ट्रेन में हुई तीन बार चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सन्नी है और में पंजाब से हूँ, मेरी उम्र 24 साल है और मेरा लंड 7 इंच का है और मुझे 18 से 50 साल तक की लेडीस को चोदने में मज़ा आता है, ख़ासकर कि शादीशुदा औरतों को चोदने में ज्यादा मजा आता है. अब बिना देर किए हम कहानी पर आते है, ये बात अब से एक महीने पहले की है. में ट्रेन में अपने फ्रेंड्स के साथ एक टूर पर जा रहा था और कुछ 2-3 स्टेशन के बाद एक लड़की ट्रेन में चढ़ी और मेरे पास आकर खड़ी हो गई, क्योंकि वहाँ पर बैठने के लिए सीठ नहीं थी, लेकिन फिर अगले ही स्टेशन पर मेरे सामने वाली सीठ खाली हो गई और वो उस पर बैठ गई, उसके साथ उसकी एक छोटी बेटी भी थी जो कि करीब 3-4 साल की होगी.
फिर थोड़ी देर के बाद उसकी बेटी मेरे साथ खेलने लगी और में भी उसके साथ खेलने लगा और इसी दौरान मेरी उससे बातचीत शुरू हुई और पता चला कि उसे मुझसे भी बहुत दूर जाना है. फिर थोड़ी देर हम यूँ ही इधर उधर की बातें करते गये और बातों-बातों में पता चला कि उसके पति की 2 साल पहले मौत हो चुकी है और वो अपने मायके से ससुराल जा रही थी. फिर थोड़ी देर के बाद जब शाम ढलने लगी और मुझे भूख भी लग रही थी, तो मैंने उससे कुछ खाने के बारे में पूछा.
फिर उसने कहा कि नहीं में खाना घर से ही बनाकर लाई हूँ, वैसे अगर आप चाहो तो आप भी मेरे साथ ही खाना खा सकते हो तो फिर हमने साथ ही में खाना खाया, जो वो घर से बनाकर लाई थी. फिर जब रात हुई तो वो इधर उधर सोने के लिए सीठ देखने लगी तो मैंने अपने दोस्तों से कहा कि वो अपनी सीठ छोड़ दें, क्योंकि उसे अपनी बेटी को वहाँ पर सुलाना है तो मेरे दोस्तों ने सीठ खाली कर दी.
फिर अब वो मेरे सामने वाली सीठ पर अपनी बेटी के साथ ही लेट गई और अब में भी अपनी आखें बंद करके अपनी सीठ पर ही लेट गया. फिर थोड़ी देर के बाद जब में बाथरूम करने गया तो मैंने बाथरूम का दरवाज़ा खोलते ही मेरी आखें ये नज़ारा देखकर फटी की फटी रह गई कि वो बाथरूम में बिना लॉक लगाये कपड़े चेंज कर रही थी.
उस वक्त वो ब्रा और पेंटी में थी और उसको इस हालत में देखकर मेरा मन मचलने लगा. अब मैंने पीछे से जाकर धीरे से दरवाज़ा लॉक कर दिया और उसे पकड़ लिया. पहले तो वो थोड़ा सा घबरा गई, फिर वो कहने लगी कि ये क्या कर रहे हो, ये ग़लत है? लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और उसकी ब्रा खोल दी और उसके बूब्स को चूसने लगा. अब उसने मुझे ज़ोर से पकड़ रखा था, लेकिन जैसे ही मैंने उसकी चूचीयों को अपने मुँह में लिया तो अब उसकी पकड़ धीरे-धीरे कमज़ोर होने लगी, मानो अब उसे मज़ा आ रहा हो.
फिर भी वो धीमी आवाज़ में कहने लगी आआआआआआआआहह ये क्या कर रहे हो? छोड़ दो कोई देख लेगा, आआआआआहह कहीं कोई आ ना जाए? लेकिन फिर मैंने उसकी पेंटी को उतारा और उसकी चूत को चाटने लगा. अब में अपनी ज़ुबान को उसकी चूत पर रगड़ रहा था और अंदर बाहर कर रहा था. उसको तो अब मानो सेक्स चढ़ गया था.
अब वो धीमी सी आवाज़ में कहने लगी कि धीरे-धीरे थोड़ा धीरे आआहह आआआआहह, अब थोड़ी ही देर में वो झड़ गई. फिर में उसकी चूचीयों को दबाने लगा और अब वो आहें भरने लगी थी ऊऊहह आआआअहह. आज से पहले कभी मुझे इतना मज़ा नहीं आया था और फिर उसने अपने हाथों से मेरे कपड़े उतारे और अब में सिर्फ़ अंडरवियर में वहाँ पर खड़ा था. तभी उसने अपना हाथ मेरी अंडरवेयर में डालकर मेरा लंड बाहर निकाला, जो अब तक बाहर आने के लिए झटपटा रहा था और जैसे ही ये उसकी आखों के सामने आया तो वो मेरा लंड हाथ में पकड़ कर बोली, वाऊ ये तो कितना बड़ा है? आज ये बुझायेगा मेरी प्यास और अपने मुँह में लेकर चूसने लगी, वाह क्या मज़ा आ रहा था?
अब उसके नर्म होंठ मेरे लंड को मसाज दे रहे थे. फिर थोड़ी देर के बाद में उसकी चूत में उंगली डालकर हिलाने लगा और वो सिसकियाँ भरने लगी और कहने लगी आआआहह बस्सस्स अब और मत तड़पाओ, अब मुझे चोद दो और नहीं रहा जाता, आज की रात ये जिस्म तुम्हारी गुलामी करेगा. फिर मैंने अपनी पेंट की जेब में से कंडोम निकाला और लंड पर चढ़ाकर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. अब मेरा लंड उसकी चूत में था और ये मेरी ज़िंदगी का एक बेहतरीन अनुभव था, अब मेरा लंड एक ऐसी लड़की की चूत में था जो ट्रेन में सफ़र कर रही थी और उसकी चूत की गर्मी मेरा जोश बढ़ा रही थी. अब वो सिसकियाँ भर रही थी, आममममममममम आज तक तुम कहाँ थे? आआआआआहह और ज़ोर से और ज़ोर से आआआआहह.
अब में उसे पूरे जोश के साथ चोद रहा था और साथ-साथ उसकी चूचीयों को भी दबा रहा था. फिर थोड़ी ही देर के बाद वो ज़ोर-ज़ोर से आहें भरने लगी हममम्मम्मम आआआअहह आआआआआहह और ज़ोर से और जोर से आआआअहह और फिर वो झड़ गई. अब वो मेरा लंड भूखी शेरनी की तरह चूसने लगी थी, अब वो मेरा लंड ज़ोर-ज़ोर से चाटने लगी और फिर उसने कहा कि इसे अब मेरी गांड में डाल दो, तो फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया और उसको पीछे से चोदने लगा. एक बार तो वो चिल्ला उठी. अब उसका मुँह बंद करने के लिए मैंने पहले उसके मुँह पर हाथ रख दिया और फिर उसके होंठो को चूसने लगा. अब में उसे और जोश से चोदने लगा था और अब वो भी अपनी गांड उठा-उठा कर चुदवा रही थी, आआआअहह आआआआआहह फाड़ दो इसे आआअहह, अब में झड़ने वाला था.
फिर उसने कहा कि में इसे पीना चाहती हूँ तो मैंने अपने लंड का सारा का सारा माल उसके मुँह में निकाल दिया. फिर उस रात मैंने 3 बार उसकी चुदाई ट्रेन में ही की.
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जुड़वा बहन की सील तोड़कर गांड फाड़ी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम इरफ़ान है और मेरी उम्र 18 साल है. में सीकर का रहने वाला हूँ और हम लोग सीकर में ही रहते है, क्योंकि मेरे पापा एक सरकारी टीचर और मेरी मम्मी नर्स है. दोस्तों में और मेरी जुड़वा बहन आयशा बचपन से ही साथ साथ रहे, लेकिन अब वो जयपुर से अपनी पढ़ाई कर रही है और में एक कॉलेज में अपनी दूसरे साल की पढ़ाई कर रहा हूँ.
दोस्तों आयशा एक होस्टल में रहती है तो उस होस्टल का असर कुछ उस पर भी हुआ और वो मुझे सब कुछ बताती रहती है कि होस्टल में क्या क्या होता है? हम आपस में इतने खुले हुए थे कि जब पापा रात को मम्मी की चुदाई करते थे तो हम दोनों छुपकर एक साथ उनका काम देखते, जिसकी वजह से मेरा लंड खड़ा हो जाता था, लेकिन हमने कभी भी सेक्स नहीं किया था.
दोस्तों में आज आप सभी चाहने वालों को अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ और अब भी जिसके बारे में सोचकर मुझे ऐसा लगता है कि यह मेरा कोई देखा हुआ सपना होगा और अब में अपनी कहानी की तरफ आगे बढ़ता हूँ. दोस्तों उस समय आयशा 15 दिन पहले ही जयपुर से अपने सेमेस्टर खत्म करके सीकर आई हुई थी.
मुझे उसको देखकर बहुत अच्छा लगा, क्योंकि में उससे बहुत दिनों के बाद मिल रहा था और वैसे आयशा दिखने में बहुत ही हॉट है और उसका फिगर 32-28-34 है और वो जीन्स और टॉप में बहुत ही मस्त नज़र आती है. फिर उसने मुझे बताया था कि उसके साथ के कुछ लड़के उसे कैसे छेड़ते है और कैसे कैसे ताने मारते है, वो होस्टल में अपनी दोस्तों के साथ ब्लूफिल्म भी देखती थी और कॉलेज में हम दोस्त कभी कभी ब्लूफिल्म एक दूसरे के मोबाईल से भी ले लेते थे. दोस्तों मुझे और आयशा दोनों को ही सेक्सी वीडियो देखने का भी बहुत चस्का लग चुका था. फिर मैंने बाथरूम में उसकी लटकी हुई पेंटी देखी तो वो भी बिल्कुल छोटी सी गुलाबी कलर की जालीदार थी, उस पेंटी को देखकर मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया.
फिर मैंने आयशा की पेंटी पर मुठ मारकर मेरे लंड का पानी निकाल दिया और बाद में सोचने लगा कि आयशा ने मेरे लंड के पानी से सनी हुई पेंटी को पहने वो जब चलती थी तो उसके दोनों कुल्हे अलग अलग नज़र आते थे, जिनको देखकर मेरा मन करता था कि में अपना लंड इसकी गांड में डाल दूँ.
