अंकल के साथ मेरा पहला हनीमून

हैल्लो दोस्तों, अंकल ने उस रात ट्रेन में हुई हमारी पहली मुलाकात में ही मुझे चार बार चोदा और हम दोनों ने बहुत मज़े लेकर उस पूरी रात अपनी सुहागरात मनाई फिर जब हम सुबह स्टेशन पहुँचे तो अंकल ने पहले से ही फोन करके हमारे लिए एक बहुत अच्छा सा होटल बुक कर लिया था. हमारे स्टेशन पर पहुंचते ही हमें होटल से एक गाड़ी लेने आई थी और हम थोड़ी देर में उस होटल में पहुँच गये और अंकल ने हमारे लिए एक हनिमून स्वीट रूम बुक कराया था. फिर जैसे ही हम होटल के रूम में पहुँचे तो अंकल ने रूम को तुरंत अंदर से बंद कर लिया और अब वो मुझे पीछे से पकड़कर मेरे बूब्स को अपने दोनों हाथों से ज़ोर ज़ोर से दबाकर निचोड़ने लगे और फिर मुझसे कहने लगे.
अंकल : क्यों डार्लिंग तुम्हे यह रूम कैसा लगा?
में : बहुत अच्छा लगा.
अंकल : तो चलो ना अब हम दोनों आज साथ में चलकर नहाते है और मुझे तुम्हे बाथरूम में एक बार चोदने का बहुत मन है, प्लीज मेरी यह इच्छा भी आज एक बार पूरी कर दो.
में : जानू कल से आप मुझे करीब चार बार चोद चुके हो फिर भी क्या आपका मेरी चुदाई से मन नहीं भरा? जो अब आप मुझे बाथरूम में भी चोदने की बात कहते हो?
अंकल : नहीं, अगर तुम्हारे जैसी पत्नी मेरी हो तो उसको एक दिन में कम से भी कम दस बार चोदने का मेरा मन होगा क्योंकि तुम बहुत हॉट, सेक्सी हो और अब में पूरी तरह से तुम्हारा दीवाना हूँ.
दोस्तों वो यह बात कहकर मुझे किस करने लगे और मेरी गांड को भी दबाने लगे जिसकी वजह से में तो जैसे अब धीरे धीरे पागल हो रही थी और में जोश में आकर उनके होठों को चूमने लगी और इस बीच अंकल मेरे टॉप को उतारकर मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स को किस करने लगे और निप्पल को हल्का सा काटने लगे, इतने में वेटर ने दरवाजा बजाया और हम दोनों अलग हो गये और अंकल उठकर दरवाज़ा खोलने चले गए और वो वेटर से कुछ सामान ले आया और वो सीधा बाथरूम में चले गये.
अब में भी टावल में बाथरूम के अंदर चली गई तो मैंने देखा कि अंकल बाथटब में सिर्फ अंडरवियर में लेटे हुए थे और मुझे देखते ही उन्होंने तुरंत मेरा हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और मेरे टावल को पकड़कर एक झटका देकर उतार दिया. में अब सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में खड़ी हुई थी और अंकल ने मुझे बाथटब में लेटा लिया और मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही किस करने लगे और एक हाथ को मेरी चूत के ऊपर रखकर दोनों जांघो के अंदर बाहर करने लगे और अब में जोश में आकर सिसकियाँ लेने लगी आहहह्ह्ह प्लीज अंकल में मर गई उउम्म्म्ममम और में जोश में आकर बोल पड़ी अंकल में आपसे बहुत प्यार करती हूँ आज आप जैसे चाहो मुझे चोद सकते हो, प्लीज अब मुझे थोड़ा जल्दी चोदो और मेरी आग को बुझा दो उफ्फ्फफ्फ्. ( दोस्तों उन अंकल का नाम समीर था) तो मेरे मुहं से यह शब्द सुनकर अंकल को अब ज्यादा जोश आ गया और बोले कि रानी आज से तुम मुझे सिर्फ सेम ही बुलाओगी और अब उन्होंने मुझे टब से बाहर निकालकर उल्टा खड़ा कर दिया और मेरी गांड को पेंटी के ऊपर से किस करने लगे और बोले जानू जब भी में पीछे से तुम्हारी गांड को देखता हूँ तो मेरी हालत बहुत खराब हो जाती है और में हमेशा तुम्हे सोच सोचकर बहुत बार मुठ मारता हूँ.
मैंने कहा कि हाँ मुझे वो सब पहले से पता है और में बहुत अच्छी तरह से अपनी मेरे ऊपर उस गंदी नियत को पहचानती हूँ, तो उन्होंने मुझसे पूछा कि वो कैसे?
में : उस दिन रात को जब में सो रही थी तब आप मेरे पास आकर मेरी गांड को छूते हुए और आगे बढ़ते हुए गांड को किस कर रहे थे, मेरे कोई भी विरोध ना करने पर आपकी हिम्मत धीरे धीरे बढ़ती गई, मुझे वो सब पता है कि आपके मन में उस दिन से मेरे लिए क्या क्या चल रहा था?
अंकल : तो तुम मुझसे कुछ बोली क्यों नहीं? और मैंने सोचा कि तुम शायद गहरी नींद में थी इसलिए मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और अपने काम में लगा रहा.
में : मुझे आपकी वो बात अच्छी लगी इसलिए में एकदम चुप रही और जब आप बाथरूम में जाकर अपना लंड हिला रहे थे और मेरी पेंटी को किस कर रहे थे, तब मैंने आपको देख लिया था और आप तो उस दिन एकदम पागल हो गये थे और आपने मेरी पेंटी को किस करके बिल्कुल गीला कर दिया था.
अंकल : हाँ सच मैंने जब से तुम्हे देखा है में बिल्कुल पागल हो गया हूँ.
फिर यह बात बोलकर उन्होंने मेरी पेंटी को उतार दिया और मेरी गांड को किस करने लगे और गांड के छेद को चाटने लगे, ओहह क्या मस्त अहसास था? उस वक़्त में तो जैसे पागल हो गई थी. फिर अंकल करीब बीस मिनट तक मेरी गांड को चाटते रहे और बूब्स को दबाते रहे. फिर उन्होंने मुझे बाथरूम के कमोड पर बैठा दिया और मेरे दोनों पैरों को पूरा खोलकर मेरी चूत को चाटने लगे और चूसने लगे. फिर करीब दस मिनट के अंदर ही में उनके मुहं में झड़ गई और उन्होंने मेरा सारा पानी चाटकर साफ कर दिया और अब उन्होंने उनके लंड को मेरे मुहं में दे दिया और में उनके लंड को लोलीपोप की तरह मज़े लेकर चूसने लगी और वो सिसकियाँ भरने लगे आहह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ जानू हाँ मज़ा आ गया बेबी उउम्म्म्म हाँ इसे और चूसो बेबी.
उनके मुहं से यह बातें सुनकर में जोश में आ गई और अब में ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. करीब 15 मिनट के अंदर अंकल मेरे मुहं में झड़ गये और मैंने अंकल का पूरा वीर्य अपने मुहं से बाहर गिरा दिया, क्योंकि मुझे गरम गरम वीर्य लेने से उल्टी आने लगी थी. अब में फव्वारे के नीचे नहा रही थी और तभी अंकल मुझे एक बार फिर से पीछे से पकड़कर किस करने लगे, जिसकी वजह से उनका मोटा लंड ठीक मेरी गांड के छेद के ऊपर था जिसकी गरमी और मोटाई में बहुत अच्छी तरह से महसूस कर रही थी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
में : यह आप क्या कर रहे हो?
अंकल : कुछ नहीं बस अपनी पत्नी को थोड़ा सा प्यार कर रहा हूँ.
में : क्यों अभी तो किया था ना फिर वो क्या था?
अंकल : मेरी रानी मुझे तुम्हे फव्वारे के नीचे भी एक बार चोदना है.
में : लेकिन वो कैसे जानू, यहाँ पर मुझे तुम कैसे चोदोगे?
मेरे मुहं से इतनी बात सुनते ही अंकल एक बार फिर से नीचे झुककर मेरी चूत को चूसने लगे और उन्होंने मेरी चूत को अपने दोनों हाथों से पूरी तरह फैला लिया था जिसकी वजह से उनकी जीभ मेरी चूत में बहुत गहराई तक जा रही थी, उस समय उस गरम जीभ को महसूस करके मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे में सातवें आसमान में हूँ और मेरे मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी.
में : अह्ह्ह्ह समीर में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ डार्लिंग प्लीज अब चोदो मुझे और मत तड़पाओ एक बार और अपनी पत्नी की चूत को चोदकर शांत कर दो, प्लीज थोड़ा जल्दी करो उह्ह्ह्ह.
अंकल : रानी आज तो हमारा हनिमून का पहला दिन है और जब तक हम यहाँ पर रहेंगे, तुम्हे में हर एक पोज़िशन में चोदूंगा.
फिर में नीचे झुककर उनके लंड को चूसने लगी और कुछ देर बाद अंकल ने मुझे खड़ा करके मेरे एक पैर को अपने कंधे पर रख लिया और अपने लंड को मेरी चूत में डाल दिया और मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरी चूत में कोई गरम सरिया डाल दिया हो, में चीख उठी उईई माँ मर गई प्लीज बाहर निकालो उफ्फ्फफ्फ्फ़. तो अंकल बोले कि मेरी रानी तुमने मुझे बहुत सताया है और जब भी में तुम्हारे घर पर जाता था तुम जानबूझ कर ढीले ढीले टॉप्स पहनती थी और मुझे चाय देने के बहाने अपने झूलते हुए दूध मुझे दिखाती थी और मेरी बेचैनी को बढ़ाती थी, मुझे भी सब कुछ पता है कि तुम मुझसे क्या चाहती हो? और में अपनी इतने दिन की तड़प आज पूरा करूँगा और तुम्हे ऐसे ही खड़े खड़े चोदूंगा.
फिर यह बात कहकर उन्होंने एक और ज़ोर का झटका दिया और अब उनका लंड आधा मेरी चूत के अंदर चला गया और मुझे भी मज़े आने लगा आहह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह समीर चोदो मुझे, डार्लिंग ज़ोर से चोदो मुझे, में तुम्हारी पत्नी हूँ और ऐसे शब्द मेरे मुहं से निकलने लगे. फिर करीब 25 मिनट के बाद हम दोनों झड़ गये और अंकल ने मेरे अंदर ही अपना वीर्य छोड़ दिया और मुझे पकड़कर बाथटब में मेरे ऊपर लेटे रहे, बाथटब का पानी हमारे पानी से खराब हो गया था और हमने पानी को बदल दिया और फिर साथ में नहाए और नहाने के बाद जैसे ही में अपने कपड़े पहनने लगी तो अंकल ने मेरे कपड़े छीन लिए और वो मुझसे बोले कि डार्लिंग तुम रूम में कुछ नहीं पहनोगी और नंगी रहोगी ताकि में जब चाहूं तुम्हे चोद सकूँ. फिर मैंने भी उनके कहने पर अपने कपड़े नहीं पहने और अंकल को भी नंगा रखा, हम दोनों पूरे नंगे ऐसे एक दूसरे की बाहों में लेटकर टीवी देखने लगे और वो मेरे बूब्स से खेलने लगे और में उनके लंड को. दोस्तों उस हनीमून में हमने बहुत सारे तरीकों से चुदाई के मज़े लिए.
