दोस्त ने मेरी माँ को नचाकर चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है और मेरी माँ का नाम नीलम है. वो दिखने में एक बहुत ही सेक्सी औरत है और उनकी उम्र करीब 44 साल है और उनका रंग गोरा, हाईट 5.6 है. उनके सेक्सी फिगर का साईज 42-38-44 है. जो भी उनके बूब्स, मटकती हुई गांड को देखता है बस उन्हे चोदना चाहता है.
जब वो बाज़ार में निकलती तो उनकी गांड को देखकर सबका लंड तनकर खड़ा हो जाता और कभी कभी तो बस में कितने ही लोग सही मौका देखकर उनकी गांड को दबा देते थे, लेकिन माँ इन सबसे बहुत मज़े किया करती थी. उन्हें किसी को अपनी तरफ आकर्षित करना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों मैंने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद मैंने एक प्राईवेट कॉलेज में बी.कॉम में अपना नाम लिखा लिया था. वहां पर मुझे अब नये नये दोस्त मिले. उनमे से मेरा एक सबसे अच्छा दोस्त बन गया था. उसका नाम सुमित था और वो हमेशा मेरी हर किसी काम में मदद किया करता था. वो एक लंबा, हट्टा कट्टा बॉडी बिल्डर था और वो दिखने में बहुत अच्छा लगता था, लेकिन उसे आंटियों को चोदने का बहुत शौक था. यह बात मुझे उससे कुछ दिनों बाद पता चली कि वो सेक्स करने का बहुत आदी है और उसे ज्यादा उम्र की चूत को चोदना बहुत अच्छा लगता है.
दोस्तों आज में आप सभी को उसने जो सब कुछ मेरी माँ के साथ किया और उन्हें किस तरह से चोदा, वो सब आज बताने वाला हूँ. दोस्तों एक दिन की बात है में उसे अपने घर पर ले गया. उस दिन के बाद वो मेरी माँ का दीवाना हो गया और उनकी चुदाई की कहानी भी उसी दिन से शुरू हुई. अब मैंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई तो मेरी माँ ने दरवाजा खोला और फिर सुमित को देखते ही मेरी माँ की आखों में एक अजब की चमक आ गई और अब सुमित भी माँ को देखता रह गया.
उसने माँ से कहा कि हैल्लो आंटी और माँ भी उसे हैल्लो बेटा कहा और उन्होंने उससे बैठने के लिए कहा. फिर माँ किचन में चली गई तो मैंने सुमित को देखा तो वो अब भी माँ की मटकती हुई गांड ही देख रहा था मुझे बहुत अजीब लग रहा था, लेकिन मैंने उस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. धीरे धीरे अब सुमित और मेरी माँ में अच्छी दोस्ती हो गई और अब जब भी में अपने घर पर नहीं रहता तो सुमित मेरे घर में आकर माँ से बातें करता और वो दोनों एक बहुत अच्छे दोस्त बन गये थे और कभी कभी तो वो मेरी माँ से नॉनवेज मज़ाक भी किया करता था और माँ भी जवाब में मुस्कुरा देती थी.
एक दिन माँ ने उससे कहा कि सुमित तुम मुझे आंटी क्यों बोलते हो, में तो तुम्हारी दोस्त हूँ? तुम मुझे सिर्फ नीलम ही बोलो. तो माँ के मुहं से यह सुनकर सुमित बहुत खुश हुआ और उसे लगा कि उसे माँ को चोदने का सिग्नल मिल गया है और फिर एक दिन जब में घर पर आया तो मैंने देखा कि माँ और सुमित की आवाज़ किचन से आ रही है. में जब किचन की तरफ गया तो मैंने देखा कि माँ उस समय खाना बना रही थी और सुमित उनके पीछे खड़े होकर उसकी गांड में अपना 8 इंच का लंड रगड़ रहा है, लेकिन माँ उसे कुछ नहीं बोल रही थी. मुझे यह सब देखकर बहुत अच्छा लग रहा था इसलिए में चुपचाप अपने कमरे में चला गया.
एक दिन सुमित ने मुझसे कहा कि चलो आज हम कोई फिल्म देखने चलते है. तो में उसके कहते ही तुरंत मान गया और फिर हम लोगो ने उसके अगले दिन फिल्म देखने का प्रोग्राम बनाया और अगले दिन जब में सुमित के घर पर गया तो उसने मुझसे कहा कि राज मेरी तबीयत आज थोड़ी ठीक नहीं है और तुम अकेले ही फिल्म देखने चले जाओ. दोस्तों मुझे अब कुछ गड़बड़ लगी और मुझे उसके कहने पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था, लेकिन फिर भी मैंने उससे बोला कि ठीक है यार तू आराम कर और में अकेले ही फिल्म देखने चला जाता हूँ और फिर में वहां से चला गया.
अब में फिल्म देखने ना जाकर उसके घर के पीछे छुप गया. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने देखा कि सुमित अपने घर से बाहर निकला और मेरे घर की तरफ जाने लगा. में भी उसके पीछे पीछे छुपकर चला गया और अब अपने घर पर पहुंचकर में पीछे वाले रास्ते से अपने घर में घुस गया. मैंने देखा कि कुछ देर बाद मुझे अपनी मम्मी के बेडरूम से आवाज़ आ रही थी. सुमित कह रहा था कि नीलम आज डांस करने का मूड है, चलो ना हम डांस करते है.
दोस्तों उस समय माँ काली कलर की साड़ी पहने हुई थी जिसमे वो बहुत मस्त लग रही थी. माँ ने उससे कहा कि चलो ठीक है और अब वो दोनों डांस करने लगे. फिर कुछ देर के बाद माँ ने कहा कि सुमित अब मुझे बहुत गरमी लग रही है क्यों ना हम कपड़े खोलकर डांस करे. दोस्तों सुमित तो बहुत देर से इसी बात का इंतज़ार कर रहा था. वो बोला कि हाँ नीलम गरमी तो है, चलो हम अपने अपने कपड़े उतार लेते है, अब उसने जल्दी से अपनी शर्ट, पैंट को उतारकर फेंक दिया और अब सिर्फ़ वो अंडरवियर पहने हुए था.
माँ ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी जिससे वो अब मुझे पूरी रंडी लग रही थी में अब छुपकर उनका यह खेल देख रहा था और मज़े ले रहा था. कुछ देर बाद सुमित माँ को पकड़कर डांस करने लगा और माँ ने भी उसे कसकर पकड़ लिया. इस बीच में सुमित ने माँ की पेंटी में पीछे से अपना एक हाथ डाल दिया और अब वो उनकी गांड को दबाने लगा और मसलने लगा.
माँ के मुहं से निकला ऊऔच? सुमित ने कहा कि क्या हुआ नीलम डार्लिंग क्या तुम्हे बुरा लगा? माँ ने कहा कि नहीं मज़ा आ रहा है जान, बस इतना कहकर माँ ने सुमित का लंड अंडरवियर के ऊपर से पकड़ लिया और फिर मुस्कुराते हुए कहा कि वाह कितना बड़ा है तुम्हारा, क्या मुझे नहीं खिलाओगे? तो सुमित ने कहा कि हाँ नीलम यह अब तेरा ही है, खा लो और तुरंत वो दोनों लिप किस करने लगे. उन दोनों ने एक दूसरे को 15 मिनट तक लगातार चूमा और सुमित ने माँ के होंठ पर एक बार काट भी लिया और चूसकर चूसकर उसने माँ की ब्रा और पेंटी को फाड़ दिया और खुद भी अपनी अंडरवियर को फाड़कर दोनों नंगे हो गये.
माँ ने उसका लंड देखकर उसे बहुत देर तक चूसा तो वो कहने लगी कि वाह कितना स्वादिष्ट लंड है तुम्हारा? फिर सुमित उसने कहा कि मेरी रानी और ज़ोर से चूस हाँ बहुत मज़ा आ रहा है. वो सुमित के लंड को 20 मिनट तक चूसती रही और अब सुमित ने माँ को बेड पर लेटा दिया और वो माँ की चूत को चाटने लगा माँ ज़ोर ज़ोर से आहें भर रही थी आह्ह्हह्ह उह्ह्हह्ह्ह्ह और चाटो मेरी जान पी जाओ मेरी चूत का रस आहह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह फिर करीब 15 मिनट चाटने के बाद सुमित ने माँ की चूत को चाट चाटकर पूरा गीला कर दिया और फिर उसने अपना लंड माँ की चूत में घुसा दिया. माँ के मुहंह से एक जोरदार चीखने की आवाज़ निकल गई अहहहह उह्ह्हह्ह्ह्ह प्लीज थोडा धीरे करो, क्या मुझे आज मार ही डालोगे क्या? कितना बड़ा है तुम्हारा, थोड़ा धीरे से.
उसने कहा कि चुप साली रंडी इतने दिन से में इंतज़ार में था, आज तुझे ऐसे छोड़ने वाला नहीं हूँ. अब तू चुपचाप मुझसे चुदवा. तो माँ ने कहा कि हाँ और ज़ोर से करो उह्ह्ह्हह्ह हाँ डाल दो इसे पूरा आईईईईईइ अंदर तक. दोस्तों सुमित ने अब अपनी चुदाई करने की स्पीड को बढ़ा दिया था. वो अब मेरी माँ को पागल की तरह ज़ोर ज़ोर से धक्के मारकर चोद रहा था और माँ आहहाहऊऊहह आह्ह्हह्ह उईईईईईइ माँ मर गई उफ्फ्फफ्फ्फ़ कर रही थी और वो बोल रही थी हाँ मदारचोद, बहनचोद तू तो बहुत अच्छी चुदाई करता है, वाह मुझे तो आज मज़ा आ गया. फिर करीब आधे घंटे के बाद माँ की चूत का पानी निकल गया और सुमित ने माँ के मुहं में अपना वीर्य छोड़ दिया और माँ उसे बहुत मज़े लेकर पी गयी.
फिर उसने माँ को पलट दिया और जाकर किचन से तेल ले आया. उसने माँ की गांड में थोड़ा सा तेल लगाया जिसकी वजह से उसका लंड अच्छी तरह से माँ की गांड में पूरा अंदर तक जा सके. फिर उसने अपने लंड पर भी तेल लगाया और फिर एक ही झटके में सारा का सारा लंड माँ की गांड में घुस गया. माँ बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी अह्ह्हह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह मार दिया रे मुझे मदारचोद, फाड़ दी मेरी गांड, साले हरामी, लेकिन सुमित कहाँ सुनने वाला था, वो बोला कि साली रंडी तेरी गांड को देखकर सबका लंड खड़ा हो जाता है, क्या गांड है तुम्हारी मेरी जान और फिर वो लगातार धक्के मारने लगा.
माँ की आँख से आंसू बाहर निकल आए माँ आआआहूओा अह्ह्हह्ह्ह्ह आईईईइ कर रही थी और अब कुछ देर के बाद माँ को भी मज़ा आने लगा और वो बहुत आराम से अपनी गांड मरवा रही थी और मारो फाड़ दो मेरी गांड को अहहहहह आह्ह्ह्हह्ह करीब 45 मिनट की घमासान चुदाई के बाद सुमित माँ की गांड में झड़ गया और फिर दोनों ऐसे ही पड़े रहे. फिर कुछ देर बाद माँ ने बोला कि सुमित आज से में तेरी रंडी बन गई हूँ, लेकिन अब तू मुझे हर रोज चोदगा और मेरी चूत और गांड को अपने लंड से तृप्त करेगा.
दोस्तों माँ के मुहं से यह बात सुनकर सुमित ने बहुत खुश होकर माँ के बूब्स को पकड़ लिया और उसे ज़ोर ज़ोर से दबाने, चूसने लगा और फिर उसने काट भी लिया और अब उस दिन के बाद से सुमित मेरे घर पर हर रोज आता और जब में घर पर नहीं रहता तो वो इस बात का पूरा पूरा फायदा उठाकर माँ को चोदता है और फिर माँ भी उस दिन के बाद से मुझे बहुत खुश दिखने लगी थी. उनके चेहरे पर एक अलग सी चमक आ गई थी और वो अपनी इस चुदाई से मन ही मन पूरी तरह से संतुष्ट दिखती, लेकिन मुझसे कुछ नहीं कहती और में सब कुछ समझ जाता, लेकिन में भी बिल्कुल खामोश रहता था.
