लन्दन में बेटे के साथ सेक्स के मज़े

हैल्लो दोस्तों, में आज इस साईट पर अपने साथ हुई एक अनोखी घटना लिखने जा रही हूँ, जिससे मेरी लाईफ में बहुत बदलाव आ गया. अब में सीधे स्टोरी पर आती हूँ. मेरा नाम अंजली है और ये घटना मेरे और मेरे बेटे राहुल के बीच की है. तो अब में आपको अपने बारे में बताती हूँ. मेरी उम्र 38 साल है और मेरे बेटे की उम्र 19 साल है, में एक हाउसवाईफ हूँ और मेरे पति एक एम.एन.सी कंपनी में इंजीनियर है.
हम दिल्ली में रहते है. एक बार मेरे पति का ट्रान्सफर लन्दन में 2 महीने के लिए हो गया तो राहुल और में भी उनके साथ लन्दन घूमने के लिए उनके साथ चल पड़े. लन्दन एक खूबसूरत शहर है और वही पर कंपनी की तरफ से हमें फ्लेट मिला था. मेरे पति सुबह जल्दी ही ऑफिस चले गये और शाम को जब वो आए तो उन्होंने बताया कि वो 15 दिन के लिए दूसरी सिटी के ऑफिस में जायेंगे और वही रहेंगे. मेरा और राहुल का मूड बिल्कुल खराब हो गया.
तब उन्होंने कहा कि तुम दोनों यहाँ घूमो और में 15 दिन के बाद वापस आ जाऊंगा. फिर अगले दिन वो चले गये. अब मेरा बिल्कुल मूड खराब हो गया था. तब राहुल मेरे पास आया और उसने मुझसे कहा कि माँ चलो बाहर घूमकर आते है. फिर हम दोनों लन्दन घूमने निकल पड़े, अब हम दोनों ने घूमते हुए काफ़ी इन्जॉय किया और मेरा मूड भी फ्रेश हो गया था.
फिर हम दोनों शॉपिंग के लिए गए, फिर राहुल ने अपने लिए कपड़े खरीदे, लेकिन मेरे लिए वहाँ पर कुछ खरीदने के लिए नहीं मिला, क्योंकि में केवल सलवार सूट और साड़ी ही पहनती थी. तब राहुल ने मुझे जीन्स टी-शर्ट ओर शॉर्ट्स दिलवाए, मैंने उसे काफ़ी मना किया, लेकिन वो बोला कि माँ यहाँ तो आप ये पहन सकती हो और आप पर ये कपड़े अच्छे भी लगेंगे, मैंने भी वो ले लिए. फिर मैंने अपने लिए ब्रा और पेंटी भी खरीदी. तब राहुल ने मुझे नेट वाली ब्रा और स्ट्रिप्स वाली पेंटी पसंद करने को कहा और बोला कि ये आप पर बहुत सेक्सी लगेगी.
अब में उसको ऐसा करता देखकर हैरान हो गयी. जब मैंने ट्राई रूम में जाकर कपड़े पहने और राहुल को दिखाए तो उसने कहा कि माँ आप बहुत हॉट लग रही हो तो मैंने स्माइल देकर कहा कि चल हट. फिर में वही ड्रेस पहनकर राहुल के साथ अपने फ्लेट पर आ गयी और फिर वहाँ आने के बाद हमने खाना खाया और टी.वी देखने लगे. तब राहुल ने कहा कि माँ क्या आपको आज घूमने में मज़ा आया? तो मैंने हाँ में सिर हिलाया. राहुल ने कहा कि माँ क्या हम कल शाम को डिस्को में चले? मेरा मूड वहाँ जाने को कर रहा है और वहाँ पर सिंगल एंट्री नहीं है तो हम दोनों चले. फिर मैंने पहले उसे मना कर दिया, लेकिन राहुल ने ज़िद करते हुए कहा कि वहाँ हम दोनों डांस करेंगे और काफ़ी मज़ा आयेगा.
फिर मैंने उसे हाँ कर दी तो राहुल ने खुश होकर मुझे हग कर लिया और थैंक्स माँ बोलकर मेरे गाल पर किस भी कर दी और वो सोने चला गया. उसके गले लगने और किस करने पर में रात को सोते वक्त उसके बारे में ही सोचती रही कि कहीं राहुल मुझे एक माँ की बजाए, एक हॉट औरत की तरह देख रहा है और हर समय मुझे टच करने के लिए मेरे करीब रहने की कोशिश करता रहता है.
फिर ये सोचते हुए में सो गई और अगली सुबह में उठी और राहुल को जगाया और हम दोनों ने फ्रेश होकर नाश्ता किया और मैंने राहुल से कहा कि में नहाने जा रही हूँ और मेरे नहाने के बाद तुम भी नहा लेना, फिर हम घूमने चलेंगे तो राहुल ने हाँ में सिर हिलाया और में नहाने आ गयी. फिर नहाने के बाद मैंने राहुल को आवाज़ दी और मेरी ब्रा और पेंटी देने को कहा जो कि में जानबूझ कर लेकर नहीं आई थी, क्योंकि में राहुल को देखना चाहती थी कि वो मेरे बारे में क्या सोचता है? और में भी उसको पसंद करने लगी थी तो में उसको गर्म करना चाहती थी.
अब राहुल मेरी ब्रा और पेंटी ले आया और मुझे बाहर से ही देने लगा, तो मैंने उसको अंदर बुला लिया. अब में उस समय केवल टावल में ही थी, जिसमें से मेरे 36 इंच के बूब्स आधे दिखाई दे रहे थे और नीचे से मेरे पैर घुटनों तक दिखाई दे रहे थे. अब राहुल मुझे देखता ही रह गया. फिर मैंने उससे ब्रा और पेंटी लिए और उसको बाहर भेजकर में कपड़े पहनकर आई.
फिर मैंने काले कलर का टॉप पहना, जिसमें से मेरी पूरी कमर दिखाई दे रही थी और मेरे बूब्स की क्लीवेज दिखाई दे रही थी और नीचे मैंने स्कर्ट पहनी हुई थी, जिसमें से मेरी आधी जांघे भी दिख रही थी. अब मुझे देखकर राहुल का बुरा हाल हो गया था और उसके शॉर्ट में मैंने उसके लंड को पहली बार खड़ा होते हुए देखा था. अब उसका लंड काफ़ी बड़ा दिख रहा था. फिर वो भी नहाने चला गया और फिर उसके नहाकर आने के बाद हम घूमने चले गए और बाहर ही खाना खाया और शाम तक घूमते रहे. अब हम एक दूसरे के हाथों में हाथ लिए जा रहे थे. अब मुझे राहुल का साथ काफ़ी पसंद आ रहा था.
फिर हम एक डांस क्लब में गये और वहाँ जाकर हमने देखा कि काफ़ी लोग अपनी फ्रेंड्स के साथ इन्जॉय कर रहे है, कोई डांस कर रहा था, कोई ड्रिंक्स ले रहा था. अब में और राहुल भी एक दूसरे के साथ डांस करने लगे. फिर राहुल ने कहा कि चलो कोल्ड ड्रिंक पीते है. फिर राहुल ने कहा कि माँ हम बियर पी ले, तो मैंने मना कर दिया, लेकिन वो ज़िद करता रहा, तो मैंने कहा चलो ठीक है, लेकिन थोड़ी सी ही पीयेंगे और हम दोनों ने बियर पी ली और हम डांस करने लगे.
अब मुझे नशा सा होने लगा और हम दोनों काफ़ी पास हो कर डांस करने लगे थे. अब हम दोनों एक दूसरे की बाहों में बाहें डालकर डांस कर रहे थे. तब राहुल ने अपना एक हाथ मेरी कमर पर रखा और मुझे धीरे-धीरे पीछे से सहलाता रहा और एक हाथ मेरे पेट की साईड में रखते हुए मेरे कूल्हों तक ले गया और वो मेरे बिल्कुल पास आ गया था. उसका चेहरा बिल्कुल मेरी साईड में था और वो अपने गाल मेरे गालों से रगड़ रहा था.
फिर मैंने महसूस किया कि उसका लंड खड़ा हो गया है और मेरी जांघो पर रगड़ रहा है तो अब मेरे शरीर में एकदम से बिजली दौड़ गयी और में राहुल के साथ बिल्कुल चिपक गई और फिर वो अपने होंठो को मेरे होंठो के पास लाया और हम किस करने लगे. फिर कुछ देर किस करने के बाद हम वहां एक दूसरे के साथ चिपक कर डांस करते रहे. फिर थोड़ी देर के बाद हम घर पर आ गये. अब में बिल्कुल नशे में चल रही थी, फिर हम 11 बजे घर आए तो राहुल मुझे पकड़कर ला रहा था. वो मेरे साथ ही मेरे कमरे में आ गया.
अब हम दोनों बेड पर एक दूसरे की तरफ आकर लेट गये थे, तब राहुल ने मेरी आखों में देखा और कहा कि माँ आई लव यू. मैंने उसको स्माईल दी, लेकिन मैंने उसे कुछ नहीं कहा. फिर वो मेरे करीब आ गया और मेरे टॉप के ऊपर से ही मेरे पेट को सहलाने लगा. फिर उसने मेरे होंठो पर किस किया और फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे. ये किस काफ़ी लंबा था और अब हम एक दूसरे की जीभ को होंठो को चूस रहे थे.
फिर राहुल और में बैठ गए और अब वो मुझे किस करते हुए मेरे कपड़े उतारने लगा. पहले उसने मेरा टॉप निकाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स दबाने लगा. फिर उसने मेरी स्कर्ट भी निकाल दी और वो मुझे बुरी तरह से किस करने लगा. उसके बाद उसने अपने कपड़े भी उतारे और मेरे गले लगते हुए मेरे पीछे से ब्रा का हुक खोल दिया और मेरे बूब्स चूसने लगा. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर उसने मेरी पेंटी भी उतार फेंकी और मेरी चूत को देखने लगा और फिर साथ ही साथ मेरी जांघो पर किस करते हुए मेरी चूत को चाटने लगा. अब मुझे तो बड़ा मज़ा आने लगा था. अब मेरी सिसकारियाँ निकलने लगी थी और में उसका सिर पकड़कर अंदर की तरफ दबाने लगी. अब मेरा तो बुरा हाल हो गया था और अब में आआआआ राहुल बेटा बड़ा मज़ा आ रहा है, हाइईईई उईईइ की आवाज़े निकाल रही थी. उसके बाद राहुल अपना लंड मेरे मुँह के पास लाने लगा और मुँह में लेने को कहा तो में उसे मना करने लगी, लेकिन राहुल ने ज़बरदस्ती मेरे मुँह में अपना लंड डाल दिया और मेरे सिर को पकड़कर अंदर बाहर करने लगा.
अब मुझे लंड चूसने में मज़ा आने लगा था और कुछ देर लंड चूसने के बाद राहुल ने मुझे सीधा लेटा दिया और अपने लंबे लंड को मेरी चूत पर रखकर धक्का मारा. मेरी तो जान निकल गयी थी. आआआ राहुल बेटा आराम से में मर गयी उूउउफफफ्फ़, राहुल का लंड उसके पापा से भी लंबा और मोटा था. फिर मैंने ये नहीं सोचा था, अब मुझे बहुत दर्द हो रहा था, अब राहुल अपने लंड को मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा. और अब मेरी भी चीखे निकल रही थी, अयाया में मर गयी, आराम से उूउउइइइ माँ आआआअ, अब में बहुत चिल्ला रही थी, लेकिन कुछ देर के बाद मुझे भी मज़ा आने लगा और में अपनी गांड उठा उठाकर राहुल का साथ देने लगी और कुछ देर के बाद हम दोनों ने एक साथ पानी छोड़ दिया. फिर हम ऐसे ही लेटे रहे और उस रात राहुल ने मुझे कई बार चोदा और मेरी गांड भी मारी. अब हम दोनों ऐसे ही सेक्स करते रहे और अब तक भी कर रहे है.
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गर्लफ्रेंड की छोटी बहन की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम ऋषि है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 25 साल है. दोस्तों में आज अपनी कहानी आप सभी को सुनाने से पहले थोड़ा और अपने बारे में बता देता हूँ कि में दिल्ली में एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करता हूँ और एक फ्लेट में किराए से रहता हूँ.
