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पति के दोस्त ने मुझे जीत लिया
हैल्लो दोस्तों, में बहुत सुंदर तो नही हूँ, लेकिन मुझमें एक अलग सा सेक्सी नशा है जो हमेशा मर्दों को आकर्षित करता है और वो मेरे पास आना चाहते है. मेरे बूब्स बहुत बड़े है और लड़कों की नज़र वहीं अटक जाती है. कुछ समये पहले मेरे पति के दोस्त ने होटल में पार्टी रखी थी, वहाँ 6 कपल्स आए हुए थे.
में भी पार्टी के लिए उत्तेजित थी और मैंने रेड शिफान की साड़ी के साथ ब्लेक नेट का बैकलेस ब्लाउज पहना हुआ था. में लंबी तो हूँ ही और थोड़ी सी हील पहन लेती हूँ, तो पति के बराबर लगती हूँ. मैंने उस दिन हल्का सा ग्लॉसी मेकअप और आँखो को स्मोकी बनाया हुआ था. फिर जब मैंने पार्टी में एंटर किया तो सब मर्दों की नज़र मुझ पर ही थी. फिर मेरे पति के एक फ्रेंड विनय ने कहा कि बड़ी सेक्सी लग रही है भाभी जी. अब मेरे पति की तो हालत खराब हो रही थी, लेकिन मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था, वो पार्टी एक बहुत अच्छे होटल में थी.
फिर जैसे-जैसे पार्टी शुरू हुई तो सब खाने पीने में मस्त हो गये. तभी मेरे पति के एक फ्रेंड ने कहा कि कोई गेम खेलते है. तो उसने कहा कि यहाँ 6 कपल्स है, 6 लड़के और 6 लड़कियाँ, तो क्यों ना हम वाईफ स्वपिंग करें? अब पहले तो सब मना करने लगे थे, लेकिन सब मर्द दूसरों की बीवियों को चोदना चाहते थे इसलिए सब गेम के लिए मान गये.
अब ये देखना था कि कौन किसकी बीवी को कमरे में लेकर जाएगा? इसलिए पर्चियाँ डाली गई. अब जिसके हाथ में जिस लड़की की पर्ची आएगी, वो उससे सेक्स करेगा, अब ये बात सुनकर सब बड़े उत्तेजित थे. अब विनय बहुत देर से मुझे देखे जा रहा था, अब उसको देखकर लग रहा था कि वो मुझे चोदना चाहता था. में जब से पार्टी में आई थी, वो मेरे ही पीछे-पीछे था और मुझे भी ये अटेन्शन अच्छी लग रही थी, वो लंबा जवान और बहुत सेक्सी था इसलिए में भी चाहती थी कि उसके हाथ में मेरी पर्ची आए.
फिर जब पर्चियाँ निकाली गयी, तो सच में मेरे नाम की पर्ची विनय के पास निकली. अब उसके फेस पर एक अलग सी चमक आ गयी थी और फिर उसने मुझे ललचाई नज़रों से देखा. फिर जब सबकी पर्चियाँ निकल गयी, तो सबने रूम में जाना शुरू किया. फिर विनय ने मेरा हाथ पकड़ा और मेरे पति की तरफ देखा जैसे कि उसने मुझे उनसे जीत लिया है.
फिर रूम में जाते ही विनय ने मुझे ज़ोर से हग कर लिया और बोला कि कब से तड़पा रही थी, अब कहाँ जाओगी? फिर मैंने भी अपनी बाहें उसके गले में डाल दी और उसकी आँखों में देखने लगी. में हमेशा से ही स्मार्ट लड़कों से पट जाती हूँ और विनय बहुत हैंडसम था. फिर मैंने उसकी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए और अब उसके हाथ भी मुझे सहलाने लगे थे.
फिर विनय ने मेरी पीठ से मेरे बाल हटाए और मेरी पीठ को चाटने लगा. अब उसके हाथ मेरे पेट को सहलाने लगे थे और देखते-देखते ही उसने मेरी साड़ी उतारनी शुरू कर दी. फिर में घूमती गयी और वो मेरी साड़ी उतारता गया. फिर उसने मेरा ब्लाउज भी उतार दिया और मेरे बूब्स को देखने लगा, जैसे वो बहुत दिनों से प्यासा हो और मुझे पी जाना चाहता हो.
अब में उसके सामने सिर्फ़ एक पेंटी में खड़ी थी और वो मुझे देखे जा रहा था. फिर विनय मुझे उठाकर बिस्तर पर ले गया और मेरी पेंटी को नीचे से सूंघने लगा जैसे उसे कोई नशा हो रहा हो. फिर वो अपने दाँतों से मेरी पेंटी उतारने लगा और अब मुझे बहुत मज़ा आने लगा था. फिर मैंने उसकी पेंट की ज़िप खोल दी, तो उसने मेरी हालत देखकर मेरी तरफ स्माइल किया और अपने कपड़े उतार दिए. अब में उसका लंबा और मोटा लंड देखकर खुश हो गयी थी और उसको अपने हाथ से सहलाने लगी थी. विनय का लंड मेरे पति के लंड से ज़्यादा बड़ा था और अब में सोच रही थी कि आज तो बहुत मज़ा आएगा.
फिर विनय बोला कि आज में तुम्हें ऐसे चोदूंगा कि तुम अपने पति को छोड़कर मेरे पास आ जाओगी, ये कहकर उसने मेरे बूब्स दबाने शुरू कर दिए और उन्हें अपने मुँह में डालकर खींचने लग गया. अब उसके हाथ मेरी बॉडी को सहला रहे थे और में उसके लंड को चूसने लग गयी थी. अब विनय को बहुत मज़ा आ रहा था, अब वो और तेज़ी से मेरे बूब्स को चाटने लग गया था.
फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से चोदने लग गया. अब में चीखने लग गयी और उसकी गर्दन पर हल्के-हल्के काटने लग गयी थी. अब विनय तो जैसे पागल ही हो गया और बोला कि कुत्तियाँ तू तो मस्त है, सेक्सी है, तुझे तो में सारी ज़िंदगी चोद सकता हूँ, ये कहकर उसने अपना लंड मेरी गांड में पूरा डाल दिया. मैंने कभी गांड नहीं मरवाई थी, लेकिन अब मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था. अब मेरी चूत पूरी गर्म थी.
फिर विनय ने अपनी दो उंगलियाँ मेरी चूत में डाली और मेरे जूस को निकालकर चाटने लग गया. फिर वो बोला कि तू तो तैयार है, अब तुझे चोद दूँ क्या? अब में तो जैसे उसकी गुलाम हो गयी और उसके सामने गिड़गिडाने लगी थी. फिर उसने अपना मुँह मेरी चूत में डाल दिया और मेरी चूत को चाटने लगा, खींचने लगा. अब में तो तड़प गयी थी और फिर मेरा पानी छूट गया.
अब में विनय के बाल पकड़कर उसे दूर करने लगी थी, लेकिन वो हट ही नहीं रहा था और मेरी चूत को चाटे जा रहा था. फिर विनय बोला कि में तेरा सारा जूस पी जाऊँगा, तू गिड़गिडाएगी तब भी नहीं छोड़ूँगा. अब में उससे मिन्नते करने लगी थी, लेकिन वो मेरी चूत को चाटे ही जा रहा था. फिर उसने अपनी जीभ मेरी चूत में डालकर घुमा दी, तो मेरी तो जान ही निकल गयी और मेरा पानी फिर से छूट गया. अब विनय फिर भी मेरी चूत को चूसे जा रहा था. फिर विनय बोला कि एक शर्त पर छोड़ूँगा अगर तू मुझे ब्लोवजोब देगी तो. फिर मैंने कहा कि हाँ दूँगी, तब जाकर उसने अपनी जीभ मेरी चूत में से बाहर निकाली.
अब मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी चूत सूज गयी हो. फिर मैंने उसका लंड पकड़कर अपने मुँह में डाला और उसे अच्छा सा ब्लोजॉब दिया. अब विनय उत्तेजना में चीखने लगा था, अब मुझे भी इससे पहले कभी इतना मज़ा नहीं आया था. फिर विनय ने मुझे टेबल पर बैठाया और अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और फिर उसी टेबल पर उसने मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदा और मेरे बूब्स को सक किया.
