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बीवी के साथ माँ और सास का चोदन
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रवि है और में अहमदाबाद का रहने वाला हूँ. मेरी बीवी का नाम गुड़िया है और वो 27 साल की है, वो चुदाई में बहुत ही मस्त है और में उसको खूब चोदता हूँ. मेरी सास जो कि 54 साल की है, वो काफ़ी मोटी है और मेरी माँ जिसका नाम सरला है, वो 52 साल की है और थोड़ी सांवली है, उसकी साईज़ 38-32-40 है और उसकी गांड बहुत ही मस्त है. मेरे साले का नाम राजू है, वो मेरी बीवी से बड़ा है और वो 31 साल का है, मेरी उससे बहुत ही बनती है.
ये कहानी आज से 2 साल पहले की है. आज से 2 साल पहले मैंने और मेरी बीवी ने बाहर जाने का प्रोग्राम बनाया तो मेरी माँ ने कहा कि बहुत दिन हो गये है, अगर कहीं मंदिर वग़ैरह जाने प्रोग्राम हो तो में भी चलूँ. फिर मेरी बीवी ने कहा कि तो चलो सोमनाथ चलते है. फिर मैंने कहा कि ठीक है. फिर मेरी बीवी ने कहा कि मेरी सास से भी पूछ ले अगर वो चलना चाहे तो, मैंने कहा कि मज़ा आएगा.
फिर हम तीनों एक साथ सेक्स करेंगे. फिर वो बोली कि हाँ तुम्हें तो सिर्फ़ चोदना ही दिखाई देता है. फिर मैंने कहा कि तुम्हारी माँ चीज़ ही ऐसी है तो क्या करें? और फिर हम दोनों हँसने लगे. फिर उसने फ़ोन पर मेरी सास से पूछा तो वो भी तैयार हो गयी. फिर मेरी माँ ने कहा कि तुम अकेले हो और तीन औरते है तो सामान वग़ैरह ज़्यादा हो जाएगा. फिर मैंने कहा कि क्या करे? तो मेरी बीवी बोली कि क्यों ना मेरे भाई को भी अपने साथ ले चले? तो मैंने कहा कि ठीक है, अब मुझे कुछ मायूसी हुई.
फिर हमने एक स्लीपर बस में चार डबल और एक सिंगल सीट बुक करा ली और रात को चल पड़े. अब रात में मेरे साथ मेरी बीवी, माँ और मेरी सास साथ में और सिंगल सीट में मेरा साला लेट गया था. अब रात होते ही मैंने मेरी बीवी की चूचियां दबाना शुरू कर दिया. अब वो भी मज़े लेने लगी थी. अब मैंने मेरी बीवी को चोदना शुरू ही किया था कि अचानक किसी ने मेरे स्लीपर का दरवाजा खोला. अब में अपना लंड मेरी बीवी की चूत में डालकर चोद रहा था तो मैंने देखा कि वो मेरी माँ थी. अब हम दोनों एकदम चौंक गये थे और वो भी मेरे लंड को देखकर शर्मा गयी थी. फिर मेरी बीवी ने कहा कि कोई बात नहीं माँ, बोलो क्या हुआ? तो वो बोली कि कुछ नहीं मुझे बहुत ज़ोर से टॉयलेट लगी है तुम ड्राइवर को बोलो कि वो बस को रोक दे, तो मैंने कहा कि ठीक है.
फिर में खड़ा होने लगा तो मेरी बीवी बोली कि अरे मेरा काम तो हो जाने दो. फिर माँ ने कहा कि हाँ बेटा उसका काम ख़त्म कर दो और फिर मेरी बीवी और माँ मुस्करा दी. फिर में उसको चोदकर बाहर गया और बस रुकवाई, तो बाहर बहुत अंधेरा था. फिर मेरी माँ बोली कि बेटा मुझे कुछ नहीं दिख रहा है क्या करूँ? तो मैंने कहा कि आप उतरो में मोबाइल से लाईट दिखाता हूँ. फिर वो बोली कि ठीक है और मैंने लाईट दिखाई. अब वो मेरे सामने ही अपनी साड़ी ऊँची करके बैठ गयी थी.
अब मुझे उसकी पूरी गांड दिख रही थी शायद अब माँ को भी ये पता था कि में उनकी पूरी गांड देख रहा हूँ. अब उन्हें देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था. फिर वो टॉयलेट करके खड़ी हुई तो वो मेरे लंड को देखने लगी और मुस्कुराकर बोली कि मैंने कहा तो था कि अपना काम ख़त्म कर ले, बाद में मुझे टॉयलेट करा देता. फिर में कुछ नहीं बोला और फिर हम बस में चढ़ गये और सुबह सोमनाथ पहुँच गये. अब सुबह पहुँचते ही हमने नहा धोकर दर्शन किए और पूरा दिन वहाँ घूमे.
अब आज मेरी सास काफ़ी उदास लग रही थी तो मैंने उनके पास जाकर पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि कुछ नहीं मेरे राजा में तो इसलिए आई थी कि हम दोनों फिर से मज़े करेंगे, लेकिन ये तेरी माँ और मेरे मादरचोद बेटे ने सब काम बिगाड़ दिया. फिर मैंने कहा कि चिंता मत करो में कुछ करता हूँ और वहीं पर उनकी गांड पर अपना हाथ फैर दिया.
फिर हम रात को एक होटल में गये और एक ही बड़ा रूम ले लिया, जिसमें हम पाँचो लेट गये. फिर रात को मैंने और मेरी बीवी ने फिर से सेक्स करना शुरू कर दिया, तो मैंने देखा कि मेरी माँ हम दोनों को देख रही है और अपने बूब्स दबा रही है. फिर मैंने मेरी बीवी को ये इशारा किया तो उसने उनकी तरफ देखा तो वो मुस्कुरा दी. फिर मेरी बीवी ने मेरी माँ के बूब्स दबा दिए. अब में भी यह सब देख रहा था. फिर मेरी माँ बोली कि यहाँ तुम्हारी माँ भी है, वो क्या सोचेंगी?
फिर मेरी बीवी ने कहा कि सब जाग जाओ, तो सब लोग तुरन्त खड़े हो गये क्या हुआ? तो मेरी बीवी ने मेरी सास से पूछा कि माँ मेरी सास अपने बेटे का लंड लेना चाहती है, लेकिन आपकी वजह से नहीं ले पा रही है तो मेरी सास ने कहा कि बेटी मुझे भी चुदना है, लेकिन क्या करूँ तुम्हारी सास की वजह से नहीं कर पा रही हूँ? फिर मेरी बीवी ने मेरे साले से कहा कि भैया तुम क्या सोचते हो? तो मेरा साला कुछ नहीं बोला. फिर मेरी सास बोली कि बेटा वो तो मेरी चूत का गुलाम है तू तो जानती ही है मुझे चुदवाने की आदत है, लेकिन तेरे पिताजी के बाद घर पर तेरा भाई मुझे खूब चोदता है.
अब ये सब सुनकर मेरी बीवी बोली कि माँ मुझे ये सब पता है कि भैया तुम्हें चोदते है और मुझ पर भी नज़र रखते है. फिर मेरा साला बोला कि अरे मेरी रंडी बहन तू तो है ही ऐसी, तो में क्या करूँ? लेकिन तू आज तक मेरे हाथ में नहीं आई. फिर मेरी बीवी उठकर सीधी मेरे साले के मुँह पर अपनी चूत रखकर बोली कि भैया अब तो सीधी मुँह में ही आ गयी और फिर सब हँसने लगे.
फिर मेरी सास ने मेरी माँ से कहा बहन जी आपका लड़का बहुत ही अच्छा है और चुदाई तो ऐसे करता है क्या बताऊँ? मैंने आज तक बहुत लंड लिए, लेकिन दामाद जैसा लंड तो किसी का नहीं है. फिर मेरी माँ बोली कि तो फिर देर किस बात की है जब हम सब चुदना चाहते है तो फिर शर्म किस बात की है और फिर हम पांचो नंगे हो गये.
फिर मेरी बीवी ने कहा कि हम सबके नाम लेकर ही बुलाएगें, तो सबने कहा कि हाँ ठीक है. फिर गुड़िया खड़ी हुई और राजू का लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. अब मेरी सरला भी अपनी चूत पर अपना हाथ घुमा रही. फिर मेरी बीवी बोली कि कुत्ते चूत बुला रही है और तू दूर खड़ा है, तो में तुरंत अपनी माँ की चूत को चाटने लगा और मेरी सास तुरंत मेरी गांड चाटने लगी. अब हम सबको इतना मज़ा आ रहा था कि क्या बताऊँ? फिर मेरी माँ मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी और बोली कि बेटा कल रात को तुम्हारा लंड देखकर में पागल हो गयी थी, लेकिन क्या करती?
फिर मेरी बीवी बोली कि अरे मेरी रंडी सास कल रात को ही अपनी चूत में डाल लेती और मेरे साले से बोली कि भैया तू तो बड़ा चुदक्कड है, माँ को रोज ठोकता है. फिर वो बोला कि क्या करूँ मेरी रंडी बहन? अपनी माँ है ही ऐसी उसे लंड तो चाहिए ही है. फिर मैंने अपना लंड मेरी माँ की चूत में पूरा उतार दिया और चोदने लगा.
फिर माँ बोली कि और ज़ोर से चोदो मेरे बेटे फाड़ दे इस चूत को और फिर में ज़ोर-ज़ोर से माँ को चोदने लगा. फिर मेरी सास भी बोली कि बेटा मुझे भी अपने लंड का स्वाद दो, तो मैंने माँ की चूत में से अपना लंड बाहर निकालकर मेरी सास के मुँह में दे दिया और फिर से माँ की चूत में अपना लंड डाल दिया. फिर मेरी सास बोली कि बहन जी आपकी चूत का स्वाद तो बहुत ही अच्छा है और फिर में मेरी माँ की चुदाई करने लगा. फिर मैंने माँ को उल्टा किया और उसकी गांड के छेद पर अपना लंड रखा तो वो बोली कि बेटा ये मत करो, ये आज तक कुँवारी है.
