दोस्त की बुआ ने गुलाम बनाया

हैल्लो दोस्तों, में विक्की आपके लिए एक और सच्ची कहानी लेकर आया हूँ. ये कहानी तीन साल पहले की है और में एक कॉंट्रेक्टर हूँ, उस समय मेरी उम्र 25 साल की थी और मुझे एक कांट्रेक्ट मिला था, जिसके लिए मुझे 5 लाख की ज़रूरत थी. मेरा एक बचपन का दोस्त है, उसका नाम विशाल है और यहाँ उसके परिवार वाले और उसके सारे रिश्तेदार मुझे अच्छी तरह से जानते है. मैंने उसे अपनी ज़रूरत के बारे में बताया तो उसने कहा कि इतनी बड़ी रकम का इंतजाम करना तो बहुत मुश्किल है. फिर वो अचानक बोला कि हाँ अगर मेरी बुआ चाहें तो मिनटो में ये काम कर सकती है.
दोस्तों उसकी बुआ का नाम सुषमा है, उम्र लगभग 53 साल होगी और वो दिखने में अच्छी सुंदर औरत है, गोरा रंग, भारी भरकम कूल्हे, बड़े-बड़े बूब्स साईज़ है और वो रेल्वे में ऊँचे पद पर जॉब करती है. उनके पति मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करते है और ज्यादातर विदेश में ही रहते है, उनका बड़ा बेटा दुबई में है और छोटा बेटा अमेरिका में पढ़ता है. में अक्सर उनके घर अपने दोस्त के साथ गया हूँ और उनकी नज़र में मेरी अच्छी इज्जत है और में भी उनकी इज़्ज़त दिल से करता था, ग़लत ख्याल का तो सवाल ही नहीं था.
फिर उसने अपनी बुआ को मेरी दिक्कत के बारे में फोन पर बताया तो उन्होंने मुझसे भी बात की तो मैंने उन्हें बताया कि मुझे दो महीनों के लिए 5 लाख रूपये की ज़रूरत है. फिर वो बोली कि बेटा रकम बड़ी है तो में कोशिश करती हूँ और 5 लाख का ब्याज लगेगा, ये सुनकर मुझे थोड़ी राहत मिली तो मैंने झट से कहा कि बुआ थैंक यू, मुझे मंज़ूर है. फिर उन्होंने कहा कि तू शाम को घर आ जाना तो फिर में विशु के साथ उनके घर शाम को पहुंचा.
अब बुआ बातचीत करते हुए बड़ी अजीब नज़रो से मुझे देख रही थी, खासकर मेरे लंड का उंभार जो कि मेरी जीन्स के ऊपर से साफ महसूस रहा था. फिर मैंने सोचा कि बुआ ऐसी थोड़ी है. फिर बुआ ने मुझे 2 दिन बाद आने को कहा और बोली कि बेटा तू मुझे अपना फोन नंबर दे दे, में तुझे फोन करके बुला लूँगी तो मैंने कहा कि ठीक है. फिर हम वहाँ से आ गये.
2 दिन के बाद बुआ का फोन आया जब रात के कोई 9 बज रहे थे तो मैंने फोन उठाकर बुआ को नमस्ते कहा तो वहाँ से आवाज़ आई कि विक्की तेरा काम हो गया है अपने पैसे ले जा. फिर मैंने कहा कि बुआ अभी काफ़ी लेट हो गया है और में कल सुबह पैसे ले लूँगा. फिर वो बोली कि नहीं तुझे अभी आना होगा, सुबह में ऑफिस होती हूँ तो मैंने मजबूरी में कहा कि ठीक है बुआ में अभी आता हूँ और जब सर्दियो के दिन थे. फिर में अपनी कार में बैठा और चल पड़ा और में बहुत खुश था कि चलो चिंता खत्म हो गई.
अब इतने में बुआ का फोन दोबारा आया तो वो बोली कि विक्की एक काम है तो मैंने कहा कि बुआ हुक्म करो. फिर वो बोली कि बेटा वाईन शॉप से एक विस्की की बोतल लेता आना तो मैंने हैरानी से पूछा कि बुआ फुफाजी घर पर आए है क्या? फिर वो बोली कि अरे नहीं बेटा, घर पर अमेरिका से मेरी नंनद आई हुई है और उसी के लिए चाहिए, कोई दिक्कत है क्या? फिर मैंने कहा कि अरे नहीं बुआ में ले आऊंगा. ये कहकर मैंने फोन रख दिया और वाईन शॉप से एक विस्की की बोतल और एक शेम्पियन की बोतल भी ले ली ताकि वो खुश हो जाए. अब मेरे दिमाग़ में अभी भी कोई शैतानी नहीं थी.
मैंने 10 बजे उनके घर की डोर बेल बजाई तो दरवाज़ा बुआ की नंनद ने खोला, वो भी लगभग 50 साल के आस पास थी, उन्होंने ब्लेक कलर की लेगी पहनी थी और ऊपर बड़ी सी टी-शर्ट पहनी थी और उनकी टी-शर्ट के ऊपर से उनके बड़े-बड़े निप्पल के दाने साफ दिख रहे थे, जिससे पता चल रहा था कि उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी है, वो मोटी ताज़ी और सेक्सी औरत थी और उनका फिगर साईज 36-32-40 था.
फिर मैंने कहा कि मुझे बुआ ने बुलाया था तो वो बोली कि बेटा आजा सुषमा दीदी किचन में है तू बैठ तो में ड्रॉयग रूम में बैठ गया और टी.वी. के चैनल पलटने लगा. फिर थोड़ी देर में बुआ आकर मेरे पास बैठ गयी. फिर मैंने उनके पैर छूए. अब वो मेरे सामने ही बैठ गई और रात का समय था तो वो नाईटी में थी और उनके ऊपर के तीनों बटन खुले थे तो मुझे उनके बूब्स साफ नज़र आ रहे थे. मेरी नज़र उन पर पड़ी तो मैंने एकदम से अपनी निगाहे नीचे कर ली.
फिर उन्होंने खाने के लिए पूछा तो मैंने कह दिया कि में खाना खाकर आया हूँ. फिर बुआ ने अपनी नंनद से मेरा परिचय करवाया, विक्की ये मेरी नंनद स्वाती है तो मैंने उन्हें नमस्ते कहा. फिर बुआ बोली कि ले स्वाती आ गई तेरी विस्की. फिर मैंने कहा कि बुआ में इनके लिए शेम्पियन भी ले आया हूँ तो ये सुनकर स्वाती आंटी खुश हो गयी और बोली थैंक यू बेटा. फिर स्वाती आंटी उठी और किचन से तीन ग्लास और स्नेक्स ले आई.
फिर मैंने कहा कि बुआ में शराब कभी-कभी किसी प्रोग्राम या त्यौहार पर ही पीता हूँ. फिर एकदम से स्वाती आंटी बोली कि आज भी तो त्यौहार है तो मैंने हंसकर बोला कि नहीं स्वाती आंटी में शराब पीकर घर नहीं जा पाउँगा, घर पर बहुत सख्ती है. फिर उन्होंने कहा कि तो क्या हुआ? तू यही रुक जा सुबह चले जाना. फिर मेरा दिमाग़ घूम गया और अब पता नहीं मुझे ऐसा क्यों लग रहा था? कि दाल में कुछ काला है, लेकिन मुझे यक़ीन नहीं हो रहा था.
फिर बुआ बोली कि देख बेटा अगर पैसे चाहिए तो हमें कंपनी दे, हम तुझे खा थोड़ी जायेंगे और में भी शराब नहीं पीती, लेकिन आज में भी स्वाती की वजह से पी रही हूँ, बेफ़िक्र रहो, हम बूढी औरतें तुझे बोर नहीं होने देंगे तो में शर्माकर बोला कि ऐसी कोई बात नहीं है बुआ, आप जो बोलोगे वैसा ही होगा. फिर मैंने घर पर फोन किया और झूठ कह दिया कि में विशाल के घर पर हूँ और सुबह आऊंगा तो इतने में बुआ ने तीन पटियाला पैग बना लिए.
अब में भी बेफ़िक्र था कि अब तो रात को यही सोना है जितनी चाहे पिला दो. अब स्वाती आंटी ने पूछा और बता बेटा तेरे तो बहुत सारी गर्लफ्रेंड होगी, क्योंकि तू इतना सुंदर और बॉडी बिल्डर है. फिर मैंने कहा कि हाँ आंटी एक दो है तो अब इतने में टी.वी. पर इंग्लिश गाना आ रहा था. अब स्वाती आंटी ने तीन पैग पी लिए थे तो इसलिए नशा होने लगा था. फिर आंटी उठी और अपनी गांड मटका-मटका कर नाचने लगी और में उनकी बेशर्मी देखकर हैरान रह गया कि बुढिया पूरी रंगीली है.
फिर उन्होंने मुझे भी उठा लिया तो मैंने बहुत मना किया, लेकिन वो नहीं मानी तो अब में मजबूरी में उसके साथ नाचने लगा. फिर अचानक से उसने वो किया जो कि में सोच भी नहीं सकता था, वो मेरी तरफ गांड करके झूमने लगी और अपने बड़े-बड़े चूतड़ मेरी जीन्स के ऊपर रगड़ने लगी. फिर मैंने चौंक कर बुआ की तरफ देखा तो उन्होंने आँख मारी और कहा कि बेटा अगर पैसे चाहिए तो आज हमको रोकना मत, क्योंकि उनके चेहरे पर उस वक़्त शैतानियत नाच रही थी.
फिर मैंने कहा कि आप मेरे दोस्त की बुआ हो, ये ग़लत है और आपके बच्चे भी मुझसे उम्र में बड़े है. फिर वो बोली कि बेटा तू डर मत, किसी को कुछ पता नहीं लगेगा, बस तू किसी से ज़िक्र मत करना. फिर मैंने दिल में सोचा कि जब इन रंडियों को शर्म नहीं है तो में क्यों शर्मा रहा हूँ? फिर मैंने कहा कि ठीक है बुआ आ जा तू भी. फिर वो भी खड़ी होकर हमारे साथ थिरकने लगी और अब स्वाती आंटी मेरे लंड को अपनी गांड से रगड़ रही थी और बुआ अपने बूब्स मेरी कमर और गांड पर पीछे से रगड़ रही थी.
फिर मैंने भी आंटी के बड़े-बड़े बूब्स को अपने हाथों से ज़ोर-ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया था और बुआ मेरे लंड को जीन्स के ऊपर से सहला रही थी. फिर बुआ बोली कि ज़रा अपना लंड तो दिखा. फिर में झट से बिल्कुल नंगा हो गया और मेरा चिकना टोपा उन दोनों को सलामी दे रहा था.
अब बुआ ने और आंटी ने अपने कपड़े उतारे और हम तीनों बिल्कुल नंगे एक दूसरे के सामने थे. फिर बुआ ने शेम्पियन की बोतल निकाली और मेरे अंडो के पास उसे खोल दिया, मेरा लंड शेम्पियन से गीला हो गया था. फिर मैंने भी बोतल लेकर उन दोनों के शरीर की तरफ कर दी तो वो दोनों बिल्कुल गीली हो गयी थी और हम तीनों आपस में एक दूसरे से चिपक गये, कभी कोई किसी को चाटता तो कभी कोई किसी के बूब्स सक करता.