अब हम दोनों पूरी तरह से थक चुके थे और फिर बेड पर गिर गये. फिर जब हम बाहर आए तो सब लोग पहले से ही हॉल में थे. फिर मैंने और विनय ने एक दूसरे की तरफ देखा और स्माइल किया. फिर मेरे पति ने मेरे चेहरे की तरफ देखा, तो अब मेरे बिखरे बाल और फैला मेकअप मेरी रात की कहानी कह रहे थे. फिर उस पार्टी के बाद भी में और विनय ने कई बार सेक्स किया और वो हमेशा मेरे पति से कहता है कि भाभी जी बड़ी मस्त है.
अपनी पड़ोसन को रात भर चोदा
हैल्लो दोस्तों, में अपनी कहानी को आप लोगों को बताने के सबसे पहले कुछ मेरे बारे में भी बता देता हूँ, जैसे कि में 28 साल का एक नौजवान लड़का हूँ और में आगरा शहर का रहने वाला हूँ. दोस्तों में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन में आज उन्हें पढ़कर अपनी भी एक सच्ची चुदाई की घटना बताने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने अपनी पड़ोसन को रात भर बहुत जमकर चोदा.
दोस्तों मेरे घर के सामने वाले घर में रहने वाली भाभी जो कि बहुत ही सुंदर है और में हमेशा किसी ना किसी बहाने से उन्हें देखता रहता हूँ, उनके फिगर का आकार 36-28-34 है और मेरी पूरी सोसाईटी जिसमें में रहता हूँ, वहां के सभी लड़को की भी नज़र हमेशा उन पर ही टिकी रहती है, क्योंकि वो बहुत हॉट सेक्सी है, उनका रंग गोरा, बड़ी बड़ी काली आखें, लम्बे काले बाल, गुलाबी गुलाबी होंठ, पतली कमर पर मटकती हुई गांड हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती है और ठीक वैसा ही हाल मेरा भी उन्हें देखकर था.
में हमेशा उनके सपने देखा करता और उन्हें चोदने के बारे में सोचा करता था. वो हमेशा मुझसे बहुत हंस हंसकर बातें किया करती थी और वो मेरी बातों का खुलकर भी जवाब दिया करती थी. एक दिन मैंने दोपहर के समय देखा. दोस्तों मेरा घर उनके घर के ठीक सामने है, जिसकी वजह से मुझे उनके घर का सब कुछ दिखाई और सुनाई देता है. उनका अपने पति से कमरे के अंदर किसी बात को लेकर झगड़ा हो रहा था और वो कुछ देर तक चलता रहा. मुझे उनकी बहुत ज़ोर ज़ोर से लड़ने झगड़ने की आवाजें आ रही थी.
फिर उस दिन शाम को जब भाभी रोज की तरह सोसाईटी के पार्क में टहलने के लिए नीचे आई और जहाँ में पहले से ही उनका इंतज़ार कर रहा था. अब में सब कुछ जानते हुए भी उस बात से जानबूझ कर बिल्कुल अंजान बनते हुए बातों ही बातों में मैंने उनसे पूछा कि क्यों आप आज कुछ ज्यादा उदास उदास सी लग रही हो?
उन्होंने मेरी बात को टालते हुए मुझसे झूठ कहा कि नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, जैसा तुमने सोचा है और फिर हमारी दूसरी बातें होने लगी थी, लेकिन फिर कुछ देर बाद में मैंने उनसे दोबारा पूछा कि क्या वाकई में ऐसी कोई बात नहीं है या आप मुझसे कुछ छुपा रही हो और आप मुझे वो बात साफ साफ बताना नहीं चाहती? तो वो मेरे मुहं से इतना सब सुनकर थोड़ी सी भावुक हो गई और फिर वो तुरंत मुझसे बिना कुछ कहे अपने घर लौट गई. दोस्तों उसी शाम को मेरे घर वालों को दिल्ली मेरे किसी रिश्तेदार के घर पर शादी के लिये जाना था और वो लोग कुछ घंटो बाद चले गए और अब उन सभी के चले जाने के बाद में अब अपने घर में बिल्कुल अकेला था, इसलिए मैंने अपने खाने के लिए बाहर से फोन करके कुछ खाने के लिए खाना मंगवा लिया था.
अब में अपने कमरे में बैठा हुआ टी.वी. देखने लगा और उसके कुछ देर बाद में बोर होने लगा तो मैंने अपने लेपटोप पर सेक्सी कहानियाँ पढ़नी शुरू कर दी. दोस्तों रात को करीब 11 बजे दरवाजे की घंटी बजी और जब में उठकर दरवाजा खोलने बाहर गया तो मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर आरती भाभी खड़ी हुई थी. मैंने उनसे पूछा कि क्या हुआ आप इतनी रात को कैसे आई हो, क्यों सब ठीक तो है ना? तो उन्होंने मुझसे कहा कि उनकी तबियत कुछ खराब है और सर में बहुत दर्द हो रहा है, इसलिए में तुम्हारे पास दवाई लाने के लिए चली आई क्या घर पर कोई नहीं है? तो मैंने कहा कि हाँ में आज से कुछ दिनों के लिए अपने घर पर बिल्कुल अकेला रहूँगा, क्योंकि वो सभी लोग कुछ दिनों के लिए बाहर गये हुए है.
फिर मैंने उन्हें कहा कि कोई बात नहीं मेरे घर में दवाई पड़ी होगी, वो में आपको अभी लाकर दे देता हूँ और फिर मैंने उन्हें अंदर बुला लिया और दवाई वाले डब्बे में से उनको दर्द कम होने की दवाई लाकर दे दी. फिर उन्होंने मुझसे बोला कि प्लीज क्या मुझे थोड़ा सा पानी मिल सकता है? तो मैंने उनसे हाँ कहते हुए किचन से उन्हें पानी लाकर दे दिया, उन्होंने पानी से वो दवाई ले ली और फिर वो अपने घर पर लौट गई. अब में उनके चले जाने के बाद भी बहुत देर तक उनके बारे में सोचता हुआ ना जाने कब सो गया, मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चला. सुबह 7.30 बजे मेरे दूध वाले ने घंटी बजाई तो में उठा और दरवाजा खोलने चला गया.
तभी मैंने देखा कि आरती भाभी ठीक मेरे सामने अपने घर के दरवाज़े पर खड़ी हुई थी और वो मुझे देखकर थोड़ा सा मुस्कुराने लगी और फिर उन्होंने मुझसे आवाज़ देकर कहा कि में नाश्ता आज उनके घर पर आकर कर लूँ. फिर मैंने भी उनकी यह बात सुनकर तुरंत मन ही मन खुश होकर हाँ कर दिया और फिर दूध लेकर अंदर चला गया. उसके बाद में जल्दी से नहाकर तैयार होकर बहुत खुश होता हुआ उनके घर पर नाश्ता करने चला गया.
फिर जब मैंने उनके घर की घंटी बजाई तो कुछ देर तक कोई भी बाहर नहीं आया. फिर मैंने दो चार बार और घंटी बजाई तो थोड़ी देर बाद दरवाज़ा खुला और आवाज़ आई कि अंदर आ जाओ और दरवाज़ा बंद कर दो. फिर मैंने ठीक वैसा ही किया और कमरे में जाकर बैठ गया और फिर मुझे दोबारा से भाभी की आवाज आई कि तुम बैठ जाओ, में अभी नहा रही हूँ और में बस थोड़ी देर में नहाकर बाहर आती हूँ.
दोस्तों जब में अंदर गया था और मैंने दरवाज़ा बंद किया था, तब तक मुझे कोई भी नजर नहीं आया था, इसका मतलब यह था कि भाभी घर पर बिल्कुल अकेली थी और उन्होंने ही दरवाजा खोला और तुरंत बाथरूम में चली गई. में यह सभी बातें मन ही मन सोचता हुआ सामने वाले कमरे में बैठ गया और फिर भाभी के नहाकर बाथरूम से बाहर आने का इंतज़ार करने लगा.
फिर कुछ देर बाद जब मैंने देखा कि आरती भाभी नहाकर जब अपने बाथरूम से निकली तो वो क्या मस्त ग़ज़ब की सेक्सी लग रही थी, उनको देखकर मेरा लंड खड़ा होकर तन गया था और मेरा मन उन्हें देखकर कर रहा था कि में अभी आरती भाभी को चोद दूँ, लेकिन फिर भी मैंने उस समय अपने आप पर बहुत कंट्रोल कर लिया था.
