रंडी माँ के कारण बहनें चुदी भाई से

हैल्लो फ्रेंड्स, मेरी इस साईट पर ये पहली स्टोरी है, मेरे घर में 4 लोग है.
माँ सविता – वो 40 साल की बहुत सेक्सी लेडी है, वो दिखने में बहुत सेक्सी है.
मोनिका – वो 25 साल की कसी हुई बॉडी.
करिश्मा – 22 साल की मॉडल.
राज (में) – 19 साल का सबका लाड़ला हूँ.
मेरे पापा की मौत मेरे जन्म के 2 साल बाद हो गयी थी, उसके बाद सारा भार मेरी माँ के ऊपर था, क्योंकि मेरे बाप ने किसी दूसरी जाति की लड़की से शादी की थी इसलिए माँ-बाप दोनों से उनके घरवालों ने रिश्ता तोड़ दिया था. मेरा बाप काफ़ी पैसा छोड़ गया था, लेकिन स्टेटस मैनटेन रखने के लिए माँ को कुछ काम करना था, लेकिन माँ ज्यादा पढ़ी हुई नहीं थी. फिर माँ को उसकी एक दोस्त ने बताया कि आजकल कॉलगर्ल सप्लाई करने में काफ़ी पैसा मिलता है, तो क्या मेरी माँ वो काम कर सकती है? तो माँ ने हाँ कर दी, क्योंकि मेरी माँ भी बहुत चुदासी थी.
उसके बाद मेरी माँ को कभी पैसो की प्रोब्लम नहीं हुई, आज शहर के हर बड़े आदमी को माँ कॉलगर्ल सप्लाई करती है, क्योंकि माँ पहले से ही रंडी बन चुकी थी तो उसने हम पर कोई पाबंदी नहीं लगाई. कई बार माँ मेरे सामने ही कई मर्दो से चुदती थी, इसी तरह मेरी बहनें भी अब खुले दिमाग की बन चुकी थी और में भी ऐसा ही बन गया था. फिर कुछ दिनों पहले मैंने एक ब्लू फिल्म देखी और मैंने भी माँ को चोदने का प्लान बनाया, क्योंकि वो रांड थी इसलिए मैंने उसे सीधे-सीधे पूछ लिया.
में – माँ कल मैंने एक फिल्म देखी, जिसमें बेटा अपनी माँ को चोदता है, क्या ऐसा होता है?
माँ – हाँ होता है, कुछ मादरचोद बेटे होते है, तू क्यों पूछ रहा है?
में – क्योंकि, मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है.
माँ – तुने कभी किसी लड़की के साथ सेक्स किया है. (माँ हँसते हुए बोली)
में – नहीं किया.
माँ – और तुने सीधा मुझसे पूछ लिया जा कर पहले किसी लड़की के साथ मज़े मार, तुझमें मेरी आग बुझाने की ताक़त नहीं है और वैसे भी मुझे तुझसे चुदाने में कोई इंटरेस्ट नहीं है.
अब ये कहकर वो हंसने लगी, अब मुझे ऐसा लगा जैसे उसने मेरी मर्दानगी पर उंगली उठा दी हो. फिर मैंने सोच लिया कि में कुछ ऐसा करूँगा कि मेरी रांड माँ मेरे पास चुदाने को आए. फिर उसके बाद मैंने एक प्लान बनाया, जिससे में मेरी दोनों बहनों को मेरे लंड का आदि बना दूँ और उसके बाद माँ को गर्म करूँ. फिर मैंने दूसरे दिन ही काम शुरू किया. फिर मैंने मोनिका से कहा कि मुझे सुबह 6 बजे उठा देना मुझे जरुरी काम है, क्योंकि में अक्सर 9 या उसके बाद ही उठता था, तो दीदी ने हाँ कह दिया. तब मैंने सुबह 5:30 बजे उठकर अपना लंड टाईट करके रख दिया. फिर जैसे ही दीदी आई तो उसे मेरा लंड दिखा, अब वो कुछ देर तक वैसे ही मेरे लंड को देखती रही, फिर उसने मेरे पास आ कर लंड की स्मेल ली और अपनी जीभ को टोपे पर टच किया और तब मैंने करवट ली, तो वो हट गई, तब मैंने उठने का नाटक किया.
में – अरे दीदी, तुम कब आई?
मोनिका – कुछ नहीं, अभी आई तुझे उठाने.
में – थैंक्स दीदी, लेकिन रात को कॉल आया था काम कैंसिल हो गया है.
फिर उसके बाद मैंने उसके चेहरे पर एक चमक देखी और वो बाहर निकल गई. फिर मैंने उसके नहाने का इंतजार किया, फिर जब वो नाहकर आई तो मैंने जल्दी से जाकर मेरी दीदी की ब्रा पेंटी पर मुठ मार दी और नाहकर बाहर आ गया. अब में जानता था कि दीदी अब कपड़े धोने जायेगी और वैसा ही हुआ. फिर दीदी जब वापस बाथरूम से बाहर आई, तब मुझे देखकर हँसी और चली गयी. फिर बाद में दोपहर में जब में और दीदी अकेली थी तो मैंने मेरे दोस्त को कॉल करके बताया कि 10 मिनट के बाद मुझे कॉल करे और मैंने अपना फोन हॉल में रखकर मेरे रूम में ब्लू फिल्म देखते हुए मुठ मारना शुरू कर दिया. फिर बहुत देर के बाद भी जब दीदी नहीं आई, तो में बाहर देखने गया, तो दीदी मेरे रूम की तरफ आ रही थी. मैंने फिर से मुठ मारना चालू किया, लेकिन 10 मिनट तक वो नहीं आई, तो में फिर से उठा, तो दीदी मेरे पीछे बैठकर सब कुछ देख रही थी, उसके बाद उसने पूछा.
मोनिका – ये सब क्या हो रहा है?
में – सॉरी दीदी, में कंट्रोल नहीं कर पाया तो मुठ मारने लगा.
मोनिका – में मुठ मारने के बारे में नहीं पूछ रही हूँ, मैंने तुझे कई बार मुठ मारते देखा है, लेकिन तू मर्द बन गया है तो मुठ तो मारेगा ही, लेकिन सुबह जो तू कर रहा है वो में समझ रही हूँ, तू क्यों कर रहा है?
में – क्या दीदी?
मोनिका – साले, मैंने तेरे जैसे बहुत देखे है तू सुबह से मुझे चोदने के लिए ये सब कर रहा है ना?
में – नहीं दीदी.
मोनिका – सच-सच बता, नहीं तो में तुझे बहुत मारूँगी.
में – सॉरी दीदी, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, में तुम्हें बहुत दिनों से चोदना चाहता था इसलिए ऐसा किया.
मोनिका – साले बहनचोद, एक बात बता तुने मुझमें ऐसा क्या देखा? जो तू तेरी रंडी माँ और करिश्मा को छोड़कर मुझे चोदने की सोची.
