दोस्त की भाभी के साथ दीवाली मनाई

हैल्लो दोस्तों, में भी आप लोगों की तरह बहुत लंबे समय से सेक्सी कहानियाँ पढ़कर इनके मज़े लेता हूँ. मुझे ऐसा करने में बहुत ख़ुशी होती है और मैंने अब तक आप लोगों के भेजे हुए बहुत सारे सेक्स अनुभव को पढ़ा है और वो मुझे अच्छे भी लगे.
दोस्तो वैसा ही मेरा भी एक सच्चा सेक्स अनुभव है, जिसको में आज आप लोगों को सुनाने जा रहा हूँ और जिसमें मैंने अपने एक दोस्त की हॉट सेक्सी भाभी को चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट किया. दोस्तों सच पूछो तो मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आया और अब में उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आप लोगों को जरुर पसंद आएगी और अब में आप सभी को अपना परिचय भी करवा देता हूँ. मेरा नाम अमर है और में हैदराबाद का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 23 साल और में एकदम गोरा दिखने में ठीक ठाक हूँ. मेरी हाईट 5.10 और में एक पढ़ा लिखा लड़का हूँ.
दोस्तों अब में आप लोगों को ज्यादा बोर ना करते हुए सीधे अपनी सच्ची घटना पर आता हूँ. दोस्तों मैंने अभी अभी अपनी इंजिनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी और उसके बाद में अपने घर पर बोर होने लगा था और इसलिए मैंने यह बात अपने एक बहुत अच्छे दोस्त को बता दी कि में बहुत बोर हो रहा हूँ. उसने मुझे उसके घर पर कुछ दिन रहने के लिए बुला लिया था. मैंने बहुत सोचकर अपने पापा से उसके घर पर चले जाने की इजाजत ले ली, लेकिन मुझे बहुत मुश्किल से उसके घर पर जाने की इजाजत मिली और में अगले दिन ही अपना बेग पैक करके मेरे दोस्त के यहाँ पर रहने के लिए चला गया, जो कि बेंगलोर में रहा करता था.
दोस्तों में सबसे पहले अपने दोस्त के परिवार के बारे में आप सभी को थोड़ा विस्तार से बता देता हूँ. उसके बाद अपनी कहानी सुनाऊंगा. मेरे दोस्त का नाम शेखर है, जो कि मेरे साथ इंजिनियरिंग कॉलेज में पढ़ता था और उसके घर में उसकी माँ जो कि 39 साल की है, एक बड़े भाई जिनकी उम्र 28 साल की है, उसकी भाभी जो कि 25 साल की है, उसकी बहन जो कि 20 साल की है.
फिर में उसके अगले दिन अपने दोस्त के घर पर पहुंच गया और मैंने अचानक से पहुंचकर उसको चकित कर दिया और मेरा दोस्त मुझे देखकर बहुत ख़ुश हो गया और उसने मुझे अपने गले से लगा लिया. फिर हम लोग अंदर चले गये और उसकी माँ ने भी मुझे अपने गले से लगा लिया, उफफफफ्फ़ वाह क्या स्पर्श था? उसकी माँ के बूब्स के उनके बूब्स 38 साईज़ के थे और उनके चूतड़ भी बहुत बड़े आकार के थे.
यह सब देखकर महसूस करके मेरा लंड बड़ा हो गया. फिर में उसके बड़े भाई जो कि एक सॉफ्टवेर इंजिनियर थे, उनका नाम राकेश था उनसे मिला और फिर में अपने दोस्त की भाभी से मिला, जिसको मैंने पहली बार देखते ही उसकी चुदाई के सपने देख लिए थे. में मन ही मन उसको देखकर सोचने लगा था कि मुझे कैसे भी करके इस सेक्सी माल को अपने लंड से चोदकर मस्त करना है यह बात सोचने लगा.
दोस्तों वैसे उनका नाम करिश्मा था, उनको देखकर मेरी आखें फटी की फटी रह गई. मेरी नजर उनके सुंदर गोरे चेहरे और गदराए बदन से हटने को तैयार ही नहीं थी, लेकिन फिर मुझे हटानी पड़ी. उन्होंने एक गुलाबी कलर की मेक्सी पहनी हुई थी और उनके वो खुले बाल और उनका वो 36-26-36 आकार का मस्त फिगर मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था. फिर में अपने दोस्त की बहन से मिला, जिसका नाम सविता था और घर में सभी लोगों का मुझसे परिचय होने के बाद में आराम करने चला लगा और फिर में अपने दोस्त की माँ के बूब्स को सोच सोचकर मुठ मारने लगा.
उसके बाद में बेड पर लेट गया और उतने में मेरा दोस्त मेरे पास आकर मुझसे कहता है कि कल दीवाली है और मुझे कुछ पटाखे लेने जाना है, इसलिए तू आराम कर और में लेकर आता हूँ, वो मुझसे यह बात बोलकर चला गया और फिर में शॉर्ट्स पहनकर अपने लंड को हाथ में लेकर हिला रहा था. तभी उतने में अचानक से भाभी रूम में आ गई, उनके हाथ में गरम कॉफी थी और उन्होंने मेरा लंड देख लिया था जो कि अब तक तनकर खड़ा हुआ था, क्योंकि वो अचानक से आई और में उस समय बहुत गरम था. मेरा लंड पूरा का पूरा खड़ा हुआ था और वो मेरे हाथ में था. फिर उसे देखकर उनकी आँख फटी की फटी रह गई और उसने मुझसे कहा.
भाभी : मुझे माफ़ करना में आपके लिए कॉफी लेकर आई हूँ आप पी लीजिए और इतना कहकर वो घूम गई.
में : आप मुझे माफ़ करना भाभी, मैंने यह बोलकर अपनी नज़रो को नीचे झुका लिया.
भाभी : कोई बात नहीं है, इस उम्र में यह सब होता है.
दोस्तों मुझसे यह बात कहकर वो मुझे एक शरारती स्माईल देकर चली गयी और में उन्हें घूर घूरकर देखता ही रहा.
दोस्तों में कॉफी पीकर अब भाभी के बारे में सोचने लगा था कि में कैसे भाभी को पटाकर चोदूँगा? और मैंने फिर से भाभी के नाम की मुठ मारी और अपने लंड को शांत किया, जो उनको सोच सोचकर फनफना रहा था और फिर दोपहर के खाने का टाईम हो गया तो हम सभी लोग एक साथ एक ही टेबल पर बैठकर खाना खा रहे थे.
तभी राकेश भैया ने कहा कि कल रात उनको ऑफिस के काम से अचानक बाहर जाना है. दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश हो गया था और फिर में सोचने लगा कि अब तो में कैसे भी करके भाभी की चुदाई करके ही रहूँगा और फिर हम सबने खाना खत्म किया और सब अपने अपने काम में व्यस्त हो गए और में सारा दिन और रात को भाभी को कैसे चोदा जाए यह बात सोचकर उनकी चुदाई प्लान बनाने लगा था और रात को में एक बार फिर से भाभी के नाम की मुठ मारकर सो गया.
अगले दिन जब में सोकर उठा तो मुझे मेरे दोस्त ने नाश्ता करने के लिए बुला लिया और फिर हम सभी ने एक साथ बैठकर नाश्ता करना शुरू किए और अब में राकेश भैया के बोलने का इंतजार कर रहा था कि वो कब अपने कम्पनी के टूर के लिए निकल रहे है? तभी कुछ देर बाद में राकेश भैया ने बोला कि में अब चलता हूँ, मुझे अपने काम से बहुत दूर जाना है और में दूसरे दिन तक वापस आ जाऊंगा.
फिर में उनकी यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और में मन ही मन सोचने लगा कि अब तो मेरा भाभी को चोदने का सपना पूरा होने वाला है और फिर हम सबने नाश्ता खत्म किया और सभी लोग शाम को दीवाली की तैयारी में लग गये और में अपने दोस्त के साथ कंप्यूटर पर गेम खेलने लगा और अब में मन में सोचने लगा कि चुदाई को कब कैसे शुरू करना है? फिर कुछ घंटो के बाद शाम हो गई और बाहर सभी लोग पटाखे चलाने लगे और घर के सभी लोग तैयार होने लगे और फिर में भी तैयार हो गया. फिर में बेचैनी से अपने दोस्त और उसके परिवार का इंतज़ार करने लगा था और करीब दस मिनट इंतज़ार करने के बाद सभी अपने अपने रूम से बाहर निकलकर हॉल में आ गए और मेरा दोस्त एक कमरे में जाकर सभी पटाखे लेकर आ गया और हम सभी घर के ऊपर जाकर पटाखे चलाने लगे. हमें पटाखे चलाते हुए करीब आधा घंटा हो गया था.
फिर मैंने धीरे से एक पटाखा जानबूझ कर अपने हाथ में फोड़ लिया और अब में थोड़ा सा नाटक करने लगा कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है. तभी मेरा दर्द देखकर मेरे दोस्त की माँ बहुत परेशान हो गई और उन्होंने मेरे दोस्त को मुझे किसी डॉक्टर के पास ले जाने को कहा, लेकिन उसने मना कर दिया, क्योंकि उस समय उसके पड़ोसी दोस्त भी आए हुए थे और वो उनके साथ पटाखे चलाने में बहुत व्यस्त था और मेरे दोस्त की माँ उसकी एक पड़ोस की दोस्त के साथ थोड़ा व्यस्त थी और उसकी बहन उस समय अपने कमरे में बुखार आ जाने से सो रही थी तो अब बची उसकी भाभी तो मेरे दोस्त ने अपनी भाभी से कहा.
