छिनाल पड़ोसन शीला की गंदी चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रवि है और में मुंबई का रहने वाला हूँ मेरी उम्र 23 साल है और मुझे शुरू से ही अपने से ज्यादा उम्र की औरतें ज्यादा अच्छी लगती है. दोस्तों आज में आप सभी चाहने वालोँ को अपनी एक ऐसी ही ज्यादा उम्र की सेक्सी आंटी की चुदाई की सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ और अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ और आप सभी को पूरे विस्तार से वो कहानी सुनाता हूँ जिसमे मैंने उस आंटी को चोदकर बहुत मज़े किए.
दोस्तों मेरे सामने वाले फ्लेट में एक बहुत हॉट, सेक्सी आंटी रहती थी जिनका नाम शीला था और वो दिखने में एकदम मस्त माल लगती थी और उनके घर में आंटी अंकल और उनका एक 7 साल का बेटा रहता था, लेकिन वो वहां पर बस अपने बेटे के साथ रहती थी क्योंकि उनके पति उस समय लन्दन में किसी बहुत बड़ी कम्पनी में नौकरी करते और वहीं पर रहते थे. वो साल दो साल में एक बार कुछ महीनों के लिए घर पर आते थे. दोस्तों मेरी आंटी की उम्र करीब 36 साल की होगी, उनके फिगर का साईज 34 -30 -40 होगा, लेकिन मुझे सिर्फ उनकी गांड बहुत पसंद थी और वैसे भी मुझे गांड ही ज़्यादा पसंद है और में आंटी से कभी कभी ऊपर नीचे आते जाते लिफ्ट में मिलता था और कभी उनको अपनी बालकनी में खड़ा होकर घूरता रहता था, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं कहती और इसलिए हमारी बहुत कम समय में एक दूसरे से अच्छी जान पहचान थी.
दोस्तों में हमेशा सही मौका देखकर उनसे बातें करता और वो मुझे हंस हंसकर मेरी बातों का जवाब दिया करती थी. मेरा उनके घर पर लगातार आना जाना होता रहता था. दोस्तों मैंने जिस दिन से उनको देखा था में उस दिन से उनका दीवाना हो गया था और में हमेशा उन्हे चोदने के बारे में सोचता रहता था. उनको अपनी तरफ आकर्षित करता और मेरी अच्छी किस्मत से एक दिन वो समय आ ही गया. में उस दिन अपने फ्लेट के नीचे मेन दरवाजे पर ही खड़ा हुआ था कि कुछ देर बाद मैंने देखा कि आंटी उस समय कहीं बाहर से आ रही थी और वो मेरे पास आकर रुक गई. अब मैंने उनसे पूछा कि आप कहाँ गई थी आंटी? तो उन्होंने मुझसे कहा कि आज मेरा बेटा स्कूल की तरफ से पिकनिक गया है तो में उसको ही स्कूल छोड़कर आ रही हूँ, वो अपनी पिकनिक से शाम तक वापस आ जाएगा.
फिर हम दोनों एक साथ लिफ्ट से ऊपर अपने फ्लेट तक आने लगे. तब लिफ्ट में आंटी ने मुझसे बोला कि रवि अगर तुम फ्री हो तो मेरे घर पर आ जाओ, में आज घर पर बिल्कुल अकेली हूँ और तुम मेरे साथ रहोगे तो मेरा मन लगा रहेगा और मुझे बहुत अच्छा लगेगा वर्ना अकेले घर पर मुझे बहुत अजीब सा लगता है.
फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और अब में उनके साथ उनके घर पर चला गया और हॉल में जाकर सोफे पर बैठ गया. तब आंटी मुझसे बोली कि तुम बैठो में अभी कुछ देर में अपने कपड़े बदलकर आती हूँ और फिर वो मुझे बैठाकर अपने बेडरूम में चली गयी और करीब 15 मिनट के बाद वो अपने कपड़े बदलकर वापस मेरे पास आ गई. दोस्तों में उनको देखकर बहुत हैरान रह गया, क्योंकि वो उस समय एक जालीदार मेक्सी पहनकर मेरे सामने आ गई और उन्होंने अंदर गुलाबी कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी. दोस्तों वो सब कुछ मुझे उनकी उस जालीदार मेक्सी से साफ साफ नजर आ रहा था.
दोस्तों में तो उन्हें देखकर बिल्कुल पागल सा हो गया और अब में मन ही मन उन्हें देखकर सोचने लगा कि शायद आज मेरी इच्छा पूरी हो जाएगी और मुझे इस सेक्सी छिनाल को चोदने का मेरा वो सपना पूरा हो जाएगा जिस इच्छा को में इतने दिनों से अपने मन में लेकर बैठा हूँ. अब हम दोनों बैठकर टीवी देखने लगे और कुछ देर बाद मैंने आंटी से पूछा कि क्या आपको कभी अंकल की याद नहीं आती? तो उन्होंने मेरी यह बात सुनकर थोड़ा उदास होकर मुझसे कहा कि याद तो मुझे बहुत आती है, लेकिन अब में क्या करूं? दोस्तों उनके चेहरे पर एकदम से यह बात खत्म करते समय बहुत मायूसी सी छा गई. दोस्तों इस बात का फायदा उठाते हुए मैंने उनका मुलायम हाथ पकड़कर उनसे कहा कि आप अब ज्यादा उदास मत रहा करो, आपके के लिए में हूँ ना आप इस बात को लेकर इतना चिंतित क्यों हो? और अब आंटी मेरे मुहं से यह बात सुनते ही बहुत खुश हो गई वो मुझसे पूछने लगी कि क्या?
फिर मैंने बोला कि हाँ में बिल्कुल सच कह रहा हूँ और फिर मैंने आंटी को अपने गले से लगा लिया. उन्होंने भी मुझे एकदम कसकर पकड़ लिया और में उनके बड़े आकार के बूब्स को अपनी छाती पर दबाता हुआ महसूस कर रहा था में अब धीरे धीरे उसकी कमर पर अपना एक हाथ घुमाने लगा तब में उनसे बोला कि आंटी में आपको बहुत पसंद करता हूँ और बहुत समय से में आपको चोदना चाहता हूँ, लेकिन आंटी ने मेरे मुहं से यह बात सुनकर भी मुझसे कुछ नहीं कहा.
फिर वो कुछ देर चुप रहकर कुछ बात सोचकर मुझसे बोली कि आज रात में आ जाना और फिर दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और कुछ देर बाद में अपने घर पर चला गया. फिर में रात होने का इंतजार करने लगा और करीब रात को 9 बजे में उनके घर पर चला गया. फिर मैंने दरवाजा खटखटाया तो आंटी ने दरवाजा खोल दिया और मैंने देखा कि आंटी एकदम दुल्हन जैसी लग रही थी, क्योंकि उन्होंने अपनी सुहागरात की ड्रेस पहनी हुई थी. फिर आंटी मुझसे बोली कि चलो बेडरूम में चलो.
फिर में तुरंत उनके बेडरूम में चला गया. उन्होंने अपने बेटे को पहले से ही सुला दिया था और अब उन्होंने बेडरूम का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया, फिर वो मेरे पास आई तो मैंने उनसे बोला कि आंटी आप बहुत सुंदर लग रही हो, वो मुझसे बोली कि रवि मेरा तुमसे एक आग्रह है तो में उनसे बोला कि हाँ बोलो ना आप, तब उन्होंने मुझसे कहा कि तुम मुझे आंटी मत बोलो चाहो तो तुम मुझे रंडी बोलो, कुतिया बोलो, मुझे गाली दो, रखैल बोलो, चाहो तो तुम मुझे अपनी रखेल, रंडी बना लो और मुझे हमेशा गाली के साथ चुदना बहुत अच्छा लगता है. फिर में उनसे बोला कि ठीक है आप जैसा चाहती हो में ठीक वैसा ही करूंगा.
फिर में उनको अपनी बाहों में लेकर किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. हमें बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उनकी साड़ी को खोल दिया, अब आंटी मेरे सामने सिर्फ़ पेटीकोट और ब्लाउज में थी और में उनके ऊपर चड़कर किस करने लगा और उनकी गांड को मसलने लगा. फिर मैंने उनसे बोला कि मेरी कुतिया तेरी गांड बहुत मस्त है, आज में इसे फाड़ दूँगा और आज से तू मेरी रखेल बनकर रहेगी में जैसा कहूँगा वैसा करेगी.
