दोस्त की बहन को चोदकर बदला लिया

हैल्लो दोस्तों, में लगभग 2 साल से इस साईट पर कहानी पढ़ रहा हूँ और मजे भी करता हूँ. दोस्तों ये कहानी मेरे और मेरे दोस्त और उसकी बहन के बीच में हुई चुदाई की है. मेरा नाम अरमान है और में पंजाब में लुधियाना का रहने वाला हूँ और मेरी हाईट 6 फुट है, कलर गोरा है. में लुधियाना के एक कॉलेज में पढ़ता हूँ.
मेरा दोस्त राज भी मेरे साथ ही पढ़ता है और हम बचपन के दोस्त है तो इसके कारण हमारा एक दूसरे के घर में आना जाना और साथ में ही पढाई करना तो नॉर्मल बात है. एक दिन में और राज उसके घर पर पढ़ते-पढ़ते सो गये तो मेरी आँख रात के 1 बजे खुली तो मुझे लगा कि कोई गेट के पास खड़ा है. में उठकर देखने लगा तो बाहर कोई नहीं था, लेकिन राज की बहन निशा के रूम का दरवाजा खुला था. दोस्तों निशा की उम्र 20 साल है, फिगर साईज 30-28-30 है, रंग एकदम दूध जैसा, गांड एकदम मस्त, वो नामर्द को भी मर्द बना दे. में तो पहले से ही मर्द था और दिल तो करता था कि घोड़ी बनाकर गांड मार दूँ, लेकिन में दोस्त को धोखा नहीं देना चाहता था. खैर अब में कहानी पर आता हूँ. निशा के रूम का दरवाज खुला हुआ था.
मैंने देखा कि निशा अपने बेड पर नहीं थी. में रूम में जाकर देखने लगा तो में जब रूम में अन्दर गया तो अचनाक से दरवाजा बंद हो गया. फिर निशा ने मुझे पकड़कर बेड पर पटक दिया और वो मेरे ऊपर आकर लेट गई. फिर मैंने कहा कि निशा ये क्या कर रही हो? तो उसने कहा कि प्यार जो में तुम्हें अपनी जान से भी ज्यादा करती हूँ. फिर मैंने कहा कि तुम मेरे दोस्त की बहन हो और मेरे पहले से ही एक गर्लफ्रेंड है. फिर निशा ने कहा कि तो फिर ठीक है और आज से तुम्हारे 2 गर्लफ्रेंड है. फिर मैंने कहा कि में ये नहीं कर सकता. फिर निशा ने कहा कि मुझे पता था कि तुम ऐसे नहीं मानोंगे. फिर निशा ने मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और मेरे हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिए और वो मुझे लिप किस करने की कोशिश करने लगी. फिर मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया और निशा को धक्का मारकर साईड में कर दिया और उठकर चला गया. उस दिन के बाद में कुछ दिन तक राज के घर नहीं गया.
फिर मैंने राज को कुछ नहीं बताया था और अब हम नॉर्मल थे. फिर एक दिन राज का फोन आया तो उसने कहा कि कल कॉलेज मत जाना हम मूवी देखने चलेगे और में 10 बजे तुम्हें लेने आ जाउंगा. फिर मैंने कहा ठीक है, लेकिन अगले दिन राज नहीं आया और उसका फोन भी ऑफ था. फिर मैंने सोचा कि कोई प्रोब्लम आ गई होगी. फिर शाम को मेरी गर्लफ्रेंड का फोन आया जो मेरे और राज के साथ पढ़ती है तो वो रो रही थी. फिर मैंने पूछा क्या हुआ पूजा?
उसने बताया कि आज राज ने कॉलेज में जब में क्लासरूम में अकेली थी तो उसने मुझे प्यार का इजहार किया तो मैंने ना कह दिया तो उसने मेरे साथ ज़बरदस्ती करने की कोशिश की और में मुश्किल से अपनी जान बचाकर वहां से भाग पाई हूँ. फिर मैंने पूजा को समझाकर शांत किया और कहा कि तुम किसी से कुछ मत कहना और में तुम्हारा बदला लूँगा, लेकिन तुम कॉलेज में नॉर्मल रहना और राज को भी पता नहीं चलना चाहिए कि मुझे सब पता है. फिर पूजा ने कहा कि ठीक है, लेकिन उस राज को छोड़ना मत और मैंने कहा कि ठीक है. अब में सारी रात सोच था रहा था कि राज को पता था कि में पूजा से प्यार करता हूँ और हमारी शादी भी होने वाली है. फिर भी उसने ये ग़लत काम किया और मुझे राज पर बहुत गुस्सा आ रहा था. फिर मैंने सोच लिया था कि अब में राज से बदला जरुर लूँगा.
अब में अगले दिन सुबह राज के घर गया तो उसकी माँ ने दरवाजा खोला. आंटी स्कूल में टीचर है तो जब आंटी स्कूल जा रही थी और राज के पापा टूर पर ही रहते है और राज सो रहा था. निशा नाश्ता कर रही थी तो में सीधा अन्दर गया तो निशा मुझे देखकर खुश हो गई और मैंने भी स्माईल कर दी और आँख मार दी. फिर मैंने निशा को इशारा किया कि वो अपने रूम में आ जाए तो फिर निशा नाश्ता छोड़कर मेरे पीछे-पीछे रूम में आ गई. फिर जब निशा रूम में आई तो मैंने उसे बेड पर पटक दिया और में उसके ऊपर लेट गया. फिर मैंने निशा से कहा कि आई लव यू निशा मैंने तुम्हारे लिए अपनी गर्लफ्रेंड से ब्रेक-अप कर लिया है और अब में सिर्फ तुम्हारा हूँ और में सारी उम्र तुम्हारा ही रहूँगा.
फिर निशा ने कहा कि सच आज में बहुत खुश हूँ आई लव यू टू जानू, आज तुमने मुझे मेरी लाईफ का सबसे बड़ा गिफ्ट दिया है. फिर मैंने कहा कि अब तुम मुझे क्या गिफ्ट दोगी? तो उसने कहा कि जो तुम कहो. फिर मैंने कहा कि मेरी कसम खा जो में कहूँगा, वो ही तुम दोगी तो उसने मेरी कसम खा ली. फिर मैंने उससे कहा कि अब मुझे शादी से पहले हनीमून मनाना है. फिर मैंने कहा कि यहाँ नहीं मेरे घर पर, अब तो वो हमारा घर हो गया है. फिर निशा खुश हो गई और फिर उसने कहा कि में भाई के जाने के बाद आ जाउंगी. फिर मैंने कहा कि ऐसे नहीं 7 दिन के लिए मेरे घर पर ही रुकना पड़ेगा तो फिर निशा ने कहा कि ये नहीं हो सकता तो अब में गुस्सा होने का नाटक करने लगा.
फिर उसने कहा कि ठीक है बाबा, तुम मुझे 2 दिन दो, में कोई भी बहाना बना लूंगी तो अब में खुश हो गया और उसे किस करने लगा और में उसके बूब्स दबाने लगा. फिर निशा ने कहा कि जानू दो दिन इंतजार करो भाई घर पर है. फिर जो करना है कर लेना. निशा घर का काम करने लगी और में राज के रूम में राज को उठाने चला गया और में राज के साथ ऐसे बात कर रहा था जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं हो और अब राज को भी लगा कि पूजा ने मुझे कुछ नहीं कहा है. अब वो भी नॉर्मल हो गया. फिर शाम को निशा ने घर पर माँ से बात कर ली कि वो अपनी फ्रेंड्स के साथ 7 दिन के लिए टूर पर जाना चाहती है तो उसकी माँ मान गई. फिर अगले दिन निशा ने पैकिंग कर ली और अपनी फ्रेंड से बात कर ली कि वो माँ को झूठ बोल दे. फिर मैंने भी सारी तैयारी कर ली थी. फिर अगले दिन निशा मेरे घर आई तो उसने सफ़ेद टॉप और काली जीन्स पहन रखी थी, जिसमें उसका फिगर कमाल का लग रहा था.
फिर मैंने उसे अन्दर बुलाया और कोल्ड ड्रिंक दी, अब हम बातें करने लगे और फिर हमने लंच किया. फिर में निशा को बेडरूम में ले गया और हम लिप किस करने लगे और अब वो भी मेरा साथ दे रही थी. फिर 15 मिनट की किस के बाद में उसके बूब्स पर अपना हाथ ले गया और ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा तो अब वो गर्म होने लगी थी. फिर मैंने उसका टॉप निकाल दिया, उसने अन्दर वाईट कलर की ब्रा पहन रखी थी तो मेरे मुँह में पानी आ गया और अब में उसकी ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को मुँह में लेने लगा और वो मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरा लंड पकड़कर मसलने लगी थी. फिर मैंने उसकी ब्रा निकाल दी और बूब्स मुँह में लेकर पीने लगा और निप्पल काटने लगा. में अपने एक हाथ से उसकी पेंट के ऊपर से चूत मसलने लगा तो वो आवाजे निकालने लगी थी, आआआआआआआआआआआ ज़ाआाआआनुऊु आाआआआआआआआअ और फिर मैंने उसकी पेंट को निकाल दिया.
फिर उसने मेरी शर्ट और पेंट निकाल दी और हम दोनों बेड पर अंडरवियर में थे. हम दोनों एक दूसरे के ऊपर टूट पड़े, कभी वो मेरे ऊपर आकर किस करने लगती तो कभी में उसे किस करने लगता. फिर मैंने उसकी पेंटी निकाल दी और वो नीचे बिल्कुल क्लीन शेव चूत थी. में देखने लगा तो उसने अपना चेहरा हाथ से ढक लिया और शर्म के मारे उसका रंग लाल हो चुका था. अब में उसे लिप किस करने लगा और वो मेरा लंड बाहर निकाल चुकी थी और उसे हाथ में लेकर हिलाने लगी. फिर मैंने उठकर अपनी अंडरवियर निकाल दी और में उसकी पूरी बॉडी पर किस करने लगा. जब में उसकी चूत के पास गया तो उसने मेरा सर पकड़ लिया. फिर मैंने जब उसकी चूत पर अपनी जीभ रखी तो वो तड़पने लगी और आवाजे करने लगी और में अपनी जीभ को अन्दर बाहर करने लगा तो वो कहने लगी आआआअ ज़ाआाआआनुउऊुउउ इतने में ही उसकी चूत ने गर्म पानी छोड़ दिया और अब उसका शरीर अकड़ गया था.
फिर में उठा और उसे बाल से पकड़कर बैठा दिया और में बेड पर खड़ा हो गया और फिर मैंने उसके बालों को पकड़कर ज़बरदस्ती अपना लंड उसके मुँह में दे दिया, वो पहले-पहले तो लंड को निकालने की कोशिश करने लगी, लेकिन कुछ टाईम के बाद उसे भी मज़ा आने लगा. वो मेरे लंड को लॉलीपोप की तरह चूस रही थी, वो कभी मुँह में लेती तो कभी बॉल्स मुँह में लेती. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसकी टाँगे खोल दी और फिंगरिंग करने लगा. वो फिर से आवाजे निकालने लगी आआआआअहह आआआअहह, अब उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी. फिर में उसकी चूत पर अपना लंड रखकर दबाने लगा और वो कुंवारी होने के कारण अंदर नहीं जा रहा था, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी. फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ 3 इंच अन्दर चला गया. अब वो बहुत ज़ोर से चीखी तो मैंने अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए और बूब्स दबाने करने लगा.
फिर जब वो शांत हुई तो मैंने दूसरा जोर का झटका मारा और मेरा लंड सील तोड़ता हुआ पूरा अन्दर चला गया. मुझे अपने लंड पर गर्म-गर्म खून महसूस हो रहा था और वो चीख रही थी, प्लीज इसे निकालो, में मर गई. फिर में उसकी गर्दन पर किस करने लगा और बूब्स मुँह में लेकर चूसने लगा. फिर जब वो ठीक हुई तो में उसे चोदने लगा और अब उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था, वो कह रही थी ऊऊऊओह यययययईईईईस्स्स्स्स्सस्स जाआआऊऊउउ फक मी और तेज़ फास्ट फास्ट. में अपनी पूरी स्पीड से उसे चोदने में लग गया था और वो कह रही थी कि लव यू जानू आपको चोदना किसने सिखाया? फक मी बेबी आआआआआआआआहह करती रही. 25 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना गर्म पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसके ऊपर ही लेट गया और वो मुझे पागलों की तरह किस कर रही थी.
फिर 20 मिनट के ब्रेक के बाद में फिर से तैयार था, लेकिन अब में उसकी गांड मारना चाहता था तो मैंने उससे कहा तो वो साफ मना करने लगी तो मैंने प्यार के नाम पर उसे मना ही लिया. फिर मैंने उसे बेड पर घोड़ी बना दिया और तेल की बोतल उसकी गांड में उल्टी कर दी और उसकी गांड के छेद पर अपनी उंगली से अन्दर तक लगा दिया और कुछ तेल लंड पर भी लगा दिया. फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड पर सेट कर दिया और एक जोर का झटका मारा तो अब मेरा लंड पूरा अन्दर जा चुका था और वो चीख रही थी, में मर गई निकालो इसे, में जोर-जोर से झटके मारने लगा और बूब्स दबाने लगा. अब उसे भी मज़ा आने लगा था और वो भी अपनी गांड हिला-हिलाकर चुदवा रही थी और में उसे जोर से पकड़कर अपनी पूरी स्पीड से चोदने में लग गया और साथ में उसकी गांड पर हाथ से मार भी रहा था, 30 मिनट के बाद में उसकी गांड में ही झड़ गया.
