चाची को माँ बनाया

हैल्लो दोस्तों, यह मेरी पहली कहानी है और जिसको मैंने आप तक पहुँचाने में बहुत मेहनत की है. मेरा नाम राहुल है और में महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ. दोस्तों में एक कॉलेज स्टूडेंट हूँ और में अपनी पढ़ाई के साथ साथ कभी कभी अपने पापा की दुकान पर भी चला जाता हूँ, मेरी लम्बाई 5.9, मेरा रंग थोड़ा सांवला और शरीर दिखने में बहुत अच्छा है, मेरा लंड 7 इंच का है.
यह घटना मेरी और मेरी चाची के बीच में हुए सेक्स की है जिसमें मैंने उनको चोदकर बहुत मज़े किए. दोस्तों वो मेरी असली चाची नहीं है, वो तो हमारे घर पर किराए से रहती है. मेरी चाची का मनीषा है उनके फिगर का साईज 34 -28 -36 है और वो एक ग्रहणी है और उनके पति खुद का अपना एक बिजनेस करते है इसलिए वो अक्सर सुबह 10 बजे घर से निकल जाते और रात को हमेशा ज्यादा देरी से आते थे और उनकी अब तक कोई औलाद भी नहीं थी.
दोस्तों यह घटना आज से एक साल पहले की है, जब मेरी मम्मी, पापा एक सप्ताह के लिए शादी में बाहर गये हुए थे, तो मुझे अब मेरी गहनों की दुकान पर बैठना था इसलिए मेरी मम्मी ने मुझे अपनी चाची के यहाँ पर खाना खाने के लिए कहा और फिर मैंने भी उन्हें हाँ कह दिया और मम्मी ने चाची को भी मुझे खाना खिलाने के लिए बोल दिया था. अब में अपने घर वालों के चले जाने के बाद अपनी दुकान को जल्दी सुबह खोल लेता और दोपहर को करीब 12 बजे बंद कर देता और फिर में खाना खाने अपने घर पर चला जाता उसके बाद में घर पर कुछ घंटे आराम करने के बाद शाम को करीब 4:00 बजे अपनी दुकान फिर से खोल लेता था.
एक दिन मैंने दुकान को बंद किया और घर पर चला गया. सबसे पहले में चाची के यहाँ पर गया और वहां पर मैंने खाना खाया और फिर अपने कमरे में चला गया. उसके बाद में एक ब्लूफिल्म की सीडी चलाकर पूरा नंगा होकर बैठकर देखने लगा. तभी दरवाजे पर किसी के खटखटाने की आवाज आने लगी तो मैंने जल्दी से टी-शर्ट पहनी और टावल लगाकर दरवाजा खोलने चला गया और फिर मैंने देखा कि सामने चाची खड़ी हुई थी और मैंने उनसे पूछा..
में : क्या हुआ चाची?
चाची : कुछ नहीं बस वो मुझे तुम्हारे बाथरूम में अपने कपड़े धोने थे, मेरे बाथरूम का नल खराब हो गया है, उससे अब अचानक ही पानी आना बिल्कुल ही बंद हो गया है.
में : हाँ प्लीज आप अंदर आ जाइए ना.
चाची : धन्यवाद राहुल.
में : उसमे धन्यवाद कैसा चाची?
फिर चाची अंदर आई और मेरे बेडरूम से जुड़े हुए बाथरूम में वो अंदर चली गयी और में किचन में पानी पीने चला गया और जैसे ही मैंने पानी पीने के लिए गिलास को अपने हाथ में उठाया तो मुझे याद आया कि मैंने तो ब्लूफिल्म को बंद ही नहीं किया है. फिर में तुरंत दौड़कर अपने रूम में गया तो मैंने देखा कि टीवी पहले से ही बंद है और चाची बैठी हुई अपने कपड़े धो रही है, वो सब देखकर मेरी जान में जान आ गई, लेकिन दोस्तों मुझे यह बात बिल्कुल भी याद ही नहीं आ रही थी कि मैंने बाहर आने से पहले टीवी को कब बंद किया था और अगर मैंने टीवी को बंद नहीं किया तो क्या चाची ने उसे बंद किया था?
फिर कुछ देर बाद चाची अपने कपड़े धोकर चली गयी और में अपनी दुकान पर चला गया. फिर जब में रात को अपने घर पर आया और हाथ मुहं धोकर सीधा अपनी चाची के घर पर चला गया और में जाकर सोफे पर बैठ गया तो मैंने देखा कि उस समय चाची किचन में खाना बना रही थी. फिर मैंने टीवी को चालू किया और देखने लगा. फिर थोड़ी ही देर बाद चाची अपना काम खत्म करके वहां पर आ गई और मैंने जब चाची को देखा तो में देखता ही रह गया, वो क्या मस्त सेक्सी लग रही थी? उन्होंने लाल, पीले कलर की साड़ी, बिना बाँह और पीछे से पूरा खुला हुआ ब्लाउज पहना हुआ था. उस ब्लाउज में से उनके आधे बूब्स बाहर लटके हुए मुझे दिखाई दे रहे थे और में उन्हें घूर घूरकर लगातार देखे ही जा रहा था तभी चाची ने मुझसे कहा..
चाची : क्यों ऐसा क्या देख रहे हो राहुल?
में : जी कुछ नहीं चाची.
चाची : सच बोलो राहुल में तुमसे कुछ नहीं कहूँगी.
में : वो चाची आप आज बहुत ही सुंदर दिख रही हो.
चाची : मुझसे ऐसा मज़ाक मत करो राहुल.
में : नहीं चाची में आपसे बिल्कुल सच सच कह रहा हूँ, आप आज बहुत ही सुंदर सेक्सी दिख रही हो.
चाची : शरमाते हुए, क्या में सच में इतनी अच्छी लगती हूँ?
में : हाँ क्या आपको कभी चाचा ने नहीं कहा?
चाची : उनके पास टाईम कहाँ है मेरी तारीफ करने के लिये.
चाची : क्यों तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?
में : जी नहीं, और इतना कहकर मैंने थोड़ा उदास सा चेहरा बना लिया.
चाची : इसमे नाराज़ होने वाली क्या बात है? आज नहीं तो कल कोई ना कोई तुम्हारी भी गर्लफ्रेंड बन ही जाएगी, चलो अब हम खाना खाते है क्योंकि जब तक टाईम 9:30 बजे चुके थे. फिर हम खाना खाने बैठे ही थे कि चाचा आ गये तो चाची ने उनसे पूछा..
चाची : क्यों आज आप जल्दी आ गए?
चाचा : वो कल सुबह मुझे जल्दी कुछ काम से दो दिनों के लिए मुंबई जाना है इसलिए में आज थोड़ा जल्दी से अपना सभी काम खत्म करके आ गया.
चाची : अरे यार, आपको तो पता है ना मुझे रात को अकेला सोने में कितना डर लगता?
चाचा : लेकिन, अब में इसका क्या कर सकता हूँ? मेरे वहां पर कल ना जाने से मुझे बहुत ज्यादा नुकसान हो जाएगा और अगर चाहो तो तुम भी मेरे साथ चल सकती हो.
चाची : (हड़बड़ते हुए बोली) नहीं में यहीं पर रहूंगी, में राहुल को मेरे पास सोने के लिए बुला लूँगी, क्यों ठीक हाँ ना राहुल?
में : हाँ ठीक है चाची.
चाचा : ओह में तो बिल्कुल ही भूल गया कि यहाँ पर राहुल भी तो है.
में : कोई बात नहीं चाचू, अब आइये खाना खाते है.
चाचा : हाँ में अभी फ्रेश होकर आता हूँ.
फिर कुछ देर बाद चाचा फ्रेश होकर आए और वो मुझसे कहने लगे.
चाचा : राहुल कल क्या तू मुझे सुबह स्टेशन तक छोड़ने चलोगे?
में : हाँ ठीक है चाचा, में आपको स्टेशन तक छोड़ दूंगा.
फिर हम सभी ने खाना खाया और में अपने कमरे में आकर सो गया. सुबह में उठा और चाचा को स्टेशन छोड़ने उनके साथ चला गया और फिर में वहीं से अपनी दुकान पर चला गया. दोस्तों उस दिन में दोपहर को अपने घर पर नहीं गया और मैंने अपने दोस्तों के साथ बाहर ही खाना खा लिया था.
फिर रात को जब में घर पर गया तो में फ्रेश होकर चाची के कमरे में चला गया, तो चाची आज मुझे और भी ज्यादा सेक्सी दिख रही थी, क्योंकि उन्होंने आज गुलाबी कलर की एक पारदर्शी मेक्सी पहन रखी थी जिसकी वजह से उनके अंडर गारमेंट भी पूरी तरह से दिख रहे थे. मुझे उनकी काली कलर की ब्रा और गुलाबी कलर की पेंटी भी साफ साफ दिखाई दे रही थी. फिर चाची ने आते ही मुझसे पूछा..
चाची : राहुल आज तुम दिन में खाने पर क्यों नहीं आए?
में : चाची वो आज मुझे मेरे कुछ दोस्त मिल गये थे और उन्होंने मुझसे होटल चलने को कहा तो में क्या करता? में उनके साथ चला गया और हमने वहीं पर खाना खा लिया.
चाची : अरे एक बार मुझे बता तो देना था, में कितना घबरा गई थी.
में : प्लीज मुझे माफ़ करना चाची.
चाची : चलो खाना तैयार है चलो खा लो.
में : हाँ ठीक है.
फिर हमने साथ में बैठकर खाना खाया और कुछ देर टीवी देखने के बाद हम सोने की तैयारी करने लगे, लेकिन दोस्तों मुझे आज मेरी चाची में मेरे लिए बहुत बदलाव नज़र आ रहा था, क्योंकि वो सोने के लिए इतना बैताब थी कि में तो बिल्कुल हैरान रह गया और मन ही मन सोचने लगा कि क्या चाची कई दिनों से सोई नहीं है? फिर हम सोने उनके बेडरूम में चले गये तो मैंने उनसे कहा.
में : चाची में बाहर सोफे पर सो जाता हूँ.
चाची : अरे नहीं मुझे अकेले सोने में बहुत डर लगता है, इसलिए तो मैंने तुम्हे अपने पास सोने बुलाया है, प्लीज यहीं पर सो जाओ.
में : हाँ ठीक है चाची, आप कहती है तो में यहीं पर सो जाता हूँ.
दोस्तों अब में और चाची एक ही बेड पर लेट गए उन्होंने लाईट को बंद कर दिया, लेकिन मुझे बहुत देर तक भी नींद नहीं आ रही थी और तब तक शायद चाची सो गई थी. फिर कुछ देर बाद मुझे प्यास लगी तो में उठकर पानी पीने चला गया और जब में लौटकर वापस आया तो मैंने देखा कि चाची की मेक्सी उनके पैर ऊपर करने की वजह से उनकी कमर तक उठ गई है और अब वो सब देखकर मेरे अंदर का शैतान जाग गया, लेकिन अभी तक मेरे मन में चाची के बारे में एसी कोई भी गलत बात नहीं थी. में चुपचाप जाकर चाची के पास में लेट गया और मैंने देखा कि चाची बहुत गहरी नींद में सो रही थी और फिर मैंने मन ही मन में सोचा कि क्यों ना इस बात का फायदा उठाया जाए? मैंने अपना एक हाथ चाची की जाँघो पर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा.
तभी चाची थोड़ा सा हिलने लगी और में डर गया, लेकिन वो अब बिल्कुल सीधी होकर सो गई. में अब उनकी नाभि से खेलने लगा और वो अब भी सो रही थी. में इसके आगे कुछ करने की हिम्मत ही नहीं कर सका और सो गया. फिर में सुबह उठा तो तब तक 9:00 बज चुके थे और मुझे दुकान पर जाने के लिए देरी हो रही थी. में उठा और बाथरूम में जाकर जल्दी से फ्रेश होकर बाहर आ गया.
चाची उस समय मेरे लिए किचन में नाश्ता तैयार कर रही थी तो मैंने चाची को गुड मॉर्निंग बोला. फिर चाची ने मुझसे पूछा कि क्यों कल रात को नींद नहीं आई? तो में उनकी यह बात सुनकर बहुत डर गया, मुझे लगा कि शायद चाची को कल रात को मेरी सभी हरकतों के बारे में पता चल गया तो मैंने उनसे कहा..
में : (बहुत घबराते हुए) क्यों कल रात को ऐसा क्या हुआ चाची?
चाची : अरे तुम देर से उठे इसलिए मैंने यह सब पूछा.
में : नहीं चाची, ऐसी कोई बात नहीं है.
चाची : अच्छा अब जल्दी से नाश्ता करके जाओ.
में : हाँ, ठीक है चाची.
फिर हमने नाश्ता किया और में जल्दी से अपनी दुकान पर चला गया. दोपहर हुई और में अपने घर पर खाना खाने आ गया, तो मैंने देखा कि चाची ने वही कल रात वाली जालीदार मेक्सी उस समय पहनी हुई थी और में उन्हें कुछ देर तक लगातार देखता रहा. फिर हमने साथ में बैठकर खाना खाया और बातें करने लगे और तभी चाची ने मुझसे कहा.
चाची : अरे अब तो कोई गर्लफ्रेंड बना ले कब तक ऐसे ही घूमता रहेगा.
में : क्या मतलब में कुछ नहीं समझा?
चाची : अरे अब मुझे ही सब बताना पड़ेगा क्या?
में : (थोड़ा हड़बड़ते हुए बोला) क्यों ऐसा क्या हुआ चाची?
चाची : अरे तू वो सब कुछ देखता है जो काम तुझे इस उम्र में करना चाहिए?
में : में कुछ समझा नहीं चाची, में ऐसा क्या देखता हूँ?
चाची : अब ज्यादा भोला मत बन, में वो सब जानती हूँ.
में : क्या चाची, आप क्या जानती है?
चाची : कल जब में घर पर कपड़े धोने आई थी तो तू टीवी पर वो सब क्या देख रहा था?
दोस्तों में उनकी यह बात सुनकर वो सब सोचने लगा तो मेरी वो बात याद करके हवा टाईट हो गई और मुझे याद आया कि मैंने तो कल टीवी पर ब्लूफिल्म लगाई थी और चाची ने ही वो सब देखकर टीवी को बंद कर दिया था.
में : (बहुत डरते हुए बोला) चाची प्लीज आप मम्मी को वो सब कुछ मत बताना प्लीज.
चाची : (मुस्कुराते हुए बोली) अरे पागल में भला मम्मी को क्यों बताउंगी, लेकिन तुझे भी मेरा एक काम करना होगा.
में : हाँ में आपके वो सब काम जरुर करूँगा जो भी आप मुझसे कहोगी, लेकिन मम्मी को मत बताना.
चाची : अरे नहीं, कहा ना में नहीं बताउंगी.
में : आपको बहुत धन्यवाद चाची.
चाची : ठीक है.
में : बताओ अब मुझे क्या करना है?
चाची : वही सब जो कल उस वीडियो में हो रहा था.
में : क्या, लेकिन किसके साथ?
चाची : किसके साथ का क्या मतलब? मेरे साथ और किसके साथ, में बोल रही हूँ तो मतलब कि मेरे साथ ही करोगे ना, मेरे अलावा यहाँ पर तुम्हारे साथ और कौन है जिसके साथ तुम यह सब करोगे?
में : मगर चाची में आपके साथ ऐसा कैसा कर सकता हूँ?
