भाभी को गैर मर्द से चुदते हुए देखा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सन्नी है. मेरा एक दोस्त है जिसका नाम आकाश है और वो सरकारी विभाग में एक अच्छे पद पर है. मेरा उसके घर पर हमेशा आना जाना रहता है और उसकी बीवी का नाम दीपा है. उसकी उम्र लगभग 40, एकदम दूध जैसी गोरी बड़ी बड़ी मोटी गांड और उतने ही बड़े उसके बूब्स जो किसी बूढ़े आदमी का लंड खड़ा कर सकता है. वो दिखने में सुंदर, सुशील, एकदम सीधी है और किसी को भी उन्हें देखकर ऐसा नहीं लगता है कि वो औरत एक नंबर की चुदक्कड़ है. में उसे भाभी कह कर बुलाता हूँ और वो मेरे साथ बहुत खुलकर रहती है, फिर भी मुझे एक दिन भी उन्हें देखकर ऐसा नहीं लगा कि इस औरत ने कई लोगो के लंड से जी भरकर खेला है.
एक दिन मेरे एक दोस्त ने मुझसे कहा कि तू तेरे दोस्त आकाश के घर पर ज़्यादा मत जाया कर तो मैंने पूछा कि ऐसा क्यों? तब उसने मुझे बताया कि उसकी औरत बहुत चालू है और अब तक कई लोगो ने उसे ठोका है और उनमे से ऐसे लोग भी है जो बुरा काम करते है जैसे कि गुंडे, चोरो और बड़े बड़े बदमाश के साथ उसके गलत संबध है और वो चुदाई के लिए कुछ भी कर सकती है.
दोस्तों मुझे उसकी इस बात पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ, लेकिन अब मेरे मन में एक शक सा पैदा हुआ और मैंने उससे पूछा कि तुम यह सब कुछ कैसे जानते हो? तो उसने मुझे बताया कि में कई बार उसे चुदते हुए और कई बार उसकी खिड़की के बाहर से रात भर यह सब कुछ देख चुका हूँ और उसे नये नये लड़को को पटाकर चुदवाना बहुत अच्छा लगता है और अगर तुझे विश्वास नहीं है तो उसका पति जब भी अपने घर से बाहर जाता है तो तू देखना उसके घर पर कोई ना कोई नया आदमी रहता है और वो उससे जमकर चुदवाती है और उसे भी मज़ा देती है और वो मुझसे इतना कहकर वो चला गया.
दोस्तों उसकी यह बात सुनकर मुझे भी कुछ कुछ याद आने लगा कि जब भी में उनके घर पर जाता था तो उसके मोबाईल पर बहुत बार कॉल आते थे और भाभी उससे बाद में बात करती हूँ यह कहकर काट देती थी और कई बार जब हम बाहर बैठकर बातें करती थी तो उसकी नज़र हमेशा बाहर आने जाने वाले पर टिकी रहती और कई बार वो मेरी तरफ देखकर भी मुझे कुछ इशारे करती थी. उस वक़्त में उन बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था, लेकिन अब मेरे दोस्त की बातें सुनकर मुझे भाभी पर शक़ हुआ और अब मैंने कैसे भी करके मेरे शक़ को दूर करने की ठान ली और सही मौके का इंतजार करने लगा.
एक दिन ऐसा मौका आ गया. मुझे पता चला कि आकाश अपने यूनियन के काम से दो दिन के लिए बैंगलोर जा रहा है. में उस दिन शाम को करीब 7 बजे उसके घर पर चला गया. आकाश उस वक़्त घर पर था और जाने की तैयारी कर रहा था. उसकी गाड़ी 8.00 बजे थी और हमे बातें करते करते 7.30 बज गये थे. उतने में आकाश के ऑफिस से कुछ दोस्त आए और आकाश को अपने साथ लेकर चले गये. फिर में और भाभी दोनों बातें करते रहे कि तभी मैंने गौर किया कि कुछ देर बाद भाभी का फोन बजा और भाभी ने फोन उठाया और फिर दूसरे कमरे के अंदर जाकर उन्होंने आहिस्ते से बात करनी शुरू कर दी.
मुझे ठीक से सुनाई नहीं दिया, लेकिन इतना जरूर सुना कि में कुछ देर में अपको फोन करूँगी तैयार रहना और वो फोन काटकर फिर उसी जगह आकर मेरे पास आकर बैठ गई जहाँ पर पहले वो बैठी हुई थी. वो अब मुझसे इधर उधर की बातें करने लगी, लेकिन में समझ गया कि यह मुझे जल्द से जल्द यहाँ से भगाना चाहती है और इसलिए में भी उनसे भाभी में अब जाता हूँ कहकर वहां से रवाना होने का नाटक करके थोड़ा दूर रुककर उसके घर की तरफ नज़र रखने लगा और जैसे ही वो अंदर गई तो में जल्द से जाकर उनके घर के पीछे की खड़की के पास जाकर बैठकर अंदर देखने लगा. तभी मुझे फोन पर बात करने की आवाज़ सुनाई दी और मैंने उसे किसी से बातें करते हुए सुना, वो कह रही थी जल्दी आ जाओ में तुम्हारा ही इंतजार कर रही हूँ.
तभी उधर से किसी से कुछ कहने पर वो फिर से बोली कि ज़रा इधर उधर नज़र डालकर आना वैसे तो इस समय सभी लोग अपने घर पर ही रहते है और हमारे आस पास में कोई भी नहीं रहता है. फिर वो उधर से और कुछ सुनकर बोली कि ठीक है, लेकिन थोड़ा जल्दी आ जाना में बाहर खड़ी रहती हूँ जब में अंदर आ जाऊं तो तुम घर में आ जाना और उन्होंने ठीक है कहकर फोन रख दिया और बाथरूम जाकर फ्रेश होकर बेडरूम में जाकर एक नीले रंग की चूड़ीदार सलवार पहनकर तैयार होकर बाहर आकर अब उसका इंतजार करने लगी.
फिर कुछ देर बाद मैंने देखा कि एक हट्टाकट्टा सा आदमी उसके घर के सामने रुककर इधर उधर देख रहा है, लेकिन बाहर अंधेरा बहुत था इसलिए मुझे उसका चेहरा ठीक से दिखाई नहीं दिया और देखते ही देखते वो भाभी का इशारा पाकर अंदर चला आया और भाभी ने बाहर आकर दरवाजे के पास रुककर इधर उधर देखकर दरवाजे को लगाया और अंदर चली आई में तुरंत उनकी खिड़की के पास जाकर उसके आगे का नजारा देखना लगा. वो आदमी देखने में एकदम काला सांड जैसा था, लेकिन बहुत हट्टाकट्टा था. उसे देखते ही लगता था कि वो कोई गुंडे किस्म का इंसान है और मैंने अब तक उसे अपने शहर में कभी नहीं देखा था और भाभी उसके सामने वाली सीट पर बैठ गई.
फिर उसने कहा कि क्या मेडम घर तो बहुत अच्छा सज़ा रखा है बिल्कुल आपकी तरह एकदम सुंदर तो भाभी ने कहा कि धन्यवाद. तो उस बात पर उसने कहा कि इसमे धन्यवाद की क्या बात है? आप तो वैसे ही बहुत सुंदर हो तो भाभी ने कहा कि आप मेरी बिना वजह तारीफ कर रही हो. फिर उसने अपने साथ लाए हुए बेग से एक छोटी सी पुड़िया निकली और भाभी के हाथ में देते हुए कहा कि हमारे मिलन की खुशी में आपको मेरा पहला तोफा. भाभी ने कहा कि इसकी क्या ज़रूरत थी? वैसे भी तो आपके मेरे ऊपर बहुत सारे अहसान है, आपने मुझे जब भी में कहती हूँ पैसे दिए है और में आपकी वो उधारी चुकाने की कोशिश कर रही हूँ.
यह बात कहकर वो उठकर अंदर चली गई और अंदर से एक विस्की की बॉटल और एक ग्लास और साथ में कुछ स्नेक्स लेकर आई और उसके सामने वाली टेबल पर रख दिए. यह सब देखकर उसने बोला कि क्या जल्दी भेजने का प्लान है क्या? अभी तो में आया हूँ. इस पर भाभी ने कहा कि नहीं नहीं आप ग़लत मत समझना, मुझे तो आपका यहाँ पर आना बहुत अच्छा लगा रहा है और आपका जब जी करेगा तब चले जाना. मुझे दिल से कोई ऐतराज़ नहीं है. अब उसने कहा कि आप इतना दूर क्यों बैठी हो? थोड़ा नज़दीक बैठो ना.
फिर भाभी उठकर उसके पास दीवान पर बैठ गई, तब उसने विस्की की बॉटल को खोला और एक पेग बना दिया और भाभी से कहा कि आप भी लो ना. फिर भाभी ने कहा कि मुझे इसकी आदत नहीं है, तो उसने कहा कि मेरे खातिर एक सीप लो ना प्लीज, में तुम्हारा झूठा पीना चाहता हूँ. तो भाभी ने उस ग्लास को मुहं से लगाकर एक सीप लिया और फिर उसे पीने को कहा. उसने एक ही झटके में पूरा ग्लास खाली कर दिया. फिर भाभी ने और एक पेग बनाया और खुद ने एक सीप लगाई और उसे दे दिया. उसने अब आहिस्ते आहिस्ते पीना शुरू कर दिया और कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा.
फिर उसने भाभी से कहा कि इतने दिन हमारी सिर्फ़ फोन पर ही बात होती थी, लेकिन आज तुमने मुझे अकेले में मिलने का मौका दिया, क्यों तुम खुश हो ना मेडम? तो भाभी ने कहा कि मौका मैंने नहीं दिया बल्कि आपने खुद बनाया है, में इसकी अहसान मंद हूँ और में भी चाहती थी एक ऐसा इंसान जो मुझे केवल देखकर ही मेरे शौक पूरे करवाता रहे और मुझे खुश रखता रहे. में ऐसे आदमी को एक बार मेरे साथ खुलकर रहने का मौका नहीं दे दूँ तो मेरे जैसी मतलबी इंसान कोई नहीं होगी. तब उसने धन्यवाद मेडम कहा. तो यह बात सुनकर भाभी बोली कि मुझे मेडम मत कहा करो, मुझे मेरे नाम से पुकारा करो ठीक है. फिर उसने कहा कि ठीक है दीपा और फिर इस बीच उसने वो पेग भी खाली कर दिया था और भाभी से कहा कि आखरी टाईम तुमने साड़ी लेने के लिए पैसे लिए थे ना तो साड़ी ली क्या?
फिर भाभी ने कहा कि हाँ अरे वो तो में बातों ही बातों में आपको दिखना ही भूल गई, में अभी दिखाती हूँ और हाँ बोलकर वो बेडरूम में चली गई और साड़ी लेकर आ गई. उसके हाथ में देकर पूछा कि कैसी है? वो साड़ी एक नीली रंग की थी और उस पर छोटी छोटी डिज़ाईन थी और वो दिखने में बहुत महंगी थी. वो साड़ी देखकर बोला कि बहुत अच्छी है और तुम पर खूब जमेगी और जब तुम इसे पहनोगी तो बिल्कुल परी जैसी लगोगी. तब भाभी ने कहा कि अच्छा तो में इसे पहनकर अभी आती हूँ. मैंने इसे अभी तक नहीं पहनी थी और सोचा था कि जब हम पहली बार मिलेंगे तब में इसे पहनूंगी, यह कहकर वो उठाने लगी. तभी उसने भाभी का हाथ पकड़ा और उसे अपने सामने बैठाकर उससे कहा कि तुम अगर बुरा ना मनोगी तो में एक बात कहूँ?
