मौसी की ननद ने चोदना सिखाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अनुराग है और में आज आप सभी के सामने अपनी एक कहानी पेश करने जा रहा हूँ जो कि मेरी अपनी एक सच्ची घटना है. दोस्तों यह बात उन दिनों की है जब मैंने कॉलेज में एड्मिशन लिया था. दोस्तों 12वीं तक की पढ़ाई मैंने अपने गाँव से ही की थी, लेकिन हमारे गाँव में 12वीं के आगे की पढ़ाई का कोई भी साधन नहीं था तो इसलिए मुझे अपनी कॉलेज की पढ़ाई के लिए पास ही के शहर में जाना पड़ा. फिर मैंने एक अच्छे से कॉलेज में एड्मिशन ले लिया और यह मेरा पहला ही मौका था जब में अपने घर से बाहर निकला था और इसलिए मेरे घर वाले भी थोड़ी चिंता में थे और में भी थोड़ी टेंशन में था.
तभी हमारे घर मेरी मौसी जो अभी आगरा में रहती है और मेरी मम्मी से मिलने के लिए आ गई और बातों ही बातों में जब उन्हें पता चला कि मेरा एड्मिशन पास के शहर में हो गया है तो उन्होंने मेरी मम्मी से कहा कि अनुराग के रहने का इंतज़ाम में करवा दूँगी, क्योंकि वहां पर मेरी छोटी ननद रेखा रहती है और उसके पति वहीं पर एक बैंक में मेनेजर है और तब जाकर मेरे घर वालो की चिंता कुछ कम हुई. फिर उन्होंने कहा कि हम कल रेखा के घर चलेंगे और इसी बहाने में रेखा से भी मिल लूँगी और अनुराग के रहने का भी इंतज़ाम हो जाएगा. फिर अगले ही दिन पापा, मम्मी, मौसी और में हम चारों शहर के लिए निकल पड़े.
रास्ते में मेरी मौसी ने बताया कि रेखा की शादी को 9 साल हो गये है, लेकिन उसको अभी तक कोई औलाद नहीं है और उसका घर बहुत बड़ा है और रेखा के पति के ऑफिस चले जाने के बाद वो घर पर बिल्कुल अकेली ही रह जाती है और जब अनुराग वहां पर रहेगा तो रेखा का अकेलापन भी दूर हो जाएगा. फिर हम लोग रेखा के घर पहुंच गये, जैसा कि मेरी मौसी ने हमें बताया था कि उनका घर एक शानदार बंगला था और रेखा पूरे दिन उसमें अकेली ही रहती थी तो रेखा ने बड़े प्यार से हमारा स्वागत किया और मौसी की सारी बात सुनकर वो बड़ी खुश हुई और बोली कि में तो कब से इंतजार कर रही थी कि कोई आकर हमारे घर पर रहे और मेरी अपनी कोई औलाद नहीं है तो में इसे अपने बेटे की तरह ही रखूँगी.
फिर उसके बाद मेरे घर के सारे लोग मुझे वहां पर छोड़कर वापस आ गये. दोस्तों रेखा की उम्र 35 साल थी और वो भरे हुए बदन वाली एक बड़ी ही गोरी और सुंदर औरत थी. उसकी हाईट करीब 5.7 थी और उसके फिगर का साईज करीब 36-30-38 होगा और अगर गौर से देखा जाए तो उसका फिगर और सूरत किसी फिल्म हिरोइन से मिलती थी. फिर शाम को उसका पति मुकेश ऑफिस आ गया, वो भी एक अच्छा खासा था और उसकी आदत भी बहुत अच्छी थी. मुकेश ने मुझे मेरा रूम दिखा दिया और जब में अपना सारा सामान अपने रूम में लगा ही रहा था कि तभी वहां पर रेखा आ गई और फिर वो मुझसे बोली कि बेटा नहाकर नीचे आ जाओ और कुछ खा लो. फिर में नहाने चला गया और नहाते समय मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने अपना सबसे पसंद का काम (मूठ मारना) निपटा दिया. दोस्तों रेखा वैसे दिखने में तो मुझे बहुत सुंदर लगी, लेकिन पहले उसकी चूत लेने का ख्याल मेरे मन मे नहीं आया, क्योंकि हम लोगों की अभी नयी नयी जान पहचान थी.
फिर नहाकर में सीधा नीचे चला गया और खाना खाने के साथ साथ हमने बहुत सारी बातें भी की और में मन ही मन बहुत खुश था कि चलो भगवान की दया से मुझे रहने के लिए एक अच्छी जगह मिल गयी है, लेकिन तब तक मुझे यह बात नहीं पता थी कि मुझे चूत के दर्शन भी यहीं पर होंगे? फिर में खाना खाकर अपने कमरे में सोने चला गया और जब अगले दिन सुबह में उठा तो मैंने देखा कि दस बज चुके है और मुझे कॉलेज भी जाना था इसलिए में हड़बड़ाकर उठा और जल्दी जल्दी नहाया.
फिर तैयार होकर नीचे चला गया और मैंने नीचे जाकर देखा तो वहां पर कोई भी नहीं था, क्योंकि तब तक मुकेश अपने ऑफिस चला गया था और रेखा पता नहीं कहाँ थी और जब मैंने आवाज़ लगाई तो कोई नहीं बोला और अब में चुपचाप वहीं पर बैठ गया और रेखा के आने का इंतजार करने लगा. फिर मुझे इंतजार करते हुए करीब 20-25 मिनट हो गये, लेकिन तब तक कोई नहीं आया. फिर मैंने सोचा कि चलो चलकर आज पूरा घर ही देख लिया जाए और में सारे कमरो में अंदर जाकर देखने लगा. मैंने सारे कमरे देख लिए, लेकिन एक कमरा जो बिल्कुल कोने में था तो वो मुझसे छूट गया.
फिर मैंने सोचा कि चलो इस कमरे में भी घूम लिया जाए और यह बात सोचकर में उस कमरे की तरफ चल दिया तो वो एक आलीशान बेडरूम था और में जब उस कमरे के अंदर घुसा तो मेरी आखें खुली की खुली रह गई. मैंने देखा कि उस कमरे में रेखा सो रही थी और उसने गुलाबी कलर की जालीदार मेक्सी पहन रखी थी और वो मंद मंद चलने वाली हवा से उसके पैरों से हटकर अब उसके पेट तक आ चुकी थी. दोस्तों मैंने इतनी गोरी और चिकने पैर आज तक कभी नहीं देखे थे और मेरा लंड पूरी तरह तनकर खड़ा हो गया था, लेकिन मैंने जैसे तैसे अपने आप पर बहुत कंट्रोल किया और फिर दरवाजा बजाया, लेकिन फिर भी वो नहीं उठी तो मैंने सोचा कि में रेखा को हिलाकर जगा दूँ और जैसे ही में उसे हिलाकर जगाने के लिए आगे बढ़ा तो वो एकदम से उठकर बैठ गई और बोली कि क्या हुआ तुम यहाँ पर कैसे?
में एकदम से सकपका गया और फिर मैंने उससे बोला कि में आपको बहुत देर से जगाने की कोशिश कर रहा हूँ, लेकिन आप तो बड़ी गहरी नींद में सो रही थी. फिर उसने मुझे बताया कि मुकेश को ऑफिस भेजने के बाद मैंने दवाई ली थी और उस दवाई में एक गोली ऐसी है जिसे खाने के बाद मुझे बहुत जबरदस्त नींद आती है, इसलिए मेरी आँख लग गयी थी और में भी तुम्हे देखने ऊपर गयी थी, लेकिन तुम भी उस समय बहुत गहरी नींद में सो रहे थे. दोस्तों वैसे मुझे वहां पर रहते हुए लगभग एक सप्ताह हो चुका था और उस दिन रेखा के गोरे गोरे पैर देखने के बाद मेरा मन पूरी तरह से उसको चोदने का ही करता रहता था और मैंने एक सप्ताह में यह भी महसूस कर लिया था कि उसका भी मन मेरे लंड का स्वाद चखने का है और एक दिन वो दिन आ ही गया जब रेखा और मेरे बीच कुछ शुरुवात हुई.
दोस्तों यह बात गर्लफ्रेंड से शुरू हुई थी. हुआ यह कि मुकेश को अपने ऑफिस के किसी काम की वजह से दो सप्ताह के लिए बाहर जाना पड़ा और अब घर पर केवल हम दोनों ही रह गये. मुकेश के जाने के एक दिन बाद हम दोनों सुबह की चाय पी रहे थे तो रेखा ने मुझसे कहा कि अनुराग तुम मुझे एक बात सच सच बताओगे? तो मैंने कहा कि हाँ पूछिए तो रेखा ने कहा कि तुम्हारी क्या कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? फिर मैंने मुस्कुराते हुए कहा कि नहीं मुझे लड़कियों से शर्म आती है, इसलिए मैंने कभी कोशिश नहीं की.
फिर रेखा ने मुझसे पूछा कि लड़कियों में तुम्हे सबसे ज़्यादा क्या पसंद आता है? तो में बहुत गहरी सोच में पड़ गया कि अब में इसे क्या जवाब दूँ? लेकिन मैंने बहुत हिम्मत की और बोला कि जो चीज मुझे पसंद है वो में ऐसे बता नहीं सकता? फिर रेखा ने कहा कि अच्छा ऐसा है तो तुम मुझे किसी पेपर पर लिखकर बता दो. फिर मैंने कहा कि नहीं आप बुरा नहीं मानो तो में ऐसे ही बता सकता हूँ, क्योंकि उसकी ऐसी बातें सुनकर मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गयी थी. फिर रेखा ने कहा कि में क्यों भला बुरा मानूंगी, क्योंकि तुम मेरे बारे में थोड़े ही कुछ कह रहे हो? चलो अब जल्दी से बताओ कि तुम्हे लड़की मे सबसे ज्यादा की क्या पसंद है? फिर मैंने कहा कि मुझे सबसे ज़्यादा उनके बूब्स अपनी तरफ आकर्षित करते है.
फिर रेखा ने मेरी तरफ घूरते हुए मुझसे कहा कि तू सूरत से तो बड़ा सीधा लगता है, लेकिन वैसे तू बड़ा तेज है और मुस्कुराती हुई वहां से उठ गई, लेकिन दोस्तों रेखा ने मेरा मौसम पूरी तरह से बिगाड़ दिया था और अब मेरे पास मुठ मारने के अलावा कोई और चारा भी नहीं था तो इसलिए में अपने रूम की तरफ चल दिया और रूम में घुसते ही मैंने दरवाजा बंद किया और नंगा होकर मुठ मारने लगा और मुठ मारने की जल्दबाज़ी में मैंने दरवाजा भी पूरी तरह से बंद नहीं किया था और मैंने अपने लंड को इतना बेकरार और इतना टाईट कभी महसूस नहीं किया था जितना कि उस दिन कर रहा था और मेरे लंड का साईज़ भी अब बहुत बड़ा हो गया था और मुठ मारते हुए मुझे कुछ आहट महसूस हुई तो मैंने दरवाजे की तरफ देखा तो सामने रेखा चाय का कप अपने हाथ में लेकर खड़ी हुई थी.
तभी अचानक उसे वहां पर देखते ही मेरी सिट्टी पिट्टी गुम हो गई और उसने गुस्से में मेरी तरफ देखा और बोली कि यह क्या कर रहे हो तुम? और तुमने अपने सारे कपड़े क्यों नहीं पहने है? तो में एकदम से बहुत घबरा गया और घबराहट में मैंने अपने लंड को अपने हाथ से दबा लिया, लेकिन लंड अब भी पूरे जोश में था इसलिए वो मेरे काबू में नहीं आया और फनफनाता हुआ मेरे हाथ से फिसलकर छूट गया और अब मेरा खड़ा हुआ लंड रेखा के बिल्कुल सामने था. रेखा ने जब उसे देखा तो वो मुझसे बोली कि थोड़ी शर्म कर और इसे काबू में रख, अब तेरी शिकायत में मुकेश से करूँगी कि तू अपने रूम में नंगा रहता है और बहुत ग़लत काम करता है और इतना कहकर वो वहां से चली गई, लेकिन अब डर के मारे मेरा बहुत बुरा हाल हो गया था. फिर मैंने जल्दी जल्दी कपड़े पहने और नीचे आ गया और रेखा से आग्रह करने लगा कि वो किसी को कुछ नहीं बताए.
