दुकान में पटाकर घर में चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कृष्णा है और में हल्द्वानी का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 27 साल है और में दिखने में थोड़ा अच्छा हूँ, लेकिन मेरे शरीर की बनावट में कोई कमी नहीं है में अच्छा ख़ासा लंबा चौड़ा हूँ और एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ. दोस्तों आज में आप सभी चाहने वालों को जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ यह मेरी पहली और सच्ची कहानी है और जो मेरे साथ कुछ समय पहले घटी है. में बहुत लंबे समय से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ, जिन्हें पढ़कर मैंने बहुत मज़े किए और आज में अपनी पहली घटना बताने जा रहा हूँ और अब ज्यादा बोर ना करते हुए में सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों यह घटना आज से तीन महीने पहले की है जब में एक दिन अपने बहुत पक्के दोस्त की दुकान पर बैठा हुआ उससे बातें कर रहा था. तभी कुछ देर बाद उसकी दुकान पर एक 25 साल की भाभी जी आई, उनका नाम आरती था और वो कुछ कपड़े खरीदने आई थी, तो वो उसे कपड़े दिखाने लगा और मज़ाक भी कर रहा था, शायद वो उसकी पुरानी ग्राहक थी, वो भी इसलिए उसकी बातों का बहुत हंस हंसकर जवाब दे रही थी और में भी वहीं पर बैठा अपने मोबाईल पर मैसेज पढ़ रहा था और में भी अपनी मस्ती में मस्त होकर मैसेज को पढ़कर हंस रहा था.
तभी वो भाभी मेरी तरफ देखकर मुझसे बोली कि क्या तुम हमारी बातें सुनकर हंस रहे हो? तब मेरा ध्यान उनकी तरफ गया, उनका फिगर का आकार करीब 24-28-32 था और वो दिखने में एकदम पतली बिल्कुल मस्त और बहुत ही सुंदर थी. में कुछ देर उनके सेक्सी उभरे हुए बूब्स को घूरकर देखता रहा और फिर में वहां से उठा और उन्हे अपना मोबाइल दिखाकर दोबारा मैसेज पड़ने लगा, वो मैसेज दो मतलब का था जिसको पढ़कर वो भी हंसने लगी और मेरी तरफ देखने लगी.
दोस्तों कसम से क्या बताऊँ जिस अंदाज से उसने मुझे देखा, में उन पर फिदा हो गया और में लगातार उनके सुंदर चेहरे, सेक्सी बदन को देखता रहा. फिर उसने मुस्कुराकर मुझसे पूछा कि आप क्या करते हो? तो मैंने उन्हे अपने बारे में सब कुछ बता दिया, तभी उसने मुझसे कहा कि प्लीज तुम मेरी भी अपनी कम्पनी में नौकरी लगवा दो.
मैंने उन्हे अपना मोबाईल नंबर दे दिया वो कुछ देर बाद वहां से चली गई और फिर उसके चले जाने के बाद मेरे दोस्त ने मुझे बताया कि वो एक चालू किस्म की औरत है, तभी तो वो हर किसी को अपने जाल में फंसाकर अपना बना लेती है. फिर मैंने भी अपने दोस्त से कहा कि अपने को उससे क्या बस उसकी चुदाई से मतलब है एक बार चूत मिली उसके बाद अपने अपने रास्ते और फिर हम दोनों हंसने लगे. फिर मैंने अपने दोस्त से उसकी सारी जानकारियां ले ली और उसका फोन आने का इंतजार करने लगा.
फिर ठीक दो दिन बाद उसका मेरे नंबर पर फोन आया और वो मुझसे बोली कि मेरी नौकरी का क्या हुआ? तो मैंने उन्हे कहा कि वक़्त आने पर सब लगा दूँगा, लेकिन उसके बदले में मुझे क्या मिलेगा? तो भाभी मुझसे बोली कि जो आप मुझसे चाहोगे वो सब कुछ मिलेगा. फिर मैंने कहा कि आप एक बार और सोच लो? तो भाभी बोली कि हाँ मैंने सब कुछ पहले ही सोच लिया है.
दोस्तों में उनकी दो मतलब वाली बातों का मतलब समझ चुका था और फिर मैंने भी मौके का फायदा उठाकर भाभी से बोला कि आप बहुत सुंदर हो सेक्सी भी हो. फिर वो बोली कि क्या तुम मुझे पटाने की कोशिश कर रहे हो? तो मैंने तुरंत हाँ कर दिया, तो वो बोली कि में पहले से ही तुमसे पट चुकी हूँ और फिर वो हंसने लगी. तभी मैंने मौका देखकर भाभी से कहा कि अगर में तुम्हे माँग लूँ तो बोलो क्या कहोगी?
फिर वो बोली कि चल हट झूठा मुझसे मजाक करता है और उसने फोन कट कर दिया. फिर कुछ देर बाद उनका दोबारा फोन आया और मैंने फोन कट करने के बारे में पूछा तो वो बोली की बेट्री खत्म हो गई थी और फिर उसने मुझे दूसरे दिन मिलने को अपने घर पर बुलाया. अब तक हम बहुत खुलकर बातें करने लगे थे, वो मुझे अपनी हर एक बात बता रही थी.
फिर उसके बाद मैंने कहा कि ठीक है हम कल मिलते है और फोन रख दिया और फिर अगले दिन उन्होंने मुझे फोन करके अपने घर का पता बताया जो कि मेरे घर से करीब पांच किलोमीटर दूर था. में अपनी बाइक लेकर करीब दिन में दो बजे उससे मिलने चला गया और वो अपने घर पर मेरा इंतजार कर रही थी. फिर घर पर पहुंचते ही उन्होंने जल्दी से मुझे अंदर बुलाकर बैठने को कहा.
फिर मैंने कुछ देर बैठकर उनसे पूछा कि उनका पति कहाँ है? तो वो बोली कि वो इस समय ड्यूटी पर गये है इसलिए वो घर पर एकदम अकेली है और फिर उन्होंने मुस्कुराकर मुझसे पूछा कि बताओ क्या पियोगे? मैंने कहा कि जो आप पिला दो, वो बोली कि जहर, तो में भी मज़ाक में बोला कि हाँ भाभी वो भी आप मुझे पिला दो, लेकिन अपने गुलाबी रसीले होंठो से लगाकर. अब वो शरमाकर नीचे देखने लगी कि तभी मैंने उनका एक हाथ पकड़ लिया और उन्हें अपनी तरफ खींच लिया और वो झट से मेरे ऊपर आ गिरी.
मैंने तुरंत अपने होंठ उनके होंठो पर रख दिए, लेकिन उन्होंने मुझसे मना नहीं किया और फिर वो मेरा साथ देने लगी. अब में उन्हे किस करते हुए उनके गले को चूमने लगा और उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा कुछ देर बाद उन्हे भी मज़ा आने लगा और उनका शरीर गरम होने लगा. उन्होंने सेक्सी आवाज़े निकालनी शुरू कर दी और ज़ोर से आअहहह उफ्फ्फ्फ़ प्लीज वाह मज़ा आ गया स्सईईईई करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी.
फिर मैंने भी जोश में आकर बिना कुछ बोले और कस कसकर उनके बूब्स को दबाना और मसलना शुरू कर दिया. अब में कभी उनके होंठो पर किस करता तो कभी गालों पर, कभी गले को चूमता और धीरे धीरे उनके बूब्स के बीच में अपना मुहं डालते हुए वहां पर ज़ोर ज़ोर से चूमने लगा, लेकिन तभी उन्होंने मेरा हाथ एक ज़ोर का झटका देकर तुरंत अपने बूब्स पर से हटा दिया और तुरंत अपना ब्लाउज उतार दिया और फिर ब्रा को उतारते हुए उन्होंने मेरी शर्ट को भी उतार दिया.
अब में बहुत ज़ोर से पूरे जोश में आकर उनके बूब्स को दबाने और चूसने लगा, जिसकी वजह से भाभी को बहुत मज़ा आ रहा था और वो भी जोश में आती जा रही थी और अब मेरा एक हाथ भाभी की चूत को सहला रहा था, वो सिसकियाँ ले रही थी और आआअहह आईईईई उफफ्फ्फ्फ़ कर रही थी. दोस्तों में अपने एक हाथ से उनके एक बूब्स को दबा रहा था और दूसरे से उनकी चूत को मसल रहा था. फिर कुछ देर बाद जब मैंने उनकी चूत के छेद में अपनी एक उंगली डाली तो वो बहुत ज्यादा जोश में आ गई और आईईईइईई सीईईईईईईई करने लगी और वो मेरे सर को ज़ोर से अपनी छाती के ऊपर दबाने लगी.
