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मेरी बहन का रंडीपन
हैल्लो दोस्तों, में यह जो कहानी आज आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ, यह एक कहानी नहीं बल्कि मेरे साथ जो कुछ हुआ वो सच्ची घटना है, जिसकी वजह से मुझे कुछ बातें खुद पता चली और कुछ करने के बाद देखने को मिली. अब में अपना परिचय करवाते हुए सीधे आप लोगों को अपनी कहानी की तरफ ले चलता हूँ.
दोस्तों में एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूँ और में अपनी 12th क्लास की पढ़ाई खत्म करने के बाद में अपनी आगे की पढ़ाई करने के लिए अपनी बुआ के घर पर चला गया. में उनसे बहुत समय के बाद मिल रहा था, जहाँ पर मेरी दीदी और बुआ रहती थी और साथ में उनका पूरा परिवार था. दोस्तों मेरी दीदी का नाम ईशिता था और उनका फिगर 35-30-38 था और वो हर दिन जिम जाती थी, जिसकी वजह से उनका पूरा बदन दिखने में बहुत अच्छा था और जैसा उनका बदन वैसा ही उनका चेहरा भी था.
अपने चेहरे से वो बहुत सुंदर और आकर्षक है. फिर मैंने जब पहली बार उनको देखा तो देखता रह गया, क्योंकि में उनसे बहुत दिनों के बाद मिला था, जब में पिछली बार उनसे मिला था तो वो इतनी हॉट सेक्सी नहीं थी, लेकिन अब तो वो कुछ ज्यादा ही हॉट लग रही थी, इससे पहले मैंने उन्हें बचपन में देखा था, लेकिन अब वो 24 साल की थी और मुझे देखते ही उन्होंने मुझे हग किया तो उनके बड़े आकार के बूब्स का उभार मुझे मेरी छाती पर महससू हुआ, लेकिन मैंने उसको अपनी बहन समझकर उनके मुझसे छू जाने पर इतना ज्यादा ध्यान नहीं दिया. दोस्तों उनका शुरू से ही मुझसे बहुत अच्छा व्यहवार था और हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब थे, हंसी मजाक करना हमारे बीच कभी भी चलता रहता था.
फिर कुछ दिनों तक में लगातार अपने कॉलेज जाता रहा, जहाँ पर मेरे बहुत सारे नये नये दोस्त बने और मैंने वहां पर देखा कि मेरे उन सभी दोस्तों की अपनी अपनी गर्लफ्रेंड है. फिर मैंने भी एक दिन सोचा कि मेरी भी कोई गर्लफ्रेंड होनी चाहिए और इसलिए में उस दिन से उन पर ज्यादा ध्यान देने लगा था और एक दिन मुझे पता चला कि वो देर रात तक फोन पर किसी से बात करती रहती थी और मैंने उनके मोबाईल से उनके कुछ मैसेज भी पढ़े, क्योंकि में रात को उनके साथ सोता था और तब मुझे पता चला कि उनका एक बॉयफ्रेंड है और उनके उस बॉयफ्रेंड का नाम रवि था, जो कि उनके ऑफिस में जहाँ पर वो नौकरी किया करती थी तो वो उनका सीनियर था और वो दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते है.
एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे तुम कल सुबह 7 बजे पास की कॉलोनी में छोड़ देना. फिर मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है और फिर में सुबह करीब 5 बजे उठ गया, लेकिन में फिर भी पलंग पर लेटा रहा और तब मैंने देखा कि वो सुबह करीब 6 बजे उठकर नहाने बाथरूम में चली गई और जब वो नहाकर बाहर आई तो उन्होंने एक सफेद रंग का टावल अपने गोरे सेक्सी बदन पर लपेटा हुआ था और वो अब उस कांच के सामने जो बाहर दीवार पर लगा हुआ था. उसके सामने खड़ी होकर अपने हर एक गोरे चिकने अंग पर क्रीम लगाने लगी और करीब 6:30 बजे तक वो तैयार हो गई थी. तब उन्होंने मुझे उठाया और में मुहं धोकर उन्हें छोड़ने चला गया.
वो मेरे पीछे स्कूटी पर मुझसे एकदम चिपककर बैठी हुई थी, जिसकी वजह से मेरे बदन पर उनके बूब्स पीछे से मुझे छूकर गरम कर रहे थे. दोस्तों करीब तीन किलोमीटर चलने के बाद वो एक गली के बाहर उतर गई और उन्होंने मुझे 200 रूपये देकर मुझसे कहा कि तू कॉलेज चला जाना और कुछ खा पी लेना. में उनकी इस बात से बहुत खुश हुआ. अब वो उस गली में मटकती हुई ठुमकती हुई चली जा रही थी और में वहीं एक तरफ छुपकर उन्हें जाते हुए देख रहा था, क्योंकि में यह देखना चाहता था कि वो कहाँ जाती है? और अब कुछ देर बाद वो एक घर के सामने रुक गई, उन्होंने इधर उधर देखकर दरवाजा खटखटाया और कुछ ही देर बाद मैंने देखा कि वो दरवाजा खुला और उसके बाद वो अंदर चली गई और में उस घर को देखकर अपने घर पर चला गया.
फिर करीब एक घंटे के बाद में अपने कॉलेज के लिए निकल गया तो वो जगह जहाँ पर मैंने उनको छोड़ा था, मेरे रास्ते में थी, इसलिए मैंने अपनी स्कूटी को गली के बाहर लगा दिया और में घर के अंदर चला गया. वो एक सुनसान कॉलोनी में था और में उसके दरवाजे से अंदर गया और फिर पास की एक खिड़की से अंदर देखने लगा. मुझे अंदर से मेरी दीदी और रवि की आवाज़ आ रही थी. दोस्तों रवि की लम्बाई 5.7 है और दीदी की 5.9, मैंने देखा कि रवि सोफे पर बैठकर टी.वी. देख रहा है और कुछ देर बाद वो उठकर दूसरे रूम में चला गया तो में भी उसके जाते ही पीछे की तरफ से उस तरफ चला गया और अब में कूलर के पास से उसको देखने लगा. रवि उस समय बॉक्सर में लेटा हुआ था और उसका कलर काला था और मेरी दीदी का बहुत साफ रंग था. इतने में दीदी सामने आई और उन्होंने उस समय हरे रंग का एक गाउन पहन रखा था और अब वो उसके ठीक सामने आकर खड़ी हो गई तो रवि दीदी को लगातार ऊपर से लेकर नीचे तक अपनी खा जाने वाली नजरों से घूर रहा था और फिर रवि ने एक झटका देकर उनके गाउन का बेल्ट पकड़कर खोल दिया. तब मैंने देखा कि दीदी लाल कलर की ब्रा और वो उसी कलर की पेंटी में थी और अब रवि बोला कि वाउ क्या बात है आज तो तुम पहले से भी बहुत अच्छी लग रही हो? तो दीदी ने उससे कहा कि मुझे तुम बस ऐसे ही देखोगे या तुम्हें अब कुछ और भी करना है?
अब रवि खड़ा हुआ और वो मेरी दीदी को किस करने लगा. करीब पांच मिनट के बाद उसने दीदी का वो गाउन उतार दिया और उनको किस करते करते वो पेंटी के ऊपर से उनकी गांड को दबाने लगा और फिर उसने दीदी के बाल खोल दिए और में देखकर एकदम चकित रह गया. फिर उसने दीदी की ब्रा को भी खोल दिया, जिसकी वजह से मुझे उनके गोरे मोटे मोटे लटकते हुए बूब्स दिख गये और उनके ब्रा से आज़ाद होते ही रवि एकदम उन पर टूट पड़ा.
मैंने देखा कि उनके निप्पल हल्के भूरे रंग के थे. फिर दीदी ने रवि को बेड पर धक्का दे दिया और अब वो उसको किस करने लगी. फिर उन्होंने रवि का अंडरवियर खोला तो उसका 6 इंच का लंबा, काला पतला लंड मुझे दिखने लगा और दीदी ने उसके लंड पर धीरे से थप्पड़ लगा दिए और वो तुरंत लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी. फिर थोड़ी देर बाद रवि ने दीदी की पेंटी को उतार दिया. दोस्तों अब मुझे अपनी दीदी की एकदम साफ चूत दिखाई देने लगी थी, जो कि थोड़ी टाईट भी थी.
उसने उसमें अपनी एक उंगली को डाल दिया तो दीदी के मुहं से आह्ह्ह्हह्ह आईईईइ की आवाज बाहर निकल गई. वो कुछ देर तक लगातार अपनी ऊँगली को अंदर बाहर करता रहा और कुछ देर के बाद दीदी ने जोश में आकर उसका सर पकड़कर अपनी चूत की तरफ़ किया, जिसकी वजह से वो अब मेरी दीदी की चूत को चाटने चूसने लगा था और दीदी ज़ोर ज़ोर से चिल्लाती हुई लगातार सिसकियाँ लेती रही. दोस्तों करीब दस मिनट के बाद दीदी मचलती हुई उससे कहने लगी कि प्लीज तो कुछ करो उफ्फ्फफ् में अब और ज्यादा नहीं सह सकती, स्स्सीईईई प्लीज थोड़ा सा जल्दी करो और मुझे शांत कर दो आह्ह्ह.