तभी वो अचानक मुस्कुराने लगी और बोली कि तू मुझे एक सवाल का जवाब दे तो में किसी को नहीं बताउंगी. फिर मैंने कहा कि हाँ पूछिए तो वो बोली कि एक बात बता तेरी उम्र तो 18 साल है तो तूने कभी किसी लड़की के साथ कभी सेक्स नहीं किया है. फिर मैंने कहा कि हाँ मैंने कभी बूब्स भी नहीं देखे. फिर बहुत ज़ोर से हंसी और बोली कि इतना मोटा और लंबा क्या हाथ मार मारकर ही किया है? में उसकी बातें सुनकर हक्का बक्का रह गया और मन ही मन खुश भी हो गया कि शायद आज चूत के दर्शन हो जाए और इतना कहकर मुझे अपने पीछे आने का इशारा करते हुए वो बाथरूम की तरफ चल पड़ी और बोली कि क्या तू मेरा एक काम करेगा? फिर में बोला कि आप जो बोलोगी में वो सब करूँगा बस आप किसी को बताना मत.
फिर वो हँसी और बोली कि तुझे अब भी लगता है कि में किसी को कुछ बताने वाली हूँ? फिर उसने मेरी तरफ देखा और बोली कि मैंने तेरी माँ से कहा था कि तुझे अपने हाथ से कोई काम करने की ज़रूरत नहीं है, में उसका पूरा ध्यान रखूँगी, लेकिन तू तो अपने हाथ से काम करने लग गया तो अब तेरी माँ को दिया हुआ वादा तो निभाना ही है ना. चल आ जा यह काम मुझे अपने हाथों से ही कर देने दे और फिर इतना कहकर उसने मेरी पेंट को नीचे सरका दिया और मेरा लंड जो कि लोहे की तरह सख्त हो रहा था तो उसको अपने हाथों में पकड़ लिया और बोली कि बाप रे तू तो पतला सा है और सारा माल इसी को खिलाता है क्या? फिर मैंने उससे पूछा कि क्यों आपके पति का इतना बड़ा नहीं है? तो बोली कि नहीं उनका तो 4 इंच का है और बहुत पतला सा है और उनसे तो कुछ नहीं हो पाता, इसलिए मेरे 9 साल से औलाद नहीं हो रही और शादी के बाद से कभी भी मैंने सेक्स का भरपूर आनंद नहीं उठाया है.
फिर मैंने पूछा क्यों और शादी से पहले? तो वो मुस्कुराई और बोली कि मैंने अपनी चुदाई 12वीं क्लास से ही करवानी शुरू कर दी थी, क्योंकि उस समय मेरा मेरे क्लास टीचर से अफेयर था और वो भी एकदम जवान था और उसका लंड भी तेरे लंड जैसा ही मजबूत और बड़ा था तो पहली बार उसने अपने घर पर मुझसे जबरदस्ती की थी, लेकिन मुझे इतना मज़ा आया कि मैंने किसी से शिकायत करने की बजाए उससे लगातार चुदने का मन बना लिया और शादी तक उसने मुझे बहुत बार चोदा.
रेखा ने मेरा लंड अपने मुहं में डाल लिया और चूसने लगी. में तो जैसे स्वर्ग में ही पहुंच गया और वो इस कदर मेरे लंड को चूस रही थी कि जैसे मेरे लंड को पिचका ही देगी. में भी जल्दी में था कि कब उसके बूब्स और चूत के दर्शन हो? लेकिन वो लंड चूसने में इतनी व्यस्त थी कि वो मेरे लंड को अब छोड़ ही नहीं रही थी. फिर मैंने उससे कहा कि क्यों सारा माल चूसकर ही ख़त्म करना है क्या? तो वो बोली कि आज सबसे पहले मुझे इसका रस पीने दो तभी में तुम्हे कुछ करने दूँगी और करीब दस मिनट तक लंड चूसने के बाद मेरा मौसम बनने लगा.
फिर मैंने उससे कहा कि अब मेरा काम होने वाला है, क्या में इसे बाहर निकाल लूँ? लेकिन वो तो जैसे सुन ही नहीं रही थी और लगातार चूसे जा रही थी. फिर इतने में ही मैंने पिचकारी को उसके मुहं में छोड़ दिया, लेकिन वो फिर भी चूसती रही और उसने लगातार चूस चूसकर मेरे लंड को बिल्कुल साफ कर दिया और सारा माल पी गयी और फिर उसके ऐसा करने से मुझे बड़ा मज़ा आया और गुस्सा भी बहुत आया कि मुझे चूत के दर्शन आज भी नहीं हो पाएँगे, लेकिन अब वो उठी और बोली कि अब तुम्हारी बारी है जो चाहो कर लो. दोस्तों अब मेरी ख़ुशी का बिल्कुल भी ठिकाना नहीं रहा, लेकिन में तो गांड का प्रेमी था तो चूत के नाम से थोड़ा नर्वस हो गया था, लेकिन फिर भी मैंने हिम्मत नहीं हारी और काम सम्भालने के लिए एकदम तैयार हो गया.
फिर मैंने रेखा से कहा कि इसे फिर से चूसकर ज़रा तैयार तो करो और इतना सुनते ही वो फिर से मेरे लंड को चूसने लगी, लेकिन पता नहीं उसे क्या हुआ कि उसने एकदम झटके से मेरा लंड अपने मुहं से बाहर निकाल दिया और बोली कि क्या में अकेली ही मेहनत करूं? फिर में बोला कि नहीं, बताओ मुझे क्या करना है? तो वो बोली कि तुम मेरी चूत को चूसो और में तुम्हारा लंड. मुझे इसका बिल्कुल भी अनुभव नहीं था, इसलिए में समझ नहीं पा रहा था कि यह एक साथ कैसे मुमकिन होगा और फिर मैंने उससे पूछा कि कैसे करूं? तो वो बोली कि अब मुझे यकीन हो गया है कि तुम चूत के मामले में एकदम अनाड़ी हो और वो बोली कि आज में तुम्हे एक सेक्स पोज़िशन के बारे में बताउंगी जिसे 69 कहते है.
फिर उसने मुझे अपने ऊपर लेटाया और अपनी चूत पर मेरा मुहं रख दिया और फिर खुद ही मेरे लंड पर उसका मुहं आ गया और फिर मैंने मन ही मन सोचा कि यह तो पूरी खिलाड़ी है यार और अब हम दोनों ने अपना अपना काम शुरू कर दिया और रेखा की चूत एकदम गरम हो चुकी थी और उसकी चूत से लगातार पानी बहकर बाहर निकल रहा था और उसकी चूत से इतना पानी निकल रहा था कि मेरा मुहं पूरी तरह से गीला हो गया और अब वो बिल्कुल पागल सी हो गयी थी और चूत में लंड लेने के लिए बिल्कुल तैयार थी. तभी कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि अनुराग जल्दी कर और अपने लंड की गर्मी से मेरी चूत को पिघला दे.
दोस्तों में तो बहुत समय से यह सब करने के लिए बिल्कुल तैयार था और अब में उठकर खड़ा हुआ और मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर अंदर की तरफ एक जोरदार धक्का दे दिया और पहली ही कोशिश में मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गुफा जैसी चूत में समा गया. दोस्तों आज पहली बार मुझे महसूस हुआ कि चूत अंदर से कितनी गरम होती है और में तो सोच रहा था कि इतना मोटा और गरम लंड से यह पिघल जाएगी, लेकिन मुझे तो कुछ देर बाद अपना लंड ही पिघलता हुआ महसूस होने लगा था और फिर मैंने उसे बहुत बुरी तरह से ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदना शुरू कर दिया और उसकी सिसकियों की आवाज से मेरी हिम्मत और भी बड़ती जा रही थी ओहहह्ह्ह्हह हाँ और तेज प्लीज ओह ऑश और ज़ोर से चोदो मुझे, हाँ और ज़ोर से.
करीब दस मिनट तक लगातार जबरदस्त उछलकूद करने के बाद उसने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और नीचे से धक्के देकर मेरा पूरा साथ देने लगी और अब उसकी सिसकियाँ शोर में बदल गयी और तेज़ी से कमर हिलाते हिलाते वो एकदम से निढाल हो गयी, लेकिन मेरे अंदर जान अभी भी बाकी थी और में भी उसे पूरे जोश में धक्के मार रहा था, लेकिन उसने मेरा साथ देना बंद कर दिया था और वो मुझसे बोली कि मुझे तुम्हारा वीर्य पीना है तो अपना लंड निकालकर मेरे मुहं में डाल दो प्लीज और अब मुझे भी अपना लंड चुसवाने का मन कर रहा था और लंड की सफाई भी करवानी थी इसलिए मैंने उसकी चूत के पानी से बुरी तरह भीगा हुआ अपना लंड उसके मुहं में घुसा दिया और वैसे भी वो लंड को चूसने में बहुत अनुभवी थी और उसने मेरे लंड को इतनी बुरी तरह से चूसा कि मेरा झड़ने का समय भी बहुत नज़दीक आ गया और मैंने पूरा का पूरा माल उसके मुहं में डाल दिया और वो स्वाद लेकर पूरा माल पी गयी और लंड को जब तक चाटती रही, जब तक वो बिल्कुल साफ और सिकुड़ नहीं गया.
दोस्तों जिंदगी में मुझे और रेखा को भी इतना मज़ा पहली बार आया था और फिर उसने मुझे बताया कि उसकी ऐसी चुदाई पहले कभी किसी ने नहीं की थी. दोस्तों अब तो मेरा होसला और भी बढ़ गया और जब तक उसका पति नहीं आया तब तक में रोज़ दिन रात उसकी चूत में ही डूबा रहा और करीब चार पांच दिन के बाद मेरे दिमाग़ में एक आईडिया आया कि जिसकी चूत में इतना मज़ा है तो उसकी गांड कैसी होगी? और फिर एक दिन जब में उसके बूब्स पी रहा था तो मेरे मन में आया कि आज में इसकी गांड मारने की कोशिश करता हूँ और फिर मैंने अपनी इस इच्छा के बारे में उसे नहीं बताया बल्कि जब मैंने उसे सेक्स के लिए बहुत गर्म कर दिया तो मैंने उसकी चूत में लंड डालने की जगह उसकी गांड के मुहं पर लंड रखा और उसे ज़ोर से पकड़कर एक जोरदार झटके के साथ एक ही बार में पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में घुसा दिया, अहहह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ऊउईईईईईइ माँ वो दर्द से बिल्कुल कराह उठी, लेकिन मैंने उसको नहीं छोड़ा और में उसे कसकर पकड़े रहा और लगातार धक्के मारता रहा ऑश उफ्फ्फ माँ मर गई प्लीज बाहर निकालो, उईईईईई माँ मर गयी प्लीज निकालो ना, रोको यार में मर जाउंगी, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने देखा कि कुछ देर चिल्लाने के बाद उसे मज़ा आने लगा था और उसकी चीख अब सिसकियों में बदल गयी है.
फिर मैंने बहुत देर तक जमकर उसकी गांड मारी और पूरा का पूरा माल उसकी गांड में ही झाड़ दिया, लेकिन दोस्तों कसम से उसकी चूत जितनी गरम थी उतनी ही लज़ीज़ उसकी गांड भी थी. उसके पति के आने तक मैंने उसे दोनों तरफ से बहुत चोदा और एक बार गांड तो एक बार चूत की चुदाई की. उसने 7 दिनों में मुझे बुरी तरह से कमजोर कर दिया था. मैंने गिना तो नहीं था, लेकिन मैंने एक दिन में कम से कम उसे 6 बार चोदा होगा.
