बस में मिली रंडी पंजाबन

हैल्लो दोस्तों, ये मेरी पहली कहानी है और में आशा करता हूँ कि आप सबको मेरी स्टोरी बहुत पसंद आएगी. अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ. ये बात 3 महीने पहले की है, मेरा काम नॉएडा में है तो में रोज़ बाइक से जाता था, लेकिन एक दिन मेरी बाइक खराब हो गई और मुझे अर्जेंट जाना था तो मैंने सोचा कि आज में बस से ही चला जाता हूँ. फिर मैंने स्टॉप से बस पकड़ी और टिकट लेकर चल दिया. फिर कुछ देर के बाद बस में काफ़ी भीड़ हो गई, अब मेरे आगे एक लेडी थी, जिसकी उम्र कुछ 28 साल होगी, वो पहले तो मेरे पीछे खड़ी थी, लेकिन बाद में मेरे आगे आ गई थी. फिर मैंने सोचा कि शायद इसको उतरना है.
फिर थोड़ी देर के बाद जब मेरी नज़र उसकी गांड पर पड़ी तो में आउट ऑफ कंट्रोल हो गया. उसकी गांड का साईज़ 38 था. दोस्तों वो गोरी पंजाबी लेडी थी, आप खुद ही सोच लो कि वो कैसी होगी? अब मेरा लंड खड़ा हो गया था.
अब में थोड़ा आगे होकर उसकी गांड पर अपना लंड टच करने लगा था. अब में मज़े ले रहा था कि आचनक मुझको पीछे से धक्का लगा और मेरा लंड जो 6 इंच का पूरा तना हुआ था, वो उसकी गांड पर इतना तेज़ लगा कि मुझे भी दर्द हुआ, तो सोचो दोस्तो उसको कैसा महसूस हुआ होगा? अब में अपने पीछे वाले बंदे पर गुस्सा करने लगा था ताकि वो शांत हो जाए और मुझे कुछ ना कहे. फिर उसने मेरी तरफ देखा, तो मैंने कहा कि मेम आर यू ओके? तो उसने कहा कि कोई बात नहीं, बस में भीड़ भी तो काफ़ी है, अब उस पर गुस्सा करके क्या फायदा?
अब मुझे इस रिप्लाई की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी, लेकिन ये सुनकर में खुश हो गया और अपने लंड का दर्द भूलकर थोड़ा और आगे हुआ और उससे पूछा कि आप कहाँ जा रहे हो? तो वो मुझसे एक स्टॉप पहले जा रही थी और में नीचे से अपना लंड उसकी गांड में लगा रहा था. लेकिन उसके फेस पर कोई रिएक्शन नहीं था, तो में अपना लंड उसकी गांड में और तेज़ अंदर करने लगा.
अब मेरा दिल तो कर रहा था कि अभी अपनी चैन खोल दूँ और उसकी गांड में अपना लंड डाल दूँ, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा. फिर उसने मुझसे मेरा नाम पूछा, तो मैंने भी उससे उसका नाम पूछा, तो उसने उसका नाम अल्का बताया और अब वो आराम से मज़े ले रही थी. फिर मेरी भी हिम्मत बढ़ गई और फिर मैंने अपना हाथ नीचे किया और उसकी गांड पर टच किया, तो उसने मेरी तरफ देखा, अब में डर गया था और अब मैंने अपना हाथ भी हटा दिया था. फिर उसने कहा कि आज थोड़ी गर्मी है और इस बस में भीड़ भी ज्यादा है, तो मैंने कहा कि हाँ वो तो है.
अब में समझ गया था कि लाईन साफ है और अपना हाथ उसकी गांड पर फैरने लगा था, उसने ग्रीन सूट पहना था, वो एकदम मस्त लग रही थी. अब बस में भीड़ बढ़ती जा रही थी और अब लोग हम पर ध्यान इसलिए नहीं दे रहे थे, क्योंकि सबको ऐसा लगा कि हम साथ में है और सब अपनी अपनी टेंशन में थे कि कब वो अपनी मंज़िल पर पहुंचेगे? और ड्राइवर से बोल रहे थे कि जल्दी चलो और सवारी मत बैठाओ, लेकिन दोस्तों अब में बहुत खुश था और ड्राइवर को दुआ दे रहा था.
फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी गांड में थोड़ी सी घुसा दी, तो वो एकदम से मछली की तरह मचक गई. फिर मैंने अपना एक हाथ आगे किया और उसकी चूत पर लगाने की कोशिश करने लगा. लेकिन अब मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं आगे वाले को शक ना हो जाए. फिर वो थोड़ा घूम गई और में उसकी चूत तक पहुँच गया. अब मेरे हाथ को कोई नहीं देख सकता था, अब में उसकी चूत सहलाने लगा था.
अब उसकी चूत पानी छोड़ रही थी और में उसकी सलवार के ऊपर से ही अपनी उंगली अंदर डालने लगा था. तो उसने मेरा हाथ हटा दिया और मेरी तरफ़ देखने लगी. फिर उसके बाद उसका स्टॉप आ गया और वो उतरने लगी. अब में भी उसके पीछे-पीछे उतर गया, तो उसने मुझे देखा और कहा कि तुम्हें तो आगे जाना है.
मैंने कहा कि मुझे मेरी मंज़िल मिल गई है अल्का जी, तो वो हंसी और बोली कि तुम्हें अब भी सुकून नहीं मिला. फिर में हंसा और कहा कि बैचेन करके सुकून की बातें आप कर रही हो. तो वो फिर हंस पड़ी, फिर मैंने कहा कि एक बार आप और हंसी तो मेरा दम यहीं निकल जाएगा. फिर वो बोली कि तुम बातें तो बहुत अच्छी करती हो. फिर मैंने कहा कि आप मौका तो दो और भी काम है, जिन्हें में बहुत अच्छे से करता हूँ. फिर उसने कहा कि घर पर तो मेरी फेमिली होगी, तुम अपना नंबर दे दो, तो मैंने कहा कि नंबर तो ले लेना, लेकिन अभी इसका क्या करूँ? तो उसने कहा कि तुम ही कुछ सोचो, तो मैंने कहा कि आओ मेरे साथ.
फिर मैंने एक ऑटो किया और मेरे ऑफिस से थोड़ा पहले एक होटल है, वहाँ चलने को बोला. फिर उसने ऑटो वाले से कहा कि मुझे 5 बजे घर जाना है. तो मैंने कहा कि अभी तो 3 बजे है, टेशन मत लो, अब आप मेरी जिम्मेदारी हो, तो उसने कहा कि ओके. फिर हम होटल पहुँचे और फिर मैंने वहाँ अपनी आई.डी से होटल में रूम बुक किया और फिर हम रूम में चले गये.
अब वहाँ जाते ही में उस पर टूट पड़ा, तो उसने कहा कि आराम से जियान. फिर मैंने बोला कि हमारे पास बस 1 घंटा 30 मिनट है जान, तो वो हंसी और मेरा साथ देने लगी. अब में उसके होंठो को चूस रहा था, अब वो भी मेरा साथ दे रहे थे. फिर उसके बाद मैंने उसकी कमीज़ उतारी और उसके बूब्स जो 34 के थे उन पर टूट पड़ा. अब वो भी पागल हो गई थी और मेरे सिर को अपने बूब्स पर दबा रही थी. फिर मैंने उसकी सलवार उतारी और उसकी चूत में अपनी एक उंगली डालने लगा, उसकी चूत एकदम टाईट थी.
फिर मैंने उससे पूछा कि तुम्हारी शादी नहीं हुई क्या? तो उसने कहा कि हो गई, लेकिन मेरे पति शादी के एक महीने के बाद ही आउट ऑफ टाउन चले गये थे और ये तब से ही प्यासी है. वो साल में 2 बार आते है, वो अभी 1 महीने पहले ही गये है, उसकी शादी को अभी 2 साल ही हुए थे, उसके कोई बच्चा नहीं था. अब में उसकी चूत में अपनी उंगली और तेजी से करने लगा था और उसकी गांड के छेद को अपनी ज़बान से चाटने लगा था. अब वो और पागल हो गई थी. फिर मैंने उसकी चूत चाटनी शुरू की, तो वो बहुत सेक्सी आवाज़ निकालने लगी, जियान और चाटो ये बहुत प्यासी है, इसका सारा पानी निकालकर पी जाओ जान.
अब में उसकी चूत को अपनी ज़बान से चोदने लगा था. अब वो और पागल हो गई थी और सेक्सी आवाज़े निकालने लगी थी कि जियान में मर जाउंगी, जानू आई लव यू आह उूउउमा अहह ह आह जान, आई लव यू जान. अब में झड़ने वाली हूँ कहकर उसने मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा दिया और सारा पानी मेरे मुँह में ही छोड़ दिया और कहने लगी कि अब बर्दाश्त नहीं होता मेरी प्यासी चूत में अपना लंड डाल दो.
फिर मैंने कहा कि जान पहले इसका स्वाद तो चख लो, तो उसने कहा कि ज़रूर जानू और कहकर मेरा लंड अपने मुँह में लेकर लॉलीपोप की तरह चूसने लगी. फिर 5 मिनट तक चूसने के बाद उसने कहा कि बस अब डाल दो जियान. फिर मैंने उसकी टांगो के बीच में जाकर अपना लंड उसकी चूत पर सेट करके एक झटका मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में फिट हो गया और उसके मुँह से बहुत तेज़ चीख निकली और कहा कि इसको बाहर निकालो नहीं तो में मर जाउंगी, लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी और झटके मारने शुरू कर दिए और उसको तेज़-तेज़ चोदने लगा. अब वो भी अपनी गांड उठा-उठाकर मज़े से चुदने लगी और आवाज़े निकालने लगी थी, जान बहुत मज़ा आ रहा है और तेज़ और तेज़, मेरी चूत का भोसड़ा बना दो जान.
फिर मैंने कहा कि मेरी रंडी पंजाबन आज तेरी चूत का सारा पानी सुखा दूंगा और तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा, आई लव यू जान कहकर मैंने उसको घोड़ी बना दिया और उसकी चूत को पेलने लगा. अब वो बहुत तेज़-तेज आवाज़े निकालने लगी थी आहहहहह और तेज़्ज़्ज़ जियान और तेज़्ज़्ज़ चोदो, मुझे रंडी की तरह चोदो जियान कहने लगी और बोली कि में झड़ने वाली हूँ, फाड़ दो मेरी चूत को.
