जयपुर की सेक्सी भाभी को चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रॉकी है और में पंजाब का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 20 साल है और में जयपुर के एक इंजिनियरिंग कॉलेज से बीटेक कर रहा हूँ. मेरी बॉडी एकदम फिट है और मेरी हाईट 6 फुट है और मेरे लंड का साईज़ 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. दोस्तों आप सभी मेरी यह कहानी पड़ने के बाद अपनी राय मेरी मैल आई डी पर भेज सकते है.
दोस्तों यह आज की कहानी मेरी और मेरी मकान मालकिन भाभी की है. उनकी उम्र 29 साल है और उनका फिगर 34-26-32 है, उनकी गांड और बूब्स इतने ज़्यादा उभरे हुए है कि उनको देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए क्योंकि वो दिखने में बहुत हॉट सेक्सी है और जिस दिन से मैंने उन्हें देखा है में उसको चोदना चाहता था, लेकिन बहुत डरता था कि कहीं वो किसी को बता ना दे और जब भी वो घर के काम करती तो में उसको घूरकर देखता रहता था.
बहुत बार मैंने उसके सुंदर, बड़े बड़े बूब्स के दर्शन भी किए और जब वो कुछ काम करने के लिए झुकती तो में उसके बूब्स को देखकर मन ही मन खुश होता और शायद उसको भी यह बात पता चल गई थी, लेकिन फिर भी उसने कभी किसी को कुछ नहीं कहा बहुत बार मैंने यह गौर किया कि वो मेरी तरफ हमेशा बहुत घूर घूरकर देखती है, लेकिन में इस बात को नॉर्मल समझता था और बहुत बार में उसके बूब्स और गांड को छू लिया करता और फिर ऐसा व्यहार किया करता जैसे यह सब मुझसे ग़लती से हो गया.
दोस्तों अब ऐसे ही करते करते मुझे पूरा एक साल बीत गया और इस दौरान वो पेट से हुई और उन्होंने लड़के को जन्म दिया. सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था और एक दिन जब में कॉलेज से लौटा तो पता चला कि भाभी के पति ने दिल्ली में एक शादी में जाने का प्लान बनाया है, लेकिन भाभी ने उस शादी में जाने से साफ मना कर दिया, क्योंकि उनका बच्चा अभी बहुत छोटा था. मुझे और मेरी भाभी को छोड़कर भैया ने जाने का रिज़र्वेशन करवा दिया.
दो दिन बाद सब चले गये और जाते जाते भैया ने मुझसे कहा कि तुम अपनी भाभी का पूरा पूरा ध्यान रखना. मैंने उसने कहा कि आप बिल्कुल भी चिंता मत करो, में उनका ध्यान रखूंगा और फिर में उनको स्टेशन छोड़कर आया और रात को घर आकर अपने कमरे में जाकर सो गया, क्योंकि अगले दिन मेरा एग्जाम था और में अगले दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हुआ और अपने कॉलेज के लिए निकल पड़ा और जब में वापस लोटकर आया तो मैंने भाभी को बहुत बार आवाज़ दी, लेकिन वो नहीं आई और फिर में उनके रूम में चला गया. मैंने वहाँ पर जाकर उनके रोने की आवाज़ सुनी और अंदर जाकर मैंने देखा कि वो गाऊन पहने हुए है और बिस्तर पर उल्टा होकर लेटी हुई है. मैंने उनसे रोने का कारण पूछा तो वो कुछ ना बोली और फिर से ज़ोर से रोने लगी.
फिर मेरे दोबारा पूछने पर वो मुझसे बोली कि वो कुछ देर पहले छत पर कपड़े सुखाने गई थी और जब वो सीडियों से नीचे उतर रही थी तो अचानक पैर फिसलने की वजह से नीचे गिर पड़ी और उनकी पीठ पर चोट लग गई है. मैंने उनसे पूछा कि क्या आपने अपनी चोट पर कुछ लगाया? उन्होंने मना कर दिया और फिर में अपने कमरे में गया और एक दर्द खत्म करने की क्रीम लेकर आया और में उनसे बोला कि आप इसे लगा लो. वो मुझसे बोली कि वहां पर मेरा हाथ नहीं पहुँचेगा तो तुम खुद ही लगा दो. फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी इस तरह लगाना तो बहुत मुश्किल होगा और आपके कपड़े बीच में रुकावट बनेगें. वो बोली कि कोई बात नहीं तू मेरे गाऊन को थोड़ा ऊपर उठा दे और फिर लगा दे. अब मैंने ऐसा ही किया और जब मैंने उनका गाऊन उठाना शुरू किया तो क्या में बताऊ दोस्तों वो क्या नज़ारा था. मैंने उनके पैर देखे एकदम गोरे गोरे और बिना किसी बाल के.
फिर में और थोड़ा ऊपर की तरफ बड़ा तो मुझे उनकी जांघे दिखी, एकदम टाईट, चिकनी, सुंदर और मोटी. मेरा तो मन कर रहा था कि वहीं पकड़ कर उन्हें चाटने लग जाऊँ, लेकिन मैंने उस समय अपने आप पर बहुत कंट्रोल किया फिर में थोड़ा और ऊपर बड़ा और अब में उनकी गांड तक पहुँच गया था. वाह क्या मस्त सेक्सी गांड थी, उसे देखकर मेरा दिल कर रहा था कि अभी उसकी पेंटी उतार कर यहीं पर उनकी गांड मार लूँ, लेकिन में बहुत मजबूर था. फिर में और ऊपर बड़ा और मैंने उसके गाऊन को इस बार गर्दन तक उठा दिया. अब मेरी भाभी मेरे सामने पीछे से पूरी नंगी थी और मैंने उसकी पीठ पर क्रीम लगाना शुरू किया और साथ में कई बार उसकी ब्रा की डोरी को हटाता. तभी उसने कुछ ही देर में मुझसे कहा कि अगर तुम्हे क्रीम लगाने में दिक्कत हो रही है तो इसे बीच से हटा दो.
में उनके मुहं से यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुआ, क्योंकि आज में जो सब कुछ चाहता था वो मेरे सोचने से ही पूरा होता जा रहा था और फिर मैंने उनके कहने पर उसकी ब्रा को खोल दिया और अब उसके बूब्स मुझे एक साईड से दिखने लगे थे और जब में उसकी पीठ पर क्रीम लगा रहा था तो बहुत बार मैंने जानबूझ कर उसके बूब्स को छुआ, महसूस किया और मैंने उसको सॉरी बोला, लेकिन वो कुछ ना बोली. अब वो हल्के हल्के सिसकियाँ लेने लगी.
मुझको पता था कि वो अब गरम हो रही है और में धीरे धीरे अपने हाथ को उसकी कमर पर घुमाने लगा और वो सीहर उठी, लेकिन मैंने अंजान बनते हुए पूछा कि भाभी क्या हुआ? तो वो बोली कि मुझे जलन हो रही है. मैंने कहा कि मुझे देखने दो आपको कहाँ चोट लगी है? अब मैंने उसको सीधा किया और में उसके पैरों पर आ गया और फिर ऊपर की तरफ जाने लगा. जब में उसके घुटनो पर पहुँचा तो मैंने उससे पूछा कि चोट कहाँ है?
वो बोली कि हाँ थोड़ा ऊपर अब में उसकी जाँघो को रगड़ने लगा वो और तेज सिसकियाँ लेने लगी. मैंने फिर से पूछा कि चोट कहाँ है? तो वो बोली कि थोड़ा और ऊपर है. अब में उसकी पेंटी पर आ गया और में अच्छा मौका देखकर उसकी चूत को ऊपर से सहलाने लगा और अब वो और भी ज़ोर से आहें भरने लगी सिसकियाँ लेने लगी. मैंने उससे एक बार और पूछा कि कहाँ है? तो वो आहें भरते हुए बोली कि हाँ आह्ह्हह्ह उईईईईइ माँ बस यहीं पर है. में उसकी पेंटी को उतारने लगा कि तभी वो बोली कि तुम यह क्या कर रहे हो? मैंने कहा कि मुझे एक बार चेक तो करने दो कहाँ कितनी चोट लगी है?
फिर मैंने उसकी पेंटी को पूरा उतार दिया और अब में उसकी प्यासी, गरम, तड़पती हुई चूत में अपनी एक उंगली को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा और वो सिसकियाँ लेने लगी उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह थोड़ा आगे हाँ और आगे करो ऊईईईईइ थोड़ा आगे की तरफ मुझे बहुत दर्द है. फिर में उसकी यह बात सुनकर एकदम जोश में आ गया और अब में अपनी जीभ को उसकी चूत में डालने लगा. वो मुझसे बोली कि यह क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि भाभी में आज इसकी सारी जलन मिटा दूँगा, लेकिन बस आप मेरी थोड़ी मदद करो और बीना हिले चुपचाप पड़ी रहो. उन्होंने ऐसा ही किया और अब में उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा, वो आहें भरने लगी और अपने बूब्स दबाने लगी अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह तुम अब बस करो आईईईईईइ में अब और नहीं सह सकती.
दोस्तों वो अब जोश में बिल्कुल पागल सी हो गई थी. वो अपनी चूत को मेरी जीभ की तरफ आगे बड़ा रही थी और मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी और अब जब मुझको लगा कि वो पूरी तरह गरम हो गई है तो में सही मौका देखकर उसके ऊपर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा और अब में उसके बूब्स को दबाने लगा और चूसने लगा.
फिर मैंने उसको सीधा लेटाकर अपना लंड एक ही धक्के में पूरा का पूरा अंदर कर दिया. चूत गीली होने की वजह से लंड फिसलता हुआ सीधा बच्चेदानी से टकरा गया और वो चीख पड़ी. में कुछ देर बूब्स को सहलाता, मसलता रहा और कुछ देर बाद ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और वो भी अब अपने चूतड़ को ऊपर उठा उठाकर मेरे लंड से अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी. दोस्तों में अगले दिन सुबह तक उन्हें लगातार चोदता रहा और मैंने उसको उस रात पांच बार चोदा. इस दौरान वो 8 बार और में 6 बार झड़ गया था और जब तक भैया वापस लौटकर नहीं आए में उसको हर रोज चोदता रहा और मैंने उसको लगभग घर के हर एक कोने में और हर एक तरह से चोदा और वो आज भी मेरी प्यारी भाभी है. में आज भी उसको मौका मिलने पर चोदता हूँ.
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दोस्त की बहन की सील तोड़ी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विशाल है. ये घटना तब की है जब में करीब 19 साल का था. वैसे मेरी उम्र कोई ज्यादा नहीं है. में 19 साल का ही हूँ. हाईट 6 फुट और मुझे जिम का शौक है और सबसे बड़ी बात मेरे लंड का साईज 7 इंच है. अब में आपको बोर ना करते हुए सीधा कहानी पर आता हूँ. ये बात तब की है जब में अपने दोस्त के घर था और उसकी बहन मुझे देखती रहती थी. ये बात मुझे पता थी, लेकिन में ध्यान नहीं देता था, यार दोस्ती का जो मामला था. फिर वो दिन आया जिस दिन का में बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था, में अपने दोस्त के घर था. उस दिन में मेरा दोस्त और उसकी बहन और उसकी दादी ही घर पर थे और अचानक मेरे दोस्त और उसकी दादी को कहीं जाना पड़ गया और घर पर में और उसकी प्यारी और सेक्सी सी बहन रह गये.
सॉरी दोस्तों मैंने आपको उसकी बहन के बारे में तो बताया ही नहीं. वो 12वीं क्लास में है और उसका साईज 34-28-32 है. उसकी कमर बड़ी ही सेक्सी है और काफ़ी लड़कों की पसंद भी है, लेकिन क्या करें? वो तो बस मुझे ही प्यार करती है. अब आगे सुनो उन सबके जाने के बाद में अपने दोस्त के रूम में बैठा था और वो टी.वी देख रही थी.
