आंटी की चूत को चोदकर लाल किया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीर है और में नई मुंबई से हूँ, में 21 साल का एम.बी.ए. Ist ईयर का स्टूडेंट हूँ, सामान्य बॉडी, मस्त बंदा हूँ और अपनी लाईफ का एक ही फंडा है खुश करो और खुश रहो. मेरा 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड है, जो कि बहुत लड़कियों को संतुष्ट कर चुका है. वैसे में कर्नाटक से हूँ और मुंबई से एम.बी.ए. कर रहा हूँ और अपने दोस्तों के साथ रहता हूँ. मेरी इस साईट पर यह पहली स्टोरी है और उम्मीद है कि आप सबको पसंद आयेंगी.
अब में आप लोगों को बोर ना करते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. मुझे मुंबई आये बस 5 ही महीने हुए है, में जिस बिल्डिंग में रहता हूँ वहाँ दूसरे फ्लोर पर एक गुजराती फेमिली रहती है, पति, पत्नी और उनका एक 4 साल का बच्चा है, अंकल करीब 30 साल के होंगे और आंटी 27 साल की है, आंटी हाउस वाईफ है, उनका नाम रोशनी है, वो दिखने में बहुत ही खूबसूरत और सुंदर है और वो एक नंबर का कड़क आईटम थी. आप लोगों को पता ही है कि गुजराती आंटियां होती ही ग़ज़ब की है कातिलाना नज़रे, गोरा बदन, चिकनी कमर, किसी की भी नियत खराब कर दे, उन्हें देखकर मुर्दे का भी लंड खड़ा हो जाए. जब भी में उन्हें देखता था तो उनके बूब्स से मेरी नज़र नहीं हटती थी, उनकी हाईट 5 फुट 4 इंच और उनका फिगर 36-28-34 है, वो हमेशा विदेशी कपड़ों में ही रहती है और वो ज़्यादातर ढीली टी-शर्ट में ही घूमा करती थी. मुझे हमेशा से अपने से ज़्यादा उम्र की लड़कियों/औरतों से सेक्स करने की चाह थी, जो इस आंटी ने पूरी कर दी थी.
हमारा 3 फ्लोर का बिल्डिंग है, हुआ यह था कि जब में पहले दिन फ्लेट पर आ रहा था तो सीढ़ियों पर आंटी को देखा तो बस देखता ही रह गया, पता नहीं मुझे क्या हो गया था? लेकिन उन्हें 5 सेकेंड के लिए बस प्यार से देखता ही रहा और आंटी ने नोटिस किया, लेकिन कुछ जवाब नहीं दिया. शायद उन्हें मेरे देखने का अंदाज़ पसंद आ गया होगा.
अगले दिन से रोज़ सुबह जब में कॉलेज के लिए निकलता था तो आंटी अपने बच्चे को लेकर स्कूल की वैन के लिए इंतज़ार करती खड़ी रहती थी और शाम को अपने बच्चे को खेलने के लिए नीचे लाया करती थी. फिर क्या था? मुझे रोज़ आंटी के दर्शन होते थे, में सुबह शाम रोज़ उन्हें प्यार से देखा करता था. ये सिलसिला ऐसे ही चल रहा था, ये उन्हें भी पता था कि में रोज़ उनको देखता हूँ, तब तक उनके लिए मेरे मन में कुछ ग़लत विचार नहीं थे. फिर करीब एक हफ्ते के बाद जब शाम को में कॉलेज से लौट रहा था तो रोज़ की तरह वो नीचे अपने बच्चे के साथ खेल रही थी.
फिर अचानक से जब वो बॉल उठाने के लिए मेरे सामने झुकी तो में बस उसको देखता ही रह गया, क्या ग़ज़ब के बूब्स थे उनके? राउंड शेप, एकदम गोरे-गोरे बूब्स देखकर मेरा लंड वहीं खड़ा हो गया. अब मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि में क्या करूँ? अब मेरी हालत खराब हो गई थी, उन्हें पता चल गया था कि में उनके बूब्स को देख रहा हूँ.
में अंजान बनकर आगे बड़ रहा था तो आंटी ने मेरी तरफ देखकर एक नॉटी सी स्माईल दे दी. अब मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि में कैसे बर्ताव करूँ? फिर मैंने भी स्माईल की और अपने रूम की और आगे बड़ा. फिर घर आकर में सीधा मुठ मारने बाथरूम में चला गया. अब उनके गोरे-गोरे बूब्स को याद करके में मुठ मारने लगा. फिर बाहर आने के बाद उनके लिए मेरी नियत एकदम से बदल गयी.
अब बस में उन्हें किसी भी तरह से चोदना चाहता था, लेकिन में कोई परेशानी भी नहीं लेना चाहता था, क्योंकि में मुंबई में नया हूँ और मुश्किल से इस बिल्डिंग में फ्लेट मिला था तो ये सब ध्यान में रखते हुए में कोई कदम नहीं उठा रहा था. फिर मैंने उस रात उनको सोचकर 3 बार और मुठ मारी. एक तरफ उनको लेकर मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी और दूसरी तरफ ये सोसाइटी का डर भी था.
फिर मैंने यही फैसला लिया कि में अपनी तरफ से कोई स्टेप नहीं लूँगा. फिर अगले दिन सुबह जब में कॉलेज के लिए निकला तो मैंने नोटिस किया कि आंटी का व्यवहार में बदलाव हो गया था. फिर जैसे ही में सीड़ियों से उतरा तो उसने मुझे देख लिया और अजीब से घूरने लगी तो में समझ गया कि अब आग दोनों तरफ लगी है और लाईन भी साफ़ थी, लेकिन फिर भी कोई आगे नहीं बड़ रहा था.
अब मुझे उनके व्यवहार से ऐसा लग रहा था कि शायद वो अपने पति से संतुष्ट नहीं थी, वैसे भी उनका पति दिखने में कुछ खास नहीं था, उनके लिए वो पर्फेक्ट पति नहीं था. फिर में दिनभर कॉलेज में यही सोचता रहा कि क्या करूँ? आंटी को में खुद प्रपोज करूँ या इंतज़ार करूँ? अब मेरे दिमाग़ में बस यही चल रहा था और फिर जब शाम को में कॉलेज से घर लौटा तो आंटी गेट के पास खड़ी थी. मैंने उन्हें देखकर स्माईल किया, लेकिन उन्होंने अगला स्टेप उठा ही लिया.
फिर जैसे ही में उनके पास से गुज़रा तो उन्होंने हाय कहा और मैंने भी हाय कहा और पूछा कि क्या करते हो? नाम क्या है? और मैंने भी वही पूछा. तो उन्होंने अपना नाम रोशनी बताया और बोली कि मेरे हॉल की टूयूब लाईट चल नहीं रही है, तुम अगर थोड़ा चेक कर लो तो बड़ी मेहरबानी होगी, क्योंकि वॉचमैन भी आधे घंटे से दिखाई नहीं दे रहा है. फिर मैंने यह सुनते ही खुशी के मारे सीधा हाँ कर दिया, में अपने घर में इलेक्ट्रीशियन के छोटे मोटे काम कर लेता था तो मुझे उनकी मदद करने में कोई प्रोब्लम नहीं थी. फिर मैंने उसके घर जाकर चेक किया तो उनका टूयूब लाईट खराब हो चुका था. फिर मैंने दुकान से नया टूयूब लाईट लाकर चेंज करके उनको दे दिया.
फिर वो मेरे लिए जूस लेकर आई और कहने लगी कि थैंक यू सो मच, अगर आप ना होते तो पता नहीं मुझे और कितनी देर इसको ठीक कराने के लिए इंतज़ार करना पड़ता. फिर मैंने कहा कि एक पड़ोसी अपने पड़ोसी के काम ना आ सके तो वो पड़ोसी किस काम का तो उन्होंने भी एक नॉटी सी स्माईल दे दी. फिर हमने थोड़ी देर तक इधर उधर की बातें की और मैंने पूछा कि आपके पति क्या काम करते है?
उन्होंने बताया कि वो एक कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर है और उन्हें आने में रात को रोज़ देर हो जाती है. फिर मैंने जानबूझ कर उनके बारे में पूछा कि आप क्या करती है? तो वो थोड़ा फ्रेंक हो गई और नॉटी सी स्माईल देकर कहने लगी कि आप तो ऐसे पूछ रहे है जैसे कुछ जानते ही नहीं हो तो में शॉक हो गया और सोचने लगा कि क्या बोलूं? इतने में उन्होंने कहा कि तुम किस सोच में डूब गये.
में – कुछ नहीं.
रोशनी – फिर वो पूछने लगी लाईफ कैसी चल रही है? गर्लफ्रेंड कैसी है तुम्हारी?
में – जी, मेरे कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और लाईफ तो मस्त चल रही है.
रोशनी – छुपाओ मत, तुम इतने स्मार्ट हो और तुम्हारे गर्लफ्रेंड नहीं है, ऐसा हो ही नहीं सकता है.
में – स्मार्ट लोग गर्लफ्रेंड नहीं बनाते है, वो तो बस दोस्त बनाते है.
रोशनी – अच्छा तो क्या हम दोस्त बन सकते है?
में – क्यों नहीं, आप कुछ चाहों और में मना करूँ ऐसा हो ही नहीं सकता. (एक नॉटी सी स्माईल के साथ)
रोशनी – अच्छा ऐसा क्यों?
में – आप हमारी पड़ोसी जो हो.
