मेरी बहन ख्याति की जवानी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहन है और आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि इसे पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा और वैसे यह कहानी मेरी बहन ख्याति की है और आज से करीब पांच साल पहले की घटना है. दोस्तों मेरी बहन ख्याति ऊपर से नीचे तक दिखने में बहुत सुंदर है और उसके फिगर का साईज 36-28-36 है और उसकी लम्बाई 5.4 और उसका रंग दूध जैसा एकदम गोरा है और उसके कूल्हों तक काले घने बाल है.
दोस्तों अब में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. में एक बड़े शहर में एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करता हूँ और मेरा पूरा परिवार एक छोटे से शहर में रहता है. दोस्तों ख्याति पढ़ने में पहले से ही बहुत अच्छी थी और उसने अपनी बी-कॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद सी.ए. की कोचिंग जाने का निर्णय लिया, लेकिन छोटा शहर होने की वजह से वहां पर ऐसी कोई भी कोचिंग क्लास नहीं थी तो उसने एक दिन मुझसे फोन करके कहा कि भैया क्या में भी तुम्हारे साथ वहां पर रहने के लिए आ जाऊँ? दोस्तों तब तक मैंने उसकी जवानी को महसूस नहीं किया था तो यह सब बात होने के बाद वो एक महीने में मेरे साथ रहने आ गई, लेकिन तब उसका फिगर इतना अच्छा नहीं था, क्योंकि वो थोड़ी मोटी थी और उसके बूब्स का विकास भी कम था, क्योंकि किसी ने कभी उन्हें नहीं छुआ था और ना ही दबाए थे और उसके कूल्हों का आकार भी थोड़ा बड़ा था.
दोस्तों उसका ट्यूशन जाने का और मेरे ऑफिस जाने का समय एक ही था तो में हर रोज़ उसे ट्यूशन अपनी बाईक से छोड़ दिया करता था और दोपहर को वो ट्यूशन से फ्री होकर अकेली घर पर आ जाती थी और में शाम को घर पर आता था. एक दिन मुझे अपने ऑफिस से छुट्टी जल्दी मिल गई तो में उस दिन जल्दी घर पर आ गया, इसलिए मैंने मन ही मन सोचा कि आज में ख्याति को जल्दी आकर चकित करता हूँ.
फिर में घर पर गया और फिर दूसरी चाबी से दरवाज़ा खोलकर अंदर चला गया और जब में अंदर गया तो मैंने देखा कि ख्याति नहाकर अपने रूम में बिल्कुल नंगी खड़ी हुई थी और उसके बालों से पानी टपक रहा था और उसके आधे बाल उसके बूब्स पर थे. उसकी चूत पर बहुत छोटे छोटे सुनहरे बाल थे और उसकी चूत को देखने से ही पता चल रहा था कि वो अब तक कभी किसी से नहीं चुदी है और उसको इस हालत में देखते ही मेरा 6 इंच का लंड तुरंत तनकर खड़ा हो गया, लेकिन में उसके साथ कुछ नहीं कर सकता था, क्योंकि वो इतनी चतुर नहीं थी और वो तब बहुत शर्मीली स्वभाव और पुराने ख्याल की थी. फिर में घर से बाहर चला गया और कुछ देर बाहर खड़े रहने के बाद मैंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई और वो दौड़ती हुई पूरे कपड़े पहनकर दरवाजा खोलने आई और जब वो दरवाज़ा खोलने आई तब भी उसके बालों से पानी टपक रहा था जो सीधा उसकी छाती को भिगोकर अंदर से उसके उसकी काले रंग की ब्रा को दिखा रहा था.
दूसरे दिन सुबह जब में उसे उसकी ट्यूशन पर छोड़ने जा रहा था तो मैंने उसको कहा कि ख्याति तुम भी मेरे साथ जिम क्यों नहीं चलती, देखो तुम कितनी मोटी हो गई हो? फिर वो बोली कि यह बात तो आप बिल्कुल सही कहते हो, में आपको सोचकर बता दूंगी और फिर उसी शाम वो मेरे घर पर आने के बाद मुझसे बोली कि में भी कल से आपके साथ जिम चलूंगी. फिर मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन तू वहां पर यह सलवार कमीज़ नहीं पहनकर जा सकती, क्योंकि तुम्हे वहां पर जिम के कपड़े पहनकर ही जाना पड़ेगा और फिर में उसके साथ उसके लिए मॉल में केफ्री और टी-शर्ट लेने चला गया और कपड़े पसंद करने के बाद मैंने उसको रूम में पहनकर देखने के लिए भेज दिया और जब वो बाहर आई तो वो क्या मस्त माल लग रही थी? कुछ लड़के रूम के बाहर खड़े थे, क्योंकि उन्हें भी रूम में जाकर कपड़े पहनकर देखना था तो वो भी उसी को अपनी आखें बड़ी करके घूरकर देखते रह गये, क्योंकि उसकी टी-शर्ट के ऊपर से उसकी निप्पल साफ साफ दिख रही थी और उसकी पेंटी भी थोड़ी थोड़ी दिख रही थी, क्योंकि वो कपड़े उसके बदन पर बिल्कुल चिपके हुए एकदम टाईट थे, लेकिन मैंने उससे कहा कि यही सही है और अब मॉल का चौकीदार भी उसको लगातार हवस की नज़रों से देख रहा था.
फिर दूसरे दिन में उसे अपने साथ जिम लेकर चला गया और उसे अपने ट्रेनर से मिलवाया. फिर मैंने उससे कहा कि यह मेरी बहन है और मुझे इसका वजन थोड़ा कम करना है. मैंने उसके ऊपर ध्यान दिया कि जब हमारे बीच में यह सब बातें चल रही थी, तब वो बात तो मुझसे कर रहा था, लेकिन उसका पूरा ध्यान मेरी बहन के सेक्सी जिस्म पर था और वो ख्याति के उभरे हुए फिगर को ताक रहा था. फिर वो ट्रेनर मुझसे बोला कि कोई बात नहीं, में इसका वजन बहुत जल्दी कम करवा दूंगा और वो ख्याति को अपने साथ ले गया और उसने उसको उठक बैठक करने को बोला और जब ख्याति ने उठक बैठक करना शुरू किया तो वो उससे कहने लगा कि तुम यह बिल्कुल ग़लत कर रही हो और उससे यह बात कहकर उसने मेरी बहन के कूल्हों को पकड़ लिया और बोला कि हाँ अब तुम सीधे नीचे जाओ और उसके बाद में ऊपर आओ. दोस्तों वो उसी बहाने उसकी गांड को छूकर मज़े ले रहा था.
अब ख्याति को उस ट्रेनर का उसको इस तरह से छूना और उसके कूल्हों को पकड़कर उसे ऊपर नीचे उठाना बैठाना थोड़ा अजीब लगा, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और चुपचाप उसकी कही गई सभी एक्सर्साईज़ करती रही. दोस्तों पहले दिन उस ट्रेनर ने मेरी बहन को थोड़ी हल्की एक्सर्साईज़ करवाई और फिर कल आने को बोला. फिर घर पर जाते समय रास्ते में ख्याति मुझसे बोली कि वो मुझे छू रहा था तो मुझे उसका इस तरह छूना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा और ना जाने क्यों वो मेरे साथ ऐसा कर रहा था, उसके मन में क्या चल रहा था भगवान ही जाने? फिर मैंने उससे कहा कि वो तो सिर्फ़ तुझे सिखा रहा था और ऐसा कुछ नहीं है, जैसा अभी तुम्हारे दिमाग में चल रहा है और मेरी यह बात सुनकर ख्याति फिर से कुछ नहीं बोली और चुपचाप मेरी बात सुनती रही.
फिर दूसरे दिन जब ख्याति जिम आई तो मेरे ट्रेनर ने मेरा और मेरी बहन का जिम का समय अलग अलग कर दिया और फिर उसने मेरी बहन के लिए एक्सर्साइज़ प्लान बताया, जिसमें पुल, सीट पुश-अप और कुछ योगा भी थे और वो ट्रेनर उसे छूने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता था और अब धीरे धीरे जैसे जैसे दिन बीतते गए और ख्याति के लिए वो सब आदत में आ गए थे, लेकिन मैंने महसूस किया कि उसकी वजह से ख्याति का वजन बहुत जल्दी कम हो रहा था और वो हर रोज़ दिन गुजरते हुए और भी ज्यादा सुंदर, सेक्सी होती जा रही थी.