फिर मैंने टॉप गियर डाला और तेज़-तेज़ चोदने लगा, अब में भी झड़ने वाला था. फिर वो बोली कि जान में गई कहकर तेज़ तेज़ साँस लेने लगी. फिर मैंने उससे पूछा कि कहाँ निकालूं? तो उसने कहा कि मेरी चूत में मेरे राजा, तो मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में ही निकाल दिया और उसके ऊपर ही लेटा रहा. फिर उसके बाद मैंने उसको किस किया और फिर मुझे याद आया कि मुझे तो आज बहुत ज़रूरी काम से जाना था.
फिर उसने मुझसे थैंक्स कहा और कहा कि अब से तुम ही मेरे पति हो आज मेरी असली सुहागरात मनी है जियान. फिर मैंने उसको अपना नंबर दिया और उसको उसके घर पर छोड़ा और में भी जल्दी से अपना काम पूरा करने चला गया.
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दीदी ने नल को ठीक करवाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पूरण है, मेरे जीजू बहुत ही शांत किस्म के आदमी है और वो हमेशा अपने काम में लगे रहते और दीदी को संतुष्ट नहीं कर पाते है. अब दूसरी तरफ मेरी दीदी रंग गोरा, उम्र 24 साल, हाईट 5 फुट 1 इंच, गांड-38, कमर-30, बूब्स-36D, बाल कंधो तक और उनका फिगर और उनका कमर लटकाते हुए चलना इतना कातिलाना था कि कोई भी उन्हें नज़र अंदाज़ नहीं कर सकता है, लेकिन दीदी भी कम नहीं थी, वो जानती थी कि भले ही उसके पति उसे ना चोदते हो, लेकिन सोसाइटी के सारे मर्द उस पर नज़र रखते है और उसके साथ सोने के सपने देखते है. जब कोई उन्हें घूरता है या उनसे फ्लर्ट करता है तो उसको अच्छा लगता है और वो सबसे घुलमिल जाती और सबका आकषर्ण पाकर ही खुद को खुश रखती है. अब वो जानबूझ कर अपने क्लीवेज दिखाती और मज़े लेती है, वो एक टीज़र थी. दीदी ने फ्लर्ट करने में तो पड़ोसी से लेकर दूधवाले को भी नहीं छोड़ा था.
दोस्तों बात तब की है जब जीजू के नहाते वक़्त अचानक से नल टूट गया था, तो जीजू ने कहा कि मैंने रवि को फोन कर दिया है, वो आते ही नल ठीक करवा लेना, में ऑफिस जा रहा हूँ. फिर जीजू दीदी को छोड़कर चले गये. रवि एक प्लमबर था, जो दीदी की सोसाइटी के उल्टे तरफ की बस्ती में रहता था. जीजू के उसे फोन करने से वो आकर बाथरूम की कोई भी प्रोब्लम को ठीक कर देता था. वो पहले भी दो बार आ चुका था, लेकिन तब जीजू घर में थे, तो उसने दीदी से बात तक नहीं की थी.
फिर अचानक डोर बेल बजी तो दीदी ने जब दरवाज़ा खोला तो बाहर रवि था. अब दीदी नाइटी पहने हुई थी और चुन्नी डाले हुई थी, जब दिन के 12 बज रहे थे. फिर वो मुस्कुराकर अंदर आया और जीजू के बारे में पूछा, तो दीदी ने कहा कि वो रात को 9 बजे आएगे. तो उसने अंदर ही अंदर कुछ सोचा और हल्का सा हंस दिया. फिर दीदी उसे बाथरूम का नल दिखाने लगी. रवि की उम्र 38 साल, हाईट 5 फुट 6 इंच, रंग सांवला, मस्त बॉडी. अब नल के टूटे हुए मुँह पर कपड़ा घुसा हुआ था और नीचे का वाल्व भी बंद था. रवि बहुत ही शैतान किस्म का इंसान था, वो आज दीदी पर पूरी तरह से ट्राई मारने की सोचने लगा था. अब वो जानबूझ कर इधर उधर चैक कर रहा था और अब वो दीदी से बेकार की बातें भी करने लगा था.
रवि – भाभी बाथरूम की तो हालत ही ख़राब है, आप इसमें कैसे नहाती हो?
दीदी – पूछो मत, तुम्हारे भैया को मेरे लिए टाईम नहीं है तो बाथरूम के लिए कहाँ से टाईम होगा, में कब से उन्हें इसे ठीक कराने को कह रही हूँ.
फिर रवि ने देखा कि बाथरूम के हैंगर पर एक लेडीस पेंटी सूख रही है तो उसने झट से पेंटी अपने हाथ में ली और दीदी को देते हुए कहा कि लीजिए भाभी नहीं तो भीग जाएगी और एक स्माइल दी. अब दीदी को शर्म आ गई थी, उसे पहले ही हटा देनी चाहिए थी.
अब तक तो दीदी फ्लर्ट नहीं कर रही थी, लेकिन अब वो सोचने लगी थी कि क्यों ना थोड़ी मस्ती की जाए? फिर दीदी अपनी चड्डी रखने के बहाने अपनी चुन्नी भी बेड पर फेंक आई. अब वो एक नाइटी में थी, जिसका गहरा गला था. फिर जब वो बाथरूम में घुसी तो रवि ने पीछे पलटकर देखा तो वो दीदी को देखता ही रह गया. फिर दीदी ने पूछा कि क्या हुआ ठीक तो हो जाएगा ना? अब रवि मन में सोचने लगा था कि ये औरत शायद लंड की प्यासी है वरना अपनी चुन्नी क्यों हटाती? ये तो जैसा सुना था वैसी ही रंडी है, इसका बदन तो पूरा मलाई का बना है आज में इसकी मलाई तो खाकर ही रहूँगा, अब उसके दिमाग़ में प्लान आ रहा था.
रवि – हाँ ठीक तो में कर दूँगा, लेकिन किसी को मेरी मदद करनी होगी, इसका शॉवर भी काम नहीं कर रहा और वाल्व टप के नीचे है और ये नल और शॉवर दोनों को सप्लाई देता है.
अब हमें नल से पहले शॉवर ठीक करना होगा, अब जब में वाल्व खोलूँ तो आपको नल के कपड़े को दबाकर पकड़ना है, में शॉवर के वाल्व को ठीक करने के लिए धीरे से खोलता बंद करता रहूँगा, आपको नल के पानी को रोककर रखना होगा.
दीदी – ठीक है.
रवि – तो आप नल को पकड़ो.
फिर दीदी जैसे ही नल के पास गई, तो रवि अचानक से झुका और वाल्व पूरा खोल दिया, तो पानी इतनी ज़ोर से निकला कि दीदी को कमर के नीचे तक भीगा दिया. फिर उसने नल बंद करते हुए कहा कि ये क्या? आपने नल को नहीं पकड़ा.
दीदी – तुमने मौका कब दिया? अब में पूरी भीग गई हूँ.
रवि – कोई बात नहीं भीगना तो था ही, भाभी बाद में कपड़े बदल लेना.
फिर दीदी ने अपना सिर हिलाया और फिर नल के छेद को कपड़े से पकड़ा और कहा कि अब तुम शॉवर ठीक करो. अब दूसरी तरफ रवि पीछे से दीदी के भीगे बदन को घूर रहा था.
अब दीदी की नाइटी दीदी की जांघो पर चिपक गई थी तो रवि एक कुर्सी लेकर उस पर चढ़कर शॉवर पर हथोड़ा मारने लगा और फिर शॉवर ऑन कर दिया. अब ऑन करते ही शॉवर जोरो से पानी फेंकने लगा था. अब दीदी थोड़ी हैरान हुई, लेकिन जब तक बहुत देर हो चुकी थी और अब दीदी का बदन ऊपर से नीचे तक पूरा भीग चुका था. फिर रवि ने नाटक करते हुए दीदी से माफी माँगते हुए शॉवर बंद कर दिया और दीदी के बदन को देखने लगा. अब दीदी की नाइटी ना होने के बराबर थी, अब सफ़ेद नाइटी पारदर्शी होकर दीदी के बदन पर चिपक गई थी.
अब उनकी ब्रा-पेंटी सब अपने रंग और आकार रवि को बता रहे थे, अब ये सब देखकर तो रवि का लंड खड़ा हो गया था. अब दीदी को रवि के गंदे इरादो का इशारा मिलने लगा था, वरना एक आदमी इतनी ग़लती करता है और खुद थोड़ा भी नहीं भीगता है. तभी रवि कुर्सी से उतरकर बोलता है कि छोड़ना मत भाभी, में पकड़ लूँ फिर छोड़ना.
फिर दीदी ने सोचा कि हरामी ने वाल्व क्यों बंद नहीं किया? तभी रवि दीदी के बिल्कुल पीछे खड़ा होकर दीदी के दोनों तरफ से हाथ बढ़ाकर नल के टूटे हिस्से पर दबे दीदी के हाथों पर दबाव देने लगा और बोला कि रुकिये, जब में बोलूं तो छोड़कर झुककर मेरे बाजुओं के नीचे से निकल जाना. तभी दीदी को रवि की मजबूत छाती उसकी पीठ पर घिसती हुई महसूस हुई, लेकिन वो हिल नहीं पाई.
फिर अगले ही पल में रवि ने हिम्मत दिखाते हुए अपने तने हुए लंड को दीदी के चूतड़ो के बीच में लगा दिया और चिपक गया. अब दीदी को अजीब सा अहसास हुआ और वो थोड़ी आगे आ गई, लेकिन सोचा कि मज़ा आ रहा है तो थोड़ा मजा करने में क्या जाता है? फिर दीदी भी अपनी कमर को पीछे ले जाकर रवि से चिपक गई, तो रवि झूम उठा और गर्म होने लगा. फिर दीदी भी मौका देखकर घिसती हुई झुकी और उसके चंगुल से छूट गई. फिर रवि ने नल फिट किया और बाहर आकर दीदी से कहा कि अब सब ठीक है. अब दीदी बाहर भीगी बैठी थी और बदन पर चुन्नी डालकर बात कर रही थी. अब वो गर्म हो चुकी थी, उसे बहुत दिनों के बाद किसी मर्द ने इस तरह से छुआ था.
दीदी – तो तुम्हारी फीस कितनी हुई?
अब रवि को लगा कि उसका खेल ख़त्म हो गया है, अब वो इस बदन की मलाई को नहीं चख पाएगा और वापस जाकर अपनी बीवी को ही रोज की तरह चोदना पड़ेगा.
