोला में 1 लाख रुपये तो दे दूंगा, लेकिन आपको कुछ और काम करना होगा तो माँ बोली में कुछ भी कर लूंगी? लेकिन माँ को नहीं पता था कि वो क्या करवायेगा. फिर उसने माँ से बोला कि वो एक हफ्ते के लिए उसके साथ किसी हिल स्टेशन पर चले. माँ मज़बूर थी और वैसे भी बहुत साल तक मेरी माँ की चूत में लंड नहीं गया था तो उसने हाँ कर दी.
फिर वो निर्मल अंकल के साथ एक हफ्ते के लिए चली गई और वहाँ निर्मल अंकल के बिजनस पार्टनर ने भी मेरी माँ की चुदाई की. माँ बहुत खुश थी उसको बहुत टाईम के बाद लंड मिला था और वैसे भी एक हफ्ते का 1 लाख मिल रहा था. फिर एक हफ्ते के बाद वो वापस आई और वो बहुत खुश और फ्रेश लग रही थी. में यह सोच रहा था कि इस रांड को में भी चोदूं तो यह खुश हो जायेगी. एक सिलसिला अब स्टार्ट हो गया था और निर्मल अंकल अब मेरी माँ को अपने काम के लिए नये नये ग्राहकों को चुदाई के लिए भेज देता था. अब मेरी माँ अच्छी कमाई कर रही थी और घर में सब खुश थे. अब तो माँ कार में जाती थी. फिर एक दिन जब मेरी बहन घर पर थी तो निर्मल अंकल घर आए और मेरी बहन जो कि सच में किसी मॉडल से कम सुंदर नहीं है, उस पर उसकी नज़र पड़ी, वो अब तक वर्जिन थी. फिर उसने मेरी माँ से बोला कि तू जो कीमत बोलेगी वो दूंगा, अपनी बेटी को मेरे साथ 1 हफ्ते के लिए भेज दे. फिर माँ ने बोला कि सुमन (मेरी बहन) से बात करके उसको मनाना होगा अगर वो मान जाती है तो ठीक है.
फिर माँ ने 2 लाख रुपये बोले और सिर्फ़ तुम ही करोंगे और कोई आदमी नहीं होगा तो निर्मल अंकल मान गये और माँ ने उस रात सुमन को भी मना लिया. फिर अगले दिन ही सुमन और मेरी माँ निर्मल अंकल के साथ चल दी और एक हफ्ते बाद वो वापस आई तो उसकी हालत बहुत खराब थी. उससे चला भी नहीं जा रहा था, उसकी गर्दन, लिप पर और बॉडी पर काटने के निशान थे. मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसके साथ बहुत जबरदस्ती सेक्स किया गया हो. वो तो कोई भी होता तो मेरी बहन के साथ यह ही करता, क्योंकि वो कुछ ज्यादा ही सुंदर है. अब तो मेरे घर में दो रांड हो गई थी. मेरा भी दिल करता था कि अपनी बहन और माँ दोनों की चूत में लंड डाल दूँ और उनको अपनी क्रीम पिला दूँ.
एक दिन में और मेरी बहन घर पर अकेले थे और माँ किसी ग्राहक के साथ चूत ठंडी करवाने गई थी और उस रात मैंने पूरा सोच लिया था कि आज में अपनी रांड बहन की चुदाई करके ही रहूँगा. रात के 11 बजे का टाईम होगा में सुमन से कहा कि एक बात बता इस टाईम माँ क्या कर रही होगी? तो वो एकदम चुप हो गई और फिर उसने बोला मुझे पता नहीं है. फिर में बोला कि सुमन तुमको तो अच्छी तरह पता है बताओ ना. तो वो बोली तेरे को शर्म नहीं आती अपनी माँ के बारे में यह बोलते हुए.
मैंने कहा कि अगर माँ और तुम मजा ले सक़ती हो तो में भी ले सकता हूँ और में बोला मेरे तो घर पर ही मजा लेने के लिए 2 रांड है तो बाहर जा कर कौन पैसे देगा? तो उसने बोला शट-अप. फिर में बोला सच ही बोल रहा हूँ और एकदम से मैंने सुमन को पकड़ लिया और किस करना स्टार्ट कर दिया. अब मेरा लंड खड़ा हो गया और में उसकी चूत को रगड़ने लगा. उसने नाईट सूट ही पहना था.
मैंने उसका टॉप ऊपर कर दिया. उसने ब्रा नहीं पहनी थी तो में बोला कि रांड की तरह तुम भी ब्रा नहीं पहनती हो, क्योंकि कभी भी खोलनी पड़ सकती है ना, तो वो बोली हाँ और अब वो गर्म हो गई थी.
फिर वो बोली आज तो फ्री का कस्टमर है. फिर में बोला मेरा लंड अपने मुँह में डालो तो उसने बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूसा. फिर में उसके बूब्स और निप्पल को ज़ोर-ज़ोर से दबाने और चूसने लगा. अब वो चिल्ला रही थी. फिर मैंने बोला कि रांड मेरे करने पर तो दर्द हो रहा है और जो पैसे देता है उनसे मजा आता है.
फिर वो बोली आज से में तेरी बहन नहीं तेरी रांड हूँ और तू मेरा दलाल है. आज से हम पति पत्नी की तरह ही रहेंगे और मेरा पति मेरा दलाल होगा. फिर मैंने सुमन की चूत को चाटा और बोला कि इस चूत में कितने लंड गये है तो वो बोली अभी तक तो ज्यादा नहीं गये, लेकिन अब मेरा पति मेरी चूत में लंड डालेगा और हर रोज नये नये लंड डलवायेगा. फिर में बोला कि में माँ की चूत मारना चाहता हूँ. में अपनी माँ का भी दलाल बनूँगा, फिर क्या था? फिर उसने बोला कि यह काम वो कल ही करवा देगी, यह तो बहुत नॉर्मल काम है. अब तू माँ का यार बन जा, तू बहनचोद तो बन गया, अब मादरचोद भी बन जायेगा फिर तो अच्छा काम चलेगा हम माँ बेटी दोनों का यार एक होगा.
फिर उस रात मैंने अपनी रांड बहन को 4 बार चोदा. अब वो बहुत खुश थी की अब, वो हर रोज किसी से भी चूत चुदवा सकती है अब वो एक पूरी रांड बन गई थी. फिर अगले दिन जब माँ घर आई तो उसकी हालत बहुत खराब थी, तो सुमन ने बोला माँ क्या हुआ आज तो आपकी हालत बहुत खराब हो गई है? फिर उसने बताया कि 2 आदमी की बात करके ले गये थे और वहाँ 8 आदमी थे और उन सब ने पूरी रात मेरी माँ की चूत मारी, और गांड भी मारी, माँ ने सब के लंड भी चूसे, और वो सारी रात उसकी चुदाई करते रहे.
