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एक बच्चे की माँ को पटाकर चोदा
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शंकर है और यह मेरी पहली कहानी है, जो मेरे साथ घटी एक सच्ची घटना है, जिसको में आज आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप लोगों को जरुर पसंद आएगी, वैसे में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और ऐसा करना मुझे बहुत अच्छा लगता है.
दोस्तों में दिखने में ठीक ठाक हूँ और बहुत गोरा भी हूँ. मेरा लंड 6.5 इंच बड़ा है और अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. सारे लड़के अपना लंड पकड़ ले और लड़कियां अपनी चूत में उँगलियाँ डालकर बैठ जाए, क्योंकि मुझे उम्मीद है कि आप लोग अब अपने आप पर ज्यादा कंट्रोल नहीं कर सकेंगे. दोस्तों यह बात आज से करीब दो साल पहले की है, जब मेरी बिल्डिंग में जिसमें में खुद रहता था और उसी में एक बहुत सेक्सी आंटी रहती थी, उनका नाम कविता था और वो दिखने में बहुत ही हॉट थी.
उसके फिगर का आकार 34-32-36 था और वो मेरे फ्लैट के पास में रहती थी और उनके पति एम आर थे तो इसलिए वो ज्यादातर अपने घर से बाहर ही रहते थे और कविता आंटी का एक बेटा भी था, शायद वो तीसरी क्लास में पढ़ता था.
दोस्तों कविता जब भी मुझे देखती थी तो स्माईल करती थी और में अपने फ्लैट में बिल्कुल अकेला रहता था तो वो कभी कभी मुझे अपने यहाँ पर खाना खाने के लिए बुला लेती थी और उनके कहने पर में उनके घर पर चला जाता था और फिर जब वो मुझे खाना देने के लिए मेरे सामने आकर नीचे झुकती थी तो उनके बूब्स मेरे सामने आकर लटक जाते थे और में उनके बूब्स को लगातार घूर घूरकर देखता था और बहुत मजे लिया करता था.
दोस्तों वो ज्यादातर बड़े गले की मेक्सी में ही रहती थी, जिसकी वजह से थोड़ा सा झुकने पर उनके बूब्स मेरे सामने लटक जाते थे और में हर दिन किसी ना किसी बहाने से उनके बूब्स को देखता था और उनके मस्त मजे लेता था. में कभी भी उनके यहाँ पर चला जाता था और घूरकर उन्हें देखता था और जब कभी भी उन्हें कहीं बाहर बाजार में कुछ लेने जाना होता था तो में उनके कहने पर उन्हें अपनी बाईक पर अपने साथ ले जाता था और फिर में जानबूझ कर ब्रेक मारता था और उनके पूरे मजे लेता था, लेकिन वो सब कुछ जानते हुए भी कभी भी मुझसे कुछ भी नहीं कहती थी, बस वो हमेशा मेरी तरफ मुस्कुराती रहती थी.
दोस्तों एक रात की बात है. उस दिन उनका पति घर पर नहीं था और उसके बेटे की तबियत अचानक से खराब हो गई तो उसने मुझसे बाजार से उसके लिए कुछ दवाई लाने के लिए बोला. फिर में उनके कहने पर तुरंत दुकान पर चला गया और दवाई लेकर आ गया और फिर मैंने उनको वो दे दिया और अब मैंने उनसे कहा कि आंटी अगर आपको कोई ऐतराज ना हो तो में यहीं पर सो जाता हूँ, वैसे भी कल रविवार है और मुझे कल कॉलेज नहीं जाना है तो में यहीं पर रहता हूँ.
फिर वो बोली कि मुझे इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है, अगर ऐसा चाहते हो तो यहाँ पर रुक सकते हो और फिर में उनके मुहं से हाँ शब्द और उनका जवाब सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुआ और अब में मन ही मन उसे आज रात को चोदने का विचार करने लगा.
फिर में सबसे पहले बाथरूम में गया और मैंने उनके नाम की दो बार मुठ मारी और फिर में जानबूझ कर नाटक करते हुए वहीं पर ज़ोर से आह्ह्ह्ह की आवाज करते हुए गिर गया और ज़ोर से चिल्लाने लगा, मेरे गिरने चिल्लाने की आवाज को सुनकर कविता को लगा कि मुझे चोट लगी है तो वो दौड़ती हुई बाथरूम में आ गई. अब में जानबूझ कर उठने का नाटक करने लगा, लेकिन में उठ नहीं रहा था और नाटक कर रहा था, जिसको देखकर उसे लगे कि मुझे बहुत जोर से चोट लगी है.
फिर कविता अब अंदर आकर मुझे अपने गोरे मुलायम हाथों का सहारा देकर मुझे उठाकर अपने रूम में ले जा रही थी और में उसकी गरम गोरी मटकती हुई कमर पर अपना हाथ लगाकर मजे ले रहा था और साथ साथ उसके मुलायम बड़े आकार के झूलते हुए बूब्स को छू रहा था और फिर छूकर मुझे महसूस हुआ कि उस दिन उन्होंने ब्रा नहीं पहनी हुई थी.
फिर उन्होंने मुझे बेड पर लेटा दिया और फिर वो मुझसे पूछने लगी कि बताओ तुम्हें कहाँ चोट लगी है? फिर मैंने उफफ्फ्फ्फ़ आईईइ बहुत दर्द हो रहा है और में बोला कि कमर में और जाँघ में तो वो मुझसे बोली कि क्या में मालिश कर दूँ?
फिर मैंने बोला कि हाँ कर दो और वो मेरे मुहं से हाँ शब्द सुनकर वहां से तेल लेने चली गई और फिर में तुरंत उठकर खड़ा हुआ और मैंने अपना लोवर उतार दिया और अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया और अब में टावल लपेटकर उनके सामने लेट गया, तब तक कविता भी तेल लेकर आ गई थी और में दर्द का नाटक करके अपनी दोनों आखें बंद करके लेट गया और ऐसा नाटक करने लगा था, जैसे मुझे बहुत चोट लगी है और में नाटक करके धीरे धीरे दर्द से कराह रहा था.
अब वो मुझसे कहने लगी कि सबसे पहले में कमर में तेल लगा देती हूँ तो में उसके मुहं से यह बात सुनकर तुरंत उल्टा लेट गया और वो अब मेरी कमर पर तेल लगाने लगी थी. दोस्तों में उसके मुलायम मुलायम हाथों का वो स्पर्श जो अहसास में उस समय महसूस कर रहा था, आप लोगों को अपने किसी भी शब्द में नहीं बता सकता.
फिर वो कुछ देर बाद मुझसे बोली कि तुम अब सीधा घूम जाओ, में अब तुम्हारी जाँघ में तेल लगा देती हूँ. फिर में जल्दी से सीधा हुआ और वो अब मेरा थोड़ा सा टावल हटाकर अपने गोरे मुलायम हाथ में बहुत सारा तेल लेकर लगाने लगी थी और कुछ देर के बाद वो अब धीरे धीरे तेल लगाते लगाते ऊपर की तरफ आने लगी थी और फिर उसने गलती से अचानक से मेरे खड़े लंड को छुआ और झटके से अपना हाथ तुरंत पीछे हटा लिया और ना जाने क्या सोचने लगी और हल्का सा मुस्कुराने लगी.
फिर मैंने कविता को बोला कि हाँ मेरे उसमें भी चोट लगी है, प्लीज वहां पर भी थोड़ा सा तेल लगा दो ना. अब वो मुझसे कहने लगी कि तुमने तो मुझसे कहा था कि तुम्हारी जाँघ में और कमर में चोट लगी है और तब मैंने मुस्कुराते हुए बोला कि हाँ उसमें भी चोट लगी है और वो भी मेरी तरफ देखकर हंसने लगी और अब वो टावल के अंदर से ही अपना हाथ डालकर तेल लगाने लगी और कुछ ही देर में मेरा लंड तनकर खड़ा होकर तंबू बन चुका था, जिसको उसने भी महसूस कर लिया था.
तभी मैंने अचानक से अपना टावल खोल दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड अब बाहर आकर खड़ा हो गया तो वो मेरे खड़े फनफनाते हुए लंड को देखकर एकदम से चकित हो गई, लेकिन फिर भी अपनी फटी हुई आखों से मेरे लंड को देखती रही.
दोस्तों अब मैंने सही मौका देखकर धीरे से उसकी मेक्सी के अंदर अपना एक हाथ डाल दिया और फिर उसका बूब्स दबाने लगा और वो मुझसे बिना कुछ कहे अपनी आखों को बंद करके मेरे साथ मजा लेने लगी. फिर मैंने उसकी मेक्सी को पूरा उतार दिया और अब में कविता को किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी, वो अब मेरे सामने पूरी नंगी हो चुकी थी और बिल्कुल काम की देवी लग रही थी, वो ऊपर से लेकर नीचे तक बहुत सुंदर थी.
