भाभी के बर्थ-डे पर अनोखी चुदाई

हैल्लो दोस्तों, उस दिन मेरी भाभी का बर्थ-डे था और मैंने भाभी को पहले ही कह दिया था कि इस बार का बर्थ-डे भाभी और में एक साथ मनायेंगे. फिर में उनके बर्थ-डे के दिन केक लेकर आया और भाभी के लिए एक अच्छा सा गिफ्ट भी लाया. उस गिफ्ट में क्या था? वो में आपको आगे बताऊंगा. फिर भाभी ने कहा आ गए देवर जी रात के 12 बजने वाले है. मेरे बर्थ-डे की तैयारी हो गई.
मैंने कहा कि भाभी आप बेफिक्र रहिए, आपके इस देवर ने पूरी तैयारी कर ली है. पहले आप नहाकर एक अच्छा सा पटियाला ड्रेस पहन लीजिए, आप पटियाला सलवार में बहुत ही सेक्सी लगती हो. फिर भाभी ने कहा कौन सा वाला पटियाला ड्रेस पहनूं? तो मैंने कहा कि भाभी वही जिसमें वेलवेट का जंपर है और पतली ग्रीन कलर की फुल चैन वाली सलवार है. भाभी ने कहा ठीक है आप केक और मोमबत्ती की तैयारी कीजिए में अभी नहाकर आती हूँ.
फिर मैंने कहा कि भाभी सब तैयार है आप बस अच्छे से नहा लीजिए, अब मैंने पहले से ही बाथरूम के दरवाज़े के स्क्रू खोलकर दरवाज़ा निकाल लिया था और एक पतला पर्दा लगा दिया था ताकि में भाभी को नहाते हुए देख पाऊं. फिर भाभी ने पूछा कि बाथरूम का दरवाज़ा कहाँ गया? और यह पर्दा कैसे लटक रहा है? तो मैंने कहा कि भाभी वो दरवाज़ा नीचे से ख़राब हो गया था तो मैंने निकाल कर दूसरा बनाने के लिए दिया है. तब तक मैंने यह पर्दा लगा दिया है और आप आराम से पर्दे के अंदर नहा लो.
भाभी थोड़े गुस्से में नहाने के लिए चली गई और अब में कुर्सी लेकर बाथरूम के बाहर बैठ गया. भाभी ने कहा कि यहाँ क्यों बैठे हो? तो मैंने कहा कि भाभी अपने घर में चूहे बहुत है, पहले दरवाज़ा था तो वो अंदर नहीं जाते थे, लेकिन पर्दे में से अंदर जा सकते है इसलिए चूहा अंदर नहीं जाए तो में चूहा भगाने के लिए यहाँ बैठा हूँ.
फिर भाभी ने कहा देवर जी आज अपनी भाभी की बड़ी चिंता हो रही है, तो मैंने भी कह दिया भाभी आप तो मेरी भाभी जान हो. आज तो में आपका पूरा ख्याल रखूँगा. फिर भाभी अंदर जाने वाली थी तो मैंने उनके हाथ में से वो ग्रीन ड्रेस ले ली जो भाभी नहाने के बाद पहनने वाली थी. फिर मैंने कहा भाभी लाओ यह ड्रेस में पकड़ लेता हूँ अंदर कपड़े टांकने का कोई हुक नहीं है, वो प्लमबर ने सब निकाल दी है.
फिर भाभी अपने कपड़े मुझे देकर अंदर नहाने चली गई और अब भाभी ने अंदर से लाईट चालू की ओह माई गॉड, अब भाभी अंदर अपने कपड़े उतारने लगी तो मुझे पर्दे में से हल्का-हल्का दिख रहा था. फिर मैंने कहा भाभी लाओ कपड़े उतार दिए है तो मुझे दे दो नहीं तो नीचे भीग जायेंगे. फिर भाभी ने अपने कपड़े उतार कर पर्दे में से हाथ आगे कर दिया, तो मैंने कहा लाओ सलवार भी दे दो.
तब भाभी ने कहा उतार कर देती हूँ, लेकिन बहुत देर हो गई फिर भी भाभी ने सलवार नहीं दी तो मैंने कहा कि भाभी आपकी सलवार दो. भाभी ने कहा कि देवर जी सलवार में गाँठ टाईट लग गई है तो नाड़ा खुल नहीं रहा है. फिर मैंने किचन से ब्लेड लाकर भाभी को दी और फिर भाभी ने पर्दे में से हाथ निकाल कर ब्लेड लेनी चाही तो मैंने भाभी का हाथ पकड़ लिया और कहा कि भाभी ब्लेड कहीं आपकी कमर पर ना लग जाए, में ही सही से नाड़ा काट देता हूँ.
भाभी ने कहा कि अंदर मत आना, में अंदर नंगी हूँ और में खुद नाड़ा काट लूंगी, लाओ ब्लेड मुझे दे दो. फिर मैंने ब्लेड भाभी को दे दी और फिर भाभी ने अपनी सलवार का नाड़ा काटकर सलवार उतार कर मुझे दे दी. अब सलवार में नाड़ा कटा हुआ था और सलवार थोड़ी सी भीगी हुई भी थी, शायद सलवार उतारते वक़्त ज़मीन पर गिर गई होगी.
अब मुझे सलवार में से बहुत अच्छी महक आ रही थी और आयेंगी क्यों नहीं? क्योंकि ये सलवार भाभी ने अभी-अभी उतारी थी और सलवार में अभी भी भाभी की जांघो और उनकी प्यारी सी चूत का अहसास था. फिर में सलवार को जहाँ भाभी की चूत लगती होगी उस हिस्से को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. अब मुझे सलवार चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने भाभी की ब्रा और चड्डी माँगी तो भाभी ने मुझे अपनी ब्रा और चड्डी देने से मना कर दिया, क्योंकि नहाने के बाद वो वही ब्रा पेंटी पहनने वाली थी.
फिर मैंने भाभी के कपड़े जो वो नहाने के बाद पहनने वाली थी, मैंने उनकी कमीज़ के दोनों चाकों को कैंची से काटकर थोड़ा बड़ा कर दिया ताकि में उनकी कमर को देख सकूँ और कमीज़ की लंबाई भी 10 इंच काटकर उसे एकदम पटियाला बना दिया, ताकि में भाभी की नाभि सलवार के ऊपर से पूरी देख सकूँ और सलवार को भी नाड़ा बाँधने की तरफ से 4 इंच काट दिया, ताकि में उनकी नाभि देख लूँ और चूत के पास वाली जगह की थोड़ी सिलाई खोल दी, ताकि खींचने पर सलवार चूत के पास से आराम से फट जाए और सलवार के नाड़े में मैंने दो घुंघरू लगा दिए, ताकि भाभी की सलवार का नाड़ा लटकने और चलने पर आवाज़ आए.
अब 15 मिनट तक भाभी अंदर नहाती रही और में उन्हें पर्दे के बाहर से देखता रहा. अब नहाने के बाद भाभी ने ब्रा, पेंटी पहनी और अपने कपड़े माँगे तो मैंने भाभी के कपड़े उन्हें दे दिए. अब भाभी अंदर चौंक तो गई होगी कि मैंने उनके कपड़ों के साथ कुछ शरारत तो की है. फिर भाभी कपड़े पहनकर बाहर आई तो कसम से वो आइटम लग रही थी. उन्होंने कमीज़ तो खोली उनकी नाभि तक ही थी और दोनों चाकों में से भाभी की कमर नज़र आ रही थी, लेकिन भाभी ने सलवार के नाड़े को अंदर घुसा लिया था और घुंघरू भी नहीं दिख रहा था, जो मैंने उनकी सलवार के नाड़े पर बांधा था. फिर भाभी ने अपनी कमीज ऊपर करके अपनी सलवार मुझे दिखाई और अपनी सलवार के अंदर से नाड़े को बाहर निकाला और नाड़ा बाहर कर दिया. अब घुंघरू भी लटक-लटक कर छन-छन बज रहा था.
फिर भाभी ने पूछा कि ये तुमने बांधा है क्या? तो मैंने कहा हाँ भाभी ये घुंघरू में आपके लिए लाया था, लेकिन आपकी कमीज़ में पीछे गले पर डोरी थी ही नहीं इसलिए यह मैंने आपकी सलवार के नाड़े पर बाँध दिया. आप ये नाड़ा अपनी हर सलवार में डाला करो और नाड़े को ऐसे ही बाहर लटकता छोड़ दिया करो, मुझे बहुत अच्छा लगता है और आप कुछ भी करोगी तो यह घुंघरू छन-छन बजते हुये बहुत अच्छे लगते है. फिर भाभी ने अपनी कमीज़ नीचे की और कांच के सामने अपने बाल बनाने लगी.
फिर मैंने भाभी से पूछा कि भाभी आपने अपनी पेंटी और ब्रा क्यों नहीं दी? तो भाभी ने कहा कि वो तो मैंने अभी भी पहनी है. मुझे गुस्सा आ गया और फिर मैंने कहा क्या? भाभी आप अपने बर्थ-डे के दिन भी गंदे कपड़े पहन लिए है, यह अच्छी बात नहीं है. फिर मैंने तुरंत कैंची उठाई और भाभी को पीछे से पकड़ लिया.
फिर भाभी ने कहा कि देवर जी क्या कर रहे हो? फिर मैंने भाभी की पेंटी की लाईन को पकड़ा और कैंची से काट दिया और फिर एक झटके में ब्रा बाहर खींच ली.
फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी आप बाल बना लो, फिर हम साथ में आपका बर्थ-डे सेलीब्रेट करेंगे. अब भाभी सिर्फ छोटी सी पटियाला कमीज़ और फूल वाली सलवार में थी. फिर भाभी ने बाल बनाकर अपना पूरा मेकअप कर लिया था और अब वो बहुत सेक्सी लग रही थी. अब केक काटना था और मेरा लंड तो पूरा खड़ा था. अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मेरा जी कर रहा था कि अभी भाभी की सलवार उतार कर उनकी चूत को अपने मुँह में भर लूँ और सारा रस पी जाऊं.
तभी भाभी बाथरूम की तरफ जाने लगी तो मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और पूछा कहाँ जा रही हो? भाभी केक काटने का टाईम हो गया है. तभी भाभी ने कहा कि बहुत ज़ोर से पेशाब लगी है ज़रा पेशाब करके आती हूँ. फिर भाभी बाथरूम में जाकर पेशाब करने लगी. बस अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और अब में भाभी की पेशाब की आवाज़ सुनकर अपने लंड को हिलाने लगा और फिर में केक के पास गया और केक के बीच में से थोड़ा सा टुकड़ा काटकर केक के बीच में अपने लंड की सारी मलाई निकाल दी और में शांत हो गया.
फिर मैंने केक के टुकड़े को वापस अंदर दबा दिया और केक सही किया. अब केक काटना था और भाभी को पता नहीं था कि मैंने केक के एक कोने में अंदर अपनी मलाई केक में मिला दी है. फिर इतने में भाभी पेशाब करके बाहर आई. फिर मैंने भाभी से कहा चलो भाभी केक काटते है. फिर भाभी केक के सामाने आकर खड़ी हो गई और फिर मैंने केक की मोमबत्तीयां जलाई और कमरे की सारी लाईट बंद कर दी और अपनी भाभी के पीछे जाकर खड़ा हो गया और एक हाथ भाभी की कमर में डाल दिया.
अब पूरे कमरे में अंधेरा था. बस मोमबत्ती की रोशनी थी जो केक पर जल रही थी. अब भाभी के हाथ में चाकू था और मेरे हाथ में कैंची थी. फिर मैंने बड़ी होशयारी से भाभी की सलवार को पीछे की साईड से गांड के पास से कैंची से थोड़ा काट दिया. अब भाभी को पता ही नहीं चल पाया कि उनकी सलवार पीछे से गांड के पास से 6 इंच से ज़्यादा कट गई है. फिर मैंने कैंची रख दी और अपनी भाभी से पूरा चिपक गया.
फिर मैंने अपने पैर से केक की टेबल को थोड़ा आगे कर दिया, अब मैंने भाभी से कहा कि चलो मोमबत्ती बुझाओ और केक काटो. अब भाभी थोड़ा आगे बढ़कर मोमबत्ती बुझाना चाहती थी, लेकिन मैंने उन्हें पकड़कर रखा और आगे बढ़ने ही नहीं दिया. फिर मैंने कहा भाभी थोड़ा झुककर मोमबत्ती बुझा दो. फिर भाभी थोड़ी आगे झुकी तो मैंने तुरंत अपनी पेंट उतार दी तो मेरा खड़ा लंड भाभी की सलवार से लग गया. भाभी को अपने चूतड़ों पर सलवार के ऊपर से कुछ गर्म सा लगा.
तभी भाभी ने पूछा कि यह गर्म-गर्म क्या है? तो मैंने कहा कि वो आप थोड़ा झुकी तो मुझे लगा कि आपका बैलेन्स नहीं बिगड़ जाए इसलिए मैंने आपके चूतड़ पर हाथ रख दिए, लेकिन सच में वो मेरा लंड था. अब में अपने लंड को भाभी की चूत पर हल्के-हल्के से रगड़ने लगा था. मेरा लंड इतना गर्म था कि शायद भाभी को मालूम चल गया था कि में उनके चूतड़ पर अपना हाथ नहीं बल्कि अपना लंड रगड़ रहा हूँ.
