धोबी ने मेरी बहन को चोदकर छिनाल बनाया

हैल्लो दोस्तों, आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ जो कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई और उसमें मेरी बहन को हमारे घर पर आने वाले एक धोबी ने मेरी आखों के सामने चोदा. यह चुदाई मेरी बहन की पहली चुदाई थी और में उसे अपने सामने चुदता हुआ देखता रहा. दोस्तों हमारे परिवार में हम चार सदस्य है. मेरे पापा, मम्मी, में और मेरी बड़ी बहन. मेरे पापा एक सरकारी विभाग में नौकरी करते है और मेरी माँ एक कॉलेज में प्रोफेसर है इसलिए वो दोनों हर दिन सुबह चले जाते है और शाम को घर पर वापस आते है.
अब में आप सभी को मेरी बहन के बारे में बताता हूँ दोस्तों वो एक बहुत ही शरीफ सीधी साधी लड़की है जिसका अब तक कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और वो दिखने में बहुत सुंदर है और दूध की तरह बिल्कुल गोरी है उसका गदराया हुआ बदन हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करता है उसके बूब्स बहुत बड़े और एकदम सुडोल है. उसकी मटकती हुई गांड उसके कॉलेज के सभी लड़कों को उस पर लाईन मारने पर मजबूर करती है, लेकिन वो कभी भी किसी को भी भाव नहीं देती है और वो दिखने में बिल्कुल हिरोइन जैसी लगती है. उसके फिगर का साईज 36-27-37 है और उसके बूब्स और नाभि बहुत ही सेक्सी है और उसके चूतड़ देखकर किसी बूढ़े आदमी का भी लंड खड़ा हो जाए.
दोस्तों यह बात तब की है जब हम दोनों के कॉलेज में उस समय छुट्टियाँ चल रही थी इसलिए उन दिनों हम दोनों ही घर पर रहते थे और हमारे घर के पास में एक धोबी रहता है, जिसे हम अपने घर के सभी कपड़े धोने के लिए देते थे. उस धोबी की उम्र करीब 45 साल होगी और वो हमारे घर पर हमेशा कपड़े देने आता जाता रहता था.
मुझे कई बार ऐसा लगता था कि शायद उसकी गंदी नज़र मेरी बहन पर है, क्योंकि वो हमेशा किसी ना किसी बहाने से मेरी बहन तक पहुंचने और उसे छूने की कोशिश किया करता था, लेकिन में यह बात सोचकर अनदेखा कर देता कि वो इस उम्र में ऐसा कोई गलत काम नहीं कर सकता और उसके देखने, छूने से कुछ नहीं होता, लेकिन एक दिन जब वो कपड़े देने आया तो उस समय घर पर कोई भी नहीं था और में अकेला था और मेरी बहन अपनी किसी दोस्त के घर पर किसी काम से गई हुई थी. फिर मैंने उससे कपड़े ले लिए जब उसने मुझसे कहा कि भैया मुझे थोड़ा पानी पीला दो तब मैंने उसे किचन से पानी लाकर दे दिया और वो वहीं पर खड़ा खड़ा पानी पीने लगा.
तभी उसी समय मेरी गर्लफ्रेंड का फोन आ गया और मुझे लगा कि वो कुछ देर बाद पानी पीकर चला जाएगा और यह बात सोचकर में फोन पर बात करते हुए उसे वहीं पर अकेला छोड़कर अपने कमरे में चला गया, लेकिन उसने तुरंत उस बहुत अच्छे मौके का फायदा उठा लिया और उसने देखा कि में अपने फोन पर अपनी गर्लफ्रेंड से बात करने में व्यस्त हूँ, इसलिए वो तुरंत मेरी बहन के बाथरूम में जाकर मेरी बहन की पेंटी को सूंघने लगा और वहीं पर उसके बारे में सोचकर मुठ मारने लगा.
फिर जब मैंने कुछ देर बात करने के बाद अपना कॉल कट किया और बाहर आकर देखा तो वो मुझे मेरी बहन के रूम से बाहर निकलता हुआ दिखाई दिया और जब मैंने उससे पूछा कि अंकल आप अब तक नहीं गये? तो उसने हड़बड़ाते हुए मुझसे बहाना बनाते हुए कहा कि बेटा में गलती से ग़लत रूम में चला गया था, मुझे नहीं पता था कि वो किस कमरे का रास्ता है. दोस्तों वो जबकि उससे पहले भी बहुत बार हमारे घर पर आ चुका था, में तुरंत समझ गया कि वो जानबूझ कर मेरी बहन के कमरे में गया था और वो मुझसे अब बिल्कुल झूठ बोल रहा है. अब मुझे उस पर शक हुआ और उसके जाने के बाद में दीदी के रूम में चला गया और अंदर बाथरूम का दरवाजा खुला हुआ था तो मैंने अंदर जाकर देखा तो मेरी बहन की एक पेंटी नीचे पड़ी हुई थी और मैंने उसे उठाकर देखा तो उस पर उस धोबी का वीर्य लगा हुआ था.
फिर में तुरंत समझ गया कि उस हरामी ने मेरी बहन की पेंटी के साथ क्या किया है? मुझे उसकी इस गंदी हरकत पर बहुत गुस्सा तो आया, लेकिन एक जबरदस्त मज़े वाला अहसास भी आया. फिर में सोचने लगा कि उसने सिर्फ़ मुठ ही तो मारी है वो और कुछ भी कर सकता था, लेकिन जैसे जैसे दिन गुज़रते गये और में अब उस बात को भूलने लगा.
एक दिन की बात है, में घर पर बैठा हुआ मुठ मार रहा था और में उस समय दरवाजे को अंदर से बंद करना भूल गया, तो वो उस दिन चुपचाप अंदर आ गया और उसने मुझे मुठ मारते हुए देखकर मेरे पीछे खड़ा होकर मेरा एक वीडियो बना लिया. उस समय में झड़ने वाला था और बहुत जोश में था इसलिए मैंने अपनी दोनों आखें बंद की हुई थी और फिर उसने आवाज़ देकर मुझसे पूछा कि क्या कर रहा है?
में उसे देखकर एकदम से बहुत डर गया और मैंने जल्दी से अपनी अंडरवियर को ऊपर किया और अब में उससे बोला कि अंकल प्लीज यह बात आप किसी को मत बोलना, लेकिन उस हरामी ने मुझसे तुरंत कहा कि हाँ में किसी को कुछ भी नहीं कहूँगा, लेकिन मेरी एक शर्त है? तो मैंने उससे पूछा कि वो क्या है बताओ मुझे? तभी वो मुझसे कहने लगा कि तू मुझे तेरी दीदी के मोबाईल नंबर लाकर दे और उसका मेमोरी कार्ड भी मुझे लाकर दे. फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है में आपको मेरी बहन के मोबाईल नंबर दे सकता हूँ, लेकिन मेमोरी कार्ड नहीं दे सकता.
फिर वो मुझसे बोला कि ठीक है अब में यह वीडियो सबको दिखा दूंगा, दोस्तों में उसकी इस बात को सुनकर बहुत डर गया और मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन आप मेरी दीदी के साथ क्या करोगे? तो वो बोला कि वही सब जो एक मर्द एक औरत के साथ करता है. अब मैंने उसे मना किया और बहुत बार समझाया, लेकिन वो मेरी एक भी बात नहीं माना और फिर वो घर से बाहर चला गया, वो जाते समय मुझसे बोला कि कल उसे किसी भी हाल में कार्ड चाहिए.
अगले दिन दीदी कॉलेज से आई और आते ही वो खाना ख़ाकर दिन में सोती है और मैंने उस बात का फायदा उठाते हुए चुपचाप उसके मोबाईल का कार्ड निकाल लिया और धोबी को जाकर दे दिया.
में उससे बोला कि जो करना है जल्दी से करो और उसने कार्ड से सब कुछ कॉपी करके मुझे वापस दे दिया. फिर मैंने उससे पूछा कि अपने यह सब क्यों किया. फिर वो मुझसे गाली गलोच करने लगा वो मुझसे बोला कि बहनचोद तेरे काम से मतलब रख समझा ना चूतिए. फिर में वहां से निकल गया और फिर उसी रात को मैंने करीब दो बजे उठकर मेरी दीदी का फोन चेक किया तो मैंने देखा कि व्हाटसप पर उस धोबी के बहुत सारे मैसेज पड़े हुए थे
धोबी : हाए.
दीदी : तुम कौन हो?
धोबी : मेरी जान में तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ और तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, जब से मैंने तुम्हे देखा है में तुम्हारा बिल्कुल दीवाना हो गया हूँ.
दीदी : चुप करो अपनी यह बकवास, क्या तुम पागल हो.
धोबी : एक मिनट रूको, फिर तुम चाहो तो जरुर बंद कर देना.
अब उस धोबी ने दीदी को दीदी की फोटो जो उसके पास थी और बहुत सारी सेक्सी फोटो भी भेजी और उन सभी फोटो में मेरी दीदी बहुत सेक्सी लग रही थी.
दीदी : क्यों यह फोटो तुम्हारे पास कहाँ से आई?
धोबी : जानेमन में तेरे प्यार में सब कुछ कर सकता हूँ, अब अगर तूने मुझसे बात नहीं की या मुझे हटा दिया तो में यह सभी फोटो सबको भेज दूंगा और तुझे एक रंडी बना दूंगा, इसलिए अब तू सबसे पहले तेरे घर वालो की इज्जत के बारे में भी थोड़ा सोच लेना.
दीदी : प्लीज तुम ऐसा मत करो, मुझे बताओ कि तुम्हे क्या चाहिए?
धोबी : में तुझे सही समय आने पर वो सब एक दिन जरुर बता दूंगा.
दीदी : हाँ ठीक है, लेकिन प्लीज किसी को वो फोटो मत भेज देना.
धोबी : हाँ ठीक है जानेमन, तुम कहती हो तो में रुक जाता हूँ, लेकिन तुम्हे अब वो सब करना होगा जो में तुमसे करवाना चाहता हूँ वरना ना करने का अंजाम तुम बहुत अच्छी तरह से जानती हो.
फिर उसके अगले दिन धोबी हमारे घर पर दोबारा आ गया और फिर दीदी उसे देखकर उससे कपड़े लेने चली गई और जैसे ही दीदी कपड़े लेकर पीछे की तरफ मुड़ी तो उसने सही मौका देखकर दीदी के चूतड़ को दबा दिया.
दीदी कहने लगी कि अंकल यह क्या बत्तमीजी है और आप मेरे साथ यह क्या कर रहे हो क्या आपको बिल्कुल भी शरम नहीं आती? तो मुस्कुराते हुए बोला कि जानेमन अभी तो मुझे तेरे साथ बहुत कुछ करना है, अभी तो मैंने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे तू मुझसे इतना नाराज हो रही है. दोस्तों दीदी उसके मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल चकित हो गई और अब वो समझ गई कि धोबी ही वो इंसान है जिसने कल रात को उनके नंबर पर वो मैसेज किए थे.
दीदी : प्लीज बताओ ना अंकल आप मेरे साथ ऐसा क्यों करे हो, मैंने आपका क्या बिगाड़ा है?
धोबी : क्योंकि में तुझसे बहुत प्यार करता हूँ.
दीदी : क्या अपने आपकी मेरी उम्र देखी है? और आप तो मुझसे उम्र में भी बहुत बड़े हो.
धोबी : हाँ जानेमन देखी है, लेकिन कभी भी जिस्म की भूख में उम्र नहीं देखी जाती और में सिर्फ़ तुझसे प्यार करना चाहता हूँ, शादी नहीं.
दीदी : अंकल में इन सब चीज़ो में नहीं पड़ना चाहती हूँ और मुझे इसमे बहुत डर भी लगता है, प्लीज आप मुझे मेरा कार्ड दे दीजिए प्लीज.
धोबी : अब ज्यादा फालतू की बातें मत कर, बहुत मज़ा आएगा और कल में दोपहर को तेरे घर पर आ जाऊंगा, तू एकदम तैयार रहना मेरी जानेमन.
दीदी : अंकल नहीं प्लीज, मेरा भाई भी दिन में घर पर ही होगा.
धोबी : में सब संभाल लूँगा और वो दीदी के बूब्स दबाकर मुस्कुराता हुआ वहां से चला गया.
फिर जब शाम को में मेरे एक दोस्त के घर पर जा रहा था तब उस धोबी ने मुझे रोककर अपनी पूरी बात मुझे बताई और फिर वो मुझसे बोला कि तू कल दिन में घर पर मत रहना, दोपहर के दो बजे से चार बजे के बीच में. अब मैंने उससे कहा कि अगर मेरी बहन इस काम को तुम्हारे साथ करने के लिए राज़ी है तो मुझे इसमे कोई भी आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर उसकी बिल्कुल भी इच्छा नहीं है तो प्लीज तुम उसे कुछ मत करना.
फिर धोबी ने मुझसे कहा कि तेरी बहन की मेरे साथ सेक्स करने की बहुत ज़्यादा इच्छा है, लेकिन वो बता नहीं रही और अगर ऐसा भी है तो तू खुद वहां पर आकर अपनी आखों से देख लेना. फिर मैंने कहा कि ठीक है दरवाजा बंद मत करना, दोस्तों मुझे उसकी बातें सुनकर उस पर गुस्सा तो बहुत आया, लेकिन में मज़बूर भी बहुत था और एक तरफ जोश में भी था.
फिर अगले दिन में दोपहर को करीब 1:30 पर ही अपने घर से बाहर निकल गया और करीब आधे घंटे बाद 2 बजे घर के पीछे पहुंच गया और देखने लगा. धोबी के घर के अंदर घुसने के बाद में भी चुपचाप अंदर चला गया. अब मैंने देखा कि दीदी उस समय बहुत डरी हुई थी. धोबी ने दीदी को अपनी गोद में उठाया और सीधा बेडरूम में ले गया और उसने मेरे लिए बेडरूम का दरवाजा थोड़ा सा खुला रखा, जिससे में बाहर से ही वो सब कुछ देख लूँ जो अंदर मेरी दीदी और उस धोबी के बीच होने वाला था.
धोबी : क्या हुआ जानेमन तुम मुझसे इतना क्यों डर रही हो?
दीदी : वो इसलिए क्योंकि मैंने इससे पहले कभी भी ऐसा कुछ नहीं किया है.