फिर भाभी ने मुझे नाश्ता बनाकर दिया और हम दोनों नाश्ता करते हुए बातें करने लगे. मैंने अपनी पुरानी बात को छेड़ते हुए उनसे पूछा कि आप कल इतना क्यों उदास थे? तो वो मेरी यह बात सुनकर रोने लगी. फिर मैंने उन्हें चुप करते हुए उनके कंधे पर अपना एक हाथ रख दिया और उन्हें पीने को पानी देने लगा, तो वो अब मेरे गले लगकर रोने लगी थी. मैंने उन्हें फिर से चुप करवाया और उनसे पूछा कि ऐसा क्या हुआ? तो वो मुझसे बोली कि मेरी तबियत खराब है और मुझे अकेले रहने में बहुत डर लगता है और फिर भी सब घर वालों के साथ उनके पति भी उन्हें अकेले घर पर छोड़कर घर वालों के साथ बाहर शादी में चले गये है और इस वजह से कल उनकी उनके पति के साथ बहुत लड़ाई हुई थी और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि डर की वजह से में कल पूरी रात नहीं सो सकी.
फिर मैंने उन्हें कहा कि कोई बात नहीं है, आज रात को में उनके घर पर ही रुक जाऊंगा. फिर उन्होंने खुश होते हुए मुझसे कहा कि हाँ ठीक है, तुम रहोगे तो मुझे डर भी नहीं लगेगा और नींद भी बहुत अच्छी आएगी, वरना कल रात को मुझे बहुत डर लगा और में बहुत परेशान थी. फिर में वहां से वापस आ गया और मन ही मन सोचने लगा कि अब आज रात को में आरती भाभी को ज़रूर चोदूँगा, उनके बूब्स को बहुत मज़े लेकर चूसूंगा और में पूरे दिन यह सभी बातें सोच सोचकर बहुत खुश था और जब रात को में उनके घर पर गया तो उन्होंने मुझे बताया कि उनके सर में थोड़ा सा दर्द हो रहा है. फिर मैंने उनसे कहा कि आप खाना रहने दो पहले और सबसे पहले मैंने उनको दवाई लाकर दे दी और फिर उनसे पूछा कि अगर आप कहे तो में आपका थोड़ा सर दबा देता हूँ, शायद आपको थोड़ा अच्छा लगेगा.
फिर उन्होंने कुछ देर ना जाने क्या सोचकर मुझसे कहा कि ठीक है तुम मेरे रूम में आ जाओ और में उनके पीछे पीछे कमरे में चला गया. वो बेड पर बैठ गई और में नीचे खड़ा होकर उनका सर दबाने लगा. कुछ देर बाद उनको थोड़ा थोड़ा आराम आ रहा था और उनके बिल्कुल पास खड़ा होने की वजह से मुझे उनके मोटे मोटे बूब्स साफ साफ दिख रहे थे और मेरा लंड उन्हें देखकर पूरा तन गया था, जो अब आरती भाभी को भी नज़र आ रहा था.
फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम बहुत अच्छी मालिश करते हो और मेरा दर्द अब कम होने लगा है, तुम अब मेरी थोड़ी पीठ भी दबा दो, क्योंकि वो भी दर्द कर रही है हो सकता है कि तुम्हारे स्पर्श से मेरा वो दर्द भी चला जाए. अब में उनसे हाँ कहकर पीछे आकर उनकी पीठ को भी दबाने लगा था और उनकी गोरी मुलायम कमर को छूते ही मेरा लंड और भी जोश में आ गया और उनकी गांड से लग रहा था, जिसकी वजह से वो भी अब उत्तेजित हो रही थी और में उस मौके का फायदा उठाकर उनकी कमर पर हाथ मसलने लगा था तो वो उत्तेजना के मारे सिसक पड़ी और पलटकर मुझे ज़ोर से जकड़ लिया और बोली कि प्लीज मुझे चोद दो, अह्ह्ह प्लीज और फिर एक ही झटके में मैंने उनके ब्लाउज के हुक खोलकर उनके बूब्स को दबाने, सहलाने लगा और वो भी अब जोश में आकर मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी.
फिर में उन पर टूट पड़ा और उनके बूब्स को दबाने और फिर से चूसने भी लगा. अब में उनको पूरा नंगा करके उनके गरम अंगो के साथ खेलने लगा और जिसकी वजह से उनको बहुत ही अच्छा लगने लगा था, वो अब सिसकियाँ लेने लगी थी और कुछ देर में वो पूरी गरम हो चुकी थी और फिर वो मुझे नंगा करके मुझसे प्यार करने लगी थी और अब वो मेरा 7 इंच का लंबा, मोटा लंड पूरा अपने मुहं में लेकर उसे चूसने लगी थी. फिर करीब दस मिनट के बाद जब मैंने उनसे कहा कि मेरा वीर्य अब निकलने वाला है.
फिर वो मुझसे बोली कि तुम तुम्हारा सारा माल मेरे मुहं में ही डाल दो और फिर मैंने अपना पूरा वीर्य उनके मुहं में भर दिया और अब आरती भाभी को मेरी संतुष्ट करने की बारी थी, वो पहले से बहुत गरम तो थी ही. फिर मैंने उन्हें और भी गरम करने के लिए उन्हे बेड पर लेटा दिया और उनके दोनों पैरों को फैलाकर बीच में आकर में अपनी जीभ को पूरा अंदर तक डालकर उनकी पूरी चूत को चाटने लगा, चूसने लगा, जिसकी वजह से वो एकदम मदहोश हो गयी थी और थोड़ी देर बाद वो मेरे बालों को पकड़कर मेरे मुहं को ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत पर दबाने लगी थी, लेकिन कुछ देर बाद वो शांत हो गई, शायद उनका पानी निकल चुका था.
दोस्तों अब मेरा लंड फिर से तनकर चुदाई करने के लिए तैयार खड़ा हुआ था तो मैंने अपना लंड थोड़ा सा और उनसे चूसने के लिए कहा और फिर में उनकी चूत मारने की तैयारी करने लगा था और फिर मैंने आरती भाभी को लेटने को कहा तो वो मेरे कहने पर बिल्कुल सीधी लेट गई. फिर मैंने अपना तना हुआ पूरा लंड उनकी चूत के अंदर एक ही जोरदार धक्के के साथ डाल दिया, उनको थोड़ा सा दर्द हुआ, लेकिन पहले से गीली और चुदी हुई चूत होने की वजह से लंड बहुत आराम से फिसलता हुआ अंदर चला गया और मैंने उनके दोनों बूब्स को अपने हाथों में जकड़ लिया.
फिर करीब आधे घंटे तक में उनको ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता रहा और वो भी मेरे हर एक धक्के पर अपने चूतड़ को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी, वो मुझसे कह रही थी हाँ उफ्फ्फ्फ़ थोड़ा और अंदर डाल दो, आह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ जाने दो पूरा अंदर, वाह मज़ा उईईईईइ आ गया, स्स्सीईईईईईईइ वाह तुम बहुत अच्छा चोदते हो मुझे तुमसे चुदाने में जो मज़ा मिला है, वो पहले कभी नहीं आया, हाँ थोड़ा आगे करो. फिर कुछ देर चुदाई करने के बाद मैंने उनसे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ, में अपना वीर्य कहाँ निकालूं? तो उन्होंने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि तुम मेरी चूत के अंदर ही डाल दो, में उस मज़े को भी महसूस करना चाहती हूँ और फिर मैंने एक झटके के साथ अपना पूरा वीर्य उनकी चूत के अंदर ही छोड़ दिया और ऐसे ही उनके ऊपर लेट गया और कुछ देर बाद मेरा लंड छोटा होकर खुद ही बाहर आ गया और फिर मैंने देखा की उनकी चूत से मेरे वीर्य के साथ साथ उनकी चूत का पानी भी बहता हुआ बाहर आने लगा था.
दोस्तों उसके बाद हम दोनों ने दो दिनों तक लगातार कई बार अलग अलग तरह से सेक्स किया. मैंने उनको कई तरह से चोदा और वो मेरी चुदाई से बहुत संतुष्ट थी. मैंने उनकी चूत के साथ साथ उनकी गांड में भी अपना लंड डालकर बहुत मज़े किए, वो चीखती चिल्लाती रही, लेकिन में बिना सुने लगातार चोदता रहा. फिर जब उसके घर वाले आने वाले थे, तब आरती भाभी ने मुझसे हंसकर कहा कि इन दो दिनों में तुमने मुझे अपनी चुदाई से खुश करके मुझे अपना गुलाम बना लिया है और में अब तुम्हारे लंड की प्यासी हो चुकी हूँ, तुमने मुझे वो सुख दिया जिसके लिए में बहुत सालों से तरस रही थी, तुम्हें मेरी चुदाई करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. आज से जब भी तुम मुझे चोदना चाहो चोद सकते हो, क्योंकि मुझे भी अब तुम्हारे लंड की बहुत जरूरत है. दोस्तों अब भी जब कभी मुझे मौका मिलता है तो हम दोनों बहुत मज़े लेकर सेक्स करते रहते है और अंत में एक बात और दोस्तों लंड चूसने के मामले में उनका कोई जवाब नहीं है, वो लंड को बहुत प्यार से अपना समझकर चूसती है. दोस्तों यह थी मेरी प्यासी भाभी की चुदाई की कहानी मेरे साथ जिसमें मैंने बहुत मज़े किए.
