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पटना शहर का तोहफा
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अशोक है और में एक बार फिर से आपके लिए एक कहानी लेकर आया हूँ. जब में किसी काम से बिहार गया था तो में पटना स्टेशन पर दोपहर 1 बजे उतरा. मेरा काम दो तीन दिन का था और जब बहुत तेज गर्मी हो रही थी.
में प्लेटफॉर्म से बाहर निकलकर एक कोने में खड़ा होकर सिगरेट पी रहा था. मुझे उस दिन कोई जल्दी नहीं थी, सिर्फ़ मुझे होटल लेकर रुकना था. तभी मैंने देखा कि एक लड़की जो थोड़ी ग़रीब लग रही थी और एक कोने में बैठी हुई थी, ऐसा लग रहा था जैसे वो बहुत परेशान हो. उसकी उम्र कोई 19-20 साल की होगी, उसने सलवार सूट पहना हुआ था, उसकी चप्पल गंदी और टूटी हुई लग रही थी, वो एक बेंच पर बैठी हुई थी. अब में उसे 15 मिनट से देख रहा था, मुझे वो काफ़ी परेशानी में लग रही थी.
फिर में उसके पास जाकर बैठ गया और 10 मिनट तक उसी के पास बैठा रहा. उसके शरीर से हल्की सी पसीने की स्मेल आ रही थी. अब में सोच रहा था कि उससे बात करूँ, लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हो पा रही थी. फिर अचानक से उसने मुझसे खुद ही पानी माँग लिया तो मैंने उसे पानी की बोतल दे दी और वो पूरी बोतल का पानी पी गयी, पानी ठंडा था.
फिर पानी ख़त्म करके वो बोली सॉरी में सारा पानी पी गयी, तो मैंने कहा कि कोई बात नहीं. फिर उसने मुझसे टाईम पूछा तो मैंने कहा कि 2 बज रहे है. फिर वो चुप हो गयी. फिर मैंने उससे पूछा कि आपको कहाँ जाना है? तो वो बोली कि मुझे मधुबनी जाना है. फिर मैंने पूछा कि वहाँ आप रहती है? तो वो बोली कि नहीं वहाँ मेरा ससुराल है, तो मैंने कहा कि आपकी शादी हो गई है. फिर वो बोली हाँ, तो मैंने कहा कि लेकिन आप लगती नहीं है.
फिर हमारे बीच में थोड़ी बहुत बातें हुई और अब मुझे उसकी बातों से लगा कि वो किसी गावं से आई है. तभी वहाँ एक टी.टी. आया और लोगों को भगाने लगा, जिनके पास टिकट नहीं था. फिर जब वो हमारे पास आया तो उससे टिकट माँगा तो वो कहने लगी कि उसके पास टिकट नहीं है तो टी.टी. उससे जुर्माना भरने को कहने लगा.
मैंने कहा कि ये मेरे साथ है और टिकट मेरे पास है. फिर वो बोला कि जुर्माना तो देना पड़ेगा, तो मैंने टी.टी. को 100 रुपये का नोट देकर भगा दिया. फिर वो मुझे थैंक्स कहने लगी. फिर मैंने उससे पूछा कि आपके पास टिकट नहीं है. फिर वो बोली कि में बिना टिकट के आई हूँ. फिर मैंने अपने बैग से कुरकुरे की थैली निकाली और उसे खाने को दी, तो वो झट से खाने लगी. अब उसे देखकर लगा कि वो बहुत भूखी है. फिर मैंने उससे कहा कि मुझे बहुत भूख लगी है तुम चलोगी मेरे साथ खाना खाने. फिर पहले तो वो नहीं बोली और फिर बोली कि ठीक है. फिर हम पास में ही एक होटल में खाना खाने गये.
फिर मैंने उससे पूछा कि तुम क्या खाओगी? तो वो बोली कि कुछ भी, तो मैंने चावल दाल मिक्स और रोटी का ऑर्डर दिया. सॉरी में आपको उस लड़की का नाम तो बताना ही भूल गया, उसका नाम सोनी था और उसकी हाईट करीब 5 फुट होगी, शरीर भरा हुआ था, बूब्स 34 साईज के होंगे, नाक में रिंग, हाथों में चूड़ी और पुराना सा काले कलर का सूट और सफेद सलवार पहनी थी. उसके बाद वेटर खाना लाया और वो जल्दी-जल्दी खाने लगी और अचानक से बोली कि वो दो दिन के बाद खाना खा रही है. फिर मैंने कहा कि दो दिन, तो वो सकपका गयी.
फिर कुछ सोचकर बोली कि हाँ दो दिन से में इस स्टेशन पर ही हूँ. फिर मैंने उससे कहा कि तुम कहाँ से आई हो? तो उसने कहा कि समस्तीपुर से और फिर वो खाना खाने लगी. फिर जब उसका पेट भर गया तो वो हाथ धोने उठी, उसके पास एक छोटा सा कंधे पर टाँगने वाला बैग था. फिर बिल देकर हम वापस आए. फिर मैंने पानी की दो बोतल खरीदी और उसे दे दी.
फिर हम वापस स्टेशन आए. फिर में उसे लेकर फर्स्ट क्लास वेटिंग रूम में गया, वहाँ लोग कम थे और ए.सी. चल रहा था. फिर वहाँ बैठने के बाद मैंने उससे उसकी कहानी पूछी, तो उसने पहले तो मना किया. फिर धीरे-धीरे उसने पूरी सच्चाई बताई, वो लोग समस्तीपुर के रहने वाले थे और उसका बाप एक मज़दूर था, उसके दो भाई थे और वो सबसे बड़ी थी.
उसका बाप बहुत दारू पीता था और माँ भी एक दो घरो में बर्तन झाडू का काम करती थी. उसके भाई आवारा थे और चोरी चकारी करते थे और वो कभी जैल में तो कभी बाहर रहते थे कि अचानक एक दिन उसकी माँ मर गयी. फिर कुछ दिन के बाद उसका बाप एक औरत को अपने साथ रहने के लिए ले आया, वो कोई नाचने वाली थी. फिर उसकी उस नई औरत से दिनभर लड़ाई होती थी. फिर एक दिन वो उसके पड़ोस में रहने वाले एक लड़के के साथ पटना चली आई और वो लड़का उसे पटना में छोड़कर कहीं भाग गया, जिसे वो अपना पति कहती है और ये कहते-कहते वो रोने लगी और उसे गाली देने लगी.