यह बात सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया, जब सुमन ने मुझको यह बात बताई तो जब से मेरा भी दिल कर रहा था की अभी अपनी माँ की चूत में अपना लंड डाल दूँ और उसकी चूत मार लूँ. फिर में सुमन से बोला कि में अभी माँ की चूत मारना चाहता हूँ तो वो बोली कि नहीं अभी तो मुश्किल है. फिर में बोला अभी ही मारनी है, तो उसने कल रात वाली बात माँ को बताई तो माँ ने बोला रात को कर लेगा. लेकिन मुझसे मेरा कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने सुमन पर ज़ोर डाला और माँ को मना लिया.
मेरी रांड माँ की चूत दर्द कर रही थी और फिर में उसके ऊपर चढ़ गया. उसकी हालत बहुत खराब थी, लेकिन फिर भी उसने मुझे अच्छी सर्विस दी जैसे वो ग्राहक को देती होगी. फिर वो बोली अब तू मेरा बेटा नहीं बल्कि हम दोनों का दलाल है और फिर क्या था? अब मेरी माँ और बहन दोनों अच्छा बिजनेस कर रही है और में भी उनकी चूत मार रहा हूँ.
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रीता भाभी और उनकी बेटी की ठुकाई

हैल्लो दोस्तों, में शाहिद एक बार फिर से आप सभी के सामने अपनी एक और सेक्सी कहानी के साथ आप सभी के सामने आया हूँ. दोस्तों में रीता भाभी और ऋतु भाभी को चोद चुका हूँ. रीता भाभी की बेटी मुझसे उम्र में थोड़ी छोटी है, लेकिन उसके बूब्स 34 इंच के है, एकदम ऋतु भाभी के बूब्स के बराबर. वो भी बिल्कुल पतली दुबली है और इतनी गोरी है कि उसके बूब्स से टपकता हुआ दूध दिखाई ही नहीं देता, क्योंकि उसके बूब्स ही इतने सफेद है. दोस्तों मुझे उसकी लड़की को चोदकर जो मज़ा आया वो आज तक किसी कुंवारी चूत की लड़की को चोदकर नहीं आया और रही रीता आंटी की बात वो थोड़ी सी मोटी है, लेकिन इस वजह से उनके बूब्स भी बहुत बड़े है और मेरा पूरा मुहं उनके बूब्स में ही दब जाता है वो हमेशा सेक्सी साड़ी पहनती है और वो हमेशा उनकी नाभि को दिखाती रहती है. वो पीछे से पूरा खुला हुआ ब्लाउज पहनती है जिसे देखकर में हमेशा गरम हो जाता था.
दोस्तों एक दिन अपनी ऋतु भाभी की ब्रा को चाट रहा था और जब भाभी ने मुझे देख लिया और फिर मुझसे चुदवाया. यह कहानी ऋतु भाभी ने रीता भाभी को भी बता दी थी और उन्होंने यह भी बता दिया कि मेरा लंड 7 इंच का काला और चूत का बहुत प्यासा है. एक दिन रीता भाभी आई हुई थी और में भाभी के घर पर अचार पहुँचाने गया हुआ था और फिर जैसे ही ऋतु भाभी किचन की तरफ गई तो रीता भाभी मेरे लंड पर हाथ रगड़ने लगी और मुझे चूमने लगी.
फिर मैंने भी उनके स्मूच का पूरा पूरा साथ दिया और फिर भाभी की नीयत देखकर मेरा लंड और भी बड़ा और तनकर खड़ा होता जा रहा था. स्मूच करते हुये भाभी मुझसे बोली कि मैंने सुना है कि तूने ऋतु को पटक पटककर चोदा है, कभी मुझे भी अपना जलवा दिखा? तो उनके मुहं से यह बात सुनकर मुझे जोश आ गया और अब में क्या बोलता? मैंने झट से हाँ कर दी और फिर हम दोनों थोड़ी देर तक स्मूच करते रहे और ऋतु भाभी ने हमें स्मूच करते हुए देख लिया था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बोला, क्योंकि वो तो मुझे जानती ही थी और इसके बाद में ऋतु भाभी को उनके बाथरूम में ले जाकर चूमने, चाटने लगा और कुछ देर बाद अपना माल उनके मुहं में छोड़ दिया और अब में वहाँ से निकल गया.
उस दिन के बाद में बहुत दिनों तक रीता भाभी से नहीं मिला, लेकिन एक शनिवार को जब में ऋतु भाभी को चोद रहा था तो रीता भाभी का मेरे पास फोन आने लगा और अब में समझ गया कि उन्हे आज मेरे लंड की जरूरत है मैंने उसी वक़्त ऋतु भाभी को यह बात बताई और वो अपनी दोस्त की खातिर इतना करने को तैयार हो गई. भाभी ने कहा कि लेकिन मुझे तो एक बार फ्री कर जा.
फिर मैंने झट से अपनी दो तीन उंगली उनकी चूत में डाली और ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा, भाभी मज़े से उछलने लगी और उनकी गांड को हवा में उठाने लगी उनकी आआहह उह्ह्ह्ह माँ मरी की आवाज से में समझ गया कि अब भाभी की चूत का पानी निकल चुका है. दोस्तों में उस समय बहुत जल्दी में था इसलिए मैंने उनकी चूत को एक बार भी चाटा नहीं और फिर में वहाँ से रीता भाभी के घर के लिए निकल गया और जैसे ही में वहाँ पर पहुँचा तो मैंने दरवाजे पर लगी हुई घंटी बजाई तो भाभी ने ही दरवाज़ा खोला उन्होंने नारंगी कलर की साड़ी पहनी हुई थी.
उनका पेट बहुत सुंदर नज़र आ रहा था और उनका ब्लाउज भी पीछे से बिल्कुल खुला हुआ था और उसमें से उनकी काली कलर की ब्रा नज़र आ रही थी. मुझे देखते ही भाभी ने मेरे लंड को पकड़ा और अब वो मुझसे बोली कि आ गया तू, चल कपड़े उतार और बेड पर चल, आज तू मेरी रांड है. तो मैंने कहा कि क्यों रांड तो आप मेरी हो ना भाभी जी? भाभी ज़ोर से हंसी और मेरा हाथ अपने बूब्स पर रखकर दबाने लगी और अब मेरा लंड तो बहुत लंबा हुआ जा रहा था, बस फिर क्या था?
में भाभी जी को चूमने लगा और में उनको बिस्तर पर लेटाकर मैंने उनकी ब्रा को फाड़ डाला. में उनकी चूत को भी मसलने लगा जिसकी वजह से भाभी बहुत ज़ोर ज़ोर से गरम गरम साँसें भर रही थी आअहह आआआहनन्न उफ्फ्फ्फ़ में जब भी उनकी चूत में अपनी जीभ डालकर हिलाता तो भाभी एकदम से मस्त हो जाती थी और मेरा मुहं अपनी चूत पर दबाने लगती और इन सबसे मेरा लंड भी बहुत कड़क होता जा रहा था. फिर बहुत देर तक चूत को चाटने के बाद मैंने भाभी से कहा कि अब आपकी बारी है और फिर मैंने अपना लंड उनके मुहं की तरफ कर दिया.
