बदले और प्यार का मायाजाल

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम नेहा है और में 32 साल की हूँ और में हाउस वाईफ हूँ. यह मेरी पहली कहानी है और यहाँ में मेरे साथ हुए अजीब सेक्स अनुभव को शेयर करना चाहती हूँ. ये 6 साल पहले की बात है, जब मैंने पहली बार सेक्स का अनुभव किया था. आपको यह अजीब लगेगा कि मैंने कॉलेज के समय में सेक्स नहीं किया था और ना ही कॉलेज के बाद किया था और में ये चाहती थी कि मेरा पहला सेक्स मेरे पति के साथ सुहागरात में ही करूँ. मेरा पहला सेक्स सुहागरात के दिन ही हुआ, लेकिन मेरे पति के साथ नहीं हुआ और यही ये कहानी है जो में आपको बताने जा रही हूँ.
मेरी शादी 6 साल पहले अमित से तय हुई और में बहुत खुश थी, अमित एक कंपनी में काम करते थे और काफ़ी अच्छी पोस्ट पर थे, लेकिन सब कुछ ठीक नहीं था. फिर सगाई हो जाने के 2 हफ्ते के बाद मुझे एक आदमी का फोन आया, उसने अपना नाम निखिल बताया और कहा कि अमित का और खुद का अच्छा चाहती हो तो कॉफी शॉप में मिलो.
फिर मैंने सोचा कि किसी को बता दूँ, लेकिन पहले मैंने यह तय किया कि पता तो चले कि ये कौन है? में डरपोक इंसान नहीं और मिलना भी तो कॉफी शॉप में ही था और आख़िर बात शादी की थी, तो मैंने बिना डरे उससे मिलने के लिए हाँ बोल दिया. फिर में निखिल नाम के लड़के से मिली. वो मुझसे उम्र में बड़ा था, लेकिन वो चेहरे से ही नाराज़ इंसान लग रहा था.
मैंने उससे पूछा कि आप कौन है और क्या बात है? फिर निखिल ने बताया कि वो अमित को जानता है और अमित उसके और उसकी पत्नी प्रिया के तलाक की वजह बना हुआ है. ख़ैर तलाक तो तय ही था, लेकिन निखिल चाहता था कि उसके दोनों बच्चे उसके पास ही रहे, वो उसकी पत्नी के पास नहीं रहे. इन सब में मेरे मन में ये डर सताने लगा कि अमित मुझे छोड़ ना दे या फिर बाद में कोई प्रोब्लम ना हो.
फिर मैंने निखिल से कहा कि में पता करुँगी और अगर अमित किसी और के साथ खुश है तो अच्छा होता कि वो मुझे बता देता तो निखिल ने मुझे बीच में ही रोका और कहा अमित मेरी बीवी से प्यार नहीं करता है, वो और मेरी बीवी मिलकर एक प्राइवेट कंपनी में स्कीम कर रहे है और इस वजह से उनका अफेयर था. फिर बाद में काफ़ी पैसा जमा करके मेरी बीवी ने एक अमीर लड़के को फँसा लिया है, अब वो अमित के साथ भी नहीं है. फिर मैंने निखिल से कहा जो भी है, लेकिन तुम क्या चाहते हो?
फिर निखिल ने कहा पहले तुम पता कर लो कि जो मैंने कहा वो सच है या नहीं और ये मेरी बीवी ने अमित के साथ प्राइवेट टाईम के फोटो संभाल कर रखे थे, जिनकी मैंने कॉपी बनवा ली थी, जिससे मुझे उससे अलग होने मे मदद मिले. तुम अमित से पूछ लेना और जो भी तय करो वो मुझे ज़रूर बताना, ठीक है और में 2 दिन के बाद फिर कॉल करूँगा. फिर वो चला गया और मैंने शाम को अमित को कॉल किया तो हमेशा की तरह वो फ्लर्ट और प्यार की ही बातें हुई.
फिर मैंने उससे मिलने को बोला तो हम रात को मॉल में मिले. फिर मैंने अमित को बताया कि मुझे एक मैल मिला है, पता नहीं किसका है? लेकिन उसमें तुम्हारी और किसी और औरत की फोटो है. फिर मैंने वो फोटो अमित को दिखा दी. वो फोटो देखकर अमित थोड़ा हैरान हो गया. फिर उसने कहा ये प्रिया थी जो उसके साथ ऑफिस में थी और अमित ने बताया कि उसका उससे एक नॉर्मल अफेयर हो गया था. फिर मैंने ज़ोर देकर पूछा कि तुमने कंपनी में कोई ग़लत काम किया था?
फिर अमित ने कहा आज कल कौन नहीं करता? बस इन सब से दूर एक बार हम ऑस्ट्रेलिया सेट्ल हो जाए. फिर अमित ने कहा सच कहता हूँ और वो अफेयर हो गया था, लेकिन सगाई के बाद मेरा किसी के साथ कोई रिश्ता नहीं है, तुम चाहो तो कॉल चेक कर लो या फिर मैल चेक कर लो, आख़िर में 28 साल का हूँ यार समझा करो, सेक्स ना किया हो ऐसा तो हो नहीं सकता है.
एक तरह से अमित सही था, उसने मुझे सगाई के वक्त भी बताया था कि उसके सम्बन्ध थे और कहा था कि अगर मेरे सम्बन्ध है तब भी उसे कोई प्रोब्लम नहीं थी, हम दोनों चाहते थे की शादी के बाद हमारे किसी और के रिश्ते बर्दाश्त नहीं होंगे. फिर 2 दिन के बाद निखिल का कॉल आया और हम फिर से मिले, मैंने कहा अमित ने मुझे सब बता दिया, लेकिन वो उसका गुजरा हुआ कल था और इतना कह कर में जाने लगी तो निखिल ने कहा कि वो गुजरा हुआ कल अभी ख़त्म नहीं हुआ और ना ही वो गुजरा हुआ कल ऐसा था जिसे में भूल सकूँ, मेरी पूरी फैमिली ख़त्म होने पर है. तो मैंने कहा कि मुझे दुख है, लेकिन में कुछ नहीं कर सकती.
फिर उसने कहा एक सी.डी को देख लो, तो मैंने निखिल से कहा कि अगर अमित और प्रिया की किसी मूवमेंट की सी.डी है तो मुझे नहीं देखनी, वो उसका गुजरा हुआ कल था. फिर निखिल ने कहा सी.डी तो अमित और प्रिया की ही है, लेकिन प्राइवेट मूवमेंट की नहीं, स्कीम की है, अब में चौक गयी. फिर मैंने देखा तो पाया कि अमित ने काफ़ी बड़ी रकम में घोटाला किया था.
फिर मैंने गुस्से में निखिल से कहा कि तुम मुझे ब्लेकमैल नहीं कर सकते. तो निखिल ने कहा कि में ब्लेकमैल नहीं करता और ना ही चाहता हूँ, मुझे तो बस एक सौदा करना है. फिर मैंने निखिल से पूछा तुम क्या चाहते हो? तो निखिल ने कहा कि साफ बात है, ये बात मेरे क़ब्ज़े में है और अगर ये सी.डी प्राइवेट कंपनी के पास पहुँची तो उसकी जिंदगी तो ख़त्म समझो, क्योंकि प्राइवेट कंपनी कैसे भी करके वो पैसे निकलवा ही लेगी और वो जैल की हवा खिलाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
में चाहू तो उनके साथ भी डील कर सकता हूँ, लेकिन इससे मेरा बदला पूरा नहीं होगा, मुझे 2 बातें चाहिए, पहली ये कि अमित के साथ मेरी मारपीट हो चुकी थी और इस वजह से निखिल पर केस था, उसकी वजह से उसे बाहर का वीजा होने के बावजूद उसे जॉब नहीं मिल पा रही थी, तो वो केस हटवाओ और दूसरी बात शादी करने के बाद सुहागरात तुम मेरे साथ मनाओगी, तो में चौक गयी. फिर मैंने कहा तुम ऐसा सोच भी कैसे सकते हो कि में मान जाउंगी? तो निखिल ने कहा कि मुझे पता है तुम्हारे पास और कोई रास्ता भी नहीं है. तेरी बड़ी बहन जो अपने ससुराल से वापस आई है, उसकी भी तो निखिल के घर में किसी बड़े इंसान से शादी हो रही है ना? तो शादी तो सिर्फ़ उसकी भी नहीं टूटेगी और वैसे तुम्हारी भी नहीं टूटेगी.
फिर मैंने निखिल से कहा कि तुम्हारे ऊपर से केस हट जायेगा और तुम्हें क्या चाहिए? मेरी ज़िंदगी क्यों दाव पर लगा रहे हो? तो निखिल ने कहा कि सही सवाल पूछा, तू खूबसूरत है, लेकिन बाज़ार में नई से लेकर पुरानी रंडीयों की कमी नहीं है, लेकिन अमित के वकील के कहने पर तलाक के केस में प्रिया ने मुझे नामर्द कहा था और लोग मुझ पर हँसते थे और 2 बच्चो के बाद भी मेरे बच्चे किसी और की औलाद की गालियाँ खा रहे थे. में जानता हूँ ये करके में सबका मुँह तो बंद नहीं कर सकता और मुझे परवाह भी नहीं है, मुझे तो बस इतना चाहिए कि कम से कम में जब शीशे में देखूं तो में खुद को नामर्द ना पाउँ और वो तभी होगा जब में बदला पूरा कर लूँ. मेरा वो बदला तब ही पूरा होगा, जब में अमित की बीवी यानी तुम्हें चोदूं और सुहागरात के दिन तुम्हारी चुदाई करूँ, तो मैंने कहा ये नामुमकिन है.
फिर निखिल ने कहा कि ऐसा नहीं है, मैंने पता किया था कि तुम मेडिकल प्रोफेशन से जुड़ी हो और मुझे पता है कि उसे कैसे सुलाना है बाकी बातें तो तुम सोच ही सकती हो और नहीं सोचा तो ख़ैर जैल में जब उससे मिलने जाओ तब सोच लेना और मुझसे डील करनी हो तो मुझे बताना, मुझे कुछ भी ज़ोर जबरदस्ती नहीं चाहिए और में कुछ ज्यादा नहीं माँग रहा हूँ. उसकी बातों से अब में परेशान थी, क्या करूँ कुछ पता नहीं चल रहा था? घर पर बात करने से कोई फ़ायदा नहीं था, लेकिन मैंने शादी को टालने की एक कोशिश भी की, जो नाकाम ही रही, लेकिन कुछ भी तय करने से पहले मुझे सिक्यूरिटी चाहिए थी, फिर मैंने निखिल को कॉल किया और हम उसी कॉफी शॉप में मिले.
फिर मैंने उससे पूछा कि क्या गारंटी है कि तुम मुझे बाद में परेशान नहीं करोंगे? तो उसने कहा कि तुम्हें मुझ पर भरोसा तो करना ही होगा. में यहाँ बैरोजगार बैठा हूँ क्योंकि मुझ पर केस है, अगर में कुछ और ऐसा करता हूँ तो तुम और तुम्हारा परिवार तो मुझे छोड़ेगा ही नहीं, हमने कॉल पर बात की है, और यहाँ इस कॉफी शॉप के सीसी टीवी कैमरे में हम दोनों आ गए है. तुम अगर मुझ पर केस कर दोगी तो में तो बच्चो से भी हाथ धो बैठूँगा और मेरा करियर भी ख़राब हो जायेगा, तो तुम्हें कुछ नहीं खोना सिवाय एक रात के.
फिर मैंने बहुत सोचा और उस सौदे के लिए हाँ कह दी. फिर मैंने कुछ और पेपर इंश्योरेंस माँगे, जो वो देने को तैयार हो गया था. कुछ पेपर्स उसने 2 दिन में मुझे दे भी दिए. फिर मैंने अमित को केस वापस लेने के लिए ये कह कर राजी कर लिया कि हमें भी तो भविष्य में बाहर जाकर सेट होना है और वो मान भी गया. अब सुहागरात की बात जो मेरी सपनों की रात थी, मुझे उसी के बारे में सोचना पड़ रहा था और अच्छे भविष्य के लिए ग़लत काम करना पड़ रहा था. फिर मैंने अमित को एक टूरिस्ट आइसलेंड पर एक फाईव स्टार होटल में हनिमून के लिए राजी कर लिया.
फिर हमारी शादी हुई और अब हम उसी शाम को फ्लाइट पकड़कर हनिमून और सुहागरात के सुनहरे सपनों के साथ निकल आए, हालाँकि में जानती थी कि ये कोई सुहावना सपना नहीं है, ये मेरे लिये हमेशा का दर्द बनने वाला था. अमित को शराब की बहुत बुरी आदत थी और वो जल्दी से उस पर चढ़ जाती थी और आज यही आदत मेरे काम में आने वाली थी.
