कलेजा हलक में आ गया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सुमित मिश्रा है और में 22 साल का जवान पुरुष हूँ, कद 5 फुट 9 इंच, रंग गोरा और मेरा लंड सामने से थोड़ा छोटा है, में तंदुरुस्त और हट्टा कट्टा हूँ और कोई नशा नहीं करता. ये मेरी इस साईड पर पहली कहानी है. में आपको मेरी पहली चुदाई के बारे में आपको बताना चाहता हूँ. ये कहानी बिल्कुल सच्ची है और यह बात उस समय की है जब मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं थी, हांलाकि में अपनी कोचिंग में और अपने स्कूल में ऊपर-ऊपर से काफ़ी मज़े कर चुका हूँ, लेकिन मैंने कभी चुदाई नहीं की थी. मेरी बहुत इच्छा थी कि में चुदाई करूँ, लेकिन लगता था कि किस्मत अभी मेरे पर मेहरबान नहीं हुई थी, में अक्सर चुदाई के बारे में सोचता रहता था कि करने में कितना मज़ा आयेगा और में कैसे-कैसे करूँगा? यही सब ख्याल मुझे रात भर सताते रहते थे और में सिर्फ़ छुपकर अपने रूम पार्टनर से चिपक कर मुठ मारकर सो जाता था और दिल में एक चिंता लिए हुए था.
मेरे कॉलेज में बहुत सुंदर-सुंदर लड़कियां है, लेकिन में थोड़ा शर्मीले स्वाभाव का हूँ, इसलिए कभी किसी से जाकर बात नहीं कर पाता था, में हर आती-जाती लड़की की चूची को देखता रहता था और उन्हें घूरता था कि काश वो मुझे दबाने को मिल जाए. जब में कोंचिंग में था तो कम से कम दबा लेता था, लेकिन इधर 2 साल से कुछ भी हाथ नहीं लगा है और दूसरी तरफ मेरी जवानी रोज़ रात को उफान मारती थी. मेरे दोस्त काफ़ी अच्छे है और मुझे बहुत ही उत्साहित करते है कि में किसी लड़की से बात करूँ और उसकी जमकर चुदाई करूँ, लेकिन कहते है ना कि किस्मत से पहले और वक़्त से ज्यादा कभी किसी को कुछ नहीं मिला है और मुझे लगता है कि ऐसा ही मेरे साथ भी है.
फिर ऐसे ही दिन गुज़रते गये, लेकिन कभी ना कभी तो किस्मत को खुलना ही था तो एक दिन मेरे फोन पर एक लड़की का कॉल आया. में लोगों को अपनी बातों में काफ़ी आराम से लपेट लेता हूँ, अगर वो फोन पर हो तो, लेकिन सामने से मुझे शर्म आती है खासकर लड़कियों के साथ. उस लड़की ने ग़लती से मेरा नम्बर लगा दिया था, रात का वक़्त था और उसने सॉरी बोलकर फोन कट कर दिया. फिर मैंने दुबारा से उसे कॉल किया, लेकिन उसने रिसीव नहीं किया. फिर मैंने उसे कुछ मैसेज किए और रोमांटिक शायरी भी भेज दी. ऐसे ही कुछ दिनों तक चलता रहा. फिर वो धीरे-धीरे लाईन पर आने लगी और फिर हम फोन पर रात को बातें भी करने लगे और दिन पर दिन मेरा इरादा और पक्का होने लगा था कि में इस लड़की को चोदकर ही रहूँगा.
इस लड़की का नाम प्रियंका है, लेकिन मैंने उसे पहले कभी नहीं देखा था और मैंने सोचा था कि साली वो कैसी भी हो? उसे चोद तो दूँगा ही. फिर इतना सोचना क्या कि कैसी होगी? वो दिखने में पसंद आयेंगी या नहीं? में तो इतना ही जानता था कि मुझे तो बस इस लड़की की चुदाई करनी है. फिर मैंने उसे अपने बारे में कुछ भी सच नहीं बताया था, क्योंकि मुझे उसके साथ कोई रिश्ता नहीं चाहिए था. फिर मैंने सोचा था कि अगर वो मुझे पसंद आई तो तभी में रिश्ते के बारे में सोचूँगा. फिर कुछ ही दिनों में उससे काफ़ी खुलकर बातें करने लगा और हमने फोन सेक्स भी करना शुरू कर दिया था और अब इंतज़ार था कि कब वो मिलने और चुदने के लिए तैयार होगी. फिर बहुत ही जल्द मैंने उसे तैयार भी कर लिया, वो वाराणसी में रहती थी तो उसने मुझे वहीं बुलाया. मेरा पार्टनर भी वाराणसी में रह चुका है तो उसे वहां के बारे में काफ़ी पता भी है और उसकी वहाँ पर अच्छी ख़ासी जान पहचान भी है.
फिर जब मैंने अपने पार्टनर पांडे को बताया कि में वाराणसी प्रियंका को चोदने जाने वाला हूँ तो वो भी उसे चोदने को कहने लगा, लेकिन मैंने उसे साफ-साफ मना कर दिया. अब मुझे लड़की मिल चुकी थी और जो चुदने के लिए भी तैयार थी तो में थोड़ा घमंड में आ गया और में पांडे का बहुत मज़ाक भी बनाने लगा. खैर ये तो पांडे की शराफ़त थी कि उसने पूरा बंदोबस्त वाराणसी के एक होटल में कर दिया था, वो होटल पांडे के एक दोस्त का था तो मुझे कोई चिंता भी नहीं थी. अब आख़िरकार वो दिन आ ही गया. फिर मैंने अपना बैग पैक किया और पांडे से कुछ पैसे उधार लिए और वाराणसी चला गया और हमारी तय की हुई जगह पर हम मिले. प्रियंका दिखने में तो कोई बहुत ज्यादा आकर्षक तो नहीं थी, लेकिन उसका फिगर बहुत मस्त था, उसका साईज 32-28-34 था, में तो उसे देखकर ही पागल होने लगा था और मेरा लंड भी सलामी देने लगा था.
फिर मैंने किसी तरह से उसे समझाया और शांत किया. फिर हम दोनों ने कुछ खाने पीने का सामान लिया और होटल की तरफ चल पड़े. फिर होटल में जाकर मैंने रिसेप्शन की बात पांडे से करा दी और उसने मुझे अच्छे से सब कुछ समझा दिया और हमें रूम मिल गया. फिर रूम में जाते ही मैंने उसे गले से लगा लिया, वो थोड़ा शर्मा रही थी, लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया. फिर उसने बताया कि वो मेरे लिए कुछ लाई है तो में बहुत खुश हुआ कि क्या होगा? और जब उसने बैग में से एक दारू की बोतल निकाली तो में तो देखता रह गया और फिर वो मुझे पीने को कहने लगी, लेकिन मैंने पहले मना किया. फिर सोचा कि पी लेता हूँ मैंने सुना है कि पीने के बाद काफ़ी देर तक मर्द चलता है. फिर जब हम दोनों ने पी लिया तो मेरा सर घूमने लगा और लंड भी प्रियंका को देखकर तन गया था.
फिर में उसे पकड़कर उसके नरम-नरम होठों को चूसने लगा, क्या बताऊँ दोस्तों? मुझे कितना मज़ा आ रहा था और साथ में ही में ऊपर से ही उसकी चूत पर अपना लंड भी रगड़ रहा था. अब एक तो शराब का नशा और फिर चुदाई का नशा दोनों जब मिल जाते है तो यारो क्या बताऊँ? कि कितना मज़ा आता है. फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी चूचियाँ दबाना शुरू कर दिया, वो बहुत नरम और मुलायम थी और मेरे हाथ लगते ही उसकी सिसकारियां निकलने लगी थी और वो और जोश में आने लगी थी. अब हम दोनों को सहन नहीं हो रहा था तो वो बार-बार मेरा लंड पकड़कर हिला रही थी. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया और अब वो सिर्फ़ एक काले कलर की ब्रा में लेटी थी, में ये देखकर और जोश में आने लगा और मैंने पागलों की तरह उसकी चूचियाँ दबाना शुरू कर दिया.
फिर मैंने झट से उसकी ब्रा उतार फेंकी, क्या मस्त शेप में उसकी चूची थी? अब उसके निप्पल बिल्कुल खड़े हो गये थे और मैंने उन पर अपने दांतो से हल्का-हल्का काटना शुरु कर दिया था, जिससे वो और उत्तेजित हो रही थी. फिर उसने मुझे झटके से नीचे कर दिया और वो मेरे ऊपर आ गयी और मुझे पागलों की तरह चूमने लगी और चूमते-चूमते ही उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए.
अब में सिर्फ़ अपनी अंडरवियर में था और वो मुझे मेरी छाती पर चूमने लगी और मेरे निप्पल को काटने लगी, जिससे में बहुत तेज़ी से उत्तेजित होने लगा और साथ ही में भी उसकी चूचियों को दबा रहा था. फिर उसने मेरी अंडरवियर उतारी और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर पागलों की तरह चूसने लगी, में तो मानों अब स्वर्ग में चला गया हूँ और वो पच-पच की आवाज़ मुझे स्वर्ग का संगीत लग रह था और मुझे उसके चूसने के तरीके से लग रहा था कि वो इन सब कामों में अनुभवी है.
अब वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूस रही थी और कभी-कभी तो पूरा का पूरा अंदर ले लेती थी, अब मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लग रही थी. फिर मैंने बोला कि चूस मेरी रानी और चूस में आज से सिर्फ़ तेरा हूँ और ये लंड भी तेरा है, उसने लगभग 10 मिनट तक मेरे लंड को चूसा और अब में अपनी चरम सीमा पर पहुँच रहा था. फिर मैंने उससे बोला कि प्रियंका मेरा निकलने वाला है तो उसने बोला कि मुझे टेस्ट करना है और फिर वो और तेजी से मेरे लंड को चूसने लगी.
फिर में उसका सर पकड़कर आगे पीछे करने लगा और मेरा लावा उसके मुँह में निकल गया, जिसको वो बड़े मज़े लेकर पी गयी. फिर उसने लंड को चूस कर साफ कर दिया. अब उसकी चूत चाटने की मेरी बारी थी. फिर मैंने उसे नीचे लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को अपने कंधो पर रखकर उसकी जीन्स और चड्डी उतार दी, उसकी चूत बिल्कुल साफ थी और हल्की सी सांवली रंग की थी. फिर मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा तो वो कांप उठी. फिर में उसकी चूत पर उंगली से गुदगुदी करने लगा और उसने आवाज़े निकालनी शुरू कर दी और वो मेरा सर नीचे की तरफ दबाने लगी तो में समझ गया.
फिर मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया, वो तो बिल्कुल मधहोश होने लगी और उसकी आवाज़ तेज होने लगी थी. अब उसकी आवाज़ सुनकर में और उत्तेजित हो गया और मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा, में उसकी चूत को चाटता रहा और वो मेरे मुँह पर ही झड़ गयी. फिर में उसकी चूत का सारा रस पी गया और फिर से उसे चाटना शुरु कर दिया, इस बार मैंने उंगली भी अंदर डाल दी थी और उसे अपनी उंगली से भी चोद रहा था. अब उससे सहन नहीं हो रहा था तो वो कहने लगी कि जान अब और ना तड़पाओ, बस इस चूत की प्यास को अब मिटा दो, डाल दो अपना लंड मेरी चूत में, फाड़ दो इसे, मुझे ये बहुत परेशान करती है. फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसके दोनों चूतड़ों को फैला दिया. फिर उसने मेरा लंड पकड़ा और चूत के दरवाजे पर रखा और बोली कि फाड़ दे मेरी चूत मेरे राजा, फिर क्या था? मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया और उसके मुँह से एक चीख निकल गयी.
फिर मैंने तुरंत लंड बाहर निकाला और फिर से धक्का मारा, अब उसे बहुत दर्द हो रहा था और मुझे मज़ा आ रहा था, लेकिन वो मना नहीं कर रही थी और उसे भी इस तरह की चुदाई में मज़ा आ रहा था, जिसमें डर के साथ आनंद भी था. उसकी चूत बहुत ही गर्म थी और मुझे मेरे लंड पर एहसास हो रहा था. फिर मैंने अपने धक्को की स्पीड तेज कर दी और उसे और ज्यादा मज़ा आने लगा, अब वो गंदी-गंदी गालियाँ देने लगी थी और जो मुझे ना जाने क्यों मीठी लग रही थी? अब उसकी चूत से बहुत सारा पानी निकल रहा था और जिससे पूच-पूच की आवाज़ आ रही थी. फिर में नीचे लेट गया और उसे अपने ऊपर लेकर उसकी चूत में लंड डाल दिया.
फिर उसने मेरे सीने पर हाथ रखा और सीधा बैठकर अपनी गांड हिलानी शुरू कर दी. मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो जलेबी बना रही है और अब में उसकी चूचियों को दबा रहा था तो कभी उसके निप्पल को मसलता तो कभी उसके होंठो को चूसता, अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. वो अब झड़ने वाली थी तो में और तेज़ी से धक्का मारने लगा और वो झड़ गयी और मेरे ऊपर निढाल होकर लेट गयी, लेकिन अभी तक मेरा नहीं हुआ था.
