मामा के गावं का एक सच

हैल्लो दोस्तों, में आपके लिए  लाईफ की रियल स्टोरी फिर ले आया हूँ. दोस्तों में अपनी माँ को चोदता था. फिर एक दिन हम वहाँ से मेरे मामा के गावं चले गये. वहां जाते वक़्त माँ ने कहा कि ये सब वहाँ पर नहीं चलेगा. ये सुनकर मेरा मूड ऑफ हो गया. फिर हम मामा के गावं पहुँच गये थे. मामा हमें रेल्वे स्टेशन पर लेने आ गये. जब हम घर पहुंचे तो देखा कि मामी हमारी राह देख रही है.
उस दिन हमने थोड़ी बातें की और सो गये, जैसा कि मेरी माँ ने मुझे कहा था कि मुझे वहाँ माँ के साथ कुछ नहीं करने को मिलेगा. में उदास हो गया था. फिर मैंने कैसे-कैसे करके 2 रातें काटी, लेकिन मुझसे रहा नहीं जा रहा था. फिर में माँ के पास गया और कहा कि मुझे आपसे कुछ बात करनी है. वहाँ मेरी मामी भी थी. मैंने माँ से कहा कि मुझे आपसे अकेले में कुछ बात करनी है तो मामी ने मुझे स्माइल की और कहा कि क्या बात है? माँ से अकेले में बात करनी है अच्छा कर लो, में जाती हूँ.
फिर मैंने दरवाजा बंद कर दिया और माँ को कसकर पकड़ लिया और लिप पर ज़ोर का किस किया और कहा कि माँ मुझसे रहा नहीं जाता, मुझे एक बार आपकी चूत चाटने दो. तभी माँ बोली और मुझे खुद से अलग कर दिया, फिर मैंने माँ को कसकर पकड़ा तो माँ बोली और एक हफ्ते की बात है. फिर मैंने माँ से कहा पर एक बार किस तो दे सकती हो ना, तो माँ ने स्माइल की और मेरे लंड को पकड़कर हिलाना चालू किया और किस करने लग गई और 2 मिनट तक़ किस करने के बाद माँ ने खुद को संभाला और मुझे कहा अब बस हो गया.
फिर में भी इसी में मान गया और दरवाजा खोलकर बाहर आया तो मामी कुछ काम नहीं कर थी. फिर उसने पूछा कि हो गई माँ से बात, तो मैंने कहा कि हाँ थोड़ी हुई है. फिर में खेलने के लिए बाहर चला गया. वहां मुझे मेरा पुराना दोस्त मिला. वो तब का दोस्त था जब में गावं आता था और जब में चोथी क्लास में था. अब वो मेरे आगे था. फिर मैंने उसे हाय किया तो उसने भी मुझे पहचान लिया और उसने भी मुझे हाय किया और हम दोनों पूरे गावं में घूमे. वहाँ हमारी ऐसे ही बातें हो रही थी. तभी मैंने वहां देखा कि एक औरत अपने कपड़े बदल रही थी, तो मुझे वो देखकर मेरी माँ की याद आ गई. मेरा दोस्त जिसका नाम बबन था हम दोनों ने वो नज़ारा देख लिया और बाद में हम दोनों के बीच में सेक्स की बातचीत होना चालू हो गई.
फिर मैंने कहा यार इस औरत के मस्त थे ना, एक बार ये चोदने को मिल जाती तो मज़ा आ जाता. बबन बोला कि ये तो कुछ नहीं गावं के बाहर इससे भी मस्त-मस्त आइटम है. फिर मैंने कहा तुझे कैसे पता? तो बबन बोला कि मैंने 4 लड़कियों को चोदा है तो में जानकर भी अंजान बना रहा और उससे पूछा कि तुझे क्या मज़ा आया था? तूने कैसे चोदा था? तो बबन बोला कि उनका एक आदमी गावं के बाहर बैठता है, उसे 100 रुपए देकर वो नई-नई लड़की और औरतों से चुदाई करवाता है. में आज भी वहां जाने वाला हूँ.
मैंने कहा कि अरे में भी आऊंगा, लेकिन वो बोला कि वो शाम के 7 बजे वहाँ आता है और एक गावं में जगह बताता है, वहाँ आइटम खड़ी रहती है और वहाँ जाकर चोदना पड़ता है. फिर में झट से घर आया और माँ से कहा कि आज में बबन के जा रहा हूँ और वापस आते-आते देर हो जायेगी. मेरे साथ बबन भी था तो माँ ने हाँ कहा और हम एक साथ चले गये. हम वहाँ 15 मिनट जल्दी पहुंच गये थे. फिर वहां एक लंबा सा आदमी साईकिल पर आया.
फिर बबन आगे गया और उसने उसे कुछ पैसे दिए और कहा कि मेरे दोस्त को आइटम चाहिए तो उसने बबन के कान में कुछ कहा. फिर बबन मेरे पास आया और मुझसे कहा कि सिर्फ़ तुझे वहाँ अकेला जाना होगा, वो आइटम नदी के उस पार आ जायेगी. मैंने बबन से कहा कि में तुझे 9 बजे यहाँ पर ही मिलूंगा और तू साईकिल लेकर आ जाना. फिर में पुल पार करके नदी के उस पार पहुँच गया. वहां एक झोपड़ा था और बाहर एक दिया जल रहा था.
मुझे बबन ने कहा था कि अंदर जाने से पहले चार बार दरवाजे को बजाना तो मैंने वैसा ही किया तो अंदर से आवाज़ आई अंदर आ जाओ. फिर जब में अन्दर गया तो एक औरत बेड पर मेरी तरफ पीठ करके बैठी थी. अब मुझसे रहा नहीं गया. अब मुझे उसकी पीठ में अपनी माँ दिखाई दे रही थी तो मैंने उसे झट से पीछे से पकड़ लिया और उस झोपड़े में लाईट नहीं थी सिर्फ़ दिए जल रहे थे, लेकिन उस औरत की खूबसुरती उसमें भी बहुत अच्छी लग रही थी.
फिर मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया और उसका चेहरा देखना चाहा तो मैंने झट से उसे छोड़ दिया और उठकर बाजू में खड़ा हो गया. फिर थोड़ी देर के लिए वो भी डर गई थी. फिर हम एक दूसरे को देखते ही रहे, क्योंकि जिसे में चोदने आया था वो मेरी मामी थी. फिर थोड़ी देर तक़ हम एक दूसरे के चेहरे ही देखते रहे. अब मेरे मुँह से कुछ निकल नहीं पा रहा था. फिर करीब 10 मिनट के बाद मैंने मामी से पूछा आप यहाँ कैसे? लेकिन आपको ये सब करने की क्या ज़रूरत है? तो मामी थोड़ी शर्म के मारे झुकी और कहा कि तेरे मामा का लंड सिर्फ 3 इंच का ही है और वो मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते तो मैंने सोचा कि यही सही है. फिर मामी नीचे मुँह करके बैठी रही और उन्होंने अचानक से पूछा कि लेकिन तू यहाँ क्या कर रहा है? तुझे ये शौक कब से आ गया, अभी तो तू छोटा है.
फिर मैंने मामी से कहा कि में दिखने में छोटा हूँ, लेकिन में आपकी तमन्ना पूरी कर सकता हूँ. फिर मामी बोली कि अरे तू क्या मेरी तमन्ना पूरी करेगा? तेरा भी तेरे मामा की तरह 3 से 4 इंच का होगा. फिर मैंने भी कहा अच्छा और मामी के लिप पर किस कर दिया और लिप पर काट लिया. तो मामी बोली अबे हरामी मामी को किस करते-करते काटता है. फिर मैंने उनके बूब्स दबाने चालू कर दिए.
मैंने कभी मामी को उस नज़र से नहीं देखा था, लेकिन मामी ने मुझे ललकार कर उन्हें चोदने के लिए उकसाया. फिर मैंने मामी के सारे कपड़े उतार कर फेंक दिए और अब मामी मेरे सामने पूरी नंगी थी. अब वहां लाईट नहीं होने के कारण में उनकी पूरी बॉडी साफ-साफ़ देख नहीं पा रहा था. में अभी तक कपड़ो में था. फिर मैंने मामी की चूत को चाटना चालू किया. मुझे मेरी माँ की चूत की याद आ गई. अब में मामी की चूत चाटता रहा. अब मामी मुझे बोल रही थी कि अरे हरामी क्या कर रहा है? वहाँ तेरा लंड डाल, चाट क्यों रहा है? अब वो अहहह्ह्ह आआहाह कर रही थी. ]
फिर मैंने मामी के बूब्स को दबाना चालू किया और चूत को चाटने के बाद मैंने उनके बूब्स को चूसा और मामी की चूत में मेरी 2 उंगलियाँ डाल दी. अब मामी इन 15 मिनट में ही 2 बार झड़ चुकी थी. जब मामी दूसरी बार झड़ी तो मैंने मामी कि चूत पूरी चाट कर साफ कर दी. अब मामी बोली अब तेरा लंड निकाल कर मुझे दिखा. मैंने मेरी चड्डी निकाली और मामी के देखते ही उसके होश उड़ गये और मेरा 7 इंच लम्बा लंड देखकर मामी बोली कि ये तो लंड का बाप है.
फिर मैंने कहा इसे आपके मुँह में ले लो, तो मामी बोली इससे क्या होगा? तो मैंने कहा जैसे मैंने आपकी चूत चाटी तो आपको मज़ा आया ना, वैसे ही मुझे भी मज़ा आयेगा, तो मामी ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी. फिर 5 मिनट के बाद मैंने मामी को रोका और कहा कि अपने पैर फैला दो, तो मामी ने झट से अपने पैरो को फैला दिया और कहा कि डाल दे अपना हथियार. फिर मैंने अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और चूत के सामने रखा तो मामी के मुँह से आहह की आवाज निकल आई अहहाहह आहह्ह्ह्ह अभी मेरा लंड अंदर भी नहीं गया था.
फिर मैंने थोड़ा धक्का मारा और 2 से 3 इंच लंड अंदर चला गया, तो मामी जोर से चिल्लाई. फिर मैंने मामी को किस करना चालू किया. अब मामी बोल रही थी कि थोड़ा धीरे करो, मेरी चूत फट जायेगी. फिर मैंने किस करते समय और एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा पूरा लंड मामी की चूत में समा गया. मामी थोड़ी ढीली हो गयी.
फिर में थोड़ी देर रूक गया और मामी को किस करके पूछने लगा कि ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा है ना तो मामी ने कहा कि तू लगा रह, मुझे कुछ नहीं होगा, मज़ा आ रहा है. ये सुनने के बाद मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने चालू कर दिए. फिर मैंने कम से कम 20 मिनट तक़ मामी को चोदा और जब में झड़ने वाला था तो मैंने मामी से पूछा कि मेरा पानी गिरने वाला है क्या करूँ? तो मामी बोली कि तेरे लंड से मुझे मेरी ज़िंदगी का मज़ा आया है, तेरा पानी अंदर डाल दे.
