मेरी तड़प और दोस्तों की अय्याशी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रिकी है और में 23 साल का हूँ, मेरी बॉडी स्लिम और स्किन फेयर है, इसी वजह से मेरे दोस्त मुझे लड़की बुलाते थे और मुझे छेड़ते थे और मुझे धीरे-धीरे लड़को में रूचि आने लगी, मेरी छाती और बॉडी पर बाल नहीं है, इसलिए कुछ लोग मुझे चिकनी लड़की भी कहते थे.
ये स्टोरी तब कि है जब में 12वीं क्लास में पढ़ता था और में अपने पेरेंट्स का एक ही लड़का हूँ, मेरे पापा की मौत के बाद मुझे और माँ को सरकारी क्वॉर्टर छोड़कर दिल्ली आना पड़ा. मेरी माँ का नाम उर्मिला है और वो हाउसवाईफ है, उनकी उम्र 35 साल है, उनका फिगर 36-32-38 है, स्किन गोरी है और हाईट 5 फुट 5 इंच है.
अब हमारी घर की स्थिति कमजोर हो गई थी तो माँ ने एक नर्सिंग होम में नर्स की जॉब कर ली. फिर कुछ दिनों में नर्सिंग होम वालों की मदद से हमें दो कमरों का घर मिल गया, अब में और माँ वहीं रहने लगे. वो जगह नर्सिंग होम के पास ही थी, अब में कभी-कभी माँ के साथ में नर्सिंग होम जाता था.
फिर एक दिन मैंने देखा कि दो वार्डबॉय मेरी माँ के बारे में कुछ बात कर रहे हैं तो में चुपचाप जाकर उनकी बातें सुनने लगा. फिर उनमें से एक बोला साली ये उर्मिला रोज़ मेरे लंड को तड़पाती है तो दूसरा बोला क्यों भाई? इसने क्या कर दिया? तो पहले ने कहा कि अरे साली को 2 महीने से दाना डाल रहा हूँ, लेकिन अभी तक बस बूब्स दबाने को मिले हैं.
फिर दूसरा बोला भाई मुझको तो साली देखने भी नहीं देती है, तो पहला बोला कि अरे कब तक बचेगी एक दिन में इसकी चूत और गांड को ज़रूर चोदूंगा, तो दूसरे ने बोला कि भाई जब तुझे मिल जाए तो मुझे भी दिलवा देना.
अब में ये सब सुनकर दंग रह गया, अब मुझे अजीब सा लग रहा था. मैंने कभी पहले ऐसा माँ के लिए नहीं सुना था. अब वो दोनों बात ही कर रहे थे कि उन्होंने मेरी माँ को आते देखा, अब में खिड़की से सब सुन और देख रहा था.
फिर माँ कमरे में आईं और बोली कि ठाकुर मेरा बेटा यहाँ नर्सिंग होम आया है, तुमने उसे इधर कहीं देखा है. फिर उनमें से जो ठाकुर था तो उसने माँ को गाली देते हुए कहा कि साली तुने मुझे क्या समझा हुआ है? में तेरे बेटे को देखता रहूँ तो माँ चुप होकर जाने लगी. तभी उसने माँ से बोला कि मैंने तुझे जो 1500 रुपये दिए थे, वो वापस कब देगी?
माँ ने कहा कि सैलरी मिलते ही दे दूँगी. फिर वो माँ के पास आ गया और बोला कि नहीं मुझे अभी चाहिए तो माँ ने उसे बोला कि मेरे पास अभी नहीं हैं और तुमने बहुत पी रखी है.
फिर उसने बोला कि हाँ और मेरे पैसे वापस कर अभी, नहीं तो में तुझे जाने नहीं दूँगा और ये कहकर उसने दूसरे वार्डबॉय को जाने को कहा. उसकी बॉडी थोड़ी बहुत तगड़ी थी और उसे देखकर लग रहा था कि वो सभी वार्डबॉय का लीडर है. अब दूसरा वार्डबॉय चुपचाप वहाँ से चला गया है और अनीश ने कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया और माँ से बोला कि साली अब बता देती है पैसे.
फिर माँ ने बोला कि अभी मेरे पास नहीं है. फिर उसने माँ से बोला कि अच्छा चल ठीक है, आज मेरी एक तमन्ना पूरी कर दे, मुझे तुझे अभी चोदना है. फिर माँ ने बोला कि अरे ये क्या कह रहे हो अनीश? फिर उसने बोला कि साली नाटक मत कर तुझे इतने दिन से दाना डाल रहा हूँ और उस दिन तो तूने अपने बूब्स भी दबवाये थे, जब तू पैसे लेकर गई थी.
फिर माँ ने बोला कि प्लीज मुझे जाने दो, मेरा लड़का यहाँ पर ही है वो देख लेगा. फिर उसने बोला कि चुपकर साली अपने कपड़े उतार और ये बोलकर उसने माँ को पीछे से पकड़ लिया और ब्लाउज के ऊपर से ही माँ के बूब्स दबाने लगा. अब माँ उससे छूटने की कोशिश करने लगी, इतने में उसने माँ का ब्लाउज खोल दिया और ब्रा निकाल दी.
अब ब्रा के निकलते ही उनके दो बड़े-बड़े, गोरे बूब्स बाहर आ गये. अब ये देखते ही मुझे कुछ होने लगा था, पता नहीं क्यों? लेकिन अब मुझे मज़ा आने लगा था. मैंने पहले कभी माँ को ऐसे नहीं देखा था, अब उनके दोनों बूब्स चमक रहे थे. फिर अनीश माँ के बूब्स को अपने हाथ में लेकर दबाने लगा, अब माँ कुछ भी नहीं कर पा रही थी.
फिर कुछ देर तक दबाने के बाद उसने माँ को पलट दिया और उनके बूब्स चूसने की कोशिश करने लगा. फिर माँ ने उसको बोला कि ऐसे जल्दी-जल्दी में कुछ नहीं हो पायेगा और कोई आ भी सकता है, तुम मेरे घर पर आकर करना जो भी करना आराम से बिस्तर पर करना.
अब ये सुनते ही में समझ गया कि माँ क्या चाहती है? फिर उसने बोला कि घर पर तो तेरा लड़का रहता है, उसका क्या? तो माँ ने बोला कि में उसे स्कूल में डलवा रही हूँ, फिर घर खाली रहेगा. अब ये सुनते ही अनीश की आँखों में चमक आ गई और उसने माँ को अपनी पकड़ से आज़ाद कर दिया.
फिर माँ ने अपनी ब्रा पहनी और ब्लाउज पहनकर जाने लगी. तभी अनीश ने बोला कि यहीं पास में एक लड़को का सरकारी स्कूल है वहीं डलवा दे अपने लड़के को. फिर माँ ने बोला कि ठीक है और मुझे लड़को के सरकारी स्कूल में डलवा दिया गया.
इस सबके बाद मेरे मन में अजीब सी हलचल होने लगी, उस दिन के बाद से में माँ को अलग नज़र से देखने लगा. अब में कभी-कभी अपनी माँ को नंगे नहाता हुआ देखता, लेकिन मुझे औरतो से ज़्यादा मर्दों में रूचि होने लगी थी. फिर ऐसे ही 1 महीना बीत गया, अब में स्कूल जाने लगा था. में 10वीं क्लास में था और मेरी क्लास में सब लड़के थे, क्योंकि वो लड़को का सरकारी स्कूल था.
अब वहाँ कुछ लड़के मुझसे काफ़ी बड़े भी थे, क्योंकि वो एक ही क्लास में दो तीन बार फैल हो चुके थे. उनमें से दो थे, जितेन्द्र जिसे सब जीतू भाई बुलाते थे और सौरभ, वो दोनों क्लास में डॉन की तरह रहते थे, जो कभी भी किसी से भी लड़ते रहते थे, सब लड़के उन दोनों से डरते थे.
उन दोनों की नज़र अभी तक मुझ पर नहीं पड़ी थी, क्योंकि जब से मेरा एडमिशन हुआ था, तब से वो दोनों स्कूल नहीं आए थे. फिर एक दिन वो दोनों स्कूल आए, जब में क्लास में पहुँचा तब तक वो आ चुके थे.
फिर मुझे देखते ही जीतू ने बोला कि ये साला कौन नया आया है? तो उसे किसी ने बताया कि मेरा न्यू एडमिशन है. फिर वो दोनों मेरे पास आकर बैठ गये और मुझसे बातें करने लगे. फिर मैंने उनको अपने बारे में बताया कि कैसे में और मेरी माँ दिल्ली आकर रह रहे है? फिर वो दोनों धीरे-धीरे मेरे दोस्त बन गये और में स्कूल में उनके साथ ही रहने लगा.
अब उन दोनों ने मुझे सब कुछ सिखा दिया था, दारू पीना, सिगरेट पीना, ब्लू फिल्म देखना और मुझे उन दोनों के साथ बहुत मज़ा आता था. वो दोनों एक नम्बर के ठरकी भी थे और हमेशा आंटीयो को छेड़ते रहते थे, वो दोनों मुझे कभी-कभी लड़कियों की तरह तैयार करके मेरे साथ नंगे होकर डांस करते थे.
फिर एक दिन जितेन्द्र ने मुझे अपने मोबाईल पर एक वीडियो दिखाया, जिसमें एक लड़का दो लड़को का लंड चूस रहा था. फिर जितेन्द्र बोला कि रिकी जानेमन अब तुझे भी यहीं करना है और ये बोलते ही उसने अपना लंड अपनी पेंट से बाहर निकाल लिया. अब उसका लंड देखकर मेरी आँखे फटी की फटी रह गई, उसका लंड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था, मेरा लंड तो उसके सामने बच्चा था.
फिर उसने मुझे घुटने पर बैठने को कहा और अपना लंड चूसने को बोला तो में चुपचाप बैठकर उसका लंड चूसने लगा. अब में उसका लंड चूस ही रहा था कि तभी रूम में सौरभ भी आ गया, उसने मुझे ऐसे देखा तो वो हंसकर जीतू से कहने लगा कि अरे तूने इसे आज ही काम पर लगा दिया तो जीतू बोला कि हाँ यार अब रहा नहीं जा रहा था.