चाची : अगर, मगर में कुछ नहीं जानती, अगर तुमने मेरा कहा काम नहीं किया तो में तुम्हारी मम्मी को वो सभी बातें बता दूँगी जिसको में तुम्हारे कहने पर छुपा रही हूँ.
दोस्तों में बहुत डर गया क्योंकि अब मेरी चाची सीधे सीधे मुझे ब्लेकमेल कर रही थी और में भी क्या करता? क्योंकि मेरे पास कोई बचने का रास्ता भी नहीं दिखाई दे रहा था इसलिए मैंने तुरंत उनसे हाँ कह दिया और अब हम दोनों चाची के बेडरूम में चले गये. वहां पर जाते ही चाची मुझे किस करने लगी और उन्होंने मुझे धीरे से धक्का देकर बेड पर गिरा दिया.
हमने करीब दस मिनट तक एक दूसरे को किस किया जिसकी वजह से में बहुत गरम हो चुका था. फिर मैंने जोश में आकर चाची को अपने ऊपर से हटा दिया और मैंने तुरंत उनकी मेक्सी को उतार दिया, दोस्तों उन्हे मैंने आज पहली बार ब्रा, पेंटी में देखा था और यह मेरा पहला सेक्स होने की वजह से मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था. में उस समय बहुत जोश में था और मेरे अंदर का शैतान अब तक जाग चुका था.
अब मैंने चाची से कहा कि मेरा लंड पानी छोड़ने वाला है. मेरी यह बात सुनकर चाची ने झट से मेरी पेंट को उतार दिया और पेंट में इलास्टिक लगा होने की वजह से उसके साथ साथ मेरी अंडरवियर भी उतर गई. अब चाची ने मेरा 7 इंच का लंबा मोटा लंड देखते ही तुरंत उसे अपने मुहं में ले लिया और जैसे छोटे बच्चे लोलीपोप चूसते है वैसे ही वो मेरा लंड चूसने लगी.
दोस्तों यह मेरा पहला अनुभव था जब कोई औरत मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़कर धीरे धीरे चूस रही थी. में उस समय बहुत जोश में था इसलिए में जल्दी ही उनके मुहं में झड़ गया और उन्होंने मेरा पूरा वीर्य पी लिया और मेरे लंड को चाट चाटकर पूरा साफ किया, अब मुझसे कहने लगी..
चाची : वाह राहुल मज़ा आ गया, लेकिन तुम्हारा लंड तो तुम्हारे चाचा से भी बड़ा है.
में : क्या सच में चाची?
चाची : हाँ, में तुमसे बिल्कुल सच कह रही हूँ.
फिर इतना कहकर वो हंसने लगी और मैंने अब चाची की ब्रा को उतार दिया और में उनके बूब्स चूसने, दबाने लगा और मैंने अपनी शर्ट भी अब उतार दिया. फिर उन्होंने अपनी पेंटी को भी तुरंत उतार दिया फिर मैंने चाची से कहा कि अब हम थोड़ा जल्दी करते है, क्योंकि मुझे दुकान भी खोलनी है नहीं तो दुकान पर जो लड़का काम करता है वो पापा को फोन कर देगा और मेरे देरी से पहुंचने की बात पापा को पता चल जाएगी.
फिर चाची ने कहा कि ठीक है और मैंने चाची को बेड के एक साईड में लेटा दिया और मैंने उनके दोनों पैर अपने कंधो पर रख लिए. यह सब देखकर चाची मुझसे बोली कि तुम तो आज पहली बार सेक्स कर रहे हो तो तुम्हे सेक्स करने की यह सभी पोज़िशन कैसे पता है? तो मैंने कहा कि यह तो मैंने ब्लूफिल्म में बहुत बार देखा है और अब मैंने ज्यादा देर ना करते हुए चाची की खुली हुई चूत के मुहं पर अपना लंड रख दिया और एक ज़ोर का झटका मारा.
मेरे इस झटके की वजह से मेरा आधा लंड चाची की चूत में फिसलता हुआ बिना किसी रुकावट के चला गया, लेकिन उन्हे बहुत दर्द हुआ और उनके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी, क्योंकि चाचा का लंड इतना मोटा नहीं था. फिर मैंने उनकी कमर पर अपनी पकड़ को और भी ज्यादा मजबूत करते हुये एक और ज़ोर का झटका दिया तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया और अब मैंने महसूस किया कि वो उस दर्द से तड़पने लगी थी. मेरा लंड उनकी बच्चेदानी से टकरा रहा था और वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी, लेकिन सभी खिड़की दरवाजे बंद होने की वजह से हमें किसी बात का कोई डर नहीं था. अब वो थोड़ी तक दर्द से करारहती रही और में उसके बूब्स को सहलाता रहा. फिर कुछ देर बाद जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया.
अब वो भी अपनी गांड को थोड़ा ऊपर नीचे करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी और मुझसे कहने लगी हाँ थोड़ा और अंदर जाने दो उह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे आईईईईई तुम्हारे अंकल के पास मेरी चूत को शांत करने के लिए बिल्कुल भी समय नहीं है, लेकिन अब तुम मुझे मिल गए हो स्सीईईईई में अपनी चुदाई तुमसे हर दिन करवाउंगी उह्ह्ह्ह जाने दो पूरा अंदर, वाह मज़ा आ गया.
दोस्तों में उनके मुहं से यह सभी बातें सुनकर अब और भी जोश में आ गया था और मैंने अपने धक्को की स्पीड को पहले से ज्यादा बड़ा दिया था, लेकिन अब तक वो दो बार झड़ चुकी थी. फिर में भी अब झड़ने वाला था इसलिए मैंने चाची से पूछा कि में झड़ने वाला हूँ बोलो अब में क्या करूं? तो चाची ने कहा कि तुम मेरे अंदर ही झड़ जाओ आआहह उफफ्फ्फ्फ़ में तुम्हारे इस गरम गरम लावे को अपने अंदर लेकर इसे महसूस करना चाहती हूँ आईईईइ हाँ डाल दो पूरा मेरे अंदर, प्लीज अब जल्दी से डाल दो.
फिर में कुछ देर धक्के देने के बाद उनकी प्यासी, तड़पती हुई चूत के अंदर ही झड़ गया और मुझे उनके चेहरे पर एक संतुष्टि की चमक दिखने लगी, वो अब बिल्कुल निढाल होकर पड़ी रही और में भी थककर उनके ऊपर ही लेट गया और उन्हें किस करने लगा. फिर में करीब दस मिनट के बाद उनके ऊपर से उठा और मैंने टाईम देखा 3:40 हो रहे थे और मुझे 4:00 बजे तक अपनी दुकान पर जाना था. फिर में तुरंत बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गया और जब वापस बाथरूम से बाहर आया तो मैंने देखा कि चाची अभी भी वहीं पर पूरी नंगी सो रही है, शायद उनकी नींद लग गई थी. फिर मैंने उन्हे सीधे लेटा दिया और उनको एक किस करके दुकान पर चला गया.
रात को जब में अपने घर पर आया तो मैंने देखा कि चाची बड़ी खुश लग रही थी और मुझे उनके चेहरे पर एक अजीब सी संतुष्टि की चमक नजर आ रही थी. फिर मैंने अंदर आकर जल्दी से दरवाजा बंद कर दिया और चाची को एक किस कर दिया और फिर हम खाना खाने बैठ गये, खाना खाने के बाद हम दोनों एक साथ बिल्कुल चिपककर बैठकर टीवी देख रहे. तभी चाची मुझसे बोली कि राहुल एक ब्लूफिल्म की सीडी ले आओ ना प्लीज, मुझे भी आज वो सब दिखा दो.
फिर में वहां से उठकर दूसरे कमरे में चला गया और एक सीडी लेकर आ गया, तो मैंने कमरे में आकर देखा कि चाची अब पूरी नंगी होकर मेरा इंतजार कर रही थी और मैंने कहा कि चाची यह क्या आप तो अभी से तैयार होकर बैठी हो? तो चाची ने कहा कि अब क्या इन कपड़ो को उतारने में अपना समय खराब करना है? फिर मैंने सीडी लगाई और दोबारा चाची के पास जाकर बैठ गया. मैंने भी अब तक अपने सभी कपड़े उतार दिए थे और में अब चाची के बूब्स से खेल रहा था और चाची मेरे लंड से. फिर कुछ देर बाद चाची ने मुझसे कहा कि जैसे वो लड़का उस लड़की को चोद रहा है वैसे ही तुम भी आज मुझे चोदो.
दोस्तों उस फिल्म में एक लड़का उस लड़की को डॉगी स्टाइल में बैठाकर चोद रहा था, फिर मैंने भी चाची को उसी स्टाइल में बैठने को कहा वो तुरंत मेरी कही बातें मानने लगी और फिर मैंने एक ही ज़ोर के धक्के के साथ अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया, जिसकी वजह से चाची सिसकियाँ ले रही थी आहहह्ह्ह्हह स्स्सीईईईई हाँ राहुल थोड़ा और ज़ोर से चोदो आईईईईइ उफ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ थोड़ा और ज़ोर से धक्का दो, जाने दो पूरा अंदर, डाल दो उह्ह्ह्हह्ह हाँ आह्ह्ह्ह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है.
दोस्तों अब मैंने अपनी धक्के देने की स्पीड को पहले से भी तेज कर दिया था. अब में और भी जोश में आकर उन्हें चोदने लगा और 10-15 मिनट ताबड़तोड़ धक्के देने के बाद में चाची की चूत में झड़ गया और थोड़ा पीछे हटकर लंड को बाहर निकालकर वहीं पर उनके पास में लेट गया, लेकिन अभी भी चाची की कामुकता शांत नहीं हुई थी. उन्होंने जल्दी से उठकर मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी. फिर मैंने कहा कि चाची अब क्या कर रही हो, बस अब हम सो जाते है?
चाची ने कहा कि अभी तो तुम्हे मेरी गांड भी मारनी है. फिर मैंने कहा कि नहीं, में अब बहुत थक चुका हूँ चाची, तो चाची ने कहा कि ठीक है तुम मत मारो मेरी गांड, में तुम्हारी मम्मी को बता दूँगी कि तुम क्या क्या देखते हो? अब में तुरंत उनसे बोला कि नहीं चाची, प्लीज ऐसा मत करना, तो चाची ने मुझसे पूछा कि क्यों मारोगे ना मेरी गांड? मैंने अपना सर हिलाकर उन्हें हाँ कह दिया और तब तक मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो चुका था. अब में नीचे लेट गया और मैंने चाची को अपने ऊपर बैठा लिया और अपना लंड उनकी गांड पर सेट किया और एक ज़ोर का धक्का मार दिया तो चाची उस दर्द से चीख पड़ी और उन्होंने मुझसे अपने लंड को बाहर निकालने के लिए कहा, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया और अब मैंने एक और झटका मारा जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उनकी गांड में चला गया.
फिर चाची एकदम से छटपटा उठी और मुझसे लंड को बाहर निकालने के लिए कहने लगी. फिर मैंने उनकी एक भी बात नहीं सुनी और में लगातार धक्के देकर उन्हें चोदता रहा, थोड़ी देर बाद चाची भी मस्ती में कूद कूदकर मुझसे चुदवा रही थी. दोस्तों करीब 30 मिनट के बाद में चाची की गांड में झड़ गया और चाची भी मेरे ऊपर ही लेट गई. फिर कुछ देर बाद मेरा लंड चाची की गांड से छोटा होकर बाहर आ गया और हम ऐसे ही सो गये. फिर में सुबह उठा. उस दिन रविवार था और हमने चाचा के आने के पहले एक बार फिर से सेक्स करने के बारे में सोचा, लेकिन तभी घंटी बजी और चाची ने दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर चाचा आ चुके थे.
में उन्हें देखकर एकदम से उदास हो गया, लेकिन मुझे पता नहीं चाची इतना खुश क्यों लग रही थी और फिर चाची चाचा को देखकर हंस रही थी और चाचा मुझे देखकर हंस रहे थे और में उन दोनों के इस तरह मुझे देखकर हंसने के बारे में कुछ समझ नहीं पाया. मैंने चाचा से पूछा कि चाचा आप इस तरह से मुझे देखकर हंस क्यों रहे है तो चाचा ने कहा..
चाचा : क्यों अपनी चाची को चोदकर मज़ा आया?
दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल हैरान हो गया और में मन ही मन अब यह सोचने लगा कि चाचा को यह सब कैसे पता चला गया और उन्हें पता चल भी गया तो यह हंस क्यों रहे है? तभी चाची पानी लेकर आई और चाचा को देते हुए जो शब्द वो उनसे बोली वो सब सुनकर मेरी तो गांड ही फट गई और मेरे पैरों से पूरी धरती सरक गई.
चाची : तुम्हे नहीं पता राहुल तो बहुत बड़ा चुदक्कड़ है और यह बहुत ही अच्छी तरह से चोदता है इसने मुझे भी अपनी चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट कर दिया है और फिर दोस्तों वो इतना कहकर दोबारा से ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और चाचा भी उनको देखकर हंस रहे थे, लेकिन में एकदम सुन्न पड़ गया था. तभी चाचा मेरे पास आए और उन्होंने मुझसे कहा कि अरे तुम इतना शांत क्यों होकर बैठे हो? अच्छा तो तुम कुछ समझ नहीं पा रहे हो, तो चलो में तुम्हे पूरी बात थोड़ा विस्तार से बताता हूँ जिससे तुम्हे खुद ही समझ में आ जाएगा. अब पूरी बात थोड़ा ध्यान से सुनो..
चाचा : तुम यह बात बहुत अच्छी तरह से जानते हो कि अब तक हमारी कोई औलाद नहीं है इसलिए हमने कई अच्छे बड़े बड़े डॉक्टर को दिखाया, लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ और अब हमारे पास एक सिर्फ यही उपाय था, जो कल रात को तुम्हारे साथ एकदम सफल हुआ और उसमे तुमने हमारी पूरी पूरी मदद की है उसके लिए तुम्हे बहुत बहुत धन्यवाद.
दोस्तों में अब कुछ नहीं बोला मुझे तो जैसे कोई सांप सूंघ गया था. तभी चाची ने मुझसे कहा कि चलो अब हम जल्दी से नाश्ता कर लेते है, क्योंकि इसके बाद हमे एक बार और जो करना है. दोस्तों में तो उनकी यह बात सुनकर एकदम से झटका खा गया था कि चाची, चाचा के सामने मुझे सेक्स के लिए खुला निमंत्रण दे रही थी और अब में भी खुल गया और में उनसे बोला कि हाँ ठीक है चलो जो हुआ वो हुआ. फिर उसके बाद हमने नाश्ता किया. मैंने अपनी चाची के साथ एक बार फिर से उनकी चुदाई भी की और उसके कुछ घंटो बाद मैंने और चाचा ने दोनों ने चाची को एक साथ चोदा और बहुत मज़े किए. अब चाची मेरे एक बच्चे की माँ है और वो एक लड़का है उसका नाम भी मेरे नाम पर रखा गया है.
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साहिल ने मुझे रखैल बनाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम हंसिका है और मेरी उम्र 23 साल है. में कोलकाता कि रहने वाली हूँ और मेरा फिगर साईज 36-30-36 है. मेरी लड़कियों से ज़्यादा दोस्ती कभी नहीं रही थी. ये कहानी तब की है जब मैंने पी.जी में एड्मिशन लिया था. हमारे सीनियर बैच में बहुत ही मस्त लड़के थे. जब मैंने कॉलेज जॉइन किया था तो हॉस्टल में मेरे बैच के काफ़ी कम बच्चे आए थे और सब कैम्पस में ही रहते थे, तो हुआ यू कि कॉलेज पहुँचने के बाद मेरी दोस्ती एक सीनियर लड़की से हुई, उन्होंने मुझे शुरू के कुछ दिनों में काफ़ी मदद की थी.
