चाची की चुदाई झोपड़ी में

हैल्लो दोस्तों, यह कहानी मेरी चाची सुजाता यादव और स्कूल के चपरासी रमेश के बीच की है. मेरी चाची का तलाक 8 साल पहले हो गया था, तभी से वो अकेली ही रहती थी. वो दिखने में साधारण हिन्दुस्तानी औरत जैसी ही थी, वो 38 साल की है और उनकी हाईट 5 फुट 8 इंच है, वो गोरी, थोड़ी सी मोटी है, उनका फिगर कुछ 42-48-47 है. में अपनी चाची के साथ शिमला में रहता था, क्योंकि हमारे गावं में स्कूल की कमी थी, में तब 12वीं क्लास में था और मेरी चाची भी उसी स्कूल में लाइब्रेरियन थी. उन्हें कोई भी मर्द ज़्यादा लाईन नहीं देता था, क्योंकि ज्यादातर मर्दों को सुंदर दिखने वाली दुबली पतली लड़कियां पसंद थी, लेकिन मेरे स्कूल का चपरासी रमेश मेरी चाची से बहुत बात करता था और उनकी काफ़ी इज़्ज़त भी करता था, उसकी उम्र 32 साल थी और वो काफ़ी मोटा था, 5 फुट 10 इंच हाईट, चौड़ा सीना, मजबूत बाहें और वो थोड़ा सांवला था. स्कूल का कोई भी टीचर या बड़ी क्लास के बच्चे उससे भिड़ने की गलती नहीं करता था, लेकिन वो दिल का बहुत ही साफ था और कभी कोई गन्दी बात नहीं करता था, ना किसी टीचर को गन्दी नज़र से देखता था. अब में समझ चुका था कि वो मेरी चाची को बेहद प्यार करता है और दिल से पसंद करता है और मेरी चाची भी उसको काफ़ी चाहती थी.
फ़िर एक दिन मैंने स्कूल की छुट्टी के बाद देखा कि वो मेरी चाची से कुछ कह रहा है, उसके बाद वो स्टोर रूम की तरफ़ चले गये, उसने मेरी चाची को कहा कि वो उनसे प्यार करता है. फिर चाची ने भी अपनी दिल की बात उससे कह दी. फिर वो किस करके एक दूसरे के गले लग गये. फिर उसने पूछा कि क्या वो कल रात न्यू ईयर उसके साथ मनायेगी? तो चाची ने भी हाँ कर दी. फिर अगले दिन मैंने चाची को बताया कि में न्यू ईयर अपने दोस्तों के साथ मनाऊंगा और कल दोपहर को घर आऊंगा. फिर चाची ने थोड़ी देर के बाद उसे फोन किया कि रात को कितने बजे मिलोगे तो उसने 9 बजे का प्रोग्राम बनाया.
फिर में भी रात को 9 बजे घर से थोड़ी दूर जाकर उन दोनों का इंतजार करने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद रमेश बाईक पर आया. फिर उसने चाची को कॉल किया, चाची ने एक ब्लेक कलर की साड़ी, ब्लाउज पहने हुई थी, उनकी नंगी कमर साफ दिख रही थी, उनके पेटीकोट और ब्लाउज के बीच काफ़ी दूरी थी. अब उनकी वो नंगी कमर देखकर रमेश बहुत खुश हो गया, चाची उस दिन बहुत सुंदर लग रही थी, जब ठंड काफ़ी थी तो इसलिए चाची ने एक शॉल और ओढ़ ली थी. फिर उन दोनों ने कुछ बात की और वो एक सुनसान जगह पर जाने लगे. फिर उसने एक जंगल की तरफ़ गाड़ी रोक दी और एक मकान के सामने गाड़ी खड़ी कर दी और वो दोनों हाथ पकड़कर जंगल के अंदर जाने लगे.
फिर मैंने भी अपनी गाड़ी वहीं खड़ी की और उनका पीछा करने लगा. फिर थोड़ी देर तक चलने के बाद वो एक झोपड़ी के पास पहुंचे, वो झोपड़ी जंगल के काफ़ी अंदर थी और उस जंगल में कोई भी ज़्यादा आता जाता नहीं था, क्योंकि वो हाइवे से काफ़ी दूर था. उस झोपड़ी के बाहर एक लालटेन जल रही थी, चाची उस झोपड़ी को देखकर काफ़ी खुश हुई. फिर उन्होंने उससे पूछा कि क्या हम न्यू ईयर यहाँ मनायेंगे? फिर उसने कहा कि हाँ तुम्हें यह जगह पसंद आई. फिर चाची बोली कि बहुत अच्छी जगह है और यहाँ कितनी शांति है. फिर वो उस झोपड़ी के दरवाज़े पर पहुंचे. फिर उसने चाची को बाहर रुकने को कहा और बोला कि जब वो बुलायेगा तो अंदर आ जाना. फिर कुछ देर के बाद अंदर से आवाज़ आई सुजाता घूम जाओ और अपनी आँखें बंद कर लो तो मेरी चाची मान गई और मुस्कुराते हुए घूम गई और अपनी आँखें बंद कर ली.
तभी मैंने देखा कि वो पूरा नंगा उस झोपड़ी से बाहर आया, अब वो मेरी चाची के ठीक पीछे खड़ा था तो इसलिए मुझे उसका लंड दिखाई नहीं दे रहा था. फिर उसने चाची की आँखों पर एक पट्टी बांध दी और उनको झोपड़ी के अंदर ले गया और दरवाज़ा बंद कर दिया. फिर में उस झाड़ी के पीछे से निकलकर उस झोपड़ी के साईड में चला गया और वहाँ बने एक सुराख से अंदर देखने लगा. अब अंदर एक लालटेन जल रही थी और जिसके उजाले से पूरी झोपड़ी चमक रही थी. अब वो ठीक मेरी चाची के पीछे चिपककर खड़ा था. फिर उसने मेरी चाची की आँखों से पट्टी उतार दी. फिर मेरी चाची की आँखें जैसी ही खुली तो उनके मुँह से सिर्फ़ एक आवाज़ निकली, वॉऊ वो उस झोपड़ी को निहार रही थी, वहाँ एक लालटेन, एक पलंग, एक मोटी सी रज़ाई और एक पानी की बाल्टी रखी हुई थी. फिर उसने धीरे से पूछा.
वो – कैसा लगा?
चाची – बहुत प्यारा है, में अपनी पूरी ज़िंदगी इस झोपड़ी में तुम्हारे साथ बिताना चाहती हूँ.
फिर वो मेरी चाची से पीछे से लिपट गया. फिर उसने अपना एक हाथ मेरी चाची की नंगी कमर पर रख दिया और उनकी गर्दन को चूमने लगा. तभी मेरी चाची किसी झटके से आगे होना चाहती थी, लेकिन उसने मेरी चाची को फिर से अपनी बाहों में खींचा तो अब में समझ गया था कि उसका लंड मेरी चाची की गांड में चुभ रहा था.
चाची – तुम पूरे नंगे हो?
वो – ह्म्‍म्म्म.
फिर उसने मेरी चाची के बालों के क्लिप खोल दिए और फिर उनकी पल्लू को नीचे गिरा दिया और मेरी चाची को पीछे से चूमने लगा और उनकी नंगी कमर को अपने मजबूत हाथों से सहलाने लगा और उनको कह रहा था.
वो – सुजाता आई लव यू, में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और में तुम्हारे बिना रह नहीं सकता, जब से तुम्हें देखा है सिर्फ़ तुम्हारे बारे में ही सोचता हूँ और जिस दिन तुम नहीं आती हो तो मेरा पूरा दिन खराब जाता है.
चाची – सच ऐसा क्या है मुझमें? जो तुम मुझे इतना प्यार करते हो, में तो इतनी मोटी हूँ कि सारे मर्द मुझे बहन जी कहकर बुलाते हैं, सिर्फ़ एक तुम ही जो मेरे ऊपर अपनी जान छिड़कते हो.
वो – में नहीं जानता सुजाता, लेकिन जब भी तुम्हें देखता हूँ तो दिल को एक सुकून मिलता है, एक अलग सी खुशी मिलती है और तुम मोटी बिल्कुल भी नहीं हो, तुम संपूर्ण स्त्री हो जो सिर्फ़ एक अच्छे मर्द को ही पसंद आती है.
चाची – जैसे कि तुम.
वो – ह्म्‍म्म्म.
इतने में उसने मेरी चाची की साड़ी को उनकी कमर से अलग करके एक कोने में फेंक दिया. तभी चाची ने अपने हाथ पीछे ले जाकर अपने ब्लाउज के हुक खोल दिए और तभी उसने मेरी चाची के पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया, जिससे मेरी चाची का पेटीकोट ज़मीन पर गिर गया. मेरी चाची पेंटी नहीं पहनती थी, उनकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे. अब वो बहुत शरमा गई थी. फिर वो अपने हाथों से अपनी चूत छुपाने लगी थी. फिर उसने मेरी चाची को एकदम से पकड़कर अपनी तरफ़ खींच लिया, इससे उसका लंड मेरी चाची की गांड की दरार में चला गया और वो बस उफफफफफफफफफ्फ़ की आवाज़ ही निकाल पाई. फिर उसने मेरी चाची के ब्लाउज को निकालकर बाजू में फेंक दिया. अब मेरी चाची पूरी नंगी हो चुकी थी, गोरा जिस्म, सुडोल स्तन, नरम कमर, गोरी जाँघ, अब वो बिल्कुल एक अप्सरा लग रही थी. तभी उसने अपने लंड को पकड़कर कुछ किया और मेरी चाची अपनी दोनों जाँघो के बीच ठीक अपनी चूत के नीचे देखने लगी. उसने अपने लंड को मेरी चाची की दोनों जाँघो के बीच डाल दिया था, उनकी चूत के ठीक नीचे जिससे उसका सुपाड़ा मेरी चाची की जाँघो के बाहर आ गया था. फिर मेरी चाची ने प्यार से उस पर हाथ फेरा.
चाची – तुम्हारा कितना प्यारा लंड है? यह कहकर उसके सुपाड़े को अपनी उंगलियों से सहलाने लगी.
वो – अहह उफफफफफफफ्फ़.
फिर चाची उसकी तरफ़ पलटी और उसके गले लग गई. अब वो भी मेरी चाची के गले लगकर उन्हें प्यार कर रहा था. फिर उसने मेरी चाची को अपने से अलग करके उनके होंठ पर अपने होंठ रखकर उन्हें चूमने लगा. अब मेरी चाची उसके लंड को पकड़कर धीरे-धीरे सहलाने लगी, जिससे वो और प्यार से मेरी चाची के होंठ चूमने लगा. उसका लंड काफ़ी मोटा और लंबा था, लगभग 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था. फिर मेरी चाची उसके लटकते हुए दोनों अंडकोष को पकड़कर सहलाने लगी, अब वो इससे बहुत उत्तेजित होने लगा था. फिर वो मेरी चाची से अलग हुआ और पास में पड़ी अपनी पेंट से कुछ निकालकर चाची को दिखाया, जिसे देखकर चाची बहुत खुश हुई. वो मेरी चाची के लिए दो पायल खरीद कर लाया था. फिर वो नीचे घुटनो के बल बैठ गया.
वो – सुजाता मेरी जाँघो पर अपने मुलायम पैर रखो तो उसने अपना एक पैर उसकी जांघो पर रख दिया और फिर उसने उसके एक पैर पर पायल बांध दी.
फिर उसने दूसरा पैर रखने को कहा तो उसने वो पैर भी उसकी जांघ पर रख दिया. फिर उसने उस पर भी पायल बांध दी, लेकिन फिर उसने उनकी जाँघ को अपने कंधो पर रख दिया और मेरी चाची की मुलायम, चिकनी, हल्के-हल्के बाल वाली चूत पर चूम लिया तो मेरी चाची बस ह्ह्ह्हह की आवाज़ ही निकाल पाई. फिर वो धीरे से बिस्तर में जाकर उस मोटे, गद्देदार रज़ाई के अंदर घुस गई. फिर वो उठा और उसने पास में पड़ी अपनी शर्ट की जेब से कंडोम का पैकेट निकाला और उसमें से एक निकाल कर अपने मोटे लम्बे लंड पर लगाने लगा. मैंने आज तक इतना मजबूत लंड नहीं देखा था. फिर वो भी बिस्तर में जाकर गद्दे के अंदर घुस गया और मेरी चाची के ऊपर चढ़ गया. अब वो मेरी चाची को बहुत प्यार से निहार रहा था.
चाची – क्या देख रहे हो?
वो – तुम्हें, तुम कितनी खुबसूरत और प्यारी हो, में सबसे किस्मत वाला इंसान हूँ जिसे तुम्हारी जैसी औरत मिली है, बिल्कुल मेरी पसंद की.
अब मेरी चाची अपने दोनों हाथों से उसके चेहरे को पकड़े हुई थी और एकदम से उसके होंठ चूमने लगी.
चाची – लेकिन तुम मुझ पर भरोसा नहीं करते हो.
वो – किसने कहा?
फिर चाची ने गद्दे के अंदर हाथ डाल दिया और कुछ ही पलो में हाथ बाहर निकाल लिया, अब उनके हाथों में उसका पहना हुआ कंडोम था.
चाची – तो यह क्या है? में 8 साल के बाद किसी मर्द के साथ सो रही हूँ, मेरे पति भी मुझे बहुत कम ही छूते थे.
वो – में नहीं चाहता कि तुम अभी से गर्भवती हो इसलिए.
चाची – में गोली ले लूँगी, वादा कीजिए कि आज के बाद कभी भी मेरे साथ सेक्स करते वक्त कंडोम नहीं पहनेंगे.
वो – मैंने तुम्हारे सिवा और किसी के साथ ना तो किया है और ना ही करूँगा, में यह वादा भी दे रहा हूँ.
चाची फिर से उसे चूमने लगी, अब वो भी मेरी चाची को बहुत प्यार से चूम रहा था. फिर वो मेरी चाची के गले लग गया.
चाची – आई लव यू रमेश, आई लव यू वेरी मच.
रमेश – आई लव यू टू, में बता नहीं सकता हूँ कि मुझे तुम्हारी बाहों में कितना सुकून मिल रहा है, तुम्हारे जिस्म से आ रही यह खुशबू मुझे पागल कर रही है.
चाची – ह्म्‍म्म्ममम.
