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माँ ने दूध वाले को दूध पिलाया
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विक्रम है और में आप लोगों को अपनी माँ की चुदाई की कहानी बताऊंगा कि कैसे मेरी माँ ने दूध वाले को अपना दूध पिलाया और उसके काले लंड के मज़े लिए? दोस्तों मेरी माँ का नाम सपना है और हम एक सामान्य परिवार से है, में फरीदाबाद में रहता हूँ. मेरे घर में मेरे मम्मी पापा है, बस पापा का अपना काम है. में कभी काम पर पापा के साथ तो कभी मस्ती बस यही मेरा काम है, मेरी माँ हाऊसवाईफ है और उम्र 48 साल, फिगर 36-34-38 है. अब में सीधा कहानी पर आता हूँ, दोस्तों में रोज की तरह ही काम पर जाता था, लेकिन जाता नहीं था बस मस्ती करता था.
एक दिन में घर पर वापस एक काम से पेपर लेने आया और घर की एक चाबी मेरे पास भी है तो मैंने आराम से गेट खोला और अंदर आ गया. जैसे ही में घर के अंदर आया तो मुझे माँ की हंसने की आवाज़ आ रही थी और साथ में कोई आदमी भी था. अब में समझ गया कि बेटा तू आज टाईम से ही आया है और में आराम से अंदर की तरफ गया और जैसे ही खिड़की के पास खड़े होकर देखा तो में वहीं खड़ा हो गया. मैंने अंदर देखा कि मेरे दूध वाले अंकल थे और मम्मी उनके बिल्कुल पास बैठी थी और वो दोनों हंस हंसकर बात कर रहे थे. फिर उन अंकल ने बोला कि भाभी आप बहुत अच्छी हो और बहुत मज़ाक करती हो, घर में आपके साथ तो दिल लग जाता है. तो माँ ने बोला कि अरे कहा भाई साहब बस यहाँ वहाँ की कर लेती हूँ और भाभी जी कैसे है? बच्चे कैसे है? ऐसे ही बात चल रही थी.
अब में हैरान था कि आज सब कुछ नॉर्मल कैसे है? फिर थोड़ी देर ऐसे ही बात होती रही, अब में देखता रहा. फिर अंकल ने बोला कि भाभी जी भाई साहब आपको खुश नहीं रखते क्या? तो माँ बोली नहीं ऐसी बात नहीं है, लेकिन में कुछ ज़्यादा ही खुश रहना चाहती हूँ ना. फिर अंकल माँ के बूब्स के पास हाथ लगाकर बोले आज दूध पिला दो भाभी. फिर माँ ने बोला कि पी लो मैंने कब मना किया है, फिर अंकल ने माँ के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया.
अब माँ बस हाहाअ उम्म्म्मम कर रही थी, फिर अंकल ने माँ को लिप किस किया और माँ के ब्लाउज को उतार दिया और हाथ से दबाने लगा और ब्रा भी उतार दी. फिर थोड़ी देर किस करने के बाद वो नीचे आकर माँ के बूब्स को चूसने लगा और बोला कि भाभी आज सारा दूध पी जाऊंगा, भैया के लिए कुछ नहीं छोडूंगा. तो अब माँ बोल रही थी कि पी लो, आपके भैया तो आपका लाया हुआ दूध ही पी लेंगे, ये आप पी लो और अंकल जैसे छोटे बच्चे दूध पीते है वैसे चूसने लगे. अब माँ बस हाहाअ उम्म्म आराम से कर रही थी और उनके सिर पर हाथ फैर रही थी.
फिर अंकल अपने एक हाथ से माँ की साड़ी उतारने लगे, लेकिन माँ बैठी थी तो साड़ी उतर नहीं रही थी. फिर अंकल ने माँ को खड़ा करके माँ की साड़ी उतार दी और पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया. अब माँ बस पेंटी में थी और फिर उसने माँ को अपनी गोद में बैठा लिया और दूध पीने लगा. फिर माँ ने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए और माँ ने बोला कि सब उतार दो ना. फिर अंकल ने उठकर अपने सारे कपड़े खोल दिए और माँ की पेंटी भी उतार दी. माँ की चूत पर हल्के-हल्के बाल थे और फिर अंकल ने हाथ लगाकर बोला कि भाभी आज बाल साफ़ नहीं किए. तो माँ ने बोला कि मुझे क्या पता था कि आज तुम आ जाओंगे नहीं तो करके रखती? फिर माँ ने उनके लंड पर हाथ रखा और उनके लंड को दबाने लगी, उसका लंड एकदम काला था और माँ की चूत एकदम गोरी थी.
फिर अंकल ने माँ को बेड पर लेटा दिया और माँ की चूत पर किस करने लगे तो माँ एकदम से मचलने लगी और वो माँ की चूत में उंगली डालने लगा. अब माँ को बहुत मज़ा आ रहा था, फिर थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद अंकल ने अपने लंड की तरफ देखकर माँ से बोला कि भाभी थोड़ा प्यार इसे भी दे दो. तो माँ ने कहा कि लाओ में इसे बहुत प्यार करुँगी, थोड़ा क्यों? तो अंकल ने माँ की तरफ अपना लंड कर दिया और उनकी चूत चाटने लगा, अब माँ अंकल का काला लंड अपने मुँह में लेकर चूस रही थी. फिर ऐसे ही थोड़ी देर तक करने के बाद अंकल ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और माँ से बोला कि भाभी कंडोम दो. फिर माँ ने उसे कंडोम निकाल कर दिया, फिर अंकल बोले कि लगा दो तो माँ ने उनके लंड पर कंडोम लगा दिया. फिर अंकल ने माँ की चूत के पास लंड रखकर हल्का सा टच किया तो मेरी माँ उम्म्म्मम करने लगी और बोली डाल दो अब इसे.
फिर अंकल ने माँ की चूत पर अपना लंड हल्का सा अंदर किया, अब अंकल का लंड आराम से माँ की चूत में जा रहा था. इससे सब पता चल रहा था कि माँ बहुत चुदती है और अंकल ने माँ की चूत में अपना पूरा लंड डाल दिया और उनके ऊपर आकर दूध पीने लगे और आराम-आराम से चूत मारने लगे. फिर थोड़ी देर तक आराम से मारने के बाद अंकल ने अपनी स्पीड तेज कर दी और अंदर ही फ्री हो गये, लेकिन उन्होंने कंडोम लगा रखा था तो कोई प्रोब्लम नहीं थी और माँ के ऊपर ही लेट गये. अब माँ भी शायद झड़ चुकी थी, अब वो उनके सिर पर हाथ घुमा रही थी और वो माँ का दूध पी रहा था. फिर अंकल उठे और कपड़े पहने लगे, फिर माँ ने उनके लंड से कंडोम निकाला और लंड चूसकर पूरा साफ किया और अपने कपड़े पहन लिए. फिर में गेट को लॉक करके बाहर चला गया और फिर अंकल भी थोड़ी देर के बाद जब चले गये तो उसके 20 मिनट के बाद में घर पर आया और दरवाजे की घंटी बजाकर पेपर लेकर वापस चला गया, जैसे मुझको कुछ पता ही नहीं हो.
पहले प्यार में रंडी बनकर चुदी
हैल्लो दोस्तों, मेरी इस साईट पर ये पहली कहानी है. दोस्तों मेरा नाम रूचि है और में पटना बिहार से हूँ, मेरी लंबाई 5 फुट 7 इंच है और में दिखने में गोरी हूँ और मेरी पूरी बॉडी पर एक भी बाल नहीं है. मेरा फिगर साईज 36-33-35 है. ये कहानी तब शुरू हुई जब मैंने डेंटल कॉलेज में अपना ग्रेजुयेशन शुरू किया था. में रैगिंग में ही कुछ सीनियर्स कि नजर में चढ़ गई थी, पता नहीं उन्होंने पहले ही दिन कितना मुठ मारा होगा? लेकिन मैंने किसी को भी भाव नहीं दिया. फिर पहला साल गुजरने के बाद मुझे प्रेक्टिकल एग्जॉम में अपने कॉलेज का प्रोजेक्ट वर्क होता था, जिसमें मरीज को देखना होता था.
अब हर नॉर्मल दिन की तरह उस दिन भी मेरा प्रेक्टिकल एग्जॉम था और मेरे पास एक मरीज आया था, वो करीब 22 साल का था, लेकिन सच में बहुत सुंदर और मस्त बंदा था. मेरा दिल एक ही बार में फिसल गया. अब में उसे घूर रही थी और ये बात उसने भी नोटीस कर ली थी. अब मुझे उसके दाँत की फिलिंग करनी थी, पहला दिन तो बिना कुछ बोले ऐसे ही चला गया.
फिर अगली बार वो जब आया तो वो मेरे लिए एक गिफ्ट लेकर आया तो मैंने ले लिया और फिर मेरी उससे बहुत सारी बातें हुई. फिर उसने मेरे बारे में सब कुछ पूछा और बताया भी और फिर मुझसे मेरा फोन नम्बर ले लिया. दोस्तों पता नहीं मुझे क्या हुआ था? अब रात के 11 बज रहे थे और अब मेरी आँखों में जैसे नींद थी ही नहीं, बस बहुत बेताबी सी थी. फिर अचानक से मेरा फोन बजा तो मैंने एक रिंग में ही फोन उठा लिया और अब मेरी साँसे बहुत तेज चल रही थी, उसने मुझसे पूछा कि में अभी तक सोई क्यों नहीं हूँ?