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शीतल को पटाकर दोस्त के घर पर चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पीयूष है और में सेक्स में बहुत रूचि रखता हूँ. आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ और जिसको पढ़कर आप सभी को बहुत जोश आएगा. दोस्तों में पीयूष दिल्ली का रहने वाला हूँ तो आज मैंने सोचा कि क्यों ना में भी अपना सच्चा सेक्स अनुभव आप लोगों को सुना दूँ, इसलिए में उस घटना को आप सभी के सामने आज लेकर आया हूँ.
दोस्तों में दिल्ली की एक बहुत बड़ी प्राईवेट कंपनी में काम करता हूँ और में इस कंपनी में पिछले दो साल से काम कर रहा हूँ और उसी ऑफिस में बहुत सारी लड़कियाँ भी काम करती है, लेकिन उनमे से एक है जो उन सबसे कुछ ज्यादा हटकर है, जिसका नाम शीतल है और उसके फिगर का साईज 34-26-33 है.
दोस्तों वो मुझे अक्सर लाईन दिया करती थी और में भी उसे बहुत पसंद किया करता था, लेकिन में कभी भी उससे अपने दिल की बात नहीं करता था, लेकिन वो बहुत सुंदर और एक अच्छे घर से थी तो इसलिए में उसे हमेशा जानबूझ कर अनदेखा किया करता था. एक दिन की बात है और देर रात को मुझे मेरे मोबाईल पर एक मैसेज मिला और उसे पढ़ने के बाद में मन ही मन सोचने लगा कि यह मैसेज किसका हो सकता है, लेकिन बहुत देर तक सोचने के बाद भी मुझे बिल्कुल भी समझ नहीं आ रहा था कि यह मैसेज किसका है? तो मैंने भी उसे एक मैसेज भेज दिया और उससे पूछा कि तुम कौन हो? अब उसने मुझसे कहा कि में तुम्हारी वही पुरानी दोस्त शीतल.
दोस्तों एक बार तो में उसकी यह बात सुनकर बहुत चकित हो गया, क्योंकि मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि में उसको अब क्या जवाब दूँ, लेकिन फिर मैंने ना जाने क्या सोचकर उससे बहुत सारी बातें की और हम बहुत ही कम समय में एक बहुत ही अच्छे दोस्त भी बन गये, क्योंकि में उसको मन ही मन बहुत प्यार करता था और शायद वो भी मुझे चाहती थी, लेकिन उसने कभी मुझे बताया नहीं था. दोस्तों उसके दो चार दिन तक हमारे बीच सब कुछ ठीकठाक चलता रहा, लेकिन अचानक से एक दिन उसने खुद मुझसे आगे बढ़कर कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और वो दिन आ ही गया जब में भी उससे अपने दिल की बातें करने के बारे में सोचने लगा.
दोस्तों में उसके मुहं से यह बात सुनकर अचानक से बहुत चकित हो गया, मुझे बिल्कुल भी अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था, लेकिन मैंने भी कुछ देर बाद पूरे होश में आकर बहुत खुश होते हुए उससे ऐसे ही हाँ में भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और तुम मुझे बहुत अच्छी लगी हो कह दिया. फिर हमारे बीच में एक दो दिन ऐसे ही सब कुछ चलता रहा, अब हम दोनों हर दिन अपने लंच टाईम पर छत पर मिलते और वहीं पर हम दोनों अपना लंच भी करते और वो मेरे लिए अपने घर से बहुत अच्छा अच्छा खाना लाने लगी और अब मुझे अपने हाथों से भी खिलाने लगी. फिर उसके आगे हमारी बात और भी आगे बड़ी और हमने एक दूसरे को किस करना भी शुरू कर दिया था. फिर एक दिन मैंने उसे कहीं बाहर मिलने को बोला और वो मेरी बात एक बार में मान गई.
वो रविवार का दिन था और उस दिन हम दोनों की छुट्टी भी थी और हम दोनों मेरे एक दोस्त के घर पर चले गये, वो वहां पर बिल्कुल अकेला रहता था और मैंने उसे पहले से ही अपनी गर्लफ्रेंड के बारे में सब कुछ समझा रखा था. फिर जब हम उसके घर पर पहुंचे तो उसने हमारा उसके घर पर स्वागत किया और फिर वो हमें बैठाकर पानी पिलाकर वहां से तुरंत बाहर चला गया. फिर शीतल ने मुझसे पूछा कि वो कहाँ गया? तो मैंने उससे बोल दिया कि उसे एक कम्पनी में किसी इंटरव्यू के लिए जाना है.
अब हम दोनों वहां पर अकेले बैठे रहे और बातें करते रहे, बातों ही बातों में हम सेक्स की बातों तक पहुंच गये और तब मुझे पता चला कि वो अभी तक वर्जिन है और मुझे उससे यह बात जानकर मन ही मन बहुत ख़ुशी थी कि अब कभी ना कभी उसकी चूत की सील मुझे ही तोड़नी है और मुझे उस भगवान ने इतनी सुंदर लड़की को चोदने का मौका दिया है.
फिर मैंने महसूस किया कि शीतल धीरे धीरे गरम हो रही थी, उसकी नजरों से मुझे आज साफ साफ पता चल रहा था कि वो आज मुझसे क्या चाहती है और इसलिए मैंने उस बात का फायदा उठाते हुए उसके होंठो पर एक अच्छे से किस किया और साथ में शीतल ने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया, करीब दस मिनट तक किस करने के बाद हम दोनों बहुत गरम हो गये थे. फिर मैंने उसके टॉप के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबा दिया, लेकिन वो हिलने लगी और फिर वो मुझसे बोली कि अह्ह्ह्ह मुझे ब्रा चुभ रही है. दोस्तों उसके मुहं से यह सब सुनकर मैंने एक मिनट भी खराब ना करते हुए उसका वो टॉप उतार दिया.
दोस्तों उसके बाद मैंने क्या देखा, वो में आपको शब्दों में भी नहीं बता सकता कि वो उस गुलाबी रंग की डिज़ाईनिंग ब्रा में कितनी अच्छी और सेक्सी लग रही थी, इसके साथ साथ उसने मेरी टी-शर्ट को भी उतार दिया.
फिर मैंने उसको एक बार फिर से स्मूच किया और साथ साथ अपने एक हाथ से उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबाता, सहलाता रहा और जिसकी वजह से वो धीरे धीरे सिसकियाँ लेने लगी और मैंने अपने दूसरे हाथ से उसकी ब्रा को खोल दिया और मैंने जैसे ही उसकी ब्रा को बूब्स के ऊपर से हटाया तो मेरे उसके वो बड़े आकार के एकदम गोल बूब्स को देखकर होश ही उड़ गये और उसके ऊपर वो सेक्सी हल्के भूरे रंग की चमकती हुई निप्पल को देखकर में बिल्कुल पागल हो गया.
फिर मैंने बहुत जमकर उसके बूब्स को सक किया और वो अब पीछे नहीं हटी और वो मेरी जींस के ऊपर से ही मेरे लंड को हिलाने दबाने और लंड से खेलने लगी, उसकी इन हरकतों को देखकर में अब समझ गया था कि वो आज पूरी तरह मूड में है. फिर मैंने बिल्कुल भी टाईम खराब ना करते हुए सबसे पहले अपनी जींस को उतार दिया और फिर उसकी जींस को खोल दिया और उसने अपने कूल्हों को थोड़ा ऊपर करके मुझे अपनी जींस उतारने में साथ दिया और अब वो मेरे सामने पेंटी में थी और उसे देखकर में मन ही मन बहुत खुश था और मेरे अंदर बहुत जोश भरा हुआ था और फिर में भी उसके सामने बस अंडरवियर में था, अब हम दोनों अंडरवियर में एक दूसरे के सामने थे.
फिर वो मुझे देखकर स्माईल करने लगी और जैसे ही मैंने उसकी पेंटी की तरफ देखा तो उसकी पेंटी चूत के पास वाले हिस्से से पूरी गीली थी और मैंने अपने लंड को अंडरवियर से आज़ाद कर दिया और अब मैंने आहिस्ता आहिस्ता उसकी पेंटी को भी उतार दिया और वो तड़प उठी. फिर वो मुझसे बोली कि पीयूष प्लीज़ मुझे अब और मत तरसाओ, डाल दो ना इसे मेरे अंदर, प्लीज मुझे एक बार अपना वो डालकर उसका मजा दो और में उसे अपने अंदर लेकर महसूस करना चाहती हूँ, प्लीज पीयूष अब मुझे ऐसे क्या देखते हो जल्दी से करो ना?
फिर मैंने भी सबसे पहले उसे अच्छी तरह से हर एक जगह किस किया गालों पर, होंठो पर, गर्दन पर, बूब्स पर, नाभी पर, उसके बाद मैंने धीरे धीरे आगे बढ़ते हुए उसकी प्यासी, तड़पती हुई चूत को किस करना शुरू किया, लेकिन बहुत आराम आराम से जिसकी वजह से वो तड़प उठी और मचलने लगी. फिर मैंने उसकी उस साफ चूत में कभी ऊँगली तो कभी अपनी जीभ को अंदर करना शुरू किया, जिसकी वजह से वो जोश में आकर पूरे मूड में आने लगी.
फिर मैंने भी उसको मेरे लंड को किस करने के लिए कहा, लेकिन वो पहले थोड़ा नखरे करने लगी, क्योंकि उसने पहले कभी ऐसा नहीं किया था तो वो बोलने लगी कि यह गंदा है, में ऐसा नहीं करूंगी, लेकिन मेरे बहुत कहने और प्यार से समझाने पर मान गई. दोस्तों फिर उसके बाद उसने जो मेरे लंड को सक किया तो में अपनी पूरी ज़िंदगी भर उसे नहीं भूल सकता और ना ही उस अहसास को आपके सामने शब्दों में कह सकता हूँ कि मुझे उसके ऐसा करने पर कितना मजा आया?
वो थोड़ी थोड़ी देर में अपना मुहं हटाने की कोशिश करती, लेकिन में उसके सर को पकड़कर उसे चूसने पर मजबूर करता. फिर कुछ देर के बाद मैंने उसको बेड पर सीधा लेटाकर अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रख दिया. मैंने बस थोड़ा सा धक्का देकर अंदर किया ही था कि उसकी चीख निकलने लगी, अहह्ह्हह्ह्ह्ह आईईईईइ पीयूष प्लीज इसे अब बाहर निकालो, उफफ्फ्फ्फ़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन अब में उसके चीखने चिल्लाने और दर्द की परवाह ना करते हुए धीरे धीरे अपने लंड को और अंदर करने लगा और उसका मुहं बंद करने के लिए में उसे लगातार स्मूच करता रहा, जिससे उसकी बाहर आवाज़ ना निकल सके.