धोबी : वाह फिर तो हमे सेक्स करने में बहुत मज़ा आएगा, काश में तेरा पति बन सकता?
दीदी : अंकल प्लीज यह सब रहने दीजिए, प्लीज आप मुझे छोड़ दो.
धोबी : में तुझ जैसी परी को कैसे छोड़ दूँ? हाँ, लेकिन तुझे में चोद तो ज़रूर सकता हूँ.
दीदी : ठीक है अंकल आपको जो कुछ मेरे साथ करना है करो, लेकिन थोड़ा जल्दी करो और मेरे भाई के आने से पहले मुझे मेरा कार्ड देकर आप प्लीज यहाँ से चले जाओ.
धोबी : तुमने क्या इससे पहले कभी किसी को किस किया है या फिर किसी के साथ सेक्स किया है?
दीदी : मैंने ऐसा कुछ भी अभी तक नहीं किया.
धोबी : वाह इसका मतलब तेरी चूत पूरी तरह से सील पेक है.
दीदी : क्या मतलब?
धोबी : थोड़ा सा रुक, में अभी तुझे सब कुछ समझाता हूँ.
अब धोबी दीदी को किस करने लगा, लेकिन दीदी उसका बिल्कुल भी साथ नहीं दे रही थी और फिर वो किस करते हुए अपने एक हाथ से दीदी के बूब्स को दबाने लगा और अपने दूसरे हाथ से दीदी के पजामे में हाथ डालकर वो मेरी दीदी की चूत को सहलाने लगा. उसने दीदी की चूत में अपनी ऊँगली को अब धीरे धीरे अंदर बाहर करना भी शुरू कर दिया था जिसकी वजह से अब दीदी धीरे धीरे गरम होने लगी थी और अब वो दीदी की नाभि में अपनी उंगली को डाल रहा था और धीरे धीरे उनका पेट मसल रहा था, जिसकी वजह से अब दीदी का भी सब्र टूटने लगा. फिर वो भी जोश में आकर उसका पूरा पूरा साथ देने लगी थी और वो दोनों अब किस करने लगे.
उनका यह किस थोड़ी देर तक चला और उसके बाद धोबी ने अपनी पेंट को खोल दिया और वो दीदी से बोला कि जल्दी से नीचे बैठकर मेरा लंड चूस, लेकिन दीदी साफ मना करने लगी और वो बोली कि आपका यह बहुत मोटा है. दोस्तों धोबी का लंड करीब 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था, लेकिन बहुत कहने और समझाने के बाद वो मान गई. अब मेरी दीदी अपने घुटनों पर नीचे बैठकर उसका लंड चूसने लगी है, वो बिल्कुल एक सेक्सी फिल्म की किसी रंडी की तरह उसका लंड चूस रही थी और धोबी चिल्ला रहा था आह्ह्ह्ह और ज़ोर से चूस आआहा मेरी रांड. अब उसने दीदी की टी-शर्ट को उतार दिया और उसका पजामा भी उतार दिया.
फिर उसने पेंटी और ब्रा को भी उतार दिया. दोस्तों मेरी दीदी अब उसके सामने पूरी नंगी खड़ी हुई थी और वो मेरी दीदी के बूब्स को मसलने लगा और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और बार बार उन दोनों बूब्स के बीच में अपना तनकर खड़ा, गरम लंड रगड़ रहा था और दीदी की नाभि को चाट रहा था, लेकिन अब दीदी से भी ज्यादा कंट्रोल नहीं हो रहा था और वो भी अब धोबी के पूरे कपड़े खोलकर उसका लंड वापस चूसने लगी.
फिर वो दोनों 69 पोज़िशन में आ गए और धोबी अब मेरी दीदी की चूत को अपनी जीभ से कुत्ते की तरह चाट रहा था, जिसकी वजह से दीदी ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी आह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह अंकल प्लीज आईईईईईइ थोड़ा और अंदर करो अंकल उफ्फ्फ्फ़. अब वो दोनों टाईम देखने लगे और उस समय करीब 3 बज रहे थे. फिर दीदी कहने लगी कि हमारे पास सिर्फ अब एक घंटा और है प्लीज अब थोड़ा जल्दी से इसे मेरे अंदर डाल दीजिए.
फिर अंकल ने तुरंत अपना लंड दीदी की चूत के मुहं पर रख दिया और धीरे से धक्का देकर अंदर डालने लगे, लेकिन लंड अंदर ही नहीं गया और दीदी उस दर्द से तड़प गई. फिर धोबी अंकल ने बहुत सारा वेसलीन अपने लंड पर लगते हुए कहने लगे कि तुम्हारी सील अब खुलेगी और धीरे धीरे ज़ोर लगाते हुए अंदर डालने लगे, लेकिन दीदी उस दर्द के मारे बहुत ज़ोर से चिल्ला रही थी.
फिर धोबी ने किस करना शुरू कर दिया और वो बूब्स भी दबाता रहा और हल्के हल्के धक्के भी लगाता रहा, जिसकी वजह से ज़ोर ज़ोर से दीदी की सिसकियाँ अब और भी तेज़ होने लगी आह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह अंकल प्लीज थोड़ा धीरे डालिए आईईईईई प्लीज मुझे कुछ हो रहा है उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ अब बाहर निकालो इसे प्लीज आह्ह्ह्ह, लेकिन धोबी तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था और करीब 15 मिनट तक लगातार चोदने के बाद धोबी कहने लगा कि अब मेरा निकलने वाला है बताओ क्या करूं?
फिर दीदी चिल्लाती हुई बोली कि प्लीज बाहर निकाल लीजिए मेरे अंदर मत छोड़ना, लेकिन धोबी अब भी उसी स्पीड में धक्के देकर चुदाई करता रहा और वो दीदी से कहने लगा कि तुझे तो में अपने होने वाले बच्चे की माँ जरुर बनाऊँगा उह्ह्ह्ह अब मेरा वीर्य निकलने वाला है और उसने अपना पूरा वीर्य मेरी दीदी की चूत में डाल दिया. अब वो दीदी के ऊपर गिर गया और वो दोनों करीब पांच मिनट तक ऐसे ही पड़े रहे.
फिर धोबी ने दीदी को किस करते हुए अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाला और उसके बाहर निकालते ही चूत से खून और उसका वीर्य दोनों ही एक साथ किसी नदी की तरह बहते हुए बाहर आ गए और अब दीदी बेडशीट पर अपनी चूत से निकला हुआ वो खून देखकर बहुत डर गई और फिर वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. तभी धोबी उन्हें समझाने लगा कि यह सब हर किसी के साथ उसकी पहली चुदाई में होता है, लेकिन तू तो अब यह बता कि तुझे अपनी चुदाई में मज़ा आया या नहीं? दीदी शरमाते हुए अपने सर को नीचे झुकाते हुए बोली कि हाँ मुझे बहुत मज़ा आया, लेकिन वो आपका बहुत बड़ा है मुझे उसकी वजह से दर्द के साथ साथ बहुत खून भी निकला, शायद उसकी वजह से मेरे अंदर अब जलन होने लगी है.
धोबी : कोई बात नहीं है अब आज से तू मेरी रंडी है, तू इसकी आदत डाल ले और अब तू मेरे बच्चे की माँ बनने को तैयार हो जा.
दीदी : आप क्या पागल हो, अभी मेरी उम्र ही क्या है? और प्लीज आप अगली बार से मेरे साथ कुछ भी करो तो प्लीज कंडोम लगाकर करना प्लीज.
धोबी : जानेमन कंडोम लगाकर चुदाई करने में वो मज़ा नहीं आता जो बिना कंडोम के आता है. चल अब में चलता हूँ और तू अपना ध्यान रखना.
दोस्तों उस धोबी के हमारे घर से चले जाने के कुछ देर बाद जब में अपने घर पर आया तो मैंने देखा कि मेरी दीदी मुझे बहुत खुश लग रही थी. में उसकी ख़ुशी का मतलब समझ गया था और फिर यह सिलसिला ऐसे ही लगातार चलता रहा और अब धोबी मेरी दीदी को चोदता रहा. अब जब भी मन करता तब मेरी बहन को दोपहर के समय चोदने आ जाता था और अब उसने मुझे पैसे देने भी शुरू कर दिए थे. में बहुत मजबूर था क्योंकि मेरी दीदी भी उसके साथ उससे चुदकर बहुत खुश थी और अब मेरी दीदी एक बहुत बड़ी रंडी बन चुकी है और वो लंड की आदी हो गई है और धोबी के साथ चुदाई करवाने के लिए वो अब कुछ भी कर सकती है और उन दोनों की चुदाई अब भी लगातार हर कभी होती रहती है. उसने मेरी शरीफ बहन को चोद चोदकर अपनी बहुत बड़ी छिनाल बना दिया है.
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देसी दीदी की गाँव में की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, में साहिल आज आप सभी लोगों के सामने पेश हूँ मेरी एक सच्ची सेक्स की घटना लेकर, जिसमें में आज आप सभी चाहने वालों को बताऊंगा कि कैसे मैंने अपने भाई की शादी में उसके पड़ोस में रहने वाली एक सेक्सी पटाका को अपनी बातों में फंसाकर चोदा और उसे मेरी पहली बार की चुदाई से ही पूरी तरह से संतुष्ट किया.
दोस्तों में गाँधीधाम का रहने वाला हूँ और कुछ समय पहले मुझे पता चला कि हमारे पास के एक गाँव में मेरे कज़िन की शादी है तो इसलिए में, मेरा भाई और मेरी मामी शादी से चार दिन पहले ही चले गये. वहां पर पहले से कई करीब के रिश्तेदार भी आ गये थे. फिर में और मेरा भाई ऐसे ही चक्कर मारने निकल पड़े और कुछ दूरी चलने के बाद हमें कुछ मकान छोड़कर पास वाले एक घर में एक ज़बरदस्त लड़की दिखी, वाह क्या मस्त सेक्सी लग रही थी और वो मुझसे करीब तीन चार साल बड़ी लग रही थी, लेकिन उसका साईज़ देखकर मेरा लंड नाचने लगा और उसके फिगर का साईज करीब 38-32-36 होगा और वो कलर में थोड़ी सांवली थी.
मैंने पहली एक बार देखकर उसे स्माईल दी. फिर मुझे उसकी तरफ से इतना कुछ ख़ास जवाब नहीं मिला और में थोड़ा आगे की तरफ चला गया और फिर मुझे पता चला कि जिस कज़िन की शादी है, यह लड़की उसकी सहेली है, क्योंकि वो घर में बहुत आना जाना कर रही थी तो इसलिए में बस अब उससे थोड़ी नज़र मिलाने लगा, लेकिन अब मुझे उसकी तरफ से अच्छा जवाब मिलने लगा था.
फिर में बस थोड़ी बहुत बात करने लगा था, शाम को जब में छत पर गया तो मैंने देखा कि वो भी पास वाली छत पर थी और अब हम दोनों बातें करने लगे. उसका नाम सीमा था, मुझे उससे बात करते करते पता चला और मुझे उससे यह भी पता चला कि वो मुझसे करीब दो साल बड़ी थी. फिर रात को जब हम सोने जा रहे थे तो मामा ने मुझसे कहा कि हमारी छत पर आज बिल्कुल भी जगह नहीं है और तुम पास वाली छत पर जाकर सो जाना. दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मेरे मन में लड्डू फूटने लगे थे तो में तुरंत अपने लिए बिस्तर लेकर पास वाली छत पर चला गया. फिर मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि वो भी उस समय ऊपर ही सो रही है.
वैसे दोस्तों हमारे अलावा कुछ और भी लोग वहां पर थे. फिर मैंने अपना बिस्तर उसके पास ही लगा लिया और बातों ही बातों में उसने मेरा मोबाइल ले लिया, पहले मुझे थोड़ा सा डर लगने लगा था, क्योंकि मैंने ब्लूफिल्म बंद नहीं की थी. अब मैंने सोने का नाटक किया. फिर जब एक बज रहे थे तो मुझे नींद में ही उसकी सिसकियों की आवाज़ आ रही थी और जब मैंने थोड़ी आँख खोली तो देखा कि वो मेरे फोन पर ब्लूफिल्म बिना आवाज़ के देख रही थी और उसका एक हाथ नीचे उसके कपड़ो के अंदर था. दोस्तों में तुरंत समझ गया कि यह अब वो फिल्म देखकर बहुत जोश में आ चुकी है और अब वो अपनी गरम चूत में उंगली कर रही है.
मैंने कुछ नहीं किया और सो गया. अगली रात को मैंने फिर से उसे अपना मोबाईल दे दिया और दोबारा से सोने का नाटक करने लगा और फिर कुछ देर बाद वो दोबारा मेरे मोबाईल पर फिल्म देखकर अपनी चूत में दोबारा उंगली करने लगी थी. फिर क्या था और जब वो कुछ देर बाद झड़कर बिल्कुल शांत हो गई तो मैंने चुपके से उसके कान के पास में जाकर उससे बोला कि तुम यह क्या कर रही थी? तो वो अचानक से मुझे अपने पास देखकर और मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम से डर गयी थी और फिर उसने मुझसे कहा कि प्लीज़ धीरे बोलो वरना किसी ने सुन लिया तो बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी. फिर मैंने उससे बोला कि में नीचे पानी पीने जा रहा हूँ, तुम मुझे वहां पर मिलो. अब वो एकदम चुपचाप मेरे पीछे पीछे नीचे आ गई. फिर में आगे आगे नीचे जाने लगा और वो आ गई और अब वो मेरे सामने शरम से अपना सर नीचे झुकाकर खड़ी हुई थी.
फिर मैंने उससे कहा कि तुम मुझसे बिल्कुल भी मत डरो, में किसी को कुछ भी नहीं बताऊंगा और यह बात हमेशा हम दोनों के बीच में रहेगी, लेकिन अगर तुम मेरा साथ दो तब ऐसा हो सकता है और फिर मैंने उसका एक हाथ पकड़ लिया और उसे एक स्माईल दी तो वो भी मेरी तरफ हंसने लगी. दोस्तों अब मैंने उस अच्छे मौके का फ़ायदा उठाया और उसे तुरंत हग कर लिया, वो पहले मुझसे मना करके दूर हटने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि अब ज्यादा नाटक मत करो वरना में सभी लोगों को सब कुछ सच सच बता दूँगा कि तुम क्या कर रही थी.