एक दिन मेरे पापा और मम्मी किसी ज़रूरी काम से दो दिन के लिए जयपुर चले गये और यह 15 दिन पहले की बात है. उस समय घर पर में और मेरी जुड़वा बहन आयशा दोनों ही थे, पापा और मम्मी सुबह जल्दी निकल गये, उस समय आयशा सो रही थी तो पापा और मम्मी को मैंने ही स्टेशन तक छोड़ दिया और में वापस आकर चुपके से आयशा के पास सो गया था और अब मेरा लंड खड़ा हो गया था, जो मेरी पेंट में से नज़र आ रहा था और आयशा उस समय लाल कलर की केफ्री पहने हुए थी, जो पीछे से उसकी चूतड़ में पूरी घुसी हुई थी और वो मस्त होकर सो रही थी. इतने में उसकी नींद खुली तो उसकी नज़र सीधी मेरे खड़े लंड पर गई.
फिर में अपनी चोर नज़र से उसे देख रहा था, तभी मेरे लंड को देखकर उसने कुछ देर अपनी चूत को सहलाया और फिर वो अचानक से उठकर सीधी बाथरूम में चली गई और उसने कुछ देर बाद वापस आकर मुझे आवाज़ लगाकर मुझसे पूछा कि क्या मम्मी और पापा चले गये? तो मैंने नींद में ही बड़बड़ाकर उससे कहा कि हाँ तो वो मेरी बात को सुनकर समझ गई कि में अभी पूरी तरह से जगा हुआ नहीं हूँ, इसलिए उसने मेरे सामने ही अपनी केफ्री को उतारकर अपनी पेंटी को मेरे पास चुपके से रख दिया और फिर वो वापस अपनी केफ्री पहनकर मेरे पास सो गई और वो मेरे लंड को देखने लगी.
में उसकी पेंटी की खुशबू से में एकदम पागल हो गया और नींद में होने का नाटक करते हुए मैंने अपना एक पैर उसके कूल्हों पर टिका दिया तो वो भी गरम हो गयी और उसने अपना एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया और उसके बाद अब हम दोनों समझ चुके थे कि इसके आगे क्या होने वाला है?
फिर मेरा लंड भी धीरे धीरे फड़फड़ाने लगा, जिसकी वजह से उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था, वो मेरे लंड को अपने एक हाथ से दबा रही थी और फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों एक दूसरे से लिपट गये और में आयशा के चूतड़ और बूब्स को दबाने लगा.
फिर वो भी मेरे होंठो से अपने होंठ मिलाकर मुझे किस करने लगी और मेरी पेंट का हुक खोलकर उसने मेरी पेंट को उतार दिया और मैंने उसका टॉप उतार दिया तो मैंने देखा कि उसने टॉप के अंदर ब्रा नहीं पहनी थी और मुझे उसके बिल्कुल सुडोल से बूब्स हल्के गुलाबी कलर की निप्पल के साथ बहुत मस्त लग रहे थे.
अब आयशा ने मेरी टी-शर्ट को भी उतार दिया और अब में केवल अंडरवियर में था, जिसमें से मेरा लंड एक तरफ से बाहर निकल गया था और फनफना रहा था. दोस्तों मेरे लंड का साईज़ खड़ा होने के बाद 7 इंच है और मेरा बिल्कुल गुलाबी कलर का लंड है और आगे का टोपा करीब तीन इंच का है और मेरा टोपा पूरा विकसित होकर आगे से मशरूम की तरह नज़र आता है.
तभी अचानक से आयशा मेरी अंडरवियर को नीचे उतारकर मेरा लंड को चूसने लगी और मैंने भी सही मौका देखाकर उसकी केफ्री को उतार दिया और वो भी बिल्कुल नंगी हो गई. मैंने देखा कि उसकी चूत बिल्कुल चमक रही थी, जिस पर हल्के भूरे कलर के बाल थे और उसके चूतड़ बहुत टाईट थे, लेकिन उसकी चूत अभी तक पूरी तरह से कच्ची थी.
फिर मैंने भी उसकी चूत पर अपना मुहं लगा दिया और चूत को अपने एक हाथ से फैलाकर अंदर तक अपनी जीभ को डालकर चाटने लगा और फिर मेरी जीभ से उसकी चूत के होंठो के बीच उसके दाने को रगड़ा तो वो सिसकियाँ भरने लगी. दोस्तों उसकी चूत की झिल्ली अभी तक फटी नहीं थी और जो यह बता रही थी कि मेरी बहन को अभी तक उसके साथ के किसी भी लड़के ने नहीं चोदा और मैंने उसकी कुंवारी चूत के साथ साथ उसकी कुवारी गांड को भी चाटा और उसने भी मेरी गांड को चाटा और अब हम दोनों एक दूसरे में पागल हो गये थे.
फिर इतने में आयशा अचानक उठी और उसने अपना मोबाईल लेकर उसमें ब्लूफिल्म चला दी और उस फिल्म को देख देखकर हम एक दूसरे के अंगो से खेलते रहे, ब्लू फिल्म में जैसा जैसा हो रहा था हम भी ठीक वैसे ही कर रहे थे, तभी अचानक उसने मुझे चूतड़, लंड, जांघो, छाती पर काट खाया तो में एकदम मदहोश हो गया और मैंने भी उसके निप्पल और चूतड़ पर काट लिया.
अब में उसकी चूत को चूसने लगा और वो भी मेरा लंड चूसने लगी. फिर करीब 15 मिनट बाद उसकी चूत में से पानी निकल गया और उसके साथ साथ मेरे लंड से भी वीर्य निकल गया तो आयशा मेरे लंड का वीर्य पी गयी और मैंने भी उसकी चूत का जूस पी लिया. उसका स्वाद मुझे बहुत अच्छा लगा. हम दोनों दस मिनट तक उसी पोज़िशन में चिपक कर लेटे रहे और फिर हम दोनों पूरे नंगे ही किचन में चले गये और चाय बनाई तो वहां पर भी हम एक दूसरे से मस्ती करते रहे और मैंने अपना लंड उसके चूतड़ों के बीच में फंसा दिया.
अब वो वहीं पर झुककर मेरे लंड को पकड़कर अपनी गांड के छेद में धक्का देने लगी, लेकिन मेरा लंड उसकी टाईट और कुंवारी गांड में नहीं गया. अब वो तुरंत किचन में ही मेरे सामने घोड़ी बन गई और वो अब पीछे से अपनी चूत में मेरा लंड पकड़कर अंदर लेने के लिए तैयार हो गयी. फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत में डालने की कोशिश की, लेकिन लंड आगे नहीं गया और में उठकर खड़ा हो गया. दोस्तों उस समय हम दोनों चाय पीना भूल गये, जो अब तक बिल्कुल ठंडी हो गई थी.
फिर से चाय को गरम किया और दोबारा रूम में अपने बेड पर आ गये और हमने अपनी चाय को खत्म किया, लेकिन हम दोनों के अंदर की हवस अभी भी बुझी नहीं थी और में आयशा की चूत और गांड के छेद में लंड डालने को बहुत बैताब था. फिर में उठकर गया और ड्रेसिंग रूम से क्रीम लेकर आ गया और उसे आयशा की चूत और गांड पर लगाकर मैंने उसकी चूत, गांड की मालिश की और फिर उसने भी बहुत सारी क्रीम मेरे लंड और दोनों आंड पर लगाई और फिर मेरी गांड पर भी लगाई.
दोस्तों हम दोनों एक दूसरे को बहुत मज़ा देते हुए मज़ा ले रहे थे, क्योंकि उस समय घर पर हम दोनों बिल्कुल अकेले थे और इसलिए हमे किसी के आने का डर भी नहीं था, तभी अचानक से मुझे याद आया कि जब मेरी मम्मी के पीरियड आते है तो वो एक क्रीम काम में लेती थी, वो मैंने चुपके से देख लिया था और मुझे यह भी पता था कि वो क्रीम कहाँ पर रखती है. मैंने मम्मी का वो क्रीम लिया और वो आयशा की चूत और गांड पर रगड़ने लगा और मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली को डाल दिया, लेकिन जैसे ही मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली डाली तो उसको एकदम से झटका लगा और बहुत ज़्यादा मज़ा आने लगा.
फिर उसकी गांड में भी क्रीम लगाकर मैंने अपनी उंगली डाल दी और रगड़ने लगा. अब में आयशा के दोनों छेदो को अपनी दोनों उंगली से चोद रहा था और मेरा लंड तो फनफना रहा था. फिर वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई और मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत पर ले गई. मैंने अपने लंड को उसकी चूत और गांड की दरार में रगड़ा और फिर क्रीम लगाकर उसकी चूत पर मेरे लंड का टोपा रख दिया. दोस्तों मेरी उम्र से मेरा लंड कुछ ज़्यादा ही बड़ा और मोटा था, जो उसकी चूत को फाड़ने के लिए अब एकदम तैयार खड़ा था और हम आज पहली बार ही चुदाई कर रहे थे, क्योंकि आयशा कभी किसी से चुदी नहीं थी और ना ही मैंने कभी किसी को चोदा था, लेकिन ब्लूफिल्म देखकर हमे चुदाई के बारे में बहुत अनुभव था.
फिर मैंने आयशा को सीधा लेटाकर उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर उठा लिया और पैरों को चौड़ा करने से उसकी चूत के होंठ पूरे खुल गये और छेद साफ साफ दिख रहा था. फिर मैंने क्रीम लेकर उसकी चूत और मेरे लंड के टोपे पर लगाई और सही पोज़िशन बनाकर उसके पैरों को मजबूती से पकड़ा और थोड़ा सा रुककर पूरी ताक़त के साथ ज़ोर का धक्का दिया, जिसकी वजह से मेरे लंड का टोपा उसकी चूत को फाड़कर उसमें घुस गया और आयशा ज़ोर से चिल्लाकर रोने लगी. फिर में उसी पोज़िशन में वैसे ही रुक गया और उसके बूब्स की मालिश करने लगा. मैंने उसको लिप किस किया. फिर जब वो थोड़ा शांत हुई तो मैंने दोबारा तीन चार धक्के मारे तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और वो दर्द से तड़प रही थी और अब उसकी चूत से खून निकल गया था.
