मुसीबत में चूत का सहारा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम संध्या है और मेरी उम्र 24 साल है और में एक शादीशुदा औरत हूँ. मेरे पति ठेकेदार है और में एक बहुत पैसे वाले आमिर घर से हूँ. मेरे पति का नाम राहुल है और में उनके साथ अपनी प्यार भरी जिन्दगी में बहुत खुश हूँ. वैसे मैंने अपनी वर्जिनिटी को तो कॉलेज में ही गवां दिया था और राहुल भी मुझे सेक्स में हमेशा संतुष्ट करते है. उसका लंड करीब 6 इंच का है. में भी उनकी तरह सेक्स की बहुत भूखी हूँ और हम दोनों जहाँ पर जाते है लोग मुझे लगातार घूरते रहते है.
मेरे बूब्स भी बहुत बड़े 34 साईज़ के है और लोगों की निगाहे अक्सर उन पर टिकी रहती है. में भी जींस, टी-शर्ट पहनना ज़्यादा पसंद करती हूँ और राहुल को भी यह सब बहुत पसंद है. दोस्तों यह मेरी शादी के करीब एक साल बाद की बात है तब रोड बनाने के एक सरकारी ठेके की बात हमारे सामने आई. राहुल अब वो ठेका किसी भी किमत पर पाना चाहता था क्योंकि हमने शेयर बाज़ार में पहले से ही बहुत सारा पैसे लगाया हुआ था और उस समय शेयर के भाव बहुत ज्यादा गिर चुके थे इसलिए घर पर भी थोड़ी सी टेंशन चल रही थी. अब जब तक उस शेर के भाव फिर से ना बढ़े तब तक हमारे पैसे वहां पर फंस चुके थे इसलिए इस ठेका का हमे मिलना बहुत आवश्यक था और अब उस ठेके के लिए मुझे किसी सरकारी आदमी का साथ होना ज़रूरी था क्योंकि सब उनके ही हाथ में होता है. राहुल ने बहुत कोशिश की, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ.
तभी मैंने उसे बताया कि मेरे कॉलेज का एक दोस्त है राज और उसकी पहुंच बहुत ऊपर तक थी और अगर उसकी मदद ली जाए तो कैसा रहेगा? तो राहुल ने कहा कि यह बात तो बहुत अच्छी है तुम उसको जल्दी से फोन करो. तो मैंने कहा कि में हमारे एक दोस्त से उसके फोन नंबर ले लेती हूँ और फिर राहुल अपने काम पर चला गया. दोस्तों राज अपने कॉलेज के समय में कई लड़कियो को चोद चुका था क्योंकि उसका स्टाईल ही कुछ ऐसा था कि हर लड़की उस पर मरती थी और वो मेरे कॉलेज के ग्रुप का जो बॉस है उसका खास दोस्त था जिसका मोबाईल नंबर मेरे पास पहले से ही था तो मैंने उसको फोन करके राज का नंबर लेकर राज को कॉल किया.
में : हैल्लो राज में संध्या बोल रही हूँ.
राज : हाए आज तुमने अचानक से राज को कैसे याद कर लिया?
में : हाँ यार दोस्त ही तो कभी ना कभी काम आते है मुझे तुमसे कुछ काम था.
राज : हाँ कहो ना ऐसा क्या काम है और वैसे भी राज सुंदर लड़कियों के काम के लिए हर वक़्त तैयार रहता है.
में: राज क्या हम कहीं मिल सकते है क्योंकि में तुम्हे वहां पर अपनी पूरी बात विस्तार में थोड़ा आराम से बता सकती हूँ?
राज : चलो ठीक है फिर कल दोपहर को तुम मेरे घर पर आ जाओ, में घर पर बिल्कुल अकेला ही रहता हूँ.
में : हाँ तो फिर एकदम ठीक है, में कल दोपहर को तुम्हारे घर पर आ जाती हूँ हम वहीं पर बैठकर अपनी बात कर सकते है.
फिर अगले दिन दोपहर को मैंने काली कलर की जींस और गुलाबी रंग का टॉप पहना हुआ था उसमे से मेरे बूब्स थोड़े से बाहर दिख रहे थे जिसे देखकर कोई भी मर्द उसे पाने को बैताब हो जाए, मैंने अपने घर से बाहर निकलने से पहले उसे कॉल किया और कहा कि में वहां पर आ रही हूँ और में करीब आधे घंटे में वहां पर पहुंच गई. वो भी मेरा बहुत इंतजार कर रहा था.
मैंने वहां पर पहुंच कर देखा कि उसका घर बहुत शानदार था उस समय उसकी मम्मी घर पर नहीं थी और पापा बिजनेस के सिलसिले में कुछ दिनों के लिए बाहर गये हुए थे. अब में वहां पर पहुंचकर अंदर सोफे पर जाकर बैठ गई. उसने मुझसे पूछा कि चाय या कॉफी क्या चलेगा? मैंने कहा कि चाय चलेगी और अब हम थोड़ी देर इधर उधर की बातें करते रहे और फिर चाय बनकर आई. हमने वो कुछ ऐसे ही बातें करते करते पी ली. फिर उसने अपने नौकर से कहा कि तुम आज अपने घर पर चले जाओ. हमें कुछ जरूरी काम है और अब में उसकी यह बात सुनकर उसकी तरफ देखने लगी.
फिर उसने नौकर के बाहर जाते ही दरवाजे को अंदर से अच्छी तरह से बंद कर दिया और बिल्कुल मेरे पास सोफे पर आकर बैठ गया और फिर मुझसे बातों ही बातों में हंसी मजाक करते हुए कहने लगा कि तुमने अपना फिगर शादी के बाद भी बहुत अच्छी तरह सम्भालकर रखा है. तुम दिखने में आज भी बहुत हॉट सेक्सी और सुंदर भी हो. तो मैंने उसे मुस्कुराते हुए धन्यवाद कहा और फिर उसने मुझसे मेरे काम के बारे में पूछा.
मैंने उससे कहा कि मुझे वो रोड बनाने वाला ठेका चाहिए इसके लिए सरकारी आदमी की मदद की ज़रूर पड़ेगी और उसके बदले में हम उसे कुछ पैसों का भी हिस्सेदार बना सकते है, लेकिन वहां तक मेरे पति की पहुंच नहीं है इसलिए मुझे इस काम को करने के लिए तुम्हारी मदद चाहिए. तुम मिस्टर गिरीश सक्सेना जो यहाँ के बहुत अच्छे सरकारी पद पर है उसे जानते हो इसलिए तुम अगर मेरी कुछ मदद कर सको तो मेरे लिए बहुत अच्छा रहेगा. फिर वो मुझे अब पूरी तरह ऊपर से नीचे तक देखने लगा और उसकी नज़रें मेरे बूब्स पर जैसे ठहर सी गई थी और फिर उसने कहा कि हाँ में तुम्हारी मदद जरुर कर सकता हूँ, लेकिन मुझे इसके बदले में क्या मिलेगा? तो मैंने झट से कहा कि तुम चाहो तो इस काम के बदले में मुझसे कुछ पैसे ले सकते हो.
वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा और फिर कहने लगा कि पैसे किसे चाहिए? और अब वो मेरे बहुत करीब आ गया और उसने अपना हाथ मेरे कंधे पर रख दिया. में उसकी इस अचानक हुई हरकत से थोड़ी सी हिचकिचाई और बहुत धीरे से बोली कि फिर तुम्हे क्या चाहिए? वो अपने एक हाथ को मेरे पीछे मेरी पीठ पर ले जाकर धीरे धीरे सहलाने लगा. अब मैंने उससे एक बार फिर से पूछा कि प्लीज राज बताओ ना तुम्हे क्या चाहिए? तभी उसने कहा कि तुम.
दोस्तों में तो उसके मुहं से यह शब्द सुनकर बिल्कुल स्तब्ध ही रह गई क्योंकि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वो मुझसे ऐसा कुछ कहने वाला है या वो मेरे लिए अपने मन में एसी कोई बात छुपाकर रखे हुआ था. में उसके उस शब्द को बहुत देर तक सोचती रही कि में अब इसकी बात का क्या जवाब दूँ? तभी मैंने कुछ देर सोचकर उससे कहा कि में अब एक शादीशुदा औरत हूँ और यह सब बिल्कुल भी ठीक नहीं है में ऐसा कभी नहीं कर सकती. तुम अगर चाहो तो मुझसे कुछ और ले सकते हो.
तभी उसने मेरा यह जवाब सुनकर वो अपना हाथ धीरे धीरे मेरे कंधे से नीचे उतारने लगा तो मैंने उससे कहा कि राज यह सब ठीक नहीं है. फिर वो झट से बोला कि तुम क्या समझती हो कोई शादीशुदा औरत अपनी शादी के बाद भी मज़े नहीं करती? और उस बीच वो मेरे बूब्स के ऊपर से खुले हुए हिस्से पर अपनी एक उंगली को घुमाने लगा और में उससे कहने लगी कि नहीं यह ठीक नहीं है प्लीज अब बंद करो. तभी उसने मुझसे कहा कि अगर कॉलेज में तुम मेरे अच्छे दोस्त की गर्लफ्रेंड ना होती तो में उसी वक़्त तुम्हे चोद सकता था और तुम्हारे कॉलेज का बॉस भी मुझे हमेशा तुम दोनों की सारी बातें बता दिया करता था और उसने तुम्हे किस किस जगह पर ले जाकर चोदा है, वो सब मुझे भी पता है. दोस्तों अब में उसकी यह सारी बातें सुनकर बिल्कुल हैरान रह गई और में सोचने लगी कि यह मेरी पिछली सारी सच्चाई जानता है और अब अगर इसने मेरे पति को इनमे से कुछ भी बता दिया तो में फंस सकती हूँ.
में उससे बहुत डरने लगी और फिर थोड़ी हिम्मत करके मैंने उससे कहा कि वो बात अलग है क्योंकि राज तब मेरी शादी भी नहीं हुई थी. तभी उसने बहुत प्यार से आग्रह करते हुए मुझसे कहा कि में इतने बड़े ठेके में तुम्हारी मदद भी तो कर रहा हूँ. मैंने उसके बदले में सिर्फ़ तुमसे थोड़ा सा प्यार ही तो माँगा है और तुम भी बहुत अच्छी तरह उस ठेकेदार की पहुंच को जानती हो और अब उसने बातों ही बातों में मौके का फायदा उठाते हुए मेरे टॉप के ऊपर से मेरे सीधे बूब्स को पकड़ लिया और उसे धीरे से दबाने लगा.
में : नहीं प्लीज राज अब छोड़ दो, में यह सब तुम्हारे साथ नहीं कर सकती.
तभी उसने मेरे मुहं को पकड़ा और उसने मुझे होंठो पर एक बहुत हल्का सा किस किया, लेकिन फिर भी मैंने उसका कोई साथ नहीं दिया. में तेज तेज सांसो को लेकर उसे घूरकर देखने लगी. उसने एक बार फिर से एक धीरे से किस किया, लेकिन मैंने फिर भी उसका साथ नहीं दिया. उसने मुझे देखा तो उस समय मेरी दोनों आखें बंद थी और अब में उससे एक और किस की आशा कर रही थी, लेकिन थोड़ी देर बाद किस ना करने पर मैंने आखें खोली तो वो मेरी तरफ मुस्कुरा रहा था.