शेखर : प्लीज़ भाभी जी आप मेरे दोस्त को थोड़ी दवा लगा दीजिए ना प्लीज़ उसे बहुत दर्द हो रहा है.
दोस्तों उसने अपनी भाभी से मेरे लिए बहुत बार आग्रह किया, तब जाकर भाभी मान गई और अब हम दोनों मेरे रूम में नीचे चले गये और में थोड़ा ज्यादा नाटक करते हुए ज़ोर से चिल्लाने लगा कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है. फिर उतने में भाभी जल्दी से मेरे बहुत पास आकर मुझसे बिल्कुल चिपककर बैठ गई और उफफफफ्फ़ वाह क्या बदन था उनका? जैसे वो मुझे पुकार पुकारकर कह रहा है कि अब जल्दी से मुझे चोद दो आकर.
फिर भाभी मुझे दवाई लगाने लगी तो में भाभी के उभरे हुए एकदम गोल बड़े आकार के बूब्स को घूर घूरकर देखने लगा, जो कि 36 इंच के थे. भाभी ने उस समय अपने बिल्कुल गोरे बदन पर वो काले रंग की साड़ी उसी कलर के गहरे गले और पीछे से एकदम खुले हुए ब्लाउज के साथ पहनी हुई थी, जिसकी वजह से उनके आधे से ज्यादा बूब्स बाहर दिख रहे थे और उनकी गोरी नंगी कमर को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरे लंड को भाभी ने देख लिया. तभी वो हल्का सा मेरी तरफ मुस्कुराकर कहा कि हो गया है, अब आप आराम करिये और वो मुझसे यह बात कहकर वहाँ से उठी और जाने के लिए पलट गई.
फिर मैंने उन्हें तुरंत खड़े होकर पीछे से कसकर पकड़ लिए और उन्हें हग कर दिया तो भाभी मुझसे कहने लगी कि तुम यह क्या कर रहे हो, प्लीज छोड़ दो मुझे, कोई आ जाएगा? फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी आप बहुत हॉट, सेक्सी हो और मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो, प्लीज मुझे एक बार आपको चोदना है. उनसे यह बात कहकर मैंने उनके एकदम गोल बड़े आकार के बूब्स को कसकर पकड़ लिया और अब में दोनों बूब्स को अपने पूरे ज़ोर से दबाने लगा और निचोड़ने लगा था.
फिर भाभी ज़ोर से चिल्लाने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब छोड़ दो मुझे, तुम मेरे साथ यह क्या कर रहे हो? प्लीज छोड़ दो मुझे, लेकिन दोस्तों वहां पर उन्हें सुनने वाला कोई नहीं था, क्योंकि सभी लोग ऊपर छत पर थे और ऊपर से दीवाली के पटाखों की उस आवाज़ से कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था. अब में अपने एक हाथ से उनकी साड़ी के ऊपर से उनकी चूत को छूने लगा था और अपने दूसरे हाथ से उनके दोनों बूब्स को एक एक करके सहला रहा था और फिर कुछ देर उनकी चूत को सहलाने के बाद मैंने महसूस किया कि वो भी अब थोड़ा सा शांत हो गई थी और उन्होंने जोश में आकर मोन करने की आवाज निकालना शुरू कर दिया था आह्ह्हहह उउईईईईइ. दोस्तों उसकी जोश से भरी वो आवाजे सुनकर मुझे भी अब उसकी चुदाई करने का ग्रीन सिग्नल मिल गया था और में मन ही मन बहुत खुश था.
अब में ज्यादा जोश में आकर उनके गदराए बदन को सहला रहा था. फिर मैंने तुरंत उनको मेरी तरफ पलटकर दोबारा अपनी बाहों में भरकर में उनके होंठो पर किस करने लगा और वो भी अब गरम होकर धीरे धीरे मेरा साथ देने लगी थी और फिर कुछ देर बाद वो मेरे मुहं में अपनी जीभ को डालने लगी थी और मेरी जीभ को चूसने लगी थी.
फिर में उनको बेड पर लेटाकर धीरे धीरे से उनके बूब्स को दबाने मसलने लगा था, जिसकी वजह से उनको और मज़ा आने लगा था और वो ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी आहह्ह्ह्ह उूउऊँ उईईईईई उउफफफफफ्फ़. अब में धीरे से उनके ब्लाउज को उतारकर उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और साथ ही मैंने उनका एक हाथ लेकर अपने लंड पर रख दिया तो मेरे लंड को छूकर बहुत खुश हो गई और वो अब लंड को हाथ में लेकर मसलने लगी और सहलाने लगी.
अब में उनके बूब्स के निप्पल को चूसने निचोड़ने लगा, जिसकी वजह से वो और भी बेचैन हो गई और अब वो मुझसे कहने लगी कि अमर अब और मत तड़पाओ मुझे चोद दो अभी के अभी में बहुत तड़प रही हूँ तुम्हारे लंड के लिए, कल जब मैंने पहली बार देखा था, में तब से में तुम्हारे लंड को लेने के लिए पागल सी हुई जा रही हूँ, प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो वर्ना कोई नीचे आ जाएगा, जल्दी से मेरी चूत में तुम्हारा लंड डालकर मेरी चूत को तुम आज बिल्कुल शांत कर दो.
दोस्तों उनके मुहं से यह शब्द सुनकर में बहुत चकित था, लेकिन फिर मैंने सोचा कि मुझे उससे क्या मतलब? और फिर यह शब्द सुनते ही मैंने उनके मुहं में अपना 6 इंच लंबा मोटा लंड डाल दिया. फिर वो बहुत आराम से लंड को चूसने लगी, वाह क्या मज़ा आ रहा था.
दोस्तों मुझे ऐसा लग रहा था कि में अब जन्नत में हूँ और मुझे बहुत मज़ा आया, क्योंकि वो किसी अनुभवी रंडी की तरह मेरे लंड को लोलीपोप समझकर चूस रही और करीब 5 मिनट चूसने के बाद वो थक़ गई और अब वो मुझसे कहने लगी कि तुम मुझे अब और मत तड़पाओ, प्लीज तुम अब मुझे चोदो, मुझे यह बात कहकर उसने मुझे अपनी चूत की तरफ इशारा किया और अब में भी बिल्कुल तैयार हो गया और उनको चोदने के लिए और फिर जैसे ही मैंने अपने लंड का टोपा भाभी की गीली गरम चूत के मुहं पर रखा तो मुझे पता चल गया कि वो कितने जोश में है.
अब मैंने अपने लंड को चूत के अंदर धीरे से एक धक्का दे दिया, जिसकी वजह से मेरे लंड का टोपा उनकी चूत में चल गया और भाभी बहुत ज़ोर से चिल्ला गई, उईईईईईइइइ आह्ह्ह्हह्ह् अमर प्लीज इसे बाहर निकाल दो, में नहीं ले सकती तुम्हारा इतना मोटा लंड उफफ्फ्फ्फ़ माँ प्लीज मुझे बहुत दर्द हो रहा है और दोस्तों मुझसे यह कहते हुए मैंने देखा कि उनकी आँख से आँसू भी बाहर निकल गये थे.
फिर मैंने उनके होंठो पर किस करते हुए धीरे से एक और जोरदार धक्का मार दिया और तब मेरा आधा लंड उनकी चूत के अंदर चले गया और भाभी उस असहनीए दर्द से चिल्ला उठी, लेकिन वो ज्यादा ज़ोर से नहीं चिल्ला सकती थी, क्योंकि मैंने अचानक से उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए थे और उनका मुहं दबा रखा था, लेकिन दोस्तों उनकी आँख से आँसू जिस तरह से निकल रहे थे, उनका दर्द मुझे पता चल रहा था. फिर मैंने एक और जोरदार धक्का देकर अपना पूरा का पूरा लंड चूत के अंदर डाल दिया था.
दोस्तों दर्द की वजह से उसने मेरी पीठ पर नाख़ून से नोच दिया और रोने लगी. फिर में कुछ देर वैसे ही लेटा रहा और फिर दो मिनट के बाद भाभी थोड़ा शांत हुई तो में उठकर अब धीरे धीरे धक्के देने लगा था और अब उनको भी मज़ा आने लगा और वो मोन करने लगी, उउफ़फ्फ़ आअहह आहहा आहह हाँ थोड़ा और ज़ोर से धक्का देकर चोदो मुझे मेरे राजा कहते हुए वो मेरे साथ साथ अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी और में उनके बूब्स को दबाते निचोड़ते हुए उनको 15 मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदता रहा.
फिर कुछ देर बाद मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया और फिर उसने तुरंत मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी. फिर दो मिनट चूसने के बाद मैंने उसके मुहं में ही अपना वीर्य निकाल दिया, जिसको उन्होंने पूरा का पूरा गटक लिया. उसके बाद मेरे लंड को चाट चाटकर साफ कर दिया और वो अपनी उस चुदाई से मुझे चेहरे से बिल्कुल संतुष्ट नजर आ रही थी और फिर हम दोनों करीब दस मिनट तक ऐसे एक दूसरे के उपर नंगे लेटे रहे.