फिर मैंने फ्लाईट में भी उसे शराब पीने से 2 बार से ज्यादा नहीं रोका. फिर जब हम होटल में गये, तब भी उसने शराब मंगवाई और मैंने उसी शराब में नींद की गोलियां मिला दी थी ताकि वो कम से कम 24 घंटे तक गहरी नींद में सोता रहे, जिससे कि हमारे आने वाले कल पर इस काली रात की कोई छाया ना रहे. अब अमित पहले नशे में और बाद में गहरी नींद में था, अब निखिल उसी शहर में था. फिर मेरे कॉल के बाद वो वहां आ गया.
ये फाईव स्टार होटल था, जिसमें 3 कमरे थे और एक बड़ा हॉल था. फिर मैंने दरवाजा खोला और निखिल अन्दर आ गया, अब अमित विंडोवाले कमरे में था तो मैंने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया और अब में डर रही थी, कि अब क्या होगा? अब निखिल पहले तो मुझे सारे बाकी के पेपर्स और सी.डी और सब कुछ देने को तैयार था और फिर निखिल ने कहा चलो अब मेरी दूसरी माँग पूरी करो.
मैंने कहा हाँ तुम्हें जो करना हो कर लो, फिर निखिल ने कहा ऐसे नहीं मैंने कहा था ना सुहागरात को तुझको चोदना है, पता नहीं तू वर्जिन है या फिर पहले ही किसी का ले चुकी है, लेकिन आज की रात तो तुझे मेरी दुल्हन बनना पड़ेगा और तुम तो नाईट ड्रेस में हो, पहले शादी का जोड़ा पहनो, तभी सारे पेपर और सीडी मिलेगी. अब में अमित की दुल्हन को चोदना चाहता हूँ, उसकी बीवी को नहीं, तो अब मेरे पास कोई रास्ता नहीं था.
फिर मैंने शादी का जोड़ा पहना और सारे पेपर्स और सी.डी को लॉकर में रख दिया. अब हम उस सुहागरात वाले सजाए हुए कमरे में थे. फिर निखिल ने मुझे किस करना शुरू किया. मैंने पहली एक बार कॉलेज में ऐसा किया था और उसके बाद में कभी नहीं किया था, ये सच में बहुत अलग अनुभव था. अब निखिल बहुत जोश मे जीभ से स्मूच कर रहा था.
फिर उसने मेरे पास खड़े होकर कहा कि मेरी पेंट उतारो, अब में थोड़ी सहमी हुई तो पहले से थी. फिर निखिल ने कहा अब कोई और नखरे मत करो दुल्हन से रंडी बनाकर चोदना है. फिर मैंने उसकी पेंट उतारी, उसने अन्दर बॉक्सर पहनी थी, तो मैंने उसे भी उतार दिया और मैंने पहली बार किसी मर्द के लंड को इतने पास से देखा था. में तो उसके काले नाग को देखकर ही डर गयी थी कि अभी इतना बड़ा है तो बाद में कितना बड़ा होगा. अब निखिल ने कहा कि अब शरमाओ मत, आज रात यही तुम्हारी कहानी लिखेगा, इसे अपने मुँह में लो और निखिल ने झट से उसे मेरे मुँह में डाल दिया.
मैंने मेरी लाईफ में पहली बार लंड को चूसा था, उसका काफ़ी बुरा स्वाद था. फिर वो मेरे होंठो पर किस करने लगा. अब में सांस भी नहीं ले पा रही थी, लेकिन उसे दया भी नहीं आ रही थी. अब मेरी आँखो से पानी निकल रहा था और अब निखिल का लंड तनकर 9 इंच का हो गया था, एकदम लम्बा मोटा 9 इंच का आयरन रोड, जिसे देखकर ही मुझे डर लगता था.
अब निखिल मेरे मुँह को अपने मुँह में दबाकर चोद रहा था और मेरी आँखो में से आँसू निकल रहे थे, क्योंकि उस समय में सांस भी नहीं ले पा रही थी और उस वक़्त में शादी के जोड़े में ही थी. अब निखिल ने मेरे गहने उतार दिए, फिर मेरा लहंगा भी निकाल दिया और अब मेरा ब्लाउज भी उतार दिया, अब में ब्लाउज और ब्रा में थी. उस वक़्त लाईट भी चालू थी और निखिल भी नहीं चाहता था कि लाईट बंद करके ये सब हो, अब निखिल पूरा नंगा था और उसकी बॉडी बहुत कसी हुई और टाईट थी.
अब वो मुझे सहमा देखकर हंसने लगा और मुझे पलंग पर धक्का देकर गिरा दिया और खुद मेरे ऊपर चढ़कर उसका 9 इंच का काला नाग मेरे मुँह में घुसा दिया. फिर काफ़ी देर तक मैंने उसके लंड को चूसा, अब वो मेरी ब्रा को फाड़कर खींचने की कोशिश करने लगा. मैंने कहा कि निखिल ऐसा मत करो, में अपने पति को क्या जवाब दूँगी? तो निखिल ने कहा ठीक है, लेकिन एक ही शर्त पर तुम रंडी की तरह चुदवाओ, इस तरह से सब कुछ मुझे ही करना है तो में जैसा चाहूँगा वैसा ही करूँगा.
फिर मैंने पूछा लेकिन कैसे? तो निखिल ने मुझसे कहा कि बोलो में रंडी हूँ, मुझे तुम्हारा लंड चाहिए, मेरी प्यास बुझा दो, ऐसे ही कहो वरना में वही करूँगा और काटूंगा भी. अब मेरे पास और कोई रास्ता नहीं था, तो मैंने पहले कभी ऐसा नहीं बोला था, लेकिन उस रात बहुत कुछ पहली बार ही हो रहा था, तो मैंने वैसा ही किया और कहा कि निखिल मुझे चोदो, में तुम्हारे लंड की प्यासी हूँ और मैंने खुद ब्रा निकाल दी और ब्लाउज भी और पेंटी भी निकाल दी.
अब निखिल तो जैसे खुशी के मारे पागल हो गया था और वो मेरे बूब्स पर टूट ही पड़ा और उन्हें ऐसे मसलने लगा, जैसे वो कई सालों का प्यासा था. फिर मुझे भी अच्छा लगने लगा था. अब मेरे बूब्स के निप्पल टाईट होने लगे थे, फिर निखिल ने कहा कि साली कुत्तिया आज में तेरी चूत को भोसड़ा बनाऊंगा, तेरे पति का लंड तेरी चूत की जगह भरने से कम पड़ जायेगा. अब वो मेरे पूरे बदन को चाटने लगा था और में भी उसका लंड बीच-बीच में चूस लेती थी.
अब उसने मुझे सीधा लेटाया और मेरी चूत को चाटने लगा, अब में भी गर्म हो चुकी थी और मेरी चूत से पानी आने लगा था तो निखिल बोला कि साली तू तो पक्की रंडी बनेगी, अपनी चूत गीली कर ली है, एकदम मुलायम चूत है, कभी लंड नहीं लिया क्या? तो मैंने कहा नहीं कभी नहीं लिया. तो निखिल ख़ुशी से बोला क्या बात है? रानी अब देख में सिर्फ़ अमित की दुल्हन को ही नहीं चोद रहा हूँ, तुझे भी एक लड़की से औरत बना रहा हूँ. मेरे लंड को तू कभी नहीं भूलेगी और उसने उसका 9 इंच का सख्त लंड मेरी चूत के आस पास रगड़ना और पीटना शुरू कर दिया. अब वो बार बार अपने लंड को मेरी चूत पर रखता और रगड़कर वापस ले लेता.
अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था तो मैंने कहा कि चोदो मुझे निखिल, तड़पाओ मत, अगर असली मर्द हो तो चोदो मुझे और ये सुनकर निखल ने बिना कंडोम के ही सीधा उसका लंड मेरी चूत में डाल दिया ओहाआआआआआअहह मेरी तो चीख ही निकल गयी और चक्कर आ गये. अब मेरी आँखो के आगे अंधेरा छा गया था, फिर उसने सिर्फ़ एक ही शॉट में काफ़ी ज़ोर से उसका लंड मेरी चूत के अंदर घुसा दिया, तो थोड़ा खून भी बहा, लेकिन वो मुझे जानवरों की तरह ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाते हुए चोदता रहा तो में रो पड़ी, लेकिन उस जानवर को कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था.
फिर कुछ देर तक ऐसे ही चोदने के बाद उसने मुझे वहां छोटी टेबल थी उस पर बैठाया और मेरी चूत में लंड डाल दिया ओहाआहह और फिर उसने मुझे उठा लिया और अब वो मुझे दिवार से चिपका कर खड़े खड़े ही चोद रहा था.
फिर निखिल बोला कि साली रंडी, छिनाल, मादरचोद, तेरी चूत पर मेरे लंड के निशान हमेशा रहेंगे, अब मेरा बदला पूरा हुआ साली रंडी, तू सच में कमाल की है, तेरा पति अब तेरी भोसड़ी चोदेगा, आज में तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा. अब उसने मुझे बेड पर उल्टा करके सुला दिया और उसका लंड मेरी गांड में डालने की कोशिश करने लगा, तो मैंने कहा नहीं निखिल, तो निखिल बीच में ही रुका और कहा कि में तेरे पति के लिए एक भी छेद वर्जिन नहीं छोड़ना चाहता हूँ. अब में कुछ बोल पाती उसके पहले ही उसने लंड दे दिया मईईईई में मर गयययययी, अब मेरा दर्द बर्दाश्त से बाहर था. अब वो मुझे काफ़ी देर तक चोदता रहा और बाद में सारा रस उसने मेरे मुँह में डाल दिया.
उस रात उसने मुझे 2 बार फिर से अलग-अलग तरह से चोदा. फिर वो सुबह निकल गया, लेकिन मेरे पति को होश नहीं आया, फिर मैंने अपने आपको संभाला और रूम सर्विस से डॉक्टर बुलाया और मैंने मेरे पति को जगाया.
अब वो सोचते थे कि ये ज़्यादा पी लेने का असर था और में भी फूट फूट कर रो पड़ी और कहा तुम्हें पता है मुझे तुम्हारे कारण क्या महसूस हुआ? और वो भी सच मान गये और बार बार सॉरी कहने लगे. वैसे में सच में रो रही थी, लेकिन कारण वो नहीं था, जो मेरे पति समझते थे और उसके बाद निखिल ने कभी मुझसे सम्पर्क नहीं किया. फिर कुछ दिन पहले ही एयरपोर्ट पर मैंने निखिल को देखा, लेकिन में बिल्कुल नहीं डरी और ना ही मुँह फेरा, क्योंकि मैंने कुछ ग़लत नहीं किया था. लेकिन वो मुझसे नज़ारे चुरा रहा था और साफ था कि उसे भी पता है कि ग़लती किसकी थी, लेकिन अब में और मेरा परिवार सुरक्षित है और में अपने पति के साथ खुश भी हूँ.
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विधवा आंटी के साथ मस्ती

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम बंटी है और मेरी उम्र 25 साल है. में दिखने में थोड़ा बहुत सुंदर हूँ और में इस साईट का बहुत पुराना रीडर हूँ और मैंने इसकी लगभग सभी कहानियां पढ़ी है. ये घटना मेरे साथ 2 महीने पहले घटी है. में अमरावती (महाराष्ट्र) में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूँ और अभी तो में IIIrd ईयर में हूँ और मुझे सभी लड़कियों की तरफ पहले से ही बहुत ज़्यादा लगाव रहा है. ये मेरी पहली और रियल स्टोरी है और अगर मुझसे कोई गलती हो गयी हो तो प्लीज मुझे माफ़ कर देना तो अब में आप सबको ज़्यादा बोर ना करते हुए सीधे अपनी स्टोरी पर आता हूँ.
अब यहाँ मेरे अंकल भी रहते थे, जिनके यहाँ में अक्सर जाया करता था. उनके घर में वो, उनकी पत्नी और उनकी एक बेटी जो कि 19 साल की है और उनका एक बेटा जो कि 18 साल का है वो रहते है. अंकल की उम्र कोई 54 साल की होगी और उनकी पत्नी की उम्र कुछ 48 साल होगी. अंकल बहुत ज़्यादा शराब पीते थे तो उनको केंसर हो गया था और उसके चलते उनकी 1 साल पहले मौत हो गयी. अब उनकी मौत होने के बाद उनका घर जैसे बहुत ही प्रोब्लम में चलने लगा था. अब में सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ.