फिर मैंने सौरभ को देखते ही जीतू का लंड अपने मुँह से बाहर निकाल लिया और सौरभ को हाय बोला, तो उसने मेरी गांड पर एक थप्पड़ मारा और बोला कि बहनचोद चूसता जा, अभी इसके बाद तुझे मेरा भी लंड चूसना है.
अब उन दोनों ने मुझे नंगा करके बिस्तर पर लेटा दिया और मुझे घोड़ी बनाकर अपना अपना लंड मेरे सामने रख दिया. अब मुझे और मज़ा आने लगा था, अब में उन दोनों के लंड बारी-बारी चूसने लगा था. फिर थोड़ी देर के बाद जीतू बोला कि अब मुझे इसकी गांड मारनी है और बिस्तर पर चढ़ गया.
फिर उसने अपना लंड मेरी गांड के छेद में सटाया ही था कि मैंने बोला कि जीतू भाई थोड़ा सा तेल लगा दो नहीं तो मुझे बहुत दर्द होगा. फिर उसने पास में ही पड़ी वैसलिन क्रीम निकाल कर मेरी गांड के छेद पर लगा दी और अपना लंड मेरी गांड मे डालते हुए बोला कि पहले कभी गांड में लंड लिया है क्या? तो में बोला कि हाँ एक बार एक अंकल ने मुझे चोदा था.
फिर वो बोला कि साले में चुदवाने की बहुत गर्मी है और अपना लंड मेरी मुलायम गांड में डाल दिया. अब उसका लंड मेरी गांड में आधा ही गया था कि मेरी चीख निकल गई. फिर उन दोनों ने मुझे बारी-बारी से चोदा और तब से में उनकी रंडी बन गयी. अब उन दोनों को जब भी मौका मिलता तो कभी स्कूल में या सौरभ के फ्लेट पर तो वो दोनों मुझे चोदते और मुझसे अपना लंड चुसवाते थे.
इस तरह 3 महीने बीत गये. अब में अपनी माँ के साथ अकेला दो कमरों के घर में रहता था. फिर एक दिन पेरेंट्स मिटिंग थी तो मेरी माँ स्कूल आई. फिर टीचर से मिलने के बाद सौरभ और जीतू मेरे पास आए और मुझे माँ से उन्हें मिलवाना पड़ा. अब जीतू तो माँ को देखता ही रह गया. फिर कुछ देर के बाद हम घर चले गये.
फिर अगले दिन स्कूल की टॉयलेट में जीतू ने मुझे बुलाया और मेरे आते ही मुझे अंदर ले जाकर सौरभ को बुलाया. फिर सौरभ के आते ही उन दोनों ने टॉयलेट का दरवाजा बंद कर दिया और जीतू ने मुझे घुटने पर बैठा दिया और अपना लंड निकाल कर मुझसे चूसने को कहा.
फिर मैंने उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा. अब में जीतू का लंड चूस ही रहा था कि सौरभ ने अपनी जेब से मोबाईल निकाला और मेरा वीडियो बनाने लगा. फिर जीतू ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाला और मुझसे बोला कि तेरी माँ का क्या नाम है? तो में बोला कि उर्मिला.
फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह डालते हुए बोला कि तेरी माँ बहुत हॉट हैं और में उसको चोदना चाहता हूँ. अब में ये सुनकर हैरान रह गया और बोला कि ये क्या कह रहे हो जीतू? तो उसने मुझे एक थप्पड़ मारा और बोला कि हाँ मादरचोद सही कह रहा हूँ, ऐसी माल को कोई जाने देता है क्या? तो में बोला कि मेरी माँ बहुत सीधी है और वो ये सब नहीं करती है.
फिर जीतू बोला कि अरे सब करती हैं और मैंने बहुत को चोदा है समझा, अब तू हमारी दोस्ती अपनी माँ से करवा, नहीं तो ये वीडियो पूरे स्कूल में बाँट देंगे और तेरी माँ को भी दिखायेंगे. अब में कुछ भी नहीं कर सकता था, क्योंकि वो दोनों मुझसे बड़े और तगड़े थे.
फिर मैंने बोला कि ठीक है. फिर हम टॉयलेट से बाहर आ गये. अब में अपना मुँह पोंछ रहा था कि तभी सौरभ मेरी गांड पर थप्पड़ मारते हुए बोला कि आज साले की गांड नहीं मारी, तो जीतू बोला कि कोई बात नहीं इसको शाम को घर बुला ले, वहीं पर इसकी गांड मार लेते हैं और मुझसे अपनी माँ की ब्रा और पेंटी लाने को बोला और वहीं पर इसकी माँ को चोदने का प्लान भी बनाते है. दोस्तों ये थी मेरी लंड की तड़प जो मुझे यहाँ तक ले आई.
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बस में मिली मजेदार सेक्सी आंटी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोनक है और आज में आप सभी को अपना पहला सच्चा सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ. यह मेरा सच्चा और कभी ना भुलाने वाला अनुभव था और में आशा करता हूँ कि यह आप लोगो को जरुर पसंद आएगा.
दोस्तों में गुड़गांव में रहता हूँ और में दिखने में एकदम ठीक हूँ और मेरी हाईट 5.6 और में हर दिन जिम जाता हूँ, मेरी उम्र 18 साल है. दोस्तों में सच कहूँ तो मैंने आज तक कभी भी सेक्स नहीं किया और मेरा मन तो बहुत करता है, लेकिन मुझे आज तक कोई भी नहीं मिली जिसके साथ में सेक्स कर सकता और अब में अपनी कहानी शुरू करता हूँ.
दोस्तों यह बात उस दिन की है जिस दिन में कुछ ज़रूरी काम से गुड़गांव से रेवाड़ी जा रहा था और मेरे मामा ने मेरी टिकट एक वोल्वो बस में बुक करा दी थी. मैंने रात के 9 बजे बस पकड़ी और मैंने देखा कि उस बस में ज़्यादा लोग नहीं बैठे थे, क्योंकि वो बस बहुत महंगी थी, आगे की तरफ कुछ जोड़े बैठे हुए थे और साथ में उनके माता पिता भी थे और बीच में और आखरी सीट पर एक छोटा सा परिवार था.
फिर कुछ ही आगे चलकर वो बस रुकी और उसमे कुछ और लोग चड़ने लगे और एक जोड़ा जिसमे एक आदमी, उसकी पत्नी और उनके दो बच्चे भी थे. एक लड़का जो चार साल का था और उसकी एक तीन साल की लड़की थी वो आकर बैठ गए उन लोगो की सीट मेरे पास में थी और अब बस दोबारा चलने लगी और अब वो औरत थोड़ा झुककर अपने बेग को सीट के नीचे रख रही थी और उसका आदमी बहुत आराम से सीट पर बैठ गया था और उसके वो दोनों बच्चे पीछे सीट पर बैठे हुए थे.
तभी अचानक से मेरी नज़र उस पर पढ़ी, उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा हुआ था और उसके वो प्यारे प्यारे बूब्स मेरी आखों में समा गये थे और मैंने एक पल के लिए भी उनसे अपनी निगाह नहीं हटाई में लगातार उसके बूब्स को घूर घूरकर देखता रहा.
फिर उसने मेरी इस बात पर गौर किया और फिर सेट करते ही वो अपनी सीट पर बैठ गयी. उसने काली कलर की साड़ी पहनी हुई थी और वो क़यामत ढा रही थी. उसका फिगर करीब 36-28-38 होगा, पतला शरीर और वो बहुत गोरी थी. उसने अपनी साड़ी भी नाभि के नीचे बांध रखी थी.
फिर हम सभी एकदम चुपचाप बैठे हुए थे और में अपना मोबाईल निकालकर उससे गाने सुन रहा था. उसका पति कांच वाली सीट पर बैठा था और वो उसके पास में और उसके बच्चे पीछे वाली सीट पर बैठे हुए थे. तभी अचानक से उसकी बच्ची रोने लगी कि उसको खिड़की वाली सीट पर बैठना है, लेकिन वो बच्चा उसकी बात नहीं मान रहा था और उसका पति खिड़की वाली सीट पर बहुत देर पहले ही सो गया था. अब मैंने उन्हे कहा कि आप अपनी बच्ची को मेरी खिड़की वाली सीट पर बैठा दो तो उसने पहले मना किया कि आप क्यों हट रहे हो?
मैंने उन्हें समझाया कि बच्चों का दिल कभी नहीं तोड़ते और में पास की सीट पर बैठ गया और मैंने उसकी बच्ची को उस सीट पर बैठा दिया और मैंने उसकी बच्ची को बहुत खुश किया, मतलब मैंने उसे स्नेक्स खिलाया और बिस्किट दे दिया. अब मुझसे उसकी माँ भी बहुत खुश हो गयी थी. फिर उसने मुझसे पूछा कि आप कहाँ जा रहे हो?
मैंने कहा कि रेवाड़ी और उसने भी कहा कि वो लोग भी रेवाड़ी के पास ही जा रहे है. अब मैंने उससे आगे भी बातें करने की सोची और मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने मुझे अपना हेमा बताया और फिर हमारी बातचीत शुरू हुई.
हेमा : क्यों आप रेवाड़ी में कहाँ पर जा रहे हो?
में : मेरे मामा का कुछ प्रॉपर्टी का काम रुका हुआ है, में उस सिलसिले में आया हूँ.
हेमा : अच्छा तो आप करते क्या हो?
में : (मैंने मज़ाक में उनसे कहा कि) में सबको खुश करता हूँ.
हेमा : उसने मुझे बहुत प्यार से देखते हुए अपनी सुरीली आवाज से मुझसे पूछा कि कैसे खुश करते हो?