फिर उसने तुरंत ही मुझे एक बहुत लंबा किस किया और अब में भी उसका साथ देने लगी थी. उसने अपनी जीभ को मेरे मुहं में अंदर तक डालकर मुझे कई मिनट तक किस किया. हमारे होंठ बहुत देर तक चूसने की वजह से बिल्कुल लाल हो चुके थे. अब उसने अपनी टी-शर्ट को उतार दिया और मेरे टॉप को भी निकालने लगा और कुछ ही पल में उसने मेरी ब्रा को भी उतार दिया अब में उसके सामने सिर्फ़ अपनी जींस में थी और वो भी अब अपनी जींस में था. तभी उसने मेरा एक हाथ उसकी ज़िप पर रख दिया. मैंने भी उसका इशारा समझकर उसकी पेंट को उतार दिया और अंडरवियर को भी उतारकर फेंक दिया. तब मैंने देखा कि उसका लंड करीब 8 इंच का था और एकदम तना हुआ.
फिर उसने मुझे बालों से पकड़कर अपना मोटा लंबा लंड मेरे मुहं में डाल दिया और कहने लगा कि मुझे पहले से पता है कि तुम्हे लंड सूचना बहुत पसंद है, मुझे तुम्हारे बॉस ने बताया था. अब में उसके लंड को बहुत देर तक चूसती रही और वो आअहह उहहह्ह्ह करता रहा. फिर वो मुझे अपनी बाहों में उठाकर अपने बेडरूम में ले गया उसने वहां पर जाते ही मेरी जींस और पेंटी को भी उतार दिया और अब मेरी चूत को चाटने लगा. दोस्तों मैंने आज तक ऐसा सेक्स कभी नहीं किया था. वो मेरी चूत को फैल फैलाकर लगातार कुत्ते की तरह चाट रहा था और में ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी उह्ह्ह्हह्ह आईईईईइ राज प्लीज अब मुझे छोड़ दो, प्लीज मेरे साथ ऐसा मत करो ऊईईईईईई माँ छोड़ दो मुझे, लेकिन उसने मेरी एक बात भी नहीं सुनी.
में इस बीच एक बार उसके मुहं में झड़ चुकी थी और वो मेरा पूरा का पूरा चूत रस चाट गया और फिर कुछ देर बाद उसने अपने लंड को चूत के मुहं पर रखा और एक ज़ोर का झटका दे दिया आअहह उह्ह्ह्हह्ह और अब उसका आधा लंड मेरी चूत के अंदर जा चुका था और अगले ही झटके में उसने पूरा का पूरा लंड मेरी चूत के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से में बहुत ज़ोर से चीख उठी उउऊह्ह्हह्ह्ह्हहह आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह वो मेरे ऊपर था और स्पीड बड़ाकर मुझे बहुत अच्छे तरीके से चोद रहा था और फिर कुछ देर बाद उसने मुझे गोद में उठाकर पलंग के कॉर्नर पर बैठ गया और मुझे नीचे जमीन पर लटका दिया. मेरी पीठ और सर का कुछ भाग जमीन को अटका हुआ था मेरे दोनों पैर उसकी कमर के दोनों और से पलंग पर थे और उसने मुझे कमर से पकड़ा था और चोद रहा था.
मैंने आज तक ऐसी पोज़िशन में कभी भी अपनी चुदाई नहीं करवाई थी. कुछ देर बाद उसने मुझे वापस पलंग पर ले जाकर मुझे लेटा दिया और मेरे दोनों पैर को बंद करके मेरे हाथ के पास ले गया और अपने लंड को मेरी चूत में डालकर चोदने लगा. तभी मेरे मोबाइल में रिंग बजी उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया. मैंने कॉल रिसीव किया, वो मेरे पति राहुल थे. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या कुछ काम हुआ? तो मैंने उनसे कहा कि हाँ राज हमारी मदद करने को मान गया है और इस वक़्त राज मेरे बूब्स को दबाने में लगा हुआ है. तो राहुल ने कहा कि अच्छा ज़रा राज को दो फोन और फिर मैंने उसे फोन दे दिया और अब में उसके लंड को चूसने, चाटने लगी.
राहुल : तुम्हारा बहुत बहुत धन्यवाद राज कि तुम हमारी मदद करने के लिए तैयार हो गए.
राज : ओह कोई बात नहीं सब ठीक है ( वो मेरी और देखकर बोला ) आख़िर संध्या आपके लिए इतना कुछ कर रही है, मुझे भी तो तुम्हारी थोड़ी बहुत मदद करनी ही पड़ेगी और फिर वो मेरी तरफ देखकर हंसने लगा.
राहुल : तुम तो पहले से ही जानते होंगे कि वो उसके दोस्तों से शुरू से ही कितनी खुश रहती है. वैसे में उन सभी में सबसे ज्यादा किस्मत वाला हूँ जो अब संध्या मुझे चाहती है.
राज : जी हाँ में उसे जानता हूँ कि संध्या आपकी पत्नी पहले कभी एक बहुत अच्छी लड़की भी रह चुकी है.
मैंने उसके मुहं से यह बात सुनकर उसकी तरफ मुस्कुरा दिया और फिर कुछ देर बाद उसने मुझे मोबाइल दे दिया और मुझे लेटाकर मेरे सारे बदन पर किस करने लगा.
राहुल : संध्या अगर इसके बदले में उसे कुछ चाहिए तो तुम उससे पूछ लेना.
में : हाँ मैंने उसे सबसे पहले यह सब पूछ लिया, लेकिन उसे अपने दोस्त की मदद करने पर पैसे नहीं चाहिए और इसलिए उसे में कुछ अच्छा सा गिफ्ट दे दूँगी जिसे पाकर वो खुश हो जाएगा.
राहुल : हाँ तुम्हारा ऐसा करना बिल्कुल ठीक रहेगा, लेकिन उसे कुछ अच्छा सा गिफ्ट देना जिसे लेने के बाद उसके मन में कुछ कमी जैसी बात ना रहे.
में : हाँ जान तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो. में आज उसे ऐसा गिफ्ट देने वाली हूँ जैसा उसे इससे पहले कभी किसी ने नहीं दिया होगा.
राहुल : चलो अच्छा अब यह बताओ कि तुम घर पर कब तक आ रही हो?
में : हाँ मुझे थोड़ी देर और लगेगी क्योंकि हम बहुत दिनों के बाद मिले है तो हम बैठकर कॉलेज की पुरानी बातें कर रहे है इसलिए में थोड़ी सी लेट हो जाउंगी.
राहुल : ठीक है, वैसे भी कोई जल्दी नहीं है में भी थोड़ा देरी से ही आऊंगा और तब तक तुम मज़े करो.
में : हाँ मज़े तो में बहुत देर से कर ही रही हूँ.
राहुल : ठीक है बाय.
में : बाय.
फिर उसने मुझे जानवर की स्टाईल में लेकर पीछे से मेरी चूत को अपने लंड से भर दिया और बहुत तेज़ी से धक्के देकर चोदने लगा और में आआहह उहह ऑश और ज़ोर से चोदो मुझे हाँ चोदो राज बोले जा रही थी. उसने मुझे बहुत देर तक इस तरह चोदा और अब में बहुत थक गई थी और पसीने से एकदम ऊपर से नीचे तक गीली थी. तो वो बोला कि साली कब से में तुझे चोदना चाहता था और तूने कॉलेज में बॉस के अलावा भी कितनो के बिस्तर गरम किए है में वो सब कुछ जानता हूँ, लेकिन तब मुझे ऐसा मौका नहीं मिला. कोई बात नहीं आज में तेरी चुदाई का पूरा मज़ा ले लूँगा और फिर उसने अपने लंड को अचानक से मेरी चूत से बाहर निकालकर अपना सारा गरम गरम वीर्य मेरे चेहरे पर और बूब्स पर डाल दिया और अब में किसी रंडी की तरह दिखाई दे रही थी. में उसके वीर्य को चाट रही थी.
थोड़ी देर बाद मैंने उसका लंड अपने मुहं में लिया और चाट चाटकर साफ कर दिया और उसके बाद हम दोनों बाथरूम में जाकर एक साथ नहाए और वहीं पर एक बार और चुदाई का मज़ा लिया. इस बार उसने मुझे करीब बीस मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदा और ऐसा करते हुए हमे करीब तीन घंटे बीत चुके थे.
अब मैंने बाथरूम से बाहर निकलकर अपने एक एक कपड़े यहाँ वहां से लेकर पहन लिए थे और फिर उसने मुझसे कहा कि में कुछ ही देर में तुम्हारी मीटिंग मिस्टर गिरीश सक्सेना से फिक्स करवा दूँगा और अब उसने हमारे कॉलेज के बॉस को कॉल किया और कहा कि तुम्हारी गर्लफ्रेंड आज मेरे पास आई हुई है उसका फिगर अभी भी वैसा ही है बल्कि और भी ज्यादा शानदार हो गया है, आज उसे मेरी ज़रूरत पड़ गयी थी और मैंने भी यार तेरी गर्लफ्रेंड को आज जमकर चोदा और मुझे उसे चोदने में बड़ा मज़ा आया.
फिर उसने मेरे हाथ में फोन दे दिया, बॉस ने मुझसे कहा कि वो तुम्हे कॉलेज समय से ही चोदना चाहता था, लेकिन में तुम्हे तब यह सब नहीं बता पाया था. दोस्तों में उसके मुहं से यह बात सुनकर उससे कुछ कह नहीं सकी. फिर उसने कहा कि संध्या तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो, मैंने कहा कि मुझे माफ़ करना उस ठेके के लिए मुझे उसकी मदद चाहिए थी इसलिए मैंने यह सब कुछ किया है.
वो बोला कि तुम बिल्कुल भी घबराओ मत, में जब भी वहां पर आऊंगा तो हम साथ में मज़े करेंगे और मुझे तो तेरे बाकी सारे चक्कर के बारे में भी राज ने बाद में बताया था कि किस तरह तूने कितनों के साथ रातें बिताई थी और किस किसने तुझे चोदा है, मुझे सब कुछ पता है संध्या. उनसे बात करके में थोड़ी नर्वस हो गयी क्योंकि वो मेरा सबसे पहला बॉयफ्रेंड था जिसने मेरी सील तोड़ी थी और फिर में वहां से कुछ देर बाद अपने घर पर वापस आ गयी.