फिर उसने कहा कि प्लीज़ तुम्हें जो कुछ भी करना है करो, लेकिन किसी को कुछ भी बताना मत, वरना मेरी बहुत बदनामी होगी और मेरे घर वाले मुझे बहुत मारेंगे. दोस्तों अब मुझे उसकी तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल गया, जिसको देखकर में मन ही मन बहुत खुश हो गया और अब मैंने उसे किस करते हुए उसे हग किया, हम लोग उस समय बहुत अंधेरे में खड़े हुए थे और उस समय सभी लोग सो भी चुके थे, इसलिए कोई भी हमें नहीं देख पा रहा था. फिर कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि वो भी अब हल्की हल्की गरम होने लगी थी. फिर मैंने कुछ देर पेंटी के ऊपर से ही चूत को सहलाया और छूकर उसकी गरमी को महसूस किया और फिर जैसे ही कुछ देर बाद मैंने उसकी पेंटी में अपना हाथ डाला तो मैंने महसूस किया कि वो तो पहले से ही बिल्कुल गीली थी.
फिर बस थोड़ी देर चूत पर अंदर बाहर हाथ घुमाने के बाद मैंने उससे कहा कि कल रात को तुम मुझे फिर से मिलना और फिर वो वहां से चली गई. में अब बस अगली रात होने का इंतज़ार कर रहा था, मेरा वो दिन बहुत मुश्किल से निकला और में पूरे दिन उसकी चूत बूब्स के बारे में सोचता रहा, मेरा बहुत बुरा हाल था.
फिर कुछ घंटो बाद रात को मैंने दोबारा पास वाली छत पर उसके पास अपना बिस्तर लगाकर उससे बातें करने लगा. कुछ घंटो बाद की हंसी मजाक करने के बाद जब सभी लोग सो गए तो मैंने सही मौका देखकर उसे इशारा किया और उससे कहा कि तुम मेरे पीछे आ जाओ. वो मेरे पीछे आ गई. फिर में उसे अपने साथ नीचे ले गया और एक बिल्कुल अँधेरी, सुरक्षित जगह देखकर में किस करने लगा और फिर से उसकी पेंटी के हाथ डालकर चूत में उंगली करने लगा और अपने एक हाथ से उसके बूब्स को दबाने लगा और कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि यहाँ पर नहीं, एक रूम बिल्कुल खाली है और तुम मेरे साथ वहाँ पर चलो.
फिर हम दोनों उस रूम में चले गये. फिर मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो वहां पर कोई भी नहीं था बस एक बिस्तर पड़ा हुआ था, शायद वो हमारे लिए ही था. में उसे कुछ देर खड़े खड़े ज़ोर से किस करते हुए बिस्तर पर ले गया और फिर उसके कपड़े उतारने लगा और वो भी अब तक बहुत गरम हो गयी थी, अब में उसके गरम, मुलायम बूब्स को दबाने और चूसने लगा और वो सिसकियाँ लने लगी, सस्स्स्स्ईईईईइ आह्ह्ह्हह्ह. फिर में धीरे से चूत की तरफ बढ़ने लगा और उसकी चूत को चाटने लगा और बहुत देर बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके मुहं में देने लगा.
फिर वो मुझसे साफ मना कर रही थी. मैंने उसका सर जबरदस्ती पकड़ा और अपना लंड उसके बालों को खींचते हुए उसके मुहं में डाल दिया और बहुत देर तक जबरदस्ती अपना लंड चुसाने के बाद अब वो खुद बहुत अच्छे से चूसने लगी. अब उसने मुझसे कहा कि प्लीज़ आज तुम मेरी चूत की खुजली को अच्छी तरह से मिटा दो, मेरी तड़पती तरसती चूत को आज तुम पूरी तरह से शांत कर दो.
फिर मैंने जोश में आकर उसको नीचे लेटा दिया और उसकी प्यासी चूत में लंड को डालने लगा, में धीरे धीरे अपने लंड को आगे की तरफ धकेलने लगा तो वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी, आह्ह्ह्हह उफफ्फ्फ्फ़ आईईई और मुझे उसके चिल्लाने से ही पता लग रहा था कि वो कितनी प्यासी है? फिर मैंने उसके मुहं पर अपना एक हाथ रखकर उससे कहा कि प्लीज अब ज्यादा मत चिल्ला वरना कोई सुन लेगा. फिर वो कुछ शांत हो गई और हल्की हल्की सिसकियाँ लेने लगी, में अब लगातार अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन कुछ देर बाद उसने अपना पानी छोड़ दिया और फिर भी में उसे चोदता ही रहा.
फिर कुछ देर बाद में लंड को चूत से बाहर निकालकर उसकी गांड में डालने लगा तो वो बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी. उसने मुझसे कहा कि प्लीज़ इसे बाहर निकालो, प्लीज़ उफ्फ्फ्फ़ माँ आईईइ में मर जाउंगी, मुझे बहुत आह्ह्ह्हह्ह दर्द हो रहा है, लेकिन फिर भी में थोड़ा सा रुककर चुदाई करने लगा और कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा था और में अपनी चुदाई की स्पीड को बढ़ाने लगा था. अब वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज तुम अपना पानी मेरे मुहं में छोड़ देना, मुझे उसे चखकर भी देखना है.
फिर कुछ देर उसकी चुदाई करने के बाद फिर से अपने लंड को उसकी गांड से बाहर निकालकर उसके मुहं में दे दिया और वो बहुत मज़े ले लेकर चूसने लगी, लेकिन कुछ देर बाद मैंने अपना गरम पानी उसके मुहं में छोड़ दिया और वो उसे बहुत मज़े से चूसकर चाटकर गटक गई और थोड़ी देर तक उसकी चूत से खेलने के बाद फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया और फिर मैंने उसे अपना लंड उसकी चूत में डालकर चोदना शुरू कर दिया, कुछ देर के धक्कों के बाद मैंने अपनी पोज़िशन बदल ली और अब में उसे डॉगी स्टाईल में चोदने लगा और बहुत देर तक लगातार धक्के देकर चुदाई करने के बाद मैंने उसकी गांड में दोबारा से अपना लंड घुसा दिया और ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा, लेकिन मैंने महसूस किया कि अब वो कुछ ज़्यादा ही ज़ोर से चिल्लाने लगी.
फिर भी में नहीं रुका और अपना लंड डालता रहा और अब मैंने उसके मुहं में अपना लंड देकर लेट गया और वो बहुत देर तक चूसती रही और अब उसने खुद कहा कि मेरी गांड में अपना लंड घुसा दो और में फिर से अपना लंड उसकी गांड के अंदर डालने लगा और अब मैंने उसके दोनों पैरों को पूरे फैला दिए थे और साथ ही में उसकी चूत में उंगली भी कर रहा था. अब फिर से उसकी चूत का पानी निकल गया और अब उसे और भी मज़ा आने लगा था और फिर से में उसकी गांड में ही दूसरी बार झड़ गया और कुछ देर उसके पास थककर लेट गया.
फिर कुछ देर बाद मैंने उठकर अपने कपड़े पहने और टाईम देखा तो उस समय रात के करीब 3:45 हो रहे थे. में ऊपर जाकर सो गया और कुछ देर बाद वो भी मेरे पास आकर लेट गई और मुझे पता ही नहीं चला कि कब सुबह हो गई थी.
दोस्तों अब शादी को दो दिन और थे, लेकिन फिर से मैंने शादी के जागरण वाली रात को उसे एक बार फिर से बहुत जमकर चोदा. मैंने उसकी चुदाई करके उसके जिस्म के बहुत मज़े लिए और उसने भी मुझसे मेरी चुदाई से खुश होकर मेरा हमेशा पूरा पूरा साथ दिया, लेकिन शादी के दो दिन बाद में अपने घर पर आ गया और उस समय मैंने उससे मिलकर कहा कि में दोबारा जरुर आऊंगा और हम दोबारा चुदाई के ऐसे ही मज़े लेंगे और अब में इंतजार कर रहा हूँ कि कब में फिर से अपने गाँव जाऊंगा और फिर से उसकी चुदाई करूंगा, में अब भी उसकी चुदाई को याद करके कभी कभी मुठ मार लिया करता हूँ और में आज तक उस चुदाई को नहीं भुला सका हूँ.
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मेरी साली गरिमा को लंड दिखाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कबीर है और में इंदौर का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 26 साल है और अभी हाल ही में मेरी शादी हुई है. अब शादी के बाद में और मेरी वाईफ हनिमून के लिए गोवा गये थे और वापस लौटे ही थे, मेरी छुट्टियाँ अभी बची हुई थी तो में अपने ससुराल में रुक गया. अगले दिन मेरी वाईफ ने बताया कि उनके एक दूर के रिश्तेदार की तबीयत ठीक नहीं है और उसे जाना होगा, साथ में मेरी सास ससुर भी निकल गये. अब हनिमून के तुरंत बाद बीवी से बिछड़ने का गम में आपको नहीं बता सकता हूँ.
फिर उसने जाते हुये बोला कि तुम चाहो तो मौसी के यहाँ रुक जाओ, वो पास ही में ही रहती है. उसकी मौसी वहीं पास में ही रहती थी और उनकी एक लड़की थी गरिमा जो कि 12वीं क्लास में पढ़ती थी, उनके पति आउट ऑफ स्टेट में किसी सरकारी जॉब में थे और वो 2-3 महीने में आते थे. उसने फिर मौसी को फोन कर दिया तो उन्होंने तुरंत हाँ कर दी और बोला कि वो मुझे लेने गरिमा को भेज देंगी.
फिर इतना कहकर मेरी वाईफ निकल गयी, अब में गरिमा का इंतजार कर रहा था कि इतने में मुझे नींद आ गयी और में कपड़े चेंज करके सो गया. फिर शाम को करीब 5 बजे घर की घंटी बजी तो मुझे लगा कि कोई और होगा तो में ऐसे ही बॉक्सर्स में चला गया और दरवाज़ा खोला तो मैंने देखा कि एक बहुत ही सेक्सी लड़की शॉर्ट स्कर्ट और टाईट टी-शर्ट पहने बाहर खड़ी थी. उस वक़्त उसकी पीठ मेरी तरफ थी और वो झुककर गमले में कुछ कर रही थी, उसकी स्कर्ट पीछे से ऊपर उठी हुई थी और मुझे उसकी जांघे साफ़-साफ़ दिख रही थी और थोड़ी सी पिंक कलर की पेंटी भी हल्की-हल्की दिख रही थी. अब मेरा 8 इंच का लंड तुरंत तन गया और मेरे बॉक्सर में तंबू बन गया. फिर मैंने खुद को संभालते हुए पूछा जी बोलिए.
गरिमा : हाय जीजू, में गरिमा हूँ और आपको लेने आई हूँ. फिर उसकी नज़र जैसे ही मेरे बॉक्सर पर पड़ी तो वो शरमा गयी और अपना मुँह छुपाकर हंस दी.
फिर मैंने तुरंत सकपका कर उसे अंदर बुलाया और बैठने को कहा और चेंज करने के लिए अंदर भागा और वापस आकर उससे बातें की.
गरिमा : क्या हुआ जीजू आप परेशान क्यों लग रहे हो?
में : अरे सॉरी गरिमा, मुझे लगा कि पता नहीं कौन होगा, इसलिए में ऐसे ही बाहर आ गया और अगर पता होता तुम हो तो ऐसा नहीं होता, तुम्हें बुरा तो नहीं लगा होगा.
गरिमा : अरे नहीं जीजू, कहाँ आप भी किस बात में उलझ रहे हो, अच्छा ही हुआ मैंने आपको सर्प्राइज़ दिया, हमें भी पता चल गया कि दीदी के लिए आप कितना बड़ा कुतुब मीनार बना रहे हो और फिर थोड़ा मुस्कुराई.
अब मुझे उसके डबल मीनिंग मजाक का मतलब समझ में आ गया था, लेकिन में अंजान बना रहा.
में : कुतुब मीनार? ये बात कहाँ से आई.
गरिमा : बड़े भोले बन रहे है आप जीजू, चलिए निकलते है देर हो रही है.
फिर हम गरिमा की एक्टिवा पर बैठे और उसके घर की और चल दिए. अब रास्ते में रोड़ खराब था तो बार-बार ब्रेक लग रहे थे और बार-बार गरिमा की जवान चूचियाँ मेरी पीठ पर लग रही थी. अब में भी मज़े ले रहा था और वो भी मजे ले रही थी. अब में समझ गया कि ये साली मेरी घरवाली की कमी दूर करेगी. फिर 30 मिनट में हम उसके घर पहुँचे तो मौसी दरवाज़े पर पूजा की थाली लिए हमारा इंतजार कर रही थी.
मौसी : आओ बेटा, पहली बार हमारे घर आए हो तो आपकी खातिर में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे.
गरिमा : जीजू की चिंता आप छोड़िए, इन्हें तो में देख लूँगी, क्यों जीजू?
फिर सब हंस पड़े, लेकिन मैंने देखा कि गरिमा ने फिर से मेरे लंड की तरफ देखा. इस उम्र की लड़कियों को जब यौवन लगता है, तब वो बहुत आतुर और सेक्स के प्रति बहुत जिज्ञासु हो जाती है. अभी गरिमा ने भी अपने यौवन में कदम रखा ही था. उसके बाद में नहाने चला गया और उनका बाथरूम थोड़ा बाहर की तरफ था तो में अपने कपड़े लेकर बाहर निकल गया और मौसी किचन में चली गयी. अब में बाथरूम बंद करके चेंज करने लगा था कि अचानक मुझे लगा कि दरवाज़े पर कोई है.
फिर मैंने अंजान बनते हुए तिरछी नज़र से देखा तो मुझे दरवाज़े में एक छेद दिखा, जिसमें से कोई अंदर देख रहा था. बस मुझे पता चल गया कि वो गरिमा थी और जब से उसने मेरे बॉक्सर में मेरा खड़ा लंड देखा है, वो बिल्कुल उत्तेजित हो गयी है. अब में उसे दिखाते हुए अपने कपड़े खोलने लगा, अब में सिर्फ़ अंडरवियर में था. फिर धीरे से उसकी तरफ अपनी साईड करके मैंने वो भी खोल दिया तो जैसे ही मेरा फनफनाता हुआ 8 इंच का लंड बाहर आ गया. अब मुझे गरिमा की तेज़ साँसे सुनाई देने लगी थी.