अब में उसको पकड़कर उसके निप्पल को चूसने लगा. मैंने उसकी चूत पर क्रीम लगाकर सहलाया, लेकिन मैंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला था और वो मुझे धक्का देकर मेरा लंड बाहर निकालना चाह रही थी, लेकिन मैंने नहीं निकालने दिया. फिर थोड़ी देर बाद उसको भी अच्छा लगने लगा और वो भी अब चुदाई में मेरा साथ देने लगी. दोस्तों आज एक जुड़वा भाई और बहन आपस में चुदाई कर रहे थे और यह ख्याल आते ही में फिर से पागल हो रहा था और मुझे जोश आ रहा था.
मैंने उसकी चूत में पहली बार लंड डाला था तो इस बात से भी में गरम हो रहा था और ऐसा सोचते हुए मैंने उसको चोदना शुरू कर दिया और वो भी अपने चूतड़ों को हिला हिलाकर मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर मैंने अब अपनी चुदाई की स्पीड को तेज कर दिया और ताबड़तोड़ चुदाई से वो सिसकियाँ निकालने लगी और ऐसे ही चुदते चुदते मैंने उसके हाथों से मेरी गर्दन को पकड़वाया और मेरे दोनों हाथों से उसके पैरों को पकड़कर उसको गोद में उठा लिया और फिर में उसको खड़े खड़े चोदने लगा.
फिर कुछ देर चोदने के बाद मैंने उसे अचानक से बेड पर पटककर एक ज़ोर से धक्का दे दिया तो उसकी चूत का कचूमर निकल गया. दोस्तों चुदाई में कोई रिश्ते नहीं होते इस बात को ध्यान में रखकर में अपनी सग़ी बहन को धमाधम धक्के देकर चोद रहा था. फिर कुछ देर बाद मैंने उसको डॉगी बनाकर पीछे से उसकी चूत में लंड डालकर मैंने उसे चोदना शुरू कर दिया, करीब 25-30 मिनट बाद वो अचानक अकड़ने लगी और झड़ गई.
फिर मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि उसकी चूत ने मेरे लंड को अंदर से पकड़ लिया हो और मैंने ज़ोर से कुछ धक्के मारे तो मेरा भी पानी निकल गया और हम इस पोज़िशन में निढाल होकर बेड पर ही लेट गये और कुछ देर बाद मैंने उसकी चूत से लंड को बाहर निकाला और 69 की पोज़िशन में आकर उसने मेरे लंड को और मैंने उसकी चूत को बहुत देर तक चाटा और उसने मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूसा. फिर हम दोनों नंगे ही बाथरूम में चले गये और हम नहाने लगे. नहाने के समय भी हम छेड़खानी करते रहे और वो मेरे लंड को पकड़कर मुझे चिड़ा रही थी कि में मेरी सभी फ्रेंड्स को बताउंगी कि मेरे भाई का लंड कैसा है और कितना बड़ा है?
नहाने के बाद हम वापस रूम में आ गये तो देखा कि बेडशीट पूरी खराब हो चुकी थी और चूत के फटने की वजह से आयशा सही तरह से नहीं चल पा रही थी, उसको बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन उसकी गांड तो अभी भी कुंवारी थी और उसकी गांड की खुजली भी तो मुझे ही ख़त्म करनी थी. अब मैंने उसको पकड़ लिया और उसकी गांड की दीवारों के बीच क्रीम लगाई और हाथ से रगड़ना शुरू किया तो वो अब मुझसे अपनी गांड को मरवाने के लिए अपनी गांड को उठा उठाकर तड़पने लगी और फिर उसने मेरे लंड पर भी क्रीम लगाई.
दोस्तों तब मैंने महसूस किया कि मेरे लंड में भी बहुत दर्द हो रहा था और हम दोनों एक दूसरे में समाये जा रहे थे और मैंने उसकी गांड में उंगली करके पहले तो गांड को खोला और फिर लंड को छेद पर रख दिया और बहुत सारी क्रीम लगाई. फिर उसके पैरों को अपने कंधे पर लेकर उसकी गांड में ज़ोर के धक्के से लंड का टोपा अंदर घुसा दिया और फिर में वहीं पर रुक गया, क्योंकि मेरी सग़ी और प्यारी बहन अब उस दर्द से रोने लगी थी और उसकी आंख से आँसू निकल आए थे, जो में नहीं देख सकता था, क्योंकि में आयशा से बहुत प्यार करता हूँ और मेरे मम्मी, पापा भी उसको बहुत प्यार करते है, वो अलग बात है कि में इस समय उसकी बेरहमी से चुदाई कर रहा था.
फिर थोड़ा रुक रुककर में दो तीन धक्कों के साथ पूरा लंड उसकी गांड में डालने में सफल हो गया और अब उसकी गांड में बहुत दर्द हो रहा था, जो धीरे धीरे कम हुआ और वो मज़े करने लगी. फिर मैंने अपनी चुदाई की स्पीड को भी बढ़ा दिया और 15-20 मिनट की चुदाई के बाद में झड़ गया और मैंने उसकी गांड को अपने गरम गरम लावे से भर दिया और हम दोनों कुछ समय के लिए ऐसे ही रहे.
फिर उसने मेरे लंड को और मैंने उसकी गांड को मुहं से चाटकर साफ किया और फिर हम सो गये, क्योंकि हमें चुदाई करते करते बहुत समय हो गया था. दोस्तों मैंने उस रात और अगले दिन भी आयशा की चूत और गांड की बहुत जमकर चुदाई की और उसको बहुत मज़ा आया और फिर वो मुझसे कहने लगी कि तू जब अगली बार होस्टल में मुझसे मिलने आएगा, तब भी हम बहुत जमकर चुदाई करेंगे, क्योंकि मेरी अधिकतर फ्रेंड्स होस्टल के रूम में अपने अपने दोस्त से चुदवाती रहती है.
अब में भी उसकी यह बातें सुनकर मन ही मन होस्टल में जाकर मेरी बहन को चोदने के सपने देखने लगा. अब मुझे मेरी बहन का किसी और लड़के से चुदने का डर बिल्कुल ख़त्म हो गया था, क्योंकि उसने अपनी चूत और गांड में मेरा लंड ले लिया था और अब वो मेरे लंड के बारे में ही सोचती रहती थी और अब में उससे मिलने होस्टल जाऊंगा तो उसे ज़रूर चोदकर आऊंगा.
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नवरात्रि में आंटी के साथ संभोग

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम करण है. यह कहानी मेरी और मेरी आंटी की बीच में घटी एक सच्ची घटना है, जिसको मैंने अपने घर में ही चोदा. दोस्तों मेरी आंटी की उम्र 33 साल है और वो एक बच्चे की माँ है. वैसे में गुजरात का रहने वाला हूँ और गुजरात की आंटियों की गांड बहुत सेक्सी होती है और वैसी ही मेरी आंटी की भी थी. उनका फिगर का आकार 36-32-36 और में शुरू से ही उनकी गांड का बहुत दीवाना था, वो दिखने में बहुत सुंदर और उनका गोरा रंग गदराया हुआ बदन मुझे हमेशा अपनी तरफ आकर्षित करता था और अब ज्यादा समय ना बर्बाद करते हुए सीधा में अपनी कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों मेरी अपनी आंटी से मुलाक़ात करीब एक साल पहले हुई थी. वो हमारे पड़ोस वाली बिल्डिंग में रहती थी और में उनको अपनी बालकनी से बहुत बार कपड़े सुखाते हुए देखा करता था और वो मेरी इस हरकत पर गौर भी करती थी और मेरे पापा हमारी बिल्डिंग की सोसाईटी के प्रेसीडेंट थे तो हमारी वहां पर बहुत इज़्ज़त थी. मेरी और आंटी की हर दिन मुलाक़ात होती थी और हम हर रात को हमेशा साथ में घूमने जाते थे और ऐसे ही घूमते हुए बातचीत करते करते हमारी दोस्ती अब बहुत अच्छी हो गई थी और अब में उनका मूड देखकर उनसे बातें करते समय कभी कभी ऐसे वैसे मज़ाक भी कर लेता था. उनसे दो मतलब की बातें भी करता, लेकिन वो मुझसे कुछ ना कहते हुए शरारती स्माईल देती थी.
दोस्तों गुजरात में नवरात्रि सबसे बड़ा पर्व है और उस त्यौहार को यहाँ के लोग बहुत धूमधाम से मनाते है और बहुत अच्छी रोनक होती है. फिर वो समय भी नवरात्रि का था, इसलिए मेरे घर वाले भी उस दिन कुछ जरूरी काम से सभी लोग तीन दिनों के लिए कहीं बाहर गये हुए थे और मेरे लिए यही एक बहुत अच्छा समय था, जिसमें में आंटी के साथ वो सब कुछ कर सकता था, क्योंकि में बहुत समय से आंटी को चोदना चाहता था, इसलिए वो सभी बातें सोचकर पूरा विचार बनाकर में अब मन ही मन बहुत खुश था.
दोस्तों आंटी के पति हर दिन बहुत दारू पीते थे और इस वजह से आंटी और अंकल के बीच हमेशा हर कभी बहुत झगड़ा होता था और यह बात मुझे भी पता थी. फिर उस रात को में और आंटी गरबा खेलकर फ्री हुए थे और रात बहुत हो गई थी और अब हम दोनों बहुत थक भी गये थे और हांफ रहे थे, पसीने से पूरे भीगे हुए थे, क्योंकि उन दिनों गरमी भी बहुत थी. फिर मैंने सही मौका देखकर आंटी को मेरे घर पर चलने के लिए कहा और वो भी मेरा कहा तुरंत मान गयी और फिर हम दोनों वहां से चुपके से किसी को बिना बताए अपने घर चले गये और घर में जाते ही मैंने सबसे पहले ए.सी. चालू कर दिया था और फिर कुछ देर में रूम एकदम मस्त ठंडा हो गया.
फिर आंटी अपने बाल ठीक कर रही थी, जो कि पूरे गीले हो गये थे और मेरा यह सब देखकर और भी दिमाग़ खराब हो गया. में जैसे तैसे वहां से अपना खड़ा लंड लेकर दूसरे रूम में गया और फिर मैंने अपने कपड़े बदल लिए और अब पजामे में बाहर आ गया. फिर मैंने देखा कि आंटी किचन में कुछ कर रही थी और उन्होंने भी ज्यादा गरमी होने की वजह से अपनी चुनरी को खोल दिया था. अब वो केवल मेरे सामने ब्लाउज और पेटिकोट में खड़ी हुई थी.