फिर उसके बाद हम लोग हटे और खड़े होकर तैयार हो गए. उसके बाद हम दोनों ऊपर जाकर पटाखे चलाने लगे और दोस्तों इस तरह से में और मेरे दोस्त की भाभी उस चुदाई से फ्री हो गए. उसके बाद से हम दोनों हर कभी जब भी हमे मौका मिलता तो हम कभी किस करते तो कभी हग करते तो में कभी वो जब किचन में अकेली होती तो में मौका देखकर उनको पीछे से पकड़ लेता और उनके बूब्स को दबाता और उनकी चूत को सहलाकर गरम कर देता तो कभी भाभी अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाती दबाती और में वहां पर पूरे पांच दिन रुका. तब तक हमारे बीच बस यही सब चलता रहा, लेकिन हम दोनों के ऊपर किसी ने कभी शक़ नहीं किया और पांच दिन के बाद में अपने घर पर वापस आ गया, लेकिन फिर भी में हमेशा उनके ही बारे में बहुत समय तक सोचता रहा और मुझे उनकी चुदाई आज भी बहुत अच्छी तरह से याद है, क्योंकि वो बहुत सेक्सी थी और उन्होंने मेरा हमेशा पूरा पूरा साथ दिया.
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भड़कती हुई चूत की प्यास

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम निखिल है और मेरी इस साईट पर ये पहली कहानी है. में झारखंड का रहने वाला हूँ और में दिखने में स्मार्ट तो हूँ ही और हाईट भी काफ़ी अच्छी है, तो अब में स्टोरी पर आता हूँ. ये करीब 1 साल पहले की बात है. मेरी डिग्री पूरी होने के बाद मुझे एक अच्छा सा जॉब मिल गया और मैंने जॉइन भी कर लिया. में अपने रूम पर अकेले ही रहता था और मेरा जाने का टाईम भी अच्छा था. में सुबह 9 बजे जाता और शाम को 7 बजे आ जाता था. में जिस सोसाइटी में रहता था, वहाँ काफी सुंदर भाभीयां रहती थी और सभी के पति अच्छी जॉब और बिज़नेस में थे. फिर ऐसे ही कुछ समय निकल गया और एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि मेरी लाईफ स्टाईल ही बदल गयी.
एक दिन जब में ऑफिस से वापस आया तो एक शॉप जो कि मेरी ही सोसाइटी में थी, वहाँ पर एक मस्त भाभी कुछ सामान ले रही थी. शायद उस भाभी को मैंने उस दिन पहली बार देखा था, फिगर तो मत पूछो यार में तो बता भी नहीं सकता हूँ, वैसे वो एकदम गोरी थी और जैसे सुंदरता की मूरत हो, मेनटेन बॉडी और उसके बूब्स और गांड तो मानो कहर ढा रहे हो. अब में तो उसे देखता ही रह गया और उसके जाने के बाद मैंने उस शॉप वाले से उस भाभी के बारे में पूछा, तो उसने बोला कि वो अपनी ही सोसाइटी में रहती है. फिर तो मानो में रोजाना उसके इंतज़ार में उस शॉप पर जाने लगा और एक दिन हमारे बीच नॉर्मल बातें हुई और फिर हम एक अच्छे दोस्त भी बन गये.
फिर एक दिन उसने मुझे अपने घर डिनर पर बुलाया तो में उसके घर गया और मैंने बोला कि रियली नाइस होम, तो उसने जवाब में थैंक्स कहा. जब उसके अलावा घर में कोई नहीं था, तो मैंने पूछा कि आपके पति नहीं है क्या? तो ये सुनते ही उसकी आँखो से पानी निकल गया और वो मेरे गले से लिपट गयी, तो मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो उसने मुझे अपनी आप बीती बताई कि अब उनके पति उनके साथ नहीं रहते है. फिर जैसे तैसे करके मैंने उन्हें शांत किया.
फिर उसने मुझे डिनर करने को कहा और फिर हम साथ में डिनर करने लगे. फिर डिनर करने के बाद मैंने जाने को कहा तो उसने मेरा हाथ पकड़ा और कहा कि आज की रात मेरे साथ रूको तो में तैयार हो गया. फिर उसने कहा कि नाईट ड्रेस पहन लो और वो खुद चेंज करने चली गयी. अब में बेड पर बैठकर टी.वी देखने लगा तो जब वो नाईट ड्रेस में मेरे पास आई, तो में तो जैसे पागल हो गया. अब मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी और मैंने अपनी लाईफ में किसी भी लेडी को उस टाईप की ड्रेस में नहीं देखा था.
फिर मैंने उससे बोला कि आप तो आज ऐसी लग रही हो जैसे आसमान से कोई परी मेरे पास आ गयी हो. फिर भाभी बोली कि आज तक मुझे ऐसा किसी ने नहीं कहा थैंक यू निखिल और उसने मुझे एक बेहतरीन किस किया. फिर भाभी ने दो ग्लास में शैम्पियन लिया और फिर हमने थोड़ा इन्जॉय किया. अब में भाभी के बूब्स देख रहा था, तो उसने कहा कि क्या देख रहे हो? तो मैंने उनके बूब्स पर हाथ रखा और कहा कि आप सच में बहुत सुंदर हो.
फिर मैंने उन्हें अपनी बाँहों में लिया और उन्हें किस करने लगा. अब मैंने उनकी पूरी बॉडी पर किस करना शुरू कर दिया था और अब भाभी के मुँह से बस धीरे धीरे और सेक्सी आवाजे आ रही थी आहह वूहह आहह वूहह ओह माई गॉड, प्लीज निखिल ऐसा मत करो, मुझसे सहन नहीं हो रहा है. अब में तो उन्हें और तड़पाना चाहता था, इसलिए मैंने उन्हें किस करना बंद नहीं किया, अब वो बस आहह आहह आहह आहह की आवाज़े निकाल रही थी.
अब मैंने सोचा कि ज़्यादा लेट नहीं करना चाहिए तो में उनकी टांगो के बीच में गया और उनकी चूत पर अपना मुँह रखा. तभी भाभी को मानो जैसे 440 वाल्ट का झटका लगा हो, अब वो बिल्कुल ही उछल पड़ी और मेरे सिर को ज़ोर से अपनी चूत पर दबाया और बोली कि हाउ नाइस निखिल, आज तक मेरे पति ने ऐसा नहीं किया और उसने मुझे छोड़ भी दिया, अब में बहुत प्यासी हूँ निखिल, मेरी प्यास बुझा दो और अब वो आअहह आअहह आअहह की आवाज़ निकाल रही थी.
फिर उसने कहा कि निखिल लव मी, अब मुझे और मत तड़पाओ, मुझे चोद दो और जैसे चाहो आज वैसे चोदो, में आज सिर्फ़ तुम्हारी हूँ और ऐसा कहते ही मेरा लंड अपने हाथों में ले लिया और बोली कि निखिल ये क्या है? तुम इतने दिनों से इतना बड़ा लंड लेकर कहाँ घूम रहे थे? वैसे में बता दूँ कि मेरे लंड का साईज़ 8 इंच लम्बा और 5 इंच मोटा है.
अब वो तो जैसे पागल ही हो गयी और बोलने लगी कि जल्दी चोदो मुझे, में इस लंड का स्वाद चखना चाहती हूँ. फिर क्या था? में अपने लंड को उसकी चूत के पास ले गया और एक ज़ोर का झटका मारा, लेकिन काम नहीं बना, क्योंकि वो बहुत दिनों से चुदी नहीं थी और इस वजह से उसकी चूत बहुत टाईट थी. फिर मैंने एक झटका दिया तो इस बार मेरा लंड थोड़ा ही अंदर गया था, तो वो चिल्ला कर बोली कि बाहर निकालो निखिल, नहीं तो में मर जाउंगी और उसकी आँखो से आँसू निकल गये. फिर में कुछ देर तक वैसे ही रहा और उसे किस करने लगा. फिर कुछ देर के बाद जब उसे अच्छा लगा तो वो भी अपनी गांड हिलाने लगी और बोली कि चोदो और मुझे जितना भी दर्द हो, लेकिन तुम मत रुकना, आज मेरी चूत को फाड़ दो.
फिर मैंने धीरे-धीरे झटके लगाने शुरू किए, अब वो तो बस अपनी आखे बंद करके एक बात ही बोल रही थी कि चोदो मुझे और ज़ोर-जोर से चोदो और आआहह आआहह आआहह की आवाज़े निकाल रही थी. फिर तो ऐसी चुदाई हो रही थी कि जैसे हम कहीं खो गये हो, अब मेरे हर झटके के जवाब में वो अपनी गांड उठा देती और आहह आहह चोद चोद कर देती.
अब उसे 25 मिनट तक चोदने के बाद में उसकी चूत में ही झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया. अब उसके चेहरे पर काफ़ी संतुष्टी झलक रही थी. फिर वो वॉशरूम गयी और मुझे भी अपने साथ ले गयी. फिर मैंने उसे वॉशरूम में भी चोदा, इसके बाद वो थक चुकी थी और फिर उसने कहा कि चलो अब सोते है. फिर जब में सुबह उठा तो मैंने देखा कि वो मेरे लिए कॉफी बना रही थी.
फिर मैंने उसे किचन में किस किया और जाने के लिए तैयार हो गया. फिर हमने साथ में कॉफी पी और फिर उसने बोला कि निखिल कुछ इंतजार करो, तो फिर उसने मुझे एक लिफाफा दिया और कहा कि ये तुम्हारा गिफ्ट है. फिर मैंने देखा तो उसमें 5000 रुपये थे, तो मैंने पूछा कि ये क्या है? तो उसने कहा कि ये तुम्हारी मेहनत का पैसा है. फिर में वहाँ से चला गया और 1 हफ्ते के बाद फिर उसने फ़ोन किया और अपने घर बुलाया और अपने दोस्तों से मिलवाया, फिर क्या था? मैंने उसके दोस्तों की भी चुदाई की और खूब पैसे कमाये.
