बहन की गोरी गांड और गुलाबी चूत

हैल्लो दोस्तों, में पुणे का रहने वाला हूँ. दोस्तों आज मैंने सोचा कि क्यों ना में आज अपनी भी कहानी लिख ही दूँ? दोस्तों यह मेरी आज की कहानी मेरी और मेरी बहन की है. दोस्तों सभी मुझे घर पर प्यार से सैफ बुलाते है, में दिखने में भी बहुत अच्छा लगता हूँ और मेरी उम्र 22 साल है और अब में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों यह कहानी आज से तीन साल पहले की है, जब में 12th में था और मेरी बड़ी बहन आलिया उस समय अपनी बी.ए. की पढ़ाई कर रही थी और वो मुझसे सो साल बड़ी है. हमारे घर में चार लोग रहते है में, दीदी, मम्मी और पापा. मेरे पापा एक प्राइवेट कम्पनी में है तो वो सिर्फ़ एक हफ्ते के लिए ही घर पर रहते थे और बाकी दिन कम्पनी के काम से बाहर रहते थे. मेरी माँ एक ग्रहणी है तो वो भी हमेशा अपने घर के काम में व्यस्त रहती है. दोस्तों मेरी दीदी दिखने में कटरीना कैफ़ जैसी है. उसका गोरा रंग, गदराया हुआ बदन और कूल्हे थोड़े बाहर को निकले हुए है और वो दिखने में बहुत सेक्सी लगती है. में और दीदी एक ही रूम में सोते थे. उस समय मेरे पेपर थे और दीदी के भी. हम उन दिनों देर रात तक पढ़ाई करते थे तो दीदी बेड पर और में टेबल कुर्सी पर बैठता था.
दोस्तों एक दिन की बात है, जब रात के करीब 1:30 बज रहे थे और उस समय मेरी आँख लग रही थी, तो मैंने अपनी किताब को बंद कर दिया और में सोने के लिए चला गया. फिर मैंने देखा कि मेरी दीदी भी पढ़ाई करते करते बहुत पहले ही सो गई है और वो उस समय उल्टा यानी पेट के बल सोई हुई थी और फिर मैंने देखा कि उनकी फ्रॉक पीछे से उठी हुई थी और उनकी सलवार एलास्टिक वाली होने की वजह से ना जाने कब थोड़ी नीचे सरक गई थी और में यह सब देखते ही बिल्कुल दंग रह गया, क्योंकि दीदी की गांड बहुत उभरी हुई थी. उनके गोरे गोरे मोटे कूल्हों को देखकर मेरे मन में अपनी दीदी के लिए बहुत गलत गलत विचार आने लगे और अब मेरा लंड धीरे धीरे टाईट होने लगा, लेकिन तभी मैंने सोचा कि में अपनी सगी बहन के बारे में यह सब क्या सोच रहा हूँ?
फिर मैंने दीदी की फ्रॉक, सलवार को ठीक किया और लेट गया, लेकिन मेरा लंड अभी भी जाग रहा था. फिर मैंने अपने लंड की परेशानी को देखकर लंड को पेंट से बाहर निकाल लिया और मुठ मारने लगा. तब मैंने दीदी की तरफ देखा तो वो मेरी तरफ पीठ करके सोई हुई थी. अब मैंने अपना अंडरवियर को पूरा उतारा और में नंगा होकर दीदी से चिपककर सो गया और अब में दीदी की गांड पर अपना लंड रगड़ने लगा, जिसकी वजह से कुछ देर बाद दीदी थोड़ा हिली तो में डर गया, लेकिन वो उठी नहीं तो में डरकर एक बार फिर से लंड को दबाने लगा और में तभी झड़ गया और तब तक ना जाने कब मेरी नींद भी लग गई और सुबह जब मैंने उठकर देखा तो दीदी मुझसे पहले उठ चुकी थी और नीचे के कमरे में भी जा चुकी थी और में उसी नंगी हालत में अभी भी लेटा हुआ था.
में अब बहुत डर गया कि दीदी ने शायद मुझे इस हालत में जरुर देख लिया होगा. फिर में जल्दी से उठा और कपड़े लेकर सीधा बाथरूम में घुस गया. दोस्तों वो रविवार का दिन था, दीदी और में दोनों घर पर थे और में जब नीचे गया तो मैंने देखा कि दीदी मुझे देखकर हंसने लगी. फिर में उनकी हंसी को देखकर समझ गया था कि दीदी ने मुझे देख लिया है.
में पूरे दिन भर पहले जैसा रहा और फिर उसी रात को हमारे घर पर कुछ मेहमान आए तो वो सब लोग नीचे हॉल में ही बैठे हुए थे. में और दीदी थोड़ी देर उनके पास बैठकर हमारे कमरे में आ गई और अब एक दूसरे से इधर उधर की बातें करने लगे. तभी दीदी ने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि तुम बिना कपड़ों के बहुत अच्छे लगते हो तो दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम से बहुत डर गया और मैंने उनसे कहा कि दीदी प्लीज आप मुझे माफ़ कर दो, वो कल रात को गरमी बहुत थी ना इसलिए में आपके सो जाने के बाद कपड़ों के बिना लेटा हुआ था, लेकिन मुझे बिल्कुल भी पता नहीं है कि में कब गहरी नींद में सो गया.
फिर दीदी ने कहा कि हाँ में वो सब समझती हूँ और वो हंसने लगी और में भी हंसने लगा और तभी नीचे से एक आवाज़ आई, शायद कोई गिर गया था तो हम दोनों भागते हुए नीचे चले गये. अब हमने देखा कि हमारी माँ सीढ़ियो से गिर गयी थी. फिर हमने उन्हें उठाकर बेडरूम में बैठाया और पीने को पानी दिया और तब मैंने देखा कि उनके एक पैर में मौच आ गयी थी और अभी तो खाना बनाना भी बाकी था. फिर माँ ने उस दर्द से करहाते हुए दीदी से कहा कि तुम सभी मेहमानों के लिए खाना बना दो.
फिर दीदी ने तुरंत हाँ कहा और वो किचन की तरफ चली गयी और दीदी जब किचन में जा रही थी तो मैंने पीछे से दीदी की हिलती हुई गांड को देखा और मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया, जिसकी वजह से मुझसे अब रहा नहीं गया और में भी माँ को अकेला कमरे में छोड़कर दीदी के पीछे पीछे किचन में चला गया. मेरी माँ उस समय बेडरूम में अकेली लेटी हुई थी और सभी मेहमान हॉल में बैठे हुए बातें कर रहे थे और हम दोनों किचन में और जब में किचन के अंदर गया तो मैंने देखा कि दीदी के हाथ में एक लंबा, मोटा बैंगन था, जिसको देखकर वो बहुत मुस्कुरा रही थी और उनकी हंसी को देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि उनका मूड आज बहुत अच्छा है, लेकिन में जैसे ही दरवाजे के अंदर गया तो दीदी ने तुरंत उस बैंगन को नीचे रख दिया और अब वो प्याज़ काटने लगी और फिर मैंने उनसे कहा.
में : दीदी आप मुझे भी आज प्याज़ काटना सिख़ाओ ना प्लीज.
आलिया : क्यों?
में : क्योंकि मुझे वो तुमसे सीखना है.
आलिया : ठीक है चलो अब इधर आओ.
दोस्तों दीदी अब मेरे पीछे खड़ी हुई थी और में उनके आगे खड़ा होकर प्याज़ काट रहा था और दीदी ने मेरे दोनों हाथ पकड़े हुए थे और जिसकी वजह से दीदी के बहुत ही मुलायम बूब्स मेरी पीठ से बिल्कुल चिपके हुए थे, लेकिन उनके निप्पल तनकर खड़े हुए थे, जिनको महसूस करके मुझे समझ में आ गया कि दीदी भी अब बहुत गरम हो चुकी है.
में : दीदी मुझे अपनी पीठ पर कुछ चुभ रहा है, देखो ना क्या है?
आलिया : कुछ नहीं है तुम चुपचाप बस प्याज़ काटो.
अब दीदी अपने बूब्स को मेरी पीठ पर अब कुछ ज्यादा ज़ोर से दबाने लगी और फिर मैंने कुछ देर बाद उनसे कहा कि दीदी अब तुम प्याज़ काटो, में आपके पीछे खड़ा हो जाता हूँ.
आलिया : ऐसा क्यों?
में : दीदी प्लीज़ एक बार मेरे लिए.
आलिया : चल ठीक है तू इतना कहता है तो में खड़ी हो जाती हूँ.
दोस्तों में अब तुरंत दीदी के पीछे चला गया, मेरा लंड तो पहले से ही टाईट था और में उसे दीदी की गांड पर दबाने लगा, प्याज़ तो हमने नहीं काटी बस हम दोनों तो ऐसे ही मज़े कर रहे थे और कुछ देर मज़े करने के बाद दीदी भी मुझसे कुछ कहने लगी.
आलिया : सैफ मुझे भी अब कुछ चुभ रहा है.
में : हाँ वो मेरा लंड है.
आलिया : लंड क्या मतलब?
में : दीदी अब आप ज्यादा अंजान मत बनो, लंड वही चीज़ है जिसे आज सुबह आपने देखा था और जिससे में पेशाब करता हूँ.
आलिया : सैफ क्या में तुमसे एक बात कहूँ?
में : हाँ वो क्या?
आलिया : मुझे तुम्हारा वो लंड बहुत पसंद है.
में : क्या आप एक बार फिर से उसे देखना चाहोगी?
आलिया : अभी नहीं, अभी तो मुझे खाना बनाना है और जब सब लोग खाना खा ले, उसके बाद दिखाना.
दोस्तों में अब झड़ने वाला था और फिर मैंने वीर्य की एक पिचकारी दीदी की गांड पर मार दी.
आलिया : सैफ मुझे कुछ गरम, गीला सा लग रहा है वो क्या है?
में : दीदी आपको भी बहुत अच्छी तरह से पता है कि यह क्या है? फिर दीदी शरमाकर बोली कि चल हट अब पीछे, मुझे खाना बनाने दे, बाहर सब खाने का इंतजार कर रहे है और जब तक खाना तैयार हुआ तो तब तक माँ का पैर भी थोड़ा थोड़ा ठीक हो गया था. माँ ने ही सब लोगों को खाना परोसा, में और दीदी हम दोनों ने माँ से कहा कि हम अपने पेपर की तैयारी करने के लिए पढ़ने ऊपर के कमरे में जा रहे है और अब हम हमारे बेडरूम में आ गये और जैसे ही हम कमरे में आए तो मैंने दीदी को एक स्मूच किया. फिर करीब दो मिनट तक और अब दीदी शरमाकर फिर से नीचे चली गयी और सभी लोगों के सो जाने के बाद रात को हम पढ़ रहे थे.
