बहन को उसके आशिक ने चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मनोज है और मेरी बहन का नाम उमा है, वो मुझसे बड़ी है और वो दिखने में बहुत सुंदर है. उस टाईम सर्दियों का मौसम था और ठंड भी काफ़ी थी. फिर मेरी बहन ने अपने घर में पूछा कि मुझे मेरी फ्रेंड अपने घर पर बर्थ-डे पार्टी पर बुला रही है, तो मेरे घरवाले उसे रात को भेजने के लिए मना करने लगे तो उसने घरवालों को बहुत मनाया कि वो नाराज़ हो जाएगी, मेरी फ्रेंड मुझे बार-बार फोन कर रही है और क्या-क्या बहाने लगाए? तो आखरी में घरवालों ने बोला कि तुझे जाना ही है तो मनोज को भी अपने साथ ले जा और ये सोचकर कि मेरे साथ वो सुरक्षित रहेगी, मतलब इधर उधर नहीं जाएगी, तो वो मान गई कि ठीक है, क्योंकि वो मना नहीं कर सकती थी.
अब शाम के 7 बजे थे और अंधेरा हो गया था. फिर हम ऑटो में गये और फिर उसने किसी को फोन किया. अब वो बोल रही थी कि में बाज़ार पहुँच गई हूँ और मेरा छोटा भाई भी साथ में है तो कुछ गड़बड़ नहीं होनी चाहिए.
अब वो बात करते टाईम मेरे आगे थी, लेकिन मुझे साफ-साफ़ सुनाई दे रहा था. अब रात का टाईम था और हम गली से गुजर रहे थे तो सब शांत था, उस समय उसने ब्लू जीन्स और ऊपर ग्रीन स्वेटर पहना हुआ था. फिर थोड़ी देर के बाद एक लड़का आया और फिर मेरी बहन ने उससे हाथ मिलाया और कुछ बात की. अब मुझे पता नहीं चला था कि वो क्या बोल रहे थे?
फिर कुछ देर तक चलने के बाद हम एक बिल्डिंग में पहुँचे, वहाँ थोड़ा अंधेरा था. फिर वो हमें एक रूम में लेकर गया, वो वहाँ शायद किराए का रूम लेकर रहता था, शायद वो वहीं जॉब करता होगा, वो रूम अंदर से ज़्यादा बड़ा नहीं था, वहाँ दो सिंगल बेड लगे हुए थे और बीच में काफ़ी जगह थी, शायद दो लड़के शेयर करके रहते थे.
फिर थोड़ी देर तक उन दोनों के बीच में बातें हुई, वहाँ बहुत ठंड थी तो हम रज़ाई में बैठे थे और दूसरी साईड में दूसरे बेड पर वो लड़का बैठा था, वो दिखने में थोड़ा पतला था, लेकिन लंबा था. फिर वो पिज़्ज़ा लेकर आया तो हमने पिज़्ज़ा खाया और अब हम साथ में हँसी मज़ाक भी कर रहे थे. अब उन दोनों की बातें में चुपचाप सुन रहा था. फिर हम टी.वी देखते रहे और वो बातें भी करते रहे.
अब रात के 10 से ज़्यादा बज गये थे और टी.वी ऑन था और लाईट ऑफ थी और दरवाजा अंदर से बंद था. अब रात के करीब 11-12 बजे होंगे कि मेरी दीदी ने मुझे जगाया कि मनु उठ पेशाब नहीं करना तुझे, तो में नहीं उठा और चुपचाप सोया रहा और वो भी मुझे थोड़ी देर तक हिलाती रही तो उन्हें महसूस हो गया कि में सो चुका हूँ और फिर वो धीरे से रज़ाई से बाहर निकली और फिर उसने मेरे मुँह तक रज़ाई कर दी ताकि में कुछ देख ना सकूँ.
फिर उसने ज़ोर-ज़ोर से बोला कि उठ-उठ, लेकिन में नहीं उठा, तो उसे लग गया कि में गहरी नींद में हूँ. फिर वो पेशाब करने चली गई, जब लाईट ऑन थी. फिर मुझे अलमारी की आवाज़ आई तो मैंने अपने हाथ से धीरे से रज़ाई उठाई और अपना मुँह रजाई की रुई को थोड़ा सा साईड में करके उसमें से देखने लगा. अब वहाँ वो लड़का नहीं था और ना ही मेरी दीदी थी.
अब में वैसे ही लेटा रहा और फिर वो लड़का आया और बेड पर बैठा, वो ब्लेक कलर का पजामा पहने हुए था और ऊपर स्वेटर, शर्ट पहने हुए था. फिर उसने कुछ टेबल पर रखा और बैठा रहा. फिर थोड़ी देर में दीदी आई और वो जीन्स पहने हुई थी. अब वो दोनों मेरे बिल्कुल सामने थे और अब मुझे रज़ाई के अंदर से बिल्कुल साफ़-साफ़ दिख रहा था.
अब उन्हें लग रहा था कि में सोया हूँ और मेरे ऊपर सिर तक रज़ाई है तो मुझे सुनाई भी कुछ नहीं देगा. फिर उसने मेरी दीदी को स्माइल की, तो उसने भी स्माइल की और बोला कि अब कहाँ सोना है? तो दीदी बोली कि जहाँ तुम बोलो. फिर उसने दीदी को उठाया और हग किया. अब दीदी के चूतड़ मेरे सामने थे और करीब 6 फुट की दूरी पर उसके बेड पर और में दूसरे बेड पर सोया हुआ था.
फिर वो दोनों बेड पर बैठ गये और उसने दीदी का स्वेटर खोला और फिर दीदी को बेड पर लेटा दिया. फिर वो दीदी के ऊपर लेट गया और फिर उसने दीदी की गर्दन से बाल हटाए और उनके गले पर किस करने लगा. अब दीदी ने उसकी पीठ पर अपने हाथ रख दिए थे और काफ़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा. फिर उसने दीदी के बाल खोल दिए और अब वो बार-बार अपने चूतड़ उठाकर दीदी को दबा रहा था. अब पूरे रूम में धीमी-धीमी आवाज़े आ रही थी.
फिर उसने दीदी की शर्ट उतारी, उसने अंदर ब्लेक कलर की बनियान पहन रखी थी. फिर उसने दीदी के पेट से बनियान ऊपर की तो अब मुझे दीदी की कमर बिल्कुल सपाट दिख रही थी. अब वो वहाँ अपना हाथ फैर रहा था और फिर वो धीरे-धीरे नीचे हुआ और दीदी के पेट पर किस करने लगा और कभी नाभि में अपनी जीभ डाल रहा था. अब दीदी का पेट कांप रहा था और दीदी ने चद्दर ज़ोर से पकड़ी हुई थी.
फिर उसने दीदी की पेंट का बटन खोला और जीप खोली दी. अब दीदी ने सफ़ेद इलास्टिक वाली ब्लेक कलर की पेंटी पहनी हुई थी. फिर उसने वहाँ किस किया और दीदी को बेड पर बैठाया और उनकी बनियान खोली तो अंदर पिंक ब्रा थी.
अब मुझे साईड से दीदी के बूब्स बहुत बड़े-बड़े लग रहे थे. फिर उसने पीछे अपना हाथ डालकर ब्रा की हुक खोली और ब्रा उतारकर नीचे फेंक दी. अब दीदी के बूब्स नीचे लटक गये थे, वो बहुत बड़े-बड़े थे शायद 36 के आस पास होंगे. फिर उसने दीदी को लेटा दिया और बूब्स को पकड़कर ऊपर किया. अब मुझे दीदी के ब्राउन निपल दिख रहे थे. फिर उसने दीदी के बूब्स पर अपने दाँत मारना शुरू किया तो दीदी ने उसे हटा दिया.
फिर वो दीदी के बूब्स चूसने लगा, अब पूरे कमरे में फच फच की आवाज़ आ रही थी. अब वो दीदी के बूब्स अपने मुँह में लेकर एकदम से छोड़ देता था. अब दीदी पागल हो गई थी और फिर उसने दीदी की टाँगे ऊपर उठाई और उनकी पेंट नीचे खींच दी. दीदी के पैर बिल्कुल गोरे थे, फिर वो दीदी की टांगो पर अपने दाँत मारने लगा. अब दीदी अंडरवियर में थी और पूरी नंगी थी.
फिर उसने ऊपर से दीदी की अंडरवियर पकड़ी और एकदम से पूरी उतार दी. अब मुझे दीदी के नाभि के नीचे काले बाल दिख रहे थे. फिर उसने अपने दोनों हाथों से दीदी की टाँगे फैला दी और दीदी की टांगो के बीच में अपना मुँह डाल दिया. अब मुझे काफ़ी देर तक पीस पीस पीस पीस की आवाज़ आ रही थी. अब दीदी ने उस टाईम अपनी आँखे बंद की हुई थी.
फिर उसने नीचे खड़े होकर अपने कपड़े उतारे और अब दीदी मेरे सामने बेड पर ऊपर से नीचे तक पूरी नंगी लेटी हुई थी. अब में रज़ाई के नीचे से सब साफ-साफ देख रहा था. अब वो लड़का पूरा नंगा हो गया था, उसने सिर्फ़ अंडरवियर ही पहना था, उसने फ्रेंची पहनी थी जिसमें उसका लंड ऐसा दिख रहा था जैसे अंडरवियर में लकड़ी डाली हो और वो बिल्कुल मेरे मुँह के सामने था.
फिर उसने दीदी को खड़ा कर दिया और अब दीदी भी उसके साथ ठीक मेरे सामने खड़ी थी. उन्हें बिल्कुल भी पता नहीं था कि में ये सब देख रहा हूँ. फिर उसने दीदी को हग किया और अब उसका लंड अंडरवियर के अंदर से दीदी के पेट को टच कर रहा था. उसने आर्मी कलर वाला अंडरवियर पहना हुआ था और दीदी को कसकर पकड़ा था.
फिर उसने दीदी को बेड पर झुकाया और दीदी की गांड पीछे की तरफ कर दी. अब दीदी झुकी हुई थी और उसके चूतड़ बिल्कुल मेरे मुँह के सामने थे. अब मुझे उसकी टांगो के बीच में होंठ जैसा दिख रहा था और उस पर पानी-पानी लगा था. फिर उसने दीदी के चूतड़ों पर अपने दाँत मारे और उनकी चूत में अपनी एक उंगली डालने लगा. अब उसका लंड बार-बार मेरे मुँह के सामने झटके मार रहा था. फिर उसने अपनी जीभ दीदी के पीछे वाले छेद में डाली और अपनी जीभ से दीदी की गांड का छेद कुरेदने लगा.