फिर मैंने तेल की शीशी ली और अपने लंड पर खूब तेल डाला, जिससे वो बिल्कुल चमकदार हो गया. अब में अपने लंड का सुपाड़ा गरिमा की और करके मुठ मारने लगा और उसका नाम भी लेता रहा ओह गरिमा, आआहह गरिमा, तेरी चूची बहुत मस्त है मेरी जान, गरिमा एक रात के लिए मिल जा, तेरी चूत का उद्घाटन कर दूँ, हाय मेरी कमसिन कली, तेरी गांड में अपना लंड डालकर तुम्हें जन्नत दिखाऊँ.
अब इतने में में भी बहुत ज़्यादा आगे बड़ गया और उसके सामने ही मूठ मार दी और मैंने बहुत सारा वीर्य उसी दरवाज़े की और छोड़ा, जिससे उसे साफ दिखाई दे. अब मुझे गरिमा की साँसे और दिल की धड़कन साफ-साफ़ सुनाई दे रही थी. उसके बाद वो वहाँ से शायद चली गयी. फिर में भी नहाकर बाहर निकला और खाने की टेबल पर आ गया.
अब गरिमा वहाँ नहीं थी तो मौसी बोली कि शायद वो पढ़ रही होगी और उसे बुलाने जाने लगी. फिर मैंने कहा कि में बुला लाता हूँ, गरिमा का कमरा ऊपर था तो में ऊपर चला गया और देखा तो उसका दरवाज़ा अंदर से बंद था. फिर मैंने कान लगाकर अंदर की आवाज़ सुनने की कोशिश की तो मुझे गरिमा की ज़ोर-ज़ोर से साँसे लेने की आवाज़ आई. फिर मैंने चाबी के छेद में से देखा तो मेरी साँस थम गयी और मेरा लंड फिर से कड़क हो गया. अब अंदर गरिमा के लेपटॉप पर ब्लू फिल्म चल रही थी और गरिमा अपने दोनों पैर फैलाए बिस्तर पर पड़ी थी और उसकी पेंटी उसके घुटनों तक थी.
अब वो बिल्कुल ब्लू फिल्म की कॉपी कर रही थी और उस ब्लू फिल्म में वो लड़की जैसे-जैसे अपनी चूत को सहला रही थी और वैसे ही गरिमा भी अपनी जवान चूत को ज़ोर-ज़ोर से हिला रही थी और बीच-बीच में बोल रही थी अया जीजू, क्या लंड है आपका? डंडे जैसा मज़बूत और लंबा, चूसने का दिल करता है मेरे जीजू, मुझे तो बस आपके लंड से चुदना है मेरे राजा, मेरे जीजू, मोटे लंड वाले जीजू अपनी गरिमा की चूत और गांड दोनों मार लो, मुझे रंडी की तरह चोदो. फिर उसके बाद दोस्तों ना तो मैंने कुछ किया और ना ही उसने. फिर उसके बाद में अपने घर आ गया.
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एक औरत का बदला

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सुरेश है. मेरी उम्र 25 साल है और मेरी हाईट 6 फुट है, रंग गोरा में दिखने में स्मार्ट हूँ और सबसे खास बात मेरे लंड का साईज़ 8 इंच लम्बा और काफ़ी मोटा है. दोस्तों अब में आपको ज़्यादा बोर नहीं करते हुए सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ. मेरा पोस्ट-ग्रेजुयेशन होने के बाद मैंने एक मल्टीनेशनल कंपनी जॉइन की.
अब में आपको बता दूँ कि मुझे हमेशा से ही बड़ी उम्र की औरतों में रूचि रही है और अब कंपनी में मेरा काम काफ़ी अच्छे से चल रहा था. अब लंच और टी टाईम में हमेशा अपने दोस्तों के साथ कैटीन में जाता था, वहाँ पर मुझे एक औरत दिखती थी, वो लंच के लिए हमेशा अकेले ही बैठती थी.
अब में आपको उनके बारे में बता दूँ. उस लेडी की उम्र 48 से 50 साल के बीच होगी और वो काफ़ी मस्त है, रंग गोरा, हाईट मुझसे भी ज़्यादा, बड़े-बड़े बूब्स बिल्कुल फुटबॉल की तरह, थोड़ा सा पेट बाहर निकला हुआ और सबसे अच्छी बात उनकी गांड, यारों में बता नहीं सकता क्या गांड है उनकी? बड़ी सी, लेकिन बिल्कुल कसी हुई ऐसा लगता है कि बस उनकी गांड को चोदता रहूँ. में हमेशा से उन्हें देखा करता था और उनकी गांड और बूब्स को निहारा करता था और वो भी ये बात शायद जानती थी.
एक दिन में लंच के लिए लेट हो गया तो अब मेरे सारे दोस्त लंच करके कैटीन से बाहर निकल गये थे. अब किस्मत से ऐसा हुआ कि वो लेडी भी लंच के लिए लेट हो गयी थी और हमेशा की तरह अकेले ही बैठी हुई थी. फिर में हिम्मत करके उनके सामने वाली कुर्सी पर जाकर बैठ गया और अपना लंच स्टार्ट किया. फिर थोड़ी देर के बाद उस मेम ने मुझसे बात की और मेरे बारे में पूछा. फिर मैंने उन्हें अपना परिचय दिया.
फिर मैंने उन मेम से पूछा तो उन्होंने अपने बारे में बताया कि वो एक डिपार्टमेंट हेड है और फिर उन्होंने अपनी फेमिली के बारे में बताया कि उनके दो बेटे और एक बेटी है, बड़े बेटे और बेटी की शादी हो चुकी है और छोटा बेटा अमेरिका में पढ़ाई करता है और उनके पति भी एक मल्टीनेशनल कंपनी में बड़ी पोज़िशन पर है.
उसके बाद हम दोनों जब भी मिलते तो एक दूसरे को स्माईल देते, अब में उनकी गांड का दीवाना हो गया था और मुझे किसी भी तरह से उन्हें चोदना था. अब में उन मेम से हमेशा बात करने का मौका ढूँढता रहता था, ऐसे में हमने अपने नंबर भी एक्सचेंज कर लिए थे. फिर एक बार मैंने रविवार को मेम को कॉल किया तो मेम बातों से काफ़ी दुखी लग रही थी. फिर मैंने उनसे पूछा तो वो बोली कि कुछ नहीं ऐसे ही.
फिर मेरे ज़ोर देने पर वो बोली कि में फोन पर नहीं बता सकती तुम मेरे घर आ जाओ, वैसे भी में अकेली हूँ तो बुरा महसूस हो रहा है. फिर जब में मेम के घर पहुँचा तो में मेम को देखता ही रह गया और जब मेम ने टी-शर्ट पहना हुआ था, जिसमें से उनकी ब्रा उभरी हुई साफ दिखाई दे रही थी और नीचे नाईट पजामा था, जिसमें से उनकी पेंटी उभर कर आ रही थी.
अब मेरा तो लंड जैसे पत्थर हो गया था, लेकिन मैंने कंट्रोल किया. फिर हम दोनों हॉल में सोफे पर बैठ गये, अब मेरे कई बार पूछने पर उन्होंने बताया कि उन्हें आज ही पता चला है कि उनके पति का किसी जवान लड़की के साथ अफेयर चल रहा है और वो बताते हुए काफ़ी दुखी हो गयी थी. फिर मैंने भी हिम्मत करके उनका हाथ अपने हाथ में लिया और बोला कि आपके पति बेवकूफ़ है जो इतनी सुंदर पत्नी को छोड़कर किसी और के पीछे भाग रहे है.
फिर थोड़ी देर तक समझाने के बाद मेरे दिमाग में एक प्लान आया. फिर मैंने मेम से बोला कि अगर वो आपको धोखा देकर किसी जवान लड़की से अफेयर कर सकते है तो आप भी उनसे बदला लीजिए. फिर मेम बोली कि में बदला कैसे लूँ? तो मैंने बोला कि आप भी किसी जवान लड़के से अफेयर कर लीजिए ना. इस पर मेम बोली कि बेटा मुझ जैसी बूड़ी औरत को कौन जवान लड़का पसंद करेगा? फिर मैंने बोला कि मेम आप हो ही इतनी सुंदर की कोई भी लड़का अपनी गर्लफ्रेंड छोड़कर आपके पीछे आ जायेगा.
फिर मेम बोली कि तू बड़ा बदमाश है, फिर में बोला कि मेम बुरा ना मानो तो एक बात बोलूं मेम. फिर वो बोली कि हाँ बोलो बेटा तो मैंने कहा कि मेम जिस दिन से मैंने आपको देखा है उस दिन से में आपका दीवाना हो गया हूँ. फिर मेम बोली कि बेटा तू तो बड़ा छुपा रुस्तम निकला. फिर में बोला कि क्या करूँ मेम बोलने की कभी हिम्मत ही नहीं हुई? तो मेम बोली कि आज बोल दे खुलकर जो भी बोलना है. फिर मैंने कहा कि आप बुरा तो नहीं मनोंगी तो मेम बोली कि नहीं बेटा तू बोल.
में : आप तो वैसे काफ़ी सुंदर हो, लेकिन मुझे आपके बूब्स बहुत अच्छे लगते है और सबसे अच्छी आपकी गांड, मेम मुझे एक बार आपकी गांड मारने का मौका दीजिए ना प्लीज.
अब मेम पहले तो हैरान हो गयी, लेकिन बाद में बोली कि बेटा मुझे लगता है कि मेरे पति से बदला लेने का इससे अच्छा मौका कभी नहीं मिलेगा, चोद डाल मुझे आज, बुझा दे मेरी प्यास, मेरी चूत तेरे जवान लंड के लिए तड़प रही है, मिटा दे इसकी तड़प. अब मेम की ये बाते सुनकर मुझे भी जोश आ गया और मैंने मेम को किस करना स्टार्ट किया.
अब हम दोनों काफ़ी वाईल्ड किस कर रहे थे और अब हम दोनों अपनी जीभ को बार-बार टकरा कर किस कर रहे थे. फिर करीब 10 मिनट के बाद हम अलग हुए तो मैंने कहा कि मज़ा आ गया मेम तो मेम ने स्माइल दी और बोली कि मेरे बेडरूम में चलो. फिर बेडरूम में जाने के बाद मेम ने बोला कि बेटा आज तू मुझे इस बेड पर चोद जिस पर सिर्फ़ मेरे पति ने मुझे चोदा है और इसी बेड पर जवान लड़के से चुदकर में अपने पति से बदला लूँगी.
फिर मैंने पहले मेम का टॉप उतारा और अब मेम के फुटबॉल जैसे बूब्स लाल कलर की ब्रा से बाहर आने की कोशिश कर रहे थे. अब में तो जैसे दीवाना हो गया और ब्रा उतार कर मेम के बूब्स पर टूट पड़ा और ज़ोर से चूसने लगा. अब मेम अपने मुँह से सेक्सी आवाज़ निकाल रही थी, आअहह बेटा, आहह चूस ले मेरे बूब्स, खा जा इन्हें तुझे बहुत पसंद है ना सारे शौक पूरे कर ले. अब बूब्स के बाद में नीचे मेम के पेट को चूमने लगा और मेम की नाभि को अपनी जीभ से चाटने लगा. अब मेम तो जैसे मचल उठी थी.
फिर मैंने मेम का नाईट पजामे का नाड़ा खोला और पजामा उतार दिया. अब मेम ने नीचे लाल कलर की पेंटी पहनी थी. फिर मैंने उनकी पेंटी को भी उतार दिया और मेम की चूत पर थोड़े थोड़े बाल थे. फिर मैंने पहले चूत को किस किया और फिर मेम की चूत के दाने को काफ़ी देर तक चाटा. अब मेम बोल रही थी कि आहह बेटा चाट अच्छे से चाट इस दाने को. फिर मैंने मेम की मोटी-मोटी जाँघो को लीक किया और उसके बाद उनकी चूत की बारी थी तो मैंने चूत के होंठो को अपनी उंगली से हटाया और चूत में अपनी जीभ पेल दी.
अब आंटी को बहुत मज़ा आने लगा था और वो बोले जा रही थी कि बेटा मार डाला रे, बहुत मज़ा आ रहा है तू ये सब कहाँ से सीखा रे मेरे पति को भी सिखाना? तू मुझे पहले क्यों नहीं मिला बेटा? अब मेम दो बार अपनी चूत का पानी छोड़ चुकी थी. फिर मेम बोली कि बेटा अब रहा नहीं जाता डाल दे तेरा लंड, मुझे तेरा लंड चाहिए.
फिर मैंने अपना पजामा उतार कर मेम के हाथ में मेरा लंड दिया तो उनकी आँखे खुली की खुली रह गयी और वो बोली कि ये तो मेरे पति के लंड से डबल साईज़ का है और बोली कि मज़ा आयेगा. अब वो मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी, यारो वो क्या लंड चूस रही थी? अब मेरा तो बुरा हाल हो गया था. फिर मैंने मेम से बोला कि मुझे यकीन नहीं हो रहा कि में आपको चोद रहा हूँ. फिर मेम बोली कि यकीन तो मुझे भी नहीं होता कि में दो बच्चों की दादी होने के बाद भी मेरे बेट की कम उम्र के लड़के से चुद रही हूँ.
फिर काफ़ी देर तक मेरा लंड चूसने के बाद मेम बोली कि अब रहा नहीं जाता बेटा मुझे तेरे लंड की सवारी करनी है. फिर में बेड पर लेट गया और मेम मेरे लंड के ऊपर बैठने लगी, अब मेम ने बैठते हुए मेरा पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया था, क्या बताऊँ क्या फिलिंग थी? अब मेम की चूत की गर्मी मेरा लंड महसूस कर रहा था. अब मेम उछल-उछल कर मेरे लंड का मजा ले रही थी.