अब जहाँ से मैंने उनकी सलवार कैंची से काट दी थी वहां से अब मेरा लंड उनकी चूतड़ के बीच की दरार में जाने लगा था. अब जैसे ही मेरा लंड उनकी सलवार के फटे हुए हिस्से में अंदर गांड पर टच हुआ, तो भाभी की सिसकारी निकल गई और उनके मुँह से हल्की सी, आह आह निकल गई, लेकिन उन्होंने ज़ाहिर नहीं होने दिया कि उन्होंने कुछ कहा है. अब भाभी थोड़ा और झुककर मोमबत्ती बुझाने लगी तो मैंने भी लंड को और नीचे करके सलवार के अंदर पूरा कर दिया और उनकी चूत पर टच कर दिया.
तभी भाभी ने एक ज़ोर से फूँक मारी तो मैंने उसी वक़्त लंड को पूरी ताक़त से चूत में दबा दिया. जिससे मेरा लंड आधा उनकी चूत में घुस गया और अब भाभी की फूँक निकल गई और सारी मोमबत्ती बुझ गई और मुझे भी एक अजीब सा एहसास हुआ.
अब भाभी की चूत की गर्माहट मुझे महसूस हो रही थी, मेरा लंड अंदर था. फिर भाभी ने पीछे मुड़कर मुझे देखा तो उनके चेहरे पर एक हल्की सी स्माइल थी. मैंने तुरंत गाना गाया हैप्पी बर्थ डे टू यू और फिर लंड बाहर निकाल कर एक झटका दिया और लंड थोड़ा ज़्यादा अंदर चला गया और अब में भाभी की चुदाई धीरे-धीरे से करने लगा और हैप्पी बर्थ डे का गाना गाने लगा. अब भाभी भी आहह आह सी करने लगी थी. फिर मैंने भाभी से कहा कि केक तो खिलाओ.
फिर भाभी ने चाकू से केक काटकर मुझे अपने हाथों से खिलाने के लिए पीछे पलटी तो मेरा लंड उनकी चूत से बाहर निकल गया, लेकिन मैंने तुरंत उनको अपनी बाहों में भर लिया और पीछे से उनके चूतड़ कसकर पकड़ लिए. अब मेरा लंड उनके पेट पर दब रहा था और फिर मैंने चाकू पर जानबूझ कर हाथ मारा तो केक का एक टुकड़ा उनके गले में कमीज़ के अंदर घुस गया, तो भाभी ने कहा कि यह क्या किया देवर जी? सब केक आपने मेरे बूब्स पर गिरा दिया.
फिर मैंने कहा कि भाभी कोई बात नहीं, में अभी इसे साफ कर देता हूँ. फिर मैंने भाभी की कमीज़ को कंधो से पकड़कर नीचे कर दिया और भाभी का पूरा सीना खुल गया. अब मुझे उनके आधे बूब्स मुझे दिख रहे थे और केक उनके बूब्स पर गिरा हुआ था. फिर में आराम से केक चाटने लगा और मैंने उनको कसकर पकड़ा था और अब में केक चाटता रहा. मेरा केक चाटना तो एक बहाना था, असल में तो में उनके सीने और उनके बूब्स को चाट रहा था.
मैंने थोड़ी कमीज़ और नीचे की तो उनकी कमीज़ आगे से फट गई और भाभी के दोनों बूब्स झट से बाहर आकर लटकने लगे. अब भाभी को शर्म आने लगी और उन्होंने कहा कि हाय दय्या देवर जी आपने तो मुझे ऊपर से पूरा नंगा ही कर दिया. फिर मैंने चाकू से केक का वो हिस्सा काटा जहाँ मैंने अपनी रसमलाई दबाई थी, लेकिन वो केक के बीच में दबी हुई थी और केक भी सफेद था इसलिए पता ही नहीं पड़ता था. फिर मैंने वो ही हिस्सा काटकर भाभी को पकड़ कर सोफे पर ले गया और उन्हें अपनी गोद में बैठाया. अब मैंने अपनी पेंट आधी उतार दी थी इसलिए भाभी सीधी मेरे खड़े लंड पर ही बैठ गई और लंड भाभी की गांड के नीचे दब गया.
फिर भाभी को मैंने अपने हाथों से वो केक खिलाया, अब भाभी बड़े मज़े से वो केक खाने लगी. फिर उन्होंने मुझसे पूछा भी कि केक कुछ नमकीन सा लग रहा है और बहुत चिकनाहट है, तो मैंने कहा कि शायद क्रीम ज़्यादा होगी इसलिए लग रहा है और भाभी ने बड़े आराम से मेरी मलाई से सना हुआ केक खा लिया. अब भाभी को भी क्या मालूम पड़ेगा? कि वो केक नहीं बल्कि मेरे लंड की रस मलाई खा रही है. फिर में भाभी की चूत को चाटने लगा और 15 मिनट तक ऐसे ही चूसने के बाद भाभी की चूत में से ढेर सारा रस निकलने लगा, मुझे यही तो चाहिए था. फिर मैंने उसकी एक एक बूँद रस को पी लिया, भाभी की चूत का रस बड़ा मज़ेदार था.
अब भाभी पूरी शांत हो गई थी और अब उनसे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था. फिर उन्होंने मुझे धक्का दे दिया और अपनी सलवार का नाड़ा बांधा और बिस्तर पर लेट कर आराम करने लगी और में भाभी को देख रहा था. फिर भाभी ने पूछा क्या देख रहे हो देवर जी? तो मैंने कहा भाभी आप जैसी हसीन औरत मैंने आज तक नहीं देखी है, आपके बूब्स की चूची बहुत लंबी मोटी और खूबसूरत है. तो भाभी ने कहा कि छी अपनी भाभी से ऐसा बोलने में शर्म नहीं आती क्या?
तो मैंने कहा जो सच है वो मैंने बोल दिया, इसमें शर्म की क्या बात है? तो भाभी हंसने लगी. फिर अचनाक से भाभी उठने लगी तो मैंने पूछा क्या हुआ भाभी? तब भाभी ने कहा देवर जी पेशाब आ रहा है. फिर मैंने भाभी को गोद में उठाया और बाथरूम में जाकर अपनी गोद में बैठाया और उनकी सलवार का नाड़ा खोला और कहा कि भाभी अब पेशाब कर लो. अब भाभी की चूत ठीक मेरे मुँह के सामने थी, तो भाभी ने कहा मुझे शर्म आती है आप उधर मुँह करो तभी में पेशाब करूँगी.
फिर मैंने कहा क्या हुआ भाभी? जब में आपकी चूत चूस सकता हूँ तो आपको पेशाब करते नहीं देख सकता क्या? तो भाभी ने कहा कि नहीं में आपके मुँह के सामने पेशाब नहीं करुँगी, कहीं मुझे पेशाब करता देख आप फिर से मेरी चूत ना चूस लो, चलिए उधर देखिए. फिर मैंने अपना मुँह दूसरी तरफ किया. तभी भाभी ने एक तेज़ धार पेशाब की छोड़ी. अब पेशाब की आवाज़ सुनकर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने भाभी की चूत में कस कर अपना मुँह लगा दिया और भाभी की चूत चूसने लगा.
अब भाभी का पेशाब सीधा मेरे मुँह पर गिर रहा था और भाभी की सलवार भी थोड़ी पेशाब में भीग गई थी. फिर भाभी ने तुरंत पेशाब रोक दिया और फिर भाभी ने कहा देवर जी मैंने कहा था ना कि मुझे पेशाब करते हुए मत देखो, आपसे रहा नहीं जायेगा.
फिर मैंने कहा भाभी आपकी पेशाब की आवाज़ सुनकर मुझसे रहा नहीं गया, तभी भाभी ने कहा देवर जी आप बहुत बुरे हो चलो अब तुम बाथरूम के बाहर जाओ, में अकेले पेशाब करुँगी. मुझे गुस्सा आ गया, फिर मैंने भाभी को खड़ा किया और उनके गाल पर एक थप्पड़ लगाया और उनकी सलवार उतार दी और अपना लंड सीधे उनकी चूत में घुसा दिया और भाभी के बूब्स को ज़ोर से पकड़कर कहा कि अब करो पेशाब, मेरा लंड तुम्हारी चूत के अंदर है और अब तुम्हें इसी हालत में पेशाब करना है.
भाभी ने कहा कि में कैसे पेशाब करूँ? आपने अपना लंड मेरी चूत में पूरा अंदर तक घुसा दिया है तो पेशाब नहीं निकल रहा है, प्लीज़ मेरी बूब्स की चूचीयों को छोड़ दो. फिर मैंने कहा कि ज़ोर लगाओ, ताक़त लगाओ, अपनी योनि का अपने गर्भ में दबाव डालो तो ज़रूर पेशाब बाहर आ जायेगा.
फिर उन्होंने बड़ी मेहनत से अपनी योनि और गर्भ पर ज़ोर लगाया और वो पूरी ताक़त से पेशाब करने लगी थी. अब भाभी की चूत में मेरा 9 इंच का लंड पूरा अंदर तक घुस चुका था और पेशाब चूत और लंड के किनारो से बहता हुआ बाहर आ रहा था. फिर वो 2 मिनट तक पेशाब करती रही. अब पेशाब ख़त्म होने के बाद में भाभी को कस-कस कर चोदने लगा, अब भाभी, ऊऊऊऊऊओह अहह आययययययी गईईईईई गगगईईईईईईईईईईईईईईईईईई देवर जी नहिईईईईईईईईईईईईईईईईई, देवर जी आईईईईईईईईईई प्लीज ससस्स्स्स्सस्स्स्सस्स हह अहह अहह ऊऊऊईईईईईईईईईय आआआअहह कर रही थी.
दोस्तों में आपको बयान नहीं कर सकता कि मुझे भाभी की चुदाई करने में कितना मज़ा आ रहा था. फिर मैंने भाभी को अपनी गोद में उठा लिया और उनकी चुदाई करने लगा और में उन्हें कमरे में बेड पर ले आया. अब तो पलंग पर चुदाई का बड़ा ही ख़तरनाक सीन चल रहा था. फिर में भाभी को अलग-अलग स्टाइल में चोदने लगा. फिर में बाथरूम से भाभी की पेशाब में भीगी हुई सलवार ले कर आया और सलवार से भाभी के दोनों हाथ बाँध दिए. अब भाभी पलंग पर सीधी लेटी हुई थी और मैंने उनके दोनों हाथों को पलंग के ऊपर किनारे पर सलवार से बाँध दिए थे.
फिर मैंने भाभी से कहा कि अब में तुम्हे लंड का असली मज़ा देता हूँ मेरी भाभी जान. भाभी ने कहा कि देवर जी नहीं प्लीज ऐसा मत करो, तुम मुझे खोल दो और आराम से मुझे चोद लो, लेकिन ऐसे बांध कर नहीं, तुम बड़ी बेदर्दी से चोदते हो, इतना बड़ा लंड है तुम्हारा, बेरहमी से चोदोंगे तो में मर जाउंगी. फिर मैंने कस कर भाभी के बूब्स पर 4-5 थप्पड़ मारे और कहा चुप हो जा, तुझ जैसी हसीन औरत को तो बाँध कर ही चोदना चाहिए है. जब मेरा 9 इंच का लंड तेरी चूत में घुसेगा तो तेरा सारा मचलना बंद हो जायेगा. अब भाभी डर सी गई थी और अब कमरे में पूरे 1 घंटे तक भाभी की चीखने की आवाजे आती रही, लेकिन वहां पर कोई उन्हें बचाने वाला नहीं था. अब मैंने बुरी तरह से भाभी को चोद डाला था. अब मेरी मलाई निकलने वाली थी और फिर में अपनी सारी मलाई भाभी की चूत में निकालकर भाभी के साथ सो गया.
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मुझे मेरे पड़ोसी ने रांड बनाकर चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम करण है और में जालंधर का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह मेरी पहली एक सच्ची घटना है जिसको में आज आप सभी को सामने सुनाने जा रहा हूँ. दोस्तों मुझे सेक्स करने का कोई शौक नहीं था, लेकिन हाँ लड़की की तरह ड्रेस पहने का और मेकअप करने का, अपनी गांड में उंगली करने का बहुत शौक था और में कभी कभी अपनी बहन की ब्रा, पेंटी और सूट पहनकर खुद को कांच में देखता था. मुझे यह सब करना बहुत अच्छा लगता था और दोस्तों में अपने बारे में बताना ही भूल गया. मेरी उम्र 23 साल है और मेरी यह कहानी तब की है जब में 21 साल का था. में बिल्कुल पतला दुबला हूँ.
दोस्तों हमारे पास वाले घर में एक भैया रहते थे, उनका नाम रोमी था और वो शादीशुदा थे, लेकिन उनकी शादी के कई साल गुजर जाने के बाद भी उनका अपना कोई बच्चा नहीं था और उनकी पत्नी मतलब कि मेरी भाभी जी दिखने में एकदम सेक्सी थी और फिर जब भी हम दोनों मिलते थे तो में उनको नमस्ते कर देता था, लेकिन हमारे परिवार का एक दूसरे से बहुत अच्छा रिश्ता था.
एक दिन की बात है जब मेरे घर वालों को तीन दिनों के लिए कहीं बाहर जाना था, लेकिन में उनके साथ नहीं जाना चाहता था क्योंकि मुझे अपने कॉलेज में कुछ जरूरी काम था. उसी दिन मेरी मम्मी ने ऐसे ही रोमी की मम्मी से बात की तो उनसे मेरी मम्मी को पता चला कि वो लोग भी तीन दिन के लिए बाहर जा रहे है, लेकिन रोमी उनके साथ नहीं जा रहे थे क्योंकि उन्हें अपने ऑफिस में कुछ जरूरी काम था.