फिर मैंने भाभी की ब्रा को उतार दिया और उनके मस्त गोल, बड़े बड़े बूब्स को दबा दबाकर चूसने लगा और वो मेरे कपड़े उतारने लगी. फिर कुछ ही देर बाद में सिर्फ़ अंडरवियर में था और भाभी भी पेंटी में थी. मैंने भाभी के पूरे बदन को किस किया और चाटना करना शुरू कर दिया. भाभी ने भी मेरा जमकर पूरा पूरा साथ देना शुरू कर दिया था और अब मैंने उनको स्मूच करते हुए भाभी की चूत में अपना लंड डाल दिया. एक बार में मेरा आधा लंड ही अंदर गया था और फिर दूसरे झटके में मैंने अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया और मेरे ऐसा करते ही उनके मुहं से एक ज़ोर की चीख निकल पड़ी और उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया.
फिर मैंने उनके होठों को अपने होठों में दबा लिया और कुछ देर रुक गया. धीरे धीरे जब उनका दर्द कम हो गया तो मैंने अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था और अब भाभी को भी बड़ा मज़ा आने लगा था. उन्होंने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया और वो मुझसे बोली कि हाँ और ज़ोर से करो राहुल आह्ह्ह्हह्ह तेज उफ्फ्फ्फ़ हाँ जितना तेज आईईईइ तुम कर सकते हो करो. फिर में भी उनके मुहं से यह बात सुनकर ज्यादा जोश में आ गया और में अपनी पूरी ताक़त से उनकी चूत में अपने लंड को झटके देने लगा.
फिर हमारी यह चुदाई करीब 30 मिनट तक चली और इतनी देर में भाभी तीन बार झड़ चुकी थी और में भी कुछ देर बाद उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया. फिर हम दोनो नंगे ही एक दूसरे से लिपटकर लेटे रहे और में उनके बदन से कुछ देर खेलता रहा. दोस्तों मैंने उनको अपनी चुदाई से पूरी तरह से खुश कर दिया था और वो मेरी चुदाई से बहुत संतुष्ट थी. फिर कुछ देर बाद में वहां से अपने घर पर चला आया.
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सामने वाली चाची के साथ संभोग

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज आर्यन है और में असम के एक छोटे से गाँव का रहने वाला हूँ, मेरी लम्बाई 5.7 है और मेरी उम्र 21 साल है, मेरे लंड का आकार 7.5 है और मेरा रंग थोड़ा गहरा है. दोस्तों आज में आप सभी चाहने वालों को अपना पहला अनुभव मेरी इस कहानी के रूप में लिख रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि इसको पढ़कर आप सभी को बहुत अच्छा लगेगा, वैसे यह मेरी पहली कहानी है जिसे में लिख रहा हूँ.
दोस्तों यह मेरी एक सच्ची घटना है, जो अभी कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई थी. जिसमें मैंने अपने पड़ोस में रहने वाली चाची को चोदकर संतुष्ट किया. दोस्तों मेरी चाची का नाम राधिका है, चाची के घर में उनकी 7 साल की एक बेटी ससुरजी और उनका पति रहता है और वो एक सुनार है, इसलिए ज्यादातर समय अपने घर से बाहर ही रहता है, वो सप्ताह में दो दिन के लिए अपने घर पर आता है और उसका एक पैर भी टूटा हुआ है, इसलिए वो थोड़ा सा लंगड़ाकर चलता है.
दोस्तों में बचपन से ही अपनी सेक्सी चाची को बहुत घूर घूरकर देखता रहता हूँ, चाची दिखने में एकदम परी जैसी है और उनकी हाईट 5.4 उनके फिगर का साईज 36-34-38 काले घने बाल, पतला दुबला बदन, दूध जैसा गोरा रंग, सेक्सी आखें, गुलाबी होंठ, मानो कुल्फी की तरह जिसकी सुन्दरता को में अपने किसी भी शब्दों में नहीं बता सकता और उनका एहसास ऐसा है कि वो अगर एक बार मुझे मिल जाए तो मुझे पूरी दुनिया मिल जाए और उनका सेक्सी जिस्म देखकर हर किसी के लंड में आग लग जाए.
दोस्तों अब सुनिए मेरी दास्तान. में बचपन से ही अपनी चाची को देखता आ रहा हूँ, लेकिन मैंने कभी भी उन्हें किसी भी गलत नज़र से नहीं देखा. यह घटना आज से दो साल पहले की है, जब में बी.ए. के पहले साल में था और अपने कॉलेज की छुट्टियाँ होने पर में अपने होस्टल से घर पर आ गया और में करीब दो महीने के बाद अपने घर पर आया था.
एक दिन बाद सुबह जब में अपनी नींद से उठा तो मेरी माँ मुझसे कहने लगी कि चाची के घर की टी.वी. खराब हो गई है और रात को जाकर तू उसे ठीक करके आ जाना, अभी कुछ देर पहले मुझसे तेरी चाची बोलकर गई है. फिर मैंने कहा कि ठीक है और में नाश्ता करके सुबह 8 बजे उनके घर पर चला गया. दोस्तों हमारे और उनके घर के बीच में सिर्फ़ एक दीवार की ही दूरी है. मेरे वहां पर पहुंचने के बाद चाची की बेटी ने दरवाजा खोला और मैंने उससे पूछा कि चाची कहाँ है? इतने में चाची किचन से बाहर आ गई, शायद वो कुछ बना रही थी और जब मैंने चाची को देखा तो में उन्हें देखता ही रह गया.
चाची उस समय मेक्सी में थी और मेक्सी का गला थोड़ा बड़ा होने की वजह से उनके बूब्स आधे आधे बाहर लटक रहे थे, उनका वो पसीने से भीगा बदन, जिससे एक अजीब सी खुशबू आ रही थी, मेरे पूरे शरीर में अब एक अजीब सा ख्याल आने लगा और में अब अपने पूरे होश में नहीं था. मेरा पूरा ध्यान उनके लटकते झूलते उन बड़े बड़े बूब्स पर था, जो मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रहे थे.
फिर चाची ने मुझे चींटी काटी तो मेरे शरीर में एक करंट सा दौड़ गया और उनके चींटी काटने से में अपने होश में आ गया. तब मैंने उनसे पूछा कि आपकी टी.वी. को क्या हुआ है? तो वो मुस्कुराते हुए कहने लगी कि कल रात को चलते चलते अचानक से बंद हो गई थी, अब तुम ही इसको देखो कि इसको ऐसा क्या हुआ है? अब मैंने टी.वी. को चालू किया और एक बार फिर से में उनको घूर घूरकर देखने लगा तो चाची मुझसे बोली कि ऐसे क्या देख रहे हो, क्या पहले कभी नहीं देखी क्या? उनकी यह बात सुनकर में अपनी नजर को नीचे करके चुपचाप टी.वी. को चेक करने लगा. अब मुझे पता चला कि टी.वी. में एक जेक की समस्या थी.
मैंने उस जेक को तुरंत बदल दिया और फिर वो टी.वी. बिल्कुल ठीक हो गया. कुछ देर वहां पर रुकने के बाद जब में वहां से अपने घर पर आने लगा तो उन्होंने जल्दी से किचन से मुझे दो रोटी और थोड़ी सब्जी लाकर दे दी.
फिर मैंने उनसे कहा कि में अभी कुछ देर पहले अपने घर पर खाना खाकर आया हूँ तो मुझे खाना नहीं चाहिए. अब वो मुझे बहुत अजीब नज़र से देखने लगी, शायद उनको मुझ पर अब पूरा पूरा शक हो गया कि में उन्हें चोदना चाहता हूँ और मेरी नजर उनके बूब्स पर है, इसलिए में उन्हें बहुत देर से घूर रहा हूँ. फिर में अपने घर पर वापस आ गया और करीब एक घंटे के बाद में बाहर अपने दोस्तों से मिलने चला गया और फिर कुछ घंटे बाहर रहने के बाद जब में अपने घर पर आया तो मुझसे मेरी माँ एक बार फिर से कहने लगी कि तुझे तेरी चाची ने उनके घर पर बुलाया है.
दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और अब में भगवान को मन ही मन बहुत बहुत धन्यवाद कहने लगा और तब तक दोपहर के तीन बज चुके थे. फिर में अपनी सेक्सी चाची के घर पर चला गया. चाची ने दरवाजा खोला और उन्होंने मुझसे बैठने को कहा और मैंने देखा कि चाची ने एक जालीदार काली कलर की साड़ी और उसकी कलर का बड़े गले का बिना बाह का ब्लाउज पहना हुआ था. दोस्तों में उनके सेक्सी जिस्म को देखकर मन ही मन बहुत खुश था.