फिर कुछ महीने लगातार वहां पर जाने के बाद वो अब एक मदमस्त गदराए बदन की मालकिन बन चुकी थी और वो अब पहले जितनी शरमाती भी नहीं थी. फिर उसने और भी सेक्सी दिखने के लिए जिम आउटफिट खरीद लिया, वो अगर अब थोड़ा भी नीचे झुके तो किसी को भी उसके टॉप से उसकी छाती साफ दिखे और अब उस आउटफिट से एक्सर्साईज़ करने पर उसके बूब्स और कूल्हों का आकार साफ दिखता था और अब जब ख्याति ज्यादा अच्छी दिखती थी तो उसकी क्लास के लड़के उसको अपनी तरफ आकर्षित करने के कोई मौके नहीं छोड़ते थे, वो उसको पिक्चर दिखाने, बाहर घूमने के बहाने बाईक पर ले जाते और उसे हर कभी कोई ना कोई गिफ्ट देते थे.
अब तो ख्याति भी बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि यह लोग अब उससे क्या चाहते है और वो उसके साथ ऐसा क्यों कर रहे है? लेकिन वो उन लोगों को ज्यादा भाव नहीं देती और ख्याति उनके इस काम के बहुत मज़े लूटती. दोस्तों करीब 9 महीने के बाद ख्याति का जिस्म बहुत ही सेक्सी हो गया था और जिसको एक बार देखकर कोई भी लड़का उसे चोदना जरुर चाहेगा. तभी फिर से एक बार में अपने ऑफिस से घर पर जल्दी आ गया.
फिर मैंने सोचा कि में आज फिर से चुपके से अंदर चला जाता हूँ और अंदर जाकर देखता हूँ कि वो क्या कर रही है? और जब में अंदर पहुंचा तो मैंने जो सब उस दिन देखा तो उसको देखकर मुझे अपने आप पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ, क्योंकि ख्याति उस समय लेपटॉप पर ब्लूफिल्म देख रही थी और उस टाईम वो सफेद कलर का टॉप और केफ्री पहने हुई थी और वो टॉप के ऊपर से ही अपने बूब्स को दबा रही थी और में तो उसे हैरान होकर देखता ही रह गया, लेकिन उतने में ही उसने मुझे पीछे मुड़कर देख लिया और फिर वो अपने कपड़े ठीक करने लगी, लेकिन तब तक तो मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो चुका था और जिसको को बहुत ध्यान से देख रही थी.
फिर मैंने उससे पूछा कि यह क्या कर रही थी? तो वो थोड़ा डरते हुए बोली कि कुछ नहीं. फिर में उसके पास गया और मैंने वो लेपटॉप बंद करके एक साईड में रख दिया और तब तक वो बेड पर सीधी होकर बैठ चुकी थी और में ठीक उसके पास खड़ा हुआ था और मेरी पेंट से साफ साफ नजर आ रहा था कि मेरा लंड खड़ा हो चुका है. तभी अचानक से मैंने उसको बेड पर ज़ोर से धक्का दे दिया और उसको लेटा दिया और में उसके ऊपर चड़कर उसके होंठो को किस करने लगा. अभी वो मेरा साथ नहीं दे रही थी और वो मेरा विरोध कर रही थी और मुझसे कह रही थी कि भैया यह सब बिल्कुल भी ठीक नहीं है, प्लीज अब आप मुझे छोड़ दो, जाने दो मुझे प्लीज. फिर भी में उसकी बात को ना सुनकर उसके कान पर और गले पर धीरे धीरे किस करने लगा और फिर मैंने उसके बंधे हुए रेशमी बालों को एकदम खुला कर दिया और उसके जिस्म को लगातार चूमता चाटता रहा और उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाता रहा.
फिर कुछ देर बाद अब उसको भी धीरे धीरे मेरे साथ बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन वो थोड़ा डर रही थी और उसी वजह से वो मेरे साथ यह सब पूरी तरह से खुलकर नहीं कर रही थी. में उसे किस करते करते उसकी गोरी गर्दन तक पहुंच गया और अब तो वो आह्ह्ह आईईईइ की आवाज़ करने लगी थी और फिर मैंने कपड़ो के ऊपर से ही उसके बूब्स को लगातार दबाना चालू रखा और में उसके बूब्स को ज़ोर से निचोड़ रहा था और उसकी निप्पल को मसल रहा था और मैंने उसके एक हाथ को पकड़कर अपनी पेंट के अंदर डाल दिया और जिसकी वजह से मेरा लम्बा, मोटा लंड उसके हाथ में था. फिर मैंने एक एक करके उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए और फिर उसे कुछ ही देर में अपने सामने पूरी नंगी कर दिया.
दोस्तो मैंने देखा कि उसकी चूत पर बहुत छोटे छोटे बाल थे, जिन्हें देखकर में बिल्कुल पागल हो रहा था. फिर मैंने भी अपने कपड़े उतारकर उसके हाथ में अपना लंड दे दिया और उससे कहा कि नीचे बैठकर चूस इसको और वो मुझसे ना बोलने लगी. तब मैंने उसका सर पकड़कर जबरदस्ती लंड को उसके मुहं में डाल दिया. दोस्तों शुरू शुरू में वो बहुत धीमे धीमे चूस रही थी, लेकिन कुछ देर बाद में उसको भी मेरा लंड चूसने में मज़ा आने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से पूरा अंदर बाहर करके चूसने लगा. फिर पांच मिनट तक लंड चूसने के बाद मैंने उसको पीठ के बल लेटा दिया और अब में उसकी चूत का रस पीने लगा और उसकी चूत को चाटने लगा, लेकिन दोस्तों एक वर्जिन चूत को चाटने, चूसने और चोदने का मज़ा ही सबसे अलग होता है और फिर जब में उसकी चूत को चाट रहा था तो वो ज़ोर ज़ोर से आहहहह उम्म्म्मम आईईईई की आवाज़ करने लगी और तभी मेरे कुछ देर उसकी चूत को चूसने के बाद वो पहली बार झड़ गई और उसका वो सारा गरम गरम माल सीधा मेरे मुहं में चला गया और में उसको पी गया. फिर मैंने उसकी चूत को चाट चाटकर अच्छी तरह से साफ कर दिया.
दोस्तों करीब 15 मिनट के रसपान के बाद मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाकर अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर टिका दिया, लेकिन वो मुझसे मना करने लगी और मुझे अपने ऊपर से हटाने लगी और वो कहने लगी कि प्लीज भैया मुझे अब आप छोड़ दो, यह सब बहुत गलत है और मुझे इसको अपने अंदर नहीं लेना, प्लीज मुझे छोड़ दो, मुझे बहुत दर्द होगा, में मर जाउंगी, आपका बहुत बड़ा है प्लीज भैया. फिर मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो, में बहुत आराम से करूंगा और तुम्हे पहली बार में थोड़ा दर्द जरुर होगा, लेकिन उसके बाद में बहुत मज़ा आयेगा और जब तुम मुझसे हटने को कहोगी तो में तभी तुम्हे छोड़ दूंगा.
फिर वो बोली कि ठीक है, लेकिन थोड़ा धीरे धीरे करना और मेरे दर्द का भी ख्याल रखना. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर धीरे धीरे अंदर डालना शुरू किया, लेकिन वो उस हसीन दर्द से चिल्ला उठी और तड़पने लगी. फिर मैंने उसके मुहं पर अपना एक हाथ दिया और एक ही ज़ोर के झटके में पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और जिसकी वजह से उसकी आँख से आंसू बाहर निकल आए थे और उसका पूरा चेहरा पसीने की छोटी छोटी बूंदों से भर गया था और उसके चेहरे का रंग लाल हो चुका था. मुझे उसके दर्द का अंदाजा लग चुका था.
फिर मैंने कुछ देर रुककर बहुत धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया और वो आअहह उम्महा आईईई माँ मर गई प्लीज थोड़ा धीरे करो कि आवाज़ करने लगी, लेकिन में लगातार धक्के देकर उसे चोदता रहा और कुछ देर की चुदाई के बाद मैंने अपना वीर्य उसकी चूत के अंदर ही डाल दिया और इस बीच वो भी एक बार झड़ चुकी थी. दोस्तों उस रात उसको मैंने चार बार चोदा और पहली चुदाई के बाद मैंने उसको कुछ देर रुककर उसके कहने पर चोदा और फिर तो में हर रोज़ उसको रात को चोदता और हम एक ही बेड पर नंगे होकर एक दूसरे से चिपककर सोते थे.
फिर एक दिन मैंने उसको उसके कहने पर बाहर दूसरे लड़को से भी चुदवाने की भी आज़ादी दे दी. फिर वो एक बार जिम ट्रेनर से भी चुदी, क्योंकि ट्रेनर उसको एक बार जरुर चोदना चाहता था और वो भी अब उसके लंड का ज़ोर देखना चाहती थी, लेकिन उस एक बार की चुदाई की वजह से उसने उसकी फीस लेना भी उससे छोड़ दिया और वो कई बार अपनी क्लास के एक अमीर लड़के से भी चुदी, क्योंकि वो उससे बहुत प्यार करता है और वो अब ख्याति से सारे खर्चे उठाता है और उसने ख्याति को अपने से शादी करने के लिए कहा है और फिर ख्याति ने मुझसे पूछकर एक दिन उसको हाँ कह दिया और उसने अपनी पढ़ाई को पूरा कर लिया है और अब वो एक बहुत बड़ी कम्पनी में नौकरी भी करती है और वो अपने प्रमोशन के लिए अपने बॉस से भी कई बार चुद चुकी है, क्योंकि यह बहुत बड़ी कम्पनी में है तो उसे इंडिया के और बाहर के बॉस को भी खुश करना पड़ता है.