फिर मैंने उससे पूछा कि अब कहाँ जाओगी? तो वो बोली पता नहीं, तो मैंने कहा कि तुम्हारे पास कुछ पैसे है? तो वो बोली नहीं है. फिर मैंने कहा कि तो क्या सोचा है? यहाँ तो लोग तुम्हें उठा ले जायेंगे. फिर वो बोली साहब में अकेली हूँ, बेसहारा हूँ, में क्या करूँ? अब ये सब सुनते-सुनते शाम हो गयी थी. फिर मैंने उससे कहा कि चलो कुछ खा लो भूख लगी होगी.
फिर में उसे लेकर उसी होटल में गया और मैंने उसे वहाँ खाना खिलाया. फिर मैंने उससे कहा कि देखो अगर तुम बुरा नहीं मानो तो तुम मेरे साथ चलो, तुम मेरे घर का काम कर दिया करना और वहीं रहना, बाकी तुम्हारी मर्ज़ी, लेकिन में यहाँ पटना में 3 दिन के लिए हूँ और मेरा घर वेस्ट बंगाल में है और वहाँ में अकेले रहता हूँ सोच लो. फिर वो बोली ठीक है साहब में चलूंगी, वैसे भी मेरा अब कोई ठिकाना नहीं है. फिर मैंने उससे कहा कि तीन दिन मेरे साथ होटल में रहोगी, तो वो बोली ठीक है.
फिर मैंने उससे कहा कि लेकिन लोगों को बोलना कि तुम मेरी पत्नी हो, तो वो बोली कि ठीक है. फिर मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे पास सिंदूर और मंगलसूत्र है क्या? तो वो बोली हाँ है. फिर मैंने उससे कहा कि चलो में तुम्हें कुछ कपड़े दिला देता हूँ. फिर में उसे लेकर एक दुकान में गया और उसे कुछ साड़ी और ब्लाउज दिलाया और कुछ सस्ते सूट और कुछ मैक्सी दिला दी. फिर में उसे लेकर स्टेशन आया, अब मुझे वो थोड़ी खुश लग रही थी.
फिर मैंने वेटिंग रूम में पहुँचकर उससे बोला कि तुम फ्रेश हो लो और नये कपड़े पहन लो, तो वो बोली कि ठीक है. फिर मैंने उसे शैम्पू और साबुन दे दिया. फिर वो अंदर बाथरूम में गयी और करीब आधे घंटे के बाद वो बाहर आई, वो साड़ी में क्या माल लग रही थी? बहुत सुंदर गोरा चेहरा और बाल सवरे हुए, अब वो बहुत सुंदर लग रही थी.
फिर मैंने उसे सैंडल दी, जो हमने खरीदी थी. फिर मैंने उसे मंगलसूत्र और सिंदूर लगाने को बोला, तो उसने अपने बैग से निकाला, तो मैंने देखा कि उसके बैग में दो चार गंदे कपड़े थे. फिर उसने सिंदूर लगा लिया और मंगलसूत्र पहन लिया. फिर मैंने उसे लिपस्टिक दी जो मैंने दुकान से ली थी. फिर उसने लिपस्टिक लगाई और अब वो बहुत सुंदर लग रही थी.
फिर मैंने उसे थोड़ा ध्यान से देखा तो उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी, लेकिन साड़ी मोटी होने के कारण पता नहीं चल रहा था. फिर मैंने उससे कहा कि तुम्हारा बैग बहुत गंदा है इसे फेंक दो, में तुम्हें नया दिला दूँगा, तो वो बोली कि ठीक है. फिर मैंने अपने बैग से उसे पर्फ्यूम निकालकर दिया और उसे लगा दिया.
फिर हम वहाँ से निकले और उसने अपना बैग फेंक दिया. फिर मैंने उसे एक पर्स दिलाया और अब मैंने उसके नये कपड़े अपने बैग में रख लिए थे. फिर मैंने एक फाईव स्टार होटल में जाकर गाड़ी रोकी. फिर हम होटल में घुसे और उसने शायद ऐसा होटल कभी सपने में भी नहीं देखा होगा, वैसे मुझे होटल का सारा पैसा सरकार से रिटर्न हो जाता था.
फिर मैंने उसे अपनी पत्नी बताकर एक रूम ले लिया और फिर में उसे लेकर कमरे में आ गया. फिर मैंने उससे पूछा कि तुम्हें मेरे साथ एक कमरे में रहने से कोई दिक्कत तो नहीं है ना, तो वो बोली नहीं. फिर मैंने उससे बोला कि तुम चाहों तो फ्रेश हो लो, में थोड़ी देर के बाद होऊंगा.
फिर वो अपने कपड़े माँगने लगी तो मैंने उसे उसके कपड़े निकालकर दिए. फिर उसने उसमें से एक नाईटी निकाल ली और लेकर अंदर चली गयी और फिर वो नाईटी पहनकर फ्रेश होकर आई. फिर में भी फ्रेश होकर नहाकर बाहर निकला. अब मैंने बाथरूम में जाकर मुठ भी मार ली थी. मैंने सोचा कि शायद रात को उसकी चूत मार लूँ.
फिर में बाहर आकर उससे बात करने लगा, अब वो बेड पर बैठी थी और में सोफे पर बैठा. फिर मैंने उससे पूछा कि कुछ खाओगी, तो उसने मना कर दिया. फिर हम बातें करने लगे तो उसने बताया कि वो लोग बहुत ग़रीब थे, लेकिन माँ की नौकरी के कारण खाना पीना ठीक मिल जाता था.
फिर मैंने उससे उसके पति के बारे में पूछा, तो वो बोली कैसा पति? साहब वो मुझे झूठ बोलकर लेकर आया था, साला मुझे यहाँ बेचने लाया था, बड़ी मुश्किल से बचकर निकली हूँ साहब. फिर मैंने उससे कहा कि उसने तुम्हारे साथ कुछ किया नहीं, तो वो बोली नहीं साहब वो साला तो नामर्द था, में अभी भी कुंवारी हूँ. फिर वो उसे गाली देने लगी. फिर मैंने सिगरेट निकाली और पीने लगा तो वो मुझे देखने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि सोनी तुम बेड पर सो जाओ और में सोफे पर सो जाता हूँ. फिर वो बोली कि नहीं साहब आप सोफे पर नहीं, में सो जाउंगी.
फिर में बेड पर आकर लेट गया और वो सोफे पर लेट गयी. फिर वो थोड़ी देर में सो गयी और में अपना काम करके सो गया. फिर अगली सुबह हम दोनों उठे. फिर मैंने उससे पूछा कि सोनी चाय पीओगी, तो वो बोली कि हाँ और फिर हमने साथ में चाय पी. फिर मैंने उससे कहा कि सोनी मुझे 11 बजे जाना है और में 5 बजे तक आ जाऊंगा, तुम यहीं रहना और कुछ चाहिए हो तो फोन करके मंगा लेना.