फिर मैंने उसको अपनी बाहों में लेकर नीचे लेटा दिया और उसकी चूत को कुछ देर सहलाने के बाद अब मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाकर गोरी, चिकनी, गीली चूत को हल्के हल्के चूमना और उसके बाद चाटना शुरू कर दिया, वो तो जैसे कि बिल्कुल पागल ही हो गई थी, वो पूरे जोश में आकर सिसकियाँ लेते हुए मेरे सर को अपनी चूत के मुहं पर पूरे जोश से दबाने लगी थी और मुझे अपनी चूत में घुसा रही थी और वो अपने चूतड़ को हवा में उठाकर मुझसे और अंदर तक अपनी जीभ को डालकर चूसने के लिए कहने लगी, उफ्फ्फ्फ़ हाँ थोड़ा सा और अंदर घुसा उईईईईइ हाँ डाल दे पूरा अंदर आअह्ह्ह्ह वाह मज़ा आ गया और में अब बहुत मजे लेकर उसकी चूत को चूस रहा था और फिर मैंने महसूस किया कि वो पांच मिनट के बाद झड़ गई, जिसकी वजह से मेरा पूरा उसके गरम लावे से भर गया और में उसका सारा स्पर्म पी गया और चाट चाटकर मैंने उसकी चूत को दोबारा चमका दिया.
फिर कुछ देर बाद मैंने उससे कहा कि अब तुम मेरा लंड अपने मुहं में लो. दोस्तों वो तो झट से मान गई, जिसकी वजह से में तो एकदम चकित हो गया कि वो इतना जल्दी कैसे मान गयी? शायद वो खुद भी मेरा लंड अपने मुहं में लेकर उसके मजे लेना चाहती थी और फिर वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर बहुत मजे से लोलीपोप की तरह चूसने लगी और मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था, क्योंकि वो किसी अनुभवी की तरह बहुत आराम से पूरा अंदर बाहर करते हुए लंड को चूस रही थी, लेकिन थोड़ी ही देर के बाद में भी उसके मुहं में झड़ गया और वो भी मेरा पूरा स्पर्म पी गयी.
फिर भी कविता ने मेरा लंड चूसना बंद नहीं किया. उसकी कुछ देर की मेहनत के बाद मेरा लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो चुका था और अब उसने मुझसे कहा कि प्लीज अब तुम मुझे जल्दी से चोद दो, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा, प्लीज अब तुम मेरी प्यास को बुझा दो और मुझे शांत कर दो प्लीज.
फिर मैंने उसे ज़ोर से धक्का देकर बेड पर पटक दिया और उसके दोनों पैरों को उठाकर अपना लंड चूत के मुहं पर सेट करके मैंने एक ही झटके में अपना पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से वो बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी, आह्ह्ह्हह आईईईईइ मार डाला उफ्फ्फफ्फ्फ़ स्ईईईईईईईइ प्लीज थोड़ा धीरे करो. अब में बिना सुने जोर जोर से धक्के लगाने लगा था और में पूरे जोश में था और अब उसकी सिसकियों की आवाज़ पूरे रूम में गूँज रही थी, वो उफ्फ्फ्फ़ आईईईईई मर गई आह्ह्ह्ह थोड़ा धीरे करो, में क्या कहीं भागी जा रही हूँ, आह्ह्ह्हह्ह और वो मुझसे कहने लगी कि में यहीं रहूंगी प्लीज थोड़ा धीरे धीरे करो आह्ह्हह्ह नहीं तो शोर सुनकर मेरा बेटा उठ जाएगा.
फिर में अब थोड़ा आराम आराम से धक्के देकर चोदने लगा था, में अब अपना लंड पूरा बाहर निकाल देता और फिर एक झटके में पूरा अंदर डाल देता और मेरे उस जोरदार धक्के से वो पूरी तरह से हिल जाती और ठप ठप हमारे दोनों के नंगे गरम बदन के टकराने की आवाज आने लगती.
फिर कुछ देर धक्के देने के बाद मैंने उससे बोला कि अब हम पोजीशन बदलकर चुदाई करते है और मैंने अपने लंड को तुरंत खींचकर बाहर कर लिया. उसके बाद मैंने उसे डॉगी स्टाईल में बैठने के लिए कहा और उसने तुरंत वैसा ही किया, अब वो मेरे सामने डॉगी की तरह बैठ गई. मैंने उसके पीछे खड़े होकर अपने लंड को चूत के मुहं पर सेट किया और एक ही जोरदार धक्का देकर मैंने अपना पूरा लंड चूत में डाल दिया और फिर में उसको ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदने लगा था और में बीच बीच में अपना पूरा लंड बाहर निकालकर दोबारा एक ज़ोर का झटका देकर पूरा अंदर डाल देता, जिसकी वजह से वो पूरा हिल जाती और चिल्ला उठती आआअहह आईईईईइ और फिर वो मेरा नाम लेने लगी और मुझसे कहने लगी उफ्फ्फ हाँ शंकर और ज़ोर से धक्का देकर चोदो मुझे उफफ्फ्फ्फ़ हाँ आज तुम मुझे अपनी रंडी बना दो हाँ और जोर से चोदो, आह्ह्ह्ह हाँ खून निकाल दो मेरी चूत से, मेरी चूत को पूरी तरह से संतुष्ट कर दो, आईईईईइ हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे उफ्फ्फ्फ़ वाह मज़ा आ गया, में बहुत समय से प्यासी हूँ, तुम आज मेरी प्यास को बुझा दो.
दोस्तों तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी और वो मेरा नाम ले रही थी, जिसकी वजह से मुझे और भी जोश आ रहा था, अब में धीरे धीरे अपनी स्पीड को बढ़ा रहा था और फिर में कुछ देर और धक्के देने के बाद उसकी चूत में ही झड़ गया और कुछ धक्के देने के बाद में थक कर उसके ऊपर ही गिर गया और फिर हम दोनों वैसे ही लेटे रहे. फिर उसके थोड़ी ही देर बाद वो मेरे लंड से एक बार फिर से खेलने लगी थी, वो मेरे लंड को हिलाने सहलाने लगी थी, जिसकी वजह से मेरा लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया और दोबारा चुदाई करने के लिए एकदम तैयार खड़ा था.
बीवी को चुदाई का नशा
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रहमान है और में बिहार का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 32 साल है और मेरी बीवी शोभा की उम्र 30 साल है, उसकी गांड मस्त गोल मटोल है, उसका फिगर साईज 36-34-38 है. हमारी शादी को 8 साल हो गये है और हमारे कोई संतान नहीं है. हमने डिसाइड किया था कि हम बच्चे 5 साल के बाद करेंगे, क्योंकि हम लाईफ का असली मज़ा लेना चाहते थे.
मेरी बीवी को चुदाई बहुत पसंद है और उसे तो रोज सेक्स चाहिए. शोभा की आदत है कि रात होते ही जब हम खा पीकर निपट जाते है तो वो सोने से पहले अपने सारे कपड़े उतार देती है और सिर्फ़ पेंटी-ब्रा पहनती है. उसका जिस्म इतना मादक है कि नहीं चाहते हुए भी मेरा लंड उसे चोदने के लिए खड़ा हो जाता है, वो इतना अच्छा लंड चूसती है कि में उसके मुँह में ही झड़ जाता हूँ और वो मेरा सारा पानी पी जाती है. फिर भी वो मेरा लंड चूसती रहती है जब तक उसकी तड़प कम नहीं होती. वो अपनी चूत चटवाने की भी बड़ी शौकीन है.
मुझे भी उसकी चूत में शहद लगाकर चाटने में बड़ा मजा आता है. वो चुदते समय बहुत सेक्सी सिसकारियां लेती है आहा जानू और चोदो मुझे आआहह आआहह. मेरा मन करता है कि उसको रातभर चोदता ही रहूँ, वो इतनी सेक्सी और हावी हो जाती है और यह हमारा रोजाना का काम है पहले हम ब्लू फ़िल्म देखते है और फिर सेक्स करते है.
दोस्तों कुछ समय से मेरे मन में यह ख्याल आने लगा कि में अपनी बीवी की जबरदस्त चुदाई करवाऊँ, जहाँ 2-3 बन्दे उसे बहुत बेदर्दी से चोद रहे हो और एक लंड उसके मुँह में हो और एक लंड उसकी गांड में और एक लंड उसकी चूत में हो. अब मुझे बुरी तरह से बीवी को चुदवाने का नशा चढ़ गया था और में जानता था कि ऐसे पूछने में वो भड़क जाएगी, लेकिन जब उसकी चूत में मेरा लंड होगा तब शायद वो मान जाए.
फिर एक दिन जब हम चुदाई कर रहे थे तो मैंने हिम्मत करके उससे पूछा कि जान कितना अच्छा होता अगर मेरे पास 3 लंड होते तो, एक लंड को तुम चूसती और बाकी 2 लंड से में एक साथ तुम्हारी गांड और चूत का मज़ा लेता. वो यह सुनकर हंस पड़ी और बोली कि भला ऐसा भी कभी होता है. फिर मैंने अपना लंड ज़ोर-ज़ोर से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. अब वो बहुत उत्तेजित हो गई थी और ज़ोर- ज़ोर से अपनी चूत ऊपर उठा रही थी. फिर मैंने उससे कहा कि यार 3-4 लोग मिलकर सेक्स करे तो कितना मज़ा आए? अब यह सुनकर उसने कहा कि हाँ मजा तो बहुत आएगा और वो सिसकारियां निकालने लगी तो में भी उत्तेजित हो गया.
फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी चोटी खींचते हुए उसकी चूत पर थप्पड़ लगाने लगा और अपनी स्पीड भी बढ़ा दी, फिर थोड़ी देर में हम दोनों झड़ गये. फिर रिलेक्स होते हुए मैंने उसे किस किया और उसके बूब्स को मसलते हुए पूछा कि जान एक बात कहूँ बुरा तो नहीं मानोगी. तो उसने कहा कि पूछ लो, इसमें बुरा मानने वाली क्या बात है? फिर मैंने उससे पूछा कि क्यों ना हम 2-3 लोगों के साथ सेक्स करे? तो उसने कहा कि क्या बात है, आजकल बड़े शौकीन बन रहे हो? मुझे पता है तुम क्या चाहते हो?
मैंने पूछा कि बताओ क्या? तो उसने कहा कि नहीं तुम ही बताओ. अब मेरे जिस्म में एक अजीब सी लहर दौड़ रही थी, फिर मैंने कहा कि में तुम्हें दूसरे मर्दो के साथ मिलकर चोदना चाहता हूँ. अब यह सुनकर वो मुस्कुराई, अब उसकी आँखो में एक अजीब सी चमक थी. अब में समझ गया था कि वो तैयार है, फिर उसने कहा कि देखते है पहले इंतज़ाम तो करो.
अब में चौंक गया था कि वो गुस्सा क्यों नहीं हुई? अब में बहुत खुश हो गया था, लेकिन मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि बन्दों का इंतज़ाम कहाँ से करूँ? फिर मैंने सोचा कि इंटरनेट पर कोशिश करता हूँ. फिर मैंने बहुत सारी साईट्स पर ट्राई किया और अपना नंबर दिया. फिर 3-4 महीने के बाद मुझे 3 लोगों का एक ग्रुप मिला, जो चेन्नई में थे.
फिर वो तैयार हो गये और उन लोनो ने अपनी नंगी फोटो मेरी बीवी को दिखाने के लिए शेयर की, उनमें से एक के लंड का साईज़ 10 इंच था. अब मेरी बीवी ने जब उसका लंड देखा तो वो बस उसे देखती ही रह गई. फिर मैंने पूछा कि क्या इरादा है? तो वो थोड़ी शर्माते हुए बोली कि में तो आपकी प्रॉपर्टी हूँ, जब जिससे बोलोगे उससे चुदवा लूँगी. फिर मैंने उसे कसकर अपनी बाहों में भर लिया और अपना एक हाथ उसकी पेंटी में डालकर उसकी चूत को मसलने लगा.
उस रात हमने काफी जबरदस्त सेक्स किया था, आज तो सेक्स का नशा ही कुछ अलग था. अब में भी उससे कह रहा था कि साली रंडी तेरी तो में ऐसी चुदाई कराऊंगा की तू जिंदगीभर याद रखेगी. अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, फिर उसने कहा कि मेरी जान आअहह जितना मर्ज़ी चाहे उतना चुदवा लो अपनी रंडी को आहह आहह और चोदो और चोदो मुझे, मेरी चूत पूरी फाड़ दो.
फिर हमने एक हफ्ते के बाद चेन्नई जाने का प्लान बनाया और फिर हमने वहाँ पहुँचकर 7 दिनों के लिए एक होटल बुक किया. अब हमारा प्लान था कि जी भरकर पूरे एक हफ्ते तक ग्रुप सेक्स करेंगे. फिर मैंने उन तीनों रेयान, धर्मेश और आरिफ को कॉल किया और शाम को आने को कहा. अब मेरी बीवी बहुत बेताब थी, उसने पूरी तैयारी कर रखी थी, उसने अपनी चूत को शेव करके बिल्कुल मक्खन की तरह चिकना बना रखा था. फिर शाम होते ही वो सब लोग आ गये, फिर हमने चाय पी और थोड़ी देर तक इधर उधर की बातें करते रहे.
अब वो तीनों शोभा को घूर-घूरकर देख रखे थे, शोभा ने सिर्फ सफेद पारदर्शी मैक्सी पहन रखी थी और अंदर कुछ भी नहीं पहन रखा था. अब उसके बड़े-बड़े बूब्स और काले निपल्स साफ-साफ दिखाई दे रहे थे आज तो मेरी बीवी पूरी रंडी लग रही थी. अब मेरी बीवी थोड़ी नर्वस हो रही थी, लेकिन बहुत ज़्यादा उत्तेजित थी. अब मुझे उसकी खुशी साफ झलक रही थी, फिर मैंने शोभा को बुलाया और अपनी गोद में बैठने को कहा. अब सब उसे ही देख रहे थे, फिर मैंने धीरे-धीरे अपना हाथ उसकी जांघो पर फैरना शुरू किया और उसकी मेक्सी ऊपर उठाने लगा. अब यह देखकर बाकी लोग भी गर्म हो गये थे, फिर मैंने कहा कि यार शरमाओ मत, यह आज हम सबकी है.
अब शोभा नीचे बैठी और आरिफ की पेन्ट की जिप पर अपना हाथ रखा और उसे खोल दिया. अब में समझ गया था कि उसे आरिफ का 10 इंच का लंड चूसना है, उसने रियल में पहले कभी इतने बड़े लंड का मज़ा नहीं लिया था. फिर आरिफ ने उसकी मैक्सी उतार दी, अब मेरी बीवी पूरी नंगी हो गई थी.
फिर शोभा ने आरिफ की पेंट खोली और उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और मस्ती में चूसने लगी. अब आरिफ तो जैसे पागल ही हो गया था, अब वो आवाजे निकालने लगा आहह पूरा ले लो मेरी जान आहह पूरा चूस लो बहुत मजा आ रहा है. दोस्तों उसके बाद उन तीनों ने मेरी बीवी को बहुत मस्ती से चोदा और हमने उन 7 दिनों में बहुत मजा किया.
दोस्त ने मेरी माँ को ज़बरदस्ती चोदा
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रणवीर है और में गुजरात से हूँ. मेरी उम्र 18 साल है और हम घर में तीन लोग है में मेरी माँ और मेरे पापा. मेरे पापा जिनका नाम योगेश पटेल है, वो एक किसान है और हम लोग राजकोट में रहते है, लेकिन हमारा फार्म बहुत दूर एक गाँव में है, इसलिए मेरे पापा ज़्यादातर वहीं पर रहते है और घर पर में और मेरी माँ रहती है.
मेरी माँ का नाम टीना है, उसकी उम्र 37 है और वो दिखने में बड़ी ही हॉट सेक्सी लगती है, लेकिन वो चेहरे से उम्र में थोड़ी छोटी दिखती है, उसकी लम्बाई 5.5 है और उनका फिगर देखकर तो किसी का भी लंड टाईट हो जाए. उनका फिगर 36-30-38 है और उनके 36 के बड़े बड़े बूब्स है और वो हमेशा साड़ी पहनती है, जिससे उनके बूब्स हमेशा एक तरफ से बड़े दिखते है और जब वो चलती है तो उसके बड़े बड़े कूल्हे हिलते है, क्योंकि उनके कूल्हे बहुत बड़े है और सभी लोग उनको पीछे से घूरते रहते है और उनकी मटकती हुई गांड के बहुत मज़े लेते है और हर कोई उनको चोदना चाहता है.
दोस्तों अब में अपनी कहानी पर आता हूँ और वो सच्ची घटना आप सभी सभी चाहने वालों को विस्तार से सुनाता हूँ, जिसमें मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त ने मेरे सामने मेरी माँ को चोदकर उसकी चुदाई के मज़े लिए और में बस देखता रहा और वो चोदता रहा.
दोस्तों यह घटना करीब एक महीने पहले की है. में 12th क्लास में पड़ता हूँ और मेरी क्लास में मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है, जिसका नाम अमन है और वो दिखने में बहुत हट्टा कट्टा है और हम दोनों कुछ समय पहले तक बहुत पक्के दोस्त थे और हमारे बीच बहुत बनती थी. हम एक दूसरे के साथ बहुत अच्छी तरह से रहते और मज़े करते और घूमते फिरते थे, लेकिन एक दिन किसी बात को लेकर मेरा और उसका बहुत झगड़ा हुआ और उसने मुझे बहुत मारा, जिसकी वजह से मेरी नाक से खून निकलने लगा था. फिर जब में अपने घर पर गया तो मेरी माँ मुझे इस हालत में देखकर अचानक से बहुत परेशान हो गई और वो मुझसे बोली.
माँ : अरे रणवीर यह क्या हुआ तुम्हारा क्या कोई एक्सिडेंट हो गया? देखो कितना खून निकल रहा है क्या हुआ?
में : नहीं माँ, मेरे साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है जैसा आप सोच रही हो, मुझे अमन ने बहुत मारा, मेरा और उनका झगड़ा हो गया था.
माँ : तुम यह क्या बोल रहे हो? में जाकर उनसे बात करूँगी.