दोस्तों यह उन दिनों की बात है जब मेरी गर्लफ्रेंड (चारू) इंटरव्यू के बहाने से कोलकाता से दिल्ली 7 दिन के लिए मेरे फ्लेट पर रहने आई थी और उसकी छोटी बहन जो करीब 22 साल की थी वो भी उसके साथ आई हुई थी, जिसका नाम संचीता था. दोस्तों संचीता और मेरी बात हमेशा फोन पर होती रहती थी और थोड़ा बहुत मस्ती मज़ाक भी चलता था, लेकिन वो सब कुछ बहुत कम था. अब मेरे पास आने से पहले संचीता ने मुझसे पूछा था कि में आपके लिए कोलकाता से क्या गिफ्ट लेकर आऊँ? तो मैंने उससे कहा था कि तुम अपने होने वाले जीजा को एक प्यारा सा स्मूच दे देना बस वही मेरा गिफ्ट होगा.
फिर वो दिन आ ही गया जब मेरी गर्लफ्रेंड और उसकी बहन संचीता मेरे घर पर आई. चारू से मिलकर तो मुझे बहुत खुशी हुई और उससे ज्यादा में संचीता को देखकर चकित हुआ. जिससे में तीन साल बाद मिल रहा था. संचीता थोड़ी सावली लड़की थी, लेकिन उसके चेहरे पर बहुत चमक थी.
उसकी हाईट करीब 5.2 होगी और वो बहुत पतली दुबली सी थी, लेकिन इस बार उसके चेहरे से पहले मेरी नज़र उसके बड़े बड़े बूब्स पर गई जो उसके छुपाए नहीं चुप रहे थे, मेरे ख्याल से उसके बूब्स का साईज़ 32 इंच होगा. जिसके थोड़े से दर्शन मुझे संचीता के गहरे गले वाले उस सूट ने करा दिए थे और जब वो मुझसे गले मिलने आई तो उसके आकार में बड़े बूब्स मेरी छाती पर ऐसे लगे जैसे कोई बम फट गया हो और गले मिलते हुए जब मेरे हाथ उसकी कमर पर गये तो मुझे एहसास हो गया कि इसकी गांड भी बहुत भरी हुई है क्योंकि मेरे हाथ का आधा हिस्सा उसकी गांड के उभार पर छू रहा था.
दोस्तों हमारा पहला दिन एकदम ठीकठाक रहा और फिर रात को मेरा एक रूम का फ्लॅट होने के कारण हम लोगों को एक ही बेड पर सोना पड़ा था. मेरे और संचीता के बीच में मेरी गर्लफ्रेंड सोई हुई थी जिसे मैंने हर रात चोदा.
संचीता के सो जाने के बाद उस पहली रात को अपनी गर्लफ्रेंड से सेक्स करने के बाद जब में बाथरूम गया और मैंने आते वक़्त लाईट को जलाया तो देखा कि संचीता की वो छोटी सी पेंट जो की बहुत ढीली सी थी बिल्कुल ऊपर आ गई है और उसने अपना पैर इस तरह से रखा हुआ था कि मुझे उसकी जाँघ के अंदर का हिस्सा साफ साफ नज़र आ रहा है जो कि सबसे ज्यादा आकर्षक होता है और उसकी टी-शर्ट में से उसका बूब्स नज़र आ रहे थे और मैंने यह भी गौर किया कि उसके बूब्स के निप्पल कपड़ो के ऊपर से उभरे हुए थे और फिर में समझ गया कि उसने सोने से पहले अपनी ब्रा को उतार दिया है. में भी लाईट बंद करके लेट गया, लेकिन मेरा दिल और दिमाग़ संचीता के बूब्स और गांड को छूने के बारे में दौड़ रहा था और ना जाने कब में उसके बारे में सोचता सोचता सो गया.
अगले दिन सुबह जब मैंने उठकर देखा तो उस समय चारू घर पर नहीं थी. फिर मैंने सही मौका देखकर संचीता से अपने किस वाले गिफ्ट के बारे में पूछा तो वो मेरी बात को हंसकर टाल गई और फिर मैंने उससे नाराज़ होने का नाटक सा किया तो उसने झट से मेरे गाल पर एक किस दे दिया. तभी मैंने भी उसे फट से पकड़कर स्मूच कर लिया और फिर मैंने उससे कहा कि मुझे अपना गिफ्ट लेना अच्छी तरह से आता है और जब भी मेरा दिल करेगा तब में ले लूँगा.
दोस्तों संचीता पहले तो अचानक से बहुत घबरा गई, लेकिन फिर शरमाकर टीवी देखने लगी और अब मैंने उसको थोड़ा रुक रुककर तीन चार बार मज़ाक करते करते स्मूच किया, लेकिन उसने मुझसे हमेशा मुस्कुराकर दूर हटने का नाटक किया, जिसकी वजह से मेरी हिम्मत अब बढ़ती जा रही थी और संचीता भी इस हरकत को मेरी बदमाशी समझती रही क्योंकि में हमारी हर बात में जीजा साली की बात करता था.
दोपहर को संचीता लेटकर एक किताब पड़ रही थी और में टीवी देख रहा था कि तभी अचानक मेरा ध्यान उसकी गांड पर से उसके सूट पर गया. मुझे उसकी गोरी जांघो के साथ साथ गांड का पूरा आकार नज़र आ रहा था, जिसको देखकर मेरा दिल तो ऐसा कर रहा था कि में अपना लंड उसकी गांड में उसके कपड़ो के ऊपर से ही डाल दूँ और उसे इतना जमकर चोदूँ कि उसकी गांड फट जाए.
अब में उसके पास सरककर लेट गया और उसे स्मूच करने के लिए अपनी तरफ खींचने लगा, लेकिन संचीता मुझे हर बार धक्का मार रही थी और इसी खींचा-तानी में मेरा हाथ उसके बूब्स पर चला गया और मैंने भी एक अच्छा मौका देखकर उसे ज़ोर से दबा दिया. संचीता के मुहं से आईईई उफफ्फ़ की आवाज़ निकली और उसने दर्द की वजह से अपनी दोनों आँखे बंद कर ली और अब में भी घबराने लगा कि यह कहीं अपनी दीदी को यह सब ना बता दे? में अब बहुत भोला बनकर उसके पास में बैठकर उससे बोला कि प्लीज मुझे माफ़ कर दो, अगर तुम्हे मेरी किसी बात का बुरा लगा हो तो? दोस्तों मैंने पहले से ही सोच लिया था कि अगर संचीता ने मुझे तमाचा मारा तो में चुपचाप माफी माँग लूँगा और उससे अपनी दीदी को ना बताने के लिए आग्रह करूंगा.
अब संचीता ने मुझे बहुत गुस्से से देखा और वो अपने दोनों हाथों से अपने गोल गोल बूब्स को सहलाते हुए बोली कि आईई माँ बहुत दर्द हो रहा है, वैसे यह कोई बुरा मानने वाली बात नहीं है, लेकिन क्या कोई इतनी ज़ोर से दबाता है? इसके दर्द ने मेरे पूरे बदन में एक अजीब सा दर्द पैदा कर दिया है. अब में क्या करूं उह्ह्हह्ह माँ मर गई. दोस्तों में उसके मुहं से यह बात सुनकर समझ गया कि में बच गया और मैंने झट से मज़ाक में हंसते हुए उसके दूसरे बूब्स को धीरे से सहलाकर पूछा कि में सब दर्द ठीक कर दूंगा और अब हम दोनों बेड पर ही एक दूसरे से मज़ाक में लड़ने झगड़ने लगे. दोस्तों सच पूछो तो में आज ऐसा कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहता था.
जब में उसके जिस्म के किसी भी हिस्से को इतने आराम से छू सकूं और अब झगड़ते समय भी मैंने कई बार उसकी पीठ पर, उसकी जाँघ पर, उसके बड़े बड़े बूब्स पर और थोड़ा बहुत उसकी गांड के कुछ हिस्सो को अपने हाथों से सहलाया, मसला और धीरे से दबाया और अब मेरी हिम्मत इतनी बड़ गई थी कि चारू के रूम में होने के बावजूद भी मैंने किचन में एक बार संचीता को ज़मीन पर लेटा दिया और उसके बूब्स को मसलते हुए उसको स्मूच किया, लेकिन संचीता ने भी इन सारी बातों को एक जीजा साली की मज़ाक मस्ती में समझकर लिया और उसने चारू को कुछ नहीं कहा.
फिर दूसरी रात को चारू के साथ सेक्स करने के बाद जब में उठकर बाथरूम से वापस आया और मैंने संचीता को फिर से वैसे ही सोया हुआ देखा तो मेरा झड़ा हुआ लंड धीरे धीरे जोश में आने लगा.
में चुपचाप जाकर चारू के पास में लेट गया और अब में इंतज़ार करने लगा कि जब चारू गहरी नींद में सो जाए तब में कुछ करूं और फिर रात के करीब दो बजे में चुपके से संचीता के पास जाकर लेट गया और मैंने अपनी दो उँगलियों से उसके शरीर को छुआ जिससे मुझे पता चल जाए कि वो जाग रही है या सो रही है और जब मुझे पक्का विश्वास हो गया कि वो भी अब गहरी नींद में है तो मैंने धीरे से अपना पूरा हाथ उसकी टी-शर्ट के ऊपर से उसके बूब्स पर रख दिया और बिल्कुल हल्के हल्के दबाने लगा. दोस्तों में कसम से बता रहा हूँ कि उसके वो बीना ब्रा के 5-5 किलो के बूब्स ऐसे तनकर खड़े थे कि में आप सभी को शब्दों में नहीं बता सकता?
अब में धीरे धीरे अपने एक हाथ से उसकी निक्कर को ऊपर खींचने लगा जिससे उसके पूरे पैर नज़र आ जाए और अब मैंने धीरे से अपना पूरा हाथ उसकी जाँघ के अंदर वाली साईड पर रखा. मेरा दिल तो कर रहा था कि में उसकी जाँघ को दांतो से काट लूँ और अब मैंने धीरे धीरे अपनी दो उँगलियों को उसके निक्कर के नीचे से उसकी पेंटी में डाल दिया, लेकिन अब संचीता नींद में थोड़ी हिलने लगी तो में झट से अपना हाथ बाहर निकालकर सोने का नाटक करने लगा.
संचीता अब भी गहरी नींद में थी और थोड़ी देर बाद मैंने अपनी आधी पेंट को पूरा ऊपर खींच लिया और अपने पैर धीरे से उसके पैर के ऊपर रख दिए. जिससे मेरी चमड़ी उसकी चमड़ी से चिपके और जिसे वो भी नींद में महसूस करे. फिर मैंने देखा कि उसकी तरफ से कोई हरकत नहीं हो रही है और संचीता अभी भी नींद में है तो मैंने अपने लंड को उसके कूल्हों से चिपका दिया और अब तो मुझे अपने आपको रोकना बहुत मुश्किल हो रहा था और में घबराहट से थोड़ा थोड़ा कांपने भी लगा था. फिर में धीरे धीरे उसकी टी-शर्ट को ऊपर उठाने लगा और मेरी दस मिनट की मेहनत के बाद मैंने उसकी टी-शर्ट को उसके निप्पल से ऊपर कर दिया था.
दोस्तों पहले तो में धीरे से अपने चेहरे को उसके बूब्स से छूने लगा और अब में उसके निप्पल का वो उभार और उसके बूब्स की गर्माहट अपने चेहरे पर महसूस कर रहा था और कुछ सेकेंड्स के बाद मैंने धीरे से अपने एक हाथ से उसके निप्पल को दबाया और ज्यादा से ज्यादा तीन चार बार सक के बाद ही मुझे लगा कि संचीता की नींद अब टूट रही है और में झट से चारू के ऊपर से कूदकर दूसरी साइड में जाकर सो गया. फिर तीसरी सुबह चारू जल्दी उठकर अपने इंटरव्यू के लिए जा चुकी थी और अब घर पर में और संचीता दोनों सो रहे थे. सुबह दस बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि संचीता अभी भी सो रही है. मैंने उसे नींद से तो जगा दिया था, लेकिन उसने अपनी आँखे अभी भी नहीं खोली थी. मैंने उस मौके का फायदा उठाने के लिए मन में ठान ली थी क्योंकि वो अभी भी बिना ब्रा के ही लेटी हुई थी और अब में उसके पास में लेटकर उसे छेड़ने लगा और उसके गाल पर किस करने लगा.