भाभी ने कहा कि मुझे आपकी कोई बात बुरी नहीं लगती है, कहो ना. तब उसने कहा कि तुम बहुत सुंदर हो और मैंने पहली बार जब आपको देखा था तो आपके बहुत नज़दीक आने की ठान ली थी. मुझे आपको देखकर ना जाने क्या हो जाता है? में आपसे बहुत प्यार करता हूँ प्लीज ना मत करना. तब भाभी बोली कि में सच कहूँ तो में अपने पति को बहुत चाहती हूँ और मैंने उनके अलावा आज तक किसी और को नहीं देखा, लेकिन मुझे जो भी पति से नहीं मिला वो आपने मुझे दे दिया. इससे में कुछ परेशानी में हूँ कि में हाँ कहूँ या ना, लेकिन एक बात है आप मुझे पसंद हो बस और कुछ नहीं. तब उसने कहा कि बस इतना बहुत है मेरे लिए, लेकिन क्या में तुमसे हाँ सुनकर ही रहूँगा.
तब भाभी बोली कि में भी चाहती हूँ, लेकिन मेरी मजबूरी है कि में शादीशुदा हूँ और अगर किसी को पता चला तो मेरी और मेरे परिवार की बहुत बदनामी होगी. फिर वो बोला कि में किसी को खबर नहीं होने दूँगा और जब तुम कहोगी तब ही आपसे मिलूँगा, कोई ज़बरदस्ती नहीं करूँगा, अब तो बोलो प्लीज़. तभी भाभी ने कहा कि मुझे सोचने दो, लेकिन अब नहीं अभी में आपकी बहुत सेवा करना चाहती हूँ क्यों ठीक है? तब उसने कहा की ठीक है जैसी आपकी मर्ज़ी, लेकिन क्या मेरी एक बात तो मनोगी? तो भाभी ने पूछा कि कहो कौन सी बात? तब उसने कहा कि जो यह साड़ी है, में इस साड़ी को तुम्हे मेरे हाथों से पहनाना चाहता हूँ?
अब भाभी बोली कि मुझे बहुत शर्म आती है, तभी उसने कहा कि क्या तुम मेरे लिए इतना भी नहीं करोगी? तो भाभी ने कहा कि ठीक है, लेकिन सिर्फ साड़ी ही बाकी सब में पहनूंगी. फिर उसने कहा कि ठीक है और भाभी उठकर अंदर चली गई. उससे कहा कि तुम इधर ही बैठना में बाकी सब पहनकर आती हूँ और यह कहकर वो बेडरूम में चली गई और थोड़ी देर में भाभी नीले कलर का ब्लाउज और उसी कलर का पेटीकोट पहनकर उसके सामने आकर खड़ी हो गई और वो भाभी को देखता ही रहा.
यह देखकर भाभी ने कहा कि जल्दी से मुझे साड़ी पहनाओ मुझे अब बहुत शर्म आ रही है और फिर उसने साड़ी उठाई तो भाभी ने उसके एक पल्लू को अपने पेटीकोट में घुसाकर गोल गोल घूमने लगी और इस बीच उसने दो तीन बार भाभी के जिस्म को छूकर महसूस किया, लेकिन भाभी ने इसका कोई विरोध ना करते देख पूरी साड़ी पहनाने के बाद उसने भाभी के दोनों कंधो पर हाथ रखकर भाभी को दीवार के सहारे चिपकाकर खड़ा करके देखने लगा. भाभी बोली कि क्यों घूर रहे हो, क्या कभी कोई औरत नहीं देखी?
फिर उसने कहा कि हाँ देखी जरुर है, लेकिन तुम्हारे जैसी नहीं, तुम बहुत सुंदर लग रही हो और अब भाभी मुस्कुराकर अपना मुहं नीचे करके खड़ी हो गई. फिर उसने धीरे से भाभी के कंधो से हाथ नीचे सरकाते हुए भाभी की कमर तक लाकर धीरे से कमर को पकड़कर धीरे से दबाया और भाभी के मुहं से आहह्ह्ह उह्ह्ह्हह् की आवाज़ निकली और भाभी ने कहा कि यह क्या कर रहे हो? तो उसने कहा कि में एक सुंदर औरत को जी भरकर देख रहा हूँ, क्या तुम्हे कोई ऐतराज़ है? अब भाभी ने कहा कि नहीं और फिर उसने भाभी को उठाया और दीवाना पर लाकर लेटा दिया.
भाभी एकदम सीधा लेट गई और उसके आगे की हरक़त का इंतज़ार करने लगी और अब उन्हें देखकर लगता था कि भाभी जल्द से जल्द उससे चुदवाना चाहती थी, लेकिन नाटक कर रही थी और इस बीच वो भाभी के पास आकर लेट गया और लेटे लेटे ही उसने एक और पेग बनाया और भाभी से उसे पीने को कहा तो भाभी बैठ गयी और ग्लास पकड़कर एक सीप पीकर उसे दे दिया और फिर से उसी पोज़िशन में लेट गई और तब उसे भी अंदाजा लग गया कि यह भी वही चाहती है जो में चाहता हूँ.
फिर उसने वो सारी विस्की एक ही बार में खाली कर दी और ग्लास को टेबल पर रखकर भाभी के साथ लेट गया और भाभी से पूछा कि मेरे साथ सोकर तुम्हे कैसा लग रहा है? तो भाभी बोली कि मैंने कभी भी ऐसा नहीं सोचा था कि में तुम्हारे साथ ऐसे अकेले में एक बिस्तर पर सो जाउंगी, लेकिन जो कुछ भी हो रहा है मुझे वो बहुत अच्छा लग रहा है और तुमने मुझे इतना प्यार किया कि में अब पागल हो रही हूँ. तब उसने धीरे से भाभी का पेट सहलाया और कहा कि में तुम्हारी मर्ज़ी के बगैर कुछ भी नहीं करूँगा, क्योंकि मुझे तुम बहुत अच्छी लगती हो. फिर भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा कि में तुम्हारी इसी बात के ऊपर फिदा हो गई हूँ.
फिर उसने धीरे से भाभी का पल्लू थोड़ा साईड में किया और भाभी से कहा कि में तुम्हे किस करना चाहता हूँ तो भाभी ने कहा कि हाँ मेरा भी मन कर रहा है, लेकिन में मजबूर हूँ क्योंकि में एक शादीशुदा औरत हूँ, अगर मैंने ऐसा किया तो यह बिल्कुल ग़लत होगा. तब उसने कहा कि कुछ भी गलत नहीं होगा, जो कुछ भी होगा हम दोनों के बीच होगा और यहाँ पर तो कोई भी नहीं है.
अब भाभी ने कहा कि लेकिन फिर भी मुझे बहुत शरम आ रही है और अब उसने भाभी को अपनी गोद में उठाया और सीधे दीवार पर सेट किया और कहा कि ठीक है अगर तुम्हे शर्म आ रही है तो एक काम करो. तुम यह साड़ी निकालो में तुम्हे उसी पोज़िशन में देखन चाहता हूँ. तो भाभी ने कहा कि आप ही ने पहनाई थी तो आप ही उतार दो. उसने ठीक है कहा और भाभी की साड़ी की गाँठ को खोल दिया और भाभी की साड़ी को उससे अलग कर दिया. अब भाभी पेटीकोट और ब्लाउज में थी और उसने भाभी को अपनी बाहों में ले लिया और ज़ोर से कसकर पकड़ा और अब भाभी के मुहं से आह्ह्हह्ह्ह उह्ह्ह्ह बस आईईईइ बस में उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ पागल हो जाउंगी.
अब उसने भाभी से पूछा कि कैसा लग रहा है? भाभी ने कहा कि बहुत अच्छा लग रहा है और कसकर पकड़ो तब उसने भाभी को और कसकर पकड़ा और भाभी से कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ जान और फिर भाभी के मुहं से निकला हाँ बस मुझे ऐसे ही प्यार करना. भाभी के मुहं से यह बात सुनकर उसका जोश और भी बड़ गया और उसने भाभी से पूछा कि क्या तुम मेरे साथ एक बार फिर से बेड पर आ सकती हो? भाभी ने कहा कि क्यों नहीं? आज में आपकी एक बात भी नहीं ठुकराउंगी, तो यह बात सुनकर उसकी हिम्मत दुगनी हो गई और उसने अपनी पेंट और शर्ट को उतार दिया. अब भाभी ने पूछा कि तुम यह क्या कर रहे हो?
तब उसने कहा कि तुम्हे गर्मी चाहिए और अगर में कपड़े पहनूं तो कैसे गरम होगी? भाभी ने कहा कि मेरे तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है तुम क्या करना चाहते हो? फिर वो बेड पर आकर लेट गई और वो भी भाभी के पास में आकर लेट गया और भाभी की कमर को पकड़कर आगे खींच लिया और कहा कि तुम बहुत सुंदर हो इतना ही नहीं तुम्हारा फिगर भी बहुत तगड़ा है. अब भाभी ने कहा कि आप भी बहुत हट्टेकट्टे हो और मुझे पहली बार ऐसा लग रहा है कि में किसी असली मर्द के साथ बिस्तर पर हूँ और भाभी ने उसे कसकर पकड़कर कहा कि तुम मुझे किस करना चाहते हो ना, लो तुम्हारी इच्छा पूरी कर लो, यह कहकर भाभी ने भी उसे कसकर पकड़ा और होंठो पर किस करने लगी. तो उसने भी भाभी को और कसकर पकड़ा ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा और इस बीच उसने भाभी के सारे बदन को कपड़ो के ऊपर से सूंघ लिया और भाभी की नंगी गर्दन को और पेट को मसलने लगा और भाभी की गांड को कपड़ो के ऊपर से दबाता रहा था और अब भाभी के बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज के ऊपर से खड़े होकर बाहर आने को तड़प रहे थे और इस तरह 10-15 मिनट किस करने के बाद भाभी ने कहा कि अब टाईम बहुत हो रहा है.
फिर उसने कहा कि क्यों तुम इतना जल्दी मुझे भेजना चाहती हो? भाभी ने कहा कि अरे नहीं मेरे राजा, में तो खाना खाने की बात कर रही थी. फिर उसने कहा कि नहीं अभी मेरा खाना खाने का मूड नहीं है, मुझे ऐसा लग रहा है कि में बस तुम्हे ऐसे ही किस करता रहूँ. भाभी ने कहा कि अरे बाबा खाना भी खा लो, फिर हम वापिस करेंगे. तब उसने टाइम देखा और कहा कि अभी तो सिर्फ़ 9.45 हुये है और हम 10.30 बजे खाना खाएँगे, क्यों ठीक है?