में : वो किसी चीज़ का बहुत बेसब्री से इंतजार कर रही थी.
वो : जानता हूँ डियर, आप मेरे कॉल का ही इंतजार कर रही थी.
फिर उसने मुझसे बिना कुछ सोचे समझे कहा रूचि जी आई लाइक यू वेरी मच.
में : मी टू.
वो : आई लव यू रूचि जी.
में : मी टू बहुत सारा.
फिर हमारी इधर उधर की बातें हुई और अचानक से उसने कहा.
वो : आप बैठकर बात कर लीजिए नहीं तो थक जायेंगी.
में : आपको कैसे पता में चल रही हूँ?
वो : बताऊँ, बुरा तो नहीं मानोगे.
में : अरे आप भी ना, प्यार किया है तो हक़ से बोलिए.
वो : आपके दूध कुछ ज़्यादा बाउन्स हो रहे है, ब्रा नहीं पहनी क्या?
में : हटो आप भी ना, वैसे आपको कैसे पता चला कि मैंने ब्रा नहीं पहनी है?
वो : बस पता चल गया, खैर में कल भी एक सेशन के लिए हॉस्पिटल आऊंगा, कुछ गिफ्ट चाहिए?
में : नहीं, में क्या कहूँ? जो आपको अच्छा लगे वो लेते आना.
वो : ठीक है.
फिर हमने फोन रख दिया, फिर वो अगले दिन हॉस्पिटल आए और अपने साथ एक गिफ्ट भी लाए, लेकिन मैंने उसे उस समय ओपन नहीं किया. फिर मैंने उन्हें ट्रीट करना शुरू किया, तो उन्होंने मेरे बूब्स को ही दबा दिया, में तो ज़ोर से चीख पड़ी और अटेंडर अंदर आया कि क्या हुआ मेडम?
में : कुछ नहीं, आप जाओ और मैंने रूम लॉक कर दिया.
फिर जैसे ही में पीछे मुड़ी तो वो मेरे एकदम करीब थे और मुझे बाहों में ले लिया और कसकर मेरे लिप्स को चूम लिया, वाउ क्या एहसास था? अब मेरे पैर कांपने लगे थे. फिर मैंने उन्हें रोका और जल्दी-जल्दी अपना काम पूरा किया और हॉस्पिटल से निकल गई. अब वो नीचे अपनी कार में मेरा इंतजार कर रहे थे. फिर में उसमें बैठ गई और उन्होंने मुझे उस दिन बहुत किस किए और मेरे बूब्स को कपड़े के ऊपर से ही दबाया. लेकिन बहुत दबाया तो मैंने घर आकर जब देखा तो मेरे बूब्स एकदम लाल हो गये थे और उनकी उंगलियों के निशान थे, अब मैंने शॉवर लिया और खाना खाया और सोने चली गई. तब उनका फोन आया तो उन्होंने पूछा कि मैंने उनका गिफ्ट खोला या नहीं.
में हैरान रह गयी और में गिफ्ट के बारे में बिल्कुल भूल गई थी. फिर मैंने झट से गिफ्ट खोल दिया. उन्होंने मुझे एक सिल्की बिकनी गिफ्ट की थी, वो लाल कलर की थी और पारदर्शी थी. अब में बिल्कुल शरमा गई थी. फिर उन्होंने बोला ट्राई करने को, तो मैंने कहा ओके में आपको दो मिनट में कॉल करूँगी.
वो : नहीं बिल्कुल नहीं, आप बिना कॉल बंद किये ट्राई कीजिए.
फिर मैंने पहले अपने सारे कपड़े उतारे और फिर मैंने उनका गिफ्ट पहन लिया. अब मुझे ऐसा लगा ही नहीं कि मैंने कुछ पहना हुआ भी है या नहीं. अब में कांच के सामने बिल्कुल मस्त माल लग रही थी. फिर उस दिन मैंने प्लान बनाया कि हम दोनों 3 दिन के लिए बाहर चलते है और हम 3 दिन बिल्कुल साथ रहेगें. फिर मैंने उसी समय घरवालों से बोला कि मुझे कॉल आया था कि मुझे 3 दिन के लिए बाहर जाना होगा. फिर अगले दिन सवेरे-सवेरे उन्होंने मुझे पिक किया और हम दोनों आउट एरिया पर एक होटल में रुके. फिर एक दिन सवेरे 9 बजे में रूम में फ्रेश हुई तो जब में बाहर आई तो मैंने देखा कि वो सिर्फ़ अंडरवेयर में थे, वाह्ह मर्द कितना अच्छा लगता है? में आपको बता नहीं सकती.
वो : क्या देख रही है?
में : कुछ नहीं.
अब में उनकी बाहों में भाग कर गई और उन्हें बेड पर धक्का दिया और उन्हें किस करने लगी. फिर थोड़ी देर के बाद वो मेरे ऊपर थे और मेरे होंठो को चूस रहे थे. अब उनकी जीभ मेरे मुँह के अंदर थी और अब वो मेरी तो बिल्कुल नहीं सुन रहे थे. फिर उन्होंने मेरी ड्रेस नहीं उतारी और उसको फाड़ दी और मेरे बूब्स को चूसा, नोचा, उस पर थप्पड़ मारा. ओह अब मेरी तो जान निकल रही थी, लेकिन मैंने सोचा कि ऐसा ही होता होगा, मेरा पहली बार था इसलिए मैंने सब सहन किया. फिर मैंने कहा कि मुझे आपको नंगा देखना है.
वो : तो साली उतार ले, तुझे किसका इंतजार है.
अब में हैरान हो गई थी और जैसे ही मैंने उनकी अंडरवियर उतारी तो उनका वो कितना गन्दा और काला था, फिर उन्होंने कहा.
वो : देख लिया ना, चल अब मुँह में ले और चूस, जब तक में रुकने को ना बोलूं रुकना मत.
मैंने मना किया कि में ऐसा नहीं करूँगी, तब उन्होंने मुझे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटाकर मेरी सलवार फाड़ दी, मैंने अन्दर पेंटी नहीं पहनी थी.
अब मेरी बुर (चूत) पहले से ही गीली थी. अब पहली बार माँ बाप के और खुद के अलावा कोई मुझे नंगा देख रहा था. अब मुझे थोड़ी शर्म तो आ रही थी, लेकिन सब ठीक था. फिर उन्होंने मेरे होंठ को चूमा और चूत सहलाने लगे, क्या मजा आ रहा था? में बता नहीं सकती. फिर धीरे-धीरे वो मेरे पैरों के बीच में आ गये और मेरी चूत को चाटने लगे. अब में कभी सोच भी नहीं सकती थी कि ऐसा भी होता होगा, अब में तो सातवें आसमान में थी. फिर वो धीरे-धीरे मेरी चूत में अपनी जीभ घुसाने लगे, ओह में तो बता भी नहीं सकती कि मैंने क्या किया? अब मैंने उनके मुँह पर ही मूत दिया, लेकिन वो फिर भी नहीं हटे और मेरा मूत पीने लगे, अब उन्होंने इतना किया तो मैंने भी सोचा कि उनका ख्याल तो मुझे भी रखना चाहिए, फिर जैसे तैसे में अपने घुटनों के बल बैठी और उनका लंड पकड़ लिया और अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी, जब मैंने उनके मुँह से आवाज सुनी.
वो : ओह मेरी जान कमिनी रंडी तू, कितना मस्त लंड चूसती है? अब मुझे लगा कि में उन्हें मज़ा दे रही हूँ.
अब में और ज़ोर से उनका लंड चूसने लगी और वो और भी मस्त होते गये. अब साथ में उनका लंड भी फूलता गया. अब में सही से तो नहीं जानती थी, लेकिन उनका लंड जैसे तैसे मेरी मुट्ठी में आ रहा था और मुँह के अंदर जाने में अब दिक्कत हो रही थी. अब उन्होंने मेरे मुँह में ही अपना सफेद पानी छोड़ दिया. फिर उन्होंने मुझसे बोला कि कुत्तिया बन जा तो में बन गई और अब मेरी चूत में धीरे-धीरे कुछ गर्म लोहे जैसा घुसने की कोशिश कर रहा है, लेकिन मेरी सील बंद थी जिससे उनका लंड बार-बार फिसला जा रहा था.
फिर मैंने खुद अपने हाथ से पकड़कर उनका लंड अपनी चूत पर सटाया और धक्का मारने को बोली. ओह में तो जैसे सन्न रह गई, अब मेरी आँखों से आसूं निकलने लगे थे, लेकिन वो जल्लाद बन चुके थे. फिर वो एक मिनट रुके और उसके बाद मेरे मुँह पर हाथ रखा और ज़ोर से धक्का मार दिया. अब मेरी साँस लगभग बंद हो चुकी थी और अब में पूरी बेहोश हो चली थी. फिर वो 5 मिनट रुक गये और अब में तब तक कुत्तिया ही बनी रही, फिर धीरे-धीरे उन्होंने आगे पीछे होना शुरू किया और थोड़ी देर के मीठे दर्द के बाद अब में भी मस्त चुद रही थी, उस वक़्त में पता नहीं कैसे बोल रही थी?
में : ओह एस ओह अह्ह्ह्ह चोदो मुझे, और ज़ोर से अह्ह्ह मज़ा आ रहा है.