फिर में तैयार होने लगा. फिर मैंने उससे बोला कि जाओ तुम भी तैयार हो जाओ, तो वो गयी और 20 मिनट के बाद वापस आई. अब उसने नई साड़ी पहनी थी और अब वो कल से भी ज़्यादा सुंदर लग रही थी. फिर वो ड्रेसिंग टेबल के सामने जाकर तैयार होने लगी, आज वो बहुत सुंदर लग रही थी. फिर मैंने उसकी खूब सारी फोटों खींची. फिर हमने नाश्ता किया और वो बोली कि साहब एक बात बोलूँ, तो मैंने कहा कि क्या? तो वो बोली कि साहब मुझे कुछ पैसे दे दो, मुझे कुछ काम है तो मैंने उसे 500 रुपये दे दिए. फिर में वहाँ से चला गया.
फिर जब में शाम को आया तो मैंने देखा कि वो सोफे पर बैठकर टी.वी. देख रही थी. फिर मैंने उससे पूछा कि खाना खाया, तो वो बोली हाँ और फिर में चेंज करके आया. अब तक मैंने उसे हाथ भी नहीं लगाया था. फिर में फ्रेश होकर उसके पास बैठा तो मैंने देखा कि उसमें से एक अच्छी सी पर्फ्यूम की खुशबू आ रही थी.
फिर मैंने उससे बोला कि सोनी तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो, तो वो शर्मा गयी. फिर मैंने अपने फोन से उसकी कुछ फोटो खींची. फिर अचानक से मैंने अपना एक हाथ उसके कंधे पर रख दिया तो फिर वो मुझसे आकर चिपक गयी. अब में उसे किस करने लगा तो अब वो भी मेरा साथ देने लगी. अब मैंने उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया.
फिर मैंने उसकी साड़ी उतार दी. फिर उसका ब्लाउज खोल दिया, अब वो पिंक ब्रा में और पिंक पेंटी में थी, शायद उसने बाहर जाकर खरीदी थी. फिर मैंने अपने कपड़े भी खोल दिए. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और अपना लंड बाहर निकाल दिया और उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से रगड़ने लगा. फिर मैंने उसकी पेंटी को भी उतार दिया और मैंने देखा कि उसकी चूत शेव की हुई थी और गीली हो गयी थी. फिर मैंने उससे बोला कि मेरा लंड चूसो, तो वो थोड़ी हिचकिचाई, लेकिन मैंने उसके मुँह में अपना लंड डाल दिया. फिर वो अच्छे से मेरा लंड चूसने लगी.
फिर मैंने कंडोम पहन लिया और उसे अपने ऊपर बैठा लिया. फिर मैंने उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और अब वो उछल-उछलकर मज़े देने लगी. फिर मैंने उसे घोड़ी बनाकर उसकी चूत में अपना लंड डाला. फिर मैंने उसे 30 मिनट तक लगातार चोदा और फिर में झड़ गया. इस बीच वो कई बार झड़ी और उस रात हमने कई बार चुदाई की.
फिर वो मुझसे बोली कि साहब में हमेशा आपकी बनकर रहूंगी, आप मुझे कभी मत छोड़ना, में जिंदगीभर आपकी गुलाम रहूंगी और अब में बहुत खुश हुआ. फिर मैंने उससे पूछा कि पैसो का क्या किया? तो उसने अपनी ब्रा और पेंटी दिखाई और बोली कि शेव करने का लाई हूँ. फिर हमने साथ में डिनर किया. फिर अगले दिन हम बाहर घूमने गये और अब मैंने उसे कुछ ड्रेस दिलाई. फिर हमने वापस आकर फिर से चुदाई की और हमने पूरे दो दिन तक खूब मस्ती की. फिर उसने मुझे बताया कि में ही हूँ जो उसके साथ पहली बार सोया हूँ. फिर हम पटना से वेस्ट बंगाल आ गये और इस बार में अकेले नहीं बल्कि अपनी रखेल के साथ आया था. फिर घर आकर मैंने उसे फिर से चोदा और इस तरह वो पूरे दो साल तक मेरे पास रही.
गर्लफ्रेंड की भाभी ने मस्ती से चुदवाया
हैल्लो दोस्तों, ये कहानी इसी जनवरी की है. मेरे फ्लेट के पास वाले फ्लेट में मीनू भाभी रहती है, मेरा उनकी ननद शालू के साथ चक्कर चल रहा था और हम दोनों ने कई बार सेक्स किया था. हमारा चक्कर 2 साल से चल रहा था.
ये बात 30 जनवरी की दोपहर की है, जब मेरे घर में कोई नहीं था तो मैंने शालू को 11 बजे अपने घर बुला लिया कि आज पूरे दिन मस्ती करेंगे. फिर वो मेरे घर पर आई और जैसा मैंने प्लान किया था, में उस पर टूट पड़ा. अब में उसे सीधे ही बेडरूम में ले गया और उसको नंगा कर दिया. हम पहले भी कई बार सेक्स कर चुके थे, तो ये हमारे लिए कोई नई बात नहीं थी. अब उसको 2 बार चोदने के बाद हम बैठे हुए थे, तभी उसके फोन की घंटी बजी और अब उसकी भाभी उसे बुला रही थी, तो वो अपने कपड़े पहन कर अपने घर चली गयी.
फिर 2 बजे मीनू ने मुझे अपने घर पर लंच के लिए बुलाया, तो में वहाँ गया तो शालू वहाँ नहीं थी. फिर मैंने पूछा कि शालू कहाँ है? तो वो बोली कि तुझे उसकी बड़ी याद आती है तो में थोड़ा चुप हो गया. फिर वो मेरे पास आकर बैठ गयी और मेरी आँखो में देखकर बोली कि तुम दोनों सुबह क्या कर रहे थे? तो मैंने धीरे से कहा कि कुछ नहीं ऐसे ही खेल रहे थे.
फिर वो हंसते हुए बोली कि जैसे मुझे नहीं पता कि कौन सा खेल खेल रहे थे? तुम दोनों की इतनी आवाज़ आ रही थी, रूम तो ठीक से बंद कर लेते, में सब जानती हूँ ये जवानी के खेल. अब में थोड़ा सा डर गया था, लेकिन फिर सोचा कि अगर आवाज़ आ रही थी तो उन्होंने उस टाईम क्यों नहीं टोका? और जब हम दोनों अकेले है, तो ये बातें क्यों कर रही है?
फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए चान्स लिया और बोला कि आपको पता था तो उस टाईम क्यों नहीं टोका? तो वो हंसते हुए मेरे और पास आई और बोली कि तुझे क्या लगता है? अब मेरा हौसला बढ़ चुका था और अब में समझ चुका था कि भाभी के क्या इरादे है? अब मीनू मेरे एकदम पास आई और बोली कि शालू तुझे पूरे मज़े नहीं दे सकती है, वो अभी बच्ची है. में तुझे आज बताउंगी कि मज़े कैसे लेते है? फिर मीनू भाभी ने मेरे लंड पर हाथ रख दिया और उसे सहलाने लगी.
