अदिति के साथ सेक्स का खेल

हैल्लो दोस्तों, आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची सेक्स घटना और मेरा दूसरा सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने अपनी नई पड़ोसन मेरी प्यारी अदिति को चोदा और उसकी वर्जिन चूत की सील को तोड़ दिया. तो कहानी शुरू करने से पहले में आप सभी चाहने वालों को अपने बारे में पूरा विस्तार से बता देता हूँ. दोस्तों मेरा नाम अभी कुमार है और मेरी उम्र 20 साल है, में दिखने में एकदम ठीक-ठाक हूँ और मेरी लम्बाई 5.7 फिट है, में विदिशा का रहने वाला हूँ.
फिर दोस्तों यह बात कुछ दिनों पहले की है जब मेरे पड़ोस में एक परिवार रहने आया जो कि साउथ इंडियन था और उस परिवार में एक अंकल, आंटी और एक बहुत मस्त सी सुंदर लड़की थी, जिसका नाम अदिति था.
दोस्तों वो लड़की दिखने में बहुत ही ज्यादा सेक्सी लगती थी और उसका रंग गोरा, पतली कमर, लंबे काले बाल और उसके थोड़े मध्यम आकार के बूब्स थे और उसके फिगर का आकार 34-32-36 के आसपास होगा. दोस्तों में हमेशा मौका देखते ही उसे निहारता, उसकी छाती को घूरता रहता था और में कभी कभी उसके बारे में सोच सोचकर मुठ मारता था, क्योंकि वो मुझे बहुत ही हॉट लगती थी, वो अक्सर बिल्कुल टाईट टी-शर्ट्स पहनती थी और नीचे एकदम फिट वाली जीन्स पहनती, जिससे उसका बदन और भी उभरने लगता और उसे देखते ही मेरा लंड उछलने लगता था और उसकी टी-शर्ट पहनने की वजह से उसके बूब्स के साईज़ और बड़े लगने लगते थे और बहुत गोल लगते थे.
फिर मेरे दिन ऐसे ही मुठ मारते मारते गुज़रने लगे थे, लेकिन मुझे उसके साथ सेक्स करने का कभी मौका ही नहीं मिलता था और में बस उसे दूर से ही देखकर अपनी आखें सेकने लगा था.
दोस्तों अदिति की माँ का नाम पूजा था और वो भी दिखने से एकदम सेक्सी बम थी उसको देखकर भी हर किसी की नियत खराब हो जाए, पूजा आंटी और मेरी मम्मी की बहुत ही कम समय में बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी और उन दोनों का हर कभी साथ घूमना फिरना होता रहता था, लेकिन अदिति और में हम लोग कभी इतनी बातें नहीं करते थे, लेकिन में उससे बात करने के कोई ना कोई मौके जरुर ढूंढता रहता था.
फिर एक दिन क्या हुआ कि मेरी माँ और पूजा आंटी साथ में घूमने बाहर चले गये और उस समय में अपने घर पर एकदम अकेला था और उस समय में अपने लॅपटॉप पर सेक्सी फिल्म देख रहा था, लेकिन तभी अचानक से मेरे घर की घंटी बजी और में अपने लेपटॉप को मिनिमाईज़ करके दरवाज़ा खोलने चला गया और फिर मैंने पिन होल से बाहर की तरफ झांककर देखा तो बाहर सफेद रंग की टी-शर्ट में कोई खड़ा हुआ था, लेकिन मुझे उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा था और जब मैंने दरवाज़ा खोलकर देखा तो में देखता ही रह गया, क्योंकि बाहर अदिति खड़ी हुई थी और अब मुझे अपनी आखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था, क्योंकि में उसको अपने घर के बाहर खड़ा हुआ देखकर मन ही मन बहुत खुश था.
फिर उसको मैंने हाए कहा तो वो मुझसे पूछने लगी कि अभी क्या तुम्हे पता है हमारी मम्मी कब तक वापस आयेगी? तो मैंने उससे कहा कि नहीं मुझे भी नहीं पता, क्योंकि उनका फोन भी नहीं लग रहा है और में भी बहुत देर से उनको फोन लगा रहा हूँ, लेकिन मेरी उनसे बात नहीं हो सकी तो उसने भी मुझसे कहा कि हाँ मेरी भी उनसे कोई बात नहीं हो पा रही है और ऊपर से रात के 10.00 बज गया और अब मुझे घर पर अकेले बहुत डर लग रहा है, क्योंकि पापा भी हमेशा देरी से आते है.
फिर मैंने उससे कहा कि कोई बात नहीं है वो अभी आ जाएँगे, वो कहीं अटक गए होंगे तब तक तुम एक काम करो तुम मेरे घर पर उनका इंतजार कर लो और उनके आने तक तुम यहीं पर रहो. फिर वो मेरी यह बात मान गई और अब हम दोनों थोड़ा इधर उधर की बातें करने लगे और बात करते करते मैंने उससे पूछा कि क्या तुम्हारी लाइफ में कभी कोई बॉयफ्रेंड था? तो उसने मुझसे बहुत धीमी आवाज़ में कहा कि हाँ कुछ समय पहले था, लेकिन अब मेरी उससे किसी बात को लेकर लड़ाई हो गई है और हम अब एक दूसरे से कभी बात नहीं करते है.
मैंने उससे कहा कि तुम बुरा ना मानो तो क्या में जान सकता हूँ कि तुम्हारा अपने बॉयफ्रेंड से झगड़ा क्यों हो गया? और अब वो मेरी बात का बिना बुरा माने मुझे अपने दोस्त के बारे में बताने लगी और तब दोस्तों मुझे उसकी बातों से पता चलने लगा कि वो एक वर्जिन थी और उसकी सेक्स में भी बहुत रूचि थी, वो सेक्स को लेकर बहुत उत्साहित रहती थी, लेकिन उसने अब तक कभी भी सेक्स नहीं किया था और अब हम दोनों जानबूझ कर थोड़े दो मतलब की बातें भी करने लगे थे जिसका मतलब हम दोनों को बहुत अच्छी तरह से समझ में आ रहा था और फिर हमने एक दूसरे के मोबाईल नंबर भी ले लिए थे.
फिर कुछ देर बाद हमारी मम्मी भी आ गई और वो मुझसे बाय कहकर अपने घर पर चली गई और उसके बाद से हम हर कभी जब भी हमें मौका मिलता तो फोन पर बातें करते रहते थे और हम दोनों इस तरह बहुत ही कम समय में एक दूसरे के बहुत करीब हो चुके थे और अब हम साथ में बाहर घूमने भी चले जाते थे और में हमेशा उसे देखता रहता था और कभी कभी सही मौका देखकर में उसके बूब्स को भी छू लिया करता था, लेकिन वो मुझसे कुछ ना कहते हुए मेरी तरफ स्माइल कर लेती थी.
फिर ऐसे ही और एक बार फिर से हमारी माँ बाहर घूमने जाने वाली थी तो मैंने यह बात जानकर तुरंत अदिति को एक मैसेज कर दिया और मैंने उसमें लिखा कि तुम तुम्हारी मम्मी के चले जाने के बाद मेरे घर पर आ जाना, तो वो मान गयी और फिर हमारी मम्मी के चले जाने के बाद वो मेरे घर पर आ गई और मैंने उसे हग किया, क्योंकि वो सब हमारे बीच हर कभी होता रहता था और मैंने उसके बूब्स को अपनी छाती से दबता हुआ महसूस किया और आज मैंने उसे मौका देखकर थोड़ा ज़ोर से उसको हग किया था, वो अब बहुत खुश लग रही थी और में भी बहुत मन ही मन में उछल रहा था.
मैंने अपने लेपटॉप पर अपने घर पर एक छोटी फिल्म को चालू कर दिया और कुछ पॉर्न फिल्म को भी उसके पीछे डाल दिया था. अब में उसको वो शॉर्ट फिल्म दिखाने लगा और फिर में चालाकी से रूम से बाहर आ गया और अब में छुपकर उसे देखने लगा तो मैंने देखा कि वो शॉर्ट फिल्म थोड़ी देर बाद ख़त्म हो गई और वो पॉर्न फिल्म शुरू हो गई तब वो एकदम से चौंक गई और फिर पहले वो इधर उधर देखने लगी कि उसके आसपास कोई तो नहीं है या कोई उसे देख तो नहीं रहा है, फिर जब वो समझ गई कि अब वो एकदम अकेली है तो वो अपनी आखें फाड़ फाड़कर फिल्म देखने लगी.