फिर बुआ और आंटी उठी और उन्होंने झुककर मेरी तरफ अपनी बड़ी सी गांड झुका दी और कहा कि आजा मेरे बच्चे हम दोनों की गांड चाट डाल. फिर मैंने बची हुई शेम्पियन उन दोनों रंडियो की गांड पर डाली और कुत्ते की तरह दोनों को चाटने लगा. में एक की गांड और चूत चाटता और दूसरी की गांड में उंगली करता रहा. अब हमारी मादक सिसकारियों से कमरे का माहौल गर्म हो गया था. फिर बुआ बोली कि तू बेडरूम में चलकर आराम से हमें चोद और में उन दोनों की मटकती हुई गांड को देखते हुए पीछे-पीछे चल पड़ा था.
फिर मैंने बेडरूम की लाईट चालू की और दोनों के बीच में लेट गया तो वो दोनों औरते जोंक की तरह मुझसे लिपट गई. अब में उनके भारी भरकम शरीर के बीच सैंडविच बन गया था. फिर बुआ बोली कि विक्की बेटा अब कंट्रोल नहीं हो रहा है तो अब तो चोद ही डाल. फिर स्वाती आंटी बोली कि चल बे लोड़े पहले दीदी को शांत कर दे और में सेक्स लीला देखूँगी और फिर मेरी बारी, वैसे भी ये मुझसे बड़ी है तो तेरे लंड पर पहला अधिकार इनका है.
फिर मैंने अपना लंड हाथों में लिया और बुआ की टांगो के बीच में बैठ गया और में पहली बार इस उम्र की औरतों को चोदने जा रहा था. फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ना शुरू किया. फिर एक साँस में पूरा का पूरा 8 इंच का लंड उनकी चूत में उतार दिया तो वो कसमसा गई और मैंने धक्के मारना शुरू कर दिया. अब उनकी चूत बिल्कुल गर्म हो रही थी और पीछे से स्वाती आंटी भी मेरी गांड सहला रही थी और अपनी चूत में उंगली कर रही थी.
फिर वो अपने मुँह को बिल्कुल नीचे लाकर लेट गयी और मेरे आंड और बुआ की गांड को नीचे से चाटने लगी. वो बीच-बीच में मेरा गीला लंड बुआ की चूत से निकालकर चूस रही थी और कमरे में आवाज़े गूँज रही थी, फ़चह फ़चह पुच पुच आाईईई ओईईईई में मर गई मेरे राजा आआआआआअ मेरे राजा चोद और तेज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ सीई आआआआआआआआईईई उईईईईईईईई उम्म्म्मममममममममममम. फिर वो ज़ोर से चिल्लाई, ये मेरी गांड क्या तेरा बाप मारेगा? फिर मैंने अपना लंड उनकी ढीली चूत से निकाला और उनकी टाईट गांड पर रख दिया और एक जोर से धक्का मारा तो मेरा लंड उनकी गांड में फिट हो गया था. अब वो कुत्तिया बनकर मुझसे गांड मरवा रही थी और चिल्ला रही थी, मार ले मार ले मेरी गांड मार ले, मेरा अच्छा बेटा, मेरा प्यारा लंड मजा आआआआ गया आाआईईई और तेज़ और तेज़ करो.
फिर 15 मिनट के बाद उन्होंने मेरा लंड वापस चूत में घुसा दिया और वो अपने चूतड़ो को नीचे से एक एक फुट तक उछालने लगी और नीचे से मुझे चोदने लगी, सस्स्स्स्स्स्सई अब में झड़ रही हुउऊुउउ आआआआआआ कहते हुए पिचकारी मारी और शांत हो गई. अब में सांस ले पाता इससे पहले स्वाती आंटी ने मुझे बेड पर धक्का दिया और मेरा गीला लंड अपने मुँह में लेकर पागल कुत्तिया की तरह चूसने लगी और बोली कि बेटा तेरा लंड तो वाक़ई में ताक़तवर है चल ज़रा अपनी स्वाती आंटी की चूत को भी चोद डाल और चूची खींचकर तोड़ दे प्लीज. अब वो मेरे ऊपर अपनी घुड़सवारी करने लगी और अब मेरा 8 इंच का लंड उनकी चूत के अन्दर ताबड़तोड़ चुदाई कर रहा था और उधर बुआ चुपचाप लेटी अपनी गांड में उंगली कर रही थी.
फिर मैंने आंटी की गांड भी उन्हें खड़े करके मारी. फिर जब स्वाती आंटी झड़ गई तो बुआ बोली कि हमें अपने लंड के शेम्पियन से भी तो भीगो दो. फिर मैंने उन दोनों रंडियों को अपने पैरों के पास बैठाया और पिचकारी मारकर उनके गोरे-गोरे बोबो पर अपना पानी झाड़ दिया.
अब वो दोनों चुदक़्कड़ रंडियाँ मेरे लंड को आखरी हिस्से तक चूस रही थी. फिर पूरी रात मैंने उन दोनों को जमकर चोदा. फिर सुबह बुआ ने मुझे मेरे पैसे दिए और कहा कि जब तक चाहे तब तक पैसे रख और इनका कोई ब्याज नहीं है, बस में जब भी बुलाऊँ तभी आकर मुझे चोदना. फिर मैंने कहा कि में सारी ज़िंदगी आपकी सेवा में हूँ जब चाहे बुला लेना और में आपके पैसे दो महीने में दे दूँगा.
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भाभी के साथ खेला चुदाई का खेल

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विक्की है और में नोएडा में किराए पर एक कमरा लेकर रहने वाला एक लड़का हूँ. दोस्तों आज में जो स्टोरी आप सभी लोगों के सामने लाया हूँ वो मेरी खुद की एक सच्ची घटना है और यह मेरी पहली कहानी है. दोस्तों मेरी यह कहानी तब की है जब में बीए फाईनल में था और अपने भैया भाभी के पास दिल्ली में किराए से रहता था और मेरे भैया नोएडा में एक बहुत बड़ी प्राइवेट कंपनी में नौकरी किया करते थे. दोस्तों मेरी भाभी दिखने में बहुत ही सुंदर है और वो मेरे भैया से बहुत प्यार भी करती है और में भी उन्हे पूरी इज़्ज़त देता हूँ. दोस्तों हम सभी एक ही कमरे में रहते थे और रात को वो दोनों बेड पर और में ज़मीन पर सोया करता था तो एक बार बहुत रात के बाद मुझे कुछ हल्की हल्की सी चीखने की आवाज़ आई, लेकिन मेरे उस समय बहुत गहरी नींद में होने के कारण मैंने गर्दन उठाकर देखा तो मुझे कुछ भी नहीं दिखा था तो में फिर से सो गया.
फिर अगली शाम को भाभी ने मुझसे कहा कि अरे सोनू तेरी सेहत मुझे ठीक नहीं दिख रही है तो तू आज से टाईम से सो जाना और मुझसे पूछा कि तुझे कितनी गहरी नींद आती है? फिर मैंने बताया कि बस इतनी गहरी भी नहीं, लेकिन सबसे पहले आप मुझे ठीक ठीक बताओ कि क्या हुआ है? फिर भाभी ने कहा कि ऐसा कुछ खास नहीं, लेकिन तेरे भैया कहते है कि मेरी नींद तो इतनी गहरी है कि अगर भूचाल भी आ जाए तो मुझे पता नहीं लगेगा, मुझे बहुत धक्के मारकर उठना पड़ता है और उनके चेहरे पर एक हल्की सी शरारत भरी स्माईल थी तो में कुछ समझ नहीं पाया था और मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया तो उसी शाम को 8.00 बजे भाभी ने मुझे बादाम गिरी वाला दूध पीने को दिया और बोली कि 10.00 बजे तक सो जाना और देर रात तक टी.वी. मत देखना.
फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर 9.30 बजे में नीचे ज़मीन पर बिस्तर लगाकर सोने की कोशिश करने लगा और थोड़ी देर बाद भैया भी आ गये और उन्होंने भाभी से पूछा कि सोनू का क्या हाल है और वो ठीक से सो तो गया है ना? तभी में सोचने लगा कि यह क्या हो रहा है और आज मेरी इन्हें इतनी चिंता क्यों? फिर में सो नहीं पाया, लेकिन में अब आंख बंद करके सोने की बहुत कोशिश करता रहा.
फिर लगभग 11.30 बजे रात को हल्की हल्की सी आवाज़ आई तो अब मुझसे रहा नहीं गया और में हल्का सा उठा और मैंने मुड़कर देखा तो बस मेरे तो होश ही हवा हो गये थे, क्योंकि मैंने देखा कि भाभी बिल्कुल नंगी होकर नीचे की तरफ लेटी हुई थी. फिर उन्होंने भैया के लंड को अपनी चूत पर लगाते हुए वो उनके लंड के ऊपर घोड़े की तरह बैठ रही थी और उनके 40 साईज़ के बूब्स हवा में उछलते हुए आवाज़ कर रहे थे, जिन्हे भैया बीच बीच में पकड़कर ज़ोर से दबाकर उनके बूब्स का जूस भी चूस रहे थे और कई बार तो भाभी नीचे की तरफ झुककर अपने बूब्स को भैया के मुहं में दे रही थी तो एकदम से भाभी ने मेरी तरफ देखा तो में सुन्न ही हो गया और मैंने वहीं पर अपनी आँखे बंद कर ली, लेकिन भाभी को लगा कि शायद में सो रहा हूँ और फिर बहुत देर तक ऐसे ही सब कुछ चलता रहा और मैंने भी देखकर बीच बीच में इन सबका मज़ा लिया, लेकिन तब से मेरी भाभी को देखने की नज़र ही बदल गई और अब में भाभी को पाने की नज़र से देखता था और मेरे ख्याल एकदम से बदल गये थे. में अब कोशिश करता कि कैसे भाभी को नंगी देख सकूं और उनको अपनी बाहों में एक बार ले लूँ और उनको प्यार करूं और उनकी चूत में अपना लंड डालकर चोद दूँ.
फिर एक दिन भाभी अपने कमरे में थी और उस समय थोड़ा सा दरवाज़ा खुला हुआ था और वो अपने कपड़े बदल रही थी तो में दरवाज़े के पास जाकर खड़ा हो गया और कोशिश करने लगा कि उनको देख सकूं और अब में उन्हे देख भी रहा था, लेकिन भाभी बहुत देर तक बिना कपड़े के ही खड़ी अपनी चूत को सहला रही थी और दीवार के पास खड़ी होकर अपने बूब्स को दीवार से चिपकाकर बहुत ज़ोर से दबा रही थी और तभी उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया तो यह सब देखकर मेरा लंड भी अब बहुत गरम हो गया था, लेकिन तभी अचानक से भाभी पीछे की तरफ मुड़ी और शायद उन्होंने मुझे देख लिया था, लेकिन में झट से बाहर आ गया, लेकिन जब भाभी अपने कपड़े बदल कर बाहर आई तो उनकी तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, जिसकी वजह से में डरता और फिर मैंने समझा कि उनको शायद कुछ नहीं पता है और अब तो लगभग हर रोज़ यही सब चलता रहा और अब भाभी कमरे से बाहर निकलकर मुझे एक हल्की सी स्माईल भी दे जाती और जिसको में बिल्कुल भी नहीं समझ पा रहा था.