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अंजली माँ बनी रज़िया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अभिषेक है और मेरी उम्र 23 साल है. में उड़ीसा से हूँ और आज में आप सबको अपनी एक सच्ची स्टोरी बताने जा रहा हूँ. ये 2 साल पहले की बात है, तब में 21 साल का था और इंजिनियरिंग के तीसरे साल की पढाई कर रहा था.
मेरी फेमिली में हम 3 लोग थे में, माँ और पापा. मेरे पापा एक बैंक में कर्मचारी है और मेरी माँ हाउसवाईफ है. उनका नाम अंजली है, उम्र 43 साल, वो दिखने में बहुत गोरी और सुन्दर है. हमारा एक ड्राइवर था उसका नाम असलम था, वो मुस्लिम था, वो बहुत अच्छा आदमी था, वो माँ को भी बहुत मदद करता था, ये स्टोरी मेरी माँ और असलम की है.
दोस्तों मेरी माँ और पापा के बीच में बहुत झगड़े होते थे, मुझे पता नहीं क्यों? लेकिन रोजाना झगड़े होते थे, तो एक दिन पापा ने माँ को तलाक दे दिया.
पापा ने उनके ऑफिस की एक करीबी लेडिस से शादी की और वो दोनों साथ में रहने लगे. अब तलाक के बाद माँ और में हमारे घर में रहने लगे, जो पापा ने तलाक के बाद दिया था, तब असलम ने भी हमारी नौकरी छोड़ दी और खुद की टैक्सी चलाने लगा. अब उनके तलाक के बाद लाईफ थोड़ी मुश्किल हो गयी, लेकिन जैसे तैसे हम लोग अपना गुजारा करने लगे, अब में इंजिनियरिंग के साथ-साथ पार्ट टाईम जॉब भी करने लगा और जैसे तैसे अपनी इंजिनियरिंग की पढाई पूरी की, लेकिन जब हम लोग अलग रहते थे, तब असलम रोजाना हमारे घर माँ को हर तरह की मदद करने के लिए आता था, मुझे इसमें कुछ ग़लत नहीं लगता था.
अब में और असलम बहुत फ्री रहते थे, अब हम लोग साथ बैठकर दारू भी पीते थे और लड़कियों की बात करते थे. फिर एक दिन जब में और असलम साथ में बैठकर दारू पी रहे थे, तो असलम ने मुझे मेरी माँ के बारे में बोला कि वो मेरी माँ को बहुत प्यार करता है और शादी करना चाहता है. अब में ये सुनकर हिल गया और मेरा सारा नशा उतर गया.
मैंने उससे पूछा कि वो इतना गंदा मज़ाक कैसे कर सकता है? लेकिन वो बहुत सीरीयस था और बार-बार एक ही बात बोल रहा था कि वो मेरी माँ से बहुत प्यार करता है. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या ये बात मेरी माँ जानती है? तो उसने कहा कि हाँ मेरी माँ जानती है और उन्हें कोई प्रोब्लम भी नहीं है. अब ये बात सुनकर मुझे और शॉक लगा.
अब में उससे और कुछ नहीं बोला और चुपचाप घर चला गया. अब मेरे दिमाग़ में एक ही बात चल रही थी कि कब से इनका अफेयर चल रहा है? और मुझे ये ही लग रहा था कि असलम हमारे घर रोजाना मेरी माँ से मिलने आता था और वो लोग रोजाना सेक्स करते होंगे? लेकिन मैंने माँ से इसके बारे में कुछ नहीं पूछा और चुपचाप घर आकर सो गया.
फिर अगले दिन जब में असलम से मिला, तो फिर मैंने उसको पूछा कि क्या ये सब बात सच है? तो उसने फिर से वही बोला कि हाँ ये सब बात सच है. तब मैंने उससे सीधे-सीधे पूछा कि वो मेरी माँ को कब से चोद रहा है? तो उसने कहा कि उसने आज तक कभी मेरी माँ को हाथ भी नहीं लगाया है, वो जो भी करेगा शादी के बाद ही करेगा.
तब मैंने घर जाकर मेरी माँ से इसके बारे में पूछा, तो माँ हैरान हो गयी कि मुझे ये सब पता चल चुका है, लेकिन फिर भी वो हिम्मत करते हुए बोली कि हाँ वो असलम से शादी करना चाहती है. तब मैंने सोचा कि अगर माँ को इसमें खुशी मिलेगी, तो मुझे बीच में नहीं आना चाहिए. तब मैंने माँ से कहा कि माँ आप जो भी करना चाहती है करो, लेकिन एक बार सोच लो, क्योंकि वो हमारा ड्राइवर था और कोई सुनेगा तो क्या बोलेगा? तब माँ बोली कि बेटा में सिर्फ़ उसी से शादी करना चाहती हूँ. तब मैंने और कुछ नहीं बोला और उनको बोला कि जो तुम दोनों को अच्छा लगे वो करे, अब असलम भी खुश था और माँ भी खुश थी.
फिर एक दिन असलम आया और मुझे और माँ से बोला कि वो आज हम दोनों को अपने घर घुमाने के लिए ले जायेगा. फिर वो हमें अपने घर लेकर गया, उसके घर में उसके अब्बू, अम्मी, एक छोटा भाई और एक छोटी बहन थी, वो लोग काफ़ी ग़रीब थे. असलम के छोटा भाई अल्ताफ़ का एक गेराज था, उसका अब्बू बहुत बुढ़ा हो चुका था और बेड पर ही थे.
फिर उसकी अम्मी मेरे माँ को देखकर बहुत खुश हुई और बोली कि वाह मेरा बेटा तो किसी अप्सरा को ले आया है, तब मेरी माँ शर्मा गयी. फिर असलम के भाई और बहन दोनों ने आकर मेरी माँ को भाभीजान-भाभीजान कह कर नमस्ते किया. तब असलम की अम्मी ने कहा कि आज से तुम्हारा नाम अंजली नहीं रज़िया होगा और जल्दी ही तुम दोनों की शादी होगी. फिर हम सबने मिलकर वहाँ खाना खाया और वापस आ गये, उस दिन माँ बहुत खुश थी और उस दिन के बाद माँ और असलम फोन पर घंटो बात करते थे.
फिर एक दिन असलम हमारे घर आया और बोला कि 2 दिन के बाद हम दोनों की शादी होगी, पहले कोर्ट मैरिज और फिर उसके बाद उनके घर पर उनके तरीके से निकाह होगा. अब माँ ये सुनकर बहुत खुश हो गयी और शरमा कर अंदर चली गयी.
फिर हम सबने मिलकर उनकी शादी की तैयारी की और फिर 2 दिन के बाद हम सब मिलकर कोर्ट गये और उनकी कोर्ट मैरिज हुई और उसी शाम को घर लौटने के बाद असलम की अम्मी, बहन और कुछ रिश्तेदार रज़िया को अंदर कमरे में लेकर गये और नई दुल्हन की तरह तैयार किया.
फिर जब मेरी माँ बाहर आई, तो में देखकर हैरान हो गया, मेरी माँ दुल्हन कि तरह सजकर बहुत खूबसूरत लग रही थी. फिर में माँ के पास गया और बोला कि माँ आप बहुत खूबसूरत लग रही हो, असलम बहुत लकी है कि उसे आप जैसी बीवी मिली है, तो वो शरमा गयी और चली गयी. अब में पूरी शाम बस मेरी माँ को देखता रहा कि मेरी माँ दुल्हन बनकर कितनी सुंदर लग रही है.
फिर उनका घर पर निकाह हुआ और अब बारी सुहागरात की थी. उनका घर बहुत छोटा था तो एक बड़ा रूम जो था उसे सुहागरात के लिए तैयार कर दिया, तो बाकी सब लोग हॉल में ही सोने वाले थे. अब सबने निकाह के बाद काफ़ी इन्जॉय किया और जब असलम के दोस्त और रिश्तेदार जो आए थे, सब चले गये थे. उसके बाद असलम रूम के अंदर चला गया और अपनी बहन को इशारा किया कि वो मेरी माँ यानी अब उसकी बेगम रज़िया को कमरे में लेकर जाए.
फिर उसकी बहन ने मेरी माँ को पकड़ कर रूम की तरफ कर दिया. अब मेरी माँ काफ़ी शरमा रही थी कि वो अपने बेटे के सामने अपनी सुहागरात मनाने वाली है.
फिर वो कमरे में चली गयी और असलम ने दरवाजा बंद कर दिया. अब में बहुत उत्तेजित था कि काश में अपनी माँ की सुहागरात देख सकूँ, लेकिन शायद ये संभव नहीं था, लेकिन पूरा असंभव भी नहीं था. अब में कुछ नहीं देख सका, लेकिन मुझे उनकी सारी बातें और आवाज़ें बाहर साफ़-साफ़ सुनाई दे रही थी, क्योंकि उनका घर काफ़ी छोटा था.
असलम – रज़िया बेगम, आप हमारी शादी से खुश तो हो ना?
रज़िया – बहुत खुश हूँ, लेकिन आप भी मुझे तलाक मत दे देना, मैंने आप पर बहुत भरोसा किया है.
असलम – नहीं जानू बिल्कुल नहीं, में आपसे बहुत प्यार करता हूँ.
फिर कहते हुए उसने रज़िया को ज़ोर से 3-4 किस दिए, जिसकी आवाज़ बाहर साफ़-साफ़ सुनाई दे रही थी.