में – तुम बिल्कुल किसी पोर्न स्टार की तरह हो, तुम्हें देखते ही मेरा लंड काबू से बाहर हो जाता है, में पागल हो जाता हूँ, प्लीज दीदी एक बार मुझे चोदने दो, नहीं तो में मर जाऊंगा.
अब ये बोलकर मैंने उसे बाहों में भर लिया और किस करने लगा. तभी मुझे किसी के ऊपर आने की आवाज़ आई, तो दीदी दूर हो गयी और मैंने जल्दी से ब्लू फिल्म बंद कर दी, वो करिश्मा थी जो दीदी को ढूंढते हुए ऊपर आई थी.
करिश्मा – मोनिका हमें रात के प्रोग्राम की तैयारी करनी है, चलो.
मोनिका – हाँ चलो.
अब ये कहकर वो दोनों चली गई, अब में कुछ समझ नहीं पा रहा था तो फिर मैंने रात तक रुकने का फ़ैसला किया. अब शाम को पार्टी ख़त्म होने के बाद खाना खाने के बाद जब माँ सो गयी तो में दीदी के कमरे की तरफ गया. तब मोनिका करिश्मा से दोपहर के बारे में बात कर रही थी, शायद मेरे आने से पहले मोनिका करिश्मा को सब कुछ बता चुकी थी.
मोनिका – करिश्मा बता ना रांड में क्या करूँ? जब से उसका लंड चखा है में चुदासी हो गई हूँ.
करिश्मा – इसमें सोचना क्या है? अगर में होती तो अब तक तो उसका लंड अपनी गांड में भी ले लेती और तू है की नाटक कर रही है, साली.
मोनिका – लेकिन, वो हमारा भाई है.
करिश्मा – तो क्या हुआ? हमें तो खुशी होनी चाहिए कि इतना बड़ा लंड 24 घंटे हमारे पास है, बस कुछ मत सोच और बन जा उसकी रांड, अगर तू नहीं तो में जाकर चुदवाती हूँ, कई दिनों से मेरी चूत में कोई लंड भी नहीं गया है.
मोनिका – ठीक है, में अभी उससे चुदवाने जा रही हूँ.
करिश्मा – साली रांड खुद का हो गया तो मुझे भूल गई क्या?
मोनिका – नहीं मेरी छीनाल, तू भी चल मेरे साथ.
फिर उसके बाद वो दोनों नंगी होकर मेरे पास आई और हम तीनों ने खूब चुदाई की.
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चाची की चुदाई झोपड़ी में

हैल्लो दोस्तों, यह कहानी मेरी चाची सुजाता यादव और स्कूल के चपरासी रमेश के बीच की है. मेरी चाची का तलाक 8 साल पहले हो गया था, तभी से वो अकेली ही रहती थी. वो दिखने में साधारण हिन्दुस्तानी औरत जैसी ही थी, वो 38 साल की है और उनकी हाईट 5 फुट 8 इंच है, वो गोरी, थोड़ी सी मोटी है, उनका फिगर कुछ 42-48-47 है. में अपनी चाची के साथ शिमला में रहता था, क्योंकि हमारे गावं में स्कूल की कमी थी, में तब 12वीं क्लास में था और मेरी चाची भी उसी स्कूल में लाइब्रेरियन थी. उन्हें कोई भी मर्द ज़्यादा लाईन नहीं देता था, क्योंकि ज्यादातर मर्दों को सुंदर दिखने वाली दुबली पतली लड़कियां पसंद थी, लेकिन मेरे स्कूल का चपरासी रमेश मेरी चाची से बहुत बात करता था और उनकी काफ़ी इज़्ज़त भी करता था, उसकी उम्र 32 साल थी और वो काफ़ी मोटा था, 5 फुट 10 इंच हाईट, चौड़ा सीना, मजबूत बाहें और वो थोड़ा सांवला था. स्कूल का कोई भी टीचर या बड़ी क्लास के बच्चे उससे भिड़ने की गलती नहीं करता था, लेकिन वो दिल का बहुत ही साफ था और कभी कोई गन्दी बात नहीं करता था, ना किसी टीचर को गन्दी नज़र से देखता था. अब में समझ चुका था कि वो मेरी चाची को बेहद प्यार करता है और दिल से पसंद करता है और मेरी चाची भी उसको काफ़ी चाहती थी.
फ़िर एक दिन मैंने स्कूल की छुट्टी के बाद देखा कि वो मेरी चाची से कुछ कह रहा है, उसके बाद वो स्टोर रूम की तरफ़ चले गये, उसने मेरी चाची को कहा कि वो उनसे प्यार करता है. फिर चाची ने भी अपनी दिल की बात उससे कह दी. फिर वो किस करके एक दूसरे के गले लग गये. फिर उसने पूछा कि क्या वो कल रात न्यू ईयर उसके साथ मनायेगी? तो चाची ने भी हाँ कर दी. फिर अगले दिन मैंने चाची को बताया कि में न्यू ईयर अपने दोस्तों के साथ मनाऊंगा और कल दोपहर को घर आऊंगा. फिर चाची ने थोड़ी देर के बाद उसे फोन किया कि रात को कितने बजे मिलोगे तो उसने 9 बजे का प्रोग्राम बनाया.
फिर में भी रात को 9 बजे घर से थोड़ी दूर जाकर उन दोनों का इंतजार करने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद रमेश बाईक पर आया. फिर उसने चाची को कॉल किया, चाची ने एक ब्लेक कलर की साड़ी, ब्लाउज पहने हुई थी, उनकी नंगी कमर साफ दिख रही थी, उनके पेटीकोट और ब्लाउज के बीच काफ़ी दूरी थी. अब उनकी वो नंगी कमर देखकर रमेश बहुत खुश हो गया, चाची उस दिन बहुत सुंदर लग रही थी, जब ठंड काफ़ी थी तो इसलिए चाची ने एक शॉल और ओढ़ ली थी. फिर उन दोनों ने कुछ बात की और वो एक सुनसान जगह पर जाने लगे. फिर उसने एक जंगल की तरफ़ गाड़ी रोक दी और एक मकान के सामने गाड़ी खड़ी कर दी और वो दोनों हाथ पकड़कर जंगल के अंदर जाने लगे.
फिर मैंने भी अपनी गाड़ी वहीं खड़ी की और उनका पीछा करने लगा. फिर थोड़ी देर तक चलने के बाद वो एक झोपड़ी के पास पहुंचे, वो झोपड़ी जंगल के काफ़ी अंदर थी और उस जंगल में कोई भी ज़्यादा आता जाता नहीं था, क्योंकि वो हाइवे से काफ़ी दूर था. उस झोपड़ी के बाहर एक लालटेन जल रही थी, चाची उस झोपड़ी को देखकर काफ़ी खुश हुई. फिर उन्होंने उससे पूछा कि क्या हम न्यू ईयर यहाँ मनायेंगे? फिर उसने कहा कि हाँ तुम्हें यह जगह पसंद आई. फिर चाची बोली कि बहुत अच्छी जगह है और यहाँ कितनी शांति है. फिर वो उस झोपड़ी के दरवाज़े पर पहुंचे. फिर उसने चाची को बाहर रुकने को कहा और बोला कि जब वो बुलायेगा तो अंदर आ जाना. फिर कुछ देर के बाद अंदर से आवाज़ आई सुजाता घूम जाओ और अपनी आँखें बंद कर लो तो मेरी चाची मान गई और मुस्कुराते हुए घूम गई और अपनी आँखें बंद कर ली.