फिर कुछ देर बाद उसने मुझसे परेशान होकर दूसरी साइड की करवट ली और अब वो अपनी पीठ मेरी तरफ करके लेट गई. मैंने झट से अपना लंड उसकी मोटी गांड पर चिपकाकर उसके ऊपर अपना एक पैर रख लिया और उसे परेशान करने लगा. दोस्तों मुझे अब पूरा विश्वास था कि उसको मेरे खड़े लंड का अहसास उसकी गांड पर हो रहा होगा, लेकिन उसने अब तक मुझसे कुछ नहीं कहा और में मन ही मन बहुत खुश था. फिर मैंने अपना एक हाथ धीरे से उसकी छाती पर रख दिया और अब हल्के से दबाने लगा, जिसकी वजह से संचीता को तो मानो जैसे करंट सा लग गया और वो झटके से उठ गई और फिर हंसते हुए मुझसे कहने लगी कि आप सुधरोगे नहीं क्या? जिसकी वजह से मेरी हिम्मत के साथ उसे चोदने की उम्मीद भी अब बड़ती जा रही थी. फिर वॉशरूम से फ्रेश होकर और अपनी ब्रा को पहनकर संचीता वापस आ कमरे में गई.
फिर हम साथ में नाश्ता करके टीवी देखने लगे और इस बीच मैंने संचीता को दो तीन बार किस कर लिया था और अब में उससे मज़ाक कर रहा था और मज़ाक ही मज़ाक में मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे निप्पल हमेशा खड़े क्यों रहते है? और मेरे मुहं से यह बात सुनकर वो बहुत शरमा रही थी और अब नहाने जाने से पहले उसने मुझे उसके बालों में तेल लगाने को कहा. टीवी देखते देखते में उसके बालों में तेल लगा रहा था, लेकिन मेरा पूरा ध्यान तो ऊपर से नज़र आ रहे उसके बूब्स के बीच की उस लाईन पर टिकी हुई थी. मैंने अब बड़े प्यार से आश्चर्य से पूछा कि संचीता तुम्हारी त्वचा कितनी सूख गई है और मैंने थोड़ा सा तेल उसके गर्दन के आसपास वाली त्वचा पर लगा दिया और अब में थोड़ा गुस्से से बोला कि तुम अपना ख्याल नहीं रखती और उसी गुस्से से मैंने उसके हाथों पर तेल लगाना शुरू कर दिया. संचीता ने भी मुझसे कुछ नहीं बोला.
अब में उसके दोनों हाथों की मालिश करते हुए मैंने उसकी टी-शर्ट को एक तरफ से पूरी ऊपर उठा दी और अब मुझे संचीता की सफेद ब्रा की डोरी भी साफ साफ नज़र आ रही थी. मैंने बड़े प्यारे अंदाज़ में उसकी ब्रा की डोरी को थोड़ा नीचे करके वहां पर भी तेल लगाया और फिर उसे ठीक कर दिया और में तेल लगाते लगाते बोला कि हे भगवान पूरा हाथ और पीठ की त्वचा सुखी हो गई है और अब मैंने संचीता को नीचे लेटने के लिए बोला और उससे कहा कि तुम अपनी टी-शर्ट को थोड़ा ऊपर कर लो ताकि में तेल लगा दूँ. दोस्तों पहले तो वो थोड़ा इनकार करने लगी, लेकिन मेरे थोड़ा ज़ोर डालने पर वो मान गई और अब वो उल्टा लेटकर टीवी देख रही थी. फिर मैंने धीरे धीरे उसकी पीठ पर मालिश करना शुरू कर दिया था और कुछ देर बाद मालिश करते करते मैंने उसकी पूरी टी-शर्ट को ऊपर उठा दिया था उसकी वो सफेद कलर की ब्रा अब मुझे बिल्कुल साफ साफ नज़र आ रही थी और अब मेरी हिम्मत इतनी बढ़ गई थी कि मैंने बहान बनाकर उसकी बहुत अच्छी तरह मालिश शुरू कर दी. में अब उसकी गांड के ऊपर चड़ गया और मैंने अपने एक हाथ से उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया.
संचीता एकदम से घबराकर बोलने लगी कि तुम यह क्या कर रहे हो, मुझे ऐसे शरम आ रही है? अब मैंने गुस्से में कहा कि एक तो तुम अपना बिल्कुल भी ख्याल रखती नहीं हो और में मालिश कर रहा हूँ तो शरमा रही हो और मैंने उठकर लाईट को बंद कर दिया और में वापस आकर उसकी गांड के बीच में अपने लंड को फंसाकर बैठ गया और ठीक तरह से बैठने के बहाने से मैंने दो तीन बार अपने लंड को उसकी गांड में रगड़ दिया. संचीता टीवी देखने में व्यस्त थी और में अपना लंड रगड़ रगड़कर उसकी पीठ की मालिश कर रहा था. दोस्तों मेरा तो दिल कर रहा था कि उसकी पीठ को चूम लूँ और उससे चिपक जाऊँ और अब में धीरे धीरे नीचे की तरफ जाकर उसके पैरों की मालिश करने लगा.
दोस्तों में शब्दों में बता नहीं सकता हूँ कि मुझे उस समय कैसा महसूस हो रहा था जब मेरे दोनों हाथ उसके पूरे पैरों पर तेल लगा रहे थे और उसकी वो छोटी सी पेंट बहुत ढीली होने के कारण मेरे हाथ उसकी जाँघो के बाद उसकी गांड को छू रहे थे, लेकिन अब मुझे बिल्कुल भी समझ नहीं आ रहा था कि में उसकी वो छोटी सी पैंट (निक्कर) को कैसे उतरवाऊँ? फिर मैंने उससे थोड़ा एक साईड करवट लेकर लेटने को कहा और जैसे हो वो एक साईड में हुई तो उसकी खुली हुई ब्रा तो नीचे ही रह गई, लेकिन उसके बूब्स अब बंद लाईट में भी ऐसे चमक रहे थे जैसे कोई हीरा चमक रहा हो.
मेरा दिल तो बहुत कर रहा था कि में उसका वो पूरा का पूरा बूब्स अपने मुहं में दबाकर उसका सारा दूध निकाल लूँ और मेरा मन करने लगा कि में सारा तेल उसके बूब्स पर लगाकर उसके ऊपर बैठकर उसकी मालिश कर दूँ, लेकिन मैंने उसे बहुत सीधे तरीके से लिया जैसे कि मुझे उससे कुछ फ़र्क नहीं पड़ता और मैंने उसके पेट पर तेल लगाना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद मैंने उसकी ब्रा को पूरा निकाल दिया और अपने आप पर बहुत ज्यादा कंट्रोल के साथ मैंने अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स की मालिश शुरू कर दी.
दोस्तों पहले तो संचीता यह सब देखकर थोड़ी टेंशन में थी कि वो यह क्या कर रही है? लेकिन मुझे लगता है कि मेरे अच्छे व्यहवार ने उसे ज्यादा कुछ सोचने नहीं दिया और कंट्रोल करते करते भी मैंने पांच, सात बार उसके बूब्स और निप्पल को थोड़ा ज़ोर से दबा ही दिया. फिर थोड़ी देर बाद मुझे लगने लगा कि अब संचीता को भी अच्छा लग रहा है और थोड़ी देर तक उसके बूब्स की मालिश करने के बाद मैंने उससे कहा कि तुम थोड़ा अपने निक्कर को नीचे कर लो जिससे में पूरी तरह तुम्हारी मालिश कर दूँ और फिर उसके ना ना कहते कहते मैंने अपने हाथ से उसकी उस छोटी सी पेंट को खींचकर नीचे कर दिया था.
दोस्तों उसकी उस गुलाबी कलर की पेंटी में उसकी गांड क्या मस्त सेक्सी और भरी हुई लग रही थी, लेकिन अब मुझसे रह नहीं गया और मैंने सीधे ही उसकी गांड से थोड़ा नीचे तेल डाल कर मालिश शुरू कर दी और अपना हाथ पेंटी के अंदर डालकर पूरी गांड को जी भरकर दबाया और यह कहते हुए कि पेंटी में तेल ना लग जाए उसे भी नीचे सरका दिया और अब उसकी जाँघ पर बैठकर उसकी गांड की बहुत मालिश की, संचीता हंसते हंसते बोल रही थी आपने तो मुझे पूरा नंगा कर दिया, अब तो छोड़ दो मुझे.
मैंने दिल ही दिल में कहा कि में छोड़ तो दूँगा, लेकिन पहले चोदूंगा जब छोड़ दूँगा. मालिश के साथ साथ हम दोनों टीवी पर आ रही फिल्म की भी बातें कर रहे थे और बात करते करते मैंने एक साईड से कूल्हों की मालिश शुरू कर दी थी. में उसकी जाँघो पर बैठा हुआ था और मेरा लंड उसकी जाँघ पर ऐसे दब रहा था कि जैसे उसके मुहं में घुसा हुआ हो. फिर फिल्म की बात करते करते मैंने उसको पैर उठाने को कहा ताकि में उसकी जाँघ की भी मालिश ठीक से कर दूँ और अब में ऐसे बैठा हुआ था कि उसकी चूत के काले काले बाल और उसकी चूत मुझे बिल्कुल साफ नज़र आ रही थी और फिर मालिश और बातें करते करते मैंने अपनी दो उँगलियों को उसकी चूत में डाल दिया.
दोस्तों मैंने महसूस किया कि उसकी चूत एकदम जलते हुए तवे की तरह बिल्कुल गरम थी. मैंने तो मन बना रखा था कि में सबसे पहले उसको अपनी जीभ से चाटूंगा और फिर उसके बाद अपना लंड अंदर डाल दूँगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं क्योंकि जैसे ही मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली तो वो एकदम से घबराकर उठ गई और बाथरूम में नहाने के लिए भाग गई और अब आग मेरे अंदर भी इतनी ही भड़क चुकी थी. में अब या तो संचीता को चोदता या वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसकर मेरे वीर्य को बाहर निकल दे.
में भी उसके पीछे गया तो मैंने देखा कि उसने बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया है और पांच मिनट तक मैंने बहुत ध्यान से सुना, लेकिन मुझे कुछ भी आवाज़ नहीं आ रही थी. मैंने अब अपने कपड़े उतार लिए थे कि में आज तो इसे चोदकर ही रहूँगा. फिर मैंने बाहर से उससे पूछा कि क्या हुआ? तो संचीता ने कुछ नहीं बोला और कुछ देर बाद कहा कि में अभी नहाकर आती हूँ.
मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन पहले दो मिनट के लिए खोल दो मुझे हाथ धोना है. दोस्तों पहले तो उसने मुझसे ना कहा और फिर कुछ देर बाद कहा कि ठीक है आकर धो लो, लेकिन मेरी तरफ मत देखना. दोस्तों मैंने तो पहले से ही सोच रखा था कि मुझे दरवाजा खोलकर क्या क्या करना है? और जैसे ही उसने दरवाजा खोला तो में उसके सामने जाकर खड़ा हो गया. वो मुझे पूरा नंगा देखकर कहने लगी कि यह सब क्या कर रहे हो आप?
दोस्तों अब हम दोनों बिना कपड़ो के थे और मैंने जैसे ही संचीता को पीछे से पकड़ा तो वो छटपटाने लगी, लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और उसके ना ना कहने के बाद भी में उसे उठाकर बाहर ले आया और अब मैंने उससे बड़ी ही उदास आवाज में पूछा कि तुम्हे क्या मेरा छूना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता? तो संचीता ने कहा कि नहीं वो बात नहीं है, लेकिन दीदी इस बारे में क्या सोचेगी? मैंने उसे समझाया कि यह सब बातें बताने वाली थोड़ी है जो तुम्हारी दीदी को पता चलेगा.