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पड़ोस वाली रेखा भाभी की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अजय है और में गुजरात के अहमदाबाद शहर से हूँ. में इस साईट का बहुत पुराना पाठक हूँ और में इस साईट की सभी स्टोरी पढ़ चुका हूँ. अब पहले में आपको अपने बारे में बता दूँ कि में दिखने में स्मार्ट हूँ और मेरी उम्र 23 साल है. ये 6 महीने पहले की बात है और ये स्टोरी मेरी और मेरे पास में रहने वाली मेरी पड़ोसन की है, उसका नाम रेखा है और वो पति पत्नी दोनों ही रहते है. उनकी उम्र 25 साल है इसलिए में उन्हें भाभी कहकर बुलाता हूँ और उनके पति एक एम.एन.सी कंपनी में जॉब करते है.
रेखा भाभी मेरे घर के बाजू में रहती है इसलिए उनका मेरे घर में आना जाना बहुत था. हम दोनों में बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी. में ज्यादातर उनके घर पर ही रहता हूँ क्योंकि वो अकेली होती है. वो दिखने में बहुत खूबसूरत है. उसकी साईज़ 34-32-30 है, क्या बूब्स है उसके? और क्या गांड है? जो भी उसे देख ले तो चोदने का मन हो जाए. अब में भी उनको चोदने का मौका ढूँढ रहा था. एक दिन जब में उनके घर गया तो वो अपने कमरे में साड़ी पहन रही थी और में सीधा अंदर चला गया. फिर में वही बैठा उसे देख रहा था तो वो बोली क्या देख रहा है? तो में बोला आपको देख रहा हूँ.
फिर उसने मुझसे कहा कि कभी नंगी लड़की नहीं देखी है क्या? तो मैंने कहा कि नहीं कभी मौका ही नहीं मिला. तो वो बोली चल ठीक है अब उठ और पीछे से मेरे ब्लाउज के हुक बाँध दो तो मैंने कहा कि ठीक है. फिर में खड़ा होकर उसके पास गया और पीछे से उसके हुक बाँध रहा था. दोस्तों क्या बदन था उसका? उसने अन्दर काले कलर की ब्रा पहनी थी.
मैंने पूछा कि आप बहुत सेक्सी हो और में उनकी पीठ पर हाथ फैरने लगा. तब वो बोली कि क्या कर रहे हो? फिर मैंने कहा कि बस अच्छा लगता है. उस टाईम मेरा लंड खड़ा हो गया था और उसकी गांड पर टच हो रहा था. फिर उसने मेरे लंड पर हाथ रखकर कहा कि ये तो बड़ा टाईट हो गया है. फिर मैंने कहा जब इतनी सेक्सी भाभी पास हो तो खड़ा तो हो ही जायेगा ना. तब मैंने तुरंत उसके आगे हाथ डालकर उसके बूब्स पर रख दिया और धीरे-धीरे दबाने लगा. तो उसके मुँह से आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह ऐसी आवाज़े आने लगी. अब वो सीधी होकर मेरे होंठ पर अपने होंठ रखकर मुझे किस करने लगी और अब में भी उसका साथ देने लगा था.
फिर में एक हाथ उसके बूब्स पर रखकर जोर जोर से दबाने लगा. अब वो मेरे कपड़े निकालने लगी तो में भी उसका ब्लाउज उतारने लगा. बाद में उसने मेरे पूरे कपड़े निकाल दिए. फिर मैंने भी उसके पेटीकोट को निकाल दिया. अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी. फिर मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और उसे जोरो से किस करने लगा. अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी.
फिर में उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने लगा तो अब वो बोले जा रही थी कि अजय और जोर से दबाओ, मुझे बहुत मज़ा आता है. फिर में और जोर से उनके बूब्स को दबाने लगा, और फिर मैंने उनकी ब्रा निकाल दी, दोस्तों क्या बूब्स थे? में तो उस पर टूट ही पड़ा. फिर में उसके बूब्स पर जोर से काटने लगा तो वो बोले जा रही थी कि धीरे से में कही भाग नहीं जाऊँगी, प्लीज आराम से दबाओं, चूसो, पी लो सारा रस, अब में तुम्हारी हूँ.
फिर धीरे-धीरे में उसके नीचे गया और उसकी पेंटी निकाल दी, क्या चूत थी उसकी? अब में उसकी चूत पर किस कर रहा था. वो बोली कि उसे चाटो, प्लीज चाटो मेरी चूत को, मेरे पति कभी मेरी चूत को नहीं चाटते, प्लीज जोर से चाटो. अब में भी उसकी चूत को चाटने लगा, तभी वो बोली कि मुझे तुम्हारा लंड चूसना है. फिर हम 69 पोज़िशन में आ गये. अब वो मेरा लंड जोर से चाट रही थी और में उसकी चूत को चाट रहा था. फिर वो बोली कि मेरे राजा अब नहीं रहा जाता, प्लीज मुझे चोद डालो.
मैंने बोला ठीक है. फिर हम सीधे हो गये तो वो बोली कि लाओ थोड़ा लंड चूस लूँ. फिर डालना तो वो जोर से मेरा लंड चूसने लगी. फिर 5 मिनट तक लंड चूसने के बाद बोली कि चलो अब डालो. फिर वो सीधी लेट गई और मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा तो वो बोली क्यों तड़पा रहे हो अपनी रानी को? प्लीज जल्दी से डालो और चोदो मुझे.
फिर मैंने चूत के अंदर अपना लंड डाला, तो वो चिल्लाने लगी कि धीरे से डालो, बहुत दर्द हो रहा है. फिर मैंने कहा ठीक है. फिर मैंने एक ही झटके में अपना लंड चूत में डाल दिया तो वो जोर से चिल्लाने लगी. फिर थोड़ी देर रुकने के बाद वो बोली कि अब चोदना चालू करो. फिर मैंने धीरे-धीरे उसको चोदना चालू किया. अब वो आह्ह्ह आआ अया आह्ह्ह्ह आहाआह बोल रही थी और कह रही थी कि ज़ोर से चोदो और जोर से चोदो. फिर में भी अपने धक्के तेज करके उसको चोदने लगा. अब में उसके बूब्स दबा रहा था और किस कर रहा था. अब वो जोर से बोले जा रही थी आहाहा आहा आ आ आ चोदो.
मैंने बोला कि मेरा निकलने वाला है तो वो बोली कि डाल दो अपना रस मेरी चूत में और बना लो मुझे अपने बच्चे की माँ. अब उसका दो बार निकल गया तो वो बोली मेरा तीसरी बार निकलने वाला है चलो साथ में झड़ते है. उसके बाद हम दोनों साथ में झड़ गये. फिर मैंने पूरा रस उसकी चूत में डाल दिया और उसके ऊपर लेट गया. फिर वो बोली कि मुझे पहली बार संतोष मिला है. उसके बाद हमें जब भी मौका मिलता हम चुदाई करते है.
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मेरी गर्लफ्रेंड और उसके दीदी जीजाजी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम चंदन है और में असम से हूँ, मुझे सेक्स में बहुत रूचि है और में अक्सर सेक्स स्टोरी पढ़ता हूँ इसलिए में अभी मेरी पहली स्टोरी आपको बताने जा रहा हूँ. ये स्टोरी एक सच्ची घटना पर आधारित है और ये चार लोगों के अनुभव के बारे में है. पहले तो में आप लोगों को मेरे बारे में बता देता हूँ. मेरी उम्र 28 साल है और मेरी एक गर्लफ्रेंड है जो कि मेरी पत्नी बनने वाली है. उसकी एक बड़ी दीदी है जो कि शादीशुदा है और उनके पति एक कंपनी में काम करते है.
ये कहानी मेरी, मेरी गर्लफ्रेंड, उसकी दीदी और जीजा के सेक्स के बारे में है. में और मेरी गर्लफ्रेंड 3 साल से रिश्ते में है और हमने बहुत बार सेक्स किया है. वो तो पहले मुझे बोरिंग लगती थी, लेकिन धीरे-धीरे मुझे पता चला कि वो सेक्सी है. उसकी उम्र 25 साल है और वो 36-B साईज़ की ब्रा पहनती है और उसकी कमर का साईज़ भी 36 है. उसका फिगर मुझे बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि मुझे थोड़ी भारी लड़कियां और शादीशुदा भाभीयों में ज़्यादा रूचि है. मेरी गर्लफ्रेंड और में अक्सर सेक्स करते थे और जब भी मौका मिलता था तो में उसे उसी के घर में जा कर चोद लेता था. उसके घरवालों को भी हमारे रिश्ते के बारे में पता था इसलिए मुझे पूरी आज़ादी मिलती थी.
मुझे जीन्स से ज़्यादा औरत और लड़कियां साड़ी में ज़्यादा अच्छी लगती थी और इसलिए जब भी मेरा सेक्स का मूड होता तो में मेरी गर्लफ्रेंड को एक सेक्सी साड़ी पहनकर तैयार रहने के लिए बोल देता था. पहले तो में उसके पेटिकोट के नीचे घुसकर उसकी चूत चाटता था और उसके बाद उसकी खूब चुदाई करता था.
फिर कुछ दिन से में ये नोटीस कर रहा था कि मेरी गर्लफ्रेंड दिन पे दिन ज़्यादा सेक्सी बन रही थी. उसे लड़को को अपना बदन दिखाना शायद बहुत पसंद आता था और इसलिए कभी-कभी वो सेक्सी साड़ी पहनकर मेरे साथ घूमने निकला करती थी. तब वो लो कट ब्लाउज पहना करती थी. मुझे पहले तो अच्छा नहीं लगता था, लेकिन धीरे-धीरे इसमें मुझे भी मज़ा आने लगा और में उसे सेक्स करते समय पूछता था कि क्या वो किसी दूसरे मर्द से चुदवायेगी? तो वो तुरंत बोलती थी कि जब भी उसे मौका मिलेगा तो वो ज़रूर चुदवायेगी.
में ये सुनकर रुक नहीं पाता था और उसे खूब चोदता था. अब में जब भी उसके घर जाता था तो कभी-कभी उसकी दीदी से मिलता था, पहले तो मुझे उसमें रूचि नहीं थी, लेकिन धीरे-धीरे वो मुझे अच्छी लगने लगी थी. और अब वो काफ़ी फ्रेंक रहने लगी थी और उनका फिगर भी बहुत अच्छा था. वो शादीशुदा थी इसलिए उनके पति उन्हें रोज चोदते थे और इसलिए उनके बूब्स भी काफ़ी बड़े थे.
एक बार उनके एक रिश्तेदार की शादी में मुझे भी बुलाया गया था. शादी शहर के एक मैरिज हॉल में हुई थी और उसके साथ एक रेस्ट हाउस भी था जिसमें कई रूम थे. फिर में उस दिन शादी अटेंड करने गया और जाने से पहले मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को एक सेक्सी साड़ी पहनकर शादी में आने को बोला तो वो भी राज़ी हो गई. फिर जब में शादी में पहुंचा तो मैंने देखा कि मेरी गर्लफ्रेंड तो एक सेक्सी माल जैसी लग रही थी. उसने एक सफ़ेद स्टोन वाली सिल्क साड़ी पहनी थी और साथ में लो-कट काला ब्लाउज भी पहना था.
