सुहागरात में पहली चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सूरज है. दोस्तों में बहुत पहले से ही सेक्स करने के लिए बहुत भूखा था और मुझे जब कोई भी कहानी पढ़कर अपने खड़े लंड को चुप करना होता तो में मुठ मारकर उसको शांत कर दिया करता था, क्योंकि मैंने शुरू से ही यह बात सोच रखी थी कि में अपनी शादी से पहले कभी किसी के साथ सेक्स नहीं करूँगा और मेरा पहला सेक्स मेरी आने वाली पत्नी के साथ होगा.
दोस्तों में अब रोज़ रात को मुठ मारता था और हमेशा इस बात का इंतज़ार करता था कि मेरी शादी कब होगी? में अपनी पत्नी के साथ मेरी पहली चुदाई के सपने अब हर समय देखने लगा था और मुझे अब हर जगह बस वो प्यारी सी चूत जिसमे मेरा लंड अंदर बाहर होता हुआ दिखने लगा था और एक दिन उस भगवान ने मेरे मन की बात को सुन लिया और एक दिन मेरी सगाई हो गई और अब जब भी में शादी से पहले फोन पर अपनी पत्नी से बात करता तो में उससे सेक्स के बारे में ही बात किया करता था और वो भी मुझसे बहुत गंदी गंदी बातें किया करती थी. दोस्तों में उसे हमेशा बताता रहता कि में उसके साथ सुहगरात के दिन बहुत ही बुरी तरह से चुदाई करूंगा, लेकिन दोस्तों वो मेरी बातों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं करती थी इसलिए मैंने सोच रखा था कि मुझे उसे किस तरह चोदना था? अब आखिरकार मेरी शादी हो गई और सुहागरात की वो रात आ ही गई.
दोस्तों उस दिन सुहागरात से पहले पहले ही मैंने जोश बड़ाने की कुछ गोलियां ले ली थी जिससे सेक्स करने की शक्ति बड़ जाती है. फिर में अपने रूम में गया तो मेरी पत्नी पहले से ही चुदाई करने के लिए तैयार बैठी हुई थी, मैंने रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया. फिर में उसके पास गया और में उसे बेड पर लेटाकर उसके ऊपर लेट गया और फिर उसे किस करने लगा और ज़ोर ज़ोर से उसके होंठो को चूसने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और करीब 15 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को ऐसे ही किस करते रहे.
में उसकी जीभ को चूसता रहा और थोड़ी देर बाद मैंने उसकी साड़ी को खोल दिया अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में थी. में ब्लाउज के ऊपर से ही उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और मसलने लगा जिसकी वजह से वो सिसकियाँ लेने लगी, फिर मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और वो अब काली कलर की ब्रा में थी और उसके बूब्स इतने बड़े थे कि मुझे उन्हें झूलते हुए देखकर जोश चड़ गया और अब मैंने जानवरों की तरह उसकी ब्रा को खींचकर फाड़ दिया और फिर उसके बूब्स पर टूट पड़ा.
दोस्तों मैंने उसके दोनों बूब्स को इतने ज़ोर से दबाया कि वो पूरी तरह से लाल हो गये थे और अब में धीरे धीरे उसे किस करते हुए नीचे तक पहुंच गया. फिर मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और वो सिर्फ़ अब काली कलर की पेंटी में थी मुझसे अब रहा नहीं गया और अब मैंने उसकी पूरी पेंटी को एक ही झटके में फाड़ दिया. वो अब मेरे सामने पूरी नंगी हो गई थी और फिर मैंने देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, मैंने पूछा तो उसने मुझसे कहा कि उसे पहले से पता था कि आज उसकी चुदाई का दिन है इसलिए उसने आज ही साफ किए है.
अब में उसकी चूत पर टूट पड़ा और कुत्ते की तरह उसकी चिकनी, प्यासी, चूत को चाटने लगा और चूसने लगा. अब वो ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी और फिर दस मिनट के बाद में अपनी दो उँगलियाँ उसकी चूत के अंदर डालकर ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा, लेकिन मेरे यह सब करने के पांच मिनट बाद उससे रहा नहीं गया और उसने बेड पर अपना पानी निकाल दिया और वो झड़ गई. अब मैंने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और उससे मेरा लंड चूसने को कहा पहले तो उसने मुझसे साफ मना कर दिया, लेकिन फिर मेरे बहुत बार कहने पर वो मान गई और अब मेरा लंड चूसने लगी.
दोस्तों मेरे लंड की साईज़ 8 इंच है इसलिए उसके मुहं में मेरा लंड बहुत मुश्किल से आया और मैंने फिर उसका सर पकड़कर लंड को धक्का दे दिया और अब में ज़ोर से लंड को उसके मुहं में अंदर बाहर करने लगा जिसकी वजह से फच फच की आवाजें आने लगी. फिर मैंने उसे कुछ देर के लिए उठाया और कुछ देर बाद में उसे फिर से लेटाकर में उसके ऊपर लेट गया. फिर मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत की गहराईयों में डाल दिया जिसकी वजह से उसको बहुत दर्द हुआ और वो ज़ोर ज़ोर से चीख उठी वो आह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह प्लीज थोड़ा धीरे करो आईईईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है की आवाज़े निकालने लगी.
फिर मैंने कुछ देर उसके दर्द के कम होने का इंतजार किया और उसके बाद मैंने उसको धीरे धीरे चोदना शुरू कर दिया और अब उसकी चूत से खून टपकने लगा जिससे बेड और मेरा लंड पूरा लाल हो गया था और ज़ोर ज़ोर से फच फच की आवाज़े आने लगी और वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और रोने लगी. फिर मैंने उसकी आवाज़ को रोकने के लिए उसकी ब्रा को उसके मुहं में डाल दिया और फिर में करीब 30 मिनट तक उसे ऐसे ही लगातार चोदता रहा और अब ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसको डॉगी स्टाइल में बनाकर चोदना शुरू कर दिया. दोस्तों वो अब भी रो रही थी, लेकिन में फिर भी नहीं रुका और लगातार चोदता रहा. उसके कुछ देर बाद मैंने उसको खड़ा होकर चोदने की बात सोची और उसे खड़ा करके मैंने उसके एक पैर को ऊपर कर दिया और फिर उसे चोदता रहा. वो बेहोश होने लगी क्योंकि वो अब मेरे साथ चुदाई करते करते बहुत थक चुकी थी. फिर मैंने उसके गाल पर चार पांच थप्पड़ मारे तो तब वो होश में आई और अब में झड़ने वाला था इसलिए मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और उसके मुहं में लंड को डालकर अपना पूरा वीर्य उसके मुहं में डाल दिया.
दोस्तों उसने आज पहली बार मेरा वीर्य पिया था इसलिए उसने कुछ देर बाद उल्टी कर दी और इस तरह सुबह तक मैंने उसे करीब 6 बार थोड़ा रुक रुककर चोदा और मैंने उसकी चूत को चोद चोदकर भोसड़ा बना दिया था, लेकिन उसका रोना अब भी बंद नहीं हो रहा था औ वो लगातार रोती ही जा रही थी क्योंकि उसकी चूत में बहुत दर्द हो रहा था. फिर मैंने उसे एक दर्द कम करने की गोली दे दी जिससे वो कुछ देर बाद दर्द खत्म होने के बाद बिल्कुल शांत हो गई और सो गई. दोस्तों सुबह उससे ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था इसलिए मैंने उसे दर्द की एक और गोली दे दी और फिर उस दिन जब में सुबह तैयार होकर बाहर गया तो सब लोग मुझ पर हंस रहे थे. मैंने उनसे पूछा कि क्यों हंस रहे हो? तो उन्होंने कहा कि कल रात को तूने भाभी को छिनाल की तरह जमकर चोदा है. मैंने पूछा कि तुम्हे कैसे पता चला? तो उन्होंने मुझसे कहा कि हमारे रूम तक भाभी की रोने और चीखने चिल्लाने की आवाज़े आ रही थी और फिर में उनकी पूरी बात सुनकर वहां से भाग गया.
दोस्तों मेरी शादी के 6 महीने हुए है और एक दिन भी ऐसा नहीं गया जिस दिन मैंने उसकी ठुकाई ना की हो, रविवार को में उसे दिन में तीन बार चोदता हूँ. अब उसके बूब्स ज्यादा बड़े बड़े आकार के होकर उसकी ब्रा से बाहर आने लगे है और अब तो वो खुद हर रात को मुझसे चुदवाती है. मैंने उसे किचन में, बेडररूम में, हॉल में, बाथरूम में, छत पर और हर एक जगह उसकी चूत में अपना लंड डालकर पूरी तरह से फाड़ दिया है. दोस्तों हर सप्ताह उसकी चूत के ऊपर थोड़े थोड़े बाल आ जाते है इसलिए में हर रविवार को उसकी चूत के बालों को साफ करता हूँ और उसके दोनों निप्पल को मैंने मुहं में ले लेकर बहुत लंबे बड़े कर दिए है और उसके ब्लाउज के ऊपर से उसके निप्पल का आकार साफ साफ दिखाई देता है और जब भी घर पर कोई नहीं होता तो में उसको चोदने लगता हूँ और उसे पूरे घर में बिना कपड़ो के घुमाता हूँ और में भी अपने पूरे कपड़े उतारकर नंगा रहता हूँ. दोस्तों मैंने उसके आगे पीछे के दोनों छेद चोद चोदकर इतने बड़े कर दिए है कि उसमे अब दो लंड भी एक साथ आ जाते है.