फिर दीदी बेड पर आ गई और पीठ के बल लेट गई तो वो भी बेड पर चढ़ गया और फिर उसने अपना अंडरवियर नीचे करके फेंक दिया. अब दीदी उसका लंड देखती ही रह गई थी और अब इतना लंबा लंड था कि उसके पेट की और खड़ा हुआ था और ऊपर की तरफ पूरी स्किन पीछे की तरफ थी. उसका लंड बिल्कुल सरिये जैसा था और बार-बार ऊपर उछल रहा था, उसका लंड कम से कम 8 इंच का तो होगा.
अब में तो देखकर डर गया था, उसका लंड मोटा तो था ही, लेकिन लंबा बहुत था, शायद वो दीदी को पहली बार चोद रहा था. फिर उस टाईम दीदी ने बोला कि ये तो बहुत बड़ा है धीरे-धीरे डालना, तो उसने बोला कि कंडोम लगा लूँ, तो दीदी बोली कि हाँ लगाओ, तो उसने बोला कि टेबल पर रखा है खुद लगा दो. फिर दीदी ने अपने हाथ पीछे की तरफ किए और कंडोम के पैकेट को देखा. फिर उन्होंने उस पैकेट को अपने दाँत से खोला और एक कंडोम निकाला और सीधा लंड पर रखा और पीछे की तरफ सरकाया.
अब उसके आधे से थोड़े ज़्यादा हिस्से तक ही कंडोम लगा हुआ था. फिर दीदी लेट गई और अपनी टाँगे पूरी खोल दी. अब मेरा तो उस टाईम गला सूख गया था कि अब क्या होगा? फिर उसने दीदी की चूत पर अपना थोड़ा सा थूक लगाया और अपने लंड को रगड़ने लगा. अब पूरे कमरे में ठप ठप की आवाज़ आ रही थी. फिर उसने अपना लंड थोड़ा सा अंदर डाला और रुक गया.
फिर उसने दीदी की टाँगे फोल्ड की और उसके घुटनों पर अपना हाथ रखकर पूरा दीदी के ऊपर आ गया. फिर दीदी ने उसे कमर से पकड़ा और उसे पूरा अपनी बाहों में भर लिया, तो दीदी के मुँह से अहहह निकली और उसका लंड अंदर घुस गया. फिर दीदी ने बोला कि रुक जाओ प्लीज, आपका बहुत बड़ा है.
फिर उसने एक और धक्का मारा और दीदी ने पूरे ज़ोर से उसे पीछे की तरफ धकेला. अब दीदी ने अपना मुँह खोल रखा था तो उसने दीदी के मुँह में अपना थूक गिरा दिया. फिर दीदी ने बोला कि अंदर टच हो गया है तो फिर उसने धीरे-धीरे अपना लंड आगे पीछे किया. अब दीदी शांत हो गई थी और अब झटको-झटको में दीदी के बूब्स बहुत हिल रहे थे और सिर भी हिल रहा था.
फिर उसने दीदी की टाँगे उठाकर अपने कंधो पर रख दी और पूरी फोल्ड कर दी. अब दीदी से दर्द सहन नहीं हो रहा था तो दीदी के मुँह से ह ह ह ह की आवाज़े आ रही थी. अब पूरे कमरे में पुच पुच पुच पुच चप चप की आवाजें आ रही थी, अब फोल्डिंग बेड पूरा हिल रहा था.
फिर दीदी ने बोला कि बस करो, तो उसने अपना लंड बाहर निकाला तो उसका लंड लाईट में पूरा चमक रहा था और ऊपर से कंडोम चढ़ा था. फिर उसने दीदी से बोला कि उठ जा, तो दीदी नीचे खड़ी हो गई और वो भी नीचे खड़ा हो गया. उसका लंड बहुत ही बड़ा था और वो मेरे सामने हिल रहा था.
अब दीदी के बूब्स पूरे तने हुए थे और फिर उसने दीदी को आगे की तरफ झुका दिया. अब मुझे दीदी की चूत साफ़-साफ़ दिख रही थी, दीदी की चूत पूरी लाल थी. फिर उसने पीछे से अपना लंड घुसाया तो पच की आवाज़ हुई, अब उसके बूब्स नीचे की तरफ लटके थे जिन पर पानी-पानी लगा हुआ था.
फिर उसने ऐसा कुछ देर तक किया और फिर उसने अपना लंड बाहर निकाल दिया और बेड पर चला गया. अब दीदी मेरे सामने खड़ी थी और उसके पेट के नीचे बहुत काले-काले बाल थे और अब उनका पेट लाल हो गया था. फिर दीदी बेड पर लेट गई और फिर उन्होंने अपनी पूरी टाँगे खोली. फिर उसने दीदी की दोनों टांगो को अपने हाथों से दोनों साईड से दबाया और ऊपर आ गया.
फिर उसने दीदी के दोनों हाथ नीचे किए और फिर वो अपने लंड को पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगा. फिर उसने अपना लंड दीदी की चूत पर रखकर एकदम से धक्का मारा और बहुत ज़ोर-ज़ोर से आगे पीछे करने लगा. अब दीदी ने अपनी दोनों टांगो से उसे जकड़ लिया था और वो लगातार धक्के मारता जा रहा था. अब दीदी ने अपने होंठ अपने दाँतों में दबा रखे थे. फिर उसने बोला कि मेरा निकलने वाला है तो दीदी ने बोला कि मेरा भी निकलने वाला है. अब वो दीदी की चूत पर ज़ोर लगाकर दीदी से चिपका हुआ था.
फिर दीदी ने बोला कि मेरी बच्चेदानी में दर्द हो रहा है ज़ोर मत लगाओ और ऐसा बोलते ही वो दीदी के ऊपर लेट गया. फिर कुछ देर के बाद उसने अपना लंड पीछे खींचा तो अब उसका लंड पूरा सिकुड़ गया था और कंडोम नीचे लटका था. अब वो कंडोम उसके वीर्य से पूरा भरा-भरा लग रहा था.
फिर उसने कंडोम निकाला और दीदी से बोला कि बहुत मज़ा दिया तुमने और दीदी ने भी स्माइल की और रज़ाई अपने ऊपर कर ली. फिर दीदी उठी और पेशाब करने चली गई. अब दीदी के चूतड़ लाल हो गये थे और चूत सूज गई थी. फिर वो लाईट बंद करके सो गई, अब दीदी उसी के पास सोई थी. फिर मुझे रात को फिर से दीदी की चीखे सुनाई दी और बेड की ची-ची की आवाज रातभर सुनाई देती रही और वो बातें करते रहे.
अब वो दीदी की तारीफ कर रहा था कि तुम्हारी गांड बहुत मस्त है, तुम्हारे बूब्स बहुत नर्म है, तुम बहुत हॉट हो और दीदी भी बोल रही थी कि तुम्हारा भी बहुत बड़ा है. उसने दीदी को पूरी रातभर चोदा था और उन्होंने रात को लाईट भी ऑन की थी. अब दीदी उसके लंड पर बैठी थी और दीदी ने उसका लंड भी चूसा था और उसने भी दीदी की चूत चाटी थी. फिर मुझे नींद आ गई थी और फिर जब में सुबह उठा तो दीदी मेरे पास सोई हुई थी और उन्होंने मुझे वीडियो गेम खरीदकर दिया और कहा कि घर में बोलना कि हम दीपा के घर गये थे, तो मैंने भी हाँ की और फिर हम घर आ गये. ये सब मेरे सामने-सामने हुआ था और मैंने उन दोनों की चुदाई देखकर बहुत मजा किया था.
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दो लोड़ो ने गांड फाड़ डाली

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम नुपुर है और में देहरादून की रहने वाली हूँ, लेकिन अभी में चंडीगढ़ में रहती हूँ. मेरी उम्र 19 साल है और रंग गोरा, मेरी हाईट 5 फुट 4 इंच है और 34-32-36 साईज का फिगर है. यह कहानी तब की है जब में चंडीगढ़ में पढ़ती थी. में वहाँ एक फ्लेट में रहती थी और आस पास के कई लड़को की नज़र मुझ पर होती थी, लेकिन में उन पर ज्यादा ध्यान नहीं देती थी, क्योंकि लड़के तो लड़कियों को देखते ही है, लेकिन मुझे नहीं पता था कि एक दिन यही नज़रे मुझे कही का नहीं छोड़ेगी.
मेरे कॉलेज में एक लड़का पढ़ता था जिसका नाम गौरव था, उसका रंग काला और वो बिहारी टाईप का लड़का था. उसने कई बार मुझसे पढाई में मदद माँगी थी और में भी एक क्लासमेट होने का फ़र्ज़ निभाते हुए उसकी मदद कर देती थी.
एक बार परीक्षा का दिन था और में कुछ पढ़कर नहीं गई थी तो मैंने एग्जॉम में चीटिंग करने के लिए चिट्स अपनी गोरी जांघो पर रबड़ के सहारे रखी हुई थी. अब मेरी पास की सीट पर गौरव भी बैठा हुआ था, लेकिन मेरा ध्यान टीचर पर था कि वो कब वो अपना मुँह कही और करे और में चिट्स निकाल सकूँ. फिर जैसे ही मैंने चिट निकालने के लिए अपनी स्कर्ट ऊपर की तो गौरव मेरी जांघो को देखने लग गया और उसे भूखे जानवर की तरह घूरने लग गया.
अब उसका बस चलता तो वो मेरी स्कर्ट को नीचे करने ही नहीं देता, लेकिन मैंने उसे इग्नोर कर दिया. अब वो मुझे कई बातों से बुलाने लग गया था, लेकिन में अपने भोलेपन और फ्रेंड्ली नेचर की वजह से उसकी बातें ना समझकर उसकी मदद कर देती थी. फिर एक दिन मेरी एक फ्रेंड का बर्थ-डे आया और उसने लगभग सारी क्लास को इन्वाइट किया, जिसमें गौरव भी था.
फिर में भी अपनी ब्लेक कलर कि ड्रेस पहनकर चली गई, जो स्लीवलेस थी और नीचे से मेरे घुटनों के ऊपर तक थी और ऊपर से क्लीवेज के शुरुआत से शुरू थी. उस पार्टी में ड्रिंक्स भी थी और फिर मैंने भी सबके साथ मिलकर टक़ीला के शॉट्स लगाए और खूब नाचे.
अब हम सबने पीते-पीते वोड्का और दारू पी ली और गौरव ने ये बात देख ली और उसने सबसे कम पी थी. अब उसने नाचने के जोश-जोश में मुझे हर बार एक वोड्का पकड़ा दी थी और एक ग्लास में नशे की एक गोली डालकर दे दी थी, जिसे पीने से में और नशे में हो गई थी. फिर पार्टी ख़त्म होने पर सब अपने-अपने घर जाने को तैयार होने लग गए और अब सब नशे में थे, जिसमें से में सबसे ज्यादा नशे में थी.