मैंने देखा कि दीदी मेरी तरफ पीठ करके सोई हुई है. फिर तुरंत में दीदी के पास चला गया और उनसे चिपककर सो गया और में अपना लंड उनकी गांड पर घिसने लगा. फिर उन्होंने मुझसे बहुत कम आवाज में कहा कि सैफ अभी नहीं, हम कल करते है, लेकिन मैंने उनकी एक भी बात नहीं मानी, क्योंकि मुझ पर तो उनकी चुदाई करने का भूत सवार था. फिर कुछ देर बाद वो थोड़ा गुस्से में उठ गई और उन्होंने मुझे एक धीरे से थप्पड़ मारा और अब उन्होंने मुझसे कहा कि में यह सब माँ को बता दूँगी, चलो अब दूर हट जाओ मुझसे.
फिर उनके मुहं से यह बात सुनकर मेरी तो गांड फट गई और मैंने उनसे डरते हुए कहा कि प्लीज मत बताओ और में रोने का नाटक करने लगा और अब में उनकी गोद में अपना सर रखकर रोने का नाटक करने लगा.
फिर उन्होंने मुझसे खड़ा होने के लिए कहा और जैसे ही में खड़ा हुआ तो अचानक से मेरे पजामे में बना हुआ लंड का टेंट उनके होंठो से टकराया गया और वो थोड़ा स्माईल करने लगी. फिर मेरे मन में एक विचार आया और में अब रोने के बहाने अपना लंड दीदी के होंठो पर दबाने लगा, मेरे ऐसा करने की वजह से दीदी से अब रहा नहीं गया और उन्होंने मुझसे कहा कि नीचे बैठ और फिर कहा कि चल अब जल्दी से अपना पजामा खोल.
दोस्तों उनके मुहं से यह सब बातें सुनकर में तो बिल्कुल हैरान रह गया. मैंने उनके कहते ही जल्दी से बिना कुछ सोचे समझे अपना पजामा हटाया और वो मेरा लंड देखकर मुस्कुराई और अब वो मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर बहुत ध्यान से उसे देखने लगी, उसकी मोटाई, लम्बाई गरमी को महसूस करने लगी और फिर वो कुछ देर बाद धीरे धीरे मेरे लंड को हिलाने लगी. अब उन्होंने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि वाह तू तो बहुत बड़ा हो गया है यार.
में : दीदी प्लीज आप इसे एक बार अपने मुहं में लो ना.
फिर दीदी मुस्कुराई और उन्होंने मेरे लंड के सुपाड़े को अपने होंठो पर रखकर थोड़ा सा सक किया और फिर पूरा लंड मुहं में लेकर धीरे धीरे चूसने लगी और में चिल्ला रहा था, वाह आलिया तेरा मुहं कितना गरम है मेरी रंडी दीदी, वो फिर से मुस्कुराई और चूसने लगी और थोड़ी देर बाद उसने मुझसे कहा कि अब तेरी बारी. फिर में तुरंत उठा और मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए.
फिर दीदी ने कहा कि मेरे भी उतार दे ना. मैंने अब दीदी की फ्रॉक को भी उतार दिया और ब्रा के ऊपर से ही उनके बूब्स को चूसने, लगा, दीदी ने सिसकियाँ भरी, आआअहह उह्ह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से दबा मेरे राजा और चूस इसे, कब से में तरस रही थी तेरी जीभ के लिए, इसलिए में रोज़ रात को अपने कपड़े ऊपर करके सोती थी, लेकिन तू तो बहुत शरीफ लड़का था, लेकिन अब थोड़ा ज़ोर से चूस.
दोस्तों दीदी के मुहं से यह सब सुनकर में उनके मन की बात को समझ गया और मैंने तुरंत दीदी के सारे कपड़े उतार दिए और अब में उनकी गुलाबी रसभरी चूत पर टूट पड़ा और में उनकी चूत को चूसने, चाटने और काटने भी लगा, जिसकी वजह से दीदी मोन कर रही थी, आआआअहह उह्हह्हह् हाँ मेरे भाई तू पूरा ख़ा जा इस कुँवारी चूत को.
अब में बिना रुके लगातार उनकी चूत को चूस, चाट रहा था और फिर मेरे कुछ देर चूसने के बाद अचानक से दीदी मेरे मुहं पर झड़ गई और उनकी चूत से निकला चूत रस में चाटने लगा और में उसे गटक गया, उनका पूरा शरीर एकदम से अकड़ गया था और वो बिल्कुल निढाल होकर बेजान शरीर की तरह कुछ देर पड़ी रही. फिर उसके कुछ देर बाद उन्हें होश आया और वो अब रोने लगी. मैंने उनसे पूछा कि क्या हुआ दीदी? तो वो मुझसे कहने लगी कि मुझे माफ़ कर दो सैफ, मुझे यह नहीं करना चाहिए था, यह मुझसे गलती से हुआ है, प्लीज तुम मुझे माफ़ कर दो. इतना कहकर वो फिर से रोने लगी.
फिर मैंने कहा कि दीदी जब हम लोग झड़ते है तो ऐसा ही महसूस होता है और हमे पता ही नहीं चलता कब हमारा पानी निकल जाता है और ऐसा सभी के साथ होता है. अब वो थोड़ा अच्छा महसूस करने लगी और थोड़ी देर बाद में दीदी के बूब्स फिर से चूसने लगा और दूसरे बूब्स को दबाने लगा, जिसकी वजह से दीदी एक बार फिर से बहुत जल्दी गरम हो गयी और फिर मैंने उनसे कहा कि दीदी मुझे अब तुम्हें एक बार चोदना है.
फिर उन्होंने कहा कि नहीं आगे जाकर कभी ना कभी मेरी शादी भी होनी है और अगर बाहर किसी को पता चल गया तो इससे मेरी बहुत बदनामी होगी? फिर मैंने कहा कि नहीं दीदी बाहर किसी को पता नहीं चलेगा, में आपसे वादा करता हूँ प्लीज एक बार और करने दो. फिर मेरे कुछ देर बाद बहुत कहने पर दीदी मान गई और फिर मैंने दीदी को बेड पर एकदम सीधा लेटा दिया और अब में उनके ऊपर लेट गया.
फिर दीदी मेरा लंड अपने एक हाथ से पकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगी और वो मुझसे कह रही थी प्लीज सैफ अब जल्दी डालो इसे अंदर. में इसे अपने अंदर लेने के लिए तड़प रही हूँ और में बहुत बैचेन हूँ प्लीज थोड़ा जल्दी करो और डाल दो इसे मेरे अंदर. दोस्तों मैंने उनकी पूरी बात सुनकर जोश में आकर एक ज़ोर का धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उनकी तड़पती हुई चूत के अंदर चला गया और दीदी अचानक हुए उस मेरे जोरदार प्रहार से चिल्लाने लगी और अब वो ज़ोर से रोने लगी. फिर उसकी चीखने की आवाज़ को सुनकर माँ तुरंत ऊपर आ गई और उन्होंने दरवाज़े के बाहर से ही रुककर पूछा कि क्या हुआ? दोस्तों उस समय हम दोनों अंदर पूरे नंगे एक दूसरे से लिपटे हुए थे और उस समय मेरा आधा लंड दीदी की चूत में था और माँ के आने की वजह से हम दोनों बहुत डर गए.
फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं माँ एक कॉकरोच था तो माँ मेरा जवाब सुनकर ठीक है में जा रही हूँ कहकर वापस चली गई. फिर मैंने माँ के जाते ही एक और ज़ोर का झटका मार दिया, जिसकी वजह से दीदी की चूत से खून निकलने लगा और वो रोने लगी. फिर मैंने उन्हें फिर से स्मूच किया और उसी हालत में धक्के मारने लगा, दीदी थोड़ी देर बाद अच्छा महसूस करने लगी और अब वो जोश में मोन करने लगी अह्ह्ह्हह उूओल आअहह चोद मुझे ज़ोर से सैफ और ज़ोर से चोद, फाड़ इस तड़पती हुई चूत को आअहह सस्ससा आअहह वूऊओ आअहहह.
फिर में भी लगातार धक्के देकर चोदता रहा और कुछ देर की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और में उस समय दीदी की चूत में ही झड़ गया. मैंने अपना पूरा वीर्य झटकों के साथ उनकी चूत की गहराईयों में डाल दिया और जब उन्हें यह महसूस हुआ तो वो फिर से रोने लगी और मुझसे कहने लगी कि अब मुझसे कौन शादी करेगा तूने मेरे साथ यह क्या किया और में अब क्या करूंगी?
फिर मैंने उनसे कहा कि दीदी में कल सुबह ही आपको एक गर्भनिरोधक गोली लाकर दे दूँगा, जिससे आपको ऐसा कुछ नहीं होगा और इसमें डरने की कोई बात नहीं है. उस एक गोली से आपकी सभी समस्याए खत्म हो जायेगी और वो मेरी पूरी बात सुनकर चुप हो गई. दोस्तों उसके बाद हम ऐसे ही हर रोज़ चुदाई करने लगे. एक दिन मैंने दीदी से कहा कि दीदी आज मुझे आपकी गांड भी मारनी है तो उन्होंने कहा कि नहीं में ऐसा नहीं होने दूंगी, उससे मुझे बहुत दर्द होगा. फिर मैंने कहा कि प्लीज आप एक बार करके तो देखो अगर दर्द हुआ तो में वहीं पर रुक जाऊंगा, प्लीज दीदी मेरे बहुत बार कहने पर उन्होंने हाँ कर दिया.
दोस्तों उसी रात को जब दीदी कमरे में आकर सोने जा रही थी तो मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और मैंने उसे वहीं पर नंगा कर दिया और में खुद भी नंगा हो गया. मैंने कहा कि दीदी अब जल्दी से लंड को चूसो तो वो स्माईल करते करते मेरा लंड चूसने लगी और वो ऐसा करते हुए चेहरे से एकदम रांड लग रही थी.
फिर थोड़ी देर बाद मैंने कहा कि दीदी प्लीज अब तुम्हारी गांड मुझे दे दो ना. फिर वो बेड पर उल्टी लेट गई और में उनके ऊपर लेटकर गांड में धीरे धीरे अपने लंड को दबाते हुए अंदर घुसाने लगा और वो दर्द की वजह से चिल्लाने लगी. फिर मैंने तुरंत उनके मुहं पर अपना एक हाथ रख दिया और एक ज़ोर का धक्का मारकर मैंने अपना पूरा लंड उनकी गांड में डाल दिया. उस दर्द से वो मछली की तरह छटपटाने लगी और मुझे धक्का देने लगी.
