गर्लफ्रेंड के साथ पार्क में पहली मुलाकात

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कबीर है और मेरी इस साईट पर ये पहली कहानी है. पहले में आपको अपने बारे में बता दूँ. में दिल्ली का रहने वाला हूँ और बी.कॉम IInd ईयर में हूँ, में एक सिंपल सा दिखने वाला 20 साल का लड़का हूँ. मेरे लंड का साईज़ 6 इंच है जो कि किसी को भी सॅटिस्फाइड करने के लिए काफ़ी है. अब में आपको ज्यादा बोर ना करते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. यह बात 2 साल पुरानी है, जब मेरे एक गर्लफ्रेंड थी और उसका नाम मोना था. हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे और हमारे रिश्ते को 2 साल हो गये थे, लेकिन हमने किस के अलावा कुछ नहीं किया था.
ये बात तब की है जब हम दोनों का एड्मिशन कॉलेज में हुआ था. फिर हमने डिसाईड किया कि हफ्ते में एक दिन हम मिलेंगे और घूमने जायेंगे. फिर एक दिन हमारी लड़ाई हो गई और उसने मुझे मनाने के लिए साकेत बुलाया और में उससे मिलने चला गया. उस दिन बहुत बारिश हो रही थी. में वहाँ पहुंचा तो वहाँ खड़ी थी. दोस्तों में आपको बता दूँ कि मेरी गर्लफ्रेंड दिखने में बहुत सुंदर थी और उसका फिगर तो सही तो नहीं पता, लेकिन वो सुंदर थी और उसके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं थे, लेकिन उसकी गांड बहुत ही मोटी थी. तब तक मैंने उसके साथ कुछ नहीं किया था. फिर जब में वहां पहुँचा तो वो मेरा इंतजार कर रही थी. फिर हम मिले और मैंने उससे गुस्से में पूछा कि क्यों बुलाया? तो उसने बोला चलो जानू. फिर मैंने बोला कि बताओ कहाँ जाना है?
मोना : जहाँ जाना था, वहाँ अब नहीं जा सकते है.
में : क्यों?
मोना : नहीं जा सकते बारिश हो रही है.
में : ऐसा कहाँ जाना था?
मोना : ओके, चलो चलते है.
फिर उसने ऑटो वाले से पूछा और एक जगह का नाम लिया, दोस्तों मुझे नहीं पता था कि हम कहाँ जा रहे है? अब वहाँ पहुँचकर हम अन्दर चले गये और थोड़ी देर तक घूमने के बाद हम एक खाली सी जगह देखकर बैठ गये. दोस्तों वहाँ बहुत सारे कपल्स ही थे और वो लोग किसिंग कर रहे थे. अब में ये देखकर बहुत चौंक गया था और उत्तेजित भी हो गया था. फिर अचानक से मेरी गर्लफ्रेंड ने मुझे हग किया. फिर मैंने भी उसे माफ़ कर दिया और हम आधे घंटे तक एक दूसरे की बाहों में यू ही खड़े रहे. फिर मैंने उसे गले पर किस किया तो उसे करंट सा लगा. फिर उसने मुझसे बोला चलो कहीं और चलते है. फिर हमने एक सुनसान जगह देखी जहाँ हमें कोई ना देख सके और वहाँ चले गये. अब हमें परेशान करने वाला कोई नहीं था और अब हम वहाँ जाकर फिर से हग करके खड़े हो गये.
फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसके गालों को अपने हाथों से पकड़ा और उसका सर चूमा. फिर धीरे से हमने किस करना स्टार्ट किया और फिर स्मूच करने लगे. मुझे किस्सिंग करना बहुत पसंद है. दोस्तों फिर हमारी जीभ भी एक्सचेंज होने लगी और हम किस में खो गये और हम बीच-बीच में सांस लेते और में उसके गले, गाल, कान को चूसता और वो मेरे गले, कान, गाल को चूसती. यह कुछ 1 घंटे तक चला और फिर में धीरे-धीरे अपने हाथ उसके टॉप के ऊपर से उसके बूब्स पर ले गया और उन्हें दबाया तो उसने कुछ नहीं कहा.
फिर मैंने अपना हाथ उसकी टॉप में डाल दिया और उसकी पीठ सहलाने लगा. अब उसे भी मज़ा आ रहा था और अब हम दोनों सेक्स के नशे में खो चुके थे. फिर कुछ देर के बाद उसने मुझे उसकी ब्रा खोलने के लिए कहा और फिर मैंने पीछे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और सहलाने लगा और किस करने लगा. अब में अपने हाथ उसकी कमर के आस पास सहला रहा था कि तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने बूब्स पर रख दिया. अब मुझे उसके सॉफ्ट बूब्स का स्पर्श हुआ और उसके निप्पल कड़क हो चुके थे. अब में धीरे-धीरे उन्हें दबा रहा था और उसे मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने धीरे से उसका टॉप ऊपर किया और उसके बूब्स पर किस किया. फिर क्या था? अब उसे भी मज़ा आने लगा था. और अब में भी उसके दोनों बूब्स को बारी-बारी से चूसने लगा, अब वो धीरे-धीरे मौन कर रही थी और मुझे किस कर रही थी. फिर काफ़ी देर तक उसके बूब्स चूसने के बाद उसके बूब्स लाल हो गये थे और निप्पल एकदम कड़क हो गये थे. फिर मैंने उसको किस करना चालू किया और उसकी जीन्स के ऊपर से उसकी चूत को सहलाना शुरू किया तो अब वो एकदम गर्म हो चुकी थी. अब मुझे उसकी जीन्स के ऊपर उसकी गर्म चूत महसूस हो रही थी और अब में तेज़-तेज़ उसे रगड़ रहा था. अब उसकी साँसे गर्म हो रही थी. फिर मैंने उसकी जीन्स का बटन खोल दिया तो वो कुछ नहीं बोली, अब हम धीरे-धीरे सेक्स के नशे में पूरी तरह से आ चुके थे.
अब बटन खोलने के बाद में अपना एक हाथ उसकी गांड पर ले गया और दबाने लगा. अब उसे मज़ा आ रहा था. फिर उसने मेरा हाथ पकड़ा और फिर से अपनी चूत पर रख दिया तो में फिर से उसकी चूत को सहलाने लगा. और अब तक मेरा लंड भी पूरा खड़ा हो चुका था और पानी छोड़ रहा था. अब उसको भी मेरा लंड महसूस हुआ और वो उसे मेरी पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगी. अब मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था और मैंने उसकी जीन्स की चैन नीचे की, लेकिन उसकी जीन्स बहुत टाईट थी तो इसलिए वो नीचे नहीं हुई और अब हम ओपन में थे तो में नीचे उतारना भी नहीं चाहता था, वैसे हम जिस जगह खड़े थे, वहाँ हमें कोई नहीं देख सकता था, वो एक जंगल जैसा ही था. ख़ैर आगे मैंने अंदर हाथ डाला और उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ने लगा.
उसने फ्लेवर वाली पेंटी पहनी थी सो क्यूट, अब वो धीरे- धीरे मज़े में मौन कर रही थी. फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी के अंदर डाला तो उसकी चूत बहुत गर्म थी और उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और वो बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी, उसकी चूत पर छोटे-छोटे बाल भी थे, जो उसने शेव नहीं किए थे. अब में धीरे-धीरे उसे रगड़ने लगा और उसे मज़ा आने लगा था.
फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली तो वो उछल पड़ी और बोली कि जानू उंगली अन्दर बाहर मत करना तो मैंने भी उसे ओके बोला और रब करने लगा. फिर जब उसको मज़ा आने लगा तो मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी और धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा. वो पूरी तरह से वर्जिन थी और अब उसे हल्का-हल्का दर्द हो रहा था लेकिन थोड़ी देर के बाद उसको मज़ा आने लगा. फिर मैंने दो उंगली अन्दर डाल दी और उसे चोदने लगा. अब उसको मेरी उंगलियों से चुदने में मज़ा आ रहा था और वो आअहह जानू और आआआहह और करो आहह ऐसे बोल रही थी. फिर 15 मिनट तक फिंगरिंग करने के बाद वो झड़ गई और मुझसे लिपट गई, अब उसका सारा माल मेरे हाथ में आ गया और मैंने उसकी जीन्स का बटन लगा दिया.
अब हम सेक्स करना चाहते थे, लेकिन खुले में नहीं कर सकते थे. फिर अचानक से हमें सिक्यूरिटी गार्ड के आने की आवाज़ सुनाई दी और हम वहाँ से निकल गये, लेकिन मेरा लंड अभी खड़ा था और मेरे हाथ भी गंदे थे तो में हाथ धोने वॉशरूम में गया तो वॉशरूम खाली था और आस पास भी कोई नहीं था. फिर मेरी गर्लफ्रेंड अंदर आ गई और उसने मेरा लंड जो पहले से ही खड़ा था, वो बाहर निकाला और उसे सहलाने लगी, क्योंकि वो जानती थी कि में शांत नहीं हुआ हूँ. फिर काफ़ी देर तक मूठ मारने के बाद मेरा भी निकल गया और हम अपने कपड़े ठीक करके वहाँ से निकल गये. फिर रात को घर पहुँचकर हमने फोन पर भी सेक्स किया. अब वो चुदने के लिए बेताब हो रही थी और में भी उसको चोदने के लिए बेताब हो रहा था, लेकिन हमें कभी मौका नहीं मिला.
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ग्वालियर वाली भाभी की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, यह मेरी पहली कहानी है. मेरा नाम राज है और मेरी उम्र 25 साल है लम्बाई 5.10 गठीला शरीर है. दोस्तों में उम्मीद करता हूँ कि मेरी यह कहानी आप सभी को जरुर अच्छी लगेगी और अब में सीधा अपनी आज की एक सच्ची कहानी पर आता हूँ. दोस्तों यह घटना तब की है जब में रायपुर में रहता था और में वहां पर अकेला ही एक कमरे में किराए से रहता था क्योंकि में उस समय अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के लिए दूसरे शहर से आया था और उसी घर में एक फेमिली भी रहती थी जो ग्वेलियार से आई थी. उस फॅमिली में चार लोग थे. श्याम जिनकी उम्र 35 साल, उनकी पत्नी स्वाती जिनकी उम्र 30 साल, उनकी एक बेटी रानू 12 साल और एक बेटा नितेश जिसकी उम्र 10 साल थी.
श्याम कहीं बाहर नौकरी किया करते थे इसलिए वो घर पर दो तीन महीने में एक बार आता था और रानू से मेरी बहुत अच्छी जमने लगी थी और वो अक्सर मुझसे गणित के सवाल पूछा करती थी और फिर धीरे धीरे स्वाती भाभी भी मुझसे घुल मिल गयी थी. दोस्तों उनका क्या मस्त सेक्सी फिगर था. उनका साईज 36-32-38 था दूध की तरह उनका एकदम गोरा रंग, लम्बाई करीब 5.4 थी, लेकिन मैंने पहले कभी भी उनको कोई ग़लत नज़र से नहीं देखा.
फिर समय ऐसे ही बीतता गया और फिर 6 महीने हो गये. हम अक्सर साथ बाहर घूमने, फिल्म देखने, शॉपिंग के लिए जाया करते थे और रास्ते में मेरी कई बार बाहर के लोगों से बहस भी हो जाया करती थी क्योंकि वो लोग भाभी को घूरते हुये उनको गंदी गंदी नजरों से देखते थे और उनके लिए गंदी गंदी बातें करते जैसे क्या कि वाह क्या गांड है यार क्या एक बार चोदने? लगता है कि पकड़कर चोद दूँ और साली की चूत फाड़ दूँ.
हम रोज़ रात को खाने के बाद इधर उधर की बातें किया करते थे और वो मुझे अपनी समस्या बताती थी. जैसे कि उन्होंने मुझे एक दिन बताया कि उनके पति ने कोई दूसरी लड़की पटा रखी है इसलिए वो अक्सर घर पर कम ही आते है और वो सिर्फ़ पैसे भिजवा देते है और सिर्फ़ पैसे से तो सब कुछ नहीं होता उसके आलावा भी मुझे कुछ और की कभी जरूरत होती होगी ना? दोस्तों शायद वो मुझे उस समय ग्रीन सिग्नल देती, लेकिन मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं था. एक दिन की बात है और में उनके रूम में उनके बच्चो से मिलने गया तो मैंने देखा कि वहां पर कोई नहीं था और उनके दोनों बच्चे कहीं बाहर खेलने गए हुए थे.