फिर एक दिन उन्होंने मुझे अपने एक दोस्त से मिलवाया, जिसका नाम साहिल है. मैंने जब साहिल को फर्स्ट टाईम देखा तो बस देखती रह गयी. फिर उसने आ कर मुझसे हाय बोला और अब मेरी तो उसे देखकर सांसे तेज़ हो गयी थी. फिर मैंने कैसे भी करके हाय किया और स्माइल की. फिर उन्होंने बहुत मस्त सी एक स्माइल दी और मेरी बगल में आ कर बैठ गये. फिर हमारी बातें होने लगी, अब कई दिनों तक हम वाट्सअप और फ़ेसबुक पर घंटो बातें करते थे.
फिर एक दिन उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारे बॉयफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि नहीं, तब उन्होंने मुझे बताया कि वो भी सिंगल है. अब में बहुत खुश हुई और उन पर मेरी नज़र तो उसी दिन से थी जिस दिन मैंने उनको पहली बार देखा था. वो 6 फुट लंबे, दबंग वाली स्टाइल, गोरे, बहुत ही सेक्सी और हॉट दिखते है. फिर एक दिन हमारे कॉलेज में छुट्टी थी तो उन्होंने मुझे बाइक राईड के लिए पूछा. फिर मैंने भी हाँ बोल दिया. उस दिन मैंने बहुत सेक्सी हॉल्टर नेक टॉप और ब्लेक जीन्स पहनी थी. अब में बहुत सुंदर लग रही थी क्योंकि मेरे बूब्स उस टॉप में उभर कर आ रहे थे. फिर जब उन्होंने मुझे वैसे देखा तो अब उनकी नज़र मेरे बूब्स पर थी, अब मुझे बड़ा मज़ा आया, फिर हम बाइक पर चले गये.
उस शाम पूरे रास्ते में उनको पीछे से हग करके अपने बूब्स दबा रही थी, लेकिन में ऐसे बर्ताव कर रही थी कि जैसे मुझे स्पीड के कारण बहुत डर लग रहा है. फिर उन्होंने भी मौके का फायदा उठाते हुए बोला कि ज़ोर से पकड़कर बैठो. उस रात हमने फर्स्ट टाईम वीडियो चैट की थी, तब उन्होंने मुझे अपना लंड दिखाया, ओह गॉड क्या लंड था? दोस्तों इतना मोटा लंड मैंने पहले कभी नहीं देखा था.
फिर उन्होंने मुझे अपने बूब्स दिखाने के लिए बहुत बोला, लेकिन मैंने मेरी रूम पार्टनर के कारण नहीं दिखाया. फिर एक दिन हमने मिलने का प्लान बनाया और उस दिन हमारे कॉलेज में छुट्टी थी तो उन्होंने पूरे दिन मुझे अपने साथ कहीं चलने को बोला, तो में भी मान गयी और मुझे पता था कि आज कुछ तो होगा.
उस दिन मैंने जानबूझ कर बहुत सेक्सी टॉप पहना और साथ में हॉट पेंट पहनी थी. अब वो मुझे देखकर स्माइल करने लगे और बोले कि लगता है कि आज तुम पूरी तैयार हो और ये बोलकर मेरी कमर पर अपना हाथ फैरने लगे. अब में समझ गयी थी कि आज तो में गयी, क्योंकि जब तक में वर्जिन थी और अब मुझे थोड़ा डर भी लगने लगा था, लेकिन अब मुझे अच्छा भी लग रहा था, क्योंकि वो साहिल था.
फिर वो मुझे बाइक पर शहर से कुछ दूर एक सुनसान एरिया की तरफ लेकर गये, उधर उनका एक घर है जिसका आधा पार्ट गेस्ट हाउस बना हुआ है, वहाँ पर सिर्फ़ उनके कुछ स्टाफ रहते थे. उनका घर पूरा खाली था. फिर हम बाइक से उतरकर उस घर में अंदर गये और फिर मुझे बेडरूम में ले जा कर साहिल ने मैन दरवाजा बंद कर दिया, फिर उन्होंने बेडरूम का भी दरवाज़ा बंद कर दिया और बेड पर मेरे पास आकर मेरी बगल में बैठ गये.
अब वो मुझे बहुत ध्यान से देख रहे थे. फिर मैंने उनको देखा, तो वो बोले कि में तुम्हे सिर्फ़ अपनी गर्लफ्रेंड नहीं बनाना चाहता. अब में कुछ नहीं समझी थी, तो मैंने पूछा कि मतलब, तो उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे समझने लगोगी. फिर उन्होंने मेरे पास आकर मुझे ज़ोर से स्मूच किया और मेरे लिप्स को काटने लगे और अपने दोनों हाथों से मेरे बूब्स को मसलने लगे जैसे उसमें से रस निकल रहा हो, अब मुझे बहुत दर्द हो रहा था. फिर मैंने अपने हाथ से उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने मेरे होंठो को ज़ोर से काट लिया और अपने हाथ से मेरी चूचीयों को और ज़ोर से दबाने लगे. अब मुझे अच्छा लगने लगा था, अब मुझे दर्द भी हो रहा था, लेकिन अब मज़ा भी आ रहा था.
फिर वो उठे और मुझे खड़ा करके मेरे सारे कपड़े उतारने लगे. फिर उन्होंने मुझे पूरा नंगा करके लेटा दिया और खुद भी पूरे नंगे हो कर मेरे मुँह के पास आ कर मेरे मुँह में अपना लंड डालकर मुझे मुँह में चोदने लगे. उनका लंड बहुत बड़ा था. अब मेरी सांस अटक रही थी, लेकिन वो रुके नहीं. फिर वो 5 मिनट तक वैसे ही करते रहे.
फिर जब में बहुत ज़्यादा रोने लगी तो वो अपना लंड बाहर निकालकर मेरी चूचीयों पर अपना लंड रगड़ने लगे और मुझे किस करने लगे. फिर मैंने उन्हें बोला कि तुम्हारा बहुत बड़ा है, तो उन्होंने बोला कि तभी तो तुमको मज़ा आएगा. उनका लंड करीब 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था. अब में तो बहुत ज्यादा डरने लगी थी. फिर उन्होंने मुझे सीधा लेटाया और मेरे ऊपर आ कर मिशनरी पोजिशन में मेरी चूत पर अपना लंड लगाया. अब में इतनी ज़्यादा गर्म थी कि मेरे पानी से बेड नीचे भीग गया था और मेरी चूत के पानी की स्मेल पूरे रूम में फैल गयी थी.
फिर उन्होंने अपने लंड को दो बार आगे से पीछे तक रगड़कर एक धक्के में मेरी चूत फाड़ते हुए अपने लंड को पूरा अंदर तक पेल दिया. में उन्हें ज़ोर से पकड़कर चिल्लाई, तो उन्होंने मेरे मुँह पर अपना हाथ रख दिया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगे. अब मुझे बहुत दर्द हो रहा था और अब में उन्हें रुकने को बोलती तो वो और ज़ोर से चोदते गये.
अब लगभग 20 मिनट तक चोदने के बाद वो मेरे अंदर ही झड़कर मेरे ऊपर लेट गये. अब में भी उस बीच 3 बार झड़ गयी थी. फिर में उन्हें हग करके सो गयी. उस दिन सुबह से शाम तक उन्होंने मेरी चूत की 5 बार चुदाई की. फिर शाम को जब हम वापस जाने लगे तो तब में ठीक से चल भी नहीं पा रही थी और पूरा बेड मेरे खून और उनके वीर्य से सना हुआ था. फिर मैंने उन्हें हग किया और बोली कि थैंक यू फॉर दिस लवली एक्सपीरियन्स, तो उन्होंने कहा कि अब तो यह रोज की बात है बेबी. अब में मन ही मन खुश हो रही थी.
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किराए वाली सेक्सी भाभी की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विजय है और मेरी उम्र 22 साल है. मेरी हाईट 6 फीट और मेरा लंड 8 इंच का है. दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है अगर मुझसे कुछ ग़लतियां हो जाए तो प्लीज मुझे माफ़ जरुर करना. दोस्तों यह कहानी बिल्कुल सच्ची कहानी है और यह कहानी मेरी और हमारे घर पर किराए से रह रही एक भाभी संगीता की है जिसकी उम्र 34 साल के करीब होगी.
दोस्तों में अपने परिवार के साथ रोहतक में रहता हूँ और हमने अभी कुछ समय पहले एक नया मकान खरीदा था, लेकिन हम अभी भी हमारे पुराने मकान में ही रह रहे थे और हमारा नया मकान दो मंज़िला है. हमने हमारे मकान का नीचे वाला हिस्सा एक परिवार को किराए पर दे दिया था. उनके परिवार में चार सदस्य थे भैया, भाभी, उनका बेटा और एक बेटी. भैया फ़ौज़ में थे तो इसलिए वो हमेशा बाहर अपनी नौकरी पर रहते थे और घर पर सिर्फ़ भाभी और उनके बच्चे ही रहते थे. उनका लड़का जिसकी उम्र 11 थी और लड़की की उम्र 8 साल थी. दोस्तों मेरे परिवार में मेरे पापा, मेरी मम्मी और में रहता हूँ.
मेरे पापा एक बहुत बड़ी प्राइवेट कम्पनी में सेल्स मेनेजर है और मेरी मम्मी एक सरकारी स्कूल में अध्यापक है. दोस्तों मेरे पापा पूरे सप्ताह घर से बाहर रहते है, वो बस शनिवार और रविवार को घर पर होते है और मेरी मम्मी की भी पास के एक गाँव के स्कूल में नौकरी है तो वो भी सुबह जल्दी जाकर शाम को 6-7 बजे ही घर पर लौटती है और उस समय में घर पर अकेला रहता हूँ और अब दोस्तों में अपनी कहानी पर आता हूँ और पूरी विस्तार से आप सभी को सुनाता हूँ.
दोस्तों यह कहानी दो साल पहले की है जब मेरे 12th क्लास के पेपर आए थे और तब में अपने घर पर ही रहता था और शाम को बस में अपनी एक कोचिंग पर ही जाता था और फिर में पूरा दिन अपने घर पर बैठकर लेपटॉप पर नेट चलाता और सेक्सी फिल्म देखता. में कुछ समय से ही मुठ मारने लगा था इसलिए मेरे पास पॉर्न फ़िल्मो का एक बहुत अच्छा कलेक्शन था.
में नेट पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ता रहता था और मेरे लंड का साईज़ उस वक़्त करीब 7 इंच होगा. मुझे अपनी उम्र से बड़ी औरते ज़्यादा पसंद है, क्योंकि पहले मेरी एक गर्लफ्रेंड थी और एक बार में उसके साथ सेक्स करने की कोशिश करने लगा, लेकिन वो मेरे बिना कुछ किए ही ज़ोर से रोने लगी और मैंने उसे बिना कुछ किए जाने दिया, लेकिन उसके बाद से में हमेशा समझदार शादीशुदा औरतों पर ज़्यादा ध्यान देता हूँ और उनकी गांड और बूब्स का साईज़ भी पहले से ही बड़ा होता है. अब में कहानी पर आता हूँ, दोस्तों हमारे यहाँ पर नये किरायेदार आने के बाद और हमे नये घर में चले जाने की वजह से ऊपर वाली मंजिल पर रहना पड़ा और उस समय सर्दियो का समय था, तो धूप में बैठने की वजह से में हमेशा हर कभी छत पर अकेला जाकर बैठ जाता था.
एक दिन की बात है में उस दिन छत पर लेटा हुआ था कि तभी संगीता भाभी छत पर आ गई. दोस्तों में थोड़ा उनके बारे में बता दूँ कि उनकी लम्बाई 5.5 फीट होगी, उनका गोरा रंग, वो दिखने में पतली, लेकिन बूब्स एकदम मोटे मोटे और उनके फिगर का साईज 35-30-38 था. वो हमेशा पटियाला सूट पहनती थी. उन सूट का गला थोड़ा नीचे तक गहरा होता था और बड़े गले के सूट पहनने की वजह से हमेशा भाभी की छाती की लाईन मुझे साफ साफ नज़र आती थी और उनकी सलवार में उनकी गांड और भी ज़्यादा उभरी हुई नज़र आती थी, इसलिए में उनकी तरफ बहुत आकर्षित था और में क्या उनको एक बार देखकर तो किसी बूढ़े का भी लंड खड़ा हो जाए.
दोस्तों वो जब उस दिन छत पर आई तो उनके बाल पानी से थोड़े भीगे हुए थे और उनके बाल बहुत काले, घने, लंबे, उनकी गांड तक लटक रहे थे और उनसे पानी टपक रहा था. फिर वो अपने कपड़े सुखाने छत पर आई थी और फिर कपड़े सुखाकर वो नीचे चली गई. मेरा पूरा पूरा ध्यान तब तक उनकी मटकती हुई गांड पर था. तभी अचानक से मेरा ध्यान उनकी सुखाई हुई पेंटी और ब्रा पर गया. में ब्रा, पेंटी को दूर से देखकर मन ही मन उन्हे चोदने के बारे में सोचने लगा और कुछ देर बाद में अपने कमरे में चला गया और उनके नाम की मुठ मारने लगा और शांत हो गया. दोस्तों उस समय मेरा लंड शांत हुआ था, लेकिन मन नहीं और में उनको चोदने का विचार करने लगा.
अब में हर रोज छत पर जाकर सोने लगा और वो भी हर रोज अपने कपड़े सुखाने छत पर आती थी और में उनकी गांड और बूब्स को चोरी छिपे देखता था और बहुत मज़े किया करता था. फिर एक दिन मेरी अच्छी किस्मत से हमारी ऊपर वाली पानी की टंकी में नहीं था. दोस्तों में अक्सर दोपहर के समय नहाता था और भाभी भी घर का सारा काम खत्म करके ही नहाती थी और उन्हे भी अपना काम खत्म करते करते दोपहर हो जाती थी. फिर उस दिन में जब नहाने के लिए नीचे वाले बाथरूम में गया तो मैंने देखा कि भाभी नहाकर बाथरूम से बाहर निकली थी और में उन्हें कुछ देर तक घूरकर देखता रहा.
फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी ऊपर वाली टंकी में शायद पानी नहीं है, अगर आप कहे तो क्या में नीचे नहा लूँ? भाभी ने कहा कि हाँ नहा लीजिए और में तुरंत सीधा बाथरूम में चला गया और जब मैंने अपने कपड़े उतारे तो देखा कि वहां पर भाभी की पर्पल कलर की गीली पेंटी और सफेद कलर की ब्रा लटकी हुई है. मैंने झट से ब्रा, पेंटी को अपने हाथ में ले लिया और फिर सूंघने लगा.
दोस्तों भाभी की पेंटी का चूत वाला हिस्सा थोड़ा कड़क था और उस जगह पर उनकी झांट के कुछ बाल भी चिपके हुए थे, में उसे चाटने लगा और अब मेरा लंड एकदम से तनकर खड़ा हो गया. मैंने उनकी ब्रा और पेंटी पर मुठ मारी और उन्हे वैसे ही वहां पर लटका दिया और नहाकर ऊपर चला गया. दोस्तों उस दिन के बाद से भाभी मेरी बातों पर थोड़ा कम ध्यान देने लगी थी, शायद उन्होंने मेरे वीर्य से भरी उनकी वो पेंटी और ब्रा को देख लिया होगा, लेकिन उसके बाद में हर दिन मौका मिलते ही उनकी सुखी हुई ब्रा और पेंटी पर मुठ मारने लगा.