अब भाभी ने मेरे लंड को गुस्से से दबोचा और बोली कि बहनचोद क्या मुझसे अपना लंड चुसवाएगा तू? और मेरे लंड को वो बहुत जोश में आकर चूसने लगी और अब मुझे उनकी हवस से पता चल रहा था कि उन्हे बहुत टाईम से किसी का लंड नहीं मिला था और उनके मुहं को चोदते चोदते जब में मुहं में झड़ गया तो मैंने अपना वीर्य भाभी के मुहं से गर्दन और बूब्स पर डाल दिया. भाभी उस वीर्य को चाटने लगी और बोली कि बस बिना चोदे ही झड़ गया क्या साले?
दोस्तों भाभी का यह बात कहने का तरीका मुझमें और भी जोश भर रहा था. फिर भाभी ने फिर से मेरे लंड को चूसना शुरू किया और जैसे ही मेरा लंड खड़ा हुआ तो भाभी उठी और अपनी चूत में मेरा लंड घुसा दिया. उनकी चूत बहुत सालों की चुदाई के बाद बहुत ढीली हो चुकी थी, इसलिए मेरा लंड उनकी चूत में बहुत आराम से अंदर घुस गया और बीस मिनट तक हिलाने के बाद मैंने मौका देखकर भाभी से कहा कि भाभी चुदाई में मुझे बिल्कुल भी मज़ा नहीं आ रहा है प्लीज एक बार मुझे आपकी गांड में डालने दो ना?
यह बात सुनकर भाभी ने मेरी तरफ देखा और मुझे एक स्मूच दिया. फिर वो झुकी और मेरा लंड चूत से निकालकर अपनी गांड में डालने लगी. दोस्तों माँ कसम, गांड मारने में जो मज़ा है वो किसी और छेद में लंड को डालकर चोदने में नहीं है. में भाभी को चोद रहा था और अपने लंड को जबरदस्ती उनकी गांड में ठोक रहा था और चुदाई के पूरे पूरे मज़े ले रहा था.
तभी उसी समय उनकी दरवाजे पर लगी घंटी बजी तो भाभी बहुत डर गई और वो कहने लगी कि लगता है रिया आ गई? दोस्तों रिया उनकी बेटी थी. वही हॉट, सेक्सी, कमसिन वर्जिन लोंडिया जिसका ज़िक्र मैंने कुछ देर पहले किया था. अब भाभी अपने कपड़े उठाने लगी, लेकिन उनकी ब्रा को तो मैंने फाड़ दिया था उन्होंने बिना ब्रा के ही अपनी साड़ी को पहन लिया और जैसे ही उन्होंने रिया के लिए दरवाज़ा खोला और उसने अपनी मम्मी को बिना ब्रा के एक पराए मर्द के साथ देखा तो वो अब सब कुछ समझ गई कि यहाँ पर सेक्स चल रहा है और क्योंकि रिया अब तक वर्जिन थी इसलिए उसकी चूत भी हर वक़्त गीली ही रहती थी और अब उसमें भी चुदने की तड़प थी.
फिर अच्छा मौका देखते ही उसने अपनी माँ से तेज आवाज में पूछा कि मम्मी यहाँ पर क्या चल रहा था? तो भाभी बात को इधर उधर घुमाने लगी, लेकिन वो उसके सामने ना कामियाब रही. फिर रिया बोली कि या तो यह लड़का अब हम दोनों को चोदेगा या फिर में आज शाम को सब कुछ सच सच पापा को बता दूँगी कि मेरी माँ कितनी बड़ी रंडी है और उसकी चूत को कोई भी लंड चोदकर चला जाता है, क्योंकि वो बहुत बड़ी चुदक्कड़ है? दोस्तों रीता भाभी को इतनी देर तक चोदते चोदते मेरा लंड अब बहुत थक चुका था, लेकिन रिया कि यह बात सुनकर मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.
रीता भाभी पहले थोड़ा बहुत हिचकिचाई, लेकिन उनके पास अब और कोई रास्ता भी तो नहीं था. वो चुपचाप आई और अपने कपड़े उतार कर रिया के पास गई और उसके मुहं पर अपने बूब्स रगड़ने लगी. रिया भी फुल मज़े ले रही थी और यह सब देखकर में रिया को स्मूच करने लगा. मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी में डाल दिया और उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा. जिसकी वजह से उसकी चूत का माल मेरे हाथ पर लग रहा था. वो अब पूरी तरह गरम होकर मुझसे चुदने को तैयार थी. मैंने अपना लंड बाहर निकाला और रिया के मुहं में दे दिया और रीता आंटी को उसकी चूत चाटने को कहा. आंटी पूरे मज़े से अपनी बेटी की वर्जिन चूत को मेरे लंड से चुदने के लिए भिगोने लगी और यह सब होता देखकर मेरा लंड सख़्त होता जा रहा था.
फिर मैंने रिया को गोद में उठाया और उसे उल्टा करके उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया, लेकिन उसकी चूत बहुत ज़्यादा टाईट थी इसलिए मेरा लंड इतनी आसानी से जा ही नहीं रहा था. वो बार बार इधर उधर फिसल रहा था. तो मैंने एक ज़ोर का झटका दिया तो उसकी चूत की सिल टूट गई और मेरे लंड पर उसकी चूत का खून लग गया, लेकिन में फिर भी नहीं रुका.
मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के देना चालू रखा और रिया भी बहुत ज़ोर से दर्द होने के कारण चिल्ला रही थी, लेकिन कुछ देर बाद में वो भी अपनी चूत के दर्द को भुलाकर अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी. फिर रीता आंटी भी उनकी चुदाई को देख देखकर अपनी चूत रगड़ रही थी और अपना माल निकालने की कोशिश में लगी हुई थी. फिर अगले आधे घंटे तक में रिया को लगातार धक्के देकर ठोकता रहा और रीता आंटी की चूत को पीता रहा और चूसता रहा. ऐसे ही चोदते चोदते मैंने पहले रिया को चोदकर फ्री किया और फिर अपना लंड हिलाकर दोनों माँ बेटी के मुहं में अपना वीर्य छोड़ दिया. फिर मैंने कुछ देर थोड़ा आराम करके उन दोनों को एक बार फिर से बारी बारी से चोदा और उन दोनों को शांत किया.
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ट्रेन में लिया जीजा का मोटा लंड

हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोशनी है और में हरयाणा की रहने वाली हूँ. दोस्तों में सेक्सी की बहुत भूखी हूँ, लेकिन एक रंडी नहीं और मेरी यह आज की कहानी मेरी पराए मर्द से पहली चुदाई की एक घटना है. दोस्तों में अब 42 साल की हूँ और कमल जीजाजी 58 साल के है और मेरे फिगर का साईज 44-40-48 है. मेरी लम्बाई 5 फीट 7 इंच है और कमल 6 फीट 1 इंच लंबे चौड़ी छाती और थोड़ी मोटे है, लेकिन बहुत अच्छे स्वभाव के है.