फिर में अपना लंड उसकी गांड के बीच में रखकर ही सो गया और इन 6 दिनों में मैंने उसकी गांड चूत बहुत मारी और अब बदला लेने की बारी थी तो छठे दिन मैंने निशा से कहा कि जानू में तुम्हें लाईट ऑफ करके चोदना चाहता हूँ और साथ में हम दोनों एक दूसरे से कोई बात नहीं करेंगे, कसम खा कुछ भी हो जाए तो तुम मुँह से ऊफ तक नहीं कहोगी. फिर उसने कसम खा ली. फिर मैंने राज को फोन कर दिया और उसे बोला कि मेरे घर आ जा एक लड़की है मिलकर चोदते है.
फिर उसने कहा कि में 5 मिनट में आता हूँ, तब तक मैंने चैक करने के लिए कि निशा कोई गड़बड़ ना कर दे तो में लाईट ऑफ करके उसे चोदने लगा. फिर वो कुछ नहीं बोली तो मैंने उससे कहा कि बहुत मज़ा आया एक बार और करे. फिर उसने कहा ठीक है और फिर मैंने कहा कि याद रखना कुछ नहीं बोलना है. फिर उसने कहा कि ठीक है में 5 मिनट में आता हूँ, में बाहर राज का इंतजार करने लगा. फिर राज आ गया तो मैंने उसे कहा कि मेरी नई गर्लफ्रेंड है और मैंने सब सेट कर दिया है, बस तुम कुछ मत बोलना जब तुम्हारा काम हो जायेगा, तब लाईट चालू करेंगे. फिर हम मिलकर करेगे तो उसने कहा कि ठीक है.
फिर में राज के साथ गया तो मैंने निशा से कहा कि में आ गया जानू कुछ मत बोलना. फिर राज सेक्स करने लगा. फिर मैंने उससे कहा था कि जब तेरा हो जाए तो खांसी से इशारा कर देना तो उसने इशारा कर दिया. फिर मैंने रूम में आकर लाईट चालू कर दी तो राज ने देखा और वो पागल हो गया, ये तो उसकी बहन थी. वो दोनों पागल हो गये और राज भागकर मेरे पास आया और मेरा गला पकड़ लिया और कहने लगा कि साले ये क्या किया तुमने? फिर मैंने उसके मुँह पर एक चांटा मारा तो वो नीचे गिर गया.
मैंने कहा कि साले तूने मेरी गर्लफ्रेंड के साथ ज़बरदस्ती करने की कोशिश की थी तो ये उसका बदला था. फिर वो वहीं पर रोने लगा और फिर मैंने निशा को समझाया कि जानू ये जरूरी था वर्ना ये हमें कभी एक नहीं होने देता, अब ये कुछ नहीं कर सकता है, ये मैंने हमारे लिए ही तो किया है. फिर निशा मान गई और मैंने एक बार और निशा को उसके सामने चोदा, अब जब भी मेरा दिल करता है तो में निशा से मिलने जाता हूँ और राज से कहता हूँ कि साले रखवाली कर में तेरी बहन को चोदने जा रहा हूँ.
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माँ ने दोस्त का बिस्तर गरम किया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अंकित है और में कानपुर उत्तरप्रदेश का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह कहानी जो में आज आप सभी के सामने रखने जा रहा हूँ यह मेरी रंडी मम्मी सुजाता और मेरी क्लास में पढ़ने वाले मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त सचिन के बीच बने नज़ायज़ संबंधो के बारे में है. दोस्तों मेरी माँ सुजाता एक बहुत गोरी, सुडोल और कामुक महिला है जिसे देखकर किसी का भी उसे चोदने का मन करने लगेगा. उसके बूब्स एकदम गोल और उसके बूब्स का साईज़ 34 है और उसकी गांड तो ऐसी है कि जब भी वो साड़ी पहनकर चलती है तो उसकी वो बड़ी उभरी हुई गांड मटकती है और बाकी लोग उसको ठोकने के सपने देखते है.
दोस्तों उस समय मेरी माँ की उम्र 45 होगी और मेरा वो दोस्त जिसने मेरी माँ को चोदा उसकी उम्र करीब 23 की थी, वो मुझसे तीन साल बड़ा था, लेकिन वो मेरी ही क्लास में पढ़ता था. दोस्तों मेरे पापा एक प्राईवेट फेक्ट्री में काम करते है और वो ज्यादातर समय गुजरात में ही रहते है इसलिए घर पर में और मेरी चुदक्कड़ मम्मी ही रहती है और मुझे पहले ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता था कि मेरी माँ कभी ऐसी भी होगी.
दोस्तों अब में सीधे अपनी घटना पर आता हूँ और अपनी माँ की उस चुदाई को पूरा विस्तार से आप सभी को सुनाता हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि इसको पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा. दोस्तों एक दिन में मेरे दोस्त सचिन को अपने घर पर लेकर आया और मैंने उससे मम्मी का परिचय करवाया और वो मेरी मम्मी को घूरता हुआ देखता ही रह गया. फिर हम लोग बैठकर बातें कर रहे थे और तब भी वो लगातार मम्मी को ही देख रहा था और इस बात पर मैंने गौर किया.
दोस्तों सचिन शुरू से आंटियों का बहुत बड़ा दीवाना है और मैंने और उसने बहुत बार कई आंटियों को चोदा है, लेकिन मुझे बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगता था कि उसकी नज़र मेरी मम्मी पर भी होगी या वो मेरी मम्मी को भी अपने जाल में फंसाकर चोद सकता है और वो मेरे एक बार घर पर लाने के बाद वो अब खुद घर पर हर दिन आने लगा और मम्मी के साथ अपनी दोस्ती को बढ़ाने लगा और कई बार तो वो मेरे घर पर नहीं होने पर भी आ जाता था. एक दिन मुझे सचिन को किसी काम की वहज से फोन करना था तो मैंने गलती से मम्मी के फोन से उसे फोन कर दिया तो मैंने देखा कि मम्मी के मोबाईल में सचिन का मोबाईल नंबर पहले से मौजूद है और अब मुझे कुछ शक हुआ और फिर मैंने सब कुछ खोलकर देखा तो में वो सब देखकर बिल्कुल चकित रह गया. मैंने देखा कि मम्मी उससे चेटिंग कर रही थी और उनकी चेटिंग भी अब बहुत आगे हो चुकी थी. मम्मी फोन पर पूरी नंगी हो चुकी थी और अब बस बिस्तर ही बाकी था.
फिर मैंने अब रोज़ चुपचाप मम्मी का फोन चेक करना शुरू किया तो मुझे पता चला कि यह दोनों बस हमेशा मेरे बाहर होने का ही इंतजार कर रहे है और फिर मैंने भी एक दिन जानबूझ कर उन्हें मौका देने की बात मन ही मन सोची, क्योंकि में मम्मी को ब्लॅकमेल करना चाहता था जिससे वो हमेशा मेरे वश में रहे, बस फिर क्या? मैंने मम्मी से झूठ बोला कि में कल अपने एक दोस्त के साथ लखनऊ जा रहा हूँ और में अगले दिन दोपहर तक आ जाऊंगा. में दोपहर के दो बजे अपने घर से निकल गया और घर से थोड़ा दूर खड़ा होकर छुपकर देखने लगा करीब तीन बजे के आस पास सचिन मेरे घर पर आया और फिर उसने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई और मेरी मम्मी ने दरवाजा खोला. मैंने देखा कि उस समय मम्मी ने एक काली कलर की सेक्सी जालीदार साड़ी और उसी कलर का ब्लाउज पहना हुआ था और उस ब्लाउज में से उसके आधे आधे बूब्स बाहर झांक रहे थे. फिर वो दोनों एक दूसरे की तरफ मुस्कुराते ख़ुशी ख़ुशी अंदर चले गये और में भी अपनी जेब से दूसरी चाबी से दरवाजा खोलकर उनके पीछे से अंदर आ गया, लेकिन जब मैंने अंदर आकर देखा तब तक वो दोनों बेडरूम में जा चुके थे.
अब में कमरे की एक छोटी सी खिड़की से अंदर का वो सब नजारा देखने लगा और साथ में उनके फोटो भी लेने लगा. मैंने देखा कि मम्मी अब सचिन की बाहों में थी और सचिन ने उनकी साड़ी का पल्लू हटा दिया था और वो अब उनके बूब्स मसल रहा था और वो लगातार किस कर रहा था. फिर उसने मम्मी के होंठो पर स्मूच करना शुरू किया, मम्मी भी उसका पूरा पूरा साथ दे रही थी और अब वो भी स्मूच कर रही थी और सचिन ने भी धीरे से स्मूच करते करते अपना एक हाथ सुजाता के पेटिकोट में डाल दिया और उसकी पेंटी को उतार दिया. फिर सचिन ने मम्मी की चूत में उंगली करना शुरू कर दिया जिससे मम्मी मचलने लगी, उस दर्द से तड़पने लगी और सिसकियाँ लेने लगी, लेकिन सचिन ने उसका मुहं अपने मुहं से स्मूच करते हुए बंद कर दिया था.
फिर सचिन ने उसके ब्लाउज को एक ऐसे जोरदार झटके से खोला कि वो फट गया और मम्मी के लटकते, झूलते हुए दूध के गोदाम को एक ही पल में पूरी तरह से आज़ादी मिल गयी और अब सचिन उनको कभी मसल रहा था तो कभी काट रहा था और मम्मी मज़े कर रही थी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियों के साथ आहे भर रही थी. अब सचिन ने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और मम्मी के सामने पूरा नंगा हो गया. उसका वो सात इंच का खड़ा हुआ लंड अब मेरी माँ की चूत के स्वाद को चखने का इंतजार कर रहा था. फिर माँ उसे अपने एक हाथ में लेकर ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी तो सचिन ने कुछ देर बाद उसे चूसने को कहा तो माँ उसकी इस बात से आनाकानी करने लगी, लेकिन सचिन ने उस काम को करने के लिए बहुत बार कहा तो वो भी धीरे धीरे चूसने लगी.
फिर सचिन जैसे ही गरम हुआ तो उसने पूरा लंड मम्मी के मुहं में ठूंस दिया और मम्मी के सर के बाल पकड़कर अपने लंड को लगातार अंदर बाहर करने लगा जिसकी वजह से अब मम्मी कुछ नहीं कर पा रही थी और जब उसने अपने लंड को बाहर निकाला तो मम्मी लंबी लंबी साँस ले रही थी और सचिन का लंड एकदम चमक रहा था. अब सचिन की बारी थी और उसने मम्मी का पेटिकोट हटाया तो उसमें से मानो जन्नत निकलकर बाहर आई थी.
मम्मी की वो गुलाबी बिना झांटो की चूत और अब सचिन उसके ऊपर टूट पड़ा और उसे चाटने लगा. अब तो मम्मी एकदम गरम हो गई थी और सचिन का चेहरा अपनी चूत में घुसा रही थी और वो आह्ह्ह्ह आम्‍म्म्मम अहमम्म्म की मस्ती भरी आवाज़ निकाल रही थी और अब सचिन ने मम्मी की ब्रा को उतारकर फेंक दिया और उसके बूब्स को मसल रहा था और चूत को चाट रहा था. मम्मी तो जैसे अब सातवें आसमान पर पहुंच गई थी और फिर अचानक से उनकी अहमम्म्ममहहां एमेम आहह्ह्ह की आवाज़ और तेज़ हो गई और फिर मम्मी झड़ गयी, वो बिल्कुल चित होकर पड़ी रही और उसे देखकर लग रहा था कि जैसे उसे जन्नत नसीब हो गई है.
सचिन ने अब अपने तनकर खड़े औज़ार को माँ की चूत से सटाया और मम्मी के दोनों पैरों को फैला दिया और एक प्यारा सा झटका दे दिया जिसकी वजह से उसके लंड का टोपा मम्मी की प्यासी चूत में घुस गया और मम्मी ने आहह्ह्ह आईईईई करके एक गरम आह भरी और अपनी दोनों आखें बंद कर ली. फिर सचिन ने एक और लेकिन थोड़ा दमदार झटका दे दिया और अब उसका लंड मम्मी की चूत को चीरता हुआ पूरा अंदर चला गया और उस दर्द से मम्मी एकदम चीख पड़ी.
अब सचिन मम्मी को धीरे धीरे, लेकिन लगातार धक्के देकर चोदने लगा. वो पहले अपने लंड को पूरा अंदर से बाहर निकलता और फिर पूरा का पूरा एक ही जोरदार धक्के से अंदर डाल देता जिसकी वजह से मम्मी उतनी ही ज़ोर से आहे भरती आह्ह्हह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ थोड़ा आराम से आहम्‍म्म प्लीज धीरे करो, सचिन की आवाज़े पूरे कमरे में गूंज रही थी.
फिर सचिन अचानक रुक गया और उसने मम्मी को कुतिया बनने को कहा, मम्मी अब एक पालतू कुतिया की तरह उसकी बात मान रही थी और अब उसने पीछे से मम्मी की चूत को चोदना शुरू कर दिया और उसने अपनी स्पीड को भी बढ़ा दिया था. पूरे कमरे में अब मम्मी की आईईईइ आम्‍म्म्महह जैसी गरम आहों के अलावा उसकी जाँघो से मम्मी के चूतड़ की ठुकाई की फच फच फच जैसी मधुर आवाज़ गूँज रही थी, लेकिन अब वो झड़ने वाला था तो उसने मम्मी के सर के बाल पकड़कर वो मम्मी को और तेज़ से धक्के देकर चोदने लगा जैसे वो किसी घोड़े की सवारी कर रहा हो और मम्मी भी आह्ह्ह आईईई सचिन प्लीज थोड़ा धीरे आह्ह्ह्ह सचिन म्‍म्म्मममहह बस करो ओमम्म्मममहह चिल्लाने लगी और फिर कुछ देर बाद वो दोनों एक साथ झड़ गये और वो मम्मी के ऊपर ही थककर पड़ा रहा.