फिर करीब 10 मिनट तक मैंने उन्हें इसी पोज़िशन में चोदा. फिर उसके बाद मैंने मेम को बेड पर लेटाया और उनके पैर मेरे कंधे पर रखे और अपना लंड मेम की चूत में डाला. अब नई पोज़िशन और नई फिलिंग से मज़ा आ गया था. फिर 15 मिनट तक मेरे और मेम के बीच में यहीं हॉट सेक्स सेशन चलता रहा और फिर में झड़ने वाला था तो मेम बोली कि बेटा तेरा माल मेरी चूत में ही गिरा दे, मेरी चूत को ठंडक मिलेगी तो फिर में मेम की चूत में ही झड़ गया.
अब हम दोनों काफ़ी थक चुके थे तो इसलिए हम दोनों नंगे ही निढाल होकर पड़े रहे. फिर थोड़ी देर के बाद मेरा लंड फिर से टाईट होने लगा था. फिर मेम ने मेरे लंड को देखा और पूछा कि अब क्या इरादा है? तो मैंने कहा कि मुझे आपकी गांड मारनी है. फिर मेम ने थोड़ा सोचा और फिर बोली कि बेटा मैंने कभी गांड नहीं मरवाई है, लेकिन इससे अच्छा और क्या हो सकता है? कि मेरी वर्जिन गांड की सील तेरा जवान लंड तोड़े. मैंने सुना है कि काफ़ी दर्द होता है. फिर मैंने कहा कि मेम आप फ़िक्र ना करो में तेल लगाकर डालूँगा, वो भी धीरे-धीरे जिससे आपको कम से कम दर्द होगा तो अब मेम मान गयी और तेल की बोतल लेकर आ गयी.
फिर मैंने मेम को डॉगी स्टाईल में किया. अब मेरे सामने मेम की गांड थी, यारो क्या बताऊँ मेम की गांड कितनी सुंदर है? फिर मैंने पहले मेम के मोटे मोटे चूतड़ों को चूमा. फिर उनकी गांड को चूमा. अब मेम तो बहुत मज़े ले रही थी और बोल रही थी कि हाँ बेटा चाट अपनी मेम की वर्जिन गांड को, चाट आआआअहह मार डाला रे बेटा, बहुत मज़ा आ रहा है तुझसे गांड चटवा कर.
अब मेम की गांड में लंड डालने की बारी थी. फिर मेम ने मेरे लंड पर अच्छे से तेल लगाया. फिर मैंने उन्हें डॉगी स्टाईल में किया और उनकी गांड को तेल से नहला दिया. अब मैंने अपने लंड को उनकी गांड के ऊपर रगड़ना चालू किया तो अब आंटी से रहा नहीं गया और बोली कि बेटा अब और मत तड़पा मेरी गांड में तेरा लंड डाल दे, मेरी गांड को भी तेरा लंड चख लेने दे.
अब मेम की बातें सुनकर में और जोश में आ गया था और फिर मैंने धीरे-धीरे अपना पूरा लंड मेम की गांड में डाल दिया और थोड़ी देर तक वैसे ही रहा ताकि मेम की गांड अच्छे से चौड़ी हो जाए. फिर मैंने अपना लंड हल्के से अंदर बाहर करना स्टार्ट किया, अब मेम को थोड़ा बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन मज़ा भी आ रहा था. अब मेम सेक्सी आवाज़ में बोल रही थी कि मार बेटा अच्छे से मार मेरी गांड, चोद डाल आज मेरे सारे छेद, मुझे तो पता ही नहीं था कि गांड मरवाने में इतना मज़ा आता है. फिर बहुत देर तक उनकी गांड मारने के बाद मैंने अपने लंड का सारा माल आंटी की गांड में ही छोड़ दिया. फिर हम दोनों ने साथ में बाथ लिया और में वहाँ से चला गया. अब मेम और मुझे जब भी टाईम मिलता है तो हम दोनों चुदाई कर लेते है.
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आंटी को चोदकर बहुत मजा किया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रवि है और मेरी उम्र 23 है. दोस्तों में आज आप सभी चाहने वालों को अपनी वो सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ, जिसको में बहुत समय से आपके सामने लाने की बात सोच रहा था, लेकिन ना जाने क्यों डरता था और आज में बहुत हिम्मत करके वो बात बताने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह आपको जरुर पसंद आएगी. आप लोगों की तरह मुझे भी सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और में करीब तीन सालों से ऐसा लगातार करता आ रहा हूँ.
दोस्तों यह कहानी मेरे फ्लेट के पास में रहने वाली एक बहुत सेक्सी आंटी जिनका नाम रश्मि है उसकी चुदाई की है और जिसमें मैंने उनको चोदकर संतुष्ट किया. वो हमारे पड़ोस में पिछले तीन साल से रह रही है, उनके पति एक कम्पनी में मार्केटिंग का काम करते है तो इसलिए वो ज़्यादातर वक़्त अपने घर से बाहर ही अपना समय बिताते है और इस बीच आंटी अपने घर पर हमेशा अकेली ही रहती थी.
दोस्तों आंटी की उम्र 36 साल है, लेकिन वो अपने उस सेक्सी बदन, उभरी हुई छाती, गोल भरे से चेहरे, मटकती हुई गांड और सुंदर सी वो मुस्कान की वजह से दिखने में कोई 26 साल की कुंवारी लड़की लगती है और उनके फिगर का आकार 38-30-36 है और उनका रंग बहुत गोरा है. दोस्तों उनके एक दस साल का बेटा भी है और अपनी नानी के यहाँ पर रहता है, लेकिन उन्हें देखकर बिल्कुल भी विश्वास नहीं होता कि वो उस बच्चे की माँ भी हो सकती है.
दोस्तों आंटी दिन में ज़्यादातर समय घर पर अकेली ही होती थी और हम दोनों का अक्सर सामना होता रहता था, में हर सुबह उनके प्यारे से मुखड़े को देखकर उनकी यादों को अपने साथ रखकर अपने काम पर निकल जाता और पूरे दिन उनकी उस प्यारी सी मुस्कान के बारे में सोचता और मन ही मन बहुत खुश होता, क्योंकि में उनके हुस्न का अब पूरा दीवाना हो गया था.
एक दिन में अपने ऑफिस से किसी काम की वजह से थोड़ा जल्दी अपने घर पर आ गया और फिर मैंने देखा कि आंटी अपने फ्लेट के दरवाजे पर खड़ी हुई थी और वो मेरी ही तरफ देख रही थी. फिर में भी हर रोज की तरह उन्हें स्माईल देकर जा ही रहा था कि तभी उन्होंने मुझे पीछे से आवाज़ देकर अपने पास बुलाया और में उनके पास चला गया. तब उन्होंने मुझसे एक शरारती अंदाज में मुस्कुराते हुए कहा कि मैंने एक नया स्क्रीन टच फोन लिया है, लेकिन मुझे इससे फोन रिसीव करना और भी बहुत कुछ समझ में नहीं आ रहा है, क्या तुम मुझे इसके बारे में थोड़ा बहुत बता सकते हो? दोस्तों हमारी मंजिल पर सिर्फ दो ही फ्लेट थे, एक उनका और एक मेरा जिसकी वजह से मुझे किसी बाहर वाले के देखने या कुछ भी गलत समझने का कोई भी डर नहीं था.
फिर में सीधा उनके बिल्कुल पास जाकर उनका फोन अपने हाथ में लेकर उन्हें फोन के बारे में समझाने लगा और जब में उन्हें फोन रिसीव करने के बारे में बता रहा था. फिर मैंने देखा कि वो भी मेरे एकदम करीब आ गई है और जिसकी वजह से अब मेरी कोहनी उनके बूब्स को छू रही थी, वाह दोस्तों उनके क्या नरम नरम बूब्स थे? फिर मैंने यह बात सोचते हुए कि ना जाने इनके मन में आज क्या चल रहा है, लेकिन मुझे उस बात से क्या मतलब? मैंने उस बात का फायदा उठाते हुए उनके बूब्स को अपनी कोहनी से थोड़ा ऊपर उठाया और अब में जानबूझ कर उनके सामने ऐसे व्यहवार करने लगा मानो यह सब मुझसे ग़लती से हुआ हो.
फिर मैंने देखा कि उन्होंने मुझसे कुछ ना कहते हुए एक शरारती सी स्माईल दी और जिसे देखकर में समझ गया कि मेरी तो अब निकल पड़ी और अब में बहुत खुश था और फिर कुछ देर बाद वो अंदर चली गई, लेकिन में बाहर खड़ा खड़ा अब भी उनके उस व्यवहार के बारे में सोच रहा था और अब मेरे मन में उनके लिए ना जाने क्या क्या चल रहा था?
दोस्तों उस दिन के बाद से मुझे आंटी का स्वभाव में मेरे लिए बहुत बदला हुआ सा नज़र आने लगा था, वो अब बराबर मेरे ऑफिस से जाने और आने के वक़्त तक अपने दरवाजे पर खड़ी हुई मुझे नजर आती और वो आज कल गहरे गले के ब्लाउज के साथ जालीदार साड़ी पहनने लगी थी, जिसकी वजह से दोस्तों उनकी उस साड़ी में से उनके बड़े बड़े बूब्स का आकार मुझे बहुत आसानी से साफ साफ दिखने लगा था, क्योंकि वो अब पहले से भी कुछ ज्यादा अपनी साड़ी को थोड़ी नीचे बाँधने लगी थी तो इसलिए अब में उनकी उस गहरी सी, बड़ी, प्यारी नाभि को बहुत आसानी से देख सकता था.
दोस्तों अब में समझ चुका था कि यह सब कुछ वो मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए कर रही है और फिर ठीक वैसा ही हुआ जैसा वो चाहती थी. अब में उनके वो नजारे देखकर उनकी तरफ बिना डोर से खिंचने लगा था और में हर रोज सोने से पहले उनके नाम की मुठ मारकर सोने लगा और मुझे वो हर जगह दिखाई देने लगी, में उन्हें हर समय अपने पास महसूस करने लगा था और अब में बस उन्हें किसी ना किसी तरह से चोदने का रास्ता ढूँढ रहा था, क्योंकि मुझे अब बहुत अच्छी तरह से पता था कि यह सेक्स की आग अब हम दोनों में बराबर लगी हुई है और हम दोनों एक दूसरे को पाना चाहते है.
एक दिन में हमेशा की तरह अपना ऑफिस ख़त्म होने के बाद अपने घर पर पहुंचा और में उस समय सीड़ियों से ऊपर अपने फ्लेट में जा ही रहा था कि मेरे पीछे से आंटी आ गई. दोस्तों जब मैंने उन्हें पीछे मुड़कर देखा तो में बिल्कुल ही दंग रह गया, क्योंकि वो उस समय क्या कमाल की लग रही थी? उन्होंने गुलाबी कलर की एक जालीदार साड़ी और उसी रंग का एकदम टाईट ब्लाउज पहना हुआ था और उनके उस गहरे गले के ब्लाउज में से मानो उनके बूब्स अब बाहर आने को तरस रहे थे और फिर मेरी नज़र तो उनसे हट ही नहीं रही थी तो में उन्हें लगातार देखे जा रहा था और वो मेरी तरफ मुस्कुरा रही थी.
फिर कुछ देर बाद आंटी ने मुझसे कहा कि तुम मुझे ऐसे क्या देखे जा रहे हो? अब मैंने उनसे कुछ नहीं कहा बस अपनी नजरें को थोड़ा नीचे झुकाए कुछ देर खड़ा रहा, लेकिन मेरे मन में अब भी उनके लिए बहुत कुछ चल रहा था और फिर जैसे ही में आगे जाने को बढ़ा. तभी अचानक से मुझे उनके करहाने की आवाज़ आई और जब मैंने पलटकर पीछे देखा तो वो दर्द से कराह रही थी और फिर वो उसी सीडी पर बैठ गयी और फिर मैंने देखा कि उनके एक पैर में मोच आ गयी थी.
फिर मैंने तुरंत उन्हें अपनी बाहों का सहारा देकर उठाया और उन्हें उनके फ्लेट में ले गया, लेकिन अब उनसे बिल्कुल भी नहीं चला जा रहा था और कुछ दूर चलने के बाद पूरी मेरी बाहों में आ गई और मैंने उन्हें अपना सहारा दे दिया. फिर में उन्हें अपनी गोद में उठाकर सीधा उनके बेडरूम में ले गया और फिर मैंने उन्हें बेड पर लेटा दिया और देखा कि वो अभी भी अपने उस पैर के दर्द से कराह रही थी.
फिर मैंने तुरंत उनसे मलहम माँगकर उन्हें आराम से बेड पर सीधा लेटा दिया और अब में उनके पैर में धीरे धीरे मसाज करने लगा और करीब दो मिनट के बाद आंटी धीरे धीरे मोन करने लगी. दोस्तों में अब पूरी तरह से समझ चुका था कि वो पैर की मोच तो सिर्फ एक बहाना था, लगता है कि आज इसकी चूत में बहुत आग लगी है और जिसको यह आज मुझसे ठंडा करवाना चाहती है तो इसलिए आंटी ने यह सब किया.
अब मैंने मन ही मन ठान लिया था कि आज तो में इसको जरुर चोदकर ही रहूँगा, में धीरे धीरे अपना हाथ ऊपर की तरफ ले जाकर उनकी मसाज करने लगा और अब आंटी ने अपने पैरों को धीरे से फैलाना शुरू कर दिया. फिर मैंने भी धीरे से उनकी साड़ी को ऊपर उठाकर उनकी गरम, मोटी, जाँघो पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. दोस्तों में क्या करता और में वो देखकर यह काम करने के लिए मजबूर था, क्योंकि उनकी क्या मस्त नरम नरम गोरी गोरी जाघें थी और मेरे हर मसाज के साथ वो टाईट होती जा रही थी.
अब में समझ गया कि उनकी चूत में जोश आना शुरू हो गया और में अब बिना वक़्त गंवाए उनकी चूत को पेंटी के ऊपर से सहलाने लगा और मैंने हाथ लगाकर महसूस किया कि वो अब तक पूरी गीली हो चुकी थी. फिर उसने अपनी कमर को थोड़ा ऊपर उठाया और मैंने बिना वक़्त गवाए उनकी पेंटी को बाहर निकाल लिया और उसे सूंघने लगा. दोस्तों में आप सभी को क्या कहूँ उसमें से क्या मस्त खुशबू आ रही थी और उसे सूंघकर मेरा लंड तो पूरा लोहे के सरीए की तरह तन गया, मुझसे भी अब रहा नहीं गया और मैंने अपनी जीभ को उनकी गीली चूत पर रख दिया तो उनकी चूत की खुशबू ने मुझे और भी पागल कर दिया और में उनकी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा और उसमें से बाहर आ रहे चूत रस की एक एक बूँद को चूसने लगा और चूत को चाटने लगा.