असलम – पहले में आपको मेडम कह कर नमस्ते करता था और आज आप मेरी बेगम बनकर मेरे बिस्तर पर सजकर मेरे से चुदने के लिए बैठी हो, कैसा लग रहा है?
रज़िया – बहुत अच्छा लग रहा है, अब आप ही मेरे सब कुछ हो, आप जो बोलोगे में वो करूँगी, में आपको हमेशा खुश रखूँगी.
अब शायद असलम ने अपने कपड़े और रज़िया के भी कपड़े खोल दिए थे, तभी मुझे माँ की आवाज़ सुनाई दी.
रज़िया – असलम तुम्हारा इतना बड़ा है, मुझे तो बहुत दर्द होगा मेरी तो चूत ही फट जायेगी.
असलम – डरो मत रज़िया जानू, में तुम्हें प्यार से चोदूंगा और सिर्फ़ चूत ही नहीं आज तुम्हारी गांड भी मारूँगा.
रज़िया – नहीं गांड नहीं मारना प्लीज़, मुझे बहुत दर्द होगा मैंने कभी मरवाई नहीं है.
असलम – थोड़ा दर्द होगा, लेकिन बाद में बहुत मज़ा आयेगा, में प्यार से मारूँगा.
रज़िया – ठीक है, अगर उससे आपको खुशी मिलेगी तो मार लो, लेकिन धीरे-धीरे मारना.
असलम – रज़िया पहले मेरे लंड को चूस कर बड़ा तो करो.
रज़िया – मैंने कभी चूसा नहीं है, पहले तुम सीखा दो ना प्लीज़.
असलम – ठीक है, अपना मुँह खोलो, में सिखाता हूँ.
उसके बाद शायद माँ ने काफ़ी देर तक लंड चूसा, क्योंकि कमरे में उनके बीच कोई बातें नहीं हुई, फिर कुछ देर के बाद अचानक.
रज़िया – असलम आआहह, प्लीज धीरे से बहुत दर्द हो रहा है, तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है आआहह ओह में मर गयी आहह.
अब में समझ गया कि अब असलम ने माँ को चोदना शुरू कर दिया है. फिर अचानक मुझे धीरे-धीरे हंसने की आवाज़ सुनाई दी, तो मैंने पीछे मुड़कर देखा तो सिर्फ़ में नहीं बल्कि असलम का भाई, बहन और अम्मी, वो तीनों भी सब सुन रहे थे और उसकी अम्मी हंस रही थी.
असलम – मेरी रानी अपने नये पति के साथ कैसा लग रहा है? मेरी रानी आज से तो तू रोज़ इसी तरह चुदेगी.
रज़िया – में यही सोचकर तो परेशान हूँ कि तुम्हें रोज कैसे खुश करूँ? आज ही इतना दर्द हो रहा है आअहह इतना बड़ा है, आहह मेरी तो चूत फट जायेगी.
असलम – अब आदत डाल दो बेगम, क्योंकि रोज़ मुझे इसी तरह खुश करना पड़ेगा.
फिर करीब 30 मिनट तक मुझे सिर्फ़ रज़िया की चिल्लाने की आवाज़ें आती रही आहह ओह में मर गयी, छोड़ो मुझे, छोड़ मुझे, इसी तरह वो चिल्लाती रही.
फिर अचानक से.
असलम – अब कुत्तिया बनकर खड़ी हो जाओ रज़िया बेगम.
रज़िया – नहीं असलम नहीं प्लीज़, तुम्हारा इतना बड़ा है कि मेरी चूत में ही दर्द हो रहा है तो मेरी गांड तो सच में फट जायेगी.
असलम – कुछ नहीं होगा जानू, में बहुत प्यार से धीरे-धीरे डालूँगा.
फिर जैसे तैसे रज़िया मान गयी और उसने गांड में मारना शुरू किया, अब तो वहाँ सोना मुश्किल था, क्योंकि इतनी ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ें आने लगी थी.
रज़िया – आआहह इष्ह में मर गयी असलम, मुझ पर रहम करो, निकाल दो अपना लंड, बहुत दर्द हो रहा है.
असलम – मेरी रानी थोड़ा से लो, बहुत मज़ा आयेगा.
इसी तरह असलम लगभग 20 मिनट तक मेरी माँ की गांड मारता रहा और रज़िया चिल्लाती रही. फिर कुछ देर के बाद सब शांत हो गया और हम लोग भी सो गये. फिर अगली सुबह जब माँ रूम से बाहर निकली, तो वो शर्म के मारे किसी से नज़र नहीं मिला रही थी.
फिर मैंने माँ से कहा कि माँ में घर जा रहा हूँ, तो माँ ने मुझे प्यार से एक किस किया और बोला ठीक है जाओ, लेकिन रोज़ मिलने आना, तो मैंने कहा कि ठीक है और में अपने घर चला गया. अब मुझे घर में बिल्कुल अकेला-अकेला लगने लगा, तो मैंने माँ से कहा तो वो बोली कि उन्होंने असलम से बात की है और में भी उनके साथ रहूँगा, तो हमने अपना घर बेच दिया और अब में भी उनके साथ रहने लगा.
अब हम लोगों ने मिलकर एक छोटा सा टूर और ट्रेवल्स का बिज़नस खोला और सब साथ में रहने लगे. अब असलम को में कभी-कभी माँ के सामने अब्बू भी बोल देता हूँ, तो माँ हंस देती है. अब में रोज़ अपनी माँ की चुदने की आवाज़ें सुनता हूँ, अभी उनके एक छोटा बेटा भी है और आजकल मेरी माँ मुझसे ज़्यादा शरमाती भी नहीं है और कभी-कभी माँ मेरे सामने भी अपने बच्चे को दूध पिला देती है.
ये सब मुझे देखकर बहुत अच्छा लगता है, आजकल में और असलम जब साथ में दारू पीते है, तो मेरी माँ भी वहाँ बैठी रहती है और मेरे सामने ही असलम मेरी माँ को यहाँ वहाँ टच करता है और उनके बूब्स भी दबाता है और अब मुझे भी ये सब देखने में बहुत मज़ा आता है.
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एक अंजान लड़की बनी सेक्स पार्टनर

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम निखिल है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 22 साल, मेरी लम्बाई 5 फुट 11 इंच और मेरे लंड का साईज़ करीब 6 इंच है, जो किसी भी असंतुष्ट चूत की चुदाई करके उसे पूरी तरह से संतुष्ट करने के लिए बहुत अच्छा है और मुझे हर एक चूत को संतुष्ट करने का अनुभव भी बहुत ज्यादा है और आज में आप सभी चाहने वालों को अपना एक ऐसा ही सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने एक अंजान लड़की को बहुत जमकर चोदा और उसे अपनी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट किया.
दोस्तों यह मेरी सच्ची घटना है और कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी.
दोस्तों यह घटना मेरे साथ आज से करीब 6 महीने पहले घटित हुई. में उस समय अपने बीटेक के पेपर देकर फ्री हुआ था और उससे करीब दो महीने पहले ही मेरी गर्लफ्रेंड से मेरी बातचीत बिल्कुल बंद हो गई थी, इसलिए में थोड़ा उदास रहता था और सारा दिन में अपने घर पर ही रहता था, लेकिन में हर शाम को सिगरेट पीने के लिए ही अपने घर से बाहर निकलता था और उसके बाद घर पर आकर टी.वी. या अपने लेपटॉप पर लगा रहता था, लेकिन हर सप्ताह रविवार को में अपने दोस्तों के साथ बार में ड्रिंक करने के लिए जरुर जाता था और अगर जब मेरा मूड अच्छा नहीं होता था तो में बिना दोस्तों को कॉल किए अकेला ही वहां पर चला जाया करता था.
यह बात जून के आखरी सप्ताह की है, जब में एक दिन अकेला ही बार में ड्रिंक करने के लिए चला गया, क्योंकि में उस दिन थोड़ा खुश था. फिर मैंने बार में बियर लाने का ऑर्डर कर दिया था और बियर आने के बाद बहुत आराम से बैठकर उसे पीने लगा था और दोस्तों एक बात तो में आप सभी को बताना ही भूल गया कि में जब कभी मुझे बेटाईम पीने की याद आ जाए तो उसके लिए में अपनी कार में एक बोतल हमेशा साथ में रखता था.
फिर में बैठा हुआ ड्रिंक कर रहा था और इधर उधर देख रहा था. तभी मेरी नज़र पास ही में बैठी हुई एक लड़की पर पड़ी. में आप लोगों को क्या बताऊँ दोस्तों वो क्या चीज़ थी? वो ऊपर से लेकर नीचे तक बिल्कुल कयामत थी, उसका वो गोरा बदन, लंबे काले बाल, गुलाबी रसभरे होंठ, सुराही जैसी गर्दन, एकदम गोल उभरे हुए बूब्स मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रहे थे. दोस्तों में उसके सेक्सी जिस्म को देखने में इतना खो गया था कि में अब ड्रिंक करना बिल्कुल ही भूल गया था और में बस मन ही मन यही बात सोच रहा था कि काश मुझे एक बार ये लड़की मिल जाए तो मज़ा आ जाए. यह अगर एक बार मुझसे हाँ कह दे तो में इसको जन्नत की सैर करवा दूँ और चुदाई के बहुत मज़े दूँ और इसकी चूत के मज़े में भी लूँ.