में : अरे वो तो मैंने आपसे ऐसे ही मजाक में कहा था, मेरी अब स्कूल की पढ़ाई खत्म हो गई और अब में आज कल एकदम फ्री हूँ.
हेमा : वाह बहुत अच्छा हुआ कि मुझे आपका साथ मिल गया वरना में तो अकेले बैठे बैठे बहुत बोर हो रही थी और मेरे पति भी बैचारे सो गये है.
में : हाँ वो बैचारे इतनी मेहनत का काम जो करते होंगे.
फिर उसने मेरी यह बात सुनकर मुझे एक सेक्सी सी स्माइल दी, शायद वो मेरी बातों का मतलब बहुत अच्छी तरह से समझ गई थी और उतने में उसकी बेटी भी सो गई थी. फिर मैंने उससे कहा कि देखो अब आपकी बेटी भी मेरे पास आकर बहुत आराम से सो चुकी है, उसने देखा और मेरी तरफ पूरी तरह से झुकते हुए उसने मुझसे कहा कि लाईये में उसे पीछे वाली सीट पर सुला देती हूँ.
दोस्तों जब में उसे उसकी बेटी को दे रहा था तब मेरा एक हाथ उसके मुलायम झूलते हुए बूब्स से छू गया और मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ और मुझे ऐसा लगा कि जैसे कि वो भी अब एकदम गरम हो चुकी है और उसने भी अपने बूब्स पर मेरा हाथ महसूस किया और अपनी बच्ची को मुझसे लेकर उसने पीछे वाली सीट पर लेटा दिया और अब तक रात बहुत हो चुकी थी और बस की सभी लाईट भी बंद थी और आगे पीछे की सीट के सभी लोग सोए हुए थे.
अब में अपने मोबाईल पर गाने सुनने लगा तब उसने मुझसे आग्रह करते हुए कहा कि वो भी गाने सुनना चाहती है क्योंकि उसे भी अब नींद नहीं आ रही थी. अब में उसकी यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुआ और मैंने उसे एक कान की लीड निकालकर उसे दे दी हम लोग थोड़ा दूरी पर बैठे हुए थे तो इसलिए उसके कान की लीड बार बार उसके कान से निकल रही थी इसलिए मैंने उससे मेरे पास वाली सीट पर बैठने को कहा तो उसने मुझसे तुरंत हाँ कहा और सबसे पहले अपने पति को थोड़ा हिलाकर देखा कि वो सो रहा है या नहीं?
और उसके बाद वो मेरे पास में आकर बैठ गई. उस समय में बहुत प्यार भरे गाने सुन रहा था जिसकी वजह वो अब और भी जोश में आकर गरम हो रही थी और फिर मैंने उस सही मौके का पूरा पूरा फायदा उठाना शुरू किया. सबसे पहले मैंने धीरे धीरे अपना एक हाथ उसके हाथ पर छुआ, लेकिन उसने मेरे छूने का कोई भी विरोध नहीं किया तो मैंने भी अब बिल्कुल टेंशन फ्री होना शुरू किया और मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए झट से उसकी जांघ पर हाथ रख दिया.
अब उसने मेरी बात का थोड़ा ऐतराज़ जताया और एक स्माइल देकर बैठ गई. फिर थोड़ी देर बाद वो उठ रही थी, लेकिन वैसे ही मैंने उसे पकड़ लिया और उसके बूब्स को प्यार से दबाने लगा. फिर उसने मुझसे मना किया कि प्लीज यह सब यहाँ पर मत करो, कोई देख लेगा तो बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी.
फिर मैंने उससे कहा कि यहाँ पर हमें कोई नहीं देखेगा क्योंकि अंधेरा बहुत है और सब लोग सो रहे है. मेरे कुछ देर समझाने के बाद वो मान गई और अब मैंने उसकी साड़ी का पल्लू पूरा हटा दिया और ब्लाउज के ऊपर से ही उसके दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा, जिसकी वजह से वो मोन करने लगी.
फिर मैंने उसके होंठो पर किस किया और वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और फिर उसने मुझसे कहा कि तुम्हे जो कुछ भी करना है अब थोड़ा जल्दी जल्दी करो, वरना मेरा पति उठ जाएगा. फिर मैंने तुरंत उसे सीट पर लेटा दिया और उसकी साड़ी को पूरा ऊपर उठा दिया और जल्दी से पेंटी को नीचे किया तो मैंने देखा कि उसकी चूत अब बिल्कुल गीली हो चुकी थी और उसकी चूत पर थोड़े थोड़े बाल भी थे.
अब मैंने सकिंग करना शुरू किया और वो मेरे बाल नोचने लगी और वो मेरा मुहं अपनी चूत पर अपना पूरा दम लगाकर दबाने लगी जैसे वो मुझसे चाह रही हो कि में आज उसकी रसीली चूत को खा जाऊँ.
फिर कुछ देर चाटने चूसने के बाद उसने एक बार फिर से अपनी चूत का पानी छोड़ा और मैंने वो पूरा चाट लिया. अब मैंने उससे मेरा लंड अपने मुहं में लेकर चूसने को कहा तो उसने मुझसे साफ मना कर दिया कहा कि उसको ऐसा करने से उल्टी आ जाएगी और इसलिए मैंने उसकी यह बात सुनकर उससे ज्यादा कुछ नहीं कहा, क्योंकि ज्यादा जबरदस्ती करने से सेक्स में कभी भी मज़ा नहीं आता और हम लोग उस मज़े को ले नहीं पाते और वैसे सेक्स तो प्राक्रतिक होता है उसके बहुत मज़े करो और उसे महसूस करो.
फिर उसने मेरा लंड मेरी पेंट से बाहर निकाला जो कि अब तक बिल्कुल खड़ा हो चुका था और हाँ एक बात और बता दूँ कि मेरा लंड बचपन से ही थोड़ा सा टेढ़ा है फिर उसने मेरे लंड को पकड़कर बहुत ही अच्छी तरह से हिलाना शुरू किया, लेकिन कुछ देर हिलाने के बाद में झड़ने वाला था और फिर मैंने अपना सारा वीर्य उसकी साड़ी पर निकाल दिया.
फिर कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि हम दोनों यहाँ पर सेक्स नहीं कर सकते, क्योंकि उसके पति उठ जाएगें और उनके अलावा भी बस में बहुत सारे लोग और भी है. फिर उसने मुझसे पक्का वादा किया है कि हम एक बार फिर से जरुर मिलेगें और तब हम एक बार जरुर सेक्स करेंगे और उसने फिर मेरा मोबाईल नंबर ले लिया और मुझसे कहा कि वो मुझे कॉल कर लेगी.
फिर मैंने भी उससे उसका नंबर माँगा तो उसने मुझसे कहा कि वो अपने घर पर पहुंचकर एक नई सिम लेगी और उससे मुझे फोन करेगी, क्योंकि अभी उसके पास कोई भी फोन नहीं था और उसके बाद उसने मुझे एक बहुत लंबा सा स्मूच किया और अपने कपड़े ठीक करके वो चुपचाप जाकर अपनी सीट पर बैठ गई. उसके कुछ देर बाद ना जाने कब उसके सेक्सी बूब्स गांड के बारे में सोच सोचकर सो गया.
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बेंक मैनेजर के साथ सुहागरात

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम हर्ष है और में आज आप सभी को एक बहुत कमाल की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसमें एक 38 साल की औरत एक 21 साल के लड़के के साथ गुलछर्रे उड़ाती है और उसके साथ अपनी चूत चुदाई के बहुत जमकर मज़े लेती है और अपनी प्यासी चूत को उसके लंड से चुदवाकर शांत करती है और अब में उस घटना को थोड़ा विस्तार से आपको बताता हूँ.
दोस्तों में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को बहुत पसंद आएगी. दोस्तों यह बात मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की है और वहीं पर नौकरी करता हूँ. में दिखने में एकदम ठीक ठाक 21 साल का लड़का हूँ और मेरे लंड की लम्बाई 7 इंच है.
दोस्तों मैंने अपनी 21 की उम्र तक किसी के साथ सेक्स नहीं किया था और कुछ समय पहले मेरी एक गर्लफ्रेंड थी, लेकिन उसकी एक रोड़ दुर्घटना में मौत हो गई थी और तब से मेरी लाईफ रुक सी गई और में बहुत दुखी होकर अपनी नौकरी पर चला गया. दोस्तों यह बात मेरी छुट्टियों के समय की है जब में अपने घर पर लोटा था तो मैंने देखा कि मेरे घर के आस पास सब कुछ बदल सा गया है, क्योंकि में बहुत सालों के बाद अपने घर पर पहुंचा था और अब सब नए नए लोग रहने आ गये थे. में अपने घर पर देर रात तक पहुंचा और बहुत थका होने की वजह से आकर सो गया.
फिर जब सुबह हुई और में सोकर उठा तो मैंने सोचा कि में पास के पार्क में घूमने चला जाता हूँ और वहां पर कोई भी मेरा पुराना दोस्त नहीं था, सब लोग बदल चुके थे और हर एक चेहरा मेरे लिए बिल्कुल नया नया था, क्योंकि में तीन साल से भोपाल में नहीं था और में अपनी पुराने दिनों को याद करते हुए टहलने लगा. तभी मुझे पार्क में एक आंटी दिखी, वो दिखने में एकदम सेक्सी आईटम लग रही थी.
उनका वो गदराया हुआ बदन मुझे उनकी तरफ बहुत आकर्षित कर रहा था और अब उन्हे देखकर मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा हो गया और वो आंटी दिखने में बिल्कुल मस्त थी और उनकी उम्र करीब 30 साल होगी और उनका फिगर तो ऐसा था कि किसी के भी लंड का वीर्य उन्हें सिर्फ देखने से ही निकल जाए, क्योंकि उनके बूब्स बहुत बड़े बाहर की तरफ झांकते हुए नजर आ रहे थे और उनके फिगर का आकार करीब 38 -35-40 और उनकी लम्बाई 5 फीट 2 इंच थी, लेकिन आप कुछ भी कहो दोस्तों थी वो एकदम पटाका माल. फिर मैंने अब मन ही मन सोचा कि क्यों ना में अब उनके साथ बात करके देखता करता हूँ और में थोड़ी सी हिम्मत करके उनके पास चला गया और फिर में उनसे बोला.
