आकाँशा को डाटा स्ट्रक्चर्स सिखा डाला

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सूरज है और मेरी उम्र 26 साल है. दोस्तों मैंने आज तक सिर्फ़ एक ही लड़की के साथ सेक्स किया है और दूसरी लड़की के साथ सिर्फ़ किसिंग की है. दोस्तों में आज आप सभी को जो सेक्स अनुभव अभी बताने जा रहा हूँ वो उस लड़की का है जो मेरी पहली वाली गर्लफ्रेंड थी और उसके साथ में करीब 5-6 बार सेक्स कर चुका हूँ, लेकिन उसके साथ हुआ मेरा पहला सेक्स में कभी भी भूल नहीं सकता.
दोस्तों यह तब की बात है जब मेरे कॉलेज का दूसरा साल ख़तम होने वाला था. आपको अंदाज़ा हो ही गया होगा कि मेरी उम्र करीब 21-22 साल थी. उस समय में बहुत पतला हुआ करता था और उस वक़्त में बहुत टेंशन में भी रहता था, क्योंकि मेरी हमेशा तबियत खराब रहती और जिसका कारण मेरी पहले साल हुई पढ़ाई की नाकामयाबी थी और सभी लोग मुझसे ना जाने क्यों थोड़ा दूर ही रहते थे और में अब इन सब चीज़ो से बहुत उब चुका था और फिर मैंने एक दिन तय कर लिया था कि में अब यह सब कुछ बदल डालूँगा.
मैंने अब मन लगाकर अपनी पढ़ाई करना शुरू कर दिया था और फिर में बहुत जल्दी सभी बच्चो से पढ़ाई में आगे निकल चुका था और मेरे खुश रहने की वजह से मेरी तबीयत में भी अब धीरे धीरे बहुत सुधार रहा था और अब मुझे एक गर्लफ्रेंड की ज़रूरत थी जो बहुत ही सुंदर हो, लेकिन मुझसे हिम्मत नहीं होती थी किसी को अपने प्यार के बारे में कहने सुनने कि, लेकिन फिर एक दिन मेरा सोया हुआ नसीब तब उस दिन खुल गया जब में पहली बार आकाँशा से मिला.
दोस्तों आकाँशा मेरे कॉलेज में मेरी ही क्लास में थी और में उसकी सुंदरता का वर्णन पूरा करूं तो उसकी आखें काजल से काली और उसकी हंसी किसी को भी एक बार में घायल कर देने वाली थी. उसके वो खुले बाल जो उसके नितंब तक लंबे थे और पूरा भरा हुआ गोरा बदन जो किसी की भी नियत खराब कर दे. दोस्तों वार्सिकोत्सव वाले दिन तो उसने काली कलर की पूरी जालीदार साड़ी पहनी हुई थी, जिसमे से मुझे उसका ब्लाउज साफ साफ दिख रहा था और उसके बूब्स के उभार की वजह से उसके थोड़ा झुकने पर भी उसके ब्लाउज के बीचो बीच पड़ने वाली दरार मुझे साफ साफ दिखाई पड़ रही थी. दोस्तों वो दरार तो मानो इतनी तंग थी कि शायद उसमे एक उंगली घुसाने में भी बला का ज़ोर लग जाए खैर वो तो वो दिन था.
अब में उस दिन से ही उससे बात करने का कोई ना कोई बहाना चाहता था, लेकिन कभी यह काम मुमकिन नहीं हो पा रहा था, लेकिन उस दिन तो मेरे नसीब में कुछ और ही लिखा हुआ था, मानो खुदा ने खुद मेरी इच्छा पूरी करने की ठान ली थी. उस दिन वो खुद मेरे पास आई और मुझसे बोली कि हैल्लो सूरज कैसे हो, क्या तुम मेरी एक मदद करोगे? दोस्तों अब मेरे नाम के आगे का सब मुझसे अनसुना हो गया था उसे मेरा नाम पता था कि में इसी खुशी में मेरे अंग अंग में एक बिजली की तरंग सी दौड़ गई थी और मुझसे जवाब ना पाने पर उसने मुझे फिर से वही सवाल किया. क्यों सुना, क्या कहा मैंने?
मेरे माथे से बहता हुआ वो पसीना देखकर अचानक से वो खिलखिलाकर हंस पड़ी और मुझसे कहने लगी कि कितने बुद्धू हो तुम? लड़कियों से बात करने में इतना भी भला कोई डरता है क्या? दोस्तों उसका वो सवाल औपचारिक था जिसकी वजह से में भी उसकी बात का जवाब ना देते हुए हंस पड़ा और उससे कहने लगा कि माफ़ करना मुझे थोड़ी कम आदत है किसी लड़की से बात करने की, हाँ तुम बताओ कि तुम्हे मुझसे ऐसी क्या मदद चाहिए थी?
वो अभी भी मेरी तरफ देखकर हंस रही थी और उसकी वो हंसी मुझे उसके और भी करीब खींचती जा रही थी. अब वो किसी तरह अपना हंसना रोकते हुए मुझसे बोली कि क्यों तुम डाटा स्ट्रक्चर्स में बहुत होशियार हो ना? मेरा एक तो “सी” प्रोग्राम ज्यादा अच्छा नहीं है और ऊपर से यह डाटा स्ट्रक्चर्स यूज़िंग ”सी”, अब तुम ही बताओ में कैसे पास करूँ यह विषय? दोस्तों उसने जिस मासूमियत से मुझसे यह सवाल किया था. मेरा बस चलता तो में अपना छोड़कर सीधा उसी का पेपर दे देता. फिर मैंने उससे कहा कि वो बहुत आसान है, तुम मेरे नोट्स ले जाओ और तुम उसमें से पढ़कर देखो. दोस्तों में जानता हूँ कि में कितना बड़ा गधा था, अगर में चाहता तो उसे सिखाने के लिए पूछ सकता था, लेकिन मेरी अकल तो देखो, मैंने उससे कह दिया कि ठीक है कुछ ना समझ सको तो हम कॉलेज में तो मिलते रहेंगे और तुम मुझसे कभी भी पूछ लेना. फिर उसने मुझसे हाँ कहा और वो मेरे नोट्स को अपनी बाहों में भरकर मुझसे धन्यवाद कहकर मेरे कमरे से बाहर निकल गयी और में वहीं खड़ा खड़ा उसे देखता रह गया.
फिर दूसरे दिन जब वो मुझे मेरे नोट्स वापस करने आई तो उसने मुझसे कहा कि आप बिल्कुल भी बुरा मत मानना, लेकिन तुम्हारी लिखावट बड़ी खराब है जिसकी वजह से में नोट्स को कॉपी नहीं कर पाई. दोस्तों एक तो किसी की मदद करो और ऊपर से यह बात सुनो, लेकिन ना जाने क्यों हर किसी को लड़कियों की किसी भी बात का गुस्सा नहीं आता. अब वो मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम खुद मुझे सिखा सकते हो? तो मैंने तुरंत से उसे “हाँ” में जवाब दे दिया, क्योंकि आख़िर में खुद कल से तैयार जो था और मेरे इस तेज जवाब से पहले तो वो एकदम से बौखला गई और फिर हंस पड़ी और बोली कि ठीक है तो फिर शाम को 6 बजे से पढ़ते है, लेकिन हम मेरे घर पर ही पढ़ाई करेंगे, नहीं तो माँ हमे पढ़ने नहीं देगी, क्यों तुम्हे कोई समस्या तो नहीं है ना? दोस्तों मुझे कौन सी अस्थमा का दिक्कत थी और फिर मैंने जल्दी से उसे हाँ कह दिया और उस दिन से हमने शाम को एक साथ में पढ़ना शुरू कर दिया.
वैसे उसका घर कुछ ख़ास बड़ा नहीं था और हॉल से टीवी की आवाज़ बहुत आराम से बेडरूम तक आ जाती थी इसलिए हम हमेशा दरवाजा बंद करके ही पढ़ते थे और उसके परिवार वाले सभी लोग बहुत खुले ख्यालों के थे जिसकी वजह से मेरे घर आने पर उन्हे कोई ऐतराज़ नहीं था और उसकी मम्मी तो मुझे बार बार कुछ ना कुछ खिलती ही रहती थी और मुझे उसके घर वाले बहुत पसंद थे. दोस्तों वो दिन भी बिल्कुल ठीक ही निकला था. में अपने समय से उसके घर पर पहुँच गया और दोस्तों मैंने गौर किया कि वो घर पर कॉलेज की अपेक्षा इतना बन-ठन कर नहीं रहती थी, लेकिन उस दिन उसे कहीं जाना था इसलिए वो बहुत ज्यादा सजधजकर तैयार ही बैठी हुई थी. उसने काले रंग की एक ड्रेस पहनी हुई थी जिसमें से उसकी छाती से ऊपर का भाग काले दानों से भरी जाली से ढका हुआ था और वो ड्रेस उसकी भरी हुई जंघो को बहुत कस रही थी और उसके हाथ में पहनी हुई वो काली चूड़ियां तो मानो सोने पे सुहागा लग रही थी.
मेरा मन तो उस दिन बिल्कुल भी पढ़ाई करने का नहीं कर रहा था, बल्कि मेरा तो जी कर रहा था कि में सीधे उसको पीछे से कस लूँ. उस दिन उसने दरवाज़ा नहीं लगाया हुआ था और तभी मुझे लगा कि कहीं उसे मेरी नीयत पर शक़ तो नहीं हुआ, लेकिन बाद में जब उसके घरवालों ने अंदर आकर उसे भी जल्दी से बाहर निकलने को कहा तब बात साफ हुई कि उसने दरवाज़ा इसलिए खुला हुआ रखा था क्योंकि अब घर पर कोई नहीं रहने वाला था.
फिर उसके घर वाले चले गये और उसने सिर्फ़ बाहर का जाली वाला दरवाजा लगाया और अंदर का लकड़ी का दरवाजा खुला ही छोड़ दिया. हम अंदर आकर किताब खोलकर बेड पर ही बैठ गये, लेकिन वो मुझे आज थोड़ी बैचेन सी लग रही थी क्योंकि उसको उस कसी हुई ड्रेस में बैठ पाना बहुत मुश्किल हो रहा था और में उसकी परेशानी समझ गया था.
फिर में किचन में गया और डाइनिंग टेबल वाली कुर्सी लेकर आ गया और अब मैंने उसे उस पर बैठने को कहा तो वो मुझसे धन्यवाद बोलकर उस कुर्सी पर बैठ गयी और अब हम दोनों एक दूसरे के सामने सामने बैठे हुए थे, लेकिन मेरा पूरा पूरा ध्यान बार बार उसकी कसी हुई गोरी और नंगी जांघो पर ही जा रहा था और शायद उसे भी इस बात का पता चल चुका था जिसकी वजह से वो थोड़ी थोड़ी देर में खड़ी होती और अपनी ड्रेस को जितना हो सकता नीचे खींचकर फिर से बैठ जाती. उसके इस संघर्ष और उसके उस परेशान चेहरे को देखकर में उठकर खड़ा हुआ और फिर उससे विदा लेकर अपने घर पर जाने लगा.
मेरे अचानक ऐसे करने से वो शायद समझ गई कि में क्यों जा रहा था? तभी उसने मुझे आवाज़ लगाई और मेरा एक हाथ पकड़ लिया और उसने मुझसे कहा कि तुम जानते हो ना कि तुम कितने अच्छे हो? दोस्तों मैंने जैसे ही मुड़कर उसकी तरफ देखा तो ना जाने मुझे क्या हुआ और अगले ही पल मैंने उसे अपनी तरफ खींचकर अपनी बाहों में भर लिया और उसने अपना मुहं मेरी छाती में छुपा लिया. दोस्तों मैंने कभी इतना करीब से उसके बालों को नहीं सूँघा था और उसके बालों की खुश्बू ने जैसे मुझे अब और भी बढ़ावा दे दिया था. मैंने आख़िरकार उसे उसकी जांघो से पकड़ लिया और में अब धीरे धीरे अपना एक हाथ ऊपर लाने लगा.
उसने अपना मुहं मेरे छाती से बाहर निकाला और फिर मुस्कुराकर मुझे देखने लगी. अब मैंने अपना हाथ उसकी जंघो से हटाकर उसके गोरे गालों पर रख दिया और उसे लगातार चूमने लगा. फिर उसने मुझे रोक दिया कुछ समय मेरी आँखों में देखा और फिर हल्के से अपने नाज़ुक होंठो को मेरे होंठो पर रख दिया. दोस्तों वो वक़्त जैसे अचानक से थम चुका था और में अपने सारे गिले शिकवे भूल चुका था. मैंने भी अब उसका पूरा पूरा साथ दिया और हम दोनों पागलों की तरह लगातार एक दूसरे को चूम रहे थे. पहले उसके होंठ, फिर दाँत, फिर जीभ. दोस्तों अब हम दोनों बस एक दूसरे में पूरी तरह डूब चुके थे और हमारे पीछे ही एक बेड था और उसकी पीठ बेड की तरफ थी. मैंने उसे किस करते करते धीरे से पीछे सरका दिया, जिससे हम दोनों ही बेड पर एक दूसरे की बाहों में किताबों पर गिर पड़े और फिर मैंने जैसे तैसे किस करते हुए उन किताबों को वहाँ से हटा दिया और उसे गोदी में उठाकर ठीक प्रकार से बेड पर रख दिया और अब उसकी जांघो से मुझे इस बात का पूरा अंदाज़ा हो गया था कि अब वो भी तड़प रही थी और हम दोनों के जिस्म में आग बराबर लगी हुई थी.
में थोड़ा सा पीछे हटा और अब उसे लेटे हुए देखने लगा क्योंकि मुझे उस क्षण पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था और वो उस समय क्या मस्त लग रही थी? और बेड पर लेटने से उसके बूब्स अब और भी ज्यादा उठे हुए लग रहे थे और ड्रेस थोड़ा और उठ जाने से उसकी गोरी नंगी टांगे कमाल की लग रही थी.