फिर वो मेरी चाची की गर्दन पर चूमने लगा. फिर छाती पर चूमने लगा. फिर उसने उस कम्बल को नीचे सरका दिया, जिससे मेरी चाची के ऊपर का नंगा जिस्म दिखने लगा. उनके 42 साईज़ के गोरे-गोरे बूब्स और उस पर वो काली सी निप्पल उनकी खूबबसूरती पर चार चाँद लगा रही थी. उनके बूब्स काफ़ी बड़े थे, वो रमेश के हाथों में नहीं समा रहे थे. फिर वो अपने एक हाथ में बूब्स लेकर उस पर अपने होंठ लगाकर चूसने लगा. फिर धीरे-धीरे वो उनके आधे बूब्स को अपने मुँह में डालकर चूसने लगा, अब चाची भी धीरे- धीरे मदहोश होने लगी थी, अब वो बहुत ही प्यार से उनके बूब्स चूस रहा था.
चाची – अहह रमेश उःम्म्म्मममम क्या कर रहे हो यह? ह्म्‍म्म्ममम ह्म्‍म्म्ममममम और चूसो उम्म्म्ममम अहह, दूसरा वाला भी चूसो ना प्लीज़ ह्म्‍म्म्ममम.
फिर वो 20 मिनट तक मेरी चाची के बूब्स चूस रहा था, अब मेरी चाची पलंग को पकड़कर तड़प रही थी. अब उनके बगल में उगे बाल से रमेश बहुत आकर्षित हुआ. फिर वो मेरी चाची की बगल को चाटने लगा, (गावं के मदों को चूत और बगल में उगे बालो वाली औरते बहुत पसंद आती है) अब चाची बस आँख बंद करके आहें भरती रही. फिर वो मेरी चाची की कमर को चूमने लगा और अपने गाल से उनकी कमर को सहलाने लगा. फिर वो अपनी जीभ मेरी चाची की नाभि में डालकर उन्हें सहलाने लगा तो अब मेरी चाची पूरी उत्तेजना में पागल हुए जा रही थी, अब वो अपना सर इधर उधर कर रही थी. उसके बाद वो मेरी चाची की चूत को चूमने लगा और 15 मिनट तक मेरी चाची की चूत चाटता रहा.
चाची – अहह बहुत अच्छा लग रहा है रमेश, अहह पहली बार में अपनी चूत चटवा रही हूँ अहह ह्म्‍म्म्ममममम उफफफफफफफफफफ्फ़.
फिर वो मेरी चाची की जाँघो को चूमने लगा. फिर वो मेरी चाची के दोनों तलवो को बारी-बारी से चूमने लगा और उनके पैरों की उंगलियों को अपने मुँह में लेकर चूमने लगा. अब मेरी चाची खुशी के मारे पागल हुए जा रही थी, आईईईई. फिर उसने मेरी चाची की जाँघो को खोल दिया और उसके बीच में आ गया और अपने लंड को उनकी चूत के ऊपर रगडने लगा तो फिर मेरी चाची उठी और उसके लंड को अपने मुँह में लेकर 5 मिनट तक चूसती रही और वो मेरी चाची की गांड को सहलाने लगा. फिर जब उन्होंने उसके लंड को अपने मुँह से निकाला तो वो पूरी गीली और चमकदार हो गई थी.
चाची – रमेश प्लीज़ धीरे डालना, तुम्हारा काफ़ी बड़ा और मोटा है और मेरे पति का तुमसे काफी छोटा था, उनका सिर्फ़ 4 इंच का था.
रमेश – अगर तुम्हें दर्द हो तो बता देना में नहीं करूँगा, में तुम्हें दर्द नहीं देना चाहता हूँ.
यह कहकर उसने अपना लंड मेरी चाची की चूत में रखकर धीरे-धीरे अंदर डालने लगा. अब चाची को हल्का सा दर्द हो रहा था, लेकिन वो कुछ नहीं कह रही थी. अब उसका 5 इंच लंड अंदर जा चुका था, लेकिन उसके बाद डालते वक्त चाची काफ़ी चिल्ला रही थी.
चाची – उहह में मर गईईई, कितना बाहर है?
वो – 3 इंच.
चाची – प्लीज़, एक बार में ही डाल दो.
वो – लेकिन तुम्हें काफ़ी दर्द होगा.
चाची – प्लीज़ डाल दो, में सह लूँगी.
फिर वो मेरी चाची के ऊपर लेट गया और उनके होंठो को अपने होंठ में दबाकर चूसने लगा. फिर उसने अपनी कमर को थोड़ा पीछे करके एक झटका दिया और अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया. अब मेरी चाची चिल्लाना चाहती थी, लेकिन उसने अपने होंठ से उनके होंठ को दबा रखा था. फिर 5 मिनट तक वो दोनों ऐसे ही लेटे रहे और एक दूसरे को चूमते रहे. फिर जब मेरी चाची का दर्द थोड़ा कम हुआ तो वो धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा. फिर चाची ने उसे अपने गले से लगा लिया और अपनी टांगो को उसकी कमर से लपेट लिया और आहें भरने लगी.
चाची – अह ह्म्‍म्म्मम उहह रमेश हहह्ह्ह धीरे उहह.
फिर वो मेरी चाची के सीने से लिपटकर उन्हें धक्के लगा रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद चाची भी पूरी तरह से उत्तेजित होकर उसका साथ दे रही थी. फिर उन्होंने अपना एक बूब्स रमेश के मुँह में डाल दिया, जिससे वो और भी तेज धक्के देने लगा. फिर लगभग 5 मिनट के बाद ही चाची चिल्ला उठी, में गई रमेश अहहह और वो झड़ चुकी थी, लेकिन रमेश उनके बूब्स पीते हुए ताबड़तोड़ धक्के दे रहा था, अब वो 15 मिनट तक वैसे ही चोदता रहा, इस बीच चाची एक बार और झड़ चुकी थी. फिर उसने मेरी चाची को घोड़ी बनने को कहा तो मेरी चाची घोड़ी बन गई. फिर वो पीछे से मेरी चाची को चोदने लगा, अब वो मेरी चाची के कंधो पर हाथ रखकर उन्हें चोद रहा था.
फिर 10 मिनट के बाद मेरी चाची ने उसे रुकने को बोला और उसके लंड को बाहर निकाल कर उसकी गोद में बैठ गई और उसके लंड को फिर से अपनी चूत में डालकर चुदने लगी. अब वो मेरी चाची को अपनी गोद में बैठाकर उनके बूब्स पीते हुए चोदता रहा, तभी मेरी चाची ने अपनी चूत का पानी उसके लंड पर निकाल दिया. फिर मेरी चाची ने उससे पूछा कि तुम कब झड़ोगे? तो वो बोला कि पता नहीं. फिर थोड़ी देर के बाद मेरी चाची उठी और दरवाज़े से चिपक कर खड़ी हो गई और वो अपनी दोनों टाँगे खोलकर उसे उंगली दिखाकर अपनी तरफ़ बुलाने लगी. फिर वो आया और उसने अपना लंड मेरी चाची की चूत में डालकर उनसे चिपक कर उन्हें चोदने लगा. अब लगभग 15 मिनट के बाद उसकी स्पीड काफ़ी बड़ गई थी, अब में समझ चुका था कि वो झड़ने वाला है.
फिर चाची उसे अपनी बाँहों में लेकर उसे प्यार करने लगी थी. तभी वो जोर-ज़ोर से झटके देकर झड़ने लगा, अब जब वो पूरी तरह से झड़ चुका था और तभी वो मेरी चाची की बाहों में लिपट कर हाँफने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद उसका लंड अपने आप ही मेरी चाची की चूत से बाहर आ गया और पूरा गीला होकर लटकने लगा. फिर मेरी चाची ने उससे कहा कि तुम जाकर सो जाओ में टायलेट करके आती हूँ, अब उनकी चूत से उसका वीर्य बहकर बाहर निकल रहा था.
फिर मेरी चाची झोपड़ी से बाहर आई और एक पानी की बोतल लेकर वो एक झाड़ी के पीछे जाकर पेशाब करने बैठ गई और खुद से ही बातें करने लगी.
चाची – अहह रमेश आई लव यू तुमने मेरी जन्मों की प्यास बुझा दी, आई लव यू में तुम्हें इतना प्यार दूँगी कि तुम मेरे बिना रह नहीं पाओंगे. उसके बाद वो उठी और अपनी चूत और जाँघ साफ करके झोपड़ी में आ गई और लालटेन की रोशनी को थोड़ा कम करके बिस्तर में घुस गई. फिर रमेश मेरी चाची की बाहों में लिपट गया और मेरी चाची भी उसे प्यार करती हुई सो गई और उसके दो मिनट के बाद में भी वहाँ से अपने घर आ गया.
Share:

माँ की खुशी के लिए बहन से शादी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आरव है और मेरी इस साईट पर ये पहली स्टोरी है. इस कहानी में आपको बताऊंगा कि कैसे मेरी शादी मेरी ही बहन से हुई? तो अब में आपको शुरुवात से बताता हूँ कि ये सब कैसे स्टार्ट हुआ? में पहले मेरी माँ और बहन के साथ बेंगलोर में ही रहता था और मेरे पापा की मौत हो गई थी, हमारा एक छोटा सा बिज़नेस था और कोई रिश्तेदार हमारी मदद के लिए आगे नहीं आया तो माँ ही पापा के बाद उसे संभालती थी.
जब मेरी पढाई पूरी हुई तो मेरी दिल्ली में जॉब लग गई और में दिल्ली आ गया. उस टाईम मेरी बहन 12वीं क्लास में थी, उसका नाम गीतू है और उसका कलर फेयर था और बॉडी भी अच्छी मैंनटेन थी और उसका फिगर बहुत अच्छा था, वो स्कूल ड्रेस में स्कर्ट पहनती थी और जब भी में उसे स्कूल छोड़ने जाता था तो सभी लड़को की नज़र उसकी तरफ़ होती थी, लेकिन वो किसी को घास नहीं डालती थी. मैंने उसके लिए कभी गलत नहीं सोचा था और वो भी मुझे भाई के जैसे ही प्यार करती थी.
फिर दिल्ली आने के बाद मेरी जॉब अच्छी चल रही थी और मुझे यहाँ 2 साल हो गये थे. फिर मैंने यहाँ पर फ्लेट लिया हुआ है और जब बेंगलोर में हमारा बिज़नेस बंद होने को था तो मैंने माँ को कॉल करके कहा कि वो दोनों दिल्ली ही आ जाए, क्योंकि अब मेरी बहन ने भी 12वी क्लास पूरी कर ली थी. फिर मैंने कहा कि में उसकी एड्मिशन यहीं पर ही करवा दूँगा तो माँ मान गई और उन्होंने वहाँ पर सब कुछ बेच दिया. फिर मैंने उनकी ट्रेन की टिकट भी बुक करवा दी थी तो जब वो दिल्ली आए.
फिर में उन्हें लेने स्टेशन गया और अब में इतने टाईम के बाद उन्हें देखकर बहुत खुश हुआ, लेकिन जब मैंने अपनी बहन को देखा तो देखते ही रह गया, वो 2 साल में एकदम चेंज हो गई थी, उसके बूब्स, गांड और उसका फिगर चेंज हो गया था और कोई भी उसे देखता तो देखते ही रहता था.
फिर जब वो आई तो उस टाईम उसने पिंक टॉप और ब्लेक जीन्स पहनी हुई थी और वो पूरी मस्त हॉट लग रही थी. मुझे उसको देखकर फर्स्ट टाईम गलत सोच आई, लेकिन फिर मैंने अपने आपको संभाला और उसे हग किया और हम सब घर आ गये. फिर मैंने कुछ दिन के बाद मेरी बहन का कॉलेज में एड्मिशन करवा दिया और अब माँ ने भी सारा घर संभाल लिया था. में भी बहुत खुश था और हम सभी यहाँ बहुत मस्ती करते थे और लाईफ दुबारा से बहुत अच्छी हो गई थी. माँ और बहन भी यहाँ आने के बाद बहुत खुश थे, में और मेरी बहन बहुत अच्छे फ्रेंड्स बन गये थे. एक दिन माँ ने मुझसे कहा कि अब मुझे शादी कर लेनी चाहिए और उन्हें भी उनकी मदद के लिए कोई मिल जायेंगी. फिर मैंने माँ को मना नहीं किया और शादी के लिए हाँ कर दी.
फिर माँ बहुत खुश हुई, अब अगले दिन रविवार था तो माँ ने घर पर पंडित जी को बुला लिया और में उस टाईम घर पर ही था और बहन कोचिंग क्लास के लिए गई हुई थी. फिर पंडित जी ने मेरी कुंडली देखी और कुछ सोचने लग गये.
माँ – क्या हुआ पंडित जी? कोई प्रोब्लम है क्या?
पंडित – इसकी कुंडली ठीक नहीं है, ये लड़का बाहर की किसी लड़की से शादी नहीं कर सकता है और अगर करेगा तो ये ठीक नहीं रहेगा और इसे कुछ भी हो सकता है.
माँ – इसका कोई रास्ता तो होगा ना. (माँ ने डरते हुए पूछा)
पंडित – इसका एक ही रास्ता है कि इसकी शादी आप अपने ही परिवार में किसी से कर दो, तभी इसके लिए ठीक रहेगा और ये खुश भी रहेगा.
माँ – लेकिन हमारी किसी रिलेटिव से नहीं बनती है तो ये कैसे संभव होगा? इसका कोई और रास्ता तो होगा. (अब माँ बहुत चिंतित हो गई थी)
तभी मेरी बहन कोचिंग से वापस घर आ गई, उसने फुल साईज फ्रोक पहनी हुई थी और जो उसकी बॉडी से बिल्कुल फिट थी, वो एकदम हॉट लग रही थी. एक बार तो में भी उसे देखे जा रहा था और तभी उसने सभी को हैल्लो कहा और अपने रूम में चली गई.
पंडित – ये लड़की कौन है?
माँ – ये मेरी बेटी है और अभी कॉलेज में पढाई कर रही है.
पंडित – तो आप अगर मेरी बात का बुरा ना माने तो आप इसकी शादी इस लड़की से ही क्यों नहीं करवा देती है? इससे आपकी बेटी भी हमेशा आपके साथ रहेगी और आपके बेटे को भी लाईफ में कोई प्रोब्लम नहीं होगी और बाकी आपकी मर्ज़ी, क्योंकि इसका कोई और रास्ता नहीं है तो आप आराम से सोच लेना और मुझे बता देना. फिर पंडित जी चले गये और में और माँ अभी भी सोफे पर बैठे थे और कोई कुछ नहीं बोल रहा था.
