दिव्या मामी की मांग भरी

हैल्लो दोस्तों आप सभी आंटी, दीदी, भाभी और लड़कियों के लिए में अभी यहाँ पर नया आया हूँ तो प्लीज आप सभी मेरा थोड़ा ख्याल रखना. अब में आप सभी को थोड़ा बहुत अपने बारे में बताता हूँ, दोस्तों में 33 साल का एक नौजवान लड़का हूँ और अभी तक कुंवारा हूँ मेरा नाम राज है और में आगरा का रहने वाला हूँ, मेरी हाईट 5 फीट 8 इंच है मेरा रंग गोरा है और मेरा लंड 7.5 इंच लंबा है और 3.5 इंच मोटा भी है.
दोस्तों में हमेशा से ही नाभि का बहुत दिवाना हूँ मुझे गहरी और लम्बी नाभि बहुत पसंद है, नाभि इतनी बड़ी हो कि उसमे नींबू पूरा आ जाए फिर चाहे वो नाभि किसी लड़की, आंटी, भाभी और दीदी किसी की ही क्यों ना हो मुझे बहुत अच्छी लगती है. मुझे उसे चूसने को, चाटने को, काटने को, देखने को, इतना दिल करता है कि बस में नाभि के पास ही बैठा रहूँ, तो यह था मेरा पूरा परिचय और अब में अपनी कहानी पर आता हूँ यह मेरी पहली कहानी है जो कि करीब दस साल पहले की है यानी कि 2003 की तब मेरी उम्र 23 साल थी में उस समय अपनी पढ़ाई करने चंडीगढ़ अपने मामा के घर पर गया हुआ था क्योंकि आगरा के कुछ दोस्तों के साथ मेरी उस समय लड़ाई झगड़े हो गये थे इसलिए पापा ने मुझे चंडीगढ़ पढ़ाई करने भेज दिया था.
दोस्तों में अपने मामा के पास पहली बार गया था और मैंने मामा और मामी को पहली बार देखा था. में 10 जून 2003 को चंडीगढ़ के लिए निकल पड़ा और 11 जून 2003 की सुबह में चंडीगढ़ पहुंच गया. वहाँ पर मामा ने अपने ड्राइवर को गाड़ी से मुझे घर पर लाने के लिए भेज दिया था, ड्राइवर ने मुझे अपने साथ में लिया और घर की तरफ निकल पड़ा में जैसे ही घर पर पहुंचा तो मेरी मामी बाहर आई और मुझसे बोली कि वहीं पर रुक जाओ. तो में वहीं पर रुक गया और वो एक आरती की थाली लेकर आई और उन्होंने मेरी आरती की और बोली कि हाँ अब अंदर आ जाओ.
दोस्तों मेरी मामी का नाम दिव्या है और उनकी उम्र 35 साल है उनका रंग गोरा है और बदन बहुत सेक्सी है और उनके फिगर का साईज 36-30-32 था. दोस्तों मेरी मामी का फिगर बिल्कुल वैसा था जैसा में चाहता था. तभी अचानक जैसे ही मामी अंदर की तरफ बड़ी तो उनकी कमर पर लगा चाबी का गुच्छा निकलकर नीचे गिर गया और मामी उस गुच्छे को जैसे ही उठाने के लिए नीचे झुकी तो मुझे उनके बूब्स दिख गये. वाह दोस्तों क्या बूब्स थे एकदम गोरे और बड़े जैसे पका हुआ पपीता हो, लेकिन जब वो चाबी उठाकर उठी तब उनके पेट से साड़ी हट गई और मैंने उनकी नाभि को देख लिया उनकी नाभि करीब दो इंच गहरी और तीन इंच लंबी एकदम गोल थी और उसे देखकर मेरा लंड धीरे धीरे टाईट होने लगा. मुझे ऐसा लग रहा था कि मामी अपनी नाभि रोज़ मामा के लंड से चुदवाती है.
फिर में नज़र नीचे करके अंदर चला गया, मामी बोली कि तुम बैठ जाओ में तुम्हारे लिए नाश्ता लाती हूँ मैंने उनसे पूछा कि मामा कहाँ है? तो मामी ने मुझे बताया कि मामा किसी काम के सिलसिले में दुबई गए हुए है और एक महीने बाद लोटेंगे. अब मैंने जैसे ही उनके मुहं से यह सब सुना मेरे मुहं में पानी आ गया में सोचने लगा कि में मामी को जरुर पटाउंगा और फिर शाम हुई और रात भी हो गई तो में उस समय अपने कमरे में था तो मामी ने आवाज़ लगाई कि राजा आ जाओ खाना खा लो, में अंदर गया और मैंने देखा कि मामी ने जीन्स और टॉप पहन रखा था वो टॉप एकदम टाईट था जिसमे से बूब्स बाहर आने को तड़प रहे थे और ब्रा की डोरी साफ साफ दिख रही थी और वो जीन्स मामी ने नाभि से करीब पांच इंच नीचे पहनी हुई थी जिससे नाभि साफ साफ दिखे, मुझे लगा कि शायद मामी को पता लग गया है कि में उनकी नाभि को देखना पसंद करता हूँ और जब में उनकी नाभि देख रहा था तो उन्होंने मुझे यह सब करते हुए देख लिया था और फिर हम लोग खाना खाने लगे और खाना खाने के बाद में अपने कमरे में चला गया.
फिर रात को करीब 9 बजे मामी के कमरे में से आवाज़ आई कि राजा यहाँ आओ. तो में उनके कमरे के अंदर चला गया और मैंने देखा कि मामी ने उस समय मेक्सी पहन रखी थी और वो भी पूरी जालीदार जिसमे उनकी स्टाइलिश ब्रा और पेंटी साफ साफ नज़र आ रही थी. फिर मामी मुझसे मुस्कुराकर बोली कि दूर से देखते रहोगे क्या आओ राजा यहाँ पर बैठो.
फिर मैंने पूछा कि जी मामी आपने मुझे क्यों बुलाया? मामी बोली कि मुझे अकेले सोने में बहुत डर लग रहा था तो मैंने सोचा कि तुम भी यहीं पर सो जाओ तो मुझे भी डर कम लगेगा और तुम्हे भी अच्छी नींद आ जाएगी. तो मैंने कहा कि ठीक है में सोफे पर सो जाता हूँ, तभी वो बोली कि अरे नहीं तुम मेरे पास यहीं बेड पर सो जाओ, तो मैंने कहा कि नहीं और फिर वो बोली कि लेकिन क्यों नहीं तुम मेरे पास क्यों नहीं सो सकते? तो मैंने कहा कि जी सो सकता हूँ.
वो बोली कि फिर तुम अब ज्यादा सोचो मत और में उनके सो गया. तभी मामी मुझसे पूछने लगी कि क्यों सो गये? में बोला कि नहीं, तो मामी बोली कि कुछ अपने बारे में बताओ ना तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? में बोला कि नहीं मामी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. तो मामी बोली कि तुमने क्या कभी सेक्स भी नहीं किया है? क्या मामी आप मुझसे यह क्या पूछ रही हो? तो वो बोली कि हाँ मैंने तुमसे पूछा कि तुमने कभी सेक्स किया है कि नहीं? क्या तुम करना चाहोगे? तो मैंने पूछा कि किसके साथ? मामी बोली कि मेरे साथ, में बोला कि नहीं में आपके साथ यह सब कैसे कर सकता हूँ?
वो बोली कि क्यों नहीं कर सकते? सुबह और अभी बाहर मेरी नाभि और बूब्स को तो तुम बहुत घूरकर देख रहे थे क्या तब तुम्हारे मन में सेक्स की भावना नहीं आ रही थी? दोस्तों मैंने सोचा कि यह एक बहुत अच्छा मौका है हाथ से मत जाने दो. तभी मैंने कहा कि लेकिन मेरी एक शर्त है कि में आपको शादी के जोड़े में सुहागरात की तरह चोदना चाहता हूँ. तो मामी बोली कि बहुत अच्छे, मुझे यह सुनकर बहुत अच्छा लगा, तुम बहुत सेक्सी हो में एक घंटे में तैयार होकर तुम्हे अंदर बुलाती हूँ.
फिर मामी ने तैयार होकर मुझे आवाज़ लगाई आ जाओ जी में जब अंदर गया तो उन्होंने मेरे पैर छुए और मुझसे बोली कि तुम मेरी माँग भरो तब में तुम्हे सुहागरात मानने दूँगी. अब में बोला कि ठीक है और मैंने उनकी माँग भर दी और फिर मैंने मामी को बिस्तर पर लेटा दिया मैंने देखा कि मामी ने लहंगा पहन रखा है और वो भी पीछे से पूरा खुला हुआ और पीछे सिर्फ़ दो डोरी से चोली बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी थी और चोली में से बहुत हद तक बूब्स बाहर आ रहे थे और जब मैंने नीचे की तरफ देखा तो उनका लहंगा नाभि से 6 इंच नीचे बंधा हुआ था चूत से थोड़ा ही उपर यह सब देखने में बहुत सेक्सी था और उससे भी कहीं ज्यादा सेक्सी लग रही थी उनकी गहरी नाभि जो कि अब उनके लेटे हुए होने की वजह से और भी गहरी हो गई थी.
मैंने पूछा कि मामी आपकी नाभि इतनी गहरी कैसे हुई? सबसे पहले तो मामी बोली कि मुझे तुम अब मामी मत बोलो, मुझे सिर्फ दिव्या बोलो और आप नहीं तुम या तू बोलो ठीक है. तो मैंने कहा कि ठीक है और फिर दिव्या बोली कि तुम्हारे मामा मेरी नाभि रोज़ चूसते चाटते और चोदते है तो फिर यह बड़ी क्यों नहीं होगी? दिव्या बोली कि तुम्हे मेरी नाभि क्यों पसंद है? तो मैंने कहा कि क्योंकि तुम्हारी नाभि बहुत बड़ी है और मुझे ठीक ऐसी ही नाभि बहुत पसंद है.