भाभी ने कहा कि ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी, लेकिन मुझे एक बार बाहर देखकर आने दो और फिर उसने कहा कि ठीक है और भाभी उठ गई और बेडरूम जाकर अपने ऊपर मेक्सी डालकर दरवाजा खोलकर बाहर गई और कुछ देर खड़े रहकर देखा कि आस पड़ोस में कोई नहीं दिखा तो वो अंदर चली आई और उससे कहा कि अब कोई चिंता नहीं है, तुम रात भर मेरे साथ रुक सकते हो, यह बात कहकर वो अब उसके पास में आकर लेट गई. उसने भाभी से कहा कि तुम पहले जब लेटी थी तब मेक्सी नहीं थी, भाभी ने कहा कि वो मुझे पता है और बात यह कहते हुए भाभी अपनी मेक्सी उतार रही थी. तभी उसने भाभी का हाथ पकड़ाकर कहा कि तुम इतना कष्ट क्यों ले रही हो? में हूँ ना कहकर उसने धीरे से कहा कि इसे अब रहने दो में इसके बदले तुम्हारा पेटीकोट उतार देता हूँ.
फिर भाभी ने कहा कि नहीं नहीं प्लीज मुझे शर्म आती है. उसने कहा कि तुम्हे शर्म आती है, लेकिन तुम उतारना चाहती हो ना? भाभी ने कुछ नहीं बोला और अपनी आखों से इशारा किया कि हाँ तो उसने भाभी का हाथ अपने अंडरवियर पर रखकर कहा कि तुम इसे छू लो तुम्हारी सब शर्म दूर हो जाएगी. दोस्तों पहले तो भाभी ने मना किया, लेकिन फिर भाभी ने धीरे से अपना हाथ उस पर रखा और कहा कि अरे बाप रे यह क्या है?
उसने कहा कि इसे लंड कहते है तो भाभी ने कहा कि वो तो मुझे भी मालूम है, लेकिन इतना बड़ा और फिर कहा कि प्लीज मुझे कुछ मत करना. अब भाभी ने उसके लंड को कसकर पकड़ा और कहा कि सिर्फ़ पेटीकोट ही उतारना, उसने अब अपना अंडरवियर भी उतारा और पूरा नंगा हो गया. अब वो उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगी, इस बीच उसने भाभी की मेक्सी को और पेटीकोट दोनों ऊपर उठाए और ज़ोर ज़ोर से भाभी की जांघे मसलने लगा और फिर भाभी के पेटीकोट का नाड़ा खोला और एक ही झटके में भाभी का पेटीकोट अलग करके फेंक दिया और उसकी जांघो को पागलों की तरह चाटता रहा चूमता रहा.
अब ऐसे ही करीब 10-15 मिनट लगातार करने के बाद भाभी बोली कि अरे बस नीचे ही करते रहोगे या ऊपर भी करोगे. फिर वो ऊपर आ गया और उसने भाभी के बूब्स को ज़ोर दबाया भाभी अहहहहह चिल्लाई और कहने लगी कि हाँ बहुत मज़ा आ रहा है. अब उसने भाभी की ब्रा का हुक खोल दिया और भाभी ने उसे निकालकर फेंक दिया और फिर उसने एक बूब्स को अपने मुहं में ले लिया और दूसरे को दोनों हाथों से दबाने लगा और भाभी उसका लंड चूसने लगी. वो लंड चूसने का तरीका देखाकर हैरान होकर बोला तुम लंड चूसने ने माहिर हो या तुम्हे ऐसा लंड कभी भी नहीं मिला?
भाभी बोली कि हाँ तुम सच कह रहे हो मेरे राजा मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, बस अब रुका नहीं जाता, अब में पूरी तरह से तुम्हारी हो गई हूँ, अब में आपको नहीं रोकूंगी कहकर उन्होंने अपनी दोनों जांघे चौड़ी कर दी और कहा कि अब और मत तड़पाओ जल्दी से एक धक्का मारो प्लीज़. फिर उससे भाभी की चूत में दो उँगलियाँ घुसा दी और ऊपर से चूत को चाटने लगा. इसी तरह 5-10 मिनट चलाने के बाद उसने भाभी के दोनों पैरों को और भी चौड़ा किया और अपने लंड को भाभी की चूत पर सेट किया और दबाने लगा. फिर एक ही झटके में पूरा लंड अंदर चला गया और भाभी के मुहं से अहहह्ह्ह्हह सीईईईईई क्या मर्द का लंड है आईईए अब रूको मत, जल्दी से अपनी गाड़ी चलाओ.
फिर उसने पहले दो चार झटके हल्के से लगाए और थोड़ी देर बाद उसने रफ्तार पकड़ ली और धन धना धन चोदने लगा. भाभी उसका अपनी गांड उठा उठाकर साथ दे रही थी और ज़ोर ज़ोर से आहहाह ऊओ उफुफूफूफुफ अहहहह्ह्ह्ह वाह कितना तगड़ा है रे तुम्हारा यह लंड, मेरी बहुत दिन की तमन्ना थी तेरे जैसे लंड से चुदने की और वो भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगता रहा और कहने लगा कि तू भी तो मस्त माल है लगता है कि तुझे जमकर चोदूं. फिर इस तरह 10-12 मिनट धक्के मारने के बाद उसने कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ. तो भाभी ने कहा कि कोई समस्या नहीं है, अंदर ही डाल दो तो उसने सारा वीर्य भाभी के अंदर ही छोड़ दिया और वो भाभी के पास में लेट गया.
फिर भाभी ने कहा कि में तैयार हूँ जितना चाहे चोद लो और अब भाभी उठी और उसका लंड मुहं में लेकर थोड़ी देर चूसकर उसे साफ कर दिया और फिर उसने धीरे से भाभी को घोड़ी बनाया और भाभी की गांड को सूंघने लगा और थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड निकाला और भाभी की गांड पर सेट किया और हल्के से एक धक्का मारा तो उसका लंड अंदर नहीं गया. फिर भाभी ने अपनी गांड को और भी चौड़ा कर दिया और उससे कहा कि अब धक्का मारो. तो उसने फिर से अपना लंड सेट किया और धीरे से धक्का दिया तो उसका आधा लंड अंदर चला गया और भाभी के मुहं से अहहहहह आईईईईई की चीख निकली.
फिर उसने भाभी को धक्का देना शुरू कर दिया और भाभी भी अपनी गांड को आगे पीछे करते हुए उसका साथ देने लगी और यह सब देखकर उसने बोला कि तू गांड मरवाने में एक्सपर्ट है और भाभी मुहं से अचानक निकला पड़ा कि बहुत दिन के बाद ऐसा तगड़ा लंड मिला है. तो वो मन में हंसा और उसने अपनी स्पीड को बड़ा दिया. करीब 15-20 मिनट में उसने भाभी के अंदर ही अपना वीर्य छोड़ दिया और दोनों एक दूसरे को लिपटकर सो गये. थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद भाभी ने कहा कि तुम बहुत अच्छी तरह से चोदते हो मुझे तुमसे चुदवाना अच्छा लग रहा है. यह बात हुए भाभी ने उसे एक किस किया और अब उसके लंड को मसलने लगी. तो उसने कहा कि तुम भी मस्त माल हो बहुत मज़ा देती हो में चाहता हूँ कि रोज़ तुम्हारी चुदाई करता रहूँ. अब भाभी ने कहा कि में भी चाहती हूँ, लेकिन में मजबूर हूँ, लेकिन एक बात कहती हूँ इसके बाद जब भी मुझे मौका मिलेगा में तुम्हे ज़रूर बुलाउगी मेरे राजा.
फिर उसने कहा कि तुम तो चुदसी हो तुम कहती हो कि तुम्हारे पति का लंड तुम्हे अच्छा नहीं लगता तो तुम कैसे अपनी भूख मिटाती हो? तो भाभी ने कहा कि अगर में सच बता दूँ तो आप बुरा तो नहीं मानोगे. उसने कहा कि नहीं में बिल्कुल बुरा नहीं मानूँगा बता दो. तभी भाभी ने कहा कि मुझे पति से मज़ा नहीं मिलता इसलिए में तुम जैसे लोगों के साथ मज़ा लेती हूँ. फिर उसने पूछा कि बता दो और किस किस ने तुम्हे चोदा है? तो भाभी ने कहा कि दो लोगों ने मुझे पटाकर चोदा है. अब उसने कहा कि देखो तुम और झूठ बोल रही हो और में जानता हूँ कि तुम कम से कम 7-8 लोगो से चुद चुकी हो? तो भाभी ने कहा कि हाँ में चुदी हूँ और अब में तुमसे चुदने के लिए तैयार हूँ, प्लीज अब आ जाओ और फिर उसने एक बार फिर से भाभी को गरम किया, लेकिन इस बार एक लंबी चुदाई हुई. उसने भाभी को चार बार आगे से और दो बार पीछे से चोदा. इस तरह उन दोनों ने रात भर चुदाई की और बहुत मज़े किए.
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दीदी की चुदाई का कारनामा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम हेमन्त है और में लखनऊ का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 32 साल है, दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ और यह कहानी उस समय की है जब में 26 साल का था और में एक दुकान चलाता था. मुझे उस समय सेक्स करना बहुत अच्छा लगता था और उसी समय मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त की बहन अपने पति और बच्चों के साथ रहने आ गई. उनकी उम्र करीब 38 साल थी और उनके बूब्स का साईज करीब 36-32-38 था.
दोस्तों वो मुझे अपने खुले बालों में बहुत सेक्सी लगती थी, लेकिन वो मेरे दोस्त की बहन थी इसलिए में भी उन्हें हमेशा दीदी कहता था. वो अक्सर मेरे पास आकर मेरे पास बैठकर मुझसे बहुत देर तक बातें किया करती थी और जब वो मटककर चलती तो उनकी वो बड़ी सी गांड जब आगे पीछे होती तो कोई भी उनके सेक्सी बदन को देखकर चोदना चाहता था और उनकी नाभि बहुत गहरी थी. वो अधिकतर समय बिना ब्रा के ब्लाउज पहना करती थी तो वो बहुत सेक्सी दिखती थी और में उनके बूब्स, गांड सेक्सी बदन को देख देखकर हमेशा उनकी तरफ आकर्षित हो जाता था.
वो भी मुझसे अब बहुत खुलकर हंस हंसकर बातें करने लगी थी. दोस्तों उनकी बड़ी लड़की जो उस समय करीब 21 साल की थी और उसका रंग दूध सा गोरा और उसके गाल बिल्कुल गुलाबी, उसके बूब्स बिल्कुल बड़े बड़े मुलायम थे. उसके फिगर का साईज़ 34-26-34 था. वो दिखने में बिल्कुल हुस्न की परी थी. कोई भी उसे एक बार देख ले तो उसका लंड खड़ा होकर सलामी करने लगता था और वो मुझे मामा कहकर बुलाती थी.