अब में उनको घूर घूरकर देख रहा था और मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चला कि आंटी ने कब मुझे चार बार आवाज़ दी और फिर मैंने होश में आकर सुना. उन्होंने मुझसे बोला कि ऐसे घूरकर क्या देख रहे थे. मैंने तुम्हें कितनी बार आवाज लगा दी? तो मैंने कुछ जवाब नहीं दिया और फ्रीज़ से में एक ठंडे पानी की बोतल लेकर बाहर हॉल में आ गया. उसके बाद में बैठकर पानी पी रहा था और तभी आंटी ने मेरे पास आकर मुझसे पूछ लिया कि तुम्हारी क्या कोई गर्लफ्रेंड नहीं है? अब मैंने उनको तुरंत ना का जवाब दे दिया तो उन्होंने दोबारा पूछा कि क्यों? फिर मैंने बोल दिया कि मुझे अब तक आपके जैसी कोई मिली ही नहीं.
दोस्तों मेरे मुहं से यह बात सुनकर आंटी शरमा गयी, लेकिन थोड़ी उदास भी हो गई थी, वो अब अपना उदास सा चेहरा बनाकर नीचे देखने लगी. तब मैंने उनसे पूछा कि आपको क्या हुआ है, आपका चेहरा एकदम से इतना क्यों उतर गया? तो उन्होंने मुझसे बोला कि तेरे अंकल को मेरी कोई भी परवाह नहीं है. वो हर दिन दारू पीकर आते है और वो मुझसे बहुत झगड़ा करते है और फिर वो इतना कहते हुए रोने लगी. फिर मैंने तुरंत उनका गोरा, मुलायम हाथ पकड़कर उसे थोड़ा सा समझाया और फिर मैंने उनको अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट्स को बदलने के लिए दे दिया और सो गये, क्योंकि हम घर पर बिल्कुल अकेले थे, इसलिए हम एक ही रूम में सो रहे थे.
मैंने रात को उठकर देखा कि उनकी टी-शर्ट पूरी ऊपर थी और उन्होंने उसके अंदर ब्रा भी नहीं पहनी थी और उनके बड़े बड़े 36 के बूब्स अब बाहर आकर झूल रहे थे, जिनको देखकर में जोश में आ गया और मैंने थोड़ी हिम्मत की और एक हाथ उनके बूब्स पर रख दिया और फिर धीरे धीरे दबाने लगा और कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि वो सोने का नाटक कर रही थी, लेकिन उसने मुझे रोका नहीं और तब में समझ गया कि वो आग अब दोनों तरफ बराबर लगी हुई है. फिर मैंने सही समय देखते हुए उस मौके का फायदा उठाना उचित समझा और अब में धीरे धीरे आगे बढ़ते हुए उनकी चूत पर अपना हाथ ले गया और फिर मैंने अपनी एक उंगली को जल्दी से अंदर डाल दिया. तब मैंने महसूस किया कि उनकी चूत पूरी तरह से गीली थी और मैंने छूकर महसूस किया कि उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, वो बिल्कुल चिकनी थी.
फिर कुछ देर बाद उनकी आंख खुली और वो मेरी तरफ अपनी आखें फाड़ फाड़कर देखने लगी, लेकिन वो मुझसे कुछ भी बोलती उससे पहले मैंने उनको किस करना चालू कर दिया था, उन्होंने थोड़ा सा नाटक किया, लेकिन कुछ देर बाद वो भी अब गरम हो गयी थी और वो मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी. हम दोनों पूरे नंगे हो गए और 69 की पोज़िशन में एक दूसरे का चाट रहे थे.
फिर मैंने महसूस किया था कि तब तक वो एक बार झड़ चुकी थी और में उनका पूरा पानी पी गया और करीब 15 से 20 मिनट तक मेरा लंड चूसने के बाद उन्होंने अब मुझसे लंड को उनके अंदर डालने के लिए कहा. फिर में उनके कहने पर अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा था, जिसकी वजह से वो अब तड़प रही थी और उनकी वो आईईईईईई आअहह की आवाज़े पूरे रूम में गूँज रही थी, जिसको सुनकर में अब बहुत जोश में आ चुका था और फिर मैंने पूरे लंड को एक झटका देकर अंदर डाल दिया, उनकी आंख से आंसू बाहर निकलने लगे थे और वो उस दर्द के मारे बहुत ज़ोर से चिल्ला रही थी, आअहह ऊफ्फ्फ्फ प्लीज थोड़ा धीरे करो, में मर गई आह्ह्ह.
अब मैंने अपने धक्को की स्पीड को धीरे धीरे बढ़ा दिया था और वो भी अब उछल उछलकर मेरा पूरा सपोर्ट करने लगी, आअहह आईईईइ आधे घंटे तक में उनको लगातार धक्के देकर चोदता रहा और अब मेरा वीर्य निकलने वाला था, इसलिए मैंने कुछ देर और हल्के हल्के धक्के देकर अपना पूरा वीर्य उनकी चूत में ही डाल दिया और फिर लंड को बाहर निकालते ही आंटी ने मेरे लंड को अपने मुहं में ले लिया और लोलीपोप की तरह चूसने लगी, वो बहुत धीरे से आराम से किसी अनुभवी रांड की तरह मेरा लंड चूस रही, उन्होंने करीब दस मिनट तक मेरा लंड चूसा और उसके बाद अब मेरा लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया.
अब लंड अपने पूरे जोश में था और अब आंटी की गांड मारने का समय था, वो इस बात को तुरंत समझ गई थी और मुझसे ऐसा करने से साफ मना कर रही थी, लेकिन मैंने उनकी एक नहीं सुनी और थोड़ा सा वेसलीन अपने लंड और उनकी गांड पर लगाया और एक ही जोरदार धक्का देकर पूरा लंड उनकी गांड में उतार दिया. दोस्तों एक बार तो मानो वो उस दर्द से मर ही गई थी, क्योंकि अंकल उन्होंने कभी ऐसे चोदते नहीं थे और उन्होंने अपनी गांड तो आज तक नहीं मरवाई थी, इसलिए वो फुल टाईट थी.
फिर कुछ देर बाद उनका थोड़ा दर्द कम हुआ और आंटी को अब मज़ा आने लगा और पूरे 40 मिनट की गांड चुदाई के बाद मेरा अब निकलने वाला था और इस बार आंटी ने वीर्य को उनके मुहं में डालने के लिए कहा, वो मेरा वीर्य पीकर चखना चाहती थी और फिर मैंने उनकी वो इच्छा को पूरा किया. मैंने अपना पूरा वीर्य आंटी के मुहं में निकाल दिया और वो उसे पी गई. दोस्तों वो अपने चेहरे से मेरी चुदाई की वजह से पूरी तरह से संतुष्ट नजर आ रही थी और इस तरह हमने उस रात को तीन बार चुदाई की और फिर हम पूरे नंगे ही एक दूसरे की बाहों में लिपटकर सो गये.
फिर दूसरे दिन सुबह में जब उठा तो मैंने देखा कि आंटी किचन में पूरी नंगी खड़ी थी और वो हमारे लिए कॉफी बना रही थी, शायद उन्हें उनकी गांड का दर्द अभी तक महसूस हो रहा था, क्योंकि वो थोड़ा सा लंगड़ाकर चल रही थी, उनका गोरा, सेक्सी बदन देखकर मेरा लंड एक बार फिर खड़ा हो गया और मैंने तुरंत उठकर चुपचाप उनके पास पीछे से जाकर आंटी के बूब्स को दबाने लगा था, फिर उन्होंने भी मुझे किस किया और मेरे खड़े लंड को पकड़कर हिलाने लगी. फिर हम कॉफी लेकर हॉल में आ गए और आंटी किचन से कुछ चोकलेट लेकर आ गई और वो अब मेरे लंड पर चोकलेट लगाकर लंड को चूसने लगी. में तो उस समय जैसे जन्नत में था.
फिर मैंने भी उनके बूब्स पर चोकलेट लगाकर बूब्स को चूसना शुरू कर दिया और बीच बीच में काट लेता, जिसकी वजह से उनके मुहं से आअहह आईईईइ की आवाज़ निकल जाती. फिर मैंने वहीं सोफे पर ही उनको गोद में बैठा लिया और अब मैंने उनकी चूत में लंड को अंदर तक पूरा डालकर चूत को मारना शुरू कर दिया, वो भी अब मेरे ऊपर उछल उछलकर मेरा पूरा साथ दे रही थी.
फिर करीब 20 से 25 मिनट ऐसे ही चुदाई के मज़े लेने के बाद अब मेरा वीर्य निकलने वाला था और इस बीच आंटी दो बार झड़ चुकी थी और अब हॉल में फच फच और आहह उफ्फ्फ आवाज़ गूँज रही थी और कुछ धक्के देने के बाद मैंने भी आंटी की चूत में अपना वीर्य डाल दिया और हम दोनों वैसे ही निढाल होकर पड़े रहे. फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों उठकर खड़े हुए और एक साथ में नहाने चले गये और बाथरूम में मैंने एक बार फिर से उनकी गांड मारी और अब नहाकर बाहर निकले. फिर कुछ देर लेटकर आराम करने के बाद आंटी के घर से फोन आ गया और वो उठकर अपने घर पर चली गई. उसके बाद मैंने आंटी को तीन दिन तक लगातार हर रोज बहुत मज़े से चोदा और उसके बाद जब भी मुझे अच्छा मौका मिलता है तो में उनके घर पर जाकर उनकी चुदाई जरुर करता हूँ और वो कभी कभी मेरे घर पर आकर मुझसे चुदवाती है और हमारी चुदाई ऐसे ही चल रही है.
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पति ने अपनी बीवी को मुझसे चुदवाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कपिल है और मेरी उम्र 25 साल है, मेरी हाईट 5 फुट 11 इंच है, मेरा कलर गौरा है और में दिखने में हेंडसम हूँ. इस स्टोरी में मैंने कैसे एक अंजान आदमी की वाईफ को उसके बुलाने पर चोदा? उसने मुझे खुद अपनी वाईफ को चोदने के लिए बोला था. वैसे ऐसा बहुत कम होता है, लेकिन मेरे साथ हुआ है, फर्स्ट टाईम तो मुझे खुद विश्वास नहीं हुआ था.