फिर वो बोली कि पसंद है तो कुछ करो ना जानू, क्यों अब किस बात की देर है? तो दोस्तों जैसे ही मामी ने मुझे हुक्म दिया और मैंने उनकी नाभि को चाटना शुरू कर दिया में अब उनकी नाभि चाट रहा था तो मामी के मुहं से सेक्सी आवाज़ आना शुरू हो गई इसस्स्सस्स आअहह उूुुुईईईईईईई मर गई थोड़ा जीभ और अंदर करो ना आह्ह्हह्ह्ह्ह मज़ा आ रहा है, नाभि कहाँ से चूसना सीखा तुमने? तो मैंने कहा कि कहीं से नहीं आपको देखकर अपने आप नाभि चूसने का मन करने लगा. तो वो बोली कि क्या मेरी नाभि इतनी सेक्सी है? मैंने कहा कि हाँ मेरी रानी तेरी नाभि बहुत सेक्सी है. तो वो बोली कि तो थोड़ा और चूस ना, चूस चूसकर इसे लाल कर दो मेरे जानू और फिर मैंने नाभि को काटना शुरू किया, हल्के हल्के मामी के मुहं से आवाज़ आ रही थी हाँ और तेज जानू आहह्ह्ह् उहहह और तेज़.
फिर वो बोली कि ज़रा मेरी नाभि में उंगली घुमाओ ना और फिर जैसे ही मैंने उंगली डाली मामी बोली कि हाँ और वो मेरी ऊँगली को पकड़ कर और अंदर ले गई और उंगली को नाभि में कसकर जकड़ लिया और मामी बोली कि कोई और दूसरे तरीके से नाभि का मज़ा दो ना. फिर मैंने कहा कि ठीक है फिर मैंने उनकी नाभि में एक चोकलेट खड़ी कर दी और फिर उसे खाता गया और जैसे ही में नाभि के पास पहुंचा वैसे ही नाभि को भी मुहं में भरा और काटने लगा, मामी बोली ऊहहह्ह्ह अह्ह्ह्ह कितना मज़ा आ रहा है जानू उूईईईईइ माँ मरी.
मैंने मामी को पलट कर उल्टा कर दिया और उनकी पीठ पर चूमने लगा मामी मुझसे बोली कि चूमो ना जानू और फिर मैंने उनकी पीछे से खुली हुई चोली की दोनों डोरी को खोल दिया और अब चोली को बाहर निकाल दिया ऊओफफफफफ्फ़ वाह क्या बूब्स थे मामी के एकदम बड़े और कसे हुए एकदम गोल, में आखें बन्द करके उन पर टूट पड़ा और उनके बूब्स पर और कसकर चूसने लगा. मामी मुझसे हर बार कर रही थी आआह्ह्ह्हहहह और ज़ोर से चूसो ना आईईईईई. दोस्तों फिर में क्या ज़ोर ज़ोर से बूब्स दबा रहा था और जमकर चूस रहा था और मामी सिसकियों के साथ साथ मोनिंग कर रही थी उूउइईईईईईईईईई आआआहह उूउउफफफफफफफ्फ़.
फिर मैंने मामी का नाड़ा खोला तो मामी शरमा गई. मैंने मामी का लहंगा उतार दिया और मामी को पूरा नंगा कर दिया वो अब मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी में थी और वो भी तीन बार गीली हो चुकी थी. फिर जैसे ही मैंने पेंटी उतारी वैसे ही मामी बोली कि नहीं आज चूत नहीं दूँगी आज मेरा मन सिर्फ़ नाभि सेक्स के लिए है और बूब्स दबाओ और पियो दूध निकल दो मेरे बूब्स से नाभि को चोदकर और गहरा कर दो. तो मैंने उनसे कहा कि तुम तो हर तरफ से सेक्सी लगती हो .
फिर मैंने मामी की नाभि में लंड डाला तो मामी बोली कि मज़ा नहीं आ रहा है और तभी मामी ने मेरा लंड पकड़ा और मेरे लंड पर मुठ मारने लगी और बोल रही थी कि तुम्हारे मामा ने मुझे कभी लंड पर मुठ नहीं मारने दिया और ना ही कभी लंड को मेरे मुहं में डाला. तुम अपना लंड मेरे मुहं में दो ना, में इसे चूसना चाहती हूँ. फिर मैंने कहा कि हाँ लो ना मेरी जान चूसो ज़ोर से चूसो इसे और मामी मेरे लंड को चूस रही थी और मुझसे कह रही थी कि वाह कितना बड़ा है जानू तुम्हारा लंड, तुम्हारे मामा का तो इसका आधा भी नहीं है और ऐसा ही करते करते 20 मिनट तक मामी मेरा लंड चूसती रही और मैंने कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ.
मामी बोली कि प्लीज मेरे मुहं में ही अपना सारा पानी छोड़ दो मेरे लंड का पानी पीने की बहुत इच्छा थी प्लीज आज उसे तुम पूरा कर दो. फिर मैंने अपना सारा गरम गरम वीर्य उनके मुहं में डाल दिया और वो उसे चूस चूसकर पी गई, लेकिन फिर मेरा लंड सिकुड़कर बहुत छोटा हो गया और में उदास हो गया क्योंकि में अभी तक नाभि को नहीं चोद पाया था. फिर मामी मेरे मन की यह बात समझ गई और वो मेरे लंड पर एक बार फिर से मुठ मारने लगी और लंड को फिर से मुहं में लेकर वो मेरे लंड को खड़ा करने लगी उनके हाथों के स्पर्श से मेरा लंड फिर से लोहे जैसे रोड की तरह खड़ा हो गया और फिर मामी ने कहा कि लो अब इसे जल्दी से डाल दो मेरी गहरी नाभि में और अब मैंने उनकी नाभि में जैसे ही अपना लंड डाला तो मेरा तीन इंच मोटा लंड नाभि में चला गया और मैंने नाभि को चोदना शुरू किया मामी के मुहं से सिसकियों की आवाज़ आ रही थी आह्ह्ह्हह्ह ऊउक्ककच आईईईईईई उईईईईईइ माँ हाँ और तेज़ चोदो मेरी नाभि को.
फिर में लगातार नाभि को चोदता रहा और मामी को बहुत मज़ा आ रहा था वो हाँ में और अब रोज़ चुदवाउंगी तुमसे कह रही थी. दोस्तों मुझे लगातार चोदते हुए करीब अब तीस मिनट होने वाले थे और में झड़ने वाला था तो मामी बोली कि सारा वीर्य मेरी नाभि में भर दो. फिर मैंने सारा वीर्य नाभि में भर दिया और फिर मामी ने अपने पूरे पेट की उसी पानी से मालिश की और बोली कि इस पानी से औरत का जिस्म और भी खिल जाता है फिर में लेट गया.
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पड़ोस वाले दादाजी से चुदी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रेशमा है और हमारा 3 लोगों का छोटा सा परिवार है मम्मी पापा और में. मेरे मम्मी पापा दोनों ही जॉब करते है और में दिखने में सुंदर हूँ और लंबे बाल है. में इस साईट की बहुत बड़ी फैन हूँ और आज में आपके साथ मेरा अनुभव शेयर करने जा रही हूँ. यह 3 साल से भी ज्यादा पुरानी बात है, तब मेरी उम्र 19 साल थी और मेरी हाईट 5 फुट 1 इंच और फिगर 32-25-32 था. हम लोग एक अपार्टमेंट में रहते थे, तभी हमारे पास के फ्लेट में एक नई फेमिली रहने को आई, जो कि कुछ दिनों से खाली था. उनकी फेमिली में एक कपल और उनके पिताजी थे, उन लोगों के रहने के बाद पड़ोसी के नाते दोनों फेमिली के बीच बातचीत शुरू हुई वो दोनों पति पत्नी जॉब करते थे.
फिर अंकल ने बताया कि उनकी मम्मी 12 साल पहले गुजर गई और उनकी दीदी शादी के बाद अमेरिका में रहती है और उनके पापा रिटायर्ड होने के बाद उनके पास रहने आ गये. फिर मेरे मम्मी पापा उनके पापा को चाचा जी बोलने लगे और उसी हिसाब से में उनको अंकल, आंटी और दादा जी बुलाने लगी, इन 2 महीनों में दोनों परिवार काफ़ी नजदीक हो गये थे. एक दिन दोपहर में स्कूल के बाद घर आने के लिए में सिटी बस स्टॉप पहुँची और उसी बस स्टॉप पर दादा जी घर आने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे, दादाजी 5 फुट 8 इंच और मजबूत बॉडी के थे, हांलाकि उनकी उम्र 61 साल के आस पास थी, लेकिन वो 50 साल के दिखते थे. फिर बस आने के बाद हम दोनों बस पर सवार हो गये और अपने घर की तरफ निकल पड़े.
जब बारिश का महीना था और हल्की-हल्की बारिश शुरू हो गयी थी, बस स्टॉप पर सिर्फ़ हम दोनों उतरे. हम दोनों के पास छाता ना होने की वजह से हल्की-हल्की बारिश में भीगते हुए हम घर की और बढ़े, बस स्टॉप से घर करीब 10 मिनट पैदल जाने की दूरी पर है, हम बस स्टॉप से 2-3 मिनट ही चले थे कि बारिश जोर से होने लगी तो हम दोनों तेज-तेज चलने लगे, लेकिन ज़्यादा बारिश होने की वजह से दादा जी बोले कि साईड के बड़े पेड़ के नीचे इंतजार कर लेते है और तेज की बारिश की वजह से में मान गयी और हम दोनों साईड के पेड़ के नीचे चले गये, लेकिन तब तक हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे और हमारे कपड़े गीले हो चुके थे, उस वक़्त में स्कूल ड्रेस पहने हुई थी जो कि सफ़ेद शर्ट और ग्रे स्कर्ट थी, में पूरी तरह से भीग चुकी थी और मेरी सफ़ेद शर्ट पारदर्शी होकर चिपक गयी थी. मैंने अन्दर ब्रा पहनी हुई थी, लेकिन गीली शर्ट से मेरे बूब्स के शेप का मालूम चल रहा था. फिर मैंने दादा जी की तरफ देखा तो उनकी नज़र मेरी भीगी हुई शर्ट में दिख रहे बूब्स और क्लीवेज पर थी.