अब मम्मी ने मुझसे कहा कि तुम और रोमी अगर एक साथ रह लो तो हमे तुम्हारी खाने की टेंशन नहीं रहेगी, दोस्तों पहले तो मैंने उन्हें साफ मना किया, लेकिन फिर मान गया और रोमी भैया भी मान गये. फिर दो दिन बाद हमारे घर वाले सभी लोग बाहर चले गये. में अब तीन दिन के लिए अपने कपड़े और ज़रूरी चीज़े लेकर रोमी के घर पर चला गया और अब हमने बहुत सारी बातें की और फिर हमने अपना रात का खाना बाहर से मंगवा लिया और मैंने अब उन्हे खाना परोस दिया और वो खाना खाने लगे, लेकिन ना जाने क्यों मुझे बीच बीच में ऐसा लग रहा था कि वो मुझे घूर घूरकर देख रहे है.
एक बार में उठकर किचन में कुछ लेने चला गया तो जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वो मेरी गांड को घूरकर देख रहे थे, लेकिन मैंने उनकी उस हरकत पर ज्यादा गौर नहीं किया. फिर मैंने खाना खाकर किचन को साफ किया और उनके सोने के बारे में पूछा तो वो मुझसे बोले कि हम दोनों एक ही रूम में सो जाएँगे और फिर उन्होंने मेरी तरफ एक अजीब सी स्माइल दी. अब मैंने कहा कि ठीक है तभी वो मुझसे मुस्कुराते हुए कहने लगे कि मुझे अंडरवियर में सोने की आदत है. मैंने कहा कि कोई बात नहीं है आप जैसे चाहे वैसे सो सकते है और मुझे इसमे कोई भी आपत्ति नहीं है. फिर में अपने सभी काम खत्म करके उनके रूम में सोने आया तो मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि वो मेरे सामने अब सिर्फ़ अपनी अंडरवियर में थे और उनको लंड एकदम खड़ा था. उनकी छाती पर बहुत सारे बाल थे और उनकी जाँघों पर भी.
दोस्तों अब इतना सब कुछ देखकर मेरे शरीर में कुछ कुछ होने लगा था और वो मुझे लगातार घूर घूरकर देख रहे थे तो में अब उनसे थोड़ा सा शरमा गया. वो मुझसे बोले कि क्यों तुम भी अपनी अंडरवियर में ही सो जाओ? मैंने उनसे कहा कि नहीं मुझे इस तरह बहुत शरम आती है. फिर वो मुझसे बहुत ज़िद करने लगे तो में भी कुछ देर में मान गया. मैंने भी अब अपने पूरे कपड़े उतार दिए और अब में सिर्फ़ अंडरवियर में था. वो मुझे देखकर बोले कि तुम तो पूरी लड़की की तरह लगते हो तुम बहुत सुंदर हो और फिर हम सोने लगे और मैंने लाईट बंद कर दी. अभी कुछ एक घंटा ही हुआ था कि में ठीक तरह से सोया भी नहीं था कि मुझे मेरी पीठ पर कुछ छूने का अहसास हुआ, लेकिन मैंने उस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
फिर थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया कि रोमी अपने हाथ से मेरी पीठ सहला रहे थे और मुझे अब बहुत अच्छा भी लग रहा था और थोड़ा डर भी था कि यह मेरे साथ क्या कर रहे है? फिर वो मेरी गर्दन, गालों पर और होंठो पर हाथ लगाने लगे, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मज़ा भी बहुत आ रहा था. अब वो मेरी अंडरवियर में अपना एक हाथ डालकर मेरे कूल्हे दबाने लगे और मसलने लगे. मेरे बेड के पास ही लाईट का बटन था, मैंने वो दबाकर लाईट को चालू कर दिया और जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो रोमी मुझे देखकर मेरी तरफ हंस रहे थे. में थोड़ा शरमाया और मैंने उनसे पूछा कि आप यह क्या कर रहे थे?
फिर वो उठकर बोले कि करण तुम मुझे बहुत पसंद हो और तुम्हे ऐसे देखकर मुझसे अब रहा नहीं जा रहा, पता नहीं फिर ऐसा मौका कब मिले? आज प्लीज तुम मुझे रोको मत. में उनकी यह बात सुनकर शरमा गया. इसे वो ग्रीन सिग्नल देखकर मुझे पकड़ने लगे, में बेड से उठकर बोला कि ठीक है जो तुम चाहते हो वो सब तुम्हे आज मिलेगा, लेकिन मेरी एक शर्त है? अब वो बोले कि जैसी तुम्हारी मर्ज़ी, बोलो क्या शर्त है? मैंने कहा कि सबसे पहले तुम मुझे बताओ कि तुम्हारी पत्नी की अलमारी कौन सी है?
अब वो उठकर मुझे अपनी पत्नी की अलमारी के पास ले गये. फिर मैंने उन्हे रूम से बाहर भेजकर रूम को अंदर से बंद कर लिया और उनसे बोला कि आप उसी रूम में मेरा इंतजार करो. अब मैंने अलमारी से लाल कलर की जाली वाली ब्रा और पेंटी निकाल ली और अब ब्रा के नीचे मैंने दो संतरे डाल लिए जिससे कि मेरे बूब्स बन जाए और फिर मैंने उसकी पत्नी की लाल कलर की जाली वाली मेक्सी पहन ली और फिर लिपस्टिक और बिंदी लगाई और खुद को कांच में देखा तो में ऊपर से नीचे तक पूरी लड़की लग रहा था. फिर में दरवाजा खोलकर उनके पास गया. वो मुझे देखकर बिल्कुल हैरान हो गये और बोले कि में आज अपनी नई नवेली दुल्हन के साथ जमकर सुहागरात मनाऊंगा, तुम तो सच में लड़की लग रहे हो करण? फिर मैंने कहा कि अगर कुछ करना है तो अब से सिर्फ तुम्हारे लिए मेरा नाम सानिया है. फिर वो मुझसे बोले कि हाँ सानिया आज हमे बहुत कुछ करना है, में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.
मैंने बोला कि में भी आपसे बहुत प्यार करता हूँ रोमी जी और मेरे मुहं से यह शब्द सुनते ही वो मुझ पर टूट पड़े और मेरे लाल लिपस्टिक वाले होंठो को चूमने लगे और में भी अब उनके होंठो चूम रही थी. दस मिनट किस करने के बाद मैंने देखा कि वो सारी लिपस्टिक उनके होंठो पर लग गई थी. फिर वो मेरी गर्दन पर किस करने लगे और अब वो मेरी मेक्सी के ऊपर से ही मेरे कूल्हों को दबाने लगे. मेक्सी के ऊपर से ही वो मेरे पूरे शरीर पर किस करने लगे. फिर उन्होंने मेक्सी को थोड़ा ऊपर करके पैरों पर और मेरी जांघो पर किस करने लगे थे. में बस धीरे धीरे मोन करने लगी थी. फिर उन्होंने मेरी मेक्सी को खोल दिया और अब में उनके सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी. पेंटी पीछे से बहुत छोटी थी और उस वजह से सिर्फ़ मेरी गांड का छेद ही चुप रहा था. फिर उन्होंने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरे ऊपर आकर मेरे होंठो पर, गर्दन पर, छाती पर, जांघो पर फिर पीठ पर एकदम जोश में आकर पागलों की तरह किस करने लगे और में मोन करती जा रही थी आआअहह उूउउम्म्म्ममम.
फिर वो मेरी जांघ पर हल्के हल्के काटने लगे तो मुझे और भी मज़ा आने लगा. फिर मैंने उनको नीचे लेटाया और अब में उनके ऊपर आ गई. में उनके शरीर पर किस करती करती और उनकी अंडरवियर के ऊपर से उनके लंड को सहलाने लगी और अब मैंने अच्छा मौका देखकर उनका अंडरवियर खोल दिया और उनके लंड को बिल्कुल आज़ाद कर दिया. उनका लंड लगभग 6 इंच का लम्बा और बहुत मोटा था. में तो उसे देखकर डर गई और मैंने उनसे कहा कि में इतना बड़ा लंड कैसे लूँगी?
फिर वो बोले कि कोई बात नहीं मेरी रानी तू बिल्कुल भी चिंता मत कर आज तो यह पूरा लंड तेरी गांड में जरुर घुसेगा क्योंकि में बहुत धीरे धीरे लंड डालता हूँ. में उनकी यह बात सुनकर शरमा गई और अब में उनके लंड पर किस करने लगी और फिर में उनका पूरा लंड अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी. वो अब मोन कर रहे थे और मुझसे बोल रहे थे हाँ और ज़ोर से चूस मेरी जान, खा जा इस लंड को. में पूरे मज़े से लंड चूस रही थी जैसे मुझे कोई लोलीपॉप मिल गया हो और वो मेरा सर पकड़कर अपने लंड पर दबा रहे थे.
दोस्तों अब मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और फिर से चूसने लगी. अब ऊपर आकर उनके होंठो पर किस करने लगी और फिर मैंने उन्हे रोका और पूछा कि एक बात बताओ आपके पास दो रास्ते है मज़ा लेने के या तो आज रात के लिए आप मुझे अपनी पत्नी बना लो या फिर अपनी रांड? अगर आप मुझे अपनी पत्नी बनाओगे तो एक पत्नी की तरह आप मेरे जिस्म के साथ खेल सकते हो और अगर रांड तो आप मेरी गांड चाट सकते हो, आपका लंड जितना मर्ज़ी पडे चुसवा सकते हो और जैसा आप कहो आज रात के लिए में आपको अपना सब कुछ दूँगी.
फिर वो मुझसे बोले कि हमारे पास पूरे तीन दिन है और में इस तीन दिन में तेरी गांड को बहुत जमकर चोदने वाला हूँ. आज की रात तू मेरी रांड बन जा. मैंने कहा कि ठीक है और फिर में उनका लंड चूसने लगी और वो मेरे कूल्हों पर थप्पड़ मारने लगे. में मोन करने लगी आह्ह्हअहह उूउउम्म्म्मम प्लीज ऐसे मत करो, मुझे बहुत दर्द होता है. वो बोले कि चुप साली रंडी आज तू बस वो सब करेगी जो में तुझसे कहूँगा, चल अब जल्दी से मेरा लंड चूस और फिर में बहुत मज़े से उनका लंड चूसने लगी और फिर उन्होंने मेरे बदन पर किस किया और मेरी गांड को चाटने लगे और मेरी गांड को अपनी जीभ से सहलाने लगे.
फिर कुछ देर चाटने के बाद उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और अब वो मेरी गांड में उंगली डालने लगे. में अह्ह्ह्ह एम्म्म रोमी जी प्लीज ऐसा मत करो आईईई आह्ह्ह्हह मुझे बहुत दर्द होता है प्लीज मत करो ना. अब रोमी जी अचानक से रुक गये और उन्होंने अपना तना हुआ लंड मेरी गांड पर रख दिया. अब पूरा दम लगाकर अंदर डालने लगे, लेकिन दो तीन बार ज़ोर से धक्के मारने पर भी वो मेरी गांड के अंदर नहीं गया. मैंने उन्हे कहा कि पहले मेरी गांड के छेद पर और अपने लंड पर थोड़ी तेल की मालिश करो, तब आपका लंड मेरे अंदर जाएगा.
अब वो मेरी यह बात सुनकर थोड़ा सा मेरी तरफ मुस्कुराए और उठकर चले गये और तेल लेकर आए और अब उन्होंने मुझे डॉगी स्टाइल में करके मेरी गांड की बहुत अच्छी तरह तेल से मालिश की और फिर मैंने उनके लंड की बहुत अच्छी तरह से तेल की मालिश की और दस मिनट तक मैंने उनका लंड चूसा. फिर डॉगी पोज़िशन में आकर उन्होंने तीन चार ज़ोर से धक्के मारे और अब उनका लंड फिसलता हुआ मेरी गांड के अंदर चला गया और मेरे मुहं से बहुत ज़ोर से चीख निकल गई.
मुझे बहुत दर्द हुआ, लेकिन कुछ मिनट के बाद मुझे बहुत मज़ा आने लगा था और रोमी जी अब मुझे लगातार धक्के मारते जा रहे थे और उनके आंड मेरे कूल्हों पर लगते ही एकदम से बहुत सेक्सी आवाज़ कर रहे थे. दस मिनट की चुदाई के बाद वो मेरी गांड के अंदर ही झड़ गये और मेरे पास में लेट गये. अब में उनके वीर्य से भरा हुआ लंड चूसने लगी और उनका वीर्य चाटने लगी और अब मैंने कुछ देर में उसे चाट चाटकर एकदम साफ कर दिया था. दोस्तों उस रात उन्होंने मुझे तीन बार चोदा और मेरी गांड को पूरी तरह से खोल दिया था. मुझे अब अपनी गांड में थोड़ा थोड़ा दर्द था, लेकिन लंड लेने की ख़ुशी भी बहुत थी. में अपनी इस चुदाई से मन ही मन बहुत खुश था.
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दोस्त की चाची को चोदा मुंबई में

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीर है और में मुंबई का रहले वाला हूँ. मेरी उम्र 24 साल और मेरे लंड का साईज 7 इंच है. दोस्तों में एक कम्पनी में नौकरी करता हूँ और में अभी तक 5 औरतों के साथ सेक्स कर चुका हूँ. दोस्तों कुछ दिन पहले मैंने एक शादीशुदा आंटी के साथ जमकर सेक्स किया जो अभी करीब एक महीने पहले हमारी सोसाइटी में रहने आई है और वो मेरे एक दोस्त की चाची है. उनका नाम अलका है और वो दिखने में बहुत सेक्सी है और दोस्तों उनकी गांड का कोई जवाब नहीं है इसलिए में हमेशा मेरे दोस्त के घर जाने का मौका देखता रहता और में हमेशा उन्हें अलका भाभी कहकर बुलाता हूँ और में मन ही मन सोचता था कि काश में अपने दोस्त की जगह होता तो हमेशा उसे देख सकता और चोद सकता.