फिर मेरी सास बोली कि बहन जी आज तक आपने इसे बचाए रखा, क्या बात है? तो मेरी बीवी बोली कि माँ आपका बेटा तो गांड का दिवाना है, वो रात को जब तक गांड ना मारे मुझे सोने नहीं देता है. फिर मैंने माँ की गांड पर अपना थूक लगाया और अपना लंड रखा तो माँ बोली कि बेटा दर्द हो रहा है. फिर मेरी सास बोली कि बेटा दर्द की चिंता मत कर, आज डाल दे फाड़ दे इस रंडी की गांड और बना ले अपनी रंडी. फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर मैंने ज़ोर से धक्का मारा तो मेरा लंड पूरा माँ की चूत में चला गया और मेरी माँ दर्द से कराह उठी. फिर मैंने अपना लंड धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया. फिर थोड़ी में उसे भी मज़ा आने लगा और बोली कि हाँ बेटा फाड़ दे इसे, मैंने तो आज तक इसका मज़ा ही नहीं लिया था और फिर में ज़ोर-ज़ोर से माँ को चोदने लगा.
फिर मेरा साला खड़ा हुआ और मेरी सास की चूत में अपना लंड डालकर चोदने लगा. फिर मेरी माँ बोली कि आज में बहुत खुश हूँ जो मेरे बेटे को ऐसा ससुराल मिला है. फिर मेरी बीवी बोली कि माँ अब तो रोज इस लंड के मज़े लो. फिर मेरी माँ बोली कि हाँ बिल्कुल और फिर मेरे साले ने मेरी माँ की चूत में अपना लंड डाल दिया, तो मेरी माँ बोली कि मादरचोद फाड़ दी मेरी चूत.
फिर मेरी सास बोली कि बहन जी में तो एक साथ तीन-तीन का लंड ले लेती हूँ और आप दो में ही चिल्ला रही हो, तो मेरी माँ बोली कि साली कमीनी आज तक में सिर्फ़ अपने पति से ही चुदी हूँ, आज तूने दो एक साथ डलवा दिए है. फिर में बोला कि माँ आज से हर लंड तेरा पति है, अब तू मज़े ले और फिर हम जीजा साले मिलकर मेरी माँ की चुदाई करने लगे.
फिर 20 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और अलग हुए. फिर मेरी माँ ने मेरी सास और मेरी बीवी को गले लगाकर कहा कि आज में आप लोगों की वजह से बहुत खुश हूँ, जो मुझे ये मौका मिला. फिर मेरी बीवी बोली कि माँ अब तो तू रोज अपनी बहु के साथ में ही चुदेगी. फिर मेरी माँ बोली कि भगवान ऐसी बहु सबको दे और फिर मेरी माँ ने मेरी सास से कहा कि बहन जी अब में भी आपकी तरह ही बनना चाहती हूँ तो मेरी सास बोली कि बहन जी चुदाई है ही ऐसी चीज, एक बार लंड मिलते ही आदमी पागल हो जाता है और फिर हम सब साथ में नंगे ही सी गये. अब जब भी हमें मौका मिलता है तो हम सब चुदाई कर लेते है और खूब मजे करते है.
दीदी ने मुँह काला किया
हैल्लो दोस्तों, मेरी दीदी जो बहुत गोरी है, थोड़ी मोटी है, लेकिन फिगर ऐसा कि कोई भी उसको पटककर चोदने के ख्वाब देखने लगे, उसका फिगर साईज 38-34-36 है और लंबे बाल, लेकिन जो हिस्सा सबसे मस्त था वो उनके बूब्स है, उफ इतने बड़े-बड़े कि देखते ही लड़के पागल हो जाते है. उनकी ब्रा से एक बहुत ही कामुक और मीठी खुशबू आती है इसलिए में उनके बूब्स का सबसे बड़ा दीवाना था. उनकी उम्र 28 साल है और उनकी शादी को 3 साल हो गये है, लेकिन उन्हें कोई बच्चा नहीं है इसके लिए उन्हें ससुराल में ताने भी सुनने पड़ रहे है. मेरे घर में में, मम्मी और दीदी थे, मेरे पापा तो एक एक्सिडेंट में 10 साल पहले ही गुज़र गये थे.
ये बात तब की है जब वो हमारे घर 15 दिन के लिए आई थी. तब में 18 साल का था और जब गर्मी की छुट्टियाँ चल रही थी, जब हमारे पड़ोस के चौबे जी के घर उनका दामाद और बेटी जो 6 महीने प्रेग्नेंट थी, वो आए हुए थे. वो दामाद बिल्कुल कोयला जैसा काला और मुस्टंडा था, मोटा तगड़ा, वो बिल्कुल भयानक था. अभी हम जहाँ रहते है वहाँ 4 परिवार का कॉमन 2 लेट्रीन और 2 बाथरूम है. फिर एक बार दीदी आकर बोली कि वो काला आदमी अपने घर के सामने बैठकर उन्हें गंदी नज़र से देखता है.
मैंने कहा कि टेन्शन मत लो, वो हमेशा बैठा-बैठा सबको घूरता रहता है और वो ये सुनकर कुछ नहीं बोली. फिर एक दिन जब में खेलकर दोपहर को लौटा तो मैंने देखा कि दीदी नल के पास नीचे बैठकर बर्तन साफ़ कर रही थी और वो काला आदमी उनके बिल्कुल सामने खड़ा होकर उनसे पता नहीं क्या बातें कर रहा था? लेकिन मैंने देखा कि उसकी वहसी नज़रे मेरी भोली भाली दीदी के गोरे बूब्स पर ही थी और वो लगातार अपनी जीभ को अपने काले होंठो पर घुमाए जा रहा है.
फिर मुझे लगा कि इसकी नियत ठीक नहीं है, लेकिन मैंने गौर किया अब वो दीदी से अक्सर बातें किया करता और दीदी ने भी कभी उसकी शिकायत नहीं की, बल्कि वो हंसती और खुश रहती. फिर मैंने सोचा कि वो उनके ससुराल में तो इतनी परेशान रहती है, कम से कम वो यहाँ तो खुश है, लेकिन ये काला आदमी इतना हरामी निकलेगा मुझे पता नहीं था.
फिर एक दिन में रोजाना की तरह खेलने गया था, वैसे तो में रोजाना खेलकर 4 बजे से पहले घर नहीं लौटता था, लेकिन उस दिन मेरा पेट दर्द होने के कारण में जल्दी आ गया था, जब करीब 1 बज रहे होंगे. फिर मैंने घर आकर देखा तो दीदी घर पर नहीं थी. फिर में जान गया कि दीदी बाथरूम में गयी होगी, फिर में बाथरूम की और गया. हमारा बाथरूम एक रूम है, जिसमें एक नल है और चद्दर की छत है और दरवाजे में बहुत से छेद भी है. अब अंदर से दीदी की फुसफुसाने की आवाज़ें आ रही थी.
अब दीदी आअहह ऊफफ्फ्फ आहिस्ता कोई देख लेगा हाईई कर रही थी. अब में तो डर गया था, फिर मैंने जैसे ही धीरे से दरवाज़े पर आँख लगाई तो में बिल्कुल चौंक गया. अब दीदी की साड़ी का पल्लू नीचे गिरा था और वो काला आदमी दीदी के बिल्कुल पीछे चिपका हुआ था. अब उसका बायाँ हाथ दीदी की गोरी चिकनी कमर पर और दायाँ हाथ दीदी के दायें कंधे से होकर उनके ब्लाउज के अंदर उनके बायें बूब्स को मसल रहा था. फिर अचानक से दीदी ने एक धक्का दिया और दरवाज़ा खोला तो में छुप गया और वो भागकर घर में घुस गयी.
अब में कुछ सोच पाता उससे पहले ही वो काला आदमी भी दौड़कर उनके पीछे हमारे घर में प्रवेश कर गया. फिर मैंने सोचा कि ये ग़लत है, फिर सोचा कि इससे एक बड़ा फ़ायदा भी है अगर यह सांड अपनी बीवी की तरह मेरी दीदी की कोख भर दे, तो दीदी सिर उठाकर जी पाएगी.
फिर मैंने और देर ना करते हुए अपने घर के पीछे के पेड़ पर चढ़कर सूरज की रोशनी के लिए बनाये हुए छेद से घर के अंदर देखा तो मेरे रोंगटे खड़े हो गये. अब दीदी दीवार से चिपकी हुई खड़ी थी और उनके ब्लाउज के बटन सामने से पूरे खुलकर उनकी बगल के पास झूल रहे थे और उनकी साड़ी ज़मीन पर पड़ी हुई थी. अब वो आदमी सिर्फ़ एक लूँगी पहनकर अपनी काली छाती को दीदी की ब्रा से ढकी चूची को ऊपर दबाकर उनकी गर्दन को पागलों की तरह चूम रहा था. अब दीदी आहह हहाअ आहहह कर रही थी.
फिर वो अपने दायें हाथ से दीदी की बाई चूची को ब्रा के ऊपर से मसलने लगा और दीदी के मुँह को चूमने लगा, लेकिन दीदी ने अपना मुँह हटा लिया, तो वो वापस गर्दन पर आ गया. लेकिन इस बार उसने अपने बायें हाथ को दीदी के पेटीकोट के अंदर डाल दिया और उनकी चूत से खेलने लगा. अब दीदी कसमसा गयी और उसके हाथ को पकड़ लिया.
फिर उस आदमी ने अचानक से दीदी को पलट दिया और दीदी की ब्रा के हुक को एक ही झटके से खोल दिया और उनकी ब्रा के खुलते ही दीदी के बड़े-बड़े चूचे एक झटके से नीचे आ गये. फिर देखते ही देखते दीदी ने अपना ब्लाउज और फिर ब्रा उतारकर हवा में उछाल फेंके, क्योंकि शायद अब दीदी भी बेताब हो गयी थी.
