रूबी की चूत का फालूदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम प्रीत है और मेरी उम्र 21 साल है. दोस्तों मैंने अब तक बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है, जिनको पढ़कर मुझे बहुत अच्छा. अब में कहानी को शुरू करने से पहले अपना परिचय भी करवा देता हूँ, दोस्तों में एक व्यापारी हूँ और में चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ और यह घटना मेरे साथ एक सेल्स करने वाली भाभी जो की एक प्राइवेट कंपनी में काम करती है जिसका नाम रूबी है उसके साथ कुछ समय पहले घटित हुई थी.
यह मेरा रूबी भाभी के साथ पहला सेक्स अनुभव था जिसके हम दोनों ने बहुत मज़े लिए. दोस्तों रूबी भाभी दिखने में बहुत सुंदर और उनके फिगर का आकार 36-32-36 था जो मुझे उनकी चुदाई करने के बाद उनसे पता चला. में उनको देखता ही रह गया और मेरी नजर उनके गदराए बदन से हटने को तैयार ही नहीं थी. में पहली बार उनको देखकर उनका दीवाना हो चुका था, क्योंकि वो बहुत हॉट सेक्सी थी और मैंने उनसे उनका फोन नंबर ले लिया और अपना नंबर उनको दे दिया.
फिर उसके बाद धीरे धीरे हमारी फोन पर बातें शुरू हो गई और मैंने उससे बहुत दिनों तक लगातार बात की. वो भी अब मुझसे खुलकर बातें करने लगी थी और हमारे बीच हंसी मजाक ऐसे ही चलता रहा और उसके बाद एक दिन मैंने उससे बोला कि मुझे आपसे मिलना है तो कुछ देर बाद सोचकर मुझे उसकी तरफ से हाँ का जवाब मिला और फिर में उनसे मिलने चला गया फिर हमारी बातचीत हुई और धीरे धीरे प्यार हो गया.
दोस्तों वो मुझसे उम्र में करीब 4 साल बड़ी है और उसका एक बेटा भी है और सबसे जरूरी बात उसका पति एक नंबर का नशेड़ी है जिसने उसको शुरू से ही बहुत दुखी किया वो उससे बिल्कुल भी खुश नहीं थी, लेकिन वो अपनी मजबूरी की वजह से उसके साथ रह रही थी और रूबी ने उसके साथ पिछले तीन साल से सेक्स नहीं किया था, क्योंकि वो हर रात को देरी से आता और हमेशा नशे में होता था. उसके पति ने कभी भी उसको चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट नहीं किया था और वो अपने पति से बहुत परेशान थी.
दोस्तों यह सभी बातें मुझे उससे मिलने के बाद खुद उसके मुहं से पता चली और अब में उससे हर रोज़ मिलता और फिर हम दोनों धीरे धीरे एक दूसरे की तरफ आकर्षित होते रहे. फिर हम रोज़ मौका देखकर हर कभी स्मूच करते और कुछ टाइम बाद में उसके बूब्स चूसता और उसकी चूत में ऊँगली भी करता.
एक दिन उसका जन्मदिन था और उस दिन उसने अपने ऑफिस से छुट्टी ली हुई थी और फिर हम दोनों बाहर घूमने निकल पड़े और जब वो गाड़ी में बैठने लगी तो में उसको घूर घूरकर देखने लगा क्योंकि उसने काले कलर का सूट पहना हुआ था जिसमें वो बहुत ही हॉट सेक्सी लग रही थी और बैठते ही मैंने उसको अपनी तरफ से जन्मदिन की बधाईयाँ दी और उसको स्मूच किया और बूब्स को भी दबाने लगा. फिर हम निकल पड़े और वहां पर हमने एक अच्छी सी होटल में एक रूम लिया और फिर हमने सबसे पहले केक काटा. उसके बाद हम दोनों बैठकर बातें करने लगे और एक बार फिर से स्मूच किया अब हमे रोकने वाला कोई नहीं था.
मैंने उसके बूब्स को उसके सूट के ऊपर से बहुत मज़े लेकर दबाए. फिर उसने मेरी पेंट के ऊपर से मेरा लंड पकड़ लिया और धीरे धीरे सहलाने लगी. मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ फिर मैंने उसके कपड़े उतारे और मैंने देखा कि वो काली कलर की ब्रा, पेंटी में थी और उसने मुझे हग किया हुआ था और उसके बूब्स ब्रा को फाड़कर बाहर आने को थे और अब मैंने तुरंत बूब्स को आज़ाद किया और सक किया इतने मुलायम और बड़े बूब्स थे कि मुझे मज़ा आ गया और उसने मेरा लंड बाहर निकला और उसको मुहं में ले लिया.
मेरा यह पहला टाइम था तो में तीन मिनट के बाद ही उसके मुहं में झड़ गया और मुझे इतना अच्छा लगा कि में बता नहीं सकता. फिर में जोश में आ गया और मैंने उसके निप्पल पर बीट किया और उसकी गर्दन पर सक किया और उसके पूरे शरीर को अपनी जीभ से चाटा तो वो मुझसे बोली कि प्लीज अब मुझे इतना मत तड़पाओ, मुझे अब आपका लंड चाहिए और में अब उसकी चूत में ऊँगली करने लगा और वो अब अपने होंठो को खुद काट रही थी और वो मुझसे बार बार बोल रही थी कि प्रीत मुझे लंड चाहिए, प्लीज मुझे लंड दो और मेरी चूत का फालूदा बना दो आह्ह्ह प्रीत चोदो मुझे आह्ह्ह्ह बेबी और वो भी करीब दस मिनट के बाद झड़ गई थी और मैंने रूबी से कहा कि में अब तुम्हे चोदना चाहता हूँ.
फिर उसने मुझसे बोला कि हाँ प्लीज थोड़ा जल्दी करो मेरी जान और अब चोद दो तुम मेरी चूत और मुझे अपने लंड के मज़े दे दो उह्ह्ह्ह. फिर मैंने उसके दोनों पैरों को खोल दिया अब उसकी चिकनी बिना बालों वाली चूत को देखकर में बहुत खुश था और मैंने लंड को चूत के ऊपर रखा और एक झटका मारा तो लंड फिसल गया, लेकिन अब रूबी ने मेरा लंड पड़का और अपनी चूत पर रखकर बोली कि अब मारो धक्का और मुझे अपनी रखेल बना लो चोदकर.
फिर मैंने धक्का मारा और लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया. दर्द की वजह से उसकी बहुत ज़ोर से चीख निकल गई और में वैसे ही रुक गया क्योंकि दोस्तों इतने समय से उसने सेक्स नहीं किया था और उसकी चूत आकार में छोटी थी इसलिए उसको इतना दर्द हुआ था और मुझे लंड के अंदर जाते ही ऐसा लगा कि जैसे उसकी चूत कोई गरम गुफा हो.
फिर मैंने जब वो थोड़ी शांत हो गई तो धीरे झटके मारने शुरू किए और रूबी आह्ह्ह्हह्ह उफफ्फ्फ्फ़ आईईईइ प्रीत हाँ थोड़ा और अंदर डाल दो हाँ और ज़ोर से धक्के देकर चोदो मुझे, वाह मज़ा आ गया बोल रही थी. फिर में भी उसके साथ साथ बहुत जोश में आकर धक्के मारने लगा था उस समय हम दोनों बहुत जोश में थे, लेकिन दोस्तों कुछ देर की चुदाई करने के बाद अब में झड़ने वाला था इसलिए अचानक से अब मेरी धक्के देने की स्पीड थोड़ी अब कम हो चुकी थी, लेकिन फिर भी में लगातार धक्के देता रहा. फिर मैंने उससे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ तो उसने कहा कि हाँ अब मुझे कुछ ऐसा ही महसूस हो रहा है और अब हम दोनों का काम खत्म होने वाला था.
फिर कुछ देर के धक्को के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए. उसका और मेरा माल उसकी चूत के अंदर मिक्स हो गया जिसकी वजह से उसकी चूत पूरी भर चुकी थी और फिर जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो हम दोनों का माल उसकी चूत से टपक रहा था, वो उसकी चूत से बाहर निकलकर अब उसकी जांघ से होता हुआ उसकी गांड तक पहुंच चुका था जिसकी वजह से उसकी चूत और गांड दोनों ही उस सफेद चिपचिपे पदार्थ से गीली हो चुकी थी.
दोस्तों इस तरह मैंने अपनी लाइफ की पहली चूत मारी और मुझे ऐसा करने में बहुत अच्छा लग रहा था, लेकिन में थोड़ा थक सा गया था. फिर हमने एक दूसरे को पूरे जोश में आकर अपनी बाहों में लेकर समूच किया और हम हग करके आधे घंटे के लिए सो गये. फिर मैंने कुछ देर बाद देखा कि अब मेरी छाती पर रूबी अपनी जीभ को घुमा रही है में तुरंत उठा और मैंने उसको स्मूच किया और अब उसे अपने ऊपर कर लिया. फिर मैंने उसके बूब्स चूसे निप्पल पर बीट करके उन्हें एकदम लाल कर दिए और अब तक मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया था. तो मैंने रूबी को अपने ऊपर बैठा दिया और लंड को चूत पर सेट किया.
फिर वो धीरे धीरे नीचे बैठती हुई लंड को अपनी चूत के अंदर लेने लगी थी, लेकिन दोस्तों इस बार मेरे लंड ने रूबी की कुछ ज्यादा ही चीखे निकलवा दी. उसको जैसे जैसे लंड अंदर जाता बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था, लेकिन उसके साथ साथ मज़ा भी बहुत आ रहा था. अब वो लंड को एक बार पूरा अंदर लेने के बाद कुछ देर रुककर धीरे धीरे लंड पर ऊपर नीचे होकर उसे अपनी चूत में अंदर बाहर करने लगी थी मैंने भी उसका पूरा पूरा साथ दिया और करीब बीस मिनट के बाद हम दोनों एक एक करके झड़ गए.