फिर मेरे कुछ देर हल्के हल्के धक्के देने के थोड़ी देर बाद दीदी भी थोड़ा दर्द कम होने पर मेरे साथ मज़े करने लगी और अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर दीदी की गांड मार रहा था और दीदी चिल्ला रही थी आह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह हाँ मार सैफ और ज़ोर से मार अपनी दीदी की गांड आअहह सस्स्स्सस्स फाड़ दे आअहह मेरे भाई में मर गई, आआहह ऑश सस्स्स्स्स्स्सस्स. फिर में कुछ देर के धक्कों के बाद दीदी की गांड में झड़ गया. दीदी ने मुझसे कहा कि यार गांड मरवाने में भी बहुत मज़ा आता है, तू मेरी हर रोज़ मारा कर और उस दिन से हम रोज़ चुदाई के मज़े लेते है.
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मौसी को सील तोड़कर औरत बनाया

हैल्लो दोस्तों, ये बात उन दिनों की है जब उड़ीसा में खतरनाक तूफान आया था, जिस समय उड़ीसा की करीब आधी से ज़्यादा जगह बर्बाद हो गई थी, घर टूट गये थे, हर जगह पेड़ गिरे हुए थे, कम्यूनिकेशन पूरा ठप था, बिजली नहीं थी, लोग अंधेरे में गुजारा करते थे, खाने को या पीने को ठीक से नहीं मिलता था. उस समय दशहरे का माहौल चल रहा था, यहाँ पर दशहरा काफ़ी धूम धाम से मनाया जाता है इसलिए मेरी मौसी दशहरा घूमने के लिए हमारे यहाँ आई हुई थी. वो सबलपुर में रहती है और वो ट्रेन से आने वाली थी तो पापा उन्हें लेने स्टेशन गये थे. जब पापा उन्हें लेकर घर आए तो उन्हें देखकर तो में दंग ही रह गया, क्या सेक्सी फिगर था? उनके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं थे लेकिन मस्त थे और उनकी गांड का क्या कहना? वो बिल्कुल माल लग रही थी, उनका फिगर 32-28-34 था. (जो मुझे बाद में उनसे पता चला था)
फिर जब वो घर पर पहुँची तो उन्होंने सभी को नमस्ते बोला और मुझे आकर गले लगा लिया. तभी उनके बूब्स मुझसे पहली बार टच हुए और मेरी हालत खराब हो गई और मेरा लंड पेंट के नीचे से तन गया, जिसको उन्होंने नोटीस कर लिया था और सब लोग उनको वेलकम कर रहे थे. मेरी तो हालत खराब हो गयी थी. अब में सीधा बाथरूम में चला गया और मुठ मारने लगा. फिर वो फ्रेश होने बाथरूम में गई तो में भी धीरे-धीरे में उनके पीछे बाथरूम में गया. वो अंदर थी तो मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, तभी मुझे एक तरकीब सूझी और अब में छत पर जाकर बाथरूम की स्काई लाईट से उन्हें देखने लगा. वो नहा रही थी और उनके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था. में पहली बार किसी जवान लड़की को बिना कपड़ो के देख रहा था और मेरा हाथ अपने आप मेरी पेंट में छुपे लंड पर चला गया और में उसे हिलाने लगा. तभी माँ ने मुझे आवाज़ लगाई और में डर के मारे आधा हिलाता हुआ नीचे चला गया, लेकिन उनका नंगा बदन मेरे सामने हर वक़्त आ रहा था.
अगले दिन हमारा दशहरा घूमने का प्लान था तो हम सब खा पीकर सोने चले गये, तब हल्की-हल्की बारिश शुरू हो गई थी. फिर सुबह हम सब उठे तो देखा कि चारो और तबाही मची हुई है और जोर से तूफान आ रहा है और सब कुछ तहस नहस कर रहा है. ऐसा 2 दिनों तक चला और अब सब कुछ तबाह हो चुका था, बहुत सारे पेड़, घर गिर गये थे, जानवर और लोग भी मारे गये थे तो दशहरे का माहौल बिल्कुल सन्नाटे में बदल गया था. हम बाहर निकल ही नहीं पा रहे थे, बिजली चली गयी थी. इतने में और 3-4 दिन गुजर गये और फिर रोड़ थोड़ा खुला, लेकिन बिजली अभी तक नहीं आई थी और बस, ट्रेन कुछ नहीं चल रहा था.
फिर एक दिन शाम को खबर आई कि हमारे पास के गावं की बुआ की सास चल बसी है तो सब लोगों को अंतिम संस्कार के लिए वहाँ पर जाना पड़ा और मेरे 12वीं क्लास की परीक्षा होने की वजह से में नहीं गया और मेरी दादी माँ जो कि बहुत बूढ़ी थी वो भी नहीं गई थी. माँ ने मौसी को हमारी देखभाल के लिए रुकने को कहा, फिर उस रात मौसी ने खाना बनाया और हम सब खाना ख़ाकर सोने चले गये. अब मेरा एग्जॉम होने की वजह से में मोमबत्ती जलाकर पढ़ने बैठ गया.
तभी मौसी अपना सारा काम ख़त्म करके मेरे पास आई और मेरी पढ़ाई के बारे में पूछने लगी क्योंकि वो कॉलेज में साइन्स की स्टूडेंट थी और मेरी गणित बहुत कमजोर थी तो उन्होंने मेरी गणित की समस्या हल करने में मदद की. तब वो नाइटी में थी जो कि काफ़ी ढीली थी और उनके बूब्स हल्की-हल्की रोशनी में साफ दिखाई दे रहे थे. उसे देखकर मुझे वो दिन याद आ गए और मेरा लंड खड़ा हो गया, जिसको उन्होंने नोटीस कर लिया था. अब मेरी दादी माँ सो चुकी थी और हमें भी अब सोना था तो हमने अपना बिस्तर लगाया और सो गये, लेकिन मुझे नींद ही नहीं आ रही थी और ना ही मौसी को नींद आ रही थी. फिर हम गप्पे मारने लगे और बात पढ़ाई से लेकर फ्रेंड और फिर गर्लफ्रेंड तक पहुँच गई.
फिर मौसी ने मुझसे पूछा कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? तो मैंने कहा कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. तब मैंने उनसे उनके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उनके कोई बॉयफ्रेंड नहीं है तो मैंने कहा कि आप झूठ बोल रहे हो, आप जैसी सुंदर लड़की के कोई बॉयफ्रेंड नहीं है, ऐसा हो ही नहीं सकता. तब वो थोड़ा शर्मा गयी और बोली कि तुझे कैसी गर्लफ्रेंड चाहिए? बता में ढूंढ लूँगी, तो मैंने कहा कि बिल्कुल आप जैसी सुंदर होनी चाहिए. तब उन्होंने बोला कि मेरी जैसी तो सिर्फ़ में ही हूँ, क्या में तुम्हारी गर्लफ्रेंड बन सकती हूँ? तब में पूरा चौंक गया और बोला कि आप मज़ाक कर रहे हो तो उन्होंने बोला कि नहीं में सीरीयस हूँ, तो मैंने बोला कि ठीक है आज से आप और में बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड है.
तब वो मेरे थोड़ा पास आकर मुझसे कान में कहने लगी कि क्या तुम जानते हो कि जब बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड अकेले होते हैं तो क्या करते हैं? तो मैंने बोला कि में नहीं जानता. तब उसने मेरे और पास आकर मुझसे लिपटकर मुझे एक किस कर दिया. अब मेरी तो ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा और मेरा लंड खड़ा हो गया जो उनको महसूस हो रहा था.
फिर वो मेरी पेंट के ऊपर अपना हाथ फैरने लगी और बोली कि क्या ये तेरा लंड है? तो मैंने हाँ कहा, तब वो मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी और अब में सातवें आसमान पर था. फिर उन्होंने मेरी पेंट को उतार दिया और मेरे लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगी और मुझे किस करने लगी. अब में उनके बूब्स को दबा रहा था और तब उन्होंने अपनी नाइटी को खोल दिया और अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी. अब में उनकी ब्रा के ऊपर से ही उनके बूब्स दबा रहा था तो उन्होंने अपनी ब्रा को भी खोल दिया और उनके बूब्स को चूसने के लिए इशारा किया.
अब में एक हाथ से उनका बूब्स दबा रहा था और उनका दूसरा बूब्स मेरे मुँह में था और मेरा एक हाथ उनके पेंटी के ऊपर रगड़ रहा था. तब मैंने महसूस किया कि वो पूरी तरह से गीली हो चुकी है और मैंने उनकी पेंटी को उतार दिया और उनकी चूत में अपनी उंगली घुसा दी तो उनके मुँह से सिसकारी निकल पड़ी और वो ज़ोर-ज़ोर से मेरा लंड हिलाने लगी और में भी ज़ोर-ज़ोर से अपनी उंगली उनकी चूत में घुसाने लगा. अब मेरा पानी निकलने ही वाला था तो मैंने कहा कि मौसी मुझे कुछ हो रहा है तो उन्होंने कहा कि जो होगा तुम्हें बहुत अच्छा लगेगा और सच में ऐसा ही हुआ. अब मेरी पिचकारी निकल गई और पिचकारी का सारा पानी जाकर उनके पेट पर गिर गया. फिर उन्होंने बोला कि कितनी पिचकारी मारता है रे तू और तेरा कितना गर्म है? अब मेरा पानी निकल जाने की वजह से में ठंडा पड़ गया था और अब में ज़्यादा उंगली नहीं घुसा रहा था, लेकिन वो अभी तक नहीं झड़ी थी तो उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
ये मेरे लिए एक अलग अनुभव था और सोया हुआ शेर फिर से खड़ा हो गया. फिर उन्होंने बोला कि चल मेरे राजा अब अपना असली खेल शुरू कर दे और वो पीठ के बल सोकर अपनी टाँगे फैलाकर बोली कि आजा मेरे राजा, चोद दे अपनी मौसी रानी को और बना दे औरत. अब में तो बहुत ही उत्तेजित था और उनके कहने पर मुझे और जोश आ गया था और में सीधे उनके ऊपर चढ़ गया और अपने लंड को उनकी चूत में घुसाने की कोशिश में लग गया. अब उनकी चूत काफ़ी गीली हो गयी थी इसलिए मेरा लंड बार-बार फिसल रहा था. फिर उन्होंने मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत पर लगाया और बोला कि अब इसे अंदर डाल. फिर मैंने एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा आधा लंड उनकी चूत में चला गया और वो चिल्ला उठी आअहह में मरररर गइईईईईईईईई, उनकी आवाज़ इतनी जोर से थी कि पास के रूम में सोई हुई मेरी दादी भी इस चीख से उठ गई और पूछने लगी कि क्या हुआ? और हम दोनों घबरा गये. तभी मौसी ने कहा कि कुछ नहीं करवट लेते वक़्त थोड़ी सी मोच आ गई.