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बहन ने अजनबी लंड का मजा लिया

हैल्लो दोस्तों, में विक्की एक बार फिर से हाजिर हूँ, आप सभी चाहने वालों के सामने अपनी एक और नयी सच्ची घटना लेकर आया हूँ. दोस्तों यह कहानी मेरी और मेरी छोटी बहन सलोनी की है और जैसा उसका नाम है वैसा ही उसका रंग है, लेकिन वो थोड़ी सांवली जरुर है. उसके नैन नक्श बहुत अच्छे है और वो एक बहुत सुंदर जिस्म की मालकिन है, उसके बूब्स बहुत बड़े बड़े और रसदार है और उसकी गांड भी दिखने में बहुत बड़ी है और वो हमेशा छोटे कपड़े पहनती है, क्योंकि उसे भी पता है कि वो सुंदर जिस्म की मालकिन है और वो लोगों को अपना खजाना दिखाने से कभी नहीं चूकती और इसी बात पर में उस पर फिदा हूँ. दोस्तों जब से वो जवान होना शुरू हुई है, तब से में उसके जिस्म की तरफ और भी ज्यादा आकर्षित होता गया हूँ, लेकिन एक भाई बहन के रिश्ते के नाते मैंने हमेशा अपने आप पर कंट्रोल रखा और वैसे में उससे बेहद प्यार करता हूँ और करता रहूँगा, लेकिन आजकल उसका एक बॉयफ्रेंड है और वो दोनों अपनी लाईफ में बहुत खुश है.
दोस्तों में आज आप सभी लोगों के सामने एक सच्ची घटना पेश करने जा रहा हूँ. यह घटना सच्ची है और यह आज से कुछ समय पहले घटी है. दोस्तों आज से तीन चार महीने पहले हम दोनों अपने मामा जी के यहाँ पर गये हुए थे और यह घटना वापस लौटते समय मेरे साथ घटी. हम दोनों उत्तरप्रदेश से है और अपने घर पर वापस लौट रहे थे, मेरे मामा जी हमे स्टेशन पर छोड़ने आए हुए थे और उस समय छुट्टियां होने की वजह से उस समय ट्रेन में बहुत भीड़ थी और वो एक पॅसेंजर ट्रेन थी तो हम दोनों थोड़ा बहुत धक्का मुक्का करते हुए ट्रेन में अंदर घुस तो गए, लेकिन इस दौरान मेरा एक हाथ कई बार सलोनी के बड़े बड़े बूब्स पर लगा और फिर मैंने देखा कि भीड़ की वजह से कई लोगों ने सलोनी के बूब्स को छू लिया था और मुझे यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा और अब में जैसे तैसे सलोनी को वहां से आगे की तरफ बड़ाने लगा और इस दौरान कई लोगों ने जानबूझ कर सलोनी के बूब्स दबा दिए और उसकी गांड पर हाथ फेर दिया, लेकिन में उनसे कुछ नहीं बोला और आगे बड़ गया.
दोस्तों वैसे सलोनी हमेशा जीन्स टॉप में होती है, लेकिन ना जाने क्यों उस दिन उसने सलवार कमीज़ पहनी हुई थी? और उस पूरे कोच में बहुत भीड़ थी. तभी एक केबिन में कुछ लोग बैठे हुए थे, लेकिन भीड़ तो वहां पर भी बहुत थी, लेकिन वहां पर थोड़ा थोड़ा सरकने पर कुछ जगह बन सकती थी जो कि मेरी बहन के बैठने के लिए पर्याप्त थी और सीट के सबसे साईड में एक लड़का जो करीब 28-29 साल का था, वो वहां बैठा हुआ था. फिर मैंने उससे कहा कि भैया अगर आप हल्का सा सरक जाएँगे तो मेरी बहन भी यहाँ पर बैठ जाएगी, तभी उसने पास में खड़ी हुई मेरी बहन को देखा और फिर वो थोड़ा सा सरक गया, लेकिन मेरी बहन के चूतड़ बहुत बड़े बड़े थे, जिससे वो उस सीट पर आधी लटक गयी, लेकिन अब वो लड़का भी और नहीं सरक सकता था.
मैंने सलोनी की परेशानी देखी, लेकिन मुझे कोई चारा नहीं मिला और मैंने सलोनी से कहा कि सलोनी तू थोड़ा और अंदर हो जा वरना तू गिर जाएगी तो सलोनी ने अपने को सेट करते हुए थोड़ा आगे पीछे हुई, लेकिन इससे वो उस लड़के के ऊपर आधे से ज़्यादा चड़ गई और सलोनी के आधे आधे चूतड़ उसकी एक जाँघ पर आ गये, लेकिन वो कुछ नहीं बोला और बोलता भी कैसे उसके पास एक मस्त फिगर वाली सेक्सी लड़की जो बैठी हुई थी. फिर मैंने यह सब देखा, लेकिन मैंने सोचा कि सफ़र लंबा है और शायद आगे कुछ लोग उतर जायेंगे. तभी उस लड़के ने सलोनी से कहा कि बहन अगर आपको बैठने में कोई समस्या है तो आप आराम से मेरे पैर पर बैठ जाइए तो सलोनी ने कुछ नहीं कहा और अपने मटके जैसे चूतड़ सरका कर उसकी जाँघ पर बैठ गई.
फिर मैंने कहा कि भैया आपको कोई तकलीफ़ तो नहीं होगी? फिर वो बोला कि नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, वैसे भी आपकी बहन ज़्यादा भारी नहीं है और फिर ऐसे ही कुछ समय बीत गया और अब शायद उस लड़के के पैर में दर्द होने लगा था, इसलिए वो बोला कि बहन आप थोड़ा बीच में आ जाओ और फिर मैंने सलोनी को इशारा किया और सलोनी उसके लंड के बिल्कुल ऊपर बैठ गयी. सलोनी ने बैठने के साथ ही अलग सा मुहं बनाया, शायद उसकी गांड में उसका लंड चुभा होगा और मुझे सलोनी की शक्ल से पता चल रहा था कि उसका लंड बिल्कुल उसकी गांड पर है, क्योंकि सलोनी बिल्कुल उसकी गोद में थी और सलोनी के बाल उस लड़के के मुहं पर थे और वो उनको सूंघने लगा. सलोनी के शेम्पू किए हुए बालों को बहुत मज़े से सूंघने लगा और मुझे यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा, इसलिए सबसे पहले मेरा मन हुआ कि सलोनी को अभी इसी वक्त खड़ा कर दूँ, लेकिन मैंने सोचा कि वो इतनी भीड़ में और क्या करेगा?
तभी उस लड़के ने मुझसे पूछा कि आप कहाँ जा रहो हो भैया? तो मैंने कहा कि बरेली तो वो बोला कि ठीक है और आप क्या करते हो? फिर मैंने कहा कि में एक स्टूडेंट हूँ और फिर उसने मेरा नाम पूछा और फिर उसने सलोनी से पूछा कि बहन आपको कोई दिक्कत तो नहीं हो रही? तो सलोनी ने अपनी गर्दन को ना में हिला दिया. तभी वो बोला कि आप लोग एकदम ग़लत ट्रेन में चड गये, क्योंकि इस दौरान इसमें बहुत भीड़ होती है और बरेली तक इसमें बहुत ज्यादा भीड़ रहती है.
मैंने कहा कि हाँ आपका कहना बिल्कुल ठीक है, लेकिन हमसे वो पहले वाली ट्रेन छूट गई और हमे यह नहीं पता था कि इसमें इतनी भीड़ होगी? अब बहुत ज्यादा भीड़ और गर्मी की वजह से सलोनी पसीने में पूरी तरह भीग गई थी और उसका सूट भी बहुत गीला हो गया था. तभी वो लड़का बोला कि बहन एक मिनट ज़रा और उसने सलोनी के चूतड़ पर हाथ रखकर उसको उठाया और अपनी पेंट को ठीक किया जिसमें से उसका टेंट पूरी तरह दिख रहा था और फिर उसने सलोनी के चूतड़ को पकड़कर उसको उस टेंट के ऊपर बैठा लिया, सलोनी को भी अब मज़ा आने लगा था और वो धीरे धीरे अपने चूतड़ मटका रही थी और वो भी अब उसके लंड को पूरा महसूस करना चाहती थी और फिर थोड़ी ही देर में सब लोग झपकी लेने लगे और सलोनी को भी नींद आने लगी तो वो पीछे होकर उस लड़के के उपर ही लेट गयी और सलोनी ने अपना एक हाथ उस लड़के की गर्दन के पीछे रख दिया. सलोनी की शक्ल से पता चल रहा था कि वो भी अब उससे अपनी चुदाई करवाना चाहती है.
तभी उस लड़के ने अपना एक हाथ आगे की तरफ निकालकर सलोनी के पेट पर रख दिया और उस लड़के को पता था कि में यह सब देख रहा हूँ, लेकिन फिर भी कोई विरोध नहीं कर रहा हूँ तो उसकी हिम्मत भी अब ज्यादा बढ़ने लगी और सलोनी भी उसका कोई विरोध नहीं कर रही थी तो वो धीरे धीरे सलोनी के पेट पर हाथ फेरने लगा.
वो बोला कि भैया आपकी बहन सलोनी तो बड़ी प्यारी है तो इसके लिए कोई अच्छा सा लड़का ढूंडना. फिर मैंने कहा कि हाँ वो तो हम खोजेंगे और अब वो अपने होंठो को बिल्कुल सलोनी के कानो के पास ले गया और बोला कि कैसा लड़का चाहिए आपको? यह बोलते हुए उसके होंठ सलोनी के कानो को छू गये और वो उनको सूंघने लगा तो सलोनी थोड़ा शरमाकर उससे बोली कि जैसा मेरे घर वाले ढूंड देंगे वैसा ही मेरे लिए ठीक होगा. फिर वो बोला कि क्यों इसमें आपकी कोई पसंद नहीं है? ऐसा बोलते हुए वो सलोनी के कान सूंघ रहा था और उन पर अपने होंठ फेर रहा था और उसके पेट पर अपना एक हाथ चला रहा था और मुझे यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था, लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि में क्या करूं? फिर कुछ देर बाद मुझे लगा कि शायद सलोनी उठकर खुद उसे एक जोरदार थप्पड़ मार देगी, लेकिन वो भी चुप थी और आज रह रहकर मुझे वो बातें याद आ रही थी, जब मेरे दोस्त आकर सलोनी की उल्टी सीधी हरकतो के बारे में मुझे बताते थे, तब या तो में उन बातों को अपने दिमाग से निकाल देता था या फिर में उनसे लड़ पड़ता था.
अब वो सलोनी की बाँह पर हाथ फेरने लगा तो मुझे लग रहा था कि जल्द ही यह इसके बूब्स तक भी पहुंच जाएगा और मेरी बहन के बड़े बड़े बूब्स को छुयेगा और फिर कुछ देर के बाद मेरा यह सोचना बिल्कुल सच साबित हुआ और उसने अचानक से अपना एक हाथ सलोनी के बूब्स पर रख दिया और ऐसा करते ही सलोनी झटके से खड़ी हो गयी और यह देखकर वो लड़का घबरा गया. फिर मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो सलोनी बोली कि मुझे पेशाब आया है तो में अभी करके आती हूँ और वो टॉयलेट की तरफ बढ़ गई और इस दौरान ही कई लड़को ने उसकी गांड और बूब्स पर अपने अपने हाथ साफ कर लिए और मैंने उस लड़के के लंड की तरफ देखा और वहां पर देखने से ही पता चल रहा था कि उसका कितना बड़ा बम्बू था. में तो यह देखकर ही बिल्कुल हैरान था कि सलोनी अब तक इतने बड़े बम्बू पर कैसे बैठी हुई थी?
