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आंटी ने अपनी दुकान में गांड मरवाई
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विक्की है और में आपके लिए अपनी एक और सच्ची कहानी लेकर आया हूँ. जब ये घटना घटी उस समय मेरी उम्र 19 साल थी और में जब 12वीं क्लास में पढ़ता था. हमारी गली के मोड़ पर एक स्टेशनरी शॉप हुआ करती थी. में वहाँ से सुबह के समय रोज़ कुछ ना कुछ खरीदता था जैसे पेन्सिल, कलर या फिर टोफ़ी चॉकलेट आदि. सुबह के समय दुकान आंटी संभालती थी और घर के नज़दीक होने के कारण वो मुझे अच्छी तरह से जानती थी. सुधा आंटी एक मजाकिया औरत थी. उनके तीनों बच्चे जवान थे और उनकी उम्र उस समय लगभग 45 साल होगी. पहाड़ी होने के कारण आंटी का रंग एकदम गोरा था और उनके बूब्स ना ज्यादा बड़े थे और ना बिल्कुल छोटे और उम्र के कारण उनका पेट भी बाहर निकला हुआ था. वो ज्यादातर साड़ी पहनती थी जिसमें उनकी उठी हुई गांड ज़बरदस्त लगती थी.
जब भी में उनकी दुकान पर जाता था और वो मेरे गाल खींचती थी और कहती थी कि क्या चाहिए? और कभी मेरी गांड पर चाटा मारती थी तो कभी मेरे गाल या होठों पर किस ले लेती थी क्योंकि में बहुत क्यूट था. एक दिन में जब उनकी दुकान पर पहुंचा तो वो सुबह-सुबह कोई किताब लिए बैठी थी. उस समय सुबह के 7 बज रहे थे. अब में उनके सामने खड़ा था, लेकिन उन्होंने मुझे देखा ही नहीं. फिर आज मुझे भी शरारत सूझी तो में चुपचाप दुकान के अंदर पहुँच गया, लेकिन आंटी ने मुझ पर ध्यान नहीं दिया, वो तो आँखे किताब में गढ़ाकर बस चुपचाप बैठी थी.
मुझे शरारत सूझी और सोचा आज आंटी को डराता हूँ. फिर में जैसे ही आंटी के पीछे से जाकर उन्हें डराने गया तो मेरी नज़र उस किताब पर पड़ी जो वो बड़े मन से पढ़ रही थी. मेरे तो होश उड़ गये, उस किताब में बड़ी-बड़ी नंगी चुदाई की तस्वीरे थी. मेरे जिस्म में कपकपी होने लगी. फिर में चुपचाप कुछ देर तक वहीं खड़ा रहा और फिर ना ज़ाने क्यों मुझे मस्ती सी चढ़ने लगी? इतने में आंटी ने मुझे देख लिया और बोली ओह हो तो पीछे से दूरदर्शन हो रहे है. सुबह-सुबह होने के कारण ग्राहक बहुत ही कम होते है जो एक दो होते भी है वो भी मेरे जैसे छोटे बच्चे ही होते थे. अब में उनकी बात सुनकर शरमा गया और बोला आंटी गंदी बात मत करो और मुझे चॉकलेट दे दीजिए, मुझे स्कूल जाना है. वो बोली हाँ हाँ जितनी चाहे चॉकलेट ले ले, लेकिन मुझे भी चॉकलेट खिलानी होगी.
में उनके हाव भाव को समझ रहा था. अब मेरा भी छोटा सा 5 इंच का लंड पेंट के अन्दर से ही दिख रहा था, क्योंकि में उस समय अंडरवेयर नहीं पहनता था. फिर मैंने कहा नहीं में तो अपनी चॉकलेट नहीं दूँगा, मुझे लगा वो मेरी चॉकलेट में से हिस्सा माँग रही है. फिर वो हंस पड़ी और बोली पागल में तुझे ये वाली 10 चॉकलेट दूँगी, लेकिन तू मुझे अपनी एक चॉकलेट देगा तो. फिर में बड़ा परेशान हो गया.
मैंने कहा मेरे पास कहाँ चॉकलेट है आंटी, तो उन्होंने मेरी पेंट पर हाथ रखा और मेरे खड़े लंड को सहलाकर सिसकी भरते हुए कहा ये वाली. फिर मैंने कहा कि छी ये तो गंदी चीज़ है, इससे तो में पेशाब करता हूँ. वो बोली बेटा ये बहुत काम का औजार होता है इसके बहुत सारे काम है. एक काम कर, तू बैग यहाँ रख और ये तीन चॉकलेट अपने बैग में रखकर पीछे वाले बाथरूम में जा, में वहीं आती हूँ.
फिर मैंने कहा कि नहीं मुझे स्कूल जाना है तो उन्होंने कहा कि अरे में तेरे बस 10 मिनट लूँगी और वैसे भी तुझे हर एक मिनट की मैंने एक चॉकलेट दे तो दी है, अब नखरे क्यों कर रहा है? फिर मैंने सोचा चलो 10 मिनट और सही. फिर में चुपचाप उसके बाथरूम में जाकर बैठ गया और पीछे-पीछे आंटी भी आ गई. उनके हाथ में वही किताब थी और आते ही उन्होंने मेरी शर्ट और पेंट को उतार दिया. अब में शर्म के मारे पानी-पानी हो गया और अपने लंड को अपने हाथ से छुपा लिया. फिर सुधा आंटी ने अपनी साड़ी और सब कुछ उतार दिया. वो पागलों की तरह जल्दी-जल्दी अपने कपड़े उतार रही थी, मानों जैसे उन्हें बहुत गर्मी लग रही हो. अब में एक कोने में चुपचाप सहमा सा खड़ा था और मुझे बिल्कुल पता नहीं था कि आगे क्या होगा?
फिर आंटी ने अपने कपड़े उतार कर मेरा 5 इंच का लंड अपने हाथ में ले लिया. अब में पीछे होने लगा तो वो बोली कि डर मत बेटा, में तुझे खा थोड़ी जाऊँगी. बस तेरे लंड को टेस्ट करूँगी. फिर मैंने कहा कि आंटी ये बहुत गंदी है, तो उन्होंने वो किताब खोली और मुझे एक फोटो दिखाया और कहा कि देख ये भी तो यही कर रही है. अब जल्दी कर इतना टाईम नहीं है. फिर में चुप हो गया और उन्होंने मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. अब मुझे अंदाज़ा भी नहीं था कि मुझे इतना मज़ा आयेगा.