फिर मुझे जो नज़र आया, वो में सह नहीं पाया और अपना लंड बाहर निकालकर मुठ मारना शुरू कर दिया, क्या बूब्स थे उफ़फ्फ़ एकदम सफेद गोल फूले हुए? और ऊपर के उभरे हुए हिस्से पर एक चैरी कलर का दाना पूरा तना हुआ था. फिर उस आदमी ने जैसे ही दीदी को पलटा तो में पूरा पागल हो गया. फिर जल्दी से उसने अपने दोनों हाथों से दीदी की एक चूची को उठाया और अपने काले बड़े-बड़े होंठो में जकड़ लिया और फिर अपनी आँखे बंद करके आराम-आराम से चूसने लगा.
फिर दीदी को ऐसा गहरा अहसास हुआ कि वो चीख पड़ी. अब दीदी आआहह अआह्ह्ह हूहह हाईईई कर रही थी और अपने हाथ से उसके चेहरे को धकेलने लगी थी, लेकिन भला वो ऐसी खुशबूदार और लज़ीज़ चूची को क्यों छोड़े?
अब दीदी कसमसाकर नीचे बैठ गई थी और इसके साथ ही उनकी चूची उसके मुँह से पचक की आवाज़ के साथ फिसल गई थी. फिर उस काले आदमी ने गुस्से से दीदी की और देखा और बोला कि साली रंडी, इतनी खुशबूदार नाज़ुक और लज़ीज़ चूची तू अपनी चोली में छुपाना चाहती है, ला इन्हें आज मुझे जी भरकर चूसने तो दे.
फिर मेरी दीदी बोली कि मेरी चूचीयों को छोड़ दो ये बहुत मुलायम है प्लीज. तो उस काले आदमी ने कहा कि चुप साली और फिर उस आदमी ने अपनी लूँगी उतारकर फेंक दी, जिससे मुझे उसका लंड दिखा, जो कि 7 इंच लंबा और करीब 3 इंच मोटा होगा. फिर उसने दीदी के ऊपर आकर उनके दोनों हाथों को पकड़ लिया. अब तो दीदी भी समझ चुकी थी कि ये आदमी जानवर है और अब वो फंस चुकी है, फिर उसने भी ज्यादा विरोध नहीं दिखाया. फिर उस आदमी ने दीदी के दोनों हाथों को अपने बायें हाथ से दीदी के सिर के ऊपर पकड़कर लॉक कर दिए. अब वो फिर से उनकी बाई चूची को अपने दाहिने हाथ से पकड़कर अपनी जीभ और होंठो से खेलने लगा.
फिर उसने बारी-बारी करके 15-20 मिनट तक दीदी की दोनों चूचीयों को चूसा और चाटा. अब दीदी भी कभी अकड़ती तो कभी अपने पैरों को मोड़ती तो कभी पटकती और कभी अपनी चूचीयों को ऊपर धकेलती और वो बहुत अच्छे से उन चूचीयों के स्वाद को चखता. अब इसी बीच उसने दीदी के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया था, फिर वो उन्हें छोड़कर नीचे आ गया और दीदी के पेटीकोट और चड्डी को खींचकर उनके पैरों से निकाल दिया.
फिर उसने जैसे ही दीदी के पैरों को खोला तो वो देखता ही रह गया, एकदम बालों से भरी हुई चूत और बालों को बीच में से अलग करने पर पिंक गुलाब जैसी चूत, जो काम रस से पूरी तरह से गीली थी. अब उसके मुँह में पानी आ गया और वो उसे चाटने चूसने लगा था. अब दीदी आअहह उहहुउ हहा साले गांडू करती रही और झड़ती रही और वो आदमी उनकी चूत के रस को पीता रहा.
फिर वो 10 मिनट के बाद उठा और दीदी के मुँह में जाकर अपना लंड पेलने लगा, लेकिन दीदी ने फिर से अपना मुँह घुमा लिया. फिर उसने कहा कि साली चुदवाएगी भी नखरे से, रुक दिखाता हूँ. फिर उसने अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाया और दीदी की चूत पर रगड़ने लगा. फिर दीदी बोली कि घुसा साले, तो वो सिर्फ़ सुपाड़ा अंदर डालता और वापस बाहर निकाल देता.
फिर दीदी बोली कि अब तो घुसेड़ काले सांड के बच्चे. फिर उसने कहा कि तू बोल कि तू मेरी जीभ और लंड दोनों अपने मुँह में लेगी. फिर अब दीदी ने समय बर्बाद ना करते हुए कहा कि हाँ भोसड़ी के अब अंदर चोद. फिर उसने बोला कि अब देख सांड कैसे चोदते है? और फिर एक ही झटके में उसका आधा लंड दीदी की चूत के अंदर चला गया. फिर दीदी जोर से चिल्लाई हाहहहह आहिस्ते कर रे उफ़फ्फ़ बहुत बड़ा है हाईईइ. फिर उस आदमी ने अपनी गांड को सख्त किया और धक्का लगाने लगा. अब दीदी आअहह आहह सस्शह सस्शह हाईई करे जा रही थी.
अब पूरा घर दीदी की सिसकारियों और फ़च-फ़च की आवाजो से गूँज रहा था. फिर वो धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ाता गया और अब उसका पूरा लंड अंदर बाहर होने लगा था. अब वो चोदते-चोदते रूककर दीदी की चूचीयां चूसता और फिर दे-दनादन शुरू हो जाता था. अब दीदी भी नीचे से अपने चूतड़ उठा-उठाकर चुदवा रही थी. फिर थोड़ी देर के बाद वो दोनों उठे और वो आदमी बेड पर सो गया और दीदी उसके लंड पर अपनी चूत फैलाक़र बैठ गयी और उछल-उछलकर चुदवाती रही और सिसकारियाँ भरती रही. फिर ये चुदाई 1 घंटे तक ऐसे ही चलती रही.
फिर दीदी ने कहा कि हाह्ह्ह में तो फिर से झड़ने वाली हूँ आहह हूउ सस्शह. फिर उस आदमी ने कहा कि रुक में भी आ रहा हूँ, नीचे उतर में अपना माल निकालूँगा. फिर दीदी ने कहा कि नहीं- नहीं अंदर झड़ जा बहनचोद आअहह. फिर उस आदमी ने कहा कि ठीक है सस्सह आह बोला और आखरी 5-6 धक्के मारकर लेट गया. फिर दीदी ने उससे कहा कि मेरे भाई का आने का टाईम हो गया है और उसे उसकी लूँगी देकर भगा दिया. अब इस तरह दीदी रोज चुदती और में 15 दिन तक उनकी गोरी चूत से काले लंड की चुदाई देखकर मज़ा लेता. अब दीदी 6 महीने पेट से है और सिर्फ़ में ही जानता हूँ कि ये कमाल किसने किया था? अब दीदी और उसके सुसराल वाले बहुत खुश है.
पंजाबी पड़ोसन के साथ रासलीला
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विनीत है और में जालंधर पंजाब का रहने वाला हूँ. यह कहानी मेरे पड़ोस में रहने आई एक भाभी की है. यह मेरी इस साईट पर पहली कहानी है और अब में आपको ज़्यादा बोर ना करते हुए सीधे कहानी पर आता हूँ. ये बात पिछली गर्मियों की है. मेरे पड़ोस में एक भैया भाभी रहते है, उनकी शादी को 1 साल हुआ था तो भाभी प्रेग्नेंट थी और उनकी देखभाल को कोई नहीं था तो भैया के बड़े भाई की पत्नी वहाँ रहने आई.
मेरी उनकी फेमिली के साथ अच्छा रिश्ता था और मेरा रूम छत पर ही था तो दिन में ज़्यादातर अपने रूम में ही होता हूँ. एक दिन शाम को में छत पर वॉक कर रहा था, गर्मी के कारण में ज्यादातर केप्री या टी-शर्ट में ही होता था. हुआ यूँ कि भाभी शाम को कपड़े सुखाने के लिए डाल रही थी तो मेरी नज़र उन पर पड़ी मेरी शर्ट के कुछ बटन खुले थे तो वो मुझे देखकर हंस दी.
फिर काफ़ी जाँच पड़ताल के बाद मुझे पता चला कि यह भाभी पास वाले घर में रहने आई है, पहले तो मैंने ऐसा वैसा कुछ नहीं सोचा और कुछ दिन ऐसे ही गुज़र गये. फिर एक दिन में छत पर अपने रूम में सोकर कुछ 11 बजे के लगभग उठा और जब मैंने सिर्फ़ चड्डी पहनी थी. फिर में ऐसे ही रूम से बाहर मुँह धोने के लिए आया, तो जब मैंने अपने मुँह पर पानी डाला और मेरी आधी बॉडी भीगी थी.
अचानक मेरी नज़र पास वाली छत पर पड़ी तो मैंने देखा कि वही भाभी वहाँ कपड़े सुखाने के लिए डाल रही है और मुझे देख रही है. पहले तो में थोड़ा घबराया, लेकिन फिर दिमाग़ में घंटी बजी कि एक बार ट्राई करके देखता हूँ. मैंने अपने ऊपर पानी डाला और ऐसे बर्ताव किया जैसे मुझे कुछ नहीं पता हो कि वो मुझे देख रही है.
अब पानी सिर से टपक कर चड्डी तक जा रहा था और उसी वजह से मेरा लंड भी खड़ा हुआ था. फिर जब मैंने ध्यान से देखा तो भाभी की नज़र मेरे लंड की तरफ जा रही थी. फिर मैंने एकदम से भाभी की तरफ मुड़ा और अपने लंड को जानबूझ कर हाथ में पकड़कर बाहर निकाला. अब भाभी की नज़र वहीं पर ही जा रही थी तो मैंने जानबूझ कर सब अनदेखा किया और रूम में आ गया. उसके बाद कुछ दिन ऐसे रोज सुबह उससे मिलने लगा. फिर रोज में बाहर आता तो वो वही होती थी. फिर एक दिन उसने मेरा नम्बर माँगा, तो मैंने दे दिया और फिर उसका फोन आया.
भाभी : तुम हमेशा छत पर क्यों रहते हो?
में : ऊपर मेरा रूम है.
भाभी : तुम इतने कम कपड़े क्यों पहनते हो?