फिर गौरव ने मुझे घर छोड़ने को बोला और में कुछ ना समझते हुए कि मेरे साथ कौन है? में चलती रही. फिर वो मुझे अपनी कार में अपने एक और गंदे से दोस्त जॉनी के घर ले गया, जो हरियाणा के किसी गावं में था. फिर वहाँ उन्होंने मुझे बेड पर फेंका और वो दोनों मुझे देखने लग गए.
फिर जॉनी ने गौरव से कहा कि आज क्या माल लाया है? आज तो जमकर इसकी चूत का मज़ा लेंगे. फिर उन दोनों ने अपने-अपने कपड़े उतार दिए और अपने फोन से सब रिकॉर्ड करने लग गए. जॉनी उम्र में बड़ा और बहुत ज्यादा गंदा था, फिर उसने मेरी ड्रेस उतारी और गौरव को वीडियो बनाने के लिए अपना फोन पीछे से पकड़ा दिया.
फिर जॉनी ने मेरे बूब्स मेरी ब्लेक ब्रा के ऊपर से ही चूसने शुरू कर दिए और मेरे दोनों हाथ ऊपर कर दिए, जिससे मेरी चिकनी आर्म्सपॉइंट उसे दिखने लग गई. फिर गौरव ने जॉनी से कहा कि क्या सही रंडी है? पहले से तैयार होकर मिली है. फिर जॉनी अपना दूसरा हाथ मेरी काली पेंटी में डालकर मेरी चूत को सहलाने लग गया. अब में बस नशे में आआआ ओहहह करने लग गई थी, लेकिन में उन्हें रोकने की हालत में नहीं थी.
फिर गौरव मेरी टाँगे ऊपर करके मेरी सहलाती हुई चूत के पास से रिकार्डिंग करने लग गया. फिर जॉनी ने मेरी पेंटी और ब्रा निकालकर फेंक दी. अब मेरे नंगे बूब्स और चूत उनके सामने थे, मेरे निपल का साईज़ थोड़ा बड़ा है जिसे देखकर गौरव पागल हो गया और मेरे बूब्स को कुत्तों की तरह मसलने लग गया और मेरे दूसरे बूब्स को अपने दातों से काटने लग गया और मेरे निपल को अपनी उंगलियों में लेकर दबाने लग गया.
अब दूसरी तरफ से जॉनी ने मेरी पिंक चूत को चाट-चाटकर पूरा गीला कर दिया था. अब मुझमें तो इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि में उन्हें रोक पाऊँ. बस अब में अपने साथ होती घटना पर अंदर ही अंदर से रो रही थी. फिर जॉनी ने गौरव को हटा दिया और मेरी चूत में अपना लंड डालने लग गया. अब मेरी वर्जिन चूत के लिप्स के बीच में उसका लंड ऊपर नीचे हो रहा था, जिससे मेरी चूत का पानी उसका लंड पी रहा था. फिर उसने मेरी टाँगे फैलाई और अपना लंड मेरी चूत के अंदर घुसा दिया.
अब मेरी चूत से निकलता खून उसके लंड पर भी लग गया था और अब उस हालत में मेरी चीख निकल गई थी. फिर में आह माँ में मर गई करके चिल्लाई और अब गौरव हंसते हुए वीडियो बना रहा था. फिर जॉनी ने अपना बड़ा लंड मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू किया. अब उसके चोदने की स्पीड से पूरे रूम में छप-छप की आवाज़े गूँज रही थी और अब गौरव नीचे से मेरी चुदती चूत का वीडियो बना रहा था.
जॉनी इतना राक्षस था कि मुझे चोदते हुए भी उसका स्पर्म मेरी चूत में होने के बावजूद भी वो मुझे चोदे जा रहा था. अब उसका वीर्य उसके लंड पर भी लगा हुआ था और मेरी चूत में भी उसका वीर्य भर गया था. फिर वो 5 मिनट रुका और मुझे बेड पर छोड़कर पानी पीने लग गया. फिर उसके बाद भी वो दोनों नहीं रुके और मेरे बूब्स पर अपने लंड मारने लग गए.
फिर जॉनी बेड पर लेट गया और गौरव ने मुझे उसके लंड पर बैठा दिया. अब मेरा नशा थोड़ा कम हो रहा था और मेरा दर्द का एहसास भी बढ़ता जा रहा था. फिर जॉनी ने मेरे बूब्स को चूसकर और फिर मेरे बूब्स को अपनी छाती से चिपकाकर मेरी चूत को चोदना शुरू कर दिया.
अब मेरा नशा थोड़ा-थोड़ा कम हो रहा था तो मैंने उसी दौरान अपनी गांड एक बार में ऊपर कर ली, जिससे उसका लंड बाहर निकल गया, लेकिन जॉनी को ये हरकत पसंद नहीं आई और गौरव भी घबरा गया. अब उसे पता लग गया था है कि मेरा नशा कम हो रहा है तो गौरव ने मेरी गांड पर एक ज़ोरदार चाटा मारा और फिर जॉनी ने मेरी गांड को पकड़ा और उसे फैलाकर अपना लंड नीचे से मेरी चूत में इतनी ज़ोर से धक्का मारा, जिससे मेरे मुँह से चीखे और आँसू आने लग गए.
अब में अयाया आआआ करने लग गई थी और नशीली आवाज़ में बाचाओ बचाओ भी कर रही थी, लेकिन जॉनी मेरी चूत में और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहा था जैसे कोई दीवार में कील ठोकने के लिए हथोड़ा मारता है, इससे जॉनी जल्दी झड़ गया और उसने फिर से अपना सारा माल मेरी चूत में ही डाल दिया, लेकिन उसने मेरी चूत से अपना लंड बाहर नहीं निकाला और मुझे अपने ऊपर रखकर अपनी आँखे बंद करके ज़ोर-ज़ोर से साँसे लेने लग गया.
अब गौरव भी वीडियो बना-बनाकर थक गया था और फिर उसने इंतज़ार ना करते हुए सीधे मेरी गांड पर अपना लंड मारा और मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया. अब मेरी चूत में जॉनी के वीर्य से भरा लंड था और अब मेरी गांड में गौरव का लंड अंदर बाहर हो रहा था. अब में तो बस मम्मी-मम्मी करके रोए जा रही थी और गौरव पीछे से मेरे बूब्स को मसल रहा था और जॉनी मेरे सामने हँसे जा रहा था. फिर गौरव ने भी मेरी गांड में अपना सारा माल डाल दिया और फिर मुझे ऐसे ही बेड पर छोड़ दिया. फिर अगले दिन मुझे होश आने पर उन्होंने मुझे धमकी दी कि अगर मैंने किसी को कुछ भी बताया तो वो मेरा वीडियो फैला देंगे और जब भी वो कहे मुझे उनकी हर बात मानी पड़ेगी और फिर गौरव मुझे मेरे फ्लेट पर छोड़ आया.
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रांड भाभी को पूरे मज़े देकर चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रवि है और में हैदराबाद का रहने वाला हूँ. मुझे  सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और आज में अपनी भी एक सच्ची घटना आप लोगों के लिए लेकर आया हूँ. में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को जरुर पसंद आएगी, क्योंकि यह कोई झूटी कहानी नहीं है, बल्कि मेरी अपनी घटना है. अब में उसको सुनाने से पहले अपना परिचय आप सभी को दे देता हूँ. दोस्तों मेरी उम्र 23 साल है और मेरी लम्बाई 5.9 है.
में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़कर उनके बहुत मज़े ले रहा हूँ और ऐसा करना मुझे बहुत अच्छा लगता है और इस वजह से मेरी सेक्स में रूचि दिनों दिन बढ़ने लगी थी. यह सब मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था और इन सबके लिए में बिल्कुल पागल होने लगा था और कई बार में अपने लंड को मुठ मारकर शांत भी करता था. दोस्तों आज में जो कहानी आप लोगो को सुनाने जा रहा हूँ. यह कहानी मेरे पहले सेक्स अनुभव की है जो मेरी भाभी के साथ की एक सच्ची घटना है, इसको सुनाने से पहले में अपनी भाभी का आप सभी से परिचय करवा देता हूँ.
दोस्तों मेरी भाभी की उम्र 27 साल है और उनका नाम स्नेहालता है, उनका कलर साँवला, फिगर का आकार 32-30-34 है, वो दिखने में सुंदर और उनका व्यहवार बहुत अच्छा, वो हंसमुख स्वभाव कि है. दोस्तों मुझे पहले मेरी भाभी में इतनी रूचि नहीं थी, लेकिन यह उन दिनों की बात है जब उस घटना से मेरा जीवन एकदम बदल गया, जब शादी के दो महीने के बाद मेरे भैया ऑस्ट्रेलिया चले गये तब से मेरी कहानी शुरू हो गई है और जब में अपने कॉलेज के बाद घर पर लौटा तो मैंने देखा कि मेरा घर बहुत अच्छी तरह से सजाया हुआ था और फिर मुझे पता चला कि उस दिन मेरी भाभी का जन्मदिन है और यह बात सुनकर में बहुत खुश था.
फिर मैंने मन ही मन सोचा कि क्यों ना में भी उसको जन्मदिन की बधाईयाँ दे दूँ और फिर में बधाई देने उनके कमरे में गया तो उस समय कमरे में कोई भी नहीं था. मेरी आँखे वो सब देखकर एकदम चमक गई और में उनको ऐसे ही लगातार घूर घूरकर देखने लगा. उनको देखकर मेरे अंदर करंट बढ़ने लगा और मेरा लंड भी अब मचलने लगा. उस समय वो पंजाबी सूट में थी और वो कपड़े बहुत टाइट थे, जिसकी वजह से बूब्स भी बहुत कसे हुए थे और वो बहुत हॉट सेक्सी दिख रही थी. मेरी नजर उनके ऊपर से हटने को तैयार नहीं थी और में एकदम हैरान होकर देख रहा था.
फिर मैंने मन ही मन सोच लिया कि यह मेरी ब्लूफिल्म की हिरोइन है, वाह क्या सेक्सी बदन क्या मस्त बूब्स है और गांड दिख रही थी. मैंने मन ही मन में सोच लिया कि कैसे भी करके मुझे इस साली को अब चुदाई करने के लिए राज़ी करना है.
फिर में उसके उस सेक्सी गदराए बदन बड़े आकर के बिल्कुल गोलमटोल बूब्स को देखता ही रह गया और कुछ देर बाद होश में आकर मैंने उससे कहा कि भाभी आपको जन्मदिन मुबारक हो और मैंने उनको मन ही मन में कहा कि आपको बूब्सदिन मुबारक हो. फिर उस दिन से में उनसे बहुत करीब हो गया और हम दोनों बहुत ज्यादा बातें करने लगे और में मौका ढूँढ रहा था कि में कब और कैसे उसकी चूत को देखूं? वैसे मेरी भाभी भी एक ऑफिस में नौकरी करती है जो उनके घर से बहुत दूर था और एक दिन मेरी अच्छी किस्मत से वो मौका मुझे मिल ही गया और वो रविवार का दिन था, जब मैंने उनके साथ वो सब किया.