में आगरा का रहने वाला हूँ और एक बार की बात है, इन्टरनेट पर सेक्स ग्रूप चैट चल रही थी तो एक जयपुर का आदमी आकर बोलता है कि कोई मेरी बीवी को चोदेगा. फिर मैंने उससे बोला कि पहले उसका फोटो दिखा तो उसने बोला कि पहले बात करने की तमीज़ सीखो तो मुझको भी कुछ ठीक नहीं लगा तो मैंने तुरंत उसको सॉरी बोला और उसने भी इट्स ओके बोल दिया.
फिर मैंने उससे पर्सनल चैट किया और उनकी वाईफ यानी भाभी के बारे में पूछा तो उसने बोला कि तुम्हारी भाभी मस्त माल है और मुझे उसके लिए एक हैंडसम लड़का चाहिए. फिर मैंने उन्हें अपनी फोटो दिखाई और बात शुरू की. अब वो मेरे गुड लुक से खुश था और भाभी को भी दिखाया तो वो भी तैयार हो गई.
फिर भी करीब 2 महीने तक हम सिर्फ़ बात करते रहते और वो भाभी भी खुलकर चूत लंड की बातें करती थी. फिर वो दोनों मुझे अपनी सेक्स की फोटो शेयर करने लगे और फिर 1 महीने के बाद उसने मुझे भाभी का भी फेस दिखा दिया. उसकी वाईफ मक्खन जैसे एकदम गोरी थी. फिर मैंने उसको बोला कि भाई अब जल्दी बुलाओं. फिर एक दिन उसने मुझे जयपुर बुलाया, वो किराए पर रहते थे तो उन्होंने मुझको भी अपने रूम पर रोक लिया. फिर पहले तो हम मार्केट गये और वहाँ से कुछ सामान भी लिया और केमिस्ट से कंडोम और टेबलेट ली. फिर भाभी ने घर पहुँचकर खाना खिलाया, उसके बाद भाभी और मेरी चुदाई की कहानी चालू हुई.
फिर मैंने उसके सामने ही उसकी बीवी को जमकर स्मूच किया, सॉरी में आपको तो भाभी का फिगर बताना ही भूल गया 36 बूब्स और 38 की गांड, वो बड़ी गोरी चिकनी माल थी. अब मेरा दिल तो कर रहा था कि उसे अपनी वाईफ बना लूँ, अब में तो ये सोच रहा कि भाभी की चूत क्या कमाल की होगी?
फिर मैंने उसका सूट उतारा और उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाकर पीने लगा, उसके बूब्स इतने बड़े बड़े थे कि मेरे पूरे हाथ में नहीं आ रहे थे. फिर मैंने उसकी निपल हो हल्का-हल्का काटा और भाभी की चूचीयों को दबा-दबाकर चूस-चूसकर लाल कर दिया. अब वो कुर्सी पर बैठकर सब देख रहा था, फिर वो बोला कि आज मेरी बीवी को पूरी रात चोदना, तो मैंने कहा कि तुम चिंता मत करो.
फिर मैंने उसकी सलवार उतारी और उसकी पेंटी साईड में की, यार उसकी चूत एकदम साफ़ और गुलाबी थी. फिर मैंने उसकी चूत को जमकर सक किया, फिर मैंने उसकी चूत को 30 मिनट तक चाटा और हम मार्केट से आइसक्रीम लाए थे तो मैंने आइसक्रीम उसकी चूत पर रखी और फिर उसकी चूत पर लगाकर खाई.
अब कुछ देर में ही भाभी पागल सी हो गई थी और अब वो बस लंड की भूखी हो गई थी. फिर मैंने उनसे बोला कि मेरा लंड चूसो, यार शादीशुदा औरत क्या लंड चूसती है? उसने दिल खुश कर दिया था. अब उसने 10 मिनट तक मेरे लंड और अंडो को चूस-चूसकर लाल कर दिया था. अब तो बस मेरा दिल कर रहा था कि आज इसकी चूत इसके पति के सामने ही फाड़ दूँ.
फिर मैंने उसको सीधा लेटने को बोला और फिर अपने लंड का टोपा उसकी प्यारी सी चूत में घुसाया और उसको तड़पाने लगा. फिर उसका पति बोला कि भाई डाल दे, क्यों तड़पा रहा है? तो मैंने एक झटका दिया और अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया. अब वो हल्का सा दर्द महसूस करने लगी और आआ आआ आ करने लगी थी.
फिर मैंने ऐसे ही 10-15 झटके मारे तो वो कुछ नॉर्मल हुई और उसके बाद मैंने उसको उसी पोज़िशन में 10 मिनट तक चोदा. फिर मैंने उससे बोला कि डॉगी पोज़िशन में आ जाओ भाभी, में आज तुम्हारे ऊपर चढ़कर चोदूंगा. फिर वो तुरंत डॉगी पोज़िशन में आ गई. अब 15 मिनट तक चोदने के बाद मेरा भी पानी निकलने वाला था तो मैंने उससे बोला कि मेरा निकलने वाला है. तो वो तुरंत मेरा लंड अपनी चूत से बाहर निकालकर अपने मुँह पर मुठ मारने लगी और मेरा सारा रस अपने मुँह पर ही निकाल लिया.
फिर मैंने उनसे बोला कि अपनी गांड का भी मज़ा दे दो, लेकिन भाभी गांड मरवाने के लिए तैयार नहीं हुई. फिर मैंने भाभी को खुश करने के लिए उनकी गांड भी चाटी. अब मैंने पूरी रातभर उसकी आँखों के सामने उसकी वाईफ से सेक्स किया और अब वो मुझसे बहुत खुश था.
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नाना के घर मामी का मजा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है और मेरी उम्र 20 साल है. में बहुत सीधा हूँ, लेकिन ये तो आप भी जानते है कि सीधे लोगो को ही सेक्स की ज़्यादा भूख होती है, क्योंकि उन्हें आसानी से ये सब कुछ नहीं मिलता है, तो अब में सीधे कहानी पर आता हूँ.
ये बात 2014 जून की है और में हर छुट्टियों में अपने नाना के घर जाता था, क्योंकि वहाँ मामी माधुरी, उम्र 34 साल और छोटी मौसी श्रुति, उम्र 30 साल रहती थी. में वहाँ इसलिए जाता था कि कम से कम उनकी चूची और गांड तो दिनभर देखने को मिलेगी. उनकी ब्रा और पेंटी में मुठ मारने में बड़ा मज़ा आता था, लेकिन अब श्रुति मौसी की 2 साल पहले शादी हो गई थी, लेकिन इस बार वो भी आने वाली थी तो जिस दिन वो सुबह पहुँची तो शाम को में भी पहुँच गया, उनके एक साल की लड़की भी थी, उसका नाम ऋतु था.
अब में मौसी को 2 साल के बाद देख रहा था और अब उनके बूब्स एकदम बड़े-बड़े और तने हुए रहते थे और गांड भी चौड़ी हो गई थी. मेरे मामा पतले दुबले से है तो मामी अभी भी वैसी थी जैसी शादी के वक़्त लगती थी. मेरे मामा उन्हें ठीक से चोदते नहीं थे, लेकिन उनके भी 2 लड़के थे. अब में गया तो सबने खाना खाया, फिर सोने का इंतजाम हुआ तो वहाँ 3 कमरे थे, एक में नाना नानी रहते थे और बीच वाले रूम में डबल बेड पर में, मौसी और फिर उनकी लड़की और लास्ट वाले रूम में मामा मामी और उनके बच्चे रहते थे.
फिर कुछ देर मैंने और मौसी ने बात की और फिर वो सो गई, लेकिन अब मुझे कहाँ नींद आने वाली थी, उन्होंने लाल कलर की साड़ी पहनी थी और मेरी तरफ अपनी गांड करके सो रही थी. फिर में धीरे से उनके पास गया और उनकी कमर को पकड़ा और ऐसे ही सोया रहा. में बचपन से ही ऐसा करता हूँ तो अगर मौसी जाग भी जाती तो कुछ नहीं कहती है.
अब में ऐसे ही कुछ देर पड़ा रहा और तब मौसी पलटी तो उनके बूब्स एकदम से मेरे मुँह के ऊपर आ गये. अब मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि क्या हुआ? लेकिन ये में जानता था कि मौसी बेफ़िक्र होकर सोती है, अब मुझे बहुत ही सॉफ्ट-सॉफ्ट महसूस हो रहा था और ये पहली बार था. फिर मैंने हल्की सी अपनी जीभ बाहर निकाली और ब्लाउज के ऊपर से ही चाटने लगा, लेकिन मुझे डर भी बहुत लग रहा था कि अब मेरी आगे कुछ करने की हिम्मत नहीं हुई.
मौसी घर में सबसे पहले 5 बजे उठती है तो मैंने फोन में 4:30 बजे का अलार्म लगाया और हेडफोन लगाकर सो गया ताकि अलार्म सिर्फ़ मुझे सुनाई दे. फिर में 4:30 बजे उठा तो मौसी पीठ के बल सो रही थी. फिर में उनके पास आया और उनके हाथ को मेरी पेंट के अंदर डाल दिया और उनके सीधे हाथ को उनके बूब्स पर रख दिया, ताकि उन्हें लगे कि वो नींद में उत्तेजित हो गई थी और अपने बूब्स दबा रही थी और उनके एक हाथ में मेरा लंड पकड़ लिया था.
अब में मौसी के उठने का इंतजार करने लगा और फिर 5 बजे उनकी नींद खुली और उनका अपने हाथ की तरफ जैसे ही ध्यान गया तो उन्होंने तुरंत अपना हाथ बाहर खींचा और उसके साथ में मेरा लंड भी बाहर आ गया. अब में चोरी से मौसी के चेहरे को देख रहा था, अब वो एकदम डरी हुई थी कि क्या हो गया? फिर उन्होंने मेरे लंड को अंदर नहीं किया, शायद उन्हें डर था कि में जाग जाऊंगा और बस वो चादर डालकर चली गई और मैंने भी अपना लंड अंदर नहीं किया और में भी वैसे ही लेटा रहा.
फिर कुछ देर के बाद मामी मुझे उठाने आई तो उन्होंने मुझे 2 बार आवाज़ दी, लेकिन में नहीं उठा तो उन्होंने मेरी चादर खींच दी तो उनकी नज़र मेरे लंड पर पड़ी. फिर उन्होंने कुछ देर तक मेरे लंड को देखा और फिर मेरे लंड को पकड़ा और मेरे लंड के सुपाड़े को अपने अंगूठे से सहलाया और पेंट के अंदर डालकर चली गई. अब में उनके जाते ही उठा और उनके पीछे आने लगा, ताकि उन्हें लगे कि उन्होंने जो किया है, वो मुझे पता है.