दोस्तों वो अब यहीं पर रहने वाली थी. उनकी दो लड़कियाँ और दो लड़के थे, बड़ी लड़की 21 साल की लेकिन बहुत सेक्सी थी. उसका नाम था हेमा. दोस्तों कब हम दोनों में बहुत अच्छी दोस्ती हुई और कब प्यार हो गया मुझे पता ही नहीं चला? लेकिन कुछ दिनों के बाद वो अपने ससुराल गई और वो मुझे भी अपने साथ में ले गई. में अब वहां पर बहुत खुश था, लेकिन मेरे साथ एक बहुत बड़ी समस्या भी थी कि अब दीदी भी मुझे बहुत अजीब नज़रो से देखने लगी थी. फिर एक दिन मेरे सर में थोड़ा सा दर्द हो रहा था और वो ठंड का महीना था इसलिए में एक कम्बल ओढ़कर लेटा हुआ था कि दीदी मेरे पास आई और फिर वो मुझसे कहने लगी कि क्या में तुम्हारे सर की मालिश कर दूँ?
मैंने अब उन्हें कुछ सोचकर साफ मना कर दिया, लेकिन वो नहीं मानी और में उस समय दीवार के पास में लेटा हुआ था. वो भी अब उसी तरफ बैठकर मेरे सर की मालिश करने लगी और उस समय रात के करीब 11 बज रहे होंगे. घर के सभी लोग सो गये थे, दीदी एक हाथ से मेरे सर पर मालिश कर रही थी और उन्होंने अपना एक हाथ मेरे पेट रखा हुआ था. मुझे अब कुछ देर बाद उनकी आँखो में एक अजीब सी चमक दिख रही थी और उनके वो कोमल मुलायम हाथ मेरे ऊपर रखने की वजह से मेरा 6.5 का लंड अब तनकर खड़ा होने लगा था और वो अब अपना हाथ धीरे धीरे मेरे लोवर के अंदर खिसका रही थी और में अपनी दोनों आँखे बंद करके चुपचाप लेटा हुआ था. मुझे भी अब उनके यह सब करने की वजह से बहुत मज़ा आ रहा था और कुछ देर बाद जब में बहुत गरम हो गया तो मैंने उनका हाथ पकड़कर मेरे लंड पर रख दिया. वो मेरे ऐसा करते ही एकदम से बहुत खुश हो गई और अब वो मेरे लंड को धीरे धीरे सहलाने लगी, लेकिन मेरा बहुत बुरा हाल था.
फिर उन्होंने अपने मुहं में मेरे लंड को लिया और वो अब मेरे लंड को पागलों की तरह चूसने लगी और अब में भी उसके बूब्स दबा रहा था और उस समय मुझे जो आनंद मिल रहा था में वो आप लोगो को शब्दों में नहीं बता सकता. उनके बूब्स का साईज़ 36 था और उसके बूब्स बिल्कुल गोल पहाड़ की छोटी की तरह तनकर खड़े हुए थे. में उनके निप्पल को ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था और दबा रहा था. में दूसरे हाथ से उनके पेट और पीठ के नीचे कमर तक सहला रहा था. करीब दस मिनट तक ऐसे ही चलता रहा और अब उनकी चूत और गांड का नंबर था.
फिर मैंने एक हाथ उनकी साड़ी के अंदर डाल दिया और वो पेंटी नहीं पहनती थी. मैंने हाथ लगाकर महसूस किया कि उनकी चूत अब एकदम गीली हो चुकी थी और मुझे ऐसा लग रहा था कि वो बूब्स को दबाते हुये झड़ चुकी थी और अब मैंने उनसे लाईट बंद करके अपने साथ सोने को कहा और वो उठकर लाईट बंद करके आ गई और मेरे पास में लेट गई. अब हम दोनों एक ही कम्बल में थे और में उनके पैरों की तरफ गया और फिर मैंने उनकी साड़ी को ऊपर करके अपना मुहं उनकी बालों वाली चूत पर रख दिया. वाह दोस्तों क्या मस्त खुशबू थी. में अब उनकी चूत को चाटने लगा और वो तड़प रही थी और अपने हाथों से मेरा सर पकड़कर चूत में घुसाने की कोशिश करने लगी. मैंने भी इसी दौरान अपने एक हाथ का अंगूठा उनकी गांड पर रखा और गोल गोल आसपास घुमाने लगा और इधर चूत के दाने को चाट रहा था और अब वो एक बार फिर से झड़ने वाली थी और उन्होंने मेरे सर को अपनी चूत पर दबाया और मेरे मुहं पर अपनी चूत से ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगी. कुछ ही सेकिंड के बाद वो मेरे मुहं में झड़ गई..
दोस्तों अब में उनकी चूत का पूरा रस पी गया और मैंने उनकी चूत को चाट चाटकर एकदम साफ कर दिया था. मैंने महसूस किया कि अब दीदी की झांटे बहुत गीली हो गई थी और मैंने दीदी से अपनी चूत के बाल साफ ना करने का कारण पूछा? तो दीदी ने मुझसे कहा कि आज तक तेरे जीजा जी ने कभी मेरी इस बैचेन चूत में मुहं ही नहीं लगाया था और उनका लंड भी बहुत छोटा था और वैसे भी वो हमेशा जल्दी से आए और दस मिनट में मुझे चोदकर दूर हट जाते थे इसलिए मैंने कभी नीचे की तरफ अपनी चूत पर बिल्कुल भी ध्यान ही नहीं दिया, लेकिन आज तूने मुझे इस तरह चोदकर जो आनंद दिया है इसके लिए में अब सारी जिंदगी तेरी रखेल बनकर रहूंगी.
दोस्तों इसी बीच में धीरे धीरे ऊपर की तरफ बढ़ रहा था और अब में उनकी नाभि चाट रहा था और उनके 36 इंच साईज़ के बूब्स मेरे रगड़ने की वजह से पहाड़ की तरह खड़े और बिल्कुल टाईट हो गये थे. अब में उनके निप्पल को चूस और मसल रहा था और वो तड़प रही थी और मचल रही थी. फिर उन्होंने मेरे कान में कुछ फुसफुसाया और मुझसे कहा कि अब मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा.
में उनके दोनों पैरों के बीच में आ गया और मैंने उनके पैर खोलकर जगह बनाई और उनकी उस बालों वाली चूत में अपना लंड घुसाया. वो मेरे पहले धक्के से एकदम उछल पड़ी और अब मैंने अपने दूसरे जोरदार धक्के में लंड को चूत की जड़ तक पहुंचा दिया. में थोड़ी देर मस्ती के लिए ऐसे ही पड़ा रहा तो वो भी अब नीचे से धीरे धीरे धक्के मारने लगी और मुझे भी बाहों से सहलाकर नीचे दबा रही थी. अब में भी धक्के लगाने लगा और हमें बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन सब लोग हम दोनों कुछ दूरी पर लेटे हुए थे तो इसलिए वो चिल्ला भी नहीं पा रही थी, लेकिन वो एक अजीब सी सेक्सी आवाज़े निकाल रही थी.
हमारी यह चुदाई करीब 25 मिनट तक चली और वो इस बीच तीन बार झड़ चुकी थी और अब में भी झड़ने वाला था इसलिए मैंने उनसे पूछा कि में अपना वीर्य कहाँ डालूं? तो वो मुझसे बोली कि अंदर ही डाल दो क्योंकि उन्होंने नसबंदी करा रखी थी तो उन्हें कोई परेशानी नहीं थी. में अब उनकी चूत में ही झड़ गया और कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा. दस मिनट बाद उन्होंने मेरे लंड को अपने पेटीकोट से साफ किया और मुझे एक लंबा किस देकर अपने बिस्तर पर चली गई और अब मेरा सर दर्द ठीक हो गया था. दोस्तों इसके बाद मैंने उनको कई तरह से और कई बार चोदा.
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भाभी के बर्थ-डे पर अनोखी चुदाई

हैल्लो दोस्तों, उस दिन मेरी भाभी का बर्थ-डे था और मैंने भाभी को पहले ही कह दिया था कि इस बार का बर्थ-डे भाभी और में एक साथ मनायेंगे. फिर में उनके बर्थ-डे के दिन केक लेकर आया और भाभी के लिए एक अच्छा सा गिफ्ट भी लाया. उस गिफ्ट में क्या था? वो में आपको आगे बताऊंगा. फिर भाभी ने कहा आ गए देवर जी रात के 12 बजने वाले है. मेरे बर्थ-डे की तैयारी हो गई.
मैंने कहा कि भाभी आप बेफिक्र रहिए, आपके इस देवर ने पूरी तैयारी कर ली है. पहले आप नहाकर एक अच्छा सा पटियाला ड्रेस पहन लीजिए, आप पटियाला सलवार में बहुत ही सेक्सी लगती हो. फिर भाभी ने कहा कौन सा वाला पटियाला ड्रेस पहनूं? तो मैंने कहा कि भाभी वही जिसमें वेलवेट का जंपर है और पतली ग्रीन कलर की फुल चैन वाली सलवार है. भाभी ने कहा ठीक है आप केक और मोमबत्ती की तैयारी कीजिए में अभी नहाकर आती हूँ.
फिर मैंने कहा कि भाभी सब तैयार है आप बस अच्छे से नहा लीजिए, अब मैंने पहले से ही बाथरूम के दरवाज़े के स्क्रू खोलकर दरवाज़ा निकाल लिया था और एक पतला पर्दा लगा दिया था ताकि में भाभी को नहाते हुए देख पाऊं. फिर भाभी ने पूछा कि बाथरूम का दरवाज़ा कहाँ गया? और यह पर्दा कैसे लटक रहा है? तो मैंने कहा कि भाभी वो दरवाज़ा नीचे से ख़राब हो गया था तो मैंने निकाल कर दूसरा बनाने के लिए दिया है. तब तक मैंने यह पर्दा लगा दिया है और आप आराम से पर्दे के अंदर नहा लो.
भाभी थोड़े गुस्से में नहाने के लिए चली गई और अब में कुर्सी लेकर बाथरूम के बाहर बैठ गया. भाभी ने कहा कि यहाँ क्यों बैठे हो? तो मैंने कहा कि भाभी अपने घर में चूहे बहुत है, पहले दरवाज़ा था तो वो अंदर नहीं जाते थे, लेकिन पर्दे में से अंदर जा सकते है इसलिए चूहा अंदर नहीं जाए तो में चूहा भगाने के लिए यहाँ बैठा हूँ.
फिर भाभी ने कहा देवर जी आज अपनी भाभी की बड़ी चिंता हो रही है, तो मैंने भी कह दिया भाभी आप तो मेरी भाभी जान हो. आज तो में आपका पूरा ख्याल रखूँगा. फिर भाभी अंदर जाने वाली थी तो मैंने उनके हाथ में से वो ग्रीन ड्रेस ले ली जो भाभी नहाने के बाद पहनने वाली थी. फिर मैंने कहा भाभी लाओ यह ड्रेस में पकड़ लेता हूँ अंदर कपड़े टांकने का कोई हुक नहीं है, वो प्लमबर ने सब निकाल दी है.
फिर भाभी अपने कपड़े मुझे देकर अंदर नहाने चली गई और अब भाभी ने अंदर से लाईट चालू की ओह माई गॉड, अब भाभी अंदर अपने कपड़े उतारने लगी तो मुझे पर्दे में से हल्का-हल्का दिख रहा था. फिर मैंने कहा भाभी लाओ कपड़े उतार दिए है तो मुझे दे दो नहीं तो नीचे भीग जायेंगे. फिर भाभी ने अपने कपड़े उतार कर पर्दे में से हाथ आगे कर दिया, तो मैंने कहा लाओ सलवार भी दे दो.
