हॉट सेक्स रीटा आंटी के साथ

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम नमन है और मेरी उम्र 23 साल है. में एकदम सीधा साधा लड़का हूँ और में बहुत समय से कहानियों को पढ़ता आ रहा हूँ. मैंने अब तक बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है और अब बोर ना करते हुए सीधे में अपनी कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों यह बात कुछ साल पहले की है जब में अपने कुछ दोस्तों के साथ कोलकाता घूमने गया था और हम सब साथ में घूमने निकलते थे हमारा वो पहला दिन था और हम सभी बहुत मस्ती कर रहे थे. हमने घूमने फिरने के पूरे पूरे मज़े लिए और हमें बहुत अच्छा लगा. मेरा एक दोस्त था जिसका नाम साहिल था, हम बहुत मस्ती और इधर उधर की बातें करते थे, लेकिन लड़कियों को कुछ भी कहना, उन्हें छेड़ना, हम यह सब कभी नहीं करते थे क्योंकि यह सब मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था. दोस्तों जैसे कि मैंने पहले ही आपसे कहा है कि में बहुत सीधा साधा लड़का हूँ, लेकिन पहले दिन शाम को मैंने साहिल से कहा कि साहिल क्या तू मेरे साथ घूमने चलेगा?
फिर उसने मुझसे साफ मना कर दिया, क्योंकि उसकी तबियत उस समय ठीक नहीं थी इसलिए मैंने उससे कहा कि ठीक है में अकेला ही चला जाता हूँ और फिर में कुछ देर बाद एक मार्केट से गुज़र रहा था कि तभी मुझे वहां पर एक गोरी चिट्टी सी आंटी जिसे हम परी कहे तो बहुत अच्छा होगा क्योंकि उनकी नयी नयी शादी हुई थी और उनके हाथों में उस समय लाल रंग की चूड़ियाँ थी और में आपको क्या बताऊँ दोस्तों वो एकदम ग़ज़ब लग रही थी.
वो लाल, काली जालीदार साड़ी में एकदम सेक्सी माल लग रही थी, जो भी उसे एक बार देखता तो वो उससे पहली बार में ही प्यार कर बैठता. उनका फिगर एकदम मस्त आकार का, बिल्कुल गोल बड़े आकार के बूब्स, गोरा रंग, सुंदर गोल चेहरा, उनका फिगर 36-32-34 के करीब होगा और किस्मत से वो उस समय अकेले ही घूम रही थी और में भी एकदम अकेला था.
फिर में उनके पास से जब गुज़रा तो मेरी उनसे नजरे मिली और में बहुत खुश था, मेरे मन में लड्डू फूटने लगे जिसकी वहज से मुझसे अब और कंट्रोल नहीं हुआ. और मेरी तरफ से एक छोटी सी स्माईल निकल गई. मुझे लगा कि अब में पिटने वाला हूँ, लेकिन में क्या बताऊँ यारो एकदम चमत्कार ही हो गया, उन्होंने भी मेरी तरफ एक बार स्माइल किया और में बहुत खुश हो गया.
फिर हमारे बीच इशारों में ही कुछ ऐसा होने लगा जिससे कि में हिम्मत करके उनके और पास जाने लगा और कहा कि हाए तो उन्होंने एक प्यारी सी स्माइल देते हुए हैल्लो कहा और तब हिम्मत करके मैंने उनसे कहा कि आप बहुत सुंदर हो तो उन्होंने मुझसे धन्यवाद बोला. फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या आप अभी फ्री हो, अगर आप बुरा ना मानो तो हम घूमने चले.
फिर उन्होंने कुछ देर सोचकर तुरंत मेरी बात मान ली और मेरे साथ निकल पड़ी और अब हम दोनों एक दूसरे से बहुत अच्छी तरह से हंस हसंकर, खुलकर बातें करने लगे, जैसे कि हम दोनों बहुत पहले से एक दूसरे को जानते हो. तो बातों ही बातों में मैंने उनसे पूछा कि आपके पति कहाँ है? तो वो कहने लगी कि वो कुछ जरूरी काम से दिल्ली गये है और वो अब मुझसे बहुत खुलकर बातें कर रही थी और जब हम करीब हुए तो उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या तुम कल फ्री हो? तो मैंने तुरंत उनसे कह दिया कि हाँ में फ्री हूँ, तब उन्होंने मुझसे कल सुबह अपने घर पर आने को कहा और फिर वो चली गई और दोस्तों में उनको जाते हुए पीछे से उनकी गांड को घूरकर देख रहा था और अपने रूम पर पहुंचकर मैंने उनके बारे में बहुत कुछ सोचा. पूरे दिन मेरे सामने बस वो घूमती रही. दोस्तों सच पूछो तो वो मेरे मन को भा गई थी.
फिर दूसरे दिन में तैयार होकर उनके बताए हुए पते और ठीक समय पर उनके घर के लिए निकल पड़ा और उनके घर पहुँच गया और मैंने घंटी को बजाया तो उन्होंने दरवाज़ा खोला और मैंने एक प्यारा सा गुलाब का फूल उनके हाथ में दे दिया और उनको एक टाइट सा हग किया तो में क्या बताऊँ वो क्या मस्त समां था. फिर उन्होंने मुझे अंदर बुलाया.
दोस्तों उन्होंने उस समय एक गहरे गले का ब्लाउज और नीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी जिसमे से उनकी गोरी छाती मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी और वो एकदम सेक्सी लग रही थी. फिर वो हम दोनों के लिए कॉफी बनाकर ले आई और हम दोनों साथ में बैठकर पीने लगे. फिर धीरे धीरे मैंने उनसे इधर उधर की बातें छेड़ी और उनसे पूछा कि में आपको कैसा दिखता हूँ?
उन्होंने कहा कि तुम बहुत अच्छे सीधे साधे हो और तुम कल मुझे तुम बहुत अच्छे लगे इसलिए मैंने तुम्हे देखकर स्माइल किया. दोस्तों सच पूछो तो में खुद उनके मुहं से यह बात सुनना चाहता था और उनके मुहं से यह बात सुनकर मेरे मन में एक बार फिर से लड्डू फूटने लगे थे. में बहुत खुश था कि तभी मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उनसे कहा कि आप भी बहुत सुंदर हो और आप भी मुझे बहुत अच्छी लगी.
अब उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि जी अब तक कोई भी नहीं है, मुझे कोई पसंद नहीं करता क्योंकि आजकल सब लोगों को सुंदर और बुरे काम करने वाले ही पसंद आते है और मुझ जैसा किसी को पसंद नहीं आता है. फिर उन्होंने कहा कि नहीं यार तुम बहुत अच्छे हो और बस ऐसे ही बातें करते करते मैंने उनसे पूछ लिया कि क्या में आपको अपनी तरफ से प्यार का आग्रह कर सकता हूँ? तो वो मेरी यह बात सुनकर थोड़ा सा हिचकिचाई, लेकिन कुछ देर सोचने के बाद वो मान गई और मैंने उनको अपनी तरफ से “में आपको बहुत प्यार करता हूँ और आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो” कहा.
फिर उन्होंने बहुत प्यारी से स्माइल देकर कहा कि बेबी हाँ में भी तुमसे उतना ही प्यार करती हूँ और फिर वो समय अचानक से ऐसा हो गया कि हम दोनों ने एक दूसरे को हग किया और हम दोनों एक दूसरे के बहुत पास होने लगे. मैंने उनको गाल पर किस किया और तभी उसने मुझे मेरे होंठो पर किस किया. दोस्तों मुझे बहुत मज़ा आया, वो बहुत सेक्सी थी और कोई भी उन्हे देखकर पागल हो ज़ाएगा. उन्होंने कुछ देर बाद मेरे होंठो को अपने होंठो से एकदम बंद कर दिया था और उसके बाद मैंने उनसे कहा कि यह सब पहले मेरे साथ कभी नहीं हुआ था. फिर रीता आंटी ने कहा कि तो इसे हम आज पहला बना देते है और अब में सब कुछ भूल गया था.
अब रीता आंटी ने मुझसे कहा कि अंदर चलो में एक मिनट में आ रही हूँ और में अंदर गया तो एकदम ठंडा रूम और में मेरे साथ आगे जो सब कुछ होने वाला था उसको सोचकर बहुत व्याकुल हो रहा था. फिर कुछ देर बाद रीता आंटी अंदर आई और मैंने उनसे कहा कि आंटी आप वाकई में बहुत ही सुंदर हो और उन्हे मैंने उनकी गर्दन पर एक किस किया तो वो थोड़ी सी गरम होने लगी और तभी मैंने उनका पल्लू को नीचे सरका दिया, लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं कहा और उन्हे में गर्दन पर और फिर लिप पर किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी.
फिर मैंने कहा कि आप बहुत अच्छी हो रीता आंटी और उन्हे मैंने बेड पर गिरा दिया और पूरे गरम गरम बदन पर किस किया, वो एकदम रुई जैसी थी और उनकी मुलायम त्वचा मुझे और पागल बना रही थी. उनके गहरे गले के उस ब्लाउज में से उनके बूब्स उभरकर बाहर निकले हुए थे और उनके बूब्स एकदम हॉट लग रहे थे. फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी नाभि पर घुमाया और उन्होंने अपना एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया तो मेरा लंड अब अंदर ही अंदर और भी कूदने लगा.