दोस्तों अब में आप सभी को मेरा पहला सेक्स अनुभव बताती हूँ. यह मेरा सेक्स कमल से कैसे शुरू हुआ? दोस्तों बात 1996 की है तब में 25 साल की थी. उन दिनों मेरे पति भी आर्मी में थे तभी उनको कुछ बीमारी लग गई और वो बहुत ज्यादा बीमार हो गये और तब ज्यादा मोबाइल नहीं होते थे. तभी मुझे टेलिग्राम से यह मैसेज मिला और में बहुत घबरा गई और मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था. में बस रो रही थी और सोच रही थी कि कैसे अपने पति के पास उनसे मिलने जाऊँ? क्योंकि सफ़र बहुत लंबा था और अंजान था. उसी टाईम मेरे घर पर अपनी पत्नी के साथ कमल मतलब मेरे जीजाजी आ गये मुझसे मिलने ( यानी मेरी मुहं बोली बहन के साथ ) तो मुझे रोते देखकर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या बात है तुम रो क्यों रही हो? तो मैंने उनको सब बता दिया.
उस समय कमल भी आर्मी में थे और वो मुझसे बोले कि इसमें रोने की क्या बात है अगर तुम्हे उससे मिलना है तो चल में तुम्हे वहां पर लेकर चलता हूँ. फिर दीदी ने ही मुझे कुछ सात्वना दी और उन्होंने मेरे घर पर बात करके मेरे भाई को बुला लिया और मेरे भाई ने मेरे साथ जाने के बजाए कमल को मेरे साथ ले जाने के लिए बोला और मेरे दोनों बच्चों को वो अपने साथ गावं ले गया.
फिर उसी रात को कमल मेरे पास रहे और सुबह हम लोग एक प्राइवेट बस से दिल्ली आ गये और फिर वहाँ हमने ट्रेन में फर्स्ट क्लास में सीट बुक करवा ली और रात को दस बजे हमारी ट्रेन चली और टिकिट चेक होने के बाद कमल ने दरवाजा बंद करके मुझे ऊपर सुला दिया और खुद नीचे सो गये और बस यही सफर मेरे लिए पहली पराए मर्द से सेक्स की वजह बन गया. रात को मुझे नींद नहीं आ रही थी और कमल सो गये थे. शायद वो सोने का नाटक कर रहे थे.
तभी में बाथरूम जाने के लिए नीचे उतरी तो मैंने देख कि कमल का लंड एकदम तना हुआ है और खंबे की तरह खड़ा है. में उनका लंड देखकर एकदम हैरान हो गई और मन ही मन सोचने लगी कि इतना बड़ा लंड आदमी का कैसे हो सकता है? मैंने बहुत बार चाहा लेकिन मेरी नज़र कमल के लंड पर से हट ही नहीं रही थी. उनके लंड को बेड शीट के नीचे से देखकर ही मेरी चूत गीली हो रही थी, लेकिन अब तक में किसी पराए मर्द से चुदी नहीं थी तो इसलिए में आगे नहीं बड़ पा रही थी और फिर जैसे तैसे करके में बाथरूम में चली गई और जब में वहां से वापस आई तो मैंने देखा कि उनका लंड अब भी वैसे ही तना हुआ है और अब में बहुत डरते डरते हुए उनकी सीट पर बैठ गई और बहुत हिम्मत करके उनकी आँखों में आंखे डालकर देखने लगी कि तभी वो मुझसे बोले..
कमल : क्यों रोशनी नींद नहीं आ रही क्या? वो मेरे उनके पास बैठते ही बोले.
में : जी हाँ, मुझे नींद नहीं आ रही, थोड़ा डर लग रहा है, लेकिन दोस्तों पता नहीं उनकी क्या हालत होगी?
फिर कमल मेरा हाथ पकड़ते हुए बोले कि डर लग रहा है तो एक काम करो थोड़ा पानी पी लो, मैंने थोड़ा पानी पिया और उसी बीच मैंने महसूस किया कि वो मुझसे थोड़ा और सटकर बैठ गए और फिर हम कुछ इधर उधर की बातें करने लगे. दोस्तों तब मैंने महसूस किया कि कमल ने अपना लंड मेरी गांड से बिल्कुल सटा रखा था और मुझे अच्छा भी लग रहा था, लेकिन में उनसे कुछ कह नहीं पा रही थी. तभी इतने में एक स्टेशन आ गया. वहाँ पर कमल ने दो कप चाय ली और फिर हमने चाय पी और उस समय रात के करीब दो बज रहे थे. फिर चाय पीने के बाद कमल ने मुझसे कसम देकर पूछा कि रोशनी क्या तू मुझे एक बात सच सच बताएगी?
में : हाँ अगर मुझे पता है तो में आपको जरुर बताउंगी.
कमल : तू अभी कुछ देर पहले क्या देख रही थी? क्यों तुझे अच्छा लगा क्या? सच बोलना प्लीज़ अगर तुझे अच्छा लगा तो में तुझे और भी मज़ा दूँगा और अगर नहीं लगा तो में कुछ नहीं कहूँगा?
दोस्तों यह बात कहकर कमल ने मेरा एक हाथ अपने हाथों में लेकर ज़ोर से दबा दिया और थोड़ा मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखने लगे. फिर जैसे तैसे करके मैंने कहा कि हाँ मुझे अच्छा लगा तो बस फिर क्या था कमल मेरे ऊपर लट्टू हो गये? और अब उन्होंने मुझे अपनी गोदी में कैच कर लिया. फिर में एकदम से उनके ऐसा करने से बहुत आश्चर्यचकित हो गई क्योंकि वो मुझे अपनी छाती पर ज़ोर से दबाने लगे और जिसकी वजह से मेरी छाती उनकी छाती से दब रही थी और मुझमें एक अजीब सा अहसास ला रही थी और मेरे बदन पर उनकी पकड़ बहुत मजबूत थी और अब कमल मेरे बूब्स को दबाने लगे और मेरी चूत को मसलने लगे और मेरे कपड़े उतारने लगे और फिर वो खुद भी नंगे हो गये और अब उनका लंबा, मोटा, तना हुआ लंड मेरी आँखों के सामने उछल रहा था.
फिर उन्होंने मुझे अपनी बाहों में लेकर अब सीट पर लेटा दिया और फिर मेरी चूत को चाटने लगे. दोस्तों वैसे तो मेरे पति ने भी मेरी चूत बहुत बार चाटी थी, लेकिन आज मुझे चूत चटवाने का असली मज़ा कमल से आया. मैंने उनके कुछ देर चाटने के बाद पानी छोड़ दिया और तब कमल ने मुझसे अपना लंड चुसवाया और में उनके लंड का टोपा अंदर बाहर करके उनका लंड चूस रही थी. मुझे उनका लंड पूरा मुहं में लेने में दिक्कत हो रही थी क्योंकि उनका लंड बहुत मोटा था. वो बहुत मुश्किल से मेरे मुहं के अंदर जा रहा था, लेकिन उतनी ही आसानी से मेरे हलक में पहुंच रहा था और ज्यादा लंबा होने की वजह से मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और मेरी आँखों से आंसू बाहर आने लगे थे.