में – माँ चिंता मत करो सब ठीक होगा और ये सब तो कहने की बातें है और में नहीं मानता इन्हें.
माँ – नहीं बेटा ऐसा नहीं होता है और मैंने पहले ही तुम्हारे पापा को खो दिया है और अब तुम्हें नहीं खोना चाहती, मुझे लगता है कि पंडित जी ठीक कह रहे थे.
में – लेकिन माँ वो मेरी बहन है और में ऐसा कैसे कर सकता हूँ? ये असंभव है.
माँ – प्लीज बेटा यहाँ हमें कोई नहीं जानता है तो कोई प्रोब्लम भी नहीं होगी, प्लीज मेरे लिए मान जा और में तुम्हारी बहन से बात करती हूँ.
फिर माँ ने मुझे समझा कर मना लिया तो मैंने भी उन्हें हाँ कर दी. फिर उसके बाद माँ बहन के रूम में गई और अब में बाहर ही बैठा था, में दुखी भी था कि मुझे ऐसा करना पड़ेगा, लेकिन कहीं ना कहीं खुश भी था कि मुझे इतनी हॉट लड़की मिल रही है. फिर कुछ देर के बाद माँ बहन के रूम से बाहर आई और उन्होंने कहा कि वो मान गई है और अब माँ बहुत खुश लग रही थी, तभी में मेरी बहन के रूम में गया तो अब वो अजीब सा महसूस कर रही थी.
में – तुम खुश तो हो ना और अगर तुम्हें कोई प्रोब्लम है तो तुम मुझे बता सकती हो.
गीतू – नहीं भैया, आई एम वैरी हैप्पी मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है और में तो बहुत खुश हूँ कि में हमेशा आपके और माँ के साथ ही रहूंगी.
अब ये सुनकर में बहुत खुश हुआ और हम दोनों ने हग किया, लेकिन इस टाईम ये हग अलग था, उसके चेहरे पर एक स्माईल थी. फिर में बाहर आ गया और माँ अगले दिन पंडित के पास चली गई और उनसे शादी की तारीख ले ली. फिर हमने डिसाईड किया कि हम शादी मॉर्निंग टाईम घर पर ही करेंगे और उसके बाद दिन में क्लोज़ फ्रेंड्स के साथ पार्टी कर लेंगे, जो यहाँ मेरे साथ दिल्ली में है और जिन्हें मेरे और बहन के बारे में नहीं पता है. उसके बाद हमने शादी की तैयारी शुरू कर दी और शॉपिंग करने लगे, अब शादी की तारीख बहन के एग्जॉम के बाद की थी तो शादी का दिन आ गया और पंडित जी घर पर थे. अब में तैयार होकर उनके पास बैठा था और बहन रूम में तैयार हो रही थी.
फिर कुछ टाईम के बाद माँ गीतू को लेकर आई, उसने शादी की लाल कलर का ड्रेस पहना हुआ था और वो किसी परी से कम नहीं लग रहीं थी, मेरी एक मिनट के लिए भी उससे नज़र नहीं हट रहीं थी. फिर शादी के बाद हम सीधा रिशेप्शन पार्टी की जगह पर चले गये, वहाँ पर मेरे और बहन के कुछ क्लोज़ फ्रेंड्स थे. उसके बाद माँ, में और गीतू घर आ गये. फिर मैंने देखा कि माँ ने मेरा रूम पूरा रूम सुहागरात के लिए सजाया हुआ था. फिर वो गीतू को लेकर रूम में चली गई और अभी में बाहर ही था. फिर कुछ टाईम के बाद माँ रूम से बाहर आई और उन्होंने मुझे रूम में जाने के लिए कहा. फिर जब में रूम में जा रहा था तो मुझे थोड़ा अजीब सा भी महसूस हो रहा था और उतेजित भी था, क्योंकि यह सबके जैसी नॉर्मल सुहागरात नहीं थी और मेरी सग़ी बहन के साथ सुहागरात थी.
फिर में ख़ुशी में रूम में दाखिल हुआ और देखा कि क्या मस्त रूम और बेड को सजाया था? बेड को सारे फूलों से सजाया हुआ था और मेरी बहन वहाँ बेड पर लाल कलर की साड़ी पहनकर बैठी थी, वो उस साड़ी में क्या मस्त दिख रही थी? उसे देखकर में बहुत उत्तेजित हो गया था. फिर वो मुझे नहीं देख रही थी और में भी उसे नहीं देख रहा था, अब वो भी अजीब सा महसूस कर रही होगी. अब में बेड पर जाकर बैठा और गीतू से बातें करने लगा.
में – गीतू तुम इस शादी की ड्रेस में बहुत सुन्दर लग रही हो.
गीतू – थैंक्स भैया.
में – अब में सिर्फ़ तेरा भैया ही नहीं तेरा पति भी हूँ.
गीतू – हम्म.
में – फिर मैंने उसके हाथ को मेरे हाथ में लिया और पूछा कि क्या हुआ बेबी? तुम्हें अजीब सा महसूस हो रहा है क्या?
गीतू – हाँ भैया अजीब सा तो होगा ही ना, लेकिन अब हम दोनों पति पत्नी है, मेरा मतलब अब हम इस फिलिंग का कुछ नहीं कर सकते है तो अब हमें अपनी सुहागरात करनी चाहिए.
फिर मेरी बहन की यह बात सुनकर में और ज़्यादा उत्तेजित हो गया और अब में समझ गया था कि वो भी सुहागरात एन्जॉय करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. फिर मैंने गीतू को मेरे पास लिया और उसे हग किया और बोला आई लव यू डार्लिंग लेट्स एन्जॉय और सुहागरात तो गीतू ने भी मुझे हग कर लिया. फिर मैंने उसकी आँखों में देखा तो मुझे नशा सा लगने लगा.
फिर मैंने पहले उसके गालों पर किस किया और फिर किस करते-करते मुझे पता ही नहीं चला कि कब मैंने उसके लिप को स्मूच करना शुरू कर दिया. अब वो भी मुझे अच्छे से रेस्पॉन्स दे रहीं थी, अब हम दोनों अपने स्मूच में खो गये थे. फिर मैंने स्मूच करते-करते उसके बूब्स पर हाथ लगाया तो गीतू एकदम जैसे उसकी बॉडी में करंट आ गया हो तो वैसा उसको झटका लगा. फिर हमने स्मूच ब्रेक किया और अब में उसके बूब्स को महसूस कर रहा था.
गीतू – भैया यह मेरा पहला स्मूच था, इट वाज़ ओसम भैया.
में – भैया नहीं, अब में तेरा पति हूँ और अब में उसकी साड़ी की पल्लू हटाकर उसके बूब्स को प्रेस कर रहा था.
गीतू – हह्ह्ह्ह भैया धीरे से करो, मुझे तो आपको भैया ही बोलना है और हमारे पास एन्जॉय करने के लिए सारी रात है.
अब में फिर से गीतू को स्मूच करने लगा और अब में उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था और मेरा उसके टाईट सेक्सी बूब्स से हाथ निकालने का मन नहीं हो रहा था, अब स्मूच करते-करते मैंने गीतू के ब्लाउज के हुक निकाल दिए और उसने अंदर लाल ब्रा पहनी थी और लाल ब्रा में उसके बूब्स देखकर में पागल हो गया था. मैंने पहले कभी गीतू को ऐसे नहीं देखा था. फिर मैंने उसकी ब्रा को भी निकाल दिया और उसके बूब्स चूसने लगा.
गीतू – आह्ह्ह्ह भैया, धीरे करो दर्द हो रहा है.
में – इतने सेक्सी बूब्स है तेरे गीतू कंट्रोल नहीं होता और अब में उसके बूब्स को एक के बाद एक चूसता रहा. अब गीतू बस मज़े में हहह्ह्ह्ह की आवाज़ें कर रही थी, अब मेरी बहन की सेक्सी जवान निप्पल खड़ी हो गई थी. फिर में उसके निप्पल को अपने मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा और मेरे चूसने से वो पागल हो रही थी. फिर मैंने उसके एक हाथ को मेरे लंड पर लगाया तो वो मेरे लंड को ड्रेस के ऊपर से ही सहला रही थी, लेकिन कुछ नहीं कर रही थी. फिर मैंने उसकी निप्पल को अपने दातों के बीच में लेकर काट दिया तो उसने मेरे काटने से मेरे लंड को अपने हाथों में पकड़ लिया. फिर मैंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो गया, अब गीतू मेरे लंड को सीधे नहीं देख रही थी, शायद वो थोड़ा शर्मा रही थी.
फिर में उसके ऊपर गया और उसकी सेक्सी गहरी नाभि को किस करने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा. अब गीतू मदहोश हो चुकी थी और हहह्ह्ह भैया की आवाज़ें कर रही थी, अब गीतू की नाभि को किस करते-करते मैंने उसकी साड़ी और पेटिकोट उतार दिया. अब वो सिर्फ़ पेंटी में थी जो कि लाल कलर की थी, अब में उसकी जांघो को किस करता रहा.
मैंने एक के बाद एक उसकी टांगो को अपनी जीभ से चूसा, लेकिन अब तक उसकी पेंटी को हाथ भी नहीं लगाया. अब उसकी पेंटी पहले से गीली हो चुकी थी. फिर मैंने उसकी जांघो को किस करते-करते उसकी पेंटी पर हाथ लगाया तो गीतू ने मेरा हाथ पकड़ लिया. फिर मैंने ऐसे ही उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को टच किया तो अब उसकी चूत को टच करते ही वो मचल रही थी. फिर मैंने उसकी पेंटी पर से उसकी चूत को किस किया.
गीतू – भैया आप मुझे यह क्या कर रहे हो अहह? फिर मैंने उसकी पेंटी के अंदर हाथ डाला और उसकी पेंटी को निकाल दिया, वाउ क्या मस्त चिकनी चूत थी? उसकी चूत एकदम क्लीन थी, शायद उसने शादी के एक दिन पहले ही शेव की थी.
फिर में उसकी चूत को देखकर पागल हो गया और चाटना करना शुरू किया तो अब वो आह भैया अहह की सिसकियां निकाल रही थी. अब में उसकी चूत को चाटते हुये अपनी उंगली भी अंदर डाल रहा था, अब वो दर्द और मज़े से मचल रही थी. फिर मैंने उसकी चूत के दाने को चूसना शुरू किया, जवान वर्जिन चूत और वो भी मेरी बहन की. उसकी चूत का टेस्ट क्या मस्त लग रहा था? अब वो आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी, अब वो मेरे चेहरे को अपने हाथ से उसकी चूत पर दबाने लगी थी.
गीतू – हह्ह्ह्ह भैया आह्ह्ह्ह, अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है भैया प्लीज़ मुझे चोदो, मेरी चूत में आपका लंड डालो भैया. अब में उसकी चूत में दूसरी उंगली भी डालकर अपनी 2 उँगलियों से फिंगरिंग कर रहा था और वो अहह भैया, प्लीज चोदो मुझे, फक मी भैया आह्ह्ह्ह बोले जा रही थी. फिर मैंने मेरे लंड को उसकी चूत पर लगाया और रब किया. फिर अंदर डालने की कोशिश की. वो वर्जिन थी, अब उसे बहुत दर्द हो रहा था और अब वो उसके पैरों को चौड़ा नहीं कर रही थी.
फिर मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और मैंने अपने लंड और उसकी चूत पर थोड़ी क्रीम भी लगा दी. फिर मैंने उसके ऊपर आकर अपने लंड को उसकी चूत पर लगाकर ज़ोर से झटका दिया तो मेरा लंड थोड़ा अंदर चला गया तो अब गीतू दर्द से तड़प रही थी. फिर मैंने उसको स्मूच करना शुरू किया और स्मूच करते करते ज़ोर से एक झटका दिया और उसकी सील टूट गयी और उसकी आँखों से पानी आ रहा था.
फिर में थोड़ी देर तक उसी पोज़िशन में रहा और फिर धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा. फिर थोड़ी देर तक ऐसे ही करने के बाद उसका दर्द कम हो गया तो उसने मुझे हग किया, अहह भैया चोदो मुझे और अंदर डालो भैया आह्ह्ह्ह चोदो मुझे. फिर मैंने अपनी स्पीड तेज करनी शुरू कर दी, अब में उसे ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद मेरा पानी निकलने वाला था. फिर मैंने बोला कि गीतू डार्लिंग मेरा निकलने वाला है. फिर उसने बोला कि भैया फर्स्ट सेक्स का पानी मेरे अंदर ही छोड़ना. फिर मैंने एक ज़ोर के झटके से मेरा सारा पानी उसकी चूत में डाल दिया. अब वो मुझे उसके पैरों से लॉक करके उसी पोज़िशन में थी और हमने इसी पोज़िशन में 15 मिनट तक आराम किया.
फिर मैंने गीतू से पूछा कि कैसा लगा? फिर उसने बोला कि भैया बहुत मज़ा आया, लेकिन दर्द भी हो रहा है. फिर मैंने बोला कि चिंता मत करो बेबी ये दर्द तो मीठा होता है, अगली बार से बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा और मैंने उसे स्मूच किया. फिर हम दोनों ऐसे ही स्मूच करते रहे. फिर मैंने गीतू से मेरा लंड चूसने को कहा तो अब वो थोड़ा अजीब सा महसूस कर रही थी.
फिर मैंने बोला कि बेबी बहुत मज़ा आयेगा. फिर में बेड पर नीचे लेट गया और अब वो मेरे लंड को पकड़कर हिला रही थी. फिर मैंने बोला कि गीतू चूस मेरे लंड को तो अब वो मेरे लंड पर किस कर रही थी, लेकिन पूरा अंदर नहीं ले रही थी. फिर मैंने उसको 69 पोज़िशन में आने को बोला और अब उसकी चूत मेरे चेहरे पर थी.
फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया और अब वो मेरे लंड को किस कर रही थी और में उसकी चूत से लेकर गांड तक अपनी जीभ से चाट रहा था और वो हह्ह्ह आह भैया और करो भैया और चाटो मेरी चूत को ऐसे आवाज़ें कर रही थी. फिर मैंने उसकी चूत को चूसते चूसते उसकी गांड में अपनी एक उंगली डाल दी. अब वो मेरे लंड को पूरा अंदर लेकर चूस रही थी, अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो मेरे लंड के टोपे को उसकी जीभ से चाट रही थी और फिर सारा अंदर ले रही थी. फिर में भी उसकी चूत में अपनी जीभ डालकर चाट रहा था और उसकी गांड में उंगली कर रहा था और अब वो मेरे लंड को अपने मुँह में गले तक ले रही थी.
अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने उसको डॉगी स्टाईल में आने के लिए बोला और वो बेड पर अपनी गांड मेरी तरफ करके झुक गई. फिर मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और मेरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया. अब मेरा लंड अंदर जाते ही वो मचल गई और मैंने पीछे से उसके बूब्स को पकड़ लिया और चोदना शुरू किया. अब में उसके बूब्स को दबाते हुये उसे चोद रहा था और गीतू हह्ह्ह भैया हह्ह्ह फक मी हार्ड भैया, फक मी चूत भैया, हह्ह्ह भैया फक मी डीपर, ऐसी आवाज़ें कर रही थी. अब में उसे चोदते-चोदते उसकी गांड और बूब्स को प्रेस कर रहा था और अब पूरे रूम में ठप ठप ठप की आवाज़ें आ रही थी.
अब मेरा पानी उसकी गांड में निकलने वाला था और मेरी सुहागरात थी तो में उसके अंदर ही अपना पानी छोड़ना चाहता था. फिर मैंने बोला कि बेबी आई एम कमिंग. फिर उसने बोला कि भैया चोदो और चोदो. फिर मैंने भी उसकी चूत को मेरे स्पर्म से भर दिया और हम बेड पर एक दूसरे के ऊपर लेट गये. ऐसे ही हमने उस रात अलग-अलग स्टाईल में सेक्स किया और ऐसे ही एक दूसरे को नंगे हग करके सो गये. फिर सुबह माँ ने दरवाजे को खटखटाया तो हमारी नींद खुल गई, अब गीतू मुझे स्माईल दे रहीं थी, अब मुझे वो संतुष्ट लग रही थी. फिर हमने स्मूच किया और बेड से नीचे आ गये और अपने कपड़े पहन लिए और फिर हमने सेक्स को खूब एन्जॉय किया.
Share:

दोस्त की बहन को चोदकर बदला लिया

हैल्लो दोस्तों, में लगभग 2 साल से इस साईट पर कहानी पढ़ रहा हूँ और मजे भी करता हूँ. दोस्तों ये कहानी मेरे और मेरे दोस्त और उसकी बहन के बीच में हुई चुदाई की है. मेरा नाम अरमान है और में पंजाब में लुधियाना का रहने वाला हूँ और मेरी हाईट 6 फुट है, कलर गोरा है. में लुधियाना के एक कॉलेज में पढ़ता हूँ.
मेरा दोस्त राज भी मेरे साथ ही पढ़ता है और हम बचपन के दोस्त है तो इसके कारण हमारा एक दूसरे के घर में आना जाना और साथ में ही पढाई करना तो नॉर्मल बात है. एक दिन में और राज उसके घर पर पढ़ते-पढ़ते सो गये तो मेरी आँख रात के 1 बजे खुली तो मुझे लगा कि कोई गेट के पास खड़ा है. में उठकर देखने लगा तो बाहर कोई नहीं था, लेकिन राज की बहन निशा के रूम का दरवाजा खुला था. दोस्तों निशा की उम्र 20 साल है, फिगर साईज 30-28-30 है, रंग एकदम दूध जैसा, गांड एकदम मस्त, वो नामर्द को भी मर्द बना दे. में तो पहले से ही मर्द था और दिल तो करता था कि घोड़ी बनाकर गांड मार दूँ, लेकिन में दोस्त को धोखा नहीं देना चाहता था. खैर अब में कहानी पर आता हूँ. निशा के रूम का दरवाज खुला हुआ था.
मैंने देखा कि निशा अपने बेड पर नहीं थी. में रूम में जाकर देखने लगा तो में जब रूम में अन्दर गया तो अचनाक से दरवाजा बंद हो गया. फिर निशा ने मुझे पकड़कर बेड पर पटक दिया और वो मेरे ऊपर आकर लेट गई. फिर मैंने कहा कि निशा ये क्या कर रही हो? तो उसने कहा कि प्यार जो में तुम्हें अपनी जान से भी ज्यादा करती हूँ. फिर मैंने कहा कि तुम मेरे दोस्त की बहन हो और मेरे पहले से ही एक गर्लफ्रेंड है. फिर निशा ने कहा कि तो फिर ठीक है और आज से तुम्हारे 2 गर्लफ्रेंड है. फिर मैंने कहा कि में ये नहीं कर सकता. फिर निशा ने कहा कि मुझे पता था कि तुम ऐसे नहीं मानोंगे. फिर निशा ने मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और मेरे हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिए और वो मुझे लिप किस करने की कोशिश करने लगी. फिर मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया और निशा को धक्का मारकर साईड में कर दिया और उठकर चला गया. उस दिन के बाद में कुछ दिन तक राज के घर नहीं गया.
फिर मैंने राज को कुछ नहीं बताया था और अब हम नॉर्मल थे. फिर एक दिन राज का फोन आया तो उसने कहा कि कल कॉलेज मत जाना हम मूवी देखने चलेगे और में 10 बजे तुम्हें लेने आ जाउंगा. फिर मैंने कहा ठीक है, लेकिन अगले दिन राज नहीं आया और उसका फोन भी ऑफ था. फिर मैंने सोचा कि कोई प्रोब्लम आ गई होगी. फिर शाम को मेरी गर्लफ्रेंड का फोन आया जो मेरे और राज के साथ पढ़ती है तो वो रो रही थी. फिर मैंने पूछा क्या हुआ पूजा?
उसने बताया कि आज राज ने कॉलेज में जब में क्लासरूम में अकेली थी तो उसने मुझे प्यार का इजहार किया तो मैंने ना कह दिया तो उसने मेरे साथ ज़बरदस्ती करने की कोशिश की और में मुश्किल से अपनी जान बचाकर वहां से भाग पाई हूँ. फिर मैंने पूजा को समझाकर शांत किया और कहा कि तुम किसी से कुछ मत कहना और में तुम्हारा बदला लूँगा, लेकिन तुम कॉलेज में नॉर्मल रहना और राज को भी पता नहीं चलना चाहिए कि मुझे सब पता है. फिर पूजा ने कहा कि ठीक है, लेकिन उस राज को छोड़ना मत और मैंने कहा कि ठीक है. अब में सारी रात सोच था रहा था कि राज को पता था कि में पूजा से प्यार करता हूँ और हमारी शादी भी होने वाली है. फिर भी उसने ये ग़लत काम किया और मुझे राज पर बहुत गुस्सा आ रहा था. फिर मैंने सोच लिया था कि अब में राज से बदला जरुर लूँगा.
अब में अगले दिन सुबह राज के घर गया तो उसकी माँ ने दरवाजा खोला. आंटी स्कूल में टीचर है तो जब आंटी स्कूल जा रही थी और राज के पापा टूर पर ही रहते है और राज सो रहा था. निशा नाश्ता कर रही थी तो में सीधा अन्दर गया तो निशा मुझे देखकर खुश हो गई और मैंने भी स्माईल कर दी और आँख मार दी. फिर मैंने निशा को इशारा किया कि वो अपने रूम में आ जाए तो फिर निशा नाश्ता छोड़कर मेरे पीछे-पीछे रूम में आ गई. फिर जब निशा रूम में आई तो मैंने उसे बेड पर पटक दिया और में उसके ऊपर लेट गया. फिर मैंने निशा से कहा कि आई लव यू निशा मैंने तुम्हारे लिए अपनी गर्लफ्रेंड से ब्रेक-अप कर लिया है और अब में सिर्फ तुम्हारा हूँ और में सारी उम्र तुम्हारा ही रहूँगा.
फिर निशा ने कहा कि सच आज में बहुत खुश हूँ आई लव यू टू जानू, आज तुमने मुझे मेरी लाईफ का सबसे बड़ा गिफ्ट दिया है. फिर मैंने कहा कि अब तुम मुझे क्या गिफ्ट दोगी? तो उसने कहा कि जो तुम कहो. फिर मैंने कहा कि मेरी कसम खा जो में कहूँगा, वो ही तुम दोगी तो उसने मेरी कसम खा ली. फिर मैंने उससे कहा कि अब मुझे शादी से पहले हनीमून मनाना है. फिर मैंने कहा कि यहाँ नहीं मेरे घर पर, अब तो वो हमारा घर हो गया है. फिर निशा खुश हो गई और फिर उसने कहा कि में भाई के जाने के बाद आ जाउंगी. फिर मैंने कहा कि ऐसे नहीं 7 दिन के लिए मेरे घर पर ही रुकना पड़ेगा तो फिर निशा ने कहा कि ये नहीं हो सकता तो अब में गुस्सा होने का नाटक करने लगा.
फिर उसने कहा कि ठीक है बाबा, तुम मुझे 2 दिन दो, में कोई भी बहाना बना लूंगी तो अब में खुश हो गया और उसे किस करने लगा और में उसके बूब्स दबाने लगा. फिर निशा ने कहा कि जानू दो दिन इंतजार करो भाई घर पर है. फिर जो करना है कर लेना. निशा घर का काम करने लगी और में राज के रूम में राज को उठाने चला गया और में राज के साथ ऐसे बात कर रहा था जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं हो और अब राज को भी लगा कि पूजा ने मुझे कुछ नहीं कहा है. अब वो भी नॉर्मल हो गया. फिर शाम को निशा ने घर पर माँ से बात कर ली कि वो अपनी फ्रेंड्स के साथ 7 दिन के लिए टूर पर जाना चाहती है तो उसकी माँ मान गई. फिर अगले दिन निशा ने पैकिंग कर ली और अपनी फ्रेंड से बात कर ली कि वो माँ को झूठ बोल दे. फिर मैंने भी सारी तैयारी कर ली थी. फिर अगले दिन निशा मेरे घर आई तो उसने सफ़ेद टॉप और काली जीन्स पहन रखी थी, जिसमें उसका फिगर कमाल का लग रहा था.
फिर मैंने उसे अन्दर बुलाया और कोल्ड ड्रिंक दी, अब हम बातें करने लगे और फिर हमने लंच किया. फिर में निशा को बेडरूम में ले गया और हम लिप किस करने लगे और अब वो भी मेरा साथ दे रही थी. फिर 15 मिनट की किस के बाद में उसके बूब्स पर अपना हाथ ले गया और ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा तो अब वो गर्म होने लगी थी. फिर मैंने उसका टॉप निकाल दिया, उसने अन्दर वाईट कलर की ब्रा पहन रखी थी तो मेरे मुँह में पानी आ गया और अब में उसकी ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को मुँह में लेने लगा और वो मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरा लंड पकड़कर मसलने लगी थी. फिर मैंने उसकी ब्रा निकाल दी और बूब्स मुँह में लेकर पीने लगा और निप्पल काटने लगा. में अपने एक हाथ से उसकी पेंट के ऊपर से चूत मसलने लगा तो वो आवाजे निकालने लगी थी, आआआआआआआआआआआ ज़ाआाआआनुऊु आाआआआआआआआअ और फिर मैंने उसकी पेंट को निकाल दिया.
फिर उसने मेरी शर्ट और पेंट निकाल दी और हम दोनों बेड पर अंडरवियर में थे. हम दोनों एक दूसरे के ऊपर टूट पड़े, कभी वो मेरे ऊपर आकर किस करने लगती तो कभी में उसे किस करने लगता. फिर मैंने उसकी पेंटी निकाल दी और वो नीचे बिल्कुल क्लीन शेव चूत थी. में देखने लगा तो उसने अपना चेहरा हाथ से ढक लिया और शर्म के मारे उसका रंग लाल हो चुका था. अब में उसे लिप किस करने लगा और वो मेरा लंड बाहर निकाल चुकी थी और उसे हाथ में लेकर हिलाने लगी. फिर मैंने उठकर अपनी अंडरवियर निकाल दी और में उसकी पूरी बॉडी पर किस करने लगा. जब में उसकी चूत के पास गया तो उसने मेरा सर पकड़ लिया. फिर मैंने जब उसकी चूत पर अपनी जीभ रखी तो वो तड़पने लगी और आवाजे करने लगी और में अपनी जीभ को अन्दर बाहर करने लगा तो वो कहने लगी आआआअ ज़ाआाआआनुउऊुउउ इतने में ही उसकी चूत ने गर्म पानी छोड़ दिया और अब उसका शरीर अकड़ गया था.
फिर में उठा और उसे बाल से पकड़कर बैठा दिया और में बेड पर खड़ा हो गया और फिर मैंने उसके बालों को पकड़कर ज़बरदस्ती अपना लंड उसके मुँह में दे दिया, वो पहले-पहले तो लंड को निकालने की कोशिश करने लगी, लेकिन कुछ टाईम के बाद उसे भी मज़ा आने लगा. वो मेरे लंड को लॉलीपोप की तरह चूस रही थी, वो कभी मुँह में लेती तो कभी बॉल्स मुँह में लेती. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसकी टाँगे खोल दी और फिंगरिंग करने लगा. वो फिर से आवाजे निकालने लगी आआआआअहह आआआअहह, अब उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी. फिर में उसकी चूत पर अपना लंड रखकर दबाने लगा और वो कुंवारी होने के कारण अंदर नहीं जा रहा था, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी. फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ 3 इंच अन्दर चला गया. अब वो बहुत ज़ोर से चीखी तो मैंने अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए और बूब्स दबाने करने लगा.
फिर जब वो शांत हुई तो मैंने दूसरा जोर का झटका मारा और मेरा लंड सील तोड़ता हुआ पूरा अन्दर चला गया. मुझे अपने लंड पर गर्म-गर्म खून महसूस हो रहा था और वो चीख रही थी, प्लीज इसे निकालो, में मर गई. फिर में उसकी गर्दन पर किस करने लगा और बूब्स मुँह में लेकर चूसने लगा. फिर जब वो ठीक हुई तो में उसे चोदने लगा और अब उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था, वो कह रही थी ऊऊऊओह यययययईईईईस्स्स्स्स्सस्स जाआआऊऊउउ फक मी और तेज़ फास्ट फास्ट. में अपनी पूरी स्पीड से उसे चोदने में लग गया था और वो कह रही थी कि लव यू जानू आपको चोदना किसने सिखाया? फक मी बेबी आआआआआआआआहह करती रही. 25 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना गर्म पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसके ऊपर ही लेट गया और वो मुझे पागलों की तरह किस कर रही थी.
