नैना की सील तोड़ी बड़े प्यार से

हैल्लो दोस्तों, में प्रिन्स अब सभी खड़े लंडो का माल निकालने और प्यारी चूतो को गीला करने के लिए फिर से हाजिर हूँ. ये कहानी एक साल पहले की है जब में मीटिंग के लिए दिल्ली से मुंबई गया था. हम एक पाँच सितारा होटल में रुके थे और लगभग वहाँ 55 लोग थे, जिसमें 3 लडकियाँ थी.
उसमें से एक लड़की थी नैना, जो कि दिल्ली से ही हमारे साथ में गयी थी. वो मेरे बहुत करीब थी और मेरी उससे जान पहचान थी और में कभी उस पर फ्लर्ट भी करता रहता था, क्योंकि में उसका सीनियर था तो वो हमेशा हंस देती थी. उसकी उम्र 22 साल थी और उसकी हाईट 5 फुट 3 इंच के आस पास थी और उसका फिगर साईज 32-26-30 था. वो बहुत स्लिम ट्रिम और एक्टिव थी. में हमेशा से उसकी चूची को छूना चाहता था और मन में हमेशा सोचता रहता था कि इसकी चूत कितनी प्यारी और कितनी मुलायम होगी? कई बार तो मैंने अपना माल ये सोचकर ही निकाला है. मेरी हाईट 5 फुट 11 इंच है, मेरे लंड का साईज़ इतना है कि किसी भी चूत का भोसड़ा बन सकता है, मेरा फेयर कलर और वजन 70 किलोग्राम है.
अब में वापस स्टोरी पर आता हूँ और हम सभी को डबल शेयरिंग पर रूम मिले थे और वह 3 गर्ल्स थी, तो एक को अकेले रूम मिलना ही था. अब हम शाम को लगभग 5 बजे मुंबई पहुँचे थे और फिर हम दिल्ली वाले सभी 12 लोगों ने घूमने का प्रोग्राम बनाया और हम जुहू और मरीन ड्राइव घूमकर लगभग 11 बजे रात में वापस आए. इस बीच मैंने नैना से ढेर सारी बातें की और बीच-बीच में फ्लर्ट भी करता रहा.
अब वो भी मेरी हरकतों को इग्नोर कर रही थी, फिर होटल वापस आकर हमने डिनर किया और अपने-अपने रूम में चले गये, क्योंकि सुबह 9 बजे मीटिंग शुरू होनी थी. फिर रूम में पहुँचकर मैंने अपने कपड़े चेंज किए और मेरा रूम पार्ट्नर गुजरात से था. फिर थोड़ी देर तक मैंने उससे बातें की और फिर वो सो गया. अब मुझे नींद नहीं आ रही थी और अब बार-बार नैना की चूत मेरे दिमाग़ पर हावी हो रही थी. फिर मैंने अपना मोबाईल उठाया और उसे एक मैसेज किया
में – सो गई क्या?
नैना – नहीं, नींद नहीं आ रही है.
में – क्यों?
नैना – मुझे अकेले में नींद नहीं आती है, में रोज अपनी माँ और बहन के साथ जो सोती हूँ.
में – में तुम्हारी बात से सहमत हूँ, लेकिन तुम्हारी माँ और बहन तो यहाँ आ नहीं सकती, तो में आ जाऊं.
फिर उसका कोई रिप्लाई नहीं आया तो मैंने सोचा कि वो नाराज हो गई होगी. फिर मेरा खड़ा लंड तुरंत ढीला हो गया. अब लगभग में सोने वाला था कि तभी मुझे एक मैसेज आया तो जैसे ही मैंने देखा तो ये नैना का मैसेज था और उसमें 808 लिखा था. फिर में तुरंत उठा, लेकिन उससे भी पहले मेरा लंड उठ चुका था, शायद अब मेरा लंड ये समझ गया था कि आज ये जन्नत के दर्शन करके उसमें एंट्री करने वाला है. फिर में आठवें फ्लोर पर पहुँचा और डोर बेल बजाई, तो नैना ने दरवाजा खोला. वो पिंक नाइटी में बहुत सेक्सी और हॉट लग रही थी.
अब मेरा मन तो किया कि बस अभी इसे खा जाऊं, लेकिन फिर मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया और बोला कि क्या इरादा है? माँ चाहिए या बहन. फिर उसने मुझे स्माइल दी और कहा कि आप बताओं क्या बनना है? माँ को में चिपकती हूँ और बहन मुझसे चिपककर सोती है. फिर मैंने बोला कि फिर तो बहन ही बनना अच्छा है और कहकर बिना एक सेकेंड की देरी किए उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया, अब में उसे बहुत ज़ोर से पकड़े हुए था.
फिर मैंने उसके गाल पर किस किया और अब वो पूरी लाल हो रही थी. फिर मैंने बड़े प्यार से अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए तो मुझे ऐसा लगा जैसे में गुलाब की पंखुड़ी पर अपने होंठ लगा रहा हूँ. अब उसकी आँखे बंद हो गई थी. अब में धीरे-धीरे उसके नाज़ुक होंठो को एक-एक करके पी रहा था. अब वो भी मेरा साथ दे रही थी, फिर उसने अपना मुँह खोला तो मेरी पूरी जीभ उसके मुँह में समा गई.
अब मुझे पता ही नहीं चला था कि कब मैंने उसे बेड पर लेटा दिया था. अब मेरा एक हाथ उसके सिर के नीचे था और मेरा दूसरा हाथ उसके बूब्स पर था और में उसकी नाइटी के ऊपर से ही उसे बड़े प्यार से सहलाने लगा था. अब वो बहुत तड़प रही थी. फिर धीरे-धीरे मेरा हाथ उसकी नाभि के पास गया और फिर मैंने उसकी नाइटी की बेल्ट खोल दी.
फिर में हल्का सा उठा और पर्दे की तरह अपने दोनों हाथों से उसकी नाइटी दोनों साईड से हटाई, तो मैंने एक बहुत गहरी साँस ली और बस उसे कुछ देर तक देखता ही रहा. अब उसने पिंक ब्रा और जालीदार पिंक पेंटी पहनी थी, वो शायद मेरी जिंदगी का सबसे शानदार सीन था. अब उसकी आँखे बंद थी, फिर मैंने जल्दी से अपने कपड़े उतारे और उसके हाथ में जलता हुआ अपना लंड पकड़ा दिया, उसे ये बताने के लिए कि आज यही 8 इंच का गर्म फौलादी लंड तेरी चूत को फाड़ने वाला है. अब वो सकपका गयी और उसने जल्दी से अपना हाथ हटाया. मैंने फिर से उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया और वो बोली कि ये तो बहुत ही गर्म है और इतना बड़ा है.
फिर मैंने कहा कि जान चिंता ना करो ये तेरी चूत में जाकर छोटा हो जाएगा. फिर वो शरमा गयी, शायद पहली बार उसे ऐसा किसी ने बोला था. फिर मैंने उसकी ब्रा निकाली और फिर एक-एक करके उसके निपल्स चूसने लगा और बीच-बीच में उसकी चूत पर भी काट रहा था. अब वो बिन पानी की मछली की तरह बहुत तड़प रही थी.
फिर में धीरे-धीरे उसके निपल्स से नाभि और फिर उसकी चूत के ऊपर के हिस्से पर किस करता हुआ पहुँचा. अब उसने अपने दोनों पैर बंद किए हुए थे. फिर मैंने बड़े प्यार से उसके दोनों पैर खोले और उसके दोनों पैरो के बीच में आ गया. अब मैंने पहली बार उस जन्नत के दर्शन किए थे. दोस्तों क्या चूत थी उसकी? छोटे-छोटे रेशमी मुलायम बाल के बीच में वो पिंक चूत चमक रही थी. शायद वो चमक उस अमृत की छोटी-छोटी बूँदो के कारण थी, जो शायद अभी बाहर आई थी. फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत को चाटना शुरू किया और अब में उस अमृत की एक-एक बूँद को पीकर अमर होना चाहता था, तो में पीता गया, पीता गया और अब वो पागल हुए जा रही थी. अब उसने मेरा सिर पकड़कर अपनी चूत पर दबाया हुआ था.
फिर उसने मुझे बहुत ज़ोर से पकड़ा और फिर वो अकड़ने लगी. शायद अब उसकी नदी के बहने का टाईम आ गया था और फिर उसने अपना काफ़ी सारा अमृत मुझे दे दिया और में उसे पूरा पी गया. फिर मैंने उसको मेरा गर्म लंड अपने मुँह में लेने के लिए बोला, लेकिन वो नहीं मानी और बोली कि जहाँ देने की जगह है वहाँ दे दो, बस अब इंतजार नहीं हो रहा है.
फिर में उसके ऊपर आया और अपने हाथ से अपने 2 इंच मोटे लंड का टोपा उस जन्नत के यानि उसकी चूत के मुँह पर रखा और हल्का सा दबाया तो वो उछल पड़ी और बोली कि इतना लंबा तो है ही, लेकिन ये इतना मोटा भी है, ये अंदर नहीं जा पाएगा, प्लीज़ रहने दो, ये मेरी बुरी हालत कर देगा और वैसे भी में पहली बार ऐसा कर रही हूँ. फिर मैंने सोचा कि अगर इसका पहली बार है तो खून आने का ख़तरा है और वो बेडशीट खराब कर देगा इससे सुबह दिक्कत हो सकती है.
फिर मैंने उसे प्यार से अपनी गोद में उठाया और ज़मीन पर बिछे लाल कारपेट पर प्यार से लेटा दिया. फिर उसने पूछा कि क्या हुआ? तो मैंने बोला कि कुछ नहीं यहाँ आराम से होगा. फिर मैंने दुबारा से अपने लंड का टोपा उसकी कोमल चूत के मुँह पर रखा और एक मीडियम सा झटका दिया तो वो तड़प गयी और बोली कि बाहर निकालो इसे अभी, प्लीज़ मुझे छोड़ दो.
फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और स्मूच शुरू कर दी. फिर जैसे ही वो थोड़ी शांत हुई तो मैंने अपने पूरे जोर के साथ एक धक्का दिया और उसे जकड़ कर पकड़ लिया. अब उसकी चीख जोर से निकल पड़ी थी. अब उसकी आँखे नम थी, शायद उसे बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन मैंने उसे बिना हीले बस जकड़ कर पकड़े रखा था.
फिर धीरे-धीरे वो नॉर्मल हुई तो मैंने अचानक आगे पीछे करना शुरू किया. अब धीरे-धीरे मेरी स्पीड बढ़ रही थी और अब वो भी अपनी चूत बार-बार ऊपर कर रही थी. अब में अपनी फुल स्पीड में पहुँच गया था और अब वो भी अपनी फुल स्पीड में आ चुकी थी. फिर मैंने उसे चोदते हुए देखा तो अब मेरा लंड खून में लाल था और अंदर बाहर जा रहा था. शायद वो सच बोल रही थी कि ये उसका पहली बार है.
फिर लगभग 25 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और सारा माल उसके बूब्स और पेट पर गिरा दिया और फिर हम ऐसे ही पड़े रहे. फिर थोड़ी देर के बाद जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि 4 बज चुके थे. फिर मैंने उसे उठाया और बेड पर लेटाया. अब वो सही से चल भी नहीं पा रही थी. फिर में जल्दी से अपने रूम की तरफ़ गया और 3 घंटे और सोया. फिर जब में मीटिंग में पहुँचा तो मैंने देखा कि वो एकदम फ्रेश लग रही थी, लेकिन मुझे उसके चलने में दिक्कत नज़र आ रही थी.
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तीन मस्त लोड़ो ने पूरी रात चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सोनिया है और में चुरु के पास एक छोटे से गाँव में रहती हूँ और में अपनी नौकरी के लिए तैयारी कर रही हूँ. मेरी दो दोस्त की मुझसे पहले ही नौकरी लग चुकी है और उनमे से एक की तो कुछ समय पहले शादी भी हो गई.