बीवी के साथ हनिमून
हैल्लो दोस्तों, यह स्टोरी बिल्कुल वैसी ही लिखी गई है जैसी मेरे साथ हुई है. उस दिन दया और हर्ष की शादी की सालगिरह का दिन था, तो वो दोनों किसी हिल स्टेशन पर जाकर अपनी शादी की सालगिरह मनाने की सोचते है और हिल स्टेशन चले जाते है. फिर वो दोनों बहुत देर तक होटल कि छत पर घूमने के बाद होटल के रूम में आते है. फिर दया बोलती है कि बोलिए आप गिफ्ट में क्या चाहते है? तो हर्ष बोलता है कि मुझे तो बस तुझे एक बार चूमना है.
दया : अरे, वो तो आप रोज़ करते हो ना? कुछ स्पेशल पूछो ना.
हर्ष : मुझे शर्म आ रही है.
दया : बोलकर तो देखिए.
हर्ष : रहने दे दया, तुझे अजीब लगेगा.
दया : नहीं लगेगा, आज कुछ भी चलेगा कहते हुए दया अपनी साड़ी का पल्लू उतार देती है.
हर्ष : ठीक है दया, में बस एक चीज़ चाहता हूँ.
दया : वो क्या?
हर्ष : दया में बस एक बार तेरी गांड सूंघकर उसे चाटना चाहता हूँ.
दया : हँसते हुए, बस इतनी छोटी गिफ्ट, वो तो में आपको कभी भी दे सकती हूँ कुछ बड़ा मांगो ना.
हर्ष : तू बस इतना कर दे दया.
दया : में तो आपको बहुत बड़ा गिफ्ट दूँगी.
अब हर्ष का मन मचलने लगता है. फिर दया हर्ष के करीब आकर उसे किस करती है, दया के बूब्स काफ़ी बड़े और शेप में है, वो हर्ष की छाती पर दबे हुए होते है. अब हर्ष किस करते समय अपना हाथ दया की कमर पर चला रहा था और उसके बूब्स दबा रहा था.
दया : आप मुझे कुछ नहीं देंगे क्या?
हर्ष : बोल क्या करूँ? अपने हाथ से तेरे कपड़े उतारू और तू मेरे उतार.
दया : आज उतने से काम नहीं चलेगा.
हर्ष : तो क्या चाहिए?
दया : हम आज रात ना ही पंखा चलाएगें और ना ए.सी चलाएगें.
हर्ष : लेकिन क्यों? तुझे तो बहुत जल्दी पसीना आ जाता है ना, ऑश अच्छा इसलिए नटखट.
दया : शर्माती है.
फिर हर्ष दया के गहने और चूड़ी उतारता है और फिर उसके बाल खोलता है. फिर हर्ष दया की साड़ी उतार देता है. अब दया लाल ब्लाउज और लहंगे में होती है. फिर दया हर्ष के पूरे कपड़े उतार देती है, अब दया का क्लीवेज देखकर हर्ष का लंड खड़ा हो जाता है. फिर दया उसका लंड देखकर बोलती है कि आप बहुत जल्दी में लग रहे हो. फिर हर्ष दया के बूब्स उसके ब्लाउज के ऊपर से ही दबाना शुरू कर देता है.
दया : अरे बाबा, पहले मेरे कपड़े निकालकर मुझे नंगी तो कर दो.
फिर हर्ष अपने मुँह से दया का ब्लाउज खोलकर उसके लहंगे का नाड़ा खोल देता है. अब दया सिर्फ़ ब्लेक ब्रा और ब्लेक पेंटी में बहुत हॉट लगती है. फिर हर्ष दया को पलटता है और उसकी गांड देखता है. दया की गांड बहुत बड़ी और सेक्सी लगती है और वो ब्लेक पेंटी उसकी सिर्फ़ गांड की लाईन को ही कवर करती है, जो कि उसकी गांड में नज़र भी नहीं आ रही थी.
अब हर्ष आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा था, अब गर्मी बढ़ चुकी थी. अब दया की बगल से और उसकी कमर से पसीना बह रहा था, अब उसकी जांघे भी गीली और हॉट लग रही थी. फिर दया अपना हाथ हर्ष की अंडरवेयर में डालकर उसे और बेचैन करने लगती है और एकदम से उसकी अंडरवियर उतार देती है. फिर हर्ष दया को अपनी गोद में उठाकर बिस्तर पर लेटा देता है. फिर हर्ष दया के दोनों पैरों को खोलकर उसकी जांघो को चाटने लगता है. फिर 20 मिनट तक चाटने के बाद हर्ष बोलता है कि दया अब और मत तड़पा, अब मेरा गिफ्ट दे दे.
दया : अभी आप रुकिये, अब दया हर्ष के लंड के ऊपर आकर बैठ जाती है और सामने झुक जाती है, जिससे हर्ष का मुँह सीधा दया के क्लीवेज में जाकर दब जाता है और फिर दया आगे पीछे होती है, जिससे हर्ष का लंड दया की पेंटी में अंदर बाहर होने लगता है. फिर हर्ष भी दया के क्लीवेज का सारा पसीना सूंघता हुआ उसे चाटने लगता है और उसकी ब्रा अपने मुँह से उतार देता है.
फिर दया अपने दोनों हाथ ऊपर करके हर्ष को उन्हें चाटने को बोलती है. दया के बगल पर एक छोटा सा काला तिल था जो पसीने के कारण बहुत सेक्सी लग रहा था और उधर से दया का पसीना भी बह रहा था. फिर हर्ष अपनी जीभ से दया के दोनों बगलों को अच्छे चाटने लगता है. अब हर्ष अपनी उंगली दया की गांड छेद पर रगड़कर दया को तड़पा रहा था.
दया : अब आप अपना गिफ्ट ले लीजिए.
फिर हर्ष अपना हाथ उस लकीर में जो पेंटी का स्ट्रीप था, उसे निकालकर फाड़ देता है और दया को खड़ा कर देता. अब दया का पसीना उसकी कमर से उसकी चूत में जा रहा होता है. अब हर्ष दया की चूत सूंघता है और फिर अपनी जीभ पूरी बाहर निकालकर उसकी गांड पर रखता है तो दया की चीख निकल जाती है. फिर हर्ष दया की गांड को वैसे ही 1 घंटे तक स्मेल और चाटता रहता है. फिर हर्ष दया को बोलता है कि दया तेरी गांड में तो एक नशा है, मज़ा आ गया.
दया : बस इतनी ही देर, यह तो आप रोज कर सकते है, आज थोड़ा ज्यादा हो ज़ाए बोलकर दया हर्ष को बेड पर लेटाकर अपनी गांड टाईट करके उसके मुँह के ऊपर बैठ जाती है. अब हर्ष दया की पूरी गांड चाटने लगता है. फिर करीब 1 घंटे तक इसी पोज़िशन में होने के बाद हर्ष दया को उठाता है. फिर वो दोनों अलग-अलग हो जाते है. अब हर्ष दया के बूब्स मसलता है और दया हर्ष के लंड के साथ खेलती है.
दया : हर्ष मजा आ रहा है, या नहीं.
हर्ष : क्या इरादा है तेरा?
फिर दया हर्ष के ऊपर आकर बैठ जाती है और उसका लंड अपनी चूत में डाल देती है. अब हर्ष से भी रहा नहीं गया और उसने एकदम से अपना लंड पूरा दया की चूत में घुसा दिया और दया की चीख निकल गई. अब हर्ष का लंड पूरी तरह से दया की चूत में घुस गया था. अब दया सामने झुककर अपने बूब्स हर्ष के मुँह पर लगा रही थी और धीरे-धीरे आगे पीछे हो रही थी और आवाज़ें निकाल रही थी आहह ऑश हर्ष ऑश ऑश और हर्ष को चोद रही थी. अब हर्ष ने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और वो दया को ज़ोर- ज़ोर से चोदने लगा. अब उन दोनों की आवाज़ पूरे कमरे में गूँजने लगी थी. फिर दया हर्ष के बाजू में आकर लेट जाती है.
