मजबूत लंड से सील तुड़वाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम चारू मेहता है और मेरी उम्र 22 साल और में अपनी बीकॉम की पढ़ाई गुजरात से कर रही हूँ, मेरे पापा एक सरकारी में टीचर है और मेरी माँ एक हाउस वाईफ है और मेरा एक छोटा भाई भी है. उसका नाम योगेश है और वो अभी अपनी 12th की पढ़ाई कर रहा है. मेरी हाईट 5.6 इंच मेरे फिगर का साईज 34-30-36 है और अभी तक मेरा कोई भी बॉयफ्रेंड नहीं था, लेकिन इस घटना के बाद वो भी मुझे मिल ही गया. उसने पहली बार में ही मुझे अपने लंड का स्वाद चखा दिया. दोस्तों इस घटना के बाद मेरा जीवन बिल्कुल बदल गया और अब ज्यादा टाईम बर्बाद ना करते हुए में अपनी कहानी बताती हूँ.
दोस्तों में जब कॉलेज में थी और अपने घर से दूर रहकर अपनी बीकॉम की पढ़ाई पूरी कर रही थी, तब मेरे साथ मेरी बस में एक लड़का आता था, उसका नाम विशाल था और वो मुझसे दो साल बड़ा था. दोस्तों वैसे तो में कभी भी किसी से बात नहीं करती थी, लेकिन में उसे जानती थी क्योंकि रोज हम दोनों साथ में एक ही बस में सफ़र करते थे.
एक दिन ऐसा हुआ कि में अपना पर्स अपने घर पर भूल गई और फिर जब बस में टिकट लेने के लिए मैंने बेग में देखा तो मुझे पता चला कि में पैसे साथ में नहीं लाई हूँ, विशाल यह सब देख रहा था और उसने दिन मेरे भी टिकट के पैसे दे दिए और फिर उस दिन से हम एक दूसरे से बातें करने लगे और जब में अपने कॉलेज के दोस्त के साथ कहीं बाहर घूमने जाती थी तो उसे भी अपने साथ बुला लिया करती थी, क्योंकि बातचीत करने के बाद से हमने अपना अपना मोबाईल नंबर भी एक दूसरे को दे दिया था. एक बार हम साथ में फिल्म देखने के लिए चले गये और मेरी पास वाली सीट पर विशाल बैठा हुआ था और दूसरी वाली सीट पर में और उसके पास वाली सीट पर मेरी दोस्त कोमल और उसका बॉयफ्रेंड बैठे हुए थे. फिर जब फिल्म शुरू हुई तो वो दोनों तो अपने में व्यस्त थे, आधे घंटे के बाद विशाल ने अचानक से मेरे हाथ पर हाथ रख दिया. मुझे भी अब अच्छा लगने लगा.
फिर उसके बाद वो मेरे हाथ पर अपना हाथ फेरने लगा, लेकिन पता नहीं क्यों में उसे मना नहीं कर सकी? और फिर उसने मुझे अपनी और खींचा और एक लिप किस किया. दोस्तों मेरा वो पहला लिप किस था. मुझे भी अब बहुत अच्छा लगने लगा और में भी उसका पूरा पूरा साथ देने लगी. फिर क्या था? यह सिलसिला कुछ देर तक चलता रहा और हम ऐसे ही एक दूसरे के बहुत नज़दीक आ गये. उसके बाद में हमारा हर रोज का घूमना फिरना और फिर किस करना लगातार हो गया. फिर एक दिन उसने मुझे अपने एक दोस्त की जन्मदिन की पार्टी में बुलाया और मैंने भी उसे वहां पर आने के लिए हाँ कह दिया, तो वो मुझे उसके एक दोस्त के फ्लेट पर ले गया.
मुझे लगा कि यहीं पर जन्मदिन की पार्टी होगी इसलिए विशाल मुझे यहाँ पर लाया है, लेकिन जब विशाल ने अपनी जेब से फ्लेट की चाबी निकालकर फ्लेट का ताला खोला तो मैंने देखा कि अंदर कोई नहीं था, तो में झट से समझ गई कि विशाल ने मुझसे झूठ बोला था कि उसके किसी दोस्त की जन्मदिन की पार्टी है और फिर मैंने तुरंत ही विशाल से इस बारे में पूछा तो उसने कहा कि यहाँ पर कोई नहीं है इसलिए में तुम्हे यहाँ पर लाया हूँ ताकि हम यहाँ पर शांति से बैठकर बात सकते है. फिर मैंने उससे मुस्कुराते हुए कहा कि चलो ठीक है और अब हम रूम के अंदर बैठे हुए थे और विशाल ने मेरा एक हाथ पकड़ा हुआ था.
फिर विशाल ने कहा कि कितनी गर्मी है और यह बात कहकर उसने मेरा दुपट्टा खींच लिया. वैसे मैंने तो जींस और टी-शर्ट पहनी थी, लेकिन बाहर से यहाँ आने तक आते समय चेहरे को छुपाने के लिए वो दुपट्टा में साथ में लाई थी. तभी उसने एकदम से अपना एक हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया और धीरे धीरे दबा, सहला रहा था और अब में कुछ बोलूं उससे पहले उसने अपने होंठ मेरे होंठ पर रख दिए और में तो उसके किस में लीन थी और वो मेरे बूब्स और निप्पल को ज़ोर देकर दबा रहा था और अब उसने मेरी टी-शर्ट को भी उतार दिया, मैंने अंदर हरे रंग की ब्रा पहनी हुई थी और अब मुझे बहुत शरम आ रही थी, क्योंकि आज पहली बार में किसी लड़के के सामने ऐसे बैठी हुई थी और जब वो मेरी ब्रा को भी उतारने वाला था तो मैंने उससे कहा कि विशाल प्लीज ऐसा मत करो, हमको यह सब नहीं करना चाहिए.
विशाल ने कहा कि में तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ. मैंने कहा कि हाँ में भी तुम्हे बहुत पसंद करती हूँ, लेकिन यह सब बिल्कुल गलत है, हमें यह सब अभी नहीं करना चाहिए, लेकिन वो तो अभी भी मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाए जा रहा था और में उससे अब कुछ भी बोल ना सकी और मैंने उसको वो सब करने दिया जो वो मेरे साथ करना चाहता था और अब उसने मेरी ब्रा और जींस दोनों को उतार दिया और अब उसने जल्दी से अपने कपड़े भी उतार दिए. अब वो मेरे सामने अंडरवियर और में उसके सामने अपनी पेंटी में थी. मेरी पेंटी अब अंदर से बिल्कुल गीली हो गई थी.
फिर विशाल ने मुझे बेड पर लेटा दिया और वो मुझे लगातार किस कर रहा था और फिर उसने अपना एक हाथ मेरी पेंटी में डाल दिया. मुझे बहुत रोमांच महसूस हुआ, क्योंकि यह सब मेरा पहली बार था और अब वो मेरी चूत पर अपना हाथ फेर रहा था. दोस्तों मेरी चूत पर हल्के हल्के से बाल थे और वो उसपर हाथ रगड़ रहा था और में उस अनुभव से छटपटा रही थी. फिर उसने मेरे एक हाथ को लेकर अपनी अंडरवियर में डाल दिया, जिसकी वजह से उसका तनकर खड़ा हुआ लंड मेरे हाथ में आ गया, लेकिन मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि इसके आगे मुझे क्या करना चाहिए?
फिर उसने मुझसे कहा कि तुम इसे ऊपर नीचे करो, तो में जैसा वो कहता वो सब करने लगी और अब उसने मेरी चूत में अपनी एक उंगली को डाल दिया, जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था, क्योंकि वो अपनी उंगली को मेरी चूत में पूरी तरह अंदर घुसाता और फिर एकदम से पूरा बाहर की तरफ खींचता, उसके ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने से मेरी छोटी सी चूत अब धीरे धीरे फैलने लगी थी. फिर में भी पूरे जोश से उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और थोड़ी देर के बाद मेरी चूत में से पानी निकल गया, लेकिन उसका अभी भी बाकी था.
फिर उसने मुझसे कहा कि थोड़ा और ज्यादा स्पीड से करो तो मैंने उसकी अंडरवियर को उतार दिया और में अब और भी स्पीड से उसका लंड हिलाने लगी. उसका लंड शायद 7 इंच का था और अब कुछ ही देर बार उसका भी पानी निकल गया और थोड़ा सा मेरे हाथ पर गिरा तो मैंने देखा कि वो बहुत बदबूदार था. फिर मैंने अपनी जींस से उसको साफ कर दिया और अब हम दोनों बेड पर ऐसे ही पड़े रहे, थोड़ी देर बाद वापस विशाल मुझे छू रहा था, लेकिन मुझे भी अच्छा लग रहा था. में भी फिर से उसके लंड पर हाथ फेरने लगी और फिर विशाल मेरे ऊपर आ गया और अब उसने मेरी पेंटी को निकाल दिया.
में उसके सामने बेड पर बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी. अब विशाल मेरे पूरे जिस्म पर हाथ फेरने लगा और मेरी चूत में उगली डालने लगा. सबसे पहले उसने अपनी एक उंगली डाली और बाद में दो और बाद में तीन, मुझे बहुत दर्द हो रहा था. फिर मैंने उसका हाथ पकड़कर रोक दिया, वो मेरे ऊपर आ गया और अपने लंड को मेरी चूत में डालने की कोशिश करने लगा.
मेरी यह चुदाई पहली बार थी और शायद उसकी भी इसलिए उसका लंड आसानी से अंदर जा नहीं रहा था. बहुत मेहनत के बाद उसका थोड़ा सा लंड चूत में चला गया, लेकिन मेरी तो एकदम बहुत ज़ोर से चीख निकल गई और मुझे लग रहा था कि मेरी चूत से खून भी बहुत निकलेगा और अब में बहुत कोशिश कर रही थी कि विशाल अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल ले, लेकिन वो तो वैसे ही मेरे ऊपर लेटा रहा और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा.
फिर कुछ देर बाद मुझे थोड़ा सा दर्द कम हुआ और अब तक लंड आधा अंदर चला गया था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में भी उसका पूरा पूरा साथ दे रही थी और करीब दस मिनट में ही मेरी चूत से पानी निकल गया और अब में कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती थी. फिर मैंने विशाल को बोला कि प्लीज तुम अब अपना लंड बाहर निकालो, लेकिन वो मना कर रहा था कि मेरा अभी निकला नहीं है. फिर मैंने उसे समझाया कि हम यह सब बिना कॉंडम के नहीं कर सकते, इस तरह करने से समस्या बहुत ज्यादा होती है. में तुम्हारा अपने हाथ से हिलाकर निकाल दूंगी.
फिर वो मेरी बात मान गया और फिर उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल दिया, तब मैंने देखा कि उसका लंड बहुत ही मोटा था और आगे से थोड़ा सा खून से भी गीला था जो मेरी चूत का था और फिर हम बाथरूम में गये और में विशाल के लंड को हाथ से हिलाने लगी और वो मुझे किस कर रहा था और अपने एक हाथ से मेरे बूब्स को दबा रहा था. फिर थोड़ी ही देर में विशाल का वीर्य निकल गया और वो एकदम शांत हो गया. फिर हम दोनों ने हाथ पैर धोए और फ्रेश होकर अपने अपने कपड़े पहन लिए. विशाल ने मुझे एक गिफ्ट भी दिया जिसमे एक नई टी-शर्ट थी. मैंने उसको हग कर लिया और एक लंबी सी किस दी और उसके बाद हम वहां से निकल गये और वो मुझे मेरे घर तक छोड़ गया. तो दोस्तों यह थी मेरी पहली चुदाई अपने बॉयफ्रेंड के साथ.