अब वो इधर उधर की बातें करने लगे वो बीच बीच में मेरी बूब्स की और देख रहे थे, जैसे कि मुझे कोई शक़ ना हो. जब वो मेरी बूब्स की तरफ देख रहे थे, तब मेरे दिल में हलचल मच रही थी और मुझे एक अजीब सी ख़ुशी महसूस हुई और इससे पहले किसी ने मुझे इस तरह से नहीं देखा था. फिर 15 मिनट के बाद बारिश कम होते ही हम दोनों घर की और चल पड़े और चलते-चलते दादा जी मेरे भीगे हुए बदन को तिरछी नज़र से देख रहे थे, अब मुझे उनका देखना अच्छा लग रहा था.
फिर हम दोनों अपने-अपने घर चले गये, आज तक मैंने सिर्फ़ सेक्स की वासना और सेक्स की नजर से देखने के बारे में पढ़ा और सुना था, लेकिन कभी महसूस नहीं किया था, लेकिन आज दादा जी जिस तरह से मुझे और मेरे भीगे हुए बूब्स को देख रहे थे तो मुझे एक ख़ुशी महसूस होने लगी थी और में उनके बारे में सोचने लगी. उस कच्ची उम्र में यह भावना आते ही मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और में यह भूल चुकी थी कि वो 61 साल के और में सिर्फ़ 19 साल की हूँ, इसी हसीन याद से टाईम कट गया और देखते ही देखते शाम हो गयी.
फिर में शाम तक अपना सब होमवर्क ख़त्म करके छत पर खुली हवा खाने के लिए चली गयी, तभी धीरे धीरे अंधेरा होने लगा था. जब में छत पर गयी तो वहां सामने कोई नहीं था, जब मैंने पूरी छत पर नज़र घुमाई तो एक कोने में दादा जी बेंच पर बैठे थे. उनको देखते ही मुझे एक ख़ुशी महसूस हुई, जैसे कि में उनसे वर्षो से मिलना चाहती हूँ और आज सामने मिल गये हो और मुझे देखते ही उनका चेहरा भी खुशी से चमक उठा और उन्होंने मुझे एक बड़ी सी स्माईल दी. फिर मैंने भी उनको रिप्लाई में एक स्माईल दी और जाकर उनकी बगल में बैठ गयी, उस वक़्त में लोंग स्कर्ट और वी गले की टॉप पहने हुई थी और दादा जी बात करते-करते मेरी क्लीवेज और बूब्स देख रहे थे और में जानबूझ कर अंजान बन रही थी.
फिर थोड़ी देर के बाद दादाजी ने अपना एक हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और सामने की तरफ देखकर मुझसे बात करने लगे. फिर में भी चुपचाप बैठकर उनसे बात करने लगी और मैंने उनका हाथ हटाने की कोई कोशिश भी नहीं की थी. फिर 2 मिनट के बाद दादा जी अपने हाथ से मेरी जांघ को सहलाने लगे और में चुपचाप बैठी हुई सामने की तरफ देख रही थी. फिर थोड़ी देर के बाद जब मैंने उनकी तरफ देखा तो वो मेरी जांघ सहला रहे थे और मेरी क्लीवेज को देख रहे थे.
फिर उन्होंने मेरी आँखों में देखकर एक स्माइल दी, तो मैंने भी उन्हें एक स्माइल दे दी. फिर में हंसते हुए बोली कि मम्मी पापा के आने का टाईम हो गया है और अब में नीचे घर जाती हूँ और फिर में नीचे चली आई. फिर थोड़ी देर में मम्मी पापा अपनी जॉब से वापस आ गये, अब शाम के 9 बजे हुए थे और में सोफे पर बैठकर टी.वी देख रही थी और मम्मी किचन में काम कर रही थी और पापा लेपटॉप में अपना काम कर रहे थे. तभी डोर बेल बजी और मैंने जाकर दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि दरवाजे के सामने दादा जी खड़े हुए थे.
फिर उन्होंने मुझे देखते ही आँख मारी और स्माइल करते हुए अंदर आ गये, अब उन्हें देखकर मेरा दिल जोरो का धड़कने लगा था. अब पापा ने उनके चाचा जी को देखकर बड़ी खुशी से उनका स्वागत किया, तब दादा जी मुझसे बोले कि आओ और आराम से अपनी टी.वी देखो और में फिर से सोफे पर जाकर टी.वी देखने लगी और दादा जी आकर मेरे बगल में बैठ गये और पापा से बात करने लगे. फिर मम्मी किचन में उनके लिए चाय बनाने के लिए चली गयी, अब पापा अपने लेपटॉप पर काम करते-करते दादा जी से बात कर रहे थे, तो दादाजी अपने हाथ से मेरी पीठ सहलाने लगे. फिर जब मैंने उनकी तरफ देखा तो वो स्माइल देते हुए मेरे टॉप के अंदर हाथ घुसाते हुए मेरी नंगी पीठ सहलाने लगे, तभी दादाजी ने पापा से मेरे बारे में बात की.
दादा जी : मुस्कान 11वीं में क्लास आ गयी है, उसकी पढाई कैसी चल रही है? तुम हेल्प कर रहे हो या नहीं ?
पापा : नहीं चाचा जी, काम थोड़ा ज़्यादा है इसलिए ध्यान नहीं दे पा रहे है.
दादा जी : अरे भाई काम तो चलता रहेगा, लेकिन बेटी की पढ़ाई का ध्यान तो रखना पड़ेगा ना.
पापा : जी आप सही बोल रहे है, लेकिन काम का बोझ भी है अगर बुरा ना माने तो क्या आप मुस्कान की पढाई देख लेंगे? अगर आपके पास टाईम हो तो.
दादा जी : अरे इसमें बुरा मानने की क्या बात है? में दोपहर को खाली बैठे-बैठे बोर होता रहता हूँ तो मेरा भी टाईम पास हो जायेगा. (फिर मेरी तरफ देखकर आँख मारी, और में स्माइल देते हुए फिर से टी.वी देखने लगी) तभी मम्मी चाय ले कर आई, तो दादा जी ने अपना हाथ मेरे टॉप से बाहर निकाल लिया और वो मुझे स्माईल कर रहे थे.
मम्मी : चाचा जी आपको कोई परेशानी तो नहीं होगी ना.
दादा जी : बिल्कुल नहीं बल्कि मुझे तो खुशी होगी.
मम्मी : अकेली लड़की घर पर रहती है तो डर लगा रहता है और आप साथ रहेंगे तो दिल को तसल्ली भी रहेगी.
दादा जी : हाँ बेटी सही कहा तुमने, माँ हो चिंता तो रहेगी, लेकिन आगे से मुस्कान अकेली नहीं रहेगी मेरे यहाँ आ जाया करेगी, तो में उसकी पढाई में हेल्प कर दूंगा.
पापा : थैंक यू चाचा जी, मुस्कान कल से तुम स्कूल से आकर लंच के बाद पढाई करने के लिए चाचा जी के पास चली जाना.
में : जी पापा.
फिर चाय के बाद मम्मी किचन में चली गयी और दादा जी ने अपना हाथ फिर से मेरे टॉप के अंदर डाल दिया और उन्होंने इस बार नीचे कि तरफ स्कर्ट के अंदर डालने की कोशिश की, लेकिन स्कर्ट टाईट थी इसलिए वो सफल नहीं हुए. फिर वो मेरी पीठ को टॉप के अंदर से ही सहलाते रहे, फिर थोड़ी देर के बाद वो अपने घर जाने के लिए उठे और मुझे स्माइल देते हुए बोले कि कल वो इंतज़ार करेंगे, फिर वो चले गये. उसी रात अगले दिन के बारे में सोचते-सोचते कब मेरी आँख लग गयी मुझे मालूम ही नहीं चला.
फिर में सुबह उठकर स्कूल के लिए तैयार हो गयी, फिर स्कूल जाते वक़्त मम्मी ने मुझे याद दिलाया कि लंच के बाद दादा जी के यहाँ पढ़ाई के लिए जाना है और में हाँ बोली. फिर स्कूल कैसे ख़त्म हो गया? मुझे पता भी नहीं चला और में घर वापस आ गयी. फिर में लंच करके दादा जी के यहाँ जाने के लिए तैयार होने लगी, उस टाईम मैंने टॉप और स्कर्ट पहने थी.
अब मैंने दादा जी के घर के दरवाजे पर जाकर घंटी बजाई, फिर दरवाजा ओपन हुआ और अब सामने दादा जी सिर्फ़ एक पजामे में खड़े थे. मुझे देखते ही उनका चेहरा खुशी से चमक उठा और मुस्कुराते हुए बोले कि वो मेरा ही इंतज़ार कर रहे थे.
अब मेरे अंदर जाते ही उन्होंने दरवाजा अन्दर से बंद कर दिया, और अब में जाकर सोफे पर बैठ गयी और सामने की टेबल पर अपनी किताब रख दी. तभी दादा जी एक ग्लास जूस मुझे देते हुए मेरे बगल में बैठ गये और अब वो मेरी पढ़ाई के बारे में पूछ रहे थे और में धीरे-धीरे जूस पीते हुए उन्हें जवाब दे रही थी, इसी बीच दादा जी ने मेरी जांघ पर हाथ रखकर सहलाना शुरू कर दिया.
अब मेरा दिल ज़ोर से धड़कने लगा था और में चुपचाप अपना सिर नीचे करके जूस पीने लगी थी. तभी दादा जी ने पूछा कि मुझे बुरा तो नहीं लग रहा है वो मुझे टच कर रहे है, तो मैंने स्माइल देते हुए ना में सिर हिलाया. अब यह सुनकर दादा जी अपना दूसरा हाथ मेरे टॉप के अंदर डालकर मेरी पीठ सहलाने लगे.