फिर वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों ऐसा क्या है मुझमें? तो मैंने कहा कि आप नहीं जानती हो कि आप एक सुंदर परी हो जिसको देखकर हर कोई आपका दीवाना हो जाए. अब उन्होंने मेरी यह बात सुनते हुए मेरी शर्ट, पेंट दोनों को उतार दिया और मैंने उनके ब्लाउज और साड़ी को उतार दिया. वो अब सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी. दोस्तों मेरी नजर उस बदन से हटने को बिल्कुल भी तैयार नहीं थी और फिर मैंने उनकी चूत पर हाथ फेरना शुरू किया ही था कि उनकी साँसे बढ़ने लगी और वो मेरे बालों को ज़ोर से जकड़ने लगी.
फिर उनके बूब्स को मैंने बाहर से ही दबाना शुरू किया तो वो और भी तड़प रही थी. फिर मैंने उनको अपने ऊपर बैठने को कहा और थोड़ा झुकने को कहा ताकि उसके बाद में उनकी ब्रा का हुक खोल सकूँ और उन्होंने ठीक वैसा ही किया मैंने तुरंत हुक को खोल दिया और उसके बाद मैंने उनकी बालों का क्लिप खोल दिया वो मेरे लिए एकदम सपनों की रानी लग थी और तब मैंने महसूस करके देखा कि उनकी पेंटी अब तक गीली हो गई थी और मेरा लंड भी बहुत बेताब था रीता आंटी की चूत में जाने के लिए फिर मैंने रीता आंटी की पेंटी को उतार दिया और चूत को देखने लगा.
फिर उन्होंने कुछ देर बाद मुझे धीरे से अपना लंड चूत में डालने को कहा और मैंने एकदम धीरे से अपना लंड चूत के अंदर डाला और वो धीरे धीरे आवाज करने लगी जिसकी वजह से मुझे और भी मज़ा आने लगा था उनकी आवाज़ से में जोश में आने लगा और अब वो धीरे धीरे मोन कर रही थी और थोड़ा सा रो भी रही थी. हर धक्के के साथ साथ उन्हे मज़ा भी बहुत आ रहा था.
तभी उन्होंने अचानक से मेरा लंड अपनी चूत से बाहर निकाल दिया और अपने मुहं में ले लिया और उसे वो लिक करने लगी. में और भी बेताब होने लगा और मैंने उनके मुहं में धीरे धीरे धक्के देने के साथ साथ उनके बूब्स को भी दबाए, वो बहुत ही मुलायम थे और उनके होंठ तो किसी टॉफी जैसे मीठे थे, उनके बाल भी बहुत सुंदर थे. दोस्तों कुछ देर बाद अचानक से मेरे धक्के तेज होने लगे और मेरे लंड ने अपना गरम सफेद पानी उनके मुहं में निकाल दिया, वो मेरा पूरा वीर्य गटक गई और हम दोनों ने सेक्स के बाद भी बहुत देर तक रोमांस किया. फिर हम साथ में भी नहाने लगे और उसके बाद हमने साथ में खाना भी खाया और मैंने उन्हे बाय कहा और एक मस्त हग और लिप किस किया.
फिर मैंने उनसे पूछा कि आप अपने पति को तो यह सब नहीं बताओगी ना? तो उन्होंने कहा कि पागल हो क्या? मुझे यह सब उन्हें बताकर मारना है? तो मैंने उनसे कहा कि आप बहुत अच्छी हो और आप कभी मुझे भूलना नहीं. फिर रीता आंटी ने कहा कि में तुम्हे ज़िंदगी भर नहीं भूलूंगी क्योंकि तुम बहुत मीठे हो. फिर उन्होंने मुझसे बाय कहा और फिर दोस्तों में वहाँ से निकल पड़ा.
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भाभी के कपड़ो की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अजय है, में आपके सामने एक स्टोरी लेकर आया हूँ. ये स्टोरी मेरी भाभी की है, इस स्टोरी में मैंने भाभी के कपड़ो से चुदाई की है. मेरी भाभी की उम्र 28 साल है, उनके 1 साल का बच्चा है, मेरी भाभी की शादी को 3 साल हो गये है, उनका फिगर साईज 34-32-36 है और वो कभी साड़ी तो कभी सलवार सूट पहनती है. एक बार भैया, भाभी किसी की सगाई में गये थे, में घर पर ही था क्योंकि मेरे एग्जॉम थे. फिर में छत पर पढ़ने ऊपर गया तो मैंने देखा कि भाभी के कपड़े ऊपर सूख रहे है. फिर मैंने उनके ब्लाउज के नीचे से ब्रा निकाली और अपनी पेंट के अंदर अपने लंड पर डाल ली और अपना लंड मसलने लगा, उनकी ब्रा एकदम मुलायम थी.
फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उनकी ब्रा वापस वैसे ही रख दी, अब में चाहता था कि में उनकी ब्रा, पेंटी में एक बार मूठ मार लूँ, क्योंकि भाभी रोज़ कपड़े उतार लेती थी. में जानता था कि भाभी के पास काफ़ी ब्रा पेंटी है क्योंकि वो रोज़ अलग-अलग कलर की ब्रा पेंटी पहनती थी? में चाहता था कि एक बार में भी उनकी ब्रा पेंटी पहन लूँ और जी भरकर मूठ मार लूँ. फिर एक दिन बाहर से हमारे खास रिश्तेदार शादी का कार्ड देने आए तो भैया ने बोल दिया कि हम सब शादी में जाएगें. फिर उन्होंने कहा कि में अभी हम सभी का ट्रेन की सीट रिज़र्वेशन करवाता हूँ, लेकिन मैंने भैया से कहा कि मेरे एग्जॉम है में नहीं आ पाऊँगा, तो भैया अपना प्रोग्राम भी रद्द करने लगे.
फिर मैंने कहा कि भैया आप अपना प्रोग्राम रद्द मत करो, में यहाँ अपने एग्जॉम दे लूँगा, तो भैया ने कहा कि तुम्हारे खाने पीने का क्या होगा? तो मैंने कहा कि में बना लूँगा और ज़रूरत होगी तो पड़ोसी को बोल दूंगा. फिर भैया ने कहा कि ठीक है और भैया ने ट्रेन की टिकट बुक करवा दी.
फिर भाभी भी अपनी तैयारी में लग गयी. फिर मैंने सोचा कि भैया, भाभी बाहर जाएगें तो अलमारी लॉक करके जाएगें. फिर मैंने एक आइडिया लगाया और जब भाभी किसी काम से बाहर गयी तो मैंने उनसे अलमारी की चाबी ली और एक शॉप पर जाकर उसकी ड्यूप्लिकेट चाबी बना ली. फिर 2-3 दिन के बाद भैया ने कहा कि हम कल सुबह जाएगें, हमें स्टेशन छोड़ देना.
फिर अगले दिन भैया ने भाभी को कहा कि जल्दी नहा लो नहीं तो हमारी ट्रेन छूट जाएगी. फिर भाभी जल्दी से नहाकर आ गयी और तैयार होकर बाहर आ गयी. फिर में उनको स्टेशन छोड़ने गया, फिर थोड़ी देर के बाद ट्रेन चलने लगी तो भैया ने कहा कि तू अपना ध्यान रखना. फिर में वापस अपने घर आया और सीधा भैया के रूम में गया, उनके रूम में ही उनका बाथरूम था.
फिर में अंदर गया, वहाँ भाभी के कोई कपड़े नहीं थे. अब में समझ गया था कि उनके सब कपड़े अलमारी में है और अलमारी लॉक थी. फिर मैंने सोचा कि पहले एग्जॉम दे लूँ फिर मस्ती करूँगा. फिर 2-3 दिन में मेरे पेपर ख़त्म हो गये और जब लास्ट पेपर हुआ तो में सीधे घर आया और दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया. फिर मैंने अलमारी की ड्यूप्लिकेट चाबी निकाली और भाभी के रूम में गया.
फिर मैंने अलमारी के छेद में चाबी डाली और चाबी घुमाई तो अलमारी का लॉक खुल गया. फिर मैंने अलमारी खोली तो में ऐसे खुश हुआ जैसे मुझे कोई खजाना हाथ लग गया हो. फिर मैंने अलमारी खोली तो वहाँ 5 खाने थे, अब एक खाने में उनके आने जाने की साड़ी टकी थी और एक खाने में भैया के कपड़े टके थे. फिर मैंने नीचे वाले खाने में देखा तो भाभी के घर में पहने वाले कपड़े रखे थे. फिर मैंने उनकी साड़ी बाहर निकाली तो उसके अंदर से ब्लाउज पेटीकोट बाहर निकाला.
फिर मैंने देखा कि भाभी के ब्लाउज पर अंडरआर्म्स की जगह पर उनके पसीने के निशान थे, अब में उनको चाटने लगा था. फिर मैंने उनका पेटीकोट जहाँ उनकी कमर आती है वहाँ चारो तरफ से चाटा. फिर में उनके पेटीकोट का नाड़ा अपने मुँह में लेने लगा. अब मुझे बहुत मजा आ रहा था, फिर मैंने अलमारी के अंदर हाथ डाला तो मैंने देखा कि वहाँ एक थैली रखी थी. फिर मैंने उस थैली को बाहर निकाला और खोला तो मुझे उसके अंदर भाभी की थोड़ी गीली ब्रा पेंटी मिली. अब में समझ गया कि भाभी ने नहाने के बाद इन्हें बिना धोए इसमें रख दिया है.
फिर में उनकी ब्रा को सुखाकर उनकी ब्रा के दोनों कपो को चाटने लगा, अब मुझे उसमें से दूध की महक आ रही थी. फिर मैंने उनकी पेंटी ली और उनकी चूत की जगह से चाटने लगा, अब मुझे उनकी पेंटी का टेस्ट बहुत अच्छा लग रहा था.