तभी मैंने देखा कि वो पूरा नंगा उस झोपड़ी से बाहर आया, अब वो मेरी चाची के ठीक पीछे खड़ा था तो इसलिए मुझे उसका लंड दिखाई नहीं दे रहा था. फिर उसने चाची की आँखों पर एक पट्टी बांध दी और उनको झोपड़ी के अंदर ले गया और दरवाज़ा बंद कर दिया. फिर में उस झाड़ी के पीछे से निकलकर उस झोपड़ी के साईड में चला गया और वहाँ बने एक सुराख से अंदर देखने लगा. अब अंदर एक लालटेन जल रही थी और जिसके उजाले से पूरी झोपड़ी चमक रही थी. अब वो ठीक मेरी चाची के पीछे चिपककर खड़ा था. फिर उसने मेरी चाची की आँखों से पट्टी उतार दी. फिर मेरी चाची की आँखें जैसी ही खुली तो उनके मुँह से सिर्फ़ एक आवाज़ निकली, वॉऊ वो उस झोपड़ी को निहार रही थी, वहाँ एक लालटेन, एक पलंग, एक मोटी सी रज़ाई और एक पानी की बाल्टी रखी हुई थी. फिर उसने धीरे से पूछा.
वो – कैसा लगा?
चाची – बहुत प्यारा है, में अपनी पूरी ज़िंदगी इस झोपड़ी में तुम्हारे साथ बिताना चाहती हूँ.
फिर वो मेरी चाची से पीछे से लिपट गया. फिर उसने अपना एक हाथ मेरी चाची की नंगी कमर पर रख दिया और उनकी गर्दन को चूमने लगा. तभी मेरी चाची किसी झटके से आगे होना चाहती थी, लेकिन उसने मेरी चाची को फिर से अपनी बाहों में खींचा तो अब में समझ गया था कि उसका लंड मेरी चाची की गांड में चुभ रहा था.
चाची – तुम पूरे नंगे हो?
वो – ह्म्‍म्म्म.
फिर उसने मेरी चाची के बालों के क्लिप खोल दिए और फिर उनकी पल्लू को नीचे गिरा दिया और मेरी चाची को पीछे से चूमने लगा और उनकी नंगी कमर को अपने मजबूत हाथों से सहलाने लगा और उनको कह रहा था.
वो – सुजाता आई लव यू, में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और में तुम्हारे बिना रह नहीं सकता, जब से तुम्हें देखा है सिर्फ़ तुम्हारे बारे में ही सोचता हूँ और जिस दिन तुम नहीं आती हो तो मेरा पूरा दिन खराब जाता है.
चाची – सच ऐसा क्या है मुझमें? जो तुम मुझे इतना प्यार करते हो, में तो इतनी मोटी हूँ कि सारे मर्द मुझे बहन जी कहकर बुलाते हैं, सिर्फ़ एक तुम ही जो मेरे ऊपर अपनी जान छिड़कते हो.
वो – में नहीं जानता सुजाता, लेकिन जब भी तुम्हें देखता हूँ तो दिल को एक सुकून मिलता है, एक अलग सी खुशी मिलती है और तुम मोटी बिल्कुल भी नहीं हो, तुम संपूर्ण स्त्री हो जो सिर्फ़ एक अच्छे मर्द को ही पसंद आती है.
चाची – जैसे कि तुम.
वो – ह्म्‍म्म्म.
इतने में उसने मेरी चाची की साड़ी को उनकी कमर से अलग करके एक कोने में फेंक दिया. तभी चाची ने अपने हाथ पीछे ले जाकर अपने ब्लाउज के हुक खोल दिए और तभी उसने मेरी चाची के पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया, जिससे मेरी चाची का पेटीकोट ज़मीन पर गिर गया. मेरी चाची पेंटी नहीं पहनती थी, उनकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे. अब वो बहुत शरमा गई थी. फिर वो अपने हाथों से अपनी चूत छुपाने लगी थी. फिर उसने मेरी चाची को एकदम से पकड़कर अपनी तरफ़ खींच लिया, इससे उसका लंड मेरी चाची की गांड की दरार में चला गया और वो बस उफफफफफफफफफ्फ़ की आवाज़ ही निकाल पाई. फिर उसने मेरी चाची के ब्लाउज को निकालकर बाजू में फेंक दिया. अब मेरी चाची पूरी नंगी हो चुकी थी, गोरा जिस्म, सुडोल स्तन, नरम कमर, गोरी जाँघ, अब वो बिल्कुल एक अप्सरा लग रही थी. तभी उसने अपने लंड को पकड़कर कुछ किया और मेरी चाची अपनी दोनों जाँघो के बीच ठीक अपनी चूत के नीचे देखने लगी. उसने अपने लंड को मेरी चाची की दोनों जाँघो के बीच डाल दिया था, उनकी चूत के ठीक नीचे जिससे उसका सुपाड़ा मेरी चाची की जाँघो के बाहर आ गया था. फिर मेरी चाची ने प्यार से उस पर हाथ फेरा.
चाची – तुम्हारा कितना प्यारा लंड है? यह कहकर उसके सुपाड़े को अपनी उंगलियों से सहलाने लगी.
वो – अहह उफफफफफफफ्फ़.
फिर चाची उसकी तरफ़ पलटी और उसके गले लग गई. अब वो भी मेरी चाची के गले लगकर उन्हें प्यार कर रहा था. फिर उसने मेरी चाची को अपने से अलग करके उनके होंठ पर अपने होंठ रखकर उन्हें चूमने लगा. अब मेरी चाची उसके लंड को पकड़कर धीरे-धीरे सहलाने लगी, जिससे वो और प्यार से मेरी चाची के होंठ चूमने लगा. उसका लंड काफ़ी मोटा और लंबा था, लगभग 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था. फिर मेरी चाची उसके लटकते हुए दोनों अंडकोष को पकड़कर सहलाने लगी, अब वो इससे बहुत उत्तेजित होने लगा था. फिर वो मेरी चाची से अलग हुआ और पास में पड़ी अपनी पेंट से कुछ निकालकर चाची को दिखाया, जिसे देखकर चाची बहुत खुश हुई. वो मेरी चाची के लिए दो पायल खरीद कर लाया था. फिर वो नीचे घुटनो के बल बैठ गया.