फिर कुछ देर बाद वो दोनों एक दूसरे से अलग हुए तो मैंने देखा कि उन दोनों की सांसे बहुत तेज़ चल रही थी और मम्मी के चेहरे पर एक अजीब सी चमक के साथ साथ अपनी चूत चुदाई की संतुष्टि भी साफ साफ नजर आ रही थी. दोस्तों इस घटना के बाद उसने मम्मी को कई बार चोदा और उसने मम्मी की गांड भी मारी. तो दोस्तों मैंने भी उसे एक दिन बहुत डराकर उसकी माँ को चोदा और अब हम दोनों अपनी अपनी मम्मी को एक दूसरे के साथ चुदवाने के लिए भेज देते है और उनकी चुदाई के बहुत मजे लेते है. दोस्तों यह थी मेरी माँ की चुदाई की कहानी जिसके बाद मैंने अपने दोस्त की माँ को बहुत बार उसी के सामने चोदा और उसने मेरी माँ को मेरे सामने चोदा.
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पति के सामने चुदाई का मजा

हैल्लो फ्रेंड्स, में आपके लिए फिर से एक नई कहानी लेकर आया हूँ. दोस्तों मेरा नाम समीर है, हाईट 5 फुट 8 इंच और 7 इंच लम्बा लंड है. ये बात आज से 2 महीने पुरानी है. दोस्तों फेसबुक पर मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई. उसने मेरा नाम और पता पूछा तो मैंने उसे अपना नाम और पता बता दिया. फिर वो बोली कि ये तो दिल्ली के पास ही है और अगर में आपसे मिलना चाहूँ तो मिल सकते हो. फिर मैंने कहा कि पहले एक दूसरे को थोड़ा जान पहचान लेते है और उसके बाद मिलेंगे तो उसने कहा कि ओके ऐसे ही 3-4 दिन उसकी और मेरी बात होती रही.
फिर एक दिन मैंने उसका मोबाईल नम्बर मांगा और उसने नम्बर दे दिया, इस बातचीत के दौरान वो सिर्फ 9 से 5 बजे के बीच में ही बात कर सकती है. अब मेरे पास उसका नम्बर था तो मैंने अगले दिन उसको कॉल किया तो दूसरी साईड से एक सेक्सी सी आवाज मेरे कानों में पड़ी, यारो में तो अपने होश ही खो गया, वो उधर से हैलो हैलो बोलती रही और मैंने कॉल कट कर दिया. फिर उसका पलटकर कॉल आया और अब तक में नॉर्मल हो चुका था.
मैंने उसका कॉल उठाया और बताया कि में कौन बोल रहा हूँ. फिर उसने कहा तो पहले क्यों नहीं बोले थे? फिर मैंने उसे बताया कि उसकी आवाज इतनी प्यारी है कि में अपने होश ही खो बैठा था तो उसने कहा कि मेरी आवाज इतनी भी प्यारी नहीं है. फिर मैंने कहा कि ये तो में डिसाईड करूँगा. फिर उसने हार मानते हुए कहा कि चलो जैसा तुम चाहो. फिर उसने कहा कि बाद में बात करते है और कॉल कट कर दिया, अब हम दोनों की रेगुलर फोन पर बात होने लगी थी. एक दिन उसने मुझसे बोला कि में तुमसे मिलना चाहती हूँ तो तुम दिल्ली आ जाओ. फिर मैंने कहा कि ओके में आ जाता हूँ और हमने दिन और जगह दोनों फिक्स कर लिए. फिर हमने एक रेस्टोरेंट पर मिलने का प्लान बनाया. फिर में वहाँ पर पहुँचा तो वो पहले से ही मेरा इंतज़ार कर रही थी, वो लड़की क्या कयामत लग रही थी? उसने एक काले कलर की शॉर्ट स्कर्ट और ग्रीन कलर का टॉप पहना हुआ था.
फिर मैंने उससे पूछा कि क्या आप काजल हो? फिर उसने हाँ बोला. फिर में बोला कि में समीर हूँ. में उसे देखकर बहुत खुश हुआ और वो भी मुझे देखकर बहुत खुश हुई, वो दिखने में बहुत सुंदर थी और उसका फिगर साईज 36-26-34 होगा, मस्त मोटी गांड, गोल-गोल टाईट चूचे टॉप से बाहर आने को तैयार थे. हम लोग मिले और अपने लिए लंच ऑर्डर कर दिया और हम बातें करने लगे. फिर बातों-बातों में पता चला कि वो शादीशुदा है और अभी 3 महीने पहले ही उसकी शादी हुई है और उसकी उम्र 26 साल है और वो अपने पति की बिज़नेस में हेल्प करती है. फिर मैंने उससे कहा कि यार तुम लगती नहीं कि 26 साल की हो, लेकिन तुम बस 20 साल की लगती हो और ऐसे कपड़े पहनती हो जैसे कि कोई कुंवारी लड़की पहनती है तो उसने कहा कि उसे ऐसे ही कपड़े पसंद है.
फिर कुछ और देर बातों के बाद हमने एक दूसरे को फिर मिलने के लिए कहा और बाय बोला. फिर उसने आगे बढ़कर मुझे हग किया और बोला कि वो मुझसे जल्दी ही मिलना चाहती है और अब में दिल्ली से वापस आ चुका था और 2 दिन हो चुके थे, उसका कोई कॉल नहीं आया था. फिर मैंने सोचा कि क्यों ना में ही उसे कॉल कर लूँ?
फिर मैंने कॉल किया तो उसने कॉल उठाया और बोला कि वो थोड़ी देर में मुझसे बात करेगी. फिर कोई 2 घंटे के बाद उसकी कॉल आई तो वो थोड़ी दुखी थी. फिर मैंने उससे कहा कि क्या हुआ कोई परेशानी है? तो उसने पहले तो मना किया, लेकिन मेरे बहुत बार पूछने पर वो बोली कि आज उसका सेक्स करने का मन था तो उसने अपने पति का पूरा साथ दिया, लेकिन उसका पति उसका साथ नहीं दे पाया और 3-4 धक्के मारकर ही झड़ गया और साईड में लेट गया. फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं कभी-कभी मर्द के साथ ऐसा हो जाता है. फिर उसने कहा कि उसके साथ ऐसा हमेशा ही होता है, वो उसके अंदर आग लगाकर छोड़ देता है और खुद ठंडा पड़ जाता है.
फिर मैंने कहा कि तुम किसी यौन रोग के डॉक्टर से मिल लो तो उसने कहा कि ओके तुम ही कोई तरीका बता दो कि वो मेरी प्यास बुझा सके. फिर मैंने कहा कि अगर तुम चाहों तो मेरी बात अपने पति से करवा दो, जिसस में उसे समझा सकूँ कि एक हॉट लेडी को कैसे ठंडा किया जाए. फिर उसने कहा कि ओके में देखती हूँ. फिर 2-3 दिन तक उसका कॉल नहीं आया तो में इन बातों को भूल चुका था, लगभग 1 हफ्ते के बाद उसका कॉल आया. मैंने फोन उठाया तो वो बोली कि उसने अपने पति से बात कर ली है और वो मुझसे बात करना चाहता है. फिर मैंने कहा कि ओके अब उसका पति मुझसे बात कर रहा था, उसने पूछा कि यार मुझे एकदम से इतना जोश चढ़ जाता है कि में कंट्रोल नहीं कर पाता और चूत में लंड डालकर तेज-तेज धक्के मारकर में झड़ जाता हूँ.
फिर मैंने कहा कि तुम्हारे साथ ये परेशानी है कि तुम रोमांस पर ध्यान नहीं देते हो, बस अपनी बीवी की हॉट चूत देखते हो और लंड खड़ा करके उसकी चूत में लंड डाल देते हो और जल्दी ही ठंडे पड़ जाते हो, लेकिन लड़की को तब तक मज़ा नहीं आता जब तक कि उसको चूमा चाटा ना जाए और उसकी गर्दन, बैक साईड, होठों, पेट को किस किया जाए, चूचियों को चूसा जाए और दबाया जाए, नाभि की गहराई को अपनी जीभ से नापा जाए और सबसे जरुरी बात चूत को चूसा जाए. फिर तुम उसका पूरा साथ दे पाओगे. फिर उसने कहा कि यार मुझे ये सब नहीं आता, बस लंड खड़ा करके चूत में डालना आता है. फिर मैंने कहा तो सीखो यार वरना बीवी को किसी और का लंड पसंद आ जायेगा. फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम मुझे सिखा सकते हो? काजल ने मुझे बताया है कि तुम काफ़ी अनुभवी हो. फिर मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन उसके लिए मुझे दिल्ली आना होगा तो उसने बोला प्रोग्राम तय करो और मुझे बता दो तो में उस दिन फ्री रहूँगा और एक लड़की का जुगाड़ करके रखूँगा.
फिर मैंने मंगलवार का प्रोग्राम फिक्स कर दिया और डिसाईड किया कि वो लड़की तैयार रखेगा और मेरे सामने उसके साथ सेक्स करेगा और में उसे बताऊंगा कि कैसे सेक्स करना है? तो दोस्तों मंगलवार आ गया और मैंने दिल्ली पहुँचकर उसे कॉल किया तो उसने मुझे अपना पता दिया, लेकिन वो वहाँ से बहुत दूर था तो उसने अपनी गाड़ी भेज दी और मुझे वहाँ पर पहुंचा दिया. फिर में वहाँ पहुंचा तो वो पॉश कॉलोनी में एक हसीन 4 BHK का फ्लेट था और बहुत सुंदर तरीके से सजाया हुआ था, वो काफ़ी अमीर फेमिली थी. फिर काजल के पति ने मेरा वेलकम किया और बोला कि वो मेरा ही इंतज़ार कर रहा था और लड़की का उसने इंतजाम कर लिया है. फिर मैंने कहा कि ठीक है और अब जल्दी करो मेरे पास टाईम थोड़ा कम है तो जल्दी से तुम्हें बताकर में वापस अपने शहर चला जाता हूँ. फिर वो बोला कि इतनी जल्दी मत करो और तुमने ही बोला था कि सेक्स प्यार से किया जाता है ना कि जल्दबाज़ी में. फिर में अपनी ही बात पर हार चुका था तो मैंने कहा कि ठीक है और में अब जल्दी नहीं करूँगा.
फिर उसने मुझसे नाश्ते के लिये कहा और नाश्ता करने के बाद वो बोला कि चलो अब मेरे बेडरूम में चलते है, वो हमारा इंतज़ार कर रही होगी और हम उसके बेडरूम में चले गये. फिर मैंने वहाँ क्या देखा? कि एक लड़की मेरी तरफ कमर करके खड़ी थी, लेकिन उसका एकदम मस्त फिगर था, बहुत छोटे कपड़ो में और पूरी बॉडी वेक्स की हुई थी. फिर काजल के पति ने कहा कि तुम ज़रा समीर को अपना चेहरा तो दिखाओ तो उसने अपना चेहरा मेरी तरफ किया तो मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी, वो और कोई नहीं काजल ही थी. वो अपनी बीवी को ही मेरे सामने चोदना चाहता था और में उसे देखता ही रह गया. फिर काजल बोली कि क्या देख रहे हो? में ही हूँ जो तुम्हारे सामने अपने पति से चुदवाऊंगी.
फिर उसके पति ने भी कहा कि में काजल के अलावा किसी और को चोदना नहीं चाहता हूँ तो काजल ही इस काम के लिए सही थी, वो मेरी पत्नी है तो कोई परेशानी ही नहीं है. फिर मैंने कहा कि यार पर तुम मेरे सामने ही अपनी बीवी को चोदोगे. फिर उसने कहा तो क्या हुआ? तुम भी इसका मस्त बदन और फिगर देख लेना. फिर मैंने कहा कि ओके तो शुरू करो. फिर काजल ने कहा कि तुम बताओ कैसे करना है? फिर मैंने कहा कि वैसे ही करो जैसे तुम करते हो, उसके बाद में तुम्हारी गलतियां देखूंगा और फिर बताऊंगा कि कैसे करना है? फिर वो दोनों शुरू हो गये और वो पहले किस कर रहे थे, लेकिन में कुछ और ही सोच रहा था कि काजल को अपने लंड से चोदना है और इसे सुख देना है और वो ही प्लान बना रहा था और प्लान बन भी चुका था. फिर किस करते-करते ही उसके पति ने उसके कपड़े उतार दिए और काजल ने भी अपने पति के कपड़े उतार दिए, उसके पति का लंड छोटा था, 5 इंच का होगा और खड़ा हुआ था तो उसने काजल को पूरा नंगा करके सीधे उसकी चूत में ही लंड डाल दिया और धक्के मारने लगा.
फिर 20-25 धक्के मारने के बाद वो उसकी चूत में ही झड़ गया और साईड में लेट गया, उनका पूरा सेक्स मुश्किल से 10 मिनट में पूरा हो गया होगा. फिर मैंने कहा कि यार ऐसे थोड़ी ना सेक्स होता है, तुम तो एक समझोते की तरह सेक्स को करते हो कि साईन किया और ख़त्म, वैसे ही लंड झड़ा और सब ख़त्म. फिर काजल और उसके पति ने एक साथ कहा कि इसलिए तो तुम्हें बुलाया है कि बताओं में काजल को कैसे संतुष्ट करूँ? इसकी सेक्स की भूख कुछ ज़्यादा ही है.
