किरायेदार की कुंवारी बेटी का दूध पिया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीर है और में वाराणसी का रहने वाला हूँ. दोस्तों में पिछले कुछ सालों से कहानियों के साथ बहुत मज़े करता आ रहा हूँ और मैंने कहानियाँ बहुत पढ़ी, लेकिन अब में सोच रहा हूँ कि अपनी भी एक कहानी आप लोगों को सुना दूँ. दोस्तों यह घटना शुरू होती है जब मेरे घर में पहले और नये किरायेदार रहने आए. उनका परिवार बहुत छोटा था और वो परिवार में चार लोग थे पति, पत्नी, एक लड़का और एक लड़की पूजा.
दोस्तों जब में शाम को अपने ऑफिस से घर पर आया तो मुझे मेरी माँ ने बताया कि कल सुबह हमारे घर पर एक नये किरायेदार आने वाले है. में अपनी माँ की कही बात को सुनकर मन ही मन सोचने लगा कि अगर कोई पटाका लड़की या भाभी हुई तो मेरी चाँदी हो जाएगी और फिर हुआ भी ठीक ऐसे ही. मैंने माँ से पूछा कि उनके परिवार में कौन कौन है? तो माँ ने मुझे बताया और अब में उनकी वो पूरी बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुआ.
फिर अगले दिन सुबह में अपने ऑफिस चला गया और जब में शाम को घर पर आया तो मैंने देखा कि हमारे नये किरायेदार तब तक आ चुके थे, लेकिन मुझे तो अब पूजा को देखना था, लेकिन किस्मत से मुझे सबसे पहले पूजा की माँ मिली जो एक सेक्स मस्त माल थी और उनको देखते ही मेरा मुर्गा अंदर ही अंदर घूमने लगा. उनकी कमर 34 की बूब्स तो देखने से लग रहे थे कि ब्रा में आ ही नहीं सकते इतनी बड़े आकार के थे. उसे देखकर मेरा मन तो बस यही कर रहा था कि ब्लाउज को फाड़कर बूब्स को अपने मुहं में भरकर चूस लूँ, लेकिन हमारे बीच बस दुआ सलाम हुआ और में अपने कमरे में चला गया.
दोस्तों शाम के करीब 6.30 बजे में अपनी छत पर बैठा हुआ ठंडे मौसम का आनंद ले रहा था, तभी मुझे लगा कि मेरे पीछे कोई है और जब मैंने पलटकर देखा तो एक नाज़ुक सी लड़क जो बहुत सुंदर और मासूम सी है वो खड़ी हुई थी. मैंने उससे हैल्लो किया और अपना हाथ आगे की तरफ बढ़ाया और मैंने कहा कि मेरा नाम समीर है और उसने बोला कि में पूजा. कसम से दोस्तों दिल ने इतनी ज़ोर से धक्का दिया कि मुझे लगा कि हार्ट अटेक आ गया.
उसका फिगर दिखने में कोई ऐसा ख़ास नहीं कमर 28 की बूब्स शायद 30 के, लेकिन वो सुंदर कमाल की थी. फिर मैंने पूजा को कुर्सी दे दी और उससे बैठने को कहा तो वो बैठ गई और अब हमारी बातें शुरू हो गई धीरे धीरे मुझे उसके बारे में सब पता चला उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है मुझे यह बात जानकर बहुत ख़ुशी हुई और अब मैंने भी धीरे धीरे उससे अपनी दोस्ती को आगे बढ़ानी शुरू कर दी में उसको कभी चोकलेट तो कभी टेडी दे देता. दोस्तों वो भी अब अच्छी तरह से समझ गई थी कि लड़का लाईन दे रहा है, लेकिन दोस्तों आप भी जानते हो कि किसी भी लड़की को फंसाना इतना आसान काम नहीं है जितना सुनने से लगता है. अब धीरे धीरे यह भी हो गया अब हम हमेशा शाम को मिलते और घूमते थे. एक दिन मैंने भी थोड़ी हिम्मत करके उसको अपने मन की बात को बता दिया और उसने भी मेरी बात को मान लिया.
उसी शाम हम बातें करते करते कब एक दूसरे के इतना करीब आ गए. हमें पता ही नहीं चला और हमने एक दूसरे को किस किया. उसकी सांसो की गरमी से लगा कि आज मेरा पप्पू तो उल्टी कर ही देगा, लेकिन कंट्रोल रखते हुए हमने सिर्फ़ उस रात किस किया और यह हमारा किस का सिलसिला लगातार चलता रहा. एक शाम हम दोनों बैठे ही थे कि बारिश शुरू हो गई और पूजा भागकर नीचे जाने लगी. तभी मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया और उसको अपने सीने से लगाकर एक प्यार से उसके होंठो पर किस किया. किस करते ही वो बेजान हो गई और उसने अपने आपको मुझसे चिपका दिया में भी अब धीरे धीरे हाथ अपना नीचे ले जाकर उसके बूब्स को ऊपर से ही दबाने लगा. उसकी तो आह्ह्ह्ह निकल गई और वो पूरी तरह बैचेन हो गई, लेकिन में अब आज उससे छोड़ने वाला नहीं था.
अब मैंने उसके बूब्स को दबाते हुए अपना एक हाथ उसके पीछे ले जाकर उसकी गांड को दबाने लगा. वो अह्ह्ह्हह उफ्फ्फफ्फ्फ़ करने लगी. तभी मैंने उसको उठाकर अपनी गोद में ले लिया और अब उसने अपने दोनों पैरों से मेरी कमर को पकड़ लिया और में खड़े खड़े उसको किस कर रहा था. तभी पूजा की माँ उसे बुलाने लगी. कसम से यार लंड पर तो लगा किसी ने तेज़ाब गिरा दिया, लेकिन कोई कुछ कर नहीं सकता था और कई महीनो बाद हमें मौका मिल ही गया, उस दिन ना मेरे घर पर कोई था और ना ही मेरे किराएदार के घर पर. सिर्फ़ पूजा और उसका भाई था, हमने शाम को बैठकर बातें की और मैंने उससे कहा कि आज रात को में और पूजा साथ रहेंगे, लेकिन पूजा ने कहा कि हम सेक्स नहीं करेंगे, तो मैंने भी कहा कि ठीक है, लेकिन तुम मेरे साथ में तो रहोगी.
फिर वो मान गई उफ.. लड़कियों के नखरे, क्या करें? चूत पाने के लिए तो करना ही पढ़ता है. फिर रात को करीब 12.30 बजे पूजा मेरे रूम में आई और उसके आते ही मैंने उसको तुरंत पकड़कर अंदर खींच लिया और उसे अपनी बाहों में भर लिया और अब हम दोनों बेड पर गिर पड़े. मैंने उसकी गर्दन पर किस किया और वो करवाती रही.
फिर कुछ देर बाद मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा हो गया और उसे यह भी महसूस हो गया और वो अपनी चूत को धीरे धीरे रगड़ने लगी, लेकिन फिर से वही लड़कियों के नखरे, समीर प्लीज ऐसे नहीं, ग़लत तो नहीं होगा ना? यह सब बिल्कुल ग़लत है. फिर मैंने कहा कि में ऐसा कुछ नहीं करूँगा सिर्फ़ तुम्हारा दूध पिऊँगा और वो मान गई. दोस्तों उस समय पूजा सिर्फ़ मेक्सी में थी और में सिर्फ़ लोवर में था. में अब नीचे और पूजा मेरे ऊपर और मेरा लंड जो 8 इंच का है पूरा खड़ा हो गया था, लेकिन मैंने कुछ किया नहीं, क्योंकि में जानता था कि में बस एक बार पूजा का दूध पीने लगा तो बाकी काम तो खुद ही हो जाएगा और में धीरे धीरे पूजा की मेक्सी को उतारने लगा.
अब पूजा सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और वो लाल कलर की ब्रा और पेंटी में ग़ज़ब लग रही थी. अब में उसके ऊपर आ गया और मैंने उसकी गर्दन पर किस करते हुए उसके होंठो पर किस किया. उसने अपने दोनों पैर मेरी कमर पर रख दिए जिससे में उसकी कमर पर आ गया और मेरा लंड ठीक उसकी चूत के ऊपर था, लेकिन फिर भी मैंने कोई ऐसी वैसी हरकत नहीं की क्योंकि में जानता था कि सब कुछ खुद ही हो जाएगा.