फिर में थोड़ी देर बाद अचानक से अंदर आ गया और मैंने उससे पूछा कि तुम्हे शॉर्ट फिल्म कैसी लगी? तो वो मेरी यह बात सुनकर थोड़ा शरमाने लगी और फिर वो बोली कि क्या तुम हमेशा पॉर्न फिल्म देखते हो? तो मैंने उससे आंख मारते हुए कहा कि हाँ, लेकिन कभी कभी, क्यों क्या हुआ? तो उससे मैंने पूछा कि क्या तुमको भी वो सब देखना है? तो वो मेरी यह बात सुनकर शरमाने लगी और मैंने उससे बोला कि अरे यार मुझसे क्या शरमाना चलो में तुम्हे भी दिखाता हूँ और अब मैंने एक फिल्म को तेज आवाज के साथ लगा दिया.
फिर दोस्तों मैंने उसको बहुत ध्यान से देखा कि वो अब अपने हाथ अपनी पेंट की चेन के पास ले जा रही थी और मैंने सही मौका देखकर उसको उसकी गर्दन पर किस कर दिया तो वो थोड़ी और गरम होने लगी थी और अब मैंने उसे अपने गले से लगा लिया और उसने भी अब मेरा पूरा साथ देना शुरू कर दिया था. मैंने उसको गाल पर गर्दन पर किस किया, जिसकी वजह से वो बहुत गरम हो गई थी और फिर हम दोनों एक दूसरे को लगातार किस करने लगे और में उसके होंठो को धीरे धीरे अपने होंठो से बंद करने लगा और अब उसके मुलायम मुलायम बूब्स मेरे शरीर को छू रहे थे. दोस्तों कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि वो पूरे जोश में थी और उस बात का फायदा उठाकर मैंने उसको किस करते करते अपने एक हाथ से उसकी टी-शर्ट के ऊपर से बूब्स को धीरे धीरे मसलने लगा था.
फिर वो गरम होकर सेक्सी आवाज़ें करने लगी थी आहहहहह उफफ्फ्फ्फ़. दोस्तों वो अब बहुत खुश हो रही थी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भर रही थी. फिर थोड़ी देर बूब्स को दबाने के बाद मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया और वो अब एकदम से झूलते हुए बूब्स ठीक मेरे सामने थे. उसने काली कलर की ब्रा पहनी हुई थी, जिसमें से दो एकदम गोल गोरे गोरे बूब्स मेरे सामने थे और उसके ऊपर से बाल खुले हुए थे, वो बहुत अच्छा नजारा था और वो उस समय कैसी लग रही होगी में शब्दों में भी नहीं बता सकता, मुझे तो स्वर्ग जैसा महसूस होने लगा था. मैंने फिर पीछे से उसकी ब्रा का हुक निकाल दिया और अब उसके बूब्स मेरे आगे थोड़े लटक गये थे.
मैंने फिर उसकी ब्रा को पूरी निकाल दिया था और अब में उसके नंगे बूब्स को दबाने लगा और फिर एक बूब्स को पकड़कर चूसने लगा, वाह वो क्या मस्त अहसास था? फिर उसने मेरी शर्ट को निकाल दिया और मुझे भी पकड़ने लगी और किस करने लगी तो मैंने उसे उठाकर बेड पर एकदम सीधा लेटा दिया और उसकी हॉट पेंट को भी उतार दिया, वो अब सिर्फ़ एक काली कलर की पेंटी में थी और में अब उसके पूरे पैरों से चूम चूमकर धीरे धीरे आगे बढ़ता हुआ उसकी चूत तक पहुँच गया, तो मैंने महसूस किया कि उसकी चूत अब एकदम गीली हो गई थी और मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया और उसकी चूत में उंगली डालने लगा तो वो और भी ज्यादा ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और बिल्कुल पागल होने लगी थी.
में अब उसकी चूत में अपनी एक उंगली को डालकर धीरे धीरे, लेकिन लगातार अंदर बाहर करने लगा और फिर में बीच बीच में उसके होंठों को भी चूमता रहा और फिर मैंने ऐसा थोड़ी देर तक चलने दिया और अब वो मेरे लंड को छूने लगी और धीरे से हिलाने लगी और अब मुहं में लेने लगी जिसकी वजह से अब मुझे बहुत मस्त अहसास आ रहा था. मैंने फिर अपने लंड पर सुरक्षा के लिए कंडोम लगाया, जिसे में हमेशा अपने पास छुपाकर रखता हूँ. अब में अपना लंड धीरे धीरे उसकी चूत में डालने लगा तो वो और भी मदहोश हो रही थी. हम दोनों अब एकदम जोश में आकर सेक्स करने लगे थे और फिर में बीच बीच में उसके बूब्स को भी दबा रहा था.
अब में उसकी चूत में लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाकर उसे चोदने लगा था जिसकी वजह से वो लगातार सिसकियाँ ले रही थी और कुछ देर की चुदाई के बाद में झड़ गया, तब तक वो भी झड़ चुकी थी. फिर उसके बाद हम दोनों साथ में नहाने गये और वो चेहरे से बहुत खुश नज़र आ रही थी. हम नहाकर बाथरूम से बाहर निकले और उसके कुछ देर बाद माँ आ गई और उस दिन की चुदाई के बाद हम दोनों के बीच बस यही सब चलने लगा, जब भी हम अकेले रहते तो हमें कोई भी अच्छा मौका मिलता तो हम चुदाई में लग जाते और हम दोनों ने ऐसी चुदाई करके बहुत मज़े किए है, वो हर बार मेरी चुदाई से बहुत संतुष्ट नजर आई और मुझे उसकी चुदाई का हर बार मौका मिलता रहा.
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बेटे से चुदवाकर चूत जवान हो गई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम गीता जायसवाल है और में नेपाल से हूँ. में विधवा हूँ, मेरी उम्र 40 साल है और में पिछले 4 सालो से लंड के लिए तरस रही हूँ. मेरा बेटा रशु जो बाहर पढ़ता है, जिसकी उम्र 19 साल है. में काफ़ी सेक्सी, लंबी, गोरी, खूबसूरत हूँ. एक बार मेरा बेटा रशु मेरे घर गर्मीयों की छुट्टियों में रहने आया हुआ था, वो दिखने में सेक्सी है, उसकी बॉडी अच्छी है. जब भी में उसे देखती थी तो पता नहीं क्यों मेरी चूत में सरसराहट होती थी? में बहुत ही कामुक 40 साल की औरत हूँ.
में हर समय संभोग के लिए बेचैन रहती हूँ, लेकिन विधवा होने से कई साल तक मैंने चुदाई का मज़ा नहीं लिया था और में हर समय अपनी चूत चुदवाने के तरीके सोचती रहती हूँ. में रोज नहाते समय हस्त मैथुन भी करती हूँ, लेकिन इससे भी मेरे बदन की भूख लगातार बढ़ ही रही थी. में जब भी रशु की छाती के बालों को देखती हूँ, तो में उत्तेजित हो जाती थी.
अब रात के 12 बज रहे थे, अब में और रशु पास-पास के रूम में सो रहे थे, उसके रूम की खिड़की खुली हुई थी और अंदर नाईट बल्ब जल रहा था. अब मुझे नींद नहीं आ रही थी, में पूरी तरह से उत्तेजित थी और मेरी चूत का कोना-कोना जल रहा था. तभी मैंने सोचा कि टॉयलेट के बाद मेरी चूत की गर्मी कुछ शांत हो जाएगी, तो में टॉयलेट करने को उठी. तो तभी मैंने देखा कि रशु के रूम का नाईट बल्ब जल रहा है. फिर में टॉयलेट करके लौटकर आई तो मैंने सोचा कि क्यों ना रशु को सोते हुए देखते हुए में उत्तेजित होकर हस्तमैथुन कर लूँ? लेकिन जैसे ही मैंने अंदर देखा तो मेरी पूरी चूत में सरसराहट दौड़ गई. अब मेरा बेटा रशु अपना मोटा लंड अपने हाथ में लिए सहला रहा था और उसे तेज़ी से झटके दे रहा था.
अब ये सब देखते ही मेरी चूत सुलगने लगी थी तो में उसे लगातार देखती रही. फिर तभी मैंने देखा कि रशु के हाथ में मेरी पेंटी थी, अब वो उसे पागलों की तरह सूँघे जा रहा था, उसने वो अलमारी में से निकाल ली होगी. अब वो मेरी पेंटी को चाट रहा था, फिर मुझसे संभोग की प्यास बर्दाश्त नहीं हो पाई तो मैंने धक्का देकर उसके रूम का दरवाजा खोल दिया और उसके रूम में घुस गई. अब मुझे देखते ही रशु ने अपने लंड को अपने हाथ में दबा लिया था. फिर में मुस्कुराते हुए बोली कि ये क्या कर रहे हो बेटा? तो वो कुछ नहीं बोला.