फिर में अलमारी के हर खाने को देखने लगा, उनमें से 2 खानो में कुछ भी नहीं था. फिर मैंने सबसे नीचे वाले खाने में हाथ डाला तो मुझे उनकी एक ब्रा हाथ लगी. अब पूरा चैक करने के बाद मेरे हाथ में उनकी 3-4 ब्रा और पेंटी थी. फिर मैंने मेरे कपड़े उतार दिए और सोच लिया कि जब तक भैया, भाभी नहीं आएगें में भाभी की ब्रा पेंटी यूज़ करूँगा. फिर मैंने ऊपर वाले खाने में देखा तो वहाँ मुझे एक बॉक्स मिला.
फिर मैंने उसे खोला तो उसमें ब्लू फिल्म और कंडोम रखे थे, फिर मैंने कंडोम निकाल लिया और सोचा कि दूसरा ला कर रख दूँगा. फिर मैंने कंडोम अपने लंड पर पहन लिया और फिर मैंने बीच वाले खाने को देखा तो उसमें भाभी के सामान रखे थे, उसमें उनके एम.सी. वाले पेड भी थे. फिर मैंने उनकी रेज़र से अपने लंड के बाल काटे और उसमें उनका साबुन का बॉक्स भी रखा था, एक बार में ग़लती से उनके साबुन से नहा लिया तो उन्होंने बहुत गुस्सा किया था मेरे साबुन से मत नहाया करो. फिर मैंने सोचा कि आज अच्छा मौका है. फिर में उनका साबुन बाथरूम में ले गया और उनके कपड़ो के अंदर मुठ मारने लगा और फिर वीर्य निकलने के बाद मैंने अपना पानी साबुन पर डाल दिया.
फिर मैंने साबुन से अपने लंड को धोया और अब मेरे लंड पर एकदम चमक आ गयी थी. फिर मैंने उनका पेटीकोट, ब्रा, पेंटी को पहना और ऊपर उनकी मेक्सी पहनी और फिर ब्लू फिल्म की सी.डी चलाकर देखने लगा और साथ में मेक्सी के ऊपर से ही मुठ मारने लगा. अब मेरा थोड़ा माल मेक्सी पर भी लग गया था, अब में रोज़ उनकी मेक्सी पहनकर ही टॉयलेट जाता था और उनकी ब्रा, पेंटी में ही मुठ मारता था. अब रात को में उनके बेडरूम में ही सोता था, फिर में उनके और भाभी के बारे में सोचता था कि भाभी इसी बेड पर चुदवाती है, इसके बाद मैंने 7 दिनों तक भाभी की ब्रा, पेंटी में जमकर मुठ मारा और खूब मज़े किए.
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भाई की शादी में अंजली को चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और में अब जो स्टोरी में आपके लिए लेकर आया हूँ, वो बिल्कुल सच्ची है. मेरे दूर के एक अंकल के लड़के की शादी थी और में उस वक़्त अजमेर में था, में अजमेर से निकला ही था कि मेरी कज़िन बहन (मेरे अंकल की बेटी) का फोन आया कि उसकी एक दोस्त है अंजली शर्मा जो किशनगढ़ में रहती है तो उसे लेते हुए आना है.
अब में आपको अंजली के बारे में बता दूँ, वो दिखने में बहुत सेक्सी है और उसका फिगर साईज 34-30-34 है, उसको देखकर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जायेगा. उसकी स्माईल तो इतनी प्यारी है कि पूछो ही मत, जैसे ही मैंने सुना कि अंजली को मुझे पिक करना है, मेरे तो जैसे मज़े ही हो गये. में अंजली से एक दो बार ही मिला था और हमारी सिर्फ़ हाय हैल्लो ही हुई थी.
फिर मैंने अंजली को उसके घर से पिक किया और हम शादी के लिए रवाना हो गये, शादी फागी ज़िले में थी तो हमें 4 घंटे लगने वाले थे. फिर मैंने और उसने बातें करना स्टार्ट कर दी थी और पता ही नहीं चला कि कब हमारी ऐसी पट गयी, जैसे हम दोनों बेस्ट दोस्त हो. अब हमें पता ही नहीं चला कि कब फागी आ गया?
हम सगाई वाले दिन ही पहुंचे थे और शादी अगले दिन थी, उसने सगाई वाले दिन टाईट टी-शर्ट और जीन्स पहन रखी थी और उसकी गांड देखकर तो ऐसा लग रहा था कि अभी ही उसकी गांड मार लूँ. फिर हमने सगाई में बहुत डांस किया, मेरा मतलब साथ में डांस किया. फिर मेरे मामा की लड़की को शक हुआ तो उसने हम दोनों को एक साथ बैठाकर पूछा कि क्या हम दोनों एक दूसरे के बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड बनेगें? तो मैंने तो फटाफट हाँ कर दिया, लेकिन अंजली कुछ नहीं बोली वो सिर्फ़ शरमा रही थी.
अब रात बहुत हो चुकी तो हम सब सोने लगे, घर में इतने मेहमान थे कि मुझे सोने की कही जगह ही नहीं मिल रही थी तो में छत वाले रूम में चला गया. अब में वहाँ गया तो पता चला कि मेरी कज़िन और अंजली वहाँ बातें कर रही थी, अब वो दोनों मुझे देखकर चुप हो गयी और पूछने लगी कि क्या हुआ? अंजली के बिना नीचे मन नहीं लगा क्या?
मैंने कहा कि नीचे जगह नहीं है, इसलिए में ऊपर सोने आ गया. तभी मेरी बहन ने कहा कि आ जा यहाँ बहुत जगह है. फिर में अंजली और मेरी बहन एक साथ लेट गया, अब अंजली मेरी बगल में लेटी थी, क्या बताऊँ दोस्तों उसकी बॉडी से क्या खुशबू आ रही थी? अब मेरी तो नींद ही उड़ गयी थी. अब वो मुझसे चिपककर सो रही थी. फिर में भी मज़े लेने लगा, उसने जब नाईटी पहन रखी थी. फिर मैंने उसकी नाईटी के बटन खोल दिए और धीरे-धीरे उसके बूब्स को मसलने लगा, तभी अंजली थोड़ा सा हिली तो में रुक गया.
फिर अंजली ने खुद ही मेरा हाथ अपने बूब्स पर रख लिया और अब में उसके बूब्स को मसल रहा था, क्या मखमल जैसे बूब्स थे? फिर मैंने उसकी नाईटी ऊपर की और पेंटी में हाथ डाल दिया. फिर वो मेरे पजामे के ऊपर से ही मेरा लंड मसलने लगी. अब मेरा लंड एकदम टाईट हो गया था, अब मैंने एक चादर ली और हम दोनों ने चादर ओढ़ ली. फिर मैंने उससे कहा कि मुझे चूत में लंड डालना है तो उसने मना कर दिया और बोली कि मेरी बहन भी यहीं सो रही है.
फिर मैंने कहा कि अब क्या करें? तो उसने मेरा पजामा थोड़ा नीचे किया और फिर मेरी अंडवियर नीचे करके अपने हाथ से मेरा लंड हिलाने लगी. अब में भी उसकी चूत में मेरी उंगली अन्दर बाहर कर रहा था और अब हम दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे, क्या किस था? यार मज़ा ही आ गया. अब हम किस भी कर रहे थे और में उसकी चूत में उंगली कर रहा था और वो मेरा लंड अपने हाथ से हिला रही थी, ऐसा चलता रहा और हम दोनों एक साथ ही झड़ गये. फिर हम लिपट कर सो गये, जैसे कोई पति पत्नी सोते है.
फिर सुबह मेरी बहन ने मुझे उठाया और कहा कि जल्दी से उठो कोई भी ऊपर आ जायेगा, ऐसे चिपके मत रहो. फिर हम दोनों उठे और तैयार होने चले गये, अब में पूरे दिन अंजली का ध्यान रख रहा था और वो भी मेरा ध्यान रख रही थी, अब ऐसा लग रहा था कि हम पति पत्नी है.
फिर शाम को हम सब बारात के लिए तैयार होने लगे, उसने पिंक कलर की साड़ी पहनी थी, वो क्या क़यामत लग रही थी? और मैंने सफ़ेद शर्ट और ब्लेक ट्राउज़र पहनी थी. फिर हम दोनों ने एक साथ फ़ोटो खींचवाई तो मेरे जितने भी कज़िन थे बोलने लगे कि क्या जोड़ी है? अब सबको पता चल गया था कि मेरे और अंजली के बीच कुछ चल रहा है. फिर हम सब बारात में गये और डांस करने लगे. मैंने और अंजली ने भी साथ में डांस किया और अब मेरे सारे कज़िन हमारे मज़े लेने लगे थे. फिर हम शादी वाली जगह पर पहुंचे और शादी की सब रस्म हो गयी और फिर हम सबने दूल्हा दुल्हन के साथ खाना खाया और मंडप में बैठ गये.
अब सारी रस्में पूरी हो रही थी, तभी घर की सारी औरते घर जाने लगी, तो मुझे सबको छोड़ कर आना पड़ा. अब अंजली भी हमारे साथ थी, क्योंकि उसे ड्रेस चेंज करनी थी. अब हम गाड़ी में रवाना हुए और घर आ गये. अब अंजली ऊपर वाले रूम में चली गयी और ड्रेस चेंज करने लगी, तभी में भी वहाँ चेंज करने आ गया. मुझे नहीं पता था कि अंजली ऊपर ही है और उसने दरवाजा भी बंद नहीं किया था. अब वो ब्रा और पेंटी में थी और में पूरे कपड़ो में था.