में : नहीं माँ, तुम मत जाना, वरना वो मुझे फिर से मारेगा.
माँ : देखो तुम्हारी नाक से कितना खून निकल रहा है और तुम मुझसे कह रहे हो कि में ना जाऊँ, में अमन से जरुर बात करूँगी कि उसने तुम्हारे साथ ऐसा क्यों किया, तुम्हारी क्या गलती थी, जिसकी वजह से उसने तुम्हें इतना बेरहमी से मारा है.
फिर माँ मुझे पास ही के एक डॉक्टर के पास ले गई और उस डॉक्टर ने मेरा इलाज किया. फिर दूसरे ही दिन सुबह माँ अमन के घर पर जाने वाली थी और वो सुबह मुझे उठाने आई. दोस्तों में तो उसे देखकर एकदम दंग रह गया, क्योंकि माँ ने उस समय काली और लाल रंग की डिजाईन वाली साड़ी पहन रखी थी और उनका वो ब्लाउज पीछे से इतना छोटा था कि उनकी गोरी गोरी नंगी पीठ साफ साफ दिख रही थी. उनके बूब्स एकदम तने हुए थे, जिसको देखकर हर किसी की नियत खराब हो जाए. फिर वो मेरे मना करने के बाद भी मुझसे कहकर चली गई.
माँ : रणवीर में अमन के घर जा रही हूँ, क्या तुम भी मेरे साथ चलोगे?
में : नहीं माँ कोई कहीं नहीं जाएगा, मुझे नहीं आना आपके साथ.
माँ : नहीं मैंने बोला ना उठना.
माँ नहीं मानी और में भी तैयार हो गया और हम दोनों घर के बाहर निकले और जाने के लिए रिक्शा ढूँढने लगे और तब मैंने गौर किया कि सभी लोग मेरी माँ की गांड को देख रहे थे. उनके हिलते हुए कूल्हों पर सबकी नज़र थी. फिर हम ऑटो में बैठ गये और अमन के घर चले गये और उस समय अमन घर पर अकेला था, माँ ने बाहर से ही उसे आवाज़ लगाई.
माँ : अमन कहाँ गया तू बाहर निकल.
फिर अमन बाहर आ गया, उसने बनियान और पेंट पहनी हुई थी और उसकी नज़र मेरी माँ के ऊपर पड़ते ही वो तो बिल्कुल पागल ही हो गया और वो माँ को बहुत घूर रहा था, उसने इससे पहले कभी भी मेरी माँ को नहीं देखा था.
अमन : हाँ क्या हुआ आंटी?
दोस्तों यह बात पूछते ही माँ ने उसे दो जोरदार थप्पड़ लगाए, जिसकी वजह से वो तो बिल्कुल पागल हो गया और अब वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा.
अमन : यह क्या कर रही हो आप, आपने मुझे क्यों मारा?
माँ : देख मेरे बेटे को कोई इस तरह किसी को मारता है, इसकी नाक से कल बहुत खून बह रहा था.
अमन : आप पहले एक बार सोच लो मुझसे दुश्मनी अच्छी नहीं है.
दोस्तों अब वो मेरी माँ पर बहुत गुस्सा करने लगा और वो मेरी माँ से बोला.
अमन : में इस दो थप्पड़ का बदला आपसे जरुर लेकर रहूँगा.
माँ : तू क्या मुझे धमकी दे रहा है, बुला बाहर कहाँ गये तेरे माता पिता, बुला उन्हें.
अमन का गुस्सा देखकर में बहुत डर गया, इसलिए में अपनी माँ को वहां से वापस ले आया. अब मुझे घर पर भी बहुत डर लग रहा था कि अमन मुझे वापस जरुर मारेगा, क्योंकि उसका गुस्सा बहुत खराब है और वो जो भी बात कहता है वो काम जरुर करता है. फिर दूसरे दिन रविवार था और सुबह के 10 बजे थे, माँ ने घर पर उस समय बड़े गले की मेक्सी पहनी हुई थी और उसने अंदर काली कलर की ब्रा पहनी हुई थी और जिसकी वजह से उसके बड़े बड़े बूब्स बहुत टाईट लग रहे थे, तभी अचानक घंटी बजी और मैंने दरवाज़ा खोलकर देखा तो बाहर अमन खड़ा हुआ था. उसने दरवाज़े पर ही मुझे ज़ोर की लात मारकर नीचे गिरा दिया और फिर उसने दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया, वो मुझे अब बहुत गंदी गंदी गालियाँ देने लगा था और में बहुत डर रहा था.
अमन : साले मादरचोद बता मुझे तेरी वो रंडी माँ कहाँ है, आज तो में उसको बहुत मारूँगा और तुझे भी.
माँ : अरे यह सब क्या है रणवीर क्या हुआ है तुम्हें? अमन क्या तुमने मारा है रणवीर को?
अमन : साली भोसड़ी, आज तो में तुझे रुला रुलाकर मारूंगा और चोदूंगा भी.
दोस्तों अमन बहुत गुस्से में था और उसने आज अपने मन में ठान ही लिया था कि वो मेरी माँ से उसके थप्पड़ का बदला जरुर लेगा और वो मेरे साथ साथ आज उन्हें भी मारेगा.
माँ : तुम यह क्या बोल रहे हो बेशर्म हरामी?
दोस्तों अमन तो मेरी माँ को देखकर पागल ही हो रहा था. वो मेरी माँ के तने हुए बूब्स को लगातार गंदी गंदी नजरों से घूरता ही जा रहा था. वो मेरी माँ को खा जाने वाली नजरों से देख रहा था और मुझे उससे बहुत डर लग रहा था.
तभी उसने मुझे एक साईड में दोबारा धक्का देकर वो मेरी माँ पर टूट पड़ा और उसने तुरंत माँ को एक थप्पड़ मारकर नीचे ज़मीन पर गिरा दिया और वो अब उसके ऊपर लेट गया और वो मेरी माँ को अब मेरे ही सामने बहुत बेरहमी से चूमने लगा था, उसने एक ही जोरदार झटके से मेरी माँ की मेक्सी को फाड़कर निकाल दिया था, जिसकी वजह से अब मेरी माँ सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और मुझसे यह सब देखा नहीं जा रहा था.
में अमन को रोकने के लिए उसको पकड़कर दूर करने लगा, लेकिन उसकी ताक़त के सामने में कुछ भी नहीं कर सका और उसने मुझे एक मुक्का मार दिया.
अब वो माँ को और मुझे घसीटकर बेडरूम में ले गया, वहां पर उसने माँ को बेड पर फेंक दिया और मुझे पकड़कर सामने वाली कुर्सी पर बाँध दिया, जिसकी वजह से में अब बिल्कुल भी हिल नहीं पा रहा था. फिर वो माँ को बेड पर ले जाकर वो खुद उनके ऊपर लेट गया और वो अब माँ को बहुत बेरहमी से मारने लगा, लेकिन में कुछ भी नहीं कर सकता था.
फिर उसने अपने कपड़े उतार दिए, वो सिर्फ़ अंडरवियर में था और उसका लंड इतना टाईट हो गया था कि उसकी अंडरवियर टेंट की तरह खड़ी हो गई थी और अब वो माँ के ऊपर कूद पड़ा और माँ ज़ोर ज़ोर से रोए जा रही थी.
माँ : प्लीज मुझे माफ़ कर दो, प्लीज मुझसे ग़लती हो गई थी, प्लीज तुम मेरे साथ ऐसा मत करो.
अमन : नहीं भडवी तेरे जैसी चीज़ मुझे कहाँ मिलेगी.
अब उसने माँ की ब्रा का हुक खोलने की कोशिश की, लेकिन माँ उसे नहीं खोलने दे रही, तभी उसने ब्रा को एक जोरदार झटका देकर तुरंत फाड़ दिया, जिसकी वजह से अचानक से उनके दोनों बड़े आकार के बूब्स बाहर निकल आए. दोस्तों जो मैंने उस समय देखा वो क्या मस्त नज़ारा था? मुझे बिल्कुल भी मालूम नहीं था कि मेरी माँ के इतने बड़े बड़े बूब्स होंगे, क्योंकि मैंने आज तक उन्हें कपड़ो के अंदर ही देखा था और बाहर से में आज पहली बार देख रहा था, मेरी आखें उन्हें देखकर बहुत चकित थी.
अमन : वाह मेरी रंडी तेरे यह बड़े बड़े बूब्स तो आज मेरी जान ही ले लेंगे, में आज पहली बार इतने सुंदर बड़े आकार के मुलायम बूब्स देख रहा हूँ, वाह मज़ा आ गया.
फिर उसने ज़ोर से बूब्स को पकड़ा और मसलने लगा, वो बहुत बेरहमी से बूब्स को निचोड़ने लगा था, जिसकी वजह से दोनों बूब्स एकदम लाल हो गये थे और माँ रोते हुए उससे बोल रही थी.
माँ : हुउऊउ आहहह प्लीज अब तो मुझे छोड़ दो, आह्ह्ह अब मत करो, मेरे बूब्स में बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज छोड़ दो उनको आईईइ माँ मर गई.