फिर वो मेरे पास आई और बोली कि भैया पानी लाऊं, तो मैंने हाँ कह दी और बोला कि मुझे भैया मत कहा करो, अच्छा नहीं लगता. मेरे ये बोलने के बाद मैंने उसकी आँखो में एक चमक सी देखी, फिर वो चली तो गई, लेकिन उसके बाद जो वो बनकर आई क्या बताऊँ यारों? मेरा तो लंड जैसे कि कह रहा था कि इसे आज के आज अभी पकड़ लूँ और चोद दूँ, क्योंकि उसने मिनी स्कर्ट और सिर्फ़ ब्रा पहनी हुई थी.
फिर उसके बाद मैंने उससे कहा वाह क्या बात है? मैंने तो पानी लाने भेजा था और तू तो पानी के साथ बॉम्ब भी ले आई. फिर उसने कहा हट फ्लर्टी कहीं का. फिर उसने कहाँ मुझे गणित समझ में नहीं आ रही है तुम समझा दोंगे तो मैंने कहा हाँ लाओ. फिर वो आई और मेरे सामने बैठ गई. दोस्तों उसके बूब्स और चूचे देखकर मेरा लंड तो पहले ही खड़ा था और वो मेरी पेंट में से दिख भी रहा था.
फिर मैंने उसे सवाल समझाते-समझाते उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया और फिर वो भी मेरा साथ देने लगी और वो मेरे पास आ गई और बोली कि विशाल सवाल अच्छे से समझाओ ना. फिर मैंने कॉपी पेन छोड़ा और उसे किस करने लगा. अब वो भी मेरा साथ दे रही थी, लेकिन उसे किस करना नहीं आ रहा था, उसका पहली बार जो था. अब वो मुझे किस कर रही थी और में उसके बूब्स दबा रहा था.
फिर मैंने उसकी ब्रा फेंक दी और उसे पूरा नंगा कर दिया और उसके निपल और बूब्स को काटने लगा. अब वो अजीब सी आवाज़ें निकालने लगी. मुझे तो जैसे कि करंट सा लग रहा था. फिर मैंने उसके बूब्स के बाद उसकी चूत पर हाथ रखा. यारों वो क्या वर्जिन चूत थी? फिर मैंने चूत को जैसे ही मुँह में डाला तो साली ने पानी छोड़ दिया और मैंने सारा पी लिया.
फिर उसकी 5 मिनट तक चूत चाटने के बाद वो कंट्रोल से बाहर हो गई और मेरा सर अपनी चूत में धकेलने लगी और बार-बार कहने लगी कि मुझे चोदो प्लीज, लेकिन मुझे तो स्लो सेक्स पसंद है. फिर में उठा और अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया, तो उसे खाँसी आने लगी और कहने लगी कि मुझसे ये नहीं होता. फिर मेरे बहुत बार कहने के बाद वो फिर से लंड को चाटने लगी और करीब 10 मिनट के बाद मैंने भी अपना पानी छोड़ दिया. फिर मैंने दुबारा उसे किस करने बाद अपना लंड खड़ा किया और उसकी चूत पर रख दिया तो वो डरने लगी और बोलने लगी कि विशाल दर्द होगा रहने दो, लेकिन में कहाँ मानने वाला था.
फिर मैंने मक्खन लिया और अपने लंड पर लगाया और उसकी चूत पर भी लगाया. फिर मैंने अपना लंड चूत पर टिकाया और एक शॉट मारा, लेकिन लंड स्लिप हो गया और 3-4 बार की कोशिश के बाद लंड थोड़ा सा अंदर गया. फिर क्या था? मैंने एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड आधा अंदर चला गया. वो तो मानो चिल्लाने ही लग गई. अब उसकी आँखो से आँसू आ गये और ज़ोर-ज़ोर से कहने लगी कि बाहर निकालो इसे, लेकिन में कहाँ मानने वाला था.
फिर में उसके बूब्स दबाने लगा और चूसने भी लगा. फिर 2 मिनट के बाद मैंने कहा अब और इंतज़ार नहीं होता. फिर मैंने पूरा लंड अंदर डाल दिया और बस फिर क्या था? उसका वहीँ ड्रामा शुरू हो गया, लेकिन में कहाँ रुकने वाला था. फिर में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा और वो भी अब थोड़ी देर के बाद शांत होने लगी और मेरा साथ देने लगी और हमने खूब जमकर सेक्स किया और हर एक स्टाइल भी ट्राई की. मैंने उस दिन उसकी खूब चुदाई की और करीब 20 मिनट के बाद मेरा पानी निकल गया और हम ऐसे ही लेट गये.
फिर 15 मिनट के बाद वो खड़ी हुई और मुझे चूमने लगी तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैंने उससे कहा कि अब तेरी गांड की बारी है तो वो रोने लगी और गिड़गिडाने लगी, लेकिन मैंने उसे घोड़ी बनाया और अपने लंड पर मक्खन लगाकर उसे चोद डाला. अब साली ठीक से चल भी नहीं पा रही थी और वो खड़े होते ही गिर जाती, लेकिन मुझे तब कहाँ पता चलना था.
फिर मैंने अपनी स्टाइल चेंज की और उसकी दोनों टांगे उठाकर दुबारा अपना लंड उसकी गांड में डाला और 7-8 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों साथ में झड़ गये. दोस्तों डर तो तब लगा जब मैंने खून से भरी हुई चादर देखी और जब ये भी देखा कि उससे ठीक से चला नहीं जा रहा है. फिर मैंने उसके भाई को फोन किया और कहा कि कहाँ पर है? तो वो बोला 30-40 मिनट में आ रहा हूँ, बहनचोद मेरी तो माँ चुद गई. फिर मैंने फटाफट उसे समझाया और कहा ठीक से बर्ताव करना, लेकिन वो बुरी तरह डर गई थी.
फिर मैंने उसे काफ़ी समझाया और उसे हौसला दिया कि कुछ नहीं होगा. बस फिर वो क़िसी तरह मान गई और हमने फटाफट चादर चेंज की. लेकिन वो फिर भी लंगड़ा कर चल रही थी. मुझे बहुत डर लग रहा था. इतने में मेरा दोस्त और उसकी दादी भी आ गये. फिर जब हमने उन्हें देखा तो हमारी और फट गई. फिर तो हमने ऐसे बर्ताव किया कि जैसे कुछ हुआ ही ना हो. में वो 3-4 मिनट तो कभी नहीं भूल सकता. फिर उसने मुझे पानी दिया और उसके बाद दादी ने हमें खाना दिया और में अपने घर चला आया और मेरी स्वीट सी डार्लिंग भी सो गई. आज हम जब भी मिलते है तो सेक्स ज़रूर करते है.
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पति के दोस्तों के साथ ग्रुपसेक्स

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मीनाक्षी है और मेरी शादी को पूरे दो साल हो गए है. मेरे बूब्स का साईज 38 है और मेरे बूब्स आकार में बहुत बड़ा है, लेकिन दोस्तों मेरे पति का लंड बहुत छोटा है और इसलिए में बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि वो कभी भी मुझे चोदकर अच्छी तरह से संतुष्ट नहीं कर सकते. उन्होंने मुझे आज तक चुदाई का वो सुख नहीं दिया जिसके लिए में अब तक तड़प रही थी. दोस्तों आज में अपनी एक सच्ची चुदाई की कहानी आप सभी को सुनाने जा रही हूँ जिसमे में बताउंगी कि कैसे मैंने अपनी सालों से प्यासी चूत को चुदवाकर संतुष्ट किया.
दोस्तों मेरे पति एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करते है और में मेरे घर के काम किया करती थी मतलब कि में एक सीधीसाधी ग्रहणी थी और जब हम अपने नये घर में आए जो हमे मेरे पति की कम्पनी ने दिया था तो वहां पर अड़ोस पड़ोस में बहुत सारे लोग रहते थे. वो सभी बहुत अच्छे लोग थे उनका व्यहवार भी मेरे लिए बहुत अच्छा था और उन में से ही एक मेरे पति का बहुत अच्छा दोस्त बन गया था. वो कभी कभी मुझसे भी हंसी मजाक किया करता था, लेकिन मुझे उसकी नजरे हमेशा अपने जिस्म पर ही नजर आती थी. वो मुझे बहुत घूरकर देखता था, लेकिन में उससे ऊपर ना जाने क्यों कुछ भी नहीं कहती थी और उसको आगे बढ़ने का मौका मिलता रहा.
दोस्तों वो हर रोज मेरे घर पर आता था. एक दिन वो जब मेरे घर पर आया तब मेरे पति घर पर नहीं थे और उस समय घर पर में बिल्कुल अकेली थी. वो मुझसे अब बहुत हंस हसंकर बातें करने लगा और बातों ही बातों में उसने मुझसे उस दिन कहा कि में बहुत सुंदर हूँ और मेरे फिगर का आकार बहुत अच्छा है. अब मुझे उसकी यह सभी बातें सुनकर बहुत अछा लगा. में उसकी बातें सुनकर थोड़ा शरमा गई और अपना सर झुककर वहां से किचन की तरफ चली गई और अपना काम करने लगी.
वो कुछ देर कमरे में अकेला बैठकर चला गया, लेकिन उस दिन के बाद फिर वो जब भी मेरे घर पर आता तो मुझे हमेशा भूखी नज़रो से देखता और मेरे जिस्म को छूने की कोशिश करता. मुझे अब उसकी सभी हरकते धीरे धीरे अच्छी लगने लगी थी क्योंकि में भी बहुत प्यासी थी और मुझे भी कोई बड़ा लंड चाहिए था जो मेरी चूत को चोदकर उसे ठंडा कर दे और मुझे संतुष्ट कर दे. अब में भी उसे अपने बूब्स, कमर, गांड दिखाने लगी और ज्यादा बड़े गले के कपड़े पहने लगी जिसमे से मेरे बड़े बड़े बूब्स उसे दिखने लगे और में उसे अपनी तरफ आकर्षित करने लगी. वो अब मेरे जाल में फंसता जा रहा था और उसको भी यह सब देखने और कभी कभी छूने में बहुत मज़ा आता था. फिर एक महीने के बाद मेरे पति को किसी जरूरी काम से तीन दिन के लिए बाहर जाना था तो में उस समय घर पर बिल्कुल अकेली थी और हम दोनों उस समय हमेशा मैसेज से बातें किया करते थे.
जब मेरे पति बाहर गये तो वो उसी दिन शाम को मेरे घर पर आया और फिर वो मेरे बिल्कुल पास में बैठकर मुझे अपने मोबाइल में कुछ सेक्सी फोटो दिखाने लगा. में उन्हें देखकर अब धीरे धीरे गर्म होकर जोश में आती जा रही थी और वो मेरी जांघ पर अपना एक हाथ धीरे धीरे घुमाता हुआ आगे बड़ रहा था. तभी उसने अचानक से मुझे पकड़ कर सोफे पर लेटाया और अब वो मेरे बूब्स को दबाने लगा. में तो जोश में बिल्कुल दीवानी हो गई और उस समय मैंने सिर्फ़ मेक्सी पहनी हुई थी और उसने अंदर कुछ भी नहीं पहना हुआ था.