फिर करीब कोई दो पांच मिनट लंड को चूसने के बाद कमल ने मुझको खिड़की के सहारे घोड़ी बना दिया और अब एक बार मेरी चूत चाटकर एक ही ज़ोर के धक्के में अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया और अब में दर्द होने की वजह से बहुत ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी थी और अपनी चूत को आगे की तरफ करके लंड को बाहर निकालने की नाकाम कोशिश करने लगी, लेकिन कमल की मजबूत पकड़ और मेरी चूत में फंसे हुए लंड से में थोड़ा भी आगे नहीं बढ़ सकी और अब वो मोटा और सख्त लंड मेरी चूत में लगातार आगे पीछे होने लगा था, लेकिन अब जल्दी ही मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा और में सिसकियाँ लेने लगी उफफफफ्फ़ अहाह्ह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चोदो जीजू उुईईईईईईइ माँ मेरी चूत को और ज़ोर से मारो अहह्ह्हह्ह्ह्ह कमल में गई.
कुछ देर की चुदाई के बाद कमल ने मेरी चूत में अपना वीर्य डाल दिया और फिर वो कुछ देर वैसे ही मेरी चूत में अपना लंड रखकर रुक गया और उसके कुछ देर बाद कमल ने मेरी चूत से अपना लंड बाहर निकाला और मेरी चूत को साफ किया और अपना लंड भी साफ किया. फिर हम दोनों एक ही सीट पर पूरे नंगे बैठकर एक दूसरे की बाहों में आकर प्यार करने लगे और चूमने चाटने लगे. फिर उस पूरी रात को दूसरी सुबह तक हमने करीब तीन बार जमकर सेक्स किया. मुझे उसकी चुदाई में बहुत मज़ा आया और फिर में अपने कपड़े पहनकर बहुत थककर गहरी नींद में सो गई, लेकिन कमल नहीं सोए और दोपहर को जब में नींद से उठी तो मैंने देखा कि ट्रेन एक स्टेशन पर खड़ी हुई थी और कमल ने खाना मँगवाया और ख़ाना खाकर हम दोनों फिर से सो गये.
उस रात को फिर से एक बार मेरी उस ट्रेन में बहुत जमकर चुदाई हुई और इस तरह से में कमल से चुदते हुए अपने पति के पास पहुँच गई और वहां से वापसी में भी हमने दो बार बहुत मस्त चुदाई की और उसके बाद जब तक मेरे पति जॉब पर रहे में कभी उनके साथ नहीं गई, में बस छुट्टियों में ही उनसे चुदवाती और बच्चों की पढ़ाई का बहान करके में उनकी गैरमोजूदगी में कमल से बहुत मस्त चुदवाती रही और बहुत बार कमल ने मुझे अपने फार्म हाउस में भी अपने साथ ले जाकर वहां पर चोदा है और मैंने उसकी चुदाई के बहुत मज़े लिए और हर कभी कोई अच्छा मौका देखकर उससे चुदवाती रही और एक बार बरसात में भीगते हुए भी कमल से मेरी चुदाई हुई. उसने मेरी चूत को अब चोद चोदकर पूरी तरह से भोसड़ा बना दिया. दोस्तों ये थी मेरी चुदाई की सच्ची घटना.
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ससुर ने अपनी बहु को बदलकर चुदवाया

हैल्लो दोस्तों, आप तो मेरे बारे में जानते ही हो. में अपनी पिछली स्टोरी “ससुर ने अपनी बहु और लता को चोदा” का आगे का भाग ले कर आया हूँ और जैसा कि आप पहले ही पढ़ चुके है कि ससुर और बहुओ की चुदाई कैसे हो रही थी? दोनों बहु अपनी चूत की गर्मी शांत करने में लगी हुई थी और ससुर अपने लंड को शांत करने में लगे हुए थे. अब तो दोनों बहु और दोनों ससुर एक ही घर में चुदाई का खेल खेलना चाहते थे, जिसकी शुरुवात हो चुकी थी और सारी प्लानिंग हो गयी थी. अब तो बस कपड़े ही उतारने बाकी थे. पिछली बार बाबूलाल ने अपनी बहु निमो को चुदाई के लिए राज़ी किया और फिर हरिलाल ने लता को चोदा.
तभी बाबूलाल बोला मेरी जान क्या करूँ? दो दिनों से इसे आराम ही कहाँ मिला है, तभी भाभी बोली आराम क्यों नहीं मिला? तब बहु के बार-बार पूछने पर उन्होंने बताया कि वो और उनका दोस्त हरिलाल उनकी नई नवेली बहु की चुदाई में लगे हुए थे. उसे भी मेरा लंड तेरी तरह बहुत पसंद आ गया है. बहु तुम मेरी एक मदद कर सकती हो तो निमो बोली क्या मदद करनी है? तो ससुर जी बोले अगर तुम हरिलाल से चुदवा लो तो में दुबारा से उसकी बहु को चोद सकता हूँ. मेरी जान उसकी शादी को अभी तीन महीने ही हुए है, सच में उसकी बड़ी कसी हुई चूत है, बिल्कुल वैसी ही कसी हुई है जैसी तेरी शादी के बाद थी. फिर भाभी ने कुछ देर सोचा और कहा कि ठीक है मुझे मंजूर है, लेकिन अगर मुझे तुम्हारे दोस्त का लंड पसंद आ गया तो तुम भी मुझे चुदाई करने से मना मत करना, कोई चिंता नहीं मेरी जान, तुम भी अपनी चूत का पूरा मजा दो. फिर ससुर जी बोले निमो वो कल हमारे घर आ रही है.
में भी बहुत खुश था कि घर में दो चूत और तीन लंड थे. जिसमें से में एक चूत का मजा ले चुका था और भाभी भी खुश थी कि अब एक नये लंड से उसकी चुदाई होगी. फिर अगले दिन हरिलाल और उसकी बहु (लता) बाबूलाल के घर आ गये, जैसा सुना था ठीक वैसे ही लता और उसका ससुर था, दोनों कसे हुए बदन के मालिक थे और लता सेक्स की मूर्ति थी.
फिर सुबह करीब 12 बजे दरवाजा बजने की आवाज़ आई और बाबूलाल ने जाकर दरवाजा खोला तो देखा कि सामने दोनों ससुर बहु खड़े थे, बाबूलाल दोनों को हॉल में ले आया और आवाज़ लगाई, बहु मेहमान आए है ठंडा लेकर आना.
इस समय लता ने हल्के पिंक रंग की साड़ी और गहरे गले वाला ब्लाउज पहन रखा था. वो गजब की सुंदर लग रही थी. बाबूलाल तो हरी से बात करता-करता लता को कपड़ो के ऊपर से ही चोद लेना चाह रहा था, तभी बाबूलाल की बहु निमो उनके लिए ठंडा ले आई. निमो ने भी हल्की पीली साड़ी और गहरे गले वाला ब्लाऊज पहन रखा था, ताकि पूरी चूचीयों के दर्शन आराम से हो जाए. फिर लता अपनी जगह से उठी और निमो के गले लग गयी. उन दोनों का बदन ऐसा हो गया था कि जैसे उनमें से जल्दी कोई नहीं झड़ने वाला है और बैठ गयी. फिर निमो ने ठंडा उठाकर लता और हरिलाल को दिया, जिसको निमो पहले भी कई बार मिल चुकी थी, लेकिन अब देखने का नज़रिया बदल गया था. अब हरिलाल ठंडा लेते हुए निमो की रसीली चूचीयों को देख रहा था कि कितनी देर के बाद वो उनको चूस पायेगा. फिर बाबूलाल ने निमो से कहा कि बहु जाओ ज़रा लता बेटी को घर तो दिखा दो (घर क्या दिखाना था? बस चुदाई के लिए तैयार करना था) फिर लता उठी और बाबूलाल को तिरछी नज़र से देखा और निमो के साथ चल दी.