फिर हम एक दूसरे के इशारे अच्छी तरह से समझ रहे थे, लेकिन कोई खुलकर बात नहीं कर रहा था. फिर मैंने कहा कि मुझे अब चलना चाहिए तो उन्होंने जाते समय मेरा मोबाईल नंबर माँग लिया. अब रूम पर आकर मेरा तो खुशी का ठिकाना नहीं था और में बस उनके कॉल या मैसेज का इंतज़ार कर रहा था. फिर रात को करीब 1 बजे उनका मैसेज आया कि कल सुबह 9 बजे घर आ जाना, मुझे तुमसे कुछ कहना है. में समझ गया कि वो क्या कहना चाहती है? ये पढ़कर में पागल हो गया और जिसकी मुझे ख्वाहिश थी आखिरकार वो होने जा रहा था.
फिर में सीधा बाथरूम में मुठ मारने चला गया और रातभर यही सोचता रहा कि में उसे किस-किस पोज़िशन में चोदूं? क्योंकि पहले से मुझे शादीशुदा औरतों के साथ सेक्स करने का बड़ा मन था, लेकिन कभी मौका नहीं मिला था. फिर में सुबह 8 बजे उठा और रूम पार्टनर को बोल दिया कि मेरी तबियत खराब है तो में आज कॉलेज नहीं जा सकता. फिर जैसे ही वो लोग चले गये तो में नहाकर, फ्रेश होकर 9 बजने का इंतज़ार कर रहा था. सच बताऊँ तो उत्तेजना बहुत थी, लेकिन वो कहते है ना कि सब्र का फल मीठा होता है.
फिर जैसे ही 9 बज गये तो में सीधा उनके घर की और चला गया, मुझे पता था कि अंकल 8 बजे ही ऑफिस चले जाते है और उनका बेटा भी स्कूल जा चुका था तो वो अकेली थी. फिर मैंने डोर बेल बजाई तो उन्होंने दरवाज़ा खोल दिया और कहा कि जल्दी अंदर आ जाओ कोई देख लेगा. ये सुनते ही मेरी उत्तेजना और बड़ गयी, उन्होंने उस वक़्त नाईटी पहनी हुई थी और मुझे जूस ऑफर किया. फिर जूस ख़त्म होने के बाद मैंने जानबूझ कर उनसे पूछा कि मुझे ऐसे अचानक इतनी सुबह क्यों बुलाया? आख़िर ऐसी भी क्या बात है? फिर उन्होंने कहा कि अब ज़्यादा होशियारी मत दिखाओ और तुम्हें भी पता है कि तुम यहाँ क्यों आए हो? इतना कहकर वो शर्मा कर रूम की और चली गयी.
ये सुनते ही मेरा टावर सिग्नल देने लगा. फिर में भी रूम की और गया और उन्हें हग किया, वाऊ क्या हसीन पल था वो? सच बताता हूँ दोस्तों आज भी जब वो पल याद करता हूँ तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते है. मैंने पहली बार उनके बूब्स को महसूस किया था और उन्हें पागलों की तरह किस करने लगा, में जब रोमांटिक होता हूँ तो जंगली जानवर बन जाता हूँ. अब मुझे उनका भी रेस्पॉन्स मिल रहा था. फिर हम दोनों भूखे भेड़िए की तरह एक दूसरे पर टूट पड़े, करीब ऐसे ही 15 मिनट तक हमारी किस्सिंग चलती रही.
फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी नाईटी के अंदर डालकर उनके बूब्स दबाना शुरू किया, वाऊं क्या सॉफ्ट बूब्स थे उनके? मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने धीरे-धीरे उनकी नाईटी उतार दी, अब वो सिर्फ़ लाल कलर की ब्रा और पेंटी में थी, क्या ग़ज़ब लग रही थी वो? में बता नहीं सकता. दोस्तों आप खुद ही कल्पना कर लो कि गोरा बदन, लाल कलर की ब्रा और पेंटी में कैसा दिखता है? ये देखकर मेरा अंदर का जानवर जाग गया और में सीधा उनकी ब्रा का हुक खोलकर उनके बूब्स पर टूट पड़ा.
फिर में पागलों की तरह उनके बूब्स को दबा रहा था, चूस रहा था और काट भी रहा था, में इतना ज़ोर- ज़ोर से ये सब कर रहा था कि उनकी साँसे एकदम से तेज़ हो गई और वो आआआहह उूउऊहह आआअहह की आवाज़ें निकालने लगी और कहने लगी कि दबाओ और ज़ोर से दबाओ. ये सुनकर में और पागलों की दबाने लगा, चूसने लगा और उनके बूब्स के साथ बच्चो जैसे खेलने भी लगा. उनके बूब्स दबाने में क्या मजा आ रहा था? ये सिलसिला 10 मिनट तक जारी रहा और वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि जब मैंने अपना एक हाथ उनकी पेंटी के अंदर डाल दिया तो वो पेंटी उनके पानी से गीली हो गई थी.
फिर मैंने झट से उनकी पेंटी को निकालकर फेंक दिया और उनकी चूत को बस देखता ही रह गया, क्या ग़ज़ब की चूत थी उनकी? आआहाआह एकदम क्लीन शेव, पिंक कलर की चूत और ऊपर से इतनी गर्म थी कि क्या बताऊँ? ये देखते ही में उस पर टूट पड़ा और पागलों की तरह उनकी चूत को चाटने लगा और अपने दोनों हाथों से उनके बूब्स भी दबाने लगा. वो तो सीधा सातवें आसमान पर पहुँच गयी थी और इतनी आवाज़ें निकाल रही थी कि जैसे कोई पॉर्न स्टार हो, आआआआआहह आआअहह उउऊहह आआआआअ आआहह.
मैंने उनकी चूत चाट-चाट कर उनको इतना मदहोश कर दिया था कि उन्हें होश ही नहीं था और चूत चाटते-चाटते उस समय ही उनका पानी पूरा मेरे मुँह में ही निकल गया और उस समय में भी इतना मदहोश था कि में पूरा पानी पी गया. फिर वो बोलने लगी कि मेरे राजा अब और मत तड़पाओ इस प्यासी चूत को, अब डाल भी दो इसे अंदर, लेकिन में नहीं माना और अब मेरी बारी थी.
फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए और कहा कि अब मेरा लंड चूसो तो वो मना करने लगी, लेकिन जैसे ही उसकी नज़र मेरे 7 इंच के लंड पर पड़ी तो वो सीधे उस टूट पड़ी और पोर्न स्टार की तरह लॉलीपॉप समझकर चूसने लग गयी और जैसे ही उसने मेरे लंड को मुँह में लिया तो में तो पागल सा हो गया. मुझे ऐसा लग रहा था कि में सातवें आसमान में हूँ, अब मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि ये क्या हो रहा है? लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
सच दोस्तों जो मज़ा लड़की से अपना लंड चुसवाने में है, वो मज़ा किसी लड़की को चोदने में भी नहीं है. वो करीब 8 मिनट तक मेरा लंड चूसती रही और वो इतनी पागलों की तरह चूस रही थी कि मुझसे कंट्रोल ही नहीं हो रहा था और मेरा स्पर्म निकल गया और उसने भी मज़े से मेरा पूरा पानी पी लिया. अब हम थक गये थे तो 5 मिनट तक हम ऐसे ही पड़े रहे और 5 मिनट के बाद उसने मेरा फिर से चूसकर खड़ा कर दिया और में उसकी चूत को चाटकर उसे गर्म करने लगा. फिर करीब 10 मिनट में उससे रहा नहीं गया और वो ज़ोर-ज़ोर से साँस लेते हुए कहने लगी डाल दो अंदर.
फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और अंदर बाहर करने लगा, लेकिन मेरा लंड थोड़ा ही अंदर जा रहा था. तब मुझे एहसास हुआ कि या तो उनके पति का लंड छोटा ही होगा तो इसलिए संतुष्ट नहीं कर पाते है या ये लंड की बहुत प्यासी है. फिर मैंने देर ना करते हुए फिर एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरा आधा लंड अन्दर घुस गया तो वो चिल्ला उठी, निकाल दो बहुत दर्द हो रहा है.
फिर मैंने लंड बाहर निकाला और 1 मिनट के बाद फिर से मैंने एक ज़ोर का झटका दिया तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत को फाड़ते हुए अंदर चला गया और में सीधा उनको किस करने लगा ताकि उनकी आवाज़ बाहर ना आए. अब मुझे पता था कि वो चिल्लायेगी और उनकी आँखों से आँसू निकल आए. फिर थोड़ी देर तक हम दोनों शांत रहे. उन्हें बहुत दर्द हो रहा था, तभी उन्होंने कहा कि उनके पति का लंड बहुत छोटा है और वो 5 मिनट में ही झड़ जाते है और वो ठीक से सेक्स भी नहीं करते, संतुष्ट करना तो बहुत दूर की बात है.
फिर रात को वो थके हुए रहते है तो इसलिए सेक्स भी नहीं करते है, वो महीने में मुश्किल से 1 या 2 बार ही सेक्स करते है. फिर मैंने उनसे कहा कि अब टेन्शन मत लो जब तक में यहाँ हूँ, जब भी तुम्हारा मन करे में तुम्हारे साथ सेक्स करूँगा, ये कहकर मैंने उनको भरोसा दिलाया. अब उनका दर्द भी कम होने लगा था तो मुझमें और जोश आ गया. फिर में उनके पैरों को मेरे कंधो पर रखकर ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाता गया, अब वो भी खूब मज़े ले रही थी, आआहह चोदो मुझे, जी भरकर चोदो मुझे, आज से में सिर्फ़ तुम्हारी हूँ, जितना मर्ज़ी हो चोदना, लाल कर दो मेरी चूत को. ये सुनकर मेरा जोश और बड़ गया और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
फिर 5 मिनट के बाद मैंने उनको डाईनिंग टेबल के सहारे इस तरह किया कि उनकी बॉडी टेबल पर लेटी हुई थी और पैर ज़मीन पर थे. फिर में उनको उस पोज़िशन में पागलों की तरह चोदता रहा. फिर करीब 10 मिनट के बाद मेरा निकलने वाला था तो मैंने कहा कि मेरा निकलने वाला है. फिर उन्होंने कहा कि अंदर ही छोड़ दो में सब संभाल लूँगी. फिर मैंने अपना पूरा पानी उनके अंदर ही छोड़ दिया. अब हम दोनों थके हुए एक दूसरे की बाहों में लेटे हुए थे. उसके बाद मैंने उनको बहुत बार अलग-अलग स्टाईल में चोदा. अब एक हफ्ते पहले ही उनके पति का गुजरात में ट्रान्सफर हो गया है तो वो अब अपनी फेमिली के साथ रहते है. अब में उन्हें बहुत याद करता हूँ, हम दोनों अभी भी एक दूसरे के सम्पर्क में है, लेकिन अब ऐसा लगता है कि हम दोनों की चुदाई फिर कभी नहीं हो पायेगी.