वो मेरे बूब्स को अब कपड़ो के ऊपर से ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और फिर मेरे ऊपर लेट गया और मुझे किस करने लगा. में तो पहले से ही सेक्स की बहुत प्यासी थी और मुझे जैसे आज जन्नत मिल गई थी. में एकदम पागल हो रही थी और अब वो कुछ देर बूब्स दबाने के बाद मुझे अपनी गोद में उठाकर मेरे बेडरूम में ले गया और उसने मुझे मेरी मेक्सी उतारकर पूरी नंगी कर दिया था और अब वो खुद भी नंगा हो गया. दोस्तों में तो उसका लंबा मोटा लंड देखकर ही डर गई. उसका लंड करीब 8 इंच लंबा था और तीन इंच मोटा था जिसको देखकर में डरकर वहीं पर खड़ी हो गई.
फिर उसने मुझसे बोला कि रंडी अब डरकर कहाँ जा रही है? तूने अब इसे खड़ा किया है तो अब चूस भी ले और उसने मेरे बाल पकड़कर अपना लंड जबरदस्ती मेरे मुहं में डाल दिया और फिर वो मेरा मुहं चोदने लगा. उसका लंड मेरे मुहं में सिर्फ़ तीन इंच ही अंदर जा रहा था. मेरी तो आंख से आंसू बाहर निकल गये थे और वो मुझे गालियाँ दे रहा था आअहह रंडी, भोसड़ी की हाँ और ज़ोर से चूस मेरा लंड, साली तेरा मर्द तुझे नहीं चोदता, साली छिनाल, लेकिन आज में तेरी चूत को चोद चोदकर इसका भोसड़ा बना दूंगा. में आज तेरी चूत को फाड़ दूंगा. दोस्तों में उसकी यह बातें सुनकर बहुत डर गई और मन ही मन सोचने लगी कि यह मैंने क्या किया. आज तो में मर ही जाउंगी, इसका मोटा लंड मेरी चूत फाड़कर भोसड़ा बना देगा और मुझे बहुत दर्द होगा.
फिर दस मिनट के बाद उसने मुझे बेड पर गिरा दिया और वो मेरे ऊपर बैठ गया और अब उसका लंड मेरे बूब्स के बिल्कुल बीच में था और वो अब अपने लंड से मेरे बूब्स को चोदने लगा और मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने मसलने लगा. करीब दस मिनट के बाद मेरे दोनों पैर अपने कंधो के ऊपर करके उसने मेरी चूत के पास उसका 8 इंच का लंड लगाया और फिर उसने एक ज़ोर का झटका मारा जिसकी वजह से मेरे मुहं से चीख निकल गई. में तो उस दर्द की वजह से धीरे धीरे बेहोश सी होने लगी, लेकिन वो जालिम अब कहाँ रुकने वाला था.
अब में उससे आग्रह करने लगी कि प्लीज अब इसे बाहर निकालो वरना में मर जाउंगी उह्ह्ह्हह्ह आईईइ प्लीज मुझे बहुत दर्द हो रहा है उफफ्फ्फ्फ़, लेकिन वो नहीं माना और लगातार धक्के देता रहा. फिर उसने एक झटका दिया तो उसकी वजह से में बेहोश हो गई, लेकिन फिर भी वो मुझे लगातार चोदता रहा और फिर पांच मिनट के बाद जब मुझे होश आया तो मैंने देखा कि वो मुझे अभी भी लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोद रहा था और में रंडी की तरह तड़प रही थी.
वो मुझे अब और भी ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा और कहने लगा कि में आज तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा और सभी लोगो से तुझे चुदवाऊंगा में तुझे छिनाल बनवाऊंगा. दोस्तों वो मुझे करीब तीस मिनट तक लगातार चोदता रहा इस बीच में तीन बार झड़ चुकी थी और अब वो भी झड़ने वाला था. मैंने उससे बोला कि प्लीज अपना वीर्य अंदर मत डालना. फिर वो मुझसे बोला कि साली रंडी क्यों तू मेरा लंड लेने को तैयार है, लेकिन मेरा वीर्य नहीं? में तो आज चूत के अंदर ही डालूँगा साली छिनाल.
फिर उसने अपना वीर्य मेरी चूत के अंदर ही डाल दिया और में उसके वीर्य की एक एक बूंद को अपनी चूत में महसूस कर रही थी. में उसकी इस चुदाई से बहुत संतुष्ट थी और मुझे आज चुदाई का वो पूरा सुख मिला था जिसको में अपने पति से चाहती थी, लेकिन वो यह सब सुख मुझे देने में बिल्कुल असमर्थ थे. दोस्तों उसने उस दिन मुझे शाम के 5 बजे से लेकर रात के 11 बजे तक 4 बार लगातार चोदा. जिसकी वजह से तो में अगले दिन ठीक तरह से चल भी नहीं पा रही थी, लेकिन मुझे उससे अलग अलग तरीकों से चुदवाकर बहुत मज़ा आया. उसके बाद वो उठकर बाथरूम गया और अपने लंड को साफ किया और फिर अपने घर पर चला गया.
फिर मैंने अगले दिन रात को दो बजे उसको फोन किया और उसे अपने घर पर बुलाया और जब में दरवाजा खोलने गई तो मैंने देखा कि वो अब अपने साथ अपने दो और दोस्तों को मेरी चुदाई करवाने के लिए लेकर आया जिनको देखकर में बहुत हैरान थी, लेकिन मन ही मन बहुत खुश भी थी. मैंने उससे पूछा कि तुम इन दोनों को यहाँ पर क्यों लाए हो? तो वो मुझसे मुस्कुराते हुए बोला कि मेरी रानी तेरी चूत फाड़ने के लिए यह आज यहाँ पर मेरे साथ आए है. दोस्तों उस समय में सिर्फ़ टी-शर्ट और पेंटी में थी. दोस्तों वो दोनों मुझे दारू पिये हुए लग रहे थे, लेकिन में उनके हट्टे कट्टे बदन को देखकर बहुत खुश थी कि आज से मुझे अब नये नये लंड से अपनी चूत को चुदवाने का मौका मिल रहा है और में उम्मीद कर रही थी कि जैसे वो दिखने में लंबे चौड़े है तो हो सकता है उनके लंड भी वैसे ही मोटे लंबे हो और फिर मैंने उन तीनो को अंदर बुलाया, लेकिन वो लोग अंदर आने से मना करने लगे और वो बोले कि हम तुझ जैसी रंडी को तो यहीं गार्डन में खुले में ही चोदेगे.
फिर मैंने उनसे बोला कि देखो रात का समय है और कोई अगर हमारी आवाज़ सुनेगा तो बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी. तुम सभी प्लीज अंदर आ जाओ और फिर तुम्हे मेरे साथ जो कुछ भी करना है कर सकते हो में तुमसे चुदने के लिए तैयार हूँ. तभी उसमे से एक ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे गोद में उठाकर अंदर ले गया और उसने मुझे डाईनिंग टेबल पर लेटा दिया और अब मेरी पेंटी को खींचकर उतार दिया और वो मेरी चूत को चाटने लगा. दो मेरे पास में आजू बाजू खड़े हो गये, उनमे से एक ने मेरी टी-शर्ट को पकड़ा और ज़ोर से खींचकर फाड़ दिया और अब वो मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और वो लोग मुझे बहुत गालियाँ दे रहे थे और मुझसे बोल रहे थे कि यह साली रंडी छिनाल हमे इससे पहले क्यों नहीं मिली? इसकी गांड तो अब तक एकदम सील पेक है.
फिर उसमे से एक ने अपना 8 इंच का लंड बाहर निकाला और मेरे मुहं में जबरदस्ती घुसा दिया. में उसे लोलीपॉप की तरफ चूसने लगी कि तभी उनमे से एक बोला कि देख साली कैसी रंडी कुतिया है कितने मज़े से इसका लंड चूसकर मज़े ले रही है, अब आ जा मेरे लंड का भी थोड़ा मज़ा ले. फिर उसने अब इतना कहकर अपना लंड बाहर निकालकर मेरी चूत के मुहं पर रखकर एक ही जोरदार धक्के में पूरा अंदर डाल दिया जिसकी वजह से में उस दर्द से चीखने लगी, लेकिन मेरे मुहं में तो उनमे से एक का उसका लंड था जिसकी वजह से मेरी चीख मेरे मुहं में ही दबकर रह गई और अब मेरे दोनों छेद उनके काम में लगे हुए थे. फिर कुछ देर चोदने के बाद उन्होंने मुझे वहीं टेबल पर कुतिया बना दिया और अब वो मुझे दोनों तरफ से धक्के देकर चोदने लगे.
दोस्तों मुझे उनके चोदने के तरीके से चुदकर बड़ा मज़ा आ रह था, क्योंकि वो सभी मिलकर मुझे चोद रहे थे. फिर कुछ देर बाद तीसरे ने अपना लंड बाहर निकाला तो में उसका वो काला, मोटा, लंबा लंड देखकर एकदम डर गई क्योंकि उसका लंड तो इन दोनों से भी ज्यादा बड़ा और मोटा था. अब वो मेरे नीचे आ गया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर धीरे धीरे धक्के मारने लगा. उनमे से एक ने अपना लंड मेरी मुहं में डाला दूसरा मेरी गांड फाड़ने में लग गया और तीसरा मेरे नीचे घुसकर मेरी चूत को शांत करने लगा.
दोस्तों में शब्दों में आप सभी को क्या बताऊँ? में तो आज उनकी इस चुदाई से आसमान के ऊपर थी और मुझे इतना मज़ा कभी भी सेक्स करने में नहीं आया था. में भी अब उनका पूरा पूरा साथ दे रही थी और वो अपने अपने कामों में पूरी ईमानदारी से लगे हुए थे. फिर कुछ देर चोदने के बाद वो तीनों बारी बारी से झड़ने लगे और उन सभी ने अपना अपना वीर्य मेरे अंदर ही छोड़ दिया, जिसकी वजह से मेरा मुहं, चूत, गांड उनके गरम गरम वीर्य से पूरी तरह भर गई और कुछ देर रुकने के बाद मैंने उन सभी के लंड को चाटकर साफ किया और अपनी चुदाई के लिए एक बार फिर से तैयार किया. दोस्तों उन्होंने अपनी जगह बदल बदलकर मुझे बहुत बार चोदा और उसके बाद उनका मेरे घर पर आना जाना और मेरी चुदाई करना लगा रहा. अब में उनकी चुदाई से बहुत संतुष्ट हूँ.
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खेतों की हरयाली

हैल्लो दोस्तों, आज में आपके सामने मेरे गावं की एक घटना लेकर आया हूँ, जो कि मेरे साथ मेरे गावं में हुई थी. आप सभी तो मुझे जानते ही है कि में अंबाला में रहता हूँ, लेकिन मेरा असली घर यानी कि मेरा गावं भिवानी में है. हम लोग कभी-कभी वहाँ जाया करते थे.
फिर कुछ दिनों पहले मेरा वहाँ जाना हुआ तो में अंबाला से बस पकड़कर भिवानी के लिए निकल पड़ा और मैंने रास्ते में अपने चाचा जी को फोन कर दिया था कि में गावं आ रहा हूँ और किसी को बस स्टेशन लेने भेज दीजियेगा. फिर में 5 घंटे के बस के सफ़र के बाद वहाँ पहुँचा तो मेरे चाचा का लड़का मोहित वहाँ आया हुआ था.
अब में उसके साथ बाइक पर बैठकर घर पहुँच गया अब में आपको बता दूँ कि मेरे चाचा ही हमारे घर और खेत को संभालते है. वैसे हमारा घर एक ही है बस कमरे अलग-अलग है. जब में घर पहुँचा तो चाची मुझे देखकर बहुत खुश हुई, क्योंकि में 3 साल के बाद घर आया था और चाचा भी काफ़ी खुश नज़र आ रहा थे. मोहित उनका इकलोता बेटा है जो मुझसे 4 साल छोटा है. अब मुझे वहाँ का माहौल काफ़ी अलग सा लग रहा था और वहाँ काफ़ी चीज़े बदल गयी थी.