वो – सुजाता मेरी जाँघो पर अपने मुलायम पैर रखो तो उसने अपना एक पैर उसकी जांघो पर रख दिया और फिर उसने उसके एक पैर पर पायल बांध दी.
फिर उसने दूसरा पैर रखने को कहा तो उसने वो पैर भी उसकी जांघ पर रख दिया. फिर उसने उस पर भी पायल बांध दी, लेकिन फिर उसने उनकी जाँघ को अपने कंधो पर रख दिया और मेरी चाची की मुलायम, चिकनी, हल्के-हल्के बाल वाली चूत पर चूम लिया तो मेरी चाची बस ह्ह्ह्हह की आवाज़ ही निकाल पाई. फिर वो धीरे से बिस्तर में जाकर उस मोटे, गद्देदार रज़ाई के अंदर घुस गई. फिर वो उठा और उसने पास में पड़ी अपनी शर्ट की जेब से कंडोम का पैकेट निकाला और उसमें से एक निकाल कर अपने मोटे लम्बे लंड पर लगाने लगा. मैंने आज तक इतना मजबूत लंड नहीं देखा था. फिर वो भी बिस्तर में जाकर गद्दे के अंदर घुस गया और मेरी चाची के ऊपर चढ़ गया. अब वो मेरी चाची को बहुत प्यार से निहार रहा था.
चाची – क्या देख रहे हो?
वो – तुम्हें, तुम कितनी खुबसूरत और प्यारी हो, में सबसे किस्मत वाला इंसान हूँ जिसे तुम्हारी जैसी औरत मिली है, बिल्कुल मेरी पसंद की.
अब मेरी चाची अपने दोनों हाथों से उसके चेहरे को पकड़े हुई थी और एकदम से उसके होंठ चूमने लगी.
चाची – लेकिन तुम मुझ पर भरोसा नहीं करते हो.
वो – किसने कहा?
फिर चाची ने गद्दे के अंदर हाथ डाल दिया और कुछ ही पलो में हाथ बाहर निकाल लिया, अब उनके हाथों में उसका पहना हुआ कंडोम था.
चाची – तो यह क्या है? में 8 साल के बाद किसी मर्द के साथ सो रही हूँ, मेरे पति भी मुझे बहुत कम ही छूते थे.
वो – में नहीं चाहता कि तुम अभी से गर्भवती हो इसलिए.
चाची – में गोली ले लूँगी, वादा कीजिए कि आज के बाद कभी भी मेरे साथ सेक्स करते वक्त कंडोम नहीं पहनेंगे.
वो – मैंने तुम्हारे सिवा और किसी के साथ ना तो किया है और ना ही करूँगा, में यह वादा भी दे रहा हूँ.
चाची फिर से उसे चूमने लगी, अब वो भी मेरी चाची को बहुत प्यार से चूम रहा था. फिर वो मेरी चाची के गले लग गया.
चाची – आई लव यू रमेश, आई लव यू वेरी मच.
रमेश – आई लव यू टू, में बता नहीं सकता हूँ कि मुझे तुम्हारी बाहों में कितना सुकून मिल रहा है, तुम्हारे जिस्म से आ रही यह खुशबू मुझे पागल कर रही है.
चाची – ह्म्‍म्म्ममम.
फिर वो मेरी चाची की गर्दन पर चूमने लगा. फिर छाती पर चूमने लगा. फिर उसने उस कम्बल को नीचे सरका दिया, जिससे मेरी चाची के ऊपर का नंगा जिस्म दिखने लगा. उनके 42 साईज़ के गोरे-गोरे बूब्स और उस पर वो काली सी निप्पल उनकी खूबबसूरती पर चार चाँद लगा रही थी. उनके बूब्स काफ़ी बड़े थे, वो रमेश के हाथों में नहीं समा रहे थे. फिर वो अपने एक हाथ में बूब्स लेकर उस पर अपने होंठ लगाकर चूसने लगा. फिर धीरे-धीरे वो उनके आधे बूब्स को अपने मुँह में डालकर चूसने लगा, अब चाची भी धीरे- धीरे मदहोश होने लगी थी, अब वो बहुत ही प्यार से उनके बूब्स चूस रहा था.
चाची – अहह रमेश उःम्म्म्मममम क्या कर रहे हो यह? ह्म्‍म्म्ममम ह्म्‍म्म्ममममम और चूसो उम्म्म्ममम अहह, दूसरा वाला भी चूसो ना प्लीज़ ह्म्‍म्म्ममम.
फिर वो 20 मिनट तक मेरी चाची के बूब्स चूस रहा था, अब मेरी चाची पलंग को पकड़कर तड़प रही थी. अब उनके बगल में उगे बाल से रमेश बहुत आकर्षित हुआ. फिर वो मेरी चाची की बगल को चाटने लगा, (गावं के मदों को चूत और बगल में उगे बालो वाली औरते बहुत पसंद आती है) अब चाची बस आँख बंद करके आहें भरती रही. फिर वो मेरी चाची की कमर को चूमने लगा और अपने गाल से उनकी कमर को सहलाने लगा. फिर वो अपनी जीभ मेरी चाची की नाभि में डालकर उन्हें सहलाने लगा तो अब मेरी चाची पूरी उत्तेजना में पागल हुए जा रही थी, अब वो अपना सर इधर उधर कर रही थी. उसके बाद वो मेरी चाची की चूत को चूमने लगा और 15 मिनट तक मेरी चाची की चूत चाटता रहा.
चाची – अहह बहुत अच्छा लग रहा है रमेश, अहह पहली बार में अपनी चूत चटवा रही हूँ अहह ह्म्‍म्म्ममममम उफफफफफफफफफफ्फ़.
फिर वो मेरी चाची की जाँघो को चूमने लगा. फिर वो मेरी चाची के दोनों तलवो को बारी-बारी से चूमने लगा और उनके पैरों की उंगलियों को अपने मुँह में लेकर चूमने लगा. अब मेरी चाची खुशी के मारे पागल हुए जा रही थी, आईईईई. फिर उसने मेरी चाची की जाँघो को खोल दिया और उसके बीच में आ गया और अपने लंड को उनकी चूत के ऊपर रगडने लगा तो फिर मेरी चाची उठी और उसके लंड को अपने मुँह में लेकर 5 मिनट तक चूसती रही और वो मेरी चाची की गांड को सहलाने लगा. फिर जब उन्होंने उसके लंड को अपने मुँह से निकाला तो वो पूरी गीली और चमकदार हो गई थी.
चाची – रमेश प्लीज़ धीरे डालना, तुम्हारा काफ़ी बड़ा और मोटा है और मेरे पति का तुमसे काफी छोटा था, उनका सिर्फ़ 4 इंच का था.
रमेश – अगर तुम्हें दर्द हो तो बता देना में नहीं करूँगा, में तुम्हें दर्द नहीं देना चाहता हूँ.