मैंने आवाज़ लगाई और अंदर वाले रूम की तरफ चला गया. तभी मेरे तो एकदम से होश उड़ गये., मुझे ऐसा लगा कि जैसे में किसी दूसरी दुनिया में हूँ और में जैसे कोई खुली आखों से सपना देख रहा हूँ क्योंकि भाभी ठीक मेरे सामने पूरी तरह नंगी खड़ी हुई थी और उनके बदन पर कोई भी कपड़ा नहीं था शायद वो अभी अभी बाथरूम से नहाकर बाहर आई थी और अपने पूरे मस्त गोरे शरीर पर लोशन लगा रही थी और फिर जैसे ही मैंने उनको देखा तो हम दोनों की नज़रे एक दूसरे से मिल गई और कुछ पल के लिए हम एक दूसरे को देखते रहे जैसे कि वो वक़्त वहीं पर रुक सा गया हो.
फिर भाभी अपने टावल से अपने मस्त गोल बूब्स को मुझसे छुपाती हुई मुझसे हड़बड़ाकर बोली कि राज तुम यहाँ पर कैसे? तो में उनसे सॉरी बोलते बोलते वहाँ से बाहर निकल गया, लेकिन दोस्तों अब उनको इस तरस से अचानक देखने पर मेरे मन में भाभी के लिए कुछ और ही था. में शाम तक अपने रूम में बैठकर सिर्फ़ उनके बूब्स जिसके निप्पल स्ट्रॉबरी की तरह हल्के गुलाबी रंग के थे. उनकी तड़पती हुई चूत के होंठ किसी गुलाब की पंखड़ियों की तरह कोमल थी और में अब उसी के बारे में सोचता रहा कि आखिर कैसे में उस बदन को अपनी बाहों में भरकर उनके बूब्स को चूसता रहूँ और चूत को चूमता रहूँ? यह सब सोचते सोचते मुझे करीब शाम के 7 बज गये थे.
तभी भाभी मेरे रूम पर आई और मेरा मन तो कर रहा था कि उन्हे यहीं पर पटककर पूरा नंगा कर दूँ और उनकी ब्रा, पेंटी को फाड़ दूँ और इतना चोदूं इतना चोदूं कि उनकी आज चूत ही फट जाए और उनकी गांड, चूत, मुहं सबको इतना जमकर चोदूं कि वो चुदते चुदते बैहोश हो जाए, लेकिन में अब सिर्फ दिखावे के लिए उनके सामने अपना सर झुकाकर खड़ा हुआ था. तो भाभी मुझसे बोली कि राज जो सब कुछ आज हुआ है तुम उसे भूल जाओ ऐसा कभी कभी गलती से हो जाता है और फिर वैसे भी यह बात तो सिर्फ हम दोनों के बीच में ही है. मुझे उनके मुहं से यह बात सुनकर लगा कि वो शायद मुझे सिग्नल दे रही और मेरा लंड एकदम से तनकर लंबा हो गया और में अब मौका देखकर उनसे बात करते करते उनके बहुत पास गया और मैंने उन्हे ज़ोर से अपनी बाहों में जकड़ लिया और उनके गुलाबी रस भरे होंठो को चूमने लगा, लेकिन तभी इतने में वो मुझे अपने से दूर करके बोली कि राज यह सब करना बहुत ग़लत है और फिर वो वहां से चली गई.
दोस्तों अब तो में प्लान करने लगा कि कैसे में उन्हे चोद सकता हूँ और फिर दो महीने बीतने के बाद सब कुछ पहले जैसा हो गया था. एक रात को में उनके घर पर बैठा हुआ था कि तभी वो मेरे पास कोल्डड्रिंक लेकर आई और अब हम चारों कोल्डड्रिंक पीने लगे, तभी भाभी उठकर किचन की तरफ पकोड़े लेने चली गई. फिर मैंने उनकी कोल्डड्रिंक में छुपकर थोड़ी सी विस्की मिला दी और वो वापस आकर उसे पीने लगी, लेकिन ना जाने क्यों उन्होंने उसे फिर से नीचे रख दिया.
में अब बहुत डर गया और मन ही मन सोचने लगा कि शायद भाभी ने उसे सूंघकर नीचे रख दिया है और वो अब सब कुछ समझ चुकी है. तभी कुछ देर के बाद दोनों बच्चे अपने रूम में जाकर सो गए और भाभी ने अब अपना कोल्डड्रिंक उठाया और एक सीप लिया. फिर भाभी को लगा कि जैसे उसमे कुछ मिला है और वो मुझसे कहने लगी कि इसका स्वाद कुछ कुछ कड़वा है, लेकिन मैंने उन्हे समझाया कि वो आपको इन पकोड़ो की वजह से ऐसा लग रहा है और वो अब पूरी कोल्डड्रिंक पी गयी और उन्हे कुछ देर बाद हल्का सा नशा हो गया. और में उन्हे एलबम दिखाने के बहाने से अपने रूम में ले गया. उनकी चाल में अब कुछ लड़खपन था.
फिर हम दोनों एलबम देखने लगे. फिर हमने वो विस्की वाली ड्रिंक पी, लेकिन इस बार विस्की कुछ ज्यादा थी. एक बार पहले पीने की वजह से उन्हे अब पता नहीं चला और वो थोड़ी नशे में थी. फिर मैंने उनको बिस्तर पर लेटा दिया और वो मुझसे बोली कि राज तुम यह क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि चुपकर साली, में आज अभी तुझे चोदने वाला और फिर में उनके ऊपर बैठ गया और दोनों बूब्स को कपड़ों के ऊपर से ही दबाने लगा. दोस्तों वाह क्या मस्त मुलायम बूब्स थे.
मुझे तो उन्हे दबाने पर ऐसा लग रहा था कि जैसे वो कोई हवा का गुब्बारा था. उसने मुझे अपने से दूर करने की ना काम कोशिश की लेकिन वो नशे में थी इसलिए कोई ज्यादा फायदा नहीं हुआ और अब में कुत्ते की तरह उसके होंठ चाटने लगा और गाउन को उतारने की कोशिश करने लगा, लेकिन नहीं उतार पाया तो मैंने उसे फाड़ दिया और फिर उसके ऊपर लेट गया और चूमने लगा उधर भाभी मुझे गाली दे रही थी कि कुत्ते कमीने मुझे छोड़ दे, में तेरी भाभी हूँ मदारचोद, तू मेरे साथ ऐसा मत कर हरामी, मेरी जिंदगी बर्बाद मत कर भोसड़ीवाले छोड़ दे मुझे और अब ज़ोर ज़ोर से रोने लगी, लेकिन तब तक मैंने अपना लोवर उतार दिया और मेरा लंड उसके मुहं में डालकर उनके मुहं को चोदने लगा जिसकी वजह से उनकी आवाज बिल्कुल बाहर आनी बंद हो गई और फिर मैंने कहा कि ले कुतिया ले तू अब मेरा लंड खा और अब तू कैसे मुझे गाली देती है? में देखता हूँ.
फिर मैंने कुछ देर बाद लंड को बाहर निकालकर उसे उल्टा लेटा दिया और ब्रा का हुक खोलकर पेंटी को नीचे खींचकर उसकी मस्त गांड को दबाने लगा वाह क्या मस्त गांड थी बिल्कुल चिकनी और नरम जिसे छूकर मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे में हवा में बादलों से खेल रहा हूँ और फिर में उसके दोनों पैरों को फैलाकर पीछे से उनकी उभरी हुई, फूली हुई चूत को चाट रहा था और चूस रहा था, लेकिन जैसे ही मैंने चाटना शुरू किया तो मैंने देखा कि अब उनकी गालियाँ सिसकियों में बदल गई थी और वो अब ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी उह्ह्ह्हह्ह आईईईई और ज़ोर से और हाँ उफ्फ्फफ्फ्फ़ राज मुझे बहुत अच्छा लग रहा अह्ह्ह्हह वाह बहुत मस्त है उम्म्म्म तभी उसने अचानक से पलटकर मेरे लंड को पकड़ लिया और बोली कि राज यह क्या है इतना लंबा और मोटा लंड? ऐसा तो मैंने आज तक नहीं देखा है में तो मर जाउंगी इसे अंदर लेकर तो आज मेरी चूत फट जाएगी और राज प्लीज तुम इसे अंदर मत डालना प्लीज यह मेरे लिए बिल्कुल भी नहीं है.
में : तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो मेरी जान तुम्हे कुछ नहीं होगा और मेरे साथ बस तुम्हे तो मज़ा ही मज़ा आएगा.
भाभी : नहीं राज, मेरी फट जाएगी. मेरी चूत बहुत छोटी है वो पूरी फट जाएगी और मुझे बहुत दर्द होगा.
फिर में उठा और किचन से थोड़ा तेल लेकर आ गया. मैंने थोड़ा तेल अपने लंड पर लगाया और इधर में उनके दोनों पैरों को पूरा फैलाकर लंड को अब धीरे धीरे चूत के अंदर डालना शुरू किया और उधर उनका चीखना चिल्लाना शुरू हो गया. शायद वो बहुत दिनों से चुदवा नहीं रही थी इसलिए उनको दर्द और ज्यादा हो रहा था, जैसे जैसे में दबाव बनाकर लंड को अंदर डालता तो उनकी सांसे रुक सी जाती और वो अपनी कमर को पूरा उठाकर एक जगह स्थिर हो जाती.
भाभी : प्लीज राज अब और अंदर मत डालो उह्ह्ह्हह्ह मत डालो प्लीज मत डालो अईईईईइ में उईईईईई मर गई.
इधर मेरा लंड अब तक पूरा अंदर घुस चुका था और भाभी की आखों से आंसू बाहर निकल गए उन्होंने मुझे बहुत कसकर पकड़ा हुआ था, लेकिन दस मिनट बाद मैंने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया और तब तक भाभी का दर्द भी थोड़ा सा ठीक हो गया था और अब वो भी मेरे साथ अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी और मुझसे कहने लगी हाँ राज और ज़ोर से चोदो हाँ और चोदो, आज महीनो बाद मेरी चूत ने किसी के लंड का स्वाद चखा है उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह आज तुम अपने लंड को मेरी चूत में पूरा अंदर घुसा दो आईईईईइईई चोदो मुझे और जमकर चोदो मुझे अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह. दोस्तों फिर में करीब 15 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद उनकी चूत के झड़ गया और वो भी इस बीच एक बार झड़ चुकी थी. फिर वो अपने फटे गाउन के साथ कल एक बार फिर से मुझसे चुदवाने का वादा करके अपने रूम में चली गयी और अब में उनको वैसे ही पड़ा पड़ा पूरी रात सोचता रहा और मुझे पता नहीं कब नींद आ गई.
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बॉयफ्रेंड ने मुझे जन्नत की सैर करवाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पीहू शर्मा है और मेरे बॉयफ्रेंड का नाम कार्तिक है. दोस्तों मेरे फिगर का साईज 40-32-36 है और मेरा रंग बहुत गोरा, गोल चेहरा, बड़ी बड़ी आखें, गदराया हुआ बदन और में दिखने में कुछ ज्यादा अच्छी लगती हूँ. दोस्तों वैसे तो मुझे अपने मुहं से यह बात कभी नहीं कहनी चाहिए क्योंकि अपने मुहं अपनी तारीफ करना अच्छा नहीं होता, लेकिन में क्या करूं में हूँ ही एकदम सेक्सी माल? क्योंकि जबलपुर के 90% लड़के मुझ पर मरते है और मुझे लाईन मारते रहते है.
मेरे बॉयफ्रेंड के लंड का साईज 8 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है. दोस्तों मेरा बॉयफ्रेंड भी दिखने के साथ साथ चुदाई भी बहुत अच्छी तरह से करता है और वो जिस लड़की को एक बार चोदे वो लड़की उससे आराम से संतुष्ट हो जाती है, लेकिन में अब क्या करूं वो मेरा इतना बड़ा दीवाना है कि वो मेरे अलावा किसी को चोदना तो दूर की बात वो किसी लड़की को छेड़ता भी नहीं है, लेकिन हाँ मुझसे पहले उसकी एक गर्लफ्रेंड थी जिसे वो कई बार चोदता था और उसने मुझे बताया था कि उसने अपनी गर्लफ्रेंड को चोद चोदकर अपने लंड का गुलाम बना लिया था और अब वो उससे जैसा भी कहता है वो बीना ना करे वो काम करती है, लेकिन वो अब मुझसे कई बार मेरी चुदाई करते समय कहता है कि जितना मज़ा मुझे तुम्हे चोदने में आता है उतना किसी और को चोदने में नहीं आता क्योंकि में भी हर चुदाई में उसका पूरा पूरा साथ देती हूँ और उसके साथ साथ सेक्स का पूरा मज़ा लेती हूँ.