हर्ष : क्या हुआ डार्लिंग थक गई हो?
दया : नहीं मेरी जान, अभी मुझे और करना है प्लीज मेरे ऊपर आ जाओ ना.
अब हर्ष दया के पैर उठाकर अपना लंड दया की चूत के छेद में लगा देता और धीरे-धीरे घुसाने लगता है. अब दया की आँखें बंद होने लगती है और उसे मजा आने लगता है. फिर दया हर्ष के हाथ अपने बूब्स पर रख देती है और हर्ष उन्हें मसलने लगता है. फिर लगभग आधे घंटे तक वो दोनों इसी तरह से चोदते रहते है.
अब गर्मी इतनी बढ़ चुकी थी कि उन दोनों को बहुत पसीना आने लगता है और अब दया तो इतनी गीली हो चुकी थी कि ऐसा लग रहा था कि वो अभी नहाकर आई हो. अब दया को गीली देखकर हर्ष का लंड वापस कड़क हो गया था. फिर उसने वापस से दया को बेड पर लेटाया और उसके हाथ ऊपर करके उसकी बगल के पसीने को सूंघकर चाटने लगा और फिर 10 मिनट के बाद दया के पैर खोलकर दया की चूत चाटने लगा.
दया : अभी मेरी पीठ और गांड भी बाकी है.
फिर हर्ष दया को पलटकर उसकी पीठ चाटने लगता है और उसकी गांड के पास आकर अपना मुँह उसमें घुसाकर दया की गांड सूंघकर चाटने लगता है. फिर वो दोनों बाथरूम में जाकर शॉवर में नहाने लगे और एक दूसरे को स्मूच करने लगे.
हर्ष : आज बहुत मजा आया.
दया : हाँ, हमको ऐसे हर हफ्ते करना चाहिए बोलकर, वो दोनों एक दूसरे को किस करने लगे.
इस तरह से उन दोनों ने फिर से अपनी सुहागरात मनाई और खूब इन्जॉय किया.
जीजू की छोटी बहन की चुदाई
हैल्लो दोस्तों मेरा नाम राहुल है और में एक सॉफ्टवेर इंजिनियर हूँ दोस्तों जो कहानी आज में आप सभी लोगों को बताने जा रहा हूँ यह कहानी नहीं मेरी एक सच्ची घटना है जो मेरे साथ कुछ समय घटित हुई. दोस्तों में पिछले कुछ समय से लगातार सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और मुझे इनको पढ़ना बहुत अच्छा लगता है मैंने अब तक बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है और आज में अपनी खुद की कहानी आपको बताने जा रहा हूँ. में उम्मीद करता हूँ कि यह आपको जरुर पसंद आएगी. दोस्तों यह कहानी मेरी और मेरे जीजा जी की छोटी बहन सोनल की है वैसे कहते है ना ऊपर वाला अगर किसी को मिलना चाहे तो वो कभी भी मिला सकता है और ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ.
दोस्तों में और सोनल एक साथ एक ही स्कूल में पढ़ते थे और वो मुझे बहुत अच्छी लगती थी, लेकिन कुछ साल रुकने के बाद में वो चंडीगढ़ रहने चली गई वो हमारे पूरे स्कूल में बहुत ही हॉट और सेक्सी लड़की थी, लेकिन कुछ साल के बाद उसके बड़े भाई के साथ मेरी बहन की शादी फिक्स हो गई और हम दोनों एक बार फिर से मिले और हमारी दोबारा से बात शुरू हो गई और धीरे धीरे हमारी बातें भी अब बढ़ने लगी थी और कब हम एक दूसरे के इतने करीब आ गए हमें उस बात का पता ही नहीं चला.
प्लीज मुझे माफ़ करना दोस्तों में आपको सोनल के बारे में तो बताना ही भूल गया, दोस्तों वो दिखने में बहुत ही सुंदर है और उसका फिगर बहुत ही सेक्सी है उसके फिगर का साईज 34-30-34 है जो मैंने खुद अपने हाथों से नाप कर देखा है वो मुझे शुरू से ही बहुत अच्छी लगती थी और मेरा उसकी तरफ झुकाव कुछ ज्यादा ही था. में उसको देखकर उससे बातें करके बहुत खुश होता था. अब में एक बार फिर से अपनी कहानी पर आता हूँ. अब ऐसे ही धीरे धीरे हमारी बातें सेक्स चेट में बदलने लगी थी और हम दोनों बहुत देर रात तक सेक्स चेट किया करते थे और अपना पानी बाहर निकालकर शांत हुआ करते थे, लेकिन हमे कोई भी सेक्स करने का मौका नहीं मिल पा रहा था.
फिर में अपनी दीदी की शादी के बाद जब में पहली बार दीदी को लेने उनके घर पर गया तो मैंने सही मौका देखकर उसी के घर पर उसे पहली बार किस किया. फिर रात को सभी लोगों के सोने के बाद हम दोनों रोज की तरह उस रात को भी सेक्स चेट कर रहे थे और फिर मेरा मूड बन गया और उन्होंने मुझे अपने घर पर एक रूम दिया था जिसमें उस समय में बिल्कुल अकेला था.
फिर मैंने उससे बोला कि तुम एक बार कैसे भी करके मेरे रूम में आ जाओ ना प्लीज. दोस्तों पहले तो वो मुझसे साफ मना कर रही थी, लेकिन मेरे बहुत बार बोलने पर वो मान गई और कुछ देर के लिए वो मेरे पास आ गई और उसके अंदर आते ही मैंने तुरंत दरवाजा बंद किया. फिर उसके बाद हम दोनों ने बहुत टाइट हग किया जिसकी वजह से उसके बड़े आकार के बूब्स मेरी छाती से दब रहे थे और मुझे बहुत अच्छा लगा. अब मैंने उसके बूब्स को कपड़ो के ऊपर से दबाना शुरू कर दिए, जिसकी वजह से वो सिसकियाँ लेने लगी आह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ राहुल प्लीज मत करो प्लीज वरना कोई आ जाएगा आह्ह्हह्ह अब प्लीज मुझे छोड़ दो स्ईईईईईईइ, लेकिन में उसकी बातें कहाँ मानने वाला था और में अब पहले से भी ज्यादा तेज़ तेज़ दबाने लगा और थोड़ी देर में वो भी मेरा साथ देने लगी थी और वो मुझसे कहने लगी कि राहुल और ज़ोर से दबाओ हाँ उह्ह्ह्हह्ह और मेरे बूब्स से पूरा रस निचोड़ दो और फिर मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया जिसको छूते ही वो अचानक से डर गई और वो चकित होकर मुझसे बोली कि राहुल इतना बड़ा?
मैंने सोनल को बोल दिया कि हाँ अब तुम ही इसे शांत कर सकती हो और फिर मैंने अपनी पेंट की ज़िप को खोलकर लंड को बाहर निकाल दिया. तो वो मेरे लंड को पकड़कर धीरे धीरे आगे पीछे करने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वैसे दोस्तों किसी लड़की के हाथ से मुठ मरवाने का अपना अलग ही मज़ा होता है वो सब में आप सभी को किसी भी शब्दों में नहीं बता सकता.
फिर अचानक से हमें किसी के उठने की आवाज़ आई और वो तुरंत कमरे से बाहर चली गई जिसकी वजह से उस रात को मुझे उसकी गीली, गरम चूत के बारे में सोचकर मुठ मारनी पड़ी और में ना जाने कब सो गया. अगले दिन दोस्तों हमें अपने घर पर वापस जाना था तो मैंने सही मौका देखकर सोनल को पकड़ लिया और मैंने उसको किस किया उसने भी मेरा साथ दिया.
अब मैंने उससे बोला कि प्लीज तुम कोई भी बहाना बनाकर हमारे साथ चलो तो वो मेरी बात मान गई और फिर उसने हमारे साथ जाने की बात अपने घर वालों से कही और उन्होंने उसको हाँ कहा और फिर हम सभी घर के लिए निकल पड़े. कुछ देर चलने के बाद रास्ते में मेरी दीदी सो गई और वो ठंड का मौसम था तो इसलिए उस समय सोनल ने एक जेकेट पहन रखी थी.