अब में पूरी तरह से थक चुका था. फिर जब मैंने अपना लंड मामी की चूत से निकाला तो मैंने देखा कि मेरे लंड पर थोड़ा खून लगा हुआ था. मामी बोली कि तेरे मामा के अलावा तू चोथे नम्बर का मर्द है जो मुझे चोद चुका है, लेकिन तेरे में जो बात है वो किसी में नहीं है. फिर मैंने भी कहा कि मामी आप भी किसी रांड से कम नहीं हो, फिर ऐसा कहकर हम दोनों निकले. फिर मैंने मामी से बोला कि एक किस हो जाए तो मामी मेरे पास आई और बोली कि एक क्यों? जितने चाहें ले ले. फिर मैंने उन्हें किस किया और हम झोपड़े से बाहर निकल गये.
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बीवी और सास के साथ मामी की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, आप सबको मेरा नमस्कार. दोस्तों में अपनी सास और पत्नी को एक साथ चोद चुका हूँ, उसके बाद में मेरी सास ने मुझे बताया कि वो अपने भाई से चुदवाती रहती है. मैंने भी उनसे कहा कि मम्मी जी मुझे भी यह चुदाई देखनी है और में भी एक बार उनसे मिलना चाहता हूँ. अब में एक बार फिर से उन सब लोगो का आप सभी से परिचय करवा देता हूँ, मेरी मम्मी (सासु जी) जिनकी उम्र करीब 48 साल है और उनके फिगर का साईज 42-38-44 है और वो दिखने में एकदम सेक्सी लगती है. अपनी इतनी उम्र होने के बाद भी बहुत सेक्सी बदन है.
उनकी सूरत से उम्र का अंदाजा नहीं लगता. गुड़िया (मेरी पत्नी) जिसकी उम्र 27 साल और उसके फिगर का साईज 30-28-32 है और वो तो अपनी माँ से भी बढ़कर सेक्सी लगती है. वो अपनी इतनी कम उम्र में भी अच्छो अच्छो के लंड को एक ही बार में खा जाती है और जिसको एक बार देखकर हर किसी का लंड खड़ा होकर सलामी देने लगता है. अमर (मामा) जिनकी उम्र 45 साल. वो अपने बड़े आकार के लंड से किसी की भी चूत को चोदकर उसका भोसड़ा बना दे. मामी (चमेली) जिनकी उम्र 43 साल और उनके फिगर का साईज 38-34-40 है, जैसा उनका नाम वैसा ही उनका गदराया हुआ बदन, बड़े आकार के बूब्स हमेशा उनके ब्लाउज से बाहर झांकते रहते है और उनकी गांड हर एक देखने वाले पर कहर ढाती है. में (रवि) मेरी उम्र 29 साल है दिखने में एकदम ठीक ठाक और चुदाई करने में हमेशा आगे, मेरे लंड की तारीफ में खुद नहीं करता.
दोस्तों अब में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. उस समय में अपने ससुराल में ही रुका हुआ था फिर एक दिन मैंने मेरी सास से मामा जी को बुलाने को कहा तो उन्होंने फ़ोन करके नाना से झूठ कहा कि वो थोड़ा बीमार है और आप मामा जी को कुछ दिनों के लिए यहाँ पर भेज दो. वो घर पर बिल्कुल अकेली है. तो नाना ने मेरे मामा जी को और उनकी पत्नी को भी उनके साथ में भेज दिया और वो उसी शाम को हमारे घर आ गये.
फिर जब घर पर पहुंचकर उन्होंने मम्मी को चलते फिरते बिल्कुल ठीक देखा तो उन्होंने उनसे पूछा कि क्या बात है, आपने मुझे इस तरह घर पर झूठ कहकर क्यों बुलवाया? तो मम्मी ने कहा कि अभी तुम थोड़ा आराम करो, में रात में सब कुछ बताती हूँ और फिर हम सबने खाना खाया और एक साथ हॉल में बैठकर बातें करने लगे. फिर मामा जी ने मम्मी से पूछा कि क्या बात है अब तो बताओ? तो मम्मी ने कहा कि भैया यह जो आपके जवांई राजा है वो भी हमारे साथ शामिल होना चाहते है.
मामा जी बोले कि में इस बात का बिल्कुल भी मतलब नहीं समझा? तो मम्मी बोली कि यह हमारी सेक्स टीम का सदस्य बनाना चाहते है तो मामा जी यह बात सुनकर बहुत खुश हुए और फिर उन्होंने मुझे अपने गले से लगा लिया. इसके बाद उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या गुड़िया को भी कोई आपत्ति तो नहीं है. मेरी पत्नी उठकर खड़ी हुई और उसने मामा जी को एक लिप किस दे दिया और उनका लंड दबा दिया. इससे मामा जी बहुत खुश हुए और बोले कि वाह अब तो बहुत मज़ा आएगा और इतने में मामी भी वहां पर आ गई वो बोली कि अरे क्या हो रहा है? तो मामा जी ने उन्हे वो सब कुछ बताया जो अभी कुछ देर पहले हम सभी के बीच तय हुआ था. वो भी यह बात सुनकर बहुत खुश हो गई और फिर वो मुझसे बोली कि देखो रवि मुझे थोड़ा गंदा सेक्स पसंद है.
मैंने कहा कोई बात नहीं, में सब सम्भाल लूँगा, आप बिल्कुल भी चिंता मत करो, बस अब आप आगे आगे देखती जाओ. इसके बाद मामा जी बोले कि आज हम यहीं हॉल में ही सेक्स के मज़े करेंगे. खुले में हमे सेक्स करने में और भी मज़ा आएगा. सबसे पहले मम्मी ने कहा कि हाँ भैया बहुत दिनों से मैंने आपका लंड नहीं चूसा है, प्लीज आज मुझे वो चुसवा दो, में बहुत दिन से तरस रही हूँ. मामा जी बोले कि हाँ बिल्कुल मेरी रंडी बहना आजा जल्दी से तू अपने भाई का लंड मुहं में ले और मज़े कर.
फिर मम्मी ने इतना सुनते ही झट से मामा जी की पेंट और अंडरवियर को उतार दिया और उनका लंड अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और धीरे धीरे मज़े लेने लगी. मैंने देखा कि मामा जी का लंड मेरे लंड से लम्बा और काला था. तभी मामी भी मेरे पास आई और फिर वो मुझसे बोली कि बहुत दिनों से मैंने कोई भी जवान लंड नहीं लिया, लेकिन आज में अपने जवांई का लंड लेती हूँ और अब उन्होंने मेरा लोवर उतार दिया. मैंने अंडरवियर नहीं पहनी हुई थी और में भी अब नंगा हो गया था और वो मेरा लंड चूसने लगी. अब धीरे धीरे मम्मी ने सारे कपड़े उतार दिए और मैंने भी मामी को पूरा नंगा कर दिया.
मामा मेरी बीवी से बोले कि अरे तू क्यों ऐसे दूर बैठी हुई है, तू भी आजा हमारे इस खेल में? तो मेरी पत्नी भी अब अपने कपड़े उतार कर आ गई और अब हम सब पूरे पूरे नंगे थे. अब मेरी पत्नी ने भी मामा जी का लंड चूसना चालू कर दिया और मम्मी भी उसे चूस रही थी. तभी मामी जी मुझसे बोली कि बेटा रवि अब तुम मेरी चूत चाटो और इसमे से मेरा सारा रस पियो.
फिर मैंने मामी की चूत को अपने एक हाथ से खोलकर देखा वो अंदर तक एकदम साफ थी और फिर मैंने चूत को चाटना शुरू कर दिया, लेकिन थोड़ी देर सिसकियाँ लेने के बाद मामी ने मेरे मुहं पर मूतना चालू कर दिया और में वो पूरा पी गया. बड़ा ही अच्छा लगा. अब मामी मुझसे बोली कि बेटा तुमने आज मेरा मूत पिया है और अब में तुम्हारा भी पियूंगी और फिर मामा से कहा कि तुम भी हम सबको अपने मूत से पवित्र कर दो. तो में और मामा खड़े होकर एक साथ मूतने लगे वो तीनो रंडिया आहा मज़ा आ गया कहकर हमारा मूत पीने लगी और इसके बाद मैंने अपना लंड मामी की चूत में डालकर उन्हें चोदना चालू कर दिया.
मामी भी अब मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और में बड़े आराम से उसे चोद रहा था. अब मैंने देखा तो मामा जी गुड़िया की गांड मार रहे थे और वो भी उनसे कह रही थी कि हाँ फाड़ दे मादरचोद, बहनचोद उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आईईईइ आज अपनी भांजी की गांड को फाड़ दे और मम्मी मामी की गांड चाट रही थी और उसमे अपनी उंगली डाल रही थी.
फिर मैंने मामी को घोड़ी बनाया और उनकी चूत में एक ही धक्के के साथ अपना पूरा का पूरा लंड डाल दिया और उन्हे चोदने लगा और करीब दस मिनट के बाद वो झड़ गई तो मैंने उनसे कहा कि मामी मेरा अभी बाकी है. उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं अपनी मामी की गांड में डाल दे और अब मैंने अपना लंड मामी की गांड में डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई मादरचोद थोड़ा धीरे धीरे डाल. आज तूने मेरी गांड को फाड़ दिया और अब में उनको बहुत धीरे से धक्के देकर चोदने लगा, लेकिन थोड़ी देर बाद में झड़ गया और वहीं पर बैठकर आराम करने लगा.
फिर मामा जी ने मम्मी की गांड में अपना लंड डालकर कर उन्हे चोदना चालू कर दिया. मम्मी कह रही थी कि हाँ मादरचोद, बहनचोद फाड़ दे उह्ह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से धक्का दे अपनी बहन की गांड भोसड़ी में. मामा जी कह रहे थे कि हाँ मेरी रंडी, मेरी रखेल, तेरी गांड में अब ना जाने कितने ही लंड आ चुके, लेकिन अभी तक इसकी गरमी शांत नहीं हुई है और फिर थोड़ी देर में मामा जी भी झड़ गये और फिर हम सब बैठकर बात करने लगे और फिर कुछ देर बाद ऐसे ही नंगे सो गये.
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रेखा की चूत को चाटकर चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रेयांश है. दोस्तों यह बात तब की है जब में 12th क्लास में पढ़ता था और उस समय मेरे साथ एक लड़की पड़ती थी. उसका नाम रेखा था, उसको में मन ही मन बहुत पसंद किया करता था. दोस्तों वो दिखने में बहुत सुंदर, उसका वो गोरा, गदराया हुआ बदन मुझे क्या हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करता था. तो एक दिन जब हम अपनी क्लास से बाहर निकल रहे थे तभी बहुत ज़ोर से बारिश होने लगी और में अपनी बाईक से अपने घर पर जा रहा था. तो मैंने रेखा से कहा कि चलो में तुम्हे तुम्हारे घर पर छोड़ देता हूँ और अब थोड़ा ना नकुर करने के बाद वो मान गई और रास्ते में हम अपनी क्लास की बातें करते रहे.