दोस्तों लेकिन अमन ने माँ की एक भी बात नहीं सुनी और उसने दबाकर मसलकर उनके बूब्स को पूरे लाल कर दिए थे. तभी कुछ देर बाद उसने बूब्स का पीछा छोड़ दिया और अब वो नीचे की तरफ बढ़ने लगा और फिर उसने तुरंत मेरी माँ की पेंटी को उतार जिसकी वजह से मेरी माँ की चूत अब उसके ठीक सामने थी और वो लगातार चूत को घूर घूरकर देख रहा था, उसकी नजर चूत से हटने को तैयार नहीं थी और में भी अपनी माँ की चूत को देखकर चकित हो गया, क्योंकि वो एकदम साफ चमकती हुई और उभरी हुई थी, जिससे थोड़ा थोड़ा पानी बाहर आ रहा था.
अमन : अफ वाह क्या मजेदार है तेरी यह मुलायम चूत, आज देख में कैसे इसको चोद चोदकर इसका भोसड़ा बनाता हूँ, इसको चोदने में तो मुझे वाह मज़ा ही आ जाएगा, वाह क्या चूत है तेरी एकदम मस्त.
दोस्तों अब वो माँ की चूत में उंगली डालकर शुरू हो गया, वो बहुत बेरहमी से ज़ोर ज़ोर से अपनी उंगली को चूत में अंदर बाहर कर रहा था और माँ उस दर्द से चीखते हुए करहाते हुए तड़पने लगी थी, लेकिन उसके ऊपर कोई भी असर नहीं था, वो तो अपनी मस्ती में मस्त था.
माँ : आहहह उफ्फ्फ्फ़ में मर गई नहीं प्लीज अब बस करो, मुझे माफ़ कर दो माफ़ कर दो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, आह्ह्ह अब में कभी भी ऐसा नहीं करूंगी, मुझे माफ़ कर दो.
दोस्तों अमन उसकी कोई भी बात को ना सुनते हुए चूत को लगातार चाटता, चूसता जा रहा था और उंगली भी कर रहा था, माँ आह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह माँ मर गई कि आवाजे निकालती हुई अपनी चूत को उससे चटवा रही थी. दोस्तों कुछ देर बाद मैंने गौर किया कि माँ का विरोध करना अब धीरे धीरे सिसकियों में बदल रहा था, वो अब शांत होती जा रही थी, शायद उनको अब अपनी चूत को उससे उसकी जीभ से चुदवाने में थोड़ा मज़ा आने लगा था और वो मेरे वहां पर होने की वजह से थोड़ा सा नाटक उछलकूद कर रही थी, क्योंकि उसने मेरी माँ की चूत को बहुत जमकर जोश में आकर चूसा, जिसकी वजह से अब माँ भी गरम होने लगी थी.
फिर अमन ने सही मौका देखकर अपनी अंडरवियर को उतार दिया तो माँ की आखें एकदम से बाहर आ गई थी, क्योंकि अंडरवियर से बाहर निकला वो लंड करीब 7 इंच बड़ा था, जिसको देखकर उनकी आखें फटी की फटी रह गई थी.
माँ : उफ्फ्फ्फ़ नहीं नहीं यह मुझसे नहीं होगा, यह तो बहुत लंबा मोटा है, मुझे इससे बहुत दर्द होगा, में इसको नहीं ले सकती, प्लीज छोड़ दो मुझे, में मर जाउंगी.
दोस्तों यह शब्द बोलकर वो तुरंत उठ गई और अपने दोनों नंगे बूब्स को हिला हिलाकर भागने लगी, लेकिन अमन ने एकदम से उन्हें पकड़कर बेड पर बैठा दिया और फिर उसने अपना लंड मेरी माँ के मुहं के पास रख दिया और बोला.
अमन : साली मादरचोद ले मुहं मे पूरा.
फिर उसने माँ की नाक बंद कर दी और माँ का मुहं खुलते ही उसने अपना पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से उनका सर पकड़कर हिला रहा था और फिर मेरी तरफ अमन ने देखा और बोला.
अमन : देख मादरचोद तेरी माँ आज कैसे मज़े से लंड चूस रही है, यह बहुत ज़्यादा समझदारी दिखा रही थी. आज इसका हाल बहुत बेहाल होगा भड़वे साले.
में : नहीं अमन ऐसा मत करो, यह सब गलत है प्लीज अब मेरी माँ को छोड़ दो.
फिर वो नहीं माना. फिर लंड मुहं से बाहर निकाला और उसने माँ को उठाकर पटक दिया और वो उनके ऊपर चड़ गया, उसने बीच में आकर माँ की दोनों जांघो को कसकर पकड़ा और दूर कर दिया और अपने लंड को चूत के मुहं पर रख दिया और एक ही जोरदार धक्का देते हुए उसने चूत में अपना 6 इंच का लंड पूरा ही अंदर डाल दिया. लंड गीली चूत को फाड़ता हुआ अंदर चला गया.
दोस्तों मेरी माँ बहुत दिनों से नहीं चुदी थी, इसलिए वो तो अचानक से हुए उस वार से कराह उठी और अब वो ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी और पूरे रूम में उनकी आवाज सुनाई दे रही थी, वो लंड को बाहर निकालने की नाकाम कोशिश कर रही थी.
माँ : आह्ह्ह्हह हाए में मर गई प्लीज बाहर निकालो, आअहहहह उईईई माँ अमन नहीं नहीं अमन आहह्ह्ह में मर जाउंगी, प्लीज अब छोड़ दो मुझे आहहहह हटो दूर मुझसे ऊईईईइ.
दोस्तों वो अब अमन का उछल उछलकर विरोध करने लगी थी, लेकिन अमन बिना कुछ सुने ज़ोर ज़ोर से अपने लंड को उसकी चूत पर धक्के मारे जा रहा था और उन्हें ऐसे ही चुदाई करते हुए पूरा आधा घंटा हो गया था, माँ शायद इस बीच झड़ जाने के बाद थोड़ी ढीली पड़ गई थी और वो अब उसके धक्को का मज़ा लेती हुई अपनी चूत को उससे चुदवा रही थी, मुझे वो बहुत संतुष्ट सी नजर आ रही थी, लेकिन अमन का लंड अभी भी बिल्कुल टाईट था.
अमन : आहहह चल भड़वी अब तू जल्दी से पीछे घूम जा.
दोस्तों यह बात कहकर उसने तुरंत माँ को उसी जगह पर उल्टा कर दिया और अब वो उनके बड़े बड़े कूल्हों पर लगातार थप्पड़ मारने लगा था. फिर माँ अब उसकी ऐसी हरकते देखकर समझ गई थी कि अब वो उनकी गांड को मारने वाला है. अब उनकी गांड भी उस मोटे लंड को लेने के लिए बिल्कुल तैयार उनके चेहरे से वो खुश नजर आ रही थी, लेकिन मेरे सामने वो मुझे दिखाने के लिए विरोध कर रही थी.
माँ : उह्ह्ह्ह अब मुझमें इतनी ताक़त नहीं है. में तुम्हारे इस जानवर जैसे हथियार को दोबारा अपने अंदर नहीं ले सकती, में मर जाउंगी प्लीज ऐसा मत करना, प्लीज मैंने आज तक कभी भी पीछे नहीं लिया है, अब बस करो.
अमन : मेरी जान, अभी तो तेरी गांड की ठुकाई बाकी है.
फिर ऐसा कहकर उसने सीधा अपने लंड को गांड के मुहं पर रख दिया और एक जोरदार धक्का मार दिया, जिसकी वजह से लंड अंदर चला गया और माँ उस दर्द से एक बार फिर से तड़पने लगी और चिल्ला उठी.
माँ : उउईईईईइइ माँ में मर गई, नहीं प्लीज ऐसा मत करो में तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ, आहह हाआहह ओईईइ माँ.
दोस्तों अमन अब बहुत ज़ोर ज़ोर से मेरी माँ की गांड को लगातार धक्के मारे जा रहा था. उसका लंड मुझे छेद से अंदर बाहर होता हुआ साफ साफ नजर आ रहा था. तभी कुछ देर बाद मैंने देखा कि लंड के अंदर बाहर होने के साथ साथ अब उनकी गांड से खून भी बाहर निकल रहा था और अब माँ बेहोश सी होने लगी थी और वो करीब 20 मिनट तक बिना रुके गांड में लंड को धक्के मारे जा रहा था.
फिर कुछ देर बाद माँ धीरे धीरे अपने होश में आई तो उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और अपना वीर्य उसने मेरी माँ के चेहरे पर निकाल दिया. उसके लंड से बहुत सारा लावा निकला और माँ चेहरे से पूरी रंडी की तरह लग रही थी, वो बिल्कुल संतुष्ट एकदम निढाल होकर पड़ी हुई थी, उसने अपना मोबाईल एक कोने में रखकर वो सब कुछ रिकॉर्ड कर लिया था.
अमन : वाह भडवी मज़ा आ गया, अब तो तेरी वीडियो भी मेरे पास है, अब जब भी में तुम्हें बुलाऊँ तब तुम मुझे खुश करने चुपचाप आ जाना वरना में तुमको बदनाम कर दूँगा.