में : छत पर कोई आता नहीं तो अपने रूम में अपने हिसाब से रहता हूँ, लेकिन आप यह सब क्यों पूछ रही हो?
भाभी : ऐसे ही.
में : आपने मेरा नम्बर क्यों लिया?
भाभी : मुझे आप काफ़ी सुंदर लगे.
में : आपने मुझमें ऐसा क्या देख लिया?
भाभी : सब कुछ.
में : क्या?
भाभी : छत पर आओ बताती हूँ.
फिर थोड़ी देर में भाभी छत पर आई और अब हम दोनों के छत पर कपड़े सुखा रहे थे तो हम दोनों ने वहीं कुर्सी पर बैठकर बात की. फिर भाभी ने बताया कि भैया भाभी दोनों हॉस्पिटल गये है और घर पर वो अकेली है. फिर मैंने पूछा कि रात को मिले तो उसने स्माईल की और फिर बात टाल दी. फिर उसने मुझसे पूछा कि तुम्हारे कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि हाँ है.
भाभी : कभी प्यार किया है?
में : हाँ, बहुत बार किया है.
फिर भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे गाल पर किस करके चली गयी. अब में पूरे दिन रात होने का इंतजार करता रहा था. फिर उसका कॉल आया तो उसने मुझे छत से नीचे उसके रूम में आने को कहा. अब में काफ़ी मशक्कत के बाद नीचे पहुँचा, अब मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, अब भाभी भी बस यही कहे जा रही थी कि जो करना है जल्दी करो.
फिर मैंने भाभी को कमर से पकड़ा और अपनी और खींचकर ज़ोर से उसके लिप पर अपने लिप रखकर किस किया. अब भाभी एकदम गर्म हो गयी और मेरी टी-शर्ट उतारकर फेंक दी. फिर मैंने भी जल्दी-जल्दी भाभी की कमीज़ पकड़ी और उतार दी, भाभी ने ब्लू ब्रा पहनी थी जो कि उन्हें बहुत सूट कर रही थी.
अरे हाँ में आपको भाभी की फिगर तो बताना ही भूल गया, उसका फिगर बहुत मस्त था. उनका फिगर साईज 38-30-38 था. फिर में भाभी की पूरी बॉडी को चाटने लगा और अब भाभी काफ़ी गर्म हुए जा रही थी. फिर मैंने भाभी को उल्टा लेटाया और पास पड़ा ऑयल उनकी पीठ पर गिरा दिया और मसाज करने लगा.
मैंने एकदम से उनकी ब्रा का हुक खोला और अपने हाथों को आगे पेट पर ले जाकर उनका नाड़ा खोल दिया. फिर मैंने जल्दी-जल्दी उनकी सलवार उतार कर फेंक दी. अब भाभी ने नीचे पेंटी नहीं पहनी थी, उनकी चूत पूरी तरह से क्लीन थी, अब में उसे देखते ही पागल हो गया और भाभी की टाँगे अपने कंधो पर रखकर सीधा चूत पर किस किया. फिर भाभी एकदम से कांप गयी और कहने लगी कि यह मत करो, मेरे पति ने कभी ऐसा नहीं किया है.
फिर मैंने एकदम से भाभी की चूत पर अपने लिप खोल दिए और अपनी जीभ को अंदर बाहर करने लगा. अब भाभी गर्म होने लगी और मेरे सर को पकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगी. अब भाभी ज़ोर- ज़ोर से कह रही थी कि खा जाओ मेरी चूत को, चाटो इसे, साले घरवाले ने कभी ऐसा नहीं किया, चूसो और ज़ोर से और ज़ोर से चूसो.
फिर एकदम ज़ोर की सिसकी से भाभी का काम हो गया और भाभी काफ़ी ज़ोर से चीखी. अब हम दोनों बिल्कुल नंगे हो चुके थे. फिर मैंने भाभी के बूब्स को अपने हाथों में पकड़ा और दबाने लगा. अब भाभी भी मेरा लंड लेने के लिए मचल रही थी और मेरे लंड को हाथ में पकड़कर हिला रही थी. अब में उसके निप्पल को ज़ोर-जोर से चूसने लगा. फिर मैंने उसके बूब्स को पूरा मुँह में ले लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा. अब भाभी मेरे लंड को हाथ में लेकर हिला रही थी.
फिर मैंने पूछा क्या तुम इसे चूसना चाहोगी? तो पहले तो वो मेरे लंड को देखती रही. फिर अचानक उसने मेरा लंड अपने मुँह में डाल लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी. अब कभी मेरा पूरा लंड उसके मुँह में अंदर जा रहा था तो कभी बाहर आ रहा था. अब में पूरी तरह से पागल हो रहा था. अब भाभी अपनी जीभ को मेरे लंड से अंडो तक चाटने लगी और अब वो ज़ोर-ज़ोर से चाट रही थी.
फिर उसने मेरा लंड अपने मुँह से बाहर निकाला और कहने लगी कि प्लीज़ मुझे चोदो, मुझे तुम्हारे लंड की ज़रूरत है, मेरा पति नपुंसक है, उससे कुछ नहीं होगा, प्लीज़ मुझे चोद दो, मेरी चूत को फाड़ डालो. फिर में भाभी के ऊपर आ गया और अपने लंड को चूत पर रगड़ने लगा. अब भाभी मछली जैसे तड़पने लगी और मेरे लंड को अंदर लेने की कोशिश करने लगी. फिर मैंने भाभी को बेड से उठाया और उसे दीवार के साथ टच करके उसकी चूत में अपना लंड सीधा डाल दिया. अब वो चिल्लाने लगी तो उसने बताया कि वो इससे पहले कभी अपने पति के अलावा किसी से नहीं चुदी है और मेरा लंड उसके पति के लंड से काफ़ी ज़्यादा मोटा और लम्बा है.
फिर मैंने उसका एक पैर उठाया और अपने कंधे पर रखा और अपने लंड से तेज-तेज धक्के मारने लगा. अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर जा रहा था और अब में उसे काफ़ी ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था. अब वो तो पागल हुए जा रही थी. फिर मैंने उसे बेड पर उल्टा लेटा दिया और उसके कूल्हों पर किस किया और कूल्हों को खोलकर अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया. अब भाभी बहुत खुश हो गयी थी, उसकी गांड बहुत टाईट थी, अब मेरा लंड काफ़ी मुश्किल से उसकी गांड में अंदर गया. अब में उसको डॉगी स्टाईल में चोद रहा था. अब मेरे हाथ उसके बूब्स पर थे और में पीछे से झटके दिए जा रहा था.
फिर मैंने भाभी को लगातार 40 मिनट तक चोदा और आख़री में मैंने चूत में अपना लंड डालकर उन्हें अपने ऊपर बैठा लिया और उसे कमर से पकड़कर ऊपर नीचे करने लगा. अब भाभी की आँखें भर आई, उसने ऐसा सेक्स कभी नहीं किया था. फिर आख़री में मैंने उन्हें नीचे गिराया और अपना सारा पानी उनकी चूत में निकाल दिया, अब भाभी तीन बार झड़ चुकी थी. फिर भाभी ने मुझे बहुत किस किया और उसके बाद भाभी कुछ 5-6 दिन वहाँ रही और मैंने उसे काफ़ी बार चोदा.
गर्लफ्रेंड को चोदा उसकी बहन की शादी में
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रवि है और में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ, जिनको पढ़कर मुझे बहुत मज़ा आता है और मेरे मन को बहुत शांति मिलती है. दोस्तों में आज एक ऐसी ही मन को संतुष्ट करने वाली सेक्स घटना को बताने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने अपनी एक गर्लफ्रेंड को बहुत जमकर चोदा और उसकी चुदाई के पूरे पूरे मज़े लिए और उसको भी मज़े दिए और में उम्मीद करता हूँ कि यह मेरी कहानी और मेरे चुदाई करने का तरीका आप सभी लोगों को बहुत पसंद आएगा.
दोस्तों यह बात आज से 8 महीने पहले की है, जब हमने अपना घर बदल लिया था और हम एक नये घर में चले गए. वहां पर कुछ दिन बहुत अजीब सा लगा, लेकिन मुझे बाद में पता चला कि मेरे नये घर के पास ही मेरे स्कूल में पढ़ने वाला एक लड़का जिसका नाम साहिल है वो रहता था और उसका और मेरा घर एकदम पास पास था और फिर उससे बातें होते होते हमारी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई और हम एक दूसरे के साथ बहुत समय बिताने लगे थे और फिर में कभी कभी उसके घर पर भी जाया करता था.
दोस्तों उसकी दो बहनें थी, लेकिन वो दोनों उससे उम्र में बड़ी थी और उनमें से बड़ी वाली बहन की शादी तय हो गई थी और छोटी वाली उस समय कॉलेज में अपनी पढ़ाई कर रही थी. दोस्तों वो बहुत सुंदर थी और में भी हमेशा उसे घूरता रहता था और जब वो मुझे देखती तो में उसकी तरफ स्माईल कर देता था और वो भी मेरी तरफ स्माईल कर देती. फिर हम धीरे धीरे एक दूसरे से बातें करने लगे और ऐसे ही समय गुजरता गया और साहिल की बड़ी बहन की शादी आ गई तो शादी से दो दिन पहले साहिल मुझसे बोला.
साहिल : यार रवि तू तो बहुत अच्छी तरह से जानता है कि मुझे कितना काम होता है और में हमेशा व्यस्त रहता हूँ और आज मुझे घर में कुछ ज्यादा ही काम है, अगर तू फ्री है तो प्लीज सोनाली को उसके कॉलेज छोड़ दे तू चाहे तो मेरी बाईक ले जा सकता है.
में : अरे यार यह भी कोई बोलने की बात है, मेरे पास अपनी भी बाईक है, अगर हम एक दूसरे की थोड़ी बहुत मदद भी नहीं करेंगे तो हमारी दोस्ती कैसी दोस्ती, हाँ ठीक है में उसे छोड़ देता हूँ.