अब वो भूखी शेरनी की तरह घुटनों के बल बैठी मेरे लंड को चूस रही थी और मेरे आंड भी चाट रही थी और में किताब में छपे फोटो देख रहा था. अब मेरा छोटा सा 5 इंच का लंड बिल्कुल तना हुआ उनके मुँह में था. फिर मैंने एक फोटो देखा जिसमें लड़का औरत की चूत चाट रहा था. मैंने आंटी से कहा कि आंटी ऐसे करे, तो आंटी हंसकर बोली कि भोसड़ी के चूत चाटेगा. अभी तो बोल रहा था ये सब गंदा है तो में शरमा गया.
फिर उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह से निकाला और खड़ी हो गई. में पहली बार क़िसी नंगी औरत को अपने सामने देख रहा था. अब मैंने जो जो किताब में देखा में वैसे ही कर रहा था. फिर मैंने उनके बड़े-बड़े बूब्स को अपने हाथों में पकड़ लिया और उन्हें पीने लगा और उनके निप्पल को चूसने लगा. वो सीईईईई उूउउफफफफफ्फ़ आआआआ आआआ करने लगी.
मैंने पूछा कि आंटी क्या दर्द हो रहा है? तो वो बोली नहीं मेरे बच्चे में ये मज़े में कर रही हूँ, तू अपना काम जारी रख. फिर में उनका पेट चाटते हुए उनकी चूत तक पहुंचा और उनकी क्लीन शेव चूत पर अपनी जीभ रखी तो मुझे नमकीन टेस्ट लगा. शुरू में तो मुझे अजीब लगा, लेकिन फिर मुझे बहुत टेस्टी लगने लगा. फिर उन्होंने मुझे नीचे फर्श पर लेटा दिया और मेरे मुँह पर अपने बड़े-बड़े चूतड़ रख दिए. अब मेरा पूरा चेहरा उनकी गांड के नीचे था और अब वो अपनी गांड का छेद मेरे मुँह पर रगड़ने लगी और पागलों की तरह सिसकारियां लेने लगी.
अब में उनकी चूत और गांड को चाट रहा था और वो चिल्ला रही थी कि चाट डाल चाट ले आाआआई हाआआई राजा तू तो बड़ा अच्छा चाट रहा है, वाआआअ जीभ अंदर डाल मेरी जान, हाआआआआआई आाआई चूउऊउउस ले सारा रसस्स्स्स्स्स्स्सस आआईई, में तुझे रोज खूब सारी चॉकलेट दूँगी मेरे बच्चे हाईईई. अब उनकी नज़र मेरे 5 इंच के लंड की तरफ गई जो कि बाथरूम की छत की तरफ तना हुआ देख रहा था. फिर वो बोली कि बेटा इतनी कम उम्र में भी तेरा लंड बहुत बड़ा है. मुझे तो लगा 2-3 इंच का ही होगा और मेरी चूत में भी नहीं जा पायेगा, लेकिन ये तो अच्छा ख़ासा लम्बा है. ये कहते-कहते वो मेरे लंड पर झुककर उसे फिर चूसने लगी.
अब हम 69 पोज़िशन में थे और अब वो मेरी दोनों टाँगे अपने हाथों से चोड़ी करके मेरी गांड भी चाटने लगी और बोली कि आज सारा पूरी चाटकर साफ कर दूंगी मेरी जान. अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हुआ और में झड़ गया. अब मेरे लंड में से गाड़ा पानी निकलने लगा, वो सारा का सारा पानी पी गयी. फिर मैंने कहा कि ये मेरे लंड से क्या निकल रहा है? तो वो बोली बेटा ये रस ही तो सबसे कीमती चीज़ है, अब तू जवान हो गया है.
अब मेरा पूरा जिस्म अकड़ गया था और इतने में दरवाज़ा किसी ने खटखटाया तो उसने आवाज़ लगाई और बोली कौन है? तो बाहर से उनके पति की आवाज़ आई और वो बोले कि बहनचोद किसकी माँ चोद रही है दरवाज़ा तो खोल, में भी तो देख लूँ. अब में बुरी तरह से डर गया और रोने लग गया. फिर वो बोली कि तू क्यों अपने अंकल से डर रहा है? ये तो खुद मुझे अपने दोस्तों से चुदवाकर बैठकर देखता है. फिर उसने थोड़ा सा दरवाज़ा खोला तो अंकल ने अंदर गर्दन डालकर देखा और मुझे उसके नीचे देखकर बोला क्यों इस बेचारे का दम निकाल रही है? में इतने सारे लंड दिलवाता तो हूँ. अब में अंकल से नज़र नहीं मिला पा रहा था.
फिर वो बोली कि अजी तुम जाओ और मुझे अपना काम करने दो, खुद से तो कुछ ढंग से होता नहीं, में रात से बोल रही हूँ चोद दो चोद दो, फिर किताब देखकर मुझे सेक्स चढ़ा हुआ था तो सोचा कि इससे ही प्यास बुझा लूँ. अब तुम जाओ और दुकान पर बैठो, में 10 मिनट में आ रही हूँ और दरवाज़ा बंद कर दिया.
फिर वो मुझसे बोली कि बेटा तू डर मत कोई प्रोब्लम नहीं है तू मजे कर. फिर वो मेरे लंड को सहलाने लगी और अपने बूब्स से रगड़ने लगी. अब मेरा लंड फिर से तन गया. फिर वो हँसकर बोली कि ये तो बड़ी जल्दी तैयार हो गया. चल अब तुझे असली जन्नत की सैर करवाती हूँ. ये कहते हुए वो मेरे लंड पर अपनी गांड रखकर बैठ गई और अपनी रोटी जैसी चूत धीरे से मेरे लंड पर सटाकर दबाने लगी. अब मेरा लंड उसकी गीली चूत में पूरा समा गया था. मुझे ऐसा लगा कि मानो जैसे मेरा लंड भट्टी में हो. अब मेरे दोनों हाथों को उसने अपनी चूची पर रखकर उन्हें मेरे हाथों में थमाकर कहा जितनी जान हो उतनी जान लगाकर उन्हें खींच.
फिर में ऐसा ही करने लगा और अब वो ज़ोर-ज़ोर से उछलने लगी और चिल्लाने लगी, आआआई दैयय्या उूउउम्म्म्मममम आआआआआआआ चोद डाल राजा, आआआआआई हाआआआआआआई हाआआआ उूउउइ, मेरी चूत की सारी गर्मी निकाल दे. अब में उनके नीचे पड़ा हुआ उनकी चूत से चुद रहा था, लेकिन उनका वज़न बहुत था तो में नीचे दब भी रहा था. फिर मैंने कहा कि आंटी में नीचे दब गया और मुझे सांस भी नहीं आ रही है हट जाओ, तो वो हंसकर बोली कि रुक जा.
