गंदे भिखारी से चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम काजल है और यह तब की बात है जब में और मेरा बॉयफ्रेंड घूमने गये हुए थे. हमारा शिमला में चार दिन का ट्रिप था और हम दोनों बहुत खुश थे कि वहाँ पहुँचने के 3 घंटे बाद ही मेरे बॉयफ्रेंड को फोन आया और उसे दिल्ली वापस बुला लिया गया, लेकिन में वापस नहीं गयी, क्योंकि वो दो दिन में वापस आने वाला था.
फिर उसके जाने के बाद मैंने गेस्ट हाउस का दरवाज़ा खोला, तो देखा कि एक भिखारी पतले कपड़ो में बाहर सड़क पर बैठा हुआ था और ठंड से काँप रहा था, तो मुझे उस पर तरस आ गया और मैंने उसे इशारे से बुलाया. वो उठकर आया और बोला कि जी आपने मुझे बुलाया था? तो मैंने कहा कि हाँ आप इतनी ठंड में यहाँ क्यों बैठे हो? उठो बीमार हो जाओगे.
फिर उसने बोला कि मेडम मेरा ना तो घर है ना कोई और है, तो मुझे उस पर तरस आ गया और मैंने उसे अंदर बुला लिया. वो करीब 60 साल का थोड़ा काले रंग का पतला सा आदमी था, हल्की सी बदबू भी आ रही थी. फिर मैंने उससे कहा कि अच्छा आप अंदर आ जाओ, में 4 दिन तक यहाँ हूँ तो कम से कम उतने दिन तो ठंड में ना बैठो. फिर मैंने अंदर से उन्हें कंबल लाकर दिया और बोला कि आप यहाँ ड्रॉइग रूम में सो जाओ, आप होगें तो कोई चोरी करने की भी नहीं सोचेगा. फिर वो बूड़ा लेट गया और में नहाने चली गयी. फिर में नहाकर बाहर निकली तो मैंने घुटनों तक नाईटी पहनी थी. फिर में बाहर आकर उस भिखारी को देखने आई कि वो आराम से है या नहीं, तो वो जगा हुआ था और मुझे नाईटी में देखते ही उसका मुँह खुला रह गया और वो मुझे ऊपर से नीचे तक 2 सेकेण्ड तक घूरता रहा.
फिर में उससे बात करके अपने रूम में अंदर चली गयी और सोने का बहाना करने लगी, तो 2 घंटे के बाद मुझे आवाज़ आई जैसे कोई अंदर आया हो. अब मैंने जानबूझ कर अपनी आँखें बंद कर रखी थी और थोड़ा सा ही देख रहा था. अब मैंने अपने ऊपर की चादर भी हटा दी थी, अब मुझे लग रहा था कि यह भिखारी ज़रूर आयेगा और वही हुआ.
फिर वो अंदर आया और पहले तो दरवाज़े से ही मुझे लेटे हुए देखते रहा. फिर वो अंदर बेडरूम में आ गया और मुझे सोता हुआ समझकर वो मुझे पूरा ऊपर से नीचे तक देख रहा था और अपना लंड भी अपनी लूँगी में से हिलाकर खड़ा कर रहा था. अब में समझ गयी थी कि यह पट गया है. फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला तो मुझे देखकर मज़ा आ गया. उसका लंड 8 इंच लम्बा 2 इंच मोटा और बिल्कुल काला था, जैसे मुझे पसंद है.
अब उसने मेरी टाँगो को देखते हुए मुठ मारना शुरू कर दिया और मैंने जानबूझ कर अपनी टाँगे थोड़ी सी हिलाई, तो अब उसको मेरी जांघे साफ़-साफ़ दिख रही थी. अब वो तो मुझे देखकर पागल ही हो गया था और उसने अपने हाथ ज़ोर से ऊपर नीचे करने शुरू कर दिए थे. फिर वो एकदम से रुका और वो अपना काला लंड मेरी टाँग पर हल्के से रगड़ने लगा, बिल्कुल आराम से.
फिर वो रुका और मेरी नाईटी को थोड़ा और ऊपर करके मेरी पूरी जांघो को देख रहा था और अब उसने तेज़ मुठ मारना शुरू कर दिया था. फिर करीब 1 मिनट में ही वो झड़ गया और चुपचाप सोने चला गया, अब मुझे तो बहुत मज़ा आ गया था.
फिर सुबह होने पर मैंने उसे कुछ सामान लाने को बोला और शाम को खाने के बाद मैंने उससे बोला कि मुझे थोडा डर लगता है, क्या आप अंदर सो सकते हो? तो वो मान गया और अगली रात वो मेरे कमरे में ही सो गया. फिर करीब 12 बजे मुझे लगा कि कोई मुझे हाथ लगा रहा है. फिर मैंने अपनी आँखें खोलकर देखा तो वो बूड़ा मेरी नाईटी के ऊपर हाथ रखकर हल्के से मेरी जांघ रगड़ रहा था. फिर मैंने कुछ नहीं बोला तो उसने मेरी नाईटी के अंदर हाथ डाल दिया और आराम से मेरी जांघ तक ऊपर ले गया और हल्के-हल्के से रगड़ने लगा.
फिर में एकदम से उठ गयी तो वो बूड़ा डर गया और उसने एकदम से अपना हाथ नीचे कर लिया और सॉरी बोलने लगा. फिर मैंने उसे चुप कराया और उससे बात करने लगी, यह क्या कर रहे थे तुम? शर्म नहीं आती क्या? घर में रहने दिया और यह कर रहे हो.
फिर वो भिखारी बोला कि सॉरी मुझसे आप जैसी अप्सरा को देखकर रहा नहीं गया और मुझे पहले दिन ही आपसे प्यार हो गया था, क्या करूँ? और 15 साल से ऐसे किसी लड़की को देखा भी नहीं था, मुझे माफ़ कर देना. फिर में बोली कि तुम्हें 15 साल हो गये कुछ करे हुए, बाप रे कैसे रह लेते हो इतने टाईम तक? तो वो भिखारी बोला जी में तो रात को जब सब सो जाते है, तब में पेड़ के पीछे जाकर खुद ही मुठ मार लेता हूँ, मुझे कौन लड़की मिलेगी? तो में बोली कि ठीक है, में तुम्हारी मदद करूँगी, जब तक में यहाँ पर हूँ. यह बोलकर में उस भिखारी के साथ में आकर बैठ गयी और उससे चिपक गयी, जब मैंने नाईटी पहनी थी.
फिर मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और उसको गर्दन पर, मुँह पर और होठों पर किस करने लगी. अब भिखारी भी मुझको देखकर तैयार हो गया और वो भी मुझे ज़ोर से किस करने लगा. फिर मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने बूब्स पर रख दिया.
अब वो भिखारी मेरे बूब्स दबा रहा था और मुझे किस कर रहा था. फिर थोड़ी ज़ोर से मेरे बूब्स दबाने लगा और मुझे किस करने लगा. फिर मैंने उसको खड़ा करके उसके सारे कपड़े उतारे और खुद भी नंगी होकर उसके सामने खड़ी हो गयी. अब उस बूड़े से रहा नहीं गया और वो मेरे साथ चिपक कर ज़ोर ज़बरदस्ती करने लगा. फिर मैंने उसे रोका और कहा कि आराम से जल्दी क्या है? यह बोलकर मैंने उस भिखारी का लंबा लंड अपने हाथ में ले लिया और उसके लंड को खड़ा करना शुरू कर दिया.
अब उसका लंड पूरा खड़ा हो गया था और मेरे हाथों से भी बड़ा लग रहा था. फिर वो 1 मिनट में ही झड़ गया तो में बोली कि अरे तुम तो झड़ गये, यह लंड किस काम का है. फिर वो भिखारी बोला कि कोई बात नहीं, अभी दो मिनट में फिर से खड़ा हो जायेगा और यह बोलकर उसने मुझे बेड पर धक्का दिया और मेरे ऊपर आकर लेट गया. अब मेरा शरीर उसके शरीर से पूरी तरह ढक गया था और वो मुझे सब जगह किस करने लगा.
फिर धीरे-धीरे वो मेरे पेट के नीचे जाने लगा और फिर वो भिखारी अपनी जीभ निकालकर मेरी चूत चाटने लगा. अब में तो इस सबसे मरने वाली थी. फिर उसने अपनी जीभ मेरी चूत में अंदर बाहर करनी शुरू कर दी और अब उसका लंड भी खड़ा होने लगा था.
फिर वो भिखारी मेरे पास आ गया और अपना आधा बड़ा लंड मेरे मुँह में एक ही बार में घुसा दिया और मेरे मुँह को चोदने लगा. अब उसका काला लंड मेरे गोरे मुँह में अंदर बाहर हो रहा था, जो मुझे पास वाले शीशे में दिख रहा था. फिर उस बुड्डे ने 2 या 4 तेज़ शॉट मारे और अपनी सारी पिचकारी मेरे मुँह के अंदर ही छोड़ दी और अपना लंड मेरे मुँह से निकालकर मेरे साथ ही लेट गया.
फिर 10 मिनट के बाद उस भिखारी ने मेरा हाथ अपने लंड पर फिर से रख दिया और मुझे लंड खड़ा करने को बोला. फिर मैंने उसका लंड हिलाकर खड़ा करना शुरू कर दिया, अब उसका लंड खड़ा था. फिर वो एकदम से मेरे ऊपर आ गया और मेरी टाँगे अलग करके अपना लंड पकड़कर बीच में बैठ गया. अब उसका लंड मेरी चूत पर था और इतना बड़ा लंड देखकर में मस्त हो गयी थी.
फिर उसने धीरे से अपने लंड का टोपा मेरी चूत के अंदर डाला, तो दर्द से मेरी चीख निकल गयी और मैंने उसको आराम से डालने को कहा, लेकिन वो नहीं माना और उसने ज़बरदस्ती मेरे हाथ ऊपर करके पकड़ लिए और मुझे सब जगह चूमने लगा और मेरे बूब्स को अपने दातों से काटने लगा. तो में उसको रुकने कि बोलती रही, लेकिन वो नहीं माना और उसने एक ही बार में अपना पूरा लंड मेरे अंदर डाल दिया. फिर में एकदम रो पड़ी तो उसने ज़ोर से मेरे मुँह पर अपना हाथ रख दिया और अपना लंड मेरी चूत में से ज़बरदस्ती अंदर बाहर करने लगा.
अब में एक पुतले की तरह लेटकर उसका बड़ा लंड अंदर बाहर होते महसूस कर रही थी. अब वो भी मेरे साथ अपनी आँखे बंद करके मज़े ले रहा था और उसके धक्के इतने ज़ोर से थे कि उसके अंदर डालने से पूरा बेड हिल रहा था. फिर वो धीरे हुआ और फिर धीरे से ज़ोर का झटका मारता और में पूरी हिल जाती, अब मुझे मज़ा आ रहा था और यह सोचकर कि एक सड़क का आदमी गंदा था और मेरे ऊपर लेटकर मुझे चोद रहा था.
फिर वो भिखारी बोला कि क्यों रानी मेरे लंड का मज़ा आ गया ना? कभी लिया है ऐसा लंड तूने? तेरे बॉयफ्रेंड का लंड कितना बड़ा है? पतला सा ही होगा, तभी तो तेरी चूत इतनी टाईट है, चल आज से तू मेरी बीवी है और तू मेरे सारे बीवी वाले काम करेगी, में तुम्हे तेरे बॉयफ्रेंड के सामने चोदना चाहता हूँ कि वो भी तुझे यह अजगर लेते हुए देखे और मुठ मारे.
में तुझे जब चाहू तब चोदूंगा रात या दिन, तुझे अपनी चूत के अंदर पिचकारी लेना पसंद है क्या? मेरी गर्म पिचकारी अब तेरे अंदर ही छोड़ दूँगा, ताकि तू मेरे बच्चे की माँ बन जाए, बोल पालेगी मेरा बच्चा एक परी के अंदर एक भिखारी का बच्चा होगा. यह बोलकर उस बूड़े ने अपनी स्पीड और तेज कर दी और पिस्टन की तरह अंदर बाहर करने लगा. अब में भी उसके साथ धक्के मार रही थी.