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दोनों बहनों की कामुक दास्तान

हैल्लो दोस्तों, आज में आप लोगों से जो स्टोरी शेयर करने जा रही हूँ वो मेरी खुद की रियल स्टोरी है, जिसे में आप लोगों के साथ शेयर करना चाहती हूँ और ये मेरी पहली कहानी है. मेरा नाम स्मिता है और मेरी उम्र 22 साल, फिगर 34-28-34, रंग गोरा, हाईट 5 फर 4 इंच और में हैदराबाद में रहती हूँ. मेरी फेमिली में हम 5 लोग रहते है पापा, मम्मी, भाई, बहन और में. मेरे पापा बैंक में काम करते है और मम्मी एक प्राइमरी स्कूल में टीचर है. भाई मुझसे 3 साल बड़ा है और मेरी बहन मुझसे 5 साल बड़ी हैज मेरी दीदी दिखने में अच्छी खूबसूरत है और उसकी फिगर साईज 36-30-34 है. रंग गोरा और हाईट 5 फुट 5 इंच है.
दोस्तों कहानी 3 साल पहले की है जब में 12वीं क्लास में पढ़ती थी, तब मेरी उम्र 19 साल की थी और मेरी दीदी 24 साल की थी. दीदी ने डॉक्टर का कोर्स किया है और वो अभी गावं में ही सरकारी हॉस्पिटल में काम करती है. वो पिछले 5 सालों से कॉलेज हॉस्टल में ही रहती थी इसलिए उसका और मेरा ज्यादा रिलेशन नहीं था और मेरा भाई भी 2 साल से पूना के मिलेक्ट्री कॉलेज में डॉक्टर का कोर्स कर रहा है. मैंने अभी-अभी 11वीं की परीक्षा देकर 12वीं क्लास में पढना शुरू किया था. मुझे सभी विषय सरल लगते थे, लेकिन साइन्स थोड़ा कठिन लगता था, मैंने साइन्स के लिए एक्सट्रा क्लास भी लगाई है. में रोज अच्छी पढाई करती हूँ, क्योंकि मुझे भी अपने भाई-बहन की तरह डॉक्टर बनना था. मेरा एक छोटा रूम है जिसमें में अकेली पढाई करती थी, लेकिन अब दीदी का कोर्स पूरा होने के कारण दीदी ने भी मेरा रूम शेयर कर लिया है. अब हम दोनों बहनें अच्छी तरह घुल मिल गये थे, अब दीदी मेरी अच्छी सहेली बन गयी है और अब वो मुझे मेरी पढाई में भी मदद करती थी. अब रोज का एक काम फिक्स हो गया था, वो हॉस्पिटल जाती और में कॉलेज जाती और जल्दी घर आकर पढाई करती थी.
एक दिन जब में घर आई तो मेरे कमरे का दरवाजा खुला था. में जब कमरे में गई तो बाथरूम में शॉवर की आवाज़ आ रही थी शायद दीदी आज हॉस्पिटल नहीं गई थी. तब में वहां पर ही अपने कपड़े चेंज कर रही थी कि वहाँ मुझे दीदी का लेपटॉप दिखा. मैंने लेपटॉप चालू किया तो उसमें एक वीडियो चालू था, उसमें दो लड़कियां एक दूसरे को किसिंग कर रही थी और एक दूसरे के बूब्स को सहला रही थी और एक गर्ल दूसरी गर्ल की चूत को सहला रही थी. ये देखकर मुझे कुछ अजीब लगा और में वो वीडियो देखने लगी. उसमें अब वो गर्ल्स एक दूसरे की चूत चाट रही थी, ये सब देखकर में भी थोड़ी गर्म हो रही थी और अब मेरे बूब्स और निप्पल कड़क हो गये थे, मैंने पहली बार ऐसा कुछ देखा था और पहली बार मेरी चूत में गुदगुदी हो रही थी.
फिर मैंने चूत पर हाथ रखा तो मुझे चूत पर कुछ गीलापन महसूस हुआ, ये मेरा फर्स्ट टाईम था. फिर मैंने लेपटॉप बंद कर दिया और कपड़े चेंज करने लगी, तभी बाथरूम से मुझे कुछ आवाज़ आने लगी. फिर में बाथरूम में देखने की कोशिश कर रही थी, लेकिन कुछ अच्छे से दिखाई नहीं दे रहा था. फिर मैंने देखा कि दीदी पूरी नंगी थी तब मैंने उनके 36 साईज के बड़े बूब्स और उनकी चूत पहली बार देखी थी. वो अपने हाथ से अपनी चूत को सहला रही थी और उसकी चूत एकदम क्लीन शेव थी, जबकी मेरी चूत पर छोटे- छोटे बाल थे. वो अपनी एक उंगली चूत में डाल रही थी और मुँह से आवाज़ निकाल रही थी. ऐसा मैंने पहले कभी नहीं देखा था. अब मेरी चूत में भी कुछ हो रहा था. मेरे हाथ मेरी चूत पर थे और में उसे सहला रही थी, में पूरी तरह से गर्म हो गयी थी और अब मेरा एक हाथ बूब्स पर और दूसरा हाथ मेरी चूत पर था. ये सब मुझे कुछ अलग लग रहा था.
फिर दीदी ने अब शॉवर बंद किया तब में अपने कपड़े पहनकर रूम से बाहर निकल गई और जब में रात को खाना खाकर पढाई करने बैठी थी और दीदी अपने लेपटॉप पर कुछ कर रही थी. फिर मैंने दीदी से जानबूझ कर साइन्स का टॉपिक फीमेल योनि के सिस्टम के बारे में पूछा और बोली कि मुझे ये कुछ समझ में नहीं आ रहा है, प्लीज मुझे समझा दो, आप तो डॉक्टर हो आप अच्छे से समझा सकती हो. तब दीदी मुझे फीमेल योनि के बारे में बताने लगी और लेपटॉप पर एक वीडियो प्ले करके मुझे समझाने लगी. उस वीडियो में एक गर्ल दूसरी गर्ल को नंगी करके चूत को दिखाकर योनि के बारे में बता रही थी और वो एक दूसरे को किस कर रही थी.
मैंने दीदी से पूछा कि सभी गर्ल की एक समान ही योनि होती है क्या? आपकी कैसी है प्लीज मुझे दिखाओ. मुझे लग रहा था कि ये सब दीदी को भी पसंद है तो दीदी ने हाँ कर दी और उन्होंने मुझे अपने कपड़े निकालने को कहा और वो भी झट अपने कपड़े निकालकर नंगी हो गयी थी. में पहली बार दीदी को सामने से नंगी देख रही थी, उसकी चूत एकदम क्लीन थी और अपने बड़े-बड़े बूब्स को ब्रा से अलग कर दिया.
अब में ब्रा और पेंटी में थी तो दीदी ने मुझे पूरा नंगी होने को कहा. मुझे शर्म आ रही थी तो फिर दीदी ने ही मेरी ब्रा को खोला और पेंटी भी निकाली और मुझे अपनी चूत दिखाकर योनि के बारे में बताने लगी और वो मेरी चूत को भी देखने लगी थी. फिर दीदी ने मेरा हाथ अपनी चूत पर रखकर देखने को बोला और वो मेरी चूत को देखने लगी, वो मेरी चूत को सहला रही थी और अब वो मेरे बूब्स को भी प्रेस कर रही थी. में अब थोड़ी गर्म हो रही थी और अचनाक दीदी ने अपने लिप्स मेरे लिप्स पर रखकर किस करने लगी. अब हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से किस कर रहे थे और वो मेरी उंगली अपनी चूत में डलवा रही थी और मेरी चूत को भी अब ज़ोर से रगड़ रही थी. फिर दीदी ने मुझे झट से बेड पर लेटा दिया और मेरी चूत के पास आकर मेरी चूत चाटने लगी. अब मुझे कुछ अजीब सा लग रहा था. वो एक हाथ से मेरे बूब्स को दबा कर रही थी और चूत को चाट रही थी.
अब में भी दीदी की तरह आवाज़ निकाल रही थी आअहह ययसस्सस्स. अब वो अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल रही थी. मुझे एक अजीब सी फिलिंग हो रही थी और मेरी चूत बहुत गर्म हो गई थी और मेरी चूत थोड़ी गीली भी थी. अब दीदी अपनी चूत मेरे मुँह के पास लेकर आई और मेरे मुँह पर रब करने लगी. में भी उनकी तरह अपनी जीभ दीदी की चूत में डालकर चाटने लगी. दीदी की चूत बहुत गर्म थी और दीदी अपनी चूत को मेरे मुँह पर अच्छे से रगड़ने लगी और वो मेरी चूत को भी अच्छे से चाट रही थी. मेरे मुँह से अजीब सी आवाज़ निकल रही थी, लेकिन दीदी की चूत मेरे मुँह पर होने की वजह से ज्यादा आवाज नहीं निकल रही थी, दीदी अब अच्छे से मेरी चूत चाट रही थी और मुझे कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था.
अब मेरी चूत से कुछ निकलने वाला था और मेरी बॉडी कुछ अकड़ रही थी. अब दीदी ज़ोर-ज़ोर से चूस रही थी कि तभी मेरी चूत में से कुछ निकल गया और में एकदम उछल पड़ी और कमर को ज़ोरदार झटका दिया, मुझे पता नहीं था कि ये में क्या कर रही हूँ? फिर मैंने ऐसे ही कमर को 2-3 झटके दिए और में एकदम से हल्का महसूस करने लगी. मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैंने एकदम से सब कुछ पा लिया है. फिर दीदी ने अपनी चूत मेरे मुँह रख दी और अब में दीदी की चूत चाट रही थी और अब दीदी भी अपनी कमर हिला रही थी और मेरी जीभ अपनी चूत के अंदर ले रही थी और एक ही झटके में उनकी चूत के अंदर से पानी मेरे मुँह पर गिरने लगा. अब वो अपनी एक उंगली चूत में डालकर अंदर बाहर कर रही थी और उनकी चूत का पानी मेरे मुँह पर डाल रही थी और ऐसे ही हम दोनों बहनों ने खूब मजा किया.
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मुंबई में मिली अमीर घर की औरत

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अंकित पटेल है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह मेरी दूसरी कहानी है और में उम्मीद करता हूँ कि यह मेरी आज की कहानी भी आप सभी को बहुत पसंद आएगी और अब में आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए सीधे अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों मेरी लम्बाई 6.3 इंच है और में दिखने में बहुत अच्छा हूँ. दोस्तों यह दो महीने पहले की है, में मॉडलिंग करता हूँ एक दिन मेरा एक इवेंट था. वहां पर बहुत सारे लोग आए हुए थे वो सभी बड़े बड़े घर के लोग थे. उनमे से बहुत सारी लड़कियाँ और भाभियाँ भी थी और जब में रेम्प पर चल रहा था तब एक भाभी ने मुझे देखा और रेम्प पर चलने के बाद वो मुझे स्टेज के पीछे मिलने आई. मैंने देखा कि उसने नीले कलर की टी-शर्ट और काली कलर की जींस पहनी हुई थी. वो दिखने में बहुत अच्छी और हॉट सेक्सी थी. वो मेरे पास आई और फिर उसने मुझसे बोला कि तुम जब रेम्प पर चल रहे थे तो बहुत अच्छे लग रहे थे, मुझे तुम्हारा इस तरह से चलाना बहुत अच्छा लगा, तुमने तो वो सब बहुत कमाल का किया. मैंने उससे मुस्कुराते हुए धन्यवाद कहा और उसके बाद में हमारी इधर उधर की बातें शुरू हो गई और हमने करीब आधे एक घंटे तक वहीं पर बातें की.