फिर में उसके पास चली गई और उसके लंड की तरफ देखती हुई बोली कि उसे क्यों ऐसे छुपा रहे हो? मैंने तो सब देख लिया ही है. तो वो बोला कि आप मेरी मम्मी है, आप अपने रूम में जाइए ना, ये सब ठीक नहीं है.
फिर मैंने अपनी साड़ी को ऊपर करके उठा दिया, तो वो बोला कि ये क्या कर रही है मम्मी? यहाँ से जाइए ना, लेकिन वो मेरी और देख रहा था, इससे मुझे लगा कि वो थोड़ा झिझक रहा है. फिर मैंने अपनी चूंची को पूरी तरह से नंगा कर दिया और उससे कहा कि रशु तुम्हें मेरी कसम, मेरी प्यास बुझा दो बेटा, में कब से आग में जल रही हूँ. फिर तब उसने हल्के से मेरी चूंची को सहलाया और रूम लॉक कर दिया.
तब मैंने रशु के लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी. फिर उसने मेरी साड़ी को उतार दिया और इसके बाद उसने एक-एक करके मेरा ब्लाउज, पेटीकोट भी खोल दिया. अब में ब्लेक पेंटी पहने थी, अब मेरी पेंटी पूरी गीली हो रही थी. फिर उसने मेरी पेंटी में अपना हाथ डाल दिया तो में सिसकने लगी और फिर उसने मेरी पेंटी नीचे सरकाकर मेरी चूत को उजागर कर दिया और बहुत ध्यान से मेरी चूत को देखने लगा. फिर मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी चूत पर रख लिया और कहा कि मेरी चूत को चाटो रशु. तो वो बोला कि मम्मी अपनी टाँगे फैला लो, अब मेरी चूत जमकर अपना पानी छोड़ रही थी.
अब 4 साल के बाद पहली बार मेरे लड़के ने मेरी चूत को सहलाया था. फिर वो मेरी चूत को चूसने लगा तो में ज़ोर से बोली कि चूसो मेरी चूत को, चाट लो पूरा. अब वो भी पूरा उत्तेजित हो गया था और तेज़ी से मेरी चूत को चूसने लगा था. अब मेरा भी मन उसका लंड चूसने का कर रहा था, तो जब मैंने उसका लंड चूसने की कोशिश की तो वो आनाकानी करने लगा. लेकिन में नहीं मानी और उसके लंड को अपने मुँह में डालकर मुख मैथुन करने लगी. अब में अपने बेटे के लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी.
अब उसकी खुशबू मुझे पागल कर रही थी, फिर धीरे-धीरे रशु अपनी कमर हिलाने लगा, तो में समझ गई कि अब उसका मन भी चुदाई के लिए मचल रहा है. तो मैंने उसी समय रशु का लंड अपने मुँह से निकाल दिया और अपनी चूत फैलाकर बोली कि रशु अब घुसा दो अपने लंड को अपनी माँ की चूत में, चोद लो जी भरकर अपनी माँ की चूत को, मेरी सालों की प्यास बुझा दो बेटा. फिर रशु ने मेरी चूत की तरफ देखा और अपने लंड को आगे बढ़ाकर अपना लंड मेरी चूत के मुहाने पर रख दिया और उसे अंदर धकेलने लगा, अब में तो जैसे स्वर्ग में थी.
फिर मैंने उससे धक्का लगाने को कहा तो उसने धक्का मारा, तो उसका लंड मेरी चूत के अंदर चला गया, तो उसी पल मैंने ज़ोर से सिसकारी ली. अब वो बहुत खुश हो गया था और ये सोचकर कि मुझे मज़ा आ गया, उसका लंड वैसे ही मोटा था इसलिए मुझे दर्द ज्यादा ही महसूस हो रहा था, लेकिन थोड़ी ही देर में मेरा दर्द मज़े में बदल गया.
फिर में बोली कि वाह बेटा और कसकर चोदो मेरे सैय्या और कसकर पैलो मेरे राजा, फाड़ दो मेरी चूत को रशु और कसकर, क्या मस्त पेल रहे हो रशु? मज़ा आ गया, मेरी जान चोदो चोदते जाओ. फिर वो रुकने लगा तो मैंने मना कर दिया और कहा कि चुदाई कर दे मेरी चूत की, में कब से चुदने को तरस रही हूँ.
फिर उसके बाद वो तेज़ी से अपने लंड से मेरी चूत में धक्के लगाने लगा. अब में मज़े की वजह से सिसकने लगी थी और अब थोड़ी देर के बाद मुझे भी बहुत ही ज़्यादा मज़ा आने लगा था. अब मैंने अपनी पूरी बॉडी को टाईट कर लिया और तेज़ी से साँसे लेने लगी थी. अब मैंने रशु की पीठ को पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी थी. अब मैंने जोश में आकर उसकी पूरी पीठ पर जगह-जगह अपने नाख़ून चुभा दिए थे.
अब में पूरी तरह से जानवर बन गई थी, अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. अब वो अपने हाथों से मेरे निपल्स दबा रहा था और ज़ोर-जोर से धक्के लगा रहा था. अब मेरी चूत से लगातार पानी निकल रहा था, जो बाहर निकलकर नीचे मेरी जांघो पर जा रहा था. फिर अचानक से मेरे शरीर में झटका सा लगा. अब में अपनी अंतिम सीमा पर पहुँचने ही वाली थी तो में जोर से चिल्लाई रशु मेरा हो रहा है और ज़ोर से चोद बेटा और ज़ोर से चोद. तभी वो बोला कि मम्मी मेरा भी होने वाला है और धक्के लगाते-लगाते वो मुझसे चिपक गया और उसने मेरे हिप्स पकड़ लिए और फिर में भी उसके साथ ही झड़ गई.
अब मुझे झड़ते टाईम बहुत अच्छा लगा था, फिर वो झड़ने के बाद भी 1 मिनट तक मेरी चूत में अपना लंड रगड़ता रहा. अब मुझे ये बहुत अच्छा लग रहा था, फिर में उसके लंड को अपनी चूत में से बाहर निकालकर अपने मुँह में डालकर चूसने लगी. फिर थोड़ी देर के बाद हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े पहन लिए और में अपने रूम में आ गई. फिर उस दिन के बाद से जब भी मेरा मन करता है, तो में अपने बेटे से जी भरकर चुदवाती हूँ. रशु के चोदने से मेरी चूत पूरी तरह से जवान हो गई है.
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बीवी को बदलकर लिया चुदाई का मजा

हैल्लो दोस्तों, आप सभी पढ़ने वालों को में सबसे पहले बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहता हूँ, क्योंकि आप सभी के प्यार की वजह से हम जैसे लोगों को अपनी आप बीती कोई सच्ची घटना कोई भी ऐसा काम बताने की हिम्मत मिलती है.
मैंने अब तक बहुत सारी सच्ची घटनाओं पर आधारित घटनाओं को पढ़कर उनके मज़े लिए और इसलिए आज में भी अपनी एक सच्ची कहानी आप लोगों को सुना रहा हूँ, जो सबसे अलग हटकर है और जिसमें मैंने अपनी पत्नी की जगह दूसरे की पत्नी की अदला-बदली करके उसकी चुदाई के मज़े लिए, लेकिन वो सब कुछ मैंने कैसे किया? अब आप उसको पूरे विस्तार से सुने और आगे पढ़े. में उम्मीद करता हूँ कि यह आपको सभी को जरुर पसंद आएगी और आप इसका पूरा मज़ा ले सकते है.
दोस्तों में 56 साल का और मेरी पत्नी 53 साल की है, मेरा नाम ललित और मेरी पत्नी का नाम सुशीला है, मेरी लम्बाई 5.5 वजन 75 किलो और मेरी पत्नी की लम्बाई 4.9 और उसका वजन 60 किलो है. हमारी शादी हुए 32 साल हो गये है, हमारे दो बेटे है जो बाहर रहते है और उनकी भी शादी हो गई है. मेरी पत्नी चेहरे से गोरी और थोड़ी सी मोटी है, उसके फिगर का आकार 38-40-42 है. वैसे में भी मोटा हूँ और मेरी छाती 42 कमर 40 है, लंड छोटा करीब 4.4 लम्बाई और मोटाई 1.5 है.
दोस्तों हमारे बेटों के बाहर चले जाने के बाद हम दोनों पति, पत्नी अकेले हो गये थे, जिसकी वजह से हम दोनों को हमारी सेक्स लाईफ अब बहुत ज्यादा बोर लगने लगी थी, में कभी कभी मजाक में सुशीला को बोलता था कि तुम्हारी लम्बाई बहुत छोटी है, इसलिए मुझे वैसा मज़ा नहीं आता जैसा आना चाहिए, तुम्हारी लम्बाई कम से कम 5 फीट तो होनी चाहिए और फिर में उसको ताना मारता कि तुम्हारी जोड़ी तो मेरे दोस्त नरेन्द्र से मिलती है, जिसकी लम्बाई मुश्किल से 5 फीट से ज़्यादा थी.