दोस्तों हम सभी का एक बहुत अच्छा दोस्त है जिसका नाम रेहान है और उसकी उम्र 21 साल, वो लंबा और पतला सा बहुत अच्छा दिखने वाला लड़का है. दोस्तों वो भले ही एक टेक्सी ड्राईवर है, लेकिन उसने करीब 9 महीने पहले हम तीनों को पहली बार चोदा था और तब से में उसे राज़ा ही बोलती हूँ और अब में उससे शादी करना चाहती हूँ, लेकिन मेरे घरवाले किसी भी टेक्सी ड्राइवर से मेरी शादी नहीं करेंगे और इस बात का मुझे पूरा पता है, क्योंकि मेरे पापा की हमारे पूरे गाँव में बहुत इज़्ज़त है और मेरे यह सब करने की वजह से उनकी इज्जत खराब होगी.
फिर मैंने एक दिन मन ही मन फैसला लिया कि में मेरे रेहान राज़ा के साथ ऐसे ही मज़े लेती रहूँगी और अपनी बची हुई पढ़ाई के सिलसिले में मैंने चुरु में एक रूम ले लिया था और फिर वहाँ पर में एकदम अकेली ही रहती हूँ और हर कभी अच्छा मौका पाकर में रेहान से मिल भी लेती हूँ और रेहान की हर बात को में हमेशा मानती थी, क्योंकि उसने ही मुझे पहली बार आज से 9 महीने पहले चोदा और मुझे वो सब सुख दिया और मेरी कुंवारी चूत और गांड को फाड़ दिया था.
दोस्तों रेहान ने कुछ दिन पहले मुझसे कहा कि जैसे तुम तीनों लड़कियों ने 9 महीने पहले मुझसे चूत और गांड मरवाई थी वैसे ही में और मेरे दो दोस्त एक साथ मिलकर तेरी चूत और गांड को मारेंगे.
मैंने उसकी यह बात सुनकर हंसकर टाल दिया और मैंने रेहान से कहा कि तू मेरी चूत और गांड से बदला लेगा और मेरी यह बात सुनकर वो भी हंसने लगा, लेकिन मेरे मन से यह बात निकली नहीं थी. दोस्तों मुझे रेहान के अलावा आज तक किसी ने नहीं चोदा था. रेहान के लंड में कितना दम है वो मेरी चूत और गांड के अलावा कोई नहीं जान सकता.
अब रेहान ने भी जितना मज़ा मेरी चूत और गांड का लिया उतना किसी का नहीं लिया था. रेहान जब भी मुझे चोदता तो वो अपने लंड के टोपे को मेरी चूत और गांड में फंसाकर मुझे बहुत गरम करता और उसके लंड की साईज़ 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था और उसके लंड का टोपा 2 इंच मोटा और लाल कलर का था.
अब मेरी चूत और गांड पूरी तरह से खुल चुकी थी, लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं था कि 3-3 लड़के एक साथ मुझे चोदे और मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़े. अब आख़िर वो टाईम भी आ गया जब रेहान का प्लान पूरा होने वाला था. उसने मुझे कॉल किया कि आज चुरु में ही रहेगी या गाँव जाएगी? तो मैंने बोला कि में तो यहीं रहूँगी और मैंने उससे कहा कि राज़ा मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही है, प्लीज तुम आ जाओ ना. फिर वो फोन पर हंसते हुए बोलने लगा कि रानी में जरुर आऊंगा भी और आज रात में तुझे बहुत कुछ दूंगा.
दोस्तों रेहान के साथ मैंने रात में कभी सेक्स नहीं किया था. उसके साथ जब भी सेक्स किया वो दिन में ही किया था, क्योंकि रात में चुदाई का मौका हमे कभी मिलता ही नहीं था. फिर मैंने उस दिन मेरी चूत के बाल मेरे राज़ा के लिए साफ कर लिए और ब्यूटी पार्लर जाकर अच्छे से तैयार हो गई और मार्केट जाकर गुलाबी कलर की नई ब्रा और पेंटी जाली वाली ले आई, क्योंकि यह कलर रेहान को बहुत अच्छा लगता था और चुदाई के काम में आने वाले सामान क्रीम और तेल मेरे पास पहले से ही थे, वो सब मुझे मेरी एक दोस्त माया जो एक नर्स है उसने लाकर दिए थे और अब में अपने राज़ा के लिए तैयार होकर उसका इंतज़ार करने लगी.
फिर इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया मैंने दरवाजे के छेद में से बाहर देखा तो मुझे बाहर रेहान खड़ा नज़र आया और उसके साथ करीब 18-19 साल के दो लड़के और वो दोनों भी दिखने में अच्छे और तन्दुरुस्त लग रहे थे, लेकिन में अब रेहान के साथ दो और लड़के देखकर थोड़ा सा घबरा गई, लेकिन फिर भी मैंने मेरे रेहान राज़ा के लिए दरवाजा खोल दिया. फिर वो तीनों अंदर आ गये और मैंने तीनों को बैठाकर पानी पिलाया उस समय रात के करीब दस बज चुके थे.
दोस्तों रेहान की तरह ही उनका भी शरीर साफ था और रेहान ने उनसे मेरा परिचय करवाया और उनके बारे में मुझे बताया. उनमे से एक का नाम इरफ़ान था और वो एक सिनेमा हॉल में नौकरी करता है, दूसरे का नाम शाहिद था और वो कभी कभी रेहान की टेक्सी चला लेता था.
दोस्तों मेरा कमरा इतना सुरक्षित है कि वहां पर किसी की नज़र नहीं पड़ती कि कौन आ रहा है और कौन जा रहा है? अब हम चारों एक दूसरे को चुपचाप देख रहे थे कि तभी मैंने महसूस किया की इरफ़ान और शाहिद को रेहान धोखे से मेरे रूम पर लेकर आया था, इसलिए वो मेरी जालीदार स्कर्ट जिसमे से मेरी पेंटी साफ साफ नज़र आ रही थी उसे देखकर अजीब सा महसूस कर रहे थे.
अब रेहान ने मुझे आँख मारकर इशारा कर दिया कि आज हम तीनों तेरी प्यास को दूर करेंगे और अब मैंने ज़्यादा टाइम खराब ना करते हुए रेहान के प्लान को अंजाम तक पहुँचाने की शुरुआत कर दी, क्योंकि में रेहान की हर बात की बहुत इज्जत करती थी और रेहान की वजह से मुझे उन दोनों से भी कोई डर नहीं था.
अब मैंने बाथरूम में जाकर मेरी स्कर्ट के हुक को ऐसे लगाया कि अगर में उनके सामने हल्की सी भी झुक जाऊँ तो मेरी स्कर्ट अपने आप नीचे गिर जाए और फिर बाथरूम से बाहर आकर में उनके सामने जाकर पानी का गिलास उठाने के लिए झुकी तो मेरी स्कर्ट गिर गयी और उस समय मेरे चूतड़ शाहिद की तरफ थे.
अब में वापस बाथरूम में भागने का नाटक करते हुए लड़खड़ाकर रेहान और इरफ़ान के बीच गिर गई और इरफ़ान की पेंट में लंड की जगह पर मेरा एक हाथ आ गया और अब में चोर नज़र से देख रही थी कि रेहान के साथ साथ उन दोनों का लंड भी पेंट के अंदर ही अंदर हरकत करने लगा और इसी के साथ वो तीनों लंड मुझ पर टूट पड़े.
रेहान मेरे बूब्स को दबा रहा था तो इरफ़ान मेरी चूत पर हाथ रगड़ रहा था और शाहिद मेरे चूतड़ दबा रहा था. अब रेहान ने मेरी ब्रा तो इरफ़ान ने मेरी पेंटी को उतार दिया था. वैसे उसमे उतारना क्या था वो तो वैसे ही जालीदार थी, लेकिन उनके इरादे और मेरे प्लान के अनुसार चूत और गांड की चुदाई के लिए यह सब उतारना बहुत ज़रूरी भी था.
दोस्तों इरफ़ान तो साला सबसे तेज लग रहा था और शाहिद भी रेहान से कम नहीं था और मेरे रेहान राज़ा को तो मैंने पहले भी कई बार आजमाया हुआ था. अब में उनके सामने बिल्कुल नंगी थी और उन तीनों मदारचोदो ने अभी तक तो अपने अपने ऊपर के कपड़े भी नहीं उतारे थे तो मैंने इरफ़ान की शर्ट को उतार दिया और उसकी जीन्स को खोलने के लिए उसका हुक निकाल दिया.
दोस्तों पता नहीं क्यों, लेकिन आज में इरफ़ान की तरफ कुछ ज़्यादा ही आकर्षित हो रही थी और अब मैंने उसकी पेंट को भी उतार दिया तो उसके हाथ, पैर और जांघे एकदम टाईट और मस्त लग रही थी. फिर मैंने रेहान की शर्ट और पेंट को भी उतार दिया और वो पीछे पलटकर मेरे चूतड़ को दबा रहा था और मैंने शाहिद की टी-शर्ट और पेंट को भी उतार दिया, जिसकी वजह से अब शाहिद भी अब बिल्कुल नंगा हो गया था, क्योंकि उसने अंदर कुछ नहीं पहना हुआ था.
अब मैंने उसके लंड को छेड़ा और कहा कि क्यों नौजवान अंडरवियर नहीं पहनता? तो वो बोला कि क्या करूं यार मेरा एक दोस्त और एक गर्लफ्रेंड मुझसे मना करते है.
शाहिद का लंड भी रेहान जैसा ही था और उसका टोपा गुलाबी नहीं होकर बिल्कुल लाल था, जिसको देखकर ऐसे लग रहा था कि जैसे खून निकलने वाला है और उसकी जांघे एकदम पतली थी, लेकिन देखते ही उसमे दम लग रहा था, क्योंकि वो अभी अभी तो जवान हुआ था. अब मैंने रेहान की अंडरवियर और बनियान को भी उतार दिया और उसको यह मैंने ही उसके जन्मदिन पर दी थी.
मैंने रेहान के लंड को किस किया और उसके आंड को अपने मुहं में लेकर चूसा तो शाहिद अपने लंड से मेरी गांड की दोनों दीवारों के बीच हरकत करने लगा. फिर मैंने उससे कहा कि शाहिद बेटा थोड़ी तस्सली रख, अभी तो मैंने तेरे लंड को चूसा ही नहीं, इसलिए अभी मेरी गांड का नंबर नहीं आ सकता. अब वो मेरे बूब्स को दबाने लगा और इरफ़ान ने मेरे चूतड़ दबाने शुरू कर दिए और अब इरफ़ान का लंड उसकी वी शेप वाली अंडरवियर से एक तरफ से बाहर निकल रहा था. फिर मैंने उसकी अंडरवियर उतारकर उसको भी पूरा नंगा कर दिया.
फिर उसके फनफनाते हुए नाग ने मेरे चूतड़ पर ज़ोर से मारा तो मुझे ऐसे लगा जैसे उसने किसी डंडे की मारी हो. दोस्तों आप विश्वास नहीं करोगे उसका लंड तो उन तीनों में सबसे मोटा और लंबा और बिल्कुल सुडोल था और उसके टोपे पर चमड़ी तो थी ही नहीं और आगे का टोपा 3 इंच का था और टोपे का आकार मशरूम जैसा था जो किसी भी चूत या गांड में घुस जाए तो बाहर निकलते समय अंदर का सब कुछ बाहर निकल दे और इतने भयंकर टोपे के साथ ही लंड की लम्बाई 7 इंच थी.