फिर उस भिखारी ने मेरी टाँगे हवा में सीधी खड़ी कर दी और मेरी चूत चाटने लगा. अब उसने मेरी टाँगे हवा में चीर दी और अपने दोनों हाथ से पकड़कर अलग कर दी. अब वो मेरी चूत में अपना लंड घुसाये जा रहा था. फिर कुछ देर तक उसने मुझे ऐसे ही चोदा और उसने फिर से अपनी स्पीड तेज कर दी. अब में समझ गयी कि वो झड़ने वाला है. फिर उसने 4 या 5 शॉट मारे और अपने लंड का सारा पानी मेरी चूत में ही छोड़ दिया. अब उसका गर्म पानी अंदर जल सा रहा था, अब हम दोनों थक गये थे तो वो भी मेरे साथ बेड पर चिपक कर ही सो गया.
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माँ ने दिखाया औरत की मस्ती का बटन

हैल्लो दोस्तों, आप सभी ने भी बहुत कहानियाँ पढ़ी होगी, लेकिन ऐसी नहीं पढ़ी होगी. दोस्तों एक दिन की बात है, में उस दिन अपने कमरे में बैठकर किताब पढ़ रहा था कि तभी अचानक से कुछ गिरने की बहुत ज़ोर से आवाज़ आई.
मैंने अपने कमरे से बाहर निकलकर देखा तो मेरी माँ के हाथ से दूध नीचे गिर पड़ा, क्योंकि उनका पैर फिसल गया था, लेकिन वो नहीं गिरी थी और उसके बाद वो उसे साफ करने लगी, तो मैंने उनसे कहा कि लाओ में इसको साफ कर देता हूँ, वो बोली कि नहीं में सब साफ कर दूँगी और जब वो साफ करने लगी तो मैंने देखा कि जो उनके बूब्स है वो उनके घुटनों से दबकर बाहर आने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हे ब्लाउज के अंदर के ब्रा ने पकड़ रखा था और वो बैठी हुई जो दूध गिर गया था उसको साफ कर रही थी. में वो सब देखकर पागल सा हो गया था और जैसे ही मैंने उनके उठे हुए बूब्स देखे, तो मेरे मन में जाने कैसे कैसे विचार आने लगे.
मेरी माँ की लम्बाई 5.6 और उनके बूब्स का आकार 38 था और बाकी का आकार आप अपने आप सोच सकते है. मेरी माँ दिखने में बिल्कुल अच्छी, लेकिन थोड़ी सी मोटी जरुर थी. फिर जिस दिन से मैंने माँ को उस हालत में देखा में अब उनका दूध पीना चाहता था और मुझे एक दिन वो सही मौका मिल ही गया, जिसका मुझे बहुत इंतजार था. एक दिन मेरी माँ बाथरूम में कपड़े धो रही थी, वो दोपहर का समय था और में उस समय अपनी पढ़ाई कर रहा था.
फिर इतने में माँ ने मुझे आवाज़ लगाई तो में तुरंत उठकर उनके पास चला गया और वो मुझसे कहने लगी कि तुम बाजार जाकर कुछ समान ले आओ और जैसे ही में उनके कहने पर बाजार की तरफ गया तो कुछ दूर जाकर मैंने देखा कि मेरी जेब में तो पैसे ही नहीं थे और ना ही पर्स था, इसलिए में वहीं से अपने घर के लिए वापस मुड़ गया और फिर अपने घर पर पहुंच गया.
अब मैंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई, लेकिन उसका कुछ असर नहीं हुआ और तभी बाहर खड़े हुए मैंने मन ही मन में सोचा कि दाल में कुछ काला ज़रूर है, इसलिए मैंने अपनी जेब से दूसरी चाबी निकालकर दरवाजा खोल लिया और जैसे ही मैंने दरवाज़ खोला तो देखा कि मेरी मम्मी उस समय बाथरूम में नहा रही है.
फिर मैंने बाथरूम के बाहर से आवाज़ देकर उनसे पूछा कि पैसे कहाँ है? तो वो बोली कि अलमारी से ले लो. मैंने उनकी बात पर तुरंत हाँ भर दी, लेकिन फिर में बाथरूम के ज्यादा पास चला गया और जो मैंने उस समय देखा तो में देखता ही रह गया. मेरी मम्मी के शरीर पर केवल ब्लाउज और ब्रा ही थी. उनकी साड़ी और पेटीकोट एक तरफ उतरे हुए रखे थे और उस समय मेरी माँ अपनी चूत पर मालिश कर रही थी, क्योंकि उन्होंने अभी अभी नहाते समय अपनी चूत के बाल साफ किये थे.
यह सब देखकर मेरा 6 इंच का लंड खड़ा हो गया और पेंट से बाहर आने लगा. में वहां से कुछ देर बाद चला गया, क्योंकि मेरे दिमाग़ ने वो सब देखकर अब बिल्कुल काम करना बंद कर दिया था. फिर जब में सामान लाकर अपने घर पर पहुंचा तो में तुरंत बाथरूम में पेशाब करने चला गया और अब रह रहकर मुझे वो द्रश्य याद आ रहे थे जिनकी वजह से में पागल हो रहा था. फिर जैसे ही में कमरे में पहुंचा तो माँ मुझसे कहने लगी कि क्या बात है तुम आज बहुत परेशान से नजर आ रहे हो? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं वैसे ही.
दोस्तों में अपनी माँ को कैसे बताता कि मेरे मन में क्या बात है? माँ बोली कि चल में तुझे सर में तेल लगाकर मालिश कर देती हूँ जिससे तेरी थकान दूर हो जाएगी. फिर मैंने कहा कि ठीक है और मैंने झट से जाकर उनकी गोद में जाकर अपना सर रख दिया और लेट गया. मुझे उनके बूब्स बहुत अच्छे लग रहे थे और वो मेरी मालिश करती रही और कुछ देर बाद माँ ने मुझसे कहा कि मेरे पैर बहुत दर्द कर रहे है, लेकिन मेरे पैरों में तेल कौन लगाएगा?
मैंने कहा कि आप मुझे दो में लगा देता हूँ, वो बोली कि नहीं में खुद लगा लूँगी और अब उनका हाथ मेरे सर पर बड़े प्यार से धीरे धीरे मालिश कर रहा था कि तभी अचानक से वो कुछ लेने के लिए नीचे झुकी तो उनके बूब्स मेरे मुहं में आ गए. मैंने उन पर अपनी जीभ को लगा दिया और मेरी यह हरकत मेरी माँ को पता चल गई.
फिर में थोड़ा सा घबरा गया, तो वो मुझसे पूछने लगी कि तूने यह क्या किया? मैंने कहा कि कुछ नहीं, लेकिन माँ को कुछ और ही मंजूर था. शायाद वो मेरे मुहं से कुछ सुनना चाहती थी और उनकी शरारती मुस्कान को देखकर मुझे कुछ हिम्मत आई में टीवी देख रहा था कि उसमे कुछ देर बाद अचानक से एक स्मूच करने का द्रश्य आ गया.
मेरी माँ भी पहले से गरम थी, क्योंकि उन्होंने अभी अभी अपनी चूत के बाल साफ किए थे और उसके साथ वो अपनी चूत को पहले ही रगड़कर गरम कर चुकी थी. अब वो मुझसे बोली कि क्या तू अपनी गर्लफ्रेंड के साथ कहीं बाहर घूमने नहीं जाता? तो मैंने कहा कि वो एक महीने से बाहर गयी है, अब वो हंसते हुए बोली कि तेरी बात कहाँ तक पहुँची?
मैंने कहा कि कहीं नहीं मतलब वो कुछ करने से बहुत ज्यादा डरती है. फिर माँ बोली कि ठीक बात है, लेकिन अगर ग़लती से कुछ हो गया तो? तभी मैंने तुरंत उनसे पूछ लिया कि क्या? दोस्तों में अपनी माँ की शर्म को पूरी तरह से खत्म कर देना चाहता था. अब वो मुझसे बोली कि तू अब ज्यादा भोला मत बन, मुझे सब पता है कि तू मेरी कही सभी बातें अच्छी तरह से समझ चुका है.
तभी मैंने डरते हुए उनसे एक बात बोली कि माँ में अपने मन की एक सच्ची बात बताऊं? कि तुम मुझे बहुत ज्यादा अच्छी लगती हो और फिर मेरी बात को सुनकर माँ बोली कि धत तू बिल्कुल पागल जैसी बातें क्यों करता है? तो मैंने बोला कि नहीं में सब सच कह रहा हूँ, वो भी अब गरम होने लगी थी और वो बोली कि तुझे मुझमें क्या क्या अच्छा लगता है? मैंने कहा कि आपकी आँखे और स्माइल, वो दोबारा पूछने लगी कि चल अब सही बता झूठ क्यों बोलता है?
फिर मैंने बोला कि में आपको एक बात बताऊं? अभी कुछ देर पहले मैंने आपको बाथरूम में अपनी आखों से देखा था कि आप क्या कर रही थी? अब वो मुझसे झूठ बोलती हुई बोली कि नहीं तू झूठ बोलता है, चल बता में क्या कर रही थी?
मैंने कहा कि आप उस समय बाथरूम में खड़ी हुई थी और नीचे से पूरी नंगी थी और आपने अपनी चूत के बाल साफ किये थे और उसके बाद आप चूत की मालिश कर रही थी. दोस्तों वो मेरी यह पूरी बात को सुनकर एकदम डर गयी और अब वो मेरे ऊपर झूठा गुस्सा करने लगी. फिर मैंने उनसे कहा कि जब मैंने आपको उस हालत में देख ही लिया तो अब किस बात का गुस्सा?
फिर वो मेरी बात सुनकर थोड़ा सा शांत हो गयी और फिर मैंने सही मौका देखकर तुरंत उनसे कहा कि मुझे अब आपका ऊपर का हिस्सा भी देखना है और उसके साथ में नीचे का भी, वो मेरी इस बात को सुनकर एक बार फिर से आग बबूला हो गई और अब वो उठने लगी तो मैंने उन्हे पकड़ते हुए बिस्तर पर लेटा दिया और अब में उनके ऊपर बैठ गया.
वो कहने लगी कि तुझे पता है कि यह सब क्या कर रहा है? तो मैंने कहा कि मुझे बस आप एक बार दिखा दो में कभी कुछ नहीं मांगूगा. दोस्तों वो मेरी बात से बहुत नाराज़ होने लगी, लेकिन शायद वो कुछ देर बाद धीरे धीरे ठंडी भी होने लगी थी. पहले तो वो कुछ नहीं बोली, लेकिन फिर उन्होंने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन में जैसा कहूँगी तू वैसा ही करेगा?
मैंने तुरंत कहा कि हाँ ठीक है और फिर उन्होंने कहा कि जब तक में ना कहूँ तू मुझे कहीं भी हाथ नहीं लगाएगा, मैंने बोला कि हाँ ठीक है और सबसे पहले उन्होंने मुझसे कहा कि तू अब पेटीकोट उतार तभी मैंने बहुत खुश होकर मन ही मन सोचा कि शायद आज सारा काम मुझे ही करना पड़ेगा और मैंने जैसे ही उनका ब्लाउज उतारकर अपनी चकित नजरों से देखा तो उनके बूब्स उनकी ब्रा को फाड़कर बाहर आने के लिए तड़पने लगे और में बाहर की तरफ झूलते हुए गोरे गोरे बूब्स को लगातार घूर घूरकर देखने लगा.
तभी माँ बोली कि चल अब तू जल्दी से मेरी ब्रा को भी उतार दे और मैंने जैसे ही उनकी ब्रा को उतारा तो उनके बूब्स झट से कूदते हुये बाहर आ गए और यह देखकर में तो पागल हो गया और में अब उन पर टूट पड़ा और उन्हे दबाने लगा.
