गर्लफ्रेंड और उसकी सहेली की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आर्यन है और में एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ और में देहरादून का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 21 साल है. में दिखने में बहुत अच्छा हूँ मेरा रंग गोरा है और में हर दिन जिम भी जाता हूँ. दोस्तों मुझे पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और में जब भी फ्री होता हूँ तो इसकी कहानियाँ पढ़ने लगता हूँ. दोस्तों आज में आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ.
दोस्तों मेरी गर्लफ्रेंड का नाम पूजा है और वो हरिद्वार की रहने वाली है और मेरे साथ मेरी कम्पनी में नौकरी करती है और हम दोनों का चक्कर पिछले 6 महीने से चल रहा है. दोस्तों वो एक सामान्य परिवार से है, उसका रंग एकदम दूध जैसा सफेद है और उसकी गांड एकदम मस्त है, लेकिन उसके फिगर का तो क्या कहना? वो एकदम अच्छे आकार के है जिसको देखकर में शुरू से ही उसकी तरफ आकर्षित हुआ उसके वो हॉट, सेक्सी बूब्स उसके कपड़ो से हमेशा बाहर आने को तैयार रहते और में उन्हें घूर घूरकर देखता रहता और मन ही मन उसकी चुदाई के सपने देखता रहता था.
दोस्तों उसके फिगर का साईज 30-28-32 है और अब तो आप समझ ही गये होंगे कि वो क्या चीज़ है और दिखने में कितनी और सेक्सी है? हम दोनों जब भी मिलते थे तो किसिंग ही करते थे और उससे ज़्यादा उसने मुझे कभी भी कुछ नहीं करने दिया, लेकिन में उसको हमेशा चोदने’ के बारे में सोचता रहता था, लेकिन मुझे कोई अच्छा मौका नहीं मिल रहा था जिसका फायदा उठाकर में अपने मन की सभी इच्छाओं को उसके साथ पूरा कर लूँ, लेकिन एक दिन उस भगवान ने मेरे मन की बात सुन ली और दिन उसने मुझे अपने रूम पर बुलाया, उस दिन उसका जन्म दिन था इसलिए में एक अच्छा सा गिफ्ट लेकर उसके रूम पर पहुँच गया और मैंने वहां पर पहुंच कर देखा कि वो उस समय अपने रूम पर बिल्कुल अकेली थी और मुझे नहीं पता था कि उसकी फ्रेंड रजनी भी उस समय उसके रूम पर आई हुई है और वो उस समय बाथरूम में नहा रही थी.
फिर मैंने जाते ही उसे जन्मदिन की बधाई दी और अब में उसको चूमने लगा. दोस्तों वैसे उसकी फ्रेंड भी हम दोनों के चक्कर के बारे में सब कुछ जानती थी, अब मैंने पूजा से बोला कि तुम्हे तुम्हारा गिफ्ट मिल गया और अब तुम मुझे भी मेरा गिफ्ट दे दो, वो समझ गई और बोली कि वो समय आने पर में तुम्हे जरुर दे दूँगी. फिर इतने में उसकी फ्रेंड भी नहाकर बाहर आ गई. तभी एक जोरदार तूफान आया और अचानक बहुत ज़ोर से बारिश होने लगी और बिजली कड़कने लगी जिसकी आवाज सुनकर वो एकदम मुझसे लिपट गई और कुछ देर बाद उसने मुझे छोड़ दिया, मुझसे अलग हुई और फिर कुछ देर बाद मैंने उनके साथ खाना खाया और कुछ देर इधर उधर की बातें करके में उनको बाय बोलकर अपने घर पर जाने लगा तो पूजा ने मुझे जाने से मना कर दिया.
उसके बाद वो फ्रेश होने चली गई तो में रजनी के साथ बैठकर इधर उधर की बातें करने लगा वो भी बहुत हॉट थी और बहुत सुंदर भी थी. उसने उस समय पंजाबी सलवार कमीज़ पहन रखा था जिसमे वो आज कुछ ज्यादा ही सुंदर लग रही थी. अब मैंने उससे कुछ देर बाद बातों ही बातों में पूछा कि क्या आपका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है? तो उसने थोड़ा सा शरमाकर अपना सर हिलाकर मुझसे मना कर दिया और उसकी उम्र भी पूजा जितनी थी और इतने में पूजा भी नहाकर बाहर आ गई. दोस्तों पूजा तो क्या मस्त कयामत लग रही थी, उसने पटियाला सूट पहन रखा था और मेरी नजर तो अब उसके जिस्म से एक पल भी हटने को तैयार नहीं थी. में उसको घूर घूरकर देखे जा रहा था. तभी उसने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि क्यों क्या आज मुझे पूरी तरह से खा ही जाओगे?
फिर मैंने अपनी नजर को उसके ऊपर से हटाकर मुस्कुराने लगा और वो अब मेरा मतलब बिना कहे ही समझ चुकी थी. दोस्तों उस रूम में एक फोल्डिंग बेड था और एक दूसरा हमेशा बिछा रहने वाला बेड था. अब हम दोनों पूजा और में एक बेड पर एक साथ एक दूसरे की बाहों में लेटे हुए टीवी देख रहे थे और रजनी उस फोल्डिंग वाले बेड पर सो रही थी.
फिर कुछ देर बाद मैंने पूजा के कान में कहा कि आज मौसम भी बहुत मस्त हो रहा है और आज तुम्हारा जन्मदिन भी है. तुम कहो तो में आज तुम्हे जन्नत की सैर करवा दूँ? तो उसने झट से मेरी बात के लिए हाँ कर दिया और फिर बोली कि रजनी को सो जाने दो उसके बाद तुम्हे जो करना है कर लेना और अब हम दोनों बहुत बेसब्री से रजनी के सोने का इंतजार करने लगे, लेकिन वो शायद हमारे मन की बात को समझकर बहुत जल्दी दूसरी तरफ अपना मुहं करके सो गई थी. फिर सबसे पहले मैंने पूजा के होंठो को चूमा और अपनी जीभ को उसके मुहं में अंदर तक डालकर बहुत देर तक बहुत मज़े लिए और फिर आहिस्ता आहिस्ता उसके गाल पर, गर्दन पर, उसकी छाती पर किस करने लगा और वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी.
फिर मैंने उसके बूब्स के करीब पहुंचकर उसके सेक्सी बूब्स को सहलाया और मसलने लगा तो वो अब धीरे धीरे गरम होने लगी थी और सिसकियाँ लेने लगी थी. फिर मैंने उसका वो जोश देखकर अपने कपड़े उतार दिए और जब में अपने कपड़े उतार रहा था तो रजनी भी अचानक से हमारी तरफ पलटकर मुस्कुराते हुए मुझे देख रही थी, अब में उसके सामने बिल्कुल नंगा हो गया और अब मेरा वो 7.5 इंच का लंड देखकर वो दोनों अचानक से डर गई और फिर पूजा मुझसे डरते हुए बोली कि तुम्हारा यह तो बहुत मोटा, लम्बा है और यह तो आज मेरी जान ही निकाल देगा, रहने दो में तो कुछ भी नहीं करूंगी.
मैंने उसे अब बहुत प्यार से बहुत देर तक समझाया और मैंने उससे कहा कि अगर तुम्हे थोड़ा भी दर्द होतो तो तुम मुझे मना कर देना, में तुम्हे वहीं पर वैसे ही छोड़ दूंगा, लेकिन प्लीज एक बार मुझे आगे बढ़ने का मौका तो दो और थोड़ा बहुत दर्द तो सबको होता है, लेकिन उसके बाद सबको बहुत मज़ा भी तो आता है और अब वो मेरे बहुत समझाने पर मान गई. अब में उसको एक बार फिर से गरम करने लग गया और उसके बूब्स को दबाने लगा.
वो अब ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी और रजनी भी हमे यह सब करते हुए देखकर दूर से ही गरम होकर जोश में आकर सिसकियाँ लेने लगी और अब मैंने पूजा के बचे हुए सारे कपड़े उतार दिए और उसे पूरी नंगी कर दिया और अब उसकी वो रसीली, कामुक चूत को देखकर मेरे मुहं में अचानक से पानी आ गया. तभी कुछ देर बाद हमने अपने साथ में रजनी को भी अपने बेड पर बुला लिया और उसके कपड़े भी पूरे उतार दिए और उसको भी पूरी नंगी कर दिया.