अब वो थोड़ा सा शरमा सी गई और उसने अपनी आँखें अपने एक हाथ से छुपा ली और हंस पड़ी. फिर मैंने अपनी शर्ट को उतारा और उसके पास में लेट गया और अब मैंने उसके पैरों पर हाथ फेरना शुरू किया और धीरे धीरे उसके होंठो तक पहुँच गया. मैंने उसका हाथ चेहरे से हटाकर उसे एक बार फिर से चूमा और फिर उसने मुझे ज़ोर से गले लगा लिया. कुछ देर वैसे ही पड़े रहने के बाद में अपना हाथ सरकाते हुए उसकी छाती पर ले आया. उसने कसकर मेरा हाथ पकड़ा और में तुरंत रुक गया.
अब उसने मुझसे पूछा कि क्यों तुम मुझसे प्यार करते हो ना सोनू? दोस्तों उसने आज पहली बार मुझे सोनू कहकर पुकारा था और में अब उस ख़ुशी की वजह से सातवें आसमान पर था और फिर मैंने अपना जवाब उसे दिया कि हाँ में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और फिर मेरे यह बात कहते ही उसने मेरा हाथ एकदम से छोड़ दिया और अब दोस्तों मैंने अपनी एक उंगली उसके बूब्स के बीच की दरार में डाल दी, वो एकदम से कराह उठी और उसकी इस आवाज को सुनकर मुझे बड़ा अच्छा लगा और अब मैंने अपनी उंगली को लगातार अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
अब वो अपनी आहों को रोकने की बहुत कोशिश करने लगी, लेकिन हर बार वो नाकामयाब रही और अब मैंने धीरे से अपनी उंगली बाहर निकाली और फिर अपनी पूरी हथेली को उसके एक बूब्स पर रख दिया दोस्तों में शब्दों में उस अहसास को क्या बताऊँ? मुझे उसके बूब्स कितने गोल, बड़े और कड़क लग रहे थे, लेकिन बीच में उसकी वो जाली वाली ड्रेस आ रही थी. फिर मैंने उसके कपड़े उतारने के लिए उसे उल्टा कर दिया तो मैंने देखा तो उसकी पूरी पीठ पर सिर्फ एक ज़िप थी जिसको में खोलता तो वो एक बार में पूरी नंगी हो जाती. तभी उसने मुझे संकोच में देखा और सिर्फ़ दो शब्द कहे जिनको सुनकर में बिल्कुल दंग रह गया. उसने कहा हाँ अब इसे जल्दी से खोल दो और उसके मुहं से यह शब्द सुनते ही मैंने उसकी पूरी ज़िप को खोलना शुरू कर दिया.
उसकी ज़िप नीचे से ऊपर खुलती थी और जैसे जैसे में उस ज़िप को ऊपर ले जा रहा था उसका गोरा बदन मेरी आँखों से रूबरू होता जा रहा था और फिर जैसे ही मैंने ज़िप को उसकी कमर तक खोला तो उसके कूल्हे अब बिल्कुल आज़ाद हो गये थे और अब वो सिर्फ़ एक बहुत ही पतली सी पेंटी में थी और उसकी ड्रेस इतनी टाईट होने के बावजूद भी उसकी पेंटी ना दिखने का कारण शायद यही था. में अब मन ही मन मचल था और फिर से में पागलों की तरह उसे उसके कूल्हों पर चूमने और चाटने लगा जिसकी वजह से उसने अब और ज़ोर ज़ोर से आहें भरना शुरू कर दिया था. फिर मैंने महसूस किया कि उसकी गांड तो बिल्कुल गरम तवे जितनी गरम हो चुकी थी.
अब मेरे होंठ तो जैसे उसे छूने से ही जल रहे थे, लेकिन मुझे बहुत मज़ा भी आ रहा था. मैंने अब उसकी पूरी ज़िप को खोल दिया था और अब वो खुद ही एकदम से पलटकर सीधी हो गई थी जिससे मुझे उसकी वो ड्रेस बाहर निकालने में थोड़ी आसानी हो जाए. मैंने उसकी उस ड्रेस को उतारकर देखा कि अब वो सिर्फ़ हल्के भूरे कलर की ब्रा और बिल्कुल हल्की और लगभग जालीदार पेंटी में मेरे सामने लेटी हुई थी. फिर उसने मुझे देखा और अपना एक हाथ मेरे पेट पर रख दिया और अब वो मेरी बेल्ट को खोलने लगी.
थोड़ी उसकी मेहनत और मेरी मदद करने के बाद अब में भी सिर्फ़ अपनी खुली जांघो वाली अंडरवियर में था और अब मेरी अंडरवियर में तो तापमान जैसे आफ्रिका की गर्मियों से भी ज़्यादा हो गया था. अब उसने मेरी अंडरवियर का वो उभार देखा और फिर थोड़ा रुक रुककर धीरे से अपना एक हाथ मेरे लंड पर घुमाने लगी और अब मेरा लंड पूरे ज़ोर पर आ गया, क्योंकि आज से पहले कभी किसी लड़की ने मेरे लंड को छुआ नहीं था और मेरे पूरे शरीर में जैसे कोई सनसनी सी दौड़ गई थी.
अब मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और अब ज़ोर ज़ोर से उससे अपना लंड दबवाने लगा और अब में भी उसकी तरह आहे भरने लगा था और मैंने देखा कि उसकी भी साँसे अब ज़ोर ज़ोर से चल रही थी. तभी अचानक से उसने मेरे सर को पीछे से पकड़ लिया और मेरे शरीर को अपने ऊपर ले लिया और तब पहली बार मेरे लंड ने किसी की चूत को छुआ था. अब में अपनी अंडरवियर पहने ही उसकी पेंटी से ढकी हुई चूत को ऊपर से गोल गोल रगड़ने लगा. दोस्तों में वो रगड़ना चाह कर भी कभी नहीं भुला सकता हूँ, में आपको क्या बताऊँ मुझे उस काम में कितना मज़ा आ रहा था? वो अब ज़ोर ज़ोर से करहाने लगी थी और पूरे रूम में उसके उह्ह्ह अह्ह्ह्हह करने की आवाज़ गूँज रही थी. मैंने रगड़ना और तेज़ कर दिया और फिर उसने मेरा एक हाथ पकड़कर अपने स्तन पर रख दिया.
मुझे उसका वो इशारा समझ आया और मैंने तुरंत उसकी ब्रा को भी खोल दिया और अब उसके दूध से भी ज़्यादा गोरे और चाँद से भी ज़्यादा गोल बूब्स जिस पर हल्के लाल रंग के वो निप्पल मुझे ताक रहे थे. अब वो पूरी तरह से नंगे थे. दोस्तों मुझे उन्हें अपने सामने देखकर बहुत आश्चर्य हुआ क्योंकि उसके बूब्स बहुत ही बड़े थे और उन्हें कपड़ो में देखकर मुझे कभी लगा नहीं था कि वो आकर में इतने बड़े भी हो सकते है? फिर उसने मुझे देखा और मुझसे कहा कि तुम बहुत अच्छे हो जानू और वो मेरा सर अपने बूब्स पर रगड़ने लगी. दोस्तों उसमें क्या हवस थी? वो तो मानो एक दूसरी दुनिया में ही पहुँच चुकी थी और वो बिल्कुल पागलों की तरह मेरा सर उसके बूब्स के ऊपर रगड़े जा रही थी और कह रही थी में तुम्हारे साथ हाँ उह्ह्ह्ह हमेशा से ही अहह यह करना चाहती थी. दोस्तों अब मुझे उसकी यह बात सुनकर मेरे कानों पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ. में अचानक से रुक गया और उसे देखकर जी भर आया और में सच कहूँ तो उस वक़्त अगर में सेक्स भी पूरा ना करता तो भी मुझे कोई गम नहीं था और अब उसकी वो बिल्कुल नम आखें साफ साफ बयान कर रही थी कि वो मुझसे कितना प्यार करती है.
अब मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और ज़ोर से उसके होंठो पर किस करने लगा. अब वो भी अब अपना पूरा आपा खो चुकी थी और जैसे एक प्यासा बड़ी देर के बाद पानी पिए ऐसे मेरे होंठो को चूसने लगी थी, जिसकी वजह से मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन मज़ा भी बहुत आ रहा था और थोड़ी देर बाद में एक बार फिर से उसके बूब्स को पहले से ज़्यादा तेज़ चूमने और काटने लगा. अब हम दोनों ही पूरी तरह से मदहोश हो चुके थे और अब जो भी हमारे साथ हो रहा था वो सब अपने आप हो रहा था.
उसने मेरी अंडरवियर को नीचे कर दिया और मेरे कूल्हों को जकड़कर अपनी चूत पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी. उसके एक हाथ की उंगलियों के नाख़ून मुझे बहुत चुभ रहे थे इसलिए में भी अपना पूरा ज़ोर लगा रहा था. अब मैंने एक ही झटके में उसकी पेंटी को निकाल दिया और अब में क्या बताऊँ दोस्तों वो क्या मस्त लग रही थी. वो पूरी नंगी और अब मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसकी चूत को मेरी हथेली से ढक दिया और अब धीरे धीरे रगड़ने लगा जिसकी वजह से उसने तो अब चिल्लाना शुरू कर दिया था. उस कारण से मुझे उसके मुहं पर अपना हाथ रखना पड़ा और मेरा हाथ व्यस्त होने के कारण में उसे चूमते हुए उसकी चूत तक ले गया और बिल्कुल हल्के से उसकी चूत को चाटने लगा.
अब मैंने महसूस किया कि उसकी चीखने चिल्लाने की आवाज अचानक से रुक गई, लेकिन सिसकियों कि आवाज बढ़ गई और अब उसकी चूत से वो पानी जैसे मेरी प्यास बुझाने के लिए लगातार बहे जा था और में उसका रसपान किए जा रहा था. तभी अचानक से वो काँपने लगी और मेरे पूछने पर उसने मुझे बताया कि उसे अब बहुत ठंड लगने लगी है. मैंने तुरंत बेड को साईड से खोलकर उसमे से एक कंबल निकाल लिया और उसे हम दोनों पर डाल लिया और उससे पूछा क्यों अब ठीक है? तो उसने हाँ कहा और कहा कि अब मुझसे नहीं रहा जाता और जल्दी से मेरी वर्जिनिटी को खत्म कर दो और चोद दो मुझे. दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनते ही मेरे तोते उड़ गये, क्योंकि में खुद आज पहली बार सेक्स का अनुभव कर रहा था और उस पर उसकी वर्जिनिटी खत्म करने का बोझ.
अब मैंने उससे साफ साफ कह दिया कि नहीं में यह सब नहीं कर पाऊंगा. दोस्तों मेरे कुछ सोचने से पहले ही मुझे पता नहीं कब मेरे मुहं से यह शब्द निकल गए, लेकिन वो अचानक से बहुत ज़ोर से हंस पड़ी और मुझसे कहने लगी कि तुम तो बहुत डरपोक हो, मुझे अब पता चल गया है. फिर अचानक उसकी हंसी रुकी और मुझे देखते हुए उसने कहा सूरज में सिर्फ़ अपनी वर्जिनिटी नहीं खोना चाहती. में तो अपनी वर्जिनिटी सिर्फ़ तुमसे खोना चाहती हूँ तुम बिल्कुल भी डरो मत में पहले से ही यह निर्णय बहुत सोच समझकर ले रही हूँ क्योंकि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. उसकी यह बात सुनकर मुझमे जैसे दुबारा जोश भर गया और उसने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और कंबल के अंदर से ही मुझे मार्गदर्शन देने लगी.
वो जगह पूरी तरह सुनिश्चित करने पर उसने अब सब कुछ मुझ पर छोड़ दिया था और अब सारी ज़िम्मेदारी मेरे कंधो पर थी. में धीरे धीरे अपने लंड के टोपे को उस कोमल जगह पर गोल गोल घुमाने लगा और जब उसकी चूत के पानी से मेरा लंड पूरी तरह भीग गया. तभी मैंने अपना लंड चूत के अंदर डालना शुरू कर दिया, लेकिन मेरे कुछ भी ज़्यादा ना करने के बावजूद भी वो रोने लगी, लेकिन मुझसे ना रुकने को भी उसने कहा.
अब मैंने अपने लंड को हल्का सा धक्का देकर चूत के अंदर ही किया और उसके गालों को मेरे हाथों से कसकर थाम लिया जिससे उसकी आखों से आंसू निकल गये और मैंने उसे किस कर दिया और जब उसका ध्यान पूरी तरह से मेरे चूमने पर था तो मैंने अपने हाथ गालों से हटा दिए और उसकी कमर को ज़ोर से कस दिया और फिर एक जोरदार झटका लगा दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्ला गई, लेकिन बहुत कोशिश करने के बाद मैंने किसी तरह उसके मुहं पर हाथ रखकर उसे शांत कर दिया और कुछ देर उसने मुझे वैसे ही रुकने का इशारा किया और थोड़ी देर बाद उसने फिर से अपने हाथ मेरे कूल्हों पर रख दिये और आगे पीछे करनी लगी, शायद अब उसे मज़ा आने लगा था और उसे ऐसे ज़ोर ज़ोर से सिसकते और आहे भरते देख मुझे भी बड़ा मज़ा आने लगा. मैंने धीरे धीरे खुद को तेज कर दिया और हम दोनों और ज़ोर से आहे भरने लगे.
अब तो में भी चिल्लाने लगा था और हम दोनों को अब किसी भी आवाज़ की कोई फ़िक्र नहीं थी. अब हम खुलकर एक दूसरे के रंग में डूबने लगे और उसकी वो अह्ह्ह अहह की आवाज़ मेरे कानों में अब गूँज रही है और मुझे और भी प्रोत्साहन दे रही थी. हम दोनों अब अपनी पूरी गति पर पहुँच चुके थे और तब मुझे एहसास हुआ कि अब में जल्द ही झड़ने वाला हूँ मेरे उससे कहने पर उसने मुझसे अपनी चूत के अंदर ही वीर्य छोड़ने को कहा और मेरे ना मानने पर उसने मुझे बताया कि वो बहुत पहले से ही इस दिन का सपना देखती आई है और आज वो चाहती है कि उसका पहला यौन संबंध अधूरा ना रहे.