वो : हाँ मेरी रांड, ये ले रंडी साली कुत्तिया धंधे वाली.
फिर उन्होंने मुझे करीब 45 मिनट तक चोदा और उन्होंने अपना सारा माल मेरी चूत में ही गिराया. में उस पल को कभी नहीं भूल पाऊँगी, जब उनका सारा माल मेरी चूत में जा रहा था, लेकिन मैंने कभी ये नहीं सोचा था कि जिससे इतना प्यार किया, वो ही मुझे रंडी बनायेगा और कुतिया बनाकर चोदेगा.
सोनाली के जिस्म की आग
हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम साजिद है. दोस्तों दोस्ती हमें प्यार का मौका देती है और प्यार हमे इन्सान के रूह और जिस्म तक पहुँचने का मौका देती है, लेकिन कैसे कोई अजनबी हमारा दोस्त बन जाता है और फिर हमारे बीच वो सब हो जाता है, जो किसी के लिए सपना है तो किसी के लिए हक़ीक़त कुछ ऐसी ही हक़ीक़त मेरे साथ हुई है जो सुनने के बाद शायद आप भी सोचने लगे कि काश ऐसा होता. दोस्तों ये कहानी है मेरी और सोनाली की.
मैंने नया नया जॉब शुरू किया था और कंपनी मे नया था और सब मुझे जूनियर के तरह व्यहवार करते थे, लेकिन मैंने अपने व्यवहार की वजह से सबको खुश रखा है और जैसे जैसे वक़्त निकला वेसे दोस्त बने, लेकिन दुश्मन भी बनने लगे और इसका कारण था मेरी और सोनाली के बीच की केमिस्ट्री और ये तब शुरू हुआ जब पहले दिन एक कॉन्फ्रेंस मे मुझे फर्स्ट प्राईज़ मिला. में बहुत खुश था और सोनाली मुझसे काफी प्रभावित थी.
उसके बाद बस मुझे एक अच्छा दोस्त मिल गया, जिस सोनाली को में 20-25 दिनों से देखता रहता था, आज वो मेरे पास बैठती है और कंपनी के लोग मुझसे जलते है और अब इसमें में क्या करूँ? सोनाली अब मेरी बहुत अच्छी दोस्त बन गयी थी, हम साथ मे लंच करते थे और साथ मे एक ही ऑटो से वापस अपने घर भी जाते थे, मेरे ऑफिस के ही कुछ लड़के अपनी बुरी नजर उस पर लगाये बैठे थे और जिसका आभास मुझे पहले हो चुका था, लेकिन में सामान्य लड़का हूँ, इसलिये सोचा कि जाने दो और जिस दिन ये बात सामने आ जायेगी तो उस दिन उन्हें उनकी औकात बता दूँगा.
फिर वो दिन आ ही गया, कंपनी की तरफ से सिर्फ़ तीन स्टाफ के लोगों को सिंगापुर भेजा जा रहा था जिनमें में, सोनाली और मेरा दोस्त अक्षय था. दोस्तों हमारे बीच अब दोस्ती से ज़्यादा कुछ एहसास दिल मे आ चुका था, लेकिन उसने कभी ऐसा महसूस नहीं होने दिया और न ही मैंने. सोनाली एक लंबी गोरी और मस्त लड़की थी, उसका फिगर 32-30-36 था और उसकी गांड बहुत बाहर निकली हुई थी, जो उसे एक मस्त आईटम बनाती थी, उस दिन शॉपिंग मोल कुछ खाली था, क्योंकी उस दिन बहुत तेज़ गर्मी थी, जब हम मोल गये तो वो गर्ल्स सेक्शन मे चली गयी और में उसे इज़्ज़त देते हुए वहां से निकल आया, लेकिन ना जाने उसके दिमाग़ मे क्या आया और वो मेरे लिए एकदम अलग था.
उसने मुझे बुलाया और कहा कि साजिद अगर में कप शेप ब्रा पहनूं तो में कैसी लगूंगी, ये सुनते ही में तो हिल गया और मैंने कहा कि क्या तुम पागल हो गयी हो, कोई ये सवाल एक लड़के से पूछता है क्या और जानते हो दोस्तों उसने नज़रे घुमाकर इतराते हुए कहा कि अब पति से क्या छुपाना तो में हैरान रह गया और अंदर ही अंदर मुस्कुराने लगा पति? कौन में? तुम पागल हो क्या? फिर मैंने भी उसके बाद उसके मज़े लेने शुरू कर दिए और हंसने लगा, उसने शायद ज़्यादा ध्यान नहीं दिया और हाथ मे जो उसके ब्रा थी तो उसने वो मुझ पर ही फेंक दिया और हंसने लगी. फिर मैंने भी उस ब्रा को अपने होठों से चूम लिया और वो अपनी आँखें फाड़कर मुझे देख रही थी.
फिर मौके को देखते ही हमने एक दूसरे को अपनी बाहों मे भर लिया और हम एक दूसरे को किस करने लगे. फिर मैंने उसके बालों मे हाथ फेरा और उसके माथे पर किस देते हुए उसे कहा कि सोनाली आई लव यू और उसने मुझे एक थप्पड़ मारा और कहा नो आई नोट लव यू, में शॉक्ड रह गया तो उसने मुझे हँसते हुए कहा अभी जवाब नहीं दूँगी अच्छा मौका तो आने दो और उसने मुझे आँख मार दी. उसके बाद मोल मे भीड़ बड़ने लगी तो हम वहां से निकल आए और सिंगापुर जाने की तैयारी करने लगे.
अगले दिन हम फ्लाइट से सिंगापुर पहुँचे और वहां हमारे लिए 3 रूम बुक थे, लेकिन मेरा और अक्षय का रूम एक अपार्टमेंट मे था और उसका दो अपार्टमेंट के बाद. दोस्तों हमें वहा तीन दिन रुकना था, जब हमे ये पता चला तो मेरे दिमाग़ मे तब तक कोई सेक्स का ख्याल नहीं था, काम मे ही इतना बिज़ी था, लेकिन उसके चेहरा उदास पड़ गया. फिर मैंने उसे बाहों मे भरते हुए पूछा कि तुम क्यों उदास हो गयी तो उसने कहा कि वो मेरे साथ रुकना चाहती थी तो मैंने उसे समझाया कि सोनाली आपका अपार्टमेंट गर्ल्स का है और हमारा लड़को का तो शायद वो समझ गयी. उसके बाद हम अपने अपने रूम मे चले गये. फिर मैंने उसके बाद थोड़ा सोने का फ़ैसला किया, मेरी आँख लगी ही थी कि मेरे फोन पर उसका मेसेज आया कि आई एम अलोन इन मी अपार्टमेंट, जस्ट वेटिंग फॉर यू डार्लिंग.
ये पढ़ते ही मेरी नींद गायब हो गई, गला सूखने लगा और एक हलचल सी होने लगी दिल मे और हज़ार सवाल थे जाऊं या नहीं जाऊं? वो गर्ल्स का है? पकड़ा जाऊंगा तो नौकरी जायेगी? इससे आख़िर हो क्या जाता है? लेकिन दोस्तों अब आप ही सोचो कि अगर आपके फोन पर ऐसा मेसेज आता तो आप क्या करते, तो मैंने भी वही किया और में फ़ॉर्मल्स में ही पीछे से उसके अपार्टमेंट मे चला गया और उस वक़्त शायद सभी लंच के लिए गये हुए थे तो उसने मुझे अपना रूम नंबर बताया और में दौड़ते हुए उसके रूम तक पहुँच गया.
मुझे किसी ने देखा नहीं जैसे ही में वहा पहुँचा तो उसने तुरंत गेट खोल दिया और मुझे अंदर करके गेट बंद कर दिया. मैंने घबराते हुए उससे पूछा कि ये क्या पागलपन है? और वो अपने बालों को खोलते हुए कहने लगी कि पागलपन तो अब दिखेगा तुम्हे साजिद. दोस्तों में नहीं बता सकता कि उस वक़्त मुझे क्या महसूस हुआ.
बस पेंट के अंदर मेरा लंड सोनाली को थैंक्स बोल रहा था, वो एक टी-शर्ट और स्कर्ट पहने हुई थी और मेरी तरफ बढ़ रही थी और में तो बस उसका दिल ही दिल में इंतज़ार कर रहा था, जैसे ही वो मेरे पास आई तो उसने मेरी आँखों पर हाथ रख दिया तो में ज़ोर ज़ोर से साँसें ले रहा था और उसने मेरे कान में धीरे से कहा कि पागल में बोर हो रही थी, इसलिये तुम्हे बुलाया है और मेरे कान पर दाँत से काटकर हंसने लगी और मुझसे दूर भागकर मेरा मज़ाक उड़ा रही थी तो मैंने कहा कि अच्छा तो ये बात थी और में तो पता नहीं क्या सोच रहा था.
सोनाली : अच्छा? ज़रा हमे भी तो बताइये जनाब आप क्या सोच रहे थे?
साजिद : अरे आप रहने भी दीजिये, जानोगे तो तुम्हारी दिमागी हालत खराब हो जायेगी.
सोनाली : नहीं, अब तुम मुझे बताओगे नहीं तो में सबको बता दूँगी कि ये मेरे साथ ग़लत करने आया था.