फिर 20 मिनट के ब्रेक के बाद में फिर से तैयार था, लेकिन अब में उसकी गांड मारना चाहता था तो मैंने उससे कहा तो वो साफ मना करने लगी तो मैंने प्यार के नाम पर उसे मना ही लिया. फिर मैंने उसे बेड पर घोड़ी बना दिया और तेल की बोतल उसकी गांड में उल्टी कर दी और उसकी गांड के छेद पर अपनी उंगली से अन्दर तक लगा दिया और कुछ तेल लंड पर भी लगा दिया. फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड पर सेट कर दिया और एक जोर का झटका मारा तो अब मेरा लंड पूरा अन्दर जा चुका था और वो चीख रही थी, में मर गई निकालो इसे, में जोर-जोर से झटके मारने लगा और बूब्स दबाने लगा. अब उसे भी मज़ा आने लगा था और वो भी अपनी गांड हिला-हिलाकर चुदवा रही थी और में उसे जोर से पकड़कर अपनी पूरी स्पीड से चोदने में लग गया और साथ में उसकी गांड पर हाथ से मार भी रहा था, 30 मिनट के बाद में उसकी गांड में ही झड़ गया.
फिर में अपना लंड उसकी गांड के बीच में रखकर ही सो गया और इन 6 दिनों में मैंने उसकी गांड चूत बहुत मारी और अब बदला लेने की बारी थी तो छठे दिन मैंने निशा से कहा कि जानू में तुम्हें लाईट ऑफ करके चोदना चाहता हूँ और साथ में हम दोनों एक दूसरे से कोई बात नहीं करेंगे, कसम खा कुछ भी हो जाए तो तुम मुँह से ऊफ तक नहीं कहोगी. फिर उसने कसम खा ली. फिर मैंने राज को फोन कर दिया और उसे बोला कि मेरे घर आ जा एक लड़की है मिलकर चोदते है.
फिर उसने कहा कि में 5 मिनट में आता हूँ, तब तक मैंने चैक करने के लिए कि निशा कोई गड़बड़ ना कर दे तो में लाईट ऑफ करके उसे चोदने लगा. फिर वो कुछ नहीं बोली तो मैंने उससे कहा कि बहुत मज़ा आया एक बार और करे. फिर उसने कहा ठीक है और फिर मैंने कहा कि याद रखना कुछ नहीं बोलना है. फिर उसने कहा कि ठीक है में 5 मिनट में आता हूँ, में बाहर राज का इंतजार करने लगा. फिर राज आ गया तो मैंने उसे कहा कि मेरी नई गर्लफ्रेंड है और मैंने सब सेट कर दिया है, बस तुम कुछ मत बोलना जब तुम्हारा काम हो जायेगा, तब लाईट चालू करेंगे. फिर हम मिलकर करेगे तो उसने कहा कि ठीक है.
फिर में राज के साथ गया तो मैंने निशा से कहा कि में आ गया जानू कुछ मत बोलना. फिर राज सेक्स करने लगा. फिर मैंने उससे कहा था कि जब तेरा हो जाए तो खांसी से इशारा कर देना तो उसने इशारा कर दिया. फिर मैंने रूम में आकर लाईट चालू कर दी तो राज ने देखा और वो पागल हो गया, ये तो उसकी बहन थी. वो दोनों पागल हो गये और राज भागकर मेरे पास आया और मेरा गला पकड़ लिया और कहने लगा कि साले ये क्या किया तुमने? फिर मैंने उसके मुँह पर एक चांटा मारा तो वो नीचे गिर गया.
मैंने कहा कि साले तूने मेरी गर्लफ्रेंड के साथ ज़बरदस्ती करने की कोशिश की थी तो ये उसका बदला था. फिर वो वहीं पर रोने लगा और फिर मैंने निशा को समझाया कि जानू ये जरूरी था वर्ना ये हमें कभी एक नहीं होने देता, अब ये कुछ नहीं कर सकता है, ये मैंने हमारे लिए ही तो किया है. फिर निशा मान गई और मैंने एक बार और निशा को उसके सामने चोदा, अब जब भी मेरा दिल करता है तो में निशा से मिलने जाता हूँ और राज से कहता हूँ कि साले रखवाली कर में तेरी बहन को चोदने जा रहा हूँ.
Share:

माँ ने दोस्त का बिस्तर गरम किया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अंकित है और में कानपुर उत्तरप्रदेश का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह कहानी जो में आज आप सभी के सामने रखने जा रहा हूँ यह मेरी रंडी मम्मी सुजाता और मेरी क्लास में पढ़ने वाले मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त सचिन के बीच बने नज़ायज़ संबंधो के बारे में है. दोस्तों मेरी माँ सुजाता एक बहुत गोरी, सुडोल और कामुक महिला है जिसे देखकर किसी का भी उसे चोदने का मन करने लगेगा. उसके बूब्स एकदम गोल और उसके बूब्स का साईज़ 34 है और उसकी गांड तो ऐसी है कि जब भी वो साड़ी पहनकर चलती है तो उसकी वो बड़ी उभरी हुई गांड मटकती है और बाकी लोग उसको ठोकने के सपने देखते है.
दोस्तों उस समय मेरी माँ की उम्र 45 होगी और मेरा वो दोस्त जिसने मेरी माँ को चोदा उसकी उम्र करीब 23 की थी, वो मुझसे तीन साल बड़ा था, लेकिन वो मेरी ही क्लास में पढ़ता था. दोस्तों मेरे पापा एक प्राईवेट फेक्ट्री में काम करते है और वो ज्यादातर समय गुजरात में ही रहते है इसलिए घर पर में और मेरी चुदक्कड़ मम्मी ही रहती है और मुझे पहले ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता था कि मेरी माँ कभी ऐसी भी होगी.
दोस्तों अब में सीधे अपनी घटना पर आता हूँ और अपनी माँ की उस चुदाई को पूरा विस्तार से आप सभी को सुनाता हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि इसको पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा. दोस्तों एक दिन में मेरे दोस्त सचिन को अपने घर पर लेकर आया और मैंने उससे मम्मी का परिचय करवाया और वो मेरी मम्मी को घूरता हुआ देखता ही रह गया. फिर हम लोग बैठकर बातें कर रहे थे और तब भी वो लगातार मम्मी को ही देख रहा था और इस बात पर मैंने गौर किया.
दोस्तों सचिन शुरू से आंटियों का बहुत बड़ा दीवाना है और मैंने और उसने बहुत बार कई आंटियों को चोदा है, लेकिन मुझे बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगता था कि उसकी नज़र मेरी मम्मी पर भी होगी या वो मेरी मम्मी को भी अपने जाल में फंसाकर चोद सकता है और वो मेरे एक बार घर पर लाने के बाद वो अब खुद घर पर हर दिन आने लगा और मम्मी के साथ अपनी दोस्ती को बढ़ाने लगा और कई बार तो वो मेरे घर पर नहीं होने पर भी आ जाता था. एक दिन मुझे सचिन को किसी काम की वहज से फोन करना था तो मैंने गलती से मम्मी के फोन से उसे फोन कर दिया तो मैंने देखा कि मम्मी के मोबाईल में सचिन का मोबाईल नंबर पहले से मौजूद है और अब मुझे कुछ शक हुआ और फिर मैंने सब कुछ खोलकर देखा तो में वो सब देखकर बिल्कुल चकित रह गया. मैंने देखा कि मम्मी उससे चेटिंग कर रही थी और उनकी चेटिंग भी अब बहुत आगे हो चुकी थी. मम्मी फोन पर पूरी नंगी हो चुकी थी और अब बस बिस्तर ही बाकी था.
फिर मैंने अब रोज़ चुपचाप मम्मी का फोन चेक करना शुरू किया तो मुझे पता चला कि यह दोनों बस हमेशा मेरे बाहर होने का ही इंतजार कर रहे है और फिर मैंने भी एक दिन जानबूझ कर उन्हें मौका देने की बात मन ही मन सोची, क्योंकि में मम्मी को ब्लॅकमेल करना चाहता था जिससे वो हमेशा मेरे वश में रहे, बस फिर क्या? मैंने मम्मी से झूठ बोला कि में कल अपने एक दोस्त के साथ लखनऊ जा रहा हूँ और में अगले दिन दोपहर तक आ जाऊंगा. में दोपहर के दो बजे अपने घर से निकल गया और घर से थोड़ा दूर खड़ा होकर छुपकर देखने लगा करीब तीन बजे के आस पास सचिन मेरे घर पर आया और फिर उसने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई और मेरी मम्मी ने दरवाजा खोला. मैंने देखा कि उस समय मम्मी ने एक काली कलर की सेक्सी जालीदार साड़ी और उसी कलर का ब्लाउज पहना हुआ था और उस ब्लाउज में से उसके आधे आधे बूब्स बाहर झांक रहे थे. फिर वो दोनों एक दूसरे की तरफ मुस्कुराते ख़ुशी ख़ुशी अंदर चले गये और में भी अपनी जेब से दूसरी चाबी से दरवाजा खोलकर उनके पीछे से अंदर आ गया, लेकिन जब मैंने अंदर आकर देखा तब तक वो दोनों बेडरूम में जा चुके थे.
अब में कमरे की एक छोटी सी खिड़की से अंदर का वो सब नजारा देखने लगा और साथ में उनके फोटो भी लेने लगा. मैंने देखा कि मम्मी अब सचिन की बाहों में थी और सचिन ने उनकी साड़ी का पल्लू हटा दिया था और वो अब उनके बूब्स मसल रहा था और वो लगातार किस कर रहा था. फिर उसने मम्मी के होंठो पर स्मूच करना शुरू किया, मम्मी भी उसका पूरा पूरा साथ दे रही थी और अब वो भी स्मूच कर रही थी और सचिन ने भी धीरे से स्मूच करते करते अपना एक हाथ सुजाता के पेटिकोट में डाल दिया और उसकी पेंटी को उतार दिया. फिर सचिन ने मम्मी की चूत में उंगली करना शुरू कर दिया जिससे मम्मी मचलने लगी, उस दर्द से तड़पने लगी और सिसकियाँ लेने लगी, लेकिन सचिन ने उसका मुहं अपने मुहं से स्मूच करते हुए बंद कर दिया था.
फिर सचिन ने उसके ब्लाउज को एक ऐसे जोरदार झटके से खोला कि वो फट गया और मम्मी के लटकते, झूलते हुए दूध के गोदाम को एक ही पल में पूरी तरह से आज़ादी मिल गयी और अब सचिन उनको कभी मसल रहा था तो कभी काट रहा था और मम्मी मज़े कर रही थी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियों के साथ आहे भर रही थी. अब सचिन ने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और मम्मी के सामने पूरा नंगा हो गया. उसका वो सात इंच का खड़ा हुआ लंड अब मेरी माँ की चूत के स्वाद को चखने का इंतजार कर रहा था. फिर माँ उसे अपने एक हाथ में लेकर ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी तो सचिन ने कुछ देर बाद उसे चूसने को कहा तो माँ उसकी इस बात से आनाकानी करने लगी, लेकिन सचिन ने उस काम को करने के लिए बहुत बार कहा तो वो भी धीरे धीरे चूसने लगी.
फिर सचिन जैसे ही गरम हुआ तो उसने पूरा लंड मम्मी के मुहं में ठूंस दिया और मम्मी के सर के बाल पकड़कर अपने लंड को लगातार अंदर बाहर करने लगा जिसकी वजह से अब मम्मी कुछ नहीं कर पा रही थी और जब उसने अपने लंड को बाहर निकाला तो मम्मी लंबी लंबी साँस ले रही थी और सचिन का लंड एकदम चमक रहा था. अब सचिन की बारी थी और उसने मम्मी का पेटिकोट हटाया तो उसमें से मानो जन्नत निकलकर बाहर आई थी.
मम्मी की वो गुलाबी बिना झांटो की चूत और अब सचिन उसके ऊपर टूट पड़ा और उसे चाटने लगा. अब तो मम्मी एकदम गरम हो गई थी और सचिन का चेहरा अपनी चूत में घुसा रही थी और वो आह्ह्ह्ह आम्‍म्म्मम अहमम्म्म की मस्ती भरी आवाज़ निकाल रही थी और अब सचिन ने मम्मी की ब्रा को उतारकर फेंक दिया और उसके बूब्स को मसल रहा था और चूत को चाट रहा था. मम्मी तो जैसे अब सातवें आसमान पर पहुंच गई थी और फिर अचानक से उनकी अहमम्म्ममहहां एमेम आहह्ह्ह की आवाज़ और तेज़ हो गई और फिर मम्मी झड़ गयी, वो बिल्कुल चित होकर पड़ी रही और उसे देखकर लग रहा था कि जैसे उसे जन्नत नसीब हो गई है.
सचिन ने अब अपने तनकर खड़े औज़ार को माँ की चूत से सटाया और मम्मी के दोनों पैरों को फैला दिया और एक प्यारा सा झटका दे दिया जिसकी वजह से उसके लंड का टोपा मम्मी की प्यासी चूत में घुस गया और मम्मी ने आहह्ह्ह आईईईई करके एक गरम आह भरी और अपनी दोनों आखें बंद कर ली. फिर सचिन ने एक और लेकिन थोड़ा दमदार झटका दे दिया और अब उसका लंड मम्मी की चूत को चीरता हुआ पूरा अंदर चला गया और उस दर्द से मम्मी एकदम चीख पड़ी.
अब सचिन मम्मी को धीरे धीरे, लेकिन लगातार धक्के देकर चोदने लगा. वो पहले अपने लंड को पूरा अंदर से बाहर निकलता और फिर पूरा का पूरा एक ही जोरदार धक्के से अंदर डाल देता जिसकी वजह से मम्मी उतनी ही ज़ोर से आहे भरती आह्ह्हह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ थोड़ा आराम से आहम्‍म्म प्लीज धीरे करो, सचिन की आवाज़े पूरे कमरे में गूंज रही थी.