वो मुझे देखकर हमेशा मेरे साथ एकदम ठीक ठाक बिल्कुल अपनों जैसा व्यहवार करती थी और मुझे हंसकर बात करती, लेकिन वो बहुत बार अचानक से मेरे सामने झुक जाती थी जिससे मुझे उसके आधे से ज्यादा बूब्स दिख जाते थे और में भी उसे बहुत समय से लाईन देता था, लेकिन मेरी अब तक बात नहीं बन रही थी. एक बार मैंने उस मेरे दोस्त के मोबाईल से उसकी चाची का मोबाईल नंबर निकाला और फिर मैंने उसे एक मैसेज किया और उससे नॉर्मल बातें करने लगा.
दोस्तों में आप सभी को उनकी शादीशुदा लाईफ के बारे में तो बताना ही भूल गया. उनकी शादी को 5 साल हो गया है और उसे अभी तक कोई बच्चा नहीं है, उनकी उम्र करीब 32 साल होगी वो व्यहवार की बहुत ही अच्छी है इसलिए में हमेशा उनके साथ हंसी मज़ाक करता था. मैंने उनसे बहुत दिनों तक नॉर्मल बातें की, लेकिन उन्होंने कभी भी मुझसे यह बात नहीं पूछी कि मुझे उनका मोबाईल नंबर कहाँ से मिला? फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनसे उनकी शादीशुदा लाईफ के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि नॉर्मल है, लेकिन मैंने बोला कि नॉर्मल का क्या मतलब.
वो बोली कि तुम वो ठीक इंसान नहीं हो जिसके साथ में यह सब बातें शेर करूं. तो मैंने कहा कि अपना एक अच्छा दोस्त समझकर ही मुझे वो सब बता दो. तब उसने कुछ देर सोचकर कहा कि वो अपनी शादीशुदा लाईफ से ज्यादा खुश नहीं है क्योंकि उनका पति उन्हे ज्यादा टाईम नहीं दे पाता है क्योंकि वो सिविल इंजिनियर है और वो बहुत व्यस्त रहता है. मैंने बोला कि यह तो बहुत गलत बात है, वो बोली कि अब क्या कर सकते है, शायद भगवान की यही मर्ज़ी है? तो में बोला कि अगर में होता तो अपनी बीवी को हमेशा खुश रखता और फिर बोला कि ख़ासकर तुम मेरी बीवी होती तो तुम मुझसे कभी भी दुखी नहीं होती और फिर मैंने बोला कि क्यों ना हम कभी बाहर अकेले में मिलते है और कहीं बाहर जाते है. वो बोली कि इन सबसे क्या मिलेगा?
फिर मैंने बोल दिया कि में तुम्हे बहुत खुश करना चाहता हूँ. वो बोली कि नहीं यह बात बिल्कुल गलत बात है. तो मैंने कहा कि यह ग़लत नहीं है, तुम्हे पूरा हक है और फिर यह सिलसिला दो दिन तक चलता रहा, लेकिन उन्होंने यह सब बातें किसी को नहीं बताई, लेकिन फिर आख़िरकार वो एक दिन मान गयी और वो मुझसे बोली कि हम कहीं बाहर घूमने चलते है. मैंने आने वाले शनिवार को बाहर घूमने जाने का प्लान बनाया और उनसे कहा कि हम पास के एक गार्डन में मिलते है और फिर वो मान गयी तो शनिवार को मैंने उन्हे गार्डन में मिलकर स्मूच किया और उनसे अपने लंड को मसाज करवाया और कपड़ो के ऊपर से उनके बूब्स को भी दबाया. तभी वो बोली कि प्लीज़ यह सब इधर मत करो, यहाँ पर कोई भी हमे देख सकता है.
तो में उन्हे पास ही के एक लॉज में ले गया मैंने दरवाज़ा और खिड़की बंद करके उन्हे अपनी गोद में उठाया और सीधे बेड पर गिरा दिया. उनको अब तक बहुत सेक्स चढ़ चुका था. वो मेरे लंड पर एकदम टूट पड़ी और मैंने अपनी पेंट और अंडरवियर को उतार दिया और उनको लंड हाथ में दे दिया और उनसे कहा कि अब आप इसे बिना रुके मसाज करो. वो बोली कि जैसी तुम्हारी मर्जी और उसने मेरे लंड की बहुत देर तक जमकर मसाज की और फिर करीब 20-25 मिनट तक सक किया. फिर में उनके बूब्स पर एकदम से टूट पड़ा और मैंने उन्हे चूस चूसकर बिल्कुल लाल कर दिया और अब अपने लंड से बूब्स को मसाज किया और हमने करीब दो घंटे तक ओरल सेक्स भी किया.
फिर मैंने उसको पूरा नंगा किया और फिर में खुद भी नंगा हो गया. वो मेरे लंड की अब बिल्कुल दीवानी हो गयी और उन्होंने कहा कि उन्हे और भी सक करना है और वो मुझसे बोली कि मेरे पति का देखे हुये मुझे बहुत टाईम हो गया है और उनका इससे बहुत छोटा है और फिर थोड़ी ही देर बाद वो मुझसे बोली कि प्लीज़ अब मुझे चोद दो और मेरी चूत की खुजली मिटा दो, प्लीज आज मेरी चूत को शांत कर दो प्लीज. फिर मैंने उन्हे अपने लंड पर बैठाया और चूत में अपना लंड डालने लगा.
उनकी चूत थोड़ी टाइट थी जिससे मेरा लंड अंदर नहीं घुस रहा था, मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा और फिर मेरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया, लेकिन वो बहुत ज़ोर से चीखने लगी और उनकी आँख से आँसू भी बाहर आ गये. फिर में उन्हे एक घंटे तक लगातार चोदता रहा और अब वो भी बहुत मज़े लेकर अपने आपको मुझसे चुदवा रही थी.
मैंने फिर उसकी गांड में अपना लंड डाल दिया और फिर उनकी गांड भी मारता रहा. अब वो भी उछल उछलकर मुझसे चुदवा रही थी. गांड मारने का तो मज़ा ही कुछ और है और यह आप लोग सब जानते है. दोस्तों मैंने उन्हे घोड़ी बनाकर भी चोदा और फिर अपने मोबाईल में एक ब्लूफिल्म को लगा दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था और में इस तरह उन्हे ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदता रहा और इस आधे घंटे की चुदाई के दौरान में दो बार उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया था.
फिर करीब दस मिनट के बाद हम दोनों वहां से उठे और सीधे बाथरूम में चले गये. हमने एक साथ शावर लिया और वहां पर भी मैंने उनके साथ एक बार सेक्स किया और उनकी चुदाई के बहुत मज़े लिए तो वो मुझसे बोली कि में तुम्हारी चुदाई से बहुत खुश हूँ और अब में तुमसे हमेशा ऐसी ही चुदाई की उम्मीद करती हूँ. बस तुम मुझे अपना लंड देते रहना और मेरी चूत की प्यास बुझाते रहना. तुम बहुत अच्छे हो इस तरह की चुदाई का अहसास मुझे आज तक कभी नहीं हुआ. हम दोनों ने कुछ देर तक एक दूसरे को किस किए और फिर अपने अपने कपड़े पहन लिए और फिर हम दोनों वहां से रवाना हो गए, लेकिन उसके बाद मैंने उन्हे एक बार और चोदा और अभी भी किसी अच्छे मौके के इंतज़ार में हूँ और मुझे जब भी मौका मिलता है तो हम फोन पर घंटो सेक्स चेट करते है, लेकिन मेरे दोस्त को अभी तक हम दोनों पर बिल्कुल भी शक नहीं हुआ है.
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नीलू की एक रात की कीमत

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रिंकू है और में आज एक बार फिर से आप सभी के सामने अपनी एक और सच्ची घटना लेकर आया हूँ. दोस्तों मेरी आज की यह कहानी एक नई शादीशुदा लड़की की है, उसकी शादी को अभी कुछ ही समय हुआ है और उसका पति उसको अकेला तड़पता हुए छोड़कर कम्पनी के टूर पर चला जाता है और अब में अपनी यह कहानी थोड़ा विस्तार से आप सभी को सुनाता हूँ. मुझे उम्मीद है कि यह आप सभी को बहुत अच्छी लगेगी. दोस्तों मैंने इस कहानी को एक नये तरीके से लिखने का प्रयास किया है और उम्मीद है कि आप लोग इसे जरुर सराहेंगे.
दोस्तों वो रात का समय था और नीलू अपने मकान की बालकनी पर खड़ी होकर बाहर देख रही थी और उस समय उसका पति एक सप्ताह के लिए बाहर गया हुआ था और उस समय फ्लेट में वो बिल्कुल अकेली बहुत बोर हो रही थी इसलिए थोड़ी देर बाहर खड़ी हो गयी थी. कमरे में डीवीडी बज रहा था, लेकिन उसका दिल पति के बारे में बहुत चिंतित था क्योंकि उसकी अभी नयी नयी शादी हुई थी और उसके साथ केवल 15 दिन बिताकर बाहर कम्पनी के किसी टूर पर चले गये और केवल दो तीन दिन के लिए ही वो घर पर आते थे.
दोस्तों उनकी अभी नयी नयी शादी थी, लेकिन नीलू का दिल अभी पूरी तरह भरा नहीं था, लेकिन अपने पति की मजबूरी की वजह से वो बिल्कुल चुप रह जाती थी और उसका दिन तो किसी ना किसी तरह बीत ही जाता था, लेकिन पूरी रात अकेले बिस्तर पर करवट बदलते ही गुजारनी पड़ती थी. दोस्तों इस समय वो मेक्सी पहने हुई थी. वो मेक्सी जालीदार थी और यह मेक्सी उसको उसके जीजा जी ने दी थी और जब भी मेरी निगाह उस मेक्सी की तरफ जाती तो मेरे सामने उसके जीजा की सूरत आ जाती थी क्योंकि जब वो 20 साल की थी और अभी अभी जवान होने लगी थी उसके बूब्स, गांड ने अपना आकार बदलना शुरू किया था और वो बहुत सेक्सी दिखने लगी थी. उसके जीजा जी उसे बहुत प्यार करते थे और उस समय उसकी बहन गर्भवती थी इसलिए वो उनके घर के कामों में हाथ बटाने के लिए अपने जीजा जी के पास गई हुई थी और उस समय दीदी अलग सोती थी.
फिर वो कभी कभी जीजा जी के पास चली जाती थी तो उसके जीजा जी रात में एक सख़्त सी चीज़ उसकी जाँघो और चूतड़ों पर चुभाते थे और उसे बहुत अच्छा लगता था. एक दिन उसने जब उस चीज को हाथ लगाकर महसूस किया तो वो रबर की तरह लचीला और बहुत कड़क था और फिर जीजा जी ने उसे हाथ में पकड़ा दिया था. वो उसे अपने हाथ से रगड़ने लगी थी और उस समय जीजा जी अपनी दोनों आखें बंद करके ज़ोर ज़ोर से हाँ और ज़ोर से की आवाज़ कर रहे थे. नीलू अपने दोनों हाथों से ऊपर नीचे कर रही थी. उसे भी ऐसा करने में अब बहुत मज़ा आने लगा था. तभी दस मिनट तक ऊपर नीचे करने के बाद अचानक से एक फव्वारा सा उठा और उसमे से गरमा गरम पानी निकला और उसके हाथों के ऊपर गिरने लगा.
वो सफेद कलर का बहुत चिपचिपा गाड़ा सा रस था उसके बाहर निकलते ही जीजा जी उस समय बिल्कुल शांत हो गये. फिर रोज़ रोज़ रात को जीजा जी वही सब करने लगे और अब कभी कभी जीजा जी अपनी उंगलियों से नीलू की जाँघो के बीच उसकी प्यारी सी नाजुक चूत में घुसकर अंदर बाहर करते. यह सब करवाना नीलू को बहुत अच्छा लगता था और फिर एक दिन जीजा जी ने अच्छा मौका देखकर अपनी उंगलियों और हाथों का इस्तेमाल ना करते हुए सीधा उस रबर जैसी कठोर चीज़ का इस्तेमाल उसकी चूत पर किया जिसकी वजह से नीलू बहुत ज़ोर ज़ोर से रोई, लेकिन वह कठोर चीज़ अंदर दर्द करती चली गई और अब बहुत सारा खून भी बाहर निकला और उसको दर्द भी बहुत हुआ, लेकिन कुछ देर के बाद उसे भी अच्छा लगने लगा और अब यह फव्वारा नीलू की जाँघो के बीच चूत में ही गिरता.
दोस्तों आज भी नीलू सोच रही थी कि इस समय भी उसके जीजू आ जाते तो उसे बहुत फिर मज़ा आ जाता और अब वो इसी उधेड़ बुन में थी कि तभी उसके फ्लॅट के सामने एक स्कूटर आकर रुका, उसमे से आकाश का दोस्त अंकित उतर गया. अंकित को देखकर नीलू ने अपना मुहं दूसरी तरफ घुमा लिया क्योंकि उसे अंकित से बहुत नफ़रत थी क्योंकि वो जब भी आकाश के साथ उसके घर पर आता तो उसकी निगाह हमेशा उसके बदन पर ही घूमती रहती थी और अंकित को आज यह बात मालूम है कि आकाश इस समय अपने घर पर नहीं है.