फिर मैंने कहा कि जाओ नहीं बताता और तुमने किसी को ऐसा कहा तो में सबको तुम्हारा मेसेज दिखा दूँगा और इस पर उसने एक मासूम सा चेहरा बनाया और कहने लगी कि ठीक है मत बताओ और उसकी मासूमियत को देखकर मैंने उसे बाहों मे ले लिया और उससे कहा कि कुछ भी नहीं मेरी जान मुझे लगा कि तुम शायद मुझे.
सोनाली : मुझे क्या?
साजिद : मुझे यहा प्यार करने के लिये बुलाया है.
सोनाली : अच्छा? बड़े ऊँचे ख्याल है आपके? सपना मत देखो मुझे नींद आ रही है, बस तुम मेरे बगल मे लेट जाओ तो मुझे अकेला नहीं लगेगा.
फिर में और वो एक दूसरे को आँखों मे देखकर लेट गये, लेकिन अभी तक हमने एक दूसरे को पकड़ा नहीं था.
सोनाली : ऐसे क्या देख रहे हो साजिद? इरादा क्या है?
साजिद : सोच रहा हूँ कि पिछले तीन महीने से जिस बदन को अपने अगल बगल महसूस करता आया हूँ तो क्या उसे में आज महसूस कर सकता हूँ?
सोनाली : अगर तुम मेरे शरीर को उसकी इज़्ज़त और ज़रूरत दे सको तो तुम उसे महसूस कर सकते हो.
ये सुनते ही दोस्तों मेरी तो सांस ही अटक गई, लेकिन एक बात हमें याद रखना चाहिये कि आप एक लड़की के जिस्म को हैवान बनकर पा तो सकते हो, लेकिन उसके जिस्म के असली नशे को पीने के लिए उसका मन और इज़्ज़त दोनों आपको पाना पड़ेगा, जैसे ही उसने मुझे ये हक़ दिया तो मैंने प्यार से उसे अपनी बाहों मे भरते हुए उसे अपने ऊपर खींच लिया और उसकी साँसों को महसूस में आराम से कर पा रहा था.
सोनाली : ओह जान, आई लव यू, कहा था ना कि सही वक़्त आने दो तब आई लव यू कहूँगी तो आज ही है वो सही वक़्त है जान, आई लव यू और मेरे बदन को तुम्हारी ज़रूरत है.
दोस्तों उसका बदन एक मखमल के कपड़े के जैसा था और हाथ लगते ही वो फिसल जाता था. फिर मैंने अपने एक हाथ को उसकी गांड पर रख दिया और उसे ज़ोर से दबाने लगा.
उसके मुँह से जोर से सासें आ रही थी तो वो इतनी प्यारी थी. फिर मैंने अपने होठों को उसके लिप्स पर जोड़ दिया और हम एक दूसरे के लिप्स को चूस रहे थे. फिर मैंने जोश मे उसकी स्कर्ट को फाड़ डाला और उसके चूतड़ पर एक जोरदार थप्पड़ मारा और जैसे ही मैंने ये किया तो उसने मेरे लिप्स को काट डाला और मेरे लिप्स से खून आने लगा.
साजिद : जान, आराम से और अभी तो शुरुवात है.
सोनाली : आप भी आराम से जान, अगर मारना ही है तो मेरी चूत को ज़ोर से मारो ना, कब से ये तुम्हारा लंड लेने को बेताब है.
मेरी फूली हुई गांड को क्यों सज़ा दे रहे हो? ये सुनते ही मैंने उसे बेड पर ही उठाया और उसकी टी-शर्ट उतार डाली. उसने भी देर ना करते हुए मेरी टी-शर्ट फाड़ डाली और मेरे लोवर का नाड़ा खोलने लगी. अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी मे थी, क्या लग रही थी दोस्तों उफफफफफफ्फ़ बता नहीं सकता और अब में उसके पीछे आ गया और उसकी ब्रा के हुक को धीरे धीरे खोलने लगा, उस वक़्त उसके बदन मे जो हलचल हो रही थी तो वो एकदम जानलेवा थी.
उसके शरीर मे सिहरन हो रही थी और वो आआहह जान जैसे बुदबुदा रही थी. फिर मैंने उसकी ब्रा को हटाया और पीछे से उसे अपने से चिपकाते हुए उसकी चूचियों को अपने दोनों हाथों मे भरकर दबाने लगा. दोस्तों में लिख तो सकता हूँ, लेकिन एहसास नहीं बता सकता और फिर वो तेज़ी के साथ आगे मुड़कर मुझसे लिपट गयी और कहने लगी..
सोनाली : अब मत तड़पाओ ना जान फक मी प्लीज़ फक मी बहुत गुदगुदी हो रही है चूत में और कहते कहते उसने अपनी पेंटी खुद ही निकाल डाली और मेरे लोवर को भी हटा डाला और वो आँख बंद करके मुस्कुरा रही थी और मैंने उसे बेड पर गिरा डाला और मैंने अपना मुँह उसकी चूत की तरफ बढाया, क्या खुशबू थी और पूरी गीली और फूली हुई थी, थोड़े थोड़े बाल भी थे. दोस्तों हमारे बीच सब कुछ अचानक से हो गया तो शायद उसे भी हटाने का मौका नहीं मिला, लेकिन कभी कभी बाल होना भी अच्छा लगता है.
फिर मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और वो ऐसे तड़पने लगी जैसे किसी को बहुत लग गई हो और एक पल के लिए तो में भी डर गया और मैंने पूछा, आर यू ऑलराइट? तो उसने कहा कि हाँ बस एक नयी अजीब सी बेचैनी है जो और बढ़ाना चाहती हूँ. फिर मैंने कहा कि हाँ जान आज तुम्हे वो दर्द देता हूँ. हम इतने पागल हो चुके थे कि लंड चुसवाने का टाईम ही नहीं मिला.
दोस्तों अगर प्यार मे आप सेक्स करे तो ये आपको अच्छा भी नहीं लगेगा कि वो आपका लंड चूसे. अभी तक हमारे बीच 20 से 25 मिनिट बीत चुके थे और हम दोनों के लिए बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया था और में भी पहले जोश के रस को बर्बाद नहीं करना चाहता था.
फिर मैंने उसे डॉगी पोज़िशन मे बैठाया और अपने लंड को अपने थूक मे मिलाने लगा, वो इतनी पागल हो गयी थी कि अपने एक हाथ से वो खुद की चुदाई का फोटो खींच रही थी. फिर मैंने पूछा कि ये क्या कर रही हो सोनाली तो उसने कहा कि मेरे पहले प्यार की यादों में नहीं खोना चाहती तो में उसके पागलपन को देखकर हंसने लगा, इतनी देर में वो मुझसे अपनी चुदाई की भीख माँगने लगी. मैंने भी उसकी कुंवारी चूत के छेद को ढूंढ लिया था और वहां पहले अपने थूक और उसकी चूत के पानी से गीला कर रहा था और अब वो और मस्ती मे आ चुकी थी, उसकी आँखें बंद थी और में अपने एक हाथ से अपने लंड को सहला रहा था.
फिर एक हाथ की ऊँगली से उसकी चूत को चोद रहा था और जब मुझे उसकी चूत अब चुदने के लायक लगने लगी तो मैंने सीधा अपना लंड उसकी चूत मे उतार दिया, अभी तो लंड का सूपड़ा ही गया था कि वो तड़प गयी और वो मदहोशी मे गिड़गिड़ाने लगी.
सोनाली : मत रूको साजिद जाने दो, आज तो मौत भी हसीन लग रही है और ये सुनते ही मैंने एक झटके मे सारा का सारा लंड उसकी चूत मे उतार डाला और उस समय जो में महसूस कर रहा था तो वो आप कभी नहीं समझ पाएंगे जब तक आप खुद ना उसे महसूस कर ले, अब हमारी चुदाई शुरू हो गयी थी तो पहले उसे भी दर्द हो रहा था और लंड भी सही से नहीं जा रहा था, लेकिन कुछ देर के बाद पूरा रास्ता साफ हो गया और चुदाई का खेल पूरे ज़ोर से होने लगा.
में झटके पर झटके मार रहा था और वो फक मी बेबी, ऑश यअहह फक मी जान कह रही थी. फिर 10 मिनिट की चुदाई के बाद मे वो झड़ गयी और जब वो झड़ रही थी तो उसका बदन देखने लायक था, पूरे शरीर मे कम्पन सा हो रहा था और वो बँधी हुई शेरनी की तरह छटपटा रही थी. अब वो निढाल होकर बेड पर लेटी हुई थी और में भी अब बस झड़ने ही वाला था और में तो अपनी पूरी स्पीड में आ गया, क्योंकी मेरे पास कोई कन्डोम नहीं था तो में कोई भी रिस्क नहीं लेने वाला था और ये बात उसे भी पता थी. फिर जैसे ही मैंने इशारा किया तो वो अपना मुँह खोलकर बेड पर लेट गयी और फिर मैंने अपने लंड को तेज़ी से उसके मुँह मे डाल दिया और कुछ सेकेंड के अंदर में उसके मुँह मे ही झड़ गया, में तो जैसे जन्नत मे था और वो मुस्कुराते हुए सारे वीर्य को चट कर गयी और हम एक दूसरे को गले लगाकर सो गये.