दोस्तों आज में आप सभी को अपने बॉयफ्रेंड के साथ अपने एक सबसे अच्छी चुदाई की बात बताने जा रही हूँ जिसको में आज तक नहीं भुला सकी, दोस्तों मैंने इसको आप सभी तक पहुँचाने में बहुत हिम्मत और बहुत मेहनत भी की है और में उम्मीद करती हूँ कि इसको पढ़कर आप सभी को मज़ा जरुर आएगा क्योंकि मैंने इससे पहले बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी भी है और मैंने उसी तरह हर एक पोजीशन में अपनी चुदाई भी करवाई है और अब में आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए अपनी आज की कहानी आप सभी को पूरी विस्तार से सुनाती हूँ.
दोस्तों यह बात आज से दो साल पहले की है जब में 10th क्लास में थी और सतना के एक प्राईवेट हॉस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई कर रही थी. दोस्तों मेरा बॉयफ्रेंड मुझसे दो साल बड़ा है और में जबलपुर की रहने वाली हूँ और जब में हॉस्टल में रहती थी तो उस समय में उस जगह पर बिल्कुल नई थी और में पहली बार अपने घर और घर वालों से दूर रहने लगी मेरा वहां पर कुछ महीने गुजर जाने के बाद मन लगने लगा वरना में बहुत समय तक अपने आप को बहुत अकेला महसूस करती थी में बहुत सीधीसाधी लड़की थी क्योंकि उस समय मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था. तो मेरे वहां पर रहने के बाद कुछ लड़के मुझे छेड़ने लगे और कार्तिक भी उन्ही लड़को का दोस्त था तो उसने उन्हे मेरे साथ ऐसा करने से साफ मना किया और मुझे उसका स्वभाव बहुत अच्छा लगा जिसकी वजह से में उसकी तरफ कुछ ज्यादा आकर्षित होने लगी और फिर धीरे धीरे हमारी बातें शुरू हो गयी.
फिर एक दिन उसने मेरा मूड अच्छा देखकर बहुत धीरे से मुझसे अपने प्यार का इजहार कर दिया और में भी अब उसे मन ही मन चाहने लगी थी फिर मैंने भी बिना कुछ सोचे समझे तुरंत हाँ कर दिया और अब मुझे वो बहुत अच्छा लगने लगा था. फिर हम पहली बार मिले, लेकिन जब हम बाहर मिले तो सिर्फ़ उसने मुझे हाथ पर पहला किस किया, लेकिन हम दोनों उस हमारी मुलाकात से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हुए.
अब अगली बार हम लोगो ने निर्णय लिया कि इस बार हम स्मूच और हग ज़रूर करेंगे और इस बार वो अपने एक दोस्त को कार में अपने साथ लेकर आया था. उसका दोस्त कार चला रहा था और अब हम दोनों पीछे बैठे हुए थे और अब मैंने हमने मेरा स्टोल पर्दे के तरीके से बीच में बाँध दिया ताकि उसका दोस्त हमे देख ना पाए और अब उसने मुझे किस करना शुरू किया, सबसे पहले उसने मुझे गाल पर, फिर गले पर और धीरे से उसने अपने होंठो को मेरे होंठो पर रख दिए तब हमारी बस किस शुरू हो गई थी और जब हम कुछ देर बाद अलग हुए तो मैंने उसकी तरफ देखकर मुस्कुरा दिया.
उसे लगा कि में तैयार हो गई हूँ इसलिए वो यह समझकर मुझे फिर से स्मूच करने लगा, लेकिन दोस्तों माशाअल्लाह क्या स्मूच करता है वो. मुझे तो उसके साथ मज़ा आ गया. अब उसने अपना एक हाथ मेरे टॉप के नीचे से डाला और मेरे बड़े ही मुलायम बूब्स पर रख दिया और फिर वो धीरे से मेरे बूब्स को दबाने लगा, लेकिन उसका हाथ अब तक मेरी ब्रा के ऊपर था और वो मज़े ले रहा था, लेकिन अब हमे समय बहुत हो चुका था और मुझे आगे का काम अधुरा छोड़कर अपने हॉस्टल जाना पड़ा और उसने मुझे मेरे हॉस्टल के कुछ दूरी तक अपनी कार से छोड़ दिया और में उससे बाय कहकर चली गई.
एक दिन उसके घर पर कोई नहीं था और उसके सभी घर वाले किसी काम से बाहर गए हुए थे और वो अपने घर पर बिल्कुल अकेला था और फिर उसने मुझे उसके घर बुलाया तो में अपने हॉस्टल से एक अच्छा सा बहाना बनाकर छुट्टी लेकर उसके घर पर चली गई और उस दिन मैंने बिना बाह का एक गहरे गले का बिल्कुल टाईट टॉप पहना हुआ था और एक बहुत अच्छी स्टाल की टाईट जींस पहनी हुई थी. में उनमे बहुत सेक्सी दिख रही थी.
फिर जब में उसके घर पर पहुंची तो उसने मेरे एक बार घंटी बजाते ही तुरंत दरवाजा खोल दिया और जैसे वो मेरा इंतजार कर रहा था या फिर उसको मेरे बदन की खुशबू आ गई और मैंने अंदर जाकर देखा कि उसने पूरे घर में बिल्कुल अंधेरा कर रखा था और लेपटॉप में हमारी पसंद के गाने चल रहे थे और उसके रूम में दो मोमबत्तियां जल रही थी. तभी अचानक से उसने मेरा एक हाथ पकड़ा और मुझे अपने रूम में ले गया और जब मैंने उससे पीने को पानी माँगा तो उसने मुझे पानी लाकर पिलाया. और फिर ग्लास को एक तरफ रखकर वो मेरे कान में बोला कि आज तुम बहुत सेक्सी लग रही हो, क्या में आज तुमको चोद सकता हूँ.
में उसके मुहं से यह बात सुनकर शरमा गई और उसने मुझे बहुत बहुत जमकर हग किया और लिप लॉक किया. फिर वो मुझे अपनी गोद में उठाकर बेड की तरफ ले गया और उसने मुझे बेड पर लेटा दिया. फिर वो मेरे ऊपर आ गया और तेज तेज स्मूच करने लगा. में उसके बाल पकड़कर उसका पूरा पूरा साथ देने लगी. फिर उसने मेरी गर्दन पर, गाल पर, सर पर, आखों पर, किस किया और अब उसने मेरा टॉप उतार दिया और पेट पर किस किया. उसका एक हाथ अब मेरे बूब्स पर था और वो बोला कि वाउ यार यह मुझे बहुत अच्छे लगे. फिर उसने मेरी ब्रा को उतार दिया और दूर फेंक दिया और अब वो मेरे बूब्स को बहुत ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और में मोन करने लगी आउम्म उह्ह्ह्ह अहह्ह्ह बेबी थोड़ा धीरे अह्ह्ह्ह की आवाज़ निकाल रही थी.
फिर वो मेरे बूब्स के निप्पल अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और अपने एक हाथ से मेरे दूसरे बूब्स को दबाने लगा. वो दोनों बूब्स के साथ एक एक करके ऐसा बहुत देर तक करता रहा और में उसके बालों को पकड़कर उसके सर को अपनी छाती पर दबाते हुए उससे बोली कि हाँ अह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह बेबी खा जाओ इन्हे यह आपके ही है उम्म मुझे बहुत मज़ा आ रहा है और तेज जानू, चूस लो पी लो इनका सारा दूध और अब उसे ऐसा करने से भी बहुत मज़ा आने लगा था और करीब बीस मिनट तक वो लगातार मेरे बूब्स को कभी चूसता तो कभी दबाता रहा. उसने मेरे दोनों बूब्स को एकदम लाल कर दिया था.
फिर वो उठकर खड़ा हुआ और उसने मेरी पेंट को खोल दिया और उसने मेरे कपड़े खोलने के ठीक बाद तुरंत अपना भी लोवर उतार दिया. उसका लंड तनकर खड़ा था और उसका ठीक ठीक आकार बाहर से ही उसे समझ आ गया और वो देखकर एकदम दंग रह गई और फिर वो मुझे बोली कि यह तो कितना लंबा और मोटा है यह अंदर कैसे जाएगा? तो में उससे बोला कि तुम बस अब देखती जाओ यह कितने आराम से फिसलता हुआ तुम्हारे अंदर जाएगा कि तुम्हे दर्द का अंदाजा भी नहीं होगा.
फिर उसने अपनी अंडरवियर और मेरी पेंटी को भी उतार दिया और जब मैंने उसके लंड को पहली बार अपनी आखों के सामने देखा तो में मन ही मन बहुत डर गई और सोचने लगी कि आज मेरी चूत जरुर इस लंड से चुदने के बाद किसी लंड का सपना देखना भूल जाएगी और फिर मैंने सोचा कि अब जो भी होगा देखा जाएगा, सब कुछ में भगवान के ऊपर छोड़कर उससे चुदने के लिए तैयार हो गई, लेकिन अब भी मेरे मन में थोड़ा थोड़ा डर जरुर था, लेकिन में सेक्स में आगे बढ़कर उसे भूलने की कोशिश करने लगी.
अब मैंने उसकी शर्ट को खोल दिया और हम दोनों बिल्कुल नंगे एक दूसरे से चिपके हुए थे और कुछ देर बाद वो मेरी चूत चाटने लगा और मुझे उसकी गरम जीभ से अपनी चूत को साफ करवाने और उससे चटवाने में बहुत मज़ा आ रहा था क्योंकि यह सब मेरे साथ आज पहली बार हो रहा था और में भी उस सेक्स का पूरा पूरा मज़ा उसके साथ ले रही थी. फिर उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने मोटे, लम्बे, गरम लंड पर रख दिया मैंने उसे छूकर महसूस किया कि उसका लंड बिल्कुल रबर की तरह मुलायम है और बहुत मोटा था. उसको अपने हाथ में लेकर उसके सही सही आकार और ताकत का अंदाजा लगा लिया था. उसके बाद मुझे मन ही मन पता चल गया था कि आज मुझे इस लंड से चुदाई करवाने में दर्द के साथ साथ मज़ा भी बहुत आएगा.
फिर हम 69 की पोज़िशन में आ गये और वो मेरी चूत को पागलों की तरह चूस रहा था और चाट रहा था. में भी उसका लंड अपने मुहं में लेकर किसी भूकी शेरनी की तरह टूट पड़ी और 15 मिनट तक हम लगातार एक दूसरे के लंड और चूत को पागलों की तरह चूस रहे थे, लेकिन तभी में झड़ गई और उसने मेरी चूत का पूरा पानी पी लिया और मेरी चूत को बहुत अच्छी तरह अपनी जीभ से चाट चाटकर बिल्कुल पहले से भी ज्यादा चमका दिया था और फिर थोड़ी देर के बाद वो भी झड़ गया और में उसके लंड से निकला गरम गरम लावा पूरा गटक गई और मैंने भी उसके लंड को चाटकर साफ कर दिया.
फिर हम दोनों कुछ देर एकदम सीधे लट गए वो अपने एक हाथ से कभी मेरे बूब्स को सहलाता तो कभी मेरी चूत में अपनी एक ऊँगली को अंदर बाहर करता, जिसकी वजह से में बहुत ही कम समय में एक बार फिर से गरम हो गई. अब में उससे बोली कि प्लीज मुझे अब और मत तरसाओ, प्लीज अब डाल भी दो इसे मेरे अंदर, में बहुत तड़प रही हूँ आपसे चुदवाने के लिए. वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर तुरंत उठा और मेरे ऊपर आ गया और फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत के मुहं पर सेट किया और एक ज़ोर का झटका लगाया. जिसकी वजह से उसका लंड मेरी प्यारी सी चूत में दो इंच अंदर जा चुका था और मेरे मुहं से एकदम ज़ोर से चीखने की आवाज बार निकली.
फिर दूसरे झटके के बाद उसका पूरा का पूरा लंड मेरी अब तक वर्जिन चूत के अंदर चला गया, जिसकी वजह से मुझे बहुत बहुत दर्द हो रहा था और मेरी चूत में अंदर की तरफ मुझे कुछ जलने घिसने जैसी जलन महसूस हो रही थी, क्योंकि वो सब मेरा होना भी था, क्योंकि उसके लंड की मोटाई और लम्बाई कुछ ज्यादा ही थी और उस लंड ने मेरी चूत को बिल्कुल आखिर तक धक्के दे देकर उसमे दर्द पैदा कर दिया था, जिसको अब सहना मेरे लिए बहुत मुश्किल था और ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी और उससे लंड को बाहर निकालने के लिए कहने लगी.
अब उसने मुझे बिना सुने स्मूच करना शुरू कर दिया और अब वो एक के बाद एक लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और में अपने चीखने की आवाज को अपने अंदर दबाकर रोती रही और उस असहनीए दर्द से तड़पती रही, लेकिन उसके कुछ देर बाद मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और में अब उसके लंड को अपनी चूत में अंदर तक लेने लगी और अब में अपने चूतड़ को उठा उठाकर उस लंड को पूरा अंदर लेने की कोशिश करने लगी और उसका पूरा पूरा साथ देने लगी और उसके लंड को करीब दस मिनट तक झेलने के बाद हम दोनों एक एक करके झड़ गये और उसने पूरा वीर्य मेरी चूत के अंदर डाल दिया.