फिर कुछ देर लेटे रहने के बाद मैंने अब उसकी गांड पर अपना हाथ लगा दिया गांड को सहलाते हुए में उससे बोला कि मुझे अब मेरा लंड यहाँ पर डालना है. फिर उसने मुझसे कहा कि नहीं प्रीत उस जगह पर मुझे बहुत दर्द होता है, प्लीज यहाँ पर नहीं, चाहे तुम मेरे साथ कहीं और कुछ भी कर लो. फिर मैंने उससे कहा कि जब तुम मुझसे प्यार करती हो तो क्या तुम मेरे लिए इतना भी दर्द नहीं सह सकती प्लीज एक बार करने दो. तो उसने मुझसे बोला कि चलो ठीक है, लेकिन तुम बहुत आराम से करना वरना में मर जाउंगी और उसके हाँ कहते ही में बहुत खुश हो गया मैंने तुरंत अपना लंड रूबी के मुहं में दे दिया और वो उसे चूसने लगी. फिर जब लंड कुछ देर में खड़ा हो गया तो मैंने लंड को उसकी गांड पर रखकर एक ज़ोर से धक्का मारा, लेकिन उसकी गांड बहुत टाईट होने की वजह से वो अंदर नहीं गया और फिसने लगा.
फिर में दोबारा अंदर डालने की कोशिश करने लगा और फिर बहुत ज़ोर लगाने पर मेरा आधा लंड उसकी टाइट गांड को छीलता हुआ अंदर चला गया, लेकिन रूबी उस असहनी दर्द से रो पड़ी और चीखने चिल्लाने लगी और वो मुझसे बोली कि प्लीज इसको तुम बाहर निकालो उफफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह में मर गई प्रीत, प्लीज बाहर निकालो उईईईइ माँ मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
फिर मैंने उसकी बातों पर ध्यान ना देते हुए उसकी कमर को पकड़कर एक और जोरदार धक्का मारा जिसकी वजह से अब मेरा पूरा लंड अंदर चला गया था और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से रो रही थी. में अब थोड़ा सा रुक गया. तो मैंने करीब दस मिनट के बाद धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए और अब उसको मज़ा आ रहा था और वो मुझसे बोल रही थी कि प्रीत में अब तुम्हारी हूँ उफ्फ्फ्फ़ हाँ चोदो मुझे और ज़ोर से हाँ थोड़ा और अंदर डालो उफ्फ्फ हाँ बहुत मज़ा आ रहा है चोदो मुझे बेबी आह्ह्ह.
फिर कुछ देर धक्के देने के बाद अब में झड़ गया और मैंने अपना गरम गरम लावा उसकी गांड में भर दिया और फिर में उसके ऊपर गिर गया और हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे. तब तक शाम भी हो गई थी और फिर हम दोनों उठकर हम बाथरूम चले गये और फिर रूबी को बहुत दर्द हो रहा था फिर हम दोनों एक साथ में नहाए और एक दूसरे हो हग करके खड़े रहे और स्मूच किया हमने एक बार और चूत मारी और चुदाई के पूरे मज़े लिए. फिर हम दोनों कुछ देर बाद बाहर आकर तैयार होकर वापसी के लिए निकल पड़े.
Share:

स्विमिंग पूल में अंकल के साथ चुदाई

हैल्लो दोस्तों, यह स्टोरी मेरी और मेरे पड़ोसी अंकल की है. बैंगलोर में दिसम्बर में काफ़ी धूप रहती है जिस वजह से काफ़ी गर्मी हो जाती है. फिर में अपनी गर्मी दूर करने के लिए स्विमिंग करने गई. मैंने स्विमिंग कॉस्ट्यूम पहन रखा था और मेरा स्विमिंग कॉस्ट्यूम यूनिक टाईप का था, जिसमें सिर्फ़ बॉडी कवर होती है और मेरी क्लीवेज साफ़-साफ़ दिखती है, सिंगल पीस और गांड भी थोड़ी-थोड़ी दिखती है. में इसके नीचे ब्रा और नहीं पेंटी पहनती हूँ, मुझे सिर्फ़ फ्री स्टाइल अच्छे से करनी आती है.
अब मेरा बड़ा मन करता है कि में सारी स्टाइल बहुत अच्छे से सीखूं. फिर शाम के करीब 4 बजे में अपना कॉस्ट्यूम पहनकर स्विमिंग पूल में उतरी, उस समय पूल में कोई भी नहीं था. फिर मैंने 2 लैप्स मारे, तभी मैंने देखा कि अमृत अंकल भी आ गये है. अब पड़ोसी होने के कारण मेरी उन लोगों से जान पहचान थी, लेकिन हाँ कभी कुछ ख़ास बात नहीं हुई थी बस में उनके बेटे को शनिवार और रविवार को कोचिंग पढ़ाती थी. फिर अंकल भी अपना कॉस्ट्यूम पहनकर पूल में आ गये. फिर मेरा अंकल से नमस्ते हुआ और हमारे बीच ऐसे ही थोड़ी बहुत बात हुई. अंकल ने बॉडी वैक्स कर रखी थी, उनका पेट एकदम अंदर था और वो बहुत स्मार्ट लग रहे थे. फिर बात करने के बाद हम दोनों स्विमिंग करने लगे.
अब में फ्री स्टाईल कर रही थी और वो अलग-अलग स्टाइल कर रहे थे. फिर थोड़ी देर के बाद में उनके पास गई और उनसे पूछा कि क्या वो मुझे भी अपनी तरह सारी स्टाइल सिखा सकते है? तो उन्होंने कहा कि हाँ-हाँ क्यों नहीं? बताओं कौनसा सीखना है? तो मैंने कहा कि बैक स्टाइल. फिर अंकल ने कहा कि ठीक है में तुम्हें आराम से सिखा दूँगा.
फिर उसके बाद अंकल ने मुझे सपोर्ट करने के लिए पकड़ा और अब अंकल का एक हाथ मेरी गर्दन के नीचे और एक हाथ मेरे हिप्स पर था. अब अंकल के हाथ से मेरी गांड पूरी दब रही थी. फिर अंकल मुझे पकड़कर बोले कि चलो अपने पैर चलाना शुरू करो. अब पैर चलाते वक़्त मेरे पैर ऊपर नीचे हो रहे थे. अब अंकल के हाथों के स्पर्श से मुझे अजीब सा लग रहा था. फिर थोड़ी दूर जाकर में एकदम से गिर सी गई. अब गिरते वक़्त एकदम से अंकल का हाथ मेरे कॉस्ट्यूम के अंदर चला गया, जिस वजह से अंकल ने मेरे हिप्स और बीच की लाईन महसूस कर ली.
फिर अंकल ने झट से अपना हाथ बाहर निकाला और सॉरी बोला, तो मैंने थोड़ा शरमाते हुए बोला कि इट्स ओके, आपकी कोई ग़लती नहीं है. अब अंकल को तभी समझ में आ गया था कि ये लड़की सही है. फिर अंकल ने फिर से मुझे उसी तरह से उठाया और हम फिर से करने लगे. अब इस बार अंकल धीरे-धीरे मेरा कॉस्ट्यूम अंदर की तरफ धकेल रहे थे, मतलब जिस पार्ट से मेरी गांड कवर हो रही थी उसे मेरी गांड के छेद की तरफ दबा रहे थे.
अब ऐसे करके अंकल ने मेरी पेंटी को एकदम वी-शेप वाली पेंटी की तरह कर दिया था. अब मेरी पूरी गांड दिख रही थी. अब अंकल मेरी गांड दबा रहे थे और मुझे हंसी आ रही थी. फिर अंकल ने कहा कि चलो बस हो गया, अब में तुम्हें ब्रेस्ट स्टाइल सिखाता हूँ. फिर अंकल मेरे पीछे आकर खड़े हो गये, अब में अंकल का लंड बहुत अच्छे से महसूस कर पा रही थी.
फिर अंकल ने मेरे हाथ पकड़े और ब्रेस्ट स्टाइल में जैसे चलाते है वैसे चलवाने लगे. अब हर बार जब में अपने हाथ पीछे लेती तो वो मेरे बूब्स को छू देते. अब में बहुत मस्त हो गई थी, अब तो अंकल ने भी अपना लंड रगड़ना स्टार्ट कर दिया था. फिर उसके बाद अंकल ने मुझे अपनी तरफ घुमाया और मुझे स्मूच करने लगे.
फिर उन्होंने मुझे स्मूच करते-करते मेरे बूब्स पर अपना हाथ रख दिया और ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगे. अब उसके बाद वो मुझे स्मूच करते-करते ही अपने राईट हाथ से मेरे बूब्स दबा रहे थे और अपने लेफ्ट हाथ से मेरी गांड दबा रहे थे. उसके बाद अंकल ने जो पूरा कपडा मेरे छेद पर इकहट्टा किया था, उसको साईड में कर दिया और मेरी गांड में उंगलियाँ करने लगे. अब में अयाया अया आ उउउहह हम्म्म्म करके आवाज़े निकालने लगी थी. फिर अंकल ने फिर से मेरे बूब्स दबाए और अब वो मेरी चूत तक पहुँच गये थे. फिर उन्होंने मेरी चूत में पहले अपनी एक उंगली घुसाई और फिर बाहर निकालकर चाटी और उसके बाद सीधी अपनी तीन उंगलियाँ घुसा दी और बहुत ज़ोर-ज़ोर से रगड़ने लगे.