अब वो दर्द की वजह से रोने लगी और छटपटाने लगी, लेकिन में अपना चुदाई का काम लगातार करता रहा और मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा 6 इंच का लंच उसकी उस कुंवारी, प्यासी, तड़पती हुई चूत में पूरा अंदर डाल दिया तो ऊपर से वो रो रही थी और नीचे से मेरे ज़ोर के धक्को से उसकी उस चुदाई की वजह से उसकी चूत से खून भी निकल रहा था, लेकिन मैंने देखा कि कुछ देर बाद वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी और वो मुझसे कह रही थी, आअहहाअ पीयूष दो और ज़ोर से धक्का दो पीयूष हाँ उह्ह्ह चोदो मुझे, अह्ह्ह्ह मेरे जानू. फिर मैंने भी उसको अब पूरे जोश में आकर धक्के देकर चोदना शुरू किया, उसने भी अपनी चूतड़ को उठाकर मेरे लंड को अंदर तक लेना शुरू किया और में करीब आधे घंटे तक उसको जमकर चोदता रहा.
फिर जैसे ही मेरा काम होने वाला था तो मैंने उसको बोला कि शीतल बेबी मेरा काम अब होने वाला है तो वो मुझसे बोलती है कि जानू छोड़ दो अपना माल मेरे ही अंदर और मैंने भी ठीक वैसे ही किया और करीब दो मिनट बाद वो भी झड़ गई. उसके बाद हम दोनों उस चुदाई से बहुत थक गये और जिसकी वजह से हम वहीं पर लेटे रहे और बस एक दूसरे के गरम, नंगे जिस्म के साथ खेलने लगे.
दोस्तों उस दिन हमने दो बार और सेक्स किया, लेकिन उसकी वो पहली चुदाई होने की वजह से उसकी हालत खराब हो गई और मैंने देखा कि उससे उठकर सीधे चला भी नहीं जा रहा था, लेकिन उसे उस दर्द की कोई परवाह नहीं थी, क्योंकि उसे तो मुझे जो सब चाहिए था वो सब मैंने उसे उसकी पहली चुदाई में दे दिया था और वो मेरी चुदाई से बहुत संतुष्ट नजर आ रही थी. दोस्तों उसके बाद भी मैंने उसको कई बार जमकर चोदा और उसने मुझे कभी मना नहीं किया और हमारी जरूरते एक दूसरे से पूरी होती रही.
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पड़ोसन के साथ होली में बीवी की बदली

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विनय है और मेरी उम्र 29 साल है और मेरी बीवी पूजा की उम्र 22 साल है मेरा एक बेटा है जिसकी उम्र 7 महीने की है. दोस्तों पूजा मेरी पत्नी बहुत ही अच्छे फिगर की है उसके फिगर का साईज 32-30-34 है और वो बहुत सेक्सी है और जो कोई भी उसे देखता है तो बस देखता ही रह जाता है क्योंकि वो दिखने में भी बहुत हॉट सेक्सी लगती है.
दोस्तों में एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ और हमारा फ्लेट तीसरी मंजिल पर है और मेरे फ्लेट के ठीक नीचे दूसरी मंजिल पर मेरी कंपनी में ही काम करने वाला रोहन (उम्र करीब 30 साल) रहता है. दोस्तों वो दिखने में जितना अच्छा है उतना ही झगड़ालु भी है और उसका उसकी बीवी से आए दिन किसी ना किसी छोटी छोटी बातों पर झगड़ा होता रहता है, वैसे उनका एक लड़का भी है जिसकी उम्र एक साल है और हमारा रिश्ता एक दूसरे के साथ बहुत अच्छा है. किरन हमेशा अपने पति रोहन से और पड़ोसियों से मेरे और पूजा के रिश्ते को लेकर बात करती रहती थी और कहती थी कि इन दोनों की जोड़ी कितनी अच्छी है जिसमें कभी भी लड़ाई झगड़ा नहीं होता और यह एक दूसरे का कितना ख्याल रखते है और वो यह बात भी कहती थी कि मेरी तो भगवान से यही प्रार्थना है कि अगले जन्म में मुझे भगवान विनय भाई साहब जैसा पति दे.
अब में आप सभी को अपनी असली कहानी के बारे में बताता हूँ यह घटना करीब एक साल पहीले की है और वो मार्च का महीना था और होली आने वाली थी. किरन अक्सर हमारे बेटे को खिलाने के लिए अपने घर पर ले जाया करती थी और में उसे वापस लेने के लिए कभी कभी उसके घर पर चला जाता था, लेकिन आज कल कुछ दिनों से मैंने किरन को गौर करके देखा था कि वो मेरी तरफ कुछ अलग नज़र से देखती है, वो मेरी तरफ मुस्कुराती, वो उसकी नज़रें बहुत देर तक मेरे ऊपर ही टिकाए रखती है और जब में उससे अपने बेटे को उसकी गोदी से लेता तो वो मेरे हाथ को अपने बूब्स पर खुद जबरदस्ती छूने का प्रयास करती थी. मुझे उसका व्यहवार भी मेरे लिए बहुत बदला बदला सा लगने लगा था.
एक दिन मैंने भी मन ही मन सोच लिया कि चलो में भी देखता हूँ कि इसका इरादा क्या है? उस दिन जब मैंने अपने बेटे को उसकी गोदी से लेने के लिए जैसे ही अपना हाथ आगे की तरफ बढ़ाया तो मैंने भी जानबूझ कर अपने बेटे को अपनी तरफ नहीं लिया. में बस किरन का मेरे बेटे को छोड़ने का इंतजार करता रहा और मेरा हाथ कम से भी कम दस सेकेंड तक उसके 32 के बूब्स को स्पर्श करता रहा, लेकिन उनके नहीं दिया, अब मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई थी और फिर मैंने अपना हाथ हटा लिया. अब में अपने चेहरे पर मुस्कुराहट लाते हुए उनसे बोला कि भाभी जी बेटा दो में घर ले जाता हूँ. तो इस पर किरन मुस्कुराते हुए शरारती अंदाज़ में मुझसे बोली कि हाँ ले लो आपको कौन मना कर रहा है? तो में अब समझ गया कि वो आज अलग मूड में है, मैंने फिर से अपना हाथ आगे बढ़ाया तब भी उसने बेटा नहीं दिया और दो कदम पीछे हो गई और फिर से चिड़ते हुए बोली कि ले लो अपना बेटा.
में फिर से आगे की तरफ बढ़ा और मैंने उससे इस बार छीना झपट करने की कोशिश की और इस छीना झपट में मैंने जानबूझ कर उसके बूब्स को बहुत बार छुआ, दबाया, सहलाया और उस दिन के बाद से आए दिन जब भी रोहन घर पर नहीं होता था तो वो मेरे बेटे को मुझे ऐसे ही देती, मुझे भी अब इस काम में बहुत मज़ा आने लगा था और में समझ गया था कि वो अब मुझसे चुदना चाहती है. फिर एक दिन तो हद ही हो गई उसने मुझे मेरे होंठो पर किस कर दिया, लेकिन में भी यही चाह रहा था कि कुछ उसकी तरफ से ऐसा हो क्योंकि में खुद आगे होकर पहल नहीं करना चाहता था. फिर जैसे ही उसने मुझे किस किया तो मैंने उसको अपनी बाहों में ज़ोर से जकड़ लिया और फिर उसने मौका देखकर मेरे बेटे को पास ही पड़ी एक चारपाई पर लेटा दिया और फिर मुझसे चिपक गई.
तभी मैंने उससे कहा कि बाहर का दरवाजा खुला हुआ है और अगर कोई आ अंदर गया तो तुम उससे क्या कहोगी? अब वो तुरंत मुझे छोड़कर बाहर चली गई और फिर उसने दरवाजा बंद कर दिया और इस बार मैंने उसको बेड पर पटक दिया और उसकी साड़ी को खोल दिया, उसका गदराया हुआ बदन बहुत मस्त था. उसकी कमर बहुत पतली थी, लेकिन फिर भी उसके बूब्स खड़े खड़े और 32 साइज़ के थे. अब मैंने उसका ब्लाउज उतार दिया और उसके एक एक बूब्स को चूसता रहा. मेरे पास ज्यादा समय नहीं था और में उसके घर पर ज्यादा समय रुक भी नहीं सकता था. मैंने उसको बोला कि किरन अभी डर है कि कोई भी यहाँ पर आ सकता है और पूजा भी सोचेगी कि में इतनी देर यहाँ पर कैसे रुक गया, हम इसके आगे फिर कभी करेंगे और में जल्दी से वहाँ से अपने बेटे को लेकर बाहर निकल गया.
फिर इसके बाद अगले दिन में अपने प्लान के मुताबिक अपने ऑफिस से जल्दी घर पर आ गया और सीधे किरन के घर में चला गया और मैंने उसको पहले से ही बता दिया था कि में ऑफिस से सीधे तुम्हारे पास आ जाऊंगा.
फिर बेडरूम के अंदर पहुँचते ही वो बेड पर लेट गई और मैंने भी तुरंत अपने सारे कपड़े उतार दिया और साथ में उसके भी कपड़े उतार दिए. अब हम दोनों के बदन पर अब कोई कपड़ा नहीं था और उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपने मुहं में लेकर बुरी तरह से चूसने लगी जैसे कि वो कब से इसकी बहुत प्यासी है और थोड़ी देर बाद मैंने उसको बिस्तर पर पटक दिया और उसके बूब्स पर टूट पड़ा और जब उनसे मेरा दिल भर गया तो फिर मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया वो अब बहुत गरम हो चुकी थी और इसके बाद वो मुझसे बोली कि विनय अब आ जाओ थोड़ा जल्दी करो और अब में उसके ऊपर चढ़ गया और मैंने अपना 7.5 इंच लंबा लंड उसकी चूत में डाल दिया, उसने मुझे बुरी तरह से चूमना चाटना शुरू कर दिया और फिर मुझसे बोली कि विनय तुम बहुत अच्छे हो और में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और में हमेशा से चाहती थी कि मुझे तुम्हारे जैसा पति मिलता, लेकिन अब कोई बात नहीं मैंने आज तुम्हारा प्यार तो पा ही लिया है और उसने मुझे फिर से जकड़ लिया वो नीचे से उछल उछलकर ज़ोर लगा रही थी जिसकी वजह से में बहुत गरम हो गया था और थोड़ी देर बाद मैंने अपनी धक्कों की स्पीड को बढ़ा दिया था और अपना सारा वीर्य उसकी चूत के अंदर डाल दिया और अब हम दोनों करीब 10-15 मिनट ऐसे ही एक दूसरे को सहलाते रहे.
यह सब काम ऐसे ही लगातार दो तीन दिन तक चलता रहा और यह शायद पांचवे दिन की बात होगी, में उस दिन किरन की चुदाई करने के बाद उसके जिस्म को सहला रहा था और वो मुझसे बातें कर रही थी. तो बातों ही बातों में उसने मुझे बताया कि उसके पति रोहन को सेक्स के अलावा और कुछ नहीं सूझता और सेक्स खत्म होने के बाद उसे मुझसे कुछ मतलब नहीं और वो मेरी कोई परवाह नहीं करता है और वो आए दिन मेरी पिटाई भी करता है, वो दूसरों की पत्नियों के बारे में ख़ासकर मेरी पत्नी पूजा के बारे में कुछ ना कुछ गलत बातें बोलता रहता है.