अब माँ मेरी उस हरकत की वजह से नाराज़ हो गयी और उठने लगी, लेकिन मेरे वजन और दबाने की वजह से वो निकल ना पाई और वो दोबारा बिस्तर पर गिर गयी. फिर कुछ देर बाद उन्हे भी मज़ा आने लगा था, पहले तो में बूब्स को दबाता ही रहा, लेकिन थोड़ी देर बाद मेरी हिम्मत बढ़ने लगी तो मैंने जल्दी से एक बूब्स की निप्पल को अपने मुहं में पूरा भर लिया और अब में बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाते हुए चूसने निचोड़ने लगा, जिसकी वजह से उन्हे अब और भी ज्यादा मज़ा आने लगा था और वो अब धीरे धीरे गरम होने लगी थी.
फिर मैंने सही मौका देखकर अब में अपने एक हाथ से उनकी चूत को छूने लगा और उन्होंने मेरा थोड़ा सा विरोध किया, लेकिन कुछ देर बाद वो ज़ोर से आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ करने लगी और में उनकी गोरी चिकनी कामुक चूत को लगातार सहलाता रहा और उसमे अपनी एक ऊँगली डालकर चूत की गरमी को महसूस करने लगा था, जिसकी वजह से वो बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी.
फिर मैंने मौका देखकर उनसे कहा कि मुझे अब कुछ और भी चाहिए, तो वो कहने लगी कि अब तो मैंने तुम्हे अपना सब कुछ दे दिया है, तुम्हे मुझसे अब क्या चाहिए? दोस्तों शायद वो सब कुछ मेरे मुँह से कहलवाना चाहती थी, इसलिए मैंने भी कहा कि जिसके आपने बाल साफ किया है वो. फिर वो कहने लगी कि अब यह सब तेरा ही है, जो तुझे चाहिए वो सब ले ले.
दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मैंने सबसे पहले उनकी साड़ी को खोल दिया, लेकिन एक अजीब सी बात यह थी कि मैंने महसूस किया कि उन्होंने अपना पेटीकोट ठीक तरह से नहीं बांधा था, क्योंकि वो भी मेरे हल्का से खीचने पर ही तुरंत निकल पड़ा, शायद वो भी पहले से सेक्स के लिए तैयार होकर आई थी.
फिर मैंने कुछ देर उनकी चूत को चूसा उसके बाद चूत पर थोड़ी सी क्रीम लगाई तो वो बोली कि अभी इसे इसकी ज़रूरत नहीं है और वो इतना कहकर खड़ी हो गई और अपने घुटनों के बल बैठ गयी. उसके बाद मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर पहले कुछ देर हिलाती रही और उसके बाद चूसने लगी.
में फिर से अपनी माँ की चूत और बूब्स का नज़ारा देखने लगा और फिर मैंने धीरे से अपनी माँ की गोरी चमकीली चूत पर हाथ फेरना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से माँ को मस्ती चड़ने लगी और वो मुझसे बोली कि राजू प्लीज़ पहले अपना वो काम पूरा करो उफ्फ्फ्फ़ नहीं तो में पहले ही गीली हो जाउंगी आह्ह्हह्ह मुझसे अब ज्यादा देर नहीं रुका जाएगा और माँ ने यह बात कहकर अपनी दोनों आँखें बंद कर ली. फिर मैंने शावर को माँ चूत के ऊपर वाले हिस्से पर ले जाकर स्विच को चालू कर दिया और माँ बोली कि राजू शावर को धीरे धीरे रोक रोक कर चलाओ, तुम्हारे हाथ से मुझे बड़ी गुदगुदी हो रही है.
फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और 6-7 बार शावर को उनकी चूत पर घुमाने पर चूत का पूरा मैदान पहले भी ज्यादा साफ हो गया माँ बहुत ही गरम हो गई थी और उस वजह से मुझको मेरा काम बीच में रोकना पड़ा. फिर मैंने देखा कि माँ की गांड और चूत के बीच के हिस्से में कुछ बाल रह गये थे और वो बाल थोड़े लंबे भी थे, तो मैंने माँ से बोला कि आप अपने पैरों को ऊपर छत की तरफ करो. फिर उन्होंने ठीक वैसा ही किया और अब मैंने उनके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखकर मैंने उनकी चूत और गांड के बीच के हिस्से के बाल भी एकदम अच्छी तरह से साफ कर दिए.
अब जब साफ सफाई का काम खत्म हो गया तो माँ मुझे देखने लगी और वो पूछने लगी क्यों इसके आगे क्या इरादा है, चल अब ज़रा नज़दीक आ जा और माँ ने मेरे लंड को पकड़ लिया.
अब मेरा लंड खड़ा होने लगा था, लेकिन माँ बोली कि यह ऐसे खड़ा नहीं होगा, इसको सहारे की ज़रूरत है में माँ का मतलब नहीं समझ सका था और में उनको देखने लगा थी वो बोली कि अरे मुझे भी पता है कि टेड़े लंड को कैसे सीधा किया जाता है और जब लंड सीधा नहीं जाता तो उसको टेढ़ा कैसे चूत में लिया जाता है? वो बोली कि राजू डार्लिंग में तुम्हारी समस्या को बहुत अच्छी तरह से समझ गई हूँ, तुम बस सीधे लेट जाओ और अब में उनके कहने पर बेड पर एकदम सीधा लेट गया और उन्होंने अपना मुहं मेरी झाटों के पास में ले जाकर जीभ से चाटना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से अब मेरी जोश ज्यादा बढ़ गया था और मेरा लंड भी आकार में ज्यादा बड़ा होने लगा.
फिर कभी वो बीच बीच में मेरे लंड पर भी अपनी जीभ घुमा देती और कहती कि अरे यह खंबा ही तो मुझे पार ले जाएगा यही तो पुलिस का जवान है जो हमको आज जंग के मैदान तक ले जाएगा और उसके बाद उन्होंने मेरे लंड के टोपे को अपने मुहं में ले लिया और किस करने लगी. अब तो मेरा लंड फनफनाने लगा था और उन्होंने मेरे लंड को अपने मुहं में ले लिया और और चूसने लगी, लेकिन वो बहुत धीरे से आराम से यह सब काम कर रही थी.
फिर कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे कहा कि तुझे में आज चुदाई से पहले का अनुभव देती हूँ, तू में जैसा कहूँ ठीक वैसा करना इससे तुझको चुदाई करने में आसानी होगी, वैसे तुझे पहले से पता तो होगा कि जब तक औरत भी अंदर ना ले तब तक चूत में लंड आसानी से नहीं जाता है, लेकिन इस स्टाइल में तुझको ऐसा मज़ा आएगा जैसे किसी ढीली चूत वाली रंडी की चुदाई कर रहा हो. फिर मैंने कहा कि हाँ मेरे दोस्तों ने मुझे ऐसा बताया था कि पहली बार में ज़ोर लगाना पड़ता है, लेकिन ब्लूफिल्मों में तो एक चूत में दो दो लंड घुस जाते है.
दोस्तों अब मेरी झिझक एकदम दूर हो गयी थी और में चुदाई करने के लिए एकदम तैयार हो गया था और अब में संध्या को अपनी माँ नहीं एक रंडी की तरह ही देख रहा था, वो बोली कि तू ऐसा कर सीधा खड़ा हो जा और बाकी सब कुछ में देख लूँगी. अब में खड़ा हो गया तो मेरा लंड एकदम सीधा तनकर खड़ा हो गया, उन्होंने तुरंत नीचे बैठकर मेरे आधे लंड को अपने मुहं में ले लिया और फिर मुहं बाहर निकालकर बोली कि अब जब तेरा लंड मेरे मुहं में होगा तू यह सोचना जैसे मेरा मुहं मेरी चूत है और तू मुझे चोद रहा है. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है संध्या डार्लिंग उन्होंने मेरे तरफ देखकर मुस्कुरा दिया और एक हल्का सा किस मेरे लंड के टोपे पर ले लिया.
फिर वो बोली कि चल अपनी पहली चुदाई के लिए तैयार हो जा और उन्होंने मेरे लंड के टोपे को अपने होंठों के बीच दबा लिया. अब मेरा लंड पूरे जोश में था और मैंने धीरे से अपना लंड उनके मुहं के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से वो एम्म्म उफफ्फ्फ्फ़ की आवाज़ करने लगी.
फिर मैंने लंड को पीछे किया और इस बार मैंने ज़रा ज़ोर से आगे को धक्का दे दिया तो वो मुझे पीछे की तरफ धकेलने लगी, इससे मुझे पूरा मज़ा नहीं आया और मैंने उनके सर को बालों के साथ पीछे से पकड़ लिया और चुदाई वाली स्टाइल में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चुदाई करना शुरू कर दिया.
अब मुझे बहुत मज़ा आने लगा और फिर में समझ गया कि अगर में किसी ढीली चूत वाली रंडी को चोद रहा होता तो मुझे कैसा मज़ा आता. फिर करीब एक मिनट बाद उन्होंने मेरा लंड पकड़कर एक झटका देकर अपने मुहं से बाहर निकाल दिया और वो हाफते हुए बोली कि बस अब और नहीं, नहीं तो तेरा पूरा वीर्य मेरे मुहं में आ जाएगा और अब वैसे मेरी चूत भी गीली होने को है.
फिर में बहुत जोश में होने की वजह से बड़ा परेशन सा हो गया और चुदाई की मस्ती बीच में रुकने की वजह मेरे लंड का सारा वीर्य लंड से बाहर आ गया और में अपने लंड को कंट्रोल नहीं कर पाया. फिर वो हंसने लगी और बोली कि राजू वैसे तो मुझे इसे अपने मुहं में लेना था, लेकिन डार्लिंग मुझे यह पसंद नहीं है, में सीधी-साधी चुदाई में ही हमेशा खुश रहती हूँ और तेरे पापा को भी सेक्स का यह तरीका बिल्कुल भी पसंद नहीं है, तू भी मुझको रंडी मत समझना, मैंने केवल आज तक बस तेरे पापा से ही अपनी चुदाई करवाई है और उनके अलावा बाहर और किसी से नहीं.
फिर उसके बाद में उन्होंने मुझसे कहा कि अरे तेरा लंड तो फिर से ढीला हो गया और अब उन्होंने फिर से अपने हाथों, मुहं और होंठो के जादू से उसको दो तीन मिनट में फिर से तैयार कर दिया और मैंने भी अब पूरी तरह से किला फ़तह करने की इच्छा से उनके शरीर को नापना शुरू कर दिया. मैंने उनके पैरों पर भी हाथ फेरना शुरू कर दिया और उनके पैर बड़े ही मुलायम और चिकने थे.
मुझे लगता है कि वो अपने पूरे बदन का बहुत ख्याल रखती है और मैंने अब तक अंदर जाने वाले दरवाजे पर दस्तक नहीं दी थी और में आज उनको पूरा मस्त कर देना चाहता था और मैंने अपने लंड को पूरे कंट्रोल में रखा और में उनके शरीर को अभी भी अपने होंठो, उंगलियों और हाथों से ही सहला रगड़ रहा था, जिसकी वजह से वो थोड़ा थोड़ा गरम होने लगी थी और फिर वो बोली कि राजू अब आ भी जा यार प्लीज़ मत तड़पा जालिम, जल्दी से मेरे ऊपर आ जा प्लीज आह्ह्ह्ह.
फिर मैंने कहा कि बस थोड़ा सा और इतंजार करो, में तैयार हो रहा हूँ बस एक मिनट रुक जाओ में भी आता हूँ और फिर मैंने उनकी चूत पर अपना हाथ रखकर कहा कि संध्या यह क्या है? तो वो बोली कि इसे औरत का लंड कहते है यह औरत की मस्ती का बटन है, अगर तुझे किसी औरत को चोदना है और वो तैयार ना हो तो बस इस बटन पर हाथ फेर दे, वो तुझसे चुदवाए बगैर नहीं मानेगी.
फिर मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन आज में तुम्हारा बटन ऐसा दबाऊँगा कि सारे फ्यूज़ उड़ जाएँगे, वो मेरी बातें सुनकर मस्ती में आकर हंसने और चिल्लाने लगी. मैंने उनके दोनों पैरों को दूर करते हुए उनकी जांघो को अपनी कमर की तरफ़ किया और दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख दिया और उनके चूतड़ को दोंनो हाथों से धकेलते हुए अपना लंड उनकी चूत के पास ले गया और पूरे ज़ोर का धक्का दे दिया, जिसकी वजह से मेरा आधा लंड उनकी चूत में समा गया और मेरी तो चीख निकल गयी, लेकिन उनको कुछ तसल्ली हुई और वो मेरे अगले धक्के का इंतज़ार करने लगी.