उस दिन घर में कोई भी नहीं था, बस में और मेरी भाभी ही थे. सुबह 10:00 सब लोग बाहर चले गये और मैंने भी कहा कि मुझे भी बाहर जाना है और में घूमने चला गया. मुझे पता था कि शाम तक कोई भी घर पर नहीं आएगा, इसलिए में दो घंटो में ही घूम फिरकर घर वापस आ गया और तब मैंने देखा कि मेरी भाभी नारंगी कलर की मेक्सी में थी और वो उस समय टीवी देख रही थी और टाइम 12:00 का था. में भी उनके पास बैठ गया और टीवी देखने लगा.
फिर मैंने अपना हाथ उनकी कमर पर डाल दिया, लेकिन लता ने मुझसे कुछ भी नहीं कहा और कुछ देर बैठने के बाद वो उठकर किचन में काम करने चली गयी और में भी थोड़ी देर बाद उनके पीछे चला गया और अब में उनके गरम बदन को देखता रह गया. उनकी बड़ी गांड को देखकर रोक ना सका और मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया. में उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया और मैंने तुरंत अपने हाथों से भाभी को पीछे से पकड़कर दबोच लिया और फिर में उनके बूब्स को दबाने सहलाने लगा और मेरा खड़ा लंड उनकी गांड में कपड़ो के ऊपर से ही गांड में घुस गया, वो एकदम चकित हो गयी और अब वो मेरा विरोध करने लगी और मेरी बाहों में मचलने लगी और मुझसे कहने लगी कि प्लीज छोड़ो मुझे, तुम यह क्या कर रहे हो अह्ह्हह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ छोड़ दो मुझे.
फिर मैंने कुछ देर बाद उनको छोड़ दिया और वो मेरी तरफ पलटकर मुझे बहुत गुस्से से देखकर कहने लगी कि यह सब क्या है? मैंने कभी नहीं सोचा था कि तू ऐसा है तेरी मुझ पर इतनी गंदी नजर है तू मुझे इस नजर से देखता या तेरे मन में मेरे लिए यह सब कुछ चल रहा है? वो यह बात कहने हुए रोने लगी और फिर वो सीधी जाकर उनके बेडरूम में बेड पर लेट गयी.
मैंने भी जल्दी से सभी दरवाजे अच्छी तरह से बंद कर दिए और अब में भी उनके पीछे पीछे बेडरूम में चला गया. दोस्तों तब मैंने उनसे अपने मन की वो बात सीधी सीधी कह डाली कि भाभी मुझे आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो, मुझे आपको चोदना है, में कब से आपको अपना बनाने का इंतजार कर रहा हूँ इस दिन के लिए मैंने कितने सपने देखे थे, प्लीज भाभी मान जाओ, में आपको बहुत प्यार करता हूँ.
फिर भाभी कुछ देर बाद कहने लगी कि वो सब तो ठीक अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा? तब मैंने कहा कि क्या होगा? कुछ नहीं होगा, यह बात हम दोनों के बीच में रहेगी और किसी को कैसे पता चलेगा, में यह बात कहकर उनके बेड पर आ गया और वो अब हल्की सी मुस्कुराने लगी और लेट गयी. फिर मैंने देखकर महसूस किया कि तब उनका इतना गुस्सा भी नहीं था और वो अब धीरे धीरे बिल्कुल शांत होने लगी और बातें करने लगी.
दोस्तों यह मेरा पहला अनुभव था और मैंने धीरे से उनकी मेक्सी के हुक को एक एक करके खोल दिया और उसके बाद मैंने उनको अपनी बाहों में लेकर उनकी पूरी मेक्सी को खोलकर उतार दिया और अब उन्होंने अपनी दोनों आँखे बंद कर ली. फिर मैंने भी ज्यादा देर ना करते हुए तुरंत अपने पूरे कपड़े उतार दिये और मैंने देखा कि हम दोनों पसीने में गीले हो चुके थे.
फिर मैंने उनको धीरे से बिस्तर पर लेटा दिया और मैंने उनसे कहा कि अब आप सब कुछ मुझ पर छोड़ दो, वो मेरे कहने पर अपने बदन को मेरे ऊपर छोड़कर चुपचाप लेटी रही. दोस्तों वैसे मेरी भाभी का बदन साँवला है, लेकिन है बहुत कामुक और पूरा गरमा गरम, जिसको देखकर हर किसी का लंड चुदाई के लिए तुरंत खड़ा हो जाए.
अब मैंने उनकी ब्रा के हुक को खोलकर ब्रा को उतारकर फेंक दिया, वो बहुत शरमा रही थी और उनके बूब्स मेरे सामने थे जिनको खा जाने का मन कर रहा था. उसने बाद में उनकी काली कलर की पेंटी को उतारने लगा और वो अब मुझे देख रही थी. पेंटी को उतारने के बाद मैंने देखा कि उनकी चूत काले रंग के बहुत सारे बालों से ढकी हुई थी, तभी मैंने मुस्कुराते हुए उनसे कहा कि मेरा लंड उसे ढूँढ लेगा, वो मुझे देख रही थी और में अब पूरे जोश में आ गया था और फिर मैंने उनके होंठो को स्मूच किया.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और कुछ देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी. फिर कुछ देर बाद में सही मौका देखकर थोड़ा सा नीचे आ गया और अब में भाभी के पपीते के आकार के बूब्स को अपने दोनों हाथों में लेकर दबाने लगा, जिसकी वजह से वो बहुत गरम हो गई और अब भाभी सिसकियाँ लेने लगी, वो आफफफ आह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चूसो आईईईइ वो मेरा सर अपनी छाती पर दबाने लगी तो में पूरे पांच मिनट तक उनके बूब्स को चूसता दबाता उनका रस निचोड़ता रहा. फिर कुछ देर बाद मैंने उनसे कहा कि साली रंडी तूने अब तक कितनो से अपनी चुदाई करवाई है? लेकिन वो कुछ नहीं बोली और पड़ी हुई हंसने लगी. में ज़ोर से निप्पल को चूसने काटने लगा और तभी उसने आईईईईइ स्सीईईईईईईई माँ मर गई कहकर मेरा मुहं अपनी छाती पर पूरा ज़ोर लगाकर दबा दिया और वो मुझसे काटने के लिए मना करने लगी और कहने लगी कि प्लीज मुझे ऐसे मत काटो, बहुत दर्द होता है.
फिर में कुछ देर बूब्स को चूसकर अब थोड़ा सा नीचे आ गया और मैंने उनके पूरे गरम बदन का ऊपर से लेकर नीचे तक पसीना चाटकर साफ किया, वो मुझे देखती रही और वो अब उनके बदन का हर एक अंग मुझे देने लगी.
अब में नीचे सरकते हुए उनकी चूत पर हाथ लगाने लगा और में उनकी चूत को सहलाने लगा. मेरे हाथ लगाते ही वो आह्ह्हह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ सिसकियाँ लेने लगी. फिर मैंने तुरंत अपना मुहं चूत के पास ले जाकर में उनकी गरम चूत को चाटने लगा और चूत के दाने को जीभ से टटोलने लगा और अपनी भाभी की रसीली चूत को चूस चूसकर उसके मज़े लेने लगा, वो एकदम से मचल गई और उन्होंने मेरा सर अपनी चूत के मुहं पर दबा रखा था और वो मुझसे कह रही थी उईईईईइ हाँ खा जाओ आज तुम इसको आह्ह्ह वाह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है और कुछ देर मैंने अपना 6 इंच का लंड उनके मुहं पर रख दिया.
भाभी लंड को अपने मुहं में लेकर बड़े मज़े से चूसने लगी और करीब दस मिनट तक लगातार चूसने के बाद भी वो लंड को बाहर निकालने का नाम ही नहीं ले रही थी, वो तो लंड को किसी अनुभवी भूखी रंडी की तरह लोलीपोप समझकर बार बार अंदर बाहर करके चूसे जा रही थी. फिर कुछ ही देर में उसने मेरा बहुत बुरा हाल कर दिया था.
फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी अब में ज्यादा देर नहीं रुक सकता और मेरा लंड अब आपकी रसीली चूत के अंदर जाना चाहता है, प्लीज अब लंड को छोड़ दो. तभी उन्होंने कहा कि देवर जी तो अब आप मूर्ति बने मुझे क्या देख रहे है? मुझे जल्दी से आपके लंड का मज़ा तो दीजिए जिसके लिए में इतने समय से तड़प रही हूँ, प्लीज अब जल्दी से मुझे अपना बना लो और फिर वो अपने दोनों पैरों को फैलाकर लेट गई.
मैंने उनकी चूत के बालों को अपनी एक ऊँगली से हटाया और फिर अपने लंड को सेट करके उनकी काली चूत में धीरे से धक्का देकर अंदर डालने लगा और उनके बूब्स को दबाकर मज़े लूट रहा था. अब मेरी भाभी जोश में आकर गरम होकर आईईईईई आहहह मर गई करने लगी और मैंने हल्के धक्के देने शुरू कर दिए. फिर कुछ देर बाद में धीरे से अपने लंड को चूत से बाहर लेकर आया और फिर एकदम से ज़ोर से धक्का देकर पूरा लंड चूत के अंदर डाल दिया.
फिर वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी और दर्द से तड़पने लगी और कहने लगी आह्ह्ह्ह उईईईईइ माँ में मर गई प्लीज धीरे से करो, क्या बात है आज आप मुझे मार ही डालोगे क्या आह्ह्ह्हह हाँ ऐसे ही तुम मेरी जान निकाल दोगे? तो मैंने धक्के देते हुए कहा कि भाभी अब आपकी चूत तो फट गई है और अब तेरी गांड की बारी है और फिर भाभी की गांड में अपना लंड डालकर मैंने उस रंडी को पूरी तरह मज़े देकर करीब दो घंटो तक चोदा और उसके बाद मैंने अपना वीर्य उसकी गांड में डाल दिया और कुछ देर थककर उसके ऊपर पड़े रहने के बाद में उठ गया और मैंने अपने कपड़े पहन लिए, लेकिन वो अब भी पूरी नंगी थी. अब जब भी मौका मिलता है तो में उनके साथ चुदाई के मज़े लेता हूँ.
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चाची को चोदकर बदला लिया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राजवीर (राज) है और यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है. अब में आपको मेरी पहली स्टोरी के बारे में बताने जा रहा हूँ. में आपका ज्यादा समय ख़राब ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ.