मेरी नजर बार बार उनके बूब्स पर जा रही थी और में उन्हें लगातार घूरता रहा और वो भी अब मेरी गंदी नियत के बारे में सब कुछ समझ चुकी थी, शायद इसलिए वो थोड़ा सा मुस्कुरा रही थी. अब मैंने उनसे पूजा के बारे में पूछा तो वो मुझसे कहने लगी कि वो ट्यूशन गई हुई है, शाम को 6 बजे तक आएगी.
चाची : सुबह तुमने मेरे बहुत बार कहने पर भी कुछ भी नहीं खाया तो इसलिए मैंने तुम्हारे लिए बहुत प्यार से मोतीचूर के लड्डू बनाए है.
में : हाँ ठीक है चाची, लेकिन इसकी क्या ज़रूरत थी?
चाची : क्यों तुम इतने दिनों के बाद यहाँ पर आए हो, इसलिए क्या में तुम्हारे लिए इतना भी नहीं कर सकती और क्या में तुम्हारी कुछ नहीं लगती? और बताओ तुम्हारे कॉलेज में क्या चल रहा है?
में : जी ऐसा कुछ खास नहीं सिर्फ़ पढ़ाई चल रही है.
चाची : क्यों अब तो वहां पर कोई गर्लफ्रेंड बनाई होगी?
दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम से बहुत चकित हो गया, क्योंकि आज पहली बार चाची मुझसे इस तरह से पूरी खुलकर हंसकर इस बारे में बातें कर रही थी और फिर मैंने भी मन ही मन सोचा कि क्यों ना इस इतने अच्छे मौके का फायदा उठा लिया जाए, में भी अब उनसे खुलकर बातें करने लगा और अब मैंने उनसे कहा.
में : जी हाँ मैंने एक लड़की को अभी कुछ समय पहली अपनी गर्लफ्रेंड बनाया है, बिल्कुल सच बोल दिया.
दोस्तों चाची भी अब मुझसे बिल्कुल खुलकर बातें करने लगी और उसके बारे में बहुत कुछ मुझसे पूछने लगी.
चाची : क्यों वो दिखने में कैसी है, उसका रंग कैसा है, उन्होंने मुझसे और भी बहुत कुछ पूछा.
दोस्तों मैंने उन्हें सब कुछ सच सच बता दिया हमने क्या क्या किया, हमे कैसे प्यार हुआ और भी बहुत कुछ. फिर मैंने चाची से पूछा कि आप कैसे है?
में : चाची में जब से आया हूँ, क्या बात है आप दिखाई ही नहीं देते?
चाची : देखोगे कैसे, तुम बहुत दिन से घर भी तो नहीं आए और फिर वो इतना कहकर रोने लगी.
में : चाची क्या हुआ आपको क्या कोई समस्या है?
चाची : नहीं बस ऐसे ही.
में : बोलो ना, अगर नहीं बताना है तो मत बताओ.
चाची : तुम जानते हो उन्हें ज्यादातर समय बाहर रहना पढ़ता है और पूजा भी अपने पापा को याद करके हमेशा रोती रहती है.
में : क्यों आप उन्हें याद नहीं करते?
चाची : हाँ, लेकिन याद करके क्या फायदा?
में : क्या मतलब?
चाची : कुछ नहीं वैसे भी मेरी समस्या को अभी तुम नहीं समझोगे.
में : प्लीज आप मुझसे बोलो, अगर मुझे अपना दोस्त मानते हो तो.
दोस्तों वो अब मेरी तरफ बहुत व्याकुल नजरों से देखते हुए बोली.
चाची : तुम बहुत अच्छी तरह से जानते हो कि उनका तो एक पैर बचपन से टूटा हुआ है और वो कुछ भी नहीं कर पाते है, मेरी तो किस्मत ही बहुत फूटी हुई है.
दोस्तों में उनके मुहं से वो सभी बातें सुनकर कुछ देर बिल्कुल चुप रहा और फिर सोचकर बोला.
में : चाची आपका क्या मतलब है कि वो कुछ नहीं कर पाते?
दोस्तों चाची की यह बातें अब मेरे शरीर में जैसे कोई करंट दौड़ा रही थी और में खुद जानबूझ कर उनसे उनके मन की बातें जानने के लिए बात को आगे बढ़ाने लगा. फिर चाची कुछ देर मेरी तरफ प्यार भरी नजरों से देखती रही, लेकिन अचानक से वो उठी और मेरे पास आकर बैठ गई और वो अब मेरा हाथ पकड़कर मुझसे बोली कि क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगे?
दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मेरे पैरों तले ज़मीन खिसक गई और यह बात सुनकर में उनसे नाटक करते हुए बिल्कुल अनजान बनते हुए बोला कि अरे आप मुझसे यह क्या बात कर रही है? तो चाची मुझसे बोली कि अब ज्यादा नाटक मत करो, में बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ कि तुम भी मन ही मन मेरे साथ सेक्स करना चाहते हो, में जानती हूँ. मैंने सुबह ही वो सब भांप लिया था. दोस्तों मैंने तो अब उससे कुछ भी नहीं कहा और उठकर उनके पास गया और उन्हें लिप किस करने लगा और वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और करीब दस मिनट के बाद मैंने उनसे बोला कि तुम्हारे ससुरजी आ जाएगें तो क्या होगा?
फिर उन्होंने कहा कि वो बाजार गए हुए है और वहीं से पूजा को भी अपने साथ में लेकर आयेगें और अब में दोबारा से किस करने लगा और किस करते करते मैंने उनको बेड पर लेटा दिया और फिर में उनके ऊपर चड़ गया, अब में उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा, जिसकी वजह से वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई, आह्ह्ह्हह्ह आईईईई हाँ और ज़ोर से दबाओ, उह्ह्ह्हह्ह वाह मुझे बहुत अच्छा लग रहा है, में जन्मों की प्यासी हूँ, प्लीज अब जल्दी से चोदो मुझे, ज्यादा समय बर्बाद ना करो.
फिर मैंने अपना लंड पेंट से बाहर निकाल लिया और उनकी साड़ी को ऊपर करके उनकी चूत के अंदर घुसा दिया. दोस्तों मैंने महसूस किया कि चाची की चूत बहुत टाईट थी, चाची अपने उस दर्द से बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी आह्ह्ह्हह राज उफ्फ्फफ्फ्फ़ माँ में तो मर गई, तुम्हारा लंड बहुत मोटा है, हाँ थोड़ा और अंदर डालो और मुझे आज तुम ज़ोर ज़ोर से चोदो, फाड़ दो मेरी प्यासी चूत को.
फिर मैंने चाची से कहा कि थोड़ा धीरे बोलो वरना मेरी माँ तुम्हारी यह सभी बातें सुन लेगी, अब थोड़ा चुप रहो और मुझे चोदने दो, में भी तुम्हारी तरह बहुत प्यासा हूँ. फिर में लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उन्हें चोदता रहा और चाची धीरे धीरे आह्ह्ह्ह अफ्फ्फफ्फ्फ्फ़ ऊऊईईईईई हाँ और ज़ोर से चोदो आह्ह्ह चोदो मुझे हाँ चोदते रहो, आह्ह्ह्हह करती रही. दोस्तों मुझे उनकी लगातार चुदाई करते हुए करीब बीस मिनट हो चुके थे और इतने में चाची दो बार झड़ चुकी थी और अब में भी झड़ने वाला था और मैंने उनसे पूछा कि में अपना वीर्य कहाँ निकालूं?
फिर चाची मुझसे बोली कि तू आज अपना सारा माल मेरी चूत के अंदर ही डाल देना उनकी बात सुनकर में एक बार फिर से जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा, लेकिन में कुछ ही मिनट बाद झड़ गया और उनके ऊपर लेटा रहा और उनके बूब्स से खेलता रहा. दोस्तों करीब दस मिनट के बाद चाची मुझसे कहने लगी कि में आज रात को अपना दरवाजा तुम्हारे लिए खुला रखूंगी, तुम रात को 11 बजे मेरे घर पर आ जाना और सारी रात मुझे चोदना, हम बहुत मज़े करेंगे.