उसके कहने पर में उसकी और अपनी स्वयं इच्छा से ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगा और फिर अचानक से शरीर में एक ठंड की सनसनी के साथ हम दोनों की एक जोरदार चीख के साथ में उसकी चूत में झड़ गया. दोस्तों वो बड़ी ही पवित्र भावना थी. में अब उसके ऊपर ही लेट गया और उसने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया था. में उसे अपनी पूरी जिंदगी भर वैसे ही जकड़ कर रखना चाहता था और अब उसके अलावा मेरा और कुछ करने का मन ही नहीं था और वो मेरे कंधे पर अपना माथा टेककर रोने लगी और अब में भी उसके साथ थोड़ा सा भावुक हो गया, लेकिन क्या करे? समय का अभाव था इसलिए मैंने उससे कहा कि चलो अब उठो तुम्हे जाना है ना? मैंने उससे बहुत प्यार से पूछा. तो वो उठी और कुछ ना कहते हुए अपनी ब्रा, पेंटी पहनने लगी. उसने अपनी ड्रेस पहनते वक़्त अपने बाल एक तरफ कर दिए और मेरी तरफ पीठ करके मुझे ज़िप लगाने का इशारा किया.
मैंने पीछे से उसकी खुली ड्रेस में से अपना हाथ आगे की तरफ डालकर उसे पेट से पकड़कर अपने से सटा लिया और सामने लगे अलमारी के काँच में हम दोनों एक दूसरे को निहारने लगे. दोस्तों में सच कहूँ तो उस वक़्त में उस आईने में हम दोनों को एक पति, पत्नी की रूप में देख रहा था और सपने सज़ा रहा था कि हम दोनों शादी के बाद कुछ इसी तरह रोज रात को प्यार करा करेंगे और सुबह साथ उठेंगे दोस्तों वो बड़ा ही हसीन पल था. अब वो मुझसे चलो हटो प्लीज छोड़ दो कहकर वो मुस्कुरा पड़ी और बोली कि प्लीज मुझे जाने दो. अब मैंने भी मुस्कुराकर अपना हाथ उसके गरम बदन से हटा लिया और फिर मैंने उसकी ज़िप को बंद कर दिया. कुछ देर में ही हम दोनों घर से एक साथ ही बाहर निकल गये और फिर उसने अपनी स्कूटी स्टार्ट कर दी. में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ उसने मुझसे बड़े ही प्यार से से कहा.
अब वो मेरी तरफ मुस्कुराकर अपना हेलमेट पहनकर चली गई, लेकिन उस दिन के बाद भी हमने कई बार सेक्स किया और अगली बार के लिए तो मैंने उससे यह आग्रह भी किया था कि हम अपना अगला सेक्स मेरी पसंद के कपड़े में ही करेंगे और वो दिन भी हमारा बहुत यादगार रहा और में आप सभी को उसके बारे में अपनी अगली कहानी में ज़रूर बताऊंगा, लेकिन दोस्तों कुछ भी कहो पहला सेक्स तो पहला ही होता है. मेरी बदनसीबी से कॉलेज ख़त्म होने पर उसे पुणे छोड़कर मुंबई में नौकरी के कारण जाना पड़ा और फिर हमारी बातचीत अब धीरे धीरे कम होते होते ख़त्म ही हो गई.
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नेहा भाभी ने मेरी गांड चोदी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आर्यन है, मैंने नेहा को कुछ दिन पहले ही मज़ाक-मज़ाक में उसे भाभी कहा और तब से ये ही चलता आ रहा है. तो ऐसे ही एक दिन में उससे व्हाट्सअप पर बात कर रहा था और फ्लर्ट करना तो हर लड़के की आदत होती है. बातों ही बातों में जब मैंने उससे पूछा कि क्यों भाभी जी भैया ख्याल रखते है की नहीं? तो नेहा का रिप्लाई आया कि क्या बताऊँ यार? में उनके लिए कितने सुंदर कपड़े पहनकर तैयार रहती हूँ, लेकिन वो आते ही टी.वी में घुस जाते है. अब व्हाट्सअप पर फोटो शेयर करने के बाद हम दोनों से रहा नहीं जा रहा था, लेकिन नेहा के पति होते हुए हम दोनों ही तड़प रहे थे.
अब एक दिन के लिए उसके पति आउट ऑफ टाउन गये और में रात भर अपनी नेहा को चोदने पहुँच गया. फिर नेहा ने दरवाजा खोल दिया तो वो डीप नेक पिंक नाईटी में गीले बालों में, वो बहुत ही टाईट माल लग रही थी, हाईट 5 फुट 5 इंच और मस्त फिगर. मैंने उससे कहा कि बड़ी कमाल लग रही हो नेहा तो उसने बोला कि भाभी बोलो ना और मुझे आज रातभर अपनी भाभी बनाकर चोदो. मुझे अपने देवर से चुदना है. फिर मैंने तुरंत ही दरवाजा लॉक किया और नेहा को हग कर लिया, अब में अपने हाथ से उसकी पूरी बॉडी को महसूस कर रहा था. अब और वो भी मुझे हर जगह टच कर रही थी. फिर धीरे से मैंने उसकी गर्दन को किस किया तो वो जोर-जोर से सांसे लेने लगी.
फिर मैंने नेहा भाभी के कानों में भाभी बोला और उसके कान को काटने लगा. अब नेहा भाभी बहुत गर्म हो चुकी थी, फिर उसने मेरी बैक साईड को कस कर पकड़ लिया और में भी उनकी आँखों को किस करता रहा. अब नेहा भाभी ने मेरी शर्ट को खोलना चालू कर दिया था. फिर नेहा भाभी बोली कि आह्ह्ह आर्यन फिर मैंने नेहा भाभी को दीवार से चिपका दिया और उनकी गांड मेरी साईड थी. अब में उनसे चिपककर खड़ा हो गया और अब मेरा लंड जो जीन्स के अंदर तन चुका था उनकी गांड से सटा हुआ था, अब मेरे हाथ उनके बूब्स पर थे और मैंने उन्हें दीवार से चिपका कर रखा हुआ था. अब मैंने उन्हें पलटाया और हम दोनों किस करने लगे, हम दोनों की ये पहली किस थी, लेकिन हम दोनों ही एक दूसरे के मुँह में थूक रहे थे. वो बहुत ही गर्म और लंबी किस थी. अब किस के टाईम मैंने नेहा भाभी को छाती से पकड़ा हुआ था, जबकि वो मेरी जीन्स के ऊपर से मेरे लंड को सहला रही थी. फिर मैंने धीरे से अपना हाथ उनके बूब्स से होते हुए उनके गीले बालों तक ले गया.
अब में उनके बालों को हल्के से खींच रहा था, इतने में ही नेहा भाभी ने मुझे एक तमाचा मार दिया. हालाँकि वो ज्यादा ज़ोर से नहीं था, लेकिन में थोड़ा डर गया था. फिर नेहा भाभी बोली कि भाभी को चोदने आया है साले? तो मैंने कुछ नहीं बोला. फिर वो थोड़ी देर तक मुझे घूरने के बाद भाभी मुझे फिर से किस करने लगी. अब में भाभी को वापस से किस कर रहा था, लेकिन अब मेरे हाथ उनकी छाती पर ही थे, लेकिन थोड़ी ही देर में सब कुछ बदल गया और अब नेहा भाभी मेरे लिप और जीभ को काटने लगी थी.
अब हम दोनों ही बिस्तर पर लेट गये और अब भाभी मेरे ऊपर थी. अब वो मेरी शर्ट उतारकर मेरे निप्पल को काट रही थी और फिर धीरे से वो नीचे गयी और फाइनली उन्होंने मेरी जीन्स उतार दी. फिर उन्होंने अपने दातों से मेरी अंडरवेयर भी निकाल दी और मेरा लंड चूसने लगी. अब वो मेरे लंड की टोपी को अपनी जीभ हिला हिलाकर सहला रही थी. जैसे ही मेरे लंड से पानी आया तो भाभी ने मेरे लंड से अपनी माँग रगड़ दी तो मैंने पूछा कि ये क्या था? तो भाभी बोली कि मेरी माँग नहीं भरोगें? और मैंने बस हंसकर उनका जवाब दिया.
फिर में खड़ा हो गया और भाभी अपने घुटनों पर आकर मेरे लंड को चूसने लगी. अब वो मेरे अंडो को भी चूस रही थी और वो बहुत ही मस्त तरीके से मेरे एक-एक अंडे को अपने मुँह में रखकर खींच रही थी और लंड पर थूक-थूक कर चूस रही थी. अब मेरा लंड पूरा गीला और हार्ड था तो भाभी बोली कि अब जल्दी से अपनी भाभी को चोदना और वो झट से अपनी पेंटी उतार कर ज़मीन पर ही लेट गयी. में भी तुरंत भाभी के ऊपर लेट गया और धीरे से अपने लंड को उनकी चूत में डाल दिया. तो भाभी बोली आआआह्ह्ह शादी के 2 साल के बाद भी वो चूत ढीली नहीं थी. अब मुझे टाईट चूत को चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा था और अब में धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ा रहा था और साथ ही साथ उनके बड़े-बड़े पिंक निप्पल चूस रहा था तो भाभी बोली कि इतना मत तड़पाओ मुझे, आअहह आर्यन.
अब में ये सुनकर उनकी निप्पल और ज़ोर से काटने लगा फिर इतने में भाभी ने मुझे फिर से मारा तो मैंने उन्हें चोदना छोड़ दिया और उन्हें देखने लगा तो भाभी बोली कि उठ. फिर जैसे ही में उनके ऊपर से हटा तो भाभी उठ गई और मेरी गांड को दबाना शुरू कर दिया. अब मुझे कुछ समझ आता इससे पहले उसने फिर से दबाना शुरू कर दिया तो में चिल्लाया, आअहह भाभी. भाभी अपने घुटने के बल बैठकर मेरी गांड को चाटने लगी और अब वो अपने हाथ से मेरी गांड को फाड़ कर चाट रही थी.
अब मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था. फिर मेरी पूरी गांड भाभी ने चाट चाटकर पूरी गीली कर दी थी, आहह भाभी. अब भाभी ने मुझे टेबल पर लेटा दिया और रबड़ का लंड लेकर आ गई. अब भाभी अपने नये लंड से मेरी गांड को सहला रही थी और मेरी गांड को काट भी रही थी. अब मुझे दर्द भी हो रहा था, लेकिन मज़ा भी आ रहा था. फिर भाभी ने वो रबड़ का लंड मेरी गांड में घुसा दिया और मेरी गांड मारने लगी, आआआ अब में ज़ोर जोर से मौन करने लगा था.
फिर भाभी ने मुझे जोर से पकड़ा और ज़ोर से मेरी गांड मारती रही आआहह भाभी मज़ा आ गया. अब मैंने इतना ही कहा था कि भाभी ने मेरी गांड को ज़ोर से मारा तो भाभी बोली कि तेरे मज़े के लिए नहीं तुझे तड़पाने के लिए में तेरी गांड मार रही हूँ. फिर में बोला जी भाभी और अपनी गांड मरवाता रहा. अब भाभी मेरी गांड के छेद में थूकती रही और मेरी गांड मारती रही और में चिल्लाता रहा और मज़े लेता रहा. फिर भाभी ने अचानक से मेरी गांड मारते हुए, मेरे निप्पल को दबाना चालू कर दिया, म्‍म्म्मम भाभी एम्म आर्यन मेरे देवर. अब भाभी मेरी गांड मारती रही और अब मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन मज़ा उससे भी बहुत ज्यादा आ रहा था. अब भाभी ने मुझे बहुत ज़ोर से चोदना चालू किया और उनकी स्पीड बहुत ज्यादा थी और अब बस में ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रहा था, भाभी आहह आहह.
फिर भाभी ने गांड मारते हुए मेरे लंड को पकड़कर हिलाना चालू किया, उनके हाथ बहुत तेज आगे पीछे हो रहे थे. अब में बहुत ही मज़े में था तो भाभी बोली कि आअहह आर्यन लगता है तुम्हारा गिरने वाला है तो में बोला हाँ भाभी, आअहह. फिर भाभी ने रबड़ का लंड ज़ोर से मेरी गांड के अंदर तक घुसा दिया, तो में चिल्लाया, ओह भाभी आअहह.
अब भाभी बहुत जोर-जोर हिल रही थी और भाभी वापस अपने घुटने के बल बैठ गई और अपने बड़े बूब्स को मेरे लंड में फंसा कर वो मेरे पानी के गिरने का इंतजार करने लगी और में चिल्लाता रहा, आह्ह्ह. अब भाभी मेरी गांड में उंगली भी कर रही थी और फिर जल्दी ही मेरा पानी बाहर आ गया और भाभी ने अपना मुँह खोलकर पूरा अंदर ले लिया. फिर भाभी बोली कि आर्यन मेरे देवर मस्त गर्म पानी आया है. फिर हमने बहुत मजा किया और भाभी ने भी मुझे बहुत मजा दिया.
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मकान मालकिन की चाहत

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम फजल है और में हैदराबाद का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 26 साल है, दोस्तों आज में आप सभी को जो अपनी कहानी सुनाने जा रहा हूँ और यह मेरी एक सच्ची घटना है. दोस्तों में जिस घर में किराए से रहता था उसमे गरिमा आंटी जो मेरी मकान मालकिन है वो भी रहती है और उनकी उम्र करीब 34 साल है और उनके फिगर का साईज़ 34-28-36 है और वो दिखने में बहुत ही सुंदर है और एक बहुत ही सेक्स औरत है और में हमेशा उनको देखते ही रहता था क्योंकि मुझे उनके वो बड़े बड़े झूलते हुए बूब्स बहुत ज्यादा पसंद थे और उसकी वजह से में उनकी तरफ बहुत ज्यादा आकर्षित था. में हमेशा उनके बूब्स को दबाना चाहता था और उन्हें छूकर महसूस करना चाहता था.
एक दिन आंटी ने मेरे दरवाजे की घंटी को बजाया, लेकिन में उस समय सोया हुआ था तो में आंटी की आवाज सुनकर जल्दी उठा और मैंने जाकर दरवाजा खोल दिया. मैंने देखा कि बाहर दरवाजे पर आंटी खड़ी हुई थी और उस समय मेरा लंड तनकर खड़ा हुआ था जिसको आंटी ने भी देख लिया. वो मुझे नाश्ता देने के लिए आई थी और फिर वो मुझे देकर चली गई.