फिर मैंने कुछ नहीं सोचा और उसको गले लगा लिया. फिर वो बोली कि कोई भी आ जायेगा. तभी मैंने कहा कि रुको में ड्रेस चेंज करके नीचे जाता हूँ और बाहर निकल जाता हूँ. फिर में पीछे वाले रास्ते से घर में आ जाऊंगा. फिर मैंने कार निकाली और चला गया, क्योंकि सब औरतें तो घर पर ही रुकने वाली थी. फिर मैंने कार आगे जाकर रोक दी और छुपके से पीछे वाले दरवाजे से ऊपर चला गया, जहाँ अंजली मेरा इंतज़ार कर रही थी.
फिर मेरे रूम में आते ही अंजली ने दरवाजा लॉक कर लिया, अब वो नाईट ड्रेस में थी. फिर हमने किस करना स्टार्ट किया, कभी गर्दन पर, तो कभी होठों पर, तो कभी आँखों पर, तो कभी कहाँ, कभी कहाँ. फिर थोड़ी देर तक ऐसा ही चलता रहा. फिर हम बेड पर लेट गये, अब में उसके ऊपर आ गया और उसके बूब्स दबाने लगा. फिर मैंने उसकी नाईट शर्ट खोल दी, उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी. क्या बूब्स थे उसके? एकदम मोटे और टाईट. अब में उसके बूब्स चूसने लगा और निपल्स को काटने लगा.
अब में उसके बूब्स को दबा भी रहा था, वो तो ज़ोर से आही आही आही भरने लगी थी. फिर मैंने उसके बूब्स पर जोर से काट दिया तो अब उसे दर्द हो रहा था, लेकिन उसे मज़ा भी आ रहा था. फिर उसने मेरी शर्ट उतार दी और मुझे किस करने लगी. फिर उसने मेरी ट्राउज़र भी उतार दी और मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही मसलने लगी. अब उसने मेरी अंडरवियर पूरी उतार दी और मेरा लंड चूसने लगी.
अब वो मेरा लंड तो ऐसे चूस रही थी जैसे कोई लॉलीपोप हो, वो मेरा लंड मस्त तरह से चूस रही थी. फिर 15-20 मिनट तक वो मेरा लंड चूसती रही और में उसके मुँह में ही झड़ गया और उसने मेरा सारा स्पर्म पी लिया.
फिर मैंने उसे लेटा दिया और उसका पजामा उतार दिया, उसने अन्दर पेंटी भी नहीं पहनी थी. अब में उसकी चूत को चाटने लगा तो अब वो मचलने लगी और अब वो मेरे सर को पकड़कर अपनी चूत की तरफ दबा रही थी. अब मैंने उसकी चूत चाट-चाटकर लाल कर दी थी.
फिर आखरी में वो झड़ गयी और मैंने उसका पूरा रस पी लिया. अब हम एक दूसरे को प्यार कर रहे थे, अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था. फिर अब मैंने उसकी टांगे फैलाई और में मेरे लंड का टोपा उसकी चूत में डालने लगा, अब उसे थोड़ा दर्द होने लगा था तो उसने कहा कि वो वर्जिन है. फिर मैंने कहा कि ठीक है में धीरे धीरे करूँगा. फिर मैंने वापस से लंड डालने की कोशिश की तो मेरा लंड और उसकी चूत में अन्दर चला गया.
अब तो उसे बहुत दर्द हो रहा था तो वो बोली कि उसे जलन हो रही है. फिर मैंने अपना लंड वापस निकाला और उसे शांत होने दिया. फिर मैंने मेरे लंड को वापस डाला और ज़ोर से दबाया तो अब मेरा लंड पूरा चूत में चला गया. अब तो वो रोने ही लग गयी. अब हम तेज आवाज़ नहीं कर सकते थे.
फिर मैंने उसे किस किया और लंड चूत में डालकर रुक गया. फिर थोड़ी देर में वो नॉर्मल हुई तो मैंने लंड वापस निकाला तो मैंने देखा कि मेरे लंड पर खून लगा हुआ है. फिर मैंने मेरे लंड को और उसकी चूत के पास ही रखे कपड़े से साफ किया और वापस लंड डालने लगा. अब उसे थोड़ा कम दर्द हो रहा था.
फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी चुदाई स्टार्ट की, अब वो मौन करने लगी, आ आ आ आ करने लगी. अब हम धीरे-धीरे आहें भर रहे थे और वो तो एकदम मस्त हो गयी थी. अब मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी और वो भी अपनी गांड उछाल-उछाल कर मेरा साथ देने लगी. अब तो चुदाई का मज़ा और दुगुना हो गया था.
अब हम चुदाई कर रहे थे और मजा भी आ रहा था, बिना कंडोम के चुदाई का मज़ा तो अलग ही होता है, चूत की जो अंदर की मसल होती है, वो इतनी सॉफ्ट होती है कि लंड को मज़ा आ जाता है. फिर वो धीरे से बोलने लगी कि राहुल और करो प्लीज करो, करते रहो और तेज करो, मुझे प्यार करो, अब से में तुम्हारी पत्नी हूँ प्लीज मुझे प्यार दो, प्यार करो मुझे आई लव यू, आज के लिए थैंक्स और करो ना आ आ आहह आ आ. अब उसकी बातें सुनकर में और ज़ोर से करने लगा था. फिर वो अकड़ने लगी तो मैंने भी अपनी स्पीड और तेज कर दी. फिर हम साथ में झड़ गये और अब मैंने पूरा पानी उसके अंदर ही छोड़ दिया.
अब हम दोनों बहुत तक गये थे. फिर हम एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे. फिर हमने कपड़े पहने और में वापस पीछे के दरवाजे से चला गया. फिर में वापस से अंजली को लेने घर आया तो अब अंजली से अच्छे से चला भी नहीं जा रहा था, अब मुझे थोड़ा बुरा लगा, लेकिन अब अंजली बहुत खुश थी. फिर हम वापस शादी वाली जगह पहुंचे तो मेरी बहन ने पूछा कि अंजली को क्या हुआ?
मैंने कहा कि वो गिर गयी थी, इसलिए ठीक से चल नहीं पा रही है. फिर हमने फेरों के टाईम बहुत मस्ती की. फिर अगले दिन हम सब निकल गये. में वापस अंजली को किशनगढ़ छोड़ने गया, लेकिन हम रास्ते में सेक्स नहीं कर पाए, क्योंकि अंजली को नीचे बहुत दर्द हो रहा था. हम आज भी एक दूसरे के संपर्क में है, लेकिन अब तो उसकी शादी हो चुकी है.
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ब्यूटी पार्लर में चाची की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम फरीद ख़ान है और में मुंबई से हूँ. मेरी हाईट 5.8 है, मेरा रंग गोरा, भूरे रंग के बाल, भूरे कलर की आखें और मेरे लंड का साईज़ 6.3 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है और मेरी चाची का नाम अमरीन है, उनकी लम्बाई 5 फिट, रंग गोरा हल्की भूरी आखें और उनकी उम्र 36 साल है और उनके फिगर का आकार 38-30-42 है. अब में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों मेरी चाची का उनके घर में ही एक ब्यूटी पार्लर है, जहाँ पर वो अपने आने वाले ग्राहकों का काम भी करती है और अपना घर भी सम्भाल लेती है, इस वजह से उन्हें कहीं बाहर नहीं जाना पड़ता. फिर एक दिन मुझे फेशियल और ब्लीच करवाना था, इसलिए मैंने अपनी चाची को कॉल किया.
में : हैल्लो, चाची.
चाची : हाँ बोल फरीद क्या हुआ?
में : चाची मुझे ब्लीच और फेशियल करवाना है तो मैंने इसलिए आपको फोन किया था, क्या आपके पास मेरे काम को करने के लिए समय है? और अगर आप कहे तो में आ जाऊँ.
चाची : हाँ क्यों नहीं बोलो कब करवाना है?
में : जब आपको समय हो तब.
चाची : तो तू एक काम कर फरीद रविवार को चार बजे मेरे पास आजा, रविवार के दिन मेरी छुट्टी होती है तो तुझे में एकदम फ़ुर्सत से सब कर दूंगी.
में : हाँ ठीक है चाची.
फिर यह कहते हुए हम दोनों ने अपनी बात को वहीं पर खत्म करके फोन रख दिया और मैंने रविवार का इंतजार किया और काम के सिलसिले में मुझे पता ही नहीं चला कि कब रविवार का दिन आ गया. अब रविवार को ठीक चार बजे मैंने उनके पास पहुंचकर उनकी दरवाजे पर लगी घंटी बजाई.
फिर जैसे ही चाची ने दरवाज़ा खोला तो में एकदम चकित होकर उन्हें देखता ही रह गया, क्योंकि वो उस समय क्या मस्त दिख रही थी, काले कलर की मेक्सी पहनी हुई थी, में क्या बताऊँ दोस्तों मेरे अंदर तो उन्हें देखकर जैसे आग सी लग गई थी और उनके बूब्स जैसे फट जाएगें बाहर आने को मचल रहे हो, उनकी इतनी टाईट मेक्सी में उनकी उभरी हुई छाती बहुत सेक्सी दिख रही थी और यह सब देखते ही मेरे लंड में हरकत सी आ गई और फिर चाची ने मुझसे कहा कि चलो अंदर आ जाओ और में उनके कहने पर अंदर चला गया और उन्होंने मुझे सीट पर बैठने को कहा और में बैठ गया.
