प्रीति भाभी की चूत का अनमोल रस

हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी चाहने वालों को अपनी एक बहुत अच्छी और बिल्कुल सच्ची चुदाई की घटना बताने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने अपनी भाभी के साथ उनकी चुदाई के बहुत मज़े लिए और उनको अपनी पहली चुदाई से ही संतुष्ट किया और यह घटना अभी कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई है.
दोस्तों में एक बहुत खुले विचारों वाले परिवार से हूँ, हमारे कुछ रिश्तेदार गर्मियों की छुट्टीयों में हमारे साथ रहकर मज़े करने के लिए हमारे पास आ जाते थे और उन दिनों मेरे कज़िन का परिवार हमारे घर पर आया हुआ था. कज़िन ब्रदर उनकी बीवी और उनके वो प्यारे से दो बच्चे, मेरी कज़िन भाभी मानो स्वर्ग की अप्सरा लगती थी. उनकी उम्र 34 साल उनका फिगर 34-28-36 क्या मस्त दिखती थी, उनके दो बच्चे थे, एक का नाम गीतू (उम्र 5 साल) और शिव (उम्र 3 साल).
दोस्तों मेरी भाभी दो बच्चे होने के बाद और भी सुंदर लगने लगी थी, उनकी छाती पहले से ज्यादा उभरी हुई और गांड पहले से ज्यादा बाहर आने लगी थी. उनका धीरे धीरे पूरा शरीर भरने लगा था और शादी के कुछ सालों के बाद वो बातों में भी बहुत खुल गयी थी. अब में उनके बूब्स और चूतड़ देखकर वो मुझे किसी रसमलाई और बरफी जैसी लगने लगी थी और फिर मुझे जब भी मौका मिलता तो में उसकी रसीले बूब्स और गोलमटोल चूतड़ों को जी भरकर देखता था और मौका मिलने पर में किसी बहाने उनको छू लेता था और वो जब भी पास से गुजरती तो उनके बदन की खुशबू मुझे बहुत आकर्षित करती थी और में इस सोच में उनको मन ही मन सोचने लगा था.
एक दिन मेरे बड़े भाई को उनके काम से बाहर जाना पड़ा और उस वक़्त भाभी मुझे बहुत उदास लगी थी, क्योंकि मेरा भाई पूरे दो महीने के लिए बाहर जा रहा था, लेकिन उनके जाने के बाद में भाभी से बहुत घुलमिल सा गया था. में अब उनके बच्चो के साथ मस्ती करता तो कई बार में भाभी से अकेले में बात करता और चुपके से उनको छुआ भी करता था. भाभी भी अब मुझसे बहुत खुलकर बातें किया करती थी. फिर उस वक़्त मैंने भी मन ही मन सोच लिया था कि कैसे भी करके भाभी को किसी भी तरह से पटा लिया जाए और उनके रस भरे जिस्म को उत्तेजित किया जाए, जिससे वो खुद भी मुझसे चुदने के लिए बैचेन हो जाए.
फिर वो एक दिन आ ही गया जब में भाभी से बात कर रहा था तो मैंने सही मौका देखकर उस दिन उनकी सुंदरता की बहुत तारीफ की और उनसे उनके कॉलेज के दिनों के बारे में पूछा, उनके दोस्त बॉयफ्रेंड सभी के बारे में उनसे जाना. फिर वो भी बहुत खुश होकर मेरे हर एक सवाल का जवाब दे रही थी और मैंने उन्हें गौर से देखा कि बातें करते करते उनके चेहरे का रंग बिल्कुल बदल सा गया है.
तभी उन्होंने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा तो में उनसे बोला कि आप जैसी स्वर्ग की अप्सरा अब तक मुझे कभी नहीं मिली, मतलब कि मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर वो हंसने लगी और मेरे लंड की तरफ देखकर मुझसे बोली कि इस उम्र में गर्लफ्रेंड नहीं है तो तुम उसे कैसे सम्भालते हो? दोस्तों में उनके मुहं से यह शब्द सुनकर थोड़ा दंग रह गया और फिर मैंने मन ही मन सोचा कि भाभी को थोड़ा गरम गरम बातों से उत्तेजित किया जाए और फिर मैंने उनसे बोला कि में ऐसे ही काम चला लेता हूँ, लेकिन आपको देखकर मेरे विचार अब कुछ बदल से गये है और मैंने उनको कुछ सेक्सी जोक्स सुनाए, जिस पर वो हंसी और मुझे छूने लगी.
अब उनसे बातों ही बातों में मैंने पूछ लिया कि भाभी कभी आपने शादी से पहले कभी कुछ किया था? तो भाभी थोड़ा मुस्कुराते हुए बोली कि यह काम मेरा थोड़ा गुप्त है और में तुम्हें यह सब क्यों बताऊँ? तो मैंने कहा कि में आपका कोई पराया थोड़ी ही हूँ, साली जैसे आधी घरवाली होती है ठीक वैसे ही में भी आपका आधा घरवाला हूँ. फिर मेरे मुहं से यह सुनकर वो थोड़ा सा शरमाई और वो मेरी बात को टालने लगी, लेकिन में अब उनका ऐसे कैसे पीछा छोड़ने वाला था. उसके बाद वो उठकर किचन में चली गयी और कॉफी बनाने लगी.
में भी एकदम सही मौका देखकर उनके पीछे पीछे किचन में चला गया और अब में उनके पीछे ही पड़ गया और मैंने महसूस किया कि भाभी शरम से बिल्कुल लाल हो गई थी और अब मैंने उनसे बिना डरे पूछा कि आपने पहली बार सेक्स का अनुभव कब लिया था और वो आपको कैसा लगा था? तो वो शरम से बोली कि जब तुम्हारा वक़्त आएगा तब तुम्हें अपने आप पता चल जाएगा. दोस्तों उनका रुखा सुखा सा जवाब सुनकर मेरा तो मूड ही खराब हो गया, लेकिन भाभी अब शायद कुछ कहना चाहती थी और यह बात तो पक्की थी. फिर थोड़ी देर बाद बच्चे भी आ गए.
फिर उसी दिन दोपहर को में भाभी के बारे में सोच रहा था, उनकी मस्त मस्त गांड और बूब्स मेरे लंड को खड़ा कर रहे थे और में अपने लंड को धीरे धीरे सहला रहा था. तभी भाभी मेरे रूम में आ गई और उन्होंने मेरे खड़े लंड को पेंट के ऊपर से ही टेंट बना हुआ देख लिया. में अभी भी अपने लंड को सहला रहा था तो उन्होंने मुझे आवाज़ लगाई और में अचानक से घबराकर उठ गया. अब भाभी ने मुझसे पूछा कि क्यों तुम ऐसा क्या सोच रहे हो? मुझे लगता है कि तुम्हें अब किसी गर्लफ्रेंड की बहुत ज़रूरत है? तो में डरकर घबराकर कुछ नहीं बोला.
भाभी मेरे पास आकर बैठ गई और फिर वो मुझसे बोली कि मुझे ऐसा लगता है कि तुम किसी के बारे में सोच रहे हो? अब मैंने थोड़ा उदास होकर उनसे कहा कि जी ऐसा कुछ नहीं है, में तो बस आपके बारे में ही सोच रहा था. दोस्तों भाभी को देखकर मेरा लंड अब और भी जोश में आ गया था, इसलिए मैंने थोड़ी हिम्मत करके भाभी का एक हाथ पकड़ा और उनको बेड पर बैठा दिया और तुरंत उनकी गोद में अपना सर रख दिया और फिर मैंने उनसे बोला कि भाभी आपको देखकर मुझे कुछ कुछ होता है तो भाभी थोड़ा मुस्कुराते हुए मुझसे पूछने लगी कि तुम्हें ऐसा क्या होता है? अब मैंने झट से उनका एक हाथ उठाकर अपने लंड पर रख दिया.