फिर मैंने कहा कि हाँ ज़रूर चाची, हम सारी रात चुदाई करेंगे और में आपकी चूत को फाड़ दूँगा. फिर गांड भी मारूंगा और फिर में उन्हें किस करके अपने घर पर आ गया और रात होने का इंतजार करने लगा. दोस्तों तब से लेकर आज तक में अपनी चाची को सही मौका मिलने पर रोज रात को चोदता हूँ और उनके साथ साथ अपनी भी प्यास बुझाता रहता हूँ. मैंने अब तक उनकी चूत के साथ साथ उनकी गांड को भी चोदकर पूरी तरह से फैला दिया है और में कभी कभी उनके मुहं को भी अपने लंड से निकले गरम गरम वीर्य से भर देता हूँ.
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अलीज़ा ने अपनी सील तुड़वाई

हैल्लो दोस्तों, यह कहानी मेरी और मेरी पड़ोसन की है जो कि बिल्कुल सच्ची घटना है और इस वक्त मेरी उम्र 27 साल है और जब मैंने अलीज़ा की चुदाई की तब मेरी उम्र 18 साल थी और अलीज़ा की भी 18 थी और अलीज़ा के बूब्स का साईज़ 32 था, लेकिन वो दिखने में एकदम किसी रंडी जैसी मस्त माल थी. मैंने पहली बार अलीज़ा को चेट पर देखा और करीब 2 दिन बाद ही हमारी चेटिंग से सेटिंग शुरू हो गई. वो एक बहुत ही हॉट लड़की थी, जैसे उसको चुदने का बहुत अनुभव हो.
फिर मेरी उससे बात शुरू हो गई और करीब 2 महीने हमारी सिर्फ़ फोन पर ही बात होती रही, लेकिन किस्मत से मुझे एक दो बार उसके घर पर जाने का मौका मिला, तो हम बस किस ही कर सके, क्योंकि वो घर से ज्यादा बाहर नहीं आती थी और उसके घर वाले उसको अकेले कभी कहीं नहीं जाने देते थे और अब इस बीच हम दोनों बहुत आगे तक जाने लगे थे. अब वो मुझसे फोन पर अब बहुत गंदी गंदी बातें करने लगी थी और में भी उसके साथ फोन सेक्स करके बहुत मज़े में रहता था, लेकिन हमें मिलने का मौक़ा नहीं मिल पा रहा था और जिसकी वजह से में उसे चोद नहीं पा रहा था और मुझे उसकी बातों से लगता था कि वो कोई बहुत बड़ी रंडी है.
फिर स्कूल के बाद उसका कॉलेज में जाना शुरू हो गया, जहाँ पर कुछ दिन रहने के बाद अब उसको वहां से झूठ बोलकर बाहर निकलने का मौका नज़र आने लगा और फिर एक दिन उसने मुझसे अकेले में मिलने की अपनी इच्छा ज़ाहिर की और उसने मुझसे कहा कि वो मुझसे मिलकर चुदवाना चाहती है.
फिर में भी उसकी यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश था और हमारे प्लान के हिसाब से उस दिन जब उसके पापा उसको कॉलेज छोड़कर जाएगें तो वो अपने कॉलेज से बंक करके बाहर आ जाएगी और हम किसी होटल जायेगें, लेकिन में होटल में कभी गया ही नहीं था और फिर इसलिए मैंने अपने एक दोस्त से बोला कि तू हमारे मिलने के लिए एक रूम का जुगाड़ करवा दे. दोस्तों हमारी अच्छी किस्मत से उस दिन उसके घर पर कोई भी नहीं था और उसके घर के सब लोग कहीं बाहर गये हुए थे. फिर मैंने मन ही मन बहुत खुश होकर अलीज़ा को फोन करके कहा कि तुम तैयार हो जाओ हमारे मिलने के लिए एक रूम का जुगाड़ हो गया है.
फिर वो भी यह बात सुनकर बहुत खुश हो गई और फिर ऐसे ही दूसरे दिन उसके पापा उसको कॉलेज छोड़कर चले गये, वो कुछ देर अंदर रुककर तुरंत बाहर आ गई. फिर उसने मुझे फोन किया और कुछ देर बाद में उसके कॉलेज पहुंच गया और में उसको अपने साथ अपनी बाईक पर बैठाकर रूम पर ले आया और आते समय रास्ते में मैंने उसके साथ बहुत मस्ती की कभी बाईक के ब्रेक्स ज़ोर से लगा देता तो उसके बूब्स एकदम से मेरी कमर से दब जाते, लेकिन दोस्तों वो बहुत चालू थी और उसको यह सब समझ में आ गया था कि यह में क्या और क्यों कर रहा हूँ? तो वो भी अब जानबूझ कर मेरे साथ पीछे चिपककर हग करके बैठ गई, जिससे उसके बूब्स मेरी कमर के साथ लग गये.
फिर रूम में आते ही कुछ देर बैठकर बातें हंसी मजाक करने के बाद मेरा दोस्त चाय बनाकर ले आया और हमने साथ बैठकर चाय पी और फिर मेरा दोस्त कुछ देर बाद मेरी तरफ मुस्कुराता हुआ बाहर चला गया. फिर मैंने तुरंत उठकर रूम की कुण्डी लगाई और में बेड पर बैठी अलीज़ा के पास जाकर बैठ गया और अब मैंने उससे पूछा कि अब क्या करना है? फिर उसने शरारती अंदाज़ में मुझसे बोला कि तुम्हें ही सब पता है और में तो बस तुम्हारे कहने पर आ गई. में अब उसकी यह बात सुनता रहा.
दोस्तों मेरे दोस्त ने पहले से ही अपने रूम में मेरे लिए कंडोम लाकर रख दिए थे और उसने मुझे बता दिया था कि बेड के पास की दराज़ में कंडोम रखे हुए है, क्योंकि वो भी जानता था कि आज में अपनी गर्लफ्रेंड को जरुर चोदूंगा. फिर मैंने अलीज़ा को बेड पर बैठे बैठे ही किस करना शुरू कर दिया. दोस्तों जिसकी वजह से अलीज़ा बहुत ही कम समय में ज्यादा हॉट हो गई और अब वो मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी. मैंने उसको किस करते करते लेटा दिया और में अब उसके ऊपर लेटकर उसके मुहं में अपनी जीभ को डाल दिया, वो अब बहुत मज़े से मेरी जीभ को चूसने लगी और मेरा लंड तो अब तनकर खड़ा हो गया और पेंट के ऊपर से ही उसकी चूत को छूने लगा.
दोस्तों वैसे यह सेक्स अनुभव मेरा भी पहला अनुभव था. मैंने किस करते करते अलीज़ा के बूब्स को मसलते हुए धीरे धीरे दबाना शुरू किया तो वो धीरे धीरे मदहोश होने लगी और मुझे कसकर गले लगाने लगी. मैंने अब उसकी कमीज उतारनी चाही, लेकिन वो बहुत टाईट थी तो बहुत फंस गई. फिर वो उठी और अपनी कमीज को उतारकर वापस लेट गई और अब मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स को बहुत ज़ोर ज़ोर से दबाए और उसके बूब्स पर बहुत बार किस किए.
फिर में उसकी ब्रा को खोलने लगा और मैंने उसको थोड़ा सा उठाकर उसकी ब्रा को खोला तो वो बड़े बड़े एकदम गोल बूब्स को देखकर मेरी आखें बाहर आ गई, उसके बूब्स एकदम मस्त थे और उसके ऊपर भूरे रंग की निप्पल थी, तो मैंने फट से उसके निप्पल को अपने मुहं में डालकर उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिए और अपने दोनों हाथों से एक एक बूब्स को दबाने लगा और वो तो जैसे एकदम से बेक़ाबू हो गई.
फिर जैसे ही मैंने सही मौका देखकर उसकी सलवार में अपना एक हाथ डालना चाहा तो उसने अपने दोनों पैरों को ज़ोर से कसकर बंद कर लिया, लेकिन दोस्तों में अब कहाँ रुकने वाला था? मैंने उसकी चूत को छूकर महसूस किया तो वो अब तक पूरी भीग चुकी थी. दोस्तों मैंने यह भी महसूस किया कि उसकी जान जैसे उसकी चूत के होंठो पर लगी हो और मैंने जैसे ही उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाली तो वो एकदम से ढीली हो गई, जैसे उसमें अब जान ही ना हो. मैंने उसकी चूत में बहुत देर तक ऊँगली की और इस बीच वो झड़ चुकी थी. फिर में उठा और मैंने पास वाली दराज़ खोलकर एक कंडोम निकालकर अपने लंड पर चड़ाने लगा और इस बीच वो मुझे बहुत ध्यान से देख रही थी और बोल रही थी कि यह कहीं अंदर ही फट तो नहीं जाएगा ना और मुझे कुछ होगा तो नहीं ना?