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भाभी को दिया बर्थ-डे गिफ्ट

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम जय है और में अंबाला में रहता हूँ, लेकिन मेरा गाँव कानपुर में है. दोस्तों ये बात आज से करीब तीन साल पहले की है. में एक शॉपिंग माल में खड़ा था और उस समय में अपना मोबाइल रीचार्ज करवा रहा था. तभी वहां पर एक भाभी आई जो सफेद कलर की साड़ी पहने हुई थी और पीछे से उसकी गांड बिल्कुल टाईट थी जिसको देखकर मेरा ऐसा मन कर रहा था कि उसकी गांड को अपने दोनों हाथों से मसल दूँ और यही इसे चोद दूँ, लेकिन किसी तरह खुद को कंट्रोल किया, उसके मोबाइल में शायद कुछ समस्या थी जिसे दिखाने वो वहां पर आई थी. फिर उसने दुकान वाले से कहा कि उसके मोबाईल में आवाज़ ठीक नहीं आती और फिर उसने अपना मोबाईल नंबर उसे बताया और कहा कि वो कॉल करके देखे. तभी उसने फोन करके आवाज सुनी और अब पूरी समस्या समझ में आ गई और में पीछे खड़ा होकर उसकी सारी बातें सुन रहा था और जैसे ही उसने अपना नंबर बताया मैंने उसे अपने मोबाईल में सेव कर लिया और फिर में वहां से चला गया.
फिर कुछ देर बाद मैंने उस नंबर पर कॉल किया तो मुझे किसी औरत की आवाज़ आई जो उसी औरत की आवाज़ लग रही थी और मुझे विश्वास हो गया कि उसका नंबर सही सेव हुआ है. फिर उसके बाद में आए दिन उसे मिस कॉल मारता रहता था. शुरू में तो उसने कोई महत्व नहीं दिया, लेकिन कुछ दिनों के बाद वो मुझे मिस कॉल देने लगी और अब में समझ गया कि अब मेरा काम बन सकता है. मैंने उससे बात करना शुरू किया तो वो मुझे झूठी नाराज़गी दिखाती थी, लेकिन कॉल नहीं काटती थी और उसने मुझसे पूछा कि तुम्हे मेरा नंबर कहाँ से मिला? मैंने उसे बताया कि किस तरह मैंने उसका नंबर लिया और फिर हम लोग बात करने लगे.
दोस्तों अब वो खुद हर रोज मुझे कॉल करने लगी थी. फिर एक दिन मैंने उससे कहा कि तुम मुझे बहुत सुंदर लगती हो. तो उसने पूछा कि ऐसा अच्छा क्या है मेरे अंदर जो तुम्हे इतना अच्छा लगता है? मैंने कहा कि तुम सर से लेकर पैर तक इतनी सुंदर हो कि तुम्हे देखते ही मेरा खड़ा हो जाता है. तभी उसने मुझसे पूछा कि क्या खड़ा हो जाता है? लेकिन मैंने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया, तो उसने एक बार फिर से पूछा कि बताओ ना तुम्हारा क्या खड़ा हो जाता है? तभी मैंने कहा कि मेरा लंड तुम्हे देखकर खड़ा हो जाता है, उसने पूछा कि ऐसा क्यों?
मैंने कहा कि तुम्हारी गांड देखकर मेरा मन करता है कि में तुम्हे चोदता रहूँ. फिर उसने कहा कि ठीक है समय आने पर देखेंगे कि तुम कितना चोदते हो? और इसी तरह बात करते करते मुझे पता चला कि उसका पति दरुबाज़ है और कभी भी उसे संतुष्ट नहीं कर पाता है और उसने मुझे बताया कि मेरा पति रोज दारू पीकर घर आता है और मेरे साथ बिल्कुल भी कुछ नहीं करता, बस वो मेरी साड़ी को उठाता है और मुझे ऐसे ही छोड़कर सो जाता है, मेरे जिस्म के बारे में कुछ नहीं सोचता और मैंने ध्यान दिया है कि आज कल तो उसका लंड खड़ा भी नहीं होता हमेशा लटका हुआ मुरझाया हुआ रहता है.
फिर मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो भाभी, तुम्हारा यह देवर है ना, यह तुम्हारी सारी ज़रूरत पूरी करेगा. दोस्तों उस दिन उसने पहली बार कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और तुम बहुत अच्छे हो और बोली कि जय तुम मुझे ऐसे ही प्यार करते रहना, में तुम्हारे प्यार की बहुत भूखी हूँ. फिर मैंने कहा कि भाभी आप बिल्कुल भी चिंता मत करो. में हमेशा आपका ऐसे ही प्यार के साथ ख्याल रखूंगा.
दोस्तों फिर एक बार की बात है में बस स्टॉप पर खड़ा हुआ बस का इंतजार कर रहा था और में जैसे ही बस में चड़ा तो मैंने देखा कि वो भाभी भी उस बस में पहले से ही बैठी हुई थी और मैंने उसे देखकर स्माईल दी तो उसने भी स्माईल देकर जवाब दिया और फिर में उनके पास में जाकर चिपककर बैठ गया और फिर मैंने अपना एक हाथ उसके पेट के पीछे से घुमाकर उसकी कमर पर रख दिया. उस दिन उसने नीले कलर का सूट पहना हुआ था और फिर जैसे ही मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा तो उसने अपनी चुन्नी से मेरा हाथ ढक दिया और फिर क्या था? मैंने तुरंत अपना हाथ उसके सूट के अंदर डालकर उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को पकड़ लिया. वाह दोस्तों क्या बूब्स था उसका, इतना बड़ा कि मेरे हाथों में नहीं आ रहा था और मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया दोस्तों उसके इतने टाईट बूब्स थे कि बस आप पूछो ही मत और वो भी अब धीरे धीरे सिसकियाँ लेने लगी आआहह ऊऊओह आईईईई और मुझसे चिपककर बैठ गयी.
फिर मैंने अपने हाथों से उसकी सलवार का नाड़ा खोला जिससे सलवार थोड़ी ढीली हो गयी और अब में उसकी चूत में उंगली करने लगा वो थोड़ी देर तो मज़े लेती रही, लेकिन फिर अचानक से उसने मेरा हाथ ज़ोर से झटका देकर हटा दिया और कहा कि यहाँ पर नहीं. फिर मैंने कहा कि ठीक है जैसा तुम चाहो, फिर उतरते वक़्त मैंने उससे पूछा कि क्यों कैसा लगा? तो उसने मुझे जवाब देने की जगह उल्टा मुझसे पूछा कि तुम्हे कैसा लगा?
मैंने कहा कि मुझे तो बहुत मज़ा आया और फिर उसने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि तुमसे ज़्यादा मुझे मज़ा आया और उसके बाद हम लोगों ने उसी दिन से फोन सेक्स करना शुरू कर दिया और जब उसका पति घर पर नहीं होता वो मुझे कॉल करती और में उससे कहता कि अपनी चूत में उंगली डालकर मुझे याद करो और वो अपनी उंगली को चूत के अंदर डालकर ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगती जिसे सुनकर में भी उसके नाम की मुठ मारता और फिर में बहुत बेसब्री से इंतज़ार करता कि वो मौका कब आएगा जब में इस भाभी की चूत की खुजली अपने लंड से मिटाऊंगा और फिर आख़िर थोड़ा इंतजार करने के बाद वो दिन आ ही गया जिसका मुझे बड़ी बेसब्री से इंतजार था और वो दिन था उसका जन्मदिन.
उस दिन सुबह ही मैंने उसे कॉल किया और उसे जन्मदिन की मुबारकबाद दी और उससे पूछा कि बताओ भाभी तुम्हे क्या चाहिए? तो उसने कहा कि जो में तुमसे माँगूंगी क्या वो तुम मुझे दोगे? तो मैंने कहा कि भाभी सब कुछ आप ही का है बेझिझक माँग लो, तो उसने कहा कि पहले एक बार सोच लो क्योंकि आज मेरा जन्मदिन है और में जो तुमसे माँगूंगी तुम्हे वो मुझे देना पड़ेगा? तो मैंने कहा कि भाभी आप माँगो में तैयार हूँ तो उसने कहा कि अगर ऐसा है तो तुम 1/2 घंटे में तैयार होकर पास वाले बस स्टॉप पर आ जाओ. मैंने कहा कि ठीक है और में समझ रहा था कि आज यह मुझसे चुदकर ही रहेगी. में नहाया और तैयार होकर मैंने पास के मेडिकल स्टोर से एक कंडोम का पेकेट ले लिया और बस स्टॉप पर जाकर उसका इंतजार करने लगा.
अब में इंतजार कर ही रहा था कि तभी एक ऑटो मेरे पास आकर रुका तो में एकदम हैरान हो गया और मैंने देखा कि उसमे मेरी हेमा भाभी बैठी हुई थी. उसने मुझे इशारा करके अंदर बुलाया और में अंदर चला गया और फिर ऑटो चल दिया. फिर उसने मुझे बताया कि आज का दिन वो मेरे साथ किसी होटल में बिताना चाहती है.
दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर मेरी तो ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा मैंने कहा कि ठीक है और ऑटो को एक होटल के पास रुकवाया और उस होटल में एक ए.सी. रूम बुक करवाया, रूम की चाबी लेकर हम लोग रूम की तरफ चले गए और जैसे ही हम लोग अंदर घुसे तो उसने तुरंत दरवाजे की कुण्डी लगा दिया और मुझसे लिपटकर कहने लगी कि जय प्लीज आज मेरी प्यास बुझा दो, में बहुत दिनों से प्यासी हूँ और वो मुझे कसकर चूमने लगी. फिर जब मैंने देखा कि यह तो बहुत जोश में है तो मैंने भी उसे कसकर अपनी बाहों में भर लिया और उसके होठों को ज़ोर से चूसने लगा.
फिर उसके पीछे जाकर उसके गले और गालों पर किस करने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स को पकड़ लिया और अपना दूसरा हाथ उसकी चूत पर रखकर उसकी चूत को मसलने लगा. अब वो मेरी बाहों में बिन पानी की मछली की तरह छटपटाने लगी और फिर बेड पर बैठकर मुझे अपनी तरफ़ खींच लिया और उसने अपना सूट उतारकर फेंक दिया और अपनी ब्रा को भी उतार दिया.