फिर मेरे लंड का अपने हाथ पर स्पर्श होते ही वो चकित हो गयी और अब उनकी सांसे धीरे धीरे फूलने लगी, लेकिन उन्होंने अपना हाथ मेरे लंड से नहीं हटाया और वो अब मुझसे पूछने लगी कि तुमको मुझमे ऐसा क्या अच्छा लगता है? तो उनकी यह बात सुनकर मुझे लगा कि यही एकदम सही मौका है, में उनसे बोला कि आपकी आखें, आपकी बातें, आपके बूब्स और आपकी गांड का तो में बहुत दीवाना हो गया हूँ, जी करता है कि में उनको आईस्क्रीम की तरह चूस लूँ और खा जाऊँ. तभी मेरे मुहं से यह बात सुनकर उन्होंने मेरे लंड को मसल दिया.
फिर वो मुझसे बोली कि मेरे साथ तुम्हें और क्या क्या करना है? तो में उनकी तरफ से हरी झंडी देखकर तुरंत उठकर खड़ा हो गया और अब मैंने उनको अपनी बाहों में भर लिया और उनके बूब्स को अपनी छाती से दबाया और साड़ी के ऊपर से उनकी गांड पर हाथ फेरा. भाभी ने भी मेरा साथ दिया और उन्होंने अपना एक हाथ मेरी पेंट में डालकर वो मेरे लंड को मसलने लगी और वो मुझसे बोली कि में भी बहुत प्यासी हूँ और तुम्हारा लंड अब मुझे बहुत गरम कर चुका है, आज तुम मेरे और में बस तुम्हारी बनकर ही रहेंगे, लेकिन तुम यह बात किसी को बताना नहीं.
दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर में खुश हो गया और मैंने उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए, तभी वो तुरंत पीछे हटकर मुझसे कहने लगी कि अभी नहीं अभी में सिर्फ़ तुम्हारे लंड को देखना चाहती हूँ और उसे छूकर महसूस करना चाहती हूँ. फिर मैंने तुरंत अपने बाथरूम का दरवाजा खोल दिया और उन्हें अंदर खींच लिया, वो अब मुझसे लिपटी हुई थी और उनकी सांसे बहुत तेज चलने लगी थी, उनकी इस अदा पर मुझे बहुत प्यार आया और में उनके होंठो को चूसने लगा.
फिर में उनसे कहने लगा कि प्रीति तुम एक कामुक परी हो और मैंने उनके बूब्स दबाए और वो अहहहहाह उह्ह्हह्ह्ह्ह आईईईइ हाँ थोड़ा और ज़ोर से. फिर में अपना एक हाथ साड़ी के ऊपर से उनकी चूत को लगाने लगा और चूत को सहलाने लगा और मेरी इस हरकत से वो और भी पागल हो गयी.
तभी बाहर से किसी की आवाज़ आई और उनकी सांसे अचानक से एक ही जगह पर रुक सी गई, थोड़ी देर बाद वो मुझसे बोली कि अभी तुम बस ऊपर से ही करो, रात को हम पूरा मज़ा लेंगे. फिर मैंने कहा कि ठीक है और अब मैंने उनको पकड़कर दीवार से चिपका दिया और मैंने प्रीति के दोनों पैर फैलाए और उनकी साड़ी, पेटीकोट को थोड़ा ऊपर उठाया और तभी मैंने थोड़ा झुककर देखा तो भाभी ने लाल कलर की पेंटी पहनी हुई थी, जो उनकी चूत के आसपास वाले हिस्से से थोड़ी गीली हुई थी और उससे मदहोश कर देने वाली खुशबू आ रही थी.
फिर में अब पेंटी के ऊपर से उनकी चूत को चाटने लगा, जिसकी वजह से वो भी और गरम होकर अपनी चूत को मेरे मुहं पर दबाने लगी और कहने लगी कि हाँ ऐसे ही उफ्फ्फ वाह मज़ा आ गया और अंदर तेज तेज आहहाहा उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह वो अब मेरे सर को पकड़कर अंदर दबा रही थी और धीरे धीरे मोन कर रही थी और तभी मुझे अहसास हुआ कि भाभी अब झड़ने वाली है और वो आवाज़ करते हुए झड़ गई. उनकी गीली पेंटी को में और चाटने लगा, वो कुछ शांत हो गई.
अब उन्होंने मुझे अपने ऊपर से हटाया और वो अपनी साड़ी को ठीक करके मुझसे बोली कि तुम अपनी बाकी की मुराद आज रात को पूरी कर लेना, लेकिन मेरा अभी तक कुछ हुआ ही नहीं था, लेकिन फिर भी में उनकी बात को मान गया और अब हम दोनों बाथरूम से बाहर आ गए. फिर भाभी घर का कुछ काम निपटाने के लिए मेरे कमरे से बाहर चली गयी और में रात होने का बहुत बेसब्री से इंतज़ार करने लगा और कुछ घंटो के बाद रात को डाइनिंग पर बैठे हम सब लोग खाना खाने लगे.
तब मैंने गौर किया कि मेरी भाभी मेरे शरीर से अपना शरीर अचानक से कुछ बहाने से छू देती थी और एक बार तो उन्होंने उनकी चूत वाला हिस्सा जानबूझ कर मेरे हाथ से रगड़ दिया और वो मुस्कुराने लगी. मैंने उनके बच्चो के साथ खाना खाया और बाद में कुछ देर उनके साथ टी.वी. देखने लगा और भाभी भी कुछ देर बाद खाना खाकर आई और मेरे पास बैठकर टी.वी. देखने लगी, थोड़ी देर में बच्चो को नींद आने लगी. फिर भाभी उनको अपने बेडरूम में सुलाने ले गई और अब में भी अपने बेडरूम में चला गया और भाभी का इंतजार करने लगा.
दोनों बच्चे जब गहरी नींद में सो गए तो उसके बाद भाभी ने मेरे रूम का दरवाजा खोला और वो अंदर आई, उन्होंने उस समय गुलाबी कलर की मेक्सी पहनी हुई थी और वो बहुत गजब लग रही थी. अंदर आते ही उसने दरवाजा अंदर से बंद किया और फिर मेरे पास आकर बैठ गई, लेकिन में जानबूझ कर नाराज़ होने का नाटक करने लगा.
अब वो मुझे मनाने लगी, भाभी ने मुझे अपने सीने से लगा लिया और वो मुझसे बोली कि ओ मेरे सय्या इतना क्यों नाराज हो और उन्होंने मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए और में भी उनका साथ देने लगा. मैंने उनको खड़ा किया और गौर से देखने लगा. फिर वो मुझसे बोली कि मुझे यूँ क्या देख रहे हो क्या आज मुझे पूरा ही खा जाओगे? तो मैंने उनसे बोला कि में इस दिन का कब से इंतजार कर रहा था? और फिर में उनसे लिपट गया और उनको चूमने लगा, कभी गर्दन पर, कभी गालों पर, उनके बालों पर हाथ फेरने लगा और वो बिल्कुल मदहोश होकर मोन करने लगी, हाँ उह्ह्ह्ह आह्ह्हह्ह.
अब में साड़ी के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाने लगा, उनके होंठो को चूमता, होंठो से होंठ रगड़ता हुआ उनकी पीठ को सहलाता रहा और अब हमारी सांसे धीरे धीरे तेज होने लगी और में मानो उस पर टूट पड़ा और चुम्मो की बौछार करने लगा. वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और पीठ से होकर में अब उसकी गांड पर आता गांड के गोलो को सहलाता और भाभी को पूरी तरह जोश में भर दिया.