मैंने घर में देखा और उनसे पूछा तो मुझे पता चला कोई नहीं है. मेरी चाची के परिवार में चाचा, चाची और नाज़िया ही है. दोस्तों नाज़िया उनकी 18 साल की लड़की है, वो भी क्या मस्त दिखती है और उसे तो मैंने पहले भी कई बार चोदा है, लेकिन में वो सब अपनी अगली कहानी में बताऊंगा.
अब मैंने चाची से पूछा कि चाचा और नाज़िया कहाँ है? तो चाची बोली कि तेरे चाचा बाहर क्रिकेट खेलने गये है और नाज़िया उसकी फ्रेंड के यहाँ पर पड़ने गई है. अब चाची बोली कि चल बता क्या क्या करवाना है? फिर मैंने उससे कहा कि फेशियल और ब्लीच करवाना है.
फिर चाची ने सबसे पहले मेरा फेशियल करना शुरू किया और फेशियल करते समय कभी कभी उनकी जांघे मेरी जांघ से रगड़ रही थी और फेशियल के बाद चाची ने मेरा ब्लीच करना शुरू किया और फिर फेशियल और ब्लीच होने के बाद चाची मुझसे पूछने लगी कि बता क्या और कुछ करवाना है? फिर मैंने कहा कि आप ही बता दो कि आपके पास मेरे लायक और क्या है?
वो मुझसे बोली कि बालों में कलर मसाज और भी बहुत कुछ. अब मैंने उनसे कहा कि ठीक है आप मेरी मसाज ही कर दो, तो वो मुझसे पूछने लगी कि सर की मसाज या पूरे शरीर की? तो मैंने भी तुरंत कह दिया कि आप मेरे पूरे शरीर की मसाज कर दो. तभी चाची मुझसे बोली कि जल्दी से जा अपने कपड़े उतारकर टावल लपेटकर आ जा. दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर थोड़ा सा शरमाया, चाची ने यह बात समझाते हुए वो मुझसे बोली कि तू मुझसे ज्यादा मत शरमा यह तो मेरा काम है. अब में भी अपनी हिम्मत को बढ़ाते हुए टावल लपेटकर आ गया और में उस मसाज बेड पर लेट गया जहाँ पर मेरी चाची अब मेरी मसाज करने वाली थी.
फिर चाची ने मेरे पूरे शरीर पर तेल लगाना शुरू किया और में उस समय पेट के बल लेटा हुआ था. वो सबसे पहले मेरी पीठ की मसाज करने लगी और जैसे ही चाची ने मसाज करना शुरू किया, ठीक वैसे ही मेरे पूरे शरीर के अंदर एक करंट सा दौड़ उठा और मेरा लंड फूलने लगा. दोस्तों मैंने महसूस किया कि चाची के हाथ इतने मुलायम थे कि मुझे अब बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन उसके साथ साथ मेरी हालत भी बहुत खराब हो रही थी, में क्या करता आख़िरकार में एक लड़का हूँ और एक लड़की का हाथ मेरी पीठ पर घूम रहा था और थोड़ी देर में मेरा पूरा लंड टाईट हो गया था और फिर धीरे धीरे आगे बढ़ती हुई वो मेरे पैरों पर आ गई थी. अब मसाज करते करते वो मेरी जाघों तक आ गई थी.
दोस्तों अब चाची को मसाज करने में थोड़ी सी परेशानी हो रही थी, इसलिए चाची मुझसे बोली कि फरीद तू अब अपना टावल थोड़ा ढीला कर दे. फिर मैंने थोड़ा मेरी गांड को उँचा करके टावल को थोड़ा सा ढीला कर दिया और एक बार फिर से चाची ने मेरी मालिश करना शुरू कर दिया और मेरी जांघो की मसाज करते करते उनके हाथ अब इतना ऊपर आ गए कि मेरी गांड पर उनकी उंगलिया अब छू रही थी और उस कोमल स्पर्श को पाकर मेरा लंड इतना टाईट हो गया था कि जैसे अभी फट जाएगा, में बहुत जोश में था.
फिर चाची मुझसे बोली कि अब तू सीधा हो जा, लेकिन उस समय मुझे बहुत शरम आ रही थी और में बहुत घबरा भी रहा था, क्योंकि उस समय मेरा टावल एकदम ढीला पड़ा हुआ था और मैंने उसके अंदर कुछ पहना भी नहीं था और अब तक मेरा लंड तनकर तंबू बन चुका था और वो बार बार मुझसे बोले जा रही थी सीधा हो सीधा हो और मुझे मजबूरन सीधा होना पड़ा और जैसे ही में सीधा हुआ तो मेरी चाची की नज़र सीधी जाकर मेरे लंड पर पड़ी और उनकी आँखे खुली की खुली रह गई, अब शायद वो सोचने लगी थी कि इसका लंड कैसा दिखता होगा, सीधा लेटने पर वो भी सिर्फ़ मेरे लंड पर टावल रखा हुआ.
फिर जैसे तैसे चाची ने नज़र हटाकर फिर से मेरी मसाज करना शुरू कर दिया और अब उन्होंने मेरी छाती पर बहुत सारा तेल लगाकर मसाज करनी शुरू कर दी, लेकिन बार बार उनकी नज़र मेरे लंड पर ही जा रही थी और छाती से होते हुए वो अब मेरे पेट पर आ गई और धीरे धीरे मसाज करते उनकी ऊँगली मेरे झाँट के बाल तक पहुंच गई और अब उनसे भी रहा नहीं गया और आख़िरकार उन्होंने वो टावल हटा दिया और मेरे लंड को देखकर आँखे चौड़ी करके घूरने लगी और उन्होंने मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में ले लिया और वो बोली कि इतने दिनों से इसे कहाँ छुपा रखा था, तू अब तक इतना बड़ा कहाँ लेकर घूम रहा था?
अब तक मेरी आवाज़ ही नहीं निकल रही थी यह सब देखकर. फिर वो मुझसे बोली कि क्या कुछ स्पेशल करना है? तो मैंने भी हाँ में अपना सर हिला दिया. अब मेरी चाची ने अपने हाथ में ढेर सारा तेल ले लिया और मेरे लंड पर लगाकर वो अब मेरे लंड की मालिश कर रही थी, वो अपनी उँगलियों से कभी मेरे लंड को सहलाती तो कभी अपनी मुट्ठी में भरकर आगे पीछे करती.
फिर मैंने भी उनका जोश देखकर थोड़ी हिम्मत करते हुए अपनी चाची से कहा कि चाची आप प्लीज अपनी मेक्सी को उतार लो ना. फिर चाची ने कहा कि ठीक है और फिर उन्होंने अपनी मेक्सी को उतार लिया और अब वो मेरे सामने सिर्फ़ लाल कलर की ब्रा और लाल कलर की पेंटी में थी.
अब फिर से उन्होंने मेरे लंड की मालिश करना शुरू किया और में भी एकदम सही मौका देखकर अपना एक हाथ उनकी चूत तक ले गया और पेंटी के ऊपर से ही चूत को सहलाने लगा, वो मेरे एक साईड में खड़ी हुई थी और जैसे ही उनकी चूत पर मेरा हाथ छुआ तो वो एकदम से उछल पड़ी और उनके मुहं से सस्स्सिईईईइ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ की आवाज़ निकल गई और उन्होंने मेरे लंड को इतनी ज़ोर से दबाया कि मुझे भी उसकी वजह से बहुत दर्द हुआ और में थोड़ी देर उनकी चूत को सहलाने लगा. मैंने महसूस किया कि वो अब तक बहुत गरम हो चुकी थी.
फिर मैंने सोचा कि यह चुदाई करने का बहुत अच्छा मौका है. फिर मैंने तुरंत चाची की पेंटी और ब्रा दोनों को उतार दिया और उन्हें पूरा नंगा कर दिया. दोस्तों वाह क्या दिख रही थी मेरे सामने मेरी प्यारी अमरीन चाची पूरी नंगी खड़ी हुई थी और में एक बार फिर से चूत को सहलाने लगा. फिर थोड़ी देर बाद मैंने अपनी एक उंगली को उनकी चूत में डाल दिया और जैसे ही उंगली को चूत के अंदर डाला तो उन्होंने मेरे लंड को अपने मुहं में भर लिया और इतने प्यार से लोलीपोप की तरह चूस रही थी और चाट रही थी.
फिर मैंने उनसे अपना लंड मुहं से बाहर निकालने को कहा तो उन्होंने तुरंत बाहर निकाल दिया. अब मैंने चाची को घुटनों के बल बैठा दिया और मेरा लंड एक बार फिर से उनके मुहं में डाल दिया और अब में उनके मुहं को हल्के हल्के धक्के देकर चोदने लगा और उनके मुहं में करीब करीब मेरा लंड 4 इंच तक अंदर चला गया था, उनकी आँखें पूरी चौड़ी और बाहर आ गई थी, जब में हलक तक उनके मुहं पर दबाव देता रहा और करीब 20 मिनट तक उनके मुहं को चोदने के बाद मैंने अपना पूरा का पूरा वीर्य उनके मुहं में ही डाल दिया और तब तक लंड को बाहर नहीं निकाला, जब तक चाची मेरा वीर्य नहीं पी गई, अब वो मेरा पूरा वीर्य अपने गले से नीचे उतारने लगी और उसके बाद मैंने अपना लंड धीरे धीरे बाहर निकाला और चाची को मसाज बेड पर लेटा दिया.