दोस्तों तभी मैंने उससे बातों ही बातों में जाना कि वो एक हॉउसवाईफ है और अभी इस समय बांद्रा में रहती है. उसकी एक बेटी है जिसकी उम्र अभी पांच साल है और उसके पति एक बहुत बड़े बिजनसमैन है और वो अपने बिजनस की वजह से ज़्यादातर आउट ऑफ सिटी रहते है. दोस्तों उनका नाम प्रिया था और जैसा उनका नाम वैसी ही वो खुद थी. बिल्कुल एक गुड़िया की तरह एकदम सुंदर, पतली कमर बड़े बड़े बूब्स, उभरी हुई गांड दिखने में एकदम सेक्सी जिसको देखने के बाद हर कोई उसे चोदने के सपने देखने लगे क्योंकि वो दिखने में थी ही ऐसी.
फिर हमने अब आधे एक घंटे में अपना अपना मोबाईल नम्बर एक दूसरे को दे दिया. फिर दो दिनों के बाद प्रिया का मेरे मोबाईल नंबर पर एक मैसेज आया और फिर हमारी बातें भी शुरू हो गई और वैसे ही हर रोज हमारी बातें होने लगी. तब मैंने उसकी बातों से जाना कि वो बहुत उदास रहती थी. फिर प्रिया ने एक दिन मुझसे मिलने का प्लान बनाया और हम दोनों पास ही के एक गार्डन में मिले. मैंने देखा कि वो उस समय भी थोड़ी सी मायूस थी. तो हमने इधर उधर की बातें शुरू की तो मेरे पूछने पर उसने मुझे बताया कि मेरे पति बहुत दिनों से बाहर है और में उनको हर रात में बड़ा याद करती हूँ.
अब में सब कुछ समझ गया और बस में उस वक्त का इंतजार कर रहा था कि मुझे कब वो मौका मिले जिसका में बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहा था. फिर हमने उस दिन इधर उधर की बातों के साथ अपनी सेक्स लाईफ की सभी बातें एक दूसरे से की और फिर उसने मुझे अपनी सभी समस्या बताते हुए मुझे अपने साथ सेक्स करने का आग्रह किया. मैंने तुरंत ही उसको हाँ बोल दिया और फिर हम अपने अपने घर पर चले गये. फिर उसके बाद उसने मुझे दो दिन के बाद कॉल किया और मुझसे कहा कि तुम जल्दी से मेरे घर पर आ जाओ और फिर में भी तुरंत ही उसके दिए हुए पते पर चला गया, तब मैंने देखा कि वो बहुत ही बड़ा अपार्टमेंट था, जिसमे वो रहती थी और वो मुझे लेने नीचे आई हुई थी और फिर हम दोनों एक दूसरे से बातें करते हुए ऊपर चले गये.
मैंने देखा कि वो एक बहुत बड़िया हाउस था जिसमे कोई भी चीज़ की कमी नहीं थी. वो एक बहुत बड़ा आलीशान घर था. तो मेरे पूछने पर उसने मुझे मुस्कुराते हुए बताया कि इस समय घर पर कोई भी नहीं है. मैंने टीवी को चालू किया और अब वो हमारे लिए कॉफ़ी बनाने के लिए किचन में चली गई. जाते समय मैंने उसको पीछे से बहुत ध्यान से देखा था, वो क्या कयामत ढा रही थी? हॉट बहुत हॉट और बहुत सेक्सी जिसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था.
फिर कुछ देर बाद वो कॉफ़ी लेकर आई और मेरे पास में आकर बैठ गई और मुझे देखने लगी, लेकिन तभी उसने अचानक से मेरे हाथ में से टीवी का रिमोट ले लिया और फिर मैंने देखा कि वो कुछ पेनड्राइव जैसा कुछ टीवी में लगाने लगी और टीवी चालू होने के बाद मुझे पता चला कि वो पॉर्न फिल्म से भरी हुई थी और उसने मुझसे बोल दिया कि अब जो करूँगी में खुद ही करूँगी तुम्हे कुछ नहीं करना है और तुम मुझे रोकना भी नहीं. तो मैंने बोला कि ठीक है और अब उसने वो पॉर्न फिल्म शुरू कि जिसे देखते देखते मेरा लंड पूरी तरह से तनकर खड़ा हो गया था. फिर उसने अचानक से मेरी और देखा और अब धीरे धीरे मेरी और बढ़ने लगी और अब वो मुझे लिप किस करने लगी, वो बहुत हॉट हो चुकी थी और में भी करीब 15 मिनट किस करने के बाद वो अपने दोनों हाथों से मेरे लंड को मसलने लगी.
फिर उसने मेरी पेंट को भी खोल दिया और फिर जैसे ही उसने मेरी उंडरवियर को उतारा तो मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हुआ था और उसकी चूत को सलामी दे रहा था. मेरे लंड को देखकर उसका मुहं खुला का खुला ही रह गया. वो एक ही जगह पर अटक सी गई. मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? वो बोली कि इतना बड़ा? मैंने तो आज तक सुना ही था कि किसी का लंड इतना बड़ा भी हो सकता है, लेकिन आज देख भी लिया. ऐसा लंड अब तक मेरी कल्पनाओ में ही था या फिर में उन्हे सिर्फ पॉर्न फिल्म में ही देखा करती थी, लेकिन आज में पहली बार इतने बड़े लंड को छू भी सकती हूँ और इससे अपनी बहुत दिनों की प्यास को बुझा भी सकती हूँ.
वो बोली कि वाह आज तो मुझे बहुत मज़ा आने वाला है. दोस्तों मेरा लंड 8.5 इंच का और इतना तगड़ा लंड देखकर वो एकदम से झूम उठी और अब वो उससे खेलने लगी और मेरे लंड को सहलाने लगी और अब उसने मेरा लंड चूसना भी शुरू कर दिया. वो ऐसे कर रही थी कि जैसे उसने आज तक ऐसा कुछ भी किया ही नहीं. वो बिल्कुल पागल हो गई थी और फिर करीब बीस मिनट तक मेरा लंड चूसने के बाद वो बोल उठी कि अब मुझसे और रहा नहीं जाता. प्लीज आज तुम मेरी प्यास को बुझा दो.
फिर मैंने तुरंत उसको एक लिप किस कर दिया और एक हाथ से उसके कपड़े उतारने लगा. माँ कसम उसका क्या मस्त फिगर था? में अब उसके दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और बारी बारी से चूस भी रहा था वो सिसक रही थी और धीरे धीरे मोन भी कर रही थी. वो बिल्कुल गोरी चिट्टी और उसकी चूत भी एकदम साफ और उस पर एक भी बाल नहीं था. मुझे तो मज़ा ही आ गया और करीब 15 मिनट तक मैंने उसके बूब्स को दबाया किस किया और फिर उसने मुझसे कहा कि चलो अब हम बेडरूम में चलते है. तो वहां पर जाकर वो मुझसे बोली कि अब जैसा में तुमसे कहूँ तुम वैसा ही करो.
फिर मैंने बोला कि ठीक है और फिर उसने मुझे बेड पर लेटा दिया मेरा लंबा मोटा लंड एकदम तनकर खड़ा था. वो मेरे ऊपर आ गई और लंड को एक हाथ से पकड़कर उसने उस पर कंडोम लगा दिया और अब मेरे ऊपर आकर लंड को सीधा करके उसे धीरे धीरे अपनी चूत में डालने लगी. वो बहुत धीरे धीरे लंड पर बैठती चली गई और लंड घुसता चला गया, लेकिन दोस्तों जैसे ही पहली बार उसने लंड को चूत में डालने की कोशिश की तो वो बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी उईईईईई माँ फट गई अह्ह्ह्ह्ह्ह् मेरी और फिर दो तीन बार छेद ऊपर नीचे होने से मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया, लेकिन अब उसकी आखों में से आँसू निकल गये थे और वो बहुत उत्तेजित हो उठी और अब वो बहुत ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे हो रही थी.
दोस्तों में आप सभी को क्या बताऊँ मुझे कितना मज़ा आ रहा था क्योंकि में नीचे लेटा हुआ था और वो मेरे लंड पर उछल रही थी. उसके झूलते हुए बड़े बड़े बूब्स मुझमें और भी जोश भर रहे थे और करीब 15 मिनट तक चुदाई करने के बाद हम दोनों एक साथ में झड़ गए, लेकिन उसके बाद उसने मेरे साथ हर एक पोजीशन में सेक्स किया और कुछ देर बाद उसने मेरे लंड को चूस चूसकर फिर से चोदने के लिए तैयार कर दिया और इस बार वो मेरे सामने कुतिया बन गई और मुझसे कहने लगी कि चोदो मुझे.
मैंने भी ज्यादा देर ना करते हुये उसकी चूत में लंड डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और वो बहुत ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी और मोन करने लगी. उसकी चीखने की आवाज मुझमें और भी जोश भर रही थी और करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद में एक बार फिर से उसकी चूत में झड़ गया, लेकिन इस बार लंड पर कंडोम नहीं लगा हुआ था जिसकी वजह से मैंने अपना गरम गरम वीर्य भर दिया जो कुछ देर बाद उसकी चूत से बहकर बाहर आने लगा था. उसकी जांघो से बहकर नीचे बेड शीट पर गिरने लगा और उसे भिगोने लगा था और फिर में उस पूरी रात उसके घर पर साथ था.
फिर उसने मुझसे पूरी रात में चार बार सेक्स करवाया और हर बार वो मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसती और बोल उठती कि धन्यवाद तुमने आज मेरी प्यासी चूत को अपने लंड से बुझा दिया. में आज तुम्हारा लंड लेकर पूरी तरह संतुष्ट हो गई हूँ. दोस्त में सच बताऊँ तो उस दिन मैंने तो कुछ भी नहीं किया बल्कि उसने ही पूरा मज़ा लिया और मैंने दिया. फिर हम ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में सो गए, लेकिन वो आज भी उस रात का ज़िक्र करके उस रात को बहुत याद करती है और में भी. फिर हम सुबह उठे और में अपने कपड़े पहनकर अपने घर के लिए निकल गया, जाते समय उसने मुझे लिप किस किया और अपनी रात भर चुदाई करने के लिए मुझसे धन्यवाद बोला और मुझे एक गिफ्ट दिया. फिर मैंने अपने घर पर जाकर देखा तो उस डब्बे में एक महंगा वाला मोबाईल फोन था. मैंने तुरंत उसको एक मैसेज करके धन्यवाद बोल दिया और उसने उस एक रात में आज तक की अपनी पूरी सेक्स लाईफ जी ली थी और अब में उसके बाद भी प्रिया के साथ एक सप्ताह में दो बार ऐसे ही कई बार सेक्स कर चुका हूँ.
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दीदी बनी मेरी रानी

हैल्लो दोस्तों, में आपको अपना पहला सेक्स अनुभव शेयर करने जा रहा हूँ और में आशा करता हूँ कि ये कहानी आपको बहुत पसंद आयेगी. मेरा नाम आशु है और मेरे लंड का साईज 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है. यह घटना उज्जैन की है. में उज्जैन का रहने वाला हूँ और मेरी दीदी भी वहीं रहती है. उनका साईज 34-32-36 है और में तो सबसे ज़्यादा उनकी गांड का दीवाना हूँ. में उनको बचपन से मेरी बहन मानता था, मैंने उन्हें कभी ग़लत नज़रो से नहीं देखा, लेकिन जैसे ही मैंने अपनी जवानी कि उम्र में कदम रखा तो में बिगड़ना शुरू हो गया. अब में लड़कीयों को देखता और उनके बारे में सोचता था. अब में अपने दोस्तों में सबसे ज़्यादा बिगड़ा हुआ लड़का हूँ और में सेक्स के बारे में हर चीज़ जानता हूँ.