कुछ दिनों से भाभी का व्यहवार भी बहुत बदला हुआ था और वो मुझे पहले एक दो काम बता दिया करती थी, लेकिन अब वो मुझसे बिल्कुल भी नहीं बोलती थी. अब मैंने सोचा कि आगे कैसे बढ़ा जाए तो मैंने एक प्लान बनाया और उस दिन मैंने अपना ट्राउज़र नीचे से थोड़ा फाड़ लिया और फिर छत पर अपनी एक किताब से अपना चेहरा ढककर सोने का नाटक करने लगा और अपने लंड को खड़ा करके उस फटी हुई ट्राउज़र से पूरा बाहर निकाल दिया. फिर जब वो हर दिन की तरह दोपहर को अपने कपड़े सुखाने छत पर आई तो एकदम से मेरे लंड पर उसकी नज़र पड़ी और उसने लंड को देखते ही अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया और कपड़े सुखाने लगी, लेकिन बार बार उसका ध्यान मेरे लंड की तरफ जा रहा था और वो जल्दी से कपड़े सुखाकर नीचे चली गयी.
फिर में भी अब हर दिन ऐसा ही करने लगा, वो बिल्कुल ठीक समय पर ऊपर आती और मेरे लंड को चोरी छिपे देखती और कुछ देर रुककर नीचे चली जाती, लेकिन उन्होंने मुझसे कभी भी कुछ भी नहीं कहा. एक दिन में बाहर से घर पर आ रहा था तो उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और उस समय वो किचन में कुछ काम कर रही थी. फिर मैंने भी उनके पास जाकर उनसे पूछा कि क्या हुआ? तो वो मुझसे थोड़ा गुस्से से बोली कि में जो भी मेरे कपड़े ऊपर सुखाती हूँ, तू उन्हें छेड़ता है क्या? दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मेरी गांड फट गई और मैंने उनसे झूठ कहा कि नहीं तो, लेकिन आप मुझे बताओ कि ऐसा क्या हुआ है?
फिर उसने मुझसे कहा कि देख ले अगर मुझे कुछ पता गया तो में तेरी ऐसी बेज्जती करूंगी कि सबको पता चल जाएगा, वो उस समय बहुत गुस्से में थी और में चुपचाप उनकी बातें सुनकर ऊपर आ गया और अब मुझे उनसे बहुत डर लगने लगा कि कहीं वो मेरी मम्मी को मेरी गंदी हरकतों के बारे में ना बता दे और मेरी कहीं बाहर पूरे मोहल्ले में बदनामी ना कर दे, लेकिन दोस्तों ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, लेकिन अब उसने अपनी पेंटी और ब्रा को ऊपर सुखाना बिल्कुल बंद कर दिया था और कुछ महीने ऐसे बीत गये और अब में हमेशा उनसे आँखे चुराकर निकल जाता था और कभी उनकी तरफ अपनी नजर उठाकर देखता भी नहीं था.
एक दिन जनवरी के महीने में मेरी नानी की अचानक से तबीयत खराब हो गई और मेरी मम्मी को वहां पर जाना पड़ा, इसलिए मम्मी भाभी को मेरे लिए खाना बनाने के लिए कहकर मेरे मामा के घर पर चली गई और उन्होंने जाते समय भाभी से कहा कि मैंने सब्जी बनाकर फ्रीज़ में रख दी है, बस तुम्हे इसके लिए रोटी ही सेकनी है तो भाभी ने कहा कि ठीक है. दोस्तों मम्मी सुबह जल्दी ही निकल गई थी और कुछ दिन वहां पर रुककर वापस आने वाली थी.
फिर उस दिन मुझे अचानक से ठंड लग गई और मेरी भी तबीयत बहुत खराब हो गई. में अपने बेड पर पूरा दिन पड़ा रहा और शाम को जब भाभी मुझे खाना देने आई तो में उस समय सो रहा था और मुझे पता भी नहीं चला कि वो कब मेरे रूम में आ गई, वो उस समय मुझे उठा रही थी, लेकिन में रज़ाई ओढ़कर सो रहा था और मैंने अंदर सिर्फ़ अंडरवियर पहनी हुई थी और मेरा एक हाथ रज़ाई से थोड़ा बाहर था, तो भाभी मेरा हाथ पकड़कर मुझे उठाने के लिए हिला रही थी. फिर कुछ देर बाद जब मैंने थोड़ी आखें खोली तो वो मुझसे बोली कि क्यों तुम्हे तो बहुत तेज बुखार आ रहा है? तो मैंने एक बार फिर से अपनी आखों को बंद कर लिया और फिर से सो गया, लेकिन जब मेरी दोबारा आँख खुली तो मैंने देखा कि डॉक्टर मेरे सामने था और उसने मेरा बुखार चेक किया.
में वैसे ही पीछे दीवार का सहारा लेकर रज़ाई ओढ़कर बेड पर बैठ गया. उसने मेरे हाथ पर इंजेक्शन लगाया और मुझे बुखार उतर जाने की कुछ गोलियां दे दी और उसने मुझसे कहा कि मुझे बहुत तेज बुखार है और फिर डॉक्टर चला गया. उस समय रात के करीब 7:30 बजे होंगे, लेकिन सर्दियों का मौसम होने की वजह से बाहर बहुत अंधेरा हो चुका था.
भाभी डॉक्टर को नीचे दरवाजे तक छोड़कर दोबारा मेरे रूम में आ गई और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि चलो तुम भी आज नीचे ही सो जाना, कहीं रात को तुम्हारी ज़्यादा तबीयत खराब ना हो जाए और मुझे इस बात का पता भी ना चले. फिर मैंने भाभी से कहा कि नहीं में अब थोड़ा ठीक हूँ और ऐसी कोई डरने की बात नहीं है, आप नीचे जाकर सो जाओ, लेकिन तभी भाभी बोली कि नहीं तुम चुपचाप मेरे साथ चलो में तुम्हे ऐसे अकेला नहीं छोड़ सकती और उन्होंने मुझे उनके साथ चलने को कहा.
फिर मैंने कहा कि ठीक है आप चलो, में अभी आता हूँ क्योंकि दोस्तों मैंने अंदर कुछ नहीं पहना था. फिर भाभी मुझसे बोली कि ठीक है, लेकिन तुम थोड़ा जल्दी से आ जाओ और भाभी जैसे ही कमरे से बाहर निकलकर गई तो में अपना ट्राउज़र लेने के लिए उठा और में चक्कर खाकर नीचे गिर गया. भाभी इस आवाज़ को सुनकर एकदम पीछे भागकर मेरे रूम में आ गई और उस समय में सिर्फ़ अंडरवियर और बनियान में था और मेरा लंड एकदम टाईट हुआ पड़ा था, क्योंकि मुझे उस समय सू सू का दबाव लगा था.
अब भाभी की नज़र एक बार तो मेरे लंड पर पड़ गई और यह देखकर मेरा लंड और भी हिचकोले खाने लगा, लेकिन मुझे थोड़ी शरम भी आ रही थी और भाभी ने जब देखा कि में उनको अपने लंड की तरफ देखते हुए देख रहा हूँ तो भाभी ने झट से अपनी आखों को मेरे लंड से हटा लिया और फिर वो मुझे अपनी बाहों का सहारा देकर उठाने लगी. मुझे उठाते समय मेरा कंधा उनके मोटे बूब्स से टकरा रहा था और मेरे लंड में अब सू सू का दबाव धीरे धीरे बढ़ता ही जा रहा था. भाभी ने मुझे मेरा ट्राउज़र उठाकर दे दिया और मैंने उसे पहन लिया.
दोस्तों तभी भाभी मेरा हाथ पकड़कर मुझसे बोली कि चलो में तुम्हे नीचे ले चलती हूँ और उन्होंने इतना कहकर अपना एक हाथ मेरी कमर में डाल दिया और दूसरे हाथ से मेरा हाथ पकड़कर मुझे उनके कंधे का सहारा देकर मेरे साथ धीरे धीरे चलने लगी, जिसकी वजह से में शरीर पर उनके बड़े बड़े बूब्स को छूता हुआ महसूस कर रहा था. अब भाभी और में नीचे आ गये, लेकिन मेरी तबीयत खराब होने की वजह से में उस वक़्त इतना मज़ा नहीं ले पाया और मैंने नीचे आकर सू सू किया और फिर ब्रेड और दूध पिया. भाभी ने मुझे गोली दी और फिर उन्होंने मुझे उनके कमरे में डबल बेड के पास में एक चारपाई बिछाकर मुझे उस पर लेटा दिया.
फिर मैंने देखा कि भाभी के बच्चे और भाभी उस समय टीवी देख रहे थे. भाभी मेरी चारपाई के पास ही बैठी हुई थी और में रज़ाई ओढ़कर उनके डबल बेड से करीब एक फीट की दूरी पर अपनी एक अलग से चारपाई लगाकर लेटा हुआ था. दोस्तों टीवी की आवाज़ सुनते सुनते और भाभी को चोदने के बारे में सोचते हुए ना जाने कब मेरी नींद लग गई मुझे इस बात का पता ही नहीं चला. फिर जब कुछ घंटो बाद मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि भाभी मेरा हाथ पकड़कर बुखार देख रही थी और भाभी ने उस समय एक बहुत मस्त लाल कलर की मेक्सी पहनी हुई थी जिसकी वजह से उनके बूब्स एकदम उभरे हुए टाईट दिख रहे थे.
अब तक भाभी के दोनों बच्चे सो चुके थे और मेरी आँख खुली तो भाभी मुझसे बोली कि अब तो तुम्हे बुखार नहीं है, चलो तुम सो जाओ और फिर भाभी ने उठकर कमरे की लाईट को बंद कर दिया और वो भी लेट गयी. दोस्तों जब वो लाईट को बंद करके बेड पर लेट रही थी तभी मैंने जानबूझ कर अपना एक हाथ बीच में ऐसे किया कि वो उससे टकरा जाए और फिर मेरा हाथ उनकी नाभि के पास वाले हिस्से से जा टकराया. अब मेरा लंड उनकी चूत को सलामी देने लगा और मेरे दिमाग़ में कुछ कुछ आने लगा, लेकिन मुझे बहुत डर भी लग रहा था, फिर मैंने सोचा कि अगर आज का मौका हाथ से निकल दिया तो फिर शायद कभी भी मुझे इतना अच्छा मौका नहीं मिलेगा. दोस्तों मुझे यह बात सोचते सोचते शायद एक घंटा बीत गया होगा और फिर मैंने कुछ करने का पक्का विचार किया. मुझे पहले से ही पता था कि भाभी एक रज़ाई में है और उनके दोनों बच्चे अलग रज़ाई में.
दोस्तों मैंने इस बात का फायदा उठाते हुए अपने एक पैर को रज़ाई से बाहर निकाल लिया और उनके बेड पर रख दिया और धीरे धीरे उसे आगे बढ़ाने लगा और फिर अचानक से कुछ देर बाद मेरे पैर का अंगूठा उनके पैर से टकरा गया. जिसकी वजह से मेरी सांसे वहीं पर रुक गई और पैर भी. मैंने फिर थोड़ी देर इंतजार किया और थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि भाभी ने करवट ली और वो मेरे पास आ गई. उनका पैर मेरे पैर पर रखा हुआ था जिसकी वजह से में अब बिल्कुल भी नहीं हिल पा रहा था.
मैंने धीरे से अपने पैर को खींचा और इस बार मैंने अपना एक हाथ उनकी रज़ाई में डाल दिया. दोस्तों भाभी का चेहरा मेरी तरफ था और अब मेरा हाथ उनकी गर्दन पर छू गया था. मैंने डरते डरते अपने हाथ को नीचे किया और अब मेरा लंड एकदम से सख्त हो चुका था और मेरा हाथ अब उनकी गर्दन से होता हुआ उनकी मेक्सी के बटन तक पहुंच गया. मैंने धीरे से पहले बटन को खोल दिया जिसकी वजह से मुझे उनकी ब्रा के ऊपर के हिस्से को छूने का अहसास होने लगा था.
फिर मैंने पहले उनके बूब्स पर धीरे से हाथ घुमाया, लेकिन जब बहुत देर तक उनकी तरफ से कोई हरकत नहीं हुई तो मैंने धीरे धीरे उनके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया और कुछ देर बाद में ब्रा को बूब्स से नीचे करने लगा, लेकिन वो ब्रा बहुत टाईट थी जिसकी वजह से में उस ब्रा को नीचे नहीं कर सका और फिर हारकर मैंने उनकी चूत की तरफ हाथ बढ़ाने का विचार बनाया. अब मैंने अपना हाथ नीचे किया और उनकी मेक्सी को ऊपर की तरफ उठाना शुरू कर दिया, लेकिन मेक्सी पूरी ऊपर नहीं उठ पाई इसलिए मुझे अपना सर चारपाई पर थोड़ा नीचे करना पड़ा.
फिर मेरा हाथ उनकी पेंटी तक पहुंच गया और मैंने अपने हाथ को उनकी पेंटी के ऊपर से ही चूत पर रख दिया, तब मुझे उनकी लंबी झांटो का अहसास अपने हाथ पर हुआ और मैंने महसूस किया कि पेंटी का ठीक चूत के ऊपर वाला हिस्सा थोड़ा गीला और गरम था और कुछ देर बाद मैंने पेंटी के ऊपर से अपना हाथ पेंटी के अंदर डाल दिया और में चूत का छेद ढूँढने लगा, क्योंकि मुझे इन सभी कामों का इतना अनुभव नहीं था और अब मेरा हाथ उनकी झांटो और चूत के ऊपर वाले हिस्से को सहला रहा था. तभी मेरी बड़ी उंगली उनकी चूत के छेद पर पहुंच गई और मैंने अपने हाथ को थोड़ा सा आगे की तरफ किया तो मेरी दो उँगलियाँ फिसलती हुई सीधी उनकी चूत में चली गई और मैंने महसूस किया कि चूत अंदर से बहुत गरम और चिकनी थी, तभी अचानक भाभी थोड़ा सा हिली और उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर एक ज़ोर से झटका देकर बाहर निकाल दिया जिसकी वजह से मेरी तो गांड एक ही बार में फट गई थी, लेकिन थोड़ी देर तक जब भाभी कुछ नहीं बोली तो मुझे समझ आ गया कि मुझे उनकी चूत को अपनी बनाने के लिए उन्हे अभी थोड़ा और गरम करना पड़ेगा.
दोस्तों भाभी मेरा हाथ बाहर निकालकर उस तरफ करवट करके लेट गई, जिसकी वजह से उनके बेड पर मेरी तरफ थोड़ी जगह हो गई थी और में तुरंत उठकर अपनी रज़ाई से बाहर निकलकर उनके बेड पर उनके पीछे उनकी रज़ाई में घुस गया और फिर अपना तनकर खड़ा हुआ लंड में उनकी गांड पर छूकर लेट गया, लेकिन भाभी मुझसे कुछ नहीं बोली और हम दोनों अब एक ही रज़ाई में लेटे हुए थे. में अपना एक हाथ उनके कंधे के ऊपर से उनके बूब्स पर ले गया और उन्हे ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और ब्रा की कंधे के ऊपर वाली डोरी को थोड़ा कंधे से नीचे करके मैंने ब्रा को भी थोड़ा नीचे कर दिया था, लेकिन अब भी भाभी मुझसे कुछ नहीं बोल रही थी और अँधेरा बहुत होने की वजह से में कुछ देख भी नहीं पा रहा था, लेकिन बस में लगातार आगे बढ़े जा रहा था.