फिर मैंने एक और ज़ोरदार धक्का लगाया तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया. अब मैंने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया, जिसकी वजह से वो तो पूरी मस्ती में आ चुकी थी और मेरे साथ अपनी चुदाई का मज़ा ले रही थी. में तो सातवें आसमान पर था, लेकिन उनका पूरा ध्यान इस बात पर था कि कहीं मेरा माल बीच में ही नहीं निकल जाए, वो शुरू से ही चुदाई को लंबा करना चाह रही थी.
फिर वो बोली कि पूरा अंदर तक डाल दे अपना लंड, हाँ ज़ोर ज़ोर से धक्के मार मुझे बहुत मज़ा आता है, उसकी आवाज़ मुझे अच्छी लगती है. अब वो भी ज़ोर ज़ोर से अपने पेट और चूत बीच के हिस्से पर मस्ती में ज़ोर ज़ोर से धक्के देती, तो में भी ज़ोर ज़ोर से अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा वो बोली कि अच्छा, तुझे भी अब बहुत मस्ती आ रही है? वाह मुझे भी मज़ा आ गया. आज बहुत दिन बाद जवानी का मज़ा पाया है, कसम से आज तूने मुझे अपनी जवानी के दिन याद दिला दिए आईईईईईईईई सस्स्स्स्सस्स उह्ह्हह्ह. अब में भी बहुत जोश के साथ धक्के देकर चुदाई कर रहा था और मैंने कहा कि में आज तेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा दूँगा, अब तू पापा से चुदाई करवाना भूल जाएगी, हर वक़्त वो मेरा ही लंड अपनी चूत में डलवाने को तड़पा करेगी.
फिर वो आह्ह्हहह ऊईईईईईईई वाह क्या मज़ा आ रहा है चोद मुझे और ज़ोर से आउउउ ज़ोर से और तेज, में भी बोला हाँ मेरी जान.
फिर वो बोली कि राजू मुझे चुदाई का तो मज़ा लेते हुए बहुत समय हो गया है, लेकिन मैंने आज तुमको जोश में करके जो तुमसे अपनी चुदाई करवाई, ऐसा पहली बार हुआ है. में अब तक यह जानती थी कि आदमी ही गरम करते है, लेकिन मैंने पहली बार किसी मर्द को शुरू से गरम करके अपनी चुदाई करवाई है और वो चिल्ला रही थी वाह बहुत अच्छा राजू मज़ा आ गया उऊम्‍म्म्मम आआअहहउहह म्‍म्म्ममम.
फिर अचानक जब मुझे लंड पर कुछ तरल का फील होने लगा वो बोली कि राजू अब धीरे कर दे, तूने मेरा तो पानी निकाल दिया. अब मैंने अपनी स्पीड को थोड़ा सा कम कर दिया और अब में थकने भी लगा था. अब अचानक मेरा सारा दबाव मेरे लंड के रास्ते उनकी चूत की घाटी में समा गया और में एकदम से सुस्त हो गया और मेरा लंड भी शांत हो गया.
फिर वो और में एक दूसरे के ऊपर लेट गये. फिर कुछ देर बाद मैंने अपना लंड संध्या की चूत से बाहर निकाल लिया और देखा तो वो एकदम मूँगफली की तरह सिकुड़ गया था और माँ उसे देखकर हंसने लगी और वो बोली कि देख मैंने तेरे लंड का क्या हाल कर दिया राजू.
अब मैंने माँ से कहा कि मेरी बड़ी इच्छा हो रही है कि एक बार आपकी गांड मारूं, अगर तुम बुरा ना मानो तो शुरू कर दूँ?
माँ बोली कि अबे कहाँ तो तुझसे चुदवाने के लिए मुझे तुझको कितना तैयार करना पड़ा और कहाँ तू अब मेरी गांड मारने की भी सोचने लगा. अबे सारा काम एक दिन में ही कर देगा और फिर टाइम देख क्या हो गया है? सुबह के 5.00 बज रहे है और अगर तेरी ज्यादा ही इच्छा है तो में तुझको पूर्वाभ्यास करवा देती हूँ और इतना कहकर वो उल्टा होकर लेट गयी और उनके बड़े बड़े कुल्हे के बीच उनकी गांड का छेद मुझे नज़र नहीं आया, लेकिन उनके कुल्हे बड़े मस्त थे.
जब वो पूरी तरह से गरम हो गयी तो बोली कि चल अब शुरू हो जा, तो वो ऊपर आई और मैंने उनके दोनों पैर फैलाए और अपना 6 इंच का लंबा लंड उनकी गांड पर रख दिया और हल्का सा दबाया तो वो करहाने लगी. फिर मैंने हल्की सी स्पीड बढाई तो वो कहने लगी कि आस्स्स्स्सस्स साले तेरा तो ओह्ह्ह्ह बड़ा जबरदस्त लंड है, तूने तो अपने बाप को पीछे कर दिया.
फिर मैंने कहा कि अगर कहो तो में तुम्हे रोज इस तरह खुश कर दूंगा, तो वो बोली कि में तेरी माँ हूँ, पहले अब जल्दी से तू मुझे शांत कर दे. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और यह कहकर अपनी धक्को की स्पीड को तेज कर दिया, वो मज़े की वजह से चिल्लाने लगी और हम दस मिनट तक यह बातें करने लगे और जब में शांत हुआ तो वो उठकर सीधा बाथरूम में चली गयी और नल को खोलकर नहाने से टब में नीचे बैठ गयी और मुझे आवाज़ दी. में गया तो देखा कि वो टब में बैठी हुई है और मेरी तरफ हाथ बढ़ा रही है, तो में भी उसमे जाकर समा गया और हमने वहां पर भी बहुत मस्ती की.
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मामा की लड़की को चोदकर मस्त किया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहित है और में जम्मू का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह घटना मेरे और मेरे मामा जी की लड़की के बीच हुई एक सच्ची सेक्स की घटना है जो अभी कुछ समय पहले हमारे साथ घटित हुई. दोस्तों उसका नाम सोनिया है और उसके फिगर का साईज़ 36-28-32 है. उसके गुलाबी होंठ काली काली आँखें छोटी नाक, गोल चेहरा, गोरा रंग, एकदम फिट है. एक बार जब भी कोई उसे देखे तो वो देखते ही उसका दीवाना ही हो जाए मेरे साथ भी उसको देखकर कुछ ऐसा ही हुआ, लेकिन पहले पहले तो मैंने उसके बारे में कुछ गलत अपने मन में नहीं आने दिए और अब मेरे साथ वो सब क्या हुआ? में उसी घटना को पूरी तरह विस्तार से सुनाने जा रहा हूँ.
दोस्तों आप सभी से मेरा सबसे पहले यही आग्रह है कि यह मेरी पहली कहानी है इसलिए आप मुझे मेरी गलतियों के लिए माफ़ करे. अब आपको बोर ना करते हुए में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ और वो घटना पूरी विस्तार से सुनाता हूँ.
यह बात कुछ समय पहले की है जब मेरे मामा जी की लड़की (सोनिया) की शादी थी और में अपने परिवार के साथ उसकी शादी में शामिल होने चला गया. में बहुत खुश था और ठीक शादी वाले दिन सभी लोग तैयार हो रहे थे और फिर उस समय सोनिया भी तैयार होकर मेरे पास चली आई. उस दिन उसने लहंगा पहना था और वो बहुत कमाल की सेक्सी लग रही थी. में लगातार उसे घूरता रहा और तभी उसने मेरे एकदम पास मुझसे आकर पूछा कि बताओ में कैसी लग रही हूँ. उसके मेरे बिल्कुल पास आने की वजह से मुझे उसके शरीर से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी और में उसे देखकर दूसरे ही ख्यालों में चला गया, जिसकी वजह से मेरे मुहं से अचानक से उसके पूछने पर सेक्सी शब्द निकल गया और अब में मन ही मन सोचा बैठा कि आज तो में काम से गया, लेकिन उसने मेरी बात का जवाब बड़े ही शरारती मूड में दिया और मेरे गाल को खींचकर मुझसे कमीना बोलकर मेरी तरफ मुस्कुराकर चली गयी.
फिर हम सभी लोग तैयार होकर जहाँ पर शादी होनी थी वहां के लिए निकल पड़े थे और वहां पर पहुंच गये और थोड़ी देर बाद बारात भी आ गई. फिर उसके कुछ घंटो के बाद नाश्ता खाना वगैरा सब कुछ हुआ, लेकिन में बार बार सोनिया की तरफ ही देखे जा रहा था. मुझे पता नहीं आज क्या हो गया था? में खुद वो बात नहीं समझ पा रहा था और में बार बार उसे ही देखे जा रहा था. शायद उसने भी मेरी इस बात पर गौर कर लिया था कि में लगातार उसे ही देख रहा हूँ, लेकिन फिर भी वो मुझसे कुछ नहीं बोली.
फिर बारात ही चली गई और फिर हम सभी दूल्हा और दुल्हन को लेकर घर पर आ रहे थे और जैसे ही हम लोग वहां से बाहर आए तो सोनिया ने मुझे इशारा किया और गाड़ी की पिछली सीट पर बुला लिया तो में चला गया और उसने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि आज तूने ड्रिंक की हुई है क्या? तो मैंने भी उससे बिल्कुल सच सच बोल दिया कि हाँ, लेकिन थोड़ी सी. अब उसने मुझसे कहा कि तभी तू बार बार मुझे ही घूरता जा रहा था और फिर वो मुझसे बोली कि घर चल में आज बुआ जी को सब कुछ बताती हूँ कि आपके बेटे ने ड्रिंक की है. फिर मैंने उससे माफ़ करने के लिए कहा और में उससे बोला कि प्लीज आप मेरी मम्मी को मत बताना में दोबारा कभी भी ऐसा कोई भी काम नहीं करूँगा ड्रिंक तो बहुत दूर की बात है, में कोई भी गलत काम नहीं करूंगा.
फिर वो कुछ देर सोचने लगी और फिर मान गई और वो मुझसे कहने लगी कि लेकिन मेरी तुमसे एक शर्त भी है, तभी मैंने तुरंत उनसे कहा कि मुझे आपकी वो सभी शर्त मंजूर है, आप मुझसे कुछ भी कहे में वो सब करूंगा. फिर उसने मुझसे कहा कि कल मुझे तुम से कुछ काम है, हम अब कल शाम को बात करेंगे और फिर वो मुझे पकड़ कर गाड़ी में ले आई.
फिर हम घर पर आ गये और फिर सभी लोगों के सोने का इंतज़ाम कर दिया. उस समय घर पर कुछ रिश्तेदार भी थे इसलिए सोने के लिए जगह थोड़ी कम थी, लेकिन मेरे सोने का इंतजाम छत पर सोनिया के रूम में था तो उसने मुझसे कहा कि जाओ तुम ऊपर वाले मेरे रूम में जाकर सो जाओ और फिर में उसके कहने पर ऊपर चला गया और बेड पर लेट गया.
पूरे दिन भर कामों में व्यस्त होने की वजह से में बहुत थका हुआ था इसलिए मुझे पता ही नहीं चला कि कब नींद आ गई जब में सुबह उठा तो मैंने देखा कि तब तक 11 बज चुके थे, तो में नहा धोकर नीचे आ गया और तब तक सोनिया भी नीचे चली गयी थी और बाकी सभी मेहमान भी अब अपने अपने घर जाने लगे थे, शाम तक थोड़े से मेहमान बाकी रह गये थे. फिर मैंने सही मौका देखकर सोनिया को अपने पास बुला लिया और मैंने उससे पूछा कि तुम्हे मुझसे ऐसा कौन सा काम था? तो उसने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि कल रात की तरह आज रात भी तुम ऊपर वाले रूम में चले जाना, में फ्री होकर तुम्हारे पास आ जाउंगी, लेकिन दोस्तों अब मेरे मन में बार बार वही बात घूम रही थी कि वो मुझसे ऊपर वाले कमरे में ऐसा क्या काम बताएगी, मैंने उस बारे में बहुत बार सोचा, लेकिन हल नहीं निकाल सका.