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दूध वाली गर्लफ्रेंड का दूध पिया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम प्रवीण है और मेरी उम्र 36 साल है. दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है और मैंने इस वेबसाईट से बहुत कहानियाँ पड़ी है और उन्हें पढ़कर मेरा भी मन किया कि में भी अपनी एक कहानी लिखूं. मैंने अभी तक सेक्स का बहुत अनुभव किया है और यह कहानी एक सच्ची घटना है और आपको पसंद भी जरुर आएगी. दोस्तों उस दिन में अपने ऑफिस का कम खत्म करके मेरी गर्लफ्रेंड के घर गया, उसके घर पर उसका पति और उनका तीन साल का एक बच्चा था. मेरी गर्लफ्रेंड की शादी को 5 साल हो गये थे और मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को मेरे आने की खबर भी नहीं दी थी. फिर मैंने वहाँ पर पहुंचकर घर के दरवाजे की घंटी बजाई तो उसके पति ने दरवाजा खोला और वो मुझे देखकर बहुत खुश हुई. मेरी गर्लफ्रेंड बहुत ही सुंदर थी और वो दिखने में एकदम मधुबाला जैसी और फिर उसने मुझे दरवाजे पर देखकर अंदर बुलाया.
फिर मैंने अंदर आकर देखा तो उसका पति कहीं बाहर जाने की तैयारी कर रहा था और मैंने उन्हें जाने के लिए बहुत मना किया, लेकिन वो बोले कि में अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमने जा रहा हूँ और रात को थोड़ा देरी से आ जाऊंगा, लेकिन तुम कहीं जाना नहीं, हम आज रात को बैठकर पार्टी करेंगे. फिर वो कुछ देर बाद चला गया और उसके बाद मेरी गर्लफ्रेंड ने मेरे लिए खाना गरम किया और मुझे खाना परोसने लगी और मेरे खाना खाते समय उसने मुझसे पूछा कि कैसे आना हुआ?
फिर मैंने पलट कर जवाब दिया कि बस ऐसे ही और जब में वहां पहुंचा तब मुन्ना सो रहा था. फिर मेरी सफर की थकान के कारण उसने मुझसे कहा कि प्रवीण तुम जल्दी से नहा लो और में तब तक घर की साफ सफाई करती हूँ. फिर में नहाने चला गया और तब मैंने देखा कि बाथरूम का दरवाजा टूटा हुआ था. फिर मैंने उससे पूछा तो वो बोली कि हाँ यह कल ही टूटा है और इसे ठीक करवाना है. फिर में शरमाते हुए नहा रहा था तो तभी मुझे बच्चे के रोने की आवाज़ आई. दोस्तों उसका घर बहुत बड़ा था और वो बच्चा मेरे बाथरूम के सामने वाले बेडरूम में सोया हुआ था. उसने मुन्ने को उठाया और अपनी गोद में लेकर सुलाने लगी, वो ठीक मेरे सामने बैठी थी और वो मुझे नहाते हुए देख रही थी और मुझे बहुत ज्यादा शर्म आ रही थी.
तभी मैंने उसके चहरे पर हंसी देखी तो वो मुझे देखकर ही हंस रही थी. फिर में नाहकर बाहर आया तो मैंने देखा कि तब तक मुन्ना पलंग पर ही लेटा हुआ था और में मुन्ने के साथ खेल रहा था. उसने मुझे चाय बनाकर दी और फिर वो बाथरूम में कपड़े धोने चली गयी और वो शायद दोपहर में ही नहा चुकी थी मेरे आने से पहले, क्योंकि दरवाजा टूट गया था और अब मुन्ना खेलते खेलते सो गया.
फिर में उसके कंप्यूटर पर गेम खेलने बैठा और तब रात के दस बजे थे और वो बाथरूम से बाहर आ गई और फिर मुझसे कहने लगी कि प्रवीण सॉरी हाँ यार तुझे भूख लगी होगी, में जल्दी से खाना बनाती देती हूँ. फिर वो अंदर किचन में चली गयी और खाना बनाते हुये मुझसे बातें कर रही थी और तुम्हारे घर पर सब लोग कैसे है? अब उसके खाना बनाने के बाद हम दोनों ने खाना खा लिया. फिर हम टी.वी. देख रहे थे और थोड़ी देर बाद मुन्ना एक बार फिर से उठ गया, शायद उसे भूख लगी थी.
फिर से उसने मुन्ने को खाना खिलाया और में सब बैठे बैठे देख रहा था, उसको पता चला कि में देख रहा हूँ, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली. फिर थोड़ी देर के बाद में मुन्ना के साथ खेल रहा था और वापस खेलते खेलते मुन्ना कब सो गया पता नहीं चला और वैसे ही पूरा टाईम कब ख़त्म हो गया पता ही नहीं चला, मेरी गर्लफ्रेंड और में टी.वी देख रहे थे और तब टी.वी. पर एक छोटी सी प्यार की कहानी फिल्म आ रही थी, लेकिन मुझे इस फिल्म के बारे में कुछ नहीं पता था और फिल्म देखते देखते मेरा लंड कब खड़ा हुआ मुझे पता ही नहीं चला और तब में केफ्री पहनकर बैठा हुआ था, इसलिए उसने मेरे लंड को देख लिया था और में भी उसके बूब्स को देख रहा था और वो मेरे लंड को देख रही थी. फिर तभी उसने मुझसे पूछा कि प्रवीण क्या तुझे दूध पीना है और वो भी भैसे का या मेरा?
तब मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया और तब जवाब में मैंने उसे तेरा दूध कह दिया, उसने दरवाजा बंद लिया था. फिर में भी सोने चला गया. दोस्तों में एक अलग कमरे में सोया हुआ था, लेकिन उस फिल्म को देखने के बाद मेरे मन में अब कुछ अलग से ख्याल आ रहे थे और फिर मेरा उसको देखने का नज़रिया बिल्कुल बदल सा गया था, थोड़ी देर बाद उसके कमरे से कुछ आवाज़ आने लगी.
फिर में उठकर कमरे की तरफ चला गया तो कमरे का दरवाजा थोड़ा सा खुला था और में छुपकर देख रहा था तो वो अपनी चूत को खुजा रही थी और थोड़ी देर बाद अपनी उंगली उसमें डाल रही थी और चिल्ला रही थी, अह्ह्हहह उह्ह्ह्हह्ह मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया, में भी उसको देखकर मुठ मारने लगा था और उसी हड़बड़ाहट में मेरे हल्के से धक्के से दरवाजा खुल गया तो वो जल्दी से उठ गई और में भी डर की वजह से बाथरूम में चला गया और पेशाब का नाटक करके बाहर आ गया और तब उसने गाऊन पहना हुआ था, शायद अंदर पेंटी नहीं पहनी थी और उसका गाऊन चूत के पास से थोड़ा गीला था और मेरा लंड भी केफ्री की वजह से खड़ा दिख रहा था और मैंने कुछ नहीं देखा और अपने बेडरूम में चला गया, लेकिन शायद उसको पता चल चुका था कि मैंने सब कुछ देख लिया है और वो भी मेरे खड़े लंड की वजह से उस रात में सो नहीं सकी और मेरे मन में अजीब अजीब ख़याल आने लगे थे. सुबह में जल्दी उठा ताकि में उसको नहाते हुआ देख सकूं. में छुपकर उसे देख रहा था, उसने अपने गाऊन को उतार दिया और उसने पेंटी नहीं पहनी थी और अब धीरे से ब्रा को खोल दिया तो वो मेरी तरफ अपनी पीठ करके नहा रही थी, क्या सुंदर फिगर था? में देख रहा था कि अब वो कब मेरी तरफ पलटे और मुझे उसकी चूत और पूरे खुले बूब्स देखने को मिले? रात को में थोड़ा अंधेरा होने की वजह से ठीक से नहीं देख पाया था.
तभी वो वापस मेरी तरफ घूम गई और में भी जल्दी से पीछे मुड़ा. दोस्तों मेरे रूम के पास ही बाथरूम था और बाथरूम के सामने उसका कमरा था और शायद उसको मेरी आहट लग चुकी थी तो इसलिए वो जानबूझ कर मेरे रूम में आ गई और मेरी तरफ देखने लगी और मेरे पास आकर मेरे सर पर बालों को सहलाती रही और अब मेरा लंड पूरी तरह से वापस खड़ा हो गया, अब मुझे उसके स्पर्श से कुछ अलग सा महसूस होने लगा और साथ ही साथ डर भी लगा, क्योंकि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था.