तब भाभी ने कहा उतार कर देती हूँ, लेकिन बहुत देर हो गई फिर भी भाभी ने सलवार नहीं दी तो मैंने कहा कि भाभी आपकी सलवार दो. भाभी ने कहा कि देवर जी सलवार में गाँठ टाईट लग गई है तो नाड़ा खुल नहीं रहा है. फिर मैंने किचन से ब्लेड लाकर भाभी को दी और फिर भाभी ने पर्दे में से हाथ निकाल कर ब्लेड लेनी चाही तो मैंने भाभी का हाथ पकड़ लिया और कहा कि भाभी ब्लेड कहीं आपकी कमर पर ना लग जाए, में ही सही से नाड़ा काट देता हूँ.
भाभी ने कहा कि अंदर मत आना, में अंदर नंगी हूँ और में खुद नाड़ा काट लूंगी, लाओ ब्लेड मुझे दे दो. फिर मैंने ब्लेड भाभी को दे दी और फिर भाभी ने अपनी सलवार का नाड़ा काटकर सलवार उतार कर मुझे दे दी. अब सलवार में नाड़ा कटा हुआ था और सलवार थोड़ी सी भीगी हुई भी थी, शायद सलवार उतारते वक़्त ज़मीन पर गिर गई होगी.
अब मुझे सलवार में से बहुत अच्छी महक आ रही थी और आयेंगी क्यों नहीं? क्योंकि ये सलवार भाभी ने अभी-अभी उतारी थी और सलवार में अभी भी भाभी की जांघो और उनकी प्यारी सी चूत का अहसास था. फिर में सलवार को जहाँ भाभी की चूत लगती होगी उस हिस्से को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. अब मुझे सलवार चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने भाभी की ब्रा और चड्डी माँगी तो भाभी ने मुझे अपनी ब्रा और चड्डी देने से मना कर दिया, क्योंकि नहाने के बाद वो वही ब्रा पेंटी पहनने वाली थी.
फिर मैंने भाभी के कपड़े जो वो नहाने के बाद पहनने वाली थी, मैंने उनकी कमीज़ के दोनों चाकों को कैंची से काटकर थोड़ा बड़ा कर दिया ताकि में उनकी कमर को देख सकूँ और कमीज़ की लंबाई भी 10 इंच काटकर उसे एकदम पटियाला बना दिया, ताकि में भाभी की नाभि सलवार के ऊपर से पूरी देख सकूँ और सलवार को भी नाड़ा बाँधने की तरफ से 4 इंच काट दिया, ताकि में उनकी नाभि देख लूँ और चूत के पास वाली जगह की थोड़ी सिलाई खोल दी, ताकि खींचने पर सलवार चूत के पास से आराम से फट जाए और सलवार के नाड़े में मैंने दो घुंघरू लगा दिए, ताकि भाभी की सलवार का नाड़ा लटकने और चलने पर आवाज़ आए.
अब 15 मिनट तक भाभी अंदर नहाती रही और में उन्हें पर्दे के बाहर से देखता रहा. अब नहाने के बाद भाभी ने ब्रा, पेंटी पहनी और अपने कपड़े माँगे तो मैंने भाभी के कपड़े उन्हें दे दिए. अब भाभी अंदर चौंक तो गई होगी कि मैंने उनके कपड़ों के साथ कुछ शरारत तो की है. फिर भाभी कपड़े पहनकर बाहर आई तो कसम से वो आइटम लग रही थी. उन्होंने कमीज़ तो खोली उनकी नाभि तक ही थी और दोनों चाकों में से भाभी की कमर नज़र आ रही थी, लेकिन भाभी ने सलवार के नाड़े को अंदर घुसा लिया था और घुंघरू भी नहीं दिख रहा था, जो मैंने उनकी सलवार के नाड़े पर बांधा था. फिर भाभी ने अपनी कमीज ऊपर करके अपनी सलवार मुझे दिखाई और अपनी सलवार के अंदर से नाड़े को बाहर निकाला और नाड़ा बाहर कर दिया. अब घुंघरू भी लटक-लटक कर छन-छन बज रहा था.
फिर भाभी ने पूछा कि ये तुमने बांधा है क्या? तो मैंने कहा हाँ भाभी ये घुंघरू में आपके लिए लाया था, लेकिन आपकी कमीज़ में पीछे गले पर डोरी थी ही नहीं इसलिए यह मैंने आपकी सलवार के नाड़े पर बाँध दिया. आप ये नाड़ा अपनी हर सलवार में डाला करो और नाड़े को ऐसे ही बाहर लटकता छोड़ दिया करो, मुझे बहुत अच्छा लगता है और आप कुछ भी करोगी तो यह घुंघरू छन-छन बजते हुये बहुत अच्छे लगते है. फिर भाभी ने अपनी कमीज़ नीचे की और कांच के सामने अपने बाल बनाने लगी.
फिर मैंने भाभी से पूछा कि भाभी आपने अपनी पेंटी और ब्रा क्यों नहीं दी? तो भाभी ने कहा कि वो तो मैंने अभी भी पहनी है. मुझे गुस्सा आ गया और फिर मैंने कहा क्या? भाभी आप अपने बर्थ-डे के दिन भी गंदे कपड़े पहन लिए है, यह अच्छी बात नहीं है. फिर मैंने तुरंत कैंची उठाई और भाभी को पीछे से पकड़ लिया.
फिर भाभी ने कहा कि देवर जी क्या कर रहे हो? फिर मैंने भाभी की पेंटी की लाईन को पकड़ा और कैंची से काट दिया और फिर एक झटके में ब्रा बाहर खींच ली.
फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी आप बाल बना लो, फिर हम साथ में आपका बर्थ-डे सेलीब्रेट करेंगे. अब भाभी सिर्फ छोटी सी पटियाला कमीज़ और फूल वाली सलवार में थी. फिर भाभी ने बाल बनाकर अपना पूरा मेकअप कर लिया था और अब वो बहुत सेक्सी लग रही थी. अब केक काटना था और मेरा लंड तो पूरा खड़ा था. अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मेरा जी कर रहा था कि अभी भाभी की सलवार उतार कर उनकी चूत को अपने मुँह में भर लूँ और सारा रस पी जाऊं.
तभी भाभी बाथरूम की तरफ जाने लगी तो मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और पूछा कहाँ जा रही हो? भाभी केक काटने का टाईम हो गया है. तभी भाभी ने कहा कि बहुत ज़ोर से पेशाब लगी है ज़रा पेशाब करके आती हूँ. फिर भाभी बाथरूम में जाकर पेशाब करने लगी. बस अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और अब में भाभी की पेशाब की आवाज़ सुनकर अपने लंड को हिलाने लगा और फिर में केक के पास गया और केक के बीच में से थोड़ा सा टुकड़ा काटकर केक के बीच में अपने लंड की सारी मलाई निकाल दी और में शांत हो गया.
फिर मैंने केक के टुकड़े को वापस अंदर दबा दिया और केक सही किया. अब केक काटना था और भाभी को पता नहीं था कि मैंने केक के एक कोने में अंदर अपनी मलाई केक में मिला दी है. फिर इतने में भाभी पेशाब करके बाहर आई. फिर मैंने भाभी से कहा चलो भाभी केक काटते है. फिर भाभी केक के सामाने आकर खड़ी हो गई और फिर मैंने केक की मोमबत्तीयां जलाई और कमरे की सारी लाईट बंद कर दी और अपनी भाभी के पीछे जाकर खड़ा हो गया और एक हाथ भाभी की कमर में डाल दिया.
अब पूरे कमरे में अंधेरा था. बस मोमबत्ती की रोशनी थी जो केक पर जल रही थी. अब भाभी के हाथ में चाकू था और मेरे हाथ में कैंची थी. फिर मैंने बड़ी होशयारी से भाभी की सलवार को पीछे की साईड से गांड के पास से कैंची से थोड़ा काट दिया. अब भाभी को पता ही नहीं चल पाया कि उनकी सलवार पीछे से गांड के पास से 6 इंच से ज़्यादा कट गई है. फिर मैंने कैंची रख दी और अपनी भाभी से पूरा चिपक गया.
फिर मैंने अपने पैर से केक की टेबल को थोड़ा आगे कर दिया, अब मैंने भाभी से कहा कि चलो मोमबत्ती बुझाओ और केक काटो. अब भाभी थोड़ा आगे बढ़कर मोमबत्ती बुझाना चाहती थी, लेकिन मैंने उन्हें पकड़कर रखा और आगे बढ़ने ही नहीं दिया. फिर मैंने कहा भाभी थोड़ा झुककर मोमबत्ती बुझा दो. फिर भाभी थोड़ी आगे झुकी तो मैंने तुरंत अपनी पेंट उतार दी तो मेरा खड़ा लंड भाभी की सलवार से लग गया. भाभी को अपने चूतड़ों पर सलवार के ऊपर से कुछ गर्म सा लगा.
तभी भाभी ने पूछा कि यह गर्म-गर्म क्या है? तो मैंने कहा कि वो आप थोड़ा झुकी तो मुझे लगा कि आपका बैलेन्स नहीं बिगड़ जाए इसलिए मैंने आपके चूतड़ पर हाथ रख दिए, लेकिन सच में वो मेरा लंड था. अब में अपने लंड को भाभी की चूत पर हल्के-हल्के से रगड़ने लगा था. मेरा लंड इतना गर्म था कि शायद भाभी को मालूम चल गया था कि में उनके चूतड़ पर अपना हाथ नहीं बल्कि अपना लंड रगड़ रहा हूँ.
अब जहाँ से मैंने उनकी सलवार कैंची से काट दी थी वहां से अब मेरा लंड उनकी चूतड़ के बीच की दरार में जाने लगा था. अब जैसे ही मेरा लंड उनकी सलवार के फटे हुए हिस्से में अंदर गांड पर टच हुआ, तो भाभी की सिसकारी निकल गई और उनके मुँह से हल्की सी, आह आह निकल गई, लेकिन उन्होंने ज़ाहिर नहीं होने दिया कि उन्होंने कुछ कहा है. अब भाभी थोड़ा और झुककर मोमबत्ती बुझाने लगी तो मैंने भी लंड को और नीचे करके सलवार के अंदर पूरा कर दिया और उनकी चूत पर टच कर दिया.
तभी भाभी ने एक ज़ोर से फूँक मारी तो मैंने उसी वक़्त लंड को पूरी ताक़त से चूत में दबा दिया. जिससे मेरा लंड आधा उनकी चूत में घुस गया और अब भाभी की फूँक निकल गई और सारी मोमबत्ती बुझ गई और मुझे भी एक अजीब सा एहसास हुआ.
अब भाभी की चूत की गर्माहट मुझे महसूस हो रही थी, मेरा लंड अंदर था. फिर भाभी ने पीछे मुड़कर मुझे देखा तो उनके चेहरे पर एक हल्की सी स्माइल थी. मैंने तुरंत गाना गाया हैप्पी बर्थ डे टू यू और फिर लंड बाहर निकाल कर एक झटका दिया और लंड थोड़ा ज़्यादा अंदर चला गया और अब में भाभी की चुदाई धीरे-धीरे से करने लगा और हैप्पी बर्थ डे का गाना गाने लगा. अब भाभी भी आहह आह सी करने लगी थी. फिर मैंने भाभी से कहा कि केक तो खिलाओ.