फिर मैंने ज़ोर से सिसकियाँ भरी और लंड को चूसने लगी. में अब एकदम पागल हो चुकी थी कि 18 साल का लड़का और उसका यह कमाल का लंड. मेरे मन की आवाज़ सुनकर इरफ़ान ने बहुत धीरे से मुझसे बोला कि पगली में हर दिन 10 किलोमीटर दौड़ लगता हूँ और 1 घंटे फुटबॉल भी खेलता हूँ और जिम भी करता हूँ और मेरे नाग की भी में सांडे के तेल से लगातार मसाज करता हूँ और उसकी यह सभी बातें सुनकर तो में और भी जोश में आ गई. अब मैंने इरफ़ान का लंड चूसा और जीभ से उसकी गांड को भी चाटा और उसकी गांड के छेद में अपनी जीभ को फंसाने की कोशिश करने लगी.
मुझे बहुत मज़ा आया और वो भी 69 पोज़िशन में आकर मेरी चूत और गांड को बारी बारी से चाटने लगा वो मेरी चूत के दाने को भी चाट रहा था और उधर शाहिद मेरे चूतड़ और रेहान मेरे निप्पल को दबा रहा था. में इरफ़ान की गांड पर और इरफ़ान मेरी गांड पर मार रहा था, जिससे मेरी गांड पर उसके हाथों के निशान बन गये थे और ऐसा करने से हम दोनों को बहुत जोश आ रहा था और इतने में करीब 30-35 मिनट के बाद में हम दोनों अकड़कर झड़ गये और इरफ़ान के लंड का गरम गरम लावा मेरे मुहं में पिचकारी की तरह निकल गया और में उसके लंड के पानी को पूरा पी गयी और अब मेरा पानी मेरी चूत से बाहर बहने लगा जिसको इरफ़ान पीकर शांत हो गया और फिर इरफ़ान वहीं पर लेट गया और में उसे सम्भालने लगी.
दोस्तों अब रेहान और शाहिद मुझ पर भूखे की तरह टूट पड़े शाहिद और रेहान ने मेरी चूत और गांड को चाटा और में उन दोनों के लंड का जूस बारी बारी से पी गई और जैसे ही में झड़ी तो मेरा जूस भी वो दोनों आधा आधा बाँटकर पी गये. दोस्तों में इस बीच दो बार झड़ चुकी थी और झड़ने के बाद अब हमने करीब दस मिनट तक थोड़ा सा आराम किया और हम सभी ने कॉफी पी, लेकिन हम सभी तब भी एकदम नंगे ही थे.
उस समय तक रात के 12.30 बज चुके थे, लेकिन तब तक भी मेरी चूत और गांड की चुदाई नहीं हुई थी. फिर उन तीनों ने मिलकर मुझे डॉगी स्टाइल में करके मेरे दोनों पैर तो बेड पर रख दिए और मेरे आगे का हिस्सा कुर्सी पर एक तकिया रखकर मेरी ऐसी पोज़िशन बनाई कि यह तीनों लंड एक साथ मेरी चूत, गांड और मेरे मुहं की चुदाई कर सके और साथ ही साथ मेरे निप्पल और चूतड़ और जांघे भी एक साथ दबा दबाकर मसाज भी कर सके. फिर मुझे उसी पोज़िशन में तैयार करके उन्होंने तेल और क्रीम से मेरे पूरे शरीर की मसाज की और तेल और क्रीम मेरी गांड और चूत पर कुछ ज़्यादा ही लगा रहे थे.
जिसकी वजह से मुझे अंदर से ठंडक महसूस हो रही थी और हल्की हल्की गुदगुदी भी हो रही थी कुल मिलाकर यह तेल और क्रीम के साथ मसाज की भी तैयारियां हो रही थी और वो सब मेरी चूत और मेरी गांड में इरफ़ान के लंड का मोटा टोपा घुसाने की तैयारियां थी. में यह सब समझ चुकी थी और मुझे तो केवल और केवल इरफ़ान का लंड और उसका मोटा टोपा ही नज़र आ रहा था और अब यह सब सोच सोचकर में बहुत ज़्यादा जोश में आ रही थी.
मुझे मेरी चूत की ज़्यादा टेंशन नहीं थी, क्योंकि वैसे भी हर चूत में कितना भी मोटा लंड लेने की क्षमता और लचीलापन वैसे भी कुछ ज़्यादा ही होता है और ऊपर से रेहान 9 महीने से मेरी गदराई हुई चूत का भोसड़ा बनाने की शुरुआत तो बहुत पहले से ही कर चुका था.
अब में उनसे अपनी तरफ से कुछ भी नहीं कर रही थी, क्योंकि मुझे रेहान ने मना कर दिया था कि तुम तो इसी पोज़िशन में रहो, अब जो भी करेंगे हम ही करेंगे और में मेरे राज़ा की बात मानकर चुपचाप मज़े लिए जा रही थी. अब रेहान ने अपना लंड मेरे मुहं में दे दिया और इरफ़ान ने नीचे जाकर अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया, जो बार बार गांड के छेद की तरफ जा रहा था और शाहिद ने मेरे ऊपर पोज़िशन बनाकर मेरी गांड की दोनों दीवारो के बीच क्रीम के साथ अपने लंड को स्पीड से रगड़ना शुरू किया जो फिसलकर चूत की तरफ जा रहा था, लेकिन शाहिद के लंड का टोपा तो फिर भी चूत और गांड के छेद पर कुछ अटक रहा था जबकि इरफ़ान के लंड का टोपा तो ऐसे फिसल रहा था जैसे मार्बल के फर्श पर पानी में पैर फिसल रहे हो.
फिर करीब दस मिनट बाद उन सभी ने अपनी अपनी जगह बदल ली थी, जिसकी वजह से अब रेहान मेरे नीचे और शाहिद मेरे ऊपर तो इरफ़ान मेरे मुहं की तरफ आकर तीनों अपने अपने काम में लग गये थे, लेकिन मुहं के अलावा चूत और गांड में उनके लंड अंदर नहीं जा रहे थे और रेहान जानबूझ कर लंड नहीं घुसा रहा था क्योंकि वो आज मुझे नये लंड से चुदवाना चाहता था, लेकिन फिर भी रेहान ने मेरी गांड पर लंड का टोपा रखकर ज़ोर का धक्का मारा तो वो मेरी गांड में फंस गया और उसने क्रीम लगाकर धीरे धीरे मेरी गांड को धक्को से उन दोनों के लंड के लिए खोल दिया.
फिर करीब दस मिनट बाद फिर से उन्होंने अपनी जगह बदल ली और अब इरफ़ान मेरी गांड पर अपना टोपा रखकर ज़ोर लगाने लगा, लेकिन मेरी टाईट गांड में उसका टाईट लंड भी अंदर नहीं जा सका और इस बीच रेहान ने मेरी चूत में लंड डालकर 5-6 बार रगड़कर बाहर निकाल दिया ताकि नये लंड के लिए चूत का मुहं कुछ खुल जाए.
दोस्तों में एक बात तो साफ कर दूँ कि रेहान ने मेरी गांड और चूत में जो 5-6 धक्के लगाए थे वो मुझे चोदने के इरादे से नहीं, लेकिन उन दोनों लंड के लिए मेरी गांड और चूत में रास्ता साफ तैयार करने के लिए लगाए थे. अब वो दोनों लंड मुझे चोदने के लिए बिल्कुल तैयार थे और इतने में शाहिद ने सही मौका देखकर अपने लंड का टोपा एक जोरदार धक्के के साथ मेरी गांड में डाल दिया.
मुझे दर्द हुआ, क्योंकि वो बिल्कुल अनाड़ी की तरह कर रहा था और वो मेरी गांड का सत्यानाश करने पर तुला हुआ था और नीचे से रेहान मेरी चूत को चोद रहा था जिससे मुझे थोड़ा दर्द कम हो गया था. फिर से अनाड़ी शाहिद ने मेरी गांड में जड़ तक पूरा का पूरा लंड 3-4 धक्को के साथ घुसा दिया और तेज धक्के देकर चोदने लगा और उसका लंड बिल्कुल रेहान जैसा था, इसलिए मुझे उससे गांड मरवाने में कोई परेशानी नहीं हुई.
अब रेहान मेरे मुहं के पास चला गया और मेरा सपनों का राजकुमार इरफ़ान मेरे नीचे आकर मेरी चूत को चोदने लगा तो मेरी चूत में उसका टोपा नहीं गया. फिर रेहान ने मेरी जगह बदलवाई, क्योंकि उसको पता था कि लड़की कैसे चुदती है और उसने मुझे सीधा लेटाकर मेरी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया और शाहिद और रेहान ने मेरे दोनों पैरों को ऊपर करके एक साईड में फैला दिया.
अब मेरी चूत पूरी खुल गई थी और इरफ़ान अपना लंड लेकर मेरी चूत पर आ गया और उसने अपने लंड का टोपा मेरी चूत पर रगड़ा तो पहली बार लंड मेरी चूत के छेद पर जाकर रुका और उसने ज़ोर से धक्का मारा तो मेरी चूत फिर से फट गई और दर्द के साथ उसका टोपा मेरी चूत में फंस गया, जिसकी वजह से में तड़प रही थी, लेकिन उन कुत्तों ने मुझे कसकर पकड़ रखा था और थोड़ा रुककर वो मुझे फिर से चोदने लगे थे और उन्होंने अपनी स्पीड को बड़ा दिया तो मुझे मज़ा आने लगा और मौका देखकर इरफ़ान मुझे लेकर खड़ा हो गया और मैंने उसकी गर्दन पर हाथ डालकर उससे लटक लटककर मज़े लेने लगी और फिर वो उसी पोज़िशन में मुझसे नीचे आ गया और में उल्टी हो गई तो अब ऊपर से मेरी गांड भी खुल गई थी.
अब मौका पाकर शाहिद मेरी गांड मारने लगा और अब मेरी दोनों तरफ से भयंकर चुदाई हो रही थी और मैंने भी रेहान का लंड मुहं में ले लिया. फिर करीब 15-20 मिनट तक हमारी चुदाई चलती रही और में बिल्कुल पागल और एकदम बेसुध हो गई थी और अचानक मुझे लगा कि में अब झड़ने वाली हूँ तो उन तीनों ने भी अपनी धक्कों की स्पीड को और भी बढ़ा दिया था और उनके लंड अब पूरे अंदर तक जा रहे थे और मुझे इरफ़ान के धक्के सबसे ज़्यादा ख़तरनाक लग रहे थे और कुछ देर बाद उन तीनों का एक साथ पानी निकल गया और मेरी चूत और गांड और मुहं एक साथ लंड के गरम गरम लावे के सैलाब से भर गये.
फिर में रेहान का पूरा पानी पी गई और शाहिद का पानी मेरी गांड में भरकर मुझे अच्छा लग रहा था और उसी मस्ती में चूत ने भी पानी निकाल दिया जो इरफ़ान के लंड के टोपे की वजह से अंदर ही रुका हुआ था और हम सभी 5 मिनट तक इस पोज़िशन में रहे और जैसे ही हम अलग हुए तो इरफ़ान के टोपे के मेरी चूत से बाहर निकलते ही मेरी चूत से मेरी चूत के जूस और इरफ़ान के लंड के पानी का लावा बाहर निकलने लगा.
अब मैंने थोड़ा संभलकर रेहान, शाहिद और इरफ़ान के लंड को चाटकर साफ किया और फिर तब तक रात के 2.45 हो चुके थे और उस ताबड़तोड़ चुदाई से में भी बहुत थक चुकी थी. फिर हमने करीब 30 मिनट तक आराम कर लिया. फिर रेहान ने हम सबके लिए चाय बनाई और तब तक इरफ़ान मेरे सर को गोद में लेकर सहलाता रहा और शाहिद भी बहुत प्यार से अपने मुलायम मुलायम हाथों से मुझे सहला रहा था. जिससे मुझे ऐसा लग रहा था कि उनको मुझसे लगाव हो गया है और इरफ़ान तो कुछ ज्यादा ही भावुक हो रहा था, लेकिन हमारे पास आज की चुदाई के लिए 5 बजे तक का ही समय बचा था.