फिर वो करीब 10-15 मिनट तक मेरे ऊपर थककर लेटा रहा और फिर हम उठकर तैयार हो गए और वो मेरे लिए कॉफी बनाकर लाया तो हमने साथ बैठकर कॉफी पी और ढेर सारी बातें की. फिर में अपने हॉस्टल में वापस चली गई और उसने मुझे अपनी कार से वहां तक छोड़ दिया. दोस्तों में उससे अभी तक करीब 40-45 बार चुद चुकी हूँ और करीब 10-15 बार वो मेरी गांड भी मार चुका है. मैंने उसके लंड से चुदकर बहुत मज़े किए और उसने मुझे पहली बार में ही अपने लंड से अपनी चुदाई करवाने के लिए मजबूर कर दिया था. में उसकी चुदाई से बहुत खुश थी क्योंकि वो बहुत लंबे समय तक बहुत आराम आराम से चोदकर मुझे हर बार संतुष्ट करता था. दोस्तों यह थी मेरी सबसे पहली चुदाई की कहानी और उसके बाद मैंने उसके साथ बहुत बार सेक्स किया और बहुत मज़े किए.
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सुमन को चोदा उसके ही घर में

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम हैरी है और उम्र 25 साल, हाईट 5 फुट 10 इंच और मेरे लंड का साईज 8 इंच लम्बा है, में एक कंप्यूटर इंजीनियर हूँ और जॉब करता हूँ. में भुवनेश्वर उड़ीसा का रहने वाला हूँ और में एक पंजाबी फेमिली से हूँ. दोस्तों मैंने भी सोचा कि में भी अपनी एक सच्ची घटना आप सब के साथ शेयर करूँ. मुझे उम्मीद है कि आप सबको मेरी यह कहानी जरुर पसंद आयेगी. अब में आपका ज्याद टाईम ख़राब ना करते हुए सीधा कहानी पर आता हूँ.
ये बात 3 महीने पहले की है. ये कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड सुमन की है वो एक स्कूल में टीचर है. में उससे रोज बात करता हूँ, और हमारे बीच फ़ोन सेक्स भी होता था, लेकिन कभी रियल सेक्स का मौका ही नहीं मिलता था, क्योंकि जहाँ हम रहते है वहाँ सब होटल में हमारी पहचान थी. फिर एक दिन रविवार का दिन था और में अपने कंप्यूटर पर स्टोरी पढ़ रहा था, तभी सुमन का कॉल आया.
सुमन – क्या करे हो?
में – कुछ नहीं घर पर ही हूँ.
सुमन – हमसे मिलने आओंगे क्या? आज बहुत मन हो रहा है.
में – कहाँ मिलना है? और कब?
सुमन – मेरे घर पर आज कोई नहीं है और में बिल्कुल अकेली हूँ. पापा और मम्मी दीदी के घर गये है और वो शाम को आयेंगे, अभी 10 बज रहे है, तुम 11 बजे तक घर आ जाओंगे क्या?
में – ठीक है, लेकिन तुम तो कॉलोनी में रहती तो हमें किसी ने देख लिया तो क्या करेगें?
सुमन – कुछ नहीं होगा, तुम अपनी कार को मेरे घर के सामने पार्क करना और सीधा अंदर आ जाना. में दरवाजा खुला रखूंगी.
में – ओके, में आता हूँ.
फिर में तुरंत तैयार हुआ और अपनी कार लेकर निकल गया. सुमन का घर मेरे घर से 5 किलोमीटर की दूरी पर था. फिर मुझे जाते-जाते याद आया कि मैंने कंडोम तो लिया ही नहीं है.
फिर मैंने एक दवाइयों की दुकान से कंडोम लिया और उसके घर चला गया और फिर कार को पार्क किया और सीधा उसके घर में अंदर घुस गया. फिर उसके घर में जाते ही सुमन ने एक स्माइल दी और दरवाजा बंद कर दिया और वो मेरे गले लग गई वो क्या दिख रही थी? वो लाल कलर की स्कर्ट और सफ़ेद कलर की टी-शर्ट पहने हुए थी और उसका फिगर 36-30-36 साईज का है. फिर सुमन मुझे अपने रूम में लेकर गई और ए.सी चालू किया और मुझे बैठने को कहा.
फिर वो मेरे लिए सॉफ्ट ड्रिंक लेकर आई और मैंने पिया. अब जब में पी रहा था तो सुमन मेरी जांघो को सहला रही थी. फिर मैंने सॉफ्ट ड्रिंक पीते ही उसको किस करना शुरू किया और वो किस हमारे बीच 15 मिनट तक चली और साथ ही साथ मैंने उसके बूब्स को भी दबाना शुरू किया. अब उसके मुँह से आहह आह्ह्ह की आवाज़ निकल रही थी. फिर मैंने किस करते-करते उसकी टी-शर्ट को उतार दिया और उसने अंदर कुछ नहीं पहना हुआ था. फिर मेरे पूछने पर बताया कि उसने मेरे लिए कुछ नहीं पहना था.
फिर उसने मेरी शर्ट उतारी और उसकी स्कर्ट को भी उतार दिया, दोस्तों क्या बताऊँ? वो क्या दिख रही थी? उसके बड़े-बड़े बूब्स और उसकी गांड क्या लग रही थी? अब में और हैरान रह गया, क्योंकि उसने अपनी चूत को शेव किया था. फिर मैंने उसे बेड पर लेटाया और उसको किस करने लगा और साथ ही साथ अपने एक हाथ से सुमन के बूब्स और अपने दूसरे हाथ से उसकी चूत को सहलाने लगा.
अब वो भी पागलों की तरह मुझे किस कर रही थी और आवाज़ निकाल रही थी आआआआआ मज़ा आ रहा है ऊऊऊऊऊऊउऊहह और करो, और करो, बोले जा रही थी. फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए और फिर हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो गये. फिर में सुमन की चूत की तरफ गया और उसकी चूत को चाटने लगा और उसमे उंगली करने लगा. अब में सुमन की चूत को और जोर से चूस रहा था और वो अपने हाथ से मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा रही थी. अब मेरा तो लंड लोहा हो गया था.
फिर हम 69 की पोजिशन में आ गये और वो मेरा लंड देखकर बोली कि तुम्हारा लंड कितना बड़ा है? मैंने कहा कि तुम्हें देखकर ये आज कुछ ज्यादा ही टाईट हो रहा है. अब सुमन ने मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और वो पागलों की तरह मेरे लंड को चूस रही थी और में सुमन की चूत को अपनी जीभ से चोद रहा था. फिर 20 मिनट के बाद वो झड़ गयी और मैंने उसका सारा पानी पी लिया, क्या टेस्ट था, दोस्तों मज़ा आ गया?
फिर 10 मिनट के बाद में भी झड़ गया और उसने मेरा सारा पानी पी लिया और अपनी जीभ से मेरे लंड को साफ कर दिया. उसके बाद हम एक दूसरे को किस करने लगे और सुमन ने मेरा लंड फिर से चूसना शुरू किया तो अब मेरा लंड 10 मिनट में फिर से तैयार हो गया था. फिर में उसके दोनों पैरो के बीच में आ गया और अपने लंड को सुमन की चूत के सामने लगाकर एक हल्का सा धक्का दिया तो वो छटपटा गई और उसकी आँखों में से पानी निकलने लगा.
अब सुमन ने मुझे जोर से पकड़ लिया और में कुछ मिनट तक वैसा ही रहा और फिर एक जोर का धक्का दिया तो अब मेरा आधे से भी ज्यादा लंड उसकी चूत के अंदर चल गया और वो चिल्लाने लगी और प्लीज प्लीज निकालो इसे, बहुत दर्द हो रहा है बोल रही थी, लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी और एक और धक्का दिया तो मेरा पूरा का पूरा लंड सुमन की चूत में पूरा घुस गया. अब वो रो रही थी तो मैंने बोला कि बाबू बस दो मिनट की बात है, फिर तुम्हें भी मज़ा आयेगा.
फिर 15 मिनट के बाद उसका दर्द कम हुआ और सुमन हहुउऊुउउम्म्म्ममम और जोर से, हमम्म्म में मर गई, आआआम्ममम की आवाज़ निकाल रही थी और अब पूरे कमरे में बस फच-फच आआआअहहुउऊउउ की आवाज़ आ रही थी और सुमन को इतना मज़ा आ रहा था कि अब वो अपनी गांड उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी थी. अब में भी उसको चोदता रहा और साथ ही साथ अब में उसके बूब्स को भी दबाता रहा.
फिर सुमन 25 मिनट के बाद फिर से झड़ गयी और अब में भी झड़ने वाला था तो मैंने उससे कहा कि में भी झड़ने वाला हूँ. तो उसने कहा कि अन्दर मत झड़ना में तुम्हारा पानी अपने मुँह में लेना चाहती हूँ तो मैंने अपना लंड सुमन की चूत में से बाहर निकाला तो मैंने देखा कि मेरे लंड पर खून लगा था और बेडशीट पर भी खून ही खून था.
फिर सुमन ने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और उसको चूसने लगी और मेरा सारा पानी सुमन ने पी लिया. फिर में सुमन के ऊपर ही सो गया और फिर कुछ देर के बाद मैंने टाईम देखा तो 2 बज रहे थे और उसके पापा और मम्मी 3 बजे तक आने वाले थे तो मैंने सुमन से कहा कि अब में तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ. उसने मना कर दिया कि आज नहीं, लेकिन अगली बार ज़रूर मारना. शायद सुमन को बहुत दर्द हो रहा था.
फिर हमने अपने कपड़े पहने और मैंने उससे कहा कि अब कब मिलोगी? तो उसने कहा कि जैसे ही मौका मिलेगा में तुम्हें बता दूंगी. फिर में सुमन को किस करके घर वापस आ गया.
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आकाँशा को डाटा स्ट्रक्चर्स सिखा डाला

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सूरज है और मेरी उम्र 26 साल है. दोस्तों मैंने आज तक सिर्फ़ एक ही लड़की के साथ सेक्स किया है और दूसरी लड़की के साथ सिर्फ़ किसिंग की है. दोस्तों में आज आप सभी को जो सेक्स अनुभव अभी बताने जा रहा हूँ वो उस लड़की का है जो मेरी पहली वाली गर्लफ्रेंड थी और उसके साथ में करीब 5-6 बार सेक्स कर चुका हूँ, लेकिन उसके साथ हुआ मेरा पहला सेक्स में कभी भी भूल नहीं सकता.
दोस्तों यह तब की बात है जब मेरे कॉलेज का दूसरा साल ख़तम होने वाला था. आपको अंदाज़ा हो ही गया होगा कि मेरी उम्र करीब 21-22 साल थी. उस समय में बहुत पतला हुआ करता था और उस वक़्त में बहुत टेंशन में भी रहता था, क्योंकि मेरी हमेशा तबियत खराब रहती और जिसका कारण मेरी पहले साल हुई पढ़ाई की नाकामयाबी थी और सभी लोग मुझसे ना जाने क्यों थोड़ा दूर ही रहते थे और में अब इन सब चीज़ो से बहुत उब चुका था और फिर मैंने एक दिन तय कर लिया था कि में अब यह सब कुछ बदल डालूँगा.
मैंने अब मन लगाकर अपनी पढ़ाई करना शुरू कर दिया था और फिर में बहुत जल्दी सभी बच्चो से पढ़ाई में आगे निकल चुका था और मेरे खुश रहने की वजह से मेरी तबीयत में भी अब धीरे धीरे बहुत सुधार रहा था और अब मुझे एक गर्लफ्रेंड की ज़रूरत थी जो बहुत ही सुंदर हो, लेकिन मुझसे हिम्मत नहीं होती थी किसी को अपने प्यार के बारे में कहने सुनने कि, लेकिन फिर एक दिन मेरा सोया हुआ नसीब तब उस दिन खुल गया जब में पहली बार आकाँशा से मिला.