फिर सचिन अचानक रुक गया और उसने मम्मी को कुतिया बनने को कहा, मम्मी अब एक पालतू कुतिया की तरह उसकी बात मान रही थी और अब उसने पीछे से मम्मी की चूत को चोदना शुरू कर दिया और उसने अपनी स्पीड को भी बढ़ा दिया था. पूरे कमरे में अब मम्मी की आईईईइ आम्‍म्म्महह जैसी गरम आहों के अलावा उसकी जाँघो से मम्मी के चूतड़ की ठुकाई की फच फच फच जैसी मधुर आवाज़ गूँज रही थी, लेकिन अब वो झड़ने वाला था तो उसने मम्मी के सर के बाल पकड़कर वो मम्मी को और तेज़ से धक्के देकर चोदने लगा जैसे वो किसी घोड़े की सवारी कर रहा हो और मम्मी भी आह्ह्ह आईईई सचिन प्लीज थोड़ा धीरे आह्ह्ह्ह सचिन म्‍म्म्मममहह बस करो ओमम्म्मममहह चिल्लाने लगी और फिर कुछ देर बाद वो दोनों एक साथ झड़ गये और वो मम्मी के ऊपर ही थककर पड़ा रहा.
फिर कुछ देर बाद वो दोनों एक दूसरे से अलग हुए तो मैंने देखा कि उन दोनों की सांसे बहुत तेज़ चल रही थी और मम्मी के चेहरे पर एक अजीब सी चमक के साथ साथ अपनी चूत चुदाई की संतुष्टि भी साफ साफ नजर आ रही थी. दोस्तों इस घटना के बाद उसने मम्मी को कई बार चोदा और उसने मम्मी की गांड भी मारी. तो दोस्तों मैंने भी उसे एक दिन बहुत डराकर उसकी माँ को चोदा और अब हम दोनों अपनी अपनी मम्मी को एक दूसरे के साथ चुदवाने के लिए भेज देते है और उनकी चुदाई के बहुत मजे लेते है. दोस्तों यह थी मेरी माँ की चुदाई की कहानी जिसके बाद मैंने अपने दोस्त की माँ को बहुत बार उसी के सामने चोदा और उसने मेरी माँ को मेरे सामने चोदा.
Share:

पति के सामने चुदाई का मजा

हैल्लो फ्रेंड्स, में आपके लिए फिर से एक नई कहानी लेकर आया हूँ. दोस्तों मेरा नाम समीर है, हाईट 5 फुट 8 इंच और 7 इंच लम्बा लंड है. ये बात आज से 2 महीने पुरानी है. दोस्तों फेसबुक पर मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई. उसने मेरा नाम और पता पूछा तो मैंने उसे अपना नाम और पता बता दिया. फिर वो बोली कि ये तो दिल्ली के पास ही है और अगर में आपसे मिलना चाहूँ तो मिल सकते हो. फिर मैंने कहा कि पहले एक दूसरे को थोड़ा जान पहचान लेते है और उसके बाद मिलेंगे तो उसने कहा कि ओके ऐसे ही 3-4 दिन उसकी और मेरी बात होती रही.
फिर एक दिन मैंने उसका मोबाईल नम्बर मांगा और उसने नम्बर दे दिया, इस बातचीत के दौरान वो सिर्फ 9 से 5 बजे के बीच में ही बात कर सकती है. अब मेरे पास उसका नम्बर था तो मैंने अगले दिन उसको कॉल किया तो दूसरी साईड से एक सेक्सी सी आवाज मेरे कानों में पड़ी, यारो में तो अपने होश ही खो गया, वो उधर से हैलो हैलो बोलती रही और मैंने कॉल कट कर दिया. फिर उसका पलटकर कॉल आया और अब तक में नॉर्मल हो चुका था.
मैंने उसका कॉल उठाया और बताया कि में कौन बोल रहा हूँ. फिर उसने कहा तो पहले क्यों नहीं बोले थे? फिर मैंने उसे बताया कि उसकी आवाज इतनी प्यारी है कि में अपने होश ही खो बैठा था तो उसने कहा कि मेरी आवाज इतनी भी प्यारी नहीं है. फिर मैंने कहा कि ये तो में डिसाईड करूँगा. फिर उसने हार मानते हुए कहा कि चलो जैसा तुम चाहो. फिर उसने कहा कि बाद में बात करते है और कॉल कट कर दिया, अब हम दोनों की रेगुलर फोन पर बात होने लगी थी. एक दिन उसने मुझसे बोला कि में तुमसे मिलना चाहती हूँ तो तुम दिल्ली आ जाओ. फिर मैंने कहा कि ओके में आ जाता हूँ और हमने दिन और जगह दोनों फिक्स कर लिए. फिर हमने एक रेस्टोरेंट पर मिलने का प्लान बनाया. फिर में वहाँ पर पहुँचा तो वो पहले से ही मेरा इंतज़ार कर रही थी, वो लड़की क्या कयामत लग रही थी? उसने एक काले कलर की शॉर्ट स्कर्ट और ग्रीन कलर का टॉप पहना हुआ था.
फिर मैंने उससे पूछा कि क्या आप काजल हो? फिर उसने हाँ बोला. फिर में बोला कि में समीर हूँ. में उसे देखकर बहुत खुश हुआ और वो भी मुझे देखकर बहुत खुश हुई, वो दिखने में बहुत सुंदर थी और उसका फिगर साईज 36-26-34 होगा, मस्त मोटी गांड, गोल-गोल टाईट चूचे टॉप से बाहर आने को तैयार थे. हम लोग मिले और अपने लिए लंच ऑर्डर कर दिया और हम बातें करने लगे. फिर बातों-बातों में पता चला कि वो शादीशुदा है और अभी 3 महीने पहले ही उसकी शादी हुई है और उसकी उम्र 26 साल है और वो अपने पति की बिज़नेस में हेल्प करती है. फिर मैंने उससे कहा कि यार तुम लगती नहीं कि 26 साल की हो, लेकिन तुम बस 20 साल की लगती हो और ऐसे कपड़े पहनती हो जैसे कि कोई कुंवारी लड़की पहनती है तो उसने कहा कि उसे ऐसे ही कपड़े पसंद है.
फिर कुछ और देर बातों के बाद हमने एक दूसरे को फिर मिलने के लिए कहा और बाय बोला. फिर उसने आगे बढ़कर मुझे हग किया और बोला कि वो मुझसे जल्दी ही मिलना चाहती है और अब में दिल्ली से वापस आ चुका था और 2 दिन हो चुके थे, उसका कोई कॉल नहीं आया था. फिर मैंने सोचा कि क्यों ना में ही उसे कॉल कर लूँ?
फिर मैंने कॉल किया तो उसने कॉल उठाया और बोला कि वो थोड़ी देर में मुझसे बात करेगी. फिर कोई 2 घंटे के बाद उसकी कॉल आई तो वो थोड़ी दुखी थी. फिर मैंने उससे कहा कि क्या हुआ कोई परेशानी है? तो उसने पहले तो मना किया, लेकिन मेरे बहुत बार पूछने पर वो बोली कि आज उसका सेक्स करने का मन था तो उसने अपने पति का पूरा साथ दिया, लेकिन उसका पति उसका साथ नहीं दे पाया और 3-4 धक्के मारकर ही झड़ गया और साईड में लेट गया. फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं कभी-कभी मर्द के साथ ऐसा हो जाता है. फिर उसने कहा कि उसके साथ ऐसा हमेशा ही होता है, वो उसके अंदर आग लगाकर छोड़ देता है और खुद ठंडा पड़ जाता है.
फिर मैंने कहा कि तुम किसी यौन रोग के डॉक्टर से मिल लो तो उसने कहा कि ओके तुम ही कोई तरीका बता दो कि वो मेरी प्यास बुझा सके. फिर मैंने कहा कि अगर तुम चाहों तो मेरी बात अपने पति से करवा दो, जिसस में उसे समझा सकूँ कि एक हॉट लेडी को कैसे ठंडा किया जाए. फिर उसने कहा कि ओके में देखती हूँ. फिर 2-3 दिन तक उसका कॉल नहीं आया तो में इन बातों को भूल चुका था, लगभग 1 हफ्ते के बाद उसका कॉल आया. मैंने फोन उठाया तो वो बोली कि उसने अपने पति से बात कर ली है और वो मुझसे बात करना चाहता है. फिर मैंने कहा कि ओके अब उसका पति मुझसे बात कर रहा था, उसने पूछा कि यार मुझे एकदम से इतना जोश चढ़ जाता है कि में कंट्रोल नहीं कर पाता और चूत में लंड डालकर तेज-तेज धक्के मारकर में झड़ जाता हूँ.
फिर मैंने कहा कि तुम्हारे साथ ये परेशानी है कि तुम रोमांस पर ध्यान नहीं देते हो, बस अपनी बीवी की हॉट चूत देखते हो और लंड खड़ा करके उसकी चूत में लंड डाल देते हो और जल्दी ही ठंडे पड़ जाते हो, लेकिन लड़की को तब तक मज़ा नहीं आता जब तक कि उसको चूमा चाटा ना जाए और उसकी गर्दन, बैक साईड, होठों, पेट को किस किया जाए, चूचियों को चूसा जाए और दबाया जाए, नाभि की गहराई को अपनी जीभ से नापा जाए और सबसे जरुरी बात चूत को चूसा जाए. फिर तुम उसका पूरा साथ दे पाओगे. फिर उसने कहा कि यार मुझे ये सब नहीं आता, बस लंड खड़ा करके चूत में डालना आता है. फिर मैंने कहा तो सीखो यार वरना बीवी को किसी और का लंड पसंद आ जायेगा. फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम मुझे सिखा सकते हो? काजल ने मुझे बताया है कि तुम काफ़ी अनुभवी हो. फिर मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन उसके लिए मुझे दिल्ली आना होगा तो उसने बोला प्रोग्राम तय करो और मुझे बता दो तो में उस दिन फ्री रहूँगा और एक लड़की का जुगाड़ करके रखूँगा.
फिर मैंने मंगलवार का प्रोग्राम फिक्स कर दिया और डिसाईड किया कि वो लड़की तैयार रखेगा और मेरे सामने उसके साथ सेक्स करेगा और में उसे बताऊंगा कि कैसे सेक्स करना है? तो दोस्तों मंगलवार आ गया और मैंने दिल्ली पहुँचकर उसे कॉल किया तो उसने मुझे अपना पता दिया, लेकिन वो वहाँ से बहुत दूर था तो उसने अपनी गाड़ी भेज दी और मुझे वहाँ पर पहुंचा दिया. फिर में वहाँ पहुंचा तो वो पॉश कॉलोनी में एक हसीन 4 BHK का फ्लेट था और बहुत सुंदर तरीके से सजाया हुआ था, वो काफ़ी अमीर फेमिली थी. फिर काजल के पति ने मेरा वेलकम किया और बोला कि वो मेरा ही इंतज़ार कर रहा था और लड़की का उसने इंतजाम कर लिया है. फिर मैंने कहा कि ठीक है और अब जल्दी करो मेरे पास टाईम थोड़ा कम है तो जल्दी से तुम्हें बताकर में वापस अपने शहर चला जाता हूँ. फिर वो बोला कि इतनी जल्दी मत करो और तुमने ही बोला था कि सेक्स प्यार से किया जाता है ना कि जल्दबाज़ी में. फिर में अपनी ही बात पर हार चुका था तो मैंने कहा कि ठीक है और में अब जल्दी नहीं करूँगा.
फिर उसने मुझसे नाश्ते के लिये कहा और नाश्ता करने के बाद वो बोला कि चलो अब मेरे बेडरूम में चलते है, वो हमारा इंतज़ार कर रही होगी और हम उसके बेडरूम में चले गये. फिर मैंने वहाँ क्या देखा? कि एक लड़की मेरी तरफ कमर करके खड़ी थी, लेकिन उसका एकदम मस्त फिगर था, बहुत छोटे कपड़ो में और पूरी बॉडी वेक्स की हुई थी. फिर काजल के पति ने कहा कि तुम ज़रा समीर को अपना चेहरा तो दिखाओ तो उसने अपना चेहरा मेरी तरफ किया तो मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी, वो और कोई नहीं काजल ही थी. वो अपनी बीवी को ही मेरे सामने चोदना चाहता था और में उसे देखता ही रह गया. फिर काजल बोली कि क्या देख रहे हो? में ही हूँ जो तुम्हारे सामने अपने पति से चुदवाऊंगी.
फिर उसके पति ने भी कहा कि में काजल के अलावा किसी और को चोदना नहीं चाहता हूँ तो काजल ही इस काम के लिए सही थी, वो मेरी पत्नी है तो कोई परेशानी ही नहीं है. फिर मैंने कहा कि यार पर तुम मेरे सामने ही अपनी बीवी को चोदोगे. फिर उसने कहा तो क्या हुआ? तुम भी इसका मस्त बदन और फिगर देख लेना. फिर मैंने कहा कि ओके तो शुरू करो. फिर काजल ने कहा कि तुम बताओ कैसे करना है? फिर मैंने कहा कि वैसे ही करो जैसे तुम करते हो, उसके बाद में तुम्हारी गलतियां देखूंगा और फिर बताऊंगा कि कैसे करना है? फिर वो दोनों शुरू हो गये और वो पहले किस कर रहे थे, लेकिन में कुछ और ही सोच रहा था कि काजल को अपने लंड से चोदना है और इसे सुख देना है और वो ही प्लान बना रहा था और प्लान बन भी चुका था. फिर किस करते-करते ही उसके पति ने उसके कपड़े उतार दिए और काजल ने भी अपने पति के कपड़े उतार दिए, उसके पति का लंड छोटा था, 5 इंच का होगा और खड़ा हुआ था तो उसने काजल को पूरा नंगा करके सीधे उसकी चूत में ही लंड डाल दिया और धक्के मारने लगा.
फिर 20-25 धक्के मारने के बाद वो उसकी चूत में ही झड़ गया और साईड में लेट गया, उनका पूरा सेक्स मुश्किल से 10 मिनट में पूरा हो गया होगा. फिर मैंने कहा कि यार ऐसे थोड़ी ना सेक्स होता है, तुम तो एक समझोते की तरह सेक्स को करते हो कि साईन किया और ख़त्म, वैसे ही लंड झड़ा और सब ख़त्म. फिर काजल और उसके पति ने एक साथ कहा कि इसलिए तो तुम्हें बुलाया है कि बताओं में काजल को कैसे संतुष्ट करूँ? इसकी सेक्स की भूख कुछ ज़्यादा ही है.