ये बात 2 महीने पहले की है, में ऐसे ही मिलने आंटी के घर पर गया था तो आंटी मुझे देखकर बहुत खुश हुई और जैसे कि हर बार होती है, क्योंकि में उन्हें बहुत हँसाता हूँ. शनिवार का दिन था तो आंटी ने मुझसे कहा कि आज रात का खाना यहीं खा लेना और आज रात यहीं रुक जाना तो मैंने भी हाँ कर दी. मेरे दिमाग़ में आज तक उनके बारे में ग़लत ख्याल नहीं आया था और में उनकी बहुत इज्जत करता था.
फिर हमने साथ में मिलकर खाना खाया और आंटी की बेटी का सलेक्शन पुणे में इंजीनियरिंग के लिए हुआ था तो वो घर पर नहीं थी. वहाँ सिर्फ़ वो और उनका लड़का ही था. अब खाना ख़ाने के बाद वो ऊपर के रूम में सोने के लिए चला गया और में और आंटी टी.वी. देखने लगे और बातें करने लगे. अब बातों बातों में हमारा टॉपिक अंकल पर चला गया और आंटी थोड़ी दुखी हो गयी और रोने लगी.
अब में उनके करीब ही बैठा था तो मैंने उनके कंधे पर हाथ रख दिया और उनको समझाने लगा कि जो हो गया वो हो गया उसको याद करके ज़्यादा परेशान मत हो और उनको हँसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन आंटी समझने को बिल्कुल ही तैयार नहीं थी. फिर थोड़ी देर के बाद वो उठी और रोते-रोते अपना चेहरा धोने के लिए बाथरूम की तरफ चली गयी. उस वक़्त रात के 11 बजे थे और अब मुझसे भी रहा नहीं गया और में उनके पास उनको मनाने चला गया. फिर मैंने उनको टावल दिया और टावल देते वक़्त मेरा हाथ उनकी चूची को ग़लती से लग गया, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया.
फिर वो पानी पीने लगी तो में नीचे रखा ग्लास उठाने के लिये झुका तो वो थोड़ा पीछे खिसकी और उनकी गांड से मेरा हाथ टच हो गया. इस बार मेरे दिमाग़ में थोड़ी गंदी सोच आ गयी और मेरा ईमान खराब हो गया. उनका वो टच ही कुछ ऐसा था कि मेरा लंड खड़ा हो गया, तब मैंने जीन्स पहनी थी तो उनको कुछ नहीं लगा. फिर वो शांत हो गयी और मेरे साथ बैठकर फिर से टी.वी. देखने लगी. अब टी.वी. देखते समय में ऊपर वाले कमरे में गया और उनके छोटे लड़के की एक नाईट पेंट पहनकर नीचे चला आया.
अब में फिर से आंटी से बातें करने लगा और थोड़ी ही देर में मैंने उनको अपनी बातों से हंसा दिया और वो नॉर्मल हो गयी. अब वो मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछताछ करने लगी. फिर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनसे पूछ लिया कि अंकल और उनका रिलेशन कैसा था? वग़ैरा वग़ैरा तो वो फिर से दुखी हो गयी. फिर मैंने उनकी जाँघ पर हाथ रख दिया तो वो हैरान हो गयी और मेरी तरफ गुस्सा करके देखने लगी.
फिर मैंने उनकी आँखो में आँखे डालकर उनसे कहा कि में आपकी ज़रूरते समझ सकता हूँ और आपको पिछले 4 साल से वो नहीं मिला है जो हर औरत की ख्वाहिश होती है. अब वो मेरी बात समझ गयी और मेरे गाल पर एक ज़ोर का चाटा मार दिया. फिर मैंने उनसे कहा कि अगर आपकी इच्छा हो तो में वो खुशी आपको देने की कोशिश करूँगा और ये बात किसी को पता भी नहीं चलेगी और घर की बात घर में ही रहेगी. फिर वो बहुत ज़्यादा गुस्सा हो गयी और उन्होंने फिर से मुझे एक और चाटा मारा और गुस्सा होकर ऊपर सोने चली गयी. फिर थोड़ी देर के बाद में भी टी.वी. बंद करके सो गया. फिर करीब आधे घंटे के बाद आंटी फिर से मेरे पास आई और तब में सो गया तो उन्होंने मुझे जगाया और कहा कि ये बात किसी और को मत बताना तो अब में समझ गया कि वो भी गर्म हो चुकी है.
फिर मैंने उसके लिप पर अपने लिप रख दिए और उनकी चूचियां आराम से दबाने लगा, उनकी चूचियां बहुत बड़ी और मुलायम थी. सॉरी दोस्तों में आपको मेरी आंटी के बारे में तो बताना ही भूल गया, वो ज़रा मोटी है और रंग गोरा और उनका फिगर कुछ 38-30-38 है. फिर मैंने उनको बहुत कसकर पकड़ लिया और अपना हाथ उनकी जाँघो पर फैरने लगा और अपना हाथ फैरते फैरते में उनकी चूत को सलवार के ऊपर से ही सहलाने लगा.
फिर थोड़ी देर के बाद वो बहुत गर्म हो गयी और मज़ा लेने लगी. अब में लगातार उनके लिप चूसता रहा और अब वो भी मेरा बहुत साथ दे रही थी. फिर में उनके गले पर अपनी जीभ घुमाने लगा. अब वो बहुत ज़्यादा मचलने लगी और मेरे सर के बालों में अपना हाथ घुमाने लगी. फिर उन्होंने मेरा लंड जो कि पूरी तरह से खड़ा हो चुका था, उसे मेरी नाईट पेंट के ऊपर से ही पकड़कर दबाने लगी और हिलाने लगी. फिर मैंने उनका सलवार निकाल दिया और उनके पेट को चाटने लगा. दोस्तों मुझे औरतों का जिस्म चाटने में बहुत मज़ा आता है.
फिर मैंने अपने थूक से उनके पूरे पेट को गीला कर दिया. फिर उन्होंने मुझे धक्का दिया और अपने से अलग कर दिया और मेरे ऊपर आ गयी और मुझे हग करके मुझे किस करने लगी. फिर उन्होंने मेरा नाईट पेंट निकाल दिया और मेरे लंड को चाटने लगी. दोस्तों अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर वो मेरे लंड को चूसने लगी और अब मुझे वो बहुत ज़्यादा एक्सपर्ट और भूखी लग रही थी, अब वो मेरा मुठ भी मार भी रही थी और मेरा लंड भी चूस रही थी. फिर करीबन 10 मिनट के बाद में उनके मुँह में ही झड़ गया.
फिर मैंने उनको नीचे लेटाया और उनकी ब्रा को खोल दिया और उनकी चूचियों को चूसने लगा. उनके चूचे इतने बड़े थे कि में अपने दोनों हाथों से पकड़-पकड़कर दबा रहा था. अब में उनकी चूचियां करीब 5 मिनट तक चूसता रहा. फिर में थोड़ा नीचे आया और उनकी जाँघो को चाटने लगा. अब वो पूरी तरह से मदहोश हो रही थी, तब मेरा ध्यान उनकी पेंटी पर गया तो वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी, शायद वो झड़ चुकी थी.
फिर मैंने उनकी पेंटी निकाल दी और उनकी चूत को चाटकर साफ करने लगा, लेकिन उनकी चूत की खुशबू सूँघकर में तो जैसे पागल ही हो गया. फिर वो मौन करने लगी और आवाज़े निकालने लगी, आआ सस्सस्स हह ऊऊ ईईसस्सस्स और चाटो प्लीज और अंदर तककककक एयाया हह एयाया हह एयाया हह. अब में उनकी चूत के दाने को चाटने लगा और अब में लगातार उनकी चूत के दाने को चूसने लगा और अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगा. अब तो वो पागल हो रही थी और मेरा सर पकड़कर अपनी चूत पर दबा रही थी. अब में उनकी चूत 15 मिनट तक चाटता रहा.
फिर वो झड़ गयी और में उनकी चूत का पानी पूरा पी गया, वाउ यार क्या टेस्ट था? फिर मैंने उनकी ब्रा से उनकी चूत साफ की तो वो कहने लगी कि अब और मत तड़पाओ प्लीज, अब अपना लंड मेरी चूत में डाल दो प्लीज प्लीज प्लीज.
फिर में उठा और उनके ऊपर आ गया. फिर उन्होंने मेरा लंड अपनी चूत पर सेट किया और कहा कि पहले धीरे धीरे अंदर डालना, क्योंकि मैंने पिछले 4 साल से चुदाई नहीं की है.
फिर मैंने ओके कहा और अपना लंड धीरे-धीरे उनकी चूत में डालने लगा, उनकी चूत बहुत टाईट थी. फिर उन्होंने मुझे रुकने को कहा और अपने मुँह से थोड़ा थूक निकाली और अपनी चूत को गीला कर दिया. फिर मैंने लंड अंदर डालने की कोशिश की तो इस बार मेरा लंड धीरे से उनकी चूत में चला गया, लेकिन वो चिल्ला उठी और अब उनकी आँखो में से आँसू निकल पड़े.
फिर मैंने अपने होंठ उनके होंठ पर रख दिए, ताकि ज़्यादा आवाज़ ना हो. फिर में एकदम धीरे-धीरे अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. फिर करीब 2 मिनट में उनका दर्द थोड़ा कम हुआ और वो मेरी गांड को पकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगी. फिर में समझ गया और मैंने अपनी रफ़्तार तेज़ कर दी और उनकी टाईट चूत को चोदने लगा.
फिर करीब 5 मिनट बाद वो मौन करने लगी आऊऊ ईसस्स्सस्स और करो और करो, चोदो अपनी रांड को, बुझा दो मेरी चार साल की प्यासस्सस और करो प्लीज, चोदो मुझे ययययसस्स्स्स्सस्स. फिर करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद में जब झड़ने वाला था तो में अपना लंड बाहर निकालने लगा, तब आंटी बोली कि अंदर ही छोड़ दे रे तेरा पानी. फिर में उनकी चूत में ही झड़ गया और अब मेरे झड़ते ही वो भी झड़ गयी और अब उनका और मेरा गर्म-गर्म पानी आपस में मिल गया था वाउ यार क्या फीलिंग थी? फिर हम कुछ देर वैसे ही पड़े रहे. फिर हम उठ गये और उस रात हमने फिर से एक बार चुदाई की, तब से जब भी आंटी को मेरी ज़रूरत लगती है में उनके यहाँ चला जाता हूँ. सब लोग जानते है कि हर औरत की कोई ना कोई ख्वाहिश होती है और वो तो उनको पूरी करनी चाहिए, क्योंकि ख्वाहिशे पूरी करने के लिए ही होती है.
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पति ने मुझे नये लंड से चुदवाया

हैल्लो दोस्तों, में ललित आपके लिये एक मस्त कहानी लेकर आया हूँ. दोस्तों उस समय बच्चों की गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थी और में तैयार होकर अपने ऑफिस चला गया, ऑफिस पहुंचने के कुछ देर बाद मेरे पास रोहित का फोन आया जो लखनऊ में रहता है और वो मेरा कज़िन है, मुझसे करीब 10 साल छोटा है. तो वो मुझसे बोला कि ललित भैया कैसे है आप और क्या घर में सब ठीक है? तो मैंने उसको अपना जवाब देते हुए उससे सबका हाल चल पूछा और बोला कि आज मेरी याद कैसे आई?
रोहित मुझसे बोला कि भैया में और सोनिया कुछ दिन दिल्ली घूमने के लिए आ रहे है अगर आपको कोई तकलीफ़ ना हो तो हमें दिल्ली के दर्शन करवा देना क्योंकि सोनिया मुझसे कई बार बोल चुकी है, लेकिन मुझे अपने ऑफिस से छुट्टी नहीं मिलती. तो मैंने कहा कि यह भी कोई पूछने के बात है, इस बहाने से बच्चे भी खुश हो जाएँगे और अभी उनकी छुट्टियाँ भी है इस बहाने से हम सब घूम लेंगे.
फिर हम दोनों ने कुछ देर इधर उधर की बातें करके फोन कट कर दिया और शाम को जब मैंने घर पर आकर प्रिया को बताया कि रोहित और सोनिया दिल्ली घूमने के लिए आ रहे है तो प्रिया मुझसे बोली कि रोहित को हमारी अब याद आई है उसकी शादी को एक साल हो गया है और वैसे भी में उसको कितनी बार बुलाने के लिए फोन कर चुकी हूँ, लेकिन वो हर बार मुझसे आने का वादा करता है, लेकिन कभी आता नहीं है, क्यों वो लोग कब आ रहे है? फिर मैंने कहा कि वो लोग परसो आ जाएँगे और में जाकर उन्हें स्टेशन से लेने चला जाऊंगा.