फिर एक दिन में कॉलेज से घर पर आया तो मैंने देखा कि दरवाज़ा खुला हुआ है और भाभी नाईटी पहनकर सो रही है और में उनके बिल्कुल पास खड़ा होकर उन्हे देखने लगा. फिर मैंने देखा कि उनकी नाईटी तो एकदम जालीदार है और उन्होंने अंदर कुछ भी नहीं पहना है तो मेरा लंड फिर से गरम हो गया, लेकिन तभी भाभी अपने हाथ को अपनी चूत की तरफ ले गई और धीरे धीरे सहलाने लगी और एक हाथ से अपने बूब्स को मसलने लगी. में पागल हो रहा था और फिर वहीं पर खड़े होकर मैंने मुठ मारना शुरू कर दिया, लेकिन कुछ ही देर बाद मेरा पानी भाभी की नाईटी के ऊपर गिर गया और में बहुत डर गया कि अब क्या होगा? में बाहर आ गया और अपना लंड साफ करने लगा और फिर कुछ देर बाद चुपचाप आकर सोफे पर बैठ गया.
फिर थोड़ी देर के बाद भाभी नाईटी में ही बाहर निकली और मुझे देखकर एकदम से चकित हो गयी और वापस कमरे में जाकर कपड़े बदलकर बाहर आकर पूछने लगी कि तू कब आया? फिर मैंने कहा कि बहुत देर हो गयी है तो मेरी यह बात सुनकर भाभी ज़ोर से हंसने लगी और एकदम से मेरे बिल्कुल पास आकर बैठ गयी और हम दोनों बातें करने लगे. दोस्तों अगले सोमवार से भैया की ऑफिस में 6 दिन तक दिन रात की शिफ्ट थी जो कि भाभी ने मुझे बातों ही बातों में बताया था और कहा कि तुम कुछ दिन कॉलेज मत जाना, में घर पर बिल्कुल अकेली हूँ और हम दोनों बातें करेगे और कुछ मज़ा भी.
फिर अगली रात को में फिर से जल्दी सोने का नाटक करके सो गया और अब इंतजार करने लगा कि कब उनकी चुदाई का प्रोग्राम शुरू होगा. फिर थोड़ी देर बाद भैया, भाभी दोनों बेड पर थे और भाभी उनसे बात कर रही थी कि अब तो आप कुछ हफ्ते के बाद ही वापस घर लौटोगे तो में अपनी प्यास का क्या करूं जो कि आपने अभी तक पूरी तरह से नहीं बुझाई है? में आपके बिना इतने दिन कैसे में काटूँगी? और इतने दिन बिना सेक्स के कैसे रहूंगी? और आज आप मेरी बहुत जमकर चुदाई करो कि मेरी दो हफ्ते की कसर अभी निकल जाए. फिर भैया बोले कि अरे सोनू भी तो इसी कमरे में है तो कैसे करें? तभी भाभी ने कहा कि अरे आप उसकी क्यों फिक्र करते हो वो तो मुझसे भी गहरी नींद में सोता है तो में बिल्कुल चकित हो गया कि मैंने ऐसा तो कभी नहीं कहा तो फिर भाभी ऐसा क्यों कह रही है?
फिर भैया ने भाभी के कपड़े उतारना शुरू किया तो में भी थोड़ी खुली आँखो से सब कुछ देख रहा था तो में बिल्कुल पागल हो गया कि मेरी भाभी कितनी सुंदर है और रात में क्या ग़ज़ब लगती है. अब मेरे लंड का बहुत बुरा हाल था, जो कि भाभी की चूत में पहुंचने के लिए बिल्कुल बैताब हो रहा था. फिर मैंने अपने लोवर के अंदर हाथ डाल लिया और अपने लंड को धीरे धीरे सहलाने लगा और वो दोनों मुझे नहीं देख पा रहे थे, क्योंकि उनके सर तो दूसरी तरफ थे और पैर मेरी तरफ थे. तभी भैया भाभी के ऊपर आ गए और सेक्स करने लगे, बस वही घोड़े की तरह ऊपर नीचे हो रहे थे और कई बार तो भाभी भैया के लंड को अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसती जा रही थी, लेकिन तभी भाभी ने अपनी पीठ भैया की तरफ कर दी और चेहरा मेरी तरफ करके सेक्स करने लगी और कई बार मुझे देखने की कोशिश करती कि में कहीं जाग तो नहीं रहा, लेकिन मैंने भी अपनी आंख थोड़ी बंद करके सब कुछ देख रहा था और भाभी सेक्स करती रही और पूरे हफ्ते ऐसे ही चलता रहा और में इन दिनों मुठ मारकर ही गुज़ारा करता रहा.
फिर आख़िर वो दिन आ ही गया जब भैया अपने ऑफिस में 6 दिन के लिए चले गये और अगले दिन से भाभी ने अधिकतर समय जालीदार नाईट सूट पहनने शुरू कर दिए, जिसमें से सब कुछ साफ साफ दिखता था. फिर भाभी ने मुझसे पूछा कि क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने मना कर दिया और कहा कि मुझे नहीं पता कि लड़कियों से कैसे बात करते है? फिर भाभी ने कहा कि क्या तू मुझसे बात नहीं कर रहा, यह कोई इतना मुश्किल काम तो नहीं है तो फिर किस बात का डर?
फिर रात को भाभी ने मुझसे कहा कि तुम आज से मेरे साथ ही बेड पर सो जाओ, कहाँ ज़मीन पर लेटोगे? लेकिन में फिर से नहीं समझ सका कि रात को भाभी ने मुझे भी अपने साथ सोने को क्यों कहा? फिर मैंने मन में सोचा कि आज तो मेरी लॉटरी निकल गई और मैंने भाभी के ऊपर तो ज़ोर से अपनी टागों को रख दिया और अपने एक हाथ को भी उनके बूब्स पर रख दिया और अब में गहरी नींद में ना जाने क्या क्या कर रहा था. तभी देर रात को अचानक से मेरी नींद खुली और मैंने देखा कि भाभी अम्म्म आआआआअ जैसी आवाज़ निकाल रही है और अपने बूब्स और चूत को सहला रही है और सपने में भैया का नाम लेते हुए अपनी एक उंगली अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही थी.
फिर में यह सब देखकर डर गया और मैंने सोचा कि में उठकर बाहर चला जाऊँ, लेकिन इतनी देर में मेरे शैतानी दिमाग़ ने कहा कि क्यों ना इस मौके का फ़ायदा उठाया जाए? फिर मैंने हल्की सी शुरुवात की और अब में भाभी को सहलाने लगा और कुछ देर के बाद मैंने उनके बूब्स भी दबाने शुरू कर दिए, लेकिन उस समय भाभी बहुत गहरी नींद में थी, क्योंकि भाभी ने मुझसे पहले भी कहा था कि उनको बहुत गहरी नींद आती है तो में अब बिल्कुल भी डर नहीं रहा था, लेकिन फिर भी में बहुत सतर्क था कि कहीं मुझसे कोई ग़लती ना हो जाए तो इसलिए मैंने सब कुछ धीरे से शुरू किया और सबसे पहले तो दोनों पैरों को एक साईड में रखकर चेहरे के पास जाकर किस करना शुरू कर दिया और फिर यह सब कुछ ऐसे चल रहा था कि जैसे किसी अंधे के हाथ बटेर लग जाती है, में वैसे ही धीरे धीरे सब कुछ करने लगा और अब मैंने किस भी शुरू कर दिया और चूत में भी अपनी बीच वाली उंगली अंदर बाहर करने लगा. फिर जब इससे भी भाभी नहीं जागी तो मैंने फिर से पूरी हिम्मत करके में बहुत देर तक भाभी के बूब्स को दबाता रहा और चूसता भी रहा.
फिर अच्छी तरह से किस भी किया और उनके दोनों बूब्स को पकड़कर उनके बीच में अपने लंड को डालकर मुठ मारना शुरू किया ही था कि फिर शैतानी दिमाग़ की बत्ती जली और उसने कहा कि जहाँ इतना कुछ हो चुका है तो क्यों ना अब एक बार भाभी की चूत का भी स्वाद अपने लंड को करा दिया जाए? फिर मैंने अपने लंड को जैसे ही भाभी की चूत के दर्शन कराए तो वो पूरी ताक़त के साथ तनकर खड़ा हो गया और कहने लगा कि अब तो सब्र नहीं होता है, डाल दो अपनी भाभी की चूत के दरवाजे में और मुझे भी तो देखना था कि किसी की चूत मारने का एहसास कैसा होता है? और जैसे ही मैंने अपना लंड भाभी की चूत में डाला तो भाभी के मुहं से आवाज़ आने लगी कि जैसे भाभी अब पूरी तरह से तैयार हो चुकी है और भाभी आआआआ अम्म्म्ममममम जल्दी आईईईईई करो आह्ह्ह्हह्ह नहीं, अब तो सब्र नहीं होता और अब भाभी पूरे जोश में थी और मोनिंग भी कर रही थी.
फिर मैंने अपने घोड़े को भाभी की चूत में डालकर जैसे ही भगाना शुरू किया तो बस में भगाता ही रहा और अचानक ही गहरी रात को बंद कमरे के दरवाज़े में एकदम अंधेरे में मेरी नींद खुल गयी और में अब एकदम से परेशान हो गया कि यह सब क्या हुआ? लेकिन तभी मैंने देखा कि भाभी मेरे लंड के ऊपर बैठी हुई है और मेरे लंड को अपनी चूत में डालकर चुद रही है.
फिर में बिल्कुल दंग हो गया और उनसे पूछ बैठा कि यह सब क्या है भाभी और ऐसा क्यो? तो भाभी ने कहा कि अच्छा बच्चू पहले तो सपने में बहुत ज़ोर ज़ोर से मेरी चुदाई की और मज़ा भी बहुत लिया और वो सब कुछ किया और कुछ बाकी ना छोड़ा और अब नींद खुल गई है तो पूछते हो कि यह सब क्या है? तो जो हो रहा था, वो सब क्या था? मैंने कहा कि में बिल्कुल भी समझा नहीं कि आप यह सब क्या कर रही है?