फिर मेरी एक उम्र आई जब में सेक्स के लिए तड़पने लगा और मुठ मारता था और सोचता था कि में कब किसी लड़की को चोद पाऊंगा? और फिर जब में 19 साल का हुआ तो मैंने मेरी दीदी को नहाते हुए देख लिया और तब से सोच लिया कि मेरी प्यास यही बुझायेगी. दीदी तलाकशुदा थी और उनके पति उनको मारते थे तो उन्होंने उसको तलाक दे दिया. मेरी दीदी मामा की लड़की थी और मामा के घर पर ही रहती थी और मेरे मामा का घर ठीक मेरे घर के पीछे है तो हमने पीछे की दिवार को तोड़कर वहां गेट लगवा लिया था. वो दिन मुझे अच्छे से याद है जब मैंने दीदी को नहाते हुए देखा था. दीदी को शाम को नहाने की आदत थी और उस दिन मामा और मामी घर पर नहीं थे. वो बाज़ार गये हुए थे और मेरी मम्मी ने बोला कि शायद मेरी किताब मामा के घर पर रह गई है तो तू लेकर आ जा. फिर मैंने बोला ठीक है मम्मी और में चला गया. में पीछे का दरवाज़ा खोलकर अंदर गया और फिर ड्रॉइग रूम से आवाज़ लगाई मामा, मामी? तो किसी ने जवाब नहीं दिया.
फिर में थोड़ा और दीदी के रूम के पास चला गया तो हल्का सा दरवाजा खुला हुआ था और नहाने की आवाज़ आ रही थी. फिर मैंने सोचा कि दीदी नहा रही होगी तो मेरे अंदर का शैतान जाग गया और मैंने सोचा कि अगर में उनको नहाते हुए देख लूँ. फिर मेरे दिमाग़ ने मना कर दिया कि वो मेरी दीदी है, पागल है क्या? फिर मैंने उनके रूम के बाहर से ही आवाज़ लगाई कि दीदी आप अंदर हो क्या? आशु तुम हो क्या? हाँ दीदी, 5 मिनट रुको में आ रही हूँ, तू अन्दर रूम में बैठ जा. फिर में जाकर वहां बेड पर बैठ गया और मैंने ध्यान से देखा तो बाथरूम के दरवाज़े में छेद थे, जैसे नॉर्मल पुराने दरवाज़ों में होते है.
अब मुझसे रहा नहीं गया और में दरवाज़े के छेद में से झाँकने लगा और जो मैंने देखा उससे मेरा लंड एक मिनट में टाईट हो गया. दीदी पूरी नंगी थी और क्या सेक्सी बॉडी थी उनकी? उनकी पूरी बॉडी पर पानी फ्लो कर रहा था, उनके चेहरे से, गर्दन से और क्या बूब्स थे? ब्राउन निप्पल वाले. फिर उनके पेट से होते हुए पानी उनकी क्लीन शेव चूत पर से नीचे जा रहा था. अब में देखकर वही खड़ा रहा और मेरा लंड तो ऐसा हो रहा था कि अभी मेरी जीन्स फाड़कर बाहर आ जायेगा.
मैंने उसको बाहर निकालकर मुठ मारना शुरू कर दिया और वहीं बाथरूम के दरवाज़े पर झड़ गया और जैसे ही दीदी बाहर आने वाली थी तो मैंने ज़िप बंद की और सब साफ करके बेड पर जा कर बैठ गया. फिर दीदी बाहर आई, बोली क्या हुआ? कुछ काम था क्या? हाँ वो मम्मी कोई किताब यहीं पर ही भूल गई थी, वो लेने भेजा है. ओह हाँ, रुक दो मिनट में लाती हूँ. उन्होने टॉप पहना हुआ था और केफ्री और उनका टॉप देखकर मुझे अलग ही पता चल रहा था कि उन्होंने अन्दर कुछ नहीं पहना है. फिर दीदी ने वो किताब दी और में लेकर वापस घर आ गया.
फिर हर रोज़ मेरा रुटीन हो गया. में हर रोज़ किसी बहाने से जाता और मौका मिलता तो दीदी की बॉडी देखकर मज़े लेता, नहीं तो मामा के साथ बाहर बैठकर बात करता और वापस घर आ जाता. फिर अब मैंने मन में सोच लिया था कि अब मुझे दीदी को चोदना है, लेकिन में सोच रहा था कैसे? फिर मुझे मौका मिला. जब हमारी फेमिली में किसी की मौत हो गई तो मम्मी-पापा और मामा-मामी 3 दिन के लिए बाहर गये हुए थे और जब सर्दी का मौसम चल रहा था और पापा-मम्मी मुझे दीदी के हवाले करके चले गये. तब मैंने सुबह दीदी को नहाते हुए देखा और मुठ मारी. उसके बाद हमने ब्रेकफास्ट किया और टी.वी देखने लगे. फिर हमने थोड़ी देर इधर उधर की बातें की और अब दीदी फ्रेंकली बात कर रही थी. फिर उन्होंने मेरी गर्लफ्रेंड्स के बारे में पूछा तो मैंने बोला अभी तो एक भी नहीं है, लेकिन भविष्य में बहुत बनाऊंगा, तो दीदी बोली तू बहुत बिगड़ रहा है.
फिर उसके बाद हमने लंच किया और हम मेरे घर पर कंप्यूटर गेम खेलने चले गये और उन्होंने पूछा कि तेरे पास अच्छी मूवी है क्या? तो मैंने बोला हाँ है आप सर्च कर लो. फिर में बाहर चला गया कोई मेहमान आए थे, तो मैंने उनसे बोला कि अभी घर पर कोई नहीं है और वो चले गये. फिर जैसे ही में वापस अंदर आया तो मैंने देखा कि दीदी ने मेरी पॉर्न मूवी का फोल्डर खोल रखा था और में पकड़ा गया था.
उन्होने बोला यह सब क्या है आशु? दीदी, वो तो, वो तो क्या? अभी यह सब डीलीट करो और फिर कभी ऐसी चीज़े मत देखना, नहीं तो में बुआ को सब बता दूँगी. में बोला नहीं दीदी आप कुछ मत बताना, में सब डिलीट करता हूँ और मैंने सबको रिसाइकल बिन में शिफ्ट कर दिया और बाद में मैंने फिर से रिस्टोर भी कर लिया था. फिर वापस हम उनके घर गये और वो उनके लेपटॉप पर फाइल्स कॉपी कर रही थी, जो वो मेरे कंप्यूटर से लाई थी.
फिर में बाहर जाकर टी.वी देखने लगा और फिर आधे घंटे के बाद दीदी ने मुझे आवाज़ लगाई और कहा कि आशु इधर आओ यह गेम इनस्टॉल नहीं हो रहा है. फिर में गया और उस गेम को इनस्टॉल करने लग गया और दीदी बाथरूम में चली गई. फिर में गेम इनस्टॉल करने के लिए ऐसे ही उनका लेपटॉप देख रहा था तो मैंने देखा कि मेरा पॉर्न मूवी का फोल्डर दीदी के लेपटॉप में कैसे आया? तब मुझे समझ में आया कि दीदी ने सारी पॉर्न मूवी कॉपी कर ली थी.
फिर रात हो गई और हम डिनर करके टी.वी देख रहे थे और रात के लगभग 11 बज रहे थे. फिर मैंने दीदी से पूछा कि वो मेरा पॉर्न मूवी का फोल्डर आपके लेपटॉप में क्या कर रहा है? तो दीदी घबरा गई और नाटक करके पूछने लगी कौन सा फोल्डर? ओह अच्छा तो वो वीडियो आपके लेपटॉप में क्या कर रहे है? अब दीदी पकड़ी गई थी. वो रोने लगी और फिर उन्होंने बताया कि वो सेक्स के लिए बहुत ज़्यादा परेशान है और उन्हें उनके पति ने भी कभी प्यार नहीं किया था.
फिर में धीरे से उनके पास सोफे पर बैठ गया और उन्हें हग किया. मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन दीदी ने रोना बंद नहीं किया. फिर मैंने धीरे से उनके लिप पर किस किया और दूर हट गया. फिर दीदी ने मेरा सिर उनकी तरफ खींचा और हम स्मूच करने लगे और फिर हम 15-20 मिनट तक स्मूच करते रहे और एक दूसरे में खो गये. फिर मैंने दीदी का टॉप उतार दिया और उन्होने मेरी टी-शर्ट उतार दी. फिर मैंने उनकी ब्रा भी उतार दी और फिर में उन्हें उठाकर अंदर ले गया और बेड पर लेटा दिया और किस करने लगा. फिर मैंने उनके पूरे शरीर पर किस करना स्टार्ट कर दिया, गर्दन पर, नाभि पर और फिर में उनके बूब्स चूसने लगा. अब दीदी मौन कर रही थी और मैंने फिर दीदी का पजामा पेंटी के साथ उतार दिया और अब में भी नंगा हो गया. अब हम दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे और फिर दीदी मेरे लंड को मसलने लगी और ऊपर नीचे हिलाने लगी. अब मेरा लंड एकदम टाईट हो गया था.
फिर दीदी ने मेरे लंड को पकड़कर मुँह में ले लिया और चूसने लगी. वाह्ह पहली बार कोई मेरे लंड को चूस रहा था और मुझे बहुत मजा आ रहा था. ओह दीदी और चूसो अपने भाई का लंड और चूसो यसस्स, फिर में उनके मुँह में ही झड़ गया और दीदी मेरा पूरा वीर्य पी गई. अब मैंने दीदी को नीचे लेटा दिया और उनकी चूत चाटने लगा. अब दीदी बहुत आवाज़ निकाल रही थी, ह्म्‍म्म्ममममममममममम ओह यसस्स्स म्‍म्म्ममममममम. फिर थोड़ी देर के बाद दीदी मेरे मुँह में ही झड़ गई और में भी उनका पूरा पानी पी गया. अब मेरा लंड अभी तक फुल टाईट हो चुका था और फिर मैंने दीदी की चूत पर अपना लंड सेट करके धक्का लगाया तो लंड थोड़ा अंदर गया और अब दीदी को बहुत दर्द हो रहा था. फिर भी वो बोली कि रुक मत मेरे भाई, आज मेरी प्यास बुझा दे. फिर मैंने एक और धक्का लगाया तो अब मेरा पूरा लंड अंदर था. फिर मैंने धीरे-धीरे शॉट मारने शुरू कर दिए.
अब दीदी को भी मजा आने लगा और अब वो मेरा साथ दे रही थी और फिर 20-25 मिनट के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और में 10 मिनट तक ऐसे ही उनके ऊपर पड़ा रहा और हम दोनों रजाई ओढ़ कर नंगे ही सो गये. फिर सुबह दीदी ने मुझे किस करके उठाया और हम उसके बाद से जब भी मौका मिलता है तब सेक्स करते है.
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स्वर्ग का अनुभव

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कामिनी है और मेरी उम्र 31 साल है और में आज अपना भी एक सच्चा सेक्स अनुभव आप सभी से शेयर करने जा रही हूँ. मुझे इस पर पढ़ने के लिए बहुत अच्छी अच्छी कहानियाँ मिलती है और वो मुझे अच्छी भी लगती है. दोस्तों में एक सरकारी लड़कियों के कॉलेज में टीचर हूँ, लेकिन दोस्तों मैंने अभी तक अपनी शादी नहीं की क्योंकि मेरे माता पिता के बीच में हमेशा किसी ना किसी बात को लेकर बहुत लड़ाई झगड़े होते थे. जिसको देखकर में सोचती थी कि मेरा पति भी मुझसे इस तरह से हमेशा लड़ता झगड़ता रहेगा? और इस काम को करने की मेरी बिल्कुल भी इच्छा नहीं होती थी और फिर मेरी नौकरी के बाद मुझे मेरा गाँव नहीं मिल पाया इसलिए भी मुझे अपने शादी के निर्णय को वहीं पर छोड़ना पड़ा.