फिर मैंने उसे नीचे लेटा दिया और उसके पैरों को अपने कंधो पर रखकर लंड चूत में पेल दिया. फिर लगभग 5 मिनट के बाद में झड़ने के करीब आ गया और अब वो भी दुबारा झड़ने वाली थी तो मैंने उससे पूछा कि डार्लिंग कहाँ निकालूँ तो उसने बोला कि अंदर ही निकल दो. फिर 20-25 झटको के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और बिस्तर पर थककर पड़ गये. फिर कुछ देर तक बातें करने के बाद हम फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गये और हमने दो बार और चुदाई का खेल खेला. फिर हम जाने के लिए नहाकर तैयार हो गये, तभी कोई गेट पर दस्तक देता है तो में डर गया कि कौन है? लेकिन फिर सोचा कि लगता है पांडे का दोंस्त है तो में आराम से गया और गेट खोला और गेट खोलते ही मेरी तो फट गयी.
फिर मैंने देखा कि होटल में पुलिस की फ़्लाइंग आ गई थी और मेरे रूम में दो पुलिस वाले थे, एक हवलदार था और दूसरा इनस्पेक्टर था. अब वो लोग मेरे कमरे में घुस गये और पूछताछ करने लगे तो मेरी और प्रियंका की हालत तो भीगी बिल्ली की तरह हो गयी थी. अब हम दोनों की डर से गांड फट रही थी और पसीना छूट रहा था और पुलिस वाले हमें जैल ले जा रहे था. अब में उनके सामने गिड़गिडाने लगा और उसने हम दोनों का फोन भी ले लिया था, जिससे में किसी को कॉल भी नहीं कर सकता था और वो पांडे का दोस्त मादरचोद पता नहीं कहाँ था? फिर मेरे काफ़ी गिड़गिडाने के बाद वो बोला कि में इस लड़की की चूत मारूँगा, तभी तुम जैल जाने से बच सकोगें नहीं तो ब्लू फिल्म बनाने के जुर्म मे अंदर डाल दूँगा. फिर मैंने प्रियंका की तरफ देखा तो वो डरी हुई थी. फिर उसने कुछ सोचा और वो तैयार हो गई.
फिर इनस्पेक्टर ने उसे बेड पर ले जाकर किस करना शुरू कर दिया था और में और हवलदार थोड़ी दूरी पर खड़े हुए ये सब देख रहे थे. तभी हवलदार इनस्पेक्टर के पास गया और उसके कान में कुछ फुसफुसाने लगा और कमीनों वाली मुस्कान लेकर मेरे पास आ गया और बोला कि तुम तो बिल्कुल कुछ हर्जाना दिए बगैर छूट जाओगे, ये तो इंसाफी नहीं होगी. फिर उसने मेरी गांड पकड़ ली और बोला कि मुझे लड़को की गांड मारने का बहुत शौक है, तेरी गांड तो बहुत फूली हुई और नरम दिख रही है. फिर में ये सुनकर बहुत ज्यादा डर गया कि अब तो मेरी गांड मारी जायेंगी तो में रोने लगा कि प्लीज मुझे छोड़ दो प्लीज, लेकिन वो मानने को तैयार ही नहीं थे और वो अपने कपड़े उतारकर खड़ा हो गया, उसका लंड बहुत बड़ा और मोटा था, मेरी तो गांड और फट गयी. उधर दूसरी तरफ प्रियंका मादरचोद मज़े ले लेकर चुदवा रही थी, उस रंडी को तो बहुत मज़ा आ रहा था, साली कुत्तिया मादरचोद मेरी हालत पर हंस रही थी और बोली कि सुमित करवा लो बहुत मज़ा आयेगा, अब लंड खाकर देखो कितना मज़ा आता है.
फिर उस हवलदार ने मेरी पेंट उतार दी और में रो रहा था, लेकिन वो मेरी सुन नहीं रहा था और फिर मेरी चड्डी भी उतार दी और बोला कि चुपचाप से गांड मारने दो नहीं तो पूरे डंडे को तेरी गांड में डाल दूंगा. फिर मैंने सोचा कि अब में नहीं बचूँगा तो में बोला कि दो मिनट रूको फिर करना. फिर मैंने अपने आँसू पोंछे.
फिर थोड़ा पानी पिया और थोड़ा ठीक हुआ, अपने आपको संभाला और अपने आपको मानसिक रूप से चुदने के लिए तैयार किया. अब दूसरी तरफ प्रियंका घोड़ी बनकर चुद रही थी और मादरचोद हवलदार अपने लंड पर तेल लगाकर तैयार खड़ा था. फिर हवलदार ने मुझे घोड़ा बनाया और मेरी गांड के छेद पर तेल लगाया और फिर मेरी गांड के छेद पर अपना लंड रख दिया, मेरी तो फट रही थी. फिर मैंने अपनी आँखे बंद कर ली और दाँत दबा लिए. फिर उस मादरचोद ने एक ज़ोरदार धक्का मारा और उसका आधा लंड मेरी गांड में अंदर चला गया और मेरा कलेजा मुँह में आ गया और मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था.
फिर में चिल्लाने लगा और रोने लगा, मुझे बहुत दर्द हो रहा था और मुझे लग रहा था कि मेरी गांड से खून निकल जायेगा, लेकिन उस हैवान ने मुझे छोड़ा नहीं. फिर दूसरा धक्का मारा तो मुझे और ज्यादा दर्द हुआ और उसका पूरा लंड मेरी गांड में चला गया था. अब मुझसे दर्द सहन नहीं हो रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था कि में बेहोश हो जाऊंगा. फिर मैंने उससे बोला कि थोड़ा रूको, खैर वो मान गया और रुक गया. फिर जब मेरा दर्द कम हुआ तो वो फिर से चालू हो गया और धक्का मारने लगा. फिर कुछ देर के बाद मेरा दर्द कम हो गया और मुझे थोड़ा-थोड़ा मज़ा भी आने लगा था. फिर मैंने रोना बंद कर दिया था, प्रियंका मादरचोद मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी और तभी इनस्पेक्टर झड़ गया था, लेकिन मेरा वाला हरामी अभी तक लगा हुआ था. फिर कुछ देर के बाद वो भी मेरी गांड में झड़ गया, अब मुझे दर्द हो रहा था.
फिर पुलिस वालों ने अपने कपड़े पहने और चुपचाप मुस्कुराते हुए जाने लगे और मुझसे बोला कि कभी किसी का मजाक मत करना और वो कमरे से बाहर चले गये. अब मुझे कुछ समझ नहीं आया कि उसने ऐसा क्यों बोला? ख़ैर जाने दो में तो दर्द से तड़प रहा था और मेरा दिमाग़ काम नहीं कर रहा था. फिर मैंने भी अपने कपड़े पहने और बेड पर लेट गया, अब प्रियंका मेरे पास आई और बैठ गयी, लेकिन वो कुछ नहीं बोली. फिर मैंने थोड़ा आराम किया, अब शाम हो गयी थी और मुझे वापस होस्टल भी जाना था.
फिर हम लोगों ने होटल छोड़ दिया और पांडे का दोस्त रिसेप्शन पर नहीं था तो में दूसरे लड़के को चाबी देकर वहाँ से चला गया और प्रियंका अपने होस्टल चली गयी और मैंने कुछ खाया और फिर बस स्टेंड चला गया. फिर थोड़ी देर के बाद बस आई और में उस पर चढ़ गया और रास्ते में यही सब सोच रहा था, मुझे चलने में तकलीफ़ भी हो रही थी. फिर मैंने तय किया कि में इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताऊंग. रास्ता काफ़ी लंबा था तो में सो गया, लेकिन वो मादरचोद हवलदार मुझे मेरे सपने में भी आकर चोद रहा था और मेरी आँख खुल गयी.
फिर मैंने देखा कि रात हो गयी थी और बस इलाहबाद पहुँचने वाली थी. फिर मैंने बस स्टैंड से ऑटो किया और होस्टल पहुँच गया और रूम खुलवाया. फिर पांडे ने दरवाज़ा खोला और जैसे ही में अंदर घुसा तो फिर से मेरा कलेजा मुँह में आ गया था और मैंने देखा कि वही दो पुलिस वाले रूम में बैठे है, लेकिन वो वर्दी में नहीं थे. फिर मैंने पूछा कि तुम लोग यहाँ कैसे पहुंचे? तभी पांडे ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगा और उसने बताया कि ये लोग मेरे वाराणसी के दोस्त है और तुम्हारे साथ आज जो भी हुआ है वो सब मुझे पता है और मैंने ही ये सब प्लान किया था, क्योंकि तुमने मेरा बहुत मज़ाक बनाया था और मुझे बेइज़्ज़त किया है, मेरी खिल्ली उड़ाई है और मैंने इन सबका बदला लिया है. में चुपचाप खड़ा था और मुझे गुस्सा आ रहा था और बाकी सब मुझ पर हंस रहे थे और में अब जाकर समझा था कि पुलिस वाले ने जाते वक़्त ऐसा क्यों बोला था?
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कॉलेज का अधूरा सपना पूरा किया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विशाल है और में पूना में रहता हूँ. दोस्तों यह मेरे साथ नवम्बर महीने में घटित हुई एक सच्ची घटना है जब में अपनी कार से काम पर जा रहा था तो मेरा ध्यान सिटी बस स्टॉप पर खड़ी एक लड़की पर गया तो मुझे उसका चेहरा कुछ जाना पहचाना सा लग रहा था तो मैंने अपनी गाड़ी को एक साईड में रोककर खड़ी कर दिया और अब में उसे बहुत ध्यान से देख रहा था और फिर मुझे याद आ गया कि में अपने कॉलेज के जमाने में जिस लड़की पर लाईन मारता था यह वही थी और उसका नाम रेखा था. में अब सीधा अपनी कार से उतरकर उसके पास जाकर उससे बोला कि हैल्लो पहचाना मुझे? तो उसने कुछ देर मुझे बहुत ध्यान से देखकर मुस्कुराकर कहा कि तुम विशाल हो ना. तो मैंने बोला कि तुम्हारा बहुत धन्यवाद, तुमने मुझे कम से कम पहचाना तो सही.
फिर मैंने उसके बारे में और उसने मुझे अपने बारे में बताया. दोस्तों में आप सभी को बता दूँ कि रेखा एक सीधी साधी लड़की है और उसका कॉलेज में भी किसी से कुछ चक्कर नहीं था, वो दिखने में बहुत सुंदर लड़की है जिसकी वजह से कोई भी उस पर लट्टू हो सकता है और में भी उस पर बहुत मरता था, लेकिन वो कभी भी किसी को मौका नहीं देती थी और वो बहुत सीधी थी मैंने उसे बहुत बार उससे अपने प्यार के बारे में कहना चाहा, लेकिन उसने मेरी बात को ना समझते हुए मुझसे हमेशा साफ मना कर दिया. फिर कुछ देर बाद बातों ही बातों में उसने मुझसे कहा कि उसे भी काम पर जाना था वो एक प्राईवेट कंपनी में सुपरवाईज़र की नौकरी कर रही थी और अब उसकी शादी हो चुकी थी और उसका पति भी एक बहुत बड़ी प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता है.
फिर मैंने उसे उसकी कम्पनी पर लाकर छोड़ दिया और उससे उसका फोन नंबर ले लिया और मैंने मेरा भी नंबर उसे दिया और मैंने उससे कहा कि तुम्हे किसी भी बात की ज़रूरत हो तो मुझे एक बार फोन ज़रूर करना. फिर में अपने काम पर आ गया, लेकिन अब भी उसका वो सुंदर चेहरा मेरी आखों के सामने घूम रहा था, दूसरे दिन में फिर से उसी वक़्त उसी बस स्टॉप पर उसका इंतजार कर रहा था. फिर कुछ देर बाद वो आई और मैंने उसे अपनी कार फिर से उसके ऑफिस तक छोड़ दिया. दोस्तों अब यह कम हर रोज का हो गया था और में अब उस उसके घर से उसकी कम्पनी तक छोड़ने जाता इस बीच हमारी बहुत सी बातें हुई, लेकिन अब मुझे धीरे धीरे उसकी बातों से लग रहा था कि वो कुछ ज्यादा परेशान है और मैंने बातों ही बातों में उसे बताया कि में तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करता था.
वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम से चकित रह गई और फिर उसने मुझसे कहा कि लेकिन तुमने तो मुझे कभी नहीं बताया? अब में एकदम चुप रहा तो उससे कुछ नहीं बोला और एक दिन मैंने उसे मेरे साथ बाहर कहीं खाना खाने के बारे में पूछा तो वो झट से मान गई और फिर उसने अपने ऑफिस से आधे दिन की छुट्टी ले ली में उसे होटल लेकर गया और हमारे बीच दिन भर बातें हुई कि तभी मैंने उससे पूछ ही लिया कि रेखा तुम कुछ उदास हो और मैंने उसकी इस बात पर बहुत दबाव दिया तब कुछ देर बाद उसने मुझे बताया कि उसके पति उसे संतुष्ट नहीं कर पाते और उनके साथ कुछ समस्या है, बस छूने से ही उनका निकल जाता है और बहुत बार तो वो यह सब करने के लिए तैयार ही नहीं होते वो यह सब बताते वक़्त रो रही थी और वो अपनी शादी के पूरे एक साल बीत जाने के बाद भी बिल्कुल कुंवारी ही थी. मैंने उसके आंसू साफ किए और अब मैंने उससे कहा कि तुम्हारे पति को किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाना चाहिए और उनकी इस बीमारी का इलाज करवाना चाहिए. तो उसने कहा कि वो किसी डॉक्टर की दवाईयां ले रहे है, लेकिन उनका कोई भी असर नहीं हो रहा है. दोस्तों अब मेरे दिल में रेखा के प्रति धीरे धीरे उसकी यह सब बातें सुनकर बहुत स्नेह और प्यार आने लगा था.