फिर मुझे उसका यह जोश देखकर बड़ी ख़ुशी हो रही थी और मैंने भी अपनी शर्ट को उतार दिया और उसके ऊपर लेटकर उसके बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा और तब मुझे बड़ी ख़ुशी हुई जब मैंने यह देखा कि उसके तो बूब्स से दूध भी आता है में उसकी एक चूची को हाथ में लेकर ज़ोर से दबाने लगा और दूसरी चूची को मुहं में भरकर पके आम की तरह चूसने लगा वो ज़ोर ज़ोर से सिसकने लगी और मुझसे कहने लगी कि हाँ चूसो जय और ज़ोर ज़ोर से चूसो आज मेरे दोनों दूध खाली कर दो, चूसो इन्हे कस कसकर चूसो.
दोस्तों करीब 1/2 घंटे उसके बूब्स को चूस चूसकर मैंने एकदम लाल कर दिया और फिर मैंने उसकी सलवार का नाड़ा भी खोल दिया और उसकी सलवार को उतार दिया और उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को चूसने लगा उफ़फ्फ़ क्या खुशबू थी उसकी चूत की, मुझे तो उसकी चूत का जैसे नशा सा हो गया और फिर उसने मुझसे कहा कि तुमने मेरी चूत तो देख ली, लेकिन तुम अपना लंड कब दिखाओगे?
फिर मैंने कहा कि यह अब तुम्हारा ही है मेरी जान तुम खुद ही देख लो, वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर मुस्कुराने लगी और फिर उसने मेरी पेंट को उतार दिया और मेरी अंडरवियर को भी उतार दिया और वो मेरे 6.5 इंच के लंड को देखकर बहुत खुश हो गई और अब वो मुझसे कहने लगी कि मेरे पति का लंड तो सिर्फ़ 3 इंच का है, आज पहली बार तुम्हारा लंड खाकर तो मेरी चूत तृप्त हो जाएगी और फिर वो लंड को अपने दोनों हाथों से आगे पीछे करने लगी और मुहं में लेकर लॉलीपोप की तरह चूसने लगी. दोस्तों मेरे लंड के साथ ऐसा करते ही मेरा तो दिमाग़ खराब हो रहा और में मन ही मन सोच भी रहा था कि क्या कोई इंडियन भाभी इतनी जोशीली भी हो सकती है? उसके बाद हम 69 पोज़िशन में आ गये और मैंने अपना लंड उसके मुहं में दे दिया और अपना मुहं उसकी चूत पर रखकर चाटने लगा.
दोस्तों भाभी और औरतों की चूत चाटना मुझे बहुत अच्छा लगता है और करीब 15 मिनट तक लगातार अपनी चूत चटवाने के बाद वो झड़ने लगी और उसने मेरे चेहरे को अपनी जांघो के बीच में दबा लिया और में उसके बाद उसकी चूत के पास आकर बैठ गया और अपना लंड उसकी चूत पर मारने लगा वो उछलने लगी और उसने मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत पर रख लिया.
मैंने जैसे ही अपना लंड धीरे से धक्का देकर उसकी चूत में डाला तो उसके मुहं से आहहह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह निकल गयी और मैंने पूछा कि क्या हुआ? उसने कहा कि कुछ नहीं, तुम रूको मत, अपना पूरा लंड घुसेड दो मेरी चूत में और आज फाड़ दो इसको, बहुत खुजली है इसमें आज मिटा दो इसकी सारी खुजली. फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया तो एकदम से उछल पड़ी और छटपटाने लगी, लेकिन फिर थोड़ी देर छटपटाने के बाद वो बिल्कुल शांत हो गई तो में समझ गया कि अब यह अपनी चुदाई के लिए तैयार है और मैंने जोरदार झटके उसकी चूत में लगाने शुरू किए.
तभी वो मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरे होंठो को अपने होठों में लेकर चूस रही थी और उसके बाद मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा तो वो मुझसे मुस्कुराकर बोली कि तुम आज मुझे क्या क्या बनाओगे? तो मैंने उससे कहा कि मेरी जान जो में बनाता हूँ बस तुम बनती जाओ और तभी तुम्हे चुदाई का असली मज़ा आएगा और फिर वो घोड़ी बन गयी.
मैंने पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डाला तो वो अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी. अब मैंने कस कसकर उसकी चूत पर धक्के लगाना शुरू किया और वो ज़ोर ज़ोर से आआआहह ऊऊहहह्ह्ह्हह आईईईीस्स्शह कर रही थी और में लगातार झटके लगाए जा रहा था. फिर करीब 15 मिनट तक उसे ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसे सीधा लेटाकर उसके दोनों पैर अपने कंधे पर रख लिए जिसकी वजह से उसकी चूत एकदम टाईट हो गई और फिर मैंने उसकी चूत में अपना लंड जबरदस्ती घुसा दिया और उसे चोदना शुरू किया और करीब 15 मिनट लगातार चोदने के बाद वो झड़कर एकदम निढाल हो गयी, लेकिन में अभी भी पूरे जोश में था इसलिए में ताबड़तोड़ धक्के देकर उसे चोदता रहा और करीब दस मिनट उसे चोदने के बाद मैंने 15-20 धक्के बहुत उछल उछलकर मारे और मेरे हर एक धक्के के साथ वो आअहह उह्ह्ह्हह्ह ससउउम्म्म्ममह ऊऊऊहह कर रही थी.
15-20 झटकों के बाद में झड़कर उससे चिपककर उसके ऊपर ही लेट गया और फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद मैंने उससे कहा कि क्यों एक बार और हो ज़ाये? तो वो तुरंत ही तैयार हो गई और वो मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर आगे पीछे करने लगी और फिर उसे मुहं लेकर धीरे धीरे चूसने लगी. उसके चूसने का स्टाईल बड़ा ही ग़ज़ब का था और करीब पांच मिनट चूसने के बाद मेरा लंड एक बार फिर से लोहे के समान तनकर खड़ा हो गया और वो अपनी चूत को मसलते हुए बोली कि हाँ आ जाओ मेरी रानी तैयार है जंग के लिए, लेकिन इस बार तुम कंडोम नहीं लगावोगे और में बिना कंडोम के तुम्हारे लंड से अपनी चूत मरवाना चाहती हूँ.
फिर मैंने कहा कि मेरे लिए इससे अच्छा और क्या हो सकता है? और अब मैंने बिना कंडोम के अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और वो मुझे पलटकर मेरे ऊपर आ गई और मेरे ऊपर बैठकर मेरे लंड पर उछलने लगी और में भी अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स को मसलने लगा और अब उसके दूध की धार मेरे सीने पर गिरने लगी, दोस्तों में आपको क्या बताऊँ कि वो क्या मस्त अनुभव था? में उसे शब्दों में भी नहीं बता सकता. वो करीब 15 मिनट तक लगातार मेरे ऊपर उछलती रही और फिर थककर नीचे आ गई.
मैंने उसे अपनी गोद में उठाकर दीवार के सहारे खड़ा किया और उसके एक पैर को अपने हाथ में पकड़कर उसकी चूत में अपना लंड घुसेड़कर उसकी जोरदार चुदाई करने लगा. दोस्तों वो मुझसे चुदते वक़्त अपने एक पैर पर खड़ी नहीं हो पा रही थी और बार बार लड़खड़ा रही थी, लेकिन में उसे संभाले हुए था और कस कसकर उसे धक्के देकर चोद रहा था और वो कह रही थी कि शाबाश जय शाबाश तुमने आज मुझे चुदाई का असली मज़ा दिया है, अब मुझे जब भी मौका मिलेगा में तुमसे ही चुदवाउंगी तुम चोदो और ज़ोर से चोदो, आज दिखा दो अपने लंड का ज़ोर, हाँ ज़ोर से धक्का दो थोड़ा और अंदर डालो.
दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनते ही मैंने जोश में आकर उसे घोड़ी बनाया और पागलों की तरह ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसे चोदने लगा, लेकिन थोड़ी ही देर में वो झड़कर एकदम शांत हो गई और पांच दस मिनट उसकी चूत मारने के बाद में भी उसकी चूत में ही झड़ गया और हम बहुत देर तक एक दूसरे से चिपककर नंगे एक दूसरे की बाहों में लेटे रहे. फिर उसने अपने कपड़े पहने और मेरे होठों पर किस करके अपने इस जन्मदिन के गिफ्ट के लिए मुझसे धन्यवाद कहा.
मैंने उनसे कहा कि भाभी आप धन्यवाद बोलकर मुझे शर्मिंदा मत करो. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम इस धन्यवाद के हकदार हो क्योंकि तुमने मुझे आज वो दिया है जिसके लिए में बहुत सालों से तड़प रही थी और आज से तुम जब भी चाहो मुझे चोद सकते हो, तुम आज से मेरी इस चूत के असली मालिक हो. दोस्तों उसके बाद हम अपने अपने घर पर चले गए, लेकिन अब भी कई दिनों तक हमारी चुदाई का खेल चलता रहा और मैंने उसको करीब आठ महीने तक बहुत बार चोदा और अब उसके पति का तबादला कहीं और हो गया है और अब वो मुझसे जुड़ी हुई नहीं है.
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दो परिवारों की सेक्स कहानी

हैल्लो दोस्तों, आज की कहानी कुछ अलग है और यह दो परिवार की कहानी है और में आशा करता हूँ कि यह कहानी आपको जरुर पसंद आएगी. यह कहानी एक छोटे से शहर की है जो कि दो जोड़ो के बीच हुई एक अंजान चुदाई है, हितेश और उसकी पत्नी संजना, आशीष और उसकी पत्नी दिव्या के बीच की है.