फिर उन्होंने झट से मुझसे बोला कि हाँ फाड़ दे मादरचोद, तू आज मेरी चूत और गांड दोनों को फाड़ दे, में तुझसे कुछ भी नहीं कहूंगी, हाँ अब थोड़ा जल्दी से बाहर निकाल अपना लंड और मेरी चूत में डाल दे, में बहुत दिनों से अपनी तड़पती हुई चूत के दर्द से बहुत परेशान हूँ, आज तू जल्दी से इसकी प्यास को बुझा दे और मुझे शांत कर दे. फिर दोस्तों मैंने उनकी बातें सुनकर जोश में आकर उनके ब्लाउज को एक ज़ोर का झटका देकर फाड़ दिया और ब्रा को बाहर निकाल दिया, पेटीकोट को भी उतार दिया और इस बीच उन्होंने मेरे कपड़े भी उतार दिए.
अब हम दोनों अंडरवियर में एक दूसरे के सामने खड़े हुए थे. आंटी ने उस समय लाल कलर की पेंटी पहनी हुई थी, लेकिन वो उनकी चूत को पूरी तरह से नहीं ढक रही थी. में अब उनकी पेंटी के ऊपर से चूत को सहलाने लगा. फिर उन्होंने मेरे लंड को मेरी अंडरवियर से आज़ाद किया और अब वो लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी, वाह दोस्तों में आप सभी को शब्दों में नहीं बता सकता मुझे उस समय कैसा लग रहा था?
दोस्तों आंटी मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे वो कितने सालों से लंड की भूखी है, वो मेरा पूरा लंड अपने मुहं में लेकर कुल्फी की तरह चाट रही थी और मेरे आंड को भी बहुत जोश में आकर चूस रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में उनके बूब्स को दबा रहा था. फिर मैंने उनकी पेंटी को उतार दिया और अब आंटी मेरे सामने पूरी नंगी हो गई थी, वाह दोस्तों उनकी क्या मस्त उभरी हुई गांड थी और हल्की गुलाबी कलर की चूत थी. में तो देखकर एकदम पागल हो रहा था.
फिर मैंने आंटी से कहा कि आप थोड़ी बर्फ और चोकलेट लेकर आ जाओ तो वो मुझसे कहने लगी कि ठीक है में ले आती हूँ, लेकिन मुझे तुम पहले यह बात बताओ कि तुम चोकलेट का क्या करोगे? मैंने बोला कि तुम जल्दी से लाओ में उसके बाद तुम्हे बताता हूँ और तुम भी कुछ देर बाद मेरा काम देखकर अपने आप समझ जाओगी.
फिर वो तुरंत उठकर किचन में चली गई और फिर चोकलेट और बर्फ लेकर आ गई. मैंने बर्फ का एक छोटा सा टुकड़ा उठाकर उनकी चूत को अपनी उँगलियों की मदद से पूरा फैलाकर अंदर डाल दिया और एक छोटा सा टुकड़ा चोकलेट का भी उसके बाद अंदर घुसा दिया, जिसकी वजह से वो अब मचलने लगी. में उनकी चूत को चाटने लगा और कुछ देर बाद उनकी चूत की गरमी से बर्फ पिघलकर चोकलेट के साथ बाहर निकल रहा था और में उसे चाट रहा था, वाह दोस्तों क्या स्वादिष्ट था. दोस्तों मेरे साथ साथ अब आंटी भी पूरे पूरे मज़े ले रही थी, लेकिन कुछ देर बाद वो झड़ गई जिसकी वजह से मुझे चोकलेट, बर्फ और उनकी चूत के पानी का मज़ा आ गया.
फिर मैंने कुछ देर चूत को चाटकर मज़े लेने के बाद उनकी गांड के साथ भी ठीक ऐसा ही किया. मैंने बहुत देर तक उनकी गांड को भी चाटा और आंटी को अब बहुत मज़ा आ रहा था. इस बीच आंटी दो बार झड़ चुकी थी. फिर हम दोनों खड़े होकर किस करने लगे और आंटी ने मुझसे कहा कि मुझे अब मूतना है रवि डार्लिंग, मैंने उनसे बोला कि आप मेरे मुहं में मूत दो और उन्होंने ठीक वैसा ही किया, वाह दोस्तों उनके मूत का क्या मस्त नमक जैसा स्वाद था. दोस्तों मेरा जी कर रहा था कि में हर रोज आकर उनका मूत पी जाऊ, आंटी बोली कि रवि आज तक तुम्हारे अंकल ने मेरे साथ ऐसा कभी नहीं किया, वाह मुझे बहुत मज़ा आया.
फिर मैंने बोला कि आंटी मेरी गांड को चाटो और आंटी तुरंत ही नीचे बैठकर मेरी गांड चाटने लगी, बहुत मज़ा आ रहा था और अब हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे और कुछ देर बाद मैंने उनकी नाक को चाटा फिर कान और फिर उनकी बगल चाटी, उनकी बगल में थोड़े बाल थे जो मुझे बहुत पसंद है और उसकी खुशबु भी मुझे बहुत अच्छी लगती है. फिर उसके कुछ देर बाद आंटी मेरे लंड को चूसने लगी और वो मुझसे बोली कि रवि प्लीज अब मत तड़पाओ अपनी रंडी को. फिर मैंने उनको बेड पर लेटा दिया और चूत पर लंड को रखकर धीरे धीरे रगड़ने लगा और आंटी आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ करने लगी.
फिर मैंने अपना मोटा टोपा एक जोरदार धक्का देकर चूत के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से आंटी सिसकियाँ लेने लगी आह्ह्ह्ह आईईईईईई हाँ रवि ज़ोर से चोदो मुझे उह्ह्ह्हह्ह अपने बच्चे की माँ बना दे. मेरी चूत को आज चोदकर फाड़ दे, तू आज मेरी चूत को अपने लंड की चुदाई से खुश कर दे. दोस्तों मैंने भी अब बहुत जोश में आकर एक ज़ोर का धक्का मारा जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड फिसलता हुआ चूत की गहराईयों में चला गया और आंटी मुझे कसकर पकड़कर चिल्लाने लगी आह्ह्ह्ह अईईईईइ उफ्फ्फ्फफ्फफ्फ्फ़ हाँ चोद मुझे और ज़ोर से चोद.
दोस्तों में भी अब उनके बूब्स को दबा रहा था और लगातार धक्के मार रहा था, इतने में आंटी दो बार झड़ चुकी थी. दोस्तों मैंने महसूस किया कि आंटी की चूत बहुत टाईट थी और मुझे अपने लंड को अंदर बाहर करने में थोड़ी मेहनत करनी पड़ रही थी, शायद वो बहुत दिनों के बाद चुद रही थी इसलिए उनकी चूत इतनी कसी हुई थी. दोस्तों कुछ देर लगातार चुदाई करने के बाद अब में अपनी मंज़िल पर पहुंचने वाला था इसलिए मैंने पहले ही उनसे पूछा कि में अपना वीर्य कहाँ पर निकालूं? फिर उन्होंने मुझसे बहुत खुश होकर बोला कि तुम मेरी चूत के अंदर ही डाल दो, में गर्भनिरोधक गोली खा लूँगी और तुम्हे डरने की कोई जरूरत नहीं है.
अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारकर कुछ देर बाद झड़ चूत के अंदर ही झड़ गया और मैंने अपना पूरा वीर्य अंदर डाल दिया. कुछ देर तक हम दोनों एक दूसरे के ऊपर थककर लेटे रहे और करीब 15 मिनट के बाद हम उठकर बाथरूम में चले गये, वहां पर मैंने आंटी से कहा कि मुझे मूतना है, क्यों आप मेरा मूत पियोगी ना?
वो बोली कि नहीं फिर मेरे बहुत बार मनाने, समझाने पर वो मेरी बात मान गयी और वो अपने घुटनों के बल नीचे बैठ गई और मैंने उनके चेहरे पर मूत दिया आंटी मेरा आधे से ज़्यादा मूत पी गई, उसके कुछ देर बाद हम दोनों नहाकर बाहर आ गये और ऐसे ही पूरे नंगे ही लेटे थे. में उनकी चूत में ऊँगली कर रहा था और वो मेरा लंड सहला रही थी.