फिर उस दिन हम दोनों खाना खाकर कुछ देर साथ में रहकर अपने अपने घर पर चले गए थे, लेकिन में बस अब अपने घर पर भी रेखा के बारे में सोच रहा था लेकिन अब भी मेरे मन में उसके लिए कोई ग़लत ख्याल नहीं था. फिर कुछ दिन बाद मेरे पास उसका कॉल आया और उसने मुझसे कहा कि वो बहुत टेंशन में है और मैंने उससे मिलकर उसकी पूरी समस्या के बारे में पूछा तो मुझे पता चला कि उसका पति रोज रात को शराब पीकर घर पर आता है और वो अक्सर करके बाहर ही रहता है और वो अब ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.
फिर मैंने उसे अपने गले लगाया और उससे कहा कि चलो आज तुम छुट्टी लो में तुम्हारा मूड थोड़ा फ्रेश करता हूँ. में अब उसे एक बार फिर से अपनी कार में बैठाकर घुमाने ले गया और कुछ देर बाद उसका मूड कुछ चेंज हो रहा था तो मैंने उससे ड्रिंक्स पीने के बारे में पूछा तो उसने हाँ कहा. हमने अब कार में ही बैठकर वोडका पी और कुछ देर बाद उस पर नशा चाड़ने लगा और ड्रिंक्स के बाद वो मुझे बहुत नशीली नजरों से देख रही थी और अब देखते ही देखते उसने मुझे एक किस किया और में तो एकदम से बिल्कुल चकित रह गया.
अब मेरे अंदर अब एक करंट सा दौड़ने लगा और वो नशीली निगाहों से मेरी आखों में ही देख रही थी. हम अभी भी कार में ही थे और फिर उसने और मुझे एक लंबा किस किया जिसकी वजह से पूरी तरह से उसका सलाइवा और मेरा सलाइवा घुल मिल रहा था और उसकी मेरी जीभ एक दूसरे से टकरा रही थी. मेरा एक हाथ उसके बूब्स को दबा रहा था और उसका एक हाथ मेरा लंड को सहला रहा था और करीब 20 मिनट तक लगातार किस करने के बाद हम अलग हुए और फिर मैंने उससे कहा कि हम किसी होटल में चलते है तो वो मेरी बात जल्दी से मान गई और हमने ज्यादा देर ना करते हुए एक होटल में रूम बुक किया और फिर अपने उस रूम पर चले गये.
अब रूम में जाते ही रेखा मुझ पर भूखों की तरह टूट पड़ी और वो मुझे ज़ोर ज़ोर से किस करने लगी तो में भी उसे अब हर जगह किस किए जा रहा था और इस बीच उसने मेरे और मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए. अब वो मेरे सामने अब पूरी नंगी थी और में भी. अब वो मेरा 6 इंच के लंड को भूखी शेरनी की तरह देख रही थी और सहला रही थी और देखते ही देखते उसने उसे अपने मुहं में ले लिया और फिर चूसने लगी.
मुझे ऐसा लग रहा था कि में कोई सपना देख रहा हूँ मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं था क्योंकि जिस लड़की को मैंने अपने कॉलज में बहुत प्यार किया था आज वो मेरा लंड चूस रही थी और उसी लड़की को में आज जिंदागी का मज़ा दे रहा था और 15 मिनट लंड चूसने के बाद मैंने उसे बेड पर लेटाकर उसके दोनों पैरों को पूरा खोला और अब उसकी वो गुलाबी चूत जो अब तक बिल्कुल वर्जिन थी वो ठीक मेरे सामने थी और उसकी एक अजीब सी खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी. फिर मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू किया.
वो अब बुरी तरह से कांप रही थी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी आईईईईईईईईईई उह्ह्हह्ह्ह्ह नहीं बस छोड़ दो मुझे ऐसा मत करो और यह बिल्कुल भी सही नहीं है उफ्फ्फ्फ़ आईईईईई. फिर मैंने कहा कि अगर तुम्हारा पति तुम्हे दे नहीं सकता तो इसमे तुम्हारी कोई ग़लती नहीं है और यह कोई गलत काम नहीं है. अब वो और भी ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और कहने लगी अह्ह्ह्ह आह्ह्हह्ह प्लीज छोड़ दो मुझे अब कुछ हो रहा है आह्ह्ह्हह्ह वो अब पूरी तरह से अकड़ने लगी और आईईईईईई नहीं उह्ह्हह्ह्ह्ह मुझे यह क्या हो रहा है आईईईईईईईईईईईई? तो में अब बहुत ज़ोर ज़ोर से चूत चाट रहा था और वो ज़ोर से सिसकियाँ लेते हुए झड़ गई और अब उसकी साँसे बहुत तेज हो चुकी थी और कुछ देर शांत पड़े रहने के बाद में एक बार फिर से उसकी चूत चाटने लगा.
दोस्तों मुझे क्या मस्त स्वाद आ रहा था उसकी चूत का. वो फिर से तैयार हो गई तो मैंने उससे कहा कि रेखा में आज तुम्हे एक औरत बना रहा हूँ क्या तुम तैयार हो इस काम के लिए? अब उसने अपना सर हाँ में हिलाया और मैंने महसूस किया कि उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और मैंने अपना नागराज लंड उसकी चूत पर रखा और धीरे धीरे उसकी चूत में दबाकर अंदर घुसाने लगा तो उसे बहुत दर्द हो रहा था और वो इस दर्द को सह रही थी. अब मैंने धीरे धीरे करते करते एक ज़ोर का धक्का दिया तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में समा गया, लेकिन वो अब ज़ोर से तड़प रही थी और मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ रखा था और कुछ ही देर में उसका दर्द अब बहुत कम हो गया था और उसे भी अब मज़ा आने लगा था. अब मेरी और उसकी साँसे भी तेज हो रही थी तो मैंने अपनी चुदाई करने की रफ़्तार को बड़ा दिया था और उसे भी मज़ा आ रहा था. मुझे मेरे लंड पर उसकी चूत का खून साफ दिख रहा था और में रफ़्तार से उसे धक्के देकर चोदे जा रहा था. फिर मैंने उससे कहा कि रेखा आज मेरा अरमान पूरा हुआ क्योंकि में आज तुम्हे चोद रहा हूँ और हमेशा चोदता रहूँगा.
फिर वो बोली कि हाँ आज से में तुम्हारी हूँ और तुम जब चाहो मुझे चोद सकते हो तुमने मुझे आज वो सब दिया जिसके लिए में पिछले कुछ सालों से बहुत तड़प रही थी. दोस्तों अब में अपने झड़ने पर आ गया था और रेखा तो दो बार पहले ही झड़ गई थी और मेरा वीर्य अब निकलने वाला था तो उसने अपने पैरों और हाथों से मुझे जकड़ लिया और में अब और तेज हो गया और मैंने “में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ रेखा” कहते हुए मेरा बहुत सारा वीर्य उसकी चूत में डालते हुए झड़ गया और इस वक़्त पूरे रूम में सिर्फ़ हमारी सांसो की आवाज़ आ रही थी.
फिर 15 मिनट साथ लेटे रहने के बाद रेखा ने मुझे किस करना शुरू किया और में भी उसे किस किए जा रहा था और एक किस करने का दौर शुरू हो गया. दोस्तों उस दिन मैंने उसे चार बार अलग अलग तरह से चोदा जिसकी वजह से उसकी हालत बहुत खराब हो गई थी और कुछ देर बाद में मैंने उसे एक दर्द की दवाई लाकर दी और उसको उसके घर पर छोड़कर आ गया, लेकिन यह उसकी पहली चुदाई होने की वजह से उसकी तबीयत ठीक नहीं थी और उसने जाते वक़्त मुझे धन्यवाद कहा और बोली कि तुमने आज मुझे चोदकर मेरा अधूरा जीवन पूरा किया है. में तुम्हारे इस अहसान को कभी नहीं भूल सकती. तुमने मुझे आज चुदाई का बहुत अच्छा सुख दिया है.
फिर मैंने कहा कि अरे नहीं, तुमने भी तो मेरा आज कॉलेज का अधूरा सपना पूरा किया है. में तुम्हे कितने सालों से चोदना चाहता था और फिर दोस्तों उसके बाद मैंने उसे कई बार चोदा. अब वो कभी भी उदास नहीं रहती है और वो अभी गर्भवती है.
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पड़ोसन की खूबसूरत चूत

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम विकास है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 25 है, दोस्तों मुझे शुरू से ही सेक्स करना और सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता था और में बहुत सालों से इस पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों यह बात आज से तीन साल पहले की है. मेरे घर के सामने वाले घर में एक औरत कुछ समय पहले किराए पर रहने आई, वो शादीशुदा थी और उसकी एक बेटी थी और उसका पति कहीं बाहर रहकर अपनी नौकरी किया करता था. दोस्तों में जब भी अपनी बालकनी में खड़ा होता वो हमेशा मुझे देखती रहती थी. हमारा घर रोड पर है तो वहाँ पर एक दिन बहुत देर से ट्रॅफिक जाम हो रहा था और वो शाम का टाईम था तो मैंने देखा कि भी अपनी छत पर खड़ी हुई थी और मुझे पता नहीं अचानक से क्या हुआ?
मैंने उसे बिना कुछ सोचे समझे छेड़ दिया और फिर उसे पता नहीं क्या हुआ उसने मुझसे बोला कि आपको क्या कुछ समस्या है? तो मैंने कहा नहीं मुझे तो कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन शायद आपको है? अब मैंने उसे यह सब बोल तो दिया, लेकिन में कुछ देर बाद बहुत डरने लगा और वैसे उस वक़्त मेरे घर पर कोई नहीं था. मेरी गांड फटी कि अब पता नहीं क्या होगा? और में सीधा उसी टाईम घर से बाहर चला गया और अब मेरी गांड बहुत फटने लगी कि ना जाने अब क्या होगा? फिर में रात को दस बजे तक अपने घर पर नहीं गया मैंने सोचा कि अगर कुछ पंगा होगा तो मेरे मोबाईल पर किसी का भी फोन आ जाएगा, लेकिन मेरे बहुत इंतजार करने के बाद भी ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
फिर उसके थोड़े दिनों बाद दिवाली से चार पांच दिन पहले मेरे घर के लेंडलाईन पर फोन आया किसी लड़के का वो कहने लगा कि क्या घर पर विकास है, में उसका दोस्त अजय बोल रहा हूँ? तो मेरे भाई ने फोन उठाया और उसने उससे बोला कि आप उसका मोबाईल नंबर ले लो वो इस समय घर पर कम ही मिलता है. फिर जब में अपने घर पर आया तो मेरे भाई ने मुझे बताया कि तेरे किसी दोस्त का फोन आया था और उसका नाम अजय है.
मैंने कहा कि यार मेरा तो कोई भी दोस्त अजय नाम का नहीं है और फिर मैंने उससे कहा कि चल ठीक है वो जो भी होगा अपने आप मेरे नंबर पर फोन कर लेगा. फिर उसके थोड़े ही दिनों के बाद में दिवाली वाली रात को पूजा में बैठा हुआ था कि मेरे पास एक मैसेज आया कि मेरी तरफ से तुम्हारी पूरी फेमिली को और तुम्हे वेरी वेरी हैप्पी दिवाली और अब मैंने बहुत सोचा कि यह बिना जाना पहचाना नंबर किसका हो सकता है जो मुझे दिवाली की बधाईयाँ दे रहा है? और फिर हमारी मैसेज पर दो तीन दिन तक लगातार बात चलती रही और उसके बाद उसने मुझे बताया कि वो मेरी सामने वाली पड़ोसन है. दोस्तों यह बात सुनकर में बहुत खुश हुआ जैसे कि मेरी तो लाटरी ही लग गयी और फिर हमारी बात चीत फोन पर होने लगी और कई कई बार तो देर रात तक हमारी बात होती थी. एक बार हम बाहर भी मिले वो मेरे लिए चोकलेट लेकर आई और फिर एक बार हम फिल्म गये. वो फिल्म तो क्या देखनी थी, वो तो एक बहाना था.
दोस्तो बस मुझे तो उसके साथ मज़े लेने थे. मैंने ना फिल्म देखी और ना उसको देखने दिया, मैंने बस उसके साथ बहुत मज़े लिए. उसके बाद हमारी ऐसे ही हर दिन फोन पर बात चलती रही क्योंकि ना तो में उसे अपने घर बुला सकता था और ना ही वो मुझे अपने घर बुला सकती थी, क्योंकि उसकी बेटी हमेशा घर पर होती थी और साथ में मकान मालिक भी. में बस ऐसे ही उससे फोन पर बात करके अपना समय गुज़ारने लगा और अब हम दोनों फोन पर बहुत देर तक बातें करने लगे थे जिसकी वजह से वो मुझे बहुत अच्छी लगने लगी और मुझे उसे पाने की और भी इच्छा करने लगी.