भाभी ने कहा कि इतने भोले मत बनो और में सब जानती हूँ कि तुम्हारे मन में मुझे पाने के लिए कितनी बैताबी थी और अभी भी है और कई बार तो मैंने तुम्हे सपने में मेरे नाम से मुठ मारते हुए भी देखा है और कुछ दिन तो तुम दोपहर को जब सोते हो तो अपने लंड को लोवर से बाहर निकालकर मेरा नाम लेते हुए मुठ मारते हो और जब से मैंने तुम्हारा इतना मोटा और बड़ा लंड देखा है तो मेरा भी मन था कि में तुम्हारे लंड को अपनी चूत का मज़ा दूँ और तुम्हारे लंड का में मज़ा लूँ, लेकिन कुछ हो नहीं रहा था, लेकिन तुमने रात को मेरे पैर पर अपनी जांघे अड़ा दी और थोड़ी थोड़ी देर में मेरे पैरों को सहला रहे थे. फिर तुम अचानक अपने हाथ को अपनी पजामे में ले जाकर अपने लंड को पकड़कर ज़ोर से ऊपर नीचे करके हिलाने लगे और तभी तुमने उस अपने नाग को बाहर निकालकर हिलाना शुरू कर दिया, जिसे में अपनी आखों के सामने देखकर बिल्कुल दंग हो गयी और बस फिर तो उसे पाने के लिए बैताब हो गयी और में तो कब से चाहती भी थी.
फिर तुम मेरा नाम लेकर मुठ मारने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन तभी मैंने सोचा कि तुम्हारे इस लंड की प्यास में जरुर बुझाऊँगी और फिर मैंने भी हिम्मत करके तुम्हारे लंड को अपने हाथ में लेकर उसे हिलाना शुरू किया तो तुमने अपना हाथ छोड़ दिया. फिर मैंने उसे अपने मुहं में लेकर बहुत देर तक चूसा, जैसे कि वो एक लोलीपोप हो और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, क्योंकि मैंने कभी इतना मोटा और लंबा लंड नहीं देखा और तुम्हारे भैया का भी इतना बड़ा नहीं है और मेरी चूत के आखरी तक नहीं पहुंच पाता.
फिर मैंने धीरे धीरे से अपने सभी कपड़े उतार दिए और तुम्हारा पजामा भी उतार दिया और तुम्हारी शर्ट को भी ऊपर से खोल दिया और खुद भी बिल्कुल नंगी होकर मुझे चाटने लगी और ऊपर से लेकर नीचे तक प्यार करने लगी और फिर कुछ देर बाद तुम्हारे ऊपर चड़कर तुम्हारे लंड को अपनी चूत के छेद के दर्शन करवाए और जैसे ही तुम्हारे लंड को अपनी चूत में डालना शुरू किया तो मुझे शुरू में थोड़ा बहुत दर्द जरुर हुआ, क्योंकि तुम्हारा लंड बहुत मोटा और लंबा है, लेकिन में फिर भी धीरे धीरे से इसे अपनी चूत के भीतर गहराईयों में ले जाना चाहती थी, लेकिन मुझे बहुत दर्द हो रहा था और पूरा मज़ा भी आ रहा था.
फिर जैसे ही मैंने तुम्हारे लंड के ऊपर नीचे होना शुरू किया तो में बिल्कुल पागल ही हो गई, क्योंकि मुझे इतना मज़ा तो आज तक अपनी चुदाई में पहले कभी नहीं आया था और मेरी चूत ने कभी किसी के लंड से इतनी गहराई से चूत नहीं मरवाई थी, जो कि अब धीरे धीरे फट रही थी और में ज़ोर ज़ोर से कह रही थी कि हाँ और ताकत से और ज़ोर से धक्का मारकर मेरी चूत को फाड़ डालो. फिर तुम हवा में शायद मेरे बूब्स ढूढ़ रहे थे और तभी तुम्हारा हाथ मेरे बूब्स पर आ गया और मैंने भी अपने बूब्स को तुम्हारे हाथों के हवाले कर दिया, जिसे तुमने तो बस नींबू की तरह ही निचोड़कर खाली कर दिया और बीच में तो तुम मेरे एक बूब्स को इतनी शिद्दत से पी रहे थे, जैसे मुझे लगा कि आज तो इनमें से किसी एक का वज़न कम होकर ही रह गया और तुम तो बस पागल की तरह मेरे एक एक बूब्स को दबाते ही जा रहे थे और मुझे दर्द के साथ साथ अच्छा ख़ासा मज़ा भी आ रहा था.
फिर एक बार चुदाई करते करते तुम मेरी चूत में ही झड़ गये और में तुम्हारी एक साईड में लेटकर तुम्हारे ऊपर अपने पैर और हाथ रखकर थोड़ी देर के लिए रुक गयी और फिर से मेरा मन हुआ कि क्यों ना एक बार और किया जाए? तब मैंने तुम्हारे लंड को खड़ा करने के लिए तुम्हारे लंड को अपने मुहं में फिर से लेकर चूसना, चाटना शुरू कर दिया और तुम्हारा लंड खड़ा होते ही फिर से एक बार यह सब शुरू हो गया और तभी तुम्हारी नींद खुल गयी और तुम कह रहे हो कि यह सब क्या है?
दोस्तों अब मैंने भी मन ही मन इस मौके का फ़ायदा उठाना ठीक समझा, क्योंकि जब हम दोनों ही एक दूसरे को पाने की उम्मीद से है तो क्यों ना अब सारी दूरियों को मिटा दें? अब वो मुझसे बोली कि वैसे भी तो तुम्हारे भैया भी 6 दिन के लिए बाहर है तो क्यों ना हम एक दूसरे की प्यास को मिटा दें?
दोस्तों उन्होंने अपने मुहं से यह बात कहकर मेरे मन की बात को अपने मुहं से कह दिया, क्योंकि अब में भी उनसे वहीं चाहता था, जिसकी उन्हे मुझसे उम्मीद थी. फिर हम दोनों ने पूरे 6 दिनों और रातों को लगातार बहुत जमकर सेक्स किया. पहले दिन तो मैंने भाभी की बहुत जमकर गांड मारी और दूसरे दिन भाभी के साथ बाथरूम में शावर के नीचे और बाथटब में चुदाई का खेल खेला.
फिर तीसरे दिन भाभी के साथ किचन में उन्हे किचन की शेल्फ के ऊपर बैठाकर बहुत जमकर चोदा और चौथे दिन भाभी को डॉगी स्टाइल में खड़ा करके कुतिया की तरह चोदा और पाँचवे और छठे दिन तो भाभी भी बिल्कुल पागल सी हो गई थी, क्योंकि बेड पर आते ही भाभी सिर्फ़ और सिर्फ़ सेक्स ही करना चाहती थी और जब में उसकी चूत को मारता तो भाभी अपनी चूत को उठा उठाकर मेरे लंड को अपनी चूत में अंदर तक घुसाती और मुझे और खुद को बहुत मज़ा देती थी. अब जब भी हमे मौका मिलता है तो में भाभी पर चड़ जाता हूँ और भाभी भी मेरा पूरा पूरा साथ देती है, लेकिन मेरी यह चुदाई ज्यादा समय नहीं चली क्योंकि करीब तीन महीने की चुदाई के बाद भैया का तबादला हो गया और अब भैया भाभी के साथ मुंबई चले गये और में फिर से एक बार बिल्कुल अकेला हो गया हूँ, लेकिन में आज भी उनकी चूत को सोच सोचकर मुठ मारता हूँ. दोस्तों यह थी मेरी चुदाई की कहानी जिसमे मैंने बहुत मज़े किए.
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खूबसूरत आंटियों के साथ सेक्स पार्टी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अंकित है और में पुणे में रहता हूँ जो कि महाराष्ट्र में आता है. यहाँ हर साल हज़ारो बच्चे पूरे हिन्दुस्तान से पढ़ाई और नौकरी की तलाश में आते है और में भी उनमें से एक था. मेरे परिवार से मुझे ज्यादा मदद नहीं मिलती थी तो मैंने 20 साल की उम्र से ही काम करना स्टार्ट कर दिया था. मुझे शुरुवात में सैलरी काफ़ी अच्छी मिल जाती थी, लेकिन यहाँ रहना काफ़ी महंगा था और में मेरे जो दोस्तों के साथ रह रहा था, वो काफ़ी अमीर थे और उनको कोई फ़र्क नहीं पड़ता था.
अब मुझसे ये बात बर्दाश्त नहीं हुई तो मैंने तुरंत नया फ्लेट ढूँढना स्टार्ट कर दिया, जब मई 2010 का महीना था और उस समय मेरी उम्र 20 साल की थी. फिर मैंने सोचा कि ये ऑफ सीज़न चल रहा है और फ्लेट मेरे बजट में मिल सकता है, क्योंकि उस समय ज्यादातर बच्चे अपने घर जाते है और जुलाई में आते है. फिर मैंने एक फ्लेट मालिक से बात कि तो उसने कहा कि यह फ्लेट सिर्फ शादीशुदा के लिये है. फिर 10 दिनों तक ढूँढने के बाद मुझे एक बंदे का फोन आया और पूछा कि फ्लेट किराए पर चाहिए क्या? तो मैंने कहा कि मेरा बजट कम है और मुझे जल्दी शिफ्ट करना है. तो उसने कहा कि में तुमसे किराया नहीं लूँगा, लेकिन तुम्हें मेरी मदद करनी होगी, अब में सोच में पड़ गया कि क्या होगा?
फिर उसने मुझे मिलने को कहा. फिर मुझे पता चला कि उसका फ्लेट तो एक अमीर सोसाइटी में है तो फिर वो किराए पर क्यों दे रहा है? अब में तो वहाँ की हरयाली देखकर दंग रह गया. फिर जब में उसके फ्लेट में पहुँचा तो मैंने देखा कि फ्लेट काफ़ी अच्छा था और फिर मैंने बेल बजाई तो उसने दरवाजा खोला. फिर में अंदर गया तो उसने मुझे अपना फ्लेट दिखाया. अब में अपनी आँखे फाड़-फाड़ कर देख रहा था और सोच रहा था कि ये फ्लेट तो मेरे पहुँच के बाहर है. फिर मैंने उसकी पत्नी को हैल्लो कहा और हम ड्राइंग रूम में आकर बैठ गये. अब बातें करते-करते उसने मुझसे कहा कि देखो अब में 5 दिन के बाद विदेश जा रहा हूँ और 2 साल ले बाद ही आऊंगा, मुझे किराया नहीं चाहिए, लेकिन कोई चाहिए जो मेरे फ्लेट को साफ़ रखे सके.
में अगर अपने रिश्तेदार को ये फ्लेट दे गया तो वो लोग ठीक से नहीं रहेंगे और मेरी पत्नी को ये सब पसंद नहीं है, इसलिए में कोई ऐसा व्यक्ति ढूँढ रहा हूँ जो मेरे फ्लेट को ठीक से रखे. फिर में तुरंत मान गया और पूछा कि इस फ्लेट का किराया कितना देना होगा? तो उसकी पत्नी ने हंसकर कहा कि किराए के बदले तुम्हें बस इस फ्लेट की देखभाल करनी होगी. फिर में मान गया और कहा कि में 5 दिन के बाद आऊंगा, जब आप लोग जाने के लिए तैयार हो जाओगे, अब में बड़ा खुश था और घर जाने लगा. दोस्तों में आपको बता दूँ कि मुझे काफ़ी समय से अकेले रहने की इच्छा थी, ताकि में अपनी इच्छायें पूरी कर सकूँ.