फिर निमो उसे रसोई में ले आई और अपनी बाहों में भरकर बोली, क्यों रहा नहीं जा रहा क्या? जो पिताजी को देखती आ रही थी. तो लता बोली क्या करूँ दीदी? मुझे पिताजी ने दो दिन से नहीं चोदा है, ओह तो ये बात है मेरी रानी को खुजली हो रही है. अभी आराम से बैठो कुछ खा पी लो, तो लता बोली दीदी खाने और पीने ही तो आई हूँ पता नहीं कितनी देर बाद मिलेगा. ये तो बता मेरी लता रानी मेरे ससुर (बाबूलाल) का केला खाने में कैसा लगा? अरे दीदी क्या बताऊँ? उनका केला खाने ही तो यहाँ तक आई हूँ. मेरी रानी अब एक बात ध्यान रख, अगर मज़े लेने है तो मेरे ससुर का नाम लेकर ही असली मजा ले पाओगी, वो तुम्हें इतना चोदेंगे की तुम्हारी चूत का तो भोसड़ा बन जायेगा. हाँ दीदी तुम सच कहती हो इन दो दिनों में बाबू ने मेरी इतनी कस कर चुदाई की थी कि मैंने अपने हरी को भी चुदाई के लिए मना कर दिया था, सच दीदी तुम जल्दी से कुछ करो ना.
एक बात तो बताओ दीदी जब बाबूलाल यहाँ नहीं थे, तो तुम्हें भी तो खुजली लगी होगी? लता ने निमो से उसको देखते हुए पूछा, तो निमो कुछ नहीं बोली वो चुप हो गयी, तभी लता बोल पड़ी कि इसका मतलब दीदी तुम किसी और से भी चुदी हो. तब निमो बोली क्या करती प्यास तो बुझानी है मेरी रानी? तुमने भी तो बाबू का लंड लिया ना, चलो अब बाहर चलो, दोनों के लंड हमारी चूत के लिए तड़प रहे होंगे. दीदी तुम बाबू का लंड लोगी या हरी का, तुम बताओ मेरी लता रानी तुम किसका लंड लोगी, दीदी मेरा मन तो बाबू का लेने का है तो फिर तू बाबू का ले ले और में हरी का ले लूँगी. ज़रा पता तो चले कि उसका कैसा है? फिर वो दोनों वहीं रसोई में नीचे बैठ गयी और अपनी-अपनी चूत को अच्छे से धोया, ताकि उसमें से बदबू ना आए. उन दोनों ने अपनी अपनी चूत को क्लीन कर रखा था.
फिर निमो बोली कि लता ये मीठा लेकर चलो, नये काम की शुरुवात जो करनी है, वहीं दूसरी और दोनों दोस्तों ने मिलकर पूरा प्लान बना रखा था कि उन दोनों के रसोई में से आने के बाद उनको प्यार करना शुरू करना है, ताकि जल्दी से दोनों को गर्म करके उनकी चूतो का मज़ा ले सके. उधर वो दोनों भी चुदने को बेताब हो रही थी.
फिर वो दोनों मीठा लेकर कमरे में गई और मीठा टेबल पर रख दिया. उन दोनों की बहुओं के बदन से साफ नज़र आ रहा था कि दोनों ने क्या पहन रखा है? फिर वो दोनों अपने-अपने ससुर के साथ बैठ गयी. तभी हरीलाल बोला बेटी ज़रा निमो बहु को भी तो मेरे पास बैठने दो तुम तो रोज ही बैठती हो. तभी लता बोली क्यों नहीं पिताजी? आप निमो दीदी को बैठा लो और वो उठकर बाबूलाल की गोद में जाकर बैठ गयी और निमो ने भी वही किया. निमो भी हरिलाल की गोदी में बैठ गयी और लता ज़रा मीठा तो ले आ. लता उठी और निमो के हाथ में मीठा दिया और खुद ने भी ले लिया. पिताजी ज़रा हरिलाल जी का मुँह तो मीठा करा दो, पहली बार लता को ले कर आए है.
फिर निमो उठी और लता के होठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगी. इधर लता भी निमो का साथ देने लगी और उसकी कमर और चूतड़ पर हाथ फेरने लगी. फिर वो दोनों अपने ससुर को गर्म करने लग गयी. फिर वो दोनों अपनी जगह से उठे और एक दूसरे की बहु को पीछे से पकड़ लिया.
फिर बाबूलाल बोला क्यों तरसा रही है मेरी रानी? मेरा भी तो मुँह मीठा करा दे तो लता बोली मैंने कब मना किया है मेरे राजा, अभी लो. फिर वो हाथीजाम और एक रसगुल्ला अपनी चूचीयों के बीच में रखकर बाबूलाल के मुँह तक ले गयी, लो पिताजी मीठा खा लो. तो बाबूलाल ने बिना देर किए लता को अपनी बाहों में लेकर उसकी चूचीयों पर रखा रसगुल्ला खा लिया और बोला कि बहु तेरा तो ब्लाउज इसके रस से गीला हो गया है, तो क्या हुआ? में अभी इसे उतार देती हूँ. इतना कहकर उसने अपनी पिंक साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया और ब्लाउज के हुक को पीछे से खोलने की कोशिश करने लगी, क्यों तुम मेरे हुक नहीं खोल सकते क्या? अगर कहीं मीठा लगा रह गया हो तो पूरा चाटकर मेरा पूरा रस पी जाना.
इधर हरिलाल का भी हाल बुरा था, निमो ने भी रसगुल्ला अपने होठों में दबाकर हरिलाल को खिलाया और रस दोनों के कपड़ो पर गिर गया. ये क्या? आपने तो मेरे कपड़े ही खराब कर दिए? तो क्या हुआ निमो इनको बदल लो? फिर निमो भी अपनी पीली साड़ी उतारने लगी और ब्लाउज के हुक पीछे होने के कारण निमो भी वही बोली कि क्यों तुम मेरे हुक नहीं खोल सकते क्या?
फिर उन दोनों ने ब्लाउज के हुक खोलने के साथ ही उन दोनों के उभरती कसी हुई चूचीयों को दबा लिया और मसलने लगे. अब उन दोनों के मुँह से सिसकारियां निकल रही थी आआआआआआअहह आआआआा ऊऊऊऊऊओ आराम से करो. फिर वो बोली कि आप ये क्या कर रहे है? आपको शर्म नहीं आती? आप किसी दूसरे की बहु के साथ ऐसा नहीं कर सकते. दूसरे की कहाँ मेरी रानी, वो भी तो मेरी बहु के बोबे दबा रहा है.