अब उन्हें बहुत जल्द मेरा छेद भी मिल गया था. अब मुझे 5 मिनट में ही उनके रगड़ने से पहली मस्ती आ गई थी. फिर उसके बाद अंकल ने अपने स्विमिंग कॉस्ट्यूम को हल्का सा ढीला किया और अपने लंड को बाहर निकाल दिया और मेरी गांड पर रगड़ने लगे. फिर उसके बाद मैंने पानी के अंदर जाकर अंकल के लंड को किस किया और उनकी बॉल्स को मसाज दी.
अब ज़्यादा देर तक सांस नहीं रोक पाने के कारण मैंने उनका लंड 5 बार 10-10 सेकेंड तक चूसा और उसके बाद 2 मिनट तक हिलाया. फिर उसके बाद अंकल ने मुझे पूल में ही उल्टा किया और झट से अपना लंड घुसा दिया, उनका लंड इतना बड़ा नहीं था, लेकिन पता नहीं उनका घुसाने का अंदाज़ बहुत ज़्यादा अच्छा था. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, फिर 3-4 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद अब कपड़े बार-बार बीच में आ रहे थे तो अंकल ने एकदम से मेरा कॉस्ट्यूम उस जगह से फाड़ दिया.
फिर उन्होंने मुझे उल्टा करके 5 मिनट तक चोदा तो में झड़ गई. फिर उसके बाद अंकल ने मुझे अपनी गोद में उठाया और ज़ोर-ज़ोर से ऊपर नीचे करने लगे, वाह क्या मज़ा था? आ आहा उउउहं आअहह बहुत मजा आ रहा था. फिर अंकल ने मुझे अपने लंड से उतारकर बाहर बैठा दिया और बहुत मस्त ढंग से 5 मिनट तक मेरी चूत चाटी. फिर उसके बाद हम दोनों ड्रेसिंग रूम में शॉवर लेने चले गये. फिर वहाँ अंकल ने मुझे खूब चूसा, चाटा और फिर से शॉवर में ही चोदा. अब इस पूरे अनुभव में मेरी चूत 5 बार झड़ गई थी.
Share:

डॉक्टर अंकल से चुदकर रंडी बनी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम प्रिया है और में हरियाणा से हूँ. दोस्तों में आज आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रही हूँ, जिसके बाद मेरा पूरा जीवन और उसके साथ साथ मेरा जीने का तरीका बिल्कुल बदल सा गया. में अब वो बातें सोचने लगी थी, जिनको में पहले कभी भी नहीं सोचती थी और यह बात तब की है, जब में 18 साल की थी और मैंने अभी अभी जवानी की पहली सीडी पर अपना पहला कदम रखा था, मेरे बूब्स, गांड और उसके साथ साथ मेरे शरीर ने अपना आकार बदलना शुरू किया था और वैसे में सेक्स या उससे जुड़ी हुई कोई भी बातों के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानती थी और अब में आप सभी को अपनी वो घटना पूरी विस्तार से सुनाती हूँ और में उम्मीद करती हूँ कि इसको पढ़कर आप लोगों को बहुत मज़ा आएगा.
दोस्तों मेरे घर के पास में एक डॉक्टर रहते थे, उनका हमारे घर पर बहुत आना जाना था और मेरे घर के सभी लोगों का व्यहवार बहुत अच्छा लगता था, वो दिखने में भी ठीक-ठाक थे और मुझे भी उसका बात करने का तरीका थोड़ा बहुत अच्छा लगता था. हम सभी उनकी बहुत इज्जत किया करते थे, वो मुझसे बहुत हंस हंसकर बातें किया करते थे और कई बार उन्होंने मुझे छुआ भी, लेकिन मैंने उस सबको इतना नहीं सोचा और ना ही उस पर इतना ध्यान दिया, लेकिन कुछ समय बाद में मुझे उनकी मेरे ऊपर नियत गंदी का पता चला.
दोस्तों एक बार मेरे मम्मी पापा को 15 दिन के लिए किसी काम से हमारे गाँव जाना पड़ा और वो लोग किसी कारण से मुझे अपने घर पर अकेला छोड़कर चले गए. फिर में उन दिनों अपने घरवालों के कहने पर अपने उन अंकल के घर पर रहने चली गई और उससे पहले भी में बहुत बार उनके घर पर रह चुकी थी और अंकल मुझे देखकर बहुत खुश हो गए. दोस्तों उनके घर में अंकल, आंटी रहते थे, क्योंकि उनके दोनों बच्चे बाहर होस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे थे. दोस्तों में दिखने में बहुत गोरी, सुंदर थी, लेकिन मुझे मेरे बूब्स पसंद नहीं थे, क्योंकि वो आकार में बहुत बड़े थे और उनको देखकर हर कोई मुझे घूरता रहता था और वो सब मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था.
फिर जब रात को में सो रही थी तो अंकल मेरे पास आए और मेरे बूब्स को हल्के हल्के से छूने लगे और अपना एक हाथ मेरे बूब्स पर घुमाकर कुछ महसूस करने लगे, लेकिन में अपनी आखें बंद करके सोने का नाटक करती रही और कुछ देर बाद वो चले गए, क्योंकि में अकेली दूसरे कमरे में सोती थी और अंकल, आंटी अपने कमरे में सोते थे, इसलिए उनको मेरे जिस्म को छूने का मौका हर कभी मिल ही जाता था और जब आंटी घर पर नहीं होती थी तो वो मुझे हर किसी बहाने से इधर उधर छेड़ते रहते थे, लेकिन में वो सब अनदेखा कर देती थी. मैंने यह बात कभी किसी को नहीं बताई, इसलिए भी उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलता रहा.
एक दिन आंटी घर पर नहीं थी और उस समय में किचन में थी, उन्होंने पहले पीछे से आकर मेरी गांड को छुआ और उसके बाद वो मुस्कुराकर मुझसे पूछने लगे कि क्यों यह तुम्हारे बूब्स इतनी बड़े कैसे है, किससे अपने बूब्स को चुसवा रही हो? तो मैंने कहा कि किसी से भी नहीं और आप मुझसे यह क्या पूछ रहे हो? दोस्तों उनसे इतना कहकर में बाहर चली आई और वो भी मेरे पीछे पीछे चले आए और मेरे जिस्म को घूरने लगे और उसी दिन बहुत रात को उनके कमरे में से मुझे रोने, चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी. फिर में देखने के लिए उठी और मैंने उनके कमरे की खिड़की से अंदर झांककर देखा तो उस समय अंकल आंटी दोनों बिना कपड़ो के थे और अंकल आंटी को बहुत बुरी तरह से चोद रहे थे और वो चुदाई के साथ साथ आंटी को मार भी रहे थे.
उस समय आंटी बेड पर नीचे पड़ी हुई थी और वो उनके ऊपर अपना लंड डालकर लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के दिए जा रहे थे और आंटी उनके आगे हाथ पैर जोड़ रही थी कि प्लीज मुझे अब छोड़ दो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन वो नहीं माने और उन्हें ज़ोर ज़ोर से चोदते रहे. फिर में कुछ देर उनकी चुदाई के मज़े लेकर वापस अपने कमरे में आ गई. मैंने मन ही मन सोचा कि अंकल कितने गंदे है वो आंटी को मार रहे है.
फिर उसके दूसरे दिन शाम को आंटी अचानक से मुझे बिना बताए उनके बड़े भैया की बहुत तबियत खराब थी, इसलिए चंडीगढ़ चली गई तो मैंने अंकल से पूछा कि आंटी कहाँ है? तो उन्होंने मुझसे कहा कि वो कुछ दिन के लिए बाहर गई है आ जाएगी. फिर हमने एक साथ बैठकर खाना खाया और उसके कुछ देर बाद में अपने रूम में सोने चली गई और उसके थोड़ी देर बाद अंकल मेरे रूम में आ गए और वो आज मुझे बिना किसी डर के छेड़ने लगे, क्योंकि उस दिन घर पर बस हम दोनों ही थे.
फिर मैंने उनसे पूछा कि आप मेरे साथ यह क्या कर रहे हो? तो वो मुझसे बोले कि तुझे में आज एक औरत बनाने जा रहा हूँ, तुझे मेरे साथ आज बहुत मज़ा आएगा. फिर मैंने उन्हें कहा कि चले जाओ यहाँ से और उन्हें धक्का दे दिया और फिर उन्होंने मुझे एक बहुत ज़ोर का थप्पड़ मारा तो में रोने लगी और मेरी आखों से आंसू बहने लगे. तभी उन्होंने मुझे अपनी बाहों में दबोच लिया और वो मेरे ऊपर चड़कर मेरे बूब्स को दबाने लगे और काटने लगे, उन्होंने फटाफट से मेरे सारे कपड़े फाड़ दिए और वो बहुत बुरी तरह से मेरे बूब्स को काटने, दबाने लगे और कुछ देर बाद वो सीधे ही मेरी चूत पर हाथ लगाने लगे.
फिर में उनसे लगातार मना करती रही, लेकिन वो अपने काम में लगे रहे और में चिखती चिल्लाती रही. उसके कुछ देर बाद वो मेरे ऊपर से उठ गये और में तुरंत भागने की कोशिश करने लगी तो उन्होंने मुझे फटाफट से पकड़ लिया और मुझे अपनी गोद में उठाकर बेड पर ले जाकर पटक दिया और फिर उन्होंने मेरे दोनों हाथ बाँध दिए और उन्होंने मेरे मुहं में मेरी फटी हुई पेंटी को डाल दिया और अपने सारे कपड़े उतारे. में उनका लंड देखकर बहुत हैरान हो गई, इतना बड़ा और मोटा.