दोस्तों सलोनी के एकदम उठने से वो लड़का अब बहुत घबराया हुआ था और वो मुझसे अपनी नजर चुरा रहा था और इतने में सलोनी वापस आ गई और फिर कई लोगो ने आते समय भीड़ की वजह से उसके मज़े ले लिए थे. फिर वो जब आई तो मैंने देखा कि उसने अपनी कमीज़ को पीछे से अपने चूतड़ के ऊपर से उठा रखा था या फिर आते समय उसको किसी ने उठा दिया होगा और उसके बड़े बड़े चूतड़ का आकार बन रहा था और उसकी सलवार उसके चूतड़ो में पूरी तरह घुसी हुई थी और अब में सोच रहा था कि आते वक़्त जिन लोगों ने उसके चूतड़ो पर अपना हाथ फेरा होगा उनको तो स्वर्ग मिल गया होगा.
अब सलोनी ने उस लड़के की पेंट पर बने हुए उस तंबू को देख लिया था और फिर उसने अपने चूतड़ उस पर टेक दिए. यह देखकर तो मैंने भी अपनी जीभ दबा ली उसका लंड तो सलोनी के बिल्कुल अंदर गया होगा अब मुझे सलोनी के रंडी पन का अहसास हो गया था और उसको यह भी परवाह नहीं थी कि उसका भाई भी वहां पर खड़ा हुआ है, अगर वो लड़का सलोनी को पूरा नंगा करके सबके सामने चोदे तो सलोनी को शायद अब इस बात की भी परवाह नहीं थी, उसे तो बस उसका वो मोटा लंबा लंड चाहिए था, लेकिन वो लड़का बहुत समझदार था और उसने अपने आप को पूरी तरह कंट्रोल कर रखा था और उसको पता था कि उसकी एक भी ग़लती कुछ बड़ा बखेड़ा शुरू कर देगी इसलिए वो ज़्यादा कुछ एसी हरकत नहीं कर रहा था, लेकिन सलोनी अब कुछ ज्यादा आगे बढ़ना चाहती थी, लेकिन खैर कुछ ज़्यादा हो ना सका क्योंकि अब थोड़ी भीड़ छट गयी थी.
अब सलोनी को भी उसके एक साइड में बैठने की जगह मिल गयी थी और अब आगे कुछ और नहीं हो सकता था इसलिए वो लड़का बस सलोनी को घूरता रहा और सलोनी भी बीच बीच में उसको देखती रही, लेकिन और कुछ नहीं होता क्योंकि सारी गावं की भीड़ अब उतर चुकी थी और सिर्फ़ शहर की रह गई थी और वैसे भी कुछ देर बाद हम बरेली पहुंच गये, में और सलोनी बाहर ऑटो ढूंड रहे थे. रेलवे स्टेशन से हमारा घर कोई आधे घंटे की दूरी पर था तो हमे एक ऑटो मिल गया और उसमे एक कपल पहले से ही बैठा था.
मैंने सलोनी को उसमे बैठने को कहा और हम लोग बैठ गये, तभी वो लड़का आ गया और में उसको देखकर बिल्कुल चौंक गया और सलोनी भी, वो बोला कि भैया मुझे कचारी तक जाना है वैसे हम लोगो को भी वहीं पर जाना था तो ऑटो वाला हमसे बोला कि भैया थोड़ा सरककर इनको भी बैठा लो. वो लड़का बोला कि में इन लोगों को बहुत अच्छी तरह जानता हूँ और सलोनी तुम मेरी गोद में बैठ जाना इतनी देर बैठाया और थोड़ा आगे तक बैठा लूँगा. सलोनी ने उससे मना नहीं किया और ऊपर उठ गई वो लड़का सीट पर बैठ गया और उसने मेरे सामने ही सलोनी की कमीज़ को उसके चूतड़ो के ऊपर से उठा दिया और फिर उसे अपनी गोद में बैठा लिया.
मैंने उस कपल को देखा तो वो अपने में ही मस्त थे और में अच्छी तरह से जानता था कि उस लड़के को पहले ही उतर जाना था, लेकिन वो खुद ही जानबूझ कर हमारे साथ आया है और उसने हमे कचारी जाते हुए सुन लिया था और में यह भी जानता था कि जब तक हम उतर नहीं जाते वो तब तक सलोनी के बहुत अच्छी तरह मज़े लेने वाला था क्योंकि उसे मेरा बिल्कुल भी डर नहीं था और बाकी वो कपल अपनी धुन में मस्त था और फिर कुछ देर के बाद उसकी हरकते शुरू हो गयी. अब में यह बात भी सोच रहा था कि अगर में सलोनी के साथ नहीं होता तो सलोनी अब तक किसी होटेल में जाकर इससे चुद चुकी होती, वैसे सलोनी और में एक दूसरे से बहुत खुले थे, लेकिन ऐसी चीज़ हम दोनों के साथ पहली बार हुई थी और हम दोनों को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें? फिर मैंने सोचा कि अगर सलोनी की जगह पर में होता तो और उस लड़के की जगह कोई लड़की होती तो में क्या करता? जाहिर सी बात है कि में भी उस लड़की के मज़े लेता और फिर उसी तरह वो लड़का मेरी बहन के मज़े ले रहा था.
फिर उस लड़के ने सलोनी के चूतड़ो के नीचे अपना हाथ घुसा दिया और में बहुत आराम से गर्दन मोड़कर चोरी छिपे उसकी हरकते देख रहा था और यह बात उन दोनों को पता थी, लेकिन कोई कुछ नहीं बोला और उसने अब अपनी ज़िप को खोल दिया और अपने लंड को बाहर निकाल दिया और अब सलोनी उसके लंड पर बैठी हुई थी और उसने फिर सलोनी की चुन्नी को खींच लिया और उसके बूब्स पर हाथ रख दिया और उनको छूने लगा. में कभी सलोनी के बूब्स की तरफ देखता तो कभी सलोनी के चेहरे पर. तभी उसने अपना एक हाथ सलोनी की कमीज़ में घुसा दिया और उसका एक बूब्स नंगा कर दिया.
पहली बार में सलोनी का बूब्स नंगा देख रहा था जो बहुत सुंदर था. सलोनी वैसे थोड़ी सांवली थी, लेकिन उसका बूब्स उससे थोड़ा गोरा था और उस पर भूरे कलर का निप्पल उसकी सुन्दरता पर चार चाँद लगा रहा था. फिर उस लड़के ने सलोनी को अपनी तरफ घुमा दिया और उसके होंठो पर एक जोरदार चुम्मा रसीद कर दिया और फिर उसके निप्पल को अपने मुहं में भर लिया. अब वो बहुत देर तक सलोनी के बूब्स चूसता रहा और में इस तरह से बैठा हुआ था कि उस कपल को यह सब कुछ दिखाई नहीं दे रहा था और अब उसने सलोनी की सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसकी सलवार को थोड़ा नीचे की तरफ खिसका दिया और फिर पेंटी को भी.
दोस्तों मेरी बहन की बिल्कुल नंगी चूत अब ठीक मेरे आगे थी और उस पर थोड़े बाल थे, लेकिन वो देखने में बहुत सुंदर थी. फिर उस लड़के ने अपना लंड चूत में नहीं घुसाया, वो बस सलोनी की गांड पर फेरता रहा और सलोनी बैठकर अपनी गांड को उसके लंड पर दबा कर रही थी और फिर वो लड़का पीछे से सलोनी की कमर चाटने लगा और में भी यह सब देखकर झड़ने पर था और अब मेरा भी वीर्य निकलने वाला था. फिर इसी दौरान उस लड़के का लंड झड़ गया, लेकिन उससे पहले उसने अपने लंड को अपनी अंडरवियर में डाल लिया ताकि उसका माल सलोनी की गांड पर ना फैले और उसने बहुत कसकर ज़ोर से सलोनी के बूब्स को दबोच लिया और कुछ देर वो इसी पोजीशन में रहा और फिर उसने सलोनी को अपनी तरफ घुमाकर एक जोरदार किस दिया.
अब सलोनी ने भी अपने कपड़े ठीक कर लिए और थोड़ी ही देर में हमारा स्टॉप आ गया. फिर हम तीनो वहां पर उतार गये और मैंने ऑटो वाले को पैसे दिए और उस लड़के ने भी. फिर हम दोनों अपने घर की और बढ़ गये, तभी उस लड़के ने मुझे आवाज़ दी तो मैंने सलोनी से कहा कि में एक मिनट में उस लड़के के पास से आता हूँ. फिर जब में उसके पास गया वो बोला कि भैया अब में आपका पीछा नहीं करूँगा, आपकी बहन जितनी सुंदर है उतनी प्यारी भी है और आप उसके लिए एक बहुत अच्छा लड़का ढूंडना और वो मुझसे यह बात कहकर चला गया. फिर सलोनी ने मुझसे पूछा कि वो आपसे क्या कह रहा था?
मैंने उससे कहा कि कुछ नहीं वो मुझसे एक पता पूछ रहा था. फिर सलोनी बोली कि क्यों आपने बता दिया? तो मैंने कहा कि हाँ और वो बोली कि वैसे भैया वो लड़का बहुत अच्छा था और उसने मुझे इतनी देर तक अपनी गोद में बैठाये रखा, बैचारे के तो पैर दर्द कर गये होंगे. आप उसको घर पर बुला लेते तो वो चाय नाश्ता करके चला जाता. फिर मैंने कहा कि नहीं उसको थोड़ा जल्दी थी और फिर हम दोनों घर की और चले गये. दोस्तों यह थी मेरी चुदक्कड़ बहन की चुदाई का सफर जिसमे उसने किसी अजनबी के लंड पर बैठकर उसके लंड को ठंडा किया और मजा लिया.
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दोस्त के साथ फुल मज़े किए

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है और में वड़ोदरा गुजरात से हूँ. में दिखने में सुंदर हूँ तो गर्ल्स भी मेरी तरफ जल्दी ही आकर्षित हो जाती है, लेकिन में थोड़ा शर्मिला हूँ तो मैंने अभी तक किसी लड़की को रेस्पॉन्स नहीं दिया. अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा अपनी कहानी बताता हूँ. ये बात अभी 15 दिन पहले हुई जब में अपने फ्रेंड से मिलने अहमदाबाद गया था. में वैसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ, और में खुद अपने पैरो पर खड़ा हूँ. मैंने अपनी पढाई पुणे में पूरी की थी और उसके बाद मैंने एक कंपनी में जॉब की, वहाँ पर मेरी कई लड़कियों के साथ जान पहचान हुई और मेरी शर्म भी धीरे-धीरे गायब हो गयी.
अब वहाँ पर एक लड़की थी, जो काफ़ी अच्छी थी और वो मेनेजमेंट में काम कर रही थी और मेरा उससे मिलना हुआ वो क्या सुंदर और मस्त लग रही थी? उसका फिगर मेरे हिसाब से 36-26-34 होगा. मुझे वो काफ़ी अच्छी लगी और उस टाईम ना तो मेरे दिमाग़ में कोई ग़लत ख्याल था और ना ही कुछ और था. फिर हमने 3 महीने तक साथ में काम किया और उसके बाद में वड़ोदरा में घर वापस आ गया, और वो राजस्थान की उदयपुर की रहने वाली थी और वो भी वापस अपने घर चली गई. उसके बाद हमारी फ़ेसबुक और व्हाट्सअप पर थोड़ी-थोड़ी बातें होती रहती थी और उसके घरवाले उसकी शादी करवाना चाहते थे और उसे शादी लेट करनी थी. फिर वो एम.बी.ए के लिए अहमदाबाद आ गयी. अरे में आपको उसका नाम तो बताना ही भूल गया, उसका नाम सीमा था, अब में वापस से स्टोरी पर आता हूँ.