यह यहाँ पर क्यों आ गया, में अभी इसे दरवाजे से ही वापस लौटा दूँगी, यह बात सोचकर वो दरवाज़ा खोलने लगी, तो वो दरवाजे पर आया और कहने लगा कि नमस्ते भाभी जी आप सोच रही होगी कि में इतनी रात को यहाँ पर क्यों आया? क्योंकि इस समय आकाश घर पर नहीं है, लेकिन मुझे आकाश ने ही भेजा है. तो आकाश का नाम सुनते ही नीलू ने उसे अंदर बुलाया और फिर उसने नीलू से कहा कि आकाश ने यह कुछ पैसे दिए है और एक कपड़ो का सेट माँगवाया है क्योंकि वो 12 दिन और बाहर रहेगा और मुझे भी कल सुबह पहुंचना है.
नीलू ने वो पैसे अपने रख लिए और फिर इतनी दूर से स्कूटर चला कर आया है तो यह बात सोचकर वो उसके लिए चाय बनाने किचन में चली गई और इधर अंकित बाहर बैठा बैठा सोच रहा था कि आज मौका बहुत अच्छा है और अगर में आज की रात उसको कुछ भी नहीं कर पाया तो फिर में कभी भी कुछ भी नहीं कर सकता. फिर कुछ देर बाद नीलू चाय बनाकर ले आई और अंकित चाय पीने लगा, लेकिन वो दोनों एकदम चुप थे और अंकित चुपचाप मन ही मन में सोच रहा था कि अगर यह मुझे रुकने को कहेगी तभी में यहाँ पर रुकूँगा नहीं तो में चला जाऊंगा और फिर तक़दीर का खेल देखो कि नीलू को अंकित पर दया आ गयी और वो मन ही मन सोचने लगी कि वो अब इतनी रात को कहाँ जाएगा. में इसे यहीं पर रोक लेती हूँ, लेकिन एक बार कहकर देखती हूँ.
तभी वो अपनी चाय खत्म करके बोला कि अच्छा भाभी जी में अब चलता हूँ, रात बहुत हो चुकी है और मुझे खाना भी खाना है, वर्ना बाहर सब होटल बंद हो जाएगी क्योंकि मेरी पत्नी अपने मायके गई हुई है इसलिए मुझे होटल में जाना ज़रूरी है. नीलू ने थोड़ा मुस्कुराते हुए कहा कि क्यों आप यहीं पर खाना खाकर जाइए ना? तो वो बोला कि नहीं नहीं मेरी वजह से आप क्यों तकलीफ़ करेंगी? तो नीलू कहने लगी कि इसमे तकलीफ़ कैसी खाना तो बना हुआ रखा है, में गरम कर देती हूँ और आप खा लीजिए. तो अंकित बोला कि ठीक है और फिर जैसी आपकी मर्ज़ी, आप इतना कहती है तो में रुक जाता हूँ.
वो मन ही मन अब बहुत खुश था क्योंकि उसे आज इसी मौके की बहुत दिनों से तलाश थी और वो अब उसे मिल गया. फिर नीलू ने उसे जगह बताते हुए कहा कि आकाश के नाईट कपड़े वहां पर रखे हुए है और आप उनके रूम के जाकर बदलकर हाथ मुहं धोकर आ जाईएगा और जब तक में आपके लिए खाना गरम करती हूँ. अंकित ने अब आकाश के नाईट कपड़े पहने और जल्दी से हाथ धोकर बाहर आ गया. फिर उसने खाना खाया और फिर जाकर लेट गया, लेकिन उसे अब बिल्कुल भी नींद नहीं आ रही थी और उसके सामने रह रहकर नीलू का चेहरा घूमता हुआ दिखाई दे रहा था. तभी वो करीब आधे घंटे के बाद उठकर खड़ा हुआ और फिर दरवाज़ा खोलकर बाहर आने लगा और तभी उसने सामने की तरफ देखा तो ठीक उसके सामने नीलू खड़ी हुई थी. वो उस समय उसे वहां पर पाकर एकदम चकित सा रह गया और फिर एकदम से बोल पड़ा कि भाभी आप? फिर नीलू थोड़ा मुस्कुराकर बोली कि में क्या करूँ मुझे नींद ही नहीं आ रही थी इसलिए में बाहर आ गई. तो उसकी मुस्कुराहट का मतलब अंकित अब पूरी तरह से समझ चुका था और वो झट से बोला कि हाँ नींद तो अकेले में मुझे भी नहीं आ रही है और यह बात कहकर अंकित ने नीलू को ज़ोर से अपनी बाहों में भरकर चूमने लगा.
नीलू उसकी इस हरकत से डर गई और वो अब उसका विरोध करते हुए बोली कि यह क्या कर रहे हो. छोड़ो मुझे और नीलू ने उसका बहुत विरोध किया, लेकिन वो तो काम वासना में पूरी तरह डूब चुका था. उसने नीलू को पूरी तरह से अपनी बाहों में जकड़ लिया और कहने लगा कि भाभी में तो अब तक समझता हूँ कि तुम ऊपरी मन से यह सब कह रही हो और यह बात कहकर अंकित ने नीलू को अपनी बाहों में भरकर अपने सुलगते हुए होंठ उसके गुलाब की पंखड़ियों पर रख दिए और उसका रस चूसने लगा और उसके धधकते हुए होठों का स्पर्श होते ही नीलू एकदम से सिहर उठी और उसने अंकित की मजबूत बाहों से छूटने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो नाकामयाब ही रही.
अब अंकित धीरे धीरे आगे बढ़ता गया. अब अंकित उसके होठों को चूमते चूमते उसकी गर्दन को चूमता हुये अपने सुलगते होंठ उसके सीने के उभार पर रख दिये. उसके होठों का स्पर्श पाते ही नीलू का मन मचल गया और वो कराह उठी और वो बोल उठी कि अब क्या मुझे मार ही डालोगे? तो अंकित बोला कि हाँ आज में तुम्हे मार ही डालूँगा. तुमने मुझे बहुत समय से तड़पाया है और यह कहकर अंकित अपने दाँतों से नीलू के नाजुक अंगों को काटने लगा. नीलू उसी बीच एकदम उत्साहित हो उठी और उसकी मेक्सी की डोरी को कब अंकित ने पकड़कर खोल दिया उसे पता ही नहीं चला. वो अब बिल्कुल मदहोश हो चुकी थी और अब नीलू एकदम नंगी हो चुकी थी और मोन कर रही थी.
अब अंकित उसके दूधिया बदन को अब बहुत ध्यान से देखने लगा क्योंकि ऐसा नाज़ुक, मुलायम बदन उसने अब तक कभी नहीं देखा था. वो नीलू को जगह जगह चूमने लगा और वो कभी उसके बूब्स को चूम लेता तो कभी उसकी निप्पल से सहला देता. कभी बीच बीच में वो पूरा उभार अपने मुहं में सामाने की कोशिश करता, लेकिन नीलू के बूब्स संतरे के समान के थे जो उसके मुहं में समा ही नहीं रहे थे और अब उसके मुहं से लार गिरने लगी और फिर वो दोनों हाथों से नीलू के बदन को मसलने लगा. अब तो नीलू पूरी तरह बेबस हो गयी थी और उसने अब विरोध करना भी छोड़ दिया था. दूसरे ही पल अंकित ने उसे अपनी बाहों में उठा लिया और पलंग पर लाकर लेटा दिया और खुद भी नंगा होकर उसके ऊपर झुक गया. नीलू बहुत दिनों से प्यासी थी जिसकी वजह से वो बिल्कुल नग्न होकर अंकित की हरकतों का मज़ा लेने लगी और अंकित अपनी जीभ से उसके सारे बदन को चाटने, चूमने लगा.
अंकित उसके हृष्ट पुष्ट संतरे जैसे बूब्स को चूस चूसकर अब बहुत थक चुका था. वो धीरे धीरे नीचे की तरफ खिसकने लगा और उसकी मदहोश कर देने वाली जांघो पर आ पहुँचा. उसने उस पर दो तीन दीर्घ चुंबन रसीद कर दिए. फिर वो उन टांगों को चाटते चाटते जांघो के बीच अपना मुहं घुसाकर नीलू की चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा. उसे उसकी चूत का नमकीन सा स्वाद लगा और उसे जोश के साथ साथ अब बहुत मस्ती आने लगी वो और ज़ोर ज़ोर से अपनी जीभ को अंदर की तरफ घुमाने लगा. दोस्तों नीलू की चूत इस सुख से पहली बार परिचित हो रही थी इसलिए वो उससे कुछ कह नहीं सकी और वो अंकित की इस हरकत से इतनी उत्तेजित हो रही थी कि वो उसी उत्तेजना में अपना सारा बदन उछालने लगी और उसके मुख और साँसों से गरम गरम हवा बाहर निकालने लगी. अंकित रसिया था और वो एक रसिक की तरह नीलू के अंगों में प्यार जगा रहा था और नीलू गरम होती जा रही थी.
तभी वो बोली कि प्लीज़ अब बस करो मुझसे और सहा नहीं जा रहा है, अंकित ने अब यह बात सुनकर चाटना एकदम से बंद कर दिया और अपने लंड को एक हाथ से पकड़कर नीलू की चूत के ऊपर रगड़ने लगा जिसकी वजह से नीलू तड़प रही थी और वो प्लीज़ आह्ह्ह्हह अब बस करो, आहह सीईईइईई करने लगी. अंकित ने उसके दोनों पैरों को फैलाया और थोड़ा सा झुककर एक हल्का सा धक्का सा मार दिया और फिर लंड चूत में जाते ही नीलू आईईससस्स उह्ह्ह्ह माँ मर गई कर उठी और अंकित ज़ोर ज़ोर से धक्के पे धक्के लगाने लगा और उसके हर एक धक्को पर वो आईईईहह आआआआहह करने लगी क्योंकि ज़िंदगी में उसे ऐसा सुख कभी नहीं मिला था.
फिर करीब पंद्रह मिनट तक धक्कों का प्रहार करते ही नीलू ने अपने दोनों पैरों को अंकित की कमर पर फंसाकर वो भी अब नीचे से धक्के मारने लगी और वो दोनों एक दूसरे को झूला झूलाने लगे. वो दोनों चरम पर थे कि तभी अचानक अंकित झड़ गया और गरम गरम सा एक झोंका नीलू को अपनी चूत में महसूस हुआ और अंकित ने गरमा गरम लावे से नीलू की चूत को भर दिया. नीलू अंकित को चूमने लगी और कहने लगी कि अंकित आज पहली बार में पूरी तरह से संतुष्ट हुई हूँ.
वो कहने लगा कि भाभी मेरा दिल अभी भरा नहीं है. तो वो बोली कि तुम्हे रोका किसने है, लेकिन मुझे तो अभी बहुत भूख लगी है, में कुछ खा लेती हूँ और उसके बाद हम प्यार करते है और इधर अंकित ने स्कॉच की बॉटल निकाली और पीने लगा और नीलू चखना लेकर पास में बैठ गयी. थोड़ी देर बाद अंकित ने नीलू को फिर से अपनी बाहों में भरकर बिस्तर पर लेटा दिया और अबकी बार उसने सहलाना, पुचकारना छोड़ दिया, फिर भी उसने नीलू को अपनी बाहों में लेकर अपने सुर्ख होंठ उसके होंठो पर रख दिए और चुंबन का आदान प्रदान करने लगा और फिर दोनों हाथ से उसके कठोर बूब्स को दबोचने लगा, जिसके कारण नीलू के मुहं से आह उह्ह्हह्ह की आवाज निकलने लगी.
अंकित को अबकी बार तो स्कॉच का नशा पूरी तरह चढ़ गया था और इसके कारण उसका लंड पहले से फुकारे मारने लगा और दूसरे ही पल अंकित नीलू पर सवार हो गया और उसने एक ही निशाना लगाकर एक ही धक्के में अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया फ़क्कककक और फिर ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और अब के प्रहार में नीलू को कुछ वजन लग रहा था और फिर भी उसे उस चुदाई में पहले से अधिक आनंद मिल रहा था और साथ ही साथ उसे दर्द भी बहुत हो रहा था.
बीच बीच में अंकित रुक जाता और फिर स्कॉच के दो तीन पेग मारकर वो वापस आया. वो अपनी मंज़िल की तरफ दौड़े जा रहा था और कुछ ही पलों में वो अब रुक गया और बिल्कुल निढाल हो गया. उसकी साँसें बहुत तेज़ हो गयी और करीब चार पांच बार चूत के अंदर बाहर करने से अब नीलू भी बहुत थक चुकी थी और उसके बदन का एक एक अंग थक गया था. फिर वो नीलू को ज़बरदस्ती चोदने लगा. नीलू ने उसके सामने बहुत हाथ पैर जोड़े, लेकिन उसके ऊपर उसकी बातों का कुछ भी असर नहीं हुआ जिसकी वजह से नीलू ने अब अपना शरीर बिल्कुल ढीला छोड़ दिया, लेकिन अंकित ने जैसे ही अपना मोटा और लंबा लंड बाहर निकालकर फिर से नीलू की चूत में प्रवेश कराया नीलू दर्द से एकदम करहाने लगी, शराब के नशे से अंकित का लंड बहुत कठोर हो गया था और अब वो उसकी गद्देदार चिकिनी चूत पर जोरदार धक्के लगाने लगा. नीलू से सहन नहीं हो रहा था और अंकित आज उसको एक अलग तरीके से चोदना चाहता था.
उसने नीलू से कहा कि मेरे पास एक तरीका है उससे तुम्हे दर्द बिल्कुल भी नहीं होगा और में एक अलग आसन से तुम्हे चोदना चाहता हूँ और अब तुम मेरी बात मान लो तुम्हे तकलीफ़ नहीं होगी. दोस्तों नीलू सब कुछ समझती थी कि अंकित को चूत चोदने की बहुत सारी कला आती है इसलिए वो अंकित से बोली कि तुम्हे जैसा अच्छा लगे वैसा करो और यह बात सुनकर उसने नीलू को पेट के बल लेटा दिया जिसकी वजह से नीलू का मुहं नीचे और पीठ ऊपर हो गयी और अब अंकित पीछे से नीलू की चूत में अपने लंड से जोरदार प्रहार करने लगा, लेकिन अब नीलू को पहले जैसा दर्द नहीं हो रहा था और अंकित अपनी मनमानी करने में लगा हुआ था.