फिर मैंने कहा कि तुम्हें ऐसा कुछ नहीं होगा, मुझे लगा कि यह नखरे करेगी, शायद यह पहले भी चुद चुकी होगी. तभी में जैसे ही उस पर दोबारा लेटा तो मैंने उसके दोनों पैरों को पूरा खोल दिया और अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और वो मेरा हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर लाने लगी. मैंने उसके बूब्स दबाए और फिर से उसकी चूत में अपना लंड डालने की कोशिश करने लगा. तब मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत टाईट थी और यह चुदाई मेरी भी पहली चुदाई थी और इसलिए मुझे इसका ज्यादा अनुभव भी नहीं था. मेरा लंड कई बार फिसल जाता, कभी नीचे कभी ऊपर और 4- 5 बार कोशिश करने के बाद मैंने अभी तक उसकी चूत के अंदर अपना टोपा ही डाला और वो उस दर्द से कराह गई और मुझसे बोली कि मदहोशी में भी मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज उफ्फ्फ थोड़ा धीरे आह्ह्हह्ह्ह्ह करो.
फिर मैंने मन में सोचा कि बहनचोद ज्यादा नखरे कर रही है और फिर जैसे ही मैंने एक झटका दिया तो मेरा लंड थोड़ा सा और अंदर चला गया तो वो ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी और मुझसे कहने लगी कि प्लीज थोड़ा बाहर निकाल लो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है और अब मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगा, लेकिन मैंने उसकी एक भी बात नहीं सुनी और ज़ोर लगाकर लंड को आगे धकेलने लगा. अब मुझे लगा कि शायद इससे आगे अब मेरा लंड नहीं जाएगा, क्योंकि दोस्तों मेरा लंड 7 इंच का है और उस टाईम में अपने पूरे जोश में था.
फिर मैंने एक ज़ोरदार झटका मारा और अब मुझे महसूस हुआ कि शायद उसकी सील टूट गई है और मुझे उसकी उस बात का अंदाज़ा हुआ कि वो बिल्कुल सच बोल रही थी कि वो अब तक सील पेक है, वो तो उस असहनीए दर्द की वजह से मुझे धक्का देने लगी और रोते हुए मुझसे कहने लगी कि मुझे अब और आगे नहीं करना, प्लीज अब मुझे छोड़ दो उफ्फ्फ्फ़ माँ में मर गई, प्लीज अब इसे बाहर करो. अब मैंने उसको कंधो से कसकर पकड़ लिया और रुक गया कि कहीं यह मेरे लंड को बाहर ना निकाल दे. फिर पांच मिनट में ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा और उसे किस करता रहा. फिर वो थोड़ा शांत हुई तो मैंने अपने लंड को पूरे दम के साथ उसकी चूत में डाल दिया और वो चीखे मारनी लगी. उसकी आँख से आँसू गिरने लगे, लेकिन में फिर भी नहीं रुका और लंड उसके अंदर डालकर उसको चूमता रहा, वो थोड़ा डर गई थी.
फिर मैंने उसको प्यार से सहलाया और बोला कि कुछ नहीं होगा, अब लंड अंदर चला गया तो वो थोड़ा शांत हो गई. मैंने उसको लगातार धक्कों के साथ चोदना शुरू किया, लेकिन मुझे ज्यादा मज़ा नहीं आ रहा था, क्योंकि वो मेरा साथ नहीं दे रही थी और तब तक मैंने झटके मारना शुरू किए और वो चीखती रही. अब मेरे मन में अहसास होने लगा कि में अब झड़ चुका हूँ तो मैंने कंडोम उतारने के लिए अपना लंड बाहर निकाला. तब मैंने देखा कि उसकी चूत से थोड़ा सा खून बाहर आ रहा था. अब मैंने कंडोम को उतारकर उसकी ब्रा से अपने लंड को साफ करके उसके ऊपर लेट गया और वो भी मेरे गले लगकर बस चुपचाप लेटी रही.
फिर करीब 15 मिनट के बाद वो उठी और अपनी सलवार, ब्रा को उठाया और बाथरूम में चली गई. वहाँ पर जाकर वो ब्रा और सलवार पहनकर अपनी चूत को साफ करके कुछ देर बाद वापस आ गई और मेरे पास में आकर फिर से लेट गई. फिर मैंने उससे बोला कि अलीज़ा तुम्हारी चूत बहुत टाईट थी. फिर उसने कहा कि हाँ तभी तो उसको बहुत ज्यादा दर्द हुआ. फिर मैंने कहा कि हाँ लेकिन अब तुम्हें इतना दर्द नहीं होगा और मैंने अपना लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया, उसने हल्का हल्का दबाया और जिसकी वजह से लंड धीरे धीरे खड़ा हो गया और मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया और उसकी ब्रा को दोबारा खोल दिया और वो फिर से किस करने में मेरा साथ देने लगी. मैंने उसको एक बार फिर से अपने नीचे लेटा दिया और उसकी चूत में अपनी ऊँगली को डालकर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा.
फिर मैंने उसके पैरों को थोड़ा सा खोला और अपना लंड उस पर रख दिया. तभी वो एकदम झटके से उठ गई और बोली कि मुझे बिना कंडोम के नहीं चुदवाना, वर्ना कुछ हो जाएगा. मैंने बहुत ज़िद की, लेकिन वो नहीं मानी तो में अब थोड़ा नाराज़ होने का नाटक करने लगा और उठकर एक साईड में बैठ गया और अब में अपने कपड़े पहनने के लिए उठने लगा तो उसे लगा कि अब में उसे नहीं चोदूंगा. फिर वो मेरे पास आई और मुझे गले लगाकर मुझसे बोली कि प्लीज तुम्हें जो करना है कर लो, लेकिन ध्यान रखना कि तुम्हारा लंड मेरी चूत के अंदर अपना माल ना गिराए. दोस्तों उसकी यह बात में बहुत खुश हुआ, लेकिन अब अंदर ही अंदर में भी उसकी बिना कंडोम के लेते हुए बहुत डर तो रहा था. मैंने फिर से कंडोम का पैकेट उठाया और एक कंडोम निकालकर उसके हाथ में दे दिया और कहा कि इसको मेरे लंड पर अपने हाथों से चड़ा दो.
फिर वो मुझसे बोली कि मुझे चड़ाना नहीं आता. फिर मैंने अलीज़ा का एक हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया और उससे बोला कि अभी तुमने मुझे देखा था ना चड़ाते हुए, अब तुम चड़ाओ. फिर उसने मेरे बहुत बार कहने पर मेरे लंड पर कंडोम चड़ा दिया और मैंने उसको किस करते करते दोबारा से लेटा दिया और साईड से एक तकिया उठाकर उसकी गांड के नीचे रख दिया और उससे बोला कि पैरों को उठा ले और तभी उसने अपने पैर उठाए, लेकिन जैसे ही मैंने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखकर हल्का सा धक्का दिया और लंड का टोपा अंदर किया तो वो दर्द से चीखने लगी और उसने तुरंत अपने पैरों को नीचे कर लिया.
अब मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और फिर लंड को उसके हाथ में पकड़ा दिया और कहा कि तुम अपनी चूत में रखो वरना मुझसे ऐसे नहीं जाएगा. फिर वो हंसने लगी और बोली कि तुम खुद करो ना, तो मैंने कहा कि नहीं इस बार तुम डालो और फिर उसने लंड को चूत के मुहं पर सेट करके मुझे इशारा किया और मैंने ज़ोर का झटका मारा, जिसकी वजह से मेरा आधा लंड उसकी टाईट चूत में चला गया और वो उस दर्द की वजह से चीखने चिल्लाने लगी, प्लीज बाहर निकालो उफफ्फ्फ्फ़ में मर जाउंगी.
फिर मैंने उसकी एक भी बात नहीं सुनी और एक ज़ोर का झटका देकर अपना लंड पूरा अंदर डालकर में उस पर लेट गया और उसके बूब्स को चूसने लगा और जिससे वो कुछ देर बाद थोड़ा शांत हो गई और मैंने उसके पैरों को फिर से थोड़ा सा उठाया. अब में लगातार धक्के मारकर उसको चोदने लगा, फिर करीब दो मिनट के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी.