अब मेरा लंड भी एकदम खड़ा हो गया था और फिर मीनू ने मेरी पेंट की चैन खोलकर मेरे लंड को बाहर निकाल कर बोली कि तेरा तो काफ़ी बड़ा है, शालू की तो तू फाड़ ही देता होगा. फिर मैंने कहा कि शालू से ही पूछ लो, तो वो हँसकर बोली कि उससे क्या पूछना? मेरी फाड़कर दिखा, तो वो मुझे बेडरूम की बजाए किचन में ले गयी और मुझे किचन की गैस पट्टी पर बैठा दिया और फ्रिज से कुछ निकालने लगी.
फिर वो थोड़ी देर में जेम और बटर लेकर आई, तो मैंने कहा कि ब्रेड खाओगी क्या? तो वो हँसने लगी और थोड़ा जेम और बटर मेरे लंड पर लगाने लगी. फिर मैंने उससे पूछा कि ये क्या कर रही हो? तो बोली कि बस देखते रहो. अब मीनू ने मेरे लंड पर पूरी तरह से जेम और बटर लगा दिया और फिर उसे चाटने लगी. अब वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी कि मुझे आनंद आने लगा था.
फिर 10 मिनट तक वो ऐसे ही मेरे लंड को चूसती रही और फिर मैंने उसके मुँह में अपने लंड को झाड़ दिया. अब वो पूरा जेम बटर और सफेद पानी पी गयी और फिर सब कुछ साफ़ करने के बाद वो बोली कि मेरा तो लंच हो गया, तू क्या खायेगा? फिर उसने अपना पेटीकोट ऊपर किया और अपनी चूत के दर्शन कराए.
वैसे मीनू दिखने में बहुत सेक्सी नहीं थी और उसका कलर भी थोड़ा गहरा था, तो मैंने उसके बारे में कभी ऐसा नहीं सोचा था. खैर अब मेरे सामने चूत थी तो छोड़ता कैसे? उसने अपनी चूत को एकदम साफ कर रखा था, उसकी चूत पर एक बाल का भी नामो निशान नहीं था, काली चूत में गुलाबी दरार एकदम मस्त लग रही थी.
अब मीनू ने फिर से जेम और बटर लेकर अपनी चूत पर और अंदर लगा लिया और हंसते हुए बोली कि ये रहा तेरा लंच. मैंने पहले कभी चूत नहीं चाटी थी, लेकिन मैंने हिम्मत करके चूत चाटना शुरू कर दिया और अब में जैसे-जैसे चाटने लगा तो वो और मदमस्त होने लगी थी. अब में भी मस्त हो चुका था और मैंने उसके सारे कपड़े फाड़ दिए.
मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और अब हम दोनों पूरे नंगे थे. फिर 10 मिनट तक चूत चाटने के बाद उसने भी अपना पानी छोड़ दिया. फिर वो बोली कि मज़ा आया या नहीं, तो वो बोली कि पहली बार चूत चाटी है ना, तो मैंने कहा कि हाँ पहली बार है, लेकिन पूरा मज़ा आ गया. अब वो खड़ी हुई और रोटी बनाने लगी. फिर हमने 3 बजे के करीब खाना खाया और इस पूरे टाईम हम दोनों पूरे नंगे ही थे.
फिर 3:30 बजे के करीब वो मुझे अपने बेडरूम में लेकर गयी और बोली कि तैयार हो. फिर मैंने कहा कि हाँ तो वो बोली कि बेड पर लेट जाओ और वो मेरे ऊपर उल्टी लेट गयी, मतलब मेरा लंड उसके मुँह में और उसकी चूत मेरे मुँह में थी, मतलब अब हम 69 पोज़िशन में आ गये थे.
फिर में उसकी चूत में उंगली करने लगा और वो मेरा लंड चूसने लगी, वैसे उसके दो बच्चे थे, लेकिन उसकी चूत फिर भी काफ़ी टाईट थी. अब मैंने मज़े लेते हुए कहा कि शालू की चूत तेरे से टाईट है तो वो हंसते हुए बोली कि अभी पता चलेगा कि ज्यादा मज़े कौन लेगा? उसके बूब्स भी काफ़ी बड़े थे और एकदम ढीले थे. अब में बैठ गया और उसके बूब्स से खेलने लगा और उसकी चूचीयों को चूसने लगा. अब उसकी चूचीयां भी खड़ी हो गयी थी और निपल भी टाईट हो गये थे.
अब में उसकी चूचीयों को चूसता रहा और वो मदमस्त होती रही. फिर थोड़ी देर के बाद वो बोली कि अब बस इस लंड को मेरी चूत में डालकर मेरी प्यास बुझा दो.
फिर मैंने कहा कि कंडोम दो, तो वो कहने लगी कि ऐसे ही चोदो, लेकिन मैंने साफ कह दिया कि बिना कंडोम नो सेक्स, तो फिर वो उठी और अपनी अलमारी से कंडोम निकाला. फिर मैंने कंडोम अपने लंड पर चढ़ाया और अब में एकदम तैयार था. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाला तो वो काफ़ी टाईट थी, मानो जैसे शालू की ही चूत हो. फिर मैंने 5-7 धक्के मारे तो भाभी कराहने लगी. फिर मैंने कहा कि भैया ने कब से इस चूत के दर्शन नहीं किये है?
वो बोली कि 3 महीने से, क्योंकि वो इंडिया के बाहर गये हुए थे. फिर मैंने शरारत करते हुए ज़ोर से उसकी चूचीयां खींची, तो वो एकदम करहा उठी. अब वो एकदम मस्त हो चुकी थी और अब मेरा लंड भी एकदम तन गया था. अब में जैसे जैसे अपने धक्को की स्पीड तेज कर रहा था तो मीनू की कराहने की आवाज़ भी तेज होती जा रही थी. अब उसका चेहरा देखकर ही लगता था कि मानो उसको लंड दर्शन काफ़ी टाईम के बाद हुए है.
अब में पूरे ज़ोर से धक्के मारने लगा और वो कहती जा रही थी और ज़ोर से और ज़ोर से. अब में धक्के मारता रहा और वो कराहती रही. फिर थोड़ी देर के बाद मुझे लगा कि मीनू ने पानी छोड़ दिया है और वो शांत हो चुकी थी, लेकिन में अभी तक झड़ नहीं पा रहा था. अब में नीचे लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड को अपनी चूत में डालकर ज़ोर-ज़ोर से उछलने लगी.