दोस्तों ख्याति ने एक दिन उसी लड़के के साथ शादी की जो उसके साथ क्लास में था और अभी भी जब कभी वो मेरे घर पर आती है तो हम दोनों जमकर चुदाई करते है और वो मेरी चुदाई से हमेशा संतुष्ट रही है और उसने मेरे साथ सेक्स के बहुत मज़े लिए, लेकिन ख्याति ने आज तक अपने पति को अपनी और दूसरी चुदाई के बारे में कभी कुछ नहीं बताया और अब वो दोनों अपनी सेक्स लाईफ में बहुत खुश है. तो दोस्तों यह थी मेरी बहन को चोदकर उसके मन से चुदाई का डर बाहर निकालने की कहानी. जिसमें मैंने उसको पहली बार में ही अपनी चुदाई से बहुत ज्यादा खुश कर दिया और वो उसके बाद बिना किसी डर के सबसे अपनी चुदाई करवाने लगी.
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रूपाली भाभी के साथ नंगा शो

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अक्षत है और में भी आप ही की तरह लगातार सेक्सी कहानियाँ पढ़ता हूँ और ऐसा पिछले आठ सालों से करता आ रहा हूँ और मैंने अब तक इसकी बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी है, लेकिन आज में आप सभी को अपनी खुद की एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ और वैसे तो मेरे बहुत से सेक्स अनुभव रहे है, लेकिन अभी वो बताने जा रहा हूँ, जो मेरा अब तक का सबसे अच्छा और हॉट सेक्स अनुभव रहा.
दोस्तों में दिल्ली का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 24 साल, गोरा रंग और में लम्बाई 5.7 का एक पंजाबी लड़का हूँ और वैसे तो मुझे देखकर मुझ पर बहुत सी लड़कियाँ लाईन मारती है, लेकिन मेरी कमजोरी समझदार लड़कियाँ या फिर भारी साईज़ की औरतें है और मेरी इच्छा हमेशा से ही किसी बड़ी उम्र की भाभी के साथ सेक्स करने की थी और मेरी यह इच्छा पिछले महीने पूरे हुई जब मैंने रूपाली भाभी से मिलकर उन्हें चोदा.
दोस्तों रूपाली भाभी मेरी एक पड़ोसन है और मेरे सामने वाले घर में किराए से रहती है और रूपाली भाभी के पास हर वो चीज़ है, जो एक लड़का एक लड़की से माँगता है या उससे पाने की उम्मीद करता है और उनके साथ सेक्स करने के लिए उनके वो बड़े साईज़ के बूब्स, बड़ी सी मटकती हुई गांड हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती थी और वो हमेशा से ही प्यारे छोटे से एकदम टाईट सूट पहने हुए नज़र आती थी और उनका चेहरा जिससे तो वो और भी मस्त लगती थी.
दोस्तों रूपाली भाभी जब से हमारे वहां पर रहने आई थी, तब से ही में उनकी नज़रे देखता था, क्योंकि मुझे उन पर शक था कि वो हर एक लड़के को अपनी भूखी नज़रो से देखती थी और अब में उनके इस देखने के तरीके से समझ गया था कि वो क्या चाहती है? अब धीरे धीरे रूपाली भाभी से हमारे घरवालों की भी बहुत ज्यादा बातचीत होने लगी थी और अब उनसे हमारी बात बहुत अच्छी बन गई और वो हम लोगों से घुल मिलकर रहने लगी थी.
दोस्तों मेरा बेडरूम हमारे घर की पहली मंजिल पर है और वो बालकनी के एक साईड में है, जिसकी वजह से मेरे रूम से रूपाली भाभी का रूम मुझे हमेशा साफ साफ दिखाई देता है, क्योंकि वो मेरे ठीक सामने वाले मकान में पहली मंजिल पर किराए से रहती है तो हमारे बीच में अक्सर बालकनी में ही स्माईल पास हो जाती थी और फिर धीरे धीरे थोड़े समय के बाद हमारे बीच अब हाय हैल्लो भी होने लगी थी. एक दिन शाम को में पास के ही एक पार्क में घूम रहा था कि तभी मैंने देखा कि भाभी भी वहां पर घूमने आ गई और वो मुझे देखकर मेरी तरफ थोड़ा मुस्कुराकर वो भी अब टहलने लगी थी. उस पार्क में दो हिस्से है, एक जो कि बहुत बड़ा है और दूसरा उससे थोड़ा छोटा हिस्सा है, लेकिन उसमें बहुत ही कम लोग होते है, क्योंकि वहां पर लाईट बहुत ही कम होती है.
में हमेशा ज्यादातर समय उस पार्क के छोटे वाले हिस्से में ही रहता था ताकि वहां से में सबको देख सकूँ कि कौन से लड़के क्या कर रहे है? और मुझे वो कोई देख ना सके कि में उन पर नजर रख रहा हूँ. फिर मैंने उस दिन कुछ देर टहलने तक भाभी को चेक किया कि वो लड़को को थोड़ा दूर से ऊपर से नीचे तक देख रही थी और पास आते ही वो तुरंत अपनी आंखे नीचे कर लेती. में उस दिन समझ गया कि वो सब क्या चाहती है? और अब में बिना डरे उन्हे अपना रंग दिखाने वहां पर चला गया. में अब बड़े हिस्से में आ गया और भाभी के पास पहुंचते ही उनसे पहले मैंने उनकी तरफ मुस्कुरा दिया. फिर वो भी चलते चलते मेरी तरफ मुस्कुराने लगी और फिर हम एक दूसरे के बिल्कुल पास से निकल गए.
फिर दूसरे चक्कर में तो हम एक दूसरे के सामने आ गए. फिर मैंने उनकी तरफ मुस्कुराने के साथ साथ उनसे हैल्लो किया और फिर उन्होंने भी अपना सर हिलाते हुए मुझसे हैल्लो कहा और अब तीसरे चक्कर में मैंने उनसे अपनी स्पीड को थोड़ा धीरे करते हुए चलते चलते उनसे पूछा कि कैसे हो आप? अब उन्होंने भी अपनी स्पीड को थोड़ा धीरे करते हुए कहा कि में बिल्कुल ठीक हूँ और आप कैसे है? और चोथे चक्कर में मैंने उन्हे मुस्कुराते हुए जवाब दे दिया कि आपको देखने के बाद में थोड़ा ठीक नहीं रहता.
फिर पांचवे चक्कर में उन्होंने मुझे एक प्यार भरी स्माईल देकर मुझसे धन्यवाद बोला और अब आखरी चक्कर में मैंने उन्हे कहा कि चलो अब हम उस छोटे वाले हिस्से में टहलते है और में उनसे यह बात कहकर दूसरे हिस्से छोटे वाले हिस्से में चला गया, लेकिन मुझे छोटे हिस्से में देखकर भाभी वहां पर नहीं आई. में उन्हे देख रहा था और वो अब भी मुझे देखकर अपनी आंखे नीचे करके बड़े हिस्से में ही टहल रही थी. दोस्तों उस समय में अपने आपको मन ही मन बहुत गालियाँ दे रहा था कि साले भाभी है कोई लड़का नहीं, जो इतनी जल्दी छोटे हिस्से में बुलाकर तूने अपने कदम बड़ा लिए, वहां पर अच्छी ख़ासी हंसकर मुस्कुराकर बात हो रही थी, थोड़ा धीरे धीरे आगे बढ़ता और अब सब खत्म करके यहीं पर अकेले रहे. तभी इतने में ही मैंने देखा कि भाभी दूसरी साईड से छोटे वाले हिस्से में आ गई.
फिर मैंने सोचा कि शायद भाभी ने मेरे मन की बात को सुन लिया है, इसलिए वो यहाँ पर आई है और तब जाकर मेरी जान में जान आई और जैसे ही भाभी मेरे पास आई तो मैंने थोड़ा डरते डरते उनसे एक बार फिर से बात शुरू करने की सोची और पूछा आपने आने में इतनी देर क्यों लगा दी? वो इतनी बात सुनकर आगे बढ़ने लगी और अब भाभी ने मेरे पास में आते हुए मुझे जवाब दिया. अगर हम दोनों एक साथ इस हिस्से में आ जाते तो लोगों को हम पर शक हो जाता, इसलिए में थोड़ा लेट आई हूँ. दोस्तों तब मुझे समझ में आया कि भाभी इस मामले में बहुत समझदार भी है और ऐसे ही चक्कर लगाते लगाते हमारी बहुत सारी बातें हुई और मेरा उनसे बहुत हंसी मजाक भी हुआ.