फिर भाभी ने चाकू से केक काटकर मुझे अपने हाथों से खिलाने के लिए पीछे पलटी तो मेरा लंड उनकी चूत से बाहर निकल गया, लेकिन मैंने तुरंत उनको अपनी बाहों में भर लिया और पीछे से उनके चूतड़ कसकर पकड़ लिए. अब मेरा लंड उनके पेट पर दब रहा था और फिर मैंने चाकू पर जानबूझ कर हाथ मारा तो केक का एक टुकड़ा उनके गले में कमीज़ के अंदर घुस गया, तो भाभी ने कहा कि यह क्या किया देवर जी? सब केक आपने मेरे बूब्स पर गिरा दिया.
फिर मैंने कहा कि भाभी कोई बात नहीं, में अभी इसे साफ कर देता हूँ. फिर मैंने भाभी की कमीज़ को कंधो से पकड़कर नीचे कर दिया और भाभी का पूरा सीना खुल गया. अब मुझे उनके आधे बूब्स मुझे दिख रहे थे और केक उनके बूब्स पर गिरा हुआ था. फिर में आराम से केक चाटने लगा और मैंने उनको कसकर पकड़ा था और अब में केक चाटता रहा. मेरा केक चाटना तो एक बहाना था, असल में तो में उनके सीने और उनके बूब्स को चाट रहा था.
मैंने थोड़ी कमीज़ और नीचे की तो उनकी कमीज़ आगे से फट गई और भाभी के दोनों बूब्स झट से बाहर आकर लटकने लगे. अब भाभी को शर्म आने लगी और उन्होंने कहा कि हाय दय्या देवर जी आपने तो मुझे ऊपर से पूरा नंगा ही कर दिया. फिर मैंने चाकू से केक का वो हिस्सा काटा जहाँ मैंने अपनी रसमलाई दबाई थी, लेकिन वो केक के बीच में दबी हुई थी और केक भी सफेद था इसलिए पता ही नहीं पड़ता था. फिर मैंने वो ही हिस्सा काटकर भाभी को पकड़ कर सोफे पर ले गया और उन्हें अपनी गोद में बैठाया. अब मैंने अपनी पेंट आधी उतार दी थी इसलिए भाभी सीधी मेरे खड़े लंड पर ही बैठ गई और लंड भाभी की गांड के नीचे दब गया.
फिर भाभी को मैंने अपने हाथों से वो केक खिलाया, अब भाभी बड़े मज़े से वो केक खाने लगी. फिर उन्होंने मुझसे पूछा भी कि केक कुछ नमकीन सा लग रहा है और बहुत चिकनाहट है, तो मैंने कहा कि शायद क्रीम ज़्यादा होगी इसलिए लग रहा है और भाभी ने बड़े आराम से मेरी मलाई से सना हुआ केक खा लिया. अब भाभी को भी क्या मालूम पड़ेगा? कि वो केक नहीं बल्कि मेरे लंड की रस मलाई खा रही है. फिर में भाभी की चूत को चाटने लगा और 15 मिनट तक ऐसे ही चूसने के बाद भाभी की चूत में से ढेर सारा रस निकलने लगा, मुझे यही तो चाहिए था. फिर मैंने उसकी एक एक बूँद रस को पी लिया, भाभी की चूत का रस बड़ा मज़ेदार था.
अब भाभी पूरी शांत हो गई थी और अब उनसे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था. फिर उन्होंने मुझे धक्का दे दिया और अपनी सलवार का नाड़ा बांधा और बिस्तर पर लेट कर आराम करने लगी और में भाभी को देख रहा था. फिर भाभी ने पूछा क्या देख रहे हो देवर जी? तो मैंने कहा भाभी आप जैसी हसीन औरत मैंने आज तक नहीं देखी है, आपके बूब्स की चूची बहुत लंबी मोटी और खूबसूरत है. तो भाभी ने कहा कि छी अपनी भाभी से ऐसा बोलने में शर्म नहीं आती क्या?
तो मैंने कहा जो सच है वो मैंने बोल दिया, इसमें शर्म की क्या बात है? तो भाभी हंसने लगी. फिर अचनाक से भाभी उठने लगी तो मैंने पूछा क्या हुआ भाभी? तब भाभी ने कहा देवर जी पेशाब आ रहा है. फिर मैंने भाभी को गोद में उठाया और बाथरूम में जाकर अपनी गोद में बैठाया और उनकी सलवार का नाड़ा खोला और कहा कि भाभी अब पेशाब कर लो. अब भाभी की चूत ठीक मेरे मुँह के सामने थी, तो भाभी ने कहा मुझे शर्म आती है आप उधर मुँह करो तभी में पेशाब करूँगी.
फिर मैंने कहा क्या हुआ भाभी? जब में आपकी चूत चूस सकता हूँ तो आपको पेशाब करते नहीं देख सकता क्या? तो भाभी ने कहा कि नहीं में आपके मुँह के सामने पेशाब नहीं करुँगी, कहीं मुझे पेशाब करता देख आप फिर से मेरी चूत ना चूस लो, चलिए उधर देखिए. फिर मैंने अपना मुँह दूसरी तरफ किया. तभी भाभी ने एक तेज़ धार पेशाब की छोड़ी. अब पेशाब की आवाज़ सुनकर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने भाभी की चूत में कस कर अपना मुँह लगा दिया और भाभी की चूत चूसने लगा.
अब भाभी का पेशाब सीधा मेरे मुँह पर गिर रहा था और भाभी की सलवार भी थोड़ी पेशाब में भीग गई थी. फिर भाभी ने तुरंत पेशाब रोक दिया और फिर भाभी ने कहा देवर जी मैंने कहा था ना कि मुझे पेशाब करते हुए मत देखो, आपसे रहा नहीं जायेगा.
फिर मैंने कहा भाभी आपकी पेशाब की आवाज़ सुनकर मुझसे रहा नहीं गया, तभी भाभी ने कहा देवर जी आप बहुत बुरे हो चलो अब तुम बाथरूम के बाहर जाओ, में अकेले पेशाब करुँगी. मुझे गुस्सा आ गया, फिर मैंने भाभी को खड़ा किया और उनके गाल पर एक थप्पड़ लगाया और उनकी सलवार उतार दी और अपना लंड सीधे उनकी चूत में घुसा दिया और भाभी के बूब्स को ज़ोर से पकड़कर कहा कि अब करो पेशाब, मेरा लंड तुम्हारी चूत के अंदर है और अब तुम्हें इसी हालत में पेशाब करना है.
भाभी ने कहा कि में कैसे पेशाब करूँ? आपने अपना लंड मेरी चूत में पूरा अंदर तक घुसा दिया है तो पेशाब नहीं निकल रहा है, प्लीज़ मेरी बूब्स की चूचीयों को छोड़ दो. फिर मैंने कहा कि ज़ोर लगाओ, ताक़त लगाओ, अपनी योनि का अपने गर्भ में दबाव डालो तो ज़रूर पेशाब बाहर आ जायेगा.
फिर उन्होंने बड़ी मेहनत से अपनी योनि और गर्भ पर ज़ोर लगाया और वो पूरी ताक़त से पेशाब करने लगी थी. अब भाभी की चूत में मेरा 9 इंच का लंड पूरा अंदर तक घुस चुका था और पेशाब चूत और लंड के किनारो से बहता हुआ बाहर आ रहा था. फिर वो 2 मिनट तक पेशाब करती रही. अब पेशाब ख़त्म होने के बाद में भाभी को कस-कस कर चोदने लगा, अब भाभी, ऊऊऊऊऊओह अहह आययययययी गईईईईई गगगईईईईईईईईईईईईईईईईईई देवर जी नहिईईईईईईईईईईईईईईईईई, देवर जी आईईईईईईईईईई प्लीज ससस्स्स्स्सस्स्स्सस्स हह अहह अहह ऊऊऊईईईईईईईईईय आआआअहह कर रही थी.
दोस्तों में आपको बयान नहीं कर सकता कि मुझे भाभी की चुदाई करने में कितना मज़ा आ रहा था. फिर मैंने भाभी को अपनी गोद में उठा लिया और उनकी चुदाई करने लगा और में उन्हें कमरे में बेड पर ले आया. अब तो पलंग पर चुदाई का बड़ा ही ख़तरनाक सीन चल रहा था. फिर में भाभी को अलग-अलग स्टाइल में चोदने लगा. फिर में बाथरूम से भाभी की पेशाब में भीगी हुई सलवार ले कर आया और सलवार से भाभी के दोनों हाथ बाँध दिए. अब भाभी पलंग पर सीधी लेटी हुई थी और मैंने उनके दोनों हाथों को पलंग के ऊपर किनारे पर सलवार से बाँध दिए थे.
फिर मैंने भाभी से कहा कि अब में तुम्हे लंड का असली मज़ा देता हूँ मेरी भाभी जान. भाभी ने कहा कि देवर जी नहीं प्लीज ऐसा मत करो, तुम मुझे खोल दो और आराम से मुझे चोद लो, लेकिन ऐसे बांध कर नहीं, तुम बड़ी बेदर्दी से चोदते हो, इतना बड़ा लंड है तुम्हारा, बेरहमी से चोदोंगे तो में मर जाउंगी. फिर मैंने कस कर भाभी के बूब्स पर 4-5 थप्पड़ मारे और कहा चुप हो जा, तुझ जैसी हसीन औरत को तो बाँध कर ही चोदना चाहिए है. जब मेरा 9 इंच का लंड तेरी चूत में घुसेगा तो तेरा सारा मचलना बंद हो जायेगा. अब भाभी डर सी गई थी और अब कमरे में पूरे 1 घंटे तक भाभी की चीखने की आवाजे आती रही, लेकिन वहां पर कोई उन्हें बचाने वाला नहीं था. अब मैंने बुरी तरह से भाभी को चोद डाला था. अब मेरी मलाई निकलने वाली थी और फिर में अपनी सारी मलाई भाभी की चूत में निकालकर भाभी के साथ सो गया.
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मुझे मेरे पड़ोसी ने रांड बनाकर चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम करण है और में जालंधर का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह मेरी पहली एक सच्ची घटना है जिसको में आज आप सभी को सामने सुनाने जा रहा हूँ. दोस्तों मुझे सेक्स करने का कोई शौक नहीं था, लेकिन हाँ लड़की की तरह ड्रेस पहने का और मेकअप करने का, अपनी गांड में उंगली करने का बहुत शौक था और में कभी कभी अपनी बहन की ब्रा, पेंटी और सूट पहनकर खुद को कांच में देखता था. मुझे यह सब करना बहुत अच्छा लगता था और दोस्तों में अपने बारे में बताना ही भूल गया. मेरी उम्र 23 साल है और मेरी यह कहानी तब की है जब में 21 साल का था. में बिल्कुल पतला दुबला हूँ.
दोस्तों हमारे पास वाले घर में एक भैया रहते थे, उनका नाम रोमी था और वो शादीशुदा थे, लेकिन उनकी शादी के कई साल गुजर जाने के बाद भी उनका अपना कोई बच्चा नहीं था और उनकी पत्नी मतलब कि मेरी भाभी जी दिखने में एकदम सेक्सी थी और फिर जब भी हम दोनों मिलते थे तो में उनको नमस्ते कर देता था, लेकिन हमारे परिवार का एक दूसरे से बहुत अच्छा रिश्ता था.