फिर उनकी नज़र मुझ पर पड़ी तो उन्होंने कहा कि आप कब उठे? तो मैंने कहा कि जब आप जा रही थी तो आपकी पायल की आवाज़ से उठ गया. फिर वो मुस्कुरा कर चली गई. अब मौसी भी मुझसे नॉर्मल बात कर रही थी और अब में नज़र बचाकर दोनों की चूचीयों को देख रहा था. फिर मौसी नहाकर आई तो में तुरंत बाथरूम में घुस गया ताकि में उनकी पेंटी में मुठ मार सकूँ.
फिर जब में अंदर गया तो उनकी काली ब्रा और पेंटी धुलकर बाल्टी में रखी थी. फिर मैंने दोनों को बाहर निकाला और बाथरूम में ऐसे बिछाया, जैसे मौसी ने पहनी हो और अपने सारे कपड़े उतार कर लेट गया और उनकी ब्रा को मसलने लगा और पेंटी पर लंड रगड़ने लगा. अब मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था कि तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया, अब बाहर मौसी थी और उनकी लड़की ने पेशाब कर दिया था तो वो उसके पैर धुलाने के लिए आई थी.
फिर मैंने अपनी चड्डी पहनी और उनकी ब्रा पेंटी को बाल्टी में डाल दिया, लेकिन ये भूल गया कि मौसी ने उन्हें सारे कपड़ो के नीचे रखा था, लेकिन मैंने उनकी ब्रा पेंटी एकदम ऊपर रख दी थी और ऊपर से मेरी पेंट में भी टेंट बना था. अब में वैसे ही खड़ा था. मैंने छुपाया नहीं तो मौसी ने उसे देखा, लेकिन कुछ नहीं कहा और फिर उनकी नज़र बाल्टी पर पड़ी, शायद वो समझ गई थी कि में क्या कर रहा था? अब वो जाते वक़्त बाल्टी साथ में लेकर चली गई.
अब मुझे बड़ा गुस्सा आया, लेकिन मैंने मुठ नहीं मारी और वैसे ही बाहर आ गया और मामी के सामने पंखे के नीचे सिर्फ़ टावल पहन कर पैर ऊपर करके बैठ गया. अब उन्हें मेरा लंड दिख रहा था, अब वो बार-बार मेरे लंड को देख रही थी. फिर दोपहर में मामा, नाना ऑफिस गये थे और मामी के बच्चे स्कूल गये थे और नानी, मौसी पड़ोस में गई थी, तो घर पर सिर्फ़ में और मौसी थे और एक ही बेड पर सोकर बात कर रहे थे. अब में बात करते वक़्त पेंट के ऊपर से लंड सहला रहा था, लेकिन मामी कुछ कह नहीं रही थी और वो बात करते-करते सो गई थी.
फिर जब मैंने देखा कि वो सो गई है तो में तुरंत उठा और उनके बूब्स पर से साड़ी के पल्लू को हटा दिया. अब मेरे सामने उनके ब्लाउज में क़ैद उनके बूब्स थे, फिर मैंने डरते-डरते उनके ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए और अब मामी सिर्फ़ सफ़ेद ब्रा में थी. अब मुझे बहुत डर लग रहा था, लेकिन कंट्रोल भी नहीं हो रहा था.
फिर मैंने उनके दोनों बूब्स पर हाथ रख दिया और धीरे से दबाया तो अब मुझे बड़ा मज़ा आया और मेरी कुछ हिम्मत भी बढ़ गई. फिर मैंने मामी की ब्रा के अंदर हाथ डालकर उनकी एक चूची को बाहर निकाला और उसे चूमा कि तभी बेल बजी, अब मामा आवाज़ लगा रहे थे. दोस्तों इसके आगे में कुछ नहीं कर पाया.
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भाभी की सीक्रेट सेक्स की इच्छा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शुभम है और में बिहार से हूँ. ये स्टोरी मेरी और मेरी भाभी के बीच की है जिनको मैंने 1 महीने पहले चोदा है. भाभी का नाम सौम्या है और भाभी का फिगर 34-30-36 है, जिस टाईम मेरे भैया की शादी हुई थी उस टाईम में 8 साल का था और तब से आज तक भाभी बिल्कुल नहीं बदली बल्कि और सेक्सी हो गयी है, चलो और लेट ना करते हुए अब में सीधे स्टोरी पर आता हूँ.
ये बात जनवरी की है, जब भैया भाभी घर आए थे (हाँ भाभी के एक बेटा है जो कि 8 साल का है) जब में भाभी को स्टेशन लेने गया, तब मैंने उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि तब मेरे मन में उनके लिए ग़लत सोच नहीं थी.
फिर एक दिन भाभी सुबह-सुबह नहाकर अपने बेडरूम में कपड़े पहन रही थी, लेकिन उन्होंने ग़लती से दरवाज़ा बंद नहीं किया था और जैसे ही में अंदर गया तो में देखकर हैरान हो गया, जब भाभी ने ब्रा नहीं पहन रखी थी और मेरी नज़र सीधे उनके बूब्स पर ही गयी और में उन्हें देखता ही रह गया. फिर अचानक भाभी ने ज़ोर से बोला, तो में बाहर चला गया.
उस दिन मैंने 3 बार मुठ मारा और में पूरे दिन उस सीन के बारे में ही सोचता रहा. फिर जब शाम को हम सब एक साथ बैठे तो मैंने शर्म से भाभी की तरफ एक बार भी नहीं देखा. फिर भाभी ने मुझसे बोला कि शुभम दिन में तुमने जब मुझे देखा तो तुरंत वापस क्यों नहीं गये? तो में भाभी को सॉरी बोलने लगा, हाथ जोड़ने लगा, क्योंकि मुझे लगा कि भाभी मम्मी से बोल देगी, लेकिन भाभी ने एक स्माइल दिया और बोली कि कोई नहीं ये तुम्हारी ग़लती नहीं है, इस उम्र में अक्सर ऐसा होता है.
फिर भाभी ने मुझसे अचानक पूछा कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने बोला कि नहीं भाभी मेरी ऐसी किस्मत कहाँ. फिर भाभी बोली कि इसमें किस्मत की क्या बात है? फिर भाभी ने पूछा कि क्या तुम वर्जिन हो? तो में चुप रहा. फिर भाभी बोली कि बोलो भी, तो मैंने बोला कि हाँ भाभी, लेकिन में वर्जिनिटी तोड़ना चाहता हूँ और वो भी किसी ऐसी लड़की के साथ जो बिल्कुल आपकी जैसी हो.
भाभी ने मुझसे बोला कि तुम मेरे लिए ऐसा सोचते हो, तो मैंने बोला कि नहीं भाभी. अब मुझे लगा कि भाभी बुरा मान गयी है मगर वो मुस्कुरा भी रही थी और ये मेरे लिए ग्रीन सिग्नल था. फिर मैंने झट से बोला भाभी आई लव यू, तो भाभी ने बोला कि सॉरी अब नहीं क्योंकि अब मुझ पर केवल तुम्हारे भैया का अधिकार है, तो में उदास हो गया. फिर भाभी ने स्माइल किया और में समझ गया और मैंने सोच लिया कि आज तो इसे कैसे भी करके चोद के रहूँगा.
फिर मैंने भाभी से पूछा कि भाभी एक बात पूंछू तो वो बोली कि हाँ पूछो. फिर मैंने बोला कि भाभी आप कब तक वर्जिन थी? तो भाभी ने कुछ नहीं बोला और 2 मिनट के बाद वो बोली कि शादी से पहले मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ 2 बार सेक्स किया था और मैंने बोला कि ओह्ह्ह आप भी बहुत पहुंची हुई चीज़ थी तो भाभी ने एक और सेक्सी सी स्माइल दी. फिर मैंने भाभी से बोला कि भाभी कोई आपकी नज़र में हो तो बताओं में भी वर्जिनिटी लूज करना चाहता हूँ. फिर वहाँ बड़े पापा आ गये तो भाभी वहाँ से उठ गई.
अगले दिन घर में कोई नहीं था, केवल में, भाभी और भाभी का बेटा था और जब दिन के 2 बज रहे थे, तब भाभी टी.वी देख रही थी. फिर में वहाँ गया तो भाभी बोली कि आओ बैठो, तो मैंने बोला कि भाभी कोई मिली क्या? तो वो बोली नहीं और मैंने अचानक से पूछा कि भाभी आप भैया से खुश तो हो ना, तो भाभी दुखी सी हो गयी. फिर मैंने बोला कि भाभी क्या हुआ? तो भाभी बोली कि खुश रहती तो एक ही बच्चा होता क्या? फिर मैंने भाभी का हाथ पकड़ा और भाभी को हग किया, क्या फिलिंग थी वो? रुई जैसे बूब्स की.
फिर मैंने भाभी से बोला कि भाभी में आपको प्यार करना चाहता हूँ, तो भाभी बोली कि ये क्या बोल रहे हो? तो मैंने बोला कि सॉरी, लेकिन ये सच है और फिर भाभी वहाँ से चली गयी. फिर अगले 2 दिन तक भाभी ने मुझसे बात नहीं की. फिर तीसरे दिन मैंने भाभी से बोला कि भाभी आई एम सॉरी में आपको दुखी नहीं करना चाहता था, तो भाभी बोली कि इट्स ओके.
अब में समझ गया और मैंने भाभी को एक ज़ोर से हग किया और गर्दन पर किस किया. अब भाभी मदहोश होने लगी थी और बोली कि चल बेडरूम में चलते है यहाँ कोई देख लेगा. फिर हम जल्दी से बेडरूम में गये और दरवाजा अंदर से लॉक किया, अब अंदर जाते ही मैंने भाभी को स्मूच करना शुरू कर दिया. अब भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, फिर धीरे-धीरे मैंने भाभी की साड़ी खोली, अब वो केवल पेटीकोट और ब्लाउज में थी.
फिर मैंने एक-एक करके उसके पूरे कपडे उतार दिए और केवल पेंटी को रहने दिया. फिर भाभी ने अपने बूब्स दोनों हाथों से ढक लिए और बोली कि नहीं ये ग़लत है, लेकिन अब में कहाँ सुनने वाला था. फिर मैंने उनकी पेंटी उतारी और उनकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया. अब भाभी मदहोश होने लगी थी, अब वो भी मेरा साथ देने लगी और एक-एक करके मेरे भी पूरे कपडे उतार दिए.