फिर मैंने उससे पूछा कि वो क्या बोलता है? तो किरन बोली कि बस ऐसे ही तो मैंने उससे फिर से ज़ोर डालकर पूछा वो क्या बोलता है बताओ तो सही? फिर किरन बोली कि वो कहता है कि तुम्हारी पत्नी बहुत अच्छा माल है मुझे एक रात के लिए मिल जाए तो मुझे मज़ा ही आ जाए और वो आपकी बीवी पूजा के लिए तो अक्सर बोलता रहता है और वो मुझसे कहता है कि अगर इससे (पूजा से ) बदली हो जाए तो में तुझ जैसी को आज ही बदली कर लूँ. अब तुम ही बताओ कि में ऐसे पति के साथ कैसे गुज़ारा करूँ? मैंने बोला कि यार वो बहुत बेकार आदमी है कम से कम कोई भी अपनी बीवी के सामने ऐसा तो नहीं बोलता है और वैसे तुम में ऐसी क्या कमी है? में तो कहता हूँ कि अगर में शादीशुदा नहीं होता तो में अभी तुमसे शादी कर लेता और तुम्हे उससे तलाक़ दिला देता.
फिर वो बोली कि क्या तुम सही में सच कहते हो? अब में बोला कि हाँ में बिल्कुल सच कह रहा हूँ और इतनी ही देर में रोहन मेरे सामने आकर खड़ा हो गया. दोस्तों वो शायद इसी बात का इंतजार कर रहा था कि में कुछ बोलूं उसने अपनी दूसरी चाबी से दरवाजा खोला और अंदर आकर चुपके से हमारी सभी बातें सुन रहा था. अब वो मुझसे बिल्कुल अलग लहजे में आवाज बदलते हुए बोला तो आप इन मेडम से शादी करोगे कर लो और में तो इनको कब से छोड़ने के लिए तैयार हूँ, लेकिन मुझे भी तो कोई चाहिए में आपकी बीवी से काम चला लूँगा आप अपने पास हमेशा ले लिए इस चुदक्कड़ को रख लो और फिर रोहन अपने कदम आगे की तरफ बढ़ाते हुए बोला कि में तुम्हारे घर पर जा रहा हूँ पूजा के पास ठीक है.
फिर में उससे बोला कि रूको, क्या तुम्हारा दिमाग़ तो ठीक है? इस बात पर रोहन बोला कि हाँ मेरा दिमाग बिल्कुल ठीक है, तुम मेरी बीवी की चूत को चोदोगे तो में किसकी चूत को चोदूंगा. दोस्तों में अब बहुत डर गया था, क्योंकि में आज रंगे हाथों पकड़ा गया था और इस पर में उससे बोला कि तुम पहले मेरी बात सुनो अभी ऐसे कुछ नहीं होगा और में तुम्हें पूजा की चूत दिलवाने की पूरी पूरी कोशिश करूँगा, लेकिन मुझे उसके लिए थोड़ा सा समय दो. तो उसने बोला कि ठीक है, लेकिन कब तक का समय?
मैंने उससे कहा कि मुझे करीब 10 -15 दिन चाहिए और फिर उसने बोला कि ठीक है. फिर कुछ दिनों के बाद मुझे मालूम हुआ कि मुझे जानबूझ कर रोहन ने अपनी बीवी किरन से फंसवाया था. रोहन ने अपनी बीवी से बोला था कि तू विनय को फँसा ले और उसके साथ मज़े कर, अगर तू मुझे इसकी बीवी की चूत दिलवा देगी तो में तुझसे अच्छा व्यहवार करूँगा, बस एक बार मुझे उसकी चूत दिलवा दे और किरन ने जानबूझ कर रोहन की बातों में आकर मुझे फंसाया था.
अब कुछ दिनों के बाद होली आने वाली थी और होली के लिए ही मैंने एक प्लान बनाया था. किरन ने होली से एक दिन पहीले ही मेरी बीवी पूजा को कहा कि कल का दिन का खाना और रात का खाना किरन के घर पर होगा और होली वाले दिन रोहन ने प्लान के मुताबिक घर पर एक बड़ा सा ड्रम रंग से भरकर बाथरूम में रखा हुआ था. फिर होली वाले दिन करीब 11 बजे में और पूजा, रोहन के घर पर पहुँच गए. उन्होने हमें अपने कमरे में बैठाया और रोहन एक रंग का डब्बा लेकर आया और बोला कि भाभी जी पहले कुछ नाश्ता हो जाए या फिर होली खेले? तो पूजा बोली कि देखो भाई साहब में तो होली बहुत ही कम खेलती हूँ, आप इनके ही यह पूरा रंग लगा दो.
फिर इस बात पर में जानबूझ कर तुरंत बोला कि पूजा तुम होली खेलो या ना खेलो, में तो इन दोनों के साथ आज होली ज़रूर खेलूँगा क्योंकि एक साल बाद होली का त्योहार आता है और फिर भी ना खेले तो क्या फ़ायदा? रोहन में तो आज किरन भाभी के साथ बहुत होली खेलूँगा, अब यह तुम्हारी सरदर्दी है कि तुम पूजा को होली खेलने के लिए तैयार करो. अब पूजा मेरी तरफ आँख निकाल रही थी कि में रोहन को क्यों भड़का रहा हूँ? तो रोहन बोला कि अब तो मुझे विनय की तरफ से भी हाँ हो गई है और में तो भाभी जी आपके साथ आज होली ज़रूर खेलूँगा, अब आप यह बताओ कि हम होली अभी खेलें या कुछ खाने के बाद? दोस्तों पूजा को बहुत अच्छी तरह से पता था कि रोहन बहुत जिद्दी किस्म का है और यह अब नहीं मानेगा. फिर पूजा बोली कि भाई साहब में तो वैसे कभी खेलती नहीं हूँ, लेकिन आप प्लीज़ थोड़ा ही रंग लगाना में यह बात सुनते ही बोला कि भाई पहले थोड़ा कुछ खा लो इतने में ही किरन भांग डली हुई लस्सी लेकर आ गई और फिर हम सबने एक एक ग्लास पिया, किरन ने पूजा को जो ग्लास दिया था उसमे भांग कुछ ज़्यादा डाली हुई थी, उसके बाद उसने आज जो भी आइटम खाने के लिए घर पर बनाए थे उनमे भांग डाली हुई थी.
अब में थोड़ी देर बाद बोला कि क्यों रोहन अब होली खेलना शुरू हो जाए? तो वो बोला कि ठीक है हो जाए, इस पर किरन बोली कि यहाँ खेलकर क्या मेरा पूरा घर खराब करोगे, रंग बड़ी मुश्किल से साफ होता है तुम बाथरूम में चलो हम वहाँ पर खेलेंगे. तो इस बात पर रोहन मुझसे बोला कि विनय पहले तुम किरन के साथ होली खेलो, उसके बाद में भाभी के साथ खेलूँगा. अब मैंने किरन की कलाई पकड़ी और उसको बाथरूम की तरफ़ ले गया, उनके रूम से बाथरूम साफ साफ दिखाई देता था मैंने जैसे ही बाथरूम का दरवाजा खोला तो उसमे एक बड़ा सा ड्रम रंग से भरा हुआ रखा था उसे देखते ही पूजा रूम से बोली कि अरे यह क्या इतना बड़ा रंग से भरा हुआ ड्रम? आप लोगों ने तो पहले से ही पूरी तैयारी कर रखी है में तो होली नहीं खेलूँगी. फिर विनोद बोला कि भाभी जी आज तो खेलना ही पड़ेगा या तो प्यार से नहीं तो ज़बरदस्ती और इतनी ही देर में मैंने किरन को उठाकर ड्रम में डाल दिया और खुद भी उसमे कूद गया में अब उसके चेहरे और गले पर रंग लगा रहा था और वो भी जानबूझ कर बहुत मज़े ले लेकर खेल कर रही थी ताकि पूजा भी यह देखे कि उसका पति मेरे साथ कैसे मज़े से होली खेल रहा है. फिर विनोद भी उसके साथ ऐसे ही होली खेलेगा और अब मैंने जानबूझ कर पूजा को दिखाने के लिए उसके बूब्स के नीचे झुककर रंग लगाया और रंग लगाते लगाते मैंने किरन का कुर्ता आगे से पकड़कर फाड़ दिया था और अब उसका ब्रा वाला पूरा हिस्सा आगे से दिख रहा था और में उसके साथ करीब 20-25 मिनट तक ऐसे ही इधर उधर हाथ घुसाकर रंग लगाकर होली खेलता रहा और जब हम दोनों ड्रम से बाहर निकले तब तक पूजा को नशा होने लगा था और फिर हम दोनों ड्रम से बाहर निकलकर वहीं बाथरूम में ही बैठ गये ताकि बाहर के कमरों का फर्श खराब ना हो.
फिर इसके बाद मैंने विनोद और पूजा को आवाज़ लगाई आ जाओ अब तुम दोनों, मेरी इस बात पर पूजा कमरे से ही बोली कि क्यों विनय तुमको मैंने इतनी बुरी तरह से होली खेलते कभी नहीं देखा? तो मैंने कहा कि तो आज देख लिया ना, प्लीज अब आ जाओ. दोस्तों उस समय पूजा थोड़ा गुस्से में थी क्योंकि उसको अच्छी तरह से पता था कि अब रोहन भी उससे बुरी तरह से होली खेलेगा.
अब विनोद पूजा की कलाई पकड़ते हुए बोला कि चलो ना भाभी जी और फिर उसकी इस बात पर पूजा उससे कि बोली रोहन भाईसाहब प्लीज आप बाहर ही मेरे चेहरे पर रंग लगा लो में इतना होली कभी नहीं खेलती, लेकिन उसने कुछ नहीं सुना और उसने पूजा को गोदी में उठाकर ड्रम में डाल दिया और खुद भी उसके अंदर कूद पड़ा. अब पूजा चुपचाप सीधी खड़ी हो गई और वो बड़े ही प्यार से पूजा के बदन पर रंग लगाने लगा फिर उसने बड़े ही प्यार से बोला कि भाभी जी आपके गाल तो बहुत ही गुलाबी है, में आज इनको और भी गुलाबी कर देता हूँ और उसने पूजा के गालों को सहलाते हुए रंग लगाया और वो साथ साथ पूजा की तारीफ़ भी कर रहा था और रंग भी लगा रहा था.
फिर कुछ देर बाद वो उसके गले पर रंग लगाकर और अब रोहन पूजा का कुर्ता भी मेरी तरह फाड़ने लगा, लेकिन पूजा ने गुस्सा होने का नाटक किया, लेकिन फिर भी रोहन ने आख़िरकार उसका कुर्ता फाड़ ही दिया और उसके बदन से पूरा अलग कर दिया. पूजा को अब नशा होने लगा था और अब में भी किरन को लेकर उस ड्रम में कूद गया, लेकिन उसमें जगह थोड़ी कम थी इसलिए हम एक दूसरे से बिल्कुल चिपक गये थे और अब मैंने अपनी बीवी को पकड़ा और उसकी ब्रा को कंधो से पूरा नीचे उतार दिया.