फिर एक दिन भगवान ने मेरे मन की बात सुन ली. उसे किसी काम से दिल्ली से बाहर जयपुर जाना था क्योंकि उसकी बेटी पिछले कुछ दिनों से उसकी नानी के घर पर जयपुर थी तो उसे भी वहाँ पर जाना था और फिर मेरे दिमाग में एक बहुत अच्छा आइडिया आया. मैंने सोचा कि क्यों ना उसके जयपुर जाने से पहले इसे चोदा जाए. फिर जिस दिन उसे जाना था हमने सुबह अपना एक प्रोग्राम बनाया और वो मुझे सुबह दस बजे मिल गयी. में ईस्ट दिल्ली में रहता हूँ जहाँ पर जगह की थोड़ी समस्या थी, लेकिन मुझे एक जगह पता थी जहाँ पर रूम बहुत आसानी लिया जा सकता था. फिर हम वहाँ से फरीदाबाद को निकल गये और वहाँ पर जब में पहुंचा तो उसने मुझसे पूछा कि हम कहाँ पर जा रहे हैं? तो मैंने बोला कि यहाँ पर जगह मिलती है हम यहाँ पर अकेले कुछ देर थोड़ा आराम से बैठेंगे और कॉफी पियेंगे फिर चले जाएँगे, लेकिन दोस्तों मेरे दिमाग़ में तो आज उसे चोदने का प्लान था.
फिर अचानक से उसने बोला कि मुझे यह जगह बिल्कुल अच्छी नहीं लग रही है. मैंने बोला कि ऐसा कुछ नहीं है यहाँ पर सब कुछ ठीक है. फिर वो बोली कि ठीक है और फिर में उसे रूम में अंदर लेकर गया, तो बोली कि हम यहाँ से वापस चलते हैं मुझे यह जगह ठीक नहीं लग रही है, लेकिन में तो उस रूम के पैसे देकर आ चुका था और अब मेरे अंदर आग लगने लगी थी कि मेरा सारा प्लान चोपट ना हो जाए. फिर मैंने उससे बोला कि तुम्हे कुछ नहीं होगा, क्यों तुम्हे मुझ पर विश्वास है?
वो बोली कि हाँ है तो मैंने उससे कहा कि तो फिर चलो अंदर चल कर पहले हम कॉफी पिएँगे और फिर वापस चलेंगे. फिर वो बोली कि ठीक है और फिर में रूम में अंदर गया और जाते ही रूम को अंदर से बंद कर दिया तो वो बोलने लगी कि विकास तुम कुछ तो नहीं करोगे? तो मैंने बोला कि हाँ में कुछ नहीं करूँगा तुम्हे मुझ पर विश्वास है ना. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और खुद भी उस पर आकर लेट गया. तो वो बोली कि नहीं विकास, तो मैंने बोला कि मुझ पर विश्वास है ना? वो बोली कि हाँ तो में बोला कि में बस तुम्हे किस करूँगा और कुछ नहीं करूँगा. अब में उसे पागलों की तरह की किस करता रहा.
फिर वो एकदम से उठकर खड़ी हो गई और मैंने उसे पीछे से पकड़ा और उसे पीछे से किस करने लगा, जिससे वो धीरे धीरे मदहोश होने लगी थी. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और अब में उसके ऊपर लेट गया और उसे लगातार किस करता रहा और उसे स्मूच करने लगा. वो मेरी जीभ से खेलने लगी और में धीरे धीरे उसके कपड़ो के ऊपर से उसके बूब्स को दबाने लगा. फिर मैंने उसके स्वेटर को उतार दिया और फिर अपने स्वेटर को भी उतार दिया और फिर में उसके सूट की कमीज़ के पीछे से हाथ डालकर उसकी पीठ को मसलने लगा था जिसकी वजह से वो अब और भी मदहोश हो रही थी.
फिर मैंने उससे अपनी कमीज़ को उतारने को कहा तो वो मुझसे कहती है कि नहीं विकास यह सब ठीक नहीं है. मैंने बोला कि क्यों तुम्हे मेरे ऊपर विश्वास है ना? वो बोली कि हाँ है तो मैंने बोला कि बस में और कुछ नहीं करूँगा और फिर में उसके जिस्म को किस करने लगा और फिर मैंने भी जल्दी से अपनी शर्ट को उतार दिया और अपने बनियान को भी और उसके ऊपर आ गया. फिर में उसकी कमर पर किस करने लगा और करते करते मैंने उसकी ब्रा का हुक अपने मुहं से खोल दिया और अब उसके बूब्स को चूमने, चूसने लगा और उसकी निप्पल को किसी बच्चे की तरह काटने लगा था और कभी अपने एक हाथ से उसकी दूसरी निप्पल को दबा रहा था जिसकी वजह से वो बिल्कुल पागल हो रही थी. वो मेरे ऊपर आ गयी और अब मेरी छाती पर किस करने लगी जो मेरी एक बहुत बड़ी कमज़ोरी है. मेरी छाती पर बाल भी बहुत सारे है और वो मेरी गर्दन पर किस करने लगी. में तो जैसे अब पागल हो रहा था.
अब मैंने जल्दी से अपनी जीन्स को उतार दिया और उसके ऊपर आ गया. फिर उसकी सलवार को उतारने लगा तो वो अब मुझे ऐसा करने से रोकने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि में बस इसके आगे कुछ नहीं करूँगा और मैंने उसकी सलवार को भी उतार दिया और अब जल्दी से उसकी पेंटी को भी और मैंने अपना अंडरवियर भी उतार दिया. अब मैंने उससे अपना लंड चूसने को कहा तो पहले तो उसने मुझसे साफ मना किया, लेकिन फिर मेरे बहुत कहने पर वो मान गई. दोस्तों वाह वो क्या लंड चूस रही थी. में तो बिल्कुल पागल हुए जा रहा था और फिर में 69 की पोज़िशन में आ गया और उसकी चूत को चाटने लगा. क्या स्मेल थी दोस्तों उसकी चूत की? मुझे तो सूंघते ही एक अजीब सा नशा सा चढ़ गया और अब में उसकी चूत को बहुत बुरी तरह से पागलों की तरह चाटने लगा और दो उंगलियाँ चूत के अंदर डालकर ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करके चोदने लगा. फिर थोड़ी ही देर के बाद वो झड़ गयी.
अब ज़्यादा टाईम ना खराब करते हुए में उसके ऊपर आ गया और उसके ऊपर लेट गया और उससे पूछा कि कैसे डालूं कंडोम लगाकर या बिना कंडोम के? तो उसने बोला कि जैसे तुम्हारा मन करे डाल दो. दोस्तों में हमेशा अपने साथ कंडोम रखता हूँ और में बिना कंडोम के कभी भी कोई भी चूत नहीं चोदता. फिर मैंने जल्दी से उसे कंडोम अपने लंड पर चढ़ाने को दिया और उसने चढ़ा दिया. फिर मैंने पहले उसे बहुत आसान तरीके से उसके ऊपर लेटकर चोदा और फिर थोड़ी देर बाद के में सीधा बैठ गया और वो मेरी कमर पर अपने दोनों पैर लपेट कर मेरे ऊपर बैठ गयी और फिर मैंने उसे ऐसे थोड़ी देर तक चोदा और उसके बाद में नीचे लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी. फिर में उसके बूब्स को चूसने लगा और लंड को नीचे से धक्के मारने लगा. वो पागल हो रही थी और हम दोनों पूरे जोश से चुदाई कर रहे थे और पूरे रूम में उसकी चीखने चिल्लाने की आवाज़ गूँज रही थी आआअहह आईईई ऊऊऊओह औचह विकास और ज़ोर से करो, में आज बिल्कुल पागल हो रही हूँ.
फिर उसके बाद वो सीधी लेट गयी और में भी उसके साथ में लेट गया और उसका एक पैर उठाकर उसे चोदने लगा और उसके बूब्स को चूसने लगा और उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा. उसके कुछ देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा और अब में उसे घोड़ी बनाकर चोदने लगा. अब उसकी सिसकियों की बहुत तेज़ तेज़ आवाज़ आ रही थी आअहह ऊऊऊओह पच पच उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी क्योंकि इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी. फिर में उसके ऊपर आकर लेट गया और उसे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा. करीब 15-20 मिनट उसके ऊपर लेटकर चोदने के बाद मैंने उससे पूछा कि क्यों अंदर ही कर दूं? तो वो मुझसे बोली कि आपकी मर्ज़ी और फिर थोड़ी देर के बाद मैंने अपने लंड का पानी अंदर ही छोड़ दिया और उसके ऊपर थककर लेट गया. फिर कुछ देर बाद उठा और हमने अपने अपने कपड़े पहने और हम वहां से बाहर आ गये.
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कमीने भाई की गुलाम बहन

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम नताशा है और मेरी उम्र 21 साल है. में भोपाल की रहने वाली हूँ. दोस्तों अब में कहानी शुरू करती हूँ, में भोपाल में बी.कॉम की स्टूडेंट हूँ और यह उस समय की बात है जब में 12वीं क्लास में थी और बहुत सेक्सी लगती थी. मेरे कई बॉयफ्रेंड थे, लेकिन उस टाईम करण मेरा बॉयफ्रेंड था जो कि मेरे भाई अभिषेक का बहुत अच्छा दोस्त था. अभिषेक को पता था कि मेरे और करण के बीच में कुछ तो चल रहा है, लेकिन वो पक्का नहीं था.
में और करण अपने रिश्तों में बहुत आगे निकल चुके थे और में उस टाईम वर्जिन थी, लेकिन लगता था कि करण ही मेरी सील तोड़ेगा. हम रोजाना रात रातभर चैट किया करते थे और फोन सेक्स के बिना तो मुझे नींद ही नहीं आती थी. फिर एक दिन में देर रात तक करण से चैट करती रही और अपनी चूत में फिंगरिंग भी कर रही थी, में अपने पूरे जोश में थी और उस रात को मेरी चूत से बहुत ज्यादा पानी निकला. अब में और करण सेक्स चैट में इतने डूब गए कि पता ही नहीं चला कि कब हमें नींद लग गई. मुझे रोज सुबह माँ उठाती थी, लेकिन उस दिन अभिषेक आ गया, में तो सोई हुई थी तो वो मुझे घूर-घूर कर देखने लगा. फिर उसने मेरा मोबाईल फोन उठा लिया और मेरी चैट पढ़ने लगा, अब में तो सोई हुई थी. फिर पूरी चैट पढ़ने के बाद उसने मुझे उठाया, अब मुझे उसके चेहरे पर एक कमीनी मुस्कान साफ दिखाई दे रही थी, लेकिन मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. अब मेरा भाई और ज्यादा मुझ पर नज़र रखने लगा था, फिर एक दिन मुझे करण का कॉल आया.
करण : हाय सेक्सी, क्या कर रही हो?
में : कुछ नहीं जानू, बस तुम्हारे लंड को याद कर रही हूँ.
करण : सच, तुम अभी मेरे घर आ जाओ, हम बहुत मस्ती करेंगे. (में पहले भी उसके घर जा चुकी थी और वो मेरे बूब्स भी देख चुका है, लेकिन अभी तक हमने सेक्स नहीं किया था)
में : ओह, इतनी जल्दी भी क्या है मेरे राजा?
करण : ओह, मेरी रानी में घर पर अकेला हूँ, आओ ना.
में : अच्छा में आउंगी तो मुझे क्या मिलेगा?
करण : वो मज़ा मिलेगा जिसके लिए तू पैदा हुई है जानेमन, आज में तेरी पूरी आग मिटा दूँगा.
में : आहाहह बस कर करण, अभी से मुझे गर्म मत कर, में अभी आती हूँ.
फिर में उसके घर गई तो वहाँ सच में कोई नहीं था, अब मुझे देखते ही उसने मुझे हग कर लिया और किस करने लगा. फिर वो मुझे उठाकर सीधे बेडरूम में ले गया और मेरे कपड़े उतारने लगा और फिर उसने बिना टाईम ख़राब किए मुझे पूरा नंगा कर दिया और खुद भी पूरा नंगा हो गया. बस फिर उसका लंड था और मेरी वर्जिन चिकनी चूत थी. फिर मैंने उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. अब वो भी मेरे बूब्स को भूखे कुत्ते की तरह काटने लगा था. में उसके रफ सेक्स से बहुत जल्दी गर्म हो जाती हूँ, आज तो मेरी चुदाई पक्की थी और में भी सेक्स के लिए पूरी तैयार थी. फिर में उससे बोलने लगी कि मुझे चोदो, प्लीज़ फुक मी, फुक मी हार्ड, आआहहहह मुऊऊुउऊहह्ह्ह, अब हम पूरे जोश में थे.
फिर उस दिन उसने मुझे खूब चोदा और मेरे जिस्म की पूरी आग ठंडी कर दी. करण को मेरे सेक्स के बारे में सब पता था इसलिए उसने मुझे मोड़ दिया और मेरे हाथों को बेड से बाँधकर टाईट कर दिया और मेरे मुँह मेरी पेंटी डालकर टेप से पैक कर दिया. फिर उसने मुझे टॉर्चर करना शुरू किया और मेरे निप्पल पर पेपर क्लिप लगा दी. फिर उसने मुझे बेल्ट से बहुत मारा, अब में दर्द से चीख रही थी, लेकिन मेरा मुँह बंद था. फिर वो जलती हुई मोमबत्ती ले आया और उसने उस मोम को मेरे बूब्स, निपल्स, चूत सब जगह डाला और मुझे गंदी-गंदी गालीयां देने लगा, साली रंडी छिनाल, कुत्तिया की चूत से निकली और लंड की भूखी और ना जाने क्या क्या बोल रहा था? लेकिन मुझे वो सब अच्छी लग रही थी, में इतनी गर्म पहली बार हुई थी.