मेरा नाम राजवीर है, में इंजिनियरिंग स्टूडेंट हूँ और अभी IIIrd ईयर में हूँ, मेरी हाईट 5 फुट 10 इंच और मस्त बॉडी, क्योंकि में रोज जिम जाता हूँ और एक्सरसाईज़ करता हूँ, मेरी उम्र 22 साल है. मेरी फेमिली में मम्मी, पापा, में और मेरा बड़ा भाई है. मेरे मम्मी-पापा दोनों सरकारी जॉब में है और मेरा बड़ा भाई कॉलेज की पढाई कर रहा है और मेरे चाचा जी बिज़नेसमैन है और वो काम के सिलसिले में अक्सर बाहर ही रहते है, मेरी चाची हाउसवाईफ है और उनके 2 छोटे-छोटे बच्चे है एक 6 साल की लड़की और दूसरा 3 साल का लड़का है.
यह स्टोरी मेरी और मेरी चाची के पहले सेक्स अनुभव की है. अब में आपको मेरी चाची के बारे में बताता हूँ, उनका फिगर साईज़ 35-28-34 है और उनकी हाईट 5 फुट 3 इंच है और उनका कलर बहुत गौरा है, वो दिखने में बहुत खूबसूरत लगती है, उनकी उम्र 33 साल है. मेरा मेरी चाची की तरफ आकर्षण तो 18 साल की उम्र से ही हो गया था, जब एक बार मेरे उदास होने पर चाची ने मुझे गले लगाकर समझाया था, लेकिन तब मुझमें कुछ करने की हिम्मत नहीं थी, क्योंकि वो मुझे ज़रा सी बात पर डाट देती थी और मेरी शिकायत भी बहुत करती थी, जिसका में उनसे बदला लेना चाहता था. ये बात आज से 4 साल पहले की है, जब में अपने 12वीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहा था. में जब स्कूल से घर आता तो तब घर में चाची के सिवा कोई नहीं होता था और में चाची के साथ टी.वी देखता था. उस वक़्त चाची के सिर्फ़ एक लड़की थी, जो सिर्फ़ 2 साल की ही थी और वो दोपहर में सोती रहती थी.
मेरी चाची की लेटकर टी.वी देखने की आदत थी और में उनसे काफ़ी घुले मिले होने के कारण चान्स लेने के लिए उनके कंधो पर बातों के दौरान अपना हाथ या सिर रख देता था, जिसको वो कई बार मना कर देती थी, लेकिन अब में चाची के बारे में सोचते हुए मुठ मारते-मारते थक चुका था और चान्स लेना चाहता था कि शायद मुझे चुदाई का कोई मौका मिल जाए इसलिए में चाची के सोने के बाद उनके बगल में सो जाता था और उनकी लड़की को चुपके से बीच में से हटाकर अपने दूसरी तरफ सुला लेता था. अब इस बात को चाची बहुत दिनों से नोटीस कर रही थी, लेकिन उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा, जिससे मेरी हिम्मत और बढ़ गयी थी. फिर एक दिन ऐसे ही जब चाची सो गयी तो मैंने हिम्मत करके अपना हाथ उनके पेट पर रख दिया और उनके पेट से उनकी साड़ी को हटा दिया, लेकिन चाची ने कुछ नहीं कहा और मेरी तरफ पीठ करके सो गयी.
फिर मैंने चाची की पीठ पर किस किया और उनके पेट पर अपनी पकड़ मजबूत कर दी. फिर चाची करवट लेकर पीठ के बल सीधी लेट गयी तो मैंने उनका हाथ उठाकर अपने सिर के नीचे रखा और अपना सिर उनके बूब्स पर और एक हाथ उनकी कमर के नीचे और दूसरा हाथ उनके दूसरे बूब्स पर रखकर हल्के-हल्के दबाने लगा और अपने एक पैर को चाची की चूत के ऊपर रगड़ने लगा. अब मेरा लंड जो कि 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है, चाची के पैर से टच हो रहा था और तभी चाची ने अपने होंठ मेरे होंठो पर रखकर हटा लिए. अब में समझ गया था कि चाची सो नहीं रही है.
फिर मैंने चाची का चेहरा पकड़कर अपनी तरफ घुमाया और उनके होंठो पर किस करने लगा, लेकिन चाची सोने का नाटक करती रही. फिर में धीरे-धीरे चाची के ब्लाउज के हुक खोलने लगा और उनके ब्लाउज के हुक खोलने के बाद में चाची के बूब्स को उनकी ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा. अब चाची के चहरे के भाव से साफ पता चल रहा था कि वो कितनी गर्म हो चुकी है.
फिर मैंने उनकी साड़ी को ऊपर से हटाया और उनके ब्लाउज में अपना हाथ डालकर उनकी ब्रा का हुक भी खोल दिया और फिर धीरे-धीरे उनके बूब्स चूसने लगा. अब वो अभी भी अपनी आँखें बंद किए हुए थी, लेकिन अब उन्होंने मेरे सिर के नीचे वाले हाथ से मुझे कसकर पकड़ लिया था. फिर मैंने उठकर रूम का दरवाजा लगाया और उनके पास आकर उनको अपनी गोद में उठाकर उनके ब्लाउज और ब्रा को उतार दिया.
अब वो मेरे सामने आधी नंगी पोज़िशन में थी और में अपने एक हाथ से उनका एक बूब्स दबा रहा था और दूसरे बूब्स को चूस रहा था और अपना दूसरा हाथ उनकी साड़ी के ऊपर से ही उनकी चूत पर फैर रहा था. अब वो मौन करने लगी थी ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओह, लेकिन उनकी आँखे अब भी बंद थी.
फिर मैंने उनकी साड़ी ढीली की और उनके पेटीकोट के नाड़े को खोलकर उनकी दोनों चीज उनके पैर की तरफ से खींचकर उतार दी. अब उनके बदन पर सिर्फ़ पेंटी ही बची थी और अब में उनका भरा हुआ शरीर देखकर पागल हो रहा था. फिर मैंने उनकी पेंटी भी उतार दी और उनकी चूत एकदम क्लीन शेव थी जिसे देखकर में पागल हो गया था और उनकी चूत को अपने हाथ से रगड़ने लगा था. अब चाची अपने शरीर को मोड़ रही थी और सिसकारियाँ भर रही थी. फिर मैंने चाची की चूत के मुँह पर अपनी एक उंगली रखी और चाची के बोलने का इंतज़ार करने लगा. फिर आख़िरकार चाची ने कहा कि राज अब अपनी उंगली जल्दी से अंदर डाल भी दो और मत तड़पाओ और अपनी आँखे खोलकर मुस्कुराई. फिर मैंने एक झटके से अपनी दो उंगलियाँ चाची की चूत में अंदर तक डाल दी. चाची चाचा के पास ना रहने से कम ही चुदती थी, इसलिए उनकी चूत अब भी काफ़ी टाईट थी, जिससे उनको बहुत दर्द हुआ और वो जोर चिल्लाई आआआआआआआअहह, ऊऊऊऊऊऊऊओह माँ, राज थोड़ा धीरे करो, बहुत दर्द होता है और मेरी 2 महीने की प्रेंग्नेंसी भी है तो तब मुझे पता चला कि वो दुबारा प्रेग्नेंट है और फिर में धीरे-धीरे अपनी उंगली से उन्हें चोदता रहा. अब वो बोल रही थी आआहह राज बहुत मज़ा आ रहा है, ऐसा लग रहा है की जैसे मेरी चुदाई हो रही है, तब में उनकी चूत को साथ साथ चाटने भी लगा. अब वो बोले जा रही थी आआआहह राज पहली बार मेरी चूत को किसी ने चाटा है आआआअहह ऊऊऊहह बहुत मज़ा आ रहा है और तेज कर और फिर उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया. अब में समझ गया था कि वो झड़ने वाली है तो में रुक गया. फिर वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी आआआआआहह राजजजज प्लीज मत रुक साले, जल्दी कर ना. तब में अपनी दोनों उंगलियाँ उनकी चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगा. अब मुझे उन्हें अपनी उंगली से चोदते-चोदते 30 मिनट हो गये थे और अब मेरा हाथ दर्द कर रहा था, लेकिन मुझे मज़ा भी बहुत आ रहा था और फिर थोड़ी देर में चाची झड़ गयी.
फिर मैंने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए तो चाची मेरे लंड की मोटाई को देखकर डर गयी और कहने लगी कि राज में तेरी गर्लफ्रेंड थोड़ी ना हूँ, में तो तेरी चाची हूँ, तू मुझे नहीं चोद सकता है. फिर मैंने बिना कुछ कहे अपना लंड चाची के मुँह में देना चाहा, तो चाची ने मना कर दिया और फिर मैंने चाची को बेड पर पटककर उनके दोनों पैर फैलाए और अपना लंड उनकी चूत पर रखकर एक ज़ोरदार धक्का मारा. मेरा 4 इंच लंड चाची की चूत में घुस गया, जिससे चाची की चीख निकल गयी और वो चिल्लाने लगी आआआआआआअहह मम्म्मईईईईईईईईई साससललले, छोड़ दे मुझे, तेरा लंड बहुत मोटा है, में मर जाउंगी और उनकी आँख से आँसू निकलने लगे और वो मुझे अपने हाथ से धक्का देकर हटाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने उनके हाथ पकड़ लिए और अपने लंड को थोड़ा सा बाहर निकालकर दुबारा से एक ज़ोरदार शॉट लगाया तो मेरा लंड पूरा अंदर चला गया.
फिर वो रोते हुए बोली कि राज प्लीज़ देख में प्रेग्नेंट हूँ, प्लीज़ मुझे मत चोद, तेरा बहुत मोटा है, मेरी फट जाएगी. तो मैंने कहा कि मेरा क्या मोटा है? और तेरी क्या फट जाएगी? तो वो बोली कि तेरा लंड बहुत मोटा है और मेरी चूत फट जाएगी, हरामी छोड़ दे मुझे. फिर मैंने कहा कि साली खुद तो संतुष्ट हो गयी मादरचोद की औलाद और मेरा टाईम आने पर नखरे दिखा रही है, आज में तेरी चूत को सच में फाड़ डालूँगा और फिर में उसके ऊपर लेटकर अपने लंड को थोड़ा सा बाहर निकालकर फिर से पूरी ताक़त से अंदर डालते हुए उसे चोदने लगा. अब वो रोए और चिल्लाए जा रही थी कि मादरचोद तेरी माँ को अपने पति से चुदवाऊंगी, छोड़ दे मुझे कुत्ते, बहुत दर्द हो रहा है, में मर जाउंगी, ऊऊऊऊओह मम्मी बचाओ, हहहहरारारामी ने मारररर डाला रे, अब में तुझसे कभी नहीं चुदवाऊंगी.