फिर चाय पीकर फिर से मेरी एक और चुदाई होने वाली थी और में इतने लंड लेकर भी भूखी शेरनी की तरह उनके लंड फिर से लेने के लिए बैताब थी और वो तीनों लंड भी इसी फिराक में थे, क्योंकि शाहिद को मेरी चूत लेनी थी और इरफ़ान को मेरी गांड लेनी थी. अब हमने तेल और क्रीम से एक दूसरे की मसाज करनी शुरू की तो वो अपने लंड से मेरी गांड और चूत में क्रीम और तेल से उंगली कर रहे थे और यह सब देखकर मैंने भी क्रीम और तेल से उनकी भी गांड में उंगली डाल दी और मैंने महसूस किया कि रेहान और इरफ़ान की गांड बहुत टाईट थी, लेकिन शाहिद की गांड में उंगली बहुत आराम से चली गयी और उसको मज़ा भी आने लगा तो मुझे ऐसा लगा कि वो अपनी गांड भी मरवाता है.
अब वैसे उससे मुझे क्या करना था? वो उसकी गांड थी जो करे वो करे और में भी तो तीन तीन लंड से गांड मरवा रही थी. फिर ऐसा करते करते 4 बज गये थे और हमारे पास चुदाई के लिए अब एक घंटा ही बचा था. फिर रेहान ने शुरुआत की और उसने मेरी चूत में लंड के 8-10 धक्के दे दिए फिर उसने मेरी गांड में भी 10-12 धक्के दिए और इतने में शाहिद ने मेरी चूत पर अपना लंड टिका दिया और उसने एक ज़ोर का धक्का मारा तो बहुत आसानी से उसका लंड मेरी चूत के अंदर चला गया, क्योंकि जहाँ इरफ़ान के लंड का टोपा चला जाए वहां पर कुछ नहीं बचता, लेकिन उसका लंड मुझे दर्द से तड़पा रहा था और उसने मेरी चूत के अंदर की दीवारों को अच्छे से रगड़ दिया.
फिर अच्छा मौका पाकर इरफ़ान मेरी गांड पर सवार हो गया और मेरी गांड की असली परीक्षा तो अब थी कि कैसे उसके लंड का टोपा मेरी गांड सहन करेगी? रेहान सबकी हेल्प कर रहा था और उसने क्रीम और तेल मिक्स करके मेरी गांड और इरफ़ान के लंड पर लगाया तो हम दोनों पागल हो गये और इस पागलपन के बीच इरफ़ान ने अपने लंड का टोपा मेरी गांड के छेद पर रखा और पूरा ज़ोर लगाकर एक धक्का मारा तो मेरी गांड को चीरते हुए उसके लंड का टोपा अंदर चला गया और मेरी गांड में फंसकर जाम हो गया.
फिर रेहान ने जल्दी से क्रीम लगाई और नीचे से मेरी चूत को गांडू शाहिद चोद ही रहा था और अब शाहिद को में गांडू कहने लगी थी, क्योंकि वो गांड मरवाता था और उसकी गांड में मेरी उंगली गई तो उसको बहुत मज़ा आ रहा था. अब इफारन ने फिर से 3-4 धक्के लगाए तो पूरा लंड मेरी गांड के अंदर पहुंच गया और वो मुझे 30-35 मिनट तक लगातार चोदते रहे और अब मेरी गांड और चूत को बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था.
अब इरफ़ान ने मेरे बाल पकड़कर मुझे उल्टी घोड़ी बनाकर मेरे बाल खींचे और मेरे कूल्हों पर हाथ से मारने लगा, जिसकी वजह मुझे और भी ज़्यादा जोश आ रहा था और अब भी उसने मेरी गांड की चुदाई बंद नहीं की थी और इतने में मौका पाकर रेहान ने शाहिद के नीचे घुसकर उसकी गांड पर क्रीम लगाकर अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया तो शाहिद ने गांड में लंड जाने से गरम होकर मेरी चूत में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए.
अब हम सभी आपस में चुद रहे थे कि तभी अचानक सभी ने ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू किए और पसीने की वजह से चूतड़ आपस में टकराकर थप थप थपाथप की आवाज़ कर रहे थे और फिर हम सभी एक एक करके झड़ने लगे. अब रेहान ने शाहिद की गांड में तो शाहिद ने मेरी चूत में लंड का पानी डाल दिया और शांत हो गये, लेकिन में और इरफ़ान शांत नहीं हुए थे. फिर 20-25 धक्के लगते ही हम दोनों भी झड़ गये और उसने मुझे घूमकर कसकर पकड़ लिया और 5 मिनट तक हम सभी ऐसे ही रहे. तीनों ने मेरी चूत और गांड को चाटा और मैंने भी उनके लंड को चाटा और फिर सभी ने कपड़े पहने और मुझे ऐसे ही नंगी छोड़कर चले गये.
फिर इरफ़ान के चले जाने से में सबसे ज़्यादा दुखी थी और मुझे कब नींद आई पता ही नहीं चला और 11 बजे मेरी नींद खुली तो मेरी गांड और चूत में बहुत दर्द हो रहा था. में जैसे ही बाथरूम में जाने के लिए खड़ी हुई तो मुझसे ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था, लेकिन मुझे मेरे रूम में चुदाई की खुशबू आ रही थी और में अब इरफ़ान से मिलने को बहुत बैताब थी.
रेहान ने 9 महीने में मुझे चोद चोदकर चूत और गांड को कुछ ढीला कर दिया था और मेरा बदन भी थोड़ा गदराया हुआ लगने लगा था और चूतड़ तो और भी ज़्यादा सेक्सी लगने लगे थे. फिर में जब भी अपनी कोचिंग सेंटर के लिए बाहर निकलती थी तो चलते समय मेरे चूतड़ हिलते थे तो बाहर के सभी लड़के मुझ पर ताने मारते थे और वो बहुत गंदा गंदा बोलते थे. दोस्तों अब तो मेरे सपनों के राजा इरफ़ान ने मेरे राज़ा रेहान और गांडू शाहिद के साथ मिलकर मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया था और गांड को फाड़ दिया था, जिसके कारण मेरे चूतड़ और ढीले हो गए थे जो चलते टाइम और भी ज़्यादा हिलने लगे थे.
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बहु बनी पूरे घर की रंडी

हैल्लो दोस्तों, मेटा नाम रीना है, में रायपुर में रहती हूँ, में दिखने में एकदम मॉडल लगती हूँ, मेरी बॉडी का शेप 36-38-40 है और मेरी गांड उभरी हुई है और गोल मटोल है. अब में सीधी स्टोरी पर आती हूँ में जब 19 साल की हुई थी तो मेरे लिए एक रिश्ता आया था.
अब में आपको बता दूँ कि मेरे परिवार में मम्मी, पापा और में ही हूँ. में मेरे मम्मी, पापा की इकलोती बेटी हूँ और फिर मेरी शादी फिक्स कर दी गयी और फिर 2 साल के बाद मेरी शादी कर दी गयी थी. अब में स्कूल छोड़ चुकी थी और फिर शादी होने के बाद जब में ससुराल गयी तो मेरी लाईफ बदल गयी.
मेरे पति रवि 24 साल के है और मेरे ससुराल में मेरे ससुर राजेश और दो देवर है, जिनके नाम तरुण और राज है. मेरी सास इस दुनिया में नहीं है. फिर शादी की पहली रात को रवि मुझे अपनी गोद में उठाकर अपने कमरे की और चल पड़ा. अब घर में सब सोने की तैयारी में लगे थे.
फिर रवि ने मुझे बेड पर लेटाया और दरवाजा बंद करने चले गये. अब में बहुत उत्तेजित थी कि आज में पहली बार चुदाई का मज़ा लेने वाली थी. फिर वो मेरे पास आकर बैठ गया, अब में जानबूझ कर शरमाने का नाटक कर रही थी. फिर वो मुझे बोलने लगे कि ऐसे क्यों शर्मा रही हो?
में : पहली बार इतनी खुशी हो रही है.
रवि : हाँ, मुझे भी.
फिर वो मेरे करीब आए, तो में हंस पड़ी. फिर उन्होंने मेरा घूँघट उठाया और में उनसे चिपक गयी. फिर वो मुझे लिप किस करने लगे, अब में भी उनका अच्छा साथ दे रही थी. फिर वो मुझे लेटाकर मेरे ऊपर सोकर किस करने लगे और मेरे बूब्स मसल रहे थे. अब मेरी साँसे बहुत तेज़ हो गई थी और अब में जोश से हांफ रही थी. फिर उन्होंने मेरे सारे कपड़े खोलकर मुझे सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में कर दिया. अब में भी कहाँ कम थी. फिर मैंने भी उन्हें पकड़कर उनके कुर्ते को निकाल दिया और उनका पजामा धीरे से खोल दिया.
अब वो मेरी पूरी बॉडी को चाट-चाटकर धीरे से काट रहे थे. अब में उनकी बॉडी पर अपना हाथ फैर रही थी और वो मेरी गोल-गोल गांड को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहे थे. फिर उन्होंने मेरी पेंटी को निकालकर मुझे बेड पर लेटा दिया. अब मेरी कुंवारी चूत उनके लिए हाज़िर थी. फिर उन्होंने पहले मेरी चूत पर किस किया तो मेरे शरीर में करंट दौड़ने लगा और अब में सिसकियाँ लेने लगी थी. फिर वो मेरी चूत को चाटने लगे और अब में आसमान में उड़ रही थी.
अब में उनके लंड को उनकी चड्डी के ऊपर से ही चाटने लगी थी, उनका लंड करीब 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था. अब मेरे छोटे से हाथ में उनका लंड पूरा नहीं आ रहा था. फिर में उनके लंड को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी. फिर वो मुझे अपने पास खींचकर मुझसे बोले कि मजा आया क्या? तो मैंने कहा कि हाँ बहुत.
फिर वो मेरी चूत पर अपनी उंगली फैरने लगे और मेरी चूत में अंदर डालने लगे तो में चीख उठी. फिर वो रुक गये और बोले कि तेरी चूत बहुत छोटी है, मेरा लंड लंबा और ताकतवर है और फिर अपनी उंगली डालने लगे तो में फिर से चीख उठी और रोने लगी. फिर वो रुक गये और मुझे अपने से चिपकाकर चुप कराने लगे तो में चुप हो गयी. फिर वो अपना लंड मेरी चूत पर फैरने लगे, अब में मजे ले रही थी.
फिर वो अपना लंड मेरी चूत में डालने लगे, लेकिन उनके लंड का टोपा बहुत मोटा था, जिससे उनका लंड मेरी चूत में नहीं जा रहा था. फिर वो बोले कि क्या करूँ मेरी जान तेरी चूत बहुत नाज़ुक है? फिर वो मुझे घोड़ी बनाकर मेरी मोटी गांड के बीच में अपना मुँह डालकर अपनी ज़ुबान से मेरी गांड के छेद को चाटने लगे. अब में भी अपनी गांड पीछे कर-करके उनका साथ दे रही थी.
फिर वो अपना लंड मेरी गांड पर लगाकर डालने लगे तो में उछल गयी. फिर वो तेल लगाकर मेरी गांड में उंगली करने लगे और अपनी तीन उंगलियाँ अंदर डालकर अंदर बाहर करने लगे. अब में बहुत मजे ले रही थी, फिर वो मेरी गांड में अपना 8 इंच का लंड डालने लगे. अब उनका लंड मेरी गांड में घुस चुका था, फिर वो ज़ोर से एक झटका लगाकर अपना पूरा लंड एक ही साथ मेरी गांड में डालने लगे.