फिर मैंने देखा कि उन दोनों की चूत पानी एक एक बार छोड़ चुकी थी और मैंने सबसे पहले पूजा की जाँघो के बीच में जाकर उसकी रसीली चूत को चाट चाटकर बहुत अच्छी तरह से साफ कर दिया पूजा ने मेरे सर को बहुत दम लगाकर अपनी चूत में दबाया और अपने चूतड़ को उठा उठाकर चूत को मुझसे साफ करवाया और इस बीच पूजा का एक बार फिर से पानी निकल गया था और वो झड़कर बिल्कुल निढाल होकर चुपचाप पड़ी रही और में उसकी चूत को चूसता, चाटता रहा.
मैंने उसे बहुत अच्छी तरह साफ कर दिया और मैंने वो सारा रस पी लिया. अब मैंने रजनी की चूत को भी चाटा और उसने भी कुछ देर के बाद पानी की धार को मेरे मुहं पर छोड़ दिया मैंने उसकी चूत को भी चाटकर साफ कर दिया. अब मैंने उन दोनों को मेरा लंड चूसने के लिए बोला तो पूजा मना करने लगी, लेकिन रजनी ने झट से मेरे लंड को अपने मुहं में ले लिया, क्योंकि मेरा लंड बहुत मोटा था और अब वो लोलीपोप की तरह लंड को बहुत मज़े लेकर चूसने लगी, मुझे तो मानो जैसे जन्नत मिल गई हो, लेकिन थोड़ी देर चूसने के बाद मेरा वीर्य निकल गया और अब उसने सारा का सारा पी लिया.
अब मैंने पूजा के दोनों पैरों के बीच में आकर उसके पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया जिससे उसकी चूत ऊपर की तरफ उठ गई और फिर में अपना 7.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा. वो बिल्कुल बैचेन सी हो गई और बोलने लगी कि प्लीज जानू अब चोद दो मुझे जानू अब मुझे और मत तरसाओ, में अब और नहीं रह सकती, आईईइ प्लीज थोड़ा जल्दी से मेरी चूत को ठंडा कर दो उह्ह्हह्ह. तो मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगाकर एक ज़ोर का धक्का मारा तो लंड का सुपाड़ा चूत के अंदर फिसलकर चला गया और पूजा ज़ोर से चीखने, चिल्लाने लगी. यह सब देखकर रजनी बिल्कुल पागल हो रही थी और वो भी अब मुझसे चोद दो मुझे भी प्लीज अब मुझे भी चोद दो बोले जा रही थी.
फिर मैंने थोड़ी देर पूजा को किस करते हुए उसे बहुत अच्छा महसूस करवाया और फिर वो अपनी गांड हिलाकर मुझसे चोदने के लिए बोलने लगी और फिर मैंने उसे 6-7 धक्को में अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया. वो बहुत ज़ोर ज़ोर से रोने लगी, शायद उसकी सील टूट गई थी इसलिए वो इतना चिल्ला रही थी. फिर मैंने थोड़ी देर रुककर एक बार फिर से धक्के मारने चालू किए, लेकिन में इस बार बिल्कुल भी नहीं रुका और मैंने 15 मिनट जमकर पूजा की चूत को चोदा, उसके बाद मेरा वीर्य निकल गया और मैंने अपने वीर्य से उसकी चूत को भर दिया. वो भी पहले दो बार झड़ चुकी थी और तीसरी बार मेरे साथ झड़ गई और जब मेरा लंड सिकुड़कर उसकी चूत से बाहर आया तो मैंने अपने लंड पर बहुत सारा खून देखा जो उसकी चूत का था. शायद अब उसकी चूत फट चुकी थी और चूत से मेरा और उसका गरम गरम लावा बाहर आ रहा था और थोड़ी सा खून भी बाहर निकल रहा था.
अब पूजा आराम से एकदम सीधी होकर लेट गई, क्योंकि वो अपनी चूत में बहुत दर्द महसूस कर रही थी और इस बात का फायदा उठाकर रजनी ने मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसा और खड़ा कर दिया. फिर उसके बाद मैंने रजनी को भी बहुत जमकर चोदा, हमारी यह चुदाई कम से भी कम एक घंटा लगातार चली थी जिसमे 25 मिनट पूजा के साथ और 35 मिनट रजनी के साथ सेक्स किया क्योंकि मेरा वीर्य दो बार पहले ही निकल चुका था इसलिए मुझे रजनी को चोदते समय झड़ने में बहुत समय लग गया और अब जब में रजनी की चूत में झड़ा तो वो भी मेरी इस चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट होकर बहुत खुश हो गई और अब हम तीनों एक साथ एक ही बेड पर बिल्कुल नंगे होकर एक ही रज़ाई में सो गये. में उन दोनों के बीच में था और वो दोनों मेरे आस पास लेटी हुई थी.
फिर में एक एक करके बारी बारी से उनके बूब्स को मसलता, दबाता, चूसता रहा और मैंने उस रात उन दोनों को करीब दो दो बार चोदा और फिर हम सो गए. दोस्तों वो दोनों अब भी मुझसे कई बार एक साथ चुद चुकी है और मैंने उनकी गरम चूत को चोदकर ठंडा किया है.
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माँ ने दूध वाले को दूध पिलाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विक्रम है और में आप लोगों को अपनी माँ की चुदाई की कहानी बताऊंगा कि कैसे मेरी माँ ने दूध वाले को अपना दूध पिलाया और उसके काले लंड के मज़े लिए? दोस्तों मेरी माँ का नाम सपना है और हम एक सामान्य परिवार से है, में फरीदाबाद में रहता हूँ. मेरे घर में मेरे मम्मी पापा है, बस पापा का अपना काम है. में कभी काम पर पापा के साथ तो कभी मस्ती बस यही मेरा काम है, मेरी माँ हाऊसवाईफ है और उम्र 48 साल, फिगर 36-34-38 है. अब में सीधा कहानी पर आता हूँ, दोस्तों में रोज की तरह ही काम पर जाता था, लेकिन जाता नहीं था बस मस्ती करता था.
एक दिन में घर पर वापस एक काम से पेपर लेने आया और घर की एक चाबी मेरे पास भी है तो मैंने आराम से गेट खोला और अंदर आ गया. जैसे ही में घर के अंदर आया तो मुझे माँ की हंसने की आवाज़ आ रही थी और साथ में कोई आदमी भी था. अब में समझ गया कि बेटा तू आज टाईम से ही आया है और में आराम से अंदर की तरफ गया और जैसे ही खिड़की के पास खड़े होकर देखा तो में वहीं खड़ा हो गया. मैंने अंदर देखा कि मेरे दूध वाले अंकल थे और मम्मी उनके बिल्कुल पास बैठी थी और वो दोनों हंस हंसकर बात कर रहे थे. फिर उन अंकल ने बोला कि भाभी आप बहुत अच्छी हो और बहुत मज़ाक करती हो, घर में आपके साथ तो दिल लग जाता है. तो माँ ने बोला कि अरे कहा भाई साहब बस यहाँ वहाँ की कर लेती हूँ और भाभी जी कैसे है? बच्चे कैसे है? ऐसे ही बात चल रही थी.
अब में हैरान था कि आज सब कुछ नॉर्मल कैसे है? फिर थोड़ी देर ऐसे ही बात होती रही, अब में देखता रहा. फिर अंकल ने बोला कि भाभी जी भाई साहब आपको खुश नहीं रखते क्या? तो माँ बोली नहीं ऐसी बात नहीं है, लेकिन में कुछ ज़्यादा ही खुश रहना चाहती हूँ ना. फिर अंकल माँ के बूब्स के पास हाथ लगाकर बोले आज दूध पिला दो भाभी. फिर माँ ने बोला कि पी लो मैंने कब मना किया है, फिर अंकल ने माँ के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया.
अब माँ बस हाहाअ उम्म्म्मम कर रही थी, फिर अंकल ने माँ को लिप किस किया और माँ के ब्लाउज को उतार दिया और हाथ से दबाने लगा और ब्रा भी उतार दी. फिर थोड़ी देर किस करने के बाद वो नीचे आकर माँ के बूब्स को चूसने लगा और बोला कि भाभी आज सारा दूध पी जाऊंगा, भैया के लिए कुछ नहीं छोडूंगा. तो अब माँ बोल रही थी कि पी लो, आपके भैया तो आपका लाया हुआ दूध ही पी लेंगे, ये आप पी लो और अंकल जैसे छोटे बच्चे दूध पीते है वैसे चूसने लगे. अब माँ बस हाहाअ उम्म्म आराम से कर रही थी और उनके सिर पर हाथ फैर रही थी.