दोस्तों आकाँशा मेरे कॉलेज में मेरी ही क्लास में थी और में उसकी सुंदरता का वर्णन पूरा करूं तो उसकी आखें काजल से काली और उसकी हंसी किसी को भी एक बार में घायल कर देने वाली थी. उसके वो खुले बाल जो उसके नितंब तक लंबे थे और पूरा भरा हुआ गोरा बदन जो किसी की भी नियत खराब कर दे. दोस्तों वार्सिकोत्सव वाले दिन तो उसने काली कलर की पूरी जालीदार साड़ी पहनी हुई थी, जिसमे से मुझे उसका ब्लाउज साफ साफ दिख रहा था और उसके बूब्स के उभार की वजह से उसके थोड़ा झुकने पर भी उसके ब्लाउज के बीचो बीच पड़ने वाली दरार मुझे साफ साफ दिखाई पड़ रही थी. दोस्तों वो दरार तो मानो इतनी तंग थी कि शायद उसमे एक उंगली घुसाने में भी बला का ज़ोर लग जाए खैर वो तो वो दिन था.
अब में उस दिन से ही उससे बात करने का कोई ना कोई बहाना चाहता था, लेकिन कभी यह काम मुमकिन नहीं हो पा रहा था, लेकिन उस दिन तो मेरे नसीब में कुछ और ही लिखा हुआ था, मानो खुदा ने खुद मेरी इच्छा पूरी करने की ठान ली थी. उस दिन वो खुद मेरे पास आई और मुझसे बोली कि हैल्लो सूरज कैसे हो, क्या तुम मेरी एक मदद करोगे? दोस्तों अब मेरे नाम के आगे का सब मुझसे अनसुना हो गया था उसे मेरा नाम पता था कि में इसी खुशी में मेरे अंग अंग में एक बिजली की तरंग सी दौड़ गई थी और मुझसे जवाब ना पाने पर उसने मुझे फिर से वही सवाल किया. क्यों सुना, क्या कहा मैंने?
मेरे माथे से बहता हुआ वो पसीना देखकर अचानक से वो खिलखिलाकर हंस पड़ी और मुझसे कहने लगी कि कितने बुद्धू हो तुम? लड़कियों से बात करने में इतना भी भला कोई डरता है क्या? दोस्तों उसका वो सवाल औपचारिक था जिसकी वजह से में भी उसकी बात का जवाब ना देते हुए हंस पड़ा और उससे कहने लगा कि माफ़ करना मुझे थोड़ी कम आदत है किसी लड़की से बात करने की, हाँ तुम बताओ कि तुम्हे मुझसे ऐसी क्या मदद चाहिए थी?
वो अभी भी मेरी तरफ देखकर हंस रही थी और उसकी वो हंसी मुझे उसके और भी करीब खींचती जा रही थी. अब वो किसी तरह अपना हंसना रोकते हुए मुझसे बोली कि क्यों तुम डाटा स्ट्रक्चर्स में बहुत होशियार हो ना? मेरा एक तो “सी” प्रोग्राम ज्यादा अच्छा नहीं है और ऊपर से यह डाटा स्ट्रक्चर्स यूज़िंग ”सी”, अब तुम ही बताओ में कैसे पास करूँ यह विषय? दोस्तों उसने जिस मासूमियत से मुझसे यह सवाल किया था. मेरा बस चलता तो में अपना छोड़कर सीधा उसी का पेपर दे देता. फिर मैंने उससे कहा कि वो बहुत आसान है, तुम मेरे नोट्स ले जाओ और तुम उसमें से पढ़कर देखो. दोस्तों में जानता हूँ कि में कितना बड़ा गधा था, अगर में चाहता तो उसे सिखाने के लिए पूछ सकता था, लेकिन मेरी अकल तो देखो, मैंने उससे कह दिया कि ठीक है कुछ ना समझ सको तो हम कॉलेज में तो मिलते रहेंगे और तुम मुझसे कभी भी पूछ लेना. फिर उसने मुझसे हाँ कहा और वो मेरे नोट्स को अपनी बाहों में भरकर मुझसे धन्यवाद कहकर मेरे कमरे से बाहर निकल गयी और में वहीं खड़ा खड़ा उसे देखता रह गया.
फिर दूसरे दिन जब वो मुझे मेरे नोट्स वापस करने आई तो उसने मुझसे कहा कि आप बिल्कुल भी बुरा मत मानना, लेकिन तुम्हारी लिखावट बड़ी खराब है जिसकी वजह से में नोट्स को कॉपी नहीं कर पाई. दोस्तों एक तो किसी की मदद करो और ऊपर से यह बात सुनो, लेकिन ना जाने क्यों हर किसी को लड़कियों की किसी भी बात का गुस्सा नहीं आता. अब वो मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम खुद मुझे सिखा सकते हो? तो मैंने तुरंत से उसे “हाँ” में जवाब दे दिया, क्योंकि आख़िर में खुद कल से तैयार जो था और मेरे इस तेज जवाब से पहले तो वो एकदम से बौखला गई और फिर हंस पड़ी और बोली कि ठीक है तो फिर शाम को 6 बजे से पढ़ते है, लेकिन हम मेरे घर पर ही पढ़ाई करेंगे, नहीं तो माँ हमे पढ़ने नहीं देगी, क्यों तुम्हे कोई समस्या तो नहीं है ना? दोस्तों मुझे कौन सी अस्थमा का दिक्कत थी और फिर मैंने जल्दी से उसे हाँ कह दिया और उस दिन से हमने शाम को एक साथ में पढ़ना शुरू कर दिया.
वैसे उसका घर कुछ ख़ास बड़ा नहीं था और हॉल से टीवी की आवाज़ बहुत आराम से बेडरूम तक आ जाती थी इसलिए हम हमेशा दरवाजा बंद करके ही पढ़ते थे और उसके परिवार वाले सभी लोग बहुत खुले ख्यालों के थे जिसकी वजह से मेरे घर आने पर उन्हे कोई ऐतराज़ नहीं था और उसकी मम्मी तो मुझे बार बार कुछ ना कुछ खिलती ही रहती थी और मुझे उसके घर वाले बहुत पसंद थे. दोस्तों वो दिन भी बिल्कुल ठीक ही निकला था. में अपने समय से उसके घर पर पहुँच गया और दोस्तों मैंने गौर किया कि वो घर पर कॉलेज की अपेक्षा इतना बन-ठन कर नहीं रहती थी, लेकिन उस दिन उसे कहीं जाना था इसलिए वो बहुत ज्यादा सजधजकर तैयार ही बैठी हुई थी. उसने काले रंग की एक ड्रेस पहनी हुई थी जिसमें से उसकी छाती से ऊपर का भाग काले दानों से भरी जाली से ढका हुआ था और वो ड्रेस उसकी भरी हुई जंघो को बहुत कस रही थी और उसके हाथ में पहनी हुई वो काली चूड़ियां तो मानो सोने पे सुहागा लग रही थी.
मेरा मन तो उस दिन बिल्कुल भी पढ़ाई करने का नहीं कर रहा था, बल्कि मेरा तो जी कर रहा था कि में सीधे उसको पीछे से कस लूँ. उस दिन उसने दरवाज़ा नहीं लगाया हुआ था और तभी मुझे लगा कि कहीं उसे मेरी नीयत पर शक़ तो नहीं हुआ, लेकिन बाद में जब उसके घरवालों ने अंदर आकर उसे भी जल्दी से बाहर निकलने को कहा तब बात साफ हुई कि उसने दरवाज़ा इसलिए खुला हुआ रखा था क्योंकि अब घर पर कोई नहीं रहने वाला था.
फिर उसके घर वाले चले गये और उसने सिर्फ़ बाहर का जाली वाला दरवाजा लगाया और अंदर का लकड़ी का दरवाजा खुला ही छोड़ दिया. हम अंदर आकर किताब खोलकर बेड पर ही बैठ गये, लेकिन वो मुझे आज थोड़ी बैचेन सी लग रही थी क्योंकि उसको उस कसी हुई ड्रेस में बैठ पाना बहुत मुश्किल हो रहा था और में उसकी परेशानी समझ गया था.
फिर में किचन में गया और डाइनिंग टेबल वाली कुर्सी लेकर आ गया और अब मैंने उसे उस पर बैठने को कहा तो वो मुझसे धन्यवाद बोलकर उस कुर्सी पर बैठ गयी और अब हम दोनों एक दूसरे के सामने सामने बैठे हुए थे, लेकिन मेरा पूरा पूरा ध्यान बार बार उसकी कसी हुई गोरी और नंगी जांघो पर ही जा रहा था और शायद उसे भी इस बात का पता चल चुका था जिसकी वजह से वो थोड़ी थोड़ी देर में खड़ी होती और अपनी ड्रेस को जितना हो सकता नीचे खींचकर फिर से बैठ जाती. उसके इस संघर्ष और उसके उस परेशान चेहरे को देखकर में उठकर खड़ा हुआ और फिर उससे विदा लेकर अपने घर पर जाने लगा.
मेरे अचानक ऐसे करने से वो शायद समझ गई कि में क्यों जा रहा था? तभी उसने मुझे आवाज़ लगाई और मेरा एक हाथ पकड़ लिया और उसने मुझसे कहा कि तुम जानते हो ना कि तुम कितने अच्छे हो? दोस्तों मैंने जैसे ही मुड़कर उसकी तरफ देखा तो ना जाने मुझे क्या हुआ और अगले ही पल मैंने उसे अपनी तरफ खींचकर अपनी बाहों में भर लिया और उसने अपना मुहं मेरी छाती में छुपा लिया. दोस्तों मैंने कभी इतना करीब से उसके बालों को नहीं सूँघा था और उसके बालों की खुश्बू ने जैसे मुझे अब और भी बढ़ावा दे दिया था. मैंने आख़िरकार उसे उसकी जांघो से पकड़ लिया और में अब धीरे धीरे अपना एक हाथ ऊपर लाने लगा.
उसने अपना मुहं मेरे छाती से बाहर निकाला और फिर मुस्कुराकर मुझे देखने लगी. अब मैंने अपना हाथ उसकी जंघो से हटाकर उसके गोरे गालों पर रख दिया और उसे लगातार चूमने लगा. फिर उसने मुझे रोक दिया कुछ समय मेरी आँखों में देखा और फिर हल्के से अपने नाज़ुक होंठो को मेरे होंठो पर रख दिया. दोस्तों वो वक़्त जैसे अचानक से थम चुका था और में अपने सारे गिले शिकवे भूल चुका था. मैंने भी अब उसका पूरा पूरा साथ दिया और हम दोनों पागलों की तरह लगातार एक दूसरे को चूम रहे थे. पहले उसके होंठ, फिर दाँत, फिर जीभ. दोस्तों अब हम दोनों बस एक दूसरे में पूरी तरह डूब चुके थे और हमारे पीछे ही एक बेड था और उसकी पीठ बेड की तरफ थी. मैंने उसे किस करते करते धीरे से पीछे सरका दिया, जिससे हम दोनों ही बेड पर एक दूसरे की बाहों में किताबों पर गिर पड़े और फिर मैंने जैसे तैसे किस करते हुए उन किताबों को वहाँ से हटा दिया और उसे गोदी में उठाकर ठीक प्रकार से बेड पर रख दिया और अब उसकी जांघो से मुझे इस बात का पूरा अंदाज़ा हो गया था कि अब वो भी तड़प रही थी और हम दोनों के जिस्म में आग बराबर लगी हुई थी.
में थोड़ा सा पीछे हटा और अब उसे लेटे हुए देखने लगा क्योंकि मुझे उस क्षण पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था और वो उस समय क्या मस्त लग रही थी? और बेड पर लेटने से उसके बूब्स अब और भी ज्यादा उठे हुए लग रहे थे और ड्रेस थोड़ा और उठ जाने से उसकी गोरी नंगी टांगे कमाल की लग रही थी.
अब वो थोड़ा सा शरमा सी गई और उसने अपनी आँखें अपने एक हाथ से छुपा ली और हंस पड़ी. फिर मैंने अपनी शर्ट को उतारा और उसके पास में लेट गया और अब मैंने उसके पैरों पर हाथ फेरना शुरू किया और धीरे धीरे उसके होंठो तक पहुँच गया. मैंने उसका हाथ चेहरे से हटाकर उसे एक बार फिर से चूमा और फिर उसने मुझे ज़ोर से गले लगा लिया. कुछ देर वैसे ही पड़े रहने के बाद में अपना हाथ सरकाते हुए उसकी छाती पर ले आया. उसने कसकर मेरा हाथ पकड़ा और में तुरंत रुक गया.