अब उसे देखते ही मेरे मन में उसे चोदने का प्लान बन गया, लेकिन मैंने बहुत कंट्रोल किया. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी दीदी को देखा, तो वो क्या माल लग रही थी? वो एक काली सिल्क साड़ी और गोल्डन टाईप की सेक्सी सिल्क लो-कट ब्लाउज पहने थी. उसकी फिगर क्या लग रही थी? वो पूरी रंडी लग रही थी. उसे देखकर तो मेरा लंड रुक नहीं पा रहा था. अब वो पूरा टाईट हो गया इसलिए मैंने तुरंत मेरी गर्लफ्रेंड से बोला कि चलो रेस्ट रूम में चलते है. फिर रेस्ट रूम में पहुंचते ही मेरी गर्लफ्रेंड बोली कि क्या हुआ? इतनी जल्दी आ गये? कंट्रोल नहीं हो रहा क्या?
में – हाँ जान, तुम तो पूरी माल लग रही हो और सभी लड़को की नज़र तुम दोनों बहनों पर ही तो है.
गर्लफ्रेंड – क्या? तुम दीदी को देख रहे थे क्या?
में – हाँ, वो भी क्या माल लग रही थी? फिर मैंने उसे लिप किस किया.
गर्लफ्रेंड – क्यों क्या हुआ? दीदी में आज अपनी बहुत रूचि दिखा रहे हो.
में – हाँ जान, तुम्हारी दीदी बहुत मस्त है, चलो तुम बताओं तुम आज मेरे जाने के बाद और कितने लड़को से चुदवाओगी?
गर्लफ्रेंड – हाँ तुम दीदी को चोद लो, में दो तीन से चुदवा लूँगी.
ये सुनकर तो मेरे होश ही उड़ गये, अचानक मुझे ऐसा लगा कि कोई हमारे दरवाजे के बाहर रुका हुआ है और हमारी बातें सुन रहा है. फिर मैंने तुरंत जाकर दरवाजे को खोलना चाहा तो मैंने देखा कि मेरी गर्लफ्रेंड ने दरवाजा लॉक ही नहीं किया था. उसके बाद मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि बाहर दीदी खड़ी है और वो हमारी बातें सुन रही थी.
में तो बहुत नर्वस हो गया और अब मेरा शर्म के मारे बुरा हाल हो गया था. फिर दीदी अंदर आ गई और मेरी गर्लफ्रेंड के पास बैठ गई. अब वो दोनों मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी. अब में तो बहुत परेशान हो गया था कि वो दोनों मुझे ऐसे क्यों देख रही थी? फिर मेरी गर्लफ्रेंड बोली कि अरे पागल ये हम दोनों का ही एक प्लान था. हम दोनों देखना चाहते थे कि एक सेक्सी लड़की को देखकर तुम क्या करोगें?
में – लेकिन क्यों?
दीदी – अरे चंदन सुनो ना, अब क्या शरमाना? तुम्हें तो में पसंद हूँ ही और मुझे भी तुम पसंद हो, अब तुम्हें भी सच्चाई पता चले.
में – कौन सी सच्चाई?
दीदी – सुनो चंदन, अब में सीधा-सीधा बोलती हूँ मेरे पति तुम्हारी गर्लफ्रेंड को कभी-कभी चोदते है और हम तीनों मिलकर सेक्स करते है और हम दोनों ये देखना चाहते थे कि सेक्स के बारे में तुम क्या चाहते हो? क्या तुम हम लोगों के साथ मजे करोगे?
में – ये कब से चल रहा है?
अब मेरी गर्लफ्रेंड थोड़ी सी घबराई दिख रही थी.
दीदी – चंदन ये सब 2 साल से चल रहा है और हम सब को ये बहुत अच्छा लगता है.
अब में तो बहुत उत्तेजित हो गया और में भी तैयार हो गया था. अब दीदी ने तुरंत अपने पति को बुला लिया. अब में बहुत खुश था कि जिस लड़की के सेक्स के सपने में देखा करता था, आज वो खुद मुझसे चुदवाना चाहती थी. फिर मैंने दीदी को लिप किस किया तो में देख रहा था कि जीजा भी मेरी गर्लफ्रेंड को किस करके मेरी गर्लफ्रेंड की साड़ी के नीचे से ब्लाउज के ऊपर से मेरी गर्लफ्रेंड के बूब्स को दबा रहे थे. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैंने तुरंत दीदी के बूब्स दबाना शुरू कर दिया.
उसके बाद में दीदी के पेटीकोट के अंदर चला गया और उनकी चूत चाटने लगा तो दीदी को यह बहुत पसंद आया. फिर जब में उनके पेटीकोट से बाहर निकला तो मैंने देखा कि अब मेरी गर्लफ्रेंड अपने जीजा का लंड सहलाकर उसे चूस रही थी. वो दोनों क्या मस्त रंडियाँ थी? उसके बाद हम दोनों मर्दों ने भी उन दोनों रंडी बहनों को खूब चोदा और अपना-अपना पानी उनकी चूत में निकाल दिया. फिर मैंने दीदी को बहुत चोदा और मेरी गर्लफ्रेंड भी उसके जीजा से मेरे सामने ही चुदवा रही थी. अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. अब हम लोगों का सेक्स ऐसे ही चल रहा है.
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बाबा जी की यात्रा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम लिली है और आज में आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आई हूँ और में उम्मीद करती हूँ कि इसे पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा. दोस्तों यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है जिसको में आज आपके सामने रखने जा रही हूँ. मुझे सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और में बहुत मज़ा करती हूँ. में एक शादीशुदा लड़की हूँ.
दोस्तों मेरी शादी लुधियाना में हुई थी, वैसे मेरे पति भी पंजाब से है, लेकिन वो दिल्ली में एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करते है और इसी कारण हम लोग शादी के कुछ टाईम बाद ही दिल्ली रहने चले आये. एक दिन मेरे पति ने मुझसे कहा कि चलो एक महात्मा की यात्रा में चलते है. उस दिन रविवार का दिन था और हम दोनों बिल्कुल फ्री थे इसलिए हम दोनों बहुत खुश होकर उस यात्रा में चले गये. दोस्तों में तो देखकर एकदम चकित रह गई क्योंकि वहाँ पर बहुत भीड़ थी और बहुत लंबी लाईन लगी हुई थी.
में और मेरे पति साथ साथ चल रहे थे, तभी अचानक एक ज़ोर भीड़ आई, जिसकी वजह से में और मेरे पति अलग अलग हो गये. तब हमारे पास मोबाइल भी नहीं था. में बिल्कुल चुपचाप अपनी लाईन में आगे की तरफ चल रही थी और फिर कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि मेरे चूतड़ को कोई पीछे से छू रहा है, लेकिन में चुप रही और मैंने सोचा कि शायद वो कुछ देर में हट जाएगा, लेकिन अब कुछ टाईम बाद उसकी हरकत तेज़ हो गई और अचानक फिर से एक हल्का सा धक्का लगा और उस आदमी ने मेरी चूतड़ में अपनी एक उंगली को घुसा दिया.
जब मैंने पीछे की तरफ देखा तो वो बहुत बेशर्मी से मेरी तरफ मुस्करा रहा था, लेकिन अब भी मुझे मेरे पति कहीं भी दिखाई नहीं दे रहे थे. इस वजह से उसको पूरी तरह से आगे बढ़ने का मौका मिल रहा था और अब वो सही मौका देखकर मेरे बूब्स को छूने लगा, लेकिन में बहुत मजबूर थी. मैंने उससे कुछ नहीं कहा और वो इस बात का लगातार फायदा उठाता रहा.
फिर कुछ देर बाद यात्रा रुक गई थी और अब धक्के पे धक्के लग रहे थे और इस बात का फायदा उठाकर उसने अपना लंड मेरे चूतड़ पर सटा दिया और वो कुछ देर ऐसे ही रहा. फिर उसने मेरा ऐसा व्यहवार देखते हुए वो अब मेरे बूब्स पर अपना हाथ घुमाने लगा. दोस्तों अब सच पूछो तो मुझे भी उसके ऐसा करने से मज़ा आ रहा था. में चुपचाप खड़ी थी. तभी अचानक उसने मेरा एक हाथ पकड़ा और पीछे ले जाकर अपने लंड पर रख दिया. मेरा मन उसको महसूस करके बिल्कुल दंग रह गया, वाह क्या लंड था उसका, एकदम गरम लोहे की रोड जैसा.
वो करीब 8 लंबा और 3 इंच मोटा होगा और अब मैंने उसके पूरे लंड पर हाथ घुमाया तो उसने मेरे कान में कहा कि लाईन से बाहर आ जाओ. मैंने उसकी इस बात पर हाँ कह दिया और अब हम दोनों धीरे धीरे उस लाईन से बाहर आ गए, लेकिन अभी भी मुझे मेरे पति कहीं भी दिखाई नहीं दिए. अब वो मुझसे बोला कि चलो, तो मैंने कहा कि कहाँ? और इतने में उसके साथ वाले चार पांच लोग और आ गए, लेकिन अब मुझ पर सेक्स पूरी तरह से चड़ चुका था. में मन ही मन उसके साथ जाने को तैयार हो चुकी थी, लेकिन अब उसको थोड़ा नखरा दिखा रही थी और फिर मैंने उससे कहा कि मेरे पति यात्रा में है.
वो बोला कि कोई बात नहीं मिल जाएगे, यहाँ से कहाँ जाएगे. उसने अपने साथ वाले को इशारा किया वो चला गया और अब वो मेरा हाथ पकड़ कर मुझे दूर ले आया. कुछ दूरी के बाद उसका एक आदमी गाड़ी ले आया उसमे वो चार लोग भी पहले से ही बैठे हुए थे. बीच वाली सीट पर हम तीन लोग बैठे गए थे. उस गाड़ी के सभी शीशे काले रंग के थे जिसकी वजह से बाहर वालों को अंदर कुछ भी नहीं दिखता था.
अब गाड़ी चलने के कुछ देर बाद उसने मेरी साड़ी का पल्लू हटा दिया और अब वो मेरे ब्लाउज के बटन को खोलने लगा और एक एक करके उसके सभी बटन को खोल दिया और फिर मेरी ब्रा के हुक को भी खोलकर उन दोनों ने मेरे एक एक बूब्स को पकड़ लिया. में जोश में होने की वजह से अब बिल्कुल बेशरम हो चुकी थी और मैंने उन्हें अपने साथ यह सब करने दिया.
में बस धीरे धीरे सिसकियाँ ले रही थी और करीब 15 -20 मिनट के बाद वो गाड़ी एक फार्म हाऊस पर आ गई. मेरी साड़ी को उन्होंने कार में ही उतार दिया था इसलिए में अब सिर्फ पेटिकोट में ही थी और ऊपर से बिल्कुल नंगी. वो सभी बिल्कुल बेफिक्र थे क्योंकि हमे देखने वाला बाहर का कोई भी नहीं था. अब मैंने अंदर जाकर देखा तो वहाँ पर एक बहुत बड़ा हाल था. वो मुझे हाल में ले आए और उस आदमी का नाम जोगिंदर था और सभी लड़के हंस रहे थे. तभी अचानक से एक लड़का मुझसे बोला कि भाभी जी अपने अपना ऊपर वाला आकार तो हमे दिखा दिया है, अब नीचे वाला भी तो दिखा दो.
तो उनकी यह बात सुनते ही जोगिंदर ने मेरे पेटीकोट को भी खोल दिया और मेरी पेंटी को भी उतार दिया और वो मेरी चूत में अपनी एक उंगली डालकर बोला कि अरे वाह यह तो बहुत गीली है और फिर जोगिंदर ने फ्रिज में से एक बियर बाहर निकालकर वो उसे पीने लगा. दूसरे लड़के मुझ पर टूट पड़े, कोई मेरी चूत को मसल रहा था तो कोई मेरे बूब्स को दबा रहा था. कोई मेरे चूतड़ में उंगली घुसा रहा था, लेकिन में तो बस जोगिंदर की दीवानी थी. फिर वो कुछ देर बाद मेरे पास आया और मैंने उसका लंड पकड़कर अपने मुहं में डाल लिया. उसका बहुत बड़ा लंड था और उसका सुपाड़ा मेरे मुहं में बहुत मुश्किल से आ रहा था.