एक दिन ऐसे ही चला गया और दूसरे दिन में आंटी के पास चला गया तो आंटी उस समय लाल कलर की साड़ी पहने हुए हुए सोफे पर बैठी हुई थी और उनके बच्चे अपने स्कूल का काम कर रहे थे. में अंदर आकर कम आवाज करके टीवी देखने बैठ गया और फिर कुछ देर बाद आंटी मुझसे बोली कि तू बैठ में तेरे लिए चाय लेकर अभी आती हूँ. तो वो मुझसे इतना कहकर किचन में चली गई और कुछ देर में मेरे लिए चाय बनाकर ले आई और जब वो मुझे चाय देने के लिए झुकी तो अचानक से उसकी साड़ी का पल्लू नीचे सरक गया, वाह दोस्तों वो क्या नजारा था, वो बूब्स मेरे सामने आने को बिल्कुल बैताब थे तो में उन्हें अपने सामने देखते ही एक टक नजर से देखता ही रह गया. तभी आंटी ने मुझसे कहा कि क्यों ऐसे क्या घूर रहे हो? तो में एकदम से हड़बड़ा गया और उनके हाथ से चाय लेकर अपनी नज़र नीचे करके बैठ गया और चुपचाप चाय पीने लगा.
फिर में कुछ देर बाद वापस बाहर आकर सिगरेट पीने के लिए बाहर निकल गया और बस उनके बारे में सोचने लगा और उनके बूब्स को अपनी आखों के सामने देखने लगा. रात को 11 बजे मेरे दरवाजे की घंटी बजी, लेकिन उस समय तक भी में सुबह वाली उस घटना के बारे में सोच रहा था और अब भी मेरा लंड थोड़ा थोड़ा सा खड़ा हुआ था. फिर मैंने उठकर दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि बाहर आंटी पर्पल कलर की मेक्सी में ठीक मेरे सामने खड़ी हुई थी. मैंने उनसे कहा कि हाँ आइए ना आंटी क्या चाहिए आपको? तो उन्होंने मुझसे थोड़ा ऊँची आवाज में पूछा कि तू सुबह ऐसे क्या देख रहा था? तो में उनके मुहं से यह बात सुनकर अचानक से डर गया और मैंने उनसे कहा कि सॉरी आंटी वो बस ऐसे ही मुझसे ग़लती से हो गया और में अब ऊपर से नीचे तक पूरी तरह पसीने से भीग चुका था.
आंटी ने अब मुझसे बहुत नरम आवाज से कहा कि चलो कोई बात नहीं है तुम यहाँ पर बैठो. में उनके कहते ही तुरंत बैठ गया और अब आंटी मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि जी नहीं, दोस्तों में अचानक से बदले उनके इस स्वभाव से बहुत चकित था कि वो मुझसे अब यह सब क्या पूछ रही है? क्योंकि अब मैंने गौर किया था कि उनके चेहरे की बनावट और मुझसे बात करने का तरीका बिल्कुल बदल सा गया था और उनके चेहरे पर मुझे एक अजीब सी शरारती हंसी नजर आ रही थी.
फिर आंटी ने मेरी बात सुनकर कहा कि ठीक, लेकिन क्या तुमने कभी किसे से सेक्स किया है? तो मैंने कहा कि नहीं, दोस्तों अब मुझे उनकी बातों से इस बात का अंदाजा हो गया कि वो मुझसे क्या पूछना या मेरे मन में क्या है वो जानना चाहती है? तभी उन्होंने मुझसे कहा कि तू क्या मेरे साथ सेक्स करेगा?
दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर में तो जैसे सातवें असमान में उड़ने लगा और बहुत खुश होकर मन ही मन सोचने लगा कि जैसे कि वो खुद ही मेरे पास आज आ गई है मुझसे अपनी चुदाई करवाने के लिए और अब मैंने ज्यादा समय खराब ना करते हुए तुरंत ही आंटी को अपनी बाहों में जकड़कर किस करते हुए उनके बूब्स को उनकी मेक्सी में से ही दबाना शुरू कर दिया क्योंकि अब में इतना अच्छा मौका बिल्कुल भी अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता था. वाह मज़ा आ गया मुझे उनके वो मुलायम बड़े बड़े बूब्स दबाकर. फिर करीब पांच मिनट के बाद मैंने आंटी की मेक्सी को खोल दिया और अपने भी कपड़े उतार दिए. तो आंटी ने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारे पास कोई ब्लूफिल्म की सीडी है?
फिर मैंने कहा कि मेरे पास ऐसी कोई भी सीडी नहीं है, लेकिन में वो सब ऑनलाईन ही देखता हूँ तो मैंने एक मस्त सेक्सी फिल्म नेट पर लगा दी और अब मैंने जैसे अपना लंड पेंट से बाहर निकाला तो आंटी देखती ही रह गई और मुझसे कहने लगी कि वाह तेरा लंड तो इतना बड़ा और मोटा भी है, मुझे पता होता तो में पहले ही तुझसे चुदवा लेती, लेकिन अब में तुझसे हर रोज़ अपनी चुदाई करवाया करूंगी क्योंकि मेरा पति तो बाहर है और वो दो साल में एक बार आता है और वो उसका काम होने के बाद ही मुझे ऐसे ही छोड़कर सो जाता है और फिर में अपनी उंगली से ही काम चलाती हूँ, लेकिन अब तू आ गया है तो मुझे मज़ा आ गया और फिर वो इतना कहकर मेरा लंड चूसने लगी. वाह दोस्तों क्या मज़ा आ रहा था और अब में उसके मुहं में मेरा लंड देकर में आसमान में उड़ रहा था. मुझे ऐसे महसूस हो रहा था और करीब दस मिनट लंड चूसने के बाद में करीब 15 मिनट तक उसके बूब्स को दबाता ही रहा.
तभी आंटी मुझसे कहने लगी कि प्लीज थोडा आहिस्ता आहिस्ता दबा मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
में : आंटी मुझे अब इनको चूसना और दबाना बहुत अच्छा लगता है, प्लीज आप मुझे आज कुछ भी मत कहो, में आज आपकी कोई बात नहीं सुनूंगा.
आंटी : आह्ह्हह्ह प्लीज थोड़ा धीरे करो आईईइ उईईईईईई माँ में मरी.
अब आंटी ने मेरे सर को पकड़कर अपनी चूत में दबाने लगी और में ना ना कहता रहा, लेकिन वो अब मुझसे अपनी चूत को ज़बरदस्ती चटवाना चाह रही थी. अब वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है प्लीज फजल आज डाल दे तेरा लंड मेरी इस भूखी चूत में. पिछले 15 महीने से नहीं चुदी हूँ, प्लीज आज बुझा दे इसकी प्यास, अब से में तेरी ही पत्नी बनकर रहूंगी आह्ह्ह्ह डाल. अब मैंने आंटी को सीधा लेटाकर उनकी कमर के नीचे एक तकिया रखकर मेरा लंड चूत के मुहं पर रख दिया और फिर एक ज़ोर का धक्का देने के साथ ही लंड को चूत के अंदर डालने लगा जिसकी वजह से आंटी बहुत ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी और फिर उन्होंने मुझे गाली देते हुए कहा कि कमीने इतने ज़ोर से मत कर, अब इसे बाहर निकाल दे कुत्ते आह्ह्ह में मर गई उइईईईईईई माँ बहुत दर्द हो रहा है मुझे उह्ह्ह बाहर निकाल इसे.
दोस्तों मैंने महसूस किया कि वो अब उस होने दर्द से कांप रही थी. में थोड़ा ऐसे ही रुका रहा और अब धीरे धीरे धक्का देने लगा, आंटी अब भी दर्द से करहा रही थी और सिसकियाँ लेकर मुझे गालियाँ देकर कह रही थी हाँ और ज़ोर से चोद दे कमीने, कुत्ते इस भूखी पुजारन को, आज से में तेरी ही हूँ, चोद दे आज इसकी प्यास बुझा दे उह्ह्ह्ह और आईईइ ज़ोर लगाकर दे. अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के पे धक्के दे रहा था और आंटी भी बहुत मस्त पूरी तरह जोश में आकर मस्ती में मुझसे चुदवा रही, वाह क्या मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी तुमको चोदने का ख्याल बहुत दिनों से था, लेकिन आज में हक़ीक़त में तुम्हे चोद दूंगा, यह मैंने कभी नहीं सोचा था और फिर बीस मिनट के बाद मैंने उनसे कहा कि आंटी में अब झड़ने वाला हूँ तो में अपना माल कहाँ पर निकालूं? तो आंटी ने मुझसे कहा कि तू मुझे आज तेरा वीर्य पिला दे, मुझे आज उसे चखना है.
फिर मैंने तुरंत अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकालकर उसके मुहं में डालकर मुहं में झड़ गया और उस बीच में आंटी दो बार झड़ चुकी थी, वो कहने लगी कि वाह मज़ा आ आ गया. दोस्तों उस रात में उनके पास में लेट गया और थोड़ी देर बाद आंटी मेरे लंड को चूसने लगी. मैंने उनसे कहा कि आंटी अब हम कल करते है तो आंटी ने मुझसे कहा कि मुझे तेरे साथ और भी गेम खेलना है. फिर उन्होंने चूसते चूसते मेरे लंड को एकदम से खड़ा कर दिया और मेरा लंड अब गरम सरीए की तरह खड़ा था और अब वो मेरे लंड पर बैठकर आहिस्ता आहिस्ता उछलने लगी और चीखते चिल्लाते हुए आहहह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह माँ मर गई कहती रही, जिसकी वजह से पूरे कमरे में अब फच फच की आवाज़ गूंज रही थी और करीब दस मिनट बाद आंटी उछलते उछलते अह्ह्ह्हह्ह उूईईईईईइई फजल आऊऊऊऊ कहते हुए झड़ गई और मेरे पास में लेट गई.
अब में उठाकर एक बार फिर से चूत में लंड डालकर चोदने लगा क्योंकि में अभी भी नहीं झड़ा था और करीब दस मिनट तक में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता रहा. आंटी का क्या? वो तो बस पड़ी हुई अह्ह्ह्हह्ह उह्ह्हह्ह उइईईईईईईईई फजल में मर गई हाँ चोदो मुझे और ज़ोर से आह्ह्ह्ह उईईईइ कहती रही और इस बीच हम दोनों ही एक साथ झड़ गए. उस समय में आंटी की चूत में ही झड़ गया और जब मैंने घड़ी में समय देखा तो उस वक्त सुबह के 2:45 बज गए थे. तो आंटी ने कहा कि हम कल फिर से करेंगे और फिर वो चली गई.
दोस्तों अब हमारा जब भी मन करे तो हम एक साथ पति पत्नी की तरह मस्ती करते है और में उनके साथ चुदाई के बहुत मज़े लेता हूँ, मैंने उनको दिन रात जब में बहुत बार चोदा और वो मुझसे चुदवाकर अपनी चूत की आग को शांत करती है.
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बीवी ने चूत दिलवाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम ललित है और में आपके लिए एक नई स्टोरी लेकर आया हूँ. इस स्टोरी में अपना अनुभव आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूँ. मेरी उम्र 38 साल है और में दिल्ली में एक अपार्टमेंट में रहता हूँ. में आपको मेरी और मेरी पत्नी प्रिया की एक नये अनुभव की स्टोरी बता रहा हूँ. अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा स्टोरी पर आता हूँ. दोस्तों हमने मनोज और ऋतु के साथ 3 बार अदल बदलकर सेक्स किया और उसके बाद हम बोर हो गये थे और हम 3 महीने तक अपना सामान्य सेक्स कर रहे थे. एक दिन मैंने प्रिया से कहा कि प्रिया अब कुछ चेंज करे तो उसने कहा कि मनोज और ऋतु के साथ, तो मैंने कहा कि नहीं यार, लेकिन मेरा मन कुछ नया करने को कर रहा है. तो उसने कहा कि नया करने के चक्कर में कहीं हम फंस ना जाए तो अब में भी चुप हो गया.
फिर एक दिन रविवार की सुबह में सो रहा था तो सुबह प्रिया ने आवाज़ लगाई कि ललित दरवाज़ा खोलना बेल बजी है. पूर्वी (जो कि हमारी कामवाली है) आई होगी. फिर में उठा और दरवाज़ा खोला तो सामने कोई 27-28 साल की एक औरत खड़ी थी. वो बोली भाभी है तो मैंने कहा कि हाँ है और नहा रही है, तुम बैठो में बुला देता हूँ. फिर मैंने प्रिया को आवाज़ लगाई कि प्रिया तुमसे कोई मिलने आया है तो प्रिया करीब 5 मिनट के बाद आई. वो लड़की बोली कि भाभी पूर्वी को गावं जाना पड़ा, क्योंकि कल उसके पिताजी गुज़र गये है तो वो मुझे बोलकर गयी है कि में यहाँ के 4-5 घर में काम कर लूँ वो एक बार उसके साथ भी यहाँ आई थी.
फिर प्रिया ने पूछा कि तुम्हारा नाम क्या है? तो उसने कहा कि अंजली, तो उसने कहा कि में 4 महीने पहले दिल्ली आई थी और तब से पूर्वी के साथ रह रही हूँ. हम दोनों एक ही गावं से है. पूर्वी ने बोला था कि में तुझे कोई काम दिलवा दूँगी. अभी में घर पर एक कंपनी का बटन लगाने का काम करती हूँ. अब वो शायद महीने भर में वापस आए, तब तक में आपका काम कर दूंगी और पूर्वी भी गावं पहुँचकर आपको फोन कर देगी, तो प्रिया ने उससे कहा ठीक है तुम काम कर लो. फिर अगले दिन बच्चे स्कूल जाने के बाद में और प्रिया ऐसे ही छेड़खानी कर रहे थे और तभी हमें सेक्स चढ़ने लगा और हम शुरू हो गये. फिर मैंने प्रिया की टाँगे खोली और उसकी चूत चाटनी शुरू कर दी. अब प्रिया भी सिसकारियां लेने लगी और बोली कि ललित जल्दी कर लो नहीं तो कामवाली आ जायेगी तो सारा मूड ख़राब हो जायेगा.