अब में उससे भीख माँग रही थी प्लीज़ मुझे चोदो, मुझे चोदो ना, आहहहह आआहहहह चोदो मुझे, मारो और मारो, लेकिन मेरा मुँह बँधा हुआ था तो में अंदर ही अंदर तड़पती रही, लेकिन उस हरामखोर ने लंड तो दूर की बात है अपनी एक उंगली तक नहीं डाली. फिर वो मुझे बँधा हुआ छोड़कर कहीं चला गया और में तड़पती रही और अपने बंधे हाथों से करवटे लेती रही आहहहहहहहह आअहह प्लीज़ फुक मी. में आज तो अपने बाप का भी लंड ले सकती थी. फिर थोड़ी देर के बाद मेरे रूम का दरवाजा खुला और कोई अंदर आया. अब मुझे लगा कि करण होगा तो में बँधे मुँह से उससे चोदने की भीख माँगने लगी. तो वो बिना कुछ बोले सीधे मेरी टांगो के बीच में आया और अपना खड़ा लंड मेरी चूत में पेल दिया. अब मुझे कुछ अजीब सा लगा, मुझे उसका लंड थोड़ा मोटा लग रहा था, लेकिन में तो सेक्स की आग में जल रही थी और में कुछ कर भी नहीं सकती थी.
फिर उसने मुझे बड़ी बेरहमी से चोदा, फिर आधे घंटे के बाद वो झड़ गया. अब में भी तब तक दो बार झड़ चुकी थी, फिर वो उठा और अपना कंडोम निकाल कर मेरे मुँह में मारा और जाने लगा. तो अब में वही बँधी पड़ी रही, अब मुझे काफ़ी अजीब लगा, लेकिन में क्या कर सकती थी? फिर करीब एक घंटे के बाद दरवाजा फिर से खुला तो करण अंदर आया और मुझे चोदने लगा. अब में तो जैसे मंदिर का घंटा बन गई थी, जब करण आता मुझे बजाकर चला जाता. अब मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था, लेकिन में बँधी थी. फिर इस बार मुझे चोदने के बाद करण ने मुझे खोला, पहले तो मैंने उससे एक ज़ोरदार थप्पड़ मारा और पूछा कि वो दूसरा लंड किसका था? लेकिन शायद मुझे उसे थप्पड़ नहीं मारना चाहिए थी, तो वो मुझे गुस्से भरी नज़रो से देखने लगा, तो अब में डर गई थी.
फिर वो एकदम से हंसने लगा और टी.वी पर एक वीडियो चला दिया, उसमें मेरी चुदाई हो रही थी. अब में तो हैरान रह गई कि यह वीडियो किसने बनाया है? उस वीडियो में सिर्फ़ मेरा चेहरा ही दिखाई दे रहा था और करण का चेहरा धुंधला कर रखा था. फिर करण ने मेरी चुदाई की वीडियो को पीछे किया और जब वो मुझे बाँधकर चोदे जा रहा था, वहाँ से वो वीडियो लगा दी. अब मेरी जमकर चुदाई हुई थी, लेकिन जब वो दूसरा लड़का मेरे सामने आया तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गई, वो दूसरा लड़का और कोई नहीं अभिषेक था. अब मेरा अपना भाई मुझे चोद रहा था, अब में डर गई थी कि यह कैसे हुआ? अब मेरे दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया था. फिर करण ने टी.वी बंद की और मेरी तरफ देखा. अब में बहुत हैरान थी.
करण : क्यों रंडी कैसा लगा मेरा गेम? तुझे बड़सम पसंद है ना और चुदवा, कैसा लगा तेरे भाई का लंड?
अब में चुपचाप सुनती रही, इतने में अभिषेक भी रूम में आ गया, अब वो मुझे देखकर हंस रहा था. अब मुझे सब समझ में आ गया कि यह सब इसी का ही प्लान है.
अभिषेक : ज्यादा मत सोच मेरी रांड, तुझे गुलाम बनाने की यह बहुत बड़ी प्लानिंग थी. मैंने उस दिन जब तेरे मैसेज पढ़े तो में तभी समझ गया था कि तू चुदने के बिल्कुल तैयार है. फिर जब करण ने मुझे बताया कि वो हमेशा के लिए दिल्ली शिफ्ट हो रहा है, तब मैंने यह प्लान बनाया.
करण : सच नताशा, तेरा भाई बहुत कमीना है और मुझसे बोला कि भाई जाते जाते एक रंडी को मेरा गुलाम बना जा, तो ले भाई अभिषेक आज से ये रांड हमेशा के लिए तेरी गुलाम है, तू जो चाहे वो कर अब यह कुछ नहीं कर सकती है.
फिर वो दोनों मेरी इस हालत पर हंसने लगे और मुझे खूब गालीयां दी. अब तो में उन दोनों की गुलाम रखेल बन चुकी थी.
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स्नेहा भाभी की चूत की मलाई

हैल्लो दोस्तों, ये कहानी मेरी और मेरी भाभी की है. मेरी उम्र 22 साल है और मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है. अब में आपको अपनी भाभी के बारे में बताता हूँ, उनकी उम्र 24 साल है. वो बिल्कुल दूध जैसी गोरी, पतली और फिगर ऐसा कि बूढ़े का भी लंड खड़ा हो जाए. उनका फिगर 32-28-34 है और आप जानते ही होंगे कि पंजाबी लड़कियां बॉम्ब होती है. अब में सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ.
ये आज से 1 महीने पहले की कहानी है जिसने मेरी लाईफ बदल दी. ये मेरी कज़िन भाई की पत्नी है और हमारी फेमिली साथ में ही रहती है. भाई को नौकरी के लिए आउट-ऑफ शहर रहना पड़ता है और भाभी यहाँ अकेली अपने सास ससुर के साथ रहती है. मेरी भाभी से अच्छी बनती है, क्योंकि में उनकी उम्र का हूँ और उन्हें मेरे साथ समय बिताना बहुत अच्छा लगता है.
यह घटना तब हुई जब मेरी माँ मेरी मौसी के घर चली गई और में घर पर अकेला था, क्योंकि मेरे एग्जॉम स्टार्ट होने वाले थे तो में जा नहीं सकता था तो वो चली गई. अब पापा अपनी शॉप पर चले जाते थे और में घर पर अकेला होता था. भाभी ग्राउंड फ्लोर पर रहती है और में फर्स्ट फ्लोर पर रहता हूँ. उस दिन दोपहर में भाभी मेरे पास आई और जब मेरी ताई जी सो रही थी वो मेरे पास आ गई और पूछने लगी कि क्या चल रहा है? तो मैंने कहा कि बस एग्जॉम की तैयारी चल रही है और डर भी लग रहा है. उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और कहा कि इसमें डरने की क्या बात है? सब ठीक होगा. मुझे उनका हाथ बहुत अच्छा लगा था.
फिर मैंने भी मौके का फायदा उठाया और उनका हाथ पकड़कर कहा कि आप हो तो डर नहीं लगेगा. फिर वो बात करते-करते कुछ उदास हो गई तो मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि कुछ नहीं तो मैंने उन्हें फोर्स किया और कहा कि क्या भाई की याद आ रही है? तो वो बोली हाँ और मैंने उन्हें कहा कि भाभी एक बात पूंछू आप नाराज़ तो नहीं होंगी ना, तो वो बोली कि नहीं तो, पूछो. फिर मैंने कहा कि रहने दो आप नाराज़ हो जायेगी फिर वो बोली कि नहीं होउंगी तू पूछ तो सही. तब मैंने हिम्मत करके कहा कि आप बिना भाई के यहाँ अकेली कैसे रह लेती है? वो थोड़ी उदास हुई, लेकिन उन्होंने पूछा कि क्या मतलब? तो मैंने बोला कि आपको उनकी कमी नहीं लगती, आपकी ज़रूरत कैसे पूरी होती होगी? वो मेरी तरफ बड़े ध्यान से देखने लगी और मेरा हाथ पकड़कर बोली कि क्या करूँ मजबूरी है? तब मेरी हिम्मत और बढ़ी तो में बोला कि आपको सेक्स की इच्छा नहीं होती क्या?
फिर वो मेरी तरफ बड़े ध्यान से देखने लगी और बोली कि तुम ये क्या पूछ रहे हो? तब में बोला कि भाभी में भी जवान हूँ और मुझे भी सेक्स की इच्छा होती है और आप तो जानती है कि में मेडिकल साइन्स का स्टूडेंट हूँ. तो वो थोड़ी देर में बोली कि इच्छा तो बहुत करती है लेकिन में क्या कर सकती हूँ? तुम तो जानते ही हो कि तेरे भाई महीने में एक दिन के लिए आते है. अब मेरी हिम्मत बढ़ी और में बोला कि तो बाकी दिन आप कैसे कंट्रोल करती है? तब वो कुछ नहीं बोली.
मैंने कहा कि बताइये ना भाभी आप क्या करती है? तब वो बोली कि में क्या कर सकती हूँ? बस तड़प कर रह जाती हूँ. फिर मैंने उनका हाथ पकड़ा और कहा कि भाभी में भी आपसे बहुत प्यार करता हूँ और आपको जी भर कर प्यार करना चाहता हूँ तो वो नाराज़ हो गयी और बोली कि तुम ये क्या कह रहे हो? में तुम्हारी भाभी हूँ. तब में और थोड़ा उनके पास गया और उनको समझाया कि देखिए में आपसे बहुत प्यार करता हूँ. क्या में आपको पसंद नहीं हूँ? तो वो रुककर बोली कि ऐसा नहीं है, तू भी मुझे बहुत पसंद है जो लड़की तुझे मिलेगी वो खुश किस्मत होगी. वैसे में भी भाभी के नाम की बहुत बार मुठ मार चुका था और कब से उनकी प्यारी सी चूत को चोदने के लिए बेताब था.
फिर में बोला कि तो प्रोब्लम क्या है? वो बोली नहीं ये ठीक नहीं है किसी को पता चल गया तो? अब वो भी चुदवाने को बेताब थी, लेकिन डर रही थी. तब मैंने अपना हाथ उनकी जाँघ पर रखा और धीरे-धीरे उनकी जांघ को सहलाने लगा तो वो कुछ नहीं बोली. अब उन्हें भी मज़ा आ रहा था, अब वो धीरे-धीरे भी बोल रही थी कि मत कर ये ठीक नहीं है. फिर वो उठकर जाने लगी तो मैंने उनका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और उनको अपने सीने से लगा लिया. अब में उनको किस करने लगा, पहले तो उन्होंने थोड़ा गुस्सा किया, लेकिन बेचारी सेक्स की प्यासी कहाँ तक अपने आपको रोक पाती. अब वो भी मुझे समर्थन देने लगी और हम दोनों कस कर एक दूसरे को किस करने लगे और अपनी जीभ और थूक एक दूसरे के मुँह में डालने लगे.
ये मेरा पहला समय था, क्योंकि आज से पहले मैंने कभी किसी लड़की के साथ संबंध नहीं बनाया था, अब मुझे तो मज़ा आ गया था. करीब 15 मिनट तक हम लोगों ने किस किया और फिर में उन्हें गर्दन पर किस करने लगा. अब वो तो आउट-ऑफ कंट्रोल हो गयी और ज़ोर-ज़ोर से मौन करने लगी. फिर मैंने अपना एक हाथ उनके सीधे बूब्स पर रखा और ज़ोर-ज़ोर से उनके बूब्स को दबाने लगा और दूसरा हाथ उनकी मोटी भारी हुई जाँघ पर चल रहा था. अब वो तो पागल ही हो गयी और चिल्लाने लगी, आआअहह हमम्म्मम ऊऊहह आज क्या मार ही डालोगे क्या? तब मैंने उनका थोड़ा सा कुर्ता उनके कंधो से नीचे सरका दिया. क्योंकि उन्होंने पंजाबी सूट पहन रखा था और अब में उनके कंधे पर किस करने लगा. अब मैंने अपने हाथ से उनके बूब्स दबाने चालू रखे.
अब वो मेरे बालों को खींच रही थी और मुझे अपनी बॉडी पर दबा रही थी. अब वो चुदने के लिए मछली की तरह तड़प रही थी, लेकिन आज में उन्हें बहुत तड़पाना चाहता था ताकि जब में उन्हें चोदूं तो उन्हें पूरा सुख मिले और वो हमेशा मेरे से चुदवाती रहे. अब मैंने उन्हें बेड पर लेटाया और उनका कुर्ता उतार दिया. वाह अब दो बड़े-बड़े सफेद दूध की डेयरी मेरे सामने थी. अब उन्होंने एक गहरी गुलाबी और काले कलर की बहुत ही सेक्सी नेट वाली ब्रा पहन रखी थी. अब तो में देखते ही पागल हो गया था, लेकिन अब में उनको तड़पाना चाहता था.
मैंने उन्हें ब्रा के ऊपर से ही चूसना स्टार्ट किया और एक हाथ उनकी नाभि में डाल दिया. तो वो आआऊउच करके उछल पड़ी और बोली कि क्या आज मारने का प्रोग्राम है क्या? क्या कोई इतना तड़पाता है? तो में बोला कि ये तो अभी शुरुवात है मेरी जान. फिर वो बोली कि भाभी से सीधे मेरी जान और इतना कहकर वो हंसने लगी और कहा कि मुझे आज के बाद इसी नाम से बुलाना और तुम मेरा नाम ही लिया करो. सॉरी दोस्तों मैंने आपको भाभी का नाम तो बताया ही नहीं, भाभी का नाम स्नेहा है.