फिर मेरे हाथ को किस करते हुए बोले यहाँ हम सुरक्षित नहीं है और मेरा हाथ पकड़कर बेडरूम में ले गये. अब दादाजी मुस्कुराते हुए बोले यहाँ आराम से बात कर सकते है और हम दोनों बेड पर बैठ गये, फिर दादा जी ने अपना लेफ्ट हाथ मेरे कंधे पर रख दिया और अपने राईट हाथ से मेरे लेफ्ट बूब्स को सहलाने लगे. तब मैंने उनका हाथ पकड़ लिया, लेकिन मैंने उनका हाथ हटाने की कोशिश नहीं की, तो वो बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगे. अब मैंने मेरी आँखे बंद कर ली, तभी उन्होंने दोनों बूब्स को दबाते हुए पूछा कि कैसा लग रहा है? तो मैंने कहा अच्छा लग रहा है.
फिर वो अपना हाथ टॉप के अंदर डालकर मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से सहलाने लगे और धीरे-धीरे दबाने लगे. अब में अपनी आँखें बंद करके मज़ा ले रही थी और उन्होंने अपना सर मेरे कंधे पर रखकर मेरी गर्दन को चूमना शुरू कर दिया. यह सब मेरे साथ पहली बार हो रहा था और अब में भी गर्म होने लगी थी, तभी दादा जी ने मेरे टॉप को नीचे से पकड़कर ऊपर किया और मेरे दोनों हाथ ऊपर करते ही एक झटके में मेरी टॉप मुझसे अलग हो गयी और अगले ही पल में मेरी ब्रा के हुक खोलकर ब्रा को भी मुझसे अलग कर दिया.
अब में नीचे सिर्फ़ स्कर्ट में थी और ऊपर से पूरी नंगी थी, मेरी बूब्स देखकर दादा जी के मुँह से वाउ निकल गया और बोले, आआअहह क्या खूबसूरत बूब्स है? जी कर रहा है कच्चा खा जाऊं, क्या किसी ने आज से पहले बूब्स टच किया है? तो फिर मैंने ना में सिर हिलाया और वो एक भूखे बच्चे की तरह मेरे बूब्स को चूसने लगे और अपना हाथ मेरी स्कर्ट के अंदर डालकर मेरी जांघो को सहलाने लगे, तब तक मेरी पेंटी पूरी गीली हो चुकी थी.
फिर थोड़ी देर में ही दादा जी अपने हाथ से मेरी चूत को पेंटी के ऊपर से ही टच करने लगे तो मैंने अपना हाथ उनके पजामे के ऊपर रख दिया और धीरे-धीरे उनके लंड को दबाने लगी. तभी दादा जी ने अपना पजामा उतार दिया और अब वो सिर्फ़ चड्डी में थे. फिर वो मुझसे बोले कि मुस्कान क्या तुम अपने दोस्त को बाहर नहीं निकालोगी?
यह कहकर उन्होंने मेरा हाथ अपनी चड्डी के अंदर डाल दिया, अब मुझे ऐसा लगा कि मेरे हाथ में कोई गर्म रोड आ गयी है. फिर मैंने चड्डी में से उनका लंड बाहर निकाला, में लाईफ में पहली बार लंड देख और छू रही थी, उनका लंड करीब 6 इंच लंबा, और 3 इंच चौड़ा था और में उसे एक ही नज़र में देखे जा रही थी, जैसे मुझे कोई अजूबा हाथ लगा हो. इसी बीच दादा जी ने अपनी चड्डी ऊतार दी और मेरी स्कर्ट भी खोल दी. अब वो मेरे सामने पूरे नंगे थे और में सिर्फ़ एक पेंटी में थी.
अब में उनके लंड को अपने हाथ से सहला रही थी और वो मेरे बूब्स दबाते हुए मेरी आँखो में देख रहे थे. फिर धीरे-धीरे वो मेरे चेहरे के पास आकर मेरे लिप को चूमने लगे, अब में भी किस में उनका साथ देने लगी. फिर 2-3 मिनट तक लिप किस करने के बाद दादा जी मेरे सामने खड़े हो गये और अब उनका लंड ठीक मेरे सामने तनकर खड़ा था, मानों जैसे वो मुझे सलामी दे रहा है.
फिर दादा जी मुझे लंड को मुँह में लेने के लिए बोले और मैंने लंड को दोनों हाथों से पकड़कर मुँह में ले लिया. अब दादा जी मेरे बालों को पकड़कर मेरे सिर को अपने लंड पर आगे पीछे करने लगे और अपनी आँखे बंद करके, उम्म्म हम्मम्मम्म करके सिसकारियाँ निकाल रहे थे. फिर में 3-4 मिनट तक उनका लंड चूसती रही और उन्होंने अचानक से ज़ोर से, आहह करते हुए अपना पूरा पानी मेरे मुँह के अंदर ही छोड़ दिया. उनके लंड के पानी का टेस्ट कुछ अजीब सा था, लेकिन में उनके लंड का सारा पानी पी गयी और मैंने लंड चाट कर साफ कर दिया.
अब दादा जी ने मुझे उठाकर बेड पर लेटा दिया और मेरी पेंटी को नीचे खींचने लगे, अब देखते ही देखते मेरी पेंटी मुझसे अलग हो गयी और में पूरी नंगी बेड पर लेटी रही. फिर मेरी दोनों टांगो को खोलकर अपना सिर मेरी जांघो के बीच में रख दिया और मेरी चूत को किस करने लगे, मुझे ऐसी फीलिंग हो रही थी, जैसे कि हज़ारो चीटियाँ मेरी चूत को काट रही हो, मुझे इतनी अच्छी फीलिंग पहले कभी नहीं आई थी.
फिर वो मेरी चूत को चाटने लगे और देखते ही देखते अपनी जीभ मेरी चूत में डालने लगे, अब वो मेरी चूत को चूसते रहे और अब में उनका सिर पकड़कर दबाब डाल रही थी और चूत चुसाई का मज़ा ले रही थी. अब करीब 5-6 मिनट तक चुसाई करवाने से मेरी चूत से पानी निकलने लगा था और वो मेरी चूत पर मुँह लगाकर पूरा पानी पी गये. अब पानी निकलने के बाद में हल्का महसूस कर रही थी और अब दादा जी मेरे ऊपर आकर मेरे बूब्स के साथ खेलने लगे और अब में भी उनके लंड को अपने हाथ से सहलाते हुए खेलने लगी.
फिर 2 मिनट में ही दादा जी का लंड सलामी देते हुए फिर से खड़ा हो गया, तो वो मेरी दोनों टांगो के बीच में आकर बैठ गये. अब उन्होंने एक तकिया लेकर मेरी कमर के नीचे रख दिया, ताकि मेरी चूत थोड़ी ऊपर हो जाए. फिर बेड के साईड में टेबल पर रखी वेसलिन क्रीम निकाल कर थोड़ी मेरी चूत पर लगाई और थोड़ी अपने लंड पर लगा ली, फिर अपने हाथ से लंड को पकड़कर मेरी चूत के होल के सामने रगड़ने लगे. फिर वो मेरे ऊपर लेट गये और मेरे लिप पर किस करने लगे, अब में भी उनके किस का साथ दे रही थी और इसी बीच दादा जी ने एक ज़ोर के धक्के के साथ अपना लंड मेरी चूत के अंदर डाल दिया, तो में दर्द के मारे चिल्लाने लगी, लेकिन उन्होंने मेरे लिप को अपने लिप से बंद कर रखा था और अब में उनको हटाने लगी, लेकिन उन्होंने मेरी कमर को पकड़ कर रखा था और में हिल भी नहीं पा रही थी, अब दर्द के मारे मेरी आँखो से आंसू निकलने लगे थे.
फिर दादा जी ने मेरे बूब्स को चूसा और फिर थोड़ी देर में जब मेरा दर्द कम हुआ तो वो फिर से अपनी कमर चलाने लगे. अब उनका लंड धीरे-धीरे चूत में अंदर बाहर होने लगा था, फिर जब में थोड़ी नोर्मल हुई तो उन्होंने और एक ज़ोर के धक्के से अपना पूरा लंड मेरी चूत में अंदर डाल दिया और तभी ज़ोर से पकड़कर मुझे किस करने लगे और धीरे-धीरे मेरा दर्द कम होने लगा और मेरा दर्द कम होने के बाद लंड को अंदर बाहर करके चोदने लगे. फिर थोड़ी देर में मुझे भी मज़ा आने लगा और में अपनी कमर उठा- उठाकर उनका साथ देने लगी और अब मुझे देखकर दादा जी भी जोश में आ गये और ज़ोर ज़ोर से मुझे चोदने लगे. फिर 7-8 मिनट तक चुदवाने के बाद मेरे पानी छोड़ने के बाद दादा जी भी कुछ 15-20 धक्के लगाकर वो भी अपना पानी मेरी चूत के अंदर डाल कर झड़ गये. अब चुदाई के बाद हम दोनों ही थक चुके थे और कुछ देर तक हम दोनों वैसे ही नंगे बेड पर पड़े रहे. दोस्तों यह थी मेरी पहली चुदाई की कहानी.
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दीदी की चूत का भेदन

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अर्जुन है और में पुणे से हूँ. यह मेरी इस साईट पर पहली कहानी है और में आशा करता हूँ कि आपको यह बहुत पसंद आयेगी. मेरे घर मे 5 लोग रहते है माँ, पापा, दीदी, मेरा छोटा भाई और में. मेरे पापा एक बिज़नेस मैन है और हमारा कॉटन मिल है और मेरी माँ हाऊस वाईफ है. दीदी का MBA पूरा हो गया है और उसकी शादी भी फिक्स हो चुकी है और में बी.ए. कर रहा हूँ और अब में आपको बोर ना करते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ.
मेरे दीदी विभा मुझसे 4 साल बड़ी है और दीदी की उम्र 26 साल है, उसका फिगर कमाल का है और उसकी गांड जो किसी का भी दिल जीत ले, में उसे हमेशा से पसंद करता था और उसे हवस की नज़रों से देखता था. मैंने कई बार उसके नाम की मुठ भी मारी है. ये बात पिछले साल जून की है जब मेरे घरवाले किसी रिश्तेदार की शादी में इंदौर गये थे. घर पर बस में और मेरी दीदी और मेरा छोटा भाई ही थे. दीदी को शायद पता था कि में उसे पसंद करता हूँ, लेकिन वो कुछ नहीं कहती थी.