फिर कुछ दिन तक ऐसे ही बात करते करते मैंने उनसे अपना मोबाईल नंबर ले लिया और अपना नंबर उन्हें दे दिया और अब हमारी मैसेज से चेटिंग भी होने लगी और फिर हम दोनों बहुत जल्दी एक बहुत अच्छे दोस्त भी बन गये थे और अब हम एक दूसरे को गंदे मैसेज भी करने लगे. दोस्तों भाभी मेरे गंदे मैसेज पर बहुत खुश होकर जवाब करती थी और फिर हमारी बहुत बार खुलकर बात भी होने लगी. अब मैंने बहुत रात होने पर कहा कि क्यों कल रात मज़े किये? भाभी भी जवाब दे देती थी और सब इस तरह चलता रहा.
फिर कुछ दिन बाद भाभी ने मुझे छोटा सा एक काम बोला कि उनकी बेटी का कल टेस्ट है और वो उसके लिए पेन्सिल लाना भूल गई है तो क्या तुम ला दोगे? क्योंकि उनके पति रात को उन्हे बाहर नहीं जाने देते थे और उनकी बेटी पांच साल की थी तो इसलिए वो भी नहीं जा सकती थी. फिर मैंने एक पेन्सिल का बॉक्स लाकर अपनी बालकनी से उनकी बालकनी में फेंक दिया और फिर उन्होंने उठाकर मुझसे धन्यवाद बोला, इस तरह कोई भी छोटे मोटे काम जब भी होते तो भाभी मुझसे बोल देती और में भविष्य में उनसे वसूल करने की बात सोचकर खुश हो जाता था.
फिर भाभी ने एक दिन मुझसे कहा कि तुम मेरी बहुत मदद किया करते हो, लेकिन कभी भी मुझसे पैसे नहीं लेते हो, मुझे यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता. फिर मैंने तुरंत शरारती हंसी हंसते हुए उनसे कहा कि में आपसे पैसे नहीं कुछ और चाहता हूँ और फिर उन्होंने हैरान होते हुए मुझसे पूछा कि तुम मुझसे ऐसा क्या चाहते हो? फिर मैंने नाटक करते हुए कहा कि आप मुझे देने से साफ मना कर दोगे ( दोस्तों में उन्हें उलझाने के लिए गोल मोल बातें कर रहा था) और फिर भाभी भी मेरा कहने का मतलब समझ रही थी कि मेरा इशारा किस तरफ है? अब भी भाभी मुझसे जानबूझकर पूछ रही थी कि बताओ ना क्या चाहते हो तुम? और आखिरकार मैंने उन्हे कहा कि आप बालकनी में रूम में आ जाओ और में भी वहां पर आ जाता हूँ.
हम दोनों वहां रूम में आ गए और फिर मैंने उन्हे कॉल किया तो वो बोली कि हाँ अब बताओ तुमने मुझे यहाँ पर क्यों बुलाया और तुम मुझे क्या चाहते हो? फिर मैंने कहा कि बस में आपसे यही चाहता हूँ, अब वो बोली कि क्या? में तुम्हारा कहने का मतलब बिल्कुल भी नहीं समझी? फिर मैंने कहा कि बस आप इस तरह मेरे सामने आ जाना, जब भी में चाहू तो भाभी ने मुझे एक सेक्सी सी स्माईल देकर कहा कि तुम जब भी चाहो मुझे बुला लेना, में चली आउंगी.
फिर एक दिन भाभी ने दबंग 2 फिल्म देखी और अब उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे सलमान की बॉडी बहुत अच्छी लगती है. फिर मैंने उनसे कहा कि मुझे भी सल्लू मियाँ बोलते है तो उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों लेकिन तुम्हारी बॉडी तो वैसे नहीं है? मैंने कहा कि आपने कभी देखी नहीं इसलिए आप मुझसे ऐसा कह रहे हो. तभी भाभी बोली कि आओ चलो अभी दिखाओ. फिर में उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम से चकित रह गया कि आज भाभी मुझसे यह क्या कह रही है?
फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम अपने रूम में आ जाओ. जब में पहली मंजिल पर अपने रूम में गया तो मैंने देखा कि सामने वाली मंजिल पर ही भाभी भी अपने रूम में आ गई और फिर वो मुझसे कहती है कि तुम अब अपना रूम बंद करो तो मैंने रूम बंद किया और उधर भाभी ने भी (भाभी और मेरा रूम आमने सामने है तो हमारे रूम में बस हम दोनों ही देख सकते है, आस पास वाले घर नहीं और बालकनी के दरवाजे भी हमने थोड़े से बंद ही रखे थे कि बस हम एक दूसरे को ही देख सके) अब भाभी बोली कि दिखाओ मुझे अपनी बॉडी, मैंने शरमाते हुए अपनी शर्ट को उतार दिया और उन्हे अपनी छाती दिखाने लगा. वो फोन पर यह सब देखते करते हुये हंस रही थी और फिर मैंने उनसे कहा कि क्यों अब आप भी मुझे अपना शरीर दिखाओ ना?
फिर उन्होंने भी तुरंत अपने हाथ फ्री करके मुझे अपने डोले दिखाए और अब हम हंसने लग गये, लेकिन तभी उन्हे हंसता हुआ देखकर पता नहीं मुझे क्या हुआ? और मैंने उन्हे बोल दिया कि भाभी आप मुझे बहुत सुंदर लगते हो और मेरी आवाज़ सुनकर भाभी भी मुझे देखती रह गई और में भी. फिर वो वहां से चली गई और शाम को जब वो मुझे बालकनी में दिखी, लेकिन वो जल्दबाजी के साथ मुझे स्माईल देकर अंदर चली गई और उसी रात को भाभी का करीब दस बजे मेरे पास एक मैसेज आया और में उसे देखकर एकदम चकित रह गया और में मन ही मन सोचने लगा कि आज इतनी रात को उनका मेरे पास मैसेज कैसे आ गया?
फिर भाभी ने मुझे बताया कि उनके पति इस समय ऑफिस की एक पार्टी में गये हुए है और वो रात को देर से आएँगे और अब उनकी बेटी सो गई है. फिर मैंने उस टाईम भाभी को बालकनी वाले रूम में बुलाया और उन्होंने पूछा क्या हुआ? लेकिन मेरे बुलाने पर वो आ गई और फिर जैसे ही वो आई तो मैंने अपनी टी-शर्ट को उतार दिया. भाभी मेरी तरफ देख रही थी और मेरी टी-शर्ट के नीचे कुछ नहीं था और फिर मैंने अपना लोवर नीचे उतारा और अब में सिर्फ़ अंडरवियर में था और भाभी मुझे लगातार देखती रही थी और फिर कुछ देर बाद वो उठकर वहां से जाने लगी, लेकिन जाते जाते वो मेरी तरफ मुड़कर जरुर देख रही थी. मैंने उन्हे फोन पर पूछा कि क्या हुआ? आप इस तरह उठकर क्यों जा रही हो? वो बोली कि नहीं कुछ नहीं बस ऐसे ही. फिर मैंने उन्हे याद दिलाया कि मैंने उनसे कुछ माँगा था कि जब में आपसे कहूँ आप मेरे सामने आओगी और आपने भी उसके लिए मुझसे हाँ कहा था.
अब मेरे मुहं से यह बात सुनकर भाभी को मैंने वापस बुलाया और में उनके सामने अंडरवियर में खड़ा हुआ उन्हे देखता रहा और भाभी भी देखती रही और अब उनके बड़े बड़े बूब्स देखकर मेरा लंड थोड़ा थोड़ा बड़ा होने लगा और में उस पर हाथ लगाकर अंडरवियर को घिसने लगा. भाभी यह सब देखकर अपनी आखें बंद करके वहीं पर खड़ी रही और धीरे से देखती रही और फिर आंख बंद कर लेती. वो अब हॉट हो रही थी और फिर उन्होंने मुझे फोन पर कहा कि बस करो, मुझे हॉट मत करो.
फिर मैंने कहा कि क्या हुआ, होता है तो होने दो, गरम होने से तो आपकी रात और भी अच्छी कटेगी तो वो मेरी यह बात सुनकर हंस पड़ी और बोली कि मेरी रात तो मेरे पति के साथ कट जाएगी, लेकिन तुम्हारे क्या होगा? तुम यह बात भी तो सोचो. अब मैंने भी तुरंत हंसते हुए उनसे कहा कि मेरी रात आपको अपने साथ लेते हुए सोचते करते हुई गुज़र जाएगी और फिर मेरे मुहं से यह सुनकर भाभी की आखें फटी की फटी रह गई, क्योंकि में उनके सामने इसी स्थिती में था और जिसको देखकर वो बहुत चकित हो गई थी और में मन ही मन बहुत खुश था, क्योंकि आज वो अपनी जगह से थोड़ा भी नहीं हिली थी और वो एक जगह पर जमकर खड़ी हुई थी.