फिर उस दिन मैंने आराम किया और अगले दिन से चाचा का उनके काम में हाथ बांटने लगा, क्योंकि वहाँ टाईम पास के लिए टी.वी तो थी, लेकिन केबल कनेक्शन नहीं था. तभी मोहित आया और कहने लगा कि भैया में दुकान जा रहा हूँ और आपके लिए कुछ लाना है. मैंने कहा रुक में भी चलता हूँ.
फिर में और मोहित दुकान की और चल पड़े. हमारे घर के पीछे से एक रास्ता जाता था वो रास्ता दुकान को जाता था. जब हम वहाँ से जा रहे थे, तभी हमें एक लड़की पीछे वाले घर से निकलती हुई नज़र आई तो हमने उसे देखा और उसने हमें देखा. फिर हम आगे बढ़ गये. फिर आगे चलकर मैंने मोहित से पूछा कि ये कौन थी? तो उसने बताया कि वो श्याम जी की भांजी रानी है. वो दिखने में गोरी थी और उम्र करीब 19-20 साल होगी और फिगर उसका एक नॉर्मल गावं की लड़की की तरह था. उसके बूब्स ना ज्यादा बड़े और ना ज्यादा छोटे थे. उसकी गांड ठीक थी, लेकिन थोड़ी सी बड़ी थी और उसका फिगर साईज 28-25-30 होगा.
फिर मोहित ने बताया कि ये कुछ दिनों पहले ही आई है और उसकी उस लड़की से कई बार खेत में मुलाकात भी हुई थी. फिर हम दुकान पर पहुँच गये और फिर वहाँ से मोहित ने कुछ सामान लिया और मैंने कुछ सिगरेट ले ली. मोहित जानता था कि में सिगरेट पीता हूँ और फिर हम घर वापस आ गये.
मैंने सोचा कि घर पर सिगरेट पीना ठीक नहीं है में खेत पर पिऊंगा. फिर मैंने शाम को मोहित से कहा कि चल हम खेत में घूमकर आते है तो वो मेरी बात समझ गया और हम खेत पर पहुँच गये. वहाँ पर गन्ने की फसल लगी हुई थी. फिर हमने एक अच्छी सी जगह देखी और वहीं बैठकर सिगरेट पीने लगे. अब मैंने एक दो ही कश लिए थे कि वहाँ रानी आ गयी और कहने लगी कि अच्छा मोहित तू यहाँ ये करने आता है. फिर जैसे ही मैंने ये सुना तो में चौंक गया और मुझे खाँसी आने लगी. फिर मैंने पलट कर देखा तो पीछे रानी खड़ी थी और मोहित कांप रहा था. फिर उसने कहा कि नहीं दीदी वो तो सिर्फ़ भैया पी रहे है में तो बस इनको यहाँ लेकर आया हूँ.
फिर उसने मेरी तरफ देखा मैंने कहा कि देखो में अक्सर सिगरेट पीता हूँ और उससे पूछा कि ये बात तुम किसी को बाताओगी तो नहीं. उसने एक अजीब सी स्माइल दी और कहा कि कौन सी बात? और वो वहाँ से चली गयी. उसके जाने के बाद मोहित ने कहा कि भैया आज तो आपने मुझे मरवा ही दिया था, अब जल्दी से इसे ख़त्म करो और हम घर चले. फिर मैंने जल्दी से सिगरेट ख़त्म की और हम घर चले गये. अब में आपको बता दूँ कि श्याम जी और हमारे परिवार के बीच बहुत अच्छे संबंध है. फिर अगले दिन दोपहर के खाने के बाद हम आराम कर रहे थे और गप्पे मार रहे थे कि तभी रानी आ गयी और चाचा चाची से बातें करने लगी. अब मेरी तो हालत ही खराब होने लगी कि कहीं साली ये कुछ बोल ना दे.
फिर उसने कहा कि मामा जी (उसके रिश्ते के हिसाब से) आप जानते है कि कल खेत में क्या हुआ? हमारी तरफ देखते हुए और उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी. अब इतना सुनते ही हम दोनों के प्राण निकल गये कि आज तो गांड में बंबू डल गया. फिर चाचा ने पूछा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि कुछ नहीं वो कल हमारे खेत में एक आवारा सांड घुस आया था तो फिर वहाँ भैया आ गये तो उन्होंने उसे भगा दिया. फिर हम दोनों की सांस में सांस आई और वो हमारी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी.
अब में भी समझ गया कि लड़की मज़े ले रही है. फिर वो जाने लगी तो में दूसरे दरवाजे से बाहर आया और उसका हाथ पकड़ लिया. वो कहने लगी कि मुझे जाने दो, हमें कोई देख लेगा. उसकी इस हरकत में विरोध कम और समर्पण ज्यादा था. फिर मैंने उससे पूछा कि कब मिलोगी? मुझे तुमसे कुछ बात करनी है तो उसने कहा कि शाम को 6 बजे खेत पर मिलना. मैंने कहा ठीक है में इंतजार करूँगा और फिर मैंने उसका हाथ छोड़ दिया और वो अपने घर चली गयी. फिर में शाम को खेत पर उसका इंतज़ार करने लगा और फिर वो आई और कहने लगी कि आप बड़ी जल्दी आ गये.
में – क्या करता? रहा ही नहीं गया.
रानी – ऐसी क्या बात हो गयी? कि आपसे रहा ही नहीं गया.
में – अब क्या बताए क्या हाल है?
रानी – (हँसते हुए) चलिए रहने भी दीजिए, अच्छा आपको क्या बात करनी थी?
में – मुझे आपका शुक्रिया अदा करना था कि आपने हमारा राज़, राज़ ही रहने दिया.
रानी – कोई बात नहीं वो तो ऐसे ही.
में – अच्छा आओ बैठो, ज़रा कुछ अपने बारे में भी बताइए.
रानी – ( अब वो मेरे बगल में बैठ गयी) बस सब ठीक है.
अब हमारी बातें शुरू हो गयी और बातों-बातों में उसके कंधे से कंधे को रगड़ने लगा और वो ये बात नोटिस कर रही थी, लेकिन वो कुछ नहीं कह रही थी और बातें किए जा रही थी. फिर मैंने अपना एक पैर उसके पैर से रगड़ना चालू किया. वो तब भी कुछ नहीं कह रही थी. फिर मैंने मौका देखकर कहा कि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और ये सुनकर वो शरमा गयी और अपना मुँह छुपाने लगी.
मैंने उससे पूछा कि में तुम्हें कैसा लगता हूँ? तो वो शर्म के मारे कुछ नहीं कह पा रही थी, लेकिन उसकी शर्म सब बता रही थी. फिर मैंने उसका चेहरा उठाया और उसके गाल पर एक किस कर दिया तो वो एकदम से उठी और भाग गई. फिर मैंने कहा कि अरे सुनो तो कल कब मिलोगी? तो वो कहने लगी उसी वक्त यहीं पर ही. फिर में खेत पर से आ गया और खाना खाकर सोने लगा और रानी के बारे में सोचने लगा. क्या करता वो थी ही इतनी मस्त? और में उसको चोदने के बारे में सोचने लगा. फिर मेरी कब आँख लग गयी? मुझे पता भी नहीं चला.
फिर अगले दिन में सुबह से ही शाम होने का इंतजार करने लगा और वो शाम आ भी गयी. फिर में खेत पर पहुँच गया तो में वहाँ क्या देखता हूँ? कि वो वहाँ पहले से ही मेरा इंतज़ार कर रही थी और मुझे देखते ही उसके गाल लाल हो गये. फिर में उसकी बगल में जाकर बैठ गया और उससे बातें करने लगा. मैंने उससे पूछा कि कल तुम भाग क्यों गयी थी? तो वो कहने लगी कि वो घर के लिए देर हो रही थी. मैंने कहा कि तुमने तो मुझे डरा ही दिया था, मुझे लगा कि तुम्हें बुरा लगा होगा तो वो बोली किस बात का? जब उसका चेहरा आगे की तरफ था.
फिर मैंने उसकी किस लेते हुए कहा इस बात का तो वो शरमा गयी और कहा कि आप बड़े गंदे हो. फिर मैंने उससे पूछा कि तुम्हें बुरा तो नहीं लगा ना, तो उसने अपना सर नीचे झुकाये हुए ना में अपना सिर हिला दिया. अब में तो एकदम खुश हो गया और फिर मैंने उसका चेहरा अपनी तरफ किया तो उसकी आँखे बंद थी.
मैंने उसके गुलाबी होंठो पर अपने होंठ लगा दिए. अब वो बिना हीले अपनी आँखे बंद किए बैठी रही और में उसको किस करता रहा. फिर थोड़ी देर के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी और हम किस करने लगे. अब उसकी साँसे में अपनी जीभ पर महसूस कर सकता था और अब धीरे-धीरे वो साँसे गर्म होती जा रही थी. फिर में अपना एक हाथ उसके एक बूब्स पर रखकर हल्के-हल्के से मसाज़ करने लगा और वो उम्म उम्म्म की आवाज़ के साथ मुझे किस कर रही थी. अब मेरी पेंट में मेरा हथियार तैयार हो चुका था और फिर मैंने किस का सिलसिला तोड़ते हुए में उसकी कमीज़ उतारने लगा. वो बोली कि नहीं ये मत करो, तो मैंने कहा कि एक बार बस देख लेने दो प्लीज और कहते हुए उसकी कमीज़ उतार दी. अब मुझे सफेद रंग की ब्रा में उसके 28 साईज के बूब्स दिखने लगे, फिर में उन्हें दबाने लगा और वो मस्त होने लगी.
फिर मैंने उसकी ब्रा थोड़ी सी नीचे करके. उसके निप्पल पर जैसे ही अपना मुँह लगाया तो वो कांप सी गयी और उम्म उम्म्म की आवाज़ करने लगी. फिर मैंने उसके बूब्स को उसकी ब्रा से आज़ाद कर दिया और वो खुली हवा में आ गये और में उनका रसपान करने लगा और वो इस मस्ती में, आह्ह्ह्ह आआआ की आवाजें निकालने लगी. इसी बीच में मैंने एक हाथ से उसकी सलवार का नाडा खोल दिया और उसकी पेंटी में हाथ डाल दिया. अब वो इस समय इतनी मस्त हो चुकी थी कि उसने कोई विरोध नहीं किया.
फिर मैंने जब उसकी चूत को हाथ लगाया तो वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. अब में उसे ऊपर से ही रगड़ रहा था. अब में भी काबू से बाहर हो रहा था और फिर में खड़ा हुआ और अपनी पेंट और चड्डी नीचे कर दी और अपना हथियार संभाल लिया और उसे नीचे लेटा दिया. अब वो मेरा हथियार देखकर डर गयी और कहने लगी कि ये तो बहुत बड़ा है और मुझे बहुत दर्द होगा. मैंने कहा कि ज्यादा नहीं होगा.
फिर मैंने उसके मुँह पर एक हाथ रखा और एक हाथ से अपना लंड उसकी चूत पर टिकाकर एक धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो पूरी तरह हिल गयी और जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत में गया तो में समझ गया कि साली कुंवारी नहीं है. फिर मैंने सोचा कि में उससे बाद में पूछूँगा. फिर मैंने एक और जोरदार झटका मारा तो अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था और उसकी चीख निकल गयी. फिर मैंने थोड़ा रुक-रुक कर झटके मारना चालू कर दिया और अब वो आहह आहह आअहह की आवाज़ निकाल रही थी और में भी उसको चोदने में मग्न था. अब वहाँ हमारी बॉडी के टकराने से पट पट की आवाज़ आ रही थी.