एक दिन की बात है जब मेरे घर वालों को तीन दिनों के लिए कहीं बाहर जाना था, लेकिन में उनके साथ नहीं जाना चाहता था क्योंकि मुझे अपने कॉलेज में कुछ जरूरी काम था. उसी दिन मेरी मम्मी ने ऐसे ही रोमी की मम्मी से बात की तो उनसे मेरी मम्मी को पता चला कि वो लोग भी तीन दिन के लिए बाहर जा रहे है, लेकिन रोमी उनके साथ नहीं जा रहे थे क्योंकि उन्हें अपने ऑफिस में कुछ जरूरी काम था.
अब मम्मी ने मुझसे कहा कि तुम और रोमी अगर एक साथ रह लो तो हमे तुम्हारी खाने की टेंशन नहीं रहेगी, दोस्तों पहले तो मैंने उन्हें साफ मना किया, लेकिन फिर मान गया और रोमी भैया भी मान गये. फिर दो दिन बाद हमारे घर वाले सभी लोग बाहर चले गये. में अब तीन दिन के लिए अपने कपड़े और ज़रूरी चीज़े लेकर रोमी के घर पर चला गया और अब हमने बहुत सारी बातें की और फिर हमने अपना रात का खाना बाहर से मंगवा लिया और मैंने अब उन्हे खाना परोस दिया और वो खाना खाने लगे, लेकिन ना जाने क्यों मुझे बीच बीच में ऐसा लग रहा था कि वो मुझे घूर घूरकर देख रहे है.
एक बार में उठकर किचन में कुछ लेने चला गया तो जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वो मेरी गांड को घूरकर देख रहे थे, लेकिन मैंने उनकी उस हरकत पर ज्यादा गौर नहीं किया. फिर मैंने खाना खाकर किचन को साफ किया और उनके सोने के बारे में पूछा तो वो मुझसे बोले कि हम दोनों एक ही रूम में सो जाएँगे और फिर उन्होंने मेरी तरफ एक अजीब सी स्माइल दी. अब मैंने कहा कि ठीक है तभी वो मुझसे मुस्कुराते हुए कहने लगे कि मुझे अंडरवियर में सोने की आदत है. मैंने कहा कि कोई बात नहीं है आप जैसे चाहे वैसे सो सकते है और मुझे इसमे कोई भी आपत्ति नहीं है. फिर में अपने सभी काम खत्म करके उनके रूम में सोने आया तो मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि वो मेरे सामने अब सिर्फ़ अपनी अंडरवियर में थे और उनको लंड एकदम खड़ा था. उनकी छाती पर बहुत सारे बाल थे और उनकी जाँघों पर भी.
दोस्तों अब इतना सब कुछ देखकर मेरे शरीर में कुछ कुछ होने लगा था और वो मुझे लगातार घूर घूरकर देख रहे थे तो में अब उनसे थोड़ा सा शरमा गया. वो मुझसे बोले कि क्यों तुम भी अपनी अंडरवियर में ही सो जाओ? मैंने उनसे कहा कि नहीं मुझे इस तरह बहुत शरम आती है. फिर वो मुझसे बहुत ज़िद करने लगे तो में भी कुछ देर में मान गया. मैंने भी अब अपने पूरे कपड़े उतार दिए और अब में सिर्फ़ अंडरवियर में था. वो मुझे देखकर बोले कि तुम तो पूरी लड़की की तरह लगते हो तुम बहुत सुंदर हो और फिर हम सोने लगे और मैंने लाईट बंद कर दी. अभी कुछ एक घंटा ही हुआ था कि में ठीक तरह से सोया भी नहीं था कि मुझे मेरी पीठ पर कुछ छूने का अहसास हुआ, लेकिन मैंने उस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
फिर थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया कि रोमी अपने हाथ से मेरी पीठ सहला रहे थे और मुझे अब बहुत अच्छा भी लग रहा था और थोड़ा डर भी था कि यह मेरे साथ क्या कर रहे है? फिर वो मेरी गर्दन, गालों पर और होंठो पर हाथ लगाने लगे, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मज़ा भी बहुत आ रहा था. अब वो मेरी अंडरवियर में अपना एक हाथ डालकर मेरे कूल्हे दबाने लगे और मसलने लगे. मेरे बेड के पास ही लाईट का बटन था, मैंने वो दबाकर लाईट को चालू कर दिया और जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो रोमी मुझे देखकर मेरी तरफ हंस रहे थे. में थोड़ा शरमाया और मैंने उनसे पूछा कि आप यह क्या कर रहे थे?
फिर वो उठकर बोले कि करण तुम मुझे बहुत पसंद हो और तुम्हे ऐसे देखकर मुझसे अब रहा नहीं जा रहा, पता नहीं फिर ऐसा मौका कब मिले? आज प्लीज तुम मुझे रोको मत. में उनकी यह बात सुनकर शरमा गया. इसे वो ग्रीन सिग्नल देखकर मुझे पकड़ने लगे, में बेड से उठकर बोला कि ठीक है जो तुम चाहते हो वो सब तुम्हे आज मिलेगा, लेकिन मेरी एक शर्त है? अब वो बोले कि जैसी तुम्हारी मर्ज़ी, बोलो क्या शर्त है? मैंने कहा कि सबसे पहले तुम मुझे बताओ कि तुम्हारी पत्नी की अलमारी कौन सी है?
अब वो उठकर मुझे अपनी पत्नी की अलमारी के पास ले गये. फिर मैंने उन्हे रूम से बाहर भेजकर रूम को अंदर से बंद कर लिया और उनसे बोला कि आप उसी रूम में मेरा इंतजार करो. अब मैंने अलमारी से लाल कलर की जाली वाली ब्रा और पेंटी निकाल ली और अब ब्रा के नीचे मैंने दो संतरे डाल लिए जिससे कि मेरे बूब्स बन जाए और फिर मैंने उसकी पत्नी की लाल कलर की जाली वाली मेक्सी पहन ली और फिर लिपस्टिक और बिंदी लगाई और खुद को कांच में देखा तो में ऊपर से नीचे तक पूरी लड़की लग रहा था. फिर में दरवाजा खोलकर उनके पास गया. वो मुझे देखकर बिल्कुल हैरान हो गये और बोले कि में आज अपनी नई नवेली दुल्हन के साथ जमकर सुहागरात मनाऊंगा, तुम तो सच में लड़की लग रहे हो करण? फिर मैंने कहा कि अगर कुछ करना है तो अब से सिर्फ तुम्हारे लिए मेरा नाम सानिया है. फिर वो मुझसे बोले कि हाँ सानिया आज हमे बहुत कुछ करना है, में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.
मैंने बोला कि में भी आपसे बहुत प्यार करता हूँ रोमी जी और मेरे मुहं से यह शब्द सुनते ही वो मुझ पर टूट पड़े और मेरे लाल लिपस्टिक वाले होंठो को चूमने लगे और में भी अब उनके होंठो चूम रही थी. दस मिनट किस करने के बाद मैंने देखा कि वो सारी लिपस्टिक उनके होंठो पर लग गई थी. फिर वो मेरी गर्दन पर किस करने लगे और अब वो मेरी मेक्सी के ऊपर से ही मेरे कूल्हों को दबाने लगे. मेक्सी के ऊपर से ही वो मेरे पूरे शरीर पर किस करने लगे. फिर उन्होंने मेक्सी को थोड़ा ऊपर करके पैरों पर और मेरी जांघो पर किस करने लगे थे. में बस धीरे धीरे मोन करने लगी थी. फिर उन्होंने मेरी मेक्सी को खोल दिया और अब में उनके सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी. पेंटी पीछे से बहुत छोटी थी और उस वजह से सिर्फ़ मेरी गांड का छेद ही चुप रहा था. फिर उन्होंने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरे ऊपर आकर मेरे होंठो पर, गर्दन पर, छाती पर, जांघो पर फिर पीठ पर एकदम जोश में आकर पागलों की तरह किस करने लगे और में मोन करती जा रही थी आआअहह उूउउम्म्म्ममम.
फिर वो मेरी जांघ पर हल्के हल्के काटने लगे तो मुझे और भी मज़ा आने लगा. फिर मैंने उनको नीचे लेटाया और अब में उनके ऊपर आ गई. में उनके शरीर पर किस करती करती और उनकी अंडरवियर के ऊपर से उनके लंड को सहलाने लगी और अब मैंने अच्छा मौका देखकर उनका अंडरवियर खोल दिया और उनके लंड को बिल्कुल आज़ाद कर दिया. उनका लंड लगभग 6 इंच का लम्बा और बहुत मोटा था. में तो उसे देखकर डर गई और मैंने उनसे कहा कि में इतना बड़ा लंड कैसे लूँगी?
फिर वो बोले कि कोई बात नहीं मेरी रानी तू बिल्कुल भी चिंता मत कर आज तो यह पूरा लंड तेरी गांड में जरुर घुसेगा क्योंकि में बहुत धीरे धीरे लंड डालता हूँ. में उनकी यह बात सुनकर शरमा गई और अब में उनके लंड पर किस करने लगी और फिर में उनका पूरा लंड अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी. वो अब मोन कर रहे थे और मुझसे बोल रहे थे हाँ और ज़ोर से चूस मेरी जान, खा जा इस लंड को. में पूरे मज़े से लंड चूस रही थी जैसे मुझे कोई लोलीपॉप मिल गया हो और वो मेरा सर पकड़कर अपने लंड पर दबा रहे थे.
दोस्तों अब मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और फिर से चूसने लगी. अब ऊपर आकर उनके होंठो पर किस करने लगी और फिर मैंने उन्हे रोका और पूछा कि एक बात बताओ आपके पास दो रास्ते है मज़ा लेने के या तो आज रात के लिए आप मुझे अपनी पत्नी बना लो या फिर अपनी रांड? अगर आप मुझे अपनी पत्नी बनाओगे तो एक पत्नी की तरह आप मेरे जिस्म के साथ खेल सकते हो और अगर रांड तो आप मेरी गांड चाट सकते हो, आपका लंड जितना मर्ज़ी पडे चुसवा सकते हो और जैसा आप कहो आज रात के लिए में आपको अपना सब कुछ दूँगी.
फिर वो मुझसे बोले कि हमारे पास पूरे तीन दिन है और में इस तीन दिन में तेरी गांड को बहुत जमकर चोदने वाला हूँ. आज की रात तू मेरी रांड बन जा. मैंने कहा कि ठीक है और फिर में उनका लंड चूसने लगी और वो मेरे कूल्हों पर थप्पड़ मारने लगे. में मोन करने लगी आह्ह्हअहह उूउउम्म्म्मम प्लीज ऐसे मत करो, मुझे बहुत दर्द होता है. वो बोले कि चुप साली रंडी आज तू बस वो सब करेगी जो में तुझसे कहूँगा, चल अब जल्दी से मेरा लंड चूस और फिर में बहुत मज़े से उनका लंड चूसने लगी और फिर उन्होंने मेरे बदन पर किस किया और मेरी गांड को चाटने लगे और मेरी गांड को अपनी जीभ से सहलाने लगे.