फिर कुछ देर तक हम ऐसे ही रुके रहे, फिर जब हमें लगा कि दादी सो गई है तो हमने अपना अधूरा काम फिर से चालू कर दिया. अब मौसी ने इस बार मुझे धीरे से डालने को कहा और में धीरे-धीरे उन्हें चोदने लगा और अब उन्हें भी मज़ा आने लगा था तो मैंने मौका देखकर एक और जोरदार शॉट मारा और मेरा लंड पूरा उनकी चूत में चला गया और में उन्हें ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा. अब वो काफ़ी जोश में थी और सिसकारियाँ ले रही थी और जोर से करो, मेरे राजा फाड़ दो अपनी मौसी की चूत, फिर में भी जोश में आ गया और तेज-तेज झटके लगाता रहा और अब में झड़ने ही वाला था कि उन्होंने मुझे पोज़िशन चेंज करने को कहा.
फिर मैंने बोला कि मेरा होने वाला है, तो उन्होंने कहा कि अभी नहीं थोड़ा उसे रोक ले, तेरे लंड को उठाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है. अब वो डॉगी की स्टाइल में आ गई और मुझे पीछे से करने को कहा.
फिर मैंने उनके पीछे आकर उनको पीछे से करना स्टार्ट कर दिया, इस स्टाईल में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. अब में ज़ोर-ज़ोर से उन्हें चोदने लगा और वो सिसकारियां लेने लगी, अब मुझे लग रहा था कि उनका निकलने ही वाला है तो मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी और में उन्हें फुल स्पीड में चोदता गया और 10-12 झटकों के बाद में झड़ गया और उसके तुरंत बाद वो भी झड़ गई. अब हम दोनों काफ़ी थके हुए थे तो हम नंगे ही सो गये, अब रात के 12 बज गये थे और अब में उनके बूब्स दबा रहा था और वो मेरा लंड सहला रही थी.
फिर उन्होंने कहा कि ये उनका पहला सेक्स है, फिर मैंने और मोमबत्ती जलाकर थोड़ी रौशनी तेज करके में उन्हें नंगा देखने लगा, तो मैंने देखा कि हमारी बेडशीट पर खून लगा हुआ है तो में डर गया. फिर उन्होंने बोला कि उनकी सील टूटी है इसलिए थोड़ा सा खून निकला है और उसके बाद हम वापस से बातें करने लगे. फिर उन्होंने कहा कि वो उस दिन मुझे गले लगाते वक़्त मेरे लंड को महसूस कर चुकि थी, फिर उसके बाद मैंने उन्हें उस रात और 2 बार चोदा और मैंने उनकी गांड भी मारी.
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मकान मालकिन ने दिलवाई कुंवारी चूत

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आर्यन है और में राजस्थान से हूँ. मैंने अपनी मकान मालकिन किरण को चोदा. अब में किरण को रोजाना चोदने लगा, लेकिन मेरा मन उससे नहीं भरता था. अब मेरी नज़र पूजा पर थी, जो मेरे रूम के बगल वाले मकान में ही रहती थी, वो हमारी मकान मालकिन के पास कोचिंग पढने आती थी और कभी-कभी रात को वो मेरी मकान मालकिन के पास ही सो जाती थी, क्योंकि मेरी मकान मालकिन किरण अकेली रहती थी. उसका एक बेटा था और जो पढाई के कारण बाहर रहता था और में उसके मकान में किराये पर रहता था तो पूजा उसके साथ ही उसके कमरे में सो जाती थी और मुझे अब ये भी पता था कि पूजा किरण के साथ लेस्बियन करती है, इसलिए किरण पूजा को अपने घर सोने के लिए बुला लेती थी.
अब जब में किरण को चोदता था तो उसके कारण वो पूजा को अपने पास नहीं सुला पाती थी. एक दिन रविवार को जब में सोकर उठा तो मैंने देखा कि किरण बाथरूम में नहा रही है. फिर में सीधा बाथरूम में गया और उसे वहीं पलट दिया, अब वो बिल्कुल नंगी नहा रही थी. अब में उसको पकड़कर उसके बूब्स से खेलने लगा और अब वो धीरे धीरे गर्म होने लगी थी. अब में उसको रगड़ने लगा और उसकी चूत में उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा और फिर उसको बाथरूम में झुकाकर अपना लंड पीछे से डालकर उसे चोदने लगा और फिर मैंने अपना पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया. फिर में नहाकर बाहर आ गया और किरण भी बाहर आ गई.
अब में और किरण बिल्कुल खुल चुके थे, अब हम एक दूसरे के सामने नंगे ही घूम लेते थे और उस दिन रविवार होने के कारण में भी तैयार होकर सिर्फ़ पजामा और एक टी-शर्ट पहनकर उसके रूम में चला गया. मैंने देखा कि अब वो तैयार हो रही है. फिर मैंने पूछा कि किरण कहाँ जा रही हो? तो वो बोली कि रविवार है तो सामान लेने मार्केट जाना है, तो मैंने पूछा कि क्या लाओगी?
फिर वो बोली कि घर का समान और कुछ कपड़े भी लाने है. फिर मैंने पूछा कि तुम्हारे साथ और कौन जा रहा है? तो वो बोली कि पूजा की मम्मी की जा रही है. फिर में समझ गया कि अब ये तो बाज़ार से 2-3 घंटे तक नहीं आने वाली है. फिर मैंने बोला कि किरण मेरा एक काम कर दो, तो वो बोली कि क्या? फिर मैंने बोला कि पूजा को यहाँ पढने के लिए छोड़ जाओ, में उसकी पढाई करा दूँगा, तो वो बोली नहीं तुम कुछ और ही पढाई करोंगे.
फिर में बोला ठीक है तो में तेरी और पूजा की लेस्बियन वाली बात उसके मम्मी-पापा को बता दूंगा, तो वो एकदम से डर गई और बोली कि आर्यन प्लीज में बदनाम हो जाउंगी और उसकी मम्मी का मेरे ऊपर से विश्वास टूट जायेगा.
फिर किरण बोली कि आर्यन में उसकी मम्मी के साथ मार्केट जा रही हूँ तो उसे पढ़ायेगा कौन? फिर में बोला में उसे पढ़ा दूँगा, तो वो बोली कि शायद उसकी मम्मी ना भेजे, तो में बोला कि तुम उसे पढने के लिए बुलाओ तो सही, क्योंकि कुछ दिन के बाद उसके एग्जॉम है और तुम कौनसा उसे पढ़ाती हो? तुम तो उससे अपनी चूत की गर्मी ही शांत करती हो. फिर वो बोली ठीक है में कोशिश करती हूँ. फिर वो पूजा के घर गई और उसके कुछ देर के बाद किरण वापस आई. फिर में बोला कि कहाँ है? तो किरण ने बोला कि उसकी मम्मी ने बोला कि वो 10 बजे के बाद बाज़ार जायेगी. फिर मैंने टाईम देखा तो 9:30 बज रहे थे. फिर मैंने पूछा कि पूजा आ रही है या नहीं? तो वो बोली कि आ रही है, में कुछ देर उसे पढ़ा देती हूँ. फिर तुम उसको पढ़ा देना.
अब मेरी तो निकल पड़ी, अब में खड़ा हुआ और किरण को गले लगाकर उसके लिप पर किस करने लगा और उसकी चूची को दबाने लगा. फिर वो और में अलग हुए और फिर मैंने अपने रूम में आकर खाना तैयार किया और किरण को खाना खा लेने की बोलकर बाहर चला गया. फिर मैंने वापस आकर जल्दी से खाना खाया और अपनी बुक लेकर पढने बैठ गया. फिर कुछ देर बाद पूजा आई और किरण उसे पढ़ाने लगी. फिर लगभग 11 बजे पूजा की मम्मी आई तो मैंने उससे नमस्ते किया और वो किरण को बाज़ार चलने के लिए बोली, तो किरण बोली कि चलो. फिर पूजा की मम्मी ने पूजा को घर जाने के लिए बोला, तो किरण बोली कि इसे तो पढने दो और ये यहाँ रहकर पढ़ लेगी, तो पूजा की मम्मी बोली कि इसे यहाँ कौन पढ़ायेगा? फिर किरण बोली कि आर्यन है ना, वो पढ़ा देगा.
फिर किरण ने मुझे अपने रूम में बुलाया और कहा कि आर्यन में और पूजा की मम्मी बाज़ार जा रहे है, तुम पूजा को गणित पढ़ा देना और कुछ प्रोब्लम हो तो उसकी मदद कर देना. फिर में बोला ठीक है, ये यही बैठकर पढाई कर लेगी और कुछ प्रोब्लम होगी तो वो मुझसे मदद ले लेगी. फिर किरण और पूजा की मम्मी बाज़ार चली गई. फिर कुछ देर तक में इंतजार करता रहा कि कहीं वो वापस ना जाए. फिर मैंने ये पता करने के लिए किरण के पास कॉल किया और पूछा कि तुम कहाँ हो? तो वो बोली कि हम मार्केट में है. फिर में बोला ठीक है कितनी देर में आओगी? तो वो बोली लगभग 1 बजे तक.
फिर मैंने बोला ओके, तो वो बोली कोई काम था. फिर में बोला मेरा भी कुछ सामान लाना है, तो वो बोली कि ठीक है, तुम मुझे मैसेज कर दो. फिर मैंने एक दो सामान की लिस्ट उसे मैसेज कर दी. अब मैंने टाईम देखा तो 11 बज रहे थे. फिर में खड़ा हुआ और अपना रूम बंद किया और घर के मैन दरवाजे को अंदर से लॉक किया और किरण के रूम में चला गया. फिर मैंने वहाँ देखा कि पूजा पढाई कर रही थी. फिर में अन्दर गया तो पूजा बोली कि आर्यन एक गणित की प्रोब्लम है तुम सॉल्व कर दो.
फिर में बोला कि पूजा आज तो में तेरी सारी प्रोब्लम सॉल्व कर दूँगा, तो वो बोली कि सारी मतलब, तो में बोला कुछ नहीं, तुम नहीं समझोगी. वो उस समय एक लाल टॉप और काले कलर का पजामा पहने थी. फिर में बोला कि क्या प्रोब्लम है? फिर उसने मुझे उसकी प्रोब्लम बताई, तो मैंने उसकी प्रोब्लम को सॉल्व करके दे दिया. फिर में उसके 32 साईज के बूब्स को देखने लगा और वो भी मुझे चोर नज़रों से देख रही थी.
फिर कुछ देर के बाद वो नीचे झुकी तो मुझे उसके लाल टॉप के अंदर पिंक ब्रा में कैद छोटे-छोटे बूब्स के दर्शन हो गये. अब मेरा लंड टाईट होने लगा था और मुझे उसका उभार साफ-साफ़ दिख रहा था. में खड़ा हुआ और पूजा के पीछे जाकर बैठ गया और पीछे से उसके बूब्स को पकड़कर दबा दिया तो वो एकदम से चौंक पड़ी और मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी, तो में और ज़ोर-ज़ोर से उसके बूब्स को रगड़ने लगा. फिर वो बोली कि आर्यन प्लीज मुझे छोड़ दो तो मैंने उसे छोड़ दिया और वो रोने लगी और मुझसे कहने लगी.