फिर उस रात मैंने उसको एक मैसेज किया कि मुझे तुमसे कुछ बात करनी है, तो उसने मुझे कॉल करने को कहा और फिर मैंने उसे फोन करके अपनी दोस्ती के बारे में कहा तो उसके कुछ दिन बाद हमारी दोस्ती कब प्यार में बदल गई हमें पता ही नहीं चला और अब हम एक दूसरे को बहुत प्यार करने लगे थे.
धीरे धीरे हमने सेक्स चेट भी चालू कर दिया, लेकिन मैंने उसे किस से ज्यादा कुछ नहीं किया. एक दिन हम फिल्म देखने चले गये तो तभी फिल्म में एक सेक्सी सीन आ गया और उसे देखकर में बहुत हॉट हो गया. मैंने उससे कहा कि मुझे किस करना है. तो उसने मेरे होंठो पर अपने होंठो लेकर समूच करना शुरू कर दिया और फिर मैंने उसकी जीभ को चूसना चालू किया और वहां पर मैंने पहली बार उसके बूब्स को कपड़ो के ऊपर से दबाया. अब वो भी बहुत गर्म हो गई थी. उसने मुझसे कहा कि प्लीज अब इन्हे कैसे भी करके चूसो दबाओ. अब मैंने उसके कहने पर इधर उधर देखकर उसके सूट को थोड़ा ऊपर कर दिया क्योंकि वो फिल्म थोड़ी सेक्सी थी तो वहां पर ज्यादा लोग भी नहीं थे.
फिर मैंने उसके बूब्स को दबाना चूसना शुरू किया, वाह क्या मस्त मुलायम थे उफ़फ्फ़ वो उसके छोटे छोटे बूब्स, उसके ऊपर छोटी सी किशमिश जैसी निप्पल. में अब उन्हे ज़ोर से चूस रहा था और उसके मुहं से अब मोन की आवाज़ आ रही थी आअहह उह्ह्ह्हह्ह हाँ रेयांश और ज़ोर से चूसो खा जाओ अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी जान आईईईईईई खा जाओ और ज़ोर चूसो, दबाकर पी जाओ मेरे दोनों बूब्स को अह्ह्ह्ह आईईईई. फिर कुछ देर के बाद मैंने उससे कहा कि तुम भी अब मेरा लंड चूसो. उसने पहले तो मुझसे साफ मना कर दिया, लेकिन फिर मेरे कहने पर वो मान गई. उसने मेरा 6.5 इंच का लंड मेरी पेंट से बाहर निकाला जो अब तक पेंट में तम्बू बनकर खड़ा था और फिर वो नीचे बैठकर चूसने लगी. में तो जन्नत में था दोस्तों उसने मुझे सातवें आसमान पर पहुंचा दिया था.
मेरे लंड का सुपड़ा वो अपने मुहं में पूरा अंदर तक ले गई थी और उसे लोलीपोप की तरह चूस रही थी. तभी कुछ देर के बाद मेरा वीर्य उसके मुहं में ही निकल गया और उसने वहीं पर उल्टी कर दी. फिर मैंने थोड़ी देर उसके बूब्स दबाए और फिर कपड़े ठीक करके हम अपने घर पर चल दिए. दोस्तों वो मेरा पहला सेक्स अनुभव था, लेकिन उस दिन मैंने उसकी चूत को नहीं देखा था, लेकिन फिर कुछ दिन बाद मेरे घर पर कोई नहीं था तो मैंने उसे अपने स्कूल से बिना बताए मेरे घर पर बुला लिया. वो उस समय स्कर्ट और शर्ट में थी और फिर मैंने उसे किस करते करते उसकी शर्ट के सारे बटन खोल दिए और फिर उसकी ब्रा को भी खोल दिया और फिर मैंने 15 मिनट तक उसके छोटे छोटे रसीले बूब्स को दबाया. दोस्तों मुझे तो उस दिन मज़ा ही आ गया. फिर मैंने हाथ को नीचे बढ़ाते हुए उसकी स्कर्ट को उतार दिया और फिर पेंटी को भी. उसने मुझसे कहा कि प्लीज पहले कंडोम लगा लेना, तभी आगे कुछ करना.
फिर मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है और फिर में उसे अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया और उसे बिल्कुल सीधा लेटा दिया और फिर मैंने उसके माथे पर किस किया और उसके बाद उसके गुलाबी गुलाबी होंठो को चूसा. फिर गर्दन को चूमा और फिर ऐसे ही बूब्स और फिर मैंने उसकी चूत के पास आकर उसकी जाघों पर किस किया, लेकिन अब उसकी चूत की खुशबू मुझे बिल्कुल पागल बना रही थी. मैंने जल्दी से उसकी जाघों को एक दूसरे से अलग करके देखा तो उसकी वो छोटी सी गुलाबी चूत मेरी आखों के सामने थी. मैंने अब बिल्कुल भी देर ना करते हुए उसकी चूत में अपनी जीभ को लगा दिया और फिर चूसने लगा.
दोस्तों मुझे इसमें बहुत मज़ा आ रहा है और वो अब सिसकियाँ ले रही थी आहहहा उम्म्महाअ उम्म्म्ममम उम्म्म आह्ह्ह्ह रेयांश प्लीज आईईईईइ थोड़ा और ज़ोर से चूसो. हाँ तुम आज खा जाओ आह्ह्ह्हह्ह रेयांश. दोस्तों उसके मुहं से निकलती हुई सिसकियों की आवाज अब मुझे एकदम दिवाना बना रही थी. मैंने उसकी बहुत देर तक अपनी जीभ से चुदाई की और फिर कुछ देर बाद हम दोनों ने 69 में आकर दोनों की प्यास बुझाई. उसने कुछ देर बाद अपनी चूत का पानी मेरे मुहं में डाल दिया.
फिर उसके कुछ देर बाद मैंने अपना 6.5 इंच का लंड उसकी चूत के छेद पर लगा दिया. में अब धीरे धीरे लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा, लेकिन वो अब गरम होने के साथ साथ बहुत डर भी रही थी क्योंकि मैंने उसके कहने के बाद भी अपने लंड पर कंडोम नहीं लगाया था. उसने मुझसे कहा कि प्लीज थोड़ा धीरे धीरे करना मुझे बहुत दर्द होगा क्योंकि तुम्हारा यह बहुत लम्बा और बहुत मोटा भी है. तो मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो. में बहुत धीरे करूंगा जिससे तुम्हे ज्यादा दर्द नहीं होगा, लेकिन थोड़ा जरुर होगा. उसे तुम्हे सहन करना होगा, तुम्हारा वो दर्द ही आगे जाकर तुम्हारा मज़ा बन जाएगा.
अब मैंने उठकर तेल लाकर थोड़ा सा तेल उसकी चूत पर डाला और अपने लंड पर भी लगाया. फिर लंड को चूत पर रखकर धीरे से धक्का दिया. तभी अह्ह्ह्हह आईईईईईई उसके मुहं से एक ज़ोर की चीख निकल गई. मेरा सुपाड़ा चूत के अंदर था. अब हम दोनों एक हो गये थे और उसकी चूत की सील टूट गई थी. वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी थी और वो अपने दर्द से करहा रही थी. फिर मैंने कुछ देर रुककर एक और ज़ोर का धक्का दिया और साथ ही साथ उसको किस करता रहा और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेती रही और चीखती चिल्लाती रही आह्ह्ह्ह्ह्ह् आईईईइईई, लेकिन मैंने लगातार धक्के मारने चालू किए.
मैंने उसको करीब 15 मिनट तक चोदा और उसकी चूत में अपना गरम गरम लावा छोड़ दिया. दोस्तों यह चुदाई मेरा पहला सेक्स अनुभव था और कुछ समय बाद हम एक दूसरे के शरीर से खेलते रहे और फिर कुछ देर बाद मेरा लंड दोबारा से खड़ा होने लगा. मैंने रेखा को कहा कि फ्रिज से चॉकलेट निकालकर लाओ. वो उठकर चली गई और चॉकलेट लेकर आ गई. फिर मैंने रेखा की चूत पर चॉकलेट लगाई और थोड़ी मेरे लंड पर फिर हम एक दूसरे को चाटते गये. उसने मेरे लंड को बहुत देर तक चूसा और में उसकी चूत के दाने को बस खाए जा रहा था और वो कह रही थी वाह आह्ह्ह्हह उम्म्म उईईईई माँ मर गई रेयांश उफफ्फ्फ्फ़.
फिर मैंने उसे उठाया और कुतिया बनाया. उसकी चूत पर अपना लंड लगाया और फिर एक ज़ोर से धक्का दिया और फिर मैंने उसे बीस मिनट तक लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदा. रेखा मेरी चुदाई करने की स्पीड से बहुत मस्त हो गई थी और उस चुदाई के बाद मैंने उसकी चूत को बहुत चाटा और उसने मेरे लंड की प्यास बुझाई. हम एक दूसरे के लिए पागल हो गये थे और में उसके बूब्स बस खा जाना चाहता था. मैंने उसके बूब्स पर दोबारा चॉकलेट लगाई और उसके बूब्स को चूसने लगा.
वाह दोस्तों मज़ा आ गया और वो मेरे सर को अपने बूब्स पर दबा रही थी और आवाजें कर रही थी उम्म्म्म उम्मम्म उह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से दबाव उफफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह. में अब उसके सीधे बूब्स को दबाने लगा और दूसरे बूब्स को चूसने लगा अह्ह्ह्हह उम्म्म रेयांश हाँ खा जाओ इनको आहहह मेरी जान. फिर मैंने दोबारा उसकी चूत चाटी और उसकी गांड भी चाटी. फिर मैंने उसको अपने ऊपर आने को कहा और फिर दोबारा मैंने उसकी चूत को चोदा. पूरे आधे घंटे तक हमने मज़ा किया. फिर मैंने उस दिन उसकी गांड भी मारी और चूत को भी चोदा.
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मजबूरी में मम्मी चुदी दोस्त से

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सोनू है, और मेरी इस साईट पर ये पहली स्टोरी है जो कि बिल्कुल सच है. मेरी माँ का नाम शोभा है और वो दिखने में ठीक-ठाक है, लेकिन उनका फिगर बहुत ही मस्त है. ये स्टोरी 2 साल पुरानी है. अब में सीधे स्टोरी पर आता हूँ. मेरे पापा एक टीचर है, लेकिन अब वो हमारे साथ नहीं है तो घर चलाने के लिए मम्मी एक होटल पर काम करती थी. में कभी-कभी मम्मी के साथ होटल जाता था, लेकिन उनकी सैलेरी बहुत ही कम थी और मेरी पढाई का खर्चा बहुत बढ़ रहा था. कुछ दिन के बाद में मेरा एड्मिशन एम.बी.बी.एस में कराना चाहता था, लेकिन पैसे के कारण ये नहीं हो रहा था.