फिर में भी उनके ऊपर आ गया और उनको एक फ़्रेच किस उनके होंठो से अपने होंठो को मिला दिया और करीब दस मिनट तक मैंने उन्हें किस किया. कभी उनके होंठो को तो कभी गाल पर तो कभी गर्दन या कान पर और किस करते करते उनके बूब्स तक आ गया और अब बूब्स को चूसना शुरू किया, कभी में उनके बूब्स को चूसता तो कभी उनकी निप्पल को काटता और चाची सस्सिईईई आह्ह्ह्हहह ऊईईईईइ की आवाज़े निकाल रही थी.
फिर थोड़ी देर चूत को चूसते चूसते में उनकी चूत तक आ गया था. दोस्तों वाह क्या खुशबू थी उनकी चूत की और उनकी चूत का पानी भी टपक रहा था. अब मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत के मुहं पर रख दिया और चूत को चाटना शुरू कर दिया, वो मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी और लगातार सस्स्सीईईईईइ आअहह उईईईईईइ सस्ससू किए जा रही थी.
फिर मैंने उनकी चूत के अंदर जैसे ही अपनी जीभ को डालकर चूसना शुरू किया तो वो और भी उछल पड़ी और ऐसे मेरे सर को अपनी चूत पर दबाव दे रही थी, जैसे मेरा सर अपनी चूत में पूरा अंदर घुसा देगी और थोड़ी ही देर में चाची भी झड़ गई और उन्होंने मेरे मुहं पर अपना पानी छोड़ दिया और पूरी अकड़ गई.
अब में फिर से चाची के मुहं के पास आ गया और उनका मुहं खोलकर फिर से अपना लंड उनके मुहं में डाल दिया और मुहं की चुदाई चालू कर दिया और कुछ देर बाद मैंने उनके मुहं से अपना लंड बाहर निकाला और उनके सामने आकर बैठ गया तो मैंने चाची के दोनों पैरों को खोल दिया और अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़ने लगा तो वो और भी गरम हो गई और मुझसे बोलने लगी कि अब बस फरीद अब नहीं रहा जा रहा है, प्लीज अब इसे अंदर डाल दे प्लीज.
फिर मैंने उनकी चूत पर अपना लंड रखकर एक हल्का सा धक्का मारा तो मेरे लंड का सिर्फ़ टोपा ही अंदर घुसा और वो चीख पड़ी, आअहहा उफ्फ्फफ्फ्फ़ फरीद. दोस्तों क्योंकि उनकी चूत बहुत टाईट थी.
अब वो मुझसे बोली कि तेरा बहुत बड़ा और थोड़ा मोटा भी है, तेरे चाचा का तो तेरे से आधा है तो इसलिए आहिस्ता कर. फिर मैंने ठीक है बोला और थोड़ा सा रुक गया और में उनके बूब्स को चूस रहा था तो कभी उनके होंठो को किस करता और कुछ देर रुकने के बाद मैंने उनके होंठो को किस करते हुए फिर से ज़ोरदार धक्का मार दिया तो करीब 5 इंच तक मेरा लंड अंदर घुस गया और वो उछल पड़ी और उनकी आखों से आँसू आने लगे.
फिर कुछ देर में ऐसे रुका रहा और फिर थोड़ी देर बाद वो जब शांत हुई और वो मुझसे बोली कि अब और मत तड़पा अब पूरा डाल दे फरीद अब और नहीं. फिर मैंने अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला और एक ज़ोरदार धक्का मारकर इस बार मेरा पूरा का पूरा लंड चाची की चूत में जड़ तक समा गया और मेरी प्यारी चाची रो पड़ी. मैंने उनके पूरे चेहरे पर किस किया. अब में उनसे बोला कि हो गया चाची पूरा अंदर तक चल गया है और बस अब कुछ ही देर में आपको मज़ा आएगा, तो चाची थोड़ा शांत हुई और में धक्के मारने के लिए तैयार हुआ.
तब मैंने मेरे लंड की तरफ देखा तो मेरे लंड पर खून लगा हुआ था. फिर मैंने धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया तो मेरी चाची भी मेरा साथ देने लगी. कुछ देर बाद चाची को भी मज़ा आने लगा तो वो अपनी गांड को उछाल उछालकर मेरा लंड अंदर तक ले रही थी.
फिर मुझे भी जोश आ गया और मैंने भी अपनी चुदाई की स्पीड को बड़ा दिया और ज़ोरदार चुदाई करने लगा और चाची आआहह आहहईइ सस्स्सिईई करने करने लगी और धक्को के साथ साथ वो बड़बड़ाने लगी हाँ और ज़ोर से फरीद आआहह आअहह और अंदर जाने दे सस्सीई हाँ फाड़ दे मेरी चूत को ऊईईईइ आआहहहह मेरी जान.
फिर उनके मुहं से यह सब सुनकर मेरी स्पीड और भी बढ़ गई और इस बीच चाची दो बार झड़ चुकी थी और करीब 40 मिनट के बाद में भी चाची की चूत में ही झड़ गया और उनके ऊपर ही लेट गया और हम कुछ देर ऐसे ही लेटे हुए थे और फिर अलग हुए. अब चाची ने मुझे अपने ऊपर घसीट लिया और में उनके बूब्स पर बैठ गया तो वो मेरे लंड को एक बार फिर से अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और फिर कुछ देर बाद मेरा लंड एक बार फिर से अपना आकार बदलने लगा था और गरम लोहे की तरह तपने लगा था.
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जवानी की झलक दिखाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पम्मी है, में राँची झारखंड की रहने वाली हूँ. आज में आप सब लंड वालों को अपनी एक रियल स्टोरी बताने जा रही हूँ, पहले आप मेरी सेक्सी फिगर जान लो, मेरी चूचीयाँ 34 साईज़ की है, क्योंकि अभी मेरी उम्र 21 साल है, मेरी गांड गदराई हुई, लेकिन सिर्फ़ 38 साईज की है. आज में मेरी और मेरा पड़ोसी जिशान की चुदाई की स्टोरी बताने जा रही हूँ. जिशान मेरे बचपन का दोस्त भी है, हम साथ में बड़े हुए है. ये बात 2 साल पहले की है. जिशान अक्सर मुझे गंदी नजरो से देखता है, मुझे पता है कि वो मेरी चूचीयों को घूरता रहता है, लेकिन मैंने उसे कभी मना नहीं किया और उसे मज़ा लेने देती थी.
जब गर्मी का मौसम था और एक दिन में अपने बाथरूम में नहा रही थी और जिशान अपनी छत पर चढ़कर मुझे नहाते हुए देख रहा था. अब मुझे कुछ पता नहीं था और में अपने मज़े से अपनी चूचीयों और चूत को रगड़-रगड़कर नहा रही थी कि तभी मेरी नज़र जिशान से मिल गई, तो में शरमा गई, लेकिन अब जिशान मुझे देखकर मुस्कुरा रहा था और वो वहीं खड़ा होकर मुझे देख रहा था. अब में नहाने के बाद अपनी ब्रा और पेंटी पहन रही थी और जिशान मेरी गांड और चूत और चूचीयों के दर्शन करके मज़े ले रहा था. फिर में अपने सारे कपड़े को धोने के बाद जिशान की छत पर कपड़े सुखाने चली गई थी, उस टाईम उसके घर पर उसकी माँ भी थी इसलिए उसने मुझसे कुछ नहीं कहा और में अपने कपड़े डालकर आ गई, लेकिन शाम को जब में अपने कपड़े लेने गई, तो उसके घर पर सिर्फ़ जिशान ही था.
फिर में अपने कपड़े लेने छत पर गई, अब मुझे मेरे सारे कपड़े मिल गये थे, लेकिन मुझे मेरी ब्रा और पेंटी नहीं मिली थी. अब मुझे कुछ शक हुआ कि जिशान ने ज़रूर छुपा दिए होंगे, फिर मैंने जिशान से पूछा कि तुमने मेरे कपड़े छुपाए है? तो उसने कहा कि नहीं, तो मैंने बोला कि मेरी ब्रा और पेंटी नहीं मिल रही है, तो जिशान हँसने लगा और बोला कि हाँ मैंने रखी है, आज जब तुम मुझे अपनी ब्रा और पेंटी पहन कर दिखाओगी तो में तुमको यह दूँगा, नहीं तो अपने मुठ से तेरी ब्रा और पेंटी को खराब कर दूँगा. फिर मैंने कहा ठीक है में पहनकर दिखाऊँगी, लेकिन तुम किसी को कुछ मत बताना कि मैंने ऐसा कुछ किया था. फिर जिशान बोला कि पम्मी जान में किसी को कुछ भी नहीं बताऊंगा, बस मुझे अपनी जवानी की थोड़ी सी झलक दिखा दो ना. उस टाईम मैंने मेक्सी पहनी हुई थी. फिर मैंने अपनी मेक्सी उतार दी, जब मैंने अंदर रेड कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी.
फिर जिशान ने मेरी मदद करके मेरी मेक्सी उतार दी और पीछे से आकर मुझे अपनी बाँहों में भर लिया. अब उसके पजामे से उसका लंड मेरी गांड में चुभ रहा था, लेकिन अब मुझे मज़ा भी आ रहा था. फिर जिशान मेरी चूचीयों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा, जिससे में जोश में आने लगी और मौन करने लगी. तो जिशान और जोश में मेरी दोनों चूचीयों को दबाने लगा और फिर धीरे से उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया. अब में ऊपर से पूरी नंगी हो गई थी और जिशान मेरे बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा था.