पूजा – आर्यन तुम मेरे साथ ये क्या कर रहे हो?
आर्यन – पूजा तुम मुझे अच्छी लगती हो.
पूजा – नहीं, में किरण आंटी को और मम्मी से तुम्हारी शिकायत करुँगी.
आर्यन – कर दे, जिससे क्या होगा? में भी तेरी और किरण आंटी की बात तेरी मम्मी को बता दूँगा.
पूजा – कौन सी बात, अब वो चौंक सी गई और मुझसे पूछने लगी.
आर्यन – तुम और किरण रात को क्या करती हो?
पूजा – कुछ नहीं, में और आंटी तो कुछ नहीं करते है.
आर्यन – फिर तुम और किरण रात को नंगी क्यों सोती हो? अब पूजा डर गई थी.
पूजा – वो तो किरण आंटी मेरे साथ… कहते कहते पूजा चुप हो गई.
आर्यन – कोई बात नहीं, मेरे पास तेरी और किरण की क्लिप है, तुम्हें देखनी है क्या? और मैंने अपना मोबाईल निकाला और पूजा को दिखाने लगा तो पूजा एकदम से सब देखकर चौंक सी गई, जैसे उसे कोई गहरा झटका लगा हो.
पूजा – आर्यन प्लीज, ये किसी को मत दिखाना नहीं तो में बर्बाद हो जाउंगी और वो रोने लगी.
आर्यन – पूजा ठीक है में किसी को नहीं दिखाऊंगा, लेकिन तुम्हें मेरे साथ भी वही करना पड़ेगा, जो तुम किरण के साथ करती हो.
पूजा – ठीक है आर्यन, लेकिन तुम किसी और को कुछ नहीं बताओगे और किरण आंटी को भी नहीं बताओगे.
आर्यन – पूजा में तुम्हें पसंद करता हूँ और तुम्हें मुझ पर विश्वास है तो ही में करूँगा, नहीं तो में अब तक तेरी मम्मी को तेरी और किरण की बात बता देता.
पूजा – आर्यन प्लीज, ये किसी को मत दिखाना नहीं तो मम्मी मुझे मार डालेगी.
आर्यन – ओके, में नहीं दिखाऊंगा, लेकिन पूजा मुझे मेरा जवाब चाहिए.
पूजा – आर्यन एक बात बोलूँ.
आर्यन – बोलो पूजा.
पूजा – आर्यन में भी तुम्हें पसंद करती हूँ, लेकिन मुझे कहने में डर लगता है कि कहीं तुम बुरा ना मान जाओं.
आर्यन – पूजा आई लव यू.
पूजा – लव यू टू आर्यन.
आर्यन – फिर मैंने पूजा का हाथ पकड़कर उसे अपने ऊपर खींच लिया और अपने लिप उसके लिप पर रख दिए.
पूजा – आर्यन तुम प्लीज ये बात किसी को नहीं बताओंगे और किसी को ये क्लिप भी नहीं दिखाओगे, यहाँ तक कि किरण आंटी को भी नहीं दिखाओगे.
आर्यन – हाँ मेरी जान और में पूजा को किस करने लगा.
उसके बाद में पूजा के लिप को किस करने लगा तो वो बोली कि आर्यन प्लीज रूम का दरवाजा तो बंद कर दो. फिर में बोला कि जानेमन मैन दरवाजा तो अंदर से लॉक है. फिर वो बोली कि कोई बात नहीं तुम ये भी लॉक कर दो. फिर में खड़ा हुआ और रूम का दरवाजा अन्दर से बंद कर दिया और उसे लेकर बेड पर लेट गया. अब में और पूजा एक दूसरे को किस करने लगे और उसके बाद में पूजा के छोटे छोटे बूब्स को उसके टॉप के ऊपर से ही दबाने लगा और उसके होंठो को लगातार चूसने लगा.
अब उसकी साँसे गर्म हो रही थी और वो भी मेरा साथ दे रही थी. फिर कुछ देर तक किस करने के बाद मैंने उसके टॉप के अंदर अपना हाथ डाल दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके छोटे-छोटे बूब्स को रगड़ने लगा. अब पूजा भी गर्म हो रही थी और मेरा साथ दे रही थी. उसके बाद में पूजा को सीधा लेटाकर उसके ऊपर आ गया और पूजा को किस करने लगा. अब में उसके लिप पर और उसके गालों पर लगातार किस कर था. उसके बाद में उसकी गर्दन पर किस करने लगा और उसके बूब्स को भी दबा रहा था. फिर में पूजा के बगल में लेट गया और पूजा मेरे ऊपर आ गई और मुझे किस करने लगी.
फिर मैंने पूजा के टॉप को नीचे से पकड़ा और ऊपर करने लगा तो वो मुझे मना करने लगी, आर्यन प्लीज मम्मी और किरण आंटी कभी भी बाज़ार से आ सकती है. फिर में बोला कि जानेमन वो 1 बजे से पहले नहीं आयेगी और अभी अपने पास 2 घंटे बाकी है. फिर वो बोली कि तुम्हें कैसे पता? तो में बोला कि किरण ने मेरे कहने पर ही तुम्हें यहाँ पढने के लिए बुलाया है और उसे ये भी पता है कि पूजा आज कौन सी पढाई करने वाली है? तो पूजा एकदम से चौंक गई.
फिर वो बोली कि क्या किरण आंटी को सब पता है? कि में और तुम एक दूसरे के साथ क्या करेगें? तो में बोला कि उसे ये तो नहीं पता, लेकिन उसे इतना पता है कि आज आर्यन और पूजा दोनों बस प्यार की पढाई करेगें. फिर वो बोली कि आर्यन तुम सही कह रहे हो, तो में बोला हाँ. फिर वो थोड़ा सा नाराज़ हो गई और में बोला कि किरण के कारण ही तू और में एक साथ है और उसने ही तेरी और मुझे मिलवाने की सारी सेटिंग की है, लेकिन उसे ये नहीं पता कि में तुम्हें चोदने वाला हूँ. फिर वो बोली कि आर्यन प्लीज ये किरण आंटी को मत बताना, तो में बोला ठीक है.
फिर मैंने पूजा का लाल टॉप उतार दिया, उसने नीचे पिंक कलर की ब्रा पहनी थी. पिंक ब्रा में साली बहुत ही सेक्सी लग रही थी. फिर में उसे किस करने लगा और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को किस करने लगा और अपना एक हाथ नीचे ले जाकर उसके लोवर के ऊपर से ही उसकी दोनों टांगो के बीच में रखकर उसकी चूत को सहलाने लगा. अब वो और गर्म होने लगी थी और अब में उसके पेट पर किस करने लगा और उसकी नाभि पर भी किस करने लगा. अब वो लगातार गर्म हो रही और उसकी साँसे मुझे भी गर्म कर रही थी और वो आहह आआआआआआ हुउऊउउ की आवाजे कर रही थी.
उसके बाद मैंने पूजा के लोवर को पकड़ा और उसके दोनों पैरों को सीधा करके उसका लोवर नीचे कर दिया और उसके लोवर को पैरों से निकालकर उसे नीचे से पूरी नंगी कर दिया. अब पूजा मेरे सामने सिर्फ़ पिंक ब्रा और पिंक पेंटी पहने लेटी हुई थी और उसका एक हाथ उसकी चूची के ऊपर था और एक हाथ से उसने अपनी चूत को ढक रखा था.
फिर में पूजा की गोरी-गोरी जांघो पर किस करने लगा. फिर में धीरे-धीरे किस करता-करता उसकी पिंक पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा. अब उसकी चूत से पानी निकल रहा था, जिससे उसकी पेंटी गीली हो रही थी. अब में उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत के ऊपर किस करने लगा, अब पूजा के मुँह से आआआआहह आआआआअ म्‍म्म्ममममम हहह्ह की आवाजे आ रही थी.
फिर में उसके ऊपर आया और उसको उल्टा पेट के बल लेटाकर उसकी ब्रा को खोल दिया और उसकी कमर पर किस करने लगा. फिर उसके बाद मैंने उसको सीधा किया और अब उसके 32 साईज़ के गोरे-गोरे बूब्स मेरे सामने थे और उसके गुलाबी निप्पल वाले गोरे गोरे बूब्स बहुत मस्त थे. अब में उनको किस करने लगा तो अब पूजा की आँखे शर्म के मारे बंद थी और वो अपने हाथ से अपनी चूची को ढकने का प्रयास कर रही थी, लेकिन में लगातार उसके बूब्स को चूस रहा था, कभी राईट बूब्स को तो कभी लेफ्ट बूब्स को चूस रहा था.
फिर में एक बूब्स को मुँह में लेकर उसके निप्पल को चूसने लगा और अपना एक हाथ उसकी पेंटी में डालकर उसकी कुंवारी चूत से खेलने लगा. अब उसकी चूत गीली होने के कारण मेरी एक उंगली उसकी चूत के अंदर चली गई, तो पूजा एकदम से कहराई आआआआआआअ आआआहह हमम्म्म.
फिर में बोला क्या हुआ? फिर वो बोली कि नीचे कुछ हो रहा है तो में बोला नीचे कहाँ? तो वो बोली नीचे, लेकिन में चाहता था कि पूजा नाम लेकर बोले तो फिर मैंने पूजा की चूत में दूसरी उंगली भी डाल दी और इस बार पूजा को दर्द हुआ तो वो बोली आह मम्मा. फिर में बोला क्या हुआ? तो वो बोली आर्यन प्लीज नीचे दर्द हो रहा है, तो में बोला नीचे कहाँ? फिर वो बोली जहाँ आप उंगली डाल रहे हो, तो में बोला में कहाँ उंगली डाल रहा हूँ? फिर वो धीरे से बोली चूत में.
फिर में बोला पूजा खुलकर बोलो, तुम्हें भी मजा आयेगा और मुझे भी मजा आयेगा तो वो शरमा गई और अपनी आँखे बंद कर ली. अब तक मैंने उसकी 32 की साईज़ की चूची चूस-चूसकर लाल कर दी थी. अब उसके हाथ मेरे सर पर मेरे बालों को सहला रहे थे और वो लगातार सिसकी ले रही थी. फिर में पूजा के ऊपर से उठा और अपने कपड़े खोलने लगा तो फिर पूजा बोली कि आर्यन प्लीज मुझे ऐसे मत छोड़ो. फिर में बोला जानेमन एक बार अपनी आँखों को खोलकर तो देखो. अब में अब तक अपने सारे कपड़े उतार चुका था और मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा था और अंडरवियर से बाहर आने को तड़प रहा था और अब में सिर्फ़ अंडरवियर में था. फिर में पूजा के बगल में लेट गया. अब पूजा सिर्फ़ पिंक पेंटी में और में सिर्फ़ अंडरवियर में था.