फिर मैंने उससे बोला कि तुम अपनी इस जेकेट को आगे से पहन लो और फिर उसने तुरंत वैसा ही किया जैसा जैसा मैंने उससे कहा. अब मैंने उसकी जेकेट के अंदर हाथ डालकर उसके बूब्स बहुत मज़े लेकर दबाए और फिर कुछ देर बाद मैंने अंदर हाथ डालकर उसकी ब्रा को भी बूब्स की गोलाई से उतार दिया, दोस्तों मैंने अंदर से उसके मुलायम मुलायम बूब्स को पहली बार छुआ था.
फिर शाम को हम अपने घर पर पहुंच गए और उसके दूसरे दिन हम दोनों उसके कहने पर हमारे घर वालों से कहकर बहाना बनाकर उनके पुराने घर पर चले गये जहाँ पर उस समय कोई भी नहीं रहता था. वहां पर जाते ही मैंने दरवाजे को बंद किया और में उसे अब जल्दी से रूम में ले गया और मैंने उसके होंठो पर किस किया हमारी वो किस पूरे 10 मिनट तक चली.
फिर उसके बाद मैंने उसके बूब्स दबाने शुरू किए और धीरे धीरे उसके सारे कपड़े उतार दिए और अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी. में अपने एक हाथ से उसके बूब्स को दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से सहला रहा था. मेरे ऐसा करने की वजह से वो भी अब और भी ज्यादा जोश में आकर गरम हो रही थी और मैंने अपना हाथ लगाकर महसूस किया कि उसकी पेंटी अब पूरी गीली हो चुकी थी. फिर उसने मेरे भी सारे कपड़े उतार दिए और जैसे ही उसने मेरी अंडरवियर को नीचे किया तो मेरा 7 इंच का लंड फनफनाता हुआ बाहर निकल गया और वो उसे देखते ही डर गई और अब वो डरते हुए मुझसे बोली कि में तुम्हारा इतना मोटा नहीं ले सकती.
फिर हम 69 पोज़िशन में आ गए और एक दूसरे को लगातार चूसते, चाटते रहे, लेकिन कुछ देर बाद में झड़ गया और मैंने अपना सारा वीर्य उसके मुहं में ही निकाल दिया. में अब भी उसकी चूत को चूस रहा था वो जोश में आकर मेरा सर अपनी चूत पर दबाकर मुझसे चटवा रही थी वो मुझसे कह रही थी हाँ थोड़ा और ऊफ्फ्फफ्फ्फ्फफ् हाँ मज़ा आ गया आह्ह्हह्ह हाँ पूरी अंदर डाल दो ऊउईईईईईइ माँ वाह मज़ा आ गया वो लगातार सिसकियाँ ले रही थी और थोड़ी देर चूत चाटने के बाद मेरा लंड एक बार फिर से धीरे धीरे खड़ा हो गया. फिर मैंने उसकी चूत का चाटना छोड़कर उसके दोनों पैरों को थोड़ा सा फैला दिया और अब में एकदम उसके बीच में आ गया और अपने लंड को एक हाथ से पकड़कर में उसकी चूत पर रगड़ने लगा था में थोड़ी देर तक ऐसे ही करता रहा.
फिर वो मुझसे बोली कि प्लीज राहुल और मत तड़पाओ मुझे आह्ह्हह्ह अब प्लीज डाल दो इसको मेरी चूत में और आज तुम फाड़ दो मेरी इस वर्जिन चूत को. फिर मैंने जैसे ही अपना पहला जोरदार धक्का मारा तो मेरा लंड उसकी सील को तोड़ता हुआ अंदर चला गया और उसकी सील टूट गई और अब उसकी चूत से खून निकलने लगा था और उस दर्द की वजह से वो बहुत ज़ोर से चीखी और तड़पने लगी. मुझे अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने उसके मुहं पर हाथ रख दिया जिसकी वजह से उसकी आवाज अंदर ही दबी रह गई.
मैंने उसको अपने नीचे दबाए रखा और मैंने उसे हिलने भी नहीं दिया, लेकिन मैंने महसूस किया कि उसे अब बहुत दर्द होने लगा था और वो मुझसे बार बार मना करने लगी थी. फिर में थोड़ी देर वैसे ही रुक गया और मैंने लंड को बाहर निकाल लिया दोबारा लंड को उसके मुहं में डालकर उससे लंड चुसवाया और जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने एक बार फिर से उसकी चूत में डालना शुरू किया. पहले तो मैंने उसकी चूत में धीरे धीरे से लंड को अंदर डालना शुरू किया और फिर मौका देखकर मैंने एकदम से एक ज़ोर का झटका मारा और पूरा 7 इंच का लंड उसकी चूत में उतार दिया.
फिर थोड़ी देर बाद में उसको दूसरी स्टाइल में चोदने लगा था और अब उसे भी मज़ा आने लगा था और वो मुझसे बोल रही हाँ और ज़ोर से अह्ह्हहह चोदो मुझे ऊफफ्फ्फ्फ़ वाह बहुत मज़ा आ रहा है और अहहहहहहह की चीख निकालने लगी. फिर थोड़ी देर बाद उसका पानी निकल गया, लेकिन में अभी भी नहीं झड़ा था और थोड़ी देर बाद जब मेरा निकलने वाला था तो मैंने उससे पूछा कि में कहाँ निकालूं?
उसने बोला कि मेरे बूब्स पर निकाल दो. फिर मैंने अपना सारा स्पर्म उसके बूब्स पर निकाल दिया और उसने मेरा लंड चाटकर साफ कर दिया और फिर हम दोनों बेड पर एक साइड में लेट गये फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों साथ में नहाने चले गए और वहां पर मेरा फिर से खड़ा हो गया तो हमने एक बार फिर से बाथरूम में ही चुदाई की और इस बार मैंने अपना लंड बाहर निकालकर उसके मुहं में अपना वीर्य निकाल दिया और फिर शाम को हम वापस अपने घर पर आ गये. दोस्तों उस दिन हम दोनों बहुत खुश थे.
अपने प्यार को बारिश में चोदा
हैल्लो दोस्तों आप सभी चाहने वालों को मेरी तरफ से नमस्कार. दोस्तों मेरा नाम रिहान है और में उत्तरप्रदेश बरेली का रहने वाला हूँ, लेकिन में अब दिल्ली में रहता हूँ, मेरी लम्बाई 5.11 है और मेरे लंड का साईज़ बिल्कुल ठीक ठाक है, लेकिन दोस्तों मैंने आज तक जिस जिस को चोदा है वो मुझसे चुदवाने के लिए फिर से तड़पती है, क्योंकि में हमेशा अपनी चुदाई से उन्हें पूरी तरह से संतुष्ट कर देता हूँ.
दोस्तों जब में 12th क्लास में पढ़ता था तो तब मुझे एक लड़की से प्यार हो गया और वो मेरे एक दोस्त की दोस्त थी. वो मुझे बहुत अच्छी लगती थी और में हमेशा उससे बात करने उसे छूने उसके साथ अपना समय बिताने के बारे में हमेशा सोचा करता था.
में हमेशा उसी के सपने देखा करता था. तो यह बात मैंने अपने दोस्त से कही तब उसने मेरी उस लड़की से दोस्ती करवाने की कोशिश की. उसका नाम श्रुति था और वो दिखने में एकदम मलाई की तरह चिकनी और गोरी बहुत सुंदर थी और दोस्तों उसका फिगर तो एकदम मस्त आकार का था. वैसे था तो उसका ज़ीरो फिगर, लेकिन उसके बूब्स बहुत बड़े सुडोल उभरे हुए थे और फिर मेरे दोस्त की वजह से मेरी भी उससे धीरे धीरे बातें शुरू हो गई थी. मेरा दोस्त और श्रुति एक ही कॉलोनी में रहते थे, मतलब कि वो एक दूसरे के पड़ोसी थे और मैंने भी अब हर रोज शाम को उसके यहाँ पर जाना शुरू कर दिया था और हम लोग साथ में ही शाम को घूमते फिरते और बहुत मज़े मस्ती किया करते थे और में उनके साथ बहुत खुश था.
फिर मैंने एक दिन सही मौका देखकर श्रुति को अपने मन की बात बताकर उससे अपने प्यार का इजहार कर दिया, लेकिन उसने मुझसे बोला कि में तुम्हे थोड़ी देर बाद सोचकर बताउंगी. फिर मुझे उसकी यह बात सुनकर थोड़ा डर सा लगने लगा था कि कहीं वो मुझसे मना ना कर दे. में अब हर समय उसी के बारे में सोचता रहा, लेकिन फिर जब उसी रात को मेरे मोबाईल नंबर पर उसका कॉल आया और उसने मुझसे कहा कि वो भी मुझे चाहती है तो में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और मेरी ख़ुशी का ठिकाना ना रहा.