फिर मैंने अपने एक हाथ से उसके बूब्स को मसलना शुरू किया और दूसरा हाथ जैसे ही उसकी चूत के ऊपर रखा तो उसको बिल्कुल भी होश नहीं था. उसके पैर अब धीरे धीरे खुलते गए और मेरे हाथ उसकी चूत के अंदर जाने लगे और थोड़ी देर बाद मैंने उसे अपना लंड पकड़ा दिया, जिसका साईज़ करीब 8 इंच होगा. फिर उसने मेरे लंड को अपने मुहं मे डालने के बाद ऐसे चूसना शुरू किया जैसे कोई भूखी शेरनी को माँस का टुकड़ा मिल गया हो और आज लाईफ में पहली बार किसी लड़की ने मेरे लंड के साथ मेरे आंड को भी चूसा और चूसते चूसते जो सूप सूप सूप की आवाज़ उसके मुहं से आ रही थी वो मुझे और भूखा बना रही थी और अब बारी थी मेरे लंड से उसकी चूत की चुदाई की और फिर में समझ गया कि संचीता अब पूरी तरह मूड में है.
मैंने उससे कहा कि वो मेरे ऊपर आकर बैठ जाए और फिर उसने वैसा ही किया और उसने मेरे ऊपर बैठकर मेरे लंड को एक हाथ से पकड़कर अपनी चूत में डाल दिया और मेरे कंधो को पकड़कर ऊपर नीचे होने लगी. लंड के थोड़ा अंदर जाते ही वो एकदम ज़ोर से चीखने लगी और वो एक जगह पर बिना हिले रुक गई, शायद वो अपनी चूत में मेरे लंड से टूटी अपनी सील को महसूस कर रही थी और फिर कुछ देर बाद जब उसका दर्द कम हुआ तो वो धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी और में उसकी कमर पर अपने हाथ रखकर उसे सहारा देना लगा. फिर तीन चार मिनट के बाद मैंने उसको नीचे आने को कहा.
अब मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और अपना पूरा लंड उसकी चूत के अंदर एक ही ज़ोर के धक्के में डाल दिया, लेकिन जैसे जैसे में अपना लंड, चूत के अंदर बाहर करता तो वो भी अपनी कमर को ऊपर उठा देती, जिसकी वजह से लंड चूत के अंदर पूरा घुस जाए और में धीरे धीरे धक्के देने लगा, लेकिन कुछ देर बाद मैंने संचीता को डॉगी स्टाइल के लिए कहा, लेकिन पहले तो उसने साफ मना किया और फिर मान गई. फिर मैंने उसकी गांड की तरफ से अपना लंड डालना शुरू किया.
में उसकी मोटी मोटी गांड पर हाथ फेरते हुए उसमें अपना लंड डाल रहा था और जब उसकी गांड मेरे लंड के आख़िरी हिस्से से लगती तो बस मज़ा ही आ जाता था. इस तरह उसे चोदते हुए उसके लटके हुए बूब्स को पकड़ने का मज़ा भी बहुत अजीब था. दोस्तों मैंने संचीता को करीब 25 मिनट तक लगातार चोदा और फिर मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में ही डाल दिया. दोस्तों अब उसकी खुशी का तो ठिकाना नहीं था और मेरे भी दिल की तमन्ना उसे चोदने की अब पूरी हो गई थी. अब उसके बाद शाम होने तक मैंने उसे चार बार और चोदा और जब तक वो मेरे फ्लेट पर रही हर दिन में उसकी चुदाई करता रहा और संचीता को मेरा उसकी चूत के बालों को अपने हाथों से खींचना बहुत अच्छा लगता था. फिर उनके जाने वाले दिन मैंने उसे कहा कि संचीता तुम बहुत अच्छी हो और तुमको चोदने का यह एहसास ज़िंदगी भर मेरे साथ रहेगा. तुम्हारी जैसी चुदक्कड़ साली किसी किसी को हो मिलती है. मेरी चुदक्कड़ रांड साली संचीता मेरा लंड हमेशा तुम्हारे मुहं में घुसने को बेताब रहेगा और मेरा सिर्फ इतना कहना था कि संचीता ने सबसे नज़र बचाते हुए मेरे लंड पर ज़ोर से मारा और कहा कि जब तक में दोबारा नहीं आती तुम इसकी मालिश करते रहना. दोस्तों यह थी मेरी गर्लफ्रेंड की छोटी बहन की चुदाई.
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भाभी के बाद उसकी बहन के साथ

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राकेश है और में दूसरी बार आपके सामने अपनी कहानी लेकर आया हूँ. दोस्तों में भाभी की खूब चुदाई करता था और वो भी मुझसे चुदना काफ़ी पसंद करती थी. उस दौरान गर्मी की छुट्टियों में भाभी की छोटी बहन रीना भाभी के घर रहने आई. एक दिन में सवेरे भाभी के घर कोई काम से बैठा था तो मैंने देखा कि एक मस्त लड़की बैठी थी.
मैंने भाभी से पूछा यह कौन है? तो उन्होंने कहा कि ये मेरी बहन है, छुट्टियों में रहने आई है. यह सुनकर तो मेरा सारा मूड खराब हो गया क्योंकि 2-3 दिन के बाद ही भाभी के पति कहीं टूर पर जाने वाले थे. भाभी ने मुझे बैठाया और चाय के लिए पूछा तो मैंने नाराज़ होकर मना कर दिया. फिर उतनी देर में भैया आए और बोले अब तुम्हें ही इन दोनों को संभालना है और रीना मेरी प्यारी साली है उसका तो खास ध्यान रखना और इसे कहीं घुमाने ले जाना. मैंने अपना सिर हाँ में हिला दिया.
फिर 3-4 दिन के बाद भाभी का फोन आया कि क्या हुआ तुम तो आते ही नहीं हो? नाराज़ हो क्या? तो मैंने कहा क्या यार आपने आपकी बहन को बुला लिया है तो में कैसे आ सकता हूँ? तो भाभी बोली आज शाम को घर पर आ जाओ, हम साथ में मूवी देखने जायेंगे और खाना भी खायेंगे. फिर शाम को में उनके घर गया तो वो दोनों तैयार होकर बैठी थी.
भाभी की बहन तो कयामत लगती थी, बड़े-बड़े बूब्स उसकी टी-शर्ट में से बाहर आने को उतावले हो रहे थे. फिर मैंने ऐसे ही मज़ाक में कहा कि आप दोनों आज बहुत सुंदर दिख रही हो तो भाभी की बहन ने कहा कि आप शादीशुदा औरतों से फ्लर्ट करते हो. रीना के बूब्स भाभी के बूब्स से काफ़ी बड़े थे. अब में तो उसको देख रहा था और रीना जीन्स टी-शर्ट में बहुत क़यामत लग रही थी.
फिर हम लोग मूवी देखने गये और हमें ट्रेफिक की वजह से थोड़ी देर भी हो गयी थी. अब मूवी चालू हो गयी थी. अब में अंधेरे में रीना से 2-3 बार टच हो गया था. में उन दोनों के बीच में बैठा था और वो दोनों मेरे आजू बाजू बैठी थी. अब मेरा और रीना का हाथ मूवी में काफ़ी बार टच हुआ, कई बार तो मैंने जानबूझ कर उसके हाथ को टच किया. अब मूवी के बाद हम जब डिनर कर रहे थे, तब रीना बोली कि आपको मूवी में खूब मज़ा आया ना. फिर मैंने कहा कि जब इतनी खूबसूरत औरतें बाजू में हो तो मज़ा तो आयेगा ही ना. फिर रीना बोली कि तुम काफ़ी शरारती हो. मैंने कहा कि मैंने आपसे कौन सी शरारत की यार? लेकिन अगर आप शरारत का एक मौका दे तो में करने के लिए तैयार हूँ.
फिर वो खूब हंसी और अब डिनर करते समय काफ़ी बार उसका पैर मेरे पैरो से टकराया. अब मुझे थोड़ा अजीब लगा, लेकिन साथ में खुश था कि शायद मुझे यह बूब्स चूसने को मिल जाए. अब डिनर के टाईम मैंने जानबूझ कर उसके पैर पर अपना पैर रख दिया. उसने मेरे सामने देखा और चुपचाप खाना खाने लगी. अब मेरी हिम्मत और बढ़ गयी. फिर जब वो खाना खाकर वॉशरूम में जा रही थी तो उसने मेरे सामने कुछ शरारत भरी नज़रो से देखा और वॉशरूम में चली गयी.
अब में भी उसके पीछे- पीछे वॉशरूम में गया और वो मुझे देखकर बोलने लगी कि तुम बाहर क्या कर रहे थे? अगर दीदी देख लेती तो. फिर मैंने उससे सॉरी कहा और फिर वो पीछे मुड़कर हाथ धोने लगी तो मैंने धीरे से उसकी गांड पर हाथ फैरा. फिर वो सीधी हो गयी और बोली कि तुम्हें शर्म नहीं आती क्या? मैंने कहा कि आपको देखकर शर्म छूट गयी है यार. रीना अचानक बोली कि क्या देखकर? तो मैंने उसके बूब्स पर इशारा किया. फिर इतनी देर में भाभी आई और बोली तुम दोनों अंदर क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कुछ नहीं भाभी हाथ धो रहे थे.
फिर दूसरे दिन में कॉलेज से आया और भाभी का फोन आया और बोली कि घर आ जाओ मुझे थोड़ा काम है और रीना घर पर अकेली है तो तुम जब तक उसको कंपनी दो. मैंने कहा ठीक है. फिर में भाभी के घर गया तो रीना ने दरवाजा खोला, वो जब टी-शर्ट और शॉर्ट पहनकर खड़ी थी. फिर मैंने कहा कि आज तो आप क़यामत लग रही हो.
फिर उतने में भाभी आई और बोली कि में 20 मिनट में आ रही हूँ तुम इधर ही रहना, वो इतना कहकर निकल गयी. फिर मैंने झट से गेट बंद कर दिया और सोफे पर जा कर बैठ गया. फिर रीना आई और मेरी बाजू में बैठ गयी और बोली कि कल तुमने बहुत शरारत की. मैंने कहा कि आपको देखकर शरारत अपने आप हो जाती है. उसने कहा कि क्या देखकर? तो मैंने कहा कि आपके 36 साईज के बूब्स देखकर. उसने कहा कि कभी ऐसे देखे है. मैंने कहा कि मेरा कहा ऐसा नसीब है.
फिर उसने कहा कि कल आपने मेरी पीठ पर हाथ क्यों फेरा था? तो मैंने कहा कि अगर इतनी अच्छी और मोटी गांड सामने हो तो भला कोई कैसे काबू रख सकता है? तो वो शरमा कर बोली और मेरे में क्या अच्छा है? तो मैंने कहा कि आपके बूब्स, तो वो शरमा गई और बोली कि तुम बहुत शैतान हो. फिर मैंने कहा कि रीना एक बार दिखाओ ना.
उसने कहा कि नहीं दीदी आ जायेगी. फिर मैंने बिना टाईम ख़राब किए उसकी टी-शर्ट ऊपर कर दी और ज़ोर-ज़ोर से उसके बूब्स दबाने लगा. अब में उसके बूब्स इतने ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था कि वो चीख रही थी. फिर उसने कहा कि इतनी जल्दी में क्यों हो? धीरे से दबाओ. अब वो मुझे रूम में ले गयी और अपनी टी-शर्ट और ब्रा उतार दी. में पहली बार अपनी लाईफ में इतने बड़े बूब्स देख रहा था. अब में अपने दोनों हाथों से पकड़कर उसके बूब्स चूस रहा था और अब में मेरा एक हाथ उसकी शॉर्ट में डालकर उसकी चूत में अपनी उंगली अन्दर बाहर कर रहा था.
अब वो सिसकियां ले रही थी सस्स्स्स्सस्स आआहह, अब वो चिल्ला रही थी. फिर वो नीचे बैठकर मेरी पेंट कि चैन खोलकर मेरे लंड को बाहर निकालकर ऐसे चूस रही थी जैसे लोग आम चूसते है. अब वो कभी मेरे लंड को अपने मुँह में रखती तो कभी बाहर निकालती. अब हम दोनों एक दूसरे को खूब चूस रहे थे. फिर अब मैंने उसके बूब्स को चूसकर पूरा लाल कर दिया था. फिर वो बेड पर सो गयी और अपनी दोनों टाँगे फैलाकर मुझे उसके ऊपर आने का निमंत्रण दे रही थी.