तब मुझे पता लगा कि आंटी उस दिन क्यों रो रही थी? वो अब मेरे ऊपर आ गए और उन्होंने जबरदस्ती मेरे दोनों पैरों को फैला दिया और फिर अपने लंड का टोपा मेरी चूत के मुहं पर रख दिया और ज़ोर लगाकर अंदर डालने की कोशिश करके लगे, जिसकी वजह से टोपा ही अंदर गया. फिर उन्होंने ज़ोर का धक्का मारा, लेकिन लंड फिर भी कुछ ही अंदर गया और मेरी आखों से आंसू निकल गये, लेकिन में कुछ बोल ना सकी, क्योंकि उनका एक हाथ मेरे मुहं पर भी था और दूसरा हाथ मेरे बूब्स को निचोड़ रहा था.
फिर उन्होंने मौका देखकर एक और जोरदार धक्का मार दिया और लंड मेरी चूत को चीरता फाड़ता हुआ अंदर चला गया, उसकी वजह से मेरी सील टूट गई और वो धक्के मारते रहे और में चीखती, चिल्लाती उस दर्द से तड़पती और रोती रही. इस तरह से पूरा लंड उन्होंने मेरी चूत में डाल दिया और करीब 15 मिनट तक वो मुझे चोदते रहे, गालियाँ देते रहे, मेरी रानी आज तो मैंने तेरी चूत को फाड़ ही दिया है, बोल तुझे कैसा लगा, में अब औरो से भी तुझे चुदवाऊंगा, में आज तेरी गांड भी मारूँगा, तू बस मेरे साथ अपनी चुदाई के मज़े ले.
दोस्तों कुछ देर बाद वो मेरी चूत के अंदर ही झड़ गए और वो कुछ देर मेरे ऊपर लेटे रहे और अपना पूरा वीर्य मेरी चूत में टपकाते रहे और में उसकी एक एक बूंद की गरमी को महसूस करती रही. दोस्तों सच पूछो तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था. मैंने उनके साथ चुदाई के पूरे मज़े लिए और उस दिन उन्होंने मुझे तीन बार चोदा और वो मुझे आज तक भी चोद रहे है.
फिर उसके बाद वो उठकर चले गये और में दर्द से तड़पती हुई सो गई, लेकिन थोड़ी देर बाद वो एक बार फिर से आए और उन्होंने मुझे एक गोली दी और चले गये. जाते समय वो मुझसे बोले कि तुम इसे खा लेना तुम्हें दर्द नहीं होगा. फिर मैंने वो गोली खा ली, लेकिन उस गोली को खाने के बाद मेरे मन में एक अजीब सा कुछ महसूस होने लगा, जैसे कि मुझे सेक्स का नशा चड़ रहा हो और एक घंटे बाद वो फिर आए और मुझसे पूछने लगे कि क्या हुआ रंडी? अब में रोने लगी और फिर उन्होंने मुझे एक वीडियो दिखाया, जिसमें वो मुझे चोद रहे थे, जिसको देखकर में बहुत हैरान थी, मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब मेरे साथ क्या हो रहा है, में अब क्या करूं? और अब वो मुझे ब्लेकमेल करने लगे और बोले कि अगर मैंने किसी को कुछ भी बताया तो वो मेरी यह वीडियो नेट पर डाल देंगे.
फिर से वो पूरे नंगे हो गए और मुझे चोदने लगे. इस बार तो उन्होंने मुझे करीब 25 मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदा और चुदाई खत्म होने के बाद वो ठंडे होकर अपना वीर्य मेरी चूत में डालकर वो भी वहीं पर मेरे पास में सो गये और अब मुझसे चला भी नहीं गया. में बहुत मुश्किल से उठकर बाथरूम तक गई और मैंने अपने आपको साफ किया और में वहीं पर रोने लगी, लेकिन वहां पर कौन मुझे सुनने वाला था. कुछ देर बाद में रूम में दोबारा आकर सोने की कोशिश करने लगी और मुझे कब नींद आ गई मुझे पता ही नहीं लगा, लेकिन जब मेरी नींद खुली तो मैंने अपने रूम में अंकल और उनके दोस्त को देखा तो में बिल्कुल हैरान हो गई.
फिर अंकल मुझसे बोले कि आओ इनको भी खुश करो तो में रोने लगी, प्लीज मुझे अब जाने दो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन वो नहीं माने और मुझे अपने पास बुलाया और छेड़ने लगे, में उनके सामने रोती रही, बिलखती रही, लेकिन उन्हें कोई भी फ़र्क नहीं पड़ा. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि नाचकर दिखाओ तो मैंने कहा कि मुझे नाचना नहीं आता और वो मेरा यह जवाब सुनकर मुझ पर चिल्लाने लगे तो मैंने नाचना शुरू किया तो उनमें से एक अंकल उठकर आए और मेरे सर पर शराब डाल दी और फिर मुझे ज़ोर की लीप किस करने लगे और इतने में दोनों अंकल आ गये और एक मेरे बूब्स सक करने लगा तो दूसरा मेरी चूत को सक करने लगा.
थोड़ी देर बाद एक अंकल अपना लंड पेंट से बाहर निकालकर मेरे मुहं में डालने लगा तो मैंने मना किया और उन्होंने मुझे एक थप्पड़ मारा और फिर उन्होंने जबरदस्ती मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया और उन तीनों ने बारी बारी से मेरे मुहं को चोदा और फिर सबने मेरी चूत पर हमला कर दिया.
एक अंकल मेरा मुहं चोद रहे थे तो दूसरे मेरे बूब्स और तीसरे ने अपना लंड मेरी चूत के मुहं पर रखा और धीरे धीरे रगड़ने लगा और अब उसने एकदम से अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया, जिसकी वजह से में चीखना चाहती थी, लेकिन मेरी आवाज़ बाहर नहीं निकल सकी, क्योंकि मेरे मुहं में एक मोटा लंबा लंड था और उसने मुझे करीब 15 मिनट तक चोदा और अपना पानी मेरी चूत में ही छोड़ दिया और इस तरह मुझे उन तीनों ने बारी बारी से एक एक करके चोदा और अंकल बैठकर देखते रहे.
फिर जब उनका सब काम खत्म हो गया तो अंकल उनसे बोले कि अगर यह गर्भवती हो गई तो क्या होगा? दूसरे अंकल बोले कि हमें क्या हमें तो इसकी चूत मारने से मतलब है और हमने ठीक वैसा ही किया. दोस्तों उसके बाद वो सभी चले गए, लेकिन उस दिन से लेकर आज तक में किसी ना किसी से चुद ही रही हूँ. अंकल ने मुझे बहुत बार चोदा और अब मुझे उनके लंड की एक आदत सी हो गई है और वो मेरी चुदाई करके हमेशा मुझे संतुष्ट करते है, मुझे उनके साथ चुदाई करने में बहुत मज़ा आता है.
Share:

बड़े लंड का बड़ा सरप्राईज

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम साहिल है और में आपके लिए फिर से एक नई स्टोरी लेकर आया हूँ. दोस्तों मेरे फ्रेंड ने मेरी गांड मारी और मेरी गांड की सील तोड़ी. अब मुझे उससे चुदवाने में बहुत मज़ा आता है और अब मेरा जब भी मन होता है तो में उसे बुला लेता हूँ और उसका जब भी मेरी गांड मारने का मन होता है तो वो मुझे बोलता है कि गांड मारनी है चल आ जा और में भी मज़ा लेने के लिए चला जाता हूँ. उसका लंड 7 इंच लंबा और 4 इंच मोटा है और उसका लंड मेरी गांड में जाते ही ज़िंदगी का मज़ा देता है और वो हर पोज़िशन में मुझे चोदता है, कभी कुत्तिया बनाकर तो कभी मेरी टाँगे उठाकर.
अब उसके पास टाईम कम होता है, लेकिन मुझे उसके लंड की आदत सी हो गई है. उसका लंड बहुत ही मस्त और मोटा लंड है. मैंने एक दो बार उसका लंड चूसा भी है. अब बहुत दिनों से मेरी गांड में खुजली हो रही थी तो मैंने उससे कहा कि मुझे गांड मरवानी है तू आजा, लेकिन उसने कहा कि यार अभी टाईम नहीं मिल पा रहा है.
फिर मैंने कहा कि यार कोशिश कर मेरी गांड में बहुत खुजली हो रही है कुछ तो कर. फिर उसने कहा कि अगर तू किसी और से गांड मरवा सकता है तो बोल, में इंतजाम कर देता हूँ. फिर मैंने उससे मना कर दिया और उससे कहा कि मुझे तेरा लंड बहुत पसंद है और तेरा लंड बहुत मस्त है और मुझे तेरे पर भरोसा है यार. फिर उसने कहा कि रुक जा में तेरे पास रविवार को आता हूँ. फिर तेरी गांड भी मारूँगा और तुझे सारी बात समझा दूँगा, अब में खुश हो गया था.
फिर शनिवार रात को उसका फोन आया और में उसके घर चला गया. अब रूम में जाते ही में जल्दी से नंगा हो गया और उसकी पेंट खोलकर उसका लंड बाहर निकाला और चूसने लगा. अब 2 मिनट में उसका लंड खड़ा हो गया था. फिर में जल्दी से नीचे झुक गया और उसे मेरी गांड मारने के लिए कहने लगा.
फिर उसने मेरी गांड सहलाई और एक ज़ोर का झटका मारा और अपना 7 इंच लंबा लंड मेरी गांड में पूरा घुसा दिया और ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा. अब में भी अपनी कमर हिलाने लगा था और चुदाई का मज़ा लेने लगा था. फिर कुछ देर के बाद उसने मुझे पोज़िशन चेंज करने को कहा तो में बेड पर चढ़कर कुत्तिया बनकर झुक गया. अब वो भी बेड पर चढ़कर मेरी गांड में अपना लंड डालकर मुझे जोर-जोर के झटके मारने लगा था.