फिर उसके कुछ समय के बाद मेरे माता पिता का देहांत हो गया और अब मेरे घर में बस मेरा एक भाई और भाभी थे. कुछ समय बाद भैया को पिताजी की नौकरी मिल गई और वो अपनी जगह पर सेट हो गया और अब मुझे अकेले दूसरे शहर में रहना पड़ा. यहाँ पर मुझे खाना पकाने और कपड़े धोने की बहुत परेशानी थी इसलिए मेरे साथ की एक टीचर ने मुझे रज्जो से मिलवाया.
उसकी उम्र लगभग 27 साल होगी. वो मेरे लिए खाना पकाने और साफ सफाई का काम और कपड़े भी धोने का काम भी वहीं करने लगी थी. फिर कुछ समय बाद मुझे उससे बातों ही बातों में पता चला कि उसके पति ने उसे कुछ समय पहले एक छोटी सी बात के लिए छोड़ दिया था, सिर्फ़ इसलिए कि वो कभी भी माँ नहीं बन सकती थी. वो मेरे पास नवम्बर पहले सप्ताह के पहले रविवार को घर पर आई थी और उसके एक दिन पहले वो मुझसे अपने काम करके की बात करके गई थी.
में उस समय बहुत गहरी नींद में सो रही थी. उस समय करीब सुबह के दस बजे थे और उसके पास हमेशा मेरे घर की एक चाबी रहती थी इसलिए वो दरवाजा खोलकर अंदर आ गई और फिर वो अंदर आकर चुपचाप अपना काम करने लगी और जब मेरी आंख खुली तो में समझ गई कि वो आ चुकी है. मैंने उसे आवाज़ दी और वो हाँ दीदी कहते हुए अंदर आ गई. दोस्तों में यह बात तो आप सभी को बताना ही भूल गई कि में शुरू से ही फ्री होकर सोती थी. घर पर बिल्कुल ढीली मेक्सी और जब अकेले रहने लगी तो एक छोटी सी कुरती और अंडर गारमेंट्स बस ब्रा के अलावा कुछ भी नहीं. वो अंदर आकर मुझे देखती ही रह गई.
मेरा शरीर सांवला है और उस पर वो मलमल की कुरती जिससे मेरा पूरा शरीर दिखाई दे रहा था और अब उसने मुझसे आँखे चुराई तो मैंने कहा कि अरे तुम इतना शरमा क्यों रही हो. कोई औरत किसी औरत से कभी शरमाती है क्या? तो वो बोली कि नहीं दीदी मुझे लगा कि हो सकता है कि आपको मेरा अचानक बिना पूछे अंदर आ जाने का तरीका बहुत बुरा लगेगा. तो मैंने कहा कि कोई बात नहीं अच्छा अब जल्दी से मेरे लिए एक कप चाय बनाकर ले आओ क्योंकि मुझे आज बेड टी पीना है. फिर वो मेरे लिए एक गरमा गरम चाय बनाकर ले आई. में इतनी देर और आराम कर रही थी. फिर जब वो मेरे लिए चाय बनाकर अंदर आई तो मैंने कुछ देर बाद उससे कहा कि तू मुझे किसी मालिश वाली से मिलवा दे क्योंकि आज कल मेरे शरीर में बहुत दर्द रहता है.
तभी उसने मुझसे कहा कि दीदी मालिश तो में भी बहुत अच्छी तरह से करना जानती हूँ क्योंकि मैंने कुछ दिन पहले एक ब्यूटीपार्लर में झाड़ू पोछे का काम किया था और वहीं पर मैंने मसाज भी करना सीखा था. मुझे मेरी वहां की मालकिन ने यह सब सिखाया था. मैंने उससे कहा कि वाह यार तू तो बहुत कमाल की चीज़ है चल फिर तू आज से ही से मेरी मालिश शूरू कर दे, मेरे नहाने से पहले तू मेरी मालिश कर देना क्योंकि नहाने के बाद ही में नाश्ता करूँगी.
फिर वो जल्दी से तेल ले आई और उसने मेरे हाथ की मालिश शुरू कर दी और फिर पैरों की और फिर वो पैरों से ऊपर मेरी जांघो की मालिश करने लगी. जिसकी वजह से मेरे पूरे शरीर के अंदर एक अजीब सा एहसास आने लगा. अब मेरी जांघों की मालिश करते करते उसने मेरे दोनों पैरों को अलग करके मेरी चूत पर अपना एक हाथ रखकर चूत के दाने को छेड़ दिया जिसकी वजह से में अचानक से तड़प उठी और मैंने उससे बहुत बार कहना चाहा कि तू यह सब क्या कर रही है? लेकिन मेरी आवाज़ तो अंदर अंदर घुट गई और मेरे मुँह से अब अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आईईईईईइ की आवाज़ निकल पड़ी. मेरी सांस अब धीरे धीरे तेज़ हो गई और अब रज्जो ने मेरी चूत के दाने के साथ खेलना शुरू कर दिया और वो एक ही पल में अपने मुँह से मेरी चूत को किस करने लगी. बस फिर क्या था? मेरे मुँह से आह्ह्ह्हह माँ उह्ह्ह्हह्ह की आवाज़ निकल पड़ी और उसने अच्छा मौका देखकर मेरे पेट पर किस कर दिया, जिसकी वजह से में तो एकदम तड़प कर रह गई. मैंने कहा कि आईईईईईईई माँ उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह में मर गई, ये तूने क्या किया? और अब वो मेरे पेट को किस करते करते मेरी कुरती को ऊपर करती गई और मेरे बूब्स तक पहुँच गई और फिर उसने मेरी ब्रा को खोलकर मेरी कुरती को उतार दिया.
फिर क्या था? उसने आज मुझे स्वर्ग कैसा होता है ये दिखा दिया. वो अब अपनी सलवार कमीज़ को उतारकर मेरे ऊपर लेट गई और उसने अपनी एक उंगली को मेरी चूत में डाल दिया और मेरी चूत को बहुत देर तक अपनी उंगली से अंदर बाहर करके चोदा और मेरे बूब्स को बहुत देर तक चूसा. उसने चूस चूसकर मेरी निप्पल को एकदम लाल कर दिया था और मेरी चूत को अपनी उंगली से फैला दिया. फिर में उसके ऐसा करने से एकदम से तड़पने लगी में अपने कूल्हों को ऊपर उठा उठाकर उसकी उंगली को पूरा अंदर लेने की कोशिश करने लगी, लेकिन उसके कुछ देर बाद उसने अचानक से अपने मुँह को मेरी चूत से सटा दिया और फिर क्या था? मुझे ऐसा अनुभव हुआ कि में अंदर ही अंदर एक तरह से आग में जलने लगी थी.
मैंने अपने दोनों हाथों से उसका सर पकड़कर बहुत ज़ोर से अपनी चूत के ऊपर दबा दिया. दोस्तों थोड़ी देर बाद जब में बिल्कुल शांत हुई तो मैंने अपने एक हाथ को चूत के मुहं पर लगाकर महसूस किया कि उस समय मेरी चूत और रज्जो का मुँह दोनों ही एक गरम चिपचिपे से पानी से बिल्कुल गीले थे और में एकदम निढाल होकर पड़ी हुई थी. तभी रज्जो मुझे नटखट मुस्कुराहट के साथ देखते हुए सीधी बाथरूम की भागी और मुँह धोने लगी. में तब तक स्वर्ग से वापस आ गई थी और मैंने महसूस किया कि मेरी सारी उर्जा उस चिपचिपे पानी के साथ बाहर निकल चुकी थी और अब मेरा बस दोनों आँखे बंद किए हुए पड़े रहने का जी कर रहा था.
फिर कुछ देर बाद रज्जो अपना मुँह धोकर कमरे में आई और बोली कि दीदी यह तूफान कैसा था? तो मैंने धीरे धीरे अपनी आँखे खोली और कहा कि मैंने आज तक ऐसी मालिश कभी किसी से नहीं करवाई है. वो बोली कि अब आप थोड़ा जल्दी से उठकर नहा लो. फिर में आज तुम्हें स्पेशल परांठे के साथ नाश्ता करवाउंगी. मैंने कहा कि मुझसे अब उठा ही नहीं जा रहा है. मेरी सारी उर्जा तो तूने बाहर निकाल दी है और फिर कुछ देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद में उठी और नहाने के लिए बाथरूम में चली गई और जब में नहाकर वापस आई तो रज्जो ने मुझे स्पेशल परांठा और गोभी की सब्जी के साथ नाश्ता करवाया, लेकिन जो सुख आज उसने मुझे दिया था वो तो बहुत ही अलग था.
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कोमल की सजा और समीर का मजा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीर है और आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची सेक्स अनुभव की घटना सुनाने जा रहा हूँ जिसमे मैंने अपने कॉलेज की ही एक लड़की को चोदा. यह घटना में आप सभी को आज पूरे विस्तार से सुनाऊंगा, लेकिन उससे पहले में थोड़ा बहुत अपना परिचय भी आप सभी से करा देता हूँ.
दोस्तों समीर एक इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर था और उसकी उम्र 31 साल थी. वो बहुत स्मार्ट था और उसकी शादी को अभी दो साल हुए थे, लेकिन उसकी बीवी इतनी ज़्यादा सुंदर नहीं थी और इसलिए वो हमेशा अपने कॉलेज की हसीन लड़कियों की जवानी लूटने की उम्मीद में रहता था.
दोस्तों कोमल कॉलेज के आखरी साल में पढ़ने वाली एक बहुत सुंदर सीधीसाधी लड़की थी जो पिछले दो सालों से अपने कॉलेज का ब्यूटी कॉम्पीटिशन भी जीत रही थी और इसकी वजह से कॉलेज का हर एक लड़का उसका दीवाना था क्योंकि वो चीज़ ही कुछ ऐसी थी, बहुत मस्त हॉट, सेक्सी, उसका 5.6 इंच का कद, उसके फिगर का साईज 34-24-36, आँखे बड़ी बड़ी काली, लंबे बाल और वो हमेशा बिल्कुल टाईट सलवार कुर्ता पहनती थी जिसकी वजह से उसके सुंदर बूब्स का और सेक्सी अंदाज़ आता था, लेकिन वो पढ़ाई में ज़्यादा होशियार नहीं थी और हमेशा सबके साथ घुल-मिलकर रहती थी और समीर भी जब जब उसे देखता एकदम मचल कर रह जाता क्योंकि वो कमसिन 20 साल की कयामत थी और पढ़ाते वक़्त वो साईड से जाकर उसकी टांगे और बूब्स निहारता और जब वो सामने होती तो जानबूझ कर अपना पेन गिराकर उसे उठाने के लिए कहता और फिर उसके बाद वो उसके गोरे गोरे बूब्स देखता.