फिर मैंने ये बात मेरे दोस्त योगेश को बताई तो वो बोला कि मेरे पास एक रास्ता है, अगर तू चाहता है तो ये संभव है. में खुश हो गया और तुरंत हाँ बोल दिया. फिर वो बोला मुझे तेरी मम्मी को चोदने दे और में एक रात के 500 रुपये दूँगा. ये सुनते ही मुझे बहुत गुस्सा आ गया और में वहाँ से निकल गया और सीधे घर आ गया. मम्मी बोली बेटा डिनर कर ले, मैंने ना बोल दिया तो मम्मी ने कारण पूछा. मैंने कुछ नहीं बोला और सो गया. फिर दूसरे दिन जब में योगेश की दुकान के पास गया तो मैंने देखा कि वो मुझे बुला रहा है. में उसके पास गया तो उसने मुझसे पूछा कि बोल कुछ सोचा या नहीं. मैंने बोला कि अरे वो मेरी मम्मी है और तुझे शर्म नहीं आती . फिर वो बोला कि मेरे दोस्त आख़िर उसे भी तो सेक्स की ज़रूरत होगी ना.
फिर मैंने सोचा, क्योंकि मेरे पास और कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था. फिर मैंने उसे हाँ कर दी और कहा कि मम्मी को तुझे ही मनाना पड़ेगा. वो खुश हो गया और बोला कि तू उसकी चिंता मत कर और कहा कि आज रात में तेरे घर आऊंगा और तू सोने का नाटक करना. फिर जब में रात को घर गया तो मम्मी भी होटल से आ चुकी थी, फिर बाद में उन्होंने शॉवर लिया और डिनर ख़त्म होते ही मैंने उनको बोला कि मुझे नींद आ रही है. फिर मैंने मेरे कमरे जाकर योगेश को कॉल किया और वो बस 10 मिनट में आने वाला था. फिर 10 मिनट के बाद डोर बेल बजी तो मम्मी ने दरवाजा खोला. योगेश बोला कि आंटी में अंदर आ आऊं तो मम्मी बोली कि आ जाओ. फिर अंदर आने के बाद मम्मी बोली अरे सोनू तो सो गया है, वो बोला कि मेरा काम तो आपके पास ही है. फिर मम्मी बोली क्या काम है? तो वो बोला आंटी आप बेडरूम में चलो में सब बताऊंगा, तो मम्मी बोली ठीक है.
फिर वो मम्मी के साथ अंदर बेडरूम में गया और में उठकर उसके पीछे गया और अब में छुपकर सुन और देख रहा था. फिर वो मेरी मम्मी से बोला आंटी में सीधे पॉइंट पर आता हूँ, में आपके साथ सेक्स करना चाहता हूँ. तो मम्मी को गुस्सा आ गया और वो बोली कि हरामी निकल जा यहाँ से. तभी वो बोला सोच लो में आपको एक रात के 500 रुपये दूँगा, इससे आपको पैसा मिलेगा और सोनू का एड्मिशन भी होगा. मम्मी बहुत परेशान हो गई और मजबूरी में उन्होंने हाँ कर दी. फिर जैसे ही मम्मी ने हाँ बोली तो उसने सीधा अपनी शर्ट-पेंट को निकाल दिया और मम्मी को बेड पर उठाकर ले गया. अब मम्मी बिल्कुल नाराज़ थी, लेकिन मजबूरी के कारण वो कुछ बोल नहीं सकी. फिर उसने उनको बेड पर लेटा दिया. अब वो मम्मी के बूब्स दबा रहा था और बोला कि शोभा मेरी जान आज तो में पूरे पैसे वसूल करूँगा और अब मम्मी चुपचाप लेटी थी.
फिर उसने मम्मी की साड़ी उतार दी और ब्लाउज पेटीकोट भी खोल दिया. अब मम्मी ब्रा और पेंटी में थी. अब मम्मी लेट गई और वो मम्मी को किस करने लगा. अब वो मम्मी के होंठो को चूसकर किस कर था. फिर करीब 10 मिनट तक किस करने बाद उसने मम्मी के निपल को मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से दबाया तो मम्मी बोली कि योगेश प्लीज जरा आराम से करो, दर्द हो रहा है. ये सुनकर उसे और जोश आ गया और वो और ज़ोर-जोर से बूब्स दबाने लगा और बोला कि डार्लिंग तू आज रात के लिए मेरी रंडी है और उसने करीब 1 घंटे तक मम्मी के बूब्स दबाए. अब मम्मी के बूब्स बहुत लाल हो गये थे और उन्हें बहुत दर्द भी हो रहा था. फिर उसने और 10 मिनट तक मम्मी के होंठो को चूसा और उनकी पेंटी भी उतार दी और उनकी चूत देखकर बोला कि चल मेरी रंडी तैयार हो ज़ा.
फिर उसने मम्मी के पैरों को फैला दिया और मम्मी के पैरों के बीच में बैठकर बोला कि हाय मेरी रंडी और उसने उसका 10 इंच का लम्बा और 3 इंच मोटा लंड मम्मी की चूत में घुसा दिया. मम्मी पूरी कांप उठी और उसने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए और मम्मी के होंठो पर, गले पर चूमने लगा. अब मम्मी को बहुत दर्द हो रहा था तो मम्मी उससे बोली कि योगेश प्लीज बस करो ना. फिर वो बोला रंडी तुझे तो में बहुत चोदूंगा. फिर उसने 30 मिनट तक लगातार चोदने के बाद अपना वीर्य मेरी मम्मी की चूत में निकाल दिया और उनके ऊपर लेट गया. दोस्तों आज भी योगेश मेरी मम्मी को चोदता है.
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लन्दन में बेटे के साथ सेक्स के मज़े

हैल्लो दोस्तों, में आज इस साईट पर अपने साथ हुई एक अनोखी घटना लिखने जा रही हूँ, जिससे मेरी लाईफ में बहुत बदलाव आ गया. अब में सीधे स्टोरी पर आती हूँ. मेरा नाम अंजली है और ये घटना मेरे और मेरे बेटे राहुल के बीच की है. तो अब में आपको अपने बारे में बताती हूँ. मेरी उम्र 38 साल है और मेरे बेटे की उम्र 19 साल है, में एक हाउसवाईफ हूँ और मेरे पति एक एम.एन.सी कंपनी में इंजीनियर है.
हम दिल्ली में रहते है. एक बार मेरे पति का ट्रान्सफर लन्दन में 2 महीने के लिए हो गया तो राहुल और में भी उनके साथ लन्दन घूमने के लिए उनके साथ चल पड़े. लन्दन एक खूबसूरत शहर है और वही पर कंपनी की तरफ से हमें फ्लेट मिला था. मेरे पति सुबह जल्दी ही ऑफिस चले गये और शाम को जब वो आए तो उन्होंने बताया कि वो 15 दिन के लिए दूसरी सिटी के ऑफिस में जायेंगे और वही रहेंगे. मेरा और राहुल का मूड बिल्कुल खराब हो गया.
तब उन्होंने कहा कि तुम दोनों यहाँ घूमो और में 15 दिन के बाद वापस आ जाऊंगा. फिर अगले दिन वो चले गये. अब मेरा बिल्कुल मूड खराब हो गया था. तब राहुल मेरे पास आया और उसने मुझसे कहा कि माँ चलो बाहर घूमकर आते है. फिर हम दोनों लन्दन घूमने निकल पड़े, अब हम दोनों ने घूमते हुए काफ़ी इन्जॉय किया और मेरा मूड भी फ्रेश हो गया था.
फिर हम दोनों शॉपिंग के लिए गए, फिर राहुल ने अपने लिए कपड़े खरीदे, लेकिन मेरे लिए वहाँ पर कुछ खरीदने के लिए नहीं मिला, क्योंकि में केवल सलवार सूट और साड़ी ही पहनती थी. तब राहुल ने मुझे जीन्स टी-शर्ट ओर शॉर्ट्स दिलवाए, मैंने उसे काफ़ी मना किया, लेकिन वो बोला कि माँ यहाँ तो आप ये पहन सकती हो और आप पर ये कपड़े अच्छे भी लगेंगे, मैंने भी वो ले लिए. फिर मैंने अपने लिए ब्रा और पेंटी भी खरीदी. तब राहुल ने मुझे नेट वाली ब्रा और स्ट्रिप्स वाली पेंटी पसंद करने को कहा और बोला कि ये आप पर बहुत सेक्सी लगेगी.
अब में उसको ऐसा करता देखकर हैरान हो गयी. जब मैंने ट्राई रूम में जाकर कपड़े पहने और राहुल को दिखाए तो उसने कहा कि माँ आप बहुत हॉट लग रही हो तो मैंने स्माइल देकर कहा कि चल हट. फिर में वही ड्रेस पहनकर राहुल के साथ अपने फ्लेट पर आ गयी और फिर वहाँ आने के बाद हमने खाना खाया और टी.वी देखने लगे. तब राहुल ने कहा कि माँ क्या आपको आज घूमने में मज़ा आया? तो मैंने हाँ में सिर हिलाया. राहुल ने कहा कि माँ क्या हम कल शाम को डिस्को में चले? मेरा मूड वहाँ जाने को कर रहा है और वहाँ पर सिंगल एंट्री नहीं है तो हम दोनों चले. फिर मैंने पहले उसे मना कर दिया, लेकिन राहुल ने ज़िद करते हुए कहा कि वहाँ हम दोनों डांस करेंगे और काफ़ी मज़ा आयेगा.
फिर मैंने उसे हाँ कर दी तो राहुल ने खुश होकर मुझे हग कर लिया और थैंक्स माँ बोलकर मेरे गाल पर किस भी कर दी और वो सोने चला गया. उसके गले लगने और किस करने पर में रात को सोते वक्त उसके बारे में ही सोचती रही कि कहीं राहुल मुझे एक माँ की बजाए, एक हॉट औरत की तरह देख रहा है और हर समय मुझे टच करने के लिए मेरे करीब रहने की कोशिश करता रहता है.
फिर ये सोचते हुए में सो गई और अगली सुबह में उठी और राहुल को जगाया और हम दोनों ने फ्रेश होकर नाश्ता किया और मैंने राहुल से कहा कि में नहाने जा रही हूँ और मेरे नहाने के बाद तुम भी नहा लेना, फिर हम घूमने चलेंगे तो राहुल ने हाँ में सिर हिलाया और में नहाने आ गयी. फिर नहाने के बाद मैंने राहुल को आवाज़ दी और मेरी ब्रा और पेंटी देने को कहा जो कि में जानबूझ कर लेकर नहीं आई थी, क्योंकि में राहुल को देखना चाहती थी कि वो मेरे बारे में क्या सोचता है? और में भी उसको पसंद करने लगी थी तो में उसको गर्म करना चाहती थी.
अब राहुल मेरी ब्रा और पेंटी ले आया और मुझे बाहर से ही देने लगा, तो मैंने उसको अंदर बुला लिया. अब में उस समय केवल टावल में ही थी, जिसमें से मेरे 36 इंच के बूब्स आधे दिखाई दे रहे थे और नीचे से मेरे पैर घुटनों तक दिखाई दे रहे थे. अब राहुल मुझे देखता ही रह गया. फिर मैंने उससे ब्रा और पेंटी लिए और उसको बाहर भेजकर में कपड़े पहनकर आई.