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अनु आंटी के साथ छत पर सेक्स

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम महेश है और में महाराष्ट्र से हूँ. यहाँ बारिश बहुत अच्छी होती है और बहुत मज़ा भी आता है. मुझे बारिश में घूमना बाईक को तेज़ चलाना अच्छा लगता है. मेरी उम्र 28 साल है और अभी तक मेरी शादी नहीं हुई है. ये कहानी बिल्कुल सच्ची है और ये मेरी और मेरे घर के सामने रहने वाली आंटी के बारे में है.
अब में आपको ज्यादा बोर ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ. पिछले महीने में और आंटी पूना गये थे, उनको हॉस्पिटल में चेकअप करवाना था तो में भी उनके साथ गया था. हम रेल्वे स्टेशन पर लेट गये और हमारी ट्रेन मिस हो गयी. फिर आंटी ने मुझसे कहा कि हम बस से चलते है, बस स्टेण्ड रेल्वे स्टेशन से बस थोड़ा ही दूर है तो में और आंटी बस के लिए चल पड़े और जब दोपहर के 1 बज रहे थे.
फिर हमको बस तो मिली लेकिन बस में भीड़ ज्यादा थी. फिर आंटी को एक सीट मिली तो वो वहाँ पर बैठ गयी, अब में उनके साथ खड़ा था. उस समय आंटी ने सलवार कुर्ता पहना हुआ था और वो भी ब्लू कलर का. अब में उनसे चिपककर खड़ा था. अब आंटी मुझसे चिपककर बात कर रही थी और सब आंटी को देख रहे थे और देखेंगे भी क्यों नहीं? वो इतनी कमाल की जो लग रही थी. वैसे आंटी की उम्र 38 साल है, लेकिन मेकअप करने से वो 30 साल की लगती है और उनके बूब्स 36 साईज के है और वो ड्रेस के नीचे ब्रा नहीं पहनती तो उनके निप्पल ड्रेस से साफ दिखते थे. अब में तो उनके निप्पल को देखकर पागल हो गया था, अब बस अपनी रफ़्तार पर थी और में अपने काम में मस्त था.
फिर एक स्टॉप पर बस रुकी तो आंटी ने कहा कि उनको वॉशरूम जाना है. फिर में उनके साथ नीचे उतरा और फिर आंटी वॉशरूम में गयी. अब में पीछे से उसकी गांड देख रहा था और अब मेरा लंड उसी वक़्त हरकत में आ गया था. फिर आंटी वॉशरूम से जैसे ही बाहर आई तो उन्होंने मेरी हालत देखकर एक सेक्सी स्माईल पास की और मेरा हाथ पकड़कर बस में ले गयी.
फिर आंटी बोली थोड़ी देर तू बैठ जा में खड़ी रहती हूँ. फिर मैंने कहा ठीक है. अरे यार में उनका नाम लिखना भूल गया, उनका नाम अनिता है और आंटी मेरे बाजू में चिपककर खड़ी थी. फिर कुछ देर के बाद आंटी ने अपना एक पैर मेरे पैर से लगा दिया और हिलाने लगी. फिर ऐसा करते-करते हम पूना आ गये. फिर हम बस से उतरे और हॉस्पिटल की तरफ चल दिए तो डॉक्टर वहाँ पर आए हुए थे तो आंटी का काम जल्दी हो गया. फिर हम वहाँ से निकले, लेकिन ट्रेन को आने में टाईम था. फिर आंटी बोली कि अब क्या करे? फिर मैंने आंटी से कहा कि क्यों ना शनिवार वाडा देखने जाए? तो अब आंटी को मेरा प्लान अच्छा लगा.
फिर हम ऑटो से शनिवार वाडा गये जो कि पूना में बहुत मशहूर है, वहाँ ज्यादा भीड़ नहीं थी तो आंटी और में घूम रहे थे. अब नीचे घूमने के बाद हम ऊपर की तरफ गये, अब वहाँ हम दोनों के अलावा और कोई नहीं था. फिर मैंने मेरा मोबाईल निकाला और आंटी की कुछ फोटो लेने लगा. अब फोटो क्लिक करते वक़्त आंटी का दुपट्टा नीचे गिर गया तो आंटी ने उसे उठाने के लिए जैसे ही हाथ नीचे किया तो मुझे उनके रस से भरे बूब्स दिखाई दिए.
फिर आंटी ने दुपट्टा उठाते वक़्त एक नज़र मेरी तरफ देखा तो में उनके बूब्स को देख रहा था तो आंटी सिर्फ़ इतना बोली कि अच्छा लगा, लेकिन में तो अब उनके बूब्स में खोया हुआ था और मेरा लंड बहुत ज्यादा टाईट हो गया था. फिर में और आंटी एक जगह बैठ गये और नॉर्मल बातें कर रहे थे कि आंटी ने मुझसे कहा कि तुम मुझमें क्या देख रहे थे? तो अब में क्या बोलता? फिर मैंने सीधा बोल दिया कि में आपके बूब्स देख रहा था, जिसने मुझे सुबह से पागल बना दिया है तो आंटी हंसने लगी और बोली तो हाथ भी लगाकर देखना.
फिर मैंने मेरी नज़रे यहाँ वहाँ घूमाकर देखा तो ऊपर हम दोनों के अलावा कोई नहीं था. फिर में आंटी के करीब गया तो आंटी ने मेरी कमर में हाथ डाला और मुझे अपनी तरफ ज़ोर से खींचा. फिर में बोला कि आंटी क्या कर रही हो? फिर आंटी बोली सिर्फ़ मुझे अनु बोल महेश और मुझे आज मत रोक में बहुत प्यासी हूँ.
अब में आंटी के लिप पर किस करने लगा. अब हम एक दूसरे के लिप के साथ खेल रहे थे, तभी हमें किसी के ऊपर आने की आवाज़ आई तो हम दोनों अलग हो गये, लेकिन अब आंटी तो गर्म हो चुकी थी तो आंटी ने कहा कि महेश अब में और नहीं रूक सकती हूँ, मेरी चूत में पानी आ रहा है. फिर मैंने कहा कि अनु आग तो मेरे लंड में भी लगी है तुम्हारी चूत में कब डालूं? फिर अनु और में गंदी बातें करते करते रेल्वे स्टेशन पर आ गये. और फिर आंटी ने कहा कि महेश तुम इतनी अच्छी गंदी बातें कैसे करते हो? मेरा तो पानी निकला जा रहा है.
फिर मैंने कहा कि आंटी थोड़ा और रोक कर रखो. फिर देखो कितना मज़ा आता है, उतने में एक फास्ट ट्रेन आई तो हम दोनों उसमें चढ़ गये और बैठ गये, क्योंकि उस ट्रेन में लोनवला के भी कुछ लोग थे.
फिर हम शाम को 9 बजे लोनवला पहुँच गये थे और फिर हम एक ऑटो करके घर आ गये तो आंटी ने कहा कि आज रात को 10 बजे ऊपर छत पर मिलना. पहले में घर जाकर फ्रेश हो गया और मेडिकल की शॉप से कंडोम और एक वियाग्रा की गोली लेकर आया. अब में घर पर खाना खाकर 10 बजने का इन्तजार कर रहा था, तभी मेरे मोबाईल पर आंटी का मैसेज आया कि ऊपर आ जा.
फिर में छत की तरफ गया तो आंटी वहाँ खड़ी थी तो वहाँ बहुत अंधेरा था और कोई हम दोनों को देख भी नहीं सकता था और बारिश भी बहुत तेज़ आ रही थी और हमारी छत ऊपर से और चारो तरफ से बंद है. फिर मैंने आंटी को एक टाईट हग दिया तो अब आंटी के बूब्स मेरे सीने में चुभने लगे, अब आंटी मदहोश हो रही थी.
अब उनके बदन से परफ्यूम की मादक महक आ रही थी और अब में बेकाबू हो गया और उनके लिप पर एक गहरा किस किया. उस वक़्त आंटी ने साड़ी पहनी थी और ब्रा भी पहनी थी. फिर मैंने उनका पल्लू नीचे गिरा दिया और उनके ब्लाउज के दो बटन खोल दिए, अनु के बूब्स कमाल लग रहे थे, लेकिन अंधेरा था तो मुझे कुछ साफ़ नहीं दिख रहा था. फिर मैंने अपने मोबाईल को चालू किया और उसकी रोशनी से अनु के बूब्स देखने लगा.