प्रिया बोली कि हाँ हम उनके लिए कुछ खरीद भी कर लेते है, शादी के बाद पहली बार वो हमारे यहाँ पर आ रहे है. फिर हमारे बीच यह सब बातें चलती रही और फिर में शुक्रवार को उन्हे लेने स्टेशन चला गया, स्टेशन पर रोहित मेरे गले लगा और सोनिया ने मेरे पैर छुए.
मैंने सोनिया से मजाक में हंसकर कहा कि सोनिया तुम मुझे इतनी जल्दी बुजुर्ग मत बनाओ तो हम सब हंसने लगे और घर पर आकर बच्चे भी सोनिया चाची से घुल मिल गये और दो दिन तक हम सबने बहुत मस्ती की एक रात इंडिया गेट घूमने के बाद हम घर पर पहुंचे तो हम सभी बहुत थक चुके थे तो रोहित और सोनिया अपने कमरे में चले गये और हम दोनों और हमारे बच्चे भी अपने अपने रूम में चले आए. फिर कुछ देर लेटकर आराम करने के बाद प्रिया मुझसे कहने लगी कि में उनसे पूछती हूँ कि किसी को कॉफी पीनी है?
मैंने उससे कहा कि क्यों तुम उन्हे परेशान करती हो, पिछली तीन रातों से हम 2 बजे तक जाग रहे है और उनकी शादी को अभी एक साल हुआ है और उनकी अपनी प्राइवेट नाईट लाईफ है, उन्हे भी वो सब मज़े करने दो. प्रिया मेरी यह बात सुनकर हंस पड़ी और वो मुझसे बोली कि हाँ वो सब मुझे भी पता है, लेकिन जिस दिन सोनिया आई थी उसी दिन से उसके पीरियड आ गये थे और आज उसका आखरी दिन है. मैंने पूछा कि प्रिया क्या अभी इन दोनों ने फेमिली प्लान नहीं किया? तो प्रिया बोली कि हाँ सोनिया ने मुझे कल सुबह बताया था कि वो अब प्लान कर रहे है क्योंकि रोहित चाहता था कि एक साल तक सिर्फ़ हम दोनों एक दूसरे को समझे.
फिर मैंने उससे कहा कि इसका मतलब रोहित बहुत समझदार है तो प्रिया ने मेरी चुटकी ली और बोली कि हाँ तुम्हारे परिवार में सारे मर्द समझदार है और फिर हम दोनों हंसने लगे. फिर प्रिया उनसे कॉफी के लिए पूछने उनके रूम की तरफ चली गयी और वो करीब 10 मिनट के बाद आई तो वो मुझसे बोली कि ललित वो लोग तो अभी से शुरू हो गये है.
मैंने कहा कि तीन दिन रुक गये है बस वो ही बहुत है और तुम क्या मज़े ले लेकर देख रही थी? तो प्रिया ने तुरंत मेरा एक हाथ पकड़कर अपनी पेंटी में डाल दिया तो मुझे महसूस हुआ कि प्रिया की चूत पूरी गीली थी, मैंने उससे पूछा कि क्यों तुमने ऐसा क्या देखा? तो प्रिया ने कहा कि तुम भी देखकर आ जाओ और में चुपके से गया और खिड़की के पास से अंदर देखा तो रोहित उस समय बेड पर खड़ा हुआ था और सोनिया उस समय पूरी नंगी थी और वो बेड पर अपने घुटनों के बल बैठकर रोहित का लंड चूस रही थी, दोस्तों रोहित का लंड बहुत मोटा था और सोनिया का बदन भी इतना गोरा था कि ज़रा सा दाग भी दूर से दिख जाए और उसके बिल्कुल कसे हुए बूब्स थे.
फिर रोहित बोला कि सोनिया अब तुम उल्टी हो जाओ और में आज तुम्हे पीछे से चोदूंगा. सोनिया बोली कि आज पूरी मस्ती से चोदना, जल्दी मत निकालना. दोस्तों में यह सब शब्द सोनिया के मुहं से सुनकर बहुत हैरान रह गया कि जो लड़की इतनी मासूम सी दिखती है वो बिस्तर पर इतनी तेज़ बातों से तो बहुत बड़ी रांड लगती है. तभी मेरे पीछे से प्रिया भी आ गई और वो बहुत धीरे से मुझसे बोली कि ललित देखो रोहित का कितना मोटा है? और सोनिया उसका कितने आराम से ले रही है शायद उसे मोटे आकार का लेने में बहुत मज़ा आ रहा होगा.
मैंने उससे कहा कि क्यों रोहित पर दिल आ गया? तो प्रिया ने मेरी तरफ देखा और उस समय उसकी आँखो में वासना भरी हुई थी. मैंने उससे कहा कि आज तुम मुझसे काम चलाओ, फिर देखता हूँ कि रोहित को कैसे तैयार करूं? उस रात प्रिया ने मुझे रोहित बनाकर चुदवाया. मैंने सुबह सुबह सबको उठाकर मंदिर जाने के लिए बोला और कहा कि सभी लोग जल्दी से तैयार हो जाओ, तभी प्रिया बोली कि तुम सब मंदिर जाओ में तुम्हारे लिए लंच तैयार करती हूँ.
दोस्तों मुझे पहले से ही पता था कि रोहित किसी भी मंदिर नहीं जाता और फिर वही हुआ रोहित बोला कि में भी नहीं जाऊंगा और वो प्रिया को बोला कि भाभी, लेकिन में आपकी खाना बनाना में मदद ज़रूर करूँगा और फिर हम सब मंदिर के लिए निकल गये. रास्ते में मैंने प्रिया को एक मैसेज किया कि आज तुम्हारा रास्ता बिल्कुल साफ है. तो प्रिया ने भी मुझे ठीक है लिखकर मैसेज भेज दिया. फिर हम करीब 3 बजे घर पर वापस आए तो मैंने प्रिया को इशारे से हाल जानने की कोशिश की तो उसने स्माइल देकर अच्छे संकेत दिए और अब में तुरंत समझ गया कि मेरा काम हो गया है और फिर उसी रात तक हम सब मस्ती, हँसी मज़ाक करते रहे और रोहित ने भी अपने स्वाभाव से यह बिल्कुल जाहिर नहीं होने दिया कि हमारे पीछे से क्या तूफान आया था.
फिर में कुछ देर बाद फ्री होकर प्रिया से बोला कि प्रिया सुनाओ मेरे पीछे से तुमने क्या क्या किया? मज़ा लूटा या नहीं? तो प्रिया ने तुरंत अपनी टी-शर्ट को उठाकर मुझे दिखाया कि देखो रोहित ने किस तरह अपने दातों से काट काटकर मेरे बूब्स पर निशान बना दिए है. तो मैंने उससे कहा कि ऐसे नहीं, मुझे पूरी कहानी विस्तार से सुनाओ क्या क्या हुआ?
प्रिया ने बेडरूम का दरवाज़ा बंद किया और पूरी नंगी हो कर बेड पर आ गयी और वो मुझसे बोली कि तुम भी अपना लंड बाहर निकाल लो और अपनी बीवी की चुदाई की कहानी सुनो. फिर मैंने भी उसकी चूत में उंगली डाली और कहा कि तुम्हारी चूत तो अभी भी गीली है क्या मन नहीं भरा? तो प्रिया बोली कि नहीं, आग तो रोहित ने शांत की थी, लेकिन जब तक तुम से ना चुदवाऊँ मेरी नियत नहीं भरती.
फिर प्रिया बोली कि तुम्हारे जाने के बाद मैंने रोहित को चाय दी और में नहाने चली गयी और फिर रोहित को आवाज़ देकर कहा कि रोहित किचन में गेस बंद कर दो और तुम भी नहा लो, में बस दो मिनट में बाथरूम से बाहर आ रही हूँ और फिर एकदम से मैंने ज़ोर से बाल्टी को फेंकी और साथ में चिल्लाई तो रोहित भागकर बाथरूम तक आया और बोला कि भाभी क्या हुआ?
मैंने गिरने का नाटक किया और दरवाज़ा खोला, में तब तक जमीन पर ही बैठी रही और मैंने उस समय सिर्फ़ टावल लपेटा हुआ था. फिर मैंने रोहित से बोला कि देखते क्या हो मुझे उठाओ और बेड पर लेटा दो, रोहित ने कुछ हिचकिचाते हुए मुझे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया, इतने में मैंने रोहित के चेहरे पर पसीना देखा और तभी मैंने रोहित से कहा कि तुम मेरे पैरों को मोड़ो और फिर रोहित ने भी मेरा एक पैर घुटने से मोड़ दिया जिसकी वजह से पूरा टावल उतर गया और में उसके सामने पूरी नंगी हो गई और रोहित मुझे लगातार घूर घूरकर देखता रहा, वो मेरे पूरे जिस्म को बस देखे ही जा रहा था और मैंने भी रोहित का हाथ पकड़कर उसे अपनी कमर पर दबाने को कहा. तब उसे थोड़ा होश आया और उसने अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिए और मुझे चूमने लगा.
करीब 10 मिनट तक हम एक दूसरे को सहलाते रहे और तभी मैंने अपना हाथ उसकी पेंट में डालकर उसका लंड पकड़ लिया और पेंट को खोलकर लंड को मुहं में ले लिया और चूसने लगी. अब रोहित ने भी मेरे बाल पकड़ लिए और सिसकियाँ लेने लगा और वो मुझसे बोला कि भाभी सोनिया को लंड चूसना नहीं आता, आप तो इस काम में बहुत अनुभवी लगती हो. अब में भी हंसते हुए बोली कि हाँ में और भी बहुत कामों में अनुभवी हूँ. तभी रोहित बोला कि प्लीज भाभी अपने पैर खोलो और मुझे दर्शन तो करवाओ, फिर मैंने उससे पूछा कि क्यों किसके दर्शन? तो रोहित बोला कि चूत के तो मैंने अपने दोनों पैर खोल दिए और उससे कहा कि हाँ लो कर लो दर्शन और इसकी आग को भी शांत कर दो. फिर रोहित ने कहा कि भाभी इसकी आग शांत करने के लिए ही तो भैया ने मुझे यहाँ पर रोका था.
उसके मुहं से यह बात सुनकर मुझे तो एकदम से झटका लगा, रोहित मुझसे बोला कि भाभी मुझे सब पता है. रात को भैया ने छत पर मुझे बुलाया और ड्रिंक करते हुए अपने बारे में सब बता दिया और उन्हे भी यकीन था कि में मान जाऊंगा, क्योंकि शादी से पहले भैया के साथ मैंने लखनऊ में हमारी पड़ोसन को बहुत बार चोदा था.
भैया ने आपको अपना तो बताया होगा, लेकिन मेरे बारे में नहीं बताया होगा कि में उनके साथ था. तभी मैंने सोनिया को भी सब कुछ बता दिया क्योंकि सोनिया से में कुछ नहीं छुपाता हूँ और हम अलग अलग तरीके से सेक्स का मज़ा लेते है और हमने प्लान किया आपको चकित करने का और इसमे सोनिया भी हमारे साथ थी. तभी मैंने रोहित को लेटा लिया और अपनी चूत उसके मुहं पर रखकर बोली कि अब चुप हो जाओ और मेरी चूत की आग अपनी जीभ और लंड से बुझाओ और फिर रोहित ने भी करीब 10 मिनट तक मेरी चूत को चाटकर मेरा दो बार पानी निकाला और उसके बाद मैंने अपनी चूत उसके लंड पर रख दी और में खुद ही उछल उछलकर उसके लंड से चुदने लगी.
तभी रोहित मुझसे बोला कि भाभी कुछ गंदा बोलो, मुझे पता है कि तुम्हे चुदते हुए गंदा बोलना बहुत अच्छा लगता है. तो मैंने कहा कि हाँ रोहित, तू आज फाड़ दे मेरी चूत अपने लंड से, में तेरी रंडी हूँ और मुझे भाभी नहीं बल्कि रंडी बोल, मुझे गालियाँ दे, अपनी कुतिया बनाकर मुझे चोद, में मानती हूँ कि मेरी चूत सोनिया की तरह टाइट नहीं है, लेकिन मुझे चुदाई का अनुभव सोनिया से बहुत ज्यादा है.