कुछ दिन तो वो मेरी सभी बातें चुपचाप सुनती रही, लेकिन एक रोज वो भी मुझे ताना मारते हुए मुझसे बोली कि आपकी जोड़ी भी सरिता से मिलती है, यानी नरेन्द्र कि पत्नी जो 5 फिट से ज़्यादा लंबी थी, यह बात उसने तब कही जब में एक रात को अपना लंड उसकी चूत में डालकर लगातार धक्के देकर उसकी चुदाई कर रहा था और उसके मुहं से यह बात सुनते ही मुझे सबसे पहले एक अजीब सा झटका लगा कि आज मेरी पत्नी मुझसे यह कैसी बातें कर रही है, क्या यह पागल हो चुकी है.
लेकिन फिर में मन ही मन सोचने लगा कि आज मेरे नीचे लेटी मेरे लंड को अपनी चूत में लेकर मुझसे जो अपनी चुदाई करवा रही है, वो मेरी पत्नी सुशीला नहीं नरेन्द्र की पत्नी सरिता है और उसको सोचकर मुझे चुदाई करने में ज्यादा मज़ा आने लगा और उस समय सुशीला मुझे बहुत अच्छी लगने लगी थी, में बहुत कस कसकर धक्के देकर चुदाई करने लगा और अब वो मुझसे कहने लगी वाह आज तो मुझे चुदाई करवाने में बहुत मज़ा आ रहा है और जब हम दोनों झड़कर चुदाई से फ्री हो गये तो हमे लगने लगा कि दूसरे को मन ही मन सोचकर चुदाई करने में बहुत मज़ा आता है. उसके बाद से जब भी में अपनी पत्नी को चोदता तो उस समय मेरा शरीर मेरी पत्नी के साथ होता, लेकिन मेरी सोच में बस सरिता होती और उसको समझकर में अपनी पत्नी को बहुत जमकर चोदता और वो भी मेरी चुदाई से बहुत ज्यादा चकित हुआ करती, चुदाई के बाद वो मुझसे मेरे उस जोश के राज बहुत बार जानने की कोशिश करती थी, लेकिन में उसकी बात को टाल दिया करता था.
फिर एक दिन किस्मत से मेरा दोस्त नरेन्द्र और उसकी पत्नी सरिता एक दिन हमसे मिलने हमारे घर पर आ गए तो उनको देखकर हम दोनों को मन ही मन लगा कि हम जिस घड़ी का इतने समय से इंतज़ार कर रहे थे और वो घड़ी आज आ गई है, इस बात को मन में सोचकर हम दोनों बहुत खुश थे, हम सभी लोगों ने साथ में बैठकर खाना खाया और उसके बाद हम सभी हॉल में एक साथ बैठकर बातें हंसी मजाक करने लगे. दोस्तों बातें करते करते मेरी नज़र सरिता पर जमने लगी और में उसके गोरे सेक्सी बदन को घूर घूरकर देखने लगा, वो दिखने में बहुत ही सुंदर उसका वो आकर्षक बदन मुझे अपनी तरफ खीँच रहा था.
उसके बड़े आकार के बूब्स गोल मटोल गांड को देखकर में पागल हो चुका था और अब मेरी पत्नी सुशीला की नज़रे भी नरेन्द्र के गठीले शरीर पर ठहर गई, वो भी उसके अंदर अपने लायक वो सब देखने लगी जो उसके काम का था. तभी मैंने मौका देखकर नरेन्द्र से कहा कि यार मेरी पत्नी सुशीला कद में बहुत छोटी है, इसलिए मेरी इससे इतनी जोड़ी नहीं मिलती और फिर मेरी बात को वहीं पर काटते हुए सरिता तुरंत कहने लगी कि यह सब तो चलता ही है, आप भी देखो में भी कितनी लंबी पूरी हूँ और मेरे पति कितने छोटे है, लेकिन अब हम लोग इस समस्या का क्या करें? आप भी देखिए ना मेरी जोड़ी तुमसे मिलती है और इनकी जोड़ी सुशीला से. अब नरेन्द्र बोला कि छोटा बड़ा होने से क्या होता है? यह सब बेकार की बातें है, में इन बातों को नहीं मानता और मेरा मानना तो यह है कि बस चुदाई करने के लिए लंड बड़े आकार का होना चाहिए, मेरा लंड तो पूरा 6 इंच का है, क्यों तुम्हारा लंड है क्या इतना बड़ा? तो सुशीला बोली कि नहीं इनका इतना बड़ा नहीं, थोड़ा छोटा है. दोस्तों इस तरह एक दूसरे से खुलकर बहस बाज़ी करने से हम सभी धीरे धीरे हॉट होने लगे थे. तभी मैंने मौके का फायदा उठाकर कहा कि आज तो हमारी अदला बदली हो जाए और देखते है कि किसको किसके साथ कितना मज़ा आता है और मुझे लगा कि नरेन्द्र को मेरी यह बात जम गई, वो भी मेरी बात से सहमत होने वाला था, लेकिन अभी तक मुझे उसकी तरफ से कोई भी जवाब नहीं मिला था और अब हम दोनों खड़े हो गये, में अपनी जगह से उठकर सरिता के पास जाकर उससे एकदम चिपककर बैठ गया और मुझे यह सब करते देखकर नरेन्द्र भी उठकर मेरी पत्नी सुशीला के पास चला गया और वो भी उसके पास बैठ गया.
दोस्तों सरिता आकार में लंबी, गोरी भूरी, सुंदर गोल चेहरा, बड़ी बड़ी काली आखें, लंबे काले बाल और भरे हुए शरीर की मालकिन थी, उसका वजन करीब 66 किलो और उसके बूब्स का आकार 38-36-42 था. उसको देखकर किसी का भी लंड पानी छोड़ दे और उसकी चुदाई करने के लिए हर कोई तैयार हो जाए. उसको कई बार चोदकर भी उसका मन ना भरे वो उसको चोदता ही रहे.
अब मैंने उसकी पीठ पर अपना एक हाथ रख दिया और फिर अपने हाथ को नीचे सरकाकर कमर तक पहुंचा दिया और समय खराब ना करते हुए तुरंत उसकी गोरी कमर को पकड़कर उसको अपनी तरफ खींच लिया, उस अचानक दिए झटके की वजह से उसके गोल मुलायम बूब्स मेरी छाती से लग गए और मैंने उसे किस किया, सबसे पहले हाथों पर, फिर गाल होंठो पर.
उसके बाद मैंने उसके होंठो को चूसना शुरू किया और फिर कपड़ो के ऊपर से ही उसके बूब्स को मसलना, सहलाना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से वो बहुत ही जल्दी से गरम हो गई और अब वो मेरे गले में अपनी बाहें डालकर मुझसे ज़ोर से चिपकने लगी. मैंने एक झटका देकर उसकी साड़ी को पकड़कर खींच दिया, जिसकी वजह से अब उसका ब्लाउज मेरे सामने आ गया और मैंने जल्दी से ब्लाउज के सारे बटन खोल दिए, जिसकी वजह से अब उसकी ब्रा में उसके बूब्स नज़र आने लगे थे.
मैंने ब्लाउज को पीछे की तरफ उतारकर खोल दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को मसलने और उनका रस निचोड़ने लगा, उसकी दोनों आँखे बंद थी और वो आह्ह्ह वाह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है हाँ और ज़ोर से दबाव ऊईईईइ हाँ आज तुम इनका पूरा रस निचोड़ दो उफफ्फ्फ्फ़ कर रही थी. अब मैंने उसे खड़ा करके उसकी साड़ी को पूरा खोल दिया और ब्रा का हुक खोलकर ब्रा को नीचे फेंक दिया, जिसकी वजह से वो अब मेरे सामने सिर्फ़ पेटिकोट में खड़ी हुई थी, मेरी नजर उसके कपड़ो के अंदर छुपी सुन्दरता को देखकर बहुत चकित थी, क्योंकि वो अंदर से ऐसी होगी मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था.
फिर मैंने अपने दूसरी तरफ देखा कि नरेन्द्र भी अब एकदम पूरा नंगा होकर खड़ा हुआ था, शायद उसको भी हम दोनों को देखकर जोश आने लगा था और सुशीला जो उसके सामने पेटिकोट में थी, वो उसके बड़े बड़े बूब्स को अपने मुहं में लेकर चूस रहा था, उसका लंड एकदम तना हुआ था और सुशीला उसके लंड को अपने एक हाथ में लेकर धीरे धीरे हिलाते हुए मस्त हुई जा रही थी. उस समय वो दोनों भी पूरे गरम हो चुके थे और उनको भी किसी से कोई मतलब नहीं था, बस चुदाई करने के लिए व्याकुल थे.