फिर मैंने कहा कि साली कमिनी तू मुझे बहुत डांटती थी और मेरी शिकायत भी बहुत करती थी अब भुगत. फिर उसने कहा कि राज अब में तेरी शिकायत नहीं करूँगी, तू प्लीज़ थोड़ा धीरे-धीरे कर, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन में तो बदला लेना चाहता था, इसलिए मैंने चाची की एक बात नहीं मानी और चाची अपना सिर हिलाती रही और रोती रही. फिर करीब 30-35 मिनट के बाद में झड़ गया और फिर मैंने अपना सारा माल उनकी चूत में ही डाल दिया. उसके बाद मैंने कई बार चाची की चूत चोदी और उनकी गांड भी मारी. अब मेरा बदला पूरा हो गया था और अब चाची मुझसे नहीं लड़ती थी. अब उन्हें मेरे साथ बहुत मज़ा आता है और अब वो मुझसे चुदने को तैयार रहती है. अब वो कहती है कि में बहुत अच्छा फोर-प्ले करता हूँ, लेकिन अब वो दूर चली गयी है और अब में उनसे साल में एक या दो बार ही मिल पाता हूँ.
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दोस्त की बीवी की चूत शांत की

हैल्लो दोस्तों, में अश्मित फिर से आपके सामने एक नई स्टोरी लेकर आया हूँ. यह स्टोरी मेरी और मेरे दोस्त अनिल की बीवी सुनीता यादव की चुदाई की है. सुनीता भाभी की उम्र 29 साल है और कलर बिल्कुल गौरा है, वो दिखने में बिल्कुल हिरोइन लगती है और उनकी शादी को अभी 3 साल हुए है. उनका व्यहवार बहुत अच्छा है. हम लोग अक्सर एक दूसरे के घर आते जाते थे और पहले मेरी सोच उनको लेकर ग़लत नहीं थी.
फिर एक दिन मुझे मेरे दोस्त के घर किसी काम से जाना पड़ा. फिर मैंने डोर बेल बजाई तो भाभी ने दरवाजा खोला. अभी वो नहाकर ही आई थी और उनका गोरा बदन साफ झलक रहा था. यह देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और फिर भाभी ने कहा कि क्या काम है?
मैंने कहा कि भाभी आपके पति ने मुझे दूध दिया है और बोले है कि वो किसी काम से 2 घंटे के बाद आयेंगे. फिर मैंने उनको दूध दिया और जाने लगा, तभी भाभी बोली कि चाय पीकर जाना, तो में खुश हो गया. फिर थोड़ी देर के बाद भाभी चाय लेकर आई. इतनी सेक्सी भाभी को देखकर मेरा लंड खड़ा हो चुका था और मेरा मन कर रहा था कि बस भाभी की चुदाई करने का मौका मिल जाए तो ऐसा चोदूं कि वो याद रखे.
फिर भाभी स्माइल करते हुए बोली कि क्या बात है अश्मित थोड़ा शरमा रहे हो? फिर मैंने रिप्लाई किया कि नहीं भाभी ऐसा कुछ नहीं है, लेकिन अब भाभी की नज़र मेरी पेंट पर जा रही थी और वो स्माइल करते हुए बोली कि अश्मित तुम्हारी कितनी गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि नहीं है. फिर भाभी बोली झूठ बोल रहे हो इतना स्मार्ट लड़का और गर्लफ्रेंड नहीं है. फिर मैंने झूठ बोलते हुए कहा कि नहीं है और कहा कि भाभी आप भी तो बहुत सेक्सी हो.
यह सुनकर भाभी हंसने लगी और तभी भाभी के मोबाईल पर मेरे दोस्त का फोन आया और मेरे बारे में पूछा तो भाभी ने कहा कि हाँ अश्मित दूध दे कर चला गया है. अब यह सुनकर मैंने भाभी से पूछा कि आपने झूठ क्यों बोला कि में चला गया हूँ? फिर उन्होंने स्माइल करके कहा कि ऐसे ही. फिर थोड़ी देर तक हम लोग बातें करते रहे, तब भाभी ने कहा कि अनिल का फोन आया था और वो बोल रहे थे कि उन्हें आते आते शाम हो जायेगी.
अब यह सुनकर मैंने सोचा कि ये भाभी को चोदने का अच्छा मौका है और मैंने हिम्मत करके बोला कि भाभी में आपको कैसा लगता हूँ? तो उसने जवाब दिया कि मस्त स्मार्ट और बोली कि सच बताना में तुझे कैसी लगती हूँ? तो मैंने कहा कि भाभी आप तो माल लगती हो और बहुत सेक्सी हो. फिर मैंने कहा कि भाभी आपने अनिल से झूठ क्यों बोला कि में चला गया हूँ?
फिर भाभी शरारती नजरों से देखते हुए मेरे पास आई और बोली कि ऐसा में क्यों करूगी? तो अब में समझ गया कि वो सिग्नल दे रही है.
फिर मैंने टाईम वेस्ट ना करते हुए भाभी को अपनी बाँहों में जकड़ लिया और उसको किस करने लगा और कहा कि भाभी आप इस ड्रेस में पटाखा लगती हो, आज तो में आपको चोद ही डालूँगा. फिर में उनको अपनी बाँहों में उठाकर बेडरूम में ले गया और उनको पूरा नंगा कर दिया. भाभी का इतना गोरा चिकना बदन, क्या मस्त बूब्स? ऐसा लग रहा था कि बॉडी मलाई युक्त हो, बिल्कुल चिकना बदन. फिर मैंने मस्ती शुरू की और पूरी बॉडी को चूमा.
अब भाभी भी गर्म होने लगी थी और फिर भाभी ने मेरा लंड अपने हाथ में लेकर चूसना शुरू किया. मेरा लंड पहले से ही खड़ा था और उत्तेजित अवस्था में था, इसलिए बहुत जल्द मेरे लंड का पानी भाभी ने अपने मुँह में ले लिया और फिर से चूसने लगी. अब मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया और मैंने अपना बड़ा मोटा लंड भाभी की चिकनी चूत में डाल दिया और ज़ोर से धक्का मारा, तो भाभी की चीख निकल गयी और वो मौन करने लगी आह्ह्ह, अब मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे भाभी पहली बार चुद रही हो.
फिर भाभी बोली कि इतना बड़ा और मोटा लंड कोई भी लड़की एक बार ले ले तो हमेशा ही ऐसा लंड लेगी. अब मुझे और जोश आया और मैंने अपना लम्बा मोटा लंड पूरा भाभी की चूत में डाल दिया और ऊपर नीचे करने लगा. अब भाभी मौन करने लगी थी और चुदाई में पूरी तरह से मेरा साथ दे रही थी. अब में ड्रील मशीन की तरह रफ़्तार से भाभी को चोदने लगा था.
अब भाभी को भी मज़ा आ रहा था. अब 25 मिनट में भाभी 2 बार झड़ गई और 45 मिनट में मेरा भी पानी निकलने वाला था. तब भाभी ने कहा कि इसे अंदर ही छोड़ दो ताकि में तुम्हारे बच्चे की माँ बन जाऊँ. फिर मैंने अपना पानी उनकी चूत में ही छोड़ दिया और उसके ऊपर लेट गया. तब भाभी बोली कि मेरा पति मुझे अच्छी तरह से चोद नहीं पाता है और 5 मिनट में ही झड़ जाता है. आज तुमने मुझे चोदकर संतुष्ट कर दिया, तुमसे चुदकर मुझे बहुत मज़ा आया.
अब यह सुनकर में भाभी को दोबारा चूमने लगा और अब किस करते-करते मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैंने भाभी को डॉगी स्टाइल में करके अपना लंड भाभी की चूत में डालकर चोदने लगा. फिर भाभी बोली कि और चोदो, में आज जी भर के चुदूंगी, मेरे बादशाह तेरे लंड की आज में गुलाम हो जाउंगी, आज खूब चोदो.
अब में भी ज़ोर-ज़ोर से अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा और भाभी की चूत को फाड़ डाला, लेकिन भाभी ने भी मेरा खूब साथ दिया और चुदाई में बराबर साथ देती रही. फिर 20 मिनट में हम दोनों एक साथ झड़ गये और फिर हम दोनों एक ही चादर में लेट गये और रूम के ए.सी का तापमान घटा दिया. फिर थोड़ी देर के बाद हम लोग बाथरूम जाकर फ्रेश हुए और फिर भाभी ने चाय बनाई और हमने एक ही बेड पर बैठकर चाय पी.
फिर भाभी बोलने लगी कि तुम बहुत अच्छी चुदाई करते हो, सच बताओ मुझे हमेशा चोदोगे, तो मैंने कहा कि जब आप चाहोगे में आपको चोदने के लिए आ जाऊंगा. फिर हम लोगों ने अपने-अपने कपड़े पहने और थोड़ी देर के बाद में अपने घर चला गया. अब हमारा जब भी मन करता है चुदाई का मज़ा लेते है और में भाभी को अलग-अलग पोज़िशन में चोदता हूँ. अब भाभी अक्सर मुझे कॉल करती है, जब अनिल घर के बाहर किसी काम से शहर के बाहर जाता है और हम दोनों चुदाई का भरपूर आनंद लेते है.
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चूत ने लंड निचोड़ दिया

हैल्लो दोस्तों, में आप सभी को अपनी आज की कहानी सुनाने से पहले अपने बारे में देता बता देता हूँ. मेरा नाम है और कार्तिक में 24 साल का हूँ और में आगरा में रहता हूँ, मेरी लम्बाई 5.11 इंच, वजन 80 किलो और में हर दिन सुबह जल्दी उठकर कसरत करता हूँ, इसलिए मेरा शरीर भी एकदम फिट है और रंग गोरा है.
में दिखने में बहुत अच्छा हूँ. दोस्तों में जो यह कहानी आप चाहने वालों को सुनाने जा रहा हूँ. यह मेरी और मेरे पड़ोस में रहने वाली एक लड़की की है, जो मेरे साथ कुछ समय पहले घटित हुई एक सच्ची घटना है और उस लड़की का नाम पिंकी है, जिसको मैंने चोदकर उसकी वर्जिन चूत के मज़े लिए. यह मेरा सेक्स अनुभव कभी ना भुला देने वाला अनुभव है, जो मुझे आज भी बहुत अच्छी तरह से याद है.