अब हम दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे. फिर में नीचे से एक हाथ पूजा की पेंटी में डालकर उसकी चूत से खेलने लगा और अब पूजा के मुँह से आआआहह एयाया हह अम्म की आवाज़ आ रही थी. फिर मैंने पूजा का एक हाथ पकड़कर अपने लंड के ऊपर रख दिया तो पूजा ने एकदम से अपना हाथ हटा लिया और बोली कि आर्यन ये तो बहुत गर्म है. फिर में बोला कि पूजा इसे अपने हाथ में लेकर खेलो ना, तो उसने डरते-डरते अपना एक हाथ मेरे लंड के ऊपर रख दिया और उसे पकड़कर आगे पीछे करने लगी. फिर मैंने पूजा को सीधा लेटाया और उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूत के ऊपर अपने लंड को रगड़ने लगा. फिर में उसके पैरों से हटा और उसकी पेंटी को साईड में करके उसकी चूत पर किस करने लगा, क्या चूत थी पूजा की? एक दम गुलाबी और वो भी बिना बालों की.
फिर मैंने पूजा की पेंटी निकाल दी तो उसने एक हाथ अपनी चूत के ऊपर रख दिया और शरमा गई. फिर मैंने उसका हाथ हटा दिया और उसकी चूत को किस करने लगा और चाटने लगा. अब वो मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी और उसके मुँह से आआआआअ आआआआआआआहह आआमम्मम की आवाजे आने लगी. फिर में उठा और मैंने अपना अंडरवियर निकाल दिया और फिर से उसकी चूत को चाटने लगा. अब उसकी आँखे बंद थी.
फिर वो बोली आर्यन प्लीज अब रुका नहीं जाता, डाल दो अपना इसमें. फिर में बोला कि क्या डाल दूँ? तो पूजा बोली कि अपना लंड मेरी चूत में डाल दो, तो में बोला पूजा अभी तो और मज़ा बाकी है. फिर वो बोली प्लीज अब रुका नहीं जा रहा है प्लीज डाल दो, फाड़ दो मेरी चूत को. फिर में बोला कि ज़रा आँखे खोलकर मेरा लंड देखो तो सही, तो फिर उसने अपनी आँखे खोली और मेरा लंड देखा तो वो बोली कि ये तो बहुत बड़ा है और ये मेरी चूत में नहीं जायेगा. फिर में बोला जानेमन तू चिंता मत कर, तेरी चूत मेरे लंड को पूरा ले लेगी. फिर वो बोली आर्यन मुझे डर लग रहा है. फिर में बोला कुछ नहीं होगा और में आराम से करूँगा, तो वो बोली आर्यन प्लीज आराम से करना.
फिर में उसकी चूत को चाटने लगा तो वो फिर से बोली कि आर्यन अब डाल दो अपना लंड मेरी चूत में, और फाड़ दो मेरी चूत को और आज मुझे अपनी बना लो. फिर में बोला ठीक है, लेकिन पहले मेरा लंड चूसो, तो वो बोली आर्यन प्लीज ये बहुत गंदा है. फिर में बोला कोई बात नहीं पूजा गंदा ही सही, लेकिन मुझे मज़ा आयेगा.
फिर वो बोली नहीं आर्यन प्लीज मान जाओ, लेकिन में नहीं माना तो फिर पूजा मेरा लंड अपने हाथ में लेकर उसको किस करने लगी और अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. फिर में और पूजा 69 की पोज़िशन में आकर एक दूसरे को मस्त करने लगे. फिर मैंने थोड़ा सा दबाव दिया और मेरा लंड पूजा के मुँह में अंदर तक चला गया और में पूजा के मुँह को चोदने लगा. अब मेरा लंड उसके गले तक जा रहा था और में उसकी चूत को चाट रहा था. अब उसकी चूत से नमकीन सा पानी निकल रहा था, अब में उसका पूरा पानी चाट-चाटकर साफ कर रहा था.
फिर में अपनी जीभ को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा. आज मुझे जन्नत का मज़ा आ रहा था और अब वो भी मस्त होकर मेरा लंड चूस रही थी. फिर कुछ देर चूसने के बाद मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाला और उसे सीधा लेटाकर उसके ऊपर लेट गया. अब में पूजा की नंगी चूत पर अपना 8 इंच का लंड रगड़ने लगा, अब पूजा के मुँह से लगातार एयाया हहह्ह्ह्ह आहह की आवाजे आ रही थी.
फिर में पूजा को किस करने लगा और अब में उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ रहा था और मेरा लंड उसकी चूत के पानी से पूरा गीला हो गया था. फिर मैंने पूजा के सर के नीचे एक तकिया लगाया और एक तकिया उठाकर उसकी गांड के नीचे लगा दिया, जिससे उसकी गांड ऊपर उठ गई और अब मुझे उसकी चूत का मुँह साफ-साफ़ दिख रहा था. अब तकिया उसकी गांड के नीचे लगाने के कारण उसकी गुलाबी चूत का मुँह खुल गया था. फिर मैंने पूजा की दोनों टांगो को पकड़कर उठाया और उसकी दोनों टांगो को पकड़कर अपने कंधे पर रख दिया.
फिर में थोड़ा झुका तो उसकी टाँगे मेरे कंधे के ऊपर होने के कारण उसकी गांड थोड़ी ऊपर हो गई और अब मेरा लंड उसकी चूत के ऊपर रगड़ खा रहा था. फिर में और नीचे झुककर उसके लिप पर किस करने लगा और अब मैंने किस-करते करते अपने एक हाथ से अपना लंड उसकी चूत के मुँह के ऊपर रखा और एक जोरदार झटका दिया. अब उसकी टाँगे मेरे कंधे पर होने के कारण वो पूरी तरह से मेरी गिरफ्त में थी, जिससे वो हिल भी नहीं सकी और मेरा लंड उसकी चूत के पानी से गीला होने के कारण और उसकी चूत के पानी की चिकनाई के कारण उसकी चूत को फाड़ता हुआ आधा अंदर घुस गया.
फिर पूजा की एकदम से चीख निकल गई, आआआ आर्यन, आह्ह्हह्ह आर्यन और में उसके लिप को फिर से किस करने लगा. अब पूजा की आँखों से आंसू आ गये थे. फिर में कुछ देर तक ऐसे ही लेटा रहा और वो मुझसे छूटने की नाकाम कोशिश करती रही. फिर में पूजा को किस करता रहा और उसके बूब्स से खेलने लगा, अब कुछ देर के बाद जब पूजा का दर्द कम हुआ तो वो नीचे से अपनी गांड को उठाने लगी, तो में समझ गया कि इसका दर्द कम हो गया है और अब में भी उसके ऊपर से धक्के मारने लगा.
फिर कुछ देर तक धीरे-धीरे धक्के लगाने के बाद में अपनी स्पीड को तेज करने लगा. अब पूजा को भी मज़ा आने लगा था और वो भी अपनी गांड को उठा-उठाकर मेरा साथ दे रही थी. अब मुझे उसके चेहरे पर दर्द नहीं दिख रहा था और अब दर्द की चीखो के बजाए अब उसके मुँह से सिसकारियां निकलने लगी, वो आआ आहह आआआआअहमम्म्ममममम आआआआआआहह आर्यन करने लगी थी. अब वो मेरी कमर पर अपने हाथों को फैरने लगी थी. अब में भी लगातार अपने धक्के तेज किए जा रहा था.
फिर कुछ देर के बाद पूजा की सिसकारियां तेज होने लगी और अब उसे दर्द की जगह मज़ा आ रहा था और वो ज़ोर-ज़ोर से अपनी गांड उठा-उठाकर मेरा साथ दे रही थी. अब मेरा लंड उसकी चूत में पूरा जा रहा था. अब में और पूजा जन्नत में थे. अब पूजा अपनी गांड उठा-उठाकर मेरा लंड पूरा अपनी चूत में ले रही थी.
फिर कुछ देर के बाद पूजा की सिसकारियां तेज होने लगी और अब पूजा का शरीर टाईट होने लगा और पूजा एकदम से शांत हो गई. फिर में समझ गया कि वो झड़ चुकी है. फिर में धक्के लगाता रहा और उसे चोदता रहा. फिर मैंने पूजा की चूत में से अपना लंड बाहर निकाला और उसके बगल में लेट गया. अब पूजा मेरे ऊपर आ गई और मेरे चेहरे पर किस करने लगी. फिर कुछ देर तक किस करने के बाद मैंने पूजा को अपने लंड के ऊपर बैठाया और पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया.
अब में उसके नीचे था और पूजा मेरे ऊपर थी. अब मेरा लंड पूजा की चूत में था और अब वो खुद उछल-उछलकर मुझे चोद रही थी और आआहह आआआआआआआहह कर रही थी. अब मुझे भी बहुत मजा आ रहा था. फिर 25 मिनट तक चोदने के बाद जब पूजा का दुबारा पानी निकलने वाला था, तो वो ज़ोर-ज़ोर से मुझे चोदने लगी.
फिर मैंने उसे तुरंत नीचे लेटाया और अपना लंड उसकी चूत में घुसाकर उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा, अब पूजा आआआआअहहाआआआआआहह कर रही थी. फिर कुछ देर के बाद मेरा पानी निकलने वाला था तो में बोला पूजा मेरा पानी निकलने वाला है. फिर वो बोली आर्यन प्लीज आज मुझे पूरी तरह से अपनी बना लो, मेरी चूत को अपने पानी से भर दो.
फिर मैंने अपने धक्के और तेज कर दिए और पूजा भी मेरे हर धक्के का जवाब नीचे से अपनी गांड उठा-उठाकर दे रही थी. फिर कुछ देर के बाद पूजा का शरीर अकडने लगा और पूजा झड़ गई और मुझसे लिपट गई. अब पूजा की चूत टाईट हो गई थी और में भी पूजा की चूत के अंदर ही झड़ गया. अब में और पूजा बिल्कुल थक चुके थे और हम एक दूसरे के ऊपर ही लेटे रहे और में पूजा को किस करने लगा.
फिर मैंने पूजा को अपनी बाहों में उठाया और उसे वापस किरण के बेडरूम में ले आया, जहाँ आकर हम दोनों नंगे ही लेट गये. फिर कुछ देर तक में और पूजा एक दूसरे को किस करते रहे तो पूजा मुझसे बोली कि आर्यन मेरी चूत में हल्का-हल्का सा दर्द हो रहा है. फिर मैंने पूजा से बोला कि आज पहली बार है तो दर्द हुआ है और अब तुम्हें कभी दर्द नहीं होगा, बस आज के बाद तुम्हें मजा ही आयेगा. फिर मैंने पूजा से बोला कि किरण और तुम्हारी मम्मी कभी भी आ सकती है. फिर मैंने और उसने एक दूसरे को कपड़े पहनाये और किरण के बेडरूम को सही किया और उस तकिये के कवर को निकालकर बेड के नीचे डाल दिया और हम दोनों बेड पर ही लेट गये.