अब वो ऐसे उछल रही थी कि ना जाने उसे क्या मिल गया हो? अब वो उछले जा रही थी और में बस अब झड़ने वाला ही था, लेकिन वो उछले ही जा रही थी. फिर मैंने उससे कहा कि अब थोड़ा रूको, मेरी बैटरी तो चार्ज होने दो. अब हम दोनों झड़ चुके थे और थोड़ा आराम करना ज़रूरी था, लेकिन अब मीनू तो मानो पागल ही हो चुकी थी, वो पता नहीं कितने दिनों के बाद सेक्स कर रही थी.
अब करीब 4:30 बज चुके थे, तो फिर वो बोली कि 5 बजे शालू भी आ जायेगी, तो मैंने कहा कि उसे भी ले लेंगे. तो उसने मुझे धक्का दिया और बोली आज नहीं, अभी तुम बस मेरे हो और मेरे लंड को फिर से चूसने लगी. फिर मैंने कहा कि बस कर थोड़ा ब्रेक दे और कॉफी बनाकर ला, तो फिर उसने कॉफी बनाई और हमने कॉफी पी. अब वो फिर से तैयार खड़ी थी और इस बार वो मुझे बाथरूम में लेकर गयी और उसके यहाँ बाथरूम टब था.
फिर उसने उसमें पानी भरा और फिर से मेरे लंड को चूसने लगी. अब लंड का क्या है? साला फिर से खड़ा हो गया और इस बार मैंने उसे डॉगी स्टाइल में चोदा. अब 5 बज चुके थे और शालू के आने का टाईम भी हो चुका था. फिर मीनू ने मुझसे वादा किया कि जल्द ही वो में और शालू एक साथ एक ही बिस्तर पर होंगे, इस वादे के साथ में अपने फ्लेट में चला गया.
फिर 7 बजे मेरे फ्लेट की घंटी बजी और अब शालू मेरे सामने थी. फिर मैंने सोचा कि साले लंड की तो आज आफ़त है, आराम ही नहीं मिल रहा है, लेकिन अब में एकदम थक चुका था तो मैंने शालू से कहा कि आज रात यहीं सो जा और रात में मस्ती करेंगे.
फिर उसने कहा कि भाभी नहीं मानेगी, तो मैंने कहा कि उनसे कहना कि पड़ाई करनी है. उसे क्या पता था कि आज उसकी भाभी कुछ मना नहीं करेगी?
फिर हम दोनों उसके घर गये और उसकी भाभी से कहा कि आज हम देर रात तक पड़ाई करेंगे. फिर भाभी ने हँसते हुए हाँ कर दी और शालू अपनी बुक्स लेने और चेंज करने अपने रूम में चली गयी तो भाभी मेरे पास आई और मुझे किस किया और बोली कि आज वाकई पहली बार पूरा मज़ा आया है, तो मैंने कहा कि शालू चाहती है कि हम सेक्स करें, लेकिन तुमने तो मुझे पूरा निचोड़ दिया है, तो मीनू बोली कि चिंता मत करो और फिर वो किचन में गयी और मुझे एक गोली दे दी और बोली कि सेक्स के 2 घंटे पहले खा लेना और मज़े देखना.
फिर में शालू को अपने फ्लेट में ले गया और उससे कहा कि आज पूरी नाईट हम दोनों नंगे ही रहेंगे. फिर उस रात हम दोनों नंगे ही रहे और हमें खूब मौज मस्ती की.
पुणे में अपनी कॉलेज दोस्त की ठुकाई
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम जीवन है और में एक बार फिर से आप सभी को अपना एक सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ, जिसको पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा. दोस्तों यह करीब एक साल पहले की बात है जब मैंने पुणे में एक बहुत अच्छे कॉलेज में अपना एडमिशन ले लिया था.
तब मैंने पहली बार जाकर देखा कि मेरी क्लास में एक बहुत मस्त लड़की थी, जिसको देखकर में उसकी तरफ पूरी तरह से आकर्षित हो चुका था, क्योंकि दोस्तों वो दिखने में एकदम मस्त सेक्सी माल थी, उसकी हाईट 5.3, लम्बे काले बाल, काली आखें, वो एकदम गोरी, उसके गुलाबी रसीले होंठ, उसकी वो पतली कमर और उसके बूब्स तो एकदम उभरे हुए थे, जिनको देखकर मेरा मन करता कि अभी पकड़कर उनको चूस लूँ और अपनी प्यास बुझा लूँ, वो बहुत सुंदर थी और उसका नाम मनीषा था.
दोस्तों मेरे कॉलेज के सभी लड़के उस पर लाईन मारा करते थे, लेकिन में तो उस समय थोड़ा सा शर्मीले स्वभाव का था, इसलिए में बिल्कुल चुप रहता था, लेकिन में अपनी चोर नजर से हमेशा बस उसी को देखा करता था और हमारे कॉलेज के पहले सेमेस्टर तक कुछ ही महीनों में हमारी एक दूसरे से बहुत अच्छी जान पहचान और उसके बाद बहुत अच्छी दोस्ती भी हो गई थी.
हम अब एक दूसरे से हर एक बात करने लगे थे और हम दोनों के बीच अब कुछ भी छुपा हुआ नहीं था, वो मुझसे बहुत खुलकर बातें करने लगी थी और इसलिए में भी उससे कभी कभी दो मतलब वाली बातें कह दिया करता था, जिनका मतलब वो बहुत आसानी से समझ जाने के बाद भी जानबूझ कर मेरे सामने बिल्कुल अंजान बनी रहती थी.
एक दिन उससे बातें करने पर मुझे पता पता चला कि उसका एक बॉयफ्रेंड है, जो इस समय मुंबई में रहता है और वो बहुत मजबूरी में अपनी पढ़ाई को पूरा करने के लिए यहाँ पर पूना में रहने आ गई है, वो बार बार अपने उस बॉयफ्रेंड को याद करती और मुझे उसकी बातें, उसके साथ बिताए वो पल अपनी आप बीती घटनाए सुनाती, तो में भी कभी कभी तुरंत उसकी बात को बीच में काटकर उससे मजाक ही मजाक में कह देता कि कोई बात नहीं में भी किसी के बॉयफ्रेंड से कम हूँ क्या? और वो मेरी यह बात सुनकर तुरंत हंस जाती और फिर ऐसे ही दिन बितने के साथ साथ धीरे धीरे उसे पता चल गया था कि में भी उस पर लाईन मार रहा हूँ, क्योंकि में हर कभी मौके मिलते ही उसके गदराए बदन, सुंदर चेहरे और फिगर की उसके सामने तारीफ करता और उसे छूने की नाकाम कोशिश करता और फिर में उससे कहता था कि उसके बॉयफ्रेंड को उसकी जरा सी भी परवाह नहीं है, उसकी जगह अगर में होता तो में उससे मिलने हमेशा मुंबई से यहाँ पर आ जाता.