फिर उसने दीदी की बात सुनकर उठकर पास में रखा एक कंडोम उठा लिया, जो कि मेरी दीदी ने खुद उसके लंड पर पहनाया और वो फिर से उसके सामने अपने दोनों पैरों को पूरी तरह से फैलाकर उसके सामने लेट गई. फिर उसने अपने लंड को धीरे धीरे धक्का देकर उनकी चूत के अंदर पूरा डाल दिया और अब वो लगातार धक्के देकर मेरी दीदी को चोदने लगा था और दीदी भी उससे बड़े मजे से चुद रही थी, लेकिन करीब दस मिनट के बाद रवि का वीर्य निकल गया और वो दीदी के पास में लेट गया. दीदी ने उसका कंडोम उतार दिया और अब वो एक बार फिर से लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और उन्होंने चूस चूसकर लंड को अच्छी तरह से चमका दिया था.
फिर करीब 15 मिनट के बाद उसका लंड दोबारा से तनकर खड़ा हो गया और इस बार उसने खुद ही कंडोम पहनकर दीदी को डॉगी स्टाईल में बैठाकर अपने लंड को उनकी चूत में सरकाकर उसको चोदना शुरू किया और दीदी बहुत मजे से चुद रही थी. फिर वो धक्के देते समय कभी मेरी दीदी के बूब्स को दबाता तो कभी उनके बाल खींचता. दीदी भी बहुत आराम से खुद भी आगे पीछे हो रही थी. फिर कुछ देर बाद दीदी उसके ऊपर आ गई तो उन्होंने कंडोम को उतार दिया और कहा कि मुझे बिना कंडोम के चुदना एकदम सही लगता है.
रवि अब उनके नीचे लेटा रहा और दीदी उसके ऊपर बैठकर अपनी चूत में उसका पूरा लंड डालकर उछलने लगी. करीब दस मिनट ऊपर नीचे होने में ही दीदी थक गई और फिर रवि ने उन्हें अपने ऊपर से हटाकर बेड के एकदम किनारे किया और अपने लंड को चूत के अंदर डालकर वो बहुत तेज़ी से उनको चोदने लगा और करीब पांच मिनट के बाद दीदी ने उसको बहुत कसकर पकड़ लिया और वो एकदम शांत हो गई, लेकिन रवि अभी भी लगातार धक्के लगा रहा था. फिर करीब तीन मिनट के बाद उसने अपना माल मेरी दीदी की चूत के अंदर ही छोड़ दिया और वो अब उनके ऊपर लेट गया और उसने दीदी से कहा कि में आज तो पूरे दिन तुझे चोदता रहूँगा.
फिर दीदी ने उससे कहा कि हाँ में इसलिए ही तो सुबह इतनी जल्दी आई हूँ और फिर में कुछ देर बाद वहां से चला गया. शाम को जब में घर पर पहुंचा तो मैंने देखा कि दीदी मुझसे पहले ही घर पर थी और वो अपने चेहरे से बहुत खुश लग रही थी. में उनके पास जाकर खड़ा हो गया और अब मैंने उनसे पूछा कि क्यों आप कब आई? तो उन्होंने मुझसे कहा कि में अभी तेरे आने से कुछ देर पहले ही आई हूँ.
फिर कुछ देर साथ में बैठकर इधर उधर की बातें और हंसी मजाक करने के बाद बाहर आईसक्रीम खाने चले गये और तब मेरे थोड़ा ज़ोर देकर पूछने पर उन्होंने मुझे रवि के बारे में सभी बातें सच सच बताई और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि में यह बात में घर पर किसी से ना कहूँ और उन्होंने मुझसे कहा कि वो अब उस लड़के से ही शादी करना चाहती है, क्योंकि वो उनको बहुत अच्छा लगता है और वो उनका बहुत ख्याल रखता है, वो बहुत अच्छा पैसा कमा लेता है और वो उनके साथ रहकर पूरी जिन्दगी बहुत खुश रहने वाली है. दोस्तों अब में उनकी बात को सुनकर बिल्कुल चुप रहा और दोपहर को में उनकी उस चुदाई को याद कर रहा था.
फिर रात को दीदी जब सो गई तो में उनके बूब्स को छेड़ रहा था, क्योंकि वो हमेशा सिर्फ़ शॉर्ट और टी-शर्ट पहनती थी, इसलिए उनके बूब्स बहुत अच्छे उभरे हुए नजर आ रहे थे, जिनको देखकर में ललचा रहा था और अब में थोड़ी सी हिम्मत करके उनके बूब्स पर हाथ रखकर मुठ मारने लगा, जिसकी वजह से मुझे मजा आ गया और कुछ देर बाद मैंने अपना वीर्य उनके शॉर्ट पर ही निकाल दिया और उसके बाद में सो गया.
फिर मैंने सुबह उठकर जब देखा तो वो उठी सब कुछ शांत था और वो मुझसे बोली कि नाश्ता कर ले. फिर मैंने नाश्ता किया और उसके बाद में अपने कॉलेज चला गया और शाम को दीदी ने मुझे रवि से मिलवाया और हम बाहर एक होटल में खाने पर चले गये. उसके साथ कुछ घंटे बिताने के बाद दीदी ने मुझसे कहा कि चलो अब हम घर चले.
फिर हम घर पर पहुंचे और रात को दीदी नहाने बाथरूम में चली गई तो मैंने बहुत हिम्मत करके बाथरूम के एक छोटे से रोशनदान से अंदर देखा तो वो नहाते हुए रवि से वीडियो चेटिंग कर रही थी और उधर रवि अपना लंड हिला रहा था और दीदी उसको देखकर अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी. फिर वो रवि से कहने लगी कि कल सभी लोग दो दिन के लिए बाहर जा रहे है, रवि तुम मेरे घर पर आ जाना और अब हम कल हमारे घर पर मिलते है और अपनी बात खत्म करके दीदी कुछ देर बाद नहाकर बाथरूम से बाहर आ गई.
फिर अगली सुबह में जल्दी उठ गया और नहाकर तैयार हो गया और उसके बाद में नाश्ता करके अपने कॉलेज के लिए निकलने लगा. तभी मुझसे मेरी दीदी कहने लगी कि तू आज इतनी जल्दी क्यों जा रहा है? तब मैंने उनसे कहा कि कुछ नहीं आज मुझे कुछ जरूरी काम है और मेरा कॉलेज के बाद फिल्म देखने जाने का भी मन है, इसलिए में शाम को भी थोड़ा देरी से आऊंगा.
फिर वो मेरी बात को सुनकर बहुत खुश हो गई, इसलिए वो मुझसे बोली कि वाह तुम्हारा बहुत अच्छा विचार है और उन्होंने मुझसे कहा कि तू रुक, दो मिनट के बाद वो अपने कमरे से बाहर आई और उन्होंने मेरे हाथ में 500 रूपये दे दिए. उसके बाद वो मुझसे बोली कि जा और भी ज्यादा मज़े कर.
अब मैंने उनको धन्यवाद कहा और में घर से बाहर निकल गया, लेकिन मुझे उस दिन अपने कॉलेज तो जाना ही नहीं था, वो सब कुछ मेरा एक नाटक उनको चुदते हुए देखने की एक सोची समझी साजिश थी, जिसको उन्होंने सच मान लिया था और इसलिए में अब हमारी गली के कॉर्नर पर मेरे एक दोस्त के यहाँ पर गया और में वहीं पर उसके पास रुक गया, क्योंकि वो पिछले चार दिनों से बीमार था, में उससे उसका हालचाल तबियत की जानकारी लेने लगा.
फिर करीब 9 बजे मैंने देखा कि हमारी गली में एक कार आई और में करीब पांच मिनट बाद अपने दोस्त के घर से बाहर आ गया. तब मैंने देखा कि वो गाड़ी मेरे घर के बाहर खड़ी हुई है, उसको देखकर में तुरंत समझ गया कि यह मेरी दीदी का बॉयफ्रेंड रवि ही होगा, इसलिए वो बात सोचकर मैंने अपने बेग को मेरे दोस्त के घर पर ही छोड़ दिया और अब में अपने मकान के पीछे से एक खिड़की को खोलकर मेरे रूम में आ गया और तब मैंने देखा कि पास वाले रूम में मेरी दीदी और उनका बॉयफ्रेंड रवि है, मुझे उसकी बातें करने की आवाजे सुनाई दे रही थी और वो दोनों बेड पर एक दूसरे की बाहों में एकदम चिपककर लेटे लेटे बातें कर रहे थे.