फिर मैंने काले कलर का टॉप पहना, जिसमें से मेरी पूरी कमर दिखाई दे रही थी और मेरे बूब्स की क्लीवेज दिखाई दे रही थी और नीचे मैंने स्कर्ट पहनी हुई थी, जिसमें से मेरी आधी जांघे भी दिख रही थी. अब मुझे देखकर राहुल का बुरा हाल हो गया था और उसके शॉर्ट में मैंने उसके लंड को पहली बार खड़ा होते हुए देखा था. अब उसका लंड काफ़ी बड़ा दिख रहा था. फिर वो भी नहाने चला गया और फिर उसके नहाकर आने के बाद हम घूमने चले गए और बाहर ही खाना खाया और शाम तक घूमते रहे. अब हम एक दूसरे के हाथों में हाथ लिए जा रहे थे. अब मुझे राहुल का साथ काफ़ी पसंद आ रहा था.
फिर हम एक डांस क्लब में गये और वहाँ जाकर हमने देखा कि काफ़ी लोग अपनी फ्रेंड्स के साथ इन्जॉय कर रहे है, कोई डांस कर रहा था, कोई ड्रिंक्स ले रहा था. अब में और राहुल भी एक दूसरे के साथ डांस करने लगे. फिर राहुल ने कहा कि चलो कोल्ड ड्रिंक पीते है. फिर राहुल ने कहा कि माँ हम बियर पी ले, तो मैंने मना कर दिया, लेकिन वो ज़िद करता रहा, तो मैंने कहा चलो ठीक है, लेकिन थोड़ी सी ही पीयेंगे और हम दोनों ने बियर पी ली और हम डांस करने लगे.
अब मुझे नशा सा होने लगा और हम दोनों काफ़ी पास हो कर डांस करने लगे थे. अब हम दोनों एक दूसरे की बाहों में बाहें डालकर डांस कर रहे थे. तब राहुल ने अपना एक हाथ मेरी कमर पर रखा और मुझे धीरे-धीरे पीछे से सहलाता रहा और एक हाथ मेरे पेट की साईड में रखते हुए मेरे कूल्हों तक ले गया और वो मेरे बिल्कुल पास आ गया था. उसका चेहरा बिल्कुल मेरी साईड में था और वो अपने गाल मेरे गालों से रगड़ रहा था.
फिर मैंने महसूस किया कि उसका लंड खड़ा हो गया है और मेरी जांघो पर रगड़ रहा है तो अब मेरे शरीर में एकदम से बिजली दौड़ गयी और में राहुल के साथ बिल्कुल चिपक गई और फिर वो अपने होंठो को मेरे होंठो के पास लाया और हम किस करने लगे. फिर कुछ देर किस करने के बाद हम वहां एक दूसरे के साथ चिपक कर डांस करते रहे. फिर थोड़ी देर के बाद हम घर पर आ गये. अब में बिल्कुल नशे में चल रही थी, फिर हम 11 बजे घर आए तो राहुल मुझे पकड़कर ला रहा था. वो मेरे साथ ही मेरे कमरे में आ गया.
अब हम दोनों बेड पर एक दूसरे की तरफ आकर लेट गये थे, तब राहुल ने मेरी आखों में देखा और कहा कि माँ आई लव यू. मैंने उसको स्माईल दी, लेकिन मैंने उसे कुछ नहीं कहा. फिर वो मेरे करीब आ गया और मेरे टॉप के ऊपर से ही मेरे पेट को सहलाने लगा. फिर उसने मेरे होंठो पर किस किया और फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे. ये किस काफ़ी लंबा था और अब हम एक दूसरे की जीभ को होंठो को चूस रहे थे.
फिर राहुल और में बैठ गए और अब वो मुझे किस करते हुए मेरे कपड़े उतारने लगा. पहले उसने मेरा टॉप निकाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स दबाने लगा. फिर उसने मेरी स्कर्ट भी निकाल दी और वो मुझे बुरी तरह से किस करने लगा. उसके बाद उसने अपने कपड़े भी उतारे और मेरे गले लगते हुए मेरे पीछे से ब्रा का हुक खोल दिया और मेरे बूब्स चूसने लगा. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर उसने मेरी पेंटी भी उतार फेंकी और मेरी चूत को देखने लगा और फिर साथ ही साथ मेरी जांघो पर किस करते हुए मेरी चूत को चाटने लगा. अब मुझे तो बड़ा मज़ा आने लगा था. अब मेरी सिसकारियाँ निकलने लगी थी और में उसका सिर पकड़कर अंदर की तरफ दबाने लगी. अब मेरा तो बुरा हाल हो गया था और अब में आआआआ राहुल बेटा बड़ा मज़ा आ रहा है, हाइईईई उईईइ की आवाज़े निकाल रही थी. उसके बाद राहुल अपना लंड मेरे मुँह के पास लाने लगा और मुँह में लेने को कहा तो में उसे मना करने लगी, लेकिन राहुल ने ज़बरदस्ती मेरे मुँह में अपना लंड डाल दिया और मेरे सिर को पकड़कर अंदर बाहर करने लगा.
अब मुझे लंड चूसने में मज़ा आने लगा था और कुछ देर लंड चूसने के बाद राहुल ने मुझे सीधा लेटा दिया और अपने लंबे लंड को मेरी चूत पर रखकर धक्का मारा. मेरी तो जान निकल गयी थी. आआआ राहुल बेटा आराम से में मर गयी उूउउफफफ्फ़, राहुल का लंड उसके पापा से भी लंबा और मोटा था. फिर मैंने ये नहीं सोचा था, अब मुझे बहुत दर्द हो रहा था, अब राहुल अपने लंड को मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा. और अब मेरी भी चीखे निकल रही थी, अयाया में मर गयी, आराम से उूउउइइइ माँ आआआअ, अब में बहुत चिल्ला रही थी, लेकिन कुछ देर के बाद मुझे भी मज़ा आने लगा और में अपनी गांड उठा उठाकर राहुल का साथ देने लगी और कुछ देर के बाद हम दोनों ने एक साथ पानी छोड़ दिया. फिर हम ऐसे ही लेटे रहे और उस रात राहुल ने मुझे कई बार चोदा और मेरी गांड भी मारी. अब हम दोनों ऐसे ही सेक्स करते रहे और अब तक भी कर रहे है.
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गर्लफ्रेंड की छोटी बहन की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम ऋषि है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 25 साल है. दोस्तों में आज अपनी कहानी आप सभी को सुनाने से पहले थोड़ा और अपने बारे में बता देता हूँ कि में दिल्ली में एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करता हूँ और एक फ्लेट में किराए से रहता हूँ.
दोस्तों यह उन दिनों की बात है जब मेरी गर्लफ्रेंड (चारू) इंटरव्यू के बहाने से कोलकाता से दिल्ली 7 दिन के लिए मेरे फ्लेट पर रहने आई थी और उसकी छोटी बहन जो करीब 22 साल की थी वो भी उसके साथ आई हुई थी, जिसका नाम संचीता था. दोस्तों संचीता और मेरी बात हमेशा फोन पर होती रहती थी और थोड़ा बहुत मस्ती मज़ाक भी चलता था, लेकिन वो सब कुछ बहुत कम था. अब मेरे पास आने से पहले संचीता ने मुझसे पूछा था कि में आपके लिए कोलकाता से क्या गिफ्ट लेकर आऊँ? तो मैंने उससे कहा था कि तुम अपने होने वाले जीजा को एक प्यारा सा स्मूच दे देना बस वही मेरा गिफ्ट होगा.
फिर वो दिन आ ही गया जब मेरी गर्लफ्रेंड और उसकी बहन संचीता मेरे घर पर आई. चारू से मिलकर तो मुझे बहुत खुशी हुई और उससे ज्यादा में संचीता को देखकर चकित हुआ. जिससे में तीन साल बाद मिल रहा था. संचीता थोड़ी सावली लड़की थी, लेकिन उसके चेहरे पर बहुत चमक थी.
उसकी हाईट करीब 5.2 होगी और वो बहुत पतली दुबली सी थी, लेकिन इस बार उसके चेहरे से पहले मेरी नज़र उसके बड़े बड़े बूब्स पर गई जो उसके छुपाए नहीं चुप रहे थे, मेरे ख्याल से उसके बूब्स का साईज़ 32 इंच होगा. जिसके थोड़े से दर्शन मुझे संचीता के गहरे गले वाले उस सूट ने करा दिए थे और जब वो मुझसे गले मिलने आई तो उसके आकार में बड़े बूब्स मेरी छाती पर ऐसे लगे जैसे कोई बम फट गया हो और गले मिलते हुए जब मेरे हाथ उसकी कमर पर गये तो मुझे एहसास हो गया कि इसकी गांड भी बहुत भरी हुई है क्योंकि मेरे हाथ का आधा हिस्सा उसकी गांड के उभार पर छू रहा था.
दोस्तों हमारा पहला दिन एकदम ठीकठाक रहा और फिर रात को मेरा एक रूम का फ्लॅट होने के कारण हम लोगों को एक ही बेड पर सोना पड़ा था. मेरे और संचीता के बीच में मेरी गर्लफ्रेंड सोई हुई थी जिसे मैंने हर रात चोदा.
संचीता के सो जाने के बाद उस पहली रात को अपनी गर्लफ्रेंड से सेक्स करने के बाद जब में बाथरूम गया और मैंने आते वक़्त लाईट को जलाया तो देखा कि संचीता की वो छोटी सी पेंट जो की बहुत ढीली सी थी बिल्कुल ऊपर आ गई है और उसने अपना पैर इस तरह से रखा हुआ था कि मुझे उसकी जाँघ के अंदर का हिस्सा साफ साफ नज़र आ रहा है जो कि सबसे ज्यादा आकर्षक होता है और उसकी टी-शर्ट में से उसका बूब्स नज़र आ रहे थे और मैंने यह भी गौर किया कि उसके बूब्स के निप्पल कपड़ो के ऊपर से उभरे हुए थे और फिर में समझ गया कि उसने सोने से पहले अपनी ब्रा को उतार दिया है. में भी लाईट बंद करके लेट गया, लेकिन मेरा दिल और दिमाग़ संचीता के बूब्स और गांड को छूने के बारे में दौड़ रहा था और ना जाने कब में उसके बारे में सोचता सोचता सो गया.
अगले दिन सुबह जब मैंने उठकर देखा तो उस समय चारू घर पर नहीं थी. फिर मैंने सही मौका देखकर संचीता से अपने किस वाले गिफ्ट के बारे में पूछा तो वो मेरी बात को हंसकर टाल गई और फिर मैंने उससे नाराज़ होने का नाटक सा किया तो उसने झट से मेरे गाल पर एक किस दे दिया. तभी मैंने भी उसे फट से पकड़कर स्मूच कर लिया और फिर मैंने उससे कहा कि मुझे अपना गिफ्ट लेना अच्छी तरह से आता है और जब भी मेरा दिल करेगा तब में ले लूँगा.