दोस्तों में दिखने में बिल्कुल ठीक-ठाक मेरी हाईट 5.8 और में एकदम अच्छा दिखने वाला बंदा हूँ कि किसी भी लड़की का मुझ पर दिल आ ही जाएगा. अब वो भी मेरी बातें, हंसी मजाक करने की आदत, मेरे चेहरे को देखकर मेरी तरफ आकर्षित होकर वो भी मुझ पर लाईन मारने लगी थी, क्योंकि उसे भी अब किसी के साथ की ज़रूरत थी और वैसे भी दोस्तों एक बार अगर किसी लड़की को बॉयफ्रेंड की आदत पड़ जाए तो वो बहुत आसानी से नहीं छूटती है.
एक दिन उसने मुझसे कहा कि मुझे कहीं घूमने जाना है. मैंने यहाँ पर कभी कुछ नहीं देखा है और मुझे बाहर घूमना फिरना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर में मन ही मन बहुत खुश था, क्योंकि मुझे भी उसके साथ घूमने फिरने का मौका चाहिए था और में बहुत दिनों से इस मौके की तलाश में था, लेकिन में थोड़ा भाव खाने नाटक करने के बाद मान गया और उसे में रविवार के दिन अपनी बाईक पर ले जाने के लिए उसके होस्टल के दरवाजे पर एकदम तैयार होकर उसके बताए ठीक समय पर पहुँच गया.
वो मुझे पहले से ही दरवाजे पर बाहर खड़ी मिली, शायद वो भी मेरी तरह मेरा इंतजार कर रही थी और उसको उस समय देखकर मेरा तो लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया, क्योंकि उसने उस समय पीले कलर की गहरे गले वाली टॉप पहनी हुई थी, जिसमें से उसकी छाती के बीच की दरार साफ दिख रही थी और उसके वो बड़े आकार के उभरे हुए गोरे गोरे बूब्स बहुत ही टाईट दिख रहे थे, जिनको देखकर में अपने लंड के साथ साथ अब पागल हुआ जा रहा था. उसने नीचे काले रंग की जींस पहनी हुई थी. दोस्तों माँ कसम से वो उस बिल्कुल कयामत लग रही थी, मेरी नजर उस पर से बिल्कुल भी हटने को तैयार नहीं थी और मेरी इच्छा तो उसे अपने घर पर ले जाकर उसी समय उसकी जमकर चुदाई करने की हो रही थी, लेकिन में मजबूर था.
फिर मैंने कुछ देर बाद उसे घूरना बंद करके उससे कहा कि आज तो तुझे देखकर मेरा किसी दूसरी जगह जाने का मूड कर रहा है, तुझे देखकर तो मेरा मन अब कहीं और लगना ही नहीं चाहता और ना चाहते हुए भी मेरी नजर बार बार तुझ पर आकर अटक रही है और अब तू ही मुझे बता में क्या करूं? तो उसने एक शरारती स्माईल देकर मुझे पीठ पर धीरे से मारा और फिर उसने मुझसे बदमाश कहा और बाईक पर बैठते ही उसने तुरंत मेरे पैरों पर अपना एक हाथ रख दिया और अब वो मेरी कमर पर आगे की तरफ झुककर मुझसे बातें करने लगी, जिसकी वजह से मैंने महसूस किया कि उसके एकदम गोल, मुलायम बड़े आकार के बूब्स मेरी पीठ पर दबने लगे थे और अब उस वजह से मेरी तो सांसे बहुत तेज हो गई थी और फिर अपनी मंजिल पर पहुंचते ही मैंने अपनी बाईक को स्टेंड पर लगा दिया और फिर तुरंत उसके पास आकर मैंने उसका नरम मुलायम गोरा हाथ अपने हाथ में ले लिया और अब में उसका हाथ पकड़कर धीरे धीरे उसके साथ चलाने लगा था.
तभी वो अचानक से रुक गई और वो अब हंसते हुए मुझसे बोली कि क्यों मन में क्या चल रहा है? में देख रही हूँ कि तुम आज बहुत खुश नजर आ रहे हो, क्यों तुम्हारे इरादे तो मेरे लिए आज नेक है ना? तो मैंने उससे कहा कि मेरी गर्लफ्रेंड है, में उसके साथ कुछ भी करूं, लेकिन तुझे उससे क्या समस्या है? दोस्तों मैंने उससे इतना सब कुछ कहा, लेकिन उसने मुझसे कुछ भी ना कहा और मुझे उसकी उस हरकत को देखकर अब आगे बढ़ने का मौका मिल गया और मैंने आगे बड़ते रहने का निर्णय लिया.
फिर उससे यह बात कहते हुए मैंने अचानक से उसका हाथ छोड़ दिया और अब मैंने उसको अपने करीब खींचते हुए उसके एक हाथ को अपने कंधे पर हाथ डाल लिया और वो भी अब हंसते हुए मेरे साथ चलने लगी. फिर कुछ देर चलने के बाद दोस्तों मैंने उस सही मौके का पूरा पूरा फ़ायदा उठाते हुए तुरंत उसकी मटकती हुई कमर को पकड़ लिया और अपनी तरफ खींचकर अपने पास जिस टेबल पर में बैठा हुआ था. मैंने उसे भी बैठा दिया और वो लड़खड़ाती हुई मुझ पर आ गिरी और मैंने उसको अपना सहारा देकर बैठा दिया.
दोस्तों मैंने उसके साथ इतना सब कुछ आज पहली बार किया था, इसलिए में उस समय बहुत उत्साहित था और फिर से मैंने उसके कंधे पर अपना एक हाथ रख दिया और अब मैंने जानबूझ कर अपने हाथ को थोड़ा नीचे की तरफ सरका दिया, जिसकी वजह से अब मेरा हाथ उसके एक बूब्स पर था और माँ कसम दोस्तों में उसके बूब्स के निप्पल को भी उस समय महसूस कर रहा था. तभी मैंने धीरे से उसके बूब्स को छूकर सहला दिया तो उसने मेरे हाथ पर थप्पड़ मारा और शांत रह गई, लेकिन में अब थोड़ी ना शांत बैठने वाला था.
मैंने अपना काम जारी रखा तो वो अब मुझसे बोली कि चुपचाप बैठो ना क्या पागलों जैसी हरकते कर रहे हो? तब मैंने उससे कहा कि तुम बहुत सुंदर लग रही हो, तुमसे मेरी नज़र हट नहीं रही है, तुझे देखकर मेरे अंदर आग लग गयी है और अब उसे बुझाने के लिए थोड़ा सा तो करना चाहिए ना और तभी उसने मुझे दोबारा पागल कह दिया और वो एक बार फिर से हंसने लगी.