यह बात मैंने अपने दोस्त को भी बता दी और फिर उसके बाद से हमारी ऐसे ही फोन पर बातें होना शुरू हो गई थी और हम लोग दिन में करीब 5-6 घंटे बातें किया करते थे. अब मैंने लगातार शाम को अपनी कोचिंग से बंक मारकर उसके साथ इधर उधर घूमना फिरना शुरू कर दिया था. एक दिन जब मेरे मम्मी, पापा घर पर नहीं थे तो मैंने उसको फोन करके अपने घर पर आने के लिए कहा और वो मेरी बात मान भी गई. दोस्तों उस दिन मौसम भी बहुत सेक्सी सा था और फिर मेरे कहने के हिसाब से वो शाम को मेरे घर पर आ गयी और उसकी कोचिंग 5 बजे से 9 बजे तक चलती थी. वो मेरे घर पर अपनी कोचिंग से बंक मारकर आई थी.
फिर में उसको देखकर बहुत खुश था और फिर उसके आते ही बाहर बहुत ज़ोर से बारिश शुरू हो गयी और उसे बारिश में भीगना बहुत पसंद था इसलिए उसने मुझसे बोला कि चलो हम बारिश में भीगते है और में भी तुरंत उसकी बात मान गया.
फिर हम दोनों छत पर चले गये और बारिश का मज़ा लेने लगे. उस ठंडे ठंडे पानी में भीगने में हमें बहुत मजा आ रहा था और कुछ देर बारिश में भीगने के बाद उसकी टी-शर्ट और जीन्स एकदम उसके शरीर से चिपक गये थे जिसकी वजह से अब मुझे उसके फिगर का पूरा आकार बहुत अच्छे से दिखने लगा था और यह सब देखकर मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया था.
फिर उसके पास गया और उसको अपने पास खींचकर उसके होंठो पर किस करने लगा और मैंने उसको एकदम टाइट सा हग भी दिया, जिसमे उसने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया और वो भी अब मुझे किस करने लगी थी और हम दोनों पूरे मदहोश होकर अपने काम में लगे हुए थे.
दोस्तों हमारी वो किस करीब दस मिनट तक चली और फिर मैंने तभी महसूस किया कि वो अब एकदम गरम हो चुकी थी और अब तक थोड़ा सा अंधेरा भी हो चुका था. फिर मैंने जोश जोश में उसके सारे कपड़े तुरंत उतार दिए और उसने भी मेरे कपड़े उतार दिए, हम दोनों उस बारिश में एकदम नंगे थे. फिर वो मेरे पास आई और वो मुझे एकदम टाइट हग करने लगी.
दोस्तों उस दिन मैंने महसूस किया कि किसी लड़की को जब वो पूरी नंगी हो तब हग करो तो उसका मज़ा सबसे हटकर होता है और ऐसा करने में बहुत मज़ा आता. फिर मैंने महसूस किया कि उसका पूरा बदन एकदम मुलायम मुलायम और वो बहुत गरम भी लग रही थी. मेरा तनकर खड़ा लंड अब उसकी गीली, गरम चूत को छू रहा था. फिर मैंने उसको गर्दन पर किस किया और फिर उसके बूब्स पर और फिर में उसको सक करने लगा. वो अब तक बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी और फिर वो मेरा एक हाथ अपनी चूत पर ले गयी और धीरे धीरे सहलाने लगी तो में भी समझ गया था कि यह अब मुझसे क्या चाहती है?
अब मैंने तुरंत उसके बूब्स को छोड़ दिया और में अब उसको किस करते करते नीचे आने लगा और मैंने उसकी चूत पर बहुत ही प्यार से किस किया और किस करते ही उसने ऐसी आवाज़ निकाली कि में वो शब्दों में कैसे बताऊँ? वो अब मुझसे अपनी चूत को उठा उठाकर चटवाने लगी थी और मैंने भी थोड़ी देर तक बहुत जमकर उसकी चूत को सक किया.
फिर में अपनी एक ऊँगली को उसकी चूत में डालकर उसकी बैचेन चूत को शांत करने लगा था और वो अह्ह्ह्ह् उफफ्फ्फ्फ़ ऐसी आवाज़ निकालने लगी. फिर मैंने कुछ देर बाद अपनी स्पीड को बहुत तेज़ कर दिया जिसकी वजह से वो उछल उछलकर मज़े में चिल्लाने लगी सईईईईईई आह्ह्ह्हह्ह प्लीज थोड़ा और अंदर डालो ऊईईईईइ. दोस्तों लड़कियों को तड़पाने में ही असली मज़ा आता है और वो मैंने उस दिन जाना. में भी उसके साथ ऐसा करके बहुत खुश था. फिर मेरे ऐसा करने के 5 मिनट के बाद वो झड़ गई और मैंने उसका सारा वीर्य पी लिया, लेकिन मैंने महसूस किया कि उसका जोश अभी भी ठंडा नहीं हुआ था और मेरा तो बहुत ऊपर था. उसने तुरंत खुद ही मेरे लंड पर अपना हाथ फेरा और वो अब लंड को सहलाने लगी.
दोस्तों मेरा लंड पहले से ही तनकर खड़ा हुआ था और उसके मेरे लंड पर हाथ रखते ही उसके मुलायम हाथ का स्पर्श पाकर मेरा लंड और भी ज्यादा बड़ा हो गया, जिसको वो देखकर बहुत हैरान हो गई थी. फिर उसने फिर सेक्सी सी स्माइल देते हुए मेरी आँखो में देखते हुए मेरे लंड पर प्यार से किस किया और फिर वो उसको चूसने लगी मुझे तो उसके ऐसा करने से जन्नत जैसा मज़ा आ रहा था.
फिर करीब तीन मिनट में ही में झड़ गया और करीब 10 मिनट तक हम दोनों 69 पोज़िशन में रहे और हमें ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था और 10 मिनट बाद मेरा लंड दोबारा से एकदम तनकर खड़ा हो गया और मैंने फिर ज़्यादा देरी ना करते हुए उसकी चूत के मुहं पर अपना लंड रगड़ा और एकदम से एक झटके से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया वो बहुत ज़ोर से चीख उठी और उस दर्द से तड़पने लगी और मुझे पीछे धकेलने लगी. वो मुझे अपने ऊपर से हटाने की पूरी कोशिश करने लगी, लेकिन फिर भी में नहीं माना और में कुछ देर रुका रहा और फिर उसकी चूत को अपने एक हाथ से सहलाता रहा और जब वो थोड़ी शांत हुई तो वो भी अपनी चूत को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी.
फिर मैंने उसको उसी बारिश में एक बार फिर से तेज तेज धक्के देकर चोदना शुरू कर दिया और ऊपर से ठंडा ठंडा पानी गिर रहा था और नीचे से मेरा गरम लंड उसकी गरम चूत को चोद रहा था और वो भी तड़प रही थी और मेरे साथ मज़ा ले रही थी. फिर उसने मेरी कमर पर पूरा नोच डाला था. फिर मैंने उसको अपनी गोद में उठाया और अपने लंड पर उसकी चूत को रखकर उसको अपनी गोद में ही चोदने लगा.
में उसे उस स्टाइल में सिर्फ़ दो मिनट ही चोद पाया और में बहुत थक गया था. उसने अब मुझे नीचे ज़मीन पर ही लेटा दिया और वो मेरे ऊपर आकर खुद ही अपनी चूत में लंड को डालकर चुदने लगी और में भी अपनी गांड उठा उठाकर नीचे से धक्के देकर उसको चोद रहा था और फिर करीब 20 मिनट तक चुदाई करने के बाद वो जब झड़ने वाली थी तो मैंने उसको कुत्ते की तरह बैठने के लिए कहा और वो तुरंत बैठ गई, लेकिन मेरे करीब 5 मिनट तक चोदने के बाद वो झड़ गयी और मैंने फिर भी चुदाई नहीं छोड़ी तो वो तड़पने लगी, प्लीज अब मुझे छोड़ दो बोली उफफफफफ नहीं प्लीज अब नहीं.
फिर 2 मिनट तक चुदाई करने के बाद में भी झड़ गया और मैंने उसकी चूत में ही अपना वीर्य निकाल दिया और हम दोनों एक दूसरे के ऊपर लेट गए. फिर मिनट बाद उसकी चूत में ही मेरा लंड दोबारा से खड़ा हो गया और उसने यह महसूस करके मुझे सेक्सी सी स्माइल दी और फिर मुझसे बोला कि जान में अब बहुत थक गयी हूँ और मुझे अब घर भी जाना है.