यह कहकर उसने अपना लंड मेरी चाची की चूत में रखकर धीरे-धीरे अंदर डालने लगा. अब चाची को हल्का सा दर्द हो रहा था, लेकिन वो कुछ नहीं कह रही थी. अब उसका 5 इंच लंड अंदर जा चुका था, लेकिन उसके बाद डालते वक्त चाची काफ़ी चिल्ला रही थी.
चाची – उहह में मर गईईई, कितना बाहर है?
वो – 3 इंच.
चाची – प्लीज़, एक बार में ही डाल दो.
वो – लेकिन तुम्हें काफ़ी दर्द होगा.
चाची – प्लीज़ डाल दो, में सह लूँगी.
फिर वो मेरी चाची के ऊपर लेट गया और उनके होंठो को अपने होंठ में दबाकर चूसने लगा. फिर उसने अपनी कमर को थोड़ा पीछे करके एक झटका दिया और अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया. अब मेरी चाची चिल्लाना चाहती थी, लेकिन उसने अपने होंठ से उनके होंठ को दबा रखा था. फिर 5 मिनट तक वो दोनों ऐसे ही लेटे रहे और एक दूसरे को चूमते रहे. फिर जब मेरी चाची का दर्द थोड़ा कम हुआ तो वो धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा. फिर चाची ने उसे अपने गले से लगा लिया और अपनी टांगो को उसकी कमर से लपेट लिया और आहें भरने लगी.
चाची – अह ह्म्‍म्म्मम उहह रमेश हहह्ह्ह धीरे उहह.
फिर वो मेरी चाची के सीने से लिपटकर उन्हें धक्के लगा रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद चाची भी पूरी तरह से उत्तेजित होकर उसका साथ दे रही थी. फिर उन्होंने अपना एक बूब्स रमेश के मुँह में डाल दिया, जिससे वो और भी तेज धक्के देने लगा. फिर लगभग 5 मिनट के बाद ही चाची चिल्ला उठी, में गई रमेश अहहह और वो झड़ चुकी थी, लेकिन रमेश उनके बूब्स पीते हुए ताबड़तोड़ धक्के दे रहा था, अब वो 15 मिनट तक वैसे ही चोदता रहा, इस बीच चाची एक बार और झड़ चुकी थी. फिर उसने मेरी चाची को घोड़ी बनने को कहा तो मेरी चाची घोड़ी बन गई. फिर वो पीछे से मेरी चाची को चोदने लगा, अब वो मेरी चाची के कंधो पर हाथ रखकर उन्हें चोद रहा था.
फिर 10 मिनट के बाद मेरी चाची ने उसे रुकने को बोला और उसके लंड को बाहर निकाल कर उसकी गोद में बैठ गई और उसके लंड को फिर से अपनी चूत में डालकर चुदने लगी. अब वो मेरी चाची को अपनी गोद में बैठाकर उनके बूब्स पीते हुए चोदता रहा, तभी मेरी चाची ने अपनी चूत का पानी उसके लंड पर निकाल दिया. फिर मेरी चाची ने उससे पूछा कि तुम कब झड़ोगे? तो वो बोला कि पता नहीं. फिर थोड़ी देर के बाद मेरी चाची उठी और दरवाज़े से चिपक कर खड़ी हो गई और वो अपनी दोनों टाँगे खोलकर उसे उंगली दिखाकर अपनी तरफ़ बुलाने लगी. फिर वो आया और उसने अपना लंड मेरी चाची की चूत में डालकर उनसे चिपक कर उन्हें चोदने लगा. अब लगभग 15 मिनट के बाद उसकी स्पीड काफ़ी बड़ गई थी, अब में समझ चुका था कि वो झड़ने वाला है.
फिर चाची उसे अपनी बाँहों में लेकर उसे प्यार करने लगी थी. तभी वो जोर-ज़ोर से झटके देकर झड़ने लगा, अब जब वो पूरी तरह से झड़ चुका था और तभी वो मेरी चाची की बाहों में लिपट कर हाँफने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद उसका लंड अपने आप ही मेरी चाची की चूत से बाहर आ गया और पूरा गीला होकर लटकने लगा. फिर मेरी चाची ने उससे कहा कि तुम जाकर सो जाओ में टायलेट करके आती हूँ, अब उनकी चूत से उसका वीर्य बहकर बाहर निकल रहा था.
फिर मेरी चाची झोपड़ी से बाहर आई और एक पानी की बोतल लेकर वो एक झाड़ी के पीछे जाकर पेशाब करने बैठ गई और खुद से ही बातें करने लगी.
चाची – अहह रमेश आई लव यू तुमने मेरी जन्मों की प्यास बुझा दी, आई लव यू में तुम्हें इतना प्यार दूँगी कि तुम मेरे बिना रह नहीं पाओंगे. उसके बाद वो उठी और अपनी चूत और जाँघ साफ करके झोपड़ी में आ गई और लालटेन की रोशनी को थोड़ा कम करके बिस्तर में घुस गई. फिर रमेश मेरी चाची की बाहों में लिपट गया और मेरी चाची भी उसे प्यार करती हुई सो गई और उसके दो मिनट के बाद में भी वहाँ से अपने घर आ गया.
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माँ की खुशी के लिए बहन से शादी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आरव है और मेरी इस साईट पर ये पहली स्टोरी है. इस कहानी में आपको बताऊंगा कि कैसे मेरी शादी मेरी ही बहन से हुई? तो अब में आपको शुरुवात से बताता हूँ कि ये सब कैसे स्टार्ट हुआ? में पहले मेरी माँ और बहन के साथ बेंगलोर में ही रहता था और मेरे पापा की मौत हो गई थी, हमारा एक छोटा सा बिज़नेस था और कोई रिश्तेदार हमारी मदद के लिए आगे नहीं आया तो माँ ही पापा के बाद उसे संभालती थी.
जब मेरी पढाई पूरी हुई तो मेरी दिल्ली में जॉब लग गई और में दिल्ली आ गया. उस टाईम मेरी बहन 12वीं क्लास में थी, उसका नाम गीतू है और उसका कलर फेयर था और बॉडी भी अच्छी मैंनटेन थी और उसका फिगर बहुत अच्छा था, वो स्कूल ड्रेस में स्कर्ट पहनती थी और जब भी में उसे स्कूल छोड़ने जाता था तो सभी लड़को की नज़र उसकी तरफ़ होती थी, लेकिन वो किसी को घास नहीं डालती थी. मैंने उसके लिए कभी गलत नहीं सोचा था और वो भी मुझे भाई के जैसे ही प्यार करती थी.
फिर दिल्ली आने के बाद मेरी जॉब अच्छी चल रही थी और मुझे यहाँ 2 साल हो गये थे. फिर मैंने यहाँ पर फ्लेट लिया हुआ है और जब बेंगलोर में हमारा बिज़नेस बंद होने को था तो मैंने माँ को कॉल करके कहा कि वो दोनों दिल्ली ही आ जाए, क्योंकि अब मेरी बहन ने भी 12वी क्लास पूरी कर ली थी. फिर मैंने कहा कि में उसकी एड्मिशन यहीं पर ही करवा दूँगा तो माँ मान गई और उन्होंने वहाँ पर सब कुछ बेच दिया. फिर मैंने उनकी ट्रेन की टिकट भी बुक करवा दी थी तो जब वो दिल्ली आए.