एक दिन समीर ने अपनी क्लास में सभी स्टूडेंट्स को बताया कि तीन दिन के बाद आप सबके एग्जाम है, जिसका पेपर वो खुद सेट कर चुका है और जिसके नंबर आखरी परीक्षा के नंबर में जुड़ने वाले है. कोमल का वो विषय बहुत ही कमज़ोर था और अब कोमल के लिए समीर के टेस्ट में पास होना बहुत ज़रूरी था और इसलिए कोमल ने मन ही मन निर्णय लिया कि वो समीर के केबिन से एग्जाम पेपर चुरा लेगी क्योंकि वो जानती थी कि शाम को चार बजे समीर चाय पीने अपने केबिन से बाहर जाता है और उस वक़्त के बाद केबिन के आस पास कोई भी नहीं रहता तो वो पेपर चुरा सकती है और वो यह बात भी जानती थी कि समीर अपनी अलमारी की चाबियाँ कहाँ पर रखता है? तो अगले दिन चार बजे से पहले ही वो समीर सर पर पूरा पूरा ध्यान दे रही थी और फिर समीर जैसे ही अपने केबिन से बाहर गया तो वो चुपके से उसके केबिन में घुस गयी. उसने अलमारी की चाबी ड्रॉयर से निकाली और एग्जाम पेपर बाहर निकालकर अपने मोबाइल में पेपर के फोटो लेने लगी और फिर वापस पेपर अलमारी में रखकर लॉक किया और फिर वो चाबी रखने के लिए पीछे की तरफ मुड़ी, लेकिन तभी एकदम से उसके होश ही उड़ गये और उसके चेहरे का रंग एकदम फीका पड़ गया और उसकी सांसे ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे ही अटक गई क्योंकि पीछे समीर खड़ा हुआ उसकी सारी हरकतों को सिर्फ़ देख ही नहीं रहा था वो बल्कि अपने मोबाइल में उसे रिकॉर्ड भी कर रहा था.
अब समीर एकदम से उस पर भड़क गया था और उसने बहुत गुस्से से कहा कि अच्छा तो अब तुम चोरी करके पास होगी? में तुम्हारी शिकायत अभी प्रिंसिपल से करता हूँ. मेरे पास इस बात का सबूत भी है और फिर वो तुम्हे कॉलेज से बाहर निकल देंगे और तुम्हे कहीं भी एड्मिशन नहीं मिलेगा. कोमल यह बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और गिड़गिड़ाने लगी कि सर प्लीज मुझे माफ़ कर दीजिए. में दोबारा ऐसी कोई भी ग़लती नहीं करूंगी प्लीज सर और यह बात कहकर उसने समीर के दोनों पैर पकड़ लिए.
तभी समीर की नज़र ऊपर से उसके बूब्स की तरफ चली गयी और फिर समीर ने सोचा कि मुझे इससे अच्छा कौन सा मौका मिलेगा इस हसीन कली को चोदने का. वो मन ही मन मुस्काया और बोला कि नहीं सज़ा तो तुम्हे मिलेगी ही. कोमल फिर से रोने लगी और बोली कि सर प्लीज ऐसा मत कीजिए. मेरी पूरी लाईफ खराब हो जाएगी और मेरे माता पिता भी मुझसे नाराज़ हो जाएँगे, सर प्लीज मुझे माफ़ कर दीजिए. समीर बोला कि ठीक है में तुम्हारी बात प्रिंसिपल से नहीं करूँगा, लेकिन उसके बदले मुझे क्या मिलेगा? तो कोमल मुस्कुराकर बोली कि सर उसके बदले जो आप कहेंगे में वो सब करूँगी, लेकिन प्लीज आप किसी को मेरी चोरी के बारे में मत बताईएगा. तभी समीर ने उसके कंधे को पकड़कर उसे उठाते हुए कहा कि तो फिर ठीक है तुम अपनी यह सुंदर जवानी मेरे नाम कर दो.
यह बात सुनकर वो एकदम से पीछे हट गई और बोली कि सर यह आप क्या कह रहे है? नहीं बिल्कुल नहीं, ऐसा नहीं हो सकता और फिर वो बड़बड़ाते हुए केबिन से बाहर जाने लगी तो समीर बोला कि ठीक है में तुमसे कोई भी जबरदस्ती नहीं करूँगा, लेकिन तुम जैसे ही केबिन से बाहर जाओगी तो में सीधा प्रिंसिपल के ऑफिस में जाकर तुम्हारा यह कारनामा उन्हे दिखा दूँगा और फिर उसके बाद तुम इस कॉलेज से बाहर निकाली जाओगी और तुम्हारे दोस्त तुम्हे ताने मारेंगे और तुम्हारे माता, पिता तुम्हारी वजह से हमेशा बहुत शर्म महसूस करेंगे या फिर मेरी बात मानो तो सब कुछ पहले जैसा ही रहेगा क्योंकि बस यह बात हम दोनों के बीच में ही रहेगी और फिर में खुद ही तुम्हे पेपर की कॉपी भी दे दूँगा अब यह फ़ैसला तुम्हारा है या तो तुम इस केबिन से बाहर चली जाओ या फिर इस केबिन का दरवाजा बंद करके मेरी और आ जाओ.
फिर कोमल थोड़ी देर बिल्कुल गुम-सुम सी खड़ी रहकर सोचती रही और उसके आँसू अब पलकों से गाल पर आ गये और फिर उसने केबिन का दरवाज़ा बंद कर दिया और समीर के पास आ गयी. समीर इसके आगे की बात को मन ही मन सोच रहा था, लेकिन तभी उसका हथियार पूरा का पूरा खड़ा हो चुका था. समीर ने कोमल की कमर पर हाथ डालकर उसे अपनी तरफ खींच लिया. कोमल की धड़कने बहुत बड़ चुकी थी और वो धीरे धीरे सिसक रही थी और अब वो समीर की बाहों में अपनी नज़ारे झुकाए हुई खड़ी थी.
समीर ने कोमल के चेहरे को ऊपर उठाया और कहा कि मेरी जान तुम मुझसे ज्यादा मत घबराओ, में तुम्हे चाँद की सैर करा दूँगा और तुम ज़िंदगी भर नहीं भूलोगी रुको में अभी आया और फिर समीर करीब दो मिनट के लिए बाहर जाकर वापस आ गया. कोमल की आँखे आँसू से तो समीर की आखें हवस से पूरी तरह भर चुकी थी. समीर ने लौटते ही कोमल की कमर में हाथ डालकर उसे अपनी और खींच लिया और उसके बूब्स पर अपनी दोनों हथेली रखकर उसके गालों पर किस करते हुए बोला कि जान अब तक तूने मुझे बहुत तड़पाया है, लेकिन में आज तेरे सुंदर जिस्म का रस पीकर ही रहूँगा.
कोमल बिल्कुल बेसस खड़ी हुई थी और अब समीर ने कोमल की बाहों को अपने गले में डाल दिया और उसका दुपट्टा निकालकर फेंक दिया और उसकी एकदम टाईट कुरती में से उसके बूब्स का आकार बहुत आसानी से दिख रहा था और गहरे गले वाली ड्रेस के कारण उसकी सुंदर छाती भी बहुत आसानी से दिख रही थी और अब समीर का हथियार उसकी पेंट में समा ही नहीं रहा था और उसने कोमल के चेहरे को निहारा, उस पर बहुत बला की सुन्दरता झलक रही थी और उसकी जुल्फें चेहरे पर लटक रही थी और आँसू बह रहे थे. समीर ने उसके आँसू पीते हुए कहा कि रो मत मेरी जान, में तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ और समीर ने कोमल के अनार जैसे लाल लाल होंठो पर अपने होंठ रख दिए और कभी ऊपर के होंठ को चूमता तो कभी नीचे के होंठ को.
अब कोमल ने अपनी दोनों आँखे बंद कर ली थी. उसी बीच वो कोमल के गोलाकार नितंबो को उसकी सलवार पर से ही सहला रहा था तो कभी मसल रहा था. उसका पूरा बदन इतना मुलायम था कि अब समीर चुमाचाटी में ज़्यादा टाईम खराब नहीं करना चाहता था और फिर दो तीन मिनट के बाद वो कोमल की गर्दन, कानों पर किस करने लगा और उसे चाटने लगा. एक हाथ से बदन तो दूसरे से उसकी ज़ुल्फो को सहलाने लगा. फिर कुछ देर बाद समीर ने थोड़ा रुककर अपनी शर्ट और बनियान को उतार दिया.
समीर का शरीर बहुत मजबूत था और वो फिर से किस करते हुए धीरे धीरे गर्दन से नीचे आने लगा और सीने तक आते ही उसने अपने दोनों हाथों से कोमल के बूब्स को कसकर पकड़ लिया और कहा कि कोमल तुम तो कामदेवी हो. उसने टेबल से सारा सामान नीचे गिरा दिया और टेबल पर बैठ गया औ कोमल को थोड़ा खींचकर उसने अपने पैरों को कोमल के पीछे से क्रॉस करके जकड़ लिया और उसके बूब्स को दोनों हाथों से मसलने लगा. कोमल के मुहं से सिसकियों की आवाज़ निकल गई अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उईईईईईईई माँ, लेकिन समीर को इसको कोई परवाह नहीं थी क्योंकि समीर के केबिन से आवाज़ बाहर जा नहीं सकती थी.
फिर उसने कुरती के पीछे हाथ डालकर चेन को धीरे धीरे नीचे सरकाया लिया और फिर कंधे से कुरती नीचे सरकाकर कमर तक उतार दिया. गुलाबी कलर की बिल्कुल टाइट ब्रा में कोमल के बूब्स ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे हो रहे थे और फिर वो बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही सहलाने लगा और उसकी छाती पर किस करने लगा.
कोमल ने अपनी उंगलियाँ समीर के बालों में फंसा दी और जोश की वजह से ऊपर मुहं कर दिया. समीर ने नीचे से कोमल की सलवार भी ढीली करके कुरती और सलवार दोनों को पैरों तक उतार दी और अब कोमल बिल्कुल बेसस, लेकिन जोश में खड़ी हुई थी, मानो कोई मॉडल बिकिनी में पोज़ दे रही हो और उसकी गुलाबी पेंटी बहुत सुन्दर थी. समीर ने उसे नीचे उतारकर अपनी पेंट को भी नीचे उतार दिया क्योंकि उसका हथियार उछलकर बाहर आने की कोशिश कर रहा था. फिर उसने कोमल को टेबल से सटा दिया और उसकी ब्रा के हुक को एक झटके में खोलकर ब्रा को उतारकर फेंक दिया उसके गोरे गोरे बूब्स और उस पर हल्के गुलाबी कलर के निप्पल बहुत कमाल के थे.
अब उसने उसके सीधे वाले निप्पल को चूसना शुरू किया और दूसरे वाले निप्पल को और बूब्स को मसलना शुरू किया और अब कोमल मोन कर रही थी उफफफ्फ़ब्सस्सस्स उह्ह्हह्ह माँ सीईईइइर्ररर, लेकिन समीर अब कहाँ रुकने वाला था? फिर उसने एक हाथ से उसकी नाज़ुक कमर और नाभि को सहलाना शुरू किया तो कोमल गुदगुदी के कारण उछल रही थी. समीर ने अपनी अंडरवियर को उतार दिया और उसका 6 इंच का लंड पूरा खड़ा था.
समीर ने कोमल को टेबल पर लेटा दिया और फिर कंधे पर लेकर दोनों तरफ से हाथ नीचे लेकर कमर को पकड़ लिया और उसकी नाभि पर किस करने लगा. कोमल मोन करके अपनी चूतड़ को ऊपर उठा रही थी और उसी बात का फ़ायदा उठाते हुए समीर ने कोमल की पेंटी को उतार फेंका. जब समीर ने कोमल की चूत देखी तो वो बिल्कुल मचल उठा क्योंकि कोमल एकदम साफ सुथरी लड़की थी और उसकी चूत बिल्कुल शेव गोरी और तीन उंगलियों जितनी मोटी थी. उसने कोमल की जांघो को सहलाते हुए घुटनों से किस करते करते ऊपर आने लगा.