फिर कुछ देर बाद मेरा लंड एक बार फिर से धीरे धीरे खड़ा होने लगा और मैंने उससे कहा कि मेरी शीला रांड, मेरी छिनाल चल अब उठकर मेरा लंड चूस. दोस्तों वो मेरे इतना कहते ही तुरंत उठकर मेरा लंड चूसने लगी जैसे कि वो भी मेरे कहने का इंतजार कर रही हो. अब मैंने उनको बोला कि आंटी मुझे आपकी गांड मारनी है तो वो एकदम तैयार हो गई और फिर मैंने उन्हे डॉगी स्टाइल में बैठाकर अपने लंड को गांड के मुहं पर रखकर दबाते हुए अंदर डालने लगा.
मैंने गांड पर पहले से ही थोड़ा सा थूक लगा लिया था जिसकी वजह से सुपड़ा अंदर चला गया और आंटी चिल्लाने लगी, आह्ह्ह्ह प्लीज बाहर निकालो इसे मुझे बहुत दर्द हो रहा है, छोड़ दो मुझे, तुम मेरी चूत में अपना लंड डाल दो, लेकिन प्लीज मेरी गांड का पीछा छोड़ दो अह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फ़ माँ बचाओ मुझे. दोस्तों में उनकी चिल्लाने की आवाज सुनकर तुरंत रुक गया और उन्हें किस करने लगा. बूब्स को सहलाने लगा और दर्द के कम होने का इंतजार करने लगा.
फिर कुछ देर बाद जब मैंने महसूस किया कि आंटी का दर्द अब थोड़ा बहुत कम हो चुका है तो मैंने उन्हें अपनी इधर उधर की बातों में लगाकर उस बात का फायदा उठाकर एक ज़ोर से धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड अंदर चला गया और आंटी आह्ह्ह्ह आउहह्ह्ह कुत्ते की औलाद, मादरचोद आईईईइ हरामी साले उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ में मर गई करने लगी, लेकिन में अब भी नहीं रुका और में लगातार धक्के मारने लगा और कुछ देर बाद आंटी को भी मज़ा आ रहा था.
दोस्तों में करीब 25 मिनट तक उनकी गांड को मारता रहा और आंटी इस बीच एक बार झड़ चुकी थी. मैंने उनसे पूछा कि आंटी क्या मलाई खाओगी? तो उन्होंने तुरंत कह दिया कि हाँ मेरे राजा खिलाओ. अब मैंने अपने लंड को जल्दी से गांड से खींचकर बाहर निकाल लिया और मैंने देखा कि मेरा पूरा लंड आंटी की गांड की मलाई से सना हुआ था.
फिर आंटी तुरंत अपने घुटनों पर बैठ गई और मैंने आंटी को बोला कि लो खा लो मेरी मलाई. आंटी अब मेरा पूरा लंड अपने मुहं में लेकर चाटने लगी और उन्होंने पूरा माल चाटकर साफ कर दिया और इस बीच मेरा भी वीर्य निकलने वाला था इसलिए मैंने आंटी को बोला कि जल्दी से लंड को अपने मुहं में ले लो, उन्होंने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और फिर मेरा वीर्य निकल गया.
आंटी ने पूरा वीर्य पी लिया और लंड को बहुत अच्छी तरह चाट चाटकर साफ किया और उस पूरी रात हम दोनों चुदाई करते रहे, मैंने उनको एक बार किचन में भी चोदा और दो बार गांड मारी. दोस्तों मुझे उसके साथ गंदा सेक्स करने में बहुत मज़ा आया और उसके बाद में कुछ घंटो के बाद अपने घर पर आ गया, लेकिन हमारी यह चुदाई ऐसे ही लगातार चलती रही. में हर कभी कोई भी अच्छा मौका देखकर आंटी को चोदने लगा और उनके बदन की आग को ठंडा करने लगा.
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एक रंडी की आपबीती

हैल्लो दोस्तों, हिन्दी में लिखने का अलग ही मज़ा है, बहनचोद सारी भड़ास निकल जाती है, जिधर भी देखती हूँ चारों तरफ भूखे ही नज़र आते है और रोटी से ज़्यादा उन्हें जिस्म की तलाश रहती है. पहले में भी अपने बूब्स को छुपाते-छुपाते परेशान हो जाती थी, लेकिन अब तो पल्लू हटाने में भी शर्म नहीं आती, शायद ये उम्र ही ऐसी है. एक सीधी साधी महिला को भी रांड बनने पर मजबूर कर देती है, मगर मेरा कोई दोष नहीं है, दोष इस जिस्म का है, दोष इस चूत की भूख का है जो आदमी को देखते ही मचलने लगती है. चाणक्य ने कहा था कि औरत में पुरुषो के मुक़ाबले 8 गुना ज़्यादा कामुकता होती है, लेकिन मुझे तो लगता है कि साली हज़ार गुना ज़्यादा होती है.
ये बात एक शाम की है जब में पार्लर में थी और एक कस्टमर की मसाज कर रही थी, वो पीठ के बल लेटा था और में अपने हाथों में ठंडा तेल लिए उसकी पीठ मल रही थी. जब मैंने काले कलर का टॉप पहना था और काले शॉर्ट्स, अंदर काली ब्रा और पेंटी पहनी थी. अब मसाज करते-करते में उसकी टाँगों तक पहुँच गई और अब मेरी गांड उसकी तरफ थी. फिर उसने अपने हाथ से मेरी गांड को सहलाया. फिर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया.
में – साहब, सेक्स करने का मूड है क्या?
वो : हाँ डार्लिंग.
में – 15000 रुपये लगेंगे.
वो : और भी दूँगा.
फिर इतना कहकर वो उठा और अपने पर्स से पैसे निकाल कर मुझे पकड़ा दिए. फिर मैंने कहा कि अब बस आप देखते जाओ. फिर मैंने अपनी दोनों टाँगे उसकी टाँगों के बगल में रखी और उसके ऊपर आ गई और उसकी चड्डी में उसका लंड खड़ा था.
फिर मैंने उसके ऊपर अपनी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया. अब उसके हाथ मेरे बूब्स पर जा चुके थे. फिर उसने पूछा कि इनका साईज़ कितना है? तो मेरे मुँह से आ आह्ह्ह के साथ निकला 36D है. अब इससे पहले कि वो कुछ और पूछता मैंने अपनी टॉप उतार फेंकी और पीछे से ब्रा की हुक खोल दिये. अब मेरे बूब्स उसके सामने लटके हुए थे.
फिर मैंने उसकी और देखा और उसके होंठो पर टूट पड़ी. मैंने पहले उसका ऊपर वाला होंठ चूसा. फिर उसका नीचे वाला होंठ चूसा और अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी. अब वो भी जोर से मेरे होंठ चूस रहा था और मेरे बूब्स को दबा रहा था. अब उसकी उंगलियां मेरे नितंबो को दबाने से नहीं चूक रही थी और हर बार दबाने के बाद मेरे मुँह से आ आ की आवाज़ें निकल रही थी. अब उसकी उंगलियों ने अपना जादू दिखाना शुरू कर दिया था और अब मेरे नितंब बिल्कुल खड़े थे.
फिर मैंने उसके मुँह से अपना मुँह हटाया और उसकी चड्डी निकाल दी, अब उसका लंड मुझे सलामी दे रहा था. फिर मैंने उसका लंड पकड़ा और उसको अपनी चूत से रगड़ा और अपने बैग से कंडोम का एक पैकेट निकाला.
फिर उसने पूछा कि ये क्यों? तो मैंने कहा कि अपनी सुरक्षा अपने हाथ. अब उसके लंड को सहलाते हुए मैंने टोपी पहनाई तो वो मोटा ताज़ा लंड मेरा हाथ लगते ही उफान मार रहा था और जैसे अंदर जाने को मचल रहा हो. फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसे रगड़ा और उसकी नोक पर थूक दिया और फिर जीभ फेरते हुए उसे मुँह में लेकर चूसने लगी, क्योंकि लंड गीला होने के बाद आसानी से अंदर चला जाता है.
फिर धीरे-धीरे उसे अंदर लेते हुए में उसके ऊपर बैठ गई और उसका पूरा लंड मेरी चूत में अंदर चला गया. अब उसके मुँह से आहें निकल रही थी और अब हर बार उछलने के साथ हमारी चीखें तेज हो रही थी. फिर उसने मेरे बूब्स को चूसना शुरू कर दिया और वो अपने दोनों हाथों से मेरी गांड के साथ खेल रहा था. फिर कुछ देर के बाद उसने मुझे लेटाया और मेरे ऊपर आ गया और चोदने लगा और फिर मैंने अपने नाख़ून उसकी गांड में चुभा दिए.