फिर अंकल अपने एक हाथ से माँ की साड़ी उतारने लगे, लेकिन माँ बैठी थी तो साड़ी उतर नहीं रही थी. फिर अंकल ने माँ को खड़ा करके माँ की साड़ी उतार दी और पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया. अब माँ बस पेंटी में थी और फिर उसने माँ को अपनी गोद में बैठा लिया और दूध पीने लगा. फिर माँ ने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए और माँ ने बोला कि सब उतार दो ना. फिर अंकल ने उठकर अपने सारे कपड़े खोल दिए और माँ की पेंटी भी उतार दी. माँ की चूत पर हल्के-हल्के बाल थे और फिर अंकल ने हाथ लगाकर बोला कि भाभी आज बाल साफ़ नहीं किए. तो माँ ने बोला कि मुझे क्या पता था कि आज तुम आ जाओंगे नहीं तो करके रखती? फिर माँ ने उनके लंड पर हाथ रखा और उनके लंड को दबाने लगी, उसका लंड एकदम काला था और माँ की चूत एकदम गोरी थी.
फिर अंकल ने माँ को बेड पर लेटा दिया और माँ की चूत पर किस करने लगे तो माँ एकदम से मचलने लगी और वो माँ की चूत में उंगली डालने लगा. अब माँ को बहुत मज़ा आ रहा था, फिर थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद अंकल ने अपने लंड की तरफ देखकर माँ से बोला कि भाभी थोड़ा प्यार इसे भी दे दो. तो माँ ने कहा कि लाओ में इसे बहुत प्यार करुँगी, थोड़ा क्यों? तो अंकल ने माँ की तरफ अपना लंड कर दिया और उनकी चूत चाटने लगा, अब माँ अंकल का काला लंड अपने मुँह में लेकर चूस रही थी. फिर ऐसे ही थोड़ी देर तक करने के बाद अंकल ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और माँ से बोला कि भाभी कंडोम दो. फिर माँ ने उसे कंडोम निकाल कर दिया, फिर अंकल बोले कि लगा दो तो माँ ने उनके लंड पर कंडोम लगा दिया. फिर अंकल ने माँ की चूत के पास लंड रखकर हल्का सा टच किया तो मेरी माँ उम्म्म्मम करने लगी और बोली डाल दो अब इसे.
फिर अंकल ने माँ की चूत पर अपना लंड हल्का सा अंदर किया, अब अंकल का लंड आराम से माँ की चूत में जा रहा था. इससे सब पता चल रहा था कि माँ बहुत चुदती है और अंकल ने माँ की चूत में अपना पूरा लंड डाल दिया और उनके ऊपर आकर दूध पीने लगे और आराम-आराम से चूत मारने लगे. फिर थोड़ी देर तक आराम से मारने के बाद अंकल ने अपनी स्पीड तेज कर दी और अंदर ही फ्री हो गये, लेकिन उन्होंने कंडोम लगा रखा था तो कोई प्रोब्लम नहीं थी और माँ के ऊपर ही लेट गये. अब माँ भी शायद झड़ चुकी थी, अब वो उनके सिर पर हाथ घुमा रही थी और वो माँ का दूध पी रहा था. फिर अंकल उठे और कपड़े पहने लगे, फिर माँ ने उनके लंड से कंडोम निकाला और लंड चूसकर पूरा साफ किया और अपने कपड़े पहन लिए. फिर में गेट को लॉक करके बाहर चला गया और फिर अंकल भी थोड़ी देर के बाद जब चले गये तो उसके 20 मिनट के बाद में घर पर आया और दरवाजे की घंटी बजाकर पेपर लेकर वापस चला गया, जैसे मुझको कुछ पता ही नहीं हो.
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पहले प्यार में रंडी बनकर चुदी

हैल्लो दोस्तों, मेरी इस साईट पर ये पहली कहानी है. दोस्तों मेरा नाम रूचि है और में पटना बिहार से हूँ, मेरी लंबाई 5 फुट 7 इंच है और में दिखने में गोरी हूँ और मेरी पूरी बॉडी पर एक भी बाल नहीं है. मेरा फिगर साईज 36-33-35 है. ये कहानी तब शुरू हुई जब मैंने डेंटल कॉलेज में अपना ग्रेजुयेशन शुरू किया था. में रैगिंग में ही कुछ सीनियर्स कि नजर में चढ़ गई थी, पता नहीं उन्होंने पहले ही दिन कितना मुठ मारा होगा? लेकिन मैंने किसी को भी भाव नहीं दिया. फिर पहला साल गुजरने के बाद मुझे प्रेक्टिकल एग्जॉम में अपने कॉलेज का प्रोजेक्ट वर्क होता था, जिसमें मरीज को देखना होता था.
अब हर नॉर्मल दिन की तरह उस दिन भी मेरा प्रेक्टिकल एग्जॉम था और मेरे पास एक मरीज आया था, वो करीब 22 साल का था, लेकिन सच में बहुत सुंदर और मस्त बंदा था. मेरा दिल एक ही बार में फिसल गया. अब में उसे घूर रही थी और ये बात उसने भी नोटीस कर ली थी. अब मुझे उसके दाँत की फिलिंग करनी थी, पहला दिन तो बिना कुछ बोले ऐसे ही चला गया.
फिर अगली बार वो जब आया तो वो मेरे लिए एक गिफ्ट लेकर आया तो मैंने ले लिया और फिर मेरी उससे बहुत सारी बातें हुई. फिर उसने मेरे बारे में सब कुछ पूछा और बताया भी और फिर मुझसे मेरा फोन नम्बर ले लिया. दोस्तों पता नहीं मुझे क्या हुआ था? अब रात के 11 बज रहे थे और अब मेरी आँखों में जैसे नींद थी ही नहीं, बस बहुत बेताबी सी थी. फिर अचानक से मेरा फोन बजा तो मैंने एक रिंग में ही फोन उठा लिया और अब मेरी साँसे बहुत तेज चल रही थी, उसने मुझसे पूछा कि में अभी तक सोई क्यों नहीं हूँ?
में : वो किसी चीज़ का बहुत बेसब्री से इंतजार कर रही थी.
वो : जानता हूँ डियर, आप मेरे कॉल का ही इंतजार कर रही थी.
फिर उसने मुझसे बिना कुछ सोचे समझे कहा रूचि जी आई लाइक यू वेरी मच.
में : मी टू.
वो : आई लव यू रूचि जी.
में : मी टू बहुत सारा.
फिर हमारी इधर उधर की बातें हुई और अचानक से उसने कहा.
वो : आप बैठकर बात कर लीजिए नहीं तो थक जायेंगी.
में : आपको कैसे पता में चल रही हूँ?
वो : बताऊँ, बुरा तो नहीं मानोगे.
में : अरे आप भी ना, प्यार किया है तो हक़ से बोलिए.
वो : आपके दूध कुछ ज़्यादा बाउन्स हो रहे है, ब्रा नहीं पहनी क्या?
में : हटो आप भी ना, वैसे आपको कैसे पता चला कि मैंने ब्रा नहीं पहनी है?
वो : बस पता चल गया, खैर में कल भी एक सेशन के लिए हॉस्पिटल आऊंगा, कुछ गिफ्ट चाहिए?
में : नहीं, में क्या कहूँ? जो आपको अच्छा लगे वो लेते आना.
वो : ठीक है.
फिर हमने फोन रख दिया, फिर वो अगले दिन हॉस्पिटल आए और अपने साथ एक गिफ्ट भी लाए, लेकिन मैंने उसे उस समय ओपन नहीं किया. फिर मैंने उन्हें ट्रीट करना शुरू किया, तो उन्होंने मेरे बूब्स को ही दबा दिया, में तो ज़ोर से चीख पड़ी और अटेंडर अंदर आया कि क्या हुआ मेडम?
में : कुछ नहीं, आप जाओ और मैंने रूम लॉक कर दिया.