में उछल गयी, लेकिन वो नहीं रुके. अब में चीख उठी और जोर-जोर से सिसकियाँ ले रही थी. अब वो मेरी गांड को ज़ोर-जोर से चोद रहे थे और अब में उनका साथ देने लगी थी. फिर वो मेरी गांड में ही झड़ गये और लेट गये. अब में उनके ऊपर लेटकर उनके लंड का स्पर्श मेरी चूत पर ले रही थी और फिर में भी अकड़कर उनके लंड पर ही झड़ गयी और फिर हम चिपके रहे.
फिर शादी की थकान से हम कब सो गये हमें पता ही नहीं चला. अब हम सुबह नंगे ही लिपटकर सो रहे थे. फिर मेरी आँख खुली तो मैंने उनके लिप्स पर किस करते हुए उनको उठाया. अब वो मेरे बूब्स चूस रहे थे और में उनके लंड को अपने पैरों से हिला रही थी. फिर वो बोले कि जान तेरी चूत को कैसे चोदूं? बहुत ज्यादा टाईट है.
में : आपका लंड लेने को तड़प रही हूँ.
रवि : तो अब क्या करे?
फिर हम दोनों साथ में नहाए और बाहर गये. फिर मैंने सबके लिए ब्रेकफास्ट बनाया और सब बैठकर खाने लगे और इसी तरह मेरी शादी को 15 दिन बीत गये. अब मेरी चूत लंड लेने के लिए बहुत तड़प रही थी. तभी एक दिन में घर पर अकेली थी और तरुण कॉलेज से घर आया था. अब में आपको बता दूँ कि तरुण मेरी ही उम्र का लड़का था, जो मेरे पति का भाई है.
फिर वो अपने रूम में गया और दरवाजा बंद कर लिया. फिर में उसके लिए पानी लेकर उसके कमरे में गयी तो उसने सिर्फ़ रूम का दरवाजा लगाया था और लॉक नहीं किया था. फिर वो मुझे अंदर देखकर डर गया और सीधा बाथरूम में चला गया, क्योंकि वो मुठ मार रहा था. फिर मैंने उसको आवाज़ देखर बाहर बुलाया तो अब वो खामोश खड़ा था. अब में समझ गयी कि वो डर गया है और अब में उसको पटा सकती हूँ.
में : क्या कर रहे थे तुम?
तरुण : भाभी कुछ नहीं बस पेंट टाईट कर रहा था.
में : अच्छा.
तरुण : आपको क्या लगा?
में : कुछ नहीं इस उम्र में सबका यही हाल होता है.
अब इतने में मेरे पति दरवाजे के पास खड़े थे, अब में डर गयी थी. फिर वो बोले कि अच्छा तो तुम दोनों का हाल बुरा है.
में (रोते हुए) : आप ग़लत सोच रहे है.
फिर तरुण और रवि दोनों ज़ोर-जोर से हँसने लगे और बोले कि में तुझे बता दूँ कि अब तू इस घर में एक ही औरत है, तुम्हें मेरे भाईयों का ख्याल अच्छे से रखना होगा.
में : मतलब?
रवि : कुछ ज्यादा ही अच्छे से.
में : क्या आप सच बोल रहे है?
रवि : हाँ, मेरी रंडी.
अब में बहुत खुश हुई कि अब मेरी सील टूट जाएगी. तभी तरुण मेरे पास आया, अब वो मेरे बूब्स पर अपना हाथ फैर रहा था. फिर हम हॉल में गये और मेरे पति रवि ने कहा कि तू बहुत चुदक्कड़ औरत है, तुम्हें पूरी आजादी है कि तुम घर में किसी से भी चुदवा सकती हो.
में : हाँ, में सबका ख्याल रखूंगी.
तभी डोर बेल बजी, अब राज भी कॉलेज से आ गया था, वो बहुत नॉटी था. फिर वो मुझसे कहने लगा कि मेरे लिए पानी लाओ और सोफे पर बैठ गया. फिर में पानी लेकर आई तो तरुण ने मुझे आँख मारी और मैंने उस पर पानी गिरा दिया.
रवि : रंडी देखकर काम कर.
फिर मैंने पानी हटाने के बहाने उसके लंड पर अपना हाथ फैर दिया तो वो बहुत खुश हुआ और बोला कि मेरे कपड़े बदल दे रंडी कही की. फिर उसने मुझे अपने पास बैठाकर मेरी गांड पर अपना हाथ फैरते हुए कहा कि भैया आपने तो इसकी गांड को सुजा दिया है. आपके लंड से इसकी चूत का क्या हाल हुआ होगा? फिर में उसको किस करने लगी और अब वो मेरे बूब्स मसल रहा था.
फिर तरुण ने मेरे पूरे कपड़े उतार दिए और फिर मैंने उन तीनों मर्दो को नंगा कर दिया. अब में उन तीनों के लंड चूस रही थी, राज का लंड 8 इंच का था और मोटा कम था, तरुण का लंड एकदम बड़ा 9 इंच का था और 3 इंच मोटा था. अब में उसका लंड देखकर डर गयी थी, अब वो सब मेरे जिस्म के एक-एक अंग से खेल रहे थे, अब में जोश में झड़ चुकी थी.
फिर रवि ने राज से कहा कि आज इसको चोदकर इसका बैंड बजा दे. फिर राज ने झट से अपना लंड मेरी चूत पर लगाया और तीन ज़ोर के झटको में मेरी सील तोड़कर मेरी कमसिन जवानी को चमका दिया, अब में इतनी खुश थी कि उस दर्द को भी सह गई थी.
फिर 30 मिनट के बाद वो मेरी चूत में ही झड़ गया और हट गया. फिर तरुण ने अपना फौलादी लंड मेरी चूत पर रखा और एक ही शॉट में मेरी चूत में डालकर मुझे किस करने लगा. अब मेरी चूत से पानी निकल गया था और अब वो मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था. फिर वो मुझे चोदते-चोदते मेरी चूत में ही झड़ गया. अब मेरी चूत भोसड़े में बदल रही थी, अब रवि अपना 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड मेरी चूत में आसानी से डाल रहा था और में तरुण का लंड चूस रही थी.
तभी रवि रुका और मुझे अपनी गोद में बैठाया और अपनी तरफ करके मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया. तभी राज अपना लंड मेरे मुँह में डालकर चोदने लगा और तरुण मेरे पीछे आकर अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा, जिसमें एक लंड पहले से ही था. फिर रवि रुका और तरुण ने मेरी चूत की फाँको को फैलाया और अपना लंड पेलने लगा. अब मेरी चूत में दो मोटे-मोटे लंड थे. अब राज अपना लंड मेरी गांड में डालकर चोद रहा था. अब में आसानी से तीन लंड ले रही थी, मेरी ऐसी चुदाई होगी मैंने कभी सोचा भी नहीं था.
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लखनऊ की आरती की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आदि है और में लखनऊ का रहने वाला हूँ और में एक स्पोर्ट्समैन हूँ. मेरे लंड का साईज़ 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है जो क़िसी भी लड़की को संतुष्ट कर सकता है. मैंने बहुत सारी लड़कियों के साथ सेक्स किया है, कैसे में प्ले बॉय बना? आज आपको बताने जा रहा हूँ.
मेरी एक दोस्त है आरती, उसका फिगर साईज 34-32-36 है और वो लखनऊ के एक हॉस्टल में रहती थी, हम अच्छे दोस्त थे लेकिन धीरे-धीरे हमारी बात आगे लव तक पहुँच गई.
फिर एक दिन मैंने उसे प्रपोज़ कर दिया, तो वो कल जवाब दूंगी कहकर चली गई. फिर रात में हम फोन पर बात कर रहे थे तो उसने मुझे हाँ बोल दिया. फिर क्या था? फिर हम लोग कुछ दिन के बाद सेक्स की बातें करने लगे, अब फोन सेक्स करते हुए एक दिन हमने मेरे फ्लेट पर मिलने का प्लान बनाया.
फिर मैंने अपने दोस्तों से कहा कि आज आरती आ रही है और तुम सब मूवी देखने चले जाओ और वैसे भी हम 3 BHK फ्लेट पर 3 लोग ही रहते है तो रूम की कोई दिक्कत नहीं थी. फिर वो मेरे फ्लेट पर आई और वो जैसे ही अंदर आई तो मैंने दरवाजा बंद कर दिया और बिना देर किए उसे ज़ोर से हग किया और उसे किस करने लगा.
वो बोली कि में भागी नहीं जा रही हूँ, आराम से कर लेना, हमारे पास पूरा दिन है. फिर मैंने उसके लिप्स पर किस किया और फिर हम एक दूसरे में खो से गये. फिर 15-20 मिनट के बाद जब हम ज्यादा गर्म हो गये तो में उसे दीवार से चिपकाकर किस करने लगा. अब वो मदहोश होने लगी थी. फिर में धीरे से अपना एक हाथ उसके बूब्स पर ले गया जो कि बहुत बड़े-बड़े 34 साईज के थे और एकदम सॉफ्ट थे.
अब वो पागल हुए जा रही थी और सिर्फ़ आअहह आहह आराम से कह रही थी. फिर मैंने उसका टॉप निकाल फेंका, अब वो पिंक ब्रा में एकदम माल लग रही थी जैसे कोई पोर्न स्टार हो, बड़े-बड़े बूब्स, पिंक ब्रा और मैंने बिना देर किए उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और उसके दोनों बूब्स को आज़ाद कर दिया. अब मेरे प्रेस करने से उसके बूब्स हार्ड हो गये थे.
फिर में उसके पिंक टाईट निप्पल को अपने हाथ में लेकर चूसने लगा. अब वो मदहोश होती जा रही थी और चिल्ला रही थी काट दो, खा जाओ, सब तुम्हारा है, बहुत तड़पती हूँ कभी किसी ने नहीं चूसा, खा जाओ, वाऊ आदि तुम बहुत अच्छे हो और दबाओ, तेज़-तेज़ चूसो, मेरे निपल अपने दातों से खींचो, काट डालो मेरे दोनों बूब्स. फिर मैंने उसकी जीन्स उतार दी और अब वो पिंक पेंटी में थी.
फिर मैंने देर ना करते हुए उसकी पेंटी भी उतार दी, उसकी चूत एकदम टाईट थी. अब मेरी एक उंगली भी बहुत मुश्किल से जा रही थी, अब में समझ गया था कि यह कभी चुदी नहीं है.
फिर मैंने उसकी चूत को चाटा तो अब वो मेरा सिर पकड़कर अंदर दबा रही थी और में अपनी जीभ से उसकी चूत को चोद रहा था. अब वो पागल हुए जा रही थी कि प्लीज खा जाओ, बहुत मज़ा आ रहा है मुझे, थैंक्स यार. फिर मैंने उसके हाथ में अपना लंड दे दिया तो वो डर गई और इतना बड़ा में कैसे अपनी चूत में लूँगी? मेरी चूत फट जाएगी, मुझे नहीं करना.
फिर मैंने उससे कहा कि कुछ नहीं होगा, थोड़ा सा दर्द होगा और फिर बहुत मजा आएगा. फिर मैंने उसे सक करने को कहा तो वो बिना कुछ बोले सक करने लगी थी. अब वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे कि कोई आइसक्रीम हो. अब चुदाई की बारी थी, फिर मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगाया और उसकी चूत के किनारे-किनारे फैरने लगा.
अब वो पागल हुए जा रही थी प्लीज अंदर डालो, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है. तो मैंने एक झटका लगाया और अब मेरा टोपा अंदर ही गया होगा कि वो जोर से चिल्ला पड़ी प्लीज निकालो मुझे नहीं करना है ये सब, बहुत दर्द हो रहा है प्लीज निकालो. फिर मैंने थोड़ा रुककर एक और झटका मारा, तो अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर था.
अब वो अपना सिर इधर उधर पटक रही थी और चिल्ला रही थी आहह हह हह उूओ ऊ ऊऊ ऊ में मर गईईईइ, मम्मी प्लीज मुझे बचा लो, में मर जाऊँगी, बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज निकालो. फिर में धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगा और अब में उसके बूब्स सक करता तो कभी किस करता.