अब मेरी बेताबी और बेचैनी बढ़ने लगी थी, फिर मैंने धीरे से अपने एक हाथ से जिशान का लंड पकड़ लिया और उसके लंड को सहलाने लगी. फिर जिशान ने मुझे ज़मीन पर लेटा दिया और मेरी पेंटी भी निकाल दी, अब में पूरी नंगी हो गई थी. अब जिशान मेरी चूत पर जिस पर बहुत सारे बाल थे, उसे अपने हाथ से सहलाने लगा था और मेरे दोनों पैरो को फैलाकर बीच में बैठ गया था. फिर वो नीचे झुककर मेरी चूत पर अपना मुँह लगाकर चाटने लगा और मेरी चूत के दाने को अपनी जीभ से छेड़ने लगा, अब में तो जैसे सातवें आसमान में पहुँच गई थी.
फिर जिशान ने अपना पजामा उतारकर अपने लंड को मेरे मुँह में डाल दिया. अब में उसके लंड को लॉलीपोप की तरह चूसने लगी थी. फिर कुछ देर के बाद जिशान मुझे लेटाकर मेरे ऊपर लेट गया और अपने 6 इंच के लंड को मेरी चूत पर रगड़ने लगा. अब मेरी चूत से रस निकल रहा था, फिर जिशान ने अपने लंड का सुपड़ा जैसे ही मेरी चूत में डाला तो मुझे बहुत दर्द होने लगा.
फिर जिशान बोला कि पम्मी डार्लिंग फर्स्ट टाईम चुदवा रही हो ना इसलिए दर्द हो रहा है, अब कुछ देर के बाद तुम्हें बहुत मज़ा आने वाला है. अब जिशान ने मुझे किस करते हुए मेरी चूत में अपना सारा लंड पेल दिया था और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा था. अब मुझे बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन अब मुझे धीरे-धीरे आनंद भी आने लगा था और अब में भी अपने चूतड़ उठा उठाकर उसके 6 इंच के लंड को अपनी चूत में लेकर चुदवाने लगी थी.
अब जिशान ने टी.वी ऑन कर दिया था, ताकि हम दोनों की चोदने और चुदवाने की आवाज़ बाहर ना जा सके. अब पूरा रूम पच-पच और छप-छप की आवाज से गूँज रहा था, अब मेरी चूत बहुत बार झड़ गई थी और इससे मेरी पूरी चूत गर्म हो गई थी. फिर जिशान ने मुझे उठाकर अपनी गोद में बैठा लिया और अपने लंड को मेरी चूत पर टिकाकर बोला कि पम्मी डार्लिंग लंड पर बैठ जाओ.
मैंने भी उसके लंड पर अपनी चूत टिका दी और बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी. अब उसका लंड पूरा का पूरा मेरी चूत में समा जा रहा था, अब नीचे से जिशान भी अपनी फुल स्पीड में चुदाई करने लगा था. अब हम दोनों गर्मी के मौसम में पूरी तरह से पसीने में भीग गये थे. फिर कुछ देर के बाद जिशान के लंड ने मेरी चूत में अपनी सारी मलाई छोड़ दी, अब मेरी पूरी चूत भीग गई थी. अब इस तरह से हम अक्सर चुप-चुपकर चुदाई का मज़ा लेते रहते है.
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आंटी की कार में चुदाई

हैल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम हरी पटेल है और मेरी उम्र 28 साल और में अहमदाबाद का रहने वाला हूँ. दोस्तों जब में छोटा बच्चा था, तब से ही मुझे सेक्स में बहुत रूचि रही है और इसलिए मुझे चुदाई करना बहुत अच्छा लगता है और अब में सेक्सी कहानियाँ पढ़कर कई बार मुठ मारकर अपने लंड को शांत कर लेता हूँ और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि मुझमें सेक्स की चाहत फूट फूटकर भरी हुई है और मुझे सेक्सी आंटियां बहुत पसंद है, उसमें भी जो आंटी एकदम टाईट ब्लाउज के साथ साड़ी पहनती है, वो मुझे बहुत अच्छी लगती है और मेरा मन उन्हें पकड़कर चुदाई करने का होता है.
मैंने कई बार बहुत सी प्यासी चूत की आंटी, भाभी को चोदकर संतुष्ट किया है और आज में आप सभी को अपनी एक ऐसी ही हॉट, सेक्सी आंटी के साथ चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने उसकी प्यासी चूत को चोदकर संतुष्ट किया और वो मेरी उस चुदाई से बहुत खुश हुई और अब में वो घटना थोड़ा विस्तार से आप लोगों को बताता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि जिसको पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा.
अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. दोस्तों हमारे घर के पास एक बहुत बड़ा सब्जी मार्केट लगता है और में ज़्यादातर वहां पर जाता नहीं था, क्योंकि बाजार में कभी कुछ हमारे लायक काम होता ही नहीं था. एक दिन मुझे ऐसे ही भूख लगी और में नाश्ता करने फ़ूड स्टॉल पर निकल पड़ा, वो फूड स्टॉल सब्जी मार्केट में ही है, में वहां पर स्नेक्स ले ही रहा था कि उतने में वहां पर एक बहुत सुंदर, हॉट, सेक्सी आंटी भी नाश्ता करने पहुंची.
उसने काले कलर का ब्लाउज काली कलर की साड़ी पहनी हुई थी और वो दिखने में बहुत आकर्षक लग रही थी और उस समय में भी अकेला था और वो भी अकेली थी, वो एकदम मेरे सामने खड़ी हुई थी और अपना ऑर्डर लिखवा रही थी. दोस्तों वहां पर हम दोनों के अलावा और कोई नहीं था, क्योंकि वो दोपहर का समय था और मुझे वो आंटी बहुत पसंद आई, इसलिए में उसे घूर घूरकर देखने लगा और वैसे मेरी नज़र लड़कियों को देखने में बहुत खराब है तो शायद पांच मिनट के बाद उसने मेरी नजर पर गौर किया कि में उसे घूर रहा हूँ.
फिर उसने भी मेरी तरफ थोड़ा सा स्माईल किया और मैंने भी वैसा ही किया, शायद दस मिनट तक हमने स्माईल किया और एक दूसरे को देखते रहे. में बस उससे अब बात करने ही वाला था और उतने में उसके पड़ोस में रहने वाला एक लड़का आ गया और वो उससे बातचीत करने लगा और बातों ही बातों में वो दोनों चल निकले.
फिर मैंने अपने घर पर जाकर उसको सोचकर बहुत बार मुठ मारी, क्योंकि वो आंटी थी ही इतनी जबरदस्त. दोस्तों में कभी मार्केट नहीं जाने वाला था, लेकिन अब में हर रोज उसी समय वहां पर पहुंचने लगा कि शायद वो मुझे दोबारा मिल जाए. फिर दस दिन के बाद में आईसक्रीम पार्लर पर आईसक्रीम लेने चला गया.
दोस्तों वहां पर सिर्फ एक सफेद कलर की कार आकर खड़ी हुई और उसमें से एक सुन्दर औरत बैठी थी और जिसका में बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहा था. फिर वह औरत निकली और उसका पूरा ध्यान मुझ पर ही था, क्योंकि में थोड़ा दूर था और उसको देखकर में तो बहुत खुश हो गया, में उसके पास गया और अब में उसके पास में जाकर खड़ा हो गया और मैंने अपना पर्स जानबूझ कर नीचे गिरा दिया और में वो पर्स लेने जैसे ही नीचे झुका तो मेरा सर उसकी जांघ को थोड़ा छू गया और फिर जब में अपना पर्स लेकर खड़ा हुआ तो मैंने आंटी को सॉरी बोला.
तभी वो आंटी मुझे पहचान गई. उसने मुझसे कहा कि कोई बात नहीं ऐसा कभी कभी होता है, वो मुझे अच्छी तरह से पहचान गई थी और फिर हम दोनों धीरे धीरे बातें करते हुए वहां से बाहर निकले. मैंने आंटी का नाम पूछा, दोस्तों आंटी का नाम सुप्रिया था. फिर मैंने उनसे उनका मोबाईल नंबर माँगा तो वो मुझसे पूछने लगी कि तुम्हें मेरा मोबाईल नंबर क्यों चाहिए? अब में थोड़ा सा घबरा गया, लेकिन तब तक हम बाहर आ चुके थे और उन्होंने मुझे उसकी गाड़ी में बैठने को कहा और में तुरंत उनकी कार में जाकर बैठ गया.
फिर कुछ देर बाद वो अपनी गाड़ी को वहां से थोड़ी दूर पर एक सुनसान जगह पर ले आई. मैंने देखा कि वहां पर एक बहुत बड़ा मैदान था और उसने अपनी कार को रोककर गाड़ी की लाईट को बंद कर दिया. उस समय करीब रात के 10:30 बजे होंगे और वहां पर सुप्रिया मुझसे पूछने लगी.
सुप्रिया : क्यों तुम्हें मेरा फोन नंबर किस लिए चाहिए?
फिर में कुछ नहीं बोल पाया और में अपना मुहं इधर उधर घुमाने लगा. मेरे मुहं से कोई भी आवाज नहीं निकल रही थी और उतने में ही उसने अपना एक हाथ उठाकर मेरे लंड पर रख दिया. दोस्तों में उसकी इस हरकत से थोड़ी देर के लिए बिल्कुल दंग रह गया कि यह क्या कर रही है? तो थोड़ी देर हाथ फेरकर वो मुझसे कहने लगी कि क्यों तू मुझ पर बहुत लाईन मारता है और क्या में तुझे बहुत अच्छी लगी?
में : हाँ आंटी, जब से मैंने आपको उस दिन फूड स्टॉल पर देखा था, तब से मुझे हर तरफ बस आप ही आप दिखती हो और आपको सोचकर तो में बहुत बार मुठ मार चुका हूँ.