हम बाद में कभी अच्छे से करेंगे इतना कहकर उसने मेरा लंड अपनी चूत से बाहर निकाला और उसको प्यार से किस किया और मेरे लंड से बोला कि तुम बहुत अच्छे हो में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और फिर उसने मेरे होंठो पर किस किया और उसने मुझे भी बोला कि तुम भी मुझे बहुत अच्छे लगते हो, में तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ और फिर वो कुछ देर बाद अपने घर पर चली गई.
मामी की गदराई जवानी को लूटा
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम जिशान है और में राँची झारखंड का रहने वाला हूँ. आज में आपको मेरी पड़ोसी नौरीन और नौसीन की गदराई हुई जवानी की कहानी बताने जा रहूँ. यह बात मेरे कॉलेज टाईम की है, उस टाईम में नौरीन को कोचिंग पढ़ाया करता था और उस टाईम वो छोटी बच्ची थी, लेकिन अब वो बड़ी हो गयी है. अब उसके बूब्स 34 साईज के हो गये है और उसकी गांड तो 42 साईज की हो गयी है, उसकी हाईट ज़्यादा नहीं है इसलिए उसकी गांड और भी ज़्यादा बाहर निकल आई है. उसके पापा की मौत के बाद उसकी माँ ही उसकी देखभाल करती है और में उसकी माँ को मामी बुलाता हूँ.
फिर एक दिन मेरे घर पर उसकी माँ आई और बोली कि जिशान तुम नौरीन को फिर से कोचिंग पढ़ा दो ना, उसे गणित में प्रोब्लम हो रही है. उस टाईम नौरीन 12वीं क्लास में थी, तो मैंने हाँ बोल दिया. फिर शाम को नौरीन मेरे घर आई, उस टाईम मेरे दिल में उसके लिए कुछ भी गलत नहीं था मगर जब वो मेरे सामने आई तो उसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया. वो क्या माल लग रही थी? अब मेरा दिल कर रहा था कि आज बस पटक कर चोद दूं, लेकिन में ऐसा नहीं कर सकता था.
अब पढाई के दौरान मेरी नज़र उसके बूब्स और गांड पर ही रहती थी, अब में बस यही सोचता रहा था कि कैसे में उसे पटाकर चोद दूँ? अब वो भी मुझसे चिपक-चिपककर बात करती और प्रश्न उत्तर पूछती रहती थी. अब मेरा तो लंड हर वक़्त खड़ा रहता था, बस कोई उपाय लगाकर इसको फंसाया जाए और चोदा जाए, लेकिन में कुछ कर नहीं पा रहा था. फिर एक दिन जब में अपनी छत पर था तो मैंने देखा कि उसकी माँ मेरे पड़ोसी ख़लील के घर में जा रही थी. अब मुझे लगा कि कोई काम होगा, लेकिन वो दोनों ऐसे रूम में गये, जहाँ कोई नहीं था.
अब मुझे कुछ शक हुआ कि कोई बात जरुर होगी तभी तो वो दोनों अकेले में गये है. अब में छत से लगे रोशनदान से देखने लगा कि क्या बात है? अब वहाँ का नज़ारा देखकर मेरा लंड तो उछलने लगा था. अब मामी पूरी नंगी हो गयी थी और ख़लील अंकल का लंड चूस रही थी, उनका लंड एकदम काला था मगर बहुत बड़ा था.
अब मामी 9 इंच का लंड चूसते हुए बोल रही थी कि आज मुझे चोदकर मेरी प्यास बुझा दो, बहुत टाईम हो गया है इस चूत में कोई लंड नहीं गया है, आज में तुम्हरा इतना बड़ा लंड लेकर अपनी चूत की प्यास बुझाऊँगी. अब मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि मामी ऐसी है. फिर मैंने झट से अपना मोबाइल निकालकर यह सब रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया. अब वो दोनों अपनी चुदाई में इतने मग्न थे कि उन्हें पता ही नहीं चला की में उनकी चुदाई की रिकॉर्डिंग कर रहा हूँ और देख भी रहा हूँ.
अब मेरा भी लंड चुदाई के लिए पागल होने लगा था, अब मैंने भी सोच लिया था कि में शाम को नौरीन को यह रिकॉर्डिंग दिखाकर चोदूंगा. अब खलील अंकल मामी की जमकर चुदाई कर रहे थे. अब पूरा शांत रूम चुदाई की आवाज़ से गूंजने लगा था पच पच पच. अब चूत के रस से लंड और सटासट अंदर बाहर हो रहा था. अब यह सब देखकर में बेचैन सा होने लगा था और फिर उनकी चुदाई ख़त्म होने पर मैंने अपने बाथरूम में मुठ मारकर अपने लंड को शांत किया.
फिर शाम को में खुद ही मामी के घर चला गया और मामी को देखा तो वो किचन में थी. फिर मैंने वहाँ जाकर बोला कि मामी मुझे नौरीन को चोदना है. तो मामी बोली कि क्या बकवास कर रहा है? तुझे शर्म नहीं आई ऐसा बोलते हुए. फिर मैंने भी उन्हें मोबाईल दिखाते हुए बोला कि आपको शर्म नहीं आई ख़लील अंकल से चुदवाते हुए, आज आप मेरी नौरीन से चुदाई करवावोगी, नहीं तो में सबको यह दिखा दूंगा. अब मामी रोने लगी तो मैंने भी उन्हें समझाया कि लंड और चूत की प्यास है मामी बुझाने दो ना, नौरीन भी आपकी तरह प्यासी है उसे भी मेरे लंड की ज़रूरत है.
फिर मामी भी मान गयी तो मैंने उन्हें गले से लगा लिया और उनको किस करते-करते बूब्स दबाने लगा. अब वो भी मस्त होने लगी थी. अब में अपने एक हाथ से उनकी गांड भी दबाने लगा था और अब वो एकदम चुदासी हो गयी थी. फिर मैंने अपना एक हाथ उनके कपड़ो के ऊपर से ही उनकी चूत पर रख दिया और ज़ोर-जोर से रगड़ने लगा. अब मामी चुदवाने के लिए पूरी तैयार हो गयी थी. फिर मैंने उनके सूट को उतारना शुरू कर दिया और अब वो पूरी नंगी हो गयी थी.
फिर में मामी के बूब्स दबाने लगा और उनके निप्पल को मसलने लगा था. अब मामी ने अपनी आँखे बंद कर ली और उनकी चूत पर बहुत बाल थे, लेकिन उनकी चूत बहुत मस्त लग रही थी, वो बिल्कुल बिना चुदी लौंडिया लग रही थी. फिर मामी ने मेरे लंड को पेंट के ऊपर से पकड़ लिया तो मैंने उनको बैठा दिया और अपना लंड मेरी पेंट से बाहर निकालकर सीधा उनके मुँह में घुसा दिया. अब वो मेरा लंड लॉलीपोप की तरह चूसने लगी थी और अब में अपने पूरे जोश में आ गया था. फिर मैंने मामी के सिर को पकड़कर उनके मुँह को ही चोदना चालू कर दिया.
अब में इतने जोश में था कि मुझे होश ही नहीं था कि में उनका मुँह चोद रहा हूँ या चूत. अब मुझे कुछ पता ही नहीं चल रहा था. अब मामी की हालत खराब होने लगी थी, फिर उसने मुझे रोका और फिर वो किचन में ही लेट गयी और मुझे अपने ऊपर खींच लिया. फिर मैंने मामी को किस करते हुए अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर रखा और ज़ोर से धक्का मारा तो मेरा पूरा का पूरा लंड झट से उनकी चूत में घुस गया. फिर में अपनी पूरी ताक़त और स्पीड से मामी को चोदने लगा. अब मामी भी अपने चूतड़ उछाल-उछालकर मेरा साथ दे रही थी और अब में भी अपने जोश में उनकी चूत फाड़े जा रहा था.
अब पूरे किचन में चुदाई की आवाज़ गूँज़ रही थी. अब में मामी को कभी खड़ा करके चोद रहा था तो कभी घोड़ी बनाकर चोद रहा था. अब वो मुझसे बोल रही थी कि तुम तो ख़लील से भी ज़्यादा चुदक्कड़ हो मेरे राजा में ज़रूर अपनी नौरीन की चूत में तेरे लंड को डलवाऊंगी ताकि उसकी चूत की सील तुम ही तोड़कर उसे कली से फूल बनाओ और इस तरह मैंने मामी को चोदकर तृप्त कर दिया.
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