फिर वो उठी और घोड़ी बनकर बोली कि बेटा मेरी गांड के छेद में डाल, फिर मैंने कोशिश की तो लंड अन्दर नहीं गया. फिर उन्होंने शैम्पू लिया और मेरे लंड पर लगाया और अपनी गांड पर भी लगाया. फिर अपनी गांड पर मेरा लंड रखकर अपनी गांड पीछे की तो मेरा आधा लंड उनकी गांड में घुस गया. फिर मैंने और ज़ोर लगाया तो मेरा लंड उनकी गांड में पूरा फिट हो गया. अब मुझे उनकी गांड मारने में बहुत मज़ा आ रहा था, क्योंकि चूत के मुक़ाबले गांड ज्यादा टाईट थी. अब वो अपनी गांड पीछे धकेलकर मुझसे अपनी गांड मरवाती रही. फिर वो पलटी और अपनी टाँगे पूरी चोड़ी करके अपने हाथों में पकड़ ली और कहा कि अब नहीं रहा जा रहा है, मुझे भी झाड़ दे राजा.
फिर मैंने अपने धक्को की रफ़्तार तेज़ की, तो वो मछली की तरह नीचे फर्श पर लेटी तड़प रही थी. अब में धक्के मारता हुआ उनके बड़े-बड़े काले निप्पल के दाने चूस रहा था, अब पच पच की आवाजें पूरे बाथरूम में गूँज रही थी. फिर एक चीख के साथ उन्होंने अपनी पिचकारी छोड़ दी और फिर उन्होंने मुझे टावल से साफ करके मेरे कपड़े मुझे पहनाकर और कंघी करके उन्होंने मुझे फिर से तैयार कर दिया. अब में बाहर आया तो अंकल जी मुझे देखकर हंस रहे थे. अब मेरा शरम के मारे बुरा हाल था और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था.
फिर उन्होंने मेरे सिर पर हल्के से मारकर कहा कि चोद आया मेरी बीवी को, तो में और शरमा गया. इतने में आंटी साड़ी पहनकर बाहर आई और बोली क्यों परेशान कर रहे हो बेचारे को? डर गया तो फिर नहीं आयेगा. अब आंटी ने मुझे एक चॉकलेट का पैकेट और दिया और एक फ्रूटी भी दी और कहा कि बेटा किसी को कुछ मत बताना. में तुझे रोज और अच्छी-अच्छी चीज़ दूँगी और कल थोड़ा और जल्दी आना में तुझे ऊपर वाले फ्लोर पर ले जाकर मज़े दूँगी. फिर मैंने चुपचाप गर्दन हाँ में हिला दी और फिर में स्कूल पहुंचा तो क्लास स्टार्ट हो चुकी थी और मुझे लेट बच्चो के साथ में खड़ा होना पड़ा और मुझे सजा भी मिली, लेकिन मुझे कोई गम नहीं था क्योंकि मुझे इतनी बड़ी औरत की गांड मारने को मिली थी. अब में मन ही मन बहुत खुश था.
बहन को शादी के पहले चोदा
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है और दिल्ली से हूँ और अभी जोधपुर राजस्थान में जॉब कर रहा हूँ. ये कहानी मेरी और मेरी कजिन बहन निशा के बीच की है. मेरी कजिन बहन निशा की उम्र 22 साल है और वो दिखने में बहुत सुंदर है. अब में आपको मेरे बारे में बता दूँ कि मेरी उम्र 27 साल है और मेरी हाईट 5 फुट 7 इंच और लंड 7 इंच लम्बा है जो किसी भी औरत या लड़की को संतुष्ट कर सकता है. मेरी कज़िन निशा मेरी सबसे अच्छी दोस्त है और हम लोग दिल्ली में साथ-साथ रहते थे. हमारी वहाँ पर बड़ी जॉइंट फेमिली है. में और निशा एक ही कमरे में और 2 कज़िन बहने और राहुल एक साथ एक ही कमरे में सोते थे. सब के बेड अलग-अलग थे, लेकिन एक ही कमरे में थे.
ये स्टोरी नवम्बर 2013 की है, मेरा प्रमोशन हो गया था और ट्रान्सफर जोधपुर में जुलाई 2013 में हुआ था और निशा की शादी एक बिज़नसमेन के साथ फिक्स हो गयी थी जो अमेरिका में रहते है. उन्होंने डिसाइड किया कि सगाई जोधपुर में और शादी उदयपुर से करेंगे और मुझे जिम्मेदारी दी गयी कि में जोधपुर में सारा इंतज़ाम कर लूँ और वो 1 नवम्बर को आयेगें और सगाई 6 नवम्बर को और शादी 11 नवम्बर को फिक्स थी. मैंने एक रिसोर्ट बुक कर लिया, जिसमें 12 कमरे थे.
अब सब जोधपुर पहुँच गये और अपने-अपने कमरे में सेट हो गये और वो कुल 30 लोग थे. अब वो सब सेट हो गये और मुझे और निशा को एक ही कमरा मिल गया. तब तक मुझे निशा के बारे में कोई ग़लत फीलिंग नहीं थी. फिर हम सबने खाना खाया और कुछ मर्द दारू पीने के बाद खाना खाकर सोने चले गये. अब मैंने भी कुछ ज़्यादा ही पी रखी थी.
फिर जब में कमरे में पहुंचा तो मैंने देखा कि निशा नाइटी पहने हुए अपना हाथ सिर पर रखकर सो रही थी. फिर में जब बेड पर गया और कंबल के अंदर लेटा तो तभी मेरी नज़र निशा के बूब्स पर पड़ी, जो सांस लेने की वजह से ऊपर नीचे हो रहे थे. अब दारू की वजह से मेरे अंदर एक नशा सा हो गया था, फिर मैंने धीरे से कंबल उठाया तो देखा कि गोरा रंग दूध सा जो चाँद की चांदनी में चमक रही थी, निशा ने स्लीव पिंक और सिल्की नाइटी पहन रखी थी. अब में उसके हाथों की बगल को सूंघने लगा, तो उसकी खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी और मेरा लंड पूरा तन गया और में जब से जोधपुर आया था तो मैंने कभी सेक्स नहीं किया था.