फिर जैसे तैसे सोचते सोचते दिन भी गुजर गया और फिर शाम हुई और उसके बाद जल्दी से रात हो गई. में तब तक ऊपर वाले रूम में पहुंच चुका था और वही बात सोच रहा था. फिर मैंने देखा कि रात के करीब दस बजे वो रूम में चली आई, तो मैंने उससे कहा कि तुमने आने में बड़ा समय लगा दिया? तो उसने मुझसे कहा कि हाँ मुझे मेहमानों को सेट करने में थोड़ा समय लग गया.
तब मैंने उससे कहा कि चलो अब तुम मुझे बताओ कि तुम्हे मुझसे वो कौन सा काम था? दोस्तों मुझे तो बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं था कि आज मेरे साथ क्या होने वाला है? और में उस बात से बिल्कुल अंजान था क्योंकि मेरी सोच उस समय वहां तक नहीं पहुंची थी जो वो अब मुझसे कहने वाली थी. फिर उसने उठकर तुरंत दरवाजा बंद किया और वो अब मेरे बिल्कुल पास में आकर बैठ गई. मुझे बहुत अजीब सा लगा थोड़ा डर भी था.
तभी उसने मेरी आखों में आखें डालकर हल्का सा मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि चलो हम आज साथ में बैठकर बियर पीते है. दोस्तों में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत चकित था और में मन ही मन सोचने लगा कि क्या यह मुझे आजमा कर तो नहीं देख रही है? फिर मैंने उससे कहा कि कल तो तुम ही मुझसे कह रही थी कि मुझे अब कभी भी ड्रिंक नहीं करनी है और आज खुद ही मुझे पीने के लिए कह रही हो. फिर उसने मुझसे कहा कि कोई बात नहीं आज के लिए सब कुछ माफ़ किया. आज हम दोनों साथ में बैठकर जो पिएँगे. दोस्तों में यह सभी बातें सुनकर बहुत चकित और हेरान रह गया कि एकदम सीधी साधी दिखने वाली लड़की क्या कभी बियर भी पी सकती है?
फिर मैंने उससे बहुत हैरान होकर कहा कि तुम यह सब कब से करने लगी? फिर उसने मुझसे कहा कि एक बार में अपने एक दोस्त की जन्मदिन की पार्टी में गई थी और मैंने वहीं से पीना शुरू किया और तब से में कभी कभी पीती हूँ. फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर उसने फ़्रीज़ से बॉटल निकाली और दो गिलास में डाली और एक गिलास उसने मुझे दे दिया और एक गिलास खुद लेकर पीने लगी और स्नेक्स खाने लगी. कुछ देर बातें हंसी मजाक करते हुए पीने के बाद उसे और मुझे दोनों को हल्का हल्का नशा सा होने लगा था.
फिर उसने मेरी तरफ देखा और मुझसे कहा कि रोहित में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. दोस्तों मुझे उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत अजीब सा लगा और मैंने उसे डांटा और उससे कहा कि तुम्हे पता भी है कि तुम नशे में यह सब क्या कह रही हो? तुम मेरे मामा की लड़की हो मतलब कि तुम मेरी बहन हो और में तुम्हारा भाई हूँ. यह सब बहुत गलत है और तुम ऐसा कैसे सोच सकती हो? लेकिन वो अब अपनी ज़िद पर अड़ गई और वो मुझसे कहने लगी कि मुझे कुछ नहीं पता, में तुमसे प्यार करती हूँ तो बस करती हूँ और वो इतना कहकर तुरंत मेरे गले लग गई और रोने लगी तो मुझे उसका रोना देखकर उस पर तरस आ गया.
फिर मैंने उसे चुप करवाया और उससे बोला कि में भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, लेकिन में अब तक बहुत डरता था. फिर उसने मुझसे कहा कि तुम अपनी आँखें बंद करो. फिर मैंने उसके कहते ही तुरंत अपनी आखें बंद कर ली और फिर उसने मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए और अब वो मुझे किस करने लगी. दोस्तों मुझे पता नहीं कहाँ से अचानक जोश आ गया और में भी ज़ोर से उस पर टूट पड़ा और उसे किस करने लगा. फिर उसने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और मेरी शर्ट को भी उतार दिया और फिर धीरे से उसने मेरे लोअर को भी उतार दिया में अब उसके सामने मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था.
फिर मैंने उससे कहा कि तुमने मेरे तो सारे कपड़े उतार दिए, लेकिन तुम खुद तो कपड़ो में खड़ी हो. फिर उसने मुझसे कहा कि तुम भी मेरे कपड़े उतार दो मैंने कब तुमसे मना किया है. दोस्तों मैंने तुरंत उसे नीचे लेटा दिया और उसकी कमीज़ को भी उतार दिया.
उसने अंदर लाल कलर की ब्रा पहनी हुई थी और उसके बाद में नीचे की तरफ आया और मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसकी सलवार को भी उतार दिया. अब में उसके ऊपर आ गया और में एक बार फिर से उसे किस करने लगा और उसके पूरे चेहरे पर किस करने लगा और फिर उसके एकदम गोल बड़े आकर के बूब्स को में ब्रा के ऊपर से किस करने लगा.
फिर उसके नीचे हाथ डालकर मैंने उसकी ब्रा को भी खोल दिया और एक साइड में फेंक दिया. अब में उसके एक बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा और दूसरे बूब्स को हाथ से दबाने लगा. मैंने बारी बारी से दोनों को बहुत अच्छी तरह से चूसा और दबाया भी.
दोस्तों अब में उसके पेट पर किस करते हुए उसकी चूत पर आ गया और अब में पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर किस करने लगा. वो उस लाल कलर की पेंटी में बहुत कमाल की लग रही थी. फिर मैंने उसकी पेंटी को उतार फेंका और चूत को सक करने लगा कुछ देर सक करने के बाद मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली तो वो बहुत आसानी से अंदर चली गई, क्योंकि वो पहले ही अपने बॉयफ्रेंड से बहुत बार चुद चुकी थी जो उसने मुझे बाद में बताया.
फिर मैंने जोश में आकर अपनी एक और उंगली को उसकी चूत में डाल दिया और धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा, लेकिन थोड़ी देर बाद वो मेरा हाथ पकड़कर ज़ोर से अपनी चूत में आगे पीछे करने लगी तो में अब उसका इशारा समझकर थोड़ा ज़ोर से अपनी ऊँगली को अंदर डालने लगा और फिर मेरे ऐसा करने के कुछ देर बाद वो झड़ गयी और वो बिल्कुल बेजान होकर पड़ी रही. उसकी चूत से बहुत सारा गरम गरम पानी मेरे हाथ पर आ गया जिसको मैंने साफ किया.
फिर मैंने उससे कहा कि अब तुम मेरा लंड सक करो तो वो तुरंत मान गयी और उसने मेरा अंडरवियर उतार दिया और उसने तुरंत मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और वो उसे चूसने लगी. दोस्तों वो बहुत जोश में आकर मेरा लंड चूसने लगी, वो किसी अनुभवी रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी, जिसकी वजह से मुझे भी जोश चड़ा हुआ था.
फिर मैंने उसके सर को पकड़ा और ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे करने लगा. फिर थोड़ी देर बाद मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने उससे कहा कि मेरा पानी निकलने वाला है. फिर उसने मुझसे कहा कि तुम मेरे मुहं में ही निकालो और फिर में तेज तेज धक्के देता हुआ उसके मुहं में ही झड़ गया और वो मेरा सारा पानी पी गयी. फिर उसने मेरा लंड चाटकर साफ कर दिया और वो मेरे ऊपर आकर मुझसे लिपट गयी, जिसकी वजह से उसकी गरम गरम चूत बड़े आकर के बूब्स मुझे महसूस होने लगे थे. हम कुछ देर ऐसे ही बिना कुछ कहे लेटे रहे.
फिर मैंने उससे कहा कि तुम पानी से कुल्ला करो तो उसने उठकर वहीं पर थोड़ा आगे बढकर कुल्ला किया और दोबारा मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगी, जिसकी वजह से हम दोनों को एक बार फिर से जोश आने लगा. हमने करीब दस मिनट तक एक दूसरे को बहुत जमकर किस किए. तभी उसने मुझसे कहा कि प्लीज अब मुझसे नहीं रहा जाता, तुम अपना लंड मेरी चूत में डाल दो और मेरी आग को बुझा दो प्लीज. फिर मैंने उसको थोड़ा सा ऊँचा करके उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया, जिसकी वजह से उसकी चूत और भी ज्यादा ऊँची होकर पूरी तरह से खुल गई.
अब में अपना लंड चूत के मुहं पर रखकर धीरे धीरे रगड़ने लगा तो वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब मुझे और मत तड़पाओ, डाल दो अंदर प्लीज, थोड़ा जल्दी करो और फिर इतना कहने के बाद खुद उसने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ा और उसे अपनी चूत के छेद पर रख दिया और अब उसने मुझसे धक्का लगाने को कहा. दोस्तों मैंने उसकी ऐसे हालत को देखकर एक हल्का सा धक्का लगा दिया तो उसकी चूत गीली होने की वजह से मेरा आधा लंड बहुत आसानी से अंदर चला गया, क्योंकि उसने पहले से ही अपने बॉयफ्रेंड के साथ चुदाई की हुई थी, जिसकी वजह से उसकी चूत का आकार फैला हुआ था और मेरा लंड बहुत आराम से फिसलता हुआ अंदर चला गया.
फिर मैंने दूसरा धक्का लगा दिया और अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया. अब उसको थोड़ा सा दर्द हुआ, लेकिन फिर उसे भी कुछ देर बाद मज़ा आने लगा और वो मुझसे ज़ोरदार धक्के लगाने के लिए बोलने लगी और में भी ज़ोरदार धक्के लगाने लगा. दोस्तों इस बीच उसका दो बार पानी निकल चुका था और वो बिल्कुल ढीली पड़ गई थी. मेरा लंड अब बहुत आराम से गीली चूत में फिसलता हुआ अंदर बाहर होने लगा था. फिर थोड़ी देर बाद मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने उससे कहा कि मेरा वीर्य अब निकलने वाला है बताओ कहाँ निकालूं अंदर या बाहर? तो उसने मुझसे कहा कि तुम मेरी चूत के अंदर ही निकाल दो और मेरी चूत को अपने रस से भर दो, मेरी आग को ठंडा कर दो, में सब कुछ सम्भाल लूँगी.
फिर उसके इतना कहने के बाद मैंने उसको दो चार धक्के दिए और उसके बाद हम दोनों एक साथ ही झड़ गये और अब में उसके ऊपर निढाल होकर लेट गया और उसे किस करने लगा, बूब्स को दबाने निचोड़ने लगा, उसके गदराए बदन से खेलने लगा.
दोस्तों उस रात को हमने करीब तीन बार और सेक्स किया और फिर थककर सो गये. दूसरे दिन जब में सुबह जब उठा तो मैंने देखा कि वो मुझसे पहले उठ गई थी और मैंने देखा कि मैंने कपड़े पहने हुए है शायद जब में सो रहा था उसने सुबह मुझे कपड़े पहना दिए थे. फिर थोड़ी देर में वो मेरे लिए चाय लेकर आई और उसने मुझे चाय दे दी और उसने मुझे किस किया और कमरे से बाहर चली गई. दोस्तों यह था मेरा ज़िंदगी का पहला सेक्स अनुभव जिसमे मैंने अपनी बहन की चुदाई करके उसे संतुष्ट किया और उसकी चुदाई के मज़े लिए.
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दीदी को मिलकर चोदा

हैल्लो दोस्तों, में एक बार फिर से आप सभी चाहने वालों के सामने अपनी दूसरी सच्ची कहानी लेकर आया हूँ. कहानी को शुरू करने से पहले में अपने बारे में कुछ बताना चाहूँगा, मेरा नाम निखिल है और में 19 साल का हूँ, मेरा शरीर दिखने में एकदम ठीकठाक है, मेरा लंड 6 इंच का है और मुझे सेक्स करना बचपन से ही बहुत पसंद है तो अब में अपनी आज की कहानी शुरू करता हूँ.