फिर कुछ देर चाटने के बाद उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और अब वो मेरी गांड में उंगली डालने लगे. में अह्ह्ह्ह एम्म्म रोमी जी प्लीज ऐसा मत करो आईईई आह्ह्ह्हह मुझे बहुत दर्द होता है प्लीज मत करो ना. अब रोमी जी अचानक से रुक गये और उन्होंने अपना तना हुआ लंड मेरी गांड पर रख दिया. अब पूरा दम लगाकर अंदर डालने लगे, लेकिन दो तीन बार ज़ोर से धक्के मारने पर भी वो मेरी गांड के अंदर नहीं गया. मैंने उन्हे कहा कि पहले मेरी गांड के छेद पर और अपने लंड पर थोड़ी तेल की मालिश करो, तब आपका लंड मेरे अंदर जाएगा.
अब वो मेरी यह बात सुनकर थोड़ा सा मेरी तरफ मुस्कुराए और उठकर चले गये और तेल लेकर आए और अब उन्होंने मुझे डॉगी स्टाइल में करके मेरी गांड की बहुत अच्छी तरह तेल से मालिश की और फिर मैंने उनके लंड की बहुत अच्छी तरह से तेल की मालिश की और दस मिनट तक मैंने उनका लंड चूसा. फिर डॉगी पोज़िशन में आकर उन्होंने तीन चार ज़ोर से धक्के मारे और अब उनका लंड फिसलता हुआ मेरी गांड के अंदर चला गया और मेरे मुहं से बहुत ज़ोर से चीख निकल गई.
मुझे बहुत दर्द हुआ, लेकिन कुछ मिनट के बाद मुझे बहुत मज़ा आने लगा था और रोमी जी अब मुझे लगातार धक्के मारते जा रहे थे और उनके आंड मेरे कूल्हों पर लगते ही एकदम से बहुत सेक्सी आवाज़ कर रहे थे. दस मिनट की चुदाई के बाद वो मेरी गांड के अंदर ही झड़ गये और मेरे पास में लेट गये. अब में उनके वीर्य से भरा हुआ लंड चूसने लगी और उनका वीर्य चाटने लगी और अब मैंने कुछ देर में उसे चाट चाटकर एकदम साफ कर दिया था. दोस्तों उस रात उन्होंने मुझे तीन बार चोदा और मेरी गांड को पूरी तरह से खोल दिया था. मुझे अब अपनी गांड में थोड़ा थोड़ा दर्द था, लेकिन लंड लेने की ख़ुशी भी बहुत थी. में अपनी इस चुदाई से मन ही मन बहुत खुश था.
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दोस्त की चाची को चोदा मुंबई में

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीर है और में मुंबई का रहले वाला हूँ. मेरी उम्र 24 साल और मेरे लंड का साईज 7 इंच है. दोस्तों में एक कम्पनी में नौकरी करता हूँ और में अभी तक 5 औरतों के साथ सेक्स कर चुका हूँ. दोस्तों कुछ दिन पहले मैंने एक शादीशुदा आंटी के साथ जमकर सेक्स किया जो अभी करीब एक महीने पहले हमारी सोसाइटी में रहने आई है और वो मेरे एक दोस्त की चाची है. उनका नाम अलका है और वो दिखने में बहुत सेक्सी है और दोस्तों उनकी गांड का कोई जवाब नहीं है इसलिए में हमेशा मेरे दोस्त के घर जाने का मौका देखता रहता और में हमेशा उन्हें अलका भाभी कहकर बुलाता हूँ और में मन ही मन सोचता था कि काश में अपने दोस्त की जगह होता तो हमेशा उसे देख सकता और चोद सकता.
वो मुझे देखकर हमेशा मेरे साथ एकदम ठीक ठाक बिल्कुल अपनों जैसा व्यहवार करती थी और मुझे हंसकर बात करती, लेकिन वो बहुत बार अचानक से मेरे सामने झुक जाती थी जिससे मुझे उसके आधे से ज्यादा बूब्स दिख जाते थे और में भी उसे बहुत समय से लाईन देता था, लेकिन मेरी अब तक बात नहीं बन रही थी. एक बार मैंने उस मेरे दोस्त के मोबाईल से उसकी चाची का मोबाईल नंबर निकाला और फिर मैंने उसे एक मैसेज किया और उससे नॉर्मल बातें करने लगा.
दोस्तों में आप सभी को उनकी शादीशुदा लाईफ के बारे में तो बताना ही भूल गया. उनकी शादी को 5 साल हो गया है और उसे अभी तक कोई बच्चा नहीं है, उनकी उम्र करीब 32 साल होगी वो व्यहवार की बहुत ही अच्छी है इसलिए में हमेशा उनके साथ हंसी मज़ाक करता था. मैंने उनसे बहुत दिनों तक नॉर्मल बातें की, लेकिन उन्होंने कभी भी मुझसे यह बात नहीं पूछी कि मुझे उनका मोबाईल नंबर कहाँ से मिला? फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनसे उनकी शादीशुदा लाईफ के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि नॉर्मल है, लेकिन मैंने बोला कि नॉर्मल का क्या मतलब.
वो बोली कि तुम वो ठीक इंसान नहीं हो जिसके साथ में यह सब बातें शेर करूं. तो मैंने कहा कि अपना एक अच्छा दोस्त समझकर ही मुझे वो सब बता दो. तब उसने कुछ देर सोचकर कहा कि वो अपनी शादीशुदा लाईफ से ज्यादा खुश नहीं है क्योंकि उनका पति उन्हे ज्यादा टाईम नहीं दे पाता है क्योंकि वो सिविल इंजिनियर है और वो बहुत व्यस्त रहता है. मैंने बोला कि यह तो बहुत गलत बात है, वो बोली कि अब क्या कर सकते है, शायद भगवान की यही मर्ज़ी है? तो में बोला कि अगर में होता तो अपनी बीवी को हमेशा खुश रखता और फिर बोला कि ख़ासकर तुम मेरी बीवी होती तो तुम मुझसे कभी भी दुखी नहीं होती और फिर मैंने बोला कि क्यों ना हम कभी बाहर अकेले में मिलते है और कहीं बाहर जाते है. वो बोली कि इन सबसे क्या मिलेगा?
फिर मैंने बोल दिया कि में तुम्हे बहुत खुश करना चाहता हूँ. वो बोली कि नहीं यह बात बिल्कुल गलत बात है. तो मैंने कहा कि यह ग़लत नहीं है, तुम्हे पूरा हक है और फिर यह सिलसिला दो दिन तक चलता रहा, लेकिन उन्होंने यह सब बातें किसी को नहीं बताई, लेकिन फिर आख़िरकार वो एक दिन मान गयी और वो मुझसे बोली कि हम कहीं बाहर घूमने चलते है. मैंने आने वाले शनिवार को बाहर घूमने जाने का प्लान बनाया और उनसे कहा कि हम पास के एक गार्डन में मिलते है और फिर वो मान गयी तो शनिवार को मैंने उन्हे गार्डन में मिलकर स्मूच किया और उनसे अपने लंड को मसाज करवाया और कपड़ो के ऊपर से उनके बूब्स को भी दबाया. तभी वो बोली कि प्लीज़ यह सब इधर मत करो, यहाँ पर कोई भी हमे देख सकता है.
तो में उन्हे पास ही के एक लॉज में ले गया मैंने दरवाज़ा और खिड़की बंद करके उन्हे अपनी गोद में उठाया और सीधे बेड पर गिरा दिया. उनको अब तक बहुत सेक्स चढ़ चुका था. वो मेरे लंड पर एकदम टूट पड़ी और मैंने अपनी पेंट और अंडरवियर को उतार दिया और उनको लंड हाथ में दे दिया और उनसे कहा कि अब आप इसे बिना रुके मसाज करो. वो बोली कि जैसी तुम्हारी मर्जी और उसने मेरे लंड की बहुत देर तक जमकर मसाज की और फिर करीब 20-25 मिनट तक सक किया. फिर में उनके बूब्स पर एकदम से टूट पड़ा और मैंने उन्हे चूस चूसकर बिल्कुल लाल कर दिया और अब अपने लंड से बूब्स को मसाज किया और हमने करीब दो घंटे तक ओरल सेक्स भी किया.
फिर मैंने उसको पूरा नंगा किया और फिर में खुद भी नंगा हो गया. वो मेरे लंड की अब बिल्कुल दीवानी हो गयी और उन्होंने कहा कि उन्हे और भी सक करना है और वो मुझसे बोली कि मेरे पति का देखे हुये मुझे बहुत टाईम हो गया है और उनका इससे बहुत छोटा है और फिर थोड़ी ही देर बाद वो मुझसे बोली कि प्लीज़ अब मुझे चोद दो और मेरी चूत की खुजली मिटा दो, प्लीज आज मेरी चूत को शांत कर दो प्लीज. फिर मैंने उन्हे अपने लंड पर बैठाया और चूत में अपना लंड डालने लगा.
उनकी चूत थोड़ी टाइट थी जिससे मेरा लंड अंदर नहीं घुस रहा था, मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा और फिर मेरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया, लेकिन वो बहुत ज़ोर से चीखने लगी और उनकी आँख से आँसू भी बाहर आ गये. फिर में उन्हे एक घंटे तक लगातार चोदता रहा और अब वो भी बहुत मज़े लेकर अपने आपको मुझसे चुदवा रही थी.
मैंने फिर उसकी गांड में अपना लंड डाल दिया और फिर उनकी गांड भी मारता रहा. अब वो भी उछल उछलकर मुझसे चुदवा रही थी. गांड मारने का तो मज़ा ही कुछ और है और यह आप लोग सब जानते है. दोस्तों मैंने उन्हे घोड़ी बनाकर भी चोदा और फिर अपने मोबाईल में एक ब्लूफिल्म को लगा दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था और में इस तरह उन्हे ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदता रहा और इस आधे घंटे की चुदाई के दौरान में दो बार उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया था.
फिर करीब दस मिनट के बाद हम दोनों वहां से उठे और सीधे बाथरूम में चले गये. हमने एक साथ शावर लिया और वहां पर भी मैंने उनके साथ एक बार सेक्स किया और उनकी चुदाई के बहुत मज़े लिए तो वो मुझसे बोली कि में तुम्हारी चुदाई से बहुत खुश हूँ और अब में तुमसे हमेशा ऐसी ही चुदाई की उम्मीद करती हूँ. बस तुम मुझे अपना लंड देते रहना और मेरी चूत की प्यास बुझाते रहना. तुम बहुत अच्छे हो इस तरह की चुदाई का अहसास मुझे आज तक कभी नहीं हुआ. हम दोनों ने कुछ देर तक एक दूसरे को किस किए और फिर अपने अपने कपड़े पहन लिए और फिर हम दोनों वहां से रवाना हो गए, लेकिन उसके बाद मैंने उन्हे एक बार और चोदा और अभी भी किसी अच्छे मौके के इंतज़ार में हूँ और मुझे जब भी मौका मिलता है तो हम फोन पर घंटो सेक्स चेट करते है, लेकिन मेरे दोस्त को अभी तक हम दोनों पर बिल्कुल भी शक नहीं हुआ है.
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