मैंने सोने का नाटक किया तो फिर वो कुछ देर बाद उठकर चली गई. में उठकर जब नहाने चला गया तो वो मुझे कुछ अलग नज़र से देख रही थी, नहाने के बाद में टी.वी. देखने लगा, उसने चाय बनाई और मुझे दी. तभी मैंने उसे उसके पति के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वो तो दो दिन घर नहीं आने वाले है और उसने मुझे मुन्ने के साथ थोड़ी देर खेलने को कहा और मुस्कुराकर बाथरूम में कपड़े धोने चली गई और कपड़े धोने के बाद वो खाना बनाने लगी, तब में उठ गया था और उसने मुझे नाश्ता भी नहीं दिया था, मुझे अब बहुत भूख लगी थी और मैंने उससे कहा भी था तो इसलिए वो जल्दी खाना बनाने लगी और मुन्ने से खेलने के लिये उसने अब मुन्ने को किचन में नीचे अपने पास बैठा दिया और में मुन्ने के पास था, वो बहुत खुले दिल की थी यानी मॉडर्न जमाने की है और वो एम.बी.ए. कर चुकी थी. वो मुझसे बातें करने लगी, लेकिन वो कुछ अलग ही बातें थी, क्योंकि कल रात का परिणाम हम महसूस कर रहे थे. फिर उसने पूछा कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? मैंने कहा कि नहीं है और वो मुझे देखकर हंस पड़ी. फिर उसने पूछा कि तूने कभी किसी लड़की को किस किया है? फिर मैंने कहा कि नहीं अभी तक मुझे मौका नहीं मिला और में भी खुले मन से जवाब देने लगा और वो वापस मुस्कुराई. फिर मैंने हिम्मत करके उससे पूछा कि तुम कल धीरे धीरे चिल्ला क्यों रही थी? वो बिल्कुल नहीं चौकी, क्योंकि उसने मुझे देख लिया था. फिर वो मेरी तरफ देखकर बोली कि तुम पहले मुझसे वादा करो कि तुम यह बात किसी को नहीं बताओगे, मेरे पति को भी नहीं? तो मैंने झट से हाँ कह दिया. फिर उसने मुझसे कहा कि मेरी कुछ ज़रूरते ऐसी है कि वो पूरी नहीं हो रही थी. फिर मैंने पूछा कि कौन जरूरते? फिर वो बोली कि प्रवीण तुम वो सब समझते हो तो वो वापस मेरे पास आई और मुस्कुराई और मेरे सर के बालों को हिलाते हुए बोली कि तुम बहुत शरारती हो.
दोस्तों अभी भी उसको खाना बनाने के लिए बहुत देर होने वाली थी तो वो मुझे देखती जाती और काम करती, शायद उसने मन में ठान लिया था कि वो मुझसे चुदवाकर ही रहेगी और में भी अब वही मौका ढूँढ रहा था. मैंने बहुत सारी सेक्स कहानियाँ पढ़ी थी और बहुत बार सेक्स भी किया था. फिर अचानक उसने पूछा कि क्या सोच रहे हो प्रवीण? में थोड़ा शरमाया. फिर उसने मुझसे पूछा कि तुमने कभी सेक्स किया नहीं होगा इसलिए तुम क्या जानो इसकी प्यास को और मेरे पति हमेशा दारू पीने के लिए बाहर जाते है और फिर वो थोड़ी उदास हो गयी? और मेरे बहुत करीब बैठी रही. फिर उसने एक बूब्स को वापस आधा बाहर निकालकर मेरे मुहं में डाला तो में उसके मस्त मस्त निप्पल को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और इन सब कामों से मेरा लंड खड़ा हो चुका था.
फिर उसकी नज़र उस पर पड़ी और वो मुझे पटाने लगी और बोली कि प्रवीण सेक्स में कोई रिश्ता नहीं होता है. एक लंड और चूत के बीच में कोई रिश्ते नहीं होते भाई, बहन, माँ और अब वो धीरे धीरे मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगी, मेरा उधर ध्यान ही नहीं था और उस समय मैंने जीन्स पहनी हुई थी. फिर वो कब खड़ा हुआ मुझे पता ही नहीं चला और मेरा पूरा ध्यान बूब्स पर था. फिर मैंने हिम्मत करके उससे पूछा कि तुम हमेशा इस बूब्स से मुझे दूध पिलाओगी क्या? और वो मुस्कुराकर बोली कि में बारी बारी से बूब्स को बदल देती हूँ.
फिर उसने मेरे लंड पर धीरे से मारा और कहा कि सचमुच तुम बड़े ही बदमाश हो. फिर उसने मुझे बोला कि चलो आओ इधर का थोड़ा दूध तुम पी लो तुम्हारी भी भूख दूर हो जाएगी और में जल्दी से उसके पास गया तो उसने अपने ब्लाउज के तीन बटन खोले और पहले बूब्स को अंदर कर दूसरे बूब्स को बाहर निकाला और मेरे सर को पकड़कर मेरे मुहं में अपने निप्पल को डाल दिया, में ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और उसका दूध पीने लगा, उसे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा तो वो बोली कि थोड़ा धीरे धीरे पीना में कहाँ भागी नहीं जा रही हूँ?
दो तीन मिनट बूब्स पीने के बाद वो बोली कि थोड़ा बाद में पीने के लिए रखती हूँ और इसे वापस पिला दूँगी. फिर में उसकी यह बात सुनकर थोड़ा नाराज़ हो गया तो वो बोली कि प्रवीण नाराज़ मत होना, मेरी प्यास बुझाते बुझाते में यह दूध तुम्हें पीने के लिए दूँगी और फिर में खुश हो गया और मेरी मुस्कुराहट को देखकर वो भी अब खुश हो गई, उसने मुझे बुलाया और तब उसने गाऊन ही पहना हुआ था और उसने गाऊन पर बूब्स के वहां पर एक चैन लगाई हुई थी ताकि वो बच्चे को दूध पिला सके. फिर उसने मुझे पास सोने को कहा और अपने एक बूब्स का निप्पल मेरे मुहं में डाल दिया और में वापस चूसने लगा. मुझे अभी तक पूरे के पूरे बूब्स नहीं दिखाए दे रहे थे और में उसका बहुत सारा दूध पी चुका था.
फिर उसने मुझे पूछा कि कैसा लग रहा है मेरा दूध? फिर मैंने कहा कि में दूध को पीने के लिए मना करता वो भैस और गाय का, लेकिन जब मैंने यह दूध पिया तो मुझे दूध पीने में मज़ा आने लगा है, क्या मस्त स्वाद है इस दूध का? वो मुस्कुराकर बोली और चाहिए क्या? फिर मैंने कहा कि हाँ फिर वो दूसरे बूब्स को बाहर निकालने वाली थी, तब मैंने कहा कि जानू मुझे तुम्हारे पूरे बूब्स को देखना है. फिर वो मुझे बोली कि ठीक है प्रवीण तुम बहुत ही बदमाश हो. फिर उसने अपना गाऊन निकाला और तब उसने पेंटी के अलावा कुछ भी नहीं पहना हुआ था, उसने मुझे भी अपने कपड़े निकालने के लिए कहा. फिर उसने ही मेरी पेंट निकाली और टी-शर्ट भी, अब में भी सिर्फ़ अंडरवियर में था और उसके बूब्स तो बिल्कुल मलिका के जैसे थे, उसकी निप्पल क्या मस्त दिख रही थी और वो ऊपर से नीचे पूरी गोरी बहुत सुंदर थी बिल्कुल मधुबाला जैसी, उसको देखकर हर एक का मन चोदने को करेगा.
फिर उसने कहा कि क्या सोच रहे हो प्रवीण? क्या तुम्हे में पसंद नहीं आई? फिर मैंने उससे कहा कि तुम तो मधुबाला जैसे दिखती हो तो वो मुस्कुराई और मुझसे दूध पीने को कहा. में अब बहुत गरम हो चुका था और मेरा लंड 7.5 इंच का था, वो अब 9.5 इंच का हो गया था. फिर मैंने ज़ोर ज़ोर से बूब्स को चूसना शुरू किया और उस समय उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डालकर लंड को सहलाने लगी, उसने अपनी स्पीड को बड़ा दिया और फिर में जल्दी ही झड़ गया और मैंने मेरा वीर्य उसके हाथ पर डाल दिया और वो मुझे देखकर मुस्कुराई और बोली कि प्रवीण आज से तुम मेरे पास ही सोना, जब तक मेरे पति नहीं आ आते.
फिर में उससे लिपट गया और किस करने लगा. उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और वो मेरे लंड को देखकर बोली कि तुम्हारा तो बहुत बड़ा है गधे के लंड के बराबर ही है. फिर में उसकी यह बात सुनकर थोड़ा नाराज़ हुआ और फिर वो बोली कि उदास होने की ज़रूरत नहीं है. फिर उसने मेरा लंड उपने हाथों में ले लिया और नीचे अपने घुटनो पर बैठ गई और मुझे बेड पर बैठा दिया. फिर वो मेरा लंड चूसने लगी और बोली कि तुम्हारा लंड का स्वाद बहुत ही मीठा है और में मुस्कुराने लगा.
फिर एक मिनट बाद वो ज़ोर ज़ोर चूसने लगी तो मैंने कहा कि मुझे बहुत दर्द होता है थोड़ा धीरे धीरे करो. फिर वो बोली कि प्रवीण कुछ सीखने के लिए मेहनत तो करनी पड़ती है और फिर करीब चार पांच मिनट चूसने के बाद में झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य उसके मुहं में डाल दिया. फिर मैंने उससे सॉरी कहा तो उसने कहा कि उसमें सॉरी कहने की ज़रूरत नहीं है और यह रस पीने के लिए तो में कब से राह देख रही थी, लेकिन मेरे पति तो कमजोर शरीर के कारण मुश्किल से एक दो बार में ही झड़ जाते थे तो मुझे रस पीने को नहीं मिलता था, इसलिए में कल अपनी चूत में अपने उंगली डालकर खुद को चोद रही थी और उंगली चाट रही थी और आज तुमने रस पिलाकर मेरी एक इच्छा पूरी की है.