में उसके लंड को अब लगातार अंदर बाहर करके किसी रंडी की तरह चूसने लगी. फिर कुछ देर बाद यह सब देखकर मुझसे बोला कि क्यों बहुत प्यार आ रहा है? बाकी दूसरे लड़कों का लंड छोटा ही था एकदम मेरे पति के लंड के बराबर. दोस्तों में अब एक सोफे पर लेटी हुई थी और दो लड़के मेरे एक एक बूब्स को चूस रहे थे और नीचे एक लड़का मेरी चूत को चाट रहा था. मेरे मुहं में जोगिंदर के लंड था और सुपाड़ा मेरे गले को छू रहा था. कुछ देर चूसने के बाद उसने अपना लंड मेरे मुहं से बाहर निकाला और मुझसे घोड़ी बनने के लिए बोला तो में जल्दी से उसके सामने बिना सोचे समझे झुक गई और घोड़ी बन गई.
मुझे पता नहीं था कि वो मेरे साथ अब क्या करने वाला था? लेकिन में तो बस अपनी चुदाई के लिए तरस रही थी. मुझे तो अब कैसे भी करके अपनी चूत को उसके लंड से शांत करवाना था. वो मुझसे बोला कि तेरी गांड एकदम गोल गोल है और में आज तेरी गांड मारूँगा. में उसके मुहं से यह बात सुनकर एकदम चकित हो गई क्योंकि मेरी गांड अभी तक एकदम कुँवारी थी. मुझे अपनी गांड के आज फटने का डर मन ही मन सताने लगा, लेकिन में अपनी चुदाई के लिए बहुत व्याकुल थी और मुझे उसके सामने कुछ नहीं दिख रहा था.
फिर उसने अपने लंड को तेल लगाकर चिकना किया और मेरी गांड के छेद पर भी थोड़ा सा तेल लगाकर लंड को गांड के ऊपर रख दिया और वो मुझसे बोला कि तुम बस दो मिनट के लिए दर्द को बर्दाश्त कर लेना और उसने बातोँ ही बातों में एकदम से एक जोरदार धक्का मारा. मेरी तो एकदम साँस ही बंद हो गई और आँखो के आगे अंधेरा सा छा गया. मुझे लगा कि आज मेरी गांड फट गई और मेरे गले से चीख भी नहीं निकल रही थी और जैसे ही मैंने दर्द के मारे अपना मुहं खोला तो एक कमीने ने मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया. मेरी आँखों से आँसू बाहर निकल आए और मेरे उस दर्द ने मुझे चीखने, चिल्लाने पर मजबूर कर दिया, लेकिन उन सभी की पकड़ के आगे में मजबूर थी. फिर कुछ ही देर बाद उसके कुछ धक्को के बाद मेरी हालत थोड़ी ठीक हो गई और अब मुझे अच्छा महसूस होने लगा था. फिर अचानक एक लड़का जिसका नाम बबलू था वो मेरे नीचे घुसकर नीचे लेट गया उसका लंड तनकर खड़ा था. जोगिंदर ने मुझे उस पर बैठने के लिए बोला और में अब उसके लंड पर धीरे धीरे बैठ गयी. वो नीचे से अपने लंड को एक हाथ से पकड़कर मेरी चूत में डालने लगा. उसने एकदम से ज़ोर लगा दिया और अब उसका लंड फिसलता हुआ पूरा अंदर चला गया.
अब बबलू नीचे से धक्के लगा रहा था और जोगिंदर ऊपर से और में बीच में चुद रही थी. वो दोनों लगातार धक्के लगा रहे थे और करीब दस मिनट के बाद बबलू का लंड झड़ गया, लेकिन जोगिंदर अभी भी चल रहा था. अब बबलू ने मुझे उठा दिया और अब दूसरा लड़का अर्जुन उसकी जगह पर लेट गया. फिर मेरी दोनों तरफ से चुदाई हो रही थी.
मेरे मुहं से सिसकियाँ निकल रही थी अहहह उह्ह्ह्हह्ह आईईईईईई मज़ा आ गया हाँ और ज़ोर से धक्का देकर चोदो मुझे, लेकिन कुछ देर के बाद अर्जुन का लंड भी झड़ गया और उसके साथ ही जोगिंदर का लंड भी अब अपनी जगह छोड़ चुका था. जिसकी वजह से मेरी गांड और चूत दोनों उनके गरम गरम वीर्य से लबालब हो चुकी थी. मैंने उनका वो गरम गरम लावा अपनी चूत गांड में महसूस किया और में अब बहुत अच्छा महसूस कर रही थी और जब में उठकर खड़ी हुई तो मेरी गांड और चूत दोनों से ही उनका माल बूंद बूंद करके टपक रहा था.
अब दोनों लड़के सोनू और बंटी बाकी रह गये थे इसलिए उन्होंने मुझे एक बार फिर से घोड़ी बना लिया और मेरे नीचे सोनू और ऊपर बंटी था. मेरी गांड और चूत अब एकदम से खुल चुकी थी, जिसकी वजह से दर्द का नामो निशान नहीं था. जोगिंदर ने अपना लंड एक बार फिर से मेरे मुहं में घुसा दिया और उधर कुछ ही झटको के बाद बंटी का लंड झड़ गया.
जोगिंदर ने सोनू को उठाकर पीछे आने को बोला. अब जोगिंदर मेरे नीचे था और सोनू मेरी गांड पर सवार हो गया था. जोगिंदर का लंड हर एक धक्के के साथ मेरी बच्चेदानी के साथ टकरा रहा था और मेरे मुहं से सिसकियाँ निकल रही थी. तभी कुछ देर के बाद सोनू का वीर्य निकल गया और उस हरामी ने अपना माल से भरा हुआ लंड मेरे मुहं के अंदर जबरदस्ती ठूंस दिया. दोस्तों उसके लंड का स्वाद एकदम नमकीन चावल जैसा था. मैंने पहली बार वीर्य का स्वाद चखकर देखा था और अब मेरे पीछे बबलू मेरी गांड पर सवार हो गया. मेरी यह तीसरी बार चुदाई हो रही थी. में उनके चुदाई करने के तरीके को देखकर बहुत खुश थी क्योंकि वो कोई भी मेरे एक भी छेद को खाली नहीं छोड़ रहे थे और वो एक के बाद एक चुदाई कर रहे थे.
तभी बंटी ने मेरे बूब्स पर बियर गिरा दी और फिर बीच में घुसकर मेरे बूब्स से बियर को चाटने लगा. वो हरामी साला मुझे पता नहीं मेरे बूब्स को चाट रहा था या बियर, लेकिन जोगिंदर अब भी करीब 20- 25 मिनट तक लगातार मेरी चुदाई करता रहा और फिर कुछ देर बाद बबलू और जोगिंदर का लंड ठंडा हो गया मेरी चूत और चूतड़ दोनों ही एक बार फिर से माल से भर गई थी और में अब बहुत थक चुकी थी.
हरामी सोनू ने जोगिंदर के कान में कुछ कहा और जोगिंदर मुस्करा दिया. सोनू और बबलू ने मुझे गोद में उठाकर नीचे जमीन पर लेटा दिया और वो सभी पांच लोग मेरे आस पास खड़े हो गये और अब वो सभी हसंते हसंते मेरे ऊपर पेशाब करने लगे. दोस्तों मेरा अब बहुत बुरा हाल हो चुका था. मेरी गांड, चूत, मुहं और सारा बदन बहुत दर्द कर रहा था.
बंटी को जोगिंदर ने कहीं जाने के लिए बोला और वो चार लोगों के साथ गाड़ी ले जाने के लिए कपड़े पहनने लगा. मैंने उससे अपने जाने के बारे में पूछा तो जोगिंदर बोला कि यह इन लोगों को छोड़कर अभी वापस आ रहा है और में यही हूँ. तो बंटी और सोनू और दूसरे लड़के वहां से चले गये. अब मुझे जोगिंदर ने बोला कि जाओ नहा लो फिर में तुम्हे घर पर छोड़ दूँगा. में बाथरूम में चली गई और नहाते हुए अचानक जोगिंदर बाथरूम में आ गया और वो मुझसे बोला कि उसका अभी मन नहीं भरा है. में एक बार फिर में पूरी बेशर्म हो चुकी थी.
मैंने कहा कि आ जाओ मेरी जान. चुदाई से ना तो मेरी चूत घटेगी और ना ही गांड, लेकिन तुम्हारा लंड जरुर कुछ देर बाद झड़कर छोटा हो जाएगा. अब उसने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और उसने पांच मिनट के बाद डॉगी स्टाइल में मेरी चुदाई शुरू कर दी. 20 -25 मिनट वो फिर से लगा रहा, कभी डॉगी स्टाइल में तो कभी खड़े खड़े धक्के देने में लगा रहा. फिर उसका झड़ गया और इधर में दो बार झड़ा चुकी थी. आज मुझे पता चला था कि असली चुदाई क्या होती है? मेरे पति के साथ चुदाई तो बस कुछ मिनट का खेल ही था. फिर में और जोगिंदर साथ साथ नहाते रहे और फिर कुछ देर बाद बंटी गाड़ी लेकर आ गया.
बंटी को वहीं छोड़कर जोगिंदर और में गाड़ी लेकर आ गए. हम दोनों मेरे घर पर आ गये थे और जब हम घर पर आए तो मैंने देखा कि मेरी पति मेरे ना आने की वजह से बहुत चिंता में डूबे हुए बैठे थे. मैंने उन्हे बताया कि यह जोगिंदर जी है और इन्होने मेरी यहाँ तक आने में बहुत मदद की है. में बहुत मुश्किलों का सामना करते हुए बहुत दुःख दर्द को सहते हुए यहाँ तक पहुंची हूँ. अगर यह ना होते तो ना जाने मेरा क्या होता? और वैसे यह भी पटियाला से है. मेरे पति ने उनका बहुत बहुत धन्यवाद कहा और फिर हम सभी ने एक साथ बैठकर चाय पी और जाते समय जोगिंदर ने मेरा मोबाईल नम्बर ले लिया और चला गया.
फिर मेरे और जोगिंदर के बीच चुदाई का यह सिलसिला पांच साल तक लगातार चलता रहा. में उसकी चुदाई से बहुत खुश थी, वो मुझे कभी अपने घर पर तो कभी मेरे घर पर तो कभी फार्म हाऊस में ले जाकर चोदता और में उसके साथ बहुत मज़े करती. तो दोस्तों यह थी मेरी चुदाई की कहानी जो कहाँ से जाकर कहाँ खत्म हुई, लेकिन मुझे उसकी उस पहली चुदाई में बहुत मज़ा आया क्योंकि उसने पहली ही बार में मुझे वो मज़ा दिया था जिसके लिए में बहुत सालों से तड़प रही थी.
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दीदी की चुदाई का निमंत्रण

हैल्लो दोस्तों, मेरी बहन पदमा जब 22 साल की हुई तब में 21 साल का था. मेरा नाम आशु है और में एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता हूँ. मेरा कद 5 फुट 11 इंच है और में बहुत कसरती जिस्म का मालिक हूँ. जिस कम्पनी मे में काम करता हूँ उसकी मालकिन मिस कुकरेजा एक 40 साल की महिला है जिसका पति मर चुका है और उसके एक बेटा और एक बेटी है. उसका बेटा अनिल मेरा दोस्त है और वो बिल्कुल लड़की जैसा दिखता है.