एक दिन मौसम बड़ा खराब था तो दीदी बाहर गयी थी, शायद उस साल की वो पहली बारिश थी. उस टाईम रात के 9 बज चुके थे और उतने में ही मुझे दीदी का कॉल आया, उसकी गाड़ी स्टार्ट नहीं हो रही थी. उसने मुझे उसकी दोस्त के घर लेने बुलाया. फिर मैंने अपने छोटे भाई बबलू से कहा कि में दीदी को लेने जा रहा हूँ तू खाना खाकर सो जाना. फिर मैंने मेरी बाईक निकाली और उसकी दोस्त ऋतु के घर चला गया.
फिर उसकी दोस्त ऋतु ने कहा कि आज रात यही रुक जाओ मौसम बहुत खराब है, लेकिन मैंने कहा कि मेरा छोटा भाई घर पर अकेला है तो हमें जाना होगा. इतने में रिमझिम बारिश स्टार्ट हो चुकी थी. फिर में और दीदी निकल पड़े और थोड़ी ही देर में जोर की बारिश होने लगी तो दीदी और में एक जगह रुक गये. फिर लगभग रात के 11 बजे के करीब बारिश कम हो गयी तो दीदी ने कहा कि वो बाईक चलाना चाहती है तो दीदी बोली कि तू पीछे बैठ में सब संभाल लूंगी.
फिर दीदी बाईक चलाने लगी और में पीछे बैठ गया. हम बारिश के कारण पूरे गीले हो चुके थे और दीदी क्या कमाल की लग रही थी? में दीदी से पीछे चिपक कर बैठ गया. अब मेरा लंड दीदी की गांड को टच हो रहा था और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और शायद दीदी को भी बहुत मजा आ रहा था, मुझे पीछे से दीदी की ब्रा साफ़ साफ़ नज़र आ रही थी. फिर मैंने सोच लिया कि आज दीदी की चुदाई का अच्छा मौका है. फिर थोड़ी ही देर में हम घर पहुँच गये और दीदी की गीली गांड देखकर मेरा बुरा हाल हो रहा था.
फिर थोड़ी देर में दीदी फ्रेश होने गई और नाईट गाउन पहनकर आ गई, दीदी कभी गाऊन नहीं पहनती थी और यह मेरे लिए सर्प्राइज़ था. फिर दीदी ने कहा कि जा फ्रेश होकर आ जा और फिर खाना खाते है फिर में फ्रेश होकर आया और छोटे भाई के कमरे में गया तो वो सो रहा था. फिर में और दीदी खाना खाने लगे, दीदी को ठंड लग रही थी तो खाना ख़ाने के बाद में और दीदी रूम में बातें करने लगे. फिर दीदी ने कहा कि आज रात यही सो जा, मुझे मेरी तबियत ठीक नहीं लग रही.
में बहुत खुश था, मैंने पजामा और टी-शर्ट पहना हुआ था, अब हम सोने की तैयारी करने लगे, शायद दीदी आज चुदाई के मूड में थी. फिर दीदी ने कहा कि यार मुझे सर दर्द हो रहा है, प्लीज़ मुझे सर पर बाम लगा दे ना तो में बोला जी जरुर दीदी. फिर में उसके सर पर बाम लगाने लगा, अब मुझे उसके बूब्स नज़र आ रहे थे और उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी और अब मेरा लंड खड़ा होने लगा था तो दीदी बोली कि यार थोड़ा पीठ पर भी लगा दे इससे मुझे थोड़ी राहत मिलेगी, मेरी तो जैसे लॉटरी लग गयी थी.
फिर दीदी उल्टी लेट गयी और मैंने उसके गाउन की चैन नीचे कर दी और बाम लगाने लगा, में अब पूरी पीठ पर बाम लगाने लगा. फिर मैंने कहा कि दीदी में बाम ठीक से लगा नहीं पा रहा हूँ, क्या में आपकी जांघो पर बैठकर बाम लगा दूँ? तो उसने हाँ बोल दिया. अब में उसकी जांघो पर बैठकर दीदी को बाम लगा रहा था और अब मेरा 6 इंच लंबा लंड दीदी की गांड को छूने लगा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने दीदी से कहा कि तुम बहुत सुंदर हो और तुम्हारा फिगर भी बहुत अच्छा है, अब दीदी शायद मेरे इरादे समझ गयी थी. फिर दीदी ने कहा कि चलो बहुत रात हो गई है और अब हम सोते है, लेकिन मुझे कहाँ नींद आने वाली थी, क्योंकि मेरा खड़ा लंड तो दीदी की गांड मारने को बेताब था. अब दीदी मेरी तरफ अपनी गांड करके लेट गयी, उसके गाऊन की चैन अब तक खुली थी और में उसके साथ चिपक कर लेटा था. अब मेरा खड़ा लंड उसकी गांड को टच हो रहा था और में उसकी खुली पीठ पर किस करने लगा.
फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी गर्दन के नीचे से उसके बूब्स पर रख दिया और दूसरे हाथ से उसका पेट सहला रहा था, मेरे ऐसा करने से दीदी पूरी गर्म हो चुकी थी और वो अपने एक हाथ से चूत सहलाने लगी और ऐसा लगभग 5 मिनट तक चलता रहा. फिर मैंने दीदी का हाथ उसकी चूत से हटाया और मैंने अपना हाथ रख दिया और उसकी चूत सहलाने लग गया और अब मैंने अपना लंड भी पजामे के बाहर निकाल लिया था, अब दीदी से रहा नहीं गया और उसने मेरी तरफ मुँह किया और मुझे किस करने लग गयी.
मैंने दीदी को 5 मिनट तक किस किया और उसका गाऊन उतार दिया, अब दीदी पूरी नंगी थी और उसका गोरा बदन देखकर मुझसे रहा नहीं जा रहा था. फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए, अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे. फिर मैंने दीदी को बेड पर लेटाया और उसकी चूत चाटने लगा और में उसकी गांड से भी खेल रहा था, दीदी की चूत पर एकदम बारीक-बारीक बाल थे और मानो उसने 8 दिन पहले ही शेव की हो.
फिर मैंने उसे उल्टा किया और उसकी गांड चाटने लगा, अब दीदी ज़ोर-ज़ोर से सिसकियां ले रही थी. फिर मैंने दरवाजे की तरफ देखा तो दरवाजा बंद नहीं था तो में उठा और दरवाजा खिड़की सब बंद कर दिए. फिर मैंने दीदी से कहा कि दीदी मेरा लंड चूसो ना तो दीदी ने मना किया, लेकिन में रिक्वेस्ट करने लगा तो फिर वो मान गयी और मेरा लंड चूसने लगी और मेरा लंड उसकी गर्दन तक जा रहा था.
फिर हम 69 की पोजिशन में आ गये, दीदी मेरा लंड चूस रही थी और में उसकी चूत और गांड चूस रहा था और अब तक हम दोनों एक एक बार झड़ चुके थे. फिर मैंने दीदी की टाँगे फैलाई और मेरा लंड दीदी की चूत पर रगड़ने लगा और मैंने अपने लंड का टोपा दीदी की चूत में उतार दिया. उसने अपने होठों को दांतों से दबा लिया था, उसकी चूत बहुत टाईट थी. फिर उसने कहा कि थोड़ा दर्द हो रहा है. तो मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और लंड उसकी चूत में पेल दिया और मेरा आधा लंड उसकी चूत में था, उसे मज़ा आने लगा था और वो कह रही थी कि आराम-आराम से करो.
फिर मैंने आराम-आराम से पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और धक्के मारने लगा, अब हम दोनों चुदाई का पूरा आनंद लेने लगे थे. फिर 20 मिनट के बाद में उसके पेट के ऊपर आ गया. फिर मैंने टाईम देखा तो रात के 1 बज रहे थे. फिर थोड़ी देर में दीदी फ्रेश होने बाथरूम में चली गयी तो में भी उसके पीछे-पीछे बाथरूम में चला गया. अब दीदी की गांड देख़कर मुझे जोश चढ़ने लगा और मेरा लंड खड़ा होने लगा.
फिर मैंने दीदी को पीछे से गले लगा लिया और कहा कि दीदी में आपकी गांड मारना चाहता हूँ. फिर वो बोली कि नहीं गांड मारने में बहुत दर्द होता है. फिर मैंने कहा कि दीदी में बड़े आराम से करूँगा और अगर फिर भी दर्द होता है तो हम नहीं करेंगे. फिर मैंने उसे उठाया और बेड पर उल्टा लेटा दिया. फिर उसके पेट के नीचे एक तकिया रखा और फिर में बाथरूम से साबुन लाया और उसे उसकी गांड पर लगाने लगा और अपने लंड पर भी लगाया, इससे उसकी गांड और मेरा लंड एकदम चिकने हो गये थे.
फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड पर टिकाया और धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी गांड में चला गया और वो चिल्ला पड़ी. फिर मैंने कहा कि दीदी आराम से और उसके बूब्स दबाने लगा और जब वो नॉर्मल हुई तो में धक्के मारने लगा. फिर मैंने पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया और अब उसे भी मज़ा आने लगा था. फिर थोड़ी देर के बाद में उसकी गांड में ही झड़ गया और हम दोनों नंगे सोने लगे तो दीदी ने कहा कि आई लव यू भाई तूने तो मुझे जन्नत की सैर कराई है. फिर में बोला कि आई लव यू टू दीदी और हम सो गये. सुबह दीदी से ठीक से चला भी नहीं जा रहा था और उसके बाद मैंने कई बार दीदी की चुदाई की और अब उसकी शादी हो चुकी है और मुझे जब भी मौका मिलता है तो में उसकी चुदाई करता हूँ.