अब ऐसे ही मैंने उनको दीवार से चिपकाया और एक पैर से उनकी चूत को रगड़ने लगा और एक हाथ से बूब्स को दबाता तो दूसरे हाथ से उनकी गांड को दबाता रहा और उनको चूमते चूमते में नीचे आ गया. फिर मैंने बूब्स को चूमा, पेट को काटा, जांघ पर अपनी जीभ चलाने लगा और अब में उनकी मेक्सी को धीरे से ऊपर उठाकर कमर तक ले आया. मैंने उसके नीचे उनकी वो सेक्सी लाल कलर की बिकनी देखी जो चूत के रस से गीली थी और बहुत महक रही थी. मैंने अपने दोनों हाथों से उनकी गांड को दबाई और चूत को बिकनी के ऊपर से रगड़ने लगा और वो मेरा सर दबाकर मोन करने लगी.
फिर मैंने उनकी बिकनी को उतार दिया और अब में उस प्यासी चूत को चूसने लगा और उनकी चूत के दाने को अपनी जीभ से छूकर सहलाने लगा, वो और भी अब ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी और मेरे सर को अपने दोनों हाथों से अपनी चूत पर दबाने लगी. अब में उन्हें उठाकर बिस्तर पर ले आया और मैंने उनकी मेक्सी को उतार दिया. फिर उन्होंने भी मेरे सारे कपड़े तुरंत उतार दिए और अब हम नंगे बिस्तर पर एक दूसरे की बाहों में थे और वो मेरे लंड को सहला रही थी.
फिर मैंने उनके दोनों पैरों को पूरा फैलाया और चूत को चाटने लगा, वो भी अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी, हाँ ऐसे ही चाटो उफ्फ्फ्फफ्फ आह्ह्ह्हह्ह मेरी चूत को मुझे. मुझे और भी जोश चढ़ गया और में उनकी चूत को खाने लगा और वो चिल्लाने लगी, आह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ हाँ खा जाओ मेरी चूत को तुम कितने अच्छे हो, हाँ थोड़ा अंदर तक चाटो मेरी प्यासी चूत को आईईईई तुम्हारे भैया मेरे साथ कभी ऐसा नहीं करते. अब में अपने एक हाथ से उनकी गांड को दबाने लगा और गांड के कुल्हो को दूर करके गांड के छेद को सहलाने लगा. कूल्हों को दबाते ही उसके शरीर में मानो बिजली टूट पड़ी.
फिर में अपनी जीभ को नीचे ले आया और उसकी जांघो को चूमने लगा, कूल्हों को चूमने लगा, गांड के छेद को सूंघने लगा, वाह क्या खुशबू थी? मैंने अब उसके कूल्हों को दूर करके छेद पर अपनी जीभ को रखकर चाटने लगा और वो मानो सातवें आसमान पर पहुंच गई और मुझसे कहने लगी हाँ और ज़ोर से चाटो मेरी चूत और गांड को, में अपनी ज़बान से गांड के छेद को खोलने लगा और नहीं खुली तो अपनी एक ऊँगली को गीला करके गांड के छेद में डालने की कोशिश करने लगा तो वो उस दर्द से कसमसाई, लेकिन मैंने महसूस किया कि उसकी गांड बहुत टाईट थी, मेरी ऊँगली अपना पूरा ज़ोर लगाने पर अंदर जा नहीं रही थी और अब उसे दर्द होने लगा. में गांड को छोड़कर अब उसकी चूत को चाटने लगा.
फिर हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गए. मैंने उसकी चूत को बहुत देर तक चाटा और वो मेरा लंड को अपने मुहं में अंदर तक लेने लगी. में जैसे ही उसकी चूत रगड़ता तो वो मेरे लंड को काट खाती और वो अब बहुत कामुक होने लगी थी और कुछ देर बाद वो अपना पूरा ज़ोर लगाकर अपनी चूत का पानी छोड़ने लगी और मैंने उसका पूरा रस पी लिया.
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सहेली के लड़के ने चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम धारा है, मेरी उम्र 38 साल है और में गाँधीनगर की रहने वाली हूँ. ये हादसा मेरे साथ दिसम्बर 2015 में हुआ था. अब में आपको पहले मेरे बारे में बता दूँ. में दिखने में बहुत सेक्सी औरत हूँ और मेरा फिगर 36-34-38 है. मेरे पति अमेरिका में रहते है तो मुझको भी 24 दिसम्बर को अमेरिका जाना था, मेरे कोई बच्चे नहीं है.
मेरी एक फ्रेंड कालोल में रहती है और एक वालोल में रहती है तो मैंने सोचा कि में अमेरिका जाने से पहले अपनी फ्रेंड को मिलकर जाऊं. फिर मैंने बस पकड़ी और कालोल गई तो मैंने अपनी फ्रेंड को फोन करके बता दिया कि में आ रही हूँ. फिर में वहाँ सुबह 10 बजे पहुँची तो मेरी फ्रेंड मुझे लेने के लिए अपनी कार लेकर आई. फिर में और वो हम उसके घर गये, फिर घर जाते ही मैंने उसके लड़के को देखा, ओह माई गॉड वो दिखने में बहुत सुंदर था. फिर मेरा उसके साथ परिचय हुआ और पता चला कि वो अहमदाबाद में कॉलेज की पढाई करता है.
फिर मैंने 12 बजे लंच लिया और जब मेरी फ्रेंड के पति जॉब पर गये थे तो मैंने और उसने बहुत बातें की. फिर शाम को मैंने सोचा कि चलो मेहसाना मेरी एक फ्रेंड रहती है तो उससे मिलकर आते है तो मैंने कार ड्राइव कर ली और हम मेहसाना जाकर आए. अब रात को बहुत अंधेरा हो गया था, तो फिर मैंने अपनी फ्रेंड से कहा कि मुझे कोई अपने घर तक छोड़ सकता है गाँधीनगर तक. फिर मेरी फ्रेंड ने कहा कि मेरा बेटा तुझे घर तक छोड़ आएगा. फिर में और मेरी फ्रेंड का बेटा निकल गये तो रास्ते में उसने मुझसे बातें करना स्टार्ट कर दिया. फिर बातों-बातों में उसने कहा कि आंटी आप बहुत सेक्सी लग रही हो. बाप रे अब ये शब्द सुनकर तो मुझे पहले कुछ आजीब लगा, लेकिन फिर बाद में अच्छा लगा.
फिर मैंने उससे पूछा कि में कितनी सेक्सी लगती हूँ? तो उसने कहा कि वो तो आंटी चेक करना पड़ता है. तो मैंने कहा कि चल कर चेक, तो वो बोला कि अभी नहीं हो सकता, तो मैंने कहा कि तो कब? तो वो बोला कि घर जाकर. फिर उतने में मेरा घर आ गया और हम घर में चले गये. तब रात के 10 बजे थे. फिर मैंने कहा कि चलो अंदर आओ पानी पीकर जाओ, तो वो भी मान गया.
फिर मैंने उसे सोफे पर बैठाया और पूछा कि तू मेरी सेक्सी लेवल चेक करने वाला था, तो वो बोला कि में तो ऐसे ही कह रहा था. फिर मैंने कहा कि अरे बेटा ज़रा चेक करना ऐसे क्या करता है, तू अपनी सेक्सी आंटी का इतना भी मन नहीं रखेगा. फिर वो बोला कि आप अपनी आखें बंद करो, तो में मान गयी. फिर उसने मेरे पेट पर अपना हाथ फैरना शुरू कर दिया. फिर उसने धीरे-धीरे मेरी गांड पर अपना हाथ लगाया, क्या बताऊँ वो कितना सेक्सी टच था? फिर उसने अपने एक हाथ से मेरा बूब्स भी दबा दिया.