फिर में पूजा को किस करते हुए धीरे धीरे उसकी छाती पर आ गया और उसकी ब्रा के ऊपर से ही दूध पीने लगा, लेकिन कुछ ही देर के बाद उसने अपनी ब्रा को खोल दिया और अपनी ब्रा को हटाकर मेरा चेहरा पकड़ा और तुरंत अपनी छाती पर रख दिया और अब मैंने बड़े ही प्यार से दबा दबाकर उसका दूध पीना शुरू किया. दोस्तों वो मेरा सबसे कमाल का अनुभव था क्योंकि में पूजा के एक बूब्स को चूस रहा था और दूसरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. फिर मैंने हाथ लगाकर महसूस किया कि अब तक पूजा की पेंटी पूरी गीली हो गई थी और उसकी चूत का पानी मेरे लोवर को भी गीला कर रहा था और उस समय मैंने अंडरवियर नहीं पहनी हुई थी तो मेरे लंड पर भी उसकी चूत का पानी लग गया था.
अब मैंने अपना हाथ उसकी कमर पर रखते हुए उसकी नाभि पर रखा तो पूजा ने धीरे से मेरे कान में कहा कि प्लीज एक बार मेरी नाभि पर किस करो और बस में समझ गया कि आज अपना लंड जरुर अंदर घुसेगा. फिर मैंने उसके निप्पल पर एक हल्का सा काटते, चूसते हुए उसकी नाभि पर आ गया और उसकी नाभि पर किस करने लगा. वो बिल्कुल मदहोश हो गई और मैंने सही मौका देखते हुए अपना मुहं उसकी गीली पेंटी पर रख दिया और उसकी चूत पर एक हल्का सा किस किया. वो पूरे जोश में आकर गरम हो गई. और में भी उसकी तरफ से हाँ समझते हुए उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर किस करने लगा.
दोस्तों पूजा की चूत से पानी ऐसे निकल रहा था जैसे नल से पानी आता है और अब मैंने पूजा की पेंटी को उतार दिया और उसकी गांड के पीछे हाथ लगाकर उसकी चूत को चाटने लगा वो तो जैसे पूरी तरह से पागल ही हो गई, लेकिन मैंने उसकी चूत को चाटना लगातार जारी रखा और धीरे से मैंने उसकी चूत पर अपनी एक उंगली घुमाई और कुछ देर बाद उसे अंदर बाहर करने लगा. जिसकी वजह से वो तो जैसे पागल सी हो गई और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब अंदर डाल दो मुझसे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा, लेकिन मैंने सोचा कि अभी थोड़ा और तड़पा लूँ.
फिर धीरे से मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ को डाल दिया और अब में उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा. फिर कुछ देर बाद पूजा इतनी गरम हो गई कि वो झड़ गई और में उसकी चूत से निकले पानी से नहा गया, लेकिन अब तो मुझे उस किले पर चड़ाई करनी थी और मैंने धीरे से अपना लोवर उतार दिया और में पूजा के ऊपर आ गया. वापस उसके बूब्स को पीने, दबाने लगा और अब पूजा भी मुझसे चुदने को पूरी तरह से तैयार थी.
उसने अपने दोनों पैरों को पूरी तरह फैला दिया था और मैंने उसके बूब्स को पीते हुए धीरे धीरे अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया और अंदर की तरफ दबाने लगा. जैसे ही उसे दर्द हुआ तो में उसके होंठो पर किस करने लगा और मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर दबाना जारी रखा. जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के अंदर घुसा तो उसने दर्द में अपने दांत ऐसे दबाए कि मेरे होंठ का सत्यानाश हो गया.
अब में अपना लंड अंदर डालता रहा और लगातार धक्के देता रहा. उसकी चूत अब फट गई, लेकिन चूत बहुत गीली थी जिसकी वजह से आराम से मेरा लंड उसकी चूत में अंदर बाहर हो रहा था. फिर में धीरे धीरे उसकी चूत में धक्का लगाने लगा और अब उसे भी मज़ा आने लगा और अब मेरी चुदाई करने की स्पीड अचानक से बढ़ गई. तभी पूजा ने मुझसे कहा कि समीर तुम नीचे हो जाओ और मैंने भी ठीक वैसा ही किया क्योंकि सेक्स में हम दोनों को मज़ा आना चाहिए. अब पूजा मेरे ऊपर बैठ गई और उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चूत के मुहं पर टिकाया और फिर बैठ गई.
मेरा लंड उसकी चूत में पूरा अंदर चला गया और फिर जबरदस्त चुदाई हुई पूरे कमरे में फच फच आहहह्ह्ह्ह आईईईइ उह्ह्ह्ह की आवाज़े आने लगी और इतनी देर में पूजा दो बार झड़ गई थी और अब बारी मेरी थी, लेकिन अब भी पूजा मेरे ऊपर थी और अगर अब लंड को उसकी चूत से बाहर नहीं निकाला तो मामला उलझ सकता था, क्योंकि में अपना वीर्य उसकी चूत से बाहर ही निकालना चाहता था. मैंने तुरंत पूज़ा को बेड पर पटका और उसके ऊपर आकर दस झटके दिए और अब मेरी बारी थी मैंने अपना लंड उसकी चूत से तुरंत बाहर निकालकर में अब पूजा के बूब्स पर रगड़ने लगा और मैंने अपना सारा माल पूजा के निप्पल के ऊपर निकाल दिया और वापस लंड को उसकी चूत में डालकर हम दोनों लेट गये. हमें पता ही नहीं कि कब नींद आ गई और हम सो गये.
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जासूस की जबरदस्त चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मोहित है और में मुंबई का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 20 साल है, मेरी बॉडी सामान्य है. मुझे सेक्स में बहुत नये-नये आइडिया आते है. ये स्टोरी एक इच्छा है जिसमें मैंने एक जासूस की जबरदस्त चुदाई का परिचय दिया है. ये स्टोरी मनीषा की है, रंग गोरा, बूब्स 34, कमर 26 और गांड 38 की है, उसकी उम्र 23 साल है.
मनीषा को जॉब की तलाश थी, एक दिन उसने न्यूज पेपर में एड देखा और इंटरव्यू देने चली गई, वहाँ उसको बताया गया कि जॉब क्या है? एक बड़े गुंडे के पास रहकर जासूसी करनी है. तो उसने कहा कि चलेगा, क्योंकि उसे पैसो की जरुरत थी, उसको बताया गया कि अगर पकड़ी गई तो बहुत परेशानी होगी, लेकिन उसने कबूल कर लिया.
फिर वो सय्यद (जिसकी जासूसी करनी थी) उसके घर नौकरानी के काम पर लग गई. अब 5-6 दिन तो बराबर निकले, लेकिन बाद में सय्यद को पता चला कि मनीषा जासूस है. फिर वो घर आया तो मनीषा काम कर रही थी, अब सय्यद के साथ उसके 5 बॉडीगार्ड थे. फिर उन्होंने मनीषा को पकड़ लिया, तो वो चिल्लाने लगी, उसे पता ही नहीं चला कि उसके साथ क्या हो रहा है? अब उन्होंने उसके हाथ रस्सी से बांधकर उसे हॉल के बीचो बीच लटका दिया. अब वो सीधी उसके पैरो पर खड़ी थी.
सय्यद : जासूसी करती है मादरचोद, रंडी, आज ऐसा सबक सिखाऊंगा की सारी जासूसी भूल जायगी.
मनीषा : साहब, आपको कुछ ग़लतफहमी हुई है.
सय्यद : अरे चुप रह छिनाल.
फिर उसने उसके बॉडीगार्ड्स को मनीषा को नंगी करने को बोला, तो उन्होंने उसको पूरी नंगी कर दिया. अब मनीषा का नंगा बदन बहुत ही प्यारा लग रहा था, उसने सभी जगह वैक्सीन की हुई थी, वो एकदम गोरी थी और उसने अपनी चूत भी एकदम साफ की हुई थी.
सय्यद : सच बता दे, तुझे किसने भेजा है?
मनीषा : मुझे कुछ नहीं पता, में तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूँ, मुझे छोड़ दो, अब मनीषा रोने लगी थी.