फिर आख़िरकार पाचवां दिन आ गया और फिर मैंने अपना बैग उठाया और निकल पड़ा मेरे 2 साल के आशियाने में. अब में बड़ा खुश था और जैसे ही में वहाँ पहुँचा तो मैंने देखा कि वो लोग अभी भी पैकिंग कर रहे थे और घर में काफ़ी सामान बिखरा पड़ा था. फिर मैंने अपना सामान रखा और घर में एक बार मुआयना किया. फिर मैंने देखा कि सारी जगह पर उनके कपड़े, किताबें, सी.डी और भी काफ़ी सामान पड़ा हुआ था. अब उसका पति उसकी पत्नी से कह रहा था कि डार्लिंग फ्लाइट में एक व्यक्ति 40 किलोग्राम से ज्यादा नहीं ले जा सकता है, तो उन्होंने 4 बैग पहले से ही पैक कर लिए थे और अब उनकी टैक्सी भी एरयपोर्ट जाने के लिए आ गयी थी.
अब उसकी पत्नी ने कहा कि घर की हालत तो देखो कैसी है? मुझे सब संभालना है. फिर उसके पति ने कहा कि अब संभालने के लिए टाईम नहीं है. फिर उन्होंने मुझे अपने पूरे घर की चाबी दी और सारी अलमारी की भी चाबी दी और कहा कि प्लीज़ सब संभाल लेना और मुझे 10000 रुपये भी दिए और कहा कि ये तुम्हारी मदद के लिए है. अब में खुश हो गया और उनको टैक्सी में सामान रखवाने में मदद कर दी. फिर मैंने उन दोनों को बाय कहा और फिर में ऊपर आ गया, अब में जैसे ही ऊपर आ रहा था तो मैंने देखा कि वो बिल्डिंग ज्यादातर खाली ही रहती है, क्योंकि वहाँ के लोग ज्यादातर बाहर ही रहते है.
फिर मैंने सोचा कि ये तो बड़ी अच्छी बात है, अब में फ्लेट में मज़े कर सकता हूँ और कोई मुझे रोक भी नहीं सकता है. अब में जैसे ही अंदर आया तो मैंने देखा कि फ्लेट की हालत काफ़ी खराब थी और सोचा कि चलो अब काम शुरू किया जाए.
फिर मैंने ड्राइंग रूम से स्टार्ट किया तो वहाँ ज्यादा कपड़े नहीं थे, फिर में बालकनी में गया और देखकर हैरान रह गया. मैंने देखा कि वहाँ पर मकान मालिक कि पत्नी के कपड़े सूख रहे है, जिसमें उसकी 2 ब्रा एक रेड कलर की और एक ब्लू कलर की, साथ में पेंटी और एक गाउन सूख रहा था. अब में तो जैसे उत्तेजित होने लगा, क्योंकि मेरी काफ़ी समय से इच्छा थी कि में आंटीयों के कपड़ो को महसूस करूँ और पहन कर देख सकूँ, लेकिन ये में कभी कर नहीं पाया था. मुझे औरतों के इस्तेमाल किए हुए कपड़े बहुत पसंद आते है, क्योंकि उनमें से काफ़ी अच्छी महक आती है.
अब जैसे ही में अंदर गया तो मैंने पहले सारे बाथरूम चैक किए और देखा कि वहां भी ब्रा और पेंटी रखे हुए है और साथ में इस्तेमाल की हुई 3 लेगी थी. अब मेरा दिल तो मचलने लगा और सोचने लगा कि अब में कितने मज़े करूँगा? अब मेरे हाथ में तो जैकपॉट आ चुका है. फिर मुझे सफाई याद आई और फिर मैंने सारे रूम में से कपड़े इकट्ठा किए, तो मुझे उसकी पत्नी के कुछ कपड़े मिले और फिर मैंने देखा कि उसके कपड़े मुझे फिट हो सकते है तो में उछल पड़ा.
फिर मैंने सोचा कि में पहले सारे घर को साफ़ कर लूँ और आराम से मज़े लूँ, अब मेरे पास पूरी तरह से मजे करने के लिए 2 साल है. फिर इतने में मकान मालिक का कॉल आया और मुझसे कहा कि तुम सारे कपड़े किसी को दे देना, क्योंकि अब वो हमारे काम में नहीं आयेंगे. तो मैंने कहा कि ठीक है और आपकी यात्रा अच्छी हो कहकर फोन कट कर दिया. अब में तो बिल्कुल खुश हो गया और डांस करने लगा, अब मुझे काम करते-करते शाम हो गयी थी. अब में सोचने लगा कि अब क्या किया जाए? तभी मैंने सोचा कि ड्रिंक्स लाई जाए और महँगी सिगरेट लाई जाए ताकि मज़े किए जाए, क्योंकि अब मुझे 2 साल तक परेशान करने के लिए कोई भी नहीं है.
फिर में ड्रिंक की बोतल लाया और खाना भी साथ में लाया, अब में उनके डी.वी.डी प्लेयर में सी.डी चैक कर रहा था तो अचानक से मेरी नज़र एक सी.डी पर गयी, फिर मुझे ऐसी 4 और सी.डी मिली. फिर मैंने सोचा कि ये कोई पॉर्न मूवी हो सकती है और अब में अंदर जाकर कपड़े चेंज करके ब्रा, पेंटी और एक गाउन पहन कर आ गया. फिर मैंने सी.डी चलाई तो मेरी आँखे खुली रह गयी, इस सी.डी में मेरा मकान मालिक और उसकी पत्नी थे, जो हनिमून के टाईम पर सेक्स कर रहे थे.
अब में तो पागल ही हो चुका था, फिर अब में पैग पिए जा रहा था और सी.डी देखे जा रहा था. अब मेरा तो बिना हिलाए ही पानी निकल गया था और अब अगले 5 दिनों तक मेरा यही प्रोग्राम चल रहा था. फिर जैसे ही मेरे रुपये ख़त्म हुए तो मैंने ऑफिस जॉइन कर लिया और रोज़ रात में घर आने के बाद क्रॉस ड्रेसिंग करने लगा. अब में आप सब लोगों को बता दूँ कि मुझे लेडीस के कपड़े पहनना अच्छा लगता है, लेकिन में गे नहीं हूँ. में हमेशा से लड़कियों में और औरतों में ही रूचि रखता हूँ. मुझे यह भी पता है कि लेडीस को भी क्रॉस ड्रेसिंग लड़के पसंद है, वो कैसे? में आप सबको अभी बताता हूँ.
अब मेरी असली कहानी शुरू होती है. कुछ दिन अकेले मजे करने के बाद में सोचने लगा कि कुछ नया किया जाए, जिससे और भी मज़ा आए और अचानक से मुझे विदेश से मेरे मकान मालिक का फोन आया और उसने मेरा हाल चाल पूछा तो मैंने उसे बताया कि सब ठीक है, फिर उसने अचानक से मुझसे पूछा कि एक्सट्रा इनकम कमाना चाहते हो तो मैंने कहा कि कैसे? तो उसने कहा कि 3BHK का फ्लेट है, उसमें से एक बेडरूम तुम ले लो और बाकी में किरायेदार रख लो और जितना भी किराया आयेगा वो आधा आधा कर लेंगे. फिर मैंने तुरंत हाँ कर दी और फिर मेरे मकान मालिक ने कहा कि कोई लेडी को किरायदार रख लो तो तुम्हें खाना बनाने की चिंता भी नहीं रहेगी.
फिर मैंने दूसरे दिन रियल एस्टेट ब्रोकर को इसके बारे में कह दिया. फिर अगले दिन एजेंट ने घर 6-7 लेडीस को दिखाया, जिसमें से 6 लेडीस मान गयी थी. अब मैंने तो 4 का ही कहा था, लेकिन ये तो 6 है अब क्या किया जाए? फिर मैंने सोचा कि में हॉल में एड्जस्ट कर लूँगा और लेडीस को 3 रूम दे देता हूँ और क्यों ना दूँ? मुझे 2 लोग का किराया भी तो ज्यादा मिल रहा था.
अगले दिन 6 लेडीस आई और मैंने सबको एक-एक चाबी दे दी और अभी तक मैंने सब लेडीस को ठीक से देखा भी नहीं था, वो सभी बहुत खूबसूरत थी, लेकिन में उनके बारे में ज्यादा नहीं जानता था. अब में आपको सबका परिचय देता हूँ, 6 लेडीस में से 4 शादीशुदा है और 2 तलाकशुदा है. उन सबकी उम्र 32 से 38 साल के बीच है, रजनी उम्र 34 साल और फिगर 36-34-36, कोमल उम्र 36 साल और फिगर 35-33-36, नंदिता उम्र 38 साल और फिगर 38-36-38, लीला उम्र 35 साल और फिगर 34-32-36, सौम्या उम्र 33 साल और फिगर 36-34-36 और करिश्मा उम्र 32 साल और फिगर 38-36-40 है.
फिर पहले दिन तो सभी लेडीस ने अपना सामान रखा और अपने-अपने काम पर चली गयी. अब शाम को में जब घर आया तो मैंने देखा कि सब लेडीस आ गयी है और किचन से खुशबू आ रही थी, अब में जैसे ही अंदर गया तो पता लगा कि बिरयानी बन रही है. अब नंदिता किचन में थी और सौम्या सब्ज़ी काट कर रही थी. फिर में फ्रेश हो गया और शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन कर आ गया. (मैंने मेरे मकान मालिक कि पत्नी के सारे कपड़े इन सबके आने से पहले एक जगह छुपा दिए थे)
अब में फ़ुर्सत से सबको देख रहा था, वैसे सब लेडीस खूबसूरत थी और सबका फिगर भी मस्त था, जिसे भी चाहो देखते रहो और अपनी सारी इच्छा पूरी करो. फिर थोड़ी देर बाद खाना लग गया और हम सब खाना खाने लगे. फिर कुछ दिन ऐसे ही बीत गये और अब मैंने भी अपनी वासनाओं से थोड़ा ध्यान भटका दिया, क्योंकि इतने दिन मुठ मार-मार कर में थक गया था. क्योंकि वो सब किरायदार थी और मुझे मकान मालिक को हर महीने किराया देना होता था, इसलिए मैंने एक महीने तक कोई हरकत नहीं की. अब ऑफिस में व्यस्त होने की वजह से मेरा ज्यादातर टाईम काम में ही जा रहा था.
फिर जैसे ही मेरा प्रॉजेक्ट ख़त्म हुआ तो मैंने 3 दिन की छुट्टी ले ली. अब में सब लेडीस से ऐसे घुल मिल गया था कि जैसे में अपने दोस्तों के साथ रहता था. अब में सभी लेडीस को परेशान करता था और सब मुझे भी तंग करती थी. अब मेरी जब से छुट्टियाँ शुरू हुई तो मैंने सोचा कि पुराने कपड़े पहन कर मज़ा किया जाए, लेकिन मेरा ध्यान अब न्यू माल पर गया जो कि उन लेडीस के कपड़े थे. अब सब लेडीस अपने-अपने ऑफिस गयी थी और अब मेरे पास मज़े करने के लिए पूरा दिन था. फिर में जैसे ही रजनी और कोमल के रूम में गया तो मैंने उनके बैग में से एक ब्लू कलर की ब्रा निकाली और एक टॉप निकाला, जो शायद कोमल का था और साथ में एक वाईट कलर की लेगी भी निकाली, क्योंकि वो मुझे बहुत पसंद है.