मैंने उसको करीब दस मिनट तक चोदा और उसके बाद में झड़ गया. इस बीच वो भी करीब तीन बार झड़ चुकी थी और हम अपनी पहली चुदाई से बहुत थक गए थे, में अब उसके ऊपर लेट गया और वो मेरे बालों में हाथ घुमा रही थी. मैंने कंडोम उतारा और उससे बोला कि क्या तुम मेरे वीर्य का स्वाद नहीं लोगी? तो उसने मुझसे साफ मना कर दिया और में उठकर वॉशरूम में चला गया.
फिर मैंने अपने लंड को धोया और वापस आ गया. फिर वो उठी और बोली कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है. फिर मैंने उससे कहा कि हाँ ऐसा पहली बार में जरुर होता है, फिर करीब दो घंटे तक हम ऐसे ही एक दूसरे के साथ बिल्कुल नंगे ही लेटे रहे और में उसके गदराए बदन से खेलने लगा, बूब्स को चूसने और दबाने लगा, तभी कुछ देर बाद उसको फिर से अपनी चुदाई की इच्छा होने लगी तो इसलिए वो मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी और लंड को सहलाने और धीरे से दबाने लगी. में उसके जोश को देखकर समझ गया कि यह दोबारा फिर से चुदना चाह रही है. फिर मैंने उसके निप्पल चूसे तो वो पूरी गरम हो गई. में अब उसके पेट के ऊपर बैठकर उसके मुहं में अपनी जीभ को डालकर उसे किस करने लगा.
अब वो अपनी दोनों आखें बंद करके मेरा साथ दे रही थी. फिर में उठा और अपना लंड उसके गुलाबी गुलाबी होंठो पर छू दिया, अलीज़ा ने मेरे लंड की गर्मी को महसूस करके तुरंत अपनी आंखे खोली और वो मुझसे बोली कि यह सब नहीं. फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज एक बार मुहं मे लेकर तो देख लो तो वो नखरे करने लगी. फिर मैंने अपना लंड उसके बूब्स पर रख दिया और धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा, वो बहुत गरम थी तो उसने अब मेरे लंड को अपने हाथ से दबाना शुरू कर दिया.
मैंने उसके मुहं में डालने को कहा तो इस बार उसने बिना कुछ कहे लंड को धीरे से अपने मुहं में ले लिया, लेकिन दोस्तों उसे लंड को चूसना नहीं आता था, इसलिए मैंने लंड को अब अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और जब मेरा लंड उसके थूक से बहुत गीला होकर चिकना हो गया तो मैंने उससे कहा कि तुम अब उल्टी लेट जाओ तो वो डर गई और वो समझी कि में उसकी गांड मारने वाला हूँ और वो अब मुझसे कहने लगी कि पहले ही मुझे मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा है और मेरी सहेली ने मुझे बताया था कि गांड में लंड लेने पर बहुत ज्यादा दर्द होता है. फिर मैंने उससे कहा कि अच्छा ठीक है, अगर तुम कहती हो तो में तुम्हारी गांड में नहीं डालता, मेरे ऊपर थोड़ा विश्वास करो, लेकिन में तुमसे जैसा कहता हूँ तुम चुपचाप करती जाओ.
फिर मैंने उसको उल्टा लेटाकर उसके पैरों को थोड़ा सा खोल दिया और अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर नीचे से उसके बूब्स को पकड़ लिए और लगातार हल्के हल्के झटके देकर उसकी चूत को चोदने लगा. दोस्तों इस बार में बिना कंडोम के उसकी चूत को चोदने के मज़े ले रहा था और उसको भी अब उस बात का ऐतराज़ नहीं था, लेकिन दोस्तों मैंने उसको करीब पांच मिनट ही चोदा होगा कि मुझे लगा अब में झड़ने वाला हूँ. फिर मैंने उसके कान के पास अपना मुहं ले जाकर उससे कहा कि अलीज़ा में अब झड़ने वाला हूँ, तुम कहो तो अंदर ही डाल दूँ? तो वो उस समय बहुत मदहोशी में थी और फिर उसने तुरंत अपना सर हाँ में हिला दिया. फिर मैंने अपने लंड को अब और भी ज़ोर से धक्का मारा और उसकी चूत में ही वीर्य निकाल दिया, अब मेरा वीर्य उसकी चूत के पानी के साथ मिलकर उसकी चूत से बाहर आने लगा था.
फिर में उससे दूर हट गया और मैंने देखा कि वो बहुत खुश दिख रही है. मैंने उससे पूछा कि क्यों कैसा लगा? तो अलीज़ा बोली कि वाह बहुत मज़ा आ गया, लेकिन में अब तुम्हारी इस चुदाई से गर्भवती ना हो जाऊँ? फिर मैंने उससे कहा कि में तुम्हें उसकी दवाई लाकर दे दूंगा. अब वो कपड़े पहनने लगी और मैंने दोस्त को फोन किया कि दवाई ले आना, मैंने अपना वीर्य उसकी चूत के अंदर ही डाल दिया. फिर दोस्त तब तक दवाई ले आया और अलीज़ा अपने कपड़े पहनकर बैठ गई और जाते वक़्त अलीज़ा ने मुझे ज़ोर से हग किया और किस भी किया. फिर हम उसके कॉलेज के लिए निकल गये और में उसको छोड़कर वापस आ गया और मुझे उसके साथ चुदाई करने का बहुत मज़ा आया और मैंने उसे बहुत जमकर चोदा.
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सोनिया रंडी ट्रेन में

हैल्लो दोस्तों, में एक बार फिर आपकी ये रात की रानी, सेक्सी, आपके बड़े-बड़े लंड की दीवानी. दोस्तों में सोनिया और आगे तो आप सब जानते ही हो कि में क्या चीज़ हूँ? दोस्तों अब में अपनी स्टोरी पर आती हूँ, तो दोस्तों जैसा कि आप लोगों को पता ही है कि कैसे मैंने गोवा में अपने छेदों को संतुष्ट करवाया? लेकिन दोस्तों अब में ट्रेन में थी और मेरे सामने की सीट पर एक लड़का था. दोस्तों हम दोनों नॉर्मल बात कर रहे थे, लेकिन दोस्तों इतना चुदने के बाद मेरी भूख और बढ़ रही थी और रात के समय तो मेरी चूत बिना लंड के सो ही नहीं सकती, तो मैंने सोचा कि क्यों ना इसे ही अपनी चूत का गुलाम बना लिया जाए?
फिर दोस्तों मैंने अपने बैग से एक बिना बाहं का टॉप निकाला और बाथरूम में जाकर पहनकर आ गई. दोस्तों मुझे पता था कि उस सफ़ेद टॉप से मेरी ब्रा हल्की-हल्की दिख रही है और दोस्तों मैंने नोटिस किया कि हम दोनों की नॉर्मल बात के दौरान वो मेरे बूब्स को भी कभी-कभी देखता. आह दोस्तों मुझे तो पता ही था कि में इससे कुछ समय के बाद जरुर चुदूंगी.
अब दोस्तों मैंने देखा कि उसका लंड उसकी पेंट में टैंट बना रहा था. फिर अचानक उसने पूछा कि मेम क्या में आपका फिगर जान सकता हूँ? तो मैंने कहा कि तुम ये पूछने वाले होते कौन हो? अब वो घबरा गया था. अब में तो मज़े ले रही थी, फिर वो बोलने लगा कि सॉरी मैंने सोचा कि.
फिर मैंने कहा कि क्या सोचा तुमने? यही कि अगर में अपनी लाल ब्रा दिखा सकती हूँ तो तुम्हें अपना साईज़ भी बता सकती हूँ. अब वो डर सा गया था, तो मैंने कहा कि चलो तुम ही बताओ मेरा साईज़ क्या है? लेकिन अब वो बहुत डर गया. तो मैंने कहा कि ओह कम ऑन सन्नी (उसका नाम सन्नी था) तुम्हें मेरा फिगर पता करना है तो सुनो मेरे जो ये बूब्स है ना, जिनको तुम अपनी आँखों से पता नहीं क्या कर रहे थे? वो 36 साईज के है और वो भी पूरे राउंड शेप में और जो ये मेरी सेक्सी कमर है ना, वो 26 साईज की है और जो मेरे जिस्म का सबसे सेक्सी पार्ट है, वो है ये मेरी सेक्सी बड़ी गांड, जिसे देखकर तो कोई भी मर्द पागल हो जाए है, मेरी गांड 40 साईज की है. अब तुम बताओ तुम्हें मेरे जिस्म का कौन सा पार्ट मस्त लग रहा है?