रवि का गेंहुआ कलर का और वो दिखने में ठीक-ठाक लड़का था, लेकिन दीदी उससे कहीं अच्छी लगती है, क्योंकि वो हर दिन जिम जाकर अपने आपकी बहुत देखभाल करती है और वो बहुत सुंदर उनका कलर दूध जैसा सफेद है. फिर कुछ देर बाद दीदी उठकर बैठ गई और उससे वो कहने लगी कि तुम लेटो में तुम्हारे लिए केक लाती हूँ. तभी रवि उनसे बोला कि तुम यहीं पर रुको में तुम्हारा मन पसंद केक लाया हूँ. दीदी अपने कमरे से बाहर आई और में फट से अपने रूम में घुस गया और उसके बाद वो केक लेकर अंदर कमरे में चली गई.
उसके बाद में बाहर आया और मैंने देखा तो वो दोनों अब एक साथ बैठकर केक खा रहे थे. उसके बाद वो दोनों अब एक दूसरे को किस करने लगे. अब रवि ने सही मौका देखकर तुरंत दीदी का वो सफेद रंग का टॉप उतार दिया और तब मैंने देखा कि उन्होंने नीचे भी सफेद कलर की ब्रा पहनी हुई थी और अब उसने उनकी ब्रा को भी उतार दिया.
फिर वो बूब्स के बाहर आते ही मेरी दीदी के लटकते हुए बूब्स को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और दूसरे बूब्स को दबाने सहलाने लगा, जिसकी वजह से दीदी जोश में आकर उसके सर पर अपना एक हाथ रखकर उसके बालों को सहला रही थी. दोस्तों अब तक में भी उन दोनों को देखकर पूरी तरह से जोश में आ चुका था और मेरे लंड ने अपना आकार बदल दिया था. वो अब पूरी तरह से तनकर खड़ा हो चुका था. तभी रवि ने सही मौका देखकर दीदी के शॉर्ट्स को भी उतार दिया. तब मैंने देखा कि दीदी ने उसके नीचे कुछ भी नहीं पहना हुआ था. फिर रवि ने खुद के भी सारे कपड़े उतार दिए और अब वो दोनों खड़े खड़े एक दूसरे को किस करने लगे.
थोड़ी देर बाद दीदी ने उसको बेड पर हल्का सा धक्का दे दिया और वो अब उसके ऊपर आ गई और धीरे धीरे रवि को किस करते करते नीचे जाने लगी. तभी रवि ने जोश में आकर उसका सर पकड़कर नीचे कर दिया. दीदी उसकी इस हरकत का मतलब समझ गई थी और अब उन्होंने केक को अपने एक हाथ में लेकर उसके लंड पर लगा दिया, जिसकी वजह से लंड नजर ही नहीं आ रहा था और फिर वो लंड को किसी आईसक्रीम की तरह अपनी जीभ से चाटने और लोलीपोप की तरह चूसने लगी थी, जिसकी वजह से रवि अब और भी ज्यादा पागल सा हो गया और वो अपने मुहं से अह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फफ्फ्फ़ वाह मज़ा आ गया, हाँ ऐसे ही चूस मेरी जान आवाजे निकलने लगी थी. फिर कुछ देर बाद उसने मेरी दीदी के पूरे शरीर पर केक लगाकर उनको चाटना शुरू किया और अब मेरी दीदी उसके साथ बहुत मज़े कर रही थी.
अब रवि उनकी चुदाई करने के लिए तैयार हुआ तो दीदी ने उसके लंड पर जल्दी से कंडोम पहना दिया और रवि ने दीदी को एकदम सीधा लेटाकर अपने लंड को चूत पर सेट करके एक धक्का देकर पूरा अंदर सरका दिया और वो धीरे धीरे धक्के देकर उनको चोदने लगा था, लेकिन करीब पांच मिनट में वो झड़ गया और उसने कुछ देर लंड को चूत के अंदर ही रहने दिया.
फिर दीदी ने उठकर उसके लंड से कंडोम को हटाकर कोने में फेंक दिया और उसको अपने मुहं में लेकर कुछ देर चूसकर दोबारा से खड़ा कर दिया और उसके बाद वो खुद ही उसके ऊपर आ गई और लंड को अपने अंदर लेकर उससे अपनी चूत को चुदवाने लगी, लेकिन थोड़ी देर बाद वो थककर रुक गई थी.
फिर रवि ने उनको अपने ऊपर से हटाकर अपने सामने डॉगी बनाकर पीछे से अपने लंड को अंदर डालकर उसने उनको चोदना शुरू कर दिया था और कुछ देर धक्के देने के बाद उसने दीदी को बेड के कॉर्नर में ले जाकर वो खुद नीचे खड़ा होकर उसने अपनी तरफ से उनको लगातार धक्के देने शुरू किए और दीदी सिसकियाँ लेकर उफ्फ्फ्फ़ हाँ थोड़ा और अंदर डाल दो आह्ह्हह्ह हाँ जाने दो पूरा अंदर वाह मज़ा आ गया, स्सीईईइ तुम बहुत अच्छी चुदाई करना जानते हो, मुझे तुमसे चुदवाकर बहुत अच्छा लगता है, बहुत मज़ा आता है.
दोस्तों करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद रवि एक बार फिर से झड़ गया और वो मेरी दीदी के पास में लेट गया. उसके करीब दस मिनट के बाद दीदी उससे बोली कि में हमारे लिए पास्ता लेकर आती हूँ और वो वैसे ही उठकर किचन में चली गई और अब वो पास्ता बनाने लगी. करीब दस मिनट के बाद रवि भी उनके पीछे पीछे किचन में आ गया और वो मेरी दीदी को अपनी बाहों में जकड़कर उनकी गर्दन पर पीछे की तरफ से किस करने लगा. तभी दीदी ने उसको अपने पीछे पाकर तुरंत गेस को बंद कर दिया.
फिर रवि पीछे से उनके दोनों बूब्स को पकड़कर पूरे जोश में आकर दबाने, मसलने लगा और दीदी उसके साथ मज़े करने लगी. फिर कुछ देर बाद रवि ने उन्हें काउंटर पर बैठा दिया और उसने दीदी की चूत में अपना लंड डालकर उनको चोदना चालू किया तो कुछ देर बाद दीदी ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगी, उफफ्फ्फ्फ़ आह्ह्हह्ह्ह्ह माँ मर गई मुझे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज थोड़ा धीरे धीरे करो, आईईईइ में गई काम से और अब वो एकदम से शांत हो गई, लेकिन रवि चोदता रहा और पांच मिनट के बाद तेज धक्को के साथ झड़ गया.
फिर उसने दीदी को गोद में उठाया और वो उसे उठाकर बेडरूम में लेकर चला गया और वो दोनों चादर ओढ़कर लेट गए और में भी फिल्म देखने बाहर चला गया. फिर मेरी दीदी के साथ लेटकर वो फिल्म देखने गया और तब तक शाम हो चुकी थी. अब में अपने घर पर आ गया. फिर मैंने देखा कि मेरी दीदी पड़ोस में खड़ी है और हमारी पड़ोस में रहने वाली एक आंटी से बहुत हंस हंसकर बातें कर रही है, में चुपचाप अंदर चला गया और मैंने देखा तो उस समय घर पर कोई भी नहीं था और सब कुछ पहले जैसा एकदम शांत था.
फिर में उनके पास चला गया फिर हमने विचार किया और उसके बाद हम दोनों बाहर एक अच्छे से रेस्टोरेंट में खाना खाने चले गये और 9 बजे तक हम वापस आ गये, क्योंकि वो सर्दियों का समय था और हमे खाना खाते ही थोड़ा सा ठंड का अहसास होने लगा था, घर पर पहुंचकर में और दीदी टी.वी. देखने लगे और इधर उधर की बातें भी करने लगे. अब वो मुझसे पूछने लगी थी कि मुझे वो फिल्म कैसी लगी थी, जो मैंने दिन में देखी थी और उसमें क्या क्या चल रहा था और मैंने कितने मजे किए, यह सभी बातें करने के बाद वो करीब 11 बजे सो गई, उस समय वो उनकी पीठ को मेरी तरफ करके सोई थी.
फिर मैंने कुछ देर बाद जब वो गहरी नींद में सो गई, अपने लोवर को नीचे किया और अब में उनके शरीर पर हाथ फेरते हुए मुठ मारने लगा. तभी इतने में उन्होंने अपना मुहं मेरी तरफ कर लिया, जिसकी वजह से अचानक उनका हाथ मेरे लंड के ऊपर आ गया और में थोड़ा सा डर गया, लेकिन उनके हाथ लगने की वजह से मुझे मजा भी बहुत आ रहा था और उन्होंने उस समय अपनी ब्रा भी नहीं पहनी थी, इसलिए में बहुत आराम से करीब से उनके गोरे गोरे बूब्स को आखें फाड़ फाड़कर देखे जा रहा था और मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था. फिर कुछ देर बाद में बहुत जोश में आ गया और में वहां से उठकर सीधा बाथरूम में चला गया और मुठ मारकर वापस आ गया और उनसे चिपककर लेट गया और मुझे बिल्कुल भी पता नहीं कब में सो गया.