फिर में जैसे ही नंदिता और लीला के रूम में गया, तो मैंने लीला का लैपटॉप देखा और उसे चालू कर दिया. अब जैसे ही में फाईल्स चैक कर रहा था तो मुझे एक XXX फोल्डर दिखा, जिसमें MYX लिखा था तो मैंने जैसे ही उस फोल्डर को खोला तो मुझे लीला की एक फोटो दिखी, जिसमें उसने सिर्फ़ ब्रा पहनी थी. फिर मैंने तुरंत लेगी खोली और मुठ मारने लगा. फिर पूरे दिन मैंने यही किया और बाद में सब जैसा का जैसा रख दिया और बाहर घूमने चला गया. फिर में रात को जैसे ही लौटा तो मैंने देखा कि सब नॉर्मल है, अब मुझे जब भी मौका मिलता है तो में रजनी, कोमल, नंदिता, लीला, सौम्या और करिश्मा इन सबके कपड़े पहनता और मज़े लेता था.
अब गर्मियाँ ख़त्म होने में थी, लेकिन ज्यादा गर्मी होने के कारण अब में सिर्फ़ बनियान और शॉर्ट्स पहन कर ही सोता था. अब मेरी शिफ्ट लेट नाईट तक होने की वजह से में सुबह लेट उठता था और अब मैंने कई बार रजनी, कोमल, नंदिता, लीला, सौम्या और करिश्मा सबको मेरे लंड की और देखते हुए देखा है. अब जब हम लोग ग्रुप गेम्स खेलते थे और ड्रिंक्स करते थे तो सब मुझसे पूछती थी कि तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या? तो में हमेशा ना कहता था, क्योंकि में गर्लफ्रेंड में विश्वास नहीं रखता था. अब इतने टाईम में हम सब घुल मिल गये थे.
अब जून का दूसरा हफ़्ता चल रहा था और बारिश स्टार्ट ही हुई थी. में ऑफिस अपनी बाइक पर जाता था और अब में रोज़ अपना रेनकोट ले जाता था. अब एक दिन ऐसा हुआ कि में अपना रेनकोट ऑफिस में ही ही भूल गया और अब जैसे ही में घर लौट रहा था तो अचानक तेज़ बारिश होने लगी और में घर पहुँचते-पहुँचते पूरी तरह से भीग गया. फिर जैसे ही में घर पहुँचा तो मुझे याद आया कि मैंने अपने कपड़े धोबी को धोने के लिए दिए है और अब भीगने की वजह से मेरा फोन भी बंद हो गया था. अब रजनी, कोमल, नंदिता, लीला, सौम्या और करिश्मा अंदर ही बैठे थे और मुझसे पूछने लगे कि क्या हुआ किस सोच में हो? जाओं अपने कपड़े चेंज कर लो नहीं तो ठंड लग जायेगी.
फिर मैंने कहा कि मेरे सारे कपड़े धोबी के पास है और अभी तो मुश्किल ही लग रहा है तो मैंने कहा कि में अभी जाकर अपने कपड़े लेकर आता हूँ. तो उन सबने कहा कि बारिश में धोबी भी घर चला गया होगा और तुम्हें क्या लगता है कि वो तुम्हारे लिए कहीं रेगिस्तान में कपड़े सुखायेगा? अब में ठंड के मारे कांप रहा था. फिर रजनी ने मुझे अपना टावल दिया और कहा कि अपने आपको पोछ लो और फिर इतने में वो सब कुछ बातें करने लगी और अंदर चली गयी. फिर 2 मिनट में वो सब कॉमन बाथरूम में से बाहर आई और कहा कि जाओ बाथरूम में कुछ कपड़े रखे है पहन लो. में तुरंत बाथरूम में भागा और गीले कपड़ो से आज़ाद हुआ, फिर मैंने गीजर चालू किया और नहाने लगा.
फिर जैसे ही मेरा नहाना ख़त्म हुआ तो मैंने कपड़ो की अलमारी पर देखा, तो वहाँ एक वाईट कलर की शॉर्ट लेगी रखी थी जो शायद नंदिता की लग रही थी और रेड कलर की स्लिप रखी थी जो करिश्मा की थी और कोमल का पारदर्शी गाउन रखा था. अब देखते ही देखते मेरा लंड खड़ा हो गया था, फिर मैंने जानबूझ कर बाथरूम में से पूछा कि यही कपड़े है या कोई और है? तो एक की आवाज़ आई कि यही है ट्राई करके देखो. फिर मैंने पहले शॉर्ट लेगी पहनी जो काफ़ी पतली थी, फिर स्लिप पहनी और ऊपर से गाउन पहन लिया, जो कि काफ़ी हद तक पारदर्शी था. फिर मैंने जब खुद को कांच में देखा तो में चौंक गया और सोचने लगा कि मेरा खड़ा लंड और स्लिप सॉफ दिखाई दे रहे है. अब जैसे तैसे मैंने सब ठीक किया और बाहर आया, फिर मैंने सबको थैंक्स कहा और फिर हम खाना खाने लग गये. अब अगले दिन सबकी छुट्टी थी और में हमेशा की तरह सो रहा था और सुबह भी बारिश ज़ोरो से चल रही थी, अब मैंने रात में सोने से पहले गाउन को उतार दिया था और सुबह होते-होते स्लिप ढीली होने की वजह से लगभग उतर चुकी थी.
अब मेरा तना हुआ लंड इलास्टिक में से बाहर आ रहा था और अब यह सीन वो सब देख रही थी. अब लीला ने तो लेगी भी नीचे खींच दी और वो सब मुझे नंगा देखने लगी. अब मेरा तो लंड सबको सलामी दे रहा था, क्योंकि काफ़ी समय बाद मुझे सफलता मिली थी. अब में बस ये सोच रहा था कि अब सब क्या करेंगी? फिर उन सबने मेरे लंड को एक-एक बार हाथ लगाया और कहा कि उंगली, गाजर, बेंगन से तंग आ चुके है यार अब ये असली चाहिए, बस ये मान जाए तो हम सबकी प्यास बुझ जाए. अब में यही तो चाहता था और ये सब सुनते-सुनते मेरा लंड खड़ा ही था. फिर जब में नींद में से जगा तो मैंने देखा कि ड्राइंग रूम में कोई नहीं है, लेकिन में पूरा नंगा था तो मैंने झट से कपड़े पहने और फ्रेश हो गया. अब में नाश्ता करने के बाद टी.वी देख रहा था. फिर मैंने धोबी को फोन लगाया तो उसने कहा कि कपड़े अभी तक नहीं धुले है और बारिश की वजह से कपड़े सूख भी नहीं पायेंगे.
अब ये बात मैंने नहाने से पहले सबको बताई तो उन सबने कहा कि कोई बात नहीं, तुम हमारे कपड़े पहन लो जब तक तुम्हारे कपड़े नहीं आ जाते है. अब में अंदर ही अंदर बहुत खुश हो गया था, अब में जैसे ही नहाने के लिए तैयार हो रहा था तो सौम्या ने मुझसे कहा कि मैंने तुम्हारे लिए बाथरूम में कपड़े रखे है जाकर नहा लो. अब नहाने के बाद मैंने देखा कि वहाँ पर आज लाईट ब्लू कलर की लेगी रखी थी और एक लाल रंग की पेंटी रखी थी, जो कि कुल्हों को सिर्फ़ थोड़ा ही ढकती थी और एक काले कलर की ब्रा रखी थी और एक शॉर्ट पारदर्शी कुर्ती रखी थी. अब में पहन कर बाहर आया तो वो सब हंसने लग गयी.
फिर दोपहर में हमने प्रोग्राम बनाया कि ड्रिंक की जाए और मस्ती की जाए. फिर हमने शॉप में ऑर्डर किया और ड्रिंक्स और स्नेक्स मंगवा लिया और आज मुझे सब लेडीस के तेवर कुछ ठीक नहीं लग रहे थे. फिर जैसे ही हमने ड्रिंक्स स्टार्ट की तो हमने गेम खेलना भी स्टार्ट कर दिया. अब हम लोग 3 पत्ती खेल रहे थे. अब 2-3 पैग तक सब ठीक से चल रहा था, फिर इतने में रजनी, कोमल, नंदिता, लीला, सौम्या और करिश्मा ने कुछ बात की और कहा कि आज गेम में थोड़ा सा चेंज है. तो मैंने पूछा क्या? तो उन्होंने कहा कि अब लास्ट शो में जो हारेगा उसे सबकी बात माननी होगी. में अब सोचने लगा कि क्या करना होगा?
उन्होने कहा कि हारने वाले को अपनी बॉडी से एक कपड़ा उतारना पड़ेगा. अब में अंदर से बहुत खुश हो गया कि आज तो 6 लेडीस, 6 चूत, 6 गांड और 12 बूब्स मिल जायेंगे. अब में रूचि लेकर ताश खेल रहा था, क्योंकि अब में सबको नंगा करना चाहता था और चोदना भी चाहता था. अब इस बार में जानबूझ कर हार गया और मुझे अपनी टॉप उतारनी पड़ी, अब में ब्रा पेंटी और लेगी में ही था और अब मेरा खड़ा लंड सबको दिख रहा था, लेकिन में सबको खेलने के लिए कह रहा था.
फिर इस बार मैंने करिश्मा को हरा दिया तो जब उसकी बारी आई तो वो पानी-पानी हो गयी. फिर जैसे ही उसने अपनी टी-शर्ट ऊपर उठाई तो बाहर बिजली की आवाज़ आने लगी और उसने अपनी टी-शर्ट उतार दी. अब वो सिर्फ़ पिंक कलर की ब्रा और शॉर्ट्स में थी. अब अगले चान्स में मैंने रजनी को हराया और उसने अपनी कमीज़ उतार दी और अब वो सिर्फ़ ब्लू कलर की ब्रा और वाईट कलर की सलवार में थी. तो इस बार नंदिता और कोमल साथ में हार गये, फिर नंदिता ने अपनी जैकेट उतारी और कोमल ने अपना नाईट सूट उतारा, अब नंदिता सिर्फ़ काली स्लिप में थी और कोमल सफ़ेद ब्रा में थी. अब वो क्या सेक्सी नज़ारा लग रहा था? इस बीच लीला और सौम्या भी हार गये, लेकिन उन दोनों ने नाईट गाउन पहना था तो अगले राउंड में उन दोनों को अपनी गाउन उतारनी होगी, तब तक उन्होंने अपने गाउन के बटन खोल दिए थे.