फिर कुछ देर के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और वो एकदम से कांपती रह गयी और मुझे उसके रस की धार मेरे लंड पर महसूस हुई और में समझ गया कि वो झड़ गयी है. अब उसके पानी ने चूत को और फिसलन भरा कर दिया, जिससे मेरा लंड और तेज़ी के साथ अंदर बाहर होने लगा. अब में भी अपने अंतिम चरण पर पहुँचने लगा, लेकिन झड़ने से पहले मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और अपना सारा माल उसकी गांड पर छोड़ दिया और अब में निढाल हो गया और वो भी शांत हो गई. फिर हमने अपने कपड़े पहने और फिर मैंने उससे पूछा कि इससे पहले कब किया था? तो उसने कहा कि उसके गावं में उसने एक लड़के के साथ किया था. फिर पहले वो और फिर उसके कुछ देर के बाद में खेतों से निकलकर अपने घर चला आया. अब में जितने दिन वहाँ रहा, उतने दिन मैंने रोज उसकी चूत मारी.
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दोस्त की माँ हुई लंड पर फिदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राजन है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. मेरे घर पर में मेरी माँ और मेरे पापा रहते है. में एक कॉलेज में पढ़ता हूँ और मेरी माँ एक ग्रहणी है और मेरे पापा की एक अख़बार की एजेन्सी है. दोस्तों मैंने अभी कुछ समय पहले मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त की माँ को चोदा है. मेरे फ्रेंड की माँ का नाम कल्पना है और उनकी उम्र करीब 38 साल है और उनका भी पार्थ इकलोता बेटा है और उसके पापा किसी प्राईवेट बैंक में नौकरी करते है. दोस्तों कल्पना आंटी का फिगर करीब 40- 34-46 के आसपास होगा और उनका कलर भी बहुत गोरा है और अब में सीधा उस दिन पर आता हूँ कि उस दिन क्या हुआ?
दोस्तों उस दिन दोपहर को में पहली बार पार्थ के घर पर जाने वाला था और उस दिन रविवार का दिन था. अब में उस दिन पार्थ की बिल्डिंग में चला गया और लिफ्ट से ऊपर पहुंच गया और फिर मैंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई तभी कुछ देर इंतजार करने के बाद दरवाजा खुला तो मैंने देखा कि मेरे सामने पार्थ की माँ कल्पना खड़ी हुई थी. उस वक्त उन्होंने असमान के जैसे नीले रंग की जालीदार साड़ी पहनी हुई थी और उनका ब्लाउज भी बिल्कुल वैसा ही था. उसमें से उनकी सफेद कलर की ब्रा भी साफ साफ दिख रही थी हाँ और जब उन्होंने दरवाजा खोला तो..
में : हैल्लो आंटी क्या पार्थ घर पर है?
कल्पना : पार्थ तो इस समय घर पर नहीं है, लेकिन तुम कौन हो?
में : में आंटी उसका एक दोस्त हूँ और मेरा नाम राजन है.
तो वो एकदम से चकित होकर मुझसे बोली.
कल्पना : राजन अच्छा तो तुम हो, मुझे माफ़ करना में तुम्हे पहचान नहीं सकी, तुम अंदर आ जाओ ना.
में : नहीं आंटी में बाद में आ जाता हूँ.
कल्पना : अब आ भी जाओ, वैसे भी तुम आज पहली बार आए हो और पार्थ भी यहाँ पास में ही गया है, अभी कुछ देर में आ जाएगा.
अब हम दोनों अंदर चले गये, आंटी ने दरवाजा बंद किया और फिर में सोफे पर बैठ गया. आंटी किचन में जाकर मेरे लिए पानी लेकर आ गई.
कल्पना : हाँ बोलो अब तुम क्या खाओगे?
में : नहीं आंटी में कुछ नहीं खाऊंगा, आप बस रहने दीजिए.
कल्पना : क्या नहीं? ऐसा बिल्कुल भी नहीं चलेगा, वैसे भी तुम आज पहली बार घर पर आए हो और फिर क्या बिना कुछ खाए जाओगे?
में : सच में आंटी मुझे कुछ नहीं चाहिए.
कल्पना : तो ठीक है तुम चुपचाप यहीं पर बैठो और में तुम्हारे लिए संतरे का जूस निकालकर लाती हूँ.
आंटी उठकर किचन के अंदर चली गई और अब उन्हे देखकर मुझे कुछ कुछ हो रहा था, लेकिन मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं था क्योंकि उनकी वो मटकती हुई गांड और उनके ब्लाउज के अंदर के वो बड़े बड़े बूब्स मुझे अब बहुत उत्तेजित कर रहे थे, लेकिन तभी आंटी जूस लेकर आई. उन्होंने जूस मुझे दिया और मेरे पास बैठ गई. में अब वो जूस पी रहा था.
कल्पना : इतने दिनों से सिर्फ़ मैंने पार्थ से तुम्हारे बारे में सुना था. तुम कॉलेज में क्या करते हो और क्या तुम जिम जाते हो?
में : आपका बहुत बहुत धन्यवाद आंटी.
कल्पना : तुम पार्थ को भी जिम में क्यों नहीं लेकर जाते?
में : आंटी मैंने तो उसे कितनी ही बार कहा है, लेकिन वो हमेशा मुझसे कहता है कि में सोचूँगा और बाद में आऊंगा, हमेशा कोई ना कोई बहाना बनाता है.
कल्पना : देखो ना अब तुमने अपनी बॉडी बनाई है तो तुम पहले से भी अब कितने अच्छे दिखते हो?
में : तो शरमाते हुए उन्हें आपका धन्यवाद आंटी.
तभी आंटी ने मेरे हाथ की कलाई को हाथ में ले लिया और कहा.
कल्पना : अब तुम्हारे मसल भी देखो, कितने अच्छे हो गए है?
में : हंसते हुए बोला कि नहीं आंटी अभी कहाँ इतने अच्छे हुए है?
कल्पना : नहीं सच में देखो और यह तुम्हारी टी-शर्ट भी तुम पर कितनी अच्छी लग रही है?
अब में एकदम से शरमा गया था और यह सब मुझे अब बहुत अजीब सा लग रहा था, लेकिन तभी वो मेरी तरफ मुस्कुराते हुए वो उनका एक हाथ मेरी छाती पर लेकर गई और फिर मुझसे कहने लगी.
कल्पना : और तुम्हारी छाती भी बिल्कुल बढ़िया आकार की है.
अब वो हाथ मेरे पेट से घुमाते हुए मेरी गांड पर लेकर चली गई और मुझसे पूछने लगी.
कल्पना : और क्या इसके लिए भी कोई एक्ससाईज होती है?
तो में थोड़ा सा एक साईड में होते हुए उनसे बोला.
में : हाँ होती है.
अब आंटी के चेहरे के हावभाव भी एकदम से बिल्कुल बदल गये थे. मुझे अब उनकी बातों से ऐसा लग रहा था कि आज कुछ ना कुछ गड़बड़ होने वाली है और तभी आंटी ने उनका एक हाथ मेरी गांड से सीधे मेरे लंड पर लेकर चली गई और फिर मुझसे बोली.
कल्पना : और इसके लिए?
दोस्तों में अब उनके मुहं से यह बात सुनकर पूरी तरह से चकित हो गया था.
में : क्या आंटी?
अब आंटी ने मेरी टी-शर्ट की कॉलर पकड़ी और मेरे चेहरे को अपनी तरफ खींचा. उनके चेहरे पर स्माईल थी और उन्होंने उनका चेहरा आगे किया और अपने होंठो को भी थोड़ा आगे किया और मेरे होंठो से चिपकाए. अब मैंने मेरा चेहरा पीछे किया, लेकिन आंटी अब मुझ पर टूट पड़ी और वो मेरे ऊपर आई और एक बार फिर से वो मेरे होंठो को चूसने लगी. फिर मैंने भी कुछ देर बाद उनका साथ दिया, लेकिन तभी कुछ देर के बाद में होश में आ गया.
में : आंटी लेकिन अगर पार्थ आएगा तो क्या होगा?
अब आंटी ने एक मादक हावभाव देकर मुझसे कहा कि वो अभी कुछ घंटो तक नहीं आ सकता क्योंकि वो उसके पापा के साथ कहीं बाहर गया हुआ है और वो थोड़ा देरी से आएगा.
दोस्तों अब वो मुझ पर एकदम से भूखी की तरह टूट पड़ी और फिर में भी कुछ देर बाद उनका पूरा पूरा साथ देने लगा और अब हम वहां पर बैठकर किस कर रहे थे और मेरे हाथ भी आंटी की कमर पर चले गये और फिर में उन्हें चूमते हुए धीरे धीरे उनके गले तक आ गया. आंटी मदहोश हो गयी थी और मैंने उनके बालों का क्लिप निकाला और अब उनके पूरे बाल खोल दिये और उनको अपनी बाहों में खींच लिया. अब मेरे हाथ उनके बदन को मसल रहे थे और फिर मैंने उनकी साड़ी का पल्लू उनके बूब्स से दूर हटाया और अब ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को मसलने लगा और अब वो भी धीरे धीरे मदहोश होने लगी और करहाने लगी.
तभी वो उठकर खड़ी हुई और मेरे दोनों हाथ पकड़कर बेडरूम में जाने लगी. में भी उनके पीछे पीछे अंदर चला गया और अब अंदर जाकर उन्होंने अपनी साड़ी को उतार दिया और मैंने भी मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और अब वो मेरे सामने बेड पर लेट गई. अब में भी उनके पास में लेटकर उन्हें किस करने लगा और उनके गोरे बदन को चूमने लगा. उन्होंने अपनी दोनों आँखे बंद कर ली थी और अब मेरे दोनों हाथ उनके बदन को मसल रहे थे.
दोस्तों मुझे उनके बूब्स के बीच की वो सेक्सी दरार बिल्कुल पागल कर रही थी. फिर मैंने उनके ब्लाउज का हुक खोल दिया और ब्रा को पकड़कर बूब्स के ऊपर किया और अब उनके वो बड़े ही सेक्सी बूब्स मसलने लगा और उन्हे चूसने, दबाने लगा, लेकिन अब मेरे यह सब करने से उनकी साँसे तेज होने लगी थी. थोड़ी देर तक मैंने उनके बूब्स को चूसा, दबाया और फिर में उठकर खड़ा हुआ और मैंने मेरी जीन्स को भी उतार दिया. में अब सिर्फ़ अंडरवियर में था और मेरा लंड बिल्कुल टाईट होने की वजह से अंडरवियर का टेंट बन गया था और आंटी ने भी अब उनका ब्लाउज और ब्रा को उतार दिया और वो अब मेरे सामने पेटीकोट में थी.
में एक बार फिर से उनके एक साईड में लेट गया और अब फिर से उन पर टूट पड़ा. में अब देसी स्टाइल में उनके पूरे बदन को चूम रहा था और चाट रहा था. फिर मैंने उनके पेटीकोट का नाड़ा खोला और आंटी ने उसे अपने पैरों से आज़ाद कर दिया. अब आंटी हल्के हरे रंग की जालीदार पेंटी में थी और मैंने मेरा हाथ सीधे आंटी की पेंटी में डाल दिया और मैंने अब उनकी गरम चूत को छुआ. दोस्तों मैंने आज पहली बार किसी की चूत को छुआ था. मुझे उसका वो छूने का अहसास आज भी अच्छी तरह से याद है. उनकी चूत आग की तरह गरम और तब तक गीली भी हो चुकी थी और उनकी पेंटी भी चूत के सामने वाले हिस्से से पूरी तरह गीली हो गयी थी और मैंने अपने एक हाथ की दो उंगलियां उनकी चूत में डाली और वो धीरे से चीखी.