फिर कोमल टेबल पर बिछे कपड़े को अपने नाखूनों से नोच रही थी और समीर ने टेबल के ड्रॉयर में से वेसलीन को बाहर निकाला और अपने लंड और कोमल की चूत पर लगा दी. फिर वो उसके होंठो को तो कभी निप्पल को दांतों से धीरे धीरे काट रहा था और एक हाथ से अपने हथियार को सहला रहा था, लेकिन अब उसका कंट्रोल ख़त्म हो गया और वो कोमल के पैरों के बीच में खड़ा हो गया. उसने कोमल के पैरों को अपनी कमर के ऊपर पीछे से लपेट लिया उसकी कमर को पकड़ लिया और अपना पूरा तना हुआ लंड कोमल की कुँवारी गरम योनि पर रख दिया और उसके बूब्स को पूरा मुहं में भरते हुए एक झटके के साथ आधा लिंग योनि के अंदर डाल दिया. कोमल के मुहं से बहुत ज़ोर की चीख निकल पड़ी अह्ह्ह्ह माँ में मरररर गईईईई उईईईईईई माँ.
दोस्तों उसकी चूत बहुत टाइट थी और बिल्कुल कुँवारी थी. उसकी योनि से अब खून बाहर निकल रहा था और समीर ने थोड़ा सा लिंग को बाहर निकाला और फिर फुल स्पीड से और एक झटका दिया तो उसका लिंग कोमल की सील को तोड़ता हुआ कोमल की योनि की गहराईयों तक चला गया. कोमल सिसक रही थी और समीर अब धीरे धीरे अपनी कमर हिला हिलाकर कोमल को चोद रहा था और उसके दोनों पैर उसकी जांघो को सहला रहे थे और वो उसे किस कर रहा था. हर एक धक्के के साथ कोमल की पायल छन छन की आवाज कर रही थी. वो मीठी आवाज़ समीर को और भी उकसा रही थी.
फिर समीर ने अपने गाड़ी को अब फुल स्पीड में दौड़ना शुरू कर दिया. अब कमरे में बस छन छन की आवाज़ आने लगी थी. तभी कोमल भी ज़ोर ज़ोर से मोन कर रही थी और पांच मिनट में कोमल झड़ गई. कोमल ने समीर को कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसे चूमने लगी. तभी फच फच की आवाज़ भी उस सेक्स में शामिल हो गई. अब समीर खुद टेबल पर लेट गया और कोमल को अपने ऊपर खींचकर नीचे से अपनी कमर उठा उठाकर कोमल को चोदने लगा.
थोड़ी देर बाद उसने वैसे ही कोमल को गोद में उठाकर खड़े खड़े ही चोदना शुरू कर दिया. उसने अपनी स्पीड को बहुत बड़ा लिया था और फिर वो आख़िर में झड़ गया. उसके वीर्य के फव्वारे से कोमल की योनि भरकर बहने लगी. अब वो थक कर कोमल के ऊपर गिर गया और करीब दो चार मिनट के लिए वो दोनों ज़ोर ज़ोर से साँसे भरते हुए ऐसे ही पड़े रहे, लेकिन अब कोमल के चेहरे पर एक संतुष्टि की मुस्कान थी क्योंकि वो उस चुदाई से बहुत खुश थी. फिर समीर उठा और कहीं चला गया और हाथ में मोबाइल लिए वापस आ गया. तब कोमल अपनी पेंटी, ब्रा पहन रही थी. फिर समीर ने कोमल को अपना मोबाइल दिखाया जिसमे उन दोनों का सेक्स प्रोग्राम पूरा रिकॉर्ड हो गया था जिसे देखकर कोमल तो बिल्कुल हक्की बक्की रह गई.
कोमल बोली कि सर अब तो जो आपको चाहिए था वो मिल गया, अब यह क्यों? प्लीज आप इसे डीलीट कर दीजिए. फिर समीर ने कहा कि जान तू एक बार चोदने की नहीं बल्कि रोज़ रोज़ चोदने वाली चीज़ है. अब जा और कल इसी टाइम यहाँ पर आ जाना, हम बहुत मज़ा करेंगे और अगर तू नहीं आई तो यह वीडियो क्लिप कॉलेज के हर एक स्टूडेंट के मोबाइल में नज़र आएगी.
फिर उसके बाद लगभग हर रोज़ समीर कोमल को चोदता रहा, कभी कॉलेज तो कभी अपने फार्म हाउस पर तो कभी होटल में. कुछ दिन बाद कोमल की शादी हो गई, लेकिन अब भी जब वो मायके आती है तो समीर उसे बुलाकर चोद देता है क्योंकि वो क्लिप तो उसके पति को दिखाना एक बहाना है. अब उन दोनों को एक दूसरे की जरूरत महसूस होने लगी थी और कोमल अपनी पति की चुदाई से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं थी. उसे उसकी चुदाई से इतना सुख नहीं मिलता था जितना उसे समीर से मिलता था.
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मौसी की बड़ी बहु की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, में दिल्ली में बचपन से रह रहा हूँ. मुझे शादीशुदा लेडीस ज्यादा पसंद है और मोटी लेडीस भी बहुत पसंद है. ये स्टोरी मेरी और मेरी मौसी की बड़ी बहु के बीच की है. मेरी मौसी की बड़ी बहु का नाम रजनी है और उनकी उम्र 43 के आस पास है, लेकिन वो दिखने में लगती नहीं है. ये कहानी साल 2013 की है, भाभी के दो बच्चे है जो स्कूल जाते है और भैया प्राइवेट कंपनी में जॉब करते है. मेरी मौसी हमारे घर के पास ही रहती थी. में हमेशा उनके घर जाता था.
में इस साल भी न्यू ईयर पर उनके घर गया तो मौसी को विश करने के बाद में सीधा भाभी के फ्लोर पर चला गया. जब में गया तो भाभी कपड़े प्रेस कर रही थी. मैंने भाभी को हैल्लो किया और न्यू ईयर विश किया. भाभी ने भी मुझे न्यू ईयर विश किया. मैंने मज़ाक में भाभी से बोल दिया कि भाभी पंजाबियों में क़िसी भी चीज़ को ऐसे विश नहीं करते तो भाभी अचानक से मेरे पास आई और मुझे गले लगाकर बोली ऐसे विश करते है.
फिर जैसे ही भाभी ने मुझे गले लगाया तो उनके शरीर का स्पर्श पाकर में दो मिनट के लिए सन्न रह गया. फिर भाभी जाकर कपड़े प्रेस करने लगी और मुझे बोलने लगी कि क्या हुआ? तो में बोला भाभी मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धक-धक कर रहा है. भाभी बोली कि कभी क़िसी को गले नहीं लगाया क्या? तो में बोला नहीं मैंने कभी क़िसी को गले नहीं लगाया. मैंने भाभी से बोला कि मेरी छाती पर हाथ रखकर देखो कितनी ज़ोर-ज़ोर से धक-धक कर रहा है. तो भाभी ने हाथ रखा और बोली तेरा तो सही में बड़ी ज़ोर-ज़ोर से दिल धक-धक कर रहा है. मैंने भाभी से बोला कि भाभी क्या में आपको दुबारा गले लगा सकता हूँ?
भाभी ने दुबारा मुझे गले लगाया तो मैंने भी उनको जवाब में गले लगा लिया और उनको कमर से पकड़कर जकड़ में ले लिया. अब मेरा तो हाल बुरा हो रहा था और मेरा लंड भी खड़ा हो रहा था, जिसका शायद भाभी को पता लगने लगा था. भाभी बोली अब छोड़ दे तो मैंने उन्हें छोड़ दिया. फिर हम बात करने लगे और भाभी कपड़े प्रेस करने लगी. फिर बातों-बातों में मैंने फिर से उनको पीछे से गले लगा लिया, जिसकी वजह से मेरा लंड भाभी की गांड में दबने लगा. भाभी बोली कि क्या हुआ? तो में बोला भाभी बड़ा अच्छा लग रहा है और मन कर रहा है कि में आपको ऐसे ही गले लगाये रखूं. फिर भाभी ने भी कोई जवाब नहीं दिया और में ऐसे ही गले लग कर खड़ा रहा.
फिर भाभी ने मुझे हटाया और फिर हम बात करने लगे और थोड़ी देर के बाद में चला गया. फिर में नॉर्मली उनके घर आने जाने लगा और भाभी को गले मिलकर मिलता. फिर एक दिन भाभी ने मुझे फोन किया कि बच्चों का होमवर्क निकालकर ला दे. भाभी ने फोन पर लिखवा दिया और में फिर होमवर्क निकाल कर सीधा उनके घर दोपहर को 12 बजे गया, जब भैया भी घर नहीं होते और बच्चे भी स्कूल गये होते है. में जैसे ही घर गया तो मैंने मौसी को नमस्ते करके उनका हाल चाल पूछा और फिर पूछा कि भाभी कहाँ है? बच्चों का होमवर्क देना है तो मौसी बोली ऊपर है, ऊपर ही चला जा.
मेरी मौसी को घुटनो की प्रोब्लम है इसलिए वो ऊपर नहीं चढ़ सकती. फिर में जैसे ही ऊपर गया तो भाभी किचन में चाय बना रही थी. भाभी ने पीले कलर का सूट पहना था जिसमें वो एकदम मस्त लग रही थी. फिर मैंने भाभी से बोला में बच्चों का होमवर्क ले आया हूँ तो भाभी बोली वही टेबल पर रख दे. फिर मैंने टेबल पर पेपर रखकर सीधा भाभी के पास किचन में चला गया और भाभी को पीछे से हग करके खड़ा हो गया तो भाभी बोली क्या कर रहा है? तो में बोला कि गले मिल रहा हूँ. फिर वो कुछ नहीं बोली.
फिर मैंने बोला कि आपने बड़ी अच्छी खुशबू लगाई है तो में अपने मुँह को भाभी के कान के पास ले जाकर सूंघने लगा. तो भाभी बोली क्या कर रहा है? तो में बोला करने दो ना अच्छा लग रहा है, फिर धीरे- धीरे में भाभी के कान पर किस करने लगा और मेरा लंड भाभी की गांड में टच होने लगा और अपने दोनों हाथों को में भाभी के पेट पर घुमाने लगा. अब भाभी ने अपनी आँखें बंद कर दी और मेरे दोनों हाथों को अपने पेट पर दबाने लगी. फिर धीरे-धीरे मैंने भाभी से पूछा कि भाभी तुमको छूने का दिल कर रहा है तो भाभी बोली छू तो रहे हो.
फिर में बोला भाभी आपकी पूरी बॉडी को छूने का दिल कर रहा है, क्या में छु लूँ? तो भाभी ने कुछ नहीं बोला. फिर मैंने उनको किचन की दीवार के साथ घुमा कर खड़ा कर दिया तो उनका चेहरा मेरी तरफ आ गया और उनके गालो के पास जाकर किस कर दिया, भाभी सिसकियां लेने लगी. फिर मैंने हिम्मत करके अपने होठों को भाभी के होठों के पास रख दिया और लिप किस करने लगा.
फिर मैंने धीरे-धीरे अपना एक हाथ भाभी के बूब्स पर रख दिया और दबाने लगा तो भाभी कम आवाज़ में बोली कि मत कर कोई आ जायेगा. में बोला कि भाभी बस थोड़ी देर करने दो, कोई नहीं आयेगा. फिर में अपने एक हाथ को उनके सूट के अंदर डालकर उनकी कमर को सहलाने लगा. उनकी बॉडी के स्पर्श को जब मैंने महसूस किया था, क्या मस्त कमर थी? फिर में कमर को सहलाता रहा और किस करता रहा. अब भाभी भी मेरा साथ देने लगी और में अपने लंड का दबाव उनकी चूत पर दबाता रहा. फिर मैंने उनके होठों को छोड़कर दोनों हाथ से उनके सूट को ऊपर उठा दिया.