फिर कुछ देर के बाद वो शांत हुई और अब थोड़ा सा खून भी उसकी चूत से गिर रहा था, लेकिन अब में अपना लंड आगे पीछे करने लगा था. अब वो अहहाहाहहह उफ़फ्फ़ फक मी आदिइईई वाऊंवववव आह हाहह ह ऑश बहुत मज़ा आ रहा है, तुम बहुत अच्छा चोदते हो, अब में तुमसे रोजाना चुदवाऊंगी, प्लीज तेज़ तेज़ करो बोले जा रही थी. फिर मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी तो वो अयाया आहा अहहह ऑश उफफफफ्फ़ माँ में मर गई बोलती जा रही थी.
अब इतने में वो दो बार झड़ गई थी, अब मेरा अभी तक नहीं निकला था तो मैंने उसकी पोज़िशन चेंज करके उसको डॉगी स्टाइल में कर दिया. उसकी गांड बहुत मस्त थी और उसकी गांड कोई भी देख ले तो मारे बिना रह ही नहीं सकता है.
फिर मैंने उसकी चूत में फिर से अपना लंड घुसा दिया और उसकी गांड पर थप्पड़ मारने लगा. फिर 1 घंटे के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये, फिर मुझे उसकी गांड की याद आई. फिर मैंने उससे कहा कि मुझे तुम्हारी गांड मारनी है तो वो मेरे हाथ जोड़ने लगी प्लीज आज नहीं में बहुत थक गई हूँ, लेकिन फिर मेरे बहुत बार कहने पर वो मान गई और क्या बताऊँ? मुझे उसकी गांड मारने में चूत से ज्यादा मज़ा आया था.
फिर मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगाया और एक ही झटके में अपना पूरा लंड डाल दिया तो वो चिल्ला उठी आईई आहह हह ऑश हह आदि प्लीज बाहर निकालो, में मर जाउंगी एयाया आआ आह वूव्व ववव फुक मी हार्ड बेबी. अब वो चल भी नहीं पा रही थी. फिर मैंने उसे उसके हॉस्टल पर छोड़ा. फिर रातभर हमने आराम किया.
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अंजली की दूसरी सुहागरात

हैल्लो दोस्तों, में मेरठ का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 23 है और में पिछले पांच सालों से लगातार सेक्सी कहानियाँ पढ़ रहा हूँ जो कि बहुत मजेदार होती है, जिनको पढ़कर मुझे बहुत मज़ा आता है. मेरे लंड का साईज़ 6 इंच है, जो कि मोटा भी है और किसी को भी संतुष्ट करने के लिए बहुत है.
दोस्तों कुछ समय पहले मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती थी और उनका नाम अंजली था. जब उन्हें मैंने पहली बार देखा तो में तब से ही बस उनके सेक्सी जिस्म के बारे में ही सोचता था. पहली नज़र में ही वो मेरी आँखो में समा गई और तब से ही में मन ही मन उन्हें चोदने की बात सोचता था.
फिर धीरे धीरे उनका परिवार हमारे परिवार के बहुत करीब आ गया और हमारे बीच बहुत सारी बातें होने लगी थी. वो भी हमारे घर आने जाने लगी थी और में भी कोई अच्छा बहाना बनाकर उनके घर पर चला जाता था और उनसे बहुत बातें किया करता था और इस तरह हम बहुत ही कम समय में एक बहुत अच्छे दोस्त बन गये और फिर अपनी छुपी हुई बातें भी एक दूसरे से करने लगे थे.
फिर उसके साथ में अब हम सेक्स की बातें भी करने लगे थे. फिर एक दिन उन्होंने मुझसे बातों ही बातों में अपनी सुहागरात के बारे में भी सब कुछ बताया, उन्होंने क्या क्या किया, कितनी बार चुदाई की.
दोस्तों वो चुदाई की बहुत प्यासी थी और वो बात उन्होंने मुझे कुछ दिनों बाद में खुद बताई, क्योंकि वो अपने पति के साथ हर दिन सेक्स किया करती थी. फिर कुछ दिनों बाद उसका पति कुछ दिन के लिए किसी जरूरी काम के सिलसिले में शहर से बाहर चला गया तो वो और ज्यादा मेरे करीब होने लगी.
वो कभी मुझे अजीब से इशारे करती, जो मुझे भी अब थोड़े थोड़े समझ में आने लगे थे, लेकिन में अपनी तरफ से पूरा पक्का करना चाहता था, ताकि बाद में कोई आपत्ति ना हो जाए. अब मेरे मोबाईल पर उनके कुछ ज्यादा ही गंदे गंदे मैसेज आने लगे थे तो में भी उन्हें वैसे ही मैसेज करने लगा था और फिर हर रात को फोन पर हमारी बातें होने लगी और कुछ सेक्सी बातें भी हमारे बीच होती थी.
फिर ऐसे ही दो दिन निकल गये, बस हमारी फोन पर बात होती और हम दोनों सेक्सी मैसेज भेजकर एक दूसरे को अपने मन की बात बताते थे, लेकिन पहले हम दोनों में से कोई भी शुरुआत नहीं करना चाहता ना तो में उनसे बोल सकता था कि में आपको प्यार देना चाहता हूँ और ना ही वो मुझसे सेक्स के लिए बोल सकती थी.
हमारी बात दोनों तरफ से ही एकदम अधूरी थी और दोनों ही सेक्स के प्यासे थे, लेकिन एक दूसरे से कहने से बहुत डरते थे और में सोचता था कि वो कभी कुछ गलत ना मान ले और वो भी मेरे बारे में यही सोचती थी. एक दिन में उसके घर पर चला गया, तब वो घर पर एकदम अकेली थी और हम ऐसे ही बातें कर रहे तो हमारी यह बात सेक्स पर जा पहुंची और वो बातें करते करते थोड़ी उदास हो गई.
फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ भाभी? तब उसने मुझे सब कुछ बताया, क्योंकि तब तक हम सभी तरह की बातें एक दूसरे से करने लगे थे और तब मैंने उसे बताया कि में आपसे बहुत प्यार करता हूँ और आपको वो सब सुख दे सकता हूँ जो आपको चाहिए, हम दोनों एक दूसरे की ज़रूरत पूरी कर सकते है, लेकिन अगर आप चाहो तो? दोस्तों वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर तुरंत मान गई और फिर उसने मुझसे कहा कि तुम इस बात को बिल्कुल गुप्त रखना.
फिर मैंने उनसे कहा कि आपके साथ साथ इस काम में भी शामिल हूँ और अगर बाहर किसी को पता चल गया तो हम दोनों की ही बहुत बदनामी होगी, इसलिए यह बात हमेशा हम दोनों के बीच में रहेगी और किसी तीसरे को कानो कान खबर नहीं होगी.
फिर उन्होंने मुझे रात को अपने घर पर आने को कहा और मैंने भी ठीक है कहा और फिर मैंने उन्हें एक स्मूच किया और वहां से निकल गया और अब में अपने घर पर पहुंचकर बहुत बेसब्री से रात होने का इंतजार करने लगा था. मेरा एक एक मिनट एक दिन की तरह कट रहा था और रात को करीब 11 बजे उनका मेरे पास फोन आया. उसने मुझसे कहा कि तुम आ जाओ मैंने दरवाजा खुला छोड़ दिया है और में तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ.
फिर में बहुत खुश होकर तुरंत अपनी छत से उनकी छत पर चला गया. उसके बाद मैंने दरवाजे को हल्का सा धक्का दे दिया, उन्होंने अपना ऊपर का दरवाजा ऐसे ही अटकाया हुआ था, जिसकी वजह से मेरा हाथ लगते ही वो खुल गया और में अंदर चला गया.
फिर में सीधा उनके बेडरूम में जा पहुंचा, जहाँ पर पहुंचकर मैंने देखा कि वो मेकअप करके बिल्कुल दुल्हन की तरह सजी हुई थी. फिर मैंने उससे पूछा कि यह सब क्यों? तब उन्होंने मुझसे कहा कि यह सब मैंने सिर्फ तुम्हारे लिए ही किया है. मैंने तुम्हें अपनी सुहागरात के बारे में पहले ही सब कुछ बता दिया था और उसी दिन मैंने मन ही मन सोच लिया था कि में अपनी दूसरी सुहागरात तुम्हारे साथ ही मनाउंगी और अपनी चूत को तुम्हारे लंड से चुदवाकर शांत करूंगी.
दोस्तों में तो उनके मुहं से ऐसे शब्द सुनकर बहुत चकित हो गया. मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि भाभी कभी मुझे यह सब शब्द भी कहेगी, लेकिन अब में वो सब सुनकर बहुत खुश हुआ.
फिर हम एक दूसरे पर टूट पड़े. हम सबसे पहले किस करने लगे, जिसकी वजह से वो बहुत गरम होकर जोश में आ गई थी और थोड़ी देर किस करने के बाद मैंने उससे कहा कि आज तो हम इतने मज़े करेंगे कि तुम मुझे हमेशा याद रखोगी और में तुम्हें अपने बच्चे की माँ बनाऊंगा. फिर वो भी मुस्कुराते हुए मुझसे हाँ कहते हुए मेरे बच्चे की माँ बनने के लिए तैयार थी.
उसके बाद मैंने उनके एक एक करके सारे कपड़े उतार दिए और उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए, जिसकी वजह से हम दोनों ही बिल्कुल नंगे हो गये थे. अब में उनके सेक्सी जिस्म के हर एक हिस्से को चूसने लगा था और जब में धीरे धीरे चूमता हुआ उनकी चूत पर पहुंचा तो मैंने महसूस किया कि उनकी चूत पूरी गीली थी और अब मुझे बड़ा मज़ा आया और चूत को थोड़ी देर चाटने चूसने के बाद वो झड़ गई और में चूत रस को पीने लगा और फिर में दोबारा स्मूच करने लगा.
करीब दस मिनट के बाद अब उनकी बारी थी तो उन्होंने तुरंत मेरा लंड पकड़ा और बड़े ही प्यार से अपने हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगी और फिर उन्होंने लंड को अपने मुहं में ले लिया, जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. में उस मज़े को शब्दों में नहीं बता सकता और कुछ देर बाद में उनके मुहं में ही झड़ गया और वो मेरा सारा वीर्य पी गयी.
मैंने फिर से उनके बूब्स चूसना शुरू कर दिया और धीरे धीरे काटने लगा और ऐसा करने से हम दोनों को ही बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन दोस्तों हमें भी पता नहीं था कि हम क्या कर रहे है? उतनी ही देर में मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया तो उन्होंने मुझसे कहा कि अब ज्यादा देर मत करो प्लीज अब मेरी प्यास को बुझा दो जल्दी से अंदर डाल दो.
फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत के मुहं पर पर रख दिया और धीरे से धक्का देकर अंदर डालने लगा, तभी उनके मुहं से चीखने की आवाज़ निकल गई, अउउउहह आहहहहा उईईईईईई प्लीज थोड़ा और धीरे धीरे करो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है उफ्फ्फ्फफ् धीरे आहहहह, इसलिए मैंने धीरे धीरे धक्के दिए.
दोस्तों उनके कहने पर पहले तो मैंने अपनी स्पीड को बहुत कम रखा, लेकिन जब मुझे उनका दर्द कम होता हुआ महसूस हुआ तो में अपने धक्को को बढ़ाने लगा और अब में लगातार जोरदार धक्के देकर चुदाई करने लगा था और अब वो भी अपनी चूतड़ को उठाने लगी थी और मेरे साथ साथ अपनी चुदाई के पूरे पूरे मज़े लेने लगी थी.