फिर मैंने भी तुरंत लंड निकाला और प्रिया के मुँह में दे दिया और कहा कि आज सिर्फ़ ये कर लो बाकि का कल करेंगे. प्रिया ने कहा कि फिर तुम मेरा उंगली से निकाल दो और में तुम्हें ब्लोवजोब देती हूँ. फिर में अपनी दो उंगलियां प्रिया की चूत में अंदर बाहर करने लगा और प्रिया मेरा लंड चूसने लगी. अभी 1 मिनट ही हुआ था कि बेल बज गयी तो प्रिया बोली कि ललित बेल बजने दो पहले मेरा पानी निकाल दो नहीं तो पूरा दिन चूत गीली रहेगी. फिर मैंने अपनी उंगलियों की रफ़्तार तेज़ कर दी और प्रिया भी मेरे लंड को पूरे जोश से चूसने लगी. फिर अगले 2 मिनट में प्रिया का पानी निकल गया और मैंने भी अपना पानी प्रिया के मुँह में ही छोड़ दिया. उस वक़्त तक 4-5 बेल बज चुकी थी. अब प्रिया जल्दी से उठकर बाथरूम गयी और मुझे गेट खोलने को बोला. फिर मैंने भी अपना अंडरवियर पहनी और गेट खोला तो सामने अंजली थी. वो बोली कि मैंने सोचा घर पर कोई नहीं है तो मैंने कहा कि नहीं हम सो रहे थे.
फिर में अंदर आ गया और वो भी पीछे-पीछे अंदर आ गयी. अब वो झाड़ू उठाकर हमारे बेडरूम में आ गयी. अब में बेड पर लेट गया. फिर जब वो झुकी तो में पागल हो गया, क्या बूब्स थे उसके? और उसने दुपट्टा भी नहीं डाला था. अब मेरा लंड तो फिर से खड़ा हो गया था. तभी प्रिया बोली कि ललित टावल देना तो मैंने अलमारी से टावल निकाला और तब तक अंजली बाहर चली गयी थी. अब में सीधा बाथरूम में चला गया और प्रिया के बूब्स पर टूट पड़ा. अब प्रिया भी ये एक्सपेक्ट नहीं कर रही थी, क्योंकि अभी तो उसने मेरा पानी निकाला था. फिर मैंने भी उसके बूब्स चूसते हुए उसे घुमाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया तो प्रिया बोली कंडोम तो निकाल लो, सेक्स के लिए ये पीरियड सेफ नहीं है. फिर मैंने कहा कि में बाहर निकाल दूंगा तुम बस झुक जाओ. फिर मैंने अपना लंड प्रिया की चूत में झटके से डाल दिया तो प्रिया की चीख निकल गयी. मैंने कहा कि क्या हुआ? पहली बार चुदवा रही हो क्या? तो वो बोली मुझे लग रहा तुम्हें चोदने की ज्यादा जल्दी हो रही है, कहीं लड़की हाथ से ना निकल जाए.
फिर मैंने कहा कि प्रिया चुदवाने में मज़ा आ रहा है या नहीं तो प्रिया बोली बेबी बहुत आ रहा है, तुम कहो तो में चीख-चीख कर चुदवाऊं. तो मैंने कहा कि हाँ चीखो जैसे पहली बार चुदवा रही हो. अब प्रिया भी चिल्लाने लगी, ललित आह्ह्ह्ह, ललित और तेज और तेज, मुझे चोद डालो, अपना लंड पूरा अंदर डाल दो, फुक मी फुक मी, फाड़ दो मेरी चूत और अपना पानी मेरे अंदर ही छोड़ना. में गोली खा लूँगी, तुमने तो एकदम से वार करके मेरी चूत की आग ही बढ़ा दी है, ओहह यस ललित चोदो, चोदो मुझे, चोदो यस, और तभी मैंने अपना पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया. फिर 10 मिनट के बाद हम फ्रेश होकर दोनों बाहर आए तो प्रिया किचन में चली गयी और में ऑफिस के लिए तैयार होने लगा. अब हम रविवार के दिन सब नाश्ता कर रहे थे कि तभी अंजली आ गयी, क्योंकि रविवार को वो लेट आती थी और में नाश्ता करके बच्चों के साथ पार्क में चला गया था.
फिर करीब एक घंटे के बाद में ऊपर आ गया. तभी प्रिया बोली कि पूर्वी का गावं से फोन आया था और वो कह रही थी कि अंजली को एक महीना अपने घर पर रख लो, क्योंकि उसके पास वाले कमरे में तो आदमी रहते और शराब पीकर गाली और लड़ाई करते है इसलिए में उसे वहाँ अकेले नहीं छोड़ सकती. मैंने कहा कि ठीक है तुमसे पूछकर बताउंगी, क्योंकि हमारी प्राइवसी भी ख़त्म होगी और हम इसे जानते भी नहीं है. तभी मैंने कहा कि कोई बात नहीं 15-20 दिन की तो बात है और हमारा गेस्ट रूम तो खाली है और वो सिर्फ़ रात को सोने ही तो आयेगी और दिन में तो वो काम ही करेंगी. फिर प्रिया को भी ये ठीक लगा और उसने पूर्वी को फोन करके हाँ कर दी. फिर उसी रात 8 बजे अंजली आ गयी तो प्रिया ने बोला खाना खाओगी तो अंजली बोली कि नहीं भाभी में खाना खाकर आई हूँ वहाँ तो बस रात को डर लगता है इसलिए पूर्वी को बोला था कि कहीं रात रहने का इंतज़ाम कर दे और आपने मेरी मदद कर दी. तो प्रिया बोली कि कोई बात नहीं आ टी.वी देख ले, में सोने से पहले तेरा बिस्तर निकाल दूंगी, तू गेस्ट रूम में बिछा लेना जो कि हमारे बेडरूम के पास था.
अब रात के 10 बज रहे थे तो बच्चे अपने रूम में चले गये और में और प्रिया अपने रूम में टी.वी देखने लगे और अंजली भी अपने बिस्तर लेकर अपने रूम में चली गयी. फिर मैंने प्रिया से कहा कि कोई पॉर्न मूवी देखे तो प्रिया ने कहा कि कल सोमवार है और बच्चों को स्कूल जाना है और इन सबमें हम लेट हो जायेंगे और सुबह उठने में मुश्किल होगी, अब टी.वी बंद करो और सो जाओ. अब ये रुटीन 2-3 दिन तक चलता रहा और अब गुरुवार को बच्चों का ऑफ था तो मैंने प्रिया को ऑफिस से फोन करके बोल दिया था कि हम आज रात को मज़ा करेंगे. तो प्रिया ने बच्चों को 10 बजे सुला दिया और खुद भी फ्रेश होकर बेड पर आ गयी. उसने रेड कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी. फिर प्रिया बोली कि कोई पॉर्न मूवी लगा लो, तो मैंने एक सेक्सी मूवी चालू कर दी और हम दोनों चूमा चाटी करने लगे.
फिर में प्रिया के बूब्स चूसने लगा और तभी मेरे दिमाग़ में अंजली के बूब्स आ गये तो मैंने प्रिया से बोला कि अंजली के बूब्स मस्त है. तो प्रिया बोली मुझे पता है मैंने तुम्हें उसको देखते हुए नोटीस किया है, लेकिन मैंने कुछ बोला नहीं, बस तुम मज़ा ले लो, लेकिन कुछ करना नहीं क्योंकि आजकल ये सब उल्टा पड़ जाता है. तो मैंने भी प्रिया की पेंटी साईड में की और उसकी चूत को चूसने लगा. अब प्रिया बहुत गर्म हो गयी थी और फिर वो बोली कि बेबी आज मेरे पीछे डाल दो, बहुत दिन हो गये है. फिर में उसके पीछे गांड में उंगली डालने लगा तो मेरी उंगली जा नहीं रही थी तो मैंने कहा कि में किचन से तेल ले कर आता हूँ, फिर मैंने बेड से उतर कर दरवाज़ा खोला तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे कोई तेज़ी से भागा है. फिर में बेडरूम से बाहर आकर बच्चों के रूम में गया तो वो सोए हुए थे. फिर मैंने किचन से तेल लिया और बेडरूम में जाने से पहले अंजली के रूम में देखा तो वो एकदम से पलट कर सो गयी.
अब मुझे कुछ अजीब लगा और में बेडरूम में आकर प्रिया को तेल देकर वापस पानी लेने के लिए किचन में आ गया, लेकिन बेडरूम का दरवाज़ा पूरा बंद करके और मैंने किचन की लाईट भी ऑफ कर दी. तभी मैंने देखा कि अब अंजली हमारे बेडरूम के दरवाज़े के पास आकर खड़ी हो गयी, तभी प्रिया बेड से उठी और अंदर कुछ गिरने की आवाज़ आई, तभी अंजली भागकर अपने रूम में चली गयी. अब में पूरा मामला समझ गया था. फिर मैंने बेडरूम में आकर दरवाज़ा पूरा बंद नहीं किया और प्रिया को पूरी बात बताई. अब प्रिया भी बहुत उत्तेजित हो गयी थी. फिर उसने मेरा लंड पकड़कर मुँह में ले लिया और चूसने लगी, फिर में तेल निकालकर प्रिया की गांड में लगाने लगा और बोला कि प्रिया क्या गांड है तुम्हारी? आज में इसे जमकर चोदूंगा तो प्रिया बोली बेबी गांड चूत सब चोदो, अच्छे से चुदे हुये बहुत दिन हो गये, कम ऑन फुक मी. फिर मैंने अपना लंड आराम से प्रिया की गांड में लगाया और अंदर डालने लगा तो प्रिया भी चिल्लाने लगी कि बेबी आराम से डालना दर्द हो रहा है.
फिर मैंने धीरे-धीरे अपना लंड पूरा अंदर डाल दिया और आराम-आराम से अंदर बाहर करने लगा. प्रिया भी बोलने लगी कि बेबी फुक मी, चोदो मुझे, मार लो मेरी गांड, अब अपनी स्पीड तेज कर दो, अब दर्द नहीं हो रहा है, चोदो मुझे. अब प्रिया ने अपनी दो उंगलियां चूत में भी डाल ली थी जो मुझे लंड पर महसूस हो रही थी. फिर मैंने दरवाज़े पर देखा तो मुझे पता चल गया कि अंजली वहाँ पर खड़ी है और चुदाई की आवाज़े सुन रही है. अब में भी जमकर चुदाई करने लगा और बोला कि प्रिया मेरा लंड कैसा लगा? तो प्रिया बोली कि मज़ा आ गया, मन कर रहा है तुमसे सारी रात चुदती रहूँ, अब ऐसा करो कंडोम चढ़ाओं और मेरी चूत में लंड डाल दो. फिर प्रिया सीधी लेट गयी और मैंने कंडोम चढ़ाया और मेरा लंड पूरा उसकी चूत में डाल दिया. अब प्रिया सिसकारियां लेने लगी थी और कहने लगी कि दुनिया में सबसे ज़्यादा आनंद चुदाई में आता है और इसमें इंसान सब कुछ भूल जाता है, ललित अपनी स्पीड तेज कर दो और अपना पानी मेरे चेहरे पर निकालना, मुझे रंडी बनकर चुदवाना बहुत अच्छा लगता है.
फिर मैंने भी अपनी स्पीड तेज कर दी और पूरे जोश के साथ उसे चोदने लगा और बोला कि ले मेरा लंड, ले रंडी प्रिया चुद मुझसे. अब करीब 5 मिनट तक ऐसे चोदने के बाद मैंने कंडोम उतार कर पूरा पानी प्रिया के चेहरे पर निकाल दिया. अब प्रिया मेरा पूरा पानी अपने चेहरे पर, बूब्स पर और बॉडी पर लगाने लगी और बोली कि ललित तुम सही में बहुत ढंग से चोदते हो और कोई तुमसे एक बार चुदवा ले तो फिर वो तुमसे ही चुदवायेगी. अब में और प्रिया पूरी तरह से थक चुके थे और करीब 10 मिनट के बाद प्रिया बोली कि क्या अंजली ने पूरा मज़ा लिया है? तो मैंने कहा हाँ काफ़ी देर तक वो खड़ी रही. अब तुम बाहर जाकर देखो और पानी ले आना तो प्रिया बिना कुछ पहने ही बाहर चली गयी और में भी उसके पीछे चला गया.
फिर हमने दबे पांव गेस्ट रूम में देखा तो अंजली ने अपनी साड़ी ऊपर उठा रखी थी और अपनी चूत में उंगली कर रही थी. उसके रूम में बाहर की रोशनी आ रही थी, उसकी चूत बिल्कुल क्लीन शेव थी. अब प्रिया ने मुझे देखा और मेरा हाथ अपनी चूत पर रख दिया. में समझ गया कि प्रिया एक बार और अपना पानी निकालना चाहती है. फिर में उसे किचन में ले गया और गैस पट्टी पर बैठाकर उसकी चूत में उंगली करने लगा तो लास्ट में जब उसका निकलने वाला था तो उसका हाथ बर्तनो को लगा और तेज़ आवाज़ हुई तो अंजली भी भाग कर किचन में आ गयी और उसने हम दोनों को पूरा नंगा देख लिया, लेकिन वो चुपचाप अपने रूम में चली गयी और हम भी अपने रूम में आकर सो गये.