अब गेम में असली मज़ा आ रहा था, अब ड्रिंक पर ड्रिंक्स चल रही थी, अब में बीच-बीच में सिगरेट भी पी रहा था, अब काफ़ी मज़ा आ रहा था. फिर में 2 बार लगातार हार गया और मुझे ब्रा और लेगी उतारनी पड़ी, अब में सिर्फ़ पेंटी में था जिसमें से मेरा लंड बार-बार बाहर आने के लिए तड़प रहा था. अब मैंने गेम के नियम को चेंज कर दिया कि अब जो जीतेगा वही सलामत रहेगा और बाकी सबको अपने कपड़े उतारने होंगे. अब मैंने सोचा कि अब 3-4 चान्स में सबको नंगा कर दूँ, अब में तो पहले से ही नंगा होने में था, तो अगले गेम में में जीत गया और सबको अपनी-अपनी ब्रा खोलनी पड़ गयी. अब में सबको देख रहा था. अब रजनी की ब्लू ब्रा, करिश्मा की पिंक ब्रा, नंदिता की ब्लेक स्लिप, कोमल की वाईट ब्रा, सौम्या और लीला ने अपनी-अपनी नाइटी खोल दी.
फिर कहा कि वो बाकी अब अगले राउंड में खोल देंगे, अब सबके निपल्स टाईट हो गये थे. अब वो सब बहुत सुंदर लग रही थी, उन सबके बूब्स टाईट थे, क्योंकि सबकी उम्र ज्यादा नहीं थी. अब काफ़ी मज़ा आ रहा था और मेरा लंड बाहर आ चुका था, लेकिन में जैसे तैसे संभाल रहा था. अब में कहाँ मानने वाला था, फिर मैंने अगली बाज़ी भी मार ली और अब सबको अपनी लोवर्स, सलवार और पजामा उतारना पड़ा, क्या नज़ारा था? दोस्तों अब सारी आंटीयाँ सिर्फ़ पेंटी में थी और अब सबने मुझसे कहा कि इस बार अगर तू जीत गया तो हम सबकी पेंटी तू खुद उतारेगा. फिर मैंने हाँ कर दी और में जीत गया. फिर मैंने एक-एक करके सबकी पेंटी खोल दी और अब सबकी पेंटी खोलने के बाद उन सबने मुझे घेर लिया और मेरी पेंटी उतार कर सब मुझे चूमने लगी. अब में सातवें आसमान पर था और स्वर्ग जैसा महसूस कर रहा था. अब मैंने सबको किस किया और फिर करीब 10-10 मिनट तक सबको किस करने के बाद मैंने सबके बूब्स दबाए और चूसे. फिर मैंने सबकी चूत को चाटा और फिर सब बेडरूम में जाकर पलंग पर चूत दिखाकर लेट गयी थी. फिर मैंने सबकी चूत चाटी और सबका पानी निकाल दिया. इस बीच 3 घंटे हो गये थे और हमें पता भी नहीं चला था.
फिर मैंने सबके पैग बनाए और अब सब एक-एक करके मेरा लंड चूस रही थी. अब मेरा निकलने वाला था तो वो सब अपना मुँह मेरे लंड के सामने लाई. फिर मेरा इतना वीर्य निकला कि सबको टेस्ट करने के लिये मिल गया और हम अपनी पार्टी में नंगे ही बैठ गये. फिर थोड़ी देर के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो अब सबने अपनी गांड ऊपर कर दी थी. अब यह सीन देखकर में खुद को इतना लकी समझ रहा था कि दोस्तों क्या बताऊँ? अब 6 चूत मेरे सामने थी और मेरा लंड सबको चोदने के लिए बेताब था. फिर मैंने सबको पानी निकलने तक चोदा और संतुष्ट किया, अभी तक मेरा पानी नहीं निकला था और फिर सबने ड्राइंग रूम में बेड लगाए और हम 7 लोग वहीं लेटे रहे, फिर जब मेरा लंड झड़ा तो सबने मेरा वीर्य पिया और हम नंगे ही सो गये.
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बहन ने चुदवाया ब्लू फिल्म की तरह

हैल्लो दोस्तों, में आपको अपनी एक घटना बताने जा रहा हूँ और मुझे उम्मीद है कि आपको ये स्टोरी जरुर पसंद आयेगी. में सेक्स स्टोरी का बहुत पुराना रीडर हूँ तो मैंने सोचा कि में भी अपना पहला सेक्स एक्सपीरियन्स जो कि मेरी तलाकशुदा बहन के साथ था, उसको आप सभी के साथ शेयर करूँ. दोस्तों ये बात उन दिनों की है जब में 19 साल का था और में अपनी स्कूल की पढाई पूरी करके फ्री हुआ था.
दोस्तों में बहुत सुंदर लड़का हूँ क्योंकि जब में छोटा था तो मैंने उस समय से ही जिम जॉइन कर लिया था और उस वजह से मेरी बॉडी अच्छी और टाईट है. मेरा लंड 10 इंच लंबा और 4 इंच मोटा है. दोस्तों में एक अमीर फेमिली से हूँ और में पंजाब का रहने वाला हूँ. मेरी एक बहन है जिसका इस घटना से कुछ टाईम पहले तलाक हो गया था, क्योंकि उसका पति उसको सेक्स से खुश नहीं करता था और उस वजह से उनमें झगड़ा हो गया और फिर तलाक हो गया.
एक दिन घर पर सिर्फ़ वो और में ही थे. में अपने रूम में ब्लू फिल्म देखकर मुठ मार रहा था कि तभी पता नहीं कब वो आकर दरवाजे के पास आकर खड़ी-खड़ी सब देख रही थी और उसने मेरा लंड भी देख लिया था. अब वो मेरे लंड की दीवानी हो गई थी, क्योंकि वो पहले से ही पति से खुशी ना मिलने की वजह से बहुत परेशान थी. अब दोस्तों में उसके बारे में थोड़ा बता दूँ. वो बहुत ही सेक्सी हॉट है और उसका नाम रूपाली है और उसका फिगर 36-28-34 है तो अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा स्टोरी पर आता हूँ. अब मुझे नहीं पता था कि वो मुझे देख रही है. फिर जब में मुठ मारने के बाद जब बाहर गया तो मैंने उसको दरवाज़े के पास बैठे पाया तो में थोड़ा घबरा गया, फिर मैंने उससे पूछा.
में : दीदी आप यहाँ कैसे?
रूपाली : में तब आई थी जब तुम अंदर अपने हाथ से अपना लंड हिला रहे थे.
अब में पूरा घबरा गया.
में : दीदी प्लीज, ये बात किसी को मत बताना.
रूपाली : फ़िक्र मत कर, में किसी को कुछ नहीं बताउंगी.
में : थैंक यू सो मच दीदी.
रूपाली : लेकिन, मेरी एक शर्त है. (थोड़ी नॉटी स्माइल करते हुए)
में : (हैरान होते हुए) क्या शर्त है दीदी?
रूपाली : तू मुझे बिल्कुल वैसे ही चोदेगा, जैसे उस ब्लू फिल्म में लड़का अपनी बहन को चोद रहा था.
अब में हैरानी से उसकी तरफ देख रहा था.
रूपाली : ऐसे क्या देख रहा है? बोल मंजूर है या नहीं?
में : ठीक है दीदी, जैसी आपकी मर्ज़ी, अब वो मुझे एकदम से होंठो पर किस करने लगी और में भी उसको किस करने लगा. फिर मैंने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रखा और हल्का सा दबा दिया. उसके मुँह से आअहह निकल गई. फिर उसने ज़ोर से मेरा लंड पकड़ लिया और फिर उसने मेरी पेंट से मेरा लंड बाहर निकाला और ज़ोर-जोर से मेरे लंड को हिलाने लगी. अब मेरा लंड पूरे जोश में आ गया था.
रूपाली : सन्नी तेरा लंड तो बहुत बड़ा है, जान पहले कहाँ छुपा रखा था? पता है में इतने साल से ऐसा लंड लेने के लिए कितना तड़पी हूँ?
में : अब तो मिल गया ना ज़ान, अब में तेरी सारी कसर पूरी कर दूँगा.
अब में उसके टॉप के ऊपर से उसके बूब्स चूसने लगा. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसने भी मेरी जीन्स उतार दी और मैंने भी उसकी जीन्स उतार दी. अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी. फिर मैंने उसकी ब्रा और पेंटी भी उतार दी और उसकी चूत में एक उंगली डाल दी तो उसके मुँह से आआहह निकल गई.
रूपाली : आआआआआअहह सन्नी धीरे डाल जान.
फिर मैंने उसके बूब्स चूसने शुरू किए और वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी आआआआआअहह ऊऊऊऊऊऊहह सन्नी उूउउफफफफफफ्फ़ और ज़ोर से चूस डार्लिंग. अब में उसके बूब्स चूस रहा था और उसकी चूत में अपनी उंगली अन्दर बाहर कर रहा था, जिससे उसकी आँखें बंद हो रही थी.
रूपाली : सन्नी प्लीज और मत तड़पा, अब अपनी बहन को चोद डाल.
में : जानेमन इतनी भी क्या जल्दी है? पहले पूरा मज़ा तो ले लेने दो.
रूपाली : सन्नी प्लीज, अब मुझसे तेरा लंड देखने के बाद और सहन नहीं होता जान.
फिर में बेड पर लेट गया और अब मैंने उसको इशारा किया कि अब वो मेरा लंड चूसे. फिर वो मेरा लंड चूसने लगी. क्या बताऊँ दोस्तों? वो क्या मस्त चूस रही थी और अब वो बिल्कुल रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी. अब में उसके मुँह में धक्के मारने लगा. और फिर वो 5-10 मिनट तक मेरा लंड चूसने के बाद बोली कि सन्नी प्लीज अब मुझे चोद डाल. फिर मुझे भी उस पर तरस आ गया और फिर मैंने उसको दीवार के साथ चिपकाकर खड़ा किया और उसके सीधे पैर को उठाकर अपने कंधे पर रख लिया. फिर मैंने उसके हाथ में अपना लंड दिया तो उसने मेरा लंड अपनी चूत पर लगा लिया. फिर मैंने एक जोरदार धक्का मारा तो मेरे लंड का टोपा उसकी चूत में चला गया और उसकी चीख निकल गई. अब वो उस पोज़िशन से थोड़ी हिल गई तो मेरा लंड उसकी चूत में से बाहर आ गया. फिर मैंने उसे बेड पर लेटाया और खुद उसके ऊपर लेटकर उस पर अपनी पूरी पकड़ मज़बूत कर ली, ताकि इस बार, वो छूट ना सके.
फिर मैंने उसकी चूत पर लंड रखा और एक जोरदार धक्का मारा, जिससे मेरा लंड थोड़ा अंदर चला गया. तो अब उसको बहुत तेज़ दर्द हुआ और वो चिल्लाने लगी, आआआअहह कुत्ते माररररर दिया मम्मउउम्म्म्मयययययययी बाहररर निकाल, गधे की औलाद, अरे फाड़ दी मेरी चूत आआआआआआआअहह. अब वो ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी थी, लेकिन मेरी पकड़ मज़बूत होने के कारण वो छूट ना सकी. फिर वो मुझे बोलने लगी कि प्लीज सन्नी में मर जाउंगी, प्लीज बाहर निकाल, तेरा लंड बहुत बड़ा है. फिर में कुछ देर तक वैसे ही रुक गया और उसके बूब्स चूसने लगा, ताकि उसका दर्द थोड़ा कम हो जाए. अब वो सिसकियाँ लेने लगी थी और फिर 5-7 मिनट के बाद वो नीचे से धक्के लगाने लगी. मैंने भी देर ना करते हुए उसके होंठो में अपने होंठ डालकर एक ज़ोरदार धक्का और मारा और उसकी चूत में से खून निकलने लगा. अब मेरा आधा लंड उसकी चूत में अंदर चला गया था. अब वो मछली की तरह छटपटाने लगी थी, लेकिन वो कुछ कर ना सकी.