फिर जब मैंने यह नज़ारा देखा तो में भी एकदम से पहले से ज्यादा गरम हो गया और मेरा लंड भी अब मेरी पेंट में तनकर खड़ा हो चुका था और अब वो हिलोरे लेने लगा था, इसलिए मैंने जल्दी से अपने सभी कपड़े उतारकर में पूरा नंगा हो गया और सरिता के बूब्स को पूरे जोश में आकर बहुत ज़ोर से दबाते हुए मुहं में भरकर चूसने लगा, जिसकी वजह से सरिता भी जोश में आकर बहुत मस्त हो रही थी और वो अपने एक हाथ में मेरा लंड पकड़कर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी थी.
अब में सरिता को अपनी बाहों में भरकर बेडरूम में लेकर चला गया और मैंने उसको तुरंत डबल बेड पर लेटा दिया और एक बेड को खीँचकर अलग कर लिया और अब मैंने उसके पास में बैठकर उसके बूब्स को अपने मुहं में भर लिया और उसने जोश में आकर बहुत मस्त होकर अपनी दोनों आँखे बंद कर ली और मज़े लेने लगी थी और मैंने देखा कि कुछ देर बाद नरेन्द्र भी सुशीला को बेडरूम में लेकर आ गया और वो दोनों दूसरे बेड पर चले गये, सुशीला ने इतना मस्त लंड देखा तो वो मस्त होकर बेड के नीचे आकर अपने दोनों घुटनों पर बैठकर वो नरेन्द्र के लंड की चमड़ी को हटाकर सुपाड़े को अपने मुहं में लेकर चाटने चूसने लगी.
फिर में भी यह सब देखकर बहुत मस्त हो गया और में धीरे धीरे अपने मुहं को नीचे ले आया, सबसे पहले में उसकी नाभि में अपनी जीभ को डालकर घुमाने लगा और फिर कुछ देर बाद में उसकी गीली जोश से भरी चूत के दाने को अपनी जीभ से चाटने लगा और दाने पर अपनी जीभ को छूते ही सरिता के बदन ने जैसे बिजली का झटका खाया और वो ज़ोर से मेरा सर पकड़कर मेरा मुहं अपनी चूत पर दबाने लगी, वो जोश में आकर ज़ोर से आगे पीछे होने लगी थी और मुहं से आवाज़ निकाल रही थी आह्ह्हह्ह्ह्हहह हाँ और उउर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर प्यार से चाटो वाह आज तो मज़ा आ गया, मुझे ऐसा मज़ा कभी नहीं आया था.
अब मैंने उसकी चूत की पंखुड़ियों को अपने एक हाथ की उँगलियों से खोलते हुए अपनी जीभ को उसकी खुली हुई चूत की दीवारों में डाल दिया और अब में उसकी चूत को अपनी जीभ से ही चोदने लगा था और उधर नरेन्द्र की आवाज़ आ रही थी, उफ्फ्फ्फ़ हाँ सुशीला रानी हाँ थोड़ा और ज़ोर से चूसो, हाँ इसको पूरा अपने मुहं में ले लो आह्ह्ह्ह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, ऐसा मज़ा मुझे कभी नहीं आया और उसकी यह बातें सुनकर मेरा लंड अब आपे से बाहर हो रहा था.
तभी सरिता बोली ओहह्ह्हह आईईईइ अब में गई काम से, में अब झड़ने वाली हूँ और इतना कहते हुए ही उसकी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया, मुझे ऐसा लगा जैसे कि मेरे मुहं में रस भर गया हो और में उसकी चूत को आखरी बूँद तक चाटता रहा.
दोस्तों अब मेरी बारी थी. मैंने सुमन के दोनों पैरों को फैला दिया और में उसके पैरों के बीच में आ गया और अब उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखकर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के मुहं पर रखकर एक ज़ोर से धक्का मार दिया, जिसकी वजह से उसकी चूत तो पहले ही पानी से चिकनी थी तो लंड को अंदर डालते ही चूत में पूरा चला गया और और उसकी चूत के तले से जाकर टकरा गया, जिसकी वजह से सुमन के मुहं से एक आह्ह्हह्ह्ह्ह निकली तो मैंने लंड को पूरा बाहर खींचा और एक बार फिर ज़ोर से धक्का मार दिया, वो मस्ती से सिसकी भरती हुई आवाज़े निकालने लगी, आहहह्ह्ह्ह वाह क्या बताऊँ बहुत मज़ा आ रहा है.
फिर में ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और सरिता मुझसे बोलने लगी हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे मेरे राजा, फाड़ दो मेरी चूत को आज आईईईईई ओहहहह में गई में गई और इस तरह से आनंद लेते हुए उसकी चूत ने एक बार फिर से उसकी चूत से पानी छोड़ते हुए मेरे लंड का अभिषेक कर दिया. में और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा, मुझे तब ऐसा लगा कि दुनिया की सारी मस्ती सारा जोश मेरे लंड में आ गया है और में उुउउर आह्ह्ह्ह करते हुए मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी और उसकी सारी चूत मेरे वीर्य से भर गई और उसने मस्त होकर अपनी आखें मूंद ली. कुछ देर में उसके ऊपर ऐसे ही लेटा रहा और फिर कुछ देर बाद हम दोनों एक दूसरे से अलग हो गये.
अब उधर नरेन्द्र भी सुशीला की मस्ती से चुदाई किए जा रहा था, वो दोनों बहुत जोश में थे और मुझे सुशीला का चेहरा देखकर अंदाजा लग रहा था कि उसको नरेन्द्र के लंबे मोटे लंड से अपनी चूत की चुदाई करवाने में बहुत मज़ा आ रहा था, वो अहह्ह्ह ऊहहहह हाँ जाने दो पूरा अंदर हाँ ज़ोर से धक्के दो वाह मज़ा आ गया कि आवाज़ निकाल रही थी और वो कह रही थी कि उसको अपनी चुदाई करवाने में आज जैसा मज़ा कभी नहीं आया हाँ किए जाओ और भी दम लगाकर तुम अपना काम किए जाओ और आज तुम मेरी चूत को भी फाड़ दो और ज़ोर से ओह्ह्ह्ह में अब झड़ने वाली हूँ आह्ह्ह्ह ऊहह्ह्ह करके उसने अपनी चूत के पानी से नरेन्द्र के लंड को नहला दिया, अब नरेन्द्र ज़ोर ज़ोर से फका फक धक्के देकर उसकी चुदाई किए जा रहा था.
तभी अचानक से उसके धक्को की स्पीड बढ़ गई और ओह्ह्ह्ह कहते हुए उसके लंड ने सुशीला की चूत में फव्वारा छोड़ दिया. उसके बाद सुशीला ने मदहोशी में आकर अपनी दोनों आँखे मूंद ली, वो उसकी चुदाई से पूरी संतुष्ट नजर आ रही थी और अब शायद वो इतनी देर चली उस चुदाई की वजह से थोड़ा सा थककर आराम भी करने लगी थी.
दोस्तों इस तरह हमारा चुदाई का यह सिलसिला ऐसे ही बहुत दिनों तक लगातार चलता रहा और हमने अपनी अदला-बदली करके चुदाई के पूरे पूरे मज़े लिए और उस चुदाई के बाद हम सभी बहुत खुश थे, क्योंकि अब हमारी जोड़ियाँ बनकर पूरी हो चुकी थी और हमें अपनी अपनी मर्जी की चूत और लंड मिल चुका था, क्योंकि यह बात यहीं से उठी थी और यहीं से खत्म हो गई. शरीर की लम्बाई तो एक बहाना था हमे जो चाहिए था वो सब आज हमारे पास था.
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मौसी की लड़की के नंगे बूब्स

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पप्पू है और मेरी उम्र 28 साल है. में भुवनेश्वर का रहने वाला हूँ. ये कहानी मेरी और मेरी कज़िन की है, मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी ये स्टोरी जरुर पसंद आएगी और अब वक़्त बर्बाद ना करते हुए में सीधा स्टोरी पर आता हूँ.
मेरी कज़िन का नाम श्रुति है, जो कि उम्र में मुझसे 2 साल छोटी है. उसका फिगर साईज 36-32-36 है और उसके बूब्स और गांड किसी के भी लंड से पानी निकाल सकते है, वो बहुत खूबसूरत तो नहीं है, लेकिन फिर भी मेरा पहला प्यार है. में उसे सिस बुलाता हूँ और हम दोनों बचपन के खेल में पति पत्नी हुआ करते थे, शायद वो ये बात भूल गयी होगी, लेकिन में कभी नहीं भूला. उसको याद करके में हर दिन मुठ मारता था और उसके घर में वो 4 लोग थे मौसा, मासी, उसकी बड़ी बहन स्वाती और वो.