अब में और वो हम दोनों ही गर्म हो रहे थे. फिर उतने में ही मेरी फ्रेंड का फोन आया कि पहुँचे कि नहीं, तो मैंने उसे बता दिया कि हम पहुँच गये है, लेकिन तुम्हारा बेटा कल सुबह आ जाएगा, क्योंकि गाड़ी पंक्चर हो गई है. फिर उसने अपने बेटे से बात की और कहा कि आज की रात आंटी के घर रुक जा कल सुबह गाड़ी ठीक करवा कर आ जाना. फिर क्या था? फिर हम दोनों खुश हो गये और उसने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और बेडरूम में लेकर गया. फिर हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े उतार दिए और में उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. वाह क्या मज़ा आ रहा था? फिर उतने में ही मुझे मेरी एक सहेली का फोन आया कि वो मुझसे मिलने के लिए मेरे घर पर आ रही है, लेकिन वो भी सेक्स की भूखी थी. फिर वो मेरी चूत को चाटने लगा, अब में 3 मिनट में ही झड़ गयी थी.
फिर उसने मेरे बूब्स दबाना शुरू कर दिए और वो अपनी एक उंगली मेरी चूत में डालने लगा और फिर उसने एक झटके में अपना पूरा लंड मेरी प्यासी चूत में डाल दिया और दनादन चोदने लगा. फिर उतने में ही वो भी 10 मिनट में झड़ गया. फिर उतने में ही डोर बेल बजी तो मैंने अपना गाउन पहना और डोर खोला तो बाहर मेरी सहेली आई थी. फिर मैंने उसका उससे परिचय करवाया और मेरी सहेली को इशारे में समझा दिया कि ये भी हमारी लाईन का इंसान है.
तो फिर वो बोली कि तो में ट्राई करूँ क्या? तो मैंने कहा कि हाँ जरुर क्यों नहीं? फिर मेरी फ्रेंड और वो रूम में अंदर चले गये. फिर में भी थोड़ी देर के बाद रूम में अंदर चली गयी. वो दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे और अपने कपड़े निकाल रहे थे. फिर मैंने मेरी फ्रेंड की साड़ी उतारने में मदद की और उसकी ब्रा-पेंटी भी उतार दी. फिर क्या था? फिर वो दोनों 69 की पोज़िशन में आ गये और अब वो एक दूसरे का जिस्म चूस रहे थे. फिर वो दोनों एक साथ झड़ गये.
फिर मेरी फ्रेंड ने कहा कि अब मुझे तड़पाओ मत और जल्दी से मेरी चूत को चोद दो. उसकी चूत टाईट थी तो उस लड़के के 2-3 धक्के लगाने पर उसका पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया था और वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी थी, आह्ह्ह्ह कितना बड़ा है सहा भी नहीं जाता, लेकिन अब वो कहाँ रुकने वाला था, फिर उसने उसे दो बार चोदा. अब उसने उसे घोड़ी बनाकर उसकी गांड में भी अपना लंड डाल दिया था, अब वो रोने लगी थी, लेकिन साथ में मज़ा भी ले रही थी.
फिर वो दोनों शांत हो गये, फिर थोड़ी देर के बाद वो उस लड़के को अपना मोबाईल नंबर देकर चली गयी. अब मेरी फ्रेंड के जाने के बाद में फिर से नंगी हो गयी. तब रात के 12 बज रही थी और फिर हम दोनों ने बहुत चुदाई की. उस रात उसने मेरी गांड पर तेल लगाया और मेरी गांड भी मारी. उस रात उसने मुझे इतना चोदा, इतना चोदा की पूछो मत, फिर सुबह होते ही वो उठ गया और मेरे पैर सहलाने लगा.
अब मुझे पता चल गया था कि शो फिर से स्टार्ट करना पड़ेगा तो अब में भी अपनी गांड उछाल-उछाल कर चुदवाने लगी और फिर 1 घंटा चुदाई करने के बाद वो अपने घर जाने के लिए निकल गया. फिर थोड़े दिन के बाद में भी अमेरिका चली गयी.
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एक गलती का पूरा मजा लिया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सिया है. मेरी उम्र 29 साल है और मेरी शादी को 3 साल हो गये है, मेरा फिगर साईज 36-32-34 है और ये कहानी एक साल पहले की है. में और मेरे पति दुबई में रहते थे, लेकिन उनका प्रमोशन ऑस्ट्रेलिया हो गया था और मुझे वीजा ना मिलने के कारण वहीं रहना पड़ा.
फिर ऐसे ही 2-3 महीने तो गुज़र गये, लेकिन अब मुझे रातें लंबी लगने लगी थी. अब मेरी तन्हाई मुझसे अलग नहीं हो रही थी, अब में खुद को कोस रही थी कि में कितनी पागल हूँ जो इससे शादी की. तभी मैंने फेसबुक चलानी शुरू कर दी, अब वहाँ मेरे बहुत दोस्त बने और उनमें एक इंडियन भी था विक्की, वो भी शादीशुदा था और उसके एक लड़की भी थी. अब हम थोड़े दिन के बाद बेस्ट फ्रेंड बन गये थे.
फिर हमने अपने फोन नंबर एक्सचेंज किए और अब हम दिन रात बात करने लगे थे, लेकिन मुझे उसके लिए कोई गंदी फिलिंग नहीं आती थी. फिर मेरी कंपनी ने 25 दिन की छुट्टियाँ दी तो मैंने सोचा कि क्यों ना इंडिया जाया जाए?
मेरी फ्लाईट सुबह की थी. फिर में रात को 9 बजे दिल्ली पहुँच गई और जब वहाँ बहुत सुनसान था तो मैंने सोचा कि अब क्या करूँ? फिर याद आया कि विक्की भी तो दिल्ली रहता है. जब मैंने उससे कहा कि में दिल्ली में हूँ तो वो खुशी से पागल हो गया. अब मुझे कुछ समझ में नहीं आया था. फिर थोड़ी देर में वो मुझे लेने आया, वो दिखने में बहुत स्मार्ट था और जब मैंने डीप ब्लाउज टॉप पहना हुआ था तो अब वो मुझे बस घूरे जा रहा था.
फिर उसने कहा कि कहाँ चले? तो मैंने कहा कि तुम्हारे घर चलते है. अब वो थोड़ा नाराज़ सा हुआ. फिर वो अपनी कार में मुझे अपने घर ले गया. फिर उसने वहाँ मुझे अपने पेरेंट्स और वाईफ से मिलाया और झूठ कहा कि ये मेरे दोस्त की वाईफ है और अभी दुबई से आई है और 3-4 दिन यहीं रुकेगी, लेकिन अब उसकी पत्नी शायद मुझे और विक्की को देखकर बड़ी नाखुश दिख रही थी.
फिर हम सब खाना खाने के लिए टेबल पर बैठे और विक्की और उसकी बीवी खाना परोस रही थी और जल भी रही थी. फिर हमने 1 घंटे तक बहुत बातें की और फिर हम सो गये, लेकिन अब मुझे नींद कहाँ आने वाली थी? अब में बहुत तन्हा थी तो अपने कमरे में घूम रही थी. फिर मैंने देखा कि विक्की टायलेट की तरफ जा रहा है तो मैंने उसका पीछा किया और बाथरूम के दरवाजे पर अपने कान लगा लिए और सुनना चाहा तो शायद वो मेरा नाम ले रहा था, अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था. फिर 10 मिनट के बाद वो अपने कमरे में चला गया और सो गया.
अब अगले दिन क्रिसमस था तो हमने सोचा कि पार्टी करते है, क्योंकि उसके घरवाले गावं गये थे और उसकी बेटी मौसी के पास गई थी. फिर हम दो बोतल वोड्का और स्नेक्स ले आए. फिर हमने खूब ड्रिंक किया और डांस भी किया. हम उस समय विक्की के बेडरूम में थे. फिर हमारी ड्रिंक ख़त्म हुई तो विक्की ने कहा कि में और बोतल लाता हूँ और इतने में लाईट चली गई.
