दीदी ने एक डॉक्टर से चुदवाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अनुप है. दोस्तों में आज अपनी एक सच्ची घटना बनाते जा रहा हूँ. यह मेरी बहन के बारे में है और उसका नाम अल्का है. दोस्तों अल्का मुझसे उम्र में 7 साल बड़ी है और उसकी शादी भी हो चुकी है और उसके दो लड़कियाँ भी है. उसकी शादी से पहले उसका एक लड़के के साथ चक्कर था जिसके बारे में मेरे घर पर सभी घरवालों को पता चल गया और उसी बात की वजह से उसकी शादी जल्द ही मेरे बहुत दूर के रिश्ते में मामा के बेटे से करावा दी थी.
उसका फिगर दिखने में बहुत अच्छा है और हर कोई उसके मस्त बड़े बड़े बूब्स, मोटी गांड गोल चेहरे को देखकर उसका दीवाना हो जाता था. दोस्तों यह बात तब की है जब मेरे चाचाजी का स्वर्गवास हो गया था और अल्का दीदी अपने परिवार के साथ वहां पर बैठने के लिए आई थी. दो दिन रहने के बाद जीजू बेटियों के साथ वापस चले गये और अल्का दीदी हमारे साथ हमारे घर पर रुक गई और करीब 7 दिन बाद उनको अचानक से एक दिन अपनी कमर में दर्द होना शुरू हो गया. तब माँ ने उसे पड़ोस वाले एक डॉक्टर के पास जाने के लिए बोला. वो डॉक्टर पास के एक गावं में सरकारी अस्पताल का ऑफिसर था और वो अपने घर पर भी अपना एक क्लिनिक चला रहा था.
एक दिन में जब अपने कॉलेज से वापस आ रहा था तो मैंने अपनी अल्का दीदी को डॉक्टर के क्लिनिक में जाते हुए देखा. दोस्तों उस डॉक्टर और मेरी चाची की चुदाई मैंने कई बार देखी थी. मेरी चाची का नाम वर्षा है और वो बहुत बड़ी चुड़क्कड़ भी है उस डॉक्टर की उम्र करीब 40 के आसपास थी. अब में अपने घर पर पहुंचा और फिर में कुछ देर बाद फ्रेश होकर क्लिनिक पर पहुँचा
मैंने देखा कि मेरी दीदी का नंबर आया और वो अंदर चली गई, उनके जाने के बाद कोई और मरीज वहां पर नहीं था इसलिए डॉक्टर ने दरवाजा बंद कर दिया. अब मुझे ना जाने क्यों शक हुआ. में उठकर तुरंत खिड़की के पास चला गया जो कि हमारे मकान की तरफ थी. मैंने उसके अंदर झांककर देखा तो मेरी दीदी उस डॉक्टर के सामने एक कुर्सी पर बैठी हुई थी और फिर डॉक्टर ने उनसे मुस्कुराते हुए पूछा.
डॉक्टर : कैसी हो अल्का?
दीदी : जी में बिल्कुल ठीक हूँ और आप कैसे हो?
डॉक्टर : में भी ठीक हूँ और तुम्हारी चाची का क्या हाल है?
दीदी : वो भी एकदम ठीक है आप अपनी पत्नी बच्चो के बारे में बताए, वो कैसे है?
डॉक्टर : बस वो भी एकदम बढ़िया है और मेरी बीवी तो कोल्हापुर में रहती है.
दीदी : मतलब वो लोग यहाँ पर नहीं रहते?
डॉक्टर : मेरा बेटा कोल्हापुर में इंजिनियरिंग कर रहा है और बेटी अपनी मेडिकल की तैयारी कर रही है तो वो भी उन्ही के साथ रहती है.
दीदी : क्या तो आप यहाँ पर बिल्कुल अकेले रहते हो?
डॉक्टर : हाँ अब और कोई रास्ता भी तो नहीं है, चलो अब वो सब जाने दो तुम यह बताओ कि तुम्हारी शादीशुदा लाईफ कैसी चल रही है? क्यों तुम वहां पर खुश तो हो ना?
दीदी : हाँ में खुश तो हूँ, लेकिन अब मेरे पास भी कोई रास्ता नहीं है.
फिर डॉक्टर ने दीदी की तरफ घूरकर देखा और फिर वो हंसने लगा और दीदी भी उसकी तरफ देखकर हंसने लगी. फिर डॉक्टर ने दीदी से पूछा कि तुम्हे क्या हो रहा है? दीदी बोली कि मेरी कमर में बहुत दर्द हो रहा है यहाँ बाई तरफ से नीचे की तरफ दर्द हो रहा है और ऐसा कहते हुए दीदी ने अपनी कमर से लेकर अपनी गांड तक हाथ फेरा. डॉक्टर ने उनकी तरफ देखा और मुस्कुराकर कहा कि ठीक है कोई बात नहीं, ऊपर का दर्द है अभी ठीक हो जाएगा, क्या यहाँ पर कोई ऐसा है जिससे तुम अपनी इस जगह पर मसाज करवा सकती हो?
दीदी : जी यहाँ पर तो कोई भी ऐसा नहीं है, मेरे पति भी घर पर चले गये है और फिर दीदी उनकी तरफ थोड़ा सा मुस्कुरा गई और डॉक्टर ने भी उन्हें स्माइल दी.
डॉक्टर : चलो कोई बात नहीं है में तुम्हे इंजेक्शन लगा देता हूँ. यह बात बोलकर उन्होंने दीदी से पूछा कि इंजेक्शन कहाँ पर लगाना है?
दीदी : अब कूल्हों में दर्द है तो वहीं पर इंजेक्शन लगवा लूँगी, क्यों सब चलेगा ना?
डॉक्टर : हाँ हाँ क्यों नहीं? चलो अब जल्दी से तुम उस टेबल पर लेट जाओ.
दीदी टेबल की तरफ चली गई और बोली कि यह तो बहुत उँचा है, में इसके ऊपर चड़ ही नहीं सकती. क्यों ना में खड़े खड़े ही इंजेक्शन लगवा लूँ?
अब डॉक्टर हाँ में अपना सर हिलाकर कहने लगा कि सब चलेगा, लेकिन में तुम्हारी इस साड़ी का क्या करूँ? तो दीदी बोली कि आप बिल्कुल भी चिंता मत करो में उसे थोड़ा ऊपर उठा लूँगी. फिर डॉक्टर बोला कि अब इंजेक्शन लगवाना है तो तुम्हे अपनी साड़ी को ऊपर तो उतनी ही पड़ेगी. फिर दीदी ने तुरंत अपनी साड़ी को नीचे से पकड़कर ऊपर कर दिया और फिर डॉक्टर की तरफ अपनी पीठ करके खड़ी हो गई. वाह दोस्तों उनकी बहुत कमाल की गांड थी. में उन्हें देखता ही रह गया और मेरा लंड उनकी गांड को देखकर अपनी औकात में आने लगा था. उधर डॉक्टर भी चकित होकर उसकी गांड को देखता रह गया.
दीदी की वो पेंटी भी उनकी गांड को छुपा नहीं सकती थी वो उनकी गांड की दरार में ही बिल्कुल अंदर तक फाँसी हुई थी और फिर डॉक्टर ने अपने लंड को अपनी पेंट में सेट किया और टेबल की तरफ जाकर इंजेक्शन भरने लगा. फिर दीदी की पीछे आ गया और उसने अब उनकी गांड पर हाथ में थोड़ी रुई लेकर साफ किया और इंजेक्शन लगा दिया. फिर थोड़ी सी रुई उठाई और इंजेक्शन वाली जगह को मसलने लगा. दोस्तों ऐसा करते वक़्त उसने दीदी की गांड को एक हाथ से पकड़ रखा था और दूसरे हाथ से वहां जिस जगह पर इंजेक्शन लगा उस जगह पर धीरे धीरे मसल रहा था.
डॉक्टर : इंजेक्शन तो हो गया है, लेकिन यह दर्द बहुत करेगा इसलिए इस जगह को थोड़ा ज्यादा मसलना चाहिए.
दीदी : लेकिन, अब में किसको अपनी गांड को मसलने के लिए बोलूँ? प्लीज आप ही मसल दो ना?
डॉक्टर : हाँ ठीक है, लेकिन इसमे ज्यादा समय लगेगा.
दीदी : कोई बात नहीं, में दरवाजे को अंदर से कुण्डी लगा लेती हूँ ताकि हमें कोई ना देखे, आप बस मेरी मसलते रहो और फिर ऐसा कहकर दीदी ने दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया और फिर वो अपनी साड़ी को उठाकर टेबल को पकड़कर खड़ी हो गई. वो बिल्कुल डॉगी स्टाइल पोज़िशन में खड़ी हुई थी. डॉक्टर भी झट से उनके पास गया और उसने दीदी की गांड पर अपने दोनों हाथ रख दिए और फिर एक हाथ से वो उनकी गांड को मसलने लगा और फिर मसलते वक़्त दीदी उनसे बोली.
दीदी : वैसे आप बिना अपनी बीवी के कैसे काम चला लेते हो?
डॉक्टर : ऐसा बिल्कुल भी नहीं है जैसा आप समझ रही हो.
दीदी : हाँ हाँ में आपके और मेरी चाची के बारे में भी बहुत कुछ जानती हूँ.
डॉक्टर : जब तुम सब कुछ जानती ही हो तो फिर मुझसे क्यों पूछ रही हो?
दीदी : बस आपसे मुझे जानना था कि सिर्फ़ चाची ही है या और कोई भी है?