रोहित बोला कि हाँ साली रंडी वो तो मुझे पता है और मुझे यह भी बहुत अच्छी तरह से पता है कि तुम्हारे साथ रह रहकर सोनिया भी पूरी रंडी बन जाएगी. अभी भी वो रंडी पेंटी नहीं पहनकर गई है और जहाँ कहीं भी उसे कोई अच्छा मौका मिलेगा वो भैया का लंड ले लेगी. फिर में भी चुदते हुए उससे बोली कि हाँ ललित भी उसे चोदकर ही आएँगे जब वो मुझे बिना बताए तुम्हारा लंड दिलवा सकते है तो सोनिया की चूत कैसे नहीं चोदेंगे, उसके बाद तो हमने आधा घंटा अलग अलग पोज़िशन में चुदाई के मजे लिए और आख़िर में मैंने रोहित से बोला कि अपना पानी मेरी चूत और मुहं में डालना. फिर रोहित मुझसे बोला कि भाभी एक साथ में दोनों में कैसे गिराऊंगा?
मैंने फिर से उसको कहा कि तुम मुझे चोदते हुए भाभी मत बोलो, तुम थोड़ा सा पानी मेरी चूत में गिराना और फिर मेरे मुहं में डाल देना, चल अब आ जा अपने झटके शुरू कर दे. फिर रोहित भी पूरे जोश में आ गया और बोला कि हाँ ले साली रंडी, कुतिया ले हाँ ले, उसका वीर्य निकल गया और तभी कुछ वीर्य चूत में गिराते हुई में उठ गयी. फिर मैंने उसका लंड पकड़कर अपने मुहं में डाल लिया और 5 मिनट तक चूस चूसकर पूरा साफ कर दिया.
फिर पूरी कहानी ललित को सुनाने के बाद ललित ने मुझे उल्टा किया और बोला कि तूने मुझे अपनी आप बीती सुनाई, अब में तुझे सोनिया की चुदाई कार में कैसे की वो दिखाता हूँ और ललित ने अपना लंड पीछे से मेरी चूत में डाल दिया और उसने मुझे करीब 20 मिनट इतनी बुरी तरह से चोदा कि मेरा बहुत हाल बुरा हो गया, तो सोचो कि सोनिया का क्या हाल हुआ होगा? दोस्तों यह था हमारा सेक्स अनुभव मुझे उम्मीद है कि आप लोगों को इसे पढ़कर जरुर मज़ा आया होगा.
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सेक्सी मारवाड़ी आंटी की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, में राज एक बार फिर से आ गया हूँ अपनी एक और नई सच्ची घटना लेकर. इस कहानी में कैसे मैंने अपने सामने वाली मारवाड़ी आंटी को चोदा वो सब में आज आप लोगों को बताने जा रहा हूँ. मेरा नाम राजेश है और मेरा रंग सांवला है और में दिखने में एकदम ठीक ठाक हूँ और मेरे लंड का साईज़ 5.5 लंबा और 2 इंच मोटा है, जिससे मैंने अब तक बहुत सारी चूत को फाड़कर भोसड़ा बना दिया है और वो हर चूत मेरे लंड की एकदम दीवानी है और अब आप लोगों को ज्यादा बोर ना करते हुई में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों में एक मकान में किराए से एक कमरा लेकर रहता हूँ तो में जिस मकान में रहता हूँ उस मकान की ऊपर वाली मंजिल में एक मारवाड़ी परिवार भी रहता था और उस परिवार में कुल पांच लोग रहते थे, एक मस्त सेक्सी आंटी, उसका पति और उसके दो लड़के और उसकी एक लड़की. यह बात आज से करीब दो महीने पहले की है दोस्तों हमारी उनके परिवार के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुआ करती थी और हमारा उनके घर पर भी आना जाना लगा रहता था और वो लोग भी हर कभी हमारे घर पर आते जाते थे.
दोस्तों वैसे तो वो आंटी थोड़ी पतली और बहुत गोरी है तो जैसा कि आप लोग जानते है कि मारवाड़ी लड़कियां कितनी मेहनती होती है, वो एकदम पतली थी, लेकिन उसका बदन एकदम अच्छे आकार का था और मुझे उसकी वो गांड मटकती हुई साफ साफ दिखाई देती थी और वैसे उसके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं थे, लेकिन वो एकदम गोल गोल निप्पल तने हुए थे जिनको हाथों में पकड़ने का मज़ा ही कुछ और था जो मुझे बाद में पता चला.
दोस्तों पहले तो आंटी के लिए मेरे मन में ऐसी कोई ग़लत बात नहीं थी और ना ही में उनको अपनी कोई भी गलत नजर से देखता था. में बस कभी कभी उनके बूब्स को देख लिया करता था, लेकिन फिर भी मेरी नियत उनके लिए बिल्कुल साफ थी और एक दिन में सुबह उनके घर पर किसी काम से गया तो मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि आंटी उसी समय नहाकर बाथरूम से बाहर निकली थी और वो अपनी ब्रा, पेंटी पहन चुकी थी और वो अब अपनी मेक्सी को पहनने की कोशिश कर रही थी.
उन्होंने उस मेक्सी को अपने सर से नीचे डाला ही था कि तभी में अचानक से वहां पर पहुंच गया और मैंने उसके बूब्स जो कि उसकी ब्रा के अंदर बंद थे और उसकी पेंटी में बंद चूत जिसका आकार मुझे उसकी पेंटी से साफ साफ दिख रहा था तो में वहीं पर रुककर उसे घूरकर लगातार देखता ही रह गया. वो बाहर से जितनी अच्छी लगती है अंदर से उससे भी ज्यादा सुंदर दिखती है, मुझे आज पहली बात पता चला.
फिर जब उसने मेक्सी को पहन लिया तो उसका ध्यान मेरे ऊपर गया और उसको मुझे अपने सामने खड़ा पाकर थोड़ी शरम आ गई और उसने मुझसे पूछा कि क्यों ऐसे क्या घूर घूरकर देख रहे हो? अब में कुछ नहीं बोला और चुपचाप अपना सर नीचे करके कुछ देर खड़ा रहा और फिर वापस अपने कमरे पर आ गया, लेकिन दोस्तों उस दिन में आंटी को पूरे दिन भर सोचता और उसने उस गदराए बदन को अपने सामने महसूस करने लगा और तब से आंटी मुझे बहुत सेक्सी लगने लगी थी तो में आंटी के बहुत करीब जाने की कोशिश करने लगा और किसी ना किसी बहाने से आंटी को छूने लगा था.
में हर समय उसके सपनों में खोने लगा था और ऐसे एक दिन आंटी ने मुझे आवाज दी और मुझे अपने कमरे पर बुलाया तो में तुरंत मन ही मन बहुत खुश होता हुआ चला गया. मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि आंटी उस समय अपने बेड को सरका रही थी और मुझे देखकर उन्होंने मुझसे कहा कि खड़े खड़े क्या देख रहे हो मैंने अपनी मदद के लिए तुम्हे यहाँ पर बुलाया है, घर पर और कोई भी नहीं था इसलिए मुझे तुम्हे बुलाना पड़ा और वो मुझे अपने बेड को धक्का देने के लिए बोल रही थी.
फिर में बेड को धक्का देने के बहाने उसके पास में जाकर खड़ा हो गया और फिर में बेड को धक्का देते देते सही मौका देखकर उसके बूब्स को दबाने लगा, वो रुई की तरह एकदम मुलायम और बहुत मस्त थे. अब मैंने उसके चेहरे को देखा तो उसने मुझे एक शरारती स्माइल दी और हम लोगों ने वो बेड सरका दिया. जब हम लोगों का काम खत्म हुआ तो हम दोनों ने अपने आपको एक कोने में दबा हुए पाया तो वो बाहर निकलने लगी और में भी उसके पीछे पीछे चिपककर चलने लगा, तब तक मेरा लंड खड़ा हो गया था और अब में उसकी मुलायम गांड को छूता हुआ रगड़ रहा था और वो भी बहुत मज़े लेकर चल रही थी, लेकिन उस दिन हमारे बीच इसके आलावा ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिसकी उम्मीद में करके बैठा हुआ था.
अगले दिन में उसके घर पर गया और उस समय उसका पति काम पर गया हुआ था और दोनों बच्चे स्कूल गए हुए थे और उसका छोटा बेटा उस समय सो रहा था और वो भी लेटी हुई थी. में भी चुपचाप जाकर उसके पास में बैठ गया और उसके पेट से एकदम चिपककर बैठा हुआ था और अब हम दोनों हंस हंसकर इधर उधर की बातें करने लगे थे. फिर मैंने उसके ऊपर लेटने का नाटक किया, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और में अब उसके पेट के ऊपर लेटा हुआ था और हम पहले की तरह बातें कर रह थे.
मैंने धीरे धीरे अपने हाथ उसके बूब्स पर रखकर घूमाना शुरू कर दिया तो वो भी मुझसे कुछ भी नहीं बोली और अब मैंने सही मौका देखकर उसके बूब्स को दबा दिया और अपना पूरा ज़ोर लगाकर निचोड़ दिया. फिर वो सिसकियाँ लेते हुए मुझसे बोली कि तुम यह क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि में तुम्हारा दूध निकाल रहा था, तभी वो मुस्कुराते हुए मुझसे बोली कि ऐसे जैसे तुम दूध निकालना चाहते हो वैसे तो कभी भी दूध क्या पानी भी नहीं निकालेगा. फिर मैंने उससे पूछा कि फिर तुम ही बता दो कि कैसे तुम्हारा दूध निकलेगा? और फिर उसने तुरंत मुझे अपना जवाब दिया कि तुम अपना मुहं मेरे बूब्स के निप्पल पर लगाकर एक छोटे बच्चे की तरह दूध पीने की कोशिश करो तब निकलेगा.
मैंने उसके मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल भी टाईम खराब ना करते हुये उसके बूब्स को बाहर निकालकर चूसना, दबाना शुरू कर दिया और कुछ देर बाद वो मोन करने लगी और थोड़ी देर बाद उसके बूब्स से दूध आने लगा क्योंकि उसकी बेटी ने अभी तक उसका दूध पीना बंद नहीं किया था, इसलिए उसके बूब्स से दूध आ रहा था और फिर कुछ देर बाद मैंने धीरे धीरे अपने एक हाथ से उसकी मेक्सी को ऊपर किया. मैंने उसकी मैक्सी को उसकी चूत तक ऊपर कर दिया था और पेंटी के ऊपर से ही उसको सहलाने लगा तो वो धीरे धीरे अब बिल्कुल पागल हुई जा रही थी और फिर कुछ देर बाद मैंने उसको किस करना शुरू किया और करीब 15 मिनट तक में उसे किस करता रहा और किस करते करते मैंने उसकी मेक्सी को पूरा उतार दिया था और अब वो मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी में थी और उसके बूब्स ज्यादा बड़े ना होने की वजह वो अपनी ब्रा को बहुत कम पहनती थी.
अब उसने मेरी पेंट को खोलकर मुझसे अलग कर दिया और फिर वो मेरे लंड को पेंट से बाहर निकालकर चूसने लगी. वो भी ऐसे जैसे कि लोलीपोप चूस रही हो. दोस्तों अब मेरी हालत बहुत खराब हो चुकी थी और में उसके मुहं में ही झड़ गया था, लेकिन उसने फिर से कुछ देर तक लगातार मेरे लंड को चूसकर दोबारा खड़ा कर दिया था और अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैंने उसकी पेंटी को उसकी चूत के मुहं पर से थोड़ा सा हटा दिया, लेकिन पेंटी को पूरा नहीं उतारा और अब में अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर धीरे धीरे रगड़ने लगा जिसकी वजह से वो गरम होकर जोश में आकर लगातार सिसकियाँ लेने लगी.
फिर उसने अपने हाथ से मेरे लंड को अपनी चूत के ऊपर रखकर उसने अपनी गांड को ऊपर करके मेरे लंड को धक्का दे दिया जिसकी वजह से मेरे लंड का टोपा अंदर चला गया और उसके मुहं से अहह्ह् ऊईईईईई माँ मर गई निकल गया. अब मैंने भी पूरे जोश में आकर ज़ोर का धक्का दे दिया जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उसकी चूत में उतर गया, वो अब बिल्कुल पागल हुई जा रही थी और में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसे चोदे जा रहा था और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थे और बार बार अपनी गांड को ऊपर उठाकर मेरा लंड पूरा अंदर तक ले रही थी. पूरे कमरे में उसकी आआहहह उह्ह्हह्ह आईईईई ऊईईईईईई थोड़ा और ऊहह ज़ोर से और सईई और ज़ोर से करो ऊईईई और अंदर डालो एसी आवाज़े गूँज रही थी. में अब जोश में आकर और भी ज़ोर ज़ोर से उसे चोदे जा रहा था.