फिर कुछ देर तक चोदने के बाद वो झड़ गया, मगर में अभी भी भूखी थी और मेरी चूत में अभी भी खलबली थी. अब उसने मेरी स्थिति भाँप ली थी और अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में अंदर डाली और अपनी उंगली से मुझे चोदने लगा और कुछ ही देर में मेरा फव्वारा भी निकल गया. अब हम दोनों निढाल होकर बिस्तर पर गिर गये. फिर मैंने उसके लंड पर से कंडोम निकाल दिया और उसके सुपाड़े को चाटने लगी, साला बड़ा नमकीन था जैसे कोई नया लंड हो.
फिर उसने मेरी चूचियां सहलाते हुए पूछा कि तुम ये सब कब से कर रही हो? फिर मैंने उसके लंड पर से मुँह हटाकर कहा कि 6 साल हो गये है. फिर उसने करवट ली और बोला कि तुम मुझे बहुत अच्छी लगी और मुझे अपने बारे में बताओ ना. फिर मैंने बताना शुरू किया, में 24 साल की हूँ और मेरा नाम रुखसार है और में दिल्ली की गलियों में पली बड़ी, चाँदनी चौक में खेली-कूदी हूँ, दिल्ली में हमारा घर हुआ करता था.
मेरे पापा फ़ौज़ में थे और उनके इंतकाल के बाद किसी ने हमें पूछा तक नहीं. में उस समय 19 साल की थी. मेरे पापा के जाने के बाद मैंने पढ़ाई छोड़ दी, अम्मा हमेशा बीमार रहती थी और वो दिल की मरीज़ थी, हमारे घर पर किरायदारों ने क़ब्ज़ा कर रखा था और उसका केस कोर्ट में था. फिर एक दिन हमारा वक़ील आया और बोला कि बेटा अब एक ही रास्ता है वरना तारीख बढ़ती रहेगी और हमारे पास उतने पैसे भी नहीं थे. फिर मैंने पूछा कि क्या रास्ता है? तो उसने बताया कि जस्टीस शर्मा एक अय्याश आदमी है और उसे जवान लड़कियों का शौक है. अब मेरी आँखों में आसूं आ गये थे. फिर में उठकर माँ के कमरे में गई और उनकी हालत देखी और फिर वक़ील साहब से इस काम के लिए हाँ कर दी.
फिर अगले दिन में जस्टीस शर्मा के लंड पर उछल रही थी, एक वो दिन था और एक आज का दिन है, तब से मैंने ये धंधा शुरू कर दिया और अपनी चूत का मूल्य वसूल रही हूँ. पिछले साल मेरी माँ का भी इंतक़ाल हो गया, मगर अब में इसे छोड़ नहीं सकती हूँ जब तक जवानी है पैसे कमा कर रख लूँ. अब वो मेरी बातें ध्यान से सुन रहा था. फिर उसने मुझे अपना कार्ड दिया और बोला कि कभी ज़रूरत हो तो फोन करना. फिर उसने कपड़े पहने और चला गया, अब में बिस्तर पर लेटे-लेटे उसे निहार रही थी. वो जवान बंदा था, अगर में रंडी ना होती तो मुझे भी ऐसा कोई प्यार करने वाला मिलता, मगर क्या करे? अपनी किस्मत ही खराब है. फिर मैंने अपनी ब्रा पहनी और दूसरे कस्टमर का इंतज़ार करने लगी.
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बड़ी बहन की मदद से उसकी दोस्त को चोदा

हैल्लो दोस्तों, में करीम एक बार फिर से आप सभी के सामने अपना एक और सच्चा सेक्स अनुभव लेकर आया हूँ. दोस्तों मेरी बड़ी बहन आलिया की गोरी गोरी गांड और एकदम गुलाबी चूत है, जिसको देखकर में उसका नौकर बन गया और चुदाई के मज़े लेने लगा और हम उस दिन से आज तक रोज़ सेक्स करते है और हमे जब भी मौका मिलता तो हम अपने जिस्म की आग को बुझाने लगते है.
मैंने उसकी चूत के बहुत मज़े लिए और बहुत जमकर हर तरह से सेक्स किया और आज में आप सभी को अपनी एक और नई सेक्स घटना सुनाने जा रहा हूँ जिसमें मैंने अपनी बहन की एक सहेली को अपनी बहन की मदद से चोदा.
दोस्तों यह बात आज से दो महीने पहले की है जब में उस दिन अपने कॉलेज से घर आया तो मैंने देखा कि माँ खाना बना रही थी और मेरी दीदी आलिया टी.वी. देख रही थी और पापा अपने टूर पर चले गये थे. अब मैंने सोचा कि मौका अच्छा है और में अपनी बहन के पीछे जाकर उसको गाल पर किस करने लगा और फिर वो भी तुरंत पीछे मुड़ी और मेरा सर पकड़कर मेरे होंठ चूसने लगी और अब हम एक दूसरे में इतने खो गये कि हमे पता भी नहीं चला कि कब माँ पीछे आ गई. अब माँ ने बहुत गुस्से से पूछा कि तुम दोनों यह क्या कर रहे हो? और फिर हम दोनों जल्दी से अलग हो गये.
आलिया : वो माँ में में ( वो ठीक तरह से बोल भी नहीं पा रही थी. )
में : वो माँ मेरे होंठ के नीचे चोट लगी थी और खून भी निकल रहा था तो दीदी वो देख रही थी.
माँ : ओह अच्छा दिखाना मुझे भी, ज़्यादा तो नहीं लगा ना. मैंने तुझे कितनी बार बोला है कि तू ज्यादा शरारत मत किया कर.
अब माँ इतना कहकर बड़बड़ाते हुए वहां से चली गई, दीदी और में ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे.
आलिया : ओह आज तो हम बाल बाल बच गए.
में : हाँ एकदम सही कहा मेरी प्यारी बहन.
और वो फिर शरमा गई. फिर कुछ देर बाद वो अपने कामों में लग गई और दूसरे दिन जब में सोकर उठा तो उस दिन रविवार का दिन था और मैंने देखा कि दीदी अभी भी सो रही थी तो में उठा और अब मुझे एक शरारत सूझी तो में अब दीदी के बड़े बड़े बूब्स को उनकी मेक्सी के ऊपर से ही चूसने लगा और काटने लगा और दीदी मुस्कुराने लगी और फिर वो उठकर मुझसे बोली..
आलिया : शैतान में तो सोने का नाटक कर रही थी, क्योंकि मुझे पता था तू ज़रूर कुछ ना कुछ ऐसा मेरे साथ करेगा.
फिर वो हंसने लगी. मैंने भी हंसते हुए दीदी की गांड को दबा दिया और वो ज़ोर से चिल्ला पड़ी आईईई.
माँ : क्या हुआ?
में : कुछ नहीं माँ दीदी को हल्की सी बेड से चोट लगी है.
फिर माँ ने कहा कि उसको नीचे भेज दे मुझे उससे कुछ जरूरी काम है और फिर दीदी मुझे ठेंगा दिखाकर नीचे भाग गई. दोपहर के दो बज रहे थे और उस समय तक हम सब खाना खा चुके थे और तभी माँ ने कहा कि चलो बेटा अब में चलती हूँ, मुझे एक किटी पार्टी में जाना है और वहाँ पर गली की सभी औरतें आ रही है और में शाम को 7 बजे तक आ जाउंगी और फिर माँ कुछ देर में तैयार होकर मुझसे दरवाजा बंद करने के लिए कहकर चली गई. अब मैंने दीदी की तरफ देखा और उन्हें इशारे से समझाया तो उन्होंने कहा.
आलिया : हाँ हाँ आज पक्का करेंगे और उन्होंने मेरी तरह आँख मार दी.
फिर में तुरंत उठकर खड़ा हुआ और दीदी के पास चला गया और अब मैंने दीदी को जल्दी से पूरा नंगा कर दिया और अब हम दोनों हॉल में ही सेक्स कर रहे थे और में उस समय उस चुदाई के चक्कर में दरवाज़ा बंद करना भूल गया था. फिर मैंने दीदी के मुहं में अपना लंड दे दिया था और वो उसे पूरा अंदर बाहर करके लोलीपोप की तरह मज़े ले लेकर प्यार से चूस रही थी, लेकिन तभी अचानक से दीदी की एक दोस्त जिसका नाम सोनिया था वो कमरे में आ गई और हमे पूरा नंगा होकर एक दूसरे से लिपटा हुआ देखकर वापस बाहर चली गई और अब अचानक से उनका मेरे लंड को चूसना रुक गया. फिर मैंने दीदी से कहा कि अब हम क्या करे उसने हमे यह सब करते हुए देख लिया है और वो अब बाहर किसी को बता देगी तो हमारी शामत आ जाएगी?