दोस्तों कुछ देर तक उनके बूब्स को दबाने के बाद मैंने उनकी मेक्सी को धीरे धीरे ऊपर उठना शुरू किया और जब मेक्सी उनके नीचे दब जाती तो वो थोड़ा सा ऊपर उठकर उसे बाहर निकालने में मेरी मदद कर रही थी. उनकी मेक्सी को उतारने के बाद मैंने उनकी ब्रा के हुक भी खोल दिए और उन्हे बिल्कुल सीधा लेटाकर में उनके ऊपर आ गया और अब हमारे ऊपर एक रज़ाई भी थी. बाहर ठंड का मौसम था, लेकिन फिर भी रज़ाई के अंदर का तापमान बहुत तेज था और मैंने उन्हे किस करना शुरू किया. फिर किस उनके बूब्स के ऊपर, गर्दन पर, गालों पर, कानों के पीछे और हर एक जगह पर किया और फिर कंधो से होता हुआ उनकी भुजा पर.
दोस्तों मैंने महसूस किया कि उनकी भुजा पर बहुत लंबे लंबे बाल थे और में उन्हे भी प्यासे की तरह चाटने लगा जैसे कोई सो सालो से प्यासा आदमी गीली ज़मीन चाट रहा हो. अब में धीरे धीरे नीचे आ गया और उनके बूब्स को चूसने लगा और दांतो से काटने लगा, जिसकी वजह से वो बीच बीच में सिसकियाँ ले रही थी, लेकिन अब मेरा लंड भी अपने पूरे उफान पर था और वो उनकी चूत को धीरे धीरे रगड़ रहा था. फिर में धीरे धीरे उनकी नाभि को क़िस करता हुआ उनकी पेंटी तक पहुंच गया. पहले मैंने पेंटी के ऊपर से ही उनकी चूत वाले हिस्से को पूरा मुहं खोलकर जितना अंदर ले सकता था ले लिया और फिर उसे चूसने लगा.
उसके बाद अपने दांतो से पेंटी को पकड़कर खींचने लगा और मैंने उनकी पेंटी को थोड़ा नीचे कर दिया. दोस्तों भाभी और में अभी तक कुछ भी बात नहीं कर रहे थे, लेकिन हाँ वो लगातार सिसकियाँ जरुर ले रही थी. मैंने महसूस किया कि अब उनकी धड़कने और सांसे बहुत तेज चल रही थी और मेरी भी. अब मैंने बाकी बची हुई पेंटी को भी हाथ से पकड़कर हटा दिया और उनकी चूत को जितना ज़ोर से चूस सकता था मैंने चूसा. फिर अचानक से भाभी नीचे बैठ गई और मेरे नीचे मेरे लंड पर हाथ मारने लगी.
दोस्तों में अब तुरंत समझ गया कि वो मुझसे क्या चाहती है? मैंने जल्दी से अपने ट्राउज़र को उतार दिया और अंडरवियर को भी उतार दिया और बनियान को भी. अब में और भाभी पूरे नंगे थे, लेकिन अंधेरा इतना था कि हम एक दूसरे को देख ना सके. हम दोनों अब 69 की पोज़िशन में आ गए और में उनकी चूत में उंगली करने लगा. दोस्तों उनकी चूत में मेरी उंगली बड़ी आसानी से अंदर बाहर हो रही थी. अब भाभी मेरे लंड के सुपाड़े को चाट रही थी और अपनी पूरी जीभ मेरे लंड पर घुमा रही थी. अब उन्होंने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी. में उनकी चूत में उंगलियां कर रहा था और चूत को चूस रहा था.
दोस्तों मेरा लंड खड़ा होने के बाद 2 इंच मोटा और 7 इंच लंबा हो जाता है, वो मेरे लंबे मोटे लंड को बड़ी आसानी से अपने मुहं में अंदर बाहर कर रही थी. मैंने आज पहली बार अपना लंड किसी को चुसाया था और इस वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और लंड चूसने में जो मजा आता है वो में आपको शब्दों में नहीं बता सकता.
दोस्तों भाभी मेरे लंड को लगातार चूसती रही और में उनकी चूत का स्वाद लेता रहा. भाभी की चूत से बहुत पानी बह रहा था और अब मेरा वीर्य भी निकलने वाला था और कुछ देर बाद मेरा पूरा वीर्य भाभी के मुहं में निकल गया और भाभी ने मेरा सारा माल गटक लिया और फिर वो मेरे लंड को चूसने लगी. में भी उनकी चूत को लगातार ज़ोर ज़ोर से चूसे जा रहा था और करीब दस मिनट के बाद मेरा लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया.
भाभी ने तुरंत मेरा लंड छोड़ दिया जिसका मतलब में झट से समझ गया कि भाभी अब इसे अपनी चूत में लेना चाहती थी. में सीधा हुआ और तब तक भाभी ने अपने दोनों पैरों को फैला लिया और मेरा लंड पकड़कर उन्होंने खुद ही अपनी चूत के छेद पर रख दिया. मैंने एक ज़ोर का धक्का मार दिया जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड फिसलता हुआ उनकी चूत की जड़ तक पहुंच गया. मुझे ऐसा महसूस हुआ कि मानो वो उनकी बच्चेदानी को छू रहा हो और उनके मुहं से एक बहुत ज़ोर की चीख निकल गई आह्ह्हहह आईईईईई, लेकिन वो अब भी चुप थी और उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया और मुझे किस करने लगी और उन्होंने अपने दोनों पैरों को मेरे कूल्हों के ऊपर लपेट लिया, इस वजह से में ज्यादा ज़ोर से धक्के नहीं लगा पा रहा था.
फिर में समझ गया कि शायद उन्हे ज्यादा दर्द हो रहा है, तो में उन्हे किस करने लगा. फिर थोड़ी देर बाद भाभी ने अपनी पकड़ को थोड़ा ढीला किया तो में अब धक्के लगाने लगा और उनके बूब्स को काटने लगा. भाभी बहुत धीरे धीरे सिसकियाँ ले रही थी आहहउहहइहह और में लगातार धक्के देकर उनकी जबरदस्त चुदाई किए जा रहा था. बीस मिनट तक उनकी चुदाई करने के बाद में झड़ने वाला था और मैंने अपने धक्कों को दुगनी रफ़्तार से लगाने शुरू किए.
भाभी भी उतनी ही रफ़्तार से सिसकियाँ ले रही थी और तभी मुझे अपने लंड पर गरम पानी का अहसास हुआ और भाभी का पूरा शरीर बिल्कुल ढीला पड़ गया. भाभी की चूत का गरम पानी मेरे लंड को छूते ही मेरे लंड ने भी वीर्य की बोछार कर दी और में धक्के लगाता रहा और मैंने अपने वीर्य की हर एक बूँद को उनकी चूत में डाल दिया और फिर लंड को चूत से बाहर निकाले बिना ही में उनके ऊपर लेट गया और में कब सो गया मुझे पता ही नहीं चला, लेकिन दोस्तों उस चुदाई से मेरे सर पर चड़ा हुआ उनकी चुदाई का बुखार पूरी तरह से उतर चुका था. दोस्तों अब तो भाभी मेरी बीवी बनकर रहती है और में जब भी मौका मिलता है, में उसे चोद देता हूँ.
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कुंवारी स्टूडेंट की सील तोड़ी

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम राहुल है और में 25 साल का हूँ. सभी तड़पती चूत वाली भाभियों और आंटियों को मेरे लंड का नमस्कार, दोस्तों मुझे कुंवारी लड़कियों और सेक्सी आंटियों की प्यासी चूत को अपने लंड से संतुष्ट करना बहुत अच्छा लगता है, मेरा लंड 6 इंच लंबा है. दोस्तों बहुत लंबे समय में इतनी सारी सेक्सी कहानियां पढ़कर एक दिन मेरा भी मन हुआ कि में भी अपनी एक सच्ची कहानी आप सभी लोगो को सुना दूँ जिसमे मैंने एक स्टूडेंट के साथ सेक्स किया और उसकी तड़पती हुई चूत को अपने लंड से चोदकर शांत किया, वो मेरी चुदाई से इतनी संतुष्ट हुई कि उसने मुझे उस पहली चुदाई के बाद भी अपनी चुदाई के बहुत मौके दिए और मैंने उस कुंवारी चूत को अपने लंड से चोद चोदकर भोसड़ा बना दिया और अब में आप सभी को अपनी स्टूडेंट के साथ मेरी वो चुदाई की कहानी पूरी विस्तार से सुनाता हूँ जिसको पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा.
दोस्तों यह कहानी करीब दो साल पहले की है जब में अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके में खुद भी एक अच्छे से कॉलेज में पार्ट टाईम नौकरी करने लगा. मुझे उस नौकरी से अपने खर्चो में थोड़ा सा सहारा मिल जाता था और में उस नौकरी को करके बहुत खुश था. दोस्तों वहां पर मुझे हर दिन तीन क्लास लेनी होती थी, लेकिन मेरी क्लास में बहुत कम स्टूडेंट थे जो मेरी क्लास में बैठने आते थे और ज़्यादातर लड़कियां ही मुझसे क्लास लेती थी, लड़को को मेरी क्लास में बैठना अच्छा नहीं लगता था.
फिर जब में पहले दिन उस कॉलेज में क्लास लाने गया तो वहां पर इतनी सुंदर सुंदर लड़कियों को देखकर में बहुत खुश हो गया, वो सभी लड़कियां अपनी 12th की पढ़ाई पूरी करके कॉलेज में आई थी और वो सब कच्ची कलियाँ थी, लेकिन वो सब लड़कियां दिखने में एक से बढ़कर एक थी और उसी क्लास में एक लड़की सबसे हटकर थी जिसका नाम नीतू था, वो दिखने में सबसे ज्यादा सुंदर, गोरी, उसकी बड़ी बड़ी गोल आखें, पतली सुराहीदार गर्दन, एकदम गुलाबी रस भरे होंठ, घने काले लंबे बाल जो उसकी गांड से भी नीचे तक लटके हुए थे, उसकी वो पतली कमर जिस पर थोड़ी सी उभरी हुई गांड और पूरे उस सेक्सी बदन पर छोटे आकार के कसे हुए बूब्स जिनको देखकर उसके अब तक कुंवारे होने का अंदाजा लगाया जा सकता था. दोस्तों उसने अभी अभी अपनी जवानी की पहली सीड़ी पर अपना पहला कमद रखा था, शायद उसकी चूत पर अभी ठीक तरह से बाल भी नहीं निकले होंगे और उसकी चूत अब तक वर्जिन थी.
यह सब मुझे उसकी पहली चुदाई करने के बाद पता चला. दोस्तों वो बहुत मासूम भोली भाली लड़की थी, लेकिन मैंने उसके ऊपर गौर किया कि वो हमेशा क्लास में बस चोरी छिपे मुझे ही घूरती रहती थी. उसका ध्यान अपनी किताब की पढ़ाई में कम और मेरे चेहरे पर कुछ ज्यादा रहता था इसलिए मुझे उसका इस तरह से लगातार घूरकर देखना बहुत अजीब लगता था, लेकिन यह मेरी पहली नौकरी थी इसलिए में उससे इस बारे में खुलकर बात भी नहीं कर सकता था और मुझे बहुत थोड़ा डर भी लगता था कि कहीं किसी को पता चलेगा तो मेरी बहुत बदनामी होगी और कॉलेज के मालिक भी मेरे पापा के एक बहुत अच्छे दोस्त थे, यह बात मेरे घर पर भी पहुंचने का मुझे बहुत डर था इसलिए में हमेशा बिल्कुल चुप रहा और मैंने उससे कभी भी कुछ नहीं कहा और ऐसे ही दिन बीतने लगे.
वो मेरी हर बात का मुस्कुराकर जवाब देती और क्लास में सबसे ज्यादा बार वो मुझसे हर कोई सवाल पूछती. उसका मेरी तरफ झुकाव अब धीरे धीरे कुछ ज्यादा बढ़ने लगा था और वो कॉलेज केंटिन में भी मेरे साथ बैठकर बातें करने के नए नए मौके देखने लगी और हर कभी मुझे देखकर हंसने लगी थी दोस्तों वैसे तो अब मुझे भी उसका यह सब करना बहुत अच्छा लगने लगा था और मुझे भी अब उसके साथ बैठना, बातें करना अच्छा लगने लगा था. फिर एक दिन की बात है नीतू ने किसी से मेरा मोबाईल नंबर लेकर मुझे फोन किया और वो मुझसे कहने लगी कि सर आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो, में आपको मन ही मन चाहने लगी हूँ और आपको देखे बिना मेरा दिन नहीं बीतता, में आपको बहुत प्यार करती हूँ.
फिर मैंने उसे उसकी पूरी बात सुनकर डांट दिया और मैंने उससे कहा कि तुम मेरी स्टूडेंट हो और तुम्हे मेरे बारे में यह सब गलत बातें नहीं सोचना चाहिए. तुम्हारा मेरे लिए यह बात सोचना बहुत गलत बात है और मैंने उसे बहुत देर तक समझाया, लेकिन फिर वो भी नहीं मानी. फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है हम बैठकर इस बारे में बात करेंगे और वैसे तुम भी मुझे बहुत अच्छी लगती हो, लेकिन में तुमसे यह बात कहने में बहुत समय से डरता था. में यह बात सोचता था कि इससे मेरी बहुत बदनामी होगी.
तभी उसने तुरंत कहा कि सर आप इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो. में आपके साथ हूँ और आपसे कोई भी कुछ नहीं कहेगा और उससे कुछ देर बात करने के बाद मैंने फोन कट कर दिया. फिर उसके दूसरे दिन हम दोनों कॉलेज केंटिन में मिले और हमने बैठकर बहुत देर तक बातें की उसने मुझे अपने मन की पूरी बात बताई और में भी सही मौका देखकर उसे अपने मन की सभी बातें बताने लगा और उस दिन के बाद से अब हम दोनों धीरे धीरे फोन सेक्स करने लगे. दोस्तों जितनी वो खुबसूरत थी उतनी ही उसकी आवाज़ मीठी थी.
दोस्तों उसके बाद हमारे बीच अब बातचीत और मिलना बहुत हद तक बढ़ चुका था. अब हम दोनों घंटो तक फोन पर बातें चेटिंग करने लगे थे, इस बीच में उसे ब्लूफिल्म की डीवीडी दे देता था और वो उसे देखकर बहुत गरम हो जाती थी. फिर एक दिन की बात है उस दिन हमारी किस्मत से कॉलेज प्रॅक्टिकल क्लास में बस हम दोनों ही अकेले थे और मैंने सही मौका देखकर उसे किस किया, उसके गाल और होंठो को चूसा. दोस्तों उसके वो गुलाबी गुलाबी होंठ बहुत ही रसीले थे और फिर मैंने उस मौके का पूरा पूरा फायदा उठाते हुए ज्यादा देर ना करते हुए बूब्स भी दबाए. उसने लाल कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी.