अनिल की उम्र कोई 23 साल की है और उसकी बहन अनीला 20 साल की है. दोनों भाई बहन बहुत सुंदर दिखते है. मिस कुकरेजा भी काफ़ी प्रभावशाली औरत है. बेशक अनिल की उम्र 23 साल की हो चुकी है, लेकिन उसकी शादी अभी तक नहीं हुई क्योंकि में कुकरेजा फेमिली का दोस्त हूँ इसलिए मिस कुकरेजा मुझे अपना बेटा ही मानती है. अनिल स्लिम सा लड़का है, बहुत गोरा, गुलाबी होंठ, कद कोई 5 फुट 7 इंच, भूरे बाल और सबसे आकर्षित करने वाली चीज़ उसकी गांड है जो काफ़ी उभरी हुई है. मेरे दोस्त लोग आमतौर पर बातें करते है कि अनिल को लड़की होना चाहिए था क्योंकि उसकी गांड चुदने वाली है. में और अनिल एक साथ पढ़ते थे और पढ़ाई के बाद मुझे उसकी माँ ने नौकरी पर रख लिया था. में कुकरेजा परिवार का बहुत एहसानमंद हूँ.
मेरी माँ यशोदा एक स्कूल में टीचर है और पिता जी का देहांत हो चुका है. मेरी दीदी पदमा कॉलेज में पढ़ती है और बहुत सेक्सी है, पदमा 5 फुट 5 इंच की सेक्सी लड़की है और कई बार लड़के मेरी बहन के कारण एक दूसरे से लड़ाई कर चुके है, लेकिन मेरी बहन किसी को घास नहीं डालती. पदमा का जिस्म 36-24-36 है और गोरा रंग, कटीले नेन. वो अधिकतर टाईट जीन्स और टॉप पहनती है जिसमें से उसकी सेक्सी गांड और चूची का उभार देखने को बनता है. बेशक पदमा मेरी बहन है फिर भी मेरा ध्यान उसके हुस्न की तरफ चला ही जाता है.
एक बार वो अपने रूम मे कपड़े बदल रही थी और दरवाजा लॉक करना भूल गयी और में ग़लती से रूम मे घुस गया. पदमा बिल्कुल नंगी थी और उसका साँचे में ढला हुआ नंगा जिस्म देखकर मेरी साँस रुक गयी. मेरी बहन की लंबी टाँगें, कसरती जांघे और सपाट पेट देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया. उसने झट से अपने हाथों से अपनी बड़ी-बड़ी चूची को ढक लिया, लेकिन में उससे पहले ही पदमा दीदी के जिस्म को देख चुका था. फिर में मांफी मांगता हुआ वापस लौट गया, लेकिन दीदी के नंगे जिस्म की तस्वीर ना भुला सका.
अब 25 जून को मेरी बहन का जन्मदिन है और में कुकरेजा फेमेली को इन्वाईट करने चला गया. सबसे पहले मुझे अनीला मिली अनीला एक स्लिम सी सेक्सी लड़की है, जिसकी चूची कोई 34 करीब होगी और गांड भी बिल्कुल कसी हुई है और मुझे उसके जिस्म पर कोई भी कमी नहीं दिखती. भूरी आँखें और भूरे बालों वाली अनीला क़िसी का भी दिल जीत सकती है और में भी उसके हुस्न का आशिक था.
वो मुझे प्यार की नज़र से कभी-कभी देख लेती थी, लेकिन में उन लोगों के बराबर नहीं था इसलिए में हमेशा अनीला को बस इज़्ज़त की नज़र से देखता था. मिस कुकरेजा ने मेरे इन्विटेशन के बारे मे कहा कि बेटा में तो आ नहीं पाऊँगी, लेकिन अनिल और अनीला पदमा के बर्थ-डे पर ज़रूर आयेंगे. ख़ैर अब मेरी बहन के जन्मदिन पर अनिल पदमा पर फिदा हो गया और या यह कहो कि अनीला मेरी बहन को अपनी भाभी बनाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो गयी.
फिर उसने अपने भाई से ना जाने क्या कहा कि अनिल बोला कि आशु मुझे तेरी बहन बहुत पसंद है और में तुझे अपना साला बनाना चाहता हूँ क्या हुस्न है? तेरी बहन पदमा का, तू मुझे अपना जीजा बना ले. में सारी उम्र उसको हर खुशी दूँगा और अपनी रानी बनाकर रखूँगा. मुझे ये रिश्ता पसंद था अनिल एक ईमानदार लड़का था, सुंदर था, अमीर था. फिर मैंने माँ से बात कि तो वो तुरंत मान गयी, लेकिन अब मिस कुकरेजा पर निर्भर करता था कि ये रिश्ता होगा या नहीं.
फिर अनिल और अनीला ने अपनी माँ से बात चलाई तो मिस कुकरेजा ने मुझे ऑफिस मे बुलाया. मिस कुकरेजा उस वक्त सफेद साड़ी मे अपनी कुर्सी पर बैठी हुई थी. वो बोली कि आशु बेटा मुझे इस रिश्ते से कोई एतराज़ नहीं है अगर तुम अनिल को अच्छी तरह जानते हो, समझते हो और उसको अपनी बहन का सुहाग बनाना चाहते हो तो मुझे ये शादी मंज़ूर है, लेकिन फिर बाद में मुझे क़िसी बात पर दोषी मत ठहराना. फिर में बोल उठा आपको दोषी, नहीं आंटी, कभी नहीं ? आप तो हम लोगों को इतना प्यार करती है, तो ठीक है हम शादी की तैयारी शुरू करते है.
अब पदमा भी बहुत खुश थी, होती भी क्यों ना? उसको इतना पैसे वाला पति मिल रहा था. शादी की शॉपिंग मे में और अनीला भी बहुत काम कर रहे थे और अनीला भी मेरे नज़दीक आ रही थी, वो बात-बात पर हंस देती मुझे पीठ पर हाथ मारती और कई बार तो गले से लिपट जाती. फिर मुझे लगा कि वो मेरे साथ अपना चक्कर चलाने के मूड में है. ऐसी सेक्सी लड़की के साथ संबंध बनाने मे मुझे क्या एतराज़ हो सकता था? अब अनिल और पदमा की शादी हो गयी और कुछ दिन के बाद पदमा हमारे घर वापस आई, लेकिन उसके चेहरे पर कोई खास खुशी नहीं झलक रही थी. मेरा एक दोस्त पदमा की शक्ल देखकर मुझसे अकेले मे बोला आशु क्या बात है? पदमा दीदी खुश नज़र नहीं आती. में तो सोचता था कि शादी के बाद पदमा दीदी खिल उठेगी, लेकिन ये तो मामला ही कुछ और है.
सच कहूँ तो शादी के बाद जब औरत को खूब अच्छा लंड मिले और खूब ज़ोर से चुदाई हो तो पूरा बदन खिल उठता है. आशु कहीं अनिल जीजा जी के लंड मे तो कोई कमी नहीं है. साले अगर मुझे मौका मिलता तो चाहे में पदमा को दीदी पुकारता हूँ, लेकिन उसको चोद-चोदकर कली से फूल बना देता. मुझे मेरे दोस्त की बात पर बहुत गुस्सा आया और मैंने उसको बाहर जाने को कह दिया, लेकिन मेरे दोस्त के शब्द मेरे दिमाग मे टिक गये.
फिर अगले दिन दोपहर को में अनिल से बात करने गया तो पता चला कि वो गोदाम मे गया हुआ है. गोदाम के बाहर चौकीदार ने मुझे देखा तो बोला साहब अन्दर जाने की क़िसी को इजाजत नहीं है, लेकिन आप तो साहब के साले हो तो चले जाओ. फिर में अंदर गया तो सारा गोदाम खाली पड़ा था. में मुड़ने ही वाला था की एक कमरे से आवाज़ें आ रही थी, हह्ह्ह्ह ज़ोर से अकबर भाई, ज़ोर से चोदो अपनी रानी को बहुत दिनों के बाद मौका मिला है, आअहह चोदो मुझे अकबर, क्या मस्त लंड पाया है आपने? वाहह अकबर भाई.
ये आवाज़ तो अनिल की थी और अकबर हमारी कंपनी मे एक ड्राइवर था, दरवाजा कुछ खुला था और मुझे अनिल नग्न रूप मे घुटनों और हाथों के बल झुका हुआ नज़र आया. अनिल की गोरी गांड उठी हुई थी और अकबर का कम से कम 7 इंच लंबा और मोटा लंड अनिल की गांड में घुसा हुआ था. अकबर मेरे जीजा को बेरहमी से चोद रहा था और अनिल मज़े से लंड अपनी गांड मे ले रहा था. अकबर क़िसी कुत्ते की तरह हाँफ रहा था. फिर अकबर बोला हाँ मालिक जब से आप शादी मे व्यस्त थे, मुझे भी ऐसी गांड नहीं मिली.
अब तो मेरी बीवी भी गांड मरवाने से मना करती है और मुझे गांड के बिना कुछ और अच्छा नहीं लगता. मालिक आप ही मेरी रानी बने रहो, मुझे कोई बीवी नहीं चाहिए. अब अनिल भी नीचे से बोला कि अकबर भाई मैंने भी पदमा से शादी करके यू ही मुसीबत मोल ले ली है, अगर मेरी बहन मुझे ना कहती तो में कभी ये शादी नहीं करता, लेकिन में अपनी बहन को क्या कहता कि मुझसे ठीक तरह से चुदाई नहीं होगी? या ये कहता कि में पदमा को क्या चोदूंगा? मुझे तो खुद को अपनी गांड के लिए अकबर भाई का लंड चाहिए. अब में उनकी और बातें सुन नहीं सका और गुस्से से भरा हुआ मिस कुकरेजा के रूम में गया.
फिर में बोला आंटी मेरी बहन शादी से खुश नहीं है, अनिल तो खुद कहता है कि वो ठीक से चोद नहीं सकता, वो तो खुद गांडू है और इस वक्त गोदाम मे अकबर से गांड मरवा रहा है. आंटी मेरी बहन की तो ज़िंदगी बर्बाद हो गयी ना. फिर मिस कुकरेजा अपनी सीट से उठी और मुझे अपनी बाहों में भरकर सीने से लगाते हुए बोली कि आशु बेटा मैंने तुझसे कहा था ना कि कल मुझे दोष मत देना. असल में अनिल के पिता भी लंड के मामले में कमज़ोर थे, लेकिन मुझे ये पता नहीं था कि उसको ये गांड कि भी बीमारी है. बेटा निराश मत होना जो करना होगा में करूँगी.
में कभी पदमा के जज़्बातों का नुकसान नहीं होने दूँगी, आख़िर पदमा अब हमारे घर की बहू है. में अनिल से बात करूँगी और समस्या का हल ढूंढ ही लूँगी और फिर अनीला भी तो तुझसे शादी करना चाहती है, अब मेरी एक नहीं दो बेटियाँ है अनीला और पदमा और जल्द ही अनिल तुझसे बात करेगा. फिर में बोला अनिल साला मुझसे क्या बात करेगा? जो करना था वो ठीक से कर नहीं पाया, लेकिन उसी रात अनिल ने मुझे एक बार में बुलाया और दो पेग विस्की के पीने के बाद मुझसे बोला यार में जान चुका हूँ कि तुझे मेरे उस शौक के बारे मे पता चल गया है और तुम जानते हो कि मेरे लंड में इतनी ताक़त नहीं है, लेकिन मेरे पास एक बहुत अच्छा सुझाव है अगर कहो तो बोलूं?
फिर मैंने कहा अब क्या सुझाव बचा है मेरी बहन की ज़िंदगी बर्बाद करके? देख आशु पदमा की चुदाई तो होगी अगर में नहीं करता तो कोई और करेगा. अब किसी बाहर के आदमी से हो तो घर की इज़्ज़त का क्या होगा? मेरी बात मान लो तुम खुद पदमा की चुदाई जी भरकर कर लो.
तुम दोनों भाई बहन पर क़िसी को शक भी नहीं होगा और में तुझे अपनी मनाली वाली कोठी की चाबी भी दूँगा जहाँ तुम दोनों अपना हनीमून मना लेना. तुझे भी अपनी बहन के जिस्म का मज़ा मिल जायेगा और अगर भगवान की मर्ज़ी हुई तो पदमा माँ भी बन जायेंगी और सारे समाज मे में भी बाप कहलाऊंगा. फिर कल को तुझे ही तो अनीला का पति बनाना है. फिर तुम हमारे घर मे रहकर दोनों को चोद सकते हो बोलो मंज़ूर है? लेकिन में पदमा को कैसे? वो मेरी बहन है, ये कैसे हो सकता है? फिर अनिल पेग पीकर फिर से बोला तो हम क्या पदमा को क़िसी और गैर से चुदने के लिए छोड़ दें ? इससे बेहतर होगा कि तुम ही उसकी जवानी के मज़े लूट लो और घर की इज़्ज़त भी बची रहेगी. फिर में बोला लेकिन अगर मैंने अपनी बहन को स्पर्श भी किया तो वो मुझे जान से मार डालेगी, चोदना तो दूर की बात है.