फिर सुबह बच्चे भी नहाकर खेलने चले गये और अब में बेड पर ही सुस्ता रहा था कि थोड़ी देर में प्रिया आई तो मैंने पूछा कि अंजली से कोई बात हुई तो वो बोली कि वो तो हमारा काम करके बाकी घर में काम करने चली गयी है और मुझे तभी सोसाइटी का बुलावा आ गया था कि आज मीटिंग है तो अब में फ्रेश होकर वहाँ चला गया और शाम को 5 बजे वापस आया. फिर मैंने चाय पी और टी.वी देखने लगा और फिर वो ही रोज़ का रुटीन और रात को फ्री होकर हम अपने बेडरूम में आ गये. फिर मैंने प्रिया से पूछा कि अंजली कहाँ है? तो प्रिया बोली वो आधे घंटे में आयेंगी, वो शर्मा जी के यहाँ कुछ मेहमान आए है तो उन्होंने अंजली को रुका लिया है. फिर प्रिया मुझे बताने लगी कि मेरी अंजली से रात वाले सीन पर बात हुई थी तो मैंने बड़ी उत्सुकता से पूछा क्या बात हुई? तो वो बोली कि मैंने अंजली से सीधा सीधा पूछ लिया कि तुम हमें सेक्स करते हुए क्यों सुन रही थी? और फिर तुम अपनी चूत में उंगली भी कर रही थी.
फिर वो पहले तो घबरा गयी तो मैंने हँसते हुए पूछा कि क्या तुम शादीशुदा हो? तो वो नॉर्मल हुई और बोली हाँ, लेकिन करीब 4 महीने से पति से नहीं मिली तो उस दिन सुबह भैया और आपको मैंने बाथरूम में सेक्स करते देख लिया तो में बैचेन हो गयी. में ही पूर्वी से झूठ बोलकर आपके घर रुकी ताकि में आपको सेक्स करते हुए देख सकूँ और अपने आपको तृप्त करूँ, लेकिन ये पूर्वी से मत कहना. मैंने कहा कि तेरे बच्चे है? तो उसने कहा कि नहीं है और मेरे पति भी निरोध लगाते है तो मैंने कहा कि तूने अपनी चूत भी पूरी साफ की है तो वो बोली कि मेरे पति को पूरी साफ चूत ही अच्छी लगती है इसलिए में हमेशा साफ रखती हूँ. प्रिया बोली कि इन सब बातों से वो नॉर्मल हो गयी और खुलकर बात करने लगी और उसने ये भी बताया कि उसने पूर्वी और उसके पति को भी चुदाई करते देखा है, लेकिन वो तो उसकी साड़ी उठाता है और 5 मिनिट में करके अलग हो जाता है, लेकिन आप लोगों का सेक्स बिल्कुल मेरे पति जैसा है, वो भी मेरी चूत चाटते है और मुझे अपना लंड भी चुसवाते है और बोली कि में तो समझती थी कि मेरा पति ही सेक्स करते हुए गंदा बोलता है, लेकिन आपकी बातें सुनकर तो में पागल सी हो गयी और मुझे उनकी याद आने लगी है.
फिर प्रिया मुझसे बोली कि वो इस वक़्त चुदवाने के लिए पूरी तरह से तैयार है तो मैंने कहा कि तो बुला लो उसको. प्रिया बोली नहीं ऐसे नहीं, में कल दोपहर में उसको बुला लूँगी और टेस्ट करूँगी. फिर हम दोनों यह बातें करके फिर से लग गये और 15 मिनट में जब में प्रिया की चूत में डालने लगा तो बेल बजी और में समझ गया कि अंजली होगी और फिर प्रिया ने नाइटी पहनी और दरवाज़ा खोला तो अंजली अंदर आ गयी. फिर प्रिया ने उससे बोला कि जब भी हम शुरू होते है तो तुम बेल बजा देती हो. वो बोली आप रोज़ करते हो तो प्रिया बोली कि हम तो कई बार दिन में दो बार करते है. फिर प्रिया ने बेडरूम का दरवाज़ा बंद नहीं किया और अंजली से बोली कि आ जा यहाँ बैठकर देख ले, लेकिन वो नहीं आई और हम लोग अपना काम करके सो गये.
फिर अगले दिन प्रिया ने उसे बुलाया और बोली कि अंजली मेरी मालिश कर दे. फिर प्रिया ने अपनी नाईटी उतारी और अपने बेड पर उल्टी लेट गयी और फिर अंजली ने तेल की बोतल ली और प्रिया की मालिश करते हुए बोली कि भाभी आप लोग पीछे से भी करते है तो प्रिया बोली कि हाँ इसमें बहुत मज़ा आता है तो अंजली बोली कि नहीं बहुत दर्द होता है, एक बार मेरे पति ने पीछे से डालने की कोशिश की तो मेरी दर्द के मारे चीख ही निकल गयी थी. प्रिया बोली कि इसके लिए पहले पीछे वाले छेद को तैयार करना पड़ता है और तेल की मदद भी लेनी पड़ती है, जब तूने पहली बार चूत में डलवाया था तो दर्द हुआ था या नहीं, लेकिन बाद में मज़ा आने लगा ना. फिर प्रिया बोली कि चल अब एक काम कर तेल ले और मेरे पीछे वाले छेद में डाल और वहाँ अलमारी खोलकर उसमें से एक रबड़ का लंड पड़ा है वो निकाल ले. फिर अंजली ने जब अलमारी खोलकर रबड़ का लंड पकड़ा तो वो हैरान हो गयी और बोली कि भाभी ये तो असली का लग रहा है.
फिर प्रिया बोली कि हाँ असली का लगेगा, तभी तो असली की तरह मज़े देगा. फिर प्रिया बोली क्यों लेना है? तो अंजली ने अपना सिर झुका दिया तो प्रिया बोली कि चल अपने कपड़े उतार तो अंजली शरमाने लगी, लेकिन प्रिया ने उसे किसी तरह से नंगी कर ही दिया. अब दोनों बिस्तर पर नंगी थी. फिर प्रिया ने लंड पर कंडोम लगाया और तेल भी लगाया और अंजली की चूत में डाल दिया. पहले तो उसे बहुत दर्द हुआ, लेकिन बाद में तो वो उछल-उछल कर लेने लगी और बोलने लगी कि भाभी क्या मस्त चीज़ है ये? मर्द ना हो तो भी खुद को ठंडा कर लो, भाभी और अंदर डालो और जैसे आप भैया से चुदवाती हो, वैसे ही मुझे चोदो. प्रिया बोली कि वो तो में तुझे दे ही दूँगी, तू कहे तो भैया से भी मज़े दिलवा दूँ. अब अंजली सिसकारियां लेते हुए बोली कि अपने पति से मुझे चुदवाओगी. तो प्रिया बोली तो क्या हुआ? लंड घिस थोड़ी जायेगा और ना तेरी चूत घिसेगी, बोल चुदेगी मेरे पति से, में भी तेरा साथ दूँगी. अब अंजली तो पूरी गर्म हो गई थी तो वो बोली जब आपको कोई फर्क नहीं पड़ता, तो में भी चुद लूँगी, मेरा पति भी तो पुर्वी को चोदता है और उसका एक से मन भी नहीं भरता है.
मुझे पता है पूर्वी भी वहाँ मेरे पति से चुद रही होगी. वो साली तो यहाँ भी सक्सेना भाई साहब से चुदती है. अब इस चुदाई में अंजली ने सब कुछ बोल दिया जो उसके दिल में था और अब वो खेल ख़त्म होने के बाद प्रिया ने मुझे फोन करके ग्रीन सिग्नल दे दिया. अब शनिवार रात को बच्चों को में अपने मम्मी पापा के यहाँ छोड़कर वापस आया तो मैंने देखा कि अंजली ने प्रिया की काली नाईटी पहनी हुई थी और कोई कह नहीं सकता था कि ये गावं की लड़की होगी. प्रिया ने उसे पूरा तैयार किया था. अब मुझे देखकर वो बेडरूम में चली गयी और प्रिया बाहर आई और बोली कि तुम फ्रेश हो जाओ. फिर में नहाने चला गया तो प्रिया ने कोल्डड्रिंक में वोड्का डालकर अंजली को दी. उसने पहला घूँट पिया तो वो बोली कि भाभी ये क्या है? तो प्रिया ने कहा कि पी ले इससे तेरी सारी शर्म गायब हो जायेगी और ऐसा मज़ा लेगी कि अपने पति को भी भूल जायेगी. उसने पूरा ग्लास एक घूँट में ही ख़त्म कर दिया और फिर दूसरा ग्लास भी पी लिया.
तभी में बाथरूम से बाहर आ गया और प्रिया ने भी बेडरूम में आकर पॉर्न मूवी चालू कर दी, जिसमें दो लड़कियां एक लड़के के साथ सेक्स करती है. फिर अंजली ने मूवी देखी और थोड़े नशे में बोली कि हाँ ऐसी पिक्चर मेरे पति ने भी मुझे दिखाई है तो प्रिया बोली तुझे तेरे पति ने 4 महीने में पूरा तैयार किया और तू उसे छोड़ आई तो वो तो दूसरो को चोदेगा ही. फिर अंजली थोड़ी दबी हुई आवाज़ में बोली कि उसने मेरे सामने मेरी बड़ी बहन को चोदा तो क्या में वहीं रुकती? लेकिन अब में जाउंगी तो में भी उसके सामने उसके भाई से चुदवाऊंगी और उसका लंड अपनी चूत में डलवाऊंगी. अब उस पर नशा हावी हो रहा था तो में अपना लंड उसके मुँह के पास ले गया. तो अंजली ने फटाफट मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी और बोली कि कितने दिनों के बाद लंड देखा है, मुझे इसकी आदत पड़ गयी थी और उसने मुझे इसका गुलाम बना दिया था, वो हफ्ते में 4 बार मेरी चुदाई करता था और पता नहीं बाकि दिनों में किस किस की चुदाई करता होगा साला हरामी. लेकिन भैया आपका लंड तो उससे भी बड़ा और मोटा है. मैंने कहा कि क्यों मुझे भैया कह कर बहनचोद बना रही है? वो बोली कि भाभी भी तो आपसे चुदाते हुए आपको बहनचोद बोल रही थी.
फिर प्रिया ने अपनी पेंटी साईड में की और अपनी चूत मेरे मुँह में डाल दी. अब में लंड चुसवाते हुए चूत चाट रहा था. फिर अंजली बोली कि भाभी आप कितनी गोरी हो, लेकिन में तो साँवली हूँ और फिर भी भैया को में कैसे अच्छी लगी? तो प्रिया बोली तू 24 साल की है और तूने अभी तक बच्चा भी पैदा नहीं किया है और तेरे बूब्स भी बिल्कुल कसे हुए है और में 36 साल की 2 बच्चो की माँ हूँ और जो तू अब लग रही है ना तो तेरा पति देख ले तो हमेशा तेरे ऊपर ही चढ़ा रहेगा. फिर प्रिया बोली अब में भी ड्रिंक ले लेती हूँ तभी कुछ गर्म हो पायेगा, लेकिन बेबी तुम मत लेना, तुम्हें दो को संतुष्ट करना है. फिर प्रिया ड्रिंक बनाने चली गयी.
फिर मैंने अंजली को उठाया और बेड पर लेटाकर उसकी टाँगे खोल दी और उसकी चूत पर टूट पड़ा तो वो बोली कि चूस लो मेरी और चोद दो मुझे, जैसे आप भाभी को चोदते हो. फिर में अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदने लगा तो अंजली बोली कि भैया मुझे कुछ गंदा बोलो, जैसे आप भाभी को चोदते हुए बोलते हो. मैंने कहा कि साली रंडी बड़ी गर्मी है तेरी चूत में, तभी प्रिया ड्रिंक का सीप भरते हुए अंजली के मुँह पर बैठ गयी और बोली साली चल अब मेरी चूत चाट. अंजली अब पूरे नशे में थी और अब वो पूरे जोश से प्रिया की चूत चाटने लगी. फिर 5 मिनट के बाद प्रिया ने ग्लास ख़त्म किया और बोली कि तूने मेरी चूत चुदने के लिए पूरी तैयार कर दी और बेड पर घोड़ी बन गयी और अंजली से बोली कि तू अब अपनी चूत रगड़ ले और ललित तुम मुझे चोदो. तभी अंजली बोली कि भाभी आप तो रोज़ लेती हो, आज मुझे लेने दो, मेरा दो बार बिना चुदाई के पानी निकल गया है तो प्रिया हँसते हुए बोली कि लो भैया चोद लो अपनी बहन को, आओ चोदो इसे.
फिर मैंने कंडोम चढ़ाया और अंजली की चूत में डाल दिया. अब उसकी सिसकारियां निकली और बोली कि भाभी आपकी वजह से मुझे ये आनंद मिला है. तभी प्रिया बोली कि हाँ बहन की लोड़ी ले ले मेरे पति का लंड. मैंने प्रिया को देखा और वो हँसते हुए बोली कि आज हमारा गार्ड अपनी बीवी को बहन की लोड़ी बोल रहा था तभी मैंने सुना. तो में बोला हाँ बहन की लोड़ी तुझे भी चोदूंगा, तू चिंता मत कर, तेरी भी चूत का बाजा बजाऊंगा, पहले इस रंडी की आग को शांत कर दूँ. फिर मैंने अपना मुँह अंजली के बूब्स पर ले जाकर उसके बूब्स चूसने लगा और साथ-साथ उसे चोदने भी लगा. फिर प्रिया हमारे पीछे आई और मेरे बॉल्स को जीभ से चाटने लगी. मैंने प्रिया को रोका, प्लीज़ ऐसा मत करो मेरा जल्दी निकल जायेगा. फिर प्रिया साईड में बैठकर अपनी चूत में उंगली करने लगी और मुझसे बोली कि क्यों चुदाई का मज़ा आया? अब वादा करो कि तुम भी कोई मेरे लिए लाओगे, जिससे में तुम्हारे सामने चुद सकूँ. फिर मैंने हाँ कहते हुए अपनी स्पीड तेज कर दी और करीब 20-25 मिनट तक हर स्टाइल में अंजली की चुदाई की. फिर मैंने कंडोम उतार कर प्रिया के बूब्स की चुदाई करते हुए अपना पानी निकाला..
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मेरी वाईफ को अंजान से चुदते देखा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मनीष है और में सूरत से हूँ. में आज आपको मेरा आँखो से देखा हुआ रियल सेक्स बताने जा रहा हूँ, जो मेरी वाईफ और एक अजनबी ने किया था. हमारी शादी को 1 साल हुआ है. मेरी वाईफ दिखने में गोरी, लंबी, और अच्छी फिगर की है और उसका साईज 34-29-35 है. अब में जो स्टोरी आपको बताने जा रहा हूँ, ये बात 15 दिन पहले की है. मेरे घर पर फर्निचर का काम चल रहा था और घर पर गगनपाल और सुरेश नाम के दो मिस्त्री काम करते थे. अब रोज की तरह में सुबह 9 बजे घर से जॉब पर चला गया था, लेकिन उस दिन हमारे ऑफिस का काम चल रहा था, इसलिए हमें छुट्टी दे दी थी.