दोस्तों अगले दिन रविवार का दिन था तो हम दोनों ने सुबह साथ में सफाई का काम किया और हमारी काम वाली बाई ने पोछा, बरतन साफ किए और उसके बाद वो अपना काम खत्म करके चली गई. फिर दीदी नहाने चली गई और में भी उनके पीछे पीछे उनको नहाते हुए देखने के लिए चला गया, क्योंकि में वहां से उनको पूरा नंगा देख सकता था. अब मैंने अंदर की तरफ देखा तो मेरी दीदी बहुत आराम से नहाने के टब में पूरी नंगी होकर लेटकर नहा रही थी.
कुछ देर बाद वो रुक गई और अपना गाउन अपने गोरे गीले बदन पर लपेटकर बाहर आ गई और अब वो मुझे आवाज़ लगाने लगी तो में तुरंत उनके पास चला गया. अब वो मुझसे कहने लगी कि तू मेरे शरीर पर तेल से मसाज कर दे और वो मुझसे इतना कहकर उन्होंने अपना गाउन खोल दिया और बेड पर लेट गई और नीचे टॉपर और शॉर्ट्स थी, इसलिए में बहुत आराम से उनकी भरी हुई मोटी जांघो और उसके ऊपर उनकी मुलायम पूरी पीठ पर मसाज करने लगा, वो अहसास में किसी भी शब्दों में नहीं बता सकता कि में उस समय क्या महसूस कर रहा था?
मेरे थोड़ी देर मसाज करने के बाद वो मुझसे बोली कि धन्यवाद चल अब में जाकर नहा लेती हूँ और वो अंदर चली गई और में भी उसके पीछे पीछे चला गया. तब मैंने देखा कि वो अब एक क्रीम को अपने दोनों हाथों में लेकर अपने दोनों बूब्स पर मसाज कर रही थी और फिर थोड़ी देर बाद वो नहाकर बाहर आ गई. फिर उसके बाद हम दोनों बातें करने लगे और उसके अगले दिन हमारे घर वाले भी आ गये. इसके बाद भी दीदी, रवि से कई बार मिलने उसके घर पर जाती है और खूब चुदवाती है.
पति के दोस्तों की अनोखी रंडी
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शालिनी है, में 26 साल की हूँ और मेरी शादी एक मर्चेंट नेवी ऑफीसर से 3 साल पहले हुई थी. मेरा रंग गोरा, बाल लंबे कमर तक और आँखे भूरी है. मेरा फिगर किसी भी मर्द का लंड खड़ा करने के काबिल है, मेरी चूचियाँ गोल और बड़ी है और निपल्स काले और बहुत उभरे हुए है, जो ब्रा और ब्लाउज से भी नहीं छिपते है. मेरी गांड को हिलते देखकर किसी भी लंड का पानी छूट जाए, मेरी चूत के होंठ एकदम रसीले और मोटे है. मेरी चूत के होंठ इतने मोटे है कि पेंटी में तो टिक ही नहीं पाते है, मेरी चूत का रंग अंदर से एकदम गुलाबी है. ये तो हुई मेरे दिखने की बात, अब में सीधी कहानी पर आती हूँ.
मेरे पति काम के सिलसिले में आधे साल तो बाहर ही रहते है. मेरी शादी की शुरुआत में तो सब सही था, कभी हम फेसबुक पर सेक्स चैट भी कर लिया करते थे. लेकिन कुछ दिनों के बाद मेरी चूत की प्यास बुझती नहीं थी, इतने सालों में वो जब छुट्टियों में वापस आते, तो तब ही मुझे चोदते है. में इतने सालों में अपने पति से जितनी बार चुदी हूँ, उससे कहीं ज़्यादा तो मेरे रंडी बनने के बाद अलग-अलग मर्दो से चुद चुकी हूँ.
शुरुआत की बात है जब में बिल्कुल सीधी साधी थी, मुझे चुदाई का बहुत मन होता था, लेकिन क्या करती? मेरा पॉर्न देखकर भी जी नहीं भरता था और में गैर मर्द से चुदाई के सपने देखकर काम चला लिया करती थी, लेकिन अब मेरी चूत से सहन नहीं हो रहा था और में चुदने के लिए मरी जा रही थी, बस मुझे ख्वाइश थी तो मेरी चूत में एक लंड की. फिर एक दिन की बात है मेरे पति का दोस्त अनीश मेरे घर पर एक ज़रूरी कागज देने आया था, मुझे मालूम था कि वो मेरे बदन पर मरता था.
फिर मैंने सोचा कि क्यों ना इसके लंड के पानी से मेरी चूत की प्यास बुझाई जाए? फिर मैंने उसे इशारे देना शुरू किया और पानी देते वक़्त उसे मेरी चूचीयों का मज़ा लेने दिया. फिर में बात-बात पर उसको छूने लगी, अब वो भी मेरे करीब आने लगा और मेरी जाँघो पर अपना हाथ फैरने लगा था. फिर मैंने उसे एक स्माइल दी और वो समझ गया. फिर उसने मेरी साड़ी एक झटके में खींचकर उतार दी और ब्लाउज के हुक तोड़ दिए. अब वो मेरी ब्रा के ऊपर से मेरी चूचीयों को अपने दातों में दबाने लगा था, हायययययी क्या बताऊँ कितना मजा आ रहा था? अब में अपना हाथ उसके लंड पर उसकी पेंट के ऊपर से ही फैरने लगी थी. उसका लंड बहुत ही बड़ा था, इस मोटे लंड से मेरी चूत को चुदना था. ऊफ, अब मेरी रंडी चूत को रुकना ही नहीं था.
फिर मैंने उसके भी कपड़े उतार दिए और में उसके लंड को देखती ही रह गयी और उसे अपने हाथ से सहलाने लगी, मुझे इस मोटे लंड से चुदना है, प्लीज़ इसे मेरी चूत में घुसा दो और चोदने लगो ना प्लीज. अब ये सुनकर वो हँसने लगा और मेरे बालों को ज़ोर से पकड़कर मुझे पीछे किया और बोला कि रंडी आज तो तुझे ऐसा चोदूंगा कि इस शहर की टॉप की रंडी की चूत भी तेरे आगे शर्मा जाए, तुझे तो में तेरी सुहागरात से चोदना चाहता था.
फिर उसने मुझे एक थप्पड़ मारकर गिरा दिया और मेरे सारे कपड़े उतारे और मेरे पूरे नंगे बदन को चाटने और काटने लगा. फिर वो मेरी चूत का पानी चाटने लगा और अपनी उंगलियां मेरी चूत के अंदर डालकर अंदर बाहर करने लगा. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, अब कई महीनो के बाद मेरी चूत को मर्द का एहसास हो रहा था. अब में सिसकियां लेने लगी थी, आह आहह ह उम्म्म एमम आअहह एयेए आहह हह एसस्सस्स और करो ना बहुत अच्छा लग रहा है, प्लीज़ और करो ना उम्म्म एम्म्म एम्म्म यअहह आअहहहह.
अब वो और ज़ोर-जोर से करने लगा था, अया आहहहहहह. फिर वो अचानक से 69 पोज़िशन में आ गया और उसने अपना मोटा लंड झटके से मेरे मुँह में डाल दिया. अब मेरी तो साँस ही रुक गयी थी, लेकिन जो मज़ा आ रहा था ऊम्म्म्ममहहह. अब में उसके लंड को पूरा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी और उसके बॉल्स को अपने हाथों से सहलाने लगी थी. अब वो मेरी चूत को चाट रहा था, क्या मज़ा आ रहा था उम्म एमम एमम? अब वो काफी देर तक मेरी चूत को चाटता रहा और में उसके लंड को चूसती रही उम्म्म. अब वो मेरी चूत में अपनी जीभ डालकर अंदर बाहर करने लगा था आअहह हह उम्म्म एमम. अब में झड़ने वाली थी, लेकिन उसने मुझे झड़ने नहीं दिया और उठ गया. अब मुझे चुदना था, अब में बेताब हो रही थी मुझे चोदो प्लीज़ मेरी रंडी चूत में अपना लंड डालो ना, आज फाड़ दो मेरी रंडी चूत को प्लीज़.
अब ये सुनकर वो हरामजादा हँसने लगा और उसने मुझे झटके से उल्टा कर दिया और बड़ी बेरहमी से उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया ह उम्म्म आह आह ऑश हह उम्म मज़ा आ रहा था उम्म्म. अब वो मुझे एक कुतिया की तरह चोदने लगा था, अब मुझे तो बड़ा मज़ा आ रहा था उम्म अहह चोदो मुझे रंडी की तरह उम्म्म अहह और ज़ोर से अहह फाड़ दो मेरी चूत को आआआआहह उम्म्म्मम. फिर वो मुझे ऐसे ही आधे घंटे तक चोदता रहा, फिर उसने मुझे ऊपर आने के लिए कहा तो में झट से ऊपर आ गई और उसके लंड को अपनी चूत में डाल लिया उम्म्म्म मज़ा आ गया.