मैंने कहा कि ऐसे तुम करोगें तो में बता नहीं पाऊँगा, इसका तो एक ही तरीका है कि में तुम्हें सेक्स करके दिखाऊंगा कि किस तरह से सेक्स के मज़े लिए जाते है. ये सुनकर काजल की आँखो में चमक आ गयी, लेकिन उसके पति का मन थोड़ा सा उदास हो गया. फिर वो बोला कि यार ये मेरी पत्नी है और में ऐसे कैसे किसी के भी साथ सेक्स करने के लिए उसको हाँ बोल दूँ. फिर मैंने कहा कि इसलिए तो मैंने तुम्हें लड़की का इंतजाम करने के लिए बोला था, लेकिन तुम तो अपनी ही पत्नी को मेरे सामने चोदने लगे, अब तुम बोलो कि क्या करना है? तुम्हें सीखना है या नहीं.
फिर काजल बोली कि एक बार में कोई फ़र्क नहीं पड़ता है, अगर आप कहो तो आपको और मुझे पता चल जायेगा कि संतुष्टी कैसे होती है? फिर काजल के समझाने पर उसके पति ने हाँ बोल दी, अब काजल को चोदने की बारी मेरी थी और में उसके मस्त फिगर का तो दीवाना हो चुका था. फिर मैंने काजल से कहा कि अपने सारे कपड़े वापस पहन लो तो वो बोली क्यों?
फिर मैंने कहा कि अब जैसे में बोलूं वैसे ही करो. फिर वो अपने कपड़े फिर से पहनने लगी और जब उसने अपने पूरे कपड़े पहन लिए तो मैंने उसके पति से बोला कि अब वो जाकर सोफे पर बैठ जाए और देखे कि कैसे सेक्स किया जाता है? फिर वो जाकर सोफे पर बैठ गया और हमें देखने लगा.
फिर मैंने काजल से कहा कि बाथरूम में जाकर अपनी चूत को अंदर तक साफ करे, जिससे उसका झड़ा हुआ सारा वीर्य साफ हो जाए. फिर उसने ऐसा ही किया और साफ करके वापस आ गयी. अब वो बेड पर बैठी थी और में उसके साथ पास में बैठा था और उसका पति सोफे पर बैठा हमें देख रहा था. फिर सबसे पहले में उसे किस करने लगा, उसके होंठ बहुत ही स्वीट थे और में उसकी जीभ को चूस रहा था और वो मेरी जीभ को चूस रही थी. अब में हल्के हाथ से धीरे-धीरे उसके बूब्स को दबाने लगा और उसका पति मुझे देख रहा था, बल्कि बहुत गौर से देख रहा था और काजल मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा. वो मज़ा ले रही थी और उसका पति उससे भी ज़्यादा मज़ा ले रहा था. फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी और अब उसके बूब्स मेरे सामने थे.
में उसके निप्पल को ज़ोर-ज़ोर से अपनी उंगलियों के बीच में दबाने लगा तो वो सिसकारियां लेने लगी और मेरी छाती पर शर्ट के ऊपर से ही हाथ फेरने लगी.
फिर वो बोली कि मैंने तो अपनी ब्रा तुम्हें दिखा भी दी और टेस्ट भी करवा दी, अब तुम भी तो कुछ दिखाओ. फिर मैंने कहा कि में तो तुम्हारा ही हूँ जैसे चाहो टेस्ट करो या देखो. फिर इतना सुनकर उसने जल्दी से मेरी शर्ट उतार दी, जैसे कि फाड़ ही देगी. में नीचे बनियान कम पहनता हूँ तो मेरी छाती सीधे उसके सामने थी. फिर वो भूखी शेरनी की तरह उस पर टूट पड़ी और मेरे निप्पल को चूसने लगी. मुझे बहुत ही मस्त महसूस हो रहा था और वो 10 मिनट तक मेरे निप्पल सक करती रही और में मज़े लेता रहा.
फिर उसका पति बोला कि यार जल्दी करना मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. फिर मैंने कहा कि इसलिए तुम्हारी पत्नी पूरा मजा नहीं कर पाती है तो तुम बस बैठे रहो और देखते रहो. अब में काजल के कंधो पर आ गया था तो उसने ही मेरी जीन्स निकाल दी और अंडरवियर भी निकाल दिया और मेरा मोटा लंड फनफनाता हुआ एकदम से बाहर आ गया और काजल के मुँह से टकराया तो वो बोली नॉटी बहुत शरारती हो बस सीधे मुँह पर टक्कर मारते हो.
फिर मैंने कहा कि ये पहले तुम्हारे मुँह में जाना चाहता है ना कि चूत में. फिर वो बोली अब में तुम्हारे प्यारे लंड को निराश नहीं करूँगी और कहकर लंड मुँह में भर लिया. में तो अब सातवें आसमान पर था और वो मज़े से मेरे लंड को चूस रही थी और मेरी गोलियां दबा रही थी और में भी पूरा मज़ा ले रहा था.
लगभग 15 मिनट तक लंड चूसने के बाद मैंने उससे कहा कि मेरा वीर्य छूटने वाला है तो वो और ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड को चूसने लगी और गले तक मेरा लंड जाने लगा, इतने में ही में झड़ गया और वो मेरा सारा का सारा पानी पी गयी. अब उसके मुँह पर ऐसी चमक थी जैसे सारा दूध पीने के बाद बिल्ली के मुँह पर होती है. अब उसकी चूत लेने की बारी मेरी थी तो मैंने उसे लेटा दिया और फिर से उसे किस करने लगा और साथ ही साथ उसकी चूची को भी दबाने लगा.
अब में उसकी आँखो पर किस करने लगा, वो सिसकारियां ले रही थी तो में उसके होठों को चूसने लगा, वो भी पूरा मज़ा ले रही थी. अब में उसके गले पर आ गया और अपने थूक से उसके गले को थोड़ा गीला कर दिया और उस पर मुँह से हल्की-हल्की फूंक मारने लगा, वो तो एकदम पागल जैसी हो गयी. अब में उसके बूब्स को सक करने लगा और दूसरे को कस-कसकर दबाने लगा और उसने मुझे अपनी चूची से ऐसे चिपका लिया, जैसे कि में कोई छोटा बच्चा हूँ और वो मुझे दूध पिला रही हो और में मज़े से उसकी चूचियाँ चूस रहा था, वो एक हाथ से मेरा लंड सहला रही थी.
अब में उसकी नाभि पर आ गया और नाभि के होल में जीभ डालकर उसकी गहराई नापने लगा तो उसने मेरे चेहरे को अपनी नाभि के ऊपर एकदम से दबा लिया. फिर थोड़ी देर तक नाभि को चूसने के बाद फिर मैंने उसकी चूत के ऊपर ढके हुए कपड़े यानी कि स्कर्ट भी उतार दी, अब उसके बदन पर बस एक पेंटी थी और जिसने जन्नत को छुपाकर रखा हुआ था.
फिर मैंने हल्के से पेंटी के ऊपर ही उसकी चूत के दाने पर किस किया तो वो पागल सी हो गयी, लेकिन फिर में हट गया और उसकी जांघो पर किस करने लगा और उसकी जांघो पर किस करते-करते नीचे पैरों की उँगलियों तक आ गया और उनको मुँह में लेकर चूसने लगा, वो तो सेक्स से भरी हुई थी और मस्त हो गयी थी. फिर में वापस से ऊपर आने लगा और फिर से उसकी चूत के पास एक किस की और धीरे धीरे उसकी पेंटी उतार दी. अब उसकी क्लीन शेव चूत मेरे सामने थी और बहुत ही प्यारी लग रही थी. वो ऊपर से एकदम गोरी और अंदर से लाल थी, जैसे कि वनीला आइसक्रीम पर एक लाल चिल्ली रख दी हो, में इस आइसक्रीम को टेस्ट करने से खुद को रोक नहीं पाया और उसकी चूत पर एक किस कर दी और उसके बाद दूसरी किस की और उसके बाद तो किस की झड़ी लगा दी. वो पागल हो चुकी थी. फिर मैंने उसकी चूत के दाने को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा और साथ ही साथ उसकी चूत में एक उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा.
फिर उसने एक हाथ से मेरा हाथ पकड़ लिया, उसमें इतना सेक्स चढ़ चुका था कि वो ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी. फिर मैंने उसकी चूत को चाटना और फिंगरिंग करना चालू रखा, उसकी आँखे बंद थी और उसने अपने सर को पीछे की तरफ करके बेड में दबाया हुआ था और एक हाथ से मेरा हाथ पकड़ा हुआ था और दूसरे से मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा रही थी. में उसे चाट रहा था तो मुझे भी पूरा मज़ा आ रहा था, इतने में ही वो झड़ने लगी और झड़ते हुए उसने बुरी तरह से मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा दिया था.
फिर उसका झड़ना शुरू होते ही में हट गया, क्योंकि में देखना चाहता था कि वो झड़ते हुए कैसी लग रही है? वो बड़ी प्यारी लग रही थी. फिर जब वो झड़ चुकी थी तो वो एकदम से हल्की पड़ गयी और उसके हल्की पड़ते ही मैंने फिर से उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और उसके अमृत के समान पानी को चाटने लगा और फिर से फिंगरिंग करने लगा.
मेरा ये पूरा काम उसके पति ने बड़े गौर से देखा था. फिर से में कस-कसकर उसकी चूत को चाटने लगा और 5 मिनट के बाद ही वो कहने लगी कि समीर और मत तड़पाओ, प्लीज अब अपना लंड अंदर डाल दो. फिर मैंने उससे कहा कि जैसा तुम कहो जान. फिर में उसे पकड़कर बेड के कोने तक ले गया, अब उसकी कमर से ऊपर का हिस्सा बेड पर टीका हुआ था और बाकी का मेरे हाथों पर था. फिर मैंने उसकी टांगो को अपने कंधो पर रखा और खड़े हुए 7 इंच के लंड को उसकी चूत पर सेट करके एक ही धक्के में पूरा डाल दिया. वो तो एकदम से चीख ही पड़ी और बोली कि समीर प्लीज धीरे-धीरे, लेकिन अब में कहाँ मानने वाला था. फिर मैंने पूरा लंड बाहर निकाला और फिर से एक ही धक्के में पूरा का पूरा लंड चूत में डाल दिया और वो फिर से चिल्ला पड़ी.
फिर मैंने 4-5 बार ऐसे ही किया और एक बार लंड अंदर डालकर तेज-तेज उसे चोदने लगा, अब उसके मुँह से कामुक आवाजे आ रही थी और वो बोल रही थी समीर आई लव यू प्लीज मुझे चोदो और कस कसकर चोदो, तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है. अब में इस पोज़िशन में धक्के मार-मारकर थक चुका था तो मैंने पोज़िशन बदल दी और अब वो मेरे ऊपर थी और हम पूरे बेड पर आ चुके थे. अब वो मेरे लंड पर अपनी चूत को उछाल रही थी और उसका पति सब देख रहा था, हमें ऐसे चोदते-चोदते लगभग 15 मिनट हो चुके थे तो उसका बदन अकड़ने लगा और उसने अपनी चूत से मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया.
फिर मैंने एकदम से पोज़िशन चेंज की और उसके ऊपर आ गया और पूरी जान से उसकी चूत में लंड को पेलने लगा. फिर लगभग 10-12 धक्को के बाद वो और में एक साथ झड़ गये और में उसके ऊपर ही पड़ गया और उसकी चूचियों को चूसने लगा, वो पूरी तरह से संतुष्ट दिख रही थी और मेरे लंड ने उसे पूरा मज़ा दिया था.
अब उसका पति मेरे पास आया और बोला यार थैंक यू तुमने मुझे बताया कि सेक्स का मज़ा कैसे लिया जाता है? और में इससे पूरा संतुष्ट हूँ और आगे से में ऐसे ही काजल के साथ सेक्स किया करूँगा. फिर मैंने कहा कि ठीक है यार, लेकिन अलग अलग पोज़िशन में करना तभी तुमको मज़ा आयेगा. अब मैंने खड़े होकर अपने कपड़े पहन लिए और काजल ने भी अपने कपड़े पहन लिए. फिर काजल बोली कि समीर प्लीज आज रात यहीं रुक जाओ ना, में एक बार और तुम्हारे साथ मजा करना चाहती हूँ.
फिर मैंने उसके पति की तरफ देखा तो उसने भी कहा कि हाँ यार आज रात को यहीं रुक जाओ. फिर से पूरा मज़ा करेंगे. फिर मैंने कहा कि ठीक है जब तुम कह रहे हो तो में आज रात यहीं रुक जाता हूँ और में रुक गया, उस रात हमने बहुत सेक्स किया और थ्री-सम भी किया. फिर जब सुबह में जाने लगा तो काजल ने मुझे बताया कि ये सारी प्लानिंग उसकी थी, असल में वो मेरे लंड से चुदना चाहती थी, लेकिन अपने पति से धोखा भी नहीं करना चाहती थी. फिर उसने प्लान बनाया और अपने पति को ये आइडिया दिया और अपने पति के सामने ही मेरे लंड का मज़ा लिया. फिर में हंसने लगा और उसे एक किस करके वापस अपने शहर आ गया.