अब पूजा मेरे ऊपर बहुत ज़ोर से चिल्लाई और फिर वो मुझसे बोली कि विनय प्लीज इन लोगों के सामने तो कम से कम कुछ शरम करो. फिर मैंने उससे मुस्कुराते हुए कहा कि किस बात की शर्म? आज होली है और इसमे कोई शर्म नहीं होती और फिर में उसके बूब्स को रगड़ने लगा और इधर रोहन ने भी किरन के साथ ठीक वैसा ही किया जैसा मैंने पूजा के साथ किया और अब रोहन पूजा को बहुत बुरी तरह से घूरकर देख रहा था. फिर मैंने अपनी बीवी को और भी गरम करने के लिए उसकी चूत में हाथ डाल दिया, वो मेरा हाथ बाहर निकालने के लिए नीचे की तरफ झुककर अपना पूरा ज़ोर लगाकर बहुत प्रयास करने लगी, लेकिन मैंने उसकी चूत में से अपनी उंगली को बाहर नहीं निकाला और इधर किरन को रोहन ने पकड़ा और किरन की सलवार पानी के अंदर ही उतार दी किरन अब सिर्फ़ पेंटी में थी.
तभी पूजा को मेरे बेटे के रोने की आवाज़ सुनाई दी तो पूजा मुझसे बोली कि विनय बेटा रो रहा है प्लीज अब तो छोड़ो मुझे बहुत हो चुकी होली, अब बच्चों का भी कुछ ख्याल करो. फिर मैंने मन ही मन सोचा कि अभी तो मौसम बना है और बच्चा भी रोने लगा, तो में उससे बोला कि अभी तो हमारी होली शुरू हुई है तुम यहीं रुको में बच्चे को चुप करवाता हूँ. तो में ड्रम से बाहर निकला और मैंने रोहन को बोला कि जब तक में ना आ जाऊँ तब तक तुम पूजा को देखना कहीं वो इस ड्रम से बाहर ना निकल जाए.
फिर मैंने एक टावल में अपने बेटे को गोद में ले लिया और उसे सुलाने की कोशिश करने लगा और फिर मैंने बाथरूम की तरफ देखा कि पूजा वहां से भागने की फिराक में थी और में रोहन को चिल्लाते हुए बोला कि देखो रोहन, पूजा बचकर भागना चाहती है और इतने में रोहन ने पूजा को पीछे से अपनी बाहों में ज़ोर से जकड़ लिया. अब पूजा के दोनों बूब्स रोहन के हाथ में थे और उसका तनकर खड़ा हुआ लंड पूजा की गांड में था. वो ऐसे नाटक करते हुए मेरी तरफ आवाज़ लगते हुए बोला कि विनय जल्दी आओ भाभी जी भागना चाहती है.
फिर में उससे बोला कि जब तक में ना आ जाऊँ तब तक तुम उसे छोड़ना नहीं और अब किरन पूजा को आगे से पकड़ने लगी और रोहन पूजा के बूब्स को हाथ से रगड़ने लगा और बोला कि क्यों भाभी जी बहुत जल्दी है भागने की अभी तो होली शुरू हुई है? अब मैंने कुछ देर बाद अपने बेटे के सोते ही उसे दोबारा से रोहन के बेटे के पास ही सुला दिया और अब मैंने रोहन से बोला कि अरे यार तुम्हारे पास और कोई रंग नहीं है क्या? इन लोगों को सिर्फ़ गुलाबी कलर से ही रंगना है क्या?
फिर वो बोला कि हाँ है वहां पर फ़्रिज़ के पास कुछ और पाउच भी रखे हुए है, हरे और पीले कलर के वो सब ले आओ और अब में वो पाउच ले आया और मैंने पूजा को ड्रम से बाहर निकाल लिया और वहीं बाथरूम में उसे लेटा दिया. फिर मैंने हरा कलर लिया और अपने दोनों हाथ पर लगाकर पूजा के बूब्स पर लगाया और अब उसकी सलवार को उतारने लगा, लेकिन वो मुझसे साफ मना करती रही और मैंने उसकी सलवार उतारकर उसकी पेंटी के अंदर हाथ डालकर हरा रंग लगाया और अब में उसकी चूत को सहलाने लगा. मैंने जल्दी से उसकी पेंटी को पूरा उतारा और वहीं पर अपने कपड़े उतारकर लंड उसकी चूत में घुसा दिया, यह सब देखकर पूजा शरम के मारे मरी जा रही थी, लेकिन शायद वो नशे के कारण कुछ नहीं बोल रही थी. फिर किरन और रोहन भी हमारे पास ही बाथरूम के फर्श पर लेट गये और किरन तो पहले से ही पेंटी में थी. रोहन और किरन भी वहीं फर्श पर चुदाई करने के लिए बिल्कुल तैयार हो गये.
दोस्तों हम दोनों जोड़ियों के बीच में सिर्फ़ एक फिट का फासला था. पूजा ने अपना सर शर्म की वजह से रोहन के दूसरी तरफ कर रखा था तो मैंने उसका सर पकड़कर रोहन की तरफ कर दिया और मैंने अपना एक हाथ किरन के बूब्स को दबाने, मसलने में लगा दिया. फिर रोहन ने भी सही मौका देखकर अपना एक हाथ पूजा के बूब्स पर रख दिया, लेकिन पूजा ने उसका कोई विरोध नहीं किया. अब हम अपनी अपनी बीवियों की चूत एक दूसरे के सामने मार रहे थे और हमारे हाथ पास एक दूसरे कि बीवियों पर थे. अब शायद पूजा को भी इस चुदाई में बहुत मज़ा आ रहा था और मैंने अपने हाथ से किरन को अपनी तरफ सरकाया और उसके होंठो को चूसने लगा, लेकिन में अभी भी पूजा को धीरे धीरे धक्के देकर चोद रहा था और मैंने जैसे ही किरन के होंठो को आज़ाद किया तो रोहन ने भी पूजा के होंठो को चूसना शुरू कर दिया, लेकिन पूजा उससे कुछ नहीं बोली और अब वो बिल्कुल चुपचाप उसका साथ देने लगी.
अब मुझे लगा कि लोहा गरम है क्योंकि रोहन के लिए पूजा कोई भी विरोध नहीं कर रही है मैंने तुरंत उसे इशारा किया और हम दोनों ने जल्दी से अपनी अपनी बीवियों की बदली कर ली और बस फिर क्या था. रोहन ने बिल्कुल भी देर किए बगैर ही अपना लंड पूजा की चूत में पूरा का पूरा अंदर घुसा दिया और अब वो उसके होंठो को एक बार फिर से अपने होंठो से चूमने, चूसने लगा. दोस्तों रोहन सेक्स के मामले में पहले से ही बहुत कुछ सीखा हुआ था और यह सब मुझे किरन ने बोला था और आज वैसे भी उसे वो औरत मिल गयी थी जिसके लिए वो बहुत प्यासा था. फिर मैंने पानी का फव्वारा चला दिया जिसका पानी उनके ऊपर ही गिर रहा था. रोहन उसकी चूत के पास बैठ गया और उसकी चूत में अपनी जीभ को डालने लगा. फिर पूजा भी अब अपने चूतड़ उठाने लगी और अपनी कमर को हिलाने लगी उसको यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था और फिर उसने रोहन को हाथ पकड़कर अपने ऊपर खींच लिया और अब में समझ गया कि वो अब रोहन के साथ चुदाई करने के लिए एकदम तैयार हो गयी है.
फिर रोहन ने एक बार उसकी जमकर चुदाई की और मैंने किरन की. उसके बाद हम चारों साथ साथ नहाए. फिर रोहन ने पूजा को अपनी गोदी में बैठाकर उसके बदन से रंग छुड़ाया और मैंने किरन के जिस्म से. फिर उसके बाद करीब तीन बजे हम लोगों ने खाना खाया और सो गये. अब भी किरन सोती रही, लेकिन हम तीनों की नींद एक साथ रात को 8 बजे टूटी, क्योंकि हमारे बच्चे रो रहे थे और अब तक हमारा नशा भी कम हो गया था. पूजा और किरन अभी भी पूरी नंगी थी और पूजा शर्म के मारे पानी पानी हो रही थी क्योंकि अब उसका नशा दूर हो गया था. वो रोहन और मुझसे नज़र नहीं मिला रही थी.
फिर रोहन मेरे और अपने बेटे के लिए किचन से बॉटल में दूध लेकर आया और पूजा ने दोनों बच्चो को दूध पिलाकर सुला दिया क्योंकि किरन अभी तक सो रही थी. फिर मैंने और रोहन ने मिलकर एक बार फिर से पूजा को चोदा, थोड़ी देर तो पूजा शरमाती रही, लेकिन फिर एक दो मिनट के बाद पूजा भी हमारे साथ खुलकर अपनी चुदाई का मज़ा लेने लगी.
रोहन बहुत सेक्स का भूखा है यह मुझे मेरी पत्नी ने बताया भी और आज अपनी आखों से मैंने देखा भी, क्योंकि में दो बार में ही किरन के साथ थक जाता था, लेकिन रोहन चार बार के बाद भी पूजा को लगातार धक्के देकर चोदता रहा. फिर उसके बाद हम सो गए और जब मैंने सुबह उठकर देखा तो रोहन मेरी बीवी को घोड़ी बनाकर चोद रहा था, लेकिन में अपने कपड़े पहनकर अपने घर पर चला आया और मेरे आने के कुछ देर बाद मेरी बीवी भी आ गई.
दोस्तों अब जब भी हमारा दिल होता है तो हम एक दूसरे के घर पर कभी भी घुस जाते है और फिर दूसरे दिन सुबह ही निकलते है. हम एक दूसरे की बीवियों को बहुत मज़े लेकर चोदते है और बहुत मज़े करते है. दोस्तों यह थी मेरी बीवी की चुदाई की एक सच्ची कहानी.
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गर्लफ्रेंड के घर पर चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है और में बेंगलोर में इंजिनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूँ. में दिखने में सामान्य हूँ और मेरी हाईट 5 फुट 7 इंच है और मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है, जो कि किसी भी लड़की या औरत को संतुष्ट करने के लिए काफ़ी है. ये मेरी सच्ची कहानी है और ये तब की है जब में अपने कॉलेज की छुट्टियों में घर आया हुआ था. में और मेरी गर्लफ्रेंड फोन पर रोज बात किया करते थे. हम लोगों ने बहुत बार फोन सेक्स भी किया है. मेरी गर्लफ्रेंड का नाम सिमी है और वो बहुत ही अच्छी दिखती है और उसका फिगर साईज़ 34-28-36 है, में रोज उसे मिलने के लिए बुलाता था, लेकिन जगह नहीं होने के कारण वो हर बार मना कर देती थी.
एक दिन उसने मुझे कॉल किया और बोली कि आज मेरी मम्मी और भाई दोनों ही घर पर नहीं रहेंगे. फिर वो बोली कि क्या तुम मेरे घर आ सकते हो? फिर मैंने उसे कहा हाँ क्यों नहीं? फिर तब में नहाकर उसके घर चला गया और फिर वो मुझे अंदर लेकर आई. फिर मैंने उसे किस किया और उसने भी मुझे किस किया. फिर उसने मुझे बैठने के लिए बोला और वो भी मेरे पास बैठ गयी, अब में एक हाथ से उसकी पीठ सहलाने लगा और फिर में अपना हाथ नीचे ले जाने लगा तो वो काफ़ी टाईट जीन्स पहनी थी. फिर में उसके बूब्स को टच करने लगा और अब वो गर्म होने लगी थी. मैंने उसकी टी-शर्ट को खोल दिया, उसने अन्दर काले कलर की ब्रा पहनी थी. अब उसके गोल-गोल बूब्स मेरे लंड को और भी खड़ा कर रहे थे, में उसकी ब्रा खोलने लगा, लेकिन वो मुझसे नहीं खुल रही थी तो में बोला ब्रा फाड़ देता हूँ. फिर वो बोली कि मम्मी को शक हो जायेगा, तब उसी ने खुद अपनी ब्रा खोल दी और में एक हाथ से उसके बूब्स को ज़ोर से दबाने लगा और दूसरा हाथ उसकी पेंटी में डालने लगा तो उसकी चूत थोड़ी गीली हो गयी थी.
फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और में उसके गले के पास किस करने लगा. फिर मैंने उसके बूब्स को अपने मुँह में ले लिया और उसको मज़े से चूसने लगा. अब उसके मुँह से सिसकियों की आवाज़ आने लगी थी, अब वो मेरा मुँह अपने बूब्स पर दबाने की कोशिश करने लगी थी. में उसकी जीन्स खोलने लगा था और उसने पिंक कलर की नेट वाली पेंटी पहनी थी. फिर मैंने उसकी पेंटी को भी खोलकर फेंक दिया और उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. अब वो अपने बेड पर पूरी तरह से नंगी थी. फिर में उसके बूब्स से थोड़ा नीचे उसके पेट के पास किस करने लगा तो उसका पूरा बदन अकड़ने लगा था और वो मेरा लंड लेना चाह रही थी, जो कि तंबू की तरह जीन्स में खड़ा था. फिर उसने मेरी टी-शर्ट निकाली और मेरे बदन को चूमने लगी.
फिर मैंने अपनी जीन्स को भी खोल दिया और मैंने अंडरवियर नहीं पहनी थी. वो मेरे लंड को घूरे जा रही थी और फिर में उसे लंड को चूसने के लिए बोलने लगा, लेकिन वो मना कर रही थी और वो कुछ देर के बाद मान गयी, वो मेरे लंड को चूस रही थी. में कभी-कभी उसके मुँह में अपना लंड अंदर तक डाल देता था. फिर मैंने उसको 69 की पोज़िशन में आने के लिए बोला. हम दोनों एक दूसरे को बहुत मज़ा दे रहे थे और में अपनी जीभ को उसकी चूत के बहुत अंदर तक डाल रहा था जिसके कारण वो 2 बार मेरे मुँह में ही झड़ गयी थी. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और अपने लंड को उसकी चूत में डालने लगा, उसकी चूत बहुत टाईट थी, लेकिन चूत गीली होने की वजह से मैंने तेल का इस्तेमाल नहीं किया. फिर में अपने लंड को उसकी चूत के ऊपर सहलाने लगा तो उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था.
फिर मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया तो वो चिल्लाने लगी और में वहीं रुक गया और उसे किस करने लगा, वो भी मुझे किस कर रही थी और में धीरे-धीरे अपने लंड को आगे पीछे करने लगा था तो उसे थोड़ा-थोड़ा दर्द हो रहा था, लेकिन मेरे किस करने की वजह से वो चिल्ला नहीं पा रही थी. फिर 5 मिनट तक इसी तरह से करने के बाद उसका दर्द कम हुआ तो वो भी मेरा साथ देने लगी. में एक हाथ से उसके बूब्स को मसलने लगा और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा तो वो भी ज़ोर-ज़ोर से अपनी गांड उछालने लगी और वो अपने मुँह से आआहहह अहहा की आवाज़ निकालने लगी. फिर मैंने उसे डॉगी स्टाईल में होने को कहा. फिर में उसकी गांड को पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा. वो बोल रही थी और अंदर डालो, चोद दो, मुझे जन्नत की सैर करा दो और ज़ोर से अया आहह उम्म्म्म उम्म्म आ. वो झड़ने वाली थी और में उसे ज़ोर-जोर से चोदे जा रहा था तो उसने बोला में झड़ रही हूँ और ज़ोर से उम्म्म अया आआहहह में झड़ गयी.
फिर मैंने अपनी स्पीड थोड़ी कम कर दी तो मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था और में उसके एक पैर को अपने कंधे पर लेकर चोदने लगा. वो फिर से ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ निकालने लगी और में अपने धक्के की स्पीड तेज करने लगा और 10 शॉट मारने के बाद मुझे लगा कि में झड़ने वाला हूँ. फिर मैंने उससे पूछा कि कहाँ निकालूँ? तो वो बोली मेरे चेहरे पर निकाल दो. फिर उसने मेरा लंड पकड़कर सारा माल अपने चेहरे पर गिरा लिया. हम दोनों को बहुत मज़ा आया और वो मेरे बगल में ही लेट गयी और में उसकी बॉडी से खेलने लगा, कभी उसके पैरों के बीच में अपना लंड फंसा देता तो कभी उसके बूब्स के बीच में अपना लंड फंसा देता. वो भी मेरा साथ दे रही थी और मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा होने लगा था. फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया. वो इस बार उसे लॉलीपोप की तरह चूस रही थी, मेरा लंड बिल्कुल खड़ा हो गया था और इस बार मुझे उसकी गांड मारने का मन कर रहा था. फिर मैंने उसे कोई क्रीम लाने को कहा तो वो तुरंत क्रीम लेकर आ गयी.
फिर में उसे बोला कि थोड़ी सी क्रीम मेरे लंड पर लगा दो तो उसने वैसा ही किया. फिर मैंने उसे बिस्तर पर उल्टा लेटने को कहा तो वो मान गयी. फिर मैंने उसकी गांड के छेद में थोड़ी सी क्रीम लगाई और अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर रख दिया तो वो मना करने लगी. फिर मैंने उसके बूब्स से खेलना स्टार्ट कर दिया और उसके निप्पल को ज़ोर-जोर से दबाने लगा और उसकी चूत में उंगली करने लगा. वो फिर से गर्म होने लगी थी और फिर मैंने इसी का फ़ायदा उठाते हुए एक ज़ोर के धक्के से अपना लंड उसकी गांड में पेल दिया. उसे दर्द होने लगा था तो में रुक गया और उसकी चूत में फिर से उंगली करने लगा. में धीरे-धीरे उसकी गांड में अपना लंड डालने की कोशिश करने लगा था और अभी मेरा लंड आधा ही अंदर गया था तो मैंने फिर थोड़ी सी क्रीम ली और उसकी गांड के छेद के पास लगा दिया. फिर मैंने एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड उसकी गांड में पूरा चला गया.
वो दर्द के मारे चिल्लाने लगी. फिर मैंने 5 मिनट के बाद धक्के लगाना स्टार्ट किया, उसका दर्द कुछ कम हो गया था तो में अपनी स्पीड तेज करने लगा. मेरी स्पीड बढ़ने के साथ-साथ वो मज़े लेने लगी थी और वो बोल रही थी कि इस गांड को फाड़ दो, इसे चोद दो, मज़े लेकर चोदो आअहह उफफफफ्फ़ औरर्र औरर्र हाँ और उम्म्म्मम बहुत मज़ा आ रहा है, अपने लंड को पूरा अंदर डालो. उसकी गांड का छेद छोटा होने के कारण मेरा लंड जल्दी झड़ने वाला था, में 8-10 धक्को के बाद उसकी गांड में ही झड़ गया और में थोड़ी देर तक उसी के ऊपर ही लेटा रहा. फिर उसकी गांड मारने के बाद में थक गया और में अपने कपड़े पहनने लगा और वो भी अपने कपड़े पहनने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि अब में जा रहा हूँ. फिर उसने मुझे आई लव यू कहा और किस किया तो मैंने भी उसे लव यू टू कहा और फिर बाय बोलकर निकल गया. अबी जब भी में छुट्टियों में घर आता हूँ तो उससे मिलता और उसकी बहुत अच्छे से चुदाई करता हूँ.
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कामिनी आंटी की साड़ी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सागर है और में जयपुर का रहने वाला हूँ, मेरी बॉडी मस्त है और में भाभी, आंटी और विधवा को पसंद करता हूँ. अब में आपका समय ज्यादा ख़राब ना करते हुए सीधे अपनी स्टोरी पर आता हूँ, जैसा कि दोस्तों मेरा लहंगा साड़ी का बिजनस है तो मेरे पास सुंदर भाभी और आंटी आती रहती है.
ये कुछ ही दिनों पहले की बात है, मेरे पास एक सेक्सी सी आंटी आई थी और जिनका नाम कामिनी था, बाप रे जैसा नाम वैसा काम, क्या माल लग रही थी? एकदम जैसे कोई काम की प्यासी अप्सरा हो, उसके बूब्स उसके ब्लाउज से लटक रहे थे मानो अभी बाहर ब्लाउज फाड़कर आ जाए और उनकी गांड तो एकदम गद्देदार बिल्कुल ऐसी थी कि बस पकड़कर ढोल बजाओ. जैसा कि कामिनी मेरे पास लहंगा देखने आई थी. मैंने उन्हें लहंगा पसंद करवाया और फिर ट्रायल के लिए पहना रहा था, क्या बताऊँ मेरी तो साँसे तेज हो रही थी? मेरे हाथ कांप रहे थे. अब में कामिनी की पूरी बॉडी को महसूस कर रहा था, उनकी गांड इतनी सॉफ्ट और मुलायम थी और उसके बूब्स तो क्या बताऊँ? एकदम टाईट और फूले हुए थे.
अब कामिनी को भी पता चल रहा था कि में ट्रायल के बहाने उसे महसूस कर रहा हूँ तो उसने भी अपना पल्लू झटका कर मेरे सामने अपने बूब्स रख दिए. अब में चुन्नी को लगाने के बहाने उसके बूब्स को टच कर रहा था. अब कामिनी को भी मज़ा आ रहा था, उसने एक के बाद एक कई बार ट्रायल करवाया और बाद में उसने एक पसंद किया और डिलवरी घर करने लिए बोला. फिर में समझ गया कि कामिनी को भी क्या चाहिए? फिर मैंने डिलवरी करने के लिए हाँ कर दी. अब में रात को उसके घर जाने का इंतज़ार कर रहा था कि करीब 8 बजे उसका फोन आया कि डिलवरी उसके फ्लेट में देनी है और अपना एड्रेस और फोन नंबर मुझे दे दिया.
फिर में भी तैयार होकर पहुँच गया और मेडिकल शॉप से एक कंडोम का पैकेट लिया और एक सिल्की चॉकलेट ली. फिर मैंने उसकी बिल्डिंग के बाहर पहुँचकर उसे कॉल किया तो वो बाहर ही डिलवरी लेने आ गई और मुझे चाय पीने के लिए कहने लगी तो मैंने भी हाँ कर दी और उसके साथ उसके फ्लेट में चला गया. उसने कुछ पज़ामा और टी-शर्ट पहन रखा था, वो क्या बॉम्ब लग रही थी? एकदम टाईट टी-शर्ट, जैसे कि उसके बूब्स फँस गये हो और उसकी गांड तो क्या बताऊँ? एकदम बाहर जैसे कि उस पर बोतल रख दूँ. अब हम उसके फ्लेट में जा पहुंचे, उसके घर में सिर्फ़ उनकी सास और पति विदेश में रहते थे. अब में समझ गया कि कामिनी इतनी कामुक क्यों है? अब कामिनी आंटी किचन में जाकर मेरे लिए चाय लेकर आई.