दोस्तों संचीता पहले तो अचानक से बहुत घबरा गई, लेकिन फिर शरमाकर टीवी देखने लगी और अब मैंने उसको थोड़ा रुक रुककर तीन चार बार मज़ाक करते करते स्मूच किया, लेकिन उसने मुझसे हमेशा मुस्कुराकर दूर हटने का नाटक किया, जिसकी वजह से मेरी हिम्मत अब बढ़ती जा रही थी और संचीता भी इस हरकत को मेरी बदमाशी समझती रही क्योंकि में हमारी हर बात में जीजा साली की बात करता था.
दोपहर को संचीता लेटकर एक किताब पड़ रही थी और में टीवी देख रहा था कि तभी अचानक मेरा ध्यान उसकी गांड पर से उसके सूट पर गया. मुझे उसकी गोरी जांघो के साथ साथ गांड का पूरा आकार नज़र आ रहा था, जिसको देखकर मेरा दिल तो ऐसा कर रहा था कि में अपना लंड उसकी गांड में उसके कपड़ो के ऊपर से ही डाल दूँ और उसे इतना जमकर चोदूँ कि उसकी गांड फट जाए.
अब में उसके पास सरककर लेट गया और उसे स्मूच करने के लिए अपनी तरफ खींचने लगा, लेकिन संचीता मुझे हर बार धक्का मार रही थी और इसी खींचा-तानी में मेरा हाथ उसके बूब्स पर चला गया और मैंने भी एक अच्छा मौका देखकर उसे ज़ोर से दबा दिया. संचीता के मुहं से आईईई उफफ्फ़ की आवाज़ निकली और उसने दर्द की वजह से अपनी दोनों आँखे बंद कर ली और अब में भी घबराने लगा कि यह कहीं अपनी दीदी को यह सब ना बता दे? में अब बहुत भोला बनकर उसके पास में बैठकर उससे बोला कि प्लीज मुझे माफ़ कर दो, अगर तुम्हे मेरी किसी बात का बुरा लगा हो तो? दोस्तों मैंने पहले से ही सोच लिया था कि अगर संचीता ने मुझे तमाचा मारा तो में चुपचाप माफी माँग लूँगा और उससे अपनी दीदी को ना बताने के लिए आग्रह करूंगा.
अब संचीता ने मुझे बहुत गुस्से से देखा और वो अपने दोनों हाथों से अपने गोल गोल बूब्स को सहलाते हुए बोली कि आईई माँ बहुत दर्द हो रहा है, वैसे यह कोई बुरा मानने वाली बात नहीं है, लेकिन क्या कोई इतनी ज़ोर से दबाता है? इसके दर्द ने मेरे पूरे बदन में एक अजीब सा दर्द पैदा कर दिया है. अब में क्या करूं उह्ह्हह्ह माँ मर गई. दोस्तों में उसके मुहं से यह बात सुनकर समझ गया कि में बच गया और मैंने झट से मज़ाक में हंसते हुए उसके दूसरे बूब्स को धीरे से सहलाकर पूछा कि में सब दर्द ठीक कर दूंगा और अब हम दोनों बेड पर ही एक दूसरे से मज़ाक में लड़ने झगड़ने लगे. दोस्तों सच पूछो तो में आज ऐसा कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहता था.
जब में उसके जिस्म के किसी भी हिस्से को इतने आराम से छू सकूं और अब झगड़ते समय भी मैंने कई बार उसकी पीठ पर, उसकी जाँघ पर, उसके बड़े बड़े बूब्स पर और थोड़ा बहुत उसकी गांड के कुछ हिस्सो को अपने हाथों से सहलाया, मसला और धीरे से दबाया और अब मेरी हिम्मत इतनी बड़ गई थी कि चारू के रूम में होने के बावजूद भी मैंने किचन में एक बार संचीता को ज़मीन पर लेटा दिया और उसके बूब्स को मसलते हुए उसको स्मूच किया, लेकिन संचीता ने भी इन सारी बातों को एक जीजा साली की मज़ाक मस्ती में समझकर लिया और उसने चारू को कुछ नहीं कहा.
फिर दूसरी रात को चारू के साथ सेक्स करने के बाद जब में उठकर बाथरूम से वापस आया और मैंने संचीता को फिर से वैसे ही सोया हुआ देखा तो मेरा झड़ा हुआ लंड धीरे धीरे जोश में आने लगा.
में चुपचाप जाकर चारू के पास में लेट गया और अब में इंतज़ार करने लगा कि जब चारू गहरी नींद में सो जाए तब में कुछ करूं और फिर रात के करीब दो बजे में चुपके से संचीता के पास जाकर लेट गया और मैंने अपनी दो उँगलियों से उसके शरीर को छुआ जिससे मुझे पता चल जाए कि वो जाग रही है या सो रही है और जब मुझे पक्का विश्वास हो गया कि वो भी अब गहरी नींद में है तो मैंने धीरे से अपना पूरा हाथ उसकी टी-शर्ट के ऊपर से उसके बूब्स पर रख दिया और बिल्कुल हल्के हल्के दबाने लगा. दोस्तों में कसम से बता रहा हूँ कि उसके वो बीना ब्रा के 5-5 किलो के बूब्स ऐसे तनकर खड़े थे कि में आप सभी को शब्दों में नहीं बता सकता?
अब में धीरे धीरे अपने एक हाथ से उसकी निक्कर को ऊपर खींचने लगा जिससे उसके पूरे पैर नज़र आ जाए और अब मैंने धीरे से अपना पूरा हाथ उसकी जाँघ के अंदर वाली साईड पर रखा. मेरा दिल तो कर रहा था कि में उसकी जाँघ को दांतो से काट लूँ और अब मैंने धीरे धीरे अपनी दो उँगलियों को उसके निक्कर के नीचे से उसकी पेंटी में डाल दिया, लेकिन अब संचीता नींद में थोड़ी हिलने लगी तो में झट से अपना हाथ बाहर निकालकर सोने का नाटक करने लगा.
संचीता अब भी गहरी नींद में थी और थोड़ी देर बाद मैंने अपनी आधी पेंट को पूरा ऊपर खींच लिया और अपने पैर धीरे से उसके पैर के ऊपर रख दिए. जिससे मेरी चमड़ी उसकी चमड़ी से चिपके और जिसे वो भी नींद में महसूस करे. फिर मैंने देखा कि उसकी तरफ से कोई हरकत नहीं हो रही है और संचीता अभी भी नींद में है तो मैंने अपने लंड को उसके कूल्हों से चिपका दिया और अब तो मुझे अपने आपको रोकना बहुत मुश्किल हो रहा था और में घबराहट से थोड़ा थोड़ा कांपने भी लगा था. फिर में धीरे धीरे उसकी टी-शर्ट को ऊपर उठाने लगा और मेरी दस मिनट की मेहनत के बाद मैंने उसकी टी-शर्ट को उसके निप्पल से ऊपर कर दिया था.
दोस्तों पहले तो में धीरे से अपने चेहरे को उसके बूब्स से छूने लगा और अब में उसके निप्पल का वो उभार और उसके बूब्स की गर्माहट अपने चेहरे पर महसूस कर रहा था और कुछ सेकेंड्स के बाद मैंने धीरे से अपने एक हाथ से उसके निप्पल को दबाया और ज्यादा से ज्यादा तीन चार बार सक के बाद ही मुझे लगा कि संचीता की नींद अब टूट रही है और में झट से चारू के ऊपर से कूदकर दूसरी साइड में जाकर सो गया. फिर तीसरी सुबह चारू जल्दी उठकर अपने इंटरव्यू के लिए जा चुकी थी और अब घर पर में और संचीता दोनों सो रहे थे. सुबह दस बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि संचीता अभी भी सो रही है. मैंने उसे नींद से तो जगा दिया था, लेकिन उसने अपनी आँखे अभी भी नहीं खोली थी. मैंने उस मौके का फायदा उठाने के लिए मन में ठान ली थी क्योंकि वो अभी भी बिना ब्रा के ही लेटी हुई थी और अब में उसके पास में लेटकर उसे छेड़ने लगा और उसके गाल पर किस करने लगा.
फिर कुछ देर बाद उसने मुझसे परेशान होकर दूसरी साइड की करवट ली और अब वो अपनी पीठ मेरी तरफ करके लेट गई. मैंने झट से अपना लंड उसकी मोटी गांड पर चिपकाकर उसके ऊपर अपना एक पैर रख लिया और उसे परेशान करने लगा. दोस्तों मुझे अब पूरा विश्वास था कि उसको मेरे खड़े लंड का अहसास उसकी गांड पर हो रहा होगा, लेकिन उसने अब तक मुझसे कुछ नहीं कहा और में मन ही मन बहुत खुश था. फिर मैंने अपना एक हाथ धीरे से उसकी छाती पर रख दिया और अब हल्के से दबाने लगा, जिसकी वजह से संचीता को तो मानो जैसे करंट सा लग गया और वो झटके से उठ गई और फिर हंसते हुए मुझसे कहने लगी कि आप सुधरोगे नहीं क्या? जिसकी वजह से मेरी हिम्मत के साथ उसे चोदने की उम्मीद भी अब बड़ती जा रही थी. फिर वॉशरूम से फ्रेश होकर और अपनी ब्रा को पहनकर संचीता वापस आ कमरे में गई.
फिर हम साथ में नाश्ता करके टीवी देखने लगे और इस बीच मैंने संचीता को दो तीन बार किस कर लिया था और अब में उससे मज़ाक कर रहा था और मज़ाक ही मज़ाक में मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे निप्पल हमेशा खड़े क्यों रहते है? और मेरे मुहं से यह बात सुनकर वो बहुत शरमा रही थी और अब नहाने जाने से पहले उसने मुझे उसके बालों में तेल लगाने को कहा. टीवी देखते देखते में उसके बालों में तेल लगा रहा था, लेकिन मेरा पूरा ध्यान तो ऊपर से नज़र आ रहे उसके बूब्स के बीच की उस लाईन पर टिकी हुई थी. मैंने अब बड़े प्यार से आश्चर्य से पूछा कि संचीता तुम्हारी त्वचा कितनी सूख गई है और मैंने थोड़ा सा तेल उसके गर्दन के आसपास वाली त्वचा पर लगा दिया और अब में थोड़ा गुस्से से बोला कि तुम अपना ख्याल नहीं रखती और उसी गुस्से से मैंने उसके हाथों पर तेल लगाना शुरू कर दिया. संचीता ने भी मुझसे कुछ नहीं बोला.