अब उन सभी को उसकी दादी की अस्थियाँ विसर्जन करने के लिए हरिद्वार जाना था, लेकिन सिस के एग्जॉम के चलते उसको घर पर ही रुकना पड़ा. अब उसकी सारी जिम्मेदारी हमारे परिवार पर ही थी, लेकिन हमारे घर में जॉइंट फेमिली थी, तो उसकी पढ़ाई का नुकसान हो सकता था इसलिए मुझे उसके घर पर रुकना पड़ा.
फिर जिस दिन उसके घरवाले हरिद्वार के लिए निकल गये तो में उसके घर पहुँचा. फिर उसने कहा कि भैया तुम टी.वी देखो, मुझे पढ़ना है. फिर मैंने उससे कहा कि तुम्हें कुछ परेशानी हो तो पूछ लेना, तो उसने कहा कि ओके. फिर में टेबल पर उसकी दूसरी साईड पर बैठ गया. अब वो झुककर पढ़ाई कर रही थी और मुझे सुबह-सुबह उसकी क्लीवेज के दर्शन हो गये थे. अब मेरा लंड खड़ा हो गया था, मेरा मन तो करता था कि वही उसके कपड़े फाड़ दूँ, लेकिन मेरी मजबूरी थी.
फिर उसने मुझे चाय दी और नहाने चली गयी. फिर वो वापस आकर फिर से पढ़ाई करने लगी और मुझे फिर से उसकी क्लीवेज दिखने लगी. अब मेरा लंड फिर से तन गया था तो में बाथरूम में चला गया. अब वहाँ पर उसकी ब्रा और पेंटी रखी थी, तो मैंने उसी में मूठ मार दी. फिर जब में वापस आया, तो मेरा फोन उसके हाथ में था. फिर वो मुझे देखकर बोली कि भाई तुम बहुत गंदे हो, तुमने कितनी गंदी वीडियो रखी हुई है. अब में थोड़ा घबरा गया और बोला कि ये मेरा दोस्त का मेमोरी कार्ड है.
फिर उसने पूछा कि क्या तुम हमेशा इसे देखते हो? तो मैंने कहा कि हाँ मज़बूरी है, हम बिना शादीशुदा लोगों की यही तो लाइफ लाईन है. फिर उसने कहा कि छी आप बहुत ही बेशर्म हो, कोई अपनी कज़िन के साथ ऐसी बात करता है क्या? अब मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गयी थी और मैंने सोचा कि ऐसा मौका बार-बार नहीं मिलेगा. फिर मैंने उससे कहा कि इसमे बेशर्मी की क्या बात है? ये तो सब करते है, तुम भी करती होगी. फिर वो थोड़ा शर्मा गयी और बोली कि नहीं में तुम्हारी जैसी नहीं हूँ.
में : तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?
सिस : नहीं.
में : कभी ब्लू फिल्म देखी है.
सिस : फिर वो शर्माकर बोली कि हाँ 1-2 बार देखी है.
में : फिर मैंने कहा कि अभी देखोगी? मेरे पास अच्छी ब्लू फिल्म है.
सिस : नहीं, मुझे शर्म आएगी.
में : इसमें शरमाने की क्या बात है? कल तुम्हारी शादी होगी और तुम्हें कुछ पता भी नहीं होगा.
फिर में ये कहकर उसके पास चला गया और अपने मोबाईल पर ब्लू फिल्म चालू कर दी. अब वो उठकर जाना चाहती थी, लेकिन में उसे बैठाकर ब्लू फिल्म दिखाने लगा. उसमें एक लड़का लड़की की जमकर चुदाई कर रहा था, अब वो गर्म होने लगी थी और फिर उसकी नज़र मेरी पेंट पर गयी, तो वो हँसने लगी और बोली कि आप तो बड़े बेशर्म हो, मेरे सामने ही तंबू बना डाला. अब उसकी बात सुनकर में और गरम हो गया था. फिर वो उठकर बाथरूम में चली गयी और शायद अपनी चूत में उंगली करने के लिए, लेकिन वो तुरंत गुस्से से लाल होकर चिल्लाने लगी.
सिस : आपने बाथरूम में मेरे कपड़ों पर क्या किया है?
में : कुछ भी नहीं, मैंने क्या किया?
सिस : झूठ मत बोलो, में जानती हूँ आपने क्या किया है? आपको शर्म नहीं आई मेरे कपड़ो पर ये सब करते हुए.
में : सॉरी, वो तुम झुककर बैठी थी तो मुझसे रहा नहीं गया.
सिस : क्या तुम ऐसा हमेशा करते हो?
में : नहीं, जब मेरी गर्लफ्रेंड थी तो नहीं करता था, लेकिन ब्रेकअप के बाद बस यही सहारा है.
सिस : क्या तुम रोज करते थे?
में (नादान बनकर) : क्या करता था?
सिस (शर्माकर) : सेक्स.
में : हाँ, रोज़ दो बार.
सिस : ऑम्ग, उसे बहुत दर्द होता होगा ना.
में : तुम्हें कैसे पता?
सिस : अरे नहीं, में तो वर्जिन हूँ, लेकिन मेरी दोस्त मुझे बताती है, वो उसके बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स करती है.
फिर मैंने सोचा कि इस वर्जिन माल से घबराना नहीं चाहिए और अचानक उसके गले लग गया और रोने लगा, में बहुत अकेला हो गया हूँ प्लीज तुम मुझे बचा लो, तुम प्लीज मेरी प्यास बुझा दो. अब वो मुझसे छुड़ाने लगी थी, लेकिन अब में उसे कहाँ छोड़ने वाला था. अब वो वैसे भी ब्लू फिल्म देखकर गर्म हो गयी थी.
फिर में ज़बरदस्ती उसके लिप्स चूसने लगा, अब वो पहले अपने आपको छुड़ाने लगी थी, लेकिन फिर वो मेरा रेस्पॉन्स देने लगी थी. अब वो मेरी ज़ुबान को चूस रही थी और अब हम अपना थूक एक्सचेंज करने लगे थे. फिर अचानक से में उसकी ड्रेस में अपना हाथ डालकर उसके बूब्स दबाने लगा. अब वो सिसकियाँ लेने लगी थी और अब में पुराना पापी और वो पुरानी प्यासी या सेक्स की दासी हो चुकी थी. फिर हमारे होंठ अलग हुए और फिर मैंने उसकी कमीज़ निकालकर फेंक दी और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स चूसने लगा. फिर उसने खुद अपनी ब्रा निकाल दी, अब मेरे सामने मेरे सपनों की रानी के नंगे बूब्स थे.
अब में पागल हो गया था. फिर में उसे उठाकर बेडरूम में ले गया और बेड पर पटक दिया. फिर में उसके ऊपर चढ़कर सीधा उसके बूब्स पर टूट पड़ा, अब कभी में उसके बूब्स को चाटता तो कभी चूसता, तो कभी काट देता. अब वो जोर-जोर से सिसकारी ले रही थी और बोल रही थी आ भैया खा जाओ मेरे बूब्स, इन्हें दबाओ और दबाओ, चाटो, चूसो और प्यार करो, ऊओह आआहह मुझे अपनी बीवी बना डालो, अब मेरा सब कुछ तुम्हारा है आअहह भैया. अब उसकी बातें सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया था तो मैंने उसकी स्कर्ट और पेंटी भी खोलकर फेंक दी. अब मेरे सपनो की मल्लिका मेरे सामने पूरी नंगी थी. अब में पागल हो रहा था और वो मधहोश हो रही थी.
अब उसकी चूत पूरी गीली हो गयी थी, फिर मैंने अपनी ज़ुबान उसकी चूत के ऊपर रखी, तो वो सिसक उठी और में उसकी चूत के दाने को चाटने लगा. अब वो पागलों की तरह चिल्लाने लगी और मेरे फेस को अपने दोनों पैरों से जकड़ने लगी थी. फिर वो अंगड़ाई लेते हुए झड़ गयी और में उसका सारा जूस पी गया. फिर मैंने उसको उल्टा किया तो अब मेरे सामने मेरे बरसो की मूठ प्रेरणा थी उसकी मटकती रसीली गांड. फिर में पूरा नंगा हो गया और उसकी गांड को दबाने लगा, चाटने लगा, चूसने लगा और अपनी जुबान उसकी गांड के छेद में डालने लगा, तो वो बोली कि आप बहुत गंदे हो.