मैंने दबाते समय महसूस किया कि उसके बूब्स बहुत छोटे, लेकिन एकदम कसे हुए थे. मेरा ऐसा करने से हम दोनों बहुत जोश में आ चुके थे, लेकिन कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए और हमने अपने आप पर बहुत कंट्रोल किया, क्योंकि हम उस समय कॉलेज में थे और वहां पर कोई भी किसी भी समय आ सकता था, लेकिन अब हम दोनों एक दूसरे को पाने के लिए बहुत बेकरार थे और बस हम एक दूसरे की प्यास बुझाना चाहते थे. हम कोई अच्छे मौके की तलाश में थे और हम इस बीच मौका देखकर किस करते और में कभी कभी बूब्स भी दबा देता था, लेकिन बहुत दिन तक अपने आप पर कंट्रोल करने के बाद भी हमें कोई भी अच्छा मौका नहीं मिल रहा था और हम ऐसे ही थोड़ा बहुत एक दूसरे को चूमना, बूब्स को दबाना और फोन सेक्स करके अपनी आग को थोड़ा थोड़ा ठंडा करने लगे थे.
फिर एक दिन भगवान ने हमारी मन की बात को सुनकर हमें वो सबसे अच्छा मौका दे दिया जिसमें हमने वो सब कुछ किया जो हमें इतने दिनों पहले ही करना था. दोस्तों उस दिन उसका मेरे पास फोन आया और वो मुझसे कहने लगी कि आज मेरे सभी घर वाले दोपहर के समय बाहर किसी शादी में जा रहे है तो में आपको उनके चले जाने पर फोन कर दूंगी और आप उनके चले जाने के बाद मेरे घर पर आ जाना.
अब में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और भगवान को मन ही मन धन्यवाद देने लगा, क्योंकि में तो बहुत पहले से ही उसकी चूत चुदाई करने के लिए तैयार था. मेरा लंड कब से उसकी चूत को अपना बनाना चाहता था और फिर मैंने बहुत खुश होकर उससे कहा कि ठीक है में तुम्हारे बताए हुए समय पर आ जाऊंगा, लेकिन तुम अपनी चूत को साफ करके रखना और अपना पूरा रूम हमारे मिलन के लिए सज़ाकर रखना. दोस्तों वो भी मुझसे अपनी चुदाई करवाने के लिए एकदम तैयार थी. उसने मेरे कहने पर अपनी चूत को पूरी तरह से चमका दिया जिसकी वजह से उसकी छोटी सी चूत पर चार चाँद लग गए.
उसने अपने बालों में शेम्पू किया और बाल खुले ही रखे. में बिल्कुल ठीक समय पर उसके घर पर पहुंच गया और मेरे घंटी बजाते ही उसने तुरंत दरवाजा खोल दिया, जैसे वो मेरा ही इंतजार कर रही हो. फिर मैंने दरवाजा खुलते ही देखा कि वो एक लाल कलर की फ्रोक पहने हुई थी और उसमे वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. में लगातार उसे बाहर खड़ा खड़ा घूरता रहा और उसके बुलाने पर अंदर आ गया. फिर हमने थोड़ी देर बैठकर पहले इधर उधर की बातें की और उसके बाद मैंने उसे किस किया.
वो भी बहुत गरम थी इसलिए उसने मुझे हर जगह किस किया और मेरा पूरा पूरा साथ दिया. कुछ देर बाद उसने मेरी शर्ट को उतार दिया और वो अब मेरी छाती पर किस करने लगी. फिर में उसके होंठो को चूसने लगा तो वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी. फिर तभी मैंने जोश में आकर उसके मुहं में अपनी जीभ को डाल दिया और वो मेरी जीभ को बहुत प्यार से चूसने लगी. करीब दस मिनट बाद हम एक दूसरे से अलग हुए. अब मैंने जल्दी से उसकी फ्रोक को खोल दिया, क्योंकि में अब ज्यादा देर नहीं रुक सकता था. फ्रोक को खोलने की वजह से वो ब्रा और पेंटी में बहुत सेक्सी लग रही थी. अब में तुरंत उसकी ब्रा को खोलकर उसके कच्चे नींबू जैसे छोटे छोटे बूब्स चूसने, दबाने लगा. वो अब ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी और अब मेरा लंड मेरी पेंट से बाहर निकलने के लिए बहुत तड़प रहा था. फिर कुछ देर बाद मैंने उससे कहा कि तुम अब मेरा लंड चूसो तो उसने मेरे इतना कहते ही जल्दी से नीचे बैठकर मेरी पैंट के बटन खोलकर पेंट को नीचे खींच दिया और वो अब अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे खड़े लंड को किस करने लगी. मेरा लंड अब तक बहुत टाईट हो चुका था.
फिर उसने मेरे लंड को बाहर निकाला और उसके सुपाड़े पर और आंड पर किस करने लगी. फिर उसने मेरे लंड को अपने मुहं में ले लिया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो उसे बहुत देर तक धीरे धीरे चूसती रही, कभी किस करती तो कभी मेरा पूरा लंड अपने मुहं में ले लेती. मुझे उसका मेरे लंड के साथ खेलना बहुत अच्छा लग रहा था और अब हम कुछ देर बाद 69 की पोज़िशन में आ गए. दोस्तों मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत छोटी और अब तक बिल्कुल कुंवारी थी. मैंने अपनी एक अंगुली उसकी चूत में डाली तो वो थोड़ा सा उछली, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी और मेरे ऊँगली डालने से उसे थोड़ा दर्द सा हुआ. अब में उसके चूत के दाने को चूसने लगा तो वो बहुत आवाज़ कर रही थी. उसके मोन करने की आवाज धीरे धीरे अब बढ़ने लगी थी, लेकिन फिर भी में उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा रहा था, जिसकी वजह से उसे दर्द के साथ साथ मेरी गरम जीभ से चुदने में बहुत मज़ा आ रहा था.
दोस्तों कुछ देर बाद में उसे जीभ के साथ साथ अपनी एक उंगली से भी चोद रहा था. उसकी चूत का रस अब बहने लगा था और उसे मैंने चखकर देखा और वो अब झड़ चुकी थी. दोस्तों मैंने आज पहली बार किसी लड़की को झड़ते हुए देखा था और बहुत देर तक उसकी चूत को चूसने के बाद अब हम दोनों चुदाई के लिए एकदम तैयार थे. उसकी चूत बहुत टाईट थी और में उसके ऊपर आ गया. फिर मैंने अपने लंड को चूत के मुहं पर सेट किया और एक हल्का सा धक्का मार दिया, लेकिन मेरा लंड फिसल गया. दोस्तों में अब ज्यादा देर अपने लंड को बाहर नहीं रख सकता था, क्योंकि मेरा लंड अब ज्यादा जोश में आने की वजह से थोड़ा दर्द करने लगा था.
फिर मैंने दोबारा से लंड को चूत के मुहं पर उसके एक हाथ से सेट करवाकर डालने की कोशिश की तो मेरे बहुत ज़ोर लगाने पर मेरा सुपाड़ा अंदर चला गया, जिसकी वजह से उसे बहुत दर्द होने लगा और अब मैंने महसूस किया कि मेरे मोटे लंड के जबरदस्ती अंदर घुसने की वजह से उसकी चूत की सील अब टूट चुकी थी और उसकी चूत से खून निकलने लगा था. फिर में उसे लगातार किस करने लगा और उसके बूब्स को सहलाने लगा.
मैंने अपने लंड को एक ही जगह पर रहने दिया और जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने एक बार फिर से एक और ज़ोर का धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड अब उसकी छोटी कुंवारी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया, लेकिन वो उस दर्द से अब तड़पने लगी और उसने मुझसे लंड को बाहर निकालने को कहा और मेरी कमर पर अपने नाख़ून से उसने कई बार निशान किए, लेकिन मैंने उसकी बातों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया क्योंकि में उस समय बहुत जोश में था और अब में बहुत धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा और कुछ देर धीरे धीरे धक्कों से चूत में अपने लंड की जगह बनाने के बाद उसका दर्द कम होने लगा और हमने अपनी पोज़िशन को बदल लिया. मैंने अब नीतू को उठाकर अपने लंड पर बैठा दिया और में उसके नीचे लेट गया और उसे चोदने लगा. वो मेरे लंड पर उछलते हुए बहुत सेक्सी लग रही थी और उसके उछलने की वजह से मेरा लंड उसकी चूत के आखरी हिस्से तक छू रहा था.
फिर मैंने कुछ देर बाद उसे मेरे ऊपर से उतरकर घोड़ी बनने को कहा और वो तुरंत मेरे सामने घोड़ी बन गई. मैंने अपने लंड को ज्यादा देर ना करते हुए पीछे से उसकी चूत में डाल दिया और धक्के देने लगा. वो भी अब मेरे साथ अपनी चुदाई के पूरे पूरे मज़े ले रही थी, लेकिन अब कुछ देर की चुदाई के बाद अब हम दोनों एक साथ ही झड़ गए. मैंने पूरा वीर्य लंड को बाहर निकालकर उसकी कमर पर डाल दिया और हम दोनों एक दूसरे चिपक गए. दोस्तों कुछ देर बाद एक बार फिर से उसने मेरा लंड चूसना शुरू किया और जब मेरा लंड दोबारा चुदाई के लिए तैयार हो गया तो वो मुझसे बोली कि इस बार धक्के थोड़ा ज़ोर से मारना.
फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है और हम एक बार फिर से चुदाई करने लगे. इस बार में बहुत ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को धक्के मारकर चोदने लग और वो बहुत उछल उछलकर मज़े लेकर मुझसे चुदवा रही थी और बोल रही थी कि हाँ आज फाड़ दो मेरी चूत को, यह आपके लंड के लिए बहुत तरसी है, आज आप इसकी प्यास बुझा दो आह्ह्ह्हह आईईईई हाँ थोड़ा और ज़ोर से चोदो मुझे करने लगी.
फिर कुछ देर की चुदाई के बाद हम दोनों एक बार फिर से एक एक करके झड़ गये और में वहीं पर थककर उसके पास लेट गया. कुछ देर बाद हमने अपने कपड़े पहने और में वहां से अपने घर पर आ गया और घर पर आकर में उसकी चुदाई को कई घंटो तक सोचता रहा और फिर बहुत बार कोशिश करने के बाद भी हमें चुदाई करने के लिए कोई अच्छा मौका नहीं मिला, लेकिन हमारे बीच की दोस्ती ऐसे ही लगातार चलती रही और हम एक दूसरे को बहुत प्यार करने लगे. दोस्तों यह था मेरा पहला सेक्स अनुभव और एक कुंवारी लड़की की चुदाई की कहानी.
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बीवी ने भिखारी के लोड़े के साथ मजा किया

हैल्लो दोस्तों, हम दोनों पति पत्नी को गंदे लोग पसंद है जैसे भिखारी, रिक्शे वाला, ऑटो वाला या मज़दूर. हम दोनों किसी ऐसे गंदे आदमी को मेरी बीवी को चोदते हुए सोचते है और फिर तो ज़बरदस्त सेक्स होता है. वैसे भी हमें काले लंड पसंद है और इन लोगों के लंड ही काले ही होते है. फिर एक रात को घर पर बैठे हुए हमें सेक्स का एक नया आइडिया आया.
फिर हम दोनों ने यह सोचा कि रात को निकलते है और जितने भी गंदे लोग दिखेंगे उनका मुठ मारेंगे और एक दो का मुँह में भी ले लेंगे. अब हमेशा की तरह मैंने मेरी बीवी को मिनी स्कर्ट पहनाई और फिर क्या? हम लोग रात को निकल पड़े. फिर कुछ ही देर में हमें पहले एक रिक्शे वाला मिला, वो सोने ही वाला था कि हमने उसे आवाज़ देकर अपने पास बुलाया, तो वो उठकर आ गया.
अब वो मेरी बीवी की साईड पर आ गया था और वो वहाँ पहुँचते ही घबरा गया. अब मैंने मेरी बीवी की मिनी स्कर्ट काफ़ी ऊपर कर रखी थी और वो उस रिक्शे वाले को अपनी टाँगों का पूरा नज़ारा दे रही थी. अब वो रिक्शे वाला मेरी बीवी को घूरने लग गया था, जैसे अभी ही गाड़ी से निकालकर चोद देगा. फिर मैंने उससे बोला कि क्या हुआ? पसंद आई क्या? तो वो बोला कि हाँ जी साहब यह तो बहुत सुंदर है, आपकी गर्लफ्रेंड है क्या? तो मैंने कहा कि नहीं यह मेरी बीवी है, चल अब काम की बात करते है, तेरे पास 50 रूपए है तो आगे बात कर. फिर उसने कहा कि हाँ जी साहब है, लेकिन आप क्या करोगें? आप तो अमीर हो. तो मैंने कहा कि हाँ, लेकिन फिर भी फ्री में कुछ नहीं मिलता, चल निकाल पैसे.
फिर उसने मुझे पैसे निकाल कर दे दिए. फिर मैंने अपनी बीवी से बोला कि तुम इसका काम करना शुरू करो. अब मेरी बीवी ने सुना और उस रिक्शे वाले को अपने पास बुलाया और अपना एक हाथ उस रिक्शे वाले की लुंगी के ऊपर रख दिया और उसका लंड खड़ा करने लगी. अब उसका लंड खड़ा होने लगा था, तो उस रिक्शे वाले ने एकदम से अपनी लुंगी हटाई और अंडरवियर उतारकर नीचे से नंगा हो गया. अब उसका लंड दिख रहा था, उसका काला सा लंड करीब 4 इंच का था, तो मेरी बीवी बोली कि अरे यह तो बहुत छोटा सा लंड है, इसका क्या करोगे? तो उसने कहा कि मेडम आप चिंता मत करो मैंने आपको पैसे दिए है, आप बस अपना काम करो.
अब यह सुनकर मेरी बीवी हँसी और फिर उस आदमी के लंड पर अपना हाथ लगाने लगी. अब उसका लंड पूरा खड़ा था और मेरी बीवी पहले तो धीरे से हिलाने लगी, लेकिन फिर एकदम से अपनी स्पीड पकड़ ली और उसके काले लंड को मुठ मारने लगी. अब मेरी बीवी गाड़ी के अंदर ही थी और गाड़ी कि खिड़की से ही उसका लंड हिला रही थी.
फिर अचानक से ही वो रिक्शे वाला हिला और उसका सारा माल मेरी बीवी के हाथों पर निकल गया. अब उसका माल निकलते ही हम वहाँ से निकले और आगे हमें एक भिखारी मिला, वो करीब 70 साल का होगा, वो सो रहा था तो हमने उसे जगाया. अब वो भी मेरी बीवी की साईड से कार के पास आ गया, फिर जैसे ही उसने मेरी बीवी की टाँगे देखी तो वहीं पर जम गया और घूरने लगा. अब उस भिखारी को दो बार आवाज़ देने के बाद ही उसका ध्यान मेरी बीवी की टाँगो से हटा और क्यों ना घूरता?
मेरी बीवी मिनी स्कर्ट, हाई हील्स में जो थी और अपनी गोरी टांगे जो दिखा रही थी. फिर हम दोनों ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुरा गये, क्या हुआ बाबा? अटक क्यों गये? तो वो बोला कि नहीं नहीं कुछ नहीं जी आप बोलिए में आपके लिए क्या कर सकता हूँ? तो मैंने कहा कि आप नहीं हम लोग करेंगे आपके लिए, क्या आपकी जेब में 50 रूपए है? तो वो बोला कि नहीं साहब मेरे पास सिर्फ़ 10 रूपए है. तो मैंने कहा कि ठीक है, वैसे तुमको मेरी बीवी कैसी लगी?