फिर उसने कहा कि आपकी बड़ी गांड. तो मैंने अपनी गांड उसकी तरफ कर दी और कहा कि चोदो मेरी गांड को. दोस्तों अब ट्रेन ज्यादातर खाली थी और रात भी बहुत हो चुकी थी तो हमें कोई प्रोब्लम नहीं थी. तभी उसने मेरी गांड को मेरी जीन्स के ऊपर से ही सहलाना चालू कर दिया और उसने अचानक मेरी गांड के छेद में अपनी उंगली डाली, जिससे मेरे छेद में मेरी पेंटी और जीन्स चली गई. दोस्तों अब में तो नीचे से पूरी गीली हो चुकी थी और शायद सन्नी को भी पता चल गया था कि मेरी चूत गीली है.
फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या वो मेरी गांड को नंगा देख सकता है? तो मैंने कहा कि एक काम करते है, वॉशरूम में चलते है और अब मैंने उससे कहा कि वेस्टर्न टायलेट में में तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ, तुम तुरंत आओं में दरवाजा बंद नहीं करूँगी. फिर वो झट से अंदर आ गया और दरवाजा बंद करते ही मेरे होंठो को चूसने लग गया.
फिर मैंने कहा कि बेबी में समझ सकती हूँ, लेकिन प्लीज़ आराम से. फिर उसने मेरा टॉप उतार दिया और मेरी ब्रा को खोलकर मेरे बूब्स चूसने लगा. ओह दोस्तों अब में टायलेट सीट पर टॉपलेस थी और अब वो मेरे बिग बूब्स को पागलों की तरह चूस रहा था.
फिर मैंने उसे सीट पर बैठाया और उसकी टी शर्ट उतार दी और उसके निप्पल को अपने होंठो से चूमने लगी. फिर मैंने उसके पूरे टॉप को चूमा और फिर उसकी पेंट को थोड़ा नीचे किया और उसके छोटे करीब 6 इंच के लंड को अपने होंठो से चूमने लगी और उसे अपने मुँह में लेने लगी. दोस्तों आप लोग तो जानते ही है कि में कितना अच्छा लंड चूसती हूँ, दोस्तों मैंने लंड चूसना पोर्न स्टार को पॉर्न मूवी में बड़े बड़े लंड चूसते देख सीखा है. दोस्तों मुझे बड़े लंड अपने मुँह में लेना बहुत पसंद है.
दोस्तों अब में इतनी तेज-तेज उसके लंड को चूस रही थी कि वो बहुत तेज मौन कर रहा था. दोस्तों वो आह आह ह ह सोनिया सक मी आह आह और मैंने उसका सारा जूस अपने मुँह के अंदर ले लिया. आह दोस्तों फिर मैंने अपनी जीन्स नीचे की और दोस्तों अब में सीट पर बैठ गई और सन्नी मेरी पेंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को चूमने लगा. दोस्तों अब मेरी पेंटी तो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.
फिर उसने मेरी पेंटी को साईड में किया और मेरी सेक्सी चूत को अपनी उँगलियों से चोदने लगा और अपने होंठो से चूम भी रहा था, आह आह. अब वो बहुत तेज़ी से मेरी चूत को अपनी उँगलियों से चोद रहा था. दोस्तों अब मेरी चूत कुछ बड़ा माँग रही थी, प्लीज़ सन्नी मेरी चूत में कुछ बड़ा डाल दो. फिर वो ये सुनकर उठा और मुझे हटाकर सीट पर बैठ गया. अब उसका लंड दिल्ली के क़ुतुब मीनार के जैसे सीधा खड़ा था, उसका लंड ज्यादा बड़ा तो नहीं था, लेकिन मुझे वो बहुत अच्छा लग रहा था.
दोस्तों फिर में उसके ऊपर आ गई और उसके लंड को अपनी चूत में अंदर गाईड करने लगी और उसके होंठो को चूसने लगी. दोस्तों अब में उसके लंड को अपनी चूत के अंदर ले रही थी और वो भी तेज-तेज झटके दे रहा था, आह सन्नी आह फुक मी फुक मी. फिर कुछ सेकेंड में ही उसका लंड मेरी चूत में अपना सफेद रस छोड़कर शांत हो गया. दोस्तों ट्रेन के टायलेट में हम कोई और पोज़िशन में सेक्स नहीं कर पाए थे.
फिर दोस्तों मैंने अपनी पेंटी और ब्रा ऊपर करके पहननी चाही, लेकिन दोस्तों सन्नी ने कहा कि तुम अब अपनी ब्रा और पेंटी मत पहनो, आज में तुझे सीट पर भी चोदूंगा. फिर दोस्तों मैंने अपने कपड़े पहने और बाहर अपनी सीट पर जा कर बैठ गई. दोस्तों अब मेरे बूब्स बहुत टाईट थे और मेरी सीट के आस पास कोई नहीं था.
अब सन्नी भी आ गया और मेरे पास आकर बैठ गया और मेरी जांघो को अपने हाथों से सहलाने लगा. अब वो मेरी जीन्स के ऊपर से ही मेरी रसीली चूत को सहलाने लगा था और मेरी टी-शर्ट के ऊपर से ही मेरे बूब्स को बहुत जोर से दबा कर रहा था. फिर वो मेरे बूब्स को मेरी टी-शर्ट से बाहर निकाल कर चूसने लगा और अब में सीट से उतरकर नीचे बैठ गई और उसके लंड को बाहर निकाल कर चूसने लग गई, अब में उसके बॉल को भी चूस रही थी. फिर दोस्तों वो सीट से चिपक कर लेट गया और में भी उसके बाजू में जाकर उसके लंड को अपनी सेक्सी चूत के अंदर लेने लगी. अब वो मेरे अंदर स्ट्रोक लगाने लगा था.
दोस्तों इसी तरह चोदते हुए वो मेरी चुदक्कड़ चूत के अंदर ही झड़ गया. दोस्तों अब मेरी चूत पूरी तरह से संतुष्ट थी और अब हमने अपने कपड़े पहन लिए और फिर हम दोनों एक ही सीट पर एक दूसरे से चिपक कर सो गये. तो दोस्तों ये थी मेरी सेक्सी चुदाई ट्रेन में और में आशा करती हूँ कि आप लोग झड़ चुके होंगे और आप लोगों को मेरी ये चुदाई बहुत पसंद आई होगी. तो दोस्तों में आशा करती हूँ कि आप लोग मेरे लिए अपने लंबे लंड को हिला रहे है, में अपने सारे दोस्तों के मुँह में अपना नाम देना चाहती हूँ, प्लीज़ दोस्तों जब भी आप अपनी वाईफ और गर्लफ्रेंड को चोदो तो प्लीज़ कहिए कम ऑन सोनिया फुक मी, फुक मी सोनिया और दोस्तों अगर आप हस्तमैथुन भी करें तो सोचो कि में आपके लंड के ऊपर कूद रही हूँ.
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भाभी ने हर छेद में लंड डलवाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमित है और में आज एक बार फिर से आप सभी के सामने अपनी एक और नई कहानी लेकर आया हूँ. आज जो कहानी में आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ यह कहानी मेरी और मेरी पड़ोसन ज्योति भाभी की है, जो कि कानपुर की रहने वाली है. दोस्तों ज्योति भाभी मेरे बिल्कुल पड़ोस में रहती है, वो दिखने में बहुत सुंदर और सेक्सी है और उनका रंग बहुत गोरा और उनकी हाईट 5 फिट 3 इंच है. उनकी उम्र 29 साल है और उनका एक बच्चा भी है, जिसका नाम दीपू है और वो देखने में बिल्कुल मॉडल लगती है.
उनको हमारे पड़ोस में आए हुए 6 महीने हो गये है, वो दिखने में बहुत ही आकर्षक लगती है और पहली बार मेरी नज़र उन पर तब पड़ी, जब वो बालकनी में कपड़े फैला रही थी, वो उस समय काली कलर की साड़ी पहने हुई थी और वो उस काली कलर की साड़ी में बिल्कुल पटाका लग रही थी. में उन्हे देखता ही रह गया और उन्हें देखकर ऐसा लगा कि बस ज्योति भाभी को चोदना ही है, तो भाभी ने मुझे देख लिया कि में उन्हे देख रहा हूँ और उन्होंने मेरी तरफ स्माईल किया. फिर मैंने उन्हे हैल्लो कहा और फिर वो कपड़े फैलाकर नीचे अपने फ्लेट में चली गई, लेकिन में अब भी छत पर ही खड़ा हुआ था और मन ही मन सोचता रहा कि हमारी बिल्डिंग में इतना मस्त माल रहता है और मुझे उसका पता ही नहीं और फिर जब रात हुई तो भाभी को मन ही मन सोचकर मैंने तीन बार मुठ मारी और सो गया.