अब में मन ही मन बहुत खुश होकर अपनी बाईक पर सोनाली को अपने साथ लेकर उसके कॉलेज के लिए निकल गया. दोस्तों सोनाली ने उस समय काली कलर की जींस और नीले कलर का टॉप पहना हुआ था, जिसमें वो बहुत सेक्सी लग रही थी, उसकी बिल्कुल टाईट जींस और वो थोड़ा छोटा टॉप शरीर से एकदम चिपका हुआ जो उसके बड़े बड़े बूब्स के आकार को बाहर से ही बता रहा था.
दोस्तों सच पूछो तो में भी हमेशा सोनाली से बात करने और उसे छूने के कोई ना कोई बहाने ढूंढता रहता था, क्योंकि में उसके गदराए हुये बदन, बड़ी बड़ी आखें, गुलाबी होंठो को देखकर उसकी तरफ बहुत आकर्षित था. फिर कुछ दूर चलने के बाद मैंने उससे बातें करते करते सही मौका देखकर उसकी तारीफ करते हुए कहा कि वाह सोनाली तुम आज बहुत सुंदर लग रही हो. दोस्तों मुझे पहले से बहुत अच्छी तरह से पता था कि लड़कियों को अपनी तारीफ सुनना बहुत अच्छा लगता है और मैंने भी उसे अपनी बातों में फंसाने के लिए ठीक वैसा ही किया.
फिर उसने मुस्कुराते हुए मुझसे धन्यवाद कहा और तभी मैंने जानबूझ कर हल्का सा ब्रेक लगा दिया, जिसकी वजह से वो मुझसे एकदम चिपक गई और उसके बूब्स मेरी कमर पर चिपके हुए थे, जिसकी वजह से मुझे उसके बूब्स को अपनी कमर पर महसूस करके बहुत अच्छा लग रहा था और शायद उसको भी मेरी इस बात का पता था. तभी उसका कॉलेज आ गया और वो मेरी तरफ मुस्कुराकर अपना हाथ हिलाकर मुझसे बाय कहती हुई चली गई और में कुछ देर उसे जाता हुआ देखता रहा और फिर उसी रात को में और साहिल उसके घर पर बैठे बातें कर रहे थे.
फिर साहिल मुझसे बोला कि यार आज तू यहीं पर सो जाना और वैसे भी बहुत रात हो चुकी है. दोस्तों मेरा घर साहिल के एकदम पास ही था, इसलिए में उसकी बात के लिए तुरंत मान गया, क्योंकि मेरे घरवालों को मेरे उसके घर पर शादी में काम करने की बात पता थी और वैसे में खुद भी उसके घर पर रुकने और उसकी बहन को देखने और उससे बात करने का मौका देख रहा था और मेरी अच्छी किस्मत से वो मौका मुझे मेरे दोस्त ने दे दिया.
अब में भगवान को बहुत बहुत धन्यवाद देने लगा. फिर कुछ देर बाद हम दोनों एक कमरे में सोने चले गए और उस समय में और साहिल दोनों एक साथ ही सो रहे थे, हमारे पास और भी बहुत लोग थे, लेकिन बहुत देर तक उसके पास लेटे रहने के बाद भी मुझे नींद नहीं आ रही थी और तब तक मेरे दोस्त के साथ साथ सभी लोग सो चुके थे. फिर में कुछ देर बाद उठकर बाहर जाकर छत पर खड़ा हो गया. तभी कुछ देर बाद सोनाली भी वहां पर आ गई और फिर वो मुझे छत पर देखकर मुझसे पूछने लगी कि क्या हुआ अभी तक सोए नहीं? मैंने उससे कहा कि में बहुत देर से सोने की कोशिश कर रहा हूँ, लेकिन मुझे नींद ही नहीं आ रही थी, इसलिए में छत पर आ गया.
अब हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे, वो मेरी हर एक बात का मुस्कुराकर जवाब दे रही थी, हमारे बीच में बहुत देर तक हंसी मजाक चलता रहा. वो बहुत खुश नजर आ रही थी और उस समय छत पर हम दोनों के अलावा और कोई भी नहीं था और रात के अँधेरे में हमें कोई देख भी नहीं सकता था, क्योंकि जिस जगह पर हम दोनों खड़े थे, वहां पर उस दीवार के पास कोई नहीं आता, इसलिए इस बात का पूरा पूरा फायदा उठाते हुए मैंने उससे बातें करते करते उसको बोल दिया कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और में यह बात तुमसे बहुत दिनों से कहना चाहता था, लेकिन मुझे कोई मौका ही नहीं मिला, इसलिए में आज तुमसे अपने मन की सच्ची बात बता रहा हूँ, लेकिन दोस्तों वो मुझसे कुछ नहीं बोली बस मेरी तरफ मुस्कुराने लगी. फिर मैंने उसके मुस्कुराने को उसकी तरफ से हाँ समझकर तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया और उसको अपने पास खींचकर हग करने लगा और कुछ देर हग करने के बाद अब वो भी मुझे ज़ोर से हग कर रही थी और वो मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी.
मैंने महसूस किया कि उस समय आग हम दोनों में बराबर की लगी हुई थी और उस बात का मैंने पूरा फायदा उठाने के बारे में सोच रखा था. फिर मैंने उसका चेहरा ऊपर किया और उसे लिप किस करने लगा, वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
फिर में उसके बूब्स पर हाथ रखने लगा.
तभी उसने मुझसे कहा कि यहाँ पर कोई आ जाएगा, चलो हम नीचे वाले कमरे में चलते है तो हम उसके रूम में चले गये, लेकिन हमने नीचे आकर देखा कि वहां पर उसकी बड़ी बहन सोई हुई थी, लेकिन हम दोनों पर तो उस समय सेक्स चड़ा हुआ था, इसलिए हमने उसकी बहन की फ़िक्र नहीं की और वहीं पर एक कोने में जाकर बैठ गए और अँधेरे का फायदा उठाते हुए किस करने लगे. वो अब पूरी तरह जोश में आकर मेरी जीभ को अपनी जीभ से चूस रही थी और में अपने एक हाथ से उसके बूब्स को मसल रहा था और दबा रहा था, जिसकी वजह से धीरे धीरे मदहोश हो रही थी.
फिर कुछ देर बाद मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी टी-शर्ट को तुरंत उतार दिया और अब उसके बड़े बड़े एकदम गोल बूब्स मेरे सामने थे, जिनको देखकर में ललचाने लगा और बूब्स को दबाने लगा और वो पागलों की तरह मोन कर रही थी.
में उसके दोनों बूब्स को बहुत ज़ोर से निचोड़ रहा था. फिर मैंने उसके पूरे शरीर को लीक किया, में अब उसकी गरम बैचेन चूत को उसके लोवर के ऊपर से दबा रहा था, लेकिन कुछ देर बाद मैंने उसे चूमना, चाटना शुरू किया और वो अब लगातार मोन कर रही थी और मुझसे कह रही थी उफ्फ्फ्फ़ हाँ उतार दो स्स्ईईईईइ प्लीज तुम अब मेरा लोवर अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.
फिर में जल्दी से उसका लोवर उतारकर उसकी गीली पेंटी के ऊपर जीभ फेरने लगा तो वो बिल्कुल पागल होने लगी और ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी, उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्हह्ह रवि और चाटो. अब मैंने अपने मुहं से उसकी पेंटी को भी उतार दिया, वाह दोस्तों क्या चूत थी उसकी एकदम गुलाबी फूली हुई और उस पर बिल्कुल भी बाल नहीं थे. में तुरंत अपने होंठ उसकी चूत पर रखकर चूत को चाटने लगा, चूसने लगा.
फिर मैंने महसूस किया कि वो अपने चूतड़ को ऊपर उठाकर पूरे जोश में आकर मेरी जीभ से अपनी चूत को चुदवा रही थी और में भी पूरे मज़े लेकर चूसता गया, लेकिन करीब 15 मिनट के बाद मैंने महसूस किया कि उसका पानी निकल गया और में वो सारा पानी पी गया.
फिर उसके कुछ देर चूत चाटने के बाद वो मेरे लोवर से मेरे लंड को बाहर निकालकर सहलाने धीरे धीरे हिलाने लगी और कुछ देर बाद उसने चूसना शुरू किया और करीब 10 मिनट तक लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने के बाद में उसके मुहं में झड़ गया और वो मेरा पूरा वीर्य गटक गई.
फिर मैंने कुछ देर बाद उसको अपने ऊपर लेटा लिया और अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रख दिया. उसकी दोनों जांघो को कसकर पकड़ लिया और फिर अपना पूरा दम लगाकर लंड को चूत के अंदर धकेलने लगा तो वो दर्द की वजह से बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी और मैंने तुरंत उसके होंठो पर अपने होंठ रखकर उसका मुहं बंद कर दिया और कुछ देर रुककर फिर से लंड को अंदर करने लगा. उसकी वर्जिन चूत में मेरा लंड बहुत मुश्किल से अंदर गया और हम दोनों पूरे पसीने से भीग चुके थे. में अपनी जगह पर एकदम शांत था और कुछ देर बाद जब उसका दर्द कम हुआ तो वो थोड़ी शांत हुई और में उसको धीरे धीरे धक्के देकर चोदने लगा, वो बिना आवाज के मोन कर रही थी और में लगातार धक्के दिए जा रहा था, करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों एक एक करके झड़ गये, लेकिन उसकी बड़ी बहन उठकर बैठी हुई थी और वो सब कुछ देख रही थी, मुझसे घबराहट की वजह से कुछ बोला भी नहीं गया और मैंने जल्दी से अपने कपड़े पहने और चुपचाप वापस जाकर साहिल के पास में सो गया.
फिर अगले दिन सुबह में उनसे नजर चुरा रहा था, लेकिन जब में गलती से उनके कमरे में गया, तब वो बिल्कुल अकेली थी और में उन्हें देखकर तुरंत बाहर निकल गया और फिर उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया. दोस्तों मेरी तो गांड फट गई, लेकिन यह क्या जब में उसके कमरे में गया तो मैंने देखा कि वो पूरी नंगी बैठी हुई थी.