तभी उसे एक शरारत सूझी और पीछे से करते करते वो कभी कभी नीलू के दोनों चूतड़ के बीच के छेद पर भी अपना मोटा और लंबा लंड छुआ देता और एक दो बार ऐसा स्पर्श किया, लेकिन नीलू कुछ नहीं बोली. अंकित अब जान गया कि अब उसे क्या करना है और वो उसकी गांड के छेद में भी अपने लंड को घुसाने का प्रयास करने लगा और एक बार थोड़ा थोड़ा, करते करते उसने ज़्यादा ही लंड उसकी गांड में घुसा दिया. नीलू एक बार ज़ोर से चीखी और फिर कुछ देर के बाद मना करने लगी तो अंकित बोला कि ग़लती से गांड के छेद में घुस जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, लेकिन अंकित यह सब ग़लती से नहीं करता था बल्कि यह उसकी एक सोची समझी साजिश थी.
अब उसने मुहं से ढेर सारा थूक निकाला और अपने लंड पर लगाकर थोड़ा पीछे हटकर एक ज़ोर का धक्का मारा जिसकी वजह से नीलू एकदम से कांप उठी. उस कठोर लंड के उसकी नाज़ुक चूत के अंदर जाते ही वो बहुत ज़ोर से रोने लगी और उसने अंकित को ऐसा करने से मना किया, लेकिन वो तो वासना के नशे में चूर था. दूसरी बार उसने धक्का मारा, लेकिन नीलू से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने एकदम से पलटकर ज़ोर का धक्का दिया तो अंकित नीचे गिर पड़ा और उठा ही नहीं. उसने नीचे उतरकर देखा तो अंकित के सर से खून निकल रहा था. अंकित ने अपना सर दोनों हाथों से पकड़ लिया. उसने फटाफट अंकित के सर पर एक पट्टी को बाँध दिया और नीलू बहुत घबराई सी अपने कमरे में जाकर सो गयी.
फिर वो सुबह उठी देखा तो अंकित अपने कमरे में नहीं था. केवल वहां पर एक चिट्ठी पड़ी हुई थी जिसमे लिखा हुआ था कि भाभी वो दो हज़ार रुपये आकाश ने नहीं भेजे थे, वो मेरे रुपये थे और तुम्हे पाने के लिए मैंने चाल चली थी. में तुम्हारी जवानी को एक बार पाना चाहता था और में अब तक नहीं जानता कि में तुम्हारे पास ना जाने कैसे आ गया, प्लीज तुम मुझे माफ़ कर देना. तभी नीलू के हाथों से वो चिट्ठी नीचे ज़मीन पर गिर पड़ी और वो एकदम भौंचक्की रह गयी और मन ही मन बड़बड़ाने लगी कि मेरी चुदाई करके तुमने मुझे बहुत खुश किया उसके सामने यह कीमत कुछ भी नहीं.
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बेशर्म माँ की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहन है और मेरी माँ की उम्र 44 साल है, मगर उनको देखकर लगता है कि वो 35 साल से ज़्यादा की नहीं है. जो भी उनकी गांड को देखता था वो उनकी गांड मारना चाहता था. मेरी माँ का नाम नीलम है और वो एक नंबर की चुदक्कड़ थी. मेरे पापा एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते थे और बाहर ही रहते थे. में और मेरी माँ कोलकाता में रहते थे. फिर उन्ही दिनों हमारे बगल में एक अंकल रहने आए. उनका नाम मनोज था और वो एक कंपनी में जॉब करते थे और एकदम हट्टे कट्टे थे. फिर धीरे-धीरे उनकी जान पहचान हमसे बढ़ गयी और वो हमसे घुल मिल गये. कभी-कभी वो मम्मी से नॉन-वेज बातें भी कर लेते थे, लेकिन मम्मी भी उनसे नॉन-वेज मज़ाक करने लगी थी. में उस समय छोटा था इसलिए में ध्यान नहीं देता था.
एक दिन अंकल को किसी पार्टी में जाना था तो वो अकेले थे और उन्होंने मम्मी को अपने साथ चलने की रिक्वेस्ट की तो मम्मी भी मान गई, लेकिन पार्टी में कपल डांस करना था तो मम्मी ने उन्हें कहा कि उसे कपल डांस नहीं आता है. अंकल ने कहा कि कोई बात नहीं में सिखा देता हूँ और वो मम्मी को डांस सिखाने लगे. उस समय मम्मी मेक्सी पहने हुई थी. जिसमें से उनकी गांड और हल्के-हल्के बूब्स दिख रहे थे और वो घुटने तक दोनों तरफ से खुली हुई थी.
अब अंकल नीचे से मम्मी की कमर पर हाथ रखकर डांस करने लगे. अचानक कुछ देर के बाद उनका हाथ मेरी मम्मी की गांड पर चला गया. में वही पर खड़ा होकर ये सब देख रहा था. मम्मी ने उन्हें कुछ नहीं बोला और डांस करने लगी. अब अंकल मम्मी की गांड को दबाए जा रहे थे और फिर अपनी एक उंगली मम्मी की मेक्सी के ऊपर से गांड में घुसा दी तो मम्मी की आवाज़ निकली ऊउह्ह तो मनोज अंकल ने कहा क्या हुआ? भाभी जी मज़ा नहीं आ रहा क्या डांस सीखने में? तो मम्मी ने कहा कि बहुत मज़ा आ रहा है.
फिर अंकल ने कहा रात को और मज़ा आयेगा और मम्मी हंसने लगी. मे समझ गया कि आज कुछ जबरदस्त होने वाला है. फिर रात को में भी पार्टी में गया और वहां पर एक से एक आंटीयाँ आई हुई थी. फिर कुछ देर बाद सब डांस करने लगे और अब अंकल भी मम्मी के साथ डांस कर रहे थे और बीच-बीच में उनके बूब्स और गांड भी दबा रहे थे.
फिर अचानक लाईट ऑफ हो गई और मम्मी के मुँह से, अहहह की आवाज़ आने लगी. में समझ गया कि अंकल मम्मी को किस कर रहे है. फिर जब लाईट आई तो मैंने देखा कि अंकल मम्मी को लेकर बाथरूम की तरफ जा रहे थे. फिर में भी उनके पीछे छुपके से चला गया और एक कोने में जाकर खड़ा हो गया. फिर मैंने देखा तो में हैरान हो गया. अब अंकल मम्मी को खूब ज़ोर से लिप किस कर रहे थे और उनकी जीभ भी काट डाली थी.
अब मेरी माँ आँहे भर रही थी, लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था. फिर अंकल ने मम्मी की साड़ी उतार दी और मम्मी अब सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में थी. अब अंकल कह रहे थे कि जानेमन इस दिन का इंतज़ार मुझे कब से था. मम्मी ने कहा अब और देर ना करो और मुझे चोद डालो डार्लिंग. फिर अंकल ने भी अपने कपड़े उतार दिए और नंगे हो गये. उनका लंड करीब 8 इंच लंबा और 4 इंच मोटा था. फिर मम्मी ने कहा आज मुझे जन्नत की सैर करवाने वाले हो क्या जानेमन?
फिर अंकल ने मम्मी के सारे कपड़े उतार दिए और उनके बूब्स चूसने लगे और चूची पर दाँत से काटने लगे. अब मम्मी कह रही थी कि चूसो, ज़ोर से दाँत से काटो. फिर करीब 10 मिनट तक चूसने के बाद अंकल ने अपना लंड मम्मी के मुँह पर रख दिया और बोला चल रंडी चूस मेरे लंड को. अब मम्मी खूब अच्छे से लंड चूसने लगी. फिर करीब 10 मिनट तक चूसने के बाद अंकल ने मम्मी को बाथरूम के फर्श पर लेटा दिया और उनकी चूत चाटने लगे. अब मम्मी अहहहह उह्ह्हह्ह कर रही थी और कह भी रही थी कि पी लो मेरी चूत का रस, साले इसे चाट ले.
फिर अंकल ने भी मम्मी की चूत को चाट कर पूरा गीला कर दिया और फिर अपना लंड डाल दिया तो मम्मी चिल्ला उठी साले मादरचोद लंड है या फिर हथोड़ा, निकाल इसे, लेकिन अंकल ने मेरी मम्मी कि एक नहीं सुनी और कहा साली रंडी चुप हो जा, में आज तुझे छोड़ने वाला नहीं हूँ और ज़ोर के झटके देने लगे. अब धीरे-धीरे मम्मी को भी मज़ा आने लगा और बोली कि मुझे बहुत मज़ा आ रहा और आआहहहहह उह्ह्हह्ह्ह्ह करने लगी और बोली और ज़ोर से.
अब अंकल मम्मी की गांड को अलग-अलग तरीको से मारे जा रहे थे, कभी डॉगी स्टाईल में तो कभी अपने ऊपर बैठाकर. अब मम्मी भी पूरे मजे ले रही थी, कभी उनको किस करती तो कभी वो उनको बोलती कि मेरी चूची को चूसो और मेरा दूध निकाल दो. आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दो. अब अंकल मम्मी को गोद में उठाकर चोदने लगे और करीब आधे घंटे तक मम्मी को चोदा और अपना पानी अंदर ही झाड़ दिया.
उसके बाद उन्होंने मम्मी को उल्टा कर दिया और गांड का छेद चाटने लगे. उसके बाद उन्होंने बाथरूम में रखा हुआ साबुन मम्मी के गांड के छेद पर लगाया और अपने लंड पर भी लगाया. वो तो मम्मी की गांड देखकर तो पागल ही हो गये थे. मम्मी की गांड बहुत मस्त थी और फिर एक ही झटके में उनका पूरा का पूरा लंड मम्मी की गांड के अंदर चला गया. मम्मी को बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन उन्हें मज़ा भी बहुत आ रहा था. अब अंकल ने मम्मी की गांड 45 मिनट तक मारी और उनके मुँह के अंदर अपना सारा वीर्य डाल दिया और मम्मी उसे पी गई और बोली तुम्हारा वीर्य तो बहुत टेस्टी था. अंकल ने पूछा मेरी चुदाई कैसी लगी? तो मम्मी ने कहा कि मुझे ऐसी चुदाई रोज करनी है तो अंकल ने कहा कि कोई बात नहीं, अब हम रोज करेंगे. उस दिन के बाद अंकल मम्मी को रोज चोदते थे. कभी बेडरूम में, कभी किचन में और जब में घर पर नहीं रहता था तो वो दोनों घर में नंगे ही घूमते रहते थे और उनका जब मन हुआ तो चुदाई शुरू हो जाती थी.
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काली रात में चोदी लाल चूत

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमृत है और आज में आप सभी को अपनी एक मस्त चुदाई की घटना बताने जा रहा हूँ जिसमे मैंने उस काली रात में लाल चूत को चोदा और बहुत मज़े किए. वैसे यह मेरी पहली कहानी है, लेकिन में फिर भी उम्मीद करता हूँ कि यह रोचक जोश भरी कहानी आप सभी को जरुर पसंद आएगी और अब में अपनी आज की कहानी को शुरू करता हूँ.
दोस्तों यह कहानी आज से दो साल पहले की है जब एक रात को में अपने ट्यूबवेल पर लाईट आने की इंतजार कर रहा था और वहां पर में एक चारपाई पर लेटा हुआ था, तभी अचानक मुझे पता नहीं कि कब मेरी आँख लग गई. फिर कुछ देर के बाद करीब रात के 11 बजे मुझे अपने गाल पर कुछ हलचल सी महसूस हुई. में कुछ देर गहरी नींद में होने की वजह से उसे सिर्फ मेरा एक भ्रम समझकर चुपचाप लेटा रहा. मैंने कोई भी हलचल नहीं की, लेकिन जब मेरी नींद खुली और फिर में एकदम से उठा और मैंने देखा कि मेरे सामने एक लड़की, जिसका नाम रीना था वो बैठी हुई थी.
दोस्तों रीना हमारे गावं की एक सबसे सुंदर लड़की थी. उसकी उम्र करीब 20 साल की होगी और उसके बूब्स का साईज़ 34-28-36 होगा. वो दिखने में एकदम हॉट सेक्सी माल था और उसे हमारे यहाँ के सभी लड़के चोदना चाहते थे, लेकिन वो हर किसी को देखती भी नहीं थी, लेकिन अपने उस सेक्सी जिस्म को सभी को दिखाकर अपने अपने लंड हिलाकर मुठ मारने पर जरुर मजबूर किया करती थी. उसके हुस्न के बहुत सारे दीवाने थे, जो उसे एक बार जरुर चोदना चाहते थे.
दोस्तों असल में वो उस समय वहां पर अपने बॉयफ्रेंड से मिलने आई थी. उनका आज रात को हमारे ट्यूबवेल पर मिलने का प्लान था क्योंकि यहाँ पर एक चारपाई हमेशा बाहर ही पड़ी रहती है और जब में सो रहा था तो उस समय बहुत अँधेरा था और फिर रीना ने मुझे सोता हुआ देखकर सोचा कि में उसका बॉयफ्रेंड हूँ और इसलिए उसने मुझे किस कर लिया, लेकिन उसी समय उसको पता चल गया कि में कोई और हूँ और अब वो एकदम से बहुत डर गई.