फिर कुछ देर तक ऐसे ही झटके मारने के बाद वो मुझे सीधा करके मेरी टांगे अपने कंधे पर रखकर मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा था. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, अब में भी अपनी कमर उछालने लगा था. फिर कुछ तक देर ऐसे ही चोदने के बाद उसने मुझसे कहा कि उल्टा घूम जा, तो में जल्दी से उल्टा होकर लेट गया. फिर वो मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरी गांड में अपना लंड घुसाकर बुरी तरह चोदने लगा.
अब वो लगातार मुझे आधे घंटे तक झटके मारता रहा और उसके बाद मेरी गांड में ही झड़ गया और मेरे ऊपर ही लेट गया. फिर कुछ देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे. फिर उसके बाद उसने अपना लंड बाहर निकाला और मेरे साथ ही लेट गया. फिर उसने कहा कि मेरा एक दोस्त है, तू उससे गांड मरवा ले, वो बहुत अच्छा लड़का है और जैसे तू मुझ पर विश्वास करता है उस पर भी कर सकता है. फिर मैंने कहा कि यार तेरे साथ बात अलग है, में तेरे घर जाकर या तू मेरे घर आकर मेरी गांड मार सकता है, लेकिन में उसे नहीं बुला सकता. फिर उसने कहा कि तू उसके घर जाकर मरवा लेना, में उससे बात कर लूँगा.
फिर में तैयार हो गया और फिर उसने उससे मेरी बात करवाई, वो काफ़ी स्मार्ट लड़का है और तगड़ा भी है. फिर मैंने उससे पूछा कि तो फिर कब का प्रोग्राम है? तो उसने कहा कि जब तुम बोलो, में तो तैयार हूँ. फिर उसने कहा कि चल फिर मेरे घर, लेकिन में मन में यही सोच रहा था कि मेरे दोस्त का लंड 7 इंच लंबा और 4 इंच मोटा है तो इसका कितना होगा? अगर छोटा होगा तो क्या मज़ा आएगा? फिर हम उसके घर पहुँच गये और सीधा उसके रूम में चले गये. फिर उसने कुण्डी लगा दी.
फिर उसके बाद उसने मुझे पकड़ा और मुझे सहलाने लगा. अब वो मेरे कपड़े उतारने लगा था, अब मुझे अजीब सा महसूस हो रहा था, क्योंकि मैंने सिर्फ़ अपने दोस्त से ही गांड मरवाई थी और कभी किसी से नहीं मरवाई थी, लेकिन फिर मैंने सोचा कि गांड में लंड जाना चाहिए चाहे जिसकी मर्ज़ी हो, लेकिन लड़का ट्रस्टी होना चाहिए. फिर उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरी गांड सहलाने लगा. अब इतने में मेरी नज़र उसकी पेंट में खड़े उसके लंड पर गई, जो कि काफ़ी बड़ा लग रहा था और बहुत ज्यादा मोटा भी था.
अब मुझे देखकर ही कुछ होने लगा था, अब मुझसे भी रहा नहीं गया तो मेरा हाथ अपने आप उसके लंड पर चला गया, जो कि अभी भी उसकी पेंट में था, उसका लंड काफ़ी बड़ा और मोटा था. फिर देर ना करते हुए में उसकी पेंट खोलने लगा. फिर जैसे ही मैंने उसकी पेंट खोली तो में उसका लंड देखकर हैरान रह गया, उसका लंड 9 इंच लंबा और 5 इंच मोटा था.
अब मेरे लिए इतना मोटा और लंबा लंड किसी सर्प्राइज़ से कम नहीं था. फिर मैंने उससे कहा कि यार तेरा लंड तो बहुत बड़ा है और मेरे लिए बहुत बड़ा सर्प्राइज़ भी है, क्या में इसे अच्छे से देख सकता हूँ? तो उसने कहा कि अब ये तुम्हारा है साहिल, जो चाहे करो. फिर में नीचे बैठ गया और उसे आगे पीछे करके देखने लगा, अब मेरा मन उसे अपने मुँह में लेने को करने लगा था.
फिर मैंने अपनी जीभ बाहर निकाली और उसे चाटने लगा और फिर अपने मुँह में डाल लिया और उसे चूसने लगा. उसका लंड सच में बहुत लंबा और मोटा था. अब उसका लंड मेरे गले तक जा रहा था. फिर कुछ देर तक चूसने के बाद मैंने उससे कहा कि अब तुम अपने मोटे तगड़े लंड को मेरी गांड में डालो.
फिर उसने कहा कि ठीक है तुम बेड पर जाकर झुक जाओ, तो मैंने वैसे ही किया और उसे चोदने के लिए बुलाने लगा. अब उसका लंड बहुत टाईट हो चुका था और वो मेरी गांड में जाने के लिए पूरी तरह से तैयार था. मुझे पता था उसका मोटा लंड मेरी गांड फाड़ने वाला है, इसलिए में पहले से ही तैयार हो गया और अपनी गांड पर थूक लगा लिया और में अपने घर से भी अपनी गांड की तेल के साथ मालिश करके आया था, क्योंकि मुझे अपनी गांड की मालिश बहुत पसंद है. फिर उसने अपना लंड मेरी गांड पर टिकाया और धीरे-धीरे दबाने लगा.
अब मेरी गांड पर तेल लगा होने के कारण उसका लंड मेरी गांड में घुसने लगा था, लेकिन साथ ही मुझे तेज दर्द भी होने लगा था, लेकिन मुझे हर हाल में उसका लंड अपनी गांड में चाहिए था. मेरे दोस्त ने मेरी गांड की सील तोड़ी तो थी, लेकिन उसके लंड से ये लंड काफ़ी बड़ा और मोटा था, जो कि अब मेरी गांड को पूरा फाड़ देगा. अब मुझे दर्द होने लगा था और मैंने उसे रुकने को कहा.
फिर मैंने उससे कहा कि मुझे ऐसे दर्द हो रहा है, तो मैंने कहा कि तुम एक काम करो एक ही झटके में अपना लंड मेरी गांड में घुसा दो. फिर उसने कहा कि ठीक है. फिर मैंने थोड़ा सा थूक निकालकर अपनी गांड में लगा दिया. फिर उसने अपना लंड मेरी गांड पर रखा, जो तेल और थूक लगा होने के कारण काफ़ी चिकनी हो चुकी थी. फिर उसने अपनी पूरी ताक़त लगाकर एक ज़ोर का झटका मारा और अपना लंड मेरी गांड में पूरा डाल दिया. अब उसका लंड मेरी गांड को चीरता हुआ जड़ तक समा गया था. अब मेरी चीख निकल गई और में बेड पर ही गिर पड़ा और वो भी मेरे ऊपर ही लेट गया. फिर उसने अपना लंड बाहर नहीं निकाला और मेरे मुँह पर अपना हाथ रखकर मेरी आवाज़ को बंद करने लगा.
अब में दर्द को बर्दाश्त करने लगा था. फिर वो कुछ देर तक ऐसे ही मेरे ऊपर लेटा रहा. अब मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा था. फिर कुछ देर के बाद मेरा दर्द कम हुआ तो फिर उसने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए. अब मुझे फिर से दर्द होने लगा था, लेकिन में बर्दाश्त करने लगा था. अब मुझे धीरे-धीरे मज़ा आने लगा था, अब में लेटे-लेटे अपनी गांड को ऊपर की और करने लगा था.
फिर वो वापस से मुझे कुतिया की पोज़िशन में ले आया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा. अब मुझे बहुत मज़ा आने लगा था, उसका लंड बहुत मोटा था और लंबा भी था. अब उसका लंड मेरी गांड की जड़ तक जा रहा था. अब उसके धक्को की स्पीड बहुत तेज थी और वो काफ़ी ज़ोरदार धक्के थे. अब में भी अपनी कमर आगे पीछे करने लगा था. फिर में अपना हाथ अपनी गांड पर लेकर गया तो अब मुझे कुछ गीला गीला सा लग रहा था.
फिर मैंने जब वापस से अपना हाथ देखा तो उस पर खून लगा हुआ था. अब मेरी गांड पूरी फट चुकी थी और अब 9 इंच लंबा लंड मेरी गांड को फाड़ चुका था, अब मुझे उसकी चुदाई से बहुत मज़ा आ रहा था. फिर में उससे कहने लगा कि और ज़ोर से चोद. फिर वो और जोश में आकर मुझे और ज़ोर जोर से चोदने लगा. फिर कुछ देर के बाद उसने मुझे सीधा किया और मेरी टाँगे अपने कंधे पर रख ली और अपना लंड घुसाकर पूरी ताक़त के साथ चोदने लगा. उसके धक्के इतनी तेज और दमदार थे कि मुझे दर्द में भी मज़ा आ रहा था.
अब लगातार 30 मिनट तक चोदने के बाद उसने कहा कि में झड़ने वाला हूँ. फिर मैंने कहा कि अपने लंड का गर्म लावा मेरी गांड में ही डाल दे. अब उसके धक्को की स्पीड काफ़ी बढ़ गई थी और फिर वो अपने लंड को मेरी गांड की जड़ तक ले गया और अपना सारा माल मेरी गांड में ही छोड़ दिया. इस तरह उसने मुझे उस रात 4 बार चोदा. फिर हम थककर सो गये. अब सुबह तक मेरी गांड सूज गई थी, लेकिन मुझे मज़ा बहुत आया था. फिर मैंने उससे कहा कि मुझे तुम्हारा लंड बहुत पसंद आया, क्या मुझे तुम्हारा लंड दुबारा मिल सकता है? तो उसने कहा कि क्यों नहीं? जब तुम चाहो. अब में बहुत खुश हो गया और उसे थैंक्स बोला और वापस अपने घर आ गया. अब मेरा जब भी मन होता है तो में उससे चुदवाने के लिए पहुँच जाता हूँ.