अब विक्की की बीवी जो सोफे पर बैठी थी तो वो वहीं सो गई थी और में उसी के बेड पर ही लेट गई थी. तभी विक्की कमरे में आया और उसे लगा कि सब सो गये है तो वो भी बेड पर लेट गया, लेकिन उसे पता नहीं था कि में उसकी बीवी प्रिया नहीं बल्कि सिया हूँ. फिर वो कहने लगा कि प्रिया तुम सिया से जला मत करो, ये सिर्फ़ मेरी अच्छी दोस्त है. अब में ये सब सुनकर बहुत खुश हुई कि ये कितना अच्छा इंसान है.
फिर तभी मुझे कुछ चुभने जैसा महसूस हुआ और वो उसका लंड था, जो मेरे सूट के अंदर घुसे जा रहा था. फिर उसने कहा कि यार मैंने इतने दिन से तुम्हें प्यार नहीं किया और आज में तुम्हें खुश कर दूंगा. अब में डर भी रही थी और मुझे मजा भी बहुत आ रहा था. तभी उसके हाथ मेरे बूब्स पर आ गये और उसने मुझे अपनी और खींच लिया और किस करने लगा.
अब मुझे उसके मुँह से ड्रिंक की स्मेल आ रही थी. फिर 10 मिनट के बाद उसने मेरा सूट उतारकर ज़मीन पर फेंक दिया और मेरे बूब्स चूसने लगा. अब में तो उस समय सातवें आसमान में थी और अया आहा आ की आवाज़ें निकाल रही थी. तभी उसका हाथ मेरी पेंटी पर गया और फिर उसने मेरी सलवार भी उतार दी, अब में सिर्फ़ पेंटी में थी. तभी उसने कहा कि प्रिया तुम इतनी स्लिम कैसे हो गई? तो में कुछ नहीं बोली. फिर वो मेरे साथ रोमांस करने लगा. फिर उसका हाथ मेरी पेंटी के अंदर चला गया और उसने अपनी एक उंगली मेरी चूत के अंदर डाल दी.
फिर उसने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगाया और फिर मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया. अब पूरे कमरे में आआह्ह्ह ओ अया अया अया अया आ ऊ ओह ओ की आवाजे गूँज रही थी. फिर उसने मुझे घोड़ी बना लिया और फिर से पेलने लगा. अब वो कुछ बड़बड़ा रहा था, शायद नशे में सिया आई लव यू प्लीज चुदा लो मुझसे बोले जा रहा था, लेकिन उसे क्या पता था कि ये तो में ही हूँ? फिर उसने मुझे बेड पर सीधा लेटा दिया और मेरे नीचे एक तकिया रख दिया और मेरी चूत चाटने लगा. आहहहह आहा हाहाहा अह आहह मुझे इतना मजा पहली बार आया था.
फिर मैंने कहा कि फक मी, तो उसने कहा कि तुम्हारी आवाज़ को क्या हुआ? तो मैंने कहा कि तुम नशे में हो, तुम्हें कुछ नहीं पता. फिर वो दुबारा से मेरी चूत में अपना लंड डालने लगा. फिर मैंने कहा कि अब में और सहन नहीं कर सकती थी, तो वो बोला कि अभी तो कुछ किया ही नहीं है. फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया और मैंने उसे बहुत चूसा, उसका लंड बड़ा टेस्टी था. फिर उसने अपने लंड और मेरी चूत पर थोड़ा तेल लगाया और इस बार उसने मेरी गांड पर भी तेल लगाया था.
अब वो बुरी तरह से मेरी गांड चोदने लगा था. अब में तो मर ही गई थी. करीब 2 घंटे में अब तक 2 बार झड़ चुकी थी, लेकिन वो एक बार भी नहीं झड़ा था. फिर करीब एक घंटे के बाद उसने अपना सारा रस मेरी चूत में ही डाल दिया, जिसकी वजह से आज में प्रेंग्नेट हूँ, लेकिन जब सुबह हुई तो हम दोनों नंगे बेड पर पड़े थे.
अब मुझे उसकी बीवी की रोने की आवाज़ आ रही थी, शायद उसने हमें ऐसे देख लिया था. फिर उसके पति ने उससे बहुत माफी माँगी और मैंने भी उसे समझाया. फिर मैंने भी विक्की से माफी माँगी, क्योंकि असली ग़लती तो मेरी थी, वो तो नशे में अपनी बीवी को ही चोद रहा था, लेकिन चुद तो में रही थी.
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अंकल के सामने आंटी का चोदन

हैल्लो दोस्तों, में हर्ष पाटिल आज बहुत दिनों के बाद आप सभी चाहने वालों को अपनी एक नयी सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ, जो हाल ही में मेरे साथ घटीत हुई है, लेकिन कहानी को शुरू करने से पहले में जो नये पाठक है, उनके लिए अपना परिचय दे देता हूँ. दोस्तों मेरा नाम हर्ष है और में मुंबई में रहता हूँ, मेरी उम्र 24 साल है और में दिखने में एकदम ठीकठाक हूँ और आप लोगों की तरह में भी पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ, मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है. मैंने अब बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है और अपनी घटना को लिखकर आप लोगों तक भेजा भी है और आज में अपनी एक ऐसी ही जोश भरी घटना बताने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि इसको पढ़कर आप लोगों को बहुत मज़ा आएगा.
दोस्तों एक दिन में शाम को अपने ऑफिस से अपने घर के लिए बस से निकला और वो सभी के ऑफिस छूटने का वक़्त था. फिर मैंने देखा कि उस समय उस बस में भी बहुत भीड़ थी और मेरे आगे की तरफ एक आंटी खड़ी हुई थी, वो दिखने में अच्छी थी और उनकी उम्र कोई 42 साल के आसपास की होगी, लेकिन मैंने पहले इतना गौर नहीं किया था.
अब में उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया था और बस में ज़्यादा भीड़ होने की वजह से ना चाहते हुए भी मेरा हाथ बार बार उनके हाथों को छू रहा था और उनके गोरे हाथों के मुलायम स्पर्श से मुझे अब कुछ कुछ होने लगा था. फिर मैंने एक बार उन्हें अब गौर से देखा, उनकी हाईट कुछ 5.2 इंच थी और उनका गोरा बदन, बूब्स भी दिखने में एकदम ठीकठाक थे, मतलब 34 के होंगे और उनकी गांड थोड़ी सी बाहर निकली हुई थी.
अब मेरे मन में भी उनके बारे में लगाव शुरू हो गया था और अब में भी जानबूझ कर बार बार अपना हाथ उनसे छू रहा था, लेकिन वो भी मुझसे कुछ भी नहीं बोल रही थी और अब में थोड़ी हिम्मत करके धीरे धीरे उनकी कमर पर अपनी उंगली को घुमा रहा था, लेकिन वो फिर भी मुझसे कुछ नहीं कह रही थी. फिर वो तो बस अपने आगे वाले आदमी से बात कर रही थी और मुझे पहले लगा कि वो कोई और है, थोड़ी देर बाद बस में अब बहुत भीड़ बढ़ गई और फिर अब में बिल्कुल बिंदास होकर धीरे धीरे उनकी गांड पर हाथ फेर रहा था और सिर्फ़ एक बार उन्होंने पीछे मुड़कर देखा, लेकिन फिर भी कुछ भी नहीं कहा.