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भाभी बनी मेरी सेक्सी गर्लफ्रेंड

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम गौतम शाह है और में एक कॉलेज स्टूडेंट हूँ और में अहमदाबाद का रहने वाला हूँ. आज में आप सभी को अपना पहला सच्चा सेक्स अनुभव सुनाने जा रहा हूँ जो कि अभी करीब 6 महीने जिसमें मैंने अपने कज़िन भाई की पत्नी मतलब कि मेरी भाभी को अपनी तरफ आकर्षित करके चोदा.
दोस्तों जब मेरे कॉलेज के पहले साल के एग्जाम खत्म हुए थे, तब हमारे घर पर मेरा कज़िन भाई और उसकी पत्नी खुशबू आए हुए थे और तब में पहली बार अपनी नई भाभी से बहुत करीब से मिला था. वो दिखने में एकदम कयामत लगती है और उनकी हाईट करीब 5.6 फिट और उनके बूब्स का साईज़ 36, उनकी गांड का साईज 32 और कमर 28 की है. मेरी हाईट 5.11 है और दोस्तों जब वो मेरा रूम देख रही थी, तब सिर्फ़ हम दोनों ही रूम में थे. उन्होंने तब मुझसे कहा था कि उन्हे ज़्यादा हाईट वाले लोग बहुत अच्छे लगते है, लेकिन मेरे भाई की हाईट ज़्यादा नहीं है तो इसलिए मैंने उनसे पूछा कि उनकी हाईट भी तो ज़्यादा नहीं है तो फिर आपने क्यों उन्हे पसंद किया?
दोस्तों मेरे इस सवाल से उनका चेहरा बिल्कुल बिगड़ गया और वो मुझसे एक भी शब्द नहीं बोली और अपना सर झुकाए खड़ी रही और फिर में वहां से चला गया, लेकिन अब में समझ गया था कि इनके बीच में कुछ तो समस्या है, वैसे मुझे बहुत अच्छा लगा कि भाभी ने मेरे साथ इस तरह की बात की, सिर्फ़ इसलिए नहीं कि वो दिखने में अच्छी थी, लेकिन उनका स्वभाव भी बहुत अच्छा था और मेरा भाई दिखने में ज़्यादा अच्छा नहीं था, लेकिन मुझे बाद में पता चला कि भाभी के पापा को केंसर है और वो अपनी बेटी की शादी देखकर जाना चाहते थे तो इसलिए उन्होंने यह फैसला लिया था.
मेरे भाई का घर भी अहमदाबाद में ही है और शादी के बाद उनका हमारे घर पर आना जाना बढ़ गया था, मेरी और भाभी की बहुत अच्छी बनती थी और उस वक्त मेरे पास एक नया फोन था तो एक दिन बातों ही बातों में उन्होंने मुझसे कहा कि क्यों इस फोन में कोई सुंदर सी लड़की का मोबाईल नंबर तो होगा ना? तो मैंने मुस्कुराते हुए कहा कि नहीं आपने मुझे अभी तक आपका कोई नंबर दिया ही नहीं. तभी उन्होंने भी मुझे एक शरारती स्माईल दी और अपना मोबाईल नंबर बताया और मैंने एक मैसेज करके अपना नंबर भी उन्होंने दे दिया, लेकिन अब मेरी कभी भी हिम्मत नहीं हुई उनसे चेट करने की, लेकिन में कभी कभी उन्हें कोई मैसेज जरुर भेज दिया करता था और एक दिन सुबह सुबह उनका एक मैसेज आया जिसमें गुड मॉर्निंग लिखा हुआ था.
फिर मैंने भी उन्हें एक अच्छा सा मैसेज किया और वो आगे की बात करने लगी. फिर मैंने मजाक मजाक में उनसे कहा कि आपको क्या शर्म नहीं आती कि घर में आपका पति है तो भी आप किसी और को मैसेज करती है? फिर उन्होंने कहा कि वो घर पर कहाँ रहते है? में खुद घर पर अकेली दिन भर बोर हो जाती हूँ. फिर मैंने उनसे कहा कि आप कोई किताब पढ़िए, उन्होंने कहा कि नहीं आज मुझे बाहर बाजार में कुछ कपड़े खरीदने जाना है और साथ में मुझे भी ऑफर भी किया कि क्या तुम मेरे साथ चलोगे? फिर में उनकी यह बात सुनकर खुश तो बहुत हुआ, लेकिन फिर सोचने लगा कि में अपने घर पर क्या बहाना बनाऊंगा?
तभी उन्होंने कहा कि तुम आंटी से कह देना कि आज ऑटो की हड़ताल होने की वजह से तुम मुझे अपनी बाईक पर बैठकर बाजार ले जा रहे हो और अब मैंने ठीक वैसा ही किया जैसा उन्होंने मुझसे कहा और में दोपहर को अपने घर से निकलकर उनके फ्लेट के नीचे उनका इंतजार कर रहा था और फिर कुछ देर बाद वो आई. दोस्तों में तो उन्हे आखें फाड़ फाड़कर देखता ही रह गया क्योंकि ऐसी हॉट, सेक्सी, लड़की तो हमारे पूरे कॉलेज में भी नहीं थी, उन्होंने एकदम टाईट जींस और बिना बाँह की एकदम टाईट टी-शर्ट पहनी हुई थी और उस टी-शर्ट में से उनके बूब्स कुछ ज़्यादा ही बाहर निकलते हुए दिख रहे थे और उस जींस से उभरी हुई गांड बाहर आ रही थी और मेरी बाईक नयी पल्सर है तो इसलिए उन्हें बैठने में बहुत समस्या हो रही थी और फिर उनको मुझे पकड़कर बैठना पड़ा, जिसकी वजह से उनके बूब्स मेरी पीठ को छू रहे थे.
दोस्तों उस दिन पहली बार कोई लड़की मेरी बाईक पर मुझसे बिल्कुल चिपककर बैठी हुई थी और इसलिए मुझे कुछ कुछ हो रहा था. फिर कुछ देर बाद मेरे मन की बात जानकर मेरी हालत देखकर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या हुआ क्या तुम्हारी गर्लफ्रेंड ऐसे नहीं बैठती? दोस्तों वैसे वो बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, लेकिन फिर भी मैंने बहुत धीरे प्यार से कहा कि वो मुझसे ऐसे चिपककर नहीं बैठती.
फिर वो मुझे अब कुछ ज़्यादा टाईट पकड़कर बोली कि क्या वो ऐसे बैठती है? फिर मैंने उनसे पूछा कि आप तो मेरी गर्लफ्रेंड नहीं हो ना? तभी उन्होंने कहा कि नहीं हूँ तो अब बन जाती हूँ और मुझे इसमें क्या आपत्ति है? तो मैंने कहा कि फिर तो में कुछ भी कर सकता हूँ ना? फिर उन्होंने मेरे सर पर धीरे से मारा और कहा कि तुम अब कुछ ज्यादा ही बहुत बड़े हो गये हो.
फिर हम जब बाजार में पहुंचे तो वहां पर बहुत से कपल्स एक दूसरे के हाथ में हाथ डालकर चल रहे थे. फिर मैंने उन्हें देखकर भाभी से कहा कि क्यों आप मेरी गर्लफ्रेंड हो ना? तो अब आपको भी ऐसा सब कुछ करना पड़ेगा. दोस्तों वो दिखने में इतनी सेक्सी लगती थी कि जैसे कोई कॉलेज स्टूडेंट हो और वो मुझसे उम्र में सिर्फ चार साल बड़ी थी. अब उन्होंने मेरे मुहं से यह बात सुनते ही झट से मेरा हाथ पकड़ लिया और फिर गर्लफ्रेंड, बॉयफ्रेंड की तरह मुस्कुराते हुये बातें करते हुए मेरे साथ चलने लगी और कुछ देर बार उनकी कुछ ड्रेस लेने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे ब्रा, पेंटी लेने है. फिर मैंने मुस्कुराते हुए कहा कि में आपका बाहर खड़ा इंतजार करता हूँ आप ले आओ, लेकिन भाभी ने मेरा हाथ पकड़कर कहा कि तुम अब मेरे लवर हो तो तुम्हे मेरे साथ अंदर भी आना पड़ेगा.
दोस्तों भाभी को में आज पहली बार इतना खुश देख रहा था और अब अंदर आने के बाद भाभी कुछ पसंद करके ट्रायल रूम में चली गई और फिर उन्होंने मुझे एक मैसेज किया कि यहाँ आकर देखो तो यह मुझ पर कैसी है? और जब में ट्रायल रूम के बाहर गया तो उन्होंने मुझे अंदर बुलाया और उन्होंने उस समय जींस के ऊपर सिर्फ़ काली कलर की ब्रा ही पहनी हुई थी. फिर मैंने कहा कि में आपका बॉयफ्रेंड हूँ तो में अब कुछ भी कर सकता हूँ ना? वो मेरी बात सुनकर थोड़ा मुस्कुराई तो मैंने उनकी कमर पर हाथ रखकर उन्हें मेरी तरफ खींच लिया, उनकी दोनों आखें बंद थी तो मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उन्हें एक किस किया और उन्होंने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया.
फिर में बाहर आ गया और कुछ देर के बाद में मैंने उनको अपने घर पर छोड़ दिया, लेकिन उन्होंने आते समय मुझसे कुछ नहीं बोला और बस चुपचाप मुझसे चिपककर बैठी रही और में उनके बड़े मुलायम बूब्स की गर्मी लेता रहा और मेरा भाई उस दिन आउट ऑफ टाउन था तो में जब अपने घर पर पहुंचा तो मेरी माँ ने कहा कि तुम्हारी भाभी का कॉल आया था, तुम्हारा भाई घर पर नहीं है और इसकी वजह से तुम्हारी भाभी को रात के समय घर पर अकेले बहुत डर लगता है तो उसने तुझे वहां पर बुलाया है और तू आज रात को वहीं पर सो जाना. मैंने तेरे पापा को यह बात बताकर उनसे पूछकर तुझसे यह बात कही है.