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कुंवारी कन्या के साथ सेक्स

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम वैभव है और में गाज़ियाबाद से हूँ. में 23 साल का लड़का हूँ और मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है और में एक एम.एन.सी कंपनी में सेल्स ऑफिसर की जॉब करता हूँ. तो अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा स्टोरी पर आता हूँ. ये स्टोरी मेरी फ़ेसबुक फ्रेंड की है. उसका नाम कनिष्का है और वो सहारनपुर से है. उसकी उम्र 19 साल, हाईट 5 फुट 5 इंच, वो थोड़ी मोटी, लेकिन दिखने में सुंदर है और उसके बूब्स का साईज लगभग 40 है. वो पिछले 6 महीने से मेरी दोस्त है और हम चेटिंग से बहुत बात करते है और मैंने उसके बारे में कभी कुछ गलत नहीं सोचा था, लेकिन वो अभी-अभी जवान हुई थी तो उस पर जवानी का नशा चढ़ा था और हम सिर्फ फ़ेसबुक फ्रेंड है.
एक बार में किसी काम की वजह से उससे कुछ दिनों तक चैट नहीं कर पाया तो वो गुस्सा करने लगी. फिर मैंने उसे समझाया कि में व्यस्त था इसलिए बात नहीं कर सका तो उसने मुझसे मेरा फोन नम्बर मांगा. मैंने उसको नंबर दे दिया. उसके बाद वो मुझे फ़ोन करने लगी और हमारी फोन पर भी बातें होने लगी, फिर कुछ टाईम नॉर्मल बात होने के बाद उसने मुझे प्रपोज कर दिया. मैंने भी स्वीकार कर लिया. फिर हम फोन पर घंटो बातें करते थे. फिर कुछ टाईम के बाद वो मुझे डबल मीनिंग मैसेज भेजने लगी और इस तरह हम फोन पर सेक्स की बातें करने लगे.
फिर एक बार मैंने उससे मिलने को कहा तो में सहारनपुर चला गया, फिर हम मिले और हमने मूवी देखने का प्लान बनाया. फिर मूवी में जैसे ही रोमांटिक सीन आया तो मैंने धीरे से उसका हाथ पकड़ा और सहलाने लगा, जब उसने कुछ नहीं कहा तो मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया, क्या फीलिंग थी यार? उसके मस्त मोटे-मोटे बूब्स थे.
फिर मैंने धीरे-धीरे उसके बूब्स दबाना शुरू कर दिया, जिससे वो गर्म होने लगी और सिसकियां लेने लगी उम्म्म्म हहह्ह्ह्ह. फिर में अपना हाथ उसकी टी-शर्ट में डालकर उसके बूब्स दबा रहा था. फिर मैंने अपने होंठ उसके कांपते हुए होंठो पर रख दिए, उसके क्या रसीले होंठ थे? फिर मैंने उसका हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया. अब मेरा लंड पेंट को फाड़कर बाहर निकालने की कोशिश कर रहा था. फिर मूवी ख़त्म होने के बाद मैंने उसे एक किस किया और वापस आ गया, लेकिन उसकी प्यास भड़क चुकी थी और वो उसे शांत करना चाहती थी.
फिर से हमारा फोन सेक्स शुरू हो गया. अब में उसे चोदने के लिए मनाने की कोशिश करने लगा, लेकिन उसे चोदने की कहीं पर भी जगह नहीं थी, क्योंकि वो यहाँ नहीं आ सकती थी और उसकी फेमिली वालों की वजह से में उसके घर नहीं जा सकता था.
फिर एक दिन मेरी ऊपर वाले ने सुन ली और उसके घरवालों को एक शादी में जाना पड़ा. वो अपनी परीक्षा की वजह से नहीं जा सकी थी. जैसे ही उसने मुझे बताया तो मैंने उसके घर जाने का प्लान बना लिया. उसने भी हाँ कह दिया क्योंकि वो भी मुझसे चुदना चाहती थी.
फिर में शाम को 7 बजे उसके घर पहुँच गया और रास्ते से मैंने आते हुए एक वोड्का की बोतल ले ली. फिर में जैसे ही उसके घर में अन्दर गया तो मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया और किस करने लगा. फिर 10 मिनट तक किस करने के बाद मैंने उसे छोड़ा तो वो हांफ रही थी. फिर हम अलग हुए और फिर मैंने उसे ग्लास और पानी लाने को कहा तो वो लेकर आ गयी. अब मैंने जैसे ही बोतल खोली तो वो कहने लगी कि मैंने कभी नहीं पी है में नहीं पीउंगी. मैंने उसे बड़ी मुश्किल से समझाया तो वो मान गयी.
अब हमने पेग पीना शुरू कर दिया और 2 पेग लेने के बाद उसे काफ़ी नशा हो गया था. मैंने अपना एक पेग और लेकर बोतल बंद कर दी. अब वो पूरे नशे में थी. मैंने म्यूज़िक चला दिया और उसे मेरे साथ डांस करने के लिए बोला तो नशे में उससे डांस भी नहीं हो रहा था. वो मेरी बाहों में झूलने लगी.
अब में भी उसकी कमर से हाथ फैरता हुआ उसकी मस्त गोल-गोल गांड पर हाथ रखकर धीरे-धीरे दबा रहा था. अब उसे नशे के साथ साथ मस्ती भी चढ़ने लगी थी. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और रज़ाई ओढ़ ली. अब मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया, कभी कान पर, गर्दन पर, और फिर धीरे से स्मूच करने लगा. फिर में अपने हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा और फिर में धीरे-धीरे अपना हाथ उसकी टी-शर्ट में अंदर डालकर उसके बूब्स दबाने लगा. अब वो मस्त हो कर अपनी आँखे बंद करके, ह्म्‍म्म्मम आआआ कर रही थी.
फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को निकाल दिया ओह्ह्ह माई गॉड क्या बूब्स थे उसके मोटे राउंड शेप में? और बीच में पिंक निपल थे. में उन्हें देखकर पागल हो गया और अपने मुँह में भरकर चूसने लगा. अब वो मस्त हुए जा रही थी और अब में एक हाथ से उसके एक बूब्स को दबा रहा था और दूसरे बूब्स को मुँह में लेकर चूस रहा था. फिर मैंने अपना हाथ उसके पजामे में डाल दिया और उसकी चूत पर रख दिया. उसकी चूत पूरी भीग चुकी थी और पजामा टाईट होने की वजह से मेरा हाथ उसकी चूत पर सही से नहीं था. मैंने उससे पजामा उतारने को कहा तो उसने पजामा और पेंटी एक साथ उतार दिए. अब उसकी चूत मेरे सामने थी, क्या मस्त चूत थी? फूली हुई और उसके दोनों किनारे आपस में ऐसे चिपके हुए थे जैसे कभी अलग नहीं होंगे.
अब में उसकी चूत को धीरे-धीरे सहलाने लगा तो वो मचल उठी. फिर मैंने चूत के होंठ खोलकर देखा तो में हैरान हो गया, वो एकदम टाईट और लाल रंग की थी. फिर मैंने उससे पूछा कि तुमने इससे पहले सेक्स किया है? तो उसने मना कर दिया, दोस्तों वो बिल्कुल वर्जिन थी. ये सुनकर में बड़ा खुश हुआ कि बड़े दिनों के बाद सील तोड़ने को मिल रही है. अब मुझसे और नहीं रहा जा रहा था.
फिर मैंने अपने कपड़े निकाल दिए और उसका हाथ अपने खड़े लंड पर रख दिया और झुककर उसकी चूत पर अपना मुँह रख दिया जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ लगाई, तो वो तड़प उठी और मेरा लंड कसकर पकड़कर हिलाने लगी. अब में उसकी चूत चाट रहा था और वो मेरे लंड को सहला रही थी. करीब 5 मिनट तक उसकी चूत चाटने के बाद वो कहने लगी कि वैभव और तेज और तेज और मेरे सर को अपने हाथों से पकड़कर चूत में दबाते हुई जोर से चिल्लाई, आआआआआआअहह बस बस, अब, वो झड़ चुकी थी और में उसका सारा नमकीन पानी पी गया.
अब मैंने उससे अपना लंड चूसने को कहा तो वो मना करने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि मैंने भी तो किया है और सब ऐसे ही सेक्स करते है तो वो मान गयी. फिर उसने धीरे से मेरे लंड पर जीभ फेरी तो में सातवें आसमान में उड़ने लगा. अब मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
फिर वो मेरे लंड को मुँह में डालकर चूसने लगी और अब मेरे मुँह से सिसकारी निकलने लगी आआआ हुउऊम्म्म्म ओह, फिर जब में झड़ने वाला था तो में उसके सिर को पकड़कर धक्के लगाने लगा और उसके मुँह में ही झड़ गया. अब में फिर से उसे गर्म करने लगा. उसके बूब्स दबाने और चूसने लगा. अब में एक हाथ से उसकी चूत सहला रहा था और अब में अपनी एक उंगली उसकी चूत में डालने लगा तो उसे दर्द होने लगा और उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. फिर में जबरदस्ती अपनी उंगली अंदर डालकर अंदर बाहर करने लगा तो वो बहुत गर्म हो गयी थी और मेरा लंड भी फिर से खड़ा हो गया था.
अब में उसकी टांगो के बीच में आ गया और उसकी टांगे ऊपर करके जैसे ही लंड चूत पर रखा तो वो मना करने लगी और कहने लगी कि जब उंगली से उसे इतना दर्द हुआ है फिर ये तो इतना मोटा है, बहुत दर्द होगा. फिर मैंने उसे समझाया कि शुरू-शुरू में थोड़ा सा दर्द होगा फिर मज़ा ही मज़ा है मेरी जान, तो वो मान गयी, लेकिन वो फिर भी डर रही थी. अब मैंने पोज़िशन बनाकर लंड को चूत पर रखकर जैसे ही धक्का मारा तो मेरा लंड फिसल गया.
फिर मैंने उसके नीचे एक तकिया लगाया और फिर से लंड को चूत पर रखकर धक्का मारा तो लंड उसकी चूत में घुस गया. अब तो वो चिल्लाने लगी, लेकिन उसकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं था. अब वो मुझे धक्का देकर हटाने लगी और कहने लगी कि निकालो इसे, तुमने मेरी चूत फाड़ दी. अब में उसे किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा, तब वो नॉर्मल हुई.
इसके बाद मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रखे और एक जोरदार शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी सील तोड़ता हुआ उसकी चूत में अंदर तक घुस गया और वो इतना ज़ोर से चिल्लाई कि पड़ोसी भी उसकी आवाज सुन लेते, लेकिन मेरे मुँह से उसका मुँह बंद होने के बाद भी उसकी बड़ी तेज आवाज़ निकली और उसकी आँखो में आंसू आने लगे और वो रोने लगी और मुझे मारने लगी. अब मैंने उसके हाथ पकड़ लिए तो उसका मुँह आज़ाद हो गया और वो ज़ोर से चिल्लाई कि छोड़ दो मुझे. निकालो इसे मुझे नहीं करना है प्लीज मुझे बड़ा दर्द हो रहा है आई मम्मी और रोने लगी. में उसे किस करने लगा और कहा कि 2 मिनट रुक जाओ हिलना मत नहीं तो दर्द होगा.