Share:

सामने वाली माँ बेटी को रगड़कर चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अविनाश है. यह बात उस वक्त की है जब में Ist ईयर में था, मेरे घर के सामने एक फेमिली शिफ्ट हुई थी. अब में अपने घर के बाहर ही खड़ा था, तब अचानक से एक गाड़ी रुकी, उसमें से एक बहुत ही सेक्सी सी आंटी उतरी वाआहह वो क्या माल लग रही थी? फिर उसकी 2 बेटियाँ उतरी, क्या गजब फिगर था उनका? मानो की देखते ही लंड से पानी निकल जाए, अब उस रात में सो नहीं पा रहा था.
फिर दूसरे दिन मैंने अपनी खिड़की से उसके घर में देखा तो मुझे एक बूढ़ा सा आदमी दिखा. फिर मैंने सोचा कि इस खूबसूरत जवानी पर ये बूढ़ा दाग लगा रहा है. अब मेरा तो मानो उस बूढ़े को अपना लंड फेंककर मारने का मन हुआ. फिर 10 दिन के बाद में उस आंटी के घर गया, तो आंटी बोली कि आओ बेटा, क्या नाम है तुम्हारा? तो मैंने बोला कि अविनाश.
फिर वो बोली कि में चाय लाती हूँ, तुम बैठो. तो फिर में टी.वी देखने लगा और तभी उसकी बड़ी बेटी वाशु स्कूल ड्रेस में आई, वाअहह उमाआ क्या माल लग रही थी? उसकी वो नंगी टाँगे मेरी कामुकता को बढ़ा रही थी. फिर उसने मुझे इस नज़र से देखा कि मानो मुझको खा ही जाएगी. अब में समझ गया था कि इस बला का रस अगर मैंने नहीं पिया तो ये इस लड़की का अपमान होगा.
फिर दूसरे दिन में फिर से आंटी के घर गया. अब मेरी आंटी से रोज़ बात होने लगी थी और उसकी प्यारी बेटी से नज़रो में मुलाकात होने लगी थी. अब में हर रोज़ कुछ बहाने से उनके घर में जाने लगा था. फिर इस बात का पता मेरे पापा को लगा तो मेरे पापा ने मुझे बहुत मारा कि उसके घर मत जाना शायद उन्हें भी मेरी काम भावना का एहसास हो गया था, लेकिन अब मेरा उस्ताद कहाँ मानने वाला था? क्योंकि मेरी आँख बंद होते ही मुझे उसकी नंगी टाँगे नज़र आती थी.
अब मैंने मन बना लिया था कि चाहे बाप मारे या कोई भी में उसकी मदमस्त जवानी का रस पीकर ही रहूँगा. फिर एक दिन ऐसा आया कि आंटी ने मुझे अपने घर बुलाया और बैठाकर बातें करने लगी. अब उसकी बातों से लगा था कि वो उस बूढ़े से खुश नहीं है. फिर मैंने सोचा कि माँ और बेटी दोनों को अपना वीर्य पिला दूँगा, लेकिन उसका ध्यान तो मेरे पड़ोसी पर था. अब में समझ गया था कि अगर इसकी बेटी की जवानी का रस पीना है तो इसकी आग को तो बुझाना ही पड़ेगा. फिर मैंने अपने पड़ोसी विजय से बात की तो वो मानो पागल ही हो गया.
फिर एक दिन जब मैंने आंटी की सेटिंग विजय से करवा दी. फिर बूढ़ा कुछ दिनों के लिए बाहर चला गया, तो में अचानक से आंटी के रूम में चला गया. मैंने देखा कि विजय आंटी को अपना लंड चुसा रहा था. फिर आंटी झट से उठ गई और बोली कि बेटा किसी को कुछ मत बताना. फिर मैंने बोला कि में जो भी करूँ आप मुझे मना नहीं करोगी, तो वो बोली कि ठीक है. फिर में तुरंत उसकी सौतेली बेटी वाशु के पास गया. अब उस सौतेली माँ ने अपनी बेटी को चुदवाने का फ़ैसला कर लिया था.
फिर में वाशु के पास जाकर बोला कि आओ जान इतने दिनों की प्यास बुझाने का समय आ गया है, तो वो बोली कि नहीं कोई आ जाएगा. फिर मैंने कहा कि अपनी रंडी माँ से डर रही हो, वो रंडी तो तुमको अपने भाई से चुदवाना चाहती है, तुम एक काम करो मेरा साथ दो हम बदला लेंगे, तो बहुत देर के बाद वो मान गयी.
फिर में झट से उसके करीब आ गया और उसके होंठो पर अपने होंठ चिपकाकर उसके कामुक बदन से लिपट गया. अब उसकी साँसे भारी होने लगी थी, फिर मैंने उसके होंठो को अपने होंठो से कसकर चुंबन देना शुरू किया. अब वो मस्त होती जा रही थी और सिसकियां भर रही थी, उम्म्म म्‍म्म्मम एम्म एमम आह हहहहह चूस लो एम्मम एम्म.
फिर मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू किए, वो काली ब्रा और काली पेंटी में क्या लग रही थी? अब मेरा लंड बेकाबू होता जा रहा था. फिर मैंने उसकी ब्रा खोली और उसके दूध का रस पीने लगा. अब वो आहह उम्म्म्ममम अहह कर रही थी. फिर जैसे ही मैंने उसकी पेंटी खोली, तो उसकी चूत एकदम पिंक कलर की थी वाआह.
अब में उसकी चूत को चाटने लगा था, अब वो अहह चोदो ना आह हह जमम्म्म एम्म एम्म्म मुन्म्म एम्म्म प्लीज अहह बोले जा रही थी. अब उसकी ऐसी आवाज़े सुनकर में और जोश में आ गया और अपना 7 इंच लम्बा लंड उसकी चूत में घुसा दिया. अब वो उम्म्म एमम हहहहहह कर रही थी, फिर लगातार आधे घंटे तक उसकी चुदाई करने के बाद में झड़ गया.
अब दूसरा दिन था, फिर उसकी माँ ने उसे अपने एक रिश्तेदार के यहाँ भेज दिया. फिर मुझे पता लगा तो में विजय के पास गया और बोला कि बूढ़े को उसकी सच्चाई पता चल गई है, तो आंटी ने बोला है कि विजय तुरंत यहाँ से भाग जाए, तो विजय चला गया. अब आंटी अपनी प्यासी चूत को लेकर परेशान थी. फिर मैंने अपने मन में बोला कि मेरी माल भगाकर तू कैसे खुश रहेगी?
फिर एक रात को में लेटा हुआ था. अब मेरा चुदाई करने का मन कर रहा था तो मैंने सोचा कि क्या में इस आंटी को चोद दूँ? वैसे भी विजय तो जा चुका था और आंटी को भी लंड की भूख होगी. फिर दूसरे दिन में आंटी के घर गया तो मुझे आंटी बड़ी मायूस लग रही थी. फिर मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो आंटी बोली कि विजय मुझे धोखा देकर भाग गया और रोने लगी. फिर मैंने आंटी को गले लगाकर चुप कराया और बोला कि आंटी में हूँ ना, आप परेशान मत हो और आंटी के बूब्स पर अपना एक हाथ फैर दिया. फिर आंटी एकदम से गर्म हो गई और मुझसे लिपट गयी.
अब में आंटी की साड़ी उतारने लगा था और अब आंटी पागल सी होकर मुझे चूमने काटने लगी थी. अब में भी उत्तेजित हो गया और अपना लंड आंटी के हाथ में दिया. अब वो पागलों की तरह मेरे लंड को चूसने लगी थी और जोर-जोर सिसकारियां भर रही थी. फिर आंटी जल्दी से लेट गयी और बोली कि बुझा दे मेरी प्यास, चोद दे मुझे. फिर में देर ना करते हुए आंटी की घमासान चुदाई करने लगा.
अब आंटी पागल हो गई थी और फिर कुछ देर के बाद में आंटी कि चूत में ही झड़ गया, इस बीच आंटी 3 बार झड़ चुकी थी. फिर मैंने आंटी को रातभर चोदा और फिर सो गया. अब जब भी हम दोनों को कोई मौका मिलता था तो हम दोनों बहुत चुदाई करते थे. फिर हमारा ये सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा और फिर वो चली गई.
Share:

सरिता की जवानी लूटी विदिशा में

हैल्लो दोस्तों, में राज साउथ उड़ीसा का रहने वाला हूँ और में दिखने में बिल्कुल ठीक-ठाक हूँ. मेरी उम्र 36 साल है और मेरा गोरा बदन और मेरे लंड की लम्बाई 5 इंच है. दोस्तों यह मेरी  पहली कहानी है. वैसे में भी पिछले कुछ सालों से आप लोगों की तरह इसकी बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़कर उनके मज़े ले चुका हूँ और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है और आज में अपनी भी एक सच्ची कहानी लिखकर आप लोगों तक पहुंचा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि इसको पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा और बहुत अच्छा लगेगा.
में इस घटना में एक लड़की से फोन पर बात करते करते बहुत आगे तक पहुंच गया और हम दोनों की बातें धीरे धीरे प्यार और उसके बाद सेक्स में बदल गई, में वो सब कुछ अब आप लोगों को पूरे विस्तार से बताने वाला और अब में सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों में चेटिंग और फोन पर बात करने में शुरू से ही बहुत रूचि रखता हूँ और ऐसे ही एक दिन में एक अंजान नंबर पर व्हाटसप पर चेटिंग कर रहा था, लेकिन मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चला कि वो लड़की भी यहीं की है? फिर क्या होना था? हम दोनों ने हमारी वो दोस्ती भरी चेटिंग करीब चार दिनों तक लगातार सुबह शाम जब भी हमे मौका मिलता तो हम दोनों अपने अपने काम में लगे रहते, लेकिन फिर हमारी उस चेटिंग में अचानक से एक नया मोड़ आ गया और हम दोनों अब तक एक दूसरे से कभी मिले नहीं थे, लेकिन अब हमारे बीच सेक्स चेटिंग चालू हो गई और ऐसे करते करते एक दिन हम दोनों ने एक दूसरे से मिलने का विचार किया.