उसने मुझे एक दिन कॉल किया और बोली कि में अहमदाबाद में एम.बी.ए की पढाई के लिए आ रही हूँ तो वो मुझसे पूछने लगी कि कहाँ रहना सही होगा? और भी बहुत कुछ पूछने लगी. अब वो वहां पर नई थी तो उसे थोड़ा टेन्शन भी था. फिर उसने बाद में एक फ्लेट किराए पर लिया और अपना सारा सामान सही सेट कर दिया.
मैंने उससे कहा कि में रविवार को फ्री हूँ, क्या तुम फ्री हो? फिर उसने कहा ठीक है आ जाओ. फिर में वड़ोदरा से सुबह 7 बजे की ट्रेन से अहमदाबाद के लिए निकला और फिर में वहाँ पर 10 बजे पहुंचा और फिर उसके बाद में बस से सीधा उसके फ्लेट तक पहुंचा. जब तक 12 बज गये थे और अब उसको अभी खाना बनाना था और फिर वो बातें करने लगी, क्योंकि हम 1 साल के बाद मिल रहे थे और फिर हमने पुरानी बातें और अभी की बातें की. अब वो घर से अहमदाबाद शिफ्ट होने पर थक गयी तो वो सुबह लेट उठी और उसे नहाना भी बाकी था तो अब वो नहाने चली गयी.
फिर में उसके लेपटॉप में मूवी देखने लगा तो फिर मुझे आइडिया आया तो मैंने बाथरूम के होल से देखा, तो वो पूरी नंगी थी, लेकिन मुझे ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था तो में वापस से मूवी देखने लगा. इतने में वो नहाकर आ गयी और फिर बाद में मैंने उससे पूछा कि और मूवी कहाँ है? तो वो सीधा बाथरूम से आकर मेरे पास आई और बोली कि मूवी यहाँ पड़ी है. फिर मैंने अपनी छोटी हार्ड ड्राईव निकालकर मूवी कॉपी करना शुरू किया और वो कपड़े चेंज करने चली गई. फिर में भी उसके पीछे-पीछे गया तो उसने कहा कि क्या कर रहे हो? तो में बहाना बनाकर सीधा किचन की तरफ चला गया और पानी पी लिया. फिर वो कपड़े चेंज करके आई और फिर मैंने उससे बातें करनी शुरू कर दी तो मैंने उससे कहा कि 1 साल में कोई बॉयफ्रेंड बनाया या नहीं? तो वो बोली कि नहीं सिर्फ़ बहुत सारे दोस्त है. तो मैंने उससे कहा कि तुम तो शादी करनी वाली थी तो अब तुम एम.बी.ए क्यों करना चाहती हो? तो वो बोली कि अभी दोस्तों के साथ मज़े कर लेते है क्योंकि बाद में कुछ नहीं मिलेगा.
अब तो में चौंक गया और मुझे लगा कि इसने पहले भी सेक्स किया हुआ है तो मैंने उससे कहा कि तो मज़े किस टाईप के? तो वो बोली सब टाईप के तो मैंने कहा कि और? तो उसने मेरी बात काट दी. फिर मैंने उससे कहा कि तुमको मूवी चाहिए तो वो हाँ बोली और मैंने सारी मूवी उसके लेपटॉप में डाल दी. फिर वो किचन में गयी तो मैंने पॉर्न मूवी चालू कर दी तो वो अचानक से पीछे आ गयी और बोली कि ये भी डाल देना. मैंने कहा कि पॉर्न मूवी डालने का क्या फायदा है? तो वो बोली कभी काम आ जाता है.
मैंने कहा कि अगर तुम चाहों तो में मूवी का मज़ा सच में दे सकता हूँ, तो वो थोड़ा शरमाई और वापस अपने काम पर लग गयी. अब वो कपड़े धो रही थी तो में बोर हो रहा था. फिर में उसके पास गया और कहा कि बोलो क्या तुम्हें सच वाला अनुभव चाहिए? तो वो कुछ नहीं बोली. फिर मैंने सोचा कि अब में इसके साथ सेक्स करके ही रहूँगा. फिर मैंने उसके ऊपर पानी डाल दिया तो वो गीली हो गयी और गुस्सा होकर बोली कि अभी एक जोड़ी कपड़े ही बचे थे वो भी गीले कर दिए तो मैंने सिर्फ स्माइल दी.
फिर वो कपड़े चेंज करने गयी और फिर वो सिर्फ़ रूमाल में आई, वो क्या मस्त लग रही थी? फिर मैंने उससे कहा कि थोड़ी देर में मेरी ट्रेन है और में वापस जाने वाला हूँ तो तुम बाद में कपड़े धो लेना. फिर उसने कहा ठीक है और मैंने सेक्सी मूवी चालू कर दी. अब वो थोड़ा शर्मा रही थी और फिर में उसके पास जाकर बैठ गया और उसके बूब्स पर धीरे से हाथ रखा तो वो बोली कि क्या कर रहे हो? तो मैंने कुछ जवाब नहीं दिया और फिर मैंने उसके बूब्स को सहलाना चालू कर दिया. अब उसकी सांसे तेज़ हो रही थी और फिर मैंने उसका रूमाल खींच लिया तो अब वो मेरे सामने ब्रा और पेंटी में थी. फिर उसने कहा कि मुझे रूमाल वापस दो तो मैंने मना कर दिया और में फिर से उसके बूब्स दबाने लगा. अब वो और ज़ोर से आहें भरने लगी थी.
फिर मैंने उसकी ब्रा निकाल दी और अब वो मूवी देख रही थी. फिर मैंने उसके बूब्स को चूसना चालू किया तो अब वो और आहें भरने लगी और मैंने उसकी पेंटी पर अपना हाथ रखा तो वो मना करने लगी, लेकिन फिर मैंने उसकी चूत को सहलाना चालू किया तो वो मना नहीं कर पाई और अब उसे भी मज़ा आने लगा था. अब में अपने कपड़े उतारने लगा और अंडरवियर में आ गया.
फिर मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखवा दिया तो वो चौंक गयी कि ये इतना बड़ा और लंबा है, कैसे होगा? तो मैंने कहा तुम बस देखती जाओ. फिर उसके बाद में उसकी चूत को चाटने लगा और वो मेरे लंड को चूसने लगी. अब हम 69 की पोजिशन में थे और अब वो 2 बार झड़ चुकी थी. फिर आखिरकार वो मुझे कहने लगी कि अब जल्दी से डाल दो ज़्यादा देर मत करो तो मैंने अपना लंड ज़ोर से उसकी चूत में डाल दिया, तो वो शॉक हो गयी और कहा कि निकालो इसे बाहर, मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
फिर मैंने धीरे-धीरे हिलना चालू किया तो अब उसको भी मज़ा आने लगा तो मैंने ज़ोर-ज़ोर से उसकी चुदाई की. और अब वो भी खुश होकर बोली कि मैंने पुणे में एक दोंस्त से चुदवाया था, तब से में प्यासी थी और अब जाकर मुझे आराम मिला है और बोली कि अब में जब बोलूँ तब तुम अहमदाबाद आना और मेरी चूत की प्यास बुझाना.
फिर मैंने काफ़ी देर तक सेक्स किया और फिर कुछ देर बाद में झड़ने वाला था तो उसने कहा कि मेरी चूत में ही डाल दो. फिर मैंने भी वैसा ही किया और अब उसकी प्यास बुझ गयी थी और मेरा भी काम हो गया था. अब शाम हो चुकी थी तो में नाश्ता बाहर से ले आया और फिर हमने नाश्ता किया और उसके बाद मैंने उसे उस पूरी रात में 3 बार चोदा और फिर मैंने हर तीन दिन में वहाँ उसके घर जाकर उसकी खूब चुदाई की.
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दोस्त की बुआ ने गुलाम बनाया

हैल्लो दोस्तों, में विक्की आपके लिए एक और सच्ची कहानी लेकर आया हूँ. ये कहानी तीन साल पहले की है और में एक कॉंट्रेक्टर हूँ, उस समय मेरी उम्र 25 साल की थी और मुझे एक कांट्रेक्ट मिला था, जिसके लिए मुझे 5 लाख की ज़रूरत थी. मेरा एक बचपन का दोस्त है, उसका नाम विशाल है और यहाँ उसके परिवार वाले और उसके सारे रिश्तेदार मुझे अच्छी तरह से जानते है. मैंने उसे अपनी ज़रूरत के बारे में बताया तो उसने कहा कि इतनी बड़ी रकम का इंतजाम करना तो बहुत मुश्किल है. फिर वो अचानक बोला कि हाँ अगर मेरी बुआ चाहें तो मिनटो में ये काम कर सकती है.
दोस्तों उसकी बुआ का नाम सुषमा है, उम्र लगभग 53 साल होगी और वो दिखने में अच्छी सुंदर औरत है, गोरा रंग, भारी भरकम कूल्हे, बड़े-बड़े बूब्स साईज़ है और वो रेल्वे में ऊँचे पद पर जॉब करती है. उनके पति मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करते है और ज्यादातर विदेश में ही रहते है, उनका बड़ा बेटा दुबई में है और छोटा बेटा अमेरिका में पढ़ता है. में अक्सर उनके घर अपने दोस्त के साथ गया हूँ और उनकी नज़र में मेरी अच्छी इज्जत है और में भी उनकी इज़्ज़त दिल से करता था, ग़लत ख्याल का तो सवाल ही नहीं था.
फिर उसने अपनी बुआ को मेरी दिक्कत के बारे में फोन पर बताया तो उन्होंने मुझसे भी बात की तो मैंने उन्हें बताया कि मुझे दो महीनों के लिए 5 लाख रूपये की ज़रूरत है. फिर वो बोली कि बेटा रकम बड़ी है तो में कोशिश करती हूँ और 5 लाख का ब्याज लगेगा, ये सुनकर मुझे थोड़ी राहत मिली तो मैंने झट से कहा कि बुआ थैंक यू, मुझे मंज़ूर है. फिर उन्होंने कहा कि तू शाम को घर आ जाना तो फिर में विशु के साथ उनके घर शाम को पहुंचा.
अब बुआ बातचीत करते हुए बड़ी अजीब नज़रो से मुझे देख रही थी, खासकर मेरे लंड का उंभार जो कि मेरी जीन्स के ऊपर से साफ महसूस रहा था. फिर मैंने सोचा कि बुआ ऐसी थोड़ी है. फिर बुआ ने मुझे 2 दिन बाद आने को कहा और बोली कि बेटा तू मुझे अपना फोन नंबर दे दे, में तुझे फोन करके बुला लूँगी तो मैंने कहा कि ठीक है. फिर हम वहाँ से आ गये.
2 दिन के बाद बुआ का फोन आया जब रात के कोई 9 बज रहे थे तो मैंने फोन उठाकर बुआ को नमस्ते कहा तो वहाँ से आवाज़ आई कि विक्की तेरा काम हो गया है अपने पैसे ले जा. फिर मैंने कहा कि बुआ अभी काफ़ी लेट हो गया है और में कल सुबह पैसे ले लूँगा. फिर वो बोली कि नहीं तुझे अभी आना होगा, सुबह में ऑफिस होती हूँ तो मैंने मजबूरी में कहा कि ठीक है बुआ में अभी आता हूँ और जब सर्दियो के दिन थे. फिर में अपनी कार में बैठा और चल पड़ा और में बहुत खुश था कि चलो चिंता खत्म हो गई.
अब इतने में बुआ का फोन दोबारा आया तो वो बोली कि विक्की एक काम है तो मैंने कहा कि बुआ हुक्म करो. फिर वो बोली कि बेटा वाईन शॉप से एक विस्की की बोतल लेता आना तो मैंने हैरानी से पूछा कि बुआ फुफाजी घर पर आए है क्या? फिर वो बोली कि अरे नहीं बेटा, घर पर अमेरिका से मेरी नंनद आई हुई है और उसी के लिए चाहिए, कोई दिक्कत है क्या? फिर मैंने कहा कि अरे नहीं बुआ में ले आऊंगा. ये कहकर मैंने फोन रख दिया और वाईन शॉप से एक विस्की की बोतल और एक शेम्पियन की बोतल भी ले ली ताकि वो खुश हो जाए. अब मेरे दिमाग़ में अभी भी कोई शैतानी नहीं थी.