अब मैंने उनकी ब्रा के हुक खोल दिए और वाह क्या बूब्स थे? बिल्कुल दूध जैसे सफेद और पिंक निप्पल तो कहर ढहा रहे थे. फिर मैंने सीधे बूब्स को अपने मुँह में लिया और चूसने लगा और लेफ्ट बूब्स की निप्पल को दबाने लगा. तो वो आआऊउचचच आआअहह मेरे राजा उूउउम्म्म्मम की आवाज़ निकालने लगी और अपना हाथ मेरे बालों में घुमाने लगी. अब में थोड़ी देर तक उनके बूब्स चूसता रहा और अब भाभी ने बीच में अपनी चूत को सहलाने के लिए अपना हाथ लगाया तो मैंने उनके हाथ को पकड़ लिया.
अब तक मैंने भाभी की चूत को हाथ भी नहीं लगाया था, क्योंकि मुझे उन्हें तड़पता देखकर बहुत मज़ा आ रहा था. वो बोली कि तू खुद भी उंगली नहीं कर रहा और मुझे भी नहीं डालने दे रहा है. अब में पागल हो जाउंगी, प्लीज कुछ कर, लेकिन मुझे तो अब मज़ा आ रहा था और में उनके दोनों हाथ पकड़कर उनके बूब्स चूसता रहा.
फिर करीब 20 मिनट तक चूसने के बाद में नीचे आया और अपनी जीभ को उनकी नाभि में घुसा दिया और अपनी जीभ घुमाने लगा. अब वो तो अपना सिर ही पटकने लगी और बोली कि ये क्या कर रहे हो? अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है, प्लीज जल्दी कुछ करो, मेरी चूत में आग लगी हुई है उसको बुझाओ. अब ऐसी बातें सुनकर मुझे जोश चढ़ रहा था और अब मैंने उनकी सलवार के ऊपर से ही उनकी जाँघो के बीच में चूसना स्टार्ट किया और खूब दबाया. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने भाभी की सलवार का नाड़ा खींचा और उनकी पूरी सलवार उतार दी. अब भाभी मेरे सामने मैचिंग काली और गहरी पिंक कलर की नेट वाली पेंटी पहने हुई थी और में तो देखकर ही पागल हो गया. फिर मैंने उनकी जाँघो को चूसना स्टार्ट किया, वो बोली कि चोद दे, अब तो मेरी चूत की आग मिटा दे, तो में बोला कि रूको मेरी जान मज़ा तो अब आयेगा.
फिर मैंने उनकी चूत की दरार को पेंटी के ऊपर से ही रब करने लगा, क्या मस्त चूत थी मादरचोद? में तो अब पागल ही हो गया था और अब में भूखे शैर की तरह उनकी चूत पर टूट पड़ा और उनकी चूत को दबाने लगा. अब भाभी ने भी चिल्लाना स्टार्ट कर दिया, आआआहह में मर गईई आओउऊउक्क्ककज मारररर डालोंगे क्या? और चूस मादरचोद चूस. ये बात सुनकर तो मुझे और जोश चढ़ गया और अब मैंने उनकी पेंटी भी उतार दी. आज मेरे सामने जन्नत थी जिसके नाम की मैंने आज तक इतनी बार मुठ मारी थी.
अब वो मेरे सामने थी और भाभी अब तक एक बार झड़ चुकी थी. फिर मैंने उनकी चूत को चूसना स्टार्ट किया. अब वो अपना सिर पटकने लगी और इधर उधर मारने लगी. अब वो मौन कर रही थी, आआमम्म्मम ऊऊहह आआआहह आाआईईईईईईईईईई माँ, ये क्या कर दिया तूने, अंदर आग लग गयी है? फिर मैंने उनकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और एक उंगली भी डाल दी. वो अब आउऊउचचच करके चिल्लाई और बोली कि थोड़ा धीर करो, लेकिन में कहाँ उसकी मानने वाला था. भाभी वर्जिन तो नहीं थी, लेकिन उनकी चूत बहुत टाईट थी.
अब में 20 मिनट तक भाभी की चूत को चूसता रहा और अब तक भाभी 2 बार और झड़ चुकी थी तो भाभी बोली कि अब और मत तड़पा, चोद दे अपनी भाभी को, बना दे मेरी चूत का भोसड़ा, अब में तेरी रंडी हूँ. अब मैंने उन्हें अपना लंड चूसने के लिए कहा तो उन्होंने पहले मना किया, लेकिन मेरे जोर देने पर वो मेरे लंड को चूसने लगी. और अब में तो जैसे सातवें आसमान पर था. वो बहुत अच्छा लंड चूसती थी. अब 10 मिनट तक वो मेरा लंड चूसती रही और फिर मैंने उनको सीधा लेटा दिया और अब मैंने अपना लंड उनकी चूत के पास रखा और उनकी चूत पर रगड़ने लगा. तो वो बोली क्यों तडपा रहा है? डाल ना. फिर मैंने एक धक्का लगाया और मेरे लंड का सुपड़ा एक बार में ही 2 इंच तक उनकी चूत में अंदर चला गया. वो बहुत तेज चिल्लाई, आआईइ माँ में मररर गइईई, निकालो बाहर इसको वो ऐसे चिल्ला रही थी कि जैसे वो पहली बार चुद रही हो.
फिर मैंने कहा कि भाभी आप क्या वर्जिन है? तो वो बोली नहीं तो, तेरे भाई का लंड बहुत छोटा है और वो मादरचोद वैसे भी महीने में एक बार चोदता है और एक बार में ही झड़ जाता है तो में संतुष्ट नहीं हो पाती. फिर मैंने एक और ज़ोरदार झटका मारा और मेरा पूरा लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया. अब वो जैसे ही चिल्लाती तो मैंने उनको किस करना स्टार्ट कर दिया और उनके होंठो को लॉक कर दिया और लगातार झटके मारता रहा. फिर वो कुछ देर के बाद शांत हो गयी और अपनी कमर उठाने लगी, में समझ गया कि अब इन्हें भी मज़ा आ रहा है. फिर में उन्हें अपनी फुल स्पीड में चोदने लगा. अब तक भाभी 1 बार फिर झड़ चुकी थी और में फुल जोश में था. अब में भाभी को 25 मिनट से चोद रहा था और भाभी को अलग-अलग पोज़िशन में चोदता रहा. भाभी फिर से एक बार झड़ गयी.
अब में झटके मारता रहा और अब 20-25 धक्के मारने के बाद में भी झड़ने वाला था तो में भाभी को बोला कि भाभी मेरा निकलने वाला है. भाभी बोली अंदर ही निकाल दो मेरी जान, फिर में 10 धक्को के बाद उनकी चूत में ही झड़ गया और भाभी भी मेरे साथ झड़ गयी. अब भाभी की चूत मेरे माल से भर चुकी थी और हम दोनों का माल एक साथ चूत से बाहर आ रहा था. अब भाभी बहुत खुश थी और अब उनके चेहरे पर एक अलग ही चमक थी.
फिर उन्होंने मुझे किस किया और थैंक्स बोला और कहा कि आज से में तेरी हूँ, तू ही मुझे चोदेगा उस मादरचोद ने तो मुझे कभी संतुष्ट किया ही नहीं था. फिर भाभी उठी और अपनी पेंटी पहनने लगी. भाभी जैसे ही नीचे झुकी तो मुझे उनकी मस्त गांड का छेद नज़र आ गया तो मैंने अपने एक हाथ कि उंगली उनकी गांड में डाल दी तो भाभी चिल्ला पड़ी और में हंसने लगा और बोला कि अगली बार इसकी बारी है मेरी जान. तो वो बोली ना बाबा ना मेरी तो गांड ही फट जायेगी. फिर मैंने कहा कि देखते है और फिर मैंने उन्हें 5 दिन तक लगातार चोदा और उनकी गांड भी मारी. फिर 5 दिन के बाद मेरी माँ वापस आ चुकी थी.
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प्रेरणा से मुझे मिली प्रेरणा

हैलो दोस्तों, में आपका प्यारा दोस्त राज एक बार फिर से हाजिर हूँ आपके सामने अपनी नई प्रस्तुति लेकर. दोस्तों मेरा मानना है कि जिंदगी में जो भी करने का मन हो एक बार तो ज़रूर करना चाहिए, वो चाहे सोचने में कितना भी गंदा क्यों ना लगे, क्योंकि हर चीज़ का असली मज़ा उसे खुद करके ही पता चलता है, खैर अब आपको ज़्यादा बोर ना हुए में अपनी इस कहानी पर आता हूँ. मुझे एक लेडिस का मैल मिला और वो मुझसे सेक्स करना चाहती थी. फिर उससे मैंने पहले मैल के ज़रिए बात बढ़ाई.
फिर कुछ दिनों में मुझे लगने लगा कि उसके विचार मुझसे बहुत मिलते हैं, उसकी शादी को दो साल हो चुके थे, लेकिन उसके पास अभी तक अपना कोई बच्चा नहीं था और होगा भी कैसे, क्योंकि उसके पति का लंड तो ठीक ठाक था, लेकिन उसका वीर्य बहुत कम निकलता था. उसका नाम प्रेरणा है और उसकी उम्र 27 साल थी और सेक्स का तज़ुर्बा उसने अपनी शादी से पहले ही बहुत बार कर लिया था और अब हम रोज चेट करने लगे, क्योंकि उसका पति हर रोज घर पर रात को आठ बजे के बाद ही आता था.
कुछ दिन और बीते तो उसने मुझे अपना मोबाईल नंबर दे दिया और वो जब भी फ्री होती तो मुझे मिस कॉल मारती या कॉल करती. दोस्तों जब मैंने पहली बार फोन पर उसकी आवाज़ सुनी तो मेरा मन बावरा होने लगा और लंड का तो बुरा हाल हो गया. फिर वो मुझसे बोली कि उसकी चूत भी मेरी बातों से गीली हो जाती है, जिसे वो फिर से उंगली डलकर शांत करती है और अब मुझे उससे मिलने का बहुत मन होने लगा. हम एक दिन फोन पर बातें कर रहे थे तो तभी उसने मुझे बताया.
प्रेरणा : यार राज, मैंने अपनी चूत की सील तो 12वीं क्लास में ही तुड़वा ली थी, मेरी क्लास का एक लड़का था और वो एक बार मुझे अपने घर पर चोदने के लिए ले गया और मुझे ब्लू फिल्म दिखाकर गरम करने के बाद जब उसने कपड़े उतारे तो मेरा मूड बदल गया, क्योंकि उसका लंड चार इंच का था.
में : फिर क्या हुआ जानेमन?
प्रेरणा : वो मुझसे बोला कि वो मुझे चोदकर बहुत मज़े देगा और मुझे भी ब्लूफिल्म के साईज़ का लंड देखकर बहुत डर लगता है. खून निकलने और दर्द होने के बाद हमने 69 शुरू किया तो वो पांच मिनट में ही मेरे मुहं में झड़ गया और मुझे उसका वीर्य बहुत स्वादिष्ट लगा, लेकिन में सोच रही थी कि ब्लू फिल्म वालों की तरह सबका वीर्य बहुत सारा निकलता होगा, खैर अब वो मेरी चूत चाटने लगा और उसने अपनी एक उंगली उसमे डाल दी तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा था.
में : हाँ जानेमन आज तो तुम मेरे लंड का बहुत बुरा हाल करके छोड़ोगी.
प्रेरणा : अरे यार पहले पूरी बात तो सुन लो.
में : हाँ ठीक है चलो आगे बताओ क्या हुआ?
प्रेरणा : में पूरी नंगी होकर बेड पर उसे अब अपनी चूत चटवा रही थी और सेक्स की गर्मी मेरे दिमाग़ में चढ़ चुकी थी, मेरे मुहं से उह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह की आवाज़ें निकलने लगी और अब तक उसका लंड भी दोबारा तनकर खड़ा हो गया तो वो तभी मुझसे बोला कि चूत में डाल दूं क्या? तो मुझे उसकी यह बात सुनकर बहुत गुस्सा आया.
में : लेकिन ऐसा क्यों?
प्रेरणा : अबे यार इसमें भी कोई पूछने की कोई बात थी, क्या एक नंगी तड़पती हुई लड़की से यह बात पूछना चाहिए? और फिर वो अपना लंड डालने लगा तो उसका सुपाड़ा अंदर तक चला गया, लेकिन अब भी उससे मेरी सील नहीं टूट रही थी तो मैंने खुद अपने बचे हुए कपड़े उतारकर उसकी मदद करनी चाही, लेकिन फिर भी उससे सील नहीं टूटी और अब हम दोनों ए.सी. चालू होने के बावजूद पसीने में नहा चुके थे. फिर वो मुझसे बोला कि पहले में बियर की बॉटल पर एक कॉंडम चढ़ाकर तुम्हारी सील तोड़ देता हूँ तो जिससे रास्ता बन जाएगा.
में : और फिर क्या हुआ?
प्रेरणा : तभी अचानक से उसका बड़ा भाई जो शादीशुदा था तो वो वहाँ पर आ गया, उसके पास घर की एक दूसरी चाबी थी तो वो कभी कभी अपने माता पिता से मिलने आता था, मेरे बॉयफ्रेंड की तो उन्हें देखते ही हवा निकल गई और वो उसके पैरों में लेटकर रोने लगा और कहने लगा कि भैया प्लीज मम्मी, पापा नहीं थे, इसलिए ग़लती हो गई, में फिर कभी ऐसा नहीं करूँगा. फिर उसका भाई बोला कि जा बाहर वाले रूम में और तू मेरा वहीं पर बैठकर इंतजार कर, तुझसे में बाद में बात करूँगा पहले इससे तो बात कर लूं. फिर मेरा बॉयफ्रेंड अपनी जीन्स उठाकर बाहर भाग गया और में अभी तक बेड शीट में लिपटी हुई परेशान थी, लेकिन तभी मेरी नज़र बड़े भाई की पेंट पर पड़ी तो मुझे वहाँ आशा का बड़ा सा तिनका नज़र आया.