डॉक्टर : हाँ और भी है, मुझे गाँव की औरतों की चुदाई करना बहुत अच्छा लगता है और अब डॉक्टर ने दीदी से सीधे सीधे शब्दों में बात करनी चालू कर दी और फिर वो बोला कि क्यों अल्का तुम्हे भी तो पहले चुदाई बहुत अच्छी लगती थी?
दीदी : जी लगती थी नहीं, मुझे तो अभी भी चुदाई बहुत अच्छी लगती है.
डॉक्टर : वाह क्या बात है, तो तुम्हारा पति तुम्हारी ज़रूरत जरुर पूरा करता है ना? या फिर तुम अभी भी कहीं बाहर चालू हो?
दीदी : अब आपने मुझे बता दिया है तो मुझे भी तो आपको सब कुछ बताना चाहिए, मेरा पति तो मेरे साथ हफ्ते में दो तीन दिन ही सेक्स करता है और फिर वो भी कुछ मिनट के बाद ठंडा हो जाता है, लेकिन में तो हर रोज़ सेक्स करती हूँ एक दिन में करीब दो तीन बार.
डॉक्टर : रोज दो तीन बार, मतलब तुम्हारे दो तीन बॉयफ्रेंड होंगे? डॉक्टर अब दीदी की गांड पर पूरा चिपक गया था और एक हाथ से इंजेक्शन वाली जगह को दबा रहा था.
दीदी : हाँ वो चार लोग है, दो मेरे पति के दोस्त है, एक मेरे पड़ोस में रहने वाला लड़का है और एक मेरा छोटा देवर भी है. दोस्तों में उनकी यह सभी बातें सुनकर बहुत हैरान होकर सब देख और सुन रहा था.
डॉक्टर : वाह बहुत अच्छा है, क्या तुम्हे तुम्हारी 12th की पढ़ाई याद है?
दीदी : कौन सी स्कूल वाली या आपके साथ की हुई वो वाली?
डॉक्टर : हाँ मेरे साथ की वो वाली.
दीदी : हाँ में उसे कैसे भूल सकती हूँ? आपके साथ तो मैंने अपने बॉयफ्रेंड से भी ज्यादा मज़ा किया था.
डॉक्टर : तो अब क्या ख्याल है? आज एक बार फिर से हो जाए?
दीदी : हाँ में इसलिए तो कब से अपनी साड़ी उठाकर आपको अपनी गांड दिखा रही हूँ और आप हो कि एक सज्जन बने सिर्फ़ इलाज़ ही कर रहे हो.
दोस्तों डॉक्टर ने अब दीदी के मुहं से यह बात सुनकर दीदी को कसकर पीछे से पकड़ लिया और फिर वो उन्हें चूमने लगा. दीदी भी अब उनका पूरा पूरा साथ दे रही थी और वो डॉक्टर के होंठो को चूस रही थी. फिर डॉक्टर ने जल्दी से अपनी पेंट उतारी और अपने लंड को हाथ में पकड़ लिया. दीदी उससे बोली कि इसे आप मत पकड़ो, में इसको पकड़ती हूँ और आप मेरे आम दबाओ. मुझे पूरे 7-8 दिन हो गये है मैंने अब तक कुछ भी नहीं किया, में अब और ज्यादा समय नहीं रुक सकती. फिर दीदी ने उनके लंड को हाथ से मसलना दबाना चालू किया और डॉक्टर ने भी दीदी के बूब्स को ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया.
फिर थोड़ी देर बाद उसने दीदी का ब्लाउज खोल दिया. दीदी ने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी और उनके बड़े बड़े निप्पल डॉक्टर ने एक एक करके अपने मुहं में लिये और चूसने लगा. दीदी ने अपने एक हाथ से उसका लंड पकड़ा हुआ था और दूसरे हाथ से डॉक्टर का सर पकड़ कर उसको वो अपने आम चुसवा रही थी और कुछ देर बाद डॉक्टर ने दीदी को घुमा दिया और फिर दीदी ने भी झट से अपनी पेंटी को घुटनों तक नीचे किया और टेबल को पकड़ कर खड़ी हो गई. डॉक्टर ने भी सही मौका देखकर अपना लंड दीदी की चूत में एक जोरदार धक्का देकर पूरा का पूरा अंदर डाल दिया और अब वो अपने लंड को आगे पीछे करने लगा. दीदी सिर्फ़ टेबल को पकड़कर खड़ी हुई थी और उनको दर्द का कोई अहसास नहीं था, लेकिन उसके बूब्स जोरदार धक्को के साथ हो रही उनकी चुदाई के कारण बहुत ज़ोर ज़ोर से उछल उछलकर हिल रहे थे.
तभी दीदी का फोन बज उठा तो डॉक्टर ने तुरंत अपने धक्के देना बंद कर दिया. उसने लंड को दीदी की चूत से बाहर निकाल लिया. तो दीदी उनसे बोली कि सिर्फ़ एक मिनट और फिर वो फोन को उठाने सेंटर टेबल पर चली गई और बोली कि यह मेरे पति का है और दीदी ने फोन उठाया और बोली कि हैल्लो हाँ बोलिए ना? दोस्तों वो यह बात कहते हुए एक बार फिर से डॉक्टर के सामने आकर खड़ी हो गई और उसने दूसरे हाथ से डॉक्टर का लंड पकड़कर अपनी चूत में डाल दिया और डॉक्टर को इशारे से चुदाई करने के लिए बोला.
डॉक्टर भी अब अपने लंड को चूत में पूरा अंदर डालकर ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करके हिलाने लगा और दीदी फोन पर कहने लगी कि एसी कुछ खास बात नहीं है, वो मेरी कमर में अचानक से बहुत दर्द हो रहा था तो उसके इलाज के लिए ही में डॉक्टर के पास आई हूँ. वो अभी मुझे इंजेक्शन दे रहे है और में आपको कुछ देर बाद में फोन करती हूँ और फिर शायद जीजू ने भी उधर से फोन रख दिया था. डॉक्टर बोला कि तू तो कमाल की चुदक्कड़ है पति का फोन चालू है और मेरे लंड से अपनी चूत भी ठुकवा रही थी वाह.
दीदी : हाँ मुझे अब इन सब कामो की एक आदत सी हो गई है. अब मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि फोन किसका है या लंड किसका है, बस मुझे चुदवाने का बहुत शौक है.
अब दीदी भी डॉक्टर का पूरा पूरा साथ देने लगी और कुछ देर बाद डॉक्टर अब अचानक से बहुत तेज़ हो गया था दीदी भी जोश में थी और तीन चार मिनट सिर्फ़ चुदाई की ही आवाज़े आ रही थी और फिर डॉक्टर चूत में ज़ोर ज़ोर के झटकों के साथ झड़ गया. दीदी बोली कि वाह मज़ा आ गया, कितने सालो बाद मैंने आपका गरम गरम वीर्य मेरी चूत में लिया है.
डॉक्टर : हाँ अब यहाँ पर हो तो रोज ही ऐसे मज़े लेने के लिए मेरे पास आ जाना.
दीदी : हाँ, आना तो जरुर पड़ेगा, लेकिन अब सिर्फ़ रात में, जिससे जमकर चुदाई हो सके क्यों अगर आप कहो तो चाची जी को भी अपने साथ लेकर आ जाती हूँ?
तो डॉक्टर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा और बोला कि अभी उसको नहीं, कुछ दिन जाने दो, वो एक दिन खुद ही आ जाएगी और मेरे लंड को जरुर खाएगी, लेकिन एक बात जो तुम भी नहीं जानती हो क्या वो में तुम्हे भी बता दूँ?
दीदी : हाँ जल्दी से बताइए, ऐसी वो कौन सी बात है जो मुझे अब तक पता नहीं है.
डॉक्टर : यही कि तुम्हारी गांड बिल्कुल तुम्हारी माँ जैसी ही है, वो भी इतने ही मज़े से मुझसे चुदवाती है.
दोस्तों में उस डॉक्टर के मुहं से यह बात सुनकर एकदम से बहुत चकित हो गया था और मुझे उसकी बातों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था कि वो यह बात सच कह रहा है और मेरी माँ भी उससे चुद चुकी है? और फिर में चुपचाप उनकी बात सुनने लगा.
दीदी : क्या? आप सच कह रहे हो? ऐसा कब से? और आपने उन्हें कैसे पटाया?
डॉक्टर : दो साल हो गये है, तेरा बाप जब बीमार था तब मैंने ही तेरी माँ की चूत को संभाला था. मैंने उनकी चूत की सेवा करने में अपनी तरफ से कोई भी कमी नहीं छोड़ी. मैंने उन्हें बहुत अच्छी तरह से बहुत बार संतुष्ट किया था, वो भी तुम्हारी तरह बहुत बड़ी चुदक्कड़ है.
दोस्तों में तो उसके मुहं से यह पूरी बात सुनकर बहुत हैरान हो गया था. फिर में अब तुरंत वहां से अपने घर की तरफ निकल पड़ा. घर आकर में पलंग पर लेटकर अपनी दीदी की चुदाई और डॉक्टर की वो कही हुई बातें सोचने लगा.