अब उसने मुझसे पूछा कि क्यों तुम मुझसे प्यार करते हो ना सोनू? दोस्तों उसने आज पहली बार मुझे सोनू कहकर पुकारा था और में अब उस ख़ुशी की वजह से सातवें आसमान पर था और फिर मैंने अपना जवाब उसे दिया कि हाँ में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और फिर मेरे यह बात कहते ही उसने मेरा हाथ एकदम से छोड़ दिया और अब दोस्तों मैंने अपनी एक उंगली उसके बूब्स के बीच की दरार में डाल दी, वो एकदम से कराह उठी और उसकी इस आवाज को सुनकर मुझे बड़ा अच्छा लगा और अब मैंने अपनी उंगली को लगातार अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
अब वो अपनी आहों को रोकने की बहुत कोशिश करने लगी, लेकिन हर बार वो नाकामयाब रही और अब मैंने धीरे से अपनी उंगली बाहर निकाली और फिर अपनी पूरी हथेली को उसके एक बूब्स पर रख दिया दोस्तों में शब्दों में उस अहसास को क्या बताऊँ? मुझे उसके बूब्स कितने गोल, बड़े और कड़क लग रहे थे, लेकिन बीच में उसकी वो जाली वाली ड्रेस आ रही थी. फिर मैंने उसके कपड़े उतारने के लिए उसे उल्टा कर दिया तो मैंने देखा तो उसकी पूरी पीठ पर सिर्फ एक ज़िप थी जिसको में खोलता तो वो एक बार में पूरी नंगी हो जाती. तभी उसने मुझे संकोच में देखा और सिर्फ़ दो शब्द कहे जिनको सुनकर में बिल्कुल दंग रह गया. उसने कहा हाँ अब इसे जल्दी से खोल दो और उसके मुहं से यह शब्द सुनते ही मैंने उसकी पूरी ज़िप को खोलना शुरू कर दिया.
उसकी ज़िप नीचे से ऊपर खुलती थी और जैसे जैसे में उस ज़िप को ऊपर ले जा रहा था उसका गोरा बदन मेरी आँखों से रूबरू होता जा रहा था और फिर जैसे ही मैंने ज़िप को उसकी कमर तक खोला तो उसके कूल्हे अब बिल्कुल आज़ाद हो गये थे और अब वो सिर्फ़ एक बहुत ही पतली सी पेंटी में थी और उसकी ड्रेस इतनी टाईट होने के बावजूद भी उसकी पेंटी ना दिखने का कारण शायद यही था. में अब मन ही मन मचल था और फिर से में पागलों की तरह उसे उसके कूल्हों पर चूमने और चाटने लगा जिसकी वजह से उसने अब और ज़ोर ज़ोर से आहें भरना शुरू कर दिया था. फिर मैंने महसूस किया कि उसकी गांड तो बिल्कुल गरम तवे जितनी गरम हो चुकी थी.
अब मेरे होंठ तो जैसे उसे छूने से ही जल रहे थे, लेकिन मुझे बहुत मज़ा भी आ रहा था. मैंने अब उसकी पूरी ज़िप को खोल दिया था और अब वो खुद ही एकदम से पलटकर सीधी हो गई थी जिससे मुझे उसकी वो ड्रेस बाहर निकालने में थोड़ी आसानी हो जाए. मैंने उसकी उस ड्रेस को उतारकर देखा कि अब वो सिर्फ़ हल्के भूरे कलर की ब्रा और बिल्कुल हल्की और लगभग जालीदार पेंटी में मेरे सामने लेटी हुई थी. फिर उसने मुझे देखा और अपना एक हाथ मेरे पेट पर रख दिया और अब वो मेरी बेल्ट को खोलने लगी.
थोड़ी उसकी मेहनत और मेरी मदद करने के बाद अब में भी सिर्फ़ अपनी खुली जांघो वाली अंडरवियर में था और अब मेरी अंडरवियर में तो तापमान जैसे आफ्रिका की गर्मियों से भी ज़्यादा हो गया था. अब उसने मेरी अंडरवियर का वो उभार देखा और फिर थोड़ा रुक रुककर धीरे से अपना एक हाथ मेरे लंड पर घुमाने लगी और अब मेरा लंड पूरे ज़ोर पर आ गया, क्योंकि आज से पहले कभी किसी लड़की ने मेरे लंड को छुआ नहीं था और मेरे पूरे शरीर में जैसे कोई सनसनी सी दौड़ गई थी.
अब मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और अब ज़ोर ज़ोर से उससे अपना लंड दबवाने लगा और अब में भी उसकी तरह आहे भरने लगा था और मैंने देखा कि उसकी भी साँसे अब ज़ोर ज़ोर से चल रही थी. तभी अचानक से उसने मेरे सर को पीछे से पकड़ लिया और मेरे शरीर को अपने ऊपर ले लिया और तब पहली बार मेरे लंड ने किसी की चूत को छुआ था. अब में अपनी अंडरवियर पहने ही उसकी पेंटी से ढकी हुई चूत को ऊपर से गोल गोल रगड़ने लगा. दोस्तों में वो रगड़ना चाह कर भी कभी नहीं भुला सकता हूँ, में आपको क्या बताऊँ मुझे उस काम में कितना मज़ा आ रहा था? वो अब ज़ोर ज़ोर से करहाने लगी थी और पूरे रूम में उसके उह्ह्ह अह्ह्ह्हह करने की आवाज़ गूँज रही थी. मैंने रगड़ना और तेज़ कर दिया और फिर उसने मेरा एक हाथ पकड़कर अपने स्तन पर रख दिया.
मुझे उसका वो इशारा समझ आया और मैंने तुरंत उसकी ब्रा को भी खोल दिया और अब उसके दूध से भी ज़्यादा गोरे और चाँद से भी ज़्यादा गोल बूब्स जिस पर हल्के लाल रंग के वो निप्पल मुझे ताक रहे थे. अब वो पूरी तरह से नंगे थे. दोस्तों मुझे उन्हें अपने सामने देखकर बहुत आश्चर्य हुआ क्योंकि उसके बूब्स बहुत ही बड़े थे और उन्हें कपड़ो में देखकर मुझे कभी लगा नहीं था कि वो आकर में इतने बड़े भी हो सकते है? फिर उसने मुझे देखा और मुझसे कहा कि तुम बहुत अच्छे हो जानू और वो मेरा सर अपने बूब्स पर रगड़ने लगी. दोस्तों उसमें क्या हवस थी? वो तो मानो एक दूसरी दुनिया में ही पहुँच चुकी थी और वो बिल्कुल पागलों की तरह मेरा सर उसके बूब्स के ऊपर रगड़े जा रही थी और कह रही थी में तुम्हारे साथ हाँ उह्ह्ह्ह हमेशा से ही अहह यह करना चाहती थी. दोस्तों अब मुझे उसकी यह बात सुनकर मेरे कानों पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ. में अचानक से रुक गया और उसे देखकर जी भर आया और में सच कहूँ तो उस वक़्त अगर में सेक्स भी पूरा ना करता तो भी मुझे कोई गम नहीं था और अब उसकी वो बिल्कुल नम आखें साफ साफ बयान कर रही थी कि वो मुझसे कितना प्यार करती है.
अब मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और ज़ोर से उसके होंठो पर किस करने लगा. अब वो भी अब अपना पूरा आपा खो चुकी थी और जैसे एक प्यासा बड़ी देर के बाद पानी पिए ऐसे मेरे होंठो को चूसने लगी थी, जिसकी वजह से मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन मज़ा भी बहुत आ रहा था और थोड़ी देर बाद में एक बार फिर से उसके बूब्स को पहले से ज़्यादा तेज़ चूमने और काटने लगा. अब हम दोनों ही पूरी तरह से मदहोश हो चुके थे और अब जो भी हमारे साथ हो रहा था वो सब अपने आप हो रहा था.
उसने मेरी अंडरवियर को नीचे कर दिया और मेरे कूल्हों को जकड़कर अपनी चूत पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी. उसके एक हाथ की उंगलियों के नाख़ून मुझे बहुत चुभ रहे थे इसलिए में भी अपना पूरा ज़ोर लगा रहा था. अब मैंने एक ही झटके में उसकी पेंटी को निकाल दिया और अब में क्या बताऊँ दोस्तों वो क्या मस्त लग रही थी. वो पूरी नंगी और अब मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसकी चूत को मेरी हथेली से ढक दिया और अब धीरे धीरे रगड़ने लगा जिसकी वजह से उसने तो अब चिल्लाना शुरू कर दिया था. उस कारण से मुझे उसके मुहं पर अपना हाथ रखना पड़ा और मेरा हाथ व्यस्त होने के कारण में उसे चूमते हुए उसकी चूत तक ले गया और बिल्कुल हल्के से उसकी चूत को चाटने लगा.
अब मैंने महसूस किया कि उसकी चीखने चिल्लाने की आवाज अचानक से रुक गई, लेकिन सिसकियों कि आवाज बढ़ गई और अब उसकी चूत से वो पानी जैसे मेरी प्यास बुझाने के लिए लगातार बहे जा था और में उसका रसपान किए जा रहा था. तभी अचानक से वो काँपने लगी और मेरे पूछने पर उसने मुझे बताया कि उसे अब बहुत ठंड लगने लगी है. मैंने तुरंत बेड को साईड से खोलकर उसमे से एक कंबल निकाल लिया और उसे हम दोनों पर डाल लिया और उससे पूछा क्यों अब ठीक है? तो उसने हाँ कहा और कहा कि अब मुझसे नहीं रहा जाता और जल्दी से मेरी वर्जिनिटी को खत्म कर दो और चोद दो मुझे. दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनते ही मेरे तोते उड़ गये, क्योंकि में खुद आज पहली बार सेक्स का अनुभव कर रहा था और उस पर उसकी वर्जिनिटी खत्म करने का बोझ.
अब मैंने उससे साफ साफ कह दिया कि नहीं में यह सब नहीं कर पाऊंगा. दोस्तों मेरे कुछ सोचने से पहले ही मुझे पता नहीं कब मेरे मुहं से यह शब्द निकल गए, लेकिन वो अचानक से बहुत ज़ोर से हंस पड़ी और मुझसे कहने लगी कि तुम तो बहुत डरपोक हो, मुझे अब पता चल गया है. फिर अचानक उसकी हंसी रुकी और मुझे देखते हुए उसने कहा सूरज में सिर्फ़ अपनी वर्जिनिटी नहीं खोना चाहती. में तो अपनी वर्जिनिटी सिर्फ़ तुमसे खोना चाहती हूँ तुम बिल्कुल भी डरो मत में पहले से ही यह निर्णय बहुत सोच समझकर ले रही हूँ क्योंकि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. उसकी यह बात सुनकर मुझमे जैसे दुबारा जोश भर गया और उसने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और कंबल के अंदर से ही मुझे मार्गदर्शन देने लगी.
वो जगह पूरी तरह सुनिश्चित करने पर उसने अब सब कुछ मुझ पर छोड़ दिया था और अब सारी ज़िम्मेदारी मेरे कंधो पर थी. में धीरे धीरे अपने लंड के टोपे को उस कोमल जगह पर गोल गोल घुमाने लगा और जब उसकी चूत के पानी से मेरा लंड पूरी तरह भीग गया. तभी मैंने अपना लंड चूत के अंदर डालना शुरू कर दिया, लेकिन मेरे कुछ भी ज़्यादा ना करने के बावजूद भी वो रोने लगी, लेकिन मुझसे ना रुकने को भी उसने कहा.
अब मैंने अपने लंड को हल्का सा धक्का देकर चूत के अंदर ही किया और उसके गालों को मेरे हाथों से कसकर थाम लिया जिससे उसकी आखों से आंसू निकल गये और मैंने उसे किस कर दिया और जब उसका ध्यान पूरी तरह से मेरे चूमने पर था तो मैंने अपने हाथ गालों से हटा दिए और उसकी कमर को ज़ोर से कस दिया और फिर एक जोरदार झटका लगा दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्ला गई, लेकिन बहुत कोशिश करने के बाद मैंने किसी तरह उसके मुहं पर हाथ रखकर उसे शांत कर दिया और कुछ देर उसने मुझे वैसे ही रुकने का इशारा किया और थोड़ी देर बाद उसने फिर से अपने हाथ मेरे कूल्हों पर रख दिये और आगे पीछे करनी लगी, शायद अब उसे मज़ा आने लगा था और उसे ऐसे ज़ोर ज़ोर से सिसकते और आहे भरते देख मुझे भी बड़ा मज़ा आने लगा. मैंने धीरे धीरे खुद को तेज कर दिया और हम दोनों और ज़ोर से आहे भरने लगे.
अब तो में भी चिल्लाने लगा था और हम दोनों को अब किसी भी आवाज़ की कोई फ़िक्र नहीं थी. अब हम खुलकर एक दूसरे के रंग में डूबने लगे और उसकी वो अह्ह्ह अहह की आवाज़ मेरे कानों में अब गूँज रही है और मुझे और भी प्रोत्साहन दे रही थी. हम दोनों अब अपनी पूरी गति पर पहुँच चुके थे और तब मुझे एहसास हुआ कि अब में जल्द ही झड़ने वाला हूँ मेरे उससे कहने पर उसने मुझसे अपनी चूत के अंदर ही वीर्य छोड़ने को कहा और मेरे ना मानने पर उसने मुझे बताया कि वो बहुत पहले से ही इस दिन का सपना देखती आई है और आज वो चाहती है कि उसका पहला यौन संबंध अधूरा ना रहे.