रवि – इतने से काम के लिए में आपसे फीस नहीं लूँगा, चलता हूँ.
अब दीदी को भी लगा कि आज उसे फिर से चूत में ऊँगली करके अपनी प्यास बुझानी होगी. अब उन दोनों के बदन चुंबक की तरह आकर्षित हो रहे थे, लेकिन शर्म उन्हें रोक रही थी.
दीदी – रूको फीस तो तुम्हें लेनी ही होगी, में कपड़े बदलकर आती हूँ, तुम बैठो और ये कहकर दीदी कपड़े लेकर बाथरूम में घुसी और दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया.
फिर कुछ देर के बाद अचानक से रवि की नज़र बाथरूम की तरफ गई, तो वो चौंक पड़ा कि ये क्या बाथरूम का दरवाज़ा थोड़ा खुला हुआ है? अब उसकी दिल की धड़कने तेज़ हो गई थी. फिर वो बाथरूम के पास जाकर जैसे ही अंदर झाँका तो उसने देखा कि दीदी अपनी सूखी पेंटी पहने हुई थी और कमर से ऊपर तक नंगी खड़ी अपने भीगे कपड़ो को बाल्टी के पानी में भीगो रही थी.
अब वो समझ चुका था कि कोई औरत ग़लती से दरवाज़ा खुला नहीं छोड़ सकती है, जब पराया मर्द घर में हो, तो वो एकदम से अंदर घुस गया तो दीदी ने घूमकर टावल लपेट लिया और कहा कि ये क्या? तुम अंदर क्यों आए?
रवि – चुपकर रंडी, अब नाटक मत कर, में तेरे बदन की आग को बुझाने आ गया हूँ.
अब दीदी को लगा कि उसका नाटक पकड़ा गया है, तो वो चिल्लाने की धमकी देने लगी, लेकिन अब रवि को पूरा भरोसा हो चुका था कि दीदी एक नंबर की ठरकी औरत है. फिर रवि ने अपनी टी-शर्ट उतार दी और अपना हाथ आगे बढ़ाया और दीदी के टावल को खींच दिया.
अब दीदी के गोरे बड़े बूब्स बाहर आ गये थे और उन पर हल्के भूरे निप्पल थे. अब रवि दीदी के बदन और फिगर को देखता ही रह गया था. अब दीदी अपने दोनों हाथों से अपने दोनों बूब्स को ढक रही थी, लेकिन वो वहाँ से हिली नहीं थी. फिर रवि धीरे से दीदी के पास गया और दीदी के कंधो को पकड़कर मुँह से मुँह लगाकर चूमने लगा. अब दीदी भी कोई विरोध किए बिना ही अपना हाथ रवि की पीठ पर ले गई और सहलाने लगी. फिर रवि ने कुछ देर तक दीदी के होंठो को चूसने के बाद दीदी को अपनी बाहों में भर लिया और उसके बूब्स को अपने नंगे सीने में दबाने लगा. अब दीदी सस्शह आआहह हहाअ की आवाजें निकाल रही थी.
फिर उसने दीदी को अपने से अलग किया और उनके बदन को घूरने लगा. फिर वो थोड़ा सा नीचे झुका और अपना मुँह ले जाकर दीदी के एक मुलायम बूब्स पर रखकर अपनी आँखे बंद की और चूसने लगा. तो दीदी ने अपना सिर पीछे कर लिया और उसके कंधे को पकड़कर पीछे की तरफ झुक गई. फिर रवि ने एक एक करके दीदी की दोनों चूचीयों को चूसा और निप्पल को अपनी जीभ में लेकर खेलता रहा और अपने दूसरे हाथ से उन्हें दबाता रहा. अब दीदी आ आआहह सस्सह हहाअ ऊओ की आवाजे निकाले जा रही थी.
फिर रवि दीदी के बूब्स को छोड़कर ऊपर आया और दीदी के होंठो को चूमने लगा और फिर उनकी गर्दन को चूमने लगा और इसके साथ ही अपने एक हाथ को दीदी की चड्डी में डालकर उनकी चूत में उंगली करने लगा. अब दीदी भी सिसकारियाँ भरती और उस अहसास का पूरा मज़ा लेती रही. अब उसे अपने पति की याद आती, लेकिन वो इस पल के मज़े के लिए कुछ भी कर सकती थी. अब उसे स्वर्ग का अहसास हो रहा था और रवि को भी स्वर्ग का अहसास हो रहा था.
फिर रवि ने 15 मिनट तक दीदी के मुँह, बदन और बूब्स से रस पीने के बाद दीदी को दीवार से चिपका दिया और नीचे बैठ गया और अपने दोनों हाथों से उसकी चड्डी खींचकर नीचे कर दी और दीदी ने भी अपने पैर उठाकर उसे निकाल फेंका. अब ऐसा होते ही रवि भी अपना मुँह दीदी की चूत में लगाकर चाटने, चूसने लगा. अब दीदी ने अपने दोनों हाथों को उसके सिर में रखकर अपने घुटनों को दोनों तरफ कर दिया था, जिससे रवि और अच्छे से अपना मुँह घुसाने लगा था.
अब दीदी सस्स्स्स आअहह ऊओह सस्सह करती रही और 10 मिनट के बाद दीदी का बदन कांप उठा और वो झड़ गई. फिर वो दीदी के ऊपर आया और दीदी के सिर को पकड़कर नीचे कर दिया. अब दीदी को पता था कि उसे क्या करना है? फिर दीदी ने उसकी पेंट और चड्डी खींचकर निकाली और उसके 7 इंच लम्बे और काले, मोटे लंड को चूसने लगी.
फिर थोड़ी देर के बाद वो दीदी को ऊपर लाया और उसके होंठो को चूमा और उसके बाएं घुटने को पकड़कर अपने दायें हाथ से अपनी कमर तक लाया और अपने लंड को दीदी के चूत में फिट करते हुए एक धक्का मारा तो दीदी कसमसा उठी और रवि ने फिर से अपने लंड को पकड़कर एक धक्का और मारा तो दीदी उईईईई आहहहह आअहह सस्स्सह करने लगी. अब रवि धक्के पे धक्के मारता जा रहा था और दीदी धक्के के साथ अपने हाथों से रवि के कंधो को पकड़कर सिसकियां भरती जा रही थी.
फिर उसने दीदी के पैर छोड़े और उन्हें पलटाकर दीवार पकड़ा दी और पीछे से दीदी की चूत में कुत्ते जैसा लंड पेलने लगा. अब दीदी कामुकता के सागर में कूद चुकी थी, अब वो रवि की गुलाम की तरह उसकी हर एक बात मान रही थी. तभी रवि ने शॉवर ऑन कर दिया और दीदी को कमर से पकड़ ऊपर उठा लिया और उसके दोनों पैर अपने चूतड़ो पर लॉक कर दिए. अब दीदी उसकी मजबूत बाहों में झूल रही थी और उसकी गर्दन को पकड़ रखा था. फिर उसने नीचे से अपने लंड को पकड़कर दीदी की चूत में सेट किया और धकेल दिया.
अब इस बार दीदी उसके लंड को बहुत गहराई में महसूस कर रही थी. अब वो जोर-जोर से धक्के मारने लगा था. अब दीदी अग अग सस्सस्सस्स अयाया अया करने लगी थी. अब शॉवर के नीचे दो बदन एक दूसरे को बेहमिसाल खुशी दे रहे थे.
फिर रवि ने दीदी के चूतड़ो को वॉश बेसिन पर रखा और दीदी ने जैसे ही अपनी पकड़ ढीली की तो उसने झुककर दीदी की बाई चूची अपने मुँह में भर ली. अब दीदी के बदन में एक सिहरन दौड़ गई और दीदी फिर से झड़ गई, लेकिन रवि उस मक्खन जैसी चूची को अपने मुँह में लेते हुए बेपरवाह चुदाई कर रहा था. फिर उसने दीदी को उठाया और शॉवर के नीचे ज़मीन पर लेटा दिया और अपने लंड को ठीक किया और जोरो से दीदी की चूत को चोदने लगा. अब दीदी ने भी अपने दोनों पैर फैलाए और उसको अपनी तरफ खींचने लगी और साथ में नीचे से धक्के लगाने लगी थी. अब दीदी अया अया सस्स्सह ऊवू ऊहह की आवाजे निकाले जा रही रही थी.
अब वो दोनों एक दूसरे को जकड़े हुए फुल स्पीड में चुदाई कर रहे थे. फिर 15 मिनट के बाद वो दोनों एक साथ हाँफते हुए चिल्लाए आअहह ऊओह में आह आह आह. फिर इसके साथ ही वो दोनों बदन आहिस्ते से एक दूसरे से अलग हुए और वहीं पानी में पड़े रहे. फिर रवि उठा और जीजू के कपड़े पहनकर चला गया.
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नंदोई ने मुझे चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रेणु गुप्ता है और मेरी उम्र 32 साल है, मेरी शादी को पूरे दस साल हो गये है, आज में आप सभी चाहने वालों को जो कहानी बताने जा रही हूँ, वो कहानी मेरे नंदोई (पति के बहनोई) की है, जिसमें उन्होंने मुझे बहुत जमकर चोदा और में कुछ ना कर सकी और वो कहानी इस प्रकार है.
दोस्तों मेरे पति के सिर्फ़ एक बहन है और वो मेरे पति से उम्र में करीब पांच साल बड़ी है और वो दिल्ली में रहती है, वो बहुत सुंदर है, लेकिन मेरे नंदोई उनसे भी ज्यादा सुंदर है और वो अच्छे बदन के सुंदर दिखने वाले मर्द है, वो स्वाभाव से भी बहुत मजाकिया किस्म के है, मेरा रिश्ता तो वैसे भी उनके साथ हँसी मज़ाक का है, इसलिए वो सबके सामने ही मेरे साथ हँसी मज़ाक और प्यारी छेड़छाड़ किया करते, लेकिन धीरे धीरे में अब यह बात महसूस करने लगी थी कि जीजा जी यानी की मेरे नंदोई की नियत मेरे प्रति कुछ ठीक नहीं है, कई बार जब में घर पर अकेली होती तो वो कभी मेरी कमर पर चिकोटी काट लेते या कभी मेरे गालों को चूम लेते, उनकी यह ऐसी हरकतें मुझे बहुत अच्छी लगती थी, लेकिन में उनसे हमेशा बुरा मानने का नाटक किया करती थी और उनको अपने मन से मना करने का तो सवाल ही नहीं उठता था.