में : हैल्लो आंटी, क्या आप यहाँ पर हर रोज आते हो?
दोस्तों उस समय आंटी थोड़ा पैदल चलने की वजह से थककर पार्क की सीडी पर बैठी हुई थी और उनकी उखड़ती हुई तेज तेज चलती सांसे उनके बूब्स को कुछ ज्यादा ही ऊपर नीचे कर रही थी जिसकी वजह से मुझे उनके बूब्स का बहुत अच्छा नजारा दिख रहा था. मेरी नजर उनकी छाती पर थी और में लगातार घूर घूरकर देखता जा रहा था और अब वो मुझसे बोली..
आंटी : हाँ, में हर दिन सुबह के समय यहाँ पर आती हूँ.
में : वाह आंटी यह तो बहुत अच्छी बात है फिर तो हम हर दिन ऐसे ही मिला करेंगे.
आंटी : हाँ, लेकिन तुम हो कौन? जो मुझसे इस तरह मिलने की बात कह रहे हो और मैंने इससे पहले तुम्हे कभी यहाँ पर नहीं देखा, कहाँ रहते हो तुम?
में : जी हाँ में आपके लिए बिल्कुल नया हूँ, क्योंकि में पिछले तीन साल बाद यहाँ पर आया हूँ, में पास ही में रहता हूँ और यहाँ से बाहर निकलते ही कुछ दूरी पर मेरा घर है और में बाहर नौकरी करता हूँ.
आंटी : वाह तुम तो दिखने में बहुत अच्छे लगते हो और तुम बातें भी बहुत अच्छी कर लेते हो.
में : धन्यवाद आंटी और आप क्या ग्रहणी हो?
आंटी : नहीं नहीं में एक प्राईवेट बैंक में मैनेजर हूँ.
में : वाह आंटी बहुत अच्छा आप दिखने में भी बहुत अच्छी लगती हो और यह सब आपके हर दिन घूमने की वजह से है आपने अपने शरीर पर बहुत ध्यान दिया है.
आंटी : धन्यवाद, चलो अब मेरा घर पर जाने का समय हो गया है, ठीक है में अब चलती हूँ, मुझे फिर जल्दी से तैयार होकर अपने बैंक भी जाना है और भी बहुत सारे काम है.
में : हाँ, ठीक है आंटी में भी बस अब अपने घर पर ही जाने वाला हूँ, चलो हम साथ में चलते है.
फिर हम दोनों साथ साथ उस पार्क से घर के लिए गये और चलते चलते पता लगा कि हमारा घर पास में ही है दोस्तों मेरे घर के सामने वाला घर उन्होंने पिछले दो साल पहले खरीद लिया था और अब हमने एक दूसरे को बाय बोला और अपने अपने घर में चले गये. फिर में तो अपने घर पर जाकर सो गया और दोपहर को में उठा, खाना खाया और मुझे बैंक में चैक से पैसे निकलवाने थे इसलिए में बैंक में चला गया. फिर मैंने देखा कि वो आंटी जो सुबह मुझे पार्क में मिली थी वो उस बैंक की मैनेजर थी और अब आंटी ने भी मुझे अपने केबिन में बुलाया.
आंटी : क्यों तुम यहाँ पर कैसे, क्या तुम यहाँ पर मुझसे मिलने आए हो?
में : हाँ आंटी, आप कुछ यही समझ लो, वैसे मुझे एक काम भी था और मुझे चैक से पैसे निकलवाने थे.
आंटी : ठीक है लाओ दो मुझे अपना चेक, में अभी तुरंत तुम्हारे अकाउंट में डलवा देती हूँ.
में : धन्यवाद आंटी, वैसे आंटी आपने अब तक मुझे अपने बारे में कुछ भी नहीं बताया.
आंटी : क्यों तुमने भी तो मुझे अपने बारे में कहाँ बताया? पहले तुम अपने बारे में बोलो.
में : आंटी मेरा कोई नहीं है, क्योंकि मैंने अपना घर पांच साल पहले ही छोड़ दिया था. हाँ, लेकिन मुझे अपना कहने वाला पहले कोई एक था, लेकिन यह सब उस भगवान को मंजूर नहीं था कि वो मेरे साथ रहे और में उसके साथ बहुत खुश था और मुझे अपनी जिन्दगी उस समय बहुत अच्छी लगती थी.
आंटी : हाँ, लेकिन वो एक कौन था?
में : अब आपसे क्या छुपाना चार साल पहले मेरी एक गर्लफ्रेंड थी, लेकिन उसकी एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. मैंने उसे बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो फिर भी मुझे बिल्कुल अकेला छोड़कर चली गई और उसके चले जाने के बाद से में हमेशा के लिए बिल्कुल अकेला रह गया. अब मेरा इस पूरी दुनिया में कोई नहीं है.
आंटी : ओह, मुझे तुम्हारी यह बात सुनकर बहुत दुःख हुआ, तुम्हारे साथ ऊपर वाले ने बहुत बुरा किया, लेकिन कोई बात नहीं जिन्दगी हमे कोई ना कोई दूसरा मौका जरुर देती है, बस हमे उस मौके को अपनी जिन्दगी बनाना है. तुम्हे इतना उदास होनी की जरूरत नहीं है और तुम्हे भी जरुर कोई अच्छा मौका मिलेगा.
में : हाँ ठीक है आंटी अब आपकी बारी है मुझे अपने बारे में भी कुछ बता दो.
आंटी : हाँ ठीक है, मेरी भी हालत तुम्हारे जैसी ही है मेरा भी इस दुनिया में आगे पीछे कोई भी नहीं है. तुम्हारे अंकल ने मुझे दो साल पहले छोड़ दिया था और हमारी तलाक भी हो चुकी है. मेरी एक लड़की भी थी, लेकिन उसे भी उन्होंने केस जीतकर अपने साथ रख लिया और में अब बिल्कुल अकेली हो गई हूँ एकदम तुम्हारी तरह.
में : क्या आंटी? कोर्ट ऐसा कैसे कर सकती है? जबकी लड़की पर माँ का ज़्यादा हक़ होता है, उन्होंने आपके साथ कोई ना कोई धोखाधड़ी जरुर की है, ऐसा कभी नहीं होता जैसा आपके साथ हुआ है.
आंटी : हाँ, लेकिन तुम्हारे अंकल एक बहुत बड़े बिजनेसमेन है और उनके पास पैसों की कोई कमी नहीं है और उस बात का फायदा उठाते हुए उन्होंने मुझे कोर्ट के सामने एक धंधे करने वाली साबित कर दिया था और उन्होंने मेरे किसी दूसरे के साथ नाजायज रिश्ते साबित कर दिए और मैंने अपना सब कुछ खो दिया.
दोस्तों मैंने देखा कि अब आंटी की आँख में से बात करते समय दुःख के आँसू बाहर आ गये है और मेरी नज़रो में अब आंटी की इज्जत और भी ज्यादा बड़ गई थी. फिर कुछ देर बैठकर बात करने के बाद अब बैंक बंद होने वाला था तो मैंने उनसे कहा कि चलो आंटी में आपको घर तक छोड़ देता हूँ.
आंटी : हाँ चलो ठीक है और आज से तुम मेरे बहुत अच्छे दोस्त हो और तुम मुझे अब आंटी मत बोला करो, मेरा नाम बबिता है, लेकिन तुम मुझे प्यार से प्रिन्सेस बोल सकते हो.
दोस्तों बाईक चलते हुए आंटी ने पीछे बैठकर मुझसे यह सब कहा और मैंने भी उनका मन रखने के लिए उन्हें खुश करने के लिए कहा कि हाँ ठीक है प्रिन्सेस.
फिर उसके अगले दिन में सुबह उठकर पार्क के लिए जा रहा था कि तभी मैंने देखा कि मेरे घर के बाहर बबिता पहले से ही खड़ी खड़ी मेरा इंतजार कर रही है.
में : आप और यहाँ क्यों अभी तक पार्क में नहीं गये?
बबिता : हाँ मैंने सोचा कि क्यों ना हम साथ में चलते है.
में : ओह मुझे माफ़ करना मैंने आपको लेट किया, ठीक है चलो.
फिर हम दोनों वहां से पार्क में चले आए
बबिता : क्या आप मुझे अपनी बाइक पर मेरे बैंक तक छोड़ दोगे?
में : क्यों नहीं, आपको तो में बैंक लेने भी आ सकता हूँ क्योंकि अब आप मेरी दोस्त हो और में घर पर एकदम फ्री हूँ. कम से कम में यह तो में आपके लिए कर सकता हूँ.
बबिता : धन्यवाद.
फिर में कुछ देर घूमने के बाद प्रिन्सेस को उनके बैंक में अपनी बाईक पर लेकर आ गया तो उन्होंने मुझसे बोला कि आप मेरे घर रोज रात को खाना खाने आया करो, क्योंकि में खाना बहुत अच्छा बनाती हूँ और आपके साथ खाना खाने में मुझे बहुत ख़ुशी होगी.
में : हाँ ठीक है प्रिन्सेस.
दोस्तों अब हमने उस दिन से रोजाना साथ में बैठकर खाना खाया और में खाना खाकर कुछ घंटे उनसे बातें करके अपने घर पर चला जाता. हमारे बीच पूरे एक महीने तक हर दिन ऐसा ही चलता रहा. फिर एक दिन शाम को हमने साथ में बैठकर खाना खाया और फिर उसके बाद हम साथ में बैठकर टीवी भी देख रहे थे कि तभी एकदम से बबिता उठकर खड़ी हो गई और वो सीधा अपने रूम में चली गई.