फिर उसने अपना गाऊन बाहर निकाला और वो अब मेरे सामने पूरी नंगी थी, क्या मस्त फिगर था उसका, मस्त गोरी गोरी जांघे थी और चूत के ऊपर उसने मस्त डिज़ाईन में बाल साफ किए थे और उसकी बहुत मस्त चूत थी. फिर उसने कहा कि प्रवीण अब तुम मेरी चूत को चाटना और मेरी दूसरी इच्छा को पूरा करना और उसने मेरे सर को अपनी चूत से लगाया. मैंने अब उसकी चूत को चूसना, चाटना शुरू किया और वो ज़ोर से चीखने, चिल्लाने लगी, आहह्ह्ह आईईईई. फिर में डर गया और पीछे हट गया, तभी उसने कहा कि डरो मत प्रवीण मुझे मज़ा आ रहा है.
फिर में और भी ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और उसकी चूत की गरमी और खुशबू मुझे और जोश में लाने लगी. मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, आहह्ह्ह्ह आह्ह्हह्ह्ह्ह डार्लिंग तुम बहुत मस्त चूसते हो, हाँ और ज़ोर से मेरे पति को यह पसंद ही नहीं था, लेकिन तूने मुझे बहुत खुश कर दिया है और में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, प्रवीण तुम बहुत अच्छे हो. फिर कुछ देर चूसने के बाद उसकी चूत भी झड़ चुकी थी और में उसकी चूत का पानी पी गया और चाट चाटकर मैंने पूरी चूत को साफ कर दिया और थोड़ी देर फिर हम दोनों चूमने लगे, उसके होंठ बहुत रसीले थे. फिर उसने मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत के पास लिया और अब उसे अपनी चूत में डालने को कहा. फिर में धीरे धीरे मेरे लंड को उसकी चूत में डालने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, लेकिन अभी तक मेरा लंड थोड़ा ही अंदर गया था.
फिर उसने कहा कि प्रवीण और ज़ोर लगाओ और चोद डालो अपनी इस गर्लफ्रेंड को और मैंने एक ज़ोर का धक्का दिया और अब मेरा लंड चूत के अंदर आधा चला गया और वो ज़ोर से चिल्ला उठी, उसकी चूत से थोड़ा सा खून भी निकलने लगा. फिर मैंने डर के मारे लंड को बाहर निकाला. फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या हुआ? खून को देखकर वो बोली कि बहुत दिनों के बाद चुदने के बाद ऐसा ही होता है, प्रवीण तुम मत डरो, में हूँ डार्लिंग, प्लीज़ चोदो मुझे और अब मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के देना शुरू किया, दो तीन मिनट बाद मेरा पूरा लंड अंदर चला गया.
दोस्तों उसकी चूत मुझे अच्छी लगने लगी, एक घंटे के बाद मेरा लंड झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और वो मुझसे बहुत खुश हो गई और मुझे चूमने लगी, में थक चुका था, क्योंकि यह मेरा लंबे टाईम चलने वाला सेक्स था. तब उसने मुझसे कहा कि क्यों प्रवीण इतने में ही खुश हो गया? और चोदो अपनी डार्लिंग को मेरे पति जैसा कमजोर मत बनो. फिर उसके कुछ देर बाद में एक बार फिर में जोश में आ गया और उसको चोदने लगा, इस बार मेरी स्पीड बहुत ज्यादा थी और मैंने ज्यादा समय तक चोदा लगभग एक घंटे तक. मेरी डार्लिंग मुझसे बहुत खुश हो गई और इस बार वो जल्दी झड़ गई थी और थोड़ी देर बाद में भी. मैंने मेरा पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और जिससे उसकी चूत पूरी भर चुकी थी और थोड़ा वीर्य बाहर भी आ चुका था.
मैंने चूत को चाटना शुरू कर दिया. फिर उसने मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया और उसे पूरी तरह से साफ कर दिया. फिर उसने मेरी तरफ पीठ करके अब अपनी गांड में लंड को घुसाने को कहा. सबसे पहले मैंने उसकी गांड अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया. फिर अपनी उँगलियों को डालने लगा, उसकी गांड बहुत टाईट थी, शायद उसके पति ने उसकी गांड कभी नहीं मारी थी और इस बार वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी, आहह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह प्रवीण मेरी गांड की प्यास बुझा डाल, तीन चार मिनट उंगलियों को अंदर बाहर करने के बाद मैंने अपने लंड को उसकी गांड में डाल दिया और एक ज़ोर से धक्का दिया और मेरा आधा लंड अंदर चला गया, मेरी रानी बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी और फिर मैंने दूसरे धक्के में ही मेरे लंड को बहुत अंदर डाला तो वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी.
फिर में धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था, आधे घंटे के बाद मेरा लंड झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य उसकी गांड में डाल दिया और इस तरह मैंने उसकी उस रात में तीन बार गांड मारी और पांच बार चुदाई की. अब में बहुत थक गया था तो में हिल भी नहीं पा रहा था, मेरा पूरा बदन कांप रहा था और में अपने कमरे में जा नहीं सकता था, इसलिए उसने खुद मेरे कमरे में ले जाकर अपना दूध मुझे पिलाकर सुलाने लगी और हम दोनों उधर ही सो गए, हम दोनों नंगे ही सो रहे थे. फिर उसने मुझसे कहा कि प्रवीण तुम बहुत अच्छी चुदाई करते हो, तुम बहुत अच्छे हो और तुमने आज मेरी सभी इच्छा पूरी की है.
दोस्तों में बहुत थक चुका था तो उसने मुझसे अपने बूब्स को थोड़ी देर चूसने को कहा और वापस में उसका दूध पीने लगा, वो मुस्कुराई और बोली कि अब हम हर रोज ऐसे करते रहेंगे और अब में उसको हर रोज चोदने लगा था, लेकिन में उसकी वो बात कभी नहीं भूला जो उसने मुझसे कही थी कि सेक्स सिर्फ़ चूत और लंड का रिश्ता होता है उसमें कोई रिश्ते नहीं होते है. फिर एक दो महीने बाद ही वो मेरे घर पर आ गई थी, तब वो मुझे खींचकर एक अलग कमरे में लेकर गई जहाँ पर कोई भी नहीं था और मेरे होंठो को और गालों को चूमा. फिर मेरे कान में बोली कि तुम हमारे बच्चे के बाप बनने वाले हो. फिर वो बोली कि प्रवीण डरो मत यह बात में किसी से नहीं कहूँगी, क्योंकि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ प्रवीण. दोस्तों तब में 23 साल में ही बाप बन चुका था. फिर मैंने उसको चूम लिया और बोला कि तुम मेरी सबसे अच्छी गर्लफ्रेंड हो और फिर हम दोनों मुस्कुराते रहें.
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बहन की गांड ने दीवाना बनाया

हैल्लो दोस्तों, में नीरज आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ, जो मेरे साथ अभी कुछ दिन पहले घटित हुई और जिसके बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ मेरे साथ कभी हो भी सकता है और उस घटना के बाद मेरा पूरा जीवन बदल गया. दोस्तों यह कहानी है मेरी बहन के साथ उसकी चुदाई की.
मैंने उसके साथ बहुत मज़े किये और अब में वो बात आप सभी को थोड़ा विस्तार से बताता हूँ, लेकिन सबसे पहले में मेरा और मेरे घर वालों का आप सभी से परिचय भी करवा देता हूँ. दोस्तों में पुणे में रहता हूँ और मेरा परिवार बहुत छोटा है, उसमें में, मम्मी, पापा और मेरी एक बहन जो मुझसे 4 साल बड़ी है और वो बी.कॉम पास है, लेकिन अभी भी अपनी आगे की पढ़ाई कर रही है और में अभी बी.कॉम कर रहा हूँ.
दोस्तों यह घटना आज से करीब एक साल पहले की है जब मेरी दीदी की उम्र 23 साल थी और मेरी 19 साल. दोस्तों उस दिन मेरी दीदी को लड़के वाले देखने आ रहे थे, मेरी दीदी का नाम सोनिया है और हम प्यार से सब उन्हें सोना बुलाते है और मेरी सोना दीदी दिखने में सेक्सी एकदम बॉम्ब है और वो दिखने में एकदम काजोल जैसी दिखती है, उनकी गांड को देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता है और में तो उनकी गांड का बिल्कुल दीवाना हूँ.
दीदी और में बचपन से एक ही रूम में सोते है, लेकिन हमारे बेड अलग अलग थे. दोस्तों उस रात को मेरी दीदी बहुत खुश थी, क्योंकि दूसरे दिन सुबह उनकी शादी तय होने वाली थी. जब हम सो रहे थे तो दीदी ने हंसते हुए मुझे शुभरात्री कहा और हम सो गये. फिर जब सुबह में उठा तो मैंने घड़ी की तरफ देखा तो सात बज रहे थे और वो गर्मी के दिन थे तो इसलिए में हर दिन सुबह जल्दी उठ जाता था और उस दिन भी ठीक ऐसा ही हुआ.
फिर जब में उठा तो मैंने देखा कि दीदी की कमीज़ ऊपर थी और उनकी ब्रा भी और जिसकी वजह से उनका एक बूब्स बाहर था और उनकी सलवार नीचे उतरी हुई थी और पेंटी में दीदी का एक हाथ था. दोस्तों उस दिन वो सब देखकर मैंने पहली बार दीदी के बारे में बहुत ग़लत सोचा और यह सब देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाता. मैंने भी वहीं पर मुठ मारना शुरू कर दिया और जब में झड़ गया तो में उठकर नहाने चला गया और जब में नहाकर वापस आया तो मैंने देखा कि दीदी अभी भी वैसी ही हालत में है.