सय्यद : ये ऐसे नहीं बोलने वाली और उसने अपनी लेदर की बेल्ट निकाली और उसे दो कोड़े लगा दिए, तो अब मनीषा दर्द से चिल्लाने लगी. अब वो सच भी नहीं बता सकती थी अगर बताती तो जिन्होंने जॉब दिया था, वो उसकी फेमिली को मार देते.
मनीषा : प्लीज मुझे छोड़ दो, मत मारो.
फिर सय्यद ने फिर से उसको कोड़े मारना चालू किया इस बार वो रुका ही नहीं और इस बार उसने लगभग 25-30 कोड़े लगाए होगे. अब मनीषा की हालत ख़राब हो गई थी, अब तक जो बदन गोरा था वो अब लाल हो गया था. अब सय्यद ने एक केन ली और मनीषा की गांड पर एक स्ट्रोक दिया, केन का दर्द बहुत ज्यादा था. अब मनीषा हाथों से बँधी हुई थी, अब वो इधर उधर होने लगी, अब वो चिल्ला रही थी अहह में मर गइई और सय्यद ने दो स्ट्रोक फिर लगाये. अब तो वो बिना पानी की मछली की तरह तड़पने लगी थी, उसकी गांड पर केन के निशान पड़ गये थे.
सय्यद : मनीषा सब सच बता दे, नहीं तो ये तो बस ट्रेलर है.
अब मनीषा की हालत बहुत बुरी थी, लेकिन उसे चुप रहना पड़ा. फिर सय्यद ने फिर से केन के 15-16 स्ट्रोक लगाये. अब मनीषा तो मानो मर ही गई थी. फिर सय्यद ने उसकी गांड को देखा और कहा कि ऐसी गांड मारने में बहुत मज़ा आता है सूजी हुई गांड, तो सब लोग हँसने लगे. फिर सय्यद ने पूछा कि क्या तुम वर्जिन हो? तो मनीषा ने हाँ कर दिया.
अब मनीषा को पता था कि ये उसकी लाईफ का सबसे बेकार दिन बनने वाला है. फिर सय्यद सुईयां लाया और मनीषा के बूब्स पर 4-5 सुईयां ताबड़तोड़ लगा दी, तो मनीषा फिर से चिल्लाई. अब उसने 5 सुईयां एक के बाद एक मनीषा के बूब्स में घुसा दी, अब मनीषा चिल्ला रही थी आह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है हह्ह्ह्हह्ह हाईईईई प्लीज ऐसा मत करो.
फिर उसने ऐसा दूसरे बूब्स के साथ भी किया, फिर 5-10 मिनट के बाद उसने वो सुईयां निकाली. अब मनीषा के बूब्स से खून निकल रहा था, अब इतना सब होने के कारण मनिषा बेहोश हो गई थी. फिर एक घंटे के बाद उसे पानी डालकर उठाया गया, फिर जब वो उठी तो वो पीठ के बल लेटी थी और उसके पैर ऊपर बँधे हुए थे. अब उसकी चूत के दर्शन सबको हो रहे थे, अब उसको समझ आ गया था कि गांड और बूब्स हो गये अब उसकी चूत की बारी है, वो फिर से रोने लगी.
उसने अभी तक सेक्स नहीं किया था और ये सब होगा तो कभी सोचा भी नहीं था. अब सय्यद एक बड़ा स्पून लेकर आया, ये देखकर मनीषा डर गई थी. फिर उसने अपने बॉडीगार्ड्स को नंगे होने को कहा. उन सबका लंड करीब 8 इंच बड़ा था. फिर उसने कहा कि इसके मुँह को चोदो, तो सब मनीषा के पास आने लगे.
अब मनीषा को लंड की बदबू से उल्टी जैसा लगने लगा था. फिर उसने अपना मुँह दूसरी तरफ कर लिया. तो सय्यद ने उसकी चूत पर स्पून से एक लगा दी, अब उसकी तो जान ही निकल गयी थी. फिर वो जोर चिल्लाई तो एक ने उसके मुँह में लंड डाल दिया, उसको कुछ पसंद नहीं आ रहा था, लेकिन अब तो उसकी मजबूरी थी.
अब सय्यद इधर उसकी चूत को मार रहा था, अब मनीषा की चूत पूरी तरह से लाल हो गई थी. अब उसके मुँह में लंड होने के कारण वो चिल्ला भी नहीं पा रही थी, लेकिन उसकी आँखों के आसूं सब बयान कर रहे थे. अब एक के बाद एक उससे अपने लंड चुसवा रहे थे और वो अपना लंड ज़ोर-ज़ोर से अंदर बाहर कर रहे थे. अब उसका मुँह भी दर्द होने लगा था, लेकिन वो बेचारी कुछ कर भी नहीं सकती थी, फिर थोड़ी देर के बाद उनका झड़ना चालू हुआ.
फिर उन्होंने कहा कि एक बूँद भी अगर नीचे गिरी तो केन से चूत पर स्ट्रोक्स पड़ेगें. फिर वो सबका एक के बाद एक पानी पीने लगी. अब 3 लोगों का तो उसने कैसे भी करके पी लिया, लेकिन चौथे का पीते वक़्त थोड़ा सा नीचे गिर गया. तो वो बोला कि रंडी तुझको तो मार ही चाहिए. फिर वो भीख मांगने लगी प्लीज में मर जाउंगी, मुझे मत मारो, मेरी चूत बहुत नाज़ुक है. लेकिन उन्होंने उसकी एक नहीं सुनी वो केन लाए और चूत पर स्ट्रोक लगाए. अब वो चिल्ला रही थी, लेकिन कोई रुकने वाला नहीं था सब ये भूल गये थे कि वो एक जासूस है. अब उसकी चूत को देखने में ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी चूत में दरार पड़ गई थी. फिर सबने उसे एक एक करके चोदा और छोड़ दिया. अब उसने जासूसी ना करने की कसम खा ली थी.
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रेखा दीदी ने चोदना सिखाया

नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम दीपू है और में B.A. पढाई कर रहा हूँ, मेरी उम्र 22 साल है और मेरी हाईट 5 फुट 8 इंच है, में उड़ीसा का रहने वाला हूँ. हम घर में दादा जी, दादी, माँ और में रहते थे. मेरे दादा जी हाई स्कूल में चपरासी की नौकरी करते थे. में हर शनिवार को अपने घर जाता था और रविवार शाम को मामा के यहाँ आ जाता था. अब में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ.
मेरे बचपन से मामा के घर पर होने से मुझे पड़ोस के सारे लोग जानते है, मुझे बहुत प्यार भी करते थे. इस कहानी की हिरोइन रेखा दीदी है, वो दिखने में बहुत सुंदर है, वो थोड़ी मोटी भी है, उनका साईज़ 32-30-32 है, वो मुझसे 3 साल बड़ी थी. मामा के घर के बगल वाला घर उनका है, में अक्सर उनके घर आता जाता हूँ. उनके घर में खाना ख़ाता था और सो जाता था, रेखा दीदी मुझसे बहुत प्यार करती है.
में भी उनसे बहुत प्यार करता हूँ, हम दोनों एक साथ स्कूल जाते थे. मुझे याद है तब में क्लास 10वीं में पढ़ाई करता था और रेखा दीदी 12वीं क्लास में थी. एक दिन में स्कूल से आकर होमवर्क कर रहा था, तभी मुझे ज़ोर से पेशाब आया तो में भागकर गया और मैंने देखा कि बाथरूम अंदर से बंद था तो मैंने बाथरूम के साईड में पेशाब करना स्टार्ट किया.
तब मेरा लंड खड़ा था और उसी टाईम पता नहीं रेखा दीदी आ टपकी और उन्होंने मेरा लंड देख लिया और अपना मुँह नीचे करके भागकर चली गई. अब में शर्म के मारे अपना मुँह नीचे लटका कर आ गया. फिर कुछ दिन ऐसा ही चला गया, फिर में रेखा दीदी से भी अच्छे से बात करने लगा, अब सब नॉर्मल था क्योंकि में सेक्स के बारे में ज्यादा कुछ जानता भी नहीं था और तब तक तो में मुठ भी नहीं मारता था.