फिर अनिल बोला तू उसकी चिंता मत कर कल ही हम तीनों मनाली जायेंगे और में पदमा को चोदने की कोशिश करूँगा और जब मुझसे चोदा नहीं जायेगा तो वो मुझे गाली देगी और तब तुम आ जाना. जब चूत जल रही होती है तो रिश्ते नहीं देखती और फिर अपनी बहन की चूत अपने लंड से भर देना, एक बार वो चुद गयी तो सदा के लिए तेरी हो जायेगी.
जीजा की बात सुनकर अचानक मेरा लंड खड़ा होने लगा और अपनी बहन को चोदने की इच्छा सच होती नज़र आने लगी. फिर अगले दिन हम तीनों मनाली की तरफ चल पड़े. पदमा को उत्तेजित करने के लिए अनिल बार-बार उसके जिस्म पर हाथ फेरने लगा. फिर हम दोपहर को शराब पीने लगे, अनिल जानबूझ कर मेरे सामने ही पदमा के साथ सेक्सी बातें करने लगा, जिनको सुनकर पदमा का रंग लाल होने लगा.
फिर मनाली पहुँचकर अनिल बोला आशु तुम पास वाले कमरे मे सो जाओ और में अभी अपनी बीवी के साथ चुदाई के मज़े लेता हूँ. उसकी बात सुनकर पदमा शर्म से लाल हो उठी थी. शराब पी होने की वजह से अनिल का लंड जो थोड़ा बहुत खड़ा होता था वो भी नहीं हुआ था. फिर पदमा गुस्से में चिल्लाने लगी कि अनिल बहनचोद अगर लंड में कमज़ोरी थी तो मुझसे शादी क्यों की? साले अब इस जलती हुई चूत को में कहाँ लेकर जाऊं? मादरचोद की औलाद, साले नपुंसक कहीं के.
फिर अनिल शर्मिंदा हुआ बाहर निकला और बोला आशु तू अब बस 5 मिनट इंतज़ार करना, फिर अंदर चले जाना तेरा मामला फिट हो जायेगा. फिर ठीक 5 मिनट के बाद जब मे पदमा दीदी के रूम मे गया तो मैंने देखा कि पदमा नंगी पलंग पर लेटी हुई है और जांघे फैलाकर अपनी चूत मे उंगली कर रही थी. सच मानो तो उस समय मेरी बहन कोई कामदेवी लग रही थी. उसकी शेव की हुई चूत से पानी टपक रहा था और वो आँखें बंद किए हुई थी और चूत रगड़ रही थी.
फिर मैंने हिम्मत की और पलंग के पास जाकर उसके नंगे जिस्म पर हाथ फेरने लगा तो उसने झट से अपनी आँखें खोल दी और बोली भैया तुम यहाँ क्या कर रहे हो? जाओं यहाँ से, लेकिन फिर मैंने अपने हाथ उसकी चूची पर रख दिए और रगड़कर बोला दीदी में तुझे ऐसे प्यासी कैसे छोड़ दूँ? आख़िर भाई का भी कोई फ़र्ज़ होता है या नहीं? अगर जीजा नपुंसक हो तो क्या भाई का फ़र्ज़ नहीं बनता कि अपनी बहन की चूत की आग ठंडी करे, ऐसा मदमस्त जिस्म क्या भगवान हर क़िसी को देता है? दीदी अपनी भारी-भारी चूची, आपकी मस्त चूत जो बेचारी मस्त लंड के लिए तरस रही है और आपकी गांड सब मुझे पागल बना रही है. दीदी अब मुझे चुदाई से मत रोकना, में अपनी पदमा दीदी की चूत चोदे बिना आज यहाँ से जाने वाला नहीं हूँ, अगर मुझ पर विश्वास नहीं होता तो अपने भाई का लंड देख लो.
फिर मैंने ये कहते ही अपनी पेंट उतार दी और अपना 9 इंच वाला मोटा लंड पदमा को दिखाते हुए उसके हाथ मे दे दिया. मेरा मोटा लंड मेरी काली झांटो के बीच में से क़िसी काले नाग की तरह फूंकार रहा था. दीदी अब बताओ कि आपके भाई का लंड मस्त है या नहीं? आपकी मस्त चूत इसको अंदर लेने के लिए मचल रही है या नहीं? अब पदमा के भाव बता रहे थे कि वो एक पल के लिए झिझकी, लेकिन फिर वासना ने उस पर काबू पा लिया.
फिर मैंने कमीज़ भी उतार दी और कमरे का दरवाजा बंद करने के लिए बढ़ा तो पदमा बोली कि नहीं मेरे प्यारे भैया दरवाज़ा खुला ही रहने दो, अगर मेरा नपुंसक पति देखना चाहे तो देख ले कि मर्द का लंड कैसा होता है? और जवान औरत की प्यास कैसे बुझाई जाती है? आ जाओ भैया और तोड़ दो मेरी सील, जो शायद आज तक मेरे भैया के लिए ही बची हुई थी. मेरे भाई आज मुझे अपना बना लो, मुझे इस मस्त लंड से चोदकर पूरी औरत बना लो, आपकी बहन आज से सिर्फ़ आपकी है.
फिर में भी पदमा दीदी की बात सुनकर पूरा जोश में आ गया और अपनी दीदी के होंठों को चूमने लगा. उसके होंठों पर जीभ फेरते हुए उसके नंगे जिस्म से लिपटने लगा. हमारे जिस्म जल रहे थे और दीदी अभी भी मेरे लंड को पकड़े हुई थी और में उसको चूम रहा था. फिर मैंने बोला कि दीदी तुमने कभी लंड चूसा है? तो दीदी मचलकर बोली कि अभी तक तो नहीं, लेकिन आज अपने भैया का लंड चूसने की इच्छा ज़रूर है. अगर इजाज़त हो तो चूस लूँ? अगर चूस लेती हूँ तो मेरे भैया मेरे सईयां बन जायेंगे.
फिर मैंने दीदी की चूची को चूम लिया और बोला कि देर किस बात की, बना लो मुझे अपना सईयां. फिर दीदी ने झुककर मेरे लंड का टोपा चूम लिया और मेरे अंडकोष थामकर लंड को मुँह में ले लिया. फिर मैंने दीदी के बाल पकड़कर उसका मुँह अपने लंड पर टिका दिया और कमर आगे पीछे करने लगा.
फिर मैंने दीदी को पलंग पर सीधा लेटाकर उसके ऊपर चढ़ गया और अब मेरा मुँह दीदी की लाल चूत पर था और मेरा लंड उसके मुँह में था. हम 69 पोजिशन में एक दूसरे को चाटने लगे. अब दीदी की चूत का रस मुझे बहुत उत्तेजित करने लगा और उसकी चूत फड़फडाने लगी. अब देरी करना फ़िज़ूल था क्योंकि दीदी अब बहुत गर्म हो चुकी थी. मैंने दीदी से पूछा कि अब चुदाई शुरू करें? तो दीदी बोली हाँ भैया, अब इंतज़ार नहीं होता पेल डालो अपना लंड मेरी चूत में भैया और इस रात को यादगार बना दो. अब दीदी ने शर्म छोड़कर मुझे चोदने का निमंत्रण दिया. अब मैंने चूत की भीगी हुई फांकों को फैलाकर लंड चूत के मुँह पर टिका दिया और धड़कते दिल से मैंने लंड को एक धक्का मारा और मेरा पूरा टोपा चूत में घुस गया, ओह भैया धीरे से आहह में मर गयी, अहह भैया धीरे से उई माँआआ धीरे से भैया. फिर मेरे लंड को चूत के अंदर गर्माहट महसूस हुई और मैंने धीरे से लंड और आगे बढ़ा दिया.
फिर में दीदी की गांड को थाम कर धीरे-धीरे लंड अंदर पेलने लगा, सच मानों दोस्तों ऐसा मज़ा मुझे आज तक नहीं मिला था. दीदी की चूत जन्नत का दरवाजा थी. मेरे लंड पर कसी हुई दीदी की चूत की दीवारें मेरे लंड को सहला रही थी. जब आधे से ज्यादा लंड चूत में घुस गया तो दीदी अपने चूतड़ उठाकर और लंड लेने लगी. में दीदी के ऊपर सवार था और जन्नत का मज़ा लेते हुए चुदाई करने लगा और चूत की चिकनाहट के कारण अब लंड आसानी से चूत में घुस रहा था.
फिर कोई 5 मिनट में लंड पूरा चूत में समा गया. मेरी रानी बहन मेरा लंड पूरा अपनी चूत में ले चुकी थी. मेरी रानी तेरी क्या मस्त चूत है? अहहहह क्या मस्त है मेरी बहना? अब तो दर्द नहीं हो रहा पदमा रानी? तो दीदी मज़े से आँखें बंद किए हुए बोली नहीं मेरे राजा भैया, अब तो मज़ा आ रहा है, चोद डालो अपनी लाडली बहना को, शाबाश राजा भैया, पेलो अपना लंड अपनी सजनी की चूत में, अब तो हम भाई बहन सिर्फ़ दुनिया के लिए ही है असल मे तो मेरा भाई मेरा पति है, ऑह्ह्ह्ह मेरे भैया का कितना मस्त लंड है.
अब दीदी अपनी गांड उठाकर चुदवाने लगी थी और में बहुत जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. अब पूरा कमरा फ़च फ़च की आवाज़ों से गूँज रहा था और चुदाई का संगीत चारों तरफ था और चुदाई की सिसकियाँ हम दोनों भाई बहन के मुँह से निकल रही थी. मेरा लंड क़िसी पिस्टन की तरह अपनी सग़ी बहन की चूत चोद रहा था. अब हमारे जिस्म पसीना-पसीना हो चुके थे और में आगे झुक कर दीदी के बूब्स चूसने लगा. दीदी मदहोश हो गई और बोली ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह भैया और चूसो आआआआआ म्‍म्म्मममममम चोदो मेरे राजा चोदो मुझे, मुझे हर रोज ऐसे चोदना भैया. फिर में दीदी को चोदने लगा और दीदी बेकाबू होने लगी, भैया मुझमे समा जाओ, रोज़ चोदना मुझे, भर दो मेरी चूत अपने लंड से, बना दो मुझे अपनी पत्नी, मुझे अपने बच्चे की माँ बना दो भैया. फिर लगातार चुदाई के बाद दीदी झड़ गई और वो पूरी तरह से संतुष्ट हो गई थी. अब हम बहुत चुदाई करते है और खूब मजे लेते है.
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कविता भाभी की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहन है और ये मेरा पहला सेक्स अनुभव कविता भाभी के साथ हुआ. अब में कहानी शुरू करता हूँ, में दिल्ली का रहने वाला हूँ और कॉलेज में पढ़ रहा हूँ. ये बात 2 साल पहले की है, जब मेरे 12वीं क्लास के बोर्ड एग्जाम ख़त्म हुए थे तो में बिल्कुल फ्री था. मेरे पड़ोस में एक फेमिली रहती है, उनसे हमारा अच्छा रिश्ता है. उनके 2 बेटे है एक की शादी हो चुकी थी और एक बेटा है, उनकी पत्नी का नाम कविता है. जब मैंने उन्हें पहली बार देखा था तो में उन्हें देखकर पागल हो गया था और हमेशा उसे चोदने के बारे में सोचा करता था.