फिर वो बोली कि बस अब अंडर डाल दो. फिर उसने मेरा लंड पकड़कर उसकी चूत पर रख दिया और फिर मैंने एक ज़ोर से धक्का दिया तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में अन्दर चला गया. अब वो भी उछल उछलकर मेरा साथ दे रही थी. फिर काफ़ी देर तक हम चुदाई करते रहे. वो कभी मेरे ऊपर आती तो कभी डॉगी स्टाइल में चुदवाती. अब मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने उससे कहा कि कहाँ निकालूं? तो उसने कहा कि अंदर ही निकाल दो. फिर कुछ देर के बाद मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में डाल दिया. अब वो बहुत खुश थी और मेरे सिर को चूम रही थी. फिर उतनी देर में रीना बोली कि जल्दी करो दीदी आ जायेगी. अब हमने बाथरूम में जाकर सब कुछ साफ़ कर लिया था.
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जयपुर की सेक्सी भाभी को चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रॉकी है और में पंजाब का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 20 साल है और में जयपुर के एक इंजिनियरिंग कॉलेज से बीटेक कर रहा हूँ. मेरी बॉडी एकदम फिट है और मेरी हाईट 6 फुट है और मेरे लंड का साईज़ 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. दोस्तों आप सभी मेरी यह कहानी पड़ने के बाद अपनी राय मेरी मैल आई डी पर भेज सकते है.
दोस्तों यह आज की कहानी मेरी और मेरी मकान मालकिन भाभी की है. उनकी उम्र 29 साल है और उनका फिगर 34-26-32 है, उनकी गांड और बूब्स इतने ज़्यादा उभरे हुए है कि उनको देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए क्योंकि वो दिखने में बहुत हॉट सेक्सी है और जिस दिन से मैंने उन्हें देखा है में उसको चोदना चाहता था, लेकिन बहुत डरता था कि कहीं वो किसी को बता ना दे और जब भी वो घर के काम करती तो में उसको घूरकर देखता रहता था.
बहुत बार मैंने उसके सुंदर, बड़े बड़े बूब्स के दर्शन भी किए और जब वो कुछ काम करने के लिए झुकती तो में उसके बूब्स को देखकर मन ही मन खुश होता और शायद उसको भी यह बात पता चल गई थी, लेकिन फिर भी उसने कभी किसी को कुछ नहीं कहा बहुत बार मैंने यह गौर किया कि वो मेरी तरफ हमेशा बहुत घूर घूरकर देखती है, लेकिन में इस बात को नॉर्मल समझता था और बहुत बार में उसके बूब्स और गांड को छू लिया करता और फिर ऐसा व्यहार किया करता जैसे यह सब मुझसे ग़लती से हो गया.
दोस्तों अब ऐसे ही करते करते मुझे पूरा एक साल बीत गया और इस दौरान वो पेट से हुई और उन्होंने लड़के को जन्म दिया. सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था और एक दिन जब में कॉलेज से लौटा तो पता चला कि भाभी के पति ने दिल्ली में एक शादी में जाने का प्लान बनाया है, लेकिन भाभी ने उस शादी में जाने से साफ मना कर दिया, क्योंकि उनका बच्चा अभी बहुत छोटा था. मुझे और मेरी भाभी को छोड़कर भैया ने जाने का रिज़र्वेशन करवा दिया.
दो दिन बाद सब चले गये और जाते जाते भैया ने मुझसे कहा कि तुम अपनी भाभी का पूरा पूरा ध्यान रखना. मैंने उसने कहा कि आप बिल्कुल भी चिंता मत करो, में उनका ध्यान रखूंगा और फिर में उनको स्टेशन छोड़कर आया और रात को घर आकर अपने कमरे में जाकर सो गया, क्योंकि अगले दिन मेरा एग्जाम था और में अगले दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हुआ और अपने कॉलेज के लिए निकल पड़ा और जब में वापस लोटकर आया तो मैंने भाभी को बहुत बार आवाज़ दी, लेकिन वो नहीं आई और फिर में उनके रूम में चला गया. मैंने वहाँ पर जाकर उनके रोने की आवाज़ सुनी और अंदर जाकर मैंने देखा कि वो गाऊन पहने हुए है और बिस्तर पर उल्टा होकर लेटी हुई है. मैंने उनसे रोने का कारण पूछा तो वो कुछ ना बोली और फिर से ज़ोर से रोने लगी.
फिर मेरे दोबारा पूछने पर वो मुझसे बोली कि वो कुछ देर पहले छत पर कपड़े सुखाने गई थी और जब वो सीडियों से नीचे उतर रही थी तो अचानक पैर फिसलने की वजह से नीचे गिर पड़ी और उनकी पीठ पर चोट लग गई है. मैंने उनसे पूछा कि क्या आपने अपनी चोट पर कुछ लगाया? उन्होंने मना कर दिया और फिर में अपने कमरे में गया और एक दर्द खत्म करने की क्रीम लेकर आया और में उनसे बोला कि आप इसे लगा लो. वो मुझसे बोली कि वहां पर मेरा हाथ नहीं पहुँचेगा तो तुम खुद ही लगा दो. फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी इस तरह लगाना तो बहुत मुश्किल होगा और आपके कपड़े बीच में रुकावट बनेगें. वो बोली कि कोई बात नहीं तू मेरे गाऊन को थोड़ा ऊपर उठा दे और फिर लगा दे. अब मैंने ऐसा ही किया और जब मैंने उनका गाऊन उठाना शुरू किया तो क्या में बताऊ दोस्तों वो क्या नज़ारा था. मैंने उनके पैर देखे एकदम गोरे गोरे और बिना किसी बाल के.
फिर में और थोड़ा ऊपर की तरफ बड़ा तो मुझे उनकी जांघे दिखी, एकदम टाईट, चिकनी, सुंदर और मोटी. मेरा तो मन कर रहा था कि वहीं पकड़ कर उन्हें चाटने लग जाऊँ, लेकिन मैंने उस समय अपने आप पर बहुत कंट्रोल किया फिर में थोड़ा और ऊपर बड़ा और अब में उनकी गांड तक पहुँच गया था. वाह क्या मस्त सेक्सी गांड थी, उसे देखकर मेरा दिल कर रहा था कि अभी उसकी पेंटी उतार कर यहीं पर उनकी गांड मार लूँ, लेकिन में बहुत मजबूर था. फिर में और ऊपर बड़ा और मैंने उसके गाऊन को इस बार गर्दन तक उठा दिया. अब मेरी भाभी मेरे सामने पीछे से पूरी नंगी थी और मैंने उसकी पीठ पर क्रीम लगाना शुरू किया और साथ में कई बार उसकी ब्रा की डोरी को हटाता. तभी उसने कुछ ही देर में मुझसे कहा कि अगर तुम्हे क्रीम लगाने में दिक्कत हो रही है तो इसे बीच से हटा दो.
में उनके मुहं से यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुआ, क्योंकि आज में जो सब कुछ चाहता था वो मेरे सोचने से ही पूरा होता जा रहा था और फिर मैंने उनके कहने पर उसकी ब्रा को खोल दिया और अब उसके बूब्स मुझे एक साईड से दिखने लगे थे और जब में उसकी पीठ पर क्रीम लगा रहा था तो बहुत बार मैंने जानबूझ कर उसके बूब्स को छुआ, महसूस किया और मैंने उसको सॉरी बोला, लेकिन वो कुछ ना बोली. अब वो हल्के हल्के सिसकियाँ लेने लगी.
मुझको पता था कि वो अब गरम हो रही है और में धीरे धीरे अपने हाथ को उसकी कमर पर घुमाने लगा और वो सीहर उठी, लेकिन मैंने अंजान बनते हुए पूछा कि भाभी क्या हुआ? तो वो बोली कि मुझे जलन हो रही है. मैंने कहा कि मुझे देखने दो आपको कहाँ चोट लगी है? अब मैंने उसको सीधा किया और में उसके पैरों पर आ गया और फिर ऊपर की तरफ जाने लगा. जब में उसके घुटनो पर पहुँचा तो मैंने उससे पूछा कि चोट कहाँ है?
वो बोली कि हाँ थोड़ा ऊपर अब में उसकी जाँघो को रगड़ने लगा वो और तेज सिसकियाँ लेने लगी. मैंने फिर से पूछा कि चोट कहाँ है? तो वो बोली कि थोड़ा और ऊपर है. अब में उसकी पेंटी पर आ गया और में अच्छा मौका देखकर उसकी चूत को ऊपर से सहलाने लगा और अब वो और भी ज़ोर से आहें भरने लगी सिसकियाँ लेने लगी. मैंने उससे एक बार और पूछा कि कहाँ है? तो वो आहें भरते हुए बोली कि हाँ आह्ह्हह्ह उईईईईइ माँ बस यहीं पर है. में उसकी पेंटी को उतारने लगा कि तभी वो बोली कि तुम यह क्या कर रहे हो? मैंने कहा कि मुझे एक बार चेक तो करने दो कहाँ कितनी चोट लगी है?
फिर मैंने उसकी पेंटी को पूरा उतार दिया और अब में उसकी प्यासी, गरम, तड़पती हुई चूत में अपनी एक उंगली को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा और वो सिसकियाँ लेने लगी उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह थोड़ा आगे हाँ और आगे करो ऊईईईईइ थोड़ा आगे की तरफ मुझे बहुत दर्द है. फिर में उसकी यह बात सुनकर एकदम जोश में आ गया और अब में अपनी जीभ को उसकी चूत में डालने लगा. वो मुझसे बोली कि यह क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि भाभी में आज इसकी सारी जलन मिटा दूँगा, लेकिन बस आप मेरी थोड़ी मदद करो और बीना हिले चुपचाप पड़ी रहो. उन्होंने ऐसा ही किया और अब में उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा, वो आहें भरने लगी और अपने बूब्स दबाने लगी अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह तुम अब बस करो आईईईईईइ में अब और नहीं सह सकती.
दोस्तों वो अब जोश में बिल्कुल पागल सी हो गई थी. वो अपनी चूत को मेरी जीभ की तरफ आगे बड़ा रही थी और मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी और अब जब मुझको लगा कि वो पूरी तरह गरम हो गई है तो में सही मौका देखकर उसके ऊपर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा और अब में उसके बूब्स को दबाने लगा और चूसने लगा.
फिर मैंने उसको सीधा लेटाकर अपना लंड एक ही धक्के में पूरा का पूरा अंदर कर दिया. चूत गीली होने की वजह से लंड फिसलता हुआ सीधा बच्चेदानी से टकरा गया और वो चीख पड़ी. में कुछ देर बूब्स को सहलाता, मसलता रहा और कुछ देर बाद ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और वो भी अब अपने चूतड़ को ऊपर उठा उठाकर मेरे लंड से अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी. दोस्तों में अगले दिन सुबह तक उन्हें लगातार चोदता रहा और मैंने उसको उस रात पांच बार चोदा. इस दौरान वो 8 बार और में 6 बार झड़ गया था और जब तक भैया वापस लौटकर नहीं आए में उसको हर रोज चोदता रहा और मैंने उसको लगभग घर के हर एक कोने में और हर एक तरह से चोदा और वो आज भी मेरी प्यारी भाभी है. में आज भी उसको मौका मिलने पर चोदता हूँ.
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दोस्त की बहन की सील तोड़ी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विशाल है. ये घटना तब की है जब में करीब 19 साल का था. वैसे मेरी उम्र कोई ज्यादा नहीं है. में 19 साल का ही हूँ. हाईट 6 फुट और मुझे जिम का शौक है और सबसे बड़ी बात मेरे लंड का साईज 7 इंच है. अब में आपको बोर ना करते हुए सीधा कहानी पर आता हूँ. ये बात तब की है जब में अपने दोस्त के घर था और उसकी बहन मुझे देखती रहती थी. ये बात मुझे पता थी, लेकिन में ध्यान नहीं देता था, यार दोस्ती का जो मामला था. फिर वो दिन आया जिस दिन का में बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था, में अपने दोस्त के घर था. उस दिन में मेरा दोस्त और उसकी बहन और उसकी दादी ही घर पर थे और अचानक मेरे दोस्त और उसकी दादी को कहीं जाना पड़ गया और घर पर में और उसकी प्यारी और सेक्सी सी बहन रह गये.