फिर में 2 मिनट तक ऐसे ही उसके बूब्स दबाता रहा और उसे किस करता रहा. फिर वो थोड़ी शांत हुई तो मैंने धक्के लगाने शुरू किए तो अब उसे भी दर्द हो रहा था. फिर मैंने धीरे-धीरे करना स्टार्ट कर दिया, लेकिन मेरा लंड बुरी तरह से उसकी चूत में जकड़ रखा था तो धीरे-धीरे धक्के लगाने मुश्किल हो रहे थे. अब वो थोड़ी नॉर्मल हो गयी तो मैंने अपने धक्को की स्पीड तेज कर दी अब उसे भी मज़े आने लगे और वो अपने मुँह से आआहहह हूम्म्म ओह आईईसस्स्स ह्म्‍म्ममममम्म करने लगी.
फिर 10 मिनट तक धक्के लगाने के बाद अचानक उसने मुझे अपनी बाहों में कस लिया और वो झड़ गयी. फिर में नीचे लेट गया और उसे अपने ऊपर करके चूत में लंड डालकर उसे चोदने लगा. दोस्तों इस पोज़िशन में मेरी स्पीड काफ़ी तेज होती है और ये मेरी सबसे पसंदीदा पोज़िशन है. फिर 10 मिनट तक पूरी स्पीड से चोदने के बाद वो झड़ गयी और मेरे ऊपर गिर गयी. अब वो मुझसे बस बस कहने लगी. तो मैंने कहा कि मेरा नहीं हुआ तो वो बोली कि मेरी जान लोगे क्या? फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और फिर पीछे से उसकी चूत में लंड डालकर चोदने लगा. अब वो अया आह करने लगी. फिर थोड़ी देर में मेरा निकलने वाला था तो मैंने पूछा कि कहा निकालूं तो उसने कहा कि अन्दर ही निकाल दो. मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गये और में अपना सारा माल उसकी चूत में डालकर उसके ऊपर ही लेट गया और फिर हम सो गये.
मुझे सुबह उसके घर से निकलना था. फिर सुबह जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि वो अपनी गांड मेरी तरफ करके सोई थी. ये देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और में उसकी गांड सहलाने लगा तो उसकी आँख खुल गयी तो मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया. फिर मैंने उससे कहा कि में तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ तो वो मना करने लगी.
फिर मेरे काफ़ी मनाने के बाद भी वो नहीं मानी तो मैंने कहा कि अब इस खड़े हुए लंड का तो कुछ करो. तो उसने कहा ठीक है और उसने मुझे लेटाकर खुद मेरे ऊपर आ गयी और चूत मेरे लंड पर रखकर कूदने लगी. फिर इस राउंड के बाद में नहाया और वापस गाज़ियाबाद आ गया. इसके बाद उसकी शादी हो गयी और उसने मुझसे कहा कि तुम मुझे भूल जाओ. अब हम कभी नहीं मिल सकते, लेकिन वो हसीन रात मुझे आज भी याद है.
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अजनबी ने पूरी रात मुझे ठोका

हैल्लो मेरा नाम आशिका है और मेरी फेमिली में, में और मेरे पापा है इसलिए में पापा की लाडली हूँ. मेरी उम्र 19 साल है और में दिखने में सुंदर और सेक्सी हूँ. मेरा फिगर 34-24-36 है और मेरा कलर गौरा, हाईट 5 फुट 5 इंच, वजन 47 किलोग्राम, स्लिम बॉडी है.
मेरे एक अंकल की लड़की की शादी थी तो मेरा और पापा का जाना जरुरी था, लेकिन पापा की तबीयत अचानक ख़राब हो गई तो मुझे ही जाना पड़ा. प्रोग्राम एक होटल में था और प्रोग्राम घर से ज्यादा दूर नहीं था तो में अपनी स्कूटी लेकर चली गई और में बहुत ही शरीफ लड़की थी किसी लड़के की तरफ देखती ही नहीं थी. मुझे क्या पता था? कि आज मेरी शराफ़त की माँ बहन होने वाली है.
में पार्टी में पहुँच गई और कन्यादान किया, फिर स्टेज पर जाकर दीदी को गिफ्ट दिया और फिर खाना खाया और घर की और चल दी. तभी मुझे याद आया कि पापा ने कहा था कि एक बार अंकल को हैल्लो बोलकर जरूर आना तो में उन्हे ढूँढने लगी. बहुत देर हो गई लेकिन अंकल नहीं मिले. वहां सब लड़के मुझे घूर रहे थे क्योंकि में बहुत ही सेक्सी लग रही थी. मैंने मिनी स्कर्ट और फिटिंग का टॉप पहना था, वो भी साईज़ में छोटा था और मेरी जांघे और नाभि और क्लीवेज साफ दिखाई दे रहे थे. ये मेरी नॉर्मल ड्रेस है.
फिर मुझे आंटी दिखी तो मैंने उनसे पूछा कि अंकल कहाँ है? तो उन्होंने बाहर की तरफ इशारा कर दिया. में वहां नहीं जाना चाहती थी, लेकिन पापा ने बोला था इसलिए जाना जरूरी था. फिर में वहां गई और अंकल को हैल्लो बोला, अंकल फुल नशे में थे उन्होंने मुझे नॉर्मली हग किया और वाइन का ग्लास दे दिया. मैंने मना किया लेकिन वो नहीं माने और मुझे पिला दिया. जिससे वहीं पर मेरा सिर घूमने लगा. फिर मैंने अपनी स्कूटी स्टार्ट की और जैसे ही स्टार्ट करके रेस तेज की तो में गिर गई और बेहोश हो गई.
फिर जब मेरी आँख खुली तो एक लड़का मेरे साथ बैठा था. फिर मैंने पूछा कि में कहाँ हूँ? तो उसने बताया कि में उसके रूम में हूँ और उसे में पार्टी के बाहर पार्किंग में बेहोश मिली थी. फिर मैंने उसे थैंक्स बोला और उठकर जाने लगी, तो उसने मुझे रोका और कहा कि रात के 1 बज गए है, अब तुम कहाँ जाओगी और कल सुबह चली जाना तो में भी मान गई.
फिर मैंने पापा को फोन किया और बोल दिया कि में मेरी दोंस्त के घर पर हूँ कल सुबह आ जाउंगी तो पापा भी मान गए. फिर वो बोला चलो सोते है और मेरे साथ आकर बेड पर लेट गया. फिर मैंने कहा कि तुम कहीं और सो जाओ प्लीज. तो उसने बताया कि उसके पास एक ही बेड है तो मैंने कहा चलो एड्जस्ट कर लेते है फिर हम सो गए. सॉरी दोस्तों मैंने आपको उस लड़के के बारे में तो बताया ही नहीं, उसका नाम विक्की था और उसकी उम्र 20 साल थी. हाईट 5 फुट 7 इंच और लंड का साईज़ 8 इंच था वो बहुत ज्यादा स्मार्ट नहीं था, लेकिन एवरेज था.
फिर रात को अचानक मुझे अपनी जांघो पर कुछ महसूस हुआ तो मैंने आँख खोली तो विक्की मेरी जांघो पर हाथ घुमा रहा था. फिर में उसे रोकने लगी तो मैंने देखा कि मेरे हाथ बंधे हुए थे और उसने पैरो को भी बांध रखा था और मेरे मुँह पर टेप थी. में डर गई और रोने लगी तो वो बोला कि चिंता मत करो आज तुझे बहुत मजा आने वाला है तो उसने मेरे ऊपर से चादर हटाकर फेंक दी तो में देखकर और ज्यादा डर गई कि में पहले से ही नंगी थी और वो भी नंगा था. में उसे मना करती रही, लेकिन वो नहीं रुका और कभी मेरी नाभि को किस करता तो कभी जांघो को किस करता, कभी बूब्स चूसता और बूब्स दबाता रहा.
फिर वो मेरी चूत चाटने लगा, जिस पर बहुत बाल थे. फिर वो उठा और रेजर से मेरी चूत के बाल साफ़ कर दिए. में रो रही थी, लेकिन वो मेरी तरफ देख ही नहीं रहा था. फिर वो मेरी चूत लिक करने लगा तो मुझे नशा सा होने लगा. फिर में भी उसका साथ देने लगी और अपनी चूत उसके मुँह में धकेलने लगी. वो समझ गया था कि अब में तैयार हूँ और फिर उसने मुझे खोल दिया और किस करने लगा. में उससे लिपट गई और किस करती रही. फिर वो मेरे बूब्स मसलने लगा और दबा भी रहा था. में सातवें आसमान में थी.
फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह पर रख दिया तो मैंने लंड चूसने से मना कर दिया, लेकिन वो नहीं माना. फिर में तैयार हो गई और उसका लंड देखते ही डर गई, बाप रे कितना बड़ा था, लंड मेरे मुँह में आधा ही गया था. में मस्त होकर चूसती रही और उसने मेरे मुँह में ही झाड़ दिया और पीने को बोला तो में उसके लंड का पूरा पानी पी गई.
फिर उसने मुझे लेटा दिया और मेरी चूत चूसने लगा और में सिसकियाँ लेने लगी आईईई उम्म्म्मम और तेजज़्ज़्ज अह्ह्ह्ह उम्म्म्मम और 10 मिनट के बाद में फिर झड़ गई. वो मेरा सारा पानी पी गया. फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे और उसका लंड फिर से खड़ा हो गया और वो मेरी गर्म और गीली चूत पर लंड रगड़ने लगा. में अब रुक नहीं पा रही थी और फिर मैंने उससे बोला जो करना है जल्दी से कर लो ना प्लीज, तो उसने टाईम वेस्ट ना करते हुए एक ज़ोरदार झटका मारा और उसका पूरा लंड मेरी चूत में अन्दर चला गया. क्योंकि मेरी चूत पहले से ही गीली थी और अन्दर से कुछ टूटने की आवाज़ आई और खून निकलने लगा.
फिर मेरे मुँह से आवाज़ निकलने लगी आईईईइ माँ मरररर गईई पापा बचाओं आइईईई इतने में उसने अपने होठों से मेरे मुँह को लॉक कर दिया और थोड़ी देर वैसे ही रहा और किस करता रहा. फिर जब मेरा दर्द कम हो गया तो वो फिर से धीरे धीरे स्टार्ट हो गया, लेकिन उसने मेरे होठों को नहीं छोड़ा. फिर थोड़ी देर के बाद वो मेरी चूत में ही झड़ गया और में भी झड़ गई.
फिर वो मेरी गांड मारने लगा तो उसने मेरी गांड में लंड डाल दिया और चोदने लगा, लेकिन उसने मेरे होठों को नहीं छोड़ा और फिर उसने थोड़ी देर के बाद मुझे छोटे बच्चे की तरह गोद में उठा लिया और वो पूरी छत पर मुझे लेकर घूम रहा था और साथ में चोद भी रहा था. फिर मैंने कहा अभी के लिए बहुत है तो वो मेरी गांड में अन्दर ही छूट गया. फिर हम बेड पर आकर नंगे ही सो गए.
फिर जब मेरी आँख खुली तो सुबह के 11 बज रहे थे और हम अब भी बेड पर नंगे पड़े थे. फिर मैंने विक्की को उठाया तो उसने मुझे किस किया और फिर हम दोनों ने कपड़े पहने और फिर वो मेरे लिए कॉफी ले आया.