दोस्तों में पिंकी के बारे में बताऊँ तो वो दिखने में बहुत सुंदर, हॉट, सेक्सी थी और तब तक वो वर्जिन थी. उसकी लम्बाई करीब 5.5 इंच, पतला शरीर और गोरा बदन और उसके फिगर का साईज यही कोई 32-26-34 होगा. अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों यह बात तब की है जब में 12th में पढ़ता था और वो भी उस समय 12th में थी. में पढ़ने में ज़्यादा ठीक नहीं था, लेकिन मेरा गणित बहुत अच्छा था. एक दिन उसका छोटा भाई मुझे बुलाने के लिए मेरे घर पर आया और वो मुझसे बोला कि भैया आपको मेरी मम्मी हमारे घर पर बुला रही है. में तुरंत उसके साथ उनके घर पर गया और वहां पर पहुंचने के बाद उसकी माँ ने मुझसे कहा कि बेटा तू पिंकी को गणित के कुछ सवाल बता दे, इसे समझ नहीं आ रहे है.
पिंकी इस विषय में बहुत कमजोर है. फिर मैंने भी झट से उन्हें हाँ बोल दिया. पिंकी भी उस समय वहीं पर बैठी हुई थी और फिर में उसको सवाल समझाने लगा. कुछ देर में वहां पर उसकी मदद करने के बाद अपने घर पर चला आया और कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा. उसका छोटा भाई हर दिन मेरे पास आ जाता और वो मुझसे बोलता कि आप मेरी पिंकी दीदी को सवाल समझा दो और में भी उनके घर पर चला जाता था.
फिर एक दिन जब में पिंकी को पढ़ा रहा था तो उसने अचानक से अपना एक हाथ मेरी जाँघ पर रख दिया और वो मुस्कुराने लगी, लेकिन मैंने उसकी इस बात को अपने दिमाग से निकाल दिया. फिर थोड़ी देर बाद उसने दोबारा से वही किया. मैंने अब उसकी तरफ देखा तो वो अभी भी मेरी तरफ स्माइल दे रही थी, लेकिन में अब भी चुपचाप उसे पढ़ने लगा. उसकी बात पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और फिर में कुछ देर उसको पढ़ाकर अपने घर पर चला आया.
फिर दूसरे दिन जब में उसको पढ़ाने उसके घर पर पहुंचा तो वो उस दिन मेरे बिल्कुल नज़दीक आकर बैठ गयी और वो मेरे कंधे पर अपने बूब्स को छूने लगी, जिसकी वजह से अब मेरा ध्यान पढ़ाने में कम और उसकी तरफ ज़्यादा था. मेरा लंड अब हरकत में आने लगा था, लेकिन फिर भी में उससे थोड़ा दूर होकर बैठ गया तो वो फिर से मेरे थोड़ा नज़दीक आ गई और मुझे बहुत डर भी लग रहा था और में मन ही मन सोच रहा था कि में भी थोड़ी हिम्मत करके कुछ कर दूँ, लेकिन इतनी देर मे उसकी माँ आ गई और वो तुरंत मुझे थोड़ा दूर होकर बैठ गई और में उसे पढ़ाने लगा, लेकिन में लगातार चोर नजर से उसके बूब्स को देखने लगा और पढ़ाई खत्म करके में अपने घर पर चला आया.
अब में पूरा दिन उसके बारे में ही सोचता रहा और उसके कामुक बदन को छूने बूब्स को पकड़कर दबाने मसलने के बारे में सोचता रहा और कैसे में इस बात को आगे बढ़ाऊँ? में बस यही सब बातें सोचता रहा था. फिर अगले दिन हमारे यहाँ पर बारिश होने लगी, जिसकी वजह से हवा भी ठंडी चलने लगी थी, वो अक्टूबर का महीना था और मुझे थोड़ी सर्दी भी लग रही थी.
तभी उसका भाई मुझे पढ़ाई के लिए बुलाने आ गया और में उसके साथ जाकर उसकी दीदी को पढ़ाने लगा, तो कुछ देर बाद उसकी माँ ने हमे एक कंबल लाकर दे दिया और वो हम दोनों से बोली कि बेटा तुम अपने पैर इसके अंदर कर लो तुम्हे सर्दी नहीं लगेगी और वो खुद हमारे लिए चाय बनाने किचन में चली गई.
फिर में अपने दोनों पैर अंदर करके बैठ गया और उसे पढ़ाने लगा. उसने भी अपने पैरों को अंदर कर लिया और अब वो अपने पैर मेरे पैर से छूने लगी और मेरे मन में भी अब भूत सवार था, इसलिए मैंने भी अपना पैर उसके पैर से छू दिया और में उसे देखकर मुस्कुराने लगा और वो भी मेरी तरफ मुस्कुरा रही थी.
फिर मैंने अपने पैर को थोड़ा सा ऊपर किया तो मेरा पैर उसकी जांघ से छू गया और उसने तुरंत अपना पैर दूर हटा लिया और मुस्कुराती हुई सवाल करने लगी, लेकिन अब मेरा सारा ध्यान उसी पर था और वो सवाल कर रही थी कि तभी मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रख दिया और उसे छूकर उसकी गर्मी और कोमलता को महसूस करने लगा, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली. फिर मैंने भी थोड़ी देर तक अपना हाथ ऐसे ही रहने दिया और अपनी एक ऊँगली से सहलाता रहा.
फिर में थोड़ी देर बाद उसे बातों में लगाकर अपना हाथ धीरे धीरे नीचे सरकाते हुए उसकी चूत के पास ले गया. फिर उसने तुरंत मेरा हाथ हटा दिया और वो मुझसे बोली कि तुम यह क्या कर रहे हो? मैंने उससे कहा कि तुझसे कुछ बोलना है, वो बोली कि वो क्या? तो मैंने उससे कहा कि में तुझे बहुत पसंद करता हूँ और तू मुझे बहुत अच्छी लगती है, में बहुत दिनों से तुझसे यह बात कहना चाहता था, लेकिन मुझे थोड़ा थोड़ा डर लगता था.
अब वो मेरी यह बात सुनकर मुस्कुराने लगी और फिर मैंने उसके गाल पर एक किस कर दिया. उसने मुझे दूर हटा दिया और फिर मेरे गाल पर प्यार से हल्का सा थप्पड़ मारकर वो मुझसे बोली कि सुधर जाओ, वर्ना में माँ से बोल दूँगी. फिर मैंने उससे कहा कि तुझे जिससे बोलना है बोल देना, लेकिन मुझे तू सच में बहुत पसंद है.
फिर उसने हंसकर कहा कि अच्छा जी और फिर मैंने उसकी आँखों में देखकर उसका चेहरा अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और मैंने उसे किस कर दिया, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और ना ही उसने मेरा कोई विरोध किया और ना मेरा साथ दिया.
फिर मैंने दूर हटकर उससे कहा कि अगर तुझे यह सब पसंद नहीं है तो में कभी ऐसा दोबारा नहीं करूँगा और मैंने उससे थोड़ी देर ऐसे ही बातें की. फिर इतनी देर में उसकी माँ हमारे लिए चाय बनाकर ले आई तो हम दोबारा पढ़ने लगे और कुछ देर हमारे साथ बैठकर चाय पीने के बाद उसकी माँ बाहर चली गई और में भी पढ़ाई पूरी करके अपने घर पर जाने लगा. तभी उसने पीछे से मेरा हाथ पकड़कर मुझे किस कर दिया और वो मुझसे बोली कि अब तुम अपने दिल में मुझसे कोई भी शिकवा या शिकायत मत रखना, क्योंकि में भी तुम से बहुत प्यार करती हूँ और यह बात में भी तुमसे बहुत जल्दी कहना चाहती थी, लेकिन आज तुमने खुद ही मेरे मन की बात कहकर मुझे बहुत खुश कर दिया है.
दोस्तों अब मुझे उसकी यह सभी बातें सुनकर नींद कहाँ आने वाली थी. में अपने घर पर पहुंचकर पूरी रात उसके बारे में सोचत रहा और फिर मैंने दो बार उसके नाम की मुठ भी मारी और सो गया. अगले दिन फिर से उसका भाई मुझे बुलाने आ गया तो में फटाफट से उसके घर पर पहुंच गया. मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि उसकी माँ अपने घर के काम में व्यस्त थी तो उस बात का फायदा उठाते हुए हमने बहुत देर तक जमकर किस किए और में कपड़ो के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाता रहा.
दोस्तों उसके बूब्स दिखने में थोड़े छोटे लगते थे, लेकिन थे बहुत बड़े क्योंकि मैंने उनको छूकर अच्छी तरह से दबाकर देखा था, जिसकी वजह से वो बहुत गरम हो गई और सिसकियाँ लेने लगी और में लगातार उसके बूब्स को मसलता रहा. फिर कुछ देर बाद मैंने उससे बोला कि में आज रात को तेरे रूम में आ जाऊंगा, तो वो मुझसे थोड़ा नखरा करने लगी, लेकिन फिर मेरे कहने और समझाने पर वो मान गई और वो मुझसे बोली कि ठीक है में तुम्हे सभी के सो जाने के बाद फोन कर दूँगी, तब तुम आ जाना और अब बस में रात होने का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था.
दोस्तों आज का दिन मुझे जैसे सबसे लंबा दिन लग रहा था और मैंने दिन में ही अपनी तरफ से सारी तैयारियां कर ली थी कंडोम वगेरह की और में सब कुछ करने के लिए तैयार हो गया. रात को इंतज़ार करते करते मुझे ना जाने कब नींद आ गई और रात में करीब एक बजे उसका मेरे नंबर पर फोन आया तो मेरी नींद खुली और फिर हम दोनों के मकान की छते एक दूसरे से जुड़ी हुई है, इसलिए में तुरंत उठकर अपनी छत पर चला गया और में वहां से होते हुए उसकी छत पर पहुंच गया. फिर मैंने देखा कि वो वहीं पर खड़ी हुई थी और मैंने उसे झट से अपनी बाहों में भर लिया और उसे पागलों की तरह किस करने लगा.
फिर वो मुझसे बोली कि प्लीज थोड़ा तो सब्र करो, अब में तुम्हारे पास ही हूँ, कहीं भागी नहीं जा रही जो तुम इतने उत्सुक हो रहे हो और वैसे भी यहाँ पर कोई हमे देख लेगा, इसलिए हम नीचे चलते है, घर के सभी लोग सो रहे है.
फिर में उसके कहने पर उसके पीछे पीछे नीचे चला गया और नीचे जाकर हमने कमरे में जाकर तुरंत दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया और अंदर जाते ही में उसे किस करने लगा. दोस्तों मैंने महसूस किया कि अब वो भी मेरा साथ दे रही थी और में किस करते करते उसके बूब्स को भी दबा रहा था और कभी कभी में कपड़ो के ऊपर से ही उसकी चूत पर भी अपनी उंगली को घुमा रहा था. फिर थोड़ी देर किस करने के बाद मैंने जल्दी से उसके कपड़े उतारना शुरू कर दिए और अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी.