फिर मैंने कुछ देर बाद अपनी एक उंगली को उनकी चूत में डाल दिया और जमकर ऊँगली से चुदाई के साथ साथ चाटने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से मोन कर रही थी, आहहह्ह्ह उम्म्म्मममम उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उनके मोन से मुझे भी जोश आ गया और मैंने अपनी उंगली की स्पीड को बढ़ा दिया और उन्हें ज़ोर ज़ोर से अपनी ऊँगली से चोदता और चूत को पूरा मुहं में भरकर चूसने और काटने लगा. तभी वो अपने दोनों पैरों को मेरी गर्दन के चारो तरफ से फंसाकर मुझे अपनी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगी और अपने दोनों हाथों से मेरे सर पर और भी दबाव देने लगी और फिर कुछ देर के बाद वो वक़्त आ ही गया जब आंटी का ज़ोरदार पानी निकल गया और मैंने उसकी एक एक बूँद को चाट लिया. दोस्तों मैंने महसूस किया कि उनका पानी, गरम और इतना गाढ़ा था कि जितना मैंने कभी कोई ब्लूफिल्म में भी नहीं देखा था और अब वो बिल्कुल ढीली पड़ गयी थी.
फिर उन्होंने मुझे अपने ऊपर खींचकर किस करना शुरू कर दिया और करीब पांच मिनट किस करने के बाद हम दोनों ने अपना सलाइवा इधर उधर करना शुरू कर दिया, जिससे हम दोनों गरम हो गये. फिर उन्होंने मुझे अपने पास में लेटा दिया और मेरे सारे कपड़े उतार दिए, में अब सिर्फ़ अपनी अंडरवियर में था तो मुझे भी जोश आ गया और मैंने भी आंटी के सारे कपड़े उतार दिए, अब उनके वो बड़े बड़े बूब्स मेरे सामने थे. फिर में सीधा उन पर झपट गया और में उन्हें पागलों की तरह चूसने और काटने लगा और वो पूरी तरह जोश में आकर अपने दोनों हाथों से मेरे मुहं को अपने बूब्स पर दबा रही थी.
फिर उन्होंने मुझे लेटाया और मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही काटना शुरू कर दिया. फिर उसे भी नीचे उतार दिया और अब आंटी मेरे लंड को सहलाने लगी और एक हाथ में लंड को लेकर मुझसे कहने लगी कि वाह तुम्हारा कितना मोटा लंड है? फिर आंटी ने इतना कहकर मेरे लंड को अपने मुहं में ले लिया और अब वो उसे लॉलीपोप की तरह चूसने लगी और मुहं के अंदर लेकर अंदर से ही मेरे लंड के टोपे को जीभ से चाट रही थी और कभी मेरे लंड पर थूककर उसे ज़ोर ज़ोर से अपने हाथों से रगड़ती और कभी उसे चारो तरफ से अपनी जीभ से चाटती. दोस्तों में तो जैसे उस समय सातवें आसमान में पहुंच गया था?
फिर करीब 10-15 मिनट तक मेरा लंड चूसने के बाद वो मेरे ऊपर चड़ गई और उन्होंने अपनी पूरी गीली चूत को मेरे मुहं के पास लाकर रख दिया और अब में भी बिना देर किए उसे पागलों की तरह चाटने लगा, चूसने लगा और वो अपनी चूत को मेरे मुहं पर इस तरह रगड़ रही थी कि मुझे साँस भी लेना बहुत मुश्किल हो रहा था और अब उसके मोन करने की आवाज बढ़ने लगी थी, वो अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आईइस्सस्सऊहह और फिर आंटी का पानी दूसरी बार निकल गया और उन्होंने उसे मेरे पूरे चेहरे पर निकाल दिया, लेकिन अब मुझसे भी रहा नहीं गया और मैंने आंटी को सीधा लेटाया और उनके दोनों पैरों को फैलाकर उनकी चूत के मुहं पर अपने मोटे लंड को रखकर रगड़ने लगा.
फिर आंटी मुझसे बोली कि रवि प्लीज अब मुझे और मत तड़पाओ प्लीज अब बुझा भी दो मेरी इस आग को, में इस आग मे बहुत समय से जल रही हूँ प्लीज अब कुछ करो अह्ह्हह्ह्ह्ह. फिर बस क्या था? मैंने धीरे से एक झटका लगाया तो मेरा आधा लंड उनकी चूत में सरक कर अंदर चला गया और वो ज़ोर से चीख पड़ी, आअहह आईईईइ मर गई. दोस्तों मैंने लंड चूत के अंदर जाते ही महसूस किया कि वो अंदर से भट्टी की तरह बहुत गरम थी, उससे मुझे उनकी बैचेनी का अंदाजा लग गया. तभी उन्होंने मुझसे कहा कि प्लीज तुम अब रूको मत प्लीज़ लगातार करते रहो और आज मेरी इस आग को पूरी तरह शांत कर दो, तुम्हारे अंकल ने मुझे आज तक हमेशा प्यासा ही छोड़ दिया है और उन्हें मेरी कोई परवाह नहीं, लेकिन तुम मेरे साथ प्लीज ऐसा मत करना.
फिर मैंने अपने अगले धक्के के साथ अपना पूरा का पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया और फिर मैंने धीरे धीरे अपना लंड अंदर करना शुरू किया और मैंने धीरे धीरे अपनी चुदाई की स्पीड को भी बड़ा दिया और में उन्हें पागलों की तरह चोदने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से दर्द में करहाने लगी और मुझसे कहने लगी कि हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे प्लीज़ अह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह हाँ आज फाड़ दो मेरी चूत को ऑश आईईईई फाड़ दो अपनी आंटी की चूत को, रवि वाह मज़ा आ गया उह्ह्ह्हह्ह हाँ और अंदर डालो. दोस्तों करीब बीस मिनट तक लगातार उनकी चूत को ज़ोर ज़ोर से धक्के देने के बाद आखिरकार मेरा वीर्य निकलने वाला था.
मैंने आंटी से कहा तो उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया और अपनी गांड को थोड़ा ऊपर उठा लिया और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गये. अब मैंने अपने लंड को उनकी चूत में ही थोड़ी देर अंदर रखा और जिसकी वजह से मेरे लंड से वीर्य एक एक बूंद करके टपक रहा था और मेरे लंड में एक अजीब सी सनसनी दौड़ रही थी, लेकिन मुझे यह सब बहुत अच्छा लग रहा था और तीस मिनट तक हम दोनों ऐसे लेटकर किस करते रहे और में कभी उनके बूब्स दबाता तो कभी वीर्य से भरी उस चूत में ऊँगली डालकर आगे पीछे करने लगता.
अब मेरा लंड एक बार फिर से कुछ समय बाद उनकी गरमी पाकर सरीये की तरह कड़क हो गया तो आंटी मेरे ऊपर चड़कर बैठ गई और लंड को अपनी चूत से मसल मसलकर ज्यादा गरम करने लगी और उन्होंने फिर से एक ही बार में उसे पूरा अंदर ले लिया और ज़ोर ज़ोर से लंड पर उछल उछलकर चुदने लगी. मैंने भी उनकी गांड को हाथ में लेकर उन्हें ऊपर नीचे करने में मदद की.
दोस्तों में क्या बताऊँ मेरे लंड की तो आज सारी इच्छा पूरी हो रही थी. फिर करीब 15 मिनट के बाद मैंने आंटी से कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ तो उन्होंने मेरे लंड को तुरंत अपने मुहं में लेकर उसका सारा वीर्य पी लिया और फिर हम दोनों ऐसे लेट गये और थोड़ी देर बाद हम दोनों मिलकर बाथरूम में नहाए. वहां पर भी मैंने आंटी को दो बार चोदा और इस बार मैंने उनके मना करने के बाद भी एक बार उनकी गांड भी मारी. दोस्तों वो मेरी चुदाई से अब पूरी तरह खुश दिखाई दे रही थी और फिर में अपने कपड़े पहनकर उनको किस देकर अपने फ्लेट पर जाने लगा, तभी उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर मुस्कुराकर मुझसे पूछा कि क्यों अब कब आओगे मेरी चूत को चोदने?
फिर मैंने भी मुस्कुराकर कहा कि अब तो जब आप कहो हम आ जाएगें. फिर उन्होंने कहा कि इसमें कहना या बुलाना कैसा अब तो यह पूरा जिस्म आपका और आपके उस छोटे से साथी का गुलाम है और आप जब चाहे आ सकते है. दोस्तों उनके मुहं से यह शब्द सुनकर में उस दिन के बाद से हर रोज आंटी को चोदता हूँ. मैंने उन्हें किचन में डाईनिंग टेबल पर भी चोदा और कई बार में उन्हें मेरे घर पर भी बुलाकर चोद चुका हूँ और अब हम हर रोज नई नई पोज़िशन में चुदाई करते है और में उन्हें चोदकर अंकल की कमी पूरी करता हूँ और वो मेरी सभी मन की इच्छाए पूरी करती है. दोस्तों हमारी यह चुदाई अब भी लगातार चल रही है.
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माँ की चुदाई कारपेंटर से

हैल्लो दोस्तों, मेरी ये पहली कहानी है. सबसे आप सभी पाठकों को नमस्कार. मेरा नाम शिवा है और अभी में 21 साल का हुआ हूँ, मेरा लंड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. में दिन में 2 बार मुठ मारता हूँ. ये कहानी मेरी माँ की चुदाई की है जिसका नाम रूबी है. यह कहानी जब की है जब में 12वीं क्लास में था और उस वक्त में 19 साल का था. मेरी माँ का फिगर 40-36-44 है, इस स्टोरी के समय वो 41 साल की थी. मेरी माँ को देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाएगा, मेरी माँ बहुत ही अच्छी औरत है और वो कभी भी किसी से ग़लत सम्बंध नहीं बना सकती है, ये मेरा भरोसा था. मेरे पापा दलाल (ब्रोकर) है इसलिए वो ज्यादातर बाहर जाते रहते है.
एक बार की बात है जब मेरे पापा काम के सिलसिले से अपने 2 दोस्तों के साथ 30 दिनों के लिए ग्वालियर जा रहे थे, तो मेरे पापा ने मुझसे कहा कि तुम भी चलो, तो में मान गया और उसी दिन सुबह 6 बजे हमारे घर पर किचन बनाने वाले कारीगर आ गये. मेरे पापा ने उनसे 8 बजे आने को कहा, क्योंकि अभी हम दोनों को ग्वालियर जाना था.
फिर पापा ने मम्मी को किचन का पूरा डिजाईन समझा दिया और में और पापा उनके दोस्त के घर 2-4 किलोमीटर दूर अपने घर से चले गए, लेकिन फिर वहाँ पर मेरा जाना केन्सिल हो गया, तो में ये सुनकर बहुत दुखी हुआ और अपने घर के लिए निकल पड़ा. मैंने सोचा कि अगर में घर जाऊंगा तो मम्मी मुझे स्कूल भेज देगी इसलिए में अपने दोस्त के घर चला गया. हम दोनों के घर आपस में चिपके हुये थे.
फिर मैंने उससे कहा तो उसने मुझे अपनी छत पर जाकर छुपने के लिए कहा, क्योंकि उसको स्कूल जाना था. हम दोनों की छत आपस में चिपकी हुई थी और बीच में 1 फुट की दिवार थी. फिर में 15 मिनट तक बैठा रहा और फिर मैंने देखा कि मेरे घर की बेल बजी, तो मैंने देखा जब लकड़ी वाले आए थे.
मैंने देखा कि मम्मी उस समय गाउन पहने थी और एक बात मम्मी सोते समय कभी पेंटी नहीं पहनती तो मम्मी उस समय बिना पेंटी के थी. फिर मैंने देखा कि मम्मी उन दोनों कारपेंटर को आँगन में लाई और अब मेरा मन किचन का नक्शा देखने का था, तो में ऊपर से ही सब देख रहा था. फिर मैंने देखा कि वो लोग नीचे आँगन में बैठे थे और मम्मी को होश नहीं था कि उनकी चूत भी दिख रही है, अब मम्मी उन्हें नक्शा समझाए जा रही थी.
फिर 20 मिनट तक समझाने के बाद उसने मम्मी से पानी माँगा और जब मम्मी पानी लेने गई तो वो दोनों धीरे धीरे कुछ बात कर रहे थे. फिर इतने में एक आदमी एक डिब्बा लेकर टायलेट में चला गया और 20 मिनट के बाद वापस आया. जब मम्मी एक आदमी के साथ बैठे हुए थी, तो एक आदमी ने उस डब्बे में से चुपके से 3 कोकरोच मम्मी के गाउन पर डाल दिए.
फिर एक आदमी जोर से चिल्लाया कोकरोच आपके गाउन से आपकी चूत में जा रहे है. फिर मम्मी ने देखा कि उनकी चूत पर कोई काट रहा है तो मम्मी झट से उठी और इतनी देर में मम्मी जोर से चीखी बचाओं में मर जाउंगी. फिर उन लोगों ने मम्मी का गाउन उतार दिया और अब मम्मी उनके सामने सिर्फ़ ब्रा में थी. अब मम्मी सिर्फ़ ब्रा में उनके सामने थी और मम्मी ने उनसे उसका गाउन माँगा.
अब वो अपने हाथ से अपनी चूत को छुपा रही थी, लेकिन उन लोगों ने मम्मी का गाउन नहीं दिया, तो मम्मी ने उन्हें पुलिस की धमकी दी. फिर उनमें से एक का नाम भरत और एक का नाम अरमान था, तो भरत ने मम्मी के गाल पर 5-6 थप्पड़ कसकर मारे. अब मम्मी रो रही थी और अब इतनी देर में अरमान ने एक लकड़ी ली और मम्मी के चूतड़ पर 4-5 बार मारी. अब मम्मी रो रही थी और अब उसके गाल सूज गये थे और उनकी गांड पर निशान पड़ गये थे. अब उन लोगों ने कहा कि शांति से मान जा वरना बहुत मार खायेगी.