फिर मैंने उसके एक बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से अपने मुँह में भर लिया और काट लिया तो अनु ज़ोर से चीखी और बोली कि धीरे करो महेश, अब में ज्यादा देर तक रुक नहीं सकता था और मेरा लंड वियाग्रा की गोली के कारण बहुत टाईट हो गया था, जो अब अनु को साड़ी के ऊपर से उसकी चूत में लग रहा था. अब अनु ने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और बोली कि महेश तेरा लंड कितना कड़क है बिल्कुल लोहे की राड़ की तरह है. फिर मैंने कहा कि अनु ये तुम्हारी चूत के लिए एकदम फिट है.
फिर अनु बोली कि फिर देर क्यों लगाता है? लग जा अपने काम पर तो फिर मैंने अनु की साड़ी को ऊपर करके उसे डॉगी स्टाईल में किया और अपनी जेब से कंडोम बाहर निकालकर अनु के हाथ में दे दिया. फिर अनु उठी और मेरे लंड पर कंडोम लगाकर फिर से डॉगी स्टाईल में हो गयी. अब अनु की गांड बहुत मस्त लग रही थी.
फिर ना जाने कैसे मैंने अनु की गांड पर एक किस किया और अपना लंड पीछे से अनु की चूत में डालने लगा. अब अनु आहह कर रही थी और अब मेरा लंड धीरे-धीरे उसकी चूत में अंदर जा रहा था, जब मेरा लंड अनु की चूत में आसानी से जाने लगा तो मैंने अपनी स्पीड तेज़ की और ज़ोर-ज़ोर से लंड अंदर बाहर करने लगा. अब अनु तो बस आहहाअ हम्म ऊहह करे जा रही थी. फिर में उसके बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से ही मसल रहा था और अनु भी अपनी गांड को आगे से पीछे मेरे लंड पर मार रही थी, अब 20 मिनट से में उसे चोद रहा था तो अब अनु ने एक बार अपना पानी छोड़ दिया था, लेकिन मेरा वियाग्रा गोली के कारण नहीं निकल रहा था.
अब अनु भी मस्ती में आकर मेरे लंड के साथ-साथ अपनी एक उंगली चूत में डालकर मज़ा ले रही थी और फिर 30 मिनट के बाद मेरे लंड में से पानी आने लगा. फिर मैंने अनु से कहा कि लंड का पानी कंडोम में गिरा दूँ या तुम्हारे बूब्स पर. फिर अनु बोली कि बूब्स पर गिरा दे. फिर मैंने भी कंडोम निकाला और लंड अनु के हाथ में दिया. अब वो मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी. फिर थोड़ी देर में मेरे लंड ने पानी निकाल दिया, जो सीधा जाकर अनु के चेहरे पर गिरा और बहुत सारा पानी अनु के चेहरे पर था.
फिर अनु ने उसे अपने हाथ से साफ किया और ब्लाउज को थोड़ा निकालकर बूब्स पर मलने लग गयी. फिर हम दोनों एक दूसरे के सामने बैठे रहे. मेरा लंड अभी भी टाईट था, लेकिन अब अनु की चूत में दर्द हो रहा था तो अनु बोली कि में फिर से अपने मुँह से तुम्हारा पानी निकाल देती हूँ. अब मुझे और क्या चाहिए था? फिर 15 मिनट के बाद मेरे लंड ने फिर से अनु के मुँह में पानी छोड़ दिया.
फिर हम नीचे आए तो अनु ने मुझे एक बड़ा वाला लिप किस दिया और वो अपने घर चली गयी और में अपने घर आ गया. फिर मुझे उसका मैसेज आया कि महेश तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है आई लव यू. फिर मैंने भी उसे रिप्लाई दिया कि तुम्हारी चूत भी बहुत मस्त है और गांड भी मस्त है. फिर हमें जब भी मौका मिलता तो हम चुदाई कर लेते और खूब मजे करते है.
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बेशर्म डॉक्टर के साथ क्लिनिक में मजा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आदित्य है और में 23 साल का हूँ. मैंने इस साईट पर बहुत सी स्टोरी पढ़ी तो मैंने सोचा कि मुझे भी अपनी लाईफ का अनुभव लिखना चाहिए. में यहाँ अपनी पहली स्टोरी लिख रहा हूँ तो पहले में आपको अपने बारे में बता दूँ. में हरियाणा की एक अमीर फेमिली से हूँ तो मेरे पापा ने मुझे पढ़ने के लिए दिल्ली भेजा और दिल्ली से 12वीं पास करके मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में ही एडमिशन ले लिया और बाद में कॉम्पीटिशन एग्जॉम की तैयारी करने लगा. में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जॉब कर रहा हूँ और अभी मेरी शादी नहीं हुई है तो में दिल्ली में अकेला रहता हूँ.
ये बात 2007 की है, जब मैंने 12वीं पास करके कॉलेज में जाना शुरू किया था, तब में किराये के फ्लेट में अकेला रहता था. उस टाईम तक मैंने किसी के साथ सेक्स नहीं किया था, मेरा मन सेक्स करने का तो बहुत करता था, लेकिन में थोड़ा शर्मीले स्वभाव का हूँ तो में कोई लड़की नहीं पटा सका तो अब बस में सिर्फ मुठ मारकर ही काम चलाता था. गर्मियों के दिन थे और मेरे लंड के आस पास के बाल बड़े हो गये थे, वैसे तो में अपने नीचे के बाल क्रीम से ही हटाता हूँ, लेकिन उस दिन मेरे पास क्रीम नहीं थी तो मैंने ब्लेड से ही बाल काटने की सोची.
मुझे बाथरूम में गर्मी लग रही थी तो में जल्दी- जल्दी बाल काट रहा था तो अचानक ब्लेड से मेरे लंड के पास कट लग गया और उसमें से खून आने लगा. फिर मैंने बाहर आकर क्रीम लगाई तो थोड़ी देर में खून आना कम हो गया. फिर मैंने सोचा कि कट ज्यादा लगा है तो टिटनेस का इंजेक्शन लगवा लेना चाहिए. मेरे फ्लेट से थोड़ी ही दूरी पर 2-3 छोटे क्लिनिक है. फिर में जल्दी से नहाकर इंजेक्शन लगवाने चला गया. में क्लिनिक के अंदर गया तो वहाँ 3-4 मरीज ही बैठे थे और रिसेप्शन पर एक मोटी सी लड़की बैठी थी.
फिर मैंने उससे कहा कि मेम मुझे टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना है तो उसने पूछा क्या हो गया? फिर मैंने कहा कि कुछ खास नहीं बस ब्लेड से कट लग गया था और फिर उसने ज्यादा नहीं पूछा. फिर उसने मेरा नाम रजिस्टर में लिखा और इंतजार करने को बोला. मेरा डॉक्टर को दिखाने के लिए 4 नंबर पर नाम था, मरीज भी कम थे तो डॉक्टर भी सब को आराम-आराम से देख रहा था. फिर 20-25 मिनट के बाद मेरा नम्बर आया. फिर जब में डॉक्टर के कैबिन में अन्दर गया तो मैंने देखा कि वहाँ तो एक लेडी डॉक्टर बैठी थी, मुझे उसकी उम्र 35-40 साल के करीब लगी, वो ज्यादा तो सुंदर नहीं थी, लेकिन नॉर्मल थी और उसके फिगर का साईज़ 36 या 38 होगा.
फिर मैंने डॉक्टर से कहा कि मेम मुझे टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना है, मुझे ब्लेड से कट लग गया था. फिर डॉक्टर ने पूछा कि कट हाथ में लगा है क्या? तो मुझे शर्म आने लगी. फिर मैंने गर्दन हिलाकर ना कहा. तब उन्होंने फिर पूछा तो कहाँ लगा है? फिर में थोड़ी देर तक कुछ नहीं बोला, तब डॉक्टर ने कहा कि बताओ ना. फिर मैंने धीरे से कहा कि जी वो नीचे लगा है तो डॉक्टर को थोड़ी हंसी आई और कहा कि देखो शरमाओ नहीं में तो एक डॉक्टर हूँ और डॉक्टर से क्या शर्माना? अब सही से बताओ.
फिर मैंने कहा कि जी वो में नीचे के बाल साफ कर रहा था, तब मेरे उसके पास थोड़ा कट लग गया तो डॉक्टर के चेहरे पर फिर से एक अजीब सी स्माईल थी और मुझे तो वो साली चालू टाईप की लग रही थी. तभी उसने कहा कि पास वाले बेड पर लेटो (जिस पर लेटाकर डॉक्टर इंजेक्शन लगाते है) और मुझे दिखाओं कहीं जख्म ज्यादा गहरा तो नहीं है और ब्लडिंग पूरी तरह से रुकी है या नहीं और उसने खुद कुर्सी से उठकर दरवाजा जो बंद था, वो भी लॉक कर दिया और पर्दा लगा दिया.