दोस्तों उसके कातिल सेक्सी गोरे बदन को देखकर मेरा मन ललचाने लगा था. उस कामुक गोरे बदन पर उसकी वो काली कलर की ब्रा, पेंटी और भी उसकी सुन्दरता को बढ़ा रही थी. सच पूछो तो वो उस समय काम की देवी लग रही थी और में उस समय अपने पूरे जोश में था. तभी उसने मेरे भी सारे कपड़े उतार दिए और में अब उसके सामने सिर्फ़ अंडरवियर में था. मेरा लंड अंडरवियर में तनकर खड़ा था, जिसको देखकर वो मन ही मन मुस्कुरा रही थी.
फिर मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही दोनों बूब्स को बारी बारी से दबाना और चूसना शुरू किया तो वो अब गरम होकर सिसकियाँ भरने लगी और फिर मैंने एकदम सही मौका देखकर उसकी ब्रा को भी उतार दिया और अब तो उसके गोल गोल बूब्स को देखकर मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था और मैंने उन्हे ज़ोर ज़ोर से चूसना और दबाकर निचोड़ना शुरू कर दिया. फिर वो और भी ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी और कुछ देर बाद उसने मुझे दूर कर दिया और वो मेरा अंडरवियर उतारकर मेरे लंड से खेलने लगी और फिर उसने अपने होंठ मेरे लंड पर रख दिए.
दोस्तों मुझे तो मानो जन्नत मिल गयी हो ऐसा मज़ा आ रहा था. फिर उसने धीरे धीरे मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया. मुझे मज़ा आने लगा और में उसके सर को पकड़कर अपने लंड पर दबाने लगा, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उसके गले तक जा रहा था और वो बहुत मजे लेकर चूस रही थी.
उसके कुछ देर चूसने के बाद में उसके मुहं से ही झड़ गया और उसने लंड को बाहर निकालने की बहुत कोशिश की, लेकिन मैंने अपना पूरा दम लगाकर उसको रोके रखा और फिर उसने मेरा पूरा गरम गरम वीर्य अपने गले में भरकर बाहर थूक दिया. फिर मैंने उसे लेटा दिया और में उसे किस करते हुए उसके बूब्स तक पहुंचा. बूब्स को चूसते चूसते में उसकी चूत में भी उंगली करने लगा. तब मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत टाईट, आकार में छोटी सी, गरम और पूरी गीली हो चुकी थी, वो अब सिसकियाँ भरने लगी थी.
अब में धीरे धीरे उसके पूरे बदन को अपनी जीभ से चाटते हुए उसके नीचे तक आ गया और अब उसकी चूत पर जीभ घुमाने लगा. फिर उसने मेरा सर पकड़ लिया और चूत पर दबाने लगी और अपनी कमर को ऊपर नीचे करने लगी. में भी उसकी चूत को चाट रहा था और जीभ को उसकी चूत में अंदर तक घुसाकर उसे चोदने की कोशिश कर रहा था, वो भी जोश में आकर मुझसे कहने लगी कि प्लीज आईईईइ अब और ज़्यादा मत तड़पाओ उफफ्फ्फ्फ़ और अपना लंड मेरी चूत में डाल दो आह्ह्ह्ह में अब ज्यादा नहीं सह सकती.
फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और एक हल्का सा धक्का दिया, लेकिन मेरा लंड बिल्कुल भी अंदर नहीं गया और फिर मैंने दोबारा थोड़ा और ज़ोर से धक्का लगाया तो मेरा लंड हल्का सा अंदर गया और वो झटके से पीछे हट गई और वो मुझसे बोली कि तुम बस अब रहने दो, तुम्हारा लंड ज्यादा अंदर नहीं जाएगा, मुझे बहुत दर्द होगा, प्लीज अब मुझे छोड़ दो.
फिर दोस्तों मैंने उसे बहुत प्यार से समझाया और उससे कहा कि पहली पहली बार सेक्स करने में थोड़ा दर्द जरुर होता है, लेकिन उस दर्द का मज़ा भी कुछ और ही होता है, तुम्हे भी थोड़ा दर्द जरुर होगा, लेकिन उसके बाद तुम्हे बहुत अच्छा लगने लगेगा और उस अनुभव को पाकर तुम मन ही मन बहुत अच्छा महसूस करोगी.
फिर मैंने अपने लंड को दोबारा से उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और एक ज़ोर से धक्का दे दिया तो हल्का सा लंड अंदर चला गया और उसके मुहं से चीख निकल गई. मैंने झट से अपना हाथ उसके मुहं पर रख दिया और एक हाथ से उसकी कमर को पकड़ रखा था, वो मुझसे दूर जाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने नहीं जाने दिया और वो उस दर्द से बहुत ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी. फिर वो मुझसे लंड को बाहर निकालने के लिए कह रही थी, लेकिन मैंने उसकी एक भी बात ना सुनी और में उसी पोज़िशन में धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा. फिर वो कुछ देर बाद जाकर थोड़ा शांत हुई और मैंने देखा कि उसकी आँखों से आँसू बाहर आ रहे थे.
फिर मैंने थोड़ी देर बाद एक और तेज़ झटका दिया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और उसकी साँस ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे रह गई. उसका आधे से ज्यादा बदन बिस्तर से ऊपर उठ चुका था, वो चिल्लाना चाहती थी, लेकिन मैंने उसका मुहं बंद किया हुआ था और अब वो रो रही थी, वो मुझसे लगातार छूटने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने भी उसकी कमर को बहुत कसकर पकड़ा हुआ था.
फिर ऐसे ही मैंने मौका देखकर एक और तेज़ झटका दे दिया. जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और उसकी आँखों से आँसू गिरने लगे, उसे बहुत दर्द हो रहा था और फिर में थोड़ी देर ऐसे ही रहा और वो भी धीरे धीरे शांत होने लगी. उसका पूरा बदन पसीने से भीगा हुआ था और वो एकदम निढाल होकर चुपचाप पड़ी हुई थी. अब मैंने उसके मुहं से अपना हाथ हटा लिया और उसे किस करने लगा और धीरे धीरे उसके बूब्स को दबाने लगा तो मैंने महसूस किया कि वो एकदम शांत हो गई थी. फिर मैंने धीरे धीरे उसकी चुदाई करना शुरू किया तो उसे अब भी बहुत दर्द हो रहा था और वो मुझे धक्के देने से रोक रही थी, लेकिन में धीरे धीरे चुदाई करता रहा.
फिर थोड़ी देर बाद उसे भी बहुत मज़ा आने लगा था और वो भी अब अपनी कमर को ऊपर नीचे करने लगी थी. में समझ गया कि इसे भी मज़ा आ रहा है, तो मैंने अपने धक्कों की हल्की हल्की स्पीड को बढ़ा दिया और उसे चोदने लगा और अब पिंकी भी अपने पूरे जोश में आ गई थी और वो मुझसे लगातार तेज़ तेज चुदाई करने के लिए बोलने लगी थी, वो कह रही थी हाँ थोड़ा और अंदर जाने दो उफ्फ्फ्फ अब जब तुमने इतना अंदर आह्ह्हह्ह डाल ही दिया है तो फिर क्यों अच्छे से नहीं चोदते, तुम्हे अब किस बात का डर है उईईईईइ माँ तुम्हारा लंड बहुत मोटा है, हाँ पूरा अंदर तक जाने दो स्स्सईईईईईई.
फिर मैंने भी उसकी बात को सुनकर और भी जोश में आकर उसकी कमर को कसकर पकड़ लिया और अब मैंने उसे तेज़ तेज़ झटके देना शुरू कर दिए. जिसकी वजह से वो पूरी हिलने लगी थी. उसके बूब्स हर एक धक्के पर आगे पीछे होने लगे थे और वो अब मेरे धक्कों से खुश होकर मस्त मस्त आवाज़ निकाल रही थी. मेरा मूड और ज़ोर से धक्के देने का बन रहा था और वो लगातार सिसकियाँ भरती जा रही थी.
अब में उसके बूब्स को दबाता और कभी अपनी उंगली उसके मुहं में डाल देता और वो उसे बहुत प्यार से चूसती रही और ऐसे ही करीब 10-15 मिनट लगातार ताबड़तोड़ धक्के देकर चुदाई करने के बाद वो अब ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी और मैंने भी अपनी स्पीड को बड़ा दिया था और वो भी नीचे से अपने चूतड़ को उठा उठाकर मेरे साथ साथ धक्के दे रही थी और अब हम दोनों अपनी पूरी स्पीड से सेक्स करने लगे थे.
फिर कुछ देर बाद वो मुझसे बोली कि में अब झड़ने वाली हूँ. फिर वो और तेज़ होकर अचानक से रुक गई. शायद वो उस समय झड़ चुकी थी और मुझे उसके चेहरे पर वो संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी और में भी उसको 10-15 धक्के देने के बाद झड़ गया और मैंने अपना सारा गरम लावा उसकी चूत की गहराईयों में छोड़ दिया. में कुछ देर वैसे ही रुका रहा और अपनी एक एक बूंद को चूत में गिराता रहा. उसके बाद हम दोनों किस करते रहे और एक दूसरे में खोने लगे.
दोस्तों उस रात हमने तीन बार चुदाई करके बहुत मज़े लिए और उसने मेरा पूरा पूरा साथ दिया, वो हर बार बहुत ज्यादा जोश में आकर मुझसे अपनी चुदाई करवा रही थी और मैंने भी हर बार उसकी चूत को बहुत अच्छी तरह से चोदकर उसकी आग को शांत किया और फिर सुबह करीब 5 बजे में उठकर उसी रास्ते से अपने घर पर आ गया और में उसकी चुदाई से बहुत थक चुका था, इसलिए में घर पर आते ही लेट गया और अब में अपनी पड़ोसन की वर्जिन चूत को चोदकर अपने घर पर आने के बाद मन ही मन उसकी चुदाई को लेकर सोचता रहा. में बहुत खुश था, क्योंकि आज मैंने उसकी सील को तोड़ दी थी.
फिर मुझे पता ही नहीं चला कि कब में सो गया, लेकिन उसके बाद मेरा जब भी उसकी चुदाई करने का मन करता, तो में उसको फोन कर देता और वो मुझे दोबारा फोन करके घर पर सभी के सो जाने और रास्ता साफ हो जाने पर बता देती और में तुरंत अपनी छत से होता हुआ उसके घर पर चला जाता और उसकी चूत को बहुत जमकर चोदता. दोस्तों मैंने ऐसा बहुत बार किया और अब उसको मेरे लंड की और मुझे भी उसकी चूत की एक जरूरत सी महसूस होने लगी थी, लेकिन फिर कुछ समय के बाद उसकी शादी हो गई और वो मुझे दूर अपने ससुराल चली गई.
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