एक बार होली पर वो हमारे यहाँ पर आए हुए थे. दोस्तों होली तो वैसे भी मस्ती का त्योहार है और जीजा के घर की तरफ तो बहुत खुलकर होली होती है और वैसा ही माहौल ठीक मेरे ससुराल में भी था.
मेरी ननद तथा उनके पति तो थोड़ी सी देर रंग खेलकर शांत बैठ गये, लेकिन जीजा जी तो कुछ देर बाद मेरे पीछे ही पड़ गये, मुझे रंगों से बहुत डर लगता है और यह बात सभी को पता थी, इसलिए नंदोई जी मेरे ऊपर रंग डालने के लिए जैसे ही लपके वैसे ही में भागकर अपने कमरे में छुप गई और मैंने दरवाजा अंदर से भिड़ा लिया, लेकिन वो कब मानने वाले थे, वो ज़बरदस्ती दरवाजे को धक्का देकर अंदर आ गये और अब उन्होंने सही मौका देखकर मुझे अपनी बाहों में दबोच लिया और कसकर जकड़ लिया तो में उनसे बोली कि प्लीज जीजा जी, प्लीज़ रंग मत डालिए मुझे अपने ऊपर रंग नहीं लगाना प्लीज मुझे अब जाने दीजिए, छोड़ो मुझे कोई देख लेगा प्लीज.
अब वो मुझसे बोले कि अच्छा ठीक है में तुम्हें रंग नहीं डालूँगा, लेकिन तुम्हें इस तरह मुझसे भागकर छिपने की सज़ा में आज ज़रूर दूँगा और उन्होंने अपनी एक बाहं को मेरे कंधे से डालकर मुझे पकड़कर लपेट लिया और अपना दूसरा हाथ उन्होंने तुरंत मेरे ब्लाउज में डाल दिया. फिर में उनसे कहने लगी कि प्लीज जीजा जी मुझे छोड़ीए और में सिसकियाँ लेने लगी और वो अपना काम लगातार करते रहे. अब वो बोले कि पहले में तुम्हें ठीक से सज़ा तो दे दूं और अब वो मेरे बूब्स को बड़ी बेदर्दी से मसलने, निचोड़ने लगे.
फिर मैंने करहाते हुए कहा कि जीजा जी प्लीज़ छोड़ दीजिए कोई देख लेगा. तभी वो बोले कि उससे क्या फ़र्क पड़ता है, इस घर में किसी की हिम्मत नहीं जो मेरे आगे बोले और वो यह बात हंसकर बोले और फिर उन्होंने मेरे एक बूब्स को बहुत बुरी तरह से निचोड़ा, जिसकी वजह से में चीख पड़ी और बोली जीजा जी में आपके आगे हाथ जोड़ती हूँ प्लीज मुझे जाने दीजिए, में उनसे प्रार्थना भरे स्वर में बोली. फिर वो बोले कि इसमें हाथ जोड़ने की ज़रूरत नहीं है, पहले एक वादा करो तो में तुम्हें जाने दूँगा. फिर मैंने उनसे पूछा कि कैसा वादा? अब वो मुझसे बोले कि आज रात को तुम छत वाले कमरे में जरुर आओगी, मुझसे वादा करो, तब में तुम्हें छोड़ दूंगा. अब मैंने उनसे कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है? अगर किसी ने मुझे देख लिया तो क्या होगा?
वो बोले कि उस बात की तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो अगर कोई जाग गया तो में झूठा बहाना बना दूँगा और कहूँगा कि मेरी तबीयत खराब थी, इसलिए मैंने तुम्हें दवा लेकर ऊपर बुलाया था और वो मुझसे बोले अब तुम जल्दी से वादा करो यह बात कहते समय जीजा जी मेरे दोनों निप्पल को अपने दोनों हाथों की उंगलीयों से इस तरह मसल रहे थे कि मेरी जान हलक में आ गई थी. अब उनसे बचने का मेरे पास बस एक ही उपाय था और वो यह था कि में उनकी बात को मान लूँ.
फिर आख़िर मजबूर होकर मुझे वही करना पड़ा. फिर वो बोले वाह बहुत अच्छा सभी लोग रोजाना खाना खाकर जल्दी सो जाते है और में रात दस बजे तुम्हारा छत पर इंतजार करूँगा, वो यह बात मेरे बूब्स को मसलते हुए बोले और मैंने अपना सर हाँ में हिला दिया और फिर में तुरंत चुपचाप कमरे से बाहर निकल गई.
फिर रात को करीब दस बजे के बाद जब सभी लोग सो गये तो में दबे पैर छत पर उस कमरे में पहुँच गई, जिसमें मेरे नंदोई लेटे थे और वो मेरा ही इंतजार कर रहे थे, जैसे ही में कमरे में पहुँची तो उन्होंने तुरंत दरवाजा अंदर से बंद कर लिए और खिड़की को भी बंद कर दिया. मुझे उस समय एक अजीब सी सिहरन हो रही थी और में समझती हूँ कि कोई भी औरत जब किसी पराये मर्द के पास जाती होगी तो उसके जिस्म में इस तरह की सिहरन ज़रूर होती होगी.
फिर कमरा बंद करने के बाद जीजा जी ने बिना समय गवाए तुरंत अपने और मेरे सारे कपड़े उतार दिए. दोस्तों में बहुत बेशर्म औरत हूँ. फिर भी मुझे अब थोड़ी सी शर्म आ रही थी और उसका कारण था कि जीजा जी के सामने नंगा होना था और वो पहला अवसर था, वैसे कमरे में एकदम अंधेरा था तो इसलिए अपने नंगेपन को लेकर मुझे ज़्यादा परेशानी नहीं हुई.
दोस्तों मेरी परेशानी तो दरअसल उस समय शुरू हुई जब जीजा जी ने मेरे गोरे गोरे अंगों को सहलाना और दबाना शुरू किया. दोस्तों उनकी हर एक हरकत इतनी मादक थी कि में अपने आपको भूल गई और उनसे कसकर लिपट गई और मेरे गले से हल्की हल्की सिसकियाँ निकलने लगी थी और में अपने दोनों हाथों से जीजा के पूरे बदन पर अपने नाख़ून गड़ा रही थी, मुझे अपने हट्टेकट्टे बदन वाले नंदोई से लिपटकर कुछ अलग ही प्रकार का परम आनंद मिल रहा था, जीजा जी के पूरे बदन पर बाल ही बाल थे और उनका खुदरा बदन मेरे चिकने बदन में एक अजीब सी उत्तेजना की लहर पैदा कर रहा था, जिसको में किसी भी शब्दों में लिखकर आप लोगों को नहीं बता सकती.
अब अचानक से जीजा जी ने मेरा एक हाथ पकड़ा और अपनी जांघों के बीच में रख दिया, ऐसा करते ही उनका मोटा लंड मेरी मुट्ठी में आ गया और में उनके लंड की मोटाई और मजबूती महसूस करके कांप उठी. इसे कहते है कि असली मर्द का लंड में मन ही मन यह बात सोचने लगी, दरअसल मेरे पति का लंड एकदम मरीयल सा छोटे आकार का है, सुहागरात वाले दिन जब मैंने उनका लंड पहली बार देखा तो मुझे उनसे बहुत निराशा हुई और अपने पति का पतला लंड देखकर मेरा मन बुझ सा गया था, लेकिन आज अपने नंदोई के तगड़े लंड को अपने सामने देखकर मेरे बुझे दिल में अब एक नई रोशनी झिलमिला उठी और मेरे सोए अरमान जाग उठे थे, में उस दिन का बहुत बेताबी से इंतजार करने लगी.
जब जीजा जी अपने लंड को मेरी चूत के भीतर प्रवेश करवाएंगे. अब जीजा जी बार बार मेरी चूत के आसपास अपना हाथ लगा रहे थे, शायद वो चूत की स्थिती का जायज़ा लेने की फिराक में थे, क्योंकि अंधेरे की वजह से आँखों से कुछ देख पाना बिल्कुल भी सम्भव नहीं था और कुछ देर मेरी चूत का ठीक से अंदाज़ लगा लेने के बाद जीजा जी ने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के दरवाजे पर टिका दिया.
उस समय तक मेरी उत्तेजना हिमालय की उँचाईयों पर पहुंच चुकी थी. जीजा जी ने जब अपना लंड मेरी चूत के खुले मुहं पर रखा और कुछ देर के लिए रुके और उसी वक़्त मैंने अपनी कमर को एक ऐसा झटका दिया कि वो स्टील रोड जैसा मोटा लंड मेरी चूत की कोमलता में घुस गया. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि वाह शाबास और जीजा जी खुशी से उछल पड़े और वो बोले कि तुम तो इस खेल की अच्छी खिलाड़ी लगती हो. दोस्तों उनकी बात सुनकर में शरमा गई और अब में उनकी छाती पर अपना सर छुपाकर लेट गई.
फिर तो जीजा जी ने अपना मोर्चा संभाल लिया और अपने दोनों हाथों से उन्होंने मेरे बूब्स को दबोच लिया और वो अपनी कमर को आगे पीछे चलाने लगे, में भी धीरे धीरे अपनी गांड को उछालने लगी और अपने एक बूब्स को मैंने जीजा जी के मुंह से लगा दिया था और जिस तरह से वो बूब्स को चूस रहे थे, उससे मुझे जबरदस्त उत्तेजना हो रही थी और में उस उत्तेजना में बिल्कुल पागल होकर बड़बड़ा रही थी आह्ह्हहह उफ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ जीजा जी अब मेरी आग बुरी तरह से भड़क चुकी है आप अपने लंड को पूरा अंदर घुसा दो, आईईईइ और ज़ोर से हाँ बुउुउउस्स्स आईसस्स्स्सि जीजा जी और ज़ोर से प्लीज और ज़ोर से चोदो आईईईईए मुझसे अब रुका नहीं जा रहा है, अब मेरी मंज़िल आने वाली है आआहइईईईन्न्न में झड़ने वाली हूँ, कहीं ऐसा ना हो कि आप प्यासे रह जाएँ. दोस्तों जब अपनी हालत मैंने उन्हें बताई तो वो मेरी गांड मसलते हुए बोले तुम उस बात की बिल्कुल भी फ़िक्र मत करो रानी, हम दोनों एक साथ ही स्टेशन पर पहुँचेंगे.