दोस्तों मुझे अब मेरी मंज़िल बहुत नज़दीक दिखाई दे रही थी. मैंने फिर से उसके कंधे पर अपना एक हाथ रखकर उसके बूब्स पर हाथ रखते हुए उससे कहा कि मनीषा तेरे बूब्स तो बड़े मस्त है यार, उन्हें एक दिन बहुत जमकर चूसना है और में उस दिन तेरा सारा दूध पी जाऊंगा और अब उसके तने हुए निप्पल को मैंने अपने अंगूठे से थोड़ा ज़ोर से दबा दिया, जिसकी वजह से उसने अचानक से अपने मुहं से आहहह की आवाज़ निकाली और अब वो मुझसे कहने लगी कि तुम चुपचाप बैठो, यह कोई मस्ती करने की जगह नहीं है, यहाँ पर सभी लोग आसपास घूम रहे है, थोड़ी तो शर्म करो.
फिर मैंने बूब्स का हाथ उठाकर नीचे उसकी जाँघ पर रख दिया और धीरे धीरे से उसे सहलाता गया और फिर मैंने सही मौका देखकर उसकी चूत पर कपड़ो के ऊपर से अपना हाथ रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा, जिसकी वजह से उसकी सांसे फूल गयी थी, उसने मुझे मना किया. फिर में भी बिल्कुल शांत रह गया और तभी अचानक से उसने मुझसे कहा कि हम ग़लत कर रहे है, में यह सब नहीं कर सकती, मेरी इस दोस्ती का तुम आज बहुत ग़लत फ़ायदा उठा रहे हो और में तुमसे कुछ भी नहीं बोल रही हूँ तो तुम मेरे साथ कुछ भी करोगे क्या? तुझे तो सिर्फ़ मुझे चोदना ही है ना, तेरी दोस्ती देखने के लिए ही मैंने यह सब नाटक किया था.
दोस्तों उसके मुहं से यह सब कुछ सुनते ही मेरा माथा सटक गया और मैंने भी उससे सच सच कहा कि मुझे तो तू बहुत पहले से ही पसंद थी और मैंने कभी तुझे दोस्त जैसा नहीं समझा, क्योंकि तू माल ही ऐसी है तो तुझे चोदने वाला ही अहसास तो मुझे क्या हर किसी को आएगा ही ना, इसमें मेरी ग़लती क्या है? चल अब जाने दे और अब में भी चलता हूँ और मैंने उसे हमारे कॉलेज के दरवाजे पर छोड़ दिया और फिर मैंने उससे सॉरी बोलकर में वहां से निकल आया.
फिर उसके बाद में दो तीन दिन तक अपने कॉलेज ही नहीं गया. उसके बाद एक दिन उसने मुझे कॉल करके मुझसे पूछा कि तुम कॉलेज क्यों नहीं आ रहे हो? तो मैंने भी उससे झूठ कह दिया कि मेरी तबियत खराब है और में अगले दिन भी कॉलेज नहीं गया, वैसे भी वो मेरे एग्जाम के बाद का टाईम चल रहा था तो इसलिए कॉलेज में जाने में इतना मज़ा नहीं था और उसे मुझे किसी भी हाल में उसको एक बार जरुर चोदना था तो इसलिए मुझे थोड़ा सा नखरा तो दिखाना ही पड़ेगा ना और में करीब एक सप्ताह के बाद में अपने कॉलेज चला गया.
फिर उसने मुझसे हाए कहा, लेकिन मैंने जानबूझ कर उसकी तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और अब में अपने दूसरे दोस्तों से बहुत हंस हंसकर बातें करने लगा. फिर वो कुछ देर बाद मेरे पास आकर खड़ी हो गई और उसने मुझसे कहा कि मुझे तुमसे कुछ बात करनी है और तुम अभी इसी वक्त मेरे साथ चलो. फिर में उसके साथ चला गया और हम दोनों पास ही की एक बेंच पर बैठ गये. तभी उसने मुझसे कहा कि प्लीज तुम मुझे माफ़ कर दो, मुझे तुम्हारा इस तरह से दिन नहीं दुखाना चाहिए था, लेकिन में बहुत मजबूर हूँ, हम ऐसे कभी नहीं कर सकते, क्योंकि मेरा एक बॉयफ्रेंड है.
फिर मैंने भी तुरंत उससे कहा कि अब जब तक तू मुझे अपना बॉयफ्रेंड नहीं कहती, में तब तक तुझ से बात नहीं करूँगा और फिर में वहां से निकल आया. उसी रात को उसने व्हाट्सअप पर हाए मेरे जानू क्या तुम अपनी गर्लफ्रेंड से बात नहीं करोगे? यह सब लिखकर मेरे एक मैसेज भेज दिया. मैंने उसे देखा जरुर, लेकिन मैंने उसका कोई भी जवाब नहीं दिया. फिर कुछ देर बाद उसने एक बार फिर से मैसेज किया कि मुझे बहुत बोर लग रहा है, प्लीज जानू तुम मुझसे बात करो ना.
फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन पहले हम कल कॉलेज में मिलते है बाय और में ऑफलाइन चला गया. फिर दूसरे दिन में अपने कॉलेज पहुंचकर अपने दोस्तों से बातें करने लगा. तभी उसने मुझे देख लिया और वो तुरंत मेरे पास आ गई और उसने मुझसे हाए कहा और मैंने भी उससे हैल्लो कहा. फिर वो मुझसे बोली कि चलो ना हम कोई फिल्म देखने चलते है, शायद उससे हम दोनों का मूड बिल्कुल ठीक हो जाएगा. अब मैंने भी कुछ देर सोचकर उससे कहा कि ठीक है और हम फिल्म देखने चले गये और हम दोनों वहां पर चले गये.
कुछ देर फिल्म देखने के बाद उसमे एकदम हॉट सीन चलने लगा था, जिसको देखकर मेरा लंड अब खड़ा होने लगा था और में धीरे धीरे जोश में आने लगा था. फिर मैंने तुरंत अपना एक हाथ उसकी गोरी, गरम, मुलायम जाँघ पर रखकर हल्के से मसलना शुरू किया, वो भी अब मुझे चोर नजर से देख रही थी और हमारे पास में कुछ लड़के बैठे हुए थे, वो उसके गोरे सेक्सी बदन को देखकर गलत गलत बातें बोलने लगे थे.