फिर कुछ देर बाद मैंने मन ही मन सोचा कि ऐसा क्या हुआ होगा जो वो इस तरह से उठकर चली गई अब में भी चला गया, लेकिन मैंने बाहर खिड़की से अंदर झांककर देखा कि उस समय बबिता ब्लाउज और पेंटी में बैठी हुई थी और उसने अपनी चूत में एक मोमबत्ती डाल रखी थी और वो उस मोमबत्ती को लगातार धीरे धीरे अंदर बाहर कर रही थी.
दोस्तों में यह सब देखकर बहुत चकित हो गया और मुझे अपनी आखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था कि बबिता भी क्या कभी ऐसा कर सकती है, लेकिन वो यह सब क्यों कर रही थी और फिर में कुछ देर बाद उन सवालों को अपने मन में लेकर अपने घर पर चला गया, लेकिन अब मुझे यह सब देखने के बाद नींद भी नहीं आ रही थी और मुझे बस सपनों में भी बबिता और उसकी वो मोमबत्ती से चुदाई नज़र आ रही थी. अब मैंने रात भर उसके बारे में सोचा कि उसे भी एक अच्छे दोस्त के सहारे की बहुत ज़रूरत है और मुझे भी. फिर अगले दिन जब हम पार्क में जाने के लिए मिले तो मैंने उससे बोला..
में : क्यों आपको में कैसा लगा?
बबिता : आप अच्छे हो.
में : अब में चाहता हूँ कि हम दोनों को अब एक अच्छे दोस्त से और भी कुछ बनना चाहिए.
बबिता : आपका क्या मतलब है?
दोस्तों मैंने झट से उसका एक हाथ अपने हाथ से पकड़ते हुए उससे कहा.
में : में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ बबिता, देखो अब तुम मुझसे ना मत बोलना, मैंने कल रात को बहुत देर तक सोचा है कि आपको भी किसी सहारे की ज़रूरत है और मुझे भी और अब हम एक दूसरे के एक बहुत अच्छे दोस्त भी है. दोस्तों कुछ देर सोचने के बाद बबिता ने मुझे हाँ कह दिया. अब में और वो उसी दिन रात को घूमने बाहर चले गये.
फिर हमने बाहर एक अच्छी सी होटल में रात का खाना खाया और उसके बाद हम फिल्म देखने चले गये. हमने एक दूसरे का हाथ पकड़कर पूरी फिल्म देखी और फिर जब सड़क पर कोई नहीं था तो मैंने उसके होंठो पर किस भी किए, जिसकी वजह से वो पूरी तरह से गरम हो गई थी. फिर जब हम अपने घर पर आ रहे थे तो उसने मुझसे कहा कि आज तुम मेरे घर पर ही सोना, मुझे तुमसे कुछ काम है.
में : हाँ ठीक है मेरी जान.
फिर हम दोनों अपने घर पर पहुंच गये. मैंने अपनी बाईक को खड़ा और पास के एक मेडिकल से कंडोम का पैकेट ले लिया और फिर में बबिता के घर पर पहुंच गया. फिर जैसे ही मैंने दरवाज़ा बजाया तो तुरंत बबिता ने दरवाज़ा खोल दिया, जैसे कि वो मेरा ही इंतजार कर रही हो. अब मैंने देखा कि बबिता आज पहली बार मेरे सामने गाऊन पहनकर खड़ी हुई थी, वो गाऊन लाल कलर का थी और उससे साफ साफ पता चल रहा था कि बबिता ने ब्रा काली कलर की पहनी हुई थी और उसके एक हाथ में सिगार था जिसे वो बहुत मज़े ले लेकर पी रही थी.
में : वाह आपका यह गाऊन आपके ऊपर बहुत जंच रहा है और आप इसमे बहुत सुंदर लग रही हो.
फिर बबिता ने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और उसने सीधे मेरे होंठो पर किस किया, जिसकी वजह से मेरे मुहं में उसकी सिगार का धुंआ चला गया, लेकिन बहुत मज़ा आ रहा था. फिर पांच मिनट तक किस करने के बाद वो तुरंत मुझसे छूटकर बाथरूम में चली गई और में समझ गया कि बबिता अब झड़ने वाली है. फिर वो कुछ देर बाद बाथरूम से वापस आई और सीधे आकर मेरी गोद में बैठ गई, जिसकी वजह से मेरा तनकर खड़ा हुआ लंड उसकी गांड को छू रहा था.
फिर वो और भी जोश में आ गई और मेरे मुहं में अपना मुहं डालकर मेरे साथ चुम्माचाटी करने लगी. मैंने भी उसका पूरा पूरा साथ दिया और अब हम दोनों एक एक करके झड़ गये, वो दोबारा उठकर बाथरूम में चली गई और अपनी पेंटी को बदलकर आ गई. फिर में उसके आ जाने के बाद बाथरूम में गया और अपने लंड को अच्छी तरह से धोकर अंडरवियर पहनकर बेडरूम में आकर चुपचाप सो गया. फिर कुछ देर बाद वो आई और मेरे पास में लेट गई, कुछ देर बाद अचानक से वो उठी और उसने एक सिगरेट निकली और जलाई, फिर बहुत आराम से बेड पर बैठकर पीने लगी और फिर सो गई.
फिर अगले दिन रात के करीब 8 बज गये थे और में बबिता के घर पर चला गया. मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि बबिता उस समय ब्रा और पेंटी में दरवाज़ा खोलकर सिगार पीते हुए बैठकर ना जाने क्या सोच रही है?
में : क्या बबिता, क्या आज तुम मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो?
बबिता : हाँ मेरी जान, आज से में तुम्हारी ही बनना चाहती हूँ.
में : हाँ, में भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, तुम मुझे बहुत अच्छी लगी हो.
फिर मैंने दरवाज़ा बंद किया और अब हम टीवी देखते देखते लेपटॉप पर ब्लूफिल्म देखने लगे और अब हमारा सेक्स करने का मूड बन गया और सबसे पहले मैंने बबिता को एक फ्रेंच किस किया और करीब पांच मिनट तक मैंने उसकी जीभ चाटी और बहुत मज़े किए. फिर बबिता की पेंटी को उतार दिया और अब मुझे बबिता की चूत में बाल ही बाल दिख रहे थे और ऐसा लग रहा था कि बाल बबिता के चूत से निकलते हुए रस की वजह से पूरे भीगे हुए थे.
फिर मैंने बबिता को तुरंत बेड पर लेटा दिया और उसकी चूत के ऊपर अपना मुहं रखकर में भी लेट गया और करीब मैंने दस मिनट तक उसकी चूत के बालों को चाटा और फिर उसकी चूत में अपनी जीभ को डाल दिया, जिसकी वजह से बबिता सिसकियाँ लेने लगी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर बबिता सिसकियों के साथ मेरे मुहं पर झड़ गई और में उसका रस पी गया.
फिर उसके बाद बबिता ने मेरा अंडरवियर उतार दिया और वो मेरा 7 इंच लंबा मोटा लंड देखकर एकदम से चकित हो गई और धीरे धीरे मदहोश हो गई. फिर मैंने भी उस मौके का फायदा उठाते हुए अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया और वो चूस चूसकर मज़े लेने लगी. फिर कुछ देर बाद में भी झड़ गया और मेरा पूरा वीर्य उसके मुहं में चला गया और वो उसे बहुत मज़े लेकर पी गई और अब उसने जोश में आकर अपनी ब्रा को भी उतार दिया और वो मुझसे बोली कि आओ राजा एक बार तुम मेरे बूब्स को भी चखकर देख लो.
फिर मैंने तुरंत अपना मुहं उसके गोरे गोरे बूब्स की हल्की भूरी निप्पल पर रख दिया जो बहुत टाईट थी और करीब में 15 मिनट तक उसके एक एक बूब्स को दबा दबाकर उनका दूध पीता रहा. अब उसने मेरे सर को उसके बूब्स के ऊपर दबा दिया और फिर उसने एक सिगार को जला लिया और पीने लगी.
फिर कुछ देर बूब्स चूसने दबाने के बाद मैंने बूब्स को छोड़कर नीचे आकर उसकी गीली, गरम, चूत के मुहं पर अपना खड़ा लंड रख दिया और अब धीरे से अंदर सरकाने लगा. फिर जैसे ही मेरा मोटा लंड उसकी चूत में गया तो वैसे ही वो चीखने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी आअहहहह उम्म्म आईईईई और मेरे करीब दस मिनट तक धक्के देने के बाद वो झड़ गई, लेकिन में अभी भी नहीं झड़ा था और फिर मैंने उसे डोगी स्टाईल में बैठाकर उसकी गांड में लंड डालकर उसकी गांड मारी और वो दर्द के साथ साथ उस मज़े को लेकर मुझसे चुदवाती रही और में जोरदार धक्के दे देकर उसे चोदता रहा और करीब 15 मिनट के धक्कों के बाद में भी अब झड़ गया. फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड से बाहर खींचकर उसके मुहं में डाल दिया और उसको उसने चाट चाटकर साफ किया.
दोस्तों अब हम हर रोज सुहागरात मनाते है और मैंने आंटी के साथ ऐसी बहुत सारी रातें बिताई है. मैंने उनके साथ साथ अपनी भी सेक्स की भूख को शांत किया और अब हम दोनों को एक दूसरे का बहुत अच्छा साथ मिल गया है.
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पांच लड़को के सामने मेरी चूत

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम रितिका है और में उत्तरप्रदेश की रहने वाली हूँ, मेरी उम्र 25 साल है. दोस्तों में आज आप सभी चाहने वालों को अपनी एक सच्ची घटना और मेरा पहला अनुभव बताने जा रही हूँ. दोस्तों मेरी यह घटना तब की है जब में स्कूल में पढ़ती थी. में जब क्लास 10th में थी और तब मेरे साथ यह घटित हुई, लेकिन में आज तक भी अपनी उस घटना को भुला ना सकी. मुझे आज भी बहुत अच्छी तरह से वो सब कुछ याद है जो मेरे साथ घटित हुआ, क्योंकि वो सब कुछ मेरे साथ पहली बार हुआ था और वो मेरा पहला अनुभव बहुत अच्छा था और मैंने उसके पूरे पूरे मज़े लिए.