अब उसकी आँखों से आँसू आ रहे थे. फिर मैंने उसके दर्द की परवाह किए बिना 2-3 करारे शॉट लगाये और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया. अब उसकी आँखें फटी की फटी रह गई और वो बेहोश सी हो गई. फिर में एकदम से वहीं रुक गया और ज़ोर-ज़ोर से उसके बूब्स चूसने लगा. फिर कुछ देर के बाद वो होश में आई और मुझे ज़ोर-ज़ोर से पीछे धकेलने लगी, लेकिन में कहाँ रुकने वाला था. फिर मैंने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने शुरू किए और उसको चोदने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद उसे भी मज़ा आने लगा और अब वो भी जोश में चिल्लाने लगी, आआआअहह जान चोद मुझे, सन्नी ज़ोर से चोद, आआहह उूउउफफफफफफफफ्फ़, क्या लंड है जान? आज में स्वर्ग में हूँ, डार्लिंग लव यू सो मच, सन्नी, ऊऊऊहह आज अपनी बहन को चोद दे.
अब में भी उसके होंठ पर किस करने लगा. फिर उसने मुझे ज़ोर से पकड़ लिया और झड़ गई, लेकिन में अब भी उसको ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था. फिर मैंने उसको घोड़ी बनने को कहा तो वो झट से घोड़ी बन गई. फिर मैंने उसके पीछे से चूत में लंड डाल दिया और उसको ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा. तो वो फिर से चिल्लाने लगी, आआआहह सन्नी आई लव यू सो मच जान और चोद मुझे, रंडी की तरह चोद, मुझे आज पूरा मज़ा दे जान. फिर 25-30 मिनट तक चोदने के बाद मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसके ऊपर ही लेट गया. फिर रूपाली ने मुझे किस किया और थैंक यू बोला. फिर वो बोली कि उसे आज से पहले इतना मजा कभी नहीं आया और उसे तो आज ही पता चला है कि चुदाई होती क्या है.
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मुझे बूढ़े ने चोदा दोस्त की शादी में

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम ज्योति है और मैंने एक दिन थोड़ी ख़ुशी के लिए ज़िंदगी भर अपने आप में एक अज़ीब सी फीलिंग ले ली और अपनी नज़र में गिर गयी, काश वो दिन मेरी ज़िंदगी से निकल जाए, लेकिन जो समय बीत जाता है वो ख़त्म नहीं किया जा सकता, लेकिन आप लोग कहानी को पढ़े और देखे कि मैंने ऐसा क्या कर लिया था?
ये मेरी बिल्कुल सच्ची कहानी है जो एक महीने पहले हुई थी. मेरी उम्र 28 साल है और मेरी शादी को 6 महीने हुए है. में अपनी दोंस्त की शादी में अपने पति (गणेश) के साथ गयी थी और फिर रात के 9 बजे हम लोगों ने खाना खाया और दोस्त से बोली कि हम लोग जा रहे है और फिर उसने बोला कि रुक जाओ सुबह चले जाना तो गणेश बोले कि तुम रुक जाओ में सुबह तुम्हें लेने आ जाऊंगा.
फिर में रुक गयी और रात के 1 बजे मुझे नींद आने लगी तो में ऊपर सोने आ गई तो मैंने देखा कि सब रूम भरे है तो में हॉल में गयी तो हॉल में सब लोग सोए है और लास्ट में एक गद्दा खाली था और सब लोग चादर ओढ़े थे लेकिन मेरे पास कोई चादर नहीं थी. और मेरे बगल में कोई 60-62 साल का गावं का बूड़ा सोया था. फिर में वहीं लेट गयी और सो गयी. उस हॉल में ए.सी. था और मेरे बगल में कूलर चल रहा था तो वो हॉल काफ़ी ठंडा था.
फिर रात में मुझे ठंड लगी तो में उस बूढ़े की तरफ़ सरकी तो उसने मुझे अपनी चादर ओढ़ा दी और में सो गयी. अब रात में मुझे लगा कि वो बूड़ा मेरी तरफ़ चिपक गया और मुझे अपनी तरफ़ पीछे खींचकर मुझे चिपका लिया. अब मुझे उसका स्पर्श काफ़ी अच्छा लगा तो अब में भी पीछे सरक गयी और मज़े लेने लगी कि बूड़ा क्या करता है? फिर उसने मेरी जांघ पर हाथ फैरते हुए मेरी साड़ी ऊपर कर दी और मेरी कमर पर अपना पैर रख दिया और मेरा ब्लाउज खोलने लगा और मेरे ब्लाउज के हुक खोलकर निकाल दिया. अब मुझे मज़ा आ रहा था और अब मुझे उसका स्पर्श गणेश से अच्छा लग रहा था.
फिर वो मेरी ब्रा खोलने लगा और मेरा मुँह अपनी तरफ कर लिया और मुझे किस करते हुए मेरी ब्रा निकाल दी. फिर उसने मुझे अपना लंड पकड़ा दिया, वो केवल अंडरवियर में था तो अब में भी उसका लंड सहलाने लगी और उसने मेरी पेंटी निकाल दी. फिर मेरे बूब्स को चूसने लगा तो अब में एकदम मस्त हो गयी और फिर अब वो मेरे बूब्स चूसते हुए मेरी चूत पर हाथ फैरता हुआ अपनी जीभ से मेरी चूत के दाने को चाटने लगा तो अब में पागल सी हो गयी.
तभी किसी ने लाईट जला दी तो में एकदम डर गयी और फिर लाईट बंद हो गयी. फिर मेरे बगल में जगह देखकर कोई लेट गया, क्योंकि में बूढ़े से चिपक गयी थी तो मेरे बगल में जगह हो गयी थी. अब इधर में घबरा रही थी और उधर वो बूड़ा नीचे मेरी चूत को चाट-चाटकर पागल कर रहा था. फिर मेरा ध्यान मेरे ब्लाउज और ब्रा पर गया तो मुझे याद आया कि मेरी ब्रा और ब्लाउज उस बिस्तर पर है तो अब में घबरा गयी और अब मेरा मन चुदाई से हटकर मेरे कपड़ो पर गया. फिर में उस बूढ़े को हटाने लगी तो वो बोलने लगा कि रूको और मुझे पकड़ लिया. अब में फंस गयी थी और अब मुझे बेचैनी सी होने लगी.
फिर उधर वो पीछे वाला आदमी मेरी चादर में घुसने लगा और मेरी गांड पर हाथ फैरने लगा तो अब मुझे लगा कि वो समझ गया है कि बगल में क्या हो रहा है? अब मुझे लगा कि ज्योति आज तो तू मरी. फिर पीछे वाला आदमी मेरा हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखने लगा तो उसने धोती पहनी थी और फिर उसने अपनी धोती साईड में करके अपना लंड मेरे हाथ में थमा दिया. इधर वो पहले वाला बूड़ा मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगा और अपना लंड मेरी चूत पर टिकाकर अंदर करने लगा.
फिर एक दो बार तो उसका लंड फिसला, लेकिन तीसरी बार बूढ़े का लंड मेरी चूत में थोड़ा सा अन्दर घुस गया तो मेरे मुँह से आह्ह कि आवाज़ निकल गयी और में पीछे सरक गयी. फिर पीछे वाला आदमी अपना लंड मेरी गांड के छेद पर थूक लगाकर सेट करने लगा और अंदर करने लगा. अब मेरी गांड फटने लगी कि में कहाँ फंस गयी? अब मुझे पसीना आ गया था और इधर वो पहले वाला बूड़ा अपना लंड हिला-हिलाकर मेरी चुदाई करने लगा था. अब मुझे पीछे से दूसरे आदमी का डर था कि ये कौन है? और में उसका लंड मेरी गांड में नहीं घुसने दे रही थी. अब में अपनी गांड टाईट कर रही थी और वो पीछे पेलने में लगा हुआ था.
इधर मुझे लगा कि वो पहले वाला बूड़ा झड़ने वाला है तो में उसे हटाने लगी, लेकिन उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और तीन चार धक्कों में झड़ गया, अब में रोने लगी थी, क्योंकि मुझे अभी बच्चा नहीं चाहिए था और गणेश तो हमेशा कंडोम का उपयोग करते थे.
अब में इस चुदाई से परेशान होने लगी और उस बूढ़े ने अपना लंड निकालकर अपना अंडरवियर पहना और अलग हो गया. अब पीछे वाले आदमी ने मुझे दूसरी तरफ खींच लिया और चादर से बाहर कर दिया और मेरी टाँगे चौड़ी करके मेरे ऊपर आ गया और अपना लंड मेरी चूत पर रखकर अंदर करने लगा, उसका लंड बहुत मोटा था. अब मेरी चूत गीली होने के कारण उसका लंड झट से मेरी चूत में घुस गया, लेकिन वो लंबा लंड मुझे तब मालूम हुआ जब वो अंदर रुका और वो मेरे मुँह पर आकर किस करने लगा. फिर मैंने देखा कि उसने ड्रिंक किया है और वो भी बूड़ा है. अब ड्रिंक की वजह से वो अगल बगल ध्यान नहीं दे रहा था और ना ही डर रहा था. अब उसने मेरी चुदाई जोर-जोर से करनी शुरू कर दी.
अब मुझे लगा कि वो भी झड़ने वाला है तो में उसे भी हटाने लगी, लेकिन वो मुझे कसकर पकड़कर चोदने लगा. और फिर थोड़ी देर में वो मेरी चूत में झड़ गया. फिर मैंने उसे तुरंत हटाया और अपना ब्लाउज ब्रा लिया और हॉल के बाथरूम में चली गयी. फिर जब में वापस आई तो हॉल की लाईट जल रही थी और फिर वो दोनों बूढ़े मुझे देखने लगे.
फिर मैंने देखा कि वो दोनों बूढ़े बहुत गंदे थे और अब लाईट की वजह से और लोग भी आँख खोल रहे थे, इसलिए मैंने अपनी पेंटी को ढूंढना ठीक नहीं समझा और वहाँ से बाहर निकल गयी और मेरी दोस्त की माँ के पास आ गयी. अब वो मेरी सबसे बड़ी ग़लती थी, लेकिन आदमी को एक ग़लती माफ़ होती है, अभी मेरे पीरीयड हो गये है और अब सब ठीक है. में इस चुदाई का आनंद तो नहीं ले सकी, लेकिन आपको मेरी कहानी में मज़ा आया होगा.
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