फिर मैंने मन ही मन सोचा कि अगर मम्मी, दीदी को उठाने हमारे कमरे में आ गई तो वो दीदी पर बहुत गुस्सा करेगी और इससे पहले में ही दीदी को जगा देता हूँ, लेकिन मैंने फिर सोचा कि क्यों ना थोड़े मज़े ले लिए जाए? में अब दीदी के करीब गया और उनके निप्पल को छूने लगा और फिर पूरे बूब्स को हाथ में ले लिया, जो मेरे हाथ में पूरी तरह से आ ही नहीं रहा था.
फिर में थोड़ा नीचे गया और अपनी जीभ से दीदी का बूब्स चाटने लगा, जिसका अहसास होते ही दीदी जाग गयी और डर भी गयी और में भी डर गया. फिर मैंने दीदी से पूछा कि दीदी आप इस हालत में कैसे और क्यों? तो दीदी ने कहा कि शैतान तू यह सब क्या कर रहा है?
फिर मैंने कहा कि दीदी कुछ नहीं और दीदी ने कहा कि चल अब उधर देख और मैंने अपना मुहं दूसरी तरफ फेर लिया, उतनी देर में दीदी ने अपने कपड़े सीधे किए और नहाने चली गयी, लेकिन मेरा लंड अभी भी टावल में तनकर खड़ा हुआ था और जो दीदी ने देख लिया था. फिर जब दोपहर में दीदी को देखने लड़के वाले आए तो दीदी बहुत खुश थी. दीदी ने एक गहरे गले वाला सूट और सलवार पहनी हुई थी और जब दीदी को बुलाया गया तो दीदी शरमाते हुए चाय लेकर उनके सामने चली गयी, दीदी ने एक एक करके सबके सामने चाय रखी, लेकिन लड़के को स्माईल करते हुए खुद अपने हाथों से चाय देने लगी.
दोस्तों में अपनी दीदी का यह अंदाज़ देखकर बिल्कुल दंग रह गया और जब दीदी चाय दे रही थी तो झुकने की वजह से दीदी की छाती साफ साफ दिख रही थी और जिसे देखकर मेरा लंड फुल टाईट हो गया, लेकिन मेरी नज़र जब उस लड़के पर गयी तो मैंने देखा कि वो भी दीदी की छाती को घूर घूरकर देख रहा है और दीदी भी उसे जानबूझ कर दिखा रही थी तो मुझे कुछ गड़बड़ लगी, लेकिन फिर में वो सब भूल गया और सब शगुन लेने देने लगे और फिर रिश्ता पक्का हो गया.
फिर जब सब लोग चले गये तो शाम को दीदी और मम्मी किचन में बर्तन साफ कर रहे थे और में अचानक से किचन के बाहर रुककर दीदी की हिलती हुई गांड को देख रहा था. तभी मम्मी ने मुझे देख लिया और मुझे अंदर बुलाया और उन्होंने मुझसे कि कहा कि तू दीदी की थोड़ी मदद कर में ज़रा पड़ोस में आंटी के पास जाकर अभी आती हूँ. अब में तो मन ही मन बहुत खुश हो गया, मम्मी वहां से बाहर चली गयी और अब में और दीदी बात करने लगे. तभी मैंने दीदी से कहा कि दीदी इस ड्रेस में आप बहुत अच्छी लग रही हो.
दीदी : धन्यवाद भाई.
में : दीदी आप आज सुबह जब सोकर उठी तो ऐसे कपड़े क्यों पहनकर सोई थी? क्या रात में आपके साथ कुछ हुआ था?
दीदी : नहीं रे, वो मुझे रात को गरमी बहुत लग रही थी.
में : अच्छा दीदी अब यह बताओ कि आपको लड़का कैसा लगा?
दीदी : शरमाते हुए बोली कि बहुत अच्छा.
में : ओह दीदी तो अब आपकी शादी होगी.
दीदी : हट पागल.
हमारी बातें अभी तक खत्म नहीं हुई थी, लेकिन हमारे सभी बर्तन साफ हो गये थे और फिर हम अपने कमरे में चले गये तो मैंने उनसे कहा.
में : दीदी मुझे आपके बूब्स बहुत अच्छे लगे वो बहुत मुलायम आकार में बहुत बड़े बड़े है.
दीदी : चुप पागलों जैसी बातें मत कर.
में : दीदी सच्ची आपके बूब्स बहुत अच्छे है.
दीदी : अच्छा तुझे कैसे पता.
में : वो मैंने सुबह हाथ लगाकर देखे थे.
दीदी : तुझे क्या बिल्कुल भी शर्म नहीं आती अपनी बहन के बूब्स को हाथ लगाता है.
में : में क्या करता दीदी? आप भी तो ऐसे ही सो गयी थी और जब आपको पता था कि में भी कमरे में हूँ.
दीदी : चल अब जाने दे छोड़ उस बात को.
फिर ऐसे ही रात हो गयी और जब हम सोने लगे तो दीदी ने मुझे पहली बार मेरे गाल पर शुभरात्रि किस दी, में बिल्कुल पागल सा हो गया और दीदी के बेड पर चला गया और मैंने भी उनको उनके गाल पर एक जोरदार किस दे दी और फिर हम सो गए. फिर जब रात को मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि दीदी की आँखे बंद है और उनका एक हाथ अपने नंगे बूब्स पर और दूसरा अपनी पेंटी में है और वो उस समय अपनी चूत में उंगली कर रही थी, जब मैंने गौर से सुना तो मुझे पता चला कि वो नींद में बहुत धीरे धीरे बड़बड़ा रही थी.
दीदी : आआहह आ ऑश उहह आअहह ऊहह एआहह चोद दो मुझे आअहह और ज़ोर से चोदो मुझे आकाश अह्ह्हहह आईईई.
दोस्तों तब मुझे याद आया कि आकाश तो उस लड़के का नाम है जिससे दीदी की शादी तय हुई है, में भी अब अपना लंड हिलाकर सो गया. फिर जब में सुबह सोकर उठा तो मैंने सबसे पहले दीदी का मोबाईल चेक किया, मुझे क्या पता था कि ब्लूफिल्म निकले, लेकिन मैंने सोचा कि क्यों ना मैसेज चेक करूं तो मैंने देखा कि दीदी आकाश से बातें करती है और सभी मैसेज पढ़ने पर मुझे पता चला कि आकाश दीदी के कॉलेज का दोस्त है, जिससे वो प्यार करती है और दीदी के कहने पर ही वो हमारे घर रिश्ता लेकर आए थे.
में अब पूरी तरह से हैरान और परेशान था. फिर मैंने देखा कि दीदी और आकाश सेक्स चेट भी करते है और मुझसे वो मैसेज पढ़ने के बाद रहा नहीं गया और में वहीं पर खड़े खड़े मुठ मारने लगा और मुठ मारकर वहाँ से चला गया. दोस्तों उस दिन जब पापा काम पर गये हुए थे और मम्मी, मामा के घर तो में किचन में चला गया. मैंने देखा कि दीदी वहाँ पर खाना बना रही थी तो में उनके पीछे गया और दीदी की गांड देखने लगा और फिर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने दीदी को पीछे से छू लिया तो दीदी पीछे मुड़ गई और कहा कि क्या चाहिए तुझे?
में : कुछ नहीं दीदी वो आप पीछे से बहुत अच्छी दिखती हो.
दीदी : अच्छा, क्या मतलब?
में : दीदी वो मुझे आपकी गांड बहुत अच्छी लगती है.
दीदी : तू यह क्या बोलता है बेशर्म?
में : मुझे माफ़ कर दो दीदी.
फिर में उनसे इतना बोलकर वहाँ से चला गया और जब मम्मी, पापा वापस आए तो में बहुत डर रहा था कि कहीं दीदी उनको मेरी वो बात बोल ना दे, लेकिन मैंने उन पर पूरा ध्यान रखा, मेरी दीदी ने मम्मी पापा से ऐसा कुछ भी नहीं कहा और फिर मम्मी ने कहा.
मम्मी : सुन सोना तेरे मामा और मामी ने कहा है कि कल वो तुझसे मिलना चाहते है और वो चाहते है कि तेरी शादी से पहले तू कुछ दिन उनके घर पर रहे तो कल तुम दोनों भाई, बहन चले जाना.
दीदी : हाँ ठीक है मम्मी.
फिर दूसरे दिन जब हम मामा के घर जाने के लिए निकले तो हम बस से जाने लगे और मैंने महसूस किया की दीदी अभी भी मुझसे बात नहीं कर रही थी. फिर मैंने उनसे कहा कि दीदी मुझे माफ़ कर दो.
दीदी : वो क्यों?
में : वो कल की बात के लिए.
दीदी : अरे तू उस बात को भूल जा और थोड़ा जल्दी जल्दी चल वरना हमे टिकिट नहीं मिलेगी.
दोस्तों उस समय त्यौहार थे और जिसकी वजह से बहुत भीड़ थी, में और दीदी टिकिट लेने भीड़ में घुस गए तो भीड़ में बहुत धक्का मुक्की होने से में दीदी के पीछे आ गया और में अपना लंड दीदी की गांड में दबाने लगा, जिससे दीदी अब तक बिल्कुल अंजान थी और में इस बात का फायदा उठाकर अपने लंड को आगे पीछे करने लगा और अब दीदी को इस मेरी गंदी हरकत के बारे में पता चल गया था, इसलिए दीदी ने झट से टिकिट लिया और फिर हम वहां से चल दिए, लेकिन मैंने देखा कि अब दीदी के चेहरे पर अब एक शरारती स्माईल थी, जब हम बस में पहुँचे तो मैंने देखा कि वो बस पूरी फुल है, लेकिन आखरी की दो सिट खाली थी तो में और दीदी फट से वहीं पर बैठ गये और बस शुरू हुई और निकल पड़ी.