अब में धीरे से निशा की नाईटी उठाने लगा. उसने लाल रंग की पारदर्शी पेंटी जो कि साईड से थ्रेड की थी. अब में धीरे से उसकी पेंटी के पास लेटा और उसकी पेंटी के ऊपर सूंघने लगा. अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी पेंटी पर एक हल्का सा किस कर दिया. अब मुझे नशे की वजह से कुछ समझ में नहीं आ रहा था. फिर मैंने धीरे से उसकी पेंटी के अंदर हाथ डाला और उसकी चूत को सहलाने लगा.
फिर जैसे ही मैंने उसकी पेंटी में हाथ डाला तो वो थोड़ा हिली और उसके मुँह से आआआहह इसस्स्स्स हममममम्मम्म की आवाज़ आई. फिर मैंने धीरे से उसकी पेंटी उतारने की कोशिश की तो उसकी आँखें खुल गयी. अब मुझे उस समय बहुत डर लगा तो उसने देखते ही कहा भाई आप ये क्या कर रहे हो? तो मैंने कुछ नहीं बोला, तो वो हँसी और बोली भाई इसके लिए में कितने दिनों से इंतज़ार कर रही थी, लेकिन आपने कभी ऐसा किया ही नहीं था.
फिर इतना सुनते ही में उसके ऊपर लेट गया और उसके लिप पर किस करने लगा और उसके दोनों होंठो को अपने दोनों होंठो के बींच में ले लिया और उसको चूसने लगा और अब उसकी जीभ मेरी जीभ से टकराने लगी और हम एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे. फिर कुछ देर के बाद हम अलग हुए और अब निशा की साँसे गर्म हो रही थी. फिर में उसके गालों को चूमने लगा और फिर उसकी गर्दन को किस करने लगा और अब निशा आआहह्ह्ह ओहह इसस्स्स्स्स्सस्स अहहह्ह्ह की आवाज़ निकाल रही थी.
मैंने उसकी नाईटी उतार दी. अब वो सिर्फ़ लाल कलर की ब्रा और पेंटी में थी. अब में उसकी जवानी देखकर पागल हो गया था और फिर मैंने उसके बगल में लेटकर उसके गले को चूमा और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स की निप्पल को चाटने लगा. अब निशा बोली आआहह भाई बहुत अच्छा लग रहा है.
फिर मैंने उसकी ब्रा को भी उतार दिया और उसकी गुलाबी निप्पल को देखकर मैंने उसकी एक निप्पल पर अपनी जीभ को भी रगड़ा और उसके आस पास चाटने लगा और एक हाथ से उसकी बूब्स दबाने लगा. निशा सिसकियां भरने लगी आह्ह भाई चाटो मत बस चूसो मेरे निप्पल को आआआहह भाई चूसो, उसे ऊऊहह भाई मुँह में भर लो चूस लो, आआह्ह्ह्ह भाई आआअहह और भाई चूसो ना, आआअहह आह आह आह अच्छा लग रहा है भाई, आआआहह. अब में उसकी निप्पल को चूसने और काटने लगा.
निशा बोली कि भाई और काटो आआआहह भाई बस ज़्यादा ज़ोर से नहीं आआआहह. फिर में उसके हाथ को उठाकर उसकी बगल को चाटने लगा, तो अब वो पागल हो रही थी. फिर में धीरे से उसकी नाभि के पास गया और उसकी निप्पल को चूसने लगा. फिर मैंने उसको उल्टा लेटा दिया. फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए और उसकी गांड पर बैठ गया और उसकी कमर को जीभ से चाटने लगा.
फिर उसके गले से उसकी पूरी पीठ चाटने लगा तो वो आआआहह ऊऊऊऊह भाई और चाट साले इतने दिन से कहाँ था? चाट साले आआआआआहह कह रही थी. अब उसकी आवाज़ सुनकर में और पागल हो रहा था. फिर मैंने उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी गांड को हल्के से काटा तो उसने ओउउक्ककचह साले बहनचोद काट क्या रहा है? चूस साले बहन की गांड को चाट आआअहह्ह्ह्हह्ह औरररररर आआजज साले चाट अपनी बहन की गांड, साले बहुत तड़पाया है तूने. तेरे नाम से कितनी बार चूत की आग बुझाई है, आज इसकी पूरी आग बुझा दे.
फिर मैंने निशा की पेंटी उतार दी और उसकी गांड फैलाकर उसकी गांड के छेद को चाट लिया. अब निशा से रहा नहीं गया तो वो मुझे धक्का देकर मेरे ऊपर लेट गयी और हम 69 की पोज़िशन में आ गये और अब निशा मेरे लंड को मुँह में लेकर चूस रही थी और में उसकी चूत को फैला कर चाट रहा था.
फिर कुछ देर तक चाटते-चाटते निशा ने मेरा लंड अपने मुँह से निकाला, हाह्ह्ह्ह राज आआआअहह चाट साले, आआअहह और चाट आह आह आह आह, अब में झड़ने वाली हूँ, आहह आह आह आह आह आह आअआा में गईईईईई और उसकी चूत से तेज फव्वारा बहता हुआ मेरे मुँह में भर गया और निशा मेरे लंड को चूसने लगी और में भी झड़ गया और उसने मेरा सारा रस पी लिया. फिर निशा बोली कि आआहह साले आज तूने जाते-जाते मेरी चूत की खुजली बुझा दी, अब साले बहनचोद अपनी निशा को पेल दे. अब उसने मेरा लंड पकड़ा और चूसने लगी, ह्म्म्म्मम आह आह साले राज क्या लंड है? तेरा साले झड़ने के बाद भी तना हुआ और खड़ा है, आआहह.
फिर मैंने उसको लेटाया और उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया जिससे उसकी चूत और फैल गयी. अब में अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा. अब निशा मस्त हो रही थी तो वो बोली कि डाल ना साले. अब मत तड़पा और डाल दे, अंदर पेल दे अंदर और जोर से चोद मुझे बहनचोद और मत तड़पा और वो मेरा लंड पकड़कर अंदर डालने लगी.
फिर मैंने हल्के से अपना लंड उसकी चूत में डाला तो उसने अपनी गांड उपर उठा दी जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में पूरा समा गया और में हल्के-हल्के अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. अब निशा ने मुझे कसकर पकड़ लिया और अपने बूब्स पर मेरा सर दबा दिया और बोलने लगी कि साले आआआआहह वाऊऊऊऊऊऊ आह आहा अहाआसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स, चोद साले. फिर 20 मिनट की चुदाई के बाद उसने कहा कि अया आह आहा हा हा चोद, में झड़ने वाली हूँ, चोद और चोद आह और जोर से आआआआआहह आआआहह में झड़ी.