Share:

बुआ की चुदाई हॉस्पिटल में

हैल्लो दोस्तों, यह मेरी इस साईट पर पहली स्टोरी है, मेरा नाम सन्नी है और में दिल्ली से हूँ. मुझे आंटी और शादीशुदा औरतें बहुत पसंद है. अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा स्टोरी पर आता हूँ. ये कहानी मेरी बुआ के बारे में है, उनकी उम्र 46 साल है, वो दिखने में ज़्यादा सुंदर तो नहीं है, लेकिन उनके बूब्स और गांड बहुत बड़े है, उनका साईज़ 36-34-38 है, वो हॉस्पिटल में नर्स है. मुझे बचपन से ही वो बहुत पसंद है, जब भी वो हमारे घर रहने आती थी तो में उनके साथ ही सोता था, फिर रात में नींद का फायदा उठाकर में उनके बूब्स पर हाथ रखता था, ऐसे ही सब चल रहा था. अब में कॉलेज में आ चुका था, इस जनवरी में मेरे ताऊ को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, उन्हें हार्ट अटेक हुआ था.
फिर ताऊ का ध्यान रखने के लिए मुझे रात को हॉस्पिटल में रुकना था, बुआ की भी उस दिन नाईट शिफ्ट थी तो हम दोनों रात को उस दिन वहाँ थे. फिर सारे काम निपटाने के बाद बुआ और में उनके स्टाफ रूम में थे, फिर हमने वहाँ डिनर किया, फिर इधर उधर की बातें कर रहे थे. मेरा ध्यान तो बुआ के बड़े-बड़े बूब्स से हट ही नहीं रहा था. बुआ ने भी शायद मुझे नोटिस किया. रात के 12 बज चुके थे और हॉस्पिटल भी बिल्कुल शांत था, फिर तभी बुआ ने मुझसे कहा कि..
बुआ : सन्नी चलो सोते है, इस रूम में एक सिंगल बेड है आज रात हमें उसी पर ही एड्जस्ट करना पड़ेगा.
में : (अंदर से बहुत खुश होते हुए) ठीक है बुआ.
फिर बुआ ने अपना एप्रिन निकाल दिया, अब वो सलवार कमीज़ में थी, जिसमें से उनके बूब्स बहुत सुंदर लग रहे थे. फिर हम सोने लगे, बुआ दीवार की साईड थी और में दूसरी साईड था, फिर करीब आधे घंटे बाद जब मुझे लगा कि बुआ गहरी नींद में सो चुकी है तो मैंने उनके बूब्स पर अपना हाथ लगाया, उनके इतने पास सोने की वजह से हम काफ़ी पास पास थे. फिर मैंने धीरे-धीरे हिम्मत करके उनकी कमीज़ ऊपर उठाई और कमर तक कर दी. फिर मैंने उनके पेट पर हाथ रखा तो वो बहुत मुलायम था. फिर मैंने धीरे-धीरे हाथ उनकी ब्रा तक पहुँचाया, में अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था. फिर मैंने उनके बूब्स तेज़ दबा दिए तो एकदम से उनकी नींद खुल गई, वो मुझ पर चिल्ला पड़ी.
बुआ : सन्नी ये सब क्या है?
में : सॉरी बुआ, आप मेरे इतने पास थे तो में खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाया.
बुआ : तुम्हें शर्म आनी चाहिए, तुमने ऐसा सोचा भी कैसे?
में : बुआ मुझे आप बहुत पसंद हो और आपके इतने पास आकर में अपना कंट्रोल खो बैठा.
बुआ : तुम्हें मुझमें ऐसा क्या अच्छा लगा?
में : बुआ सच कहूँ तो मुझे आपके बूब्स बहुत पसंद है. (मुझे खुद भी नहीं पता, मैंने ऐसे कैसे ये बात बोल दी)
बुआ : लेकिन, फिर भी ये सब ग़लत है.
में : कुछ ग़लत नहीं है बुआ, सब को प्यार पाने का हक है.
ये कहकर मैंने उन्हे हग कर लिया और उनकी पीठ सहलाने लगा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. ये देखकर मैंने उनकी तरफ देखा तो उनकी आँखे बंद थी. फिर मैंने उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए, तो अब वो भी मुझे किस करने लगी. करीब 10 मिनट तक हम एक दूसरे को किस करते रहे. में उनके बूब्स भी दबाए जा रहा था. फिर में उनकी गर्दन को किस करने लगा, वो भी मदहोश होती जा रही थी, फिर मैंने उन्हें बेड पर लेटा दिया और उनकी कमीज़ उतार दी और उनके बूब्स के बीच में अपना मुँह डाल दिया, क्या सॉफ्ट बूब्स थे उनके? फिर मैंने उनकी ब्रा खोल दी और उनके निप्पल चूसता रहा, क्या निप्पल थे उनके? ब्राउन कलर के और निप्पल 2 इंच का तो होगा. अब वो भी मेरा सिर पकड़ कर अन्दर दबा रही थी और आआआआआआहह कर रही थी. वो कह रही थी कि खा जा इन्हें सन्नी, आज तू मेरी प्यास बुझा दे. फिर मैंने उनकी सलवार और पेंटी एक साथ उतार दी और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा तो वो मचले जा रही थी. उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. फिर में उनकी चूत चाटने लगा, क्या चूत थी उनकी? में तो बस उन्हे अंदर तक चाटता रहा. फिर में उठा और अपने सारे कपड़े उतार दिए. अब बुआ मुझसे लिपट गई, वो कह रही थी तुने आज मेरी ख्वाइश पूरी कर दी सन्नी, में ज़िंदगी में एक बार ऐसे चिकने और स्ट्रॉंग आदमी से चुदना चाहती थी, आज मेरी ये ख्वाइश पूरी कर दे.
में : बुआ अब तो आपको रोज इस लंड का स्वाद मिलेगा, में आपको खूब मज़े दूँगा, आपको अपनी रंडी बना दूँगा.
ये कहकर मैंने अपना लंड उनके मुँह में दे दिया, वो भी उसे पागलों की तरह चूसने लगी, बुआ सच में बहुत अच्छा लंड चूसती थी. अब मैंने उन्हें सीधा लेटा दिया, फिर उनकी टाँगे अपने कंधे पर रखी और एक झटके में अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया तो वो चिल्ला पड़ी, लेकिन उन्होंने अपना मुँह खुद बंद कर लिया. अब में तेज़ तेज़ झटके मारने लगा, वो भी आआआअहह उूउऊहहह्ह्ह्ह और चोद मुझे, आज मेरी खुजली मिटा दे. फिर करीब 20 मिनट तक उन्हें चोदने के बाद में झड़ गया, वो भी अब तक 2 बार झड़ चुकी थी. फिर में उनके साथ लेट गया. वो काफ़ी खुश थी, उन्होंने मुझे हग कर लिया इसके बाद वो उल्टी हो कर लेट गई. में उनकी पीठ पर हाथ फेरे जा रहा था और आगे हाथ डालकर उनके बूब्स दबा रहा था और अपना लंड उनकी गांड में रगड़ रहा था, तो बुआ बोली.
बुआ : अब क्या इरादा है सन्नी तेरा?
में : में सोच रहा हूँ कि आपकी गांड तो वर्जिन है ना?
फिर वो एकदम से मेरी तरफ़ पलट गई और बोली.
बुआ : नहीं सन्नी, बहुत दर्द होगा.
में : वही तो देखना है कैसा लगता होगा जब आप पहली बार चुदे होंगे.
अब में उनके ऊपर आ गया और उनके होंठो को चूसने लगा. वो भी गर्म होती जा रही थी. फिर मैंने उन्हें उल्टा लेटा दिया और उनके ऊपर आ गया और उनकी गांड पर लंड मसलने लगा.
बुआ : आआअहह, सन्नी आराम से करो प्लीज, ये मेरी गांड है, में सुबह चल नहीं पाऊँगी.
फिर मैंने कुछ नहीं सुना और उनकी गांड में लंड घुसा दिया, वो चिल्ला पड़ी आआआआआआअहह बाहर निकाल बहुत दर्द हो रहा है, मारेगा क्या? अब में उनके ऊपर लेट गया और उनकी गर्दन पर किस करने लगा, अब वो शांत हो गई. फिर मैंने उनकी गांड की चुदाई शुरू की और आधे घंटे तक चोदा, अब में थककर उनके ऊपर ही लेट गया. फिर हम ऐसे ही सो गये.
Share:

कस्टमर के बूब्स का नाप

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम जुमैद सहगल है और मेरी उम्र 24 साल है और मेरे लंड का साईज़ 7 इंच और 2.5 इंच मोटा है. दोस्तों में पेशे से एक दर्जी हूँ और में दिल्ली में रहता हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना बताना चाहता हूँ जिसमे कैसे मैंने अपनी एक ग्राहक को चोदा? दोस्तों उसका नाम मुस्कान है और उसकी उम्र करीब 36 साल है, लेकिन वो चेहरे से दिखने में 26 साल की लगती है.
उसके फिगर का साईज़ 34-28-36 है और वो एकदम हॉट सेक्सी माल लगती है और उसका वो जिस्म मुझे अपनी तरफ बहुत आकर्षित करता था, लेकिन वो मेरी बहुत समय से ग्राहक थी इसलिए में उस पर गंदी नजर कभी नहीं डालता था और वो शादीशुदा थी, लेकिन फिर भी उसका वो सेक्सी बदन देखकर ऐसा लगता था कि वो अभी तक अपनी कुंवारी चूत लिए घूम रही है.
दोस्तों उसके सारे कपड़े मेरी ही दुकान से ही सिलते थे और आखरी बार उसने मुझे अपना ब्लाउज सिलने के लिए दिया, लेकिन उसके साईज़ में कुछ गड़बड़ा थी तो दो दिन बाद वो लौटकर वापस आई और मुझसे अपने ब्लाउज की शिकायत करने लगी. मुझे उसमे कुछ कमियां बताने लगी वो उस समय थोड़ी गुस्से में थी.