दोस्तों में उस समय इन सभी बातों के बारे में इतना सब कुछ नहीं समझती थी और ना ज्यादा जानती थी, क्योंकि में अभी अभी जवान हुई थी और मेरे शरीर ने धीरे धीरे अपना आकार बदलना शुरू किया था. मुझे उन सब का बहुत मज़ा आया. दोस्तों में दिखने में एकदम ठीक ठाक, मेरा गोरा रंग, छोटे आकार के बूब्स, थोड़ी बाहर निकली हुई गांड और में उस समय अपनी साईकिल से स्कूल जाती थी. हमारी कॉलोनी के कुछ लड़के भी उसी स्कूल में पढ़ते थे और में उन्हें भैया कहती थी.
वो बारिश का समय था और एक दिन सुबह स्कूल जाते समय हम सभी भीग गये, तो रास्ते में हम लोग एक आधे बने हुए घर में जाकर बारिश से बचने के लिए खड़े हो गये और बारिश के रुकने का इंतजार करने लगे. जो लड़के मेरे साथ रुके हुए थे, उन लड़को के नाम थे रवि, मनीष, अंकित, सुजल और अरविंद.
दोस्तों सुजल थोड़ा पतला दुबला सा था और उसे पानी में ज्यादा भीगने की वजह से अब ज्यादा ठंड लगने लगी थी, तो उन सभी ने उससे कहा कि तू अपने कपड़े उतारकर निचोड़कर थोड़ी देर फैला ले और सूखने पर पहन लेना. फिर सुजल ने अपनी शर्ट को उतार दिया और फिर उसने अपनी पेंट को भी उतार दिया और उसको देखकर बाकी सभी ने अपनी शर्ट को एक एक करके उतार दिया. उन्हें इस तरह देखकर मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा था, लेकिन वो सब बिल्कुल फ्री होकर घूम रहे थे और उन्हें मेरे वहां पर होने से कोई दिक्कत नहीं थी. फिर थोड़ी देर बाद में भी उनके जैसी हो गई और उन्हें देखने लगी, लेकिन तभी अचानक से रवि ने सुजल की अंडरवियर को पकड़कर एक झटका देकर तुरंत नीचे सरका दिया और बस फिर तो वो सब उस पर टूट पड़े और उन्होंने उसे पूरा नंगा कर दिया.
अब वो बहुत शरमाने लगा और अपना लंड छुपाने लगा और बहुत गुस्सा भी करने लगा. मुझे भी वो सब देखकर हँसी आ गयी तो वो और गुस्सा हो गया और उन लोगों का तो कुछ कर नहीं पाया तो वो मेरे ऊपर कूद पड़ा और मुझे गिराकर मेरी स्कर्ट को ऊपर करके मेरी पेंटी को खींच दिया. तभी पेंटी मेरे पैरो में फँस गयी इसलिए पूरी नहीं उतरी सकी, लेकिन उसने मुझे पकड़कर मेरे पैरों को पूरा खोल दिया जिसकी वजह से उन सभी ने मेरी चूत को देख लिया और मेरी चूत को देखकर वो सभी बहुत खुश हो गये थे. मुझे भी पता नहीं उस समय क्या हुआ मुझे उस बात का बिल्कुल भी बुरा नहीं लगा, बल्कि मैंने खुद ने ही अपने पैर खोलकर रखे, जबकि सुजल ने तो मेरे पैर अब छोड़ दिए थे. अब वो सभी मेरे पास आकर खड़े हो गये और में वैसे ही अपने पैर मोड़कर खोलकर लेटी रही.
फिर रवि बोला अरे देख तेरे तो अभी से बाल आ गये वो भी इतने सारे और तब मुझे कुछ लगा और मैंने तुरंत अपने दोनों पैरों को बंद कर लिया तो वो लोग मुझसे बोले कि प्लीज थोड़ी सी देर तो देखने दे ना? अब मैंने उनसे कहा कि इतनी देर देख तो ली. तभी मनीष बोला कि जब हमने तेरी देख ली है, तो तू अब हमसे क्यों छुपा रही है, अभी कुछ देर देखने ही दे और यह बात कहकर उसने मेरे घुटने पकड़कर दोबारा खोल दिए और मैंने भी खुद ही खोल दिए और बैठकर अपनी पेंटी को पूरी उतार दिया. फिर में जब खड़ी हुई तो मेरी स्कर्ट के नीचे होने की वजह से वो सब कुछ ढक गया. फिर मनीष बोला कि अरे देख तेरे सब कपड़े गंदे हो गये है, दोस्तों मेरे नीचे गिरने से गीले कपड़ो पर रेत और धूल चिपक गयी थी, अब वो लोग मुझसे बोले कि तू इन्हें उतारकर पानी से धो ले और उसके मुहं से यह बात सुनकर मैंने उनकी तरफ गुस्से से घूरकर देखा.
मनीष बोला कि हम सभी ने तेरी चूत देख तो ली ना, मैंने तुझे अभी समझाया ना, फिर क्या समस्या है और वो अब खुद आगे बढ़कर मेरी स्कर्ट को उतारने में मेरी मदद करने लगा था. मैंने एक बार फिर से उसे रोका और में उससे बोली कि भैया में इस टाइप की लड़की नहीं हूँ जैसा आप सभी मुझे समझ रहे हो, में अपने सारे कपड़े आप सभी के सामने नहीं उतार सकती, मुझे बहुत शर्म आती है, प्लीज आप लोग मेरी बात का मतलब समझो, आप सभी ने तो अभी मेरी बस वो देखी है, लेकिन मैंने आपसे कुछ भी नहीं कहा और इसका मतलब यह नहीं है कि अब में आपके सामने पूरी नंगी हो जाऊँगी. तभी रवि तुरंत बीच में बोला वो क्या? बस तू एक बार हमे इस चीज़ का नाम बता दे तो में तुझे एक रास्ता बताऊंगा जिससे तेरे कपड़े भी साफ हो जाएँगे और तुझे हम सबके सामने पूरी नंगी भी नहीं होना पड़ेगा.
फिर मैंने कहा कि ऐसे कैसे होगा? वो बोला कि पहले तू ‘वो’ का मतलब बता फिर में तुझे वो रास्ता बताऊंगा, तो मैंने उससे कहा कि हाँ में बोल दूँगी में पक्का वादा करती हूँ, लेकिन पहले आप मुझे प्लीज वो तरीका बता दो, तभी वो बोला कि नहीं तू बाद में नहीं बोलेगी, तुझे पहले बताना होगा.
मैंने कहा कि भैया मैंने आपसे पक्का वादा किया है कि में वो बोल दूँगी, फिर भी आप मेरे ऊपर विश्वास नहीं कर रहे हो और वैसे भी मुझे तो हर रोज़ आप लोगों के साथ ही आना जाना है, आपसे मुझे इतनी सी बात के लिए अपनी दोस्ती खत्म थोड़ी ना करनी है. अब वो मुझसे बोला कि चल अब थोड़ा ध्यान से सुन तू ऊपर जाकर देख ले, छत तो खुली है और तू वहाँ पर जाकर अपने कपड़े उतारकर बारिश के पानी में सबको धो ले फिर वापस तू उन्हें पहनकर नीचे आ जाना. यहाँ आस पास वैसे कोई इतना उँचा मकान भी नहीं है और फिर इतनी बारिश में दूर से कौन सा कुछ दिखेगा.
दोस्तों अब में उनकी यह बात सुनकर मन ही मन सोचने लगी कि उनकी यह बात तो बिल्कुल ठीक है और अब यह सभी बातें जब में सुन रही थी तो मेरी नज़र अचानक से सुजल के लंड पर चली गई और में उसको लगातार बिना पलके झपकाए घूर घूरकर देखने लगी. तभी अरविंद मुझसे बोला कि तुझे शायद आज सुजल का लंड बहुत पसंद आ रहा है और अगर ऐसा है तो तुम बिना देर किए उसके लंड को पकड़कर देख ले.
दोस्तों मुझे उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत शरम आ गयी और मैंने तुरंत अपनी नजर को उधर से हटा लिया तो वो सभी हँसने लगे और मुझे भी हँसी आ गई, तभी में ऊपर जाने लगी तो वो मुझसे बोले कि ओये झूठी तू अपना वो वादा तो पूरा कर जो तूने अभी किया था, चल अब जल्दी से बता दे.
फिर में तुरंत वहीं पर रुक गई और अब में ऐसी बात अपने मुहं से बोलने की हिम्मत जुटाने लगी थी और फिर ऐसा भी नहीं था कि मैंने यह सब पहले कभी नहीं सुना था और हम लड़कियां भी आपस में यह सब शब्द कभी कभी बोल लेते थे, लेकिन इस तरह लड़को के सामने बोलना अलग बात थी. मुझे भी वैसे अब बहुत मज़ा आ रहा था और मुझे अब हल्की हल्की ठंड भी नहीं लग रही थी और इस सबसे मेरे शरीर में गरमी आ गयी थी.
फिर में एक मिनट रुकी और फिर बोली कि आप सभी ने मेरी चूत को देख ही लिया है और में हंसकर ऊपर भाग गयी तो वो सभी मेरे मुहं से यह शब्द सुनकर एकदम खुश हो गये और फिर मैंने तुरंत छत पर जाकर देखा कि उनका कहना बिल्कुल सही था. छत पर उस समय बहुत तेज़ बारिश हो रही थी मैंने जाकर जल्दी से अपनी स्कर्ट को उतार दिया और फिर मैंने इधर उधर देखकर उसको साफ किया और फिर अपनी शर्ट को भी उतारकर साफ की, लेकिन दोस्तों इस काम को करते हुए में बहुत ही ज़्यादा भीग गयी थी और साथ में मेरी ब्रा भी. अब इतनी गीली ब्रा पहनना तो बिल्कुल मुश्किल था इसलिए मैंने उसको भी उतार दिया.