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चुदक्कड़ माँ का रंडीपन

दोस्तों मेरा नाम करण है और में लखनऊ में रहता हूँ, मेरे घर में मेरी माँ और पापा है. दोस्तों में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ जिनको पढ़कर मुझे बहुत मज़ा आता है. मैंने अब तक इसकी बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी है जिनको पढ़कर मैंने भी अपनी कहानी को आपके सामने रखने के बारे में बहुत विचार किया और बहुत सोचने के बाद आज में आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ.
दोस्तों कहानी को शुरू करने से पहले में आप लोगों को अपनी माँ के बारे में बताता हूँ, मेरी माँ का नाम नीलम है और उसकी उम्र 47 साल है और उसकी हाईट 5 फिट 2 इंच है. वो बहुत गोरी है और दिखने में बिल्कुल ग़ज़ब है उसका सबसे बड़ा हथियार उसके मस्त चूतड़ है जिसको देखकर हर कोई उसका दीवाना हो जाता है क्योंकि उसके चूतड़ बहुत बड़े और गोल है वो जब भी चलती है तो सबकी नज़र उसकी मटकती हुई गांड पर ही होती है जिसको देखकर हर कोई उसकी मटकती हुई गांड की तरफ आकर्षित हो जाता है, वो ज़्यादातर पटियाला सलवार पहनती है जिसको पहनने के बाद उन कपड़ो में उसकी गांड और भी मस्त दिखती है. वो जब भी सड़क पर चलती है तो सलवार उसकी गांड के बीच की दरार में फंस जाती है तो इसलिए सब उसे ही घूर घूरकर देखते रहते है.
दोस्तों मेरे पापा के दोस्त जब घर आते है तो मेरी माँ उन्हें देखकर रंडियो की तरह सजधजकर तैयार हो जाती है और वो लाल कलर के कपड़ो में बहुत सेक्सी माल लगती है और मेरे भी कई दोस्त भी मेरी माँ की गांड देखकर मुठ मारते थे, यहाँ तक कि मेरा अपना कज़िन भी मेरी माँ को हमेशा गंदी नज़र से देखता था और वो हमेशा मन ही मन उनकी चुदाई करने के सपने देखा करता था, मुझे यह सब बाद में पता चला.
दोस्तों यह बात आज से पांच साल पहले की है जब हम लखनऊ में नये नये रहने के लिए आए थे और हमने किराए पर एक रूम लिया हुआ था. दोस्तों हमारा रूम पहली मंजिल पर था और हमारा मकान मालिक नीचे वाली मंजिल पर रहता था और हमारे मकान मालिक का एक बेटा भी था जिसका नाम रवि था और उसकी उम्र करीब 27 साल थी, लेकिन उसकी अभी तक शादी नहीं हुई थी और वो दिखने में थोड़ा ठीक ठाक था और उनके घर में एक ड्राईवर भी रहता था जिसका नाम राकेश था और उसकी उम्र करीब 44 साल के आसपास थी.
दोस्तों मेरी माँ वहां पर भी हमेशा उनके सामने अपना रंडीपन दिखाती थी और मेरे पापा के ऑफिस चले जाने के बाद वो सजसवर के नीचे मकान मालिक के घर पर पहुंच जाती थी और वो उन्हें अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए बहुत कुछ किया करती थी. एक बार की बात है, मैंने रवि को मेरी माँ की गांड पर हाथ रखे हुए भी देख लिया था, लेकिन फिर भी माँ उससे कुछ भी नहीं बोल रही थी क्योंकि शायद वो भी अब उससे इन सभी कामों को करवाने की उम्मीद करती थी और वो भी यही सब अपने साथ करवाना चाहती थी.
दोस्तों मेरी माँ की रवि और राकेश के साथ बहुत ज्यादा बात होती थी और वो मेरी माँ से बहुत हंस हंसकर बातें किया करते थे और हमेशा मेरी माँ को गंदी गंदी नजरों से देखा करते थे और उन दोनों लोगो की नज़र मेरी माँ की गांड, बूब्स और उनके गदराए हुए सेक्सी बदन पर ही होती थी जिसकी वजह से मुझे मेरी माँ पर पूरा पूरा शक था कि वो मेरे मकान मालिक से अपनी चुदाई भी करवाती है और एक दिन मेरा शक वो सब कुछ देखकर यकीन में बदल गया जिस दिन मैंने वो सब देखा.
दोस्तों एक दिन दोपहर को में बहुत गहरी नींद में सो रहा था और मुझे सोए हुए अभी कुछ देर ही हुई थी कि अचानक से मेरी आँख खुली तो मैंने उठकर देखा कि मेरी माँ उस समय कमरे में नहीं थी और फिर मैंने सोचा कि शायद मेरी माँ नीचे चली गई होगी और मन ही मन यह बात सोचकर में भी नीचे आ गया तो मैंने नीचे आकर मेरी माँ की सिसकियों की आवाज़ सुनी और अब मेरी माँ बहुत ही मीठी आवाज़ में बोल रही थी हाँ थोड़ा और ज़ोर से करो उह्ह्हह्ह प्लीज आईईईई थोड़ा और उह्ह्ह्हह्ह् हाँ और ज़ोर से करो.
फिर मैंने जब खिड़की से उस कमरे के अंदर झांककर देखा तो में वो सब देखकर बिल्कुल दंग रह गया और मेरी आखें फटी की फटी रह गई, मैंने देखा कि अंदर रवि का एक हाथ मेरी माँ के बूब्स पर था और वो मेरी माँ के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था. माँ ने काले कलर का पटियाला सलवार सूट पहना हुआ था जो कि पूरा जालीदार था और माँ लाल कलर की बिंदी और सिंदूर में पूरी तरह सती सावित्री भाभी की तरह दिख रही थी और उस समय राकेश भी उनके बहुत पास में बैठा हुआ था और वो यह सब देखकर अपना लंड पेंट से बाहर निकालकर अपने एक हाथ से पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से हिला रहा था.
फिर माँ ने रवि से कहा कि क्या अपनी भाभी के बूब्स को ऊपर से ही दबाओगे या अब उसे नंगा भी करोगे? और फिर यह बात सुनते ही रवि ने तुरंत नीलम का सूट उतार दिया और अब मैंने देखा कि वो अब सिर्फ सलवार और सफेद कलर की ब्रा में थी, लेकिन कुछ ही देर रुकने के बाद उसने माँ की ब्रा को भी उतार दिया जिसकी वजह से अब माँ के मोटे मोटे बूब्स लटकने लगे थे और माँ के झूलते हुए बड़े बड़े बूब्स को देखकर में भी अब बाहर खड़ा खड़ा अपना लंड बाहर निकालकर मुठ मारने लगा.
मैंने देखा कि माँ के निप्पल थोड़े बड़े उभरे हुए और भूरे कलर के थे और गोरे गोरे बूब्स पर वो भूरे रंग के निप्पल बहुत अच्छे दिख रहे थे और अब मेरी माँ बिल्कुल रांड की तरह दिख रही थी. रवि ने फिर माँ के बूब्स को एक एक करके चूसना शुरू कर दिया था और उसकी वजह से माँ भी अब धीरे धीरे सिसकियाँ ले रही थी और माँ की सिसकियों की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी. अब रवि माँ से बोल रहा था कि नीलम में आज तुझे कुतिया बनाकर चोदूंगा और तेरी सारी भूख को शांत कर दूंगा, तू बस आज देखती जा में तुझे कैसे कैसे चोदता हूँ तू तो बस चुपचाप अपनी चुदाई के मेरे साथ मज़े लिए जा.
यह सब देखकर और सुनकर राकेश ने भी अपना लंड अब थोड़ा ज़ोर ज़ोर से हिलाना शुरू कर दिया. रवि ने फिर नीलम की सलवार का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया, उसने काली कलर की पेंटी पहनी हुई थी. अब मुझे माँ की चूत साफ साफ दिख रही थी, वो कई बार चुदकर पूरी तरह फेलकर आकार में बहुत बड़ी हो गई थी और मेरा वो शक़ बिल्कुल सही था कि मेरी माँ मेरे पापा के अलावा भी कई लोगों से बहुत बार अपनी चुदाई करवाती है. दोस्तों मेरी माँ की चूत पर हल्के हल्के बाल थे और रवि से अब बिल्कुल भी रहा नहीं गया.
फिर उसने तुरंत अपना मोटा लंड पेंट से बाहर निकाला और फिर उसने अपना लंड चूत पर धीरे धीरे घिसना शुरू किया जिसकी वजह से उसके लंड का टोपा माँ की चूत से बाहर बहते चूत रस से गीला और थोड़ा सा चिपचिपा सा हो गया और फिर कुछ देर बाद उसने अपना चिकना लंड चूत के मुहं पर रख दिया और सही मौका देखकर उसने एक ही जोरदार धक्के से अपना पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और वो पूरा फिसलता हुआ मेरी माँ की फेली हुई चूत की गहराईयों में चला गया.
अब माँ की बहुत ज़ोर से चीखने की आवाज़ निकल गई आईईईई आअहह माँ अब पूरी तरह रंडी बन चुकी थी और उसने रवि से कहा कि तू आज अपने इस मोटे लंड से मेरी चूत फाड़ दे उह्ह्ह्ह थोड़ा और ज़ोर से आह्ह्हह्ह् धक्का दे रवि प्लीज पूरा अंदर जाने दे तुझे मेरी कसम, फाड़ दे तू आज मेरी इस चूत को आह्ह्हह्ह हाँ पूरा ज़ोर लगा.
माँ के मुहं से यह सभी जोश को बढ़ाने वाली बातें सुनकर रवि अब बिल्कुल सा पागल हो गया और वो माँ के ऊपर पूरा चढ़ गया और उसने फिर से जोरदार झटके मारने शुरू कर दिये और माँ भी अब अपनी गांड को उछाल उछालकर उसका पूरा पूरा साथ दे रही थी और माँ को चुदता हुआ देखकर मेरा लंड भी अब तक पूरी तरह से तनकर खड़ा हो चुका था और अब में भी माँ का नाम लेकर उन्हें अपने सामने चुदता हुआ देखकर अपना लंड थोड़ा ज़ोर से हिलाने लगा. दोस्तों करीब दस मिनट तक चूत की चुदाई ऐसे ही चलती रही. माँ की चूत बहुत ज़्यादा बड़ी थी इसलिए उसका लंड अब बहुत आसानी से फिसलता हुआ पूरा का पूरा अंदर बाहर हो रहा था, लेकिन कुछ देर चूत चोदने के बाद उसने माँ को तुरंत पलट दिया जिसकी वजह से अब माँ के बड़े बड़े गोल चूतड़ साफ साफ दिख रहे थे. फिर रवि ने दोनों चूतड़ को अपने दोनों हाथों से फैलाया तो माँ की गांड साफ साफ नजर आने लगी और उसने अब माँ की गांड में अपनी एक उंगली को डाल दिया.
माँ तुरंत समझ गई कि आज उसकी गांड भी चुदने वाली है तो माँ ने भी अपनी गांड को अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लाकर पूरी तरह से पकड़कर फैला दिया. फिर रवि ने तुरंत थोड़ा सा थूक लंड पर और माँ की गांड पर लगा दिया जिसकी वजह से गांड और लंड दोनों ही चिकने होकर चमकने लगे थे.
फिर उसने बिना देर किए अपना मोटा लंड माँ की गांड के मुहं पर रखकर एक जोरदार धक्का देकर अंदर डाल दिया. उसने एक झटके में ही पूरा का पूरा लंड माँ की गांड में घुसा दिया था. माँ उस दर्द से एकदम तड़प उठी और अब वो रवि को लंड बाहर निकालने के कहने लगी, लेकिन रवि नहीं रुका वो ज़ोर ज़ोर से लगातार धक्के देकर माँ की गांड को चोदने लगा और यह सब देखकर राकेश भी अपना लंड हिला रहा था और रवि बिल्कुल पागलों की तरह माँ को बिना रुके चोद रहा था और माँ भी रंडियो की तरह उस दर्द की वजह से चीखते, चिल्लाते हुए अपनी गांड उससे बहुत मज़े के साथ मरवा रही थी, लेकिन करीब दस मिनट तक चुदने के बाद रवि झड़ गया और उसने अपना पूरा वीर्य माँ की गांड में ही हल्के हल्के झटकों के साथ पूरा अंदर डाल दिया. मैंने देखा कि रवि का लंड बहुत मोटा होने की वजह से अब माँ की गांड का छेद थोड़ा बड़ा हो गया था और अब तक यह सब देखकर राकेश भी पूरी तरह से गरम हो चुका था और फिर वो भी बोला कि में भी नीलम भाभी की गांड को चोदकर मज़ा लूँगा.
उसके मुहं से यह बात सुनकर मेरी माँ तुरंत उससे बोली कि हाँ में तेरी रंडी हूँ चोद दे मुझे, जल्दी से अपना लंड डालकर मुझे चोद दे और तू भी मुझे आज अपना बना ले. फिर राकेश यह बात सुनकर और भी ज्यादा जोश में आकर गरम हो गया और फिर उसने अपना लंड माँ की गांड में एक ज़ोर से धक्का देकर अंदर डाल दिया. माँ की गांड का छेद कुछ देर पहले हुई उस चुदाई से बड़ा हो चुका था और अब उसे भी अपनी गांड को चुदवाने में बहुत मज़ा आ रहा था और वो उससे कह रही थी उह्ह्ह्हह्ह हाँ थोड़ा और अंदर डाल आईईईई प्लीज उफफ्फ्फ्फ़ हाँ थोड़ा सा और अंदर करो.