फिर हमने कॉफी पी और उसने कहा कि चलो तुम्हें घर छोड़ दूँ. फिर मैंने सोचा क्यों ना आज भी मजा लिया जाए? फिर मैंने उससे कहा कि यार पापा तो ऑफिस गए होंगे. क्यों ना हम आज शाम तक साथ में टाईम बिताये? वो समझ गया था कि मुझे क्या चाहिए? तो उसने कहा कि ठीक है नहा लेते है. फिर उसने मेरे लिए अपनी बहन के कपड़े ला दिए और हम नहाने चले गए. फिर उसने मुझे बाथरूम में दो बार चोदा.
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पड़ोसी की बेटी की चूत चोदी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मूसा है. दोस्तों में आज पहली बार अपनी पहली कहानी लिख रहा हूँ और मुझे पूरी उम्मीद है कि यह आप सभी को जरुर पसंद आएगी. दोस्तों यह कहानी आज से एक साल पुरानी है. उस वक़्त में 19 साल का था और मेरे लंड साईज़ 7 इंच है. जिसे मैंने चोदा वो लड़की 18 साल की थी और उसके बूब्स का साईज़ करीब 24-26-28 था. उसकी कमर बिल्कुल पतली एकदम सेक्सी थी और उन दिनों में हमने अपना घर बदल लिया था और हमारे नये घर के पड़ोस में एक फैमली रहती थी, जिनमें मम्मी, पापा, और उनकी दो बेटियाँ रहती थी और उनकी बड़ी लड़की का नाम कुसुम था.
दोस्तों जैसा उसका नाम वैसी वो खुद भी थी. वो दिखने में बहुत सुंदर, उसकी पतली कमर, बड़ी बड़ी आंखे, लंबे काले बाल, एकदम गोरा गदराया हुआ बदन, खिले गुलाब की तरह नाजुक गुलाबी होंठ, वो मुझे अक्सर घूरती रहती थी और में भी उससे कभी कभी बात कर लिया करता था. वैसे वो दिखने में बहुत सेक्सी लगी थी. उसका गदराया हुआ बदन हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करने वाला था और वो हमेशा बिल्कुल फिट कपड़े पहना करती थी जिसकी वजह से उसका जिस्म और भी मस्त लगता था. में भी उसे कोई मौका देखकर उसकी नजरों से छुपकर घूरता रहता था और अब समय धीरे धीरे गुजरता गया और मेरी उससे बातचीत भी अब कुछ ज्यादा होने लगी थी. हम दोनों बहुत देर तक हंसी मजाक किया करते और इधर उधर की बातें करते.
दोस्तों यह बात उस दिन की है जब मेरी और उसकी फैमिली दोनों को मुझे और कुसुम को अकेला छोड़कर दो दिन के लिए बाहर एक शादी में जाना पड़ा, क्योंकि उस समय हमारे कॉलेज में पेपर चल रहे थे, तो हम दोनों अब अपने अपने घर पर पढ़ाई करने के लिए रुक गए थे और उसी शाम को 6 बजे दोनों घर के सभी लोग शादी में चले गए और अब हम दोनों अपने अपने घर पर अपने आने वाले पेपर के लिए पढ़ाई कर रहे थे. तभी कुछ देर बार उसे एक सवाल में कुछ समस्या हुई तो उसने मेरे पास आकर मुझसे मदद माँगी.
फिर मैंने उसे अपने ही घर में बुला लिया और उसे सवाल समझाने लगा, तभी अचानक से उसका दुपट्टा कंधे से थोड़ा सरकते हुए नीचे गिर गया और अब मेरी नज़र उसके बूब्स पर गई, वो उसके बड़े गले के सूट से आधे आधे बाहर आ रहे थे और बहुत सुंदर दिख रहे थे. में उसकी छाती को अब बहुत देर तक लगातार घूरता रहा, लेकिन तभी उसने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया और में इन सब से बिल्कुल अंजान बनकर इधर उधर देखने लगा. दोस्तों हमें पढ़ाई करते हुए करीब रात के 9 बज गए थे और अब हमें नींद आने लगी. फिर कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि में अब सोने जा रही हूँ और वो अपने घर पर जा ही रही थी कि अचानक पूरे इलाके की लाईट चली गयी और बाहर अंदर एकदम अंधेरा हो गया तो वो एकदम से डरकर मुझसे चिपक गई और में उसकी पीठ पर हाथ सहलाने लगा.
तभी कुसुम ने बहुत डरते हुए मुझसे कहा कि मुझे अंधेरे से बहुत डर लगता है. क्या में आज रात तुम्हारे घर पर ही सो सकती हूँ? तो मैंने भी झट से हाँ कर दिया, क्योंकि में भी तो यही सब चाहता था. मैंने उससे कहा कि तुम जब तक चाहो यहाँ पर सो सकती हो वैसे भी में अकेला सोता हूँ, लेकिन अब हम दोनों एक साथ सो जाएगें तुम बिल्कुल भी मत डरो तुम्हारे पास में हूँ ना और अब हम दोनों ज़मीन पर बिस्तर बिछाकर लेट गए और में उसकी चुदाई के सपने देखने लगा. मुझे नींद नहीं आ रही थी और फिर थोड़ी देर के बाद मैंने मौका देखकर उसके पेट पर अपना एक हाथ रख दिया, लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा
मैंने सोचा कि शायद या तो कुसुम सो गई है या फिर वो भी वही सब मुझसे चाहती है जिसकी में उससे उम्मीद रखता हूँ क्योंकि उसकी दोनों आखें बंद थी और वो एकदम सीधी लेटी हुई थी और यह बात सोचकर में अब थोड़ी और हिम्मत करके आगे बढ़ने लगा और मैंने अपने हाथ को अब उसके पेट पर घुमाना शुरू कर दिया, लेकिन तभी उसने मुझसे कहा कि यह तुम क्या कर रहे हो? दोस्तों में एकदम से डर गया और मैंने थोड़ी हिम्मत करके कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और में उसे अब पकड़कर ज़ोर से किस करने लगा.
फिर उसने मुझसे कहा कि यह सब बहुत ग़लत है, प्लीज अब इसे बंद करो, मैंने उससे कहा कि इसमें कुछ ग़लत नहीं है क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करती? तो उसने कुछ देर रुककर कहा कि हाँ में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और फिर उसके मुहं से बस इतना सुनते ही में उसके ऊपर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा. में उसके होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. फिर कुछ देर बाद वो भी जोश में आकर बिल्कुल गरम हो गई और अब मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. किस करते हुए मैंने अपना दूसरा हाथ भी उसके बूब्स पर रख दिया और ज़ोर से दबाने लगा. वो अजीब सी आवाजें निकालने लगी सईईईईई ऊईईईईईईइ अहह्ह्ह्हह्हह और अब वो मोन करने लगी.
फिर मैंने जल्दी से उसका सूट उतार दिया और उसकी ब्रा को भी उतार दिया और उसके बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा. वाह दोस्तों मुझे उसके बूब्स को मुहं में लेने पर बहुत अच्छा अहसास हुआ क्योंकि उसके बूब्स बहुत बड़े, गोल, एकदम मुलायम रुई की तरह थे और अब उसके बूब्स का वो हल्के भूरे रंग का निप्पल मेरे मुहं में आ गया था. वाह! क्या मस्त स्वाद था उसके बूब्स का? फिर में करीब एक घंटे तक उसके बूब्स को चूसता रहा और उसकी गर्दन, गले, गाल पर किस करता रहा.
वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी फिर में उसके बूब्स को छोड़कर धीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ा और उसकी सलवार और पेंटी को उतारकर फेंक दिया और हम 69 पोज़िशन में आ गए और फिर मैंने उससे अपना लंड चूसने को कहा और में खुद उसकी चूत को चाटने लगा. दोस्तों उसकी चूत एकदम चिकनी थी और उस पर एक भी बाल नहीं था. में उसकी चूत को करीब तीस मिनट तक लगातार चूसता, चाटता रहा और वो भी पागलों की तरह मेरा लंड चूसती रही. उसको ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर में उठा और उसे सीधा लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को फैलाकर मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया और अब में उसके ऊपर चढ़ गया और मैंने अपना लंड उसकी कुँवारी चूत पर रखकर एक ज़ोर का धक्का मारा और उसके मुहं से बहुत ज़ोर से चीखने की आवाज़ निकली आआहह आईईईई और वो एकदम से छटपटाने लगी.
उसने मुझे पीछे घकेलने की बहुत कोशिश की, लेकिन मेरी मजबूत पकड़ की वजह से वो कुछ देर बाद नाकाम होकर शांत हो गई और मैंने भी थोड़ी देर रुककर उसका दर्द कम होने का इंतजार किया और कुछ देर बाद जैसे ही मैंने दूसरा ज़ोर का धक्का मारा और उसकी चूत की सील टूट गयी और उसकी चूत से खून बाहर निकलने लगा और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चीखने, चिल्लाने लगी प्लीज मुझे छोड़ दो आईईईईईइ अपना लंड बाहर निकालो अह्ह्ह्हह्ह प्लीज बाहर करो इसे उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह माँ प्लीज मुझे बहुत दर्द हो रहा है, में मर जाउंगी और वो मेरी पीठ पर नाख़ून गढाने लगी, जिससे में और भी जोश में आ गया और मैंने बिना रुके अपने 7 इंच के लंड को उसकी चूत में लगातार धक्के देकर डालने लगा और ताबड़तोड़ धक्के देकर चुदाई करने लगा और उसके बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. वो बस आवाज़ें निकाल रही थी आअहह आईईईईई मर गई उह्ह्ह माँ प्लीज अब तो छोड़ दो मुझे, थोड़ा धीरे करो मेरी, चूत फट जाएगी, लेकिन कुछ देर बाद उसका दर्द और सिसकियाँ अब मज़े में बदल गई.
अब तक जो लड़की मुझसे छोड़ देने की बात कह रही थी, अब वही लड़की मुझसे अपनी जमकर चुदाई करने का आग्रह कर रही थी. वो कह रही थी कि हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे. में आज अभी से सिर्फ तुम्हारी हूँ चोदो मुझे और दम लगाकर चोदो. फाड़ दो मेरी चूत को, भोसड़ा बना दो आज इसका, चोदो मुझे और ज़ोर से चोदो और करीब 15 मिनट बाद अचानक उसका शरीर एकदम से अकड़ने लगा और वो चिल्लाने लगी हाँ और ज़ोर से और ज़ोर से और अंदर डाल दो पूरा का पूरा मेरी चूत के अंदर घुसा दो, लेकिन फिर वो बिल्कुल ढीली पड़ गई तो में समझ गया कि वो अब झड़ चुकी है. उसके पांच मिनट बाद वो एक बार फिर से जोश में आ गई और मैंने भी अपने धक्के तेज़ कर दिए.
फिर करीब तीस मिनट बाद मैंने अपना सारा वीर्य उसकी गरम जोश से भरी हुई चूत में तेज धक्कों के साथ भर दिया और वो भी एक बार फिर से झड़ गई और में थककर उसके ऊपर गिर गया और उसके बूब्स को चूसने लगा. में दस मिनट तक ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा और फिर लाईट आ गई.