फिर मैंने देखा कि वो बहुत देर से एकदम अकेली बैठी हुई थी, शायद वो किसी का इंतज़ार कर रही थी और में अपनी आखें फाड़ फाड़कर लगातार उसी को देख रहा था.
तभी मेरे पास मेरे एक दोस्त का कॉल आ गया और मैंने उससे बात करना शुरू किया, वो मुझसे आज के प्रोग्राम के बारे में पूछने लगा. फिर मैंने उससे बहाना बनाकर कह दिया कि आज मेरा मुड बिल्कुल भी ठीक नहीं है, तुम अकेले ही चले जाओ और उससे यह बात कहकर मैंने तुरंत फ़ोन रख दिया, लेकिन दोस्तों फोन रखने के तुरंत बाद जब मैंने जैसे ही उसकी तरफ पलटकर देखा तो वो वहाँ पर नहीं थी, शायद वो चली गई थी. में अब भी उसी के बारे में सोच रहा था और फिर कुछ देर बाद में अब अपने पीने पर ध्यान लगाने लगा था और कुछ देर बाद में अपनी ड्रिंक को खत्म करके उस बार से बाहर निकल गया और में पार्किंग की तरफ जाने लगा. दोस्तों उस समय रात के करीब 10.30 बजे थे और मॉल में उस समय बहुत कम लोग ही बचे हुए थे, एक वो जो अंदर फिल्म देख रहे थे और दूसरे वो हमारे जैसे लोग जो वहां पर पीने के लिए आए हुए थे. अब में पार्किंग की तरफ़ जा रहा था और मुझे हल्का सा नशा था और फिर मैंने एक जगह पर रुककर अपनी सिगरेट जला ली थी और पीने लगा था.
मैंने देखा कि एक लड़की सीड़ियों पर बैठकर रो रही थी और जब मैंने उसके पास जाकर देखा तो मुझे पता चला कि यह वही लड़की थी, जो कुछ देर पहले बार में बिल्कुल अकेली बैठी थी. मुझे अपनी आखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था और उसके पास जाकर बहुत ध्यान से देखने के बाद मुझे विश्वास हुआ. फिर मैंने मन ही मन सोचा कि बेटा यही अच्छा मौका है, मार दे मौके पे चौका और में उसके अब एकदम पास चला गया और मैंने उससे पूछा कि तुम इस तरह से क्यों रो रही हो? लेकिन उसने मुझसे कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है और प्लीज आप मुझे अपने हाल पर छोड़ दीजिए. दोस्तों में उसका यह जवाब सुनकर थोड़ा सा उदास हो गया और फिर में वहां से निकलकर अपनी गाड़ी की तरफ़ बढ़ गया.
फिर मुझे अहसास हुआ कि नहीं यार जो भी हो वो लड़की रो रही है. उसके साथ कुछ तो बात हुई है? अब मैंने अपनी कार से पानी की बोतल निकाली और में वापस उसके पास चला गया और में उससे बोला कि यह लो आप पानी पी लीजिए, लेकिन उसने एक बार फिर से वही बात दोहराई तो मैंने बोला कि ठीक है में आपसे आपकी कोई भी बात नहीं जानना चाहता और मुझे आपके बारे में कुछ भी नहीं पूछना आप बस पानी पी लीजिए और रोना बंद कर दीजिए.
वो बोली : तुम सारे लड़के एक जैसे होते हो, जहाँ लड़की देखी लार टपकाने लगते हो.
दोस्तों मुझे उस समय उसके मुहं से यह बातें सुनकर गुस्सा तो बहुत आया था, लेकिन में यह बात सोचकर शांत हो गया कि यार जो भी हो, वो कोई समस्या में है, मुझे उसकी तो कुछ मदद करनी चाहिए. उस समय में वो सभी बातें पूरी तरह से भुला चुका था और उसके बाद मैंने एक बार फिर से उससे पानी पीने के लिए बोला. इस बार उसने झटके से वो पानी की बोतल मेरे हाथ से ले ली और उसने उसे एक साईड में रख दिया था.
अब मैंने उससे कहा कि अगर आपको इसे एक साईड में ही रखना था तो यह मेरी गाड़ी में रखी हुई बहुत अच्छी थी और फिर उसने मेरी पूरी बात को सुनकर बोतल को उठा लिया और फिर थोड़ा सा पानी पी लिया और अब वो थोड़ी सी शांत हो गयी, लेकिन अब भी उसकी आँखो से थोड़े से आँसू बाहर निकल रहे थे. में भी अब उसके पास में बैठ गया और मैंने उससे कहा कि पार्किंग में रो रोकर क्या बाढ़ लाने का इरादा है क्या? तो वो बोली कि में किसी भी अंजान आदमी के साथ बात नहीं करती हूँ.
में : कोई बात नहीं जी में पेपर और पेन लेकर अभी आता हूँ और आप मुझे लिखकर बता देना.
तो वो थोड़ा सा हंसी और फिर चुप हो गयी.
में : चलो ठीक है, बेसमेंट डूबने से तो बच गया, वर्ना में अपनी कार को भी नहीं निकाल पाता.
वो : आपकी समस्या क्या है आप मुझे छोड़ क्यों नहीं देते?
में : हाँ तो जल्दी से बताओ ना कि आपको कहाँ छोड़ना है?
वो : जी मेरा मतलब वो नहीं था.
में : हाँ ठीक है.
वो : फिर.
में : तो बताइए क्या समस्या है? ताकि में आपको रोने में साथ दे सकूं.
अब वो थोड़ी देर तक बिल्कुल चुप रही और फिर वो मुझसे बोली कि मेरा मेरे बॉयफ्रेंड के साथ झगड़ा हो गया है और में आज यहाँ पर ड्रिंक करने के लिए आई थी, लेकिन में ऐसा नहीं कर सकी. मैंने सोचा था कि में थोड़ी सी पीकर उसको भूल जाउंगी, लेकिन में वो भी नहीं कर पाई और मुझे इस बात का बहुत दुःख है और इसलिए में रो रही हूँ. में कुछ भी नहीं कर सकती और मुझे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा है.
में : फिर तो हम दोनों को एक साथ में बैठकर रोना चाहिए, लेकिन मुझे नहीं लगता कि इन सबसे कोई फायदा होता है.
वो : लेकिन आप मेरे साथ क्यों रोयेंगे?
में : क्योंकि अभी दो महीने पहले मुझे भी लात मारी गई है.
वो : तो आप इसलिए बार में आए थे.
में : वो किस लिए?
वो : आपकी गर्लफ्रेंड को भूलाने के लिए.
में : जो मेरा अब है ही नहीं उसको याद करके और रोने से क्या फ़ायदा? और आपको भी अब नहीं रोना चाहिए.
वो : जी ऐसा क्यों?
में : क्योंकि आपका मेकअप खराब होने की पूरी संभावना है और आप उस खराब मेकप में एकदम चुड़ैल लगोगी.
तो वो मेरी यह बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और मुझसे बोली कि आप बातें बड़ी अच्छी करते है.
में : जी में तो बिना सोचे समझे कुछ भी बोलता हूँ और अब आप इसको अच्छी बातें बोलते है तो कोई बात नहीं है.
दोस्तों अब हमारी थोड़ी सी बातें होने लगी थी और हमने एक दूसरे का नाम पूछा तब उसने मुझे बताया कि वो नौकरी करती है और किराये पर एक फ्लेट लेकर अकेली ही रहती है. अब मैंने मन ही मन सोचा कि मेरा अब काम बन सकता है और में थोड़ा सा उसकी बातों में ज्यादा रूचि दिखाने लगा था. अब उसका मूड बहुत हद तक अच्छा हो गया था और वो अच्छा महसूस कर रही थी.
अब 12:30 बजे का समय हो गया था और बातें करते करते हमे समय का पता ही नहीं चला और अब वो मुझसे कहने लगी कि मुझे अपने रूम पर जाना है, में अब बहुत लेट हो गई हूँ और अब तो मुझे ऑटो वालों का भी कोई भरोसा नहीं है.
में : तो डरने की कोई बात नहीं है, मुझे भी गाड़ी चलानी आती है.
वो : अरे नहीं यार आप पहले ही मेरी वजह से बहुत लेट हो गए हो.
में : कोई बात नहीं है और मुझे कोई समस्या नहीं है यार वैसे भी में अभी अपने घर पर नहीं जाने वाला.
वो : धन्यवाद यार.
में : अब मुझसे धन्यवाद बोलकर पगली तू क्या मुझे रुलाएगी?
वो : ठीक है में नहीं बोलती.
दोस्तों अब वो हंसने लगी. फिर में उसे उसके फ्लेट पर छोड़ने चला गया और इस बीच हमारे मोबाईल नंबर भी एक दूसरे को के पास चले गए थे और उसको फ्लेट पर छोड़कर में उससे गुडबाय बोलकर अपने घर के लिए निकल गया और अभी मुझे निकले हुए पांच मिनट भी नहीं हुए थे कि उसका मेरे मोबाईल नंबर पर कॉल आ गया और फिर मैंने उससे बात करनी शुरू की.
में : हाँ जी बोलिए क्या इतनी जल्दी हमारी याद आ गई?
वो : अरे यार मुझे आपसे वो एक बात पूछनी थी.
में : हाँ तो पूछिये, आपको रोका किसने है?
वो : यार मेरा बहुत ड्रिंक करने का मन है, लेकिन अगर आपके पास है तो.
में : हाँ है मगर उसका टेक्स लगेगा.
वो : जी वो कैसा टेक्स?
में : आपको मेरे साथ पीनी पड़ेगी.