फिर वो बोला कि साहब यह तो बहुत सुंदर है और यह मिनी स्कर्ट तो बहुत छोटी है, इसमें से तो सब कुछ दिख रहा है और यह स्कर्ट तो काफ़ी ऊपर है. फिर मैंने कहा कि हाँ तो एक काम करो तुम बूढ़े हो और तुम्हारे पास पैसे भी नहीं है तो कोई बात नहीं, अबकी बार तुम्हारा उधार हमारे ऊपर रहेगा चलो गाड़ी में अंदर आ जाओं, हम दोनों तुम्हारी मदद करते है, लेकिन जितना कहा जाए सिर्फ़ उतना ही करना अगर ज्यादा कुछ किया तो इस जन्नत से बाहर निकाल दूँगा.
अब यह बोलकर हमने उस भिखारी को गाड़ी में पीछे बैठा लिया, वो बहुत पतला और काला था, उसके कपड़े भी काफ़ी पुराने थे, लेकिन वो साफ लग रहा था. फिर मैंने कहा कि अच्छा बाबा एक काम करो, कुछ देर के लिए मेरी बीवी तुम्हारी है, तुम्हें जो करना है कर सकते हो, लेकिन पूछ लेने के बाद, ऐसे किया तो बाहर निकाल दूंगा, तो वो बोला कि ठीक है साहब.
अब यह बोलकर मैंने अपनी बीवी को इशारा किया कि वो भी उस भिखारी के साथ पीछे बैठ जाए, तो वो पीछे चली गयी और उस भिखारी के साथ बैठ गयी. अब वो उस भिखारी के बिल्कुल पास में बैठी थी और उस भिखारी से गंदी बातें करने लगी अच्छा बाबा तुम्हारी शादी हो गयी, या फिर अकेले हो, तो वो बोला कि नहीं भिखारी कौन बनता है? पति.
मेरी बीवी बोली कि में हूँ ना, चिंता क्यों करते हो? अच्छा बताओं तुम्हें मेरी टाँगे कैसी लगी? तो वो बोला कि मेडम आपकी टाँगे तो बहुत गोरी और लंबी है देखकर मज़ा आ गया. फिर मेरी बीवी ने कहा कि अच्छा इतनी अच्छी है तो अपना हाथ क्यों नहीं लगा रहे हो? अब यह सुनते ही उस भिखारी ने अपने काले गंदे हाथ मेरी बीवी की जांघो पर रख दिए और ऊपर नीचे फैरने लगा. अब जब उसका हाथ मेरी बीवी की चूत के पास आया, तो मेरी बीवी ने पूछा कि तुम्हें चूत को हाथ लगाए हुए कितना टाईम हो गया है? तो वो बोला कि मेडम 6 साल हो गये है.
तो मेरी बीवी ने कहा कि अच्छा ठीक है मेरी पेंटी साईड में करो और मेरी चूत को हाथ लगाओ और अपनी उंगली मेरी चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दो. फिर उस भिखारी ने बीवी की लाल पेंटी साईड में कर दी और अपना एक हाथ उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा. फिर कुछ देर तक रगड़ने के बाद उसने अपनी 2 उंगली ली और मेरी बीवी की चूत के अंदर डाल दी और आगे पीछे करने लगा.
अब उस गंदे आदमी का हाथ मेरी बीवी की चूत के अंदर देखकर मेरा लंड भी खड़ा हो गया था. अब वो भिखारी मेरी बीवी की चूत को ज़ोर-जोर से चोद रहा था और अब मेरी बीवी सिसकियाँ निकाल रही थी. फिर कुछ ही देर में मेरी बीवी झड़ गयी और फिर वो उठी और उस बूढ़े भिखारी से पूछा कि तुम्हें क्या पसंद है? तो वो बूड़ा बोला कि मेडम आप पहली औरत हो जिसको मैंने छुआ है, मेरी क्या किस्मत है? आप लंड चूसती हो और अगर चूसती हो तो मेरा लंड भी अपने होठों के बीच में रखकर चूस लो, तो मेरी बीवी ने कहा कि ठीक है.
फिर मेरी बीवी ने कंडोम निकाला और उसके लंड के टोपे पर रखा और उसका टोपा अपने मुँह में ले लिया, ताकि कंडोम ना हीले और अपने हाथ से पूरा ढक दिया. फिर मेरी बीवी उस गंदे काले भिखारी का लंड पूरा अपने मुँह में निगल गयी और धीरे-धीरे ऊपर नीचे करने लग गयी. अब उसके होठों से उस भिखारी का लंड अंदर जाता हुआ बहुत सेक्सी लग रहा था, वैसे भी मेरी बीवी गोरी थी और उस काले अफ्रिकन जैसे लंड को देखकर मज़ा आ रहा था. अब वो भिखारी भी बहुत मज़ा ले रहा था.
फिर मेरी बीवी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी. अब उसका मुँह पिस्टन की तरह उस भिखारी के लंड पर ऊपर नीचे होने लगा था. अब उस भिखारी से रहा नहीं गया और उसने अपना सारा पानी कंडोम में ही छोड़ दिया. फिर मेरी बीवी ने अपने कपड़े पहने और मेरे साथ आगे बैठ गई और हम फिर से अपने शिकार की तलाश निकल गये.
फिर मैंने अपनी पेंट की चैन खोली और मेरी बीवी का हाथ अपने लंड पर रखकर आराम से हिलाने को बोला, तो मेरी बीवी ने मेरा लंड बाहर निकाला और एक हाथ से मेरा लंड हिलाने लगी. फिर आगे चलकर हमें एक और भिखारी मिला तो मैंने गाड़ी का शीशा नीचे किया और उस भिखारी को गाड़ी से आवाज़ लगाई, तो दूसरी बार बुलाने पर वो मेरी बीवी की तरफ से गाड़ी के दरवाज़े के पास आ गया. फिर मैंने उससे सबसे पास सुनसान जगह के बारे में पूछा और 3 बार बोलने के बाद जब उसका ध्यान मेरी बीवी के हाथ पर पड़ा तो उसकी आँखें खुली की खुली रह गयी. फिर उसने मेरी तरफ देखा, लेकिन वो कुछ बोल नहीं पाया.
फिर मैंने बोला कि क्या हुआ? कभी किसी लड़की को किसी मर्द का लंड हिलाते हुए नहीं देखा क्या? तो भिखारी बोला कि नहीं साहब असली में तो नहीं देखा, लेकिन हाँ पिक्चर में ज़रूर लड़की को लंड हिलाते हुए देखा है. फिर मैंने बोला कि अच्छा अब यह बता कि आस पास सुनसान जगह कहाँ पर है? फिर मैंने उसको पूरी रात के 2000 रुपये दिए और बोला कि चल अब जल्दी से बता. तो वो भिखारी बोला कि साहब आपको ऐसे पता नहीं चलेगा में भी आपके साथ चलता हूँ. में आपको पूरा रास्ता बता दूँगा.
अब में समझ गया था कि इसका लंड खड़ा हो गया है और यह मेरी बीवी को चुदते हुए देखना चाहता है. फिर वो हमें पास में ही एक सुनसान जगह पर ले गया और अब हम तीनों गाड़ी में ही बैठे हुए थे, मुझे वो भिखारी करीब 50 साल का लग रहा था, काला रंग और पतला सा था. अब मेरी बीवी उस भिखारी के सामने मेरा लंड अभी भी हिलाए जा रही थी. अब मेरा हाथ मेरी बीवी की टाँगो पर था और मैंने उसकी मिनी स्कर्ट पूरी ऊपर कर रखी थी. अब मुझे उस भिखारी का लंड भी खड़ा हुआ लग रहा था जो उसकी पेंट में टेंट सा बना रहा था.
फिर मैंने उस भिखारी से बोला क्यों तुझे यह सब देखकर मज़ा आ रहा है? तो भिखारी बोला कि जी साहब पहली बार देख रहा हूँ, बहुत मज़ा आ रहा है. मेरा लंड तो आपकी रांड को देखकर ही खड़ा हो गया था, इस रांड की क्या मस्त टाँगे है? मन करता है कि पूरा ऊपर से लेकर नीचे तक चूम लूँ और चाट दूँ.
फिर मैंने उससे बोला कि अच्छा यह बात है क्या? तो अब देख, बता तेरे पास कितने पैसे है? तो वो बोला कि साहब मेरे पास तो सिर्फ़ 50 रुपये है, तो मैंने कहा कि ठीक है. फिर उसने 50 रुपये निकाले, तो मैंने उससे कहा कि आज में तुझे जन्नत की परी के साथ मज़े करवाता हूँ. फिर में अपनी बीवी की तरफ मुड़ा और बोला कि क्यों डार्लिंग? क्या आज तुम एक की जगह 2 लंड लेना पसंद करोगी? तो मेरी बीवी बोली कि हाँ कर लूँगी, अगर यह कंडोम लगाएगा तो, पता नहीं इसने कहाँ कहाँ अपना लंड डाला होगा? फिर भिखारी बोला कि मेरा लंड 7 साल से किसी के अंदर तक नहीं गया है में सिर्फ़ मुठ मारकर ही अपना काम चलाता हूँ, आपकी जैसी परी तो बहुत दूर की बात है. फिर मैंने कहा कि ठीक है, 50 रुपये निकाल और बाहर आ जा.
फिर हम तीनों गाड़ी से बाहर निकले और फिर मैंने मेरी बीवी को हम दोनों के बीच में ही खड़ा कर लिया. अब वो भिखारी मेरी बीवी की गांड पर था और में उसकी चूत पर था. अब वो हम दोनों के बीच में पिस रही थी. फिर उसने भिखारी के लंड पर अपना हाथ रख दिया और उसकी पेंट के ऊपर से लंड हिलाने लगी. अब उस भिखारी का हाथ भी मेरी बीवी के ऊपर बूब्स की तरफ जा रहा था.
अब हम दोनों मेरी बीवी को बीच में रखकर उसके साथ अपने लंड तब तक रगड़ते रहे जब तक हमें यह नहीं लगा कि बस अब पिचकारी निकलने वाली है. फिर हम तीनों अलग हुए और गाड़ी की पीछे वाली सीट पर जा कर बैठ गये. अब मेरी बीवी उस आदमी और मेरे बीच में थी. फिर हम दोनों ने एक साथ मेरी बीवी का टॉप ऊपर किया और उसके 42 साईज के बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगे. वाह रंडी तेरे बूब्स तो बहुत मस्त है और यह बोलकर उस भिखारी ने मेरी बीवी के बूब्स को ब्रा से बाहर निकाला और फिर अपनी जीभ से उसके दोनों बूब्स को चाटने लगा.
फिर उसने मेरी बीवी की निप्पल अपने मुँह में ले ली और एक छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा. अब उसने अपने दोनों हाथों में मेरी बीवी के दोनों बूब्स पकड़े हुए थे और साथ-साथ दबा रहा था. फिर मैंने भी वैसा ही किया. फिर उस आदमी ने मेरी बीवी से बोला कि चल रांड अब अपने दोनों हाथ दोनों लंडो पर रख और हिलाकर अपने पैसे कमा. यह बोलकर उस भिखारी ने मेरी बीवी का हाथ अपने लंड के ऊपर रख दिया और मेरी बीवी ने उसकी पेंट की चैन खोलकर उसका लंड बाहर निकाला और अपने हाथ में ले लिया. उसका लंड 5 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा था.
अब उसके लंड को देखकर मेरी बीवी हंस पड़ी और बोली कि यह लंड है या पेन्सिल, इतना छोटा सा लंड है कि अंदर डालते वक्त किसी को पता भी नहीं लगता होगा. फिर उस भिखारी ने कहा कि अरे रांड चिंता मत कर, बस मेरा और साहब का लंड हिला, फिर देख में तुझे कैसे चोदता हूँ? अब यह सुनकर मेरी बीवी ने एक कंडोम निकाला और उस भिखारी के लंड के टोपे पर रख दिया और उसके छोटे लंड पर पूरी तरह से कंडोम चढ़ा दिया.
अब मेरी बीवी ने मेरा लंड भी बाहर निकाल लिया था और बीच में बैठे हुए हम दोनों के लंडो को अपने दोनों हाथों में लिया और फिर अपने हाथ से ऊपर नीचे करने लगी. अब वो भिखारी तो 5 सेकेंड में ही झड़ गया था और मेरी बीवी बोली कि अरे क्या हुआ? छोटा लंड होने के साथ साथ पानी भी जल्दी निकलता है. फिर मेरी बीवी ने उसके लंड से अपना हाथ हटाया और उसका पानी से भरा कंडोम उतारा और एक नया कंडोम अपने हाथ में ले लिया. अब उसका लंड खड़ा नहीं हो रहा था, तो मेरी बीवी ने उसका लंड छोड़ा और अपने दोनों हाथ मेरे लंड पर रख दिए और मेरी मुठ मारना शुरू कर दिया. अब यह देखकर कुछ ही देर में भिखारी का काला गंदा सा लंड फिर से खड़ा होने लगा था. अब उसके अपने हाथ ने लंड को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया था और अब उसने धीरे से मूठ मारना भी शुरू कर दिया था.
फिर मेरी बीवी बोली कि अरे इसको देखो तो, इस भिखारी का लंड फिर से खड़ा हो गया, लगता है यह 10 साल की कसर आज ही निकालेगा. अब मेरा भी पानी निकलने वाला था तो मैंने बीवी को बोला कि तेज़ तेज़ हिला, मेरा पानी निकलने वाला है. फिर उसने एकदम से अपने हाथ की स्पीड तेज कर दी और मेरा पानी 15 सेकेंड में ही उसके हाथों के ऊपर ही छूट गया. अब वो भिखारी अभी भी अपना लंड हिला रहा था और बोला कि आजा रानी अब एक बार पानी निकल चुका है, अब दुबारा पानी निकलने में टाईम लगेगा.
फिर उस भिखारी ने ज़बरदस्ती मेरी बीवी का हाथ अपने लंड पर रखवा दिया और हिलाने को बोला. अब मेरी बीवी उसका छोटा सा लंड दुबारा से हिलाने लगी और अब उस भिखारी की आँखे बंद थी और अब वो मेरी बीवी को और तेज़ हिलाने को बोलता जा रहा था. फिर मेरी बीवी ने अपनी स्पीड पकड़ ली और उस भिखारी का माल भी 5 मिनट में निकल गया.
फिर वो भिखारी मुझसे बोला कि साहब हम दोनों थोड़ा थक गये है, क्यों ना हम इस रांड को पीछे वाली सीट पर लेटाकर इसकी टाँगे चाटे और उसकी चूत में अपनी जीभ और उंगली डाले? तो मैंने बोला कि ठीक है. फिर हम लोग गाड़ी से बाहर निकल आए और मेरी बीवी को पीछे वाली सीट पर लेटा दिया. अब उस भिखारी ने उसकी मिनी स्कर्ट बिल्कुल ऊपर तक कर दी थी.