फिर में उछलने लगी आह क्या मज़ा आ रहा था? अब वो मेरी चूचीयों को दबाने लगा था और मेरी उछलने की स्पीड कम हो जाए इसलिए मेरी गांड पर ज़ोर जोर से थप्पड़ मारने लगा था. अब में और ज़ोर जोर से उछलने लगी थी अहह उम्म्म एस्स उम्म्म. अब में झड़ने वाली हूँ आआहह एस्स आअहह अया आहह फुक्ककक मी आहह हहह और फिर कुछ देर के बाद में झड़ गई.
फिर भी वो कमीना ऐसे ही काफ़ी देर तक मुझे चोदता रहा. फिर बहुत देर तक ऐसे ही चोदने के बाद उसने मुझे लेटा दिया और मेरी दोनों टाँगे एक साईड में करके फिर से चोदना शुरू किया. अब मेरी चूत का चुद-चुदकर बुरा हाल हो गया था, लेकिन ऐसा मजा मुझे कभी नहीं आया था. अब वो मुझे ऐसे ही ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा था और अपने एक हाथ से मेरी चूत पर मसाज करने लगा था, आह क्या मजा आ रहा था उम्म? मुझे फिर झड़ना है आअहह और ज़ोर से करो, मेरी चूत को फाड़ दो आहह उम्म्म बहुत मजा आ रहा है आआहहह, मेरी चूत चाट, मेरी रंडी चूत को जोर-जोर से चाट आआ आहहह. अब वो और ज़ोर-जोर से करने लगा था, उम्म अब में झड़ रही हूँ तुम भी मेरी चूत में अपना पानी छोड़ो ना, मेरी चूत की प्यास बुझा दो उम्म्म आहह. अब वो भी झड़ने वाला था तो उसने चुदाई और तेज़ कर दी.
अब में चीखने लगी थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था आहह आह एस्स फुक्कक मी आहह अहह उम्म और में फिर से झड़ गई और उसने भी मेरी चूत में अपना पूरा पानी छोड़ दिया. फिर उसने ऐसे ही मुझे जाने से पहले 3 बार और चोदा.
फिर जाते वक़्त उसने दरवाज़े पर पूछा कि क्यों प्यास बुझ गई? तो मैंने कहा कि हाँ अब तक कि तो बुझ गई, लेकिन आगे का ध्यान रख लेना और हंस पड़ी. दोस्तों अनीश ने मेरी ऐसी जबरदस्त चुदाई की जिससे मेरी चूत को तो लंड का चस्का लग गया, वो मेरे घर किसी ना किसी बहाने से आता और घंटो तक मेरी चुदाई करता और ऐसा काफ़ी दिनों तक चला.
फिर एक दोपहर की बात है जब अनीश ने मुझे कॉल किया और बोला कि भाभी जी कैसी हो? आज आपके लिए खास तोहफा ला रहा हूँ, आप तैयार रहना. फिर मैंने हंसकर उससे पूछा कि अच्छा, ऐसा क्या ला रहे हो? वो बोला कि देखकर आप दंग रह जाएँगी, बस आप इंतज़ार करिए और फोन रख दिया. मुझे तो सर्प्राइज़ का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार था. मुझे ये तो मालूम था कि मेरी आज तो जबरदस्त चुदाई होगी, लेकिन कैसे वो तो उसके आने के बाद ही पता चलेगा, इसलिये ज़्यादा सोचना छोड़कर में तैयार होने लगी. मैंने मेहरून कलर की सेक्सी ब्रा पहनी, लेकिन पेंटी नहीं पहनी और काली साड़ी पहनकर तैयार हो गई.
तभी डोर बेल की आवाज़ आई तो में दरवाज़ा खोलने गई और अनीश को देखकर में एकदम रांड की तरह पोज़ में आ गई और उसे अंदर बुलाया, लेकिन में ये देखकर चौंक गई कि वो अकेला नहीं था, उसके साथ उसके तीन दोस्त और थे, करण, रवि और प्रतीक. सब मेरे पति के बहुत अच्छे दोस्त थे और में कुछ समझ सकती उससे पहले तो सब दरवाज़ा बंद करके अंदर आ गये. फिर मैने कपड़े ठीक करते हुए अनीश के सामने देखा, अरे वहां कहाँ देख रही हो भाभी जी, हम भी आए है आज आपकी खिदमत में, बहुत किस्से सुने है आपके रंडीपन के और हम भी आपकी चूत का रस पीने आए है और ये कहकर रवि ने मेरी साड़ी खींच ली और सब लोग हंसने लगे.
में घबरा गई और गिड़गिड़ाने लगी, प्लीज़ मुझे छोढ़ दो, ऐसा मत करो और तभी अनीश ने ज़ोर से एक थप्पड़ मार दिया मुझे और मेरे बाल पकड़ लिए और कहने लगा कि साली रंडी अब तू मेरी रांड है रांड. अब में जिससे चाहूँ उससे तू चुदेगी वरना तेरे पति को सब बता दूँगा. अब आ जा औकात पर और नाटक बंद कर और नंगी हो जा चल साली रांड.
दोस्तों पति को पता ना चले उस डर से में चुप हो गई और अपनी साड़ी उतारने लगी तो कारण आ गया और पीछे से मेरी चूचियां हाथ में लेकर मसलने लगा हाय भाभी जी क्या बदन है आपका? हम सब तो आपके कब से दीवाने है. फिर अजय आया और मेरे पूरे बदन पर हाथ घुमाने लगा. रवि और अनीश ये देख रहे थे और अपना अपना लंड हिला रहे थे.
तभी कारण ने मेरे ब्लाउज और ब्रा को उतारकर फेंक दिया और मेरे निपल्स को काटने लगा और चूचियों को पूरा मुहं मे लेने लगा. प्रतीक ने मेरा पेटिकोट उतार दिया और उनसे देखा की मैंने पेंटी नहीं पहनी थी तो वो बोला कि साली रंडी चुदने के लिए इतनी बेकरार है कि चूत भी ढकना भूल गई और बेमतलब का नाटक करती है कि मुझे जाने दो. आज तो तेरा ऐसा भोसड़ा बनाएँगे कि आज के बाद सिर्फ़ एक लंड से तेरा रंडीपना कभी शांत नहीं होगा.
ये कहकर उसने मुझे घुटनों पर बिठाया और अपने मोटे लंड को झटके से मेरे मुहं मे डाल दिया. चूस साली, बाहर निकाला तो तेरी खैर नहीं, साली पूरा ले उम्म्म अहजझ उम्म्म्म मुझे मज़ा आने लगा था और में मज़े से प्रतीक का लंड चूसने लगी. तभी करण ने भी अपना लंड मेरे मुहं मे घुसाया और दो लंड को चूसने से मेरी हालत खराब हो गई. मेरा साँस लेना मुश्किल हो रहा था तो मैने लंड को मुहं से बाहर निकाला.
तभी ज़ोर से अनीश ने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा और बोला कि साली रांड सुना नहीं क्या कहा गया है तुझसे, लंड बाहर नहीं निकलना है. अब सज़ा मिलेगी तुझे और यह कहते ही उसने मेरी गांड को बेरहमी से उपर उठाया और अपने मोटे लंड को घुसा दिया मेरी गांड मे, आहह आह नहीं. अब में दर्द के मारे चीखने लगी आआहह आहह आआहह, लेकिन फिर डर के मारे लंड चूसने लगी उम्म्म आआहह. अब अनीश मेरी गांड मार रहा था और में प्रतीक और कारण का लंड चूस रही थी. अब मुझे मज़ा आने लगा था उम्म्म आह आहह और रवि मेरी चूचियों को दबा रह था और में एक हाथ से उसके लंड को मसलने लगी. में एक साथ चार लंड का मज़ा ले रही थी और ये तो मैंने कभी सपने मे भी नहीं सोचा था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
तभी अनीश ने अपना लंड मेरी गांड से निकाला और करण और प्रतीक ने मेरे मुहं से लंड बाहर निकाला. कुतिया बहुत मज़ा आ रहा है ना तुझे, ये तो बस शुरुआत है रंडी और ये कहकर करण बेड पर लेट गया और मुझे अपने लंड पर बिठा लिया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था उम्म्म आआअहह आआहह. फिर तभी रवि ने ज़ोर से मेरे गांड पर थप्पड़ मारा और चूतड़ो को खोला और मेरी गांड मे अपना मोटा लंड डाल दिया.
मेरी तो जान ही निकल गई, मानो मेरी गांड और चूत दोनों को एक साथ दो लंड पेल रहे थे. मुझे ऐसा मजा कभी नहीं आया था और में भी दोनों का साथ देने लगी उम्म्म उम्म आहह और चोदो, में तुम्हारी रांड हूँ, मेरा भोसड़ा बना दो प्लीज़, आ आअहह ऐसा मजा मुझे आज से पहले कभी नहीं आया आआ सस्स, फाड़ दो मेरी गांड और चूत. ये सुनकर सब हँसने लगे और बोले लंड घुसते ही आ गयी रांड औकात पर और ये कहकर अनीश ने अपना लंड मेरे मुहं मे घुसेड़ा. फिर तभी प्रतीक ने भी अपने लंड को मेरी गांड मे घुसाने की कोशिश की और में दर्द के मारे चिल्ला रही थी. अब मेरे बदन मे चार लंड घुसे हुए थे और ऐसी रंडियो वाली चुदाई तो में कभी सपने में भी नहीं सोच सकती थी. फिर वो मुझे ऐसे ही बहुत देर तक चोदते रहे.