फिर एक दिन रेखा दीदी के मम्मी-पापा कुछ दिन के लिए तीर्थ यात्रा पर गये तो वो रेखा दीदी की देखभाल करने के लिए दादा जी कह कर गए थे. रेखा दीदी के और एक बड़ा भाई था जो मुंबई में काम करता है. फिर रात को रेखा दीदी ने मेरे साथ बैठकर हमारे घर खाना खाया और फिर खाना ख़ाकर में टी.वी देख रहा था तो रेखा दीदी ने कहा कि चलो हमारे घर पर चलते है. फिर दादा जी ने कहा कि नहीं रेखा तुम हमारे घर पर ही सो जाओं तो रेखा दीदी ने कहा कि नहीं दादा जी दीपू और में सो जायेंगे, कोई प्रोब्लम नहीं है. दादा जी ने कहा कि ठीक है और कोई प्रोब्लम हो तो बुला लेना तो रेखा दीदी ने ओके कहा.
फिर हम चले गये और अब रात के 10 बज रहे थे. फिर रेखा दीदी ने कहा कि टी.वी देखेगा तो मैंने कहा कि नहीं दीदी में बहुत थक गया हूँ और अब मुझे सोना है. तो रेखा दीदी मेरा हाथ पकड़कर अपने बेडरूम में ले गई और फिर हम दोनों सोए. अब दीदी मेरे बालों को सहला रही थी तो मुझे नींद आ गई और में कब सो गया मुझे पता ही नहीं चला.
अब रात के करीब 12 बजे होगें और मुझे कुछ गुदगुदी महसूस हुई तो मेरी नींद खुल गई. फिर मैंने देखा कि रेखा दीदी मेरी पेंट की चैन खोलकर मेरा लंड चूस रही है, अब में तो पहले डर गया और हैरान भी था कि रेखा दीदी ऐसा कैसे कर रही है? फिर मैंने दीदी को बोला कि दीदी आप ये क्या कर रही हो? तो दीदी शॉक हो गई और अपना मुँह नीचे करके बैठ गई. फिर मैंने दीदी से पूछा कि तुम ये क्या कर रही थी? अब दीदी खामोश थी. फिर में उठा और दीदी का चेहरा ऊपर उठाया और पूछा कि दीदी क्या बात है? तुम ऐसा क्या कर रही थी? तो दीदी ने मुझसे सॉरी कहा और मेरे गले लग गई.
फिर वो कहने लगी कि सॉरी दीपू वो मेरा मन कर रहा था तो मैंने ऐसा किया. फिर मैंने कहा कि छि छि ऐसा गंदा काम करने का आपका मन करता है. तो दीदी ने कहा कि अच्छा जैसे बीवी को कुछ करेगा ही नहीं. फिर मैंने कहा कि कौन बीवी? फिर दीदी ने कहा कि छोड़ उस बात को मेरी एक मदद करेगा तो मैंने कहा कि कहो ना दीदी, में नहीं करूँगा तो और कौन करेगा? फिर दीदी ने बोला कि अगर तुझे मज़ा नहीं आया तो मत करना ओके. फिर दीदी ने कहा कि खा मेरी कसम जो में कहूँगी तू वो करेगा तो मैंने भी उनकी कसम खा ली. फिर दीदी ने कहा कि तू मुझे चोदेगा तो मैंने कहा कि वो क्या होता है? तो दीदी ने कहा कि आ जा सिखाती हूँ, फिर उन्होंने मेरे पूरे कपड़े उतार दिए और मुझे पूरा नंगा कर दिया.
फिर मैंने कहा कि दीदी मुझे शर्म आ रही है तो दीदी ने कहा कि तू मेरे कपड़े उतार तो मैंने मना कर दिया में ऐसा नहीं कर सकता. फिर दीदी ने कहा कि तूने मेरी कसम खाई है और अब में भी मजबूर था. फिर मैंने दीदी की टी-शर्ट निकाली तो दीदी ने अंदर लाल कलर की ब्रा पहनी हुई थी. फिर मैंने उनका पजामा निकाला तो अब दीदी ब्रा और पेंटी में थी. अब वो मस्त हुस्न देखकर मेरी आँखे फटी की फटी रह गई. मैंने पहले कभी ऐसा नहीं देखा था. अब रेखा दीदी एकदम सेक्सी परी लग रही थी और मेरा हाल तो बेहाल होने लगा था.
अब मेरा 7 इंच का लंड पूरा 90° में आ गया था और दर्द होने लगा था. फिर मैंने दीदी को कहा कि दीदी बहुत दर्द हो रहा है तो दीदी ने झट से मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसना चालू किया. अब मुझे गुदगुदी नहीं हो रही थी, अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर दीदी ने मेरे लंड को अपने मुँह से निकाल कर अपने हाथ में लेकर आगे पीछे किया तो कुछ देर के बाद मेरा लंड फूलने लगा और दीदी ने मेरा लंड फिर से अपने मुँह में ले लिया तो मुझे झटका जैसे लगा और मेरा माल निकल गया.
फिर दीदी ने मेरा सारा माल पी लिया, अब मेरा लंड मुरझा गया था. फिर मैंने दीदी को कहा कि दीदी मुझे आपका दूध पीना है. फिर दीदी ने कहा कि पी ना सारा तेरा है जो करना है कर, फिर मैंने दीदी की ब्रा को उतारा और उनके बूब्स का दूध पीना स्टार्ट किया. अब दीदी सिसकारियां ले रही थी और अब दीदी ने एक हाथ से मेरा सिर पकड़ा था और एक हाथ से अपनी चूत रगड़ रही थी.
फिर मैंने उन्हें देखा और पूछा कि ये क्या कर रही हो? तो दीदी ने बोला कि जैसे में तेरा लंड चूस रही थी वैसे अगर तू भी मेरी चूत चूसेगा तो मुझे भी बहुत मज़ा आयेगा. फिर मैंने बोला कि ट्राई करता हूँ और फिर जब में अपना मुँह दीदी की चूत के पास ले गया तो यारो यकीन मानो चूत की स्मेल से में मदहोश हो गया और उनकी चूत पर शेर की तरह टूट पड़ा और उनकी चूत को खूब चाटा. अब दीदी भी अजीब-अजीब आवाज़ निकाल रही थी और मुझे तो जैसे जन्नत मिल गया था. फिर कुछ देर तक चूत चाटने के बाद दीदी की चूत से पानी आने लगा और में उनकी चूत का सारा पानी पी गया.
फिर दीदी ने मुझे अपने ऊपर लिया और मेरे लिप पर किस किया. फिर 5 मिनट तक किस करने के बाद दीदी फिर से मेरा लंड सहलाने लगी और चूसने भी लगी, जिससे मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया. फिर दीदी ने कहा कि अब और ना तड़पा, अब डाल भी दे. फिर दीदी मेरे ऊपर आ गई और अपनी चूत में मेरा लंड घुसाने लगी, लेकिन मेरा लंड उनकी चूत के अंदर नहीं जा रहा था, क्योंकि रेखा दीदी वर्जिन थी.
फिर दीदी ने बहुत ट्राई किया, लेकिन वो ना कामयाब रही. फिर मैंने कहा कि दीदी में ट्राई करता हूँ अंदर घुसाना है ना तो दीदी ने कहा कि हाँ. फिर मैंने अपने घुटनों के बल बैठकर दीदी की चूत पर अपना लंड रखा और घुसाने की कोशिश की, लेकिन मेरा लंड फिसल गया, फिर मैंने ऐसा बहुत बार किया लेकिन मेरा लंड अंदर नहीं घुसा. फिर मैंने अपना लंड पकड़ा और जोरदार धक्का मारा तो मेरे लंड का टोपा उसकी चूत के अंदर चला गया और दीदी को बहुत दर्द हुआ, अब वो रोने लगी थी और खून भी निकलने लगा था, अब में पूरा डर गया था.
फिर मैंने कहा कि नहीं दीदी अब ये सब नहीं करेंगे, चलो सो जाते है. तो दीदी ने मेरे गाल पर एक तमाचा मारा तो मुझे बहुत गुस्सा आया और में दे-दनादन शॉर्ट मारने लगा. अब दीदी जोर-जोर से चिल्ला रही थी, लेकिन मैंने दीदी की एक नहीं सुनी और मारता गया, मारता गया. अब मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था, फिर कुछ देर के बाद दीदी भी बोलने लगी और तेज और तेज, मुझे तेरी रंडी बना ले, मार साले और मार.