फिर मैंने बोला कि साली कुत्तिया में भी झड़ने वाला हूँ, तो वो बोली अंदर ही डाल दो कोई डर नहीं है. फिर मैंने उसको ज़ोर से पकड़ा और अपना पूरा पानी उसकी चूत में डाल दिया, फिर में उसके ऊपर लेट गया. निशा बोली राज भाई क्या बात है? आज आपने मेरी बरसो की आग शांत कर दी और हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में सो गये.
भाभी की बड़ी गांड मारी
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमित है और में पंजाब का रहने वाला हूँ. यह घटना तब की है जब में नौकरी की तलाश में दिल्ली गया हुआ था और वहाँ पर मैंने एक कमरा किराए पर लिया था. वहीं पर मेरी मकान मालिक एक औरत थी और उसकी देवरानी भी उसके साथ ही वहीं पर रहती थी, उसे में बड़ी भाभी कहकर बुलाता था.
कुछ समय में ही में उनसे बहुत घुल मिल गया था. बड़ी भाभी अपने रिश्ते में ही बड़ी नहीं है बल्कि उनके शरीर का हर एक हिस्सा भी बड़ा है और जिस्म भी बहुत सेक्सी है और में सच कहूँ तो वो कामरूपी देवी है साड़ी में ही वो इतनी ग़ज़ब ढाती है कि कोई भी मर्द उनको देखे बिना नहीं रह सकता. दोस्तों मेरी भाभी का नाम शिल्पा है और उनकी उम्र करीब 38 साल है.
उनके दो बच्चे है, लेकिन फिर भी वो एकदम सेक्सी लगती है. उनके चेहरे को देखकर नहीं लगता कि वो शादीशुदा है. उनके 15 साल के बच्चे होने के बाद से भाभी का शरीर बहुत तेज़ी से बड़ा अभी उनका फिगर उनकी उम्र से भी ज्यादा हो चुका है. उनकी गांड का साईज 42 और बूब्स 40 के है और उनकी कमर 38 की है. भाभी की हाईट 5.10 है और अब तो आप लोग भी अंदाज़ा लगा सकते हो कि उनके कामरूप का. उनका कलर एकदम गोरा है और शरीर की बनावट ऐसी है कि जैसे कि हर वक्त वो सेक्स के लिए खड़ी रहती हो और अब में अपनी स्टोरी पर आता हूँ.
दोस्तों कुछ दिनों पहले भैया और भाभी अपने नये मकान में रहने चले गये क्योंकि उनका एक बड़ा सा घर बना है, लेकिन जब से वो वहां पर गए है तब से में उनसे मिलने नये घर में नहीं जा पाया और भाभी ने बहुत बार मुझे फोन भी किया था और फिर एक दिन मैंने आखिरकार वहां पर जाने का प्लान बना ही लिया. मेरे भैया अधिकतर समय अपने बिज़्नस टूर पर ही रहते है और वो अधिकतर समय रात को बहुत लेट आते है. यह बात मुझे बहुत अच्छी तरह से पता थी और दोनों बच्चे दिन में अपने स्कूल चले जाते है और वो शाम को चार बजे तक वापस आते है. अब में भाभी को अचानक वहां पर पहुंचकर हैरान करना चाहता था और उनके ऊपर तो में पहले से ही बहुत आकर्षित था.
में उनके साथ सोने के लिए हमेशा सोचता रहता था, लेकिन कभी मुझे कोई अच्छा मौका मिल ही नहीं पा रहा था इसलिए मैंने सोचा कि में अचानक से दिन में जाऊंगा तो भाभी घर पर अकेली होगी और में उन्हे चकित कर दूँगा तो उस दिन में वहां पर पहुंच ही गया. दिन के करीब दो बजे थे. में सीधा उनके घर पर पहुंच गया और फिर मैंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई और छुप गया. तभी भाभी दरवाजे पर आई और उन्होंने दरवाजा खोलकर बाहर देखा और मैंने साईड में से एकदम से आकर उन्हे डरा दिया.
वो उस समय गुलाबी कलर की मेक्सी पहने हुई थी. वो उनके बदन पर एकदम टाईट थी जिसकी वजह से उनके जिस्म का हर एक हिस्सा उभरा हुआ और बहुत सेक्सी दिख रहा था. तभी वो मुझे अचानक से वहां पर देखकर एकदम चकित रह गई और अब वो खुश भी बहुत हुई और फिर वो मुझसे बोली कि क्यों अच्छा मतलब कि आज आखिरकार आपको यहाँ पर आने का टाईम मिल ही गया देवर जी? तो में मुस्कुराया और उनसे कहा कि अब अंदर भी बुलाओगी या में यहीं से वापस चला जाऊँ? तो वो बोली कि अरे ऐसे कैसे जाओगे, आज तो तुम्हारी खातिर होगी. आप तो कभी अपने पूरे दर्शन ही नहीं देते. तो मैंने कहा कि यार भाभी चलो अब अंदर बहुत गरमी लग रही है और फिर भाभी आगे आगे चली और में उनके पीछे पीछे. उनकी क्या मस्त गांड लग रही थी. उनकी उस एकदम टाईट मेक्सी में मेरा तो मन कर रहा था कि अभी ही उनकी मेक्सी को खोलकर लंड डाल दूँ और मेरा लंड तो मान ही नहीं रहा था.
मैंने उसे बहुत मुश्किल से कंट्रोल किया और वो अंदर जाकर मुझसे बोली कि आओ अंदर बेडरूम में बैठते है, वहां का ऐसी चालू है. में इतनी देर से वहीं थी, तो मैंने कहा कि जैसा आप कहें आज तो वैसे भी आपको मेरी पूरी खातिरदारी करनी है, तभी वो बोली कि बिल्कुल हाँ देवर जी आप तो बस मुझे हुक्म करें वो सब कुछ आपके सामने हाजिर हो जाएगा, लेकिन उन्हे नहीं पता था कि मुझे अब उनसे क्या चाहिए था? वो तो बस ऐसे ही कह रही थी. उन्हे क्या पता था कि थोड़ी देर में उन्हे क्या क्या मेरे लिए करना पड़ेगा?