मैंने उससे पूछा कि तुम यहाँ पर क्या करने आई हो? तो वो मुझसे बिना कुछ कहे ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. मैंने उससे कहा कि तुम मुझसे बिल्कुल भी मत डरो और में किसी से कुछ भी नहीं कहूँगा. फिर उसने कुछ देर बाद बताया कि में यहाँ पर सन्नी से मिलने आई थी और उसने मुझे यहाँ पर मिलने बुलाया था. मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे बैठने को कहा तो वो अब भी ज़ोर ज़ोर से रो रही थी. अब मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल भी मत डरो में किसी को कुछ नहीं कहूँगा और वो अब मेरे पास बैठ गई.
कुछ देर के बाद जब वो एकदम शांत हुई तो उसने मुझे बताया कि वो उससे एक बार पहले भी यहाँ पर मिल चुकी है, लेकिन चूमने चाटने, बूब्स को दबाने के आलावा उन्होंने कुछ नहीं किया था क्योंकि सन्नी का डर की वजह से खड़ा ही नहीं हुआ था. फिर मैंने उससे तुरंत कहा कि क्या तुम मेरे साथ वो सब करना चाहोगी? तो उसने मुझसे साफ मना कर दिया, लेकिन मेरे थोड़ा ज़ोर देने पर उसे बहुत देर तक समझाने पर वो अब ना जाने कैसे मान गई? अब मैंने उसे सन्नी को फोन करने को कहा और उससे कहा कि तुम उसको बोल दो कि में आज नहीं आ सकती और अब उसने ऐसा ही किया जैसा मैंने उससे कहा था.
मैंने उसके लाल लाल होंठो पर अपने होंठ रख दिए और अब धीरे धीरे चूसने लगा. वो भी कुछ देर बाद मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी. मैंने अब उसको अपनी बाहों में भर लिया तो उसने भी मुझे अपनी बाहों में ले लिया. दस बारह मिनट उसके होंठ चूसने के बाद में उसके कान, गाल और उस गदराए बदन पर किस करने लगा. वो मुझसे अब और भी चिपकती गई और अब वो आह्ह्ह्हह आईईईईईइ उफ्फ्फफ्फ्फ़ करने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी. अब मैंने एकदम सही मौका देखकर उसकी कमीज़ को उतार दिया और अब में उसके बूब्स को बिल्कुल बाहर मेरे सामने देखकर पागल सा हो गया और में उन पर टूट पड़ा और उन्हें ज़ोर ज़ोर से दबाने, मसलने लगा. वो भी अब जोश में पूरी तरह पागल हो रही थी. तभी उसने अपनी ब्रा को ऊपर कर दिया और मेरा सर पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिया.
तो में भी अब उस मस्ती में उसके वो रसीले बड़े बड़े बूब्स को चूसने, दबाने लगा, लेकिन अब मेरा लंड खड़ा होकर मेरी पेंट को फाड़ने को तैयार हो रहा था, मैंने बूब्स दबाने चूसते समय उसका एक हाथ पकड़ा और मैंने उसे जल्दी से अपने लंड पर रख दिया. तो वो कुछ देर मेरे लंड की गरमी को महससू करने लगी उसको बहुत धीरे धीरे सहलाने लगी और में अब उसके वो रसभरे बूब्स चूस रहा था दबा रहा था मेरा मुहं उसके एक बूब्स पर, एक हाथ उसके बूब्स पर और मेरा दूसरा हाथ उसकी सलवार में उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी प्यासी चूत पर घुमने लगा. अब तक इस बात का फायदा उठाते हुए उसने मेरी पेंट को खोल दिया और मेरी अंडरवियर को भी नीचे कर दिया और मेरा पूरा लंड अपने हाथ में ले लिया. तो मैंने भी उसकी सलवार को खोल दिया और उसकी गीली पेंटी पर किस किया, लेकिन कुछ देर के बाद उसे भी उतार दिया.
फिर मैंने देखा कि उसकी चूत बिल्कुल साफ थोड़ी उभरी हुई थी. शायद उसने आज ही अपनी चूत के बालों को साफ किया था. में अब उसकी उस प्यारी सी कामुक चूत को देखकर और भी जोश में आ गया और में उसकी चूत के दाने पर अपनी जीभ फेरने लगा. मेरी जीभ का स्पर्श अपनी चूत पर होते ही वो अब तड़पने लगी और बिना पानी की मछली की तरह मचलने लगी.
मैंने उसको 69 पोजीशन में ले लिया और उससे अपना लंड चूसने को कहा. उसने पहले तो साफ मना किया, लेकिन मेरे बहुत ज़ोर देने पर वो मेरे लंड को किस करने लगी और चाटने लगी. इधर में उसकी वो गीली चूत चाटने, चूसने लगा और अब में अपनी जीभ को चूत के अंदर बाहर करने लगा. उसने भी अब तक मेरा लंड थोड़ा सा मुहं में ले लिया था और फिर उसको ऐसा करना शायद अब अच्छा लगा तो उसने लंड को पूरा मुहं में ले लिया और चूसने लगी और इधर में उसकी चूत को जोश में आकर बहुत मस्त होकर चाट रहा था और चूस रहा था, लेकिन कुछ देर चूसने के बाद अब उसका पूरा शरीर अचानक से अकड़ने लगा और में समझ गया कि इसकी चूत का पानी अब निकलने वाला है.
में अब और भी ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा जल्दी ही उसकी चूत का वो नमकीन सा पानी मेरे मुहं में आने लगा तो मैंने उसकी चूत को चाट चाटकर पूरी तरह से साफ कर दिया. वो मेरे सामने बिल्कुल निढाल होकर पड़ी हुई थी और में बस उसकी चूत को चाटे जा रहा था. वो अपनी चूतड़ को उठा उठाकर मुझसे अपनी चूत चटवाकर एकदम साफ करवा रही थी. फिर में कुछ देर बाद चूत को अच्छी तरह से साफ करके उठा और अब में उसके बूब्स को चूसने लगा. में उनको बहुत ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और मेरे कुछ देर तक ऐसा करने की वजह से वो एक बार फिर से गरम हो गई और फिर वो मुझसे बोली कि प्लीज अब तुम्हे जो भी करना है करो, लेकिन जल्दी करो. में अब और नहीं सह सकती. प्लीज मेरी चूत में जल्दी से अपना लंड डालकर मुझे चोदकर वो मज़ा दो जिसके लिए में अब तक बैचेन हूँ.
फिर मैंने उसकी पूरी बात सुनकर उसको जल्दी से नीचे लेटाया और अब में उसके दोनों पैरों के बीच में आ गया. मैंने अपना लंड एक हाथ में पकड़ा और फिर उसकी चूत के दाने के आसपास फेरने लगा और थोड़ा अंदर बाहर करने लगा, जिसकी वजह से वो एकदम से तड़पने लगी और मुझसे बोली कि प्लीज अब डाल भी दो यार क्यों मुझे इतना तरसा रहे हो? अब मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा ज़ोर लगाया तो मेरा थोड़ा सा लंड उसकी चूत में चला गया और उसके मुहं से बहुत ज़ोर से आाईईईईईई आह्ह्ह्हह्ह मर गई मम्मी की आवाज़ निकली और वो अब दर्द से छटपटाने लगी, लेकिन मैंने उसके दर्द पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया.
मैंने जब दूसरा ज़ोर का झटका मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो ज़ोर ज़ोर से चीख चीखकर रोने लगी. मैंने उसके मुहं पर अपना एक हाथ रख दिया और अब दोबारा एक ज़ोर से झटका मारा तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी तड़पती, मचलती हुई चूत में फिट हो गया और उसकी चूत से खून बाहर आने लगा. में कुछ देर ऐसे ही रहा, लेकिन जब वो पूरी तरह से शांत हो गई तो में धीरे धीरे झटके मारने लगा.
अब मैंने महसूस किया कि वो भी नीचे से झटके मारने लगी थी और वो आहह्ह्हह्ह्ह्ह मर गई मम्मी उह्ह्ह्हह्ह थोड़ा और ज़ोर से करो हाँ और अंदर डालो उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ करने लगी. मैंने उसको उठाया और खड़ा करके उसके एक पैर को उस चारपाई पर रखकर चोदने लगा. वो मुझे अपनी बाहों में लेकर खुद भी झटके मारने लगी. कुछ समय खड़े खड़े चुदाई करने के बाद में लेट गया और उसको अपने ऊपर आने को कहा. वो अब मेरे लंड पर बैठकर ऊपर नीचे होने लगी और आईईईई मम्मी मर गई आहहह्ह्हह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ करने लगी, लेकिन दोस्तों वो इस बीच दो बार झड़ चुकी थी और अब मेरा भी काम पूरा होने वाला था. मैंने एक बार फिर से उसको सीधा लेटा दिया और ऊपर से लंड उसकी चूत में डाल दिया और अब में उसे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा.
दो मिनट के धक्को के बाद मैंने उससे पूछा कि में अपना वीर्य कहाँ पर निकालूँ? तो उसने मुझसे कहा कि आप मेरी चूत के अंदर ही निकाल दो, में उसको महसूस करना चाहती हूँ और करीब 10-15 झटकों के बाद में उसकी चूत में ही झड़ गया और मेरे साथ ही वो भी झड़ गई. मेरे और अब उसका पानी उसकी चूत से निकलकर उसकी गांड की दरार से होकर नीचे टपक रहा था. मैंने उसकी चूत को साफ किया और उसने मेरे लंड को साफ किया. इतने में लाईट भी आ गई थी.
मैंने मोटर चलाई और उसको साथ लेकर टंकी जिसमे मोटर का पानी गिरता है उसमे नहाने लगा. में अब पानी के बीच उसके बूब्स को चूसने लगा. मुझे यह सब करने से बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उसको टंकी की एक साइड पर बैठाया और मैंने एक बार फिर से लंड उसकी चूत में डाल दिया और अब वो आहह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्हह्हहह मर गई आईईईई हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे कर रही थी. मैंने उसको फिर से टंकी के बीच में ही घोड़ी बना लिया और फिर पीछे से अपना लंड डाल दिया. जिसकी वजह से अब पानी उनकी चूत से एक इंच नीचे तक था और उसके बूब्स भी पानी में पूरी तरह डूबे हुए थे और दस मिनट ऐसे ही चोदने के बाद हम एक बार फिर से उस चारपाई पर आ गये.
अब वो मेरे ऊपर बैठकर खुद अपनी चूत में मेरा लंड ले रही थी. में बस उसकी कमर को पकड़कर उसको सहारा दे रहा था. वो अब मेरे लंड पर लगातार उछल रही थी और मेरा लंड उसकी चूत की गहराईयों में जाकर उसकी बच्चेदानी को छू रहा था. उसको ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन कुछ समय के बाद मैंने उसको सीधा लेटा दिया और अब में उसके ऊपर आकर उसे चोदने लगा. करीब दस मिनट धक्के देने के बाद हम दोनों एक बार फिर से एक साथ झड़ गये. दोस्तों वो अब तक पांच बार झड़ चुकी थी और अब बहुत थक भी चुकी थी जब मैंने टाईम देखा तो उस समय रात के दो बज रहे थे.
वो मुझसे बोली कि मुझे अब अपने घर पर जाना है. फिर हम दोनों एक बार और पानी के अंदर गये और साथ साथ नहाकर बाहर आए. उसने जल्दी से कपड़े पहने और मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए और अब में उसको उसके घर पर छोड़ने चला गया. वैसे उसका घर पास ही था तो चलते समय रास्ते में उसने मेरा मोबाईल नंबर ले लिया और अपने घर के पास जाकर उसने मुझे किस किया और फिर चली गई, लेकिन उसके बाद भी अक्सर हम मिलते और चुदाई करते है. मैंने उसको बहुत बार चोदा और उसने मेरा हमेशा पूरा पूरा साथ दिया. मैंने उसके उस रात के बाद भी बहुत बार अपने खेत पर तो कभी अपने और कभी उसके घर पर चोदा.
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सोने के बहाने बहन को गर्म किया

हैल्लो दोस्तों, ये स्टोरी तब की है जब छुट्टी के दिन थे और हम सब लोग घर पर ही थे, मेरी बहन जो कि 25 साल की है वो भी सारा दिन घर पर ही होती थी. मेरी उम्र 18 साल है और उस वक्त हम सब लोग छत पर सोते थे. फिर रोज की तरह जब हम लोग रात के 11 बजे सोने गये. अब हम कुछ इस तरह सोये थे कि मेरे लेफ्ट में मेरी बहन, फिर उसके लेफ्ट में मेरी दादी और माँ पापा नीचे घर में ही सोते थे. अब में रोज की तरह नेट पर फेसबुक और कुछ सर्च कर रहा था. फिर मैंने सोचा कि अब कुछ लव स्टोरी पढ़ते है और मैंने सेक्स कहानी की वेबसाईट खोली.
फिर मैंने देखा कि उसमें एक भाई-बहन की स्टोरी भी है. फिर मैंने वो स्टोरी पढ़ ली और वो मुझे बहुत पसंद आई. अब में अपना लंड सहलाने लगा था. तभी मेरी दीदी ने करवट बदली और मेरी तरफ मुँह करके सो गई. अब उसकी वजह से मेरा ध्यान उसकी तरफ गया और अब में भी उसके बूब्स की तरफ घूर रहा था और उसके बूब्स का उभार उसकी नाईट ड्रेस के पतले कपड़े की वजह से साफ नज़र आ रहा था.