फिर जैसे ही में पीछे मुड़ी तो वो मेरे एकदम करीब थे और मुझे बाहों में ले लिया और कसकर मेरे लिप्स को चूम लिया, वाउ क्या एहसास था? अब मेरे पैर कांपने लगे थे. फिर मैंने उन्हें रोका और जल्दी-जल्दी अपना काम पूरा किया और हॉस्पिटल से निकल गई. अब वो नीचे अपनी कार में मेरा इंतजार कर रहे थे. फिर में उसमें बैठ गई और उन्होंने मुझे उस दिन बहुत किस किए और मेरे बूब्स को कपड़े के ऊपर से ही दबाया. लेकिन बहुत दबाया तो मैंने घर आकर जब देखा तो मेरे बूब्स एकदम लाल हो गये थे और उनकी उंगलियों के निशान थे, अब मैंने शॉवर लिया और खाना खाया और सोने चली गई. तब उनका फोन आया तो उन्होंने पूछा कि मैंने उनका गिफ्ट खोला या नहीं.
में हैरान रह गयी और में गिफ्ट के बारे में बिल्कुल भूल गई थी. फिर मैंने झट से गिफ्ट खोल दिया. उन्होंने मुझे एक सिल्की बिकनी गिफ्ट की थी, वो लाल कलर की थी और पारदर्शी थी. अब में बिल्कुल शरमा गई थी. फिर उन्होंने बोला ट्राई करने को, तो मैंने कहा ओके में आपको दो मिनट में कॉल करूँगी.
वो : नहीं बिल्कुल नहीं, आप बिना कॉल बंद किये ट्राई कीजिए.
फिर मैंने पहले अपने सारे कपड़े उतारे और फिर मैंने उनका गिफ्ट पहन लिया. अब मुझे ऐसा लगा ही नहीं कि मैंने कुछ पहना हुआ भी है या नहीं. अब में कांच के सामने बिल्कुल मस्त माल लग रही थी. फिर उस दिन मैंने प्लान बनाया कि हम दोनों 3 दिन के लिए बाहर चलते है और हम 3 दिन बिल्कुल साथ रहेगें. फिर मैंने उसी समय घरवालों से बोला कि मुझे कॉल आया था कि मुझे 3 दिन के लिए बाहर जाना होगा. फिर अगले दिन सवेरे-सवेरे उन्होंने मुझे पिक किया और हम दोनों आउट एरिया पर एक होटल में रुके. फिर एक दिन सवेरे 9 बजे में रूम में फ्रेश हुई तो जब में बाहर आई तो मैंने देखा कि वो सिर्फ़ अंडरवेयर में थे, वाह्ह मर्द कितना अच्छा लगता है? में आपको बता नहीं सकती.
वो : क्या देख रही है?
में : कुछ नहीं.
अब में उनकी बाहों में भाग कर गई और उन्हें बेड पर धक्का दिया और उन्हें किस करने लगी. फिर थोड़ी देर के बाद वो मेरे ऊपर थे और मेरे होंठो को चूस रहे थे. अब उनकी जीभ मेरे मुँह के अंदर थी और अब वो मेरी तो बिल्कुल नहीं सुन रहे थे. फिर उन्होंने मेरी ड्रेस नहीं उतारी और उसको फाड़ दी और मेरे बूब्स को चूसा, नोचा, उस पर थप्पड़ मारा. ओह अब मेरी तो जान निकल रही थी, लेकिन मैंने सोचा कि ऐसा ही होता होगा, मेरा पहली बार था इसलिए मैंने सब सहन किया. फिर मैंने कहा कि मुझे आपको नंगा देखना है.
वो : तो साली उतार ले, तुझे किसका इंतजार है.
अब में हैरान हो गई थी और जैसे ही मैंने उनकी अंडरवियर उतारी तो उनका वो कितना गन्दा और काला था, फिर उन्होंने कहा.
वो : देख लिया ना, चल अब मुँह में ले और चूस, जब तक में रुकने को ना बोलूं रुकना मत.
मैंने मना किया कि में ऐसा नहीं करूँगी, तब उन्होंने मुझे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटाकर मेरी सलवार फाड़ दी, मैंने अन्दर पेंटी नहीं पहनी थी.
अब मेरी बुर (चूत) पहले से ही गीली थी. अब पहली बार माँ बाप के और खुद के अलावा कोई मुझे नंगा देख रहा था. अब मुझे थोड़ी शर्म तो आ रही थी, लेकिन सब ठीक था. फिर उन्होंने मेरे होंठ को चूमा और चूत सहलाने लगे, क्या मजा आ रहा था? में बता नहीं सकती. फिर धीरे-धीरे वो मेरे पैरों के बीच में आ गये और मेरी चूत को चाटने लगे. अब में कभी सोच भी नहीं सकती थी कि ऐसा भी होता होगा, अब में तो सातवें आसमान में थी. फिर वो धीरे-धीरे मेरी चूत में अपनी जीभ घुसाने लगे, ओह में तो बता भी नहीं सकती कि मैंने क्या किया? अब मैंने उनके मुँह पर ही मूत दिया, लेकिन वो फिर भी नहीं हटे और मेरा मूत पीने लगे, अब उन्होंने इतना किया तो मैंने भी सोचा कि उनका ख्याल तो मुझे भी रखना चाहिए, फिर जैसे तैसे में अपने घुटनों के बल बैठी और उनका लंड पकड़ लिया और अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी, जब मैंने उनके मुँह से आवाज सुनी.
वो : ओह मेरी जान कमिनी रंडी तू, कितना मस्त लंड चूसती है? अब मुझे लगा कि में उन्हें मज़ा दे रही हूँ.
अब में और ज़ोर से उनका लंड चूसने लगी और वो और भी मस्त होते गये. अब साथ में उनका लंड भी फूलता गया. अब में सही से तो नहीं जानती थी, लेकिन उनका लंड जैसे तैसे मेरी मुट्ठी में आ रहा था और मुँह के अंदर जाने में अब दिक्कत हो रही थी. अब उन्होंने मेरे मुँह में ही अपना सफेद पानी छोड़ दिया. फिर उन्होंने मुझसे बोला कि कुत्तिया बन जा तो में बन गई और अब मेरी चूत में धीरे-धीरे कुछ गर्म लोहे जैसा घुसने की कोशिश कर रहा है, लेकिन मेरी सील बंद थी जिससे उनका लंड बार-बार फिसला जा रहा था.
फिर मैंने खुद अपने हाथ से पकड़कर उनका लंड अपनी चूत पर सटाया और धक्का मारने को बोली. ओह में तो जैसे सन्न रह गई, अब मेरी आँखों से आसूं निकलने लगे थे, लेकिन वो जल्लाद बन चुके थे. फिर वो एक मिनट रुके और उसके बाद मेरे मुँह पर हाथ रखा और ज़ोर से धक्का मार दिया. अब मेरी साँस लगभग बंद हो चुकी थी और अब में पूरी बेहोश हो चली थी. फिर वो 5 मिनट रुक गये और अब में तब तक कुत्तिया ही बनी रही, फिर धीरे-धीरे उन्होंने आगे पीछे होना शुरू किया और थोड़ी देर के मीठे दर्द के बाद अब में भी मस्त चुद रही थी, उस वक़्त में पता नहीं कैसे बोल रही थी?
में : ओह एस ओह अह्ह्ह्ह चोदो मुझे, और ज़ोर से अह्ह्ह मज़ा आ रहा है.
वो : हाँ मेरी रांड, ये ले रंडी साली कुत्तिया धंधे वाली.
फिर उन्होंने मुझे करीब 45 मिनट तक चोदा और उन्होंने अपना सारा माल मेरी चूत में ही गिराया. में उस पल को कभी नहीं भूल पाऊँगी, जब उनका सारा माल मेरी चूत में जा रहा था, लेकिन मैंने कभी ये नहीं सोचा था कि जिससे इतना प्यार किया, वो ही मुझे रंडी बनायेगा और कुतिया बनाकर चोदेगा.
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सोनाली के जिस्म की आग

हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम साजिद है. दोस्तों दोस्ती हमें प्यार का मौका देती है और प्यार हमे इन्सान के रूह और जिस्म तक पहुँचने का मौका देती है, लेकिन कैसे कोई अजनबी हमारा दोस्त बन जाता है और फिर हमारे बीच वो सब हो जाता है, जो किसी के लिए सपना है तो किसी के लिए हक़ीक़त कुछ ऐसी ही हक़ीक़त मेरे साथ हुई है जो सुनने के बाद शायद आप भी सोचने लगे कि काश ऐसा होता. दोस्तों ये कहानी है मेरी और सोनाली की.