दोस्तों हितेश और संजना उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रहते है और उनकी लाईफ बिल्कुल सही चल रही थी और हितेश ब्यौर में काम करता है तो उसकी वाईफ घर पर रहती है. हितेश अपनी पत्नी को बहुत प्यार करता है और संजना भी उससे उतना ही प्यार करती है, लेकिन जिस तरह से एक आदमी की भूख सिर्फ़ प्यार ही नहीं होती तो उसी तरह हितेश भी था, उसे भी जिस्म की भूख थी और ऐसी कि जो सिर्फ़ एक जिस्म पूरा नहीं कर सकता था और हमेशा हितेश चाहता था कि वो ग्रूप सेक्स करे, लेकिन वो डरता था कि इससे उसके जीवन में बहुत मुश्किलें आ सकती थी और वो अपनी बीवी के साथ ग्रूप सेक्स करना चाहता था, लेकिन वो चाहकर भी ऐसा नहीं कर पा रहा था, क्योंकि संजना एक बहुत ही शरीफ़ और भगवान को मानने वालों में से थी और वो यह सब बिल्कुल ग़लत मानती थी और हितेश को यह बात पता थी.
हितेश अपने दिल की इस इच्छा को कई हद तक मार चुका था और इस बीच एक दिन हितेश को पता चला कि उसे किसी काम से इंदौर जाना पड़ रहा है और उसे करीब तीन चार महीने लगेंगे, उसने संजना को भी यह सब बताया और दो दिन बाद वो इंदौर के लिए निकल पड़ा. फिर वहां पर जाकर उसने ऑफिस जाकर देखा और अपना काम करने लगा. एक दिन जब वो शाम को अपने ऑफिस से घर पर आ रहा था तो एक आदमी ने उसे पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा कि और आशीष क्या हाल है? हितेश उसकी यह बात सुनकर एकदम चकित हो गया और फिर उसने कहा कि भाई साहब आपको कोई ग़लत फहमी हुई है और मेरा नाम हितेश है.
फिर वो आदमी बोला कि में मज़ाक कर रहा हूँ और अब उसने मज़ाक में हितेश को गाली दे दी तो हितेश भड़क गया और उससे झगड़ा करके वहां से चला गया. फिर जब वो अपने रूम पर पहुंचा तो इस बारे में सोचने लगा और फिर उसे लगा कि हो ना हो मेरी ही शक्ल का एक और आदमी जिसका नाम आशीष है और वो इस शहर में रहता है. फिर हितेश सोचने लगा कि क्या यह आशीष नाम का बंदा क्या सही में मेरे जैसा ही दिखता है और अब हितेश के मन में भी उससे मिलने की इच्छा होने लगी. फिर हितेश ने इस बात को कुछ देर सोचकर अपने दिमाग से निकाल दिया, लेकिन कुछ दिनों के बाद वही आदमी उसे दोबारा दिखाई दिया और हितेश उसके पास चला गया और उससे पूछा कि और आप कैसे हो? तो उस आदमी ने थोड़ा नाराज़ होते हुए कहा कि क्यों उस दिन तो मुझे पहचानने से भी इनकार कर रहे थे तो फिर आज कैसे पहचान लिया?
हितेश : यार प्लीज मुझे माफ़ करना और उस दिन मेरा दिमाग़ थोड़ा खराब हो गया था, मेरे एक बॉस ने मेरी गांड में डंडा कर रखा है तो उस चक्कर में तुम पर गुस्सा निकल गया.
वो आदमी : चल कोई बात नहीं यार तू भी ऐसे उदास हो जाता है, चल अब हम कोल्ड ड्रिंक पीते है.
हितेश : कोल्ड ड्रिंक पीते हुए हितेश ने उससे कहा कि भाई मैंने तुम्हे एक मैसेज किया था तो तुमने उसका कोई जवाब नहीं दिया?
वो आदमी : लेकिन मुझे तो तुम्हारा ऐसा कोई मैसेज नहीं मिला ( और अब वो अपना मोबाईल बाहर निकालकर उसमें मैसेज दिखाने लगा. )
हितेश : क्यों दिखा? ( तो हितेश ने उसका मोबाईल लेकर आशीष का एक मैसेज खोला और उसका मोबाईल नंबर मन ही मन याद कर लिया. ) हाँ यार पता नहीं क्यों नहीं पहुंचा?
फिर हितेश वहां से चला गया और अपने रूम पर आकर उसने उस नंबर की सभी जानकारियां निकलवाई और वो उसी काम को करता था तो उसे जानकारी निकालने में ज्यादा समस्या नहीं हुई और अब उसे आशीष के बारे में सब कुछ पता चल गया. दोस्तों आशीष एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था, उसकी एक पत्नी है और जिसका नाम दिव्या है, उनकी शादी को तीन साल हुए है और हितेश को उसके घर का भी पता चल गया था.
अगले दिन उसने आशीष को फोन लगाया और उससे मिलने की बात कही तो आशीष मान गया और उसके अगले दिन वो एक होटल में मिले, हितेश वहां पर पहले ही पहुंच गया था और जब आशीष ने उसे देखा तो वो एकदम आशचर्यचकित हो गया और वो कहने लगा कि तुम तो एकदम मेरे जैसे ही लग रहे हो और मुझे ऐसा लग रहा है जैसे में कोई आईना देख रहा हूँ.
हितेश : हाँ मुझे भी बिल्कुल ऐसा ही लग रहा है.
आशीष : लेकिन तुम्हे यह कैसे पता कि में तुम्हारे जैसा ही दिखता हूँ?
फिर हितेश ने आशीष को उस दिन वाली वो बात उसे पूरी विस्तार बता दी और उस दिन से वो दोनों एक बहुत अच्छे दोस्त हो गये, जाने से पहले हितेश ने आशीष को कहा कि तुम इसके बारे में किसी को कुछ नहीं कहना, हम लोगो को बेवकूफ़ बनाएँगे. फिर आशीष उसकी यह बात मान गया. फिर आशीष और हितेश गहरे दोस्त बन गये थे. एक दिन हितेश ने आशीष को खाना खाने के लिए अपने घर पर बुलाया और उन दोनों ने साथ में बैठकर बहुत दारू पी और बहुत मस्ती भी की और सेक्स के बारे में भी बातें की और ब्लूफिल्म भी देखी और ब्लूफिल्म देखते देखते आशीष, हितेश से बोला.
आशीष : यार हितेश यह ग्रूप सेक्स में कितना मज़ा आता होगा ना?
हितेश : भाई मुझे तो बिल्कुल भी पता नहीं, क्योंकि मैंने तो कभी ऐसा किया ही नहीं.
आशीष : भाई हम अगली बार एक रंडी लेकर आते है. फिर हम मिलकर उसके मजे लेंगे.
हितेश : हाँ ठीक है भाई हम दोनों उसके साथ मस्त मज़े करेगे.
आशीष : ( फिर दुखी होकर बोला ) भाई में तो अपनी जिन्दगी से बहुत दुखी हो गया हूँ और मेरा मन करता है कि में कहीं भाग जाऊँ, यह दुनिया अब मुझे काटने को दौड़ती है.
हितेश : हाँ भाई मेरा भी यही हाल है.
फिर वो दोनों सो गए और अगले दिन रविवार था तो दोनों को ऑफिस जाने की कोई टेंशन नहीं थी, सुबह वो दोनों थोड़ा देर से उठे और फिर बातें करने लगे. फिर हितेश ने कहा कि यार रात को तुम्हे बहुत नशा हो गया था, क्या हुआ लाईफ में सब कुछ ठीक तो है ना? आशीष ने कहा कि नहीं यार में अब इस लाईफ से बहुत पक गया हूँ और इस लाईफ से कुछ दिनों की छुट्टी चाहता हूँ.
हितेश ने कहा कि मेरे पास एक आइडिया है जिससे तू अपनी लाईफ से छुट्टी ले सकता है? तो आशीष ने कहा कि भाई मुझे मरना नहीं है. फिर हितेश ने कहा कि नहीं यार देख हम दोनों अपनी लाईफ एक दूसरे से बदल लेते है क्यों तू इस बारे में क्या कहता है?
आशीष को हितेश की यह बात बहुत अच्छी लगी, लेकिन उसने एक शर्त रखी कि हितेश उसकी पत्नी को हाथ नहीं लगाएगा और हितेश ने भी यह आशीष को कहा कि वो उसकी पत्नी को हाथ नहीं लगाएगा और वो दोनों मान गए.
फिर हितेश ने कहा कि उसको चार पाँच दिन में वापस देहरादून जाना है तो वो साथ चलने के लिए तैयार रहे. फिर कुछ दिनों के बाद हितेश ने आशीष को रेलवे स्टेशन पर बुलाया और उसे सब कुछ समझा दिया और आशीष ने भी उसे सब कुछ समझा दिया कि घर कैसा है कितने रूम है और प्यार से वो अपनी पत्नी को क्या कहता है और सारी बातें. फिर वो दोनों पब्लिक बाथरूम में गये और उन्होंने अपने कपड़े और बाकी की चीज़े बदल ली आईडी पास और बाकी चीज़े. फिर वहां से आशीष देहरादून के लिए निकल गया और हितेश, आशीष के घर के लिए.
दोस्तों अब हितेश यह बात सोच रहा था कि वहां पर क्या होगा? हितेश जो अब आशीष बन चुका था और आशीष के घर पर पहुंच गया और फिर उसने घंटी बजाई, दिव्या ने दरवाज़ा खोला तो हितेश दिव्या को देखता ही रह गया और वो क्या एकदम गोरी चिट्टी और उसकी लम्बाई करीब 5.6 होगी और उसके मस्त उभरे हुए बूब्स, पतली कमर और मस्त गांड थी, उसका फिगर करीब 34-30-36 होगा और जिसने हितेश के होश बिल्कुल ही उड़ा दिए थे. फिर हितेश को वहीं पर खड़ा हुआ देखकर दिव्या ने उससे कहा कि अंदर भी आओगे या वहीं पर खड़े रहोगे? और तब हितेश को होश आया और अंदर जाते जाते उसे आशीष की वो शर्त याद आ गयी. ( तुम मेरी बीवी को हाथ नहीं लगाओगे )
दिव्या : क्या बात है आप आज बड़ी जल्दी आ गए?
हितेश : हाँ वो आज काम थोड़ा जल्दी खत्म हो गया था तो में जल्दी आ गया.
दिव्या : आप फ्रेश हो जाए और में आपके लिए चाय और नाश्ता बना देती हूँ.