दोस्तों माँ रो रही थी और उनकी आखों से आंसू बाहर आ रहे थे, तभी अमन उठकर मेरे पास आ गया.
अमन : साले तेरी माँ मेरी रखेल है तू यह बात तेरे बाप को मत बोलना वरना वो तुझे बहुत मारेगा.
फिर उसने मुझे रस्सी खोलकर आजाद कर दिया और फिर मेरी माँ ने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए और अमन भी कपड़े पहनकर अपने घर पर चला गया.
बस में मिली आंटी के साथ सेक्स
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम निखिल है, मेरी उम्र 24 साल है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. में इस साईट का बहुत बड़ा फैन हूँ और रोज इसकी स्टोरी पढ़ता हूँ. फिर मैंने सोचा कि में भी अपनी स्टोरी लिखूँ. यह स्टोरी करीब 2 साल पहले घटी एक हक़ीकत हैं. में एक दिन कुछ काम से उरण गया था, काम निपटने में रात के 10 बजे गये थे और काम निपटाकर में घर जाने के लिए बस स्टॉप पर खड़ा था और मुझे थाने के लिए बस पकड़नी थी.
अब एक घंटा होने में आया था, लेकिन बस नहीं आई तो उतने में मेरी नज़र एक आंटी पर पड़ी, वह फोन पर किसी के साथ बात कर रही थी तो मैंने सुना कि उन्हें भी थाने की बस पकड़नी है. फिर वह मेरे सामने से होकर थोड़ा आगे जाकर खड़ी हो गयी, उन्होंने काले रंग की साड़ी पहनी थी और उनके गले में मंगलसूत्र भी था, उनका फिगर 38-26-38 कुछ था और उनका रंग भी गोरा था.
फिर में जाकर उनकी बगल में खड़ा हो गया, वो भी मेरी तरह बस के लिए परेशान थी. फिर में बोला छी यार इस बस ने भी परेशान कर दिया, एक घंटे से खड़ा हूँ और अभी तक बस नहीं आ रही है. फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि आपको कहाँ जाना है? तो मैंने कहा कि थाने, तो वो बोली कि मुझे भी थाने जाना है. फिर में उनको बोलकर बस की पूछताछ करने गया. फिर वापस आकर उनकी साईड में खड़ा हो गया.
अब हम दोनों में बातचीत चालू हो गयी थी और फिर थोड़ी देर में बस भी आ गयी, अब में उनकी साईड में ही बैठ गया. अब हम दोनों का टिकट मैंने ही लिया, अब सबको लग रहा था कि हम साथ में है, इसलिए किसी ने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया. अब टिकट बुकिंग होने के बाद बस की लाईट बंद हो गयी थी और अब मेरा लंड खड़ा हो गया था.
फिर मैंने धीरे-धीरे उनके हाथ को टच किया और हाथ वैसे ही रखा, तो आंटी भी मुझसे थोड़ा चिपक कर बैठ गयी. अभी तो मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था. फिर मैंने आंटी के हाथ पर अपना हाथ रखा तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे हाथ को सहलाने लगी. मैंने उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम रजनी बताया.
फिर मैंने मेरा हाथ निकाला और उनके कंधे से होकर उनके बूब्स पर रख दिया और धीरे-धीरे बूब्स दबाने लगा. फिर उन्होंने मेरे कंधे पर अपना सर रख दिया और अपना एक हाथ मेरे लंड पर रखकर उसे सहलाने लगी. जब रात के 11 बजे का टाईम था तो बस में ज़्यादा भीड़ भी नहीं थी. मैंने अपनी पेंट की चैन को खोला तो आंटी मेरा लंड हिलाने लगी. फिर मैंने उनके ब्लाउज के बटन खोल दिए और बूब्स दबाने लगा.
फिर मैंने किसिंग चालू कर दी, तो अब आंटी ने भी मेरा साथ दिया. फिर मैंने एक किस लिया और उनकी जुबान से अपनी जुबान लगाकर चाटने लगा और अपने हाथ से बूब्स भी दबा रहा था. फिर मैंने उनसे सर खिड़की पर और पैर सीट के ऊपर रखने को बोला और उनकी साड़ी ऊपर करके उनकी पेंटी निकालकर उनके हाथ में दी और उनकी चूत में उंगली डाल दी और आराम-आराम से हिलाने लगा.
फिर उन्होंने भी मौन करना चालू कर दिया. फिर मैंने उनको बस ध्यान देने को बोला और अपना मुँह चूत के पास ले जाकर धीरे-धीरे चूसना चालू कर दिया. अब उन्हें भी मज़ा आ रहा था और अब चूसते-चूसते उनकी चूत से पानी निकलने लगा था तो वह सब मैंने अपने मुँह में भर लिया और उनको किस करने लगा. फिर मैंने अपने मुँह का पानी उनके मुँह में डालकर उन्हें टेस्ट करवाया.
फिर मैंने उनके बूब्स को दबाना चालू कर दिया. अब वो भी मेरा लंड मुँह में लेकर चूस रही थी और अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर ऐसा लगभग 20 मिनट तक चला, अब मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने उनसे बोला, तो उन्होंने बोला कि कुछ नहीं निकलने दो और 2 मिनट में ही मेरा पानी निकल गया और उन्होंने मेरा पूरा पानी पी लिया.
फिर कुछ ही टाईम के बाद स्टॉप आया और हम बस से उतर गये. अब में घर जाने वाला था तो इतने में आंटी बोली कि मेरे घर चलो, मेरे घर पर मेरी सास अकेली है, में पहले अंदर जाती हूँ और तुम बाहर ही रूको. फिर में थोड़ी देर के बाद वापस आकर दरवाजा खोलती हूँ और तुम अंदर चले आना और ऐसे ही हुआ. फिर वह मुझे अपने बेडरूम में ले गयी और रूम का दरवाजा बंद करके मेरे बगल में आकर बैठी. फिर मैंने उनको बेड पर सुलाया और उनको किस करने लगा, कभी गाल पर, कभी लिप पर. फिर मैंने धीरे-धीरे उनका ब्लाउज निकाला और उनके बूब्स चूसने लगा और एक हाथ उनकी पेंटी में डालकर उंगली करना चालू कर दिया. अब आंटी के मुँह से आअहह हहुउ हूउ आअहह निकलना चालू हो गया था.
फिर मैंने अपने दूसरे हाथ से उनकी साड़ी निकाल दी. फिर में अपना मुँह उनकी चूत पर ले जाकर चूत चाटने लगा और अपनी पूरी जुबान उनकी चूत में डालकर बड़ी ज़ोर से चूसने लगा. अब आंटी पागल होकर बोली ओह माई डियर मेरा पति तो कुछ भी नहीं करता, ओह मेरे बाप की उम्र का है, तुझे जैसा चाहिए वैसा कर आज से में तेरी हो गयी, तुझे जो चाहिए वो दूँगी. अब में बहुत खुश हो गया था.
फिर मैंने ज़ोर-ज़ोर से उनकी चूत को चाटना चालू कर दिया. अब उनका पानी निकलने वाला था और उन्होंने बताया भी नहीं और पूरा का पूरा पानी में पी गया. फिर आंटी ने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर उसे चाटना चालू कर दिया. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और अब आंटी ने चूस-चूसकर उसका साईज़ 5 इंच कर दिया था. फिर उन्होंने मेरा लंड उनकी चूत में डालकर मुझसे बोली कि फाड़ डाल इसे. उन्होंने काफ़ी टाईम से सेक्स नहीं किया था तो लंड को अन्दर जाने में तकलीफ़ हो रही थी.
फिर मैंने थोड़ा तेल उनकी चूत में और गांड में डाल दिया और थोड़ा सा मेरे लंड पर भी लगाया और चोदने लगा. फिर धीरे से आधा लंड अंदर डालकर एक ज़ोर का झटका दिया तो वो इतने में ज़ोर से चिल्लाई कि कोई सुन न ले. फिर मैंने धीरे-धीरे करके अंदर बाहर करना चालू कर दिया तो वो हुउऊुऊऊउउउ हाआअआया आआ आराम से डार्लिंग बोलने लगी. अब में उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा और वो आआअशजफफ्फ करके चिल्लाने लगी. फिर मैंने करीब 25 मिनट तक उसे चोदा और मेरा निकल गया. फिर मैंने उस पूरी रात में आंटी को तीन बार चोदा.
मेरी भाभी और वो काले आदमी
हैल्लो दोस्तों, में सागर एक बार फिर से हाजिर हूँ और आप सभी चाहने वालों के सामने अपनी दूसरी कहानी के साथ है और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी जरुर को पसंद आएगी. दोस्तों मेरे घर में हम पांच लोग ही है, में, मेरी मम्मी, पापा, बड़े भैया और भाभी. दोस्तों मेरे पापा एक सरकारी नौकर थे, लेकिन अब वो रिटायर्ड है और अपनी एक दुकान पर बैठकर अपना टाईम पास करते है. मेरी मम्मी घर में रहती और घर के छोटे मोटे कामों में मेरी भाभी की मदद करती है. भैया और भाभी दोनों ही अलग अलग सरकारी सेक्टर में है और में दिल्ली में रहकर फील्ड की नौकरी करता हूँ.