मैंने नया नया जॉब शुरू किया था और कंपनी मे नया था और सब मुझे जूनियर के तरह व्यहवार करते थे, लेकिन मैंने अपने व्यवहार की वजह से सबको खुश रखा है और जैसे जैसे वक़्त निकला वेसे दोस्त बने, लेकिन दुश्मन भी बनने लगे और इसका कारण था मेरी और सोनाली के बीच की केमिस्ट्री और ये तब शुरू हुआ जब पहले दिन एक कॉन्फ्रेंस मे मुझे फर्स्ट प्राईज़ मिला. में बहुत खुश था और सोनाली मुझसे काफी प्रभावित थी.
उसके बाद बस मुझे एक अच्छा दोस्त मिल गया, जिस सोनाली को में 20-25 दिनों से देखता रहता था, आज वो मेरे पास बैठती है और कंपनी के लोग मुझसे जलते है और अब इसमें में क्या करूँ? सोनाली अब मेरी बहुत अच्छी दोस्त बन गयी थी, हम साथ मे लंच करते थे और साथ मे एक ही ऑटो से वापस अपने घर भी जाते थे, मेरे ऑफिस के ही कुछ लड़के अपनी बुरी नजर उस पर लगाये बैठे थे और जिसका आभास मुझे पहले हो चुका था, लेकिन में सामान्य लड़का हूँ, इसलिये सोचा कि जाने दो और जिस दिन ये बात सामने आ जायेगी तो उस दिन उन्हें उनकी औकात बता दूँगा.
फिर वो दिन आ ही गया, कंपनी की तरफ से सिर्फ़ तीन स्टाफ के लोगों को सिंगापुर भेजा जा रहा था जिनमें में, सोनाली और मेरा दोस्त अक्षय था. दोस्तों हमारे बीच अब दोस्ती से ज़्यादा कुछ एहसास दिल मे आ चुका था, लेकिन उसने कभी ऐसा महसूस नहीं होने दिया और न ही मैंने. सोनाली एक लंबी गोरी और मस्त लड़की थी, उसका फिगर 32-30-36 था और उसकी गांड बहुत बाहर निकली हुई थी, जो उसे एक मस्त आईटम बनाती थी, उस दिन शॉपिंग मोल कुछ खाली था, क्योंकी उस दिन बहुत तेज़ गर्मी थी, जब हम मोल गये तो वो गर्ल्स सेक्शन मे चली गयी और में उसे इज़्ज़त देते हुए वहां से निकल आया, लेकिन ना जाने उसके दिमाग़ मे क्या आया और वो मेरे लिए एकदम अलग था.
उसने मुझे बुलाया और कहा कि साजिद अगर में कप शेप ब्रा पहनूं तो में कैसी लगूंगी, ये सुनते ही में तो हिल गया और मैंने कहा कि क्या तुम पागल हो गयी हो, कोई ये सवाल एक लड़के से पूछता है क्या और जानते हो दोस्तों उसने नज़रे घुमाकर इतराते हुए कहा कि अब पति से क्या छुपाना तो में हैरान रह गया और अंदर ही अंदर मुस्कुराने लगा पति? कौन में? तुम पागल हो क्या? फिर मैंने भी उसके बाद उसके मज़े लेने शुरू कर दिए और हंसने लगा, उसने शायद ज़्यादा ध्यान नहीं दिया और हाथ मे जो उसके ब्रा थी तो उसने वो मुझ पर ही फेंक दिया और हंसने लगी. फिर मैंने भी उस ब्रा को अपने होठों से चूम लिया और वो अपनी आँखें फाड़कर मुझे देख रही थी.
फिर मौके को देखते ही हमने एक दूसरे को अपनी बाहों मे भर लिया और हम एक दूसरे को किस करने लगे. फिर मैंने उसके बालों मे हाथ फेरा और उसके माथे पर किस देते हुए उसे कहा कि सोनाली आई लव यू और उसने मुझे एक थप्पड़ मारा और कहा नो आई नोट लव यू, में शॉक्ड रह गया तो उसने मुझे हँसते हुए कहा अभी जवाब नहीं दूँगी अच्छा मौका तो आने दो और उसने मुझे आँख मार दी. उसके बाद मोल मे भीड़ बड़ने लगी तो हम वहां से निकल आए और सिंगापुर जाने की तैयारी करने लगे.
अगले दिन हम फ्लाइट से सिंगापुर पहुँचे और वहां हमारे लिए 3 रूम बुक थे, लेकिन मेरा और अक्षय का रूम एक अपार्टमेंट मे था और उसका दो अपार्टमेंट के बाद. दोस्तों हमें वहा तीन दिन रुकना था, जब हमे ये पता चला तो मेरे दिमाग़ मे तब तक कोई सेक्स का ख्याल नहीं था, काम मे ही इतना बिज़ी था, लेकिन उसके चेहरा उदास पड़ गया. फिर मैंने उसे बाहों मे भरते हुए पूछा कि तुम क्यों उदास हो गयी तो उसने कहा कि वो मेरे साथ रुकना चाहती थी तो मैंने उसे समझाया कि सोनाली आपका अपार्टमेंट गर्ल्स का है और हमारा लड़को का तो शायद वो समझ गयी. उसके बाद हम अपने अपने रूम मे चले गये. फिर मैंने उसके बाद थोड़ा सोने का फ़ैसला किया, मेरी आँख लगी ही थी कि मेरे फोन पर उसका मेसेज आया कि आई एम अलोन इन मी अपार्टमेंट, जस्ट वेटिंग फॉर यू डार्लिंग.
ये पढ़ते ही मेरी नींद गायब हो गई, गला सूखने लगा और एक हलचल सी होने लगी दिल मे और हज़ार सवाल थे जाऊं या नहीं जाऊं? वो गर्ल्स का है? पकड़ा जाऊंगा तो नौकरी जायेगी? इससे आख़िर हो क्या जाता है? लेकिन दोस्तों अब आप ही सोचो कि अगर आपके फोन पर ऐसा मेसेज आता तो आप क्या करते, तो मैंने भी वही किया और में फ़ॉर्मल्स में ही पीछे से उसके अपार्टमेंट मे चला गया और उस वक़्त शायद सभी लंच के लिए गये हुए थे तो उसने मुझे अपना रूम नंबर बताया और में दौड़ते हुए उसके रूम तक पहुँच गया.
मुझे किसी ने देखा नहीं जैसे ही में वहा पहुँचा तो उसने तुरंत गेट खोल दिया और मुझे अंदर करके गेट बंद कर दिया. मैंने घबराते हुए उससे पूछा कि ये क्या पागलपन है? और वो अपने बालों को खोलते हुए कहने लगी कि पागलपन तो अब दिखेगा तुम्हे साजिद. दोस्तों में नहीं बता सकता कि उस वक़्त मुझे क्या महसूस हुआ.
बस पेंट के अंदर मेरा लंड सोनाली को थैंक्स बोल रहा था, वो एक टी-शर्ट और स्कर्ट पहने हुई थी और मेरी तरफ बढ़ रही थी और में तो बस उसका दिल ही दिल में इंतज़ार कर रहा था, जैसे ही वो मेरे पास आई तो उसने मेरी आँखों पर हाथ रख दिया तो में ज़ोर ज़ोर से साँसें ले रहा था और उसने मेरे कान में धीरे से कहा कि पागल में बोर हो रही थी, इसलिये तुम्हे बुलाया है और मेरे कान पर दाँत से काटकर हंसने लगी और मुझसे दूर भागकर मेरा मज़ाक उड़ा रही थी तो मैंने कहा कि अच्छा तो ये बात थी और में तो पता नहीं क्या सोच रहा था.
सोनाली : अच्छा? ज़रा हमे भी तो बताइये जनाब आप क्या सोच रहे थे?
साजिद : अरे आप रहने भी दीजिये, जानोगे तो तुम्हारी दिमागी हालत खराब हो जायेगी.
सोनाली : नहीं, अब तुम मुझे बताओगे नहीं तो में सबको बता दूँगी कि ये मेरे साथ ग़लत करने आया था.