फिर मुझसे इतना कहकर उन्होंने अपने लंड से चार पांच जोरदार झटके मेरी चूत पर मारे और उसके साथ ही उनके लंड से एक फुहार मेरी चूत के अंदर पड़ी और ठीक उसी समय मेरी चूत भी ज्वालामुखी की तरह लावा उगलने लगी. मुझे झड़ने का ऐसा जबरदस्त आनंद पहले कभी नहीं मिला था, शायद यह सब मेरे नंदोई के मोटे और मजबूत लंड का ही कमाल था, जिसकी मदद से उन्होंने मेरी चूत को बुरी तरह से मसल डाला था और मुझे उस सुख की असीम उँचाइयों पर पहुँचा दिया था और जिसके लिए में इतने सालों से तरस रही थी.
अब जीजा जी मुझसे चिपकते हुए पूछने लगे, अब तुम मुझे खुलकर सच सच बताओ कि तुम्हें मज़ा आया या नहीं, लेकिन में अब उन्हें इस बात का क्या जवाब देती? क्योंकि सच्चाई तो यह थी कि पहली बार मुझे सेक्स का आनंद मिला था, लेकिन में अपने नंदोई से अपने मुंह से कैसे यह बात कहती कि उनसे चुदवाने में मुझे अपने पति से भी ज़्यादा मज़ा आया? शायद अब जीजा जी मेरी इस स्थिती को समझ गये.
फिर वो कुछ देर के बाद बोले में यह बात भी बहुत अच्छी तरह से जानता हूँ कि तुम अपने मुंह से हाँ या ना नहीं कह पाओगी तुम ऐसा करो कि अगर तुम्हारा जवाब ना है तो मेरी छाती पर एक चुम्मा ले लो और अगर तुम्हारा जवाब हाँ है तो तुम मेरे लंड को एक बार अपने होंठों से चूम लो. दोस्तों जीजा जी के इस सुझाव से मेरा काम अब बहुत आसान हो गया था. मुझे अपने मुहं से एक भी शब्द बाहर निकाले बिना ही अपनी हाँ या ना का जवाब उनको देना था. फिर में तुरंत उठी और उनकी कमर पर झुककर उनके तनकर खड़े लंड को में अब चूमने लगी थी. तभी उन्होंने मुझसे कहा कि शाबाश और अब उन्होंने मुझे खींचकर अपनी छाती से लगा लिया और फिर वो मुझसे बोले कि मुझे भी आज कई सालों बाद किसी की चुदाई में ऐसा मज़ा और आनंद हासिल हुआ है, तुम्हारा जिस्म बहुत लाजवाब है और ख़ासकर तुम्हारी गांड बूब्स और जांघे बहुत लाजवाब है.
अब अपने नंदोई से सेक्सी बदन की अपनी तारीफ़ सुनकर में मन ही मन गदगद हो गई. फिर कपड़े पहनकर में नीचे आई और सभी को सोता हुआ देखकर मुझे बहुत तसल्ली हुई और में चुपचाप जाकर अपने पति के पास में लेट गई. फिर दो दिन के बाद मेरी ननद और नंदोई दिल्ली वापस चले गये और में अपने घर के कामो में मगन हो गई, लेकिन करीब एक महीने के बाद मेरे नंदोई ने मेरे पति के पास फोन करके उनको बताया कि मेरी ननद की तबीयत बहुत खराब है और डॉक्टर ने उनका ऑपरेशन बताया है.
उन्होंने मेरे पति से मुझे कुछ दिनों के लिए दिल्ली पहुँचाने का अनुरोध किया, शाम को मेरे पति ने घर पर आकर मुझे वो सब कुछ बताया और फिर हमने यही निर्णय लिया कि मेरे पति मुझे दिल्ली पहुंचा आएँ, ताकि जब तक दीदी पूरी तरह से ठीक ना हो जाए, जीजा जी को खाने पीने में किसी तरह की कोई भी परेशानी ना आए, में उनके घर के सभी कामो को कर दिया करूं और मेरे यह सब करने से उनकी मदद भी होगी. फिर अगले ही दिन मेरे पति ने मुझे अपनी बहन के घर पर पहुंचा दिया और वो खुद वापस उसी शाम को लौट आए, जीजा जी की आँखों में मुझे देखकर जो चमक उभरी थी, उसका मतलब में फ़ौरन समझ गई थी कि वो मन ही मन मेरे लिए क्या क्या बातें सोच रहे थे? मेरी ननद अस्पताल में भर्ती थी और पाँच दिनों के बाद उनका ऑपरेशन होना था और उसके एक हफ्ते बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलनी थी.
इस बारह दिनों के समय में जीजा जी की सारी गर्मी और सारा जोश मुझे अकेली को ही झेलना था और फिर शाम की ट्रेन से मेरे पति मुझे वहां पर छोड़कर वापस चले गये और जीजा जी दीदी का खाना लेकर अस्पताल चले गये, वो रात के 9 बजे वापस आए और हम दोनों ने साथ में बैठकर खाना खाया और खाना खा लेने के बाद जीजा जी मुझसे बोले कि तुम सफ़र में बहुत थक गई होगी जाकर बेडरूम में आराम कर लो.
फिर मैंने उनसे पूछा कि जीजा जी आप कहाँ सोएंगे? अब वो थोड़ा सा शरारती अंदाज में मुस्कुराकर बोले कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो में भी तुम्हारे पास ही सोऊंगा और में तुम्हे आज से चुदाई का भी भरपूर आनंद दूँगा, लेकिन अभी मुझे अपने ऑफिस का थोड़ा सा काम खत्म करना है. दोस्तों उनके जवाब ने मुझे खुश कर दिया था और में जाकर उनके बेडरूम में लेट गई. सफर में ज्यादा थकी होने की वजह से मुझे जल्दी से नींद आ गई, लेकिन कुछ ही देर बाद मेरी आँख यह सब देखकर खुल गई कि मेरे नंदोई पूरी तरह नंगी हालत में मेरे पास बैठे थे.
उन्होंने ना जाने कब मेरे कपड़े भी उतार दिए थे और उस समय वो बड़े ध्यान से मेरी चूत को निहार रहे थे और जैसे ही उन्होंने मुझे आँखे खोलते हुए देखा तो उन्होंने मेरी चूत को सहलाते हुए मुझसे बोला कि अच्छा हुआ तुम जाग गई चुदाई का असली मज़ा तभी आता है जब दोनों जने अपने पूरे होश में और जोश में हो. अब जीजा जी ने सबसे पहले उठकर लाइट को बंद कर दिया, लेकिन दोबारा चालू कर दिया. फिर मैंने अपनी जांघे मोड़कर अपनी चूत को छुपाते हुए शरमाने लगी और मैंने उनसे कहा कि प्लीज बंद करो इसको.
फिर वो बोले कि नहीं आज तो पूरी रात लाईट ऐसे ही जलती ही रहेगी, क्योंकि उस रात को मैंने तुम्हारे ससुराल में तुम्हारे बदन को सिर्फ़ छूकर ही महसूस किया था, लेकिन आज में तुम्हारी सुन्दरता को अपनी आँखो से देखना चाहता हूँ, लेकिन मुझे अब उनसे बहुत शर्म आ रही है और मैंने दोबारा बंद करने के लिए और कहा कि मुझे शर्म आती है. तो वो बोले कि यह शर्म तो कुछ देर की है अभी कुछ देर में तुम्हे जैसे ही गरमी और जोश आएगा वैसे ही यह शर्म मुंह छुपाकर कहीं दूर भाग जाएगी, मेरी एक बात हमेशा याद रखो चुदाई का पूरा मज़ा तभी लिया जा सकता है जब इंसान अपनी शर्म का चोला उतार फेंके और पूरा बेशर्म बन जाए.
फिर मैंने उनसे कहा कि में ऐसा कभी नहीं कर सकती, तभी वो बोले कि प्लीज ऐसा मत कहो मेरे पास एक ऐसी तरकीब है जिससे एक दो मिनट में तुम्हारी सारी शर्म दूर भाग जाएगी तुम ज़रा अपनी जांघे तो फैलाओ. दोस्तों अब मैंने उनके कहने पर अपनी दोनों जांघो को खोल दिया, लेकिन शर्म से मेरी आँखें अपने आप बंद हो गई और अगले ही पल मुझे अपनी गरम चिकनी चूत पर किसी खुरदरी वस्तु का स्पर्श पाकर में चौंक पड़ी मैंने आँखे खोली तो देखा कि जीजा जी ने मेरी जांघों के बीचों बीच अपना मुंह लगा रखा है और उनकी सख़्त मूँछे मेरी चूत की मुलायम त्वचा से रगड़ खा रही है.
फिर मेरे मुहं से निकला कि हाए जीजा जी आप यह सब क्या कर रहे है? तभी मेरे प्यार जीजा जी एक पल को अपना चेहरा ऊपर उठाकर मुस्कुराकर बोले और फिर झुककर मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगे. उनके ऐसा करते ही मेरे बदन में एक अजीब सी लहर उठने लगी और मुझे ऐसा लगने लगा था कि जैसे मेरी चूत फूलकर अब मोटी होती जा रही है तभी जीजा जी मेरी चूत की कोमल फांकों को अपने होंठों के बीच में रखकर मेरी चूत की गुलाबी पंखुड़ियों को चूसने लगे और अब तो में बुरी तरह से तड़प उठी और मेरी चूत इस तरह से मचल उठी कि जैसे कि में अब झड़ने वाली हूँ.
मैंने जीजा जी का चेहरा अब अपने दोनों हाथों से पकड़कर अपनी चूत से पूरी तरह से सटा दिया और में अपनी गांड को धीरे से हिला हिलाकर अपनी चूत उनके पूरे चेहरे पर रगड़ने लगी थी जिसकी वजह से मेरी चूत का वो चिपचिपा पानी उनके चेहरे से लगने लगा था.
दोस्तों जीजा जी को शायद चूत को चूसने का बहुत अच्छा अनुभव था क्योंकि वो बार बार मेरी चूत को बीच में रुककर चूम रहे थे और कभी उसे दांतों से काट भी लेते तो कभी उंगलीयों से मसल देते उनकी जीभ लप लप करती हुई कई बार मेरी चूत के ऊपर घूम चुकी थी और उसकी लार से मेरी पूरी चूत गीली हो गई थी और अब मुझे लंड की जबरदस्त तलब महसूस हो रही थी मेरा मन हो रहा था कि में जीजा जी का लंड पकड़कर अपनी चूत में खुद ही घुसेड़ लूँ और तब में ताबड़तोड़ उछल कूद करूँ, जिसके कि मेरी जलती हुई चूत को ठंडक मिल जाए.