फिर में कुछ देर बाद में झड़ने वाला था तो मैंने उसे यह बात बताई तो वो बोली कि अब वो भी झड़ने वाली थी और अब उसने अपने पैरों से मेरी कमर को कसकर जकड़ लिया था और कुछ सेकिंड बाद हम दोनों एक साथ में झड़ गए और हम दोनों अब बहुत ज़ोर ज़ोर से सांसे ले रहे थे. फिर मैंने उसको लिप किस करना शुरू कर दिया और हमारी सांसे अभी भी फूल रही थी और हम लोग लगातार किस किए जा रहे थे, लेकिन दोस्तों मैंने महसूस किया कि उसे सेक्स करने का बहुत अच्छा अनुभव था. में जो कुछ बातें नहीं जानता था वो सब कुछ उसने मुझे बताई और मुझसे अपनी चुदाई करवाई और में भी उसके कहने पर जैसे जैसे वो बताती में उसके साथ चुदाई के मज़े लेता रहा.
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पड़ोसन की चुदाई की रासलीला

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम वसीम है और मेरी इस साईट पर ये पहली कहानी है. ये करीब 4 साल पहले की बात है, में सिटी में रहता हूँ और वहाँ सारे घर काफ़ी पास-पास होते है और मेरे पड़ोस में एक लड़की नई-नई रहने आई थी. उस दिन में 12 बजे उठा था और फिर मैंने अपनी नौकरानी को नाश्ता बनाने के लिए बोला और फिर में अपनी बालकनी में खड़ा था और सामने वाले बंद घर में एक औरत और एक लड़की घर की सफाई कर रही थी, तब मैंने उसे ठीक से नहीं देखा था.
फिर उसी दिन मैंने शाम को उसे देखा, वो बहुत खूबसूरत थी. फिर मैंने अपनी नौकरानी से उसके बारे में जानकारी निकालने को कहा तो उसने मुझे उसके बारे में काफ़ी जानकारी लेकर दी कि वो वड़ोदरा से आई है और उसके बाप नहीं है और घर में वो और उसकी माँ सिर्फ़ दो लोग रहते है और अभी तक उनका घर में सामान सेट नहीं हुआ है. फिर मैंने अपनी नौकरानी के हाथों उन्हें खाना भेज दिया और फिर काफ़ी दिन बीत गये, अब में उसे देखता और वो मुझे देखती, लेकिन कोई बात आगे नहीं बढ़ रही थी. फिर एक दिन रात को में अपनी बालकनी में खड़ा था और वो अपनी खिड़की में खड़ी थी. तो मैंने उससे पूछ ही लिया कि इतनी रात हो गयी आप सोई नहीं हो तो उसने कहा कि नहीं नींद नहीं आ रही है, फिर हमारे बीच में काफ़ी सारी बातें हुई.
फिर बाद में धीरे-धीरे दिन निकलते गये और जब उसकी माँ घर में नहीं होती या सोई हुई होती तो हमारी बातें होती रहती. फिर एक दिन मैंने उससे उसका नंबर माँगा तो उसने मुझे अपना नंबर नहीं दिया, लेकिन मैंने अपना नंबर एक कागज पर लिखकर उसे दे दिया. फिर करीब 2 दिन के बाद उसका कॉल आया तो मैंने कॉल रिसीव किया और उसने अपना नाम बताया और कहा कि ये मेरा नंबर है सेव कर लेना और कभी मुझे सामने से कॉल मत करना, वरना मेरी माँ मुझे मार डालेगी. फिर मैंने उसे भरोसा दिलाया और फिर ये सिलसिला चलता रहा. अब उसका मिस कॉल आता और उसके बाद घंटो तक हमारी बातें चलती रहती. फिर वो बातें रोमांटिक और सेक्स के टॉपिक पर चेंज होने लगी थी और में उससे चुदाई के लिए कई बार कहता, लेकिन वो मना कर देती थी, क्योंकि उसे मेरे लंड और उसकी माँ दोनों से डर लगता था. फिर एक दिन उसकी माँ का कोई रिश्तेदार मर गया था, तो वो सुबह 9 बजे वड़ोदरा गयी हुई थी.
फिर मुझे उसका मिस कॉल आया और बातें करते-करते मेरे दिमाग़ में उसे चोदने का प्लान बना लिया और फिर मैंने उसे कहीं घूमने जाने के लिए राज़ी कर लिया. फिर मैंने तैयार होकर अपनी कार निकाली और उसे कॉल करके अपने एरिया के बाहर बुलाया और उसे वहीं से कार में बैठाकर घुमाने ले गया. फिर हमने मूवी देखी और मूवी के बीच में मैंने उसे किस किया और उसके बूब्स पर अपना हाथ फैरा. फिर मैंने जब उसकी सलवार में हाथ डाला तो उसकी पेंटी पूरी गीली हो चुकी थी और वो काफ़ी गर्म हो गयी थी. अब में समझ गया कि ये अब चुदासी हो गयी है. फिर हम मूवी से बाहर आए और कार में मैंने उसे फिर से किस किया और चूत भी मसली. अब वो काफ़ी गर्म हो चुकी थी, अब में उसे एक होटल में ले गया. फिर वहाँ मैंने एक रूम बुक किया और फिर हम दोनों रूम में पहुँचे, अब वो डर के मारे कांप रही थी और सेक्स के मारे तड़प भी रही थी.
फिर मैंने उसे हग किया और उसे किस करना शुरू किया. फिर मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और अब उसके 34 साईज़ के बूब्स बहुत प्यारे लग रहे थे. फिर मैंने उसे खूब चूसा और उसके बाद मैंने उसे बेड पर लेटाया और फिर अपने सारे कपड़े निकाले. अब वो मेरा 9 इंच का लंड देखकर घबरा गयी थी और काफ़ी डरने लगी थी, लेकिन मैंने उसे अभी कुछ नहीं कहा और में सिर्फ़ उसको किस और बूब्स की चुसाई कर रहा था. अब वो मज़े ले रही थी और फिर मैंने उसे ऊँगली से चोदना शुरू किया. अब वो काफ़ी मज़े ले रही थी और फिर में उसके दोनों पैरो के बीच में बैठ गया और उसके दोनों पैरो को पूरा चौड़ा किया और एक तकिया उसकी गांड के नीचे रख दिया और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा. अब वो बहुत डर गयी थी और मना करने लगी और रोने लगी थी.
फिर मैंने उसे प्यार से समझाया और उसकी चूत के होंठो को हल्का सा खोलकर अपना लंड वहीं सेट कर दिया. उसके बाद मैंने उसे किस करना शुरू किया और उसके कंधो को पकड़कर एक जोरदार सा झटका मारा, अभी सिर्फ़ मेरे लंड का सुपाड़ा ही अंदर गया था कि वो झटपटाने लगी और उसकी आवाज़ मेरे मुँह में गूंजने लगी. अब उसकी आँखो से आँसू निकलने लगे थे और अब में कुछ ज़्यादा ही गर्म हो गया था. फिर में उसकी परवाह किए बिना जमकर शॉट लगाने लगा.
अब वो काफ़ी झटपटा रही थी और अब में उस कुँवारी चूत को चोदने में इतना गर्म था कि वो कब बेहोश हो गयी मुझे पता ही नहीं चला. फिर जब 20 मिनट के बाद में झड़ने लगा तो मुझे महसूस हुआ कि ये बेहोश हो गयी है. अब में थोड़ा घबरा गया था, लेकिन फिर मैंने उसके चेहरे पर पानी छिड़का तो उसे होश आया और उसके बाद उसे दर्द का एहसास होना शुरू हो गया. फिर में उसके पास बैठा और उसे अपनी गोद में बैठाया. फिर में उसे बाथरूम में ले गया, जहाँ हम फ्रेश हुए और उसके बाद हम जब बाथरूम से बाहर आए तब वो कुछ आराम महसूस कर रही थी. उसके बाद मैंने उसे दोबारा किस करना शुरू किया और इस बार वो भी मेरा साथ देने लगी थी.
अब में काफ़ी मजे कर रहा था और अब में उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था. अब वो दर्द के मारे कराह रही थी, आआहह उूउऊहह उउउईईइ माँ और कह रही थी कि ख़ान ज़रा धीरे दबाओ बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन अब में उसकी कहाँ सुनने वाला था. फिर में उसकी चूत में उंगली करने लगा और अब वो दर्द से तड़पने लगी, लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और उसकी अपनी उंगली से चुदाई करने लगा.
अब कुछ देर के बाद उसकी आवाज बंद हो गयी और उसकी सिसकियों की आवाज़ आने लगी, आह्ह्ह्ह आआअहह सस्स्स्स्सह और वो अपनी गांड हल्की-हल्की ऊपर उठाने लगी और अब वो काफ़ी पानी छोड़ चुकी थी. अब मैंने दोबारा से अपना लंड उसकी चूत पर रखा और उसे किस करने लगा, इस बार में काफ़ी सावधानी से उसे चोद रहा था, फिर मैंने एक शॉट मारा और रुक गया, अब मेरा आधा लंड उसकी चूत में था.
अब वो फिर से रोने लगी थी तो अब में रुक गया और उसके बूब्स चूसने के लिए जैसे ही उसके लिप से अपने लिप हटाए तो वो ज़ोर से बोलने लगी कि निकाल लो ख़ान बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने उसकी कोई बात नहीं सुनी और उसके बूब्स चूसने लगा और 10 मिनट के बाद वो खुद अपनी गांड को हिलाने लगी. फिर मैंने उसके लिप लॉक किए और उसके कंधो को पकड़ कर पूरे जोश में शॉट मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और मेरे अंडे उसकी चूत की दीवार पर टकराने लगे.
अब 2 या 3 मिनट तक ऐसे ही रहने के बाद मैंने उसके लिप छोड़ दिए और अब उसकी आवाज दोबारा शुरु हो गयी थी, लेकिन थोड़ी देर में ही वो सिसकियां निकालने लगी, अब वो कई बार झड़ गयी थी. अब ये राउंड करीब 45 मिनट तक चलता रहा, फिर हम दोनों एक साथ झड़ गये और फिर हम वहीँ सो गये और जब उठे तब दोपहर के 3 बज चुके थे.
फिर हम दोनों बाथरूम में गये और नहाकर फ्रेश हुये. फिर उसके बाद मैंने उसके लिए जूस मँगवाया. फिर उसने मुझसे कहा कि मुझे तुम्हारा लंड पसंद आया. फिर मैंने कहा कि तुम्हारा ही है, कभी चाहिए हो तो बता देना. उसके बाद मैंने उससे कहा कि एक बार और हो जाए, अब पता नहीं कब चान्स मिलेगा, तो वो मुस्कुरा दी. फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में होने को कहा तो वो कुतिया बन गई. अब में उसके पीछे गया और पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा. अब वो भी बहुत मजे करने लगी थी और अब वो भी आगे पीछे होकर मेरा साथ देने लगी थी. अब उसके हिलते हुए बूब्स बहुत मस्त लग रहे थे. फिर मैंने उसे सीधा लेटाकर चोदा और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गये. फिर हम लोग उठे और एक दूसरे को साफ किया और जूस पीने के बाद मैंने एक बार और उसे चोदा और उसने इस बार मेरा काफ़ी अच्छा साथ दिया और हमने काफ़ी मज़े किए.
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एक नामर्द की बीवी को चोदा

हैल्लो दोस्तों, आप सभी को राकेश का सलाम, नमस्ते. दोस्तों मेरे पास एक फोन आया और उसने अपना नाम अनिल बताया और वो थोड़ा हिचक भी रहा था. फिर मैंने कुछ नहीं बोला और उसने फोन काट दिया.
फिर अगले दिन फिर से फोन आया तो मैंने बोला कि अनिल जी क्या बात है बताइए? तो उसने कहा कि कुछ नहीं तो मैंने कहा कि नहीं कुछ तो बात है. फिर उसने संकोच करते हुए बताया कि वो सेक्स नहीं कर सकता जिसके कारण उसकी वाईफ बहुत परेशान रहती है और उसे ऐसा लगता है कि वो अंदर-अंदर से घुट रही है, क्योंकि कभी वो वाचमैन को देखती है तो कभी किसी और को देखती है. फिर मैंने कहा कि आप मुझसे क्या चाहते है? तो उन्होंने कहा कि वो चाहते है कि में उनकी वाईफ के साथ सेक्स करूँ, उनका कहना है कि अगर वो किसी जानने वाले से कहेंगे तो बदनामी होगी इसलिए वो मुझसे कह रहे है.