दोस्तों मैंने उस रात उसे दो बार चोदा और एक बार उसकी गांड भी मारी और उसके मुहं को अपने वीर्य का स्वाद भी कई बार चखाया और सुबह हम दोनों ने उठकर नहाने के बाद नाश्ता किया और फिर हमने दूसरे दिन और रात करीब आठ बार चुदाई के मज़े लिए. वो पूरे जोश से अपनी चुदाई में मेरा साथ दे रही थी और मैंने इन दो दिनों में उसकी कुंवारी चूत को चोद चोद कर भोसड़ा बना दिया था और फिर उसके बाद तीसरे दिन हमारी फैमिली वापस आ गई, लेकिन उसके बाद हमें जब भी मौका मिलता तो में उसकी जमकर चुदाई कर देता. मैंने उसको एक बार हमारी छत पर भी ले जाकर चोदा और बहुत मज़े किए.
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छोटे भाई से बूब्स दबवाने का मजा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीरा है और यह मेरी पहली सेक्स घटना है और जिसमें मुझे मेरे छोटे भाई ने चोदा. अब में आप सभी को अपनी उस घटना का अनुभव पूरी तरह विस्तार से सुनाने जा रही हूँ और में उम्मीद करती हूँ कि आप सभी को इसे पढ़ने में बहुत मज़ा आएगा और अब में अपना परिचय करवा देती हूँ. में समीरा और मेरी उम्र 22 साल है, में दिखने में बहुत सुंदर, गोरी मेरा गदराया हुआ बदन, बड़ी बड़ी आंखे, गोल चेहरा, पतली कमर, बड़े ही सुडोल बड़े बड़े आकार के बूब्स, मस्त सेक्सी गांड को देखकर हर किसी का लंड पानी छोड़ने पर मजबूर हो जाता है, मेरी लम्बाई 5.7 इंच है.
दोस्तों यह घटना एक साल पुरानी है, जब मेरी उम्र 21 साल और मेरे भाई की उम्र 18 साल थी और उस दिन मेरे मम्मी और पापा किसी काम से कुछ दिनों के लिए आउट ऑफ स्टेशन गये हुए थे तो उस दिन में और मेरा छोटा भाई रूम में बैठे हुए थे और उस समय वो फोन पर गेम खेल रहा था और में बेड पर बैठी हुई थी और मैंने उस समय गहरे गले की नाईटी पहनी हुई थी और जिसमें से मेरे बूब्स बड़े आकार के होने की वजह से बहुत ही सुंदर और आधे से ज्यादा नंगे दिख रहे थे तो वो अब मेरी तरफ चोरी चोरी देख रहा था और मुझे बहुत अजीब सा लगा, लेकिन थोड़ा थोड़ा अच्छा भी लग रहा था और वैसे में घर पर ज्यादातर नाईटी ही पहना करती थी और बाहर जाते समय बिल्कुल टाईट जींस और टी-शर्ट पहना करती थी, जिसकी वजह से बाहर का हर एक लड़का मुझे देखकर लाईन मारता था.
फिर थोड़ी ही देर के बाद मैंने उससे कहा कि टीनू प्लीज मेरे पैर दबा दे बहुत दुख रहे है, उसने एकदम से बोला कि हाँ अभी दबा देता हूँ दीदी और अब उसकी आखें जैसे बिल्कुल चमक सी उठी हो. मैंने एक कंबल ले रखा था और अब वो मेरे पैर दबाने लगा और में बेड पर लेट गई. दोस्तों उसका व्यहवार पिछले कुछ दिनों से मेरे लिए एकदम बदल सा गया था, क्योंकि मैंने बहुत बार गौर किया कि वो मुझे किसी ना किसी बहाने से छूने की कोशिश किया करता था और मेरी छाती को घूर घूरकर देखता रहता तो कभी मेरे कूल्हों को पकड़कर छूने लगता और मुझे भी उसका यह सब करना बहुत अच्छा लगता था.
मैंने उससे कहा कि टीनू प्लीज थोड़ा और अंदर से दबा दे और अब वो बोला कि ठीक है दीदी तो वो कंबल के अंदर हाथ डालकर मेरे पैर दबाने लगा. मुझे धीरे धीरे थोड़ा आराम आने लगा और नींद भी और थोड़ी देर के बाद मुझे महसूस हुआ कि टीनू मेरे पैर दबा रहा है और जब मेरी आँख खुली तो मैंने उससे कहा कि पैर दबा. वो बोला कि ठीक है दीदी, लेकिन अब मुझे फिर से नींद नहीं आ रही थी, वो बार बार मेरी जांघ की तरफ आ रहा था और मेरी आंखे बंद थी.
फिर वो थोड़ी देर के बाद घुटनों के ऊपर से मेरी जांघे दबाने लगा, लेकिन मैंने उससे कुछ नहीं बोला, लेकिन मेरी पेंटी को उस बात का इंतजार हो रहा था. फिर मैंने कंट्रोल किया कि यह मेरा छोटा भाई है. फिर एकदम से उसने अपना हाथ मेरी पेंटी पर रख दिया और वो धीरे धीरे आगे बढ़ने लगा. तभी में एकदम झट से उठ गई और उससे बोली कि तू यह क्या कर रहा है टीनू?
वो मुझसे बोला कि दीदी सॉरी वो सब ग़लती से हो गया. में तो सिर्फ़ आपको सुलाने की कोशिश कर रहा था. फिर में बिल्कुल शांत, चुपचाप होकर लेट गई और अब वो फिर से मेरे पैर दबाने लगा, लेकिन थोड़ी ही देर के बाद फिर उसने मेरी पेंटी पर हाथ रख दिया, लेकिन इस बार मैंने उससे कुछ नहीं बोला. फिर मैंने सोचा कि शायद इस बार भी वो मुझे सुलाने के लिए यह सब कर रहा है. वैसे दोस्तों में सच सच बताऊँ तो मुझे उसके हाथ का स्पर्श अपने जिस्म पर बहुत अच्छा लग रहा था और मेरे अंदर एक अजीब अहसास आने लगा था.
फिर वो अपना हाथ धीरे धीरे मेरी पेंटी पर रगड़ने लगा और में ऐसा व्यहवार कर रही थी कि जैसे में अब गहरी नींद में सो रही हूँ. तभी अचानक से उसने अपना एक हाथ मेरी पेंटी के अंदर डाल दिया और अपना दूसरा हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया, जिसकी वजह से मेरी हालत बहुत खराब हो रही थी और अब में उसे रोकना चाहती थी, लेकिन पता नहीं क्यों रोक नहीं पा रही थी. वो मेरा छोटा भाई था और उसका स्पर्श मुझे बहुत मज़ा भी दे रहा था.
फिर में कुछ देर बाद थोड़ी हिम्मत करके एकदम से उठी और फिर उस पर ज़ोर से चिल्लाई कि टीनू क्या तुझे बिल्कुल भी शर्म नहीं आती, में तेरी बहन हूँ? लेकिन इसके चेहरे पर तो एक शरारती स्माईल थी और अब वो मुझसे कहने लगा कि दीदी तुम बहुत सुंदर हो. फिर मुझे बहुत गुस्सा आया और फिर वो मुझसे बोला कि दीदी तुम्हारा जिस्म बहुत सुंदर है और तुम्हारे बूब्स, चूत तो मुझे बहुत ही अच्छे लगते है. फिर मैंने गुस्से में उसे एक ज़ोर का थप्पड़ लगा दिया, लेकिन उसने अब मुझे कसकर पकड़ लिया. में उसके ऊपर चिल्लाई और अब वो मुझसे बोला कि चुप कर रंडी साली कुतिया बाहर के लोगो से मरवा सकती है तो फिर तुझे मेरे से क्या दिक्कत है?
फिर उसने भी मुझे एक थप्पड़ मारा और मुझे बेड पर पटक दिया और बोला कि आज तो तू मुझसे चुदेगी समीरा. फिर में ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और उससे बोली कि प्लीज टीनू में तेरी बहन हूँ, प्लीज मुझे छोड़ दे और फिर वो बोला कि हाँ तो में भी बहनचोद हूँ और अब वो मेरे ऊपर लेट गया और मुझे किस करने लगा. फिर मैंने उसे अपने ऊपर से हटाने की बहुत नाकाम कोशिश की, लेकिन उसमें बहुत दम था. वो मुझसे बोला कि साली रांड रोना बंद कर और मेरे साथ साथ अपनी चुदाई का पूरा पूरा मज़ा ले. फिर उसने अपना लंड पेंट से बाहर निकाला और मेरे सर के बालों को ज़ोर से पकड़कर मेरे मुहं में डाल दिया तो एकदम में कांप उठी और वो ज़ोर जोर से हंसने लगा.
फिर करीब दस मिनट में उसने मेरे मुहं में अपने लंड को आगे पीछे ज़ोर ज़ोर से धक्के देने के बाद अपना गरम गरम वीर्य डाल दिया और अब मुझे भी उसका ऐसा करना थोड़ा थोड़ा अच्छा लग रहा था. फिर उसने मुझे किस करना शुरू किया और अब मैंने भी उसका पूरा पूरा साथ दिया. अब वो मेरे बूब्स को पागलों की तरह चूसने और दबाने लगा.
फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज आईईईइ थोड़ा आराम से टीनू उह्ह्ह्ह प्लीज में तेरी बहन हूँ थोड़ा प्यार से कर. वो बोला कि चुपकर कुतिया भोसड़ी की और मेरे बूब्स बिल्कुल लाल हो गए और मेरी सिसकियों की आवाज़ अब धीरे धीरे तेज होती जा रही थी. फिर में उससे बोली कि प्लीज मेरे आह्ह्हह्ह्ह्ह भाई आराम से यह तेरी ऊईईईईईई बहन मर जाएगी, प्यार से कर मेरी जान.
फिर वो बोला कि हाँ हरामजादी में आज तुझे मार ही डालूँगा और तभी में बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी, जब उसने मेरे बूब्स पर बहुत ज़ोर से काटा उफफफफफफफफफफ्फ़ टीनू मरररर गई आऐईईईई माँ बचाओ मुझे, प्लीज अब छोड़ दे मुझे, लेकिन उसने अब मुझे एक थप्पड़ मारा और बोला कि बिल्कुल चुप हो जा रंडी और अब वो मेरी चूत को चाटने लगा ऊऊईईइ माँ वाह दोस्तों मुझे ऐसा अहसास हुआ जैसे कि में आज जन्नत में थी, जब वो मेरी चूत को चाट रहा था और अपनी गरम गरम जीभ से मुझे चोद रहा था और में थोड़ी ही देर में झड़ गई.