कल्पना : अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आईईईईइ.
अब मेरा एक हाथ उनकी पेंटी में उनकी चूत को मसल रहा था और ऊपर में उनके पूरे जोश से भरे जिस्म को चूम रहा था, लेकिन अब सच पूछो तो मुझसे भी बिल्कुल कंट्रोल नहीं हो रहा था और मैंने आंटी की पेंटी को सरकाकर घुटने तक नीचे किया और मैंने अपनी अंडरवियर को भी नीचे किया और अब में आंटी के ऊपर चढ़ गया. आंटी ने तुरंत अपने दोनों पैर फैलाये और अपनी चूत को मेरे लंड के स्वागत के लिए पूरी तरह से खोल दिया और अब मैंने मेरा लंड उनकी चूत में एक ही बार में पूरा अंदर डाल दिया और अब मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए. आंटी ने मुझे पहले से ही कसकर पकड़ लिया था और अब थोड़ी देर के बाद मेरी चुदाई करने की स्पीड बढ़ रही थी और मेरी साँसे भी तेज हो रही थी. आंटी अब तक अपनी वो चीखने, चिल्लाने की आवाज को अपने गले में दबा रही थी, लेकिन जब मेरी चुदाई की स्पीड बढ़कर जानवर जैसी हो गई थी तो आंटी भी अपना चीखना, चिल्लाना और करहाना रोक नहीं पाई.
अब हम दोनों के बदन एक दूसरे पर घिस रहे थे. आंटी के बूब्स हम दोनों के बीच दब रहे थे. मुझे उनके मेरी छाती से छूने पर एक अजीब सा अहसास हो रहा था और मेरे लंड के नीचे की गोलियां आंटी की चूत के नीचे लग रही थी. अब कुछ देर बाद थोड़ा थोड़ा दर्द तो मुझे भी हो रहा था, लेकिन में उस जवानी के जोश में आंटी को लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोद रहा था और आंटी आखिरकार अपना चीखना, चिल्लाना रोक नहीं पाई और अब हर एक धक्के पर वो चीख रही थी और बीच बीच में अपने उस दर्द से करहा भी रही थी.
फिर कुछ देर के बाद आंटी की चूत से धीरे धीरे पानी निकल रहा था और अब मेरा लंड भी गीला हो गया था. आंटी मुझे अपने दोनों पैरों के बीच में दबा रही थी और 15-20 मिनट के बाद मेरे लंड ने दम तोड़ दिया और मेरा वो गरम गरम वीर्य बाहर निकला. वो मैंने आंटी की चूत में उन चार, पांच ज़ोर के झटको में पूरा अंदर ही निकाल दिया और अब मैंने लंड को चूत से बाहर निकाला और आंटी के पास में लेट गया. हम दोनों तेज तेज साँसे ले रहे थे. मैंने अब तक मेरी अंडरवियर ऊपर कर ली थी और अब तक मेरा लंड भी बिल्कुल शांत हो गया था और आंटी ने भी अपनी पेंटी को ऊपर कर लिया था. फिर हम एक दूसरे को देख रहे थे और स्माइल दे रहे थे.
कल्पना : क्यों मज़ा आया?
में : हाँ बहुत मज़ा आया, आपका बहुत बहुत धन्यवाद आंटी.
मैंने आंटी की कमर पर हाथ रखा और फिर हम इधर उधर की बातें कर रहे थे और अब मेरा लंड एक बार फिर से उनका गदराया हुआ बदन देखकर गरम हो गया था और मैंने आंटी को एक बार फिर से मेरे नीचे लिया और फिर एक बार बहुत देर तक जमकर आंटी को चोदा. उस दिन से में आंटी को जब भी मौका मिले तब चोदकर खुश कर देता हूँ और वो मेरी चुदाई से बहुत खुश है. तो दोस्तों यह थी मेरे दोस्त की माँ की चुदाई की कहानी.
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टीचर की समस्या को हल किया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम निर्मल है. में एक स्टूडेंट हूँ और में एक अच्छा दिखने वाला लड़का हूँ. मेरे लंड का साईज़ 8.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है, मेरी उम्र 21 साल है और में एक स्कूल में पढ़ता हूँ, लेकिन में अपनी पढ़ाई के साथ साथ सेक्सी कहानियाँ पढ़ने में भी रूचि रखता हूँ और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है में उन्हे पढ़कर अपने लंड को हिलाकर शांत करता हूँ और अपने लंड की बहुत देखभाल करता हूँ. वैसे दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है, क्योंकि मैंने अब तक सिर्फ कहानियाँ पढ़ी है और लिख पहली बार रहा हूँ.
दोस्तों यह उस समय की बात है जब में 12th क्लास में पढ़ता था. तब हमारी क्लास में एक साईन्स टीचर हमें पढ़ाया करती थी और उनको देखकर तो सबका लंड एकदम टाइट हो जाता था, लेकिन वो मेडम थोड़ी कड़क स्वभाव की थी इसलिए सब बच्चे उनसे थोड़ा सा ज्यादा ही डरते थे और अब दोस्तों में आपको उनके फिगर के बारे में बता देता हूँ, उनके फिगर का साईज करीब 32-28-34 था और दोस्तों उनकी क्या मस्त एकदम सेक्सी गांड है और उनकी गांड को देखकर तो कोई भी मदहोश हो जाए.
हमारी मेडम का नाम पूजा था और वो शादीशुदा थी. उनकी शादी को 4 साल हो गये थे, लेकिन उनको देखकर लगता नहीं था कि वो शादीशुदा है और वो स्कूल टाइम के बाद भी हमारी अलग से क्लास लेती थी और उस समय मेरा गणित में हाल थोड़ा ठीक नहीं था. तो एक दिन मैंने उनसे कहा कि मेडम में गणित में बहुत कमजोर हूँ और मुझे उसमे कुछ भी ज्यादा समझ में नहीं आता. तो मेडम ने कहा कि में स्कूल में सिर्फ साइन्स पढ़ाती हूँ, लेकिन में अपने घर पर सभी विषयों की ट्यूशन देती हूँ और अब उन्होंने यह बात कहकर मेरा भी काम बहुत आसान कर दिया था क्योंकि में बहुत समय से मन ही मन उन्हे चोदने की इच्छा रख रहा था.
फिर मैंने अगले दिन से ही उनके घर पर ट्यूशन पढ़ने जाना शुरू कर दिया और मेडम ने ट्यूशन का टाईम शाम को 6 बजे का दिया था, लेकिन में उनके घर पर शाम को 6 बजे से पहले ही पहुंच गया और उस दिन मेडम ने सफेद कलर का सलवार सूट पहना हुआ था और उसमे वो क्या मस्त लग रही थी? और ऐसे ही मैंने वहां पर एक हफ्ता बिता लिया, क्योंकि में गणित में ठीक नहीं था इसलिए मेडम मुझे बिल्कुल अपने पास बैठाती थी और में गणित के बहाने कभी कभी उनके बूब्स भी देख लिया करता था. जिन्हें देखना मुझे बहुत अच्छा लगता था और उस वजह से मेरा पढ़ाई में मन भी लगा रहता था.
फिर एक दिन जब में उनके घर पर गया तो मैंने देखा कि उनके घर से कुछ लड़ाई झगड़े की ज़ोर ज़ोर से आवाज़े आ रही थी और मेडम भी बहुत गुस्से से ज़ोर ज़ोर से किसी को बोल रही थी, लेकिन उस समय मेडम के रूम का अंदर से दरवाजा बंद होने के कारण मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि वो किस लिए चिल्ला रह रही है या किस पर चिल्ला रही है? तभी मैंने कुछ देर बाद ही दरवाजे की कुण्डी खोलने की आवाज़ सुनी और में जल्दी से चुपचाप आकर अपनी जगह पर बैठ गया और जब मेडम बाहर आई तो वो मुझे वहां पर देखकर एकदम चकित हो गई और मुझसे पूछने लगी कि तुम कब आए?
मैंने कहा कि मेडम में अभी कुछ देर पहले ही आया हूँ. तो मेडम ने कहा कि क्या तुम्हे नहीं पता कि आज ट्यूशन कि छुट्टी है और मैंने तो कल ही सभी बच्चो को मैसेज कर दिया था कि में किसी भी बच्चे को नहीं पढ़ा सकती? तो मैंने मेडम से कहा कि नहीं मेडम मुझे बिल्कुल नहीं पता, क्योंकि मेरा तो फोन पिछले तीन चार दिन पहले खराब हो गया है और मैंने उसे ठीक करवाने के लिए भेजा हुआ है. फिर मेडम मुझसे कहने लगी कि चलो कोई बात नहीं अब तुम यहाँ तक आए हो तो अब पढ़कर ही जाना, लेकिन दोस्तों मेडम का उस दिन पढ़ाने का बिल्कुल भी मूड नहीं था वो मुझे उनका चेहरा देखकर महसूस हुआ.
मैंने कहा कि मेडम अगर आपका मूड नहीं है तो में कल से पढ़ने आ जाऊंगा आप आज थोड़ा आराम कर लीजिए, आप बहुत थकी हुई सी दिख रही हो? तो मेडम ने कहा कि नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, वैसे भी अब तुम्हारे पेपर भी नज़दीक है और फिर मेडम ने मुझे कुछ सवाल करने के लिए दे दिए, लेकिन मुझसे वो सवाल बहुत देर तक हल नहीं हुए तो मैंने कहा कि मेडम आज मेरा भी मूड पढ़ने का नहीं है. तो मेडम कहने लगी कि चलो तुम खुद कुछ देर बैठकर पढ़ लो और उसके बाद अपने घर पर चले जाना.
मेडम नहाने के लिए बाथरूम के अंदर चली गई और करीब 15 मिनट के बाद मुझे उनकी आवाज़ आई कि निर्मल में अपना टावल बाहर ही भूल गई हूँ प्लीज तुम मुझे वो पकड़ा देना.
फिर मैंने टावल उठाया और उन्हे देने के लिए चला गया. मेडम ने टावल पकड़ने के लिए अपना एक हाथ बाहर निकाला हुआ था तो मैंने सोचा कि मेडम को आज तो में नंगी देख ही सकता हूँ? लेकिन मेडम ने सिर्फ़ अपना एक हाथ बाहर किया हुआ था. में उन्हे टावल पकड़ाकर आ गया, लेकिन जब मेडम नहाकर बाथरूम से बाहर आई तो वो मुझे चेहरे से बहुत ही परेशान दिखाई दे रही थी. उनका चेहरा बिल्कुल मुर्झाया हुआ था और वो बहुत उदास थी.
मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए उनसे पूछा कि मेडम क्या हुआ आपका चेहरा इतना उतरा हुआ क्यों है? तो मेडम ने कहा कि कुछ नहीं, बस थोड़ी सी परेशानी है और फिर मैंने ज़्यादा ध्यान ना देते हुए में वहां से कुछ देर बाद अपने घर पर आ गया और फिर उसके बाद करीब सात दिन तक में उनके घर पर ट्यूशन पढ़ने नहीं गया, क्योंकि उस समय मेरी मम्मी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी और जब में आठवें दिन पढ़ने गया तो मेडम ने मुझसे पूछा कि तुम इतने दिन कहाँ गये थे? तो मैंने उन्हे बता दिया कि पिछले कुछ दिनों से मेरी मम्मी बहुत बिमार थी और में घर के थोड़े बहुत कामों में लगा हुआ था.