दोस्तों में उस दिन बहुत खुश था, क्योंकि मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि वो लड़की इतनी जल्दी मुझसे मिलना चाहेगी और फिर उसके कहने पर हम दोनों ने रविवार के दिन मिलने का विचार बनाया. फिर मैंने बहुत खुश होते हुए अपनी कार बाहर निकाली और अब में उससे मिलने निकल पड़ा. हम दोनों को बोरिगुमा के बीच में एक हाईवे पर मिलना था और में उसकी बताई हुई जगह पर पहुंच गया. उसके बाद में रोड पर खड़ा होकर उसका इंतजार कर रहा था.
तभी कुछ देर इंतजार करने के बाद एक बस मेरे सामने आकर रुकी. उस बस से एक लाल रंग की सलवार और काले कलर के सूट में एक बहुत मस्त सेक्सी बला उतरी, जिसको देखकर में तो एकदम चकित हो गया, क्योंकि उसका इतना गठीला बदन, गोरा रंग, गोल चेहरा, बड़ी आखें, मानो वो कोई बंगाली फिल्म की सेक्सी हीरोइन हो, लेकिन वो तो एक उड़िया लड़की थी और सीधे बस से उतरकर वो मेरी कार की आगे वाली सीट पर जाकर बैठ गई. मेरी तो उससे आगे होकर बात करने की भी हिम्मत नहीं हो रही थी और में तो बिल्कुल चकित होकर उसके बड़े आकार के बूब्स जो बाहर आने को बेकरार थे, उन्हें घूर घूरकर देख रहा था और फिर उसने मुझसे कहा कि बस मुझे घूरकर देखते ही रहोगे या अब इस कार को भी चलाओगे? फिर मैंने अपनी कार को आगे बड़ाई और उसके कहने पर हम कुछ दूरी चलने के बाद पास ही के एक गाँव में हम रुके.
फिर उसने कार से उतरकर थोड़ा सा चलने के बाद एक घर का ताला खोला और में भी उसके पीछे पीछे चलता गया और फिर उसने मुझसे कहा कि यह घर भी हमारा ही है, लेकिन अब यहाँ पर कोई नहीं रहता, सब लोग शहर में रहने चले गए है. अब में भी उसके पीछे पीछे उस घर के अंदर चला गया और मेरे अंदर जाते ही सरिता ने दरवाज़ा तुरंत अंदर से बंद कर दिया और जब वो मेरी तरफ मुड़ी तब तक मेरी पेंट में मेरा लंड तंबू बन चुका था, वो लगातार मुझे और मेरे तंबू को देख रही थी. फिर मैंने भी उस अच्छे मौके को नहीं छोड़ा और झट से उसे पकड़कर हग कर लिया और हग करते ही मैंने उसके होंठो को अपने होंठो के साथ क़ैद कर लिया. मेरा एक हाथ अब उसकी गोरी पतली कमर पर था और दूसरा हाथ उसकी छाती पर घूम रहा था और सरिता भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और अब हम दोनों एक दूसरे की जीभ से खेल रहे थे.
करीब 15 मिनट तक हम ऐसे ही एक दूसरे को किस करते रहे, लेकिन फिर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसको अपनी गोद में उठाकर बेड पर लेटा दिया और मैंने देखा कि उसके चेहरे पर ख़ुशी भरी मुस्कान लहरा रही थी. अब मैंने अपनी शर्ट उतारी और उससे लिपट गया. हम एक दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे और अब में धीरे धीरे उसका काला सूट ऊपर करके उसकी कमर और नाभि को चूम रहा था.
तभी मेरा एक हाथ उसकी चूत को कपड़ो के ऊपर से सहला रहा था. तब मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत गरम और थोड़ी उभरी हुई थी. मेरे सहलाने की वजह से सरिता भी जोश में आकर अब और भी गरम होकर धीरे धीरे मोन कर रही थी और वो मुझसे बोले जा रही थी हाँ और चूमो उफ्फ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से चाटो मुझे मेरी जान अब जल्दी से चोद दो मुझे अह्ह्ह्ह. दोस्तों सरिता भी अब मेरे लंड को पेंट के ऊपर से दबा सहला रही थी और फिर मैंने सरिता को उस सूट की क़ैद से आज़ाद किया, अब वो मेरे सामने सिर्फ़ काले कलर की ब्रा में थी, उसकी वो ब्रा 36 इंच की थी.
फिर मैंने अब ज्यादा देर नहीं की और तुरंत उसके बूब्स को भी उसकी ब्रा से आज़ाद कर दिया. उसके गोरे गोरे बूब्स और उसके उठे हुए निप्पल मुझे अब पूरी तरह से मदहोश कर गए और में उसके बूब्स को स्मूच करता रहा और उसके दोनों निप्पल को एक एक करके बारी बारी से चूस चूसकर हल्के से काटकर मैंने उन्हें लाल कर दिए थे.
अब सरिता से रहा नहीं गया और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज तुम अब मुझे जल्दी से जानवरों की तरह चोद दो, मेरी आग को बुझा दो, कर दो मुझे शांत प्लीज थोड़ा जल्दी करो. फिर मैंने उसके कहने पर अपनी जीन्स को उतार दिया और अंडरवियर को भी, जिसकी वजह से अब मेरा तना हुआ 5 इंच का लंड उसके सामने था, जिसको देखकर वो बहुत खुश हुई और उसने तुरंत उसे सीधे अपने मुहं में ले लिया और अब सरिता मेरे लंड को पागलों की तहर चूस रही थी, मानो वो सदियो से लंड लेने के लिए बेताब हो.
उसने करीब दस मिनट में चूस चूसकर मेरी हालत एकदम खराब कर दी. फिर मैंने उससे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ, लेकिन फिर भी उसने मेरे लंड को चूसना बंद नहीं किया और उसने मुझसे इशारे से कहा कि ठीक है. तभी मैंने अपना पूरा रस उसके मुहं में छोड़ दिया और सरिता ने भी बड़े प्यार से चाट चाटकर मेरा लंड साफ कर दिया. उसके बाद सरिता फिर से मुझे किस करती रही.
अब मैंने सरिता की सलवार और पेंटी दोनों को उतार फेंका. उसकी चूत अब तक पूरी गीली हो चुकी थी और मैंने देखा कि उसकी चूत हल्के से बालों से भरी हुई थी. मैंने ज्यादा समय बर्बाद नहीं करके में अब उसकी प्यासी चूत को चाटने लगा, मुझे उसकी चूत से एक मदहोश कर देने वाली खुशबू आ रही थी.
फिर में अपनी जीभ को उसकी चूत में पूरा अंदर तक डालने लगा, सरिता भी अपनी कमर को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. करीब दस मिनट के बाद अचानक सरिता मेरे सर को ज़ोर से जकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगी तो में तुरंत समझ गया कि वो अब झड़ने वाली थी और तभी वो झड़ गई, जिसकी वजह से उसका सारा रस मेरे मुहं में फैल गया.
फिर हम दोनों कुछ देर बाद 69 पोज़िशन में आ गये और में अब उसकी चूत को चाट रहा था और वो मेरे लंड को चूस रही थी. फिर इस बीच मेरा लंड एक बार फिर से शिकार करने के लिए तैयार हो गया. अब में अपना लंड सरिता की चूत के ऊपर सहला रहा था और फिर उसने मुझसे कहा कि प्लीज धीरे से, मेरा ख्याल रखना और मैंने भी ठीक वैसा ही किया. मैंने पहले धीरे से लंड को सरिता की चूत में डाला, जिसकी वजह से मेरे लंड का टोपा ही उसकी चूत के अंदर गया था कि सरिता की आखों से आँसू टपक गए और वो उस दर्द से एकदम तड़पने लगी और बहुत ज़ोर से चीखने लगी.
फिर मैंने अपने लंड को बाहर करके उसमें थोड़ा सा वेसलिन लगा लिया और में फिर से शुरू हो गया. इस बार लंड सरिता की चूत में बहुत आराम से फिसलता हुआ अंदर चला गया, उसको हल्का सा दर्द जरुर हुआ था, लेकिन वो ज्यादा नहीं चिल्लाई. अब मैंने ज्यादा देर ना करते हुए उसको धक्के मारने शुरू किए, वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और मुझसे कहने लगी कि हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे आह्ह्ह्ह वाह मज़ा आ गया उफ्फ्फ्फ़ हाँ थोड़ा और अंदर तक डालो आईईईईई और अब सरिता भी अपनी चूतड़ को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी, जिसकी वजह से उसकी चूत में मेरा पूरा लंड बहुत अंदर तक जाकर बाहर हुए जा रहा था और सरिता के मुहं से सिसकियों की लगातार आवाज़े आ रही थी, सरिता की जैसे जैसे आवाज़े बड़ रही थी, में उतनी ही ज़ोर से उसकी चूत में धक्के मार रहा था.
सरिता वाह तुम बहुत अच्छी चुदाई करते हो उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्हह्ह वाह मज़ा आ गया, में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, हाँ थोड़ा सा और अंदर घुसाओ आईईईई कहे जा रही थी.
दोस्तों उसकी चुदाई करते समय मैंने महसूस किया था कि उसकी चूत बहुत टाईट थी और लगता है कि उसने बहुत समय से अपनी चुदाई नहीं करवाई थी, इसलिए वो इतनी भूखी थी. करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद अब में झड़ने वाला था और फिर मैंने उससे कहा कि अब में झड़ने वाला हूँ.