फिर थोड़ा सा सोचने के बाद उसने झट से हाँ बोल दिया और फिर मैंने मन ही मन सोचा कि यार आज तेरी तो लोटरी लग गयी, यह लड़की तुझसे पूरी तरह से आकर्षित हो गई है और अब बात बन सकती है. अब मैंने उससे पूछा कि हमे पीनी कहाँ है?
वो : आप मेरे फ्लेट पर आ जाइए.
में : ठीक है, जब तक आप नीचे आओगे में आपकी बिल्डिंग के ठीक सामने आपको खड़ा मिलूँगा.
वो : हाँ ठीक है, लेकिन थोड़ा जल्दी से आ जाओ.
फिर मैंने फोन पर अपनी बात को वहीं पर खत्म किया और अपनी कार को मैंने उसके फ्लेट की तरफ़ वापस मोड़ लिया और में जब पहुंचा तो मैंने देखा कि वो नीचे एक कोने में खड़ी होकर मेरा इंतजार कर रही थी. फिर मैंने बोतल निकाली और में उसके पास जाकर बोला कि यह लो, आ गई तुम्हारी लाल परी.
वो : थोड़ा आराम से अगर किसी ने देख लिया तो पंगा हो जाएगा.
में : हाँ हाँ ठीक है.
फिर हम दोनों उसके फ्लेट में पहुंचे. उसका फ्लेट 4th मंजिल पर था. उसने मुझे वहां पर पहुंचते ही उसके बेडरूम में ले जाकर बैठा दिया और ए.सी. को चालू कर दिया और फिर वो मुझसे बोली कि में अभी कुछ देर में अपने कपड़े बदलकर आती हूँ और वो बाथरूम में अपने कपड़े बदलने के लिए चली गई और जब वो बाहर निकलकर आई तो मैंने देखा कि उसने काले कलर का नाईट सूट पहना हुआ था. दोस्तों में आप सभी को किसी भी शब्दों में क्या बताऊँ कि वो क्या मस्त लग रही थी, उसको देखकर मेरा मन कर रहा था कि में इस साली को पकड़कर अभी चोद दूं, लेकिन में यह बात सोचकर रह गया कि पीने के बाद देखता हूँ.
फिर उसके बाद वो किचन में से कुछ खाने का सामान और कोल्ड ड्रिंक लेकर आ गई, हमने पेग बनाने शुरू कर दिए और बातें करने लगे, वो अब मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में मुझसे पूछने लगी, लेकिन दोस्तों में अब उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछने में कोई भी जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता था. मैंने मन ही मन सोचा कि जो भी होगा, वो देखा जाएगा. अब तक हम दोनों ने करीब 3-3 पेग ले लिए थे और वो धीरे धीरे अपना असर हम दोनों पर करने लगी थी, तो हम दोनों और भी पास आकर बैठ गये थे और फिर हमारी बातें धीरे धीरे सेक्स की बातों की तरफ बढ़ती जा रही थी. तभी अचानक से उसने मुझसे पूछा कि आपने कभी सेक्स किया है?
में : हाँ मैंने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बहुत बार सेक्स किया है और क्या कभी तुमने भी कुछ किया है या नहीं?
वो : हाँ मैंने भी किया है.
दोस्तों अब हम दोनों एक दूसरे के और भी पास आ गये थे. अब मैंने हमारे लिए एक एक पेग और बना लिए और फिर मैंने उससे पूछा कि क्या में तुम्हारे यहाँ पर सिगरेट पी सकता हूँ?
वो : हाँ क्यों नहीं मुझे इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है और आज तुम्हारे साथ साथ में भी पहली बार वो काम करना चाहती हूँ, जो तुम अकेले करने की बात सोच रहे हो. में भी एक बार सिगरेट पीकर देखना चाहती हूँ.
में : हाँ क्यों नहीं, बेशक.
दोस्तों अब मैंने उसको भी पीने के लिए एक सिगरेट दे दी और में खुद भी पीने लगा. सिगरेट पीने के बाद उसने मुझसे बोला कि बस एक एक पेग और फिर हम बैठकर बातें करते है. फिर मैंने कहा कि ठीक है. फिर हमने एक एक पेग और पिया और बेड पर लेट गए. दोस्तों हम दोनों एक दूसरे की तरफ़ मुहं करके बिल्कुल पास पास लेटे हुए थे और बातें कर रहे थे, हम दोनों को एक दूसरे की गरम गरम साँसे महसूस हो रही थी और मुझे उसकी आखों में बहुत कुछ नजर आ रहा था, जो वो मुझसे चाहती थी.
तभी अचानक से हम दोनों ने एक दूसरे को किस करना शुरू कर दिया था और हमने करीब पांच मिनट तक एक दूसरे को किस किया और फिर में उसे अपने ऊपर ले आया और एक हाथ उसकी कमर में डालकर में अपना दूसरा हाथ उसकी गांड पर फेरने लगा था और में अब भी उसे लगातार किस करता रहा. थोड़ी देर के बाद मैंने उसे बैठा दिया और उसका नाईट सूट उतार दिया. अब वो मेरे सामने ब्रा में थी. दोस्तों उसने काली कलर की ब्रा पहन रखी थी, में आपको क्या बताऊँ दोस्तों वो मुझे कैसी लग रही थी? में अब उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाने लगा और वो सिसकियाँ लेने लगी, जिसकी वजह से हम दोनों अब पूरी तरह से गरम हो चुके थे, वो अब मेरी जीन्स के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी थी.
फिर मैंने बिल्कुल सही मौका देखकर तुरंत उसकी ब्रा को भी उतारकर उससे थोड़ा दूर फेंक दिया, जिसकी वजह से वो अब मेरे सामने ऊपर से पूरी नंगी थी, उसके बूब्स 34 साईज़ के थे. फिर मैंने जल्दी से दोनों बूब्स को अपने एक एक हाथ में ले लिए थे और में उन्हें ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और उनका रस निचोड़ने लगा था और में उसको किस भी करने लगा था.
दोस्तों वो अब बिन पानी की मछली की तरह छटपटा रही थी. करीब 5-10 मिनट तक में उसके बूब्स के साथ ही खेलता रहा, कभी उन्हें मुहं में लेता और कभी काट भी लेता और उसकी सिसकियों की आवाज़ रूम में गूंज रही थी. अब में लोवर के ऊपर से उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा था और मैंने महसूस किया कि जिसकी वजह से उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.
मैंने अब ज्यादा देर ना करते हुए अपना एक हाथ उसके लोवर के अंदर डाल दिया और अपनी एक उंगली को उसकी चूत के अंदर डाल दिया तो वो आह्ह्ह्हह्हह्ह ऊईईईईइ करती रही और मुझे किस करती रही, में अब और भी समय खराब नहीं करना चाहता था, इसलिए मैंने तुरंत एक ही झटके में उसका लोवर और पेंटी दोनों को ही उतार दिया. दोस्तों में आपको क्या बताऊँ कि उसकी क्या चूत थी? उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, वो पाव की तरह फूली हुई एकदम सुर्ख लाल हो रही थी. फिर मैंने उसे सीधा लेटा लिया और कभी में उसकी चूत में उंगली करता तो कहीं उसके बूब्स पर काटता दबाता और फिर से किस करता और रूम में ए.सी. चालू होते हुए भी वो माहोल अब तक बहुत गरम हो चुका था.
दोस्तों अब मैंने महसूस किया कि जोश के साथ साथ अब उसकी सिसकियाँ भी बढ़ती जा रही थी, इसलिए मैंने भी ज्यादा समय खराब करना ठीक नहीं समझा और मैंने तुरंत अपने सारे कपड़े उतारकर फेंक दिए और अब में उसके ऊपर आकर उसको किस करने लगा और अपने लंड के टोपे से उसकी गुलाबी रसभरी चूत की पंखुड़ियों को रगड़ने लगा और अपने टोपे को चूत के दाने पर घिसने लगा था. अब वो मुझसे कहने लगी कि सब कुछ तुम ही करोगे या मुझे भी कुछ करने दोगे? और फिर उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और वो मेरा लंड चूसने लगी. दोस्तों मैंने देखा कि वो तो लंड चूसने में एकदम अनुभवी थी, मानो उसका मुहं सिर्फ़ मेरा लंड लेने के लिए ही बना था और थोड़ी देर लंड चूसने के बाद उसने मुझसे बोला कि यार अब नहीं सहा जाता, प्लीज अब तुम मुझे चोद दो, में अब ज्यादा नहीं सह सकती, प्लीज जल्दी से कुछ करो.
फिर मैंने उसे मिशनरी पोज़िशन में ले लिया और उसकी गांड के नीचे मैंने एक तकिया रख दिया और फिर मैंने लंड को चूत के मुहं पर रखकर अपना लंड सेट किया और एक ज़ोरदार झटका दे दिया, जिसकी वजह से मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अंदर चला गया और उसके मुहं में से हल्की सी चीख निकल गई. फिर मैंने फिर से दूसरा झटका दे दिया और अब मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और उसने एक ज़ोरदार चीख मारी तो अब में थोड़ी देर रुक गया और बूब्स को सहलाने के साथ साथ हल्के हल्के झटके देने लगा. दोस्तों थोड़ी देर के बाद वो भी अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी, उसके मुहं से कभी सिसकियाँ और कभी चीखे निकल रही थी, उसकी वो दोनों ही आवाजें एकदम मदहोश कर देने वाली थी.