फिर मेडम ने मुझसे कहा कि अब तुम्हे ज़्यादा मेहनत करने की ज़रूरत है, क्योंकि अब तुम्हारे पेपर बहुत नज़दीक आ रहे है तो मैंने कहा कि मेडम ठीक है और फिर में एकदम चुपचाप एकदम सीधे बच्चे की तरह बैठकर पढ़ने लगा और जब एग्जाम को 4 दिन बाकी रह गये तो मेडम मुझे दूसरे बच्चो से ज़्यादा पढ़ाने लगी वो मुझे उनसे एक घंटा ज़्यादा पढ़ाती थी और हर रविवार को मेडम छुट्टी किया करती थी, लेकिन फिर भी उन्होंने मुझे रविवार को अपने घर पर बुला लिया और कहा कि तुम्हे आज से एक घंटा ज़्यादा पढ़ना है तुम अपना मन लगाकर पढ़ाई करो वर्ना फेल हो जाओगे.
में उनके पास करीब तीन घंटे तक लगातार पढ़ता रहा और फिर मेडम ने कहा कि तुम्हारे पेपर में अब दो दिन रह गये है इसलिए घर पर भी बैठकर इसकी तैयारी करना और खेलने कूदने की कोशिश मत करना और फिर भी अगर तुम्हे कोई समस्या हो तो मेरे पास आ जाना. में अपने घर पर ही दो दिन तक मन लगाकर पढ़ाई करता रहा, क्योंकि सुबह मेरा गणित का सबसे मुश्किल पेपर था, लेकिन वो पेपर मेरा बहुत अच्छा रहा क्योंकि मैंने गणित की बहुत अच्छी पढ़ाई की और फिर पेपर दिया था और उसके बाद मेरे सभी पेपर बहुत अच्छे गये क्योंकि मैंने उनकी भी पढ़ाई बहुत मन लगाकर की थी और इसलिए उसका रिज़ल्ट जल्दी आ गया और फिर में बहुत अच्छे नंबर लेकर पास हो गया और में इसी ख़ुशी में मेडम को मिठाई देने उनके घर पर चला गया.
मेडम उस दिन की तरह आज भी अपने पति से लड़ रही थी क्योंकि उस दिन दरवाजा खुला हुआ था तो मुझे सब बातें साफ साफ सुनाई दे रही थी और में दरवाजे के पीछे खड़ा होकर वो सब कुछ सुन रहा था. तो मेडम उनसे कह रही थी कि तुम में ही कोई कमी है तभी तो तुम मुझे अब तक कोई बच्चा नहीं दे सके? तो उसने कहा कि इसमें में क्या कर सकता हूँ? तो मेडम ने कहा कि में तुम्हारा यह जवाब पिछले चार साल से सुन रही हूँ प्लीज अब तो कुछ करो, बाहर सब लोग मेरा मजाक उड़ाते है और मुझे अजीब नजरों से देखते है और वो इतना कहकर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.
दोस्तों अब मुझे अपना सपना साकार होता हुआ नज़र आया और फिर उनके पति बहुत गुस्से से बाहर चले गये और में भी जब बाहर जाने लगा तो मेडम ने मुझे देख लिया और कहने लगी कि तुम यहाँ पर किस काम के लिए आए हो? तो मैंने कहा कि मेडम में बहुत अच्छे नंबर से पास हो गया हूँ इसलिए में आपके लिए मिठाई लेकर आया हूँ. मेडम थोड़ा सा मुस्कुराकर मुझसे शाबाश कहने लगी और मुझे उनके चेहरे पर वो हंसी देखकर बहुत अच्छा लगा और फिर मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके मेडम से कहा कि मेडम क्या कोई समस्या है जो आप इतनी ऊँची आवाज से बोल रही थी? तो मेडम कहने लगी कि कुछ नहीं बस ऐसे ही और फिर मैंने कहा कि मैंने सब कुछ सुन लिया है.
मेडम मेरी वो बात सुनकर एकदम से घबरा गई और उनके चेहरे का रंग उड़ गया. फिर वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज तुम यह बात किसी को मत बताना. मैंने उनसे कहा कि ठीक है मेडम आप कहती हो तो में किसी से कुछ भी नहीं कहूँगा और फिर मैंने उनसे कहा कि में आपकी समस्या का हल कर सकता हूँ, लेकिन अगर आप मेरी थोड़ी मदद करे तो ऐसा हो सकता है? तो वो मुझसे कहने लगी कि वो कैसे और तुम मेरी उसमे क्या मदद कर सकते हो?
मैंने कहा कि अगर आपके पति में कोई भी कमी है तो क्या हुआ? हम दोनों भी तो मिलकर एक बच्चा पैदा कर सकते है और में इस काम में आपकी पूरी पूरी मदद करने को तैयार हूँ, लेकिन तभी मेडम कहने लगी कि नहीं में ऐसा नहीं कर सकती, यह सब बहुत गलत है इससे पूरी दुनिया में हमारी बदनामी हो सकती है मेरे पति को इसके बारे में पता चला तो वो मुझे इस दुनिया से उठा भी सकते है क्योंकि उनका गुस्सा बहुत खराब है जो तुमने अब तक कभी नहीं देखा. फिर मैंने कहा कि मेडम में आपसे पक्का वादा करता हूँ कि में कभी किसी को कुछ भी नहीं कहूँगा, यह बात हम दोनों के बीच में रहेगी तीसरा कोई भी नहीं तो फिर यह बात बाहर कैसे जाएगी? और फिर मेरे बहुत समझाने के बाद मेडम इसके लिए तैयार हो गई और मेडम कहने लगी कि लेकिन हम यह सब मेरे घर पर नहीं कर सकते, क्योंकि मेरे पति कभी भी आ सकते है.
फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं, आप हमारे गेस्ट हाउस चलो वो हमेशा ही खाली रहता है और फिर वहां पर कोई आता जाता भी नहीं. तो मेडम ने कहा कि ठीक है तुम कल तैयार रहना और वहां पर जाते समय मुझे भी अपने साथ ले चलना. मैंने कहा कि ठीक है और फिर में अगले दिन सुबह ही उन्हे लेने उनके घर पर चला गया, लेकिन उनके पति के घर पर होने के कारण वो मेरे साथ नहीं आ सकी क्योंकि उनके पति की उस दिन छुट्टी थी और फिर मेडम ने मुझे कुछ घंटो के बाद फोन करके बता दिया कि में आज नहीं आ सकती वो आज पूरा दिन घर पर है और हम कल चलेगें. में उनकी यह बात सुनकर थोड़ा सा उदास हो गया, लेकिन अब में बहुत बेसब्री से अगले दिन का इंतज़ार करने लगा. में दिन में भी बेड पर लेटे हुए उनकी चुदाई के सपने देखने लगा और उसी रात को करीब दस बजे मेडम का फोन आया कि में खुद ही तुम्हारे गेस्ट हाउस आ जाउंगी. तुम मुझे लेने मेरे घर पर मत आना.
मैंने कहा कि ठीक है और फिर उसके अगले दिन ठीक 9 बजे मेडम मेरे दिए हुए पते पर हमारे गेस्ट हाउस आ गई. उस दिन भी मेडम ने सलवार सूट पहना हुआ था, वो उसमे क्या मस्त सेक्सी लग रही थी और उनके बूब्स, गांड तो बहुत सेक्सी दिख रहे थे. फिर मैंने मेडम को अंदर बुलाया और पानी पिलाया और उसके बाद हम कमरे के अंदर चले गये. मैंने उसी समय सेक्स की गोली खा ली थी और में जाते समय ही उनको किस करने लगा और मेडम भी मेरा साथ देने लगी.
करीब 15 मिनट के बाद में उनके बूब्स को ऊपर से ही सहलाने लगा. दोस्तों उनके क्या बूब्स थे? बिल्कुल गोल, मुलायम-मुलायम, बड़े-बड़े. फिर मैंने जल्दी से उनकी कमीज़ को उतार दिया और अब मेरे सामने मेडम सिर्फ़ ब्रा और सलवार में थी और में ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को दबाने लगा और कुछ समय के बाद मैंने उनकी ब्रा को भी उतार दिया. वाह दोस्तों उनके बूब्स क्या मस्त लग रहे थे, में आपको शब्दों में नहीं बता सकता? तो में कुछ समय दोनों ही बूब्स को चूसता रहा.
फिर कुछ देर के बाद मेडम ने मुझे खड़ा कर दिया और मेरे कपड़े उतारने लगी और मेडम ने मेरी पेंट को उतारकर मेरे लंड को हाथ में पकड़ लिया और कहने लगी कि तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है और इतना बड़ा तो मेरे पति का भी नहीं है और अब वो मन ही मन मुस्कुराने लगी और मेडम किसी ब्लूफिल्म की हिरोइन की तरह मेरे लंड को चूसने लगी और करीब 10 मिनट के बाद में उनकी चूत को चाटने लगा और जब में चूत चाटने लगा तो मेडम ने झड़कर अपना पानी छोड़ दिया और मैंने मेडम का नमकीन पानी पी लिया और अब मेडम पूरी तरह से गरम हो गई और वो मुझसे कहने लगी कि बस और नहीं, अब मेरी चूत में अपना लंड डाल दो, में और देर तक नहीं सह सकती, प्लीज मेरी चूत की अपने लंड से आज प्यास बुझा दो. मैंने अपना आठ इंच का लम्बा लंड सीधा उनकी चूत में घुसा दिया, लेकिन बहुत ज़ोर लगाने के बाद भी उनकी चूत में मेरा लंड थोड़ा सा ही लंड अंदर गया, लेकिन मेडम चीखने, चिल्लाने लगी और कहने लगी कि प्लीज अब थोड़ा जल्दी जल्दी से मेरी चूत में सारा लंड डाल दो निर्मल प्लीज.
दोस्तों मैंने धीरे धीरे से धक्के देकर मेरा सारा लंड पूजा की चूत में डाल दिया. मेरा लंड उसकी चूत में बहुत मुश्किल से पूरा अंदर गया क्योंकि मेरा लंड मोटा था और उसकी चूत का छेद छोटा था, जिसको अब तक मेरा लंड थोड़ा बहुत फैला चुका था. उसकी चूत को देखकर लगता था कि उसके पति ने कभी उसकी चूत को सही तरीके से नहीं चोदा, लेकिन मुझे उन सब बातों से क्या? मुझे तो फ्री की एक चूत मिल चुकी थी जिसमे अब मेरा लंड अंदर होकर उसको फैलाकर चोद रहा था और अब पूजा दर्द की वजह से तड़पने लगी आह्ह्ह्हहहह ऊऊह्ह्ह्हह्ह प्लीज थोड़ा और आऐईईईई जल्दी, तेज तेज करो और फिर मैंने जोश में आकर धीरे धीरे अपनी स्पीड को बड़ा दिया क्योंकि मैंने सेक्स की एक गोली खाई हुई थी तो में अभी झड़ने वाला नहीं था और फिर में ज़ोर ज़ोर से पूजा को चोदने लगा और पूजा आआआअहह ऊऊऊऊऊऊहह एहह तेज और तेज और हाँ ऐसे ही और फिर में 30 मिनट बाद में पूजा की चूत में ही झड़ गया, लेकिन अब हमारे पास अभी भी बहुत टाइम था इसलिए हम कुछ देर आराम करके फिर से शुरू हो गए और इस बार मैंने पूजा को अपने ऊपर ले लिया और उससे अपने लंड के ऊपर बैठने को कहा और फिर पूजा बैठ गयी और में उसे चोदने लगा और फिर वो अपने आप ऊपर नीचे होने लगी और साथ ही साथ आआआआअहह आईईइईईई माँ की आवाज़े निकालती रही, चुदाई की वजह से सारे कमरे में थपथप की आवाज़ आने लगी और फिर कुछ देर के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उससे चूसने को कहा.