उसके कहने पर में उसकी और अपनी स्वयं इच्छा से ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगा और फिर अचानक से शरीर में एक ठंड की सनसनी के साथ हम दोनों की एक जोरदार चीख के साथ में उसकी चूत में झड़ गया. दोस्तों वो बड़ी ही पवित्र भावना थी. में अब उसके ऊपर ही लेट गया और उसने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया था. में उसे अपनी पूरी जिंदगी भर वैसे ही जकड़ कर रखना चाहता था और अब उसके अलावा मेरा और कुछ करने का मन ही नहीं था और वो मेरे कंधे पर अपना माथा टेककर रोने लगी और अब में भी उसके साथ थोड़ा सा भावुक हो गया, लेकिन क्या करे? समय का अभाव था इसलिए मैंने उससे कहा कि चलो अब उठो तुम्हे जाना है ना? मैंने उससे बहुत प्यार से पूछा. तो वो उठी और कुछ ना कहते हुए अपनी ब्रा, पेंटी पहनने लगी. उसने अपनी ड्रेस पहनते वक़्त अपने बाल एक तरफ कर दिए और मेरी तरफ पीठ करके मुझे ज़िप लगाने का इशारा किया.
मैंने पीछे से उसकी खुली ड्रेस में से अपना हाथ आगे की तरफ डालकर उसे पेट से पकड़कर अपने से सटा लिया और सामने लगे अलमारी के काँच में हम दोनों एक दूसरे को निहारने लगे. दोस्तों में सच कहूँ तो उस वक़्त में उस आईने में हम दोनों को एक पति, पत्नी की रूप में देख रहा था और सपने सज़ा रहा था कि हम दोनों शादी के बाद कुछ इसी तरह रोज रात को प्यार करा करेंगे और सुबह साथ उठेंगे दोस्तों वो बड़ा ही हसीन पल था. अब वो मुझसे चलो हटो प्लीज छोड़ दो कहकर वो मुस्कुरा पड़ी और बोली कि प्लीज मुझे जाने दो. अब मैंने भी मुस्कुराकर अपना हाथ उसके गरम बदन से हटा लिया और फिर मैंने उसकी ज़िप को बंद कर दिया. कुछ देर में ही हम दोनों घर से एक साथ ही बाहर निकल गये और फिर उसने अपनी स्कूटी स्टार्ट कर दी. में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ उसने मुझसे बड़े ही प्यार से से कहा.
अब वो मेरी तरफ मुस्कुराकर अपना हेलमेट पहनकर चली गई, लेकिन उस दिन के बाद भी हमने कई बार सेक्स किया और अगली बार के लिए तो मैंने उससे यह आग्रह भी किया था कि हम अपना अगला सेक्स मेरी पसंद के कपड़े में ही करेंगे और वो दिन भी हमारा बहुत यादगार रहा और में आप सभी को उसके बारे में अपनी अगली कहानी में ज़रूर बताऊंगा, लेकिन दोस्तों कुछ भी कहो पहला सेक्स तो पहला ही होता है. मेरी बदनसीबी से कॉलेज ख़त्म होने पर उसे पुणे छोड़कर मुंबई में नौकरी के कारण जाना पड़ा और फिर हमारी बातचीत अब धीरे धीरे कम होते होते ख़त्म ही हो गई.
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नेहा भाभी ने मेरी गांड चोदी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आर्यन है, मैंने नेहा को कुछ दिन पहले ही मज़ाक-मज़ाक में उसे भाभी कहा और तब से ये ही चलता आ रहा है. तो ऐसे ही एक दिन में उससे व्हाट्सअप पर बात कर रहा था और फ्लर्ट करना तो हर लड़के की आदत होती है. बातों ही बातों में जब मैंने उससे पूछा कि क्यों भाभी जी भैया ख्याल रखते है की नहीं? तो नेहा का रिप्लाई आया कि क्या बताऊँ यार? में उनके लिए कितने सुंदर कपड़े पहनकर तैयार रहती हूँ, लेकिन वो आते ही टी.वी में घुस जाते है. अब व्हाट्सअप पर फोटो शेयर करने के बाद हम दोनों से रहा नहीं जा रहा था, लेकिन नेहा के पति होते हुए हम दोनों ही तड़प रहे थे.
अब एक दिन के लिए उसके पति आउट ऑफ टाउन गये और में रात भर अपनी नेहा को चोदने पहुँच गया. फिर नेहा ने दरवाजा खोल दिया तो वो डीप नेक पिंक नाईटी में गीले बालों में, वो बहुत ही टाईट माल लग रही थी, हाईट 5 फुट 5 इंच और मस्त फिगर. मैंने उससे कहा कि बड़ी कमाल लग रही हो नेहा तो उसने बोला कि भाभी बोलो ना और मुझे आज रातभर अपनी भाभी बनाकर चोदो. मुझे अपने देवर से चुदना है. फिर मैंने तुरंत ही दरवाजा लॉक किया और नेहा को हग कर लिया, अब में अपने हाथ से उसकी पूरी बॉडी को महसूस कर रहा था. अब और वो भी मुझे हर जगह टच कर रही थी. फिर धीरे से मैंने उसकी गर्दन को किस किया तो वो जोर-जोर से सांसे लेने लगी.
फिर मैंने नेहा भाभी के कानों में भाभी बोला और उसके कान को काटने लगा. अब नेहा भाभी बहुत गर्म हो चुकी थी, फिर उसने मेरी बैक साईड को कस कर पकड़ लिया और में भी उनकी आँखों को किस करता रहा. अब नेहा भाभी ने मेरी शर्ट को खोलना चालू कर दिया था. फिर नेहा भाभी बोली कि आह्ह्ह आर्यन फिर मैंने नेहा भाभी को दीवार से चिपका दिया और उनकी गांड मेरी साईड थी. अब में उनसे चिपककर खड़ा हो गया और अब मेरा लंड जो जीन्स के अंदर तन चुका था उनकी गांड से सटा हुआ था, अब मेरे हाथ उनके बूब्स पर थे और मैंने उन्हें दीवार से चिपका कर रखा हुआ था. अब मैंने उन्हें पलटाया और हम दोनों किस करने लगे, हम दोनों की ये पहली किस थी, लेकिन हम दोनों ही एक दूसरे के मुँह में थूक रहे थे. वो बहुत ही गर्म और लंबी किस थी. अब किस के टाईम मैंने नेहा भाभी को छाती से पकड़ा हुआ था, जबकि वो मेरी जीन्स के ऊपर से मेरे लंड को सहला रही थी. फिर मैंने धीरे से अपना हाथ उनके बूब्स से होते हुए उनके गीले बालों तक ले गया.
अब में उनके बालों को हल्के से खींच रहा था, इतने में ही नेहा भाभी ने मुझे एक तमाचा मार दिया. हालाँकि वो ज्यादा ज़ोर से नहीं था, लेकिन में थोड़ा डर गया था. फिर नेहा भाभी बोली कि भाभी को चोदने आया है साले? तो मैंने कुछ नहीं बोला. फिर वो थोड़ी देर तक मुझे घूरने के बाद भाभी मुझे फिर से किस करने लगी. अब में भाभी को वापस से किस कर रहा था, लेकिन अब मेरे हाथ उनकी छाती पर ही थे, लेकिन थोड़ी ही देर में सब कुछ बदल गया और अब नेहा भाभी मेरे लिप और जीभ को काटने लगी थी.
अब हम दोनों ही बिस्तर पर लेट गये और अब भाभी मेरे ऊपर थी. अब वो मेरी शर्ट उतारकर मेरे निप्पल को काट रही थी और फिर धीरे से वो नीचे गयी और फाइनली उन्होंने मेरी जीन्स उतार दी. फिर उन्होंने अपने दातों से मेरी अंडरवेयर भी निकाल दी और मेरा लंड चूसने लगी. अब वो मेरे लंड की टोपी को अपनी जीभ हिला हिलाकर सहला रही थी. जैसे ही मेरे लंड से पानी आया तो भाभी ने मेरे लंड से अपनी माँग रगड़ दी तो मैंने पूछा कि ये क्या था? तो भाभी बोली कि मेरी माँग नहीं भरोगें? और मैंने बस हंसकर उनका जवाब दिया.
फिर में खड़ा हो गया और भाभी अपने घुटनों पर आकर मेरे लंड को चूसने लगी. अब वो मेरे अंडो को भी चूस रही थी और वो बहुत ही मस्त तरीके से मेरे एक-एक अंडे को अपने मुँह में रखकर खींच रही थी और लंड पर थूक-थूक कर चूस रही थी. अब मेरा लंड पूरा गीला और हार्ड था तो भाभी बोली कि अब जल्दी से अपनी भाभी को चोदना और वो झट से अपनी पेंटी उतार कर ज़मीन पर ही लेट गयी. में भी तुरंत भाभी के ऊपर लेट गया और धीरे से अपने लंड को उनकी चूत में डाल दिया. तो भाभी बोली आआआह्ह्ह शादी के 2 साल के बाद भी वो चूत ढीली नहीं थी. अब मुझे टाईट चूत को चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा था और अब में धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ा रहा था और साथ ही साथ उनके बड़े-बड़े पिंक निप्पल चूस रहा था तो भाभी बोली कि इतना मत तड़पाओ मुझे, आअहह आर्यन.
अब में ये सुनकर उनकी निप्पल और ज़ोर से काटने लगा फिर इतने में भाभी ने मुझे फिर से मारा तो मैंने उन्हें चोदना छोड़ दिया और उन्हें देखने लगा तो भाभी बोली कि उठ. फिर जैसे ही में उनके ऊपर से हटा तो भाभी उठ गई और मेरी गांड को दबाना शुरू कर दिया. अब मुझे कुछ समझ आता इससे पहले उसने फिर से दबाना शुरू कर दिया तो में चिल्लाया, आअहह भाभी. भाभी अपने घुटने के बल बैठकर मेरी गांड को चाटने लगी और अब वो अपने हाथ से मेरी गांड को फाड़ कर चाट रही थी.
अब मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था. फिर मेरी पूरी गांड भाभी ने चाट चाटकर पूरी गीली कर दी थी, आहह भाभी. अब भाभी ने मुझे टेबल पर लेटा दिया और रबड़ का लंड लेकर आ गई. अब भाभी अपने नये लंड से मेरी गांड को सहला रही थी और मेरी गांड को काट भी रही थी. अब मुझे दर्द भी हो रहा था, लेकिन मज़ा भी आ रहा था. फिर भाभी ने वो रबड़ का लंड मेरी गांड में घुसा दिया और मेरी गांड मारने लगी, आआआ अब में ज़ोर जोर से मौन करने लगा था.
फिर भाभी ने मुझे जोर से पकड़ा और ज़ोर से मेरी गांड मारती रही आआहह भाभी मज़ा आ गया. अब मैंने इतना ही कहा था कि भाभी ने मेरी गांड को ज़ोर से मारा तो भाभी बोली कि तेरे मज़े के लिए नहीं तुझे तड़पाने के लिए में तेरी गांड मार रही हूँ. फिर में बोला जी भाभी और अपनी गांड मरवाता रहा. अब भाभी मेरी गांड के छेद में थूकती रही और मेरी गांड मारती रही और में चिल्लाता रहा और मज़े लेता रहा. फिर भाभी ने अचानक से मेरी गांड मारते हुए, मेरे निप्पल को दबाना चालू कर दिया, म्‍म्म्मम भाभी एम्म आर्यन मेरे देवर. अब भाभी मेरी गांड मारती रही और अब मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन मज़ा उससे भी बहुत ज्यादा आ रहा था. अब भाभी ने मुझे बहुत ज़ोर से चोदना चालू किया और उनकी स्पीड बहुत ज्यादा थी और अब बस में ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रहा था, भाभी आहह आहह.
फिर भाभी ने गांड मारते हुए मेरे लंड को पकड़कर हिलाना चालू किया, उनके हाथ बहुत तेज आगे पीछे हो रहे थे. अब में बहुत ही मज़े में था तो भाभी बोली कि आअहह आर्यन लगता है तुम्हारा गिरने वाला है तो में बोला हाँ भाभी, आअहह. फिर भाभी ने रबड़ का लंड ज़ोर से मेरी गांड के अंदर तक घुसा दिया, तो में चिल्लाया, ओह भाभी आअहह.
अब भाभी बहुत जोर-जोर हिल रही थी और भाभी वापस अपने घुटने के बल बैठ गई और अपने बड़े बूब्स को मेरे लंड में फंसा कर वो मेरे पानी के गिरने का इंतजार करने लगी और में चिल्लाता रहा, आह्ह्ह. अब भाभी मेरी गांड में उंगली भी कर रही थी और फिर जल्दी ही मेरा पानी बाहर आ गया और भाभी ने अपना मुँह खोलकर पूरा अंदर ले लिया. फिर भाभी बोली कि आर्यन मेरे देवर मस्त गर्म पानी आया है. फिर हमने बहुत मजा किया और भाभी ने भी मुझे बहुत मजा दिया.