फिर हम दोनों 1 मिनट तक बाहर खड़े होकर मेरी बीवी की टाँगे और चूत को ही देखते रहे. फिर वो भिखारी बोला कि साहब आप पहले चाट लो, में तो बाद में जाऊंगा. फिर में मेरी बीवी के पास गया और बैक सीट पर लेटते हुए उसकी टाँगे उठाकर मेरे कंधो पर रख दी और उनको चाटने लगा. उसकी टाँगे बहुत मस्त लंबी है और गोरी भी है, उसकी टाँगे देखकर मज़ा आ जाता है. फिर थोड़ी देर तक चाटने के बाद मैंने उस भिखारी से बोला कि चल अब तेरी बारी है, अब मुझे दिखा कि तू इस रांड के साथ क्या करता है? फिर उस भिखारी ने स्माईल किया और बोला कि अच्छा साहब आपको देख़ना पसंद है, तो में आपकी जगह ले लेता हूँ.
फिर वो गंदा आदमी मेरी बीवी के पास पीछे वाली सीट पर गया और फिर उसने मेरी बीवी की टाँगो पर अपना हाथ फैरना शुरू कर दिया. अब उसका हाथ पैर से लेकर ऊपर जांघो तक जाता और फिर नीचे आ कर रगड़ता. अब उसने अपनी जीभ से मेरी बीवी की टाँगे चाटनी शुरू कर दी थी. अब वो नीचे पैर से ऊपर जांघ तक अपनी जीभ रगड़ देता और फिर दूसरी टाँग पर भी यही करता.
अब वो धीरे-धीरे मेरी बीवी की चूत के पास आ रहा था. फिर उसने मेरी बीवी की चूत के ऊपर अपना हाथ रगड़ना शुरू कर दिया. अब मेरी बीवी तो पहेले से ही गीली थी और उसके हाथ लगाने से तो वो और भी ज्यादा गीली हो गयी थी. अब वो सड़क का आदमी मेरी बीवी की चूत के ऊपर ही अपनी उंगली रगड़ रहा था. फिर वो नीचे झुका और उसने अपना मुँह मेरी बीवी के टाँगों के बीच में रखा और अपनी जीभ से पहले तो बाहर से चाटने लगा और जब मेरी बीवी सिसकारी मारने लगी तो उसने अपनी जीभ बाहर निकाली और मेरी बीवी की चूत के अंदर डाल दी. अब उसकी जीभ मेरी बीवी की चूत के अंदर थी और अब वो अपनी जीभ को चूत के अंदर बाहर कर रहा था.
अब मेरी बीवी मस्त आवाजें निकालने लगी थी और अब मेरी बीवी बोल रही थी कि हाँ मेरी जान, चूस मेरी चूत को, बहुत मज़ा आ रहा है, कमाल की जीभ है तेरी, बहुत लड़कियों की चाटी है क्या तूने? अब वो मेरी बीवी की चूत के अंदर ऐसे ही अपनी जीभ अंदर बाहर करता रहा. जब तक में ना झड़ जाऊं, रुकना मत समझा. अब यह बोलकर मेरी बीवी ने उसके सिर पर हाथ रखा और वो उसका मुँह और ज़ोर से अपनी चूत पर रगड़ने लगी.
फिर 10 मिनट तक वो भिखारी मेरी सुंदर बीवी की चूत से मज़े लेता रहा और अब में यह सब देखते हुए ही अपना लंड हिला रहा था. अब मुझे मेरी बीवी की बातें सुनकर मज़ा आ गया था. अब मेरी बीवी झड़ चुकी थी. फिर उसने उस भिखारी को ज़बरदस्ती अपने ऊपर से हटाया और बोली कि तेरी जीभ से बहुत मज़ा आया, अब तू आगे भी दिखा क्या कर सकता है?
फिर भिखारी बोला कि जो आप बोलोगे. तो मेरी बीवी बोली कि यह साहब है ना, इनको अपना लंड मुँह में देने का बहुत शौक है, चल दिखा कि तेरा मुँह इस लंड पर क्या कर सकता है? तो उस भिखारी ने मना कर दिया कि में लंड अपने मुँह में नहीं लूँगा. तो मेरी बीवी ने उससे बोला कि अगर तू लंड नहीं लेगा तो तुझे और कुछ करने को नहीं मिलेगा और उसके 50 रूपये वापस दे दिए और 2000 रुपये भी नहीं मिलेगें. अब वो भिखारी सोच में पड़ गया और आख़िरकार वो मेरी बीवी के बड़े-बड़े बूब्स के सामने हार मान गया. फिर मेरी बीवी बोली कि कभी किसी का लंड अपने मुँह में लिया है, तो भिखारी ने अपना सिर हिलाकर मना कर दिया.
फिर मेरी बीवी बोली कि कोई बात नहीं में सिखाती हूँ और यह बोलकर उसने मेरा लंड अपने हाथ में लिया और बोली कि देख अब में इस लंड का टोपा चाटकर दिखाउंगी, तुम्हें भी वैसे ही करना है. अब मेरी बीवी ने अपनी जीभ से मेरा लंड चाटना शुरू कर दिया था. फिर वो बोली कि अच्छा देख कैसे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसते है? और यह बोलकर मेरी बीवी ने अपना मुँह खोला और मेरा पूरा लंड अपने मुँह के अंदर ले गयी. फिर उसने मेरे लंड को आम की तरह चूसना शुरू कर दिया और साथ-साथ अंदर बाहर भी कर रही थी.
अब वो मेरा पूरा लंड निगल जाती और फिर पूरा बाहर निकाल देती. फिर वो रुकी और उस गंदे आदमी को अपने घुटनों पर बैठने को कहा, तो उस भिखारी ने मेरा लंड अपने गंदे हाथों में ले लिया और मेरे टोपे के ऊपर अपनी जीभ फैरने लगा. फिर मैंने उसके सिर पर अपना एक हाथ रखा और अपना पूरा लंड उसके मुँह में डाल दिया. अब उस भिखारी का पूरा मुँह भर गया था और फिर मैंने उसके मुँह से अपना लंड बाहर निकाला और दुबारा से अंदर डाल दिया.
अब वो भिखारी सब समझ गया था और अब में उसका सिर पकड़कर मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से उसके मुँह के अंदर घुसा रहा था. फिर कुछ ही देर में मैंने बोला कि में झड़ने वाला हूँ, तो उस भिखारी ने हटने की कोशिश की, लेकिन मैंने ज़बरदस्ती उसका मुँह पकड़ा हुआ था और 2 मिनट के अंदर ही में उसके मुँह में झड़ गया. फिर उस भिखारी ने एकदम से मेरा सारा माल साईड पर थूक दिया. अब मेरा काम होने के बाद मैंने उस भिखारी को खड़ा किया और उसके लंड पर अपना हाथ रखकर उसका मुठ मारने लगा और अब उसका 2 या 3 मिनट में ही ज़मीन पर झड़ गया था. फिर हमने उस भिखारी को पैसे दिये और अपने घर आ गये.
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गर्लफ्रेंड की मम्मी को ब्लैकमेल करके चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राजेश है और में कांदीवली में रहता हूँ. मुझे सेक्स स्टोरी पढ़ना और सेक्स करना बहुत पसंद है, खासकर बड़ी उम्र की औरतों के साथ ज्यादा पसंद है. अब में आपको ज्यादा बोर ना करते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. मेरी एक गर्लफ्रेंड हुआ करती थी सोनल, वो बहुत सेक्सी लड़की थी, वो मस्त भरी हुई माल थी. मैंने उसके साथ बहुत मज़े किए थे और वो सेक्स में बहुत खुली सोच की थी. जब हम रीलेशन में थे तो उसने मुझे अपनी मम्मी के कुछ नंगी फोटो भेजी थी और हम उसकी मम्मी के बारे में गंदी-गंदी बातें भी करते थे.
अब मेरी एक्स गर्लफ्रेंड की शादी हो चुकी है तो मेरे पास सेक्स का कोई चान्स नहीं था. फिर मैंने उससे कॉल करके कहा कि मुझे तुझे चोदना है. फिर उसने कहा कि अब में अपनी लाईफ में खुश हूँ और तू प्लीज कोई और ढूंढ ले और फोन रख दिया. अब मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था तो मैंने सोचा कि क्यों ना मेरी गर्लफ्रेंड को ब्लैकमेल करके चोदा जाए? क्योंकि मेरे पास उसकी भी नंगी फोटो है.
फिर में वो सारी फोटो देख रहा था और मुझे उसकी मम्मी की भी फोटो दिखाई दी और उस दिन से मैंने सोच लिया कि में इसकी मम्मी को अपनी रखेल बनाऊंगा. अरे में आपको उनके बारे में तो बताना ही भूल गया, उनका नाम ज्योति है, उनकी उम्र 48 साल है और उनकी फिगर वैसे ही है जैसी एक गुजराती औरत की होती है, मस्त भरे हुए बॉल्स और बड़ी-बड़ी गांड. अब में वापस स्टोरी पर आता हूँ. अब मैंने उनको फोन किया, क्योंकि मेरे पास उनका नंबर भी था.
ज्योति आंटी : हैल्लो.
में : हाय, में राजेश बोल रहा हूँ, आपकी बेटी का बॉयफ्रेंड.
ज्योति आंटी : क्या हुआ? मुझे फोन क्यों किया?
में : मेरे पास आपके और आपकी बेटी की कुछ नंगी फोटो है, अगर आप नहीं चाहती कि में यह सारी फोटो दुनिया को दिखाऊँ, तो आपको मेरी रखेल बनकर रहना होगा.
ज्योति आंटी : तुम्हें पता भी है तुम क्या कह रहे हो? में पुलिस रिपोर्ट करूँगी.
में : उसका कोई फायदा नहीं होगा, इसमें बदनामी आपकी होगी और आपके पति की होगी.
ज्योति आंटी : (डर गयी) ऐसा कुछ मत करना, तुम जो कहोगे में करने को तैयार हूँ.
में : आज से तुम मेरी रंडी हो और आज की रात तुम मेरे साथ ही गुजरोगी.
ज्योति आंटी : रात को कैसे आ सकती हूँ? उनसे क्या कहूँगी कि रातभर कहाँ जारी हूँ?
में : वो तुम जानो, अगर तुम मना कर रही हो तो बोलो में अभी सारे फोटो सबको भेज देता हूँ.
ज्योति आंटी : अच्छा ठीक है, में आ जाउंगी कहाँ और कितने बजे आना है मुझे बता देना?
में : आज रात 10 बजे आना है. (मैंने उनको अपना एड्रेस भी दे दिया)
ज्योति आंटी : ठीक है, में पहुँच जाउंगी.
में : आते वक़्त अपनी चड्डी पहनकर मत आना और एक बात आने के बाद मुझे कोई नाटक या रोना धोना नहीं चाहिए, अगर ऐसा कुछ हुआ तो वो तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा.
ज्योति आंटी : ठीक है तुम जैसा चाहोगे वैसा होगा, कहकर फोन रख दिया.
अब में रात को 10 बजने का इंतजार कर रहा था. फिर उन्होंने मुझे 9:50 को कॉल किया और कहा कि में अभी घर से निकली हूँ, में 10 मिनट में आती हूँ और वो बिल्कुल सही टाईम पर 10 मिनट में आई. फिर मैंने डोर बेल सुनते ही दरवाज़ा खोला और वो अंदर आ गयी और जैसे ही वो अंदर आई तो में उन्हें देखता ही रह गया, वो गुजराती स्टाईल में साड़ी पहनकर आई थी.
अब उनको देखकर लग नहीं रहा था कि वो 50 साल के आस-पास है. फिर में उनके पास गया और पीछे से उनकी गांड पर हाथ रखकर दबा दिया, तो वो वैसे ही आगे हो गयी. फिर मैंने कहा कि अच्छा लगा हाथ लगाकर. फिर मुझे समझ में आया कि उसने अंदर चड्डी नहीं पहनी है. फिर वो कुछ कहती उससे पहले मैंने अपने फोन में उनकी सारी फोटो उनको दिखा दी, अब वो शॉक हो गयी थी.
फिर मैंने उनकी कमर पर अपना हाथ रख दिया और उन्हें अपने बेडरूम में लेकर गया और बेड पर बैठाया और फिर उन्हें पानी के लिए पूछा तो उन्होंने मना कर दिया. फिर मैंने कहा कि आपके लिप्स बहुत सेक्सी है और में उन्हें किस करने लगा. अब वो शॉक हो गयी और उठ गयी और कहने लगी कि ऐसा मत करो, में तुम्हारी माँ जैसी हूँ.
अब मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने कहा कि जाओ यहाँ से, अब मुझे जो करना है वो में करूँगा, यह फोटो अब सबको भेजता हूँ. अब ऐसा कहकर मैंने फोन निकाला, तो वो मुझसे मांफी मांगने के लिए मेरे पैरों में गिर गयी और कहने लगी कि तुम जो कहोगे में करूँगी, लेकिन प्लीज ये फोटो किसी को मत बताना.
फिर मैंने तुरंत अपनी पेंट से मेरा लंड बाहर निकाला और उनके मुँह में दे दिया और उन्हें कहा कि चूस इसे रंडी और ज़ोर-ज़ोर से उनके मुँह में शॉट मारने लगा. फिर मैंने कहा कि दोनों बहनचोद माँ बेटी लंड चूसने में एक नंबर की रंडिया हो. फिर 15 मिनट तक लंड चुसवाने के बाद मैंने उन्हें खड़ा होने कहा और उन्हें सारे कपड़े उतारने को कहा, तो वो 2 मिनट में मेरे सामने पूरी नंगी हो गयी. अब में उनके बूब्स देखकर पागल हो गया और उन्हें चूसने लगा और ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा. अब वो सिसकारियाँ भर रही थी.
फिर मैंने कहा रंडी नाटक तो ऐसे कर रही है जैसे पहली बार कर रही हो और उनके होठों को चूसने लगा और चूसते-चूसते मैंने अपना एक हाथ बिना बाल वाली चूत पर लगाया और अपनी एक उंगली उसकी चूत में अंदर डाल दी तो वो उछल पड़ी. फिर मैंने उनको नीचे बैठाया और अपना लंड फिर से उसके मुँह में दे दिया.
अब वो मेरा लंड मजे लेकर चूसने लगी थी. फिर मैंने कहा कि मादरचोद आ गयी ना अपनी औकात पर. फिर उन्होंने कहा कि मेरी रंडी बेटी ने जब मुझे रखेल बना ही दिया है तो क्यों ना पूरे मज़े लूँ? और वो ऐसा कहकर मज़े से मेरा लंड चूसने लगी. अब वो गालियाँ देते-देते कह रही थी कि इसके बाप ने मुझे कभी अपना लंड नहीं चुसवाया, साले का अब तो खड़ा भी नहीं होता. फिर मैंने उनको बेड पर पटका और उनके पूरे बदन को चाटना शुरू किया. अब वो और गर्म हो गयी और झड़ गयी. फिर मैंने उन्हें उल्टा घुमाया और उसकी पीठ चाटने लगा.
अब वो सिसकारियाँ लेते हुए गाली दे रही थी और कह रही थी कि डाल दे भड़वे और मत तड़पा. फिर मैंने वैसे ही पीछे से अचानक अपना लंड एक शॉट में पूरा उसकी चूत में घुसा दिया, मेरा लंड बड़ा और मोटा नहीं है, लेकिन किसी भी लेडी को संतुष्ट कर सकता है. फिर मैंने जैसे ही एक झटका मारा तो वो चीख उठी और में बिना रुके झटके मारता गया. फिर मैंने 35 मिनट तक उनकी चुदाई की, उसमें वो 3 बार झड़ गयी. फिर हमने अगले दिन सुबह 11 बजे तक बहुत मज़े किए, जिसमें मैंने उनकी गांड भी मारी.
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