फिर मैंने उसकी गांड पर एक ज़ोर का तमाचा मारा. अब उसकी गोरी गांड लाल हो गयी थी, अब वो जोर-जोर से चीखने लगी थी. फिर मैंने उससे कहा कि चुपकर में स्वर्ग की सेर कर रहा हूँ और तू मुझे टोक रही है रंडी, तो फिर उसने मुझे सॉरी कहा. फिर मैंने उसको ब्लोजोब के लिए कहा तो वो मना करने लगी. फिर मैंने उसकी गांड पर एक और ज़ोर का तमाचा मारा तो वो रोने लगी. फिर मैंने ज़बरदस्ती अपना लंड उसके मुँह में घुसा दिया. फिर उसने बोला कि मुझे नहीं आता. फिर मैंने उससे कहा कि जैसे लॉलीपोप चूसते है वैसे चूस मेरी चूत की रानी. फिर वो मेरा लंड चूसने लगी. अब में सातवें आसमान पर था. फिर थोड़ी देर के बाद में उसके मुँह में ही झड़ गया और उसे अपने लंड का सारा वीर्य पिला दिया. फिर मैंने उसको बेड पर सुलाकर उसकी दोनों टाँगे फैलाई तो उसने कहा कि भैया अब मेरे सैयां बन जाओ, आज से तुम मेरे पति बन जाओ और में तुम्हारी बीवी बन जाऊं.
फिर मैंने देरी ना करते हुए एक ज़ोर का झटका दिया और मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया. अब वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी प्लीज इसे बाहर निकालो, में मर जाउंगी, ऊओहह प्लीज बाहर निकालो. फिर मैंने उसको होंठो को अपने होंठो से लॉक कर दिया और उसके बूब्स मसलने लगा. अब उसकी आँखों से आँसू आ रहे थे, फिर कुछ देर के बाद वो नॉर्मल हुई और मेरा साथ देने लगी.
अब वो बडबडाने लगी थी चोदो मेरे भैया, उफ्फ्फ सॉरी मेरे सैयां, मेरे पति मेरे मालिक, फाड़ दो अपनी बीवी की चूत, खा जाओ मेरे बूब्स. अब में जोश में आकर उसे ज़ोर-जोर से चोदने लगा और फिर हम एक साथ झड़ गये. फिर मैंने देखा तो अब बेडशीट उसके खून और हम दोनों के वीर्य से भरी हुई थी. अब उससे चला भी नहीं जा रहा था, फिर में उसको उठाकर बाथरूम में ले गया और नहलाया. फिर उस रात हमने और 2 बार सेक्स किया और फिर मैंने उसकी गांड भी मारी.
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दोस्त की माँ के साथ पुणे में मजे

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहित है और आज एक बार फिर से आप सभी चाहने वालों की सेवा में अपनी सच्ची कहानी को लेकर आ गया हूँ, जिसमें मैंने अपने दोस्त की माँ के साथ पुणे में बहुत मज़े किए और अब में उस घटना को पूरी तरह विस्तार से सुनाता हूँ.
दोस्तों में यहाँ पर एक प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करता हूँ और मेरा यहाँ पर एक बहुत अच्छा दोस्त बन गया. जिसका नाम प्रणव है, जो कि मेरे घर के पास वाले घर में रहता है और वो भी मेरी ही कम्पनी में काम करता है, जब वो छोटा था तो बचपन में ही किसी बीमारी से उसके पापा की म्रत्यु हो गयी थी, लेकिन वो बहुत ही कम समय में मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त बन गया था. फिर हम रात को एक साथ बैठकर दारू, सिगरेट पीते और यहाँ वहां घूमते, लेकिन मुझे अब पिछले पांच दिनों से उसका मेरे लिए थोड़ा थोड़ा व्यहवार बदला हुआ सा लगने लगा था.
एक दिन जब में उसके घर पर गया तो मैंने उसकी हॉट माँ को देखा, वो तो पूरी ग्रहणी दिख रही थी. मस्त सावला रंग, पूरे भरे भरे बूब्स, मस्त गांड वो बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर में कुछ देर वहां पर रुककर अपना काम खत्म करके अपने घर पर चला आया, लेकिन अब में उस दिन के बाद से हर रोज वहां पर ठीक उसी समय जाने लगा था.
फिर एक दिन जब हम ड्रिंक कर रहे थे तब मेरे दिमाग़ में एक प्लान आ गया और मैंने ऐसे ही सही मौका देखकर उससे बोला कि मुझे आंटी के साथ सेक्स करना है क्या तू मेरी कुछ मदद कर सकता है? क्योंकि में उसके बाद ही तेरे बारे में कुछ सोचूँगा और तेरा कोई जुगाड़ भी करवा दूँ. दोस्तों वो मुझे अपना मानता था तो उसने भी कुछ देर सोचा और फिर मुझे उसने सब कुछ सच बोल दिया कि उसकी माँ तो एक नंबर की रंडी है, वो तो ना जाने कितने लोगों से हर कभी चुदवाती रहती है.
दोस्तों फिर क्या था मुझे तो उसकी यह बात सुनकर उसकी तरफ से पूरा ग्रीन सिग्नल मिल गया और में समझ गया कि यह मुझसे अपना काम करवाने के लिए मेरा भी काम जरुर करवा देगा और मुझे इस काम में कहीं भी कोई रुकावट नहीं आने देगा. तभी वो मुझसे बोला कि दो दिन बाद छुट्टी के दिन हम सब फ्री बिल्कुल होंगे और में जानबूझ कर उस दिन बाहर अपने अंकल के पास चला जाऊंगा. उस दिन मेरे घर पर मेरी माँ एकदम अकेली रहेगी और तू मौका देखकर मेरे घर पर चला जाना और आगे का काम तू जानता ही है कि कैसे उसे तू अपनी बातों में फंसाकर उसके साथ क्या क्या करेगा और तुझे क्या करना है, तू तो पहले से ही बहुत समझदार है.
फिर में उसकी पूरी बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश हो गया. मैंने उससे कहा कि ठीक है और फिर मैंने उसको मेरी मदद करने के लिए धन्यवाद कहा और अब में उस दिन का इंतजार करने लगा और इस बीच मैंने कई बार आंटी को उनके घर पर जाकर मौका देखकर छुआ भी और उनको अपनी नजर से घूरकर भी देखा, में लगातार उनके बूब्स को ताकता रहता, जब वो घर का कोई काम करती तो में जानबूझ कर उनके सामने आकर उनकी छाती को देखता और उनसे हंसी मजाक करता, में हमेशा उनसे दो मतलब की बातें करता और जिनका मतलब वो बहुत जल्दी समझकर मुस्कुराने लगती और मुझे उसका मुस्कुराना बहुत अच्छा लगता था.
फिर दो दिन इस तरह दिन बिताने के बाद आखिरकार वो दिन आ ही गया जिसका मुझे बहुत बेसब्री से इंतजार था और मुझे उस दिन सुबह मेरे दोस्त ने अपने घर से निकलने के बाद फोन करके बता दिया था. अब में तुरंत सुबह ही उठ गया और उसके घर पर पहुंच गया. मैंने वहां पर जाकर देखा कि प्रणव घर पर नहीं था और आंटी घर के काम में लगी हुई थी और वो उस समय तक नहाई भी नहीं थी और फिर जैसे ही में अंदर गया तो वो मुझसे हंसकर बोली कि आइए राजकुमार, क्यों आज कैसे याद आई हमारी? तो मैंने भी बोल दिया कि मुझे कभी आपकी याद नहीं आती, क्योंकि में कभी आपको भूलता ही नहीं. अब वो हंसकर इधर उधर की बातें करने लगी.
फिर कुछ देर बाद मैंने भी उनसे बोल दिया कि आज मुझे भी घर पर जाकर खाना पकाना है और मेरी माँ बाहर गई हुई है. फिर वो बोली कि तू क्यों अपने घर पर जाता है तू यहीं पर खा ले, में तेरे लिए भी खाना बना देती हूँ ना और हम दोनों मस्त पार्टी करेंगे, आज वैसे भी प्रणव घर पर नहीं है और में घर में अकेली बोर हो रही हूँ, तेरा साथ रहा तो मेरा भी मन लगा रहेगा.
दोस्तों में भी तो मन ही मन यही सब चाहता था, जो आंटी ने खुद अपने मुहं से मुझसे कह दिया और अब में उन्हें किचन के कामों में उनकी मदद करने लगा और वो मुझसे हंस हंसकर बातें कर रही थी और बहुत सेक्सी लग रही थी. उनके बाल बिखरे हुए थे और उस समय वो एक बड़े गले की मेक्सी में थी, जिसकी वजह से उनके बड़े आकार के बूब्स मुझे काम करते समय झूलते हुए बहुत अच्छे लग रहे थे, वाह मज़ा आ गया और में हर बार किचन में इधर उधर हर बार उनकी गांड को जानबूझ कर यहाँ वहां छू रहा था, लेकिन वो मुझसे कुछ भी नहीं कहती बस मेरी तरफ हंस देती और में उनकी उभरी हुई छाती को देख रहा था और उसके मज़े ले रहा था.