दोस्तों मेरे मामा के घर का सफ़र पूरे सात घंटे का था और जब एक घंटा हुआ तो दीदी को नींद आने लगी, में खिड़की वाली सीट पर बैठा हुआ था और दीदी मेरे पास वाली सीट पर बैठी हुई थी और दीदी का सर मेरे कंधे पर था और वो बहुत गहरी नींद में सो रही थी. फिर कुछ देर बाद एक स्टॉप आया और हमारे पास में बैठे हुए सभी लोग और बस में से कुछ लोग वहीं पर उतर गये और जब बस शुरू हुई तो मैंने देखा कि उस समय रात के आठ बज रहे थे. दोस्तों अब बस के अंदर मेरी दीदी की नींद और बस के बाहर अंधेरा धीरे धीरे बहुत गहरा हो रहा था, अंधेरा होने की वजह से बस में एक लाईट जल गई थी और जिसकी रोशनी बहुत धीमी थी.
फिर कुछ देर बाद गहरी नींद और बस के चलते समय हिलने उछलकूद करने की वजह से दीदी का एक हाथ मेरे लंड पर आ गया और फिर मैंने सोचा कि अगर में हाथ हटाऊंगा तो दीदी जाग जाएगी और मैंने उनका हाथ अपने लंड पर वैसे ही रहने दिया, लेकिन कुछ ही देर बाद मेरा लंड उनके हाथ की गरमी को महसूस करके पूरा टाईट हो गया और अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था. फिर मैंने दीदी को जगाया और उनसे कहा कि दीदी आप अपना हाथ मेरे ऊपर से हटा लो.
फिर दीदी अपना हाथ मेरे टाईट लंड पर देखकर एकदम से शरमा गई और फिर उन्होंने तुरंत अपना हाथ मेरे लंड के ऊपर से हटा लिया और उन्होंने मुझसे कहा कि माफ़ करना मुझसे यह सब गलती से हो गया था. फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं यह सब चलता है और वैसे भी दीदी यह आपका बडप्पन था.
दीदी : क्या बोला बेशर्म?
में : दीदी मुझे आप सच में बहुत अच्छी लगती हो.
दोस्तों हम दोनों बहुत धीमे बात कर रहे थे.
दीदी : अच्छा, वैसे तेरा वो बहुत बड़ा है.
में : हाँ दीदी अपने उसे छूकर महसूस भी कर लिया है.
दोस्तों इतना कहकर मैंने सही मौका देखकर दीदी को उनके गाल पर किस कर दिया.
में : दीदी आप बहुत हॉट हो, मुझे आपके होंठ, आपकी गांड, आपके बूब्स और आपका पूरा बदन बहुत ही अच्छा लगता है.
दीदी : अच्छा, चल अब हट झूठे.
में : दीदी सच्ची.
दीदी : क्या मुझे बहुत प्यार करता है?
में : हाँ दीदी में आपके लिए कुछ भी कर सकता हूँ.
दीदी : अच्छा चल ठीक है अब मुझे तेरा वो दिखा.
में : ( दोस्तों में बहुत खुश हुआ) हाँ ठीक है दीदी.
फिर मैंने मेरा लंड तुरंत बाहर निकाल लिया तो दीदी देखकर शरमा गई और अब उन्होंने मेरा लंड देखकर कहा कि हाँ ठीक ठाक है.
में : दीदी प्लीज अब मुझसे कंट्रोल नहीं होता जल्दी से कुछ करो.
फिर दीदी ने यहाँ वहाँ देखा और मेरे गाल पर एक किस करके लंड को हाथ में ले लिया और फिर धीरे धीरे मेरा लंड हिलाने लगी, लेकिन मुझसे अब बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने सीधे दीदी के होंठो पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा. अब दीदी भी मेरे होंठ चूसने लगी और दो मिनट बाद जब हम अलग हुए तो दीदी ने मुझसे कहा कि वाह कितना अच्छा लग रहा है, लेकिन तूने कैसे मेरे होंठ चूमे?
में : क्यों दीदी आप भी तो मेरा लंड हिला रही थी?
दीदी : हाहहाहा.
दोस्तों दीदी बहुत देर तक मेरा लंड हिलाती रही थी और उनके लगातार हिलाने की वजह से में कुछ देर बाद झड़ गया. फिर दीदी ने मुझसे कहा कि अब मेरी बारी और फिर मैंने दीदी की गरम, उभरी हुई चूत पर अपना एक हाथ रख दिया और चूत के अंदर उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा और चूत को मसलने लगा. फिर कुछ मिनट के बाद दीदी झड़ गई और जिसकी वजह से उनकी सलवार गीली हो गई और जो सुबह तक सूख गई, हम अपने स्टोप पर उतर गए.
फिर जब हम मामा के घर पर पहुँचे तो हमे वहां पर पहुंचकर पता चला कि हमारे मामा बिजनेस टूर पर गये हुए है और अब घर पर सिर्फ़ मामी और ऋतु दीदी है (मेरे मामा जी की लड़की) वो दिखने में दीपिका जैसी है और उनकी गांड भी बहुत कमाल की है और में तो उन्हें देखता ही रह गया, वो मुझसे पांच साल और मेरी दीदी से एक साल बड़ी है, उन्होंने हमे पीने के लिए पानी लाकर दिया. फिर हम बाथरूम में जाकर फ्रेश हुए और उसके बाद मामी ने हमारे लिए खाना लगाया और हम सबने एक साथ बैठकर खाया. फिर जब रात हुई तो मामी ने हमसे कहा.
मामी : देखो बच्चों हमारा घर थोड़ा छोटा है, इसलिए में तुम्हे अलग कमरा नहीं दे सकती प्लीज तुम मुझे माफ़ कर दो और अब तुम दोनों ऋतु के कमरे में ही सो जाओ.
फिर हमने कहा कि कोई बात नहीं मामी जी यह सब चलता है और हम दोनों ऋतु दीदी के कमरे में चले गये, वहां पर जाकर मैंने देखा कि उस कमरे में तीन अलग अलग बेड थे, एक पर ऋतु सो जाती थी और बाकी वो दो बेड ऋतु दीदी के भाईयों के थे और जो अब हॉस्टल में रहते है. में और दीदी वहीं पर सो गए और जब रात के 1:30 बजे तो अचानक से मेरी नींद खुल गई. तब मैंने महसूस किया कि मेरा लंड तनकर फुल टाईट था.
फिर मैंने दीदी को जगाया और फिर उनसे कहा कि दीदी प्लीज इसे शांत करो ना. फिर दीदी स्माईल करते हुए उठी और मेरा धीरे धीरे लंड हिलाने लगी और उनके कुछ देर लंड हिलाने के बाद में झड़ गया और दीदी के होंठ चूसकर सो गया. सुबह जब में उठा तो मैंने देखा कि मेरा लंड फिर से तनकर खड़ा हुआ था. दोस्तों अब मेरे लंड को खड़े रहने की एक गंदी आदत सी हो गयी थी.
फिर में उठकर नीचे चला गया तो मुझे पता चला कि उस समय मेरी मामी जी मंदिर गई थी और ऋतु दीदी और सोना दीदी किचन में थी, ऋतु दीदी बहुत मॉडर्न थी तो उन्होंने नाईट पेंट और एकदम टाईट टी-शर्ट पहनी हुई थी, जिससे उनके सेक्सी बदन के हर एक अंग का आकार साफ साफ नजर आ रहा था और मेरी दीदी हमेशा सलवार कमीज़ पहनती है.
अब में उन दोनों की गांड को देखकर बिल्कुल दंग रह गया, क्योंकि एक साथ ऐसे मस्त उभरे हुए चूतड़ मैंने आज तक कभी नहीं देखे थे. तभी ऋतु दीदी वहां से बाहर आने लगी तो में छुप गया और फिर मैंने देखा कि ऋतु दीदी ऊपर कमरे में चली गई. अब में किचन में चला गया और मैंने उनसे कहा कि दीदी प्लीज जल्दी से कुछ करो. दोस्तों वो मेरा तनकर खड़ा हुआ लंड देखकर समझ गई कि में उनसे अब क्या चाहता हूँ? तो वो झट से नीचे बैठी और उन्होंने मेरी पेंट से लंड को बाहर निकाल लिया और ज़ोर ज़ोर से मज़े लेकर मेरा लंड हिलाने लगी. तभी ऋतु दीदी की आवाज़ आई तो मैंने जल्दी से अपनी पेंट को बंद कर लिया और तुरंत बाहर आ गया.
फिर जब नाश्ता बन गया तो ऋतु दीदी टी.वी. देखने लगी और दीदी ऊपर जा रही थी. तभी मैंने उनको सही मौका देखकर अपनी तरफ खींचा और दीवार से लगाकर उनके बूब्स को दबाने लगा और किस करने लगा, लेकिन कुछ देर बाद दीदी मुझे हल्का सा धक्का देकर अपने आपको मुझसे छुड़वाकर शरमाते हुए भाग गई, लेकिन मेरा लंड अब भी पूरा टाईट था और मेरा यह सब गलत काम जो कुछ देर पहले मैंने अपनी दीदी के साथ किया था, ऋतु दीदी ने वो सब कुछ देख लिया था.
अब ऋतु दीदी मुस्कुराते हुए मेरे सामने आई और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि अच्छा क्या यह सब भाई बहन में चलता है? तो दोस्तों मैंने पकड़े जाने के डर से अब तक हुए सारा किस्सा ऋतु दीदी को सुना दिया और मैंने उनसे कहा कि प्लीज वो यह बात किसी को ना बताए. फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या यह सच है? तो उन्होंने कहा कि हाँ और अब उन्होंने मेरे गाल पर एक किस किया और मुझसे कहा कि तू भी जवान है और तेरा लंड भी बहुत बड़ा होगा.
में : यह आप क्या बोल रही हो?