फिर वो जिस जगह पर खड़ी हुई थी, थोड़ी देर बाद वहां की सवारी उतर जाने से वो सीट खाली हो गयी और वो तुरंत उस जगह पर बैठ गई. अब में बार बार उन्हें छूने का कोई ना कोई मौका ढूँढ रहा था और मेरी इस हरकत पर उस आदमी ने भी गौर किया, अब वो भी मुझे लगातार घूर रहा था और हल्की हल्की स्माईल दे रहा था, जिसकी वजह से मुझे अब थोड़ा सा डर भी लग रहा था.
उसके थोड़ी देर बाद मेरा भी स्टॉप आ गया और में अब उतरने लगा था, तभी मेरे पीछे वो आंटी भी आ गई और वो अंकल भी उनके पीछे पीछे थे और फिर में बस से नीचे उतरकर स्टॉप पर रुक गया, यह देखने के लिए कि वो लोग कहाँ जाते है और थोड़ी देर बाद वो दोनों बात करते करते आगे चले गये, तब मुझे एहसास हो गया कि वो उनके पति ही थे. फिर में भी उन दोनों के पीछे पीछे जाने लगा और फिर थोड़ी देर चलने के बाद पता नहीं कैसे अंकल एकदम से अचानक से नीचे गिर गये और अब में उनके पीछे था, इसलिए में उनको संभालने के लिए भागकर उनके पास गया और फिर मैंने उनसे पूछा.
में : क्या हुआ अंकल आपको कहीं चोट तो नहीं आई?
अंकल : अरे नहीं नहीं बेटा, पता नहीं मेरा पैर एकदम से कैसे फिसल गया और उस वजह से में गिर गया, लेकिन अब मुझे मोच आ गई है, आह्ह्ह्हह्ह मुझे अब बहुत दर्द हो रहा है उफफ्फ्फ्फ़.
में : हाँ मुझे वो सब नजर आ रहा है.
फिर वो धीरे धीरे उठकर खड़े हुए और चलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनसे चला भी नहीं जा रहा था और तभी एक साईड से मैंने उनको सहारा दे दिया और फिर वो धीरे धीरे चलने लगे और तभी आंटी ने मुझसे कहा.
आंटी : चलो अब हम सीधे घर ही चलते है.
में : हाँ अंकल यही बिल्कुल ठीक रहेगा, अब आप घर पर जाकर थोड़ा अपने पैर की मलम पट्टी करो, तब यह थोड़ा ठीक हो जाएगा.
फिर मैंने उनसे इतनी बात कहते हुए अपनी बात को खत्म करके एक ऑटो वाले को आवाज देकर रुकवा लिया और फिर उन दोनों को मैंने उस ऑटो में बैठा दिया, लेकिन तभी वो अंकल मुझसे कहने लगे कि प्लीज तुम भी चलो ना हमारे साथ मुझे अपना सहारा देकर मेरे घर तक छोड़ देना. फिर मैंने भी कुछ देर मन ही मन सोचा कि चलो इसी बहाने से मुझे आंटी के ज्यादा करीब रहने का मौका भी मिल जाएगा और में भी झट से उस ऑटो में बैठ गया.
अब ऑटो में सबसे पहले में बैठा बीच में आंटी और फिर अंकल बैठे हुए थे और में भी जानबूझ कर आंटी से थोड़ा ज्यादा चिपक चिपककर बैठा और आंटी भी मंद मंद मुस्कुरा रही थी. फिर हम लोग कुछ ही देर में उनके घर पर पहुँच गये और तब मैंने देखा कि वो दूसरी मंजिल पर रहते थे. फिर में और आंटी अंकल को अपने कंधे का सहारा देकर उनके घर तक लेकर चले आए और वहां पर पहुंचते ही उन्होंने मुझसे कहा.
आंटी : चलो अब अंदर बैठो बेटा, में तुम्हारे लिए अभी चाय बनाकर लाती हूँ.
में : अरे आंटी नहीं रहने दो, में अब अपने घर के लिए निकलता हूँ और में फिर कभी आ जाऊंगा, अभी तो आप अंकल जी को थोड़ा मालिश कर दो, उनका पैर ठीक हो जाएगा, शायद उनको बहुत दर्द हो रहा होगा.
अंकल : अरे बेटा तुम बैठो ना थोड़ी देर चाय पीकर चले जाना, मेरा पैर ठीक हो जाएगा.
फिर उसके बाद में बैठ गया और आंटी अंदर किचन में हमारे लिए चाय बनाने चली गई. अब में और अंकल बातें करने लगे थे और अब मुझे थोड़ी प्यास लगी थी, इसलिए मैंने वहां पर एक जग रखा हुआ देखा तो मैंने उसे पीने के लिए उठा लिया, लेकिन फिर देखा कि उसमें पानी नहीं था, तब अंकल ने मुझसे कहा.
अंकल : तुम अंदर किचन में चले जाओ, वहां पर तुम्हारी आंटी होगी और वो तुम्हें पानी दे देगी, जाओ ना.
अब में भी वहां से उनके कहने पर तुरंत उठा और उनके किचन में चला गया और वहां पर जाकर मैंने देखा कि उनकी किचन थोड़ी छोटी सी थी और जब में अंदर गया, तब आंटी चाय बना रही थी और उनकी पीठ मेरी तरफ थी, में धीरे से उनके पीछे गया और मैंने उनके बालों की खुशबू को एक पल के लिए सूंघ लिया और तभी मेरा लंड खड़ा हो गया था और आंटी की गांड को छू गया और तभी मैंने आंटी से कहा.
में : आंटी मुझे पीने के लिए थोड़ा पानी चाहिए था.
अब आंटी ने बस अपनी गर्दन घुमाई और मुझसे उन्होंने फ्रीज से लेने के लिए बोल दिया तो मैंने भी बिना अपने लंड को हिलाए वैसे ही हाथ को आगे की तरफ बढ़ाकर फ्रीज से एक बोतल को बाहर निकाल लिया और अब में पानी पीने लगा था.
आंटी अपने मुहं को आगे की तरफ करके मंद मंद मुस्कुरा रही थी, क्योंकि मेरा तना हुआ लंड अब उनकी गांड को धीरे धीरे चूम रहा था. अब मेरा लंड आंटी की गांड की दरार में बिल्कुल फिट हो गया था और मैंने धीरे से उसको आगे की तरफ धक्का दे दिया और मेरी इस हरकत पर आंटी ने भी गौर किया, लेकिन उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा, लेकिन तभी बाहर से अंकल की आवाज़ आ गई.
अंकल : अरे सरला ज़रा हर्ष के हाथों से मेरे लिए भी पानी भेज देना.
आंटी : जी हाँ, अभी भेजती हूँ.
में अभी भी आंटी के पीछे खड़ा हुआ था. फिर आंटी ने पलटकर मुझसे बहुत प्यार से कहा.
आंटी : जाओ बेटा तुम्हारे अंकल को प्यास लगी है, तुम उन्हें यह पानी दे दो और में चाय लेकर अभी आती हूँ.
फिर में भी उनके कहने पर पानी का बोतल लेकर बाहर आ गया और अंकल के साथ बैठ गया और फिर आंटी हमारे लिए चाय लेकर आ गई और हम लोगों एक साथ बैठकर चाय पीने लगे थे और फिर उन्होंने मुझसे मेरे घर वालों के बारे में पूछा और हमारे बीच थोड़ी इधर उधर की बातें भी हुई और में कुछ देर बाद अपने घर के लिए निकलने लगा. फिर में उसके बाद उठकर जाने लगा और आंटी मुझे दरवाजे तक छोड़ने बाहर आई. तभी मैंने थोड़ी हिम्मत करके आंटी का हाथ अपने हाथों में लेकर उनसे कहा.
में : आंटी में बिल्कुल सच कह रहा हूँ, में आपको बहुत पसंद करता हूँ, आप बहुत सुंदर हो.