फिर में उसको इस हालत में देखकर दोबारा बाहर जाने लगा. फिर वो मुझसे बोली कि वहीं पर रूको और में रुक गया, वो मेरे पास आई और बहुत गुस्से में आकर ज़ोर से बोली कि कल रात को तू मेरी बहन के साथ क्या कर रहा था? फिर मैंने घबराकर हकलाते हुए बोला कि जी कुछ नहीं, अब वो अचानक से हंसने लगी और मुझसे बोली कि मुझे भी तुझ से चुदवाना है, क्योंकि मेरी शादी है और मुझे कुछ नहीं आता मैंने कल रात को तेरा सारा काम और काम करने का तरीका देखा था, तू बहुत अच्छा काम करता है, चल अब तू मेरे साथ भी शुरू हो जा और मुझे भी कुछ सिखा और उसने तुरंत उठकर दरवाजा अंदर से बंद किया और मुझे किस करने लगी. मैंने भी उसको हग करना शुरू किया और उसके साथ साथ किस करने लगा.
फिर उसने मेरे कपड़े उतारे और वो मेरे लंड को सक करने लगी, तभी वो मुझसे बोली कि प्लीज मेरे मुहं में मत निकालना, में आज पहली बार चूस रही हूँ. फिर में उसके मुहं में अपना पूरा लंड घुसाकर उसके मुहं को चोदने लगा, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन कुछ देर के धक्कों के बाद मुझसे अब बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हुआ और में उसके मुहं में झड़ गया, पहले तो उसको मेरा झड़ना बहुत बुरा लगा, लेकिन फिर वो कुछ देर बाद मुझसे बोली कि यह बहुत स्वादिष्ट है और वो मेरा सारा वीर्य पी गई. फिर में उसको लेटाकर उसकी चूत को चाटने लगा था.
दोस्तों उसकी वर्जिन चूत बहुत स्वादिष्ट थी, करीब 15 मिनट में ही वो झड़ गई, लेकिन मेरा लंड तब तक खड़ा हो गया था तो मैंने उसको एकदम सीधा लेटाकर उसकी चूत के मुहं पर अपना लंड रख दिया और उसका मुहं अपने एक हाथ से बंद करके दो जोरदार झटकों में अपना पूरा लंड उसकी चूत के अंदर में डाल दिया और वो दर्द से रोने लगी. में थोड़ी देर रुक गया और वो शांत हो गई और अपनी गांड को हिलाने लगी तो मैंने झटके लगाने शुरू किए और ज़ोर से उसको चोदने लगा, वो अब मोन कर रही थी. फिर करीब 20 मिनट के बाद वो एक बार फिर से झड़ गई और में भी अब झड़ने वाला था तो वो मुझसे बोली कि तुम मेरी चूत में ही निकालना. फिर 5-6 ज़ोरदार झटकों के साथ में उसकी चूत के अंदर ही झड़ गया और हम वैसे ही लेटे रहे और करीब 30 मिनट के बाद फिर से हमने दूसरी बार चुदाई की. दोस्तों मैंने उस दिन उसको 3 बार चोदा और शादी के बाद भी में उसको उसके ही घर पर 6 बार चोद चुका हूँ.
मेरे दोस्त की कुंवारी बीवी
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विनीत है और में फिर से आपके लिए एक नई स्टोरी लेकर आया हूँ. दोस्तों में जालंधर से हूँ और अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ. मेरा एक दोस्त है सूरज, वो एक इंजिनियर है और जालंधर में किसी प्रोडक्शन फर्म का इंजिनियरिंग का काम संभालता है. उसी चक्कर में उसे ज़्यादातर बाहर टूर के लिए जाना पड़ता है. में और सूरज बचपन से अच्छे दोस्त है और हमारा स्कूल, कॉलेज सब एक साथ हुए है तो इसलिए हमारी फ्रेंडशिप बहुत अच्छी थी.
अब सूरज के दादा जी की तबियत ठीक नहीं रहती थी, तो वो चाहते थे कि उसकी शादी जल्दी से हो जाए और इसी कारण उसकी शादी जल्दी हो गयी. अब वो बहुत खुश था, क्योंकि उसकी जो वाईफ थी वो बहुत सुंदर थी और जल्दी-जल्दी उनकी शादी हुई और फिर शादी के अगले दिन ही उसके दादा जी मर गये. अब असली स्टोरी यहाँ से शुरू होती है, अब उसके दादा जी के मरते ही सूरज के पापा अपने होश खो बैठे और अब उनकी हालत इतनी खराब हो गयी कि उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करवाना पड़ा. अब घर की सारी जिम्मेदारी सूरज पर आ गयी थी और अब वो अपनी नई वाईफ को टाईम ही नहीं दे पा रहा था. मेरी उससे अच्छी दोस्ती थी तो में कई बार उसके यहाँ ड्रिंक के लिए चला जाया करता था.
फिर एक दिन में और वो बैठकर ड्रिंक कर रहे थे और भाभी खाना बनाने में व्यस्त थी. अब उसकी शादी को एक महीना हो गया था. अब मुझे भाभी कुछ उदास नज़र आ रही थी तो मैंने हंसी में पूछा कि क्या बात है सूरज? भाभी दुखी नज़र आ रही है, कोई परेशानी तो नहीं है ना. फिर वो बोला कि नहीं-नहीं यह तो बस अब शादी के बाद हनिमून भी नहीं हुआ उसका असर है. अब में थोड़ा हैरान हुआ और सोचा कि क्या पता इनके बीच में क्या है? अपने को क्या लेना? और फिर मैंने अपनी ड्रिंक ख़त्म की.
फिर उसने कहा कि रूको आज थोड़ी और पीते है. अब मेरा बिल्कुल भी मन नहीं था, लेकिन उसने बोला तो में रुक गया. अब मुझे पता था कि उससे ज़्यादा ड्रिंक होनी नहीं चाहिए, लेकिन उसने बोला तो में बैठ गया. फिर वो बोतल लेने के लिए बाहर गया तो अब घर पर में और भाभी अकेले थे. अब शादी के बाद मेरी भी भाभी से अच्छी दोस्ती हो गयी थी. फिर वो बाहर चला गया तो में भाभी के पास किचन में पानी लेने चला गया.
फिर भाभी बोली कि अच्छा हुआ जो तुम आ गये, प्लीज वो ऊपर भरा मसाले का डब्बा उतार दो. फिर जब में वो डब्बा उतारने लगा तो ऊपर से मेरे ऊपर शहद की शीशी गिर गयी और मेरा पूरा फेस और टी-शर्ट खराब हो गयी. अब भाभी हँसने लगी तो मैंने कहा कि अब में क्या करूँ? तो भाभी बोली कि तुम पहले तो अपना मुँह धो लो और यह टी-शर्ट उतार दो.
फिर मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी और फिर मैंने देखा तो मेरी बनियान पर शायद कुछ लग गया था. फिर भाभी के कहने पर मैंने वो भी उतार दी. अब पता नहीं क्यों? लेकिन मुझे ऐसा लगा कि भाभी ने मुझे मेरी छाती से थोड़ा नोटीस किया और स्माईल करके अपना फेस घुमा लिया. फिर उन्होंने बाथरूम में जाकर मेरे कपड़े पानी में भीगो दिए और मुझे बेडरूम में आने को कहा. फिर बेडरूम में आकर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम यहाँ अलमारी से सूरज के कपड़े ले लो, तो में वहाँ खड़ा रहा और वो बाहर चली गई.
फिर मैंने अलमारी खोली और एक टी-शर्ट निकालकर पहन ली और बिना देखे बाहर आ गया. फिर भाभी हँसने लगी तो मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो उन्होंने कहा कि तुमने मेरा टॉप पहन लिया है. फिर मैंने देखा तो में वापस बेडरूम में गया और उनका टॉप उतारकर अंदर रख दिया. अब मेरे सामने भाभी की ब्रा और पेंटी पड़ी थी. फिर भाभी भी अचानक अंदर आ गयी और अब मुझे पता नहीं था कि वो अंदर है. फिर मैंने हल्का सा उनकी ब्रा को टच किया और में एक बार के लिए भूल गया कि मेरी क्या लिमिट्स है? और उनकी पेंटी पर अपना हाथ लगाकर पूरा रब किया.
फिर इतने में मेरी नज़र भाभी पर पड़ी तो उनकी नज़रे मुझ पर ही थी और उसने सब कुछ देख लिया था. अब में बहुत डर गया और भागकर बाहर आ गया, लेकिन बाहर आते वक्त सूरज भी वहाँ आ गया और मुझे देखकर गुस्से में बोला कि तुम्हारी शर्ट कहाँ है? तो उसकी बीवी ने उसे समझाया तो वो समझ गया. फिर उसने मुझे अपनी टी-शर्ट दी और हम फिर से ड्रिंक इन्जॉय करने लगे. फिर तीन चार पैग के बाद सूरज सो गया.
फिर मैंने उठकर भाभी को बाय बोला और जाने लगा तो भाभी बोली कि इन्हें बेडरूम तक तो छोड़ दो, तो फिर मैंने सूरज को बेडरूम तक छोड़ने के लिए एक साईड से पकड़ा और दूसरी साईड से उसकी बीवी ने उसे पकड़ा और फिर हम उसे लेकर रूम में गये और उसे बेड पर लेटा दिया. अब सूरज को बेड पर लेटाते ही जब में खड़ा होने लगा तो उसकी वाईफ पूरी मेरे पीछे थी और में गिरने लगा तो भाभी मुझे बचाते-बचाते खुद मेरे ऊपर गिर गयी और मेरे लिप्स पर उसके लिप्स टच हो गये.
अब ड्रिंक की वजह से में भी अपने आप पर काबू नहीं कर पाया और मैंने भाभी की कमर पकड़ ली और 2 मिनट के लिए हम दोनों एक दूसरे की आँखों में आखें डालकर देखते रहे. फिर अचानक से मुझे होश आया तो में उठने लगा और उठते समय मेरे गले की चैन उसकी ब्रा की स्ट्रीप के साथ फंस गयी.