मैंने 10 बजे उनके घर की डोर बेल बजाई तो दरवाज़ा बुआ की नंनद ने खोला, वो भी लगभग 50 साल के आस पास थी, उन्होंने ब्लेक कलर की लेगी पहनी थी और ऊपर बड़ी सी टी-शर्ट पहनी थी और उनकी टी-शर्ट के ऊपर से उनके बड़े-बड़े निप्पल के दाने साफ दिख रहे थे, जिससे पता चल रहा था कि उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी है, वो मोटी ताज़ी और सेक्सी औरत थी और उनका फिगर साईज 36-32-40 था.
फिर मैंने कहा कि मुझे बुआ ने बुलाया था तो वो बोली कि बेटा आजा सुषमा दीदी किचन में है तू बैठ तो में ड्रॉयग रूम में बैठ गया और टी.वी. के चैनल पलटने लगा. फिर थोड़ी देर में बुआ आकर मेरे पास बैठ गयी. फिर मैंने उनके पैर छूए. अब वो मेरे सामने ही बैठ गई और रात का समय था तो वो नाईटी में थी और उनके ऊपर के तीनों बटन खुले थे तो मुझे उनके बूब्स साफ नज़र आ रहे थे. मेरी नज़र उन पर पड़ी तो मैंने एकदम से अपनी निगाहे नीचे कर ली.
फिर उन्होंने खाने के लिए पूछा तो मैंने कह दिया कि में खाना खाकर आया हूँ. फिर बुआ ने अपनी नंनद से मेरा परिचय करवाया, विक्की ये मेरी नंनद स्वाती है तो मैंने उन्हें नमस्ते कहा. फिर बुआ बोली कि ले स्वाती आ गई तेरी विस्की. फिर मैंने कहा कि बुआ में इनके लिए शेम्पियन भी ले आया हूँ तो ये सुनकर स्वाती आंटी खुश हो गयी और बोली थैंक यू बेटा. फिर स्वाती आंटी उठी और किचन से तीन ग्लास और स्नेक्स ले आई.
फिर मैंने कहा कि बुआ में शराब कभी-कभी किसी प्रोग्राम या त्यौहार पर ही पीता हूँ. फिर एकदम से स्वाती आंटी बोली कि आज भी तो त्यौहार है तो मैंने हंसकर बोला कि नहीं स्वाती आंटी में शराब पीकर घर नहीं जा पाउँगा, घर पर बहुत सख्ती है. फिर उन्होंने कहा कि तो क्या हुआ? तू यही रुक जा सुबह चले जाना. फिर मेरा दिमाग़ घूम गया और अब पता नहीं मुझे ऐसा क्यों लग रहा था? कि दाल में कुछ काला है, लेकिन मुझे यक़ीन नहीं हो रहा था.
फिर बुआ बोली कि देख बेटा अगर पैसे चाहिए तो हमें कंपनी दे, हम तुझे खा थोड़ी जायेंगे और में भी शराब नहीं पीती, लेकिन आज में भी स्वाती की वजह से पी रही हूँ, बेफ़िक्र रहो, हम बूढी औरतें तुझे बोर नहीं होने देंगे तो में शर्माकर बोला कि ऐसी कोई बात नहीं है बुआ, आप जो बोलोगे वैसा ही होगा. फिर मैंने घर पर फोन किया और झूठ कह दिया कि में विशाल के घर पर हूँ और सुबह आऊंगा तो इतने में बुआ ने तीन पटियाला पैग बना लिए.
अब में भी बेफ़िक्र था कि अब तो रात को यही सोना है जितनी चाहे पिला दो. अब स्वाती आंटी ने पूछा और बता बेटा तेरे तो बहुत सारी गर्लफ्रेंड होगी, क्योंकि तू इतना सुंदर और बॉडी बिल्डर है. फिर मैंने कहा कि हाँ आंटी एक दो है तो अब इतने में टी.वी. पर इंग्लिश गाना आ रहा था. अब स्वाती आंटी ने तीन पैग पी लिए थे तो इसलिए नशा होने लगा था. फिर आंटी उठी और अपनी गांड मटका-मटका कर नाचने लगी और में उनकी बेशर्मी देखकर हैरान रह गया कि बुढिया पूरी रंगीली है.
फिर उन्होंने मुझे भी उठा लिया तो मैंने बहुत मना किया, लेकिन वो नहीं मानी तो अब में मजबूरी में उसके साथ नाचने लगा. फिर अचानक से उसने वो किया जो कि में सोच भी नहीं सकता था, वो मेरी तरफ गांड करके झूमने लगी और अपने बड़े-बड़े चूतड़ मेरी जीन्स के ऊपर रगड़ने लगी. फिर मैंने चौंक कर बुआ की तरफ देखा तो उन्होंने आँख मारी और कहा कि बेटा अगर पैसे चाहिए तो आज हमको रोकना मत, क्योंकि उनके चेहरे पर उस वक़्त शैतानियत नाच रही थी.
फिर मैंने कहा कि आप मेरे दोस्त की बुआ हो, ये ग़लत है और आपके बच्चे भी मुझसे उम्र में बड़े है. फिर वो बोली कि बेटा तू डर मत, किसी को कुछ पता नहीं लगेगा, बस तू किसी से ज़िक्र मत करना. फिर मैंने दिल में सोचा कि जब इन रंडियों को शर्म नहीं है तो में क्यों शर्मा रहा हूँ? फिर मैंने कहा कि ठीक है बुआ आ जा तू भी. फिर वो भी खड़ी होकर हमारे साथ थिरकने लगी और अब स्वाती आंटी मेरे लंड को अपनी गांड से रगड़ रही थी और बुआ अपने बूब्स मेरी कमर और गांड पर पीछे से रगड़ रही थी.
फिर मैंने भी आंटी के बड़े-बड़े बूब्स को अपने हाथों से ज़ोर-ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया था और बुआ मेरे लंड को जीन्स के ऊपर से सहला रही थी. फिर बुआ बोली कि ज़रा अपना लंड तो दिखा. फिर में झट से बिल्कुल नंगा हो गया और मेरा चिकना टोपा उन दोनों को सलामी दे रहा था.
अब बुआ ने और आंटी ने अपने कपड़े उतारे और हम तीनों बिल्कुल नंगे एक दूसरे के सामने थे. फिर बुआ ने शेम्पियन की बोतल निकाली और मेरे अंडो के पास उसे खोल दिया, मेरा लंड शेम्पियन से गीला हो गया था. फिर मैंने भी बोतल लेकर उन दोनों के शरीर की तरफ कर दी तो वो दोनों बिल्कुल गीली हो गयी थी और हम तीनों आपस में एक दूसरे से चिपक गये, कभी कोई किसी को चाटता तो कभी कोई किसी के बूब्स सक करता.
फिर बुआ और आंटी उठी और उन्होंने झुककर मेरी तरफ अपनी बड़ी सी गांड झुका दी और कहा कि आजा मेरे बच्चे हम दोनों की गांड चाट डाल. फिर मैंने बची हुई शेम्पियन उन दोनों रंडियो की गांड पर डाली और कुत्ते की तरह दोनों को चाटने लगा. में एक की गांड और चूत चाटता और दूसरी की गांड में उंगली करता रहा. अब हमारी मादक सिसकारियों से कमरे का माहौल गर्म हो गया था. फिर बुआ बोली कि तू बेडरूम में चलकर आराम से हमें चोद और में उन दोनों की मटकती हुई गांड को देखते हुए पीछे-पीछे चल पड़ा था.
फिर मैंने बेडरूम की लाईट चालू की और दोनों के बीच में लेट गया तो वो दोनों औरते जोंक की तरह मुझसे लिपट गई. अब में उनके भारी भरकम शरीर के बीच सैंडविच बन गया था. फिर बुआ बोली कि विक्की बेटा अब कंट्रोल नहीं हो रहा है तो अब तो चोद ही डाल. फिर स्वाती आंटी बोली कि चल बे लोड़े पहले दीदी को शांत कर दे और में सेक्स लीला देखूँगी और फिर मेरी बारी, वैसे भी ये मुझसे बड़ी है तो तेरे लंड पर पहला अधिकार इनका है.
फिर मैंने अपना लंड हाथों में लिया और बुआ की टांगो के बीच में बैठ गया और में पहली बार इस उम्र की औरतों को चोदने जा रहा था. फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ना शुरू किया. फिर एक साँस में पूरा का पूरा 8 इंच का लंड उनकी चूत में उतार दिया तो वो कसमसा गई और मैंने धक्के मारना शुरू कर दिया. अब उनकी चूत बिल्कुल गर्म हो रही थी और पीछे से स्वाती आंटी भी मेरी गांड सहला रही थी और अपनी चूत में उंगली कर रही थी.
फिर वो अपने मुँह को बिल्कुल नीचे लाकर लेट गयी और मेरे आंड और बुआ की गांड को नीचे से चाटने लगी. वो बीच-बीच में मेरा गीला लंड बुआ की चूत से निकालकर चूस रही थी और कमरे में आवाज़े गूँज रही थी, फ़चह फ़चह पुच पुच आाईईई ओईईईई में मर गई मेरे राजा आआआआआअ मेरे राजा चोद और तेज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ सीई आआआआआआआआईईई उईईईईईईईई उम्म्म्मममममममममममम. फिर वो ज़ोर से चिल्लाई, ये मेरी गांड क्या तेरा बाप मारेगा? फिर मैंने अपना लंड उनकी ढीली चूत से निकाला और उनकी टाईट गांड पर रख दिया और एक जोर से धक्का मारा तो मेरा लंड उनकी गांड में फिट हो गया था. अब वो कुत्तिया बनकर मुझसे गांड मरवा रही थी और चिल्ला रही थी, मार ले मार ले मेरी गांड मार ले, मेरा अच्छा बेटा, मेरा प्यारा लंड मजा आआआआ गया आाआईईई और तेज़ और तेज़ करो.
फिर 15 मिनट के बाद उन्होंने मेरा लंड वापस चूत में घुसा दिया और वो अपने चूतड़ो को नीचे से एक एक फुट तक उछालने लगी और नीचे से मुझे चोदने लगी, सस्स्स्स्स्स्सई अब में झड़ रही हुउऊुउउ आआआआआआ कहते हुए पिचकारी मारी और शांत हो गई. अब में सांस ले पाता इससे पहले स्वाती आंटी ने मुझे बेड पर धक्का दिया और मेरा गीला लंड अपने मुँह में लेकर पागल कुत्तिया की तरह चूसने लगी और बोली कि बेटा तेरा लंड तो वाक़ई में ताक़तवर है चल ज़रा अपनी स्वाती आंटी की चूत को भी चोद डाल और चूची खींचकर तोड़ दे प्लीज. अब वो मेरे ऊपर अपनी घुड़सवारी करने लगी और अब मेरा 8 इंच का लंड उनकी चूत के अन्दर ताबड़तोड़ चुदाई कर रहा था और उधर बुआ चुपचाप लेटी अपनी गांड में उंगली कर रही थी.
फिर मैंने आंटी की गांड भी उन्हें खड़े करके मारी. फिर जब स्वाती आंटी झड़ गई तो बुआ बोली कि हमें अपने लंड के शेम्पियन से भी तो भीगो दो. फिर मैंने उन दोनों रंडियों को अपने पैरों के पास बैठाया और पिचकारी मारकर उनके गोरे-गोरे बोबो पर अपना पानी झाड़ दिया.
अब वो दोनों चुदक़्कड़ रंडियाँ मेरे लंड को आखरी हिस्से तक चूस रही थी. फिर पूरी रात मैंने उन दोनों को जमकर चोदा. फिर सुबह बुआ ने मुझे मेरे पैसे दिए और कहा कि जब तक चाहे तब तक पैसे रख और इनका कोई ब्याज नहीं है, बस में जब भी बुलाऊँ तभी आकर मुझे चोदना. फिर मैंने कहा कि में सारी ज़िंदगी आपकी सेवा में हूँ जब चाहे बुला लेना और में आपके पैसे दो महीने में दे दूँगा.