फिर इतना कहकर मैंने तुरंत उनका हाथ चूम लिया, आंटी भी मेरी यह बात सुनकर शरमा गयी और अब उन्होंने हंसकर अपनी गर्दन को नीचे करके मुझसे कहा.
आंटी : चल तू मुझसे मजाक करता है, में कहाँ इतनी सुंदर हूँ.
दोस्तों में अब उनके और भी करीब आ गया और मैंने उनकी आँखों में आँखे डालकर कहा.
में : नहीं में बिल्कुल सच कह रहा हूँ कि आप बहुत सुंदर हो.
दोस्तों मैंने अपना एक हाथ उनके पीछे ले जाकर उनके कुल्हे के ऊपर रख दिया और अब में उनको अपनी तरफ खींचकर तुरंत उन्हें किस करने लगा. पहले आंटी ने मुझे दिखाने के लिए थोड़ा सा नाटक किया और फिर वो भी मेरा साथ देने लगी, करीब पांच मिनट के किस के बाद मैंने आंटी को छोड़ दिया, अब आंटी मेरी तरफ धीरे से मुस्कुराई और में उनको बाय बोलकर चला गया.
दोस्तों फिर दो दिन के बाद में अंकल को सुबह सुबह देखने उनके हालचाल पूछने के लिए उनके घर पर गया था कि उनका पैर कैसा है? दोस्तों यह तो सिर्फ़ एक बहाना था, में असल में वहां पर आंटी से मिलने गया था और जब में वहां पर गया तो अंकल ने दरवाजा खोला.
अंकल : अरे हर्ष बेटा तुम, आओ आओ अंदर आओ.
में : हाँ अंकल अब कैसा है आपका पैर का दर्द?
फिर में और अंकल सोफे पर बैठकर बातें करने लगे. फिर मैंने उनसे पूछा कि आंटी कहाँ है? तब अंकल मुझसे बोले कि वो अभी अभी नहाने गयी है, तुम तो बेठो वो अभी कुछ देर में आती ही होगी. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और फिर हम लोग इधर उधर की बातें कर रहे थे तो अंकल मुझसे बोले.
अंकल : तुम बैठो में तुम्हारे लिए पानी लेकर अभी आता हूँ.
में : अरे नहीं नहीं अंकल में खुद ले लूँगा, मेरे लिए आप मत तकलीफ़ उठाओ.
दोस्तों उनसे यह बात कहकर में उठकर किचन की तरफ जाने लगा. तभी मैंने देखा कि आंटी बाथरूम से बाहर निकली, वो उस समय सिर्फ़ टावल लपेटकर सीधा उनके बेडरूम में घुस गयी और यह मैंने देख लिया, अंकल अभी भी टी.वी. देख रहे थे. फिर में वहां से उठकर सीधा उनके बेडरूम की तरफ चला गया और मैंने देखा कि वो दरवाजा पहले से ही थोड़ा सा खुला हुआ था और आंटी पूरी नंगी होकर अपने बालों को साफ कर रही थी और उनकी पीठ दरवाजे की तरफ थी.
अब में धीरे से उनकी तरफ चला गया और मैंने धीरे से आंटी को पीछे से हाथ डालकर पकड़ लिया और अब में उनकी गोरी गर्दन को चूमने लगा था और आंटी भी अपनी आँखे बंद करके मुझसे बोलने लगी.
आंटी : ओह्ह्ह्ह, आज यह क्या हो गया है तुम्हें जो इतने दिनों बाद अपनी बीवी पर इतना प्यार आ रहा है?
दोस्तों में उनके मुहं से वो बात सुनकर थोड़ा चकित हो गया था, क्योंकि आंटी को लग रहा था यह सब काम उनके साथ अंकल कर रहे है और फिर मैंने भी मन ही मन सोचा कि चलो आज थोड़ा इसी बात का फ़ायदा उठाया जाए और अब में धीरे धीरे आंटी के बूब्स को भी दबा रहा था और उनकी गर्दन को भी चूम रहा था, आंटी अब गरम होकर जोश में आकर धीरे धीरे मोन कर रही थी.
आंटी : आअहह्ह्ह्ह उहहह्ह्ह्ह तुम्हें यह क्या हो गया है?
अब मेरा हाथ आंटी के पूरे बदन पर घूम रहा था, में आप सभी को क्या बताऊँ कि सच में मुझे कितना मज़ा आ रहा था? मैंने आंटी की पूरी पीठ को चाट चाटकर गीली कर डाली थी और अब आंटी भी मेरे लंड को पकड़ने के लिए अपना एक हाथ पीछे कर रही थी, लेकिन तभी मैंने उनको सीधा किया और तब भी उनकी आँखे बंद थी और मैंने उनके होंठो पर अपने होंठ रखकर में उन्हें चूसने लगा था, उम्माआ आआहह्ह्ह्ह मुझे अब थोड़ा डर भी लग रहा था, क्योंकि अंकल कभी भी अंदर आ सकते थे और फिर आंटी ने आँखे खोली और देखा तो उनके सामने में था.
दोस्तों में सच कहूँ तो उस समय आंटी का वो एकदम लाल पसीने से भीगा हुआ चेहरा देखने लायक था, क्योंकि वो मुझे अपने बदन से लपटे हुए देखकर बहुत हैरान थी और तब उन्होंने मुझसे कहा.
आंटी : हर्ष तुम?
फिर मैंने हंसकर उनको एक चुम्मी ले ली और में वहां से तुरंत बाहर आ गया और अब में बहुत मज़े से अंकल के साथ बैठकर टी.वी. देख रहा था.
अंकल : अरे तुमने इतनी देर कैसे लगा दी?
में : हाँ वो में थोड़ी देर आंटी से बात कर रहा था.
फिर आंटी कुछ देर बाद वहां पर हम सभी के लिए चाय लेकर आ गई, उन्होंने उस समय सिर्फ़ एक मेक्सी पहनी हुई थी और उसके अंदर कुछ भी नहीं पहना था, यह मुझे साफ साफ दिख रहा था और फिर आंटी आकर सीधा मेरे और अंकल के बीच में बैठ गयी.
अंकल : क्या बात है आज तुम इतनी देर तक नहाई, क्यों तुमने बहुत देर लगा दी?
आंटी : अरे कुछ नहीं बस ऐसे ही समय लग गया.
अंकल : वैसे आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो.
फिर उन्होंने थोड़ा आगे बढ़कर आंटी के गाल पर मेरे सामने ही उन्हें एक किस कर दिया.
आंटी : क्या आप भी हर्ष के सामने ही चालू हो गये?
अंकल : अरे तो क्या हुआ उससे वो भी अब बड़ा हो गया और पूछ लो कि आज तुम कैसी लग रही हो, क्यों हर्ष?
में : हाँ आंटी, अंकल बिल्कुल सच कह रहे है, आज आप बहुत सुंदर लग रही हो.
आंटी : ऊहह तुम्हें बहुत बहुत धन्यवाद मुझे लगा कि कहीं तुम भी अंकल की तरह मुझे चूमोगे.
फिर आंटी हंसने लगी, अब में थोड़ा सा भ्रमीत हो गया और अब मैंने मन ही मन सोचा कि चलो एक बार हिम्मत करके देखते है.
में : अच्छा यह बात है तो यह लो महहाअ.
दोस्तों मैंने आंटी के गाल पर किस किया और यह देखकर अंकल हंसने लगे और कहने लगे.
अंकल : देखा मैंने कहा था ना कि तुम आज बहुत सुंदर लग रही हो, क्यों हर्ष?
में : हाँ अंकल सच में आंटी आज बहुत सुंदर लग रही है.
फिर यह कहने के बाद अंकल को भी जोश आ गया और वो आंटी के कंधे पर रखकर सीधा उनके होंठो को चूमने लगे. पहले तो आंटी ने थोड़ा सा नाटक किया, शायद उस समय में वहां पर था इसलिए, लेकिन फिर मैंने देखा कि वो भी अब अंकल का साथ दे रही थी.