मैंने कहा कि ऐसे तुम करोगें तो में बता नहीं पाऊँगा, इसका तो एक ही तरीका है कि में तुम्हें सेक्स करके दिखाऊंगा कि किस तरह से सेक्स के मज़े लिए जाते है. ये सुनकर काजल की आँखो में चमक आ गयी, लेकिन उसके पति का मन थोड़ा सा उदास हो गया. फिर वो बोला कि यार ये मेरी पत्नी है और में ऐसे कैसे किसी के भी साथ सेक्स करने के लिए उसको हाँ बोल दूँ. फिर मैंने कहा कि इसलिए तो मैंने तुम्हें लड़की का इंतजाम करने के लिए बोला था, लेकिन तुम तो अपनी ही पत्नी को मेरे सामने चोदने लगे, अब तुम बोलो कि क्या करना है? तुम्हें सीखना है या नहीं.
फिर काजल बोली कि एक बार में कोई फ़र्क नहीं पड़ता है, अगर आप कहो तो आपको और मुझे पता चल जायेगा कि संतुष्टी कैसे होती है? फिर काजल के समझाने पर उसके पति ने हाँ बोल दी, अब काजल को चोदने की बारी मेरी थी और में उसके मस्त फिगर का तो दीवाना हो चुका था. फिर मैंने काजल से कहा कि अपने सारे कपड़े वापस पहन लो तो वो बोली क्यों?
फिर मैंने कहा कि अब जैसे में बोलूं वैसे ही करो. फिर वो अपने कपड़े फिर से पहनने लगी और जब उसने अपने पूरे कपड़े पहन लिए तो मैंने उसके पति से बोला कि अब वो जाकर सोफे पर बैठ जाए और देखे कि कैसे सेक्स किया जाता है? फिर वो जाकर सोफे पर बैठ गया और हमें देखने लगा.
फिर मैंने काजल से कहा कि बाथरूम में जाकर अपनी चूत को अंदर तक साफ करे, जिससे उसका झड़ा हुआ सारा वीर्य साफ हो जाए. फिर उसने ऐसा ही किया और साफ करके वापस आ गयी. अब वो बेड पर बैठी थी और में उसके साथ पास में बैठा था और उसका पति सोफे पर बैठा हमें देख रहा था. फिर सबसे पहले में उसे किस करने लगा, उसके होंठ बहुत ही स्वीट थे और में उसकी जीभ को चूस रहा था और वो मेरी जीभ को चूस रही थी. अब में हल्के हाथ से धीरे-धीरे उसके बूब्स को दबाने लगा और उसका पति मुझे देख रहा था, बल्कि बहुत गौर से देख रहा था और काजल मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा. वो मज़ा ले रही थी और उसका पति उससे भी ज़्यादा मज़ा ले रहा था. फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी और अब उसके बूब्स मेरे सामने थे.
में उसके निप्पल को ज़ोर-ज़ोर से अपनी उंगलियों के बीच में दबाने लगा तो वो सिसकारियां लेने लगी और मेरी छाती पर शर्ट के ऊपर से ही हाथ फेरने लगी.
फिर वो बोली कि मैंने तो अपनी ब्रा तुम्हें दिखा भी दी और टेस्ट भी करवा दी, अब तुम भी तो कुछ दिखाओ. फिर मैंने कहा कि में तो तुम्हारा ही हूँ जैसे चाहो टेस्ट करो या देखो. फिर इतना सुनकर उसने जल्दी से मेरी शर्ट उतार दी, जैसे कि फाड़ ही देगी. में नीचे बनियान कम पहनता हूँ तो मेरी छाती सीधे उसके सामने थी. फिर वो भूखी शेरनी की तरह उस पर टूट पड़ी और मेरे निप्पल को चूसने लगी. मुझे बहुत ही मस्त महसूस हो रहा था और वो 10 मिनट तक मेरे निप्पल सक करती रही और में मज़े लेता रहा.
फिर उसका पति बोला कि यार जल्दी करना मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. फिर मैंने कहा कि इसलिए तुम्हारी पत्नी पूरा मजा नहीं कर पाती है तो तुम बस बैठे रहो और देखते रहो. अब में काजल के कंधो पर आ गया था तो उसने ही मेरी जीन्स निकाल दी और अंडरवियर भी निकाल दिया और मेरा मोटा लंड फनफनाता हुआ एकदम से बाहर आ गया और काजल के मुँह से टकराया तो वो बोली नॉटी बहुत शरारती हो बस सीधे मुँह पर टक्कर मारते हो.
फिर मैंने कहा कि ये पहले तुम्हारे मुँह में जाना चाहता है ना कि चूत में. फिर वो बोली अब में तुम्हारे प्यारे लंड को निराश नहीं करूँगी और कहकर लंड मुँह में भर लिया. में तो अब सातवें आसमान पर था और वो मज़े से मेरे लंड को चूस रही थी और मेरी गोलियां दबा रही थी और में भी पूरा मज़ा ले रहा था.
लगभग 15 मिनट तक लंड चूसने के बाद मैंने उससे कहा कि मेरा वीर्य छूटने वाला है तो वो और ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड को चूसने लगी और गले तक मेरा लंड जाने लगा, इतने में ही में झड़ गया और वो मेरा सारा का सारा पानी पी गयी. अब उसके मुँह पर ऐसी चमक थी जैसे सारा दूध पीने के बाद बिल्ली के मुँह पर होती है. अब उसकी चूत लेने की बारी मेरी थी तो मैंने उसे लेटा दिया और फिर से उसे किस करने लगा और साथ ही साथ उसकी चूची को भी दबाने लगा.
अब में उसकी आँखो पर किस करने लगा, वो सिसकारियां ले रही थी तो में उसके होठों को चूसने लगा, वो भी पूरा मज़ा ले रही थी. अब में उसके गले पर आ गया और अपने थूक से उसके गले को थोड़ा गीला कर दिया और उस पर मुँह से हल्की-हल्की फूंक मारने लगा, वो तो एकदम पागल जैसी हो गयी. अब में उसके बूब्स को सक करने लगा और दूसरे को कस-कसकर दबाने लगा और उसने मुझे अपनी चूची से ऐसे चिपका लिया, जैसे कि में कोई छोटा बच्चा हूँ और वो मुझे दूध पिला रही हो और में मज़े से उसकी चूचियाँ चूस रहा था, वो एक हाथ से मेरा लंड सहला रही थी.
अब में उसकी नाभि पर आ गया और नाभि के होल में जीभ डालकर उसकी गहराई नापने लगा तो उसने मेरे चेहरे को अपनी नाभि के ऊपर एकदम से दबा लिया. फिर थोड़ी देर तक नाभि को चूसने के बाद फिर मैंने उसकी चूत के ऊपर ढके हुए कपड़े यानी कि स्कर्ट भी उतार दी, अब उसके बदन पर बस एक पेंटी थी और जिसने जन्नत को छुपाकर रखा हुआ था.
फिर मैंने हल्के से पेंटी के ऊपर ही उसकी चूत के दाने पर किस किया तो वो पागल सी हो गयी, लेकिन फिर में हट गया और उसकी जांघो पर किस करने लगा और उसकी जांघो पर किस करते-करते नीचे पैरों की उँगलियों तक आ गया और उनको मुँह में लेकर चूसने लगा, वो तो सेक्स से भरी हुई थी और मस्त हो गयी थी. फिर में वापस से ऊपर आने लगा और फिर से उसकी चूत के पास एक किस की और धीरे धीरे उसकी पेंटी उतार दी. अब उसकी क्लीन शेव चूत मेरे सामने थी और बहुत ही प्यारी लग रही थी. वो ऊपर से एकदम गोरी और अंदर से लाल थी, जैसे कि वनीला आइसक्रीम पर एक लाल चिल्ली रख दी हो, में इस आइसक्रीम को टेस्ट करने से खुद को रोक नहीं पाया और उसकी चूत पर एक किस कर दी और उसके बाद दूसरी किस की और उसके बाद तो किस की झड़ी लगा दी. वो पागल हो चुकी थी. फिर मैंने उसकी चूत के दाने को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा और साथ ही साथ उसकी चूत में एक उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा.
फिर उसने एक हाथ से मेरा हाथ पकड़ लिया, उसमें इतना सेक्स चढ़ चुका था कि वो ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी. फिर मैंने उसकी चूत को चाटना और फिंगरिंग करना चालू रखा, उसकी आँखे बंद थी और उसने अपने सर को पीछे की तरफ करके बेड में दबाया हुआ था और एक हाथ से मेरा हाथ पकड़ा हुआ था और दूसरे से मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा रही थी. में उसे चाट रहा था तो मुझे भी पूरा मज़ा आ रहा था, इतने में ही वो झड़ने लगी और झड़ते हुए उसने बुरी तरह से मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा दिया था.
फिर उसका झड़ना शुरू होते ही में हट गया, क्योंकि में देखना चाहता था कि वो झड़ते हुए कैसी लग रही है? वो बड़ी प्यारी लग रही थी. फिर जब वो झड़ चुकी थी तो वो एकदम से हल्की पड़ गयी और उसके हल्की पड़ते ही मैंने फिर से उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और उसके अमृत के समान पानी को चाटने लगा और फिर से फिंगरिंग करने लगा.
मेरा ये पूरा काम उसके पति ने बड़े गौर से देखा था. फिर से में कस-कसकर उसकी चूत को चाटने लगा और 5 मिनट के बाद ही वो कहने लगी कि समीर और मत तड़पाओ, प्लीज अब अपना लंड अंदर डाल दो. फिर मैंने उससे कहा कि जैसा तुम कहो जान. फिर में उसे पकड़कर बेड के कोने तक ले गया, अब उसकी कमर से ऊपर का हिस्सा बेड पर टीका हुआ था और बाकी का मेरे हाथों पर था. फिर मैंने उसकी टांगो को अपने कंधो पर रखा और खड़े हुए 7 इंच के लंड को उसकी चूत पर सेट करके एक ही धक्के में पूरा डाल दिया. वो तो एकदम से चीख ही पड़ी और बोली कि समीर प्लीज धीरे-धीरे, लेकिन अब में कहाँ मानने वाला था. फिर मैंने पूरा लंड बाहर निकाला और फिर से एक ही धक्के में पूरा का पूरा लंड चूत में डाल दिया और वो फिर से चिल्ला पड़ी.
फिर मैंने 4-5 बार ऐसे ही किया और एक बार लंड अंदर डालकर तेज-तेज उसे चोदने लगा, अब उसके मुँह से कामुक आवाजे आ रही थी और वो बोल रही थी समीर आई लव यू प्लीज मुझे चोदो और कस कसकर चोदो, तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है. अब में इस पोज़िशन में धक्के मार-मारकर थक चुका था तो मैंने पोज़िशन बदल दी और अब वो मेरे ऊपर थी और हम पूरे बेड पर आ चुके थे. अब वो मेरे लंड पर अपनी चूत को उछाल रही थी और उसका पति सब देख रहा था, हमें ऐसे चोदते-चोदते लगभग 15 मिनट हो चुके थे तो उसका बदन अकड़ने लगा और उसने अपनी चूत से मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया.
फिर मैंने एकदम से पोज़िशन चेंज की और उसके ऊपर आ गया और पूरी जान से उसकी चूत में लंड को पेलने लगा. फिर लगभग 10-12 धक्को के बाद वो और में एक साथ झड़ गये और में उसके ऊपर ही पड़ गया और उसकी चूचियों को चूसने लगा, वो पूरी तरह से संतुष्ट दिख रही थी और मेरे लंड ने उसे पूरा मज़ा दिया था.
अब उसका पति मेरे पास आया और बोला यार थैंक यू तुमने मुझे बताया कि सेक्स का मज़ा कैसे लिया जाता है? और में इससे पूरा संतुष्ट हूँ और आगे से में ऐसे ही काजल के साथ सेक्स किया करूँगा. फिर मैंने कहा कि ठीक है यार, लेकिन अलग अलग पोज़िशन में करना तभी तुमको मज़ा आयेगा. अब मैंने खड़े होकर अपने कपड़े पहन लिए और काजल ने भी अपने कपड़े पहन लिए. फिर काजल बोली कि समीर प्लीज आज रात यहीं रुक जाओ ना, में एक बार और तुम्हारे साथ मजा करना चाहती हूँ.
फिर मैंने उसके पति की तरफ देखा तो उसने भी कहा कि हाँ यार आज रात को यहीं रुक जाओ. फिर से पूरा मज़ा करेंगे. फिर मैंने कहा कि ठीक है जब तुम कह रहे हो तो में आज रात यहीं रुक जाता हूँ और में रुक गया, उस रात हमने बहुत सेक्स किया और थ्री-सम भी किया. फिर जब सुबह में जाने लगा तो काजल ने मुझे बताया कि ये सारी प्लानिंग उसकी थी, असल में वो मेरे लंड से चुदना चाहती थी, लेकिन अपने पति से धोखा भी नहीं करना चाहती थी. फिर उसने प्लान बनाया और अपने पति को ये आइडिया दिया और अपने पति के सामने ही मेरे लंड का मज़ा लिया. फिर में हंसने लगा और उसे एक किस करके वापस अपने शहर आ गया.
Share:

चुदक्कड़ माँ का रंडीपन

दोस्तों मेरा नाम करण है और में लखनऊ में रहता हूँ, मेरे घर में मेरी माँ और पापा है. दोस्तों में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ जिनको पढ़कर मुझे बहुत मज़ा आता है. मैंने अब तक इसकी बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी है जिनको पढ़कर मैंने भी अपनी कहानी को आपके सामने रखने के बारे में बहुत विचार किया और बहुत सोचने के बाद आज में आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ.