फिर वो मुझे जैसे ही चाय दे रही थी तो मेरा ध्यान उनके बूब्स पर था और चाय मेरे हाथ से फिसल गयी और मेरी जीन्स पर आकर गिर गयी तो मुझे बहुत ही जलन हो रही थी. फिर आंटी ने मुझे जीन्स उतारने को कहा और बाम लगाने को कहा तो अब में जीन्स उतारकर टावल पहनकर खड़ा हो गया. फिर आंटी रूम से जाकर बाम और टूथपेस्ट लेकर आ गई और नीचे बैठकर लगाने लगी, अब मुझे क्या एहसास हो रहा था? एक तरह जलन और दूसरी तरफ आंटी के सॉफ्ट हाथ मेरी जांघ पर थे. अब वो भी तेज साँसें ले रही थी, उनकी गर्म साँसों से मेरा लंड खड़ा हो गया और टावल के ऊपर से ही टेंट बन गया था. फिर आंटी भी मेरे लंड को देख रही थी और तेज साँसें ले रही थी. फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए आंटी के बूब्स पर अपना हाथ रख दिया तो आंटी ने मुझे हल्की सी स्माईल दी.
फिर में आंटी को सोफे पर बैठाकर आंटी को स्मूच करने लगा, अब आंटी ने भी स्मूच करना शुरू कर दिया और भूखी शेरनी की तरह मुझ पर टूट पड़ी और मेरे ऊपर आकर बैठ गयी. फिर हमने 10 मिनट तक स्मूच किया, अब आंटी मेरा हाथ पकड़कर मुझे बेडरूम में ले गई और मुझे बेड पर धक्का देकर सुला दिया और अपनी टी-शर्ट उतार दी, क्या बूब्स थे आंटी के एकदम सॉफ्ट और सफ़ेद? आंटी ने ब्लेक कलर की ब्रा पहनी थी और जैसे ओवर लोड हो रही थी. फिर आंटी मेरे ऊपर आकर मुझे स्मूच करने लगी और मेरी बॉडी को चूमने और चाटने लगी.
फिर मैंने भी आंटी की ब्रा को खोलकर आंटी के बूब्स को आज़ाद कर दिया, क्या पिंक निप्पल थी और वो भी एकदम उठी हुई? अब में आंटी के निप्पल को काट और चूस रहा था. आंटी को भी बहुत मज़ा आ रहा था, अब में धीरे से आंटी की नाभि पर चूसने लगा और आंटी का पजामा उतार दिया. फिर आंटी ने अपनी गांड उठाकर मेरी मदद की और आंटी ने अपनी ब्लेक कलर की पेंटी भी उतार दी, क्या चूत थी आंटी की एकदम पिंक? और उस पर हल्के-हल्के बाल, मुझे आंटी की चूत ज़्यादा चुदी हुई नहीं लग रही थी.
फिर में आंटी की चूत के दाने को अपनी जीभ से चाट रहा था तो आंटी तड़प के कारण मेरे सर को पकड़कर दबा रही थी, शायद पहली बार किसी ने उनकी चूत चाटी हो. अब वो चिल्ला रही थी, आअहहा आअहह एम्म्म हम्म्म्, अब में भी पूरे जोश से उनकी चूत को चाट रहा था कि अचानक आंटी ने मेरा सर दबा दिया और सारा लावा मेरे मुँह पर छोड़ दिया. फिर मैंने अपना मुँह साफ किया और अब वापस आंटी के निप्पल को सहलाने लगा और स्मूच देने लगा.
फिर आंटी वापस जोश में भर गयी. फिर उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे ऊपर चढ़कर बिल्कुल भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ी और मेरी पूरी बॉडी को किस करने लगी. अब मेरा लंड तो एकदम सलामी दे रहा था. फिर आंटी ने मेरा लंड पकड़कर उस पर प्यार से किस किया और वो उसे सहला रही थी. फिर मैंने अपनी जेब में से कंडोम निकाल कर दिया तो आंटी ने बोला कि मुझे पता था कि तुम मुझसे सेक्स करना चाहते हो तो इसलिए मैंने तुम्हें डिलेवरी के लिए घर बुलाया था.
फिर आंटी ने मेरे लंड पर कंडोम लगाया और उसे चूसने लगी. फिर थोड़ी देर के बाद आंटी सो गई और मुझे अपने ऊपर खींच लिया. फिर आंटी ने अपनी टांगे फैलाकर मेरा लंड अपनी स्वीट सी चूत में सेट किया, अब में भी आंटी के ऊपर आकर प्यार वाले झटके दे रहा था वो भी बिल्कुल कंट्रोल से, अगर आप तेज झटके मारेंगे तो पानी भी जल्दी निकलेगा और मज़ा भी नहीं आयेगा.
फिर धीरे-धीरे आंटी को झटका देते हुए में बारी-बारी से स्मूच भी कर रहा था और कान पर, लिप्स पर, माथे पर, गाल पर किस कर रहा था और आंटी भी बहुत इन्जॉय कर रही थी और में भी बहुत इन्जॉय कर रहा था. फिर आंटी ने मुझे नीचे कर दिया और वो मेरे ऊपर आकर चोदने लगी तो मैंने आंटी की स्पीड धीरे करवाई, अब आंटी ने भी पहली बार धीरे-धीरे करने का आनंद उठाया.
फिर काफ़ी देर के बाद मैंने आंटी को नीचे किया और फिर आंटी को डॉगी स्टाईल में लेकर सेट किया और झटके दिए. फिर करीब 10 मिनट के बाद में झड़ गया और आंटी के ऊपर ही सो गया और में आंटी को अपनी बाहों में लेकर आंटी के बालों को सहला रहा था और उन्हें किस कर रहा था. अब मुझे आंटी काफ़ी खुश लग रही थी, में समझ सकता हूँ कि आंटी की खुशी प्यार वाला सेक्स बहुत ही मीठा होता है. फिर आंटी और मैंने चॉकलेट को एक दूसरे के मुँह पर लगाकर खाया और फिर हम दोनों ने एक दूसरे को कपड़े पहनाये और फिर में अपने घर के लिये निकल गया. अब आंटी को जब भी मौका मिलता है तो आंटी मुझे कॉल करती है और में उनके घर जाकर उनकी खूब चुदाई करता हूँ.
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दोस्त की बहन को पटाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम ज़ैद है, में दिल्ली का रहने वाला हूँ और में पेशे से एक फोटोग्राफर हूँ, उम्र 22 साल, हाईट 5 फुट 7 इंच, शानदार बॉडी है और लंड 6 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा है. वैसे तो इस कहानी के पहले तक में वर्जिन ही था और हाथ से मुठ मार मारकर थक गया था. मैंने इस साईट पर काफ़ी स्टोरी पढ़ी है, जिससे मुझे भी चुदाई का हौसला मिला. मुझे छोटी लड़कियों को चोदने का बड़ा मन करता है, खासकर कि जिनकी उम्र 18 से 24 साल हो और पतली फिगर वाली लड़कियां तो कमाल की लगती है.
ये कहानी सोम्या नाम की लड़की की है और जब मैंने उसे चोदा था, तब उसकी उम्र 19 साल थी . ये कहानी 2 साल पुरानी है, सोम्या मेरे ही दोस्त की बहन है. 12वीं क्लास के बाद ग्रेजुयेशन के लिए जब मेरा दोस्त जयपुर गया तो उसे घरवालों ने नया फोन दिला दिया तो उसका पुराना फोन सोम्या के पास आ गया था. उसके पुराने फोन में मेरा नंबर सेव था, सोम्या मुझे जानती थी, क्योंकि में उसके घर आया जाया करता था और वो मेरी भी दोस्त थी. फिर एक दिन की बात है कि मुझे एक अंजान नंबर से मैसेज आया तो मैंने पूछा कि कौन? तो उसने बताया कि सोम्या. फिर ऐसे ही हमारी बात होने लगी, करीब एक हफ्ते के बाद उसने मुझसे पूछा कि आर यू वर्जिन? फिर मैंने कहा कि हाँ और तुम? तो उसने भी हाँ में जवाब दिया.
फिर तो हम फोन पर ही सेक्स के बारे में बात करते रहते थे कि चूत में उंगली करने से मज़ा आता है, मुठ कैसे मारते है? फिर फ़ेसबुक पर एक दूसरे को पॉर्न वीडियो लिंक सेंड करना चलता रहता था, अब हम एक दूसरे से काफी खुल चुके थे. फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हें लड़की चोदने का मन नहीं करता? फिर मैंने कहा कि एक बार मिल जाए तो चोद-चोदकर पलंग ही तोड़ दूँ, लेकिन लड़की कहाँ है?
फिर मैंने उससे पूछा कि यार में मुठ मारूँगा तो क्या तू मेरा नाम लेकर एक बार चिल्लायेगी प्लीज? बड़ा मज़ा आयेगा और थोड़ा मनाने पर वो मान गयी. फिर मैंने अपने लेपटॉप पर उसकी प्रोफाइल पिक्चर खोली और उसे सेक्सी आवाज़े निकालने को कहा. अब इधर मेरा लंड फूलकर फटने को हो गया था. फिर मैंने कहा कि मेरा नाम चिल्ला तेज़ और चाहें तो अपनी चूत भी रग़ड लो, माँ कसम उसने जो आवाज़े निकाली मेरा तो लंड मुठ मार-मारकर दर्द कर गया. फिर जैसे ही मेरा मुठ झड़ा तो मैंने उससे कहा कि लव यू जानेमन आज तक इतना मज़ा कभी मुठ मारने में नहीं आया. फिर उसने भी कहा कि मेरी चूत गीली हो गयी और हम ऐसे ही मुठ मार करते थे.
फिर एक दिन उसने मुझसे पूछा कि मेरी चूत बड़ी मचल रही है गाजर डालकर देख लूँ. फिर मैंने कहा कि मेरा लंड ले ले तो वो नहीं मानी और कहने लगी कि किसी को पता लग गया तो, नहीं बाबा मुझे चुदाई से बड़ा डर लगता है, मेरे लिए गाजर ही ठीक है. फिर मैंने सोचा कि 2 महीनों से इसकी चूत मारने को में गर्म कर रहा हूँ और मज़ा गाजर लेगी. फिर मैंने उसे बहुत समझाया कि चुदाई में बड़ा मज़ा आयेगा, लेकिन वो नहीं मानती थी और हर बार मना कर देती थी. फिर मैंने सोचा कि इसे चोदने का तगड़ा ही प्लान बनाना पड़ेगा, क्योंकि इतनी मेहनत से पकाई खिचड़ी कौन जाने देगा. फिर एक दिन मैंने स्कूल से छुट्टी मारी और उसे फोन किया कि आज हम दोस्त मूवी देखने के लिए जा रहे थे, लेकिन प्लान कैन्सिल हो गया और में अकेला हूँ, अब क्या करूँ? मुझे मालूम था कि उसके मम्मी, पापा दोनों जॉब करते है तो मैंने उससे कहा कि में तुम्हारे घर आ रहा हूँ तो उसने मना किया, लेकिन में नहीं माना और मेडिकल स्टोर से कंडोम का पैकेट और वाईन शॉप से बियर खरीद ली और उसके दरवाजे की डोर बेल बजा दी.