दोस्तों उस समय यहाँ पर बहुत गरमी हो रही थी और में एक सिगरेट की दुकान पर रुककर पेप्सी और सिगरेट पी रहा था. तभी कुछ देर बाद उसी दुकान पर एक आदमी बाईक लेकर आया, उसके साथ एक औरत भी पीछे बैठी हुई थी और जिसने अपने मुहं पर साड़ी का पल्लू लिया हुआ था. में उस समय बिल्कुल कोने में खड़ा हुआ देख रहा था.
तभी उस आदमी ने बिना अपना हेलमेट उतारे उस दुकान से एक कॉंडम का पैकेट ले लिया और वापस जाने लगा. उस औरत ने एक पर्स अपने कंधे पर लटकाया हुआ था, उसको देखकर में बहुत हैरान हो गया और फिर में मन ही मन सोचने लगा कि यह तो वही पर्स है जो मम्मी ने मेरी भाभी को गिफ्ट दिया था और फिर उस आदमी ने अपनी बाईक पर किक मारी और वो चल दिया, लेकिन में अब भी उसके बारे में सोच रहा था.
तभी अचानक से में अपने होश में आ गया और मैंने अपनी बाईक को स्टार्ट किया और धीरे धीरे उसके पीछे जाने लगा. फिर कुछ दूरी पर चलने के बाद वो एक सरकारी क्वॉर्टर की तरफ मुड़ गए तो में भी उनके पीछे पीछे हो लिया और फिर वो एक बिल्कुल कोने के मकान के पास जाकर रुका.
दोस्तों में वहाँ पर बहुत बार जा चुका था और वो मकान आगे से अक्सर बंद ही रहता था, लेकिन उसके पीछे की तरफ एक कमरा था, जिसका दरवाजा हमेशा खुला ही रहता था.
मैंने कई बार वहाँ पर जाकर पेशाब भी किया था, वो अपनी गाड़ी से नीचे उतरे और वो आदमी उस मकान का दरवाजा खोलने लगा और फिर वो दोनों तुरंत अंदर घुस गये. फिर में भी जल्दी से पीछे की तरफ भागा और उस कमरे से अंदर की तरफ देखने लगा. उस औरत ने अंदर जाते ही अपनी चुन्नी को उतार दिया और उसके चुन्नी को उतारते ही में तो उसे एकदम चकित होकर देखता ही रह गया, क्योंकि वो मेरी भाभी ही थी.
दोस्तों में आप सभी लोगों को बता दूं कि मेरी भाभी की उम्र करीब 38-40 के बीच होगी और फिर उन्होंने अपनी चुन्नी को उतार दिया और उस आदमी से पूछा कि मुझे फ्रेश होना है तो वॉशरूम कहाँ है? तो उसने हाथ का इशारा करके बताया. में लगातार उस आदमी को देख रहा था और उसके बारे में सोच रहा था. वो करीब 45- 50 के बीच का काला बहुत अजीब सा था और वो ज़्यादा लंबा चौड़ा भी नहीं था, मेरे भैया के मुक़ाबले तो वो आधा भी नहीं था.
फिर भाभी ऐसा कैसे कर सकती है, उन्हे पूरी दुनिया में क्या बस यही आदमी मिला था यह सब करने के लिए, में यह सारी बातें सोचता रहा. फिर वो कुछ देर बाद वॉशरूम से फ्रेश होकर बाहर आई और आते ही उस आदमी ने उन्हें तुरंत अपनी तरफ खींचकर चूमना, चाटना शुरू कर दिया और वो बिल्कुल पागलों की तरह उनके गोरे गोरे गाल और गुलाबी होंठ चूम और चाटे जा रहा था.
फिर भाभी ने उससे कहा कि इतने जल्दी में क्यों हो थोड़ा आराम से मज़े लेंगे, हमारे पास तो अभी बहुत टाईम है और वो उसका हाथ पकड़कर उसे बेड की तरफ लेकर चली गयी और वो बेड पर लेट गई. अब उसने भाभी का पल्लू हटाया और ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को चूमने लगा और दबाने लगा. भाभी की आँखें बंद थी और वो तेज़ तेज़ साँसें ले रही थी.
अब वो धीरे धीरे नीचे की तरफ जाने लगा और उनकी नाभि में अपनी जीभ को डालने लगा और दोनों हाथों से उसके बूब्स को दबाने लगा था और नीचे जाकर वो भाभी की साड़ी को खोलने लगा और भाभी की मदद से उसने पूरी साड़ी को उतार दिया. फिर वो पेटिकोट भी खोलने लगा और भाभी की गोरी गोरी जांघे अब उसके सामने थी. वो देखकर साला पागल हो गया और अब वो मेरी भाभी के पूरे पैर और तलवे को चाटने लगा.
दोस्तों मैंने देखा कि भाभी ने उस समय लाल कलर की पेंटी पहनी हुई थी, वो तो अब ऐसे पागल हो गया जैसे पहली बार किसी को ऐसे देख रहा था और भाभी भी उसको देखकर हंस रही थी और फिर वो उससे कहने लगी कि पहली बार किसी को इस तरह से देख रहे हो क्या? तो वो बोला कि हाँ में आज इस तरह इतनी गोरी औरत को पहली बार ही देख रहा हूँ. फिर भाभी बोली कि तुम झूठ मत बोलो इतना मोटा और लंबा हथियार लेकर घूमते हो और इससे पहले कभी इतनी गोरी औरत से नहीं किया, ऐसा हो ही नहीं सकता.
दोस्तों में अपनी भाभी के मुहं से यह सब सुनकर बहुत हैरान था और अब वो पहली बार भाभी को ऐसे देख रहा था और में सोच रहा था कि भाभी को बिना देखे कैसे पता कि उसका लंड कितना लंबा और मोटा है? अब वो अपना काम करने में लगा हुआ था. फिर वो ऊपर की तरफ बढ़ने लगा और अपनी जीभ से चाटने, चूमने लगा और फिर ब्लाउज को खोलने लगा और जैसे ही उसने ब्लाउज को खोला तो वो भाभी की लाल कलर की ब्रा को देखकर तो भाभी के ऊपर जैसे टूट पड़ा हो.
अब कभी वो चूमता तो कभी चाटता और कभी काट रहा था, जिसकी वजह से भाभी के गाल, छाती और गला पूरा लाल हो गये थे. फिर भाभी ने उसे रोका और बोला कि तुम अब अपने कपड़े भी तो उतारो तो वो खड़ा हुआ और अपनी शर्ट और पेंट को उतारने लगा और जैसे ही वो अंडरवियर में आया तो उसके लंड का उभार इतना था कि मानो उसकी नाभि तक लंड के खड़े होने की वजह से छुप गयी थी.
फिर भाभी ने उसका तनकर खड़ा लंड देख और उस पर अपना हाथ फेरने लगी, वो उस समय खड़ा था और भाभी लेटी हुई थी और हाथ फेरते फेरते भाभी ने उसका अंडरवियर उतार दिया और अब उसका लंड ऐसे सामने आया जैसे पिंजरे से भूखा शेर आज़ाद हो गया हो और फिर भाभी उसका लंड देखकर पागल हो गयी और एकदम से उसके काले टोपे को अपनी जीभ से चाटने लगी. सच में उसका लंड बहुत मोटा और लंबा था, भाभी तो उसका सिर्फ़ टोपा ही अपने मुहं में ले पा रही थी और भाभी के गोरे गाल और गुलाबी होंठो के बीच वो काला लंड ऐसा लग रहा था जैसे सफेद टीले पर कोयले का निशान पड़ गया हो. फिर भाभी वहाँ पर चूसने में लगी हुई थी और में यहाँ पर ढीला हो गया था.
फिर मेरा तो यह सब देखते ही झड़ गया और उस साले का क्या हाल हो रहा होगा मुझे नहीं पता? तो भाभी बहुत देर तक उसका लंड चूसती रही और फिर उसने भाभी के बाल पकड़ लिए और हल्के हल्के झटके देने लगा और वो कहने लगा कि में अब झड़ने वाला हूँ, उफ्फ्फ में झड़ जाऊंगा. फिर भाभी अब और भी मस्ती में आकर उसका लंड चूसने लगी और थोड़ी देर बाद वो भाभी के मुहं में ही झड़ गया और भाभी उसका सारा पानी पी गई जैसे जन्मो से प्यासी हो.
फिर वो कहने लगा कि ऐसा क्यों किया? अब जल्दी खड़ा नहीं होगा तो भाभी कहने लगी कि जल्दी किसको है और रही बात खड़ा करने की तो में वो सब कुछ कर दूँगी और तुम उस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो. फिर भाभी ने उसको पलंग पर लेटा दिया और उसके निप्पल को चूसने और चूमने लगी और उसकी छाती पर बहुत बाल थे और वो बालों पर हाथ भी फेरे जा रही थी और धीरे धीरे नीचे की तरफ आने लगी, उसकी नाभि जो कि बालों से घिरी हुई थी, उस पर अपनी जीभ घूमाने लगी और जिसकी वजह से वो तो साला लेटे हुए जन्नत की सेर कर रहा था.