फिर सरिता मुझसे बोली कि तुम मेरी चूत के अंदर नहीं मेरे मुहं पर अपना वीर्य निकालो. फिर मैंने अपना लंड तुरंत उसकी चूत से बाहर निकालकर उसके मुहं में डाल दिया और अब में उसके मुहं को चोदने लगा और कुछ देर बाद में वहीं पर झड़ गया.

दोस्तों उस दिन हमने रुक रुककर चार बार चुदाई के मज़े लिए और फिर सरिता मुझसे कहने लगी कि आज आपकी वजह से आज मुझे गर्व महसूस हुआ कि में एक औरत हूँ और मैंने इतना मज़ा मुझे आज तक कभी नहीं मिला, तुमने मुझसे इस तरह से चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया है और मेरी प्यासी चूत को आज बहुत दिनों के बाद शांति मिली है, जिसके लिए में कब से तरस रही थी, तुम्हारे साथ मुझे अपनी चुदाई करके बहुत मज़ा आ गया, तुमने मुझे बहुत मज़े दिए, तुम्हें चुदाई करने का पूरा अनुभव है, आज के बाद से तुम मुझे जब चाहो चोद सकते हो, क्योंकि में खुद भी तुमसे हर दिन चुदवाना चाहती हूँ. दोस्तों फिर उसके बाद हम दोनों वहां से निकल पड़े और मैंने उसके बताई हुई जगह पर उतार दिया और वो अपने घर पर और में अपने घर पर चला गया और घर पहुंचने के बाद भी मैंने उसके सेक्सी बदन को याद करके एक बार मुठ मारी और उसके बाद ना जाने कब में सो गया.
फिर अगले हफ्ते हम दोनों दोबारा उसी जगह पर मिले जहाँ पर हमारी पहली चुदाई और हमारा पहला मिलन हुआ था और फिर हमने एक ब्लू फिल्म देखकर उसमें जैसे जैसे चुदाई चल रही थी ठीक वैसे ही चुदाई करके सेक्स के पूरे पूरे मज़े लिए.
Share:

एक बार चुदाई की चाहत

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है और में पंजाब से हूँ. आज में आपको मेरी सच्ची स्टोरी बताने जा रहा हूँ. मैंने इस साईट पर कई कहानियाँ पढ़ी है, मेरी ये रियल स्टोरी मेरी और मेरी फोन पर बनी गर्लफ्रेंड की है, इससे पहले मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी. ये बात कुछ साल पहले की है, जब मुझे एक अंजान नंबर से मिस कॉल आई तो मैंने रिटर्न कॉल की तो उधर से एक स्वीट सी आवाज़ आई और वो आवाज़ एक लड़की की थी. फिर मैंने पूछा कौन हो?
उसने अपना नाम मुंजन बताया. फिर मैंने शुरुवात में इग्नोर किया और 1 हफ्ते के बाद फिर से फोन आया. फिर मैंने सोचा कि कोई फ्रेंड तो मेरे साथ मज़ाक नहीं कर रहा है, फिर मैंने ये चैक करने के लिए उससे कहा कि मेरे मैसेज पैक डलवा फिर बात करूँगा, तो उसने डलवा दिया, फिर मुझे यकीन हुआ कि ये कोई मज़ाक नहीं कर रहा है.
फिर हमारी फोन पर बात होने लगी, फिर उसने पूछा आगे क्या करना है? तो मैंने कहा कि तुम्हें प्यार करना है, तो उसने कहा कि ओके आई लव यू टू. फिर उसने कहा कि मैंने उसे बस में नंबर दिया था, तो मैंने उसे बता दिया कि मैंने किसी को नम्बर नहीं दिया, वो गुरदासपुर की थी. अब हमारी कॉल पर पूरे दिन बात होने लगी, अब हम फोन पर एक दूसरे को किस देते थे.
फिर हमारा रोज ही फोन सेक्स शुरू हो गया, अब वो मुझसे बहुत प्यार करने लगी थी, शायद में भी करने लगा था. फिर उसने कहा कि शादी के बाद क्या क्या करोंगे? और मैंने उससे बूब्स का साईज़ पूछा तो उसने 34 बताया. फिर मैंने उससे कहा कि तुम्हारे बूब्स मेरे हाथ में कब आयेंगे? तो उसने कहा कि जल्दी आ जायेंगे, अब वो बहुत सेक्सी बातें करती थी.
अब जब भी उसका कॉल या मिस कॉल आता, तो में रिटर्न कॉल करता. अब उससे बात करते वक़्त मेरा लंड खड़ा हो जाता और उसने कहा कि वो बहुत सुंदर है देखेगा तो पागल हो जायेगा. अब इस तरह 1 साल तक हमारी कॉल पर बातें होती रही. फिर मैंने उससे मिलने के लिए कहा तो वो मान गयी. फिर हमने अमृतसर में गोल्डन टेम्पल में मिलने का प्लान बनाया.
में मंगलवार को सुबह ट्रेन में एक फ्रेंड को साथ ले गया. फिर वो अपनी एक फ्रेंड के साथ मिलने आई वो दिखने में बहुत सुंदर थी और वो ब्लेक टॉप में कहर ढा रही थी, वो एकदम पटाखा थी. फिर हमने रेस्टोरेंट में लंच किया और फिर मैंने उसे किस का इशारा किया और एक होटल में चलने के लिए कहा तो वो मान गयी. फिर हम रूम में पहुंचे तो मैंने उसे हग कर लिया और उसे किस किया. अब में उसका नीचे वाला होंठ चूस रहा था और वो मेरा ऊपर वाला होंठ चूस रही थी.
फिर मैंने एक हाथ से उसके बूब्स को दबाया और उसे टॉप उतारने के लिए कहा. अब में तो उसे ऐसी हालत में देखकर पागल ही हो गया, अब वो शर्मा रही थी तो मैंने ही पकड़ कर उतार दिया. फिर मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स दबायें और उसकी ब्रा भी उतार दी. फिर में उसके बूब्स पर टूट पड़ा और चूसने में भी मज़ा आ गया.
अब में पहली बार किसी के बूब्स को चूस रहा था, बूब्स चूसकर तो मज़ा ही आ गया और फिर उसे बेड पर लेटाकर पेट पर किस किया. फिर उसकी जीन्स खोली और उसकी पेंटी भी उतार दी, अब वो पूरी नंगी थी. अब मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा था, फिर उसने मेरे कपड़े उतार दिए. फिर मैंने उसकी चूत को चाटा तो अब वो मदहोश हो गयी और फिर वो मेरा लंड पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी. फिर मैंने उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया तो उसे बहुत दर्द हुआ. फिर मैंने उसे किस किया और अपना पूरा लंड डाल दिया, उसकी चूत बहुत टाईट थी.
फिर में धीरे-धीरे हिलने लगा, फिर जब वो शांत हुई तो ज़ोर-जोर से धक्के मारने लगा. अब उसकी सील टूट गयी थी और खून भी निकल रहा था, फिर कुछ देर के बाद उसे भी मज़ा आने लगा और अब वो भी अपनी गांड उठा- उठाकर साथ देने लगी.
फिर 20 मिनट तक चुदाई करके हमने पोजिशन चेंज की. अब में लेट गया और वो मेरे ऊपर लंड चूत में लेकर बैठ गयी. फिर वो ऊपर नीचे होने लगी और में भी नीचे से धक्के लगाने लगा, अब पूरा कमरा आ उहह की आवाज़ो से गूंजने लगा था. फिर मैंने पीछे से उसकी चुदाई की और अब वो बस आआअहह उहह बोल रही थी और उसका मुँह पूरा लाल हो गया था. अब वो झड़ गयी थी और में भी झड़ गया और उसके ऊपर ही हग करके लेट गया. फिर कुछ देर के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैंने उससे कहा कि मुझे तुम्हारी गांड भी मारनी है तो वो मना करने लगी.
फिर मैंने उससे रिक्वेस्ट कि तो वो मान गयी, फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में होने के लिए कहा तो वो अपनी गांड ऊपर उठाकर डॉगी स्टाइल में हो गयी. फिर मैंने उसकी गांड पर किस किया और कुछ थप्पड़ मारे, अब उसकी गांड लाल हो गयी थी. फिर मैंने उसकी गांड के छेद पर तेल लगाया और एक उंगली डाली और फिर दो उंगलियां डाल दी, अब मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर सेट किया और धक्का मारा, तो उसे बहुत दर्द हुआ और उसके मुँह से आआअहह की आवाज़ निकली.
फिर मैंने अपना पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया, फिर धीरे-धीरे हिलने लगा और उसकी गांड मारने लगा. मुझे गांड मारना ज्यादा अच्छा लगता है. फिर कुछ देर के बाद वो फुक मी हार्ड कहने लगी और जवाब में गांड आगे पीछे हिलाने लगी, अब मुझे उसकी चुदाई करने में बहुत मज़ा आया. फिर शाम को हमने एक दूसरे को बाय कहा और एक लम्बा स्मूच किया. फिर कुछ महीने के बाद हमारी कम बातें होने लगी, फिर मैंने उसे कॉल किया तो उसका नंबर व्यस्त आ रहा था.
फिर आधे घंटे के बाद फोन किया तो भी व्यस्त आ रहा था तो मैंने पूछा कि नंबर व्यस्त क्यों है? तो वो कहने लगी कि आज के बाद मुझे कॉल मत करना, शायद अब उसे कोई मिल गया था. अब मुझे थोड़ा सा बुरा लगा जब उसने ये कहा और फिर हमारी बातें बंद हो गयी.
Share:
Copyright © देसी सेक्सी कहानिया