फिर मैंने सामने देखा तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गई, अब 33-26-32 के फिगर वाली, गोरी सी, मस्त पतली, सोम्या खड़ी थी. फिर मैंने सोचा कि आज तो पलंग तोड़ दूँगा. फिर उसने मुझे अंदर बुलाया और वो पानी लेने चली गयी. फिर जब वो वापस आई तो वो स्कर्ट और टॉप में क़यामत लग रही थी, काले बाल, गुलाबी होंठ, मस्त गोल-गोल बूब्स में समा जाने वाली चूचियां, पतली कमर 26 की और गांड तो पूछो ही मत 32 की हवा में उछाल-उछाल कर चोदूं. अब उसके आते ही मैंने उससे कहा कि तुम्हारे लिए एक सर्प्राइज़ है. फिर उसने पूछा कि क्या? तो मैंने बताया कि तुम्हें बियर टेस्ट करनी थी तो इसलिए में लाया हूँ तो वो ख़ुशी से मेरे गले लग गयी, क्या बताऊँ दोस्तों जब उसकी चूचियां मेरी छाती से लगी? तो मेरा मन किया कि इसे यही चोद दूँ, लेकिन फिर हम बियर पीने लगे और मैंने सिगरेट जला ली, अब मैंने उसे इतनी पिला दी कि वो मस्त हो जाए.
फिर मैंने उसे अपने पास बुलाया और अपनी गोदी में बैठा दिया और उससे बोला कि प्लीज तेरी चूत फाड़ दूँ तो उसने हंसकर कहा कि में तुम्हारी तो हूँ जो मन में आए वो करो. बस इतना सुनते ही मेरे अंदर का जानवर जाग गया और मैंने उसका टॉप गले से फाड़ दिया और उसका टॉप फटकर लटक गया. अब वो डर सी गयी और कहने लगी कि में कही भागी थोड़ी जा रही हूँ.
फिर मैंने कहा कि जानेमन मेरा पहली बार है तो कंट्रोल नहीं हो रहा है, आज तो में तुझे पूरे दिन चोदूंगा और मैंने उसकी गर्दन पर किस करना स्टार्ट कर दिया तो अब वो आहें भरने लगी. फिर मैंने अपने मुँह में उसका कान लिया तो वो पागल सी हो गयी. फिर हमने हमारी लाईफ की पहली स्मूच की. फिर हमारे होंठ मिले, अब में उसके लोवर लिप को बड़े प्यार से चूसता रहा और अब में अपने हाथ से उसके गाल सहलाता रहा और अपना दूसरे हाथ से उसकी टी-शर्ट में से ब्रा के ऊपर से उसके निप्पल मसल रहा था.
फिर मैंने उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी और 5 मिनट चूसने के बाद मैंने उसकी बाकी की टी-शर्ट भी फाड़ दी और वो ऊपर से सिर्फ़ काली ब्रा और नीचे नीली स्कर्ट में थी. अब हम हॉल में थे तो मैंने उससे कहा कि बेडरूम में चलते है और उसे अपनी बाँहों में उठा लिया, यार वो इतनी हल्की थी कि मैंने पूछा तेरा वजन क्या है? तो उसने कहा कि 42 किलोग्राम है. फिर मैंने उससे कहा कि तुझे तो में उठा-उठाकर चोदूंगा और उसे अपने कंधे पर डालकर बेडरूम का दरवाज़ा खोला और उसे सीधा बेड पर फेंक दिया.
फिर मैंने भी अपनी स्कूल यूनिफॉर्म उतार दी और सिर्फ़ चड्डी में बेड पर चढ़ गया और वो सेक्सी सी स्माईल दे रही थी. फिर मैंने उसे अपनी बाँहों में खींचा और पीछे से हाथ डालकर उसकी ब्रा के हुक खोल दिए, जैसे ही ब्रा नीचे गिरी तो मैंने उसके बूब्स दबाने और चूसने शुरू कर दिए और चूसते-चूसते उसे लेटा दिया. अब उसका 32 साईज का एक पूरा बूब्स मेरे मुँह में था, अब मेरा मन कर रहा था कि इसे खा जाऊँ. फिर वो ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी ज़ैद और चूसो, प्लीज दूसरे वाले को भी चूसो.
फिर मैंने उसकी स्कर्ट में हाथ डाल दिया तो वो एकदम से उछल गयी. फिर मैंने उसे खींचा और उसके मुँह पर उसके होंठो के पास एक जोर से किस दे दी तो वो चिल्ला पड़ी. फिर मैंने उसकी स्कर्ट उतार दी, अब वो सिर्फ़ पेंटी में थी और सफ़ेद चादर में गोरी सी अप्सरा मेरी बाँहों में थी. फिर मैंने अपने दातों से उसकी पेंटी उतारी और फेंक दी. फिर मैंने उसके पैरों को चूसना शुरू किया और उसकी दोनों जांघो को 10 मिनट तक चूसा, अब उसकी गुलाबी वर्जिन चूत मेरे सामने थी.
फिर मैंने पहली बार उसे छुआ तो उसकी सिसकी निकल गयी. फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी तो वो कसमसा गयी और मैंने कहा कि अभी उंगली में इतना मचल रही है तो जब लंड लेगी तब क्या होगा? तो उसने कहा कि अपना वो तो दिखाओ तो मैंने पूछा कि वो क्या? तो उसने शरमाते हुए लंड कहा. फिर मैंने कहा कि लो खुद ही चड्डी उतार लो. फिर उसने जैसे ही मेरी चड्डी उतारी तो मेरा 6 इंच लम्बा लंड अब उसके सामने था.
फिर उसने कहा कि अरे बाप रे ये लंड तो मेरी छोटी सी चूत का बैंड बजा देगा, नहीं बाबा मुझे नहीं करनी चुदाई. फिर मैंने कहा कि अरे कुछ नहीं होगा और में आराम से करूँगा. फिर बहुत मनाने पर उसने मेरा लंड अपने हाथ में लिया और जैसे ही मेरे खड़े लंड पर उसके कोमल हाथों का स्पर्श हुआ तो में पागल हो गया. फिर उसने अपने दोनों हाथों से मेरी मुठी मारी. फिर मैंने उसे अपना लंड मुँह में लेने को कहा तो वो नखरे करने लगी. फिर मैंने ज़बरदस्ती अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया. फिर थोड़ी देर में उसने भी अपनी जीभ हिलाई और मज़े से चूसने लगी. अब 5 मिनट के बाद मुझे लगा कि में झड़ने वाला हूँ तो मैंने उसके बाल पकड़े और मुँह में लगातार धक्के लगाने लगा.
फिर जैसे मेरा पानी निकला तो मेरी चीख निकली ओह बहनचोद मज़ा आ गया. फिर उसने एक लम्बी साँस ली और कहा कि भोसड़ी के तूने मेरी जान निकाल दी थी. फिर मैंने कहा कि डार्लिंग अब चूत चुसाई का मज़ा ले. फिर मैंने अपनी ज़ीभ से उसकी चूत को खूब चूसा. फिर वो अहह अहह और तेज़ चूसो अहह चिल्लाती रही. फिर मैंने उसकी चूत का सारा पानी पी लिया.
फिर उसने मुझे गले लगा लिया और कहा कि इतना मज़ा आएगा मैंने कभी नहीं सोचा था. फिर मैंने कहा कि असली मज़ा तो अभी बाकी है. फिर मैंने उससे कहा कि अपने हाथों से मेरा लंड सहला. फिर कुछ देर में मेरा लंड फिर से उसे चोदने के लिए तैयार हो गया. फिर मैंने अपने बैग से जब कंडोम का पैकेट निकाला तो उसने हंसकर कहा कि अच्छा तो मुझे चोदने की पहले से ही तैयारी है. फिर मैंने उससे कहा कि आजा रांड तेरा बैंड बजाऊँ. फिर मैंने कंडोम पहना और उसके ऊपर चढ़ गया.
फिर मैंने उसकी दोनों टाँगे चौड़ी की और अपने लंड को उसकी चूत की दरार पर रखा और रगड़ा तो वो सिसक उठी और बोली कि डाल भी दो, अब और ना तड़पाओ. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया और उसकी टांगो को अपनी कमर पर लपेट लिया और एक हाथ से उसकी गर्दन पकड़ी और एक हाथ से लंड चूत पर सेट किया और एक धक्का दिया.
अभी मेरा सिर्फ़ आधा लंड ही अंदर गया था कि वो चिल्ला उठी हाइई दर्द हो रहा है प्लीज निकालो, लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी और जोर से उसे पकड़ा और अपना लंड घुसाता रहा. फिर जब मेरा लंड 4 इंच घुस गया तो वो रोने लगी, प्लीज मुझे जाने दो, में नहीं ले पाऊँगी, प्लीज मुझे छोड़ दो. फिर मैंने अपना लास्ट झटका दिया और उसकी चीख निकल गयी, अब उसकी सील टूट चुकी थी और अब वो अपने नाख़ून मेरी पीठ पर चुभा रही थी. फिर मैंने अपना लंड झटके से बाहर निकाल कर पूरी जान से वापस अंदर डाला तो वो चीख पड़ी.
फिर मैंने धीरे-धीरे उसे चोदना शुरू किया तो 2 मिनट के बाद उसे भी मज़ा आने लगा, अब वो भी नीचे से अपनी गांड हिलाने लगी और अहहा अहहह करने लगी. फिर थोड़ी देर वैसे मारने के बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत मारी और आगे झुककर उसके बूब्स भी मसले. अब वो भी मेरे झटको का जवाब अपनी गांड पीछे कर-करकर दे रही थी.
फिर मैंने उसे गोद में उठा लिया और हवा में उछाल कर चोदने लगा. फिर थोड़ी देर तक ऐसे चोदने के बाद मैंने उसे बेड पर लेटाया और सूपर फास्ट धक्के लगाने चालू कर दिए. अब वो तो पागल ही हो गयी थी और तेज़ अहहहह अहह उम्म्म्मम और तेज़ और अंदर तक डालो, फाड़ दो मेरी चूत बना दो इसका भोसड़ा मेरे राजा, चोदो और चोदो, मुझे क्या मालूम था कि इतना मज़ा आयेगा? नहीं तो कब से चुद रही होती. अब इधर मेरी स्पीड अपनी लास्ट स्टेज पर थी, बस फिर मैंने एक धक्का मारा और मेरा फव्वारा छूट गया, उसकी चूत ने भी मेरे साथ ही पानी छोड़ दिया. फिर हम दोनों 20 मिनट तक एक दूसरे के ऊपर पर पड़े रहे.
फिर मैंने उसे दुबारा चोदा और उस दिन उसे मैंने 5 बार चोदा. फिर बाद में हमने सेक्स को मजेदार बनाने के लिए सोचा कि वो स्कूल गर्ल और में टीचर, वो स्कूल यूनिफॉर्म में है या हम ऐसे बर्ताव करते है जैसे देवर भाभी या फिर नौकर नौकरानी. ऐसे खेलों में और मज़ा आता है.
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