अब ये सुनकर में और गर्म हो गया और जोर-जोर से उसे चोदने लगा. अब पूरे रूम में सिर्फ़ आहा अहहह ह ह आआहहा हह की आवाज़ आ रही थी और ठप ठप्प की आवाज़ गूँज रही थी. अब दीदी ज़ोर-ज़ोर से साँसे लेने लगी थी और झड़ गई, अब में जोर-जोर से शॉर्ट मारता रहा. फिर 20 मिनट के बाद मैंने भी दीदी की चूत में अपना सारा माल छोड़ दिया. फिर हम दोनों ने किस किया, फिर हम कुछ देर तक बेड पर पड़े रहे और हम बाथरूम जाकर फ्रेश होकर आए और सो गये.
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माँ और अंकल की सेवा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सार्थक है और मेरी उम्र 21 साल है. मेरे पापा जिनका नाम गौरव है और उनकी उम्र 48 साल है और वो एक प्राइवेट कम्पनी में सेल्स मेनेजर है. मेरी माँ की उम्र 32 साल है और वो एक ग्रहणी है. दोस्तों में आज आप सभी चाहने वालो को मेरी माँ की एक बिल्कुल सच्ची चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूँ. वैसे में पिछले कुछ समय से इसकी सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ, लेकिन अपनी कहानी आज लिख रहा हूँ. मैंने इसे बहुत सोच समझकर और थोड़ी हिम्मत करके लिखा है और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप लोगों को जरुर पसंद आएगी. दोस्तों मेरे पड़ोस में मेरे एक अंकल रहते है जिनका नाम राजेश है और उनकी उम्र 42 साल है वो अभी तक कुंवारे थे. दोस्तों यह मेरी कहानी उन्ही पर आधारित है और उन्ही अंकल ने मेरी माँ को चोदा. अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों यह तब की बात है जब मेरी उम्र 18 साल की थी और में उस समय स्कूल में पढ़ने जाया करता था और मेरे कुछ शरारती दोस्त मुझे अपनी नूनी दिखाकर मुझे समझाते थे, लेकिन में कुछ नहीं समझता था. फिर कई बार जब में अपनी मम्मी के साथ कहीं बाहर जाता तो रास्ते में राजेश अंकल हमे मिल जाते और वो हमारे साथ बातें किया करते थे और वो मम्मी को बहुत गंदी नजर से घूरते थे, लेकिन मैंने उस समय कभी उनकी इस बात पर इतना गोर नहीं किया, लेकिन फिर धीरे धीरे अंकल जानबूझ कर मेरे बहुत करीब होने लगे थे और हम दोनों के बीच में बहुत अच्छी बातें होने लगी थी. में अब हर कभी उनके घर पर जाने लगा था और वो भी हमारे घर आने जाने लगे थे और अब उनके साथ मेरी दोस्ती इतनी बढ़ गई थी कि वो मुझे अब अच्छा मौका देखकर ब्लूफिल्म दिखाने लगे थे और वो मेरे साथ बहुत मजाक मस्ती भी करते थे.
फिर एक दिन मैंने उनसे बातों ही बातों में पूछ लिया कि क्या आपको किसी औरत की ज़रूरत महसूस नहीं होती है और अब आपको शादी भी कर लेनी चाहिए? तो अंकल ने कहा कि मेरे लायक कोई मुझे मिलती ही नहीं जिसको में पसंद करूं और उससे शादी कर लूँ. फिर मैंने अंकल से थोड़ा झिझकते हुए पूछ ही लिया कि वो मेरी मम्मी को क्यों इतना घूरते है? तो अंकल मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम से बहुत चकित रह गये और उन्होंने मुझे अपना कोई जवाब नहीं दिया.
फिर मैंने अंकल से कहा कि मैंने आपको मेरी मम्मी की गांड को बहुत बार घूरते हुए देखा था, तो उन्होंने मुझसे कहा कि यार तू मुझसे बिल्कुल भी नाराज़ मत होना, वैसे में बहुत जल्दी तुझे यह बात बताने ही वाला था, लेकिन आज तुमने मुझसे पूछ ही लिया, मुझे तेरी मम्मी बहुत पसंद है और मुझे वो बहुत अच्छी लगती है और मेरा मन बार बार उन्हें देखने का करता है. अब तू ही बता कि में क्या करूं? तो मैंने कहा कि अंकल में आपकी इसमें कुछ भी मदद नहीं कर सकता, मुझे आपकी यह बात बहुत गलत लगी, लेकिन में क्या करूं? मेरी आपसे बहुत अच्छी बातचीत है.
फिर में उनसे यह बात कहकर अपने घर पर चला गया और वहां पर मैंने देखा कि मेरे पापा बाहर टूर पर जाने की तैयारी कर रहे थे. मैंने पापा से बहुत ज़िद की तो उन्होंने कहा कि कल मेरा पेपर है और में अंकल को यहीं पर बुलाने की अनुमति माँगने लगा और फिर वो मान भी गये. उनके जाने के बाद अंकल मेरे घर पर आ गए. फिर मम्मी ने हमारे लिए खाना बनाया और अब अंकल मुझे पड़ा रहे थे, लेकिन उनका पूरा ध्यान मेरी मम्मी की कमर पर ही था.
फिर हमने खाना खाया और हम बेडरूम में चले गये. उस समय थोड़ी ठंड थी इसलिए मैंने और अंकल ने एक कम्बल ओढ़ रखा था और वो उसके ऊपर मेरी किताब रखकर मेरा लंड और में उनका लंड हिला रहा था. तो कुछ देर बाद मम्मी भी मेक्सी पहनकर वहां पर आ गई थी और उन्होंने हमे दूध लाकर दिया और फिर मेरे एक साईड अंकल और एक साइड मम्मी लेट गई थी. फिर अंकल ने अपना पजामा थोड़ा ढीला किया और अपना लंड मेरी गांड में रखा और सहलाने लगे फिर मेरे हाथ को अपने लंड पर रखा और सहलाने लगे, में उनकी मुठ मार रहा था. तभी मुझे गर्मी लगी और मम्मी के हिलने का अहसास हुआ. फिर में उठा और टॉयलेट में चला गया. में वापस आया तो मैंने देखा कि अंकल अब मेरी जगह पर आ गये है और में उनके पास में लेट गया.
फिर अंकल ने मेरी तरफ आंख मारी और फिर उन्होंने अपना एक हाथ मम्मी के ऊपर रख दिया और अपना अंडरवियर उतार दिया और मम्मी की मेक्सी को ऊपर करने लगे. जब वो उनके घुटनों तक हुई तो वो अपने पैर उनके पैर पर रखकर धीरे से सहलाने लगे थे और उनके बूब्स पर अपने एक हाथ से धीरे धीरे मसाज करने लगे थे और अब मम्मी भी जागने लगी थी और फिर वो मम्मी की मेक्सी के ऊपर से ही उनकी गांड पर अपने लंड का स्पर्श दे रहे थे, लेकिन दोस्तों अब मम्मी सोने का नाटक कर रही थी और उनकी सांसे तेज चलने लगी थी. वो शरम के मारे कुछ नहीं बोल सकी और अब अंकल ने उनके बूब्स को मेक्सी के ऊपर से ही दबाना चालू कर दिया था.
फिर उन्होंने मम्मी की मेक्सी में अपना एक हाथ घुसा दिया और वो अब उनकी पेंटी के किनारे से चूत में अपनी एक उंगली को डालकर अंदर बाहर करने लगे थे, जिसकी वजह से मम्मी मचलने लगी थी और मम्मी के मुहं से मादक आवाजें आहह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह्ह निकलने लगी थी.
तभी अंकल ने मम्मी की चूत में थोड़ा पानी की नमी को महसूस किया जिसकी वजह से उन्हे पता चल गया कि अब वो उनके साथ चुदाई करने के लिए एकदम तैयार है. फिर उन्होंने पेंटी को उतारा और उनको खींचकर पूरा अपनी तरफ किया तो वो एकदम चिपक गए थे. मम्मी ने मेरी तरफ देखा, लेकिन मैंने सोने का नाटक किया, वो थोड़ा डर भी रही थी कि कहीं में उठ गया तो बहुत समस्या हो जाएगी, तभी अंकल ने उन्हे कहा कि ऐसा कुछ नहीं होगा जैसा तुम सोच रही हो, में हूँ ना, तुम बिल्कुल भी मत डरो.