दोस्तों यह घटना उस समय की है जब में और मेरा पूरा परिवार भोपाल में एक फ्लेट में रहते थे, मेरे परिवार में मेरे पापा, मम्मी और सिर्फ़ में ही था. मुझे बहुत समय पहले से सेक्स करने की एक लत लगी हुई थी तो इसलिए में हमारी काम वाली को देख देखकर मुठ मारकर ही अपना काम चलाया करता था और ऐसा करने से मुझे कुछ शांती जरुर मिलती थी, लेकिन उसके बाद में दोबारा कुछ और करने के बारे में सोचने लगता था.
में शुरू से सेक्स और सेक्स जिस्म की तरफ बहुत आकर्षित होता था. दोस्तों हमारे पास में दो फ्लेट थे, एक फ्लेट तो बहुत समय से खाली पड़ा हुआ था और उसमें कोई भी नहीं रहता था, लेकिन दूसरे वाले फ्लेट में एक परिवार अभी अभी कुछ समय पहले ही रहने के लिए आया हुआ था और हम लोगों का उन लोगों से पिछले एक साल में बहुत अच्छा रिश्ता बन गया था. कभी वो हमारे यहाँ पर खाना खाने आते तो कभी हम वहां पर जाते.
उनके परिवार में सिर्फ़ 4 लोग ही थे अंकल, आंटी और उनके दो बच्चे. एक भैया जिनकी उम्र 28 साल और एक दीदी जिनकी उम्र 26 साल थी, वो दीदी बहुत ही हॉट थी और में उनको और उनकी मम्मी दोनों को चोदना चाहता था, लेकिन क्या करूं मुझे बहुत डर लगता था. उन दीदी का नाम भक्ति था और उनकी मम्मी का नाम रश्मि था. उन दोनों ही रंडियों को कैसे भी पाना अब मेरी मन की एक इच्छा थी इसलिए में उनको हर रोज देखकर मुठ मारता था.
दोस्तों फिर आख़िरकार एक दिन वो आ ही गया जब मेरे घरवाले और उनके घरवाले एक पिकनिक पर जा रहे थे, लेकिन मेरे उस समय पेपर थे, इसलिए में उनके साथ नहीं गया और फिर रश्मि आंटी और भक्ति दीदी को भी मेरे लिए रुकना पड़ा, वो दोनों मेरा बहुत ख्याल रखते थे. फिर बाकी सब तो पिकनिक के लिए निकल गये और में उनके घर पर रुका था.
मैंने अपनी कुछ जरूरी किताबे और अपना लेपटोप भी साथ ले लिया. सुबह के 8 बजे थे और भक्ति दीदी नहाने चली गई और में उस समय सो रहा था और वो उसी रूम से जुड़े बाथरूम में नहाने गई थी, मेरी नींद खुली और मैंने उठकर चोरी छिपे उन्हें नहाते हुए देख लिया, वो बिल्कुल नंगी थी और मुझे अपनी गांड दिखाए खड़ी हुई थी और उनकी मम्मी रश्मि आंटी उस समय हमारे लिए नाश्ता बना रही थी, लेकिन मेरे मन में तो अब उन दोनों को चोदने के ख़याल बार बार आ रहे थे और अब में अपने आप पर बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं कर पा रहा था, लेकिन फिर भी मैंने अपने आपको बहुत कंट्रोल किया और फिर में दूसरे बाथरूम में जाकर मुठ मारने लगा और कुछ देर हिलाने के बाद मेरा लंड एकदम शांत हो गया. अब मैंने धीरे धीरे अपना उन दोनों को चोदने का प्लान बनाना शुरू किया. दोपहर के करीब तीन बजे थे और हम सबने खाना खा लिया था.
मैंने उन दोनों को गरम करने के लिए मेरे लेपटोप में बहुत ही हॉट गाने लगाए और कुछ देर बाद दीदी बाजार चली गई थी और अब आंटी घर पर अकेली थी और मैंने महसूस किया कि वो अब तक गरम हो चुकी थी. फिर कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे बोला कि बेटा निखिल मेरी कमर आज बड़ी दर्द कर रही है तू थोड़ी देर दबा दे, हो सकता है कि मुझे तेरे छूने से आराम मिल जाए. दोस्तों में उनके बूब्स 36 के थे और वो थोड़ी पतली और लम्बाई में थोड़ी छोटी थी और वो अपनी गांड को कुछ ज्यादा ही हिला हिलाकर चलती थी. अब आगे दोस्तों मैंने उनसे बोला कि क्यों नहीं आंटी और उन्हें बोला कि आप अपना पेटीकोट उतार दो. फिर वो शरमाते हुए बोली बेटा तू ऐसे ही दबा दे रे. फिर मैंने उनके कहने पर दबाना चालू किया और तेल लेकर मसाज भी की और उसके बाद मेरे मन में उनको चोदने का ख्याल एक बार फिर से आ गया और अब मैंने उनकी कमर पर धीरे से हाथ फेरा, लेकिन वो मुझसे कुछ भी नहीं बोली और अपनी दोनों आखें बंद करके मेरी मसाज का पूरा मज़ा लेने लगी, जिसकी वजह से मेरी हिम्मत और बड़ गई.
फिर धीरे धीरे मैंने उनके बूब्स को मसलना शुरू किया तो वो तुरंत समझ गई और वो मुझसे झट से अलग हो गई और उठकर बोली यह क्या कर रहा है तू? तो मैंने उनसे बोला कि आंटी प्लीज़ में आपसे बहुत प्यार करता हूँ, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो आपको पाना मेरी मन की एक इच्छा है और वो मुझसे कुछ बोलने लगी थी, उससे पहले मैंने उसके होंठो को चूसना शुरू कर दिया और अब में बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा था, जिसकी वजह से वो कुछ ही सेकिंड में एकदम गरम हो गई और पूरे जोश में आ गई और मैंने झट से उनकी साड़ी को उतार दिया और उनको पूरा नंगा कर दिया और फिर मैंने पहले उनके गले पर किस किया, उसके बाद मैंने उनके दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथों में लेकर में दबाने लगा.
दोस्तों यह सब कुछ करीब 15 मिनट तक चला, जिसकी वजह से वो जोश में आकर अपने पूरे होश खो बैठी थी और फिर उन्होंने तुरंत मेरी पेंट को खोल दिया और लंड को बाहर निकाल लिया. अब उन्होंने मेरा लंड अपने हाथ में लेकर अपने मुहं में ले लिया और अब वो एक रंडी की तरह लंड को चूसने लगी थी. अब मैंने भी उनके बालों को पकड़कर मुहं में लंड को हल्के हल्के धक्के देने शुरू किए, जिसकी वजह से उनकी साँस रुक गई और आँख से आंसू बाहर आने लगे, लेकिन कुछ देर धक्के देने के बाद मैंने अपना वीर्य उसके मुहं में ही डाल दिया, जिसको उन्होंने बहुत खुश होकर चाट चाटकर पूरा साफ कर दिया.
फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी अब में आपकी चूत मारूँगा और वो मेरी बात को सुनकर झट से तैयार हो गई. फिर मैंने देखा कि आंटी की चूत एकदम साफ और अंदर से हल्की गुलाबी थी और उभरी हुई भी थी. मैंने लंड को चूत के मुहं पर रखकर हल्के हल्के से धक्के मारने शुरू किए, जिसकी वजह से उन्हें थोड़ा सा दर्द हुआ. फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का लगाकर पूरा लंड चूत के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से वो चीखने लगी और मुझे उन्होंने कसकर पकड़ लिया.
फिर मैंने कुछ देर बाद और भी तेज तेज झटके देने शुरू किए. थोड़ी देर बाद वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी, क्योंकि अब शायद उनका दर्द थोड़ा सा कम हो गया था और फिर यह सब करीब एक घंटे तक चलता रहा.
फिर मैंने उन आंटी को डॉगी स्टाइल में और 69 पोजीशन में अलग अलग तरह से लंड डालकर चोदा और बहुत मज़े से उनके साथ चुदाई का पूरा पूरा आनंद लिया. मैंने अपना वीर्य उनकी चूत की गहराई में डाल दिया वो मेरी चुदाई से बहुत खुश संतुष्ट नजर आ रही थी और अब हमने एक लंबा लिप किस किया और एक दूसरे से अलग हो गए.
दोस्तों उसके बाद हम दोनों ने एक प्लान बनाया, जिसमें में आंटी के साथ मिलकर भक्ति दीदी को चोदने वाला था, हमने सोच लिया था कि आज रात को में और मेरी रश्मि डार्लिंग उसको रात में बहुत जोश में लाकर उसके साथ वैसे ही मज़े से सेक्स करेंगे.
फिर कुछ देर बाद भक्ति दीदी बाजार से घर पर आ गई और वो इतनी मस्त लग रही थी. उन्होंने आज सफेद रंग की एकदम टाईट शर्ट और उसके नीचे केफ्री पहनी हुई थी, वो आकार में बहुत छोटी सी पेंट थी और जिससे उनकी गांड भी बहुत आराम से दिख रही है और उनके टॉप में से भी मुझे उनकी काली कलर की ब्रा दिख रही थी. उनके बूब्स कुछ 38 के होंगे, वो थोड़ी से मोटी थी, लेकिन बहुत हॉट थी और उनकी लम्बाई करीब 5.6 इंच होगी, वो उनके सेक्स बदन को लगातार घूर घूरकर देख रहा था.
अब वो कुछ देर बाद कमरे से बाहर आई और फिर हम तीनों मिलकर बातें हंसी मजाक करने लगे, बातों ही बातों में उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने भी उनको मजाक में बोल दिया कि मुझे अब तक कोई भी आप जैसी नहीं मिली और मेरी यह बात सुनकर उन्होंने मुझे एक शरारती सी स्माईल दी और उठकर सीधी बाथरूम में चली गई.
अब में और रश्मि आंटी को समझने में ज्यादा समय नहीं लगा कि उसे भी मुझसे अपनी चूत को चुदवाना है और हम दोनों उसकी इच्छा को जानकर मन ही मन बहुत खुश थे, क्योंकि हमे हमारा एक साथ मिलकर चुदाई करने का सपना अब सच होता हुआ नजर आ रहा था.
फिर रात को खाना खाने के बाद हमने कुछ देर बैठकर बातें की. उसके बाद रश्मि आंटी ने मुझसे कहा कि तू भी हमारे साथ हमारे रूम में सो जा. उनके मुहं से यह बात सुनकर भक्ति दीदी तो ख़ुशी से झूम उठी थी, लेकिन वो कुछ बोली नहीं और मुझे उनके चेहरे से साफ साफ पता चल रहा था, वैसे हाल तो मेरा भी वही था. फिर हम रात को तीनों एक कमरे में सोने चले गए.
फिर कुछ देर लेटे रहने के बाद अब में और रश्मि आंटी सोने का नाटक कर रहे थे और फिर जैसे ही हमे लगा कि वो सो गई तो रश्मि डार्लिंग ने मुझसे कहा कि तू जा अब भक्ति सो गई है, उसको किस कर और बहुत अच्छी तरह से गरम कर दे. फिर मैंने भी ठीक वैसा ही किया जैसा उन्होंने मुझसे कहा था.
मैंने उनके होंठो पर, गर्दन पर, छाती पर किस करना शुरू किया, जिसकी वजह से वो कुछ देर बाद उठ गई और अब वो मुझसे बोली कि यह क्या कर रहा है? लेकिन फिर हमने उसे कुछ बोलने नहीं दिया और मैंने उसे तुरंत नंगा कर दिया और उसके नरम गुलाबी होंठो को चूसने लगा और दोनों बूब्स को हाथ में लेकर दबाने लगा निचोड़ने लगा और अब रश्मि आंटी भी आ गई, वो पीछे से उसकी गांड को चाट रही थी और कुछ देर बाद उस भक्ति नाम की रांड ने भी हमारा पूरा पूरा साथ देना शुरू किया और अब हम तीनों बारी बारी से एक दूसरे को किस कर रहे थे और फिर भक्ति और रश्मि एक दूसरे को किस करने लगी और में उन दोनों के बूब्स को बारी बारी से चूसने, दबाने लगा.