अब में उसके दोनों हाथों की मालिश करते हुए मैंने उसकी टी-शर्ट को एक तरफ से पूरी ऊपर उठा दी और अब मुझे संचीता की सफेद ब्रा की डोरी भी साफ साफ नज़र आ रही थी. मैंने बड़े प्यारे अंदाज़ में उसकी ब्रा की डोरी को थोड़ा नीचे करके वहां पर भी तेल लगाया और फिर उसे ठीक कर दिया और में तेल लगाते लगाते बोला कि हे भगवान पूरा हाथ और पीठ की त्वचा सुखी हो गई है और अब मैंने संचीता को नीचे लेटने के लिए बोला और उससे कहा कि तुम अपनी टी-शर्ट को थोड़ा ऊपर कर लो ताकि में तेल लगा दूँ. दोस्तों पहले तो वो थोड़ा इनकार करने लगी, लेकिन मेरे थोड़ा ज़ोर डालने पर वो मान गई और अब वो उल्टा लेटकर टीवी देख रही थी. फिर मैंने धीरे धीरे उसकी पीठ पर मालिश करना शुरू कर दिया था और कुछ देर बाद मालिश करते करते मैंने उसकी पूरी टी-शर्ट को ऊपर उठा दिया था उसकी वो सफेद कलर की ब्रा अब मुझे बिल्कुल साफ साफ नज़र आ रही थी और अब मेरी हिम्मत इतनी बढ़ गई थी कि मैंने बहान बनाकर उसकी बहुत अच्छी तरह मालिश शुरू कर दी. में अब उसकी गांड के ऊपर चड़ गया और मैंने अपने एक हाथ से उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया.
संचीता एकदम से घबराकर बोलने लगी कि तुम यह क्या कर रहे हो, मुझे ऐसे शरम आ रही है? अब मैंने गुस्से में कहा कि एक तो तुम अपना बिल्कुल भी ख्याल रखती नहीं हो और में मालिश कर रहा हूँ तो शरमा रही हो और मैंने उठकर लाईट को बंद कर दिया और में वापस आकर उसकी गांड के बीच में अपने लंड को फंसाकर बैठ गया और ठीक तरह से बैठने के बहाने से मैंने दो तीन बार अपने लंड को उसकी गांड में रगड़ दिया. संचीता टीवी देखने में व्यस्त थी और में अपना लंड रगड़ रगड़कर उसकी पीठ की मालिश कर रहा था. दोस्तों मेरा तो दिल कर रहा था कि उसकी पीठ को चूम लूँ और उससे चिपक जाऊँ और अब में धीरे धीरे नीचे की तरफ जाकर उसके पैरों की मालिश करने लगा.
दोस्तों में शब्दों में बता नहीं सकता हूँ कि मुझे उस समय कैसा महसूस हो रहा था जब मेरे दोनों हाथ उसके पूरे पैरों पर तेल लगा रहे थे और उसकी वो छोटी सी पेंट बहुत ढीली होने के कारण मेरे हाथ उसकी जाँघो के बाद उसकी गांड को छू रहे थे, लेकिन अब मुझे बिल्कुल भी समझ नहीं आ रहा था कि में उसकी वो छोटी सी पैंट (निक्कर) को कैसे उतरवाऊँ? फिर मैंने उससे थोड़ा एक साईड करवट लेकर लेटने को कहा और जैसे हो वो एक साईड में हुई तो उसकी खुली हुई ब्रा तो नीचे ही रह गई, लेकिन उसके बूब्स अब बंद लाईट में भी ऐसे चमक रहे थे जैसे कोई हीरा चमक रहा हो.
मेरा दिल तो बहुत कर रहा था कि में उसका वो पूरा का पूरा बूब्स अपने मुहं में दबाकर उसका सारा दूध निकाल लूँ और मेरा मन करने लगा कि में सारा तेल उसके बूब्स पर लगाकर उसके ऊपर बैठकर उसकी मालिश कर दूँ, लेकिन मैंने उसे बहुत सीधे तरीके से लिया जैसे कि मुझे उससे कुछ फ़र्क नहीं पड़ता और मैंने उसके पेट पर तेल लगाना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद मैंने उसकी ब्रा को पूरा निकाल दिया और अपने आप पर बहुत ज्यादा कंट्रोल के साथ मैंने अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स की मालिश शुरू कर दी.
दोस्तों पहले तो संचीता यह सब देखकर थोड़ी टेंशन में थी कि वो यह क्या कर रही है? लेकिन मुझे लगता है कि मेरे अच्छे व्यहवार ने उसे ज्यादा कुछ सोचने नहीं दिया और कंट्रोल करते करते भी मैंने पांच, सात बार उसके बूब्स और निप्पल को थोड़ा ज़ोर से दबा ही दिया. फिर थोड़ी देर बाद मुझे लगने लगा कि अब संचीता को भी अच्छा लग रहा है और थोड़ी देर तक उसके बूब्स की मालिश करने के बाद मैंने उससे कहा कि तुम थोड़ा अपने निक्कर को नीचे कर लो जिससे में पूरी तरह तुम्हारी मालिश कर दूँ और फिर उसके ना ना कहते कहते मैंने अपने हाथ से उसकी उस छोटी सी पेंट को खींचकर नीचे कर दिया था.
दोस्तों उसकी उस गुलाबी कलर की पेंटी में उसकी गांड क्या मस्त सेक्सी और भरी हुई लग रही थी, लेकिन अब मुझसे रह नहीं गया और मैंने सीधे ही उसकी गांड से थोड़ा नीचे तेल डाल कर मालिश शुरू कर दी और अपना हाथ पेंटी के अंदर डालकर पूरी गांड को जी भरकर दबाया और यह कहते हुए कि पेंटी में तेल ना लग जाए उसे भी नीचे सरका दिया और अब उसकी जाँघ पर बैठकर उसकी गांड की बहुत मालिश की, संचीता हंसते हंसते बोल रही थी आपने तो मुझे पूरा नंगा कर दिया, अब तो छोड़ दो मुझे.
मैंने दिल ही दिल में कहा कि में छोड़ तो दूँगा, लेकिन पहले चोदूंगा जब छोड़ दूँगा. मालिश के साथ साथ हम दोनों टीवी पर आ रही फिल्म की भी बातें कर रहे थे और बात करते करते मैंने एक साईड से कूल्हों की मालिश शुरू कर दी थी. में उसकी जाँघो पर बैठा हुआ था और मेरा लंड उसकी जाँघ पर ऐसे दब रहा था कि जैसे उसके मुहं में घुसा हुआ हो. फिर फिल्म की बात करते करते मैंने उसको पैर उठाने को कहा ताकि में उसकी जाँघ की भी मालिश ठीक से कर दूँ और अब में ऐसे बैठा हुआ था कि उसकी चूत के काले काले बाल और उसकी चूत मुझे बिल्कुल साफ नज़र आ रही थी और फिर मालिश और बातें करते करते मैंने अपनी दो उँगलियों को उसकी चूत में डाल दिया.
दोस्तों मैंने महसूस किया कि उसकी चूत एकदम जलते हुए तवे की तरह बिल्कुल गरम थी. मैंने तो मन बना रखा था कि में सबसे पहले उसको अपनी जीभ से चाटूंगा और फिर उसके बाद अपना लंड अंदर डाल दूँगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं क्योंकि जैसे ही मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली तो वो एकदम से घबराकर उठ गई और बाथरूम में नहाने के लिए भाग गई और अब आग मेरे अंदर भी इतनी ही भड़क चुकी थी. में अब या तो संचीता को चोदता या वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसकर मेरे वीर्य को बाहर निकल दे.
में भी उसके पीछे गया तो मैंने देखा कि उसने बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया है और पांच मिनट तक मैंने बहुत ध्यान से सुना, लेकिन मुझे कुछ भी आवाज़ नहीं आ रही थी. मैंने अब अपने कपड़े उतार लिए थे कि में आज तो इसे चोदकर ही रहूँगा. फिर मैंने बाहर से उससे पूछा कि क्या हुआ? तो संचीता ने कुछ नहीं बोला और कुछ देर बाद कहा कि में अभी नहाकर आती हूँ.
मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन पहले दो मिनट के लिए खोल दो मुझे हाथ धोना है. दोस्तों पहले तो उसने मुझसे ना कहा और फिर कुछ देर बाद कहा कि ठीक है आकर धो लो, लेकिन मेरी तरफ मत देखना. दोस्तों मैंने तो पहले से ही सोच रखा था कि मुझे दरवाजा खोलकर क्या क्या करना है? और जैसे ही उसने दरवाजा खोला तो में उसके सामने जाकर खड़ा हो गया. वो मुझे पूरा नंगा देखकर कहने लगी कि यह सब क्या कर रहे हो आप?
दोस्तों अब हम दोनों बिना कपड़ो के थे और मैंने जैसे ही संचीता को पीछे से पकड़ा तो वो छटपटाने लगी, लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और उसके ना ना कहने के बाद भी में उसे उठाकर बाहर ले आया और अब मैंने उससे बड़ी ही उदास आवाज में पूछा कि तुम्हे क्या मेरा छूना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता? तो संचीता ने कहा कि नहीं वो बात नहीं है, लेकिन दीदी इस बारे में क्या सोचेगी? मैंने उसे समझाया कि यह सब बातें बताने वाली थोड़ी है जो तुम्हारी दीदी को पता चलेगा.
फिर मैंने अपने एक हाथ से उसके बूब्स को मसलना शुरू किया और दूसरा हाथ जैसे ही उसकी चूत के ऊपर रखा तो उसको बिल्कुल भी होश नहीं था. उसके पैर अब धीरे धीरे खुलते गए और मेरे हाथ उसकी चूत के अंदर जाने लगे और थोड़ी देर बाद मैंने उसे अपना लंड पकड़ा दिया, जिसका साईज़ करीब 8 इंच होगा. फिर उसने मेरे लंड को अपने मुहं मे डालने के बाद ऐसे चूसना शुरू किया जैसे कोई भूखी शेरनी को माँस का टुकड़ा मिल गया हो और आज लाईफ में पहली बार किसी लड़की ने मेरे लंड के साथ मेरे आंड को भी चूसा और चूसते चूसते जो सूप सूप सूप की आवाज़ उसके मुहं से आ रही थी वो मुझे और भूखा बना रही थी और अब बारी थी मेरे लंड से उसकी चूत की चुदाई की और फिर में समझ गया कि संचीता अब पूरी तरह मूड में है.
मैंने उससे कहा कि वो मेरे ऊपर आकर बैठ जाए और फिर उसने वैसा ही किया और उसने मेरे ऊपर बैठकर मेरे लंड को एक हाथ से पकड़कर अपनी चूत में डाल दिया और मेरे कंधो को पकड़कर ऊपर नीचे होने लगी. लंड के थोड़ा अंदर जाते ही वो एकदम ज़ोर से चीखने लगी और वो एक जगह पर बिना हिले रुक गई, शायद वो अपनी चूत में मेरे लंड से टूटी अपनी सील को महसूस कर रही थी और फिर कुछ देर बाद जब उसका दर्द कम हुआ तो वो धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी और में उसकी कमर पर अपने हाथ रखकर उसे सहारा देना लगा. फिर तीन चार मिनट के बाद मैंने उसको नीचे आने को कहा.
अब मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और अपना पूरा लंड उसकी चूत के अंदर एक ही ज़ोर के धक्के में डाल दिया, लेकिन जैसे जैसे में अपना लंड, चूत के अंदर बाहर करता तो वो भी अपनी कमर को ऊपर उठा देती, जिसकी वजह से लंड चूत के अंदर पूरा घुस जाए और में धीरे धीरे धक्के देने लगा, लेकिन कुछ देर बाद मैंने संचीता को डॉगी स्टाइल के लिए कहा, लेकिन पहले तो उसने साफ मना किया और फिर मान गई. फिर मैंने उसकी गांड की तरफ से अपना लंड डालना शुरू किया.