तभी लता बोली कि बाबू मीठा कैसा लगा. अब हॉल में दो लंड और दो जवान और कमसिन चूत थी. कमसिन इसलिए कि अभी उन दोनों बहु की शादी हुए कुछ ही महीने हुई थे. उन दोनों बहुओं के ब्लाउज उतर चुके थे. अब उन दोनों के कबूतर मसलने और चूसने के लिए आज़ाद थे.
फिर बाबूलाल ने लता की और हरी ने निमो की साड़ी और पेटीकोट दोनों को ही जल्दी से उतार दिया ताकि वो उनकी नंगी जवानी का मज़ा ले सके. अब लता बाबूलाल के आगे ऐसी लग रही थी कि मानो किसी आदमी की गोद में कोई बच्चा दे दिया हो, क्योंकि बाबूलाल 6 फुट का और लता 5 फुट 2 इंच की थी. अब बाबूलाल ने तो उसे अपनी बाहों में भरकर उठा लिया, अब उसकी दोनों चूचीयों को बाबूलाल के होंठ चूस रहे थे. अब लता ने भी अपनी दोनों गोरी नंगी टाँगे बाबू के दोनों और लपेट दी थी.
इधर हरी ने भी निमो को पूरा नंगा कर दिया था. अब वो दोनों हाथों से उसकी चूचीयों को मसल रहा था. अब उन दोनों बहुओं के मुँह से आअहह अहहह आहाहहहाः की आवाज़ आ रही थी. अब हरी ने निमो को दीवार के साथ लगा दिया और अपनी बाहों कस लिया. फिर काफ़ी देर तक बाबूलाल लता को और हरी निमो को चाटता रहा. अब निमो ने बिना किसी शर्म के हरी के कपड़े उतारने शुरू कर दिए. अब उसको देखकर लता ने भी बाबूलाल के कपड़े उतार दिए. जब दोनों केवल अंडरवेयर में थे तो उनका 7 इंच और 8 इंच के लंड खड़े हो चुके थे.
अब उन दोनों ने एक दूसरे के ससुर के अंडरवेयर के ऊपर से ही लंड सहलाना शुरू कर दिया था. फिर उन दोनों ने लंड को ऊपर से चूमना शुरू कर दिया. तभी अचानक से निमो ने लता को इशारा किया और ये क्या एक ही झटके में वो दोनों नंगे खड़े थे? अब कमरे में दो नंगी और दो नंगे. वो भी तने हुए लंड के साथ, तभी उन दोनों ने अपने-अपने लंड मुँह में भर लिए और चूसने लगी. अब अंदर का नज़ारा अच्छा लग रहा था. अब लंड मुँह के अन्दर आगे पीछे हो रहे थे और पच पच की आवाज़ से पूरे हॉल में आवाज़ आ रही थी.
तभी निमो ने लंड बाहर निकाला और बोली पिताजी हम आपके और मेरे कमरे में चलते है, अगर कोई आ गया तो भी हमें कोई ख़तरा नहीं होगा. तुम ठीक कहती हो बहु ये कहकर बाबूलाल ने भी अपना लंड बाहर निकाला और टावल लपेट कर मेन गेट लॉक करने चल गया और वो तीनों निमो के कमरे में चले गये. तभी मौके का फ़ायदा हरी ने उठाया और दोनों बहुओं की नंगी जवानी को अपनी बाहों में भर लिया.
फिर लता बोली पिताजी अब तो ठीक है निमो दीदी तुम्हारी बाहों में है अच्छे से चोदना. चिंता मत कर मेरी रानी इसको भी तेरी तरह अपना लंड पूरा खिलाऊंगा, ये कहकर निमो को आगे से पकड़ लिया. हरी का लंड अब निमो के पेट में धंस रहा था. मेरी रानी अब तो ये लंड तेरे लिए है ज़रा इसको प्यार तो कर ले, इतनी जल्दी क्या है? अभी पिताजी को आने दो, वो भी देखे कि उनकी बहु दूसरे लंड को कैसे चूसती और चुदवाती है? में तुम्हें खुश कर दूँगी मेरे राजा. तभी बाबूलाल भी आ गया. कमरे में नीचे बिस्तर लगा था और पलंग भी तैयार था, दो कुर्सी, दो टेबल और तेल का पूरा इंतज़ाम था.
अब बाबूलाल ने टावल हटाया और अन्दर कमरे में आते ही लता को अपनी गोद में उठा लिया और इधर हरीलाल ने भी निमो को कुर्सी पर बैठाकर अपनी गोद में बैठा लिया. अब लता ऐसी लग रही थी कि जैसे किसी हाथी की गोदी में कोई बच्चा बैठा हो. उन दोनों के लंड चूसने के कारण गीले थे, अब लता अपनी दोनों टाँगे चौड़ी करके बाबूलाल की गोद में थी, तो बाबू बोला कि मेरी लता रानी में तेरी चूत में लंड डाल रहा हूँ, अपने एक हाथ से अपना लंड पकड़. फिर 8.3 इंच का सुपाड़ा लता की रसीली और गीली चूत पर रखकर एक जोरदार झटका दिया और लंड का आधा भाग चूत के अंदर घुस गया, तो लता चिल्ला पड़ी, आआआहमम्म्मममआआआआआ औरररर हह्ह्ह्ह में गयी. साले फाड़ दी, मार डाला, आराम से नहीं चोद सकता. फिर हरी ने भी लता की हालत को देखकर निमो को अपने 7.3 इंच के लंड पर बैठाकर उसने भी एक ही झटके से निमो को नीचे खींच लिया. निमो भी चिल्ला पड़ी, हाआआआआआईईईईईईई में मर गयी, कुत्ते तूने भी बदला ले लिया.
तभी बाबूलाल ने मेरे बारे में पूछ लिया तो निमो बोली पिताजी, वो शाम तक आने को कहा गया है. फिर क्या था? बाबू को जोश आ गया, लता रानी अब में तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा, तेरा पति भी बोलेगा कि ये मेरी बीबी की चूत है या कमरा है. अब हरी मेरी बहु की चूत फाड़ेगा, तो क्या में निमो की चूत छोड़ दूँगा? कई दिनों से साली की चूत के लिए तरस रहा था, अब मिली है और निमो को ऊपर नीचे करने लगे. अब कमरे में चारों तरफ आवाज़ गूंज रही थी, आअहह आहह हाइईइ में मररर गयी, आराम से थोड़ा तेल लगा लो, ह्ह्ह्हह मेरी रानी, तेरी चूत में कितना पानी है, मेरे राजा बजा मेरी चूत का बाजा, में भी आराम से अपने कमरे में ये से सब देख रहा था. मेरा कमरा बंद था.
अब बाबू अपने हाथों से लता की चूत को ऊपर नीचे कर रहा था. फिर धीरे-धीरे लंड पूरा लता की चूत में समा गया. निमो भी पूरा लंड अंदर ले चुकी थी. अब बाबू पास में आया और देखा कि तेरी बहु मेरा पूरा 8 इंच लंड खा चुकी है, अभी इसकी गांड भी मारनी है, तू चिंता क्यों करता है? तब ही देखा तो निमो भी मेरा पूरा लंड खा चुकी है.