फिर उन्होंने मम्मी की मेक्सी को उतार दिया और अब मम्मी उनके सामने बिल्कुल नंगी थी और अंकल ने मम्मी को किस करना चालू कर दिया और अंकल भी अब नंगे हो गये थे. दोनों एक दूसरे से चिपक गये थे. अब अंकल मम्मी के बूब्स दबाने लगे थे और फिर उन्होंने मम्मी के मुहं से मुहं लगाकर किस करना चालू कर दिया और मम्मी ने अंकल का काला लंड पकड़ लिया और उसे अपनी मुट्ठी में बंद करने लगी.
फिर अंकल मम्मी के ऊपर आ गये और तेल लगाकर लंड को उनकी चूत पर टिकाया और मम्मी ने उनका लंड पकड़ कर अपनी चूत के मुहं पर सेट किया. फिर अंकल लंड पर ज़ोर से धक्का देकर अंदर बाहर कर रहे थे जिसकी वजह से मम्मी के मुहं से आहह उफफ्फ्फ्फ़ माँ आईईईइ की चीख निकल गई और फिर अंकल थोड़ा सा रुके और वो मम्मी को किस करने लगे और उनके बूब्स को दबाने लगे थे. फिर धीरे धीरे चुदाई करते हुए उन्होंने अपने धक्को की गति को बढ़ा दिया और मम्मी उनकी गांड पर अपने दोनों हाथों से दबाव बनाकर अपनी तरफ खींच रही थी. पूरे कमरे में उनकी तेज़ तेज़ सांसो की आवाज़ आ रही थी. फिर अंकल ने मेरा भी एक हाथ पकड़ा और फिर मम्मी ने अपना पानी छोड़ दिया, लेकिन अब भी अंकल रुके नहीं और वो लगातार धक्के देकर चुदाई करते रहे. फिर कुछ देर धक्के देने के बाद वो झड़ने लगे और उन्होंने अपना वीर्य मम्मी की नाभी पर गिरा दिया.
फिर उसको मम्मी ने कुछ देर बाद अपनी पेंटी से साफ कर दिया और फिर वो दोनों टॉयलेट में जाकर आए और फिर दोबारा चुदाई का दौर चला. वो दोनों 69 की पोज़िशन में आ गये और दोनों ने एक दूसरे की चूत लंड को बहुत देर तक चाटा. फिर उसके बाद अंकल ने मम्मी को उल्टा किया और मम्मी को पेट के बल लेटा दिया और उनकी गांड को सहलाने लगे और अब उनकी गांड के छेद पर उन्होंने बहुत सारा तेल लगाया और अब अपना लंड उस पर रखा और वो भी मम्मी पर लेट गये और मम्मी की गांड पर धक्के लगाने लगे और मम्मी आह्ह्ह्ह उफ्फ्फफ्फ्फ़ कर रही थी. इतने में वो उठे और उन्होंने मम्मी को घोड़ी बना दिया और अपना लंड डालकर चोदने लगे. मम्मी पूरे मजे से अपनी चूत सहला रही थी और अंकल अब बहुत थक गये थे और लेट गये.
फिर मम्मी अंकल के ऊपर आ गई और अपनी चूत को उनके लंड से रगड़ने लगी. अंकल कराह रहे थे और भाभी आह्ह्ह. फिर मम्मी झड़ गई, लेकिन अंकल नहीं झड़े थे तो उन्होंने मेरी माँ से अपना लंड चूसने को कहा. फिर मम्मी ने अंकल का लंड चूसा और उसके बाद ना जाने कब मुझे नींद आ गई, लेकिन जब में सुबह उठा तो अंकल और मम्मी दोनों नंगे सो रहे थे. अंकल का लंड मम्मी की गांड की तरफ छोटा सा हुआ पड़ा था. तभी 6:30 बजे का अलार्म बजा तो मम्मी उठ गई और उन्होंने मेरी तरफ देखा, में फिर से अंकल से बोलकर उठा और हमने बाहर से नाश्ता मंगवाया, मैंने नाश्ता किया और फिर में पेपर देने चला गया, लेकिन तब तक अंकल वहीं पर थे. दोस्तों यह थी मेरी माँ की चुदाई की कहानी.
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दोस्त की गर्लफ्रेंड की गांड फाड़ी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहित है और में हरियाणा का रहने वाला हूँ, लेकिन अभी में इस समय चेन्नई में रहकर नौकरी कर रहा हूँ. दोस्तों यह मेरी आज की कहानी मेरी और मेरी एक बहुत अच्छी दोस्त जानवी के बीच हुए सेक्स की एक सच्ची दास्तान है. दोस्तों जानवी दिखने में थोड़ी मोटी है, उसके फिगर का साईज 38-34-40 है और उसकी जांघे भी थोड़ी भारी है, वो दिखने में बिल्कुल गोरी है और में उसके सामने पतला लगता हूँ. दोस्तों अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों यह तब की बात है जब में मेरे इंजिनियरिंग के 4th साल में यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा था और में उस समय अपने कॉलेज में एक योगा वर्क शॉप का ऑर्गनाइज़र भी था और उस वर्कशॉप के लिए जानवी जब आई तो मैंने उसे देखा तो वो दिखने में बहुत सुंदर लग रही थी और उसने अपने हाथों और पैरों में लाल कलर की नेल पोलिश लगाई हुई थी और उसने एक पंजाबी सलवार सूट पहना हुआ था, वो उस समय पूरी वर्कशॉप में बहुत सुंदर दिख रही थी, लेकिन मेरी उससे कुछ बात नहीं हुई और उस वर्कशॉप के आखरी में हमने एक छोटी सी पार्टी रखी और जिसमें सभी लोग सिर्फ़ अपने जोड़े से वहां पर आना था.
फिर में अपनी गर्लफ्रेंड के साथ वहां पर चला गया, लेकिन वो अपने किसी दोस्त के साथ आई हुई थी जो उसका बॉयफ्रेंड नहीं था. वो पार्टी के आखरी में वो उदास खड़ी हुई थी. फिर मैंने उससे बात शुरू करने के लिए वैसे ही पूछा कि वर्कशॉप कैसी लगी और तुम ऐसे उदास क्यों खड़ी हुई हो? तो उसने मुझे बताया कि उसके बॉयफ्रेंड को यहाँ पर आना था, लेकिन वो नहीं आया तो इसलिए वो इतनी उदास है.
फिर मैंने उससे मुस्कुराकर कहा कि कोई बात नहीं हम है ना और फिर वो मेरी यह बात सुनकर हंस गई और वो बस मुझसे मेरा नाम पूछकर हंसकर चली गयी. फिर उसी रात मैंने उसे फ़ेसबुक पर अपना दोस्त बनने का आग्रह भेजा और फिर हमारी चेटिंग शुरू हुई और पहले ही दिन में मैंने उससे कह दिया कि वो बहुत सुंदर है और फिर उसने कहा कि नहीं यार में बहुत मोटी हूँ. फिर मैंने कहा कि मुझे मोटी लड़कियाँ पसंद है तो वो अब मेरी सभी बातों को मज़ाक समझने लगी और मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछने लगी तो मैंने उसे बता दिया कि हम बस सिर्फ एक बहुत अच्छे दोस्त है और इससे ज़्यादा हमारे बीच में कुछ नहीं है.
फिर मैंने उससे पूछा तो उसने मुझे बताया कि उसके बॉयफ्रेंड का नाम दीपेश है. फिर मैंने उससे कहा कि क्या में तुमसे एक दोस्त बनकर एक सवाल पूछ सकता हूँ? तो उसने मुझसे तुरंत हाँ कहा. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या तुमने कभी किसी को किस किया है तो मुझे लगा कि वो जवाब नहीं देगी, लेकिन दोस्तों वो तो एकदम खुले दिमाग़ की थी और फिर उसने कुछ देर बाद कहा कि हाँ किया है.
फिर मैंने सोचा कि इससे अब और कुछ पूछता हूँ और अब तो मेरे पूछने पर उसने मुझे यह भी बता दिया कि उसने बहुत बार सेक्स भी किया है और वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ महीने में एक बार ज़रूर करती है. फिर मैंने उससे सब कुछ विस्तार में पूछना शुरू किया कि उसका बॉयफ्रेंड उसकी चूत चाटता है या नहीं और अब तक किस किस पोज़िशन में उन्होने चुदाई की है और उससे पूछते पूछते मैंने भी उसे बता दिया कि मुझे चूत चाटना और गांड को किस करना बहुत अच्छा लगता है. फिर उसने मज़ाक में मुझसे कहा कि कभी मुझे अपनी चूत को ठंडी करनी होगी तो में तुमसे करवा लूँगी और फिर मैंने बहुत खुश होकर उससे हाँ कह दिया.