अब उन्हे थोड़ी देर में गरमी लग रही थी तो भाभी मुझसे बोली कि बताओ अब आप क्या लोगे गर्म या ठंडा? मैंने कहा कि भाभी इतनी गरमी में क्या गरम पिलाओगी? तो वो बोली कि अरे तो तुम ही बताओ ना यार कि तुम्हे क्या चाहिए? मैंने कहा कि नहीं भाभी मुझे कुछ भी नहीं चाहिए, तो वो बोली कि नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं चलेगा, चलो ठीक है तुम रूको में तुम्हारे लिए कोल्डड्रिंक लेकर अभी आती हूँ. मैंने कहा कि भाभी आपको पता तो है कि में कोल्डड्रिंक कभी नहीं पीता हूँ, लेकिन तभी वो झट से बोली कि अच्छा तो फिर ठीक है में तुम्हारे लिए ठंडा दूध बना देती हूँ. तो मैंने कहा कि नहीं भाभी अभी मेरा मन नहीं है. दोस्तों जैसे ही वो दूध बोली मैंने उनके बूब्स की तरफ घूरकर देखा और फिर उन्होंने भी इस बात पर गौर किया और फिर मैंने मुस्कुराकर कहा कि अच्छा ठीक है आप दूध पिला दो.
वो मुझसे बोली कि में अभी लेकर आती हूँ तो मैंने कहा कि ठीक है आप थोड़ा जल्दी से ले आओ और फिर वो जल्दी से किचन में जाकर मेरे लिए दूध लेकर आ गई, लेकिन मेरा मन तो उनके बूब्स के दूध में था. मैंने उनके हाथ से दूध लेकर थोड़ा सा पिया और उनके बूब्स को लगातार घूरता रहा, लेकिन मुझे उसका स्वाद बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था. में उसे ऐसे ही लेकर बैठा रहा और पीने का नाटक करता रहा.
तभी कुछ देर बाद भाभी बोली कि क्या हुआ? तो मैंने कहा कि मुझे इस दूध का स्वाद एकदम बेकार लग रहा है, तो वो थोड़ा मुस्कुराने लगी और फिर बोली कि तो आपको मुझसे अब कौन सा दूध चाहिए देवर जी? तभी मेरे मुहं से अचानक से निकल गया कि आपका. वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर अचानक से थोड़ा चकित होकर मुझसे बोली क्या? और फिर में एकदम से घबरा गया और अब मैंने मौका देखकर अपनी बात को बदल दिया और वो भी भूल गई. उसके बाद वो मुझे घर दिखाने ले गई वो आगे-आगे और में उनके पीछे चल रहा था, लेकिन अब भी मेरा पूरा ध्यान उनकी गांड पर था.
एक दो बार मैंने मौके का फायदा उठाकर उनकी गांड को छूने की कोशिश भी की, लेकिन उन्होंने फिर से हमारे बीच में थोड़ी दूरी बना ली और जब वो मुझे अपना बाथरूम दिखाने वहां पर ले गई तो मैंने देखा कि उनके बाथरूम में उनकी पेंटी रखी हुई थी और वो गीली थी. वो एकदम से उसको उठाने के लिए थोड़ा सा झुकी और में पीछे से उनकी गांड को छूने लगा, जिसकी वजह से उनकी गांड से मेरा लंड पूरे मज़े ले रहा था. फिर हम उनके बेडरूम में आ गए और वहीं पर बैठकर बातें करने लगी. बातों ही बातों में वो मुझसे बोली कि बताओ यार तुम्हारी गर्लफ्रेंड कैसी है? तो मैंने एकदम से चकित होकर कहा कि क्या मेरी गर्लफ्रेंड?
वो बोली कि हाँ हाँ में तुम्हारी ही गर्लफ्रेंड के बारे में तुमसे पूछ रही हूँ, तुम यह बात सुनकर ऐसा व्यहवार क्यों कर रहे हो? क्या तुम्हारी अब तक कोई गर्लफ्रेंड नहीं है? तो मैंने कहा कि भाभी में किसी भी लड़की को पसंद नहीं करता हूँ और यह सब आपको तो पहले से ही पता है, फिर आप क्यों मुझसे ऐसा मज़ाक कर रही हो? तो वो बोली कि मैंने माना कि आप लड़कियाँ पसंद नहीं करते, लेकिन क्या कोई औरत भी आपको पसंद नहीं है? अब में उनके मुहं से यह बात सुनकर मुस्कुराने लगा.
वो बोली कि पहले तुम मुझे अपनी बात का जवाब तो दो. फिर मैंने कह दिया कि हाँ में किसी सुंदर औरत को तो बहुत पसंद करता हूँ. वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर ज़ोर से हंस पड़ी और फिर बोली कि तुम भी क्या आजकल बहुत मज़ाक करने लगे हो? मैंने कहा कि नहीं भाभी में एकदम सच बोल रहा हूँ मुझे आपकी उम्र की औरतें बहुत पसंद है. तभी वो बोली कि हट पागल में तो अब तक तुझसे सिर्फ मज़ाक कर रही थी. तभी मैंने कहा कि लेकिन भाभी में आपसे बिल्कुल भी मज़ाक नहीं कर रहा था. में एकदम सच कह रहा हूँ और में आपको बहुत पसंद करता हूँ, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो.
दोस्तों वो मेरे मुहं से यह सब बातें सुनकर बिल्कुल चकित रह गई और फिर बोली कि में तो मोटी और अब बूढ़ी होने वाली हूँ. मुझमें अब ऐसा रखा भी क्या है? तो मैंने कहा कि क्यों आप मुझसे ऐसा मज़ाक करती हो? यार आप जैसी औरत जिस किसी को भी मिल जाए उसकी तो किस्मत ही पलट जाए और यह बात कहकर में उनके पास जाकर एकदम चिपककर बैठ गया और उनसे बोला कि भाभी में आपसे बहुत प्यार करता हूँ और मैंने उन्हे पकड़कर एक लंबा किस कर दिया. वो भी बहुत प्यासी थी और मेरा साथ देने लगी.
अब मैंने उनकी मेक्सी के बटन को एक एक करके खोलना शुरू किया और दो मिनट में मैंने उनकी मेक्सी को खोल दिया. तभी मैंने मेक्सी को खोलकर देखा कि उन्होंने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी और ना ही उसके अंदर पेंटी पहनी हुई थी. मेरा लंड पहले से ही पूरा टाईट था और अब यह सब देखकर वो भाभी की प्यासी चूत को सलामी देने लगा और झटके दे देकर अपने आकार को और भी बड़ा करने लगा. मैंने अब उनके बूब्स को चूसना दबाना शुरू कर दिया और वो आहे भर रही थी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी, बस अब छोड़ दो अह्ह्ह्हह प्लीज उह्ह्ह्हह मेरे साथ ऐसा मत करो.