मेरी चुदाई मोटे लंड से
मेरी पहली सच्ची कहानी है और अब मेरा परिचय, मेरा नाम फरहीन है और में मुंबई में रहती हूँ. में अभी तक कुंवारी हूँ और मेरे फिगर का साईज मेरे बूब्स 36 इंच, कमर 34 इंच और 40 इंच कूल्हे है. बहुत सारे लड़के मेरे जिस्म के सेक्सी अंगो को घूर घूरकर देखते है और मुझे उनका ऐसा करना बहुत अच्छा लगता था, लेकिन में भी अपने फिगर को देखकर मन ही मन बहुत गर्व महससू करती और अपने फिगर को उन सभी को ज्यादा से ज्यादा दिखाती और उन्हें अपनी तरफ आकर्षित करती थी. मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता था और अब में सीधे अपनी आज की कहानी पर आती हूँ.
दोस्तों यह उन दिनों की बात है जब में एक कॉलेज में पढ़ती थी और वो मेरा पहले साल मेरा विषय आर्ट्स था और उससे पहले मेरे पहले वाले बॉयफ्रेंड से मेरा ब्रेकअप हो चुका था. उससे मेरा चक्कर कुछ समय तक ही चला था.
एक दिन कॉलेज के एक समारोह में मेरी मुलाकात एक लड़के से हुई थी जिसका नाम आसिफ़ था, वो दिखने में बहुत ठीकठाक था उसका रंग गोरा और उसकी लम्बाई करीब 5.11 होगी और वो दिखने में थोड़ा तन्दुरुस्त भी था और उसने मुझे पहली नज़र में ही पसंद कर लिया था और दूसरे दिन उसने मुझसे अपने प्यार का इजहार भी किया. मैंने भी थोड़ा नखरा दिखते हुए कुछ देर में उसका वो प्यार का आग्रह स्वीकार कर लिया, क्योंकि में अपने पहले वाले ब्रेकअप से थोड़ी उदास सी हो गई थी इसलिए मुझे अब किसी का साथ चाहिए था जो अब मुझे मिल चुका था और अब हम फ़ेसबुक पर फोन पर दिन रात बात करते थे, कॉलेज में मिलते थे, उधर उधर घूमते थे.
दोस्तों इस बीच आसिफ़ की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी, लेकिन फिर भी वो मुझसे मिलने कॉलेज में आता था. अब हम फोन पर धीरे धीरे सेक्सी बातें भी करने लगे थे, लेकिन एक दिन वो मुझे एक बार फिल्म दिखाने ले गया और फिर दो टिकट लेकर वो बिल्कुल आखरी वाली सीट पर मेरे साथ बैठकर सही मौका देखकर मेरे जिस्म के सेक्सी अंगो के साथ छेड़छाड़ करने लगा.
दोस्तों पहले तो में उसके यह सब मेरे साथ करने से बहुत शरमाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मुझे भी उसका यह सब मेरे साथ करना धीरे धीरे अच्छा लगाने लगा था. इसलिए मैंने उसे मना नहीं किया और उसने कुछ देर मेरे बूब्स को दबाकर, मसलकर अच्छी तरह निचोड़कर मुझे जोश में लाकर पूरी तरह गरम करके छोड़ दिया और उसके बाद हम वहां से अपने अपने घर पर चले आए. फिर मैंने अपने घर पर पहुंचकर उसके बारे में बहुत बार सोचा तो मुझे बहुत घंटो तक नींद नहीं आई, में बस उसके ही बारे में सोचती रही और ना जाने कब में सो गई. फिर दूसरे दिन उसने मुझे अपने घर पर बुलाया, लेकिन उस समय में उसके घर पर जाने के लिए तैयार नहीं थी इसलिए मैंने उसे साफ साफ मना कर दिया. फिर वो मुझसे बहुत बार आग्रह करने लगा और मुझसे बोला कि मेरी जान मुझे तेरे साथ कुछ जरूरी बात करनी है.
अब मैंने एक बार फिर से उसे मना किया तो वो मुझसे बोला कि में तुम्हे तुम्हारे कॉलेज से आकर ले जाऊंगा. फिर मैंने भी बोला कि में भी देखती हूँ कि तुममें कितना दम है? और फिर वो करीब 15 मिनट में हमारे कॉलेज में आ गया और मुझे जबरदस्ती वहां से अपने साथ में लेकर आ गया. में उसे वहां पर देखकर बहुत चकित हो गई क्योंकि मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं था कि वो जो अभी कुछ समय पहले कह रहा था वो वैसा कर भी सकता है, लेकिन उसने वैसा ही किया और में चुपचाप उसके साथ चली गई.
दोस्तों उस दिन मैंने बड़े गले की कमीज़ पहनी हुई थी और मेरी सलवार पूरी जालीदार थी. में उस सलवार कमीज़ में बहुत सेक्सी लग रही थी और मेरे बड़े बड़े बूब्स मेरी उस कमीज़ से बाहर झांक रहे थे और मेरी गांड का वो बड़ा सा आकार साफ साफ नजर आ रहा था.
फिर थोड़ी देर के बाद में हम घर पर पहुंचे और हमने कुछ खाया पिया और उसके बाद आसिफ़ ने कंप्यूटर चालू किया और मुझे अपने पास बुलाया और मुझसे अपनी गोद में बैठने के लिए बोला. फिर वो कंप्यूटर पर लगा हुआ था और में उसकी गोद में बैठी हुई थी. अब उसने कंप्यूटर पर एक ब्लूफिल्म को लगाया और अब वो धीरे से मेरी कमीज़ को थोड़ी सी ऊपर उठाकर ज़िप खोलकर मेरी गांड में अपना लंड रगड़ने लगा था. फिर में कुछ देर बाद एकदम से उठ गई तो उसने मुझ को पकड़ कर एक दीवार से चिपका दिया और अब हम लोग स्मूच करने लगे थे और वो नीचे से मेरी सलवार में अपना एक हाथ डालकर मेरी चूत पर हाथ घुमा रहा था.
वो मेरी चूत को सहलाकर मेरे जिस्म को गरम कर रहा था. फिर मैंने सही मौका देककर उसको एक धक्का मारकर थोड़ा पीछे हट गई. उसने मेरा हाथ पकड़कर ज़ोर से खींचा और मुझे उसने एक बार फिर से दीवार से चिपका दिया और मेरे गले पर किस करने लगा और वो मेरी सलवार के अंदर हाथ डालकर मेरी चूत पर उंगली घुमा रहा था. मेरी सलवार एलास्टिक वाली थी इसलिए उसका हाथ उसके अंदर बहुत आसानी से चला जाता था.
फिर कुछ देर चुम्मा चाटी, चूत को सहलाने, बूब्स को दबाने निचोड़ने के बाद उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और अब वो अपनी टीशर्ट को उतारकर मेरे ऊपर लेट गया और वो मुझसे में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ कहकर मुझे फिर से स्मूच करने लगा उसने अब मुझे उल्टा लेटने को कहा और मेरी कमीज़ की ज़िप को नीचे किया और कमीज़ को आधी बाहर निकाल दिया और मेरे बूब्स पर किस करने लगा मैंने अंदर ब्रा तो पहनी ही नहीं थी बस पीछे से एक हुक था तो उसने उसको खींचकर निकाल दिया. मेरी ब्रा का हुक टूट गया. फिर उसने मेरी ब्रा को दूर फेंक दिया और फिर मेरी सलवार को उतारकर फेंका और अपनी पेंट को भी उतारकर फेंक दिया और फिर मेरे बूब्स पर किस किया चूमा, चाटा, दबाया और ऐसे करते करते उसने मेरी पेंटी को अपने मुहं से नीचे किया.
अब वो मेरी चूत पर किस करने लगा था और मैंने नहीं करने दिया तो उसने मेरे हाथ को पकड़कर अपने हाथ से दबा लिया और अब वो मेरी चूत को पागलों की तरह चूमने चाटने लगा और फिर एक ही झटके में मेरी पेंटी को भी उतारकर उसने दूर फेंक दिया और अपनी अंडरवियर को भी निकालकर फेंक दिया. फिर उसने अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और थोड़ा अपनी उंगली पर लगाकर हल्का सा उंगली को मेरी चूत में घुसाया और फिर वो मेरी चूत के ऊपर चड़ गया उसने मेरी चूत में अपना लंड सेट किया और मेरी चूत के अंदर एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड अंदर घुसाकर मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा.
मैंने उसको बहुत टाईट पकड़ लिया और हम दोनों बहुत बार किस और स्मूच करे थे और मेरे मुहं से आईईईईईईई की आवाज निकल रही थी आआआहह उउउफफफफफफ्फ़. फिर कुछ देर बाद जब वो लगातार धक्के दे रहा था तो मुझे बहुत दर्द हो रहा था तो मैंने उससे अब लंड को बाहर निकालने के लिए बोला, लेकिन उसने मेरी एक बात भी नहीं सुनी और जब उसने मुझे पहली बार चोदना शुरू किया तो मुझे बहुत दर्द हो रहा था और में उसकी वजह से बेहोश हो गई थी और वो मुझे पागलों की तरह लगातार ताबड़तोड़ धक्के लगाकर चोद रहा था और में एक मछली की तरह मचल रही थी आहहह्ह्ह्ह ऊऊहह उूउउफफफफ्फ़ आआअहह आसिफफफ्फ़.