सॉरी दोस्तों मैंने आपको उसकी बहन के बारे में तो बताया ही नहीं. वो 12वीं क्लास में है और उसका साईज 34-28-32 है. उसकी कमर बड़ी ही सेक्सी है और काफ़ी लड़कों की पसंद भी है, लेकिन क्या करें? वो तो बस मुझे ही प्यार करती है. अब आगे सुनो उन सबके जाने के बाद में अपने दोस्त के रूम में बैठा था और वो टी.वी देख रही थी.
फिर वो मेरे पास आई और बोली कि भैया पानी लाऊं, तो मैंने हाँ कह दी और बोला कि मुझे भैया मत कहा करो, अच्छा नहीं लगता. मेरे ये बोलने के बाद मैंने उसकी आँखो में एक चमक सी देखी, फिर वो चली तो गई, लेकिन उसके बाद जो वो बनकर आई क्या बताऊँ यारों? मेरा तो लंड जैसे कि कह रहा था कि इसे आज के आज अभी पकड़ लूँ और चोद दूँ, क्योंकि उसने मिनी स्कर्ट और सिर्फ़ ब्रा पहनी हुई थी.
फिर उसके बाद मैंने उससे कहा वाह क्या बात है? मैंने तो पानी लाने भेजा था और तू तो पानी के साथ बॉम्ब भी ले आई. फिर उसने कहा हट फ्लर्टी कहीं का. फिर उसने कहाँ मुझे गणित समझ में नहीं आ रही है तुम समझा दोंगे तो मैंने कहा हाँ लाओ. फिर वो आई और मेरे सामने बैठ गई. दोस्तों उसके बूब्स और चूचे देखकर मेरा लंड तो पहले ही खड़ा था और वो मेरी पेंट में से दिख भी रहा था.
फिर मैंने उसे सवाल समझाते-समझाते उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया और फिर वो भी मेरा साथ देने लगी और वो मेरे पास आ गई और बोली कि विशाल सवाल अच्छे से समझाओ ना. फिर मैंने कॉपी पेन छोड़ा और उसे किस करने लगा. अब वो भी मेरा साथ दे रही थी, लेकिन उसे किस करना नहीं आ रहा था, उसका पहली बार जो था. अब वो मुझे किस कर रही थी और में उसके बूब्स दबा रहा था.
फिर मैंने उसकी ब्रा फेंक दी और उसे पूरा नंगा कर दिया और उसके निपल और बूब्स को काटने लगा. अब वो अजीब सी आवाज़ें निकालने लगी. मुझे तो जैसे कि करंट सा लग रहा था. फिर मैंने उसके बूब्स के बाद उसकी चूत पर हाथ रखा. यारों वो क्या वर्जिन चूत थी? फिर मैंने चूत को जैसे ही मुँह में डाला तो साली ने पानी छोड़ दिया और मैंने सारा पी लिया.
फिर उसकी 5 मिनट तक चूत चाटने के बाद वो कंट्रोल से बाहर हो गई और मेरा सर अपनी चूत में धकेलने लगी और बार-बार कहने लगी कि मुझे चोदो प्लीज, लेकिन मुझे तो स्लो सेक्स पसंद है. फिर में उठा और अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया, तो उसे खाँसी आने लगी और कहने लगी कि मुझसे ये नहीं होता. फिर मेरे बहुत बार कहने के बाद वो फिर से लंड को चाटने लगी और करीब 10 मिनट के बाद मैंने भी अपना पानी छोड़ दिया. फिर मैंने दुबारा उसे किस करने बाद अपना लंड खड़ा किया और उसकी चूत पर रख दिया तो वो डरने लगी और बोलने लगी कि विशाल दर्द होगा रहने दो, लेकिन में कहाँ मानने वाला था.
फिर मैंने मक्खन लिया और अपने लंड पर लगाया और उसकी चूत पर भी लगाया. फिर मैंने अपना लंड चूत पर टिकाया और एक शॉट मारा, लेकिन लंड स्लिप हो गया और 3-4 बार की कोशिश के बाद लंड थोड़ा सा अंदर गया. फिर क्या था? मैंने एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड आधा अंदर चला गया. वो तो मानो चिल्लाने ही लग गई. अब उसकी आँखो से आँसू आ गये और ज़ोर-ज़ोर से कहने लगी कि बाहर निकालो इसे, लेकिन में कहाँ मानने वाला था.
फिर में उसके बूब्स दबाने लगा और चूसने भी लगा. फिर 2 मिनट के बाद मैंने कहा अब और इंतज़ार नहीं होता. फिर मैंने पूरा लंड अंदर डाल दिया और बस फिर क्या था? उसका वहीँ ड्रामा शुरू हो गया, लेकिन में कहाँ रुकने वाला था. फिर में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा और वो भी अब थोड़ी देर के बाद शांत होने लगी और मेरा साथ देने लगी और हमने खूब जमकर सेक्स किया और हर एक स्टाइल भी ट्राई की. मैंने उस दिन उसकी खूब चुदाई की और करीब 20 मिनट के बाद मेरा पानी निकल गया और हम ऐसे ही लेट गये.
फिर 15 मिनट के बाद वो खड़ी हुई और मुझे चूमने लगी तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैंने उससे कहा कि अब तेरी गांड की बारी है तो वो रोने लगी और गिड़गिडाने लगी, लेकिन मैंने उसे घोड़ी बनाया और अपने लंड पर मक्खन लगाकर उसे चोद डाला. अब साली ठीक से चल भी नहीं पा रही थी और वो खड़े होते ही गिर जाती, लेकिन मुझे तब कहाँ पता चलना था.
फिर मैंने अपनी स्टाइल चेंज की और उसकी दोनों टांगे उठाकर दुबारा अपना लंड उसकी गांड में डाला और 7-8 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों साथ में झड़ गये. दोस्तों डर तो तब लगा जब मैंने खून से भरी हुई चादर देखी और जब ये भी देखा कि उससे ठीक से चला नहीं जा रहा है. फिर मैंने उसके भाई को फोन किया और कहा कि कहाँ पर है? तो वो बोला 30-40 मिनट में आ रहा हूँ, बहनचोद मेरी तो माँ चुद गई. फिर मैंने फटाफट उसे समझाया और कहा ठीक से बर्ताव करना, लेकिन वो बुरी तरह डर गई थी.
फिर मैंने उसे काफ़ी समझाया और उसे हौसला दिया कि कुछ नहीं होगा. बस फिर वो क़िसी तरह मान गई और हमने फटाफट चादर चेंज की. लेकिन वो फिर भी लंगड़ा कर चल रही थी. मुझे बहुत डर लग रहा था. इतने में मेरा दोस्त और उसकी दादी भी आ गये. फिर जब हमने उन्हें देखा तो हमारी और फट गई. फिर तो हमने ऐसे बर्ताव किया कि जैसे कुछ हुआ ही ना हो. में वो 3-4 मिनट तो कभी नहीं भूल सकता. फिर उसने मुझे पानी दिया और उसके बाद दादी ने हमें खाना दिया और में अपने घर चला आया और मेरी स्वीट सी डार्लिंग भी सो गई. आज हम जब भी मिलते है तो सेक्स ज़रूर करते है.
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पति के दोस्तों के साथ ग्रुपसेक्स

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मीनाक्षी है और मेरी शादी को पूरे दो साल हो गए है. मेरे बूब्स का साईज 38 है और मेरे बूब्स आकार में बहुत बड़ा है, लेकिन दोस्तों मेरे पति का लंड बहुत छोटा है और इसलिए में बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि वो कभी भी मुझे चोदकर अच्छी तरह से संतुष्ट नहीं कर सकते. उन्होंने मुझे आज तक चुदाई का वो सुख नहीं दिया जिसके लिए में अब तक तड़प रही थी. दोस्तों आज में अपनी एक सच्ची चुदाई की कहानी आप सभी को सुनाने जा रही हूँ जिसमे में बताउंगी कि कैसे मैंने अपनी सालों से प्यासी चूत को चुदवाकर संतुष्ट किया.
दोस्तों मेरे पति एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करते है और में मेरे घर के काम किया करती थी मतलब कि में एक सीधीसाधी ग्रहणी थी और जब हम अपने नये घर में आए जो हमे मेरे पति की कम्पनी ने दिया था तो वहां पर अड़ोस पड़ोस में बहुत सारे लोग रहते थे. वो सभी बहुत अच्छे लोग थे उनका व्यहवार भी मेरे लिए बहुत अच्छा था और उन में से ही एक मेरे पति का बहुत अच्छा दोस्त बन गया था. वो कभी कभी मुझसे भी हंसी मजाक किया करता था, लेकिन मुझे उसकी नजरे हमेशा अपने जिस्म पर ही नजर आती थी. वो मुझे बहुत घूरकर देखता था, लेकिन में उससे ऊपर ना जाने क्यों कुछ भी नहीं कहती थी और उसको आगे बढ़ने का मौका मिलता रहा.
दोस्तों वो हर रोज मेरे घर पर आता था. एक दिन वो जब मेरे घर पर आया तब मेरे पति घर पर नहीं थे और उस समय घर पर में बिल्कुल अकेली थी. वो मुझसे अब बहुत हंस हसंकर बातें करने लगा और बातों ही बातों में उसने मुझसे उस दिन कहा कि में बहुत सुंदर हूँ और मेरे फिगर का आकार बहुत अच्छा है. अब मुझे उसकी यह सभी बातें सुनकर बहुत अछा लगा. में उसकी बातें सुनकर थोड़ा शरमा गई और अपना सर झुककर वहां से किचन की तरफ चली गई और अपना काम करने लगी.
वो कुछ देर कमरे में अकेला बैठकर चला गया, लेकिन उस दिन के बाद फिर वो जब भी मेरे घर पर आता तो मुझे हमेशा भूखी नज़रो से देखता और मेरे जिस्म को छूने की कोशिश करता. मुझे अब उसकी सभी हरकते धीरे धीरे अच्छी लगने लगी थी क्योंकि में भी बहुत प्यासी थी और मुझे भी कोई बड़ा लंड चाहिए था जो मेरी चूत को चोदकर उसे ठंडा कर दे और मुझे संतुष्ट कर दे. अब में भी उसे अपने बूब्स, कमर, गांड दिखाने लगी और ज्यादा बड़े गले के कपड़े पहने लगी जिसमे से मेरे बड़े बड़े बूब्स उसे दिखने लगे और में उसे अपनी तरफ आकर्षित करने लगी. वो अब मेरे जाल में फंसता जा रहा था और उसको भी यह सब देखने और कभी कभी छूने में बहुत मज़ा आता था. फिर एक महीने के बाद मेरे पति को किसी जरूरी काम से तीन दिन के लिए बाहर जाना था तो में उस समय घर पर बिल्कुल अकेली थी और हम दोनों उस समय हमेशा मैसेज से बातें किया करते थे.
जब मेरे पति बाहर गये तो वो उसी दिन शाम को मेरे घर पर आया और फिर वो मेरे बिल्कुल पास में बैठकर मुझे अपने मोबाइल में कुछ सेक्सी फोटो दिखाने लगा. में उन्हें देखकर अब धीरे धीरे गर्म होकर जोश में आती जा रही थी और वो मेरी जांघ पर अपना एक हाथ धीरे धीरे घुमाता हुआ आगे बड़ रहा था. तभी उसने अचानक से मुझे पकड़ कर सोफे पर लेटाया और अब वो मेरे बूब्स को दबाने लगा. में तो जोश में बिल्कुल दीवानी हो गई और उस समय मैंने सिर्फ़ मेक्सी पहनी हुई थी और उसने अंदर कुछ भी नहीं पहना हुआ था.