हितेश : हाँ ठीक है.
फिर हितेश बेडरूम में ना जाकर लिविंग रूम की तरफ जाने लगा तो दिव्या ने उससे कहा कि आप वहां पर कहाँ जा रहे है? तभी हितेश को होश आया और उसने बात को संभालने के लिए कहा कि वो कल मैंने एक फाइल रखी थी तो में वही ढूँढ रहा हूँ. फिर दिव्या ने कहा कि आप उसे बाद में ढूँढ लेना, पहले फ्रेश हो जाओ और अब हितेश ने थोड़ा ध्यान से पूरे घर को देखा और फिर बेडरूम में चला गया और कपड़े बदलकर बाथरूम में फ्रेश होने चला गया, वहां पर उसने देखा कि दिव्या की ब्रा, पेंटी पढ़ी हुई थी और अब हितेश अपने आपको रोक नहीं पाया और उसने दिव्या की पेंटी और ब्रा को हाथ में लेकर महसूस करने लगा और अब उसका नज़रिया बदलने लगा तो वो दिव्या के साथ सेक्स करने के बारे में सोचने लगा, लेकिन वो यह बात सोचकर भी डरता था कि कहीं आशीष भी उसकी पत्नी के साथ चुदाई ना कर दे?
फिर उसे लगा कि वो भी कौन सा दूध का धुला होगा जो वो मेरी बीवी को नहीं चोदेगा और फिर यह बात सोचकर हितेश ने दिव्या की पेंटी को सूँघा और फिर वहीं पर रख दी और फ्रेश होकर वो वापस बेडरूम में आ गया, जहाँ पर दिव्या चाय और नाश्ता लेकर उसका इंतज़ार कर रही थी और वहां पर बैठकर वो दोनों चाय पी रहे थे और दिव्या अपनी कुछ बात बता रही थी, लेकिन हितेश का पूरा ध्यान तो दिव्या के उस जिस्म पर लगा हुआ था. दिव्या ने उस समय बड़े गले की ढीली मेक्सी पहनी हुई थी, जिसकी वजह से उसकी छाती साफ साफ दिख रही थी और वो चाय की चुस्की के साथ साथ उसे निहार रहा था.
तभी दिव्या ने पूछा कि है ना? तो हितेश ने कहा कि हाँ सही बात है, अब उनकी चाय खत्म हो गई थी और वो अब वहां से उठकर किचन में खाना बनाने के लिए चली गई और हितेश वहीं पर बैठा हुआ टी.वी. देखने लगा, लेकिन उसका पूरा ध्यान तो अब भी दिव्या पर ही था और वो सोच नहीं पा रहा था कि कहाँ से शुरू करूं? फिर रात का ख़ाना खाकर वो लोग सोने की तैयारी करने लगे और हितेश अपने आपको बहुत काबू में रखते हुए सोने लगा, लेकिन अब उसकी आखों में नींद कहाँ आनी थी?
रात को करीब बारह बजे उससे जब रहा नहीं गया तो वो उठकर दिव्या के बदन को देखने लगा, उस समय दिव्या पीठ के बल सोई हुई थी तो उसकी सासों के साथ साथ उसके बूब्स भी लगातार ऊपर नीचे हो रहे थे, जो कि हितेश को और भी पागल बना रहे थे. अब उसने बहुत आराम से उसकी मेक्सी के ऊपर के तीनों बटन खोल दिए, दिव्या ने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई था ( दोस्तों अधिकतर औरतें सोते समय अपनी ब्रा उतार देती है ) और अब हितेश के सामने उसके बूब्स बेपर्दा हो गये थे और जिसकी वजह से हितेश उन्हें बहुत आराम से देख पा रहा था और अब हितेश ने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और धीरे धीरे बूब्स को सहलाने, दबाने लगा और उसे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था. तभी दिव्या ने नींद में कहा कि आप यह क्या कर रहे है? हितेश ने तुरंत अपना हाथ उसके बूब्स से हटा लिया.
फिर दिव्या ने उससे कहा कि प्लीज आप मुझे सोने दीजिए ना और यह कौन सा टाईम है? प्लीज कल कर लेना. फिर हितेश को एहसास हुआ कि वो तो अब आशीष है जो यह बात सोचकर बहुत खुश होकर उठकर बाथरूम में चला गया और मुठ मारकर दिव्या के साथ लिपटकर सो गया.
फिर अगले दिन जब हितेश सोकर उठा तो उसने देखा कि तब तक दिव्या उठ चुकी थी और वो उसके लिए चाय बनाकर ले आई और अब वो उससे कहने लगी कि उठ गये आप, क्या बात है रात को बड़ा प्यार आ रहा था? हितेश ने तुरंत दिव्या का एक हाथ पकड़कर उसे अपने पास खींच लिया और उससे कहा कि क्या में अब तुमसे प्यार भी नहीं कर सकता? और वो दिव्या की गर्दन पर किस करने लगा. फिर दिव्या ने कहा कि छोड़िये आप भी ना सुबह सुबह क्या बात है आज कल जनाब के मिज़ाज़ थोड़े बदले बदले है और वो इतना कहकर वहां से चली गई.
दोस्तों उस दिन रविवार था तो उसे कोई काम नहीं था और नाश्ता करने के बाद हितेश को रात की बात याद आई और वो तुरंत उठकर सीधा अब किचन में चला गया और उसने दिव्या को पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर किस करने लगा. फिर दिव्या ने कहा कि कल से देख रही हूँ जनाब बड़े आशिकाना हो रहे है क्या बात है? तो हितेश ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं बस ऐसे ही मुझे तुम पर प्यार आ रहा था और अब वो उसे अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में ले जाने लगा तो दिव्या ने कहा कि यहाँ खाना कौन बनाएगा? और जब वो कह रही थी तो उसने उसे किस करना शुरू कर दिया और अब दिव्या भी धीरे धीरे गरम होने लगी थी.
दिव्या को उसने बेड पर लेटा दिया और फिर वो उसके ऊपर लेट गया और उसके पूरे बदन पर किस करने लगा और अब उसने दिव्या की मेक्सी को उतार दिया और दिव्या के बूब्स को किस और सक करने लगा, जिसकी वजह से दिव्या पूरी तरह से धीरे धीरे गरम हो रही थी. अब हितेश उसकी पेंटी की तरफ गया और उसने उसकी पेंटी को एक ही जोरदार झटके में उतार दिया और वो उसकी चूत को चाटने लगा.
फिर दिव्या ने कहा कि यह आप क्या कर रहे है? तो हितेश ने कहा कि इससे सेक्स करने में ज्यादा मज़ा आता है तो दिव्या को उसके मुहं से यह सब सुनकर बहुत अजीब सा लगा, लेकिन वो उस समय अंदर ही अंदर कामवासना की आग में जल रही थी तो इसलिए उसने कुछ भी नहीं कहा. अब हितेश उसकी चूत को चाट रहा था और फिर वो अपने पूरे कपड़े उतारकर दिव्या के ऊपर चढ़ गया और उसने अपना लंड दिव्या की चूत पर लगाकर एक ज़ोर का झटका मारा और अपना आधे से ज्यादा लंड दिव्या की चूत में उतार दिया और उस दर्द की वजह से दिव्या एकदम से सिहर कर रह गयी और फिर एक और जोरदार झटके के साथ हितेश का पूरा लंड दिव्या की चूत में था. अब हितेश ने लगातार झटके मारने चालू किए और पूरे कमरे में पच फच पछ और दिव्या के चीखने, चिल्लाने की आवाजे गूंजने लगी तो वो कुछ देर के धक्कों के बाद चूतड़ को उठा उठाकर अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी, लेकिन कुछ देर की चुदाई के बाद दिव्या का पूरा शरीर अकड़ने लगा और वो झड़ गई, जिससे उसकी चूत और फिसलन भरी हो गयी.
अब हितेश का लंड और भी तेज़ी के साथ आगे पीछे जाने लगा और हितेश ने भी अपनी धक्कों की रफ़्तार को बढ़ा दिया था और वो भी कुछ ही देर में उसकी चूत में झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया. फिर दिव्या ने उससे कहा कि आज कल आप बहुत जोश में आकर सेक्स करने लगे हो? और अब हितेश उसे किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा और उसे एक बार फिर से चुदाई के लिए गरम करने लगा. फिर दिव्या ने कहा कि प्लीज अब छोड़ो भी, लेकिन हितेश नहीं रुका और वो दिव्या को लगातार किस करता रहा और उसने दिव्या को अब पेट के बल लेटा दिया और वो उसकी कमर को किस करने लगा और उसकी गांड को दबाने लगा, उसकी गांड में उंगली करने लगा. तभी दिव्या को यह सब बहुत अजीब लगा, क्योंकि आशीष कभी भी उसकी गांड को हाथ नहीं लगाता था और आज पहली बार उसकी गांड को कोई छू रहा था. फिर दिव्या ने तुरंत उससे कहा कि आप यह क्या कर रहे हो, प्लीज वहां पर मत करिए, लेकिन अब हितेश उसकी कहाँ सुनने वाला था? और वो उसके ऊपर लेट गया और दिव्या उससे बार बार मना करती रही नहीं वहां नहीं प्लीज प्लीज, लेकिन हितेश पर तो एक हवस सवार थी.
फिर उसने अपने लंड पर थूक लगाकर उसकी गांड के मुहं पर अपना लंड लगाकर एक जोरदार झटका मारा, लेकिन लंड फिसल गया और दिव्या ने इससे पहले कभी गांड नहीं मरवाई थी तो इसलिए वो चिल्लाने लगी. फिर हितेश ने उससे कहा कि प्लीज जानू मुझे आज बस एक बार करने दो इसके बाद में कभी नहीं करूँगा, लेकिन दिव्या मना करने लगी और हितेश ने इस बार दोबारा अपना लंड गांड पर लगाकर एक ज़ोरदार झटका मारा और इस बार उसके लंड का सुपाड़ा दिव्या की गांड में था तो उस दर्द की वजह से दिव्या की चीख उसके मुहं में ही अटक गई और इस बीच हितेश ने एक और झटका मार दिया, जिसकी वजह से उसका आधे से ज्यादा लंड दिव्या की गांड में जा चुका था और उसकी गांड पूरी तरह से फट गई थी और अब उसकी गांड से खून भी निकलने लगा था और जिसकी वजह से दिव्या बेहोश सी होने लगी थी और दर्द के मारे उसकी आखों से आँसू बह रहे थे.