फिर उसने अचानक से मुझे चोदते हुए मेरे बूब्स पर काटा और मेरे निप्पल पर जीभ लगाकर चाटने लगा. दोस्तों मैंने महसूस किया कि उसका लंड बहुत बड़ा, मोटा और लंबा भी था, शायद 7 इंच या 8 इंच का था और बहुत सांवला भी था. वो बस मुझसे में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ जान शादी के बाद हम रात दिन सेक्स करेंगे यह कह रहा था और मुझे लगातार किस करता जा रहा था और बुरी तरह से चोदे जा रहा था. फिर वो कुछ देर बाद नीचे बैठकर मुझे चोदने लगा और में अब भी लेटी हुई थी. तो वो मेरे बूब्स को दबा था जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हो रहा था. अब अचानक से उसका लंड मेरी चूत से फिसलकर बाहर निकल गया और उस दो मिनट के लिए में बस बिल्कुल ठंडी पढ़ गयी फिर भी मेरा दर्द कम नहीं हुआ और मुझे बहुत दर्द हो रहा था.
फिर मैंने उससे कहा कि बस अब बहुत हो गया. प्लीज अब बंद करो, बहुत हुआ मुझे बहुत दर्द हो रहा है. तो आसिफ़ बोला कि लंड को अब लंड को बाहर निकालने का तो सवाल ही नहीं है और अब मेरा वीर्य जब तक नहीं निकलता तब तक में तुझे चोदता रहूँगा और फिर कुछ देर बाद वो बोला कि मेरा वीर्य निकलने वाला है मेरा दिमाग़ खराब मत करना. वो फिर से मेरी चूत को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा तो उसका एक बार फिर से लंड अचानक से फिसलकर मेरी चूत से बाहर निकल गया.
मैंने उसको धक्का मारा तो उसने मुझको उल्टा लेटा दिया और मेरे एकदम टाईट हाथ पकड़कर अब मेरी गांड में लंड डालने लगा. वो तेल लगाकर मेरी गांड में डालने की कोशिश करने लगा, लेकिन फिर भी बराबर नहीं जा रहा था तो उसने मेरी गांड में तेल लगाया और फिर गांड में पूरा दम लगाकर लंड को घुसा दिया. फिर से मेरे हाथ वैसे ही पकड़कर मेरी गांड मारने लगा और में बहुत बुरी तरह से चिल्ला रही थी और चीख रही थी आईईफफफ्फ़ छोड़ दो मुझे आअहह उह्ह्हह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है और अब वो मेरी गांड को ज़ोर ज़ोर से मार रहा था.
फिर उसने मेरे मुहं में मेरा दुपट्टा घुसाया और मेरे दोनों हाथ पकड़ रखे थे. में दर्द की वजह से रो रही थी और में अब ना आवाज़ कर सकती और ना उसको अपने ऊपर से हटा सकती थी. उसने मेरे मुहं पर ज़ोर से एक हाथ रखा और दूसरे हाथ से मेरा हाथ टाईट पकड़ लिया और वो बस चालू था उसका वीर्य निकलने तक. अब वो अपने लंड को मेरी गांड में आधा अंदर डालता और फिर बाहर निकालता और तेल लगाने के बाद भी पूरा नहीं झड़ा था. वो अब बहुत परेशान हो गया था और में अब तक दो बार झड़ चुकी थी.
फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला और मुझे बैठाकर बोला कि इसको चूसो. फिर मैंने उससे यह सब करने से साफ मना कर दिया तो उसने मेरे बाल पकड़कर अपने लंड को जबरदस्ती मेरे मुहं में घुसा दिया और अब वो मेरे मुहं को चोदने लगा था और वो अपने लंड को मेरे पूरे हलक तक डाल रहा था.
फिर जैसे ही कुछ देर बाद उसका वीर्य निकलने वाला था तो उसने अपना लंड बाहर निकाला और पूरा वीर्य मेरे मुहं पर गिरा दिया और मेरे बूब्स पर भी गिरा दिया. फिर आसिफ़ ने उठकर अपनी पेंट को पहना और मैंने भी जल्दी से अपने आपको साफ किया और पानी से अपने जिस्म को धोने बाथरूम में चली गई, लेकिन अब भी उसका मन मेरी इतनी देर तक चुदाई करने से नहीं भरा तो वो मेरे पीछे से आया और मुझे बाथरूम में पीछे से पकड़कर मेरी गांड में अपना लंड रगड़ने लगा. में उससे बोली कि आसिफ़ प्लीज अब बस भी करो मुझे अब अपने घर पर भी जाने दो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है और वैसे भी तुमने आज मेरे दोनों छेद को चोदकर फाड़ दिया है.
फिर वो बोला कि फरहीन तू आज मुझे पूरे मज़े लेने दे मेरी जान और यह बात बोलते हुए उसने मेरी गांड में अपना लंड घुसा दिया और अब वो मुझे वहीं पर थोड़ा सा झुकाकर डॉगी स्टाइल में मेरी गांड मारने लगा और मेरे बूब्स को मसलने लगा, वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चोदे जा रहा था और में कुछ नहीं कर पा रही थी. मेरी हालत अब बहुत खराब थी क्योंकि मेरी पहली बार चुदाई हुई थी जिसकी वजह से मेरी चूत से और अब गांड से भी बहुत खून भी निकलने लगा. उसने बाथरूम में चोदा और फिर कुछ देर चोदते चोदते उसने अपना पूरा वीर्य मेरी गांड में छोड़ दिया और मेरी गांड पर अपना लंड साफ करके बाहर चला गया.
फिर में अपने आपको साफ करके बाहर आई और अपने कपड़े पहनने लगी और में उससे बोली कि में अगली बार कभी भी तुम्हारे घर पर नहीं आउंगी. तो वो मुझसे सॉरी बोला और मुझे मनाने लगा. में फिर भी नहीं मानी, लेकिन फिर भी उसने कुछ देर के बाद मुझे कैसे भी करके मना लिया और अब में मान गई उसके बाद में हर सप्ताह दो से तीन बार उसके घर पर जाकर चुदने लगी. मुझे भी अब उससे चुदवाना अच्छा लगने लगा था और मुझे भी उसकी चुदाई में अब बहुत मज़ा आने लगा था.
कलेजा हलक में आ गया
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सुमित मिश्रा है और में 22 साल का जवान पुरुष हूँ, कद 5 फुट 9 इंच, रंग गोरा और मेरा लंड सामने से थोड़ा छोटा है, में तंदुरुस्त और हट्टा कट्टा हूँ और कोई नशा नहीं करता. ये मेरी इस साईड पर पहली कहानी है. में आपको मेरी पहली चुदाई के बारे में आपको बताना चाहता हूँ. ये कहानी बिल्कुल सच्ची है और यह बात उस समय की है जब मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं थी, हांलाकि में अपनी कोचिंग में और अपने स्कूल में ऊपर-ऊपर से काफ़ी मज़े कर चुका हूँ, लेकिन मैंने कभी चुदाई नहीं की थी. मेरी बहुत इच्छा थी कि में चुदाई करूँ, लेकिन लगता था कि किस्मत अभी मेरे पर मेहरबान नहीं हुई थी, में अक्सर चुदाई के बारे में सोचता रहता था कि करने में कितना मज़ा आयेगा और में कैसे-कैसे करूँगा? यही सब ख्याल मुझे रात भर सताते रहते थे और में सिर्फ़ छुपकर अपने रूम पार्टनर से चिपक कर मुठ मारकर सो जाता था और दिल में एक चिंता लिए हुए था.
मेरे कॉलेज में बहुत सुंदर-सुंदर लड़कियां है, लेकिन में थोड़ा शर्मीले स्वाभाव का हूँ, इसलिए कभी किसी से जाकर बात नहीं कर पाता था, में हर आती-जाती लड़की की चूची को देखता रहता था और उन्हें घूरता था कि काश वो मुझे दबाने को मिल जाए. जब में कोंचिंग में था तो कम से कम दबा लेता था, लेकिन इधर 2 साल से कुछ भी हाथ नहीं लगा है और दूसरी तरफ मेरी जवानी रोज़ रात को उफान मारती थी. मेरे दोस्त काफ़ी अच्छे है और मुझे बहुत ही उत्साहित करते है कि में किसी लड़की से बात करूँ और उसकी जमकर चुदाई करूँ, लेकिन कहते है ना कि किस्मत से पहले और वक़्त से ज्यादा कभी किसी को कुछ नहीं मिला है और मुझे लगता है कि ऐसा ही मेरे साथ भी है.
फिर ऐसे ही दिन गुज़रते गये, लेकिन कभी ना कभी तो किस्मत को खुलना ही था तो एक दिन मेरे फोन पर एक लड़की का कॉल आया. में लोगों को अपनी बातों में काफ़ी आराम से लपेट लेता हूँ, अगर वो फोन पर हो तो, लेकिन सामने से मुझे शर्म आती है खासकर लड़कियों के साथ. उस लड़की ने ग़लती से मेरा नम्बर लगा दिया था, रात का वक़्त था और उसने सॉरी बोलकर फोन कट कर दिया. फिर मैंने दुबारा से उसे कॉल किया, लेकिन उसने रिसीव नहीं किया. फिर मैंने उसे कुछ मैसेज किए और रोमांटिक शायरी भी भेज दी. ऐसे ही कुछ दिनों तक चलता रहा. फिर वो धीरे-धीरे लाईन पर आने लगी और फिर हम फोन पर रात को बातें भी करने लगे और दिन पर दिन मेरा इरादा और पक्का होने लगा था कि में इस लड़की को चोदकर ही रहूँगा.