अब मैंने भक्ति से कहा कि तुम मेरा लंड चूसो और में रश्मि आंटी को किस करके शांत करता हूँ. उसके बाद में और रश्मि आंटी किस करते रहे और वो मेरा लंड चूसती रही. फिर मैंने उसे कुछ देर बाद नीचे लेटाकर अपना लंड डाल दिया और उसको बहुत देर तक लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदा उहह्ह्हहह आईईइ माँ मर गई प्लीज थोड़ा धीरे करो, वो सिसकियाँ लेने लगी और रश्मि पीछे से उसके बूब्स को मसल रही थी. कुछ देर बाद में उसकी चूत में ही झड़ गया और मैंने अपना पूरा वीर्य चूत के अंदर डाल दिया और करीब 5 मिनट में वो भी झड़ गई.
अब मैंने उसको गांड की तरफ से उल्टा बैठने को कहा और बोला कि अब में तेरी गांड भी मारूँगा भक्ति. फिर वो मुझसे बोली कि प्लीज गांड में नहीं यह बहुत दर्द होती है, में ऐसा नहीं कर सकती. फिर मैंने उससे बोला कि तुम्हें कुछ नहीं होगा. में बहुत धीरे धीरे डालूँगा, जिसकी वजह से तुम्हें दर्द कम होगा और फिर मैंने उसकी गांड में बहुत सारा तेल लगाकर अपने लंड को भी चिकना करके गांड पर लंड का दबाव बनाते हुए पूरा अंदर डाल दिया.
उसके बाद मैंने धक्के मारने शुरू किए और मेरे साथ में रश्मि के बाल पकड़कर उसके होंठो को चूसना शुरू किया और साथ में एक बूब्स को दबाना भी शुरू किया और हम सारी रात जमकर चुदाई करते रहे, कभी में भक्ति को चोदता तो कभी रश्मि को. मैंने उन दोनों के साथ बहुत मज़े किए और दोनों को संतुष्ट करने के बाद हम तीनों नंगे ही सो गए और फिर हम तीनों ने प्लान बनाया कि अब हमको जब भी मौका मिलेगा हम तीनों ऐसे ही सेक्स करेंगे.
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चाची ने मेरे टावल में हाथ डाला

हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी के सामने अपनी लाईफ की एक ऐसी घटना सुनाना चाहता हूँ, जिसको सुनकर लड़कियों के रोंगटे खड़े हो जाएँगे और लड़को का पता नहीं क्या क्या खड़ा हो जाएगा? चलिए अब आप सभी को में सीधा अपनी आज की कहानी पर ले चलता हूँ.
दोस्तों यह बात पिछली होली की है, मेरा घर एक कॉलोनी में है और उस कॉलोनी में मेरे एक रिश्तेदार का घर भी है, वो लोग दो भाई है. दोस्तों वैसे तो वो लोग रिश्ते में मेरे चाचा लगते है, लेकिन उनकी बीवियों की और मेरी उम्र में ज्यादा फ़र्क नहीं है, में 27 साल का हूँ और मेरी बड़ी वाली चाची 35 साल की और छोटी वाली 33 साल की है, वो दिखने में थोड़ी सी मोटी लगती है, लेकिन मुझे तो वैसी ही औरते शुरू से बहुत पसंद है और हमेशा भरा हुआ बदन बहुत मस्त होता है, तभी तो दबाने में मज़ा आएगा.
दोस्तों में उस दिन अपने दोस्तो के साथ सुबह से ही होली खेल रहा था और हमारी कॉलोनी में बहुत मस्ती हो रही थी और हमारी कॉलोनी में एक लड़की है, जिसके साथ में बहुत खुला हुआ हूँ और वो भी मेरे फ्रेंड ग्रुप में ही है और सभी को पता था कि हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब है, लेकिन हम लोगों के बीच में बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड वाला ऐसा कुछ भी नहीं था, बस हम लोग टाईम पास करते थे.
अब हम उसके साथ उस दिन सुबह से होली खेल रहे थे, उसकी बिल्डिंग की नीचे रंग खेलने के लिए उसकी बिल्डिंग वालों ने पूरा सेट अप तैयार किया हुआ था. गाड़ियाँ पार्किंग करने वाली जगह में सभी को होली खेलनी थी और उसके दूसरी तरफ अलग से नहाने के लिए टब रखा हुआ था. हम लोग वहां पर बहुत देर तक खेले और वैसे उनकी बिल्डिंग के सारे लोग मुझे पहले से ही जानते थे, क्योंकि मेरा वहां पर बहुत बार आना जाना बना रहता था तो इसलिए वहां पर मुझे कोई भी रोक टोक नहीं थी. फिर वहीं पर सारे लोग जमा हो गये थे.
अब उसकी बिल्डिंग के सारे लोग एक तरफ मज़े कर रहे थे तो दूसरी तरफ सोनल को मेरे दोस्त और में एक दूसरे को बहुत परेशान कर रहे थे, कभी कभी उसको रंग लगाते समय उसके बूब्स छू जाते थे तो मेरे लिए अपने खड़े लंड का उभार छुपाना बहुत मुश्किल हो जाता था और फिर में जानबूझ कर उसको गर्दन या कमर पर रंग लगाने की कोशिश करता ताकि अगर वो मुझसे बचना चाहे तो मेरे हाथ उसके बूब्स से ना छू जाए, लेकिन वो भी बार बार खुद जानबूझ कर मुझे मौका दे रही थी, जिसकी वजह से मेरे लिए तो बहुत मौज हो गई थी.
तभी कुछ देर बाद बिल्डिंग के एक अंकल सभी के लिए कुछ मिठाई ले आए और वो अब सभी को मिठाई बांटने लगे, वो सब अलग अलग तरह की मिठाईयां थी. अब मैंने उनसे एक पेड़ा ले लिया और फिर अंकल को अपनी तरफ से धन्यवाद बोला. अंकल भी अब डांस करते हुए आगे बड़ गए थे और में जब पीछे मुड़ा तो मैंने देखा कि सोनल भी वहीं पर खड़ी हुई थी और उसके हाथ में एक लड्डू था जो आधा खाया हुआ. तभी उसने मेरे मुहं में वो लड्डू ठूंस दिया और वो हंसकर मुझसे बोली कि हाँ खाओ खाओ और खाओ तुम्हें इसे खाने के बाद असली मज़ा आएगा.
फिर करीब दस मिनट के बाद मुझे अंदाजा हुआ कि उसकी बात का क्या मतलब था? क्योंकि मुझे अब हल्का हल्का सा नशा हो गया था, शायद उस लड्डू में भांग थी और वो भी अब नशे में पूरी तरह से झूम रही थी. जिसकी वजह से में और भी मौज में आ गया था, जिसकी वजह से में उससे और भी ज्यादा चिपककर डांस करने लगा और उस पर पानी डालने लगा. तभी अचानक से वो मेरे पास आई और उसने मेरी टी-शर्ट के अंदर अपना एक हाथ डाल दिया, उसके हाथ में बहुत सारा गुलाल था और हाथ को अंदर डालने के बाद वो मुझसे बोलने लगी कि ऐसे रंग लगाने में कुछ ज्यादा मज़ा आता है और रंग पूरा अंदर तक जाता है. दोस्तों में तभी उसकी बातें और मुस्कुराने का मतलब तुरंत समझ गया था कि यह मुझसे चाहती है कि में इसके बूब्स को भी रंग से लाल कर दूँ.
में उसका इशारा समझकर मन ही मन बहुत खुश था और भांग के नशे में होने की वजह से मुझे किसी बात का कोई डर भी नहीं था और में बिल्कुल निडर हो चुका था. अब मैंने झटके से उसका एक हाथ पकड़ा और अपने दूसरे हाथ में गुलाल ले लिया और फिर मैंने इधर उधर देखकर जल्दी से उसके टॉप में अपना हाथ अंदर डाल दिया, मेरे ऐसा करते ही उसके तो एकदम होश ही उड़ गये और अब में सीधा उसके निप्पल तक पहुंच गया और ज़ोर से उसके एक बूब्स को दबाने लगा था. मेरे निप्पल को निचोड़ने की वजह से वो एकदम छटपटा गई, लेकिन उसकी आँख में भी सेक्स का नशा साफ झलक रहा था.
फिर कुछ देर बाद मैंने स्पीड से अपना हाथ बाहर भी निकाल लिया और मैंने उससे पूछा कि क्यों सोनल रंग लगाने में ऐसे ही मज़ा आता है ना? तो वो मुझे एक शरारती स्माईल देकर वहां से भाग गई और अब वो अपनी बिल्डिंग के लोगों के साथ डांस करने लगी और अब में भी बड़ा गरम हो चुका था, क्योंकि उस दिन मैंने पहली बार किसी के बूब्स को दबाए थे और वो भी ऐसे खुले में मेरे मन में एक अजीब तरह की संतुष्टि थी और उस दिन में मन ही मन बहुत खुश था.
हम लोगों ने वहां पर कुछ देर डांस किया और तब तक दिन के 12 बज चुके थे तो सभी लोग एक एक करके थक हारकर नहाने चले गये, में भी अपने घर पर चला आया. मम्मी ने मेरा ऐसा हाल देखा तो उन्होंने मुझे सीधा नहाने जाने का इशारा किया और में टावल लेकर सीधा बाथरूम में नहाने चला गया और में बाथरूम के दरवाजे पर ही पहुंचा ही था कि मेरी मम्मी ने मुझे आवाज़ लगाई और फिर कहा कि शायद ऋतु और मीना चाची हम सभी से होली मिलने आएँगे, तुम जल्दी से तैयार होकर बाहर आ जाना और उसके बाद हम सभी लोग मंदिर भी जाएँगे.
फिर मैंने मन ही मन सोचा कि यार अब तो होली खत्म हो गई है और यह लोग अब रंग लगाने आ रहे है और फिर में नहाने चला गया. दोस्तों कुछ देर पहले सोनल के साथ हुई उस घटना की वजह से मेरा लंड पहले से ही बहुत जोश में था और में अंदर घुसते ही उस हसीन लम्हें को याद करने लगा और जैसे में उसके मुलायम, गोल गोल बूब्स मेरे गुलाल से भरे हाथ में थे, में उनको कैसे दबा रहा था और कभी कभी में मन में सोचने भी लगता था कि जब वो ऐसे नंगी होकर नहाएगी तो उसके बूब्स पर मेरे हाथों के निशान होंगे और में तो उस समय यह सभी बातें सोचकर मुठ मार रहा था और में उन सपनों में खोया हुआ था और पूरी तरह से डूब चुका था.
करीब पांच मिनट के बाद अचानक से दरवाजे पर ज़ोर से किसी के मारने की आवाज़ आई, जिसको सुनकर में डर गया और बाहर से मेरी मीना चाची की आवाज़ आ रही थी, क्या हुआ रोहन अंदर क्या साफ करने चला गया, अभी होली खत्म नहीं हुई है, जल्दी से दरवाजा खोलो नहीं तो हम दरवाजा तोड़ देंगे.
दोस्तों वैसे में आप सभी को बता दूँ कि में अपनी ऋतु चाची और मीना चाची से थोड़ा सा खुला हुआ हूँ और वैसे हमारी उम्र में ज्यादा अंतर नहीं होने की वजह से हम लोग कभी कभी बहुत खुलकर बातें कर लिया करते थे और व्हाट्सअप पर भी हम बहुत सारी बातें खुलकर किया करते थे. अब मैंने अंदर से ही बोला कि चाची में अब नहा लिया हूँ, आप दोबारा से मुझे गंदा मत कर देना, नहीं तो मुझे एक बार फिर से इतनी मेहनत करके सारा रंग उतारना पड़ेगा. फिर चाची का बाहर से जवाब आया कि ठीक है हमारे पास थोड़ा सा ही कलर है, तू इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत कर, लेकिन तू क्या सोचता है कि तू हमसे बच जाएगा ऐसा कभी नहीं होगा. फिर कुछ देर बाद मैंने सोचा कि में अब दरवाजा खोल देता हूँ नहीं तो यह हल्ला मचा देंगे.