दीदी : अरे किसी को बताना मत वरना में तुम भाई बहन की सच्चाई बाहर सब को बता दूँगी और अब पूरे ध्यान से सुन मेरा बॉयफ्रेंड है और जो मुझे हर रोज़ चोदता है, लेकिन अभी वो किसी जरूरी काम से बाहर गया हुआ है और मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं होता तो में अपनी गरम तड़पती हुई चूत में अपनी उंगली कर लेती हूँ और उसके बाद मुझे वो ख़ुशी मिल जाती है, लेकिन वैसा मज़ा नहीं आता जैसा मुझे अपने बॉयफ्रेंड के लंड से अपनी चूत को चुदवाकर आता है.
तभी उन्होंने इतना कहकर तुरंत मुझे खींचकर सोफे पर बैठा दिया और मेरे होंठ चूसने लगी, मुझसे भी अब रहा नहीं गया और में उनके बूब्स दबाने लगा, उन्होंने अपनी टी-शर्ट को उतार दिया. फिर मैंने अब उनसे कहा कि यह क्या? अगर मामी आ जाएगी तो?
ऋतु दीदी : अरे मम्मी अभी माता के दर्शन को दूसरे गावं गई हुई है और वो दोपहर को आएगी.
दोस्तों मुझसे इतना कहकर उन्होंने अपनी ब्रा को भी उतार दिया और मेरा चेहरा अपने दोनों हाथों में लेकर अपने बूब्स पर दबाने लगी, में भी उनके बूब्स चूसने, दबाने और काटने लगा. अब उन्होंने जल्दी से अपनी पेंट और पेंटी को भी उतार दिया और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि चल अब जल्दी से इसमें तेरा लंड डाल दे तो में तुरंत उन पर चड़ गया और मैंने अपना लंड, चूत के मुहं पर रखकर धीरे से धक्का देकर अंदर डाल दिया और मेरा लंड बिना किसी रुकावट के फिसलता हुआ सीधा अंदर चला गया.
दोस्तों तब मैंने महसूस किया कि कई बार चुदने की वजह से उनकी चूत पूरी तरह से खुल चुकी थी और उसकी वजह से मेरा लंड अब बहुत आराम से अंदर बाहर हो रहा था और लगातार धक्के देकर चोदने लगा, वो अब धीरे धीरे मोन कर रही थी, औहह ऊहग अहह्ह्ह्हह हाँ और ज़ोर से चोदो मेरी प्यासी चूत को आहहऊओह उहहएम्मउूउउ. कुछ देर धक्के देने के बाद वो अब अपनी चूतड़ को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी, लेकिन पहले से बहुत गरम होने की वजह से में कुछ देर की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद अंदर ही झड़ गया.
फिर वो तुरंत उठ गई और फिर उन्होंने मेरा लंड अपने मुहं में लेकर लंड को अच्छी तरह से चाट चाटकर साफ किया और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि खाना खाने के बाद आज तुम एक बार मेरी गांड भी मारना और अब उन्होंने बिना ब्रा और पेंटी के अपने कपड़े पहन लिए, दीदी को आवाज देकर नीचे बुलाया और फिर हम तीनों एक साथ बैठकर खाना खाने लगे.
फिर जब खाना खाने के बाद मेरी दीदी टी.वी. देख रही थी, तब ऋतु दीदी ने मुझे आँख मारकर किचन में बुलाया और वो वहां पर पूरी नंगी हो गई, उन्होंने मुझे भी नंगा कर दिया और फिर मेरे सामने झुककर किचन की पट्टी को पकड़कर उन्होंने अपनी गांड को मेरे सामने करते हुए मुझसे कहा कि अब जल्दी से तू मेरी गांड मार. दोस्तों वैसे पहले तो में उनकी इस हरकत से बहुत आश्चर्यचकित हुआ, लेकिन मुझे बस अब वो बड़ी आकार की गांड के सामने कुछ भी नजर नहीं आ रहा था, में बाहर कुछ दूरी पर बैठी हुई अपनी दीदी को भी भूल गया.
फिर मैंने अपना लंड पूरा ज़ोर लगाकर धक्का देते हुए अंदर डाल दिया और उस दर्द की वजह से वो छटपटाने लगी, लेकिन अपना मुहं बंद रखा. फिर में कुछ देर रुककर धीरे धीरे आगे पीछे करके गांड मारने लगा और फिर कुछ देर के धक्कों के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये, तब हमने अलग होकर देखा कि मेरी दीदी हमे छुपकर देख रही है, उनकी सलवार थोड़ी नीचे थी और चूत पर एक हाथ भी था और वो हमे देखकर अपनी सलवार पहनकर वहां से भाग गई.
अब में और ऋतु दीदी भी ऊपर वाले कमरे में चले गए और मैंने देखा कि बेड पर बैठकर सोना दीदी अपनी सलवार और पेंटी नीचे करके अपनी चूत में उंगली डालकर बैठी हुई थी. मुझे यह सब देखकर रहा नहीं गया और में बेड पर गया और दीदी की उंगली को चूत से बाहर निकालकर उनके मुहं में डाल दिया और मैंने अपना मुहं उनकी चूत पर रख दिया, तभी ऋतु दीदी भी हमारे पास आई और वो दीदी को किस करने लगी. फिर उन्होंने अपना एक बूब्स पकड़कर सोना दीदी के मुहं में दे दिया और हम बहुत फ्री हो चुके थे.
अब ऋतु दीदी सोना दीदी की चूत चाट रही थी और में उठ गया और मैंने दीदी की कमीज़ को उतार दिया और जैसे ही उनके बूब्स बाहर आए तो में उन पर टूट पड़ा. फिर ऋतु दीदी उठी और वो मेरा लंड चूसने लगी. फिर दीदी भी आई और वो भी लंड चूसने लगी, हम दोनों एक दूसरे को भी बीच बीच में किसिंग कर रहे थे. फिर ऋतु दीदी की चूत में मैंने अपना लंड डाल दिया और चोदना शुरू कर दिया, उसी वक्त सोना दीदी ऋतु दीदी के बूब्स चूसने लगी.
फिर ऋतु दीदी झड़ गयी और में फिर भी उनको धक्के देकर चोद रहा था, आअहह दीदी तुम्हारी चूत वाह आआहह क्या मस्त चूत है दीदी आअहह ऋतु दीदी आअहह ऊऊहह.
ऋतु दीदी : अह्ह्ह उह्ह्ह हाँ और ज़ोर से चोदो, तुम बहुत अच्छा चोदते हो, उह्ह्ह मज़ा आ गया.
ऋतु दीदी एक बार फिर से झड़ गई और कपड़े पहनकर बैठ गई. फिर उन्होंने कहा कि अब तुम दोनों चुदाई करो और जी भरकर मज़े लो, मम्मी के आने का वक्त हो गया है और में बाहर नज़र रखती हूँ, बाहर अगर मम्मी आई तो में तुम्हे बता दूँगी. फिर मैंने और सोना दीदी ने कहा कि ठीक है.
में : क्यों दीदी शुरू करे?
दीदी : ( शरमाते हुए ) हाँ अब शुरू हो जा.
फिर दीदी बिल्कुल सीधी लेट गई और में उन पर चड़कर उनके बूब्स चूसने लगा.
दीदी : आअहहा हहाऊओह ऊहह ह्म ऊहह ऑश ईआहह हाँ और ज़ोर से दबाओ, निकाल दो मेरा सारा दूध मेरे बूब्स से.
फिर मैंने उनके होंठ भी चूसे और मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाला और जो बहुत आसानी से फिसलता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया तो मैंने दीदी से पूछा कि क्यों यह कैसे हुआ?
दीदी : वो आकाश.
में : हाँ में समझ गया दीदी मुझे सब पता है, लेकिन मुझे यह सब नहीं पता था कि आपने कभी उसके साथ सेक्स भी किया है?
फिर में ज़ोर ज़ोर से लगातार धक्के लगाने लगा.
दीदी : आअहह ऊहह हाँ और ज़ोर से चोदो मेरी चूत को आज तुम बिल्कुल शांत कर दो, ऑश आअहह आअहह उुउउहह ऊओहऑश मैंने कभी तेरे बारे में उह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सोचा नहीं था कि मेरा ही भाई मेरी चूत मारेगा, आअहह हाँ और ज़ोर से चोद मुझे.
में : उह्ह्ह हाँ दीदी, लेकिन अब में झड़ने वाला हूँ, आअहह.
दोस्तों में दीदी की चूत में झड़ गया.
दीदी : कोई बात नहीं हमेशा की तरह में गर्भनिरोधक गोली खा लूँगी, आकाश के साथ सेक्स करते वक़्त भी मैंने कई बार गोली खाई है.
में : अच्छा, अब मुझे आपकी गांड मारनी है दीदी, प्लीज़ मना मत करना.
दीदी : मेरे भाई, लेकिन आकाश ने मेरी गांड भी कई बार मारी है, कोई बात नहीं फिर भी तुम मार लो.
में : हाँ दीदी में आपकी गांड का बहुत दीवाना हूँ, मुझे बस आपके चूतड़ में ज़िंदगी भर अपना सर घुसाकर सोना है.
फिर मैंने अपने होंठ दीदी की गांड के होल पर रखकर जी भरकर चाटा. अब दीदी मचल मचलकर अपनी गांड मेरे मुहं में दबा रही थी. फिर मैंने दीदी से लंड चुसवाया और दीदी की गांड में लंड डाल दिया और फुल स्पीड से धक्के मारने लगा.
दीदी : आअहहहहा उउउइई माँ आआहह हाँ बहुत अच्छे ऐसे ही चोदो मुझे आससस्स एेआअहह.
फिर में उनकी गांड में झड़ गया और हम कपड़े पहनकर बाहर आ गए. फिर कुछ ही देर में मामी भी आ गई. दोस्तों हम एक हफ्ते तक मामा के घर पर थे और रोज़ हम तीनों मिलकर सेक्स करते थे और अभी भी दीदी और में घर पर सेक्स करते है.
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