दोस्तों हमारी यह चुदाई करीब बीस मिनट तक चली और में उनके अंदर ही झड़ गया, लेकिन फिर भी में कुछ सेकिंड रुककर हल्के हल्के धक्के देता रहा और मैंने अपनी एक एक बूंद को उनकी चूत में डाल दिया, उनके चेहरे से मुझे उनकी संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी.
दोस्तों उस रात को मैंने उन्हें चार बार चोदा और हर बार अपना पूरा वीर्य उनकी चूत के अंदर ही छोड़ दिया और ऐसे ही उन्हें तब तक उनका पति नहीं आया जब तक कभी रात को तो कभी दिन में चोदता रहा और उसके बाद भी मैंने उन्हें बहुत बार चोदा और उनकी चूत के बहुत मज़े लिए और अब वो मेरे बच्चे की माँ है, माँ बनने के बाद उनके बूब्स से दूध भी बहुत आने लगा है, इसलिए में अब जब भी मुझे कोई अच्छा मौका मिलता है तो उनके घर पर चला जाता हूँ और उनके बूब्स को अपने मुहं में लेकर उनका गरम गरम दूध पीता हूँ.
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सीनियर स्टूडेंट की चूत मारी

हैल्लो दोस्तों, ये मेरी पहली और सच्ची कहानी है और मैंने पिछले साल पॉलोटेक्निक में एड्मिशन लिया था. अब पहले दिन जब कॉलेज की बस स्टैंड पर रुकी तो में उसमें चढ़ गया और मेरे साथ 3-4 और भी नये स्टूडेंट्स थे. अब बस में कुछ सीनियर्स भी थे, वो सभी फ्रेशर की रेंगिग कर रहे थे और अब मेरा नम्बर आने ही वाला था कि एक लड़की जिसका नाम प्रिया था तो उसने मुझसे कहा कि यहाँ मेरे पास बैठ जाओ कोई कुछ नहीं करेगा.
फिर मैंने उसकी बात मान ली और उसके पास बैठ गया. वो बी.टेक IIIrd ईयर की स्टूडेंट थी, इसलिए उससे किसी ने कुछ नहीं कहा. फिर वो रोज मेरे लिए सीट बचा देती और में उसी के साथ कॉलेज जाने लगा था.
फिर कुछ ही दिनों में मेरी उससे अच्छी दोस्ती हो गई. फिर एक दिन जब में बस में चढ़ा तो मैंने देखा कि वो बस में नहीं थी. फिर मैंने उसके नम्बर पर कॉल किया तो उसने कुछ देर के बाद रिसीव किया. फिर मेरे पूछने पर उसने बताया कि उसकी पीठ में दर्द हो रहा है. फिर उसने कहा कि आज घर पर कोई नहीं है और तुम ना जाने कैसे दोस्त हो? जो बीमार दोस्त को देखने भी नहीं आ सकते.
मैंने बुरा महसूस किया और उससे कहा कि में आ रहा हूँ. फिर में ये कहकर बस से उतर गया. अब में ऑटो करके उसके घर पहुँचा और डोर बेल बजाई तो प्रिया ने दरवाजा खोला. अब उसे देखकर में चौंक सा गया. उसने एक ब्लेक हाफ टी-शर्ट और शॉट्स पहने हुए थे.
अब मुझे देखते ही वो मेरे गले लगी तो अब उसके बूब्स मेरे सीने से दब गये. फिर वो मुझे अंदर ले गई और फिर उसने मुझसे चाय के लिए कहा तो मैंने मना कर दिया. फिर हम दोनों बेड पर लेट गये और अब उसका सर मेरे हाथों पर था.
फिर मैंने उससे पूछा कि दर्द कहाँ हो रहा है? तो वो पेट के बल लेट गई और बोली यहाँ तो मैंने कहा कि में समझा नहीं, तो फिर उसने अपनी टी-शर्ट उठा दी. अब में उसकी पीठ पर अपना हाथ घुमाने लगा और कुछ ही देर में उसके रोये खड़े हो गये. फिर में धीरे-धीरे अपने हाथ उसके बूब्स पर ले गया और दबाने लगा तो वो मौन करने लगी. फिर मैंने उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए, अब वो मुझसे लिपट गई और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे.
अब 10 मिनट तक उसे चूमने के बाद मैंने उसकी टी-शर्ट उतार कर फेंक दी, उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी. फिर मैंने उसके बूब्स पर किस किया. फिर उसके शॉट्स उतार दिए और अब वो सिर्फ़ पेंटी में थी, गोरे बदन पर ब्लेक पेंटी क्या लग रही थी? फिर मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी. फिर उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए, अब हम दोनों नंगे थे. फिर हम 69 की पोज़िशन में आ गये, अब वो मेरा 8 इंच लंबा लंड चूस रही थी और में उसकी मुलायम चिकनी, गुलाबी चूत को चूस रहा था.
फिर 15 मिनट के बाद उसने अपना पानी छोड़ दिया और जिसे में पी गया. फिर मैंने भी उसके मुँह में अपना वीर्य छोड़ दिया. अब मैंने उसे बेड पर लेटाया और उसकी टांगे फैला दी. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के ऊपर रखकर रगड़ने लगा. फिर वो बोली प्लीज समीर तड़पाओ मत, अब अंदर डाल भी दो, मेरी प्यास बुझा दो. ये सुनकर मैंने उत्तेजित होकर उसकी चूत में एक ही बार में अपना लंड डाल दिया और उसकी चूत बहुत टाईट थी, जिस वजह से उसकी चीख निकल गई और आँखो में आँसू आ गये.
ये देखकर में रुक गया, लेकिन वो बोली कि रूको मत तो में फिर से शुरू हो गया. अब वो चीखती रही. फिर कुछ देर के बाद वो नॉर्मल हुई तो अपनी गांड उछाल-उछालकर चुदवाने लगी. अब में बीच-बीच में उसे किस भी कर रहा था और उसके बूब्स को भी मसल रहा था. तभी उसने अपना पानी छोड़ दिया. फिर 35 मिनट के बाद मुझे लगा कि में भी झड़ने वाला हूँ. फिर मैंने उससे कहा कि में झड़ने वाला हूँ तो उसने कहा कि बाहर मत निकालना और में उसकी चूत में ही झड़ गया. फिर कुछ देर तक हम दोनों एक दूसरे से लिपटे रहे और किस करते रहे. फिर 10 मिनट में मेरा लंड फिर फड़फडाने लगा. फिर मैंने उससे कहा कि अब में तुम्हारी गांड मारूँगा तो उसने कुछ नहीं कहा और चुपचाप पलटकर अपनी गांड ऊपर उठाकर लेट गई.
फिर मैंने उसकी गांड पर थूक लगाया और जैसे ही अपना सुपाड़ा उसकी गांड के छेद पर रखा तो वो सहम गई. फिर मैंने एक झटके में ही अपना पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया. इस बार वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी और रोने लगी, लेकिन में नहीं रुका और तेज़ी से धक्के मारने लगा. अब उसकी गांड से खून बहने लगा था और वो रोए जा रही थी. अब में उसके बूब्स के साथ भी खेल रहा था. फिर 25 मिनट तक उसकी गांड मारने के बाद में अंदर ही झड़ गया और बेड पर लेट गया. अब वो मुझसे चिपक गई और मेरे सीने पर अपना सर रखकर लेट गई. फिर कुछ देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद वो बाथरूम में जाने लगी.
अब उसको चला भी नहीं जा रहा था. फिर मैंने उसको गोद में उठाया और बाथरूम में ले गया. फिर वहाँ हम दोनों फ्रेश हुए और बाहर आकर कपड़े पहने. फिर उसने मुझसे कहा कि तुम बैठो में खाना लगाती हूँ, लेकिन उसकी हालत देखकर मैंने उसे बैठने को कहा और पूछा कि किचन कहाँ है? फिर मैंने खाना लगाया. फिर वो उठकर मेरी गोद में बैठ गई और बोली कि अपने हाथों से खिला दो, तो मैंने उसके होंठो पर किस करते हुए कहा कि क्यों नहीं जान? फिर मैंने उसे खाना खिलाया और उसने मुझे खाना खिलाया. फिर में उसे रूम में ले गया. फिर वहाँ हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर लेट गये. फिर उसने मुझसे कहा कि आई लव यू समीर, तो मैंने भी उसके माथे पर किस करते हुए कहा कि आई लव यू टू प्रिया. फिर उसके बाद मैंने उसे रात में फिर से चोदा.
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फेसबुक फ्रेंड ने जाल में फंसाया

हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी के पाठकों को अपनी एक एसी सच्ची घटना बताने जा रही हूँ, जिसके मेरे साथ घटित होने से पहले मैंने उसके बारे में कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा कभी मेरे साथ घटित होगा, क्योंकि यह सब कुछ अंजाने में मेरे साथ हुआ और यह मेरे साथ कुछ सालों पहले घटित हुई, लेकिन इस घटना के बाद मुझे बहुत मज़ा आया. मैंने उसके बारे में बहुत सोचा और मन ही मन बहुत खुश होती रही. वैसे यह मेरा पहला सेक्स अनुभव और में पहली कहानी है.
दोस्तों 14 फरवरी को आलोक ने मुझे अपनी तरफ से दोस्ती का आग्रह किया. दोस्तों मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था तो मैंने आलोक की दोस्ती के आग्रह को स्वीकार कर लिया. आलोक ने मुझे बताया कि वो इंदौर की एक बहुत बड़ी सॉफ्टवेर कंपनी में काम करता है. दोस्तों आलोक की प्रोफाइल में उसके बहुत सारे अच्छे अच्छे फोटो थे जिसमे वो दिखने में बहुत अच्छा लग रहा था और उसके जिम वाले शरीर को देखकर ही में उसकी तरफ आकर्षित होने लगी थी.
दोस्तों सबसे पहले में थोड़ा अपने बारे में भी बता देती हूँ, मेरी हाईट 5.5 है और में दिखने में बहुत सुंदर, रंग एकदम दूध जैसा गोरा, गुलाबी होंठ, पतली कमर, आकार में छोटे लेकिन एकदम तने हुए बूब्स और मेरे फिगर का आकार 32 -28 -34 है. दोस्तों मेरे स्कूल टाइम पर बहुत सारे लड़के मुझ पर लाईन मारते थे और मुझे छेड़ते थे. बहुत से लड़के तो मुझसे शादी भी करना चाहते थे, लेकिन मैंने कभी किसी को अपनी तरफ से लाईन नहीं दी, लेकिन आलोक का फोटो देखकर ही में उसकी तरफ आकर्षित होने लगी थी, ना जाने मुझे उसमे ऐसा क्या दिखा जो मुझे अपनी तरफ खींच रहा था और में लगातार उसकी तरफ खिंचती जा रही थी.
दोस्तों 20 फरवरी को में पहली बार आलोक के कहने पर एक कॉफी शॉप पर मिली उस दिन आलोक मेरे लिए बहुत ही प्यारा सा एक टेडी और बहुत सारी चोकलेट लेकर आया. फिर हम कुछ देर वहां पर बैठने के बाद फिल्म देखने चले गए, लेकिन हमने वहां पर भी फिल्म पर कम और हमारी बातों पर ज्यादा ध्यान दिया. हमने बहुत सारी बातें की. दोस्तों बातों से आलोक मुझे बहुत ही सीधा सा लग रहा था और वो मुझे बहुत शर्मिला स्वभाव का लग रहा था.