मैंने जल्दी से अपने खड़े लंड को बिना मुठ मारे शांत किया और टावल लपेटकर बाथरूम का दरवाजा खोला और जैसे ही मैंने कुण्डी को हटाया तो चाची ने मुझे ज़ोर से धक्का मार दिया, जिसकी वजह से में अंदर हो गया और अब में उनसे बचने की कोशिश कर रहा था और चाची मेरे साथ ज़बरदस्ती कर रही थी और इतने में ऋतु चाची भी आ गई और उन्होंने मेरे ऊपर पीछे से एक बाल्टी भरकर पानी डाल दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा टावल भीग गया था.
दोस्तों मेरे लंड अब भी पूरी तरह से शांत नहीं हुआ था और पानी की वजह से लंड का सारा आकार अब साफ हो गया था और मुझ पर पानी डालकर वो बाथरूम से बाहर भाग गई और जाते जाते उन्होंने बाथरूम की कुण्डी बाहर से मार दी. फिर मैंने बहुत बार दरवाज़ा पीटा, लेकिन वो तो अपना काम खत्म करके दूसरे रूम में चली गई और मम्मी के पास जा चुकी थी और उधर मेरे पीछे मीना आंटी भी भीग गई थी, हम दोनों अब अंदर ही थे. दोस्तों उस समय मीना आंटी साड़ी पहने हुई थी और पानी की वजह से उनका ब्लाउज उनके बूब्स से पूरा चिपक गया था और में उनकी निप्पल को बाहर से देख रहा था, उनके दोनों निप्पल बड़े आकार के उभरे हुए थे.
दोस्तों उस घटना से पहले तक कभी भी मेरे मन में उनके लिए कोई भी गंदा ख्याल नहीं आया था, लेकिन उस समय मेरे लंड पर खून भी सवार था और सर में भांग का नशा भी था और अब बस मेरा मन डोलने ही वाला था. तभी मीना चाची रंग का एक और पैकेट अपने एक हाथ में लेकर मेरी तरफ बढ़ने लगी और में उनसे बोला कि चाची प्लीज मुझे अब आप रंग मत लगाओ, में भी अभी अभी नहाया हूँ, लेकिन वो मुझसे बोली कि कोई बात नहीं बस एक ही तो पैकेट है और फिर हंसते हुए उन्होंने अपने ब्लाउज में से रंग का एक और पैकेट बाहर निकाल लिया, जिसकी वजह से मुझे उनके बूब्स के दर्शन हुए, लेकिन यह भी दिख गया था कि उनके ब्लाउज के अंदर और भी पैकेट्स रखे हुए है. फिर में समझ गया था कि आज यह नहीं मानेंगे और मुझे दोबारा नहाना ही पड़ेगा, इसलिए मैंने अपना चेहरा मेरे दोनों हाथों से ढक लिया, उन्होंने मुझे चेहरे पर रंग लगाने की बहुत कोशिश की, लेकिन लगा नहीं सकी, वो लगातार कोशिश करती रही और में उनसे बचता रहा.
फिर आखरी में चाची ने मुझसे बोला कि रोहन अब तू चुपचाप मान जा नहीं तो मेरे पास इसके अलावा और भी तरीके है और में उनकी बात को सुनकर हंसने लगा. तब भी मैंने अपने चेहरे को अपने हाथ से छुपा रखा था तो इसलिए मुझे ज्यादा साफ साफ दिखाई नहीं दे रहा था.
दोस्तों तभी अचानक से कुछ ऐसा हुआ कि मेरे दोनों हाथ तुरंत अपने आप चहरे से हट गए, क्योंकि मेरी मीना चाची ने अपना हाथ मेरे टावल में डाल दिया और अब मेरे टाईट तनकर खड़े भीगे हुए लंड पर उनका गरम कोमल हाथ रगड़ खा रहा था और वो मेरे लंड को रंग लगाने के लिए मसल रही थी. फिर कुछ देर बाद मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने अपने लंड को पूरा खड़ा होने दिया और वो भी इस बात को समझ गई, लेकिन हम दोनों ने अनदेखा किया और कुछ सेकेंड्स मसलने के बाद चाची ने हाथ को बाहर निकाल लिया.
अब तक मेरा लंड टावल में एकदम टेंट बन चुका था. तभी मैंने चाची से बोला कि आप रुकिये में अभी आपको बताता हूँ. फिर जैसे में उनकी तरफ बढ़ा वो भागने की कोशिश करने लगी, लेकिन जमीन के गीला होने की वजह से वो फिसलकर गिर गई. अब मैंने उन पर थोड़ा सा भी रहम नहीं दिखाया और में तुरंत उनके ऊपर जाकर बैठ गया, उनका पल्लू हटाया और उनके दोनों हाथों को अपने घुटनों के नीचे दबा लिया.
मैंने उनके ब्लाउज में अपना एक हाथ डाल दिया और रंग के उस पैकेट्स को बाहर निकाल लिया और में जोश मस्ती में बिल्कुल ही भूल गया था कि वो मेरी क्या लगती है? और में ऐसे उन पर हाथ मार रहा था जैसे रोज रात को में उसके साथ ही बिताता हूँ. मैंने रंग का पैकेट फाड़ दिया और एक पैकेट को उनके चेहरे पर छिड़क दिया, जिसकी वजह से उनकी आखें एकदम बंद हो चुकी थी. उनका पूरा चेहरा उसमें रंग चुका था और एक पैकेट को मैंने उनकी छाती पर डाल दिया था और फिर में अपने हाथ से उनके चेहरे पर रंग लगाने लगा था और फिर मैंने उनकी छाती पर अपने हाथ से बहुत हल्के हल्के से मालिश की और वो बस सिर्फ़ अपना मुहं इधर उधर कर रही थी और पैर पटक रही थी और लगातार ज़ोर ज़ोर से हंस रही थी.
फिर कुछ देर बाद मीना चाची ने फिर से पता नहीं कैसे अपना हाथ मुझसे छुड़वा लिया और उन्होंने मेरे पैरों के नीचे से टावल के अंदर अपना एक हाथ डालकर उन्होंने झट से मेरा लंड पकड़ लिया. मेरा लंड एकदम लोहे सा मोटा हो गया था और में भी थोड़ा सा उठा और अपने हाथ से मैंने उनकी साड़ी को ऊपर किया, जिसकी वजह से मुझे उनकी पेंटी नजर आने लगी थी और अब मैंने पेंटी के अंदर अपना एक हाथ डाल दिया और चूत को छूकर मेरे मन के विचार बिल्कुल बदल गए.
दोस्तों में आप सभी को क्या बताऊँ? एक जवान चूत और एक माँ बनी हुए चूत में बहुत अंतर होता है और मुझे चूत को छुते ही महसूस हो गया कि उनकी चूत के अंदर कितनी गर्मी जोश कामुकता छुपी हुई है? शादीशुदा औरतों की चूत हमेशा आग की तरह धधकती रहती है और मुझे छूकर ऐसा लगा जैसे अंदर कोई भट्टी जल रही हो. मैंने ऋतु चाची की चूत की गरमी को भी छूकर महसूस किया है, अभी कुछ महीने से उनका भी वही हाल था जो वो उस समय मेरा था और सोनल की चूत टाईट और बहुत मज़ा देने वाली थी, लेकिन वो ऐसी गरम नहीं थी. दोस्तों में यह दोनों अनुभव आप सभी को अपनी अगली कहानी में पूरे विस्तार से बाद में जरुर बताऊंगा.
अब में मीना आंटी की चूत को अपनी मुट्ठी में लेकर मसल, सहला रहा था और वो मेरे लंड को ज़ोर से जकड़े हुए थी. फिर वो मेरा लंड को पास लेकर अपनी नाभि पर सटाने लगी थी और में उनकी उस हरकत से तुरंत समझ गया कि आज तो मेरी किस्मत में मेरे लिए चुदाई का वो सुख लिखा हुआ है. अब मैंने ज्यादा समय खराब नहीं किया और दो तीन बार उनकी नाभि पर अपना लंड सटाया और झट से सही मौका देखकर उनकी पेंटी के एक साईड से मैंने अपने लंड को उनकी चूत में डाल दिया.
मुझे बहुत अच्छी तरह से पता था कि उनकी हर रोज रात को चुदाई होती रहती है और सोनल तो मेरे लंड डालते ही एकदम से उछल गई थी. फिर जब मैंने पहली बार अपना लंड उसकी चूत में उतारा था, लेकिन मीना आंटी ने तो बहुत आराम से मेरा लंड अपनी चूत में लेकर एक हल्की सी सिसकी जरुर अपने मुहं से बाहर निकाली, लेकिन उसकी आवाज बहुत धीमी थी.
अब मैंने जल्दी ही अपने धक्को की स्पीड को बढ़ा दिया था. मीना चाची ने अपनी दोनों आखें बंद कर रखी थी और वो अपने ब्लाउज के ऊपर से बूब्स को भी सहला रही थी, वो उस समय पूरे जोश में थी और शायद पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. फिर दो तीन मिनट के बाद उन्होंने अपने बूब्स को बिल्कुल आज़ाद कर दिया. में क्या बताऊँ दोस्तों वाह क्या मस्त आकार के एकदम गोल गोल गोरे बूब्स थे उनके, साला मेरा तो उनको देखकर दिमाग़ ही खराब हो गया और अब मेरे धक्को की स्पीड अपने आप ही दुगनी हो गई. मैंने तुरंत ही अपने रंग लगे दोनों हाथों से उनके दोनों आकर्षक बूब्स को पकड़ लिया, जिसकी वजह से उनके बूब्स पर मेरी उँगलियों के निशान छप गये थे. अब मैंने उनके ऊपर बूब्स पर और नीचे चूत पर पूरा ज़ोर लगाया था.
मेरा लंड लगातार चूत के अंदर बाहर होता रहा और वैसे यह काम कुछ देर तक लगातार चलता रहा. तभी कुछ देर में मेरा वीर्य निकल गया और मैंने जल्दी से लंड को चूत से खींचकर बाहर निकाल लिया और सारा माल उसकी नाभि पर गिरा दिया. चाची अब एकदम से ढीली पड़ गई थी और मेरा भी लंड अब शांत हो गया था, जिसकी वजह से मेरी चाची के शरीर पर से पड़क कमजोर होने लगी थी और फिर मुझे हल्का सा थप्पड़ मारा और उठ गई.
में भी खड़ा हो गया और चाची ने सबसे पहले तो अपनी साड़ी को ठीक किया और उसके बाद वो अपने ब्लाउज को ठीक करने लगी. फिर मैंने उनसे बोला कि चाची आप क्या अपने बूब्स पर लगा सबूत नहीं मिटाओगी? चाचा को पता चल गया कि उनकी शेरनी का आज किसी ने शिकार किया है तो वो बुरा मान जाएँगे. फिर चाची ने शरारती हंसी हंसते हुए बोला कि बेटा आज शेरनी ने ही आज भी अपना शिकार किया है और जहाँ तक रही सबूत मिटाने की बात तो तेरे चाचा अब देर रात तक ही आएँगे, तू शाम को आ जाना सारे सबूत मिटाने. अब मेरे मुहं से स्माईल निकल गई और चाची हंसती हुई जाकर दरवाजे पर खड़ी हो गई और दरवाजा पीटने लगी.
ऋतु चाची ने दरवाजा खोला और हम दोनों को हंसते हुए देखा और पूछने लगी कि क्या हुआ है तुम लोगों को? ज्यादा मस्ती हो गई क्या? तो मीना चाची ने जवाब दिया कि हाँ और आपको रोहन को रंग नहीं लगाना क्या? आप भी जाओ ना अंदर और इतना कहकर मीना चाची ने ऋतु चाची को भी अंदर धक्का दे दिया और वो मेरी छाती पर आकर पड़ी, वो अब मेरी बाहों में थी. मैंने उनको कसकर पकड़ लिया और उन्होंने मुझसे अपने आपको छुड़ाने की बहुत कोशिश की, लेकिन नाकाम रही.
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