फिर उसने कहा कि वो अपनी वाईफ से बहुत प्यार करता है इसलिए उससे उसकी तकलीफ़ देखी नहीं जाती. तो मैंने कहा कि अगर आपकी वाईफ तैयार हो तो में बात कर सकता हूँ, फिर उसने मुझे अपनी वाईफ का नंबर दिया और बोला कि में बात करूँ. फिर मैंने बोला कि नहीं पहले आप बात कर लो, फिर मुझे बता देना तो उसने कहा कि ठीक है. फिर अनिल ने मुझे अगले दिन फोन किया और बताया कि वो तैयार है और मुझसे बात करवाई. फिर में बात करके उनके घर गया. अनिल दिखने में तो ठीक था, लेकिन वो सेक्सुअली कमजोर था और उसकी वाईफ मानो बला की सुंदर थी, वो हल्की सी सांवली, मस्त बूब्स और कटीले नयन मानो मार ही डालेगी.
फिर मैंने कहा कि अनिल जी दो मिनट में बात करना चाहता हूँ तो अनिल जी बाहर चले गये. फिर मैंने बोला कि आपको कोई प्रोब्लम तो नहीं है ना तो उसने कहा कि वो सच में गार्ड से चुदवाने की सोच रही थी, लेकिन बदनामी से डर रही थी. फिर मैंने उसे बताया कि सच में तुम्हारा पति तुमसे बहुत प्यार करता है जो ये करने को भी तैयार हो गया. तो मीरा ने बताया कि वो क्या कर सकती है? शादी के एक साल बाद तक वो अभी भी कुंवारी है, उसके पति का निकालते ही झड़ जाता है. फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं, लेकिन तुम मुझसे वादा करो कि तुम अपने पति से प्यार करती रहोगी तो उसने कहा कि ठीक है.
फिर मैंने बोला कि जब तुम बोलोगी में तुम्हारे शरीर को प्यार दूँगा, लेकिन अपने पति का ध्यान रखना. फिर मैंने अनिल से कहा कि वो 2 घंटे बाहर घूमकर आ जाए तो वो चला गया. फिर मैंने मीरा से कहा कि अब यहाँ हम दोनों ही है और जो आग लगी है निकाल लो. फिर मीरा भूखे इंसान की तरह मुझसे लिपट गई और मुझे किस करने लगी. अब किस करते-करते वो बताने लगी कि वो कब से प्यासी है? फिर उसने कहा कि और कुछ दिन इंतजार करना होता तो वो किसी से भी चुदवा लेती. फिर मैंने कहा कि उसकी जरुरत नहीं पड़ेगी, में हमेशा उसे खुश करने आऊंगा. अब वो बड़े प्यार से मुझे किस करने लगी थी और धीरे-धीरे मेरे कपड़े उतारने लगी और अब वो मेरा लंड देखकर और पागल हो गई थी.
फिर उन्होंने अचानक से मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपोप जैसे चूसने लगी. फिर मैंने भी धीरे-धीरे उसे पूरा नंगा कर दिया, उसकी चूत बिल्कुल क्लीन और गीली हो रही थी. फिर मैंने उसकी चूत को अपने हाथ से सहलाया मानो उसकी चूत भट्टी जैसे तप रही थी. फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया, अब वो तड़पने लगी और बोली कि मेरा पति भी चूत चाटता है, लेकिन तुम्हारे चाटने का अंदाज़ ही अलग है आह ऑश राकेश आह वूहह ह हहूओ फह ऑश उम्म आ ओह मज़ा आ रहा है. अब में 69 की पोज़िशन में आ गया था, अब वो भी मस्त होकर मेरा लंड चूसे जा रही थी ऐसा लग रहा था मानो लंड से एक-एक बूंद निकाल लेगी और करीब 20 मिनट तक लंड चूसते-चूसते में उसके मुँह में ही झड़ गया और अब वो भी झड़ गई थी.
फिर उसने कहा कि आज तक चूत चुसवाने में इतना मज़ा कभी नहीं आया. अब मुझे ऐसा लग रहा था मानो जन्नत में हूँ. फिर वो उठी और पेशाब करके आई तो में भी मुठ मारकर आया, थोड़ा पानी पिया, फिर थोड़ी देर बातें की, फिर किस का सिलसिला शुरू हुआ. अब वो मेरे सारे बदन को चूस रही थी, फिर मैंने सीधा लंड उसके मुँह में डाल दिया तो वो मस्त होकर उसे चूसने लगी और मेरा लंड उसके मुँह में ही बड़ा होने लगा. फिर मैंने उसकी चूत पर ढेर सारा थूक लगाया और अपने लंड को सहलाने लगा.
अब वो भी सिसकारियां भरने लगी थी, फिर मैंने उसकी चूत को सहलाते हुए अपना लंड थोड़ा सा अंदर डाला तो उसने मेरे सीने पर काट लिया, उसकी चूत बहुत टाईट थी. फिर में रुक गया तो उसने काटना बंद किया और कहा कि बहुत दर्द हो रहा है, निकालो इसे. फिर मैंने कहा कि थोड़ा रूको अभी मज़ा आएगा तो उसने कहा कि ठीक है, लेकिन प्यार से करना. में उसे फिर से किस करने लगा और अपना लंड रगड़ने लगा. फिर जब मुझे लगा कि अब वो ठीक है तो मैंने एक ज़ोर का धक्का लगाया तो उसने फिर मेरे बाल खींचे और वो मेरे सीने पर दाँत चुभाने लगी.
अब में धीरे-धीरे अपनी रफ़्तार तेज करता गया. अब वो भी मस्त होकर चुदवाने लगी थी, अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और अपनी गांड उछाल-उछालकर मेरा लंड पूरा अंदर ले रही थी. फिर वो डॉगी पोजिशन में आ गई और मैंने उसे खूब जमकर चोदा, अब वो आह ओह बस मज़े ले रही थी. फिर मैंने उसे दीवार के सहारे खड़ा करके भी चोदा. अब मेरा वीर्य निकलने वाला था तो फिर मैंने उसे बेड पर लेटाया और अपनी पूरी रफ़्तार से चोदा और अपना सारा वीर्य कंडोम में निकाल दिया. अब वो गहरी साँसे ले रही थी और ख़ुशी से मुझे चूम रही थी. फिर मैंने उससे कहा कि सफ़र कैसा रहा? तो उसने कहा कि मस्त, बस कभी-कभी हमसफर बनने आ जाया करना और उसके बाद हमने खूब सेक्स किया और मैंने उसे पूरा संतुष्ट किया.
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बॉयफ्रेंड के साथ पहली रात

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम गौरी है और मेरी उम्र 23 साल है. मेरे फिगर का साईज 32-26-30 है और में दिखने में बहुत सेक्सी हूँ. मुझे देखकर बहुत से लड़के मुझे लाईन मारते है, लेकिन में उन्हें आगे नहीं बढ़ने देती, क्योंकि मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है और वो ही मेरे लिए सब कुछ है. दोस्तों में इस वक्त एक प्राइवेट कम्पनी में नौकरी कर रही हूँ और मेरा एक बॉयफ्रेंड है जिसका नवीन है, वो एक बहुत बड़ा बिजसमेन है, वो 26 साल का है.
दोस्तों हम दोनों के रिश्ते को पूरे तीन साल हो चुके है, लेकिन हम आज तक एक साथ रात को सोए नहीं, हाँ हमारे बीच किस और दूसरे काम उनके घर पर ही होते रहते है, लेकिन मुझे बहुत अच्छी तरह से पता है कि जो मज़ा रात को है वो दिन में नहीं है. तो दोस्तों में आज आप सभी को मेरे साथ हुई एक सच्ची बात बताने जा रही हूँ जिसने मेरा पूरा सोचने समझने का नजरिया ही बदल दिया, मेरे जीने का हर एक तरीका उस घटना के बाद बिल्कुल बदल सा गया और आज में वही आप सभी को बताने जा रही हूँ और में उम्मीद करती हूँ कि इसको पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा, क्योंकि यह मेरी साथ हुई एक सच्ची घटना है कोई झूटी कहानी नहीं है और वैसे भी सेक्स तो सभी करते है, लेकिन हमारे बीच जो उस रात को हुआ में उसे सेक्स नहीं बल्कि हमारा एक दूसरे के लिए प्यार कहती हूँ और अब उस बात की तरफ आगे बढ़ती हूँ.
एक दिन मुझे अपनी कम्पनी के एक जरूरी काम के सिलसिले में दिल्ली जाना पड़ा, दोस्तों उस वक्त मेरा और नवीन का एक छोटी सी बात को लेकर झगड़ा चल रहा था और वैसे हर किसी के बीच ऐसा छोटा मोटा झगड़ा होता रहता है, ठीक वैसा ही हमारे बीच हुआ था. में अकेली उसे बिना बताए दिल्ली चली गई, लेकिन जब यह बात नवीन को पता चली तो वो भी मेरे पीछे पीछे दिल्ली भाग आया और फिर उसने मुझे फोन करके में जिस होटल में रुकी हुई थी उस होटल का नाम पता पूछा और अब वो वहीं पर अपना एक दूसरा रूम लेकर रुकने लगा
कुछ देर के बाद जब में अपने रूम से बाहर निकली तो मैंने अचानक से उसे अपने रूम के बाहर खड़ा हुए पाया और में उसे देखकर बहुत हैरान हो गई, दोस्तों मुझे उसके इस तरह अचानक से बिन बताए मेरे सामने आने पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था क्योंकि मैंने ऐसा कभी सोचा भी नहीं था कि वो मुझसे मेरी होटल का पता पूछकर इस तरह से ठीक मेरे सामने आकर खड़ा हो जाएगा? मैंने उससे बहुत आशचर्यचकित होकर पूछा क्यों नवीन तुम यहाँ कैसे? तो उसने कहा कि हाँ मैंने सोचा कि हमारे बीच का यह झगड़ा कब तक चलेगा अब इसे यहीं पर खत्म हो जाना चाहिए, में बस अब उसे यहीं पर खत्म करने आया हूँ और अब मैंने सोचा कि चलो ठीक है जो होगा देखा जाएगा, दोस्तों वो मेरी हर एक बात का जवाब मुस्कुराकर दे रहा था.
मैंने उसे अंदर बुलाया चाय, पानी पिलाया और उसके कुछ देर बाद हम दोनों अपनी बातें खत्म करके फिल्म देखने निकल गये. उसने मुझे वहां पर बहुत बार किस किए और इसके बाद हमारी लड़ाई पूरी तरह यहीं पर खत्म हो गई थी और हम हंसी ख़ुशी वहां से एक दूसरे के हाथ पकड़े अपने होटल में पहुंच गए और रात को हम दोनों अपने अपने होटल रूम में चले गये, तभी अचानक से रात के करीब 12.30 मेरे रूम का दरवाजा किसी ने खटखटाया और जब मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो वो नवीन था.
मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो उसने मुझसे कहा कि में बहुत देर से सोने की कोशिश कर रहा हूँ, लेकिन पता नहीं क्यों मुझे नींद नहीं आ रही है? मैंने उससे कहा कि चलो अंदर आ जाओ, हम बैठकर बातें करते है. तो हम दोनों एक साथ बेड पर लेट गये और हमने अपनी बातें शुरू की और फिर कुछ देर बाद बातों ही बातों में एक बार फिर से हमारे बीच झगड़ा हो गया, में सो गई और जब में सुबह उठी तो मैंने देखा कि नवीन ने मुझे अपनी बाहों में भरा हुआ था और उसका एक हाथ मेरी गर्दन के नीचे से होता हुआ मेरी छाती पर था और उसका दूसरा हाथ मेरे पेट से होता हुआ मेरी कमर पर था.
वो मुझसे पूरी तरह से लिपटकर सोया हुआ था और उसका मेरे लिए यह सब प्यार देखकर मेरा सारा गुस्सा पिघल सा गया और फिर हम दोनों ने पूरा दिन एक साथ हंसी ख़ुशी बिताया. दोस्तों अब बात आती है उस रात की उस रात हमारे बीच क्या हुआ जिसके बाद मुझे नवीन पर गुस्सा आ रहा था, लेकिन बाद में वो तुरंत प्यार में बदल गया? दोस्तों में जैसे ही बाथरूम से नहाकर बाहर निकली तो मैंने देखा कि नवीन की निगाहे मुझसे बिल्कुल भी हटने को तैयार नहीं थी, वो मुझे लगातार भूखी नजरों से देखे जा रहा था और फिर उसने मुझसे मुस्कुराकर कहा कि क्या बात है आज तुम बहुत सेक्सी दिख रही हो? दोस्तों मैंने उस वक्त बिना बाह की हॉट मेक्सी जो कि ज्यादा बड़े गहरे गले की थी और उसमे से मेरे बड़े बड़े बूब्स बाहर आने को बेकरार थे. में बिना कुछ बोले ही बेड पर जाकर लेट गई और और मैंने ए.सी चालू करके पास ही पड़ी एक चादर ओढ़ ली.