में : हाँ फिर क्या हुआ जान?
प्रेरणा : यार मेरी तो अभी भी वो सब याद करके हालत बहुत खराब हो रही है, अभी क्या हम एक बार मुठ मार ले क्या?
में : नहीं पहले तुम यह कहानी तो पूरी कर दो.
प्रेरणा : ठीक है एक मिनट रूको पहले में अपने सारे कपड़े उतार देती हूँ और नंगी लेटकर आगे की कहानी बताउंगी और तुम भी अपने उतार लो.
में : मेरा तो कब से मेरे हाथ को गरम कर रहा है जानेमन, में अब अपनी टी-शर्ट भी उतार देता हूँ.
प्रेरणा : हाँ अब ठीक है अगली बार हम वीडियो चेट करेंगे, क्योंकि तब तक मेरा वेबकेम आने वाला है.
में : वाह फिर तो मज़ा ही आ जाएगा.
प्रेरणा : अब आगे सुनो.
में : ठीक है सुनाओ.
प्रेरणा : मेरे दिमाग़ में उस टाईम ब्लू फिल्म वाले लंड के अलावा कुछ नहीं चल रहा था, लेकिन मैंने नाटक करते हुए उनसे कहा कि भैया मुझे जाने दो, में आपके छोटे भाई की गर्लफ्रेंड हूँ और अगर आप कहेंगे तो हम फिर से ऐसा कभी नहीं करेंगे.
फिर वो मुझसे बोले कि में अभी तुम्हारे माता, पिता को फोन करके बताता हूँ कि तुम मेरे छोटे भाई को बिगाड़ रही हो और उन्होंने मेरे सेलफोन से मेरे पापा का मोबाईल नंबर निकाल लिया, मुझे अब बहुत डर लग रहा था और यही वक़्त था कुछ कर गुजरने का. फिर मैंने अपनी बेड शीट हटाई और उनकी पेंट के ऊपर से ही लंड पकड़ लिया तो वो लगभग आधा खड़ा हुआ था तो में उससे बोली कि अब क्यों नाटक कर रहे हो भैया सेलफोन छोड़ो और मेरे बूब्स को दबाओ और आज हम दोनों का काम बन जाएगा.
दोस्तों वो बहुत समझदार था और उसने अपने होंठ मेरे होंठो पर टिका दिए और चूसना शुरू कर दिया. मैंने भी अपनी बाहें उनकी कमर में डालकर अपनी जीभ को उनके मुहं में सरका दिया और अब हमारा एक बार फिर से खेल शुरू हो चुका था और तीन मिनट तक लगातार किस करने के बाद मैंने उनकी आँखों में आखें डालकर देखा और उनके कपड़ों की और इशारा किया तो उन्होंने बाहर से अपने छोटे भाई को बुलाया और मार्केट जाने को कहा और वो भी अब सब चक्कर समझ चुका था और वो बोला कि अरे बड़े भैया आपको अगर इसे चोदना ही है तो मुझसे ऐसे क्यों शरमा रहे हो? आप मजे करो और जब इसको कोई ऐतराज़ नहीं है तो आप तो मेरे भाई हो.
अब उसका बड़ा भाई मेरी तरफ देखने लगा तो में उससे बोली कि मुझे अब कोई ऐतराज़ नहीं है, लेकिन में चाहती हूँ कि जब बड़ा मुझे चोदे तो छोटा सामने बैठकर मेरी चुदाई को देखे और यह खेल सीखे और इस बात पर वो दोनों भाई मुस्कुराने लगे और अब बड़े भाई ने अपने कपड़े उतारने शुरू किए और छोटा पीछे सोफे पर बैठ गया. फिर बड़ा भाई बोला कि वाह साले इतनी जबरदस्त आईटम तूने पटाई है, क्या गोरे टाईट बूब्स है इस साली के.
में उस समय पूरी नंगी होकर बेड पर लेटी हुई अंगड़ाई ले रही थी और एक हाथ से अपनी चूत को ऊपर से ही सहला रही थी. तभी बड़े भाई ने अपना अंडरवियर निकाला और में देखते ही डर गई, क्योंकि उसका लंड तो करीब 7 इंच से भी बड़ा था और अब उसका लंड देखकर मेरा जोश कुछ ठंडा हुआ और गांड फटने लगी, लेकिन मैंने मन ही मन फ़ैसला कर लिया था कि चाहे जो हो जाए आज तो मुझे अपनी चूत को फड़वाना ही है.
उसने अपना लंड मेरे पास आकर मेरे हाथ में दे दिया, वो बहुत गरम था और मेरे हाथ में आते ही वो ठुमके लगाने लगा और उसका गुलाबी कलर का सुपाड़ा देखकर मेरी तो लार ही टपकने लगी और मैंने खींचकर उसे मुहं में ले लिया, मेरा मन तो कर रहा था कि में उसे पूरा खा जाऊँ, लेकिन आधा ही अंदर लेने पर मुझे खाँसी उठने लगी, उसके कूल्हों को अपने हाथों से अपनी और खींचा और उसके आंड सहलाए और उसे मज़ा आने लगा. तभी उसने मुझे बताया कि उसकी बीवी कभी भी ओरल सेक्स नहीं करती और आज वो पहली बार अपना लंड किसी लड़की को चुसवा रहा था, उसने मेरे मुहं में धीरे से धक्के लगाने शुरू किये और उधर उसका भाई यानी मेरा बॉयफ्रेंड भी सोफे पर बैठकर पूरा नंगा होकर अपना लंड हिला रहा था.
में : जान मेरा तो आज बिना हिलाए ही निकल जाएगा, शायद तुम्हारी इतनी हॉट कहानी सुनकर.
प्रेरणा : बस थोडा कंट्रोल करो यार वैसे अब मेरी चूत भी चुदने के लिए बैचेन हो रही है.
में : क्यों तो फिर आ जाओ ना मुझसे चुदने?
प्रेरणा : हाँ यह सब तुम्हारे साथ भी एक दिन जरुर होगा डार्लिंग, तुम थोड़ा सब्र रखो, क्योंकि सब्र का रस बहुत मीठा होता है.
में : ठीक है चलो अब आगे बताओ कि फिर क्या हुआ?
प्रेरणा : फिर क्या उसने मेरे चूत का कबाड़खाना बना दिया?
में : अरे यार थोड़ा अच्छी तरह विस्तार में बताओ.
प्रेरणा : ठीक है और अब उसका लंड चूसते चूसते मेरे गले में दर्द होने लगा था, अब मेरी चूसने की स्पीड कम हुई तो वो सब कुछ समझ गया और उसने अपने छोटे भाई को बुलाकर उसके कान में कुछ कहा तो छोटा भाई ऐसे ही पूरा नंगा किचन में गया और घी का डब्बा उठा लाया और अपनी एक ऊँगली से थोड़ा घी निकालकर छोटे भाई ने मेरी चूत पर लगाया और बड़े भाई ने थोड़ा घी अपने लंड पर लगाया और मेरे पैरों को फैलाया और में तो ना जाने कब से इन सबके लिए तरस रही थी और अब उस खुशी में मेरी आँखें बंद हो गई और जैसे ही उसके लंड के सुपाड़े ने मेरी चूत को पहली बार छुआ तो मेरे पूरे जिस्म में 420 वॉल्ट का करंट दौड़ गया. उसने थोड़ा ज़ोर लगाया तो मुझे थोड़ा दर्द सा हुआ. फिर वो मुझसे बोला कि तुम्हे अगर लगे कि अब तुमसे बर्दाश्त नहीं हो रहा तो तुम मुझे वहीं रुकने का इशारा कर देना. फिर मैंने कहा कि भैया में रुकने के लिए अगर तुम्हारे हाथ पैर भी पकड़ लूँ तो भी आप आज बिल्कुल भी मत रुकना, जब तक आपका पूरा लंड ना चला जाए, आज मुझे इस चूत की हर गहराई तक आपका लंड महसूस करना है.
फिर मेरी यह बात सुनकर उसे जोश आ गया और उसने एक ही झटके में आधा लंड अंदर डाल दिया, मेरे आंसू बाहर निकल आए और इससे पहले कि में चिल्लाती छोटी भाई ने मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया और फिर करीब तीस सेकेंड रुकने के बाद मैंने बड़े भाई को आगे बढ़ने का इशारा किया और छोटे भाई का लंड चूसने लगी, बड़े भाई ने अब दो धक्कों में अपना लंड मेरे गर्भाशय तक पहुंचा दिया और मुझे ऐसा लग रहा था कि में अभी बेहोश हो जाउंगी, लेकिन में यह बात भी बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि चूत चुदवाने वाली में इस दुनियाँ की पहली लड़की नहीं हूँ तो इसलिए में हिम्मत करके चुपचाप पड़ी रही.
फिर थोड़ी देर बाद में थोड़ा थोड़ा ठीक होने लगी थी और फिर उसने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए तो वो मेरे बूब्स को मेरी चुदाई करते हुए दबाने लगा और छोटे वाला भाई मेरे मुहं को चोद रहा था और मुझे भी अब बहुत मजा आने लगा था और में भी नीचे से पूरा लंड अंदर लेने के लिए अपनी चूतड़ को हिलाने लगी थी और यह सब देखकर उसने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और 15 मिनट तक चुदने के बाद में झड़ गई. फिर मैंने अपने दोनों पैरों को उसकी कमर पर कस दिया था, लेकिन वो अभी तक नहीं झड़ा था. फिर छोटा वाला भाई बोला कि मेरी जान आज पहली झड़ी है मुबारक़ हो. फिर में बोली कि हाँ लंड से तो में आज पहली ही बार झड़ी हूँ, लेकिन भैया अब प्लीज इसे बाहर निकाल लो, बड़े भैया बोले कि मेरा तो अभी हुआ ही नहीं साली में ऐसे कैसे बाहर निकाल लूँ? फिर में उनसे बोली कि भैया आप मेरे मुहं में अपना लंड डाल दो और झड़ जाओ.
फिर छोटा भाई बोला कि फिर में क्या करूँगा? मैंने उससे कहा कि देखो तुम्हारा लंड अभी थोड़ा छोटा है तो तुम एक काम करो मेरी गांड मार लो जो अभी तक वर्जिन है और इससे तुम्हे भी मेरी वर्जिनीटी तोड़ने का सुख मिल जाएगा, उसको मेरा यह विचार बहुत अच्छा लगा तो उसने मुझे डॉगी स्टाईल की पोज़िशन में करके थोड़ा थूक अपने लंड पर लगाकर धीरे से मेरी गांड में सरकाया और उधर बड़े भैया ने अपने लंड के ऊपर से मेरी चूत का खून बेडशीट से साफ किया और मेरे मुहं में ले आए, उसमें से मुझे मेरी चूत की जानी पहचानी खुशबू आ रही थी, जो में हर रोज अपनी ऊँगली पर से लेती थी और उधर छोटे वाले भाई ने मेरे कूल्हों को पकड़कर एक ही झटके के साथ गांड में अपना लंड डाल दिया और जब उसने धक्के लगाने शुरू किए तो एक अजीब सा मज़ा आने लगा था, में बड़े भैया का लंड चूसने लगी.
करीब दस मिनट बाद हम दोनों ही झड़ने को तैयार हो गये तो मैंने नीचे बैठकर उन दोनों का माल मुहं में ले लिया, सबसे पहले बड़े का और उसके बाद में अपने बॉयफ्रेंड का. उन दोनों ने एक एक करके फिर से मेरी आगे पीछे से चुदाई की. फिर बड़े भैया ने अपनी कार से मुझे अपने घर के पास छोड़ दिया. मुझसे दो दिन तक ठीक से चला भी नहीं जा रहा था, क्योंकि मुझे चलने में बहुत दर्द होता और मुझे अच्छी तरह से पता था कि मेरी क्लास की चुदक्कड़ लड़कियाँ मेरी चाल को देखकर मुझसे सब कबूल करवा लेंगी.
में : चलो अच्छा हुआ एक ही दिन गांड और चूत की सील टूटी, क्योंकि अब तुम्हे दो तारीख याद नहीं रखनी पड़ेगी.
प्रेरणा : हाँ, लेकिन यह बहुत हद तक सच भी है यार और अभी तुम्हारा लंड कैसा है?
में : तुम्हारी चूत में गरम बारिश करने को तड़प रहा है.
प्रेरणा : हाँ आ जाओ. तुम्हे किसने रोका है और में हमेशा से तुम्हारी हूँ.
में : हाँ, लेकिन वास्तव में ऐसा कब होगा प्रेरणा?
प्रेरणा : बहुत जल्द डार्लिंग, क्योंकि जब से तुम्हारे मुहं से मैंने तुम्हारे लंड के जलवे सुने हैं और जैसे तुम अपनी माँ, बहन और दोस्त की बहन को चोदते हो, में तो कब से तुमसे चुदवाना चाह रही हूँ और आज ऐसा फ़ोन सेक्स करें कि पड़ोसियों तक की गांड जल जाए. दोस्तों फिर हम दोनों ने जबरदस्त फोन सेक्स किया और बहुत मज़े किए.