दोस्तों में अपनी माँ के मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और अब मन ही मन अपनी भाभी को चोदने के सपने देखने लगा और दिन भर जैसे तैसे बिताकर शाम को में भाभी के घर पर चला गया और मैंने देखा कि वो खाना खाने के बाद अपने बेडरूम में बैठी हुई थी और में वहां पर पहुंचकर बैठक रूम में सोफे पर बैठकर टी.वी. देख रहा था और अब तक हमने कुछ भी बात भी नहीं की थी. तभी थोड़ी देर बाद भाभी अपने बेडरूम से उठकर बाहर आई और उन्होंने मुझसे कहा कि क्यों गौतम अगर तुम्हे कोई दिक्कत ना हो तो तुम आज मेरे साथ मेरे बेड पर ही सो जाओ?
फिर में मन ही मन बहुत खुश होकर उन्हे झट से हाँ कहकर चुपचाप टी.वी. देखने लगा और जब में कुछ देर के बाद उनके रूम में गया तो भाभी वही मेक्सी पहनकर सोई हुई थी जो हमने आज दिन में बाजार से ली थी और वो उस बिल्कुल टाईट मेक्सी में बहुत सेक्सी लग रही थी और में उनके पास में लेट गया. तभी थोड़ी देर बाद उनका एक हाथ मेरी छाती पर था, मुझे तब तक नींद नहीं आ रही थी और मुझे लगा कि वो शायद गहरी नींद में है, लेकिन वो अब मेरी तरफ देखकर मुस्कुराई और में चुप रहा.
तभी उसने मुझसे कहा कि में तुमसे एक बात कहना चाहती हूँ. मैंने कहा कि हाँ कहो और फिर उसने मुझसे कहा कि मेरे पति तुम्हारे भैया ने आज तक मेरे साथ कभी भी सेक्स नहीं किया और यह बात बोलते बोलते वो रोने लगी. फिर में उनके मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल दंग रह गया, में भैया को पहले बहुत अच्छा मानता था, लेकिन मुझे यह बिल्कुल भी नहीं मालूम थी कि वो ऐसा भी होगा. फिर भाभी बोली कि उनके पति ने उनसे कहा है कि हम अभी पांच साल तक इंतज़ार करेंगे और अब उसे रोती हुई देख मैंने उन्हें गले लगा लिया, वो मेरे बालों में हाथ घुमा रही थी.
फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस किया, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और फिर मैंने उनके होंठ पर किस किया और उनकी आखों में देखा तो वो बहुत खुश थी, अब हमने 15 मिनट तक लगातार लिप किस किया और मैंने पास में पड़ी हुई बॉटल में से पानी पिया, तभी भाभी मुझसे बोली कि मुझे भी पानी पीना है. फिर मैंने उन्हे वो बॉटल दे दी, लेकिन वो बोली कि ऐसे नहीं तुम्हारे मुहं से. फिर मैंने थोड़ा पानी पीकर अपने मुहं से उनके मुहं में डाल दिया और यह सब करना मुझे बहुत अच्छा लगा. मैंने उनकी ब्रा को खोल दिया और उनके हल्के गुलाबी निप्पल को चूसने लगा. दोस्तों उनके बूब्स बहुत स्वादिष्ट, मुलायम, बड़े आकार के, एकदम गोल थे.
फिर में अपने एक हाथ से बूब्स को दबा रहा था और दूसरे हाथ से उनकी पेंटी को उतार रहा था तो वो बहुत सेक्सी आवाज़ कर रही थी और वो मुझसे कह रही थी हाँ और ज़ोर से चूसो जान, गौतम में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, प्लीज ज़ोर से सक करो हाँ और ज़ोर से प्लीज. फिर मैंने उनकी चूत में अपनी एक उंगली को डाल दिया और उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया. दोस्तों मैंने अपनी उंगली को आगे पीछे, अंदर बाहर डालकर महसूस किया कि उनकी चूत बहुत टाईट थी और सच में वो अब तक बिल्कुल वर्जिन थी और उनकी चूत पूरी तरह से गीली थी, लेकिन फिर भी मेरी दो उंगलियाँ आसानी से अंदर नहीं जा रही थी तो मुझे बहुत ज़ोर लगाना पड़ रहा था और उसको बहुत दर्द हो रहा था तो वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी और मचल रही थी और में उन्हे अपनी दो उँगलियों से चोद रहा था, अब उनकी सिसकियों की आवाज़ बहुत ज़ोर से आ रही थी और वो मुझसे चुदने की भीख माँग रही थी और वो मुझसे कह रही थी कि प्लीज अब मुझे और मत तड़पाओ, अह्ह्ह्हह्ह प्लीज मुझे अब चोद दो, आईईईईई प्लीज मुझे एक बार अपना वो दे दो. फिर मैंने उनकी यह बात सुनकर उन्हे खींचकर बेड के कॉर्नर पर ले लिया और अब उनकी प्यासी चूत चाटने, चूसने लगा और अपनी जीभ से चोदने लगा.
फिर वो पूरे जोश में आकर मेरा सर उनकी चूत पर दबा रही थी और अब वो बहुत कामुक हो गई थी और मुझे बार बार चोदने को बोल रही थी, लेकिन में उसे तड़पा रहा था, क्योंकि हर काम को करने से पहले उसकी तड़प जितनी ज़्यादा होती है तो मज़ा उतना ही ज़्यादा आता है और फिर हम 69 की पोज़िशन में थे, लेकिन वो करीब दस मिनट में ही झड़ गई. उसकी सुगंध बिल्कुल अच्छी नहीं थी, लेकिन फिर में उसके चूत रस को पी गया और उन्होंने मेरा लंड चूस चूसकर लोहे जैसा बना दिया था और अब मैंने अपना 8 इंच का लंड उनकी चूत के पास रखा और उसकी चूत के मुहं पर धीरे से रगड़ने लगा और वो सिसकियों के साथ मुझसे बहुत भीख माँग रही थी, प्लीज गौतम अब मुझे और मत तड़पाओ, में मर जाउंगी, प्लीज़ मुझे एक बार चोदकर खुश कर दो. फिर मैंने लंड को चूत के अंदर डालने की बहुत कोशिश की, लेकिन लंड आसानी से अंदर नहीं गया और वो मेरे हर बार धक्के से चिकनी चूत के ऊपर से फिसलकर इधर उधर जा रहा था.
तभी उन्होंने मेरा लंड एक हाथ से पकड़कर अपनी चूत के छेद पर पकड़कर रखा और मुझे धक्का देने का इशारा किया और मैंने जब एक और ज़ोर का झटका मारा तो मेरा आधा लंड अब अंदर जा चुका था और वो रो रही थी, आआहह आईईईईइ प्लीज गौतम मुझे बहुत दर्द हो रहा है ऊईईईईई माँ प्लीज अब बाहर निकालो इसे, लेकिन मैंने उनकी एक ना सुनी और एक झटका मारा और मेरा पूरा का पूरा लंड अंदर चला गया था और वो बैहोश हो गई थी.
फिर मैंने उसे किस किया और वैसे ही पांच मिनट लेटा रहा. फिर में उनके बूब्स को सहलाने लगा और धीरे धीरे से दबाने लगा, लेकिन दोस्तों अब मेरे लंड में भी थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा था. फिर कुछ देर बाद जब उसे थोड़ा अच्छा लगने लगा तो मैंने अपनी चुदाई की स्पीड को बढ़ा दिया और वो मेरे साथ चुदाई के मज़े लेने लगी और सारे रूम में उनकी सिसकियों और पच पच की आवाज़ आ रही थी और बीस मिनट के बाद वो झड़ गई और झड़ने के वक्त उन्होंने मेरी पीठ पर इतने नाख़ून मारे कि मुझे बहुत दर्द हो रहा था और में भी तुरंत झड़ गया, वो मेरी इस चुदाई से बहुत खुश थी और उसने मुझे हग किया और कहा कि तुम बहुत अच्छे हो और में तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ, तुमने मुझे चोदकर पूरा कर दिया है और तुम बहुत अच्छा चोदते हो, वाह मज़ा आ गया. अब हम इतने थक चुके थे कि कब सो गये और हमे पता ही नहीं maचला. सुबह 6 बजे वो उठी तो मैंने देखा कि उनसे अब ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था और दिन में 12 बजे तक भैया आने वाले थे. फिर हम साथ में नहाए और एक बार फिर से सेक्स किया और तब से हम रोज़ फोन सेक्स करते है.
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दिव्या भाभी के साथ पूरा मजा

हैल्लो दोस्तों, ये बात एक साल पहले की है, जैसे ही मेरा कॉलेज शुरू हुआ था तो मेरा रोज का टाईम सुबह 6 से दोपहर के 1 बजे तक का था. उन दिनों में अक्सर कॉलेज के बाद वापस जल्दी घर आ जाया करता था, क्योंकि मेरे घर के सामने एक मस्त भाभी रहती थी, उसका नाम दिव्या था और वो दिखने में मोटी थी, लेकिन काफ़ी गोरी थी, उसकी उम्र कुछ 26 साल के आस पास होगी. उसकी सबसे ज़्यादा अच्छी बात थी उसके बूब्स, यार क्या बताऊँ? इतने बड़े थे कि मानो जैसे कोई बड़ा संतरा हो, उसे देखते ही मेरी दिमाग़ में बस उसको चोदने का ही विचार आता था कि कैसे इसको अपना बनाऊँ?
ऐसे ही रोज दिन कट रहे थे, जब भी में कॉलेज से वापस आता तो में उसे देखने का एक भी मौका नहीं छोड़ता था. जब वो अपने घर में झुककर पोछा लगा रही हो तब तो यार उसके आधे से भी ज़्यादा बूब्स बाहर निकल आते थे, उसके एकदम दूध जैसे सफ़ेद बूब्स थे और उन्हें देखकर मन करता था कि अभी जाकर पकड़कर पूरा निचोड़ लूँ और उनका सारा का सारा जूस पी जाऊँ.