तो मैंने उससे कहा कि आपने जैसा मुझे बताया था मैंने वैसा ही सिला है, लेकिन फिर भी अगर आपको इसमें किसी भी तरह की समस्या है तो आप मुझे बता दे में अभी आपकी उस समस्या का समाधान कर दूंगा. फिर वो मुझसे बोली कि यह ब्लाउज मुझे बहुत टाईट है और इसका हुक भी मुझसे नहीं लग रहा क्योंकि वो बहुत खुले ख्याल की है तो वो मुझ को अब अपना साईज़ बताने लगी. मैंने उसे अब ट्रायल रूम में बुलाया और उसका में नाप लेने लगा. उसने उस समय साड़ी पहन रखी थी
मैंने उससे कहा कि आप अपनी साड़ी का पल्लू थोड़ा नीचे करो ताकि में नाप ले सकूँ. फिर उसने भी अब बिल्कुल भी देर नहीं लगाई और फिर झट से अपनी साड़ी का पल्लू पूरा नीचे कर दिया. दोस्तों उसका वो ब्लाउज बहुत टाईट होने के कारण उसके बूब्स एकदम बाहर आ रहे थे जिन्हें देखकर अब मेरी नियत खराब हो रही थी और मेरी नजर उसके बूब्स पर से हटने को बिल्कुल भी तैयार नहीं थी. मुझे उसके वो सुंदर गोरे गोरे बूब्स देखकर ऐसा लग रहा था कि वो बूब्स अब मुझसे चीख चीखकर कह रहे हो कि प्लीज हमें आज़ाद कर दो और चूस लो. दोस्तों उसका नाप लेते लेते मैंने उसके बूब्स को करीब तीन बार छुआ, लेकिन उसने भी इस बात पर बिल्कुल भी गौर नहीं किया तो मेरे मन में अब एक प्लान आया उसे चोदने का, लेकिन में बहुत डर भी रहा था.
अब मैंने उससे थोड़ी हिम्मत करके कहा कि आपको अपना यह ब्लाउज उतारकर देना पड़ेगा, तब जाकर में आपका बिल्कुल सही साईज़ ले सकता हूँ. तो उसने कहा कि ठीक है तुम्हे जो भी करना है थोड़ा जल्दी करो और अब उसने ट्रायल रूम में अपना वो ब्लाउज उतारा और मुझे दे दिया. दोस्तों उसके ब्लाउज से अच्छी खुशबू आ रही थी और जब में उसे उसका वो ब्लाउज वापस देने गया तो उसने मुझे आवाज देकर अंदर बुलाया और फिर उसने मुझसे कहा कि देखो यह हुक तो अभी भी नहीं लग रहा है और उसने मुझे हुक बंद करने को कहा.
अब में अंदर चला गया और मैंने देखा कि मुझे अब उसकी वो गुलाबी कलर की जालीदार ब्रा दिख रही थी और जब में उसके ब्लाउज का हुक बंद कर रहा था तो उसकी पीठ पर मेरा हाथ छू रहा था, लेकिन वो फिर भी मुझसे कुछ भी नहीं बोली तो इस बात का फायदा उठाकर में अब धीरे धीरे अपना हाथ उसकी कमर पर मसलने लगा और फिर मैंने देखा कि अचानक से उसके चेहरे के हावभाव धीरे धीरे अब बिल्कुल बदल रहे थे. मैंने उसे मेरी तरफ देखने को कहा कि साईज़ पूरा है या नहीं और तभी अचानक से मेरी तरफ घूमते ही उसका वो एकदम ढीला ब्लाउज नीचे सरक गया और उसकी वो सी कट वाली जालीदार गुलाबी कलर की ब्रा के अंदर से उसके बूब्स देखकर मेरा लंड तन गया.
फिर मैंने उससे कहा कि मुझे आपकी छाती का नाप लेना है. मैंने उस समय लूँगी पहन रखी थी और उसमे मेरा लंड तना हुआ साफ बाहर आ रहा था और वो यह सब देखकर भी बिल्कुल अनदेखा कर रही थी. उसके चेहरे पर अब एक अजीब सी स्माइल थी. मैंने इस बात का फायदा उठाते हुए उसको ब्रा उतारने को कहा ताकि में उसकी छाती का सही नाप ले सकूँ और अब उसने शरमाते हुए अपनी ब्रा को उतार दिया. दोस्तों उसकी वो मस्त उभरी हुई छाती और उसके ऊपर वो हल्के भूरे रंग के निप्पल का साईज़ देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि यह साली हर रोज़ अपनी मस्त चुदाई करवाती होगी और जब में उसका नाप ले रहा था तो मेरा हाथ बार बार उसकी निप्पल पर लग रहा था, क्योंकि अब तक उसके वो मोटे मोटे बूब्स और उसके ऊपर वो तने हुए निप्पल पूरी तरह खड़ी थी.
अब में धीरे धीरे उनको सहलाने, मसलने लगा, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली. मेरा होसला और भी बड़ गया और अब उसके मुहं से कुछ अजीब सी सिसकियाँ निकल रही थी और जब में उसके बूब्स मसल रहा था तभी उसने अपना एक हाथ मेरे तने हुए 7 इंच के लंड पर रख दिया और अब वो भी धीरे धीरे मेरे लंड को सहलाने लगी. में उसके बूब्स को लगातार दबाता जा रहा था और वो मेरे लंड को मसलती जा रही थी. फिर मैंने उसके एक बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाना तो दूसरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया और जिसकी वजह से वो अब तक बिल्कुल गरम होकर अपने होश खो बैठी थी. उसके मुहं से निकलती हुई वो सिसकियों की आवाज पूरे माहोल को और भी गरम कर रही थी और में भी अब पूरे जोश में था.
अब मैंने मौके का फायदा उठाकर उसके पेटिकोट का नाड़ा खोल दिया तो मैंने देखा कि उसने पेटिकोट के अंदर पेंटी नहीं पहनी हुई थी, लेकिन उसकी चूत बिल्कुल चिकनी, उभरी हुई, जोश से भरपूर और बिना बाल की एकदम साफ थी. उसकी चूत से मस्त रस टपक रहा था. तो मैंने ज्यादा देर ना करते हुए जल्दी से नीचे आकर उसकी चूत को चाटना शुरू किया.
उसने मेरे सर को अपनी चूत में पूरा अंदर घुसा लिया था, लेकिन कुछ देर चूसने के बाद वो मेरे मुहं में झड़ गई और मुझे जोश ही जोश में उसका वो नमकीन पानी पीना पड़ा. अब मैंने उससे अपना लंड चूसने को कहा तो उसने तुरंत नीचे बैठकर मेरा लंड अपने मुहं में लिया और अब वो किसी रांड की तरह मेरा लंड लोलीपोप समझकर बहुत मज़े लेकर चूसने लगी और में उसके बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगा. अपने लंड को उसके हलक तक धक्के देकर नीचे तक उतारने लगा, जिसकी वजह से वो एकदम तड़प जाती, लेकिन मुझ पर उसकी इन बातोँ का कोई भी असर नहीं था और करीब दस मिनट चले इस काम के बाद में भी तेज तेज धक्को के साथ उसके मुहं में झड़ गया और वो मेरे वीर्य को गटक गई. अपनी जीभ से किसी भूखी बिल्ली की तरह चाट चाटकर बिल्कुल साफ कर गई.
दोस्तों उसके बाद उसने अपने कपड़े पहने और मैंने अपनी लूंगी को नीचे किया और फिर वो वहां से चली गई, लेकिन उस दिन चूसने, चाटने, दबाने से शुरू हुई हमारी कहानी अब चुदाई तक आ पहुंची है. मैंने एक दिन उसको अपने घर पर बुलाकर बहुत बार चोदा और वो मेरी पहली चुदाई से बहुत खुश हुई. उसने मुझे अब उसके पूरे कामुक जिस्म का मालिक बना दिया है. अब में उसको हर कभी मौका देखकर चोद लेता हूँ.
Share:

दूध वाली नेहा आंटी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम दामन है और मेरी हाईट 6 फुट है. आज में आपको अपनी एक नई कहानी सुनाने जा रहा हूँ. ये बात आज से 2 हफ्ते पहले की है. में हर रोज सुबह 6 बजे जिम जाता हूँ तो रास्तें में एक दूध डेयरी आती है, जहाँ पर एक 35-36 साल की लेडी बैठती है. मैंने कभी उस तरफ ध्यान नहीं दिया. फिर एक दिन वो आंटी अपनी शॉप के बाहर खड़ी थी. मैंने आंटी को ध्यान से देखा तो वो क्या मस्त माल थी यारो? उस आंटी की हाईट 5 फुट 5 इंच थी, शरीर थोड़ा भरा हुआ, उसके बूब्स बड़े-बड़े थे और गांड तो बस कयामत थी. अब आंटी को देखकर एक बार तो मेरे मुँह से आह निकल गई.
फिर धीरे-धीरे मैंने आंटी पर लाईन मारनी स्टार्ट कर दी. अब उनकी शॉप के पास जाकर हॉर्न मारना तो उसका रिज़ल्ट ये हुआ कि अब आंटी भी मुझे नोटीस करने लगी और थोड़ी स्माइल करने लगी. फिर मैंने सोचा कि मेरा काम बन सकता है, अब आंटी की आँखो में एक प्यास सी थी. फिर कुछ दिन के बाद आंटी के पति कही बाहर गये हुए थे तो आंटी शॉप पर अकेली ही होती थी. फिर एक दिन सुबह बारिश का मौसम था तो में जिम जाने के लिए घर से निकला तो आंटी की शॉप के पास जाकर बारिश स्टार्ट हो गई.