फिर में उन्हें लेने स्टेशन गया और अब में इतने टाईम के बाद उन्हें देखकर बहुत खुश हुआ, लेकिन जब मैंने अपनी बहन को देखा तो देखते ही रह गया, वो 2 साल में एकदम चेंज हो गई थी, उसके बूब्स, गांड और उसका फिगर चेंज हो गया था और कोई भी उसे देखता तो देखते ही रहता था.
फिर जब वो आई तो उस टाईम उसने पिंक टॉप और ब्लेक जीन्स पहनी हुई थी और वो पूरी मस्त हॉट लग रही थी. मुझे उसको देखकर फर्स्ट टाईम गलत सोच आई, लेकिन फिर मैंने अपने आपको संभाला और उसे हग किया और हम सब घर आ गये. फिर मैंने कुछ दिन के बाद मेरी बहन का कॉलेज में एड्मिशन करवा दिया और अब माँ ने भी सारा घर संभाल लिया था. में भी बहुत खुश था और हम सभी यहाँ बहुत मस्ती करते थे और लाईफ दुबारा से बहुत अच्छी हो गई थी. माँ और बहन भी यहाँ आने के बाद बहुत खुश थे, में और मेरी बहन बहुत अच्छे फ्रेंड्स बन गये थे. एक दिन माँ ने मुझसे कहा कि अब मुझे शादी कर लेनी चाहिए और उन्हें भी उनकी मदद के लिए कोई मिल जायेंगी. फिर मैंने माँ को मना नहीं किया और शादी के लिए हाँ कर दी.
फिर माँ बहुत खुश हुई, अब अगले दिन रविवार था तो माँ ने घर पर पंडित जी को बुला लिया और में उस टाईम घर पर ही था और बहन कोचिंग क्लास के लिए गई हुई थी. फिर पंडित जी ने मेरी कुंडली देखी और कुछ सोचने लग गये.
माँ – क्या हुआ पंडित जी? कोई प्रोब्लम है क्या?
पंडित – इसकी कुंडली ठीक नहीं है, ये लड़का बाहर की किसी लड़की से शादी नहीं कर सकता है और अगर करेगा तो ये ठीक नहीं रहेगा और इसे कुछ भी हो सकता है.
माँ – इसका कोई रास्ता तो होगा ना. (माँ ने डरते हुए पूछा)
पंडित – इसका एक ही रास्ता है कि इसकी शादी आप अपने ही परिवार में किसी से कर दो, तभी इसके लिए ठीक रहेगा और ये खुश भी रहेगा.
माँ – लेकिन हमारी किसी रिलेटिव से नहीं बनती है तो ये कैसे संभव होगा? इसका कोई और रास्ता तो होगा. (अब माँ बहुत चिंतित हो गई थी)
तभी मेरी बहन कोचिंग से वापस घर आ गई, उसने फुल साईज फ्रोक पहनी हुई थी और जो उसकी बॉडी से बिल्कुल फिट थी, वो एकदम हॉट लग रही थी. एक बार तो में भी उसे देखे जा रहा था और तभी उसने सभी को हैल्लो कहा और अपने रूम में चली गई.
पंडित – ये लड़की कौन है?
माँ – ये मेरी बेटी है और अभी कॉलेज में पढाई कर रही है.
पंडित – तो आप अगर मेरी बात का बुरा ना माने तो आप इसकी शादी इस लड़की से ही क्यों नहीं करवा देती है? इससे आपकी बेटी भी हमेशा आपके साथ रहेगी और आपके बेटे को भी लाईफ में कोई प्रोब्लम नहीं होगी और बाकी आपकी मर्ज़ी, क्योंकि इसका कोई और रास्ता नहीं है तो आप आराम से सोच लेना और मुझे बता देना. फिर पंडित जी चले गये और में और माँ अभी भी सोफे पर बैठे थे और कोई कुछ नहीं बोल रहा था.
में – माँ चिंता मत करो सब ठीक होगा और ये सब तो कहने की बातें है और में नहीं मानता इन्हें.
माँ – नहीं बेटा ऐसा नहीं होता है और मैंने पहले ही तुम्हारे पापा को खो दिया है और अब तुम्हें नहीं खोना चाहती, मुझे लगता है कि पंडित जी ठीक कह रहे थे.
में – लेकिन माँ वो मेरी बहन है और में ऐसा कैसे कर सकता हूँ? ये असंभव है.
माँ – प्लीज बेटा यहाँ हमें कोई नहीं जानता है तो कोई प्रोब्लम भी नहीं होगी, प्लीज मेरे लिए मान जा और में तुम्हारी बहन से बात करती हूँ.
फिर माँ ने मुझे समझा कर मना लिया तो मैंने भी उन्हें हाँ कर दी. फिर उसके बाद माँ बहन के रूम में गई और अब में बाहर ही बैठा था, में दुखी भी था कि मुझे ऐसा करना पड़ेगा, लेकिन कहीं ना कहीं खुश भी था कि मुझे इतनी हॉट लड़की मिल रही है. फिर कुछ देर के बाद माँ बहन के रूम से बाहर आई और उन्होंने कहा कि वो मान गई है और अब माँ बहुत खुश लग रही थी, तभी में मेरी बहन के रूम में गया तो अब वो अजीब सा महसूस कर रही थी.
में – तुम खुश तो हो ना और अगर तुम्हें कोई प्रोब्लम है तो तुम मुझे बता सकती हो.
गीतू – नहीं भैया, आई एम वैरी हैप्पी मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है और में तो बहुत खुश हूँ कि में हमेशा आपके और माँ के साथ ही रहूंगी.
अब ये सुनकर में बहुत खुश हुआ और हम दोनों ने हग किया, लेकिन इस टाईम ये हग अलग था, उसके चेहरे पर एक स्माईल थी. फिर में बाहर आ गया और माँ अगले दिन पंडित के पास चली गई और उनसे शादी की तारीख ले ली. फिर हमने डिसाईड किया कि हम शादी मॉर्निंग टाईम घर पर ही करेंगे और उसके बाद दिन में क्लोज़ फ्रेंड्स के साथ पार्टी कर लेंगे, जो यहाँ मेरे साथ दिल्ली में है और जिन्हें मेरे और बहन के बारे में नहीं पता है. उसके बाद हमने शादी की तैयारी शुरू कर दी और शॉपिंग करने लगे, अब शादी की तारीख बहन के एग्जॉम के बाद की थी तो शादी का दिन आ गया और पंडित जी घर पर थे. अब में तैयार होकर उनके पास बैठा था और बहन रूम में तैयार हो रही थी.