फिर मैंने उसकी चूत में फिर से लंड को डाल दिया और अब मैंने पूजा को डोगी स्टाइल में होने को कहा और 5-10 मिनट के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकालकर उसकी गांड में घुसा दिया.
मेरा लंड मोटा होने के कारण उसकी गांड में थोड़ा सा ही गया और इसलिए में बाहर से तेल लेकर आया और थोड़ा थोड़ा उसकी चूत और गांड में लगाया और अपने लंड पर भी लगाया और फिर मैंने धीरे से उसकी गांड में अपना लंड दबाया और फिर पूजा तड़पने लगी. तो मैंने उसके दर्द की परवाह ना करते हुए अपना सारा लंड उसकी गांड में ज़ोर से धक्का देकर डाल दिया और कुछ देर अंदर रखकर आगे पीछे करने लगा और पूजा आह्ह्ह्हह ऊउईईईइ माँ थोड़ा धीरे अह्ह्हह्ह्ह्ह तुम प्लीज जल्दी से बाहर निकालो नहीं तो मेरी गांड फट जाएगी, लेकिन मैंने वैसे ही चोदना शुरू रखा और फिर करीब दस मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदता और फिर उसकी चूत में लंड डालकर अंदर ही झड़ गया. इस तरह हमने उस दिन तीन बार सेक्स किया और मेडम मेरी चुदाई से बिल्कुल संतुष्ट दिख रही थी और अब वो बहुत खुश होकर अपने घर चली गई और ऐसे ही जब हमारा मन करता तो हम इस तरह से सेक्स करते रहते और करीब 9 महीने बाद पूजा को एक साथ दो बच्चे हुए और उसके बाद भी हमारा लगातार जारी है.
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ठंडी रात में भाभी की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, ये बात आज से करीब 2 साल पहले की है. मेरी दुकान पर एक भाभी आया करती थी, वैसे उन्हें सिर्फ़ भाभी कहना ग़लत होगा, क्योंकि वो तो परी जैसी थी. उनका रंग एकदम गोरा था और उन्हें जहाँ से पकड़ लो तो टमाटर की तरह लाल पड़ जाए. उनकी हाईट लगभग 5 फुट 3 इंच, बिल्कुल स्मूद और सिल्की बाल जो नागिन की तरह ल़हराते थे. जब मैंने पहली बार उन्हें देखा तो मुझे ऐसा लगा कि ये बहुत भारी माल है और ये मेरे हाथ नहीं आने वाली, लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंज़ूर था. उसका फिगर बहुत मस्त था और वो पूरी मारवाड़ी थी.
पहली बार वो मेरे घर पर कुछ लेने आई थी. फिर उसके बाद हमारी मुलाक़ते बढ़ती रही. वो कभी-कभी दोपहर में आती थी तो हमारी घंटो बातें होती. उसके पति नेवी में थे, जो साल में सिर्फ़ 2 बार आते थे और बंदा जब आता था तो बेचारी कही नहीं जाती थी. वो अपने पति से खुश नहीं थी, क्योंकि वो जानवर किस्म का इंसान था.
उसके घर में उसकी सास रहती थी. बस हमारे मिलने के 8 महीने के बाद उसकी सास चल बसी और अब वो घर पर अकेली रहते हुए बोर हो जाती थी. ये बात जब उसने मुझसे कही तो मैंने कहा कि घर का काम निपटाकर शॉप पर आ जाया करो, तुम्हारा भी दिल लगा रहेगा और मेरा भी दिल लग जायेगा. वो बोली में क्या दिल बहलाने वाली चीज़ हूँ? जो आपका दिल लगा रहेगा. फिर मैंने कहा नहीं आप तो दिल से लगाकर रखने वाली चीज़ हो. वो शरमा गई और जाते हुए बोली कि इस शनिवार से आऊँगी और फिर जल्दी भी नहीं जाऊँगी.
अब मुझे इंतज़ार था तो बस शनिवार का. उस दिन में भी शॉप पर बड़ा सजधज कर गया और सोचा कि अब से रोज़ मज़ा आयेगा. फिर वो लगभग 12 बजे आई और उसे देखते ही मेरी 12 बज गई, क्या ग़ज़ब का सफ़ेद कलर का टाईट कुर्ता था? और उसके नीचे सफ़ेद लेगी. उसके पूरे पैर ऐसे लग रहे थे कि बस अभी उन्हें खा जाऊं. फिर जब वो मेरे पास आकर बैठी तो बोली ऐसे क्यों देख रहे हो? मुझे पहली बार देखा है क्या?
मैंने कहा लड़कियां तो बहुत देखी है, लेकिन आज तो अप्सरा को देखा है. फिर शर्म के मारे उसका चहेरा लाल पड़ गया. उस दिन के बाद हमारी नज़दीकियां भी बढ़ने लगी. फिर उस साल दीवाली के बाद मेरे घरवाले 15 दिन के लिए बाहर शादी में गये तो मैंने कहा कि अब से हम रोज़ होटल में खाना खाया करेंगे तो वो बोली ठीक है. फिर उसके बाद ठंड बढ़ने लगी.
फिर 2 दिन के बाद मैंने उससे कहा कि आज में तुम्हें घर छोड़ करता हूँ और आज तुम डिनर पर लाल साड़ी पहनना, में इतने में खाना पैक करवा कर लाता हूँ. फिर मैंने उसको घर छोड़ा और खाना पैक करवाने के बाद मैंने गुलाब जामुन लिए और उसके घर की तरफ चल दिया और जब में घर पहुँचा तो लॉक करने से पहेले ही उन्होंने दरवाजा खोल दिया और उसको देखते ही में चौक गया. उसने क्या साड़ी पहनी थी? लाल शिफान साड़ी. फिर मैंने उससे बोला कि मुझे आज यही रुकना पड़ेगा तो वो बोली तो रुक जाओ ना. में समझ गया कि आज आग दोनों तरफ लगी है. फिर खाना खाने के बाद मैंने कहा कि चलो टी.वी देखते है. अब साथ में बैठकर टी.वी देखते-देखते बातें सेक्स तक पहुँच गई और वो मायूस होने लगी.
फिर मैंने कहा क्या हुआ? तुम्हारा पति अच्छा नहीं है क्या? तो वो बोली पति तो अच्छे है, लेकिन वो सिर्फ़ वाइल्ड है और मुझे रोमांस पसंद है. उन्होंने मुझे कभी आज तक किस नहीं किया है. ये कहते हुए उसके होंठ थरथराने लगे और में उसके और पास चला गया और धीरे से उसकी कमर पर हाथ रखते हुए उसको अपनी तरफ दबा लिया और प्यार से उसके होंठो पर अपने होंठो को रख दिया.
अब होंठ रखते ही वो मेरे ऊपर आ गई और मेरे होंठो को एक भूखी शेरनी की तरह चूसने लगी, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे ये उसकी जिंदगी का आखरी किस है. अब होंठ चूसते-चूसते मैंने उसको कसकर पकड़ लिया था और किस करते हुए ही उसको बेडरूम में ले गया और वहाँ जाकर बेड पर लेटा दिया और प्यार से उसकी साड़ी का पल्लू हटाते ही उसके बूब्स पर अपनी उंगलियां फैरने लगा और प्यार से बीच में किस भी किया. अब उसकी साँसे किसी ट्रेन के इंजन से भी तेज़ चल रही थी और उसका बदन किसी भट्टी की तरह तप रहा था. इतने में उसने मुझे मेरी शर्ट से पकड़कर मुझे वापस अपनी तरफ खींचा और किस करने लगी. अब मैंने किस करते हुए उसके ब्लाउज के हुक खोल दिए. अंदर उसने ब्रा नहीं पहनी थी और फिर में बूब्स को नीचे से पकड़कर धीरे-धीरे दबाने लगा. अब उसने मेरे होंठ छोड़ दिए और वो सिसकारियां भरने लगी.
अब में उसकी गर्दन पर, आँखों पर, सब जगह किस करने लगा. उसके बूब्स पर किस करने लगा और उनको दबाने और चूसने लगा. वो बोली कि आई लव यू, प्लीज ऐसा मत करो, में हमेशा के लिए तुम्हारी हूँ. फिर मैंने कहा अब से तुम मेरी ही हो जाओगी. अब मैंने उसके गोरे-गोरे बूब्स दबाते हुए धीरे से उसकी निप्पल पर चिकोटी काटी तो वो मुस्कुराते हुए बोली कि इतना धीरे मत करो कि मेरी जान ही निकाल दो. फिर मैंने उसके बूब्स चूसना शुरू किया और बहुत देर तक चूसने के बाद उनको मसलने लगा. फिर उसने उठकर अपनी साड़ी और पेटीकोट उतार दिया और अब वो अपनी काली पेंटी उतारने लगी. मैंने कहा कि इस पर मेरा हक़ है तो फिर वो वापस लेट गई.
अब मैंने भी मेरे पूरे कपड़े उतार कर सिर्फ़ अंडरवियर छोड़ दिया और उसके ऊपर आकर उसके पेट को चाटने लगा और धीरे-धीरे नीचे की तरफ आते हुए उसकी नाभि पर आकर रुक गया और उसको चूसने लगा. फिर मैंने मेरा हाथ नीचे लगाया, तो मुझे महसूस हुआ कि उसकी चूत में से इतना पानी आ रहा था कि बेडशीट गीली हुये जा रही थी. फिर में नीचे की तरफ आया तो मुझे शरारत सूझी और मैंने उसकी पेंटी के ऊपर से चूत को किस करते हुए, उसकी जाँघो पर किस किया. इससे वो और तड़प गई और कहने लगी कि तुम बहुत गंदे हो और मुझे तड़पाते हो. फिर मैंने उसकी पेंटी के ऊपर से किस किया तो उसकी एक लंबी सिसकारी छूट पड़ी. फिर वो बोली कि बहुत ठंड लग रही है, अब तो कुछ करो.
फिर मैंने उसकी पेंटी को अपने दांतों से उतार दिया और मैंने देखा कि उसकी चूत में से अमृत की धारा बह रही थी जो कि बहुत ही मस्त थी. अब वो बिना स्पर्श के ही निकल रही थी. फिर मैंने उसकी चूत पर किस करते हुए अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर डाली और प्यार से चूसने लगा, और खूब जबरदस्त चूसने के बाद चुदाई का मौसम आया.
फिर मैंने अपना 7 इंच लंबा लंड निकाला और उसके हाथों में थमा दिया. वो बोली मेरे पति का तो काला नाग है, लेकिन तुम्हारा तो प्यारा पोपट पूरा गुलाबी है, मेरा मन कर रहा है कि अभी इसे खा जाऊं. तो मैंने कहा क्यों नहीं? आज अपनी हर इच्छा पूरी कर लो. अब इतना कहते ही उसने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगी. अब वो चूसते-चूसते बोली कि बस अब डाल दो, नहीं तो में मर जाउंगी. फिर मैंने उसकी दोनों जाँघो को अपने कंधो पर रखते हुए धीरे से अपने लंड को उसकी चूत में धकेल दिया और धीरे-धीरे चूत में अन्दर डालता चला गया. अब वो जैसे जैसे अंदर जा रहा था, उसकी साँसे ऊपर चढ़ती जा रही थी और लंड सीधा जाकर उसकी बच्चेदानी से टकराया और उसकी जान निकल गई. अब वो बिल्कुल बेहोश सी हो गई थी और फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के मारते हुए उसको खूब चूसा, खूब चूमा. अब 55 मिनट की जबरदस्त चुदाई में वो चार बार डिसचार्ज हुई और में 2 बार डिसचार्ज हुआ. उस रात के बाद हम आज तक एक पति पत्नी की तरह रहते है.
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