फिर में दोपहर को 1 बजे जब घर लौटा तो मैंने बेल बजाई, लेकिन बिजली ना होने की वजह से बेल नहीं बजी और मुझे लगा कि कोई दरवाजा खोलने आ क्यों नहीं रहा है? फिर मैंने मेरे बैग से अपनी एक्सट्रा चाबी निकाली और दरवाजा खोला. फिर जब में घर में अन्दर आया तो मैंने देखा कि रूम में कोई नहीं था, ना वर्कर्स और ना मेरी वाईफ. फिर में मेरी वाईफ को सर्प्राइज़ देने के लिए धीरे पैर अपने बाथरूम की तरफ गया तो अंदर से थोड़ी आवाज़ आ रही थी.
फिर मैंने दरवाजे के होल से देखने का सोचा. फिर जब मैंने दरवाजे के होल से देखा तो देखते ही दंग रह गया. मेरा मन किया कि अभी दरवाजा खोलकर दोनों को मार दूँ, लेकिन अब मेरी वाईफ को इतना खुश देखकर फिर मैंने अपना मन बदल दिया और फिर से दरवाजे के होल से देखा तो मेरी वाईफ अब पूरी नंगी अपने घुटनों पर बैठी है और मिस्त्री सुरेश भी नंगा खड़ा था.
अब मेरी वाईफ सुरेश का लंड चूस रही थी और बोल रही थी कि वाह सुरेश तेरा कितना तगड़ा लंड है? मन करता है कि तेरा चूसती रहूँ. सच में सुरेश का लंड कम से कम 8 इंच लंबा और 4 इंच मोटा था. फिर तो सुरेश भी मेरी वाईफ के सर को पकड़कर अपना लंड मेरी वाईफ के मुँह में डालने लगा. अब ये नज़ारा देखकर में हैरान हो गया था, मेरी वाईफ आज तक कभी मेरा लंड अपने मुँह तक भी नहीं लाई थी.
अब सुरेश का लंड एकदम घोड़े के जैसा तन गया था और अब में मन ही मन घबरा गया था कि कहीं इस घोड़े जैसे लंड से मेरी वाईफ की चुदाई कर ली तो वो मर जायेंगी. इतने में सुरेश ने मेरी वाईफ के बूब्स ज़ोर से दबाये और कहा कि वाह भाभी जी आपके बूब्स तो मस्त कड़क है, लगता है कि भैया ठीक से दबाते नहीं. तब मेरी वाईफ ने कहा कि वो अभी तुम्हारे सामने बच्चा है तुम्हारी उम्र कम है, लेकिन तुममें उससे ज़्यादा ताकत है और उससे हर चीज़ बड़ी है, अब वो बोलते-बोलते सुरेश का लंड हिला रही थी और सुरेश भी मेरी वाईफ के बूब्स ज़ोर-ज़ोर से खींच रहा था.
अब इतने में खुद मेरी वाईफ आगे झुकी और सुरेश से कहा कि आज मुझे अपने बड़े लंड का स्वाद चखाओं, में कब से इसके लिए तड़प रही हूँ और जब मैंने इसे पहली बार देखा था, तब से कभी ठीक से सो भी नहीं पाई हूँ. तब सुरेश ने कहा कि आपने मेरे लंड को कब देखा था? तब मेरी वाईफ ने कहा कि तुम बाथरूम में मेरी पेंटी को अपने हाथ में लिए इस मस्त लंड को परेशान कर रहे थे. तब सुरेश ने कहा कि हाँ भाभी रोज आपकी बड़ी गांड देखकर मेरा मन करता था कि आपकी गांड मार लूँ, आप जब झुककर बूब्स दिखाती थी तो मेरा लंड बेकाबू हो जाता था. आज ये मस्त मोटी गांड मारूँगा.
फिर मेरी वाईफ ने कहा कि आज अपनी भाभी की जी भर के चुदाई करो और फिर मेरी वाईफ ने सुरेश का लंड हाथ में पकड़ा और अपनी चूत के होल पर रखा तो अब सुरेश भी बेकाबू हो गया और मेरी वाईफ को कमर से पकड़ा और जैसे ही धक्का दिया तो फिर मेरी वाईफ की चीख निकल गई और सुरेश से गुस्से में बोली कि साले एक ही बार में पूरा क्यों डाल दिया? फिर सुरेश ने कहा कि भाभी जी ये तो मेरे लंड का टोपा गया है, पूरा लंड तो अभी बाकि है. ये बोलकर उसने मेरी वाईफ के बूब्स को पकड़कर एक और धक्का मारा तो वाईफ के मुँह से आआआहह निकल गई और कहा कि ऐसा लग रहा है कि जैसे में पहली बार चुद रही हूँ.
अब सुरेश का आधा भी लंड चूत में नहीं गया था तो सुरेश ने कहा कि भाभी अब तक तेरी चूत पूरी भी नहीं खुली है. क्या, भैया ठीक से चोदते नहीं क्या? फिर मेरी वाईफ ने कहा कि हर किसी का लंड तेरे जैसा मजबूत जोरदार नहीं होता है. फिर सुरेश ने धीरे-धीरे धक्के देना शुरू किया और अब मेरी वाईफ भी आअहह आअहह करके मजे लेने लगी थी. अब मेरी वाईफ ने जोश-जोश में सुरेश का पूरा लंड ले लिया था और अब लगभग 20 मिनट तक सुरेश मेरी वाईफ को चोदता रहा.
फिर मेरी वाईफ बोली कि सुरेश में 3 बार पानी निकाल चुकी हूँ, अब तो अपना पानी निकालो. फिर सुरेश ने कहा कि अभी नहीं अभी तो तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊंगा और चोदता रहा. फिर मेरी वाईफ बेड पर उल्टी सो गयी तो सुरेश उसे कमर से खींचकर फिर से चोदता रहा और अब उसका लंड ज़ोर-ज़ोर से चूत के आर पार हो रहा था.
फिर उसने कहा कि मेरा पानी निकलने वाला है, इसको टेस्ट नहीं करोगी? फिर मेरी वाईफ ने कहा कि तूने मुझे जन्नत दिखाई है तो तुमको भी खुशी मिलनी चाहिए. ये कहकर वो सीधी हुई और उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और कहा कि वाउ क्या मर्दाना लंड है तेरा? टेस्ट भी मस्त है. अब सुरेश मेरी वाईफ के मुँह में चुदाई करने लगा और फिर तो मेरी वाईफ भी उसके लंड को अपने मुँह में लेने लगी. तभी ज़ोर से रॉकेट जैसी पिचकारी निकली और मेरी वाईफ ने पूरा पानी पी लिया और अपनी जीभ से सुरेश के लंड को चाट-चाट कर साफ कर दिया. अब वो चाट रही थी तो सुरेश का लंड तन रहा था. फिर सुरेश ने कहा कि साली लंड मुँह से निकाल वरना तेरी गांड की खैर नहीं है. फिर मेरी वाईफ ने कहा कि अब में इस लंड की दीवानी हो गई हूँ.
फिर सुरेश का लंड डबल तन गया और उसने मेरी वाईफ को उल्टा करके उसके गांड के होल पर अपना लंड रख दिया और मेरी वाईफ से कहा कि इतनी मस्त गांड को तेरा पति मारता नहीं, पागल है, फुटबॉल जैसी गांड तो चुदने के लिए ही होती है. ये सुनकर मेरी वाईफ बोली कि साले तेरा लंड तो पीछे जायेगा और आगे से निकल जायेगा. तेरा इतना बड़ा है, इतना तो मेरा पति एक महीने में नहीं चोदता जितनी तूने आज मेरी चुदाई की है, वो देखता तो उसे पता चलता कि उसकी वाईफ की चूत का क्या हाल किया है? फिर सुरेश ने लंड गांड में डालने की कोशिश की, लेकिन उसका लंड गांड में नहीं गया तो मेरी वाईफ सीधी हो गई और कहा कि रूको. फिर उसने सुरेश को सीधा लेटा दिया और खुद अपनी गांड को सुरेश के लंड पर रखकर बैठ गई और उस पर उछलने लगी. फिर काफी देर तक चुदाई के बाद वो झड़ गई और अब वो संतुष्ट लग रही थी.
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अपने बॉयफ्रेंड के बाद जीजू से चुदी

हैल्लो दोस्तों, में निहारिका एक बार फिर से आप सभी के सामने अपनी चुदाई की एक और सच्ची घटना लेकर आई हूँ. दोस्तों मेरा नाम तो आप लोग पहले से ही जानते ही हो कि में निहारिका हूँ और अब मेरा बदन, फिगर थोड़ा बदल सा गया है तो इसलिए में फिर से अपने फिगर का साईज बता रही हूँ मेरा फिगर अब 36 -28 -38 हो गया है दोस्तों यह मेरी आज की कहानी मेरी और मेरे जीजू की है और मेरी पिछली कहानी में मैंने बताया था कि में होली के दिन जीजू के घर गई थी और फिर उस दिन मैंने बहुत मज़े से होली खेली और अपने बॉयफ्रेंड रोहन से एक बार चुदी और उसके बाद रोहन ने मुझे मेरे घर पर छोड़ दिया था और उसके बाद क्या हुआ था वो में आज अपनी इस आगे की कहानी में बता रही हूँ.
फिर रोहन मुझे अपने घर पर छोड़कर चले आए और उसके चले जाने के बाद में ठीक तरह से चल भी नहीं सकती थी क्योंकि कुछ देर पहले हुई उस ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा था. फिर जब में अपने घर के अंदर गई तो मैंने देखा कि मेरे जीजू मेरी दीदी को नीचे फर्श पर लेटाकर बहुत मज़े से उनके कपड़ो में हाथ डालकर रंग लगा रहे थे, लेकिन उन्होंने अचानक से मुझे देखकर मेरी दीदी को छोड़ दिया और फिर वो मुझसे बोले कि साली साहिबा क्या आप आ गई? तो मैंने बोला कि हाँ जीजू में आ गई और अब वो उठकर मेरे पास आए और उन्होंने मेरा चेहरा पकड़कर रंग लगा दिया और तब तक दीदी उठकर वहां से चली गई थी. अब जीजू ने सही मौका देखकर जानबूझ कर मेरे बूब्स पर हाथ लगा दिया और फिर मेरे बूब्स को बहुत ज़ोर से दबा दिया.
मैंने जीजू से बहुत गुस्से में कहा कि जीजू यह सब बहुत ग़लत बात है प्लीज अब यह सब करना बंद करो नहीं तो दीदी आ जाएगी. तो जीजू ने कहा कि क्यों जब रोहन तुम्हारे बूब्स दबाए वो तो सब सही है और जब में दबाऊँ वो सब कुछ ग़लत है? तो मैंने एकदम से आश्चर्यचकित होकर तुरंत उनसे पूछा कि क्यों आपको कैसे पता कि रोहन ने मेरे बूब्स दबाए है? तब जीजू ने कहा कि मुझे तो यह भी पता है कि तुम और रोहन चुदाई करने ही गये हो और यह तुम्हारी बिल्कुल बदली हुई चाल सभी को सब कुछ फूट फूटकर बता रही है कि रोहन ने तुम्हे बहुत जमकर चोदा है और साली साहिबा जब रोहन के साथ तुम्हे यह सब करने में कोई भी आपत्ति नहीं तो फिर मेरे साथ करने में क्या आपत्ति है? और फिर में तो वैसे भी आपका जीजू हूँ और आप मेरी साली और साली वैसे भी आधी घरवाली होती है. यह बात कहते हुए उन्होंने मेरी गर्दन पर एक किस कर दिया और मुझे ज़ोर से हग किया और मेरे बूब्स भी दबा दिए.
दोस्तों तब तक में जीजू की बाहों में जकड़कर पकड़े होने की वजह से बहुत गरम हो गई थी और जीजू का लंड भी मेरी गांड में दब रहा था, लेकिन फिर भी मैंने अपने आप पर बहुत कंट्रोल करते हुए उनसे कहा कि जीजू, दीदी अभी घर पर ही है कुछ बात हो गई तो बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है प्लीज अभी मुझे आप छोड़ दो. अब जीजू ने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि क्यों तो फिर मेरा और आपका चुदाई प्रोग्राम तो पक्का है ना?
तब मैंने उनसे हाँ कहकर जीजू के लोवर के ऊपर से ही उनका लंड दबा दिया, जिसकी वजह से जीजू ने मीठी सी आअहह निकाल दी और फिर मैंने कहा कि हाँ मेरे प्यारे और हॉट जीजू में आपके साथ चुदवाने के लिए एकदम तैयार हूँ, लेकिन यह बात किसी को पता नहीं चलना चाहिए और फिर उन्होंने मुझसे वादा करके मुझे छोड़ दिया और तब तक दीदी भी कमरे में आ गई थी. तो उन्होंने मुझसे मुस्कुराते हुए पूछा कि क्यों तुम दोनों जीजा और साली में ऐसी क्या खिचड़ी पक रही है मुझे भी तो बताओ में भी तो तुम्हारी थोड़ी सी बात सुन लूँ?
तब में और जीजू एक दूसरे की तरफ देखकर हंस दिए और फिर मैंने दीदी को पकड़ लिया और जीजू ने दीदी के कपड़ो के अंदर हाथ डालकर उनके बूब्स पर बहुत सारा रंग मल दिया. फिर दीदी ज़ोर से चिल्लाई तो जीजू ने उन्हें छोड़ दिया और फिर हँसने लगे. फिर दीदी ने मुझसे कहा कि चल अब तू नहा ले, सबसे ज़्यादा तुझ पर ही रंग लगा है पता नहीं यह रंग निकलेगा भी कि नहीं और अब दीदी ने मेरे मुहं के अंदर लगा हुआ रंग देख लिया और वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों यह रंग तेरे मुहं के अंदर कैसे रंग गया? अब में उनकी यह बात सुनकर बहुत डर गई, लेकिन तभी मुझे एक आईडिया आया और मैंने उनसे कह दिया कि दीदी वो जब में रोहन के साथ होली खेलने गई थी जब में पानी पी रही थी तभी उस समय ग्लास में रंग गिर गया था और मेरे मुहं के अंदर लग गया.