फिर हितेश ने थोड़ा रुककर झटके मारने शुरू किए. कुछ देर बाद उसके हल्के हल्के धक्कों के साथ अब दिव्या भी अपनी गांड में उसके लंड के मज़े लेने लगी, लेकिन ज्यादा जोश में होने की वजह से कुछ ही देर बाद हितेश उसकी गांड में ही झड़ गया और थककर उसके ऊपर ही लेटा रहा और उसकी गर्दन पर किस करता रहा. फिर हितेश ने दिव्या से बोला कि प्लीज तुम मुझे माफ़ कर दो. फिर दिव्या ने कहा कि आपने मेरे साथ ऐसा जबरदस्ती वाला काम क्यों किया और आप तो मेरे साथ कभी ऐसा नहीं करते थे? तो हितेश ने कहा कि प्लीज डियर मुझे माफ़ कर दो, में कुछ अलग तरह से सेक्स के मज़े लेने की कोशिश कर रहा था और मुझे लगा कि तुम मेरा कहा मनोगी नहीं तो इसलिए मैंने तुम्हारे साथ यह सब जबरदस्ती किया. फिर दिव्या ने कहा कि आप एक बार मुझसे पूछते तो सही और वो दोनों ऐसे ही वहीं पर लेटे रहे.
हैल्लो दोस्तों, आप सभी का जय एक बार फिर से हाजिर है और आप सभी के सामने अपनी कहानी का अगला भाग लेकर. दोस्तों आशीष अब तक देहरादून पहुंच चुका था और वो आशीष के बताए हुए पते पर हितेश के घर चला गया और फिर उसने घंटी बजाई. संजना ने दरवाज़ा खोला आशीष उसे देखता ही रह गया. वो दिखने में बिल्कुल मस्त, गोरी पहाड़ी लड़की की तरह लग रही थी और उसका फिगर ना ज्यादा बड़ा था और ना ज्यादा कम था.
अब संजना आशीष को हितेश समझकर उसे देखते ही गले लग गई उस वजह से आशीष थोड़ा सा सकपका सा गया कि वो अब क्या करे, लेकिन उसने ज्यादा दिमाग ना लगाते हुए उस भी अपने गले से लगा लिया, लेकिन तभी उसे अपना वो वादा याद आ गया (कि वो हितेश की पत्नी हो हाथ नहीं लगाएगा) और वो यह बात सोचकर तुरंत संजना से अलग हो गया और अपना सामान लेकर अंदर चला गया. इस बात से संजना को थोड़ा अटपटा सा लगा, लेकिन फिर उसने सोचा कि शायद सफ़र की वजह से वो थोड़ा ज्यादा थक गये होंगे और उसने कुछ नहीं बोला वो भी चुपचाप अंदर चली गई. फिर वो किचन में जाकर आशीष के लिए चाय और नाश्ता बनाकर ले आई. तो आशीष ने बाहर आकर उससे थोड़ी बहुत बात की ताकि संजना उससे ज्यादा सवाल ना करे.
फिर कुछ घंटो के बाद रात का खाना खाने के बाद वो दोनों सोने की तैयारी करने लगे (हितेश और संजना सेक्स में एक दूसरे से हमेशा बहुत खुलकर बातें करते थे, लेकिन संजना ग्रूप सेक्स के लिए कभी भी राज़ी नहीं थी) तो संजना ने कहा कि आज मेरा बड़ा मन हो रहा है प्लीज चलो ना करते है कितने दिन भी तो हो गए है आज मेरा बड़ा मन कर रहा है. संजना के मुहं से यह बात सुनकर आशीष भी थोड़ा गरम हो गया, लेकिन फिर उसे अपनी वो शर्त याद आ गई और उसने एक बहाना बना दिया कि वो थक गया है और अब उसे बहुत नींद आ रही है और संजना ने भी मन ही मन सोचा कि रहने दो शायद सच में थके होंगे. अब अगले दिन से वो हितेश की लाईफ जीने लगा और उसे ऐसा करने में बड़ा मज़ा आ रहा था और वो इस बात का फायदा उठाकर पूरा देहरादून घूमता तो कभी कभी वो मसूरी भी चला जाता और बहुत मजे करता रहा, लेकिन वो भी अब थोड़ा थोड़ा संजना की तरफ खिंच रहा था, लेकिन उसने आपने मन को बहुत काबू में रखा हुआ था. एक सुबह सुबह जब आशीष उठा तो वो क्या देखता है कि संजना बाथरूम से सीधी बाहर निकलकर टावल लपेटकर बेडरूम में आ गई है और अब वो उसके सामने ही कपड़े बदल रही है. अब आशीष उसकी जवानी को देखकर बिल्कुल पागल होने लगा था, लेकिन वो कुछ करना नहीं चाहता था इसलिए वो वहां से उठकर बाहर चला गया और उसका ऐसा व्यहवार देखकर संजना को बहुत बुरा लगा, लेकिन आशीष सीधा बाथरूम में गया और वो संजना के नाम की मुठ मारने लगा और अपने आपको शांत करने लगा.
फिर शाम को जब वो वापस आया तो संजना बहुत प्यार के मूड में थी और उसके अंदर आते ही उसने आशीष को तुरंत अपने गले से लगा लिया और फिर वो उसे जबरदस्ती प्यार करने लगी, लेकिन आशीष ने उसे दूर हटा दिया और आगे बढ़ गया. फिर संजना ने उसे और भी मनाने की कोशिश की और उसने आशीष को पीछे से पकड़ लिया और हग करने लगी, लेकिन आशीष ने उसे एक बार फिर से अपने से अलग कर दिया. अब तो संजना आशीष का उसके लिए ऐसा बर्ताव देखकर और भी उदास होने लगी थी और उसे पता नहीं चल रहा था कि आशीष उसके साथ ऐसा क्यों कर रहा था और वो भी अब अपनी पूरी जवानी उस पर उड़ेलना चाह रही थी, लेकिन आशीष था कि उसे पूरी तरह से नकार रहा था. फिर उसका ऐसा व्यहवार देखकर संजना तुरंत उसके आगे चली गई और अब उसने अपने बूब्स को खोलकर उससे कहा कि क्या हो गया है तुम्हे, मुझमें ऐसी क्या कमी है ध्यान से देखो में तुम्हारी वही पुरानी संजना हूँ?
आशीष : हाँ में वो सब अच्छी तरह से जानता हूँ.
संजना : तो तुम आज मुझसे ऐसा व्यहवार क्यों कर रहे हो, जैसे में कोई अजनबी हूँ?
आशीष : ऐसी कोई भी बात नहीं है जैसा तुम सोच रही हो.
संजना : फिर क्या बात है? मैंने तुम पर बहुत ध्यान दिया है और तुम्हे परखकर भी देखा है कि तुम जब से आए हो मुझे एक बार भी ध्यान से देख भी नहीं रहे हो?
आशीष : क्यों देख तो रहा हूँ? तो तुम ही मुझे बताओ कि में कैसे देखूं?
संजना : क्या देख रहे हो तुम मुझे प्यार क्यों नहीं करते, तुम्हे ऐसा क्या हो गया है?
अब संजना ने आशीष का हाथ उठाकर जबरदस्ती अपने बूब्स पर रख दिया और कहा कि तुम मुझे प्यार करो में पूरी तरह से तुम्हारी हूँ. फिर आशीष ने जैसे ही उसके बूब्स छुए तो उसके बदन में जैसे कोई करंट सा दौड़ गया, लेकिन उसने कुछ सोचकर तुरंत अपना हाथ हटा लिया और वो वहां से घर छोड़कर चला गया और अपने पीछे संजना को रोता बिलखता हुआ छोड़ गया. अब संजना बिल्कुल भी समझ नहीं पा रही थी कि वो क्या करे? लेकिन उसने भी मन ही मन ठान रखी थी कि वो इस समय यमराज से भी अपने पति को लेकर ही रहेगी और रात के करीब दस बजे आशीष आया और आते ही वो सीधा अपने कमरे में जाकर सो गया, लेकिन संजना भी आज अपने पूरे प्लान के साथ तैयार थी और उसने आशीष के लेटते ही उसे प्यार करना शुरू कर दिया, वो कभी उसे किस करती तो कभी उसके लंड को रगड़ती. अब उसके यह सब करने से आशीष का अपने ऊपर से काबू भी धीरे धीरे खोने लगा था, लेकिन इसके बाद जो संजना ने किया उस काम से आशीष के सब्र का बाँध टूट गया और वो अब अपने काबू से बाहर हो चुका था, वो अब कामवासना की उस आग में जलने लगा था, क्योंकि संजना ने आशीष का लंड उसकी पेंट से बाहर निकालकर जबरदस्ती अपने मुहं में डाल लिया था और वो उसका लंड लोलीपोप की तरह बहुत मज़े लेकर चूसने लगी जिसकी वजह से आशीष एक बिना पानी के तड़पती हुई मछली जैसा हो गया था, लेकिन अब आशीष से ज्यादा देर रहा नहीं गया और उसने संजना के सर को पकड़कर अपने लंड पर दबाने लगा जिसकी वजह से संजना और तेज़ी से उसका लंड चूसने लगी और वैसे भी आशीष बहुत दिनों से सेक्स से बहुत दूर था तो वो दस मिनट लंड को चूसने में ही उसके लंड का लावा संजना के मुहं में अब पूरी तरह से फूट पड़ा और संजना उसे पी गयी.