फिर मैंने सोच लिया कि में अपने कॉलेज से जाने से पहले एक बार इसे जरुर चोदकर जाऊंगा और में हमेशा उसे बातों ही बातों में बोलने लगा कि प्लीज मुझे भी कभी मौका दे दो ना और मेरे बहुत बोलने के बाद वो एक दिन मुझसे एक पार्क में मिलने आई और फिर मुझसे कहा कि में कुछ नहीं करने दूँगी.
फिर मैंने उससे कहा कि मैंने बस उसे यहाँ पर बात करने के लिए बुलाया है और अब में उसका हाथ पकड़कर बैठा रहा और बातों में उससे यही पूछता रहा कि उसे क्या क्या करने में मज़ा आता है? वो मुझसे बहुत खुलकर बातें कर रही थी, लेकिन अब उसकी सांसे थोड़ी थोड़ी तेज़ हो गई थी. फिर मैंने उससे कहा कि क्या हुआ? तो वो मुझसे कुछ नहीं ऐसी बातें ना कर और शरमा गई, अब में समझ गया कि लोहा गरम होने लगा है तो बातों में मैंने उससे कहा कि चल आजा नाईट पर चलते है. फिर वो कहने लगी कि नहीं तेरे इरादे कुछ ठीक नहीं है. फिर मैंने कहा कि तू भी तो अब यही चाहती है और वो शरमा गई और मुझसे कहने लगी कि उसके होस्टल का टाईम हो रहा है और फिर जाने लगी.
फिर मैंने उससे पीछे से पूछा कि यार क्या में आज नाईट में आ जाऊँ? वो हंसकर जीभ दिखाकर चली गई और रात को जब मैंने उसे फोन किया तो मैंने वही बात की और वो मुझसे कहने लगी कि नहीं मेरा बॉयफ्रेंड तेरा भी दोस्त है तो यह सब तेरे साथ नहीं. फिर मैंने उससे बोला कि यार बस एक बार उसे भूलकर खुद के लिए जी और अब में उसे भावुक करने लगा और उससे कहने लगा कि तू मुझे अपना दोस्त नहीं मानती.
मैंने उससे और भी बहुत कुछ कहा और बहुत देर तक मनाने के बाद उसने कहा कि ठीक है, लेकिन तुम मुझे छूना भी नहीं. फिर मैंने हाँ बोल दिया और मन ही मन सोचने लगा कि में तुम्हे छू तो जरुर लूँगा और फिर हमने प्लान बनाया कि अगले सप्ताह से होली की छुट्टियाँ शुरू है और जो कि 6 दिन की है तो हम एक दिन नाईट में साथ में रहेगे और उसके बाद में अपने अपने घर पर चले जाएँगे और फिर उसने मुझसे कहा कि यह बात किसी और को मत बताना.
मैंने ठीक है कहा और उस दिन का इंतजार करने लगा और बहुत मुश्किल से मैंने पांच सेक्स की गोलियां खरीदी और उसे वोड्का पसंद थी तो मैंने वो भी ले ली और उसने मुझे शाम के 7 बजे मेरी बाईक लेकर अपने होस्टल के बाहर बुलाया और कहा कि तुम हेलमेट पहनकर आना ताकि कोई तुम्हे पहचाने नहीं और वो खुद भी अपना मुहं एक कपड़े से ढककर आई और पास में ही एक पुराना होटल था और जहाँ पर मैंने एक रूम बुक किया हुआ था, वहाँ पर हमने एक भाई बहन बनकर प्रवेश किया और फिर अपने रूम में गये और उसने अपने मुहं से कपड़ा हठाया तो मैंने देखा कि वो लाल रंग की लिपस्टिक लगाकर आई हुई थी और जो बहुत मस्त लग रही थी.
मैंने उससे कहा कि में बाहर से खाना लेकर आता हूँ और वो मेरा इंतजार करे. फिर में खाना लाने चला गया तो मैंने एक कामसूत्र का हनिमून पेक ले लिया और रूम में आ गया, में रूम में घुसा तो मैंने देखा कि उसने अपने कपड़े बदलकर नाईट सूट पहन लिया है और वो अपने फोन पर बॉयफ्रेंड से बात कर रही ही और नाईट सूट में उसने एक गहरे गले का टॉप पहना हुआ था और जिसमें से उसकी छाती साफ साफ नजर आ रही थी और एक टाईट केफ्री पहनी हुई थी और उस केफ्री में से उसके पैर बहुत भारी और सुडोल लग रहे थे. उसने फोन रखते हुए उससे कहा कि ठीक है बाद में बात करती हूँ. फिर मैंने उससे कहा कि अब में भी कपड़े बदल लेता हूँ और फिर हम साथ में खाना खाएगें.
फिर मैंने उससे पूछा कि तुम्हे कोई दिक्कत तो नहीं है मेरे नाईट सूट से और फिर मैंने उसे एक शर्ट दिखाई जिसको देखकर वो हंस पड़ी और बोली कि कोई समस्या नहीं है और अब में बाथरूम में चला गया और में अपनी अंडरवियर को भी उतारकर सिर्फ़ शर्ट में बाहर आ गया और फिर हमने वोड्का के साथ खाना खाना शुरू किया. तभी उसका कोई फोन आया और जब वो बात करने उठकर चली गई तो मैंने चुपके से उसकी वोड्का में तीन सेक्स की गोलियों को डाल दिया और मैंने खुद भी दो गोलियां खा ली.
मैंने उसके आने से पहले खाना खा लिया था, लेकिन ड्रिंक पूरी नहीं पी थी और जब उसने खाना खत्म किया था. फिर उसे थोड़ा नशा होने लगा और वो मेरे साथ बेड पर बैठ गई और तभी मैंने एकदम से अपना पूरा ड्रिंक खत्म किया और उसके कंधे पर हाथ रख दिया. अब उसने मुझसे बिना कुछ कहे मेरे कंधे पर अपना सर रख दिया और मुझसे बातें करने लगी और बातों ही बातों में वो मेरी जांघ पर हाथ चलाने लगी और मेरी तरफ गिरने लगी और अब मुझ पर भी उस गोली का असर हो रहा था और अब तक मेरा लंड तनकर खड़ा हो चुका था.
फिर मैंने उसका चेहरा उठाया और उसे एक ज़ोर से किस किया, लेकिन उसने मुझसे कुछ ना कहकर मेरा साथ दिया और वो भी अब बहुत मदहोश हो चुकी थी और किस करते मैंने उसके टॉप में हाथ डाला तो मैंने महसूस किया कि उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी और अब में उसके बूब्स और कमर की मसाज करने लगा, क्योंकि बहुत जोश में था तो इसलिए वो भी मेरी कमर पर नाख़ून गड़ाने लगी और खुद को मुझ पर दबाने लगी और अब वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी और हम करीब बीस मिनट किस करके अलग हुए तो हम दोनों पूरे पसीने में भीगे हुए थे.
फिर मैंने तुरंत उसकी टी-शर्ट और केफ्री को उतार दिया और वो बस अब मेरे सामने नीले कलर की पेंटी में थी और उसके वो गोरे गोरे बड़े बूब्स बहुत ही सुंदर लग रहे थे. अब उसने भी मेरे कपड़े उतार दिए और वो मेरा लंड देखकर डर गई, क्योंकि दोस्तों मेरा लंड करीब 6.5 इंच का है, लेकिन उसने आज पहली बार इतना बड़ा लंड देखा था, क्योंकि उसके बॉयफ्रेंड का लंड बस 4 इंच था तो इसलिए उसने मुझसे कहा कि प्लीज थोडा आराम से करना, में वर्जिन नहीं हूँ, लेकिन फिर भी तुम्हारा इतना बड़ा लंड लेना मेरे लिए बहुत मुश्किल होगा.
फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसके पैरों से किस करना शुरू किया और धीरे धीरे ऊपर बढ़ने लगा और उसके पैरों को किस करने के बाद मैंने उसकी जांघो को किस किया और फिर में जानबूझ कर उसकी चूत को अनदेखा करके ऊपर की तरफ बड़ता गया तो मैंने देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. उसे यह बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा और में उसे चिढ़ाने के लिए उसकी नाभि और पेट को किस करने लगा और फिर थोड़ा ऊपर आकर मैंने उसे बूब्स चूसने शुरू किए.