तभी रवि ने भी अपना पानी छोड़ा और दोनों काफ़ी देर तक लगे रहे. फिर करण भी मेरी गांड में झड़ गया और कुछ देर बाद प्रतीक ने भी मेरे पूरे बदन पर अपना पानी छोड़ दिया.
मेरा चुदाई से हाल बेहाल था और फिर भी हरामजादों ने मुझे अलग अलग पोज़िशन मे रात भर चोदा और सुबह उठकर कब चले गये मुझे पता ही नहीं लगा. मेरा पूरा बदन दर्द से चूर हो रहा था, लेकिन रांड बनकर एक अलग एहसास हो रहा था.
पुलिस वाले ने चूत को चोदकर फाड़ दिया
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम महक है और मेरी उम्र 21 साल है. मेरी शादी को हुए करीब 6 महीने हुए है और आज में आप सभी चाहने वालों को मेरी खुद की एक सच्ची घटना सुनाने जा रही हूँ, जो कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई, यह कोई फेंक कहानी नहीं है. दोस्तों मेरे पड़ोस में रहने वाले मेरे एक पड़ोसी ने मुझे लगातार घूर घूरकर देखना शुरू किया और पहले मैंने उस पर ज्यादा घ्यान नहीं दिया, लेकिन अपनी प्यासी तड़पती हुई चूत के सामने मुझे झुकना ही पड़ा और में उससे चुद गई.
दोस्तों मेरे पति का खुद का अपना व्यापार होने की वजह से उनको हमेशा लगातार दूसरे शहर में घूमना पढ़ता है और उस वजह से मुझे मेरे बहुत बड़े घर में अक्सर अकेले रहना पढ़ता है. मेरे फिगर का आकार 36-28-36 है और मेरी लम्बाई 5.6 है और अक्सर में स्कर्ट या जीन्स ही पहनना पसन्द करती हूँ, चलिए अब में अपनी आज की सच्ची कहानी पर आती हूँ.
दोस्तों मेरे घर पर मेरे पास ऐसा कोई ख़ास काम नहीं होता है, क्योंकि हमने घर पर काम करने के लिए एक नौकरानी रखी हुई है, वो हर दिन हमारे घर आती है और घर का सारा काम वही संभालती है, में बस कपड़े ही सुखाती हूँ, क्योंकि मेरे कपड़े कोई और छुए मुझे यह बिल्कुल भी पसन्द नहीं है और इसलिए में हर रोज़ की तरह उस दिन भी कपड़े सुखाने बाहर आई और कपड़े सुखाते हुए मैंने ध्यान दिया कि एक हट्टाकट्टा नौजवान मेरी तरफ बहुत देर से लगातार घूर रहा है.
फिर मैंने उसकी इस हरकत को बस ज्यादा ध्यान देकर में अपने कपड़े सुखाकर जल्दी से अंदर की तरफ आ गई. फिर में रोज़ की तरह टी.वी. देखती रहती या फोन पर गेम खेलती या ऐसे ही बैठी रहती. उस दिन भी मेरे पति अपने किसी काम के सिलसिले में कहीं बाहर गए हुए थे और तभी मुझे उस लड़के के बारे में ख्याल आ गया कि वो कौन होगा, जो मुझे ऐसे देख रहा था? तो यह बात सोचते सोचते मेरी उंगलियाँ मेरी चूत पर जा पहुंची और उसको ही अपने ख्याल में लाकर ना जाने कब से में चूत में उंगलियाँ करने लगी थी. मैंने सोफे पर ही बैठकर अपने सारे कपड़े उतार लिए और मुझे कोई डर भी नहीं था, क्योंकि में उस पूरे घर में अकेली थी.
अब में अपनी चूत पर उंगली को फेरने लगी, में अपने एक हाथ को चूत पर और दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को सहलाने लगी थी, लेकिन कुछ देर बाद में जोश में आकर बहुत ज़ोर से उँगलियों को अपनी चूत के अंदर बाहर करके खुद को चोदने लगी और साथ साथ सिसकियाँ भी भरने लगी, उूउउईईईइ उफ़फ्फ़ उऊउक्कच उउम्माह और अब में बहुत ज्यादा गरम होने के कारण झट से आईई हहुउऊ उफफफ्फ़ करके झड़ गई और फिर में कुछ देर ऐसे ही लेटी रही.
उसके बाद में अपने कपड़े पहनकर ऐसे ही बैठ गई और अब यह मेरा हर रोज़ का काम हो गया था और में हर रोज़ उसे अपनी तरफ रिझाने के लिए छोटे छोटे कपड़े पहनकर बाहर जाती और में जानबूझ कर झुक जाती और फिर में आअहह की ज़ोर से आवाज़ लगाती, जिससे वो मेरी आवाज को सुन ले. दोस्तों अब यह मेरा हर रोज़ का काम हो गया था कि वो मुझे रोज़ ताकता और में जल्दी से काम करके जल्दी से अंदर की तरफ चली आती, वो मेरे पड़ोसी थे और ऊपर से पुलिस वाले.
मेरे पति अक्सर उनसे बातें किया करते और वो आदमी मुझे ऐसे ही ताकता रहता था. अब वो हर कभी मेरे घर पर आ जाता और बहुत देर तक बैठा रहता, इसलिए अब तक मेरे पति और वो बहुत करीबी दोस्त हो गये थे. एक दिन जब मेरे पति महीने भर के लिए कहीं बाहर जाने वाले थे तो उन्होंने मेरे उसी पड़ोसी से बोला कि तुम मेरी पत्नी का ख्याल रखना और यह बात कहकर वो चले गये. अब वो मेरे पति के जाने के कुछ घंटो बाद ही मेरे घर पर आ पहुंचा और वो मुझसे बोला कि भाभी जी कैसे हो आप? में उसकी यह बात सुनकर सकपका गई कि आख़िर में उसको क्या जवाब दूँ? और में कुछ सोचने लगी.
फिर वो मुझसे कहने लगा कि आप मुझसे इतनी डरती क्यों हो? क्या मैंने कुछ ग़लत किया है? तो मैंने बस ना में अपना सर हिला दिया और उससे बोला कि आप अंदर क्यों आए हो, मेरे पति तो इस समय घर पर नहीं है? तब उन्होंने मुझसे बोला हाँ जी मुझे सब पता है कि वो इस समय घर पर नहीं है, क्योंकि उसने खुद मुझसे आपका ख्याल रखने के लिए कहा है और उसने मुझसे बोला है कि आपकी जो भी ज़रूरत हो वो पूरी कर देना.
दोस्तों में उसके मुहं से यह सभी बातें सुनकर एकदम से बहुत चकित थी, क्योंकि इससे पहले मेरे पति ने कभी भी ऐसा नहीं कहा था, मुझे माफ़ करना दोस्तों में तो आप लोगों को बताना ही भूल गई कि उसका नाम कार्तिक था और उसकी उम्र करीब 32 साल होगी और देखने में वो एकदम फिट और उसकी लम्बाई 6.2 होगी. फिर उसने मुझे कुछ फल लाकर दे दिए और घर पर आकर बैठ गया.
दोस्तों में सच कहूँ तो उसका बहुत मस्त शरीर देखकर तो मेरी चूत वैसे ही अपना पानी छोड़ने लगती थी और तो और वो उससे चुदवाने के लिए भी तिलमिला उठती थी, शायद उसने यह देख रखा था.
फिर मैंने उसे पीने का पानी लाकर दे दिया और फिर में ठीक उसके सामने झुकी, जिसकी वजह से मेरे लटकते हुए बूब्स अब उसकी आखों के सामने थे और उसकी भूखी आँखें मेरे बूब्स के अंदर ऐसे पड़ी, जैसे वो मेरे बूब्स को अभी खा जायेगा. फिर में सही से खड़ी हो गई और फिर वो कुछ देर रुककर वापस चला गया.
में टी.वी. देखने लगी और तब तक शाम हो गई थी. दोस्तों में जब स्कर्ट पहनती हूँ तो मेरे झुकने की वजह से मेरी चूत के बहुत अच्छी तरह से दर्शन हो जाते थे, इसलिए मैंने उसके शाम को मेरे घर पर आने के बाद में जानबूझ कर किसी काम को करने के बहाने से पीछे की तरफ इस झुकी और वो यह नजारा कुछ देर देखकर झट से मेरे पीछे आकर खड़ा हो गया और वो मुझसे कहने लगा कि अरे भाभी जी क्या आप मुझसे डर गई? तो मैंने तुरंत सीधे खड़े होकर उससे कहा कि क्या हुआ? और मेरे इतना कहने पर ही उसने मुझे झट से अपनी बाहों में दबोच लिया और फिर दीवार की तरफ ले गया. सच दोस्तों मैंने कई दिनों से इस दिन का कितना इंतज़ार किया था? जो पूरा होने जा रहा था, लेकिन में एक शादीशुदा हूँ, इसलिए मुझे नाटक करना पड़ा इस हेंडसम मस्त लड़के को यह सब करने से रोकना पड़ा.