फिर मैंने अपनी बाइक को आंटी की शॉप के थोड़ा पीछे रोक दी. अब बारिश तेज हो गई थी और अब आंटी अपनी शॉप के बाहर खड़ी थी. फिर हम दोनों की नज़रे मिली तो आंटी ने थोड़ी स्माइल दी. फिर मैंने भी जवाब में एक स्माइल कर दी. उस समय आंटी पजामा और टी-शर्ट पहने हुई थी जिसमें से आंटी की मस्त जवानी कयामत ढा रही थी.
अब आंटी मेरी तरफ ही देख रही थी और फिर 5 मिनट के बाद आंटी ने मुझे अपनी शॉप पर आने का इशारा किया तो में खुश हो गया. अब बारिश के कारण पूरा रोड़ खाली था और फिर में वहाँ पहुँच गया तो आंटी खुश हो गई. फिर कुछ देर तक हमारी नॉर्मल बातें हुई और फिर आंटी ने अपना नाम नेहा बताया. जब आंटी बात कर रही थी तो मेरा ध्यान आंटी के बूब्स और गांड पर ही था, जिसे आंटी ने भी नोटीस कर लिया था.
फिर आंटी ने कहा कि आज मौसम बहुत खराब हो गया है तो मैंने कहा कि ये तो रोमांटिक मौसम है और आपको तो अपने पति के साथ होना चाहिए. ये सुनकर आंटी का मूड थोड़ा खराब हो गया और उन्होंने कहा कि उन्हें इस मौसम से क्या फ़र्क पड़ता है? वो तो बस पैसे के पीछे लगे हुए है. तो में समझ गया कि आंटी प्यासी है तो मैंने उन्हें सॉरी कहा और उन्होंने इट्स ओके कहा. फिर मैंने कहा कि आप तो इतनी स्मार्ट है और आपको देखकर लगता नहीं कि आप शादीशुदा है.
दोस्तों लेडीस की थोड़ी तारीफ कर दो तो वो पिघलने लगती है. फिर आंटी ने थैंक्स कहा और बोली कि मेरी भी तो कुछ इच्छा होती होगी. तो मैंने पूछा कि क्या में आपकी कोई मदद कर सकता हूँ? तो उन्होंने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा और तब तक मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था, जो आंटी ने देख लिया था. फिर आंटी ने पूछा कि तुम क्या कर सकते हो? तो मैंने कहा कि कुछ भी जो आपको खुशी दे.
फिर आंटी मेरे पास आकर खड़ी हो गई और वो अपनी शॉप का शटर नीचे करने लगी. जब वो शटर नीचे कर रही थी तो वो थोड़ी झुकी तो उनकी गांड मेरे लंड के साथ रगड़ने लगी. में भी अपने लंड को आंटी की गांड पर दबाने लगा और आंटी ने कुछ नहीं कहा. फिर जब आंटी ने शटर बंद किया तो आंटी झुकी हुई थी और मैंने पीछे से उसके बूब्स पकड़ लिए तो उनके मुँह से आआआआआहह निकल गई. फिर आंटी सीधी हुई तो मैंने आंटी को किस करना स्टार्ट कर दिया.
अब आंटी भी मेरा साथ देने लगी थी और अब मेरे हाथ आंटी के बूब्स पर थे और आंटी मेरे लंड को सहला रही थी, अब आग दोनों तरफ बराबर लगी हुई थी. फिर में आंटी को नंगा करने लगा तो आंटी ने कहा कि अंदर एक छोटा कमरा है, वहाँ चलो. फिर वहाँ जाकर मैंने आंटी को ज़मीन पर लेटा दिया और थोड़ा दूध लेकर आंटी की बॉडी पर लगा दिया और आंटी को लिक करने लगा.
अब आंटी तो जैसे पागल हो गई थी और बोलने लगी कि ऊऊऊऊहह जान ये क्क्क्यया कककककररररर दिया, में पागल हो जाउंगी, ओह्ह्ह्हह्हओह में मरररररररररररर गगईईईईईईईईई. फिर मैंने आंटी की बॉडी के सब पार्ट्स को चूसा, आंटी के बूब्स तो बहुत मस्त थे. फिर मैंने थोड़ा दूध आंटी की चूत में डाला और चूसने लगा. आंटी ने मेरा सिर अपनी चूत पर दबा लिया और बोली, हहाआआआआआ वाऊऊऊऊऊऊववववव चूऊऊऊस्स्स्स्सस्सो साली इसमें बहुत गर्मी है.
फिर मैंने आंटी की चूत से मुँह हटाया और अपने लंड पर थोड़ा दूध लगाया और फिर हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गये. फिर आंटी ने मेरे लंड को ऐसे चूसा जैसे उसे खा ही जायेगी. अब हम दोनों ने एक दूसरे का रस पिया. फिर आंटी बोली कि मुझे इतना मज़ा आज तक कभी नहीं आया, मैंने कहा कि असली मज़ा तो अभी बाकी है मेरी जान. अब आंटी मेरे लंड को सहला रही थी जो 5 मिनट में खड़ा हो गया था.
फिर मैंने आंटी को लेटाया और उनके पैरों को खोल दिया, फिर मैंने थोड़ा थूक आंटी की चूत पर लगाया और अपने लंड को आंटी की चूत पर रखकर थोड़ा ज़ोर लगाया तो मेरा लंड आंटी की चूत में पूरा उतर गया. अब आंटी की आँखो में आंसू आ गये थे तो मैंने पूछा कि क्या हुआ? फिर उसने कहा कि वो 6 महीने के बाद आज चुद रही है तो थोड़ा दर्द हो रहा है. अब आंटी अपने नाख़ून मेरी पीठ पर रगड़ रही थी और फिर थोड़ी देर में आंटी को मज़ा आने लगा और वो आआआआऊउऊहह माँ औआआआआररर और ज़ोर से चोदो मुझे, फाड़ दे इसे, इसने बहुत तंग किया.
अब आंटी भी नीचे से धक्के मार रही थी और वो अपने बूब्स दबाने लगी. अब आंटी दो बार झड़ गई थी. फिर आंटी बोली कि में आज पूरी तरह संतुष्ट हुई हूँ तो मैंने कहा कि अभी मेरा नहीं हुआ. फिर मैंने आंटी को घोड़ी बनाया और उन्हें चोदने लगा. फिर कुछ देर में मेरा होने वाला था तो मैंने कहा कि में झड़ रहा हूँ जान. फिर उसने कहा कि मेरे अंदर ही झड़ जाओ.
फिर 5 मिनट के बाद मेरे पानी से आंटी की चूत भर गई. फिर हम दोनों कपड़े पहनने लगे और आंटी ने मुझे किस किया और कहा कि तुम बहुत अच्छे हो. अब तो में हमेशा तुमसे ही चुदवाऊंगी. मैंने कहा कि जब भी इच्छा हो तो याद कर लेना मेरी जान. फिर मैंने आंटी से कहा कि में आपकी गांड मारना चाहता हूँ. तो उन्होंने कहा कि आज तो संभव नहीं है, लेकिन अगली बार पक्का मार लेना. फिर मैंने ओके कहा और आंटी को लम्बा स्मूच किया. फिर आंटी ने मेरा नंबर लिया और कहा कि अगली बार पूरा दिन तुमसे चुदवाऊंगी और में उनसे वादा करके निकल गया.
Share:

विधवा माँ के प्यार की कहानी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम प्रेम है और मेरी उम्र 23 साल है. दोस्तों में पिछले कुछ समय से अपनी भी एक सच्ची घटना आप सभी को बताने की सोच रहा था, लेकिन ना जाने क्यों डरता था और आज मैंने बहुत हिम्मत करके अपनी यह कहानी आप सभी के सामने रखी है और यह घटना मेरी माँ की चुदाई पर आधारित है, जो कि एक विधवा औरत है और वो उम्र में करीब 40 साल की होगी, लेकिन वो चेहरे से ऐसी बिल्कुल भी नहीं लगती कि वो बहुत जवान, हॉट, सेक्सी दिखती है और उन्हें एक बार देखकर हर कोई उनके बारे में सोचने पर मजबूर हो जाता है.
दोस्तों मेरे पापा की म्रत्यु तब ही हो गई थी जब में उम्र में बहुत छोटा था, इसलिए उस समय मेरी माँ बहुत अकेली रहने लगी थी और अब उसको एक सहारे की ज़रूरत थी. दोस्तों मेरी माँ का एक पुराना आशिक़ था, जो कि मेरी माँ घर के पास ही मतलब कि मेरी नानी के घर के पास रहता था और उसके तो मेरी उम्र के दो लड़के भी थे. मेरे पापा के गुज़र जाने के कुछ सालों बाद मेरी माँ की एक बहुत अच्छी सहेली ने उन्हें बताया कि एक कपड़े सिलाई का कोर्स है, जिसकी वजह से वो घर पर बैठकर कुछ पैसे भी कमाने लगेगी और उनका काम में मन भी लगा रहेगा, तब हम लोग मेरे नानी के पास रहने लगे थे.