वो मेरे बूब्स को अब कपड़ो के ऊपर से ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और फिर मेरे ऊपर लेट गया और मुझे किस करने लगा. में तो पहले से ही सेक्स की बहुत प्यासी थी और मुझे जैसे आज जन्नत मिल गई थी. में एकदम पागल हो रही थी और अब वो कुछ देर बूब्स दबाने के बाद मुझे अपनी गोद में उठाकर मेरे बेडरूम में ले गया और उसने मुझे मेरी मेक्सी उतारकर पूरी नंगी कर दिया था और अब वो खुद भी नंगा हो गया. दोस्तों में तो उसका लंबा मोटा लंड देखकर ही डर गई. उसका लंड करीब 8 इंच लंबा था और तीन इंच मोटा था जिसको देखकर में डरकर वहीं पर खड़ी हो गई.
फिर उसने मुझसे बोला कि रंडी अब डरकर कहाँ जा रही है? तूने अब इसे खड़ा किया है तो अब चूस भी ले और उसने मेरे बाल पकड़कर अपना लंड जबरदस्ती मेरे मुहं में डाल दिया और फिर वो मेरा मुहं चोदने लगा. उसका लंड मेरे मुहं में सिर्फ़ तीन इंच ही अंदर जा रहा था. मेरी तो आंख से आंसू बाहर निकल गये थे और वो मुझे गालियाँ दे रहा था आअहह रंडी, भोसड़ी की हाँ और ज़ोर से चूस मेरा लंड, साली तेरा मर्द तुझे नहीं चोदता, साली छिनाल, लेकिन आज में तेरी चूत को चोद चोदकर इसका भोसड़ा बना दूंगा. में आज तेरी चूत को फाड़ दूंगा. दोस्तों में उसकी यह बातें सुनकर बहुत डर गई और मन ही मन सोचने लगी कि यह मैंने क्या किया. आज तो में मर ही जाउंगी, इसका मोटा लंड मेरी चूत फाड़कर भोसड़ा बना देगा और मुझे बहुत दर्द होगा.
फिर दस मिनट के बाद उसने मुझे बेड पर गिरा दिया और वो मेरे ऊपर बैठ गया और अब उसका लंड मेरे बूब्स के बिल्कुल बीच में था और वो अब अपने लंड से मेरे बूब्स को चोदने लगा और मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने मसलने लगा. करीब दस मिनट के बाद मेरे दोनों पैर अपने कंधो के ऊपर करके उसने मेरी चूत के पास उसका 8 इंच का लंड लगाया और फिर उसने एक ज़ोर का झटका मारा जिसकी वजह से मेरे मुहं से चीख निकल गई. में तो उस दर्द की वजह से धीरे धीरे बेहोश सी होने लगी, लेकिन वो जालिम अब कहाँ रुकने वाला था.
अब में उससे आग्रह करने लगी कि प्लीज अब इसे बाहर निकालो वरना में मर जाउंगी उह्ह्ह्हह्ह आईईइ प्लीज मुझे बहुत दर्द हो रहा है उफफ्फ्फ्फ़, लेकिन वो नहीं माना और लगातार धक्के देता रहा. फिर उसने एक झटका दिया तो उसकी वजह से में बेहोश हो गई, लेकिन फिर भी वो मुझे लगातार चोदता रहा और फिर पांच मिनट के बाद जब मुझे होश आया तो मैंने देखा कि वो मुझे अभी भी लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोद रहा था और में रंडी की तरह तड़प रही थी.
वो मुझे अब और भी ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा और कहने लगा कि में आज तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा और सभी लोगो से तुझे चुदवाऊंगा में तुझे छिनाल बनवाऊंगा. दोस्तों वो मुझे करीब तीस मिनट तक लगातार चोदता रहा इस बीच में तीन बार झड़ चुकी थी और अब वो भी झड़ने वाला था. मैंने उससे बोला कि प्लीज अपना वीर्य अंदर मत डालना. फिर वो मुझसे बोला कि साली रंडी क्यों तू मेरा लंड लेने को तैयार है, लेकिन मेरा वीर्य नहीं? में तो आज चूत के अंदर ही डालूँगा साली छिनाल.
फिर उसने अपना वीर्य मेरी चूत के अंदर ही डाल दिया और में उसके वीर्य की एक एक बूंद को अपनी चूत में महसूस कर रही थी. में उसकी इस चुदाई से बहुत संतुष्ट थी और मुझे आज चुदाई का वो पूरा सुख मिला था जिसको में अपने पति से चाहती थी, लेकिन वो यह सब सुख मुझे देने में बिल्कुल असमर्थ थे. दोस्तों उसने उस दिन मुझे शाम के 5 बजे से लेकर रात के 11 बजे तक 4 बार लगातार चोदा. जिसकी वजह से तो में अगले दिन ठीक तरह से चल भी नहीं पा रही थी, लेकिन मुझे उससे अलग अलग तरीकों से चुदवाकर बहुत मज़ा आया. उसके बाद वो उठकर बाथरूम गया और अपने लंड को साफ किया और फिर अपने घर पर चला गया.
फिर मैंने अगले दिन रात को दो बजे उसको फोन किया और उसे अपने घर पर बुलाया और जब में दरवाजा खोलने गई तो मैंने देखा कि वो अब अपने साथ अपने दो और दोस्तों को मेरी चुदाई करवाने के लिए लेकर आया जिनको देखकर में बहुत हैरान थी, लेकिन मन ही मन बहुत खुश भी थी. मैंने उससे पूछा कि तुम इन दोनों को यहाँ पर क्यों लाए हो? तो वो मुझसे मुस्कुराते हुए बोला कि मेरी रानी तेरी चूत फाड़ने के लिए यह आज यहाँ पर मेरे साथ आए है. दोस्तों उस समय में सिर्फ़ टी-शर्ट और पेंटी में थी. दोस्तों वो दोनों मुझे दारू पिये हुए लग रहे थे, लेकिन में उनके हट्टे कट्टे बदन को देखकर बहुत खुश थी कि आज से मुझे अब नये नये लंड से अपनी चूत को चुदवाने का मौका मिल रहा है और में उम्मीद कर रही थी कि जैसे वो दिखने में लंबे चौड़े है तो हो सकता है उनके लंड भी वैसे ही मोटे लंबे हो और फिर मैंने उन तीनो को अंदर बुलाया, लेकिन वो लोग अंदर आने से मना करने लगे और वो बोले कि हम तुझ जैसी रंडी को तो यहीं गार्डन में खुले में ही चोदेगे.
फिर मैंने उनसे बोला कि देखो रात का समय है और कोई अगर हमारी आवाज़ सुनेगा तो बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी. तुम सभी प्लीज अंदर आ जाओ और फिर तुम्हे मेरे साथ जो कुछ भी करना है कर सकते हो में तुमसे चुदने के लिए तैयार हूँ. तभी उसमे से एक ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे गोद में उठाकर अंदर ले गया और उसने मुझे डाईनिंग टेबल पर लेटा दिया और अब मेरी पेंटी को खींचकर उतार दिया और वो मेरी चूत को चाटने लगा. दो मेरे पास में आजू बाजू खड़े हो गये, उनमे से एक ने मेरी टी-शर्ट को पकड़ा और ज़ोर से खींचकर फाड़ दिया और अब वो मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और वो लोग मुझे बहुत गालियाँ दे रहे थे और मुझसे बोल रहे थे कि यह साली रंडी छिनाल हमे इससे पहले क्यों नहीं मिली? इसकी गांड तो अब तक एकदम सील पेक है.
फिर उसमे से एक ने अपना 8 इंच का लंड बाहर निकाला और मेरे मुहं में जबरदस्ती घुसा दिया. में उसे लोलीपॉप की तरफ चूसने लगी कि तभी उनमे से एक बोला कि देख साली कैसी रंडी कुतिया है कितने मज़े से इसका लंड चूसकर मज़े ले रही है, अब आ जा मेरे लंड का भी थोड़ा मज़ा ले. फिर उसने अब इतना कहकर अपना लंड बाहर निकालकर मेरी चूत के मुहं पर रखकर एक ही जोरदार धक्के में पूरा अंदर डाल दिया जिसकी वजह से में उस दर्द से चीखने लगी, लेकिन मेरे मुहं में तो उनमे से एक का उसका लंड था जिसकी वजह से मेरी चीख मेरे मुहं में ही दबकर रह गई और अब मेरे दोनों छेद उनके काम में लगे हुए थे. फिर कुछ देर चोदने के बाद उन्होंने मुझे वहीं टेबल पर कुतिया बना दिया और अब वो मुझे दोनों तरफ से धक्के देकर चोदने लगे.
दोस्तों मुझे उनके चोदने के तरीके से चुदकर बड़ा मज़ा आ रह था, क्योंकि वो सभी मिलकर मुझे चोद रहे थे. फिर कुछ देर बाद तीसरे ने अपना लंड बाहर निकाला तो में उसका वो काला, मोटा, लंबा लंड देखकर एकदम डर गई क्योंकि उसका लंड तो इन दोनों से भी ज्यादा बड़ा और मोटा था. अब वो मेरे नीचे आ गया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर धीरे धीरे धक्के मारने लगा. उनमे से एक ने अपना लंड मेरी मुहं में डाला दूसरा मेरी गांड फाड़ने में लग गया और तीसरा मेरे नीचे घुसकर मेरी चूत को शांत करने लगा.
दोस्तों में शब्दों में आप सभी को क्या बताऊँ? में तो आज उनकी इस चुदाई से आसमान के ऊपर थी और मुझे इतना मज़ा कभी भी सेक्स करने में नहीं आया था. में भी अब उनका पूरा पूरा साथ दे रही थी और वो अपने अपने कामों में पूरी ईमानदारी से लगे हुए थे. फिर कुछ देर चोदने के बाद वो तीनों बारी बारी से झड़ने लगे और उन सभी ने अपना अपना वीर्य मेरे अंदर ही छोड़ दिया, जिसकी वजह से मेरा मुहं, चूत, गांड उनके गरम गरम वीर्य से पूरी तरह भर गई और कुछ देर रुकने के बाद मैंने उन सभी के लंड को चाटकर साफ किया और अपनी चुदाई के लिए एक बार फिर से तैयार किया. दोस्तों उन्होंने अपनी जगह बदल बदलकर मुझे बहुत बार चोदा और उसके बाद उनका मेरे घर पर आना जाना और मेरी चुदाई करना लगा रहा. अब में उनकी चुदाई से बहुत संतुष्ट हूँ.
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खेतों की हरयाली

हैल्लो दोस्तों, आज में आपके सामने मेरे गावं की एक घटना लेकर आया हूँ, जो कि मेरे साथ मेरे गावं में हुई थी. आप सभी तो मुझे जानते ही है कि में अंबाला में रहता हूँ, लेकिन मेरा असली घर यानी कि मेरा गावं भिवानी में है. हम लोग कभी-कभी वहाँ जाया करते थे.
फिर कुछ दिनों पहले मेरा वहाँ जाना हुआ तो में अंबाला से बस पकड़कर भिवानी के लिए निकल पड़ा और मैंने रास्ते में अपने चाचा जी को फोन कर दिया था कि में गावं आ रहा हूँ और किसी को बस स्टेशन लेने भेज दीजियेगा. फिर में 5 घंटे के बस के सफ़र के बाद वहाँ पहुँचा तो मेरे चाचा का लड़का मोहित वहाँ आया हुआ था.
अब में उसके साथ बाइक पर बैठकर घर पहुँच गया अब में आपको बता दूँ कि मेरे चाचा ही हमारे घर और खेत को संभालते है. वैसे हमारा घर एक ही है बस कमरे अलग-अलग है. जब में घर पहुँचा तो चाची मुझे देखकर बहुत खुश हुई, क्योंकि में 3 साल के बाद घर आया था और चाचा भी काफ़ी खुश नज़र आ रहा थे. मोहित उनका इकलोता बेटा है जो मुझसे 4 साल छोटा है. अब मुझे वहाँ का माहौल काफ़ी अलग सा लग रहा था और वहाँ काफ़ी चीज़े बदल गयी थी.
फिर उस दिन मैंने आराम किया और अगले दिन से चाचा का उनके काम में हाथ बांटने लगा, क्योंकि वहाँ टाईम पास के लिए टी.वी तो थी, लेकिन केबल कनेक्शन नहीं था. तभी मोहित आया और कहने लगा कि भैया में दुकान जा रहा हूँ और आपके लिए कुछ लाना है. मैंने कहा रुक में भी चलता हूँ.