में : आह्ह्ह यह क्या कर रहे हो आप? प्लीज मुझे छोड़िए मुझे ऐसा मजाक बिल्कुल भी पसंद नहीं है.
कार्तिक : जी नहीं में बहुत दिनों से इस दिन का इंतज़ार करता आ रहा हूँ जानेमन, तूने मुझसे बहुत इंतजार करवाया है, लेकिन में तुझे अब ऐसे नहीं छोड़ सकता.
दोस्तों वो मुझसे यह बात कहकर मुझे चूमने लगा और मैंने उससे कहा कि प्लीज छोड़ दो मुझे, कोई आ जाएगा और हमें ऐसे देख सकता है. में उससे बहुत बार आग्रह करने लगी, लेकिन उसने मेरी एक भी ना सुनी और वो मुझे लगातार चूमता गया, अब क्या था? फिर मैंने भी कुछ देर बाद उसके सामने हार मानकर उसकी तरफ पलटकर उसको बेड की तरफ धकेल और ताबड़तोड़ किस करने लगी थी. जिसकी वजह से पूरे घर में म्मूुआआह उमाहह उफ़फफुऊ उम्म्म आअहहहह की आवाज़ गूंजने लगी थी.
दोस्तों मेरी शादी मेरे घरवालों ने ज़बरदस्ती करवाई थी और उस वजह से मैंने कभी भी अपने पति को मुझे छूने नहीं दिया था और मेरी शादी के बाद यह मेरा पहला किस था, जो बहुत जोश भरा था और अब तक हम दोनों एक दूसरे में बिल्कुल मदहोश हो गये थे. मैंने उसकी शर्ट को जोरदार झटका देकर फाड़कर उसके बदन से अलग कर दिया था और अब में उसकी छाती को चूमने चूसने लगी थी.
उसने मेरी स्कर्ट को बहुत ही बेरहमी से उतारकर फेंक दिया था और अब मेरे दिमाग़ में चल रहा था कि हम किस करते वक़्त ही एक दूसरे में इतना खो गये थे तो चुदाई के वक़्त हमारे साथ क्या होने वाला है? इतने में दरवाजे पर बाहर लगी घंटी बज गई और उसकी आवाज को सुनकर में तो एकदम से चौंक गई. मेरे चेहरे से डर की वजह से पसीना आने लगा और उसका भी ठीक यही हाल था. उसके भी चेहरे का रंग बिल्कुल उड़ा हुआ था और अब में सोचने लगी थी कि ना जाने इस समय बाहर कौन होगा.
अब में और वो एक दूसरे को देखने लगे थे. फिर मैंने बहुत हिम्मत करते हुए अंदर से ही एक आवाज़ लगाई और पूछा कि कौन है? तो मुझे बाहर से आवाज आई, जिसको सुनकर में तुरंत समझ गई कि वो मेरी नौकरानी थी, इसलिए मैंने झट से उसको जवाब दे दिया कि आज कोई काम नहीं है तुम कल आ जाना और वो वहीं से वापस चली गई और उसके जाते ही हम दोनों एक दूसरे की तरफ देखकर हंस पड़े और अब हम एक दूसरे को लगातार ऐसे ही देखते रहे और उसके बाद हमारी बात चालू हुई.
में : क्या आपकी शादी हो गई?
कार्तिक : जी अगर हो गई होती तो क्या में आपके पास इधर आ पाता? वैसे आप ऊपर से लेकर नीचे तक बहुत सुंदर हो और में बहुत दिनों से आपको ऐसे ही ताकता आ रहा हूँ और वो मौका मेरे हाथ आज लगा है.
फिर दोस्तों उसके मुहं से मेरी इतनी तारीफ सुनकर में शरमाते हुए हंस पड़ी और अब में ऐसे ही बिना स्कर्ट के चलने लगी और में स्कर्ट खोजने लगी. फिर ऐसे मुझे चलता देखकर झट से पीछे से गले लगाकर उसने मुझसे कहा कि इस दिन का मैंने बहुत दिनों से कितना इंतज़ार किया है?
अब मैंने उससे कुछ भी नहीं बोला और बस में उसको लगातार देखती रही और में इतने में उसकी गोद में छोटे बच्चो की तरह समा गई थी और वो मुझे अपनी गोद में लेकर हॉल में पहुंच गया और अब वो मुझे दोबारा चूमने लगा. इस बार में भी शुरू से ही उसकी मदद करने लगी थी. अब कभी में उसके ऊपर तो कभी वो मेरे ऊपर आ जाता. हम एक दूसरे के अंदर समा रह थे और पूरे घर में बस एम्म मुऊऊ आअहह उूुउउउउंम की गूँज फेली हुई थी.
फिर जैसे ही उसने पूरे दम से मेरे बूब्स को दबाया तो में उस दर्द की वजह से चिल्ला उठी और उस जोरदार चीख को सुनकर उसने मेरे होंठो को अपने होंठो से बंद कर दिए, जिसकी वजह से मेरी आवाज अंदर ही दबकर रह गई और उसने एक बार फिर से मेरे बूब्स को दबाना शुरू कर दिया.
उसने मेरी स्कर्ट को तो पहले से ही किसी कोने में फेंक दिया था और अब उसने मेरे टॉप को भी उतारकर फेंक दिया था और अब में अपनी जालीदार लाल कलर की ब्रा में उसके सामने लेटी हुई थी, मेरा बेड स्प्रिंग वाला होने की वजह से हम उसमें दबते ही जा रह थे, क्योंकि कार्तिक मुझ पर हावी होने लगा था, उसने अपना पूरा शरीर मुझ पर एकदम ढीला छोड़कर मेरी चुम्मि लेने लगा था, जैसे कि उसने कई सालों से किसी को चूमा ना हो.
अब धीरे धीरे उसने मेरे गले को चूमते हुए वो मेरे बूब्स पर पहुंच गया और अब मेरे बूब्स उसके दोनों होंठो पर थे और में अपनी दोनों आखें बंद करके इस सारे अनुभव के मज़े ले रही थी और उसके साथ साथ में ज़ोर ज़ोर की सिसकियाँ भी ले रही थी.
दोस्तों जैसा कि मैंने पहले आपको बताया था कि हमारा घर बहुत बड़ा है और वहां पर इतनी शांति होने की वजह से मेरी आवाज़ गूंजने लगी थी, में आआयुम्मम उफ्फ्फफ्फ्फ़ कहती तो दुबारा मुझे मेरी आवाज़ मेरे कानों में सुनाई पड़ती और वो लगातार मेरे बूब्स को खाए जा रहा था और में अपने हाथों से उसके बालों को पकड़कर अपने बूब्स पर और भी ज़ोर से दबाने लगी थी, जिसकी वजह से वो और भी ज़ोर ज़ोर से मेरे बूब्स को अपने मुहं से चूसते हुए मेरी निप्पल को निचोड़े जा रहा था और मैंने बहुत ज़ोर से उसे जकड़ा हुआ था.
ऐसा मैंने पहले कभी किसी को भी ना पकड़ा था, वो मुझे ऊपर चूमता, लेकिन मैंने अपना पैर पहले ही फैला रखे थे, जिस वजह से उसका लंड अब मेरी चूत पर रगड़े जा रहा था, में और भी ज्यादा पगलाती जा रही थी और एकदम मदहोश हो बैठी थी, में उससे बस कहने लगी कि काश तुम मेरे पास पहले आते तो मेरी शादी तुमसे ही होती और अब तक तो में गर्भवती भी हो गई होती, में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ बेबी और वो भी मुझसे हाँ में भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ बेबी, कहकर उसने मेरे बूब्स को काटा और वो नीचे मेरी नाभि पर पहुंच गया.
अब वो मेरी नाभि को चूमने चाटने लगा, में तो उसकी वजह से बिल्कुल तड़प ही उठी. दोस्तों ऐसा मैंने कभी भी महसूस नहीं किया था और में वर्जिन तो नहीं हूँ, लेकिन पिछले एक साल से में नहीं चुदी थी और ना ही ऐसे बंदे ने मुझको कभी ऐसे चूमा चाटा था. अब उसने मेरी चूत पर अपनी एक ऊँगली को रख दिया और उसके स्पर्श से में तो उसी पल कांप उठी.