आलिया : देख मेरे राजा भाई, तू टेंशन मत ले और में बाहर जाकर उससे बात कर लूँगी.
दोस्तों में उनकी यह बात सुनकर थोड़ा सा शांत हो गया, लेकिन अब भी में वो सब सोच रहा था, थोड़ी देर बाद मेरी बहन उसकी दोस्त सोनिया के घर पर उसे मानने चली गई. दोस्तों वो वहाँ पर गयी और उसने उसकी दोस्त को कैसे समझाया यह में आपको भी बताता हूँ और जो मेरी बहन ने मुझे बाद में बताया था..
आलिया : आंटी सोनिया घर पर है?
आंटी : हाँ बेटा वो अंदर अपने कमरे में टी.वी. देख रही है और तुम अंदर जाकर उससे मिल लो.
आलिया : धन्यवाद आंटी.
सोनिया उस समय टी.वी. देख रही थी दीदी अंदर गई और उसे आवाज़ लगाई.
आलिया : सोनिया.
सोनिया उठी और दीदी का हाथ पकड़कर उसको अंदर ले गयी और उसने कहा.
सोनिया : पागल क्यों तू अपने घर पर क्या कर रही थी उस लड़के के साथ और वो भी पूरी नंगी होकर?
आलिया : अरे वो कोई और नहीं वो मेरा भाई था, क्या एक भाई बहन एक दूसरे को नंगा नहीं देख सकते? और क्या वो मज़े नहीं कर सकते? हाँ तेरा कोई भाई नहीं है ना, तू वो सब नहीं समझेगी?
सोनिया : अरे पागल वो तेरा भाई है और तू उसका वो (लंड) चूस रही थी, क्या तूने कभी सोचा भी है कि तू उसके साथ वो सब क्या कर रही थी और क्या तुझे बिल्कुल भी शर्म नहीं आती?
आलिया : हाँ तो इसमें क्या गलत है वो मेरा भाई है कोई और तो नहीं? देख सोनिया हमारी उम्र में सबको अपनी अपनी सेक्स की प्यास बुझानी होती है और इस वजह से बहुत सारी नादान लड़कियाँ बाहर किसी से भी चुदवाकर अपनी इज्जत गँवा देती है, लेकिन अगर घर पर ही चुदाई के मज़े करे तो किसी को भी शक नहीं होगा और अपनी इज्जत भी बची रहेगी.
सोनिया ( अपना मुहं खोलकर अपने मुहं पर हाथ रखते हुए ) : तू यह क्या बोल रही है और यह कैसे गंदे गंदे शब्द काम में ले रही है?
आलिया : चल उस बात को जाने दे और तू मेरे एक सवाल का सच सच जवाब दे क्या तुझे अपनी चूत में कभी गरमी और खुजली महसूस हुई है?
सोनिया : हाँ लेकिन में कभी कभी उंगली से काम चलाती हूँ वो बिल्कुल शरमाते हुए बोली.
आलिया : लेकिन जो मज़ा एक बार लंड लेने में है वो उंगली करने में नहीं है और तू सोच कि तुझे भी कोई चोद रहा है तुझे कैसा लगेगा?
सोनिया : अब अपना हाथ अपनी चूत पर ले जाकर शरमाते हुए बोली हाँ बहुत अच्छा लगेगा, लेकिन यह सब कैसे मुमकिन हो सकता है?
दोस्तों दीदी ने अब देख लिया था कि उसका हाथ अब अपनी चूत पर जा चुका है और वो अब धीरे धीरे उनकी बातें सुन सुनकर गरम हो गई है और उसके चेहरे पर एक अजीब सी चमक आ गई थी.
आलिया : सोच कोई तुझे, कोई क्या मेरा भाई तुझे अपने 6 इंच के लंड से चोद रहा है कैसा लगेगा?
सोनिया : यार प्लीज अब बस कर मेरे नीचे गीला हो रहा है.
आलिया अपना एक हाथ सोनिया के बूब्स के ऊपर रखकर बोली कि सोच मेरा भाई तुझे ज़ोर ज़ोर से चोदते हुए अपने गरम मुहं से तेरे बूब्स चबा रहा है तो बता यह अनुभव कैसा रहेगा?
अब दीदी ने उसे जोश में लाने के लिए होंठो पर किस करना शुरू कर दिया और वो दोनों अब मस्त होकर चुदाई के बारे में सोच रहे थे और किस भी कर रहे थे और एक दूसरे के बूब्स भी दबा रहे थे. दोस्तों सोनिया बहुत ही बड़े आकार के बूब्स वाली है और उसके बूब्स मुलायम, लेकिन निप्पल एकदम कड़क है और वो बिल्कुल एक फिल्म हिरोइन जैसे है और थोड़ी अमृता राव की तरह दिखती है. अब वो दोनों एक दूसरे की चूत पर कपड़ो के ऊपर से ही हाथ चलाने लगे और करीब 5 मिनट बाद वो दोनों ही झड़ गये और अब सोनिया को अपनी पेंटी में थोड़ा सा गीला महसूस होने लगा. फिर दीदी ने उसे समझाया कि जब हम झड़ते है तो ऐसा ही होता है.
आलिया : अच्छा तू सच सच यह बता कि तुझे मज़ा आया या नहीं?
सोनिया : हाँ मुझे बहुत मज़ा आया और में अंदर ही अंदर बहुत अच्छा महसूस कर रही हूँ.
आलिया : अब तू थोड़ा सा सोच अगर मेरे हाथ की जगह तेरी चूत में मेरे भाई का मोटा, लम्बा लंड होता तो जो लगातार अंदर बाहर होकर तेरी चूत की खुजली मिटाता तो तुझे कितना मज़ा आता?
सोनिया : हाँ मुझे बहुत मज़ा आएगा, लेकिन में उससे अपनी चुदाई नहीं करवाउंगी, बस तेरे भाई का लंड चूस लूंगी और वो मेरी चूत चूसेगा क्यों मंज़ूर है?
आलिया : हाँ ठीक है कल सुबह हमारे घर पर कोई नहीं रहेगा, क्योंकि मेरे मम्मी, पापा मेरे किसी दूर के रिश्तेदार की शादी में पूरे एक सप्ताह के लिए बाहर जा रहे है, में और भाई कल अपने अपने कॉलेज से छुट्टी ले लेंगे और तू भी छुट्टी लेकर कल ठीक 12 बजे मेरे घर पर आ जाना, क्योंकि 11 बजे ट्रेन निकल जाएगी और उसके साथ साथ हमारे मम्मी पापा भी क्यों ठीक है?
सोनिया : हाँ ठीक है.
दोस्तों अगले दिन मम्मी, पापा को छोड़ने में और दीदी स्टेशन चले गये और जल्दी 11:30 बजे तक वापस भी आ गये और जब हम घर पर पहुँचे तो देखा कि सोनिया वहीं पर दीदी का इंतज़ार कर रही थी और में ताला खोलकर सीधे घर में चला गया और दीदी उससे बात करने लगी तो वो दीदी से बोल रही थी यार मुझे बहुत डर लग रहा है अगर किसी को पता लग गया तो?
आलिया : नहीं पता चलेगा, तू अभी अंदर चल.
सोनिया : हाँ ठीक है चल.
अब वो दोनों घर के अंदर आ गए थे और में बहुत थक गया था, इसलिए में नहाने चला गया था और फिर दीदी ने सोनिया से कहा कि में बाथरूम से उनकी सारी बातें सुन रहा था कि वो क्या क्या बातें कर रही थी? फिर उससे बोली कि सोनिया तू यहीं पर रुक में अभी बाथरूम में जाकर कुछ देर में अपने भाई का लंड खड़ा करके अभी आती हूँ. फिर दीदी जल्दी से बाथरूम में चली आई और में तो उस समय पूरा नंगा होकर खड़ा था और दीदी ने अंदर आते ही मेरा लंड पकड़कर मुहं में भर लिया और चूसने लगी और फिर कुछ देर बाद लंड को बाहर निकालकर मुझसे कहा कि में छुपकर एक वीडियो बनाती हूँ और तू उससे अपना लंड चूसवा और उसकी चूत को चाटना, चूसना.
में : हाँ ठीक है.
दीदी अब कैमरा चालू करके छुप गई और में टावल लपेटकर बाहर गया और मुझे देखकर सोनिया तुरंत खड़ी हो गई और उसने कहा कि आप सिर्फ़ टावल में?