फिर कुछ देर तक आराम करने के बाद मैंने देखा कि 2 बज गये है तो में खड़ा हुआ और अपने मोबाईल से किरण को कॉल किया और पूछा कि कब तक आ रही हो? तो वो बोली कि 10 मिनट में आ रहे है. फिर मैंने मैन गेट का अंदर से लॉक खोल दिया. अब में और पूजा पढने लग गये. उसके बाद किरण आ गई और पूजा की मम्मी भी आ गई.
फिर कुछ देर के बाद पूजा अपनी मम्मी के साथ अपने घर चली गई. फिर किरण बोली हो गई तुम्हारी और पूजा की प्यार वाली पढाई, तो मैंने बोला हाँ मेरी रंडी रानी, तो वो बोली कैसी लगी पूजा की चूत? फिर में बोला एकदम मस्त माल थी, उसको चोदकर मजा आ गया और अभी तो में उसे तेरे सामने भी चोदूंगा और तुझे उसके सामने चोदूंगा. फिर वो बोली जो करना है कर लो, लेकिन किसी और को कुछ पता नहीं लगना चाहिए.
फिर मैंने किरण को पकड़ा और उसके लिप को चूसने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा. फिर मैंने किरण को छोड़ा और बेड के नीचे से तकिये का कवर निकालकर किरण को दिया. फिर वो बोली ये क्या है? फिर में बोला कि ये मेरी और पूजा की आज के प्यार और उसकी चुदाई की निशानी है. फिर वो बोली कि ठीक है, लाओ में इसे धो दे देती हूँ. फिर में बोला कि किरण मैंने अपना पानी पूजा की चूत में ही डाल दिया है. फिर वो बोली कोई बात नहीं तुम उसे एक गोली लेकर दे देना या में ही उसको रात को दे दूँगी, आज पूजा रात को मेरे पास ही रहेगी. फिर में बोला तुम दोनों क्या करोगी? तो वो बोली कि जो तुमने किया है वही. अब में, पूजा और तुम आज रात को मिलकर एक दूसरे को चोदेगें. फिर में खुश हो गया और मार्केट जाकर एक प्रेगनेंसी रोकने की गोली ले आया और किरण को दे दी.
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मकान मालकिन के बूब्स का टेस्ट

हैल्लो दोस्तों, मेरी इस साईट पर ये पहली स्टोरी है. मेरा नाम आदित्य है और ये बात उन दिनों की है जब में इंजिनियरिंग की पढाई कर रहा था. मेरा एक दोस्त था लकी, वो एक रूम लेकर किराये पर रहता था और में भी ज्यादातर उसके रूम पर ही रहता था. हम लकी के मकान मालिक को भैया कहकर बुलाते थे और उनकी पत्नी का नाम सीमा था, वो बहुत ही मस्त थी और वो मकान मालिक बहुत मज़ाक करता था, वो दिलखुश इंसान था. एक बार की बात है और में कॉलेज गया हुआ था और दोपहर को वापस आया तो मैंने देखा कि घर पर सीमा भाभी नहीं है और भैया किसी लड़की को अपने घर लाए है.
फिर मैंने अपने दोस्त से पूछा कि ये लड़की कौन है? तो मेरे दोस्त लकी ने बताया कि ये भैया की गर्लफ्रेंड है तो मुझे शॉक लगा कि शादीशुदा आदमी की गर्लफ्रेंड और वो भी उसके घर के अंदर हो और उसके बाद वो लड़की शाम को चली गई.
फिर 2 दिन के बाद सीमा भाभी अपने मायके से वापस आई तो मैंने उनसे पूछा कि भाभी क्या भैया के कोई गर्लफ्रेंड है? तो भाभी रोने लग गई और बोली कि अब आदि आपसे क्या छुपाना? और उन्होंने मुझे सब कुछ सच-सच बता दिया.
फिर वो बोली कि उसके पति उस लड़की को ही प्यार करते है और मुझे नहीं, कई सालों से तो उनको मुझे बिना टच किए हो गये है और अब वो अपना सारा दर्द बाहर निकाल रही थी. फिर मैंने बोला कि भाभी आप भी क्यों परेशान होती हो? आपकी मदद के लिए में हूँ ना, में आपका साथ दूँगा और उनके दिल के दर्द को फिर थोड़ा कम किया और भाभी को चुप कराया. फिर में भाभी से धीरे-धीरे खुलने लगा और में पहले तो भाभी से नॉर्मल ही बातें करता था. फिर धीरे-धीरे में भाभी से सेक्सी-सेक्सी बातें करने लगा.
फिर एक दिन मैंने भाभी से पूछ ही लिया कि भाभी आपकी भी सुहागरात मनी होगी तो वो मुझे अजीब सी निगाहों से देखने लगी और हंसकर बोली कि हाँ. फिर मैंने पूछा कि बताओ भाभी कैसे-कैसे, क्या-क्या हुआ था? तो पहले तो वो मना करने लगी, रहने दो, छोड़ो. फिर मेरे जोर देने पर वो भी मान गई और बोली कि उस दिन मुझे बहुत दर्द हुआ था, जैसे चाकू से उंगली कटी हो वैसा दर्द होता है और जैसे ही जब लंड चूत में अंदर जाता था तो बहुत दर्द होता था और उन्होंने मुझे अपनी पूरी सुहागरात की बात बताई. अब मेरा लंड तो खड़ा हो गया था. फिर भाभी ने मेरी केफ्री के ऊपर से मेरे लंड को देखा और वो समझ गई कि आज लंड गर्म है और ये सब देखकर वो अपने रूम में चली गई. अब मुझे उस दिन का इंतजार था जिस दिन घर में कोई ना हो.
फिर एक दिन में कॉलेज नहीं गया था और अपने रूम में ही था तो मैंने मन बना लिया था कि आज में भाभी को चोद कर ही रहूँगा. फिर उसके बाद भाभी के बच्चे तो स्कूल चले गये और भैया अपने काम पर चले गये थे. अब घर में, में और भाभी हम दोनों ही थे, बस फिर क्या था? फिर में मौका देखकर उनके रूम में चला गया और जाकर भाभी के बेड पर बैठ गया और भाभी से बोला कि भाभी मुझे आपसे बात करना बहुत अच्छा लगता है.
फिर भाभी भी उस दिन मेरी केफ्री को देखकर सब समझ ही गई थी और मैंने अपना एक हाथ उनके हाथ पर रख दिया. फिर कुछ देर के बाद उन्होंने भी मेरा साथ दे दिया और मैंने अपने होंठ उनके होंठ की तरफ़ बढ़ाये तो उन्होंने अपनी आँखे बंद कर ली और में उनको किस करने लगा. फिर वो भी कुछ देर के बाद चालू हो गई और अब वो भी मुझे किस करने लगी और बोली कि आई लव यू आदि, में बहुत दिनों से प्यासी हूँ और मुझे शांत कर दो. फिर क्या था? मैंने उनके कपड़े उतारे और उनके बूब्स पीने लगा, वाह्ह क्या टेस्ट था उनके बूब्स का?
फिर उसके बाद मैंने अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाली और अंदर बाहर करने लगा. उसके बाद मैंने अपनी 2 उंगलियाँ उनकी चूत में डाली और अंदर बाहर करने लगा. अब भाभी को हल्का सा दर्द और मजा दोनों आ रहा था, अब भाभी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी. फिर मैंने अपना अंडरवियर निकाला और अपना मोटा सा लंड उनकी चूत के ऊपर रखा और एक धक्का मारा तो वो चिल्लाने लगी और में रुक गया.
फिर उसके बाद मैंने 5 मिनट तक उनको शांत किया, फिर मैंने दुबारा अपना लंड उसी जगह रखा और एक तेज धक्का मारा तो इस बार मेरा लंड पूरा अंदर जा चुका था और भाभी बहुत तेज चीख रही थी. फिर मैंने अपनी स्पीड चालू कर दी, अब भाभी को भी बहुत मजा आने लगा था. फिर 15 मिनट के बाद में झड़ गया और फिर मैंने भाभी से पूछा कि तुम थक तो नहीं गयी. फिर भाभी बोली कि इतना मज़ा आ रहा है और तुम कह रहे हो कि थक गयी क्या? आज तो में एकदम अच्छा महसूस कर रही हूँ.
फिर में झड़ने के बाद उनके ऊपर ही लेटा रहा और हम दोनों बिना कपड़ो के एक दूसरो की बाँहों में लेटे रहे. फिर भाभी ने अपनी जीभ से मेरा लंड साफ किया और उसको अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. अब मेरा लंड दुबारा से भाभी को चोदने के लिए तैयार हो रहा था, अब धीरे-धीरे मेरा लंड बड़ा हो रहा था और मुझे फिर से मजा आ रहा था. फिर 10 मिनट तक भाभी ने मेरे लंड को आइस-क्रीम की तरह चूसा और उसके बाद मैंने अपने लंड को उनकी चूत पर रखा और फिर से अपना काम शुरू किया.
अब पूरे कमरे में पच-पच की आवाज़ गूँज रही थी और अब भाभी आ अया अया कर रही थी. फिर कुछ देर के बाद में झड़ गया और इस तरह से हमने उस दिन 3 बार सेक्स किया. ये मेरा पहली बार सेक्स था, इससे पहले मैंने कभी भी सेक्स नहीं किया था. उस दिन के बाद में बहुत खुश हुआ और इस तरह से मैंने प्यासी भाभी की प्यास बुझाई और उसके बाद से हमें जब भी मौका मिलता है तो हम सेक्स करते है.
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बस के स्लीपर में भाभी की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, में सुमित उम्मीद करता हूँ कि आप सभी चाहने वाले इस पर रोजाना नयी नयी कहानियाँ पढ़कर अपनी सेक्स की आग को और हवा दे रहे हो. दोस्तों वैसे में भी बहुत अच्छी तरह से समझता हूँ कि सेक्सी कहानियाँ पढ़ने से चुदाई की इच्छा इतनी बढ़ जाती है और उस वक़्त जो भी चूत सामने मिले मन करता है कि उसी को चोद दूँ और इस वजह से ही लोग किसी भी रिश्ते की परवाह किए बगैर सिर्फ़ चुदाई के बारे में सोचते है और अपने अंदर जल रही उस सेक्स की आग को ठंडा करते है. दोस्तों में भी कामुकता कहानियाँ बहुत समय से पढ़ता आ रहा हूँ और यह सभी कहानियाँ पूरे बदन में लगी आग को और भी भड़का देती है.