अब में मन ही मन उन्हें हाथ लगाने की सोच रहा था, लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई. अब में बस उसे देखकर ही गर्म हो रहा था. अब में दीदी के पूरे शरीर को आँखो से निहार रहा था. मुझे आज पहली बार एहसास हुआ कि मेरी दीदी कितनी सुंदर है, अब मेरे मन में हवस पैदा हो गई थी और फिर मैंने हिम्मत करके धीरे-धीरे मेरा हाथ दीदी की छाती की तरफ सरकया तो अब मेरा हाथ कांप रहा था. फिर मैंने हल्के से मेरे सीधे हाथ की पहली उंगली उसके स्तन पर रख दी और 5 मिनट के बाद धीरे से मैंने अपना हाथ उसके स्तन पर रख दिया. अब में उसके स्तन का गोल शेप महसूस कर सकता था.
फिर मैंने इंतजार किया कि कहीं दीदी जाग ना जाए, लेकिन वो गहरी नींद में थी. जब रात के 2 बज गये थे और अचानक से दादी नींद में खांसने लगी तो मैंने झट से मेरा हाथ दीदी के स्तन के ऊपर से हटा लिया और अपनी आँखे बंद कर ली. अब में कुछ वक़्त तक खामोश रहा और करीब 10 मिनट के बाद मैंने मेरी आँखे खोली तो मैंने देखा कि दीदी अब सीधी लेटी हुई थी. अब मैंने फिर से हिम्मत करके मेरा हाथ उसकी छाती पर रख दिया. अब मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था. फिर मैंने धीरे-धीरे उसके स्तन को दबाया, तो क्या बताऊँ दोस्तों? मुझे एकदम से करंट सा लग गया. अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था और हवस का नशा मुझ पर पूरी तरह से चढ़ गया था, अब मेरी हिम्मत बढ़ गयी थी और अब में रुक रुककर दीदी के बूब्स दबाने लगा था.
फिर करीब 15 मिनट के बाद मैंने हिम्मत की और में अपनी जगह से थोड़ा ऊपर सरक गया और मैंने एक हाथ से दीदी के गले के ऊपर की ड्रेस थोड़ा ऊपर कर दी और में झुककर उसके स्तन देखने लगा. उसके स्तन बहुत गोरे थे जो एक दूसरे से एकदम चिपके हुए थे और दोनों स्तनों के बीच ऊपर वाले हिस्से में छोटी सी दरार बन गयी थी. फिर मैंने हाथ आगे बढ़ाकर दीदी के गले के पास से मेरा हाथ उसके टॉप के अंदर डाल दिया और मेरी एक उंगली को उस दरार में घुसा दिया. पसीने की वजह से उसके स्तनों के बीच थोड़ा गीलापन था.
अब में उसके नंगे स्तनों को छू रहा था और उसका मज़ा ही कुछ और होता है. अब मेरे लंड से पानी टपकने लगा था और अब में बहुत उत्तेजित हो गया था. फिर में रुक रुककर उसके स्तनों पर हाथ फैरने लगा, उस समय दीदी ने ब्रा पहनी थी तो में सिर्फ़ ऊपर वाले हिस्से में ही अपना हाथ फैर रहा था. फिर मैंने सोचा कि दीदी गहरी नींद में है तो मैंने बिना सोचे ही उसके एक स्तन को दबोच लिया और दबाने लगा.
फिर 5 मिनट के बाद दीदी ने अपना पैर हिलाया, शायद उन्हें मच्छर काट गया था तो मैंने घबराकर अपना हाथ बाहर निकाल लिया और सो गया, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी तो में फिर से जाग गया. अब दीदी मेरी तरफ पीठ करके सोई थी. उसकी गांड की दरार में उसका पतला गाउन (नाईट ड्रेस जिसमें पेंट नहीं होती जो कि ऊपर से घुटनो के नीचे तक लंबा होता है) फंस गया था और इस वजह से उसकी गांड का उभार बहुत सेक्सी दिख रहा था. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और फिर में उसके पास गया और अपना हाथ उसकी गांड पर रख दिया. मेरी बहन ना पतली थी ना मोटी थी. उसका फिगर एकदम शानदार था. इसकी वजह से गांड बहुत मुलायम लग रही थी. अब में और उसके करीब आ गया और पीछे से उसके पूरी तरह से चिपक गया, अब मेरी सांसो की हवा से उसके सिर के बाल उड़ रहे थे.
फिर मैंने हिम्मत करके मेरा अपना पैर दीदी के ऊपर रख दिया और अब मेरा लंड उसकी गांड को पीछे से छू रहा था. अब में हल्के से उसकी गांड पर अपने लंड को रगड़ने लगा. जब मेरा लंड पेंट में ही था और मेरी उसे बाहर निकालने की हिम्मत नहीं हो रही थी. अब मेरा लंड पानी छोड़ने लगा था. अब में वैसे ही दीदी के चिपककर लेटा था और मुझे कब नींद लग गई पता ही नहीं चला. फिर जब में सुबह उठा तो मैंने देखा कि दीदी और दादी कब की उठ गई थी और उनका नहाना भी हो गया था.
फिर मैंने घड़ी में देखा तो 8 बज गये थे. फिर में भी नहा लिया और जैसे मैंने कल रात दीदी के साथ कुछ किया ही नहीं, ऐसे नॉर्मल रोज की तरह दीदी से बर्ताव करने लगा. अब दीदी भी बिल्कुल नॉर्मल थी तो मेरी जान में जान आ गई, क्योंकि मुझे लगा था कि शायद दीदी ने जागने के बाद मुझे उनसे चिपके हुए लेटे देख लिया होगा, लेकिन शायद में नींद में फिर से अपनी जगह पर सीधा सो गया था. फिर ये दिन चला गया और फिर रात को हम रोज की तरह ऊपर जाकर सो गये.
अब में बस इंतजार कर रहा था कि जल्दी से माँ और दीदी सो ज़ाये और में फिर से मज़ा ले सकूँ, लेकिन आज दीदी माँ की जगह पर सो गई और दादी मेरे पास सो गई. फिर दादी ने पूछा तो वो बोली कि वहाँ पर हवा नहीं आती है इसलिए में यहाँ सो रही हूँ. में निराश हो गया, लेकिन जब सब सो गये तो में उठकर दीदी के पास सो गया और फिर से उसके स्तनों को दबाने लगा और कल की तरह में एक पैर उसकी कमर पर डालकर उसकी गांड को लंड से छूने का मज़ा ले रहा था. अब मुझे बड़ा अच्छा महसूस हो रहा था, में फिर उस रात ज्यादा कुछ कर नहीं पाया और अपनी जगह पर आकर सो गया और किसी को कुछ पता भी नहीं चला.
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ऑफिस वाली का काम लगाया

हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम आर्यन है और में बेंगलोर से हूँ. मेरी उम्र 24 साल है और में एक एम.एन.सी कंपनी में जॉब करता हूँ और में आपको यह भी बता दूँ कि में सेक्स का बहुत भूखा हूँ. मेरे 4 गर्लफ्रेंड थी और मैंने उन सबको चोदा है. अब में आपको ज़्यादा बोर नहीं करूँगा और अब में सीधा कहानी पर आता हूँ जो में आपको यहाँ बताने जा रहा हूँ वो 100% सच है और कुछ भी झूठ नहीं है.
में बी.ए पूरी करके बेंगलोर आ गया था और जो मेरी तब की गर्लफ्रेंड आरती थी, उसकी शादी फिक्स हो गयी थी इसलिए हम लोगों ने लास्ट टाईम जी भर कर सेक्स किया. मैंने एक दिन में उसको 6 बार चोदा. हम लोगों ने जी भरकर सेक्स किया. उस दिन के बाद वो मुझे कभी नहीं मिली सुनने में आता है कि, वो अब अपने पति के साथ खुश है.
अब आरती के जाने के बाद मेरी ज़िंदगी में कोई नहीं थी. मेरी हमेशा से एक इच्छा रही है कि में एक शादीशुदा लड़की के साथ रिश्ता रखूं. शायद भगवान ने मेरी सुन ली थी. मेरी कंपनी में एक लड़की आई, उसका नाम माधुरी है और वो दिखने में बहुत हॉट और सेक्सी है. सच दोस्तों अगर कोई उसके बूब्स देख ले तो अपना लंड उसके बूब्स पर रगड़ने को दिल करे.
माधुरी शादीशुदा है और उसकी शादी हुए 2 साल हुए है. उसके कोई बच्चा नहीं था और वो हमारे फ्लोर पर जॉब करती थी. पहले पहले तो में उसे इग्नोर करता था, लेकिन मेरे दोस्तों ने मुझे बताया कि वो मुझे बहुत घूरती है, लेकिन मैंने उनकी बात पर विश्वास नहीं किया. अब वो रोज़ ऑफिस आते ही मेरी तरफ देखती थी और में उसे इग्नोर करता था, क्योंकि वो शादीशुदा थी तो में कोई परेशानी नहीं लेना चाहता था.
फिर एक दिन यह हुआ कि वो डीप कट वाला सलवार पहनकर आई थी, जिसमें से उसके क्लीवेज साफ साफ दिख रहे थे और में पीने का पानी भरने के लिए आया था और वहां पर कोई नहीं था. तब वो भी अपनी बोतल लेकर वहां आई और केम्पर का टेप ओपन करने के लिए झुकी तो मुझे पहली बार उसके दो बड़े-बड़े पहाड़ यानी बूब्स दिखे. दोस्तों मेरा लंड तो कड़क हो गया था और अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि ये क्या हो रहा है? और मेरी हालत जब ख़राब हुई जब उसका दुपट्टा गिर गया.
दोस्तों में आपको क्या बताऊँ? अब तो उसके पूरे पिंक निप्पल तक दिख रहे थे. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. तभी वो उठी और जिस केम्पर से में पानी भर रहा था. वो टेप उसने बंद किया और चली गयी. अब में अंदर ही अंदर खुश था और में सेक्स का बहुत भूखा था, क्योंकि मेरा ब्रेक-अप हुए 2 महीने हो गये थे और में तब से सिर्फ़ मुठ ही मारता था. फिर में जब पानी लेकर वापस अपनी जगह पर आया तो मुझे उसका मैसेज आया, वो देखकर में हैरान था.
माधुरी – हाय, तुम्हें मेरा शो कैसा लगा?
में – ओके ओके, मज़ा तब आयेगा जब पूरा दिखेगा.
उसी वक़्त उसने मेरा नम्बर पूछा और हमने नम्बर एक्सचेंज किए. अब उस दिन से हम दोनों सेक्स चैट करने लगे थे. अब जब भी मेरा मन होता था तो में उसको अपना नंगा फोटो भेजने के लिए कहता था. पहले-पहले तो वो मना करती थी, लेकिन बाद में उसने अपने कई सारे नंगे फोटो भेजे, जिसे देखकर में मुठ मारा करता था. हमसे अब रहा नहीं जा रहा था. वो भी मेरे लंड की प्यासी थी और में उसके बूब्स और चूत का और वो वक़्त आ गया जब हमारी छुट्टी थी और हमने मूवी देखने का प्लान बनाया.
फिर में सोचकर ही हम ऐसे थियेटर में गये जहाँ मूवी फ्लॉप हो गई थी. वहां सिर्फ 6 लोग थे और मैंने पूरा ऊपर का और कॉर्नर वाला सीट लिया था. वो शर्ट और जीन्स पहनकर आई थी और 2 मिनट के बाद मूवी स्टार्ट हो गई और जैसे ही लाईट ऑफ हुई तो हम दोनों एक दूसरे के ऊपर टूट पड़े.
अब हम दोनों ज़ोर-ज़ोर से लिप किस करने लगे थे. में उसके लिप ज़ोर-ज़ोर से चूस रहा था और उसकी सांसे तेज़ होने लगी थी. अब मेरा लंड तो एकदम कड़क हो गया था. फिर मैंने बिल्कुल भी टाईम वेस्ट नहीं किया और धीरे-धीरे से उसकी शर्ट को खोल दिया और साथ ही अंदर की ब्रा को भी खोल दिया. दोस्तों क्या बताऊँ? अब, वो मेरे सामने पूरी तरह से टॉपलेस थी और उसके 34 साईज़ के बूब्स और उसके गुलाबी निप्पल मेरे हाथो में थे, अब में उसके राईट बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से मसल रहा था और लेफ्ट बूब्स को मुँह में लेकर चूस रहा था और वो अह्ह्ह और ज़ोर से चूसो प्लीज और ज़ोर से दबाओ और मेरा दूध पीयो कहती जा रही थी. अब उसने मेरी जीन्स को खोल दिया और मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी, जैसे कि वो उसे खाने वाली है. फिर उसने 10 मिनट तक मेरा लंड चूसा और मेरा सारा पानी अपने मुँह में ले लिया.
फिर मैंने झट से उसकी पेंट को पूरा उतार दिया और उसकी चूत में उंगली करने लगा. अब वो मेरा लंड हिला रही थी और अब हम उसी स्टाईल में फ्रेंच किस करने लगे. अब हमें बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ रहा था कि हम कहाँ है? फिर मैंने पहले तो उसकी चूत में सिर्फ़ एक उंगली डाली, लेकिन बाद में 2 और उंगलियों को अंदर बाहर करने लगा. अब वो पूरी गर्म हो गयी थी और आह्ह्ह्ह आह्ह्ह और अंदर और अंदर, पूरा डालो प्लीज जानू और यस यस, हाँ हो गया और करो प्लीज प्लीज चिल्ला रही थी. अब में उसकी आवाज को रोकने के लिए उसे किस करने लगा और उसने मेरा लिप ज़ोर से काट लिया और झड़ गयी. अब हम दोनों पूरे पसीने में भीग गये थे. अब हम वहां से निकलकर उसके घर गये और वहां पर मैंने दो बार चुदाई की. अब जब भी हमें मौका मिलता है और उसका पति घर पर नहीं होता तो हम चुदाई करने से बिल्कुल भी नहीं चूकते है.
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