में : नाटक मत कर मेरी जान, आजा बस एक बार मेरा चूस दे और में तेरी चूत बहुत प्यार से चूसूंगा, तेरे कोमल लाल लिपस्टिक वाले होंठ मेरे लंड पर रख सोनिया कांपती हुई आगे आई और अपने घुटनों पर बैठकर उसने मेरा टावल हटा दिया और मेरा टाईट खड़ा लंड देखकर वो थोड़ा सा मुस्कुराई और फिर उसके लंड को हाथ से हिला दिया और लंड का टोपा मुहं में लेकर चाटा, चूसा और कहा कि मैंने आज पहली बार किसी का लंड देखा है इससे पहले सिर्फ़ मेरी बहन के लेपटॉप में छुपकर ब्लूफिल्म में देखा था और फिर मैंने कहा..
में : चल रंडी अब जल्दी से मेरा असली लंड चूस.
दोस्तों वो अब चूसती रही थी और जिससे पूरे कमरे में छप छप छप की आवाज़ आ रही थी और वो सब कैमरे में रिकॉर्ड हो रहा था और उसके 15 मिनट चूसने के बाद में झड़ गया. फिर उसने मेरा वीर्य अपने मुहं से बाहर थूक दिया और मुझसे कहा कि यह बहुत नमकीन है, लेकिन मुझे इसको चूसना बहुत अच्छा नहीं लग रहा है, यह मेरा किसी के लंड को चूसने का पहला अनुभव है.
में : ठीक है चल अब सीधी बेड पर, इसके आगे के मज़े में और भी अभी देता हूँ.
दोस्तों मैंने बेडरूम में पहुंचकर उसे सीधा बेड पर लेटा दिया और में उस समय पूरा नंगा था, लेकिन वो अभी भी नंगी नहीं हुई थी.
सोनिया : देखो तुम सिर्फ़ मेरी चूत को चूसना और प्लीज चोदना मत.
में : हाँ ठीक है मेरी जान ठीक वैसा ही करूंगा जैसा जैसा तुम मुझसे कहोगी.
अब मैंने उसे करीब दो मिनट तक किस किया और फिर उससे कहा कि वाह तेरे होंठ तो बहुत रसीले है?
सोनिया : धन्यवाद, प्लीज अब चूसो ना मुझसे अब रहा नहीं जाता.
में : हाँ ठीक है, चूसता हूँ.
फिर मैंने उसके बूब्स को दबाया तो वो अह्ह्ह्ह कर रही थी. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया. दोस्तों उसका टॉप उतारते ही मैंने देखा कि उसके बड़े बड़े बूब्स एकदम झूलकर बाहर लटकते हुए ठीक मेरे सामने आ गए, क्योंकि वो आज खुद जानबूझ कर ब्रा नहीं पहनकर आई थी और अब में उसके बूब्स को चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से दबाकर निचोड़ने लगा. फिर मैंने उसके निप्पल को भी चूसा और काटा भी वो आहह्ह्ह्ह सीईईईई प्लीज थोड़ा धीरे करो उह्ह्ह्ह प्लीज बड़बड़ा रही थी.
फिर मैंने जल्दी से उसकी स्कर्ट को उतार कर उसकी गुलाबी कुँवारी चूत चाटी और चूसी तो वो मेरे सर को अपनी चूत पर पकड़कर मेरी जीभ को थोड़ा और अंदर लेने लगी, करीब 15-20 मिनट चूसने के बाद झड़कर बिल्कुल निढाल होकर पड़ गई, में अब भी उसकी चूत को चाटता, चूसता रहा. मैंने उसकी चूत को चाट चाटकर पूरी तरह से लाल कर दिया था और फिर कुछ देर बाद वो मुझसे कहने लगी कि बस अब में घर पर जाती हूँ. फिर दीदी हँसती हुई वहां पर आई और कहा कि क्या हुआ सोनिया चुदवाएगी नहीं मेरे भाई से?
सोनिया : नहीं यार मैंने तुमसे पहले ही कहा था ना कि में सिर्फ़ अपनी चूत को चूसने, चाटने दूंगी, में अपनी चुदाई नहीं करने दूंगी.
हाँ मेरी जान, लेकिन अब तुम्हें चुदवाना होगा, क्योंकि मैंने तुम दोनों की सारी हरकते कैमरे में रिकॉर्ड कर ली है तुम या तो इससे चुपचाप चुदवाओ या बदनाम हो जाओ.
सोनिया : ( अब सोनिया ने मेरी दीदी से आग्रह विनती करना शुरू कर दिया) प्लीज यार मुझे जाने दो और तुम यह विडियो डिलीट कर दो प्लीज.
में : मेरी जान अब तुम इतना सब कुछ कर ही चुकी हो तो प्लीज अब एक बार चुदवा भी लो ना.
सोनिया : ठीक है, लेकिन प्लीज तुम किसी को भी वो विडियो मत दिखाना.
में : हाँ ठीक है, चल अब आजा में तुझे आज जमकर चोदता हूँ.
दोस्तों अब में और सोनिया पहले से ही नंगे थे और अब दीदी भी पूरी नंगी हो गयी और अब हम तीनों नंगे थे, सबसे पहले बेड पर सोनिया लेट गई और में उसके ऊपर लेट गया तो दीदी ने मेरा लंड पकड़कर सोनिया की चूत के मुहं पर रखकर थोड़ा सा अंदर दबाया और जैसे ही मेरे लंड का टोपा चूत के अंदर गया तो मुझे तुरंत पता चल गया कि सोनिया पहले भी चुद चुकी है.
में : अब सच सच बता मेरी जान मुझसे पहले किस किस से चुदी है?
सोनिया : सच कहूँ तो सबसे पहले जब में एग्जाम में कॉपी करते हुए पकड़ी गई तो मेरे कॉलेज के सर ने मुझे मेरी उस बात को किसी को ना बताने की बात पर बहुत जमकर चोदा और तब उन्होंने मुझसे कहा था कि वो मुझे पेपर में अच्छे नंबर से पास कर देंगे और फिर उन्होंने ऐसा कर भी दिया.
दोस्तों मुझे उसके मुहं से वो पूरी बात सुनकर उस पर बहुत गुस्सा आया और फिर मैंने एक ही झटके में अपना पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए. अब सोनिया भी मेरे साथ साथ अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी आहहहह आसीईईईइ प्लीज और ज़ोर से चोदो मेरी चूत को आअहह फाड़ दो. फिर में लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा, जिसकी वजह से उसके बूब्स ज़ोर ज़ोर से हिलने लगे और वो उस चुदाई के दर्द से चीखने चिल्लाने लगी, लेकिन कुछ देर की चुदाई के बाद वो अपनी चूतड़ को उठा उठाकर मेरा लंड पूरा अंदर लेने लगी और करीब 15-20 मिनट के बाद में झड़ गया.
फिर मैंने तुरंत अपना लंड बाहर निकालकर दीदी के मुहं में डाल दिया और फिर दीदी ने मेरा सब वीर्य अपनी जीभ से बिल्ली की तरह चाट चाटकर साफ किया और अब दीदी को खाना बनाना था तो वो कुछ देर बाद हमारे पास से उठकर चली गई और वो पूरी नंगी ही खाना बनाने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि सोनिया मुझे आज तेरी गांड भी मारनी है और वो झट से मान गई. फिर मैंने अपने हाथ में थोड़ा सा क्रीम लेकर उसकी गांड और मेरे लंड पर लगाकर उसकी गांड में लंड को डालकर आगे पीछे करने लगा और वो चिल्ला रही थी आअहह अह्ह्ह हाँ और मारो उफ्फ्फ मारो मेरी गांड प्लीज और ज़ोर से ज़ोर मारो प्लीज आअहह मेरी गांड आज फट ही जाएगी आअहह सईईई.
दोस्तों में थोड़ी ही देर बाद उसकी गांड में झड़ गया. अब हम दोनों बहुत थक चुके थे और कुछ देर लेटकर आराम करने के बाद दीदी ने हमे खाना बनाकर खिलाया. फिर हम तीनों ने खाना खाया और उसके बाद मैंने एक एक करके दीदी और सोनिया को चोदा. दोस्तों अब में ऐसे ही दीदी और सोनिया की रोज़ एक सप्ताह तक मौका पाकर चुदाई करता रहा.