दोस्तों में अभी यह बातें सोच ही रही थी कि तभी जीजा जी ने अचानक से अपनी जीभ को मेरी चूत में अंदर सरका दिया और उसे जल्दी जल्दी चलाने लगे में पूरी तरह से उत्तेजना में तो थी ही और जीभ की रगड़ लगते ही मेरी चूत खुलकर फफक पड़ी और में ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेकर अपने नंदोई से लिपट पड़ी.
जीजा जी ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और फिर वो मेरे गालों को चूमने लगे थोड़ी देर बाद मेरी गांड को मसलते हुए वो मुझसे पूछने लगे कि तुम मुझे सच सच बताना क्या ऐसा मज़ा तुम्हारे पति ने तुम्हे कभी दिया है? अब मुझे मजबूर होकर सच सच उनसे कहना पड़ा कि नहीं कभी नहीं और फिर वो अपना लंड मेरी जांघो पर रगड़ते हुए मुझसे कहने लगे कि मैंने तुम्हारी आग तो शांत कर दिया है और अब तुम भी मेरी प्यास को बुझाओ. दोस्तों में समझी कि अब वो मुझे चोदना चाहते है इसलिए मैंने अपने हाथों से उनका लंड पकड़कर अपनी चूत के अंदर घुसेड़ लिया.
तभी जीजा जी ने अपना लंड तुम यह क्या कर रही हो कहते हुए तुरंत बाहर निकाल लिया और वो मुझसे बोले कि मैंने तुम्हे होठों से मज़ा दिया है तुम भी मेरे लंड को अपने होंठों से प्यार करो. अब में समझ गई थी कि जीजा जी मुझसे अपना लंड चुसवाना चाहते है, क्योंकि वो अभी कुछ देर पहले मेरी चूत को चाटकर मेरी प्यास को बुझा चुके थे इसलिए में भी उनकी उस मन की इच्छा को पूरा करने के लिए बहुत विवश थी. फिर मैंने झुककर जीजा जी का लंड अपने मुंह में डाल लिया और अब में उसको चूसने लगी थी.
फिर जीजा जी ने मेरे सर को अपने दोनों हाथों से थाम लिया और अपनी कमर आगे पीछे करने लगे. उसके साथ ही उनका लंड मेरे मुंह में अंदर बाहर होने लगा था और कुछ ही देर हुई होगी कि अचानक से जीजा जी का पूरा बदन ज़ोर से हिलने लगा जब तक में कुछ समझ पाती तब तक उनके लंड ने ढेर सारा सफेद लावा मेरे चेहरे पर उगल दिया. अब मैंने उठकर जीजा जी का लंड और अपना मुंह दोनों को साफ किया और में उसी हालत में सो गई.
फिर रात को जीजा जी ने मेरी चूत और गांड का बहुत मज़ा लिया और मैंने भी उनका पूरा पूरा साथ दिया. मैंने अपनी गांड पहले कभी नहीं मरवाई थी इसलिए शुरू में लंड डालते समय मुझे बहुत दर्द का सामना करना पड़ा और उन्होंने थूक लगाकर मेरी गांड मारी कुछ देर बाद में रास्ता खुल जाने से मुझे बहुत मज़ा आया और हम लोग सुबह 9 बजे उठे जीजा जी को दीदी का नाश्ता लेकर अस्पताल जाना था, लेकिन उठने से पहले भी एक बार उन्होंने मुझे चोदा फिर वो हॉस्पिटल चले गये और अस्पताल से लौटने के बाद वो फिर से मुझ पर आते ही चड़ गये हालाँकि मुझे भी उनके साथ जमकर चुदाई का भरपूर आनंद मिल रहा था इसलिए मैंने भी उनसे कभी भी इंकार नहीं किया और मैंने खुलकर उनके मस्ताने लंड का पूरा मज़ा लिया.
दोस्तों जितने दिन में दिल्ली में रही जीजा जी के साथ मैंने जमकर जवानी का पूरा पूरा मज़ा लिया उन्होंने मुझे हर कभी जब भी उनको याद आती मेरी चुदाई कि मेरी चूत को अपने मोटे तगड़े लंड से चोद चोदकर अब तक पूरी तरह से भोसड़ा बना दिया था मुझे अब उनके लंड की एक आदत सी हो गई थी बिना चुदाई के मेरी चूत फड़कने लगी थी, लेकिन अपनी ननद के ठीक होकर घर पर आ जाने के बाद मुझे अपने ससुराल वापस आना पड़ा और उसके बाद से में अपने पति के साथ ही रह रही हूँ, लेकिन जिस तरह एक बार जीभ का चटपटा स्वाद जाग जाने के बाद इंसान को सादा खाना पसंद नहीं आता ठीक उसी प्रकार अपने नंदोई के साथ खुलकर सेक्स कर लेने के बाद अब मुझे अपने पति के सीधे सरल प्यार में वो वैसा मज़ा नहीं आता. हर वक़्त मुझे अपने नंदोई के साथ चुदाई की याद आती है और ख़ासकर जिस समय मेरे पति मेरी चुदाई करते है उस वक़्त में नंदोई जी के साथ बिताए वो सुखद पलों की यादों में खो जाती हूँ.
अब में अपने ससुराल में कोई नंदोई जैसा चुदक्कड़ चूत का दीवाना खोज रही हूँ जो मेरी और मेरी चूत की बहुत अच्छी तरह से चुदाई करे और मेरी भड़कती आग को शांत कर दे. दोस्तों यह थी मेरी चुदाई अपने नंदोई के साथ, में उम्मीद करती हूँ कि यह मेरी चुदाई और उनका मुझे चोदने का तरीका आप सभी पढ़ने वालों को जरुर पसंद आया होगा.
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रिया को चोदा उसके घर में

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम है अनुराग है और में असम का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 23 साल और में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़कर बहुत मज़े कर रहा हूँ और वो सब करना मुझे बहुत अच्छा लगता है और सेक्स में मेरी रूचि बचपन से ही है.
दोस्तों यह मेरी आज की कहानी तब की है जब में एक कॉलेज में अपनी पढ़ाई कर रहा था और उस समय मेरे कॉलेज में एक बहुत सुंदर लड़की थी और उसका नाम रिया था वो एक मॉडल थी और साथ ही वो मेरे कॉलेज से अपनी पढ़ाई भी कर रही थी.
दोस्तों वो दिखने में बहुत सुंदर और हॉट सेक्सी थी, उसके बूब्स बहुत बड़े, गांड का आकार भी एकदम ठीक, गोल सा चेहरा, बड़ी बड़ी काली आखें, गुलाबी होंठ और वो एकदम गोरी थी उसके फिगर का आकार मुझे पता नहीं है, लेकिन सब कुछ बिल्कुल सही आकार का था और में उसे मन ही मन में बहुत पसंद करता था, लेकिन मैंने उसे कभी कुछ नहीं कहा और मेरी कभी उससे बात करने की हिम्मत नहीं होती थी, लेकिन उसे अपने सामने देखकर उससे बात करने की इच्छा बहुत होती थी और वैसे भी उसका एक बॉयफ्रेंड था जिसके साथ वो हर कभी इधर उधर घूमती और मुझे उन्हें देखकर हमेशा ऐसा लगता था कि वो दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे.
एक दिन मैंने कॉलेज में पहुंचकर थोड़ी हिम्मत करके उससे बात करनी शुरू की, मैंने उससे उसका नाम पूछा और अपना नाम बताया हमारे बीच और भी बहुत कुछ इधर उधर की बातें हुई और मुझे उसकी आवाज सुनकर बहुत अच्छा लगा वो भी बहुत अच्छे से मेरे साथ बात करने लगी और मेरी हर बात का हंसकर जवाब देने लगी और ऐसे ही उस दिन के बाद से हमारी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई. मैंने उसका फोन नंबर ले लिया और हम एक दूसरे को मैसेज करने लगे हमने फोन पर बातें करना शुरू कर दिया और धीरे धीरे हमारी दोस्ती कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी और एक दिन मुझे पता चला कि उसका बॉयफ्रेंड बहुत ही शकीले स्वभाव का है और वो हमेशा दूसरे लड़को को लेकर रिया के साथ हर कभी झगड़ा करता था.
अब हम कभी कभी फिल्म देखने जाने लगे थे और वो तभी से मेरी तरफ आकर्षित होने लगी थी, कभी कभी गलती से मेरा हाथ उसके बूब्स पर लग जाता था, लेकिन वो मुझसे बिना कुछ कहे मेरी तरफ मुस्कुरा देती थी तभी में समझ गया था कि उसके साथ कुछ तो जरुर हो सकता है और अब में भी जानबूझ कर उसके ज़्यादा करीब आने लगा था.
एक दिन मैंने उससे कहा कि अगर में तुम्हारा बॉयफ्रेंड होता तो में तुम्हे बहुत प्यार करता और में कभी भी तुमसे झगड़ा नहीं करता, क्योंकि तुम बहुत अच्छी हो, सुंदर हो और तुम्हारा स्वभाव भी बहुत अच्छा है तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और वो मेरी यह बात सुनकर तरफ देखकर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी, लेकिन वो मुझसे एक भी शब्द नहीं बोली. एक दिन उसने मुझे अपने घर पर बुला लिया और में भी उसकी दोस्त की एक नोट बुक उसे देने के लिए उसके घर पर पहुंच गया.
मैंने देखा कि वो उस वक़्त उन कपड़ो में बहुत सेक्सी लग रही थी और उस समय उसके घर पर वो और उसकी माँ थी. फिर में उसके घर पर थोड़ी देर बैठा और फिर आंटी जी मेरे लिए खाने के लिए कुछ लेकर आई और रखकर दूसरे कमरे में चली गई और तब रिया और में दोनों एक दूसरे से बातें करने लगे, कुछ देर बाद आंटी जी दोबारा आई.
फिर वो हम दोनों से बोली कि वो बाजार से कुछ लाना भूल गई है इसलिए उन्हें दोबारा बाजार जाना पड़ेगा और वो इतना कहकर चली गयी और अब हम दोनों फिर से बातें करने लगे. फिर कुछ देर बाद रिया ने मेरे फोन से एक फोटो लेने के लिए मुझसे मेरा फोन ले लिया और वो फोटो लेने लगी. तभी उसने फोन गेलरी में चेक किया, लेकिन वहां पर उसे एक पॉर्न वीडियो पर नज़र आ गया और उसने मुझसे हल्का सा मुस्कुराते हुए पूछा कि क्यों क्या तुम यह सब भी देखते हो? दोस्तों में उसकी शैतानी हंसी देखकर समझ चुका था कि इसके मन में कुछ ना कुछ तो जरुर चल रहा है और फिर मैंने उससे कहा कि हाँ, लेकिन कभी कभी.