फिर उसके लंड पर भाभी अपने बूब्स को रगड़ने लगी, उसका लंड ढीला था और तब भी आकार में बहुत बड़ा था और फिर वो अपनी जीभ उसके टोपे पर फिराने लगी और पूरे लंड को चाटने लगी और गंदी गंदी बातें करने लगी जैसे कि वाह क्या मस्त लंड है तेरा, तू कहाँ था अब तक, इतना मोटा लंड लेकर ऑफिस में आस पास घूमता रहता था. एक बार आकर मेरी गांड पर रगड़ देता या दरवाज़ा खोलकर मूत करता तो अब तक तो में इसका सारा रस निचोड़ लेती और इसको जवान कर देती, अब जब भी बोलूँगी तो तू मुझे यहाँ जरुर लेकर आएगा, वरना में ऑफिस में तेरा जीना मुश्किल कर दूँगी और यह बात कहते कहते उसका लोड़ा भाभी अपने मुहं में लेकर चूस रही थी. दोस्तों अब यह सब देखकर तो मेरा लंड दोबारा से तनकर खड़ा हो गया था और में बहुत जोश में आ गया था.
भाभी के मुहं से यह सब सुनकर मुझे पहले बहुत अजीब लगा, लेकिन अब बहुत मज़ा आने लगा था. अब वो भी मज़े से उछलने लगा और कहने लगा कि अब में तुझे अपनी रखैल बनाकर रखूँगा और हर दिन तेरी चूत की चुदाई जरुर करूंगा और तेरी चूत को चोद चोदकर आज में भोसड़ा बना दूंगा. फिर भाभी बोली कि तेरा लंड देखकर तो कोई भी औरत इसकी गुलाम हो जाए, अब में तेरी गुलाम रखैल रंडी सब बनकर रहूंगी और तुझे वो सारे सुख दूँगी जो में तुझे अपनी तरफ से दे सकती हूँ और मैंने कभी सुना था कि कोयले की खान में ही हीरा मिलता है और आज मैंने देख भी लिया. दोस्तों में अपनी भाभी को ऐसे देखकर बहुत हैरान था कि जो औरत घर में हमेशा घूँघट में रहती है, वो किसी गैर मर्द के साथ इतना सब कुछ एक अनुभवी रंडी की तरह क्यों कर रही है? वो अब उस आदमी का लंड अपने बूब्स के बीच में रखकर चूसने लगी थी, जैसे कि इसके बाद यह पल कभी नहीं आएगा और धीरे धीरे भाभी ने उसका लंड खड़ा कर ही दिया.
फिर भाभी ने अपनी पेंटी उतारी और उसके लंड के ऊपर बैठ गई, लेकिन वो उसका आधा लंड ही अपनी चूत के अंदर ले पा रही थी, क्योंकि लंड कुछ ज्यादा ही मोटा और भाभी की चूत का छेद थोड़ा छोटा था और भाभी की आँखो से आँसू गिरने लगे, लेकिन अब भी वो लगातार कोशिश किए जा रही थी. वो भाभी के नीचे लेटा हुआ देख रहा था और हंस रहा था और अब पहले धीरे धीरे, लेकिन फिर एक झटके से वो उस लंड पर बैठ गई, जिसकी वजह से लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर घुस गया और वो चीख पड़ी.
कुछ देर ऐसे ही बिना हिले बैठी रही. फिर जब वो थोड़ा शांत हुई तो वो आदमी नीचे से हल्के झटके देने लगा और थोड़ी देर झटके देने के बाद भाभी भी एकदम पहले जैसी हो गई और वो अब लंड पर उछलने लगी और लंड पूरा चूत से बाहर निकलता और फिर वो अंदर डाल लेती और ऐसे ही करीब 20 मिनट तक वो अपने तरीके से लंड को लेती रही और पता नहीं वो कितनी बार झड़ गयी.
फिर भाभी ने उससे बोला कि अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ तो वो आदमी तुरंत उठा और भाभी से उसने घोड़ी बनने के लिए कहा और भाभी उसके सामने जल्दी से बन गयी और फिर उसने अपना लंड पीछे से भाभी की चूत में डाल दिया.
अब भाभी की चूत थोड़ी सी सूज गई थी और एकदम लाल भी हो गयी थी, लेकिन वो तो पागलों की तरह पीछे से भाभी के बूब्स पकड़कर उन्हें लगातार धक्के देकर चोदे जा रहा था. वो कभी भाभी की गांड पर हाथ फेरता, पूरी पीठ पर चूमता काटता और फिर वो पूछने लगा कि क्यों मज़ा आ रहा है कि नहीं? तो भाभी बोली कि हाँ मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा है, में तो पहले ही समझ गई थी कि तुम मुझे आज खुश कर दोगे और बहुत मज़ा दोगे.
फिर वो बोला कि क्यों तेरा पति तुझे ढंग से नहीं चोदता क्या? तो भाभी बोली कि ऐसी कोई बात नहीं है, वो मुझे खुश कर देते है, लेकिन मैंने जब से अपनी दोस्त से तुम्हारे बारे में सुना तब से पता नहीं मुझे क्या हो गया और कुछ समझ में नहीं आया. फिर वो बोला कि क्यों जब तुमने पहली बार मेरा लंड देखा तब तुम्हें कैसा लगा था?
भाभी बोली कि में तो तुम्हारा लंड उस एक वीडियो में देखकर ही पागल हो गई थी, जिसमें तुमने मेरी उस दोस्त की चूत को चोद चोदकर उसकी माँ चोद दी थी, वो वीडियो मुझे मेरी दोस्त ने दिखाई थी. दोस्तों में उनकी बातें सुनकर समझ गया था कि कैसे और कब देखा भाभी ने इसका लंड देखा था और करीब 45 मिनट तक घोड़ी बनाकर भाभी को चोदते हुए उसने कहा कि अब में झड़ने वाला हूँ, अंदर डालूँ या बाहर? फिर भाभी ने कहा कि बाहर गिराना होता तो लंड पर कॉंडम लगाते ना बिना कॉंडम के करने दिया है, इसका मतलब अंदर ही झाड़ दो.
फिर वो बोला कि अरे हाँ मैंने वो कंडोम का पैकेट तो बेकार ही लिया. भाभी बोली कि कोई बात नहीं तुम उसे अगली बार काम में ले लेना और अब तो हमारी चुदाई ऐसे ही चलती रहेगी और फिर वो झड़ने लगा तो उसने भाभी की गांड को पकड़कर अपना पूरा माल उनकी चूत में डाल दिया और उन्हीं के ऊपर लेट गया और करीब 15 मिनट तक वो दोनों ऐसे ही लेटे रहे और एक दूसरे को सहलाते रहे.
फिर भाभी और वो वॉशरूम में साथ चले गये और दोनों ने एक दूसरे को साफ किया और वापस बाहर आकर उसने भाभी को पेंटी पहनाई और फिर भाभी कांच के सामने अपने बाल बनाने लगी और वो पीछे से जाकर भाभी से लिपट गया और भाभी ने उससे पूछा कि क्यों मज़ा आया? तो उसने कहा कि हाँ बहुत मज़ा आया काश कि तुम मेरी बीवी होती तो में तुम्हें ऐसे ही दिन रात चोदता रहता और अपना लंड सदा तुम्हारी चूत में डालकर पड़ा रहता. फिर भाभी तुरंत उससे बोली कि अब से में तुम्हारी रखैल हूँ और भाभी ने उसे अपना मंगलसूत्र उतारकर दे दिया और कहा कि तुम मुझे पहनाओ.
फिर उसने भाभी के बाल को एक साईड किया और उन्हें वो मंगलसूत्र पहनाया और फिर भाभी ने पर्स से सिंदूर निकाला और कहा कि भर दो तुम आज मेरी माँग. फिर उसने भाभी की माँग भरी और भाभी ने नीचे झुककर उसका लंड छुआ और चूमा और कहने लगी कि अब से इस पर मेरा भी पूरा हक हो गया है और गले लग गयी.
फिर उसने और भाभी ने पूरे कपड़े पहने और फिर घर से बाहर निकलने से पहले उसने और भाभी ने स्मूच किया और एक दूसरे की जीभ को चाटा और वहाँ से निकल गये और थोड़ी देर बाद में भी वहाँ से निकल गया. फिर शाम को जब में अपने घर पर पहुंचा तो मैंने देखा कि भाभी खाना बना रही थी और सब लोग हॉल में बैठे हुए थे. उन्होंने मुझे आकर पानी दिया और घूँघट करके वापस किचन में चली गयी.
फिर रात को सबने साथ खाना खाया और फिर सब अपने रूम में चले गये. मैंने जाकर भैया के रूम में देखा तो भाभी भैया से ऐसे बात कर रही थी जैसे वो उनसे बहुत प्यार करती है और उनके लिए सब कुछ कर सकती है. दोस्तों में तो हैरान था कि वो ऐसे बातें कर रही है जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं और उनके चेहरे पर बिल्कुल भी दुख नहीं है बल्कि बहुत खुश है.
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