फिर मैंने कहा कि जाओ नहीं बताता और तुमने किसी को ऐसा कहा तो में सबको तुम्हारा मेसेज दिखा दूँगा और इस पर उसने एक मासूम सा चेहरा बनाया और कहने लगी कि ठीक है मत बताओ और उसकी मासूमियत को देखकर मैंने उसे बाहों मे ले लिया और उससे कहा कि कुछ भी नहीं मेरी जान मुझे लगा कि तुम शायद मुझे.
सोनाली : मुझे क्या?
साजिद : मुझे यहा प्यार करने के लिये बुलाया है.
सोनाली : अच्छा? बड़े ऊँचे ख्याल है आपके? सपना मत देखो मुझे नींद आ रही है, बस तुम मेरे बगल मे लेट जाओ तो मुझे अकेला नहीं लगेगा.
फिर में और वो एक दूसरे को आँखों मे देखकर लेट गये, लेकिन अभी तक हमने एक दूसरे को पकड़ा नहीं था.
सोनाली : ऐसे क्या देख रहे हो साजिद? इरादा क्या है?
साजिद : सोच रहा हूँ कि पिछले तीन महीने से जिस बदन को अपने अगल बगल महसूस करता आया हूँ तो क्या उसे में आज महसूस कर सकता हूँ?
सोनाली : अगर तुम मेरे शरीर को उसकी इज़्ज़त और ज़रूरत दे सको तो तुम उसे महसूस कर सकते हो.
ये सुनते ही दोस्तों मेरी तो सांस ही अटक गई, लेकिन एक बात हमें याद रखना चाहिये कि आप एक लड़की के जिस्म को हैवान बनकर पा तो सकते हो, लेकिन उसके जिस्म के असली नशे को पीने के लिए उसका मन और इज़्ज़त दोनों आपको पाना पड़ेगा, जैसे ही उसने मुझे ये हक़ दिया तो मैंने प्यार से उसे अपनी बाहों मे भरते हुए उसे अपने ऊपर खींच लिया और उसकी साँसों को महसूस में आराम से कर पा रहा था.
सोनाली : ओह जान, आई लव यू, कहा था ना कि सही वक़्त आने दो तब आई लव यू कहूँगी तो आज ही है वो सही वक़्त है जान, आई लव यू और मेरे बदन को तुम्हारी ज़रूरत है.
दोस्तों उसका बदन एक मखमल के कपड़े के जैसा था और हाथ लगते ही वो फिसल जाता था. फिर मैंने अपने एक हाथ को उसकी गांड पर रख दिया और उसे ज़ोर से दबाने लगा.
उसके मुँह से जोर से सासें आ रही थी तो वो इतनी प्यारी थी. फिर मैंने अपने होठों को उसके लिप्स पर जोड़ दिया और हम एक दूसरे के लिप्स को चूस रहे थे. फिर मैंने जोश मे उसकी स्कर्ट को फाड़ डाला और उसके चूतड़ पर एक जोरदार थप्पड़ मारा और जैसे ही मैंने ये किया तो उसने मेरे लिप्स को काट डाला और मेरे लिप्स से खून आने लगा.
साजिद : जान, आराम से और अभी तो शुरुवात है.
सोनाली : आप भी आराम से जान, अगर मारना ही है तो मेरी चूत को ज़ोर से मारो ना, कब से ये तुम्हारा लंड लेने को बेताब है.
मेरी फूली हुई गांड को क्यों सज़ा दे रहे हो? ये सुनते ही मैंने उसे बेड पर ही उठाया और उसकी टी-शर्ट उतार डाली. उसने भी देर ना करते हुए मेरी टी-शर्ट फाड़ डाली और मेरे लोवर का नाड़ा खोलने लगी. अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी मे थी, क्या लग रही थी दोस्तों उफफफफफफ्फ़ बता नहीं सकता और अब में उसके पीछे आ गया और उसकी ब्रा के हुक को धीरे धीरे खोलने लगा, उस वक़्त उसके बदन मे जो हलचल हो रही थी तो वो एकदम जानलेवा थी.
उसके शरीर मे सिहरन हो रही थी और वो आआहह जान जैसे बुदबुदा रही थी. फिर मैंने उसकी ब्रा को हटाया और पीछे से उसे अपने से चिपकाते हुए उसकी चूचियों को अपने दोनों हाथों मे भरकर दबाने लगा. दोस्तों में लिख तो सकता हूँ, लेकिन एहसास नहीं बता सकता और फिर वो तेज़ी के साथ आगे मुड़कर मुझसे लिपट गयी और कहने लगी..
सोनाली : अब मत तड़पाओ ना जान फक मी प्लीज़ फक मी बहुत गुदगुदी हो रही है चूत में और कहते कहते उसने अपनी पेंटी खुद ही निकाल डाली और मेरे लोवर को भी हटा डाला और वो आँख बंद करके मुस्कुरा रही थी और मैंने उसे बेड पर गिरा डाला और मैंने अपना मुँह उसकी चूत की तरफ बढाया, क्या खुशबू थी और पूरी गीली और फूली हुई थी, थोड़े थोड़े बाल भी थे. दोस्तों हमारे बीच सब कुछ अचानक से हो गया तो शायद उसे भी हटाने का मौका नहीं मिला, लेकिन कभी कभी बाल होना भी अच्छा लगता है.
फिर मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और वो ऐसे तड़पने लगी जैसे किसी को बहुत लग गई हो और एक पल के लिए तो में भी डर गया और मैंने पूछा, आर यू ऑलराइट? तो उसने कहा कि हाँ बस एक नयी अजीब सी बेचैनी है जो और बढ़ाना चाहती हूँ. फिर मैंने कहा कि हाँ जान आज तुम्हे वो दर्द देता हूँ. हम इतने पागल हो चुके थे कि लंड चुसवाने का टाईम ही नहीं मिला.
दोस्तों अगर प्यार मे आप सेक्स करे तो ये आपको अच्छा भी नहीं लगेगा कि वो आपका लंड चूसे. अभी तक हमारे बीच 20 से 25 मिनिट बीत चुके थे और हम दोनों के लिए बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया था और में भी पहले जोश के रस को बर्बाद नहीं करना चाहता था.
फिर मैंने उसे डॉगी पोज़िशन मे बैठाया और अपने लंड को अपने थूक मे मिलाने लगा, वो इतनी पागल हो गयी थी कि अपने एक हाथ से वो खुद की चुदाई का फोटो खींच रही थी. फिर मैंने पूछा कि ये क्या कर रही हो सोनाली तो उसने कहा कि मेरे पहले प्यार की यादों में नहीं खोना चाहती तो में उसके पागलपन को देखकर हंसने लगा, इतनी देर में वो मुझसे अपनी चुदाई की भीख माँगने लगी. मैंने भी उसकी कुंवारी चूत के छेद को ढूंढ लिया था और वहां पहले अपने थूक और उसकी चूत के पानी से गीला कर रहा था और अब वो और मस्ती मे आ चुकी थी, उसकी आँखें बंद थी और में अपने एक हाथ से अपने लंड को सहला रहा था.
फिर एक हाथ की ऊँगली से उसकी चूत को चोद रहा था और जब मुझे उसकी चूत अब चुदने के लायक लगने लगी तो मैंने सीधा अपना लंड उसकी चूत मे उतार दिया, अभी तो लंड का सूपड़ा ही गया था कि वो तड़प गयी और वो मदहोशी मे गिड़गिड़ाने लगी.
सोनाली : मत रूको साजिद जाने दो, आज तो मौत भी हसीन लग रही है और ये सुनते ही मैंने एक झटके मे सारा का सारा लंड उसकी चूत मे उतार डाला और उस समय जो में महसूस कर रहा था तो वो आप कभी नहीं समझ पाएंगे जब तक आप खुद ना उसे महसूस कर ले, अब हमारी चुदाई शुरू हो गयी थी तो पहले उसे भी दर्द हो रहा था और लंड भी सही से नहीं जा रहा था, लेकिन कुछ देर के बाद पूरा रास्ता साफ हो गया और चुदाई का खेल पूरे ज़ोर से होने लगा.