दोस्तों मेरे मन की सच्ची बात पूछो तो यह मेरा वो पल था जिसने आज मेरी सोच को बिल्कुल ही बदलकर रख दी थी और में उस वक़्त पूरी नंगी एक खुली छत पर खड़ी थी. मेरे नंगे बदन पर गिरता हुआ वो ठंडा पानी मेरे जिस्म को और भी गरम कर रहा था और नीचे पांच लड़के थे जिन्हें बहुत अच्छी तरह से पता है कि में उस समय छत पर एकदम नंगी हूँ और उन सीडियों पर कोई दरवाज़ा भी नहीं था.
मुझे अब मन ही मन एक अजीब सी खुशी सी होने लगी थी और मेरा मन हो रहा था कि में पूरी नंगी ही इस पूरी छत पर घूमूं और ऐसे ही पूरी नंगी रहूं और फिर मैंने यही सब किया. में ऐसे ही छत पर थोड़ा सा इधर उधर चली फिर बाहर की साइड से मैंने नीचे की तरफ झाँककर देखा जहाँ पर हमारी सभी की साईकिल खड़ी हुई थी. दोस्तों उस छत पर दीवार तक भी नहीं थी. अगर इतनी तेज़ बारिश ना होती तो कोई भी बाहर सड़क से मुझे पूरी नंगी देख लेता.
तभी अचानक से पता नहीं मुझे क्या सूझा और मैंने अपनी गांड को उस तरफ करके बाहर की तरफ निकालकर मैंने अपना हाथ हिलाया और ऊपर की तरफ देखने लगी. फिर कुछ देर बाद में हँसती हुई भागकर सीडियों तक आ गयी. सच पूछो तो दोस्तों में उस समय बिल्कुल पागल हो चुकी थी. फिर मैंने अपनी शर्ट और स्कर्ट को पहन तो लिया, लेकिन इतने ज़्यादा भीगे हुए कपड़े, एक तो इतने भारी हो गये थे और उन्हें पहनकर मुझे अब बहुत अजीबोगरीब भी लगा, लेकिन मैंने मजबूरी में उन्हें पहन लिए और फिर में नीचे आ गई.
तब मैंने देखा कि वो सब सिगरेट पी रहे थे और मेरी गीली शर्ट मेरे गरम भीगे हुए बदन से एकदम चिपक गयी थी, जिसकी वजह से उन्हें मेरे बूब्स का आकार और मेरे बूब्स की निप्पल का उन्हें साफ साफ पता चल रहा था और वो सभी मेरे बूब्स को घूर घूरकर देख रहे थे.
दोस्तों मुझे अब बहुत ठंड लग रही थी, क्योंकि में अपने कपड़ो के साथ साथ पूरी भीगी हुई थी और में उसकी वजह से हल्की हल्की काँप भी रही थी और जब मैंने अपनी ब्रा और पेंटी को अपने बेग में रखी तो वो सब मेरी तरफ देखकर हंस रहे थे और सुजल ने भी अब तक अपनी अंडरवियर को पहन लिया था. दोस्तों उसके कुछ देर बाद बारिश रुकने लगी और हम लोग अपने घर पर वापस आ गए, लेकिन उसके बाद मेरे मन में वो सारी घटना घूमने लगी में बार बार ना चाहते हुए भी उसी के बारे में सोचने लगी मुझे अब कुछ कुछ होने लगा था, वो सब कुछ में आप लोगो को किसी भी शब्द में नहीं बता सकती, लेकिन सच पूछो तो में बहुत खुश थी.
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मेरी चुदक्कड़ बीवी और दो लड़के

हैल्लो दोस्तों, मेरी बीवी एक लड़के के मज़े लेती है और अब वो लड़का मेरी बीवी के ऊपर पागल हो गया था. अब वो लड़का हमेशा मेरी बीवी के आस पास ही रहने की कोशिश करता रहता था. अब उसका जब भी मन करता तो वो अपना लंड मेरी बीवी के सामने निकाल लेता और उसके सामने ही मुठ मारना शुरू कर देता, तो कभी मेरी बीवी के पास आकर अपना छोटा सा 4 इंच का लंड मेरी बीवी की गांड के ऊपर रगड़ता और मेरी बीवी के बड़े-बड़े बूब्स को अपने हाथ में लेकर उनके साथ खेलता रहता, तो कभी मेरी बीवी को अपने हाथ में पकड़कर अपना लंड हिलाने को बोलता, जब तक उसका पानी नहीं निकल जाता. मेरी बीवी को यह पसंद है कि लोग उसकी सेक्सी बॉडी के बारे में सोचकर मुठ मारे और सपने में मेरी बीवी को ज़ोर से चोदे.
बीवी : अरे सुनो, एक बात बताओं तुम्हारे बाहर कोई दोस्त है या किसी से बात करते हो क्या?
रमन : हाँ जी मेम साहिब, मेरे 3 दोस्त है एक मेरी उम्र का है और एक रिक्शे वाला और एक वो भिखारी जो हमारे घर के पास रहता है.
बीवी : अच्छा तो तुम उनसे क्या बात करते हो?
रमन : में बात नहीं करता, वो तो खुद ही आपके बारे में पूछते रहते है.
बीवी : अच्छा, क्या बोलते है?
रमन : मेम साहिब वो मुझसे पूछते है कि क्या मैंने कभी आपके बूब्स देखे है? उनको आपके बड़े-बड़े बूब्स बहुत पसंद है और आपकी लंबी टाँगो के बारे में पूछते है. वो मुझसे पूछते है कि मैंने आपकी मिनी स्कर्ट के अंदर कभी आपकी पेंटी को देखा है. वो तीनों बताते है कि वो आपके बारे में सोचकर रोज ही मुठ मारते है, वो बस आपके अंदर अपना लंड डालने का एक मौका चाहते है.
बीवी : अच्छा ऐसी बात है क्या? तो ठीक है उनको भी मिलकर मज़े देते है, वो दिखने में है तो बहुत गंदे, लेकिन मुझे तो ऐसे ही लोग पसंद है, पहले उस लड़के को ले आना बाकी में सब संभाल लूँगी.
फिर अगले दिन रमन अपने दोस्त को ले आया, वो करीब-करीब रमन के जैसा ही था पतला सा और काले रंग वाला. अब मेरी बीवी ने जानबूझ कर मिनी स्कर्ट पहनी हुई थी और हाई हील्स भी थी. अब वो लड़का मेरी बीवी की टांगे देखने लग गया और उसका मुँह खुला का खुला रह गया.
बीवी : मुझे घर की सफाई करने में थोड़ी मदद चाहिए, तुम रात को मेरी मदद करने के लिए रुक सकते हो, तुम यही सो जाना और साथ में 100 रूपए भी दूंगी.
अब उस लड़के की आँख मेरी बीवी की लंबी हील्स वाली टांगो से हट ही नहीं रही थी, लेकिन उसने अपना सिर हाँ में हिला दिया.
बीवी : ठीक है कल आ जाना.
फिर अगली शाम वो 8 बजे आ गया और रमन ने दरवाज़ा खोलकर उसको अंदर बुला लिया. अब मेरी बीवी ने मिनी स्कर्ट पहनी हुई थी, अब अंदर आ कर वो ज़मीन पर बैठ गया और फिर हम तीनों ने खाना खा लिया. फिर मेरी बीवी ने एक पिक्चर लगाई और उन दोनों को सोफे पर अपने पास बैठने को कहा. अब मेरी बीवी जानबूझ कर उसके पास बैठी थी और अपनी मिनी स्कर्ट में से उसको अपनी गोरी- गोरी टाँगे दिखाने लगी.
अब वो भी बार-बार टी.वी से अपनी नज़र हटाकर मेरी बीवी की टांगो को घूर रहा था और मेरी बीवी भी उसे मज़े से देख रही थी. अब रात को बात करते हुए उनकी बात गर्लफ्रेंड पर आई तो उस नये लड़के ने बताया कि उसके कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. फिर रमन की बारी आई तो वो बोला कि यह मेम साहिब मेरी गर्लफ्रेंड है. अब यह सुनकर उस नये लड़के का मुँह खुला का खुला रह गया था, फिर उस नये लड़के ने बोला कि आप झूठ बोल रहे हो कहाँ यह नौकर और कहाँ आप जैसी परी.
बीवी : थैंक्स, लेकिन यह सच बोल रहा है, यह लड़का मेरा बॉयफ्रेंड है और हमने बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड वाले काम भी किए हुए है, तुम्हें पता है वो काम कौन से होते है?
लड़का : तो वो मासूम बनकर बोला कि नहीं पता, वो क्या काम होते है?
बीवी : ठीक है में तुम्हें समझाती हूँ, तुम भी मेरे बॉयफ्रेंड बनोगे क्या?
लड़का : तो वो ज़ोर ज़ोर से अपना सिर हाँ में हिलाने लगा.
बीवी : ठीक है, तुम दोनों मेरे पास आ जाओ.
फिर वो दोनों मेरी बीवी के बगल में आकर बैठ गये, फिर मेरी बीवी ने उनको समझाना शुरू कर दिया.
बीवी : अच्छा तुम दोनों को यह तो पता है कि लड़की और लड़के अलग-अलग दिखते है. अब देखो यह जो मेरी छाती पर बड़े-बड़े है ना, इनको बूब्स कहते है इनको मुँह में लेकर चूसते है और दबाते है. कभी-कभी इन बूब्स के बीच में लंड रखते हैं और बूब्स से लंड को हिलाते है, अच्छा तुम्हारे पास क्या होता है, पता है?
फिर वो दोनों बोले कि नहीं मेम साहब आप बता दो क्या होता है? तो मेरी बीवी ने कहा कि अच्छा बताने से पहले तुम दोनों एक काम करो अपने सारे कपड़े उतार दो और में भी उतार देती हूँ, ताकि में तुम्हें अच्छी तरह से समझा सकूँ. फिर उन तीनों ने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और दुबारा बात शुरू कर दी. अब उन दोनों का ध्यान सिर्फ़ मेरी बीवी के बड़े-बड़े बूब्स पर ही था, कैसे नहीं होता? उसके बूब्स 42 साईज़ के जो थे.