फिर मम्मी थप्पड़ और लकड़ी की मार खाने के बाद मान गई. फिर उन्होंने मम्मी से अपना लंड चूसने को कहा. मम्मी ने कहा कि उन्होने कभी ऐसा नहीं किया. तो अरमान ने एक थप्पड़ खींचकर मारा और कहा कि अब कर तो मम्मी ने 30 मिनट तक उन दोनों का लंड चूसा और फिर उन दोनों का पानी पी गई.
फिर भरत ने मम्मी की ब्रा पकड़कर निकाल दी और अरमान ने कसकर मम्मी के बूब्स पर काट लिया, तो वहाँ से हल्का सा खून आ गया. फिर भरत ने अपना 9 इंच का लंड मम्मी की चूत पर रखा और 4 झटकों के बाद बड़ी मुश्किल से मम्मी की चूत में अंदर घुसा दिया. फिर मम्मी जोर से चीखी अहह और मम्मी की चूत से हल्का सा खून भी आ गया. फिर उसने मम्मी से पूछा कि आखरी बार चुदाई कब हुई थी?
मम्मी ने कहा कि 11 साल पहले जब मेरे जेठ का देहांत हुआ था, क्योंकि मेरे पति का लंड खड़ा नहीं होता है इसलिए उन्होंने मुझे मेरा बेटा दिया है. अब मेरे पैरो से तो जैसे ज़मीन खिसक गई थी, लेकिन मैंने हिम्मत रखी. फिर अरमान ने पूछा कि क्या तेरे पति को सब पता है? तो मम्मी ने मना कर दिया और उसने मेरी मम्मी को 40 मिनट तक खूब चोदा और अपना पानी मेरी मम्मी की चूत में ही छोड़ दिया. फिर अरमान ने अपने 8 इंच के लंड को मम्मी की गांड मारने के लिए तैयार किया. फिर मम्मी ने कहा कि उन्होने अपनी गांड कभी नहीं मरवाई है, तो भरत ने कहा कि तो अब मरवा ले.
फिर अरमान ने कस कसकर 5 झटको के बाद अपना लंड मम्मी की गांड में घुसा दिया. अब मम्मी जोर-जोर से चीखी अहह फट गई और 45 मिनट के बाद अरमान ने अपना पानी छोड़ दिया और इस तरह से उन लोगों ने मम्मी की चुदाई शाम के 5 बजे तक की. फिर में अपने दोस्त की छत से उतरा और अपने घर की बेल बजाई तो अरमान ने दरवाजा खोला और पूछा कि तुम यहाँ कैसे? तो मैंने उन्हें सब बताया और कहा कि इतनी देर में अपने दोस्त के यहाँ था.
फिर वो आदमी मेरे मुँह पर दरवाजा बंद करके अंदर घर में भाग गया और 10 मिनट के बाद दरवाजा खोलने आया. फिर उस आदमी ने मुझसे कहा कि तुम्हारी मम्मी कहीं बाहर गई है और वो सीधा बाथरूम में चला गया. फिर 2 घंटे के बाद वो और भरत बाथरूम से निकले और फिर मम्मी भी बाथरूम से 30 मिनट के बाद निकली और कहा कि वो अभी बाथरूम में गई थी, लेकिन में तो सब जानता था. फिर हमारे घर में 4 महीने तक काम चला और इस दौरान उन लोगों ने मम्मी को हर दिन चोदा.
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याशिका के अकेलेपन का फायदा उठाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमन है और में पंजाब का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 19 साल है और में दिखने में बहुत अच्छा हूँ और गोरे रंग लम्बे छोड़े बदन की वजह से अधिकतर लड़कियाँ मुझे जरुर देखती है. दोस्तों में भी आप लोगों की तरह पिछले कुछ सालों से कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है.
फिर एक दिन मैंने अपनी भी एक अच्छी घटना आप लोगों तक पहुँचने के बारे में बहुत सोच विचार किया और फिर मैंने अपनी सच्ची घटना को आप सभी को सुनाने के बारे में विचार किया और अब में उसी घटना को आप लोगों को ज्यादा बोर ना करते हुए पूरी विस्तार से बताता हूँ.
दोस्तों में नोएडा में एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करने के लिए गया हुआ था और फिर मैंने वहीं पर अपने रहने के लिए किराये से एक रूम ढूंडा और मुझे बहुत मेहनत करने के बाद एक आखिरकार वो रूम मिला जो कि तीसरी मंजिल पर था और ठीक उसके नीचे वाली मंजिल पर 2 बहनें रहती थी.
दोस्तों वो दोनों ही एकदम टॉप की माल थी, उन दोनों के सेक्सी बदन मुझे हमेशा अपनी तरफ आकर्षित करते थे, उनका वो हंस हंसकर बातें करने का तरीका और वो कातिलाना उभरे हुए एकदम गोल गोल बड़े बूब्स और मटकती हुई गांड को देखकर में उनका पूरी तरह से दीवाना हो चुका था. दोस्तों उनमें से एक का नाम याशी था. में रोज़ उस पर बहुत बार लाईन मारता था और वो भी इस बात को बहुत अच्छी तरह से समझती थी और अब धीरे धीरे हमारी हाय हैल्लो होने लगी और वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगी और में उसे देखकर मन ही मन बहुत खुश होने लगा. दोस्तों एक दिन की बात है, में अपने रूम में लेटा हुआ अपने लेपटॉप पर एक पॉर्न फिल्म देख रहा था.
तभी कुछ देर बाद मुझे अपने दरवाज़ा बजने की आवाज सुनाई देने लगी और में तुरंत उठकर खोलने चला गया और जैसे ही मैंने अपना दरवाजा खोलकर देखा तो मेरे सामने याशी खड़ी हुई थी, वो एकदम सेक्सी आईटम लग रही थी और में उसे देखकर बहुत खुश था और फिर मैंने उसे अंदर बुलाया और वो मेरे लेपटॉप पर उस फिल्म को देखकर थोड़ा सा शरमा कर मुझसे बोली कि यह क्या है? और वो अब धीरे से मुस्कुराने लगी और में उसके पास जाकर बैठ गया. तभी वो मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने तुरंत कहा कि अभी तक तो कोई भी नहीं है. फिर वो कहने लगी कि ऐसा क्यों?
मैंने कहा कि अब तक मुझे तुम्हारे जैसी सुंदर कोई अप्सरा दिखी ही नहीं, तो में क्या करता? अब उसने मेरे मुहं से यह बात सुनकर मेरी तरफ मुस्कुरा दिया और फिर बातों ही बातों में कुछ देर बाद वो मुझसे बोली कि मुझे कुछ जरूरी काम है और मुझे अपने घर पर जाना है. फिर मैंने मन ही मन सोचा कि आज तो मेरा काम अधूरा रह गया, लेकिन मैंने उसका मोबाईल नंबर उससे माँगा तो उसने मुझसे मेरा फोन माँगा और उसने मुझे अपना नंबर मेरे मोबाईल में सेव करके वापस कर दिया और फिर मैंने उसके चले जाने के बाद उसे व्हाटसप पर एक मैसेज किया और फिर हमने रात भर बहुत सारी बातें की.
फिर उसके अगले दिन उसका मेरे पास कॉल आया कि तुम नीचे मेरे रूम में आ जाओ. फिर मैंने तुरंत अपने कमरे को ताला लगा दिया और फिर जल्दी से उसके रूम में पहुँच गया. अंदर जाते ही उसने मुझसे बैठने को कहा और में बैठ गया और अब हम बातें करने लगे. वो मेरे पास बैठ गई और फिर मैंने उसकी बातों से महसूस किया कि वो थोड़ी सी उदास थी. फिर मैंने उससे पूछा कि तुम्हें क्या हुआ और तुम आज इतनी उदास उदास सी क्यों हो? तब वो मुझसे बोली कि आज उसकी और बहन की किसी बात को लेकर लड़ाई हो गई है और अब वो अपने आप को बहुत अकेला सा महसूस कर रही है और अब वो मेरे पास में लेट गई थी, में लगातार उसकी बाहर निकली हुई छाती की तरफ देख रहा था, जिसकी वजह से मेरा लंड पूरा तन गया था.
फिर कुछ देर बाद मैंने याशी से पूछा कि याशी क्या में तुम्हें हग कर सकता हूँ, अगर तुम्हें बुरा ना लगे तो? दोस्तों उसने मुझसे साफ मना कर दिया, लेकिन वो खुद चाहती थी कि में उसे हग करूं, लेकिन ना जाने क्यों किस बात से डरती थी? अब मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसके मुलायम गोरे गोरे गाल पर अपना एक हाथ रख दिया और उसको अपनी तरफ खींच लिया और उसको बहुत टाईट हग करने लगा. दोस्तों बस फिर क्या था? वो भी यही चाहती थी, वो अब मेरा साथ देने लगी और मैंने भी तुरंत उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और उसे एक अच्छी सी किस दी और उसने भी मेरा साथ दिया.
फिर मैंने सही मौका देखकर उसके बूब्स पर अपना एक हाथ रख दिया और में बहुत डर रहा था कि कहीं वो मेरी इस हरकत से गुस्सा ना हो जाए, लेकिन वो तो अपनी दोनों आँखे बंद करके लेटी हुई मेरे साथ मज़े ले रही थी और अब मैंने उसके एक एक कपड़े उतारने शुरू कर दिये और वो अब भी अपनी आँखे बंद करके लेटी रही. अब मैंने उसको उठाकर अपनी बाहों में लेकर उसका टॉप उतार दिया. फिर मैंने देखा कि उसने अपने टॉप के नीचे काले कलर की ब्रा पहनी हुई थी, जो उसकी उस गोरी छाती पर बहुत मस्त लग रही थी.
अब मैंने तुरंत उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसे फिर से अपनी बाहों का सहारा देकर नीचे लेटा दिया. अब वो अपनी आँखे खोलकर मुझसे बोली कि तुम बहुत शरारती हो, तुमने मेरे साथ यह क्या किया? तुम बहुत गंदे बेशर्म हो, क्या तुम्हें मुझे ऐसे देखकर मज़ा आता है? फिर मैंने कहा कि हाँ मेरी जान, मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है और अब में वो मज़ा तुम्हें भी देना चाहता हूँ, बस तुम एकदम चुपचाप मेरे साथ उस मज़े के मज़े लो और उससे इतना कहकर मैंने उसके गोल मटोल गोरे बूब्स के तने हुए गुलाबी निप्पल पर अपने होंठ रख दिए और फिर उन्हें चूसने लगा और दूसरे बूब्स को सहलाने दबाने लगा.
फिर वो उफ्फ्फ आह्ह्ह्हह्ह माँ ऊउईईई करने लगी और फिर कुछ देर बूब्स से खेलने के बाद जब वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और पूरी तरह से गरम होने लगी तो सही मौका देखकर उसके मना करने के बाद भी जल्दी से बिना समय गंवाए उसकी पेंटी को भी उतार दिया और अब में उसकी पेंटी को अपने हाथ में लेकर उसे सूंघने लगा.
मैंने आज पहली बार ऐसी खुशबू सूँघी थी. फिर मैंने उसकी पेंटी को उससे दूर फेंक दिया और अब मैंने उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिए और अपनी जीभ से चूत के दाने को सहलाने लगा. मेरे ऐसा करने की वजह से वो एकदम तड़प उठी और अब वो मेरे सर को अपनी चूत के ऊपर दबाकर ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी और वो मुझसे बोली कि हाँ अमन उफफ्फ्फ्फ़ चूसो और चूसो ऊईईईईईईई आह्ह्ह्ह हाँ अमन मज़ा आ गया और अब वो पूरी तरह से जोश में आकर मेरा सर कुछ ज्यादा ही ज़ोर से अपनी चूत के मुहं पर दबाने लगी. शायद वो आज मुझे अपनी चूत में पूरा अंदर डालकर मुझसे अपनी चूत को चटवाकर साफ करवाना चाहती थी.
फिर मैंने करीब 15 मिनट तक उसकी चूत को चाटा, तब तक वो शायद एक बार झड़ चुकी थी. मैंने उसका सारा गरम चूत रस चाट लिया और अब मेरी बारी थी. फिर उसने मेरी शर्ट को उतार दिया और वो मुझसे बोली कि तुमने अपनी बॉडी तो बहुत अच्छी बनाई है.
फिर उसने मुझे ज़ोर से हग किया और बोली कि आज तुम मेरा सारा अकेलापन दूर कर दो, मेरी प्यासी चूत को अपने लंड से चोद चोदकर आज तुम बिल्कुल शांत कर दो और फिर उसने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि पहले मुझे अपना हथियार तो दिखावो और मैंने तुरंत अपना अंडरवियर उतार फेंका और सीधा लेट गया. वो मेरा तनकर खड़ा हुआ मोटा और लंबा लंड देखकर एकदम से चौंक गई. फिर वो मुझसे बोली कि इतना बड़ा, मैंने इतना बड़ा कभी नहीं देखा और वो अब मेरा लंड अपने मुहं में लेकर चूसने लगी, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
फिर करीब 15 मिनट तक वो लगातार मेरा लंड चूसती रही और फिर मैंने उससे कहा कि तुम अब लेट जाओ और फिर उसके लेटने के बाद में तुरंत उसके ऊपर आ गया और मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और सही मौका देखकर उसकी प्यासी, कामुक, गीली चूत की गहराईयों में अपना लंड उतार दिया, जिसकी वजह से वो ज़ोर से उछल पड़ी और फिर मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत गरम थी और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैंने जलती हुई किसी आग की भट्टी में अपना लंड डाल दिया हो.
अब में लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा था. दोस्तों मेरा लंड बहुत ही आसानी से उसकी गहराईयों में चला गया और कुछ देर बाद उसे मज़ा आने लगा था. फिर मैंने उससे पूछ लिया कि क्या तुमने इससे पहले कभी सेक्स किया है? तो वो मुझसे कहती है कि हाँ मैंने अपने एक बॉयफ्रेंड के साथ बहुत बार सेक्स के मज़े लिए थे, लेकिन वो मुझसे बोली कि उसका तुम्हारे लंड से छोटा था और वो बहुत ही जल्दी झड़ जाता था और वो मुझसे बोली कि में तुम्हे बहुत दिन से देख रही हूँ और मैंने पढ़ा था कि पंजाबी लड़के बहुत अच्छी चुदाई करते है. फिर मैंने तुरंत उससे कहा कि हाँ आज तुम वो चुदाई मेरे साथ करके देख भी लेना और उसके मज़े भी ले लेना.