तभी उसने बस एक मिनट लगाया और मेरी बैचेन चूत में एक ही बार में अपना पूरा का पूरा लंड अंदर घुसा दिया और अब ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, में बोल रही थी कि टीनू हरामी हाँ आज और ज़ोर से चोद अपनी उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बहन को साले और चोद हाँ और ज़ोर से धक्का अह्ह्ह्ह्ह दे देकर चोद मुझे आज. तभी उसकी चुदाई करने की स्पीड और भी तेज हो गई और हमने करीब आधे घंटे तक लगातार चुदाई की और फिर वो झड़ गया, लेकिन दोस्तों उसके बाद उस दिन हमने तीन बार और चुदाई की और उसके बाद मेरा सारा शरीर दर्द कर रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरा रेप हुआ हो, लेकिन मुझे उस चुदाई मे बहुत मजा आया और उसने मेरी चूत को बहुत देर तक जमकर चोदा.
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रंडी माँ और बहन का बिजनेस

हैल्लो दोस्तों, में जब 6 साल का था तो मेरे पापा की मौत हो गई थी और तब मेरी माँ 27 साल की ही थी और मेरी एक बहन है जो 8 साल की थी और में 8वीं क्लास में आ गया था और मेरी बहन 10वीं क्लास में थी. मेरे घर के हालात अच्छे नहीं थे. मेरी माँ के पास कोई जॉब भी नहीं थी और पापा की पेंशन इतनी कम थी कि हम दोनों के खर्चे भी पूरे नहीं होते थे और अब तो पढाई का खर्चा भी बहुत ज्यादा हो गया था. मेरी बहन को 12वीं की परीक्षा के बाद उसको पढाई के लिए एक अच्छी कोचिंग की ज़रूरत थी, लेकिन उसके लिए घर में इतने पैसे नहीं थे कि उसका एड्मिशन करवा सक़ते.
मेरे पापा का एक दोस्त है जिनका मेरे पापा के साथ बहुत अच्छा रीलेशन था और पैसो के मामले में भी उनका साथ अच्छा था. यह सोचकर मेरी माँ उनसे 1 लाख रुपये उधार लेने गई. अंकल ने हाँ कर दी, लेकिन वो माँ को बोला कि इसके बदले आप मुझको क्या दोगे? तो माँ ने बोला आप मेरा घर गिरवी रख लो. लेकिन वो बोला में 1 लाख रुपये तो दे दूंगा, लेकिन आपको कुछ और काम करना होगा तो माँ बोली में कुछ भी कर लूंगी? लेकिन माँ को नहीं पता था कि वो क्या करवायेगा. फिर उसने माँ से बोला कि वो एक हफ्ते के लिए उसके साथ किसी हिल स्टेशन पर चले. माँ मज़बूर थी और वैसे भी बहुत साल तक मेरी माँ की चूत में लंड नहीं गया था तो उसने हाँ कर दी.
फिर वो निर्मल अंकल के साथ एक हफ्ते के लिए चली गई और वहाँ निर्मल अंकल के बिजनस पार्टनर ने भी मेरी माँ की चुदाई की. माँ बहुत खुश थी उसको बहुत टाईम के बाद लंड मिला था और वैसे भी एक हफ्ते का 1 लाख मिल रहा था. फिर एक हफ्ते के बाद वो वापस आई और वो बहुत खुश और फ्रेश लग रही थी. में यह सोच रहा था कि इस रांड को में भी चोदूं तो यह खुश हो जायेगी. एक सिलसिला अब स्टार्ट हो गया था और निर्मल अंकल अब मेरी माँ को अपने काम के लिए नये नये ग्राहकों को चुदाई के लिए भेज देता था. अब मेरी माँ अच्छी कमाई कर रही थी और घर में सब खुश थे. अब तो माँ कार में जाती थी. फिर एक दिन जब मेरी बहन घर पर थी तो निर्मल अंकल घर आए और मेरी बहन जो कि सच में किसी मॉडल से कम सुंदर नहीं है, उस पर उसकी नज़र पड़ी, वो अब तक वर्जिन थी. फिर उसने मेरी माँ से बोला कि तू जो कीमत बोलेगी वो दूंगा, अपनी बेटी को मेरे साथ 1 हफ्ते के लिए भेज दे. फिर माँ ने बोला कि सुमन (मेरी बहन) से बात करके उसको मनाना होगा अगर वो मान जाती है तो ठीक है.
फिर माँ ने 2 लाख रुपये बोले और सिर्फ़ तुम ही करोंगे और कोई आदमी नहीं होगा तो निर्मल अंकल मान गये और माँ ने उस रात सुमन को भी मना लिया. फिर अगले दिन ही सुमन और मेरी माँ निर्मल अंकल के साथ चल दी और एक हफ्ते बाद वो वापस आई तो उसकी हालत बहुत खराब थी. उससे चला भी नहीं जा रहा था, उसकी गर्दन, लिप पर और बॉडी पर काटने के निशान थे. मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसके साथ बहुत जबरदस्ती सेक्स किया गया हो. वो तो कोई भी होता तो मेरी बहन के साथ यह ही करता, क्योंकि वो कुछ ज्यादा ही सुंदर है. अब तो मेरे घर में दो रांड हो गई थी. मेरा भी दिल करता था कि अपनी बहन और माँ दोनों की चूत में लंड डाल दूँ और उनको अपनी क्रीम पिला दूँ.
एक दिन में और मेरी बहन घर पर अकेले थे और माँ किसी ग्राहक के साथ चूत ठंडी करवाने गई थी और उस रात मैंने पूरा सोच लिया था कि आज में अपनी रांड बहन की चुदाई करके ही रहूँगा. रात के 11 बजे का टाईम होगा में सुमन से कहा कि एक बात बता इस टाईम माँ क्या कर रही होगी? तो वो एकदम चुप हो गई और फिर उसने बोला मुझे पता नहीं है. फिर में बोला कि सुमन तुमको तो अच्छी तरह पता है बताओ ना. तो वो बोली तेरे को शर्म नहीं आती अपनी माँ के बारे में यह बोलते हुए.
मैंने कहा कि अगर माँ और तुम मजा ले सक़ती हो तो में भी ले सकता हूँ और में बोला मेरे तो घर पर ही मजा लेने के लिए 2 रांड है तो बाहर जा कर कौन पैसे देगा? तो उसने बोला शट-अप. फिर में बोला सच ही बोल रहा हूँ और एकदम से मैंने सुमन को पकड़ लिया और किस करना स्टार्ट कर दिया. अब मेरा लंड खड़ा हो गया और में उसकी चूत को रगड़ने लगा. उसने नाईट सूट ही पहना था.
मैंने उसका टॉप ऊपर कर दिया. उसने ब्रा नहीं पहनी थी तो में बोला कि रांड की तरह तुम भी ब्रा नहीं पहनती हो, क्योंकि कभी भी खोलनी पड़ सकती है ना, तो वो बोली हाँ और अब वो गर्म हो गई थी.
फिर वो बोली आज तो फ्री का कस्टमर है. फिर में बोला मेरा लंड अपने मुँह में डालो तो उसने बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूसा. फिर में उसके बूब्स और निप्पल को ज़ोर-ज़ोर से दबाने और चूसने लगा. अब वो चिल्ला रही थी. फिर मैंने बोला कि रांड मेरे करने पर तो दर्द हो रहा है और जो पैसे देता है उनसे मजा आता है.
फिर वो बोली आज से में तेरी बहन नहीं तेरी रांड हूँ और तू मेरा दलाल है. आज से हम पति पत्नी की तरह ही रहेंगे और मेरा पति मेरा दलाल होगा. फिर मैंने सुमन की चूत को चाटा और बोला कि इस चूत में कितने लंड गये है तो वो बोली अभी तक तो ज्यादा नहीं गये, लेकिन अब मेरा पति मेरी चूत में लंड डालेगा और हर रोज नये नये लंड डलवायेगा. फिर में बोला कि में माँ की चूत मारना चाहता हूँ. में अपनी माँ का भी दलाल बनूँगा, फिर क्या था? फिर उसने बोला कि यह काम वो कल ही करवा देगी, यह तो बहुत नॉर्मल काम है. अब तू माँ का यार बन जा, तू बहनचोद तो बन गया, अब मादरचोद भी बन जायेगा फिर तो अच्छा काम चलेगा हम माँ बेटी दोनों का यार एक होगा.
फिर उस रात मैंने अपनी रांड बहन को 4 बार चोदा. अब वो बहुत खुश थी की अब, वो हर रोज किसी से भी चूत चुदवा सकती है अब वो एक पूरी रांड बन गई थी. फिर अगले दिन जब माँ घर आई तो उसकी हालत बहुत खराब थी, तो सुमन ने बोला माँ क्या हुआ आज तो आपकी हालत बहुत खराब हो गई है? फिर उसने बताया कि 2 आदमी की बात करके ले गये थे और वहाँ 8 आदमी थे और उन सब ने पूरी रात मेरी माँ की चूत मारी, और गांड भी मारी, माँ ने सब के लंड भी चूसे, और वो सारी रात उसकी चुदाई करते रहे.
यह बात सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया, जब सुमन ने मुझको यह बात बताई तो जब से मेरा भी दिल कर रहा था की अभी अपनी माँ की चूत में अपना लंड डाल दूँ और उसकी चूत मार लूँ. फिर में सुमन से बोला कि में अभी माँ की चूत मारना चाहता हूँ तो वो बोली कि नहीं अभी तो मुश्किल है. फिर में बोला अभी ही मारनी है, तो उसने कल रात वाली बात माँ को बताई तो माँ ने बोला रात को कर लेगा. लेकिन मुझसे मेरा कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने सुमन पर ज़ोर डाला और माँ को मना लिया.
मेरी रांड माँ की चूत दर्द कर रही थी और फिर में उसके ऊपर चढ़ गया. उसकी हालत बहुत खराब थी, लेकिन फिर भी उसने मुझे अच्छी सर्विस दी जैसे वो ग्राहक को देती होगी. फिर वो बोली अब तू मेरा बेटा नहीं बल्कि हम दोनों का दलाल है और फिर क्या था? अब मेरी माँ और बहन दोनों अच्छा बिजनेस कर रही है और में भी उनकी चूत मार रहा हूँ.
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रीता भाभी और उनकी बेटी की ठुकाई

हैल्लो दोस्तों, में शाहिद एक बार फिर से आप सभी के सामने अपनी एक और सेक्सी कहानी के साथ आप सभी के सामने आया हूँ. दोस्तों में रीता भाभी और ऋतु भाभी को चोद चुका हूँ. रीता भाभी की बेटी मुझसे उम्र में थोड़ी छोटी है, लेकिन उसके बूब्स 34 इंच के है, एकदम ऋतु भाभी के बूब्स के बराबर. वो भी बिल्कुल पतली दुबली है और इतनी गोरी है कि उसके बूब्स से टपकता हुआ दूध दिखाई ही नहीं देता, क्योंकि उसके बूब्स ही इतने सफेद है. दोस्तों मुझे उसकी लड़की को चोदकर जो मज़ा आया वो आज तक किसी कुंवारी चूत की लड़की को चोदकर नहीं आया और रही रीता आंटी की बात वो थोड़ी सी मोटी है, लेकिन इस वजह से उनके बूब्स भी बहुत बड़े है और मेरा पूरा मुहं उनके बूब्स में ही दब जाता है वो हमेशा सेक्सी साड़ी पहनती है और वो हमेशा उनकी नाभि को दिखाती रहती है. वो पीछे से पूरा खुला हुआ ब्लाउज पहनती है जिसे देखकर में हमेशा गरम हो जाता था.