इस लड़की का नाम प्रियंका है, लेकिन मैंने उसे पहले कभी नहीं देखा था और मैंने सोचा था कि साली वो कैसी भी हो? उसे चोद तो दूँगा ही. फिर इतना सोचना क्या कि कैसी होगी? वो दिखने में पसंद आयेंगी या नहीं? में तो इतना ही जानता था कि मुझे तो बस इस लड़की की चुदाई करनी है. फिर मैंने उसे अपने बारे में कुछ भी सच नहीं बताया था, क्योंकि मुझे उसके साथ कोई रिश्ता नहीं चाहिए था. फिर मैंने सोचा था कि अगर वो मुझे पसंद आई तो तभी में रिश्ते के बारे में सोचूँगा. फिर कुछ ही दिनों में उससे काफ़ी खुलकर बातें करने लगा और हमने फोन सेक्स भी करना शुरू कर दिया था और अब इंतज़ार था कि कब वो मिलने और चुदने के लिए तैयार होगी. फिर बहुत ही जल्द मैंने उसे तैयार भी कर लिया, वो वाराणसी में रहती थी तो उसने मुझे वहीं बुलाया. मेरा पार्टनर भी वाराणसी में रह चुका है तो उसे वहां के बारे में काफ़ी पता भी है और उसकी वहाँ पर अच्छी ख़ासी जान पहचान भी है.
फिर जब मैंने अपने पार्टनर पांडे को बताया कि में वाराणसी प्रियंका को चोदने जाने वाला हूँ तो वो भी उसे चोदने को कहने लगा, लेकिन मैंने उसे साफ-साफ मना कर दिया. अब मुझे लड़की मिल चुकी थी और जो चुदने के लिए भी तैयार थी तो में थोड़ा घमंड में आ गया और में पांडे का बहुत मज़ाक भी बनाने लगा. खैर ये तो पांडे की शराफ़त थी कि उसने पूरा बंदोबस्त वाराणसी के एक होटल में कर दिया था, वो होटल पांडे के एक दोस्त का था तो मुझे कोई चिंता भी नहीं थी. अब आख़िरकार वो दिन आ ही गया. फिर मैंने अपना बैग पैक किया और पांडे से कुछ पैसे उधार लिए और वाराणसी चला गया और हमारी तय की हुई जगह पर हम मिले. प्रियंका दिखने में तो कोई बहुत ज्यादा आकर्षक तो नहीं थी, लेकिन उसका फिगर बहुत मस्त था, उसका साईज 32-28-34 था, में तो उसे देखकर ही पागल होने लगा था और मेरा लंड भी सलामी देने लगा था.
फिर मैंने किसी तरह से उसे समझाया और शांत किया. फिर हम दोनों ने कुछ खाने पीने का सामान लिया और होटल की तरफ चल पड़े. फिर होटल में जाकर मैंने रिसेप्शन की बात पांडे से करा दी और उसने मुझे अच्छे से सब कुछ समझा दिया और हमें रूम मिल गया. फिर रूम में जाते ही मैंने उसे गले से लगा लिया, वो थोड़ा शर्मा रही थी, लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया. फिर उसने बताया कि वो मेरे लिए कुछ लाई है तो में बहुत खुश हुआ कि क्या होगा? और जब उसने बैग में से एक दारू की बोतल निकाली तो में तो देखता रह गया और फिर वो मुझे पीने को कहने लगी, लेकिन मैंने पहले मना किया. फिर सोचा कि पी लेता हूँ मैंने सुना है कि पीने के बाद काफ़ी देर तक मर्द चलता है. फिर जब हम दोनों ने पी लिया तो मेरा सर घूमने लगा और लंड भी प्रियंका को देखकर तन गया था.
फिर में उसे पकड़कर उसके नरम-नरम होठों को चूसने लगा, क्या बताऊँ दोस्तों? मुझे कितना मज़ा आ रहा था और साथ में ही में ऊपर से ही उसकी चूत पर अपना लंड भी रगड़ रहा था. अब एक तो शराब का नशा और फिर चुदाई का नशा दोनों जब मिल जाते है तो यारो क्या बताऊँ? कि कितना मज़ा आता है. फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी चूचियाँ दबाना शुरू कर दिया, वो बहुत नरम और मुलायम थी और मेरे हाथ लगते ही उसकी सिसकारियां निकलने लगी थी और वो और जोश में आने लगी थी. अब हम दोनों को सहन नहीं हो रहा था तो वो बार-बार मेरा लंड पकड़कर हिला रही थी. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया और अब वो सिर्फ़ एक काले कलर की ब्रा में लेटी थी, में ये देखकर और जोश में आने लगा और मैंने पागलों की तरह उसकी चूचियाँ दबाना शुरू कर दिया.
फिर मैंने झट से उसकी ब्रा उतार फेंकी, क्या मस्त शेप में उसकी चूची थी? अब उसके निप्पल बिल्कुल खड़े हो गये थे और मैंने उन पर अपने दांतो से हल्का-हल्का काटना शुरु कर दिया था, जिससे वो और उत्तेजित हो रही थी. फिर उसने मुझे झटके से नीचे कर दिया और वो मेरे ऊपर आ गयी और मुझे पागलों की तरह चूमने लगी और चूमते-चूमते ही उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए.
अब में सिर्फ़ अपनी अंडरवियर में था और वो मुझे मेरी छाती पर चूमने लगी और मेरे निप्पल को काटने लगी, जिससे में बहुत तेज़ी से उत्तेजित होने लगा और साथ ही में भी उसकी चूचियों को दबा रहा था. फिर उसने मेरी अंडरवियर उतारी और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर पागलों की तरह चूसने लगी, में तो मानों अब स्वर्ग में चला गया हूँ और वो पच-पच की आवाज़ मुझे स्वर्ग का संगीत लग रह था और मुझे उसके चूसने के तरीके से लग रहा था कि वो इन सब कामों में अनुभवी है.
अब वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूस रही थी और कभी-कभी तो पूरा का पूरा अंदर ले लेती थी, अब मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लग रही थी. फिर मैंने बोला कि चूस मेरी रानी और चूस में आज से सिर्फ़ तेरा हूँ और ये लंड भी तेरा है, उसने लगभग 10 मिनट तक मेरे लंड को चूसा और अब में अपनी चरम सीमा पर पहुँच रहा था. फिर मैंने उससे बोला कि प्रियंका मेरा निकलने वाला है तो उसने बोला कि मुझे टेस्ट करना है और फिर वो और तेजी से मेरे लंड को चूसने लगी.
फिर में उसका सर पकड़कर आगे पीछे करने लगा और मेरा लावा उसके मुँह में निकल गया, जिसको वो बड़े मज़े लेकर पी गयी. फिर उसने लंड को चूस कर साफ कर दिया. अब उसकी चूत चाटने की मेरी बारी थी. फिर मैंने उसे नीचे लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को अपने कंधो पर रखकर उसकी जीन्स और चड्डी उतार दी, उसकी चूत बिल्कुल साफ थी और हल्की सी सांवली रंग की थी. फिर मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा तो वो कांप उठी. फिर में उसकी चूत पर उंगली से गुदगुदी करने लगा और उसने आवाज़े निकालनी शुरू कर दी और वो मेरा सर नीचे की तरफ दबाने लगी तो में समझ गया.
फिर मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया, वो तो बिल्कुल मधहोश होने लगी और उसकी आवाज़ तेज होने लगी थी. अब उसकी आवाज़ सुनकर में और उत्तेजित हो गया और मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा, में उसकी चूत को चाटता रहा और वो मेरे मुँह पर ही झड़ गयी. फिर में उसकी चूत का सारा रस पी गया और फिर से उसे चाटना शुरु कर दिया, इस बार मैंने उंगली भी अंदर डाल दी थी और उसे अपनी उंगली से भी चोद रहा था. अब उससे सहन नहीं हो रहा था तो वो कहने लगी कि जान अब और ना तड़पाओ, बस इस चूत की प्यास को अब मिटा दो, डाल दो अपना लंड मेरी चूत में, फाड़ दो इसे, मुझे ये बहुत परेशान करती है. फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसके दोनों चूतड़ों को फैला दिया. फिर उसने मेरा लंड पकड़ा और चूत के दरवाजे पर रखा और बोली कि फाड़ दे मेरी चूत मेरे राजा, फिर क्या था? मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया और उसके मुँह से एक चीख निकल गयी.
फिर मैंने तुरंत लंड बाहर निकाला और फिर से धक्का मारा, अब उसे बहुत दर्द हो रहा था और मुझे मज़ा आ रहा था, लेकिन वो मना नहीं कर रही थी और उसे भी इस तरह की चुदाई में मज़ा आ रहा था, जिसमें डर के साथ आनंद भी था. उसकी चूत बहुत ही गर्म थी और मुझे मेरे लंड पर एहसास हो रहा था. फिर मैंने अपने धक्को की स्पीड तेज कर दी और उसे और ज्यादा मज़ा आने लगा, अब वो गंदी-गंदी गालियाँ देने लगी थी और जो मुझे ना जाने क्यों मीठी लग रही थी? अब उसकी चूत से बहुत सारा पानी निकल रहा था और जिससे पूच-पूच की आवाज़ आ रही थी. फिर में नीचे लेट गया और उसे अपने ऊपर लेकर उसकी चूत में लंड डाल दिया.