करीब दस मिनट के बाद अचानक से उसने मुझे बहुत ज़ोर से पकड़ लिया और फिर वो झड़ गयी. उसके 5-7 मिनट बाद में भी उसकी चूत के अंदर ही झड़ गया और अब में उसके ऊपर ही गिर पड़ा और थोड़ी देर के बाद हम दोनों उठ गए. अब में उसे अपनी गोद में उठाकर बाथरूम में लेकर चला गया, वहां पर हम दोनों नहाने लगे और उसके बाद हम दोबारा बाहर आकर बेड पर लेट गये. अब हमने समय देखा तो सुबह के 2.30 बज रहे थे. थोड़ी देर बात करने के बाद हमने एक बार फिर से जमकर चुदाई के मज़े लिए और फिर हम सो गये.
दोस्तों हम दूसरे दिन सुबह 11 बजे के आसपास उठे और वो हम दोनों के लिए कॉफी बनाकर लेकर आ गई और हम कॉफी पीने लगे और बातें करने लगे. दोस्तों कॉफी पीने के कुछ देर बाद मैंने उसकी एक बार फिर से चुदाई शुरू कर दी और उसके बाद में अपने घर पर आ गया. उस रात दिन की चुदाई के बाद दोस्तों मैंने उसे लगातार चार महीने तक चोदा और उसकी चुदाई के बहुत मज़े लिए. मैंने कई बार अपने रूम पर तो कभी उसके रूम पर बहुत मज़े लिए और उसे अपने लंड से चोदकर मैंने हमेशा पूरी तरह से संतुष्ट किया, वो मेरी चुदाई से बहुत खुश थी, लेकिन दोस्तों उसका मेरा यह साथ कुछ दिनों ही चला, लेकिन इस बीच हमने बहुत मज़े किए. हम बहुत घूमे और बहुत मज़े मस्ती की और अब उसका तबादला बेंगलोर में हो गया है.
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दोस्त ने माँ को चोदकर बदला लिया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अंकित शर्मा है और ये स्टोरी बिल्कुल सच्ची है. ये स्टोरी मेरी माँ और मेरे फ्रेंड के बारे में है कि कैसे मेरे दोस्त ने मुझसे बदला लेने के लिए मेरी माँ को चोदा? पहले में आपको अपनी माँ के बारे में बताता हूँ.
मेरी माँ की उम्र 42 साल है, लेकिन वो दिखने में बिल्कुल 30 साल की लगती है और जिसकी वजह योगा है, मेरी माँ रोज़ सुबह योगा करती है, माँ के बूब्स 38 और गांड 40 है. अब में आपका ज़्यादा टाईम वेस्ट ना करते हुए सीधे स्टोरी पर आता हूँ.
ये बात तब की है, जब में 12वीं क्लास में पढ़ता था, मेरा एक बेस्ट फ्रेंड था और अब भी है उस्मान. उस्मान की एक गर्लफ्रेंड थी, जो बहुत ही हॉट थी और में अक्सर उस पर लाईन मारता था. उस्मान मुझे कई बार मना कर चुका था, लेकिन फिर भी में नहीं मानता था. ये बात कॉलेज पार्टी की है, हम सब पार्टी में आए थे, उस्मान की गर्लफ्रेंड भी आई थी. अब उस्मान अपनी गर्लफ्रेंड को मुझसे दूर रखने की कोशिश कर रहा था, लेकिन में किसी बहाने से उसे ले गया और जानबूझ कर उसकी ड्रेस पर कोल्ड ड्रिंक गिरा दी.
फिर जब वो अपने कपड़े चेंज करने बाथरूम में गई तो मैंने उसकी कुछ नंगी फोटो खींच ली और उस्मान को ब्लैकमेल करने लगा. अब उस्मान को ये बात बहुत बुरी लगी, लेकिन उसने मुझे महसूस नहीं होने दिया कि वो मुझसे बदला लेने की सोच रहा है. इस घटना के 2 महीने के बाद की बात है और उसे ये मौका मिल भी गया.
ये बात तब की है, जब वो मेरे घर आया तो उसने मुझे उठाया और थोड़ी देर के बाद मेरी माँ भी उठ गई. अब वो मेरे रूम में बैठकर मुझसे बात करता रहा. फिर में उसे अकेला छोड़कर कुछ काम से बाहर आ गया था. अब मेरी माँ भी नहाकर अपने रूम में बैठी थी, माँ ने काले कलर की डीप नेक नाईटी पहन रखी थी. अब उस्मान माँ के रूम में आकर माँ से फ्लर्ट करने लगा, में ये सब बाहर से देख रहा था.
फिर थोड़ी देर के बाद बारिश शुरू हो गई थी, तो माँ उस्मान को पकड़कर बाहर बारिश में ले गई और बारिश में खेलनी लगी. अब माँ के गीले कपड़ो में गांड और बूब्स को देखकर उस्मान का लंड खड़ा हो गया था, वो माँ से मस्ती करने लगा और उनके ऊपर पानी उछालने लगा. अब माँ भी उससे खेल रही थी. तभी माँ की नज़र उस्मान के लंड पर पड़ी, लेकिन वो कुछ नहीं बोली. फिर खेलते वक़्त उस्मान ने मेरी माँ को अपनी तरफ खींच लिया और किस करने लगा. अब माँ पहले तो घबरा गई और उसे दूर करने लगी, लेकिन उस पर तो मुझसे बदला लेने का भूत सवार था. अब वो माँ को किस करता रहा और अब माँ भी उसका साथ देने लगी थी.
फिर उसने मेरी माँ की गांड पर अपना लंड रगड़ना शुरू किया, जिससे माँ बहुत गर्म हो गई थी. फिर उन्होंने उसको अंदर चलने को बोला तो फिर वो मेरी माँ को गोद में उठाकर अंदर ले गया और बेड पर लेटाकर खूब किस करता रहा और उनका नंगा बूब्स चूसता रहा. फिर उसने मेरी माँ की चूत को चाटना शुरू किया. फिर कुछ देर के बाद माँ झड़ गई और उसको चोदने को बोलने लगी, लेकिन वो माँ को तड़पाता रहा.
फिर उसने माँ को लंड चूसने को कहा, लेकिन माँ ने मना कर दिया तो उसने जबरदस्ती अपना लंड मेरी माँ के मुँह में दे दिया. अब उस्मान को भी सेक्स करना था तो उसने माँ को उल्टा किया और माँ की गांड मारने लगा तो माँ मना करने लगी. फिर उस्मान ने उनके मुँह पर थप्पड़ मार दिया और उनकी गांड मारने लगा.
फिर माँ की गांड मारने के बाद उसने माँ की चूत को चोदना शुरू किया. अब वो चोदते वक़्त माँ की गांड पर थप्पड़ मार रहा था, तो माँ दर्द के मारे रोने लगी थी. अब मुझसे देखा नहीं गया और में रूम में घुस गया. उस्मान बॉडी में मुझसे अच्छा था और फिर उसने जैसे ही मुझे देखा तो उसने तुरंत मुझे मारना शुरू कर दिया और मेरे हाथ बाँध दिए. दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है.
अब उसने कहा कि अब बदला लेने का मजा ही कुछ और है और अब वो मेरे सामने ही मेरी माँ को डॉगी स्टाईल में चोदने लगा और जब वो झड़ने वाला था तो उसने अपना पानी माँ के मुँह में भर दिया और उसे पीने को बोलने लगा. अब माँ भी उसकी जबरदस्त चुदाई से खुश हो जाती है. फिर वो मुझे समझाता है कि उसने ऐसा क्यों किया? अब मुझे अपनी ग़लती का एहसास होता है.
उस दिन के बाद उस्मान रोज़ मेरे घर पर आता है और माँ को चोदता है, वो और माँ रोल प्ले भी करते है. अब माँ उसके लिए कई सेक्सी ब्रा, पेंटी और साड़ीयाँ भी लाई है, क्योंकि उसे माँ को साड़ी पहना कर चोदने में बहुत मजा आता है. अब माँ कई तरह की साड़ीयां पहनती है, लेकिन उस्मान को पारदर्शी ज़्यादा पसंद है. अब उस्मान माँ को साड़ी नाभि से 3 इंच नीचे बांधने को कहता है, अब उसने माँ की नाभि भी छिदवा दी है, जिसके कारण माँ और सेक्सी लगती है. उस्मान को माँ हील्स में ज़्यादा पसंद है, क्योंकि इससे उनकी गांड और बाहर निकल आती है.
फिर एक दिन की बात है उस्मान घर पर आया और माँ को शॉपिंग के लिए ले गया, उसने माँ को शादी का जोड़ा दिलवाया और शाम को दुल्हन की तरह सजने को बोला. फिर उसने मुझसे भी माँ का रूम सजाने को बोला, तो मैंने भी खुशी-खुशी माँ का रूम सुहागरात की सेज की तरह सजा दिया. फिर शाम को माँ ने दुल्हन की तरह संगार किया. अब माँ ने लाल कलर की साड़ी पहनी और डीप नेक ब्लाउज पहना, माँ ने साड़ी नाभि से नीचे बांधी थी और माँ ने हील्स भी पहने थे. फिर शाम को उस्मान माँ के साथ सुहागरात मनाने आया तो उसने मुझसे रुकने को बोला और कहा कि वो चाहता है कि में माँ को चुदते देखूं तो में मान गया. फिर माँ ने उस्मान के पैर छुए और उस्मान माँ को उठाकर उनके रूम में ले गया, जो सुहागरात की सेज की तरह सजा था. फिर उसने माँ को वहाँ लेटाकर रातभर माँ की चुदाई की.
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