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कामवाली नीतू की मस्त चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और मेरी उम्र 28 साल है, मेरी हाईट 6 फुट 1 इंच है और बॉडी सामान्य है. में हरियाणा से हूँ और मुझे दिन रात बस सेक्स ही दिखता है और सारा दिन घर पर भी छुप-छुपकर आस पड़ोस वाली आंटी, भाभी, और गर्ल्स को देखकर मुठ मारता रहता हूँ. मेरे मम्मी पापा दोनों जॉब करते है तो दिन में घर पर कोई नहीं होता है. ऐसे ही एक दिन में घर में फर्स्ट फ्लोर वाले ड्रॉइग रूम की विंडो से सामने वाली भाभी जो कि झाड़ू लगा रही थी, उनको देख-देखकर मुठ मार रहा था. फर्स्ट फ्लोर पर होने की वजह से उनके बूब्स मुझे बीच-बीच में बिल्कुल साफ़ साफ़ दिख जाते थे, तभी भाभी झाड़ू लगाकर अंदर चली गयी और मेरा लंड ऐसे ही तड़पता रह गया तो मैंने सोचा कि ब्लू फिल्म देखकर ही मुठ मार लेता हूँ.
फिर मैंने अपना लेपटॉप चालू किया और ब्लू फिल्म चला कर देखने लगा, में बिल्कुल हल्की-हल्की आवाज करके ब्लू फिल्म देख रहा था और में आप सबको बता दूँ कि मुझे ब्लू फिल्म बिना पुच-पुच आअहह ऊऊहह की आवाज के अच्छी नहीं लगती है. ऐसे ही थोड़ी देर फिल्म देखने के बाद जब मेरे लंड का पानी निकलने वाला था तो मैंने थोड़ी आवाज तेज कर रखी थी, तभी अचानक घर का दरवाजा किसी ने खटखटाया. फिर मैंने हड़बड़ी में ब्लू फिल्म का साउंड बंद किया और जल्दी से अपना अंडरवियर पहना और दरवाजे के पास जाकर पूछा कौन है? तो बाहर से हमारी कामवाली नीतू की आवाज़ आई. फिर मैंने दरवाजा खोल दिया और वो अंदर आई और बालकनी में झाड़ू लेने चली गयी, में चुपचाप आकर बेडरूम में बैठ गया.
फिर वो अंदर आई और सफाई करने लगी और बेडरूम साफ करके जब वो ड्रॉइग रूम में गयी तो शायद उसकी नज़र मेरे लेपटॉप पर पड़ गयी और उसने लेपटॉप की स्क्रीन को बंद कर दिया और सफाई करके चली गयी. उसके जाने के बाद मैंने दरवाजा अंदर से लॉक किया और फटाफट से लेपटॉप के पास आकर मुठ मारने की तैयारी करने लगा. फिर मैंने देखा कि लेपटॉप का बंद है तो मैंने भी यही सोचा कि नीतू ने कर दिया होगा. फिर मैंने लेपटॉप का फ्लेप वापस से उठाया तो में देखकर दंग रह गया, उसमें अभी भी ब्लू फिल्म चल रही थी, क्योंकि जब दरवाजा बजा तब हड़बड़ी की वजह से में ब्लू फिल्म को बंद करना भूल गया था और सिर्फ़ आवाज बंद करके दरवाजा खोलने चला गया था.
तब मेरे दिमाग़ में एक बात आई कि अगर नीतू (कामवाली) ने लेपटॉप का फ्लेप बंद किया है तो उसने ब्लू फिल्म भी ज़रूर देखी होगी. तब मेरे दिमाग में नीतू की चूत मारने का ख्याल आया. फिर अगले दिन जब वो आने वाली थी तो उससे पहले ही मैंने कुछ ब्लू फिल्म के पोस्टर अपनी टी.वी. ट्रॉली में डी.वी.डी. प्लेयर के ऊपर रख दिए. फिर वो आकर सफाई करने लगी तो मैंने उससे बोला कि नीतू आज़ टी.वी. ट्रॉली भी साफ कर देना. फिर वो जब टी.वी. ट्रॉली की सफाई करने लगी तो में लॉबी मे छुपकर उसे देखने लगा और जैसे ही उसने डी.वी.डी. प्लेयर के ऊपर से मैगज़ीन आदि उठाये तो उसे वो ब्लू फिल्म के पोस्टर दिख गए. तभी उसने झट से पीछे मुड़कर देखा कि कहीं में उसे देख तो नहीं रहा हूँ और में भी साईड में हो गया ताकि में उसे ना दिख सकूँ. फिर उसने बड़े ही ध्यान से पोस्टर पर नंगी फोटो देखी और एक हाथ से अपने बूब्स मसलने लगी.
फिर उसने थोड़ी देर तक देखने के बाद वो पोस्टर वहीं रख दिए और सफाई करके चली गयी. अब मेरी हिम्मत और बढ़ गयी और जब वो अगले दिन आई और सफाई करके सीढ़ियों पर पोछा लगाने गयी तो में चुपचाप उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया. वो झुककर बाल्टी में पोछा धो रही थी, मेरा लंड बिल्कुल तना खड़ा था और उसके झुके होने की वजह से बिल्कुल उसकी चूत के पास ही था. वो जैसे ही सीधी खड़ी होने लगी तो उसकी गांड मेरा मतलब उसकी चूत मेरे खड़े लंड से टच हो गयी और वो कुछ देर तक जानबूझ कर ऐसे ही रही और फिर कुछ देर बाद अचानक पीछे मुड़ी. फिर मैंने बोला कि मुझे नीचे जाना है तो इसलिए में यहाँ आया हूँ तो उसने मुझे साईड दे दी. फिर में नीचे आया और सोचने लगा कि आज तो नीतू की चूत मारनी ही है. फिर में कुछ देर के बाद जब ऊपर जाने लगा तो वो बाल्टी और पोछा ऊपर रखकर वापस जा रही थी.
फिर मैंने थोड़ी हिम्मत की और उसे आवाज़ लगाई और बोला कि नीतू एक मिनट ऊपर आओ तो वो आई और बोली कि क्या हुआ साहब? फिर मैंने कहा कि मेरे बेडरूम में एक कॉर्नर में पोछा सही से नहीं लगा है तो वो गयी और पोछा लेकर आई और मुझसे बोली कि कहाँ पर साहब. तभी मैंने उसे ज़ोर से पकड़ लिया और उसे दिवार के सहारे लगाकर ज़ोर-ज़ोर से उसके बूब्स दबाने लगा और वो छुड़ाने की कोशिश करने लगी और बोली कि साहब ये क्या कर रहे हो? मुझे जाने दो और ये कहकर वो अपने आपको मुझसे छुड़ाकर जाने लगी.
मैंने उसे बोला कि नीतू में इतने दिन से प्यासा हूँ क्या तुम मेरी इतनी हेल्प भी नहीं कर सकती? तो उसने मना कर दिया और जाने लगी. फिर मैंने उसे वापस बुलाया और बोला कि प्लीज़ मम्मी पापा को कुछ नहीं बताना, नहीं तो वो मुझे घर से निकाल देंगे. फिर वो बोली कि साहब में आपकी बहुत इज़्ज़त करती हूँ और आप चिंता मत करो, में किसी को कुछ नहीं बोलूंगी और वैसे भी आपने अब तक मेरे साथ कुछ ग़लत नहीं किया है. तभी में उसके सामने हाथ जोड़कर बोला कि नीतू प्लीज़ सिर्फ़ 5 मिनट रुक जाओ तो वो फिर से मना करने लगी.
फिर वो बोली कि मेरे पति को पता लग गया तो बहुत प्रोब्लम हो जायेगी साहब. फिर मैंने उससे बोला कि नीतू यहाँ तुम्हारे और मेरे अलावा कौन है? जो तुम्हारे पति को बता देगा और में कौनसा तुम्हें चूत में लंड लेने के लिए बोल रहा हूँ, सिर्फ़ थोड़ी देर बस ऊपर-ऊपर से मज़ा दे दो प्लीज़. फिर वो थोड़ा शरमाने लगी और सर नीचे कर लिया. फिर मैंने जल्दी से मौका देखते हुए उसके बूब्स को फिर से पकड़कर दबाना चालू कर दिया और उसके होंठ ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा तो नीतू की साँसें तेज़ होने लगी और में उसके बूब्स को मसल रहा था और उसकी साँसों की तेज़ी से उसके बूब्स खुद ऊपर नीचे होकर बयान कर रहे थे. फिर मैंने जल्दी से मेन दरवाजा बंद कर दिया और उसका सूट ऊपर उठाकर उसके दोनों बूब्स ब्रा से बाहर निकालकर निप्पल पर जीभ फेरने लगा, अब नीतू धीरे-धीरे तड़पने लगी और आआहह आहह मत करो साहब बोलने लगी.
फिर मैंने थोड़ी देर उसके निप्पल ऐसे ही चूसे और फिर धीरे-धीरे अपना एक हाथ उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत पर फेरना चालू कर दिया. अब तो वो ज़ोर-ज़ोर से बोल रही थी, ओहह्ह्ह साहब मार डालोगे क्या? आआअहह उफफफफफ्फ़ और ये सब बोलते-बोलते ही मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही सहलाने लगी. फिर मैंने करीब 15-20 मिनट तक उसके बूब्स चूसे और जब मेरी नज़र उसके बूब्स पर पड़ी तो वो एकदम लाल हो चुके थे. फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी सलवार उतार दी तो वो मना करने लगी. मैंने उसे फिर से समझाया कि में लंड चूत में अंदर नहीं डाल रहा हूँ सिर्फ़ उंगलियाँ ही डाल रहा हूँ तो वो मान गयी. फिर मैंने उसकी चूत में उंगली डाली तो देखा कि उसकी चूत से पानी झड़ रहा था. फिर मैंने उंगली अंदर बाहर करनी चालू कर दी, अब रूम में सिर्फ़ आआहह ऊऊऊऊऊओह चोद डालो मुझे, फाड़ दो मेरी चूत, जैसी आवाज़ें ही आ रही थी. फिर मैंने उसे बोला कि मेरा लंड चूसो तो वो मना करने लगी और बोली कि छी छी ये भी कोई चूसने की चीज़ है साहब.
फिर मैंने अपना लेपटॉप चालू किया और ब्लू फिल्म चला दी, अब नीतू ने जब फिल्म में लंड चूसते हुए देखा तो वो मान गयी और मेरे लंड से खेलने लगी. अब में सोफे पर बैठा था और वो मेरी दोनों टाँगों के बीच में नीचे बैठकर मेरे लंड से खेल रही थी. फिर मेरे फोर्स करने पर उसने लंड मुँह में लिया, ऊऊऊहह फ्रेंड्स में आपको बता नहीं सकता कि उस टाईम मुझे कितना मज़ा आया होगा. बस आप लोग ये समझ लो कि में जन्नत में था. फिर थोड़ी देर वो मेरे बॉल्स से खेलती रही और लंड चूसती रही और फिर मेरा पानी निकलने ही वाला था. फिर मैंने सोचा कि क्यों ना आज इसके मुँह में ही पानी छोड़ दूँ? तो मैंने उसे बताया नहीं और उसके मुँह में ही अपना सारा गर्म-गर्म लंड का पानी छोड़ दिया. फिर वो एकदम से उठकर वॉशबेशिन की तरफ भागी और खाँसी करने लगी. फिर में भी धीरे से उठा और उसके पीछे जाकर उसकी नंगी भारी-भारी चौड़ी गांड पर अपने दोनों हाथ रख दिए और धीरे-धीरे दबाने लगा.
फिर मैंने धीरे-धीरे अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ना चालू किया तो नीतू तो बिल्कुल पागल होने लगी और ज़बरदस्ती मेरा लंड अपनी चूत में डालने की कोशिश करने लगी. फिर मैंने भी सोचा कि यही सही मौका है और मैंने धीरे से उसकी चूत पर लंड का टोपा रखा और ज़ोर से एक शॉट मारा तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में चला गया. फिर वो एकदम से चौंक गयी और ऐसा लगा जैसे कि उसे साँस आना बंद हो गया हो. फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी गांड को थोड़ा फैलाया और दोबारा से एक जोरदार झटका मारा, आआहह ओहह्ह्ह्हह साहब, आप तो आज सच में ही मेरी चूत का भोसड़ा बना डालोगे, थोड़ा आराम से डालो ना.
फिर मैंने उसे थोड़ा आगे की तरफ और झुका दिया और वो भी वॉशबेशिन पर अपने हाथ रखकर झुक गयी. फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत में लंड अंदर बाहर करना चालू किया, अब उसे भी मज़ा आने लगा और रूम में भी पच पच, फच फच की आवाज़ें आने लगी. फिर थोड़ी देर तक ऐसे ही चुदाई करने के बाद हम दोनों बेड पर आ गये और वो मेरे लंड पर चढ़ गयी और अपनी गांड को ज़ोर-ज़ोर से आगे पीछे हिलाने लगी. फ्रेंड्स मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि ऐसे ही चुदाई करते-करते मैंने अपने लंड का सारा माल उसकी चूत में ही छोड़ दिया. उसके बाद हम बाथरूम में एक साथ शॉवर के नीचे नहाने लगे तो मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा. फिर मैंने नीतू से कहा कि इस बार गांड में डालने दो तो वो मना करने लगी और बोली कि अब अगली बार कर लेना.
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