में झटके पर झटके मार रहा था और वो फक मी बेबी, ऑश यअहह फक मी जान कह रही थी. फिर 10 मिनिट की चुदाई के बाद मे वो झड़ गयी और जब वो झड़ रही थी तो उसका बदन देखने लायक था, पूरे शरीर मे कम्पन सा हो रहा था और वो बँधी हुई शेरनी की तरह छटपटा रही थी. अब वो निढाल होकर बेड पर लेटी हुई थी और में भी अब बस झड़ने ही वाला था और में तो अपनी पूरी स्पीड में आ गया, क्योंकी मेरे पास कोई कन्डोम नहीं था तो में कोई भी रिस्क नहीं लेने वाला था और ये बात उसे भी पता थी. फिर जैसे ही मैंने इशारा किया तो वो अपना मुँह खोलकर बेड पर लेट गयी और फिर मैंने अपने लंड को तेज़ी से उसके मुँह मे डाल दिया और कुछ सेकेंड के अंदर में उसके मुँह मे ही झड़ गया, में तो जैसे जन्नत मे था और वो मुस्कुराते हुए सारे वीर्य को चट कर गयी और हम एक दूसरे को गले लगाकर सो गये.
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मेरी चुदाई मोटे लंड से

मेरी पहली सच्ची कहानी है और अब मेरा परिचय, मेरा नाम फरहीन है और में मुंबई में रहती हूँ. में अभी तक कुंवारी हूँ और मेरे फिगर का साईज मेरे बूब्स 36 इंच, कमर 34 इंच और 40 इंच कूल्हे है. बहुत सारे लड़के मेरे जिस्म के सेक्सी अंगो को घूर घूरकर देखते है और मुझे उनका ऐसा करना बहुत अच्छा लगता था, लेकिन में भी अपने फिगर को देखकर मन ही मन बहुत गर्व महससू करती और अपने फिगर को उन सभी को ज्यादा से ज्यादा दिखाती और उन्हें अपनी तरफ आकर्षित करती थी. मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता था और अब में सीधे अपनी आज की कहानी पर आती हूँ.
दोस्तों यह उन दिनों की बात है जब में एक कॉलेज में पढ़ती थी और वो मेरा पहले साल मेरा विषय आर्ट्स था और उससे पहले मेरे पहले वाले बॉयफ्रेंड से मेरा ब्रेकअप हो चुका था. उससे मेरा चक्कर कुछ समय तक ही चला था.
एक दिन कॉलेज के एक समारोह में मेरी मुलाकात एक लड़के से हुई थी जिसका नाम आसिफ़ था, वो दिखने में बहुत ठीकठाक था उसका रंग गोरा और उसकी लम्बाई करीब 5.11 होगी और वो दिखने में थोड़ा तन्दुरुस्त भी था और उसने मुझे पहली नज़र में ही पसंद कर लिया था और दूसरे दिन उसने मुझसे अपने प्यार का इजहार भी किया. मैंने भी थोड़ा नखरा दिखते हुए कुछ देर में उसका वो प्यार का आग्रह स्वीकार कर लिया, क्योंकि में अपने पहले वाले ब्रेकअप से थोड़ी उदास सी हो गई थी इसलिए मुझे अब किसी का साथ चाहिए था जो अब मुझे मिल चुका था और अब हम फ़ेसबुक पर फोन पर दिन रात बात करते थे, कॉलेज में मिलते थे, उधर उधर घूमते थे.
दोस्तों इस बीच आसिफ़ की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी, लेकिन फिर भी वो मुझसे मिलने कॉलेज में आता था. अब हम फोन पर धीरे धीरे सेक्सी बातें भी करने लगे थे, लेकिन एक दिन वो मुझे एक बार फिल्म दिखाने ले गया और फिर दो टिकट लेकर वो बिल्कुल आखरी वाली सीट पर मेरे साथ बैठकर सही मौका देखकर मेरे जिस्म के सेक्सी अंगो के साथ छेड़छाड़ करने लगा.
दोस्तों पहले तो में उसके यह सब मेरे साथ करने से बहुत शरमाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मुझे भी उसका यह सब मेरे साथ करना धीरे धीरे अच्छा लगाने लगा था. इसलिए मैंने उसे मना नहीं किया और उसने कुछ देर मेरे बूब्स को दबाकर, मसलकर अच्छी तरह निचोड़कर मुझे जोश में लाकर पूरी तरह गरम करके छोड़ दिया और उसके बाद हम वहां से अपने अपने घर पर चले आए. फिर मैंने अपने घर पर पहुंचकर उसके बारे में बहुत बार सोचा तो मुझे बहुत घंटो तक नींद नहीं आई, में बस उसके ही बारे में सोचती रही और ना जाने कब में सो गई. फिर दूसरे दिन उसने मुझे अपने घर पर बुलाया, लेकिन उस समय में उसके घर पर जाने के लिए तैयार नहीं थी इसलिए मैंने उसे साफ साफ मना कर दिया. फिर वो मुझसे बहुत बार आग्रह करने लगा और मुझसे बोला कि मेरी जान मुझे तेरे साथ कुछ जरूरी बात करनी है.
अब मैंने एक बार फिर से उसे मना किया तो वो मुझसे बोला कि में तुम्हे तुम्हारे कॉलेज से आकर ले जाऊंगा. फिर मैंने भी बोला कि में भी देखती हूँ कि तुममें कितना दम है? और फिर वो करीब 15 मिनट में हमारे कॉलेज में आ गया और मुझे जबरदस्ती वहां से अपने साथ में लेकर आ गया. में उसे वहां पर देखकर बहुत चकित हो गई क्योंकि मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं था कि वो जो अभी कुछ समय पहले कह रहा था वो वैसा कर भी सकता है, लेकिन उसने वैसा ही किया और में चुपचाप उसके साथ चली गई.
दोस्तों उस दिन मैंने बड़े गले की कमीज़ पहनी हुई थी और मेरी सलवार पूरी जालीदार थी. में उस सलवार कमीज़ में बहुत सेक्सी लग रही थी और मेरे बड़े बड़े बूब्स मेरी उस कमीज़ से बाहर झांक रहे थे और मेरी गांड का वो बड़ा सा आकार साफ साफ नजर आ रहा था.
फिर थोड़ी देर के बाद में हम घर पर पहुंचे और हमने कुछ खाया पिया और उसके बाद आसिफ़ ने कंप्यूटर चालू किया और मुझे अपने पास बुलाया और मुझसे अपनी गोद में बैठने के लिए बोला. फिर वो कंप्यूटर पर लगा हुआ था और में उसकी गोद में बैठी हुई थी. अब उसने कंप्यूटर पर एक ब्लूफिल्म को लगाया और अब वो धीरे से मेरी कमीज़ को थोड़ी सी ऊपर उठाकर ज़िप खोलकर मेरी गांड में अपना लंड रगड़ने लगा था. फिर में कुछ देर बाद एकदम से उठ गई तो उसने मुझ को पकड़ कर एक दीवार से चिपका दिया और अब हम लोग स्मूच करने लगे थे और वो नीचे से मेरी सलवार में अपना एक हाथ डालकर मेरी चूत पर हाथ घुमा रहा था.
वो मेरी चूत को सहलाकर मेरे जिस्म को गरम कर रहा था. फिर मैंने सही मौका देककर उसको एक धक्का मारकर थोड़ा पीछे हट गई. उसने मेरा हाथ पकड़कर ज़ोर से खींचा और मुझे उसने एक बार फिर से दीवार से चिपका दिया और मेरे गले पर किस करने लगा और वो मेरी सलवार के अंदर हाथ डालकर मेरी चूत पर उंगली घुमा रहा था. मेरी सलवार एलास्टिक वाली थी इसलिए उसका हाथ उसके अंदर बहुत आसानी से चला जाता था.
फिर कुछ देर चुम्मा चाटी, चूत को सहलाने, बूब्स को दबाने निचोड़ने के बाद उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और अब वो अपनी टीशर्ट को उतारकर मेरे ऊपर लेट गया और वो मुझसे में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ कहकर मुझे फिर से स्मूच करने लगा उसने अब मुझे उल्टा लेटने को कहा और मेरी कमीज़ की ज़िप को नीचे किया और कमीज़ को आधी बाहर निकाल दिया और मेरे बूब्स पर किस करने लगा मैंने अंदर ब्रा तो पहनी ही नहीं थी बस पीछे से एक हुक था तो उसने उसको खींचकर निकाल दिया. मेरी ब्रा का हुक टूट गया. फिर उसने मेरी ब्रा को दूर फेंक दिया और फिर मेरी सलवार को उतारकर फेंका और अपनी पेंट को भी उतारकर फेंक दिया और फिर मेरे बूब्स पर किस किया चूमा, चाटा, दबाया और ऐसे करते करते उसने मेरी पेंटी को अपने मुहं से नीचे किया.