इस बीच उसने एक बार भी मेरा हाथ नहीं छुआ उसके साथ कुछ घंटे गुजारने के बाद में अपने घर पर जाकर बस उसी के बारे में सोचने लगी, जिसकी वजह में रात भर सो भी नहीं सकी. फिर दूसरे दिन मैंने सुबह जल्दी उठकर उसे फोन किया और कुछ देर इधर उधर की बातें करने के बाद मैंने उससे कहा कि में तुमसे दोबारा मिलना चाहती हूँ, तो आलोक ने मुझसे कहा कि उसे अभी ऑफिस जाना है और वो मुझसे नहीं मिल सकता और ऐसे ही पूरे तीन दिन हो गये, लेकिन वो मुझसे नहीं मिला. में अब उससे मिलने के लिए बहुत बेकरार होने लगी थी और मेरा किसी भी काम में मन नहीं लगता था. में कैसे भी उससे मिलना चाहती थी. फिर एक दिन उसने मुझसे कहा कि वो 2 मार्च को उसके ऑफिस से छुट्टी करेगा और तब वो उस दिन मुझसे जरुर मिलेगा, लेकिन में उससे थोड़ा जल्दी मिलना चाहती थी.
फिर उसने मुझसे चेटिंग करने को कहा और फिर हमने रात को फोन पर कुछ देर बातें करने के बाद चेटिंग करना शुरू किया और अब हम हर दिन जब भी हमे समय मिलता चेटिंग करने लगते थे. फिर एक दिन उसने मुझसे पूछा कि क्या में वर्जिन हूँ? तो मैंने उससे कहा कि हाँ मैंने कभी किसी को किस भी नहीं किया और काम तो बहुत दूर की बात है और उस रात को में उससे बातें करते समय बहुत गरम हो रही थी, जिसकी वजह से मेरी प्यासी चूत के अंदर एक अजीब सी हलचल हो रही थी. फिर आलोक ने मुझे और भी बहुत सारी बातें और सेक्स के बारे में बताना शुरू कर दिया था, जिनको सुन सुनकर मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या मैंने अपने बूब्स किसी को दिखाए है? तो मैंने तुरंत कहा कि नहीं मैंने ऐसा कभी भी नहीं किया है. दोस्तों उसके मुहं से बूब्स शब्द सुनकर में अब और भी गरम होने लगी थी. फिर आलोक ने एक बार फिर मुझसे कहा कि उसे एक बार मेरे बूब्स देखना है, दोस्तों में उसकी यह बात सुनकर बहुत ज्यादा घबरा गई और में मन ही मन सोचने लगी कि अब में क्या करूं और इसकी बात का क्या जवाब दूँ? लेकिन आलोक ने मुझसे कहा कि तुम मेरे साथ जैसा में कहूँ वैसे करो, तुम्हे मेरे साथ साथ बहुत मज़ा आएगा, चलो अब जल्दी से मुझे अपने बूब्स मुझे दिखा दो.
फिर मैंने भी अब उसके कहते ही बिना कुछ सोचे समझे, लेकिन थोड़ा शरमाते हुए अपना टॉप उतार दिया और उस समय मैंने अंदर काली कलर की ब्रा पहनी हुई थी जो अब उसकी आखों के सामने थी. उसमे मेरे बूब्स बहुत सुंदर आकर्षक नजर आ आ रहे थे. फिर आलोक ने मुझसे वो ब्रा भी उतारने के लिए कहा तो मैंने बिना देर किए अपनी ब्रा को भी तुरंत उतार दिया, जिसकी वजह से मेरे छोटे आकार के गोरे गोरे बूब्स एकदम लटकते हुए अलोक के सामने थे. वो अपने लेपटॉप पर मेरी छाती को देखता रहा और वो करीब दो मिनट तक कुछ नहीं बोला.
फिर में भी अब बहुत गरम हो रही थी और मुझे जोश के साथ साथ थोड़ी शरम भी आ रही थी, क्योंकि आज पहली बार किसी लड़के ने मेरे बूब्स देखे थे, जिसकी वजह से मेरी चूत अब गीली होने लगी थी. अब आलोक ने मुझसे अपनी जीन्स को भी उतारने को कहा. दोस्तों में तो जैसे आलोक के कहने का इंतजार ही कर रही थी और मैंने उसके कहते ही तुरंत अपनी जींस को उतार दिया, लेकिन अब में आलोक के सामने पूरी नंगी होना चाहती थी, इसलिए मैंने उसके कहे बिना ही अपनी जींस के साथ साथ अपनी पेंटी को भी उतार दिया था और में आलोक के सामने पूरी नंगी थी, मेरे पूरे शरीर में अब कामुकता की आग लग रही थी और में उस आग में जल रही थी.
फिर मैंने देखा कि अब तक आलोक भी अपने सारे कपड़े उतार चुका था और में आलोक का सीधा खड़ा लंड देखकर और भी गरम होने लगी थी आलोक का लंड एकदम लंबा, मोटा, बिल्कुल टाईट था और वो अब अपने लंड को अपने एक हाथ से घिसने लगा था और में भी अपनी चूत को सहलाने, घिसने लगी और कुछ देर बाद में पूरी तरह से जोश में आकर अपनी चूत में अपनी एक ऊँगली को लगातार ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगी, जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आने लगा और में उस अहसास को आप सभी को किसी भी शब्दों में नहीं बता सकती कि में उस समय कैसा महसूस कर रही थी, लेकिन उसके कुछ देर बाद मेरी चूत ने पहली बार बहुत सारा गरम गरम पानी बाहर निकाल दिया.
में एक बार झड़ चुकी थी और वो सब मेरे साथ पहली बार हुआ था, लेकिन मुझे वो सब बहुत अच्छा लगा और मैंने उठ कर बाथरूम में जाकर अपनी चूत को साफ किया. फिर वो रात भर पूरा नंगा होकर मुझसे चेट करने लगा था. वो मुझे कभी मेरी चूत को तो कभी बूब्स को सहलाने, दबाने के लिए कहता मुझे तरह तरह से बैठने, खड़े होने, लेटने के लिए बोलता और में भी उसके कहने पर यह सब बहुत मज़े से कर रही थी और सुबह करीब 5 बजे में सो गई, लेकिन तब भी आलोक ने मुझे अपना केमरा चालू रखने को कहा में ऐसे ही पूरी नंगी आलोक के केमरे के सामने सो गई. फिर करीब 12 बजे आलोक ने मुझे कॉल किया और उसने मुझसे बोला कि कल उसने अपने ऑफिस से एक दिन की छुट्टी ले ली है और वो अब मुझे मिलना चाहता है.
फिर में उसकी यह बात सुनकर बहुत खुश हो गयी और फिर मैंने उससे मिलने की जगह और समय पूछा. उसने मुझे मिलने के लिए सुबह करीब 9 बजे बुलाया और में उसकी बताई हुई जगह पर पहुंच गई. फिर वो कार से मुझे एक घर पर ले गया. मैंने देखा कि उस घर में कोई नहीं था और वहां पर पहुंचकर बाथरूम में जाकर फ्रेश होने गयी और जब में बाथरूम से फ्रेश होकर बाहर आई तो मैंने देखा कि आलोक अपने लेपटॉप पर कुछ देखा रहा था. फिर जब में उसके पास गई तो मैंने देखा कि उसके लेपटॉप में मेरा वीडियो था जिसमे मेरी चूत, बूब्स मेरे जिस्म का हर एक अंग नजर आ रहा था था. वो सब उसने कल रात को मुझसे चेटिंग करते समय रिकॉर्ड किया था. वो उसे देखकर बहुत खुश हो रहा था और में यह सब देखकर बहुत डर गई थी.
फिर आलोक मेरा चेहरा देखकर मेरी तरफ मुस्कराने लगा और वो मुझसे बोला कि बेबी यह वीडियो में तुम्हारे भाई को भेज दूंगा तो बोलो कैसा रहेगा? तो मैंने उससे कहा कि आलोक तुम यह क्या कह रहे हो? तो आलोक मुझसे बोला कि बेबी जैसा में तुमसे कहूँ तुम वैसा करो वरना में तुम्हारा यह वीडियो तुम्हारे भाई को भेज दूंगा. अब में उसकी यह बात सुनकर रोने लगी और उससे बोली कि आलोक प्लीज मेरे साथ तुम ऐसा मत करना, वर्ना में अपने घर वालों की नजरों में एकदम गिर जाउंगी, प्लीज तुम उसे अपने लेपटॉप से हटा दो.
फिर आलोक बोला कि ठीक है अगर तुम कहती हो तो में ऐसा कुछ भी नहीं करूँगा, लेकिन यह तब होगा जब तुम मेरी सारी बातें मनोगी. दोस्तों मेरे पास अब आलोक की बातें मानने के अलावा कोई रास्ता भी नहीं था और अब में उसके जाल में बहुत बुरी तरह से फंस चुकी थी और में बहुत रो रही थी और मेरी आखों से आंसू रुकने को तैयार नहीं थे, लेकिन आलोक मेरी ऐसी हालत को भी देखकर बहुत खुश हो रहा था, क्योंकि मुझे उसके चेहरे से वो सब साफ साफ पता चल रहा था. फिर आलोक ने मुझसे कहा कि में अब उसके सामने अपने सारे कपड़े उतार दूँ और फिर मैंने उसके कहने पर चुपचाप अपने सारे कपड़े उतार दिए और अब मुझे मन ही मन अपनी उस ग़लती पर बहुत दुख हो रहा था. में अपनी उस गलती पर बहुत शर्मिंदा थी, लेकिन अब मेरे हाथ में ऐसा कुछ भी नहीं था जिससे में बच सकती.
अब आलोक ने मुझसे कहा कि में अपने कान पकड़कर एक कोने में खड़ी हो जाऊँ तो मैंने वैसे ही किया और वो किचन में चला गया और में अब भी अपने कान पकड़कर उसी जगह पर खड़ी हुई थी. आलोक कुछ खाने के लिए लेकर और खाने लगा फिर उसने अपनी जेब से मोबाईल बाहर निकाला और मेरे नंगे बदन का वीडियो बनाने लगा. मेरी चूत, बूब्स, गांड और मेरे सेक्सी बदन को अपने मोबाईल में कैद करने लगा. फिर मैंने आलोक से कहा कि वो प्लीज मेरा वीडियो ना ले, तभी उसने मुझसे कहा कि में अपना मुहं एकदम बंद रख वरना मेरे लिए अच्छा नहीं होगा में अब और भी ज़्यादा ज़ोर से रोने लगी और कान पकड़कर चुपचाप खड़ी हो गयी.
अब आलोक ने मुझसे उठक बैठक लगाने को कहा दोस्तों उसका कैमरा अभी भी चालू था मुझे बहुत ज्यादा डर लग रहा था क्योंकि मेरा एक और वीडियो बनता जा रहा था और उठक बैठक का नाम सुनकर में और भी ज्यादा डर गई थी, क्योंकि मैंने कभी उठक बैठक नहीं लगाए थे. में आलोक से आग्रह करने लगी कि वो ऐसा कुछ ना करे, लेकिन वो मुझसे बोला कि अपना मुहं बंद रखो और जैसा में कहूँ तुम ठीक वैसा ही करो और फिर मैंने चार बार उठक बैठक लगाई और रुक गई. यह सब देखकर आलोक मुझसे बहुत गुस्सा हो गया और उसने मुझसे कहा कि जब तक वो ना कहे में नहीं रुकूँ और उसने मुझसे कहा कि में अपनी उठक बैठक ज़ोर की आवाज से गिनती रहूँ.
अब में धीरे धीरे उठक बैठक लगाने लगी और ज़ोर ज़ोर से गिनने लगी. यह सब मेरे लिए बहुत ही शर्मीदा करने वाला और बहुत दुखदायी था, क्योंकि में एक लड़के के सामने पूरी नंगी होकर उठक बैठक लगा रही थी और करीब 15 मिनट तक उठक बैठक लगाने के बाद में बहुत थक गई थी और रुक गई. अब मेरा पूरा शरीर काँप रहा था में पूरी तरह से पसीने से भीग चुकी थी और मुझमें अब बिल्कुल भी हिम्मत नहीं थी. दोस्तों यह थी मेरी कहानी जिसमे मेरे साथ यह सब कुछ हुआ और में ना चाहते हुए भी उसके सामने पूरी नंगी खड़ी थी.
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