सुप्रिया : अच्छा, क्या में तुझे इतनी पसंद हूँ? तो चल फिर आज सच में ही तू मुझे चोद दे.
दोस्तों यह बात बोलकर उसने ज़ोर से मुझे पकड़कर लिप किस दे दिया. करीब दस मिनट तक हम एक दूसरे के होंठो को चूसते रहे और एक दूसरे के मुहं में अपनी अपनी जीभ को डालते रहे, वाह दोस्तों क्या गरम सेक्सी आंटी थी? फिर उससे बात करके मुझे पता चला कि वो एक बहुत पैसे वाली है और उनका पति एक रंडीबाज है, वो हर रोज दारू सिगार पीता है और उस पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता है और उनकी ज़्यादा बनती भी नहीं है, इसलिए वो भी बाहर कोई शिकार ढूंढ रही है. फिर हम दोनों ने कार की सीट को पूरा पीछे किया और फिर आंटी ने धीरे से मेरी पेंट को उतारकर मेरे अंडरवियर को खोलकर वो मेरे लंड से खेलने लगी. दोस्तों शायद वो मेरा लंड पकड़कर बहुत ख़ुशी महसूस कर रही थी, वो मेरा लंड पकड़कर ज़ोर से हिला रही थी.
फिर वो लंड को धीरे धीरे चूसने लगी और लंड के नीचे की गोलियों से भी खेलती रही और अब वो मेरे लंड को पूरा मुहं में लेकर थूक थूककर पूरा लंड मज़े से चूस रही थी और मेरे चेहरे के हावभाव को देखकर वो और भी गरम हो रही थी. दोस्तों करीब 15 मिनट तक उसने मेरे लंड को पकड़कर चूसा और हिलाती रही, लेकिन उतने में ही मेरा पानी निकल गया और सारा पानी पी गई, वो चूस चूसकर मेरा पूरा पानी निकालकर पी गई. फिर धीरे से मैंने उसकी साड़ी, ब्लाउज को उतारकर ब्रा को भी उतार दिया, वाह दोस्तों उसके क्या मस्त दूध के जैसे सफेद बूब्स थे और हल्के गुलाबी निप्पल थे.
फिर मैंने झट से उसके एक बूब्स को अपने मुहं में ले लिया और धीरे धीरे चूसने लगा, लेकिन दूसरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और अब आंटी बिल्कुल पागल हो रही थी, वो जोश में आकर मेरे हाथ पर अपने दोनों हाथ रखकर मुझसे अपने बूब्स को ज़ोर से दबवा रही थी और धीरे धीरे सिसकियाँ ले रही थी, जिनको सुनकर में पूरी तरह जोश में आ रहा था.
फिर आंटी ने मुझे खड़ा करके वो खुद मेरे पास की सीट पर आकर बैठ गयी और फिर मैंने धीरे से उसकी साड़ी को ऊँचा करके देखा तो उसकी पेंटी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. मैंने तुरंत उसकी पेंटी को उतार दिया, वाह दोस्तों क्या सेक्सी चूत थी उनकी, वो थोड़े थोड़े बाल के बीच में गुलाबी गुलाबी जैसे कोई फूल खिला था ऐसी दिख रही थी.
मैंने सुप्रिया की चूत में अपनी दो उंगलियों को डाल दिया और धीरे धीरे हिलाने लगा और अंदर बाहर करने लगा और उसको लगातार किस किए जा रहा था. दोस्तों मुझे चूत चाटने का बहुत शौक है और मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा भी आता है. फिर मैंने धीरे धीरे आंटी के पैर से लेकर पूरे बदन पर पागलों की तरह किस किए और फिर आंटी की चूत पर अपना मुहं रखकर जीभ से और होंठो से में उनकी चूत को चाटने लगा और चूत का सारा पानी पीने लगा.
दोस्तों उसको इतना मज़ा आ रहा था कि वो मुझे आह्ह्ह्ह आईईईइ करके गालियाँ भी दे रही थी, वो मुझसे बोली कि भोसड़ी के मादरचोद तू मुझे अब मत तड़पा डाल दे अपना लंड मेरी चूत में और शांत कर दे मेरी तड़प को, प्लीज थोड़ा जल्दी कर में अब ज्यादा नहीं सह सकती.
फिर आंटी ने उनके पर्स से एक कंडोम निकाला और लंड को किस करके पहना दिया. फिर सीट को पूरी लंबी कर दिया और लेट गई. फिर मैंने उसकी चूत में अपने लंड को डाल दिया और में उस पर लेट गया, आंटी इतनी जोश में थी कि वो उछल उछलकर मुझसे चुदवाने का मज़ा ले रही थी. दोस्तों करीब दस मिनट तक हमारा सेक्स चलता रहा और उसके बाद में एक बार फिर से झड़ गया तो आंटी ने कंडोम को लंड से उतार दिया और लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और लंड को दूसरी बार चुदाई करने के लिए तैयार करने लगी.
फिर कुछ देर बाद लंड एक बार फिर से कड़क हो गया तो आंटी अब घोड़ी बन गई और डॉगी स्टाईल में उसने मुझसे कहा कि अब हम ऐसे चुदाई करते है. दोस्तों तब में उनकी गांड के छेद को देखकर बिल्कुल पागल हो गया, वाह दोस्तों क्या गांड थी उनकी?
मैंने उनकी गांड को किस किया और उसकी गोरी मोटी जांघो को दबा दबाकर चाटने लगा और धीरे से उनकी गांड को भी चाटने लगा और फिर मैंने अचानक से अपनी एक उंगली को उनकी गांड में डाल दिया, जिसकी वजह से आंटी बहुत ज़ोर से चिल्लाई और वो मुझसे बोली कि नहीं वहां पर तुम कुछ भी मत करना, मुझे बहुत दर्द होता है. मैंने आज तक अपनी गांड किसी से भी नहीं मरवाई है और मेरी गांड अब तक एकदम कुंवारी है.
फिर मैंने उनसे बोला कि प्लीज आंटी मुझे आपकी गांड बहुत पसंद है एक बार करने दो ना, आपको भी इसमें बहुत मज़ा आयेगा और में बहुत धीरे धीरे करूंगा और जब आपको दर्द होगा तब आप मुझसे कहना, में तुरंत वहीं पर रुक जाऊंगा, लेकिन प्लीज एक बार मुझे आपकी गांड दे दो और फिर मेरे बहुत देर तक मनाने समझाने के बाद वो तैयार हो गई.
फिर मैंने धीरे से उनकी गांड के मुहं पर अपने फनफनाते हुए लंड का टोपा रख दिया और एक हाथ से उनकी कमर को कसकर पकड़ा और दूसरे हाथ से लंड को गांड के मुहं पर पकड़कर रखा और धीरे धीरे धक्का देकर लंड को गांड के अंदर डालता चला गया, जिसकी वजह से आंटी को बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन अब में उनको ऐसे ही छोड़ने वाला नहीं था.
मैंने अब लंड के थोड़ा अंदर जाते ही अपने दोनों हाथों से उनको उनकी कमर से बिल्कुल टाईट पकड़कर एक जोरदार झटका देकर लंड को अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से अब वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई और वो आगे पीछे होकर लंड को बाहर करने की नाकाम कोशिश करने लगी, लेकिन मेरी मजबूत पकड़ और मेरे कुछ देर वैसे ही रुककर उनकी चूत और बूब्स को सहलाने के कुछ देर बाद वो धीरे धीरे शांत हो गई. फिर मैंने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और अब उन्हें भी थोड़ा थोड़ा मज़ा आने लगा था, वो भी अपनी गांड को मेरे धक्कों के साथ साथ आगे पीछे करके मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और अब में अपने धक्कों की स्पीड को धीरे धीरे बढ़ाने लगा.
दोस्तों उस समय मैंने कंडोम नहीं पहना हुआ था और कुछ देर के धक्कों के बाद में अब झड़ने वाला था. मैंने आंटी से पूछा कि आंटी क्या में अपनी गांड के अंदर ही अपना वीर्य डाल दूँ? तो वो तुरंत मुझसे बोली कि नहीं मुझे तुम्हारा जूस पीना है और मैंने उनके यह शब्द कहते ही अपने लंड को तुरंत खींचकर उनकी गांड से बाहर निकाल दिया और आंटी ने झट से सीधा होकर लंड को अपने मुहं में ले लिया और पागल की तरह लंड को हिलाने और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और जैसे ही वीर्य बाहर निकला तो उसका पूरा मुहं गीला हो गया और वो अपनी उंगली से सब साफ करके उसे पी गई. उस समय करीब रात के 12 बजे गये थे.
अब आंटी ने अपने कपड़े पहने और मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए थे और हमे एक दूसरे को छोड़ने की ज़रा भी इच्छा नहीं थी. फिर भी अपने घर तो हमे जाना ही था. फिर आंटी ने मुझे अपनी कार से मेरे घर के बाहर छोड़ दिया और मुझे अपना मोबाईल नंबर भी दे दिया और साथ साथ घर का पता भी दे दिया और उसके बाद हम करीब तीन चार बार सेक्स कर चुके है, कभी उसके घर पर, कभी होटल, जब हमें जैसा मौका मिलता हमने चुदाई के मज़े लिए और वो मेरी चुदाई से हमेशा बहुत खुश हुई और मैंने भी उनकी चुदाई पूरी मेहनत और लग्न से मैंने उन्हें हर एक नई स्टाईल से चोदा और बहुत मजे किये.
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