दोस्तों अब में अपने बारे में बताता हूँ, में मिस्टर सुमित एक बंगाली लड़का हूँ और में वेस्ट बंगाल के कोलकाता शहर का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 29 साल है. में शादीशुदा हूँ और मेरी बहुत ही अच्छी, सुंदर एक पत्नी है और मेरे तीन लड़के है. दोस्तों में अपनी शादीशुदा जिन्दगी में बहुत मज़े करता हूँ, लेकिन बात तो अब वो थी कि सभी बोलते है और बहुत अच्छी तरह से जानते भी है कि एक मर्द को जितनी भी बार चूत, चुदाई करने को मिल जाए उसकी चोदने की भूख कभी कम नहीं होती, लंड कुछ देर बाद दोबारा खड़ा होकर एक प्यासी चूत में जाने के लिए एक बार फिर से तैयार हो जाता है.
दोस्तों मेरे साथ भी बिल्कुल कुछ ऐसा ही है. में भी चुदाई करने का बहुत दीवाना हूँ और मुझे कोई भी प्यासी चूत मिल जाए तो में उसे चोदकर अपने लंड का दीवाना बना देता हूँ और ऐसा मैंने बहुत बार किया है. मेरे लंड से चुदकर हर एक चूत को बहुत संतुष्टि मिल जाती है. दोस्तों मैंने ऐसा अपने पड़ोस में रहनेवाली कुछ भाभियों को और अपनी तीन भाभियों को बड़े ही प्यार से पटाकर चोदा है, लेकिन हाँ मैंने कभी भी अपने बीच में बनी रिश्ते की दीवार को नहीं गिराया है.
दोस्तों में आप सभी के सामने अपनी एक पड़ोस की भाभी की चुदाई की कहानी बता रहा हूँ जिसे चोदने की मेरी इच्छा बचपन से थी जो कि अब फरवरी के महीने में पूरी हुई. दोस्तों मेरी भाभी इतनी सुंदर तो नहीं है कि जो भी उसे देखे उसका लंड भाभी को चोदने के लिए खड़ा हो जाए, लेकिन पता नहीं क्यों फिर भी में उसे हमेशा से ही चोदना चाहता था.
पहले तो वो दुबली पतली सी थी और उसकी वो छोटी छोटी चूचियाँ मुझे बहुत अच्छी लगती थी, लेकिन अब वो समय के साथ साथ थोड़ी मोटी हो चुकी है और मोटे होने साथ साथ अब उसके चूतड़, बूब्स ने भी अपना आकार बदल लिया है जिसकी वजह से में उस जिस्म का बिल्कुल दीवाना हो चुका हूँ और अब उसका शरीर पहले से भी बहुत अच्छा दिखता है मतलब अब तो वो और भी चुदासी और सेक्सी लगती है. अब उसकी चुचियाँ भी बहुत बड़ी हो गयी है बिल्कुल गोल गोल, लेकिन हाँ मोटी औरतों की झूलती हुई चूचियों की तरह नहीं बल्कि एकदम टाईट है.
दोस्तों जैसा कि आप लोग सेक्सी कहानियों को पढ़कर सोचते होंगे कि भाभियों को अपनी बातों में फंसाकर चोदना बहुत आसान होता है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है अगर ऐसा होता तो में कब का अपनी भाभी को चोद देता और मुझे उनकी चूत मिलने में इतना लंबा समय नहीं लगता और मेरे मन की इच्छा बहुत पहले ही पूरी हो चुकी होती, लेकिन उसे चोदने का मौका मुझे इस बार मेरी अच्छी किस्मत से मिल ही गया और मैंने उसे एक बस के स्लीपर कोच में चोदा.
दोस्तों इस बार कुछ ऐसा हुआ कि बस में हमे एक बहुत लंबा सफर तय करना था और मेरी अच्छी किस्मत से मुझे बस में एक भी सीट खाली नहीं मिली तो हमें मजबूरी में एक स्लीपर लेना पड़ा जिसकी वजह से में तो मन ही मन बहुत खुश था, लेकिन भाभी अब थोड़ा अच्छा महसूस नहीं कर रही थी और में उनकी इस बैचेनी की वजह भी बहुत अच्छी तरह से समझ चुका था. मुझे पता था कि अब उनके मन में क्या क्या चल रहा होगा और वो क्या सोच रही है? अब हम दोनों अपना सामान ठीक जगह पर रखकर बस के स्लीपर पर अपनी सीट पर चढ़कर बैठ गये और मैंने स्लीपर का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और फिर में लेट गया, लेकिन भाभी अब भी बैठी हुई थी.
फिर कुछ देर बाद बस चलने लगी और बाहर बहुत अंधेरा सा छा गया और अब में भाभी की पीठ पर अपना हाथ घुमा रहा था और मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था. मुझे अच्छी तरह से पता था कि मेरे ऐसा करने से भाभी गरम हो ही जाएगी, अब उससे पहले मेरा लंड उन्हें चोदने के लिए तैयार हो गया. मैंने कुछ देर बाद भाभी को लेटने के लिए कहा लेकिन भाभी नहीं मानी, ना जाने उनके मन में क्या चल रहा था? और अब मैंने उसे तुरंत जबरदस्ती पकड़कर अपने ऊपर खींचकर अपने साथ लेटा लिया और इसी खींचातानी में उसकी साड़ी का पिन खुल गया, जिसको वो अब लगाने लगी.
मैंने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया और कहा कि रहने दो ना भाभी अब रात में इसे लगाकर क्या होगा? तो भाभी ने उसे वैसे ही छोड़ दिया और वो अब मेरे साथ लेट गई, दोस्तों जैसा कि में पहले भी कई बार उनके बूब्स का बहुत मज़ा ले चुका था तो में बिल्कुल निडर होकर अब अपना एक हाथ उसके बूब्स पर घुमाने लगा और भाभी मुझे ऐसा करने से कभी नहीं रोकती थी और आज भी उन्होंने मुझे ऐसा करने से नहीं रोका था.
अब में धीरे धीरे भाभी के ब्लाउज के एक एक बटन खोलने लगा और फिर उसकी नंगी चूचियों को दबाने लगा, भाभी हल्का हल्का उउउहह आआहह करने लगी थी, लेकिन में तो पूरे मूड में था. में अपने पैरों से भाभी की साड़ी को ऊपर खींचने लगा और उसके पैरों पर अपने पैर रगड़ने लगा, क्योंकि मुझे बहुत अच्छी तरह से पता था कि वो मेरे ऐसा करने से बहुत जल्दी गरम हो जाएगी, लेकिन जैसे ही मैंने अपना हाथ उसकी साड़ी के अंदर डाला और उसकी पेंटी को हाथ लगाया तो भाभी अचानक से उठकर बैठ गई.
अब वो मुझे यह सब करने से रोकने लगी और मुझसे कहने लगी कि क्या तुम्हे पता भी है कि तुम मेरे साथ यह क्या कर रहे हो थोड़ा अपने आप पर कंट्रोल करो और चुपचाप सो जाओ? दोस्तों में आज रुकना नहीं चाहता था और मुझे तो आज कैसे भी उस चूत के दर्शन करने थे जिसको में इतने सालों से अपने सपनों में मेरे लंड से चुदता हुए देख रहा था तो फिर आज में कैसे पीछे हटता? अब मेरे ऊपर तो उसकी चुदाई का भूत सवार था.
फिर मैंने भाभी से बोला कि भाभी प्लीज़ ऐसा मौका मुझे और कभी नहीं मिलेगा, प्लीज़ आज मुझे मत रोको और मुझे वो सब करने दो जो में करना चाहता हूँ प्लीज, लेकिन भाभी मेरे इतना कहने समझाने के बाद भी नहीं मान रही थी, लेकिन दोस्तों में भी मन ही मन ठान चुका था कि जो भी होगा देखा जाएगा. फिर में उसकी जांघों को धीरे धीरे मसलने, सहलाने लगा जिसकी वजह से भाभी अब धीरे धीरे कसमसा रही थी और में समझ चुका था कि वो कुछ समय जरुर लगाएगी, लेकिन चुदने को जरुर तैयार हो जाएगी और उस बात का फायदा उठाते हुए मैंने अपना एक हाथ धीरे से उसकी गरम, पेंटी पर रखा तो मैंने महसूस किया कि उसकी पेंटी अब भीग चुकी थी और अब में समझ गया कि भाभी भी गरम हो चुकी है, लेकिन वो मुझे अपनी चूत को चोदने नहीं देना चाह रही थी.
फिर मैंने घड़ी में टाईम देखा तो मेरे पास अभी और कुछ घंटे ही बचे थे और इस बीच मुझे उनकी चुदाई के काम को पूरा भी करना था जो मेरे लिए बहुत मुश्किल था, लेकिन नामुमकिन नहीं था. फिर में अपना हाथ धीरे धीरे उसकी पेंटी पर चूत के ऊपर से रगड़ने लगा और अब मैंने महसूस किया कि भाभी का बदन अकड़ रहा था और वो ऊपर के मन से मना भी नहीं कर रही थी.
अब में धीरे धीरे उसकी पेंटी को नीचे खींचने लगा और फिर मैंने पेंटी को पूरा नीचे उतार दिया और अब में अपने हाथ से उसकी उस बालों से भरी चूत को रगड़ने, सहलाने लगा वाह दोस्तों मैंने हाथ लगाकर महसूस किया कि उसकी चूत तो पूरी गीली हो चुकी थी और अब में अपनी एक उंगली से उसकी चूत को चोदने लगा और भाभी हल्की आवाज़ के साथ उुउऊहह आआहह ऊओफफफ्फ़ ऊऊफफह करने लगी. दोस्तों मैंने भी कुछ देर बाद सही मौका देखा और अपनी पेंट को उतार दिया और साथ ही साथ अपनी अंडरवियर को भी, क्योंकि मेरा लंड तो उस चूत को चोदने के लिए कब से तैयार खड़ा था और वो चूत आज मेरे हाथ में थी जिसको चोदना अब मेरा सबसे बड़ा सपना था.
अब में भाभी के ऊपर आ गया और मैंने दोनों पैरों को फैलाकर अपना लंड धीरे से धक्का देकर भाभी की चूत में डाला और जैसे ही मेरा लंड भाभी की चूत में गया तो भाभी ने ज़ोर से कसकर मुझे पकड़ लिया और सिसकियाँ भरने लगी. मैंने भी मौके का फ़ायदा उठाते हुए भाभी की बहुत अच्छी तरह से चुदाई कर डाली. फिर में लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देता रहा और वो मेरे लंड के अंदर बाहर होने के साथ साथ सिसकियाँ लेने लगी. बस मैंने करीब बीस मिनट तक चुदाई का पूरा मज़ा लिया और मैंने अपना वीर्य चूत में डाल दिया, लेकिन कुछ बाहर भी निकला जिसको भाभी ने साफ किया.
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