फिर हमने करीब 5 मिनट तक स्मूच किया, फिर मैंने उनकी चूचीयां दबाई और उनके बूब्स का दूध पिया. फिर मैंने उनकी चूत पर किस किया तो भाभी को एकदम से करंट लगा और चिल्लाने लगी शुभम हाँह्ह्ह्हह ऐसे ही और बोल रही थी कि आआअज तक तुम्हारे भैया ने ऐसे कभी नहीं किया है. अब वो मेरा सिर अपनी चूत पर दबा रही थी और अचानक से अकड़ सी गयी, फिर उन्होंने अपना सारा पानी मेरे मुँह पर छोड़ दिया और फिर में भी उनकी चूत का पूरा पानी पी गया.
फिर थोड़ी देर के बाद हम 69 पोज़िशन में आ गये, अब वो मेरा लंड चूस रही थी, आह क्या फिलिंग थी? अब में बहुत गर्म हो गया था, अब में उनकी चूत चाट रहा था. उनकी चूत पर हल्के-हल्के से बाल थे. फिर भाभी एक बार और झड़ गयी और फिर मैंने पूरा रस पी लिया. अब भाभी ज़ोर-ज़ोर से बोलने लगी कि अब डाल दो सहा नहीं जा रहा है. फिर में तुरंत उनके हुकुम का पालन करने लगा, फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और रगड़ने लगा. अब भाभी मदहोश हो रही थी और बोल रही थी कि साले चोद मुझे, फाड़ डाल मेरी चूत को.
फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा, तो भाभी ज़ोर से चिल्लाई और मैंने झट से उनके मुँह पर अपना मुँह रखा ताकि कोई सुन ना ले और फिर लगातार अपनी गाड़ी चलाने लगा. अब भाभी चिल्ला रही थी, इतने दिन से कहाँ था? डालल्ल्ल्ल आहह एयर तेजज़्ज़्ज औरररर तेजज़्ज़्ज, फिर भाभी अकड़ गयी और तीसरी बार झड गयी. अब में भी झड़ने वाला था और मैंने भाभी से पूछा कि भाभी कहाँ निकालूं? तो भाभी बोली कि मेरे अंदर ही छोड़ दे. फिर में भी झड़ गया. फिर उस दिन हमने 3 बार सेक्स किया और फिर ज़ब तक भाभी थी तब तक मैंने सेक्स किया.
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मेरी दोस्त कोमल की जबरदस्त चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमित है और आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची चुदाई की घटना सुनाने जा रहा हूँ, लेकिन सबसे पहले में आप सभी को अपना परिचय दे देता हूँ. में भुवनेश्वर का रहने वाला हूँ, मेरी हाईट 5 फुट 6 इंच है और मेरी उम्र 21 है और मेरा लंड लगभग 7 इंच का है.
अब में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. दोस्तों मेरे कॉलेज में मेरी एक बहुत अच्छी दोस्त है, जिसका नाम कोमल उसकी हाईट 5 फुट 3 इंच, गोरा बदन, लेकिन वो ज्यादातर समय बहुत कम कपड़े पहनने वाली सेक्सी लड़की है, उसका फिगर 32 -28 -34 है और उसकी गांड आकार में इतनी बड़ी है कि उसको देखकर किसी का भी मन उसे जबरदस्ती पकड़कर चोदने का करे.
वो हमेशा मुझसे बहुत खुलकर बात करती है, क्योंकि उसका एक बॉयफ्रेंड है और वो मेरा भी बहुत अच्छा दोस्त है, इसलिए हमारी एक दूसरे से बात करते करते बहुत अच्छी दोस्ती हो गई, लेकिन कुछ दिनों के बाद कोई गलतफहमी की वजह से कोमल का उसके बॉयफ्रेंड मतलब कि मेरे दोस्त से ब्रेकअप हो गया, लेकिन मैंने उनकी इस बारे में उनका झगड़ा खत्म करवाने में कोई मदद नहीं की क्योंकि दिल से में भी यही चाहता था कि उन दोनों की दोस्ती खत्म हो जाए और कोमल मुझसे अपनी दोस्ती को आगे बढ़ाए, मुझे उससे बात करना बहुत अच्छा लगता था और शायद उसको भी मेरे साथ अपना समय बिताना अच्छा लगता था.
अब उनकी दोस्ती खत्म होने के बाद मेरा दोस्त कोमल के गुप्त अंगो के बारे में जैसे बूब्स का आकार, उसका स्वाद, निप्पल का रंग, उसकी चूत और गांड के छेद के बारे में मुझे बताकर वो कोमल को बहुत गंदी गंदी गालियाँ देता था, लेकिन मुझे बहुत मज़ा आता था और में यह सब सोचकर कोमल की फोटो देखकर मुठ मार लिया करता था और इस बीच मेरी कोमल से वाट्सप पर और फ़ेसबुक पर बहुत ही ज्यादा बातचीत होने लगी, जिसकी वजह से धीरे धीरे समय के साथ साथ हम बहुत गहरे दोस्त बनते चले गये.
और फिर एक दिन मैंने सही मौका देखकर उससे अपने मन की बात को कह दिया, लेकिन उसने मुझे पूरे दो दिन बाद अपनी तरफ से जवाब दिया और उसकी तरफ से मुझे हाँ कहा गया, जिसको सुनकर में मन ही मन बहुत खुश हुआ. मैंने जैसा भी सोचा था वो सब कुछ मुझे धीरे धीरे एक एक करके मिलता जा रहा था.
फिर हम दोनों ने फिल्म देखने का प्लान बनाया और एक मस्त सी रोमेंटिक फिल्म देखने साथ में चले गए, उस फिल्म में बहुत सारे सेक्सी सीन थे और जिसको देखकर वो धीरे धीरे गरम होने लगी थी. दोस्तों वो भी बहुत चुदक्कड़ लड़की थी और वो अपने पहले वाले बॉयफ्रेंड से अपनी चुदाई के मज़े बहुत बार ले चुकी थी, लेकिन अब वो उसका साथ छूट जाने के बाद बहुत दिनों से नहीं चुदी थी और ना ही उसने अपनी चूत में ऊँगली की थी, इसलिए वो बहुत जल्दी गरम हो चुकी थी.
फिर उसी रात को जब मुझे उसने कॉल किया तो मेरी किस्मत ही चमक गई, क्योंकि में उसके साथ सब कुछ करना चाहता था, लेकिन उससे थोड़ा कहने से डरता था और वो सब उसने मुझसे उस रात को फोन करके कहा. फिर उसने मुझे फोन किया और वो उस समय बहुत ही प्यार के मूड में थी, मुझे उसकी बातों से पता चल रहा था कि वो मुझसे अब क्या चाहती है और उसकी बातों का मतलब क्या है? में धीरे धीरे वो सब कुछ बातें समझ रहा था जो वो मुझसे कहना चाहती थी.
कोमल : हैल्लो बेबी, बताओ क्या कर रहे हो?
में : कुछ नहीं जान, बस तुम्हारे बारे में ही सोच सोचकर पागल हो रहा हूँ.
कोमल : हुन्न्नन्न्न क्यों तुम मेरे साथ सेक्स करने के बारे में सोचकर पागल हो रहे हो ना?
में : ह्म्‍म्म्म, लेकिन मेरा ऐसा कुछ विचार नहीं है.
कोमल : तो बोलो ना बेबी तुम ऐसा क्या सोच रहे हो, मुझे पूरा विस्तार में बताओ ना, तुम ऐसा क्या क्या सोच रहे हो, मुझे वो सब तुम्हारे मुहं से सुनकर बहुत अच्छा लगेगा.
फिर ऐसे ही धीरे धीरे मैंने उसके फिगर के बारे में उससे कहा और उसने मुझसे कहा कि अभी उसने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी है. दोस्तों सच बताऊँ तो मैंने उसको फोन पर बहुत ज़ोर से किस किया और उसकी चूत को चाटने लगा. फिर मैंने तुरंत उससे कह दिया कि कोमल मुझे तुम्हें एक बार चोदना है, में एक बार तुम्हारी चूत को चाटना और बहुत जमकर चोदना चाहता हूँ, क्या तुम मेरे साथ अपनी चुदाई के लिए तैयार हो? बेबी प्लीज मुझे चोदने का मौका दो.
फिर वो मेरे मुहं से यह सभी बातें सुनकर बहुत खुश हुई और फिर उसने मुझसे कहा कि कल सुबह 7 बजे तुम रूम पर आ जाना, में तुम्हारी हर एक इच्छा को पूरी कर दूंगी. दोस्तों में उसका यह जवाब सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुआ और में उसके बारे में सोचकर मुठ मारकर ना जाने कब सो गया और उसके अगले दिन सुबह जल्दी उठकर मैंने अपने लंड के बालों को साफ किया और अपनी शेविंग करने के बाद में नहाकर तैयार होकर उसके कमरे पर चला गया और जब में कोमल के घर पर पहुंचा और मैंने उसके दरवाजे को खटखटाया.
फिर कोमल दरवाजा खोलने आई और दरवाजा खुलते ही उसको देखकर तो मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया. दोस्तों उसका वो गोरा बदन उस पर हल्का जालीदार काले कलर का टॉप जिसके अंदर उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी और उसने नीचे टावल लपेटा हुआ था और में उसको देखकर बहुत चकित था, मेरी नजर उसके सेक्सी बदन को लगातार घूर रही थी.
फिर उसने मुझसे कहा कि क्यों में तुम्हें कैसी लग रही हूँ? मैंने झट से कहा कि बिल्कुल सेक्सी बॉम्ब लग रही हो, तो उसने कहा कि हाँ में आज तुम्हारे ऊपर ही फोड़ूँगी और वो हंसने लगी. फिर हम लोग गले लगे और फिर अंदर आ गये और सीधा रूम में चले गये. कोमल भी उस समय बहुत जोश में थी और उसको इस हालत में देखकर में भी अपने पूरे होश में नहीं था.