फिर उसने चीखना चिल्लाना शुरू किया, आआहह उह्ह्ह हाँ और ज़ोर से रोहित ज़ोर से मज़ा आ रहा है साले, कुत्ते, हरामी. फिर उसके मुहं से गाली सुनकर में और गरम हुआ और उसके निप्पल को तेज़ तेज़ काटने लगा और कुछ देर बूब्स को चूसने के बाद एकदम से उसने मेरे बाल पकड़कर खींचे और मुझसे कहा कि मेरी चूत अब बहुत जोश में है और वो बहुत गीली हो गई है प्लीज उसे थोड़ा अच्छे से चाट यार और अब में उसकी चूत को हल्के हल्के अपनी उंगलियों से चोदने लगा.
फिर वो अब और भी बहुत गरम हो हुई और फिर वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज रोहित प्लीज और ज़ोर से चाटो. फिर में उसकी चूत को चाटने लगा और वो तो बस जैसे बिल्कुल पागल हो गई और भी तेज़ मोन करने लगी और अपने निप्पल को दबाने लगी, उसने अपनी मोटी भारी जांघ से मेरे मुहं को अपनी चूत पर दबाना शुरू कर दिया और अब मुझे थोड़ा सांस लेने में मुश्किल हो रही थी तो में और तेज़ तेज़ चूसने लगा. तभी एकदम से उसने अपनी कमर उठाई और तेज़ी से चिल्लाई और झड़ गई.
फिर मैंने उसकी चूत का पानी चखकर देखा तो वो बहुत ही स्वादिष्ट था और कुछ देर बाद उसकी चूत चाटने के बाद मैंने उससे अपना लंड चूसने को कहा. फिर वो मेरे लंड को एक रंडी की तरह चूसने लगी और में दस मिनट में झड़ गया, लेकिन तब तक उसकी चूत फिर से चुदने के लिए तैयार थी. मैंने फिर से उसकी चूत को चटना शुरू कर दिया और दस मिनट के बाद मेरा लंड खड़ा देख जानवी ने मुझसे कहा कि प्लीज बस करो अपना लंड जल्दी से मेरी चूत के अंदर डाल दो यार, मुझे और ना तड़पाओ.
अब में अपने लंड का टोपा उसकी गीली कामुक चूत के मुहं पर रगड़ने लगा और लंड को हल्का सा अंदर धकेलकर उसे चोदने लगा, लेकिन अब वो बहुत बैचेन हो रही थी और वो अपनी कमर को उठाकर लंड को अंदर लेने की कोशिश करती, लेकिन मैंने लंड को अंदर नहीं डाला. फिर वो मुझसे अब बहुत गुस्से में कहने लगी कि साले, हरामखोर, कुत्ते अब इसे अंदर डाल भी दे, क्या सिर्फ बाहर से रगड़कर पूरे मज़े लेगा? फिर मैंने उसके मुहं से यह बात सुनते ही एक झटके में लंड को उसकी चूत में पूरा अंदर डाल दिया और लंड भी बिना किसी दिक्क्त के फिसलता हुआ उसकी चिकनी चूत में घुस गया तो मैंने महसूस किया कि उसकी चूत टाईट नहीं थी, क्योंकि वो पहले भी कई बार अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स कर चुकी थी.
फिर में उसे तेज़ तेज़ झटके मारने लगा और चोदने लगा और वो तेज़ आवाज़ करने लगी, करीब बीस मिनट चुदाई करने के बाद में झड़ने वाला था और वो दो बार झड़ चुकी थी. फिर मैंने बिना सोचे समझे उसकी चूत में ही वीर्य छोड़ दिया. फिर थोड़ी देर रुककर हमने उस रात चार बार और चुदाई की और फिर बिना कपड़ो के ही एक दूसरे से चिपककर सो गये. फिर जब हम उठे तो मैंने देखा कि सुबह के 6 बज गये है और तब तक हम दोनों की दारू उतर चुकी थी और वो बिल्कुल भी नहीं समझ पा रही थी कि यह सब कैसे हुआ? लेकिन वो हमारी रात भर की चुदाई से बहुत खुश थी, बस उसको इस बात का डर था कि उसके बॉयफ्रेंड को कोई ना बता दे.
फिर मैंने उससे वादा किया कि में कभी किसी को नहीं बताऊंगा और फिर वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गई. फिर मैंने मौका देखकर उससे कहा कि क्यों एक बार और चुदाई हो जाए? तो वो कहती है कि हाँ ठीक है, लेकिन पहले हम नहा लेते है और हम एक साथ नहाए और एक दूसरे को नहाते हुए हमने किस और सक किया.
फिर नहाकर में बाहर से हमारे लिए नाश्ता लेकर आ गया. उसके बाद हमने पूरे नंगे रहकर ही नाश्ता किया और बीच बीच में वो अपने बूब्स पर जेम लगाती और में उसे तुरंत चाट लेता. फिर में अपने लंड पर जेम लगाता और वो चाटती. फिर नाश्ता करने के बाद मैंने उससे कहा कि प्लीज मुझे एक एक बार तुम्हारी चूत और गांड मारनी है. फिर वो मुझसे कहने लगी कि ठीक है, लेकिन गांड में थोड़ा आराम से, क्योंकि यह मेरी गांड की पहली बार चुदाई होगी.
फिर मैंने हाँ कहा और में अब मन ही मन बहुत खुश हो गया और उस पर टूट पड़ा और उसने मेरा लंड पकड़ा और में उसे किस करने लगा, थोड़ी देर बाद मैंने उसको घोड़ी बनाकर उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और तेज़ धक्के देकर चोदने लगा, बीस मिनट बाद में अब झड़ने वाला था तो मैंने झट से अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसे किस करने लगा. फिर मैंने उससे कहा कि अब गांड की बारी है तो मुझसे वो कहने लगी कि प्लीज थोड़ा आराम से डालना यार. फिर मैंने उससे कहा कि कोई टेंशन वाली बात नहीं जानेमन, अब में उसकी गांड के छेद में अपना लंड डालने लगा, लेकिन बहुत कोशिश करने पर भी लंड अंदर नहीं जा रहा था.
फिर मैंने थोड़ी देर बाद उसकी गांड पर बहुत सारा थूक लगाकर अपनी ऊँगली को अंदर बाहर किया. फिर जब छेद थोड़ा ढीला हुआ तो मैंने लंड को फिर से अंदर डालने की कोशिश की और उसे अब थोड़ा थोड़ा सा दर्द हो रहा था, लेकिन मैंने उसे किस करते हुए एक ज़ोर का झटका मारा और फिर आधा लंड अंदर चला, उसने मेरी कमर पर नाख़ून गड़ा दिए और उसने ज़ोर से चिल्लाने की कोशिश की, लेकिन मैंने उसके होंठो को अपने होंठो से बंद कर लिए और वो मुझे पीछे धकेलने लगी, लेकिन में नहीं माना और बहुत धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा.
फिर कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो अपनी गांड को उठा उठाकर लंड को पूरा अंदर लेने लगी और कहने लगी हाँ और ज़ोर से डाल, आज से में तेरी रंडी हूँ, हाँ और ज़ोर से चोद मुझे उह्ह्हह्ह आईईई. अब में लगातार ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा, लेकिन अब भी मैंने महसूस किया कि उसकी गांड का छेद बहुत टाईट था तो मुझे लंड को अंदर घुसाने में बहुत ताकत लगानी पड़ी और अब मुझसे भी ज़्यादा समय रहा नहीं गया और 25 मिनट में मेरा वीर्य निकल गया और अब उसकी गांड से मेरा वीर्य बूंद बूंद करके टपक रहा था.
फिर हम दोनों ऐसे ही थोड़ी देर लेटे रहे और वापस जाने को तैयार होने लगे. मैंने देखा कि उसे चलने में थोड़ी मुश्किल हो रही थी और मुझे भी इतनी चुदाई के बाद अपने लंड में थोड़ा दर्द हो रहा था. फिर उसने मुझे उसके होस्टल तक छोड़ने को कहा और में उसे छोड़कर वहीं वापस होटल में आ गया और उसकी चुदाई को सोचने लगा. दोस्तों उसके बाद मैंने उसको कहीं बार चोदा.
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