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मेहमान की खातिरदारी की लंड से

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अनुराग है और में इंदौर में रहता हूँ और में कॉलेज स्टूडेंट हूँ. मेरी उम्र 21 साल और मेरी लम्बाई 5.10 इंच है. दोस्तों मुझे शुरू से ही सेक्सी आंटी और भाभी बहुत पसंद है और आज में आप सभी को अपनी एक ऐसी ही सेक्सी आंटी की सच्ची चुदाई की घटना बताने जा रहा हूँ. यह मेरी पहली कहानी है तो मुझसे इसमें कोई ग़लती हो जाए तो प्लीज आप मुझे मैल करके ज़रूर बताना और मुझे माफ़ भी जरुर करना. वैसे मुझे उम्मीद है कि यह मेरी चुदाई की घटना आप लोगो को जरुर पसंद आएगी क्योंकि मैंने इसको कुछ दिनों की मेहनत के बाद लिखकर आप तक पहुंचाया है.
दोस्तों अब में अपनी कहानी पर आता हूँ जो अभी कुछ दिनों पहले ही मेरे साथ घटित हुआ है. दोस्तों मेरे घर में मेरी मम्मी, पापा और में रहता हूँ. दोस्तों कुछ समय पहले मेरे पापा को पाइल्स हो गया और उस वजह से उन्होंने अपने ऑफिस से 2 महीने की छुट्टी ले ली थी. मेरे पापा की सरकारी नौकरी है. तो पापा अपने ऑफिस से छुट्टी लेकर हमारे गाँव में कुछ दिन आराम करने चले गए और फिर मेरी मम्मी भी मेरे पापा के साथ गाँव में चली गई और अब घर पर सिर्फ़ में अकेला था और मेरे कुछ दिन ऐसे ही बीत गए.
फिर एक दिन मेरे बड़े पापा का मेरे पास कॉल आया उन्होंने मुझसे कहा कि उनकी लड़की मतलब कि मेरी कज़िन बहन का का ऑपरेशन हुआ है तो वो उनको कुछ दिन मेरे घर ही रखेंगे क्योंकि उनको इंदोर के हॉस्पिटल में भेज दिया था, तो मैंने कहा कि ठीक है आप ले आओ. अब अगले दिन वो मरीज को लेकर मेरे घर पर आ गए और उनके साथ उनके पति और एक आंटी जो उन्ही के रिश्ते में थी वो और मेरे बड़े पापा भी आए थे. वो आंटी तो उनकी देखभाल करने और मुझे भी खाना बनाने में दिक्कत आती थी इसलिए आई थी, लेकिन दोस्तों मुझे क्या पता था कि वो मेरा उस तरीके से इतना अच्छा ख्याल रखेगी जिसके बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं था. दोस्तों में सबसे पहले सेक्सी आंटी के बारे में बता दूँ, उनकी उम्र करीब 36 साल थी और उनका फिगर 34-32-36 था और वो दिखने में अच्छी थी. वो थोड़ी साँवली थी, लेकिन गाँव की गोरी से कम भी नहीं थी.
उनका एकदम कसा हुआ गठीला बदन, बड़ी गांड, बड़े बड़े बूब्स एकदम सेक्स माल. फिर मेरे बड़े पापा और उनके पति तो हॉस्पिटल के ही चक्कर काट रहे थे और हम दोनों बहुत घंटो तक घर में अकेले ही रहते थे और इस बीच मेरी उनसे बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी और उन्होंने बताया कि उनकी शादी को पूरे 14 साल हो गए है और उनके दो बच्चे भी है. फिर रात हुई और में हमेशा अपने रूम में ही सोता था और वो बाकी सब लोग हॉल में सोते थे और हम सभी करीब 1 बजे तक बातें किया करते थे और में उन पर लाईन मारा करता था.
फिर एक रात हम सब बातें कर रहे थे तो उस समय आंटी भी नहीं सोई थी और मैंने गौर किया कि वो चादर ओड़कर सोई हुई थी और उनका हाथ उनकी चूत पर था और वो बार बार हिल रहा था. थोड़ी देर वो हलती फिर अपनी चूत पर अपना हाथ रख लेती तो में समझ गया कि यह कुछ ही दिनों में मुझसे जरुर चुद जाएगी. में जब उनको देख रहा था तब उन्होंने मुझे देख लिया था फिर से चादर ओढ़कर सो गई मुझे लगा कि शायद वो मुझसे नाराज़ हो गई है तो मैंने सोचा कि सुबह उठकर देखते है. फिर में भी सो गया, लेकिन रात को अचानक मेरी नींद खुली और किसी ने बाथरूम का दरवाजा खोला तो मैंने चुपके से जाकर देखा तो आंटी और मेरी दीदी थी. पहले तो दीदी मूत करके बाहर आ गई और वो उन्हे बिस्तर पर लेटाकर खुद मूतने चली गई और उनके मूतने की आवाज़ इतनी तेज थी कि में क्या बताऊँ में समझ गया कि यह महीनों से नहीं चुदी है, क्योंकि उनका पति बहुत दारू पीता था और उन्हे मारता भी था.
फिर अगली सुबह में उठा और फ्रेश होकर में किचन में चला गया. मैंने देखा कि वो खाना बना रही थी. में उनके पीछे इस तरह खड़ा हुआ कि मेरा लंड उनकी गांड के एक तरफ छू रहा था और वो मेरी इस हरकत से चौंक गई और मेरी तरफ देखने लगी. मैंने एक स्माइल पास कर दी और वो बिना कुछ कहे फिर से अपने काम में लग गई और फिर में वहीं पर खड़ा खड़ा चाय पीने लगा और उनको भी पिलाई. फिर उनसे पूछा कि क्यों आपको नींद कैसी आई? तो वो मुझसे बोली कि अच्छी आई लेकिन तुम इंदौर के लोग बहुत सुस्त हो, तुम लोग कितनी देर तक सोते हो. फिर मैंने कहा कि एक काम में हम लोग बिल्कुल तंदुरुस्त है और वैसे भी इस काम के लिए तो रात को ही जागना पड़ता है ना?
फिर वो थोड़ा सा शरमा गई और मुझे एक स्माइल दी और मुझसे कहने लगी कि लगता है लड़का जवान हो गया है इसके लिए कोई अच्छी सी लड़की ढूँढनी पड़ेगी. में बोला कि ढूँडने की क्या ज़रूरत है? वो बोली कि क्यों कोई पसन्द कर ली है क्या? अब मैंने कहा कि हाँ, तो वो पूछने लगी कि वो कौन है? अब मैंने तुरंत कहा कि जो मुझे पसंद है वो तो मेरे सामने खड़ी है. तो वो बोली कि कौन में? तो मैंने कहा कि हाँ. वो बोली कि लेकिन यह सब कैसे हो सकता है, हमें मिले तो अभी कुछ ही दिन हुए है?
अब मैंने बोला कि तो क्या हुआ पसंद तो कोई भी और कभी भी आ सकती है, बस लड़की अच्छी होनी चाहिए. दोस्तों वो मेरी डबल मतलब वाली बात को समझ गई और उसने भी जवाब दिया कि वो तो सब ठीक है, लेकिन लड़का भी तो दमदार होना चाहिए. फिर मैंने कहा कि में आपको दम तो ऐसा दिखाऊंगा कि आप ना-ना करती रह जाओगी लेकिन फिर भी में छोड़ूँगा नहीं. फिर वो बोली कि अच्छा देखते है कि कितना दम है तुम्हारे अंदर? मैंने बोला कि वो सब तो आने वाला वक़्त ही बताएगा. फिर मैंने कहा कि क्या में आपको किस कर सकता हूँ? तभी वो मुझसे बोली कि नहीं, अभी सब लोग यहीं पर है तुम कल कर लेना, जब सभी लोग हॉस्पिटल चले जाएँगे. फिर मैंने कहा कि यहाँ पर कोई नहीं आएगा, प्लीज मेरे बहुत बार समझाने पर वो मान गई और अब मैंने एक लंबा किस किया.
करीब 5 मिनट तक पूरी जीभ मुहं में डालकर. वो मुझसे बोली कि ऐसे भी कोई किस करता है तो मैंने बोला कि में तो ऐसे ही करता हूँ और अभी तो शुरुवात है आगे आगे देखो मेरा दम. फिर वो हंसने लगी और में भी फिर नहाने में लग गया और वो पूरा दिन निकल गया. फिर रात हुई और में उस रात उनके साथ ही रज़ाई ओढ़कर बैठा हुआ था और वो लेटी हुई थी.