अब में मेरी चैन को निकालने लगा, तो में उसकी ब्रा की स्ट्रीप को देखकर रुक गया. फिर उसने कहा कि कुछ नहीं होता निकाल दो. फिर जब में चैन निकालने लगा तो मेरी नज़र भाभी की क्लीवेज पर पड़ी तो मैंने ग़लती से नहीं जानबूझ के उसकी क्लीवेज को टच करके मेरी चैन निकाली और उठते समय उसके कूल्हों पर अपना हाथ टच किया.
फिर वो कुछ नहीं बोली और शरारती नज़रों से मुझे देखती रही. अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ? फिर इतने में उसने कहा कि आप आज यहीं रुक जाओ, जब यह पीते है तो मुझे इनके साथ डर लगता है. फिर मैंने हाँ कर दी और बोला कि में ड्रॉयग रूम में सो रहा हूँ, तुम यही बेडरूम में सो जाओं. फिर उसने कहा कि वो टी.वी देखना चाहती है तो मैंने जाकर टी.वी ऑन किया. अब एक चैनल पर हॉट सीन आ रहे थे तो में थोड़ी देर तक देखने लग गया. फिर 5-10 मिनट के बाद तक वो नहीं आई तो मैंने सोचा कि अब वो नहीं आएगी तो में अपने लंड पर अपना हाथ रखकर मूवी देखने लगा.
अब मूवी में एक शादीशुदा लेडी एक लड़के के साथ रोमांस कर रही थी. फिर इतने में पता नहीं कहाँ से भाभी एकदम मेरे सामने आ गयी. अब मेरी पेंट की चैन थोड़ी खुली थी और मेरा हाथ लंड पर था. अब मेरा लंड हार्ड होने कारण साफ़-साफ़ दिख भी रहा था. फिर भाभी ने 2 मिनट तक उसे देखा और फिर वो टी.वी देखने लगी.
फिर में चैनल चेंज करने लगा तो उसने मेरे हाथ से रिमोट खींचा और खींचते-खींचते उन्होंने मेरे लंड पर अपना हाथ दबाया. फिर वो वही चैनेल लगाकर मुझसे बोली कि 1 मिनट मेरी तरफ देखो और बताओ कि तुम इतना घबरा क्यों रहे हो? तो मैंने बोला कि मुझे थोड़ा अजीब लग रहा है. फिर वो एकदम से खड़ी हुई तो मैंने देखा कि उसने वन पीस नाइटी पहनी हुई थी और वो बहुत हॉट लग रही थी.
फिर इतने में वो मेरे पास आ गयी और मेरे गले से लग गयी और बोलने लगी कि विनीत आई कांट लिव लाइक दिस, यह भी कोई लाईफ है इससे अच्छी तो मेरी पुरानी ज़िंदगी थी. मेरी शादी को एक महीना हो गया, लेकिन मुझे एक बार भी प्यार क्या होता है? कैसे किया जाता है? कुछ नहीं मिला. क्या तुम भी मुझे ऐसे तड़पाना चाहते हो, प्लीज अपने दोस्त को भूल जाओ और मेरी प्यास बुझाओ.
अब में अपना कंट्रोल खो बैठा था तो मैंने उसकी नाइटी सीधी फाड़कर दूर फेंक दी और उसको अपने हाथों से कसकर पकड़ लिया और उसकी पूरी बॉडी पर किस करने लगा. अब वो उत्तेजित होने लगी और सिसकियाँ भरने लगी थी. फिर मैंने भाभी की ब्रा का हुक खोला और उसके बूब्स को अपने हाथों में पकड़कर अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगा. अब में उसके बूब्स को चूस रहा था और उसकी चूत पर अपना हाथ फैर रहा था और उसे ज़ोर-जोर से दबा रहा था और उसके निप्पल को सक कर रहा था और बीच-बीच में काटता भी जा रहा था.
अब वो भी पूरी उत्तेजित हो गयी थी. फिर उसने ऐसे ही करते-करते मेरी टी-शर्ट उतार दी और मुझे नीचे लेटा दिया और मेरे ऊपर आकर मेरी पूरी छाती पर किस करने लगी और धीरे-धीरे मेरे लंड पर अपनी चूत को मेरी जीन्स के ऊपर से ही रगड़ने लगी. फिर मैंने जल्दी से उसको ऊपर आते-आते उसकी पेंटी को पकड़ा और नीचे उतार दिया और उसके पैरो को खोलकर उसकी चूत को चाटने लगा. अब वो बहुत मस्त हुए जा रही थी. फिर उसने मेरी जीन्स खोलकर मेरे लंड को आज़ाद कर दिया.
फिर उसने मेरी जीन्स साईड में रखी और मेरे लंड को अपने मुँह में डाल लिया. अब में उसकी चूत पर अपनी जीभ को गोल-गोल घुमा रहा था और वो मेरा लंड चूसे जा रही थी. अब हम दोनों का सेक्स चरम सीमा पर था और फिर इतने में उसका काम हो गया और फिर वो ढीली पड़ गयी. फिर मैंने उसको नीचे लेटाया और उसकी आँखों में आँखें डालकर देखा और उसके लिप्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और नीचे उसकी चूत पर अपना लंड रखा और धक्का मारकर अंदर डालने लगा.
अब पहले शॉट में मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और फिर दूसरे शॉट में पूरा अंदर चला था. अब वो चीख पड़ी और रोने लगी थी. फिर मैंने भी अपनी स्पीड पकड़ ली और उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा. फिर 5 मिनट के बाद वो भी मेरा पूरा-पूरा साथ देने लगी और फिर मैंने उसको उठाकर अपने ऊपर बैठा लिया और उसकी कमर पर अपना हाथ रखकर उसे तेज-तेज ऊपर नीचे करने लगा. अब वो पूरी तरह से अपने होश खो बैठी थी और तेज-तेज चुदे जा रही थी. अब में भी उसे अपने फुल जोश में चोदे जा रहा था. फिर अचानक से मैंने उसको पकड़कर रोक दिया और एक ज़ोर का झटका देकर उसकी चूत में अपना सारा काम रस निकाल दिया. दोस्तों हम अभी भी एक दूसरे के संपर्क में है और मिलते रहते है. जब भी उसका पति कहीं बाहर जाता है तो हम मौके फायदा उठा ही लेते है.
भाभी को उसके बेडरूम में चोदा
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और में गुजरात का रहने वाला हूँ, में एक बहुत बड़ी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ और में दिखने में एकदम ठीक हूँ. दोस्तों में आज आप सभी चाहने वालों को अपनी एक घटना बताने जा रहा हूँ. यह मेरी पहली कहानी है और वैसे मैंने इसकी बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी है, मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है.
दोस्तों एक साल पहले में जिस शहर में रहता था वहां पर मेरे एक दोस्त की अभी कुछ समय पहले ही शादी हुई थी. उसकी पत्नी मतलब की मेरी हॉट सेक्सी भाभी का फिगर 32-30-34 था और वो दिखने में बहुत हॉट माल थी और उसका नाम सारिका था. में उनसे बहुत मज़ाक किया करता था और वो भी मेरी हर एक बात का हंस हंसकर जवाब दिया करती थी. मुझे उनसे बात करना उनके साथ अपना समय बिताना बहुत अच्छा लगता था. में उनकी तरफ धीरे धीरे, लेकिन कुछ ही समय में बहुत ज्यादा आकर्षित हो चुका था.
एक दिन भाभी बाथरूम से बाहर बैठकर अपने कपड़े धो रही थी और तभी में वहां से गुजर रहा था और मैंने देखा कि भाभी ने कुछ ज्यादा ही गहरे गले की मेक्सी पहन रखी थी. उसमे से उसके बूब्स के बीच की दरार मुझे साफ साफ दिख रही थी और कपड़े धोते समय हाथ को आगे पीछे करने की वजह से उनके गोरे गोरे बड़े आकार के बूब्स हर बार उछल उछलकर बाहर आने लगे थे और में अचानक से वहीं पर रुक गया और यह सब देखकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया और में कुछ देर घूरने के बाद वहां से चला गया, लेकिन अब में अपने कमरे में जाकर भाभी की कैसे चूत मारी जाए यह बात सोचने लगा.
दोस्तों भाभी दिखने में ऐसे थी कि कोई भी उन पर मर मिटे और उसका फिगर बहुत ही हॉट था और उसको देखते ही उसे चोदने का मन करता था और उसकी गांड तो इतनी सेक्सी थी कि किसी का भी लंड खड़ा कर दे. एक दिन भाभी को मार्केट जाना था तो उस समय मेरा भाई घर पर नहीं था इसलिए उन्होंने मुझे अपने घर पर बुला लिया और मुझसे उनके साथ मार्केट जाने के लिए कहा तो मैंने भी उनके साथ बाहर घूमने का बहुत अच्छा मौका देखकर उनसे तुरंत हाँ कर दिया और फिर हम लोग मेरी बाईक से मार्केट चले गये. अब में थोड़ी थोड़ी देर में जानबूझ कर अपनी बाईक को ब्रेक लगता रहा जिसकी वजह से भाभी के बूब्स मेरी कमर पर पीछे दबने लगे और मुझे उनको महसूस करके बहुत अच्छा लगने लगा था.
फिर हमने वहां पर जाकर सब्जी ली और वापस अपने घर पर आ गए, लेकिन उसी दौरान में भाभी को बाइक पर हर बार जानबूझ कर ब्रेक लगाकर मज़ा लेता रहा और मार्केट में मैंने उन्हें बहुत बार छूकर उनकी कोमलता को महसूस किया, लेकिन भाभी ने मुझसे कुछ नहीं कहा और वो सिर्फ स्माइल देती. दोस्तों मेरी भाभी की आखें कुछ ऐसी थी कि उनको देखते ही मुझे ऐसा लगता था कि वो सेक्स करने के लिए मुझे न्योता दे रही है. मुझे अब उनकी नशीली आखों में मेरे साथ चुदाई करने की वो प्यास साफ साफ नजर आने लगी थी.