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भाभी के साथ खेला चुदाई का खेल

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विक्की है और में नोएडा में किराए पर एक कमरा लेकर रहने वाला एक लड़का हूँ. दोस्तों आज में जो स्टोरी आप सभी लोगों के सामने लाया हूँ वो मेरी खुद की एक सच्ची घटना है और यह मेरी पहली कहानी है. दोस्तों मेरी यह कहानी तब की है जब में बीए फाईनल में था और अपने भैया भाभी के पास दिल्ली में किराए से रहता था और मेरे भैया नोएडा में एक बहुत बड़ी प्राइवेट कंपनी में नौकरी किया करते थे. दोस्तों मेरी भाभी दिखने में बहुत ही सुंदर है और वो मेरे भैया से बहुत प्यार भी करती है और में भी उन्हे पूरी इज़्ज़त देता हूँ. दोस्तों हम सभी एक ही कमरे में रहते थे और रात को वो दोनों बेड पर और में ज़मीन पर सोया करता था तो एक बार बहुत रात के बाद मुझे कुछ हल्की हल्की सी चीखने की आवाज़ आई, लेकिन मेरे उस समय बहुत गहरी नींद में होने के कारण मैंने गर्दन उठाकर देखा तो मुझे कुछ भी नहीं दिखा था तो में फिर से सो गया.
फिर अगली शाम को भाभी ने मुझसे कहा कि अरे सोनू तेरी सेहत मुझे ठीक नहीं दिख रही है तो तू आज से टाईम से सो जाना और मुझसे पूछा कि तुझे कितनी गहरी नींद आती है? फिर मैंने बताया कि बस इतनी गहरी भी नहीं, लेकिन सबसे पहले आप मुझे ठीक ठीक बताओ कि क्या हुआ है? फिर भाभी ने कहा कि ऐसा कुछ खास नहीं, लेकिन तेरे भैया कहते है कि मेरी नींद तो इतनी गहरी है कि अगर भूचाल भी आ जाए तो मुझे पता नहीं लगेगा, मुझे बहुत धक्के मारकर उठना पड़ता है और उनके चेहरे पर एक हल्की सी शरारत भरी स्माईल थी तो में कुछ समझ नहीं पाया था और मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया तो उसी शाम को 8.00 बजे भाभी ने मुझे बादाम गिरी वाला दूध पीने को दिया और बोली कि 10.00 बजे तक सो जाना और देर रात तक टी.वी. मत देखना.
फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर 9.30 बजे में नीचे ज़मीन पर बिस्तर लगाकर सोने की कोशिश करने लगा और थोड़ी देर बाद भैया भी आ गये और उन्होंने भाभी से पूछा कि सोनू का क्या हाल है और वो ठीक से सो तो गया है ना? तभी में सोचने लगा कि यह क्या हो रहा है और आज मेरी इन्हें इतनी चिंता क्यों? फिर में सो नहीं पाया, लेकिन में अब आंख बंद करके सोने की बहुत कोशिश करता रहा.
फिर लगभग 11.30 बजे रात को हल्की हल्की सी आवाज़ आई तो अब मुझसे रहा नहीं गया और में हल्का सा उठा और मैंने मुड़कर देखा तो बस मेरे तो होश ही हवा हो गये थे, क्योंकि मैंने देखा कि भाभी बिल्कुल नंगी होकर नीचे की तरफ लेटी हुई थी. फिर उन्होंने भैया के लंड को अपनी चूत पर लगाते हुए वो उनके लंड के ऊपर घोड़े की तरह बैठ रही थी और उनके 40 साईज़ के बूब्स हवा में उछलते हुए आवाज़ कर रहे थे, जिन्हे भैया बीच बीच में पकड़कर ज़ोर से दबाकर उनके बूब्स का जूस भी चूस रहे थे और कई बार तो भाभी नीचे की तरफ झुककर अपने बूब्स को भैया के मुहं में दे रही थी तो एकदम से भाभी ने मेरी तरफ देखा तो में सुन्न ही हो गया और मैंने वहीं पर अपनी आँखे बंद कर ली, लेकिन भाभी को लगा कि शायद में सो रहा हूँ और फिर बहुत देर तक ऐसे ही सब कुछ चलता रहा और मैंने भी देखकर बीच बीच में इन सबका मज़ा लिया, लेकिन तब से मेरी भाभी को देखने की नज़र ही बदल गई और अब में भाभी को पाने की नज़र से देखता था और मेरे ख्याल एकदम से बदल गये थे. में अब कोशिश करता कि कैसे भाभी को नंगी देख सकूं और उनको अपनी बाहों में एक बार ले लूँ और उनको प्यार करूं और उनकी चूत में अपना लंड डालकर चोद दूँ.
फिर एक दिन भाभी अपने कमरे में थी और उस समय थोड़ा सा दरवाज़ा खुला हुआ था और वो अपने कपड़े बदल रही थी तो में दरवाज़े के पास जाकर खड़ा हो गया और कोशिश करने लगा कि उनको देख सकूं और अब में उन्हे देख भी रहा था, लेकिन भाभी बहुत देर तक बिना कपड़े के ही खड़ी अपनी चूत को सहला रही थी और दीवार के पास खड़ी होकर अपने बूब्स को दीवार से चिपकाकर बहुत ज़ोर से दबा रही थी और तभी उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया तो यह सब देखकर मेरा लंड भी अब बहुत गरम हो गया था, लेकिन तभी अचानक से भाभी पीछे की तरफ मुड़ी और शायद उन्होंने मुझे देख लिया था, लेकिन में झट से बाहर आ गया, लेकिन जब भाभी अपने कपड़े बदल कर बाहर आई तो उनकी तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, जिसकी वजह से में डरता और फिर मैंने समझा कि उनको शायद कुछ नहीं पता है और अब तो लगभग हर रोज़ यही सब चलता रहा और अब भाभी कमरे से बाहर निकलकर मुझे एक हल्की सी स्माईल भी दे जाती और जिसको में बिल्कुल भी नहीं समझ पा रहा था.
फिर एक दिन में कॉलेज से घर पर आया तो मैंने देखा कि दरवाज़ा खुला हुआ है और भाभी नाईटी पहनकर सो रही है और में उनके बिल्कुल पास खड़ा होकर उन्हे देखने लगा. फिर मैंने देखा कि उनकी नाईटी तो एकदम जालीदार है और उन्होंने अंदर कुछ भी नहीं पहना है तो मेरा लंड फिर से गरम हो गया, लेकिन तभी भाभी अपने हाथ को अपनी चूत की तरफ ले गई और धीरे धीरे सहलाने लगी और एक हाथ से अपने बूब्स को मसलने लगी. में पागल हो रहा था और फिर वहीं पर खड़े होकर मैंने मुठ मारना शुरू कर दिया, लेकिन कुछ ही देर बाद मेरा पानी भाभी की नाईटी के ऊपर गिर गया और में बहुत डर गया कि अब क्या होगा? में बाहर आ गया और अपना लंड साफ करने लगा और फिर कुछ देर बाद चुपचाप आकर सोफे पर बैठ गया.
फिर थोड़ी देर के बाद भाभी नाईटी में ही बाहर निकली और मुझे देखकर एकदम से चकित हो गयी और वापस कमरे में जाकर कपड़े बदलकर बाहर आकर पूछने लगी कि तू कब आया? फिर मैंने कहा कि बहुत देर हो गयी है तो मेरी यह बात सुनकर भाभी ज़ोर से हंसने लगी और एकदम से मेरे बिल्कुल पास आकर बैठ गयी और हम दोनों बातें करने लगे. दोस्तों अगले सोमवार से भैया की ऑफिस में 6 दिन तक दिन रात की शिफ्ट थी जो कि भाभी ने मुझे बातों ही बातों में बताया था और कहा कि तुम कुछ दिन कॉलेज मत जाना, में घर पर बिल्कुल अकेली हूँ और हम दोनों बातें करेगे और कुछ मज़ा भी.
फिर अगली रात को में फिर से जल्दी सोने का नाटक करके सो गया और अब इंतजार करने लगा कि कब उनकी चुदाई का प्रोग्राम शुरू होगा. फिर थोड़ी देर बाद भैया, भाभी दोनों बेड पर थे और भाभी उनसे बात कर रही थी कि अब तो आप कुछ हफ्ते के बाद ही वापस घर लौटोगे तो में अपनी प्यास का क्या करूं जो कि आपने अभी तक पूरी तरह से नहीं बुझाई है? में आपके बिना इतने दिन कैसे में काटूँगी? और इतने दिन बिना सेक्स के कैसे रहूंगी? और आज आप मेरी बहुत जमकर चुदाई करो कि मेरी दो हफ्ते की कसर अभी निकल जाए. फिर भैया बोले कि अरे सोनू भी तो इसी कमरे में है तो कैसे करें? तभी भाभी ने कहा कि अरे आप उसकी क्यों फिक्र करते हो वो तो मुझसे भी गहरी नींद में सोता है तो में बिल्कुल चकित हो गया कि मैंने ऐसा तो कभी नहीं कहा तो फिर भाभी ऐसा क्यों कह रही है?
फिर भैया ने भाभी के कपड़े उतारना शुरू किया तो में भी थोड़ी खुली आँखो से सब कुछ देख रहा था तो में बिल्कुल पागल हो गया कि मेरी भाभी कितनी सुंदर है और रात में क्या ग़ज़ब लगती है. अब मेरे लंड का बहुत बुरा हाल था, जो कि भाभी की चूत में पहुंचने के लिए बिल्कुल बैताब हो रहा था. फिर मैंने अपने लोवर के अंदर हाथ डाल लिया और अपने लंड को धीरे धीरे सहलाने लगा और वो दोनों मुझे नहीं देख पा रहे थे, क्योंकि उनके सर तो दूसरी तरफ थे और पैर मेरी तरफ थे. तभी भैया भाभी के ऊपर आ गए और सेक्स करने लगे, बस वही घोड़े की तरह ऊपर नीचे हो रहे थे और कई बार तो भाभी भैया के लंड को अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसती जा रही थी, लेकिन तभी भाभी ने अपनी पीठ भैया की तरफ कर दी और चेहरा मेरी तरफ करके सेक्स करने लगी और कई बार मुझे देखने की कोशिश करती कि में कहीं जाग तो नहीं रहा, लेकिन मैंने भी अपनी आंख थोड़ी बंद करके सब कुछ देख रहा था और भाभी सेक्स करती रही और पूरे हफ्ते ऐसे ही चलता रहा और में इन दिनों मुठ मारकर ही गुज़ारा करता रहा.
फिर आख़िर वो दिन आ ही गया जब भैया अपने ऑफिस में 6 दिन के लिए चले गये और अगले दिन से भाभी ने अधिकतर समय जालीदार नाईट सूट पहनने शुरू कर दिए, जिसमें से सब कुछ साफ साफ दिखता था. फिर भाभी ने मुझसे पूछा कि क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने मना कर दिया और कहा कि मुझे नहीं पता कि लड़कियों से कैसे बात करते है? फिर भाभी ने कहा कि क्या तू मुझसे बात नहीं कर रहा, यह कोई इतना मुश्किल काम तो नहीं है तो फिर किस बात का डर?
फिर रात को भाभी ने मुझसे कहा कि तुम आज से मेरे साथ ही बेड पर सो जाओ, कहाँ ज़मीन पर लेटोगे? लेकिन में फिर से नहीं समझ सका कि रात को भाभी ने मुझे भी अपने साथ सोने को क्यों कहा? फिर मैंने मन में सोचा कि आज तो मेरी लॉटरी निकल गई और मैंने भाभी के ऊपर तो ज़ोर से अपनी टागों को रख दिया और अपने एक हाथ को भी उनके बूब्स पर रख दिया और अब में गहरी नींद में ना जाने क्या क्या कर रहा था. तभी देर रात को अचानक से मेरी नींद खुली और मैंने देखा कि भाभी अम्म्म आआआआअ जैसी आवाज़ निकाल रही है और अपने बूब्स और चूत को सहला रही है और सपने में भैया का नाम लेते हुए अपनी एक उंगली अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही थी.