फिर मेरी बीवी ने कहा कि अच्छा देखो यह तुम्हारे सामने जो लटक रहा है ना, इसे लुल्ली बोलते है जब लड़के का हो तो लुल्ली और अगर किसी आदमी का हो तो उसे लंड कहते है. इसको पहले खड़ा करते है और फिर या तो तुम मुठ मार सकते हो या फिर अपना लंड किसी लड़की के मुँह में डालकर चुसवा भी सकते हो और हाँ सबसे ज़रूरी बात इसको लड़की के अंदर भी घुसाते है और घुसाने के बाद लड़के धक्का मारते है ताकि उनका लंड पूरा बाहर निकल जाए और फिर दुबारा ज़ोर से अंदर डाल देते है, तुम्हें पता है लंड कहाँ डालते है? तो वो दोनों बोले कि नहीं मेडम.
फिर मेरी बीवी ने अपनी नंगी टाँगे थोड़ी चौड़ी की ताकि उन दोनों को थोड़ा सा दिख जाए. अब उन दोनों को मेरी बीवी की चूत साफ़-साफ़ नज़र आ रही थी. फिर मेरी बीवी ने कहा कि जो लंड होता हैं ना उसको खड़ा करके इसके अंदर डालते है और इसको चूत बोलते है और काफ़ी धक्के मारने के बाद लड़के के लंड से जो माल निकलता है उसे चूत के अंदर भी छोड़ सकते है या कुछ लड़कियां अपने मुँह पर या फिर अपने ऊपर कहीं भी छोड़ने को बोल सकती है. फिर मेरी बीवी ने उन दोनों से पूछा कि पहली बार चूत देखी है, तुम्हें कैसी लगी? तो वो दोनों बोले कि मेडम आप तो बहुत सुंदर हो, आई लव यू, ये प्यार कुछ नहीं होता सिर्फ़ अपना लंड हिलाना होता है.
फिर मेरी बीवी ने कहा कि अच्छा अब तुम दोनों सोफे से उतरो में तुम दोनों को एक बहुत ज़रूरी चीज़ सिखाती हूँ. फिर वो दोनों नीचे उतर गये और मेरी बीवी ने अपनी टाँगे फैला दी और चूत को देखती हुए बोली कि आदमी लोग चूत को मुँह में लेते है और उसे जीभ से भी चाटते है, चलो तुम पहले आ जाओ. फिर मेरी बीवी ने उस नये लड़के को अपने पास बुलाया और उसका मुँह अपनी चूत पर रखकर उससे चाटने को बोला. अब वो लड़का मेरी बीवी की चूत पर अपना मुँह रगड़ रहा था और अपनी जीभ निकालकर चाटने लग गया. अब मेरी बीवी की आँखें बंद हो गयी थी और वो मज़े ले रही थी.
फिर थोड़ी देर में मेरी बीवी झड़ गयी, फिर उसने उस लड़के को हटाया और फिर रमन को बुलाकर उसका मुँह भी अपनी चूत पर रगड़ कर उससे चाटने को कहा. अब मेरी बीवी जब दूसरी बार झड़ गयी तो उसने उन दोनों को खड़ा होने को बोला और देखा तो अब उन दोनों के लंड खड़े थे. उन दोनों के लंड काले रंग के थे.
फिर मेरी बीवी ने उन दोनों से कहा कि तुम दोनों के लंड खड़े हो गये है, अच्छा अब अपने हाथ एक दूसरे के लंड पर रखो और मेरे सामने अपने लंड हिलाओ. फिर उन दोनों ने एक दूसरे के लंड पकड़ लिए और हल्के-हल्के से हिलाने लग गये. अब 10 सेकेंड हुए होगे कि उन दोनों के लंड झटके मारने लगे और उन्होंने अपना सारा माल मेरी बीवी के सामने ज़मीन पर गिरा दिया. फिर मेरी बीवी ने कहा कि अरे तुम दोनों तो बहुत जल्दी झड़ गये, कोई बात नहीं जल्दी से दुबारा खड़ा हो जाएगा.
अब यह सुनकर उन दोनों ने अपने अपने लंड फिर से खड़े करने शुरू कर दिए. फिर मेरी बीवी ने उन दोनों से कहा कि अच्छा तुम दोनों में से किसी ने किसी का लंड अपने मुँह में लिया है. तो नया लड़का बोला कि हाँ जी मेडम मैंने एक भिखारी का लंड अपने मुँह में लिया था और उसने मुझे 20 रूपए भी दिए थे. फिर मेरी बीवी बोली कि अच्छा बताओ उसका कैसा लंड था? और क्या तुमने उसका पानी अपने मुँह में लिया था या बाहर ही निकाल दिया था? तो वो नया लड़का बोला कि मेडम उसका लंड करीब 6 इंच लंबा था और 2 इंच मोटा था और काले रंग का था. फिर में उसके सामने अपने घुटनों पर बैठ गया था और फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया था. फिर उसका पानी निकलने ही वाला था कि उसने अपना लंड मेरे मुँह से निकाला और मेरे सामने ज़मीन पर ही अपना पानी छोड़ दिया.
फिर मेरी बीवी ने कहा कि अच्छा चल अब एक काम कर, मेरे सामने रमन का लंड अपने हाथ में पकड़ और उसका लंड खड़ा करने के बाद अपने मुँह में ले लेना, में तुम्हे सिखाती हूँ कि मुँह का इस्तेमाल कैसे करते है? फिर वो लड़का अपने घुटनों पर आया और रमन का लंड अपने हाथ में लेकर हिलाकर बड़ा करने लगा और फिर उसने रमन का लंड अपने मुँह में ले लिया. फिर मेरी बीवी ने उसका सिर पकड़ा और रमन के लंड के ऊपर धीरे-धीरे से आगे पीछे करने लगी. अब उसका लंड पूरा अंदर तक जा रहा था.
फिर थोड़ी देर तक चूसने के बाद उसने एक या दो शॉट मारे और अपना सारा पानी उस नये लड़के के मुँह में ही छोड़ दिया और वो लड़का भी उसे पी गया. फिर मेरी बीवी कहा कि शाबाश तुमने बहुत अच्छा चूसा है, कभी तुम्हारा लंड किसी ने चूसा है क्या? तो वो नया लड़का बोला कि नहीं मेडम. फिर मेरी बीवी ने कहा कि ठीक है तुम मेरे सामने खड़े हो जाओ और रमन से कहा कि तुम बाद में आना में पहले इसको इसका इनाम दे देती हूँ.
अब यह बोलकर मेरी बीवी ने उस लड़के को अपने सामने खड़ा किया और उसका काला लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और उसकी तरफ देखते हुए उसका लंड हिलाने लगी. अब उसका लंड तो पहले से ही तना हुआ था, लेकिन मेरी बीवी के मुलायम हाथ लगने से और भी ज्यादा हिलने लगा था. अब मेरी बीवी के हाथ उसके लंड पर ऊपर नीचे हो रहे थे और फिर मेरी बीवी ने कहा कि बता तेरा लंड अपने मुँह में लूँ क्या?
तो वो नया लड़का बोला कि हाँ मेडम प्लीज मेरा लंड हिलाओ और अपने मुँह में ले लो, कभी किसी ने मेरा लंड मुँह में नहीं लिया है और आप जैसी सुंदर लड़की को तो में सपने में भी नहीं सोच सकता था, प्लीज मेरा लंड चूस लो, में कब से आपको देखकर तरस रहा था कि शायद एक बार में आपको हाथ लगा पाऊँ और आपको किस कर सकूँ, तो मेरी बीवी ने कहा कि अच्छा तो ठीक है.
फिर मेरी बीवी ने अपना हाथ हटाया और अपने रूम से कंडोम निकालकर ले आई. फिर मेरी बीवी ने उस लड़के के लंड पर कंडोम चढ़ा दिया और फिर अपनी जीभ से उसके टोपे को चाटने लगी. फिर मेरी बीवी उसका लंड अपना मुँह खोलकर पूरा अंदर तक ले गयी. अब उसकी तो आँख बंद हो गयी थी और वो मस्त आवाज़ निकालने लग गया था.
फिर थोड़ी देर के बाद उसने अपनी आँखे खोली और मेरी बीवी जो अपने घुटनों पर थी, उसे अपने मुँह के अंदर बाहर करते हुए देखने लगा. फिर उसने मेरी बीवी के सिर पर अपना हाथ रखा और अपने लंड को आगे पीछे करने लगा. अब मेरी बीवी भी मज़े से उसका लंड चूस रही थी, अब उसका काला लंड मेरी बीवी के गोरे मुँह में जाता हुए बहुत मस्त लग रहा था.
फिर 2 मिनट तक चूसने के बाद वो लड़का बोला कि में झड़ने वाला हूँ और ज़ोर से चूसो मेरा लंड, मेरे लंड का सारा माल निकाल लो. अब यह बोलकर उसने 3 या 4 झटके मारे और अपना सारा माल कंडोम के अंदर ही छोड़ दिया. अब उसका लंड माल निकलते ही 3 इंच का हो गया था. अब वो तीनों नंगे ही सोफे पर बैठ गये. फिर रमन मेरी बीवी के बूब्स पकड़कर दबाने लगा तो फिर मेरी बीवी ने रमन का लंड पकड़ लिया और उसका मुठ मारने लगी. अब रमन से रहा नहीं गया और उसने 10 सेकेंड में दुबारा अपना पानी मेरी बीवी के हाथ के ऊपर ही छोड़ दिया. अब उसकी ज्यादा बूँदे नहीं निकली थी. अब सब थक गये थे, तो उन तीनों ने प्लान बनाया कि वो पति पत्नी की तरह एक ही बेड पर सोएंगे और सुहागरात वाला काम करेंगे.
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