अब आशीष ने संजना की मेक्सी को उतारकर दूर फेंक दिया और उसने अपनी जीभ से उसके सारे बदन को नाप डाला, उसने ऐसी कोई जगह नहीं छोड़ी जहाँ पर उसने उसे चूमा ना हो जैसे एक बांध टूटने के बाद पानी सभी जगह पर पहुंच जाता है ठीक उसी तरह आशीष संजना के पूरे कामुक जिस्म पर टूट पड़ा था. इस बीच उसका लंड एक बार फिर से धीरे धीरे खड़ा होकर सांसे लेने लगा था और संजना की वो आहें उसके लंड को अपनी चूत में बुला रही थी. अब आशीष ने अपना लंड संजना की चूत के मुहं पर लगाकर एक जोरदार धक्का मार दिया जिससे उसका आधे से ज्यादा लंड अब संजना की चूत में था और वो एकदम के चीखकर रह गई, लेकिन आशीष पर हवस अब इतनी बुरी तरह से हावी हो चुकी थी कि उसे संजना का दर्द से तड़पना, आहें, चीखे और अपनी वो शर्त कुछ भी याद नहीं थी और अब माहोल में आशीष के लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने की थप थप और संजना की चीखे पूरी तरह से घुली हुई थी. इस बीच आशीष का बदन अकड़ गया और वो संजना के अंदर ही झड़ गया और निढाल होकर उसके ऊपर गिर गया और वो दोनों उसी हालत में सो गया. सुबह आशीष की पहले नींद खुल गई उसने अपने आपको नंगी संजना के ऊपर पाया और फिर उसे लगा कि यह उसने क्या कर दिया? और वो वहीं पर बैठकर अपने आपको दोष देने लगा.
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चाची की कभी हाँ कभी ना

हैल्लो दोस्तों, यह वेबसाईट मेरी सबसे ज्यादा पसंदीदा साईट में से एक है और आज में इस साईट के ज़रिए अपनी कहानी बताने करने जा रहा हूँ. अब में आपको अपने बारे में बताता हूँ. मेरा नाम राहुल है और में 24 साल का हूँ. में सूरत गुजरात में रहता हूँ और यह कहानी मेरी सुंदर चाची नीलम के बारे में है.
यह घटना तीन साल पहले की है, मेरी फेमिली ने उस वक़्त सूरत में ही नये फ्लेट में शिफ्ट किया था, इस अपार्टमेंट की खूबी यह थी कि एक फ्लोर पर सिर्फ़ दो फ्लेट थे, हमारे सामने वाला फ्लेट मेरे चाचा जी ने लिया था. चाचा जी मेरे पापा के छोटे भाई है और चाचा की फेमिली में नीलम चाची और उनका 13 साल का बेटा था और चाची की उम्र उस समय 36 साल के करीब होगी. में अपने कॉलेज के तीसरे साल में पढ़ाई कर रहा था. मेरे कॉलेज में वैसे तो एक से बढ़कर एक सुंदर लड़कियां थी, लेकिन जब मैंने नीलम चाची को देखा तो महसूस हुआ कि वो सब गर्ल्स तो पानी कम चाय थी. नीलम चाची इस उम्र में भी हॉट लगती थी, कोई उन्हें देख ले तो यकीन भी ना करे कि उनके 13 साल का लड़का भी हो सकता है. में तो उनको देखते ही उन पर फ़िदा हो गया था.
हमारे चाचा जी की फेमिली से अच्छे रिश्ते थे और हम एक दूसरे के घर अक्सर आया-जाया करते थे और हमारे एक दूसरे के घर में डिनर हर हफ्ते में होते रहते थे. में उनको कभी-कभी घूरता रहता था, मेरी नज़र कभी अचानक से उनके बूब्स की गली, साड़ी के पल्लू के बीच में से उनकी नाभि और कभी उनके कूल्हे पर पड़ जाती तो में उनके ख्यालों में खो जाता, लेकिन कभी मैंने चाची जी को चोदने के बारे में नहीं सोचा था.
अब उनको देखने के बाद मैंने सोचा कि नीलम चाची को गर्म कैसे करूँ? वो एक भारतीय नारी है और उनकी उम्र 36 साल है और उनकी स्किन वाईट कलर की है, उनकी हाईट करीब 5 फीट 2 इंच होगी और उनकी आँखे बहुत ही सुंदर, लेकिन बड़ी थी और उनके बूब्स थोड़े से आम शेप के थे, लेकिन उनका कप साईज़ बड़ी कटोरी जितना होगा, उनके होंठ बड़े ही सेक्सी थे और उनका नीचे का होंठ थोड़ा बड़ा था जो किस करने के लिए ही बना था और उनके बाल मीडियम लंबाई के थे. उनके कूल्हें शानदार साईज़ और शेप के थे, उनकी कमर 28 इंच के करीब की होगी, उनका फेस बहुत ही सुंदर है और फेस की चमक सोने जैसी थी. उनको हमेशा गुजराती स्टाईल में साड़ी पहनना पसंद है और रात को वो गाउन पहनती है, तब वो बहुत हॉट और सेक्सी लगती है.
फिर अचानक मेरी किस्मत चमक गई और उस दिन हमारे घर केबल की प्रोब्लम थी तो में नीलम चाची के घर टी.वी. देखने के लिए गया, क्योंकि उनके घर डिश टी.वी. है. फिर में उनके घर के हॉल में बैठकर टी.वी. देख रहा था और उस समय घर पर सिर्फ़ नीलम चाची थी, क्योंकि चाचा जी ऑफिस गये हुए थे और उनका लड़का दिन की शिफ्ट में स्कूल गया था. उस समय नीलम चाची अंदर के रूम की साफ सफाई कर रही थी और में अपने टी.वी. प्रोग्राम में व्यस्त था.
फिर अंदर से नीलम चाची की आवाज़ आई और में उठकर अंदर गया तो मैंने देखा कि वो अन्दर झाडू लेकर खड़ी थी. उन्होंने अपनी साड़ी अपनी कमर में बांध रखी थी. उनको स्टोर्स के माले में सफाई करनी थी, इसलिए उन्होंने मुझे स्टूल को पकड़ने के लिए बुलाया था, स्टूल करीब 3 फुट का था. फिर वो स्टूल के ऊपर चढ़ गयी और में स्टूल को पकड़कर नीचे खड़ा था.
फिर मैंने जब ऊपर देखा तो मुझे नीलम चाची की गोरी-गोरी जांघे साफ़-साफ दिख रही थी और उनकी लाल कलर की छोटी सी पेंटी भी मुझे साफ दिख रही थी. में उसी वक़्त काफ़ी उत्तेजित हो गया और मुझ पर सेक्स का भूत सवार हो गया था. अब मुझे होश नहीं रहा और में उत्तेजना में आकर उनके पैर को किस करने लगा और अब मेरे हाथ नीलम की जांघो को रगड़ने लगे थे और में पता नहीं क्या कर रहा था, लेकिन जो भी हो मुझे बहुत ही मजा आ रहा था. उतने में नीलम नीचे उतर आई और में उनको किस करने लगा. में पागलों की तरह यह सब कर रहा था. फिर नीलम भी अचानक से हुए इस बर्ताव को समझ नहीं पाई और वो भी भावना में बहने लगी थी. अब में उसके होंठ पर किस करने लगा तो उसने भी मेरा अच्छा साथ दिया. फिर उसने अपने होंठ खोल दिए और हम एक दूसरे के होंठ को चूस रहे थे, लेकिन अचानक नीलम को पता नहीं क्या हुआ और उसने मुझे धक्का देकर किस करना छोड़ दिया.
फिर वो बोली कि यह सब ठीक नहीं है, प्लीज़ तुम चले जाओ और यह सब भूल जाओ तो में एकदम से हैरान हो गया और मुझे भी एक पल के लिए यह सब ग़लत लगा, लेकिन जैसे ही वो चलने लगी तो मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया और उसके मुलायम पेट पर एक हाथ रखकर सहलाने लगा और दूसरा हाथ उसके बूब्स पर रखकर दबाने लगा और साथ ही में उसकी गर्दन को किस कर रहा था.
नीलम वापस से पिघल गयी और आगे से मुझे किस करने लगी. फिर में उसको बेडरूम में ले गया और उसकी साड़ी निकाल दी, वो पूरी तरह से कांप रही थी और उसके मन में अजीब-अजीब से विचार आ रहे थे तो वो उत्तेजित भी थी, लेकिन वो बार-बार यह ठीक नहीं है, हमें यह नहीं करना चाहिए आदी बोल रही थी, लेकिन वो पूरी तरह से विरोध भी नहीं कर रही थी. फिर मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी और अब वो अपने ब्लाउज और पेटिकोट में थी.
फिर मैंने उसको बेड पर लेटा दिया और वो अभी भी कांप रही थी. फिर में उसके गालों को किस करते हुए मैंने उसकी गर्दन को किस किया. फिर में जैसे ही उसके पेट पर अपनी जीभ को फेर रहा था तो उसका पेट बहुत ही कांपने लगा. अब नीलम जैसे ही बोलने जा रही थी कि यह ग़लत है, तभी मैंने उसके पेट की नाभि में अपनी जीभ डाल दी और उसके मुँह से आमम्मह अयाया यह ठीक नहीं है, निकल गया. अब में उसकी नाभि को चूस ही रहा था तो वो बोली, उउम्म्म्म राहुल प्लीज़ सस्स अया मुझे छोड़ दो, चले जाओ और में उसकी सिसकियाँ सुनकर बहुत ही उत्तेजित हो गया. अब नीलम की सांसे काफ़ी भारी हो गयी थी और में अब उसके ब्लाउज की गली को चूसता हुआ, गर्दन को चूसते हुए, अब उसके गालों को चूसने लगा. फिर में अपने होंठ उसके होंठ के पास ले गया तो वो मुझे किस करने के लिए खींचने लगी. में उसके होंठो पर टूट पड़ा और बड़े ज़ोर से उसके होंठ को अपने होंठो से चूसने लगा, अब उसने अपना मुँह पूरा खोल दिया और हमारी जीभ आपस में मिल गयी और हम एक दूसरे की जीभ को बारी-बारी चूसने लगे, यह काफ़ी अच्छा और लंबा फ्रेंच किस था.