फिर उसने मुझे बेड पर लेटाया और कट देखने को बोला, मुझे शर्म आ रही थी तो में ना नुकर करने लगा. फिर डॉक्टर ने कहा कि तुम तो लड़कियों की तरह शरमा रहे हो, ये बात मुझे चुभ गयी और मैंने लेटे-लेटे अपना पजामा और अंडरवियर थोड़ा सा नीचे कर दिया. फिर डॉक्टर ने मेरा पजामा पकड़कर और नीचे कर दिया और वो कमीनी मुस्कुराने लगी. मेरा तो शर्म से मुँह लाल हो गया था तो मैंने अपनी आँखे बंद कर ली और चुपचाप लेटा रहा. फिर डॉक्टर ने अपने हाथों में बिना कुछ पहने ऐसे ही मेरा लंड पकड़ा और उसे थोड़ा साईड में करके कट को देखने लगी, उसने अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ रखा था और दूसरे हाथ की उंगली कट पर लगा रखी थी, जिस हाथ से उसने मेरे लंड को पकड़ा था, वो कमीनी उस हाथ से अजीब-अजीब हरकत कर रही थी.
मुझे तो बहुत हैरानी हो रही थी कि देखो साली कितनी बेशर्म औरत है? वो मेरे लंड को अपने हाथ से कभी टाईट पकड़ती तो कभी पूरी मुठी में ले लेती तो कभी मेरे लंड पर अपनी उंगलियां फेरती. इससे मेरी हालत ख़राब होने लगी थी, मतलब मेरा लंड खड़ा होने लगा था. फिर मैंने अपनी आँखे खोलकर देखा तो वो साली धीरे-धीरे मुस्कुरा रही थी. फिर उसने मुझसे कहा कि काफ़ी बड़ा है तो मैंने शरमाते हुए धीरे से पूछा जी क्या? फिर उसने कहा कि अरे तुम्हार कट और क्या? और जिस हाथ में मेरा लंड था, उसकी मुठी थोड़ी भींच दी. वो मेरे लंड पर अपने हाथ से कुछ हरकते कर रही थी. फिर उसने थोड़ा हँसते हुए पूछा कि ये कट कैसे लगा? फिर मैंने कहा कि जी वो में ब्लेड से अपने बाल काट रहा था तो जल्दी-जल्दी में लग गया.
फिर उसने एकदम से पूछा कि अच्छा बाल काटकर अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जा रहे थे क्या? फिर मैंने कहा कि नहीं मेम मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. फिर वो बोली क्यों? तुम तो अच्छे स्मार्ट हो, बॉडी भी मस्त है और ये भी. (फिर उसने अपनी मुट्ठी में मेरा लंड थोड़ा दबा दिया, जो कि अब तक पूरा खड़ा हो चुका था) फिर स्माईल के साथ पूछा तो तुम्हारे कोई गर्लफ्रेंड क्यों नहीं है? मुझसे झूट मत बोलो, ये बाल किसी गर्लफ्रेंड के लिए ही साफ किए होगें. फिर मैंने कहा कि नहीं मेम में सच कह रहा हूँ, मेरे कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, वो तो मुझे बड़े बाल अच्छे नहीं लगते इसलिए काट लिए थे.
फिर उसने किसी दवाई से मेरे कट को थोड़ा साफ किया और उसके बाद कोई दवाई लगाई. अब दवाई लगाते टाईम भी उसने एक हाथ से मेरा खड़ा लंड ही पकड़ रखा था. अब ये तो कोई बेवकूफ़ भी समझ जाता कि ये औरत किस टाईप की है? और क्या चाहती है? मेरी लाईफ में पहली बार किसी ने मेरे लंड पर हाथ लगाया था और साथ ही वो मेरे लंड के साथ अजीब-अजीब हरकत कर रही थी.
अब मुझे लगा कि में तो इसके हाथ में ही झड़ जाऊंगा और मेरी भी उस पर नियत ख़राब होने लगी थी. फिर उसने मेरा लंड थोड़ा ऊपर नीचे किया और मेरे से इधर उधर की बातें करने लगी. फिर उसने मेरा नाम पूछा और पूछा कि तुम क्या करते हो? कहाँ के हो? किस कॉलेज में पढ़ते हो? तुम्हें किस तरह की लड़कियां पसंद है? फिर जब में जवाब देता तो उससे डॉक्टर साहब या मेम कहता. फिर उसने कहा कि मेरा नाम पूनम गुप्ता है और तुम मुझे पूनम कह सकते हो, ये मेम-मेम क्या लगा रखा है? फिर उसने पूछा कि सेक्स के बारे में क्या सोचते हो? फिर मैंने कहा कि में समझा नहीं. फिर उसने कहा कि तुम्हारा मन नहीं करता ये सब करने का तो मैंने कहा बहुत करता है.
फिर उसने पूछा तो कैसे काम चलाते हो? फिर मैंने कहा कि बस हाथ से ही कर लेता हूँ तो वो ये सुनकर हंसने लगी और बोली कुछ कामों को खुद अपने हाथ में लेकर करने में उतना मज़ा नहीं आता है, जितना किसी और के हाथ से करवाने में आता है, इस बात पर मुझे भी हंसी आ गयी.
अब मुझे लगा कि जब अगली इतनी बेशर्म है तो मुझे शर्मीला बनने की क्या ज़रूरत है? अब में भी थोड़ा फ्रेंक हो गया. मेरा लंड उसके हाथ में था तो सेक्स भी सर चढ़कर बोल रहा था. फिर मैंने कहा कि पूनम जी आज तक मुझे किसी दूसरे का हाथ मिला ही नहीं है तो बताओं में क्या करता? अब वो हँसते हुए बोली कि हाथ तो बहुत है बस मांगने वाला होना चाहिए, इतना सुनकर मुझे भी हंसी आ गयी और मैंने उसका लेफ्ट हाथ जो फ्री था, उसे पकड़कर अपने ऊपर खींच लिया. वो भी बिना कोई विरोध किए मेरी तरफ़ आ गयी. फिर मैंने उसे ठीक से पकड़कर अपने ऊपर खींच लिया. उसका चेहरा मेरे चेहरे के पास था तो उसने अपने दोनों हाथों से मेरे गालों को पकड़ा और अपने लिप मेरे लिप पर रख दिए, मुझे तो बस मजा ही आ गया था.
फिर थोड़ी देर में उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी, क्या मस्त किस कर रही थी साली? फिर मैंने सोचा कि बेटा इसी का नाम अनुभव होता है. फिर उसने मेरे गालों पर किस किया, वो बेड छोटा था और उसकी टाँगे अभी भी नीचे ही थी तो अब में भी खड़ा ही हो गया और उसने मुझे दीवार से चिपका दिया और बोली कि सालो तुम हरियाणा वालों का हथियार भी कितना बड़ा और मोटा होता है ना. फिर मुझे हंसी आई और वो भी हंसने लगी. फिर वो मुझे किस करने लगी. मैंने अपने हाथ उसकी पीठ पर फेरने शुरू कर दिए. फिर थोड़ी देर में मेरे हाथ उसके कूल्हों पर नीचे चले गये. क्या मुलायम- मुलायम कूल्हें थे साली के? फिर में उसके मोटे-मोटे कूल्हों को बुरी तरह से दबा रहा था.
फिर मैंने अपने हाथ ऊपर लाने शुरू किए और मेरे हाथ उसके बूब्स पर आ गये और सोचा कि भगवान ने भी बूब्स क्या मस्त चीज़ बनाई है? तभी तो ये लड़कियां इनको इतना बाहर निकाल-निकालकर चलती है साली. फिर उसने अपना एक हाथ आगे करके मेरा लंड पकड़ लिया और उसे हिलाने लगी, अब मेरी तो बुरी हालत थी. फिर उसने मेरा लंड हिलाते-हिलाते जब उसका हाथ एकदम से मेरे कट पर लगा तो मुझे बहुत दर्द हुआ और मैंने एकदम से आहह बोला. तब उसे भी थोड़ा होश आया. फिर उसने मुझसे सॉरी कहा और वो बोली कि हमें अन्दर ज्यादा टाईम हो गया है बाहर और भी मरीज आ गये होगें.
फिर उसने धीरे से थोड़ा सा पर्दा हटाकर देखा तो बाहर 2 औरतें बैठी थी तो उसने कहा कि आज के लिए इतना ही काफ़ी है और अपना विज़िटिंग कार्ड देते हुए बोली कि ये मेरा नंबर है और शाम को इस नम्बर पर फोन करना और अब तुम जाओ. अब मेरा तो दिल ही टूट गया, हमारे हरियाणा में कहते है कि खड़े लंड पर किसी ने लाठी मार दी हो, ऐसा ही मुझे महसूस हुआ. में उससे फिर चिपक गया और कहा कि नहीं थोड़ा और थोड़ा और कहा कि बस 2 मिनट और 2 मिनट और फिर वो हंसने लगी और बोली कि तो तुम ऐसे नहीं मानोगे.