राकेश ने अब जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर माँ को चोदना शुरू किया और कुछ देर तक लगातार धक्के देकर चोदने के बाद उसने अपना लंड झटका देकर बाहर निकाल लिया और फिर उसने माँ को अपना लंड चूसने को बोला तो माँ उस समय बहुत गरम थी और वो बिना सोचे समझे तुरंत अपनी गांड के अंदर गया हुआ लंड भी अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और कुछ देर बाद राकेश माँ के मुहं में ही धीरे धीरे झटके देता हुआ झड़ गया और माँ ने उसका सारा वीर्य पी लिया और उसके लंड को अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ किया पूरा चमका दिया. फिर कुछ देर वो तीनों एक साथ थककर लेटे रहे और उसके बाद माँ ने अपने कपड़े पहनने शुरू किए.
फिर मैंने देखा कि अभी भी मेरी माँ की गांड से वीर्य टपक रहा था और वो बाहर आने लगी, लेकिन उससे पहले में अपने कमरे में पहुंचकर लेट गया और कुछ देर बाद जब माँ कमरे में पहुंची तो मैंने उनकी बदली हुई चाल से पता लगा लिया कि आज माँ को अपनी गांड में जरुर बहुत दर्द होगा जिसकी वजह से वो इस तरह से चल रही है और उनकी चाल बिल्कुल बदल चुकी थी, लेकिन फिर भी वो अपनी इस गंदी हरकतों से बाज नहीं आई और उसके बाद भी उन्होंने कई बार अपनी चुदाई के मज़े उनके लंड से लिए. दोस्तों यह थी मेरी चुदक्कड माँ की चुदाई की कहानी जिसमें उसको चुदवाने में बहुत मज़ा आया.
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दिव्या मामी की मांग भरी

हैल्लो दोस्तों आप सभी आंटी, दीदी, भाभी और लड़कियों के लिए में अभी यहाँ पर नया आया हूँ तो प्लीज आप सभी मेरा थोड़ा ख्याल रखना. अब में आप सभी को थोड़ा बहुत अपने बारे में बताता हूँ, दोस्तों में 33 साल का एक नौजवान लड़का हूँ और अभी तक कुंवारा हूँ मेरा नाम राज है और में आगरा का रहने वाला हूँ, मेरी हाईट 5 फीट 8 इंच है मेरा रंग गोरा है और मेरा लंड 7.5 इंच लंबा है और 3.5 इंच मोटा भी है.
दोस्तों में हमेशा से ही नाभि का बहुत दिवाना हूँ मुझे गहरी और लम्बी नाभि बहुत पसंद है, नाभि इतनी बड़ी हो कि उसमे नींबू पूरा आ जाए फिर चाहे वो नाभि किसी लड़की, आंटी, भाभी और दीदी किसी की ही क्यों ना हो मुझे बहुत अच्छी लगती है. मुझे उसे चूसने को, चाटने को, काटने को, देखने को, इतना दिल करता है कि बस में नाभि के पास ही बैठा रहूँ, तो यह था मेरा पूरा परिचय और अब में अपनी कहानी पर आता हूँ यह मेरी पहली कहानी है जो कि करीब दस साल पहले की है यानी कि 2003 की तब मेरी उम्र 23 साल थी में उस समय अपनी पढ़ाई करने चंडीगढ़ अपने मामा के घर पर गया हुआ था क्योंकि आगरा के कुछ दोस्तों के साथ मेरी उस समय लड़ाई झगड़े हो गये थे इसलिए पापा ने मुझे चंडीगढ़ पढ़ाई करने भेज दिया था.
दोस्तों में अपने मामा के पास पहली बार गया था और मैंने मामा और मामी को पहली बार देखा था. में 10 जून 2003 को चंडीगढ़ के लिए निकल पड़ा और 11 जून 2003 की सुबह में चंडीगढ़ पहुंच गया. वहाँ पर मामा ने अपने ड्राइवर को गाड़ी से मुझे घर पर लाने के लिए भेज दिया था, ड्राइवर ने मुझे अपने साथ में लिया और घर की तरफ निकल पड़ा में जैसे ही घर पर पहुंचा तो मेरी मामी बाहर आई और मुझसे बोली कि वहीं पर रुक जाओ. तो में वहीं पर रुक गया और वो एक आरती की थाली लेकर आई और उन्होंने मेरी आरती की और बोली कि हाँ अब अंदर आ जाओ.
दोस्तों मेरी मामी का नाम दिव्या है और उनकी उम्र 35 साल है उनका रंग गोरा है और बदन बहुत सेक्सी है और उनके फिगर का साईज 36-30-32 था. दोस्तों मेरी मामी का फिगर बिल्कुल वैसा था जैसा में चाहता था. तभी अचानक जैसे ही मामी अंदर की तरफ बड़ी तो उनकी कमर पर लगा चाबी का गुच्छा निकलकर नीचे गिर गया और मामी उस गुच्छे को जैसे ही उठाने के लिए नीचे झुकी तो मुझे उनके बूब्स दिख गये. वाह दोस्तों क्या बूब्स थे एकदम गोरे और बड़े जैसे पका हुआ पपीता हो, लेकिन जब वो चाबी उठाकर उठी तब उनके पेट से साड़ी हट गई और मैंने उनकी नाभि को देख लिया उनकी नाभि करीब दो इंच गहरी और तीन इंच लंबी एकदम गोल थी और उसे देखकर मेरा लंड धीरे धीरे टाईट होने लगा. मुझे ऐसा लग रहा था कि मामी अपनी नाभि रोज़ मामा के लंड से चुदवाती है.
फिर में नज़र नीचे करके अंदर चला गया, मामी बोली कि तुम बैठ जाओ में तुम्हारे लिए नाश्ता लाती हूँ मैंने उनसे पूछा कि मामा कहाँ है? तो मामी ने मुझे बताया कि मामा किसी काम के सिलसिले में दुबई गए हुए है और एक महीने बाद लोटेंगे. अब मैंने जैसे ही उनके मुहं से यह सब सुना मेरे मुहं में पानी आ गया में सोचने लगा कि में मामी को जरुर पटाउंगा और फिर शाम हुई और रात भी हो गई तो में उस समय अपने कमरे में था तो मामी ने आवाज़ लगाई कि राजा आ जाओ खाना खा लो, में अंदर गया और मैंने देखा कि मामी ने जीन्स और टॉप पहन रखा था वो टॉप एकदम टाईट था जिसमे से बूब्स बाहर आने को तड़प रहे थे और ब्रा की डोरी साफ साफ दिख रही थी और वो जीन्स मामी ने नाभि से करीब पांच इंच नीचे पहनी हुई थी जिससे नाभि साफ साफ दिखे, मुझे लगा कि शायद मामी को पता लग गया है कि में उनकी नाभि को देखना पसंद करता हूँ और जब में उनकी नाभि देख रहा था तो उन्होंने मुझे यह सब करते हुए देख लिया था और फिर हम लोग खाना खाने लगे और खाना खाने के बाद में अपने कमरे में चला गया.
फिर रात को करीब 9 बजे मामी के कमरे में से आवाज़ आई कि राजा यहाँ आओ. तो में उनके कमरे के अंदर चला गया और मैंने देखा कि मामी ने उस समय मेक्सी पहन रखी थी और वो भी पूरी जालीदार जिसमे उनकी स्टाइलिश ब्रा और पेंटी साफ साफ नज़र आ रही थी. फिर मामी मुझसे मुस्कुराकर बोली कि दूर से देखते रहोगे क्या आओ राजा यहाँ पर बैठो.
फिर मैंने पूछा कि जी मामी आपने मुझे क्यों बुलाया? मामी बोली कि मुझे अकेले सोने में बहुत डर लग रहा था तो मैंने सोचा कि तुम भी यहीं पर सो जाओ तो मुझे भी डर कम लगेगा और तुम्हे भी अच्छी नींद आ जाएगी. तो मैंने कहा कि ठीक है में सोफे पर सो जाता हूँ, तभी वो बोली कि अरे नहीं तुम मेरे पास यहीं बेड पर सो जाओ, तो मैंने कहा कि नहीं और फिर वो बोली कि लेकिन क्यों नहीं तुम मेरे पास क्यों नहीं सो सकते? तो मैंने कहा कि जी सो सकता हूँ.
वो बोली कि फिर तुम अब ज्यादा सोचो मत और में उनके सो गया. तभी मामी मुझसे पूछने लगी कि क्यों सो गये? में बोला कि नहीं, तो मामी बोली कि कुछ अपने बारे में बताओ ना तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? में बोला कि नहीं मामी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. तो मामी बोली कि तुमने क्या कभी सेक्स भी नहीं किया है? क्या मामी आप मुझसे यह क्या पूछ रही हो? तो वो बोली कि हाँ मैंने तुमसे पूछा कि तुमने कभी सेक्स किया है कि नहीं? क्या तुम करना चाहोगे? तो मैंने पूछा कि किसके साथ? मामी बोली कि मेरे साथ, में बोला कि नहीं में आपके साथ यह सब कैसे कर सकता हूँ?
वो बोली कि क्यों नहीं कर सकते? सुबह और अभी बाहर मेरी नाभि और बूब्स को तो तुम बहुत घूरकर देख रहे थे क्या तब तुम्हारे मन में सेक्स की भावना नहीं आ रही थी? दोस्तों मैंने सोचा कि यह एक बहुत अच्छा मौका है हाथ से मत जाने दो. तभी मैंने कहा कि लेकिन मेरी एक शर्त है कि में आपको शादी के जोड़े में सुहागरात की तरह चोदना चाहता हूँ. तो मामी बोली कि बहुत अच्छे, मुझे यह सुनकर बहुत अच्छा लगा, तुम बहुत सेक्सी हो में एक घंटे में तैयार होकर तुम्हे अंदर बुलाती हूँ.
फिर मामी ने तैयार होकर मुझे आवाज़ लगाई आ जाओ जी में जब अंदर गया तो उन्होंने मेरे पैर छुए और मुझसे बोली कि तुम मेरी माँग भरो तब में तुम्हे सुहागरात मानने दूँगी. अब में बोला कि ठीक है और मैंने उनकी माँग भर दी और फिर मैंने मामी को बिस्तर पर लेटा दिया मैंने देखा कि मामी ने लहंगा पहन रखा है और वो भी पीछे से पूरा खुला हुआ और पीछे सिर्फ़ दो डोरी से चोली बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी थी और चोली में से बहुत हद तक बूब्स बाहर आ रहे थे और जब मैंने नीचे की तरफ देखा तो उनका लहंगा नाभि से 6 इंच नीचे बंधा हुआ था चूत से थोड़ा ही उपर यह सब देखने में बहुत सेक्सी था और उससे भी कहीं ज्यादा सेक्सी लग रही थी उनकी गहरी नाभि जो कि अब उनके लेटे हुए होने की वजह से और भी गहरी हो गई थी.
मैंने पूछा कि मामी आपकी नाभि इतनी गहरी कैसे हुई? सबसे पहले तो मामी बोली कि मुझे तुम अब मामी मत बोलो, मुझे सिर्फ दिव्या बोलो और आप नहीं तुम या तू बोलो ठीक है. तो मैंने कहा कि ठीक है और फिर दिव्या बोली कि तुम्हारे मामा मेरी नाभि रोज़ चूसते चाटते और चोदते है तो फिर यह बड़ी क्यों नहीं होगी? दिव्या बोली कि तुम्हे मेरी नाभि क्यों पसंद है? तो मैंने कहा कि क्योंकि तुम्हारी नाभि बहुत बड़ी है और मुझे ठीक ऐसी ही नाभि बहुत पसंद है.
फिर वो बोली कि पसंद है तो कुछ करो ना जानू, क्यों अब किस बात की देर है? तो दोस्तों जैसे ही मामी ने मुझे हुक्म दिया और मैंने उनकी नाभि को चाटना शुरू कर दिया में अब उनकी नाभि चाट रहा था तो मामी के मुहं से सेक्सी आवाज़ आना शुरू हो गई इसस्स्सस्स आअहह उूुुुईईईईईईई मर गई थोड़ा जीभ और अंदर करो ना आह्ह्हह्ह्ह्ह मज़ा आ रहा है, नाभि कहाँ से चूसना सीखा तुमने? तो मैंने कहा कि कहीं से नहीं आपको देखकर अपने आप नाभि चूसने का मन करने लगा. तो वो बोली कि क्या मेरी नाभि इतनी सेक्सी है? मैंने कहा कि हाँ मेरी रानी तेरी नाभि बहुत सेक्सी है. तो वो बोली कि तो थोड़ा और चूस ना, चूस चूसकर इसे लाल कर दो मेरे जानू और फिर मैंने नाभि को काटना शुरू किया, हल्के हल्के मामी के मुहं से आवाज़ आ रही थी हाँ और तेज जानू आहह्ह्ह् उहहह और तेज़.
फिर वो बोली कि ज़रा मेरी नाभि में उंगली घुमाओ ना और फिर जैसे ही मैंने उंगली डाली मामी बोली कि हाँ और वो मेरी ऊँगली को पकड़ कर और अंदर ले गई और उंगली को नाभि में कसकर जकड़ लिया और मामी बोली कि कोई और दूसरे तरीके से नाभि का मज़ा दो ना. फिर मैंने कहा कि ठीक है फिर मैंने उनकी नाभि में एक चोकलेट खड़ी कर दी और फिर उसे खाता गया और जैसे ही में नाभि के पास पहुंचा वैसे ही नाभि को भी मुहं में भरा और काटने लगा, मामी बोली ऊहहह्ह्ह अह्ह्ह्ह कितना मज़ा आ रहा है जानू उूईईईईइ माँ मरी.