फिर एक दिन मैंने अपने भाई को फोन किया तो भाभी ने फोन उठाया और फिर वो मुझसे बोली कि आज तुम्हारे भैया अपना फोन घर पर ही भूल गये है तुम मुझे भी बता सकते हो अगर तुम्हे कोई जरूरी काम हो तो में उन्हें शाम को बता दूंगी. तो मैंने बोला कि ठीक है ऐसी कोई बात नहीं है और मैंने उनसे यह बात कहकर तुरंत फोन रख दिया, लेकिन अब कुछ देर बाद मेरे मन में भाभी से बात करने का एक शरारती विचार आने लगा.
फिर मैंने कुछ देर बाद भैया के मोबाईल पर दोबारा फिर से कॉल किया तो इस बार भी भाभी ने मुझसे बात करनी शुरू कि और अब ऐसे ही इधर उधर की बातें करते करते मैंने थोड़ी हिम्मत करके भाभी से पूछ लिया कि भाभी क्या आपको में अच्छा लगता हूँ? तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर हंसने लगी, लेकिन उन्होंने मुझसे ऐसा कुछ नहीं कहा जिसको सुनकर में अपनी बात को और भी आगे बड़ा पाता, लेकिन फिर भी मैंने बहुत हिम्मत करते हुए फोन पर भाभी को साफ साफ कह दिया कि में आपको बहुत पसंद करता हूँ और आपसे बात करना मुझे बहुत अच्छा लगता है.
अब हमारी उस दिन के बाद बहुत अच्छी दोस्ती हो गई और फिर मैंने भाभी का मोबाईल नंबर भी उनसे ले लिया. उसके बाद अब हम हर दिन जब भी भैया अपनी नौकरी पर चले जाते थे तो फोन पर कई कई घंटे बातें करते थे और अब हम धीरे धीरे आगे बढ़ते हुए सेक्स की बातें भी करने लगे थे और उसी दौरान एक दिन भाभी की बातों से मुझे पता चला कि भैया, भाभी को पूरा संतुष्ट नहीं कर रहे है और वो अपनी प्यासी तड़पती हुई चूत से बहुत परेशान है. फिर मैंने भाभी से एक बार फिर से फोन सेक्स किया तो भाभी को बहुत मज़ा आया और उसके बाद हम रोज फोन सेक्स करते रहे, हमे अब इसमे बहुत मज़ा भी आने लगा था.
दोस्तों एक दिन मेरी अच्छी किस्मत से भैया नाइट ड्यूटी पर गए हुए थे तो मैंने भाभी से बोला कि मुझे आपसे मिलना है तो भाभी पहले मुझसे थोड़ा नाटक करके मना कर रही थी, लेकिन फिर वो मेरे बहुत बार कहने पर मान गई और में फ्रेश होकर उनके कमरे में चला गया. भाभी ने उस समय गुलाबी कलर की मेक्सी पहन रखी थी, यारों वो क्या मस्त माल लग रही थी?
फिर में भाभी के पास गया और मैंने उन्हें हग किया और एक थोड़ी लंबी किस करने लगा और भाभी के बूब्स को मेक्सी के ऊपर से ही दबाने लगा, जिसकी वजह से भाभी आहह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ करने लगी और अब वो मुझसे एकदम ज़ोर से चिपक गई. फिर मैंने महसूस किया कि भाभी अब धीरे धीरे गरम हो रही थी और फिर हम बेड पर लेट गये और में भाभी पर टूट पड़ा. में कभी भाभी के गाल पर तो कभी उनके होंठो पर किस करता रहा और वो लगातार सिसकियाँ लेती रही.
फिर मैंने उनके जोश में आने का फायदा उठाकर भाभी की मेक्सी को तुरंत उतार दिया. अब भाभी मेरे सामने पेंटी और ब्रा में थी और में उनके गोरे गदराए बदन को देखकर अपने होश खो बैठा. मुझे अपने सामने उन्हें ब्रा, पेंटी में देखकर ऐसा लगने लगा जैसे कि में कोई सपना देख रहा हूँ और में लगातार उन्हें घूर घूरकर देखता रहा और उनकी सुन्दरता को अपनी आखों में केद करता रहा और फिर में थोड़ा होश में आकर भाभी के पूरे बदन को चाटने लगा और चूमने लगा.
भाभी जोश में आकर आआअहह उफफ्फ्फ्फ़ स्स्ईईई करने लगी. फिर मैंने सही मौका देखकर अब उनकी ब्रा को भी उतार दिया. दोस्तों ब्रा खोलते ही उनके बड़े आकार के बूब्स अब मेरे सामने लटकने लगे और मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने लगे. अब में एकदम पागल होकर बूब्स को मसलने, दबाने लगा और उनकी भूरे रंग की निप्पल को चूसने धीरे धीरे काटने लगा.
अब तक भाभी बहुत ही गरम हो चुकी थी जिसकी वजह से भाभी की पेंटी भी गीली हो चुकी थी. फिर मैंने भाभी की पेंटी को भी उतार दिया और में भी उनके सामने पूरा नंगा हो गया में अब धीरे धीरे चूत को सहलाते हुए अब भाभी की चूत को चूमने और कुछ देर बाद चूसने भी लगा और भाभी सिसकियाँ लेने लगी आहहहह उफ्फ्फ्फ़ हाँ थोड़ा और अंदर तक करो ऊउईईईइ.
दोस्तों वाह क्या चूत थी उनकी, मुझे उसे चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था और वो लगातार मोन कर रही थी. अब वो अपनी चूत को अपने एक हाथ से फैला रही थी और दूसरे हाथ से मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी. में उनके जोश को देखकर पागलों की तरह चूत को पूरा अंदर तक चाट और चूस रहा था और वो आहहहह अयायाहहहह ऊईईईइ हाँ प्लीज थोड़ा और अंदर तक घुसाकर चाटो और चाटो करने लगी थी और करीब 15 मिनट के बाद भाभी ने अपनी चूत का पानी मेरे मुहं पर छोड़ दिया और में वो पूरा पानी पी गया.
वो अब बिल्कुल निढाल होकर पड़ी हुई थी. फिर कुछ देर बाद मैंने अपना लंड भाभी की चूत के मुहं पर रख दिया और धीरे से धक्का लगाया, जिसकी वजह से मेरा थोड़ा लंड फिसलकर अंदर चला गया और भाभी के मुहं से अहहह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फ़ माँ मर गई निकला. दोस्तों तब मैंने महसूस किया कि उनकी चूत का छेद थोड़ा छोटा और मेरा लंड थोड़ा मोटा था.
फिर मैंने कुछ देर रुकने के बाद एक और धक्का लगा दिया और फिर उनकी एक जोरदार चीखने की आवाज के साथ मेरा पूरा लंड, चूत को चीरता फाड़ता हुआ अंदर चला गया और भाभी ने मुझे ज़ोर से कसकर पकड़ लिया. उनकी मजबूत पकड़ ने मेरे शरीर पर उनके नाख़ून के निशान बना दिए और मैंने देखा कि उनकी आखों से आंसू बाहर आने लगे थे और वो उस दर्द से छटपटा रही थी. फिर में कुछ देर रुक गया और जब वो शांत हुई तब मैंने उसी पोजीशन में भाभी को करीब 15 मिनट तक लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता रहा. अब भाभी थोड़ा ज़ोर ज़ोर से मुझसे बोल रही थी हाँ और चोदो मुझे आअहह उफ्फ्फ्फ़ वाह मज़ा आ गया तुम बहुत अच्छी तरह से चोदते हो उईईईइ हाँ थोड़ा और अंदर करो.
फिर कुछ देर बाद भाभी को उल्टा लेटाकर में उनके पीछे से उनकी चूत में अपना लंड डालकर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और भाभी ज़ोर ज़ोर से आअहह स्स्ईईईइ कर रही थी.
अब करीब पांच दस मिनट बाद में झड़ने वाला था तो मैंने भाभी को पूछा कि में अपना वीर्य कहाँ डालूं? तो भाभी ने कहा कि तुम अपना पूरा माल मेरी चूत में ही डाल दो और मैंने भाभी को अब डॉगी स्टाइल में करके लंड को दोबारा अंदर डालकर ज़ोर ज़ोर चोदने लगा, तब मैंने महसूस किया कि भाभी ने अपना पानी छोड़ दिया और भाभी पूरी तरह से संतुष्ट हो गई और फिर मैंने अपनी धक्को की स्पीड को बढ़ा दिया और करीब दस मिनट के बाद मैंने अपना भी पूरा वीर्य भाभी की चूत में ही निकाल दिया मैंने देखा कि भाभी अपनी इस चुदाई से बहुत खुश थी और उन्होंने मुझे किस किया और कहा कि जानू आज से तुम मुझे जब चाहो जैसे चोद सकते हो में आज से बस तुम्हारी हूँ और तुमने मुझे आज वो मज़े दिए जिसके लिए में बहुत समय से तरस रही थी, तुम बहुत अच्छे हो.
दोस्तों दूसरी बार जब उसका पति अपनी कम्पनी के काम से कहीं बाहर चला गया तो में उसी रात को उसके कमरे में चला गया और मैंने उसको पूरा नंगा करके उसकी गांड पर बहुत सारा तेल लगाया और फिर उसकी चिकनी गांड के ऊपर अपना लंड रख दिया और थोड़ा ज़ोर से एक धक्का दिया. लंड थोड़ा अंदर चला गया, लेकिन वो ज़ोर से चीख पड़ी और मुझे पीछे धकेलने लगी कुछ देर रुकने और उसके थोड़ा शांत होने के बाद मैंने उनकी कमर को कसकर पकड़कर फिर से एक और धक्का लगा दिया.
अब मेरा पूरा लंड तेल की चिकनाई की वजह से फिसलता हुआ गांड के अंदर चला गया और वो उस दर्द से तड़पने लगी. फिर मैंने कुछ देर रुककर उसकी गांड को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा. मैंने करीब 15 मिनट के धक्कों के बाद मेरा सारा माल उसकी गांड में ही डाल दिया और फिर हम दोनों वैसे ही बहुत थककर ना जाने कब सो गए और अगले दिन सुबह एक दूसरे से अलग हुए.
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