तभी उन्होंने मेरी तरफ देखा और शरारती हंसी देकर वो मुझसे बोली कि क्या हुआ मुझे ऐसे क्या देख रहा है, क्या तूने कभी किसी को नहीं देखा जो मुझे आखें फाड़ फाड़कर देख रहा है क्या मुझे खा जाएगा? तो मैंने बोला कि ऐसा कुछ नहीं है में तो बस ऐसे ही आपको देख रहा था. तभी वो मुझसे बोली कि ऐसे लड़कियों की तरह शरमाता क्यों है बोल देना समुंदर के पास खड़ा रहकर पानी को नहीं देखेगा तो क्या करेगा, क्यों मैंने ठीक कहा ना? तो मैंने बोला कि हाँ आपने बिल्कुल सही कहा और इस मुसाफिर को तो कब से प्यास लगी है, लेकिन आप है कि पानी ही नहीं पिला रहे.
फिर वो ज़ोर से हंसते हुए बोली कि यह सब पानी आपका ही है, चाहिए जितना पी लो, आपको किसने रोका है. दोस्तों मैंने देर ना करते हुए तुरंत उसका एक हाथ पकड़कर उसे अपने पास खींच लिया और उसे अपनी बाहों में लेकर किस करने लगा और अब कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि उसने भी मुझे टाईट हग किया और में अपना एक हाथ उसकी गांड पर फेर रहा था, तभी वो मुझसे बोली कि रुक पहले में खाना बना लेती हूँ, वरना यह सब ऐसे ही रह जाएगा.
अब वो दोबारा अपना काम करने लगी और में पीछे से चालू हो गया, में कपड़ो के ऊपर से उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और उसकी मेक्सी के अंदर अपना एक हाथ डालकर में उसकी चूत पर रगड़ रहा था और अपनी एक ऊँगली को धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था, जिसकी वजह से वो जोश में आकर सिसकियाँ ले रही थी और फिर वो खाना बनाने के बाद मुझसे बोली कि चल अब बाथरूम में हम वहां पर चलते है और उसने तुरंत अपनी मेक्सी को उतार दिया.
अब वो सिर्फ़ ब्रा, पेंटी में थी और वो मेरे भी कपड़े उतारने लगी और उसने मेरे भी सारे कपड़े उतार दिए. फिर झट से अपने घुटनों पर बैठकर वो मेरे लंड को सहलाकर मुझे बहुत मज़ा देने लगी, वाह उसके होंठो को छूते ही मुझे वो अहसास आया में आपको क्या बताऊँ? वो अब ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी थी और करीब दस मिनट तक चूसने के बाद उसने मेरा सारा पानी बाहर निकाल दिया और मैंने सारा पानी उसके मुहं पर छोड़ दिया, वो क्या मस्त लग रही थी, मेरे आंड को चाट रही थी. फिर उठकर उसने पानी चालू किया, हम दोनों भीग गये. फिर हमने प्यार करना शुरू किया, वो साली रंडी की तरह मुझे किस किए जा रही थी और उसके साथ साथ वो अब मेरे पूरे बदन को किस रही थी, जिसकी वजह से मुझे कुछ होने लगा था.
फिर मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया और उसका एक पैर बेसिन पर रखकर नीचे बैठकर चूत को नीचे से चाटने लगा, जिसकी वजह से वो बहुत सेक्सी आवाज़े निकालने लगी थी और में चोकलेट की तरह उसे चाट रहा था और वो आआहह उफ्फ्फ्फ़ ऐसे आहें भरने लगी थी. फिर मैंने चाटने के साथ चूत में अपनी एक ऊँगली को घुसा दिया और साथ में चूसता भी रहा तो वो तड़पने लगी और में ज़ोर से ऊँगली अन्दर बाहर करने लगा. फिर कुछ देर बाद वो मेरे मुहं में झड़ गई और मैंने उसका रस चखा.
अब उसने एक बार फिर से मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी. करीब पांच मिनट चूसने के बाद मैंने अब ज्यादा देर ना करते हुए उसका एक पैर फैलाकर उसी पोजीशन में अपना लंड चूत में डालकर उसे चोदना चालू किया और लंड के चूत के अंदर जाते ही वो एकदम मस्त हो गई और मज़े करने लगी, मुझे गालियाँ देने लगी और मुझसे कहने लगी उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चोद मुझे साले हाँ पूरा अंदर घुसा उफ्फ्फ्फ़ हाँ डाल दे पूरा का पूरा मेरी चूत के अंदर और मुझे जमकर चोद आह्ह्ह. दोस्तों अब में भी उसकी वो जोश से भरी आवाज़ सुनकर एकदम मस्त होकर जोरदार धक्के देकर चुदाई करने लगा और ऊपर से ठंडा ठंडा पानी और नीचे से गरम गरम सेक्सी चूत, वाह दोस्तों क्या मज़ा आ रहा था में आपको शब्दों में नहीं बता सकता.
फिर मैंने उसे ऐसे ही पोजीशन में करीब बीस मिनट तक चोदा और फिर मैंने उसे दीवार पर थोड़ा झुकाया और दोबारा धक्के देना शुरू किया, लेकिन वो साली कुतिया आवाज़ बहुत मस्त निकाल रही थी. वो अब तक अपने पूरे जोश में आ चुकी थी और अब में उसके बूब्स को भी पीछे से पकड़कर और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा था, जिसकी वजह से मस्त पच पच फच की आवाज़ आ रही थी.
फिर मैंने कुछ देर बाद जब में झड़ने वाला था, तब तुरंत अपना लंड चूत से बाहर निकालकर अपना वीर्य उसकी गांड के ऊपर छोड़ दिया. वो एक बार फिर से लंड को अपने मुहं में लेकर चाटने चूसने लगी और कुछ देर बाद अब वो नहाने लगी और वो अपने पूरे बदन पर साबुन लगाने लगी और वो मेरे भी शरीर को साबुन को लगा रही थी और मसल रही थी.
दोस्तों में क्या करूं? उसके गरम बदन को हाथ लगाते ही मेरा लंड दोबारा से खड़ा होना शुरू हो गया, वो तो लगातार मसल रही थी. फिर उसने नहाने के बाद फिर से लंड को चूसना शुरू किया और इस बार मैंने शेम्पू लिया और उसकी गांड के छेद पर लगाया और थोड़ा सा मेरे लंड पर भी लगा लिया. फिर उसे जमीन पर झुकने को कहा तो वो बोली कि मुझे वहां पर कुछ भी नहीं करना और मैंने अब तक ऐसा कभी नहीं किया है और वो मुझसे लगातार ना बोल रही थी, में तुम्हें अपनी गांड नहीं दूंगी.
दोस्तों में अब उसकी कोई भी बात कहाँ सुनने वाला था, मुझ पर तो चुदाई का भूत सवार था, में उसको जबरदस्ती झुकाकर अपने लंड को उसकी गांड के छेद में घुसाने लगा और लंड थोड़ा अंदर घुसते ही वो उछलने लगी और मुझे रोकने लगी. फिर मैंने उसके दोनों हाथ पकड़कर पीछे से एक ज़ोर का धक्का दे दिया तो मेरा लंड शेम्पू की चिकनाहट की वजह से पूरा का पूरा फिसलता हुआ उसकी गांड में चला गया और उसके मुहं से बहुत मस्त चीख निकली, वो अब उस दर्द से तड़पने लगी और आहें भरने लगी, मुझे गालियाँ देने लगी और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसकी गांड मारने लगा. मैंने उसके दोनों हाथों को पीछे से पकड़ रखा था. दोस्तों मुझे वाह क्या मज़ा आ रहा था और उसकी फच फच की आवाज़ मुझे बिल्कुल पागल बना रही थी.
फिर कुछ देर बाद मैंने उसके दोनों हाथ छोड़कर उसके बाल पकड़ लिए तो वो बोली कि उफफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह प्लीज छोड़ दे मुझे कुत्ते में मर जाउंगी प्लीज मुझे बहुत दर्द हो रहा है आआअहह, लेकिन मुझे बहुत मस्त लग रहा था और फच फच की आवाजे बहुत अच्छी लगने लगी थी और में उसकी बहुत देर तक गांड मारता रहा और करीब बीस मिनट के बाद मैंने उसकी गांड में अपना पूरा वीर्य छोड़ दिया, लेकिन दोस्तों हमने क्या मज़े दिए एक दूसरे को, मज़ा आ गया. अब जब भी मुझे समय मिलता है तो में उसे हर एक पोज़िशन में चोदता हूँ और वो अब हर बार मेरा पूरा पूरा साथ देती है. मैंने उसको हर बार अपनी चुदाई से संतुष्ट किया.
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