अब में उनकी कोई भी बात कहाँ सुनने वाला था. में उनकी हर एक बात को अनसुना करके अपने काम में पूरी लगन से लगा हुआ था और अब उनके मोटे मोटे 40 साईज के बूब्स मेरे मुहं में थे. मैंने उन्हे चूस चूसकर एकदम लाल कर दिया था. फिर मैंने उनकी नाभि को भी चाटा और फिर कुछ देर बाद नीचे सरकता हुआ सीधा उनकी चूत पर आ गया. मैंने देखा कि उनकी चूत मस्त बालों वाली है. मैंने उनसे पूछा कि भाभी क्या आप अपनी चूत के बालों को कभी साफ नहीं करती?
तो वो मुस्कुराते हुए बोली कि आजकल तुम्हारे भैया को तो मेरे साथ सेक्स करने का टाईम ही नहीं मिलता. उन्हे मेरे साथ सेक्स किए महीनों निकल जाते है इसलिए में इसको साफ किसके लिए करूं? तो मैंने कहा कि धन्यवाद भाभी क्योंकि मुझे एसी ही बालों से भरी चूत बहुत अच्छी लगती है और फिर में उनकी चूत में घुस गया और मैंने उनकी चूत को बहुत देर तक चाटा और बहुत चाटा जिसकी वजह से भाभी चिल्लाने लगी और अपने चूतड़ को ऊपर उठाकर अपनी चूत को मुझसे चूसने के लिए कहने लगी. हाँ आज फाड़ दो मेरी चूत को तुम बहुत अच्छे हो. में भी तुम्हे बहुत पसंद करती हूँ आईईईइ और अब में तुम्हारे बिना नहीं जी सकती. प्लीज अब थोड़ा जल्दी से मेरी चूत की आग को ठंडा कर दो उह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चूसो उफफ्फ्फ्फ़ हाँ ऐसे ही चाटो.
मैंने कहा कि में इतनी आसानी से अपना लंड नहीं डालूँगा. तुमने भी मुझे इतने सालों तक तड़पाया है और फिर मैंने उन्हे उल्टा होने को बोला तो वो पूछने लगी कि पीछे क्या है? तो मैंने बोला कि यार वहीं पर तो असली जन्नत है. वो मेरी यह बात सुनकर ज़ोर से हंस पड़ी और फिर वो उल्टी होकर लेट गई और आज मेरे सपनों की रानी मेरी भाभी की गांड ठीक मेरे सामने थी. उनकी 42 साईज की मोटी बड़ी गांड जिसको देखकर मेरा लंड फिर से झटके मारने लगा और मैंने भाभी की गांड खोली और गांड की दरार को चाटने लगा. अंदर तक पूरी जीभ डालकर चाटने लगा. तभी उन्होंने कहा कि देवर जी क्या यह सब करना आपको अच्छा लगता है? तो मैंने कहा कि भाभी यही तो जन्नत है और आज में आपकी गांड को खा जाऊंगा.
तभी वो बोल पड़ी कि आप तो बिल्कुल पागल हो, आपके भैया ने तो कभी मेरे पीछे यह सब नहीं किया, लेकिन सच कहूँ तो आपके ऐसा करने से मुझे बहुत मज़ा आ रहा है देवर जी. फिर मैंने झट से कहा कि भाभी आपको असली मज़ा तो तब आएगा जब में आज आपकी गांड में अपना लंड डालकर उसे फाड़ दूंगा. वो बोली कि अरे नहीं आप ऐसा मेरे साथ बिल्कुल भी मत करना, वर्ना मुझे बहुत दर्द होगा क्योंकि आपका लंड तो 7 इंच का है और आपके भैया का लंड तो सिर्फ 5 इंच का है. आपका लंड तो मेरी गांड के चिथड़े चिथड़े कर देगा और वो पूरी तरह से फट जाएगी.
फिर मैंने उन्हे समझाकर कहा कि ऐसा कुछ नहीं होगा. बस आपको पहली बार थोड़ा दर्द जरुर होगा और फिर उसके बाद आप मुझसे जिंदगी भर गांड ही मरवाएगी और वैसे भी इस दिन का इंतजार तो मुझे पिछले 15 सालों से था और अब मैंने मौका देखकर बातों ही बातों में लंड को उनकी गांड के ऊपर रख दिया और एक बार छेद में उंगली करके पूरे दम से लंड को जबरदस्ती घुसा दिया. दोस्तों मेरा लंड इतने जोश में था कि पहली ही बार में मैंने उनकी गांड को फाड़ दिया और वो बहुत ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी. वो बहुत ज़ोर ज़ोर से रोई, लेकिन मैंने उनको नहीं छोड़ा क्योंकि उनकी गांड में ही मेरी जान थी.
में पूरे जोश से लंड को धमा धम अंदर डालता गया और फिर आख़िर में कुछ देर की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मेरे लंड ने उनकी गांड में अपना गरम गरम वीर्य छोड़ दिया. में उनके ऊपर ही अपना लंड गांड में डालकर थककर लेट गया और फिर वो दर्द से करहाने लगी. मैंने उन्हे प्यार किया. तभी वो मुझसे बोली कि वाह तुमने तो आज सही में पूरी तरह संतुष्ट कर दिया तुम्हारे भैया ने मुझे आज तक कभी ऐसे पीछे से नहीं चोदा. तुम्हारी चुदाई में मुझे दर्द बहुत हुआ, लेकिन अब बहुत अच्छा लग रहा है. तुम अब मुझे कभी भी चोद सकते हो. यह चूत, गांड अब आज से तुम्हारी है, लेकिन अब मुझे बाथरूम जाना है.
फिर में उन्हे अपनी गोद में उठाकर बाथरूम ले गया और फिर उन्होंने मेरे सामने पेशाब किया और मैंने उनकी चूत, गांड को पहले पानी से धोया और उसके बाद वहीं पर चाट चाटकर अच्छी तरह साफ कर दिया और एक बार फिर से मैंने उन्हे बाथरूम में ही चोदा, लेकिन इस बार मैंने उनकी चूत को बहुत जमकर चोदा और उसकी आग को भी ठंडा कर दिया. दोस्तों मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन सबसे अच्छा मुझे किसी की गांड मारना लगता है क्योंकि गांड मुझे बहुत अच्छी लगती है.