हमारे घर पास पास थे, तो वो रोज सुबह बालकनी पर कपड़े सुखाने आती थी तो में भी बालकनी पर पहुँच जाता और बातें भी करता रहता था और में उनकी बालकनी से उनकी पेंटी चुरा लेता और उनकी पेंटी को चाटता और मुठ मारता. एक दिन उनके परिवार वाले गावं जाने वाले थे और सिर्फ़ मेरा कज़िन और भाभी ही घर पर थे तो भैया ने मुझसे कहा कि वो आज उनके घर रुक जाए और भैया ऑफिस चले गये. भाई के जाने के बाद में उनके घर गया तो भाभी ने गेट खोला उन्होंने पिंक कलर की साड़ी पहनी थी. वो क्या मस्त लग रही थी? और हम अंदर आ गये. फिर, वो मेरे लिए नाश्ता लेने गई और फिर हम दोनों ने नाश्ता किया. फिर उन्होंने कहा कि में कपड़े धोने जा रही हूँ तुम बैठो, तो में उनके बेटे के साथ खेलने लगा, फिर थोड़ी देर बाद वो सो गया तो मैंने उसे बेड पर लेटा दिया.
फिर मैंने सोचा भाभी के साथ बात कर लेता हूँ, वो बाथरूम में कपड़े धो रही थी. फिर में बाथरूम के पास गया तो गेट खुला था और जैसे ही मैंने देखा तो वो टायलेट कर रही थी और मुझे देखकर अचानक से उठी जिससे उनकी साड़ी गंदी हो गयी और कहा कि जाओ यहाँ से और में पीछे हट गया और फिर वो गुस्से से बाहर आई और मुझे गुस्से से देख रही थी. फिर मैंने भाभी से कहा मुझे पता नहीं था. फिर उन्होंने पूछा तुम यहाँ क्यों आए थे? फिर मैंने कहा भाभी मुन्ना सो गया था इसीलिए मैंने सोचा आपके साथ बात कर लेते है.
फिर उन्होंने कहा ठीक है, लेकिन फिर ऐसा मत करना और फिर वो कपड़े धोने लगी और में उनके कमरे में कंप्यूटर पर बैठा था और इंटरनेट पर पोर्न साईट खोलकर वीडियो देखने लगा. फिर भाभी छत पर कपड़े सुखाकर आई और मुझे आवाज़ दी उनकी आवाज़ सुनते ही मैंने नेट बंद कर दिया. फिर उन्होंने कहा तुमने मेरे सारे कपड़े गंदे कर दिए में नहाने जा रही हूँ और में फिर से वीडियो देखने लगा और भाभी के बारे में सोचने लगा.
फिर में बाथरूम के होल में से भाभी को देखने लगा, वाह्ह्ह क्या गोरा बदन था? और उन्हें देखकर मुठ मारने लगा तो अचानक से मेरा बैलेन्स बिगड़ गया और में गेट से टकरा गया, शायद उन्होंने गेट लॉक नहीं किया था और में अन्दर गिर पड़ा. मुझे देखकर वो ज़ोर से चिल्लाई और कहा कि तुम यहाँ क्या कर रहे हो? और जल्दी से टावल से खुद को ढक लिया. में तो फटी आँखो से उन्हें देखता ही रह गया और वो कहने लगी ये क्या बतमीजी है? फिर मैंने उनको पकड़ लिया और भाभी से कहने लगा मुझे माफ़ कर दो.
फिर मैंने उनको बताया कि में उन्हें बहुत पसंद करता हूँ और मैंने भाभी से कहा कि भाभी प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो, आप जो कहोगे में करूँगा, लेकिन मुझे माफ़ कर दो. तो उन्होंने कहा में जो कहूँगी करोंगे, तो मैंने कहा हाँ करूँगा, फिर उन्होंने दुबारा पूछा सच जो कहूँगी करोंगे, तो मैंने कहा हाँ करूँगा और मेरे हाँ कहते ही उन्होंने अपना टावल फेंक दिया और मुझे अपनी और खींचा और कहा कि चोदो मुझे, ऐसा कहते ही में तो हैरान रह गया.
फिर मैंने कहा क्या? तो उन्होंने कहा में जानती हूँ कि तुम मेरी पेंटी चुरा लेते हो और अभी भी कंप्यूटर पर सेक्स वीडियो देख रहे थे. में भी काफ़ी समय से तुमसे चुदवाना चाहती हूँ और उनके ये कहते ही में उन पर टूट पड़ा और किस करने लगा. हम बाथरूम में थे इसीलिए मैंने अपने कपड़े उतार दिए और पेंट भी ऊतार दी थी. फिर भाभी ने कहा, वाह्ह्ह रोहन तुम्हारा क्या लंड है? इतना बड़ा तो मेरे पति का भी नहीं है और हम किस करने लगे और ऊपर शॉवर चल रहा था.
फिर में उनके बूब्स चूसने लगा और वो, आह्ह्हह्ह कर रही थी. कई बार में उनके बूब्स को काट लेता और वो चिल्लाती रही. फिर हम दोनों ने खुद को पोछा और फिर मैंने उन्हें गोद में उठाया और बेडरूम में लेकर आया, मुन्ना अभी भी सो रहा था तो मैंने उसे उठा कर अलग सोफे पर लेटा दिया और भाभी को सोफे पर लेटाकर उनके पैरों के पास बैठ गया. मैंने एक वीडियो में बॉडी को चाटना देखा था, तो मैंने सोचा कि वैसा ही करता हूँ और उनके पैरो की उंगलियों को चाटने लगा.
फिर उनके दोनों पैरो को चाटने के बाद मैंने उसके पूरे पैर को उनकी जांघ तक चाटा और उनकी गोरी चूत तक जा पहुंचा, उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. फिर मैंने उनकी चूत चाटनी शुरू की और फिर मैंने उनकी चूत पर जीभ लगाते ही, वो ज़ोर से उछली और सिसकारियां लेने लगी. उनकी चूत को चाटने में मुझे जन्नत का मज़ा आया और फिर में कुत्तो की तरह चूत चाटने लगा.
करीब 15 मिनट तक चूत चाटने के बाद उनकी चूत में से पानी निकला और मैंने सारा पानी पी लिया. क्या मस्त पानी था? फिर मैंने उन्हें उल्टा करके उनकी गांड पर 6-7 थप्पड़ मारे और उनकी गांड को भी चाटने लगा. फिर मैंने उनको मेरा लंड चूसने को कहा और वो मेरा लंड चूसने लगी, वाह्ह्ह्ह क्या मज़ा आ रहा था? और फिर 10 मिनट तक मेरा लंड चूसने के बाद मेरा लंड पूरा रोड की तरह सख्त हो गया.
फिर मैंने उनकी टाँगे खोलकर अपना लंड उनकी चूत से लगाते ही वो सिसकी और मैंने एक झटका मारा और मेरा आधा लंड उनकी चूत में चला गया और वो ज़ोर से चिल्लाई. फिर में उन्हें किस करने लगा और बूब्स दबाने लगा, फिर मैंने अचानक से एक और तगड़ा झटका मारा और इस बार मेरा पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया था, वो चिल्लाना चाहती थी, लेकिन उनकी चीख मेरे मुँह में ही रह गई. मैंने फिर से लंड अंदर बाहर करना शुरू किया और वो आआआहह्ह्ह्ह ऊह्ह्ह्हह्ह की सेक्सी आवाज करने लगी और जिससे मेरी स्पीड और तेज हो गयी. वो कहने लगी हाँ चोदो मुझे, हहहाहा और तेज और तेज और में बहुत तेज-तेज चोद रहा था और करीब आधे घंटे के बाद में झड़ने वाला था तो उन्होंने कहा कि मेरी चूत में ही झाड़ दो और मैंने सारा वीर्य अंदर झाड़ दिया और उनके ऊपर लेट गया और धीरे धीरे किस करता रहा.
फिर मैंने अचानक देखा कि मुन्ना जाग गया है और हम दोनों को देख रहा था. फिर में अचानक दूर हुआ तो भाभी ने कहा क्या हुआ? अरे ये तो अभी एक साल का ही है क्यों डर रहे हो? फिर में दुबारा बेड पर आया और उन्हें क़िस करने लगा.
फिर मैंने भाभी से उनकी गांड मारने को कहा तो उन्होंने कहा रुके क्यों हो? तो मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में करके उनकी गांड पर लंड रखा, लेकिन उनकी गांड बहुत टाईट थी. तो फिर में ऑयल लेकर आया और भाभी की गांड की मालिश करने लगा और अपने लंड पर भी ऑयल लगाया और एक ज़ोर के झटके में लंड अंदर डाला, लेकिन उनकी गांड बहुत टाईट थी. मेरा लंड थोड़ा ही गांड में गया था, शायद उन्होंने कभी गांड नहीं मरवाई थी.
फिर मैंने एक और ज़ोर का झटका मारा और पूरा लंड अंदर डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई थी, फिर में घपाघप उनकी गांड मारता रहा और थोड़ी देर के बाद में झड़ गया. फिर उस दिन हमने कई बार सेक्स किया और जब तक उनके घरवाले गावं से नहीं आए हम रोज पूरा दिन सेक्स करते थे.
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माँ का मसाज सेंटर

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम वीरेन है और में 28 साल का लड़का हूँ. जब में कॉलेज में था तो एक घटना हुई थी. मेरे पापा का एक्सिडेंट हुआ था. हमारे घर में मेरी बहन, माँ और पापा है. मेरी बहन शादीशुदा थी और पापा के एक्सिडेंट की वजह से वो भी हमारे घर थोड़े दिनों के लिए आई है. पापा को उसी दौरान अटेक भी आया था. मेरी माँ पढ़ी लिखी थी और उसने ब्यूटी और मसाज़ पार्लर भी खोला था, लेकिन वो भी कुछ दिनों के लिए बंद था. अब धीरे-धीरे पापा थोड़े ठीक हो गये थे. फिर पापा और बहन ने माँ से कहा कि तुम पार्लर क्यों बंद कर रही हो? कम से कम तुम्हारा दिन तो निकल जायेगा और तुम पार्लर में जाना चालू करो.
फिर पापा ने कहा कि में थोड़ा-थोड़ा मेरा काम कर सकता हूँ और तुम्हें मेरे लिए पूरा दिन घर बैठने की ज़रूरत नहीं है और वैसे भी छोटू तो है ना. छोटू हमारा घर का नौकर है और वो एक बच्चा है. हम उसे स्कूल में भी भेजते है. फिर सब के समझाने के बाद माँ ने हाँ कह दिया और फिर थोड़े ही दिनों के बाद मेरी बहन भी अपने घर चली गई. अब घर में पापा, छोटू और माँ हम ही थे. में सुबह हमेशा जिम जाता था और जिम के सर मेरी मसाज करते थे. में एक हट्टा-कट्टा बॉडी वाला हूँ. मेरी माँ भी जल्दी उठती थी. माँ का नाम माला है और उसकी उम्र 50 साल है. वो थोड़ी मोटी, सुंदर और कामुक है. उसके बड़े-बड़े बूब्स और कूल्हों को देखकर तो कोई भी पागल हो जायेगा. मैंने नोटिस किया है कि जब पापा के दोस्त घर आते है तो वो भी माँ की गांड को बड़ी ही वासना की नज़र से देखते थे. वो उसकी हर हरकत को वासना की नज़र से देखते थे. शायद ये माँ को मालूम था, लेकिन माँ ने उनकी तरफ कभी ध्यान नहीं दिया था.
एक दिन में कपड़े बदल रहा था तो तभी मेरी माँ ने मुझे देख लिया, लेकिन मैंने उन्हें ऐसे दिखाया कि मुझे कुछ मालूम नहीं है. फिर थोड़े ही दिनों के बाद मैंने माँ में अजीब सा परिवर्तन देखा, वो हमेशा मेरे नज़दीक आने लगी और मुझे किसी ना किसी बहाने से टच करने लगी. तभी वो बोली कि अरे तुझे तो मसाज़ की ज़रूरत है. तू दोपहर को मेरे पार्लर पर आ जा, अगर तू आ रहा है तो में पार्लर आज दोपहर को खुला रखती हूँ. फिर मैंने कुछ जवाब नहीं दिया और में कॉलेज चला गया. उन दिनों परीक्षा के दिन थे तो में कभी-कभी लेट या जल्दी आता था. फिर में रात को देर से घर आया और पापा ने कहा कि तू आज दोपहर को माँ के पार्लर पर क्यों नहीं गया? माँ तेरा इंतजार कर रही थी.