वाह दोस्तों सच में क्या सीन था, मेरा तो यह सब देखकर ही मेरा लंड खड़ा हो गया था, लेकिन में चुपचाप सब कुछ देख रहा था. फिर कुछ पांच मिनट बाद वो दोनों अलग हुए और मेरी तरफ देखने लगे.
अंकल : क्यों हर्ष कैसा लगा?
में : वाह एकदम मस्त था अंकल मज़ा आ गया.
अंकल : अरे अभी कहाँ अभी तो और भी मज़े लेना बाकी है.
में : क्या मतलब में आपकी बातों का मतलब नहीं समझा?
फिर अंकल वहां से उठकर मेरे बाजू में आकर बैठ गये और उन दोनों के बीच में अब भी में बैठा हुआ था.
अंकल : हर्ष हुन्न्न्न मुझे सब पता है, तुमने जब से आंटी को देखा है, तब से तुम उसे चाहने लगे हो और तभी से हम दोनों ने यह सब नाटक किया था.
दोस्तों में तो उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम से डर गया था कि अब मेरे साथ क्या होगा, इसलिए में सिर्फ़ नीचे सर करके बैठा था.
अंकल : अरे तुम घबराओ मत, क्योंकि मुझे भी अपनी बीवी को मज़े करवाने थे.
फिर आंटी ने अपना एक हाथ मेरे कंधे पर रखा और फिर वो मुझसे कहने लगी.
आंटी : मुझे तो तुम उस दिन ही पसंद आ गय थे, जब मैंने तुम्हें बस में पहली बार देखा था और तुम उस दिन मुझसे चिपककर मेरे साथ वो हरकते करके मन ही मन बहुत खुश हो रहे थे और में भी जानबूझ कर तुम्हारा पूरा साथ दे रही और तब से ही हम दोनों ने यह सब प्लान बना लिया था.
दोस्तों उन्होंने मेरा चेहरा अपनी तरफ किया और मुझे स्मूच करने लगी. पहले मैंने उनका साथ नहीं दिया. फिर उन्होंने एक बार छोड़कर मेरी आँखो में देखा और फिर चालू हो गयी, उस टाईम में भी उनका पूरा साथ दे रहा था और हम दोनों करीब पांच मिनट तक स्मूच कर रहे थे और फिर मैंने देखा कि अंकल ने अपने पूरे कपड़े उतार दिए थे और वो आंटी की दूसरी तरफ बैठे हुए थे.
अंकल : आअहह मज़ा आ गया सरला, तुम्हें ऐसे हर्ष को चूमते देखकर में पागल हो चुका हूँ, अब हम सभी और भी बहुत मज़े करेंगे और इसके साथ मज़े करके तुम इसके साथ साथ मुझे भी खुश कर दो, वाह मज़ा आ गया.
आंटी : ऑश आप भी ना यह क्या कह रहे हो?
अंकल : अरे हर्ष तुम भी तैयार हो जाओ, चलो आज हम दोनों तुम्हारी आंटी को बहुत मज़े करवाते है.
आंटी : आओ हर्ष में तुम्हारे कपड़े उतार देती हूँ.
अब में और आंटी दोनों खड़े हो गए थे, तभी आंटी मेरी टी-शर्ट और पेंट को उतारने लगी थी, लेकिन तभी अंकल ने पीछे से आकर तुरंत आंटी की मेक्सी को उतार दिया और वो सोफे पर बैठकर आंटी की गांड को चाटने लगे थे और अब हम तीनो एक दूसरे के सामने पूरे नंगे थे.
आंटी : आआहह ऑश.
अब में और एक दूसरे को पूरे जोश में आकर आंटी स्मूच कर रहे थे और में साथ साथ उनके बूब्स को भी दबा रहा था और अंकल पीछे से लगातार उनकी गांड को चाट रहे थे, जिसकी वजह से आंटी अब सिसकियाँ लेने लगी थी. वो उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्हह्ह वाह मज़ा आ गया कह रही थी.
दोस्तों वो क्या मस्त नज़ारा था, फिर 5 से 10 मिनट बाद अंकल ने आंटी को थोड़ा और झुका दिया और उन्होंने आंटी के पीछे से अपना लंड अंदर डाल दिया, क्योंकि दोस्तों शायद अब अंकल को कंट्रोल नहीं हो रहा था. तब मैंने भी सही मौका देखकर आंटी के मुहं में अपना लंड डाल दिया. अब आंटी मेरा लंड लोलीपोप की तरह बहुत मज़े लेकर चूस रही थी और अंकल पीछे से उनकी चूत में लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहे थे.
अंकल : आहह सरला सच में आज बहुत मज़ा आ रहा है, आहहह ओहह्ह्ह.
दोस्तों कुछ देर लंड को बहुत अच्छी तरह से चूसने के बाद आंटी ने मेरा लंड अपने मुहं से बाहर निकाल दिया और तब उन्होंने मुझे कहा.
आंटी : आअहह्ह्ह हाँ जी सच में बहुत मज़ा आ रहा है, आपने पहले कभी इतनी दमदार चुदाई नहीं की थी, अहहहहह और ज़ोर से चोदो अहहहहह.
फिर वो एक बार फिर से मेरा लंड मुहं में लेकर चूसने लगी थी. फिर 10 मिनट बाद अंकल झड़ गये और वो सोफे पर बैठकर हांफने लगे, अब आंटी भी खड़ी हो गई और वो मुझे अपनी बाहों में लेकर मुझे चूमते हुए बोली.
आंटी : लो इनका तो पूरा काम हो गया, अब तुम मुझे आराम से चोदना और जैसा चाहे वैसे चोदना.
में : हाँ मेरी जान अब तो में ही तुम्हे चोदूंगा.
फिर में भी उनको किस करने लगा और उनका एक पैर सोफे पर रखकर आगे से उनकी चूत में अपना लंड ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर अंदर घुसाने लगा और लंड फिसलता हुआ अंदर जाने लगा, क्योंकि उनकी चूत में पहले से ही बहुत पानी निकल रहा था, जिसकी वजह से चूत बिल्कुल चिकनी हो चुकी थी. अब लंड के पूरा अंदर जाते ही में जोरदार धक्के देने लगा और मेरे हर एक धक्के से वो पूरी हिलने लगती.
आंटी : आअहह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ हर्ष थोड़ा धीरे धीरे चोदो ना, में क्या कहीं भागी थोड़ी जा रही हूँ, आईईईई.
में : ऊह्ह्ह आंटी आपकी चूत ही इतनी गरम, सेक्सी है कि में अपने आपको रोक नहीं पा रहा हूँ, में क्या करूं आप ही मुझे बताए?
आह्ह्ह आहहहाः ऊहहह उसके बाद मैंने आंटी को सोफे पर लेटा दिया और अब में उन्हें मिशनरी पोज़ में चोदने लगा था और 25 से 30 मिनट की चुदाई के बाद आंटी दो बार और में एक बार झड़ चुका था. मैंने अपना पूरा वीर्य उनकी चूत की गहराईयों में डाल दिया और हम तीनों भी ऐसे ही थोड़ी देर थककर लेटे रहे.
उसके बाद आंटी ने हमे खाना बनाकर दिया और हम सभी ने एक साथ बैठकर खाना खाया. उसके बाद एक बार फिर से हमारी चुदाई का खेल चला. मैंने उनको बहुत जमकर चोदा और चुदाई खत्म होने के बाद में अपने कपड़े पहनकर घर आ गया, लेकिन अब जब भी हमे कोई अच्छा मौका मिलता तो हम तीनों मिलकर चुदाई करते है और बहुत मज़े लेते है.
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