में अब उसको लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और वो ऊह्ह्ह्हह्ह उफफ्फ्फ्फ़ माँ मर गई आहह्ह्ह्ह कर रही थी और अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. अब वो मुझसे बोली कि प्लीज थोड़ा और अंदर जाने दो उफफफफ. दोस्तों करीब एक घंटे में वो पांच बार झड़ चुकी थी और वो मुझसे बोली कि में बहुत थक गई हूँ, प्लीज थोड़ा जल्दी जल्दी करो. फिर पूरे 1:30 घंटे की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद में झड़ गया और मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया, वो मुझे बहुत खुश दिख रही थी और फिर हम साथ में बाथरूम में जाकर नहाए और फिर शाम को फिल्म देखने चले गये और फिर रात को उसका मेरे पास कॉल आया तो उसने मुझसे कहा कि जल्दी से मेरे रूम में आ जाओ.
फिर में रात के करीब 9 बजे उसके रूम में चला गया और मैंने उसके रूम के अंदर पहुंचते ही उसको हग किया. फिर हम दोनों लेटकर बातें करने लगे और कुछ देर बाद वो मुझसे बोली कि आज सारी रात हमें चुदाई करनी है. फिर मैंने उससे कहा कि नहीं जानेमन तुम थक जाओगी, तो वो बोली कि आज हमारे पास बहुत अच्छा मौका है, क्या पता कल हो ना हो? तो मैंने उसको तुरंत पूरा नंगा किया और रात के करीब दस बजे से उसको चोदना शुरू किया, जब में झड़ने वाला होता तो में तुरंत रुक जाता और इस वजह से में झड़ता नहीं था.
हमें चुदाई करते करते रात के करीब एक बज गए थे, लेकिन मेरी चुदाई अब भी ज़ारी थी और वो थककर बिल्कुल चूर हो गई थी. इस बीच वो बहुत बार झड़ गई थी. अब वो मुझसे कहने लगी कि तुम इंसान हो या जानवर, तुम इतना देर तक कैसे चोद लेते हो? अब वो बहुत कमजोरी महसूस कर रही थी और हिल भी नहीं पा रही थी. फिर मैंने उससे कहा कि पंजाबी लड़को से चुदना कोई आसान काम नहीं है, वो अब लगातार आह्ह्ह्हह्ह उफफ्फ्फ्फ़ आईईईइ हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे बड़बड़ा रही थी और में भी उसकी चुदाई का पूरा पूरा मज़ा ले रहा था और फिर में करीब 2 बजे झड़ गया.
अब वो मुझसे बोली कि आज से में तुमसे ही अपनी चुदाई करवाउंगी. फिर वो सोने लगी, लेकिन मैंने उसे सोने नहीं दिया और बात करने लगा, उसके जिस्म से खेलने लगा और फिर कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से दोबारा तनकर खड़ा हो गया. मैंने फिर से उसको चोदना शुरू किया और इस बार मैंने उसको घोड़ी बनाकर चोदा और वो अब रो रही थी और मुझसे कह रही थी कि उसका शरीर अब काम नहीं कर रहा है. मैंने उसको घोड़ी बनाकर सुबह 5 बजे तक कुछ देर रुक रुककर चोदा और फिर वो मेरे झड़ने के बाद सो गई और में भी उससे चिपककर सो गया और फिर में सुबह 8 बजे उठा और मैंने तब देखा कि मेरे ऑफिस जाने का टाईम हो गया था.
फिर मैंने उसे सोता हुआ देखकर उसके माथे पर एक किस किया और अपने रूम में आकर नहाकर तैयार हुआ और जब में अपने ऑफिस पहुँचा तो उसका मेरे पास कॉल आया, उसने मुझसे कहा कि क्यों तुमने मुझे उठाया भी नहीं? तो मैंने उससे कहा कि तुम रात भर बहुत थक गई थी, इसलिए में तुम्हें उठाए बिना ही चुपचाप वहां से आ गया. तब वो मुझसे बोली कि कल रात को तुमने मुझे बहुत मज़े दिए और वो बोली कि मुझे बुखार आ गया है. फिर हम सारा दिन व्हाटसप पर चेट करते रहे. उसने मुझे अपनी एक पूरी नंगी फोटो भी भेजी और फिर वो मुझे शाम को मेरे रूम के बाहर मिली और फिर मैंने अपने रूम का दरवाजा खोला और एक बार फिर से हम चुदाई करने लगे और इस तरह हमने बहुत बार चुदाई की.
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स्कूल में अनुश्री ने लंड चूसा

हैल्लो दोस्तों, ये बात बहुत पुरानी है. मेरे साथ मेरी क्लास में एक लड़की पढ़ती थी, उसका नाम अनुश्री था, वो मेरे आगे बैठती थी. अब मुझे कई बार उसकी मस्त गोरी-गोरी टाँगे दिखाया करती थी. वो बिल्कुल गोरी थी, आवाज़ थोड़ी सी कर्कश, लेकिन वो बहुत सेक्सी थी, वो चश्मा लगाती थी और अनुश्री के बूब्स भरे हुए थे. उसके नितंब भी सही थे, वो थोड़ी ही मोटी थी, लेकिन ज्यादा मोटी नहीं थी. एक बार ड्रॉइंग की क्लास में वो मॉनिटर बनकर इधर उधर घूम रही थी और हम सब नीचे कार्पेट पर बैठे थे, तो मैंने उस दिन उसकी सारी टाँगे देखी, उसने सफ़ेद कलर की पेंटी पहनी थी. एक बार कंप्यूटर रूम में सर कुछ समझा रहे थे और स्टूडेंट्स का पूरा एक झुंड सा बन गया था और में अनुश्री के पीछे था, तो मैंने अपने लंड से अनुश्री के नितंबों पर टच किया. अब मेरा लंड सीधा अनुश्री के नितंबों के बीच में लगा हुआ था.
अब उसे सब कुछ महसूस हो रहा था और अब अनुश्री हल्के-हल्के से ऊपर नीचे होने लगी और वापस से नॉर्मल होने लगी थी. अब मुझे लगा कि या तो ये मज़े ले रही है या फिर इसे प्रोब्लम है, तो में थोड़ा पीछे हट गया. फिर अनुश्री ने मेरी तरफ मूव किया और मेरे लंड पर अपने नितंब टच करने लगी. फिर एक दिन उससे दूसरे लड़के पंगे ले रहे थे और मज़ाक-मज़ाक में किसी ने उसके ऊपर पानी डाल दिया था. उस दिन उसके बूब्स सफ़ेद शर्ट और सफ़ेद ब्रा की वजह से साफ-साफ दिखाई दे रहे थे. अब मुझे मज़ा आ गया था. में उससे पंगे लेता रहता था, कभी उसकी चोटी खोल देता था तो कभी उसके कंधे पर हाथ रखकर खड़ा हो जाता था और कभी चलते हुए उसकी जांघो पर हल्का सा मुक्का सा मार देता था.
फिर एक दिन मेडम ने लड़का लड़की को सीट पार्टनर बनाया और अनुश्री को मेरी पार्टनर बनाया. अब अनुश्री अपने आप ही मुझसे बहुत चिपक कर बैठती थी, अब मुझे उसके साथ बहुत मज़ा आता था. फिर धीरे-धीरे हम दोनों ज्यादा बातें करने लगे और थोड़ी बहुत गंदी बातें भी करते थे. फिर उसने मुझसे पूछा कि पेरिस की फुल फॉर्म क्या होती है?
मैंने कहा कि पता नहीं, तो वो बोली कि प्लीज़ बताओ, तो हमारे आगे वाले स्टूडेंट्स और हम दोनों हँसने लगे. ऐसे ही में कभी उसकी जेब में कुछ रखते हुए उसके बूब्स पर हाथ लगा देता तो कभी उसके कूल्हों पर स्केल से मार देता था. एक दिन में और अनुश्री स्कूल में जल्दी आ गये थे, अब वो और में अपनी सीट पर बैठे थे और हम गंदी बातें तो करते ही थे, अब में उसके कंधो पर अपना सिर रख देता था तो वो भी ऐसे ही करती थी. अब उस दिन में उसके कंधे पर अपना सिर रखकर बैठा था और मैंने उसकी जांघो पर हाथ रख दिया तो वो कुछ नहीं बोली और बस मुझे देखने लगी.
फिर मैंने अनुश्री की स्कर्ट ऊपर की और उसकी नंगी जांघों पर अपना हाथ फैरने लगा. अब उसे भी मज़े आ रहे थे, फिर मैंने अपनी बेल्ट को खोला और अपनी पेंट का एक हुक भी खोल दिया और आगे वाला हुक पीछे वाले में लगा दिया, जिससे मेरी पेंट ढीली हो गयी. फिर मैंने अनुश्री का हाथ पकड़ा और मेरी अंडरवियर में डाल दिया. अब मेरा लंड एकदम तना हुआ था और अब मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ने से अनुश्री की साँसे चढ़ने लगी थी.
फिर मैंने अपना हाथ अनुश्री की पेंटी में डाल दिया और मेरी एक उंगली से उसकी चूत को छेड़ने लगा. अब अनुश्री की आँखे चढ़ने लगी और वो पागल सी हो गयी थी. फिर मैंने अनुश्री की पेंटी में से अपना हाथ बाहर निकालकर उसकी शर्ट का एक बटन खोलकर अपना हाथ उसकी ब्रा में डाल दिया और उसका हाथ मेरी अंडरवेयर में ही रहा. अब मैंने उसका बूब्स खूब दबाया, फिर मैंने उसका हाथ हटाया और अनुश्री के होंठो पर किस किया और चूसने लगा.
फिर मैंने उसके होंठो को थोड़ा सा चूसा और फिर उससे कहा कि चल आ जा टायलेट में चलते है. फिर अनुश्री और में हम दोनों ही गर्ल्स टायलेट में घुस गये और अंदर से कुण्डी लगा दी. फिर मैंने अनुश्री के होठों को बहुत चूसा और फटाफट से अनुश्री की शर्ट उतार दी. अब उसके बूब्स बहुत मस्त लग रहे थे, इतने गोरे, थोड़े बड़े और एकदम तने हुए. फिर मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसकी स्कर्ट और फिर पेंटी भी उतार दी. अब अनुश्री मेरे सामने पूरी नंगी थी, बस उसने सैंडल पहने थे.
फिर मैंने पूरी नंगी अनुश्री के बदन के हर हिस्से को छुआ और चूमा. फिर अनुश्री ने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए और फिर मैंने अनुश्री से कहा कि तुझे चोदना है, तो उसने कहा कि नहीं, तो फिर मैंने दुबारा कहा, लेकिन वो नहीं मानी. फिर मैंने उससे कहा कि फिर लंड ही चूस ले, तो अनुश्री ने मेरा लंड अपने मुँह में लिया. अब हम दोनों खूब इन्जॉय कर रहे थे और डर भी लग रहा था. फिर मेरा पानी अनुश्री के मुँह पर ही बहुत जल्दी निकल गया और फिर हम बाहर आ गये. अब हम बैठते तो साथ ही थे. फिर अनुश्री ने मुझसे आई लव यू कहा तो मैंने भी उसे आई लव यू टू कहा.
फिर मैंने उससे कहा कि मुझे तुझे प्यार करना है तो अनुश्री ने कहा कि कहाँ? तो फिर में अनुश्री के घर पढ़ने के बहाने चला गया. फिर हमने खूब पढ़ाई की, अब उसकी मम्मी हमें देखने बार-बार आ रही थी. फिर ऐसे कई बार होने लगा, अब हम किस वगेरा करके पढ़ भी लेते थे, अब पढाई में हमारे नंबर ठीक आने से आंटी का शक थोड़ा कम हो गया था, अब अंकल तो होते नहीं थे. फिर एक दिन आंटी गुरुद्वारे चली गयी और अनुश्री की बहन कोंचिग गयी थी, अब हमें एक घंटे का मौका मिला था.
फिर मैंने अनुश्री को 1 मिनट में पूरी नंगी कर दिया और खुद भी पूरा नंगा हो गया. फिर मैंने अनुश्री के बूब्स को बहुत चूसा और उसके होठों को भी बहुत चूसा और मैंने अनुश्री को हर जगह चूमा. फिर मैंने उसकी टांगे फैलाई और उसकी चूत में अपना लंड हल्का सा घुसाया तो वो थोड़ी सी चिल्लाई. फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया.
फिर में दुबारा उससे चिपका और उसे स्मूच की और 1 मिनट के बाद फिर से कोशिश की, तो इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया. उसने कहा कि बहुत दर्द हो रहा है, फिर हम दोनों 5-10 मिनट तक नंगे ही चिपके रहे और स्मूच करते रहे. फिर अनुश्री ने कहा कि अब डाल दो, अब में अनुश्री के ऊपर था. फिर मैंने उसकी थोड़ी टांगे हटाई और अपने लंड को फिर से अनुश्री की चूत में डाल दिया और इस बार मैंने अनुश्री के साथ 5 मिनट तक संभोग किया. अब मेरा पानी निकलने लगा था तो मैंने मेरा सारा पानी बाहर निकाल लिया और फिर दुबारा से संभोग किया.
फिर मैंने अनुश्री को पूरी नंगी हालत में ही कहा कि वो मैगी बना ले. अब वो किचन में पूरी नंगी हो कर मैगी बना रही थी और में उसके हर अंग को चूम रहा था और खेल रहा था. फिर मैंने उसके दोनों बूब्स को बहुत चूसा, अब वो दोनों लाल हो चुके थे. फिर मैंने किचन में ही अनुश्री के पीछे से उसके नंगे नितंबों के बीच में अपना लंड टच किया और कहा कि अब डाल दूँ. तो उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चूत में डाल दिया. फिर मैंने दुबारा से उसके साथ सेक्स किया. अब मेरा मन ही नहीं कर रहा था कि अनुश्री कपड़े पहने, मुझे वो पूरी नंगी इतनी अच्छी लग रही थी. फिर ऐसे ही कई बार हमारा सीन बन जाता था और मैंने 1 साल तक अनुश्री के साथ बहुत संभोग किया.
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