फिर जैसे ही मैंने सूट उठाया तो में सन्न हो गया. अब मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे सफ़ेद चादर पर कोई काली फुटबॉल हो. उन्होंने काले कलर की ब्रा पहनी हुई थी तो में ब्रा के ऊपर से ही उनके बूब्स दबाने लगा. फिर मैंने ब्रा ऊपर खिसका दी और पागलों की तरह बूब्स चूसने लगा और भाभी मेरे सिर पर हाथ फैरने लगी और भाभी का सूट मेरे ऊपर आ गिरा और में भाभी के सूट के अंदर बूब्स सक करने लगा. फिर मुझे भाभी के सलवार का नाड़ा नज़र आया और मैंने भाभी का नाड़ा एक झटके में ऊतार कर खोल दिया, जिससे उनकी सलवार खुल गई और अब मुझे भाभी की गोरी-गोरी जांघे और जांघो के बीच में लाल कलर की पेंटी में उनकी चूत के शेप नज़र आ रही थी.
फिर में एकदम से खड़ा हुआ और भाभी को पकड़कर रूम में ले गया और उस फ्लोर वाले गेट को लॉक कर दिया. फिर मैंने भाभी को जाते ही बेड पर लेटा दिया और उनका सूट ऊपर करके पागलों की तरह बूब्स चूसने लगा और सक करते-करते में अपने एक हाथ को उसकी पेंटी के अंदर डालकर उसके गोरे-गोरे और मुलायम कूल्हों को सहलाने लग गया.
फिर मैंने उनको दबोच लिया और एक हाथ से उसके निप्पल को मसलने लगा, तो उसकी सिसकियां निकलने लगी. फिर मैंने एक झटके से उसकी पेंटी को ऊतार कर उसको बेड पर लेटा दिया और मैंने भी जल्दी से सिर्फ़ अपनी पेंट और अंडरवियर उतार दिया. अब भाभी ने झट से खड़ी होकर मेरे लंड को पकड़कर चूसना शुरू कर दिया. मैंने लाईफ में कभी ऐसा अनुभव नहीं किया था. अब में जन्नत जैसा महसूस कर रहा था. अब वो मेरे लंड को चूसती रही और में उसके बूब्स को कभी सहलाने लगता तो कभी निप्पल पर काट देता. फिर उसने मुझे नीचे लेटा दिया और खुद मेरे ऊपर इस तरह से आ गयी जिसके कारण उसकी चूत जो कि बिना बालों की थी वो ठीक मेरे मुँह के पास थी. फिर में भी उसकी चूत में उंगली डालकर चाटने लगा. उसकी गांड का छेद भी गुलाबी कलर का था. अब में बीच-बीच में उसमें भी उंगली डाल देता जिसके कारण वो एकदम चिल्ला पड़ती. फिर थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद मैंने उसको नीचे लेटा दिया.
फिर उसकी टांगो को अपने कंधो पर रखकर मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रखा और हल्का सा धक्का लगाया. मेरे लंड का सुपाड़ा उसके अंदर चला गया. जिसके कारण वो चिल्ला उठी तो में रुक गया और उसके बूब्स को दबाने लगा. फिर जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने फिर से उसकी जांघो को पकड़कर धक्का मारा और मेरा पूरा लंड अन्दर घुसा दिया, वो एकदम से चिल्ला उठी. फिर मैंने उसके होठों पर किस करना शुरू कर दिया.
फिर उसके थोड़ा नॉर्मल होने पर में उसकी गांड के छेद में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. अब उसको भी मज़ा आने लगा था और में साथ में उसकी चूत में भी उंगली भी कर रहा था, जिससे उसको और मज़ा आ रहा था. अब वो सिसकियां लेने लगी और बोली रवि थोड़ा और तेज़ करो, तो में और तेज़ करने लगा.
फिर थोड़ी देर के बाद उसकी चूत से पानी निकलने लगा और वो अपनी गांड को टाईट करने लगी. फिर वो बोली कि रवि में गयी, में गयी बोलकर वो आह्ह्ह आह्ह्ह करने लगी, लेकिन में रुका नहीं. फिर 5 मिनट के बाद मेरा भी निकलने वाला था. में बोला कि भाभी मेरा भी निकलने वाला है कहाँ निकालूं? तो वो बोली अंदर ही निकाल दे.
फिर मैंने थोड़ी देर धक्के मारने के बाद अपना सारा वीर्य उसकी गांड में ही छोड़ दिया, ये मेरा पहली बार था और जब में क़िसी की गांड में अपना पानी छोड़ रहा था. फिर में उसके ऊपर लेट गया और फिर थोड़ी लेटने के बाद हम दोनों ने अपने आपको साफ किया और वापस आकर दोबारा बेड पर लेट गये और बातें करने लगे. फिर थोड़ी देर के बाद में फिर से तैयार हो गया और फिर मैंने उसकी चूत की जमकर चुदाई की. उस दिन मैंने 2 बार उसके साथ चुदाई की. उसके बाद मैंने चाय पी और फिर में अपने घर आ गया. अब मुझे जब भी मौका मिलता है तो में और भाभी खूब मजे करते है.
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सीमा बहन के साथ पकड़ा पकड़ी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सोनू है और में गुड़गावं से हूँ. ये मेरी इस साईट पर पहली कहानी है. में बहुत दिनों से इस साईट पर स्टोरी पढ़ रहा हूँ और आज जो स्टोरी में लिखने जा रहा हूँ वो मेरी और मेरी कजिन बहन सीमा के बीच हुई एक सच्ची घटना है. ये घटना कुछ साल पहले हुई थी. सबसे पहले में आपको अपने बारे में बता दूँ, मेरा नाम सोनू है और मेरी उम्र 22 साल है और में गुडगावं में रहता हूँ. मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है और मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है.
ये बात तब की है जब में अपने घर पर अकेला रहता था क्योंकि मेरे पापा सरकारी जॉब में है, तो उनका ट्रान्सफार दूसरी सिटी में हो गया था इसलिए मेरी पूरी फेमिली भी वही शिफ्ट हो गई थी और में जा नहीं सकता था क्योंकि मेरी 12वीं क्लास थी, लेकिन मेरी मम्मी के कहने पर मेरी नानी मेरे खाने और मेरी देखभाल के लिए मेरे पास आ गई थी और सब कुछ ठीक चल रहा था और अब मेरी परीक्षा भी हो गई, लेकिन उसके बाद मुझे कॉम्पीटिशन की तैयारी के लिए वहीं रहना पड़ा और इसी दौरन मेरी मौसी और उनकी बेटी सीमा नानी से मिलने आए.
सीमा भी 12वीं की परीक्षा देकर आई थी तो उसकी छुट्टियाँ चल रही थी और मौसी तो 2 दिन रुक कर चली गई, लेकिन मेरी कज़िन सीमा वहीं रुक गई. सीमा की उम्र उस टाईम 19 साल होगी और वो एक नंबर का माल थी. फिर हम दोनों आपस में काफ़ी फ्रेंक थे और दोस्तों उसका फिगर 34-27-34 होगा और में उसके बारे में सोचकर बहुत बार मुठ मार चुका था.
मौसी के जाने तक सब ठीक था, लेकिन मौसी के जाते ही हम दोनों को जैसे पंख लग गये हो, क्योंकि नानी ज़्यादा टाईम बाहर आंटीयों के साथ ही बैठी रहती थी और हम दोनों दिन भर मस्ती करते रहते थे. फिर रात को हमने ऊपर सोने का प्रोग्राम बनाया, क्योंकि नीचे बहुत गर्मी थी और सबसे पहले नानी का बिस्तर, फिर सीमा का और फिर मेरा बिस्तर लगाया गया और रात को भी हम बातें करते रहे. फिर मैंने बातें करते-करते अपना हाथ सीमा के पेट पर रख दिया और फेरने लगा तो वो कुछ नहीं बोली. फिर धीरे-धीरे में मेरा हाथ ऊपर लाने लगा तो उसने मेरा हाथ पकड़कर नीचे कर दिया, लेकिन रोका नहीं. फिर मैंने ऐसा 2-3 बार किया और उसने बार बार ऐसा ही किया और इस बार में अपना हाथ पेट के नीचे ले गया और अब मेरा हाथ अब उसकी चूत के ऊपर था. तभी उसने मेरा हाथ हटा दिया. फिर वो दूसरी तरफ मुँह करके सो गई और में भी कुछ नहीं कर सकता था क्योंकि नानी पास में ही सोई थी.
फिर अगले दिन दोपहर को वो लेटी हुई थी, तो में उसके पास जाकर लेटा और उसे छेड़ने लगा. तो वो बोली कि में तेरी गर्लफ्रेंड नहीं हूँ, अगर कंट्रोल नहीं होता तो अपनी गर्लफ्रेंड के पास जा. फिर मैंने कहा अगर नहीं है तो तू बन जा और अचानक से उसके होंठो पर किस कर दिया और वो मुझे मारने लगी, तो में वहां से भाग कर अपने कमरे में आ गया और लेट गया. फिर कुछ देर के बाद वो आई तो मैंने अपनी आँखे बंद कर ली और में पेट के बल लेटा हुआ था तो उसने मेरे कंधो पर काट दिया और भाग गई.
फिर में उसके पीछे भागा और उसे पीछे से पकड़ लिया और इस पकड़ा पकड़ी में मेरा लंड उसकी गांड से टच हो गया और खड़ा होने लगा और मैंने उसे उसके पेट से टाईट पकड़ा हुआ था और उसके पीछे पीठ और कंधो को किस करने लगा. तो वो कहती रही कि सोनू मत कर और वो मौन करने लगी आहह आअहह उउउम्म्म्मम, लेकिन में नहीं माना और मैंने अपने हाथ उसके बूब्स पर रख दिए और दबाने लगा. वो मदहोश होने लगी और इधर मेरा लंड खड़ा होकर उसकी गांड में घुसने की कोशिश करने लगा और वो बोली कि सोनू वो पीछे चुभ रहा है.
फिर मैंने उसे सीधा किया और उसके लिप चूसने लगा और फिर हमने काफ़ी देर तक फ्रेंच किस किया और फिर मैंने उसके सूट को उतार दिया और ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स दबाने लगा और एक हाथ उसकी सलवार में अन्दर डाल दिया और पेंटी के ऊपर से उसकी चूत मसलने लगा. अब वो पागलों की तरह आहें भरने लगी थी फिर मैंने उसकी ब्रा निकाली और बूब्स चूसने लगा और एक हाथ से उसकी चूत में उंगली करने लगा. फिर मैंने उसकी सलवार और पेंटी भी एक झटके में उतार दी और उसकी चूत बिल्कुल चिकनी थी और फूली हुई थी और मेरे होंठ अपने आप वहां पहुँच गये और वो आआअहह उूउउम्म्म्म करती रही.
फिर वो मेरी पेंट से मेरा लंड बाहर निकालने की कोशिश करने लगी. फिर उसने मेरे कपडे उतारे और हम 69 की पोज़िशन में आ गये और एक दूसरे को चूसने लगे. फिर लगभग 10 मिनट तक चूसने के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और सारा पानी पी गये. फिर हम सीधे हो कर एक दूसरे को हग करके किस करने लगे और एक दूसरे अंगों से खेलने लगे. हम फिर से जल्दी ही दोनों गर्म हो गये और मेरा लंड उसकी चूत को सलामी देने लगा. उसके बाद मैंने थूक लगाया और लंड को उसकी चूत में डालकर उसे चोदा. इस चुदाई में हम दोनों को बहुत मजा आया. फिर जब तक वो हमारे घर पर रही तब तक में उसे रोज चोदता रहा.
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