फिर निमो बोली पिताजी आपको मेरे चुदवाने में कोई ऐतराज नहीं है ना, कोई बात नहीं मेरी रानी मजे से चुदवा. फिर थोड़ी देर के बाद दोनों ने निमो और लता को बिस्तर पर लेटाया और टाँगे चौड़ी कर दी. सच में वो क्या नज़ारा था? दोनों की टाँगे ऊपर की तरफ उठी हुई थी. गोरी चूत, चिकनी सुडोल टाँगे, साफ नज़र आ रही थी. अब दोनों ने अपना-अपना लंड बहुओं के मुँह में दिया और लंड चूसते हुए उनकी चूत को चूसा, उसके बाद दोनों ने लंड को सीधा चूत के अंदर बिना किसी रहम के घुसा दिया तो वो दोनों ही चिल्ला पड़ी और बोली कि हाय मार डाला. फिर उन दोनों को एक और जोर का झटका मारा और दोनों बहु, आआहह उहह इहह करके सिसकियाँ लेने लगी, वो जितनी सिसकियाँ लेती उतने ही तेज़ झटके से उनकी चुदाई हो रही थी और पूरे कमरे में छप छप की आवाज़ भी हो रही थी.
अब लता और निमो दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रही थी कैसा लगा दीदी? तुम बताओं लता, मुझे तो मजा आ रहा है और मुझे भी मजा आ रहा है. अब उन दोनों की चूत लंड के गाड़े पानी से भर गयी थी और अब उन दोनों ने अपने लंड बाहर निकाले और अब वो चूत के पानी को चाट रहे थे.
फिर वो दोनों खड़ी हुई और फिर से लंड चूसने लगी. अब गर्म-गर्म पानी दोनों की चूत से बह कर नंगी जांघो पर आ गया था और नज़ारा और भी सेक्सी हो गया. फिर लता बोली दीदी क्यों ना कुत्तिया या घोड़ी बना जाए? अब वो दोनों अपने घुटनों के बल बैठ गई और उन दोनों ने पीछे से आकर एक बार फिर से चूत की चुदाई करनी शुरू कर दी. हरी ने चुदाई के साथ ही बाबूलाल के हाथ में मक्खन दिया और कहा कि लता की गांड में डाल दे, ये कहकर निमो की गांड में मक्खन घुसा दिया और आराम-आराम से अपनी उंगलियों से गांड की मालिश करनी शुरू कर दी. फिर थोड़ी देर के बाद हरी ने चूत से लंड निकालकर उसकी गांड के मुँह पर अपना सुपाड़ा रखा.
इधर बाबूलाल ने भी वही किया और एक साथ धीरे-धीरे लंड अंदर करना शुरू कर दिया. फिर थोड़ी देर में दोनों के लंड उनकी गांड में आधे घुस चुके थे. अब गांड मारी जा रही थी. में इधर सिर्फ देख सकता था और कुछ नहीं, उधर कमरे में मादक सिसकियां, आवाजें, चूचीयों का दबाना, लंड गांड में आना जाना, वो दोनों पूरे जोश से अपनी बहुओं की गांड मारे जा रहे थे. ले मेरी कुत्तिया मजे से ले, तेरा पति भी क्या तुझे चोदेगा? आज में तेरी चूत फाड़ दूंगा. फिर थोड़ी देर के बाद वो दोनों गांड में आह आह आहह मेरी रानी में आ रहा हूँ आअहह आहाहह कहते हुए अंदर ही झड़ गये और वही लेट गये.
अब निमो और लता दोनों की चूत और गांड वीर्य से भर गयी थी और वो चारों बहुत खुश थे और वो वहीं लेट गये, चुदाई अब रुक गयी थी. अब दोनों बूढ़े सो गये. फिर निमो ने लता को उठाया और उसको बाहर ले आई, जहाँ दोनों ने एक दूसरे की चूत और गांड को अच्छे से धोया. तब निमो बोली सच बाबूजी सही कह रहे थे कि लता की चूत मेरी जवानी की चूत जैसी ही है, सच तुमको तो बड़ा मज़ा आया होगा. तुम बताओ दीदी तुम्हें हरी का कैसा लगा? सच मेरी जान में मेरे ससुर के कारण हरी से चुदवा रही थी, ताकि वो तुम्हें अच्छे से चोद सके में तुमको दो तीन दिन यहीं पर रखूंगी ताकि बाबूजी दिन रात तुम्हारी चुदाई कर सके, हाँ दीदी तुमने तो मेरी दिल की बात कह दी. में आपसे यही कहना चाहती थी. चिंता मत कर रानी तेरी चूत में मेरे ससुर के लंड का पानी जायेगा. फिर दोपहर को वो दोनों हरीलाल और बाबूलाल उठे और फ्रेश हो कर बाहर चले गये.
फिर शाम को दोनों के ससुर नई साड़ी ले कर आए. उन्होने दोनों को नये कपड़े दिए और कमरे में चले गये. फिर रात को जल्दी खाना खाकर पूछा कि अमित कहाँ है, तो निमो बोली कि वो रात को नहीं आयेगा. तभी बाबूलाल ने कहा कि निमो तुम दोनों आज हमारी दुल्हन बनोगी और हम दोनों तुम्हारे पति बनेंगे. फिर रात को दोनों ने एक दूसरे की बहुओं की माँग में सिंदूर भरा और अपनी पत्नी बनाकर खूब चुदाई की. फिर करीब रात 1 बजे दोनों ढेर हो गये, तभी में कमरे में आ गया और फिर में बोला अंकल आप दोनों ने तो अपने-अपने लंड की भूख मिटा ली, अगर बुरा ना मानों तो में भी तुम्हारी इन बहुओं की चूत और गांड मारकर अपने लंड की भूख मिटा लूँ. तो वो कुछ नहीं बोले और बिना टाईम खराब किए मैंने पहले लता की और बाद में निमो की चूत और गांड मारी.
फिर मैंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है. में तो कई दिनों से ये चुदाई का खेल देख रहा था और मुझे तो मौके की तलाश थी. फिर वो दोनों कुछ नहीं बोले. फिर अगले दिन हम सुबह-सबह सो कर उठे तो कमरे में सब नंगे ही थे. लता रानी बाबूलाल से और निमो हरिलाल के लंड पर लेटी हुई थी कि तभी फोन की घंटी बजी हैल्लो में रमेश बोल रहा हूँ पिताजी में कल शाम को घर आ जाऊंगा, ये कह कर फोन रख दिया. तभी में बोल पड़ा जितना इन दोनों की चूत का मजा लेना है, कल सुबह तक ले लो, क्योंकि रमेश के आने के बाद बहुत मुश्किल हो जायेगा. फिर हम तीनों मर्दो ने मिलकर कभी लता को तो कभी निमो की हर स्टाईल में हर छेद की चुदाई कर डाली.
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