फिर मैंने सही मौका देखकर अपना एक हाथ उनकी जाँघ पर रख दिया और सहलाने लगा. वो मुझे देखकर इशारो में मना करने लगी क्योंकि सब लोग वहीं पर बैठे हुए थे, लेकिन में तो अपने काम में लगा हुआ था. फिर मैंने धीरे से उनकी साड़ी को ऊपर किया और सहलाने लगा, वाह क्या मुलायम जाँघ और गरम गरम पैर थे उनके. फिर में उनका पेट सहलाने लगा और थोड़ा सा ऊपर उनके मुहं की तरफ जाकर उनके बूब्स दबाने लगा. वो शायद अब धीरे धीरे गरम हो रही थी क्योंकि अब वो मुझसे मना नहीं कर रही थी और स्माइल पास कर रही थी.
अब मैंने उनके ब्लाउज के 2 बटन खोल दिए और ब्लाउज को ऊपर करके बूब्स और निप्पल को दबाने लगा. अब वो मेरा साथ दे रही थी और मेरे हाथ के ऊपर अपना हाथ रखकर ज़ोर ज़ोर से दबा रही थी. फिर कुछ देर बाद सभी लोग सोने वाले थे और बड़े पापा ने मुझसे कहा कि अब तू भी सो जा, फिर मैंने उनसे धीरे से कहा कि आप मेरे रूम में आ जाओ और फिर में अपने रूम में जाकर उनका इंतजार करने लगा, थोड़ी देर बाद वो सबको बोलकर आ गई कि में दूसरे कमरे में टीवी देख रही हूँ और टीवी सिर्फ मेरे रूम में है क्योंकि में पहले बिल्कुल अकेला था इसलिए मैंने उसे अपने रूम में कर लिया था. फिर वो जैसे ही रूम में आई मैंने दरवाज़ा बंद किया और उन्हे पकड़कर पागलों की तरह किस करने लगा. उन्होंने कहा कि पहले टीवी तो चालू कर दो. फिर मैंने टीवी को चालू किया और थोड़ी सी आवाज को भी बढ़ा दिया ताकि उनको लगे कि हम दोनों अंदर टीवी ही देख रहे है.
फिर में उन्हे वापस से लगातार किस करने लगा और वो अब तक पूरी तरह से जोश में आ चुकी थी और मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. अब वो मुझे पागलों की तरह किस करने लगी थी और में भी उनकी साड़ी को पीछे से उठाकर उनकी गांड को दबाने लगा था और फिर एक उंगली को गांड के छेद में डाल दिया, जिससे वो सिसकियाँ लेने लगी और वो मुझसे बोली कि प्लीज थोड़ा धीरे करो ना. में अब अपनी उंगली को अंदर बाहर कर रहा था और उन्हें किस भी कर रहा था और एक हाथ से मैंने उनका ब्लाउज भी फाड़ दिया और फिर बूब्स को दबाने लगा उनके बूब्स एकदम मुलायम और उनके निप्पल एकदम कड़क हो गये थे.
में उनके निप्पल को अब चूसने लगा था और वो मेरे लंड को पेंट के ऊपर से सहला रही थी. फिर उन्होंने मेरी पेंट की ज़िप को खोलकर अंडरवियर में हाथ डाल दिया और लंड को हिलाने लगी और बोली कि वाह यह तो बहुत दमदार लग रहा है प्लीज इसे आज़ाद करो. फिर मैंने कहा कि यह अब आपका ही है आप ही अपने हाथों से इसे बाहर कर दो, फिर उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए और अब में बिल्कुल नंगा था और वो सिर्फ़ पेटीकोट में थी फिर वो मेरा लंड चूसने लगी में क्या बताऊँ दोस्तों वो क्या एहसास था? मुझे मेरे लंड पर उनके मुहं की गर्मी से ही पता लग रहा था कि वो कितनी गरम है वो भूखी शेरनी की तरह मेरे लंड को चूस चाट रही थी और बीच बीच में मेरे आंड को भी चाट रही थी. फिर मैंने उन्हे उठाकर उनका पेटीकोट निकाल दिया और पेंटी को भी उतार दिया.
अब वो बिल्कुल नंगी थी और में तो उन्हें घूर घूरकर देखता ही रह गया दोस्तों इतने बड़े बूब्स उस पर बड़ी गांड और बालों के जंगल से भरी हुई प्यासी वो चूत क्या गजब ढा रही थी? दोस्तों उनको इस तरह देखकर मुझसे अब बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने उनको बेड पर धक्का देकर उनके दोनों पैरों को पूरा फैलाकर चूत को चाटने लगा और चूत के दाने को जीभ से सहलाने, काटने लगा.
वो इतनी ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी कि में और भी जोश में आ गया और अब में उनकी गांड के छेद को भी चाटने लगा वो स्स्सीईईई हाँ चाट इसे आह्ह्ह्ह ऑश अईईई चूस हरामी कुत्ते चूस खा जा मेरी गांड और चूत को कितने महीनों बाद मुझे ऐसा सुख मिला है आज तो रात भर में बस तेरा और तेरे लंड का दम देखूँगी. अब में और भी जोश में आकर चूत को चाटने लगा और अपने दोनों हाथों से दोनों बूब्स को भी पूरे जोश से दबा रहा था. फिर में चूत और गांड में ऊँगली करने लगा और एकदम से वो चकित रह गई और ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी उईईईईई माँ मर गई. धीरे कर साले कुत्ते उफ्फ्फ्फ़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है. करीब 10-15 मिनट तक ऊँगली और चूत, गांड की चटाई करने के बाद दोस्तों वो इस कदर झड़ी कि उसके पानी की बौछार बहुत थी. उनकी चूत से बहुत अधिक मात्रा में गरम गरम लावा बहता हुआ बाहर आने लगा था.
फिर मैंने एक बार फिर से अपना लंड उनके मुहं में दे दिया और फिर से उनके पैरों को फैलाकर में अपने लंड को चूत में मुहं पर धीरे धीरे रगड़ने लगा. फिर वो बोली कि बस अब मेरी और जान मत निकालो, चोद दो अपनी रांड को.
मैंने फिर से एक ज़ोर का झटका दे दिया और मेरा आधा लंड चूत के अंदर चला गया और वो चीख पड़ी ओहह्ह्ह्ह माँ मार डाला कमीने, उफ्फ्फ्फ़ प्लीज थोड़ा धीरे कर, में कितने महीनो बाद चुद रही हूँ और तेरा लंड भी कितना तगड़ा है, प्लीज थोड़ा आराम से कर, में कहीं भागी नहीं जा रही हूँ. फिर में कुछ देर रुक गया तो वो खुद ही नीचे से हिलने लगी और में भी धीरे धीरे धक्के देकर चोदने लगा.
मैंने उन्हें करीब 30 मिनट तक चोदा, वो ऑश उहह्ह्ह आईईईई उम्म हाँ चोद मुझे हाँ और ज़ोर से ऑश माँ हाँ ऐसे ही ज़ोर से ज़ोर से. फिर मैंने एक और ज़ोर का झटका दे दिया और अब मेरा पूरा का पूरा लंड अंदर चला गया. वो ऑश हाँ सीईईईई उह्ह्ह्हह्ह् मेरी जान तुम बहुत अच्छे हो हाँ और भी ज़ोर से चोदो मुझे और अंदर डाल दो आह्ह्ह्ह ऑश उफ्फ्फफ्फ्फ़ मर गई, वाह क्या मज़ा आ रहा है, अब तो हर रोज तू ही मुझे चोदेगा. दोस्तों उनकी ऐसी आवाजों से मैंने अपनी स्पीड को और भी बढ़ा दिया था और अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा, लेकिन अब में झड़ने वाला था.
मैंने उनसे पूछा कि में अपना वीर्य कहाँ निकालूं? तो वो मुझसे बोली कि अंदर ही निकाल दो फिर मैंने अपने झटके बढ़ा दिए और ज्यादा स्पीड से चोदने लगा था. में करीब 15-20 झटको के बाद उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया. वाह क्या एहसास था झड़ने का. इतनी गरमी के बाद भी एकदम ठंडा ठंडा एहसास, मज़ा आ गया. हमें चुदाई करते हुए करीब एक घंटा हो गया था और वो मुझसे बोली कि मुझे इतना मज़ा आज तक कभी भी नहीं आया, तुम बहुत अच्छे हो मेरे राजा, में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. फिर मैंने कहा कि हाँ मेरी रानी, में भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. फिर हमने थोड़ा सा आराम किया और फिर हम सो गये.
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