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मकान मालकिन की चाहत

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम फजल है और में हैदराबाद का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 26 साल है, दोस्तों आज में आप सभी को जो अपनी कहानी सुनाने जा रहा हूँ और यह मेरी एक सच्ची घटना है. दोस्तों में जिस घर में किराए से रहता था उसमे गरिमा आंटी जो मेरी मकान मालकिन है वो भी रहती है और उनकी उम्र करीब 34 साल है और उनके फिगर का साईज़ 34-28-36 है और वो दिखने में बहुत ही सुंदर है और एक बहुत ही सेक्स औरत है और में हमेशा उनको देखते ही रहता था क्योंकि मुझे उनके वो बड़े बड़े झूलते हुए बूब्स बहुत ज्यादा पसंद थे और उसकी वजह से में उनकी तरफ बहुत ज्यादा आकर्षित था. में हमेशा उनके बूब्स को दबाना चाहता था और उन्हें छूकर महसूस करना चाहता था.
एक दिन आंटी ने मेरे दरवाजे की घंटी को बजाया, लेकिन में उस समय सोया हुआ था तो में आंटी की आवाज सुनकर जल्दी उठा और मैंने जाकर दरवाजा खोल दिया. मैंने देखा कि बाहर दरवाजे पर आंटी खड़ी हुई थी और उस समय मेरा लंड तनकर खड़ा हुआ था जिसको आंटी ने भी देख लिया. वो मुझे नाश्ता देने के लिए आई थी और फिर वो मुझे देकर चली गई.
एक दिन ऐसे ही चला गया और दूसरे दिन में आंटी के पास चला गया तो आंटी उस समय लाल कलर की साड़ी पहने हुए हुए सोफे पर बैठी हुई थी और उनके बच्चे अपने स्कूल का काम कर रहे थे. में अंदर आकर कम आवाज करके टीवी देखने बैठ गया और फिर कुछ देर बाद आंटी मुझसे बोली कि तू बैठ में तेरे लिए चाय लेकर अभी आती हूँ. तो वो मुझसे इतना कहकर किचन में चली गई और कुछ देर में मेरे लिए चाय बनाकर ले आई और जब वो मुझे चाय देने के लिए झुकी तो अचानक से उसकी साड़ी का पल्लू नीचे सरक गया, वाह दोस्तों वो क्या नजारा था, वो बूब्स मेरे सामने आने को बिल्कुल बैताब थे तो में उन्हें अपने सामने देखते ही एक टक नजर से देखता ही रह गया. तभी आंटी ने मुझसे कहा कि क्यों ऐसे क्या घूर रहे हो? तो में एकदम से हड़बड़ा गया और उनके हाथ से चाय लेकर अपनी नज़र नीचे करके बैठ गया और चुपचाप चाय पीने लगा.
फिर में कुछ देर बाद वापस बाहर आकर सिगरेट पीने के लिए बाहर निकल गया और बस उनके बारे में सोचने लगा और उनके बूब्स को अपनी आखों के सामने देखने लगा. रात को 11 बजे मेरे दरवाजे की घंटी बजी, लेकिन उस समय तक भी में सुबह वाली उस घटना के बारे में सोच रहा था और अब भी मेरा लंड थोड़ा थोड़ा सा खड़ा हुआ था. फिर मैंने उठकर दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि बाहर आंटी पर्पल कलर की मेक्सी में ठीक मेरे सामने खड़ी हुई थी. मैंने उनसे कहा कि हाँ आइए ना आंटी क्या चाहिए आपको? तो उन्होंने मुझसे थोड़ा ऊँची आवाज में पूछा कि तू सुबह ऐसे क्या देख रहा था? तो में उनके मुहं से यह बात सुनकर अचानक से डर गया और मैंने उनसे कहा कि सॉरी आंटी वो बस ऐसे ही मुझसे ग़लती से हो गया और में अब ऊपर से नीचे तक पूरी तरह पसीने से भीग चुका था.
आंटी ने अब मुझसे बहुत नरम आवाज से कहा कि चलो कोई बात नहीं है तुम यहाँ पर बैठो. में उनके कहते ही तुरंत बैठ गया और अब आंटी मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि जी नहीं, दोस्तों में अचानक से बदले उनके इस स्वभाव से बहुत चकित था कि वो मुझसे अब यह सब क्या पूछ रही है? क्योंकि अब मैंने गौर किया था कि उनके चेहरे की बनावट और मुझसे बात करने का तरीका बिल्कुल बदल सा गया था और उनके चेहरे पर मुझे एक अजीब सी शरारती हंसी नजर आ रही थी.
फिर आंटी ने मेरी बात सुनकर कहा कि ठीक, लेकिन क्या तुमने कभी किसे से सेक्स किया है? तो मैंने कहा कि नहीं, दोस्तों अब मुझे उनकी बातों से इस बात का अंदाजा हो गया कि वो मुझसे क्या पूछना या मेरे मन में क्या है वो जानना चाहती है? तभी उन्होंने मुझसे कहा कि तू क्या मेरे साथ सेक्स करेगा?
दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर में तो जैसे सातवें असमान में उड़ने लगा और बहुत खुश होकर मन ही मन सोचने लगा कि जैसे कि वो खुद ही मेरे पास आज आ गई है मुझसे अपनी चुदाई करवाने के लिए और अब मैंने ज्यादा समय खराब ना करते हुए तुरंत ही आंटी को अपनी बाहों में जकड़कर किस करते हुए उनके बूब्स को उनकी मेक्सी में से ही दबाना शुरू कर दिया क्योंकि अब में इतना अच्छा मौका बिल्कुल भी अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता था. वाह मज़ा आ गया मुझे उनके वो मुलायम बड़े बड़े बूब्स दबाकर. फिर करीब पांच मिनट के बाद मैंने आंटी की मेक्सी को खोल दिया और अपने भी कपड़े उतार दिए. तो आंटी ने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारे पास कोई ब्लूफिल्म की सीडी है?
फिर मैंने कहा कि मेरे पास ऐसी कोई भी सीडी नहीं है, लेकिन में वो सब ऑनलाईन ही देखता हूँ तो मैंने एक मस्त सेक्सी फिल्म नेट पर लगा दी और अब मैंने जैसे अपना लंड पेंट से बाहर निकाला तो आंटी देखती ही रह गई और मुझसे कहने लगी कि वाह तेरा लंड तो इतना बड़ा और मोटा भी है, मुझे पता होता तो में पहले ही तुझसे चुदवा लेती, लेकिन अब में तुझसे हर रोज़ अपनी चुदाई करवाया करूंगी क्योंकि मेरा पति तो बाहर है और वो दो साल में एक बार आता है और वो उसका काम होने के बाद ही मुझे ऐसे ही छोड़कर सो जाता है और फिर में अपनी उंगली से ही काम चलाती हूँ, लेकिन अब तू आ गया है तो मुझे मज़ा आ गया और फिर वो इतना कहकर मेरा लंड चूसने लगी. वाह दोस्तों क्या मज़ा आ रहा था और अब में उसके मुहं में मेरा लंड देकर में आसमान में उड़ रहा था. मुझे ऐसे महसूस हो रहा था और करीब दस मिनट लंड चूसने के बाद में करीब 15 मिनट तक उसके बूब्स को दबाता ही रहा.
तभी आंटी मुझसे कहने लगी कि प्लीज थोडा आहिस्ता आहिस्ता दबा मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
में : आंटी मुझे अब इनको चूसना और दबाना बहुत अच्छा लगता है, प्लीज आप मुझे आज कुछ भी मत कहो, में आज आपकी कोई बात नहीं सुनूंगा.
आंटी : आह्ह्हह्ह प्लीज थोड़ा धीरे करो आईईइ उईईईईईई माँ में मरी.
अब आंटी ने मेरे सर को पकड़कर अपनी चूत में दबाने लगी और में ना ना कहता रहा, लेकिन वो अब मुझसे अपनी चूत को ज़बरदस्ती चटवाना चाह रही थी. अब वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है प्लीज फजल आज डाल दे तेरा लंड मेरी इस भूखी चूत में. पिछले 15 महीने से नहीं चुदी हूँ, प्लीज आज बुझा दे इसकी प्यास, अब से में तेरी ही पत्नी बनकर रहूंगी आह्ह्ह्ह डाल. अब मैंने आंटी को सीधा लेटाकर उनकी कमर के नीचे एक तकिया रखकर मेरा लंड चूत के मुहं पर रख दिया और फिर एक ज़ोर का धक्का देने के साथ ही लंड को चूत के अंदर डालने लगा जिसकी वजह से आंटी बहुत ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी और फिर उन्होंने मुझे गाली देते हुए कहा कि कमीने इतने ज़ोर से मत कर, अब इसे बाहर निकाल दे कुत्ते आह्ह्ह में मर गई उइईईईईईई माँ बहुत दर्द हो रहा है मुझे उह्ह्ह बाहर निकाल इसे.
दोस्तों मैंने महसूस किया कि वो अब उस होने दर्द से कांप रही थी. में थोड़ा ऐसे ही रुका रहा और अब धीरे धीरे धक्का देने लगा, आंटी अब भी दर्द से करहा रही थी और सिसकियाँ लेकर मुझे गालियाँ देकर कह रही थी हाँ और ज़ोर से चोद दे कमीने, कुत्ते इस भूखी पुजारन को, आज से में तेरी ही हूँ, चोद दे आज इसकी प्यास बुझा दे उह्ह्ह्ह और आईईइ ज़ोर लगाकर दे. अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के पे धक्के दे रहा था और आंटी भी बहुत मस्त पूरी तरह जोश में आकर मस्ती में मुझसे चुदवा रही, वाह क्या मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी तुमको चोदने का ख्याल बहुत दिनों से था, लेकिन आज में हक़ीक़त में तुम्हे चोद दूंगा, यह मैंने कभी नहीं सोचा था और फिर बीस मिनट के बाद मैंने उनसे कहा कि आंटी में अब झड़ने वाला हूँ तो में अपना माल कहाँ पर निकालूं? तो आंटी ने मुझसे कहा कि तू मुझे आज तेरा वीर्य पिला दे, मुझे आज उसे चखना है.
फिर मैंने तुरंत अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकालकर उसके मुहं में डालकर मुहं में झड़ गया और उस बीच में आंटी दो बार झड़ चुकी थी, वो कहने लगी कि वाह मज़ा आ आ गया. दोस्तों उस रात में उनके पास में लेट गया और थोड़ी देर बाद आंटी मेरे लंड को चूसने लगी. मैंने उनसे कहा कि आंटी अब हम कल करते है तो आंटी ने मुझसे कहा कि मुझे तेरे साथ और भी गेम खेलना है. फिर उन्होंने चूसते चूसते मेरे लंड को एकदम से खड़ा कर दिया और मेरा लंड अब गरम सरीए की तरह खड़ा था और अब वो मेरे लंड पर बैठकर आहिस्ता आहिस्ता उछलने लगी और चीखते चिल्लाते हुए आहहह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह माँ मर गई कहती रही, जिसकी वजह से पूरे कमरे में अब फच फच की आवाज़ गूंज रही थी और करीब दस मिनट बाद आंटी उछलते उछलते अह्ह्ह्हह्ह उूईईईईईइई फजल आऊऊऊऊ कहते हुए झड़ गई और मेरे पास में लेट गई.
अब में उठाकर एक बार फिर से चूत में लंड डालकर चोदने लगा क्योंकि में अभी भी नहीं झड़ा था और करीब दस मिनट तक में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता रहा. आंटी का क्या? वो तो बस पड़ी हुई अह्ह्ह्हह्ह उह्ह्हह्ह उइईईईईईईईई फजल में मर गई हाँ चोदो मुझे और ज़ोर से आह्ह्ह्ह उईईईइ कहती रही और इस बीच हम दोनों ही एक साथ झड़ गए. उस समय में आंटी की चूत में ही झड़ गया और जब मैंने घड़ी में समय देखा तो उस वक्त सुबह के 2:45 बज गए थे. तो आंटी ने कहा कि हम कल फिर से करेंगे और फिर वो चली गई.
दोस्तों अब हमारा जब भी मन करे तो हम एक साथ पति पत्नी की तरह मस्ती करते है और में उनके साथ चुदाई के बहुत मज़े लेता हूँ, मैंने उनको दिन रात जब में बहुत बार चोदा और वो मुझसे चुदवाकर अपनी चूत की आग को शांत करती है.
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