फिर मैंने बहुत दिनों तक इस बात पर ध्यान दिया कि मेरी माँ बहुत बार छत पर जाया करती थी और उसके पास एक सेल फोन भी था, जब मैंने देखा तो मैंने मेरे मामा को यह बात बताई. फिर उन्होंने माँ से पूछा तो उसने बताया कि उसने वो फोन 500 रुपये में पुराना किसी अंजान आदमी से खरीदा था जो कि बस में सफ़र कर रहा था. फिर यह पूरी बात सुनकर मामा ने माँ को बहुत डांटा कि यह सब ठीक नहीं. फिर में जैसे जैसे बड़ा हुआ तो मैंने ध्यान दिया कि माँ का चेहरा कुछ अलग ही हो गया है और यह भी देखा कि माँ कुछ दवाईयाँ भी लेती थी, शायद दर्द की दवाई लेती होगी और अब में बड़ा साल का हो गया था तो एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि वो अपनी दोस्त के पास जा रही है तो मुझे अब उनकी हर एक हरकतों पर शक होने लगा था और में उनके ऊपर पूरी पूरी नजर रखने लगा, वो कहाँ कब और किससे मिलने जा रही है.
फिर मैंने उनका पीछा किया और फिर मुझे पता चला कि वो उस काले मोटे से आदमी के साथ उसकी गाड़ी पर बैठकर कहीं जा रही है और में लगातार उसका पीछा करता रहा और तब मैंने थोड़ा और आगे जाकर देखा कि वो लोग एक लवर्स पार्क के पास आकर रुके और वो अब एक दूसरे के हाथों में हाथ लिए मज़े से घूमने फिरने लगे और यह सब कुछ देखकर मुझे बहुत दुख हुआ और फिर में कुछ देर बाद वहां से अपने घर पर आ गया. फिर माँ कुछ घंटो बाद घर पर आ गई और मैंने उनसे कुछ भी नहीं पूछा, लेकिन जब रात हुई और वो छत पर गई और में भी उसके पीछे पीछे ऊपर चला गया.
फिर मैंने बहुत ध्यान से उनकी बात को सुना और फिर में समझ गया कि वो छत पर अकेले में आकर उसी गेंडे से बातें कर रही थी. तभी मैंने उसे पीछे से आवाज़ दी और पूछा कि यहाँ पर अकेले में आकर तुम किस से बात कर रही हो? तो वो मुझे वहां पर देखकर अचानक से चकित हो गई और उसका चेहरा पसीने से बिल्कुल गीला हो गया और अब डरते हुए उसने मुझसे कहा कि मेरी दोस्त है. फिर मैंने उससे कहा कि लाओ में भी तुम्हारी इस दोस्त से थोड़ी बहुत बात कर लूँ? तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर अचानक से डर गई और उसके चेहरे का रंग बिल्कुल उड़ गया और फिर उसने कॉल कट कर दिया और जब मैंने वो मोबाईल नंबर देखने की कोशिश की तो उसने वो नंबर भी अपने मोबाईल से डिलीट कर दिया. फिर मैंने उससे कहा कि मैंने उन्हे उस दिन लवर्स पार्क में भी हाथों में हाथ डालकर घूमते हुए देखा था और अब वो मेरी पूरी बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.
फिर मैंने उन्हे बहुत कुछ कहा और अब में उनसे बात ही नहीं कर रहा था तो उसने अपना वो फोन छत से नीचे जमीन पर फेंक दिया और अब वो उसे काम में भी नहीं ले रही थी और कुछ महीनो तक ऐसे ही चलता रहा, क्योंकि वो मुझसे बहुत प्यार करती थी और इसलिए उन्हें अब मेरी उस बात का बहुत दुःख हो रहा था. फिर एक दिन मैंने ऑनलाइन एक फेक आईडी बनाकर कुछ लड़कियों से इस बारे में उनकी सलाह ली तो उन्होंने मुझे बताया कि तुम उसे मत रोको, वो अगर अपनी पहली शादीशुदा जिन्दगी भुलाकर अपनी दूसरी जिन्दगी में खुश रहना चाहती है तो उसे वैसे ही रहने दो वर्ना वो अकेले कैसे जियेगी? फिर कुछ दिनों के बाद मैंने माँ को मनाया और उससे कहा कि वो फोन पर बात करे, मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं है और फिर मैंने उनसे कहा कि आप अगर उनसे बात करना चाहती है तो आप कर सकती है.
दोस्तों अब वो मेरी यह बात सुनकर बहुत खुश हो गई और फिर उन्होंने अपनी बातचीत को एक बार फिर से शुरू कर दिया और एक दिन हमारे घर के सब लोग कुछ दिनों के लिए कहीं बाहर गये थे. फिर मैंने अपनी माँ को चकित करने के लिए उसे अपने घर पर बुला लिया और माँ यह सब देखकर बिल्कुल हैरान हो गई और में भी उनकी उस ख़ुशी को देखकर बहुत खुश हुआ और फिर मैंने उन्हें कुछ ना कहते हुए उन दोनों को बिल्कुल अकेला छोड़ दिया, वो लोग कुछ देर बैठे रहे और बातें करते रहे और में उठकर वहाँ से चला गया.
फिर माँ ने मुझे बुलाया और कहा कि तुम कहाँ जा रहे हो? तो मैंने उनसे कहा कि आप दोनों अकेले रहो और कुछ पल बिताओ तो उसने मुझे हग किया और फिर वो अपने रूम में चली गयी, लेकिन मैंने देखा कि उस कमरे की एक खिड़की खुली हुई थी और में उन्हें कमरे पास उस खिड़की में से देखने लगा. मैंने देखा कि वो दोनों बहुत खुश थे और कुछ देर बाद मेरी माँ उस गेंडे की गोद में बैठ गई और वो उसके बूब्स दबा रहा है और वो उसे किस भी कर रहा है और फिर उसने ब्लाउज से दोनों बूब्स को बाहर निकाल लिया और फिर वो दोनों बूब्स को सकिंग करने लगा और अब वो बेड पर लेट गए और उस गेंडे ने अपने कपड़े खोल दिए और मेरी माँ की साड़ी को भी उतार दिया और वो माँ की चूत को चाटने लगा और कहने लगा कि तेरा बेटा भी अब हमारी तरफ हो गया है अब तो हम बिल्कुल फ्री होकर हर दिन बहुत मज़े किया करेंगे.
माँ उसकी यह बात सुनकर ज़ोर से हंसने लगी और तब माँ ने उसका काला लंड अपने दोनों हाथों में पकड़कर अपने मुहं में ले लिया और अब धीरे धीरे उसे चूसने लगी और अपने मुहं के अंदर बाहर करने लगी. उन्हें वो लंड चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था और वो उनके चेहरे से मुझे पता चल रहा था. फिर कुछ देर लंड चुसवाने के बाद उसने माँ की साड़ी को पूरा उतार दिया और अब माँ के दोनों पैरों को फैलाकर अपना लंड माँ की चूत के मुहं पर रख दिया. फिर माँ ने उसको किस किया और अब उसने एक ही झटके में अपना पूरा का पूरा लंड माँ की चूत में डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा, करीब दस मिनट की लगातार चुदाई के बाद उसने माँ की चूत में ही अपना वीर्य डाल दिया और उठकर अपने लंड को माँ के मुहं में दे दिया और वो फिर से उसे चूसने लगी जैसे वो कोई भूखी कुतिया हो. माँ ने अपनी जीभ से चाट चाटकर उसका पूरा लंड साफ कर दिया और वो उसका पूरा वीर्य गटक गई.
फिर वो माँ के बूब्स दबा रहा था और उन्हें ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था और फिर कुछ देर बाद उसका लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया तो उसने माँ के मुहं में अपना लंड डाल दिया. उसने चोद चोदकर माँ के मुहं में ही अपना वीर्य डाल दिया और जब वो दोनों शांत हो गए तो उन लोगों ने मस्त प्यार किया. दोस्तों मुझे अब बहुत बुरा और अच्छा भी लग रहा था और तभी कुछ घंटो के बाद मैंने देखा कि वो दोनों कमरे से बाहर आ गए और माँ बहुत खुश लग रही थी और जब वो हमारे घर से जा रहा था तो उसने जाते वक़्त माँ को किस किया और हग किया और फिर उसने माँ के सामने ही मुझको अपने गले से लगाकर 1000 रूपये दे दिये और अब वो चला गया. फिर उसके जाने के बाद माँ ने मुझसे मुस्कुराते हुए पूछा कि क्यों कैसे है तुम्हारे नये पापा? तो मैंने कहा कि हाँ वो बहुत अच्छे है. दोस्तों में तो पैसे देखकर खुश हो गया, तभी माँ ने भी मुझे अपने गले से लगाकर मुझसे धन्यवाद कहा और बोली कि मेरा बेटा अब बहुत बड़ा हो गया है.
फिर मैंने माँ से पूछा कि आप लोग इतनी देर तक अंदर क्या कर रहे थे? तो उसने मुझे बताया कि कुछ नहीं और जब मैंने उस बात पर दबाव लगाया तो उसने मुझे बताया कि बस ऐसे ही हम लेटे हुए थे, लेकिन बस हमने प्यार किया, इसके अलावा और कुछ नहीं किया. फिर मैंने कहा कि मैंने उस खिड़की से सब कुछ देख लिया था और अब वो मेरी यह बात सुनकर एकदम से शरमा गई और मुझसे कहने लगी कि तुम पैसे लेकर बहुत मस्ती करना.