फिर उसने तुरंत दरवाजे को अंदर से बंद किया और फिर उसने मुझसे कहा कि तुम अपनी दोनों आखें बंद करो. फिर मैंने तुरंत उसके कहते ही अपनी दोनों आखों को बंद कर दिया और अब उसने अपना टावल झट से नीचे गिरा दिया और वो खुद बेड पर जाकर अपने दोनों पैरों को फैलाकर बैठ गई और अब उसने अपनी एक उंगली को अपनी चूत के छेद में डाल लिया और दूसरे हाथ की एक ऊँगली को अपने मुहं में डालकर वो मुझसे कहने लगी कि हाँ देखो मुझे और बताओ कि तुम्हें मुझे देखकर क्या महसूस हो रहा? दोस्तों जब मैंने अपनी आँखे खोली और वो नज़ारा देखा तो मैंने उससे कहा कि में बस आज तुम्हारी यह सेक्सी जवानी लूट लूँ, तुम्हारी चूत को फाड़ दूँ, बहुत देर तक चाट लूँ, चूस लूँ और इन झूलते लटकते हुए बूब्स का सारा रस पी जाऊँ और मेरा मन तुम्हें देखकर यह सब कहता है.
फिर उसने मुझसे कहा कि हाँ आ जाओ बेबी टूट पड़ो मुझ पर, में बस तुम्हारी हूँ और तुम मेरी इस बहुत प्यासी चूत को अपने लंड से शांत कर दो, आज मेरी इस बैचेन चूत को फाड़ दो और अपना बना लो. दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनते ही में दौड़कर उसके पास गया और नीचे बैठ गया.
फिर मैंने उसकी चूत में अपना मुहं लगा लिया और जीभ को अंदर डालने लगा और उंगली से चूत को थोड़ा थोड़ा फैलाकर ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा, जिसकी वजह से वो पागल हुई जा रही थी और ज़ोर ज़ोर से कराह रही थी, हाँ अमित आहह्ह्ह्हह्हह आह्ह्हह्ह बेबी हाँ और ज़ोर से करो, स्स्सीईईईइ तुम अपनी जीभ को पूरा अंदर डालकर चूसो, आईईईईईइ और वो अब मेरे दोस्त को बहुत गालियाँ दे रही थी, बहनचोद उसने आज तक मेरी चूत को इतना प्यार नहीं किया, आह्ह्हहह वो बस कुछ देर लंड को चूत में डालकर दो चार धक्कों में ही झड़ जाता था.
उसने आज तक कभी भी मेरी चूत को नहीं चाटा और ना ही इतना प्यार किया जितना आज तुमने किया है और उसने मेरी चूत को हमेशा असंतुष्ट रखा. अमित आज से यह चूत सिर्फ तुम्हारी है, आज तुम इसे फाड़ दो, आहह्ह्ह्हह बेबी और ज़ोर से चूसो.
दोस्तों इस तरह करीब बीस मिनट तक लगातार उसकी चूत को चूसने चाटने के बाद वो झड़ गई, लेकिन कुछ देर तक कुछ नहीं बोली और फिर कुछ देर बाद मुझे ऊपर उठाकर उसने मुझे बहुत ज़ोर से स्मूच किया और बहुत ज़ोर से हग किया. मैंने भी उसका पूरा पूरा साथ दिया और उसे बहुत ज़ोर से पकड़कर जकड़ लिया और हम दोनों बहुत देर तक एक दूसरे से लिपटे रहे और इस बीच उसने मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरा लंड पकड़ लिया, जो कि अब तक जोश में आकर गीला हो चुका था.
अब वो एकदम से चौंक गई, जिसकी वजह से उसका मुहं खुला का खुला रह गया और उसने मुझसे कहा कि अमित आज में एक वर्जिन की तरह चुदने वाली हूँ. फिर मैंने उससे पूछा कि तुम ऐसा क्यों कह रही हो डार्लिंग, तुम तो पहले भी बहुत बार चुद चुकी हो ना?
उसने मुझसे कहा कि बेबी मेरी चूत ने आज तक इतना लंबा मोटा लंड नहीं खाया, यह लंड बहुत ही मोटा है वाह बेबी आज तुम मुझे बहुत जमकर और बहुत देर तक चोदना. फिर मैंने कहा कि हाँ मेरी जान थोड़ी मस्ती तो हो जाए? उसने हंसकर कहा कि हाँ क्यों नहीं? दोस्तों उसने हाँ इसलिए कहा, क्योंकि उसको मस्ती करना बहुत पसंद है.
अब में झट से उठा और फिर से मैंने उसको उल्टा लेटा दिया, उसके कूल्हों जांघो को चाटना शुरू किया और वो अपने कूल्हों को बिल्कुल ढीला करके आहहहह उफ्फ्फ्फ़ करने लगी और में चाटते चाटते उसके कूल्हों की दरारों के बीच में पहुंच गया.
तभी वो एकदम से चौंक गई और मुझसे कहने लगी कि अमित तुम यह क्या करने जा रहे हो आआहह बेबी तुम यह सब क्या कर रहे हो आआहह बोलो ना जल्दी से प्लीज, लेकिन मैंने उससे बिना कुछ बोले उसकी गांड को फैलाया और उसके दोनों कूल्हों को थोड़ा सा ऊपर उठाया और गांड के छेद पर अपना मुहं रखकर अपनी जीभ को अंदर डालने लगा, वो तो जैसे पागल हो गई और वो प्लीज नहीं नहीं कर रही थी और अपने एक हाथ से मेरे सर को पकड़कर दबा भी रही थी.
मैंने उसकी गांड के छेद को चाटकर गीला कर दिया, उह्ह्हह्ह्ह्ह आहहहह बेबी और ज़ोर से चाटो चूसो बाबू आअहह में म्मुआहह ईसस्सह सस्सह आहह बहुत मज़ा आ रहा है जान आहह. मैंने एक बार फिर से उसे पकड़कर उसको पलट दिया और उसके काले कलर के टॉप को फाड़ दिया.
उसने मेरा पूरा पूरा साथ दिया और अब मैंने उसके टॉप को बहुत दूर फेंक दिया. में अब उसके बूब्स को चूसने लगा और उसके गहरे गुलाबी निप्पल अब तक बहुत कड़क हो चुके थे और में उसको चूसकर चबा रहा था, जिसकी वजह से वो बिल्कुल पागल हुई जा रही थी और मुझसे कह रही थी, आहह अमित हाँ चूसो सारा दूध पी लो, आहहहह उअहह हाँ बेबी थोड़ा और ज़ोर से दबाओ, चूसो इन्हें.
दोस्तों में अब बहुत ज़ोर ज़ोर से उसकी निप्पल को मसल रहा था और उसके बूब्स को दबा रहा था. अब मैंने महसूस किया कि उसके बूब्स एकदम रुई की तरह मुलायम आकार में थोड़े बड़े थे और बहुत देर तक चूसते रहने के बाद वो उठी और झट से मेरा खड़ा लंड छूने लगी. उसकी चमड़ी को नीचे करके चाटने लगी और कुछ देर बाद अब मदहोश होकर आँख बंद करके चाटे जा रही थी और में अपने लंड को उसके मुहं में डालने के लिए अब बिल्कुल पागल हो रहा था.
मैंने उससे कहा कि जान अब मुझे मत तड़पाओ, उसने हुन्न्न करते झट से लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे में हवा में हूँ, आआहह वो मेरा लंड अपने मुहं में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी और अंदर बाहर कर रही थी और में अब झड़ने वाला था, इसलिए मैंने उसको बहुत रोका, लेकिन वो नहीं मानी और जब उसे पता चला कि में अब झड़ने वाला हूँ तो वो और भी ज़ोर से लंड को चूसने, चाटने लगी. मैंने पूरी पिचकारी उसके मुहं में छोड़ दी और उसका पूरा मुहं अपने गरम गरम वीर्य से भर दिया और वो सब गटक गई और अपनी नशीली आखों से मुझे देखने लगी और फिर से लंड को चूसने लगी.
फिर में आआहभ करने लगा और वो अब मेरे लंड को अपने बूब्स के बीच में दबाने लगी और कुछ देर बाद जब मेरा लंड जैसे ही खड़ा हुआ और वो झट से नीचे लेट गई और फिर मेरा बड़ा सा लंड देखकर उसने मुझसे कहा कि बेबी अब प्लीज चोद दो मुझे और मेरी बची हुई सील को तोड़ दो, आहह बेबी.
फिर उसके मुहं से यह बात सुनते ही मैंने उसके दोनों पैरों को उठाकर अपने कंधे पर रख लिया और फिर उसकी फैली हुई चूत में लंड को दबाने लगा. मैंने एक ज़ोर से धक्का मारा और मेरा लंड करीब 4 इंच तक बहुत अच्छी तरह से फिसलता हुआ चला गया, क्योंकि उतना वो हर दिन चुदती थी, लेकिन अब मुझे कुछ रुकावट महसूस हुई और यह देखकर उसकी गांड फट गई और अब मैंने बिना सोचे ज़ोर से एक धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड जड़ तक चला गया और उसके मुहं से चीख निकल गई और वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई, आआआअहह अमित मर गईई आआअहह निकालो जान उफफ्फ्फ्फ़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने कुछ नहीं सुना बस में ज़ोर ज़ोर से उसको लगातार धक्के देकर चोदता जा रहा था, जिसकी वजह से वो भी ज़ोर ज़ोर से चिल्लाती जा रही थी और कुछ देर चुदने के बाद वो शांत हुई और फिर वो मुझसे कहने लगी कि हाँ बेबी मज़ा आ रहा है, आज पहली बार मुझे अपनी चुदाई में इतना मज़ा आ रहा है, आहह्ह्ह्हह हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे, बेबी आआअहह ऊईईईईइ माँ हाँ पूरा अंदर तक घुसा दो.
दोस्तों उसके मुहं से इतना सुनकर में और भी जोश में आ गया और मैंने उसे वैसे ही अपनी गोद में उठा लिया और अब में उसे अपने सामने डॉगी स्टाईल में झुकाकर अपना लंड डालकर मैंने उसकी चुदाई शुरू कर दी. में ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और वो ज़ोर से मौन कर रही थी और ज़ोर से चिल्ला रही थी और फिर मैंने उसको बहुत सारी स्टाईल में चोदा और कुछ देर की चुदाई के बाद में उसकी चूत में ही झड़ गया और मेरे साथ साथ वो भी झड़ गई और फिर हम दोनों उस लगातार चुदाई की वजह से थककर सो गये. जब हम दोनों उठे तो हम लोगों ने एक बार फिर से सेक्स किया और इस बार मैंने पहली बार उसकी वर्जिन गांड की चुदाई की. दोस्तों मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आया और अब तक में उसे पांच बार चोद चुका हूँ.
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