पड़ोस की मस्त सरदारनी
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पीयूष है और में दिल्ली से हूँ। मेरी उम्र 27 साल है और में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब करता हूँ और में अपने पैरो पर खुद खड़ा हुआ हूँ। में अपार्टमेन्ट के दूसरे फ्लोर पर रहता हूँ और उसके नीचे वाले फ्लोर पर एक फेमिली रहती थी। उस फैमिली में एक अंकल, आंटी और उनकी एक बेटी थी। उनकी बेटी ने कॉलेज में एड्मिशन लिया ही था और वो दिखने में बहुत सेक्सी थी। उसकी उम्र करीब 22 साल होगी और दिल्ली की गर्ल्स की तरह उसका नेचर चुलबुला था और उसका फिगर 36-30-34 था। मेरा टॉप फ्लोर था और वो लोग मेरे यहाँ अपनी पानी की टंकी देखने के लिए आते रहते थे, लेकिन ज्यादा बार उनका नौकर ही आता था। लेकिन कभी-कभी उनकी लड़की भी आती थी, क्योंकि आंटी बहुत मोटी थी तो वो सीढ़ियों पर आ जा नहीं सकती थी.
मेरा जॉब शिफ्ट के समय से होता है और कभी-कभी नाईट शिफ्ट्स होती है तो पूरा दिन ही घर पर ही रहता हूँ. ये फेमिली सरदार की है और सरदार बहुत ही फ्रेंक होते है. यह बात कुछ 2-3 साल पहले की है जब भी वो लड़की टंकी देखने आती थी तो 10-15 मिनट बात ज़रूर करके जाती थी, क्योंकि उसे लगता था कि मुझसे ज़्यादा समझदार लड़का कॉलोनी में नहीं है. एक बार की बात है जब वो टंकी देखने आई तो उसे ऊपर से खोलकर अंदर देखने लगी और कहने लगी कि देखो ना अंदर से कितनी गर्म-गर्म हवा आती है, लेकिन मैंने नहीं देखा और एक स्माईल पास कर दी. फिर बाद में मैंने सोचा कि मैंने तो एक मौका मिस कर दिया, क्योंकि मैंने सुना था कि लड़की नई-नई उम्र में लाईन देती है.
फिर अगले दिन जब वो आई तो फिर से वही काम करने लगी और टंकी खोलकर उसमें अपना चेहरा देखने लगी और कहने लगी कि देखो कितना साफ पानी है. अब मुझसे भी रहा नहीं गया और में जानबूझ कर उसके पीछे से चिपकता हुआ टंकी के पास चला गया और अंदर देखने लगा. इसी बीच मैंने अपना पप्पू उसकी गांड पर लगा दिया. क्या फीलिंग थी वो यारों? पप्पू तो बस अंदर ही घुस जाना चाहता था. उस टाईम उसने निक्कर ही पहनी थी.
फिर 1 मिनट तक अंदर देखने के बाद हम लोग वहाँ से हट गये और फिर मेरा लंड और भी बेकरार होने लगा और बोलने लगा कि उसे तो अब बस वही चाहिए जिसका अभी उसे स्पर्श मिला है. फिर मैंने उसे शांत करते हुए उसे वो दिलाने का वादा कर दिया. फिर एक-दो दिन के बाद वो फिर से टंकी देखने आ गई जब में चाय बना रहा था तो मैंने उससे कहा कि में तो चाय बना रहा हूँ टंकी आप ही देख लो. फिर लगे हाथ मैंने उससे भी चाय के लिये पूछ लिया तो उसने कहा कि चलो इसी बहाने आपसे बात भी हो जायेगी.
फिर मैंने चाय बनाकर उसे अंदर बुला लिया. फिर जब वो अंदर आई तो मैंने देखा कि उसकी टी-शर्ट थोड़ी गीली हो गई थी, क्योंकि उस पर टंकी का थोड़ा पानी गिर गया था. जिससे उसके निप्पल साफ दिख रहे थे तो में जान गया कि उस सरदारनी ने ब्रा नहीं पहनी है. फिर जब हम लोग चाय पी रहे थे तो मेरी निगाह बस उसकी निप्पल पर ही थी तो उसने मुझे वहां देखते हुए पकड़ लिया और कहने लगी कि हाँ ये थोड़ी गीली हो गई है तो अब में नीचे जाकर चेंज करती हूँ.
मैंने कहा कि हाँ और कुछ भी गीला हो गया है तो वो तेज़ हंस पड़ी और कहने लगी कि आपने वहां तक देख लिया. फिर मैंने कहा कि अब दिख रहा है तो में क्या करूँ? मेडम ने निक्कर पहनी थी तो मैंने उससे पूछ लिया कि आपकी टांगो पर बाल नहीं आते क्या? तो वो कहने लगी कि आयेंगे तो आपको अच्छा लगेगा क्या? तो मैंने कहा कि मुझे तो तभी अच्छा लगेगा जब कही नहीं आयेंगे तो वो कहने लगी तो अच्छा महसूस कीजिए.
फिर में समझ गया कि काम बन सकता है. उसकी टी-शर्ट पर एक कार्टून बना हुआ था तो मैंने उसे हाथ लगाते हुए कहा कि देखो मिकी भी गीला हो गया है. तो उसने एकदम से अपनी आँखे बंद कर ली और कहने लगी कि आप ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा कि जब भी में हाथ लगाऊँ तो तुम अपनी आँखे बंद कर लोगी? तो उसने स्माईल पास की और फिर मैंने एक बार और हाथ लगा दिया तो अब वो मुझे मारने के लिए मेरे पीछे भागने लगी. फिर में जाकर बेड पर गिर गया और वो मेरे ऊपर आकर बैठ गई और मुझे मारने का नाटक करने लगी और में भी उससे पीटने का नाटक कर रहा था. फिर इसी दौरान मैंने उसे नीचे गिरा कर खुद उसके ऊपर बैठ गया और कहने लगा कि मारोगी, लो में फिर से मिकी को हाथ लगा रहा हूँ और चूत को भी हाथ लगा रहा हूँ.
अब फिर से मेरा लंड जागने लग गया और वो उसकी चूत को टच होने लगा. अब वो भी धीरे-धीरे मदहोश होने लगी थी. फिर मैंने झट से उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसके निप्पल को चूसने लगा और मैंने झट से उसकी निक्कर भी उतार दी और चूत को भी चूसने लगा. अब वो मदहोश होने लग गई थी. फिर 5-10 मिनट के बाद मैंने अपने लंड को निकाल कर उसकी चूत पर टच करते हुए लंड को उसकी चूत के अंदर डाल दिया. वो चिल्ला उठी वाह्ह क्या टाईट चूत थी? फिर मैंने उसकी आवाज़ रोकने के लिए उसे एकदम से किस कर दिया और में धीरे-धीरे झटके मारने लगा. अब हम दोनों 10 मिनट में झड़ गये. में आज तक उस चुदाई को याद करता हूँ और मौका मिलते ही उसे दबोच लेता हूँ.
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