में उसकी मोटी मोटी गांड पर हाथ फेरते हुए उसमें अपना लंड डाल रहा था और जब उसकी गांड मेरे लंड के आख़िरी हिस्से से लगती तो बस मज़ा ही आ जाता था. इस तरह उसे चोदते हुए उसके लटके हुए बूब्स को पकड़ने का मज़ा भी बहुत अजीब था. दोस्तों मैंने संचीता को करीब 25 मिनट तक लगातार चोदा और फिर मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में ही डाल दिया. दोस्तों अब उसकी खुशी का तो ठिकाना नहीं था और मेरे भी दिल की तमन्ना उसे चोदने की अब पूरी हो गई थी. अब उसके बाद शाम होने तक मैंने उसे चार बार और चोदा और जब तक वो मेरे फ्लेट पर रही हर दिन में उसकी चुदाई करता रहा और संचीता को मेरा उसकी चूत के बालों को अपने हाथों से खींचना बहुत अच्छा लगता था. फिर उनके जाने वाले दिन मैंने उसे कहा कि संचीता तुम बहुत अच्छी हो और तुमको चोदने का यह एहसास ज़िंदगी भर मेरे साथ रहेगा. तुम्हारी जैसी चुदक्कड़ साली किसी किसी को हो मिलती है. मेरी चुदक्कड़ रांड साली संचीता मेरा लंड हमेशा तुम्हारे मुहं में घुसने को बेताब रहेगा और मेरा सिर्फ इतना कहना था कि संचीता ने सबसे नज़र बचाते हुए मेरे लंड पर ज़ोर से मारा और कहा कि जब तक में दोबारा नहीं आती तुम इसकी मालिश करते रहना. दोस्तों यह थी मेरी गर्लफ्रेंड की छोटी बहन की चुदाई.
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भाभी के बाद उसकी बहन के साथ

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राकेश है और में दूसरी बार आपके सामने अपनी कहानी लेकर आया हूँ. दोस्तों में भाभी की खूब चुदाई करता था और वो भी मुझसे चुदना काफ़ी पसंद करती थी. उस दौरान गर्मी की छुट्टियों में भाभी की छोटी बहन रीना भाभी के घर रहने आई. एक दिन में सवेरे भाभी के घर कोई काम से बैठा था तो मैंने देखा कि एक मस्त लड़की बैठी थी.
मैंने भाभी से पूछा यह कौन है? तो उन्होंने कहा कि ये मेरी बहन है, छुट्टियों में रहने आई है. यह सुनकर तो मेरा सारा मूड खराब हो गया क्योंकि 2-3 दिन के बाद ही भाभी के पति कहीं टूर पर जाने वाले थे. भाभी ने मुझे बैठाया और चाय के लिए पूछा तो मैंने नाराज़ होकर मना कर दिया. फिर उतनी देर में भैया आए और बोले अब तुम्हें ही इन दोनों को संभालना है और रीना मेरी प्यारी साली है उसका तो खास ध्यान रखना और इसे कहीं घुमाने ले जाना. मैंने अपना सिर हाँ में हिला दिया.
फिर 3-4 दिन के बाद भाभी का फोन आया कि क्या हुआ तुम तो आते ही नहीं हो? नाराज़ हो क्या? तो मैंने कहा क्या यार आपने आपकी बहन को बुला लिया है तो में कैसे आ सकता हूँ? तो भाभी बोली आज शाम को घर पर आ जाओ, हम साथ में मूवी देखने जायेंगे और खाना भी खायेंगे. फिर शाम को में उनके घर गया तो वो दोनों तैयार होकर बैठी थी.
भाभी की बहन तो कयामत लगती थी, बड़े-बड़े बूब्स उसकी टी-शर्ट में से बाहर आने को उतावले हो रहे थे. फिर मैंने ऐसे ही मज़ाक में कहा कि आप दोनों आज बहुत सुंदर दिख रही हो तो भाभी की बहन ने कहा कि आप शादीशुदा औरतों से फ्लर्ट करते हो. रीना के बूब्स भाभी के बूब्स से काफ़ी बड़े थे. अब में तो उसको देख रहा था और रीना जीन्स टी-शर्ट में बहुत क़यामत लग रही थी.
फिर हम लोग मूवी देखने गये और हमें ट्रेफिक की वजह से थोड़ी देर भी हो गयी थी. अब मूवी चालू हो गयी थी. अब में अंधेरे में रीना से 2-3 बार टच हो गया था. में उन दोनों के बीच में बैठा था और वो दोनों मेरे आजू बाजू बैठी थी. अब मेरा और रीना का हाथ मूवी में काफ़ी बार टच हुआ, कई बार तो मैंने जानबूझ कर उसके हाथ को टच किया. अब मूवी के बाद हम जब डिनर कर रहे थे, तब रीना बोली कि आपको मूवी में खूब मज़ा आया ना. फिर मैंने कहा कि जब इतनी खूबसूरत औरतें बाजू में हो तो मज़ा तो आयेगा ही ना. फिर रीना बोली कि तुम काफ़ी शरारती हो. मैंने कहा कि मैंने आपसे कौन सी शरारत की यार? लेकिन अगर आप शरारत का एक मौका दे तो में करने के लिए तैयार हूँ.
फिर वो खूब हंसी और अब डिनर करते समय काफ़ी बार उसका पैर मेरे पैरो से टकराया. अब मुझे थोड़ा अजीब लगा, लेकिन साथ में खुश था कि शायद मुझे यह बूब्स चूसने को मिल जाए. अब डिनर के टाईम मैंने जानबूझ कर उसके पैर पर अपना पैर रख दिया. उसने मेरे सामने देखा और चुपचाप खाना खाने लगी. अब मेरी हिम्मत और बढ़ गयी. फिर जब वो खाना खाकर वॉशरूम में जा रही थी तो उसने मेरे सामने कुछ शरारत भरी नज़रो से देखा और वॉशरूम में चली गयी.
अब में भी उसके पीछे- पीछे वॉशरूम में गया और वो मुझे देखकर बोलने लगी कि तुम बाहर क्या कर रहे थे? अगर दीदी देख लेती तो. फिर मैंने उससे सॉरी कहा और फिर वो पीछे मुड़कर हाथ धोने लगी तो मैंने धीरे से उसकी गांड पर हाथ फैरा. फिर वो सीधी हो गयी और बोली कि तुम्हें शर्म नहीं आती क्या? मैंने कहा कि आपको देखकर शर्म छूट गयी है यार. रीना अचानक बोली कि क्या देखकर? तो मैंने उसके बूब्स पर इशारा किया. फिर इतनी देर में भाभी आई और बोली तुम दोनों अंदर क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कुछ नहीं भाभी हाथ धो रहे थे.
फिर दूसरे दिन में कॉलेज से आया और भाभी का फोन आया और बोली कि घर आ जाओ मुझे थोड़ा काम है और रीना घर पर अकेली है तो तुम जब तक उसको कंपनी दो. मैंने कहा ठीक है. फिर में भाभी के घर गया तो रीना ने दरवाजा खोला, वो जब टी-शर्ट और शॉर्ट पहनकर खड़ी थी. फिर मैंने कहा कि आज तो आप क़यामत लग रही हो.
फिर उतने में भाभी आई और बोली कि में 20 मिनट में आ रही हूँ तुम इधर ही रहना, वो इतना कहकर निकल गयी. फिर मैंने झट से गेट बंद कर दिया और सोफे पर जा कर बैठ गया. फिर रीना आई और मेरी बाजू में बैठ गयी और बोली कि कल तुमने बहुत शरारत की. मैंने कहा कि आपको देखकर शरारत अपने आप हो जाती है. उसने कहा कि क्या देखकर? तो मैंने कहा कि आपके 36 साईज के बूब्स देखकर. उसने कहा कि कभी ऐसे देखे है. मैंने कहा कि मेरा कहा ऐसा नसीब है.
फिर उसने कहा कि कल आपने मेरी पीठ पर हाथ क्यों फेरा था? तो मैंने कहा कि अगर इतनी अच्छी और मोटी गांड सामने हो तो भला कोई कैसे काबू रख सकता है? तो वो शरमा कर बोली और मेरे में क्या अच्छा है? तो मैंने कहा कि आपके बूब्स, तो वो शरमा गई और बोली कि तुम बहुत शैतान हो. फिर मैंने कहा कि रीना एक बार दिखाओ ना.
उसने कहा कि नहीं दीदी आ जायेगी. फिर मैंने बिना टाईम ख़राब किए उसकी टी-शर्ट ऊपर कर दी और ज़ोर-ज़ोर से उसके बूब्स दबाने लगा. अब में उसके बूब्स इतने ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था कि वो चीख रही थी. फिर उसने कहा कि इतनी जल्दी में क्यों हो? धीरे से दबाओ. अब वो मुझे रूम में ले गयी और अपनी टी-शर्ट और ब्रा उतार दी. में पहली बार अपनी लाईफ में इतने बड़े बूब्स देख रहा था. अब में अपने दोनों हाथों से पकड़कर उसके बूब्स चूस रहा था और अब में मेरा एक हाथ उसकी शॉर्ट में डालकर उसकी चूत में अपनी उंगली अन्दर बाहर कर रहा था.
अब वो सिसकियां ले रही थी सस्स्स्स्सस्स आआहह, अब वो चिल्ला रही थी. फिर वो नीचे बैठकर मेरी पेंट कि चैन खोलकर मेरे लंड को बाहर निकालकर ऐसे चूस रही थी जैसे लोग आम चूसते है. अब वो कभी मेरे लंड को अपने मुँह में रखती तो कभी बाहर निकालती. अब हम दोनों एक दूसरे को खूब चूस रहे थे. फिर अब मैंने उसके बूब्स को चूसकर पूरा लाल कर दिया था. फिर वो बेड पर सो गयी और अपनी दोनों टाँगे फैलाकर मुझे उसके ऊपर आने का निमंत्रण दे रही थी.
फिर वो बोली कि बस अब अंडर डाल दो. फिर उसने मेरा लंड पकड़कर उसकी चूत पर रख दिया और फिर मैंने एक ज़ोर से धक्का दिया तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में अन्दर चला गया. अब वो भी उछल उछलकर मेरा साथ दे रही थी. फिर काफ़ी देर तक हम चुदाई करते रहे. वो कभी मेरे ऊपर आती तो कभी डॉगी स्टाइल में चुदवाती. अब मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने उससे कहा कि कहाँ निकालूं? तो उसने कहा कि अंदर ही निकाल दो. फिर कुछ देर के बाद मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में डाल दिया. अब वो बहुत खुश थी और मेरे सिर को चूम रही थी. फिर उतनी देर में रीना बोली कि जल्दी करो दीदी आ जायेगी. अब हमने बाथरूम में जाकर सब कुछ साफ़ कर लिया था.
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