ऐसे में दिव्या भी कभी-कभी मुझे सामने देख लिया करती थी, लेकिन जब भी वो मुझे देखती तो में डर के मारे वहाँ से चला जाता था, उसने मुझे कई बार ऐसा देखते हुए नोटिस कर लिया था. फिर मेरी परीक्षा आ गई तो उन दिनों में काफ़ी व्यस्त रहने लगा. फिर जब परीक्षा पूरी हो गई तो एक दिन वो मेरे घर आकर कहने लगी.
दिव्या : कहाँ हो आज कल दिखाई ही नहीं देते हो?
में : कुछ नहीं बस परीक्षा चल रही थी इसलिए.
दिव्या : ठीक है. फिर आज शाम को तुम मेरे घर पर आना, मुझे तुमसे कुछ काम है.
में : ओके, में आ जाऊंगा.
फिर इतनी बात करके वो चली गयी, मुझे पता नहीं चल रहा था कि उसने मुझे अपने घर क्यों बुलाया? क्या काम होगा? ऐसा सोचते-सोचते में सो गया. फिर में शाम को जब उठा तो फ्रेश होकर थोड़ी देर के बाद में उसके घर चला गया. फिर उसने मुझे घर में अन्दर आने को कहा, उस समय वो घर में सिर्फ़ अकेली ही थी. फिर मैंने पूछा कि भैया कहाँ गये है? तो उसने कहा कि वो बिजनस टूर पर गये है, वो 1 हफ्ते के बाद वापस आयेंगे. बस इतना सुनते ही मेरे मन में लड्डू फूटने लगे और अकेला ही मुस्कुराने लगा तो वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों स्माईल कर रहे हो? फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं बस ऐसे ही.
फिर मैंने पूछा कि आपको क्या काम था? तो उसने कहा कि मुझे कल शॉपिंग करने जाना है, तुम फ्री हो क्या? बस मैंने इतना सुनते ही हाँ कर दी तो उसने थैंक यू कहकर सुबह 8 बजे आने को बोला. फिर मैंने कहा कि ठीक है में आ जाऊंगा. फिर में सुबह होने का इंतज़ार करने लगा और उसके ख्यालों में मैंने रात को उसके नाम की कई बार मूठ भी मारी और फिर सो गया.
फिर में सुबह उठकर फ्रेश होकर में उसके घर गया तो उसने कहा कि अन्दर आ जाओ, जब वो बाथरूम में नहा रही थी. मेरा मन कर रहा था कि अंदर जाकर देख लूँ, लेकिन फिर मैंने सोचा इतनी जल्दबाज़ी अच्छी नहीं है. फिर जब वो मेरे सामने आई तो क्या कयामत लग रही थी? दोस्तों में बता नहीं सकता, उसने काले कलर की गाउन पहनी थी और वो उसकी सफ़ेद बॉडी पर क्या लग रही थी? में तो बस उसे देखता ही रह गया.
फिर उसने कहा कि क्या देख रहे हो? फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं. फिर उसने नॉटी स्टाईल में कहा कि कभी ऐसा नहीं देखा क्या? और हंसने लगी. फिर मैंने कुछ बोले बिना ही उसको कहा चलो. हम बाईक पर जा रहे थे और वो मुझसे एकदम चिपक कर बैठी थी. अब मेरा हाल काफ़ी बुरा हो रहा था, अब बार-बार वो उसके बड़े-बड़े बूब्स मेरी पीठ पर टच कर रही थी, पता नहीं उसका क्या इरादा था? फिर हम एक बड़े से मॉल में गये, वहाँ पर उसने जाते ही कहा कि चलो मूवी देखने चलते है.
फिर हम मूवी देखने गये और मेरा नसीब अच्छा था कि जब मर्डर-2 मूवी चल रही थी. फिर हमने कॉर्नर की सीट का टिकट लिया और वहाँ जाकर बैठ गये. फिर जैसे ही मूवी में सेक्सी सीन आया तो मेरा लंड खड़ा हो गया और इसी दौरान ना जाने कब उसने अपना एक हाथ मेरी जांघ पर रख दिव्या, मुझे पहले तो लगा कि शायद ग़लती हुई होगी, लेकिन फिर उसने हाथ ऐसे ही रहने दिया और वो धीरे-धीरे अपना हाथ मेरे लंड के पास ले आई.
फिर मैंने जैसे ही उसके सामने देखा तो वो बस मुस्कुरा रही थी. अब मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था. फिर मैंने भी एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और ज़ोर-जोर से दबाने लगा, अब वो काफ़ी मस्त हो गयी थी. फिर आधी ही मूवी में उसने मुझसे कहा कि चलो घर पर चलते है. फिर मैंने कहा कि ठीक है. फिर वो वापस सारे रास्ते में वो मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरे लंड से खेलती रही. फिर जैसे ही हम उसके घर पहुंचे तो वो भागकर अपने बेडरूम में चली गयी.
मैंने डोर लॉक किया और में उसके बेडरूम की और गया तो मैंने देखा कि वो पलटकर दूसरी तरफ मुँह करके खड़ी है. फिर मैंने जाकर उसे पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर किस करने लगा और अपने लंड को उसकी बड़ी सी गांड पर दबाने लगा. फिर मैंने उसको अपनी तरफ़ घुमाया और अब हम लिप किस करने लगे, हमें एक दूसरे के थूक का टेस्ट इतना अच्छा आ रहा था कि दिल कर रहा था कि ये किस ख़त्म ही ना हो. फिर उसने किस तोड़ते हुए मेरे लंड को पकड़ लिया और उसको सहलाने लगी.
फिर मैंने उसका गाउन निकाल दिया और अब वो मेरे सामने काली पेंटी और काली ब्रा में खड़ी थी. अब तो मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसके बूब्स तो ब्रा को तोड़कर अभी बाहर निकल आयेंगे, आज मेरा सपना पूरा होने वाला था और हम लोग भी बेड पर लेट गये. फिर मैंने उसकी ब्रा को निकाल दिया, क्या बूब्स लग रहे थे? एकदम बड़े-बड़े और में उसे छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा, वो मदहोश हो रही थी और वो धीरे-धीरे मौन कर रही थी, आआआआआहह प्रेम आराम से, धीरे जान, बहुत दर्द हो रहा है.
अब में कभी चूसता तो कभी ज़ोर से काट देता तो वो ज़ोर से चिल्लाती, ऊऊऊऊऊऊहह ययययस्स्स्स्स मारररर डाला और जोररररर से. फिर बाद में उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और वो मेरा लंड देखकर शॉक हो गई कि ये कितना बड़ा है? तेरे भैया का तो इसका आधा भी नहीं है और इतना कहते ही उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपोप की तरह चूसने लगी. अब में तो मानों जन्नत में आ गया. फिर 10 मिनट के बाद में झड़ने वाला था तो उसने कहा कि मेरे मुँह में ही झड़ जाओ और वो मेरा सारा स्पर्म पी गयी और मानों जैसे वो जंगली सी हो गयी हो और वैसे मुझे देखने लगी.
फिर में उसकी बॉडी को किस करने लगा, अब वो तो मानों जैसे पागल हो गयी हो वैसे मौन करने लगी थी, वो तो अच्छा था कि उसका घर सबसे आखरी का था तो किसी को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था. फिर मैंने उसकी पेंटी को छुआ तो वो पूरी तरह से भीग गई थी, अब उसकी चूत से पानी निकल रहा था. फिर मैंने उसकी चूत में दो उंगली डाल दी तो वो पूरी तरह सिहर गयी, अब में धीरे-धीरे मेरी उंगलियां अंदर बाहर करने लगा तो वो चिल्ला रही थी प्रेम फक मी, ईईएसस्स्सस्स मोर हार्ड इट आआआआआ जल्दी और अंदर डालो और में ये सब सुनकर काफ़ी जोश में आ गया और अब मेरा लंड वापस उसको चोदने के लिए तैयार हो गया था. फिर मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया रखा जिससे उसकी चूत थोड़ी ऊँची हो गयी.
फिर मैंने देर ना करते हुए सीधा अपना लंड उसकी चूत पर टिकाया और उसे थोड़ा दबाया और मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया. अब वो चिल्लाने लगी, उउउइइ माँ मरररररर गयययययी, बाहर निकाल इसे, लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनते हुए दूसरा झटका मारा और मेरा पूरा लंड उसके अंदर चला गया, उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे थे. अब में उसे लिप किस करने लगा.
फिर जब वो तैयार हो गई तो मैंने फिर से धीरे-धीरे झटके लगाने शुरू कर दिए. अब वो भी अपनी गांड उठा-उठाकर मेरा साथ देने लगी थी. फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और वो हर झटके पर मौन करने लगी, यहहह्ह्ह्हस्स्सस्स्स्स बेब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबबययययययययययययययी फक मीईईईईईई यसस्स्स्स्स्स्स्स्स सस्स्स्स्स्स्ऊऊऊऊ हार्ड एंड डीप. में झड़ने वाला था और वो भी झड़ने वाली थी तो उसने कहा कि मेरे अंदर ही झड़ जाओ. फिर मैंने अपनी स्पीड और तेज़ कर दी और कुछ ही समय में हम दोनों एक साथ झड़ गये.
फिर जब मैंने उसकी आँखो में देखा तो उसमें एक अजीब सा नशा था. फिर हमने लिप किस किया और काफ़ी देर तक वैसे ही एक दूसरे की बॉडी से खेलते रहे. फिर हम बाथरूम में गये और वहाँ हम दोनों ने एक साथ बाथ किया और वहाँ भी एक बार उसकी चुदाई की. फिर आखरी में हम एक दूसरे को साफ करके बाथरूम के बाहर आए और एक दूसरे की बाहों में सो गये.
फिर जब में उठा तो वो नाईटी में मेरे लिए चाय लेकर आई और मुझसे कहने लगी कि ऐसा मज़ा आज तक कभी नहीं आया और फिर पूरे 1 हफ्ते तक हमने ऐसे कई बार चुदाई की, कभी किचन में तो कभी हॉल में तो कभी छत पर, हमने हर जगह चुदाई की और आज भी जब भी उसका मूड होता है तो दिव्या मुझे बुला लेती है और हम दोनों खूब मजा करते है.
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