फिर कुछ टाईम के बाद माँ गीतू को लेकर आई, उसने शादी की लाल कलर का ड्रेस पहना हुआ था और वो किसी परी से कम नहीं लग रहीं थी, मेरी एक मिनट के लिए भी उससे नज़र नहीं हट रहीं थी. फिर शादी के बाद हम सीधा रिशेप्शन पार्टी की जगह पर चले गये, वहाँ पर मेरे और बहन के कुछ क्लोज़ फ्रेंड्स थे. उसके बाद माँ, में और गीतू घर आ गये. फिर मैंने देखा कि माँ ने मेरा रूम पूरा रूम सुहागरात के लिए सजाया हुआ था. फिर वो गीतू को लेकर रूम में चली गई और अभी में बाहर ही था. फिर कुछ टाईम के बाद माँ रूम से बाहर आई और उन्होंने मुझे रूम में जाने के लिए कहा. फिर जब में रूम में जा रहा था तो मुझे थोड़ा अजीब सा भी महसूस हो रहा था और उतेजित भी था, क्योंकि यह सबके जैसी नॉर्मल सुहागरात नहीं थी और मेरी सग़ी बहन के साथ सुहागरात थी.
फिर में ख़ुशी में रूम में दाखिल हुआ और देखा कि क्या मस्त रूम और बेड को सजाया था? बेड को सारे फूलों से सजाया हुआ था और मेरी बहन वहाँ बेड पर लाल कलर की साड़ी पहनकर बैठी थी, वो उस साड़ी में क्या मस्त दिख रही थी? उसे देखकर में बहुत उत्तेजित हो गया था. फिर वो मुझे नहीं देख रही थी और में भी उसे नहीं देख रहा था, अब वो भी अजीब सा महसूस कर रही होगी. अब में बेड पर जाकर बैठा और गीतू से बातें करने लगा.
में – गीतू तुम इस शादी की ड्रेस में बहुत सुन्दर लग रही हो.
गीतू – थैंक्स भैया.
में – अब में सिर्फ़ तेरा भैया ही नहीं तेरा पति भी हूँ.
गीतू – हम्म.
में – फिर मैंने उसके हाथ को मेरे हाथ में लिया और पूछा कि क्या हुआ बेबी? तुम्हें अजीब सा महसूस हो रहा है क्या?
गीतू – हाँ भैया अजीब सा तो होगा ही ना, लेकिन अब हम दोनों पति पत्नी है, मेरा मतलब अब हम इस फिलिंग का कुछ नहीं कर सकते है तो अब हमें अपनी सुहागरात करनी चाहिए.
फिर मेरी बहन की यह बात सुनकर में और ज़्यादा उत्तेजित हो गया और अब में समझ गया था कि वो भी सुहागरात एन्जॉय करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. फिर मैंने गीतू को मेरे पास लिया और उसे हग किया और बोला आई लव यू डार्लिंग लेट्स एन्जॉय और सुहागरात तो गीतू ने भी मुझे हग कर लिया. फिर मैंने उसकी आँखों में देखा तो मुझे नशा सा लगने लगा.
फिर मैंने पहले उसके गालों पर किस किया और फिर किस करते-करते मुझे पता ही नहीं चला कि कब मैंने उसके लिप को स्मूच करना शुरू कर दिया. अब वो भी मुझे अच्छे से रेस्पॉन्स दे रहीं थी, अब हम दोनों अपने स्मूच में खो गये थे. फिर मैंने स्मूच करते-करते उसके बूब्स पर हाथ लगाया तो गीतू एकदम जैसे उसकी बॉडी में करंट आ गया हो तो वैसा उसको झटका लगा. फिर हमने स्मूच ब्रेक किया और अब में उसके बूब्स को महसूस कर रहा था.
गीतू – भैया यह मेरा पहला स्मूच था, इट वाज़ ओसम भैया.
में – भैया नहीं, अब में तेरा पति हूँ और अब में उसकी साड़ी की पल्लू हटाकर उसके बूब्स को प्रेस कर रहा था.
गीतू – हह्ह्ह्ह भैया धीरे से करो, मुझे तो आपको भैया ही बोलना है और हमारे पास एन्जॉय करने के लिए सारी रात है.
अब में फिर से गीतू को स्मूच करने लगा और अब में उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था और मेरा उसके टाईट सेक्सी बूब्स से हाथ निकालने का मन नहीं हो रहा था, अब स्मूच करते-करते मैंने गीतू के ब्लाउज के हुक निकाल दिए और उसने अंदर लाल ब्रा पहनी थी और लाल ब्रा में उसके बूब्स देखकर में पागल हो गया था. मैंने पहले कभी गीतू को ऐसे नहीं देखा था. फिर मैंने उसकी ब्रा को भी निकाल दिया और उसके बूब्स चूसने लगा.
गीतू – आह्ह्ह्ह भैया, धीरे करो दर्द हो रहा है.
में – इतने सेक्सी बूब्स है तेरे गीतू कंट्रोल नहीं होता और अब में उसके बूब्स को एक के बाद एक चूसता रहा. अब गीतू बस मज़े में हहह्ह्ह्ह की आवाज़ें कर रही थी, अब मेरी बहन की सेक्सी जवान निप्पल खड़ी हो गई थी. फिर में उसके निप्पल को अपने मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा और मेरे चूसने से वो पागल हो रही थी. फिर मैंने उसके एक हाथ को मेरे लंड पर लगाया तो वो मेरे लंड को ड्रेस के ऊपर से ही सहला रही थी, लेकिन कुछ नहीं कर रही थी. फिर मैंने उसकी निप्पल को अपने दातों के बीच में लेकर काट दिया तो उसने मेरे काटने से मेरे लंड को अपने हाथों में पकड़ लिया. फिर मैंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो गया, अब गीतू मेरे लंड को सीधे नहीं देख रही थी, शायद वो थोड़ा शर्मा रही थी.
फिर में उसके ऊपर गया और उसकी सेक्सी गहरी नाभि को किस करने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा. अब गीतू मदहोश हो चुकी थी और हहह्ह्ह भैया की आवाज़ें कर रही थी, अब गीतू की नाभि को किस करते-करते मैंने उसकी साड़ी और पेटिकोट उतार दिया. अब वो सिर्फ़ पेंटी में थी जो कि लाल कलर की थी, अब में उसकी जांघो को किस करता रहा.
मैंने एक के बाद एक उसकी टांगो को अपनी जीभ से चूसा, लेकिन अब तक उसकी पेंटी को हाथ भी नहीं लगाया. अब उसकी पेंटी पहले से गीली हो चुकी थी. फिर मैंने उसकी जांघो को किस करते-करते उसकी पेंटी पर हाथ लगाया तो गीतू ने मेरा हाथ पकड़ लिया. फिर मैंने ऐसे ही उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को टच किया तो अब उसकी चूत को टच करते ही वो मचल रही थी. फिर मैंने उसकी पेंटी पर से उसकी चूत को किस किया.