मैंने मामी को पलट कर उल्टा कर दिया और उनकी पीठ पर चूमने लगा मामी मुझसे बोली कि चूमो ना जानू और फिर मैंने उनकी पीछे से खुली हुई चोली की दोनों डोरी को खोल दिया और अब चोली को बाहर निकाल दिया ऊओफफफफफ्फ़ वाह क्या बूब्स थे मामी के एकदम बड़े और कसे हुए एकदम गोल, में आखें बन्द करके उन पर टूट पड़ा और उनके बूब्स पर और कसकर चूसने लगा. मामी मुझसे हर बार कर रही थी आआह्ह्ह्हहहह और ज़ोर से चूसो ना आईईईईई. दोस्तों फिर में क्या ज़ोर ज़ोर से बूब्स दबा रहा था और जमकर चूस रहा था और मामी सिसकियों के साथ साथ मोनिंग कर रही थी उूउइईईईईईईईईई आआआहह उूउउफफफफफफफ्फ़.
फिर मैंने मामी का नाड़ा खोला तो मामी शरमा गई. मैंने मामी का लहंगा उतार दिया और मामी को पूरा नंगा कर दिया वो अब मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी में थी और वो भी तीन बार गीली हो चुकी थी. फिर जैसे ही मैंने पेंटी उतारी वैसे ही मामी बोली कि नहीं आज चूत नहीं दूँगी आज मेरा मन सिर्फ़ नाभि सेक्स के लिए है और बूब्स दबाओ और पियो दूध निकल दो मेरे बूब्स से नाभि को चोदकर और गहरा कर दो. तो मैंने उनसे कहा कि तुम तो हर तरफ से सेक्सी लगती हो .
फिर मैंने मामी की नाभि में लंड डाला तो मामी बोली कि मज़ा नहीं आ रहा है और तभी मामी ने मेरा लंड पकड़ा और मेरे लंड पर मुठ मारने लगी और बोल रही थी कि तुम्हारे मामा ने मुझे कभी लंड पर मुठ नहीं मारने दिया और ना ही कभी लंड को मेरे मुहं में डाला. तुम अपना लंड मेरे मुहं में दो ना, में इसे चूसना चाहती हूँ. फिर मैंने कहा कि हाँ लो ना मेरी जान चूसो ज़ोर से चूसो इसे और मामी मेरे लंड को चूस रही थी और मुझसे कह रही थी कि वाह कितना बड़ा है जानू तुम्हारा लंड, तुम्हारे मामा का तो इसका आधा भी नहीं है और ऐसा ही करते करते 20 मिनट तक मामी मेरा लंड चूसती रही और मैंने कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ.
मामी बोली कि प्लीज मेरे मुहं में ही अपना सारा पानी छोड़ दो मेरे लंड का पानी पीने की बहुत इच्छा थी प्लीज आज उसे तुम पूरा कर दो. फिर मैंने अपना सारा गरम गरम वीर्य उनके मुहं में डाल दिया और वो उसे चूस चूसकर पी गई, लेकिन फिर मेरा लंड सिकुड़कर बहुत छोटा हो गया और में उदास हो गया क्योंकि में अभी तक नाभि को नहीं चोद पाया था. फिर मामी मेरे मन की यह बात समझ गई और वो मेरे लंड पर एक बार फिर से मुठ मारने लगी और लंड को फिर से मुहं में लेकर वो मेरे लंड को खड़ा करने लगी उनके हाथों के स्पर्श से मेरा लंड फिर से लोहे जैसे रोड की तरह खड़ा हो गया और फिर मामी ने कहा कि लो अब इसे जल्दी से डाल दो मेरी गहरी नाभि में और अब मैंने उनकी नाभि में जैसे ही अपना लंड डाला तो मेरा तीन इंच मोटा लंड नाभि में चला गया और मैंने नाभि को चोदना शुरू किया मामी के मुहं से सिसकियों की आवाज़ आ रही थी आह्ह्ह्हह्ह ऊउक्ककच आईईईईईई उईईईईईइ माँ हाँ और तेज़ चोदो मेरी नाभि को.
फिर में लगातार नाभि को चोदता रहा और मामी को बहुत मज़ा आ रहा था वो हाँ में और अब रोज़ चुदवाउंगी तुमसे कह रही थी. दोस्तों मुझे लगातार चोदते हुए करीब अब तीस मिनट होने वाले थे और में झड़ने वाला था तो मामी बोली कि सारा वीर्य मेरी नाभि में भर दो. फिर मैंने सारा वीर्य नाभि में भर दिया और फिर मामी ने अपने पूरे पेट की उसी पानी से मालिश की और बोली कि इस पानी से औरत का जिस्म और भी खिल जाता है फिर में लेट गया.
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पड़ोस वाले दादाजी से चुदी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रेशमा है और हमारा 3 लोगों का छोटा सा परिवार है मम्मी पापा और में. मेरे मम्मी पापा दोनों ही जॉब करते है और में दिखने में सुंदर हूँ और लंबे बाल है. में इस साईट की बहुत बड़ी फैन हूँ और आज में आपके साथ मेरा अनुभव शेयर करने जा रही हूँ. यह 3 साल से भी ज्यादा पुरानी बात है, तब मेरी उम्र 19 साल थी और मेरी हाईट 5 फुट 1 इंच और फिगर 32-25-32 था. हम लोग एक अपार्टमेंट में रहते थे, तभी हमारे पास के फ्लेट में एक नई फेमिली रहने को आई, जो कि कुछ दिनों से खाली था. उनकी फेमिली में एक कपल और उनके पिताजी थे, उन लोगों के रहने के बाद पड़ोसी के नाते दोनों फेमिली के बीच बातचीत शुरू हुई वो दोनों पति पत्नी जॉब करते थे.
फिर अंकल ने बताया कि उनकी मम्मी 12 साल पहले गुजर गई और उनकी दीदी शादी के बाद अमेरिका में रहती है और उनके पापा रिटायर्ड होने के बाद उनके पास रहने आ गये. फिर मेरे मम्मी पापा उनके पापा को चाचा जी बोलने लगे और उसी हिसाब से में उनको अंकल, आंटी और दादा जी बुलाने लगी, इन 2 महीनों में दोनों परिवार काफ़ी नजदीक हो गये थे. एक दिन दोपहर में स्कूल के बाद घर आने के लिए में सिटी बस स्टॉप पहुँची और उसी बस स्टॉप पर दादा जी घर आने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे, दादाजी 5 फुट 8 इंच और मजबूत बॉडी के थे, हांलाकि उनकी उम्र 61 साल के आस पास थी, लेकिन वो 50 साल के दिखते थे. फिर बस आने के बाद हम दोनों बस पर सवार हो गये और अपने घर की तरफ निकल पड़े.
जब बारिश का महीना था और हल्की-हल्की बारिश शुरू हो गयी थी, बस स्टॉप पर सिर्फ़ हम दोनों उतरे. हम दोनों के पास छाता ना होने की वजह से हल्की-हल्की बारिश में भीगते हुए हम घर की और बढ़े, बस स्टॉप से घर करीब 10 मिनट पैदल जाने की दूरी पर है, हम बस स्टॉप से 2-3 मिनट ही चले थे कि बारिश जोर से होने लगी तो हम दोनों तेज-तेज चलने लगे, लेकिन ज़्यादा बारिश होने की वजह से दादा जी बोले कि साईड के बड़े पेड़ के नीचे इंतजार कर लेते है और तेज की बारिश की वजह से में मान गयी और हम दोनों साईड के पेड़ के नीचे चले गये, लेकिन तब तक हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे और हमारे कपड़े गीले हो चुके थे, उस वक़्त में स्कूल ड्रेस पहने हुई थी जो कि सफ़ेद शर्ट और ग्रे स्कर्ट थी, में पूरी तरह से भीग चुकी थी और मेरी सफ़ेद शर्ट पारदर्शी होकर चिपक गयी थी. मैंने अन्दर ब्रा पहनी हुई थी, लेकिन गीली शर्ट से मेरे बूब्स के शेप का मालूम चल रहा था. फिर मैंने दादा जी की तरफ देखा तो उनकी नज़र मेरी भीगी हुई शर्ट में दिख रहे बूब्स और क्लीवेज पर थी.
अब वो इधर उधर की बातें करने लगे वो बीच बीच में मेरी बूब्स की और देख रहे थे, जैसे कि मुझे कोई शक़ ना हो. जब वो मेरी बूब्स की तरफ देख रहे थे, तब मेरे दिल में हलचल मच रही थी और मुझे एक अजीब सी ख़ुशी महसूस हुई और इससे पहले किसी ने मुझे इस तरह से नहीं देखा था. फिर 15 मिनट के बाद बारिश कम होते ही हम दोनों घर की और चल पड़े और चलते-चलते दादा जी मेरे भीगे हुए बदन को तिरछी नज़र से देख रहे थे, अब मुझे उनका देखना अच्छा लग रहा था.
फिर हम दोनों अपने-अपने घर चले गये, आज तक मैंने सिर्फ़ सेक्स की वासना और सेक्स की नजर से देखने के बारे में पढ़ा और सुना था, लेकिन कभी महसूस नहीं किया था, लेकिन आज दादा जी जिस तरह से मुझे और मेरे भीगे हुए बूब्स को देख रहे थे तो मुझे एक ख़ुशी महसूस होने लगी थी और में उनके बारे में सोचने लगी. उस कच्ची उम्र में यह भावना आते ही मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और में यह भूल चुकी थी कि वो 61 साल के और में सिर्फ़ 19 साल की हूँ, इसी हसीन याद से टाईम कट गया और देखते ही देखते शाम हो गयी.
फिर में शाम तक अपना सब होमवर्क ख़त्म करके छत पर खुली हवा खाने के लिए चली गयी, तभी धीरे धीरे अंधेरा होने लगा था. जब में छत पर गयी तो वहां सामने कोई नहीं था, जब मैंने पूरी छत पर नज़र घुमाई तो एक कोने में दादा जी बेंच पर बैठे थे. उनको देखते ही मुझे एक ख़ुशी महसूस हुई, जैसे कि में उनसे वर्षो से मिलना चाहती हूँ और आज सामने मिल गये हो और मुझे देखते ही उनका चेहरा भी खुशी से चमक उठा और उन्होंने मुझे एक बड़ी सी स्माईल दी. फिर मैंने भी उनको रिप्लाई में एक स्माईल दी और जाकर उनकी बगल में बैठ गयी, उस वक़्त में लोंग स्कर्ट और वी गले की टॉप पहने हुई थी और दादा जी बात करते-करते मेरी क्लीवेज और बूब्स देख रहे थे और में जानबूझ कर अंजान बन रही थी.
फिर थोड़ी देर के बाद दादाजी ने अपना एक हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और सामने की तरफ देखकर मुझसे बात करने लगे. फिर में भी चुपचाप बैठकर उनसे बात करने लगी और मैंने उनका हाथ हटाने की कोई कोशिश भी नहीं की थी. फिर 2 मिनट के बाद दादा जी अपने हाथ से मेरी जांघ को सहलाने लगे और में चुपचाप बैठी हुई सामने की तरफ देख रही थी. फिर थोड़ी देर के बाद जब मैंने उनकी तरफ देखा तो वो मेरी जांघ सहला रहे थे और मेरी क्लीवेज को देख रहे थे.
फिर उन्होंने मेरी आँखों में देखकर एक स्माइल दी, तो मैंने भी उन्हें एक स्माइल दे दी. फिर में हंसते हुए बोली कि मम्मी पापा के आने का टाईम हो गया है और अब में नीचे घर जाती हूँ और फिर में नीचे चली आई. फिर थोड़ी देर में मम्मी पापा अपनी जॉब से वापस आ गये, अब शाम के 9 बजे हुए थे और में सोफे पर बैठकर टी.वी देख रही थी और मम्मी किचन में काम कर रही थी और पापा लेपटॉप में अपना काम कर रहे थे. तभी डोर बेल बजी और मैंने जाकर दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि दरवाजे के सामने दादा जी खड़े हुए थे.
फिर उन्होंने मुझे देखते ही आँख मारी और स्माइल करते हुए अंदर आ गये, अब उन्हें देखकर मेरा दिल जोरो का धड़कने लगा था. अब पापा ने उनके चाचा जी को देखकर बड़ी खुशी से उनका स्वागत किया, तब दादा जी मुझसे बोले कि आओ और आराम से अपनी टी.वी देखो और में फिर से सोफे पर जाकर टी.वी देखने लगी और दादा जी आकर मेरे बगल में बैठ गये और पापा से बात करने लगे. फिर मम्मी किचन में उनके लिए चाय बनाने के लिए चली गयी, अब पापा अपने लेपटॉप पर काम करते-करते दादा जी से बात कर रहे थे, तो दादाजी अपने हाथ से मेरी पीठ सहलाने लगे. फिर जब मैंने उनकी तरफ देखा तो वो स्माइल देते हुए मेरे टॉप के अंदर हाथ घुसाते हुए मेरी नंगी पीठ सहलाने लगे, तभी दादाजी ने पापा से मेरे बारे में बात की.
दादा जी : मुस्कान 11वीं में क्लास आ गयी है, उसकी पढाई कैसी चल रही है? तुम हेल्प कर रहे हो या नहीं ?
पापा : नहीं चाचा जी, काम थोड़ा ज़्यादा है इसलिए ध्यान नहीं दे पा रहे है.