फिर उसने मेरे सीने पर हाथ रखा और सीधा बैठकर अपनी गांड हिलानी शुरू कर दी. मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो जलेबी बना रही है और अब में उसकी चूचियों को दबा रहा था तो कभी उसके निप्पल को मसलता तो कभी उसके होंठो को चूसता, अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. वो अब झड़ने वाली थी तो में और तेज़ी से धक्का मारने लगा और वो झड़ गयी और मेरे ऊपर निढाल होकर लेट गयी, लेकिन अभी तक मेरा नहीं हुआ था.
फिर मैंने उसे नीचे लेटा दिया और उसके पैरों को अपने कंधो पर रखकर लंड चूत में पेल दिया. फिर लगभग 5 मिनट के बाद में झड़ने के करीब आ गया और अब वो भी दुबारा झड़ने वाली थी तो मैंने उससे पूछा कि डार्लिंग कहाँ निकालूँ तो उसने बोला कि अंदर ही निकल दो. फिर 20-25 झटको के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और बिस्तर पर थककर पड़ गये. फिर कुछ देर तक बातें करने के बाद हम फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गये और हमने दो बार और चुदाई का खेल खेला. फिर हम जाने के लिए नहाकर तैयार हो गये, तभी कोई गेट पर दस्तक देता है तो में डर गया कि कौन है? लेकिन फिर सोचा कि लगता है पांडे का दोंस्त है तो में आराम से गया और गेट खोला और गेट खोलते ही मेरी तो फट गयी.
फिर मैंने देखा कि होटल में पुलिस की फ़्लाइंग आ गई थी और मेरे रूम में दो पुलिस वाले थे, एक हवलदार था और दूसरा इनस्पेक्टर था. अब वो लोग मेरे कमरे में घुस गये और पूछताछ करने लगे तो मेरी और प्रियंका की हालत तो भीगी बिल्ली की तरह हो गयी थी. अब हम दोनों की डर से गांड फट रही थी और पसीना छूट रहा था और पुलिस वाले हमें जैल ले जा रहे था. अब में उनके सामने गिड़गिडाने लगा और उसने हम दोनों का फोन भी ले लिया था, जिससे में किसी को कॉल भी नहीं कर सकता था और वो पांडे का दोस्त मादरचोद पता नहीं कहाँ था? फिर मेरे काफ़ी गिड़गिडाने के बाद वो बोला कि में इस लड़की की चूत मारूँगा, तभी तुम जैल जाने से बच सकोगें नहीं तो ब्लू फिल्म बनाने के जुर्म मे अंदर डाल दूँगा. फिर मैंने प्रियंका की तरफ देखा तो वो डरी हुई थी. फिर उसने कुछ सोचा और वो तैयार हो गई.
फिर इनस्पेक्टर ने उसे बेड पर ले जाकर किस करना शुरू कर दिया था और में और हवलदार थोड़ी दूरी पर खड़े हुए ये सब देख रहे थे. तभी हवलदार इनस्पेक्टर के पास गया और उसके कान में कुछ फुसफुसाने लगा और कमीनों वाली मुस्कान लेकर मेरे पास आ गया और बोला कि तुम तो बिल्कुल कुछ हर्जाना दिए बगैर छूट जाओगे, ये तो इंसाफी नहीं होगी. फिर उसने मेरी गांड पकड़ ली और बोला कि मुझे लड़को की गांड मारने का बहुत शौक है, तेरी गांड तो बहुत फूली हुई और नरम दिख रही है. फिर में ये सुनकर बहुत ज्यादा डर गया कि अब तो मेरी गांड मारी जायेंगी तो में रोने लगा कि प्लीज मुझे छोड़ दो प्लीज, लेकिन वो मानने को तैयार ही नहीं थे और वो अपने कपड़े उतारकर खड़ा हो गया, उसका लंड बहुत बड़ा और मोटा था, मेरी तो गांड और फट गयी. उधर दूसरी तरफ प्रियंका मादरचोद मज़े ले लेकर चुदवा रही थी, उस रंडी को तो बहुत मज़ा आ रहा था, साली कुत्तिया मादरचोद मेरी हालत पर हंस रही थी और बोली कि सुमित करवा लो बहुत मज़ा आयेगा, अब लंड खाकर देखो कितना मज़ा आता है.
फिर उस हवलदार ने मेरी पेंट उतार दी और में रो रहा था, लेकिन वो मेरी सुन नहीं रहा था और फिर मेरी चड्डी भी उतार दी और बोला कि चुपचाप से गांड मारने दो नहीं तो पूरे डंडे को तेरी गांड में डाल दूंगा. फिर मैंने सोचा कि अब में नहीं बचूँगा तो में बोला कि दो मिनट रूको फिर करना. फिर मैंने अपने आँसू पोंछे.
फिर थोड़ा पानी पिया और थोड़ा ठीक हुआ, अपने आपको संभाला और अपने आपको मानसिक रूप से चुदने के लिए तैयार किया. अब दूसरी तरफ प्रियंका घोड़ी बनकर चुद रही थी और मादरचोद हवलदार अपने लंड पर तेल लगाकर तैयार खड़ा था. फिर हवलदार ने मुझे घोड़ा बनाया और मेरी गांड के छेद पर तेल लगाया और फिर मेरी गांड के छेद पर अपना लंड रख दिया, मेरी तो फट रही थी. फिर मैंने अपनी आँखे बंद कर ली और दाँत दबा लिए. फिर उस मादरचोद ने एक ज़ोरदार धक्का मारा और उसका आधा लंड मेरी गांड में अंदर चला गया और मेरा कलेजा मुँह में आ गया और मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था.
फिर में चिल्लाने लगा और रोने लगा, मुझे बहुत दर्द हो रहा था और मुझे लग रहा था कि मेरी गांड से खून निकल जायेगा, लेकिन उस हैवान ने मुझे छोड़ा नहीं. फिर दूसरा धक्का मारा तो मुझे और ज्यादा दर्द हुआ और उसका पूरा लंड मेरी गांड में चला गया था. अब मुझसे दर्द सहन नहीं हो रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था कि में बेहोश हो जाऊंगा. फिर मैंने उससे बोला कि थोड़ा रूको, खैर वो मान गया और रुक गया. फिर जब मेरा दर्द कम हुआ तो वो फिर से चालू हो गया और धक्का मारने लगा. फिर कुछ देर के बाद मेरा दर्द कम हो गया और मुझे थोड़ा-थोड़ा मज़ा भी आने लगा था. फिर मैंने रोना बंद कर दिया था, प्रियंका मादरचोद मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी और तभी इनस्पेक्टर झड़ गया था, लेकिन मेरा वाला हरामी अभी तक लगा हुआ था. फिर कुछ देर के बाद वो भी मेरी गांड में झड़ गया, अब मुझे दर्द हो रहा था.
फिर पुलिस वालों ने अपने कपड़े पहने और चुपचाप मुस्कुराते हुए जाने लगे और मुझसे बोला कि कभी किसी का मजाक मत करना और वो कमरे से बाहर चले गये. अब मुझे कुछ समझ नहीं आया कि उसने ऐसा क्यों बोला? ख़ैर जाने दो में तो दर्द से तड़प रहा था और मेरा दिमाग़ काम नहीं कर रहा था. फिर मैंने भी अपने कपड़े पहने और बेड पर लेट गया, अब प्रियंका मेरे पास आई और बैठ गयी, लेकिन वो कुछ नहीं बोली. फिर मैंने थोड़ा आराम किया, अब शाम हो गयी थी और मुझे वापस होस्टल भी जाना था.
फिर हम लोगों ने होटल छोड़ दिया और पांडे का दोस्त रिसेप्शन पर नहीं था तो में दूसरे लड़के को चाबी देकर वहाँ से चला गया और प्रियंका अपने होस्टल चली गयी और मैंने कुछ खाया और फिर बस स्टेंड चला गया. फिर थोड़ी देर के बाद बस आई और में उस पर चढ़ गया और रास्ते में यही सब सोच रहा था, मुझे चलने में तकलीफ़ भी हो रही थी. फिर मैंने तय किया कि में इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताऊंग. रास्ता काफ़ी लंबा था तो में सो गया, लेकिन वो मादरचोद हवलदार मुझे मेरे सपने में भी आकर चोद रहा था और मेरी आँख खुल गयी.
फिर मैंने देखा कि रात हो गयी थी और बस इलाहबाद पहुँचने वाली थी. फिर मैंने बस स्टैंड से ऑटो किया और होस्टल पहुँच गया और रूम खुलवाया. फिर पांडे ने दरवाज़ा खोला और जैसे ही में अंदर घुसा तो फिर से मेरा कलेजा मुँह में आ गया था और मैंने देखा कि वही दो पुलिस वाले रूम में बैठे है, लेकिन वो वर्दी में नहीं थे. फिर मैंने पूछा कि तुम लोग यहाँ कैसे पहुंचे? तभी पांडे ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगा और उसने बताया कि ये लोग मेरे वाराणसी के दोस्त है और तुम्हारे साथ आज जो भी हुआ है वो सब मुझे पता है और मैंने ही ये सब प्लान किया था, क्योंकि तुमने मेरा बहुत मज़ाक बनाया था और मुझे बेइज़्ज़त किया है, मेरी खिल्ली उड़ाई है और मैंने इन सबका बदला लिया है. में चुपचाप खड़ा था और मुझे गुस्सा आ रहा था और बाकी सब मुझ पर हंस रहे थे और में अब जाकर समझा था कि पुलिस वाले ने जाते वक़्त ऐसा क्यों बोला था?
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