मैंने कहा कि मुझे कुछ काम था. फिर पापा ने कहा कि माँ बोल रही थी कि तेरी बॉडी की मसाज़ करनी ज़रूरी है तो मैंने कहा कि मेरी मसाज़ जिम के सर करते है तो पापा ने कहा कि कोई बात नहीं इस बार तेरी माँ करेगी. तभी माँ आई और उसने कहा चल अब खाना खा ले और कल आ ही जाना, तो मैंने हाँ कहा.
फिर दूसरे दिन में 3 बजे माँ के पार्लर में गया. माँ ने कहा था कि शुक्रवार को आना क्योंकि लाईट कटौती की वजह से लाईट नहीं होती है इसलिए माँ कभी-कभी पार्लर शुक्रवार को शाम 7 बजे के बाद खोलती है. फिर में पार्लर में गया. पार्लर आगे से बंद था में जानता था कि पिछला दरवाजा खुला है. फिर में अंदर गया और माँ मेरा अंदर ही इंतजार कर रही थी. फिर माँ बोली चल अब अपने कपड़े उतार, फिर मैंने मेरा शर्ट निकाला, फिर बनियान निकाल दिया और मसाज़ बेंच पर बैठ गया. अब माँ भी उठी और बोली कि इतना क्या शरमा रहा है? अपनी पेंट तो उतार दे. फिर मैंने अपनी जीन्स उतारी और अब में अपनी चड्डी में था तो माँ फिर बोली कि अरे ये चड्डी तो उतार, क्या कर रहा है? मसाज के वक़्त ओपन और फ्री होना चाहिए. फिर मैंने मेरी चड्डी भी निकाली. अब माँ उठी और उसने काली फूलों की साड़ी पहनी थी. वो साड़ी पारदर्शी नहीं थी, फिर उसने अपनी साड़ी उतारी और अब वो मेरे सामने ब्लाउज और पेटीकोट में आ गई.
फिर मैंने कहा आज तुम्हारा मसाज गाउन कहाँ है? तो माँ ने कहा गाउन तो और के लिए होता है. मुझे तेरे सामने क्या शर्माना? फिर ऐसा कहकर उन्होंने अपनी साड़ी निकाल कर बाजू में फेंक दी. अब वो मेरे सामने पेटीकोट और ब्लाउज पहने थी. उसके बड़े-बड़े बूब्स देखकर मेरा लंड चड्डी में ही मुझे परेशान करने लगा. फिर उसने मसाज का तेल अपने हाथों पर लगाया और मेरे हाथों की मसाज़ करने लगी. फिर उसने मेरा हाथ अपने कधों पर रखा, लेकिन मेरा ध्यान बीच-बीच में उसके बूब्स पर जा रहा था. वो उसे मालूम था. फिर बाद में उसने मुझे मसाज़ बेड पर लेटने को कहा. मसाज़ बेड थोड़ा ऊँचा था. फिर में लेट गया और वो मेरे सिर के पास खड़ी रही और तेल लेकर मेरी छाती पर लगाने लगी. अब तो उसके बूब्स मेरे सर के ऊपर ही थे, मेरा मुँह बार-बार उसके बूब्स पर लग रहा था. अब मेरा लंड पूरा खड़ा हुआ था और मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था.
अब में माँ का मुँह देख नहीं पा रहा था, क्योंकि वो बिल्कुल ही मेरे सिर के पीछे खड़ी थी. उसके बड़े-बड़े बूब्स की वजह से में माँ का मुँह देख नहीं पा रहा था, लेकिन अब मेरा लंड 180 डिग्री में खड़ा हुआ था और उसकी वजह से मेरी चड्डी का शेप भी अजीब सा हो रहा था. अब मेरा लंड चड्डी से बाहर आने की कोशिश कर रहा था. शायद माँ को ये मालूम था तो माँ बोली कि चल अब अपनी छाती के बल सो जा और अपने हाथ बेड पर रख. वो अब भी वहीं खड़ी थी और मेरी पीठ की मसाज़ कर रही थी. अब तो मेरा मुँह माँ के बूब्स के बिल्कुल ही सामने ही था. माँ के बूब्स इतने बड़े थे कि वो भी ब्लाउज के बाहर आ रहे थे उनकी हर हरकत की वजह से ऐसा लग रहा था कि वो अभी ब्लाउज फाड़कर बाहर आ जायेंगे. अब मेरा मुँह भी माँ के बूब्स को टच कर रहा था.
फिर माँ ने कहा कि चल अब बैठ जा मुझे तेरे पैरों की मसाज़ करनी है, लेकिन आपको क्या बताऊँ? मेरा लंड चड्डी से बाहर आ गया था और माँ भी मेरे सामने ही थी. फिर वो बोली कि चल बैठ और अब वो मेरे सामने आकर खड़ी हुई और फाईनली मुझे उठकर बैठना ही पड़ा. अब में मसाज़ बेड पर बैठा था और माँ मेरे सामने खड़ी थी और मेरा लंड चड्डी के बाहर था और वो माँ ने भी देख लिया था और फिर उसने मेरी तरफ देखा तो उसकी नज़र एक वासना की थी. अब मुझसे भी रहा नहीं गया तो मैंने मेरा हाथ सीधा माँ के बूब्स पर रखा और उसका एक बूब्स हल्का सा दबाया. माँ के मुँह से आआआआआअ की आवाज़ निकली. फिर उसने भी मेरा लंड हल्के से पकड़ा, फिर क्या था? मैंने मेरा हाथ माँ के दोनों बूब्स पर रखा और उन्हें दबाना चालू कर दिया. फिर मैंने उनका ब्लाउज खोला और उसके एक बूब्स को मुँह में लेकर चाटना-चूसना चालू कर दिया और दूसरे हाथ से माँ के दूसरे बूब्स को दबाने लगा, अब मैंने अपना एक हाथ सीधा माँ के पेटीकोट में डाला और पेटीकोट खोल दिया.
अब मैंने सीधे माँ की पेंटी भी खोल दी और एक उंगली ज़ोर से माँ की चूत में डाल दी और बोला माला तू तो सचमुच की ही माल है. में तुझे माँ नहीं माला कहूँगा. अब मेरी उंगली ज़ोर-जोर से उसकी चूत में जाने के कारण अचानक से माँ के मुँह से भी आवाज़ आई औचह आआआआ म्‍म्म्म आअहह, तेरा ये जिम का शरीर और ये बड़ा लंड मेरी चूत में घुसा दे. जब से मैंने तुझे बिना कपड़ो के देखा है तब से मैंने तुझे मेरा बेटा मानना छोड़ दिया है. तू तो अब मेरा पति है आआआआआ जो अब से रोज मेरी चूत और गांड को मारेगा, आआआअ म्‍म्म्ममममममममम सालों से मैंने सेक्स नहीं किया है और अब तो वो हो भी नहीं सकता क्योंकि तेरे पापा अब सेक्स नहीं कर सकते है आआआआअ. फिर से मैंने मेरी उंगली ज़ोर से माँ की चूत में डाली औचह आआआआआ म्‍म्म्मम मसाज़ तो एक बहाना है, मैंने तुझे इसलिए ही तो यहाँ बुलाया है.
फिर में माँ से बोला कि माला में आज पहले तेरी गांड मारना चाहता हूँ तो माँ बोली और चूत का क्या? तो में बोला वो भी मारूँगा, लेकिन बाद में मारूँगा. तो माँ बोली ठीक है तू तो अब मेरा पति है जैसा आप बोलोगे में वैसा ही करुँगी और माँ मुझे अपने आप इज्जत देकर बोलने लगी और में माँ को माला बोलने लगा. अब वो मेरा बड़ा मोटा लंड देखकर बोली कि आपका तो ये लंड मेरी गांड से खून निकाल देगा, तो मैंने बोला चल अब उल्टी खड़ी हो जा. अब माँ की पीठ मेरी तरफ थी. फिर मैंने माँ की पीठ को चूमना चालू किया. फिर माँ बोली कि आआआआ म्‍म्म्मम अब शुरू हो जाओ और लंड डालो मेरी गांड में. फिर भी में उसे चूम रहा था. तभी मैंने देखा कि वहां मसाज़ तेल रखा था, लेकिन माँ को मालूम नहीं था. अब में माँ की पीठ को एक तरफ चूम रहा था और एक हाथ से उनके बूब्स दबा रहा था और और दूसरे हाथ से मैंने मसाज़ तेल मेरे लंड पर लगा लिया था.
अब मेरा लंड पूरा तेल से भर गया था. फिर माँ बोली कि डालो ना. मैंने देखा कि माँ का इतना ध्यान नहीं था और मैंने एक हाथ से माँ की गांड को फैलाया तो माँ ने भी अपनी गांड थोड़ी फैलाई. तभी मैंने मेरा लंड माँ की गांड पर रखा और एक ज़ोर का झटका दिया तो माँ जोर से चिल्लाई औचह आआाऊऊ आईइईईईईईई आप तो मेरी गांड फाड़ रहे हो आआआआ आआआअ और में ज़ोर-जोर से झटके देने लगा और ज़ोर से झटके देने से में पूरी तरह से गर्म हो गया था. में बोला कि माला आज तो में तेरी गांड में पूरा पानी डाल दूँगा. में मेरी पूरी ताकत तेरी गांड में डाल दूंगा और में जोर-जोर से झटके देने लगा और लाईट भी गई थी और गर्मी भी बहुत थी और ऊपर से सेक्स करने से हम दोनों का बदन पसीने से भर गया था. अब में मेरे लंड को माँ की गांड में जोर-जोर से अंदर बाहर कर रहा था. तेल और पसीने से पच पच की आवाजें आ रही थी. अब माँ चिल्ला रही थी और वो भी अपनी कमर जोर-जोर से हिला रही थी. अब माँ के मुँह से ऐसी आवाज़े आ रही थी, आआआहा म्‍म्म्मममम ऊऊऊऊहह, उसी वजह से मुझमें भी और जोश आ रहा था और में गर्म हो गया था.
अब एक तरफ में माँ की गांड मार रहा था और दूसरी तरफ माँ के बूब्स को जोर-जोर से दबा रहा था. माँ बोलने लगी कि आआ आआआहा थोड़ा धीरे आआआहा आआआहा थोड़ा धीरे. अब तेरे लंड का पानी डाल दे आआआहा आआआहा अब रहा नहीं जाता, दर्द हो रहा है, आआआहा आआआहा, थोड़ा धीरे. फिर में बोला बस अब थोड़ी ही देर में पानी निकल जायेगा. फिर मैंने झटके और जोर से मारे तो माँ बोली कि आआआहा आआआहा थोड़ा धीरे आआआहा आआआहा थोड़ा धीरे और मैंने आखरी झटका मारा और मेरे लंड का पानी माँ की गांड में गिर गया. तभी माँ बोली आआआआ क्या पानी है? हाईईईई में मर गई हाय ये गर्म पानी और कितना सारा है. ऐसा लगता है तूने पूरा का पूरा जिम का पानी मेरी गांड में डाला है हाईईईईई आआआआमम्म्म, अब समझा तुझे मैंने यहाँ क्यों बुलाया? सेक्स की वजह से कल तू और भी जोश से कसरत करेगा और हाँ मसाज की तुझे नहीं बल्कि मुझे ज़रूरत थी, जो तूने मेरी आज की है. उसके बाद अगली बार मैंने माँ को मसाज़ पार्लर में चोदा और उसकी जमकर गांड भी मारी और चूत भी मारी.
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