दोस्तों मैंने महसूस किया कि उस बंदे में बहुत ही अलग सा नशा था, ना जाने क्यों वो मुझको इस एक घंटे में इतना पसन्द आने लगा था? और उसकी उँगलियाँ जो मेरी चूत को छू रही थी, वो भी मुझे बहुत अच्छी लगने लगी थी. अब वो धीरे धीरे नीचे आते हुए तुरंत मेरी चूत के पास पहुंचकर वो अब अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटने चूसने लगा था और में बस आअहहुउ उम्म्मउूउउ उफ़फ्फ़ हाँ उउक्ककक बेबी प्लीज़ मेरे चूत में अब जल्दी से अपना लंड डाल दो, उफफ्फ्फ्फ़ प्लीज अब में ज्यादा और नहीं सह सकती कहने लगी थी और अपनी सिसकियों की आवाज़ को सुनने लगी.
उस समय दोस्तों मुझे बिल्कुल भी होश नहीं था कि मेरी चीखने चिल्लाने की आवाज़ बाहर तक भी जा सकती है, में तो बस आज उससे अपनी चुदाई करवाना चाहती थी. अब वो मेरी चूत को और भी ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा था. तभी मैंने अपने दोनों पैरों को पूरा फैलाकर उसका सर पकड़कर अपनी पूरी ताकत लगाकर उसका मुहं मेरी चूत पर दबा लिया, जिसकी वजह से उसकी जीभ पूरी अंदर तक जा पहुंची और मैंने एकदम से उसको जकड़कर उसके मुहं पर अपनी चूत का गरम गरम पानी छोड़ दिया, जिसकी वजह से उसका पूरा मुहं मेरे चिपचिपे गरम माल से भर गया और उसने बड़े प्यार से मेरा सारा पानी गटक लिया और फिर ऊपर मेरे मुहं के पास आ गया, उसने मेरे होंठो पर अपने दोनों गीले होंठ रख दिए और वो मुझे किस करने लगा.
दोस्तों मैंने आज पहली बार अपनी चूत का रस चखकर देखा था और वो बहुत ही नमकीन सा लग रहा था और फिर उसे चूमते हुए मैंने उसको नीचे जमीन पर गिरा दिया और अब में उसके ऊपर चड़कर उसे चूमने लगी और कुछ देर चूमते हुए में नीचे आ गई और जब मैंने उसके लंड देखा तो में बिल्कुल ही दंग रह गई, क्योंकि दोस्तों उसका लंड करीब 6 इंच लंबा और करीब 3 सेंटीमीटर मोटा था, इसलिए वो मेरे मुहं में पूरी तरह से घुस भी नहीं रहा था, शायद यह बात कार्तिक को अब समझ में आ रही थी, इसलिए वो आधा उठा और मुझे किस करते हुए गोद में उठाकर बेड पर ले आया और उसने मुझे लेटा दिया और मेरे ऊपर आते ही उसने मेरे सर पर किस किया और उसके बाद मेरे होंठो को किस किया और फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत के मुहं पर सेट किया.
तब मैंने उससे कहा कि बेबी बहुत मोटा है आपका, प्लीज मेरा थोड़ा सा ख्याल जरुर रखना. फिर उसने स्माईल करके मुझसे कहा कि तुम्हें कुछ भी नहीं होगा मेरी जानेमन, में हूँ ना और फिर वो सेट करके मेरे चेहरे के पास आ गया. उसके बाद उसने अपने लंड को अंदर डालने की बहुत कोशिश की, लेकिन मेरी चूत ठस से मस ना हुई उसने अपना पूरा दम लगाया, लेकिन मेरी चूत का आकार बहुत छोटा था, इसलिए लंड हर बार फिसल जाता और अब में अपनी चुदाई के लिए बहुत बेताब हुई जा रही थी. फिर मुझे एक बात सूझी और मैंने उसके लंड को अपनी जीभ से चाटकर उस पर बहुत सारा अपना थूक लगाकर उसको एकदम गीला कर दिया और फिर मैंने उससे कहा कि अब तुम इसे प्लीज़ जल्दी से मेरे अंदर पूरा उतार दो.
फिर कार्तिक ने बड़े प्यार से मेरी चूत के मुहं पर अपना टोपा रखा और धीरे से अंदर की तरफ दबाव बना दिया, जिसकी वजह से उसके लंड का टोपा मेरी चूत के अंदर जा पहुंचा और उतने में मेरे मुहं से बहुत ज़ोर की चीख निकल पड़ी, उफ्फ्फ्फ़ आईईई माँ में मर गई, प्लीज थोड़ा धीरे करो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, में इस दर्द से मर जाउंगी उूुुउउ एम्म्मएम्म उउंमम्मा प्लीज अब तुम इसको बाहर निकाल लो, मुझे इसके आगे कुछ नहीं करना आह्ह्हह्ह्ह्ह.
फिर कार्तिक ने झट से मेरे होंठो को अपने होंठो से बंद कर दिया और वो कुछ देर तक मेरे बूब्स को सहलाने लगा, उसने मेरे पूरे शरीर को अपने हल्के हाथ से सहलाया और में थोड़ा सा शांत लगने लगी, तब वो एक बार फिर से धीरे धीरे मेरी छोटी सी चूत में अपना मोटा लंबा लंड जबरदस्ती ठूंसने लगा था और अब उसका लंड मेरी चूत में आधा अंदर था, जिसकी वजह से मुझे अपनी चूत में एक अजीब सी जलन होने लगी थी, उसके लंड ने मेरी चूत की दीवारों को अंदर से पूरी तरह से जबरदस्ती घिसकर छिल दिया था और यह उसी का नतीजा था.
लंड अब मेरी चूत के अंदर था और में लगातार ज़ोर ज़ोर से चिल्लाए जा रही थी, आअहहह उूउउउउफफफ्फ़ उूउउएम्म्म एम्म्म उउउक्च्छ हुउूहह. दोस्तों अब में थोड़ी सी शांत हुई तो कार्तिक ने फिर से अपना लंड थोड़ा और अंदर घुसाया और वैसे ही मेरे ऊपर लेट गया. में उसके गरम लंड को महसूस कर रही थी और अब में भी झड़ने लगी, लेकिन मुझे उससे चुदना ही था, इसलिए मैंने उससे कहा कि प्लीज बेबी अब चोदो ना मुझे में कब तक और इंतजार करूं, जल्दी से चोद दो मुझे और अपना बना लो आह्हह.
फिर वो मेरी यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया. उसने मुझसे यह बात सुनकर और एक बार जोरदार धक्का देकर अपना पूरा 6 इंच का मोटा लंड पूरा मेरी चूत के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से में एकदम से चिल्ला उठी, आआहहहुउ उउफफफ्फ़उू उउईईईईईइ माँ मर गई, आउूउचहह और में बोलने लगी कि नहीं प्लीज अब तुम इसको बाहर निकाल दो, उफ्फ्फफ्फ्फ़ माँ मुझे बहुत दर्द हो रहा है वरना में मर ही जाउंगी प्लीज़, लेकिन अब क्या था? उसने मेरी एक भी बात को नहीं सुना और अब बस वो मेरी चूत में ज़ोर ज़ोर के धक्के मारने लगा और लगातार मेरी आवाज़ निकलती रही, आआहह हुउऊउफफफ्फ़ उूईईईईईई उउउफ़फ्फु.
अब मैंने उसे ज़ोर से जकड़ा हुआ था, वो मेरी चूत में अपने लंड को घोड़े पर सवार की तरह उचक उचककर धक्के देते हुए चोदे जा रहा था और कुछ समय बाद मुझे भी आनंद आने लगा था, जिसकी वजह से में भी अब उसके साथ साथ नीचे से अपनी चूतड़ को उठा उठाकर धक्के देने लगी थी और में अपनी कमर को उठाकर उससे चुदने लगी.
दोस्तों अब बहुत समय हो गया था तो भी कार्तिक मुझे लगातार धक्के देकर चोदता जा रहा था, वो बिल्कुल भी रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था, पता नहीं उस पर कौनसा भूत सवार था, में इस बीच ना जाने कितनी बार झड़ गई थी, मुझे इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं था, अब पूरे रूम में हम दोनों के नंगे बदन के टकराने की फच फच फच की आवाज़ और मेरी सिसकियों की आवाज़ गूंजने लगी थी. पूरे एक घंटे तक में उसी के नीचे लेटी हुई चुद रही थी और वो भी बहुत जोश में आकर मुझे चोदे जा रहा था. फिर कभी में उसको किस करती तो कभी वो मुझे किस करता तो कभी वो मेरे बूब्स को चूमता और कभी उसे जमकर पकड़कर निचोड़ देता तो कभी वो मेरे बूब्स पर अपना सर रखकर उस पर लेट जाता. दोस्तों वो जो भी मेरे साथ करता में उसका पूरा पूरा साथ देती जाती.
अब इस तरह दोस्तों मेरी शादी के बाद की पहली चुदाई खत्म हुई, जिसमें मैंने अपने पड़ोसी पुलिस वाले का मोटा लंबा लंड लेकर उससे अपनी चुदाई के पूरे पूरे मज़े लिए और उसको जोश में लाकर अपनी उससे जमकर चुदाई करवाई और अपनी प्यासी चूत को चुदवाकर शांत किया.
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