फिर हम दोनों आधी फिल्म देखकर ही बाहर आ गये. मैंने उसे अपनी बाईक पर पीछे बैठने को कहा और वो झट से मेरे पीछे बैठ गयी, में अपनी गाड़ी को सीधा अपने फ्लेट पर ले गया और वो चुपचाप मेरे पीछे बैठी रही. मैंने जब अपने रूम का दरवाजा खोला तो वो देखकर मुझसे बोली कि वाह यह तुम्हारा फ्लेट है, यह तो बहुत अच्छा है? तो मैंने उससे कहा कि यह मेरा नहीं किराए का है, लेकिन हमारे लिए बहुत है और इतना कहकर मैंने तुरंत उसके दोनों हाथों को पकड़कर दरवाजे से लगाकर उसे किस करना शुरू किया और किस करते वक्त मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर में डालकर उसे वहां से घुमा दिया और फिर मैंने उसकी पीठ को दीवार से लगा दिया. उसके साथ यह सब करना अब मेरा एक सपना भी था और आज में कैसे भी अपने सपने को पूरा करना चाहता था, चाहे अब मुझे उसके साथ कुछ भी करना पड़े.
अब मैंने अपने दोनों हाथ उसके बूब्स पर रख दिए और बहुत धीरे धीरे दोनों बूब्स को में सहलाने लगा और उसके कान पर, गाल पर, गले पर में किस करने लगा और उसे चूमने, चाटने लगा और साथ साथ उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने, निचोड़ने लगा था, जिसकी वजह से उसकी सांसे अब बहुत तेज हो रही थी और उसने अपने एक हाथ से मेरे सर के बालों को बहुत ज़ोर से दबा रखा था, वो पूरी तरह से जोश में आकर गरम हो चुकी थी और अब वो धीरे धीरे मोन करने लगी थी.
फिर मैंने तुरंत मौके का फायदा उठाते हुए उसका टॉप उतार दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को में काटने लगा था और अब मैंने एक हाथ उसकी पेंट में डाल दिया और फिर में अपनी दो उँगलियों को उसकी चूत में डालने लगा था और उसकी चूत को धीरे धीरे सहलाने लगा था, उसकी चूत तो अब तक जोश में आकर पूरी गीली हो चुकी थी और उस वजह से वो ज़ोर ज़ोर से उह्ह्हह्ह आअहह्ह्ह् करने लगी.
अब मैंने उसकी पेंटी को भी उतार दिया और में खुद भी पूरा नंगा हो गया. उसने मेरे लंड को देखा तो वो मुझसे बोली कि यह तो बहुत बड़ा है, में इसे कैसे ले सकती हूँ? नहीं में ऐसा नहीं कर सकती. अब तुम मुझे छोड़ दो, इससे मुझे बहुत दर्द होगा, में मर जाउंगी, प्लीज तुम मेरे बॉयफ्रेंड का तुमसे बहुत छोटा है, तुम्हारा तो बहुत मोटा है, मुझे तो इसको देखकर अब डर भी लगने लगा है. फिर मैंने उससे कहा कि आज तो तू मेरे केले का मज़ा चख ले और फिर मैंने उसे अचानक से बेड पर धकेल दिया और में अब उस पर टूट पड़ा. मैंने उसके दोनों बूब्स को हाथ में ले लिए और उसके एक पैर को मोड़कर ऊपर किया और मैंने अब उसकी चूत का रस से अपने लंड को नहलाया तो वो चमकने लगा था. फिर लंड को उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और एक जोरदार धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर चला और वो एकदम ज़ोर से चिल्ला उठी.
मैंने तुरंत अपना एक हाथ उसके मुहं पर रख दिया और अब मैंने अपने धक्को को ज़ोर ज़ोर से बढ़ा दिया था और वो मुझे गाली देने लगी साले, कुत्ते, हरामी क्या तूने कभी किसी को चोदा नहीं क्या? उफ्फ्फ्फफ्फ् प्लीज थोड़ा आह्ह्हह्ह धीरे धीरे से चोद ना आईईईइ क्या तू आज मेरी चूत को फाड़ ही देगा क्या? स्सईईईईईईईइ माँ मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
दोस्तों मैंने उसकी बिना सुने अपने धक्के लगातार जारी रखे और कुछ देर बाद मेरे साथ साथ अब वो भी बहुत मज़ा ले रही थी. करीब बीस मिनट के बाद में झड़ गया और मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत के अंदर ही डाल दिया और मैंने महसूस किया कि वो तो अब तक करीब दो बार झड़ चुकी थी और वो अब बहुत थककर चूर हो चुकी थी, लेकिन फिर भी मैंने उसे उल्टा लेटा दिया और अब में उसकी गांड को चाटने लगा.
फिर उसे तुरंत समझ में आ गया कि अब उसकी गांड की बारी है और में अब उसकी गांड को भी चोदना, फाड़ना चाहता हूँ और उस दर्द की वजह से वो अब मुझसे ना ना करके मना करने लगी. उसने मुझे दो तीन बार धक्के देकर मुझे दूर हटाने की कोशिश भी की, लेकिन मैंने उसकी एक भी बात पर बिल्कुल भी ध्यान ना देते हुए उसे बहुत दबाकर रगड़ा और उसकी गांड को चाटकर साफ किया और उसकी चूत का रस अपने लंड पर लगा लिया और फिर अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और फिर सही मौका देखकर मैंने तुरंत एक ज़ोर का धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड उसकी गांड को चीरता हुआ अंदर जा पहुंचा, लेकिन उसने थोड़ा सा अंदर जाते ही तहलका मचा दिया और वो अब मुझसे छूटने के लिए तड़पने लगी चीखने, चिल्लाने लगी, लेकिन मैंने उसकी कमर को बहुत कसकर पकड़ा हुआ था, जिसकी वजह से वो कुछ ना कर सकी.
फिर मैंने उसे एक और धक्का लगा दिया और तब मैंने महसूस किया कि उसकी गांड को मारना तो बहुत दूर की बात थी, उसको किसी ने छुआ तक भी ना था. मैंने पूरे ज़ोर से उसकी गांड मारी तो वो अब बस करो प्लीज, अब छोड़ दो मुझे, उफ्फ्फ्फ़ माँ में मर जाउंगी, मुझे बहुत दर्द हो रहा है करके लगातार चिल्ला रही थी. दोस्तों करीब 25 मिनट के धक्कों के बाद मैंने अपना लंड उसकी गांड से बाहर निकाल लिया और तुरंत उसके मुहं में डालकर मैंने उसको अपना सारा वीर्य पिला दिया और उसके तो अब तक पूरे होश ही उड़ गए थे और वो बिल्कुल बेहोश सी होकर बेड पर वैसे ही पड़ी रही और में भी उससे लिपटकर उसे अपनी बाहों में लेकर सो गया.
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