फिर उसने मुझे सीधा खड़ा किया और खुद घुटनों पर बैठ गयी और अब मेरा लंड उसके चेहरे के पास था. अब में समझ गया कि ये रंडी क्या करने वाली है? फिर उसने प्यार से अपनी जीभ मेरे सुपाड़े पर लगाई तो मेरी तो जान ही निकलने लग गयी. फिर उसने आराम-आराम से अपनी जीभ आगे-आगे घुमाई, अब उसका एक हाथ मेरे अंडो से खेल रहा था तो में जन्नत की सैर कर रहा था, मुझे सच में लग रहा था कि कुछ काम किसी और के हाथ से करवाने में कुछ ज्यादा ही मज़ा है. फिर उसने धीरे-धीरे से मेरा आधा लंड अपने मुँह में ले लिया, अब तो में पागल ही हो गया था. फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसके सर को जोर से पकड़ लिया था और धीरे-धीरे उसके मुँह में झटके लगाने शुरू कर दिए.
अब मुझे लग रहा था कि में बस झड़ने वाला हूँ और वो वैसे ही प्यार से मेरे लंड को लॉलीपोप की तरह चूस रही थी. तभी मेरी बॉडी अकड़ने लगी और में अपना लंड उसके मुँह में अंदर धकेलने लगा, लेकिन उसने अपने हाथ से मेरे लंड को रोक रखा था और आधे से ज्यादा अंदर नहीं जाने दिया. फिर तभी में झड़ने लगा और मुझे लगा कि मेरा इतना वीर्य आज तक कभी भी नहीं निकला होगा. अब में बहुत देर तक उसके मुँह में झड़ता रहा और वो रंडी मेरा सारा माल पी गयी. फिर मेरे लंड में गुदगुदी सी होने लगी और मैंने अपना लंड उसके मुँह से बाहर निकाल लिया. फिर वो भी खड़ी हुई और स्माईल के साथ बोली कि अब मिली कुछ शांति. फिर मैंने धीरे से कहा डार्लिंग बस मज़ा ही आ गया. फिर वो बोली कि ये तो सिर्फ ट्रेलर था, फिल्म तो अभी देखनी बाकी है.
फिर उसने कहा कि बहुत ज्यादा टाईम लग गया है, अब तुम जाओ और मेरे पास शाम को कॉल करो. फिर में आगे का प्लान बताती हूँ. अब टाईम ज्यादा हो गया है तो तुम्हारा इंजेक्शन भी कल ही लगाउंगी. फिर उसने मेरे गाल पर हल्का सा किस किया और बाय बोला. फिर मैंने उसे अपनी तरफ़ खींचकर हग किया और फिर धीरे से बिना आवाज़ किए दरवाजे का लॉक खोला और बाहर आ गया, बाहर मरीज बैठे थे तो में चुपचाप नीचे देखता हुआ क्लिनिक से बाहर आ गया.
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मुझसे चुदने आई पेपर के बहाने

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आकाश है और में मन में सोच रहा था कि कैसे स्टार्ट करूँ? फिर मैंने उससे पूछा कि तुम मुझे देखकर हमेशा स्माईल क्यों करती रहती हो, ये सुनते ही वो शर्माने लगी और बोली कुछ नहीं ऐसे ही. फिर मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे कोई बॉयफ्रेंड है? तो उसने कहा कि नहीं है. फिर मैंने पूछा कि तुम्हें डर नहीं लग रहा क्या, यहाँ फ्लेट में मेरे साथ अकेली हो और कोई नहीं है. ये सुनते ही वो हंसने लगी और बोली डर कैसा? तुम विश्वास नहीं करोंगे कि में वैसे भी तुमसे ही मिलने आई थी. ये सुनते ही मुझे सिग्नल मिल गया और मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी और खींच लिया. फिर उसने दूर जाने की बहुत कोशिश तो की, लेकिन फिर वो भी मेरा साथ देने लगी, उसके लिप बहुत ही मुलायम और पिंक थे. उसे आज तक किसी ने किस नहीं किया था. फिर में जैसे ही किस करने के लिए उसके पास गया तो वो डर गई और उसने अपनी आखे बंद कर ली.
फिर जैसे ही मैंने उसके लिप पर टच किया तो उसकी सासें बहुत तेज़ हो गई. फिर मैंने उसके लिप को 5 मिनट तक चूसा. फिर उसने मुझे रोक दिया और कहा कि लिप में दर्द हो रहा है. फिर मैंने उससे कहा कि फर्स्ट टाईम किस में होता है तो वो मान गई और हम फिर से किस करने लगे. किस करते- करते में एक हाथ से उसके बूब्स भी दबा रहा था और मेरा हाथ रखते ही उसने झटके से मेरा हाथ हटा दिया, लेकिन वो किस करती रही, शायद वो अभी उसके लिए तैयार नहीं थी. फिर मैंने उसको गालों पर, गर्दन पर, पूरे चेहरे पर किस करना स्टार्ट किया तो वो गर्म होने लगी और उसके मुँह से धीरे-धीरे आवाज़े निकलने लगी. अब में समझ गया कि वो गर्म हो रही है. फिर मैंने उसके बूब्स पर टच किया, लेकिन इस बार उसने कुछ नहीं किया. ये देखकर मेरा हौसला और बढ़ गया और में उसके बूब्स दबाने लगा. उसके मुँह से आवाज़े निकल रही थी, आकाश धीरे- धीरे दबाओ बहुत दर्द हो रहा है प्लीज.
फिर मैंने अपनी शर्ट उतार दी. मैंने शर्ट के नीचे कुछ नहीं पहना था. फिर मैंने उसको टॉप उतारने को कहा तो वो मना करने लगी, लेकिन मेरे थोड़ा जोर देने पर वो मान गई और उसने अपना टॉप उतार दिया. उसने अन्दर पिंक कलर की मॉडर्न टाईप ब्रा पहनी थी और वो बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर मैंने उसको बेड पर लेटाया और किस करने लगा. मैंने उसके चेहरे से किस करते हुए उसकी नाभि तक किस किया. वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और अब वो भी मेरा साथ दे रही थी. फिर मैंने उसका ट्राउज़र उतार दिया, उसने अन्दर पिंक कलर की पेंटी पहनी थी. फिर मैंने उसकी जांघो को किस किया और किस करते-करते उसकी ब्रा पेंटी दोनों उतार दी.
उसकी चूत क्लीन शेव थी, शायद उसने मॉर्निंग में ही शेव की थी, उसकी पिंक कलर की छोटी सी चूत देखकर मेरा लंड पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और वो शरमा कर अपनी चूत को पैरो के बीच में छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी. फिर मैंने उसके पैरों को थोड़ा ओपन किया और उसके पैरो के बीच में आकर बैठ गया. फिर मैंने उसकी चूत के पास किस किया तो वो उत्तेजित हो गई और अब उसके मुँह से आवाज़े निकल रही थी. फिर मैंने उसकी चूत को किस किया और उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी. शायद उसने एक बार पानी छोड़ दिया था और अब मेरा लंड भी अंडरवियर में पूरा तन गया था. फिर उसने देखा तो पूछा कि ये क्या है? फिर मैंने उसको बोला कि तुम खुद ही देख लो तो वो घबराते हुए मेरे पास आई और मेरा अंडरवियर उतारने लगी.
फिर जैसे ही मेरा 6 इंच का लंड बाहर आया तो वो देखकर एकदम से डर गई और उसके मुँह से यही निकला, उई माँ इतना बड़ा. शायद उसने पहले कभी इतना बड़ा लंड नहीं देखा था. फिर जब उसको पता चला कि इतना बड़ा लंड उसकी चूत में जाने वाला है तो वो बहुत ज़्यादा डर गई और आगे कुछ करने से मना करने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है अगर तुम नहीं चाहती हो तो हम सेक्स नहीं करेंगे, लेकिन बाकी तो कर सकते है ना. फिर उसको विश्वास हुआ तो उसने हाँ में अपना सर हिलाया. फिर मैंने धीरे से उसको बेड पर लेटाया और किस करना शुरू किया. किस करते-करते में उसकी चूत के पास पहुँच गया और उसकी चूत को चूसने लगा, जैसे ही मैंने चूसना शुरू किया तो वो एकदम से पागल हो गई और मेरा सर पकड़कर अपनी चूत में दबाने लगी.
फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डालने की कोशिश की तो जैसे ही मैंने अपनी उंगली को उसकी चूत में डालना शुरू किया तो वो मना करने लगी और बोली कि प्लीज ऐसा मत करो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज मान जाओ. सच दोस्तों उसकी चूत बहुत टाईट थी. फिर भी में उसकी चूत में एक उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा. फिर थोड़ी ही देर में उसको भी मज़ा आने लगा, 2 मिनट ही हुए थे कि उसका शरीर अकड़ने लगा और वो बेड पर ही झटके लेने लगी. फिर कुछ सेकेंड में ही वो झड़ गई और उसके झड़ते ही वो एकदम से शांत होकर बेड पर लेटी रही.
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