तभी वो मेरा जवाब सुनकर अपनी जगह से उठकर मेरे पास आई और बैठ गई वो अब मुझसे पूछने लगी कि तुम्हे मेरा फिगर कैसा लगता है? तो मैंने उससे कहा कि बहुत हॉट, सेक्सी हो तुमसे बढ़कर कोई भी नहीं है. फिर वो मेरी यह बात सुनकर मुझे एक नॉटी स्माइल देकर तुरंत उठ गई.
फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तब उसने मुझसे कहा कि मुझे बहुत भूख लगी है में किचन में कुछ खाने का जुगाड़ देखती हूँ और वो मुझसे इतना कहकर चली गयी, फिर कुछ देर बाद उसने मुझे वहीं से आवाज देकर मुझे भी किचन में बुला लिया. में तुरंत उसकी आवाज सुनकर किचन में गया और वहां पर पहुंचते ही उसने मुझसे कहा कि वो ऊपर वाले चेंबर में बिस्किट्स रखे हुए है तुम वो मुझे उतारकर दे दो ना. अब में तभी वहां गया और उतारना चाहा, लेकिन थोड़ी समस्या आ रही थी.
दोस्तों मैंने देखा कि वो ऊँची जगह पर खड़ी होकर कुछ बर्तन धो रही थी और में ठीक उसके पीछे खड़ा होकर वो डिब्बा उतार रहा था जिसकी वजह से मेरा लंड उसके कूल्हों पर लग गया वो एकदम से तनकर खड़ा हो गया और मुझे लगा कि वो शायद मुझसे कुछ कहेगी, लेकिन वो चुपचाप थी इसलिए में सही मौका देखकर और भी ज़्यादा अपना लंड उसके कूल्हों पर रगड़ने लगा मेरे ऐसा करने की वजह से उसकी साँसे अब धीरे धीरे बहुत तेज़ होने लगी थी. फिर कुछ देर बाद वो पलट गई और अचानक से उसने अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया, जिससे में तो एकदम चकित हो गया.
फिर उसने मुझे लिप किस किया और हम दोनों करीब 15 मिनट तक एक दूसरे के होंठो को चूमते चाटते रहे. फिर हम उसके रूम पर चले गये और वहां पर मैंने उसका टॉप और स्कर्ट को खोल दिया और देखा कि वो उस समय लाल कलर की ब्रा और लाल कलर की पेंटी पहनी हुई थी. उसके उस गोरे सेक्सी गदराए बदन पर वो लाल रंग बहुत अच्छा लग रहा था.
अब में ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को पूरी तरह से जोश में आकर दबाने, मसलने लगा जिससे वो गरम होकर मोन करने लगी और कुछ देर बाद मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और फिर तुरंत उसकी पेंटी को भी उतार दिया. अब वो मेरे सामने एकदम नंगी थी. अब में उसके बूब्स को चूसने लगा, निप्पल को काटने लगा, जिसकी वजह से उसे बहुत मज़ा आ रहा था. में एक हाथ से उसका एक बूब्स दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी गीली, कामुक चूत को धीरे धीरे रगड़ रहा था, जिससे वो एकदम गरम हो गयी थी और उसकी चूत अब बहुत गीली हो चुकी थी.
फिर कुछ देर बाद में नीचे गया और देखा तो उसकी चूत बिल्कुल साफ थी और उस पर एक भी बाल नहीं था. में अब बिल्कुल पागलों की तरह उसकी चूत को चाटने, चूसने लगा अपने एक हाथ से चूत को खोलकर अपनी जीभ को चूत की गहराई में डालने लगा. अब वो लगातार मोन कर रही थी उऊईईईईईई उुउउहहह्ह्हह्ह् अनुराग हाँ थोड़ा और अंदर डालो वाह मज़ा आ गया तुम बहुत अच्छे हो में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ अनुराग उहहउह्ह्ह और वो एकदम पागल हो चुकी थी और में भी लगातार उसकी प्यासी गरम चूत को चाट रहा था और अपनी एक उंगली को भी में उसकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था और वो अपने चूतड़ को हल्का सा हवा में उठाकर मेरे साथ साथ मज़े ले रही थी. तभी वो कुछ देर बाद मेरे मुहं पर झड़ गयी और मैंने उसकी चूत का सारा रस पी लिया. दोस्तों उसकी चूत का रस इतनी स्वादिष्ट था कि में आपको क्या बताऊँ? और करीब तीस मिनट चूत चाटने के बाद मैंने उससे मेरा लंड चूसने को कहा.
फिर दोस्तों वो तुरंत तैयार हो गई और अब वो मेरा लंड पागलों की तरह चूसने लगी जिसकी वजह से मुझे भी उसके साथ साथ बहुत मज़ा आ रहा था और थोड़ी देर बाद एक बार फिर से मैंने उसके दोनों पैरों को पूरा फेलाकर में उसके चूत को चाटने लगा, तो वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अनुराग तुम अब मुझे चोद दो मुझसे स्सईईईईइ अब और बर्दाश्त नहीं होता प्लीज अनुराग थोड़ा जल्दी करो उफफफफफ्फ में मर गई आह्ह्ह्हह्ह. दोस्तों में भी उसकी बात सुनकर बहुत गरम हो गया और जोश में आकर मैंने उसकी गरम चूत के मुहं पर अपना लंड रख दिया और धीरे धीरे रगड़ने लगा, जिसकी वजह से तो वो बिल्कुल पागल ही हो गयी थी और वो कहने लगी आहहहह प्लीज चोद मुझे उफफ्फ्फ्फ़ प्लीज चोद दो थोड़ा जल्दी से आह्ह्हह्ह.
फिर मैंने सही मौका देखकर एक धक्का देते हुए ज़ोर से उसकी चूत में अपना लंड घुसा दिया, जिसकी वजह से वो बहुत ज़ोर से चीख उठी और उस दर्द की वजह से उसकी आंख से आंसू बाहर निकल आए, लेकिन कुछ देर बाद वो एकदम से शांत हो गयी और अब बहुत मज़े के साथ मुझसे अपनी चुदाई करवा रही थी. फिर में भी अब उसके दोनों पैरों को पूरा फैलाकर उसे लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोद रहा था और उसकी गरमा गरम चूत ने मेरे लंड को कसकर पकड़ रखा था. फिर कुछ देर बाद हम दोनों बिस्तर से उठ गए और अब में उसे उसकी पढ़ाई करने की टेबल पर लेटाकर चोदने लगा. वो अपनी गांड को हिला हिलाकर मुझसे चुदवा रही थी और कुछ समय ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसे घोड़ी बनने को और वो तुरंत मेरे सामने घोड़ी बन गई और मैंने उसकी गांड में बहुत मुश्किल से अपना लंड डाला और गांड मारी, लेकिन कुछ देर धक्के देने के बाद एक बार फिर से उसकी चूत की खुशबू मुझे अपनी तरफ खींच रही थी और मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. वो मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम्हे मेरी चूत इतनी पसंद है?
मैंने कहा कि हाँ मैंने आज तक इतनी स्वादिष्ट कोई भी चीज़ नहीं खाई जितनी तुम्हारी यह चूत है, आज तो में इसे चाट चाटकर पूरी लाल कर दूँगा. तब वो हंसती हुई मुझसे बोली कि हाँ आज से यह तुम्हारी ही है, तुम्हे इसके साथ जो करना है करो, इसे ज़ोर ज़ोर से चाटो उफ्फ्फफ्फ्फ़ आह्ह्ह वाह मज़ा आ गया.
दोस्तों मैंने इस बार अपनी जीभ को पूरा अंदर तक घुसाकर चूत की चुदाई करना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से वो मोन करने लगी और अब मेरा जोश बढ़ गया तो वो मुझसे कहने लगी उफ्फ्फ्फ़ अनुराग शईईईईईइ ऊऊहह्ह्ह हाँ अपनी जीभ को मेरी चूत के अंदर घुसा दो आईईईईई वाह बहुत मज़ा आ रहा है प्लीज ज़ोर से चाटो मेरी चूत को चाटो कुछ देर बाद वो एक बार फिर से झड़ गयी और मैंने उसका सारा पानी पी लिया फिर हम दोनों बाथरूम में चले गये और वहां पर मैंने उसे दिवार के सहारे खड़ा कर दिया और फिर उसका एक पैर थोड़ा सा उठा लिया और फिर अपना लंड चूत में सरकाकर में उसे चोदता रहा.
फिर कुछ देर बाद मैंने उसे बाथरूम के फर्श पर नीचे लेटाकर चोदना शुरू किया और में थोड़ी देर के बाद झड़ गया और मैंने सारा गरम गरम वीर्य उसकी चूत के अंदर डाल दिया और हम दोनों नहाकर बाहर आए बाहर बैठकर बातें करने लगे.
फिर कुछ देर बाद उसकी माँ आ गई और में कुछ देर रुककर उसके घर से चला गया, लेकिन में उसके घर से अपने घर तक पहुंचने तक भी उसकी चुदाई के बारे में सोच रहा था और में बहुत खुश था. मैंने उसको चोदकर मेरी तरफ से पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया था और हम दोनों उस चुदाई से बहुत खुश थे उसको मेरा गरम, मोटा, लंबा, लंड मिल गया और मुझे उसकी तड़पती हुई प्यासी चूत. दोस्तों यह था मेरा चुदाई का वो अनुभव जिसमें मैंने अपनी गर्लफ्रेंड के घर पर उसे तीन बार अलग अलग तरह से चोदकर पूरे मज़े लिए और उसके बाद भी मैंने उसको बहुत बार चोदा. वो मेरी चुदाई से हमेशा संतुष्ट रही.
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आंटी को पटाकर मस्ती में चोदा

हैल्लो दोस्तों, में फिर से आपके लिए एक नई स्टोरी लेकर आया हूँ और अब में सीधा स्टोरी पर आता हूँ. ये स्टोरी करीब 2 महीने पहले की है जब में फेसबुक पर एक आंटी के साथ बात किया करता था.