फिर में यह सब देखकर डर गया और मैंने सोचा कि में उठकर बाहर चला जाऊँ, लेकिन इतनी देर में मेरे शैतानी दिमाग़ ने कहा कि क्यों ना इस मौके का फ़ायदा उठाया जाए? फिर मैंने हल्की सी शुरुवात की और अब में भाभी को सहलाने लगा और कुछ देर के बाद मैंने उनके बूब्स भी दबाने शुरू कर दिए, लेकिन उस समय भाभी बहुत गहरी नींद में थी, क्योंकि भाभी ने मुझसे पहले भी कहा था कि उनको बहुत गहरी नींद आती है तो में अब बिल्कुल भी डर नहीं रहा था, लेकिन फिर भी में बहुत सतर्क था कि कहीं मुझसे कोई ग़लती ना हो जाए तो इसलिए मैंने सब कुछ धीरे से शुरू किया और सबसे पहले तो दोनों पैरों को एक साईड में रखकर चेहरे के पास जाकर किस करना शुरू कर दिया और फिर यह सब कुछ ऐसे चल रहा था कि जैसे किसी अंधे के हाथ बटेर लग जाती है, में वैसे ही धीरे धीरे सब कुछ करने लगा और अब मैंने किस भी शुरू कर दिया और चूत में भी अपनी बीच वाली उंगली अंदर बाहर करने लगा. फिर जब इससे भी भाभी नहीं जागी तो मैंने फिर से पूरी हिम्मत करके में बहुत देर तक भाभी के बूब्स को दबाता रहा और चूसता भी रहा.
फिर अच्छी तरह से किस भी किया और उनके दोनों बूब्स को पकड़कर उनके बीच में अपने लंड को डालकर मुठ मारना शुरू किया ही था कि फिर शैतानी दिमाग़ की बत्ती जली और उसने कहा कि जहाँ इतना कुछ हो चुका है तो क्यों ना अब एक बार भाभी की चूत का भी स्वाद अपने लंड को करा दिया जाए? फिर मैंने अपने लंड को जैसे ही भाभी की चूत के दर्शन कराए तो वो पूरी ताक़त के साथ तनकर खड़ा हो गया और कहने लगा कि अब तो सब्र नहीं होता है, डाल दो अपनी भाभी की चूत के दरवाजे में और मुझे भी तो देखना था कि किसी की चूत मारने का एहसास कैसा होता है? और जैसे ही मैंने अपना लंड भाभी की चूत में डाला तो भाभी के मुहं से आवाज़ आने लगी कि जैसे भाभी अब पूरी तरह से तैयार हो चुकी है और भाभी आआआआ अम्म्म्ममममम जल्दी आईईईईई करो आह्ह्ह्हह्ह नहीं, अब तो सब्र नहीं होता और अब भाभी पूरे जोश में थी और मोनिंग भी कर रही थी.
फिर मैंने अपने घोड़े को भाभी की चूत में डालकर जैसे ही भगाना शुरू किया तो बस में भगाता ही रहा और अचानक ही गहरी रात को बंद कमरे के दरवाज़े में एकदम अंधेरे में मेरी नींद खुल गयी और में अब एकदम से परेशान हो गया कि यह सब क्या हुआ? लेकिन तभी मैंने देखा कि भाभी मेरे लंड के ऊपर बैठी हुई है और मेरे लंड को अपनी चूत में डालकर चुद रही है.
फिर में बिल्कुल दंग हो गया और उनसे पूछ बैठा कि यह सब क्या है भाभी और ऐसा क्यो? तो भाभी ने कहा कि अच्छा बच्चू पहले तो सपने में बहुत ज़ोर ज़ोर से मेरी चुदाई की और मज़ा भी बहुत लिया और वो सब कुछ किया और कुछ बाकी ना छोड़ा और अब नींद खुल गई है तो पूछते हो कि यह सब क्या है? तो जो हो रहा था, वो सब क्या था? मैंने कहा कि में बिल्कुल भी समझा नहीं कि आप यह सब क्या कर रही है?
भाभी ने कहा कि इतने भोले मत बनो और में सब जानती हूँ कि तुम्हारे मन में मुझे पाने के लिए कितनी बैताबी थी और अभी भी है और कई बार तो मैंने तुम्हे सपने में मेरे नाम से मुठ मारते हुए भी देखा है और कुछ दिन तो तुम दोपहर को जब सोते हो तो अपने लंड को लोवर से बाहर निकालकर मेरा नाम लेते हुए मुठ मारते हो और जब से मैंने तुम्हारा इतना मोटा और बड़ा लंड देखा है तो मेरा भी मन था कि में तुम्हारे लंड को अपनी चूत का मज़ा दूँ और तुम्हारे लंड का में मज़ा लूँ, लेकिन कुछ हो नहीं रहा था, लेकिन तुमने रात को मेरे पैर पर अपनी जांघे अड़ा दी और थोड़ी थोड़ी देर में मेरे पैरों को सहला रहे थे. फिर तुम अचानक अपने हाथ को अपनी पजामे में ले जाकर अपने लंड को पकड़कर ज़ोर से ऊपर नीचे करके हिलाने लगे और तभी तुमने उस अपने नाग को बाहर निकालकर हिलाना शुरू कर दिया, जिसे में अपनी आखों के सामने देखकर बिल्कुल दंग हो गयी और बस फिर तो उसे पाने के लिए बैताब हो गयी और में तो कब से चाहती भी थी.
फिर तुम मेरा नाम लेकर मुठ मारने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन तभी मैंने सोचा कि तुम्हारे इस लंड की प्यास में जरुर बुझाऊँगी और फिर मैंने भी हिम्मत करके तुम्हारे लंड को अपने हाथ में लेकर उसे हिलाना शुरू किया तो तुमने अपना हाथ छोड़ दिया. फिर मैंने उसे अपने मुहं में लेकर बहुत देर तक चूसा, जैसे कि वो एक लोलीपोप हो और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, क्योंकि मैंने कभी इतना मोटा और लंबा लंड नहीं देखा और तुम्हारे भैया का भी इतना बड़ा नहीं है और मेरी चूत के आखरी तक नहीं पहुंच पाता.
फिर मैंने धीरे धीरे से अपने सभी कपड़े उतार दिए और तुम्हारा पजामा भी उतार दिया और तुम्हारी शर्ट को भी ऊपर से खोल दिया और खुद भी बिल्कुल नंगी होकर मुझे चाटने लगी और ऊपर से लेकर नीचे तक प्यार करने लगी और फिर कुछ देर बाद तुम्हारे ऊपर चड़कर तुम्हारे लंड को अपनी चूत के छेद के दर्शन करवाए और जैसे ही तुम्हारे लंड को अपनी चूत में डालना शुरू किया तो मुझे शुरू में थोड़ा बहुत दर्द जरुर हुआ, क्योंकि तुम्हारा लंड बहुत मोटा और लंबा है, लेकिन में फिर भी धीरे धीरे से इसे अपनी चूत के भीतर गहराईयों में ले जाना चाहती थी, लेकिन मुझे बहुत दर्द हो रहा था और पूरा मज़ा भी आ रहा था.
फिर जैसे ही मैंने तुम्हारे लंड के ऊपर नीचे होना शुरू किया तो में बिल्कुल पागल ही हो गई, क्योंकि मुझे इतना मज़ा तो आज तक अपनी चुदाई में पहले कभी नहीं आया था और मेरी चूत ने कभी किसी के लंड से इतनी गहराई से चूत नहीं मरवाई थी, जो कि अब धीरे धीरे फट रही थी और में ज़ोर ज़ोर से कह रही थी कि हाँ और ताकत से और ज़ोर से धक्का मारकर मेरी चूत को फाड़ डालो. फिर तुम हवा में शायद मेरे बूब्स ढूढ़ रहे थे और तभी तुम्हारा हाथ मेरे बूब्स पर आ गया और मैंने भी अपने बूब्स को तुम्हारे हाथों के हवाले कर दिया, जिसे तुमने तो बस नींबू की तरह ही निचोड़कर खाली कर दिया और बीच में तो तुम मेरे एक बूब्स को इतनी शिद्दत से पी रहे थे, जैसे मुझे लगा कि आज तो इनमें से किसी एक का वज़न कम होकर ही रह गया और तुम तो बस पागल की तरह मेरे एक एक बूब्स को दबाते ही जा रहे थे और मुझे दर्द के साथ साथ अच्छा ख़ासा मज़ा भी आ रहा था.
फिर एक बार चुदाई करते करते तुम मेरी चूत में ही झड़ गये और में तुम्हारी एक साईड में लेटकर तुम्हारे ऊपर अपने पैर और हाथ रखकर थोड़ी देर के लिए रुक गयी और फिर से मेरा मन हुआ कि क्यों ना एक बार और किया जाए? तब मैंने तुम्हारे लंड को खड़ा करने के लिए तुम्हारे लंड को अपने मुहं में फिर से लेकर चूसना, चाटना शुरू कर दिया और तुम्हारा लंड खड़ा होते ही फिर से एक बार यह सब शुरू हो गया और तभी तुम्हारी नींद खुल गयी और तुम कह रहे हो कि यह सब क्या है?
दोस्तों अब मैंने भी मन ही मन इस मौके का फ़ायदा उठाना ठीक समझा, क्योंकि जब हम दोनों ही एक दूसरे को पाने की उम्मीद से है तो क्यों ना अब सारी दूरियों को मिटा दें? अब वो मुझसे बोली कि वैसे भी तो तुम्हारे भैया भी 6 दिन के लिए बाहर है तो क्यों ना हम एक दूसरे की प्यास को मिटा दें?
दोस्तों उन्होंने अपने मुहं से यह बात कहकर मेरे मन की बात को अपने मुहं से कह दिया, क्योंकि अब में भी उनसे वहीं चाहता था, जिसकी उन्हे मुझसे उम्मीद थी. फिर हम दोनों ने पूरे 6 दिनों और रातों को लगातार बहुत जमकर सेक्स किया. पहले दिन तो मैंने भाभी की बहुत जमकर गांड मारी और दूसरे दिन भाभी के साथ बाथरूम में शावर के नीचे और बाथटब में चुदाई का खेल खेला.
फिर तीसरे दिन भाभी के साथ किचन में उन्हे किचन की शेल्फ के ऊपर बैठाकर बहुत जमकर चोदा और चौथे दिन भाभी को डॉगी स्टाइल में खड़ा करके कुतिया की तरह चोदा और पाँचवे और छठे दिन तो भाभी भी बिल्कुल पागल सी हो गई थी, क्योंकि बेड पर आते ही भाभी सिर्फ़ और सिर्फ़ सेक्स ही करना चाहती थी और जब में उसकी चूत को मारता तो भाभी अपनी चूत को उठा उठाकर मेरे लंड को अपनी चूत में अंदर तक घुसाती और मुझे और खुद को बहुत मज़ा देती थी. अब जब भी हमे मौका मिलता है तो में भाभी पर चड़ जाता हूँ और भाभी भी मेरा पूरा पूरा साथ देती है, लेकिन मेरी यह चुदाई ज्यादा समय नहीं चली क्योंकि करीब तीन महीने की चुदाई के बाद भैया का तबादला हो गया और अब भैया भाभी के साथ मुंबई चले गये और में फिर से एक बार बिल्कुल अकेला हो गया हूँ, लेकिन में आज भी उनकी चूत को सोच सोचकर मुठ मारता हूँ. दोस्तों यह थी मेरी चुदाई की कहानी जिसमे मैंने बहुत मज़े किए.
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