फिर उसके कुछ दिनों के बाद उस मोटे ने मुझसे कहा कि वो मेरी माँ को मिलना चाहता है. फिर मैंने प्लान बनाया कि कॉलेज में समारोह के बहाने में उनको कहीं बाहर ले जाता हूँ. मैंने उसे अपना प्लान बता दिया और वो बहुत खुश था. फिर उसके दूसरे दिन वो घर के दरवाजे पर अपनी कार लेकर हमारा इंतजार कर रहा था तो हम वहाँ पर गये और फिर माँ ने मुझे भी ज़बरदस्ती अंदर बुला लिया, वो जगह जहाँ पर हम जा रहे थे, वो उस मोटे का कुछ तबेला था और वो शहर के बाहर था. फिर कुछ देर बाद हम वहाँ पर पहुंच गये और फिर मैंने देखा कि वहाँ पर एक बिना दरवाजे का रूम था, जिसकी छत भी नहीं थी तो माँ ने मुझसे कहा कि तुम दरवाजे के पास खड़े रहकर निगरानी करो. फिर मैंने भी वहीं किया. जब मैंने अंदर झाँककर देखा तो वो मोटा और मेरी माँ दोनों ही पूरे नंगे थे और वो माँ की गांड चाट रहा है.
तब कुछ ही सेकंड यह सब देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और माँ ने भी मुझे देख लिया, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और वो मोटा भी कुछ नहीं बोला. फिर माँ ने मुझसे कहा कि वहाँ पर एक और चार पाई है तुम उसे लाकर उस पर बैठ जाओ. फिर मैंने वैसा ही किया और ठीक उनके सामने बैठकर पूरी चुदाई देखी. मुझे ऐसा करने में कितना मज़ा आ रहा था? जब वो मेरी माँ को रंडी कहकर चोद रहा था और माँ उसका लंड कितने मज़े से चूसे जा रही थी और में तो यह सब देखकर ही दो बार झड़ गया.
फिर कुछ देर बाद वो दोनों बिल्कुल शांत हो गए और अपने अपने कपड़े पहनकर बाहर आ रहे थे. तभी मोटे ने मुझे 2000 रुपए दिए और फिर हम घर पर पहुँच गये, जब हम घर पर पहुँचे. मेरा और माँ का रूम एक ही है और हम दोनों वहीं पर मोटे और माँ के सेक्स के बारे में बातें कर रहे थे. फिर मैंने माँ से पूछा कि क्यों बहुत मज़ा आता है ना? तो उसने कहा कि हाँ और तभी मैंने माँ से कहा कि मुझे बूब्स पीना है तो माँ ने झट से अपना ब्लाउज खोलकर मुझे अपनी तरफ बुलाया और फिर कहा कि यह लो पी लो. फिर में ज़ोर ज़ोर से मेरी माँ के बूब्स को पीने लगा और फिर मैंने माँ को किस किया और माँ के सारे कपड़े खोलकर माँ की चूत चाटने लगा तो माँ ने मेरा लंड पेंट से बाहर निकाला और वो मेरा लंड देखकर एकदम हैरान हो गई और उसे चूसने लगी और कुछ देर ऐसे ही चूसने के बाद मैंने माँ को उस रात में दो बार चोदा और अब तो माँ हर रोज़ सुबह उठकर मेरा लंड चूसकर मेरा वीर्य पीती है और फिर अपने काम करती है और उस मोटे के साथ भी माँ बहुत खुश है और में भी खुश हूँ, क्योंकि मुझे पैसे और सेक्स दोनों ही समय समय पर मिल जाते है.
दोस्तों अब तो मोटा अपने दोस्तों को भी लाकर मेरी माँ को चुदवाता है और मैंने तो उससे कह दिया है कि एक आदमी का 1000 रुपये. अब तो अपना खर्चा फुल चालू और अब मेरी माँ भी खुश और में भी खुश वो अपनी चुदाई के हमेशा व्यस्त रहती है और में अपनी जिन्दगी में. दोस्तों यह थी मेरी माँ की एकदम सच्ची चुदाई की कहानी जिसमें उसने अपनी मर्जी से बहुत बार अपनी चूत, गांड और मुहं की चुदाई करवाई और मैंने भी बहुत मजे लिए, अब हम सभी बहुत खुश है.
Share:

श्वेता की मस्त मोटी गांड

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहन गुप्ता है मेरी उम्र 25 है और में एक प्राइवेट मोबाईल कम्पनी ग्राहक सेवा केंद्र में एक टीम लीडर की नौकरी करता हूँ. मेरी यह कहानी अभी दो महीने पहले की है जब मेरे एक एजेंट ने मेरी बात एक कस्टमर से करवाई उसके मोबाइल का बिल कुछ ज़्यादा आ गया था, जितना उसने काम में भी नहीं लिया था इसलिए वो किसी सीनियर से बात करना चाहती थी ताकि उसकी इस समस्या का हल हो जाए और इसलिए मैंने उससे बात की और उसने मेरा पर्सनल मोबाईल नंबर मुझसे ले लिया ताकि भविष्य में उसे इस तरह की कोई समस्या ना आए.
दोस्तों उसके बाद में अपने काम में व्यस्त हो गया और कुछ दिन बाद उसका कॉल आया और हमने एक दूसरे से हाल चल पूछे, उसके बाद हमारी इधर उधर की बातें हुई श्वेता ने मुझसे कहा कि आज मुझे नई प्लान की जानकारी चाहिए तो क्या आप मेरे घर पर आ सकते है? फिर मैंने उससे हाँ कहा और उसके घर का पता लिया और फिर उसके घर पर पहुंच गया. जैसे ही उसने दरवाजा खोला में उसे देखते ही एकदम से चकित हो गया. उसकी उम्र करीब 32 की होगी, उसने गुलाबी कलर की साड़ी पहनी हुई थी, जिसमे उसके मोटे मोटे बूब्स गजब ढा रहे थे और जिन्हे देखते ही में और भी पागल सा हो गया.
उसने अपने घर पर मेरा स्वागत किया और मुझे सोफे पर बैठने को कहा और फिर वो मेरे लिए पानी लेने किचन की तरफ चली गई. अब मेरे पानी पीने के बाद वो मेरे पास बैठ गई और उसने मुझसे पूछा कि क्या मेरी शादी हुई है या नहीं? तो मैंने ना में अपना सर हिला दिया फिर उसने मुझसे पूछा कि क्यों तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड तो होगी ही ना? अब मैंने कहा कि हाँ वो कुछ समय पहले थी, लेकिन अब उसकी शादी हो गई है. उसके बाद उसने मुझसे पूछा कि क्या आपने कभी सेक्स किया है? दोस्तों में उसके मुहं से यह बात सुनकर एकदम हैरान रह गया, लेकिन मैंने उससे साफ मना कर दिया और फिर उसने पूछा कि क्यों तुम कैसे कंट्रोल करते हो? तो मैंने कहा कि में हमेशा व्यस्त रहता हूँ और उस वजह से मेरा इन बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं जाता.
उसके बाद मैंने उससे पूछा कि आपके पति कहाँ है और वो क्या करते है? तो उसने मुझे बताया कि वो विदेश में रहते है और कभी कभी होली दीवाली पर घर आते है. फिर मैंने उससे पूछा कि सेक्स कैसे होता है? फिर मेरे इतना पूछते वो एकदम मुझसे लिपट गई और कहने लगी कि जानू उसके लिए ही तो तुम हो ना. अब उसके एक किस से में भी हॉट हो गया था और में उसके होंठो को चूसने लगा. उसके बाद हम दोनों बेडरूम में आ गये और मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया और उसके मुहं में अपने होंठ डालकर उसकी जीभ को चूसने करने लगा.
वो मुझसे लिपट गई और सिसकियाँ लेने लगी और उसके बाद मैंने उसके ब्लाउज के बटन खोल दिए और अब उसके मोटे मोटे दूध जैसे बूब्स बिल्कुल आज़ाद थे और में उन्हे ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और वो आहे भरने लगी आअहह उुउऊहह जानुउऊउउ हाँ ऐसे ही दबाओ और चूसो इन्हें, आज तुम मेरी प्यास बुझा दो, में बहुत प्यासी हूँ.
अब में भी जोश में आकर उसके निप्पल को पूरे जोश से चूसने लगा और फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत में डाल दिया, उसे छूते ही मैंने महसूस किया कि वो एकदम गीली हो गई थी और वो अब ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और मुझसे कह रही थी कि हाँ मेरे राजा खा जाओ मुझे, हाँ ऐसे ही पियो मेरे दूध को आआआहह ऊऊओह माँ मरी, हाँ आज तुम मुझे खा जाओ मेरे राजा और उसके बाद हम 69 की पोजीशन में आ गए और वो मेरे लंड को चूसने लगी और में उसकी चूत को चाटने लगा. कुछ देर बाद मैंने मेरे लंड की क्रीम को उसके मुहं में ही निकाल दिया जिसे वो चाट गई.
फिर कुछ देर बाद वो मुझसे कहने लगी कि मेरे राजा अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा प्लीज अब अपना अंदर डाल दो और अब वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी जिसकी वजह से वो एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया. में उसकी गांड को सहलाने लगा और फिर थोड़ी देर में मेरा लंड खड़ा हो गया मैंने उसके दोनों पैर फैलाए और एक ही झटके से पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया, उसके मुहं से एक चीख निकली. उसकी चूत बहुत टाईट थी क्योंकि शायद उसका पति उसके साथ कम ही सेक्स करता था उसके बाद मैंने उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए और एक ज़ोर का झटका मारा जिससे लंड उसकी चूत की गहराईयों में चला गया.