दोस्तों एक दिन अपनी ऋतु भाभी की ब्रा को चाट रहा था और जब भाभी ने मुझे देख लिया और फिर मुझसे चुदवाया. यह कहानी ऋतु भाभी ने रीता भाभी को भी बता दी थी और उन्होंने यह भी बता दिया कि मेरा लंड 7 इंच का काला और चूत का बहुत प्यासा है. एक दिन रीता भाभी आई हुई थी और में भाभी के घर पर अचार पहुँचाने गया हुआ था और फिर जैसे ही ऋतु भाभी किचन की तरफ गई तो रीता भाभी मेरे लंड पर हाथ रगड़ने लगी और मुझे चूमने लगी.
फिर मैंने भी उनके स्मूच का पूरा पूरा साथ दिया और फिर भाभी की नीयत देखकर मेरा लंड और भी बड़ा और तनकर खड़ा होता जा रहा था. स्मूच करते हुये भाभी मुझसे बोली कि मैंने सुना है कि तूने ऋतु को पटक पटककर चोदा है, कभी मुझे भी अपना जलवा दिखा? तो उनके मुहं से यह बात सुनकर मुझे जोश आ गया और अब में क्या बोलता? मैंने झट से हाँ कर दी और फिर हम दोनों थोड़ी देर तक स्मूच करते रहे और ऋतु भाभी ने हमें स्मूच करते हुए देख लिया था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बोला, क्योंकि वो तो मुझे जानती ही थी और इसके बाद में ऋतु भाभी को उनके बाथरूम में ले जाकर चूमने, चाटने लगा और कुछ देर बाद अपना माल उनके मुहं में छोड़ दिया और अब में वहाँ से निकल गया.
उस दिन के बाद में बहुत दिनों तक रीता भाभी से नहीं मिला, लेकिन एक शनिवार को जब में ऋतु भाभी को चोद रहा था तो रीता भाभी का मेरे पास फोन आने लगा और अब में समझ गया कि उन्हे आज मेरे लंड की जरूरत है मैंने उसी वक़्त ऋतु भाभी को यह बात बताई और वो अपनी दोस्त की खातिर इतना करने को तैयार हो गई. भाभी ने कहा कि लेकिन मुझे तो एक बार फ्री कर जा.
फिर मैंने झट से अपनी दो तीन उंगली उनकी चूत में डाली और ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा, भाभी मज़े से उछलने लगी और उनकी गांड को हवा में उठाने लगी उनकी आआहह उह्ह्ह्ह माँ मरी की आवाज से में समझ गया कि अब भाभी की चूत का पानी निकल चुका है. दोस्तों में उस समय बहुत जल्दी में था इसलिए मैंने उनकी चूत को एक बार भी चाटा नहीं और फिर में वहाँ से रीता भाभी के घर के लिए निकल गया और जैसे ही में वहाँ पर पहुँचा तो मैंने दरवाजे पर लगी हुई घंटी बजाई तो भाभी ने ही दरवाज़ा खोला उन्होंने नारंगी कलर की साड़ी पहनी हुई थी.
उनका पेट बहुत सुंदर नज़र आ रहा था और उनका ब्लाउज भी पीछे से बिल्कुल खुला हुआ था और उसमें से उनकी काली कलर की ब्रा नज़र आ रही थी. मुझे देखते ही भाभी ने मेरे लंड को पकड़ा और अब वो मुझसे बोली कि आ गया तू, चल कपड़े उतार और बेड पर चल, आज तू मेरी रांड है. तो मैंने कहा कि क्यों रांड तो आप मेरी हो ना भाभी जी? भाभी ज़ोर से हंसी और मेरा हाथ अपने बूब्स पर रखकर दबाने लगी और अब मेरा लंड तो बहुत लंबा हुआ जा रहा था, बस फिर क्या था?
में भाभी जी को चूमने लगा और में उनको बिस्तर पर लेटाकर मैंने उनकी ब्रा को फाड़ डाला. में उनकी चूत को भी मसलने लगा जिसकी वजह से भाभी बहुत ज़ोर ज़ोर से गरम गरम साँसें भर रही थी आअहह आआआहनन्न उफ्फ्फ्फ़ में जब भी उनकी चूत में अपनी जीभ डालकर हिलाता तो भाभी एकदम से मस्त हो जाती थी और मेरा मुहं अपनी चूत पर दबाने लगती और इन सबसे मेरा लंड भी बहुत कड़क होता जा रहा था. फिर बहुत देर तक चूत को चाटने के बाद मैंने भाभी से कहा कि अब आपकी बारी है और फिर मैंने अपना लंड उनके मुहं की तरफ कर दिया.
अब भाभी ने मेरे लंड को गुस्से से दबोचा और बोली कि बहनचोद क्या मुझसे अपना लंड चुसवाएगा तू? और मेरे लंड को वो बहुत जोश में आकर चूसने लगी और अब मुझे उनकी हवस से पता चल रहा था कि उन्हे बहुत टाईम से किसी का लंड नहीं मिला था और उनके मुहं को चोदते चोदते जब में मुहं में झड़ गया तो मैंने अपना वीर्य भाभी के मुहं से गर्दन और बूब्स पर डाल दिया. भाभी उस वीर्य को चाटने लगी और बोली कि बस बिना चोदे ही झड़ गया क्या साले?
दोस्तों भाभी का यह बात कहने का तरीका मुझमें और भी जोश भर रहा था. फिर भाभी ने फिर से मेरे लंड को चूसना शुरू किया और जैसे ही मेरा लंड खड़ा हुआ तो भाभी उठी और अपनी चूत में मेरा लंड घुसा दिया. उनकी चूत बहुत सालों की चुदाई के बाद बहुत ढीली हो चुकी थी, इसलिए मेरा लंड उनकी चूत में बहुत आराम से अंदर घुस गया और बीस मिनट तक हिलाने के बाद मैंने मौका देखकर भाभी से कहा कि भाभी चुदाई में मुझे बिल्कुल भी मज़ा नहीं आ रहा है प्लीज एक बार मुझे आपकी गांड में डालने दो ना?
यह बात सुनकर भाभी ने मेरी तरफ देखा और मुझे एक स्मूच दिया. फिर वो झुकी और मेरा लंड चूत से निकालकर अपनी गांड में डालने लगी. दोस्तों माँ कसम, गांड मारने में जो मज़ा है वो किसी और छेद में लंड को डालकर चोदने में नहीं है. में भाभी को चोद रहा था और अपने लंड को जबरदस्ती उनकी गांड में ठोक रहा था और चुदाई के पूरे पूरे मज़े ले रहा था.
तभी उसी समय उनकी दरवाजे पर लगी घंटी बजी तो भाभी बहुत डर गई और वो कहने लगी कि लगता है रिया आ गई? दोस्तों रिया उनकी बेटी थी. वही हॉट, सेक्सी, कमसिन वर्जिन लोंडिया जिसका ज़िक्र मैंने कुछ देर पहले किया था. अब भाभी अपने कपड़े उठाने लगी, लेकिन उनकी ब्रा को तो मैंने फाड़ दिया था उन्होंने बिना ब्रा के ही अपनी साड़ी को पहन लिया और जैसे ही उन्होंने रिया के लिए दरवाज़ा खोला और उसने अपनी मम्मी को बिना ब्रा के एक पराए मर्द के साथ देखा तो वो अब सब कुछ समझ गई कि यहाँ पर सेक्स चल रहा है और क्योंकि रिया अब तक वर्जिन थी इसलिए उसकी चूत भी हर वक़्त गीली ही रहती थी और अब उसमें भी चुदने की तड़प थी.
फिर अच्छा मौका देखते ही उसने अपनी माँ से तेज आवाज में पूछा कि मम्मी यहाँ पर क्या चल रहा था? तो भाभी बात को इधर उधर घुमाने लगी, लेकिन वो उसके सामने ना कामियाब रही. फिर रिया बोली कि या तो यह लड़का अब हम दोनों को चोदेगा या फिर में आज शाम को सब कुछ सच सच पापा को बता दूँगी कि मेरी माँ कितनी बड़ी रंडी है और उसकी चूत को कोई भी लंड चोदकर चला जाता है, क्योंकि वो बहुत बड़ी चुदक्कड़ है? दोस्तों रीता भाभी को इतनी देर तक चोदते चोदते मेरा लंड अब बहुत थक चुका था, लेकिन रिया कि यह बात सुनकर मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.
रीता भाभी पहले थोड़ा बहुत हिचकिचाई, लेकिन उनके पास अब और कोई रास्ता भी तो नहीं था. वो चुपचाप आई और अपने कपड़े उतार कर रिया के पास गई और उसके मुहं पर अपने बूब्स रगड़ने लगी. रिया भी फुल मज़े ले रही थी और यह सब देखकर में रिया को स्मूच करने लगा. मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी में डाल दिया और उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा. जिसकी वजह से उसकी चूत का माल मेरे हाथ पर लग रहा था. वो अब पूरी तरह गरम होकर मुझसे चुदने को तैयार थी. मैंने अपना लंड बाहर निकाला और रिया के मुहं में दे दिया और रीता आंटी को उसकी चूत चाटने को कहा. आंटी पूरे मज़े से अपनी बेटी की वर्जिन चूत को मेरे लंड से चुदने के लिए भिगोने लगी और यह सब होता देखकर मेरा लंड सख़्त होता जा रहा था.
फिर मैंने रिया को गोद में उठाया और उसे उल्टा करके उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया, लेकिन उसकी चूत बहुत ज़्यादा टाईट थी इसलिए मेरा लंड इतनी आसानी से जा ही नहीं रहा था. वो बार बार इधर उधर फिसल रहा था. तो मैंने एक ज़ोर का झटका दिया तो उसकी चूत की सिल टूट गई और मेरे लंड पर उसकी चूत का खून लग गया, लेकिन में फिर भी नहीं रुका.
मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के देना चालू रखा और रिया भी बहुत ज़ोर से दर्द होने के कारण चिल्ला रही थी, लेकिन कुछ देर बाद में वो भी अपनी चूत के दर्द को भुलाकर अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी. फिर रीता आंटी भी उनकी चुदाई को देख देखकर अपनी चूत रगड़ रही थी और अपना माल निकालने की कोशिश में लगी हुई थी. फिर अगले आधे घंटे तक में रिया को लगातार धक्के देकर ठोकता रहा और रीता आंटी की चूत को पीता रहा और चूसता रहा. ऐसे ही चोदते चोदते मैंने पहले रिया को चोदकर फ्री किया और फिर अपना लंड हिलाकर दोनों माँ बेटी के मुहं में अपना वीर्य छोड़ दिया. फिर मैंने कुछ देर थोड़ा आराम करके उन दोनों को एक बार फिर से बारी बारी से चोदा और उन दोनों को शांत किया.
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