दोस्तों कहानी को शुरू करने से पहले में आप लोगों को अपनी माँ के बारे में बताता हूँ, मेरी माँ का नाम नीलम है और उसकी उम्र 47 साल है और उसकी हाईट 5 फिट 2 इंच है. वो बहुत गोरी है और दिखने में बिल्कुल ग़ज़ब है उसका सबसे बड़ा हथियार उसके मस्त चूतड़ है जिसको देखकर हर कोई उसका दीवाना हो जाता है क्योंकि उसके चूतड़ बहुत बड़े और गोल है वो जब भी चलती है तो सबकी नज़र उसकी मटकती हुई गांड पर ही होती है जिसको देखकर हर कोई उसकी मटकती हुई गांड की तरफ आकर्षित हो जाता है, वो ज़्यादातर पटियाला सलवार पहनती है जिसको पहनने के बाद उन कपड़ो में उसकी गांड और भी मस्त दिखती है. वो जब भी सड़क पर चलती है तो सलवार उसकी गांड के बीच की दरार में फंस जाती है तो इसलिए सब उसे ही घूर घूरकर देखते रहते है.
दोस्तों मेरे पापा के दोस्त जब घर आते है तो मेरी माँ उन्हें देखकर रंडियो की तरह सजधजकर तैयार हो जाती है और वो लाल कलर के कपड़ो में बहुत सेक्सी माल लगती है और मेरे भी कई दोस्त भी मेरी माँ की गांड देखकर मुठ मारते थे, यहाँ तक कि मेरा अपना कज़िन भी मेरी माँ को हमेशा गंदी नज़र से देखता था और वो हमेशा मन ही मन उनकी चुदाई करने के सपने देखा करता था, मुझे यह सब बाद में पता चला.
दोस्तों यह बात आज से पांच साल पहले की है जब हम लखनऊ में नये नये रहने के लिए आए थे और हमने किराए पर एक रूम लिया हुआ था. दोस्तों हमारा रूम पहली मंजिल पर था और हमारा मकान मालिक नीचे वाली मंजिल पर रहता था और हमारे मकान मालिक का एक बेटा भी था जिसका नाम रवि था और उसकी उम्र करीब 27 साल थी, लेकिन उसकी अभी तक शादी नहीं हुई थी और वो दिखने में थोड़ा ठीक ठाक था और उनके घर में एक ड्राईवर भी रहता था जिसका नाम राकेश था और उसकी उम्र करीब 44 साल के आसपास थी.
दोस्तों मेरी माँ वहां पर भी हमेशा उनके सामने अपना रंडीपन दिखाती थी और मेरे पापा के ऑफिस चले जाने के बाद वो सजसवर के नीचे मकान मालिक के घर पर पहुंच जाती थी और वो उन्हें अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए बहुत कुछ किया करती थी. एक बार की बात है, मैंने रवि को मेरी माँ की गांड पर हाथ रखे हुए भी देख लिया था, लेकिन फिर भी माँ उससे कुछ भी नहीं बोल रही थी क्योंकि शायद वो भी अब उससे इन सभी कामों को करवाने की उम्मीद करती थी और वो भी यही सब अपने साथ करवाना चाहती थी.
दोस्तों मेरी माँ की रवि और राकेश के साथ बहुत ज्यादा बात होती थी और वो मेरी माँ से बहुत हंस हंसकर बातें किया करते थे और हमेशा मेरी माँ को गंदी गंदी नजरों से देखा करते थे और उन दोनों लोगो की नज़र मेरी माँ की गांड, बूब्स और उनके गदराए हुए सेक्सी बदन पर ही होती थी जिसकी वजह से मुझे मेरी माँ पर पूरा पूरा शक था कि वो मेरे मकान मालिक से अपनी चुदाई भी करवाती है और एक दिन मेरा शक वो सब कुछ देखकर यकीन में बदल गया जिस दिन मैंने वो सब देखा.
दोस्तों एक दिन दोपहर को में बहुत गहरी नींद में सो रहा था और मुझे सोए हुए अभी कुछ देर ही हुई थी कि अचानक से मेरी आँख खुली तो मैंने उठकर देखा कि मेरी माँ उस समय कमरे में नहीं थी और फिर मैंने सोचा कि शायद मेरी माँ नीचे चली गई होगी और मन ही मन यह बात सोचकर में भी नीचे आ गया तो मैंने नीचे आकर मेरी माँ की सिसकियों की आवाज़ सुनी और अब मेरी माँ बहुत ही मीठी आवाज़ में बोल रही थी हाँ थोड़ा और ज़ोर से करो उह्ह्हह्ह प्लीज आईईईई थोड़ा और उह्ह्ह्हह्ह् हाँ और ज़ोर से करो.
फिर मैंने जब खिड़की से उस कमरे के अंदर झांककर देखा तो में वो सब देखकर बिल्कुल दंग रह गया और मेरी आखें फटी की फटी रह गई, मैंने देखा कि अंदर रवि का एक हाथ मेरी माँ के बूब्स पर था और वो मेरी माँ के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था. माँ ने काले कलर का पटियाला सलवार सूट पहना हुआ था जो कि पूरा जालीदार था और माँ लाल कलर की बिंदी और सिंदूर में पूरी तरह सती सावित्री भाभी की तरह दिख रही थी और उस समय राकेश भी उनके बहुत पास में बैठा हुआ था और वो यह सब देखकर अपना लंड पेंट से बाहर निकालकर अपने एक हाथ से पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से हिला रहा था.
फिर माँ ने रवि से कहा कि क्या अपनी भाभी के बूब्स को ऊपर से ही दबाओगे या अब उसे नंगा भी करोगे? और फिर यह बात सुनते ही रवि ने तुरंत नीलम का सूट उतार दिया और अब मैंने देखा कि वो अब सिर्फ सलवार और सफेद कलर की ब्रा में थी, लेकिन कुछ ही देर रुकने के बाद उसने माँ की ब्रा को भी उतार दिया जिसकी वजह से अब माँ के मोटे मोटे बूब्स लटकने लगे थे और माँ के झूलते हुए बड़े बड़े बूब्स को देखकर में भी अब बाहर खड़ा खड़ा अपना लंड बाहर निकालकर मुठ मारने लगा.
मैंने देखा कि माँ के निप्पल थोड़े बड़े उभरे हुए और भूरे कलर के थे और गोरे गोरे बूब्स पर वो भूरे रंग के निप्पल बहुत अच्छे दिख रहे थे और अब मेरी माँ बिल्कुल रांड की तरह दिख रही थी. रवि ने फिर माँ के बूब्स को एक एक करके चूसना शुरू कर दिया था और उसकी वजह से माँ भी अब धीरे धीरे सिसकियाँ ले रही थी और माँ की सिसकियों की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी. अब रवि माँ से बोल रहा था कि नीलम में आज तुझे कुतिया बनाकर चोदूंगा और तेरी सारी भूख को शांत कर दूंगा, तू बस आज देखती जा में तुझे कैसे कैसे चोदता हूँ तू तो बस चुपचाप अपनी चुदाई के मेरे साथ मज़े लिए जा.
यह सब देखकर और सुनकर राकेश ने भी अपना लंड अब थोड़ा ज़ोर ज़ोर से हिलाना शुरू कर दिया. रवि ने फिर नीलम की सलवार का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया, उसने काली कलर की पेंटी पहनी हुई थी. अब मुझे माँ की चूत साफ साफ दिख रही थी, वो कई बार चुदकर पूरी तरह फेलकर आकार में बहुत बड़ी हो गई थी और मेरा वो शक़ बिल्कुल सही था कि मेरी माँ मेरे पापा के अलावा भी कई लोगों से बहुत बार अपनी चुदाई करवाती है. दोस्तों मेरी माँ की चूत पर हल्के हल्के बाल थे और रवि से अब बिल्कुल भी रहा नहीं गया.
फिर उसने तुरंत अपना मोटा लंड पेंट से बाहर निकाला और फिर उसने अपना लंड चूत पर धीरे धीरे घिसना शुरू किया जिसकी वजह से उसके लंड का टोपा माँ की चूत से बाहर बहते चूत रस से गीला और थोड़ा सा चिपचिपा सा हो गया और फिर कुछ देर बाद उसने अपना चिकना लंड चूत के मुहं पर रख दिया और सही मौका देखकर उसने एक ही जोरदार धक्के से अपना पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और वो पूरा फिसलता हुआ मेरी माँ की फेली हुई चूत की गहराईयों में चला गया.
अब माँ की बहुत ज़ोर से चीखने की आवाज़ निकल गई आईईईई आअहह माँ अब पूरी तरह रंडी बन चुकी थी और उसने रवि से कहा कि तू आज अपने इस मोटे लंड से मेरी चूत फाड़ दे उह्ह्ह्ह थोड़ा और ज़ोर से आह्ह्हह्ह् धक्का दे रवि प्लीज पूरा अंदर जाने दे तुझे मेरी कसम, फाड़ दे तू आज मेरी इस चूत को आह्ह्हह्ह हाँ पूरा ज़ोर लगा.
माँ के मुहं से यह सभी जोश को बढ़ाने वाली बातें सुनकर रवि अब बिल्कुल सा पागल हो गया और वो माँ के ऊपर पूरा चढ़ गया और उसने फिर से जोरदार झटके मारने शुरू कर दिये और माँ भी अब अपनी गांड को उछाल उछालकर उसका पूरा पूरा साथ दे रही थी और माँ को चुदता हुआ देखकर मेरा लंड भी अब तक पूरी तरह से तनकर खड़ा हो चुका था और अब में भी माँ का नाम लेकर उन्हें अपने सामने चुदता हुआ देखकर अपना लंड थोड़ा ज़ोर से हिलाने लगा. दोस्तों करीब दस मिनट तक चूत की चुदाई ऐसे ही चलती रही. माँ की चूत बहुत ज़्यादा बड़ी थी इसलिए उसका लंड अब बहुत आसानी से फिसलता हुआ पूरा का पूरा अंदर बाहर हो रहा था, लेकिन कुछ देर चूत चोदने के बाद उसने माँ को तुरंत पलट दिया जिसकी वजह से अब माँ के बड़े बड़े गोल चूतड़ साफ साफ दिख रहे थे. फिर रवि ने दोनों चूतड़ को अपने दोनों हाथों से फैलाया तो माँ की गांड साफ साफ नजर आने लगी और उसने अब माँ की गांड में अपनी एक उंगली को डाल दिया.
माँ तुरंत समझ गई कि आज उसकी गांड भी चुदने वाली है तो माँ ने भी अपनी गांड को अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लाकर पूरी तरह से पकड़कर फैला दिया. फिर रवि ने तुरंत थोड़ा सा थूक लंड पर और माँ की गांड पर लगा दिया जिसकी वजह से गांड और लंड दोनों ही चिकने होकर चमकने लगे थे.
फिर उसने बिना देर किए अपना मोटा लंड माँ की गांड के मुहं पर रखकर एक जोरदार धक्का देकर अंदर डाल दिया. उसने एक झटके में ही पूरा का पूरा लंड माँ की गांड में घुसा दिया था. माँ उस दर्द से एकदम तड़प उठी और अब वो रवि को लंड बाहर निकालने के कहने लगी, लेकिन रवि नहीं रुका वो ज़ोर ज़ोर से लगातार धक्के देकर माँ की गांड को चोदने लगा और यह सब देखकर राकेश भी अपना लंड हिला रहा था और रवि बिल्कुल पागलों की तरह माँ को बिना रुके चोद रहा था और माँ भी रंडियो की तरह उस दर्द की वजह से चीखते, चिल्लाते हुए अपनी गांड उससे बहुत मज़े के साथ मरवा रही थी, लेकिन करीब दस मिनट तक चुदने के बाद रवि झड़ गया और उसने अपना पूरा वीर्य माँ की गांड में ही हल्के हल्के झटकों के साथ पूरा अंदर डाल दिया. मैंने देखा कि रवि का लंड बहुत मोटा होने की वजह से अब माँ की गांड का छेद थोड़ा बड़ा हो गया था और अब तक यह सब देखकर राकेश भी पूरी तरह से गरम हो चुका था और फिर वो भी बोला कि में भी नीलम भाभी की गांड को चोदकर मज़ा लूँगा.
उसके मुहं से यह बात सुनकर मेरी माँ तुरंत उससे बोली कि हाँ में तेरी रंडी हूँ चोद दे मुझे, जल्दी से अपना लंड डालकर मुझे चोद दे और तू भी मुझे आज अपना बना ले. फिर राकेश यह बात सुनकर और भी ज्यादा जोश में आकर गरम हो गया और फिर उसने अपना लंड माँ की गांड में एक ज़ोर से धक्का देकर अंदर डाल दिया. माँ की गांड का छेद कुछ देर पहले हुई उस चुदाई से बड़ा हो चुका था और अब उसे भी अपनी गांड को चुदवाने में बहुत मज़ा आ रहा था और वो उससे कह रही थी उह्ह्ह्हह्ह हाँ थोड़ा और अंदर डाल आईईईई प्लीज उफफ्फ्फ्फ़ हाँ थोड़ा सा और अंदर करो.
राकेश ने अब जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर माँ को चोदना शुरू किया और कुछ देर तक लगातार धक्के देकर चोदने के बाद उसने अपना लंड झटका देकर बाहर निकाल लिया और फिर उसने माँ को अपना लंड चूसने को बोला तो माँ उस समय बहुत गरम थी और वो बिना सोचे समझे तुरंत अपनी गांड के अंदर गया हुआ लंड भी अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और कुछ देर बाद राकेश माँ के मुहं में ही धीरे धीरे झटके देता हुआ झड़ गया और माँ ने उसका सारा वीर्य पी लिया और उसके लंड को अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ किया पूरा चमका दिया. फिर कुछ देर वो तीनों एक साथ थककर लेटे रहे और उसके बाद माँ ने अपने कपड़े पहनने शुरू किए.
फिर मैंने देखा कि अभी भी मेरी माँ की गांड से वीर्य टपक रहा था और वो बाहर आने लगी, लेकिन उससे पहले में अपने कमरे में पहुंचकर लेट गया और कुछ देर बाद जब माँ कमरे में पहुंची तो मैंने उनकी बदली हुई चाल से पता लगा लिया कि आज माँ को अपनी गांड में जरुर बहुत दर्द होगा जिसकी वजह से वो इस तरह से चल रही है और उनकी चाल बिल्कुल बदल चुकी थी, लेकिन फिर भी वो अपनी इस गंदी हरकतों से बाज नहीं आई और उसके बाद भी उन्होंने कई बार अपनी चुदाई के मज़े उनके लंड से लिए. दोस्तों यह थी मेरी चुदक्कड माँ की चुदाई की कहानी जिसमें उसको चुदवाने में बहुत मज़ा आया.
Share:
Copyright © देसी सेक्सी कहानिया