फिर दीदी ने ठीक है कहा और मुझसे बोला कि चल जाकर नहा ले. तो में बाथरूम में नहाने चली गई और करीब एक घंटे तक अपने बदन से वो रंग निकालती रही और फिर में आख़िर में रंग निकालने में कमियाब रही और उसके बाद दीदी और जीजू एक एक करके भी नहा लिए और फिर हम लोगों ने एक साथ में ही खाना खाया और उसके बाद दीदी घर के कामों में लग गई. में और जीजू उनके रूम में बैठकर लेपटॉप पर फिल्म देखने लगे और जब फिल्म शुरू हुई तब जीजू ने मुझसे कहा कि निक्की तुम बहुत हॉट सेक्सी हो और कहा कि तुम्हारे इन बड़े बड़े बूब्स का तो कोई जवाब ही नहीं है और यह बात कहते हुए उन्होंने मेरे बूब्स दबा दिए और फिर मुझे गाल पर एक किस कर दिया और फिर मुझसे पूछा कि निहारीका मेरा नंबर कब है? तो मैंने कहा कि में क्या कहीं भागी जा रही हूँ?
मैंने कहा कि जब भी मौका मिलेगा तब में आपकी ही तो हूँ. फिर जीजू उठकर नीचे देखने चले गये कि दीदी क्या कर रही है? उस समय दीदी किचन में कुछ काम कर रही थी. जीजू कमरे में वापस आए और उन्होंने मुझसे कहा कि मैंने देखा है कि तुम्हारी दीदी अभी किचन के कामों में व्यस्त है और अब मुझे तुम्हारे बूब्स चूसने है.
फिर मैंने उनसे साफ मना किया तो जीजू ने मुझसे कई बार आग्रह किया और अब में उनकी बात मान गई. फिर मैंने अपनी टी-शर्ट को जल्दी से ऊपर कर दिया और ब्रा की हुक को खोल दिया. तभी मेरे बड़े और मोटे बूब्स ब्रा के खुलते ही लटककर बाहर आ गए और जीजू मेरे बूब्स को देखकर एकदम से दंग रह गये, वो मुझसे बोले कि तुम्हारे बूब्स तो बहुत बड़े है और गोरे भी उतने ही है. फिर इतना कहकर उन्होंने मेरा एक बूब्स पकड़कर मुहं में भर लिया और दूसरे बूब्स को हाथ से दबाने लगे.
फिर करीब दस मिनट बूब्स चूसने और दबाने के बाद मेरे बहुत बार मना करने पर उन्होंने मुझे छोड़ दिया और मैंने अपनी ब्रा का हुक लगाकर अपनी टी-शर्ट को ठीक किया. अब मैंने जीजू के लोवर में उनका खड़ा हुआ लंड देखा और जीजू ने भी देख लिया कि में उनका लंड बहुत ध्यान से देख रही हूँ. फिर जीजू ने झट से मेरा हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया और मैंने भी अब उनका लंड पकड़कर धीरे धीरे सहला दिया. फिर जीजू ने अपना लोवर नीचे करके अपना लंड बाहर निकाल दिया और मुझे एक बार फिर से हाथ में पकड़ा दिया.
दोस्तों मैंने महसूस किया कि उनका लंड रोहन के लंड से भी लंबा और मोटा था तो में उसे अपने सामने आते ही गौर करके देखती ही रह गई. फिर जीजू ने मुझसे कहा कि निक्की प्लीज इसे एक बार अपने मुहं में लेकर चूसो ना और अब मैंने भी उनके कहने पर लंड को मुहं में भर लिया और चूसने लगी. तभी मैंने महसूस किया कि मेरे मुहं की गरमी से जीजू का लंड अब और भी मोटा और लंबा हो गया था और वो मेरे मुहं में पूरा अंदर तक जा भी नहीं रहा था. फिर जीजू ने मेरे सर के बाल पकड़कर अपने लंड पर दबाव लगाया और अब उनका लंड मेरे मुहं में मेरे गले तक चला गया.
फिर थोड़ी देर लंड चूसने के बाद जीजू जब झड़ने वाले थे तो उन्होंने मुझसे कहा कि में तुम्हारे मुहं में ही अपना वीर्य निकालूँगा. फिर मैंने भी हाँ में अपना सर हिला दिया और फिर जीजू ने थोड़ी देर में ही गरम गरम फुहारा मेरे मुहं में छोड़ दिया. अब मेरा पूरा मुहं उनके वीर्य से भर गया था और में उनका सारा वीर्य पी गई. फिर जीजू ने मुझसे कहा कि निक्की अभी तो मैंने सिर्फ़ तुम्हारा मुहं ही चोदा है तो इतना मज़ा आया, अभी चूत और गांड तो बाकी ही है मेरी जान उसमें कितना मज़ा आएगा? अब में और जीजू फिल्म देखने लगे तो मैंने और जीजू ने उस समय एक चद्दर ओढ़ रखी थी जिसकी आड़ में जीजू ने अपना हाथ मेरे लोवर में डाल दिया और अब वो मेरी चूत को सहलाने लगे और अपनी दो उँगलियों से मुझे चोदने लगे और फिर थोड़ी देर बाद में झड़ गई.
फिर जीजू ने मुझसे कहा कि तुम्हारा भी काम हो गया है. मैंने कहा कि हाँ फिर हम फिल्म देखकर उठे ही थे कि दीदी हमारे लिए चाय लेकर आ गई और हमें चाय दे दी. फिर जीजू ने कहा कि तुम दोनों बहने तैयार हो जाओ हम कहीं बाहर घूमकर आते है. फिर दीदी ने कहा कि नहीं मुझे घर पर थोड़ा सा काम है इसलिए में आपके साथ नहीं जा सकती, आप एक काम करिए कि आप और निक्की कहीं बाहर घूमकर आ जाओ. फिर जीजू ने कहा कि तुम्हारे बिना, लेकिन मज़ा कहाँ है? तो दीदी ने कहा कि आप थोड़ा समझो मुझे यहाँ घर में कुछ काम है तो आप दोनों चले जाओ.
फिर मैंने और जीजू ने कहा कि ठीक है और फिर में फ्रेश होने चली गई और मैंने काली कलर की शर्ट और नीले कलर की जीन्स पहनी जिससे जीजू को शर्ट खोलने में ज्यादा दिक्कत ना हो और मैंने गुलाबी कलर की ब्रा और काली कलर की पेंटी पहनी हुई थी और फिर मैंने अपने होंठो पर गुलाबी कलर की लिपस्टिक भी लगा ली थी जिससे में जीजू को अपनी तरफ और भी ज्यादा आकर्षित कर लूँ.
फिर में और जीजू उनकी कार में बैठकर बाहर चले गये और थोड़ा आगे जाकर एक सुनसान रोड पर जीजू ने अपनी कार को रोक दिया और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि निक्की डार्लिंग मुझे लगता है कि आप आज तो मुझे मार डालने के मूड में ही हो. फिर मैंने स्माईल दे दी और जीजू ने मेरे होंठो पर किस करना शुरू कर दिया और अब में उनका पूरा पूरा साथ दे रही थी और फिर मैंने अपने ही हाथों से शर्ट के दो बटन खोल दिए ताकि जीजू को मेरे बूब्स दबाने में ज्यादा समस्या ना हो और फिर हम दोनों ऐसे ही 15 मिनट किस और बूब्स प्रेस करने लगे. अब जीजू ने मुझसे कहा कि निक्की हम कोई होटल में चलते है. फिर मैंने कहा कि हाँ तब जीजू ने एक होटल में रूम बुक करवा दिया. अब में और जीजू कार से होटल चले गये. वहां से हमने रूम की चाबी ली और अपने रूम में चले गये.
अब वहां पर जाकर दरवाजा बंद करके जीजू ने मेरे होंठो को चूसना चालू कर दिया और मैंने जीजू के होंठो को चूसना चालू कर दिया और फिर जीजू ने धीरे से मेरे होंठो को काट दिया और मैंने आईई की आवाज निकाली. फिर जीजू ने मेरी शर्ट के बटन को खोलकर मेरी शर्ट को पूरा उतार दिया और अब मेरी जींस के बटन को भी खोल दिया और मैंने जींस को उतार दिया. अब में सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में रह गई थी.
तभी मैंने जीजू की शर्ट के बटन खोल दिए और फिर उन्होंने अपनी जींस को भी उतार दिया. फिर वो सिर्फ़ अंडरवियर में ही रह गये और अब में और जीजू किस कर रहे थे. में उनकी अंडरवियर में हाथ डालकर उनका लंड पकड़कर सहला रही थी कि तभी जीजू ने मेरी ब्रा को खोलकर मुझे बेड पर लेटा दिया और वो मेरे बूब्स को चूसने लगे और हल्का हल्का काट भी रहे थे और में आहह उह्ह्ह्ह मर गई कर रही थी. फिर जीजू ने मेरी पेंटी उतारी और मेरी चूत को चाटने और चूसने लगे. वो मुझसे बोले कि यह तो बहुत मस्त है और में उनका मुहं मेरी चूत पर दबाती रही. फिर उसके कुछ देर बाद में झड़ गई और मेरी चूत को जीजू ने चाट चाटकर साफ कर दिया और उन्होंने मुझे खड़ी करके अपना लंड मेरे मुहं में दे दिया.
में उनका लंड अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और थोड़ी देर चूसने के बाद जीजू ने मुझे बेड पर लेटा दिया और उन्होंने मेरे दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखकर मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया. मुझे बहुत दर्द हुआ जिसकी वजह से में ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी और सिसकियाँ लेने लगी उह्ह्हह्ह माँ मर गई उईईईईइ करने लगी. फिर भी जीजू मुझे लगातार धक्के देकर चोदते रहे और कुछ देर बाद उन्होंने मुझे उठाकर खुद नीचे लेट गये और मुझसे अपने लंड पर बैठने को कहा.
में उनके ऊपर आकर अपने एक हाथ से लंड के मुहं पर सेट करके लंड पर बैठ गई और अब लंड धीरे धीरे मेरी चूत में जाने लगा, लेकिन मुझे बहुत दर्द हुआ और मज़ा भी बहुत आ रहा था और में आहहहह आईईईइ मर गई करके चुदवा रही थी और जीजू मुझे लगातार चोद रहे थे. फिर कुछ देर बाद उन्होंने मुझे घोड़ी बनाकर मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया, लेकिन करीब दस मिनट तक चोदने के बाद जब उनका वीर्य निकालने वाला था तो उन्होंने मुझे उठाकर लंड मेरे मुहं में डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से मेरे मुहं को चोदने लगे फिर करीब तीन मिनट तक चोदने के बाद वो मेरे मुहं में ही झड़ गये और में उनका सारा वीर्य गटक गई और फिर हम बेड पर ही लेट गये और अब थोड़ी देर बाद में बाथरूम में चली गई तो वो वहां पर भी मेरे पीछे पीछे आ गये और मैंने अपनी चूत को साफ किया और उनका लंड भी साफ किया और तब तक मेरे हाथों में ही उनका लंड एक बार फिर से खड़ा होने लगा. उन्होंने मुझे वहीं पर बैठाकर लंड मेरे मुहं में दे दिया और बहुत देर तक चुसवाया. अब उनका लंड पूरी तरह तनकर खड़ा हो गया था.
फिर उन्होंने मुझे वहां से अपनी गोद में उठाकर बेड पर लाकर पटक दिया और अब मुझसे घोड़ी बनने को कहा तो में उनके सामने घोड़ी बन गई. फिर जीजू ने मेरी गांड पर अपना हाथ रखकर सहलाया और फिर मेरी गांड को चाटने लगे. फिर थोड़ा थूक मेरी गांड पर लगाकर मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया. में उस दर्द की वजह से कराह उठी और मेरी आँख में से आँसू निकल गये तो जीजू थोड़ी देर रुक गए और जब मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो वो एक बार फिर से मुझे ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगे और में आहहह माँ ऊईईईइ उह्ह्ह्हह्ह करके अपनी गांड चुदवा रही थी. अब थोड़ी देर चोदने के बाद उन्होंने मुझे अपने ऊपर बैठाकर मेरी गांड में दोबारा लंड डाल दिया तो में भी उनका लंड गांड में लेकर उछल उछलकर चुदवाने लगी और जीजू मेरे बूब्स को दबा रहे थे और फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे बेड पर उल्टा लेटाकर मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया और मुझे पीछे से किस करने लगे.
वो मेरे गले पर किस करने लगे और मेरी पीठ पर भी किस करने लगे और फिर अचानक से उन्होंने अपने धक्को की स्पीड को तेज कर दिया और थोड़ी देर चोदने के बाद वो झड़ गये. अब मैंने भी उनका पूरा वीर्य अपनी गांड में ही ले लिया. फिर में उठी और अपनी गांड को साफ करने बाथरूम में चली गई, वहां पर भी जीजू मेरे पीछे आ गये. अब मैंने उनका लंड भी साफ किया, लेकिन मुझे अब दर्द थोड़ा ज़्यादा था तो मैंने जीजू से कहा तो उन्होंने कहा कि में तुम्हे दर्द खत्म करने की दवाई दिलवा दूंगा और फिर में जीजू साथ में ही नहाने लगे. अब में और जीजू तैयार होकर घर के लिए निकल गये और रास्ते में जीजू ने मेरे बहुत बार बूब्स दबाए और ज़ोर ज़ोर से चूसे भी. दोस्तों में उनकी इस चुदाई से बहुत खुश थी क्योंकि उन्होंने मुझे बहुत अच्छी तरह अलग अलग तरह से और मेरे हर एक छेद में अपना लंड डालकर चोदा. जिसकी वजह से में अब उनकी चुदाई से बहुत संतुष्ट थी और मुझे उनसे चुदने में बहुत मज़ा भी आया.
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