वैसे में आपको बता दूँ कि मुझे लड़कियों से ज़्यादा शादीशुदा भाभीयों और आंटीयों में ज़्यादा रूचि है इसलिए मैंने उनकी प्रोफाइल देखते ही उनको मैसेज किया और दूसरे दिन मुझे उनका रिप्लाई मिला, उसका नाम लीना था और उसकी उम्र करीबन 33 साल थी. फिर काफ़ी दिन तक उनके मैसेज पर बात करने के बाद हम फ्रेंड बन गये और अब वो भी मेरे साथ सब कुछ शेयर करती थी और में भी उनके साथ सब कुछ शेयर करता था. अब क्लोज़ फ्रेंड बनने के बाद हम कभी-कभी नॉटी बातें भी करने लगे थे, जैसे रोमांस और सेक्स की.
अब मुझे लगने लगा था कि उनकी तरफ से मुझे ग्रीन सिग्नल मिल रहा है, शायद वो मुझसे पट गयी थी. लेकिन ये मेरी ग़लत फहमी थी, क्योंकि वो तो किसी और से प्यार करती थी. अब मेरे सारे अरमान टूट गये थे, अब में थोड़ा मायूस हो गया था तो में उनको मैसेज में दुखी वाली स्माइल भेजने लगा. फिर उनका चौकाने वाला रिप्लाई आया कि मायूस मत हो, में तुझे मदद कर दूँगी.
अब में सोच में पड़ गया था कि ना बोलने के बाद ये कैसी मदद की बात कर रही होगी? फिर मैंने पूछा कि आप मेरी कैसी मदद करोगी? तो उसने बोला कि में जिस मकान में रहती हूँ, वहां मेरे बाजू में ही मेरी उम्र की एक औरत रहती है और में तुझे उसके साथ परिचय करवाती हूँ, बाकी सब तू अपने आप कर लेना. अब में समझ गया था कि मुझे आगे क्या करना है?
फिर दूसरे दिन उसने मुझे फेसबुक पर ही प्रोफाइल लिंक भेजकर परिचय करवाया. फिर मैंने उसका फोटो देखा तो वो क्या पटाखा लग रही थी? उसका नाम निशा था. फिर हमारी बात स्टार्ट हुई, वैसे ही जैसे लीना के साथ हुई थी, वो सिर्फ़ 3 दिन में ही मुझसे पट गयी थी, क्योंकि वो उसके पति से सॅटिस्फाइड नहीं थी, वो बोलती थी कि मेरा पति एकदम पेटू है जिसका पेट बड़ा होता है वैसा, इसकी वजह से मुझे किसी चीज़ में उसकी और से संतुष्टी नहीं मिलती है.
फिर मैंने बोला कि ठीक है मेरी जान अब में हूँ ना, में तुझे संतुष्ट कर दूँगा. फिर वो बोली कि कैसे करोगे? तुम अहमदाबाद में हो और में उत्तरप्रदेश में हूँ. फिर मैंने बोला कि टेन्शन मत ले मेरी जान में तेरे लिए वहाँ आ जाऊंगा. फिर उसने बोला कि लेकिन यहाँ हम कहाँ मिलेंगे? तो मैंने बोला कि तेरे घर पर. तो वो बोली कि नहीं घर पर नहीं यहाँ कोई भी कभी भी आ सकता है.
फिर मैंने बोला कि होटल में तो वो बोली कि नहीं मुझे होटल में डर लगता है. फिर मैंने बोला कि इसलिए तो बोल रहा हूँ तेरे घर पर मिलेंगे कोई टेन्शन भी नहीं रहेगा और हम अपना काम फटाफट कर लेगें. तो वो बोली कि ठीक है में सोचकर बताती हूँ, तो मैंने बोला कि ठीक है. फिर वापस 3-4 दिन तक हमारी नॉर्मल बात हुई, लेकिन फिर एक दिन दोपहर को उसका मैसेज आया कि हाय हनी तुम्हारे लिए एक गुड न्यूज़ है.
मैंने बोला कि क्या न्यूज़ है जल्दी बता दो? तो वो बोली कि मेरा पति अपने काम के सिलसिले से 2 दिन के लिए बाहर जा रहा है, तो तुम कल आ जाओ, वो कल सुबह निकलने वाला है तुम दोपहर तक पहुँच जाना और लंच हम मेरे घर पर साथ ही करेंगे और 2 दिन तक मज़े करेंगे. फिर मैंने बोला कि में 2 दिन तक तो वहाँ नहीं रह सकता, मुझे भी काम रहता है. फिर मैंने बोला कि डियर तू टेन्शन मत ले में तुझे आधे दिन में ही मज़े करवा दूँगा. फिर वो बोली कि ठीक है तुम आओ तो सही, फिर देखते है.
फिर अगले दिन सुबह मैंने उसको मैसेज कर दिया कि में तुम्हारे पास पहुँचने के लिए निकलने वाला हूँ. तो उसका तुरंत रिप्लाई आया कि में तुम्हारा इंतजार करूंगी स्वीट हार्ट. फिर मैंने पूछा कि तू इतनी सुबह में जाग क्यों रही है, क्योंकि उस वक़्त सुबह के 5 बजे थे. फिर वो बोली कि तुम आने वाले हो, तो मुझे उत्तेजना में नींद ही नहीं आ रही है. फिर मैंने बोला कि हम ज़रूर मिलेंगे, तुम 4-5 घंटे आराम से सो जाओ, क्योंकि फिर तुम रात तक सो नहीं पाओगी.
फिर वो बोली कि हाँ जल्दी आओ, फिर करीब 11 बजे में उसके घर पहुँचा और डोर बेल बजाई. तो उसने डोर ओपन किया और क्या बताऊँ यारो वो क्या माल लग रही थी? अब में तो तभी अपना होश खो बैठा था. फिर उसने मुझे अंदर बुलाया और पानी दिया. फिर मैंने थोड़ी देर तक यहाँ वहाँ की बातें की और उसको बोला कि अपना घर नहीं दिखाओगी, तो उसने बोला कि चलो दिखाती हूँ, मैंने हॉल तो देखा ही था और फिर मैंने किचन, स्टोर रूम वगैहरा देखा.
फिर मैंने बोला कि बेडरूम कहाँ है? तो उसने बोला कि चलो. फिर उसने मुझे अपना बेडरूम दिखाया और तब ही मैंने उसको पीछे से हग किया और उसकी गर्दन पर और गाल पर किस किया. फिर वो हँसते हुए बोली कि बड़ी जल्दी में लगते हो, तो मैंने बोला कि नहीं ऐसा कुछ नहीं है. फिर उसने बोला कि चलो पहले कुछ खा लेते है.
मैंने बोला कि मुझे अब तुम्हारे सिवाए कुछ नहीं खाना है. फिर वो बोली कि अरे बाबा मैंने तुम्हारे लिए प्यार से लंच बनाया है. फिर हम खाना खाने बैठे और उसने अपने हाथ से मुझे पहला निवाला खिलाया. फिर मैंने भी उसे अपने हाथ खाना खिलाया. फिर लंच ख़त्म करके में सीधा उसके बेड पर जाकर लेट गया और फिर वो सेक्सी स्टाइल में आई और मुझे उत्तेजित करने लगी. फिर मैंने उसका हाथ पकड़कर उसको अपने पास खींचा और उसको अपने ऊपर ले लिया. फिर मैंने उसको किस किया और वो भी मुझे किस कर रही थी.
अब वो गर्म होने लगी और पागलों की तरह मेरे होंठ चूसने लगी और अपने एक हाथ से मेरे लंड को मेरी पेंट के ऊपर से ही रगड़ने लगी थी. फिर मैंने उसकी साड़ी निकाल दी और उसके बूब्स दबाने लगा, फिर मैंने उसका ब्लाउज और पेटीकोट भी निकाल दिया.
अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में ही थी, फिर उसने मेरी शर्ट के बटन खोलकर शर्ट निकाली और मेरी पेंट भी निकाल दी और मेरे लंड को सहलाने लगी. फिर वो बोली कि यह तो मेरे पति से बड़ा है और हाँ में आपको तो बताना ही भूल गया कि उसका फिगर 30-28-30 था, वो पतली कमर वाली सेक्सी आंटी थी. फिर वो बोली कि मुझे लंड चूसना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन मेरे पति मुझे मना करते है. फिर मैंने बोला कि में मना नहीं करूँगा, तू कर जो तुझे करना है, तो वो मेरा लंड चूसने लगी थी.
अब उसने धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ा दी थी. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, क्योंकि किसी ने पहली बार मेरे लंड को सक किया था. अब में भी पूरा गर्म हो चुका था, अब में उसके बूब्स को दबा रहा था. फिर वो बोली कि अब मुझे चोदो, अब रहा नहीं जा रहा है.
फिर में उसको लेटाकर उसके ऊपर आ गया और एक ही झटके में अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया. फिर वो ज़ोर से चीखी तो मैंने उसे किस करके उसका मुँह बंद कर दिया और झटके मारने शुरू किए. अब में ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा था और अब वो भी मेरे झटको से उछल रही थी. फिर करीब 15 मिनट के बाद में झड़ गया और फिर वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड को अपने हाथ से हिलाने लगी और फिर से अपने मुँह में लेकर चूसने लगी, तो मेरा लंड फिर से टाईट हो गया. फिर उसने मेरे ऊपर आकर मेरे लंड को अपनी चूत में डाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगी और आह्ह्ह करने लगी.
अब में अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स दबा रहा था और अब मुझे ऐसा लग रहा था कि जन्नत में काफ़ी ज़ोर-जोर के झटके लगते ही रहे. फिर 20 मिनट के बाद वो झड़ गयी और सीधी मेरे ऊपर लेट गयी. अब वो बहुत थक चुकी थी और बहुत खुश थी और बोली कि थैंक यू जानू, आज तुम्हारी वजह से मुझे बहुत मज़ा आया है.
फिर हम लोग ऐसे ही नंगे पड़े रहे, फिर हम दोनों ने 15-20 मिनट तक बहुत किस किया. फिर हम साथ में नहाने गये और हमने वहाँ भी क़िस किया. फिर उसने मुझे नहलाया भी और फिर उसने तैयार होकर मुझे चाय पिलाई और फिर में उसको गुड बाय किस करके वहाँ से निकल गया और इस तरह मैंने उसके साथ 2-3 बार सेक्स किया. अब जब भी में काम की वजह से वहाँ से निकलता हूँ, तो वहाँ से उसको मिलकर ही जाता हूँ.
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