फिर मैंने देखा कि उसकी आँख से आँसू बाहर निकलने लगे और उसे बहुत दर्द हो रहा था जिसकी वजह से वो छटपटा रही थी. फिर थोड़ी सी देर में उसके होंठ चूसने लगा और कुछ देर बाद मैंने देखा कि अब वो थोड़ा शांत हो गई है और मुझसे कहने लगी है कि हाँ मेरे राजा और ज़ोर से चोदो मुझे, तुम आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दो आआअहह ऊऊहह म्‍म्म्मममाआअक़ह हाँ ऐसे ही और ज़ोर से, मेरी चूत का भोसड़ा बना दो, उसके मुहं से एसी बातें सुनकर में और भी जोश में आ गया और में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसे चोदने लगा.
अब वो भी अपनी चूतड़ को नीचे से उछाल रही थी और पूरे कमरे में फच फच की आवाज़ आ रही थी. हम दोनों ऊपर से नीचे तक पसीने में गीले हो गये थे और अब मैंने महसूस किया कि श्वेता की चूत ने पानी छोड़ दिया था, लेकिन में अभी भी उसे लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और कुछ मिनट में ही मेरे लंड ने भी वीर्य छोड़ दिया और में उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठ चूसने लगा. फिर थोड़ी देर हम ऐसे ही लिपटे रहे और उसके बाद मैंने उसे कुतिया बना दिया और उसकी मोटी गोरी गांड को चाटने लगा, इस वजह से मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने उसकी गांड में लंड रखकर एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा लंड उसकी गांड में थोड़ा सा अंदर गया.
वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज बाहर निकालो इसे, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन में नहीं रुका और मैंने दूसरे झटके में पूरा लंड उसकी गांड में घुसा दिया और धक्के लगाने लगा. थोड़ी देर में मेरे लंड की क्रीम उसकी गांड में झड़ गई और में उसके ऊपर गिर गया तो थोड़ी देर हम ऐसे ही पड़े रहे, लेकिन आज वो बहुत खुश थी और फिर वो मुझसे कहने लगी कि धन्यवाद रोहन आज तुमने मेरी प्यास को बुझा दिया है और आज से में आपकी हुई, अब जब भी दिल करे आप मेरे पास चले आना. फिर उसके बाद हमने अपने कपड़े पहने और उसके बाद वो मेरे लिए चाय, नाश्ता लेकर आई और नाश्ता करके में अपने घर पर आ गया.
Share:

फ्रेंड की गर्लफ्रेंड के साथ स्वपिंग

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहन है और में आपके लिए अपनी एक नई स्टोरी लेकर आया हूँ. जिसमें मेरी गर्लफ्रेंड और हमारे दोस्त के बीच स्वपिंग है. ये कहानी हम दो कपल्स की है कि कैसे हमने एक दूसरे की गर्लफ्रेंड की अदला बदली की? और उनकी चुदाई की. अब मेरी गर्लफ्रेंड और उसकी माँ दोनों बहुत खुश थी क्योंकि उनकी बेटी एक ऐसे घर में जाने वाली थी जहाँ उसे बहुत सारा प्यार और मलाई मिलने वाली है और उसकी और मेरे घरवालों ने हम दोनों की सगाई करवा दी.
ये बात सिर्फ़ मेरी फेमिली और मेरी गर्लफ्रेंड की माँ को मालूम है, लेकिन अब हम दोनों पढाई की वजह से मुंबई में रहते है और हमारी फेमिली पुणे में रहती है. हम दोनों ने एक फ्लेट ले लिया है और वहाँ पति-पत्नी की तरह रहते है. सोसाइटी में नीचे स्विमिंग पूल, जिम और सब कुछ है. अब हम दोनों रोज़ सुबह जिम में जाते है और वो स्पोर्ट्स ब्रा और शॉर्ट पहनकर जिम करती है तो उधर जो भी जेंट्स रहते है उनका लंड खड़ा हो जाता है और वो रोज़ सुबह मेरी गर्लफ्रेंड का ही इंतज़ार करते है कि कब वो आए. फिर एक दिन मेरे एक फ्रेंड ने मुझसे कहा कि यार तू और तेरी गर्लफ्रेंड तो दोनों साथ में ही रहते हो, तुम बहुत लकी हो.
में – यार ऐसा कुछ नहीं है, तू भी तो वैसे रह सकता है.
रोहित – अरे यार, तुझे तो पता है कि मुंबई में एक अच्छा और सस्ता फ्लेट मिलना कितना मुश्किल है? और तेरा क्या है? तेरी फेमिली अमीर है, लेकिन मेरी इतनी अमीर नहीं है.
में – यार, ऐसा कुछ नहीं है तुझे भी ऐसा फ्लेट मिल जायेगा.
रोहित – भाई अगर में और मेरी गर्लफ्रेंड अगर तेरे फ्लेट पर रहने आ जाए तो तुझे कोई प्रोब्लम होगी क्या? वैसे भी तू एक 2BHK फ्ल्रेट में रहता है और तेरे लिए तो इन्जॉय करने के लिए एक ही रूम काफ़ी है, अगर तू बोले तो में भी तेरे फ्लेट में शिफ्ट हो जाता हूँ, तुझे भी किराये में सहायता मिल जायेगी.
में – मुश्किल है यार, मुझे मेरी गर्लफ्रेंड से पूछना पड़ेगा और वो राज़ी नहीं होगी और अगर हो भी गई तो क्या? तेरी गर्लफ्रेंड हाँ बोलेंगी. क्योंकि में और मेरी गर्लफ्रेंड घर पर एकदम ओपन रहते है और अगर कभी तेरी गर्लफ्रेंड को ये पसंद ना आया तो वो क्या सोचेगी? कि मेरी गर्लफ्रेंड तुझे सिड्यूस करना चाहती है और में तेरी गर्लफ्रेंड को अपनी बॉडी दिखाकर उसे सिड्यूस करने की सोच रहा हूँ.
रोहित – अरे नहीं यार, तुझे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पता नहीं है उसे भी ऐसे ओपन रहना पसंद है. जब हम दोनों छुट्टियों में गोवा गये थे तो वो वहाँ बस छोटे कपड़ो में ही घूम रही थी, बीच पर बिकिनी में और बाकी टाईम बिकनी टॉप और शॉर्ट में ही रहती थी. वो तो कहती है उसे नंगा रहना पसंद है, लेकिन वैसा तो हो नहीं सकता इसलिए वो थोड़े कपड़े पहनती है.
में – ओके, तो में मेरी गर्लफ्रेंड से रात को बात करके तुझे कल बता दूँगा.
फिर हम दोनों अपने अपने घर चले गये और उस वक़्त शाम के 6 बज रहे थे. मुझे मेरी गर्लफ्रेंड को लेने जाना था. फिर में उसे लेने गया उसकी क्लास 7 बजे ख़त्म होती थी तो मैंने उसे कार में पिक किया और फ्लेट पर 8 बजे के करीब पहुँच गये और रास्तें में खाना ले लिया. फिर रास्तें में उसने अपनी माँ रवीना को फोन किया और बातें करने लगी कि आज मेरे घर पर क्या हुआ? और उन्होंने कैसे चुदाई की? किसने कितना टाईम चोदा? किसके साथ लेस्बियन किया? और उतने टाईम में हम दोनों बिल्डिंग पर पहुँच गये और ऊपर फ्लेट पर गये और चेंज किया. फिर वो रोजाना की तरह बेबीडॉल में आई और में टी-शर्ट में आया.
फिर हम दोनों ने साथ में खाना खाया और फिर टी.वी देखने लगे. उस वक़्त 10 बज रहे थे और हम दोनों बातें कर रहे थे. हम दोनों रोज़ 11 बजे हमारी फेमिली के साथ वीडियो सेक्स करते है. में लॅपटॉप चालू कर देता हूँ और उसे टेबल पर रख देता हूँ और उधर हमारी पूरी फेमिली साथ में सेक्स करती है. हमने वो रोजाना की तरह किया. उस वक़्त 12 बज गये थे और फिर हम दोनों सोने के लिए रूम में गये तो मैंने उसे वो बात बताई जो कि आज मेरे और रोहित के बीच में हुई थी. रोहित की गर्लफ्रेंड का नाम मोनिका है, तो मुझे मेरी गर्लफ्रेंड ने बताया कि मोनिका और उसने लेस्बियन किया हुआ है और वो मेरी बात सुनकर बहुत खुश हुई. वो दोनों एक ही फैशन इन्स्टिट्यूट में है और दोनों क्लास में साथ है और मेरी गर्लफ्रेंड फ्लेट शेयर करने के लिए राजी हो गई. फिर उसने मुझे ये भी कहा कि उसका फिगर बहुत अच्छा है और उसने उसको ये भी बताया कि हम दोनों रोज़ सेक्स करते है और घर में नंगे रहते है, उसकी भी बहुत इच्छा थी कि उसे भी रोहित के साथ रहने के लिए एक ऐसा फ्लेट मिले.
फिर मैंने उसी वक़्त रोहित को फोन किया और उसे बता दिया कि वो मेरे फ्लेट में मोनिका के साथ कल से शिफ्ट हो सकता है और तब तक मेरी गर्लफ्रेंड ने मोनिका को फोन किया और सब कुछ बता दिया और मोनिका को भी ये सुनकर बहुत ख़ुशी हुई. फिर एक दिन बाद वो दोनों हमारे फ्लेट में शिफ्ट हो गये और फिर धीरे-धीरे 1 महीने में हम चारो फ्री हो गये और हमने सेक्स करना और घर में दोनों लड़कियां बिकनी और कभी पेंटी और ब्रा में रहने लगी. अब हम एक चारों मिलकर सेक्स करते है और खूब मजे करते है.
Share:
Copyright © देसी सेक्सी कहानिया