दादा जी : अरे भाई काम तो चलता रहेगा, लेकिन बेटी की पढ़ाई का ध्यान तो रखना पड़ेगा ना.
पापा : जी आप सही बोल रहे है, लेकिन काम का बोझ भी है अगर बुरा ना माने तो क्या आप मुस्कान की पढाई देख लेंगे? अगर आपके पास टाईम हो तो.
दादा जी : अरे इसमें बुरा मानने की क्या बात है? में दोपहर को खाली बैठे-बैठे बोर होता रहता हूँ तो मेरा भी टाईम पास हो जायेगा. (फिर मेरी तरफ देखकर आँख मारी, और में स्माइल देते हुए फिर से टी.वी देखने लगी) तभी मम्मी चाय ले कर आई, तो दादा जी ने अपना हाथ मेरे टॉप से बाहर निकाल लिया और वो मुझे स्माईल कर रहे थे.
मम्मी : चाचा जी आपको कोई परेशानी तो नहीं होगी ना.
दादा जी : बिल्कुल नहीं बल्कि मुझे तो खुशी होगी.
मम्मी : अकेली लड़की घर पर रहती है तो डर लगा रहता है और आप साथ रहेंगे तो दिल को तसल्ली भी रहेगी.
दादा जी : हाँ बेटी सही कहा तुमने, माँ हो चिंता तो रहेगी, लेकिन आगे से मुस्कान अकेली नहीं रहेगी मेरे यहाँ आ जाया करेगी, तो में उसकी पढाई में हेल्प कर दूंगा.
पापा : थैंक यू चाचा जी, मुस्कान कल से तुम स्कूल से आकर लंच के बाद पढाई करने के लिए चाचा जी के पास चली जाना.
में : जी पापा.
फिर चाय के बाद मम्मी किचन में चली गयी और दादा जी ने अपना हाथ फिर से मेरे टॉप के अंदर डाल दिया और उन्होंने इस बार नीचे कि तरफ स्कर्ट के अंदर डालने की कोशिश की, लेकिन स्कर्ट टाईट थी इसलिए वो सफल नहीं हुए. फिर वो मेरी पीठ को टॉप के अंदर से ही सहलाते रहे, फिर थोड़ी देर के बाद वो अपने घर जाने के लिए उठे और मुझे स्माइल देते हुए बोले कि कल वो इंतज़ार करेंगे, फिर वो चले गये. उसी रात अगले दिन के बारे में सोचते-सोचते कब मेरी आँख लग गयी मुझे मालूम ही नहीं चला.
फिर में सुबह उठकर स्कूल के लिए तैयार हो गयी, फिर स्कूल जाते वक़्त मम्मी ने मुझे याद दिलाया कि लंच के बाद दादा जी के यहाँ पढ़ाई के लिए जाना है और में हाँ बोली. फिर स्कूल कैसे ख़त्म हो गया? मुझे पता भी नहीं चला और में घर वापस आ गयी. फिर में लंच करके दादा जी के यहाँ जाने के लिए तैयार होने लगी, उस टाईम मैंने टॉप और स्कर्ट पहने थी.
अब मैंने दादा जी के घर के दरवाजे पर जाकर घंटी बजाई, फिर दरवाजा ओपन हुआ और अब सामने दादा जी सिर्फ़ एक पजामे में खड़े थे. मुझे देखते ही उनका चेहरा खुशी से चमक उठा और मुस्कुराते हुए बोले कि वो मेरा ही इंतज़ार कर रहे थे.
अब मेरे अंदर जाते ही उन्होंने दरवाजा अन्दर से बंद कर दिया, और अब में जाकर सोफे पर बैठ गयी और सामने की टेबल पर अपनी किताब रख दी. तभी दादा जी एक ग्लास जूस मुझे देते हुए मेरे बगल में बैठ गये और अब वो मेरी पढ़ाई के बारे में पूछ रहे थे और में धीरे-धीरे जूस पीते हुए उन्हें जवाब दे रही थी, इसी बीच दादा जी ने मेरी जांघ पर हाथ रखकर सहलाना शुरू कर दिया.
अब मेरा दिल ज़ोर से धड़कने लगा था और में चुपचाप अपना सिर नीचे करके जूस पीने लगी थी. तभी दादा जी ने पूछा कि मुझे बुरा तो नहीं लग रहा है वो मुझे टच कर रहे है, तो मैंने स्माइल देते हुए ना में सिर हिलाया. अब यह सुनकर दादा जी अपना दूसरा हाथ मेरे टॉप के अंदर डालकर मेरी पीठ सहलाने लगे.
फिर मेरे हाथ को किस करते हुए बोले यहाँ हम सुरक्षित नहीं है और मेरा हाथ पकड़कर बेडरूम में ले गये. अब दादाजी मुस्कुराते हुए बोले यहाँ आराम से बात कर सकते है और हम दोनों बेड पर बैठ गये, फिर दादा जी ने अपना लेफ्ट हाथ मेरे कंधे पर रख दिया और अपने राईट हाथ से मेरे लेफ्ट बूब्स को सहलाने लगे. तब मैंने उनका हाथ पकड़ लिया, लेकिन मैंने उनका हाथ हटाने की कोशिश नहीं की, तो वो बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगे. अब मैंने मेरी आँखे बंद कर ली, तभी उन्होंने दोनों बूब्स को दबाते हुए पूछा कि कैसा लग रहा है? तो मैंने कहा अच्छा लग रहा है.
फिर वो अपना हाथ टॉप के अंदर डालकर मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से सहलाने लगे और धीरे-धीरे दबाने लगे. अब में अपनी आँखें बंद करके मज़ा ले रही थी और उन्होंने अपना सर मेरे कंधे पर रखकर मेरी गर्दन को चूमना शुरू कर दिया. यह सब मेरे साथ पहली बार हो रहा था और अब में भी गर्म होने लगी थी, तभी दादा जी ने मेरे टॉप को नीचे से पकड़कर ऊपर किया और मेरे दोनों हाथ ऊपर करते ही एक झटके में मेरी टॉप मुझसे अलग हो गयी और अगले ही पल में मेरी ब्रा के हुक खोलकर ब्रा को भी मुझसे अलग कर दिया.
अब में नीचे सिर्फ़ स्कर्ट में थी और ऊपर से पूरी नंगी थी, मेरी बूब्स देखकर दादा जी के मुँह से वाउ निकल गया और बोले, आआअहह क्या खूबसूरत बूब्स है? जी कर रहा है कच्चा खा जाऊं, क्या किसी ने आज से पहले बूब्स टच किया है? तो फिर मैंने ना में सिर हिलाया और वो एक भूखे बच्चे की तरह मेरे बूब्स को चूसने लगे और अपना हाथ मेरी स्कर्ट के अंदर डालकर मेरी जांघो को सहलाने लगे, तब तक मेरी पेंटी पूरी गीली हो चुकी थी.
फिर थोड़ी देर में ही दादा जी अपने हाथ से मेरी चूत को पेंटी के ऊपर से ही टच करने लगे तो मैंने अपना हाथ उनके पजामे के ऊपर रख दिया और धीरे-धीरे उनके लंड को दबाने लगी. तभी दादा जी ने अपना पजामा उतार दिया और अब वो सिर्फ़ चड्डी में थे. फिर वो मुझसे बोले कि मुस्कान क्या तुम अपने दोस्त को बाहर नहीं निकालोगी?
यह कहकर उन्होंने मेरा हाथ अपनी चड्डी के अंदर डाल दिया, अब मुझे ऐसा लगा कि मेरे हाथ में कोई गर्म रोड आ गयी है. फिर मैंने चड्डी में से उनका लंड बाहर निकाला, में लाईफ में पहली बार लंड देख और छू रही थी, उनका लंड करीब 6 इंच लंबा, और 3 इंच चौड़ा था और में उसे एक ही नज़र में देखे जा रही थी, जैसे मुझे कोई अजूबा हाथ लगा हो. इसी बीच दादा जी ने अपनी चड्डी ऊतार दी और मेरी स्कर्ट भी खोल दी. अब वो मेरे सामने पूरे नंगे थे और में सिर्फ़ एक पेंटी में थी.
अब में उनके लंड को अपने हाथ से सहला रही थी और वो मेरे बूब्स दबाते हुए मेरी आँखो में देख रहे थे. फिर धीरे-धीरे वो मेरे चेहरे के पास आकर मेरे लिप को चूमने लगे, अब में भी किस में उनका साथ देने लगी. फिर 2-3 मिनट तक लिप किस करने के बाद दादा जी मेरे सामने खड़े हो गये और अब उनका लंड ठीक मेरे सामने तनकर खड़ा था, मानों जैसे वो मुझे सलामी दे रहा है.
फिर दादा जी मुझे लंड को मुँह में लेने के लिए बोले और मैंने लंड को दोनों हाथों से पकड़कर मुँह में ले लिया. अब दादा जी मेरे बालों को पकड़कर मेरे सिर को अपने लंड पर आगे पीछे करने लगे और अपनी आँखे बंद करके, उम्म्म हम्मम्मम्म करके सिसकारियाँ निकाल रहे थे. फिर में 3-4 मिनट तक उनका लंड चूसती रही और उन्होंने अचानक से ज़ोर से, आहह करते हुए अपना पूरा पानी मेरे मुँह के अंदर ही छोड़ दिया. उनके लंड के पानी का टेस्ट कुछ अजीब सा था, लेकिन में उनके लंड का सारा पानी पी गयी और मैंने लंड चाट कर साफ कर दिया.
अब दादा जी ने मुझे उठाकर बेड पर लेटा दिया और मेरी पेंटी को नीचे खींचने लगे, अब देखते ही देखते मेरी पेंटी मुझसे अलग हो गयी और में पूरी नंगी बेड पर लेटी रही. फिर मेरी दोनों टांगो को खोलकर अपना सिर मेरी जांघो के बीच में रख दिया और मेरी चूत को किस करने लगे, मुझे ऐसी फीलिंग हो रही थी, जैसे कि हज़ारो चीटियाँ मेरी चूत को काट रही हो, मुझे इतनी अच्छी फीलिंग पहले कभी नहीं आई थी.
फिर वो मेरी चूत को चाटने लगे और देखते ही देखते अपनी जीभ मेरी चूत में डालने लगे, अब वो मेरी चूत को चूसते रहे और अब में उनका सिर पकड़कर दबाब डाल रही थी और चूत चुसाई का मज़ा ले रही थी. अब करीब 5-6 मिनट तक चुसाई करवाने से मेरी चूत से पानी निकलने लगा था और वो मेरी चूत पर मुँह लगाकर पूरा पानी पी गये. अब पानी निकलने के बाद में हल्का महसूस कर रही थी और अब दादा जी मेरे ऊपर आकर मेरे बूब्स के साथ खेलने लगे और अब में भी उनके लंड को अपने हाथ से सहलाते हुए खेलने लगी.
फिर 2 मिनट में ही दादा जी का लंड सलामी देते हुए फिर से खड़ा हो गया, तो वो मेरी दोनों टांगो के बीच में आकर बैठ गये. अब उन्होंने एक तकिया लेकर मेरी कमर के नीचे रख दिया, ताकि मेरी चूत थोड़ी ऊपर हो जाए. फिर बेड के साईड में टेबल पर रखी वेसलिन क्रीम निकाल कर थोड़ी मेरी चूत पर लगाई और थोड़ी अपने लंड पर लगा ली, फिर अपने हाथ से लंड को पकड़कर मेरी चूत के होल के सामने रगड़ने लगे. फिर वो मेरे ऊपर लेट गये और मेरे लिप पर किस करने लगे, अब में भी उनके किस का साथ दे रही थी और इसी बीच दादा जी ने एक ज़ोर के धक्के के साथ अपना लंड मेरी चूत के अंदर डाल दिया, तो में दर्द के मारे चिल्लाने लगी, लेकिन उन्होंने मेरे लिप को अपने लिप से बंद कर रखा था और अब में उनको हटाने लगी, लेकिन उन्होंने मेरी कमर को पकड़ कर रखा था और में हिल भी नहीं पा रही थी, अब दर्द के मारे मेरी आँखो से आंसू निकलने लगे थे.
फिर दादा जी ने मेरे बूब्स को चूसा और फिर थोड़ी देर में जब मेरा दर्द कम हुआ तो वो फिर से अपनी कमर चलाने लगे. अब उनका लंड धीरे-धीरे चूत में अंदर बाहर होने लगा था, फिर जब में थोड़ी नोर्मल हुई तो उन्होंने और एक ज़ोर के धक्के से अपना पूरा लंड मेरी चूत में अंदर डाल दिया और तभी ज़ोर से पकड़कर मुझे किस करने लगे और धीरे-धीरे मेरा दर्द कम होने लगा और मेरा दर्द कम होने के बाद लंड को अंदर बाहर करके चोदने लगे. फिर थोड़ी देर में मुझे भी मज़ा आने लगा और में अपनी कमर उठा- उठाकर उनका साथ देने लगी और अब मुझे देखकर दादा जी भी जोश में आ गये और ज़ोर ज़ोर से मुझे चोदने लगे. फिर 7-8 मिनट तक चुदवाने के बाद मेरे पानी छोड़ने के बाद दादा जी भी कुछ 15-20 धक्के लगाकर वो भी अपना पानी मेरी चूत के अंदर डाल कर झड़ गये. अब चुदाई के बाद हम दोनों ही थक चुके थे और कुछ देर तक हम दोनों वैसे ही नंगे बेड पर पड़े रहे. दोस्तों यह थी मेरी पहली चुदाई की कहानी.
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