अब में हमेशा यही सोचता था कि भाभी को कैसे पटाऊँ, लेकिन मुझे बहुत डर लगता था कि कहीं भाभी भैया से मेरी इस हरकत की शिकायत ना कर दे, लेकिन फिर भी मैंने थोड़ी हिम्मत करके भाभी के घर पर आना, जाना शुरू किया और दीपू को खिलाने के बहाने में उनके घर जाने लगा. फिर एक दिन जब मैंने उनके घर पर पहुंचकर दीपू दीपू आवाज़ लगाई तो ज्योति भाभी ने दरवाजा खोल दिया और वो मुझसे बोली कि दीपू अभी नहाया है इसलिए रो रहा है, आप इसे अपने साथ थोड़ा बाहर घुमाकर ले आओ, में उनकी यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और में दीपू को लेकर पास ही के एक गार्डन में ले गया और थोड़ी देर बाद वापस आ गया.
फिर मैंने देखा कि भाभी उस समय बाथरूम में है और फिर मैंने जानबूझ कर आवाज़ दी कि भाभी आप कहाँ हो? अब भाभी ने बाथरूम के अंदर से जवाब दिया कि में नहा रही हूँ, आप चाहो तो दीपू को बैठाकर जा सकते है. फिर मैंने कहा कि ठीक है भाभी और अब में बिल्कुल चुप हो गया, लेकिन में बाहर नहीं गया और दीपू के पास में बैठ गया और कुछ देर बाद भाभी को ऐसा लगा कि में अपने घर पर चला गया हूँ और 15 मिनट के बाद भाभी बाथरूम से निकली तो उनके बदन पर सिर्फ एक टावल लिपटा हुआ था और जैसे ही भाभी ने मुझे वहां पर देखा वो एकदम से चौंक गई और फिर उसी हड़बड़ाहट में उनके हाथ से वो टावल उनके सेक्सी, गोरे, भीगे बदन से अचानक छूटकर नीचे गिर गया, जिसकी वजह से अब ज्योति भाभी मेरे सामने बिल्कुल नंगी हो गई थी और में उन्हें देखता ही रह गया.
फिर भाभी तुरंत बाथरूम के अंदर दौड़कर वापस चली गई और में उनके बारे में सोचता रहा कि क्या मस्त चिकना बदन था भाभी का? मेरा तो मन कर रहा था कि भाभी को अभी बाथरूम में जाकर पकड़कर चोद दूँ, लेकिन में सोच रहा था कि भाभी खुद कहेगी तभी में उन्हें चोदूंगा क्योंकि मुझे पता है कि कोई भी लड़की हर एक को अपना पूरा नंगा बदन नहीं दिखाती. फिर कुछ देर बाद भाभी बाथरूम से शरमाती हुई एक गाऊन पहनकर बाहर निकली और मुझसे बोली कि अमित बैठो चाय पीकर चले जाना, में अभी आती हूँ और मुझसे इतना कहकर वो वहां से तुरंत चली गई. में सोफे पर बैठ गया और उनको जाते हुए पीछे से उनकी मटकती हुई गांड को घूरकर देखने लगा और थोड़ी ही देर बाद बच्चा भी सो गया. फिर मैंने उसको अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में ले जाकर सुला दिया.
फिर कुछ देर बाद भाभी मेरे लिए चाय बनाकर ले आई और हम दोनों चाय पीने लगे, तो मुझे अब उनकी आखों में मेरे लिए कुछ अजीब सी शरारत देखी और उसी बात का फायदा उठाते हुए मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनसे कह दिया कि भाभी आप बहुत सेक्सी और सुंदर हो. फिर भाभी ने मेरी यह बात सुनकर मेरी तरफ थोड़ी शरारत से स्माइल किया और फिर मुझसे पूछा कि आज तुमने मुझे पूरा नंगा देखा, क्यों कैसा लगा? तो मैंने तुरंत कहा कि भाभी मुझे ऐसा लगा कि बस आपको पकड़कर में अभी इस समय चोद डालूं. भाभी को मेरी इस बात को सुनकर विश्वास हो गया और वो मुझसे बोली कि मेरे पति शाम को आएगें और अब में उनके मुहं से यह बात सुनकर तुरंत समझ गया कि भाभी अब मुझसे चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
फिर मैंने भाभी को अपनी जाँघो पर बैठने के लिए कहा और भाभी तुरंत आकर मेरी गोद में बैठ गई. भाभी का चिकना बदन ऐसा लग रहा था कि जैसे मलाई हो और में अब भाभी को किस करने लगा और भाभी को उठाकर दूसरे रूम में ले गया और मैंने उन्हें बेड पर लेटा दिया और फिर भाभी के गाऊन को उतारा और मैंने उनसे कहा कि भाभी आप बहुत ही चिकनी मलाई हो जब मैंने आपको पहली बार देखा था तभी मुझे पता चल गया था कि आप मेरी तरफ आकर्षित हो और आपकी वो कातिलाना स्माइल ही तो मुझे आपके फ्लेट तक ले आई है और आज तो में आपको ऐसे चाटूंगा कि आपको आज जन्नत मिल जाएगी.
फिर मैंने भी जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए और भाभी के पूरे बदन को अपनी जीभ से चाटने चूमने लगा. वाह दोस्तों क्या चिकना गोरा बदन था, उसे छूकर महसूस करके मेरे लंड का तो बहुत बुरा हाल हो रहा था और वो अपने पूरे जोश में था. भाभी धीरे धीरे मोन कर रही थी और मेरे मोटे लंबे लंड को अपने चिकने हाथों से सहला रही थी. मेरा मोटा लंबा लंड अब भाभी की चूत में जाने के लिए बहुत उतावला हो रहा था और मैंने भाभी के दोनों पैरों को फैलाकर अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर एक जोरदार धक्का देकर अंदर डालकर धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए और अब मेरा पूरा का पूरा लंड भाभी की चूत के अंदर बाहर होने लगा.
अब ज्योति भाभी मोन कर रही थी उह्ह्ह्ह माँ मर आअअहह गई आईईईई और में लगातार धक्के मारता जा रहा था, वाह क्या चिकनी चूत थी भाभी की. ऐसा लग रहा था कि वो बिल्कुल मलाई है और फिर मैंने भाभी के चूतड़ के नीचे एक तकिया रखकर भाभी को जमकर ज़ोर से धक्के देकर चोदा, लेकिन ज्योति भाभी करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद ही झड़ गई. अब मैंने भाभी को डॉगी स्टाइल में बैठा दिया और मैंने अपना मोटा लंबा लंड भाभी की चूत में डाल दिया और उन्हें में कुत्ते की तरह चोदने लगा, भाभी अब भी धीरे धीरे मोन कर रही थी और कह रही थी माँ आहहहह आईईइईई में मर गई आह्ह्ह और वो करीब दस मिनट की चुदाई के बाद दोबारा झड़ गई और अब में भी झड़ने वाला था तो मैंने भाभी से पूछा कि कहाँ निकालूं?
तब भाभी ने कहा कि मेरे बूब्स के ऊपर मैंने अपना माल भाभी के बूब्स के ऊपर निकाल दिया और अब हम दोनों बेड पर थककर लेट गये. मैंने ज्योति भाभी को अपनी बाहों में लेकर अपने शरीर से चिपका रखा था और एक बार फिर से मेरा लंड धीरे धीरे तनकर खड़ा हो गया और अब मैंने ज्योति भाभी को अपने लंड पर बैठा लिया और भाभी को उनकी कमर से पकड़कर अपने लंड पर उछालने लगा. ज्योति भाभी भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और वो पांच मिनट में दोबारा झड़ गई.
फिर हम दोनों साथ में बाथरूम में जाकर फ्रेश हुए और हमने अपने कपड़े पहने और थोड़ी देर बाद भाभी ने दोबारा हमारे लिए चाय बनाई और हम लोगों ने मज़े किये. दोस्तों अब जब भी हमे कोई अच्छा मौका मिलता है चुदाई का मज़ा लेते है. भाभी को मेरी चुदाई बहुत अच्छी लगी और मैंने उनको चोदकर पहली बार में ही पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया था. उसके बाद हमारी चुदाई ऐसे ही चलती रही, मैंने कई बार उनकी गांड में अपना लंड डालकर उनकी गांड को भी फाड़ दिया था और अब वो मेरा लंड अपने हर एक छेद में डलवाकर मेरे साथ बहुत मज़े करती है.
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