तभी नवीन ने मुझसे कहा कि इसे अपने इस जिस्म के ऊपर से हटाओ प्लीज, मुझे आज तुमको जी भरकर देखना है, मैंने कहा कि नहीं तुम अब यह सब बंद करो और बिल्कुल चुपचाप सो जाओ. अब हम दोनों सोने लगे, करीब रात के 1.30 बजे में बहुत गहरी नींद में थी और फिर मुझे कुछ ऐसा महसूस हुआ कि में बिल्कुल हैरान रह गई क्योंकि जब मेरी नींद खुली तो मुझे महसूस हुआ कि नवीन की उंगलियां मेरी पेंटी के ऊपर से मेरी चूत को छू रही है, लेकिन तब भी मैंने अपनी आखें बंद रखी और उसे ऐसा दिखाया कि में बहुत गहरी नींद में सो रही हूँ, थोड़ी देर बाद उसकी हिम्मत और जोश दोनों ही बढ़ने लगे और अब उसने मेरी पेंटी को एक साईड से थोड़ा ऊपर किया और अब वो अपनी उंगलियां धीरे धीरे मेरी चूत के ऊपर नीचे सहलाने लगा, लेकिन में अभी भी चुप रही क्योंकि मुझे उसके हाथों से मेरे बदन को छूना बहुत अच्छा लगा.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था इसलिए में वैसे ही पड़ी रही और मज़े लेती रही. फिर उसने दूसरे हाथ से उस चादर को हटा दिया और मुझे घूर घूरकर देखने लगा, मुझे देख वो अब गरम हो गया और उसने एक हाथ से मेरी पूरी पेंटी को नीचे सरका दिया और अब वो हल्के हल्के हाथों से अपनी एक ऊँगली से मेरी चूत को सहलाने लगा. तभी अचानक से उसका दूसरा हाथ मेरे बूब्स पर पड़ा और अब वो मेरे बूब्स को दबाने लगा, अब उसने मेरी मेक्सी को ऊपर से खोलकर थोड़ा नीचे सरका दिया और वो मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने निचोड़ने लगा, लेकिन कुछ देर बाद उसे ऐसा करने से ज्यादा मज़ा ना आने के कारण उसने मेरी ब्रा को भी खोल दिया.
में अब बहुत शरमा रही थी, लेकिन में फिर भी वैसे ही चुपचाप पड़ी रही और अब उसने मेरा एक बूब्स अपने एक हाथ से मसलना ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया कुछ देर यह सब करने के बाद उसने अपने होंठो से मेरे एक बूब्स के निप्पल को चूसना शुरू करते हुए मेरी चूत के अंदर हल्की सी ऊँगली को अंदर डालकर धीरे धीरे करते हुए उसने दो इंच ऊँगली को अंदर कर दिया और अब अपनी ऊँगली को आगे पीछे करके उसने मेरी चुदाई को शुरू कर दिया था और में मचलने लगी, लेकिन अब मुझसे सोने का नाटक और नहीं हो पा रहा था तो में आहे भरने लगी और अपने एक हाथ से उसकी पेंट से उसके लंड को बाहर निकालकर उसे रगड़ने लगी तो उसने मुझे एकटक नजर से देखा और फिर ज़ोर से मेरे एक बूब्स पर ज़ोर से काट लिया जिसकी वजह से में बहुत ज़ोर से चीखी चिल्लाई आईईईईइ आआअहह.
अब उसने मेरे दूसरे बूब्स को बहुत ज़ोर से निचोड़ना शुरू कर दिया और मेरी चूत में अपनी ऊँगली को एक इंच और अंदर कर दिया और अब उसकी ऊँगली मेरी चूत में करीब तीन इंच अंदर चली गई थी जिसकी वजह से मुझे बहुत तकलीफ़ और दर्द हो रहा था और में उस दर्द से करहाने लगी. उसने मेरा दर्द देखकर अपनी स्पीड को थोड़ा कम कर दिया, लेकिन कुछ देर बाद अचानक से उसने एक ज़ोर के झटके में अपनी पूरी उंगली को अंदर डाल दिया और में बहुत ज़ोर से चीखने, चिल्लाने लगी और उस दर्द से छटपटाने लगी.
फिर उसने तुरंत मेरे होंठो को किस करके मेरी आवाज का बाहर निकलना बिल्कुल बंद कर दिया, मुझे अब धीरे धीरे मज़ा आने लगा और अब में आवाज़ निकालने लगी आह्ह्ह्हहह उफफफफफ्फ़ ऊऊऊओफ्ूऊ तो उसकी वजह से उसे अब और भी जोश चढ़ गया और अचानक से उसने अपनी दो उंगलियों को मेरी चूत में डाल दिया, लेकिन दोस्तों मेरी चूत अब तक वर्जिन होने की वजह उसकी वो दो उँगलियाँ एक इंच से ज्यादा अंदर नहीं गई, लेकिन वो उसी एक इंच में अपनी दो उंगली डालकर लगातार आगे पीछे करता रहा, मैंने उससे कहा कि नवीन मुझे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज थोड़ा धीरे करो उह्ह्ह्हह् स्सीईईईई आईईई.
फिर उसने मुझसे कहा कि तुम अभी यह थोड़ा थोड़ा दर्द सह लो वरना कुछ देर के बाद में तुम्हे एक साथ ज्यादा दर्द होगा और वैसे में धीरे धीरे करके तुम्हारी चूत का छेद बड़ा कर रहा हूँ, लेकिन अब मैंने उससे कुछ नहीं कहा और अब वो दो उंगली से मेरी चुदाई और एक बूब्स को चूस रहा था और दूसरे बूब्स को एक हाथ से दबा रहा था. दोस्तों अब मुझे उसकी उंगली से ज्यादा तकलीफ़ नहीं हो रही थी, लेकिन अब उसके ऐसा करने से मुझे मज़ा बहुत आ रहा था.
तभी उसने अचानक से अपना हाथ बाहर निकाल लिया और उठ गया, अब वो अपने एक एक कपड़े उतारकर पूरा नंगा हो चुका था और उसने मेरे भी सारे कपड़े उतार दिए और अब हम दोनों बिस्तर पर एकदम नंगे पड़े थे. उसने अब मुझे मेरे होंठो करीब पर पांच मिनट तक किस किया और फिर वो नीचे मेरी चूत पर पहुंच गया. अब वो मेरे दोनों पैरों के बीच में बैठा हुआ था और अब उसने मेरे दोनों पैरों को उठाकर अपने कंधो पर रख लिया जिसकी वजह से अब मेरी एकदम टाईट चूत ठीक उसके मुहं के पास थी और उसने धीरे से मेरी गीली चूत को किस किया और सूंघने लगा, वो मुझसे बोला कि वाह मज़ा आ गया और अब वो एकदम मदहोश हो चुका था.
उसने मेरी चूत को चूसना शुरू किया और धीरे धीरे मेरी पूरी गीली चूत को चाट चाटकर सूखा कर दिया और पूरा जूस पी लिया और अब वो अपनी जीभ को मेरी चूत के अंदर तक डालने लगा. उसके ऐसा करने की वजह से मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था. फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज थोड़ा और अंदर उह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ थोड़ा और अंदर डालो. अब उसने अपनी पूरी जीभ को मेरी चूत के अंदर डाल दिया और अपनी जीभ से मेरी चूत को चोदने लगा और में आअहह हाँ और चूसो उफफफफफ्फ़ आईईईइ मचलने लगी.
दोस्तों उसने मेरी चूत को थोड़ी सी देर में चूस चूसकर एकदम लाल कर दिया था और अब मेरी सूखी चूत उसकी जीभ से चाटने की वजह से फिर से भीग गई थी और अब हम दोनों लेट गये थे. में नीचे और वो ठीक मेरे ऊपर. उसने मुझे पूरे शरीर पर किस किया और फिर अपना 8 इंचा का लंड बाहर निकालकर मेरी चूत पर सेट किया और फिर से लेट गया. मेरे होंठो पर उसने अपने होंठ रख दिए और अपनी जीभ को मेरे मुहं में डाल दिया और एक हाथ से बूब्स को दबाने लगा और उसने दूसरे हाथ को मेरी गांड के नीचे रख दिया.
अब उसने अपना लंड मेरी चूत में एक इंच अंदर डाल दिया और वो थोड़ा आराम से धीरे धीरे सरकता हुआ अंदर चला गया, दोस्तों मुझे उसके लंड की गरमाहट से बड़ा मज़ा आया. फिर उसने अपने हाथ से मेरी गांड को भी ऊपर नीचे किया और अपने लंड को एक ज़ोरदार धक्का दिया और अब उसका लंड तीन इंच अंदर चला गया. में ज़ोर से चीखना चाह रही थी, लेकिन उसकी किस के कारण में कुछ बोल ना पाई और रोने लगी.
अब मुझे रोता हुआ देखकर वो डर गया और अब वो मुझसे पूछने लगा कि क्या हुआ? मैंने कहा कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है. तो उसने कहा कि ठीक है तो रहने देते है और वो उठने लगा और लंड को बाहर निकालने लगा. दोस्तों मुझे पता था कि मेरे साथ साथ उसका भी चुदाई करने का बहुत मन है और में उसके मन की बात को मना कैसे करती? अब मैंने उससे कहा कि रुको, मेरा कहने का मतलब वो नहीं था जो तुम समझ गए और वैसे भी कभी ना कभी तो मुझे ऐसा दर्द होगा ही, तब भी तो मुझे उस दर्द को सहना पड़ेगा तो आज ही सही? फिर उसने बहुत खुश होकर मुझसे पूछा कि क्या तुम अब ठीक हो, क्या में आगे अपना काम कर सकता हूँ?
मैंने भी कहा कि हाँ ठीक है तुम जैसे चाहो वैसे मेरे साथ करो, मैंने उसका हाथ ज़ोर से पकड़ा और फिर कहा कि हाँ अब करो तो उसने मेरी फिर से चुदाई शुरू कर दी और अब उसने पूरे जोश के साथ एक ज़ोरदार धक्का दिया जिसकी वजह से मेरी आखों के आगे अंधेरा सा छा गया और में दो तीन मिनट तक वैसे ही पड़ी रही. मेरे जिस्म से अब पूरी जान निकल चुकी थी और मुझे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे किसी ने जलता हुआ गरम गरम नुकीला लोहा मेरी चूत में जबरदस्ती अंदर तक डाल दिया हो मुझे वो दर्द बहुत असहनीए हो रहा था.
फिर उसका जो हाथ मेरी गांड के नीचे था उस पर उसे कुछ गरम गरम टपकता हुआ महसूस हुआ और जब उसने अपना हाथ बाहर निकालकर देखा तो उस पर बहुत सारा खून गिरा हुआ था. उसे यह सब देखकर बहुत दुख हुआ और उसने मुझे तुरंत अपनी बाहों में भर लिया और फिर मेरे ऊपर से हटकर उसने मुझे आराम से बेड पर लेटा दिया और एक चादर को मेरे ऊपर डाल दिया और फिर वो वहां से उठकर सीधा बाथरूम में चला गया और फिर साफ करके जब वो वापस आया तो मुझे भी तब तक होश आ चुका था. मुझे होश में देखकर उसकी थोड़ी टेंशन कम हो गई. अब उसने मेरे पास मुझे माथे पर किस किया और फिर मुझसे पूछा कि क्यों तुम अब ठीक हो ना?
मैंने कहा कि नहीं, अब भी मुझे थोड़ा थोड़ा दुख रहा है तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर पास बेड पर लेट गया और मेरे सर को अपने हाथ पर रख लिया और दूसरे हाथ से उसने मेरी चूत जो कि अब तक पूरी तरह से फट चुकी थी वो उसने उसे अब धीरे धीरे सहलाना शुरू कर दिया था जिसकी वजह से करीब 30 मिनट के बाद मुझे आराम मिलने लगा और मेरा दर्द धीरे धीरे खत्म होने लगा, लेकिन दोस्तों उस रात के बाद जब में सोकर उठी तो में तीन दिन तक ठीक से चल भी ना सकी और उस चुदाई ने मेरी चाल के साथ साथ मेरी जिन्दगी को भी पूरी तरह से बदल कर रख दिया था. उसके बाद मेरे मन से चुदाई के समय होने वाले दर्द के डर को अब पूरी तरह से निकालकर हमेशा के लिए मुझसे दूर कर दिया था और अब में उसके साथ कभी भी चुदाई करने के लिए हमेशा तैयार थी.
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