फिर में और मोहित दुकान की और चल पड़े. हमारे घर के पीछे से एक रास्ता जाता था वो रास्ता दुकान को जाता था. जब हम वहाँ से जा रहे थे, तभी हमें एक लड़की पीछे वाले घर से निकलती हुई नज़र आई तो हमने उसे देखा और उसने हमें देखा. फिर हम आगे बढ़ गये. फिर आगे चलकर मैंने मोहित से पूछा कि ये कौन थी? तो उसने बताया कि वो श्याम जी की भांजी रानी है. वो दिखने में गोरी थी और उम्र करीब 19-20 साल होगी और फिगर उसका एक नॉर्मल गावं की लड़की की तरह था. उसके बूब्स ना ज्यादा बड़े और ना ज्यादा छोटे थे. उसकी गांड ठीक थी, लेकिन थोड़ी सी बड़ी थी और उसका फिगर साईज 28-25-30 होगा.
फिर मोहित ने बताया कि ये कुछ दिनों पहले ही आई है और उसकी उस लड़की से कई बार खेत में मुलाकात भी हुई थी. फिर हम दुकान पर पहुँच गये और फिर वहाँ से मोहित ने कुछ सामान लिया और मैंने कुछ सिगरेट ले ली. मोहित जानता था कि में सिगरेट पीता हूँ और फिर हम घर वापस आ गये.
मैंने सोचा कि घर पर सिगरेट पीना ठीक नहीं है में खेत पर पिऊंगा. फिर मैंने शाम को मोहित से कहा कि चल हम खेत में घूमकर आते है तो वो मेरी बात समझ गया और हम खेत पर पहुँच गये. वहाँ पर गन्ने की फसल लगी हुई थी. फिर हमने एक अच्छी सी जगह देखी और वहीं बैठकर सिगरेट पीने लगे. अब मैंने एक दो ही कश लिए थे कि वहाँ रानी आ गयी और कहने लगी कि अच्छा मोहित तू यहाँ ये करने आता है. फिर जैसे ही मैंने ये सुना तो में चौंक गया और मुझे खाँसी आने लगी. फिर मैंने पलट कर देखा तो पीछे रानी खड़ी थी और मोहित कांप रहा था. फिर उसने कहा कि नहीं दीदी वो तो सिर्फ़ भैया पी रहे है में तो बस इनको यहाँ लेकर आया हूँ.
फिर उसने मेरी तरफ देखा मैंने कहा कि देखो में अक्सर सिगरेट पीता हूँ और उससे पूछा कि ये बात तुम किसी को बाताओगी तो नहीं. उसने एक अजीब सी स्माइल दी और कहा कि कौन सी बात? और वो वहाँ से चली गयी. उसके जाने के बाद मोहित ने कहा कि भैया आज तो आपने मुझे मरवा ही दिया था, अब जल्दी से इसे ख़त्म करो और हम घर चले. फिर मैंने जल्दी से सिगरेट ख़त्म की और हम घर चले गये. अब में आपको बता दूँ कि श्याम जी और हमारे परिवार के बीच बहुत अच्छे संबंध है. फिर अगले दिन दोपहर के खाने के बाद हम आराम कर रहे थे और गप्पे मार रहे थे कि तभी रानी आ गयी और चाचा चाची से बातें करने लगी. अब मेरी तो हालत ही खराब होने लगी कि कहीं साली ये कुछ बोल ना दे.
फिर उसने कहा कि मामा जी (उसके रिश्ते के हिसाब से) आप जानते है कि कल खेत में क्या हुआ? हमारी तरफ देखते हुए और उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी. अब इतना सुनते ही हम दोनों के प्राण निकल गये कि आज तो गांड में बंबू डल गया. फिर चाचा ने पूछा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि कुछ नहीं वो कल हमारे खेत में एक आवारा सांड घुस आया था तो फिर वहाँ भैया आ गये तो उन्होंने उसे भगा दिया. फिर हम दोनों की सांस में सांस आई और वो हमारी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी.
अब में भी समझ गया कि लड़की मज़े ले रही है. फिर वो जाने लगी तो में दूसरे दरवाजे से बाहर आया और उसका हाथ पकड़ लिया. वो कहने लगी कि मुझे जाने दो, हमें कोई देख लेगा. उसकी इस हरकत में विरोध कम और समर्पण ज्यादा था. फिर मैंने उससे पूछा कि कब मिलोगी? मुझे तुमसे कुछ बात करनी है तो उसने कहा कि शाम को 6 बजे खेत पर मिलना. मैंने कहा ठीक है में इंतजार करूँगा और फिर मैंने उसका हाथ छोड़ दिया और वो अपने घर चली गयी. फिर में शाम को खेत पर उसका इंतज़ार करने लगा और फिर वो आई और कहने लगी कि आप बड़ी जल्दी आ गये.
में – क्या करता? रहा ही नहीं गया.
रानी – ऐसी क्या बात हो गयी? कि आपसे रहा ही नहीं गया.
में – अब क्या बताए क्या हाल है?
रानी – (हँसते हुए) चलिए रहने भी दीजिए, अच्छा आपको क्या बात करनी थी?
में – मुझे आपका शुक्रिया अदा करना था कि आपने हमारा राज़, राज़ ही रहने दिया.
रानी – कोई बात नहीं वो तो ऐसे ही.
में – अच्छा आओ बैठो, ज़रा कुछ अपने बारे में भी बताइए.
रानी – ( अब वो मेरे बगल में बैठ गयी) बस सब ठीक है.
अब हमारी बातें शुरू हो गयी और बातों-बातों में उसके कंधे से कंधे को रगड़ने लगा और वो ये बात नोटिस कर रही थी, लेकिन वो कुछ नहीं कह रही थी और बातें किए जा रही थी. फिर मैंने अपना एक पैर उसके पैर से रगड़ना चालू किया. वो तब भी कुछ नहीं कह रही थी. फिर मैंने मौका देखकर कहा कि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और ये सुनकर वो शरमा गयी और अपना मुँह छुपाने लगी.
मैंने उससे पूछा कि में तुम्हें कैसा लगता हूँ? तो वो शर्म के मारे कुछ नहीं कह पा रही थी, लेकिन उसकी शर्म सब बता रही थी. फिर मैंने उसका चेहरा उठाया और उसके गाल पर एक किस कर दिया तो वो एकदम से उठी और भाग गई. फिर मैंने कहा कि अरे सुनो तो कल कब मिलोगी? तो वो कहने लगी उसी वक्त यहीं पर ही. फिर में खेत पर से आ गया और खाना खाकर सोने लगा और रानी के बारे में सोचने लगा. क्या करता वो थी ही इतनी मस्त? और में उसको चोदने के बारे में सोचने लगा. फिर मेरी कब आँख लग गयी? मुझे पता भी नहीं चला.
फिर अगले दिन में सुबह से ही शाम होने का इंतजार करने लगा और वो शाम आ भी गयी. फिर में खेत पर पहुँच गया तो में वहाँ क्या देखता हूँ? कि वो वहाँ पहले से ही मेरा इंतज़ार कर रही थी और मुझे देखते ही उसके गाल लाल हो गये. फिर में उसकी बगल में जाकर बैठ गया और उससे बातें करने लगा. मैंने उससे पूछा कि कल तुम भाग क्यों गयी थी? तो वो कहने लगी कि वो घर के लिए देर हो रही थी. मैंने कहा कि तुमने तो मुझे डरा ही दिया था, मुझे लगा कि तुम्हें बुरा लगा होगा तो वो बोली किस बात का? जब उसका चेहरा आगे की तरफ था.
फिर मैंने उसकी किस लेते हुए कहा इस बात का तो वो शरमा गयी और कहा कि आप बड़े गंदे हो. फिर मैंने उससे पूछा कि तुम्हें बुरा तो नहीं लगा ना, तो उसने अपना सर नीचे झुकाये हुए ना में अपना सिर हिला दिया. अब में तो एकदम खुश हो गया और फिर मैंने उसका चेहरा अपनी तरफ किया तो उसकी आँखे बंद थी.
मैंने उसके गुलाबी होंठो पर अपने होंठ लगा दिए. अब वो बिना हीले अपनी आँखे बंद किए बैठी रही और में उसको किस करता रहा. फिर थोड़ी देर के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी और हम किस करने लगे. अब उसकी साँसे में अपनी जीभ पर महसूस कर सकता था और अब धीरे-धीरे वो साँसे गर्म होती जा रही थी. फिर में अपना एक हाथ उसके एक बूब्स पर रखकर हल्के-हल्के से मसाज़ करने लगा और वो उम्म उम्म्म की आवाज़ के साथ मुझे किस कर रही थी. अब मेरी पेंट में मेरा हथियार तैयार हो चुका था और फिर मैंने किस का सिलसिला तोड़ते हुए में उसकी कमीज़ उतारने लगा. वो बोली कि नहीं ये मत करो, तो मैंने कहा कि एक बार बस देख लेने दो प्लीज और कहते हुए उसकी कमीज़ उतार दी. अब मुझे सफेद रंग की ब्रा में उसके 28 साईज के बूब्स दिखने लगे, फिर में उन्हें दबाने लगा और वो मस्त होने लगी.
फिर मैंने उसकी ब्रा थोड़ी सी नीचे करके. उसके निप्पल पर जैसे ही अपना मुँह लगाया तो वो कांप सी गयी और उम्म उम्म्म की आवाज़ करने लगी. फिर मैंने उसके बूब्स को उसकी ब्रा से आज़ाद कर दिया और वो खुली हवा में आ गये और में उनका रसपान करने लगा और वो इस मस्ती में, आह्ह्ह्ह आआआ की आवाजें निकालने लगी. इसी बीच में मैंने एक हाथ से उसकी सलवार का नाडा खोल दिया और उसकी पेंटी में हाथ डाल दिया. अब वो इस समय इतनी मस्त हो चुकी थी कि उसने कोई विरोध नहीं किया.
फिर मैंने जब उसकी चूत को हाथ लगाया तो वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. अब में उसे ऊपर से ही रगड़ रहा था. अब में भी काबू से बाहर हो रहा था और फिर में खड़ा हुआ और अपनी पेंट और चड्डी नीचे कर दी और अपना हथियार संभाल लिया और उसे नीचे लेटा दिया. अब वो मेरा हथियार देखकर डर गयी और कहने लगी कि ये तो बहुत बड़ा है और मुझे बहुत दर्द होगा. मैंने कहा कि ज्यादा नहीं होगा.
फिर मैंने उसके मुँह पर एक हाथ रखा और एक हाथ से अपना लंड उसकी चूत पर टिकाकर एक धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो पूरी तरह हिल गयी और जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत में गया तो में समझ गया कि साली कुंवारी नहीं है. फिर मैंने सोचा कि में उससे बाद में पूछूँगा. फिर मैंने एक और जोरदार झटका मारा तो अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था और उसकी चीख निकल गयी. फिर मैंने थोड़ा रुक-रुक कर झटके मारना चालू कर दिया और अब वो आहह आहह आअहह की आवाज़ निकाल रही थी और में भी उसको चोदने में मग्न था. अब वहाँ हमारी बॉडी के टकराने से पट पट की आवाज़ आ रही थी.
फिर कुछ देर के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और वो एकदम से कांपती रह गयी और मुझे उसके रस की धार मेरे लंड पर महसूस हुई और में समझ गया कि वो झड़ गयी है. अब उसके पानी ने चूत को और फिसलन भरा कर दिया, जिससे मेरा लंड और तेज़ी के साथ अंदर बाहर होने लगा. अब में भी अपने अंतिम चरण पर पहुँचने लगा, लेकिन झड़ने से पहले मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और अपना सारा माल उसकी गांड पर छोड़ दिया और अब में निढाल हो गया और वो भी शांत हो गई. फिर हमने अपने कपड़े पहने और फिर मैंने उससे पूछा कि इससे पहले कब किया था? तो उसने कहा कि उसके गावं में उसने एक लड़के के साथ किया था. फिर पहले वो और फिर उसके कुछ देर के बाद में खेतों से निकलकर अपने घर चला आया. अब में जितने दिन वहाँ रहा, उतने दिन मैंने रोज उसकी चूत मारी.
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