अब वो मेरी चूत पर किस करने लगा था और मैंने नहीं करने दिया तो उसने मेरे हाथ को पकड़कर अपने हाथ से दबा लिया और अब वो मेरी चूत को पागलों की तरह चूमने चाटने लगा और फिर एक ही झटके में मेरी पेंटी को भी उतारकर उसने दूर फेंक दिया और अपनी अंडरवियर को भी निकालकर फेंक दिया. फिर उसने अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और थोड़ा अपनी उंगली पर लगाकर हल्का सा उंगली को मेरी चूत में घुसाया और फिर वो मेरी चूत के ऊपर चड़ गया उसने मेरी चूत में अपना लंड सेट किया और मेरी चूत के अंदर एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड अंदर घुसाकर मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा.
मैंने उसको बहुत टाईट पकड़ लिया और हम दोनों बहुत बार किस और स्मूच करे थे और मेरे मुहं से आईईईईईईई की आवाज निकल रही थी आआआहह उउउफफफफफफ्फ़. फिर कुछ देर बाद जब वो लगातार धक्के दे रहा था तो मुझे बहुत दर्द हो रहा था तो मैंने उससे अब लंड को बाहर निकालने के लिए बोला, लेकिन उसने मेरी एक बात भी नहीं सुनी और जब उसने मुझे पहली बार चोदना शुरू किया तो मुझे बहुत दर्द हो रहा था और में उसकी वजह से बेहोश हो गई थी और वो मुझे पागलों की तरह लगातार ताबड़तोड़ धक्के लगाकर चोद रहा था और में एक मछली की तरह मचल रही थी आहहह्ह्ह्ह ऊऊहह उूउउफफफफ्फ़ आआअहह आसिफफफ्फ़.
फिर उसने अचानक से मुझे चोदते हुए मेरे बूब्स पर काटा और मेरे निप्पल पर जीभ लगाकर चाटने लगा. दोस्तों मैंने महसूस किया कि उसका लंड बहुत बड़ा, मोटा और लंबा भी था, शायद 7 इंच या 8 इंच का था और बहुत सांवला भी था. वो बस मुझसे में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ जान शादी के बाद हम रात दिन सेक्स करेंगे यह कह रहा था और मुझे लगातार किस करता जा रहा था और बुरी तरह से चोदे जा रहा था. फिर वो कुछ देर बाद नीचे बैठकर मुझे चोदने लगा और में अब भी लेटी हुई थी. तो वो मेरे बूब्स को दबा था जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हो रहा था. अब अचानक से उसका लंड मेरी चूत से फिसलकर बाहर निकल गया और उस दो मिनट के लिए में बस बिल्कुल ठंडी पढ़ गयी फिर भी मेरा दर्द कम नहीं हुआ और मुझे बहुत दर्द हो रहा था.
फिर मैंने उससे कहा कि बस अब बहुत हो गया. प्लीज अब बंद करो, बहुत हुआ मुझे बहुत दर्द हो रहा है. तो आसिफ़ बोला कि लंड को अब लंड को बाहर निकालने का तो सवाल ही नहीं है और अब मेरा वीर्य जब तक नहीं निकलता तब तक में तुझे चोदता रहूँगा और फिर कुछ देर बाद वो बोला कि मेरा वीर्य निकलने वाला है मेरा दिमाग़ खराब मत करना. वो फिर से मेरी चूत को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा तो उसका एक बार फिर से लंड अचानक से फिसलकर मेरी चूत से बाहर निकल गया.
मैंने उसको धक्का मारा तो उसने मुझको उल्टा लेटा दिया और मेरे एकदम टाईट हाथ पकड़कर अब मेरी गांड में लंड डालने लगा. वो तेल लगाकर मेरी गांड में डालने की कोशिश करने लगा, लेकिन फिर भी बराबर नहीं जा रहा था तो उसने मेरी गांड में तेल लगाया और फिर गांड में पूरा दम लगाकर लंड को घुसा दिया. फिर से मेरे हाथ वैसे ही पकड़कर मेरी गांड मारने लगा और में बहुत बुरी तरह से चिल्ला रही थी और चीख रही थी आईईफफफ्फ़ छोड़ दो मुझे आअहह उह्ह्हह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है और अब वो मेरी गांड को ज़ोर ज़ोर से मार रहा था.
फिर उसने मेरे मुहं में मेरा दुपट्टा घुसाया और मेरे दोनों हाथ पकड़ रखे थे. में दर्द की वजह से रो रही थी और में अब ना आवाज़ कर सकती और ना उसको अपने ऊपर से हटा सकती थी. उसने मेरे मुहं पर ज़ोर से एक हाथ रखा और दूसरे हाथ से मेरा हाथ टाईट पकड़ लिया और वो बस चालू था उसका वीर्य निकलने तक. अब वो अपने लंड को मेरी गांड में आधा अंदर डालता और फिर बाहर निकालता और तेल लगाने के बाद भी पूरा नहीं झड़ा था. वो अब बहुत परेशान हो गया था और में अब तक दो बार झड़ चुकी थी.
फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला और मुझे बैठाकर बोला कि इसको चूसो. फिर मैंने उससे यह सब करने से साफ मना कर दिया तो उसने मेरे बाल पकड़कर अपने लंड को जबरदस्ती मेरे मुहं में घुसा दिया और अब वो मेरे मुहं को चोदने लगा था और वो अपने लंड को मेरे पूरे हलक तक डाल रहा था.
फिर जैसे ही कुछ देर बाद उसका वीर्य निकलने वाला था तो उसने अपना लंड बाहर निकाला और पूरा वीर्य मेरे मुहं पर गिरा दिया और मेरे बूब्स पर भी गिरा दिया. फिर आसिफ़ ने उठकर अपनी पेंट को पहना और मैंने भी जल्दी से अपने आपको साफ किया और पानी से अपने जिस्म को धोने बाथरूम में चली गई, लेकिन अब भी उसका मन मेरी इतनी देर तक चुदाई करने से नहीं भरा तो वो मेरे पीछे से आया और मुझे बाथरूम में पीछे से पकड़कर मेरी गांड में अपना लंड रगड़ने लगा. में उससे बोली कि आसिफ़ प्लीज अब बस भी करो मुझे अब अपने घर पर भी जाने दो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है और वैसे भी तुमने आज मेरे दोनों छेद को चोदकर फाड़ दिया है.
फिर वो बोला कि फरहीन तू आज मुझे पूरे मज़े लेने दे मेरी जान और यह बात बोलते हुए उसने मेरी गांड में अपना लंड घुसा दिया और अब वो मुझे वहीं पर थोड़ा सा झुकाकर डॉगी स्टाइल में मेरी गांड मारने लगा और मेरे बूब्स को मसलने लगा, वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चोदे जा रहा था और में कुछ नहीं कर पा रही थी. मेरी हालत अब बहुत खराब थी क्योंकि मेरी पहली बार चुदाई हुई थी जिसकी वजह से मेरी चूत से और अब गांड से भी बहुत खून भी निकलने लगा. उसने बाथरूम में चोदा और फिर कुछ देर चोदते चोदते उसने अपना पूरा वीर्य मेरी गांड में छोड़ दिया और मेरी गांड पर अपना लंड साफ करके बाहर चला गया.
फिर में अपने आपको साफ करके बाहर आई और अपने कपड़े पहनने लगी और में उससे बोली कि में अगली बार कभी भी तुम्हारे घर पर नहीं आउंगी. तो वो मुझसे सॉरी बोला और मुझे मनाने लगा. में फिर भी नहीं मानी, लेकिन फिर भी उसने कुछ देर के बाद मुझे कैसे भी करके मना लिया और अब में मान गई उसके बाद में हर सप्ताह दो से तीन बार उसके घर पर जाकर चुदने लगी. मुझे भी अब उससे चुदवाना अच्छा लगने लगा था और मुझे भी उसकी चुदाई में अब बहुत मज़ा आने लगा था.
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