गीतू – भैया आप मुझे यह क्या कर रहे हो अहह? फिर मैंने उसकी पेंटी के अंदर हाथ डाला और उसकी पेंटी को निकाल दिया, वाउ क्या मस्त चिकनी चूत थी? उसकी चूत एकदम क्लीन थी, शायद उसने शादी के एक दिन पहले ही शेव की थी.
फिर में उसकी चूत को देखकर पागल हो गया और चाटना करना शुरू किया तो अब वो आह भैया अहह की सिसकियां निकाल रही थी. अब में उसकी चूत को चाटते हुये अपनी उंगली भी अंदर डाल रहा था, अब वो दर्द और मज़े से मचल रही थी. फिर मैंने उसकी चूत के दाने को चूसना शुरू किया, जवान वर्जिन चूत और वो भी मेरी बहन की. उसकी चूत का टेस्ट क्या मस्त लग रहा था? अब वो आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी, अब वो मेरे चेहरे को अपने हाथ से उसकी चूत पर दबाने लगी थी.
गीतू – हह्ह्ह्ह भैया आह्ह्ह्ह, अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है भैया प्लीज़ मुझे चोदो, मेरी चूत में आपका लंड डालो भैया. अब में उसकी चूत में दूसरी उंगली भी डालकर अपनी 2 उँगलियों से फिंगरिंग कर रहा था और वो अहह भैया, प्लीज चोदो मुझे, फक मी भैया आह्ह्ह्ह बोले जा रही थी. फिर मैंने मेरे लंड को उसकी चूत पर लगाया और रब किया. फिर अंदर डालने की कोशिश की. वो वर्जिन थी, अब उसे बहुत दर्द हो रहा था और अब वो उसके पैरों को चौड़ा नहीं कर रही थी.
फिर मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और मैंने अपने लंड और उसकी चूत पर थोड़ी क्रीम भी लगा दी. फिर मैंने उसके ऊपर आकर अपने लंड को उसकी चूत पर लगाकर ज़ोर से झटका दिया तो मेरा लंड थोड़ा अंदर चला गया तो अब गीतू दर्द से तड़प रही थी. फिर मैंने उसको स्मूच करना शुरू किया और स्मूच करते करते ज़ोर से एक झटका दिया और उसकी सील टूट गयी और उसकी आँखों से पानी आ रहा था.
फिर में थोड़ी देर तक उसी पोज़िशन में रहा और फिर धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा. फिर थोड़ी देर तक ऐसे ही करने के बाद उसका दर्द कम हो गया तो उसने मुझे हग किया, अहह भैया चोदो मुझे और अंदर डालो भैया आह्ह्ह्ह चोदो मुझे. फिर मैंने अपनी स्पीड तेज करनी शुरू कर दी, अब में उसे ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद मेरा पानी निकलने वाला था. फिर मैंने बोला कि गीतू डार्लिंग मेरा निकलने वाला है. फिर उसने बोला कि भैया फर्स्ट सेक्स का पानी मेरे अंदर ही छोड़ना. फिर मैंने एक ज़ोर के झटके से मेरा सारा पानी उसकी चूत में डाल दिया. अब वो मुझे उसके पैरों से लॉक करके उसी पोज़िशन में थी और हमने इसी पोज़िशन में 15 मिनट तक आराम किया.
फिर मैंने गीतू से पूछा कि कैसा लगा? फिर उसने बोला कि भैया बहुत मज़ा आया, लेकिन दर्द भी हो रहा है. फिर मैंने बोला कि चिंता मत करो बेबी ये दर्द तो मीठा होता है, अगली बार से बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा और मैंने उसे स्मूच किया. फिर हम दोनों ऐसे ही स्मूच करते रहे. फिर मैंने गीतू से मेरा लंड चूसने को कहा तो अब वो थोड़ा अजीब सा महसूस कर रही थी.
फिर मैंने बोला कि बेबी बहुत मज़ा आयेगा. फिर में बेड पर नीचे लेट गया और अब वो मेरे लंड को पकड़कर हिला रही थी. फिर मैंने बोला कि गीतू चूस मेरे लंड को तो अब वो मेरे लंड पर किस कर रही थी, लेकिन पूरा अंदर नहीं ले रही थी. फिर मैंने उसको 69 पोज़िशन में आने को बोला और अब उसकी चूत मेरे चेहरे पर थी.
फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया और अब वो मेरे लंड को किस कर रही थी और में उसकी चूत से लेकर गांड तक अपनी जीभ से चाट रहा था और वो हह्ह्ह आह भैया और करो भैया और चाटो मेरी चूत को ऐसे आवाज़ें कर रही थी. फिर मैंने उसकी चूत को चूसते चूसते उसकी गांड में अपनी एक उंगली डाल दी. अब वो मेरे लंड को पूरा अंदर लेकर चूस रही थी, अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो मेरे लंड के टोपे को उसकी जीभ से चाट रही थी और फिर सारा अंदर ले रही थी. फिर में भी उसकी चूत में अपनी जीभ डालकर चाट रहा था और उसकी गांड में उंगली कर रहा था और अब वो मेरे लंड को अपने मुँह में गले तक ले रही थी.
अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने उसको डॉगी स्टाईल में आने के लिए बोला और वो बेड पर अपनी गांड मेरी तरफ करके झुक गई. फिर मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और मेरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया. अब मेरा लंड अंदर जाते ही वो मचल गई और मैंने पीछे से उसके बूब्स को पकड़ लिया और चोदना शुरू किया. अब में उसके बूब्स को दबाते हुये उसे चोद रहा था और गीतू हह्ह्ह भैया हह्ह्ह फक मी हार्ड भैया, फक मी चूत भैया, हह्ह्ह भैया फक मी डीपर, ऐसी आवाज़ें कर रही थी. अब में उसे चोदते-चोदते उसकी गांड और बूब्स को प्रेस कर रहा था और अब पूरे रूम में ठप ठप ठप की आवाज़ें आ रही थी.
अब मेरा पानी उसकी गांड में निकलने वाला था और मेरी सुहागरात थी तो में उसके अंदर ही अपना पानी छोड़ना चाहता था. फिर मैंने बोला कि बेबी आई एम कमिंग. फिर उसने बोला कि भैया चोदो और चोदो. फिर मैंने भी उसकी चूत को मेरे स्पर्म से भर दिया और हम बेड पर एक दूसरे के ऊपर लेट गये. ऐसे ही हमने उस रात अलग-अलग स्टाईल में सेक्स किया और ऐसे ही एक दूसरे को नंगे हग करके सो गये. फिर सुबह माँ ने दरवाजे को खटखटाया तो हमारी नींद खुल गई, अब गीतू मुझे स्माईल दे रहीं थी, अब मुझे वो संतुष्ट लग रही थी. फिर हमने स्मूच किया और बेड से नीचे आ गये और अपने कपड़े पहन लिए और फिर हमने सेक्स को खूब एन्जॉय किया.
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