फिर किस तोड़ने के बाद मैंने उसके ब्लाउज के बटन खोल दिए, उसने ब्रा नहीं पहनी थीऔर अब उसके बूब्स नंगे हो गये और उसके बूब्स ब्लाउज के अन्दर छोटे दिखते थे, लेकिन यह तो बहुत बड़े थे. फिर में उसके बूब्स को चूसने लगा और दूसरे बूब्स को मसलने लगा, उसके बूब्स बहुत ही नरम थे, जैसे कोई रुई का गोला हो.
मुझे बूब्स चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था और में बारी-बारी से उसके दोनों बूब्स को चूसने लगा और उन्हें मसलने लगा. फिर में नीलम के निप्पल को चूसने लगा तो उसकी सिसकियां तेज होने लगी और में उसके निप्पल को ज़ोर-जोर से चूसने लगा तो उसका बर्ताव सस्शहशहस आआहह आआ स्शहस्स्स के जैसे कुछ था और चूसने के कारण उसके निप्पल खड़े हो गये थे और उसके खड़े निप्पल काफ़ी सेक्सी लग रहे थे.
अब बूब्स के साथ बहुत टाईम तक खेलने के बाद मैंने उसके सपाट चिकने पेट को चूसते हुए, उसके पेटिकोट का नाड़ा खोल दिया और एक ही झटके से उसे निकालकर फेंक दिया. अब वो सिर्फ़ उसकी लाल पेंटी और खुले हुए ब्लाउज में बेड पर कांपते और भारी साँसे लेते हुए हॉट बदन के साथ लेटी हुई थी. वो अभी भी बोल रही थी कि राहुल यह ठीक नहीं है, प्लीज़ चले जाओ, लेकिन उसकी आवाज़ अब कमज़ोर और धीरे हो गयी थी. फिर मैंने उसका एक पैर पर उठाया और उसके पैर के अंगूठे को किस करने लगा. फिर में उसके पैरों को किस करते हुए उसकी सेक्सी मुलायम जांघो को चूसने लगा और उसकी जांघे मुलायम, सिल्की और गोरी थी.
फिर कुछ देर बाद में उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ने लगा. अब नीलम की आवाज़े तेज हो रही थी, आअहहा स्शहस्स उम्म्म आअहह. फिर उसकी जांघो को रगड़ने के बाद मैंने उसके ब्लाउज को निकाल डाला. फिर मेरी नज़र उसकी पर गयी, उसमें छोटे-छोटे बालों की उलझी हुई गुच्छी थी, शायद उसने 10-12 दिन से शेव नहीं की होगी. में यह देखकर बहुत ही उत्तेजित हो गया और मुझे बालों वाली आर्मपॉइंट बहुत ही सेक्सी लग रही थी.
फिर मैंने उसके दोनों हाथों को ऊपर किया और अपना मुँह उसकी बगल में डाल दिया और में उसकी बघल को बारी-बारी से चाट रहा था, नीलम के लिए शायद यह नया था, लेकिन वो भी इससे उत्तेजित हो गयी थी. अब में वापस से नीलम के बूब्स चूसने लगा और उसके बाद उसके पेट को चाटते हुए उसकी लाल पेंटी तक जा पहुँचा और एक ही झटके में उसकी पेंटी उतार कर ज़मीन पर फेंक दी और अब वो पूरी तरह से नंगी हो गयी थी और उसकी चूत पर भी बड़े-बड़े बाल थे, उसने विरोध करना पूरी तरह से छोड़ दिया था और अब वो सिर्फ़ आहें भर रही थी और सिसकियाँ ले रही थी.
अब में अपने कपड़े उतारने के लिए खड़ा हुआ तो मुझे नीलम का खूबसूरत बदन नज़र आया. अब वो भारी साँसे लेते हुए, हाथ सर के ऊपर रखकर लेटी हुई थी, वो क्या हॉट और सेक्सी नज़ारा था? नीलम का पूरा चिकना, गोरा बदन, उसकी सुंदर काली बड़ी-बड़ी आँखे, उसके सेक्सी लाल मोटे होंठ, उसके हाथों की बगल के सेक्सी छोटे-छोटे भूरे बाल, उसके बड़े बूब्स के निप्पल और नीलम का सपाट चिकना पेट और पेट की गहरी नाभि, उसकी सिल्की मुलायम जांघे, पतले लंबे पैर और सबसे हॉट उसके काले घने बालों वाली चूत, में तो हक्का बक्का रह गया. फिर जल्दी से में अपने कपड़े उतार कर पूरा नंगा हो गया और मेरा लंड अभी से तनकर खड़ा हो गया था.
फिर में नीलम को किस करता हुआ उसकी चूत को हाथों से रगड़ रहा था. फिर उसके बूब्स को चूसते हुए उसकी चूत में अपनी उंगली डालकर उसे उंगली से चोदने लगा. अब में उसका एक बूब्स और निप्पल को चूस रहा था और साथ ही अपने एक हाथ से उसके बूब्स को दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी चूत में उंगली अन्दर बाहर कर रहा था.
फिर मैंने अपने इस तिहरे काम की गति बढ़ा दी, तब नीलम की सिसकियाँ और तेज हो गयी, सस्स्शह आआअहह उउम्म्म्म अहहा आहह हा हा हा. अब वो अपने हाथों से मेरे बालों को सहला रही थी तो अचानक से उसकी सिसकियां और तेज़ हो गयी और वो ऊओह आअहह सस्स्सिईई ऊओह और वो अपनी कमर को दो तीन बार हिलाते हुए मेरे बालों को खींचने लगी. फिर 15-20 सेकेंड के बाद वो शांत होकर फिर से लेट गयी. शायद उसका बहुत टाईम के बाद पानी निकला था. मेरा लंड अब और इंतज़ार करने को तैयार नहीं था. फिर मैंने नीलम की कमर के नीचे एक तकिया रख दिया, नीलम ने ख़ुशी से अपने पैर खोल दिए और उसकी चूत में उंगली अन्दर बाहर करने की वजह से उसकी चूत पहले से ही गीली हो गयी थी.
फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और नीलम को किस करते हुए एक ही धक्के में मेरा लंड उसकी चूत में चला गया, उसकी चूत बहुत ही गर्म और चिकनी थी. मेरा लंड जैसे ही उसकी चूत के अन्दर गया तो ऐसा लगा कि जैसे मेरा लंड जन्नत में पहुँच गया हो. फिर थोड़े ही धक्को में मैंने अपनी लय पकड़ ली और नीलम ने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया. फिर में अपनी स्पीड में धीरे-धीरे बदलाव ला रहा था, कभी लंबे और धीरे धक्के तो कभी तेज धक्के लगा रहा था. फिर नीलम ने अचानक से अपने पैरों को मेरी कमर के ऊपर लपेटकर अपनी पकड़ बना ली थी. अब पूरे रूम में हमारे सेक्स की आवाज़े आ रही थी, सस्स्शह आआअहह उउम्म्म्म अहहा आहह हा हा हा सस्शहशहस आआहह आआ स्शहस्स्स उउम्म्म्म राहुल और मेरी भी सिसकियाँ निकल रही थी, अघह आअहह ईईईईल्ल्ल्ल्लम आअह.
फिर मैंने उसको चोदते हुए ही अपनी पोज़िशन चेंज कर दी, अब नीलम ऊपर आ गयी थी और उसको भी यह स्टाईल बहुत अच्छी लगी और वो अपनी गांड ऊपर नीचे करते हुए धक्के लगा रही थी और वो जब धक्के लगा रही थी, तब उसके बूब्स जोर-जोर से ऊपर नीचे हो रहे थे. अब में उसके बूब्स और निप्पल मसलने लगा, वो अचानक से अपने हाथों की बगल मेरे मुँह के पास ले आई और में उसकी सेक्सी बगल को चाटने लगा. फिर अब उसके बूब्स की बारी थी, में उनको भी चूसने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद हम वापस मिशनरी पोज़िशन में आ गये. नीलम ने अपनी पकड़ बहुत ही मजबूत कर दी थी, राहुल आआहह आआ राहुल बोलते हुए उसने इतना जोर से मुझे जकड़ लिया कि शायद उसने मेरी पीठ को नोच दिया था. वो अपनी गांड ज़ोर-ज़ोर से मेरी स्पीड की लय के साथ हिलाने लगी, यह उसका दूसरा स्खलन होगा. फिर मैंने नीलम को किस करते हुए अपनी स्पीड बहुत ही तेज कर दी.
फिर में उसकी जीभ को चूसते हुए जोर-जोर से धक्के मार रहा था और फिर अचानक से एक भारी आवाज के साथ आघ आअ आघ आअ के साथ मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया. मैंने कभी इतना सारा वीर्य बाहर नहीं निकाला था. फिर मुझे वीर्य निकलने के टाईम कुछ देर तक मस्त आनंद महसूस हुआ. फिर हम दोनों अब धीरे-धीरे शांत हो रहे थे, में नीलम के माथे पर किस देते हुए उसके ऊपर ही लेटा हुआ था, मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में था और लंड भी धीरे-धीरे सिकुड़ने लगा था. हम दोनों पसीने से पूरे भीग चुके थे और हमारी भारी साँसे अब हल्की हो रही थी. फिर में आखरी किस करके उसके पास में लेट गया. अब नीलम भी बहुत खुश थी और उसने बताया कि पिछले 2 साल से उसने सेक्स नहीं किया था. मेरे साथ सेक्स करके उसने अपनी 2 साल की दबी हुई प्यास को शांत कर लिया था. फिर थैंक्स कहते हुए उसने मेरे माथे और मेरे होंठो पर किस किया. दोस्तों मुझे अब भी यकीन नहीं हो रहा था कि मैंने सच में नीलम को चोद दिया था.
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